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Sree Mahishaasura Mardini Stotram in Sanskrit

Sree Mahishaasura Mardini Stotram – Sanskrit Lyrics (Text)

Sree Mahishaasura Mardini Stotram – Sanskrit Script

अिय िग रन दिन न दतमे दिन व - वनो दिन न दनुते


िग रवर व य-िशरो िध-िनवािसिन व णु- वलािसिन ज णुनुते ।
भगवित हे िशितक!ठ-कुटु $ब ण भू रकुटु $ब ण भू रकृ ते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 1 ॥

सुरवर-ह ष) ण दध
ु )र-ध ष) ण दम
ु ुख
) -म ष) ण हष)रते
.भुवन-पो ष ण श/कर-तो ष ण क0मष-मो ष ण घोषरते ।
दनुज-िनरो ष ण दितसुत-रो ष ण दम
ु द
) -शो ष ण िस धुसुते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 2 ॥

अिय जगद$ब मद$ब कद$बवन- 2यवािसिन हासरते


िशख र-िशरोम ण तुङ - हमालय-शृ/गिनजालय-म यगते ।
मधुमधुरे मधु-कैतभ-ग 4जिन कैतभ-भ 4जिन रासरते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 3 ॥

अिय शतख!ड- वख !डत-6!ड- वतु !डत-शु!ड-गजािधपते


रपु-गज-ग!ड- वदारण-च!डपरा8म-शौ!ड-मृगािधपते ।
िनज-भुजद!ड-िनपा टत-च!ड-िनपा टत-मु!ड-भटािधपते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 4 ॥

अिय रणदम
ु द
) -श.ु-वधो दत-दध
ु र) -िनज)र-श :-भृते
चतुर- वचार-धुर;ण-महाशय-दत
ू -कृ त-2मथािधपते ।
द ु रत-दरु ;ह-दरु ाशय-दम
ु ि) त-दानव-दत
ू -कृ ता तमते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 5 ॥

अिय िनज हु/कृ ितमा.-िनराकृत-धू= वलोचन-धू=शते


समर- वशो षत-शो णतबीज-समु?वशो णत-बीज-लते ।
िशव-िशव-शु$भिनशु$भ-महाहव-त प)त-भूत पशाच-पते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 6 ॥

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धनुरनुस/गरण-@ण-स/ग-प रAफुरद/ग-नटCकटके
कनक- पश/ग-पृषCक-िनष/ग-रस?ट-शृ/ग-हतावटु के ।
कृत-चतुर/ग-बल @ित-र/ग-घटD-बहुर/ग-रटD-बटु के
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 7 ॥

अिय शरणागत-वै रवधू-वरवीरवराभय-दाियकरे


.भुवनमAतक-शूल- वरोिध-िशरोिध-कृता मल-शूलकरे ।
दिु म-दिु म-तामर-द ु दिु भ-नाद-महो-मुखर;कृत- द /नकरे
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 8 ॥

सुरललना-ततथेिय-तथेिय-तथािभनयोदर-नृCय-रते
हास वलास-हुलास-मिय2ण-तात)जनेिमत-2ेमभरे ।
िधिम कट-िधEकट-िधEकट-िधिम विन-घोरमृद/ग-िननादरते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 9 ॥

जय-जय-जFय-जये-जय-शGद-परAतुित-तCपर- व नु ते
झणझण- झ 4झिम- झ/कृत-नूपुर-िश 4जत-मो हतभूतपते ।
न टत-नटाध)-नट;नट-नायक-नाटकना टत-नाIयरते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 10 ॥

अिय सुमनः सुमनः सुमनः सुमनः सुमनोहर का तयुते


िKतरजनीरज-नीरज-नीरजनी-रजनीकर-वE.वृते ।
सुनयन वLम-रL-मर-Lमर-Lम-रLमरािधपते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 11 ॥

म हत-महाहव-म0लमत 0लक-म 0लत-र0लक-म0ल-रते


वरिचतव 0लक-प 0लक-म 0लक- झ 0लक-िभ 0लक-वग)वत
ृ े।
िसत-कृतफु0ल-समु0लिसता 6ण-त0लज-प0लव-स0लिलते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 12 ॥

अ वरल-ग!डगलन-मद-मे
् दरु -मN-मत/गजराज-पते
.भुवन-भूषणभूत-कलािनिधOप-पयोिनिधराजसुते ।
अिय सुदतीजन-लालस-मानस-मोहन-म मधराज-सुते

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जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 13 ॥

कमलदलामल-कोमल-का त-कलाकिलता मल-भालतले


सकल- वलासकला-िनलय8म-केिलकलत ्-कलहं सकुले ।
अिलकुल-स/कुल-कुवलयम!डल-मौिलिमलD-वकुलािलकुले
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 14 ॥

कर-मुरली-रव-वी जत-कू जत-ल Qजत-को कल-म4जु6ते


िमिलत-िमिल द-मनोहर-गु 4जत-र 4जत-शैलिनकु4ज-गते ।
िनजगणभूत-महाशबर;गण-र/गण-स$भृत-केिलतते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 15 ॥

क टतट-पीत-दक
ु ू ल- विच.-मयूख-ितरAकृ त-च R6चे
2णतसुरासुर-मौिलम णAफुरD-अंशुलसन ्-नखसा R6चे ।
जत-कनकाचलमौिल-मदो ज)त-िनज)रकु4जर-कु$भ-कुचे
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 16 ॥

व जत-सहSकरै क-सहSकरै क-सहSकरै कनुते


कृत-सुरतारक-स/गर-तारक स/गर-तारकसूनु-सुते ।
सुरथ-समािध-समान-समािध-समािधसमािध-सुजात-रते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 17 ॥

पदकमलं क6णािनलये व रवAयित यो नु दनं न िशवे


अिय कमले कमलािनलये कमलािनलयः स कथं न भवेत ् ।
तव पदमेव पर$पद-िमCयनुशीलयतो मम कं न िशवे
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 18 ॥

कनकलसCकल-िस धुजलैरनु ष4जित ते गुणर/गभुवं


भजित स कं नु शचीकुचकु$भत-तट;प र-र$भ-सुखानुभवम ् ।
तव चरणं शरणं करवा ण नतामरवा ण िनवािश िशवं
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 19 ॥

तव वमले दक
ु लं वदने दम
ु लं सकलं ननु कूलयते
कमु पु6हूत-पुर; दम
ु ुखी-सुमुखीिभरसौ- वमुखी- 8यते ।

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मम तु मतं िशवनाम-धने भवती-कृपया कमुत 8यते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 20 ॥

अिय मिय द;नदयालुतया क6णापरया भ वतTयमुमे


अिय जगतो जननी कृ पयािस यथािस तथानुिमतािस रमे ।
यदिु चतम. भवCयुरर; कु6ता-द6
ु तापमपा-कु6ते
जय जय हे म हषासुर-म द) िन र$यकप द) िन शैलसुते ॥ 21 ॥

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