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Sanskrit-1 BBGGGGGRR
Sanskrit-1 BBGGGGGRR
संकऱनात्मकं मलयांकनम्
ू II ( SA- 2 ) 2015-16
क ा - र्नवर्भी अवधर्ध: -- होर्यात्रर्मर्भ ्
ववषर्म:-संस्कतर्भ ् र्ऩर्ााङ्का: - 90
नर्नर्देशा : - ृ ू
च प्रलिपलतत ।द्वेषंलवस्मृत्यसवेपरस्परंलमिलतत । रात्रौ जना: परस्परम्आमत्य प्रीलतभोजंकृ त्वाआमोदंमानयलतत । वाताविापस्य माध्यमेनसवेजना: कण्िेनलमलित्वा
स्वजीवनंसुखमयंमानयलतत ।
(क ). एकपदेनउत्तरत्त - 1x2=2
( i ) भारतेकलत ऋतव: भवलतत ?
( ii ) कदा सववत्रप्रमादो भवलत ?
( ख) . पूिववाक्येनउत्तरत - 2x2=4
(i ) होलिकोत्सवेनरा: नायव: कक कु ववलतत
( ii) वाताविापस्यमाध्यमेनसवेजना: कक कु ववलतत?
(ग) भालषक कायवम्-------------- 1x2=2
( 1 ) ‘ प्रलिपलतत ’ इलत क्रियाया: कतृवपदम्क्रकम्?
( i ) जना: (ii) बािका: ( iii ) कतया : (iv) नायव:
( 2 ) भारतवषेषट् ऋतव: भवलतत । अत्र क्रियापदंक्रकम्?
(i )षट् (ii ) भवलतत ( iii ) ऋतव: (iv ) भारते
( घ ) अस्र्म अर्नच्छे र्द स्र्म कतेसर्भधचतंशीषाकं लर्रखत ? 2
ु ृ ु
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: ‘ ख ’ रचनात्मक – कायवम् -
खण्ड 15 अङ्का:
प्र॰2. भििः नाम रमेश:।भिान ्सहऩाठठभभ: सह दे हरादनंूप्रति शैक्ष कयात्रायैगंिभमच्छति।ु धनप्रेषणार्थम ्वऩिरं प्रति
ृ
नमो नमः ।
भिदीयः
( x ) --------------
रमेश:
मञ्जषाू
सिभ्यःे, ऩरी ा ,ऩञ्चशिम ्, अिकाशे, कोऱकािािः , तनिेदयाभम, उत्सकःु , वऩिमहाभागाःृ, भश णयात्राया: ,
अभभन्द्नहृदय: ।
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अथवा
मञ्जूषाया: प्रदत्तपदानांसाहाय्येन‘ वृिस्यमहत्वम्’ लवषयेसंस्कृ तेपञ्च वाक्यालन लिखत --- ( 2 x 5=10 )
मञ्जूषा---------- दृश्यते,वृिस्य, जीवनं, अस्माकम्, आगच्छलतत , पयाववरिाथवम्,लविीय ,मया ,वृिारोपिं,प्रािान्।
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प्र.6. (अ) अधोभऱखखििाक्येष कोष्ठके प्रदत ्िधािनांऱोट् ऱकारे ककं समचचिंऩदं भविष्यति ? 1x3 = 3
ु ू ु
1.अद्र्म र्बवार्न ्र्भर्भ गहे र्बोजर्नं---------- स ( क)
ृ ृ
(i) करुत (ii)करु (iii)कर्माात ् (iv) कर्माार्भ ्
ु ु ु ु
2. र्मर्मर्भू ्र् ऩञ्चववद्र्म ार्नार्भ ्र् नार्भानर्न ....................... स (वद्)
(i)वर्दतु (ii)वर्दत (iii)वर्दतार्भ ् (iv) वर्देत
3. ते र्याज्र्मं ....................... स र्ऩार्र()्
(i)र्ऩार्रर्मितु (ii)र्ऩार्रर्मेर्म:ु (iii)र्ऩार्रर्म ित (iv) र्ऩाल्र्मतार्भ ्
( अर्धोलर्रणखतवाक्र्मेष ुकोष ्िके प्रर्दत्तर्धातर्नांूववधर्धलर्रङ्ग र्रकार्येककं
सर्भधचतंु र्ऩर्दं र्बववष्र्मनत? 1x3 = 3
1. र्मवांसद्गरूर्भ ्प्रनर्नं------------------ स(र्ऩच्छ)
ु ु ृ
(i) र्ऩच्छे त ् (ii) र्ऩच्छे तार्भ ् (iii) र्ऩच्छे तर्भ ् (iv) र्ऩच्छे र्म:
ृ ृ ृ ृ ु
2. आवार्भ ्ककं ............................. ? (क )
ृ
(i)कर्माार्भ (ii)कर्मााव (iii)कर्मवे (iv)कर्म:ा
ु ु ु ु ु
3. र्मर्मंूअसत्र्मंर्न ........................ स (वर्द )
(i)वर्देर्भ (ii)वर्देर्म:ु (iii)वर्देत (iv)वर्देव
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(v)............... संर्रग्र्ना: र्बव ित स (vi)........................ र्ऩरर्यत: गहर्नंवर्नर्भ ्अ स्त स
--र्भञ्जूषा– सर्माार्मू,र्फािर्धव:,जितव:,र्भर्ने:ु,स्वाध्र्मार्मे,आश्रर्भर्भ ्
प्र.8. 1. धािु+ क् ि/क् िििु प्रत्यययोगेन तनभमथिम ्उचचिं ऩदं चचत ्िा भऱखि-- -1x3=3
1. र्भोहर्न् र्ऩत्रर्भ ् ------------------ स
(i) लर्रणखतवितर्भ ् (ii) लर्रणखतवार्न ् (iii) लर्रणखत्वत ् (iv) लर्रणखतर्भ ्
2. र्ऩस्तकंु र्ऩिर्न ्र्फार्रक: ................................ स
(i)हलसतवत (ii)हलसतर्भ ् (iii)हलसतवार्न ् (iv)हलसत:
्
3. र्भर्मा चर्रधचत्रर्भ..........................् स
(i)दृष्टर्भ ् (ii) दृष्ट: (iii) दृष ््वा (iv) दृनर्म:
2. नर्नठर्दाष्टर्धात - प्रत्र्मर्मर्मोगेर्न वाक्र्मर्ऩनतार्भ ्करुत – 1x3=3
ु ू ु
1. ....................... र्फार्रक: र्ऩस्तकर्भवर्ऩ र्ऩिनत स (खाद् + शत)
ु ृ
2. सैनर्नक: चौर्यं .............................. स नर्नंद्(+ क्तवत)ु
3. ............................ र्फार्रक : अत्र आगच्छत ्स (सेव ्+ शार्नच)्
घ – 35 अङ्का:
खण्ड: ‘ऩठठि – अिबोधनम’्
र्फार्र: अष्टावक्र: लर्भत्रै: सह क्रीडडत्वा गहर्भ ्प्रत्र्मावत्त: | स: जर्नर्नीर्भ ्अर्ऩच्छत—्र्भात: क्व आस्ते र्भर्भ वर्ऩता इनत|
ृ ृ ृ
सा अवर्दत-्“ जात ! तव वर्ऩता र्याजष:े जर्नकस्र्म सर्बांववद्वनि: सह शास्त्रार्थाार्मगत: आसीत ्| ककित ुअर्धर्नाु र्मावत ्
र्न नर्नवत्त: | अहर्भवर्ऩ धचितातर्या अ स्र्भ |” इर्दंनर्नशम्र्म अष्टावक्र: प्रत्र्मवर्दत,्“जर्ननर्न ! अर्रंधचितर्मा | नव: प्रर्बाते
ृ ु
एव अहर्भ ्र्याजसर्बांगत्वा ास्र्मालर्भ का वाताा इनत|”
I. एकर्ऩर्देर्न उत्तर्यत — 1 x 2=2
1. अष्टावक्र: कै: सह क्रीडडत्वा गहं ृप्रत्र्मावत्त:ृ ?
(i) वर्ऩत्रा (ii) जर्निर्मा (iii) लर्भत्रै : (iv) तेर्न
2. अष्टावक्र: कुत्र गितर्भु ्इच्छनत स्र्भ?
(i) र्याजवषार्भ ् (ii) र्याजसर्बार्भ ् (iii) ग्रार्भ ् (iv) गहर्भृ ्
II. र्ऩर्ावाक्र्मेर्नू उत्तर्यत— 2 x 1 = 2
ास्र्मनत?
प्र. 10॰ तनम्नभऱखखिंऩद्यांशम ्ऩठठत ्िा प्रदत ्िप्रश्नानाम ् उत ्िराखण उत ्िरऩस्मिकायामु ्भऱखि— 5
“ छार्मार्भिर्मस्र्म कुवंित नतष ्ि ित स्वर्मर्भातर्ऩे|
र्पर्रािर्मवर्ऩ र्ऩर्यार्थाार्म व ृा: सत्र्ऩरुषा इव ||”
I.एकर्ऩर्देर्न उत्तर्यत- 1 x2 =2
1.व ृा: स्वर्मंकुत्र नतष ्ि ित ?
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(i) गहेृ (ii) उद्र्मार्ने (iii)आतर्ऩे (iv) र्यर्े
2.व ृा: अिर्मस्र्म ककं कुवंित ?
(i) र्पर्रानर्न (ii) आतर्ऩे iii)( छार्मार्भ ् (jv) एव
II॰र्ऩर्ावाक्र्मेर्नू उत्तर्यत – 2 x 1 = 2
व ृा: र्ऩर्यार्थाार्म ककं ककं कुवाित ?
III॰र्बावषककार्मार्भ ्-- 1/2 x 2 = 1
1. ‘कुवाित’ इत्र्मस्र्म र्ऩर्दस्र्म कतर्ऩर्दर्भाृ ककर्भ ?
(i)र्ऩरुषा: (ii) व ृा: (iii) छार्मा (iv) अिर्मा
2.’स्वार्थाार्म” अस्र्म र्ऩर्दस्र्म ववर्रोर्भर्ऩर्दर्भ ्नर्रोके प्रर्मक्तर्भु ्अ स्त I
(i) र्पर्रानर्न (ii) छार्मा (iii)र्ऩर्यार्थाार्म(iv) अिर्मस्र्म
प्र. 11॰ तनम्नभऱखखिंनाट्यांशम ्ऩठठत ्िा प्रदत ्िप्रश्नानाम ् उत ्िराखण उत ्िरऩस्मिकायामु ्भऱखि— 5
प्र. 12. तनम्नभऱखखिऩद्यद्ियमय अन्द्िय: मञ्जषाि:ू ऩदातन चचत ्िा ऩनःु भऱखि – 5 .
1.॰ “स्र्नेहंर्द र्दानत र्मो र्भह्र्मंनर्नत्र्मंतस्र्भैर्द र्दाम्र्महर्भ ्स
ज्र्मोनत: र्ऩर्दार्था ार्नार्थाकोs हं वर्दत ुसाम्प्रतर्भ ्॥ “ 1/2 x 5 = 21/2
अिवर्म: --- र्म् (i) .................. स्र्नेहंर्द र्दानत, (ii) ..................... तस्र्भै
नर्नत्र्मं(iii) ..................... ज्र्मोनत ् र्दर्दालर्भ, (iv) ......................... वर्दत
(v)..................... क् ? ु
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र्भञ्जषाू –( र्ऩर्दार्था ार्नार्थार्भ ्, अहर्भ ्, र्भहर्मर्भ ्, साम्प्रतर्भ अहर्भ ्)
्,
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