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जानिए कै सा होता है कुं डली के प्रथम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव

कुं डली हमारे जीवन का दर्पण होती हैं। कुं डली में मौजूद ग्रहों का व्यक्ति के जीवन

पर काफी गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुं डली में

12 भाव होते हैं और उन ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव देखने को

मिलता है। अगर ग्रह शुभ हों, तो व्यक्ति को शुभ फल मिलते हैं और दूसरी स्थिति

में उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कुं डली के किस भाव में कौन

सा ग्रह है या किन ग्रहों के साथ उसकी युति है, इससे आपके जीवन के विभिन्न

पहलुओं की जानकारी मिलती है। यहां हम बात करेंगे कुं डली के पहले यानी लग्न

भाव में अगर अशुभ ग्रह मौजूद हों, तो उसका व्यक्ति पर क्या असर देखने को

मिल सकता है। कुं डली का पहला भाव काफी महत्वपूर्ण होता है। यदि इस भाव में

कोई पाप ग्रह हो, तो किस तरह के परिणाम मिलते हैं, आइए जानते-

कुं डली के प्रथम भाव में शनि

अगर कुं डली के प्रथम भाव में शनि हैं, तो व्यक्ति अं तर्मुखी स्वभाव का हो सकता

है। शारीरिक रूप से भी वह थोड़ा कमजोर हो सकता है। इनका बचपन तनावपूर्ण हो

सकता है। इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति को काफी परिश्रम के बाद ही सफलता की

प्राप्ति होती है। शनि की इस स्थिति के प्रभाव से व्यक्ति एकांतप्रिय हो सकता है।

ये काफी हठी और काफी हद तक उदासीन हो सकते हैं। आप अपने विरोधियों पर

भारी पडेंगे और किसी भी स्थिति में उनपर विजय प्राप्त कर लेंगे।

कुं डली के प्रथम भाव में राहु

कुं डली के प्रथम भाव में राहु आपको आगे बढ़ाने में मदद तो करेंगे, लेकिन राहु के

प्रभाव से व्यक्ति मादक पदार्थों की ओर आकर्षित होगा और उसे नशे की लत

लग सकती है। इस भाव में राहु के प्रभाव से मिश्रित फल की प्राप्ति होती है। ऐसे
लोग परोपकारी और धैर्यवान होते हैं। ऐसे लोगों को धन की कमी नहीं होगी,

क्योंकि किसी न किसी तरीकों से व्यक्ति को धन की आवक होती रहेगी। ये लोग

बड़ों के साथ विनम्र व्यवहार करते हैं। इनका पढ़ाई में ध्यान कम हो सकता है,

लेकिन ये व्यावहारिक हो सकते हैं। इतना ही नहीं ये दूसरों से अपना काम करवाने

में सक्षम होते हैं। हालांकि, जो वादा करते हैं, उसे पूरा करना चाहते हैं। ये बुद्धिमान

और व्यवहार कु शल भी होते हैं।

कुं डली के प्रथम भाव में मं गल

लाल ग्रह मं गल को उग्र माना जाता है। अगर कुं डली में मं गल हों, तो व्यक्ति ऊर्जा

से लबरेज होता है। किसी भी काम में वह काफी तेजी दिखाता है और ऐसे में

आपको थोड़ा धैर्य से काम लेने की जरूरत होती है। ऐसे व्यक्ति को दबाव में रहना

पसं द नहीं होता है। ये काफी मुखर प्रवृत्ति के होते हैं। प्रथम भाव में मं गल हो तो

व्यक्ति को शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। बच्चों को लेकर भी परेशानी हो

सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि जीवनसाथी के साथ आपके सं बं ध अच्छे न

हो। इनकी सेना, चिकित्सा या फिर इं जीनियरिंग के क्षेत्र में रुचि देखने को मिल

सकती है। प्रथम भाव में मं गल के प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव थोड़ा गुस्सैल हो

सकता है।

कुं डली के प्रथम भाव में के तु

कई मामलों में के तु को पहले घर में शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन कई बार ये

व्यक्ति को बेहद विचारशील और आध्यत्मिक उन्नति वाला भी बना देता है। ऐसे

लोग परिश्रम के दम पर धनवान बन सकते हैं। भाई बं धुओं का सहयोग मिलने के

कारण सुखी रहते हैं, लेकिन के तु अशुभ हो तो कई बार ये जरूरत से ज्यादा चं चल

और डरपोक होते हैं और बुरी सं गति में आसानी से फं स सकते हैं।

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