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हे रो गड
ु इवननिंग आज 15 जनवयी का यात्रि क्रास है ।
कहा ककसको सभझाने भें , दान कयने भें , भजा आता है । मह बी नॉरेज है , मे बी फडे साहकाय फनने के
लरए ऩुरुषाथा, मे खजाने लभरते हैं ऐसे बी कहते हैं, मा वो हहिंदस्
ु तानी रोग उदा भें करुण के खजाने कहते
हैं। जो फच्चे ऩक्के ऩक्के हो जाते हैं उन्हें एकदभ अच्छे से सदै व हदर भें यहता है , अफ मह नाटक ऩया
होता है । अफ हभ जाते हैं वाऩस। अबी र्वनाश होने का है जरूय, नाटक ऩया ही र्वनाश को कहा जाता है ।
ऻान आमा अबी औय फाफा के साथ हभ स्थाऩना कय यहे हैं अऩनी याजधानी की। फाफा के साथ ही कपय
चरे जाएिंगे याजधानी स्थाऩन कयके, कपय फाफा तो नहीिं आएिंगे। हभ तो आएिंगे। मह नहीिं कक योज योज
अऩने साथ मही कयते यहे फच्चे। दस फीस दपा फडा खुश लभजाज यहें । वयसा लभरा था, अबी छीना गमा
है अफ कपय फाऩ से वषाा रेना है । यावण ने छीना है , याभ कपय आमा है याभयाज्म दे ने।
भीठे भीठे लसकीरधे फच्चों प्रनत फाऩ दादा का मादप्माय औय गड
ु नाइट्।