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कुं डली के दूसरे भाव में अशुभ ग्रहों का फल कै सा होता है जानिए यहां पर

कुं डली का दूसरा भाव काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में इस भाव में स्थित ग्रहों की

भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है। दूसरा घर आर्थिक स्थिति के बारे में भी

बताता है। दूसरे भाव से यह भी पता चलता है कि आपकी पारिवारिक स्थिति

कै सी रहेगी और इसमें आगे क्या सुधार होगा। हालांकि अगर दूसरे भाव में पाप

ग्रह मौजूद हों तो स्थितियां विपरीत भी हो सकती हैं। यहां हम कुं डली के दूसरे भाव

में सूर्य, मं गल, शनि, राहु और के तु की स्थिति के बारे में जानेंगे।

दूसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति होता है लालची

कुं डली के दूसरे भाव में सूर्य की मौजूदगी काफी महत्वपूर्ण होती है। कुं डली में अगर

सूर्य मजबूत है, तो वह व्यक्ति को आत्मसम्मान और स्वतं त्रता प्रदान करता है। सूर्य

धन, परिवार सहित अन्य का कारक ग्रह है। हालांकि दूसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से

व्यक्ति में लालच भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में इस बात पर ध्यान देने की

खास जरूरत है, कि जो चीज आपके पास है, उस पर ज्यादा जोर न दें, क्योंकि उस

चीज के हाथ से निकल जाना आपके लिए तकलीफदेह साबित होगा।

मं गल के प्रभाव से बुरी आदतों के हो सकते हैं शिकार

मं गल के प्रभाव से व्यक्ति आत्मविश्वासी और महत्वाकांक्षी होती है। उसकी

आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहेगी। ऐसे लोग कठिन परिश्रम से धन कमाते हैं।

हालांकि मं गल को क्रू र ग्रह माना जाता है और इसका पीड़ित होना आपके लिए

परेशानी का कारण बन सकता है। मं गल के प्रभाव से व्यक्ति खर्च करने के बारे में

भी नहीं सोचता और अनावश्यक खर्चों के कारण उसे परेशानी हो सकती है। दूसरे

भाव में मं गल के प्रभाव से व्यक्ति का पारिवारिक जीवन प्रभावित हो सकता है।

उसकी मैरिड लाइफ भी प्रभावित होती है। दूसरे भाव में मं गल के कारण व्यक्ति
बुरी आदतों का शिकार भी हो सकता है। इतना ही गलत तरीके से धन का खर्च भी

हो सकता है। ऐसे लोगों को शत्रुओं से भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। मं गल

दोष के कारण विवाह में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

शनि के प्रभाव से परिवार से हो सकती है दूरी

शनि के प्रभाव से व्यक्ति मेहनती होता है और मेहनत से अपनी आय बढ़ाने पर

ध्यान देता है। ये लोग बचत के जरिए धन प्रबं धन पर ध्यान देते हैं। हालांकि कई

बार इन्हें अपने काम और पेशे से सं तुष्टि नहीं मिलती है। हालांकि दूसरे भाव में शनि

की अशुभ ग्रहों के साथ के कारण व्यक्ति में आलस्य भी देखने को मिल सकता है।

दूसरे भाव में शनि के प्रभाव से आर्थिक स्थिति तो बेहतर होती है, लेकिन ऐसे

लोगों को परिवार से दूर भी रहना पड़ सकता है। धन लाभ के लिए इन्हें दूर स्थानों

की यात्रा भी करनी पड़ सकती है। कई बार वित्तीय मामलों में समस्याओं का भी

सामना करना पड़ सकता है। इसका असर पारिवारिक और पेशेवर जीवन पर भी

देखने को मिलेगा। दूसरे भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति के दो-दो विवाह की भी

स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

राहु के कारण खर्चों पर नियं त्रण करने की है जरूरत

राहु को नकारात्मक ग्रह माना जाता है। हालांकि कुं डली के दूसरे भाव में राहु की

स्थिति आर्थिक मामलों के लिए शुभ मानी जाती है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को

अप्रत्यशित धन लाभ भी हो सकता है। इसके प्रभाव से धन की आवक तो होगी,

लेकिन आपको अपने खर्चों पर नियं त्रण करने की भी जरूरत होगी, अन्यथा

आपको परेशानी हो सकती है। इसलिए ध्यान देने की जरूरत है। राहु के अशुभ

स्थान पर होने के कारण व्यक्ति को आर्थिक तं गी के साथ ही मानसिक तनाव का

भी सामना करना पड़ सकता है। कई बार काम में रुकावट की स्थिति का भी
सामना करना पड़ सकता है। ये लोग झूठ भी बोलते हैं। इतना ही नहीं व्यसनी होने

के कारण आर्थिक तौर पर नुकसान के भी कारण बनते हैं। इतना ही नहीं उन्हें

कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

दूसरे भाव में के तु के कारण खुद पर हो सकता है सं देह

कुं डली के दूसरे भाव में के तु का होना थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। इस स्थिति

के फलस्वरूप आर्थिक समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। अनावश्यक

खर्चे भी हो सकते हैं। कई बार व्यक्ति को खुद पर भी सं देह हो सकता है। दूसरे भाव

में के तु के कारण आपको अपने कार्यों में बाधाओं का भी सामना करना पड़

सकता है। ऐसे लोगों की धार्मिक कार्यों में भी रुचि कम ही देखने को मिलती है।

पढ़ाई में भी बाधा उत्पन्न होती है। इतना ही नहीं आपकी सं गति भी गलत लोगों के

साथ हो सकती है, जिसका विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकता है।

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