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Shubh Grah in Second House
Shubh Grah in Second House
आपकी कुं डली आपके जीवन का दर्पण होती है। इसमें ग्रहों की भूमिका काफी
महत्वपूर्ण होती है। कुं डली के हर भाव में ग्रहों की मौजूदगी का आपके जीवन के हर
पहलू पर असर देखने को मिलता है। यहां हम बात करेंगे कुं डली के दूसरे भाव में
शुभ ग्रहों की मौजूदगी और उनके प्रभाव के बारे में जानेंगे। कुं डली के दूसरे भाव में
कालपुरुष की कुं डली में दूसरे भाव के स्वामी ग्रह शुक्र और राशि वृषभ है। दूसरा
भाव आपकी इं द्रियों, परिवार और करीबी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे
धन भाव भी कहा जाता है। दूसरे भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति जातक को आर्थिक
रूप में मजबूत बनाती है। यह धन का भी सं के त देता है। आइए जानते हैं, कुं डली के
बुध की कुं डली की दूसरे भाव में उपस्थिति कई मायनों में महत्वपूर्ण होती है। बुध
को बुद्धि और ज्ञान का कारक माना जाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सौम्य और
दयालु स्वभाव का होता है। ऐसे लोग अपनी बुद्धि का उपयोग धन कमाने में
करते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती है। आर्थिक रूप से कोई निर्णय
लेने में भी ये जल्दबाजी नहीं करते हैं। इस कारण किसी नुकसान का सामना नहीं
करना पड़ता। दूसरे भाव में चं द्रमा के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन के प्रति नजरिया
सुखद होता है। लग्जरी वस्तुओं के प्रति भी ये आकर्षित होते हैं। हालांकि कई बार
दूसरे भाव में शुक्र अच्छा फल देता है, लेकिन अगर यह पीड़ित हो तो आपको
परेशानी हो सकती है। अत्यधिक खर्चे भी हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर शुक्र
का इस भाव में होना अच्छा होता है। आप समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त
करने में सक्षम होंगे। व्यवसाय के माध्यम से भी लाभ होता है। शुक्र के प्रभाव से
व्यक्ति सुख और सुविधा सं पन्न होता है। अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए ये कड़ी
मेहनत करते हैं और सुखी और आरामदायक जीवन जीते हैं। कला के क्षेत्र में
इनकी रुचि देखने को मिलती है। इसके साथ ही ये अपनी प्रतिभा को भी निखारने
चं द्रमा का दूसरे भाव में होना सुखद होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक
स्थिति बेहतर होती है। व्यक्ति काफी नाम कमाता है। परिवार में खुशी का माहौल
रहता है, जिससे जीवन खुशहाल चलता है। ऐसे लोगों की भोग-विलास में भी रुचि
देखने को मिल सकती है। दूसरे भाव में चं द्रमा के प्रभाव से आपको अच्छे भोजन
उनकी विदेश यात्रा भी हो सकती है। हालांकि चं द्रमा के पीड़ित होने से कई तरह की
परेशानी होती है। दूसरे भाव में चं द्रमा के प्रभाव के कारण जीवन में उतार-चढ़ाव
आर्थिक स्थिति के साथ ही पढ़ाई में भी परेशानी देखने को मिल सकती है। गुरु के
प्रभाव से धन लाभ होता है। इसके लिए उन्हें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं
चलकर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि गुरु शुभ ग्रह हैं
और ऐसे में अनुकू ल होने के कारण व्यक्ति को जीवन में कोई परेशानी नहीं होती
है। व्यक्ति धार्मिक होता है और उसे सं तान सुख भी प्राप्त होता है।