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श्री भवानी अष्टोत्तर शतनामावळि

अस्य श्रीभवानी मन्त्रस्य सदाशिवाय ऋषये नमः | अनुष्टु भै छन्दसे नमः| श्रीभवान्यै देवतायै नमः
श्रीं बीजाय नमः | ह्रीं शक्तये नमः | हूं कीलकाय नमः || श्रीभवानी प्रसाद सिद्ध्यर्थे गुरोराज्ञया अर्चने
विनियोगाय नमः |
कर न्यासः/ हृदयादि न्यासः श्रां ह्रां अङ्गुष्ठाभ्यां - हृदयाय नमः
श्री ह्रीं क्रों तर्जनीभ्यां - शिरसे स्वाहा
श्रूं ह्रूं मध्यमाभ्यां- शिखायै वषट्
श्रैं ह्रैं अनामिकाभ्यां - कवचाय हुं
श्रौं ह्रौं कनिष्टिकाभ्यां- नेत्रत्रयाय वौषट्
श्रः ह्रः करतलकर पृष्टाभ्यां - अस्त्राय फट् | भूर्भुवस्स्वरोमोति दिग्बन्धः
अर्धेन्दु मौलिं अमलां अमराभि वन्द्यां अम्भोज पाश सृणि रक्तकपाल हस्तां |
रक्ताङ्ग रागरचनाभरणां त्रिनेत्रां ध्यायेच्छिवस्य वनितां सद विह्वलाङ्गीं ||
उद्यदिन्दुवदनां चतुर्भुजां रक्तनेत्र कमलां शुचिस्मितां |
खड्गाशक्तिवरदाभयाङ्कितां प्रेतगां हृदि भजामि भवानीं ||
पञ्चपूजा: लं पृथ्व्यात्मिकायै गन्धं कल्पयामि नमः
हं आकाशात्मिकायै पुष्पं कल्पयामि नमः
यं वाय्व्यात्मिकायै धूपं कल्पयामि नमः
रं वह्न्यात्मिकायै दीपं कल्पयामि नमः
वं अमृतात्मिकायै नैवेद्यं कल्पयामि नमः
सं सर्वात्मिकायै ताम्बूलादि सर्वोपचारान् कल्पयामि नमः
ॐ श्रीं श्रीं ॐ ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं भवानि हूं फट् स्वाहा || १०८ ||
ॐ ह्रीं फ्रें श्रीं चण्डयोगीश्वरी भरभवानि सर्वकामवरप्रदे सर्वसौभाग्यदायिनि ह्रीं नमः स्वाहा || १०८ ||
ॐ ह्रीं दुर्गायै विद्महे कार्त्यायन्यै धीमहि तन्नो भवानि प्रचोदयात् || ३ ||
अस्य श्रीसदाशिव मन्त्रस्य ईश्वराय ऋषये नमः | अनुष्टु भै छन्दसे नमः |श्रीसदाशिवाय देवतायै नमः | हौं बीजाय नमः | ह्रीं शक्तये नमः |
ॐ कीलकाय नमः | श्रीसदाशिव प्रसाद सिद्ध्यर्थे गुरोराज्ञया अर्चने
विनियोगाय नमः |
कर न्यासः/ हृदयादि न्यासः ह्रीं अङ्गुष्ठाभ्यां - हृदयाय नमः
ह्रीं क्रों तर्जनीभ्यां - शिरसे स्वाहा
ह्रीं मध्यमाभ्यां- शिखायै वषट्
ह्रीं अनामिकाभ्यां - कवचाय हुं
ह्रीं कनिष्टिकाभ्यां- नेत्रत्रयाय वौषट्
ह्रीं करतलकर पृष्टाभ्यां - अस्त्राय फट् | भूर्भुवस्स्वरोमोति दिग्बन्धः
कु न्देन्दु कोटिघनसार तुषारहारदीप्तं वराभयधनुः सरशूलहस्तां ||
पद्मासनं शशिकलाभरणं चिदीशं वन्दे सदाशिवमहं शिवयाश्रिताङ्गां ||
पञ्चपूजा: लं पृथ्व्यात्मने गन्धं कल्पयामि नमः
हं आकाशात्मने पुष्पं कल्पयामि नमः
यं वायव्यात्मने धूपं कल्पयामि नमः
रं वह्न्यात्मने दीपं कल्पयामि नमः
वं अमृतात्मने नैवेद्यं कल्पयामि नमः
सं सर्वात्मने ताम्बूलादि सर्वोपचारान् कल्पयामि नमः
ॐ ह्रीं हौं सदाशिवाय नमः

1. ओं श्री भवान्यै नमः

2. ओं शिवान्यै नमः
3. ओं रुद्राक्ष्यै नमः

4. ओं मृडान्यै नमः

5. ओं काळिकायै नमः

6. ओं चंडिकायै नमः

7. ओं दुर्गायै नमः

8. ओं महालक्ष्म्य नमः

9. ओं महामायायै नमः

10. ओं परायै नमः

11. ओं अंबायै नमः

12. ओं अंबिकायै नमः

13. ओं अखिलायै नमः

14. ओं सनातन्यै नमः

15. ओं जगन्मातृकायै नमः

16. ओं जगदाधारायै नमः

17. ओं सर्वदायै नमः

18. ओं सर्वगायै नमः

19. ओं सर्वायै नमः

20. ओं शर्वाण्यै नमः

21. ओं गौर्यै नमः

22. ओं सिंहासनासीनायै नमः

23. ओं काळरात्र्यै नमः

24. ओं सिनीवाल्यै नमः

25. ओं चिन्मयायै नमः

26. ओं महाशक्यै नमः

27. ओं विद्युल्लतायै नमः

28. ओं अर्थमात्रायै नमः


29. ओं साक्षिण्यै नमः

30. ओं अलेखायै नमः

31. ओं अनूह्यायै नमः

32. ओं अनुपमायै नमः

33. ओं महिषमर्दिन्यै नमः

34. ओं वृत्रासुर-निर्मूल-हेतवे नमः

35. ओं त्रिनेत्रायै नमः

36. ओं चन्द्रचूडायै नमः

37. ओं सुराराध्यायै नमः

38. ओं दुर्गायै नमः

39. ओं भ्रमरांबायै नमः

40. ओं चण्ड्यै नमः

41. ओं चामुण्डायै नमः

42. ओं शिवार्ध-रूपिण्यै नमः

43. ओं सिद्धिदायै नमः

44. ओं पर्वत-वर्धिन्यै नमः

45. ओं सिंहाधिष्ठायै नमः

46. ओं भक्तहृदयाधिस्थायै नमः

47. ओं महाविद्यायै नमः

48. ओं प्रकृ त्यै नमः

49. ओं विकृ त्यै नमः

50. ओं सुकृ त्यै नमः

51. ओं सर्वकृ त्यै नमः

52. ओं नित्यै नमः

53. ओं निश्चलायै नमः

54. ओं निरालंबायै नमः


55. ओं सर्वाधारायै नमः

56. ओं सर्वेश्वर्यै नमः

57. ओं वाग्देवतायै नमः

58. ओं कळायै नमः

59. ओं विश्वम्भरायै नमः

60. ओं विश्वमोहिन्यै नमः

61. ओं सृष्टिस्थितिलय हेतवे नमः

62. ओं सर्वमङ्गळायै नमः

63. ओं लावण्यायै नमः

64. ओं सौन्दर्यलहर्यै नमः

65. ओं आसन्नि वारिण्यै नमः

66. ओं सर्वतापवारिण्यै नमः

67. ओं अमृतमणिताटङ्कायै नम

68. ओं गायत्र्यै नमः

69. ओं गान्धर्वायै नमः

70. ओं आड्यायै नमः

71. ओं अभयायै नमः

72. ओं अजेयायै नमः

73. ओं अगम्यायै नमः

74. ओं दुर्गमायै नमः

75. ओं चिदानन्दलहर्यै नमः

76. ओं वेदातीतायै नमः

77. ओं मणिद्वीपावासायै नमः

78. ओं महत्तरायै नमः

79. ओं जगद्धितभवायै नमः

80. ओं महामत्यै नमः


81. ओं मेधायै नमः

82. ओं स्वधायै नमः

83. ओं स्वाहायै नमः

84. ओं वटुप्रियायै नमः

85. ओं दुर्गासुरभञ्जन्यै नमः

86. ओं जगत् शरण्यायै नमः

87. ओं शिवमञ्चस्थितायै नमः

88. ओं चिन्तामणिगृहिण्यै नमः

89. ओं स्तोत्रप्रियायै नमः

90. ओं सदाचारायै नमः

91. ओं निर्विचारायै नमः

92. ओं निष्कामसेवाप्रियायै नमः

93. ओं व्रतरूपायै नमः

94. ओं यज्ञमयायै नमः

95. ओं यजेशायै नमः

96. ओं शिवप्रियायै नमः

97. ओं प्राणसारायै नमः

98. ओं जगत्-त्राणायै नमः

99. ओं अद्यन्त-रहितायै नमः

100. ओं इन्द्रकीलाद्रिवासिन्यै नमः

101. ओं गुणत्रयविवर्जितायै नमः

102. ओं कोटिसूर्यप्रभायै नमः

103. ओं शांभव्ये नमः

104. ओं हिङ्गुळ्यै नमः

105. ओं प्रह्लादिन्यै नमः

106. ओं वह्निवासिन्यै नमः


107. ओं पताकिन्यै नमः

108. ओं पञ्चमप्रियायै नमः

इति श्री भवानि अष्टोत्तर शतनामावळि संपूर्णं

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