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बुध रे खा हथेली में किसी भी स्थान से निकल सकती है । इसकी सबसे अच्छी स्थिति यह मानी गई है कि बुध रे खा

की स्थिति भाग्य रे खा और जीवन रे खा से जितनी अधिक दरू हो उतनी ही शुभ फलदायक होती है । बुध रे खा कहीं से
भी जाए इसका अंत कनिष्ठिका अँगुली पर ही होता है । यदि किसी भी हथेली में यह रे खा है परं तु जीवन रे खा से
पर्याप्त दरू है , साथ ही मणिबंध विघ्नरहित है तो वह व्यक्ति निश्चित रूप से दीर्घायु होगा।
अशभ
ु चिन्हों से मक्
ु त निर्दोष बध
ु रे खा वाला व्यक्ति पाचन शक्ति का धनी और स्वस्थ, सबल गर्दों
ु का स्वामी होता
है । निर्दोष बुध रे खा के साथ-साथ यदि हथेली में हृदय, मस्तिष्क और भाग्य रे खाएँ निर्दोष रूप में विद्यमान हों, तो
ऐसी हथेली वाली बुध रे खा व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, आरोग्य और जीवन शक्ति की वद्धि
ृ करती है ।

यदि बुध रे खा टूटी, छिन्न-भिन्न टे ढ़ी-मेढ़ी और मार्ग से हटी हुई हो तो समझना चाहिए कि ऐसा व्यक्ति उदर विकारों
से ग्रस्त होगा। पाचन शक्ति की कमी स्नायु तंत्र में अतिक्रम जोड़ों का दर्द अन्य प्रकार के वात-विकार, मानसिक
व्याधियों की आशंका और दर्ब
ु लता क्षीणता जैसे रोग होते हैं। बध
ु रे खा अशभ
ु मानी जाती है । जन्म लग्न में भी बध

नीच का या शत्रु मैत्री होगा।
बुध रे खा का लहरदार होना यह संकेत दे ता है कि जातक को लीवर संबंधित रोग होगा। लहरदार या जंजीरदार रे खा
टूटी, अस्त-व्यस्त हो तो वह मंदबुद्धि, आलसी, निकम्मे, दवि
ु धाग्रस्त तथा कार्य क्षेत्र में पिछड़े हुए होते हैं। अपने
दै निक जीवन के कार्यकलाप, व्यवसाय, आगामी योजना और अन्य व्यावहारिक क्षेत्रों में भी ऐसे लोग प्रायः अस्थिर
मन, अनिश्चित और आत्मविश्वास से रहित होते हैं।
ये कोई भी कार्य करें सफलता की उम्मीद बहुत कम कर पाते हैं। ऐसे जातक आशंका में रहते हैं। यदि बुध रे खा ऊपर
अँगलि
ु यों की ओर, बध
ु पर्वत की ओर अग्रसर है और उसके मार्ग में कोई बिंद ु दिख रहा है , साथ ही किसी पर्वत पर
विभिन्न रे खाओं का चक्रव्यूह जैसा दिखाई दे रहा है तो यह निश्चित है कि वह अवश्य ही अस्वस्थ्ता के दौर से गुजर
रहा है अथवा कोई रोग-विकार इसे शीघ्र होगा।
बध
ु रे खा पर कहीं भी द्वीप का चिह्न होना यह तथ्य प्रकट करता है कि इस जातक को आयु रे खा से निर्दिष्ट व्यय-
क्रम में स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ पीड़ित करें गी। बुध पर्वत तक पहुँचने वाली निर्दोष बुध रे खा व्यक्ति की लंबी
आयु का वरदान होती है । यदि यह रे खा चंद्र पर्वत से प्रारं भ हो तो व्यक्ति अपने जीवन में अनेक यात्राएँ करता है ।

बुध रे खा से निकलकर जाने वाली रे खाएँ व्यक्ति को व्यापारिक सफलता दिलाती हैं। इसके विपरीत नीचे जाने वाली
रे खाएँ असफलता की सूचना दे ती हैं। यदि बुध रे खा की कोई शाखा गुरु पर्वत पर पहुँच जाती है तो व्यक्ति को
अत्याधिक सफलता मिलती है । ऐसे व्यक्ति में नेतत्ृ व, प्रतिभा और महत्वाकांक्षाओं की कमी नहीं रहती।

बध
ु रे खा की प्रशाखा यदि शनि पर्वत पर पहुँच रही हो तो व्यक्ति अध्ययनशील और गंभीर होता है । सर्य
ू पर्वत पर
पहुँचने वाली प्रशाखा व्यक्ति को तेजस्वी और प्रतिभावान बनाती है । ऐसे व्यक्ति को सूर्य पर्वत के अनुरूप जीवन में
अनेक विधियों द्वारा सफलता मिलती है । जीवन रे खा से निकलने वाली बुध रे खा यदि अस्त-व्यस्त हो और जीवन
रे खा पर लाल या नीले बिंद ु हों तो व्यक्ति हृदय रोगों से पीड़ित होता है ।
यदि मस्तिष्क रे खा और हृदय रे खा पास-पास हो और निर्बल हो तो व्यक्ति मूर्च्छा रोगों का शिकार होता है । यदि बुध
रे खा दोनों हाथों में मस्तिष्क रे खा को काटकर गुणक चिन्ह बनाती हो तो व्यक्ति रहस्य-विद्या तथा पराविज्ञान में
रुचि रखने वाला होता है । यदि बुध रे खा की कोई शाखा मस्तिष्क रे खा को स्पर्श करती हो तो वह व्यक्ति बुद्धिमान
होता है ।

यदि बुध रे खा मस्तिष्क रे खा पर समाप्त हो जाए और जीवन रे खा पर अनेक छोटी-छोटी रे खाएँ हों तो व्यक्ति
मानसिक रोगों का शिकार होता है । चंद्र पर झुकी हुई मस्तिष्क रे खा पर गुणक चिन्ह बनाने वाली बुध रे खा
कल्पनाशीलता का संकेत दे ती है । बध
ु रे खा शनि और मस्तिष्क रे खाओं के साथ एक त्रिकोण बनाती हो तो व्यक्ति
धार्मिक विचारों वाला होता है ।

यदि मस्तिष्क रे खा के मार्ग में वत्ृ त हो और बध


ु रे खा पर ऊपर की तरफ गण
ु क चिन्ह स्थित हो तो व्यक्ति को
अंधेपन का खतरा रहता है । बुध रे खा के पास बना क्रॉस आकस्मिक दर्घ
ु टनाओं का संकेत दे ता है ।

इस प्रकार बुध रे खा पर आड़ी रे खा सफलता के मार्ग में बाधक रहती है व बुध पर्वत पर बुध रे खा अनेक भागों में हो तो
उसको सफलता भी अनेक क्षेत्रों में मिलती है । बुध रे खा को स्वास्थ्य रे खा कहा जाता है । बुध रे खा जितनी निर्दोष
होगी, वह जातक कार्यक्षमता में उतना ही प्रवीण होगा।

किसी व्यक्ति की हथेली पर स्वास्थ्य रे खा पर बना नक्षत्र बांझपन का संकेतक है ।

♦ किसी व्यक्ति की हथेली पर स्वास्थ्य रे खा पर गहरी श्रंख


ृ ला कमजोर पाचन शक्ति की ओर संकेत करती है ।

♦ किसी व्यक्ति की हथेली पर स्वास्थ्य रे खा पर यदि द्धीप स्थित हो तो ऐसी स्वास्थ्य रे खा सम्बंधित व्यक्ति की
आंतो में खराबी की ओर संकेत करती है ।

♦ किसी व्यक्ति की हथेली पर स्वास्थ्य रे खा यदि लहरदार हो तो यह पित्त दोष की ओर संकेत करती है ।

1. हे ल्थ की रे खा बुध क्षेत्र से शुरु होती है और बुध क्षेत्र की सबसे छोटी उं गली के नीचे से शुरु होता है .
इस रे खा में हे ल्थ की रे खा होती है जिसके हाथों में यह रे खा सीधी होती है उसका जीवन बिना किसी
बीमारी के कटता है .

2. अगर आपकी स्‍वास्‍थ्‍य रे खा जंजीर के तरह है तो यह आपको को छोटी-मोटी बीमारी हो सकती है .

3. अगर स्‍वास्‍थ्‍य रे खा गहरी है तो समझिये कि आपकी पाचन शक्‍ति काफी अच्‍छी होगी. इसके अलावा
ऐसे लोगों का मस्तिष्क मानसिकता सबल एवं स्मति
ृ तेज होता है .
4. जिनके हाथों में रे खा लहरीली जैसी होती है वह ज्वर या पीलिया से पीड़ित हो सकता है वो भी एक से
ज्यादा बार.

5. अगर स्‍वास्‍थ्‍य रे खा बुध रे खा को काटती है तो वह आड़ी रे खाएं उम्र के अनुसार स्वास्थ्य खराब करती
हैं.

6. अगर आपकी स्‍वास्‍थ्‍य रे खा जगह-जगह पर टूटी और मिटी हुई दिख रही है तो ये व्यक्ति के
जीवनभर बीमार रहने का संदेश दे ती है .

7. यदि यह रे खा हथेली को पार करके जीवन-रे खा पर पहुॅच जाॅए, तो यह स्वास्थ्य एवं शारीरिक
कमजोरी का प्रतीक होती है ।

8.अगर यह रे खा बध
ु क्षेत्र के नीचे ह्रदय रे खा से प्रारम्भ हो, नीचे बढ़कर जीवन-रे खा को काट दे तो ह्रदय सम्बन्धी
कमजोरी की परिचायक होती है ।

9.यदि यह पीले रं ग की एवं चैड़ी हो तो रक्त संचरण के दोष की ओर संकेत करती है ।

10.यदि स्वास्थ्य रे खा ह्रदय रे खा को छोड़ने के स्थान पर लाल रं ग की हो एवं नाखन


ू छोटे तथा चपटे हो तो ह्रदय
रोग होने की आशंका होती है ।

11.यदि इस रे खा पर लाल रं ग के धब्बे हों तो यह ज्वर की प्रवत्ति


ृ की ओर संकेत करती है ।

लीवर से सम्बन्धित रोग

यदि यह घुमावदार तथा अनिमियत हो तो लीवर से सम्बन्धित रोग हो सकता है ।

स्वास्थ्य रे खा यदि छोटे -छोटे टुकड़ों से बनी हो तो कमजोर पाचन शक्ति की परिचायक होती है ।

यदि इस रे खा पर छोटे -छोटे द्वीप हो एव नाखून बादाम जैसे आकार के हों तो फेफडे एवं छाती से सम्बन्धित रोग
होने की आशंका रहती है ।

अगर यह रे खा हथेली में अच्छी तरह से अंकित हो एवं ह्रदय तथा मस्तक-रे खा से नीचे झुकी कहीं दिखाई न दे ती हो
तो मानसिक बीमारी के संकेत दे ती है । इस कारण मानसिक ज्वर आदि भी हो सकता है ।

यदि किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य रे खा अनेक स्थानों पर टूटी और मिटी हुई दिखाई दे रही है तो व्यक्ति हमेशा बीमार
रहे गा।

यदि आपकी स्वास्थ्य रे खा जंजीर के समान है तो यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है ।
यदि स्वास्थ्य रे खा गहरी है तो इसका मतलब आपकी पाचन शक्ति, मन- मस्तिष्क एवं स्मति
ृ तेज होती है ।

जिनके हथेली में स्वास्थ्य रे खा लहरदार होती है वैसा व्यक्ति ज्वर, पीलिया मलेरिया, यकृत, मानसिक पीड़ा, आंत
के रोग, पथरी या अल्सर से पीड़ित होता है ।

जिस व्यक्ति की हथेली में स्वास्थ्य रे खा द्वीप के रुप में समाप्त होती है उन्हें छाती और फेफड़े से संबंधित रोग होने
की आशंका रहती है ।

हस्तरे खा विज्ञान के अनुसार अगर स्वास्थ्य रे खा को कोई तिरछी रे खा आकर काट रही हो तब व्यक्ति को अधिक
सावधान रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को भयंकर दर्घ
ु टना का सामना करना पड़ता है ।

स्वास्थ्य रे खा पर तारे का चिन्ह बना होना अशुभ फलदायी होता है । ऐसे व्यक्ति को यात्रा के समय और वाहन
चलाते हुए अधिक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ऐसे व्यक्ति की मत्ृ यु यात्रा के दौरान होने की आशंका रहती है ।

यदि आपके हथेली में जीवन रे खा पर बिन्दीनुमा गड्डा है और वह कई स्थान पर है तो जितने स्थान पर बिंद ु होगी
उतनी बार बीमार होने का संकेत समझना चाहिए।

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