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International Journal of Trend in Scientific Research and Development (IJTSRD)

Volume 6 Issue 3, March-April 2022 Available Online: www.ijtsrd.com e-ISSN: 2456 – 6470

िशरोमिण अकाली दल एवं पंजाब की राजनीित म भूिमका


Dr. Sukhwinder Singh

Assistant Professor, Department of Humanities & Social Sciences,


Govt. Engineering College, Jhalawar, Rajasthan, India

ABSTRACT How to cite this paper: Dr. Sukhwinder


िद ी-ह रयाणा बाडर पर चल रहे िकसान आं दोलन म पंजाब सबसे बड़ा योगदान Singh "Shiromani Akali Dal and Role in
दे रहा है । पंजाब का !मु ख राजनीितक दल िशरोमिण अकाली दल इस आं दोलन Punjab Politics" Published in
International Journal
को अपने प( म भु नाने की रणनीित तैयार कर रहा है । इसके िलए पाट, के संर(क
of Trend in
और पां च बार मु .मं /ी रह चुके !काश िसंह बादल सि0य भू िमका म आ गए ह2 । Scientific Research
पंजाब म िपछले िवधानसभा चुनाव से अपना पंथक जनाधार खो चुका िशरोमिण and Development
(ijtsrd), ISSN: 2456-
अकाली दल (बादल) िकसान आं दोलन को िसख संघष का ;प दे ने के िलए िफर
6470, Volume-6 |
से रा=ों को अिधक अिधकार दे ने के पुराने एजडे पर चल पड़ा है । इन िदनों मोदी Issue-3, April 2022, IJTSRD49891
सरकार के >खलाफ पंथक वोट म आए उबाल को िशअद के प( म मोड़ने की pp.1999-2004, URL:
रणनीित के तहत ही पूव मु .मं /ी !काश िसंह बादल ने प@ िवभू षण लौटने की www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd49891.pdf
घोषणा की।
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वहीं िशअद के सीिनयर ने ताओं को मोदी िवरोधी ने ताओं से मुलाकात करने के िलए International Journal of Trend in
भे जना, इस बात का संकेत है िक !काश िसंह बादल िवधान सभा चुनाव से पहले Scientific Research and Development
!दे श की राजनीित म नए समीकरण बैठाने के िलए सि0य हो गए ह2 । Journal. This is an
Open Access article
कुछ िदन पहले िशअद के पू व सां सद !ेम िसंह चं दूमाजरा और अE अकाली distributed under the
ने ताओं ने एनडीए की पूव सहयोगी िशवसेना के मु >खया व महाराFG के मु .मं /ी terms of the Creative Commons
उHव ठाकरे का दरवाजा खटखटाकर िकसानों के आं दोलन के िलए सहयोग Attribution License (CC BY 4.0)
मां गा। यह िशअद के रा=ों को अिधकार दे ने के अपने पु राने एजडे पर वापस (http://creativecommons.org/licenses/by/4.0)
लौटने के संकेत भी ह2 । िशअद रा=ों को अिधक अिधकार दे ने के मु Iे पर भाजपा
िवरोधी दलों को एक Jेटफाम म इकKा कर मोदी सरकार के िवLH नया मोचा
शु ; करने की ताक म है ।

प रचय
िशअद की िसयासत सदा कM सरकार के िवरोध के आसपास बादल ने प@ िवभूषण वापस करने की घोषणा की, ले िकन इससे
घूमती रही है । 1997 म पंजाब के मु .मं/ी की िजQेदारी िमलने भी िशअद को कोई भी पंथक सहानु भूित नहीं िमली।[1]
और भाजपा के साथ Rए राजनीितक समझौते के बाद अकाली
िशअद अ[( सुखबीर बादल ने िशरोमिण गुL\ारा !बंधक
दल के संघष की धार सTा ने कुंद कर दी थी। ले िकन िकसान
कमे टी (एसजीपीसी) अ[( बीबी जागीर कौर की पंथक छिव
संघष ने िशअद को 23 वष बाद एक बार िफर कM से सं घष
को िशअद के प( म भु नाने के िलए कवायद शु; की है । इसके
करने का मौका िदया है ।
तहत भारत बंद की कॉल को एसजीपीसी ने पूरा िदया और
अपनी पंथक श>W गंवा चुके िशअद को हालां िक अब तक सचखं ड ^ी हरमं िदर सािहब के हजू री रागी िसंहों ने भी िकसान
िकसान संघष का कोई भी िसयासी लाभ नहीं िमला है । पंथक आं दोलन के समथन करने की घोषणा की। िशअद िसखों की
वोट ब2क म शािमल िकसानों को अपने पाले म लाने के िलए धािमक श>_सयतों के मा[म से इस आं दोलन को िसख संघष
के साथ जोड़ने की रणनीित पर काम करता िदख रहा है ।[2]

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गुL\ारों को महं तों के क`े से छु ड़वाने और अंaेजों से दे श को आजादी िदलाने के अहम भू िमका िनभाने वाला िशरोमिण अकाली दल
(Shiromani Akali Dal) दे श का दू सरा ऐसा राजनीितक दल बन गया है िजसने भारत म अपना 100 साल का राजनीितक सफर पूरा
कर िलया है . इससे पहले िसफ कां aेस (Congress) ही दे श म ऐसी पाट, है िजसने सौ साल से =ादा का राजनीितक सफर पूरा िकया
है . िशरोमिण अकाली दल ने अपने इस सौ सालों के लं बे सफर म कई राजनीितक बदलाव दे खे ह2 . कई बार वैचा रक तौर पर इसम
बदलाव िदखे तो कई बार पाट, को टू ट का सामना भी करना पड़ा.
गुL\ारा !बंधक कमे टी के सहयोग और िसखों की आवाज बनकर समु दाय के मु Iे सरगम, से उभारने के िलए अकाली दल की uथापना
14 िदसंबर 1920 को को Rई थी. सरमुख िसंह झबाल िशअद के पहले !धान थे . उस समय दे श अंaेजों का गुलाम था. 7 जुलाई 1925
को गुL\ारा िबल लागू होने के बाद अकाली दल आजादी की लड़ाई म शािमल हो गया. दरअसल 1925 म गुL\ारा एx बनाकर सभी
ऐितहािसक गुL\ारों का रखरखाव िशरोमिण गुL\ारा !बंधक कमे टी को दे िदया गया. महाyा गां धी ने इस जीत को आजादी की लड़ाई
की पहली जीत बताया था.[3,4]
िवचार-िवमश
1920 म जब इस पाट, की uथापना की गई तो इसे पंथक िहतों की लड़ाई लड़ने वाली पाट, माना जाता था. 1996 म मोगा कां {स म
इसम कुछ बदलावों को ले कर चचा Rई. पाट, ने अपनी पुरानी छिव से बाहर िनकलने के िलए िवचार िकया. इस कां {स म पाट, ने
सैHां ितक तौर पर बड़ा बदलाव करते Rए िशरोमिण अकाली दल को पंथक पाट, से सेकुलर पाट, के ;प म बदल िलया. पाट, के
इितहास के िहसाब से यह सबसे बड़ा बदलाव था. दरअसल 1978 से ले कर 1995 तक पंजाब म अगर िकसी चीज की सबसे बड़ी कमी
दे खी गई तो वह िहं दू और िसखों के बीच आपसी सौहाद था. पहले इमरजसी, बाद म 1984 का ऑपरे शन ~ू •ार और इं िदरा गां धी
की मौत के बाद िसख क€ेआम. दोनों ही घटनाओं ने आपसी \े ष का काफी बढ़ाया.
1920 म पाट, की uथापना के बाद अकाली दल ने अपना िसयासी सफर 1937 म शु L िकया. !ोिवंिशयल चुनाव म िशअद ने 10 सीट
जीत ताकत अहसास कराया था. 1992 तक बीजे पी और अकाली दल अलग-अलग चुनाव लड़ती थी. इसके बाद दोनों ने साथ आने का
फैसला िलया. 1996 म अकाली दल ने 'मोगा डे ƒरे शन' पर साइन िकया और 1997 म बीजे पी के साथ पहली बार चुनाव लड़ा. दोनों
अकाली दल और बीजे पी की दो„ी लगातार चलती रही ले िकन िकसान आं दोलन के बाद अकाली दल मोदी कैिबने ट से बाहर हो गया.
यहां यह भी गौर करने वाली बात है िक पंजाब म अकाली दल एकमा/ ऐली पाट, है िजसने लगातार दो बार चुनाव जीता है . हालां िक
2017 के चुनाव म पाट, की बड़ी हार Rई. पाट, ने 117 सीटों पर चुनाव लड़ा ले िकन 15 सीटों पर ही िसमट गई. पाट, को इतनी भी
सीट नहीं िमली िक वह िवप(ी दल का तमगा अपने पास रख सके.[5,6]
प रणाम
पंजाब की राजनीित के भी… िपतामह कहे जाने वाले और िशरोमिण अकाली दल(िशअद) !मु ख !काश िसंह बादल को राजनीित म
सात दशकों से भी अिधक का समय हो गया है और अभी 94 वष की आयु म वह पाट, को जीत की राह पर ले जाने के िलए तैयार ह2 ।
पंजाब की राजनीित म िपछले कुछ वष† से Rई उथल पुथल के बावजू द वह राजनीितक (े/ म एक उदारवादी ने ता के तौर पर जाने
जाते रहे ह2 और एक बार िफर वह जनता के ने ता होने के अपने क र‡े को िदखाने की कोिशश म है । वह रा= की सि0य राजनीित म
िपछले पां च दशकों से ह2 और 1970 म दे श का सबसे युवा मु .मं /ी बनने का गौरव भी उˆ ही हािसल है ।[7,8]

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राजनीितक (े / म बादल सीिनयर के नाम से भी िव.ात !काश िसंह बादल 1947 म मा/ 20 वष की आयु म दे श के सबसे युवा
सरपंच बने थे और इतने वष‰ तक राजनीितक िबसात खे लने के बाद उˆोंने वष 2008 म पाट, की कमान अपने एकमा/ पु/ सुखबीर
िसंह बादल को सौंप दी थी। !काश िसंह बादल राजनीित की रग रग से वािकफ है और वह बेहतर चुनावी !बंधन के गुर भी जानते ह2 ।
संसद और िवधानसभा म 11 बार अपनी पारी खे लने वाले बादल सीिनयर एक बार िफर रा= की राजनीित म सि0य भू िमका िनभाने
के िलए तैयार ह2 ।
पंजाब िवधानसभा चुनावों की घोषणा से कुछ हŠों पहले ही उˆोंने मुWसर िजले म अपने लां बी िवधानसभा (े/ का दौरा करना शु;
कर िदया है । इस दौरान वह अपनी पु/वधू और बिठं डा से सां सद हरिसमरत कौर को अपने साथ िनयिमत तौर पर लोगों के साथ संवाद
करने के िलए ले जाते ह2 । वह तकनीक का अिधक इ„े माल करने के बजाए लोगों के साथ आमने सामने संवाद करना अिधक पसंद
करते ह2 ।[9,10]
अभी हाल ही म एक जनसभा के दौरान पूव के‹ीय मं /ी हरिसमरत कौर ने कहा था जब रा= म िशअद और बRजन समाज पाट, की
सरकार सTा म आएगी तो सुखबीर बादल आपके मु .मं /ी होंगे और बादल साहब आपके सुपर मु .मं /ी होंगे। आपको उˆ चुनाव
लड़ने के िलए मनाना है Œोंिक वह कह रहे ह2 िक सेहत उनका साथ नहीं दे रही है ले िकन आप सभी को उˆ इस बात के िलए मनाना
है और अगर वह घर बै ठ कर भी चुनाव लड़ते ह2 तो आप उˆ िजता सकते ह2 । हालां िक बादल सीिनयर ने कई बार अपने भाषणों म
कहा है िक पाट, जो भी िजQेदारी उˆ सौंपेगी ,वह उसे पूरा करगे।
अभी हाल म पाट, ने ता और पूव मं /ी िब0म िसंह मजीिठया के >खलाफ मादक पदाथ केस म मामला दज होने के बाद कड़ी !िति0या
करते Rए बादल सीिनयर ने सरकार को चेतावनी दे ते Rए कहा था िक वह अपनी नाकािमयों को िछपाने के िलए बदले की राजनीित का
सहारा नहीं ले । उˆोंने 23 िदसंबर को मीिडया से बातचीत करते Rए कहा था िक बेअदबी की घटना से !•ेक धमिनŽ िसख की
भावना आहत होती है और हाल ही की िहं सा तथा बेअदबी की घटनाओं का वष 2022 के पंजाब िवधानसभा चुनावों के नतीजों से सीधा
संबंध है ।
उˆोंने कहा िक ^ी हरमं दर सािहब को मु गलों, ि•िटशों और कां aेस शासकों ने अपने कुिटल तथा खतरनाक मं सूबों से िनशाना बनाया
था। उˆोंने कहा वष 1984 के बाद यह पहली बार है िक मानवता के सबसे पिव/ uथान को नापाक मं सूबों के चलते िनशाना बनाया
गया है और यह कोई महज सं योग नहीं है िक कां aेस के शासन म ऐसा Rआ है । बादल सीिनयर ने िविभ• अकाली आं दोलनों के दौरान
लगभग 17 वष जे लों म िबताए ह2 और इसी बात को [ान म रखते Rए !धानमं /ी नरे ‹ मोदी ने उˆ ने‘न मं डेला तक कह िदया है ।
!काश िसंह बादल का कहना है मे रे िवरोिधयों ने मे रे तथा प रवार के >खलाफ स2कड़ों मामले दज कराए ह2 ले िकन म2 इनकी परवाह
नहीं करता ’ं । म2 ने िविभ• अकाली आं दोलनों म अपने जीवन के 17 वष जे ल म िबताए ह2 और म2 एक बार जे ल जाने से नहीं डरता ’ं ।
कां aेस सरकार ने मे री प“ी को भी नहीं ब”ा था और अगर वे सोचते है िक ऐसा कर अकाली दल को कमजोर कर दगे तो यह उनकी
गलतफहमी है । राजनीितक जीवन म बेहद चुतर और जमीन से जु ड़े बादल सीिनयर ने इस हŠे एक और व रŽ अकाली नेता रणजीत
िसंह ••पुरा को पाट, म लाने म अहम भू िमका िनभाई है । उनका कहना है आज म2 बRत खु श ’ं िक एक बार िफर दो भाइयों ने हाथ
िमलाए ह2 ।

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उˆोंने अकाली दल से गए अE ने ताओं से भी पाट, म वापसी की अपील करते Rए कहाजब भी हम पर हमला Rआ , हम और मजबूत
होकर उभरे ह2 और इं िदरा गां धी भी हमारी इ–ा श>W को नहीं तोड़ पाई थीं। कां aेस की तरफ से हमारे >खलाफ झूठे मामले दज
कराए जा रहे ह2 और उनके यह काम भी हम हमारे मकसद को हािसल करने से नहीं िडगा पाएं गे। उˆोंने कहा िक मौजूदा कां aेस
सरकार के राज म सुशासन की अनदे खी की गई है और लोगों के क—ाण तथा िवकास संबंिधत सभी योजनाओं को रोक िदया गया है
और यही सब इस सरकार की पराजय के कारण बनगे।
राजनीितक िव˜ेषकों का मानना है िक इस बार िवधानसभा चुनावों म रा= म मादक पदाथ की सम™ा और हाल ही म बेअदबी की
घटनाओं के बाद िहं सा के मामले सबसे बड़े मु Iों के ;प म होंगे। पाट, ने हालां िक लां बी िवधानसभा सीट से कोई उQीदवार घोिषत
नहीं िकया है लेिकन पाट, !मुख सुखबीर िसंह बादल ने आगामी िवधानसभा चुनावों के िलए 91 उQीदवारों के नामों की घोषणा कर दी
है और यह भी कहा है िक उनकी पाट, बRजन समाज पाट, के साथ िमलकर चुनाव लड़े गी। रा= की 117 सद™ीय िवधानसभा सीटों
के िलए िशअद 97 और बसपा 20 सीटों पर चुनाव म2 दान म अपनी िकšत आजमाएगी।

गौरतलब है िक िशअद और राFGीय जनतां ि/क गठबंधन का दो दशकों से भी अिधक पुराना संबंध था ले िकन के‹ सरकार के तीन
िववािदत कृिष कानू नों को ले कर Rए तीœ मतभे द के बाद िशअद ने राजग से िसतंबर 2020 म नाता तोड़ िलया था। अकाली दल के एक
व रŽ ने ता ने आईएएनएस को बताया चूंिक सुखबीर िसंह बादल के पास अपने िपता जै सी राजनीितक समझ नहीं है और आगामी
िवधानसभा चुनाव म उसक सामने करो या मरो की >uथित है िजसे दे खते Rए वह पाट, को पुनज,िवत करने के िलए बादल सीिनयर पर
ही िनभर है । कां aेस पाट, को पंजाब म लगभग एक दशक के बाद राजनीित म आने का मौका िमला था और चार फरवरी 2017 को
Rए िवधानसभा चुनावों म उसे 77 सीट िमली थीं। इससे पहले 2007-17 तक रा= म अकाली दल-भाजपा गठबंधन सTा म रहा था।
िन ष
िशरोमिण अकाली दल के अ[( और िफरोज़पुर से लोकसभा सां सद सुखबीर िसंह बादल ने अपने िžटर पर कMीय कृिष मं /ी नरM
िसंह तोमर की िचKी हाथ म िलए एक फ़ोटो पो• की.
साथ म žीट म िलखा, कMीय कृिष मं /ी ने आिधका रक तौर पर िचKी िलख कर हम आ „ िकया है िक िकसानों से जु ड़े तीनों
अ[ादे श का सरकारी एजिसयों की ओर से फ़सलों की ख़रीद पर कोई फ़क़ नहीं पड़े गा. उˆ अपनी फ़सलों का उिचत Eू नतम
समथन मू— (एमएसपी) िमलेगा.
कMीय मं ि/मंडल से उनकी प“ी और खा£ !सं¤रण मं/ी हरिसमरत कौर बादल ने अ[ादे श को िकसान िवरोधी बताते Rए इ„ीफ़ा
दे िदया.

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सुखबीर िसंह बादल ने लोकसभा म कहा, "हम इन अ[ादे शों तो हमने उनकी बात को समझ िलया, और हम ये स® क़दम
का िवरोध करते ह2 Œोंिक 20 लाख िकसान, 3 लाख मं डी म उठाना पड़ा."[12]
काम करने वाले मज़दू र, 30 लाख खे त म काम करने वाले
संदभ
मज़दू र और 30 हज़ार आढ़ितयों के िलए ये ख़तरे की घंटी है . [1] Banga, Indu (2017). Jacobsen, Knut A.; et al.
पंजाब की िपछली 50 साल की बनी बनाई िकसान की फ़सल (eds.). Brill's Encyclopedia of Sikhism. Brill
ख़रीद ¦वuथा को ये चौपट कर दे गी." Academic. ISBN 978-90-04-29745-6.
20 िदनों म ऐसा Œा Rआ, िजससे 20 साल से भी §ादा पुरानी [2] Dilgeer, Harjinder Singh (1997), The Sikh
दो„ी म दरार आ गई. Reference Book; Sikh University Press / Singh
Œा ख़ु द को िकसानों की पाट, कहने वाली अकाली दल 20 िदन Brothers Amritsar, 1997.
पहले तक अ[ादे श से िकसानों को होने वाली िद¨तों से [3] Dilgeer, Harjinder Singh (2005), Dictionary of
वािक़फ़ नहीं थी? Sikh Philosophy; Sikh University Press / Singh
Brothers Amritsar, 2005.
यही सवाल हमने िशरोमिण अकाली दल के रा=सभा सां सद
नरे श गुजराल से पूछा.[11,12] [4] Dilgeer, Harjinder Singh (2008), Sikh
Twareekh; Sikh University Press / Singh
बीबीसी से बात करते Rए उˆोंने कहा, "कैिबने ट म िजस िदन ये Brothers Amritsar, 2008.
पास िकया गया, हमारी पाट, ने उस वª भी इसका िवरोध
िकया था. कM सरकार कह रही है िक ये िबल िकसानों के िहत [5] Dilgeer, Harjinder Singh (2012), Sikh
म है , हमने कM सरकार के प( को िकसानों को समझाने की
History (in 10 volumes); Sikh University Press
/ Singh Brothers Amritsar, 2010–2012.
कोिशश की, ले िकन िकसान सरकार की बात मानने को तैयार
ही नहीं है . दोनों के बीच म, आप कह सकते ह2 िक एक बRत [6] Duggal, Kartar Singh (1988). Philosophy and
बड़ा 'क«ू िनकेशन गैप' 'टG • गैप' है . जब हम अहसास हो गया Faith of Sikhism. Himalayan Institute
िक हमारे िकसान इस िबल को ¬ीकार नहीं करना चाहते ह2 Press. ISBN 978-0-89389-109-1.
और हम िकसानों की पाट, ह2 , हम उˆीं का !ितिनिध- करते ह2.

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[7] Kaur, Surjit; Amongst the Sikhs: Reaching for [10] Singh, Khushwant (2006). The Illustrated
the Stars; New Delhi: Roli Books, History of the Sikhs. Oxford University
2003, ISBN 81-7436-267-3 Press. ISBN 978-0-19-567747-8.
[8] Khalsa, Guru Fatha Singh; Five Paragons of [11] Singh, Patwant (1999). The Sikhs. Random
Peace: Magic and Magnificence in the Guru's House. ISBN 978-0-385-50206-1.
Way, Toronto: Monkey Minds Press,
[12] Takhar, Opinderjit Kaur, Sikh Identity: An
2010, ISBN 0-9682658-2- Exploration of Groups Among Sikhs.
0, GuruFathaSingh.com
Burlington, Vermont: Ashgate; 2005 ISBN 0-
[9] Khalsa, Shanti Kaur; The History of Sikh 7546-5202-5
Dharma of the Western Hemisphere; Espanola,
New Mexico, US: Sikh Dharma; 1995 ISBN 0-
9639847-4-8

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