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ज्योतिष में शु क्र ग्रह का महत्व

शक्र
ु को वैदिक ज्योतिष में महत्वपर्ण
ू स्थान प्राप्त है वैदिक ज्योतिष में शक्र
ु ग्रह को एक शभ
ु ग्रह माना गया है । इसके प्रभाव से व्यक्ति
को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है । इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास,
शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है । शुक्र वष
ृ भ और तुला राशि
का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है , जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है । शक्र
ु को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पर्वा

फाल्गन
ु ी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है । ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं और तथा सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु
ग्रह माने जाते हैं। शुक्र का गोचर 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्र एक राशि में क़रीब 23 दिन तक रहता है ।

ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह का मनष्ु य जीवन पर प्रभाव

शारीरिक रूपरे खा एवं स्वभाव - हिन्द ू ज्योतिष में शुक्र ग्रह जिस व्यक्ति के लग्न भाव में होता है वह जातक रूप-रं ग से सुंदर होता है ।
उसका व्यक्तित्व विपरीत लिंग के व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है । शुक्र के प्रभाव से वह दीर्घायु होता है और स्वभाव से वह
मद
ृ भ
ु ाषी होता है । लग्न में शुक्र व्यक्ति को गायन, वादन, नत्ृ य, चित्र कला के प्रति रूचि पैदा कराता है । शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काम-
वासना, भोग विलास संबंधी चीज़ों को अधिक प्राथमिकता दे ता है । जिस जातक की कंु डली में शुक्र प्रथम भाव में स्थित होता है वह
चित्रकार, गायक, नर्तक, कलाकार, अभिनेता आदि बनता है ।

बली शुक्र - बली शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है । यह पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है । वहीं प्रेम करने
वाले जातकों के जीवन में रोमांस में वद्धि
ृ करता है । जिस व्यक्ति की कंु डली में शक्र
ु मजबत
ू स्थिति में होता है वह व्यक्ति जीवन में
भौतिक सुखों का आनंद लेता है । बली शुक्र के कारण व्यक्ति साहित्य एवं कला में रुचि लेता है ।

पीड़ित शक्र
ु - पीड़ित शक्र
ु के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परे शानियाँ आती हैं। पती-पत्नि के बीच मतभेद होते हैं। व्यक्ति के
जीवन में दरिद्रता आती है और वह भौतिक सुखों के अभाव में जीता है । यदि जन्म कंु डली में शुक्र कमज़ोर होता है तो जातक को कई
प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है । पीड़ित शुक्र के प्रभाव से बचने के लिए जातकों
को शक्र
ु ग्रह के उपाय करने चाहिए।

रोग - कमज़ोर शुक्र के कारण जातक की कामुक शक्ति कमज़ोर होती है । इसके प्रभाव से व्यक्तियों को किडनी से संबंधित बीमारी होने
का ख़तरा रहता है । व्यक्ति को आँखों से सबंधित वहीं स्त्री जातकों के लिए शक्र
ु गर्भपात का कारण बनता है ।

कार्यक्षेत्र - ज्योतिष में शक्र


ु ग्रह कोरियोग्राफी, संगीतकार, पें टर, फैशन, डिज़ाइनिंग, इवेंट मैनेजमें ट, कपड़ा संबंधी व्यवसाय, होटल,
रे स्ट्रोरें ट, टूर एंड ट्रे वल, थिएटर, साहित्यकार, फिल्म इंडस्ट्री आदि कार्यक्षेत्र को दर्शाता है ।

उत्पाद - ज्योतिष में शक्र


ु ग्रह सौन्दर्य उत्पाद, विद्यत
ु उत्पाद, फैन्सी प्रोडक्ट्स, इत्र, कन्फेक्शनरी, फूल, चीनी, कार, शिप, हवाई जहाज़,
पेट्रोल आदि वस्तुओं को दर्शाता है ।

स्थान - शयन कक्ष, सिनेमा, बगीचा, बैंकेट हॉल, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, बंदरगाह, हवाई हड्डा, खादानें, दे ह व्यापार क्षेत्र आदि

जानवर व पक्षी - बकरी, बैल, बत्तक, चिड़िया, तें दआ


ु आदि।

जड़ी - अरं ड मूल।

रत्न - हीरा।

रुद्राक्ष - छः मुखी रुद्राक्ष।


रं ग - गुलाबी।

यंत्र - शुक्र यंत्र।

शुक्र ग्रह के मंत्र -

शुक्र का वैदिक मंत्र

ॐ अन्नात्परिस्त्रत
ु ो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत ् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।

ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमत


ृ ं मधु।।

शुक्र का तांत्रिक मंत्र

ॐ शुं शुक्राय नमः

शुक्र का बीज मंत्र

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

धार्मिक दृष्टि से शक्र


ु ग्रह का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, शुक्र ग्रह असुरों के गुरू हैं इसलिए इन्हें शुक्राचार्य भी कहा जाता है । भागवत पुराण में लिखा गया है कि
शुक्र महर्षि भग
ृ ु ऋषि के पुत्र हैं और बचपन में इन्हें कवि या भार्गव नाम से भी जाना जाता था। शास्त्रों में शुक्र दे व के रूप का वर्णन कुछ
इस प्रकार किया गया है - शुक्र श्वेत वर्ण के हैं और ऊँट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार होते हैं। इनके हाथों में दण्ड, कमल, माला और
धनुष-बाण भी है । शुक्र ग्रह का संबंध धन की दे वी माँ लक्ष्मी जी से है , इसलिए हिन्द ू धर्म के अनुयायी धन-वैभव और ऐश्वर्य की कामना के
लिए शक्र
ु वार के दिन व्रत धारण करते हैं।

खगोलीय दृष्टि से शक्र


ु ग्रह का महत्व

खगोल विज्ञान के अनुसार, शुक्र एक चमकीला ग्रह है । अंग्रेज़ी में इसे वीनस के नाम से जाना जाता है । यह एक स्थलीय ग्रह है । शुक्र
आकार तथा दरू ी में पथ्
ृ वी के निकटतम है । कई बार इसे पथ्
ृ वी की बहन भी कहते हैं। इस ग्रह के वायु मंडल में सर्वाधिक कार्बन डाई
ऑक्साइड गैस भरी हुई है । इस ग्रह से संबंधित दिलचस्प बात यह है कि शुक्र सूर्योदय से पहले और सर्या
ू स्त के बाद केवल थोड़ी दे र के
लिए सबसे तेज़ चमकता है । इसी कारण इसे भोर का तारा या सांझ का तारा कहा जाता है ।

इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि खगोलीय और धार्मिक दृष्टि के साथ साथ ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व कितना व्यापक है ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की जन्म कंु डली में स्थित 12 भाव उसके संपूर्ण जीवन को दर्शाते हैं और
जब उन पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है तो व्यक्ति के जीवन में उसका असर भी दिखाई दे ता है ।

प्रथम भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in First House)


शुक्र फल विचार

प्रथम भाव में शुक्र स्थित होने के कारण आप का स्वरूप सुंदर होगा। आप कीर्तिमान और तेजस्वी होंगे। आपका रं ग गोरा हो सकता है ।
आपका शरीर स्वस्थ्य और निरोगी होना चाहिए। आप दीर्घायु होंगे। आप स्वच्छता के साथ रहने वाले और कपडों के शौकीन होंगे। आप
गायन, वादन और चित्रकला के भी शौकीन होंगे। आपके पास आभूषण भी पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए।

आप राजाओं जैसे प्रतापी, कुलभष


ू ण और पराक्रमी होंगे। कामक्रीडा और विलासिता में आपकी रुचि अधिक होगी। आपको अधिक
वाचालता पर नियंत्रण रखना होगा। आपको कुत्तों और सींग वाले जानवरों से भय रह सकता है । फिर भी आप दीर्घायु होंगे। आप कवि,
नाटककार, उपन्यासकार, गायक और चित्रकार भी हो सकते है । आप एक यशस्वी व्यक्ति होंगे।

आप विनम्र सुशील और धर्मात्मा स्वभाव के होंगे। आप शिल्पकला में निपुण और काव्य शास्त्र परिशीलन में आनंद लेने वाले व्यक्ति
होंगे। आप शुभ वचन बोलने वाले, उपदे शक, आनंदी और स्नेह युक्त स्वभाव के होंगे। आपका आदर करने वाले लोग भी मॄद ु स्वभाव के
होंगे। आप अनेक कलाओं में कुशल, सभी कामों में चतुर, सर्वप्रिय, विद्वान और गणितज्ञ होंगे।

द्वितीय भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Second House)

शक्र
ु फल विचार

दस
ू रे भाव में शक्र
ु होने के कारण आप का मख
ु मंडल शोभायमान होगा। आपके दांत भी संद
ु र और आकर्षक होंगे। आप बद्धि
ु मान और
मद
ृ भ
ु ाषी व्यक्ति हैं। आप स्वभाव से मिलनसार और नीतिपूर्ण बातें करने वाले हैं। आप कुशाग्रबुद्धि और धार्मिक भावनाओं से परिपूर्ण हैं।
आप कई प्रकार की विद्याओं को जानने वाले होंगे। आप परं परागत और कुल के दे वी दे वताओं को मान्यता दे ते हैं। वस्त्र और धन से
आपका भंडार भरा रहे गा।

आप विद्वान, यशस्वी, गुरुभक्त, बन्धुमान्य, राजाओं द्वारा पूजित और कृतज्ञ व्यक्ति होंगे। दान पुण्य आदि कार्यों में आपकी गहरी
रुचि होगी। आप धर्म, नम्रता, सौंदर्य, दया और परोपकार आदि गण
ु ों से परिपर्ण
ू होंगे। सदाचार यक्
ु त चरित्र होने पर आपका उज्ज्वल यश
दरू -दरू तक फैलेगा। आप चांदी, सीसा, रत्नो आदि के व्यापार के अलावा किसी विशेष गुण या विद्या के माध्यम से भी धन कमा सकते
हैं।

उत्तम और स्वादिष्ट भोजन आपको खाने को मिलता रहे गा। आप विभिन्न प्रकार के खेलों और मनोरं जन के कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
लेकिन आप विलासी प्रकृति के हो सकते हैं। हांलाकि इसी गुण के कारण आप स्त्रियों के प्रिय बने रहें गे। सौंदर्य सम्पन्न लोगों और
वस्तओ
ु ं से आपका रिश्ता जड
ु ा रहे गा। आपको उत्तम वाहनों के साथ-साथ उत्तम वस्त्र, अलंकार और धन की भी प्राप्ति होती रहे गी।

त ृ ्तीय भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Third House)

शक्र
ु फल विचार

तीसरे भाव में शुक्र होने के कारण आप उत्साह से भरे रहें गे। आप विनम्र, आनंदी और व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं। घूमना फिरना आपको
बहुत पसंद होगा। आपकी वाणी मधुर होनी चाहिए। आपको कई कलाओं और कई भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए। आप किसी पर आगे से
हमला नहीं करते लेकिन अपनी सुरक्षा की चिंता आप हमेशा करते हैं। आप जो संकल्प लेते हैं उसमें सफल होते हैं।
आप कवि, गायक या चित्रकार हो सकते हैं। आप एक विद्वान व्यक्ति हैं। पढनें में आपकी अच्छी रुचि है । आप भाग्यवान और सम्पन्न
व्यक्ति होंगे। आप धन-धान्य से युक्त, निरोगी, प्रतापी और राजाओं या सरकार से जुडे व्यक्तियों द्वारा पूज्य हो सकते हैं। उम्र के
उनत्तीसवें वर्ष में आपको अच्छा धनलाभ होगा। आपके पर्याप्त संख्या में भाई-बहन होते हैं लेकिन संतान की संख्या कम होती है ।

आपको भाइयों मित्रों और पडोसियों से अच्छी मदद मिलती है । यात्राओं के खब


ू मौके मिलेंगे। आप किसी विभाग के प्रमुख हो सकते हैं।
यदि कभी क्रोध आए तो उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें और परे शानियों के समय अधिक निराश न हों। आपके विवाह में कुछ
व्यवधान आ सकते हैं या वैवाहिक जीवन में कुछ विसंगतियां रह सकती हैं। हांलाकि विवाह के पश्चात ईमानदार रहने पर यह परे शानी
कम होती है ।

चतुर्थ भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Fourth House)

शुक्र फल विचार

चौथे भाव में स्थित शक्र


ु अधिकांश मामलों में अच्छे फल ही दे ता है । इसके कारण आपका शरीर संद
ु र होगा और आप परोपकारी व्यक्ति
होंगे। आप व्यवहार कुशल, पराक्रमी और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति हैं। हांलाकि आपमें बाचालता थोडी सी ज्यादा हो सकती है । आप मन
से उदार और दस
ू रे का हित चाहने वाले व्यक्ति हैं। धार्मिक कार्यों में भी आपकी अच्छी रुचि होनी चाहिए। आप हमेशा आनंदचित्त रहते
हैं।

आपका मन पूजा और उत्सवों के दौरान होने वाले कामों में खब


ू लगता है । किसी और को प्रसन्न दे खकर अपको भी प्रसन्नता होने लगती
है । साथ ही किसी को अप्रसन्न दे खकर आपका मन भी खिन्न हो जाता है । आपको बद्धि
ु और विद्या दोनो से धनी होना चाहिए। आप
लोगों के द्वारा सम्मानित होंगे। बडे से बडा व्यक्ति भी आपका सम्मान और आदर करता है , और ऐसा करके वे अपने आपको धन्य
समझते हैं।

आप राज परिवार में भी सम्मानित और पूज्यनीय होंगे। आप मात ृ भक्त और मातॄ सेवक है । आपको माता का पर्याप्त सुख मिलेगा।
आपको सभी प्रकार के भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति होगी। अच्छा घर, वाहन, आभूषण, वस्त्र आदि सबकुछ होगा आपके पास। आपके
जीवन साथी का व्यक्तित्त्व भी संद
ु र और आकर्षक होगा। लेकिन इन सबके बाद भी आप आर्थिक मामलों को लेकर चिंता करें गे।

पंचम भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Fifth House)

शक्र
ु फल विचार

यहां स्थित शक्र


ु आपके लिए शभ
ु फलदायी रहे गा। आप सौंदर्य सम्पन्न और सद्गण
ु ी व्यक्ति हैं। आप ईश्वर पर विश्वास करने वाले उदार
व्यक्ति हैं। आप दान पुण्य के कार्यों में विश्वास रखते हैं। आप विद्वान प्रतिभाशाली और अच्छे वक्ता होंगे। सामान्य प्रयास से भी धन
प्राप्ति होती रहे गी। आपको अचानक ही कहीं से प्रचुर धन मिल सकता है । आप अनेक शास्त्रों के ज्ञानी और मंत्रवेत्ता हैं।

कविताओं और लेखन में आपकी गहरी रुचि होगी। आप संगीत आदि कलाओं में निपुण हो सकते हैं। ललितकलाओं में भी आप की रुचि
होगी। नाटक सिनेमा आदि से भी आपका गहरा लगाव होगा। आप राजनीतिज्ञ मंत्री या न्यायाधीस भी हो सकते हैं। आप व्यवहार कुशल
होने के साथ-साथ न्यायप्रिय भी हैं। आप राज कुल या सरकार से भी सम्मानित हो सकते हैं।
आपके कन्या संतति अधिक हो सकती हैं लेकिन पुत्र की प्राप्ति भी आपको जरूर होगी। विपरीत लिंगी की संगति आपको पसंद होगी।
आपको विभिन्न प्रकार के वाहनों का सुख मिलेगा। आपके मित्र उत्तम और विश्वसनीय होंगे। हांलाकि घर में आपका वर्ताव मुसाफिरों
जैसा हो सकता है । आप अपने काम धंधों में ही खोए रहें गे। सुंदर व्यंजनों को खाने का सौभाग्य मिलता रहे गा।

छ्टें भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Sixth House)

शुक्र फल विचार

इस भाव में स्थित शुक्र के कुछ अच्छे फल कहे गए हैं लेकिन कई अशुभ फल बताए गए है । शुक्र की इस भाव में स्थिति आपके कुल की
श्रेष्ठता का द्योतक हो सकती है । आप सुशिक्षित और विवेकवान हो सकते हैं। लेकिन यहां स्थित शुक्र आपको डरपोक बना सकता है
अथवा आपको स्त्रियों से अप्रियता भी मिल सकती है । गुरुजनों से भी आपका विरोध रह सकता है ।

आपको शत्रओ
ु ं से पीडा भी मिल सकती है । हांलाकि आप शत्रओ
ु ं पर विजय प्राप्त कर पाएंगे। आपको भाई-बहनों और मामा से सुख
मिलेगा। आपके मामा के कन्या संतान अधिक हो सकती हैं। आपके अच्छे मित्रों की संख्या कम होगी जबकि खराब आदतों वाले मित्र
अधिक संख्या में होंगे। आपकी प्रथम संतान पुत्र के रूप में हो सकती है । आपकी संतान अच्छी होगी और आप पुत्र-पौत्रों से युक्त होंगे।

स्त्री पक्ष से आपको कम सख


ु मिलेगा अथवा कुछ गप्ु त परे शानियां रह सकती हैं। हांलाकि विवाह के बाद यदि आपका आहार विहार
नियमित और मर्यादित रहे गा तो समस्याएं नहीं होंगी। आपके खर्चे आमदनी से अधिक हो सकते हैं। हो सकता है कि आप उचित स्थान
पर खर्च न करके अनुचित जगह पर खर्च करें । हो सकता है कि स्वतंत्र व्यवसाय से भी आपको बहुत लाभ न मिल पाए।

सप्तम भाव में स्थित शक्र


ु का फल (Venus in Seventh House)

शुक्र फल विचार

यहां स्थित शुक्र आपको मिला जुला फल दे ने वाला है । आप उदार स्वभाव के लोकप्रिय व्यक्ति हैं लेकिन आप कुछ हद तक चिंतित रह
सकते। आप साधुओं से प्रेम करने वाले भाग्यवान व्यक्ति हैं। हांलाकि आप चंचल, विलासी और संगीत को पसंद करने वाले हैं। थोडे से
प्रयास से भी आपको आराम दे ने वाली चीजों की प्राप्ति हो जाएगी। आपकी व्यवहार कुशलता और चातुर्य से सभी सम्मोहित होंगे।

दे खने में आप बडे ही आकर्षक व्यक्तित्त्व के स्वामी होंगे। आप एक श्रेष्ठ कलाकार हो सकते हैं। गायन और अभिनय में आपकी रुचि
होनी चाहिए। कामक्रीडा और जल क्रीडा में भी आपको चातुर्य हाशिल होगा। कभी-कभी शुक्र की यहां स्थिति विवाह जल्दी करवा दे ती है ।
हांलाकि यह स्थिति कभी-कभी दो विवाह की स्थितियां भी निर्मित करती है लेकिन संस्कार के अनुसार इस पर नियंत्रण पाया जा सकता
है ।

विवाह के पश्चात भाग्योदय होता है । स्त्रियों के माध्यम से सुख मिलता है । लेकिन अधिक विलासिता और व्यभिचार से बचाव जरूरी
होगा। आपको विदे श यात्राओं अथवा दरू की यात्राओं और वहां निवास करने के मौके खब
ू मिलेंगे। राजकुल या सरकार के द्वारा आप
सम्मानित किए जाएंगे। लेकिन कमर के नीचे वातजन्य पीडा हो सकती है ।

अष्टम भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Eighth House)

शुक्र फल विचार
आठवें भाव में शुक्र होने के कारण आप दे खने में सुंदर होंगे। आपकी आंखें बडी होंगी और आप गर्वीले स्वभाव के होंगे। आप अतिबली
निडर और प्रसन्नचित्त हैं। आप विद्वान, मनस्वी, धर्मात्मा और सदाचारी हो सकते हैं। आप एक अच्छे ज्योतिषी भी हो सकते हैं।
शारीरिक, आर्थिक अथवा स्त्रीविषय सुखों में से कोई एक सुख आपको पर्याप्त मात्रा में मिलता है ।

आपको किसी स्त्री के माध्यम से भी धन की प्राप्ति हो सकती है । किसी ट्रस्ट के माध्यम से भी आपको धनलाभ हो सकता है । आप राज
सेवक या राजमान्य व्यक्ति हो सकते हैं। आप पर्यटनशील व्यक्ति होंगे और आपको विदे श यात्रा करने के भी अवसर मिलते रहें गे। नौकर
चाकरों और सवारी का भी पूर्ण सुख आपको मिलेगा। बन्धु-बांधवों का सुख प्राप्त होगा।

यहां स्थित शुक्र कभी धन का सुख तो कभी ऋण का सुख भी दे ता है । कामों में भी कठिनाइयां या व्यवधान आते हैं। शत्रओ
ु ं पर कठिनाई से
विजय मिलती है । आपको चाहिए को आप व्यर्थ के घम
ू ने फिरने और वाद विवाद से बचें और उचित कर्म करें । तभी आप अपने पिता के
ऋण को चुका पाएंगे। आप को कभी-कभी जीवन साथी या पुत्र को लेकर चिंताएं भी रह सकती है ।

नवम भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Ninth House)

शुक्र फल विचार

नवम भाव में शक्र


ु स्थित होने के कारण आप शारीरिक रूप से बलिष्ठ होंगे। आप धार्मिक, शद्ध
ु चित्त, परोपकारी और गण
ु वान व्यक्ति हैं।
आप ईश्वर पर विश्वास करने वाले धार्मिक व्यक्ति हैं। कहा गया है कि नौवें भाव में शुक्र होने से जातक पवित्र आत्मा होता है । जातक
पवित्र तीर्थों की यात्रा करने वाला, जप आदि कार्य करने वाला होता है । अत: आपमें भी ये गुण होने चाहिए।

गुरुजनों दे वों और अतिथियों की सेवा करने में आपको आनंद आता है । आप दयालु, उदार और संतोषी स्वभाव के हैं। आपकी रुचि गायन,
वादन, सिनेमा जैसी ललित कलाओं में आपकी रुचि होनी चाहिए अथवा आप इन कलाओं में दक्ष हो सकते हैं। आप एक अच्छे अभिनेता,
काव्य नाटक पढने वाले और विद्या व्यसनी हो सकते हैं। आपको समुद्री प्रवास करने का मौका भी मिल सकता है ।

अपने स्तर पर आपकी गणना धनाढ्यों में होगी। आप अपने बाहुबल से भब


ू धन अर्जित करें गे। आप ब्याज पर रुपए पैसों के लेन दे न का
काम कर सकते हैं। आपके धन में उत्तरोत्तर वद्धि
ृ होती रहे गी। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। आप उत्तम
परिधान पहनने वाले राजप्रिय व्यक्ति होंगे। विवाह के बाद आप अधिक सफल होंगे। यह स्थिति पिता के लिए कभी-कभार थोडी
प्रतिकूलता दे सकती है ।

दशम भाव में स्थित शक्र


ु का फल (Venus in Tenth House)

शक्र
ु फल विचार

दशम भाव में स्थित शुक्र आपके शरीर को सुंदर बनाता है और आकर्षक व्यक्तित्त्व दे ता है । आपका स्वभाव शांत और मिलनसार होगा।
आप विवादों से बचने का भरशक प्रयास करते हैं। आपतौर पर आपका नैतिक आचरण अच्छा ही रहे गा। आप धार्मिक और श्रद्धालु स्वभाव
के होंगे। यज्ञ और पूजा पाठ में आपकी अच्छी रुचि होगी। दान पुण्य जैसे कार्यों में आपकी पूरी श्रद्धा होगी।

आपको अनेक शास्त्रों का ज्ञान होगा। आप यशस्वी व्यक्ति होंगे और लोग आपको आदरणीय और माननीय मानते होंगे। आप एक अच्छे
वक्ता होंगे। धन-दौलत की कमी आपको नहीं रहे गी। आपके पास सोने-चांदी रत्न इत्यादि का संग्रह हो सकता है । राजपक्ष या सरकार से
भी आपका जुडाव हो सकता है । या तो सरकारी नौकरी कर सकते हैं अथवा कोई पद-प्रतिष्ठा पा सकते हैं।
आमतौर पर आप जिस चीज का संकल्प करें गे वह पूर्णता को प्राप्त होगी। आप विपरीत लिंगियों के चहे ते होंगे। आपका विवाह उच्चकुल
में होना चाहिए। विवाह के पश्चात भाग्योन्नति और धनलाभ होना चाहिए। जीवनसाथी से आपको अच्छा लाभ और सम्मान प्राप्त होगा।
गायन, वादन, साहित्य रचना, चित्रकारी जैसी ललित कलाओं में आपकी अच्छी रुचि होगी। आपका जीवन सुखी रहे गा और आप विभिन्न
दे शों में प्रवास करें गे।

एकादश भाव में स्थित शक्र


ु का फल (Venus in Eleventh House)

शुक्र फल विचार

यहां स्थित शुक्र आपको विभिन्न शुभ परिणाम दे गा। आपका स्वरूप आकर्षक और शरीर निरोगी होगा। आप गुणवान और अच्छे
स्वाभाव वाले व्यक्ति हैं। आप अत्यंत सुशील और परोपकारी हैं। आपकी रुचि नत्ृ य और गायन विद्या में हू सकती है । आप संगीत पसंद
करते हैं आपके घर-परिवार के लोंगों भी संगीत पसंद हो सकता है ।

आप स्वभाव से उदार और सदाचार सम्पन्न व्यक्ति हैं। आप उत्तम गण


ु ों से सम्पन्न, विनोदी और सत्य बोलने वाले व्यक्ति हैं। आप
शुभ कर्म करने वाले व्यक्ति हैं। आप स्वभाव से धार्मिक और शास्त्रोचित आचरण करने वाले हैं। आप ज्ञानी और ईश्वर भक्त हैं। आप
अपनी वाक्चातुर्यता के कारण प्रसिद्ध होंगे। आपको विभिन्न प्रकार के वाहनों का सुख मिलेगा।

आपके घर में सभी प्रकार की समद्धि


ृ और सम्पन्नता रहे गी। नियमित रूप से धनागमन होता रहे गा और दिनों दिन धनवद्धि
ृ होती
जाएगी। आप जौहरी, राजकीय व्यक्तियों से लाभ पाने वाले, स्त्रियों से सम्बंध से कमाई करने वाले, ग्रंथकार या लेखक हो सकते हैं।
इमारतें बनवाने का काम भी आपको लाभ दे सकता है । विवाह के माध्यम से भी आपको लाभ मिलेगा।

द्वादश भाव में स्थित शुक्र का फल (Venus in Twelvth House)

शक्र
ु फल विचार

यहां शुक्र के स्थित होने से आप वैभवयक्


ु त और तेजस्वी होंगे। आप गुणवान लोगों का आदर करते हैं और श्रेष्ठकर्म करने वाले व्यक्ति हैं।
गुणवान लोग भी आपकी कद्र करते हैं। आपको जीवन में धन सम्पत्ति का अभाव दे खने को नहीं मिलेगा। आप व्यर्थ के कामों में धन खर्च
करने से बचते हैं लेकिन अपने सुख-सुविधा के लिए खर्च करने में संकोच नहीं करते।

आप अपने धन को शुभकर्मों में खर्च करके आनंद का अनुभव करते हैं। यहां का शुक्र काम क्रीडा में निपुणता दे ता है । आपका विवाह
अपेक्षाकृत जल्दी हो सकता है । आप विपरीतलिंगियों के आपकर्षण का केन्द्र होते हैं। आप अपने आचरण से सबको प्रसन्न रखने की
कोशिश करते हैं और बहुत हद तक कामयाब भी होते हैं। आपके मित्रों की संख्या खब
ू होती है ।

अशुभ फल के रूप में यहां का शुक्र आपको कामुक बना सकता है । अवस्था बढने के साथ-साथ मिटापा आप पर हावी हो सकता है । कभी-
कभी व्यर्थ के कामों में भी आप बडा खर्च कर सकते हैं। आत्मीय जनों से मनमट
ु ाव हो सकता है । विरोधियों के कपट को न समझते हुए
आप उनसे आत्मीयता रख सकते हैं। आप पत्नी की बेकदरी कर सकते हैं या विवाहे त्तर सम्बंधों में रुचि हो सकती है ।

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