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षन्नाड़ी चक्र 6 वर्गों में बनता है सन्नाडी चक्र से गोचर के ग्रहों का फल का विचार किया जाता है जब जन्म नक्षत्र पर पाप

ग्रह विचरण करेंगे जन्म नाडी


पर उस समय स्वास्थ्य की परेशानी इत्यादि आएगी यह जन्म का नक्षत्र होता है और पहला नक्षत्र होता है
कर्म नक्षत्र कर्म नक्षत्र यह जन्म से दसवा नक्षत्र होता है और जब इस नक्षत्र पर पाप ग्रह विचरण करेंगे तो कर्म की हानि इत्यादि संघातिक नक्षत्र
नक्षत्र पर जब पाप ग्रह आएंगे तो स्वास्थ्य खराब रहेगा मित्रों की ओर से नुकसान होगा संघातिक का अर्थ होता है कठिन
समुदाय नक्षत्र इस नक्षत्र पर जब पाप ग्रह विचरण करते हैं गोचर में तो दुख सुख मैं कमी तथा धन हानि नौकर की हानि नौकर काम छोड़ कर चले
जाते हैं इत्यादि अनेक चीजें घटित होती है विनाश नक्षत्र विनाश नक्षत्र पर जब पाप ग्रह गोचर करेंगे तो धन की हानि स्वास्थ्य की हानि कारोबार की हानि
नौकरी में प्रॉब्लम गुप्त शत्रु परेशान करेंगे मानस नक्षत्र मानस नक्षत्र जन्म से 25 वा नक्षत्र बनता है इसका अर्थ है मानसिक परेशानी देना जब इस नक्षत्र पर
पाप ग्रह विचरण करते हैं तो मानसिक अशांति का होना अनिद्रा का शिकार होना तथा प्राचीन समय के जो दैवज्ञ थे वह भलीभांति इन नक्षत्रों का उपयोग
करते थे किं तु अब धीरे-धीरे यह प्रथा समाप्ति की ओर जा रही है क्योंकि कं प्यूटर ने सारा ज्ञान शून्य कर दिया है

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