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Saturn Transit and Career (Hindi)
Saturn Transit and Career (Hindi)
शनिदेव, औपचारिक रूप से, शनि, जो बुनियादी तौर पर व्यक्तिके दसवे घर का मालिक होता है, वह ज्योतिषविज्ञान
में अनेक कारणों से सराहा जाता है। शनि व्यक्तिके प्रयासों को पूर्णत्त्व प्रदान करने के साथ साथ, उनके यश और
कीर्ति को भी पूर्णता देते हैं। न्यायव्यवस्था के परमपूजनीय देवता व्यक्तियों को ऐसे पाठ या सबक सिखाते हैं जो
उनके वर्तमान को बेहतर बनाने के साथ साथ उनके भविष्य को प्रकाशित करते हैं। हमारे पावन ग्रंथों की धरोहर
शनिदेव को न्यायिक देवता का स्थान देने के साथ हमारे कर्तव्यों का योजक मानती है। और आधुनिक परिपेक्ष में हम
हमारे व्यवसाय को हमारे कर्त्तव्य के तौर पर परिभाषित करते हैं। और हम व्यवसाय को विविध रूप में विभाजित
कर सकते हैं जिनमे नौकरी अर्थात रोज़गार, स्वयंचलित व्यवसाय और कारोबार समाहित है।
जानकारिता के अभाव के कारण शनिदेव को लेकर सदैव ही भ्रांतियां बनी रहती हैं। गौरतलब है की शनिदेव
व्यक्तियों के रोज़गार और कार्यप्रणाली का प्रतिनिधित्त्व करते हुए उनके सम्पन्नता के सफर में सबसे अहम किरदार
निभाते हैं। शनिदेव जिस दौर से व्यक्तियों को गुजरने के लिए प्रेरित करते हैं वह दौर उन व्यक्तिविशेषों के लिए एक
वरदान सिद्ध होता है। शनिदेव की इच्छा अक्सर यह होती है की सामान्य व्यक्ति असामान्यता की और प्रस्थान करे
और भविष्य में लाभान्वित हो। इस वीडियो के ज़रिये राहुल कौशिक जी, जिन्होंने ज्योतिष विज्ञान को अपने
आविष्कारों से सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया है, वह शनि के गोचर का विभिन्न व्यक्तित्वों एवं उनके कार्यक्षेत्र
पर होने वाले परिणामों का खुलासा कर रहे हैं।
जब हम ग्रहों के गोचर को दशा और अन्तर्दशा के साथ विश्लेषित करते हैं, तो ऐसा अनूठा विश्लेषण अनगिनत
दृष्टिकोनों को हमारे सामने लाकर खड़ा करता है। राहु एक ऐसी शक्ति है जो आकस्मिकता का द्योतक है और
व्यक्ति के जीवन में अचानक आने वाले बदलावों को दिखाता है। राहु विदेशी आदानप्रदान से भी ताल्लुक बनाता
है, और पत्रिकाओं के अन्य पहलुओं पर गौर करके विदेशी आदान प्रदान के लिए अनुकू ल माहौल बनाता है। राहु
एक ऐसी कड़ी है जो व्यक्ति की आसक्तियों को दिखाती है। राहु गोचर पत्रिका में जिस राशि में परिवर्तन या
स्थलांतर करता है, वह जातक को या तो सामान्यतः असुरक्षितता का अनुभव कराती है, या फिर व्यक्ति के
विकास में एक अहम किरदार निभाती है।
के तु का परिणाम राहु के विपरीत होता है जो व्यक्ति को किसी जगह से विभक्त या विरक्त कर सकता है। राहु और
के तु के गोचर के समय अचानक आने वाले बदलाव सामान्य बात है। ज्योतिषशास्त्र में अनुग्रहित अन्य योगों की
तरह राहु और के तु का गोचर भी हर व्यक्ति के लिए विभिन्न परिणाम दर्शाता है।