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Bhagyashuktam
Bhagyashuktam
भग एव भगवाँअस्तु दे वास्तेन वयं भगवन्तस्स्याम। तं त्वा भग सर्व इज्जोहवीमि सनो भग पुर एता
भवेह॥5॥
अश्वावतीर्गोमतीर्नउषासो वीरवतीस्सदमच्
ु छन्तु भद्राः। घत
ृ ं दह
ु ाना विश्वतः प्रपीनायय
ू ं पात
स्वस्तिभिस्सदा नः॥7॥
ऊँ प्रातरग्निं प्रातरिन्द्रं हवामहे प्रातर्मित्रा वरुणा प्रातरश्विना ।
समध्वरायोषसोऽनमन्त दधिक्रावेव शच
ु ये पदाय।
घत
ृ ं दह
ु ाना विश्वतः प्रपीनायूयं पात स्वस्तिभिस्सदा नः॥७॥
भाग्यसूक्तम्
ऊँ प्रातरग्निं प्रातरिन्द्रं हवामहे प्रातर्मित्रा वरुणा प्रातरश्विना । प्रातर्भगं पूषणं ब्रह्मणस्पतिं प्रातस्सोममुत रुद्रँ हुवेम ॥१॥
प्रातर्जितं भगमुग्रँ हुवेम वयं पुत्रमदितेर्यो विधर्ता । आद्ध्रश्चिद्यं मन्यमानस्तुरश्चिद्राजा चिद्यंभगं भक्षीत्याह॥२॥
भग प्रणेतर्भगसत्यराधो भगेमां धियमुदवददन्नः। भगप्रणो जनय गोभि-रश्वैर्भगप्रनृभि-र्नृवन्तस्स्याम ॥३॥
उतेदानीं भगवन्तस्यामोत प्रपित्व उत मध्ये अह्नाम्। उतोदिता मघवन् सूर्यस्य वयं देवानाँ सुमतौ स्याम ॥४॥
भग एव भगवाँ अस्तु देवास्तेन वयं भगवन्तस्स्याम। तं त्वा भग सर्व इज्जोहवीमि सनो भग पुर एता भवेह॥५॥
समध्वरायोषसोऽनमन्त दधिक्रावेव शुचये पदाय। अर्वाचीनं वसुविदं भगन्नो रथमिवाश्वावाजिन आवहन्तु॥६॥
अश्वावतीर्गोमतीर्नउषासो वीरवतीस्सदमुच्छन्तु भद्राः। घृतं दुहाना विश्वतः प्रपीनायूयं पात स्वस्तिभिस्सदा नः॥७॥
यो माऽग्नेभागिनँ सन्तमथाभागं चिकीर्षति। अभागमग्ने तं कु रु मामग्ने भागिनं कु रु ॥८॥
1. हम प्रात: के समय पर अग्नि , वरुण ,इन्द्र ,मित्र ,अश्विन कुमार ,भग ,
पष
ू ,ब्रह्मनास्पति ,सोम और रूद्र का आवाहन करते हैं
प्रातर्जितं भगमग्र
ु ँ हुवेम वयं पत्र
ु मदितेर्यो विधर्ता । आद्ध्रश्चिद्यं
मन्यमानस्तुरश्चिद्राजा चिद्यंभगं भक्षीत्याह॥2॥
3. हे भग हमारा मार्गदर्शन करें ,आपके उपहार अनुकूल हैं ,हमें ऐश्वर्य दीजिये हे
भग ! हमें घोडे {सवारी }, गाय और योद्धा वंशज दीजिये
4. कृपा कीजिये कि अब हमें सुख-चैन मिले , और जैसे जैसे दिन बढ़ता जाये , जैसे
-जैसे दोपहर हो , शाम हो हम दे व कृपा से प्रसन्न रहे
समध्वरायोषसोऽनमन्त दधिक्रावेव शच
ु ये पदाय। अर्वाचीनं वसवि
ु दं भगन्नो
रथमिवाश्वावाजिन आवहन्त॥
ु 6॥
6. इस प्रकार प्रतिदिन भग यहाँ आयें {पवित्र स्थान जैसे दधिक्रावन }जैसे
शक्तिशाली घोड़े रथ को खींचते हैं वैसे ही भग का यहाँ आवाहन किया जाये
7. इस प्रकार कृतार्थ सुबह हमें प्राप्त हो हमें हमें सुपुत्र, घोडे, पशु, दग्ु ध और योधा
रिश्तेदार प्राप्त हो हे दे व हमें अपने आशीर्वाद दीजिये