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Shubh Grah in 1st House
Shubh Grah in 1st House
कुं डली हमारे जीवन का दर्पण होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुं डली में 12
भाव या घर होते हैं। हर भाव में एक ग्रह होता है। इनमें से कु छ शुभ फलदायी होते हैं,
तो कु छ अशुभ फल प्रदान करते हैं। कुं डली के किस भाव में कौन सा ग्रह है या
किन ग्रहों के साथ उसकी युति है, इससे आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं की
जानकारी मिलती है। यहां हम बात करेंगे कुं डली के पहले यानी लग्न भाव की।
कुं डली का पहला भाव काफी प्रमुख होता है। इससे आपके व्यक्तित्व के साथ ही
आपके जीवन के कई दूसरे पहलुओं की जानकारी मिलती है। अगर पहले भाव
मं गल हैं। अब अगर प्रथम भाव में ग्रहों की बात करें तो गुरु सूर्य, चं द्रमा, मं गल और
बुध के लिए यह भाव सर्वोत्तम माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि कुं डली के
प्रथम भाव में अगर शुभ ग्रह हों, तो उसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। ये काफी मजबूत ग्रह माने जाते हैं। अगर
आपकी कुं डली के पहले भाव में सूर्य मौजूद हैं, तो वे आपका जीवन काफी सशक्त
बेहतर रहेगा और आत्मविश्वास भी काफी ऊं चा रहेगा। अगर सूर्य कुं डली में
सकारात्मक हों, तो व्यक्ति स्वतं त्र विचारों वाला होता है। उसमें अधिकार और
शक्ति की जबरदस्त इच्छा हो सकती है। ये लोग नेता प्रवृत्ति के होते हैं। ये
आत्मविश्वास से भरे होते हैं और अन्य की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। सूर्य
अगर कुं डली के प्रथम भाव में हैं, सं तान उच्च शिक्षा प्राप्त करती है और उनका नाम
होता है।
चं द्रमा का प्रथम भाव में होना अच्छा माना जाता है। चं द्रमा आपके मन, सुख-शांति,
धन और माता का कारक होता है। अगर चं द्रमा कुं डली के पहले भाव में हैं, तो
जीवन सुखद होता है। व्यक्ति का अपनी माता के प्रति काफी झुकाव देखने को
मिलेगा। व्यक्ति सुखी-सं पन्न होने के साथ ही स्वभाव से मिलनसार होते है।
हालांकि, उसमें आत्मविश्वास की कमी देखने को मिल सकती है। पहले भाव में
चं द्रमा हो तो व्यक्ति सुखी और ऐश्वर्यवान होता है। हालांकि, ऐसे लोगों को थोड़ी
गुरु यानी बृहस्पति महत्वपूर्ण ग्रह हैं। इन्हें देवगुरु कहा जाता है। गुरु का प्रथम भाव
में होना भी काफी अच्छा माना जाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सकारात्मक
स्वभाव वाला होगा। उसमें दया होने के साथ ही उसका दृष्टिकोण भी सकारात्मक
और आशावादी होगा। अगर कुं डली में गुरु मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति
जबरदस्त सफलता हासिल करता है। व्यक्ति को कभी भी किसी चीज की कमी
नहीं होती है। इसी तरह पहले भाव में गुरु के प्रभाव से व्यक्ति विद्वान होने के साथ
ही धार्मिक प्रवृत्ति का भी होता है। ऊं चा पद और समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
की स्थिति से व्यक्ति की बौद्धिक शक्ति मजबूत होती है। व्यक्ति काफी जिज्ञासु
स्वभाव का होगा। वे हमेशा खुश रहने वाले होते हैं। ये देखने में काफी आकर्षक
और दीर्घायु भी होते हैं। इनमें सीखने का जबरदस्त गुण होता है, इसलिए किसी
शुक्र को प्रेम और सुं दरता का प्रतीक माना जाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति काफी
आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है। हालांकि शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काफी
आलसी और कामुक होता है। ये लोग काफी तेजस्वी होंगे। व्यक्ति स्वस्थ और
शौकीन होते हैं। शुक्र के प्रभाव से ये काफी पराक्रमी होंगे। वैसे इनकी वाणी अच्छी
होते है। ये बेहतर उपदेशक भी होते हैं। शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति अनेक कलाओं में