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-33004/99
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सी.जी.-डी.एल.-अ.-19022020-216263
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CG-DL-E-19022020-216263
असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग III—खण्ड 4
PART III—Section 4
प्राजधकार से प्रकाजित
PUBLISHED BY AUTHORITY
1. (i) इन जिजनयम को ''जचदकत्सा संस्ट्थान में अयायापक के जलए यूनतम ि्ज क योयताएं (संिोधन)
जनयमािली, 2019'' कहा िाएगा।
2. ''जचदकत्सा संस्ट्थान में जि क के जलए यूनतम ि्ज क योयताएं जिजनयमािली, 1998'' में अनुसच
ू ी-I में,
ददनांक 01.11.2018 की अजधसूचना के अंतगडत यथासंिोजधत खंड 6 को जनम्नजलजखत ूपप में प्रजतस्ट्थाजपत
दकया िाएगा:-
''कु ल 8 िषड का अयायापन अनुभि, रखने िाले, दकसी मेजडकल कालेि या संस्ट्थान में अयायापक को सामाय
जििेषज्ञताएं स्ट्नातकोत्तर अयायापक के ूपप में मायता दी िाएगी, जिसमें से कम से कम 4 िषड का अयायापन
अनुभि, स्ट्नातकोत्तर जड्ी प्रा्त करने के प्चात प्रा्त दकया गया हो, अनुक्रजमत िरनल (ि्सादक ताजलका में
दिाडया गया ह्) में कम से कम एक अनुसंधान प्रकािन के साथ सहायक प्रोफे सर के ूपप में हो।
अजत जििेषज्ञताओं के मामले में के िल उहीं अयायापक को स्ट्नातकोत्तर अयायापक के ूपप में मायता दी िाएगी,
जिनके पास 5 िषड का अयायापन अनुभि हो जिनमें से 2 िषड का अयायापन अनुभि, उच्चतर जििेषज्ञता जड्ी
प्रा्त करने के प्चात प्रा्त दकया गया, सहायक प्रोफे सर के ूपप में ह ।''
प्रोफे सर/अपर प्रोफे सर संबंजधत जिषय में और इन जिजनयम के (i) अनुमजत प्रा्त/अनुमोददत/मायताप्रा्त दकसी मेजडकल
(स्ट्नातकोत्तर के प्ात अनुसार स्ट्नातकोत्तर ि्ज क योयता कालेि/संस्ट्थान में 3 िषड के जलए 3 अनुसंधान
8 िषड का अनुभि) एमडी/एमएस/डीएनबी प्रकािन (कम से कम दो एसोजसएट प्रोफे सर के ूपप
में) (के िल मूल कागिात, मेटा-जिश्लेषण, व्यिजस्ट्थत
समी ा और के स अनुक्रम िो हैं मेडलाइन,
पबमेडसेंरल, प्रिजस्ट्त सूचकांक, जिज्ञान उद्धरण
सूचकांक, जिस्ट्ताररत एम्बेस, स्ट्कोपस, ओपनएक्सेस
पजत्रकाओं की जनदेजिका (DoAJ) में प्रकाजित
पजत्रकाओं में जिचार दकया िाएगा) के साथ, उस
जिषय में एसोजसएट प्रोफे सर। लेखक को पहले तीन में
से एक होना चाजहए या तदनुूपपी लेखक होना
चाजहए।
प्रोफे सर/अपर प्रोफे सर संबंजधत जिषय में और इन जिजनयम (i) अनुमजत प्रा्त / अनुमोददत / मायता प्रा्त दकसी
(अजत जििेषज्ञता के के अनुसार अजत जििेषज्ञता मेजडकल कालेि/संस्ट्थान में 3 िषड के जलए 3 अनुसंधान
प्ात 5 िषड का स्ट्नातकोत्तर ि्ज क योयता डीएम/ प्रकािन (कम से कम दो एसोजसएट प्रोफे सर के ूपप में)
अनुभि) एम.सीएच./डीएनबी
(के िल मूल कागिात, मेटा-जिश्लेषण, व्यिजस्ट्थत समी ा
और के स अनुक्रम िो हैं मेडलाइन, पबमेडसेंरल, प्रिजस्ट्त
सूचकांक, जिज्ञान उद्धरण सूचकांक, जिस्ट्ताररत एम्बेस,
4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]
एसोजसएट प्रोफे सर संबंजधत जिषय में और इन जिजनयम (i) अनुमजत प्राप्त/अनुमोददत/मायताप्रा्त दकसी मेजडकल
(अजत जििेषज्ञता के के अनुसार अजत जििेषज्ञता कालेि/संस्ट्थान में 2 िषड के जलए 1 अनुसंधान प्रकािन
प्ात 2 िषड का स्ट्नातकोत्तर ि्ज क योयता डीएम/ (के िल मूल कागिात, मेटा-जिश्लेषण, व्यिजस्ट्थत समी ा
अनुभि) एम.सीएच./डीएनबी
और के स अनुक्रम िो हैं मेडलाइन, पबमेडसेंरल, प्रिजस्ट्त
सूचकांक, जिज्ञान उद्धरण सूचकांक, जिस्ट्ताररत एम्बेस,
स्ट्कोपस, ओपन एक्सेस पजत्रकाओं की जनदेजिका
(DoAJ) में प्रकाजित पजत्रकाओं में जिचार दकया
िाएगा) के साथ, उस जिषय में सहायक प्रोफे सर। लेखक
को पहले तीन में से एक होना चाजहए या तदनुूपपी
लेखक होना चाजहए।
(ii) प्रकािन / लेखनकाररता के बदले में अनुसंधान
पररयोिना को के िल तभी माना िा सकता ह् िब व्यजतिय
दकसी राष्ट्रीय अनुसंधान जनकाय ि्से दक भारतीय
जचदकत्सा अनुसंधान पररषद् (आईसीएमआर) जिज्ञान
और प्रोद्योजगकी जिभाग (डीएसटी), ि्ि-प्रौद्योजगकी
जिभाग (डीबीटी) या ऐसे दकसी जनकाय द्वारा
जित्तपोजषत एक अनुसंधान पररयोिना का प्रधान या
सह-प्रधान अिेषक (P1 / CoPI) हो।
3. ''जचदकत्सा संस्ट्थान में जि क के जलए यूनतम ि्ज क योयताएं जिजनयमािली,1998'' में अनुसच
ू ी-। में जनम्नजलजखत को
खंड 12 के रुप में िोडा िाएगा :-
“दकसी भी नई सामाय जििेषज्ञता या अजत जििेषज्ञता के जलए ि् जणक योयता इन जिजनयम के अजधसूजचत करने के
समय नई जििेषज्ञता को ददखाया िाएगा। पारगमन अिजध के दौरान और यहां तक दक पारगमन अिजध समाप्त होने के
बाद भी जि ण संकाय के ूपप में जनयुतिय व्यजतिय एसोजसएट प्रोफे सर / प्रोफे सर के पद पर पदोन्नजत के हकदार ह गे।
हालांदक, एक बार नई जििेषज्ञता या अजत जििेषज्ञता की प्रिेि मता भारतीय आयुर्विज्ञान पररषद् अजधजनयम, 1956
के दायरे में आने िाले आयुर्विज्ञान संस्ट्थान में 100 नंबर तक पएंच िाती ह् और जनरं तर तीन ि् जणक िषों तक 100
या उससे अजधक बनी रहती ह्, इस मामले की पररषद् द्वारा समी ा की िाएगी दक क्या एक ही ि् जणक योयता के
साथ इसे िारी रखा िाए या नई जनयुजतियय हेतु उस जििेषज्ञता की आि्यक ि् जणक योयता रखने िाले व्यजतियय से
करने के जलए अजधदेि दकया िाए।”
पाद रट्पणी: प्रधान जिजनयमािली, नामत: ''जचदकत्सा संस्ट्थान में अयायापक की यूनतम ि्ज क योयताएं जिजनयमािली,
1998'' 05 ददसंबर, 1998 को भारत के रािपत्र के भाग III खंड 4 में प्रकाजित की गई थी और इसे भारतीय
आयुर्विज्ञान पररषद् की ददनांक 16/03/2005, 21/07/2009, 28/10/2009, 15/12/2009, 03/11/2010,
08/07/2011, 12/06/2012, 06/09/2012, 01/10/2012, 16/05/2015, 13/07/2016, 11/03/2017,
08/06/2017, 23/01/2018, 01/11/2018, 07/06/2019 और 16/08/2019 की अजधसूचनाओं के अंतगडत
संिोजधत दकया गया था।
BOARD OF GOVERNORS
IN SUPERSESSION OF MEDICAL COUNCIL OF INDIA
NOTIFICATION
New Delhi, the 12th February, 2020
No. MCI-12(2)/2019-Med.Misc./189334.— In exercise of powers conferred by Section 33 of the
Indian Medical Council Act, 1956 (102 of 1956), in Supersession of the Medical Council of India with the
previous sanction of the Central Government hereby makes the following Regulations to further amend the
―Minimum Qualifications for Teachers in Medical Institutions Regulations 1998, namely:-
1. (i) These regulations may be called the ―Minimum Qualifications for Teachers in Medical Institutions
(Amendment) Regulations, 2019‖.
(ii) They shall come into force from the date of their publication in the Official Gazette.
6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]
2. In the ―Minimum Qualifications for Teachers in Medical Institutions Regulations, 1998‖, in Schedule
1, clause 6 as amended vide notification dated 01.11.2018, shall be substituted with the following:-
“The Teachers in a medical college or institution having a total of 8 years teaching experience out of
which at least 4 years teaching experience as Assistant Professor with atleast one research publication
in indexed journals (as indicated in table) gained after obtaining postgraduate degree shall be
recognized as post graduate teacher in broad specialties.
In case of super specialties only those teachers who possess 5 years teaching experience out of which
at least 2 years teaching experience as Assistant Professor gained after obtaining the higher specialty
degree shall be recognized as post graduate teacher.‖
I. Broad Specialities (MD/MS/DNB)
Uploaded by Dte. of Printing at Government of India Press, Ring Road, Mayapuri, New Delhi-110064
and Published by the Controller of Publications, Delhi-110054. ALOK KUMAR Digitally signed by ALOK KUMAR
Date: 2020.02.19 15:04:08 +05'30'