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|| सिद्धकुसजिकास्तोत्रम ||

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

प्रथमचरित्र
ओम अस्य श्री प्रथमचरित्रस्य ब्रह्मा रूस ैः
महाकाली देवता र्ायत्री छन्दैः नन्दा शसतैः
ितदसन्तका बीिम् असननस्तत्त्वम् रूनवेद स्वरूर्म्
श्रीमहाकाली प्रीत्यथे प्रथमचरित्र िर्े सवसनयोर्ैः|

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
मध्यमचरित्र
ओम अस्य श्री मध्यमचरित्रस्य सवष्णरू ु ा स ैः
महालक्ष्मीदेवता उसष्णक छन्दैः शाकम्भिी शसतैः
दर्ु ाा बीिम् वायस्ु तत्त्वम् यिवु ेदैः स्वरूर्म्
श्रीमहालक्ष्मी प्रीत्यथे मध्यमचरिति् िर्े सवसनयोर्ैः

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
उत्तमचरित्र
ओम अस्य श्री उत्तिचरित्रस्य रुद्र रूस ैः
महाििस्वती देवता अनष्टु ुर्् छन्दैः भीमा शसतैः
भ्रामिी बीिम ियू ास्तत्त्वम िामवेदैः स्वरूर्म श्री
महाििस्वती प्रीत्यथे उत्तिचरित्र िर्े सवसनयोर्ैः
|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |
|ओम नमश्चसडिकायैः|
||ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु |

दर्ु ाा दर्ु ासताशमनी दर्ु ाार्सिसनवारिणी |


दर्ु ामच्छे सदनी दर्ु ािासिनी दर्ु ानासशनी ||
दर्ु ातोद्धारिणी दर्ु ासनहन्त्री दर्ु ामार्हा |
दर्ु ामनयानदा दर्ु ादत्यलोकदवानला ||
दर्ु ामा दर्ु ामालोका दर्ु ामात्मस्वरूसर्णी |
दर्ु ामार्ाप्रदा दर्ु ामसवद्या दर्ु ामासश्रता ||
दर्ु ामनयानिस्ं थाना दर्ु ामध्यानभासिनी |
दर्ु ामोहा दर्ु ामर्ा दर्ु ामाथास्वरूसर्णी ||
दर्ु ामाििु िहं न्त्री दर्ु ामायिु िारिणी |
दर्ु ामााँर्ी दर्ु ामता दर्ु ाम्या दर्ु ामश्वे िी ||
दर्ु ाभीमा दर्ु ाभामा दर्ु ाभा दर्ु ादारिणी ||
|ओम नमश्चसडिकाय|
|ओम श्री दर्ु ाार्ाणमस्त|ु

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