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असल मे सु नाम व ामुखी होता है ....िजसमे व ा का अथ होता है लगाम अथात..... लगाम लगाना.......
इनका एक नाम... पीता रा भी है ... ोिक दे वी की साधना म हर व ु पीली इ माल की जाती है .....
कहते है जो सवा लाख मं जाप कर माँ व ा का यं अपने घर मे .... या अपने भुजाओ पे बांधता है ...वैसे
साधक या वैसे थान पे िकसी भी कार का अिहत श ु ारा नही हो सकता है .....ना वैसे साधक पे जहर असर
करता है ..... ना वैसे साधक की अकाल मृ ु हो सकती है .......
ऊँ हलीम बगलामुखी सवदु ानां वाचं मुखं पदम् ंभय: िज वां कीलय: बु म िवनाशय: हलीम फट
लामा प ित से जो माँ वगलामुखी की साधना होती है ....उसमे मूल मं से पहले हलीम बीज की एक माला जाप
ओर मूल मं जाप के बाद भी हलीम बीज का एक माला जाप करना होता है ....
तो आप समझ सकते है यह हलीम िबज माँ व ा की साधना म िकतना मह पूण भाव रखता है.....
पर मं िस होने के बाद कोई िवशेष स ु आपको परे शान कर रहा है.....ब त ही ादा...दै िनक जीवन
म ....तो सवदु ानांम म सव की जगह उस श ु का नाम बोले मं म ........
अथात जैसे श ु का नाम रिव है तो आप मं के सवदु ानांम की जगह रिव-दु ानाम बोिलयेगा.....ऐसा
बोल के एक माला करने से श ु तुरंत िन ेच हो जाता है ....इस बात का सभी ान रखे....
4. माँ वगला की साधना म माला का िवशेष िवधान है ....ओर इस साधना म आप िसफ दो ही तरह की माला
का योग कर सकते है ………..
एक पीली हकीक माला........ओर दू सरा ह ी माला..........
अगर पीली ह ी की माला ना िमले तो ही पीली हकीक की माला योग करे ....इसका ान रखे सब....
5. माँ व ा की साधना म यं का भी िवशेष मह है ....िबना यं की इनकी साधना सफल नही होती है .....
सो साधक ान रखे माँ व ा का यं ता प पे अंिकत हो तो बिढ़या........
ओर अगर घर मे बनाना हो तो िसफ चने की दाल से माँ वलगामुखी यं का िनमाण करे ......
6. माँ व ा का एक नाम पीता रा भी है .......तो इनके साधना म कोिसस करनी चािहए हर व ु पीली
इ ेमाल करने की..............
जैसे आसन- िपला………
साधक के व िपले ...अथात पीली धोती ओर गु चादr……
ओर मिहलाये पीली सारी या ऐसा ही कोई िपला व .....
8. भोजन:- माँ वलगामुखी साधना म कोिसस करे जब तक साधना चले एक ही समय भोजन करने ka
ओर भोजन म कम से कम बेसन से बनी ई कोई व ु ज र स त करे ......
12. मूलतः माँ वलगामुखी की साधना िकसी भी समय कर सकते है .....अथात सूबह या राि म .....,
पर राि 10 के बाद ही इस साधना को करना चािहए ऐसा ादातर िव ानों का मत है ............
यहां तक लामा प ित म तो िदन म मना ही कर िदया है करने को साधना..........माँ व ा की ...िसफ रात म ...यानी
राि कालीन........
13. माँ व ा की साधना घर के पूजा म..... िकसी िशव मंिदर या बाहर आर क पीठ पे भी कर सकते है
घर के पूजा म म साधना करे तो साधना के दौरान साधक के अलावा और कोई पूजा म म ना रहे ना
आवे जाए.................
14. बगलामुखी साधना म संजीवनी मु ा का ब त मह है ......... था इसका योग ज र करना चािहए….
15. माँ बगलामुखी साधना का अनु ान एक लाख जाप से िस होता है ....... आप 21 िदन म या 11 िदन म
एक लाख जाप कर सकते है अपने सिवधानुसार मं ो के सं ा िदनों म िनधा रत कर………….
17. अगर बार बार साधना करने पे सफलता नही िमल रहा है ...................तो माँ वगलामुखी साधना से पूव
वीर साधना .... कुलाचार पूजन.... इ ािद अनु ठान स करने चािहए साधक को.......
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मेरा मंत :-
माँ वगलामुखी की साधना सभी साधक को एक बार जीवन मे ज र करनी चािहए.....
अगर आप स ु या जो ऊपर म बताया है उन कारणों के िलए साधना कर रहे है माँ वगला के मूल मं से जो 36
अ र का है तो सही है ....
पर िक ी को पूण सफलता चािहए और पूण िस चिजये.... यानी माँ वगला का ीकरण तो ऐसे साधक के
िलए जो माँ वगला का 36 अ रों का मूल मं है वो काफी नही रहे गा .....
ऐसा कई बार सद् गु दे व भी अपने वचनो म इशारा कर चुके है .......आशा है आप सभी को ऊपर िदए जानकारी
से लाभ अव आ होगा.......
पु षो म राज िन खल
िन खल साधक प रवार