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ट्रांसक्रिप्शन 7
ट्रांसक्रिप्शन 7
कॉन्ट््ैक्ट्स
कोई भी दो पार्टीज के बीच में ककये गए समझोते को कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता हैं | अच्छे से किखे हुए कॉन्ट्रैक्ट न होने की वजह
से अकसर कबज़नेस में, पार्टट नसट में, एम्पोयी और एमप्लोयी के बीच में इश्यूज होने के चाां सेस बढ़ जाते हैं | ये हमेशा बेहतर
हैं की कॉन्ट्रैक्टस को किखखत रूप से बनाया जाये | और सभी क्लाव्स और पॉइां र्ट्स को समझ बुझ के ही कॉन्ट्रैक्ट में डािा
जाये | आइये अपने एक्सपर्टट से इस बारे मैं कुछ सुनते हैं |
सबसे बेकसक िेवि पर कॉन्ट्रैक्ट की व्याख्या करनी हो| तो ये वो शतें हैं कजन पर सब िोगोां का एक मत हुआ हैं | कॉन्ट्रैक्ट
वेबटि हो सकता हैं और किखा हुआ भी हो सकता हैं | कसर्ट वेबटि कडस्कशन भी कॉन्ट्रैक्ट हो सकता हैं | अगर सारी पार्टीज
और इसी के साथ आपको इन्दे किर्टी के बारे मैं भी सोचना चाकहए| अगर आपकी कम्पनी को नुक्सान हुआ हैं ककसी ाास
उल्लांघन की वजह से या कर्र ररप्रजेंर्टेशनस और वारां र्टीस की वजह से नुक्सान हुआ हैं तो आप पैसे क्लै म कर सकते हैं |
हमने अभी ये जाना की कॉन्ट्रैक्ट के बेकसस ंा हैं और कबज़नेस के किए कॉन्ट्रैक्ट ंूूँ जरूरी हैं | और इस में कौनसी
इम्पोर्टे न्ट् र्टर्म्ट होती हैं | आप एक्स्क्क्लु कसवे र्टी और कॉांकर्डें र्टिी समझ गये हैं | तो आप सोच गए होांगे ऐसे ककतने तरह के
कॉन्ट्रैक्टस हैं जो आपके कबज़नेस के किए जरूरी हैं |
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार:
2. सांस्थापक समझौता
तो न में से सबसे पहिा और सबसे जरूरी कॉन्ट्रैक्ट हैं आपका र्ाउां डर अग्रीमेंर्ट जो आप बाकी मेम्बेसट के साथ साइन
करें गे| जो इस बात पर कनभर करते हैं की आप कोर्ौांडर हैं या आप अपने पररवार के साथ कोई कबज़नेस शुरू कर रहे
हैं या कर्र अपने दोस्त या पररवार के साथ| आप ककसके साथ कम्पनी शुरू कर रहे हैं ? आपके कोखम्बनेस के के शेयर
होल्डसट कौन हैं ? कसर्ट आपके पररवार के सदस्य या इनमें दोस्त या ररश्तेदार शाकमि हैं या आप एकिौते र्ाउां डर हो या
कर्र और भी कोई र्ाउां डरस हैं | ये वो की पॉइां र्ट्स हैं कजन पर आपका र्ाउां डरस अग्रीमेंर्ट बनाया जाएगा|
अगर आप र्ाउां डर हो जो अपने दोस्त या पररवार के साथ नया कबज़नेस सेर्टअप कर रहे हो| तो ये हैं कजस पर कई
र्ाउां डरस ध्यान नहीां दे ते हैं | आपके वांडर कॉन्ट्रैक्ट्स के कवपरीत या कोस्टमर कॉन्ट्रैक्ट्स के कवपरीत जहाूँ अनजान पार्टी
के साथ कबज़नेस करते हैं | ंूांकक आप कुछ िोगोां को जानते कहां तो कबज़नेस शुरू करने के किए एक्साइर्टे ड होते हैं | आप
शायद कॉन्ट्रैक्ट्स बनाना भूि सकते हैं ंूांकक आपको उन पर भरोसा हैं | सबकुछ अच्छे से चि रहा हो तो आप भूि
सकते हैं की कमकशटयि कैसे काम करते हैं | ाास करके जब आपके कबज़नेस को पाां च साि हो चुके हो|
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार:
1. कमटचारी समझौता
कवकशष्टता
आयपी की कजम्मेदारी
दू सरा सबसे अहम् पहिू हैं आयपी असाइनमेंर्ट हमने इससे पहिे दे खा की आयपी की ंा इम्पोर्टें स हैं और ये कैसे
रकजस्टर हो| िेककन अगर कुछ हाित में आपके एमप्लोयी कुछ काम कर रहे हो| ाास करके किएकर्टव कांर्टें र्ट की बात
हो या आपके कबज़नेस से जुडी कोई बात हो| तो कॉन्ट्रैक्ट में आयपी असाइनमेंर्ट क्लाव्स होना जरूरी हैं | कजसके तहत
वाकई ये जानकर बहुत कदिचस्पी हुई की एक अच्छे एमप्लोयी अग्रीमेंर्ट बनाने के किए ककन कवकभन्न पहिुओां के बारे में
ाास ध्यान रखना चाकहए| अब आगे हमें ये दे खना हैं की ककस तरह बाहरी िोग जैसे कोस्टमरस या वेंडरस के किए हम
कैसे कॉन्ट्रैक्ट्स बना सकते हैं | तो आप ंा अपने शेयर होल्डसट या आपके एमप्लोयी के कॉन्ट्रैक्ट्स के अिावा तीसरी
महत्वपूणट हैं वो कॉन्ट्रैक्ट्स जो आप बाकी थडट पार्टीज के साथ बनायेंगे वो थडट पार्टीज इन से आप सकवटस िेते हैं या वो
थडट पार्टीज जो आपके कस्टमर हैं और कजन्हें आप सकवटस प्रोवाइड करते हैं | और ये कई कबज़नेस का अहम् कहस्सा हैं |
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कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. वेंडर के समझौते
कजसे कस्टमर कॉन्ट्रैक्ट्स या वेंडर कॉन्ट्रैक्ट्स कहा जाता हैं | िेककन ये कोई ऐसे कॉन्ट्रैक्ट्स नहीां हैं जो हर तरह की
कबज़नेस को एक जैसे िागू हो सके या सामान रूप से इस्तेमाि हो सके| ये ऐसे र्टाइप के कॉन्ट्रैक्ट्स हैं जो कबज़नेस के
साथ बदिते जायेंगे| ये कॉन्ट्रैक्ट्स आपके सकवटसेस पर कनभटर करते हैं | तो आप कजन्हें सकवटस दे रहे हैं उनके साथ कस्टमर
कॉन्ट्रैक्ट्स या वेंडर कॉन्ट्रैक्ट्स बनाना जरूरी ंूूँ हैं ?
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. वेंडर के समझौते
ररर्ांड की कनकत
इसकी कई वजह हैं जो आपकी अपनी कष्टमर के साथ ंा अरें जमेंर्ट हैं उस पर कनभटर करती हैं | ककस आिार पर ररर्ांड
ककये जा सकते हैं | र्ॉर एक्सामपि ये प्रोडक्ट् स बेच रहे हैं | ये आपकी वे बसाईर्ट से बेचा हैं और अगर इस में कोई कडर्ेक्ट
हैं आपका अपना क्वाकिर्टी चेक इसकी जाूँ च करे गा| िेककन आपकी पास वजह होनी चाकहए कजसके कबना पर आप
कडर्टे खक्टव प्रोडक्ट ररर्टनर कर सके|
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. वेंडर के समझौते
ररर्ांड की कनकत
र्टै क्स की िारा
कवकशष्टता
समापन की िारा
आपके पास कबज़नेस में र्टै क्स क्लॉज़ कैसे काम करें गे ये जानने की िमता होनी चाकहये | अगर आप एक स्टे र्ट्स से माि
खरीद रहे हैं और वोदु सरे स्टे र्ट्स में िे जा रहे हैं तो कौनसे र्टै क्स िागू होांगे| मतिब आप इस माि के किए जो कीमत
अदा करें गे पल्स आपकी से खल्लांग प्राइज पर जो र्टै क्सेज पे करने पड़ें गे और इसके साथ जो र्टै क्सेज डे डक्ट ककये जायेंगे |
और एक पहिू हैं कजसका हम बार बार कजि कर रहे हैं वो हैं एक्स्क्क्लुकसकवर्टी| ये जो वेंडर हैं जो आपके वेब साईर्ट के
किए माि प्रोवाइड कर रहा हैं ंा वो बाहर ककसी को अपना माि बेच सकता हैं ?
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अगर वो बाहर ककसी को माि बेच रहा हैं तो माि की कीमत में ककतना र्कट हैं यही सारी चीज़ें | आपको कॉन्ट्रैक्ट में कई
क्लॉज़ को शाकमि करना हैं | कजस में र्टकमटनेशन भी जरूरी हैं | अगर इस अरें जमें र्ट में िॉग इन हुआ तो ंा होगा?ंा
आपकी सप्लायर के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करते वक़्त उसे गारां र्टी दी हैं की तय हुए अवकि के किए आपको माि सप्लाई
करे गा? या आप खुद को सु रकित करना चाहते हैं ताकक वो बीच में कॉन्ट्रैक्ट र्टकमटनेर्ट न करे | ंूांकक आप अपने वेब साईर्ट
पर उस पर कनभटर हैं | आप शायद दोनोां तरह से िॉगइन करना चाहें गे| वो वेंडर जो आपको माि सप्लाई कर रहा हैं या
आपके नजररये से आप ऐसी पोजीशन में हो की उसे ये गारां र्टी दे सके इसकिए आपके र्टर्म्ट और र्टकमटनेशन बहुत अहम्
हैं | स्पेशिी ऐसी िॉग इन अरें जमेंर्ट जो आपके कबज़नेस के किए र्ायदे मांद हो| इन पॉइां र्ट्स पर ध्यान दे ना बहुत जरूरी हैं
अगर आप िॉग इन करने के बारे मैं सोच रहे हैं एक अच्छे कॉन्ट्रैक्ट के किए| ऐसे कई और िीगि क्लौसेस हो सकते हैं |
जो र्ाउां डसट के काम आ सकते हैं कडस्यूर्ट रे सोिुर्टशन, गवकनिंग िॉ या ऐसे कई मामिोां में जो र्टे खिकि हैं और जो
कबिुि स्टै ण्डडट हैं | िेककन कमकशटयि नजररये से कम से कम इसके बारे में सोचना और कॉन्ट्रैक्ट्स में इनका कजि होना
जरूरी हैं |
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. वेंडर के समझौते
ररर्ांड की कनकत
र्टै क्स की िारा
कवकशष्टता
समापन की िारा
2. सकवटस के समझौते
एक र्टाइप का कॉन्ट्रैक्ट हैं कजसकी आपको जरूरत पड सकती हैं | वो हैं सकवटस कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे हमने पहिे दे खा हैं
आप इन-हाउस एमप्लोयी से सारी सकवटसेस प्रोवाइड नहीां कर सकते | ाास करके की स्टार्टट अप में आपके पास एमप्लोयी
को पे करने के किए उतने पै से न हो| र्ॉर एक्सामप्ले अगर आपको ककसी तरह का कांर्टें र्ट किएर्ट करना हैं या कर्र आपके
वेबसाईर्ट का एक्साम्प्प्ले िेते हैं | आप खुद अपने ऑकर्स में वेब साईर्ट कडजाईन नहीां कर पाएां गे | और ये काम बहुत सी
कम्पनीया आउर्ट सोसट करती हैं | इसकिए आपको वेंडर के साथ सकवटस कॉन्ट्रैक्ट बनाना पड़े गा| तो अब यहाूँ कर्र से
सवाि उठता हैं की आपकी वेब साईर्ट बनाने वािे के साथ कॉन्ट्रैक्ट बनाना ंूूँ जरूरी हैं |जब तक वो किएर्ट करके
कडिीवर कर रहे हैं और उन्हें उनके सकवटस के किए पै से कमि रहे हैं कॉन्ट्रैक्ट करने की कोई ाास जरूरत नहीां हैं | सुरिा
की नजररयें से हमें ककन बातोां पर ध्यान दे ना चाकहए? र्ॉर एक्स्क्मप्ल काम की ओररकजनाकिर्टी आपको िगता हैं की कुछ
हािात में वो कर्र से ओररकजनि काम ररपीर्ट कर सकते हैं |
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. वेंडर के समझौते
ररर्ांड की कनकत
र्टै क्स की िारा
कवकशष्टता
समापन की िारा
2. सकवटस के समझौते
थडट पार्टी का आयपी उल्लां घन
आयपी का माकिकाना हक
जो काम वो प्रोवाइड कर रहे हैं वो ककसी और पार्टी के इां र्टेिेक्चुअि राइर्ट् स का उल्लांघन नहीां करे गा| और एक महत्वपूणट
पहिू हैं आय पी पर ककसका हक हैं ? आप ऐसे इां सान की बात कर रहे हैं कजसने आपके किए प्रोडक्ट बनाया हैं | और
कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार :
1. ग्राहक के समझौते
अगिी र्टाइप हैं आपके कस्टमर कॉन्ट्रैक्ट्स आपके कस्टमरस कौन हैं ? और आपको उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट्स ंूूँ बनाना
चाकहए? ये कर्र से एक बार कनभटर करते हैं आप ककस तरह की सकवटस दे रहे हैं | या आपकी कम्पनी ककस तरह का
कबज़नेस करती हैं | ऐसे कुछ र्टाइप के कबज़नेस हैं कजनके किए कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीां होता| र्ॉर एक्स्क्मपि अगर आप ककसी
प्रोडक्ट के अग्ग्ग्रेगार्टर हैं या कर्र आपकी वेब साईर्ट मान िीकजये मेकडकि सकवटसेस के किए बनायी गयी हैं | इस में कस्टमर
सारांश - कॉन्ट्रैक्ट्स
1. कॉन्ट्रैक्ट का महत्व
3. कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार
a. सांस्थापक समझौता
b. कमटचारी समझौता
c. वेंडर कॉन्ट्रैक्टस
d. सकवटस कॉन्ट्रैक्टस
e. कस्टमर कॉन्ट्रैक्टस
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