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रयल ए टट

एवं
ए टट लािनंग
य और कसे?

डॉ. योगेश शमा


आभार
आ भार परम िपता परमिपता परमे र एवं मेर आदरणीय माता-िपता का जो मेरी ेरणा तथा मेरी श ह।
आभार अपने बक क ित िजसने मुझे बिकग एवं रयल ए टट से संबंिधत िविभ पहलु क संबंध म अपने
ान व समझ को िवकिसत करने का अवसर दान िकया। आभार बक क उन सभी व र अिधका रय व
सहकिमय क ित भी िज ह ने पु तक लेखन क िलए मेरा उ साह बढ़ाया।
आभार भात काशन, िद ी व उनक पूरी टीम का भी िज ह ने इस पु तक को इतने सुंदर तरीक से आप
तक प चाया।
और सव प र आभार उन पाठक क ित जो न कवल गुण ाही ह, वर िहदी िजनक दय क भाषा ह।
रयल ए टट म िनवेश
रोटी, कपड़ा और मकान
अपना मकान िकसी य क तीसरी आधारभूत ज रत होती ह। अपना मकान होने से एक ओर य म
सुर ा क भावना आती ह, वह दूसरी ओर यह य क सामािजक तर को भी ऊचा करता ह। परतु मकान म
िनवेश करने से पहले खरीददार को कई छोट-बड़ झंझट से दो-चार होना पड़ता ह। अगर सावधानी न बरती जाए
तो एक छोटी सी गलती भी आपको लंबी मुसीबत म डाल सकती ह या उसक कारण आपका पैसा फस सकता
ह।
जानकारी न होने पर िनवेश क मा यम क प म रयल ए टट ठगी का एक बड़ा सबब भी बन सकता ह।
रयल ए टट एक ओर जहाँ िनवेश का एक मुख ज रया ह, और संभवतः हर िव ीय पोटफोिलयो का एक
िह सा बन चुका ह, वह दूसरी ओर यह वयं म िब कल अ तीय भी ह। कोई य अपने पूर जीवन म जो
कछ िव ीय िनवेश करता ह, उसम रयल ए टट सबसे बड़ा और मह वपूण होता ह। अचल संपि क खरीद
क साथ ढर सारी िज मेदा रयाँ और सीमाएँ भी आती ह, जो िसफ संपि क क मत या होम लोन पर चुकाए
जानेवाले याज तक ही सीिमत नह होती ह।
वैवािहक जीवन म वेश करने क बाद हर य का सपना होता ह िक उसका अपना घर हो और इस सपने
को पूरा करने क िलए वह प रवार क भरण-पोषण क साथ-साथ थोड़ा-थोड़ा करक कछ-न-कछ जोड़ने लगता
ह। परतु बढ़ती महगाई क चलते एक म यमवग य य क िलए यह सपना एक सपना ही बनकर रह जाता ह।
ऐसे म ‘िनवेश’ इस सम या का एक हल हो सकता ह; और इस पु तक म यही बताया गया ह िक िकस कार
आप रयल ए टट म िनवेश करक कामयाब हो सकते ह।
भू-संपि खरीदने क दो मु य उ े य हो सकते ह—
1. आवास (रहने) क िलए।
2. िनवेश क िलए।
आवास या रहने क िलए घर
यह उ े य य क तीसरी आधारभूत ज रत को पूरा करने क िलए होता ह, य िक हर य अपने
प रवार क िलए अपनी वयं क छत चाहता ह। समय बीतने क साथ-साथ जमीन क क मत भी तेजी से बढ़ती
जाती ह। अपनी वयं क छत का सपना देखनेवाला य जब कोई यवसाय या नौकरी शु करता ह, तभी से
वह प रवार क भरण-पोषण क साथ-साथ कछ-न-कछ िनयिमत प से जोड़ना भी शु कर देता ह, तािक
भिव य म अपना घर खरीदने क िलए उसक पास अपना पैसा हो।
घर कहाँ खरीद?
अलग-अलग तरह क पेशे या यवसाय से जुड़ य य क िलए रहायश क उ े य से मकान या लैट
खरीदने क िलए अलग-अलग तरह क थान उपयु हो सकते ह—
यवसायी क िलए —एक यवसायी को उसी शहर म मकान खरीदना चािहए, जहाँ उसका यवसाय चल रहा
ह और जहाँ उसक कपनी का मु यालय थत ह।
वेतनभोगी य क िलए —वेतनभोगी लोग क तीन ेिणयाँ होती ह—
1. रा य सरकार क कमचारी : इस ेणी क लोग को उसी शहर म घर खरीदना चािहए, जहाँ उनका पैतृक
घर हो या संबंिधत रा य क राजधानी म भी खरीदा जा सकता ह; या िफर पैतृक घर िजस क बे म थत ह,
उसक पास क शहर म भी घर खरीदा जा सकता ह।
2. क सरकार क कमचारी : क सरकार क कमचा रय को उस थान पर घर खरीदना चािहए, जहाँ उनक
थायी तैनाती हो या िफर जहाँ क वे मूल िनवासी ह ।
3. ाइवेट से टर क कमचारी : आजकल िविभ े से जुड़ युवा क िलए ज दी-ज दी थान बदलना
काफ आसान हो गया ह; इसिलए ऐसे लोग कह भी घर खरीद सकते ह। इस ेणी क लोग ायः रहायशी
मकसद से मकान खरीदते ह, लेिकन नौकरी म तबादला होते ही वे संपि पर ठीक-ठाक मुनाफा देखकर उसे
बेच देते ह। लेिकन ऐसे लोग को या तो अपनी पसंद क शहर म घर खरीदना चािहए या िफर उस शहर म, जहाँ
उनका पैतृक घर थत हो।
िनवेश क िलए
जब आप आवासीय उ े य क अलावा िकसी अ य उ े य,जैसे िकराए पर देना या क मत म मुनाफा
कमाना, से संपि खरीदते ह, तो उसे रयल ए टट म िनवेश करना कहा जाता ह। बढ़ती जनसं या और
म यमवग य प रवार क बढ़ती सं या क चलते रयल ए टट म दीघकािलक िनवेश अ छा-खासा मुनाफा दे
सकता ह। सोना, युचुअल फड और इ टी क तरह ही रयल ए टट भी एक कार क प रसंपि ह। लेिकन
िनवेश क बात कर तो रयल ए टट सबसे अनोखा िवक प ह। इसम िनवेश करक ब त कम समय म अ छा-
खासा मुनाफा कमाया जा सकता ह। दूसरी प रसंपि य क तरह ही इसक क मत म भी समय क साथ-साथ
बढ़ोतरी होती रहती ह, इससे यापक उतार-चढ़ाव क संभावना लगातार बनी रहती ह। इससे िकराए क प म
भी एक िनयिमत आय अिजत क जा सकती ह। इसिलए यिद घर खरीदने क बाद आप उसम नह भी रहना
े ो ेि े े ो े ी े े ि े
चाहते ह, तो उसे िकराए पर देकर उससे होनेवाली आय से आप अपने काफ खच िनपटा सकते ह। इसक
अित र होम लोन पर चुकाए गए याज और मूलधन क अदायगी िदखाकर आयकर म भी छट का हकदार
बना जा सकता ह। और सबसे मह वपूण बात, इससे आपक द तावेज म िविवधता आती ह। लेिकन यान रह
िक िनवेश क उ े य से या य गत उपयोग क उ े य से रयल ए टट क खरीद क साथ कई छोट-बड़
मसले जुड़ होते ह, एक, प रसंपि क प म रयल ए टट कोई बुरा नह ह, लेिकन अगर आप िसफ िनवेश क
प म रयल ए टट खरीद रह ह, तो कभी-कभी यह जोिखम म भी डाल सकता ह।
कहाँ िनवेश िकया जाए?
इसक िलए आप िवकास ािधकरण और हाउिसंग बोड क िविभ योजना म आवेदन कर सकते ह। हर
रा य क अपने िवकास ािधकरण औरहाउिसंग बोड होते ह। डी.डी.ए. (देलही डवलपमट ऑथो रटी), डा,
महाड़ा आिद। सरकारी सं थाएँ समय-समय पर अपनी योजना क घोषणा करती रहती ह; घोषणा क दौरान
ही आवेदन कर द। लेिकन यान रह िक इन योजना क अंतगत मकान या लैट का अलॉटमट लॉटरी प ित
से होता ह इसिलए आपको अलॉटमट िमल भी सकता ह, और नह भी। इसक अलावा आप िब डर क
आवासीय योजना म भी िनवेश कर सकते ह।
अचल संपि म िनवेश क चार तरीक ह—
1. िवकासो मुखी े म जमीन खरीदना।
2. िकसी िब डर क म टी टोरी िब डग प रयोजना म मकान/ लैट खरीदना।
3. रडी ट मूव इन हाउस खरीदना।
4. वािण यक उ े य से बनाए गए िकसी भवन या भूखंड म िनवेश करना।
िवकासो मुखी े म भूखंड खरीदना
जमीन एक ऐसा संसाधन ह, िजसे बढ़ाया नह जा सकता ह। हम नई जमीन नह बना सकते ह, इसिलए
भारतीय क साथ-साथ अिनवासी भारतीय क िलए भी यह िनवेश का सबसे अ छा ज रया ह। इसका कारण
यह ह िक खाली भूखंड क वामी को कछ िवशेष थितय म धन-कर म छट का लाभ िमल जाता ह।
िवकिसत या िवकासशील ामीण े म भूखंड पर िनवेश िकया जा सकता ह; य िक उस पर अपना मकान
बनाकर आप रह भी सकते ह और बाद म मुनाफा कमाकर उसे बेच भी सकते ह। उ े य जो भी हो,
िनवेशक को आयकर और संपि कर से जुड़ कछ मह वपूण पहलु को यान म रखना ज री होता ह।
कहाँ खरीद? भूखंड खरीदने क िलए ऐसे शहरी या ामीण े को चुना जाना चािहए, जहाँ रा य या क
सरकार क कोई ढाँचागत प रयोजना गित पर हो, जैसे— रग रोड, रलवे लाईओवर, एयरपोट, मे ो,
अंडरपास, रलवे टशन, टिडयम, िव िव ालय, म टी पेशलटी हॉ पटल, सेज, रफाइनरी आिद।
िकसी े म जब इस तरह क नई प रयोजना शु होती ह, तो दलाल / ोपट डीलर क गितिविधयाँ तेज हो
जाती ह। इसे रयल ए टट का माइ ो माकट या लघु बाजार कहा जाता ह। भूखंड खरीदने क बाद अगर जमीन
क क मत म बढ़ोतरी होने लगती ह, तो समझ िक आपने सही जगह पर िनवेश िकया ह। अगर आप शहरी े
से ता ुक रखनेवाले ह, तो भूखंड खरीदने क िलए आप ऐसे ाम े को चुन सकते ह, जहाँ िनकट भिव य म
सरकार ारा कोई िवकास प रयोजना शु िकए जाने क संभावना हो।
लाभ
अगर कोई िनवेशक भूखंड पर िनवेश करता ह, तो उसे िकराए पर िदए जाने तक वह कर से मु रहता ह।
इस कार, िनवेशक इसे अपने दीघकािलक िनवेश क प म दिशत करते ए बाद म (क मत बढ़ने पर)
बेचकर अ छा मुनाफा कमा सकता ह, परतु यान रह िक भूखंड को दो वष से यादा समय क िलए अपने पास
रखना ज री ह, तािक दीघकािलक पूँजी से होनेवाली कल आय पर आयकर क दर, छट यु दर, यानी 20%
पर प च जाए।
संपि कर अिधिनयम, 1957 क से शन 5 (vi) क अंतगत मू यांकन वष 1999-2000 से सभी य य और
एचयूएफ को िनजी आवास क िलए एक घर क साथ-साथ 500 वगमीटर े फल तक का खाली भूखंड रखने
क भी पूरी-पूरी छट का ावधान िकया गया ह।
हािनयाँ
अगर िकसी य क पास पया पैसे नह ह और वह िनवेश करना चाहता ह, तो वह िकसी बक, पंजीकत
िव ीय सं था या िकसी िम , र तेदार से कज ले सकता ह, लेिकन यान रह िक आपको खरीदे गए भूखंड से
तब तक कोई आय ा नह होगी, जब तक आप उसे िकराए पर या लीज पर नह देते ह, लेिकन हाँ, िलये गए
ऋण पर आप जो याज अदा कर रह ह, उसका लाभ आपको कर यो य पूँजी लाभ क गणना म िमल सकता
ह।
सावधािनयाँ
संपि िकसी कार क झगड़ या िववाद म नह होनी चािहए और यह ज र सुिन त कर िक संपि
बेचनेवाला य उसका कानूनन वामी ह। यह भी सुिन त कर लेना ज री होता ह िक जो भूखंड या संपि

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आप खरीद रह ह, वह िनकट भिव य म िकसी थानीय ािधकरण ारा अिध हीत नह क जाएगी। वह भूखंड
िकसी सरकारी प रयोजना, जैसे—रलमाग या राजमाग आिद क े म नह आना चािहए।
िकसी िब डर क म टी टोरी प रयोजना म लैट बुक कराना
लैट हमेशा क म लॉ होने से पहले बुक कराएँ। इस कार क नई क म म लैट बुक कराने क िलए
अपे ाकत कम पैस क ज रत पड़ती ह, य िक ऐसी यादातर प रयोजनाएँ िनमाण-आधा रत क म अपनाकर
चलाई जाती ह। इनम आप अ छा लाभ अिजत कर सकते ह। अगर आप बक से लोन लेते ह, तो आपको
िब डग क िनमाण- ि या पूण होने तक ही िक त चुकानी पड़गी। िनमाण काय पूण होने क बाद क मत बढ़ते
ही आप उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते ह।
हािनयाँ—
1. पैस क कमी या इस तरह क िकसी अ य कारण से ोजे ट पूरा होने म िवलंब भी हो सकता ह।
2. कभी-कभी ऐसा होता ह िक िकसी े िवशेष म कोई सरकारी प रयोजना शु हो जाती ह, िजससे वहाँ
िब डर और अ य यवसाियय क गितिविधयाँ तेज हो जाती ह और उस े का िवकास तेजी से होने लगता
ह। लेिकन बाद म नई सरकार क आ जाने से वह प रयोजना या तो थिगत हो जाती ह या िफर बंद कर दी जाती
ह और प रणाम व प संबंिधत े म िवकास क गित धीमी पड़ जाती ह। ऐसे म िब डर क िलए िब डग क
िनमाण प रयोजना को पूण करना मु कल हो जाता ह।
3. कभी-कभी हड़ताल या मजदूरी बढ़ जाने क कारण भी प रयोजना िवलंिबत हो जाती ह।
4. कई बार िनमाण काय पूरा होने पर िब डर धोखाधड़ी करक कॉरपेट ए रया म बदलाव कर देता ह।
5. कभी-कभी संबंिधत े म देखते-ही-देखते भू-संपि ( ॉपट ) क ओवर स लाई शु हो जाती ह।
6. भूखंड, िनिमत मकान और वािण यक प रसर क अपे ा लैट क क मत कम बढ़ती ह।
पूणतः िनिमत मकान (रडी ट मूव इन हाउस) खरीदना
लाभ —अपना वयं का मकान हो जाने से य को मकान-मािलक क दबंगतापूण यवहार का सामना नह
करना पड़ता और साथ ही आए िदन मकान-मािलक ारा िकराया बढ़ा िदए जाने क िचंता भी नह रह जाती।
एक और बात, अपना वयं का मकान ायः हर य क जीवन का एक बड़ा सपना होता ह, जो मकान का
वािम व िमलने क साथ ही पूरा हो जाता ह। उससे आप िकराए क प म कल लागत क 3 से 5 ितशत तक
आय अिजत कर सकते ह।
हािनयाँ —मकान से आप कल लागत पर 3 से 5 ितशत तक क वािषक आय िकराए क प म अिजत कर
रह ह, िजस पर आपको आयकर का भुगतान भी करना होता ह। साथ ही यह भी कछ िन त नह होता ह िक
मकान से पूर साल भर िकराया आता ही रहगा। यिद मकान क लागत 40 लाख पए ह तो उससे िकराए क
प म ा होनेवाली वािषक आय 1.20 लाख पए से 2 लाख पए तक होगी।
अ छा िकराएदार ब त मु कल से िमलता ह, लेिकन अपना वयं का मकान होने क खुशी अपने साथ कई
नई-नई िचंताएँ भी लेकर आती ह। उदाहरण क िलए एक तरह से आप एक ही थान से बँधकर रह जाते ह और
इ छानुसार थान प रवतन नह कर पाते; साथ ही िनयिमत प से लोन क िक त भरने क िचंता भी बनी रहती
ह। इसक अलावा, अचानक पैस क ज रत आ पड़ने क थित म मकान को वािजब क मत पर बेचना भी
इतना आसान नह होता ह। दूसरी ओर िकराए क मकान म रहने क िलए जो िकराया आप चुकाते ह, वह एक
तरह से पानी म ज र जाता ह, लेिकन ऐसा करक आप कई िचंता से मु भी रहते ह।
नया या रीसेल?
रीसेल माकट म मकान या लैट खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह होता ह िक िनमाण काय लगभग पूरा हो
चुका रहता ह। आजकल िनमाण प रयोजना म िवलंब होने क सम या यादातर िब डर क साथ देखने को
िमलती ह। इसक अलावा, रीसेलवाली ॉपट आव यक प से पुरानी हो, ऐसा नह ह; इसम कई बार ऐसा
मकान या लैट िमल जाता ह, िजसम कोई रहा ही नह होता ह। कछ मामल म ऐसा भी होता ह िक ी-लॉ
टज म िनवेशक ॉपट पर एकदम टट पड़ते ह, लेिकन बाद म उसक क मत िब डर क ाइस टग से कम हो
जाती ह। दूसरी ओर, रीसेल माकट म डाउन पेमट यादा ज र हो सकती ह; ज रतमंद िव ता आपसे कछ
भुगतान नकद भी माँग सकता ह; ऐसी थित म आप उसे अपे ाकत कम क मत पर ॉपट बेचने क िलए तैयार
कर सकते ह और उसक माँग क अनुसार नकद भुगतान क िलए बक से होम लोन ले सकते ह। रीसेल ॉपट
म कागजी कारवाई भी यादा होती ह।
वािण यक संपि म िनवेश
ऑिफस, शो म या दुकान आिद म िनवेश करना अपे ाकत यादा अ छा होता ह। ऐसी संपि म एक ओर
िकराए से होनेवाली आय भी यादा होती ह और दूसरी ओर ॉपट क क मत म भी यादा वृ होती ह,
लेिकन ायः पूँजीपित िनवेशक ही ऐसी ॉपट म िनवेश करते ह।
िनवेश तीन तरह का हो सकता ह—
1. िब डर से सीधे खरीदकर।
2. रयल ए टट कपिनय क शेयर खरीदकर।
3. रयल ए टट कपिनय क युचुअल फड म पैसे लगाकर।
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ॉपट क प म वािण यक (कॉमिशयल) प रसर खरीदना यादा अ छा होता ह, य िक उसे खरीदकर
आप िकराए पर दे सकते ह। इसक िलए ऐसे थान का चुनाव कर, जहाँ यावसाियक गितिविधयाँ तेजी पर ह
या िनकट भिव य म तेजी पर होनेवाली ह । छोटी या कम े फल क संपि यिद ाइम लोकशन म हो तो
यादा मुनाफा देती ह, य िक ाइम लोकशन म ॉपट को िकराए पर भी देना आसान होता ह और ज रत
पड़ने पर आप उसे अपने वयं क यावसाियक थल क प म भी योग म ला सकते ह। डॉ टर, वक ल,
सीए (चाटड एकाउटट) और यवसायी वगैरह क िलए ऐसी ॉपट यादा उपयु होती ह, लेिकन इसक िलए
िनवेशक को यह देखकर िनवेश करना होता ह िक संबंिधत े म अथ यव था, जॉब माकट, जनसं या वृ
और अ य कारक य थितयाँ अनुकल ह।
ॉपट ऐसी खरीदनी चािहए, जो या तो तैयार थित म हो या िफर 5-6 महीने म तैयार होनेवाली हो।
आजकल लोग मानने लगे ह िक कॉमिशयल रयल ए टट ॉपट क स लाई ब त बढ़ गई ह, इसिलए उसम
िनवेश करना ब त अ छा िवक प नह ह।
कछ लोग कवल रयल ए टट म ही अपनी सारी पूँजी लगा देते ह; यह एक जोिखम भरा कदम ह। कभी-कभी
हम अपनी ि इतनी संकिचत कर लेते ह िक िनवेश क अ य िवक प क ओर देख ही नह पाते, जबिक
िनवेश करने से पहले हम िनवेश क सार िवक प को सामने रखकर चलना चािहए।
लाभ—
ऑिफस या दुकान जैसी रयल ए टट ॉपट म िनवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता ह िक इससे
िकराए क प म होनेवाली आय आवासीय ॉपट क अपे ा कह यादा होती ह। आवासीय ॉपट से िकराए
क प म 1.5 से 2.5 ितशत तक आय अिजत क जा सकती ह, जबिक ऑिफस आिद कॉमिशयल ॉपट से
आप िकराए क प म 7 से 8 ितशत तक कमा सकते ह। यिद आप 30 ितशत क टडड िडड शन क ेणी
म आते ह, तो आपका लाभ ितशत या रटन और भी बढ़ जाता ह। िकराए से होनेवाली आय 5 से 7 ितशत
वािषक तक बढ़ जाती ह और समय क साथ-साथ ॉपट क क मत भी बढ़ती रहती ह; इतना ज र ह िक
क मत बढ़ने क दर आवासीय ॉपट क अपे ा कम होती ह। मंदी और बेरोजगारी क इस दौर म आय क
वैक पक ोत क ओर ख करना ज री हो गया ह। कॉमिशयल ॉपट खरीदने का एक और फायदा यह ह
िक क रयर क िकसी दौर म यिद आप अपना वयं का यवसाय या उ म शु करना चाहते ह, तो कम-से-कम
आपको ऑिफस या शो म िकराए पर लेने क ज रत नह पड़गी।
जोिखम और हािनयाँ
1. ऑिफस पेस म िनवेश करने का सबसे पहला जोिखम यह होता ह िक कई बार उपयु िकराएदार नह
िमलता, यानी आप इस दौरान उससे कोई आय अिजत नह कर पाते, जबिक उसक रख-रखाव पर आपको उस
दौरान भी खच करना पड़ता ह। ऑिफस या कॉमिशयल कॉ पले स से िकराए क प म होनेवाली आय (रटल
इनकम) अथ यव था म आनेवाली मंदी-तेजी (अथ-च ) पर िनभर होती ह। मान लीिजए, सूचना ौ ोिगक
(आईटी) से जुड़ यवसाय को ल य करक कोई िब डग तैयार क जाती ह और इस दौरान िकसी कारण से
सूचना ौ ोिगक म मंदी आ जाती ह या िवकास क गित धीमी पड़ जाती ह, तो ऐसे म तैयार ॉपट क िलए
खरीददार या िकराएदार भी कम िमलगे। तब वाभािवक प से आपको िकराए क दर घटानी पड़गी।
2. यादातर आवासीय ॉपट बक लोन क मदद से खरीदी जाती ह, लेिकन अगर आप ऑिफस ॉपट
खरीदना चाहते ह, तो उसक िलए बक से लोन लेना मु कल हो जाता ह; य िक बक ायः उसी ॉपट पर
लोने देते ह जो िकराए पर चढ़ी होती ह या िफर आपक पास कोई और ॉपट िगरवी रखने क िलए हो।
अपने जोिखम तर को यान म रखकर ही िनवेश कर
आप िन निलिखत म से िकसी भी टज म ऑिफस ॉपट म िनवेश कर सकते ह—
जब िब डग का िनमाण काय चल रहा हो, जब िनमाण काय पूण हो चुका हो, लेिकन ॉपट खाली हो; या
िफर तब, जब िब डग बनकर तैयार हो और उसम गितिविधयाँ शु हो चुक ह ।
िनमाणाधीन िब डग म ॉपट खरीदने का एक फायदा यह होता ह िक उस टज म आपको ॉपट कम
क मत म िमल सकती ह। बाद म क मत म बढ़ोतरी का फायदा िमल जाता ह, लेिकन इस टज म ॉपट
खरीदने म जोिखम भी होता ह, य िक कई बार िब डर क लापरवाही या अ य कारण से ोजे ट िवलंिबत हो
जाता ह और इस कार उससे होनेवाली यािशत आय भी िवलंिबत हो जाती ह। साथ ही, इस आशंका से भी
इनकार नह िकया जा सकता िक िब डर ॉपट पर आनेवाले खच म कटौती कर दे और उसक गुणव ा का
तर िगर जाए। इस तरह क जोिखम से बचने क िलए िति त डवलपर से ही ॉपट खरीद। यिद आप उस
टज म ॉपट म िनवेश करते ह, जब िब डग बनकर तैयार हो, लेिकन खाली हो, तो उस थित म िकराएदार
समय से न िमलने का जोिखम रहता ह। यिद िकराएदार िमल भी जाता ह, तो ज री नह िक वह यािशत
िकराया अदा करने क िलए तैयार हो जाएगा। यिद आप िब डग भर जाने क टज म िनवेश करते ह, तो आप
इन सब जोिखम से तो बच जाते ह, लेिकन ॉपट म होनेवाली मू य-वृ का आपको यादा फायदा नह िमल
पाता।
अतः अपने जोिखम लेने क मता को यान म रखकर पहले, दूसर या तीसर िवक प का चुनाव िकया जाना
चािहए। अगर आप िकराए क प म आय अिजत करने क िलए िनवेश करना चाहते ह तो चहल-पहलवाली
ि ॉ ी ँ ी े ि ि े े ोि ी ी ो े
िब डग म ॉपट खरीद; अगर पूँजी बढ़ाने क िलए िनवेश करना चाहते ह, तो िकसी ीनफ ड ोजे ट म
ॉपट खरीद।
िनवेश करने से पहले ॉपट क थित पर भली-भाँित नजर डाल ल
सबसे पहले यह देख िक जो ॉपट आप खरीद रह ह, वह कहाँ थत ह? वहाँ आिथक गितिविधयाँ कसी ह?
जब आप तैयार िब डग खरीद रह ह , तो यह ज र देख िक वहाँ भवन या ॉपट क उपल धता कसी ह?
य िक ॉपट क ओवर-स लाई क थित म एक तो िकराएदार कम िमलगे और दूसरा, िकराए क दर भी कम
होगी।
िकसी उपनगरीय इलाक म ॉपट खरीद रह ह , तो ऐसे दूर-दराज क थान पर न खरीद, जो िकसी बड़
सड़क माग या राजमाग से न जुड़ा हो; साथ ही, उस थान क आंत रक ढाँचागत थित को भी यान म रख,
जैसे—गिलयाँ और संपक माग बने ह या नह ।
उसक बाद िब डग क गुणव ा देख। हो सकता ह िक उस े म इ -दु िति त डवलपर ही ह , जो
ऑिफस ॉपट तैयार करक बेच रह ह ।
आस-पास क लोग और दुकानदार या यवसाियय से बात कर और पता लगाएँ िक जो ॉपट आप खरीद
रह ह, उससे िकतनी रटल इनकम अिजत क जा सकती ह। अगर एक िकराएदार ॉपट खाली कर देता ह तो
दूसरा िकराएदार आसानी से िमल जाता ह या नह । यिद ॉपट म पहले से कोई िकराएदार ह, तो यह सुिन त
कर ल िक िकराएदार अ छ मुनाफवाला यवसाय कर रहा हो। इससे उसक ज दी खाली करक जाने क जोिखम
से बचा जा सकता ह। िकराएदार से रट या लीज ए ीमट करा ल; ज री समझ तो िकसी वक ल क मदद से
ए ीमट क कागजात तैयार करवाएँ।
रयल ए टट म िनवेश से जुड़ जोिखम और नुकसान
तरलता का अभाव — रयल ए टट म पैसा िनवेश करने का सबसे मुख नुकसान यह होता ह िक अचानक
नकदी क ज रत पड़ने पर यिद आप उसे बेचना चाह तो उसम काफ समय लग जाता ह; इस कार इसम
तरलता का अभाव रहता ह और कई बार ज दबाजी म ब त कम क मत पर उसे बेचना पड़ जाता ह।
धोखाधड़ी — ॉपट क खरीद-फरो त म धोखाधड़ी क आशंका हमेशा बनी रहती ह। कोई य ॉपट क
फज कागजात तैयार कराकर कई खरीददार क हाथ बेच सकता ह। खुला भूखंड होने क थित म ायः क जे
का कोई िन त िच ांकन नह होता ह। कई बार एजट या िब डर वयं एडवांस क रकम लेकर भाग जाता
ह। इसक अलावा कई बार कोई अ ात दबंग य आकर ॉपट पर क जा कर लेता ह। कभी-कभी िव ता
ऐसी ॉपट को भी चेप देता ह, िजस पर कोट ारा ट ऑडर जारी िकया गया होता ह। इसक अलावा भुगतान
क समय भी धोखाधड़ी क आशंका बनी रहती ह।
ोजे ट म िवलंब —कभी-कभी िब डर िदए गए समय पर ोजे ट पूरा नह कर पाता ह; उस थित म
खरीददार को एक साथ दो तरफ नुकसान झेलना पड़ता ह, एक तरफ ॉपटी क िलए चुकाई गई रकम का याज
और दूसरी ओर िकराया।
अपे ाकत अिधक रकम क ज रत —िनवेश क अ य िवक प क अपे ा इसम यादा रकम लगाने क
ज रत पड़ती ह।
ॉपट क क मत िगर भी सकती ह —दीघकािलक िनवेश हमेशा फायदेमंद ही हो, यह ज री नह ह।
प ीस से तीस वष क अविध तक ॉपट शेयर क तरह अ छा रटन देती ह, लेिकन अ य प रसंपि य क
तरह रयल ए टट म भी उतार-चढ़ाव क थित आती ह। अंतर बस इतना ही होता ह िक इसम सोना और शेयर
िजतनी तरलता नह होती। डीमोनेटाइजेशन क प ात संपूण भारतवष म क मत म िगरावट भी देखी गई ह।
साथ ही, यह भी यान म रख िक िकसी दूर-दराज क इलाक म आपको मकान तो स ता िमल सकता ह,
लेिकन वहाँ आपको ऑिफस आने-जाने, ब क कल जाने-आने, वीकड शॉिपंग और सामािजक समारोह
आिद म जाने-आने पर यादा खचा करना पड़ सकता ह। िकराए पर मकान लेना हो तो ऐसे थान पर ल जहाँ से
आपको ऑिफस और ब को कल जाने-आने म िद त न आए।

रयल ए टट इ वे टमट ट (रीट)
भा रत म रयल ए टट का माकट िनयिमत आय क एक साधन क प म तेजी से उभर रहा ह और ‘ रयल
ए टट इ वे टमट ट’ (रीट) इसम मह वपूण भूिमका िनभा रहा ह, य िक इसम िनवेशक को रयल ए टट
से टर म सीधे आए िबना भी उससे लाभ उठाने का मौका िमल जाता ह।
भारतीय को आिथक िनवेश क िजतने मामल पर िनणय लेने होते ह, उनम से रयल ए टट एक सबसे बड़ा
मामला बन चुका ह। लेिकन दुभा य से अब तक इससे संबंिधत कोई िनयं क (रगुलेटर) नह थािपत िकया गया
ह। ऐसे म रीट उन सभी िनवेशक क िलए एक यावहा रक रा ता तैयार करगा, जो कॉमिशयल रयल ए टट
कपिनय म िनवेश करक िनयिमत आय अिजत करना चाहते ह।
वै क तर पर रीट 30 देश म अपनी उप थित दज करा चुका ह और 10 खरब डॉलर क प रसंपि क
साथ यह कल ॉपट माकट म पाँचव िह से क भागीदारी िनभा रहा ह। इससे पोटफोिलयो िविवधता क साथ-
साथ आय का एक ठोस और िनयिमत मा यम भी तैयार हो रहा ह। िवकिसत देश म, जहाँ रीट िपछले दस वष
से काम कर रहा ह, वहाँ लोग को दीघकािलक जोिखम क आधार पर अपने िनवेश का अ छा-खासा फायदा
िमला ह। िपछले पाँच वष म रीट ने 10 ितशत वािषक रटन िदया ह। भारतीय क िलए यह एक अ छा
िवक प हो सकता ह।
रीट एक कपनी ह, जो मुख प से आय सृिजत करनेवाली रयल ए टट ॉपट , जैसे शो म, शॉिपंग सटर,
ऑिफस, होटल और वेयर हाउस का वािम व रखती ह और उनका य-िव य कराती ह।
‘भारतीय ितभूित एवं िविनमय बोड’ (सेबी) इसक िनयामक सं था ह, इसिलए िनवेशक को इसक
िव सनीयता को लेकर िचंितत होने क ज रत नह ह। सेबी क अनुसार, रीट क थापना एक ट क प म
होगी, िजसम एक टी क साथ-साथ अलग-अलग िज मेदा रयाँ िनभानेवाले पदािधकारी ह गे— पॉ सर मैनेजर
और ि ंिसपल वै यूअर। टी को सेबी म नामांकन कराना होगा और नामांकन क बाद वह िनवेशक को अपने
ऑफर देकर उनसे धन जुटाएगी। आरिभक ऑफर क यूनतम वै यू 250 करोड़ पए िनधा रत क गई ह और
सेबी क मानदंड क अनुसार रीट क अधीन आनेवाली प रसंपि क वै यू 500 करोड़ पए से कम नह होनी
चािहए।
रीट को कॉमिशयल रयल ए टट प रसंपि य म सीधे या एस.पी.वी. ( पेशल परपज हीकल) क मा यम से
िनवेश करने क अनुमित होगी। शु आत म जो क म चलाई जाएँगी, वे ोज-एंडड युचुअल फड क तरह
ोज-एंडड रयल ए टट इ वे टमट क म ह गी, जो शेयरधारक को मुनाफा देने क उ े य से ॉपट म
िनवेश करगी। शेयरधारक या िनवेशक को िमलनेवाला यह लाभ रटल इनकम (िकराए क प म होनेवाली
आय) या कल पूँजी पर िमलनेवाले लाभ से िनकाला जाएगा।
रीट देशी और िवदेशी —दोन तरह क िनवेशक का िनवेश वीकार कर सकती ह, लेिकन शु आत म इसक
यूिनट कवल एचएनआई या सं था को ही ऑफर िकए जा सकते ह, इसिलए यूनतम स सि पशन साइज 2
लाख पए और यूिनट साइज 1 लाख पए तािवत ह। बाजार िवकिसत होने पर इसे सबक िलए उपल ध
कराया जाएगा।
45-50 वष क आयु वग क िनवेशक क िलए यह एक अ छा िवक प सािबत हो सकता ह, य िक इससे
एक ओर उ ह कर म राहत िमलेगी और दूसरी ओर सेवा-िनवृि क बाद एक िनयिमत आय का ोत भी तैयार
रहगा।
िनवेश क प म थोड़ी-ब त रयल ए टट ॉपट रखकर हर कोई उससे लाभ अिजत कर सकता ह। रीट क
दरवाजे ऐसे लोग क िलए खुले ह, िजनक पास भूखंड या अ य िकसी तरह क रयल ए टट ॉपट नह ह।
िन ंतता क बात यह ह िक इसक ोजे ट सेबी ारा िविनयिमत ह गे, लेिकन रटन या िमलेगा? मानदंड
या होगा? तरलता िकतनी होगी? इसका जवाब यह ह िक भूखंड आवासीय या कॉमिशयल ॉपट का वािम व
रखने क बजाय रीट िविभ कार क हो डग रखेगी और यह सुिन त करगी िक तैयार ॉपट से िनयिमत
आय ा हो; इस कार, िनवेशक को कम-से-कम जोिखम का सामना करना पड़गा, य िक इसम रटन भी
कम होगा। लेिकन इसका मतलब यह नह आ िक एन.ए.वी. म तरलता नह होगी।
रीट वयं कोई कर अदा नह करती ह, लेिकन िजन फम या कपिनय से यह फड जुटाती ह, उ ह कर
चुकाना होगा। इसी तरह िनवेशक को रीट क िविभ क म म अपने िनवेश से होनेवाले लाभ या आय पर कर
चुकाना होगा। इस कार रीट एक ओर परपरागत रयल ए टट क समांतर काम करगी और दूसरी ओर,
पी.पी.एफ. और डट फड जैसी सुरि त िनवेश क म क समानांतर भी काम करगी। रीट िविभ आवासीय या
कॉमिशयल ॉपट क बजाय तरल िनवेश को यादा ाथिमकता देता ह। यिद छमाही एन.ए.वी. िमल जाते ह,
तो उनसे एक ओर मू य-अ वेषण का अ छा आधार िमल जाता ह और दूसरी ओर उनम अपे ाकत यादा
तरलता भी होती ह। अगर आप नौकरी या यवसाय क शु आती चरण म ह और रयल ए टटम थोड़ा-ब त
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पैसा ही लगा सकते ह, तो आप यहाँ से अ छी शु आत कर सकते ह; बाद म ठीक-ठाक रकम जुटा लेने क
बाद आप अपनी पसंद या ज रत क अनुसार ॉपट म िनवेश कर सकते ह, ठीक वैसे ही जैसे गो ड फड और
इ टी डड फड म थोड़ा-थोड़ा िनवेश करक बाद म अपने वयं क प रवार क उपयोग क िलए सोना जुटाया
जा सकता ह।

नाबािलग ब क िलए रयल ए टट म िनवेश
भा रतीय समाज म परपरा क अनुसार, जब ब े का ज म होता ह, तो र तेदार वगैरह उसे उपहार क प म
पैसे या अ य चीज देते ह। इस कार, कई बार ब े क माता-िपता क पास अ छी-खासी नकदी आ जाती ह तो
इस नकदी का वे या करते ह?
कछ लोग तो ब े क नाम का खाता खुलवा देते ह और वयं संर क बनकर उस पैसे को िफ स िडपॉिजट
कर देते ह। कछ दादा-दादी ऐसे ह, जो अपने नाबािलग पोत क नाम का खाता खुलवाकर उसम हर साल कछ
रकम िफ स िडपॉिजट क प म जमा कराते रहते ह और बाद म उसे अपने पोते को दे देते ह। दस वष क
अपनी बिकग सेवा म मेरा संपक ऐसे कई लोग से आ ह, जो ायः अपने पोत -पोितय क नाम िफ स
िडपॉिजट कराने क िलए ही बक म आते ह। इसक पीछ दो कारण होते ह, पहला कारण भावना मक जुड़ाव होता
ह, जबिक दूसरा कारण ब े क भिव य क िलए िनवेश क योजना होता ह।
आजकल माता-िपता अपने ब क भिव य को लेकर काफ जाग कता िदखा रह ह। छोट ब को
ारिभक िश ा िदलाने क िलए धन क आव यकता होती ह; धीर-धीर जब वे बड़ होते ह, तो उनक िलए उ
िश ा का बंध करने म धन खच होता ह। इसक अलावा, लड़क-लड़िकयाँ जब 21 से 25 वष क उ म
प च जाते ह, तो उनक िववाह क िलए अलग से धन जुटाने क ज रत पड़ती ह।
कहने का ता पय यह ह िक ब क 18 वष क आयु म प चने पर माता-िपता को उनक िश ा क साथ-
साथ िववाह क िलए भी धन क ज रत पड़ती ह। ऐसे म माता-िपता क िलए यह ज री हो जाता ह िक वे अपने
ब क भिव य क िलए इस कार क योजना बनाकर चल िक बािलग होने पर वे वयं अपना भिव य सँवारने
म स म हो सक।
ब क िलए आिथक योजना बनाने क दौरान कभी-कभी बीमावाले भी बीच म आ टपकते ह। बीमा
सलाहकार माता-िपता को सलाह देता ह िक ब े क नाम एक बीमा पॉिलसी खरीद लीिजए और ब े क बािलग
होने तक हर साल ीिमयम जमा करते रिहए। वह आगे बताता ह िक जब तक आपका ब ा बािलग होगा, तब
तक उसक उ िश ा और शादी क िलए पया धनरािश जुड़ जाएगी।
साथ ही, वह एक और बात इसम जोड़कर बताता ह िक माता-िपता क मृ यु क थित म बीिमत रािश का
भुगतान उनक उ रािधकारी को कर िदया जाएगा और पॉिलसी क शेष िक त बीमा कपनी वयं भरगी, और जब
ब ा बािलग हो जाएगा तो उसे इस िनवेश का रटन िमलेगा। लेिकन, मेर िम ो, बीमा िनवेश क िलए नह होता
ह। इस तरह का बीमा लान खरीदने से बेहतर होगा िक आप अपने वयं क नाम का टम लान ल।
अब म बिकग और रयल ए टट म अपने लंबे अनुभव क आधार पर आपको बताने जा रहा िक आपक
पास अपने नाबािलग ब े क िलए सबसे अ छा िनवेश या हो सकता ह! अपने नाबािलग ब े क नाम एक
भूखंड खरीदकर डाल देने से अ छा कोई और िनवेश का िवक प दुिनया म नह ह। यह भूखंड िकसी भी तरह
का हो सकता ह—रजीडिशयल या ए ीक चरल। यह िनवेश आपक साम य क अनुसार, 1 लाख से 10 लाख
पए तक हो सकता ह।
जैसा िक हम आपसे आयकर अिधिनयम क से शन 64 क बार म पहले चचा कर चुक ह; चूँिक खाली
भूखंड से कोई आय अिजत नह होगी, इसिलए ब े क नाबािलग रहने तक आपको उसक िलए कोई कर नह
चुकाना पड़गा।
यहाँ यान रखना होगा िक जो भूखंड आप खरीदते ह, उसक थित मह वपूण होती ह। इसक िलए ऐसे
इलाक का चुनाव कर, जहाँ मौक पर िवकास गितिविधयाँ न ह , लेिकन भिव य म िवकास क अ छी संभावनाएँ
ह । तो, आज ही अपने नाबािलग ब े क नाम से विणम िनवेश क शु आत करक िनवेश क सुंदर दुिनया म
अपनी या ा शु कर।

या प नी क नाम िनवेश करना चािहए?
ए क िदन मेर एक िम , ी अतुल मेर ऑिफस म आए और कहने लगे िक मुझे होम लोन लेना ह। मने उ ह
नए लैट क िलए बधाई दी। थोड़ी देर औपचा रक बातचीत क बाद मने उनसे लैट का सेल ए ीमट देखने क
िलए माँगा, जो उनक प नी ीमती दीिपका क नाम था। उ ह ने मुझे बताया िक म अपने नाम से पहले ही एक
मकान खरीद चुका और प नी दीिपका नौकरी करती ह, इसिलए होम लोन लेकर कर बचाने क िलए हमने यह
लैट खरीदा ह। अतुल क तरह कई अ य िववेकशील करदाता प नी क नाम से ॉपट म िनवेश करते ह।
मिहला सद य क नाम से ॉपट खरीदने क कछ फायदे होते ह—
1. कई रा य म ऐसा कानून ह िक मिहला क नाम से खरीदी जानेवाली ॉपट पर कम टांप यूटी लगाई
जाए। उदाहरण क िलए, राज थान म मिहला को ॉपट क खरीद पर पु ष क अपे ा कम टांप यूटी
चुकानी पड़ती ह।
2. यिद कोई मिहला होम लोन लेकर घर खरीदती ह, तो उसे आयकर अिधिनयम क से शन 80 सी और 24
क अंतगत कर म छट िमल जाती ह।
3. मिहला क नाम ॉपट खरीदकर उसे िकराए पर देने पर अलग से कर म छट का लाभ िमल जाता ह।
5. यिद आप प नी क नाम ॉपट खरीदते ह, तो इससे उनक मन म सुर ा और आ मस मान क भावना
बढ़गी और वह खुश होगी।
बात करते ह, आयकर अिधिनयम क से शन 64 क । इसक अनुसार, प नी को पित ारा उपहार व प
िमली संपि से होनेवाली आय पित क आय मानी जाएगी और उसे पित क उस वष क आय क साथ
जोड़कर, उसक अनुसार आयकर लगाया जाएगा। अब यह बात प हो गई ह िक इस कार क मामले म
आय क दोहर समायोजन से बचने क िलए शादी-शुदा मिहला को अपने पित या सास-ससुर से कोई उपहार नह
लेना चािहए और न ही इस ेणी म आनेवाले पु ष सद य को ॉपट क प म मिहला सद य को उपहार देना
चािहए।
उदाहरण क िलए, यिद आप प नी क नाम कोई मकान खरीदते ह, लेिकन वह वयं कोई पैसा नह लगाती ह,
तो उस थित म मकान से होनेवाली रटल इनकम आपक इनकम मानी जाएगी और उसक अनुसार ही आपसे
कर वसूला जाएगा। इसिलए यिद आप अपनी प नी क नाम से िनवेश करना चाहते ह, तो उसे वािजब याजदर
पर लोन दे दीिजए; लोन पर याज चुकाए जाने से आयकर अिधिनयम का से शन 64 भी आप पर लागू नह
होगा। यिद इन सब िबंदु को यान म रखकर चला जाए, तो प नी क नाम से ॉपट खरीदने म कोई िद त
नह होगी।

मकान िकराया भ ा (एच.आर.ए.)
म कान भ ा नौकरी करनेवाले कमचारी क वेतन का एक िह सा होता ह। इसका िनधारण सेवा-शत क आधार
पर िकया जाता ह। सरकारी े म यह सामा यतया बेिसक सैलरी का 20% होता ह। िनयोजक अपने कमचारी
को यह भ ा इसिलए देता ह, तािक मकान का िकराया चुकाने म कमचारी को मदद िमल सक।
यह भ ा उन कमचा रय को नह िदया जाता ह—
1. जो िनयोजक ारा उपल ध कराए गए मकान म रहते ह।
2. जो हाउस लीज सुिवधा क लाभाथ ह।
चूँिक मकान भ कमचारी को मकान का िकराया चुकाने क िलए िदया जाता ह, इसिलए इसे कछ हद तक
आयकर क प रिध से बाहर रखा जाता ह। जो कमचारी अपने वयं क मकान म रहता ह, उसे मकान भ ा पर
आयकर म छट नह िमलती।
मकान भ पर कर छट क गणना
िकराए क मकान म रहनेवाले कमचारी को छट िमल सकती ह; इसम 4 मु य बात को यान म रखा जाना
चािहए—
1. कमचारी क बेिसक सैलरी िकतनी ह?
2. कमचारी को ा भ िकतना ह?
3. कमचारी िकस शहर म रहता ह?
4. कमचारी मकान क िकराए क प म िकतना खच करता ह?
उदाहरण (अ) : ी नवीन शमा मुंबई शहर म िकराए क मकान म रहते ह और वे एक कस टसी फम म
नौकरी करते ह। वे 20 हजार पए ितमाह मकान का िकराया देते ह। उनक वािषक सैलरी का िववरण इस
कार ह—
बेिसक सैलरी—4,80,000 पए,
मकान भ —2,40,000 पए, िचिक सा भ ा—15000 पए, अ य भ े—15000 पए।
अब चूँिक नवीन एक महानगर म रहते ह—
1. वािषक बेिसक सैलरी का 50% = 240000 .
2. िकराए क प म चुकाई जानेवाली वा तिवक रकम—बेिसक सैलरी का 10% [20000×12—48000
(480000 का 10%)] =192000 पए।
3. वा तिवक ा मकान भ =240000 पए।
इस कार उपरो तीन िबंदु क आधार पर सबसे कम 1,92,000 पए तक का मकान भ ा कर क
प रिध से बाहर रखा जा सकता ह।
चूँिक ी नवीन मकान भ क प म 240000 पए ा कर रह ह, इसिलए कल मकान भ म से
192000 पए कर क प रिध म नह आएगा और 48000 पए (240000-190000) को कर यो य आय माना
जाएगा।
उदाहरण (ब) : यिद ी नवीन मुंबई क बजाय िकसी अ य शहर, जैसे—जयपुर म रहते ह, तो पहले िबंदु क
गणना वािषक बेिसक सैलरी क 40% क प म, यानी 192000 पए होगी। इस कार छट क थित वही
रहगी।
कई कार क जालसाजी रोकने क िलए क ीय य कर बोड (सी.बी.डी.टी.) ने कछ उपाय िकए ह—
1. िव ीय वष 2013-14 से यह ावधान िकया गया ह, जो वेतनभोगी मकान भ ा करते ह। मकान क
िकराए क प म 1 लाख पए या अिधक भुगतान करते ह, उ ह अपने मकान-मािलक का पैन काड देना होगा।
2. यिद मकान-मािलक क पास पैन काड नह ह, तो कमचारी को एक शपथ-प देना होगा िक उसक
मकान-मािलक क पास पैन काड नह ह और साथ ही मकान-मािलक का नाम और पता भी देना होगा।
3. इस कार क ावधान से आयकर िवभाग यह पता लगा सकगा िक मकान-मािलक िकराए क प म
ा होनेवाली आय पर कर का भुगतान करते ह या नह ।
अगर आप मकान क िकराए क प म 1 लाख पए वािषक या अिधक का भुगतान करते ह, तो मकान-
मािलक का पैन काड अपने िनयोजक क पास ज र जमा कराएँ।
मकान भ म छट का दावा िकन प र थितय म िकया जा सकता ह
1. यिद आप िकसी ऐसे शहर म रहकर नौकरी कर रह ह, जहाँ आपका अपना मकान नह ह।

ि ी ी/ ि ोि े ो े
2. यिद आप अपनी प नी/पित को िकराए का भुगतान करते ह, तो आप मकान भ े म छट क हकदार नह
ह।
3. आप िकस शहर म रह रह ह, यह बात भी मह वपूण होती ह।
4. यिद आप अपने माता-िपता क साथ रहते ह और उ ह िकराया देते ह, तो आप मकान भ े म छट क
हकदार ह, लेिकन िकराए क प म आप अपने माता-िपता को जो भुगतान करते ह, उसक गणना उनक आय
म क जाएगी और उस पर कर वसूल िकया जाएगा।
िज ह मकान भ नह िमलता ह
सामा यतया यवसायी और वरोजगारी वग क लोग भी आयकर अिधिनयम क से शन 80 जी.जी. क अंतगत
लाभ ा करते ह। उ ह मकान भ तो नह िमलता, लेिकन कछ अ य लाभ ज र िमल जाता ह। उ ह 5000
पए मािसक तक क छट िमल सकती ह।

रयल ए टट लािनंग म अिवभ (िहदू प रवार
(िहदू अनिडवाइडड फिमली/एच.यू.एफ.) क
भूिमका
क हने क बात नह ह िक हर कोई ट स बचाना चाहता ह और आप जानते ह िक यह आयकर कानून क
िविभ ावधान का लाभ उठाने से ही संभव ह। कई बार लोग कर बचाने क िलए गैर-कानूनी तरीक अपना
बैठते ह; लेिकन िम ो, ऐसे तरीक िव ीय िनयोजन (फाइनिशयल लािनंग) या आयकर िनयोजन क अंतगत नह
आते ह, ब क ये कर चोरी क अंतगत आते ह।
एक िववेकशील िनवेशक क प म आप िविध-संगत तरीक से आयकर बचा सकते ह—
अलग से एक कर इकाई, यानी एच.यू.एफ. (िहदू अनिडवाइडड फिमली) बनाकर, जो आिधका रक प से
मा यता ा ह।
हम वयं तो एच.यू.एफ. तैयार नह कर सकते, लेिकन उसक िलए पूँजी का बंध ज र कर सकते ह।
शु आत म एच.यू.एफ. एक गु बार क तरह होता ह, िजसम कोई हवा नह भरी होती ह। गु बार को गु बारा तो
तभी कहा जाएगा, जब उसम हवा भरकर उसे फलाया जाए। ठीक इसी तरह एक एच.यू.एफ. भी तब तक
सुषु अव था म रहता ह, जब तक उसम पूँजी न डाली जाए। एच.यू.एफ. बनाने क िलए सबसे पहले आपक
शादी करनी पड़गी।
कदम-दर-कदम एच.यू.एफ. का िनमाण
डीड— एच.यू.एफ. बनाने क िलए वैसे तो डीड अिनवाय नह ह, लेिकन िविभ कर िनयम क म ेनजर
ऐसा करना अ छा रहता ह। इसम कता, एच.यू.एफ. क सद य (अिवभ जायदाद क संयु उ रािधकारी),
प रवार क अ य सद य और एच.यू.एफ. क यवसाय का पूरा िववरण होना चािहए।
सद य —शादी क बाद एच.यू.एफ. वतः ही बन जाता ह। मान लीिजए, आपक िपता एच.यू.एफ. क एक
कता ह और आप अिवभ जायदाद क संयु उ रािधकारी ह। अब आपक शादी क बाद वतमान
एच.यू.एफ. का िवभाजन करक एक नया एच.यू.एफ. बनाया जा सकता ह। एच.यू.एफ. को एक उपयु नाम
देना होता ह। मान लीिजए, आपका नाम सुनील कमार ह, तो आप अपने एच.यू.एफ. को सुनील कमार
एच.यू.एफ. नाम दे सकते ह।
पैन काड —एच.यू.एफ. क एक कता क प म आपको अलग से पैन क िलए आवेदन करना होगा और जब
भी आप एच.यू.एफ. क नाम से कोई िनवेश करगे या ॉपट खरीदगे, उस समय इस पैन का उ ेख करना
होगा।
बक खाता —पैन काड िमल जाने क बाद आपको अपने एच.यू.एफ. क नाम से बक म एक अलग खाता
खोलना होगा, तािक आप चेक क मा यम से लेन-देन कर सक और अपनी आय को बक म जमा कर सक।
एच.यू.एफ. क िलए पूँजी-िनमाण
एच.यू.एफ. क िलए सबसे आव यक चीज ह, पूँजी। यह पूँजी उसक सद य क वािम व म आनेवाली पूँजी
से अलग होती ह। आपक माता-िपता या ससुराल प क संबंधी आपक नए एच.यू.एफ. क िलए धन या
जायदाद िग ट कर सकते ह; लेिकन िग ट डीड म प उ ेख िकया जाना चािहए िक यह आपक
एच.यू.एफ. क िलए ह, न िक आपक िलए। एच.यू.एफ. क नाम िकसी वसीयतनामे क ज रए जो ॉपट हािसल
होगी, वह एच.यू.एफ. क पूँजी बन जाएगी। अब आयकर क िविभ ावधान को यान म रखते ए
एच.यू.एफ. क नाम उपहार क प म धन का ह तांतरण कर सकते ह।
यान रह िक आपको वयं अपने एच.यू.एफ. को िग ट नह देना ह, अ यथा एच.यू.एफ. बनाने का कोई
फायदा नह होगा। हाँ, आपक िम और र तेदार िग ट दे सकते ह, लेिकन 50 हजार पए तक का
(धारा-56)। ऐसे म आपको बड़ एच.यू.एफ. क सद य से िग ट लेना चािहए, जो आपक संबंधी ह , लेिकन
आपक छोट एच.यू.एफ. क सद य न ह ।
जब एच.यू.एफ. का काम ठीक ढग से चलने लगे, तो यह यान रख िक एच.यू.एफ. क मामले सद य क
िनजी मामल से अलग रह। अपने एच.यू.एफ. क िलए एक अलग बक खाता रख। एच.यू.एफ. क सद य
अपना-अपना िनजी काम सामा य प से करते रह।
ी ो ( ि ं ि ी)
या पु ी को एच.यू.एफ. का सद य (अिवभ जायदाद क संयु उ रािधकारी) बनाया जा
सकता ह?
जी हाँ।
9 िसतंबर, 2005 को िहदू उ रािधकार अिधिनयम, 1956 म संशोधन करक यह ावधान िकया गया ह िक
पु ी भी अपने माता-िपता क अिवभ जायदाद क संयु वा रस हो सकती ह और भाइय क तरह वह भी
माता-िपता क जायदाद म िह सेदारी का दावा कर सकती ह।
शादी क बाद पित क एच.यू.एफ. क सद य बनने क बाद भी वह अपने िपता क एच.यू.एफ. क संयु
वा रस बनी रहती ह। इस कार अगर आपक बेटी ह, तो वह शादी क बाद भी आपक एच.यू.एफ. क सद या
बनी रहगी।
अिवभ जायदाद क संयु वा रस को यह हक होता ह िक जब कभी वह एच.यू.एफ. से िनकलना चाह,
तो वह संयु जायदाद म अपनी िह सेदारी माँग सकता ह।
या कोई अिववािहत य एच.यू.एफ. बना सकता ह?
जी नह । नह बना सकता। ऐसा एच.यू.एफ. नह बन सकता, िजसका वह वयं कता बनना चाहता हो। हाँ,
वह अपने िपता या दादा क एच.यू.एफ. का सद य बन सकता ह; लेिकन अपना एच.यू.एफ. बनाने क िलए
उसे शादी तक इतजार करना पड़गा, एक िहदू ब ा िजस िदन माँ क गभ से बाहर आता ह, उसी िदन िकसी
एच.यू.एफ. का सद य बन जाता ह।
या कोई मिहला एच.यू.एफ. क कता बन सकती ह?
िहदू उ रािधकार अिधिनयम, 2005 म िकए गए संशोधन को यान म रखते ए इसका उ र ‘नह ’ म नह
िदया जा सकता। प रवार म िपता क मृ यु क बाद उसक अिववािहत पु ी एच.यू.एफ. क कता बन जाती ह,
यिद उसका कोई भाई न हो।
या कोई एच.यू.एफ. ऐसा हो सकता ह, िजसम सब मिहलाएँ ही ह ?
जी हाँ, हो सकता ह। यिद पित-प नी क एक ही बेटी ह, तो पित क मृ यु क बाद माँ-बेटी दोन िमलकर
एच.यू.एफ. चला सकती ह।
या एच.यू.एफ. िकसी यवसाय म साझीदार बन सकता ह?
नह । एच.यू.एफ. कभी िकसी फम का साझीदार नह बन सकता। दरअसल, एच.यू.एफ. भारतीय आयकर
अिधिनयम क प रिध म आनेवाला एक य या इकाई होता ह। इसक अलावा अ य मामल म इसका कोई
अ त व नह होता ह, इसिलए वह िकसी अ य एच.यू.एफ. या य क साथ इस तरह क कोई साझेदारी नह
कर सकता ह।
या एच.यू.एफ. अपने कता को वेतन का भुगतान कर सकता ह?
जी हाँ। यिद यह वेतन प रवार क कता को एक वैधािनक करारनामे क अंतगत िदया जाता ह। इस वेतन क
गणना यवसाय क िलए िकए जानेवाले खच क प म क जाएगी।
रयल ए टट म िनवेश पर एच.यू.एफ.
को कर भुगतान म िमलनेवाला लाभ
यिद आप यवसायी या वरोजगारी ह, तो आपको एच.यू.एफ. ज र बनाना चािहए। यिद आपने एच.यू.एफ.
बनाया ह, तो अपने एच.यू.एफ. क नाम से हमेशा रयल ए टट म िनवेश कर, य िक आयकर अिधिनयम क
धारा 80 सी और धारा 24 क अंतगत कर भुगतान म जो लाभ वयं क ारा उपयोग म लाई जानेवाली ॉपट
पर िकसी करदाता को िमलता ह, वही लाभ इसम भी करदाता को िमलता ह। यानी यिद आप एच.यू.एफ. क
नाम से होम लोन लेते ह, तो उस थित म आप 2 लाख पए याज क भुगतान म और 1.5 लाख पए मूलधन
क चुकौती म बचा सकते ह।
यिद कोई िहदू अनिडवाइडड फिमली एच.यू.एफ. अपनी ॉपट िकराए पर देती ह, तो इससे होनेवाली कल
वािषक आय क 30% क कटौती का लाभ भी उसे िमलता ह। तो िम ो! एच.यू.एफ. बनाइए और कर म छट
का असीिमत फायदा उठाइए।

होम लोन
अ पना वयं का घर बनाना हर भारतीय का सबसे बड़ा सपना होता ह। ऐसा घर तलाश करना, जो सब तरह
क सुिवधा से यु हो और आपक काय- थल तथा ब क कल क आस-पास हो और बाजार भी िनकट
हो, िकसी चुनौती से कम नह ह, लेिकन थोड़ी सी तैयारी क साथ काम िकया जाए, तो इसम मदद िमल सकती
ह। इसक िलए कई बक और फाइनस कपिनयाँ होम लोन दे रही ह। लेिकन अपने इस सपने को साकार करने क
िलए आपक पास अपना पैसा भी होना चािहए। तो या आप अपने जीवन का यह सबसे बड़ा फसला लेने क
िलए तैयार ह?
जब आप घर खरीदने का फसला करते ह, तो सबसे पहले बात आती ह बजट क । अपने मािसक आय और
यय तथा बीमा व अ य िनवेश पर िकए जानेवाले ीिमयम भुगतान का िहसाब लगाकर एक बजट खाका तैयार
कर ल। इससे आपको पता चल जाएगा िक मािसक िक त क िलए आप िकतनी रकम िनकाल सकते ह। िक त
क अलावा आपको अ य खच को भी यान म रखना होगा, जैसे—हाउिसंग सोसाइटी चाज और मटनस शु क
वगैरह। होम लोन क रकम तय करने क िलए यह ज री ह, य िक इसम िक त भरने क अविध लंबी होती ह।
लेिकन इसम घबराने क कोई बात नह , य िक कछ समय बाद ही आपक आय म भी बढ़ोतरी हो जाएगी और
आपको िक त का बोझ कम लगने लगेगा।
एक और बात यह िक यिद आप िकराए क मकान म रहते ह, तो अपने वयं क मकान म रहने पर आपक
िकराए क रािश भी बचने लगेगी, जो िक त क भुगतान म आपक िलए सहायक होगी। इसक अलावा, अगर
आप िनयो ा ारा उपल ध कराए गए मकान म रहते ह, तो उसे छोड़कर अपने मकान म रहने पर आपको
मकान भ ा िमलेगा, जो आपक िक त भुगतान म सहायक होगा।
इस कार आप समझ गए िक होम लोन क िलए आवदेन करने से पहले आपको अपने आय- यय को यान
म रखना ह और साथ ही यह भी िवचार कर ल िक अपने रहन-सहन क तर क साथ समझौता िकए िबना आप
िकतनी िक त िनकाल सकते ह? इसम आप अपनी भावी आय को भी शािमल कर सकते ह। लेिकन यान रह
िक आप िजतनी यादा महगी ॉपट खरीदगे, उतनी ही यादा रकम आपको होम लोन म भरनी पड़गी। अगर
आप िनमाणाधीन लैट खरीद रह ह, तो इससे आपका आिथक बोझ थोड़ा सा बढ़ जाता ह; य िक क जा
िमलने तक एक ओर आपको मकान का िकराया देना पड़ रहा ह और दूसरी ओर आपको िक त भी भरनी पड़
रही ह। सब िहसाब-िकताब लगाकर यह देख ल िक अपने आव यक काय और वतमान रहन-सहन क तर क
साथ समझौता िकए िबना आप िकतनी िक त िनकाल सकते ह; यिद आपको लगे िक आप इन सबम संतुलन
बनाकर नह चल पाएँगे, तो या तो कम बजटवाले लैट क बार म सोच या िफर लैट/घर खरीदने क योजना
को कछ समय क िलए टाल द।
बजट (बक से िमल सकनेवाली अिधकतम लोन रािश + आपका अपना िह सा)
कोई ॉपट खरीदने क िलए जब आप होम लोन लेते ह, तो बक या फाइनस कपिनयाँ ायः ॉपट क क मत
का 75% से 90% तक लोन उपल ध कराती ह, शेष 10% से 25% तक रािश आपको वयं लगानी होती ह।
रजव बक ऑफ इिडया ने सभी बक और िव ीय सं था क िलए यह अिनवाय कर िदया ह िक वे होम
लोन म ापट क कल क मत क 80% से यादा रािश वीकत न कर। इस कार, यिद आप 40 लाख पए
क क मत का कोई मकान खरीदते ह, तो इसका 20%, यानी 8 लाख पए आपको वयं लगाने पड़गे, और
30 लाख पए तक क होम लोन म बक या फाइनस कपनी 90% तक क रािश फाइनस कर सकती ह।
ॉिवजनल स शन लेटर क िलए आवेदन कर
सबसे पहले आपको यह िन त करना ह िक आपको बक से अिधकतम िकतनी रािश होम लोन क प म
िमल सकती ह। इसक िलए आपको एक ॉिवजनल स शन लेटर रखना चािहए। कछ बड़ शहर म िब डर
आपसे ॉिवजनल स शन लेटर क माँग करता ह। लोन क िलए आवेदन करते समय य क मनोदशा का
अंदाजा लगाया जा सकता ह, य िक बक ही यह तय करता ह िक आप अपने सपन का घर खरीद पाएँगे या
नह , या िफर आपक ब े उ िश ा क िलए जा पाएँगे या नह । सं ेप म, बेहतर जीवन तर का सपना िकस
हद तक पूरा होता ह, यह बात बक या ऋण दाता सं था ही तय करती ह।
आपक होम लोन आवेदन पर लोन वीकत करते समय बक दो बात को यान म रखते ह—
1. आपक आय/लोन चुकाने का साम य।
2. आपका िसिबल कोर (यानी आपका लोन क रकॉड)।
1. आपक आय/लोन चुकाने का साम य —लोन क रािश तय करने क िलए आपक िनयिमत आय और
अ य ोत से होनेवाली आय को आधार-िबंदु बनाया जाता ह।
बक या फाइनस कपिनयाँ िन निलिखत बात को यान म रखती ह—
(i) आप िकस से टर म काम करते ह (फामसी, सूचना ौ ोिगक , सरकारी से टर, ाइवेट से टर, ब रा ीय
कपनी)?
(ii) कपनी म आपका पद या ह? जॉब ोफाइल, वेतन, काय-अनुभव, उ और पा रवा रक िज मेदा रयाँ
या- या ह?
(iii) अगर आप डॉ टर, वक ल, सीए, सीएफए या आिकट ट ह, तो बक आपक आिथक थित, वािषक
रटन और काय-अनुभव देखता ह।
(iv) अगर आप यवसायी ह, तो बक देखता ह िक उस यवसाय म आपका िकतना अनुभव ह, यवसाय क
थित कसी ह और आपक कपनी क बैलस शीट, लाभ-हािन क योर क या थित ह?
सभी मामल म बक यह ज र देखता ह िक लोन लेने क बाद आप अपने रहन-सहन क वतमान तर क
बनाए रख पाएँगे या नह ।
यवसायी और वेतनभोगी वग क िलए िनधा रत मानदंड
आप घर तभी खरीद पाएँगे, जब बक आपका लोन वीकत करगा। और बक आपको तभी लोन देगा, जब
आपक बचत और देनदारी का अनुपात 40:60 तक हो। मान लीिजए आपक कल मािसक आय 60000 . ह
और शु मािसक आय 50000 पए ह (आयकर/जीपीएफ/एनपीएस आिद काटकर), तो 40:60 क मानदंड
क अनुसार आपक मािसक बचत 24000 . और मािसक िक त आिद का खच 36000 . होना चािहए, यानी
आपक पास मािसक िक त क िलए 26000 . [वेतन का 60% (36000 .)- कटौती (10000 .)।] इसका
साफ-साफ मतलब आ िक आप 26000 . मािसक िक त तक का लोन ले सकते ह। अगर आपका कार लोन
पहले से चल रहा ह, िजसक मािसक िक त 8000 . ह, तो बक आपक मािसक िक त चुकाने क साम य
18000 . ही मानेगा। इसिलए िम ो, अगर आप होम लोन ले रह ह, तो पहले कार लोन चुका ल, उसक बाद
होम लोन ल। इस कार होम लोन लेने से पहले पुराने सार लोन चुकाकर एक अ छा िडट रकॉड तैयार
करक रख। िकसी यवसायी क लोन रािश का िनधारण उसक िपछले तीन वष क आयकर रटन क आधार पर
िकया जाता ह। ायः लोन देनेवाला हर बक या फाइनस कपनी अपनी वेबसाइट पर लोन कलकलेटर रखती ह।
वहाँ से आप भी अपनी लोन रािश क गणना कर सकते ह। बक होम लोन क रािश िनधा रत करने क िलए अ य
शत को भी आधार बनाते ह, जैसे—आवेदक का क रकॉड, यवसाय म उसका क रकॉड, खाते म औसत
बैलस आिद।
यादा लोन रािश कसे पाएँ?
1. यादा वेतन और यादा आयकर रटन, ये दो बात यादा लोन रािश िदलाने क िलए मह वपूण ह।
इसिलए अगर िनकट भिव य म पदो ित या नौकरी बदलने से आपका वेतन बढ़नेवाला ह, तो इस बढ़ोतरी क
बाद ही लोन क िलए आवेदन कर।
2. अगर आप यवसायी ह और आपका आगामी आयकर रटन बढ़कर फाइल होनेवाला ह, तो इस बढ़ोतरी
क बाद ही लोन क िलए आवेदन कर।
3. लोन क िलए आवेदन हमेशा एक सह-आवेदक क साथ कर, जो आपक प नी, माता या िपता, बेटा या
अिववािहत बेटी म से कोई हो सकता ह।
4. अपने बक खाते म औसत बलस का तर हमेशा कायम रख।
5. अपने खाते म हमेशा इतनी जमारािश छोड़कर रख िक कोई चेक बाउस न हो।
6. अगर आपक लोन रािश आपक ज रत से कम ह, तो बक अिधकारी को यह बताएँ िक नए घर/ लैट म
िश ट होने क बाद आपको मकान भ ा (बेिसक सैलरी क 20% रािश) िमलने लगेगा, िजससे आपक मािसक
आय बढ़ जाएगी।
2. आपका िसिबल कोर (लोन चुकाने का आपका संक प और लोन क रकॉड) —बक ायः ऐसी
िसिबल रपोट पर िवचार करते ह, िजनका कोर 600 से 900 तक होता ह। लोन क अहता क िलए 800 +
िसिबल कोर अ छा माना जाता ह। िसिबल रपोट म लोन चुकाने का आपका पुराना क रकॉड और आपक
नाम चल रह कल लोन क जानकारी होती ह। इस रपोट म यह भी दिशत होता ह िक गत अविध म लोन क
िलए आपक ओर से िकतनी बार पूछताछ क गई ह। आपक सार लोन समय से चुकता हो रह ह या नह ।
आपका कोई पुराना लोन राइट ऑफ या सेट ड तो नह ह। आप पर मौजूदा बकाया या अ य िज मेदा रयाँ या-
या ह। आप िसिबल वेबसाइट पर भी िसिबल कोर क िलए आवेदन कर सकते ह। बकस क िलये यह आपक
लोन चुकाने का साम य व इ छा-श का पता लगाने क िलए यह एक सबसे अ छा तरीका ह।
या कर िक आपका िसिबल कोर ऊचा हो?
1. मािसक िक त हमेशा समय पर भर।
2. जब तक ज री न हो, कोई पूछताछ न कर। िसिबल चैक न कर।
ि ी ि ि ॉ ोि ी ी ो ि
3. अगर आप िकसी कारणवश िडट काड िडफॉ टर ह, तो िजतनी ज दी हो सक, िडट काड का मामला
सुलझा ल। इससे आपका िसिबल कोर बढ़ जाएगा और बक आपक आवेदन पर िवचार करगा।
4. यिद पहले िलये गए िकसी लोन का बकाया (ओवर यू) का आ ह, तो उसका त काल भुगतान कर।
5. पहले मोटरबाइक, ि ज, टी.वी. आिद खरीदने क िलए कछ छोट लोन ल; उसक बाद होम लोन क िलए
आवेदन कर।
6. जब तक ब त ज री न हो, िकसी अ य य क गारटी वयं न ल, य िक यिद वह य लोन नह
चुकाता ह, तो उसका असर आपक िसिबल कोर पर पड़गा।
7. कछ लोन ऐसे होते ह, िजनम याज दर थर नह रहती ह। ऐसे म कभी-कभी याज बढ़ने से आपक
मािसक िक त भी बढ़ जाती ह, जबिक आप पुरानी मािसक िक त का भुगतान कर रह होते ह। उस थित म भी
िसिबल रपोट पर बकाया दिशत करती ह। अतः बक क संपक म रह।
िडट इ फॉमशन रपोट (साख सूचना रपोट)
आपक लोन अहता पर वैसे तो कई कारक का भाव पड़ता ह, लेिकन सबसे मह वपूण होता ह आपका
िडट कोर और िडट इ फॉमशन रपोट। आजकल ायः सभी बक और एन.बी.एफ.सी. क प च आपक
िडट कोर तक होती ह, िजसक आधार पर वे आपक लोन आवेदन का मू यांकन करते ह; य िक िडट
कोर लोन आवेदन ि या का एक मह वपूण िह सा होता ह, इसिलए ज री हो जाता ह िक आप अपनी
िडट इ फॉमशन रपोट को पूरी तरह समझ—
1. य गत िववरण,
2. संपक िववरण,
3. खाता िववरण,
4. पूछताछ िववरण।
1. य गत िववरण : इसम आपक य गत िववरण से जुड़ी जानकारी होती ह—नाम, ज मितिथ, िलंग,
पहचान नंबर, ाइिवंग लाइसस आिद।
2. संपक िववरण : य गत िववरण क ठीक नीचे संपक िववरण का से शन होता ह। इसम आपका वतमान
और थायी पता और टलीफोन नंबर होता ह।
3. रोजगार िववरण : इस से शन म आपक मािसक और वािषक आय का िववरण होता ह। इसम िदखाई गई
आय आवेदन क समय आपक ारा अिजत क जानेवाली आय को दिशत करती ह।
अ छा होम लोन कसे/कहाँ से ल?
न : कहाँ आवेदन कर?
उ र : जहाँ याज दर कम हो या अ य लगाए जानेवाले चाज अपे ाकत कम ह और बक से सौदा करक आप
संतोष का अनुभव कर।
इसक िलए सबसे पहले सभी बक क याज दर क तुलना कर। ायः होम लोन देनेवाले सभी बक क
याज दर एक समान होती ह। उसक बाद िविभ बक ारा लोन ि या पर लगाए जानेवाले अ य चाज क
भी तुलना कर। िफर उस बक म जाएँ, जहाँ आपक सैलरी जमा होती ह।
बक या हाउिसंग फाइनस कपिनय से लोन ले चुक पुराने लोग से जानकारी ा कर। अगर िकसी बक क
मैनेजर से आपक कोई जान-पहचान ह, तो पहले उसी क पास जाएँ। अगर आप यवसायी ह, तो उस बक को
ाथिमकता द, जहाँ आप अपना यावसाियक लेन-देन करते ह, जैसे साविध लोन या कश िडट िलिमट आिद।
यह पता कर िक या ोजे ट आपक बक ारा ए ू ड ह? अ थर याजदरवाला लोन ल, य िक इसम पूव
भुगतान ( ीपेमट) क िलए कोई चाज नह लगता ह। जब आप िकसी ुप हाउिसंग ोजे ट म लैट बुक करा रह
ह , तो से स ए जी यूिटव से बात करक जानकारी ा कर िक या उनका बक से कोई टाइ-अप ह? िकन-
िकन बक ने उनका ोजे ट ए ूव िकया ह।
अपने िह से क धनरािश का बंध कसे कर?
अब म आपको बताने जा रहा िक अपने सपने का घर खरीदने क िलए आप मािजन मनी (यानी लोन रािश
और ॉपट क वा तिवक क मत क बीच का अंतर) का बंध कसे कर? िकसी कपनी/सं था म नौकरी ॉइन
करने पर 4-5 साल क अविध तक िनयिमत प से कछ-न-कछ जोड़ना शु कर द, चाह आप िववािहत और
प रवारशुदा ह या चाह अिववािहत ह । दरअसल यह अविध ऐसी होती ह, िजसम य क खच काफ कम
होते ह और कछ िनवेश क िलए पैसे बचा लेता ह। मेरा मानना ह िक 28 से 30 वष क उ तक प चते-प चते
आपको अपना घर खरीद लेना चािहए।
अगर आपने अभी तक ऐसा नह िकया ह और मकान खरीदने क योजना बना रह ह, तो उसक िलए मािजन
मनी जुटाने क कछ तरीक यहाँ िदए जा रह ह—
1. वेतनभोगी कमचारी अपने ॉिवडट फड, यानी भिव य िनिध पर अपने िनयोजक से लोन ले सकता ह। आप
अपना पीएफ िनकाल भी सकते ह। कछ संगठन अपने कमचा रय को कम याज दर पर लोन उपल ध कराते
ह।
2. अगर आपक पास सोने क जेवर ह, तो उस पर भी आपको लोन िमल जाएगा या अगर वे जेवर पहननेवाले
नह ह, तो उ ह बेचा भी जा सकता ह।
3. अगर आपक पास कोई भूखंड ऐसा पड़ा ह, िजसक क मत आपक अपे ा क अनु प नह बढ़ रही ह,
या आप उस पर घर नह बनाना चाहते ह, तो उसे आप बेच सकते ह।
4. अगर गाँव म आपक कोई जमीन ह और आप गाँव ब त कम जा पाते ह, य िक आपका पूरा प रवार
शहर म आकर बस गया ह, तो आप उस जमीन को बेच सकते ह।
5. अपने िविभ िव ीय ोड ट (जैसे— यूचुअल फड, शेयर, एफ.डी. आिद) को तरल बनाएँ।
6. आप िकसी अ य बक िव ीय सं था से पसनल लोन ले सकते ह, लेिकन यान रह िक इसक कारण
आपक आिथक थित पर अित र बोझ नह पड़ना चािहए। इसम एक बात का यान रख िक आपको होम
लोन और पसनल लोन दोन क िलए एक साथ आवेदन करना ह अ यथा आपक अहता भािवत हो सकती ह।
पसनल या िडट काड पर िलए जानेवाले लोन म याज क दर इतनी ऊची होती ह िक य कज म ही
उलझकर रह जाता ह, इसिलए इसक च र म न पड़ना ही बेहतर होता ह।
7. अगर आपका पहले से कोई होम लोन चल रहा ह और उसम आप दो साल तक िक त भर चुक ह, तो
नए हाउिसंग लोन क िलए मािजन मनी जुटाने क िलए आप वहाँ से टॉप-अप लोन ले सकते ह।
8. अगर आपका पी.पी.एफ. खाता तीन साल से यादा पुराना ह, तो आप उस पर लोन ले सकते ह।
9. बीमा पॉिलसी पर भी लोन िलया जा सकता ह।
10. आप अपने इ -िम या र तेदार से भी उधार ले सकते ह।
11. अगर आप ब क पढ़ाई और शादी वगैरह क िज मेदा रय से िनपट चुक ह और आप पर कोई
आिथक बोझ नह ह, अपना मकान हो गया ह और यवसाय/नौकरी क थित ठीक-ठाक चल रही ह, तो उस
थित म यिद आपका बेटा या दामाद अपना घर लेने जा रहा ह तो आप उसक मदद कर सकते ह; य िक
आजकल घर खरीदना ब त महगा हो गया ह और युवा म ायः बचत करने क आदत नह होती और जब
उसक शादी होती ह, उस समय उसक पास काफ खच हो जाते ह।
12. लेिकन अगर आप वयं युवा ह, तो अपने िपता या सास-ससुर से ऐसी उ मीद न कर। हाँ, अगर वे वयं
मदद कर रह ह, तो उसे िबना िहचक वीकार कर और बाद म जब आप अपने पास पैसा जुटा ल, तो उ ह
उनक पैसे लौटा द।
यान रह िक घर खरीदने का यह मतलब िब कल नह होना चािहए िक आप अपने जीवन क अ य ल य —
जैसे ब क पढ़ाई आिद क साथ समझौता कर ल।
अंत म, इस अ याय म एक और मह वपूण बात का उ ेख करना चाहता िक जब आप घर खरीदने जाते
ह, तो आपको एक आम सम या का सामना करना पड़ सकता ह।
मान लीिजए, आप 50 लाख पए म िकसी मकान का सौदा तय कर लेते ह। उस समय िव ता आपसे
कहता ह िक म 20 लाख पए नकद लूँगा और रिज टरी िसफ 30 लाख पए क िदखाऊगा। अब, इसका
मतलब आ िक बक आपक मकान क क मत 30 लाख पए मानकर आपक िलए 24 लाख का होम लोन
वीकत करगा। िव ता ारा रिज टरी म कम रकम िदखाने का उ े य पूँजीगत लाभ-कर बचाना होता ह।
अब यह 20 लाख पए क रािश क कारण नई पीढ़ी क िलए सम या खड़ी हो जाती ह, य िक यादा होम
लोन क िलए पा ता होते ए भी उसे कम लोन िमल पाता ह।
होम लोन लेते समय अदायगी क अविध िजतनी लंबी िमल सक, उतना अ छा ह, य िक भिव य म हो
सकता ह िक आपक खच और बढ़ जाएँ या आपको और लोन लेने क ज रत पड़ जाए। आप अपने साम य
और पसंद क अनुसार मािसक िक त तय कर सकते ह। अगर आप मकान बनाने क िलए होम लोन ले रह ह,
तो अिधक-से-अिधक रािश ल, य िक मकान क िनमाण क दौरान आपका बजट बढ़ सकता ह।

संयु होम लोन
भा रत म यादातर लोग घर खरीदने क िलए होम लोन लेना पसंद करते ह। रयल ए टट म इतनी तेजी का
मु य कारण यही ह िक लोग क जीवन तर म तेजी से बढ़ोतरी हो रही ह। म यमवग य प रवार क िलए घर
बनाने/खरीदने क अपने सपने को साकार करने म होम लोन एक मह वपूण भूिमका िनभा रहा ह। साथ ही
आयकर बचाने म भी होम लोन क अ छी भूिमका होती ह।
संयु होम लोन या ह?
संयु होम लोन दो या दो से अिधक य य को संयु प से िदया जाता ह। यानी एक ही ॉपट पर दो
या दो से अिधक य य क नाम संयु प से िलया जानेवाला होम लोन संयु होम लोन होता ह। इस तरह
क होम लोन म ॉपट ायः संयु प से दो या दो से अिधक लोग क वािम व म होती ह।
कभी-कभी ॉपट का अकला वामी भी लोन क रािश बढ़ाने क िलए उसम एक सह-आवेदक को शािमल
कर लेता ह।
होम लोन सह-आवेदक कौन हो सकता ह?
इस कार क लोन म पित/प नी, बेटा-बेटी (अिववािहत), िपता, माता िकसी को भी सह-आवेदक बनाया जा
सकता ह। अगर ॉपट दो सगे भाइय ारा संयु प से खरीदी जा रही ह, तो बक संयु होम लोन दे
सकता ह, य िक दोन ही ॉपट क संयु वामी ह।
कभी-कभी िम , बहन या अिववािहत जोड़ा भी िकसी ॉपट क सह- वामी हो सकते ह, लेिकन सामा यतया
वे होम लोन म सह-आवेदक या सह-लेनदार नह हो सकते ह। कछ बक और िव ीय सं थाएँ ऐसे लोन को
ब त अ छा होने पर ही वीकत करते ह।
बक सामा यतया दो िम या दो र तेदार को संयु लोन नह देना चाहते, य िक ऐसे मामल म भिव य म
दोन क बीच िववाद क संभावना बनी रहती ह।
संयु होम लोन म या सह-आवेदक का ॉपट का सह- वामी होना ज री ह?
नह , ऐसा अिनवाय नह ह।
यिद मामला िपता-पु , माता-पु या पित-प नी का ह, तो ऐसा अिनवाय नह ह।
लेिकन कछ िन त मामल म सह- वािम व अिनवाय होता ह। अगर िपता और पु ी िमलकर ॉपट खरीद
रह ह, तो संयु होम लोन क िलए दोन का सह- वािम व अिनवाय ह। इसी तरह जब दो भाई, दो िम या कछ
र तेदार िमलकर होम लोन ले रह ह , तो भी उनका ॉपट म सह- वािम व होना ज री होता ह। यादातर बक
और िव ीय सं था म सह-आवेदक क सं या अिधकतम 6 तक हो सकती ह। यहाँ एक बात यान म रखनी
चािहए िक बक लोन क अदायगी क िलए देनदार को अिधकतम 70 वष क आयु तक का समय दे सकता ह।
संयु लोन क मामले म सबसे यादा उ क सह-आवेदक को आधार बनाया जाता ह। इस कार यिद लोन क
समय िपता क उ 55 वष ह और पु क उ 30 वष ह, तो लोन क अदायगी क िलए 15 वष का समय ही
िदया जाएगा।
या सभी सह-ऋिणय को आयकर म बचत का फायदा िमल सकता ह?
जी हाँ, संयु लोन क मामले म सभी सह-ऋणी को आयकर म बचत का फायदा िमल सकता ह, लेिकन
इसक िलए सह-ऋणी का ॉपट का सह- वामी होना ज री ह और लोन क अदायगी येक सह-ऋणी ारा
क जानी चािहए।
अगर सभी सह-ऋणी ॉपट क सह- वामी ह, तो आयकर अिधिनयम क धारा 80 सी और धारा 24 क
अंतगत आयकर म बचत का फायदा येक सह-ऋणी ारा क जानेवाली अदायगी क आधार पर िमलेगा।
संयु होम लोन क फायदे या ह?
1.इस कार, सभी सह-ऋणी आयकर अिधिनयम क धारा 80 सी ( ॉपट अपने वयं क उपयोग म होने क
थित म ित सह-ऋणी 1 लाख 50 हजार पए तक क मूलधन अदायगी) और धारा 24 ( ॉपट अपने वयं
क उपयोग म होने क थित म ित सह-ऋणी 2 लाख पए तक क याज अदायगी) का पूरा-पूरा फायदा
उठा सकते ह।
2.यिद आपको यादा ऋण रािश क ज रत ह, तो अपने लोन म एक सह-आवेदक को शािमल कर ल,
इससे बक आपक लोन क रािश बढ़ा सकगा।
कस टडी : ी रामजीत राज थान सरकार म एक अिधकारी ह। कछ साल पहले उ ह ने जयपुर िवकास
ािधकरण से अपनी प नी ीमती दीपाली क नाम एक खुला भूखंड खरीदा था। ीमती दीपाली क आय का
ोत ाइवेट अ यापन और कोिचंग ह। उस भूखंड पर उ ह ने एक दो-मंिजला मकान बनाने का फसला िकया
और होम लोन क िलए दोन एक रा ीयकत बक म गए। उ ह 20 लाख पए क होम लोन क ज रत थी,
लेिकन दीपाली क आय कम होने क कारण उ ह वांिछत रािश का होम लोन नह िमल सकता था। बक क
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अिधकारी ने उ ह सलाह दी िक दीपाली क आय म रामजीत क आय को भी जोड़ िदया जाए, तो उ ह वांिछत
रािश का होम लोन िमल सकता ह। इस कार दोन क नाम से लोन वीकत हो गया। इसे ही ‘संयु होम लोन’
कहा जाता ह। डढ़ साल क अंदर ही उनका सपन का घर बनकर तैयार हो गया।
िम ो, भूखंड खरीदते समय ी रामजीत ने एक गलती कर दी थी। कौन सी गलती? उ ह ने अकले अपनी
प नी क नाम भूखंड खरीदा था। रामजीत क तरह भारत म और भी ब त से लोग ऐसी गलती करते ह।
य?
1. लोग को आयकर कानून क भली-भाँित जानकारी नह ह।
2. कई रा य म ऐसा ावधान ह िक मिहला क नाम ॉपट खरीदने पर टांप यूटी कम लगती ह, इसिलए
टांप यूटी कम करने क िलए लोग मिहला सद य क नाम ॉपट खरीदते ह, जो यादातर भारतीय प रवार म
ायः गृिहणी होती ह।
3. कभी-कभी ब त से कमचारी या यवसायी अपनी ॉपट िदखाना नह चाहते, य िक उ ह ने ॉपट म
काला धन लगाया होता ह।
अब, दीपाली और रामजीत दोन अपने संयु खाते से लोन क मािसक िक त भर रह थे। उसी दौरान
आयकर रटन फाइल करते समय रामजीत जब अपनी कर यो य आय क गणना कर रह थे, तो उ ह ने होम
लोन म सह-आवेदक क प म जो याज क अदायगी क थी, उसे काटने क बात सोची। इसक िलए, उ ह ने
बक से याज माण-प भी ले िलया। िम ो, बक तो दोन सह-आवेदक को उनक वािम व का िवचार िकए
िबना याज माण-प जारी कर सकता ह, लेिकन उस पर आयकर कानून से संबंिधत िबंदु का उ ेख कर
देगा। यहाँ यान देने क बात यह ह िक आयकर अिधिनयम 1961 क ावधान क अंतगत 1 अ ैल, 1999 क
बाद से फ आ युपाइड आवासीय ॉपट पर लोन लेनेवाला य अिधकतम 2 लाख पए ित य क
सीमा तक याज क कटौती का हकदार होगा। इस ावधान क बार म रामजीत और दीपाली को भली-भाँित
जानकारी थी। इसिलए दोन ने आयकर अिधिनयम क धारा 80 सी क अंतगत अपने होम लोन पर चुकाए गए
याज और मूलधन क रािश क कटौती क िलए दावा करने का फसला िकया।
रामजीत और दीपाली क तरह ब त से युवा दंपितय क यही कहानी होती ह। वे अपना घर बनाने क िलए
संयु होम लोन लेते ह, उस पर संयु प से याज व मूलधन क अदायगी करते ह और होम लोन से
आयकर म होनेवाली बचत का भी संयु प से फायदा उठाते ह।
लेिकन दुभा य क बात यह िक रामजीत को लोन पर चुकाए गए याज और मूलधन क अदायगी का
आयकर बचाने म कोई फायदा नह िमल रहा था।
य?
जवाब ब त आसान ह। िजस भूखंड पर मकान बनाया गया था, उसका वािम व अकले दीपाली क नाम ह।
उनक पित रामजीत का उस पर कोई मािलकाना हक नह था। अब, चूँिक भूखंड पर उनका कोई वािम व नह
था, इसिलए िजस अचल संपि पर लोन िलया गया था, उस पर उनका कोई कानूनी हक नह बनता ह। इस
कारण उनक ओर से अदा िकए गए याज और मूलधन म कर क छट का उ ह कोई लाभ नह िमलेगा। बात
यह ख म नह होती। दीपाली को भी िसफ उतने ही याज और मूलधन क अदायगी म कर क छट का लाभ
िमल रहा ह, जो उ ह ने वयं क ह। पित क ारा क गई अदायगी म कर छट का लाभ उ ह भी नह िमल
सकता ह। अब एक बात तो प हो जाती ह िक हम होम लोन म प रवार क उस सद य को सह-आवेदक नह
बनाना चािहए, िजसका संबंिधत ॉपट पर कानूनी हक न हो। इसिलए िम ो, ॉपट हमेशा प रवार क सद य क
साथ संयु वािम व म खरीद, तािक एक ओर होम लोन क अिधकतम रािश ा क जा सक और दूसरी
ओर आयकर म बचत का भी अलग-अलग फायदा िमल सक।
एक बार िफर रामजीत क कहानी पर आते ह। अब, रामजीत क पास अपनी गलती को ठीक करने क िलए
एक रा ता यही ह िक वह दीपाली क वािम ववाली उस ॉपट का आधा िह सा खरीद ल। इसक िलए उ ह
एक सेल डीड तैयार कराना पड़गा, तभी वह कानूनी तौर पर ॉपट क सह- वामी बन पाएँगे, और उ ह
आयकर म कटौती का फायदा िमल पाएगा। लेिकन िम ो! यह कोई अ छा आइिडया नह ह, य िक एक तो
इसम अलग से टांप यूटी चुकानी पड़गी और दूसर, जब तक ॉपट बक क पास िगरवी ह, तब तक उसे
कानूनी तौर पर बेचा नह जा सकता। वयं गलती करक सीखने क बजाय हमेशा दूसर क गलती से सीखने क
कोिशश कर। आप जानते ह िक रयल ए टट एक दीघकािलक िनवेश ह, इसिलए सावधानीपूवक इसम िनवेश
कर; इसक िलए पहले कर कानून क अ छी जानकारी रखनेवाले िकसी वक ल, फाइनिशयल लानर, बकर या
ऐसे दो त या र तेदार से मागदशन ले ल, िजसक पास रयल ए टट म िनवेश का अ छा अनुभव हो।

होम सेवर लोन
ब यालीस वष य नवीन ने एक लैट बुक कराया ह और अब वह एक होम लोन लेना चाहते ह। उनक कछ
िम ने उ ह होम सेवर लोन क बार म बताया ह। अब नवीन ऊहापोह क थित म ह िक होम सेवर लोन ल या
नह ? वे समझ नह पा रह ह िक समय पूव अदायगी करक याज बचाएँ या पैसा भिव य क ज रत क िलए
बचाकर रख? कम-से-कम मूल धन क कछ िह से क अदायगी क बात उ ह यादा ठीक लग रही ह। लेिकन
साथ ही, उ ह यह भी िचंता ह िक यिद पैसा लगा देने क बाद िनकट भिव य म उ ह अचानक कोई ज रत पड़
जाती ह, तो या करगे?
ऐसे लोग क िलए, जो अपना पैसा सँभालकर भी रखना चाहते ह और उसका फायदा भी उठाना चाहते ह।
बक क पास एक ोड ट होता ह, िजसे ‘होम सेवर लोन’ कहा जाता ह। हाउिसंग लोन म ावधान होता ह िक
एक बार ऋणी को लोन क पूरी रािश िमल जाने क बाद ऋण खाते म से आगे कोई आहरण नह िकया जा
सकता ह। अगर आपने िनधा रत रािश से यादा रकम भी अपने ऋण खाते म जमा कर दी हो, तो भी आप खाते
म से बाद म कोई आहरण या िनकासी नह कर सकते ह। मान लीिजए, आपने 25 लाख पए का लोन िलया ह,
िजसक मािसक िक त 24 हजार पए ह और शेष बकाया रािश 24 लाख पए ह। अब अगर आप लोन खाते
म 5 लाख पए और जमा कर देते ह, तो आपक बकाया रािश 19 लाख पए हो जाती ह। लेिकन िम ो,
बेिसक होम लोन म आप अित र जमा क गई रािश को ज रत पड़ने पर िनकाल नह सकते ह। यानी यिद
मािसक िक त भरने क दौरान कभी आपक पास अित र धनरािश आ जाती ह और आप उसे अपने ऋण खाते
म जमा करा देते ह, तो भिव य म कभी ज रत पड़ने पर आप उस रािश को वापस नह िनकाल पाएँगे। इसिलए,
ऐसा करने का कोई फायदा नह होता।
इस सम या को दूर करने क िलए ‘होम सेवर लोन’ सबसे अ छा िवक प ह, जो अलग-अलग बक क पास
अलग-अलग नाम से उपल ध ह। यह एक नया और ाहक क िलए िहतकारी ोड ट ह, िजससे ाहक कोई
अित र खच िकए िबना अपने होम लोन पर याज म कमी का फायदा उठा सकता ह। इसम बकाएदार को
अपनी अित र धनरािश अलग से चलनेवाले एक चालू खाते म जमा करने क छट होती ह, जो उसक होम
लोन खाते से जुड़ा होता ह। याज क गणना करते समय बक चालू खाते म बची जमारािश को बकाया मूलधन
म से घटा देता ह। इसक िलए ायः खाते क औसत मािसक शेष रािश को आधार बनाया जाता ह। साथ ही,
ज रत पड़ने पर ाहक अपने चालू खाते म से धनरािश आसानी से िनकाल सकता ह। इसम एक कमी यही होती
ह िक कछ बक सामा य होम लोन क याज दर से 0.25-0.50 ितशत बढ़ाकर याज लगाते ह। लोन ओवर
ा ट क प म वीकत होता ह; इसक साथ ही ाहक को यह छट होती ह िक वह अपना होम लोन एकाउट
बचत खाते या चालू खाते क प म चला सकता ह। इसक िलए बक बकाएदार को चैक बुक और इटरनेट
बिकग क सुिवधा भी उपल ध कराता ह। खातेदार जब चाह अपनी अित र जमारािश होम लोन खाते से
िनकाल सकता ह।
वतमान म यह सुिवधा कछ अ णी बक ारा ही उपल ध कराई जा रही ह—जैसे, भारतीय टट बक
(मै सगेन), यूिनयन बक ऑफ इिडया ( माट सेव), आई.डी.बी.आई., िसटी बक, पंजाब नेशनल बक,
(पी.एन.बी. लै सबल हाउिसंग लोन), टडड चाटड बक और एच.एस.बी.सी.।
होम सेवर लोन सभी क िलए उपयु ह। फाइनिशयल लािनंग म ायः 6 महीने का अित र खच अपने
पास सुरि त रखने क बात क जाती ह, तािक भिव य म िकसी कार का आिथक संकट आने क थित म
आपका काम न क। तो आप इस तरह क सुरि त रािश को अपने लोन खाते से संब चालू खाते म जमा
करा सकते ह, िजससे आपको दोहरा फायदा िमलेगा। संकटकाल क िलए इस कार रखी जानेवाली सुरि त
रािश 3 लाख से 10 लाख पए तक हो सकती ह। इस कार क जमा रािश एक ओर आप पर बकाया ऋण
रािश को कम कर रही ह और दूसरी ओर आपात थित म आपको उसे िनकालकर उपयोग म लाने क भी छट
ह।
इसक या- या फायदे ह?
संब चालू खाते म जमा रािश एक ओर आपका बकाया मूलधन रािश को कम करक याज का बोझ कम
करने म सहायक होती ह और दूसरी ओर वह कराघात से भी सुरि त रहती ह। इसक अलावा य िप इस कार
क जमा रािश को आंिशक भुगतान माना जाता ह, लेिकन बक इसक िलए कोई पूव-भुगतान दंड नह लगाता ह।
आप अपने वेतन म से भी एक िन त रािश इस संब चालू खाते म जमा करा सकते ह। यिद आपने 40
लाख पए का होम लोन िलया ह और आप 10 लाख पए क अदायगी कर चुक ह। अब, दीवाली पर आप
एक कार खरीदना चाहते ह, िजसक िलए आप बक से लोन लेने जा रह ह। िम ो, ऐसे म कार लोन लेने से बच,
ि ी ो ी ो े ो े ि ि ो
य िक उसक याज दर काफ ऊची होती ह। उसक बजाए होम सेवर लोन खाते म जमा अित र रािश को
उपयोग म लाएँ। इससे आपको ब क पढ़ाई या शादी जैसी ज रत म भी काफ मदद िमल सकती ह।
इसक सीमाएँ या ह?
जैसा पहले बताया जा चुका ह, होम सेवर लोन सामा य होम लोन क अपे ा अिधक महगा पड़ता ह। दूसरी
बात, संब चालू खाते म जमा रािश पर कोई याज नह िमलता ह। यही रकम यिद आप इ टी या युचुअल
फड म िनवेश कर, तो आपको यादा फायदा िमलेगा। इस कार यह िवशेषकर उन लोग क िलए उपयु ह,
जो अपनी जमा रािश म तरलता चाहते ह।
अ य फाइनिशयल ोड ट क तरह इसम भी सावधानी बरतने क ज रत होती ह। य िक अलग-अलग बक
क याज दर भी अलग-अलग होती ह। इसिलए िविभ बक ारा लगाए जानेवाले िविभ चाज का अ छी
तरह िहसाब-िकताब लगाकर ही ऐसा सौदा िकया जा सकता ह। अगर आपने 25 लाख पए का होम लोन िलया
ह और िनयिमत मािसक िक त भर रह ह। अब मान लीिजए आपक पास 5 लाख पए क अित र रािश कह
से आ जाती ह और आप उसे अपने लोन खाते म जमा करा देते ह। अगर आपका सामा य होम लोन ह, तो आप
इस अित र जमा रािश को िनकाल नह पाएँगे। दूसरी ओर, यिद होम सेवर लोन ह, तो आपक मन म कई बार
कम ज री या अनाव यक चीज खरीदने क बात आएगी—जैसे दीवाली पर कार खरीदने क बात या कोई और
कम ज री चीज।

होम लोन का ह तांतरण
ए क िदन म अपने पुराने िम डॉ. सिचन गु ा क साथ बैठा था, जो सेखावटी हॉ पटल, जयपुर म एक
ऑथ पैिडक सजन ह। बातचीत क दौरान उ ह ने मुझे बताया िक उ ह ने 20 लाख पए का एक हाउिसंग लोन
ले रखा ह, िजसक याज दर 11.75% वािषक ह। उस समय बिकग इड ी म होम लोन क सामा य दर 10-
10.25 ितशत वािषक चल रही थी। एक और खास बात यह थी िक वही बक अपने नए ाहक को कम याज
दर पर लोन दे रहा था। मने उ ह सुझाव िदया िक िजतनी ज दी हो सक, अपना लोन िकसी अ य बकर को
ह तां रत कर द, िजसक याज दर कम हो। अब यह बात प हो गई ह िक कई बकाएदार अपना होम लोन
िसफ इसिलए दूसर बकर को ह तांत रत कर देते ह िक उ ह याज दर म बड़ा अंतर िदखाई देता ह। यानी वही
बक आपसे यादा याज दर वसूल कर रहा ह, वही जबिक अपने नए ाहक को नए या कम याज दर पर
लोन दे रहा ह।
इसक अलावा, आपक बकर और दूसर बकर क याज दर म भी अंतर हो सकता ह। यिद याज दर म
यादा अंतर ह, तो आप अपना बकर बदलकर भी याज पर काफ पैसा बचा सकते ह। कभी-कभी ऐसा भी
होता ह िक ाहक को मािसक िक त भरने म िद त हो रही होती ह, य िक मािसक िक त क रकम यादा
होती ह। ऐसे म वह चाहता ह िक मािसक िक त क रािश कम करक लोन क अविध बढ़ा दी जाए। अगर
उसका मौजूदा बकर ऐसा करने से इनकार करता ह, तो वह दूसर बकर क पास जा सकता ह। बकर क खराब
सेवा क थित म भी लोन का ह तांतरण िकया जा सकता ह, लेिकन जहाँ तक हो सक, इससे बचने क
कोिशश कर, य िक आपको तो बक से हर साल एक याज माण-प ही लेना होता ह।
लोन का ह तांतरण कराने क िलए सबसे पहले अपने बकर से िमलकर उसक सामने अपनी बात खुलकर
रख; वह आपक बात एकदम नह टाल सकता; य िक आजकल ित पधा क चलते कोई भी यवसायी अपने
पुराने ाहक को खोना नह चाहता ह। हो सकता ह िक वह कोई अित र शु क क िलये िबना आपक याज
दर म बदलाव कर दे या िफर इसक िलए वह आपसे 0.25 से 0.50 ितशत का शु क चाज करक आपक
पुरानी याज दर को बदलकर नई याज दर क अनुसार कर दे। बकर बदलने क अपे ा यह िवक प यादा
अ छा रहता ह। सामा यतया बक होम लोन पर याज क दर तब बढ़ाते ह, जब रजव बक अपनी रपो रट म
बढ़ोतरी करता ह और जब रजव बक अपनी रपो रट कम करता ह, तो वे होम लोन पर अपनी याज दर कम
करते ह। लेिकन कछ बक रजव बक ारा रपो रट घटाए जाने पर भी अपनी याज दर नह घटाते ह। ऐसे
बकर से अपना होम लोन ह तांत रत िकया जा सकता ह। सबसे पहले एक वष का लोन टटमट बक से ल एवं
एक िन त ितिथ (लगभग एक माह प ात तक) का फोर ोजर लेटर ा कर। पुराने बक से ा लोन
वीकित-प भी अपने साथ रख। पुराने बक से ॉपट क डॉ यूम स क िल ट ा कर य िक नया बक
आपसे िल ट ऑफ ॉपट डॉ यूम स क माँग करगा। ये सार कागजात नए बकर क पास जमा करा द; बकर
िविभ औपचा रकताएँ पूरी करगा—जैसे ॉपट का मू यांकन, आपक ऑिफस और घर क संपक-सू का
वेरीिफकशन और िसिबल। लोन वीकत होने क बाद वह आपक पुराने बकर क नाम एक िडमांड ा ट जारी
करगा, तािक वह आपका ऋण खाता बंद कर दे। ॉपट क मूल द तावेज पुराने बकर से छड़ाकर नए बकर क
पास जमा करा िदए जाएँगे। नया बकर रा य टांप अिधिनयम क ावधान क अनुसार आपसे टांप यूटी एवं
बक क िनयमानुसार ोसेिसंग शु क और संपि बीमा शु क लेगा।
िम ो, मािसक िक त क िनयिमत अदायगी सुन त करते ए एक अ छा क रकॉड कायम करक चल,
य िक लोन क ह तांतरण म इसक मुख भूिमका होती ह। अगर आपक क रकॉड म कछ िडफॉ ट भी ह,
तो मािसक िक त देर से भरने का सही-सही कारण अपने बकर को बता द। ऐसी थित म लोन वीकत करना
या न करना, नए बक क लोन मैनेजर क िववेक पर िनभर करता ह। सामा यतया नया बकर लोन मािजन क
बात नह करता, य िक पुराने बकर ारा पहले ही लोन मािजन ले िलया गया होता ह। अगर ॉपट िनमाणाधीन
ह, तो उसका नए बकर क ोजे ट सूची म सूचीब होना ज री ह।
सुिन त कर ल िक िजस बकर को आप अपने लोन का ह तांतरण कर रह ह, उसक याज दर पुराने बकर
क याजदर से कम-से-कम 25-50 बेिसक वॉइट कम होनी चािहए। अगर यह अंतर 0.10%-0.25% तक ही
ह, तो 25 लाख पए तक क रािश क लोन का ह तांतरण लाभदायक नह होगा, लेिकन अगर लोन 50 लाख
पए का ह, तो ह तांतरण कर सकते ह। मतलब, अगर पुराना बकर आपसे 10.25% याज ले रहा ह और नया
बक 10.50% याज का ऑफर देर रहा ह, तो 25 लाख पए क रािश से कम क लोन का ह तांतरण न कर।
िकसी अ य उ े य से ह तांतरण भले िकया जा सकता ह। अपने नए बकर से िविभ कानूनी ि या ,
ं ी ि ी औ ी ि
मू यांकन बीमा, अ य शु क आिद क बार म बातचीत कर और उनम कछ छट या कमी क िलए आ ह कर।
आजकल अ थर या चालू याज दर वाले लोन पर बक कोई पूव भुगतान दंड-शु क नह वसूल करते ह।

ऐसी ॉपट खरीद या नह , िजसका वािम व
द तावेज िव ता क पास से खो गया हो?
ए क िदन मेर िम डॉ. मोिहत मेर ऑिफस म आए; उनक हाथ म ॉपट द तावेज क एक चेन क
ितिलिपयाँ थ । बातचीत क दौरान उ ह ने बताया िक वह एक भूखंड खरीदकर उस पर घर बनाना चाहते ह।
चूँिक म उ ह अ छी तरह जानता, पहचानता और उनक आय क बार म भी जानता , इसिलए मेरी िति या
सकारा मक थी। लोन क औपचा रक ि या क दौरान मने उनसे ॉपटी क औपचा रक िव ता को बुलाने और
मूल द तावेज िदखाने क िलए कहा। इस पर वह िनराश से हो गए। पूछने पर उ ह ने बताया िक िव ता क पास
से ॉपट क मूल द तावेज खो गए ह, और अब उसक पास उन द तावेज क मािणत ितयाँ तथा मूल
द तावेज क खोने से संबंिधत यूजपेपर किटग और थाने म इस संबंध म दज एफ.आई.आर. क रसीद ही ह।
उ ह ने आगे बताया िक वह 10 लाख पए का एडवांस भुगतान भी कर चुक ह। एक बकर होने क साथ-साथ
म उनका दो त भी था, इसिलए मुझे झटका लगना वाभािवक था। मने अपने पैनल वक ल और अ य व र
अिधका रय से िवचार-िवमश करक उनका होम लोन अ वीकत कर िदया।
िम ो, ॉपट खरीदते समय सौदा प ा करने से पहले िव ता से मूल द तावेज देखने क िलए ज र माँगे
और यिद िव ता क पास से मूल द तावेज खो गया ह, तो ऐसी ॉपट को िब कल न खरीद।
य?
बक और हाउिसंग फाइनस कपिनयाँ ायः ऐसी ॉपट क िलए खरीददार को होम लोन नह देना चाहती ह,
िजसका मूल द तावेज खो गया हो; य िक ऐसा भी हो सकता ह िक ॉपट क वामी ने ॉपट क मूल द तावेज
िकसी बकर क पास रखकर ॉपट पर लोन ले रखा हो। ऐसी थित म यिद िव ता पैसा लेकर भाग जाता ह,
तो खरीददार एक ओर अपना पैसा गँवाता ह और दूसरी ओर उस पर लोन भी चढ़ जाता ह। िव ता कोई
धोखेबाज आदमी भी हो सकता ह, िजसने मकान बेच िदया हो और उसम िकराएदार क प म रहते ए वयं
को ॉपट का मािलक बता रहा हो, यानी आपक साथ िकसी भी तरह का धोखा हो सकता ह। ॉपट या उसक
द तावेज क जाँच-पड़ताल म थोड़ी सी भी लापरवाही महगी पड़ सकती ह, लेिकन कछ मामल म वािम व को
दरशानेवाले मूल द तावेज क न होने पर भी ॉपट खरीदी जा सकती ह—
• यिद िव ता आपका कोई िव ासपा िम या र तेदार हो।
• यिद मूल द तावेज म से कवल कछक कागज या प गायब ह , जो िक ॉपट का वािम व दरशाने क िलए
यादा मह वपूण न ह ।
लेिकन इस संबंध म अंितम िनणय लेने से पहले िकसी बक म जाकर लोन क िलए बात कर ल। अब लोन
देने या न देने का िनणय बक को करना ह, लेिकन ऐसी थितय म लोन देने का िनणय कस-ट-कस बेिसस पर
िलया जाता ह। अगर ता और िव ता दोन एक-दूसर को अ छी तरह जानते-पहचानते ह और दोन लंबे
समय से बकर से जुड़ रह ह , तो कस पर ायः सकारा मक िनणय िलया जाता ह। आवेदन-प का अवलोकन
करने क बाद बक अिधकारी संबंिधत ॉपट क जाँच-पड़ताल करगा। बक का पैनल वक ल पहले ॉपट क
सार द तावेज क जाँच करगा और साथ ही, एफ.आई.आर. रकॉड भी देखेगा। तब वह देखेगा िक सारी
ितिलिपयाँ सही ह या नह , उनम कोई जालसाजी तो नह क गई ह। उसक ॉपट क िव ता क बार म भी
जाँच-पड़ताल क जाएगी और उससे क.वाई.सी. ( ाहक को जान) क औपचा रकताएँ भी पूरी करने क िलए
कहा जाएगा।
अगर ॉपट का सौदा बड़ी रकम का ह, तो थानीय और रा ीय तर क दो अलग-अलग समाचार-प म
ॉपट का िववरण देते ए िव ापन कािशत करवा द िक आप इस ॉपट को खरीद रह ह, यिद िकसी य
या सं था को इस पर कोई आपि ह, तो वह 30 िदन क अंदर संपक कर। बक ता और िव ता दोन को यह
िनदश भी दे सकता ह िक ॉपट क मूल द तावेज वापस िमलने पर वे उसे बक को स प द। ये सारी
औचा रकताएँ पूरी करने और सबकछ संतोषजनक पाने पर बक ॉपट पर होम लोन दे सकता ह। इस पूरी
ि या म जो कछ खच आता ह, उसका भुगतान कजदार को करना होगा।
मकान-मािलक अपने ॉपट द तावेज को कसे सुरि त रख?
ि ो ॉ े े ो ँ े े ो ो ो
अगर आप मकान-मािलक ह तो ॉपट से जुड़ सार द तावेज को सँभालकर रख। सबसे पहले तो होम लोन
को ाथिमकता द, य िक उस थित म द तावेज सँभालकर रखने क िज मेदारी बक क हो जाएगी। यिद
आपने होम लोन नह िलया ह, तो आपक ॉपट द तावेज को सुरि त रखने क िलए आप बक म लॉकर क
िलए भी आवेदन कर सकते ह। हालाँिक ये सब सावधािनयाँ बरतने क बाद भी या ा क दौरान या िकसी अ य
तरह से ॉपट द तावेज क खोने क आशंका रहती ह, लेिकन द तावेज खोने का यह मतलब नह आ िक
आप ॉपट को बेच ही नह सकते। इसक िलए आपको कछ अित र द तावेज बनवाने पड़ सकते ह और
खच थोड़ा यादा हो सकता ह।
मूल द तावेज क दूसरी ितिलिप (ड लीकट कॉपी) कसे ा कर?
ॉपट का मूल द तावेज खो जाने क थित म सबसे पहले पुिलस थाने म उसक खोने या चोरी होने क एक
रपोट दज कराएँ और उसक रसीद अपने पास रख। बक म ायः ॉपट द तावेज को ब त सुरि त तरीक से
सँभालकर रखा जाता ह, लेिकन कभी-कभी बक अिधक रय क लापरवाही या अ य कारण से द तावेज क
गायब होने क थित म बक को भी द तावेज क गुम होने क रपोट थाने म दज करानी पड़ती ह।
ऐसे मामले म ॉपट का खरीददार संबंिधत िव ता से एफ.आई.आर. क ितिलिप माँग ल। आपको एक
े ीय भाषा क और एक अं ेजी क दैिनक समाचार-प म द तावेज क खोने का िव ापन कािशत करवाना
पड़गा। खरीददार भी ऐसा एक िव ापन दे सकता ह, िजसम उ ेख हो िक संबंिधत ॉपट पर यिद िकसी
य या सं था को आपि दज करानी ह, तो वह इस िव ापन क 15 िदन क अंदर संपक कर।
ॉपट द तावेज िकसी भी कार का हो सकता ह, जैसे—लीज डीड (िवकास ािधकरण ारा जारी), उप-
पंजीयक क कायालय म पंजीकत सेल डीड। िम अलग-अलग तरह क द तावेज म अलग-अलग तरीक भी
अपनाने क ज रत पड़ती ह। अगर िकसी लैट का द तावेज खो गया ह, तो ॉपट क मािलक को संबंिधत
हाउिसंग सोसाइटी म शेयर माण-प क दूसरी ितिलिप क िलए आवेदन करना होगा। हाउिसंग सोयाइटी उस
आवेदन को यिद वीकार कर लेती ह, तो कछ आव यक शु क लेकर वह शेयर माण-प क दूसरी ितिलिप
जारी कर देगी। इसक अलावा ता और िव ता दोन को हाउिसंग सोसाइटी क ओर से एक अनापि माण-
प क भी ज रत पड़गी, िजसक िबना कोई भी बकर ॉपट पर लोन नह देगा।
िनजी भूखंड या मकान क मामले म सेल डीड क मािणत ितयाँ िमल जाती ह, िज ह पंजीयक क कायालय
से ा िकया जा सकता ह। िवकास ािधकरण लीज डीड या वािम व डीड क जो दूसरी ित जारी करते ह,
वह थम आवंटन क समय क ॉपट मािलक क नाम होती ह। इसक िलए आपको टांप पेपर पर िलखकर देना
होगा िक आपका मूल द तावेज खो गया ह, िजसम ॉपट क िववरण क साथ-साथ पुिलस एफ.आई.आर. और
समाचार-प म कािशत िव ापन का भी िववरण होगा। साथ ही, उसम प प से िलखना होगा िक दी गई
जानकारी और िववरण पूरी तरह से स य ह। अब इस द तावेज को मािणत कराना पड़गा और नोटरी से
पंजीकत भी कराना पड़गा। आपको एफ.आई.आर. िव ापन और शपथ-प क ितिलिपयाँ जमा करानी पड़गी,
तब िवकास ािधकरण वािम व डीड क तीय ितिलिप (ड लकट कॉपी) जारी करगा। चूँिक उप-पंजीयक
क कायालय म ॉपट से संबंिधत सार िववरण उपल ण होते ह, इसिलए आप वहाँ से सेल डीड क मािणत
ितयाँ ा कर सकते ह। कल िमलाकर इन सभी काय क िलए आपको 10 हजार पए से 25 हजार पए तक
अित र शु क देना पड़ सकता ह।

यिद आप ई.एम.आई. (मािसक िक त) भरने म
असमथ हो जाएँ
19 अग त, 2013 को म सावजिनक े क एक अ णी बक म व र बंधक ( िडट) क पद क िलए
सा ा कार दे रहा था। सा ा कार क दौरान पैनल क सद य को रटल लोन क े म मेर अनुभव क बार म
पता चला। पैनल क एक सद य ने मुझसे पूछा, ‘‘ ी योगेश, मान लीिजए, आपक शाखा म हाउिसंग लोन का
एक अ छा ाहक (बकाएदार) ह, जो िपछले पाँच साल से िनयिमत प से मािसक िक त भर रहा ह। अचानक
उसक मािसक िक त एक महीने क िलए क जाती ह और िफर 60 िदन से भी यादा बीत जाते ह, उसक
मािसक िक त जमा नह होती ह। आप बार-बार उसे मािसक िक त भरने क िलए कहते ह। तभी एक िदन वह
ाहक आपक पास आता ह और बताता ह िक उसक िपता िपछले पाँच महीने से अ पताल म भरती ह और
उनक इलाज म काफ खच हो चुका ह, साथ ही लगातार छ ी क कारण उसक नौकरी भी छट गई ह। इसिलए
वह 6 महीने तक मािसक िक त नह भर पाएगा। वह आगे बताता ह िक दोन पित-प नी क पास अब िसफ यह
घर बचा ह, िजसे वे बेचना नह चाहते ह। अब, एक बकर क प म आप जानते ह िक अगर 90 िदन तक लोन
नह जमा होता, तो उसे एन.पी.ए. (नॉन परफािमग असेट) यानी अनुपयोगी पूँजी मान िलया जाता ह और उस
थित म लोन क वसूली क िलए सरफसी ऐ ट क अंतगत कारवाई करनी पड़ती ह। अब आप इस पूर मामले
को कसे सुलझाएँगे?’’
घर खरीदना िकसी य क जीवन का सबसे बड़ा सौदा होता ह, िजसक िलए उसे लोन क प म बक क
मदद क ज रत भी पड़ सकती ह, तब होम लोन लेने क बाद कोई ऐसी दुभा यपूण घटना हो सकती ह, जो
य क पूरी अथ यव था को िहलाकर रख दे; जैसे प रवार क िकसी सद य क लंबी बीमारी, यवसाय म
घाटा या नौकरी छट जाना। इस तरह क थितय म य क सारी बचत न हो जाती ह। अब चूँिक उसने
होम लोन ले रखा ह, तो उसक िलए लोन क मािसक िक त भरना भी ब त मु कल हो जाता ह। अब सवाल
यह उठता ह िक यिद आप 2-3 मािसक िक त नह भर पाते, तो या बकर आपक ॉपट सील कर देगा? नह ,
त काल-नह करगा। लेिकन अगर य 6 माह तक लगातार मािसक िक त नह भर पाता ह, तो बक उसक
ॉपट का क जा अपने हाथ म ले लेगा।
बक िकसी य को इसिलए होम लोन नह देता िक उसक सपन का घर िबक जाए। ॉपट का क जा लेने
का िवक प बक ारा अपनाया जानेवाला आिखरी रा ता होता ह। य िप बक क पास िस यू रटाइजेशन ऐंड
रीक शन ऑफ फाइनिशयल एसे स ऐंड एंफोसमट ऑफ िस यू रटी इटर ट ऐ ट, 2002 (सरफसी कानून)
क अंतगत कारवाई करने का अिधकार होता ह, लेिकन यह उसक ारा अपनाया जानेवाला आिखरी रा ता होता
ह।
कोई भी बक अपने बकाएदार को एक मािसक िक त म िवलंब क िलए कछ नह कहता, लेिकन अगली
मािसक िक त क समय वह प या मेल क ज रए आपको याद िदलाएगा िक आपक मािसक िक त बकाया ह,
उसे जमा कराएँ। लगातार तीन मािसक िक त क जाने पर वह आपक पास एक िडमांड नोिटस भेजकर बकाया
रािश को ज दी-से-ज दी जमा कराने क िलए कहगा। अगर बकाएदार िकसी मेल या प का जवाब नह देता
ह, तो बक अपने लीगल िडपाटमट क मा यम से एक लीगल नोिटस भेजेगा।
िकसी लोन को एन.पी.ए. (अनुपयोगी पूँजी) घोिषत करने से पहले बक तीन माह का समय देता ह; इस
अविध क बाद वह होम लोन को एन.पी.ए. घोिषत करक सरफसी ऐ ट क अंतगत कारवाई शु कर देता ह।
सरफसी ऐ ट लागू करने क बाद भी बक अपने बकाएदार को बकाया रािश अदा करने क िलए 60 िदन का
नोिटस देता ह। अंत म पहली िडफॉ ट क पाँच महीने बाद वह थानीय समाचार-प म एक नोिटस कािशत
कराता ह, िजसम ॉपट क थित, नीलामी क िलए आरि त क मत और नीलामी क ितिथ का िववरण होता
ह।
बक या िव ीय सं थाएँ इस तरह क मामले म कानूनी कारवाई म उलझने क बजाय लोन क बकाया रािश
क वसूली को यादा तरजीह देती ह, य िक ॉपट क नीलामी क ि या काफ लंबी होती ह।
मािसक िक त न भर पाने क थित म या कर?
े े े ेि े ि ि े े ो े ी
• सबसे पहले अपने बकर से िमलकर उसे मािसक िक त न जमा कर पाने या चेक बाउस होने का सही कारण
बताएँ।
• बकर से बात कर िक अब आपको या िवक प िमल सकता ह।
• अगर याज दर बढ़ जाने क कारण ऐसा हो रहा ह, तो बकर से आ ह कर िक वह आपक मािसक िक त
क रािश कछ कम करक लोन क अविध बढ़ा दे।
• अपनी आय म संभािवत बढ़ोतरी को आधार बताते ए आप अपने बकर से लोन म ढाँचागत बदलाव क िलए
भी कह सकते ह।
• अपने क ए मािसक भुगतान का एक चाट बना ल। इससे बकर को यह िव ास हो जाएगा िक आप
अ छ ाहक ह, प र थितवश मािसक िक त नह भर पा रह ह।
अगर आप अपना बकाया चुकाने म गंभीरता िदखाते ह और आपका क रकॉड अ छा ह, तो बकर आपको
मौका ज र देगा। चूँिक होम लोन म ॉपट एक तरह से बक क िनयं ण म होती ह, इसिलए बक सबसे पहले
यह जानना चाहता ह िक िडफॉ ट का वा तिवक कारण या ह? अगर उसे लगता ह िक आपक सम या
वा तव म सही ह और ज दी ही आप िनयिमत प से मािसक िक त भरना शु कर दगे, तो वह आपको
मोहलत देने क िलए तैयार हो जाएगा। बक इस तरह क मामल को कस-ट-कस आधार पर सुलझाते ह।
यादातर बकर थित का यावहा रक पहलू देखते ए जानने क कोिशश करते ह िक ॉपट आपक िलए
िकतनी मह वपूण ह। इसिलए वे आपसे और आपक प रवारवाल से बातचीत करक आपक आिथक िद त
का असल कारण जानना चाहते ह। यहाँ तक िक ॉपट सीज हो जाने क बाद भी बक आपको अपना बकाया
जमा करक ॉपट वापस लेने का मौका दे देता ह, लेिकन नीलामी से पहले तक ही। नीलामी क ितिथ घोिषत
होने क बाद भी बकाएदार िकसी भी समय आकर अपना बकाया जमा करक ॉपट बचा सकता ह। हाँ, यिद
बक नीलामी क घोषणा क िलए कोई शु क चाज करता ह, तो वह बकाएदार ारा चुकाया जाएगा।
आपक पास या िवक प बचा ह? इस न का यह था मेरा उ र जो सा ा कार म मुझसे पूछा गया
था।
अगर आपक नौकरी छट गई और आपको िव ास ह िक 6 महीने क अंदर आपको दूसरी नौकरी िमल
जाएगी, तो आप अपने बक से इतने समय तक क िलए मोहलत माँग सकते ह। इसक िलए बक से आ ह कर
िक आपक मािसक िक त क रािश कछ इस तरह िनधा रत कर दी जाए िक 6 माह तक जो मािसक िक त आप
नह भर पा रह ह, उसक वसूली आगे क मािसक िक त म पूरी हो जाए। इसक अलावा अगर िकसी अ य
कारण से आपक मािसक िक त क रही ह, जैसे— याज दर म बढ़ोतरी या य गत खच म बढ़ोतरी; तो
आप बकर से आ ह कर िक आपक मािसक िक त क रािश कम करक लोन क अविध बढ़ा द।
रोकथाम इलाज से बेहतर ह
िम ो, आदश फाइनिशयल लािनंग यही कहती ह िक आप कम-से-कम 6 महीने क बचत रािश हमेशा बक
म रख, तािक िकसी तरह क आपात थित म उससे काम चलाया जा सक। कछ बीमा कपिनयाँ भी गंभीर
बीमारी या दुघटना क कारण होनेवाली पूण िवकलांगता को कवर करनेवाली बीमा पॉिलसी चला रही ह।
अब अगर आप बक को ॉपट का क जा देने क बजाय िफर से मािसक िक त भरना शु करते ह, तो
उसका मु य उ े य िडट कोर को िगरने से बचाना होता ह। आपक िडट कोर का लगभग 30%
आपक भुगतान थित क आधार पर होता ह और भुगतान थित इस बात पर िनभर करती ह िक यिद आपने
होम लोन ले रखा ह, तो उसक अदायगी म आप िकतने िनयिमत ह? मािसक िक त क भुगतान म एक या दो
महीने क चूक भी आपक िडट कोर को भािवत कर सकती ह। और लगातार कई मािसक िक त चूक क
थित म आपक िलए भिव य म िकसी बक से लोन लेना मु कल हो जाएगा। चूँिक यह एक गंभीर प र थित
होती ह, इसिलए भिव य क िलए बचाकर रखी गई रकम को िनकालकर भी यिद मािसक िक त भरनी पड़, तो
यादा सोच-िवचार न कर।
परतु यिद आपको लगता ह िक 6 महीने क बाद भी थित म कछ सुधार होनेवाला नह ह, तो ॉपट को
बेचना ही बेहतर रहता ह। इस संबंध म आप बक से बात करक ॉपट क िब ि या को अमल म लाने क
िलए कह सकते ह। लेिकन िब क ि या क दौरान आप अपनी मािसक िक त लगातार भरते रह। इससे बक
को यह िव ास हो जाएगा िक अपनी ॉपट बेचने क िलए आप उसका फायदा नह उठा रह ह, और ऐसा
करने से आपका िडट कोर भी िगरने से बचा रहगा।

होम लोन म कर बचाने क तरीक
हो म लोन ल तो आयकर अिधिनयम 1961 क ावधान को यान म ज र रख, िजसक अनुसार होम लोन
लेकर लैट या मकान खरीदने, खाली भूखंड पर मकान बनाने या पुराने मकान क मर मत कराने पर आप धारा
80 सी और धारा 24 क अंतगत कर म छट क हकदार होते ह।
जब हम मािसक िक त क प म लोन क अदायगी कर रह ह तो? मािसक िक त म दो िह से शािमल होते
ह, एक िह सा याज का होता ह और दूसरा िह सा मूलधन का।
याज रािश—जब कोई य रहायशी घर खरीदने क िलए होम लोन लेता ह, तो वह आयकर अिधिनयम,
1961 क धारा 24 क अंतगत कर म छट का हकदार होता ह।
1. यिद रहायशी ॉपट म वह वयं रह रहा ह, तो इसक सीमा 2 लाख पए ह।
2. यिद उसे िकराए पर िदया ह तो उस थित म छट क सीमा भी 2 लाख पए ह।
(अ) यिद ॉपट वयं क उपयोग म ह
इस थित म मािलक वयं ॉपट क अपनी रहायश क िलए उपयोग म ला रहा होता ह। इसक गणना
मकान से होनेवाली ऋणा मक आय क प म क जाती ह। इसका कारण यह ह िक आयकर अिधिनयम क
धारा 24 क अनुसार 31 माच 1999 क बाद वयं क रहने क िलए उपयोग म लाई जानेवाली हाउिसंग ॉपट म
िनवेश क उ े य से िलये गए होम लोन क संदभ म अिधकतम 2 लाख पए तक क कटौती वीकाय ह। यह
कटौती क रािश हाउस ॉपट से होनेवाली ऋणा मक आय क प म दिशत क जाएगी, य िक यही पैसा
यिद यवसाय या अ य कह लगाया जाता, तो उससे संबंिधत करदाता क वा तिवक आय म बढ़ोतरी होती।
अगर आपने होम लोन ले रखा ह, तो आप आयकर अिधिनयम क धारा 24 क अंतगत होम लोन पर अदा
िकए जानेवाले याज पर 2 लाख पए ित खातेदार क िहसाब से कर यो य आय म कटौती क हकदार ह; और
धारा 80 सी क अंतगत मूलधन क अदायगी पर 1.5 लाख पए ित खातेदार क िहसाब से कर यो य आय म
कटौती क हकदार हो जाते ह। पुराने मकान क मर मत क िलए होम लोन क थित म कर यो य आय म
कटौती क यह सीमा 30 हजार पए ह।
िववाह क बाद यिद पित-प नी संयु प से रहायशी ॉपट खरीदने क िलए होम लोन लेते ह, तो दो
अलग-अलग खातेदार होने क नाते पित-प नी दोन याज म अलग-अलग 2-2 लाख पए म कटौती क हकदार
हो जाते ह। इस कार कटौती क रािश 4 लाख पए होती ह। इसी तरह यिद प नी ॉपट क सह वािमनी ह
और होम लोन क अदायगी भी कर रही ह, तो आयकर अिधिनयम क धारा 80 सी क अंतगत अदा िकए गए
मूलधन क रािश पर 1.5 लाख पए तक क अिधकतम रािश क कटौती क हकदार होती ह। वयं क उपयोग
म लाई जानेवाली ॉपट क मामले म होम लोन पर चुकाए गए याज पर कटौती क यह सीमा 2 लाख पए
ितवष ह, लेिकन होम लोन लेने क तीन िव ीय वष क भीतर यिद ॉपट उपयोग म नह लाई जाती या (खाली
भूखंड क मामले म) उस पर िनमाण नह िकया जाता, तो कटौती का लाभ 30 हजार पए ही रह जाता ह।
आजकल रहायशी ॉपट म क जे म िवलंब क सम या खरीददार क िलए आम हो गई ह। िम ो, अगर आप
आयकर अिधिनयम क इस मह वपूण ावधान का लाभ उठाना चाहते ह, तो यह ज र सुिन त कर िक
आपक पास एक से यादा आवासीय ॉपट वयं क उपयोग म नह होनी चािहए; य िक आयकर अिधिनयम
क ावधान क अनुसार ऐसी एक ही ॉपट पर कर यो य आय म कटौती का लाभ िमल पाता ह। अतः यिद
आपक पास दो मकान ह, तो उनम से एक का उपयोग अपने रहने क िलए कर और दूसरा िकराए पर दे द।
कॉमिशयल या इड यल ॉपट पर यह लाभ नह िमलता ह।
(ब) िकराए पर दी गई ॉपट
अगर आपक पास एक मकान या लैट ह और आपने उसे िकराए पर दे रखा ह, तो आप उससे होनेवाली
रटल इनकम (िकराए क प म ा होनेवाली आय) को अपनी कल कर यो य आय म जोड़ द। मान लीिजए
आपक पास एक मकान/ लैट ह, िजस पर आपने 40 लाख पए का होम लोन ले रखा ह और लोन पर 4
लाख पए ितवष याज चुका रह ह। अब, अगर आपने मकान को 11 हजार पए ितमाह िकराए पर दे रखा
ह, तो िकराए से होनेवाली आपक वािषक आय 1.32 लाख पए ई। अगर आप 12 हजार पए संपि कर
चुका चुक ह, तो इसे अपनी कल वािषक रटल इनकम म से घटा द। अब आपक वािषक रटल आय 1 लाख
20 हजार पए पर (घर क मर मत क िलए) 30% क िहसाब से 36 हजार पए क कटौती का लाभ िमलेगा
और आपक कल कर यो य आय 0.84 लाख पए (1,20,000-36,000 पए) ई।
यानी अगर आपने मकान िकराए पर दे रखा ह, तो उससे होनेवाली आय म 30% क कटौती का लाभ
आपको िमल रहा ह। और साथ ही, आयकर अिधिनयम क धारा 24 क अंतगत आपको होम लोन पर चुकाई
गई याज रािश 4 लाख पए म से 2 लाख पए क कटौती का लाभ िमलेगा। अगर आपने कॉमिशयल ॉपट

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म िनवेश िकया ह और उसे िकराए पर दे रखा ह, तो आयकर अिधिनयम का उपरो ावधान ही लागू होगा।
एक और अ छी बात यह ह िक कॉमिशयल ॉपट म िनवेश संपदा कर से मु होता ह।
(स) खाली ॉपट , िजसे िकराए पर िदया जा सकता ह
मान लीिजए, आपक पास एक मकान ह, िजसम आप रह रह ह। अब आप एक नया घर खरीद लेते ह, जो
खरीदने क बाद से खाली पड़ा ह। आपने दोन मकान पर होम लोन ले रखा ह। अब, पहला मकान, िजसम
आप रह रह ह, उस पर आपको आयकर अिधिनयम क ावधान क अनुसार कर यो य आय म कटौती का लाभ
िमलगा; और दूसरा मकान, जो खाली पड़ा ह, उस पर भी होम लोन म अदा क गई याज रािश क कटौती का
लाभ िमलेगा, लेिकन रटल इनकम क प म एक िन त रािश आपक कर-यो य आय म जोड़ दी जाएगी
(भले ही आपने मकान िकराए पर नह िदया ह)। इसिलए िम ो, उस मकान को िकराए पर देकर उससे आय
ज र अिजत कर।
(द) िनमाणाधीन मकान/ लैट
यान देने यो य एक मह वपूण बात यह ह िक यिद आप िकसी िब डर से मकान या लैट खरीद रह ह और
उस पर आपने होम लोन ले रखा ह, तो होम लोन लेने क तीन िव ीय वष क अंदर मकान/ लैट का िनमाण
काय पूरा होना ज री होता ह। तभी आपको अपने िनवेश पर कर यो य आय म कटौती का फायदा िमल पाएगा।
िजस िव ीय वष म ॉपट का िनमाण काय पूरा होता ह, उसी िव ीय वष से होम लोन क याज रािश क
कटौती शु होती ह। उससे पहले अदा िकए गए याज को पाँच समान वािषक िक त म काटा जा सकता ह,
िजसक सीमा 2 लाख पए ( वयं क उपयोग म लाई जा रही ॉपट क मामले म) होती ह। आयकर अिधिनयम
क धारा 80 सी म मूलधन क अदायगी पर भी 1.5 लाख पए क सीमा तक कटौती का ावधान ह। लेिकन
िम ो, यान रह िक यह लाभ तभी िमलेगा, जब क जा िमलने क बाद पाँच िव ीय वष तक ॉपट आपक पास
रह; यिद इससे पहले आप ॉपट को बेच देते ह, तो यह लाभ नह िमल पाएगा।

कम बजट क ॉपट कसे खरीद?
अ गर आप ॉपट खरीदने जा रह ह और आपक पास बजट कम ह, उस थित म ॉपट खरीदने क िलए
आपक पास चार िवक प होते ह—
1. िकसी नए ोजे ट म ॉपट खरीदना —आप िकसी नए ोजे ट क शु आत म या ी-लॉ अव था म
लैट बुक करा सकते ह; इस दौरान ॉपट कछ कम क मत पर िमल जाती ह।
2. रीसेल क ॉपट खरीदना —पुरानी ॉपट क क मत अपे ाकत कम हो जाती ह। वह आपको कम बजट
म िमल जाएगी।
3. शहर क बाहर ॉपट खरीदना — ायः शहर क सीमा क बाहर आस-पास ॉपट स ती िमल जाती ह;
बाद म शहरी े म िवकास क साथ वह े भी शहर क साथ जुड़ जाता ह।
4. बक नीलामीवाली ॉपटी्र खरीदना —बक ऐसी ॉपट को नीलाम कर देते ह, िजस पर होम लोन हो
और बकाएदार उसे अदा नह कर पा रहा हो, लेिकन ऐसी ॉपट खरीदने क बात आम नह ह। इसम एक
अ छी बात यह होती ह िक ॉपट क जो क मत नीलामी म घोिषत होती ह, वह माकट म चिलत सामा य
क मत से 15-20 ितशत तक कम होती ह। लेिकन इस तरह क ॉपट खरीदने से पहले अपने सामने उपल ध
िवक प पर सावधानी से िवचार कर ल।
इस तरह क नीलामी म ऐसी ॉपट होती ह, िजस पर ॉपट क मािलक ने बक से लोन िलया होता ह और
िनधा रत अविध क बाद भी उसे अदा नह कर पाता ह। उस थित म बक अपने लोन क वसूली क िलए ॉपट
क नीलामी क सावजिनक घोषणा करता ह।
अब, चूँिक बक का एकमा उ े य अपना बकाया वसूलना होता ह—मूलधन, याज, ॉपट को क जे म
लेने और नीलामी क ि या तथा अ य कानूनी कारवाई म उसक ारा िकया गया खचा। यह सब जोड़कर
ॉपट क आरि त नीलामी क मत घोिषत क जाती ह। यह क मत ॉपट क वा तिवक क मत से कह ब त
कम होती ह। अब, अगर नीलामी म अंितम बोली ॉपट क घोिषत आरि त क मत से यादा होती ह, तो
अित र रािश ॉपट क मूल वामी को दे दी जाती ह।
नीलामी क बोली म शािमल होने से पहले या कर?
नीलामी क बोली म ॉपट क कम क मत िकसी को भी लुभा सकती ह, लेिकन बोली म िह सा लेने से
पहले आपको बक से कछ मह वपूण बात ज र जान लेनी चािहए। यहाँ ऐसे कछ सवाल िदए जा रह ह, जो
आपको बक से पूछने चािहए—
ॉपट पर कोई अ य बकाया तो नह ह?
कोई बक जब ॉपट क नीलामी करता ह, तो उसम ॉपट ‘जहाँ ह, जैसी ह’ क आधार पर बेची जाती ह,
इसिलए नीलामी से संबंिधत द तावेज को यानपूवक पढ़कर यह सुिन त कर लेना चािहए िक उस पर कोई
अ य बकाया तो नह ह। नीलामी का द तावेज िकसी आई.पी.ओ. क मरिणका क तरह होता ह, िजसम ॉपट
क वैधािनक वािम व और बकाया आिद क िज मेदारी से संबंिधत सारी बात अंिकत होती ह।
ऐसे यादातर मामल म चूँिक ॉपट का मािलक जानता ह िक वह बक का बकाया चुकाने क थित म नह
ह, और ॉपट सीज हो जाएगी; इसिलए वह ॉपट से जुड़ अ य देय शु क का भुगतान भी बंद कर देता ह,
जैसे—सोसाइटी का मटनस चाज या लीज मनी, ॉपट ट स आिद। बक ारा भेजे गए पहले नोिटस क समय
से लेकर ॉपट का क जा बक क पास आने तक 6 माह का समय होता ह, यानी आपको 6 माह का बकाया
चुकाना पड़ सकता ह।
साथ ही चूँिक सीज क गई ॉपट मािलक या िकसी अ य क उपयोग म नह होती, इसिलए िबजली, पानी
आिद क िबल भी बकाया हो सकते ह और यह भी हो सकता ह िक िबजली-पानी क कने शन और मीटर वगैरह
भी हटा िदए गए ह । इस कार उसे खरीदने क बाद ऐसा हो सकता ह िक आपको सारा बकाया चुकाकर िफर
से कने शन लेने पड़।
मर मत म या- या काम कराने पड़गे?
बक ायः ॉपट को नीलामी क िलए अपने क जे म लेने क बाद उसक रख-रखाव क िलए कछ खास नह
करते। इसिलए ॉपट खरीदने क बाद उसे रहने लायक बनाने क िलए आपको कछ अलग से काम कराने पड़
सकते ह। इसिलए अ छा होगा िक आप वयं जाकर ॉपट को देख ल और यह समझ ल िक उसक मर मत
म िकतना काम कराना पड़ सकता ह और उसम िकतना खच आ सकता ह। इसक अलावा चूँिक ॉपट ‘जहाँ
ह, जैसी ह’ क आधार पर बेची जाती ह, इसिलए उस ॉपट क कारण यिद अगल-बगल क िकसी अ य ॉपट
को कोई नुकसान प चा ह, तो उसक ितपूित क िज मेदारी भी नए मािलक क होगी।
ऐसा भी हो सकता ह िक ॉपट क भूतपूव वामी ने मकान/ लैट क अंदर कोई सामान रखा हो। आपको बक
अिधकारी क मौजूदगी म चेक करना होगा। यह भी पता करना होगा िक भूतपूव मािलक ारा मकान/ लैट म
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जो फन चर या उपकरण आिद रखे गए ह, उ ह ठीक-ठाक कराने क िलए या कछ अलग से खच करना
पड़गा? भूतपूव मािलक उ ह ले जाएगा या उ ह बेचना पड़गा? उनक िब से जो पैसे आएँगे, वे िकसे िमलगे?
बक ायः इसका िनणय बकाएदार क नाम कल बकाया रािश को यान म रखकर करता ह। नीलामी क
द तावेज म उन सब चीज का बाकायदा उ ेख होता ह, जो ॉपट म मौजूद होती ह, लेिकन पहले से सब
बात िन त कर लेने म या हज ह? कह ॉपट का भूतपूव मािलक ऐसी िकसी चीज का दावा लेकर आपक
दरवाजे पर आ धमक, तो आप या करगे?
बोली पूरी होने पर तुरत आपको िकतना भुगतान करना पड़गा?
नीलामीवाले मकान/ लैट क िलए बक ायः िब क क मत क 20-25 ितशत रािश डाउन पेमट क प
म रखते ह, िजसका भुगतान आपको उसी समय करना होता ह, जब आपक बोली वीकार कर ली जाती ह।
बक उस संबंध म आप पर कोई बा यता नह रखता िक आप होम लोन उसी से ल; लेिकन हाँ, यिद आप उसी
बक से लोन लेते ह, तो वह डाउन पेमट क रािश म कछ छट दे सकता ह या िफर याज दर कम करक आपक
साथ सहयोग कर सकता ह। डाउन पेमट क बाद शेष रकम (75-80 ितशत) क भुगतान क िलए बक
सामा यतया एक स ाह का समय देता ह। इसिलए नीलामी क बोली म भाग लेने से पहले लोन क तैयारी
करक रख।
लाभ
अगर ॉपट क चुकाई जानेवाली क मत (नीलामी म घोिषत क मत म अ य सब खच जोड़कर) उसक
वा तिवक क मत (माकट म चिलत क मत) से कम ह, तो फायदा-ही-फायदा ह। थोड़ा-ब त यादा भी देना
पड़ जाए, तो कोई बात नह , य िक इस तरह क ॉपट चूँिक बक क लोन खाते से जुड़ी होती ह और बक
ॉपट क सार द तावेज क अ छी तरह जाँच-पड़ताल करक ही लोन देता ह, इसिलए ॉपट िकसी धोखाधड़ी
से सुरि त रहती ह।
सबसे बड़ा फायदा यह होता ह िक यिद आप बक नीलामी म कोई ॉपट खरीदते ह, तो सेल डीड पूरी चुकाई
जानेवाली रकम क बनेगी, इसिलए काले धन या सफद धन क बात को लेकर घबराने क ज रत नह ह। इस
कार आपको होम लोन भी पूरी रािश का िमल जाएगा। साथ ही, आपको पहले से बसे-बसाए रजीडिशयल
इलाक म बना-बनाया घर िमल जाएगा।

रयल ए टट म ीन ोजे ट
ह र कोई ितमाह कछ अित र रािश बचाना पसंद करता ह, लेिकन आ य क बात तब होती ह, जब रहन-
सहन क तर क साथ कोई समझौता िकए िबना आप यह बचत कर रह ह । ीन िब डग अवधारणा म य
अपने रहन-सहन क तर म कमी िकए िबना िबजली क िबल म 30 ितशत तक क बचत कर सकता ह।
िबजली क िबल इतने कम ह गे िक आप हरान रह जाएँगे। ीन ॉपट क मािलक बनकर आप कम िबल और
कम रख-रखाव शु क का आनंद ले सकते ह।
ायः लोग सोचते ह िक ीन िब डग यादा महगी होती ह, लेिकन इसम य दीघकािलक तौर पर देख तो
इसम कम रख-रखाव और संचालन-शु क का फायदा िमलता ह। िकसी भी िब डग म देख लीिजए, िब डग
क कल वािम व लागत का लगभग 80-90 ितशत िह सा रख-रखाव और संचालन शु क म जाता ह।
उदाहरण क िलए, िबजली क िबल म 50-55 ितशत तक क बचत क जा सकती ह; इस कार पाँच साल म
इतनी रािश बच जाती ह िक ीन िब डग क िलए अदा िकया गया आपका शु आती ीिमयम िनकल आता ह।
ीन िब डग क कई फायदे ह। ता कािलक फायदा आपको िबजली-पानी क िबल म कमी क प म देखने
को िमल जाएगा। देखा जा रहा ह िक ीन िब डग क इन खूिबय क कारण इनम रख-रखाव का खच काफ
कम होने से इनक िकराए और क मत म बढ़ोतरी हो रही ह। लेिकन ये सब सुिवधाएँ उपल ध कराने म ीन
िब डग क िनमाण लागत भी अपे ाकत बढ़ जाती ह।
ीन ोजे ट क प म ािलफाई करने क िलए कछ िन त मानदंड को पूरा करना होता ह, िजसक
कारण इनम िनमाण-लागत बढ़ जाती ह। इस तरह क ोजे ट म लाई-एश क ईट का योग ( दूषण कम
करने क िलए), हाई-परफॉमस रफले शन लास का योग, एल.ई.डी. ब ब का योग, जल-पुनच ण (वाटर
रसाइ ंग) और रनवाटर हाव टग क सुिवधाएँ होना ज री होता ह।
िकसी ीन (ह रत) िब डग म यिद ये सब सुिवधाएँ ठीक ढग से यु ई ह , तो उसे खरीदकर आपको
क मत का कोई पछतावा नह होना चािहए। इन सुिवधा से यु होने क कारण इसम मा 5-10 ितशत का
अित र खच आता ह। कछ िब डर अपने कशल िनयोजन का फायदा उठाते ह और शु आती ोजे ट लागत
बढ़ने ही नह देते।
िम ो, कछ उपकरण या साजो-सामान, जैसे—अ ा-लो लो टॉयलेट, और लो लो िसंक और शॉवर हड
महगे आते ह, लेिकन िब डग बनकर तैयार होने क बाद जब आप उनका योग करगे, तो आप पाएँगे िक पानी
क खपत 50 ितशत तक कम हो रही ह; ऐसे म थानीय नाग रक शासन क ओर से कम संपि कर क प
म भी लाभ िमलेगा।
हाल म यूिनयन बक ऑफ इिडया ने ीन िब डग म सोलर लांट लगाने का चाज भी होम लोन हतु िनमाण
लागत म शािमल कर िदया ह, यानी प लक से टर का एक अ णी बक भी इस ‘गो ीन’ (ह रत) अवधारणा
को बढ़ावा दे रहा ह। सोलर पावर और अ य ऊजा बचानेवाले उपकरण सिहत नवीकरणीय ऊजा संसाधन क
उपयोग से यिद आपक ऊजा खपत 50-60 ितशत तक कम हो जाती ह, तो यह एक मह वपूण बात ह। पूर
ोजे ट क अंतगत िब डग का िडजाइन और ले-आउट लान कछ इस कार तैयार िकया जाता ह िक
ाकितक हवा और काश का अिधकतम उपयोग सुिन त हो सक। इससे भी ऊजा क बचत म मदद िमलती
ह। ऊजा और पानी क बचत करनेवाली इन सुिवधा क अलावा, ीन ोजे ट म िब डर को कई अ य बात
का भी यान रखना होता ह, जैसे—आिकट र, ाकितक संसाधन क रसाइकिलंग करनेवाले संयं का
अिधक-से-अिधक योग, प लक ांसपोट क सुिवधा, आकषक ाकितक वातारवरण और कम-से-कम
शोरगुल। ीन ोजे ट क तीन ेिणयाँ ह— लेिटनम (हीरक), गो ड ( वण) और िस वर (रजत) क िलए
अलग-अलग मानदंड िनधा रत िकए गए ह। लेिटनम या हीरक सबसे उ ेणी ह।
लेिटनम ेणी क ोजे ट म िनमाण-लागत 5-10 ितशत तक और गो ड या िस वर ेणी क ोजे ट म
िनमाण-लागत 3-8 ितशत तक बढ़ जाती ह, लेिकन ीन ोजे ट म मकान खरीदने क िलए जो ीिमयम आप
अदा करते ह, वह 3-5 वष म िनकल आती ह, य िक इसम रख-रखाव और संचालन खच काफ कम बैठता
ह।
ीन िब डग म िनवेश कर या नह ?
‘नेशनल िब डग क शन कॉरपोरशन िलिमटड’ भी अपनी आवासीय प रयोजना म ीन (ह रत)
िब डग क अवधारणा को अपनाकर इसे बढ़ावा दे रहा ह। अगर आप अपने वयं क रहने क िलए ीन
ोजे ट म मकान खरीदने जा रह ह, तो समझ लीिजए िक आप फायदे का सौदा कर रह ह। लेिकन िनवेश क
उ े य से या ीन ोजे ट का लैट एक अ छा िवक प ह? भारत म ीन िब डग का चलन अभी शु आती
चरण म ह, इसिलए इसक चुनाव म सावधानी बरतना ज री ह। य िप कछ िवशेष का मानना ह िक ीन
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प रयोजना म मकान/ लैट का िकराया 2-15 ितशत तक और रीसेल क मत 30 ितशत तक यादा हो
सकती ह, लेिकन इसक दूसर पहलू को नजरअंदाज नह िकया जा सकता ह। कछ अ य िवशेष का मानना ह
िक चूँिक आस-पड़ोस म अ य ोजे ट म मकान या लैट ायः 10-15 ितशत कम क मत म िमल जाते ह,
इसिलए लोग म जानकारी क कमी क कारण ीन ोजे ट म मकान/ लैट क अ छी रीसेल क मत ा करने
क िलए यादा इतजार करना पड़ सकता ह। इसिलए अगर आप ज दी लाभ कमाना चाहते ह, तो यह ोजे ट
अभी उपयु नह ह। हालाँिक कम खपत, यादा बचत क खूबी क कारण ीन ोजे ट क इमारत का चलन
बढ़ता जा रहा ह।

ॉपट खरीदते व या यान म रख?
लैट/मकान/भूखंड खरीदने क िलए जब आप िकसी िव ता या िब डर क पास जाएँ, तो कछ
मह वपूण बात क बार म पूछना न भूल।
अपना वयं का आिशयाना खरीदना हर िकसी क जीवन का एक बड़ा सपना होता ह। लेिकन ॉपट क
खरीद या फरो त म अकसर धोखाधड़ी क आशंका भी रहती ह। अ छा िब डर और िकसी तरह क िववाद
वगैरह से मु साफ-सुथरी ॉपट क तलाश रयल ए टट लािनंग का एक मह वपूण िह सा ह। अपने जीवन
क जमापूँजी को िकसी िब डर क ोजे ट म डालने से पहले कई मह वपूण बात को यान म रखना ज री
होता ह।
यिद आप िनजी मकान या ॉपट खरीद रह ह
कछ ॉपट डीलर या िव ता ॉपट बेचने क िलए अखबार म, खासकर रिववारीय सं करण म िव ापन
छपवाते ह। कछ हाई- ोफाइल ॉपट डीलर इटरनेट क मा यम से भी िव ापन देते ह, जबिक कई अ य ॉपट
डीलर क अपनी वेबसाइट होती ह, िजस पर आप अपनी पसंद क ॉपट सच कर सकते ह। इसक अलावा
िकसी े म ॉपट डीलर से वयं िमलकर उसे अपना बजट और पसंद क थित बताकर उसक अनुसार
ॉपट ढढ़ सकते ह। इसक िलए आपको ॉपट डीलर से अ छा-खासा मोलभाव भी करना चािहए। यिद आप
वयं मोलभाव करने म मािहर नह ह, तो िकसी दलाल, वक ल या दो त, र तेदार क मदद ले सकते ह, जो
मोलभाव करना जानता हो। थोड़ा घूम-िफरकर देखने और जाँच-पड़ताल करने से आपको अपनी पसंद का सौदा
िमल सकता ह।
परतु यिद आपक पास समय नह ह या आप बाहर रहते ह, तो इस काम क िलए आप िकसी अ छ दलाल
क सेवा ले सकते ह। िम ो, अगर आप कोई खुला भूखंड या मकान खरीद रह ह, तो हमेशा होम लोन लेकर
खरीद, भले आपक पास पया पैसे ह । इसका कारण यह ह िक होम लोन लेने से बकवाले वयं ॉपट क
अ छी तरह जाँच-पड़ताल करगे और उसक द तावेज क स यता क भी जाँच करगे। साथ ही, बकवाले ॉपट
क िसिबल थित क भी जाँच करगे, िजससे पता चल जाएगा िक ॉपट िकसी बक क पास िगरवी तो नह ह।
अतः ऐसी यव था क गई ह िक येक बक अपने यहाँ िगरवी रखी ॉपट का पूरा िववरण
सी.ई.आर.एस.ए.आई (सरसाई) म िव कर, िजसम ॉपट और उसक मािलक का पूरा पता और उसका पैन
नंबर अंिकत होता ह।
यिद आप िकसी म टी टोरी अपाटमट म लैट क तलाश म ह
सबसे पहले अपना बजट िन त कर और उसक बाद थान या े का चुनाव कर। लैट का साइज चुनने
से पहले अपने प रवार क साइज (प रवार म मौजूद सद य और िनकट भिव य म जुड़नेवाले सद य क
सं या) को यान म रख। साथ ही, िब डर क छिव, डवलपर क आिथक स मता, िजस जमीन पर अपाटमट
बना ह, उसक वािम व का िववरण, संबंिधत ािधकरण क सं तुित, भुगतान योजना आिद कछ ऐसी बात ह,
िजन पर यान िदया जाना चािहए।
थित या थान का चुनाव
इसक िलए ऐसे थान का चुनाव कर, जो शहर क िनकट हो और िनकट भिव य म उसक माँग बढ़नेवाली
हो। साथ ही कल, अ पताल, बाजार आिद क सुिवधाएँ 2-5 िकमी. क प रिध म होनी चािहए।
िब डर क छिव या साख
चूँिक मकान/ लैट का सौदा बड़ी रकम का मामला होता ह, इसिलए हमेशा िति त या ांडड िब डर क
ोजे ट म ही लैट/मकान बुक कराएँ। अगर कपनी पंजीकत ह, तो बैलस शीट देखकर उसक आिथक
स मता का अंदाजा लगाया जा सकता ह। यिद कपनी पर अ यिधक देनदारी ह, तो उसक ोजे ट म लैट/
मकान बुक कराने से बच, य िक ऐसी कपनी क ोजे ट म िवलंब क आशंका यादा रहती ह।
पता कर िक इससे पहले िब डर ने और िकतने ोजे ट तैयार िकए ह? नए-नए िब डर से बच, य िक
उनक पास ायः आिथक स मता क कमी होती ह। िब डर क पहले क ोजे ट को जाकर देख और उसक
असली छिव क बार म पता लगाएँ। या उसने ोजे ट िनधा रत समय पर पूरा करक िदया था? या उसने वे
सुिवधाएँ उपल ध कराई, िजनका उसने वादा िकया था? ोजे ट पूण होने क बाद उसक रख-रखाव म उसने
िकतनी गंभीरता िदखाई?
िब डर क छिव का पता कसे लगाएँ?
1. मोटर/डायर टर क माकट रपोट और पृ भूिम
गूगल सच म कपनी का नाम िव कर, आपको उसक लॉग, क यूमर फोरम, यूज रपोट, ॉपट साइ स
आिद िवक प पर पया जानकारी िमल जाएगी। िब डर से ॉपट खरीद चुक ाहक से आपको सही-सही
जानकारी िमल जाएगी। िब डर ारा पहले तैयार करक िदए गए ोजे ट म ॉपट क बाजार क मत म िकतने
ि ो ी ई ? ी े ोि ि ि
ितशत तक क बढ़ोतरी दज क गई ह? इन सब बात क जानकारी से आपको िब डर क वा तिवक छिव का
पता चल जाएगा।
2. डवलपर कपनी क आिथक थित
इसक जाँच उस बक ारा क जाती ह, जो ोजे ट क िलए िव ीय सहायता उपल ध कराता ह, या रटल
होम लोन क िलए िब डर क ोजे ट को ए ूव करता ह। बकर उस िब डर या डवलपर कपनी क बैलस शीट
और लाभ-हािन क योर क जाँच करता ह। यिद डवलपर कपनी पर यादा देनदा रयाँ ह तो वह अपना लोन
नह चुका पाएगी और इसक कारण ोजे ट पूरा होने म िवलंब हो सकता ह। इस संबंध म बक और
एन.बी.एफ.सी. ायः संबंिधत कपनी रिज ार क मदद लेते ह। साथ ही, कॉरपोरट मामल क मं ालय क
वेबसाइट (mica.gov.in) भी सहायक हो सकती ह।
3. ोजे ट क रयल ए टट ेिडग
ॉपट खरीदने का मतलब होता ह, जीवन क सारी जमा-पूँजी का िनवेश। इसिलए इतना बड़ा और मह वपूण
िनवेश करने से पहले िविभ मानदंड क आधार पर संबंिधत ोजे ट क गुणव ा क जाँच कर लेना ज री हो
जाता ह—डवलपर का क रकॉड, समय पर ोजे ट तैयार करने क स मता, वैधािनक और िनमाण संबंधी
मानदंड का पालन, कानूनी द तावेज क गुणव ा और ोजे ट क मोटर। डायर टर का क रकॉड आिद।
रयल ए टट ोजे ट क रिटग करनेवाली कछ रिटग एजिसयाँ ह, जैसे—ि िसल रयल ए टट टार रिटग,
कयर रयल ए टट टार रिटग, इकरा रयल ए टट टार ेिडग ि िसल रयल ए टट टार रिटग, सी.ए.आर.ई.
(कयर) (इकरा) ेिडग।
ये एजिसयाँ शहर िवशेष क िविभ रयल ए टट ोजे ट का मू यांकन करक उनक रिटग उपल ध कराती
ह, िजससे आपको शहर िवशेष क सबसे अ छ ोजे ट क जानकारी िमल सकती ह। लेिकन यान रह िक रिटग
एजसी उ ह िब डर या डवलपर क ोजे ट को दरशाती ह, जो उसक यहाँ पंजीकत होते ह।
4. िब डर का क रकॉड
अनुभवी िब डर से ॉपट खरीदना अपे ाकत यादा सुरि त रहता ह, य िक उसक पास ज री साधन और
अनुभव उपल ध होता ह। िब डर का क रकॉड देख, यिद उसक काम म पारदिशता िदखाई नह देती, तो
उससे ॉपट न ही खरीद तो अ छा। सामा यतया िव ापन म पढ़कर हम पता चलता ह िक िब डर
(कॉनफडरशन ऑफ रयल ए टट डवलपस एसोिसएशन ऑफ इिडया) या बी.ए.आई. करडाई (िब डर
एसोिसएशन ऑफ इिडया) का सद य ह। ये व-िविनयामक सं थाएँ ह, जो िब डर क िलए कड़ मानदंड
रखती ह; मानदंड कायम न रखनेवाली कपनी को एसोिसएशन ारा लैकिल ट िकया जा सकता ह। इसिलए
ऐसे िब डर से ही सौदा कर, जो उपरो कम-से-कम एक सं था का सद य ज र हो।
5. गुणव ा माण-प
गुणव ा माण-प िकसी अंतररा ीय सं था ारा िदया जाता ह। िकसी हाउिसंग ोजे ट म िनवेश करने से
पहले संबंिधत कपनी क काम क गुणव ा का पता लगाने क िलए इस तरह क माण-प क मदद ली जा
सकती ह। इटरनेशनल ऑगनाइजेशन टडराइजेशन (आई.एस.ओ.) 9001 : 2008 म िकसी मैनेजमट िस टम
क गुणव ा का माणन 8 मानदंड क आधार पर होता ह, िजसम ाहक संतुि और ाहक संक ता भी
शािमल ह। अतः आई.एस.ओ. 9001:2008 मािणत िब डर अपने काम क तौर-तरीक म अपे ाकत अिधक
कशल होता ह।
हमेशा िनमाण गुणव ा पर यान द
वैसे तो सब िब डर अपनी िनमाण गुणव ा को सबसे अ छा बताते ह। गुणव ा क परख क िलए बड़,
िति त डवलपर को आधार बनाएँ। दरअसल, िकसी िब डर क िनमाण-गुणव ा उसक अपनी छिव पर
िनभर करती ह। चूँिक ित पधा क इस युग म उनका िनमाण-कौशल और गुणव ा ही उ ह माकट म एक अलग
पहचान देती ह, इसिलए िति त िब डर हमेशा िति त, िव सनीय ठकदार से ही काम कराते ह, तािक पूर
ोजे ट म गुणव ा का एक उपयु मानदंड कायम रखा जा सक। वे िनमाण काय म ठकदार को स ता या
घिटया सामान या उपकरण नह लगाने देते ह। िफिटग और अ य सुिवधा क िलए वे ांडड उ पाद को ही
पसंद करते ह। अगर आप िकसी जाने-माने िब डर क ोजे ट म मकान/ लैट खरीद रह ह, तो उसक 5-10
साल पुराने ोजे ट म यूिनट देख।
िकसी िब डग क िनमाण-गुणव ा का आकलन अलग-अलग मानदंड क आधार िकया जा सकता ह, जैसे
—उसका आिकट रल िडजाइन, इटी रयर िडजाइन और िविभ इले कल और बाथ म क िफिटग म
यु सामान /उपकरण तथा पट आिद क ांड का तर।
िकसी िब डग म बाहर क दीवार पर दरार या अंदर क दीवार म छोट-छोट छद, चर-चर क आवाज करते
दरवाजे-िखड़िकयाँ और ऊबड़-खाबड़ सी फश, ये सबकछ देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता ह िक
िब डग क इटी रयर और ए सटी रयर िफिनिशंग घिटया तर क ह।
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लेिकन िम ो, आप िसफ इस आधार पर िकसी ोजे ट को नकार नह सकते ह िक उसका िब डर नया ह।
ऐसे मामले म आप िकसी िसिवल इजीिनयर को लेकर िब डग का िनरी ण कर, य िक वह िब डग क
िनमाण-गुणव ा का बेहतर मू यांकन कर सकता ह।
ोजे ट क गुणव ा का अंदाजा िब डग क दीवार से भी लगाया जाता ह। अगर िब डग क िनमाण
गुणव ा अ छी ह, तो उसक दीवार इतनी मजबूत ह गी िक उनम क ल ठ कना मु कल हो जाएगा। िनमाणाधीन
ॉपट खरीद रह ह, तो िसफ सपल देखकर कोई िन कष न िनकाल।
या िब डर/डवलपर का िकसी बक क साथ टाई-अप ह?
सभी िब डर या डवलपर बक और गैर-बिकग िव ीय कपिनय क साथ टाई-अप करक चलते ह। इस टाई-
अप ि या म िब डर संबंिधत ािधकरण से ा िकए गए सभी सं तुित-प और अ य द तावेज उपल ध
कराता ह। बक वयं डवलपर कपनी और उसक डायर टर क बैलस शीट क जाँच करता ह। उसका पैनल
वक ल ॉपट क वािम व और सं तुितय से जुड़ कागजात क जाँच-पड़ताल करता ह। साथ ही बक रयल
ए टट म संबंिधत िब डर क अनुभव को भी यान म रखता ह। ोजे ट म लैट का सौदा प ा करने से पहले
यह सुिन त कर ल िक ोजे ट कम-से-कम दो रा ीयकत बक और दो उ तरीय हाउिसंग फाइनस
कपिनय ारा ए ू ड हो।
ॉपट क लड यूज और लीगल रपोट क जाँच कर ल
लड यूज का मतलब आ िक िजस जमीन पर िब डग बनी ह, वह िकस तरह क उपयोग क िलए ह—
रजीडिसयल या कॉमिशयल। थानीय िवकास ािधकरण इस तरह क सं तुित-प (ए ूवल) जारी करता ह।
ॉपट क द तावेज क जाँच करक पता लगाएँ िक या उसे आवासीय िनमाण क िलए सं तुित ा ह, या िफर
यिद कॉमिशयल ॉपट ह, तो िब डर से उसका कॉमिशयल ए ूवल देखने क िलए माँग। उसक बाद यह देख
िक िब डर वयं भूखंड का वामी ह या िफर भू- वामी और डवलपर क बीच ए ीमट क तहत वह डवलपर
क हिसयत से ॉपट का िनमाण और िब का काम कर रहा ह? यान रख िक इस तरह का ए ीमट रिज टड
होना चािहए। सामा यतया बड़-बड़ डवलपर खरीददार को सार द तावेज नह िदखाते ह, वे खरीददार को बताते
ह िक उनक ोजे ट को फलाँ-फलाँ बक से ए ूवल ा ह और बक क वक ल व अिधकारी पहले ही सार
द तावेज देख चुक ह। लेिकन यिद डवलपर नया ह और उतना िति त नह ह, तो उसक भूखंड क वािम व
से संबंिधत द तावेज देखने क िलए ज र माँग। हर भूखंड का एक िवशेष खसरा नंबर होता ह। िब डर से
खसरा नंबर जानकर पता लगाएँ िक भूखंड िकसक नाम से पंजीकत ह? इसक िलए िकसी वक ल क सेवा ली
जा सकती ह। वह इस बात का पता लगाएगा िक भूखंड िकसी झगड़ या िववाद म तो नह ह।
संबंिधत िवभाग से ा सार सं तुित-प क जाँच कर ल
जब डवलपर कोई ोजे ट शु करता ह, तो उसे कई अलग-अलग िवभाग से ए ूवल लेना पड़ता ह, जैसे—
टाउन लािनंग एजसी। िवकास ािधकरण से न शा सं तुित-प । साथ ही, िब डर से पूछ िक या उसे ोजे ट
क िलए िन न ए ूवल ा ह—िब डग लान, दूषण, पानी, पयावरण और (यिद िब डग िकसी एयरपोट क
25 िकमी. क प रिध म थत ह, तो) भारतीय िवमान प न ािधकरण से िब डग क ऊचाई का ीयरस।
भूिम अिध हण क ि या पूरी हो चुक ह या नह ?
डवलपर ायः भूिम अिध हण क ि या पूरी होने से पहले ही अपाटमट क िब शु कर देते ह। वह
अपनी ज रत क 80 ितशत जमीन तो खरीद सकता ह, लेिकन िकसी कारणवश यिद शेष 20 ितशत जमीन
िववाद म पड़ जाती ह तो? और यिद आपका अपाटमट उस 20 ितशत म आ जाता ह, तो आप सम या म
उलझ जाएँगे।
िब डर क भुगतान योजना क बार म जानकारी ा कर
लैट/मकान खरीदने म िब डर क भुगतान योजना क मह वपूण भूिमका होती ह। एक और बात का यान
रख िक यिद आप एक बार बुिकग करने क बाद बीच म अपना लान िश ट करते ह, तो उस पर िब डर आपसे
दंड/शु क लेगा। इसिलए पहले से अपनी ज रत और पसंद क मुतािबक लान चुनकर रख। यान रह िक पूरा
भुगतान कर देने क बाद यिद ोजे ट िवलंिबत होता ह या थिगत कर िदया जाता ह, तो आप पूरी तरह से
िब डर क मोहताज हो जाते ह।
पता कर िक या कोई ए कलेशन ॉज भी ह?
एक िदन मेरी ांच का एक पुराना ाहक मेर पास आया और कहने लगा िक उसे 2 लाख पए का अित र
लोन लेना ह। हमार बक से वह पहले 25 लाख पए का लैट खरीदने क िलए 20 लाख पए का होम लोन ले
चुका था। जब मने उससे अित र लोन क ज रत का कारण पूछा, तो उसने बताया िक सेल ए ीमट क समय
िवला क साइज क माप म गलती हो गई थी, अब सही माप यादा होने क कारण िब डर ने िवला क िब
क मत 25 लाख पए से बढ़ाकर 28 लाख पए कर दी ह। उसने मुझसे यह भी पूछा िक या उसे क यूमर
फोरम म िशकायत करनी चािहए? मने सेल ए ीमट को यान से पढ़ा तो पता चला िक िब डर ने उसम कॉ ट
ए कलेशन ॉज जोड़ रखी ह। मने उसे बताया िक उसे अित र क मत चुकानी पड़गी। कछ िब डर सेल
ए ीमट म अलग से एक कॉ ट ए कलेशन ॉज जोड़ देते ह, िजसम िलखा होता ह िक यिद िनमाण साम ी
और अ य संसाधन क लागत बढ़कर आती ह या लैट/िवला का े फल यादा िनकलता ह, तो उसे लैट/
िवला क िब क मत बढ़ाने का अिधकार ह। िब डर का क रकॉड देख और पता लगाएँ िक या इससे
े ेि ी ो े ॉ े ॉ ो ी ी? े

पहले उसने िकसी ोजे ट म कॉ ट ए कलेशन ॉज जोड़ी थी? या वा तव म क मत बढ़ाने का उसक पास
पया कारण ह? और अगर िवला या लैट का े फल यादा िनकल रहा ह, तो िकस दर से क मत म
बढ़ोतरी होगी? नह तो ऐसे िब डर क तलाश कर, जो सेल ए ीमट म कोई ए कलेशन ॉज नह जोड़ता ह।
ोजे ट क पूण होने क ितिथ का पता लगाएँ
ायः सभी िति त िब डर लैट का क जा देने क समय का उ ेख करते ह। इसम सामा यतया वष और
महीने का उ ेख होता ह, जैसे—माच 2016। कछ डवलपर इस कार उ ेख करते ह िक ोजे ट िनमाण
काय शु होने क बाद से इतने समय क अंदर (जैसे 30-36 महीने) पूरा हो जाएगा (िब डग म िजन खंड का
न शा ए ूव हो चुका ह, उनपर पहले क जा िमल सकता ह) वे ोजे ट पूरा होने क बाद भी लगभग 6 माह क
समय का उ ेख कर देते ह। कई बार कछ ऐसे कारण से ोजे ट पूरा होने म िवलंब हो जाता ह, जो िब डर
क िनयं ण म नह होते, जैसे—मजदूर क हड़ताल, या िब डग मटी रयल क अनुपल धता। िब डर को
ोजे ट पूरा होने क ितिथ का उ ेख करने क िलए ज र कह। उससे यह भी तय कर ल िक यिद िकसी
कारण से ोजे ट िवलंिबत होता ह, तो वह आपको िकतना दंड-शु क अदा करगा। पता लगाएँ िक या उसक
पहले क ोजे ट िनधा रत समय पर पूर हो गए थे; यिद नह , तो उसने ाहक को ोजे ट म िवलंब क िलए
कोई दंड-शु क अदा िकया या नह ।
या कोई पेन टी ॉज भी ह?
ोजे ट म िवलंब होना एक आम बात ह। कम ही ोजे ट िनधा रत समय-सीमा म पूर हो पाते ह। कछ िब डर
ोजे ट पूरा होने या क जे म िवलंब क िलए दंड-शु क अदा करने क बात भी करते ह। लेिकन उससे कछ
नह होता; य िक यह शु क उस रािश क सामने कछ नह होता, जो आप मािसक िक त क प म चुका रह
ह। आप जो मािसक िक त अदा कर रह ह, वह ॉपट क कल क मत पर आधा रत होती ह, जबिक िवलंब क
कारण िमलने वाली ितपूित ॉपट क मूल क मत क आधार पर होती ह; उसम पािकग, ब मबरिशप आिद
पर लगनेवाला शु क शािमल नह होता ह। कछ िब डर ितपूित क प म आपक तािवत मािसक आय क
बराबर रािश अदा करते ह। कछ िब डर सेल ए ीमट म अलग से एक ॉज जोड़ देते ह, िजसम उ ेख होता
ह िक िकसी कारणवश ोजे ट िवलंिबत होने क थित म खरीददार िकसी कार क अित र शु क या
ितपूित का दावा नह कर सकता। कछ अ य िब डर ितपूित क एक सीमा िनधा रत कर देते ह। लेिकन
यादातर िब डर सेल ए ीमट म एक धारा रखते ह, िजसम उ ेख होता ह िक यिद ऐसे कारण से ोजे ट म
िवलंब होता ह, जो िब डर क िनयं ण े म नह हो, तो िब डर उसक िलए उ रदायी नह होगा।
ऐसे भी मामले देखे गए ह, िजनम इस तरह क ितपूित क िलए जारी िकए गए चेक बाउस हो जाते ह।
िब डर से ितपूित लेना कोई आसान काम नह ह। इसिलए पहले से सावधानी बरतना ही बेहतर होता ह।
लैट/िवला का साइज या होगा?
िब डर लैट का साइज वग फ ट े क प म दरशाते ह। इसम खरीददार ारा उपयोग म लाया जा
सकनेवाला कल े फल आता ह, जैसे—अलग-अलग लोर, बालकनी, लॉबी, सीढ़ी, शहतीर, िल ट, दीवार
और अ य सकलेशन े तथा आम सुिवधा वाला े , जैसे—बेसमट, सब- टशन, िस यो रटी म, कड़ा
डालने का थान और झरोख का थान। अतः खरीददार को पहले प कर लेना चािहए िक उसे लैट क
िब ट-अप ए रया क प म िकतना थान िमलेगा, य िक ॉपट क कल क मत क गणना यिद ित वग फ ट
क िहसाब से क जाए, तो थोड़ी-से-थोड़ी जगह भी काफ क मत क बैठती ह।
या आपको वही लैट िमलेगा, जो िदखाया गया ह?
जब आप िकसी िनमाणाधीन ोजे ट म लैट देखने क िलए जाते ह, तो कपनी का से स-पसन आपको एक
सपल लैट िदखाता ह। दरअसल, सपल लैट ाहक को आकिषत करने क िलए होता ह; कशल िडजाइनर
ारा उसक आंत रक साज-स ा कछ इस तरह िडजाइन क जाती ह िक वह देखने म वा तिवक साइज से
बड़ा िदखाई देता ह, िजसम फन चर आिद उपयोग क सामान रखने क बाद भी अ छी-खासी जगह बचती
िदखाई देती ह। सच यह ह िक ऐसे सपल लैट म रखे गए फन चर आिद सामान का साइज बाजार म उपल ध
साइज से काफ छोटा होता ह। जब िब डग बनकर क जे क िलए तैयार हो जाती ह, तो सपल लैट को तोड़
िदया जाता ह। इसक अलावा लैट क थित क बात भी आती ह। सपल लैट िब कल अलग खड़ा रहता ह,
िजसम बालकनी और िखड़क से देखने पर सबकछ ब त अ छा िदखाई देता ह। लेिकन वही लैट जब कई
लैट क झुरमुट म हो, तो ऐसा नह होता ह। कछ िब डर सेल ए ीमट म पहले से ही एक धारा जोड़ रहते ह
िक लैट या अपाटमट का ले-आउट लान बदला जा सकता ह। इस कार, लैट बनकर तैयार होने क बाद
सपल लैट (जो आपको बुिकग क समय िदखाया गया था) से िब कल अलग हो सकता ह। लैट क साइज,
ले-आउट और िडजाइन का सही-सही अंदाजा लगाने क िलए खरीददार को अपाटमट क आिकट रल िडजाइन
क साथ-साथ ोजे ट का ले-आउट न शा देखना चािहए, जो थानीय नगर िनगम या िवकास ािधकरण ारा
ए ू ड होता ह। इससे उसे लैट क कॉरपेट ए रया क ठीक-ठीक जानकारी िमल सकगी। चूँिक िब डर ने पहले
से ही सेल ए ीमट म एक धारा जोड़ रखी ह िक ोजे ट का ले-आउट लान बदला जा सकता ह, इसिलए आप
उसे उपभो ा अदालत म भी नह ले जा सकते।
कछ मामल म ऐसा भी होता ह िक िब डर बुिकग क समय आपको ऐसी िब डग और ले-आउट लान
िदखाता ह, िजसम गाडन, विमंग पूल, ब हाउस वगैरह आपक अपाटमट क सामने होते ह, लेिकन िनमाण
ौ े े ि ि ै े ं ि ी

काय क दौरान आप देखते ह िक आपक बुक िकए गए लैट क सामने दूसर खंड क िब डग क न व आ रही
ह। इसका मतलब आ िक िब डर ने अपना ले-आउट लान बीच म बदल िदया। िम ो, िब डर ए ू ड न शे
क अनुसार ही िब डग तैयार करता ह। बुिकग क दौरान से स-पसन, जो न शा या ले-आउट लान िदखाता ह,
वह ए ू ड न शे से िभ होता ह, तािक ाहक को आकिषत िकया जा सक। यान रह िक लैट का ए रया
बढ़ाया नह जा सकता।
या बुक िकए गए लैट/मकान को बीच म बेचा जा सकता ह?
ब त से लोग िनवेश क उ े य से लैट खरीदते ह। आप भी उनम से एक हो सकते ह। ऐसी थित म
ोजे ट पूरा होने से पहले यिद आपको अ छा मुनाफा िदखाई देता ह, तो आप लैट को बीच म ही बेच देना
यादा पसंद करगे, या कभी-कभी िकसी िनजी कारण से भी आप लैट को बीच म ही बेच देना चाहते ह।
इसिलए िम ो, ए ीमट साइन करने से पहले यह प कर ल िक या लैट/मकान को बीच म बेचा जा सकता
ह? अगर िब डर क अपनी इ वटरी ह, तो वह लैट को कसल नह करना चाहगा। सामा यतया िब डर इसक
िलए ए ीमट म यह धारा अलग से रखते ह, जो ॉपट क ह तांतरण से संबंिधत होती ह; उसम उ ेख होता ह
िक यिद खरीददार बीच म ॉपट का ह तांतरण करना चाहता ह, तो उसे ितवग फ ट क िहसाब से कछ
अित र (25 पए ित वग फ ट) शु क अदा करना होगा। ऐसा वे इसिलए करते ह, तािक लोग िकसी
तीयक मा यम से लैट/ ॉपट न खरीद। पता कर िक ऐसी थित आने पर आपको िकतना ह तांतरण शु क
अदा करना होगा?
या लैट कसल करने पर आपको अपना पैसा वापस िमल जाएगा?
िब डर क हाथ म पैसा दे देने क बाद उसे वापस लेना कोई आसान काम नह होता ह। इसिलए लैट बुक
कराने से पहले ही सावधानी बरत। लैट कसल करने का शु क अलग-अलग डवलपर अलग-अलग िहसाब से
वसूल करते ह। कछ िति त डवलपर, जैसे—आिशयाना, एक माह क अंदर लैट कसल होने क थित म
खरीददार को पूरी जमा रािश लौटा देते ह। लेिकन इस तरह का कोई िन त िनयम या मानदंड नह ह, िजसका
सभी िब डर/डवलपर पालन कर। कछ िब डर एक माह क अंदर लैट कसल करने पर खरीददार क जमा
रािश म से कछ नह काटते, कछ िब डर बुिकग रािश म से 10% काटकर शेष रािश वापस लौटाते ह, जबिक
कछ अ य िब डर वही रािश लैट क खरीद क मत पर अंिकत कर देते ह; साथ ही, कछ छोट डवलपर ऐसे भी
ह, जो सारी-क -सारी बुिकग रािश ही ज त कर लेते ह।
अतः चेक देने से पहले अ छी तरह सोच-समझ ल। बुिकग रािश का नकद भुगतान करने से बच। अपने पास
चेकबुक रख और जब लैट का सौदा प ा हो जाए, तो डवलपर क नाम चेक काटकर दे द। उसक रसीद
लेना न भूल।
अ य (अित र ) शु क या- या ह?
अित र शु क म पािकग (खुली या बंद) शु क शािमल होता ह। बंद पािकग का शु क खुली पािकग क
अपे ा यादा होता ह। अगर आप गाडन या विमंग पूल क सामनेवाला लैट बुक कराते ह, तो उसक िलए
ितवग फ ट कछ अित र रािश चुकानी पड़गी। इसे ‘ ेफरिशयल लोकशन चाजज’ (पी.एल.सी.) कहा जाता
ह। साथ ही, डवलपर बा और आंत रक िवकास शु क भी वसूल करता ह। उसक दर पता कर और पता
लगाएँ िक या उसम बदलाव भी हो सकता ह? इस कार सभी कार क शु क का िववरण ले ल और
मोलभाव क बाद लैट तभी बुक कर, जब आपको लगे िक आपक बजट म आ जाएगा।
यिद आप समय पर भुगतान नह कर पाते तो या होगा?
सामा यतया िब डर िक त क अदायगी क िलए अलग से कछ मोहलत देते ह। लेिकन पहले से प कर ल
िक यिद आपक िक त िकसी कारणवश क जाती ह, तो िब डर क ओर से िकतने समय क मोहलत िमलेगी
और उस पर या याज देय होगा? सामा यतया इसक िलए िब डर 18% वािषक याज वसूल करते ह। या
आपका एलॉटमट कसल हो सकता ह? बुिकग रािश क ज त िकए जाने से संबंिधत धारा या कहती ह? आपको
िकतनी रािश वापस िमलेगी? याद रख िक िक त क भुगतान म िवलंब क थित म आपसे िनधा रत जुरमाना या
दंड-शु क वसूला जा सकता ह।
ॉपट िगरवी तो नह ह?
िब डर से पता कर िक ोजे ट पर कोई लोन तो नह ह। यिद ऐसा कोई लोन चल रहा ह, तो संबंिधत बक से
अनापि माण-प ज र ल। बक िब डर क नाम से एक िडमांड ा ट भी जारी करते ह, िजसम िब डर का
ए ो एकाउट नंबर होता ह (यह बक का एक ऐसा एकाउट होता ह, िजसम िकसी ोजे ट िवशेष क िब से
जुड़ी रािश जमा करानी होती ह।) जब तक ऐसा नह होगा, तब तक आप ॉपट का रिज शन अपने नाम नह
करा सकते।
क मत बस बढ़ने ही वाली ह!!!
गलाकाट ित पधा क इस युग म हर िब डर अपनी ॉपट क सेल बढ़ाना चाहता ह। इसक िलए वह इस
तरह क तरक ब िनकालता ह। ॉपट देखने क बाद जब आप िब डर से थोड़ा सोचने या प रवार क अ य
सद य को िदखाने क बात करते ह, तो उसका जवाब कछ इस तरह का हो सकता ह िक ोजे ट लगभग-
लगभग िबक चुका ह, इसिलए ज दी ही इसक क मत बढ़नेवाली ह।
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तो िम ो, रयल ए टट का बाजार मूल प से खरीददार का बाजार ह। सच यह ह िक ॉपट क िलए
खरीददार िजतना ज रतमंद ह, उससे कह यादा ज रतमंद िब डर ह। डीमोनेटाइजेशन का भाव एवं लैट
क यादा उपल धता क कारण थित और िबगड़ गई ह। साथ ही, बक क ओर से िब डर को िमलनेवाली
िव ीय सहायता क शत कड़ी कर दी गई ह। इसिलए िब डर को भी पैस क ज रत होती ह। इस कार यिद
िब डर को लगता ह िक आप लैट खरीदने क इ छक ह, तो वह क मत म मोलभाव और छट क िलए तैयार हो
जाएगा।
यिद आपक अभी मकान खरीदने क तैयारी नह ह, तो नकली खरीददार बनकर आप अपने सपन क घर क
िलए रािश बचा सकते ह। अगर आप मािसक िक त क बराबर क रािश िनयिमत प से सुरि त जोड़कर रखते
जाएँ, तो मकान खरीदने क समय तक आप डाउन पेमट क िलए अ छी-खासी धनरािश जोड़ सकते ह।
उपहार या मु त क चीज क लालच म न आएँ
आजकल िब डर अपनी ॉपट क िब बढ़ाने क िलए क मत म छट और अ य तरह-तरह क िवशेष
ऑफर दे रह ह। अलग-अलग डवलपर अलग-अलग तरह क ऑफर दे रह ह। कोई मु त िवदेश-या ा का
ऑफर दे रहा ह, तो कोई ल जरी िकचन और बेड म म ए.सी. या मु त पािकग का ऑफर दे रहा ह। इसी तरह
कोई िब डर आपको ‘ ेफरिशयल लोकशन चाज’ हटाने का ऑफर दे सकता ह।
िम ो, यान रह िक कोई भी िब डर आपको अपनी जेब से कछ नह दे सकता ह। इसिलए लैट क थित
और गुणव ा को ही ाथिमकता द। लैट का ए रया िकतना ह? अपाटमट का ित वग फ ट रट िकतना पड़ रहा
ह? या यह दर बाजार म चल रह सामा य रट क बराबर ह? डवलपर ारा िदए जा रह ऑफर क मौि क
क मत िनकाल और उसे लैट क मूल क मत म से घटा द, िफर अ य ऑफर से उसक तुलना करक देख। इस
तरह क क म चुनने से पहले डवलपर/िब डर क आिथक स मता को ज र यान म रख। खरीददार को
लुभावने ऑफर क बजाय ॉपट क वा तिवक क मत क आधार पर उसे खरीदने या न खरीदने का िनणय लेना
चािहए।

ी-लॉ बुिकग
ी-लॉ ंग या ह?
ी-लॉ ंग वह थित होती ह, जब िब डर िकसी नए थान पर ोजे ट लॉ , यानी शु करने क घोषणा
करता ह। इस थित म न तो उसक पास कोई एपू्र ड न शा होता ह और न ही संबंिधत िवभाग/ ािधकरण से
कोई अनुमित ा होती ह। डवलपर ऐसे ोजे ट क बार म िसफ अपने कछ पुराने ाहक , दलाल , िनवेशक
और इ -िम या र तेदार को ही बताकर चलता ह, य िक ोजे ट तब तक आिधका रक प से बाजार म
नह आया होता ह। इसक िलए िब डर अपने संभािवत खरीददार से आगे क ितिथ का एक चेक जमा कराता ह
और उसक रसीद देता ह, लेिकन इस संबंध म वह कोई िलिखत ए ीमट नह करता ह। यह एक तरह से
मौिखक ए ीमट होता ह। इसम ोजे ट म ॉपट क उपल धता क बात एक य दूसर य को बताता ह,
दूसरा य तीसर को बताता ह और इस कार संभािवत खरीददार क सं या बढ़ती जाती ह। ऐसी थित म
ॉपट खरीदने क िलए ायः ऐसे लोग ही आते ह, जो या तो एक-दो साल ककर ॉपट क िब से मुनाफा
कमाना चाहते ह या िफर ऐसे लोग आते ह, जो ॉपट खरीदकर डाल देते ह और रहने क िलए दो से तीन साल
का इतजार कर सकते ह। इस थित म ोजे ट क थान पर िब डर क ओर से एक बोड लगा देखा जा सकता
ह, ‘अ ब स कपनी िल. का क ख ग ोजे ट ज द ही (बाजार म) आ रहा ह।’ इसम खरीददार ॉपट बुक
कराने क िलए सीधे िब डर या रयल ए टट कपनी से संपक करता ह।
ी-लॉ ंग क रणनीित अपनाकर िब डर संबंिधत इलाक म लोग क िति या जानकर ोजे ट क
सफलता या असफलता का अंदाजा लगाता ह। अगर उसे लगता ह िक ोजे ट कामयाब हो सकता ह, तो वह
उसे आगे बढ़ाता ह, नह तो उसे कछ समय क िलए या पूरी तरह से टाल देता ह। ऐसे ोजे ट म उसे बाजार से
याज-मु पूँजी भी िमल जाती ह, िजसका उपयोग वह ोजे ट लोन लेने क िलए मािजन मनी क प म कर
सकता ह।
या ऐसा करना तकनीक तौर पर उपयु ह?
नह ! तकनीक ि से ऐसा करना गलत ह, य िक िब डर िकसी ोजे ट म बुिकग तभी वीकार कर
सकता ह, जब उसे संबंिधत िवभाग/ ािधकरण से ए ूवल/परमीशन ा हो।
खरीददार को फायदे —(1) ी-लॉ ंग थित म खरीददार को ॉपट क क मत 5-10 ितशत कम चुकानी
पड़ती ह।
(2) ी-लॉ ंग टज म चूँिक खरीददार िब डर से सीधे संपक करता ह। इसिलए वह दलाली से बच जाता
ह।
(3) यह उन िनवेशक क िलए ब त अ छा होता ह, जो िसफ मुनाफा कमाने क िलए लैट खरीदना चाहते
ह, य िक ऐसे ोजे ट म ॉपट क क मत बढ़ने का अ छा-खासा फायदा िमल जाता ह।
खािमयाँ —(1) ऐसा करना तकनीक प से गलत होता ह।
(2) इसम लैट नंबर या लोर आिद क थित का कछ पता नह होता ह।
(3) कभी-कभी िनवेशक क ओर से कम सकारा मक िति या िमलने क कारण िब डर क िलए संबंिधत
ोजे ट पर काम शु करना मु कल हो जाता ह और इस बीच बुिकग रािश को वह िकसी दूसर ोजे ट म लगा
चुका होता ह। ऐसे म बुिकग रािश वापस करने म वह समय लगा सकता ह; और अगर कोई ऐसा-वैसा िब डर
ह, तो आपक ारा जमा क गई बुिकग रािश भी दाँव पर लग सकती ह।
ी-लॉ ोजे ट म िनवेश काफ जोिखम भरा कदम होता ह। यह ायः ऐसे िनवेशक क िलए होता ह,
िजनक पास जोिखम लेने और हािन क थित से उबरने क अ छी स मता होती ह। रहायशी उ े य से
ॉपट म िनवेश करनेवाले लोग क िलए यह रा ता िब कल उपयु नह ह। हाँ, अगर िब डर क माकट म
अ छी ित ा ह और उसका क रकॉड ब त अ छा ह, तब यह रा ता अपनाने क बार म सोचा जा सकता
ह। लेिकन चूँिक इस थित म ोजे ट ए ू ड नह होता ह, इस कारण खरीददार को होम लोन क उ मीद नह
करनी चािहए।
ी-लॉ बुिकग से पहले या सावधानी बरती जानी चािहए?
यह सच ह िक ी-लॉ बुिकग अपे ाकत काफ स ती पड़ती ह, लेिकन इसम जोिखम भी उतना ही होता
ह। इसिलए ी-लॉ बुिकग म िनवेश करने से पहले िन न िबंदु को यान म रख—
1. हमेशा जाने-माने िति त िब डर को ही चुन।
2. यह पता लगाएँ िक िजस जमीन पर ोजे ट शु होनेवाला ह, वह िब डर क वािम व म ह या नह ।
3. भुगतान हमेशा िडमांड ा ट या बाद क ितिथ क चेक क ज रए कर, तािक िकसी िववाद क थित म
आप कानूनी सहायता ले सक।
4. उस े क बार म जानकारी ा कर, जहाँ ोजे ट शु होनेवाला ह। या वहाँ क रयल ए टट बाजार
म सरगम ह, या िफर कोई सरकारी ोजे ट चल रहा ह या नह ?
5. यह भी देख िक ोजे ट क जमीन िकसी एयरपोट या सै य- े क प रिध म तो नह आती।
6. या सभी संबंिधत ए ूवल व माण-प आिद तैयार ह?
ि ि ी ? ो े े ? ी ी

7. िब डर क माकट म छिव कसी ह? या वह समय पर ोजे ट पूरा करक देता ह? या वह सारी कानूनी
औपचा रकताएँ पूरी करता ह?
8. ोजे ट को शु करने का माण-प िब डर क पास ह या नह ?
इस कार ी-लॉ बुिकग म िनवेश करने से पहले उपरो िबंदु पर गंभीरतापूवक अमल कर।
नोट : ररा म ी लांच बुिकग ितबंिधत ह।

ॉपट खरीदने क िलए डवलपर ारा ऑफर
िकए जाने वाले लान
र यल ए टट माकट म ित पधा िदन- ितिदन बढ़ती जा रही ह और माकट म बने रहने क िलए डवलपर
अपने ाहक को तरह-तरह क आकषक लान ऑफर कर रह ह।
ऐसे िकसी लान को चुनने से पहले इनक बार म कछ मह वपूण बात
क जानकारी होना ज री ह
डाउन पेमट लान
इस लान क अंतगत खरीददार को लैट/मकान क बुिकग क समय ए ीमट म दिशत पूरी धनरािश का
भुगतान करना होता ह। इसम सामा यतया लैट/मकान क क मत म से 10 ितशत रािश का भुगतान बुिकग क
समय करना होता ह; 80-85 ितशत रािश का भुगतान बुिकग क ितिथ से एक माह क अंदर करना होता ह और
शेष 5-10 ितशत रािश का भुगतान क जे क समय करना होता ह।
इसम इसेिटव क प म डवलपर जब तक ोजे ट िनमाणाधीन रहता ह, तब तक बक लोन पर याज का
भुगतान करता ह या िफर खरीददार को 10-15 ितशत का िड काउट देता ह। यह ब त जोिखमवाला लान
होता ह, य िक खरीददार का पैसा पूरी तरह से डवलपर क दया पर रहता ह। ोजे ट म िवलंब क थित म
खरीददार का पैसा फस सकता ह। इस तरह का लान तभी चुनना चािहए, जब डवलपर ब त अ छी छिववाला
हो और आप अपना वयं का पैसा लगा रह ह , (इस क म म बक लोन संभव नह ह)। 1 िसतंबर, 2013 से
रजव बक ऑफ इिडया ने बक क िलए इस तरह क पेमट लान म होम लोन देना ितबंिधत कर िदया ह।
रजव बक ने बक को िनदश िदए ह िक वे िब डर को वीकत लोन क रािश का भुगतान सीधे न करक
ोजे ट क िनमाण क चरण म कर, तािक खरीददार और बकर दोन अित र जोिखम से बचे रह।
साविध लान (टाइम-िलं ड लान)
इस तरह क लान म खरीददार को िब डर/डवलपर ारा जारी िकए गए एलॉटमट लेटर म उ िखत समय
पर भुगतान करना होता ह। ऐसा लान ायः सरकारी संगठन ारा ऑफर िकया जाता ह (जैसे—नेशनल
िब डग क शन कॉरपोरशन िलिमटड, हाउिसंग बो स ऑफ टट गवनम स)। इसम ाहक को वािजब
क मत पर अपाटमट ऑफर िकया जाता ह और एलॉटमट लेटर म उ िखत ितिथ को भुगतान कर देना होता ह,
और कोई िवक प नह होता। चूँिक इस तरह क लान सरकारी संगठन ारा ऑफर िकए जाते ह, इसिलए
लैट का क जा िनधा रत समय पर िमल जाता ह।
ले सी पेमट लान
इसम खरीददार को 10% रािश (ए ीमट म दरशाई गई रािश) का भुगतान लैट/िवला क बुिकग क समय
करना होता ह। उसक बाद 30%-40% रािश का भुगतान बुिकग क ितिथ से एक माह क अंदर करना होता ह
और शेष रािश का भुगतान िब डग/ ोजे ट क िनमाण-चरण क अनुसार करना होता ह। इस तरह क लान म
खरीददार को डवलपर क ओर से 6-8 ितशत तक िड काउट िमलता ह।
क शन िलं ड लान (सी.एल.पी.)
इस तरह क लान म खरीददार को 10% रािश (ए ीमट म दरशाई गई रािश) का भुगतान लैट क बुिकग क
समय करना होता ह। उसक बाद 10% रािश का भुगतान बुिकग क ितिथ से एक माह क भीतर करना होता ह
और शेष रािश का भुगतान ोजे ट िनमाण क चरण क अनुसार करना होता ह। िब डर सामा यतया ित लोर
फ का टग पर 10% रािश क माँग करता ह। इस लान म खरीददार को भुगतान क िलए 2 से 3 वष का
समय िमल जाता ह।
फायदे
यह एक अ छा लान ह, य िक खरीददार को भुगतान ोजे ट क िविभ चरण क अनुसार िक त म करना
होता ह। िनमाण क दौरान उसे बक से िमले लोन पर िसफ याज क रािश चुकानी पड़ती ह; इस कार वह
मािजन मनी क िलए पैसे बचा सकता ह। इस लान म अपे ाकत कम जोिखम होता ह, य िक सारा पैसा फसने
का डर नह रहता ह।
खािमयाँ
यह लान वैसे तो आकषक लगता ह, लेिकन िब डर कई बार अपने फायदे क िलए इसका दु पयोग भी
करने लग जाते ह। ोजे ट का सुपर र तैयार होने तक खरीददार या बक अपाटमट क क मत का 80 से
ि ो ी औ ि ि ि ं ( े ि ि ँ
90 ितशत भुगतान कर चुका होता ह। दूसर चरण म इटी रयर और िफिनिशंग का काम (दरवाजे, िखड़िकयाँ,
माबल, िफिटग वगैरह) रह जाता ह, िजसम सामा यतया 6 माह से एक साल तक का समय लगना चािहए।
परतु इस चरण म प चकर डवलपर ोजे ट को लटकाना शु कर देता ह और कई बार 2 से 4 साल तक
ख च देता ह। दरअसल, अपाटमट क क मत का अिधकांश भाग उसक पास आ चुका होता ह, इसिलए वह
खरीददार का पैसा िकसी दूसर ोजे ट म लगा देता ह और पुराना ोजे ट लटक जाता ह। कछ िब डर क इस
गंदी आदत क कारण खरीददार का पैसा फस जाता ह।
पजेशन िलं ड लान (पी.एल.पी.)
यह अब तक का सबसे नया पेमट लान ह, िजससे लैट/मकान का क जा िमलने म िवलंब का डर कम रह
जाता ह। आजकल आिथक ि से स म डवलपर क शन िलं ड लान ( सी.एल.पी. ) छोड़कर पजेशन
िलं ड लान (पी.एल.पी.) क ओर जा रह ह। रयल ए टट क माकट म मौजूदा मंदी ने इस लान का रा ता
तैयार िकया ह। अब तक सबसे अ छा लान क शन िलं ड लान था, िजसम खरीददार या बक ोजे ट क
िनमाण क चरण क अनुसार डवलपर को भुगतान देता ह; इसक खािमय क बार म हम पहले चचा कर चुक ह।
इन खािमय से बचने क िलए पजेशन-िलं ड लान लाया गया।
फायदे
पजेशन िलं ड लान म भुगतान दो चरण म करना होता ह। 10-25 ितशत रािश का भुगतान बुिकग क
समय/एक माह क अंदर करना होता ह, जबिक शेष रािश का भुगतान तब करना होता ह, जब खरीददार को
ॉपट का क जा िमल जाता ह। इस लान का सबसे बड़ा फायदा यह ह िक इसम ोजे ट क लटकने या िवलंब
होने का डर कम रह जाता ह, य िक क जे से पहले तक िब डर क पास िसफ 10-25 ितशत रािश ही आई
होती ह; इसिलए वह ज दी-से-ज दी ोजे ट को पूरा करक और क जा देकर शेष रािश ा करना चाहता ह।
इस लान म मौि क फायदे भी ह। कल क मत का मा 20-25 ितशत जमा करक आप अपाटमट क
बुिकग कर सकते ह। उसक बाद ोजे ट क पूरा होने तक आपको 2-3 साल का समय िमल जाता ह, िजसम
आप बाक रकम का इतजाम कर सकते ह। इस कार, इसम आपको यादा बड़ा लोन लेने क ज रत नह
पड़ती।
क शन िलं ड लान म आपको बुिकग क समय होम लोन लेना पड़ता ह और जब तक िब डग का
िनमाण काय चल रहा होता ह, तब तक एक ओर आपको लोन क ी-ई.एम.आई (कल लोन रािश पर
लगनेवाले याज क रािश) चुकानी पड़ती ह और दूसरी ओर मकान/ लैट (िजसम आप रह रह ह) का िकराया
भी चुकाना पड़ता ह। पजेशन िलं ड लान म आपक ी-ई.एम.आई. पूरी-क -पूरी बच जाती ह।
वैसे तो पजेशन िलं ड लान (पी.एल.पी.) क शन िलं ड लान (सी.एल.पी.) क खािमय से बचाता ह,
लेिकन इसका चुनाव करने से पहले कछ मह वपूण िबंदु पर िवचार कर लेना ज री होता ह—
1. क मत म अंतर
या पी.एल.पी. और सी.एल.पी. दोन तरह क लान म लैट/िवला क क मत एक जैसी ह? यिद क मत म
अंतर ह, तो समझ लीिजए िक डवलपर ने पी.एल.पी. म िव -पोषण (फिडग) क लागत भी जोड़ रखी ह।
इसका मतलब आ िक वह आपसे याज वसूल करगा और ऑफर आपको दे देगा।
पी.एल.पी. क म क अंतगत िब डर ायः टडड रट पर 10-15 ितशत ीिमयम रखकर चलते ह, िजसम
यादा मोल-भाव करना संभव नह होता।
2. िब डर क िव ीय स मता
पी.एल.पी. क म म जोिखम का यादा िह सा िब डर क तरफ आता ह। अतः उसका िव ीय ि से
स म होना ज री होता ह।
3. ॉपट /िब डर क बार म पता लगा ल
ॉपट से जुड़ी ज री बात को नजरअंदाज न कर। पता लगाएँ िक ोजे ट क डवलपमट से संबंिधत सार
ए ूवल मौजूद ह या नह ? ोजे ट को िनधा रत समय-सीमा म पूरा करने क मामले म डवलपर का क- रकॉड
कसा ह? या ॉपट क क मत उसक थित क अनुसार ठीक ह? अपाटमट का कारपेट ए रया िकतना होगा?
यह भी सुिन त कर ल िक डवलपर ोजे ट क लागत कम करने क िलए ॉपट म दी जानेवाली िविभ
सुिवधा क गुणव ा तो नह िगरा देता ह? साथ ही, यह भी देख ल िक ोजे ट कम-से-कम दो सावजिनक
े क बक ारा ए ू ड होना चािहए।
या िवशु पी.एल.पी. क म म ॉपट खरीद?
जी हाँ! इसम आपको िसफ दो बार भुगतान करना होता ह, एक बुिकग क समय और दूसरा, क जा िमलने क
समय।
िन कष क प म कहा जा सकता ह िक पी.एल.पी. क म रयल ए टट इड ी म चल रही मंदी का
प रणाम ह, िजसे डवलपर ने ॉपट क िब बढ़ाने क नए रा ते क प म ईजाद िकया ह। इड ी म तेजी
शु हो जाने पर हो सकता ह, ऐसा ऑफर दोबारा न िमले। इसिलए इसका भरपूर फायदा उठाएँ।

ररा ( रयल ए टट रगुलेशन ए ट) 2017
र यल ए टट से टर म खरीदार को लंबे समय से कई सम या का सामना करना पड़ रहा ह, जैसे ोजे ट
का समय पूरा न हो पाना, िनमाण लागत म बढ़ोतरी, अपूण प रयोजनाएँ, लान म बदलाव, धोखेबाजी एवं
िनयामक का न होना।
इन सभी सम या को यान म रखते ए भारत सरकार ने ज मू एवं क मीर को छोड़कर संपूण भारत म 1
मई, 2017 से रयल ए टट रगुलेशन ऐ ट (ररा) लागू कर िदया ह। इसक अंतगत सभी रा य म रयल ए टट
रगुलेटरी ऑ ो रटी बनाई जाएगी। यह कानून आवासीय एवं वािण यक दोन ही प रयोजना क िनयं ण क
िलए बना ह।
इस कानून से जुड़ी मु य बात—
1. हर िब डर को अपने ोजे ट क संपूण जानकारी उसक रा य म थत रयल ए टट िनयामक ािधकरण
क वेबसाइट पर देनी होगी।
2. इस िबल क पास होने क बाद हर 500 वगमीटर या इससे यादा बड़ ए रया म बने ोजे ट या 8 लैट या
इससे यादा सं या वाले ोजे ट का रिज शन करवाना अिनवाय ह।
3. कोई भी डवलपर खरीदार से 10 ितशत से यादा बुिकग रािश नह ले सकगा। इससे यादा रािश लेने पर
उसे एक िलिखत ए ीमट करना पड़गा।
4. यूिनवसल िब डर बायर ए ीमट का फॉमट जारी होगा।
5. कोई भी िब डर ोजे ट क ी-लॉ ंग नह कर सकगा।
6. िब डर को कारपेट ए रया क अनुसार िब करनी होगी।
7. जमीन क टाइटल डीड का बीमा भी कराना होगा, तािक टाइटल डीड म कोई गड़बड़ी पाए जाने पर
िब डर और खरीदार को नुकसान न हो।
8. िब डर जो पैसा िकसी ोजे ट क िलए उपभो ा से लेते ह, उस रािश का 70 ितशत िह सा उ ह अलग
बक म रखना होगा। यह एक ए ो खाता होगा। इसका इ तेमाल िसफ उसी ोजे ट क िनमाण म िकया जा
सकगा।
9. इस कानून क तहत िब डर खरीदार को पाँच साल क वारटी देगा। इस दौरान िकसी भी कार का
संरचना मक दोष या िनमाण क गुणव ा म दोष पाया जाता ह तो उसको ठीक करने क िज मेदारी डवलपर क
होगी।
10. ोजे ट म बदलाव क िलए िब डर को 66 ितशत, यानी दो-ितहाई खरीदार क सहमित लेनी होगी।
11. िब डर यिद पूव घोिषत व म िनमाण काय पूरा नह करता ह तो उसे उसी दर पर खरीदार को याज
का भुगतान करना होगा, िजस दर पर वह खरीदार से भुगतान पर िकसी चूक पर याज वसूलता ह।
12. िब डर यिद खरीदार क साथ धोखा करता ह तो उसे तीन साल तक क जेल हो सकती ह या जुरमाना
भरना पड़ सकता ह।
13. इस कानून क तहत ॉपट ोकर को भी ररा म पंजीकरण कराना होगा।
इस तरह से इस कानून क मदद से खराब िब डस क मनमानी पर रोक लगेगी और यह कानून खरीदार एवं
डवलपस दोन क िलए फायदेमंद ह। इसक वजह से िव ता का बाजार म िव ास बढ़ जाएगा, िजसका
खरीदार को लाभ होगा एवं उ ह संर ण िमलेगा।

ॉपट फाइनल करने से पहले अपने फिमली साइज
को यान म रख
िम ो, इस अ याय क मा यम से म आपको िसफ इतना बताना चाहता िक अगर आप रहायश क उ े य
से ॉपट खरीद रह ह , तो अपने प रवार म मौजूद सद य और िनकट भिव य म जुड़नेवाले सद य क सं या
को यान म ज र रख।
तीन साल पहले ी िव णु चौहान, जो वयं एक अ णी रयल ए टट कपनी म कायरत ह, एक िनमाणाधीन
ोजे ट म 2 बी.एच.क. लैट खरीदने क उ े य से होम लोन लेने क िलए मेर पास आए। उस समय वे
अिववािहत थे। लोन वीकत हो गया।
िपछले वष वे िफर बक म आए और कहने लगे िक वे अपने 2 बी.एच.क. लैट क बदले म एक 3
बी.एच.क. लैट खरीदना चाहते ह। ांच मैनेजर को उ ह ने आगे बताया िक वे बड़ लैट पर लगनेवाली
अित र क मत चुकाने क िलए तैयार ह और लोन क रािश बढ़ाना नह चाहते।
चूँिक िव णु मेर गहर दो त ह, तो मने उनसे इस बदलाव का कारण पूछा। तब उ ह ने बताया िक अब उनक
शादी हो गई ह और उनक दो ब े भी ह। माता-िपता भी कभी-कभार उनक पास रहने क िलए आ सकते ह।
इसिलए अब यादा बड़ लैट क ज रत ह। अब िम ो, चूँिक अपाटमट िनमाणाधीन था और िव णु उसी कपनी
क कमचारी थे, इसिलए उ ह 2 बी.एच.क. लैट क बदले 3 बी.एच.क. लैट िमल गया, लेिकन आप इस
तरह क थित से बचने क कोिशश कर।
िकसी य क प रवार म अलग-अलग समय म सद य क सं या भी अलग-अलग हो सकती ह। वष
2005 तक ी योगेश अिववािहत थे। उसक एक वष बाद 2006 म उनक शादी हो गई। इस कार, उनका
प रवार दो सद य का था। वष 2007 म उनक यहाँ एक ब े का ज म आ। अब प रवार क सद य सं या
बढ़कर तीन हो गई। उसक बाद वष 2010 म एक और ब ा प रवार क चौथे सद य क प म आया। इस
कार चार साल क समयांतराल म ही प रवार का साइज दो से बढ़कर चार हो गया। इससे एक बात प हो
गई िक प रवार क मुिखया क उ बढ़ने क साथ-साथ प रवार म सद य क सं या भी बढ़ सकती ह।
अगर आप नविववािहत दंपती ह और आय का ोत ह, तो िकसी ब मंिजली इमारत म टिडयो लैट या 1
बी.एच.क. लैट खरीदने क बार म सोच सकते ह। िम ो, हमेशा अपनी भावी ज रत को यान म रख, य िक
कछ ही वष म आपक पास दो या तीन बड़-बड़ ब े भी हो सकते ह। और 12-15 साल बाद ब े अलग
टडी म क माँग कर सकते ह। इसिलए पहले से अपनी भावी ज रत को यान म रखकर चल। अगर आपने
1 बी.एच.क. लैट खरीद िलया, तो आगे चलकर जब कभी प रवार क सार सद य (आपक बूढ़ माता-िपता
और ब े) एक साथ रहने क िलए आएँगे, तो आपक िलए िद त हो सकती ह।
इसिलए अगर आज आप अपने सपन का घर फाइनल करने जा रह ह, तो अपने प रवार का साइज ज र
देख ल। िनकट भिव य म आप प रवार म िकतने ब े चाहते ह? माता-िपता और अ य आि त सद य
(अिववािहत भाई या बहन आिद) क सं या िकतनी ह? ये सब बात यान म रखकर जब आप अपने सपन का
घर खरीदगे, तो प रवार क हर सद य क िलए उपयु थान िमलेगा। अतः जब कभी अपने प रवार क िलए
कम या यादा बजट का, छोटा या बड़ा, स ता या महगा घर/ लैट/िवला/फामहाउस खरीदने क योजना बनाएँ,
तो अपने ब और प रवार क अ य सद य क ज रत का यान ज र रख, तािक सपन का घर प रवार क
हर सद य क िलए खुिशय क सौगात लेकर आए।

रयल ए टट पर लगनेवाले िविभ कर
व तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.)
वष 2010-11 क बजट म 1 जुलाई, 2010 से सभी िनमाणाधीन ॉपट पर सेवा कर लगा िदया गया था जो
अब जी.एस.टी. म प रवितत हो गया ह। इसक अंतगत डवलपर या िब डर को िनमाणाधीन ॉपट बेचने पर
जी.एस.टी. चुकाना पड़ता ह। सामा यतया िब डर इस कर का बोझ खरीददार पर डाल देता ह।
अब य िप जी.एस.टी. चुकाना अिनवाय होता ह, लेिकन कछ प र थितय म इससे बचा जा सकता ह

(अ) अगर िब डर ने संबंिधत ािधकरण से ोजे ट क पूण होने का माण-प ले िलया हो,
(ब) अगर आप एक इकाई रहायशी मकान बना रह ह,
(स) िकफायती हाउिसंग क म।
नए िनयम क अनुसार, जी.एस.टी. ॉपट क कल मू य/खरीद मू य पर 12 ितशत क दर से वसूल िकया
जाएगा। सेवा कर पहले 4.5 ितशत था, इस कार जी.एस.टी. आने से िनमाणाधीन ॉपट क रट 7.5 ितशत
तक बढ़ गए।
ॉपट पर टी.डी.एस. क कटौती
िव िवधेयक 2013 म धारा 194-1 (ए) जोड़ी गई ह, जो ॉपट ह तांतरण पर ट स िडड शन (टी.डी.एस.)
से संबंिधत ह।
िव िवधेयक 2013 क अनुसार, 50 लाख पए से अिधक मू य क िकसी भी ॉपट क ह तांतरण पर िकए
जानेवाले कल भुगतान पर 1 ितशत टी.डी.एस. देय ह। कर का भुगतान िकसी रा ीयकत बक क शाखा म
एन.एस.डी.एल. क मा यम से ई-ट स पेमट ऑ शन का योग करते ए िकया जाएगा।
• ॉपट पर टी.डी.एस. काटनेवाले य क पास पैन नंबर होना अिनवाय नह ह।
• यह ावधान 1 जून, 2013 से भावी माना जाएगा।
• ामीण किष यो य जमीन टी.डी.एस. क कटौती से मु होगी।
ॉपट पर टी.डी.एस. कब लगता ह?
अचल संपि क खरीद-फरो त म होनेवाले लेन-देन को ायः या तो कम करक िदखाया जाता ह, या िफर
अचल संपि पूरी-पूरी नह िदखाई जाती ह। अतः इस कार क लेन-देन क सही-सही रपोिटग क िलए िव
मं ी ने धारा 194-1 (ए) जोड़ी थी, िजसक अनुसार 50 लाख पए से अिधक मू य क ॉपट क ह तांतरण पर
1 ितशत टी.डी.एस. कटगा; इसक गणना 1 जून, 2013 से क जाएगी।
ॉपट ह तांतरण म टी.डी.एस. िकसे देय होता ह?
खरीददार को ॉपट क ह तांतरण पर कल भुगतान क गई रािश पर 1 ितशत टी.डी.एस. काटना होता ह।
उदाहरण क िलए, यिद कोई य (अ) िकसी अ य य (ब) से 50 लाख पए म कोई ॉपट खरीदता ह,
तो (अ) को 50 लाख पए पर 1 ितशत (50 हजार पए) टी.डी.एस. काटकर उसे जमा कराना होगा।
यिद खरीददार ने बक से होम लोन िलया हो तो या ि या होगी?
ऐसी थित म खरीददार/ ाहक/बकाएदार बक को लोन रािश म से कल िब मू य पर 1 ितशत
टी.डी.एस. काटने और उसे सरकारी खजाने म जमा कराने का िनदश दे सकता ह।
ता और िव ता क िलए या द तावेज ज री होते ह?
फॉम 26 यू.बी. भरते समय लेन-देन का िववरण, ता और िव ता क बार म मूलभूत सूचनाएँ और ता व
िव ता दोन क पैन काड क फोटो ितिलिपयाँ लगाने क ज रत होती ह।
ऑफलाइन मा यम से टी.डी.एस. जमा कराने क िलए फॉम 26 यू.बी. क साथ-साथ अिधकत बक शाखा
क चालान क ज रत भी पड़ती ह।
इसक िलए या ि या अपनाई जाती ह?
ॉपट िव ता को भुगतान करते समय ता ारा जो टी.डी.एस. क रािश काटी जाती ह, वह उस माह क
अंत से एक स ाह क अंदर जमा करानी होती ह।
सबसे पहले ता को फॉम 26 यू.बी. म सार आव यक िववरण भरने होते ह—
• खरीदी जानेवाली ॉपट का िववरण, धारा 194-1 (ए) क अंतगत काट जानेवाले टी.डी.एस. क रािश, ता
और िव ता क बार म मौिलक सूचनाएँ आिद।
• फॉम 26 यू.बी. भरने क बाद ता से टी.डी.एस. जमा कराने क िलए ऑनलाइन या ऑफलाइन मा यम क
बार म पूछा जाता ह।
ऑनलाइन
ऑ ि े ॉ ी ी ई े े े
ऑनलाइन िवक प चुनने क बाद फॉम 26 यू.बी. वतः ही ता क ई-पेमट गेटवे पर प च जाता ह। साथ
ही ता ारा चुने गए िवक प से संबंिधत अ य ि याएँ भी।
ऑफलाइन
ता ऑफलाइन मा यम से भी भुगतान कर सकता ह। इसक िलए उसे फॉम 26 यू.बी. साफ-साफ भरकर
टी.डी.एस. क रािश क साथ अिधकत बक शाखा म जमा कराना होगा।
फॉम 26 यू.बी. और टी.डी.एस. क रािश सफलतापूवक जमा कराने क बाद ता को टी.डी.एस. क संदभ
म ॉपट िव ता को फॉम 16 बी (स लाइ ड ोसेिसंग सेल ऑफ टी.डी.एस. ारा िदया जानेवाला
टी.डी.एस. सिटिफकट) जारी करना होता ह।

रयल ए टट म सकल रट
ज ब भी कोई ॉपट खरीदने जाएँ, ॉपट क माकट रट, सकल रट/डी.एल.सी. (िड ट लेवल कमेटी) रट
का पता पहले लगा ल। अब आपक िलए यह जानना ज री हो जाता ह िक ये रट या होते ह?
माकट रट
माकट रट वह रट होता ह, जो ॉपट क ता और िव ता ारा आपस म तय िकया जाता ह। यह रट
माकट म ॉपट क माँग और पूित क िस ांत पर आधा रत होता ह। माँग यादा ह, तो रट यादा होता ह। माँग
िगरती ह, तो रट भी िगरता ह। इसक अलावा संबंिधत े क ढाँचागत थित, बाजार व मनोरजन आिद क
सुिवधाएँ, कल, अ पताल और सुर ा आिद कारक भी माकट रट को भािवत करते ह।
सकल रट/डी.एल.सी. रट
सकल रट रा य सरकार ारा िनधा रत यूनतम रट होता ह, िजस पर ॉपट खरीदी या बेची जा सकती ह।
िकसी रा य म अलग-अलग शहर क िलए अलग-अलग सकल रट रखे जाते ह और शहर क अंदर भी अलग-
अलग इलाक म सकल रट भी अलग-अलग होते ह। सकल रट सामा यतया रा य सरकार क राज व िवभाग या
थानीय िवकास ािधकरण ारा िनधा रत िकया जाता ह। अलग-अलग तरह क ॉपट (ए ीक चरल,
कॉमिशयल या रजीडिशयल) का अलग-अलग सकल रट भी होता ह। सकल रट समय-समय पर बढ़ता रहता
ह। सामा यतया इसे रफरस रट (संदभ दर) क प म योग म लाया जाता ह। इसका मूल उ े य ॉपट क
रिज टरी क समय टांप यूटी िनधा रत करना ह।
भारतीय ॉपट बाजार म माकट रट ायः सकल रट से यादा ह।
कारण
1. सकल रट क िनयिमत प से समी ा नह क जाती, जबिक माकट रट माँग और पूित क िस ांत पर
आधा रत होता ह।
2. सकल रट थानीय िवकास ािधकरण या रा य सरकार क िनयं ण म होता ह।
3. सकल रट ॉपट क वा तिवक क मत/दर को नह दरशाता ह। इसका योग ॉपट पर लगनेवाली टांप
यूटी िनधा रत करने क िलए ही िकया जाता ह।
टांप यूटी क गणना क समय िजस भुगतान रािश को आधार बनाया जाता ह, वह आव यक प से सेल
डीड म दरशाई गई रािश नह होती; वह ता और िव ता ारा तय क गई िब क मत से कह यादा हो
सकती ह। बात अटपटी ज र लगती ह, लेिकन सच यही ह।
इसका कारण यह होता ह िक टांप यूटी क भुगतान क िलए मौिलक िस ांत यह ह िक इसक गणना
वा तिवक खरीद रट या सकल रट म से जो यादा ह, उसी क आधार पर क जाती ह। जब भी आपको ॉपट
खरीदनी हो, उप-पंजीयक क कायालय म जाकर संबंिधत े म चिलत सकल रट/डी.एल.सी. रट का पता
ज र लगा ल।
उप-पंजीयक क कायालय म सकल रट से संबंिधत एक चाट होता ह, िजस पर संबंिधत े म चिलत
सकल रट अंिकत होता ह; इसी रट क आधार पर उप-पंजीयक ॉपट क खरीद पर टांप यूटी लगता ह।
इस कार, ॉपट क वा तिवक खरीद दर यिद सकल रट से कम ह, तब भी खरीददार को सकल रट क
िहसाब से ही टांप यूटी चुकानी पड़गी। उप-पंजीयक क कायालय से आपको सकल रट क चाट क साथ-
साथ शहरी या ामीण इलाक क सभी कार क ॉपट का िववरण भी िमल सकता ह। सकल रट चाट म
खाली जमीन क साथ-साथ िनिमत ॉपट / लैट क मू यांकन का आधार भी िदया होता ह।
इस कार टांप यूटी का भुगतान संबंिधत े म चिलत सकल रट क िहसाब से करना होता ह। यिद
खरीदी जानेवाली ॉपट पर आंिशक िनमाण ही आ ह, तो उप-पंजीयक ारा त य और प र थितय क
आधार पर उसका मू यांकन िकया जाता ह। वह ता/िव ता को िकसी आिकट ट से ॉपट क मू यांकन
रपोट तैयार कराकर जमा कराने क िलए भी कह सकता ह।
आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 50 (सी) म िकए गए ावधान क अनुसार, टांप यूटी क गणना करने
क िलए ॉपट क सेल डीड म उ िखत क मत/दर को आधार नह बनाया जाएगा, ब क संबंिधत े म
लागू सकल रट क अनुसार टांप यूटी का भुगतान करना होगा। ऐसा तब होता ह, जब सकल रट वा तिवक
खरीद रट से यादा होता ह। ऐसी थित म पूँजी-लाभ (किपटल गेन) क संदभ म कर का भुगतान भी यादा
करना पड़ता ह, य िक किपटल गेन क गणना सकल रट क आधार पर क जाती ह।
एक उदाहरण लेते ह। ी रिव क पास एक रजीडिशयल ॉपट थी, िजसे उ ह ने 1 करोड़ पए म मोहन को
बेच िदया, लेिकन सेल ए ीमट म िब क मत 50 लाख पए ही िदखाई गई। शेष 50 लाख पए का भुगतान
नकद आ, िजसका कह उ ेख नह आ।
उप-पंजीयक क कायालय म ॉपट क रिज टरी म िदखाई गई रािश (50 लाख पए) उस ॉपट क सिकल
रट (60 लाख पए) से कम ह। इसिलए टांप यूटी क गणना 50 लाख पए क बजाए 60 लाख पए पर
ई ई ि े ी ि ि ( ी)
लगाई गई। बाद म किपटल गेन क गणना क समय भी आयकर अिधिनयम क धारा 50 (सी) क अनुसार
ॉपट क िब क मत 50 लाख पए क बजाए 60 लाख पए मानी गई। इस कार इससे किपटल गेन पर
यादा कर चुकाना पड़ जाता ह।
इस कार क थित से बचने क िलए कछ चालाक खरीददार पावर ऑफ एटॉन और सेल ए ीमट क
आधार पर ॉपट खरीदते ह। हालाँिक इस कार खरीदी जानेवाली ॉपट पर बक या गैर-बिकग िव ीय
कपिनयाँ लोन नह देती ह।
अतः जब भी ॉपट खरीद, उसक रिज टरी उप-पंजीयक क कायालय म कराएँ और चालू सकल रट या
वा तिवक खरीद दर (जो यादा हो) क िहसाब से टांप यूटी चुकाएँ। िव (सं. 2) अिधिनयम, 2009 क
अनुसार, धारा 50 (सी) पावर ऑफ एटॉन और सेल ए ीमट क मामले म भी लागू होगी।
आरि त क मत
जब कोई थानीय िवकास ािधकरण नीलामी क मा यम से कोई सरकारी भूखंड बेचना चाहता ह, तो वह
बोली क िलए एक यूनतम क मत या दर िनधा रत करता ह, जहाँ से बोली शु होती ह। इसे ‘आरि त क मत’
कहा जाता ह।

रयल ए टट म मोल-भाव (सौदेबाजी)
आ जकल बाजार म ॉपट क पूित उसक माँग से यादा हो गई ह; इसिलए ॉपट खरीदते समय सौदेबाजी
क पूरी गुंजाइश रहती ह। लेिकन ॉपट खरीदने से पहले िभ िबंदु पर जानकारी ज र ा कर ल—
1. िजस े म आप ॉपट खरीदने जा रह ह, वहाँ ॉपट का अलग-अलग रट या ह?
2. िब डर क ित ा माकट म कसी ह?
3. रयल ए टट कपनी िकतनी पुरानी ह?
4. संबंिधत े म या- या सुिवधाएँ उपल ध ह? ी-लॉ ंग का या रट ह?
5. अगर रट यादा लग रहा ह, तो उसका कारण या ह?
मोल-भाव करने से सौदा स ता िमलने क गुंजाइश बढ़ जाती ह, लेिकन ॉपट खरीद म मोल-भाव करते
समय एक बात का यान रख िक कई बार िब डर ॉपट क क मत एक िन त तर तक कम करने क िलए
तैयार होता ह, लेिकन उसक घोषणा आिधका रक तौर पर नह करना चाहता ह।
मोल-भाव को भािवत करनेवाले कारक
1. िब डर/डवलपर क बाजार म साख। सु िति त िब डर ायः लॉ ंग म ही ॉपट बेचनेवाले होते ह,
इसिलए मोल-भाव क गुंजाइश नह रह जाती।
2. बाजार/अथ यव था क थित/मंदी क दौरान मोल-भाव क यादा गुंजाइश हाती ह।
3. डवलपर ने ोजे ट म अपना पैसा लगाया ह या बक से लोन िलया ह? अगर अपना पैसा लगाया ह, तो
इसका मतलब आ िक वह ॉपट को रोक सकता ह, इसिलए हो सकता ह िक वह मोल-भाव क िलए तैयार न
हो। इसक िवपरीत यिद उसने बक से लोन लेकर ोजे ट म लगाया ह, तो उसे ॉपट बेचने क ज दी रहगी
और वह मोल-भाव क िलए तैयार हो जाएगा। कभी-कभी यह भी देखना मह वपूण होता ह िक िजस जमीन पर
ोजे ट तैयार हो रहा ह, वह कसी जमीन ह— वािम ववाली, लीज क या खरीदी गई?
घर खरीदते समय क जानेवाली तैयारी
लोग ायः ॉपट खरीदने से पहले डवलपर और ॉपट क बार म जानकारी ा करने क िलए कछ खास
तैयारी नह करते। कछ लोग तो ऐसे भी होते ह, जो मोल-भाव करना जानते ही नह और कछ-का-कछ बोल देते
ह।
सौदेबाजी क कला
मोल-भाव क समय िब डर क बात यान से सुन और जब तक ज री न हो, वयं कछ न बोल। िब डर से
सारी बात सुनने क बाद अपनी ओर से वािजब क मत रख। सौदेबाजी क समय स शन लेटर और चेकबुक
अपने साथ रख, तािक िब डर आपको स ा, संभािवत ाहक मानकर सही-सही क मत पर आ जाए।
अवसर
1. सबसे पहले बक से एक ॉिवजनल स शन लेटर ा कर ल, इससे िब डर आपको स ा ाहक
मानेगा।
2. ॉपट खरीदनेवाले लोग का एक समूह बना ल, िजसम आप अपने िम , र तेदार या सहकिमय को
शािमल कर सकते ह। इससे िब डर/डवलर को एक साथ कई ाहक िमल जाएँगे और वह रट म अ छा-खासा
िड काउट देने क िलए तैयार हो जाएगा।
3. अपनी तरफ से एक अिधकतम रट तय कर ल और रट को उससे नीचे-नीचे रखने क कोिशश कर।
4. िजस इलाक म आप ॉपट खरीद रह ह, उसका एक बार वयं सव ण कर ल। वहाँ रह रह लोग से
बातचीत करक पता लगाने क कोिशश कर िक ॉपट का या रट चल रहा ह? अगर ॉपट क माँग उसक
पूित से कम ह, तो िब डर क सामने यह बात रख और उसका फायदा उठाने क कोिशश कर। कछ इलाक म
ऐसी थित होती ह िक ॉपट पर िनमाण काय पूरा होने क बाद भी माहौल म अिन तता क कारण ॉपट
खाली पड़ी रहती ह। यिद ऐसी थित ह, तो िब डर क सामने यह बात रख िक ॉपट म पैसा लगाने क बाद
ॉपट खाली रहने से नुकसान होगा; इस कार उसे यादा-से- यादा िड काउट देने क िलए तैयार करने क
कोिशश कर।
5. आप ॉपट शो या ॉपट कािनवल म भी जा सकते ह, जहाँ आपको लैट/मकान म अ छी-खासी
िविवधता िमलेगी और िब डर उस पर तरह-तरह क ऑफर भी देते ह।
सौदेबाजी क ि या
ि ी ै ी े ी ो ी े े ि
िकसी अपाटमट म लैट खरीदते समय यह दूसरी फाइनल टज होती ह। चेकबुक अपने पास रखकर िब डर
क सामने बैठ जाएँ और उसे ॉपट क यूनतम संभव क मत लगाने को कह, िब डर इस पर अपनी ओर से जो
क मत रखे, उसम कछ कम करक आप अपनी क मत रख।
यान रह िक सौदेबाजी क दौरान आप जो क मत रख, वह वािजब होनी चािहए; ऐसी क मत न रख, िजस पर
िवचार करना िब डर क िलए संभव ही न हो। यिद आप ारा रखी गई क मत और िब डर ारा रखी गई
क मत म यादा अंतर िदखाई देता ह, तो आप बाद म सोचकर बताने क बात भी कर सकते ह।
हमेशा नमनीय ख अपनाकर चल, य िक आिखरकार आपका उ े य ॉपट खरीदना होता ह, न िक मोल-
भाव म िब डर को नीचा िदखाना। अगर आपको उसका ऑफर पसंद ह, तो उसे वीकार कर ल। इसम यान
रखने क एक मह वपूण बात यह होती ह िक अगर आपक प रवार क लोग कोई लैट खरीदना ही चाहते ह, तो
क मत म थोड़ी-ब त ऊच-नीच यादा मायने नह रखती।

सेल ए ीमट (इकरारनामा)
से ल ए ीमट ता और िव ता क बीच होनेवाला एक िलिखत समझौता होता ह, िजसम िव ता भिव य म
एक िन त ितिथ को अपनी ॉपट बेचने क िलए सहमित पर ह ता र करता ह। इसम िव ता ॉपट क कल
क मत क एक िह से का भुगतान ए ीमट क समय ा कर लेता ह और शेष रािश का भुगतान उस समय होता
ह, जब वह ॉपट क वािम व का िविधव ह तांतरण ता क नाम करता ह। ॉपट आप चाह िकसी िब डर/
डवलपर से खरीद रह ह या िफर िकसी य से खरीद रह ह , उसक संबंध म सेल ए ीमट सामा यतया करना
पड़ता ह। सौ पए या अिधक क मत क अचल संपि क िब और वािम व ह तांतरण क िलए पंजीकरण
अिनवाय होता ह।
िविभ िवकास ािधकरण और हाउिसंग बोड सेल ए ीमट क जगह पर एलॉटमट लेटर जारी करते ह।
सेल ए ीमट साइन करने से पहले उसे भली-भाँित पढ़ ल
ॉपट क खरीद एक लंबी ि या होती ह। अपनी पसंद का लैट/िवला तलाश करने म कई-कई साल तक
लग जाते ह, तब जाकर आपको अपने सपन का घर िमल पाता ह। खूब मोल-भाव क बाद जब सौदा प ा
होता ह, तो आपक और िब डर/िव ता क बीच एक िलिखत सेल ए ीमट होता ह। जब आप िकसी िब डर से
लैट/िवला खरीदते ह, तो सेल ए ीमट सामा यतया िब डर ारा तैयार कराया जाता ह। सेल ए ीमट पर
ह ता र करने से पहले उसे भली-भाँित पढ़ना न भूल।
िम ो, सेल ए ीमट क आधार पर ही सेल डीड तैयार होती ह। इस ए ीमट से दोन प क वचनब ता
सुिन त होती ह; दोन म से कोई भी प यिद अपनी वचनब ता से हटता ह, तो दूसर प को ए ीमट को
िनर त करने का अिधकार होता ह। ए ीमट को यान से पढ़ और िकसी बात पर यिद कोई संदेह या अिन तता
ह तो तुरत उस पर ह ता र करने या भुगतान करने से बच। दरअसल, कई बार िब डर/िव ता ारा सेल
ए ीमट म कोई ऐसी धारा जोड़ दी जाती ह, जो बाद म आपक िलए मुसीबत का कारण बन सकती ह। इसिलए
उस पर ह ता र करने म ज दबाजी न कर।
यिद नए ोजे ट म लैट खरीद रह
तो सबसे पहले (सेल ए ीमट म) अपना नाम, िपता का नाम, पता और पैन नंबर चेक कर। उसक बाद लैट
नंबर, लॉक नंबर और लोर नंबर क पुि कर।
1. िववरण को बदलने का अिधकार
जब आप िकसी िनमाणाधीन ोजे ट म लैट देखने क िलए जाते ह तो कपनी का से स पसन आपको एक
सपल लैट िदखाता ह। यह सपल लैट मूल प से ाहक को आकिषत करने क िलए होता ह, तािक लैट
क िब बढ़। कछ िब डर सेल ए ीमट म अलग से एक धारा जोड़ देते ह, िजसम उ ेख होता ह िक लैट/
अपाटमट का ले-आउट बदला जा सकता ह। इस कार, अंत म जो लैट आपको िमलता ह, वह बुिकग क
समय आपको िदखाए गए लैट से िब कल अलग हो सकता ह। इस धारा को जोड़ने क कारण आप िब डर
को क यूमर कोट म भी नह ले जा सकते।
ऐसी थित म या कर?
सपल लैट िसफ देखने-िदखाने क िलए होते ह, इसिलए हमेशा वा तिवक ाइग और ए ू ड ले-आउट को
यान म रखकर चल। थानीय िवकास ािधकरण या नगर िनगम ारा जो ले-आउट ए ू ड हो जाता ह, उसम
िब डर ारा बाद म कोई बदलाव नह िकया जा सकता ह। बदलाव क िलए संबंिधत ािधकरण या िनगम से
वीकित लेना अिनवाय होता ह। यिद िब डर लैट/अपाटमट म िकसी खास ांड क िफिटग या िफ सचर का
योग करने क बात करता ह, तो सेल ए ीमट म उससे इसका उ ेख करा ल।
2. लैट/मकान का ए रया
िकसी मकान/ लैट का ए रया तीन तरह से मापा जा सकता ह—सुपर िब ट-अप ए रया, िब ट-अप ए रया,
कॉरपेट ए रया। सुपर िब ट-अप ए रया म आम सुिवधाएँ, जैसे लॉबी, कॉ रडोर और सीढ़ी का ए रया आता ह।
िब ट-अप ए रया म दीवार सिहत लैट क वा तिवक माप आती ह। कॉरपेट ए रया िकसी लैट क माप होती
ह। िब डर को सेल ए ीमट म कॉरपेट ए रया का उ ेख करना चािहए, लेिकन वे ायः सुपर िब ट-अप ए रया
का ही उ ेख करते ह, जो कॉरपेट ए रया से 20-30 ितशत तक यादा होता ह।
ऐसे म या कर?
लैट/मकान का कॉरपेट ए रया ठीक-ठीक जानने क कोिशश कर। िब डग लान को अ छी तरह देख,
तािक आपको पता चल सक िक लैट/अपाटमट म िकतना ए रया आपको िनजी उपयोग क िलए िमलेगा।
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ए ीमट म यह देख ल िक उसम सौदे क अनुसार ए रया का उ ेख िकया गया ह या नह ।
3. अित र शु क
डवलपर ारा अखबार म जो िव ापन िदया जाता ह, उसम ायः पढ़ने को िमलता ह िक 2 बी.एच.क.
लैट मा 25 लाख पए म उपल ध ह। लेिकन जब सौदा करने क िलए वयं डवलपर क पास प चते ह, तो
पता चलता ह िक लैट क वा तिवक क मत 30 लाख पए क आस-पास पड़ रही ह। दरअसल, िव ापन म
िजस क मत का उ ेख िकया जाता ह, वह मौिलक क मत होती ह। वा तिवक क मत 20-35 ितशत तक
यादा हो सकती ह। पाक क सामने क एवं कॉनर लैट ायः दूसर लैट से महगे पड़ते ह। इसक अलावा
ब मबरिशप, िजम मबरिशप, कार पािकग और रख-रखाव शु क से भी वा तिवक क मत पर अ छा- खासा
फक पड़ता ह।
आपक िलए िवक प
मेर एक सीिनयर ी योग सहाय ने िकसी टाउनिशप म एक ाउड लोर का लैट बुक कराया था। बुिकग
क समय उ ह बताया गया था िक उ ह 16 वग मी. अित र जमीन िमलेगी। बुिकग कफमशन लेटर म इसका
उ ेख िकया गया था, लेिकन सेल ए ीमट पर ह ता र करते समय उ ह ने देखा िक 16 वग मी. जमीन फालतू
िमलनेवाली बात का उ ेख उसम नह िकया गया ह। उ ह ने डवलपर कपनी से सेल ए ीमट म उसका उ ेख
करने को कहा। तब कपनी क अिधकारी ने उ ह बताया िक वे इसका उ ेख कपनी क लेटरपेड पर िलिखत
प म करक दे सकते ह, लेिकन सेल ए ीमट म इसका उ ेख नह िकया जा सकता; य िक खरीददार क
पास इस जमीन को कवल उपयोग करने का अिधकार होगा। हमेशा यान रख िक डवलपर कोई भी सुिवधा
आपको मु त नह दे सकता ह। उन सब शु क क एक सूची बना ल, िजनका भुगतान आपको करना होगा और
उस पर डवलपर से ह ता र करा ल, अगर डवलपर क सौदे म पारदिशता नह ह, तो वह कोई भी बात िलिखत
प म नह देगा।
4. भुगतान योजना (पेमट लान) से संबंिधत धारा
भुगतान योजना को बुिकग क समय अंितम प िदया जाता ह। चेक कर िक आपक ारा चुनी गई भुगतान
योजना और उसक अनुसार आपक ओर से भिव य म डवलपर को िकए जानेवाले भुगतान का उ ेख सेल
ए ीमट म िकया गया ह या नह । सबकछ यानपूवक देखने-समझने क बाद ही ए ीमट पर ह ता र कर।
ए ीमट म देख िक आपको डवलपर को कब, िकतना भुगतान करना ह, उसक िलए िकतना ेस पी रयड
िमलेगा? िकसी कारणवश समय पर भुगतान न कर पाने क थित म आपसे िकतना दंड-शु क वसूल िकया
जाएगा? इस थित म िब डर सामा यतया 18 ितशत ितवष क िहसाब से दंड शु क वसूल करते ह, अगर
आपने कछ एडवांस िदया ह, तो उसका उ ेख भी ए ीमट म होना चािहए।
आपको या करना चािहए?
अगर आपने िकसी बक से होम लोन क िलए आवेदन िकया ह, तो यह यान रख िक बक ॉपट क क मत
का एक िन त अनुपात ही लोन क प म वीकत करगा। मान लीिजए, आपने 25 लाख पए का लैट बुक
कराया ह, तो बक से आपको 20 लाख पए ही लोन क प म िमलगे। अब अगर िब डर को अदा क
जानेवाली िक त क रािश 1 लाख पए ह, तो इसम 80 हजार पए का भुगतान बक करगा, जो आपक लोन
क कल रािश म कटगा; और शेष 20 हजार पए का भुगतान मािजन मनी क प म आपको अपने पास से
करना होगा। इसिलए ॉपट खरीदने से पहले आपक भुगतान क स मता और लोन क प म िमलनेवाली
िव ीय सहायता, सबका ठीक-ठीक िहसाब-िकताब लगा ल; अगर सबकछ आपक बजट म आनेवाला हो, तभी
खरीद। िब डर का भुगतान करने से पहले एक बार ोजे ट साइट पर वयं जाकर देख ल िक िक त क माँग
िनमाण-चरण क अनुसार उपयु ह या नह ।
5. कर क अदायगी
यान रह िक पंजीकरण शु क और जी.एस.टी. (पहले सेवा कर क नाम से जाना जाता था) का भुगतान
आपको वयं करना होगा, जबिक क जा देने से पहले संपि कर का भुगतान िब डर क तरफ से िकया जाना
होता ह।
6. या कोई ए कलेशन ॉज ह?
ए कलेशन ॉजवाले ोजे ट से बचने क कोिशश कर। िब डर ायः ए ीमट म एक ॉज (धारा) अलग
से जोड़ देते ह, िजसम उ ेख होता ह िक यिद िब डग मटी रयल क लागत बढ़कर आती ह, तो डवलपर को
ोजे ट/ ॉपट क क मत बढ़ाने का अिधकार होगा। िविभ टट हाउिसंग बोड सामा यतया इस धारा का
उ ेख आवेदन प म करते ह। चूँिक ये बोड रा य सरकार क अधीन काम करते ह, इसिलए इनम िकसी
धोखाधड़ी क आशंका नह रहती। इस संबंध म िब डर का क रकॉड देख और पता लगाएँ िक या उसने
पहले कभी ऐसी ए कलेशन ॉज जोड़ी थी? या उसक पास ऐसी ॉज को लागू करने का उपयु कारण
मौजूद ह? नह तो ऐसे डवलपर से सौदा कर, जो कॉ ट ए कलेशन ॉज नह लगा रहा हो।
7. ोजे ट कब पूरा होगा या ोजे ट क िडलीवरी क ितिथ या ह?
ोजे ट को समय पर पूरा करने क िलए डवलपर ायः िनमाण-काय को अलग-अलग चरण म बाँटकर
उसक अनुसार काम करते ह। सेल ए ीमट म ायः उ ेख होता ह िक इतनी अविध क अंदर ोजे ट पूरा हो
जाएगा। यह अविध अलग-अलग ोजे ट क िलए अलग-अलग हो सकती ह, जो सामा यतया िनमाण-काय शु
ो े ो ी ेि ो े ो े ि ि ि

होने क बाद 36-42 माह क हो सकती ह। लेिकन डवलपर ोजे ट क शु होने क िन त ितिथ या समय का
उ ेख नह करता ह। इसक िलए उसे एक इ-मेल भेजकर पूछ िक ोजे ट पर िनमाण-काय कब शु होगा?
और इस कार आपक पास उसका जवाब िलिखत प म आ जाएगा। इसी तरह खरीददार को ॉपट का क जा
देने क मामले म भी डवलपर ायः ठीक-ठीक ितिथ का उ ेख नह करते।
अतः कोिशश कर िक डवलपर ॉपट का क जा देने क माह और वष का ठीक-ठीक उ ेख सेल ए ीमट
म कर। अगर ए ीमट म ऐसी कोई धारा ह, िजसम उ ेख हो िक डवलपर इस ितिथ को या इतने समय क
अंदर ॉपट का क जा खरीददार को दे देगा, तो यह खरीददार क िहत म होगा।
8. डवलपर क ओर से ॉपट का क जा िवलंब से देने क थित म दंड-शु क से संबंिधत कोई धारा
ह या नह ?
िजस तरह भुगतान म िवलंब होने क थित म िब डर/डवलपर आपसे दंड-शु क वसूल करता ह, उसी
तरह यिद डवलपर आपको ॉपट का क जा देने म िवलंब करता ह, तो आप भी उससे दंड-शु क वसूल कर
सकते ह, लेिकन ऐसा तभी संभव ह, जब सेल ए ीमट म इससे संबंिधत धारा मौजूद हो। पता कर िक ऐसी
थित म डवलपर िकतना दंड-शु क अदा करगा; साथ ही, यह भी जानकारी ा कर िक या पहले िकसी
ोजे ट म उसक ारा दंड-शु क अदा िकया गया था, या िफर दंड-शु क से बचने क िलए उसने कोई
रा ता िनकाल िलया था? यिद आपक साथ ऐसी थित उ प होती ह, तो अपने जैसे खरीददार को साथ म
िमलाएँ और मीिडया तथा उपभो ा अदालत क मदद ल।
9. ॉपट क ह तांतरण से संबंिधत धारा
अगर आप रहाइश क उ े य से ॉपट खरीद रह ह, तो इस धारा क होने या न होने से कोई खास फक नह
पड़ता। लेिकन अगर िनवेश क उ े य से ॉपट खरीद रह ह, तो यह धारा मह वपूण ह। िब डर ायः यह धारा
इसिलए जोड़ देते ह, तािक खरीददार हाउिसंग सोसाइटी बनने से पहले िकसी तीसर य को ॉपट का
ह तांतरण न कर सक। अगर सेल ए ीमट म यह धारा जुड़ी ह, तो आप डवलपर क पूव-अनुमित क िबना बीच
म ॉपट को बेच नह सकते। बाद म, हाउिसंग सोसाइटी बनने क बाद भी ॉपट को बेचने क िलए आपको
हाउिसंग सोसाइटी से अनापि माण-प लेना पड़ सकता ह।
ऐसी थित म या कर?
वैसे, हाउिसंग सोसाइटी बनने से पहले ॉपट का ह तांतरण न कर, तो आपक िलए भी अ छा रहगा; य िक
हाउिसंग सोसाइटी बनने और शेयर सिटिफकट जारी होने क बाद ॉपट बेचना आसान हो जाता ह। हालाँिक
कानूनी तौर पर कोई िब डर आपक ारा िकसी तीसर य को ॉपट का ह तांतरण करने पर आपसे कोई
दंड-शु क नह माँग सकता ह।
री-सेल ॉपट
1. टोकन मनी
टोकन मनी वह रािश होती ह, जो खरीददार ारा ॉपट िव ता को यह िव ास िदलाने क िलए दी जाती ह
िक उसे ॉपट म िदलच पी ह और वह उसे खरीद रहा ह। टोकन मनी देने क बाद खरीददार को सौदे क शेष
रकम का इतजाम करने क िलए एक िन त समयाविध िमल जाती ह। उस समयाविध म भुगतान न कर पाने
क थित म खरीददार को टोकन मनी क रािश छोड़नी पड़ जाती ह।
कभी-कभी िव ता इसका उ ेख सेल ए ीमट म करने क िलए कहता ह। ऐसी थित म सबकछ अ छी
तरह देख-समझकर यह प कर ल िक टोकन मनी क बाद शेष रकम का भुगतान िकस ितिथ को करना ह।
टोकन मनी क प म दी गई रािश का उ ेख भी ए ीमट म होना चािहए। टोकन मनी का भुगतान हमेशा चेक
या िडमांड ा ट क मा यम से ही कर।
िम ो, यिद आप ॉपट खरीद रह ह और आपने ॉपट िव ता को टोकन मनी दे रखी ह, तो सेल ए ीमट म
यह भी उ ेख कर िक यिद ॉपट िव ता सौदे से मुकरता ह, तो उसे टोकन मनी क साथ-साथ उसक बराबर
अित र रािश का भुगतान ितपूित क प म करना होगा।
इसक िलए या करना चािहए?
िलिखत प म वचनब ता देने से पहले अपनी साम य देख ल िक शेष रकम का भुगतान दी गई समय-
सीमा म कर पाएँगे या नह । लेिकन टोकन मनी क प म ॉपट क कल िब क मत क 2 ितशत से यादा
रािश न द। इससे एक फायदा यह होगा िक यिद िकसी कारणवश आपको सौदा छोड़ना भी पड़, तो यादा रकम
नह जाएगी। वैसे अ छा यह होगा िक ए ीमट म कछ ऐसी प र थितय का उ ेख कर, िजनक अंतगत आप
सौदा छोड़ने क िलए वतं ह ; जैसे—कॉरपेट ए रया कम होना या ढाँचागत गड़बड़ी।
2. ॉपट म ‘ वेश-विजत’ क धारा
सामा यतया सौदा प ा होने से पहले खरीददार को ॉपट देखने क छट होती ह। लेिकन कई बार ऐसा होता
ह िक एक बार देखकर आपको संतुि नह िमलती और आप िकसी िवशेष या अपने इ -िम को भी उस
ॉपट को िदखाना चाहते ह, लेिकन अगर सेल ए ीमट म वेश-विजत क धारा जोड़ी गई ह, तो आप ऐसा नह

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कर पाएँगे। ऐसी थित म जब तक आप सौदे क पूरी रकम का भुगतान नह करते, तब तक अपनी इ छा से
ॉपट देखने क िलए आ-जा नह सकते। हाँ, रिज टरी से पहले आप ॉपट को देखने क िलए वतं ह गे।
इसक िलए या करना चािहए?
अगर ॉपट खाली ह, तो उसे दोबारा िदखाने म िव ता को कोई िद त नह होनी चािहए। लेिकन अगर
उसम िव ता वयं या कोई िकराएदार रह रहा ह, तो वहाँ बार-बार आने-जाने से उसे असुिवधा हो सकती ह।
इसिलए ए ीमट म एक उपयु समय का उ ेख कर, जब ॉपट को देखने-िदखाने म िकसी को असुिवधा न
हो। ए ीमट म एक और मह वपूण बात का उ ेख कर िक रिज टरी क समय ॉपट खाली होनी चािहए;
य िक कई बार कछ धूत िकराएदार होते ह, जो ॉपट को खाली ही नह करते।
3. ‘जहाँ ह, जैसी ह’
कभी-कभी अखबार म आप िकसी बक क ओर से िदए गए नीलामी िव ापन म पढ़ते ह गे—‘जहाँ ह, जैसी
ह’ क आधार पर। दरअसल नीलामीवाली ॉपट क मर मत क िलए बक वयं कछ नह करता, इसिलए ॉपट
जहाँ िजस थित म होती ह, उसी थित म उसे नीलाम िकया जाता ह। खरीददार नीलामी क बोली म शािमल
होने से पहले ॉपट को देखने क िलए वतं होता ह। लेिकन डील पर मुहर लग जाने क बाद खरीददार इस
संबंध म कोई दावा नह कर सकता।
4. ॉपट खाली ह, या लीज पर ह?
कॉमिशयल ॉपट ायः कछ वष क िलए लीज पर ली-दी जाती ह। यिद आप ऐसी ॉपट खरीद रह ह, तो
सेल ए ीमट म लीज से संबंिधत िववरण का उ ेख कर, तािक वािम व-ह तांतरण क बाद दोन म से िकसी
भी प को कोई िद त न आए। इस बात का भी उ ेख कर िक वािम व-ह तांतरण क बाद लीज अविध
पूरी होने तक िकराया आपको ही िमले?
5. अगर ॉपट िकसी बक क पास िगरवी ह, तो उसका उ ेख कर
कभी-कभी ॉपट पर िकसी बक या गैर-बिकग िव ीय सं था का लोन होता ह और िव ता उसे बेचना
चाहता ह। ऐसे सौदे म ता िव ता से अलग उस बक या िव ीय सं था क भी बराबर क भूिमका होती ह,
िजसक पास ॉपट िगरवी होती ह।
ऐसी थित म सौदा तय करने क िलए दो रा ते होते ह—िव ता यिद लोन क रकम चुकाकर और बक से
ॉपट का द तावेज छड़ाकर सेल डीड तैयार कर; या ता से एडवांस रकम लेकर बक लोन क रकम का
भुगतान कर दे और वहाँ से सौदा आगे बढ़ाए। ऐसे सौदे म कभी-कभी ऐसा भी होता ह िक िव ता अपना लोन
चुकाने म स म नह होता, यानी उसक पास पैसे नह होते, तो वह ता को सीधे बक लोन चुकाने क िलए कह
सकता ह।
ऐसी थित म आप उसी बक से होम लोन ले सकते ह, िजससे ॉपट िव ता ने लोन ले रखा ह; बक
आपक लोन क रािश से िव ता का पहले से चल रहा लोन खाता बंद कर देगा और नया होम लोन आपक नाम
से चलने लगेगा। लेिकन ऐसी थित म ॉपट क रिज टरी आपक नाम होने तक क िलए बक आपसे कोई
िस यो रटी या गारटी क माँग कर सकता ह। जब आप िव ता का पूरा लोन चुका द, तो उससे सेल डीड तैयार
कराकर आप उसे बक म जमा करा सकते ह। लेिकन यान रह िक आप जो भी िवक प चुनते ह, उसका
उ ेख सेल ए ीमट म करना न भूल। ए ीमट म लोन का पूरा िववरण भी उ िखत कर। यिद आपने पूरा लोन
अदा कर िदया ह, तो ए ीमट म ‘नो- यूज’ से संबंिधत धारा म इसका उ ेख कर।
6. पता कर िक ॉपट पर कोई बकाया तो नह ह; इसक िलए नो- यूज माण-प ा कर
सेल ए ीमट म ायः उ ेख होता ह िक ॉपट पर कोई बकाया नह ह; यिद कोई ह, तो उसका िनपटारा
ॉपट िव ता ारा िकया जाएगा। इसम सोसाइटी का रख-रखाव शु क, िबजली-पानी का िबल, कर या कोई
अ य लोन हो सकता ह। पहले से सुिन त कर ल िक सेल डीड से पहले िव ता ॉपट से संबंिधत सभी कार
क बकाए का भुगतान कर देगा।
िबजली और पानी क चालू िबल चेक कर; यह भी चैक कर िक लीज मनी या हाउस ट स म कछ बकाया तो
नह ह। डील फाइनल करने से पहले हाउिसंग सोसाइटी से भी पुि कर ल िक ॉपट पर कछ बकाया नह ह।
यिद ॉपट पर ऐसा कोई बकाया शेष ह, तो ॉपट क ह तांतरण क समय हाउिसंग सोसाइटी अनापि माण-
प देने से इनकार कर सकती ह।

रिज ी और क जा
ज ब आप िकसी िब डर क िनमाणाधीन ोजे ट म रहायशी ॉपट / लैट बुक करते ह, तो आपक मन म
लैट का िनमाण-काय ज दी-से-ज दी पूरा होने और अपने सपन क घर म ज दी-से-ज दी वेश करने क
ती लालसा होती ह।
िब डर सामा यतया लैट क क जे क साथ ही रिज ी कर देते ह। यिद कोई िब डर रिज ी करने से
इनकार करता ह, तो यह गैर-कानूनी ह।
क जा/पजेशन
जब खरीददार को िव ता/डवलपर क ओर से लैट क चाबी िमल जाती ह और वह अपने लैट म रहने क
िलए आ जाता ह, तो उसे ‘क जा’ कहा जाता ह।
रिज ी/सेल डीड
यह एक कानूनी द तावेज ह, जो खरीददार और िव ता क ारा तैयार कराया जाता ह। यह इसक ारा
िब डर/िव ता ॉपट से संबंिधत कानूनी अिधकार का ह तांतरण खरीददार क नाम करता ह। उपयु टांप
यूटी (जो देश क अलग-अलग े म 5 से 20 ितशत तक होती ह) चुकाकर इसे उप-पंजीयक क कायालय
म पंजीकत कराना अिनवाय होता ह। द तावेज का पंजीकरण ॉपट से जुड़ य /सं था क अनापि क िलए
एक कानूनी नोिटस क प म काय करता ह।
अगर आप िकसी िब डर से लैट खरीद रह ह
जब आप िब डर से लैट खरीदते ह, तो सारी औपचा रकताएँ सामा यतया िब डर ारा ही पूरी क जाती ह।
ऐसी थित म सारी औपचा रकता पर नजर रखना ज री होता ह, अ यथा बाद म आप मुसीबत म फस
सकते ह। रिज ी भी िब डर ारा ही कराई जाती ह। इसिलए जब रिज ी ा ट तैयार हो जाए, तो िब डर से
उसक एक ितिलिप माँगकर वयं देख या रयल ए टट मामल क जानकार िकसी य /वक ल को िदखाकर
पता कर ल िक सेल ए ीमट म उ िखत सारी बात ा ट म ह या नह ।
िति त िब डर सामा यतया ज दी-से-ज दी खरीददार को लैट का क जा दे देना चाहता ह; लेिकन कई
बार ोजे ट पूरा होने म साल या छह महीने तक का िवलंब हो जाता ह। सेल ए ीमट म ायः क जा देने क
समय का उ ेख होता ह; लेिकन साथ ही एक अ य धारा होती ह, िजसम िमक क हड़ताल, मंदी या िकसी
कार क सरकारी ितबंध क प रणाम व प िब डग मटी रयल क अनुपल धता क थित म छह माह तक क
अित र समय/ ेस पी रयड का उ ेख होता ह।
लैट बुक करानेवाले खरीददार ायः िकसी िकराए क लैट/मकान म रह रह होते ह। इसिलए वे ज दी-से-
ज दी क जा देने क िलए िब डर पर दबाव बनाकर रखते ह। इस कार क दबाव क थित म कई बार
िब डर रिज ी क िबना ही लैट का क जा आपको दे देता ह। लेिकन इस कार क क जे से आप कानूनन
लैट क वामी नह बनते, य िक इसक िलए रिज ी ज री होती ह।
डवलपर रिज ी म िवलंब य करता ह?
जब ोजे ट पूरी तरह से तैयार हो जाता ह और अपाटमट म सब सुिवधाएँ (सड़क, िल ट, गाडन, िजम,
विमंग पूल आिद) अपनी-अपनी जगह पर काम करने लगती ह, तो थानीय िवकास ािधकरण एक क लीशन
सिटिफकट (पूणता माण-प ) जारी करता ह। यह माण-प िमलने क बाद िब डर लैट क रिज ी कर
सकता ह।
रिज ी क िबना क जा लेने क थित म या सम याएँ आ सकती ह?
रिज ी क िबना क जा लेने क थित म एक तो िब डर क ओर से िनमाण या िफिनिशंग का काम मंदा पड़
जाता ह और दूसरी ओर िब डर अ य सुिवधा क िलए अित र रािश क माँग भी कर सकता ह, िजसे पूरा
करने क िलए आप िववश ह गे, य िक उस समय तक िब डर ने लैट क रिज ी नह क होती ह, इस कारण
आप पर मानिसक दबाव होता ह िक कह वह लैट क रिज ी करने से इनकार न कर दे।
रिज ी कब कराएँ और उस दौरान या- या सावधािनयाँ बरत?
हमेशा रिज ी क बाद ही लैट का क जा ल। लैट क सेल डीड पर ह ता र क समय अपाटमट पूरी तरह
से तैयार होना चािहए। अगर आपने रिज ी क िबना क जा ले भी िलया ह, तो क जे क छह माह क अंदर
रिज ी करा ल। यह देख ल िक िविभ सुिवधाएँ, जैसे—पािकग, कॉमन ए रया, ांसफॉमर, जनरटर आिद
अपनी जगह पर यव थत ह या नह ।
रिज शन क िलए आव यक द तावेज
यिद ॉपट डवलपर से खरीदी जा रही ह, तो —डवलपर को अपने नव-िनिमत अपाटमट क िलए थानीय
िवकास ािधकरण से एक क लीशन माण-प लेना होता ह, जो क जे क समय खरीददार को िमल जाता ह।

ि ॉ ि ी / ि े ी ी ी ो े ी ं ि े
यिद ॉपट िकसी य /सामा य िव ता से खरीदी जा रही ह, तो —सेल डीड क अलावा संपि कर से
संबंिधत द तावेज और हाउिसंग सोसाइटी क ओर से एक अनापि माण-प , िजसम उ ेख होता ह िक आप
लैट क नए वामी ह और आपने सोसाइटी का ह तांतरण शु क अदा कर िदया ह।
आपक िनजी द तावेज —पैन काड क फोटोकॉपी, फोटो पहचान-प (पासपोट/ ाइिवंग लाइसस), आवास
माण-प और दो गवाह क ह ता र। अगर ॉपट पर होम लोन ह, तो बकर ारा जारी अनापि माण-प ।
ॉपट का रिज शन ज दी कराना ज री य ?
आव यकता —भारतीय पंजीकरण अिधिनयम, 1908 क धारा 17 क अनुसार ॉपट क ह तांतरण, िब या
लीज से संबंिधत द तावेज का पंजीकरण अिनवाय ह।
समय-सीमा —उपरो अिधिनयम क धारा 23 क अनुसार, सेल/िग ट डीड तैयार कराने क चार माह क
अंदर ॉपट का पंजीकरण कराना अिनवाय ह।
दंड-शु क —िवलंब क थित म उपरो अिधिनयम क धारा 34 क ावधान क अनुसार, िनधा रत िवलंब-
शु क अदा करक अगले चार माह म ॉपट का पंजीकरण कराया जा सकता ह।
ॉपट क उ रािधकार-प रवतन खा रज-दािखल क ि या ( युटशन क ज रत)
ॉपट बेचते समय िव ता को कई अलग-द तावेज खरीददार को स पने होते ह। इस संदभ म खरीददार ायः
िव ता से नवीनतम उ रािधकार-प क माँग करता ह। इसिलए इस द तावेज क बार म जान लेना ज री ह।
ॉपट क उ रािधकार-प रवतन ( युटशन) का अथ या ह?
ॉपट क िब या ह तांतरण क समय िव ता क ओर से ता को वािम व का ह तांतरण िकया जाता ह,
िजसक आधार पर ता ॉपट का नया वामी बनता ह और ॉपट से संबंिधत लेन-देन या कर आिद का
भुगतान नए वामी क नाम से चलने लगता ह।
ि या
ॉपट क युटशन क िलए अलग-अलग रा य म अलग-अलग द तावेज- ि या और अलग-अलग राज व
शु क वसूल िकया जाता ह। इसक िलए सामा यतया एक सादे कागज पर आवेदन करते ए उसे संबंिधत े
क राज व अिधकारी क कायालय म जमा कराना होता ह। आवेदन-प क साथ िनधा रत मू य का गैर- याियक
टांप पेपर भी संल न करना होता ह, िजस पर अ य आव यक सूचनाएँ अंिकत होती ह। इसक अलावा अंितम
रिज ी एवं चेन ऑफ ॉपट डॉ यूम स क ितिलिप भी संल न करनी पड़गी

रट ए ीमट
र ट ए ीमट और लीज व लाइसस ए ीमट को ायः एक मान िलया जाता ह, लेिकन दोन म एक बड़ा अंतर
होता ह।
लीज ए ीमट/रटल ए ीमट/टनसी ए ीमट
यह ए ीमट रा य िकराया िनयं ण अिधिनयम क अंतगत आता ह। संपि ह तांतरण अिधिनयम, 1882 क
धारा 105 म लीज को एक िन त अविध क िलए या सदैव क िलए िकसी ॉपट क उपयोग क अिधकार क
ह तांतरण क प म प रभािषत िकया गया ह। ॉपट का वामी समय-समय पर इसका नवीनीकरण करता ह,
यानी जब एक लीज क अविध पूरी हो जाती ह, तो उसक थान पर नया लीज ए ीमट तैयार होता ह।
लीज व लाइसस ए ीमट
भारतीय हकसफा अिधिनयम, 1882 क धारा 52 म लाइसस को प रभािषत िकया गया ह। इसम लाइससधारी
को एक सीिमत अविध क िलए ॉपट को उपयोग म लाने का अिधकार िदया जाता ह। यह थानीय िकराया
िनयं ण अिधिनयम क अधीन आता ह। भू- वामी सामा यतया इस तरह क ए ीमट को ाथिमकता देते ह। इसक
यूनतम अविध 11 माह होती ह। उसक बाद इसका नवीनीकरण कराना होता ह। यारह माह से अिधक क
अविधवाले लाइसस का पंजीकरण उप-पंजीयक क कायालय म कराना अिनवाय होता ह।
लीज डीड पर िनधा रत शु क का टांप लगाना और उसका पंजीकरण कराना अिनवाय होता ह। इसम लीव व
लाइसस क अपे ा यादा टांप यूटी अदा करनी होती ह। यिद तीन वष म यादा क अविध ह, तो दोन म
बराबर टांप यूटी अदा करनी होती ह।
अगर आप िकराएदार ह
आपको कई कारण से िकराए क मकान/ लैट क ज रत पड़ सकती ह—
• जब आपका तबादला िकसी अ य शहर म हो जाए, जहाँ आपका अपना मकान न हो।
• जब अचानक आपको कछ समय क िलए कह जाना पड़ जाए।
• जब आपक पास मकान/ लैट खरीदने क िलए पैसे न ह ।
• जब पैसे होते ए भी आपको अपनी पसंद या ज रत क अनुसार मकान न िमल रहा हो।
• जब आप मकान/ लैट खरीदकर उसे सँभालने क थित म न ह ।
इकतीस वष य वािहद खान, जो वयं एक बकर ह, ने दो साल पहले जयपुर क गोपालपुरा बाईपास पर एक
िकराए का मकान िलया। उस समय उ ह ने यही सोचा था िक जब तक िकसी दूसर शहर म उनका तबादला नह
होगा या (2-3 साल म) जब तक अपना वयं का लैट नह खरीदगे, तब तक उसी मकान म रहगे। मकान
अ छी थित म था और उनक बक (कायालय) क िनकट था, इसिलए उ ह ने रट ए ीमट पर फटाफट ह ता र
कर िदए। ए ीमट क अनुसार वह 6000 पए ितमाह िकराया देने क िलए तैयार हो गए और 18 हजार पए
(तीन महीने का िकराया) एडवांस भी दे िदया।
परतु छह महीने क बाद ही मकान-मािलक एक हजार पए ितमाह िकराया बढ़ाने क बात करने लगा।
दरअसल उस े म कोिचंग क ा क सुिवधा बढ़ जाने से छा -छा ा क आवक अचानक ब त बढ़
गई; प रणाम व प िकराया बढ़ गया। अब वािहद खान क सामने दो िवक प थे—िकराया बढ़ाकर द या कोई
और मकान देख। मकान-मािलक ने उ ह बताया िक िकराए म इस कार क बढ़ोतरी एक आम बात ह। चूँिक
रट ए ीमट म इससे संबंिधत कोई उ ेख नह था, इसिलए वह कोई कानूनी सहायता भी नह ले सकते थे और
इतनी ज दी दूसरा मकान तलाश करना भी आसान नह था, इसिलए वह िकराया बढ़ाकार देने क िलए तैयार हो
गए।
रट ए ीमट पर ह ता र करने से पहले
वािहद ने यिद रट ए ीमट पर ह ता र करने से पहले उसे यान से पढ़ा होता तो उसम आव यक बदलाव
करक वह इस िद त से बच सकते थे। लेिकन यादातर िकराएदार को पता ही नह होता िक रट ए ीमट म
िकन-िकन बात का उ ेख होना चािहए। यहाँ हम ऐसी कछ बात पर चचा करगे।
ॉपट िकराए पर देनेवाला य या ॉपट का वा तिवक वामी ह?
कभी-कभी कोई अिनवासी भारतीय या कोई अ य िनवेशक अपनी ॉपट का कयरटकर िनयु कर देता ह।
कयरटकर उसका फायदा उठाते ए ॉपट िकसी तीसर य को िकराए पर या लीज पर दे देता ह, िजसक
बार म ॉपट क मािलक को कछ पता नह होता, इसिलए लीज डीड या सेल डीड पर ह ता र करने से पहले
ॉपट क द तावेज क अ छी तरह जाँच-पड़ताल कर ल। अगर मकान/ लैट िकसी हाउिसंग सोसाइटी म ह,
ो ि े े ि ि े े ि ँ औ ीि े ि ि ं
तो मकान-मािलक से शेयर सिटिफकट देखने क िलए माँग और साथ ही िकराए पर रहने क िलए हाउिसंग
सोसाइटी से अनापि माण-प भी ल। िबजली-पानी क िबल और संपि कर क द तावेज से भी पता लगाया
जा सकता ह िक कोई य ॉपट का वा तिवक वामी ह या नह ।
ए ीमट क अविध और नवीनीकरण
रट ए ीमट म उन शत का उ ेख होता ह, िजनक आधार पर ॉपट िकराए पर ली या दी जाती ह। इसम
उ ेख होता ह िक ितमाह िकतना िकराया देना ह, मकान-मािलक क पास िकतनी रािश एडवांस जमा करानी
ह और ए ीमट िकतने समय तक मा य ह। ए ीमट म िकराया अदा करने क ितिथ का भी उ ेख होता ह;
जैसे—हर महीने क 5 तारीख या 10 तारीख को। ए ीमट म यह भी उ ेख होना चािहए िक यिद िकराएदार
िनधा रत ितिथ को िकराया नह दे पाता, तो उसक िलए कोई दंड-शु क वसूला जाएगा या नह , यिद हाँ तो
िकतना?
रट ए ीमट क अविध सामा यतया 11 माह होती ह; या यिद उसम अलग से कोई अविध दी गई ह, तो वही
उसक अविध मानी जाती ह। यिद इसक अविध 1 वष से अिधक ह, तो मकान-मािलक को उसका पंजीकरण
कराना पड़ता ह। ए ीमट म एक धारा ऐसी होती ह, िजसम उ ेख होता ह िक यिद अविध पूरी होने से पहले
कोई प ए ीमट को िनर त करना चाहता ह, तो उसे इस संबंध म एक िन त अविध का नोिटस देना होगा
और साथ ही, इसक ितपूित क प म दूसर प को िनधा रत दंड-शु क अदा करना होगा। यादा
िकराएवाली ॉपट क मामले म नोिटस क अविध सामा यतया दो माह और कम िकराएवाली ॉपट क मामले
म यह अविध 1 माह क हो सकती ह।
िकराया बढ़ने-बढ़ाने क िलए शत
पीछ हमने ी वािहद क कहानी पढ़ी, िजसम अचानक िकराया बढ़ जाने से उनक सामने सम या आ गई।
िकराएदार को रट ए ीमट म यह देख लेना चािहए िक मकान-मािलक ने िकराया बढ़ाने से संबंिधत धारा म
िकराया बढ़ाने क अविध या शत म या िलखा ह। सबसे अ छा तो यह होगा िक रट ए ीमट म साफ-साफ
उ ेख हो िक िकराया कब और िकस दर से बढ़ाया जाएगा—जैसे हर साल या हर नवीनीकरण पर पाँच
ितशत। इससे आपको अचानक वािहद जैसी सम या का सामना नह करना पड़गा।
िबजली, पानी क िबल और अ य मािसक शु क क भुगतान क थित
रट ए ीमट म ॉपट क साथ उपल ध सुिवधा , जैसे—पािकग, िजम आिद क उपयोग से संबंिधत धारा भी
हो सकती ह। इसक अलावा सोसाइटी को अदा िकया जानेवाला रख-रखाव शु क और ब शु क भी आता
ह। इसक बार म साफ-साफ उ ेख होना चािहए िक इन मािसक शु क का भुगतान कौन करगा। यिद दोन म
से कोई प ए ीमट क शत का उ ंघन करता ह, तो दूसरा प उसक िखलाफ जुरमाने का दावा कर सकता
ह।
नोिटस अविध और िनर तीकरण से संबंिधत धारा
रट ए ीमट म यह भी उ ेख होना चािहए िक मकान-मािलक यिद रट ए ीमट क अविध क दौरान मकान
को बेचना चाहता ह, तो िकराएदार को दूसरा मकान ढढ़ने क िलए िकतने माह का समय िमलेगा।
ए ीमट पर ह ता र करने से पहले यह भी देख ल िक मकान म लगे सभी उपकरण ठीक ढग से काम कर
रह ह; य िक यिद आप ऐसा नह करते, तो पहले से खराब पड़ िकसी उपकरण क मर मत क िज मेदारी आप
पर आ सकती ह। हाँ, अगर आपक लापरवाही क कारण ॉपट म कह टट-फट होती ह, तो मकान-मािलक
आपक ारा जमा क गई िस यो रटी क रािश से उसक मर मत कराने का अिधकार रखता ह।
आपको िबजली, पानी और गैस आिद क िबल से संबंिधत द तावेज को देखने का अिधकार ह, िजनसे पता
चल सक िक सार िबल ीयर ह या नह ।
यिद आप वयं मकान-मािलक ह
िकराएदार क पृ भूिम जान
रट ए ीमट पर ह ता र करने से पहले िकराएदार क पृ भूिम क बार म जानना ब त ज री होता ह। इसक
िलए आप िकराएदार क िनयोजक (जहाँ वह नौकरी करता ह) या पूव मकान-मािलक से उसक बार म पता लगा
सकते ह; साथ ही उससे एक रफरस सिटिफकट भी माँगे और उसका थायी पता तथा गैस कने शन से संबंिधत
द तावेज क स यािपत ितिलिप अपने पास जमा कराएँ, तािक ज रत पड़ने पर उसक तलाश क जा सक।
अंत म, उसक ऑिफस या काय थल क पते और अ य सार द तावेज क जाँच कर।
पुिलस जाँच
पुिलस जाँच न कराना भारतीय दंड संिहता क धारा 188 क अंतगत दंडनीय अपराध ह। िकराएदार क पुिलस
जाँच कराना हर मकान-मािलक क िलए कानूनन ज री ह। पुिलस जाँच क फॉम म मकान-मािलक को
िकराएदार का नाम, िपता का नाम, उ , थायी पता और िकराए क मकान म रहने का उ े य भरना होता ह।
कई रा य म यह फॉम ऑनलाइन उपल ध ह। फॉम भरकर उसक साथ िकराएदार क फोटो और पैन काड,
लीज ए ीमट तथा ए स ूफ क ितिलिप लगाकर थानीय पुिलस थाने म जमा कराना होता ह। इससे

ि ी ि ो े िि ि ि ं
िकराएदार क अपराधी पृ भूिम का होने का खतरा नह रह जाता। इस सिटिफकट क एक ित हाउिसंग
सोसाइटी क ऑिफस म भी जमा कराएँ।
लीज ए ीमट का पंजीकरण
यिद आप कछक महीने क िलए अपनी ॉपट िकराए पर दे रह ह, तो लीज ए ीमट ज री नह होता; लेिकन
यिद इसक अविध 11 माह या अिधक ह, तो लीज ए ीमट ज री हो जाता ह। इसम लीज ए ीमट क अविध,
िकराए क रािश (एडवांस) जमा रािश क िववरण क साथ-साथ ए ीमट क िनर तीकरण और िकराएदार ारा
ॉपट खाली करने से इनकार करने क थित म दंडा मक कारवाई से संबंिधत धारा होती ह। अगर आप एक
वष से अिधक समय क िलए अपनी ॉपट िकराए पर दे रह ह, तो लीज ए ीमट का पंजीकरण ज र कराएँ;
इससे इस थित म आपको कानूनी मदद िमलेगी, जब िकराएदार ॉपट खाली करने या िकराया देने से इनकार
कर दे।
अगर िकराएदार ॉपट खाली करने से इनकार कर दे
ऐसी सम या तब उ प हो सकती ह, जब मकान िकराए पर देने से पहले आप आव यक कानूनी
औपचा रकताएँ पूरी नह करते। िकराएदार एवं मकान-मािलक क बीच आपसी संबंध क बात आती ह, तो
सबसे अ छा यही होता ह िक सबकछ पहले से िलिखत प म तय कर िलया जाए। कई बार यादा िकराए क
लालच म आकर मकान-मािलक ऐसे य को अपनी ॉपट िकराए पर दे देता ह, जो बाद म एक बड़ी
मुसीबत का कारण बन जाता ह और इस कार मकान-मािलक एवं िकराएदार क बीच कानूनी लड़ाई शु हो
जाती ह।
अब बंगलौर क िवकास सोलंक को ही लीिजए। वष 2006 म उ ह ने बनेरग ा रोड थत अपने दूसर
मकान को एक दलाल क मा यम से िकराए पर िदया। िकराएदार प रवार का ब त भला लग रहा था, इसिलए
उ ह लगा िक उनक ॉपट सुरि त रहगी। लेिकन उस समय उनक पैर तले से जमीन िखसक गई, जब एक
वष क अविध पूरी होने पर िकराएदार ने ॉपट खाली करने से इनकार कर िदया।
वह पुिलस क मदद भी नह ले सकते थे, य िक उ ह ने कानूनी औपचा रकताएँ पूरी नह क थ । इसिलए
उ ह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहाँ उ ह बताया गया िक उ ह अपनी ॉपट , तभी खाली िमलेगी, जब
अदालत का फसला उनक प म हो। कहने क बात नह िक अदालती कायवाही म लंबा समय लग जाता ह।
हालाँिक िवकास खुशिक मत थे िक उ ह एक थानीय म य थ िमल गया, िजसक ह त ेप से वह एक लंबी
कानूनी लड़ाई से बच गए।
इस कार क थितय से बचने का सबसे अ छा तरीका यही ह िक अपनी ॉपट िकराए पर देने से पहले
पूरी सावधानी बरत और सारी कानूनी औपचा रकताएँ पूरी कर।
ॉपट खाली कराने का आधार
लीज ए ीमट क अविध पूरी होने पर मकान-मािलक िकराएदार से मकान खाली करा सकता ह। या िफर यिद
िकराएदार िकराया नह देता या मकान म िकसी कार क अवैध गितिविध संचािलत करता पाया जाता ह, तो
मकान-मािलक उससे अपना मकान खाली करा सकता ह। यिद िकराएदार आपक अनुमित क िबना ॉपट का
कोई िह सा या पूरी ॉपट अपनी ओर से िकसी तीसर य को िकराए पर देता ह, तो आप उससे ॉपट खाली
करा सकते ह। हालाँिक िकराएदार क चुनाव म ब त सावधानी बरतने और लीज ए ीमट कराने क बावजूद भी
कई बार धूत िकराएदार से पाला पड़ जाता ह। ऐसे िकराएदार को हटाने क िलए कभी-कभी कछ लोग ऐसे
कदम उठाने क सलाह देते ह, जो गैर-कानूनी होते ह। उससे बच। िकराएदार को हटाने क िलए िबजली-पानी
का कने शन कटवा देना या बल- योग करना गैर-कानूनी होता ह। इसिलए ऐसे तरीक अपनाने से बच। तो िफर
ऐसी थित से िनपटने क िलए या कर?
पुिलस क भूिमका एक िन त सीमा तक ही होती ह
िम ो, हमेशा यान रख िक इस मामले म पुिलस क भूिमका सीिमत होती ह। यिद िकराएदार िकसी कार क
अवैध गितिविध म िल पाया जाता ह, तो उस थित म पुिलस आपक मदद कर सकती ह। परतु यिद वह
ॉपट खाली करने या िकराया देने से इनकार करता ह, तो यह मामला पुिलस क अिधकार े म नह आता ह।
हाँ, यिद अदालत िकराएदार को ॉपट खाली करने का आदेश देती ह, तो पुिलस उससे ॉपट खाली कराएगी;
यिद वह ॉपट खाली करने से इनकार करता ह, तो पुिलस बल योग करक उससे ॉपट खाली कराएगी।
रा य क िनयु ािधकरण से संपक कर
िकराया िनयं ण अिधिनयम क अंतगत रा य सरकार ने एक िवशेष ािधकरण िनयु िकया ह, जो अपने
अिधकार े म आनेवाले िकराए क ॉपट से जुड़ िववाद का िनपटारा करता ह। िववाद क थित म कोई भी
मकान-मािलक इस ािधकरण क मदद ले सकता ह। उसे अपने साथ सार पंजीकत द तावेज ले जाने ह गे।
ािधकरण दोन प क बात सुनकर अपना फसला देता ह। इस ि या म 5-6 माह का समय लग सकता ह।
फसले से संतु न होने क थित म िसिवल कोट का दरवाजा खटखटाएँ
यिद कोई प ािधकरण क फसले से संतु नह ह, तो वह िसिवल कोट का दरवाजा खटखटा सकता ह।
इस तर पर कोट का फसला आने म एक से दो साल तक का समय लग जाता ह। यिद उसक फसले से भी
कोई प संतु नह ह, तो वह उ यायालय म अपनी अज दे सकता ह।

िकराए क ॉपट म सह- वािम व
भा रत म ब त से लोग संयु नाम से ॉपट खरीदते ह। पहले हम चचा कर चुक ह िक संयु नाम से
ॉपट खरीदने पर आयकर अिधिनयम क धारा 80 (सी) और धारा 24 क अंतगत कर म बचत का लाभ िमलता
ह। अब हम चचा करगे िक िकस कार संयु नाम से ॉपट खरीदने पर आप आयकर अिधिनयम, 1961 क
धारा 26 क अंतगत लाभ उठा सकते ह।
पहले हम आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 26 क बार म जान ल। आयकर अिधिनयम क यह धारा दो
या दो से अिधक य य क नाम संयु वािम ववाली ॉपट से संबंिधत ह, िजससे रटल इनकम आ रही हो,
जब ॉपट िजस पर िब डग खड़ी हो या कछ िह सा जमीन क प म हो, पर दो या दो से अिधक य य
का संयु वािम व हो और उनका अलग-अलग शेयर िनधा रत हो तो उन य य को एसोिसएशन क ेणी
म नह रखा जाएगा और ॉपट से येक य को होनेवाली आय क गणना उपरो आयकर अिधिनयम क
धारा 22-25 क अनुसार होगी।
प रवार क दो या दो से अिधक य य क नाम संयु प से रजीडिशयल, कॉमिशयल या इड यल
ॉपट खरीदने से उससे होनेवाली रटल इनकम पर कर क बचत क जा सकती ह। संयु वािम व म ॉपट
खरीदने पर सेल डीड म प प से उ ेख करना होता ह िक येक सह- वामी का ॉपट म िकतना
शेयर होगा, साथ ही, इसक िलए ज री ह िक येक सह- वामी अपने शेयर क अनुसार ॉपट म िनवेश
कर। यानी ॉपट खरीदने म येक सह- वामी अपना-अपना पैसा लगाएगा। यिद सह- वामी क पास पया
धनरािश नह ह, तो वे िकसी बक, गैर-बिकग िव ीय सं था या िम , र तेदार से संयु होम लोन ले सकते
ह। यिद आप अपनी प नी से लोन लेते ह, तो यह सुिन त करना होगा िक उसक याज दर बक लोन क
याज दर क ायः बराबर हो।
इस संबंध म आइए, ी और िमसेज स सेना का उदाहरण लेते ह, जो 50 लाख पए म एक मकान संयु
नाम से खरीदने जा रह ह। इसक िलए वे बक से 40 लाख पए का संयु होम लोन ले रह ह। अब, येक
को अपने बचत खाते से 5-5 लाख पए (मािजन मनी क प म) िमलाने ह गे ( य िक मािजन मनी क कल
रािश 10 लाख पए होगी), तािक रिज ी म दोन क बराबर-बराबर शेयर का प उ ेख हो। ॉपट म
संयु सह- वामी क सं या क संबंध म कोई िनधा रत सीमा नह ह।
जब दो या दो से अिधक य िकसी मकान/ लैट/शो म/ऑिफस क संयु सह- वामी ह और ॉपट
िकराए पर दे रखी हो, तो उससे होनेवाली आय को सं थागत आय क ेणी म न रखकर य गत आय क
ेणी म रखा जाता ह और येक सह- वामी को अलग-अलग आयकर रटन फाइल करना होता ह।
मान लीिजए, आप एक मकान अपने अकले क नाम से खरीदते ह और उसे पचास हजार पए मािसक
िकराए पर दे देते ह। इस कार ॉपट से आपक रटल इनकम छह लाख पए वािषक ई। इसक अलावा,
आपक पास यवसाय या नौकरी से भी आय आती ह। मान लीिजए, रटल इनकम और यवसाय या नौकरी से
ा आय को एक म िमला देने पर आपक कल आय 20% लैब क ऊपर प च जाती ह और आपका देय
आयकर 30% क सव लैब पर प च जाएगा।
अब, यिद वही ॉपट आपने प रवार क िकसी सद य (प नी, िपता, माता, भाई) क साथ िमलकर संयु नाम
से खरीदी होती, तो येक क रटल इनकम 3 लाख पए वािषक होती। आपका इनकम ट स लैब अपे ाकत
नीचे होता और आपको कम कर चुकाना पड़ता। इस कार आप हाउिसंग ॉपट से होनेवाली आय पर आयकर
क दर म कमी का लाभ उठा सकते ह।
परतु आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 26 क ावधान का लाभ लेने क िलए एक बात हमेशा यान म
रख िक रटल इनकम येक सह- वामी क नाम से अलग-अलग हो। यानी रटल इनकम िकसी एक य /
सह- वामी क नाम नह होनी चािहए। इस कार आयकर अिधिनयम क ावधान का पूरा-पूरा लाभ उठाते ए
अपनी रटल इनकम पर कर म कमी का फायदा ल।

िग ट डीड एवं रिलं शमट डीड
ए क िदन ीमती िवमला देवी शमा, प नी व. ी काश शमा, उ 45 वष, बक म मेर पास एक हाउिसंग
लोन क िलए आई। उनक पास लीज डीड क एक फोटोकॉपी थे, िजसम तीन य य क नाम थे—पहला
उनका अपना नाम यानी ीमती िवमला देवी शमा, दूसरा ी यश (पु ) उ 19 वष और तीसरा िमस ेया
(पु ी) उ 23 वष। उ ह ने मुझे बताया िक पहले ॉपट उनक पित क नाम थी, उनक मृ यु क बाद थानीय
िवकास ािधकरण ने तीन उ रािधका रय क नाम एक लीज डीड जारी कर दी। अब उनक बेटी िववािहत ह।
उ ह ने आगे बताया िक उनक बेटी इस ॉपट म कोई िह सा नह चाहती ह। अंत म उ ह ने पूछा िक अब उ ह
या करना चािहए?
उ ह ने मुझसे अपनी बेटी का िह सा अपने नाम ांसफर कराने क िलए भी सुझाव माँगा। िम ो, इस कार क
मामले म हमेशा सेल डीड उपयु नह होती। खासकर तब, जब आप इसे अपने र तेदार को देना चाहते ह ।
इस तरह क मामले म िग ट डीड या रिलं शमट (पृथ रण) डीड क ज रत पड़ती ह। लेिकन यहाँ यह
जान लेना ज री ह िक ये दोन डीड अलग-अलग ह और दोन क उ े य और सीमाएँ भी अलग-अलग ह।
ॉपट क ह तांतरण म दोन क अपनी अलग भूिमका होती ह। इसिलए िकसी फाइनिशयल लानर या वक ल से
सलाह लेकर ही डीड तैयार कराएँ।
सेल डीड
अचल-संपि क ह तांतरण म काम आनेवाला यह सबसे आम द तावेज ह। इसम एक प खरीददार और
दूसरा प िव ता होता ह। सेल डीड म एक ओर से धनरािश का ह तांतरण होता ह। उप-पंजीयक क कायालय
म इसका पंजीकरण अिनवाय होता ह, जहाँ खरीददार को रा य टांप अिधिनयम क अनुसार िनधा रत टांप
शु क अदा करना होता ह।
िग ट डीड/दान-प
िग ट डीड क मा यम से आप धनरािश का आदान- दान िकए िबना अपनी संपि िग ट क प म िकसी
य को देकर वािम व का ह तांतरण कर सकते ह। इसका ा ट िनधा रत शु क क टांप पेपर पर तैयार
िकया जाता ह, िजस पर दो गवाह क ह ता र होते ह। पंजीकरण अिधिनयम, 1908 क धारा 17 क अंतगत
इसका पंजीकरण कराना अिनवाय ह, िजसक िबना ह तांतरण अवैध माना जाएगा। इस कार क ह तांतरण को
बाद म बदला नह जा सकता। कहने का ता पय ह, अगर आप अपनी ॉपट अपने िकसी ि यजन को िग ट कर
देते ह, तो वह ॉपट उसक हो जाती ह और आप इस संपि ह तांतरण को पलट नह सकते और न ही
लाभाथ से िकसी कार क धनरािश क माँग कर सकते ह।
चल संपि , जैसे— ैलरी, पिटग आिद िग ट करने क िलए पंजीकरण अिनवाय नह होता। लेिकन िकसी
खाते म इसक िवि और औपचा रक ह तांतरण आव यक हाता ह। हाँ, आप चाह तो इसक समथन म एक
िग ट डीड तैयार कर सकते ह। कछ खास संबंिधय को यिद आप ॉपट िग ट करते ह, तो उ ह िग ट क गई
ॉपट पर कोई कर नह चुकाना पड़ता; इनम प नी/पित, प नी या पित क वंशज, माता या िपता क भाई-बहन
और िहदू अनिडवाइडड फिमली क मामले म प रवार का कोई भी सद य आ सकता ह। लेिकन अ य (उपरो
र त से अलग) य य को िग ट क गई ॉपट पर कर देय होता ह।
फायदे
जैसािक आपने ऊपर पढ़ा, कछ िवशेष संबंिधय को िग ट क गई ॉपट कर-मु होती ह। हाँ, िनधा रत
टांप शु क अदा करना पड़ता ह, जो अलग-अलग रा य क ावधान क अनुसार 1-8 ितशत तक हो सकता
ह। िकसी गैर- र तेदार य को िग ट क गई ॉपट क िलए टांप यूटी 5-11 ितशत तक हो सकती ह।
खािमयाँ
य िप िग ट डीड को पलटा नह जा सकता, लेिकन कछ प र थितय म इसे अदालत म चुनौती दी जा
सकती ह। इसक िलए धोखाधड़ी, जालसाजी को सबसे यादा आधार बनाया जाता ह। अंततः यिद ॉपट
िग टग म आपक साथ कोई धोखाधड़ी होती ह, तो आप मामले को अदालत म ले जा सकते ह। इसक िलए
आप ॉपट िग ट करनेवाले य क मानिसक प से व थ न होने या उसक नाबािलग होने जैसी
प र थितय को आधार बना सकते ह। फसला आपक प म आने पर िग ट डीड म ए ॉपट ह तांतरण को
पलटा जा सकता ह। कोई भी िग ट डीड ऐसी नह ह, िजसे अदालत म चुनौती नह दी जा सकती; लेिकन िग ट
डीड का ा ट तैयार करते समय िकसी वक ल से परामश ज र ले ल, तािक उसे चुनौती िदए जाने का मौका
कम-से-कम रह जाए। संयु वािम ववाली ॉपट िग ट नह क जा सकती। यिद कोई ॉपट आप और
आपक प नी—दोन क नाम पंजीकत ह, तो प नी क सहमित क िबना आप उसे िग ट नह कर सकते।
ी / / ि ं ी
पृथ रण डीड/हक याग-प / रिलं शमट डीड
पीछ हमने ीमती िवमला देवी क मामले क बार म पढ़ा। ऐसे मामल म पृथ रण डीड भावी होती ह। वैसे
तो इसक कानूनी औपचा रकताएँ िग ट डीड क तरह ही होती ह, लेिकन यह डीड िग ट डीड से िब कल
अलग होती ह। रिलं शमट डीड या पृथ रण डीड एक कानूनी द तावेज ह, िजसक अंतगत कोई य
अपनी िकसी पैतृक या वंशानुगत ॉपट का कानूनी अिधकार िकसी अ य उ रािधकारी, जैसे—भाई, बहन, माता
या िपता आिद को ह तांत रत करता ह। अं ेजी भाषा क श द ‘ रिलं शमट’ का अथ होता ह, िकसी ॉपट क
वामी ारा ॉपट पर से अपना अिधकार छोड़कर िकसी अ य उ रािधकारी या सह- वामी क नाम ह तांत रत
कर देना। इस कार, इसम एक सह- वामी का िह सा बढ़ जाता ह।
अगर आप िकसी ॉपट म से अपना िह सा छोड़कर िकसी अ य सह- वामी को ह तां रत करना चाहते ह, तो
इस द तावेज क ज रत पड़ती ह। परतु यान रह िक इस कार का ॉपट ह तांतरण भी बाद म पलटा नह जा
सकता ह, भले ही इसम िकसी तरह क धनरािश का आदान- दान नह होता। ॉपट क ह तांतरण से संबंिधत
अ य द तावेज क तरह इसम भी दोन प क ह ता र होते ह; और यान रह िक पंजीकरण अिधिनयम,
1908 क धारा 17 क अंतगत पृथ रण डीड का पंजीकरण अिनवाय ह। टांप यूटी िग ट डीड क तरह ही
देय होती ह। लेिकन इसम िग ट डीड क तरह ॉपट कर-मु नह होती। टांप यूटी और कर- ॉपट क
कल वै यू क आधार पर देय नह होता, ब क ॉपट क उतने ही िह से पर देय होता ह, िजतना पृथक िकया
जाता ह।
फायदे— यह द तावेज ायः उस थित म भावी होता ह, जब कोई य अपनी ॉपट क वसीयत िकए
िबना मर जाता ह और उसक मरने क बाद प रवार क सार सद य ॉपट म अपना-अपना िह सा चाहते ह। ऐसी
थित म ॉपट क सभी कानूनी उ रािधकारी अपने िह से क ॉपट का ह तांतरण िकसी एक कानूनी
उ रािधकारी क नाम करते ए पृथ रण डीड तैयार करवा सकते ह। इसम ॉपट का ह तांतरण करनेवाला
य अपने िह से क बदले म दूसर प (िजसक नाम ॉपट का ह तांतरण िकया जा रहा ह) से धनरािश भी
ले सकता ह। भारत म माता-िपता दोन क मौत क बाद बेिटयाँ पैतृक संपि म से अपनी िह सेदारी छोड़कर
भाइय को ह तांत रत करने क िलए ायः पृथ रण डीड का सहारा लेती ह।
खािमयाँ— इसम ॉपट िकसी भी तरह से करमु नह होती, य िक इसम ॉपट का ह तांतरण िग ट क
आधार पर न होकर पृथ रण क आधार पर होता ह। इस कार अगर आप धनरािश लेकर ॉपट क
पृथ रण डीड कर रह ह, तो आपक ारा ा क गई धनरािश को ‘किपटल गेन’ माना जाएगा।

ॉपट बेचने से पहले या यान म रख?
अ गर आप रयल ए टट म िनवेश कर रह ह, तो यह जान लेना ज री ह िक रयल ए टट म िनवेश का लाभ
तभी िमलता ह, जब आप कम-से-कम 3-5 साल क िलए िनवेश कर। रयल ए टट आपको रात रात अमीर नह
बना सकता। इसम िनवेश करने क बाद आपको देखना होता ह िक कब उसे भुनाना ठीक रहगा।
लप क च र म न पड़, तो अ छा रहगा। ( लप का मतलब होता ह, ॉपट खरीदकर क मत बढ़ने का
इतजार करना और क मत बढ़ते ही उसे बेच देना।)
इसक िलए आपको मै ो (समि ) और माइ ो ( यि ) बाजार-च को समझना होगा। रयल ए टट क
फायद और खािमय क बार म जानना होगा। यह भी जानना होगा िक ॉपट को कब बेचा जाए, तािक उससे
यादा लाभ अिजत िकया जा सक।
हर उ ोग- े का अपना एक बाजार-च होता ह। इस च क दौरान यवसाय कभी उ तम िबंदु पर होता
ह, तो कभी सबसे नीचे लुढ़क जाता ह। रयल ए टट क े म भी ऐसा ही एक च होता ह। जब ॉपट क
क मत कम ह , तो खरीदने का काम कर और जब क मत तेजी पर ह तो बेचने का काम करना चािहए। इसिलए
बाजार-च पर नजर रख। लेिकन यान रख िक क मत तेजी पर होने क समय िनवेश करना जोिखमपूण हो
सकता ह, य िक ॉपट क क मत म इस कार क तेजी क बाद अचानक मंदी का अंदेशा भी रहता ह!
सफल िनवेशक वही होता ह, जो यि और समि बाजार-च क बारीिकय को जानता ह, कब िनवेश
करना ह और कब उसे भुनाना ह।
परतु भारत म ॉपट बाजार-च ायः थर रहता ह। इसम तेजी-मंदी क गित धीमी होती ह। एक पेशेवर
िनवेशक इस तेजी-मंदी पर बराबर नजर रखता ह और तेजी का ख देखते ही अपने िनवेश को भुना लेता ह।
आप ॉपट चाह िजतने समय क िलए खरीद रह ह , हमेशा उसक गुणव ा देखकर ही खरीद; जैसे उसक
थित, िनमाण-गुणव ा, उपल ध सुिवधाएँ और अ य थान से जुड़ाव।
िनवेशक को ॉपट म िनवेश क िलए अविध तय कर लेनी चािहए। वैसे, कम-से-कम दो साल क अविध क
िलए िनवेश करना चािहए। तभी उसम किपटल गेन का लाभ िमल पाता ह। अगर आपने ॉपट पर होम लोन
िलया ह, और आयकर अिधिनयम क धारा 80 (सी) का लाभ उठा रह ह, तो उस थित म ॉपट को कम-से-
कम पाँच साल तक रोक, य िक बीच म बेचने पर आपक ारा होम लोन पर चुकाई गई मूलधन क रकम पर
जो कछ लाभ िमला ह, वह सब वापस हो जाएगा।
लोन पर लागू ी-पेमट शु क (लोन क अविध पूरी होने से पहले उसक अदायगी पर लगनेवाला शु क) क
बार म जान ल। आजकल नेशनल हाउिसंग बोड ारा जारी िदशा-िनदश क बाद बक ी पेमट शु क वसूल
नह कर रह ह। साथ ही यह भी देख िक िनवेश अविध क दौरान आपको उससे िकतनी रटल इनकम हो रही ह?
ॉपट को बेचने क समय उसक साज-स ा पर यान द। दलाल क मा यम से ॉपट बेचने पर दलाली शु क
भी देना पड़ता ह, जो ायः ॉपट क कल िब क मत का 1-2 ितशत होता ह।
ॉपट बेचने क तीन मूल कारण हो सकते ह—
1. जब ॉपट िनवेश क िलए खरीदी गई हो, तो लाभ कमाने क िलए।
2. कई बार य प रवार छोटा होने या बजट क कमी क कारण पहले छोटा मकान या लैट खरीद लेता
ह, बाद म प रवार का आकार बढ़ जाने या आिथक तर ऊचा होने पर वह उस ॉपट को बेच देता ह और
उसक जगह पर दूसरा बड़ा मकान/ लैट खरीद लेता ह। लेिकन ऐसी थित म भी आयकर और टांप यूटी से
जुड़ पहलु को यान म रख।
अगर आप उपरो दो म से िकसी कारण से ॉपट बेच रह ह, तो बाजार म ॉपट क क मत तेजी पर होने
क समय ही बेच।
3. कई बार प रवार क िकसी सद य क बीमारी, शादी या यवसाय म घाटा होने क कारण य को
अचानक पैस क ज रत पड़ जाती ह, तब उसे ॉपट बेचनी पड़ सकती ह।
जब भी ॉपट बेचने का िनणय ल, कछ मह वपूण बात को यान म रख, तािक आपको ॉपट क अ छी
क मत िमले।
1. लैट/मकान को पहले खाली कर द —इसका कारण यह ह िक भरा (ऑ युपाइड) होने क थित म
मकान/ लैट खाली मकान से 25-40 ितशत तक छोटा िदखाई देता ह। उपयोग क थित म देखने पर
खरीददार अकसर समझ नह पाता िक उसे कहाँ िकतना पेस िमलेगा। इसक अलावा, खाली थित म होने पर
खरीददार को लगता ह िक वह मकान/ लैट खरीदकर तुरत उसम िश ट हो सकता ह। एक और मह वपूण बात
यह ह िक मकान/ लैट म रहते ए यिद आप उसे बेचने क घोषणा करते ह, तो खरीददार उसे देखने क िलए
िकसी भी समय आ सकते ह; इससे आपक ाइवेसी (िनजता) भािवत होगी। और िफर खरीददार बनकर कोई

ो ी े े ि ोि ी ि
चोर-उच ा भी मकान देखने क िलए आ सकता ह, जो िकसी बड़ नुकसान का कारण बन सकता ह। इसिलए
मकान खाली रख; उसक एक चाबी दलाल क पास छोड़ द और एक चाबी अपने पास रख।
2. मकान/ लैट क साज-स ा करा द —बेचने क समय मकान क साज-स ा करा द। सफदी करा द,
दरवाज और िखड़िकय पर पट करा द। िबजली या पानी आिद क िफिटग म कछ कमी ह, तो उसे ठीक करा
द। इससे ॉपट देखने म साफ-सुथरी और यव थत लगेगी, िजसका खरीददार पर अ छा भाव पड़गा। यह
सब करक आप अपनी ॉपट क 10-20 ितशत यादा क मत ा कर सकते ह, जबिक इतना सब करने म
ॉपट क क मत का 0.1 ितशत या 1 ितशत तक खच आता ह। ज री लगे तो मकान क आंत रक और
बा साज-स ा बदल द।
3. मकान क अंदर और बाहर मौजूद कछ खास-खास बात क सूची बना ल —संभािवत खरीददार को
बताएँ िक मकान से िकतना िकराया आ सकता ह, मकान म खास बात या ह? जैसे—हवादार ह, पूवमुखी ह,
प रवार क िलए शुभ ह, बाजार, अ पताल, कल, पाक िनकट ह, वगैरह-वगैरह। अपना मकान बेचने क िलए
आपको वयं उसक माकिटग करनी होगी।
4. ॉपट क द तावेज क फोटोकॉपी हमेशा अपने पास रख —माकिटग का सबसे अ छा तरीका यही
होता ह िक संभािवत खरीददार क िलए दोबारा सोचने या बाद म सोचने का मौका न रह जाए। अगर अपने
मकान/ लैट पर होम लोन ले रखा ह, तो बक म िस यो रटी क प म जमा द तावेज क एक सूची बना ल
और उसे हमेशा अपने पास रख।
5. ाहक को कछ अित र सुिवधा देने क बात करक लुभाने क कोिशश कर —उसे रकम अदा
करने क िलए दो माह का समय दे सकते ह। कानूनी ि या म लगनेवाला खच वयं वहन करने क बात कर
सकते ह।
6. मकान बेचने का वा तिवक कारण न बताएँ —संभािवत खरीददार यह जानना चाहता ह िक आप अपना
मकान िकस कारण से बेच रह ह? लेिकन उसे वा तिवक कारण न बताएँ। मान लीिजए, आपने बता िदया िक
प रवार का कोई सद य बीमार ह, उसक इलाज क िलए आपको पैस क स त ज रत ह, िजसक कारण
आपको मकान बेचना पड़ रहा ह, तो उस थित म संभािवत खरीददार आपक थित का फायदा उठाते ए
आप पर यादा मोल-भाव क िलए दबाव डाल सकता ह। इसिलए उसे कछ ऐसा कारण बताएँ, जैसे—प रवार
बड़ा हो गया ह इसिलए आपको दूसरा बड़ा मकान खरीदना ह, या आप िकसी नई कपनी या दूसर शहर म
िश ट होने जा रह ह। इससे आपक सौदे पर कोई नकारा मक भाव नह पड़गा।
7. हमेशा उपयु क मत ही रख — ॉपट क क मत तय करने से पहले आस-पास क ॉपट क क मत
क बार म पता लगा ल और कछ दलाल से संपक करक माकट म चल रही क मत क बार म भी जानकारी
ा कर ल। िफर अपने वयं क मकान क थित, जैसे—कॉनर लॉट, पूवमुखी, सामने 30 फ ट का रोड या
60 फ ट का रोड वगैरह-वगैरह, को यान म रखते ए उपयु क मत तय कर। खरीददार को बताएँ िक मकान
को खरीदकर उसे िनकट भिव य म क मत म अ छा फायदा हो सकता ह।
8. संभािवत खरीददार क हिसयत क बार म भी जान ल —कई बार संभािवत खरीददार रकम का इतजाम
कर पाने क थित म नह होता और मकान का सौदा प ा कर लेता ह। बाद म ऐन व पर बक उसक
खराब क रकॉड क कारण लोन देने से इनकार कर देता ह। इस कार सौदा फस सकता ह। इसिलए ऐसी
थित म ाहक को सेल ए ीमट करने से पहले बक लोन से संबंिधत वीकित-प ा कर लेने क िलए कह।

धानमं ी आवास योजना
व तं ता क 75 वष पूण होने पर (स
2022) हमार देश क धानमं ी ी नर मोदी चाहते ह िक उस समय
तक हर भारतीय क पास अपना घर हो। इसक िलए उ ह ने एक िमशन क शु आत क ह, िजसको हम
‘हाउिसंग फॉर ऑल बाई 2022’ क नाम से जानते ह।
इस िमशन को सफल बनाने क िलए उ ह ने जून 2015 म ‘ धानमं ी आवास योजना’ (अरबन) क शु आत
क । उस समय यह योजना कवल इकोनॉिमकली वीकर शे सन एवं लोअर इनकम ुप क िलए थी, िजनम उ ह
6 लाख तक क लोन पर 6.5 ितशत स सडी दान क जाती ह।
अब इसम म यम आय वग को भी शािमल कर िलया ह। इस वग क िलए शु म यह योजना 1 जनवरी,
2017 से एक वष क िलए लागू क गई ह। इस योजना म 4315 क ब एवं शहर को शािमल िकया गया ह।
इस योजना म म यम आय वग को दो भाग म बाँटा गया ह। म यम आय वग- I एवं म यम आय वग- II ।
यह एक िडट िलं ड स सडी क म ह। इस योजना क अंतगत क सरकार ऋण धारक को एम.आई.जी.- I
क अंतगत 9 लाख पए तक क लोन रािश पर 4 ितशत याज स सडी एवं एम.आई.जी.- II क अंतगत 12
लाख पए क लोन पर 3 ितशत क स सडी दान करती ह। यह स सडी 20 वष तक या लोन क अविध
जो भी कम हो, तक िमलेगी।
नेशनल हाउिसंग बक इस योजना म स ल नोडल एजसी क प म काम कर रहा ह। यह इस क म क
गित का आकलन एवं स सडी दान कर रहा ह। इस योजना क मु य शत यह ह िक लाभा वत प रवार क
िकसी भी सद य क नाम पर संपूण भारतवष म कोई भी प ा मकान नह होना चािहए।
धानमं ी आवास योजना (म यम आय वग)
1
िवषय : येक वष हाउस हो ड इनकम

म यम आय वग- I : 6,00,001 . से 12,00,000 .

म यम आय वग- II : 12,00,001 . से 18,00,000 .


2
िवषय : कॉरपेट ए रया
म यम आय वग- I : 90 वगमीटर

म यम आय वग- II : 110 वगमीटर


3
िवषय : याज म छट क िलए अिधकतम ऋण रािश

म यम आय वग- I : 9 लाख पए

म यम आय वग- II : 12 लाख पए
4
िवषय : याज म छट ितशत ितवष

म यम आय वग- I : 4 ितशत

म यम आय वग- II : 3 ितशत
5
िवषय : अिधकतम याज म छट

म यम आय वग- I : 2.35 लाख


म यम आय वग- II : 2.30 लाख
इस योजना म भाग लेने क िलए दो तरह से आवेदन कर सकते ह—
I. िकसी भी जन सुिवधा क (कॉमन सिवस सटर) पर जाकर आवेदन कर सकते ह।
II. सरकारी वेबसाइट pmaymis.gov.in पर लॉगइन कर आवेदन कर सकते ह।
आवेदन क मंजूरी क प ा बक म लोन क िलए आवेदन कर सकते ह। अतः सभी को इस योजना का
लाभ उठाना चािहए।

रयल ए टट म किपटल गेन
किपटल गेन या ह?
जब कोई ॉपट बेचने क बात आती ह, तो एक श द अकसर सुनने को िमलता ह—किपटल गेन, िजसे
सुनकर ॉपट िव ता खुश हो जाता ह। गत वष म िकसी ॉपट क ह तांतरण से जो कछ मौि क लाभ ा
होता ह, उसे आयकर क गणना म ‘किपटल गेन’ शीषक क अंतगत िदखाया जाता ह। यिद यह किपटल गेन
आयकर अिधिनयम क धारा 54, 54 बी, 54 डी, 54 ईसी, 54 एफ, 54 जी, 54 जीए या 54 जीबी क
अंतगत कर-मु नह ह, तो उसे िव ता क उस वष (िजसम ॉपट का ह तांतरण होता ह) क आय म
जोड़कर उसपर कर वसूल िकया जाता ह। किपटल गेन 2 कार का होता ह—एक अ पकािलक किपटल गेन
और दूसरा दीघकािलक किपटल गेन।
किपटल एसेट (पूँजी प रसंपि )— किपटल गेन म पूँजी प रसंपि क मह वपूण भूिमका होती ह। आयकर
अिधिनयम, 1961 क धारा 2(14) क अनुसार ऐसी सभी कार क संपि आती ह, जो करदाता क पास होती
ह, चाह वह उसक यवसाय/पेशे से जुड़ी हो या नह ; लेिकन कछ व तु , जैसे—खा -भंडार, ड टॉक या
यवसाय क िलए क ा माल, य गत उपयोग का सामान और कछ किष-भूिम। लेिकन य गत उपयोग क
िलए रखी गई ैलरी किपटल गेन क अंतगत रखी जाती ह। इस कार, मकान, लैट, पटाहाउस, फामहाउस,
दुकान, शो म और जमीन सबकछ पूँजी प रसंपि क प रभाषा क अंतगत आता ह।
पूँजी प रसंपि का ह तांतरण— किपटल गेन तब होता ह, जब ॉपट का ह तांतरण होता ह। यह ह तांतरण
िब , िविनमय या पृथ रण क प म हो सकता ह। संपि ह तांतरण अिधिनयम, 1882 क धारा-5 म प
िकया गया ह िक जब कोई य (जीिवत) िकसी अ य य (जीिवत) को अपनी ॉपट देकर वािम व म
प रवतन करता ह, तो इसे ‘संपि का ह तांतरण’ कहा जाएगा। यिद यह ह तांतरण िब क मा यम से होता ह,
तो संपि क िब से ा धनरािश को किपटल गेन क अंतगत रखा जाएगा और िब क मत पर टांप शु क
भी वसूल िकया जाएगा। यिद िब क मत सकल रट से कम ह, तो बेची गई ॉपट का सकल रट उसका
‘डी ड सेल ाइस’ माना जाएगा। आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 50 (सी) म प िकया गया ह िक
करदाता ारा देय किपटल गेन क गणना क िलए संपि क ह तांतरण म यु धनरािश (िजस पर टांप
यूटी चुकाई जाती ह) को संपि का ‘डी ड सेल ाइस’ माना जाएगा। यिद कोई करदाता कर-अिधकारी क
सम दावा करता ह िक टांप मू यांकन ािधकरण या उप-पंजीयक कायालय ारा ॉपट क जो वे यू टांप
शु क क िलए िनधा रत क गई ह, वह उसक माकट वै यू से यादा ह, तो उस थित म कर अिधकारी ॉपट
क मू यांकन (वै यूएशन) का काम िकसी मू यांकन अिधकारी को स प सकता ह।
ॉपट का ह तांतरण उस ितिथ को माना जाता ह, जब उसका क जा एक य से दूसर य क पास
चला जाता ह। यिद दो प क बीच सेल ए ीमट हो चुका ह और िव ता को ॉपट क क मत का भुगतान भी
िमल चुका ह, लेिकन सेल डीड नह ई ह या ॉपट का ह तांतरण नह आ ह, तो उसे ॉपट क िब नह
माना जाएगा। कर कानून म यह प िकया गया ह िक ‘किपटल गेन’ शीषक क अंतगत कर तभी देय होगा,
जब गत वष क दौरान किपटल (पूँजी) का ह तांतरण होता ह। ह तांतरण नह , तो किपटल गेन नह ।
अ पकािलक किपटल गेन —यिद कोई य अचल संपि खरीदने क 24 महीने क अंदर उसे बेच देता ह,
तो उससे ा आय को ‘अ पकािलक किपटल गेन’ कहा जाएगा। ‘अ पकािलक किपटल गेन’ म कोई कर
क बचत नह होती, य िक इसे करदाता क उस वष क अ य कर यो य आय क साथ जोड़कर कल आय पर
कर क गणना क जाती ह।
दीघकािलक किपटल गेन —यिद अचल संपि (जमीन, भवन एवं आवासीय ॉपट ) को खरीदने या सेल
डीड क ितिथ से 24 माह से यादा समय तक रखकर बेचा जाता ह तो उससे ा होनेवाली आय
‘दीघकािलक किपटल गेन’ मानी जाएगी। परतु आभूषण, ड ट ओ रएंटड युचुअल फड क मामले म यह समय
36 महीने ह। ‘दीघकािलक किपटल गेन’ पर 20 ितशत क दर से कर देय होता ह। मू य-वृ सूचकांक का
योग करक किपटल गेन क रािश का पता लगाया जाता ह।
इस कार, प हो जाता ह िक ॉपट खरीदने क ितिथ से लेकर उसे बेचने क ितिथ तक क अविध क
आधार पर किपटल गेन क अ पकािलक या दीघकािलक होने का िनधारण िकया जाता ह।
किपटल गेन बॉ ड— दीघकािलक किपटल गेन पर कर चुकानेवाले िनवेशक क िलए ‘किपटल गेन’ बॉ ड
उपल ध होते ह, जो करदाता क िलए कर-अदायगी म सहायक होते ह। ये बॉ ड आर.ई.सी. और
एन.एच.ए.आई. ारा जारी िकए जाते ह और मूल प से दो कार क होते ह। अ य कार क बॉ ड को इस
ेणी म नह रखा जाता। सभी ेणी क िनवेशक किपटल गेन बॉ ड म िनवेश करक आयकर अिधिनयम, 1961
क धारा 54 (ईसी) क अंतगत अपनी कर-देयता का िनपटारा कर सकते ह। इसक िलए ॉपट क िब क
ितिथ से 6 माह क अंदर िवशु किपटल गेन क रािश से किपटल गेन बॉ ड खरीदकर कम-से-कम तीन साल
क अविध तक क िलए िनवेश िकया जाना चािहए। इसम िनवेश क जा सकनेवाली अिधकतम रािश क सीमा
50 लाख पए ह। यिद कोई ॉपट दो भाइय क नाम संयु प से पंजीकत ह और इसे बेचकर उ ह 1 करोड़
ि े ो ो े ई ि े ॉ ि े
पए का किपटल गेन ा होता ह, तो येक भाई 50-50 लाख पए किपटल गेन बॉ ड म िनवेश कर
सकगा। मतलब, िनवेश रािश क सीमा करदाता क िलए ह, न िक िक ॉपट क िलए।
इसक अलावा, किपटल गेन पर कर बचाने क िलए कोई य /िहदू अिवभ प रवार कछ िन त
प र थितय म रजीडिशयल ॉपट म भी िनवेश कर सकता ह। किपटल लॉस चाह वह अ पकािलक हो या
दीघकािलक, को अगले आठ वष क िलए आगे बढ़ाया जा सकता ह।
किपटल गेन ट स
जैसा िक नाम से ही प ह, किपटल गेन पर लगनेवाला ट स ‘किपटल गेन ट स’ कहलाता ह।
दीघकािलक किपटल गेन पर 20 ितशत क दर से कर देय होता ह। रजीडिसयल ॉपट , भूखंड या इस तरह
क अ य प रसंपि क िब से किपटल गेन ा होता ह। आयकर अिधकतम, 1961 क धारा 54 (एफ) क
अनुसार यिद कोई य रजीडिशयल मकान क अित र कोई अ य प रसंपि बेचता ह, तो उसक िब से
ा कल िवशु धनरािश (नेट सेल किसिडरशन) का िनवेश नए रजीडिशयल मकान म करक वह ‘किपटल
गेन ट स’ बचा सकता ह।
आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 54 क अनुसार, यिद कोई य रजीडिशयल मकान बेचता ह, तो
उससे होनेवाले किपटल गेन का नए रजीडिशयल मकान म िनवेश करक और कर-कानून म उ िखत अ य
शत को पूरा करक वह किपटल गेन ट स बचा सकता ह। बशत नई खरीदी गई रजीडिशयल ॉपट को कम-
से-कम तीन साल तक वह िकसी अ य य से ह तांत रत न कर।
ी ‘अ’ ने गोवा म एक रजीडिशयल ॉपट खरीदी थी, िजसे उ ह ने 2 अ ैल, 2014 को बेच िदया। उ ह 15
लाख पए का किपटल गेन ा आ। अब किपटल गेन पर कर बचाने क िलए वे 1 अ ैल, 2016 से पहले-
पहले एक नई रजीडिशयल ॉपट खरीदना चाहते ह। इस पर उनक मन म एक न उठ रहा ह—नई ॉपट
िकसक नाम से खरीदी जाए? िम ो, इस कार क थित म आपको आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 54
का पालन करना चािहए, िजसम प िकया गया ह िक यिद ी ‘अ’ किपटल गेन ट स बचाना चाहते ह, तो
उ ह अपने ही नाम से ॉपट खरीदनी चािहए, य िक अपनी प नी या िकसी अ य क नाम से ॉपट खरीदने क
थित म उ ह किपटल गेन पर लगनेवाले कर म छट नह िमलेगी। अगर आप िकसी भूखंड (जो आपक नाम से
पंजीकत ह) पर रजीडिशयल मकान बनाना चाहते ह या खाली भूखंड खरीदकर उस पर मकान बनाना चाहते ह,
तो उस थित म भी यही िनयम लागू होगा।
ी राजीव यागी को राज थान हाउिसंग बोड क ओर से एक भूखंड वष 2008 म आवंिटत िकया गया था।
वष 2013 म उ ह ने वह भूखंड ी नरसी लाल क हाथ बेच िदया। अब उनम पास 30 लाख पए का किपटल
गेन आ गया। हालाँिक कर-यो य किपटल गेन क गणना करते समय खाली भूखंड म िनवेश क िलए िलये गए
लोन क रािश पर याज का लाभ उ ह िमल सकता ह।
अब उनक पास तीन िवक प ह
1. िवशु किपटल गेन पर 20 ितशत क दर से कर अदा कर।
2. तीन साल क बाद खाली भूखंड क िब से होनेवाले किपटल गेन पर कर बचाने क िलए वे इस किपटल
गेन से बॉ ड खरीद सकते ह, िजसे तीन साल अपने पास रखना होगा। इस उ े य क िलए कवल दो ही बॉ ड
ह—एक आर.ई.सी. ारा जारी और दूसरा एन.एच.ए.आई. ारा जारी, जो आयकर अिधिनयम क धारा 54
(ईसी) क ावधान क अंतगत कर-मु ह। इस कार उ ह 30 लाख पए का ‘किपटल गेन बॉ ड’ खरीदना
होगा।
3. तीसरा िवक प, जो दीघकािलक किपटल गेन से शत- ितशत छट ा करने क िलए ह, इसक अंतगत
ी राजीव को खाली लॉट क िब से ा पूरी-क -पूरी रािश का योग तीन वष क अंदर अपने वयं क
रहने क िलए या िकराए पर देने क िलए एक रजीडिशयल मकान बनाने म कर द। इसक अलावा, वह ॉपट
ह तांतरण क ितिथ से दो साल क अंदर पूरी धनरािश (जो ॉपट क िब से उ ह ा ई ह) का िनवेश नए
मकान/ लैट म कर द और आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 54 (एफ) क ावधान क अंतगत पूण कर-
मु का दावा कर द। यिद पुराने भूखंड को बेचने से एक साल पहले नया मकान खरीद चुक ह, तो किपटल
पर ट स बचाने क िलए वे भूखंड क िब से ा पूरी रािश को समायोिजत कर सकते ह। लेिकन यान रह
िक यह अविध एक वष ही होनी चािहए।
* ी राजीव एक बु मान य ह। उ ह ने सब िहसाब-िकताब ठीक ढग से लगा रखा ह। चूँिक उनक ब े
कॉलेज क पढ़ाई पूरी करक सेटल हो चुक ह, इसिलए उ ह ने किपटल गेन ट स अदा कर िदया। उसक बाद
उनक बक खाते म बड़ी रकम आ गई ह। यिद वे पूरी धनरािश अपने वयं क नाम िफ स िडपॉिजट करते ह, तो
आयकर क 30 ितशत लैब म आने क कारण उ ह कल आय पर यादा कर चुकाना पड़गा। इसिलए उ ह ने
10-10 लाख पए अपने बेट को दे िदए, जो िन न ट स लैब म आते ह। इस कार उ ह ने ब त अ छी
फाइनिशयल लािनंग क । िम ो, यान रख िक किपटल गेन बॉ ड उ ह लोग क िलए उपयु होते ह, जो
जीवन म जोिखम नह लेना चाहते। अगर आप अपने किपटल गेन का िनवेश रयल ए टट, यवसाय या शेयर
माकट म करक 12-15 ितशत तक का रटन कमाने क साम य रखते ह, तो किपटल बॉ ड म िनवेश न कर।
संपि कर अिधिनयम, 1957 क धारा 5 (vi) क अंतगत मू यांकन वष 1999-2000 से सभी य य और
िहदू अनिडवाइडड फिमली को अपनी रहाइश क िलए एक रजीडिशयल हाउस ॉपट क साथ-साथ 500 वग
मी. े फल तक का एक खाली भूखंड रखने क छट दे दी गई ह।
मू य-वृ सूचकांक (कॉ ट इन लेशन इड स)
मू य-वृ सूचकांक का योग करक आप ‘दीघकािलक किपटल गेन’ पर काफ कर क बचत कर सकते
ह। यह सूचकांक ‘दीघकािलक किपटल गेन’ पर ही लागू होता ह, ‘अ पकािलक किपटल गेन’ पर नह ।
इसक गणना कसे क जाती ह? दीघकािलक किपटल गेन क गणना क िलए एक सू होता ह—
सबसे पहले वह िव ीय वष िनकाल, िजसम ॉपट खरीदी गई थी, िफर ॉपट क क मत (पंजीकरण व
दलाली शु क सिहत) और उस वष का मू य-वृ सूचकांक िलख। अब उस वष का मू य-वृ सूचकांक
से गुणा कर, िजस वष ॉपट बेची गई। उसक बाद ॉपट क खरीद मू य क रािश को उस वष क मू य-वृ
सूचकांक से गुणा कर, िजस वष ॉपट बेची गई। िजतना आए, उसे ॉपट क ह तांतरणवाले वष क मू य-
वृ सूचकांक से भाग कर द। यिद कोई ॉपट 1-4-1981 से पहले खरीदी जाती ह, तो उस समय यानी 1-4-
1981 क उसक माकट वै यू को ॉपट का अिध हण मू य माना जाएगा और उसक मू य-वृ सूचकांक
को 1981-82 का मू य-वृ सूचकांक माना जाएगा या िफर माना जाएगा िक ॉपट 1 अ ैल, 1981 को
खरीदी गई थी। बजट 2017 म िव मं ी ने ावधान िकया िक जो ॉपट 1-4-2001 से पहले खरीदी गई ह। उस
ॉपट क 1-4-2001 क माकट वै यू को अिध हण मू य माना जाएगा। इस कार से शन 48 म बेस वष 1-
4-1981 को 1-4-2001 से िव थािपत कर िदया ह।
*कभी-कभी लोग कोई सोसाइटी भूखंड खरीदते ह और 2 से 10 वष बाद वहाँ थानीय िवकास ािधकरण या
नगर िनगम का कप लगता ह, िजसम लीज क रािश और पंजीकरण शु क लेकर भूखंड-प ा/लीज डीड जारी
कर िदया जाता ह।
मतलब, ॉपट क वािम व क िलए जो भी धनरािश लगाई जाती ह (लीज मनी, टांप यूटी और पंजीकरण
शु क व दलाली शु क, जो खरीद मू य का 1% तक हो सकता ह), उसका समायोजन इसी तरह मू य-वृ
सूचकांक क सहायता से िकया जा सकता ह।
*कभी-कभी ऐसा होता ह िक आप लॉट खरीदते ह और बाद म उसपर मकान का िनमाण करते ह, या िफर
एक मंिजला मकान खरीदकर उसपर दूसरी मंिजल बनाते ह। इस कार संपि क सुधार या िनमाण म जो लागत
लगाई जाती ह, उसका समायोजन इसी तरह मू य-वृ सूचकांक क सहायता से िकया जाता ह।
भारत सरकार ितवष (िव ीय वष) मू य-वृ सूचकांक क अिधसूचना जारी करती ह। यहाँ वष 1981-82
से लेकर वष 2016-17 तक क मू य-वृ सूचकांक को दरशाती ई एक सारणी दी जा रही ह—
िव वष: 1981-82
मूल-वू सूचकांक: 100
िव वष: 1999-2000
मू य-वृ सूचकांक: 389

िव वष: 1982-83
मूल-वू सूचकांक: 109
िव वष: 2000-01
मू य-वृ सूचकांक: 406

िव वष: 1983-84
मूल-वू सूचकांक: 116

िव वष: 2001-02
मू य-वृ सूचकांक: 426

िव वष: 1984-85
मूल-वू सूचकांक: 125
िव वष: 2002-03
मू य-वृ सूचकांक: 447

िव वष: 1985-86
मूल-वू सूचकांक: 133
िव वष: 2003-04

मू य-वृ सूचकांक: 463

िव वष: 1986-87

मूल-वू सूचकांक: 140


िव वष: 2004-05

मू य-वृ सूचकांक: 480

िव वष: 1987-88

मूल-वू सूचकांक: 150


िव वष: 2005-06

मू य-वृ सूचकांक: 497

िव वष: 1988-89

मूल-वू सूचकांक: 161


िव वष: 2006-07
मू य-वृ सूचकांक: 519

िव वष: 1989-90
मूल-वू सूचकांक: 172
िव वष: 2007-08
मू य-वृ सूचकांक: 551

िव वष: 1990-91
मूल-वू सूचकांक: 182
िव वष: 2008-09
मू य-वृ सूचकांक: 582

िव वष: 1991-92
मूल-वू सूचकांक: 199
िव वष: 2009-10
मू य-वृ सूचकांक: 632

िव वष: 1992-93
मूल-वू सूचकांक: 223
िव वष: 2010-11
मू य-वृ सूचकांक: 711

िव वष: 1993-94
मूल-वू सूचकांक: 244
िव वष: 2011-12
मू य-वृ सूचकांक: 785

िव वष: 1994-95
मूल-वू सूचकांक: 259

िव वष: 2012-13
मू य-वृ सूचकांक: 852

िव वष: 1995-96
मूल-वू सूचकांक: 281

िव वष: 2013-14
मू य-वृ सूचकांक: 939

िव वष: 1996-97
मूल-वू सूचकांक: 305

िव वष: 2014-15
मू य-वृ सूचकांक: 1024

िव वष: 1997-98
मूल-वू सूचकांक: 331

िव वष: 2015-16
मू य-वृ सूचकांक: 1081

िव वष: 1998-99

मूल-वू सूचकांक: 351

िव वष: 2016-17
मू य-वृ सूचकांक: 1125

मू य-वृ सूचकांक से होनेवाले समायोजन क रािश क अलावा ॉपट क सुधार और ह तांतरण पर


होनेवाले िविभ खच , जैसे— टांप यूटी, पंजीकरण शु क, दलाली शु क आिद को कल िब क रािश म
से घटाया जाता ह। इस कार जो रािश आएगी, वह आपको अिधिनयम क धारा 112 क अंतगत ‘दीघकािलक
किपटल गेन’ या ‘किपटल लॉस’ मानी जाएगी।
उदाहरण — ी राम ने वष 1979 म 15 लाख पए म ॉपट खरीदी और 1 मई, 2012 को उसे 1 करोड़ 50
लाख पए म बेच िदया। अब दीघकािलक किपटल गेन क गणना इस कार क जाएगी—
किपटल गेन = शु िब मू य - सूचकांिकत अिध हण मू य
सूचकांिकत अिध हण मू य =
अिध हण मू य × ह तांतरण वष का मू य वृ सूचकांक
अिध हण वष या 1981-82, जो भी बाद म हो, क िलए मू य वृ सूचकांक
ऊपर िदये गये उदाहरण म िब मू य : पये 1,50, 00,000 पये/-
सूचकांिकत अिध हण मू य=1500,000× 852 =128,80,000
100
किपटल गेन =1,50,00,000-128,80,000/-=21,20,000 पये/-
उदाहरण — ी शंभू िसंह ने 15-11-1990 को 1,09,000 पए म एक मकान खरीदा और उसे अपने नाम
कराने क िलए उप. पंजीयक क कायालय म 10,000 पए पंजीकरण शु क अदा िकया। इसक अलावा 1000
पए दलाल को दलाली शु क िदया। उसक बाद 6 मई, 2005 को उ ह ने मकान क सुधार म 1 लाख पए
खच िकए। 13 माच, 2013 को 15,00000 पए म मकान बेच िदया, िजस पर (1% क िहसाब से) ॉपट
डीलर को 15 हजार पए कमीशन िदया। अब किपटल गेन क गणना िकस कार होगी?
िब मू य =15,00000 पए
घटा—1. िब /ह तांतरण पर खच = 15000 पए
2. मू य-वृ सूचकांक क आधार पर अिध हण मू य = (120000 × 852/182) = 561758 .
3. सुधार-काय क लागत = 100000 × 852/497 = 171428 पए
दीघकािलक किपटल गेन = 751814 पए
# पंजीकरण और दलाली शु क अिध हण मू य क अंतगत आता ह, इसिलए कल अिध हण मू य होगा
120000 पए (109000 +10000+1000)
इस कार, शु िब मू य आ = 1500000 - 15000
= 1485000 पए
उदाहरण — ी ‘अ’ ने 1-9-1982 को एक ॉपट 500000 पए म खरीदी और उस पर 20000 पए
पंजीकरण शु क अदा िकया। 15-8-2008 को उनक मृ यु हो गई, िजसक बाद ॉपट उनक बेट ी ‘ब’ क
नाम ह तांत रत हो गई। 15-11-2008 को ॉपट क माकट वै यू 800000 . थी। ी ‘ब’ ने 21-7-2013 को
वह ॉपट 6000000 पए म बेच दी। अब इस पर वष 2013-14 (मू यांकन वष 2014-15) क िलए
दीघकािलक किपटल गेन/लॉस क गणना करनी ह—
िब मू. = 60,00000 .
घटा—1. मू य-वृ सूचकांक क आधार पर
अिध हण मू०* = 520000 × 939/109
= 4479633 पए
अतः दीघकािलक किपटल गेन = 152,0367 . होगा
* पये 20,000 जो िक ॉपट खरीदने क दौरान पंजीकरण शु क क प म जमा कराए थे उसको ॉपट
अिध हण मू य ने शािमल िकया जाएगा। अतः ॉपट अिध हण मू य पये पाँच लाख बीस हजार होगा।
**मू य वृ सूचकांक क आधार पर अिध हण मू य=
ी ‘अ’ क ारा खरीद मू य×ह तांतरण वष का मू य वृ सूचकांक
अिध हण वष (1982-83) का मू य सूचकांक
उदाहरण — ी महश ने वष 1981 म एक ॉपट 10,00000 . म खरीदी। िव वष 2011-12 म उ ह ने उसे
68,50,000 . म बेच िदया। अब, दीघकािलक किपटल गेन क गणना इस कार क जाएगी—
िब मू य = 68,50000 .
घटा—1. मू य-वृ सूचकांक क आधार पर अिध हण मू य
= 10,000,000 × 785/100 = 78,50,000 .
दीघकािलक किपटल लॉस = 10,00000 .
ँि ं ि े ि ( ) े
यहाँ िब मू य, मू य-वृ सूचकांक क आधार पर िनकाले गए अिध हण मू य (7850000 .) से कम
ह।
इसिलए दीघकािलक किपटल गेन क बजाए दीघकािलक किपटल लॉस हो रहा ह, जो 10,00000 पए ह।
इसे महश क कल दीघकािलक किपटल गेन क थान पर कर समायोजन क िलए रखा जा सकता ह।
कभी-कभी आप कोई रजीडिशयल ॉपट खरीदने क िलए होम लोन लेते ह और उस पर आयकर अिधिनयम
क धारा 80 (सी) और 24 क अंतगत कर म बचत का लाभ उठाते ह। लोन क अविध क दौरान आप मािसक
िक त भरते ह। जब आप ॉपट बेचते ह, तो उस समय आपक मन म एक सवाल हो सकता ह िक या इस
मािसक िक त क रािश (िजसम लोन पर चुकाया गया याज आता ह) को ॉपट क अिध हण मू य म िमलाया
जा सकता ह? आप ऐसा नह कर सकते, य िक आप लोन पर याज क कटौती का लाभ आयकर अिधिनयम
क धारा 24 क अंतगत पहले ही उठा चुक ह। इस कार होम लोन क याज क रािश क ‘किपटल गेन ट स’
म कोई भूिमका नह ह।
यान रखना चािहए िक मू य-वृ सूचकांक का फायदा अ पकािलक किपटल गेन या लॉस क िलए नह
होता। ॉपट खरीदने क ितिथ से यिद 2 वष क अंदर उसे बेच िदया जाता ह, तो उसे दीघकािलक किपटल गेन
या लॉस क ेणी म नह रखा जाएगा।
मोिहत िसंह ने 11 माच, 2011 को एक ॉपट खरीदी और उसे 25-11-2011 को बेच िदया। खरीद मू य 15
लाख पए और िब मू य 18 लाख पए था। इसक कार लाभ 3 लाख पए आ। अब चूँिक यह
’अ पकािलक किपटल गेन’ ह, इसिलए मू य-वृ सूचकांक का फायदा इसम नह िमलेगा और 3 लाख पए
मोिहत क आय म जोड़कर उस पर सामा य दर से कर वसूल िकया जाएगा।
किपटल गेन एकाउ स क म
22 जून, 1988 को भारत सरकार ने दीघकािलक किपटल गेन ा करनेवाले लोग क िहत म ‘किपटल गेन
एकाउ स क म’ क नाम से एक लोकि य क म शु क । इस क म का फायदा अिनवासी भारतीय,
ोपराइटरिशप फम और िहदू अिवभ प रवार को भी िमल सकता ह। ‘अ पकािलक किपटल गेन’ क िलए यह
क म नह ह।
यह क म ऐसे लोग क िलए फायदेमंद ह, िज ह दीघकािलक किपटल गेन ट स बचाने क िलए दो वष क
अंदर कोई ॉपट खरीदना चाहते ह या तीन वष क अंदर कोई मकान बनाना चाहते ह।
िम ो, किपटल गेन पर ट स बचाने क िलए आयकर अिधिनयम, 1961 म अलग-अलग ावधान िकए गए
ह। उनम से एक ावधान यह ह िक किपटल गेन क पूरी रािश का िनवेश दो साल क अंदर नई रजीडिशयल
ॉपट म कर िदया जाए या तीन वष क अंदर कोई मकान बनाने म कर िदया जाए।
प ीकरण — ी ‘अ’ ने 2 अ ैल, 2015 को अपनी ॉपट बेच दी। अब इस क म का फायदा उठाने क
िलए उ ह ॉपट क िब क ितिथ से 2 वष क अंदर कोई नई रजीडिशयल ॉपट खरीदनी होगी और अगर
उनक पास पहले से कोई खाली भूखंड ह और उसपर मकान बनाना चाहते ह, तो मकान का िनमाण-काय तीन
वष क अंदर (यानी 1 अ ैल, 2018 तक या उससे पहले) पूरा हो जाना चािहए। लेिकन ी ‘अ’ अभी तक तय
नह कर पाए ह िक ॉपट खरीदनी ह या भूखंड पर मकान बनाना ह? मतलब, आयकर रटन फाइल करने क
अंितम ितिथ यानी 31 जुलाई, 2016 तक वह रजीडिशयल ॉपट खरीदने या न खरीदने का िनणय नह ले पाते
ह। अब ऐसी थित म उ ह िकसी अिधकत बक म ‘किपटल गेन एकाउट’ खोलना चािहए और उसम 31
जुलाई, 2016 तक या उससे पहले धनरािश जमा करा देनी चािहए। अगर वह ॉपट 31 माच, 2016 को बेचते,
तो उ ह 31 जुलाई, 2016 को या उससे पहले यह एकाउट खोलना होता। कारण यह िक िव वष 2015-16 क
िलए आयकर रटन फाइल करने क अंितम ितिथ 31 जुलाई, 2016 ह।
किपटल गेन एकाउट कवल अिधकत बक म ही खोला जाना चािहए; इन बक क ामीण शाखा को यह
खाता चलाने का अिधकार नह ह।
‘किपटल गेन एकाउ स क म, 1988’ क अंतगत एकाउट संचािलत करने क िलए सरकार ने 28 बक को
नामांिकत िकया ह। उसक बाद आठ बक को अ य बक क साथ िमला िदया गया ह। यह एकाउट वीकार
करनेवाले बक क सूची इस कार ह—एस.बी.आई., पंजाब नेशनल बक, बक ऑफ बड़ौदा, बक ऑफ
इिडया, कनरा बक, यूिनयन बक ऑफ इिडया, स ल बक ऑफ इिडया, यूको बक, यूनाइटड बक ऑफ
इिडया, देना बक, िसंडीकट बक, इलाहाबाद बक, इिडयन बक, बक ऑफ महारा , इिडयन ओवरसीज बक,
आं ा बक, कॉरपोरशन बक, ओ रयंटल बक ऑफ कॉमस, पंजाब ऐंड िसंध बक और िवजया बक। इनक
अित र अ य िकसी बक को ‘किपटल गेन एकाउट’ वीकार करने का अिधकार नह ह।
दो तरह क िडपॉिजट एकाउट होते ह। पहला, िडपॉिजट सेिवंग एकाउट ‘ए’ (बचत खाता), िजसम सेिवंग
िडपॉिजट क प म जमा वीकार िकया जाता ह और बक ारा पासबुक जारी िकया जाता ह। टम िडपॉिजट
एकांउट ‘बी’ (साविध जमा खाता), िजसक अविध पूरी होने पर याज सिहत रािश को दोबारा जमा िकया जा
सकता ह, या याज क रकम िनकालकर शेष रकम को दोबारा जमा िकया जा सकता ह। ‘किपटल गेन

’ ो े ि ि ी ो े ो ो ि
एकाउट’ खोलने क िलए िकसी य को पहले बचत खाता खोलना होता ह, उसक बाद वह साविध खाता
खोल सकता ह। इन खात म रकम एकमु त या िक त म जमा क जा सकती ह।
िम ो, यान रह िक फॉम ‘ए’ भरकर आपको कवल ‘किपटल गेन एकाउट’ खोलना चािहए। संबंिधत बक
अिधकारी से प कर ल िक यह कवल ‘किपटल गेन एकाउट’ ह। अ यथा भिव य म आप मु कल म पड़
जाएँगे। भारत म ब त से लोग ‘किपटल गेन ट स’ बचाने क िलए सामा य बचत खाता खुलवा लेते ह। ऐसी
गलती कभी न कर। आयकर अिधकारी पकड़ लगे।
िडपॉिजट एकाउट —ए (बचत खाता) क अंतगत खाताधारक ारा समय-समय पर आहरण िकया जा सकता
ह। सामा यतया बचत खाते से धनरािश का ह तांतरण करक साविध खाता बनाया जाता ह, लेिकन अविध पूरी
होने पर या उससे पहले आहरण क िलए उसे बचत खाते म ह तांत रत करना पड़ता ह। नामांकन क िलए,
फॉम-‘ई’ भरना आव यक होता ह। अगर खाताधारक को रजीडिशयल ॉपट खरीदने क िलए आहरण करने क
ज रत पड़ती ह, तो फॉम ‘सी’ पर आवेदन करना होता ह। ऐसी थित म यान रह िक आह रत रािश का
उपयोग आहरण क ितिथ से 60 िदन क अंदर ॉपट खरीदने या िनमाण-काय म होना चािहए।
यिद खाताधारक नई ॉपट खरीदने क िलए धनरािश का आहरण करता ह और िकसी कारण से सौदा कसल
हो जाता ह या उसम िवलंब होता ह, तो आहरण क 60 िदन क अंदर वह इस रािश को बचत खाते म जमा करा
सकता ह। साविध जमा खाते म से रकम िनकालने क िलए खाताधारक को पहले बचत खाता खोलना होगा और
साविध जमा खाते क रकम उसम ह तांत रत करनी होगी; तब बचत खाते म से सामा य ि या अपनाकर रकम
िनकाली जा सकगी। 25,000 पए से यादा रकम ह, तो उसे रखांिकत िडमांड ा ट क मा यम से िनकालना
होगा, जो उस य क प म देय होगा, िजसे रकम का भुगतान िकया जाना ह। थम आहरण क बाद अ य
आहरण क िलए फॉम-‘डी’ क ित पर आवेदन करना होता ह।

दूसर (एकािधक) मकान का आपक िलए मह व
अ गर आपक पास रहने क िलए एक से यादा मकान ह, तो इससे पता चलता ह िक आप आिथक ि से
सु ढ और खुशहाल ह। िम ो, रयल ए टट लािनंग क िलए प रवार क येक सद य क नाम अलग-अलग
ॉपट होनी चािहए। अगर आपक नाम एक मकान पहले से ह और दूसरा मकान भी आप अपने नाम से खरीद
लेते ह, तो ट स क मामले म आपक िलए सम या पैदा हो सकती ह। इसिलए दूसरी ॉपट अपने नाम से न
खरीदकर प रवार क िकसी अ य सद य क नाम से खरीद। कछ लोग इस कार क थित से बचने क िलए
एच.यू.एफ. (िहदू अिवभ प रवार) क नाम से ॉपट खरीदते ह।
जैसािक आप जानते ह, एक/पहली रजीडिशयल हाउस ॉपट संपि कर से पूरी तरह मु होती ह, ॉपट
चाह छोटी हो या बड़ी। लेिकन दूसरी रजीडिशयल ॉपट पर िनयमानुसार संपि कर देय होता ह।
इसम दूसरी नुकसान क बात आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 80 (सी) और धारा 24 से जुड़ी ह, िजसक
अनुसार यिद आप दूसरा मकान अपने रहने क िलए खरीदना चाहते ह, तो उसपर आप लोन क याज क प म
चुकाई गई रकम पर कर छट का लाभ नह ले पाएँगे। आयकर कानून म प िकया गया ह िक 1 अ ैल,
1999 को या उसक बाद रजीडिशयल ॉपट क िलए िलये गए होम लोन पर धारा 24 क अंतगत 2 लाख पए
वािषक तक क छट का ावधान ह। परतु यिद कोई य होम लोन लेकर दूसरा मकान खरीदता ह या खाली
भूखंड पर मकान बनाता ह ( वयं क रहने क िलए) तो उसे होम लोन पर चुकाए जानेवाले याज पर कर छट
का लाभ नह िमलेगा, य िक ऐसी थित म कर म छट पहले मकान तक ही िमलती ह।
इसक अलावा, यिद दूसरा मकान आप अपने नाम से खरीदते ह, तो उसे आपक िलए आय अिजत करनेवाले
एक ोत क प म िदखाया जाएगा और इसक िलए एक िन त रािश आपक आय म जोड़ दी जाएगी। इस
कार आपको यादा कर चुकाना पड़गा। आयकर कानून म प िकया गया ह िक आपका पहला मकान कोई
आय अिजत नह करता, लेिकन उसक बाद दूसर या तीसर मकान को आय अिजत करनेवाला ोत माना जाएगा
और उसक अनुसार आपको उसपर कर देय होगा। इसिलए दूसरा मकान जब भी खरीद, उसे अपने वयं क
उपयोग क िलए नह , ब क िकराए पर देने क िलए खरीद। िम ो, अपनी फाइनिशयल लािनंग कछ इस कार
तैयार कर िक प रवार क येक सद य को एक-एक मकान िमले; इस कार आप एक ओर संपि कर से
बचगे और दूसरी ओर होम लोन क मामले म भी याज पर कर-छट का लाभ िमलेगा।

सीिनयर िसटीजन होम (व र नाग रक आवास)
भा रतीय समाज म व र नाग रक का अनुपात बढ़ता जा रहा ह। दरअसल देश म बेहतर िचिक सीय
सुिवधा क उपल धता से औसत यािशत आयु बढ़ी ह और साथ ही संयु प रवार क परपरा टटती जा रही
ह, िजसक प रणाम व प समाज म व र नाग रक क थित संवेदनशील होती जा रही ह।
वृ जन क रहने और देखभाल क िलए अलग से टाउनिशप क ज रत पड़गी। आजकल जो रटायरमट
होम बनाए जा रह ह, उनम व र नाग रक क बाकायदा देखभाल क जाती ह।
ाइवेट डवलपर इस े म िदलच पी ले रह ह। जैसे-जैसे समृ शाली भारतीय व र नाग रक इस ेणी म
शािमल होते जा रह ह, वैसे-वैसे इस कार क प रयोजना क माँग भी बढ़ती जा रही ह। अब तक ऐसी कम-
से-कम 30 प रयोजनाएँ शु हो चुक ह और इतनी ही अ य ाइग बोड पर ह। यादातर रटायरमट होम
महानगर क उपनगरीय इलाक म थत ह, लेिकन ऐसे कछ अ य रटायरमट होम कोयंबटर, गोवा और
देहरादून जैसे लोकि य रटायरमट थल म भी िवकिसत िकए जा रह ह।
इन हाउिसंग प रयोजना को वृ ा म नह समझा जाना चािहए, जहाँ वृ जन दयनीय थित म रहते ह।
आजकल क रटायरमट होम शानदार टाउनिशप क प म िवकिसत हो रह ह, जहाँ उनक भोजन, वा य,
सुर ा आिद का बाकायदा यान रखा जाता ह, तािक वे जीवन क इस अंितम पड़ाव का आनंद ले सक।
इसक बढ़ती माँग क या कारण ह?
भारत म रटायरमट होम क बढ़ती माँग क पीछ कई कारण ह। भारत क जनसां यक अनुपात म वृ जन
क भागीदारी ज दी ही बढ़नेवाली ह, िजसक शु आत हो चुक ह। भारत को युवा का देश माना जाता ह।
यहाँ 60 वष से यादा उ क लोग क सं या 6 करोड़ (यानी कल जनसं या का लगभग 8%) ह, जो वष
2030 तक दोगुनी हो जाएगी। देश क कल जनसं या 1.8 ितशत ितवष क दर से बढ़ रही ह, जबिक व र
नाग रक क सं या म 3.8% वािषक क दर से वृ हो रही ह। इस सुनहर अवसर को देखते ए आिशयाना
ुप (उ सव), एल.आई.सी. हाउिसंग फाइनस िलिमटड (एल.आई.सी., एच.एफ.एल.कयर होम) और टाटा
हाउिसंग डवलपमट कपनी िलिमटड (बंगलौर म टाटा रवा) जैसे बड़-बड़ कॉरपोरट ुप इस े म उतर चुक
ह।
वतमान म भारत म रटायरमट हाउिसंग क माँग लगभग 3 लाख इकाई ह। इसम य क बजट क अनुसार
300 वगफ ट से लेकर 2500 वग फ ट तक क साइज उपल ध ह। ऐसे एक साधारण अपाटमट क क मत 25-
30 लाख पए हो सकती ह, जबिक म यम साइज क अपाटमट क अनुमािनत क मत 55-65 लाख पए ह।
अलग-अलग शहर या थान पर यह क मत अलग-अलग हो सकती ह। अ छा पैसा खच करने क साम य
रखनेवाले लोग क िलए ल जरी िवला ह, िजनक क मत 1 करोड़ पए या इससे ऊपर हो सकती ह। इसक
अलावा िविभ सेवा क िलए अलग से चाज देना होता ह। टडड सेवा क िलए एक दंपती पर 5 हजार से
25 हजार पए और ल जरी सेवा क िलए 30 हजार से 50 हजार पए तक खच बैठता ह।
कई व र नाग रक आिथक ि से आ मिनभर ह और सेवा-िनवृि ( रटायरमट) क बाद उ ह अपने
ि यजन का सहयोग भी िमलता ह, लेिकन उनक सामने सवाल यह होता ह िक जब उनक ब े काम-धंधे क
िलए िकसी अ य शहर या अ य देश म जाकर रहने लगगे, तब उनका या होगा? वा य व सुर ा क िचंता
तथा अकलापन उ ह रटायरमट रसॉट क ओर आकिषत कर रहा ह, जहाँ उ ह अपनी इन सम या का हल
िमल रहा ह।
वा य व सुर ा क िचंता
आजकल शहर म वृ जन क िखलाफ अपराध तेजी से बढ़ रह ह। ऐसे म उनक सुर ा क िचंता ब त
मह वपूण हो जाती ह। ऐसे अनेक सहायता ा आवास क म 24 घंट सुर ा और सी.सी.टी.वी. कमर क
सुिवधा ह। साथ ही आपातकालीन वा य सेवाएँ भी उपल ध ह। दुघटना या अ य िचिक सीय आपातकाल क
थित म व र नाग रक को त काल अ पताल प चाने या ाथिमक उपचार क यव था ह। इस कार क
सुिवधा से व र नाग रक क साथ-साथ उनक ब को भी काफ राहत िमली ह, जो काम-धंधे क िलए
दूसर शहर या दूसर देश म रह रह ह।
सीिनयर िसटीजन होम खरीदने से पहले या सावधािनयाँ बरत?
सबसे पहले ोजे ट को अ छी तरह देखभाल ल और वहाँ रहनेवाले लोग से पता कर िक सेवा दाता
(टाउनिशप डवलपर या ुप) िलये गए शु क क अनुसार सुिवधाएँ उपल ध करा रहा ह या नह । ायः उसी ुप
क कोई अ य कपनी सेवा दाता क प म काय करती ह, लेिकन यिद सेवाएँ बाहर से ली जा रही ह, तो सेवा
दाता क साख क बार म जानकारी ा कर। और पता लगाएँ िक जो सुिवधाएँ उपल ध कराई जा रही ह, वे
वहाँ रह रह व र जन क उ मीद क मुतािबक ह या नह । संभव हो तो डवलपर कपनी क अ य पुराने हाउिसंग
ोजे ट को जाकर देख और वहाँ रहनेवाले लोग से पूछ िक या वे संतु ह? इन ोजे ट म वैसे तो कई तरह
ि ँ ई ी ेि े ि ं ो े े ी ी
क सुिवधाएँ उपल ध कराई जाती ह, लेिकन वे सामा य हाउिसंग ोजे ट क अपे ा काफ महगी पड़ती ह।
ब त महगी सुख-सुिवधा क ओर यान देने क बजाय यह देखना चािहए िक ोजे ट रल और सड़क माग से
जुड़ा ह या नह और कपस क प रिध म मूलभूत सुिवधाएँ उपल ध ह या नह ?
ोजे ट म घर खरीदने से पहले सब िहसाब-िकताब लगा ल। सेवा का शु क हर साल बढ़गा। चूँिक
आपको अपनी खुद क बचत-पूँजी पर िनभर रहना ह, इसिलए अपने साम य क अनुसार ही काम कर।
रटायरमट होम खरीदने क िलए तीन तरीक
सीिनयर िसटीजन क िलए जो हाउिसंग ोजे ट तैयार िकए जा रह ह, वे वृ जन क ज रत को यान म
रखकर तैयार िकए जा रह ह। इनम तीन तरह क फाइनिशयल मॉडल ऑफर म ह; उनम से आप अपने िलए
उपयु मॉडल चुन सकते ह।
आउटराइट सेल
आिशयाना हाउिसंग और टाटा ुप इस तरह क सीिनयर िसटीजन होम उपल ध करा रह ह। रटायरमट ोजे ट
म लैट 50 या 55 साल से यादा उ क ाहक को ित वग फ ट क िहसाब से बेचे जा रह ह। पूरा ोजे ट
यो य, कशल ोफशनल ारा संचािलत िकया जा रहा ह। यहाँ सेवाएँ मािसक भुगतान योजना क आधार पर
ऑफर क जा रही ह। यहाँ रहनेवाले सीिनयर िसटीजन क साथ उनक ब े नह रह सकते; हाँ, कछ समय क
िलए वे यहाँ रह सकते ह। उनका कोई बेटा/बेटी, िजसक उ 50 साल से कम ह, यिद चाह तो यहाँ घर खरीद
सकता ह; लेिकन थायी प से रहने क अनुमित िसफ व र नाग रक को ही ह।
िडपॉिजट मॉडल/पेबैक क म
इसम लैट/िवला क िब मू य क 60-70 ितशत रािश (यूिनट क साइज क अनुसार) जमा करा ली जाती
ह, जो िसफ रहाइश शु क क प म होती ह। इसक अलावा भोजन, पानी, िबजली आिद का खच अलग से
लगता ह। जमा क गई रािश सीिनयर िसटीजन क उ रािधकारी को शासिनक/िनर तीकरण शु क काटकर
वापस लौटा दी जाती ह।
लाइफटाइम (आजीवन) लीज
इसम ाहक से कछ रकम लेकर उसे लैट दे िदया जाता ह और जब तक वह वहाँ रहता ह, तब तक उससे
मािसक िकराया िलया जाता ह, िजसम िकराए क साथ-साथ िबजली और पानी का शु क भी शािमल होता ह।
बाक सुिवधा (भोजन, वा य सेवा, सुर ा और सामािजक काय) क िलए अलग से शु क वसूल िकया
जाता ह। इसम एक फायदा यह होता ह िक यूिनट हो डर को संपि कर नह चुकाना पड़ता।
जीवन का आनंद ल!
जब य बूढ़ा हो जाता ह, तो उसक शारी रक और मानिसक थित उसे कई बार िड ेशन म डाल देती
ह। ऐसे म रजीडिशयल कॉ पले स म रहते ए पड़ोिसय से बराबर िमलने-जुलने से उसे ब त राहत िमलती ह।
रटायरमट कॉ पले स म रहनेवाले अलग-अलग लोग भले ही एक प रवार क नह होते, लेिकन वे एक प रवार
क तरह ही एक-दूसर का साथ देते ह, िजसक वृ जन को ज रत होती ह। इससे उनक जीवन क गुणव ा
म सुधार आता ह। आजकल काम-धंधे क िलए लोग क दूसर शहर/देश क ओर पलायन और संयु प रवार
क टटती परपरा क चलते देश म ऐसे सहायता- ा आवास-क क ज रत काफ बढ़ गई ह।
कछ समय पहले तक माता-िपता को रटायरमट होम या वृ ा म म छोड़ना एक सामािजक बुराई माना जाता
था। लेिकन अब लोग क सोच म बदलाव आया ह। हालाँिक यह अवधारणा अभी शु आती चरण म ह, लेिकन
कम-से-कम अब इसे सामािजक बुराई क प म नह देखा जाता।
अिनवासी भारतीय क ओर से ल जरी रटायरमट होम क अ छी-खासी माँग देखने को िमल रही ह। इनम
ऐसे लोग क सं या यादा ह, जो िवकिसत देश म रहते ए वहाँ क उ ेणी क सुख-सुिवधा क आदी
हो चुक ह या ऐसे लोग, िजनक ब े िवदेश म जाकर बस गए ह।
या यह एक अ छा िनवेश ह?
या रटायरमट होम म िनवेश एक अ छा िनणय ह? िम ो, रटायरमट होम मूल प से सेवा-िनवृि क बाद
अपने वयं क रहने क िलए खरीदे जाते ह। इसिलए इसे िनवेश क मा यम क प म न देख। इससे आपको जो
फायदे हो सकते ह, उनपर यान द, मू य-वृ क लाभ क च र म न पड़।
आप जानते ह िक िनवेश म लाभ माँग और पूित क थित पर िनभर होता ह। इसपर आपको या आपक
उ रािधकारी को मू य-वृ का फायदा िमलेगा या नह , यह माँग और पूित क थित पर िनभर ह। आजकल
सीिनयर िसटीजन होम क पूित सीिमत ह, जबिक ऐसे ोजे ट क माँग जोर पर ह। अगर यह ख ऐसे ही बना
रहा तो आपको अ छा रटन िमल सकता हो, लेिकन अगर पूित बढ़ जाती ह, तो हो सकता ह, उतना अ छा
रटन न िमले।
एक मह वपूण बात यह ह िक बक इस तरह क रटायरमट होम क िलए लोन नह देते, य िक बकाएदार
ारा लोन न चुका पाने क थित म वे इ ह 50 वष से कम उ क लोग को नह बेच सकते। यही कारण ह
िक बक रटायरमट होम क िलए लोन नह दे रह ह। भारत म यादातर लोग एक घर अपने ब क नाम कर
देते ह। अगर आपने रटायरमट होम खरीदा ह, तो आप उसे अपने ब क नाम भी कर सकते ह, लेिकन यान
रह िक वे उसम तब तक नह रह सकते, जब तक उनक उ 50-55 साल क ऊपर नह होती। यही एक कारण
ह, िजससे रटायरमट होम क लोकि यता उतनी नह बढ़ पा रही ह और सामा य रजीडिशयल ॉपट िजतना
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िनवेश लाभ भी नह िमल रहा ह। िविभ डवलपर इस तरह क ोजे ट क िलए शहर क बाहर क इलाक चुन
रह ह, य िक वहाँ जमीन स ती िमल जाती ह और इस कार ोजे ट क लागत अपे ाकत कम आती ह।
अगर आप रटायरमट होम खरीदकर उसम रहना चाहते ह, तो पहले कछ िदन क िलए उस टाउनिशप म
िकराए क मकान म रह ल, तािक थान प रवतन और थित-प रवतन से आपको यादा िद त न हो।
हो सकता ह िक आप चहल-पहल भर माहौल म रहने क आदी ह और रटायरमट होम म आने क बाद नए
वातावरण और जीवन शैली क साथ सामंज य बैठाने म आपको िद त महसूस हो। अ छा तो यह होगा िक
सदा क िलए िकराए पर ही रह। इससे एक फायदा यह भी होगा िक आप अपनी पूँजी उपयोग कह और करक
नकदी बढ़ा सकते ह। यिद सेवा दाता ठीक ढग से सेवाएँ नह दे रहा ह, तो आप उसे छोड़ भी सकते ह।
लवासा म ‘आिशयाना उ सव’ ने रटायरमट होम क रहन-सहन से प रिचत कराने क िलए ‘ ायल होम’ बनाए
ह। जहाँ आप थायी प से इस समुदाय क साथ जुड़ने का िनणय लेने से पहले आकर रह सकते ह और
सीिनयर िसटीजन होम क रहन-सहन से प रिचत हो सकते ह। ये ायल होम पूण साज-स ा से यु 2
बी.एच.क. अपाटमट ह, जहाँ आगंतुक या संभािवत खरीददार को िन त होकर आराम से रहने क िलए सब
सुिवधाएँ उपल ध ह।
अपनी ज रत का िहसाब-िकताब लगाएँ
और िफर िश टग का िनणय ल
आपक पसंद इस बात पर भी िनभर हो सकती ह िक वहाँ आपक ज रत क िहसाब से सुिवधाएँ उपल ध ह
या नह ? जैसे-जैसे आपक उ बढ़ती ह, वैसे-वैसे आपको यादा देखभाल क भी ज रत पड़ती ह। आजकल
जो रटायरमट होम तैयार हो रह ह, उनम यादातर ऐसे ह, जो ठीक-ठाक वा यवाले व र नाग रक क िलए
ही काम करते ह। कछ ऐसे लोग क िलए ह, जो अपना यादातर काम वयं िनपटाने म स म होते ह, बस कछ
छोट-मोट काम क िलए मदद क ज रत होती ह, परतु िजन लोग को सभी काय क िलए मदद क ज रत
होती ह, उनक िलए ब त कम िवक प ह। इस अव था म य को पूणकािलक देखभाल क ज रत होती ह,
जो काफ महगी पड़ती ह।
आप अपने खुद क मकान का या करगे, जो उसी शहर म ह, जहाँ आप रटायरमट होम म रहने जा रह ह?
या उससे इतना पैसा आ सकता ह, िजससे आप अपने िलए रटायरमट होम खरीदकर उसम आराम से रह
सक? लेिकन ऐसा करने से आपको उस थित म कोई अ य िवक प नह िमल पाएगा, जब 50-60 साल तक
शहर म रहने क बाद वहाँ से दूर िकसी रटायरमट होम का रहन-सहन आपको रास नह आता। अपने ि यजन
से अलग होकर रहने म आपको कसा लगेगा?
कछ लोग अपने िलए रटायरमट होम खरीदने क िलए अपना पूरा जीवन लगा देते ह और शहर म थत अपने
पुराने घर को भी बनाए रखते ह। ऐसी थित म वे लाख क ॉपट क मािलक तो होते ह, लेिकन आपक िलए
दवाई और अ य ज रत क चीज खरीदने क िलए उनक पास पैसा नह होता। उस समय ॉपट को िगरवी
रखना एक अ छा रा ता हो सकता ह। एक और सम या यह होती ह िक रटायरमट होम म अ य सामा य
रजीडिशयल ॉपट क तरह तरलता नह होती; बक और िव ीय कपिनयाँ भी इनपर लोन नह देती ह, य िक
इस अव था म व र नाग रक क आय का तर िगर चुका होता ह। इसिलए रटायरमट होम का िवक प चुनने
का िनणय सोच-समझकर ही ल। इसक सकारा मक और नकारा मक पहलु पर अ छी तरह िवचार करक ही
आगे कदम बढ़ाएँ।

रवस मॉगज लोन ( यित िमक बंधक ऋण)
स माज क सभी वग और अलग-अलग आयु-वग क लोग क ज रत को यान म रखने क अपनी
ितब ता िदखाते ए बक ने व र नाग रक क िलए एक खास ोड ट िनकाला ह, यित िमक बंधक या
िगरवी ऋण ( रवस मॉगज लोन)।
बुढ़ापे क अव था अपने साथ कई तरह क िद त भी लेकर आती ह। जब य वृ हो जाता ह, तो
उसक आय का ोत बंद हो जाता ह या कम रह जाता ह और इस कारण दूसर पर उसक िनभरता बढ़ जाती
ह। एक ओर वा य सेवाएँ महगी ह और दूसरी ओर सामािजक सुर ा क थित ब त नाजुक ह। इसक चलते
व र नाग रक क िलए जीवन क इस सुनहर पड़ाव म स मानपूवक जीवनयापन करना एक चुनौती बन गया ह।
ऐसे म अपने जीवन- तर को बनाए रखने और आिथक ज रत को पूरा करने क िलए आय का एक िनयिमत
ोत ब त ज री हो जाता ह।
इससे व र नाग रक , िजनक पास अपनी ॉपट ह, क मौजूदा आय को बढ़ाने क िलए एक पूरक ोत
िमल जाता ह। व र नाग रक िजस ॉपट पर लोन लेना चाहता ह, वह उसका थायी और मूल िनवास- थान
होना चािहए और वह ॉपट कम-से-कम 20 साल तक चलने क थित म होनी चािहए। लोन क रािश का
उपयोग िकसी कार यापार या यवसाय म नह िकया जाना चािहए, यित िमक बंधक या िगरवी क मा यम
से जो धनरािश िमलती ह, उसे लोन माना जाता ह, न िक आय; इसिलए इसम िकसी कार का कर देय नह
होता।
रवस मॉगज लोन क अंतगत नॉन- रकोस मॉगज लोन क कई ेिणयाँ आती ह, िजनसे व र नाग रक को
अपनी होम इ टी पर िनयिमत नकदी ा करने म मदद िमलती ह और उसे तब तक कोई रािश चुकानी नह
पड़ती ह, जब तक वह मकान को बेचता नह ह या उसक मृ यु नह हो जाती ह।
चूँिक सेवा-िनवृि क बाद अिधकांश बचत रािश होम इ टी पर खच हो जाती ह, इसिलए बुढ़ापे म आय
बढ़ाने क िलए रवस मॉगज लोन एक अ छा साधन बन सकता ह।
अिधकतर व र नाग रक क मामले म थित ऐसी होती ह िक उनक पास जो रहायशी ॉपट होती ह, वही
ायः उनक कल ॉपट होती ह, िजसम तरलता न होने क कारण व र नाग रक को उससे कोई मदद नह
िमल पाती। यित म बंधक या रवस मॉगज म ऐसे व र नाग रक, िजनक िनयिमत आय का ोत नह ह,
अपनी हाउस ॉपट िकसी बक या हाउिसंग फाइनस कपनी क पास िगरवी रख सकते ह। बदले म बकर उ ह
आजीवन (अिधकतम 20 वष तक) एक िन त रािश हर महीने देता ह। लोन क रािश और उसपर लगनेवाले
याज क कल संभािवत रािश ॉपट क माकट वै यू का 70-90 ितशत तक होती ह, िजसक अिधकतम सीमा
1 करोड़ पए ह। यह रकम मािसक आधार पर बकाएदार क बचत खाते म ह तांत रत कर दी जाती ह।
हाउस ॉपट िगरवी होने क बावजूद बकाएदार दंपित आजीवन उसम रह सकता ह और बकर क ओर से
एक िनयिमत आय भी ा कर सकता ह। इसक अलावा चूँिक बकाएदार को इस लोन क चुकौती क िलए
कोई भुगतान नह करना होता ह, इसिलए उसे इसक बार म कोई िचंता करने क ज रत नह होती। बकाएदार
क मृ यु क बाद या उससे पहले जब कभी वह बंधक ॉपट छोड़कर िकसी अ य सं था म या र तेदार क पास
रहने क िलए चला जाता ह, तो बकर उस ॉपट को बेचकर अपनी रकम िनकाल लेता ह।
भारतीय समाज म व र नाग रक क सं या बढ़ रही ह और साथ ही उनक िनभरता भी बढ़ रही ह। बेहतर
िचिक सीय सुिवधा क उपल धता से एक ओर लोग क औसत यािशत आयु बढ़ी ह और दूसरी ओर
संयु प रवार क टटती परपरा क कारण व र नाग रक को जीवन क इस पड़ाव म दूसर पर िनभरता भी बढ़
रही ह। उ ह अपनी ज रत पूरी करने क िलए पशन/अ य आय क अलावा िनयिमत आय क एक अित र
ोत क ज रत पड़ती ह। चूँिक एक व र नाग रक जीवन भर क बचत का एक बड़ा िह सा रहायशी ॉपट
म लगा देता ह, इसिलए वृ ाव था म अपने जीवन- तर को बनाए रखने क िलए और अ य ज रत पूरी करने
क िलए यित म बंधक लोन एक अ छा िवक प हो सकता ह।
यह लोन व र नाग रक को अकले या प नी/पित क जीिवत होने क थित म दोन को संयु प से िमल
सकता ह। इसम थम बकाएदार क उ कम-से-कम 60 साल और जीवनसाथी क उ 55 वष या अिधक
होनी चािहए। उधार ली गई रािश उसी थित म देय होगी, जब (पित-प नी म से) अंितम जीिवत बकाएदार क
मृ यु हो जाती ह या वह ॉपट को बेचकर िकसी अ य सं था म या र तेदार क पास थायी प से रहने क
िलए चला जाता ह।
यहाँ ‘ थायी’ प से का अथ यह आ िक बकाएदार या उसका साथी लगातार 1 साल तक उस मकान म न
रहा हो। इस संबंध म बक सब औपचा रक कागजी कारवाई पूरी करक या तो ॉपट को बेचकर उससे अपने
लोन और याज क रकम िनकाल लेता ह या िफर बकाएदार का उ रािधकारी यिद बकाया रकम अदा कर दे,
तो ॉपट उसे दे देता ह।
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इसक िलए बकाएदार या उसक उ रािधका रय को पहले यह अिधकार होता ह िक वे लोन और याज क
रकम अदा करक ॉपट अपने पास रख सकते ह। इसक िलए बक क ओर से 6 माह का समय भी िदया जाता
ह। यिद लोन और याज क अदायगी क बाद कोई रकम शेष रह जाती ह, तो वह बकाएदार क कानूनी
उ रािधकारी पर देय मानी जाएगी। बकाएदार को हर साल नवंबर महीने म संपि बीमा नवीनीकरण का ूफ,
कर भुगतान और जीवन माण-प क ितयाँ जमा करानी होती ह। जीवन माण-प म वैवािहक थित और
थायी िनवास का पता और उस वष क 31 अ टबर क ितिथ को बकाया रािश क पुि से संबंिधत जानका रयाँ
भी होती ह। लोन क वीकित क समय बक बकाएदार क कानूनी उ रािधका रय क एक सूची भी माँगता ह।
उधारकता से एक वसीयतनामा भी बनवाया जाता ह। लोन क रािश क भुगतान को लेकर कानूनी उ रािधका रय
म िववाद न उ प हो, इसक िलए ॉपट क िवरासत और बक लोन क रकम चुकाने क बाद यिद कोई रािश
शेष बचती ह, तो वह िकसे िमलनी चािहए, इन सब बात का उ ेख वसीयतनामे म होना चािहए।
उदाहरण — ी रामिसंह, उ 65 साल, एक ाइवेट कपनी से सेवािनवृ ए ह और उनक प नी ीमती
नीता रानी, उ 59 साल, दोन से टर-10 चंडीगढ़ म अपने वयं क मकान म रह रह ह। यह मकान उ ह ने
12 साल पहले 40 लाख पए म अपने नाम से खरीदा था। वतमान म उसक माकट वै यू 1 करोड़ पए ह।
उनक पास बक म एक पाँच लाख पए का िफ ड िडपॉिजट भी ह।
ी बंता िसंह, पु ी रामिसंह यू.क. जाकर बस गए ह और अपने माता-िपता क बार म नह सोचते ह।
ीमती नीता एक गंभीर बीमारी से त ह; उनक इलाज म 5 लाख पए लगने ह। इससे पहले अपने बेट क
पढ़ाई म ी रामिसंह अपनी सारी गाढ़ी कमाई खच कर चुक ह। अब उनक पास न अपनी बीमार प नी क इलाज
क िलए पैसे ह और न ही भिव य म िकसी कार क कमाई का ज रया ह। उ ह िकसी ने बक से यित म
बंधक लोन लेने क सलाह दी, िजसम 12% क दर से याज लगाया जाता ह। अब उनक मन म दो न ह—
पहला न—अगर वह अपना 5 लाख पए का िफ ड िडपॉिजट प नी क इलाज म लगा देते ह, तो
यित म बंधक लोन म उ ह ितमाह िकतनी रािश िमलेगी?
यहाँ लोन क संभािवत रािश ह 80 लाख पए ( ॉपट क माकट वै यू का 80%), िजसम बंधक लोन क
अविध पूरी होने तक का याज भी शािमल ह।
उ र—इसका हल ब त आसान ह। चाट म 12% वाला तंभ देिखए और पता लगाइए िक िकतने महीन क
िलए लोन क ज रत ह (यहाँ 240 महीने)। आप पाएँगे िक ित एक लाख पए लोन पर उ ह 101 पए
िमलगे। इस कार, बक ारा ितमाह 8080 पए का भुगतान िकया जाएगा।
लोन क रािश (80 लाख पए) × ित एक लाख पए पर बक ारा ितमाह देय रािश (101 पए)।
दूसरा न—अगर वह अपनी प नी क इलाज क िलए अपना 5 लाख पए का िफ ड िडपॉिजट नह
लगाते, तो या उ ह 5 लाख पए क एकमु त रकम िमल जाएगी? और उसक बाद उ ह बक से ितमाह (20
साल तक) िकतनी रािश िमलेगी?
उ र—जी हाँ, उ ह 5 लाख पए क एकमु त रािश िमल सकती ह, लेिकन उस थित म उनका मािसक
भुगतान कम हो जाएगा। ऐसे म लोन क रािश को दो िह स म बाँट िदया जाता ह। एक िह सा मौजूदा ज रत
क िलए एकमु त रािश क प म िमल जाएगा और दूसर िह से क रािश मािसक भुगतान क िलए योग म लाई
जाएगी।
ित एक लाख पए लोन पर मािसक भुगतान

एन.आर.आई.से ॉपट खरीदते व या यान म
रख?
ी आशीष द , जो एक टलीकॉम कपनी म कायरत ह, ने िपछले रिववार को मुझे फोन िकया और जानना
चाहा िक या वे िकसी अिनवासी भारतीय (एन.आर.आई.) से ॉपट खरीद सकते ह? अगर हाँ, तो इसम या
सावधािनयाँ बरतनी ह गी? उनक पड़ोस म एक मकान ह, जो िकसी अिनवासी भारतीय मिहला क नाम ह।
मने उ ह बताया िक हाँ, खरीद सकते ह। कोई भी य अिनवासी भारतीय से ॉपट खरीद सकता ह, लेिकन
ॉपट खरीदने से पहले खरीददार को एक जिटल ि या से गुजरना पड़ता ह, य िक एक अिनवासी भारतीय
को पैसे भेजना सामा य य-िव य ि या क अंतगत नह आता ह। भारतीय रजव बक और फमा (फॉरन
ए सचज मैनेजमट ए ट) ने िकसी भी य को िकसी पूव अनुमित क िबना अिनवासी भारतीय/पी.आई.ओ. से
ॉपट खरीदने क अनुमित दे रखी ह।
लेिकन अिनवासी भारतीय से ॉपट खरीदने से पहले कछ सावधािनयाँ बरतना ज री ह।
सबसे पहले तो अिनवासी भारतीय और उसक ॉपट क बार म कछ जानकारी ा कर लेनी चािहए,
य िक कभी-कभी ऐसा होता ह िक कोई अिनवासी भारतीय वयं को भारतीय िनवासी बताकर ॉपट का सौदा
कर लेता ह और जो पैसे िमलते ह, उसपर कोई कर चुकाए िबना वह अपने देश वापस चला जाता ह। यिद उसने
भारत म किपटल गेन ट स नह चुकाया ह तो खरीददार क िलए एक बड़ी सम या पैदा हो जाएगी। इसिलए यह
सुिन त कर ल िक िव ता अिनवासी भारतीय ही ह। इसक िलए िवदेश म जाकर बसने से पहले क उसक
िनवास थान पर जाकर जानकारी ा क जा सकती ह। उसक पड़ोिसय से पूछताछ क जा सकती ह और
ज री हो तो उसका पासपोट भी देखा जा सकता ह। इसक अलावा भारत म उसक भूतपूव/िनयोजक या उसक
काम-धंधे से जुड़ अ य लोग से जानकारी हािसल क जा सकती ह।
साथ ही ॉपट क भी अ छी तरह जाँच-पड़ताल कर लेनी चािहए िक उसका असली वामी वही य ह
या कोई और ह, और उसपर कोई िववाद तो नह चल रहा ह।
अगर सौदा बड़ा ह, तो उसक बार म दो समाचार-प , एक थानीय दैिनक और एक रा ीय दैिनक म
िव ापन कािशत करवा देना चािहए िक आप यह ॉपट खरीद रह ह, यिद िकसी को इसपर कोई आपि ह, तो
वह इस िव ापन क 30 िदन क अंदर संपक कर सकता ह। इससे आपको ॉपट पर िकसी िववाद क बार म
पता चल जाएगा।
ॉपट बेचने या खरीदने क िलए अिनवासी भारतीय का बार-बार भारत आना संभव नह होता। इसिलए वह
ायः िकसी य क नाम एक पावर ऑफ एटॉन तैयार करा लेता ह, जो भारत म उसक ॉपट क िब म
मह वपूण भूिमका अदा करता ह।
द तावेज तैयार कराने क िलए अिनवासी भारतीय का भारत म य गत प से मौजूद होना ज री नह ह।
भारत म अपने िकसी एजट या र तेदार (िजसक पास पावर ऑफ एटोन ह) क मा यम से सार द तावेज तैयार
करा सकता ह।
पावर ऑफ एटॉन
इस द तावेज क मा यम से एक य िकसी अ य य को अपने थान पर अिधकत करता ह। अिधकत
य उसक ओर से या- या कर सकता ह, इसका उ ेख डीड म होता ह। इस कार, अिधकार देनेवाले
य को ि ंिसपल या दाता तथा िजसे अिधकार िदया जाता ह, उसे एटॉन या ितिनिध कहा जाता ह।
अिनवासी भारतीय ारा ायः दो तरह क पावर ऑफ एटॉन जारी िकए जाते ह—जनरल पावर ऑफ एटॉन
और पेशल पावर ऑफ एटॉन , जनरल पावर ऑफ एटॉन म एटॉन ( ितिनिध), ि ंिसपल ( दाता) क ओर से
िविभ कार क लेन-देन कर सकता ह, जैसे—बक का लेन-देन, ॉपट का लेन-देन आिद; जबिक पेशल
पावर ऑफ एटॉन क मा यम से एटॉन को कछ िवशेष लेन-देन का अिधकार िदया जाता ह।
एक अिनवासी भारतीय भारत म या िवदेश म पावर ऑफ एटॉन जारी कर सकता ह। पावर ऑफ एटॉन टांप
पेपर या सादे कागज पर (जैसा संबंिधत देश म लागू हो) तैयार िकया जाता ह। अिनवासी भारतीय को देश क
कांसुलेट ऑिफसर या नोटरी क सम उसपर ह ता र करना होता ह, िजसे कांसुलेट ऑिफसर या नोटरी ारा
स यािपत िकया जाता ह।
िम ो, यिद कभी आपको ऐसी ज रत पड़, तो पावर ऑफ एटॉन को भारतीय कांसुलेट ऑिफसर से स यािपत
कराएँ, इससे उसक ामािणकता और बढ़ जाती ह। उसक बाद पावर ऑफ एटॉन क द तावेज को भारत म
भेजना होता ह; यहाँ तीन माह क अंदर उसे याय-िनणय क िलए तुत िकया जाता ह।
पावर ऑफ एटॉन का याय-िनणय
ि ं ऑ ॉ ो ं ंि े ि ( ं ी ) ं ी
इस ि या क अंतगत पावर ऑफ एटॉन को संबंिधत े क रिज ार (पंजीयक) क कायालय म पंजीकरण
क िलए भेजा जाता ह। याय-िनणय क ि या पूरी होने क बाद उसम उलट-फर करक उसका िकसी कार से
दु पयोग नह िकया जा सकता। पंजीकरण क बाद द तावेज पंजीकरण िवभाग म रहता ह, िजसक ित वष
बाद भी कायालय से ा क जा सकती ह।
अिनवासी भारतीय चाह तो पावर ऑफ एटॉन तैयार करा ले और जब कभी भारत आए, तो उसका पंजीकरण
करा ले। पावर ऑफ एटॉन क पंजीकरण क िलए टांप शु क देश क अलग-अलग रा य म अलग-अलग ह।
आयकर अिधिनयम क धारा 195 क भूिमका
खरीददार को आयकर अिधिनयम, 1961 क धारा 195 क बार म जानकारी होनी चािहए, जो िकसी अिनवासी
भारतीय से ॉपट खरीदने क मामले म लागू होती ह। इसक अनुसार, िव ता को भुगतान िकए जाने से पहले
टी.डी.एस. काटना चािहए।
धारा 195 म प िकया गया ह िक कोई य यिद िकसी अिनवासी भारतीय को कर-यो य रािश का नकद
या चेक या ा ट ारा भुगतान करता ह, तो वह भुगतान क जानेवाली रािश पर चालू दर से टी.डी.एस.
कटगा।
िम ो, याद रह िक धारा 194-1 (ए), जो रयल ए टट क लेन-देन म टी.डी.एस. क कटौती से संबंिधत ह,
िकसी य से 50 लाख पए से अिधक क मत क ॉपट खरीदने पर लागू होती ह। इस पर 1% क दर से
टी.डी.एस. कटता ह। अिनवासी भारतीय से ॉपट खरीदने पर यह धारा लागू नह होती।
धारा 195 क अनुसार िकसी अिनवासी भारतीय को भुगतान करते समय चालू दर से ट स काटा जाएगा। चालू
दर क प रभाषा िव अिधिनयम क धारा 2 (37 ए) 111 क अंतगत प क गई ह। वतमान म भावी दर
िब मू य का 20% ह। मतलब अिनवासी भारतीय से ॉपट खरीदने पर 20% क दर से टी.डी.एस. कटगा,
िब मू य क रािश चाह िजतनी हो।
उदाहरण क िलए —यिद आप अिनवासी भारतीय ी िडसूजा से 50 लाख पए म कोई ॉपट खरीदते ह,
िजस पर उ ह 20 लाख पए का कल किपटल गेन होता ह, तो इस थित म काट जानेवाले टी.डी.एस. क
रािश 10 लाख पए होगी (कल िब मू य का 20%) और शेष 40 लाख पए क रािश ही ी िडसूजा को
िमलेगी।
किपटल गेन न होने क थित म टी.डी.एस. का या ावधान ह?
ी िडसूजा आयकर अिधिनयम क ावधान क अंतगत ट स बचत बॉ ड या नई ॉपट म िनवेश करक
किपटल गेन पर लगनेवाला कर बचा सकते ह। यिद किपटल गेन क रािश का पुनिनवेश िकया जाता ह तो इस
थित म ी िडसूजा क किपटल गेन रािश कम हो जाएगी और यिद किपटल गेन क पूरी रािश का पुनिनवेश
कर िदया जाता ह, तो उ ह कोई कर देय नह होगा। उस थित म ी िडसूजा िब मू य क रािश पर
टी.डी.एस. न काटने क बात भी कर सकते ह।
• आयकर अिधिनयम क धारा 195 (2) क अनुसार क संबंध म आप अपने मू यांकन अिधकारी से बात
करक उससे कम/शू य टी.डी.एस. का माण-प ले सकते ह, य िक आपको कोई किपटल गेम नह हो रहा ह
या किपटल गेन काट गए टी.डी.एस. क रािश से कम ह।
• इसक अलावा, धारा 195 (3) क अंतगत ी िडसूजा भी अपने मू यांकन अिधकारी से बात करक माण-
प ा कर सकते ह। यिद उनक पास ऐसा माण-प आ जाता ह, तो आप टी.डी.एस. काट िबना उ ह
भुगतान कर सकते ह। लेिकन ऐसा माण-प न होने क थित म टी.डी.एस. कटगा, चाह ॉपट नुकसान से
ही य न बेची जा रही ह।
इससे अलग, यादातर थितय म अिनवासी भारतीय क भुगतान से कटनेवाला टी.डी.एस. यादा ही होता
ह। उस थित म अिनवासी भारतीय को भारत म आयकर रटन फाइल करनी होगी और शेष रकम क रफड
(वापसी) क िलए दावा तुत करना होगा।
टी.डी.एस. काटने क ि या
अिनवासी भारतीय को भुगतान करते समय आपको कल िब मू य क रािश पर टी.डी.एस. काटना होता ह।
ी िडसूजा क बात कर, तो उ ह 50 लाख पए पर 20% क दर से 10 लाख पए कटगा। इस कार क
लेन-देन क समय आपको पैन काड रख लेना चािहए। इस कार काट गए टी.डी.एस. को उस महीने (िजसम
टी.डी.एस. काटा गया ह) क अंत से 7 िदन क अंदर अिधकत बक म जमा कराना आपक िज मेदारी होती ह।
टी.डी.एस. जमा कराने क बाद िनधा रत ितिथ क अंदर आपको इले ॉिनक िविध से टी.डी.एस. रटन फाइल
करनी चािहए, िजसम ी िडसूजा का नाम, पता, पैन काड नंबर आिद िववरण भरने ह गे। इस कार,
इले ॉिनक िविध से टी.डी.एस. रटन फाइल करने क बाद 15 िदन क अंदर आप ी िडसूजा क नाम फॉम 16
(ए) पर टी.डी.एस. सिटिफकट जारी कर सकते ह। िम ो, यान रह िक यिद आप टी.डी.एस. नह काटते ह या

ी ी ो ि े ो ो ि ि
काट गए टी.डी.एस. को अिधकत बक म जमा नह कराते ह, तो आपको आयकर अिधिनयम 1961 क धारा
201 क अंतगत कर िडफॉ टर माना जाएगा और उसपर आपको याज व जुरमाना देना पड़गा।
टी.डी.एस. रफड क िलए दावा
यह बात प ह िक यिद िब मू य क रािश पर टी.डी.एस. काटा जा रहा ह, तो उसे आयकर िवभाग म
जमा कराना अिनवाय ह। अब ी िडसूजा संबंिधत मू यांकन वष क आयकर रटन म िब और किपटल गेन
का पूरा िववरण भरकर आयकर िनभाग से टी.डी.एस. रटन का दावा कर सकते ह। यह दावा उ ह िनधा रत
ितिथ क अंदर करना होगा। रटन सफलतापूवक फाइल होने पर यिद अ य सार िववरण सही-सही भर गए ह तो
आयकर िवभाग क ओर से ी िडसूजा को टी.डी.एस. रफड िमल जाएगा।
अंत म, यिद आप िकसी अिनवासी भारतीय से ॉपट खरीद रह ह और यह सारी ि या आपको
ब त जिटल लग रही ह, तो उस थित म आप िकसी चाटड एकाउटट क मदद ले सकते ह।

ए टट लािनंग या ह?
िव िधव रयल ए टट लािनंग करने क बाद अगला कदम होता ह—िविधव ए टट लािनंग। ए टट लािनंग
िकसी य क उ रािधकार एवं िव ीय मामल क िविधव यव थापन व िनयोजन क ि या ह, जो उस
य क इ छानुसार उसक जीवनकाल या मरणोपरांत क प र थितय को यान म रखकर तैयार क जाती ह।
इससे य अपने साथ-साथ अपने प रवार क िव ीय सुर ा भी सुिन त कर सकता ह।
ए टट लािनंग म ए टट वामी क इ छा को यान म रखते ए यह यव था क जाती ह िक य क
ॉपट का लाभ उसक ारा चुने गए लाभाथ को िमले, िजसम कम-से-कम कर और कम-से-कम अदालती
कारवाई क ज रत पड़।
भारत म ए टट यूटी क शु आत वष 1953 म ई थी और वष 1985 म बंद कर दी गई। वतमान म देश म
कोई ए टट यूटी या ए टट कर का ावधान नह ह, जबिक कई अ य देश म ऐसा ावधान ह। अब िनकट
भिव य म यिद ए टट यूटी पुनः लागू भी होती ह, तो इसक िनयोजन क िलए ए टट लािनंग एक बेहतरीन
साधन होगा। टी ारा ए टट लािनंग मूल प से टी क मृ यु क बाद उसक ह तांत रत ॉपट पर
लगनेवाले कर क िनयोजन क िलए क जाती ह।
कछ लोग का ऐसा मानना हो सकता ह िक ए टट लािनंग क ज रत तो सेवािनवृि या वृ ाव था क
दौरान ही पड़ती ह, जब य को अपनी मृ यु क बाद क प र थितय को यान म रखते ए अपनी िव ीय
सुर ा और ॉपट का उपयु बँटवारा सुिन त करना होता ह, जबिक सच यह ह िक ए टट लािनंग क
शु आत उसी समय हो जानी चािहए, जब आपक पास ॉपट आती ह।
िकसी य का ए टट (संपदा) उसक वह पूरी संपि होती ह, िजसका वह (मृ यु क समय) वामी होता
ह। मृ यु क समय य अपनी संपि को अपने साथ तो लेकर जा नह सकता, इसिलए उसक भावी बंधन क
िलए वह ए टट लािनंग तैयार करता ह।
अब सवाल यह उठता ह िक ए टट लािनंग का ा ट िकससे तैयार कराया जाए? पु तक क अ याय को
पढ़कर आपको इस संबंध म मदद िमलेगी। इसक िलए आप िकसी मािणत फाइनिशयल लानर या वक ल क
मदद भी ले सकते ह।
ए टट लािनंग क मा यम से य एक ओर अपनी संपदा क सुर ा सुिन त कर सकता ह और दूसरी
ओर अपनी मृ यु क बाद अपनी इ छा क अनुसार उसका िनयं ण व बंधन भी सुिन त कर सकता ह। यिद
उपयु लािनंग न क जाए, तो जीवन भर क मेहनत बेकार जा सकती ह।
ऐसी बात नह ह िक ए टट लािनंग िसफ धना य लोग क िलए ही ह। व तुतः इसक ज रत ऐसे सभी लोग
क िलए ह, िजनक पास अपनी ॉपट ह और जो अपनी मृ यु क बाद क थित क िलए यह सुिन त करना
चाहते ह िक िकसको, कब और िकतना िमलना चािहए! यादा धन-संपदावाले य य को इससे कर बचाने म
मदद िमलती ह, जबिक कम धन-संपदावाले य य को इससे अपनी और अपने प रवार क िव ीय सुर ा
सुिन त करने म मदद िमलती ह।
उपयु ए टट लािनंग म िन न न क उ र िनिहत होने चािहए—
• मेरी बीमारी क थित म या होगा?
• मेर शारी रक या मानिसक प से अ म हो जाने पर मेरी देखभाल कसी हो, इसका िनणय कौन करगा?
• म अपनी ॉपट का िवभाजन िकस कार क गा?
• यिद म कछ न क , तो या होगा?
• या बड़-बड़ िबल का भुगतान करना पड़गा?
• इन िबल क भुगतान क िलए पैसा कहाँ से आएगा?
• या संपदा क बंधन लागत कम हो सकती ह?
• दोन पित-प नी क जीवनयापन क िलए या पया प रसंपि ह?
• मेर ब क आिथक बोझ को कम करने क िलए या कोई रा ता ह?
• या म अपने पौ /पौि य क िश ा म कछ मदद कर सकता ?
• या म अपनी ही चै रटबल सं था को कछ अनुदान भट कर सकता ?
ए टट लािनंग का उ े य और आव यकता
ि ं ी ? ि े ई े ो े ै े
ए टट लािनंग इतनी मह वपूण य ह? य िक इससे आपक कई मह वपूण उ े य पूर होते ह, जैसे—
संपदा का उपयु और सामंज यपूण ह तांतरण, िजससे आपको अपनी धन-संपि का अपनी इ छानुसार चुने
गए य / य य को ह तांतरण सुिन त करने म मदद िमलती ह; साथ ही, इसक ज रए आप यह भी
सुिन त कर सकते ह िक आपक साथ कोई अनहोनी होने या काय करने म अ म होने पर आपक नाबािलग
ब क देख-रख कौन करगा?
इसका एक मूल उ े य य क मृ यु क बाद उसक प नी का जीवनयापन सरल बनाना होता ह, िजसक
पास कोई नौकरी नह होती और दो या अिधक ब क पालन-पोषण पढ़ाई-िलखाई क िज मेदारी होती ह। ऐसे
म यिद पित ने उपयु ए टट लािनंग कर रखी ह, तो प नी को िद त नह होगी, य िक उसम ब क
देखभाल और पढ़ाई-िलखाई क िलए उपयु यव था होगी। यिद पित-प नी युवा ह, तो ए टट लािनंग से उ ह
अभी से िव ीय सुर ा िमलनी शु हो जाएगी। यिद पित-प नी दोन को सेवािनवृि क बाद िनयोजक क ओर
से कछ िमल रहा ह, तो भी िकसी एक क मृ यु से पा रवा रक आय कम हो जाती ह। उस थित म भी ए टट
लािनंग से मदद िमलेगी।
यादातर ए टट लािनंग म जीिवत प नी/पित क िलए यव था क बाद दूसरा मुख उ े य ब क िलए
उपयु यव था सुिन त करना होता ह। छोटी संपदा क मामले म सामा यतया पूरी संपदा पहले जीिवत प नी/
पित को ह तांत रत िकए जाने और बाद म उसक मृ यु क बाद उसक ब म बाँटी जाने क यव था होती ह।
बड़ी संपदा क मामले म ब म ॉपट क बँटवार क िलए ए टट लािनंग क शु आत तभी हो जाती ह, जब
पित-प नी दोन जीिवत होते ह।
आजकल चूँिक भारतीय प रवार म तलाक और पुनिववाह क बात आम हो गई ह; ऐसे म कछ प रवार ऐसे
भी िमलगे, िजनम एक ही दंपती क अलग-अलग िववाह से उ प ब े ह गे। ऐसे म सवाल उठता ह िक या
सभी ब को समान प से िह सा िमलेगा? अगर पित/प नी क मृ यु क बाद सारी जायदाद िकसी एक जीिवत
प नी या पित को िमल जाती ह, तो जायदाद का बँटवारा सब ब म होगा या पूरी जायदाद को वह अपने सगे
ब म ही बाँटगी/बाँटगा? ऐसे दंपितय क मामले म ए टट लािनंग ब त ज री हो जाती ह। इसका एक सरल
हल यह होता ह िक संपदा िकसी ट को दे दी जाए, जो मृतक क जीिवत प नी/पित और अ य लाभािथय क
िलए यथा-िनदश यव था कर।
ए टट लािनंग म सबसे पहले तो य को यह स ाई वीकार करनी होती ह िक जीवन ण-भंगुर ह,
लेिकन ब त कम लोग इस स ाई को आसानी से वीकार कर पाते ह। कई बड़-बड़ और सफल ोफशनल ह,
जो उ तरीय अंतररा ीय यावसाियक और िव ीय माहौल म काम कर रह ह, लेिकन जीवन क इस स ाई
को वीकार न कर पाने क कारण वे ए टट लािनंग को कभी अमल म नह लाते।
आिखरकार मुिखया (जो पा रवा रक संपदा का वामी होता ह) क मृ यु क बाद उसक प रवार क सद य को
सबकछ झेलना पड़ता ह। उनक जीवन- तर म कमी आ जाती ह और उनक सामने एक िव ीय अिन तता क
थित आ जाती ह। ऐसे म प रवार क भिव य को सुरि त करने और जीवनकाल क दौरान तथा उसक बाद भी
अपनी इ छा क अनु प उपयु िव ीय बंधन क िलए ए टट लािनंग सबसे पहला याियक कदम होता ह।

ए टट लािनंग म बीमा का मह व
ए टट लािनंग म जीवन-बीमा ब त मह वपूण होता ह। यह आपक प रवार को खोई ई आय या आय क
ोत का एक दीघकािलक थानाप उपल ध कराता ह और साथ ही, ता कािलक खच जैसे—मेिडकल िबल
और अंितम सं कार आिद क िलए भी आव यक रािश क यव था कराता ह। इसक अलावा, जीवन-बीमा से
य म सुर ा क भावना भी बनी रहती ह, य िक वह जानता ह िक यिद उसे कछ हो जाता ह, तो उसका
प रवार कम-से-कम आिथक प से असुर ा क थित म नह आएगा। जीवन-बीमा ायः सभी कार क
ए टट लािनंग म उपल ध ह—पढ़ाई क खच क िलए, यवसाय क िव -पोषण क िलए और कभी-कभी
रटायरमट लान क िव -पोषण क िलए भी।
बीिमत य क मू यु क थित म उसक लाभाथ को बीमा क जो रािश िमलती ह, वह सामा यतया
करमु होती ह।
जब कोई य लोन लेकर कोई ॉपट खरीदता ह, तो उसे समय पर चुकाना उसक िज मेदारी बन जाती
ह। लेिकन कई बार कछ अनहोनी घट जाती ह, जैसे बीमारी या दुघटना क कारण शारी रक अ मता, मृ यु या
ाकितक आपदा। यिद य का बीमा नह आ ह, तो उस थित म उसक पिवरवाल क सामने एक ही
िवक प रह जाता ह— ॉपट को बेचकर उससे लोन अदा कर। इस कार, मृतक क प रवार को एक साथ दो-
दो नुकसान उठाने पड़ते ह, एक ओर प रवार का कमाऊ सद य नह रहा और दूसरी ओर, उसक िसर पर से
छत भी चली गई।
अतः होम लोन लेनेवाले य को दो कार क बीमा-योजना क बार म सोचना चािहए—
1. होम लोन क रािश क बराबर रािश का बकाएदार का वयं का जीवन-बीमा
प रवार का मुिखया ही ायः प रवार का मुख कमाऊ सद य होता ह। अपने सपन का घर बनाने क िलए
वह होम लोन लेता ह और वेतन/ यावसाियक आय का एक बड़ा िह सा उसक मािसक िक त भरने म लगा
देता ह। यिद उसक असमय मृ यु हो जाती ह, तो लोन क मािसक िक त क जाती ह। तब बक उसक कानूनी
उ रािधकारी को लोन क बकाया रािश चुकाने क िलए कहता ह। अगर प रवारवाले लोन क रकम नह अदा
कर पाते, तो बक उनक ॉपट बेच देता ह। इस कार प रवार को एक ओर अपना कमाऊ सद य खोना पड़ा
और दूसरी ओर उसका घर भी नह रहा। यिद य का होम लोन कवर होता ह तो उसक मृ यु क थित म
बीमा-कपनी क ओर से बक को बकाया रािश का भुगतान कर िदया जाता ह और उसक प रवारवाल को ॉपट
वापस िमल जाती ह।
यह बीमा सामा यतया दो कार का होता ह—
(अ) िडशनल टम लान (ब) टलरमेड-िड िजंग टम इ योरस लान।
(अ) िडशनल टम लान —िन न ीिमयमवाला एक िवशु बीमा लान ह, िजसम रटन नह होता। बीिमत
य क मृ यु क थित म उसक लाभािथय को पूरी बीमा रािश का भुगतान कर िदया जाता ह। मान लीिजए,
िकसी य को लाइफ कवर क िलए 30 लाख पए क टम लान क ज रत ह और अब वह 20 लाख पए
का होम लोन ले लेता ह। ऐसे म उसका कम-से-कम 50 लाख पए का कवर होना चािहए, तब उस य क
असमय मृ यु क दशा म उसक प रवारवाल को 50 लाख पए क रािश िमलेगी, िजसम से 20 लाख पए से
वे होम लोन चुका सकते ह और शेष रकम अपने जीवनयापन क िलए उपयोग म ला सकते ह। इस कार क
लान का मु य फायदा यह होता ह िक इसम बीमा रािश का पूरा-पूरा भुगतान िमल जाता ह।
(ब) टलरमेड-िड िजंग टम इ योरस लान —यह एक समान टम बीमा लान ह, िजसम बीमा क
ीिमयम रािश अिधक होती ह और एकमु त ीिमयम जमा करना होता ह, लेिकन इसम बीिमत य को कोई
प रप ता लाभ नह िमलता ह। 18-65 वष आयु-वग क लोग यह लान ले सकते ह। लोन क अविध पूरी होने
क साथ ही बीमा कवरज भी बंद हो जाता ह।
बीमा कवर होने क बाद सरडर वै यू िकसी भी समय उपल ध हो सकती ह, बशत लोन क पूरी रकम उसक
अविध पूरी होने से पहले अदा कर दी गई हो। इस लान म नामांकन अिनवाय होता ह। इसम आयकर अिधिनयम
क धारा 80 (सी) क अंतगत कर-बचत का लाभ भी िमलता ह। इस पॉिलसी म बीमा लेनेवाले य को ‘ ुप
मबर’ और लोन देनेवाले बक को ‘मा टर पॉिलसी हो डर’ कहा जाता ह।
मुख िवशेषताएँ
• लोन क पूरी अविध तक उसक कल बकाया रकम क बराबर रकम का बीमा कवर।
• बकाएदार क मृ यु क थित म शेष रकम का भुगतान बीमा कपनी ारा सीधे बक को िकया जाता ह,
िजससे पूर प रवार को सुर ा- वतं ता रहती ह, लेिकन ओवर यू रािश, यिद कोई ह, तो वह इसम कवर नह
ो ी
होती।
• बीमा ीिमयम पर आयकर अिधिनयम क धारा 80 (सी) क अंतगत कर छट का लाभ िमलता ह, िजसक
ओवरऑल सीिलंग 1,50,000 . ह।
• बीिमत य क मृ यु क थित म िमलनेवाली बीमा रािश आयकर अिधिनयम क धारा 10(10) डी क
अंतगत कर-मु होती ह।
• बकाएदार को मृ यु से सुर ा देता ह।
• बकाएदार क 70 वष क उ या अंितम अदायगी क ितिथ तक, या दोन म से जो पहले हो, बीमा कवर
िमलता ह। सामा यतया लोन भी िकसी य को 70 वष क उ तक ही वीकत िकए जाते ह।
• लोन क पूरी अविध क िलए िसंगल ीिमयम।
• ीिमयम क रािश को पूरा करने क िलए बक अित र लोन क यव था कर सकता ह।
• सरल ि या।
• देय ीिमयम का िनधारण लोन क रािश, अदायगी क अविध और बकाएदार क उ क आधार पर।
बीमा कवर म न आनेवाली थितयाँ
• मृ यु यिद बीमा कवर शु होने क थम 45 िदन क अंदर हो।
• मृ यु यिद बीमा कवर शु होने क थम 12 माह क दौरान आ मह या क कारण हो।
कौन सा लान सबसे अ छा? िम ो, कई बार जब म अपने ाहक को होम लोन बीमा लान क बार म बताता
, तो वे मुझसे पूछते ह िक कौन सा लान सबसे अ छा ह— िडशनल टम लान या िफर वन टाइम टलरमेड-
िड िजंग टम इ योरस लान? होम लोन को कवर करने क िलए आपको टम लान लेना चािहए। इसक कई
फायदे ह—टम लान टलरमेड-िड िजंग टम लान क अपे ा स ते ह। इसक अलावा िविभ बीमा कपिनय
ारा ऑफर िकए जानेवाले टम लान म ीिमयम और बीमा रािश क िवक प अपे ाकत सरल ह। दूसरी ओर
टलरमेड-िड िजंग टम इ योरस लान म िसंगल ीिमयम का िवक प ही उपल ध ह। इस कार ाहक चुकाए
जानेवाले ीिमयम का िहसाब नह लगा पाता और बाजार म उपल ध अ य लान क अपे ा यादा ीिमयम
रािश जमा करनी पड़ जाती ह।
टलरमेड-िड िजंग टम इ योरस लान क एक और खामी यह ह िक इसम भुगतान िसंगल ीिमयम क
मा यम से होता ह। अगर आप लोन क अविध पूरी होने से पहले, यानी 15 साल क अविध वाले लोन क पूरी
अदायगी 10 साल म कर देते ह, तो आगे क पाँच वष क अविध क िलए आपने जो ीिमयम जमा कर रखा ह,
उसका आपको कोई लाभ नह िमलेगा, य िक उसका रफड नह होता या होता भी ह तो उसक रािश ब त
कम हो जाती ह।
इसक अलावा, अगर आप होम लोन को एक बक से िकसी अ य बक म ांसफर करना चाह तो होम लोन
ोट शन लान लेने म काफ िद त आती ह। चूँिक टम कवर होम लोन क अविध से अलग होता ह, इसिलए
आप इसे अपनी ज रत क अनुसार संशोिधत कर सकते ह।
2. आवास बीमा
बक से होम लोन लेने क थित म ायः सभी बक म ॉपट का बीमा अिनवाय कर िदया गया ह। कछ
आपदाएँ मनु य क िनयं ण म नह ह, जैसे—भूकप, भू खलन, आगजनी, साइ ोन, िबजली िगरना आिद। यिद
इनम से िकसी कारण से मकान को ित प चती ह, तो एक आम आदमी क िलए उसे दोबारा बनाना एक
मु कल काम हो जाता ह। इसिलए ऐसी थित को कवर करने क िलए हम एक सुर ा क आव यकता होती
ह।
िसंपल कवर (आगजनी एवं संब आपदा पॉिलसी)
यह पॉिलसी आगजनी, भूकप, साइ ोन, आतंकवाद आिद क कारण मकान क ढाँचे और मटी रयल को
प चनेवाली ित को कवर करता ह। यह मकान क माकट वै यू क बजाए उसक जीण ार म लगनेवाली
लागत पर आधा रत होती ह। मान लीिजए, कोई मकान ठीक/ठाक थित म ह और अचानक िकसी आपदा क
कारण वह ित त हो जाता ह। अब उसक मर मत और जीण ार क िलए धनरािश क ज रत ह, तो बीमा
कपनी उसक मर मत या जीण ार म लगनेवाली लागत को वहन करगी, न िक उसक पूर िनमाण-काय म
लगी लागत को। उपरो आपदा क कारण जब कभी कोई मकान ित त होता ह, तो उस थित म बीमा
ही एकमा मददगार होता ह। य िप मकान िकसी य क िलए सबसे क मती संपि होती ह और भारत म
आवास बीमा काफ स ता भी ह, तथािप ब त कम लोग मकान का बीमा कराते ह। इसम मा 2 हजार पए
वािषक खच करक आप अपने मकान को िविभ कार क आपदा से कवर दान कर सकते ह। यहाँ यान
रख िक आप मकान का बीमा उसक ॉपट वै यू क िलए नह , ब क उसक जीण ार लागत क िलए कराते
ह। यह लागत 1000 पए ितवग फट से लेकर 2500 पए ित वग फ ट तक हो सकती ह। मकान क
साम ी का भी बीमा होना चािहए।
फायर (आगजनी) बीमा पॉिलसी आगजनी और कछ अ य आपदा से ॉपट को होनेवाली आिथक ित
को कवर करती ह। यह लान ट रफ एडिवसरी कमेटी (टी.ए.सी.) क अधीन एक ट रफ ारा संचािलत-
ि ंि ो ो ो े ी ी ि ँ
िनयंि त होता ह। फायर इ योरस म कवर होनेवाली साम ी व थितयाँ इस कार ह—
1. भवन —भवन म लगी या रखी साम ी (मशीनरी, उपकरण, पूरक सामान), माल, क ा माल, तैयार या
अधिनिमत माल, फ टरी या गोदाम म रखा पैिकग मटी रयल, िब डग म लगे िबजली क सामान/उपकरण, खुले
म रखा माल, रहने का थान और वहाँ रखा सामान, फन चर िफिटग व िफ सचर, िब डग क अंदर या बाहर
लगी पाइपलाइन और कपाउड।
2. िव फोट, िवमान दुघटना, िबजली िगरना, तूफान, साइ ोन, टायफन, झंझावात, सूखा और बाढ़, भू खलन,
दंगा, बुश-फायर, िकसी वाहन (रल/रोड) या जानवर से ट र, हड़ताल और आतंक हमले क कारण होनेवाली
ित।
हाउस हो डर पॉिलसी
चोरी और सधमारी क िखलाफ कवर अपे ाकत महगा तो ह, लेिकन इसका मह व भी उतना ही यादा ह।
अगर आपका बजट इजाजत दे, तो इसम कछ और धाराएँ जोड़कर इसका कवरज और बढ़ाया जा सकता ह।
आगजनी एवं संब आपदा पॉिलसी उपरो अलग-अलग आपदा को कवर करती ह। आप इसे िकसी
आपदा िवशेष से सुर ा कवर क िलए भी ले सकते ह, लेिकन यादातर बीमा कपिनयाँ एक यापक जोिखम
कवरवाला लान लेने क िलए ो सािहत करती ह।
कछ लोग सोचते ह िक अगर वे िकराए क मकान म रह रह ह, तो उ ह होम इ योरस क या ज रत ह? यह
बात ठीक ह, लेिकन उ ह भी सामान क चोरी या िकसी ाकितक आपदा क कारण होनेवाली ित से सुर ा क
िलए होम इ योरस क ज रत ह। ये आधारभूत कवर यादा महगे नह पड़ते। जब आप जी-तोड़ मेहनत करक
मकान खरीद सकते ह, तो या मकान और उसम रखे क मती सामान क सुर ा क िदशा म एक कदम और
नह चल सकते?
बीमा लान लेते समय िन न सावधािनयाँ बरत
1. अगर आप होम लोन से कोई ॉपट खरीदते ह, तो उसी बीमा कपनी को ाथिमकता द, िजसक साथ
आपक बकर का टाई-अप ह। इसका एक फायदा यह होगा िक आपदा या ित क थित म बक सीधे बीमा
कपनी से दावा माँग सकता ह।
2. ीिमयम क अविध लोन क अविध क बराबर होनी चािहए। िसंगल ीिमयम होने पर कछ िड काउट
िमलता ह।
3. हाउस इ योरस क मामले म यान रख िक मकान क लागत म जमीन क लागत शािमल नह क जानी
चािहए, य िक जमीन ित त नह होती।
4. घर म रखे क मती सामान (ए.सी., एल.ई.डी.) का बीमा र लेसमट वै यू क आधार पर कराएँ।
5. अगर आपक प रवारवाले कोई नई ैलरी या इले ॉिनक आइटम खरीदते ह, तो बीमा कपनी को सूिचत
कर और ऐसी चीज को खास मौक पर योग म लाने क बाद बक लॉकर म रखवा द।

वसीयतनामा (िवल)
व सीयतनामा एक कानूनी द तावेज ह, िजसम कोई य अपनी ॉपट क संबंध म अपनी इ छा क कानूनी
घोषणा करता ह, जो उसक मृ यु क बाद भावी होता ह। इस कार वसीयतनामा य क मृ यु क बाद क
प र थितय क िलए होता ह। वसीयत िलखना एक परपरागत तरीका ह, िजसक मा यम से कोई य अपनी
सारी धन-संपदा को अपनी भावी पीढ़ी को ह तांत रत करता ह।
वसीयत कोई भी य िलख सकता ह। कछ लोग म यह म रहता ह िक वसीयत िलखना अमीर -धना य
का काम ह। लेिकन ऐसा नह ह। सच यह ह िक जो भी य यह चाहता ह िक जो कछ उसक पास ह, वह
उसक मृ यु क बाद उसक उ रािधका रय को िमलने म कोई िद त न आए, वह वसीयत िलख सकता ह।
कोई भी वय क य , जो अपनी प रसंपि को अपनी इ छानुसार अपने उ रािधका रय म बाँटना चाहता ह,
उसे वसीयत िलखनी चािहए। यह संपि िकसी भी तरह क हो सकती ह—भू-संपि , सोना, िव ीय िनवेश,
नकदी या कोई कला मक व तु। ज री नह िक वसीयत टांप पेपर पर ही िलखी जाए, या उसे पंजीकत कराया
जाए। आप एक सादे कागज पर भी िलख सकते ह। वह भी उतनी ही वैधािनक होगी, िजतनी िकसी वक ल क
ारा तैयार कराई गई वसीयत होती ह। बशत उस पर आपक ह ता र होने चािहए और दो गवाह ारा
स यािपत होना चािहए। वसीयत िलखनेवाला इसे हाथ से भी िलख सकता ह या चाह तो टाइप कर सकता ह।
अगर उस पर आपक और दो गवाह क ह ता र मौजूद ह, तो वह पूरी तरह से एक कानूनी द तावेज होगी।
वसीयत आप वयं भी िलख सकते ह, लेिकन यान रह िक वसीयत का लेख साफ, प होना चािहए। हाँ,
अगर आपक प रसंपि य का मामला थोड़ा जिटल हो, तो वसीयत का ा ट तैयार कराने क िलए आप िकसी
पेशेवर वक ल क मदद ले सकते ह।
इससे वसीयत क भाषा म कोई ऐसी अ प ता नह रह जाएगी, जो भिव य म िकसी तरह क िववाद का
कारण बने। इसक अलावा उस थित म सबकछ कानून क प रिध म भी होगा।
अगर य बूढ़ा और कमजोर ह, तो उसे वयं िलखने क बजाए टाइप कराना चािहए, इससे उसक
उ रािधका रय म िववाद नह होगा।
वसीयत पैतृक संपदा क वाभािवक उ रािधकार कानून का हनन नह कर सकती। दूसर श द म, कोई
य वसीयत िलखकर िकसी पैतृक संपदा से उसक कानूनी वा रस को वंिचत नह कर सकता ह। मान
लीिजए, िकसी िहदू य को अपने िपता से 50 लाख पए िमले ह। अगर उसक चार उ रािधकारी ह, तो उस
50 लाख . म उसका अपना िह सा 20% ही होगा। बाक उसक चार उ रािधका रय का िह सा होगा। अब
वह अपने िह से क 10 लाख पए क वसीयत अपनी इ छानुसार तैयार कर सकता ह, लेिकन शेष 40 लाख
पए वह अपने चार वाभािवक उ रािधका रय क अित र िकसी अ य को नह दे सकता। आपक पास चाह
ढर सारी संपदा ह या थोड़ी संपदा ह, उसक उपयु बँटवार क िलए आप वसीयत िलख सकते ह।
वसीयत इतनी मह वपूण य ?
• अगर आपको कछ हो जाता ह और आपने पहले वसीयत नह िलखी ह, तो उस थित म आपक धन-संपदा
क आवंटन से संबंिधत कछ िन त िनयम ह, िजनक आधार पर ही आपक धन-संपदा का आवंटन आपक
उ रािधका रय म होगा; ऐसे म हो सकता ह िक आवंटन उस तरह न हो, जैसा आप चाहते थे।
• अिववािहत पाटनर, िज ह ने िसिवल पाटनरिशप पंजीकत नह कराई ह, वसीयत न होने क थित म एक-
दूसर क संपि नह ले सकते; इससे िकसी एक पाटनर क मृ यु क थित म दूसर पाटनर क िलए गंभीर
सम या पैदा हो सकती ह।
• अगर आपक ब े ह, तो आपको वसीयत िलखने क ज रत पड़गी, तािक आपक या प नी क , या दोन क
मृ यु क बाद क थित म उनक िलए आपक इ छा क अनुसार उनक िलए उपयु यव था हो।
• उपयु परामश क आधार पर वसीयत तैयार करक आप अपनी संपि का कर भी बचा सकते ह।
• अगर आपक प र थितयाँ बदल चुक ह, तो ऐसे म आपको यह सुिन त करने क िलए वसीयत िलखनी
चािहए िक आपक धन-संपदा का िवतरण आपक इ छा क अनुसार हो। उदाहरण क िलए, यिद आप पित-प नी
अलग हो गए ह और आपका पाटनर िकसी और क साथ रह रहा ह; उस थित म आपको अपनी पुरानी
वसीयत बदलने क ज रत पड़ सकती ह। अब आप जो नई वसीयत िलखगे, उससे पुरानी वसीयत, जो आप
पहले िलख चुक ह, वयं ही अवैध हो जाएगी।
वसीयत क िवशेषताएँ
वसीयत क मा यम से कोई य कानूनी तौर पर यह सुिन त करता ह िक उसक मृ यु क बाद उसक
जायदाद का आवंटन उसक घोिषत इ छा क अनुसार हो। यह एक ऐसा कानूनी द तावेज ह, िजसे एक बार
तैयार कराने क बाद यिद आप बदलना चाह तो बदल भी सकते ह। यह एक गोपनीय द तावेज होता ह, िजसे
(वसीयत िलखनेवाले क जीवनकाल क दौरान) कट नह िकया जाना चािहए।
ी ो ि े ँ ो ी
वसीयत क दो मु य िवशेषताएँ होती ह—
1. यह वसीयत िलखनेवाले य क मृ यु क बाद भावी होती ह।
2. इसे वसीयत िलखनेवाला (अपने जीवनकाल क दौरान) जब चाह, बदल सकता ह।
वसीयत सामा यतया जायदाद क आवंटन क उ े य क िलए िलखी जाती ह, लेिकन दूसरी तरह क
प र थितय म ितिनिध िनयु करने, ट बनाने और नाबािलग ब का संर क िनयु करने क िलए भी
यह द तावेज तैयार िकया जा सकता ह।
एक मह वपूण बात यह ह िक वसीयत क साम ी म ऐसी बात ही होनी चािहए, जो वसीयत िलखनेवाले क
मृ यु क बाद भावी ह और अपने जीवनकाल क दौरान वह उसे जब चाह, बदल सक। भारतीय उ रािधकार
अिधिनयम, 1925 क धारा 63 म प िकया गया ह िक वसीयत िलखनेवाला य अपनी इ छा क अनुसार
जब चाह, उसे बदल सकता ह।
कोई य जब वसीयत िलखे िबना मर जाता ह, तो उसक मृ यु क बाद उसक जायदाद िनयमानुसार उसक
कानूनी उ रािधका रय को िमल जाती ह। यान रह िक कानूनी उ रािधकारी म य क िनकट संबंधी—पित
या प नी, ब े, माता-िपता आिद आते ह। अिधकतर लोग ऐसे ह, जो चाहते ह िक उनक मृ यु क बाद उनक
जायदाद का आवंटन उनक इ छा क अनुसार हो। इसिलए वसीयत िलखना ज री हो जाता ह।
वसीयत क िवषय-साम ी
सॉिलिसटर क पास जाते समय, समय और पैसा बचाने क िलए आपको चािहए िक वसीयत क िवषय-साम ी
से संबंिधत मु य-मु य िबंदु को यान म रख। ऐसे कछ मुख िबंदु इस कार हो सकते ह—
• आपक पास कल िकतनी चल और अचल संपि ह, जैसे—बचत रािश, य गत पशन, युचुअल फड
िनवेश, शेयर, ॉपट , बीमा पॉिलसी, बक और िब डग सोसाइटी खाते।
• वसीयत म आप िकसे-िकसे अपनी जायदाद देना चाहते ह? उन सब लाभािथय क एक सूची बना ल। यिद
कछ धन िकसी चै रटी/ ट को देना चाहते ह, तो उसक बार म पहले से सोच ल।
• आपक नाबािलग ब (यिद ह) क देखभाल कौन करगा?
• आपक मृ यु क बाद वसीयत को भावी करनेवाले कौन लोग ह गे?
इसक अलावा, वसीयत िलखने क कछ अ य फायदे भी ह
1. जब कोई य वसीयत िलखे िबना मर जाता ह, तो उसक िनकट संबंिधय म यह दुिवधा बनी रहती ह
िक पता नह कोई वसीयत िलखी ह या नह ; और यिद वसीयत िमल जाती ह, तो एक सवाल बना रहता ह िक
यह अंितम वसीयत ह या कोई अ य वसीयत भी ह?
2. वसीयत पूरी तरह से एक िनजी द तावेज होती ह। इसक मा यम से वसीयत िलखनेवाले य क अपने
प रवार क िविभ सद य क ित भावना मक गहराई कट होती ह और उसक अनुसार ही वह अपनी जायदाद
म उ ह िह सेदार बनाता ह; अ यथा जायदाद का आवंटन िनयमानुसार होता ह।
3. ॉपट से जुड़ कई कार क झगड़ वसीयत क मदद से शांत हो जाते ह।
4. वसीयत क मा यम से य अपने ब े क िलए अपनी इ छा क अनुसार संर क िनयु कर सकता ह।
यान रह िक माता-िपता म से िकसी एक क मृ यु क थित म जीिवत माता या िपता को कानूनी तौर पर ब े
का संर क बनने का अिधकार होता ह। लेिकन यिद माता-िपता दोन क मृ यु हो गई हो, तो उस थित म
वसीयत ही एकमा मा यम होती ह, िजससे ब े का संर क चुनने म मदद िमलती ह। यह िवषय ब े क
भिव य से जुड़ा होने क कारण ब त मह वपूण ह, इसिलए संर क चुनने से पहले उससे इस िवषय पर
िव तारपूवक चचा कर लेना ज री होता ह।
5. वसीयत म य अपने प रवार क अलग-अलग सद य क ज रत और प र थितय को यान म
रखकर जायदाद का आवंटन सुिन त करता ह; जबिक उ रािधकार कानून यह सब नह देखता। उदाहरण क
िलए, मान लीिजए, िकसी क दो बेट ह; एक व थ ह और काम-धंधा करता ह, जबिक दूसरा िवकलांग ह; ऐसे
म उ रािधकार कानून क अनुसार माता-िपता क मृ यु क बाद दोन बेट को जायदाद म एक समान िह सेदारी
िमलेगी। जबिक वसीयत क मा यम से कोई िपता अपने िवकलांग बेट या िवधवा बेटी क िलए िवशेष ावधान
कर सकता ह। इतना ही नह , वसीयत म कोई य अपने वफादार नौकर, नस, ज रतमंद िम आिद क िलए
भी ावधान कर सकता ह। जबिक उ रािधकार कानून क अंतगत ऐसे लोग को लाभाथ नह बनाया जा सकता।
6. मान लीिजए आपका कोई ऐसा बेटा ह, जो िनक मा ह और धोखाधड़ी करक आपक इ छा क िव घर
छोड़कर भाग गया ह, या िकसी अपराध म संिल ह; उस थित म यिद आपक वसीयत नह ह, तो आपक
मृ यु क बाद वह भी आकर जायदाद पर अपना दावा पेश कर सकता ह। इसी तरह, पित को छोड़कर अलग
रहनेवाली प नी भी पित क मृ यु क बाद उसक जायदाद पर दावा पेश कर सकती ह।
वसीयत क खािमयाँ
परतु वसीयत िलखने क कछ नुकसान भी ह; जो ायः मनोवै ािनक ही होते ह। कई बार वसीयत िलख देने क
बाद य जीवन म िदलच पी खो देता ह।
वसीयत न होने क थित म जायदाद का आवंटन उ रािधकार कानून क अनुसार होता ह। िहदु , बौ ,
जैन और िसख क िलए उ रािधकार का कानून िहदू उ रािधकार अिधिनयम, 1956 म िदया गया ह। ईसाइय क
े ी ि ि ि ो ि ी
मामले म भारतीय उ रािधकार अिधिनयम, 1925 लागू होता ह। मुसिलम का अपना अलग कानून ह। इसी तरह,
पारिसय क िलए अलग से उ रािधकार कानून ह।
वैधािनक वसीयत क िलए आव यक बात
• वसीयत िलखनेवाले क उ यूनतम 18 वष या अिधक होनी चािहए। नाबािलग क सोच-समझ प रप नह
होती, इसिलए वह वसीयत िलखने क िलए यो य नह होता।
• िववािहत मिहला वसीयत क मा यम से कोई ॉपट छोड़ सकती ह, िजसका अपने जीवनकाल क दौरान वह
वािम व प रवतन कर सकतीह।
• व थ मानिसक थितवाला य ही वसीयत िलख सकता ह, यानी वसीयत िलखनेवाले य म इतनी
समझ होनी चािहए िक वह वयं जान सक िक या िलख रहा ह और िकसक िलए िलख रहा ह।
• वसीयत िकसी कार क दबाव म नह , ब क वे छा से िलखी जाए।
• मूक, बिधर और ि हीन य वसीयत िलख सकता ह, बशत उसे इसक जानकारी हो।
• मानिसक प से िवि य उस समयांतराल म वसीयत िलख सकता ह, जब वह सामा य थित म हो।
वसीयत िलखते समय होनेवाली सामा य गलितयाँ
• वसीयत को कानूनी तौर पर वैध बनाने क िलए अनाव यक औपचा रकता क जानकारी न होना।
• जायदाद का पूरा िववरण यान म न रख पाना।
• इस संभावना को यान म न रख पाना िक वसीयत भाव म आने से पहले लाभाथ क मृ यु हो सकती ह।
• िववाह, रिज टड िसिवल पाटनरिशप और तलाक या संबंध-िव छद से वसीयत पर पड़नेवाले भाव क बार म
जानकारी न होना।
• उन कानून क बार म जानकारी न होना, जो आि त को जायदाद म समान िह सेदारी का दावा पेश करने का
अिधकार दान करते ह। इसका मतलब आ िक इन कानून को यान म न रखा जाए, तो वसीयत म िकए गए
ावधान को चुनौती भी दी जा सकती ह।
• यह जानकारी न होना िक सॉिलिसटर क मदद कब ली जानी चािहए।
वसीयत का ा ट कसे तैयार िकया जाए?
वसीयत का ा ट तैयार करने से पहले एकांत कमर म आराम से बैठ जाएँ। वसीयत म या- या शािमल
करना ह, उसक बार म सोच। सबसे पहले कागज और पिसल ल और उसपर अपनी सारी चल और अचल
संपि क एक सूची बना ल। अचल संपि म भूखंड, मकान, लैट, फामहाउस, औ ोिगक जमीन, वािण यक
जमीन, कारखाना आिद आते ह। अ य सब कार क संपि याँ चल संपि म आती ह।
अब अपने उन सब ि यजन क सूची तैयार कर और तय कर िक आप उनम से िक ह अपनी वसीयत म
लाभाथ बनाना चाहते ह? सूची म य य का पूरा नाम िलख, जैसा उनक पैनकाड, पासपोट या हाई कल क
माकशीट पर अंिकत होता ह। साथ म िपता का नाम भी िलख, तािक संयु प रवार होने क थित म नाम का
कन यूजन न हो।
उसक बाद अपनी पा रवा रक िज मेदा रय , ितब ता या िकसी य क ित कछ देनदारी ह, तो उसे
िलख ल। प रवार म यिद कोई अिववािहत या तलाशशुदा बेटी ह, तो िनकट भिव य म उसक िववाह क िलए
पैस क ज रत पड़गी, इसिलए उसक िलए ावधान कर। प रवार म यिद कोई भतीजा/भतीजी अनाथ ह, और
वह आपक पास रह रहा/रही ह; या िफर कोई अ म या िवकलांग ह, तो वसीयत म उसक िलए कछ ावधान
कर, तािक उसका जीवनयापन आसान हो सक। इन सब िज मेदा रय और दािय व को यान म रखते ए
कागज पर िलख ल, तािक दािय व क िनवहन म आपसे कह कछ छट न जाए।
अगर आपका कोई होम लोन या अ य िकसी तरह का लोन ह, तो उसक िलए ावधान कर; उसक अदायगी
क िलए प रवार क िकस सद य को या प रसंपि देनी ह, उसे तय करक कागज पर िलख ल।
अब एक ओर प रसंपि य का नाम और दूसरी ओर संबंिधत लाभाथ का नाम िलखते ए एक सूची बनाएँ।
इसम यह यान रख िक कोई आइटम या लाभाथ का नाम छट न जाए।
इस कार आपक वसीयत का ा प तैयार ह।
वसीयत का ा ट कौन तैयार कर? आप वयं या आपका वक ल?
वसीयत िलखने क िलए आप िकसी वक ल क सेवा ले सकते ह या चाह तो वयं भी िलख सकते ह। इसक
िलए अलग से कोई िन त ा प या भाषा नह ह, इसिलए इसे आप वयं भी िलख सकते ह। कोई पेशेवर
वक ल, फाइनिशयल लानर या कोई भी सा र य आपक वसीयत िलख सकता ह, लेिकन ज री यह ह
िक वसीयत िलखनेवाला य आपक िहत और भावना को यान म रख सक। वसीयत क ा ट आपको
कानून क पु तक और इटरनेट पर भी िमल जाएँगे।
िहदू, जैन, बौ और िसख ारा तैयार क गई वसीयत िलखवानेवाले य ारा या उसक िनदशानुसार
उसक उप थित म िकसी अ य य ारा ह तांत रत होनी चािहए और साथ ही कम-से-कम दो गवाह
ारा स यािपत भी होनी चािहए। मुसिलम क िलए यह िनयम लागू नह होता।

ी ो ी ि ो ी ी
वसीयत क भाषा सरल व प होनी चािहए, जो एक आम आदमी क समझ म आ सक। उसम तकनीक
श द का योग नह होना चािहए।
ि या वयक/ए ज यूटर
वसीयत म एक ि या वयक का उ ेख भी होता ह, जो वसीयत क ि या वयन क िज मेदारी वहन करता
ह। इस कार वसीयत िलखनेवाले य क मृ यु क बाद ि या वयक क भूिमका शु हो जाती ह। वसीयत
क अनुसार जायदाद क सारी चीज /प रसंपि य को इक ा करना, सारी कागजी कारवाई पूरी करना, कज और
कर का भुगतान करना तथा मृतक (वसीयत िलखनेवाले य ) क अंितम सं कार का बंध कराना, ये
िज मेदा रयाँ ि या वयक क होती ह; इनक िलए उसे जायदाद म से उपयु धनरािश आवंिटत क जाती ह।
लाभाथ को ॉपट का ह तांतरण और अ य भुगतान उसी क मा यम से होता ह।
वसीयत म िकसी य (मिहला या पु ष) या य य क एसोिसएशन को ि या वयक क प म िनयु
िकया जा सकता ह। इसक िलए ायः िकसी र तेदार, िम या सॉिलिसटर या एकाउटट और बक को
ि या वयन क प म नामांिकत िकया जाता ह।
ि या वयक का यह अिधकार और कत य होता ह िक वह वसीयत क िनदशानुसार जायदाद का आवंटन
सुिन त कर। चूँिक ि या वयक क िज मेदारी मह वपूण होती ह, इसिलए इस भूिमका क िलए िकसी
ईमानदार य को ही िनयु करना चािहए, जो वसीयत तैयार करानेवाले य क प रवार का शुभिचंतक हो
और वह यह िज मेदारी वहन करने क िलए तैयार हो। ि या वयक क उ वसीयत तैयार करानेवाले य क
उ से कम होनी चािहए।
आप एक से अिधक या चार क सं या तक ि या वयक भी नामांिकत कर सकते ह, तािक िकसी एक, दो या
तीन क मृ यु क थित म भी वसीयत का ि या वयन सुिन त हो। वसीयत क लाभािथय म से भी िकसी को
ि या वयक क प म नामांिकत िकया जा सकता ह। यिद वसीयत क ि या वयन क समय तक कोई
ि या वयक न रह जाए, तो उस थित म कानूनी सलाह लेनी चािहए।
गवाह
वसीयत पर कम-से-कम दो गवाह क ह ता र होने चािहए। इसिलए वसीयत का ा ट शु करने से पहले
गवाह क बार म भी सोच-िवचार कर ल। गवाह क ह ता र क िबना वसीयत अवैध मानी जाएगी। गवाही म
लाभाथ क अलावा अ य िकसी य (मिहला या पु ष) को िलया जा सकता ह। गवाह क चुनाव क िलए भी
वही सावधानी बरती जानी चािहए, जो ि या वयक क चुनाव म बरती जाती ह, यानी गवाह उस य को
बनाया जाए, जो ईमानदार हो और वसीयत तैयार करानेवाले य से कम उ का हो तथा िबना िकसी दबाव
क वसीयत पर ह ता र करने क िलए तैयार हो। साथ ही, वसीयत क पंजीकरण और ि या वयन क समय
उसका उप थत होना ज री होता ह।
सॉिलिसटर/वक ल
वसीयत का ॉ ट िकसी सॉिलिसटर से तैयार कराना या उसपर सॉिलिसटर क गवाही होना ज री नह ह।
आप वयं भी अपनी वसीयत तैयार कर सकते ह। हाँ, यिद ा ट तैयार होने क बाद िकसी सॉिलिसटर को एक
बार िदखा िलया जाए, तो अ छा रहता ह, य िक इससे आपको पता चल जाएगा िक आप वसीयत क मा यम
से, जो कछ, जैसा चाहते ह, वैसा ही होनेवाला ह, या उसम कह कछ गलती तो नह हो रही ह? जो आपक न
रहने पर प रवार क िलए सम या का कारण बन जाए।
कछ प र थितय म सॉिल टर क सेवा लेने क सलाह दी जाती ह, जो इस कार ह—
• जब वसीयत म िकसी यवसाय का मामला शािमल हो।,
• जब ॉपट म कोई ऐसा य िह सेदार हो, जो आपक प नी/पित या िसिवल पाटनर नह ह।
• जब प रवार म वसीयत पर दावा रखनेवाले कई सद य ह , जैसे—दूसरी प नी या पहली प नी क ब े।
• जब आप भारतीय नाग रक न ह ।
• आप िकसी आि त क िलए ावधान कर रह ह , जो अपना खयाल वयं नह रख सकता हो।
• जब आपका थायी घर भारत म न हो।
• जब आप भारत म रह रह ह और वसीयत म कोई िवदेशी ॉपट शािमल हो।

इ-िवल (इले ॉिनक वसीयत)
प हले आप शेयर को उसक भौितक प म ही देखा और सुना करते थे; लेिकन अब इटरनेट का जमाना ह,
आपको डीमेट शेयर ही देखने को िमलगे। ट ोलॉजी इतनी तेज गित से िवकिसत हो रही ह िक आजकल इ-
बिकग, इ-शॉिपंग, इ-बुिकग, इ- टांिपंग क अलावा आप ऑनलाइन इ योरस लान भी खरीद सकते ह। अब
आप इटरनेट साइट पर वसीयत भी तैयार कर सकते ह। हाल म दो इ-िवल राइिटग सेवाएँ शु क गई ह। उनम
से एक एन.एस.डी.एल. इ-गवनस इ ा र और मुंबई थत वारमंड टीज ऐंड ए जी यूटस क संयु
उप म म काय कर रही ह। इसक ारा लॉ च िकए गए ोड ट का नाम ह, ईजी िवल, जो एन.एस.डी.एल.
(www.ezeewill.com) पर उपल ध ह। दूसरी सेवा एच.डी.एफ.सी. िस यो रटीज िलिमटड और लीगल िजनी क
संयु उप म म संचािलत हो रही ह। इनसे ऑनलाइन वसीयत तैयार कराने म मदद िमलेगी। इन सेवा दाता
उप म का उ े य वसीयत िलखने क ि या को सरल बनाना ह।
इ-िवल का ा ट तैयार करने क ि या
इ-िवल क ा टग शु करने से पहले कछ तैयारी करने क ज रत होती ह। वसीयत म शािमल क
जानेवाली सभी संपि य /प रसंपि य क सूची, (िपता क नाम सिहत) उन सभी य य क नाम क सूची,
िज ह आप वसीयत म लाभाथ बनाना चाहते ह; साथ ही, प रवार म अिववािहत/तलाकशुदा बेट/बेटी क िलए
उपयु ावधान, प रवार क िवकलांग सद य (यिद कोई ह) क िलए ावधान। इस तैयारी क बाद आप इ-िवल
क ा टग शु कर सकते ह। उसक िलए आपको एक लॉगइन आई.डी. बनाकर उसे रिज टर करना होता ह
और िफर िडट/डिबट काड या नेट बिकग क मा यम से ऑनलाइन शु क अदा करना होता ह। उसक बाद
आपको अपने बार म सामा य िववरण भरने होते ह, जैसे—िलंग, उ , पेशा, धम, भारतीय या अिनवासी भारतीय
आिद।
अब चौथे चरण म आपको प रवार क सार सद य का िववरण तथा जायदाद क िववरण क साथ-साथ यह
दरशाना होता ह िक उसम से आप िकस सद य को या और िकतना देना चाहते ह? यान रह िक एक-एक
चरण क सूचना भरने क बाद उसे सेव करते रहना ज री ह, तािक डाटा सेवा दाता क वेबसाइट पर सेव हो
जाए। अब, सबिमट िवक प पर क कर और िनधा रत ा प पर वसीयत बनाएँ। सेवा दाता कपनी उसे
अपने िवशेष क पास भेजेगी। जो िवल (वसीयत) का डा ट तैयार करगे। यह ा ट आपक ारा चुने गए
िवक प क अनुसार इ-मेल, पीड पो ट या अ य मा यम से आपक पास भेजा जाएगा। आप कह भी रहते ए
िवल का ा ट तैयार करा सकते ह। इसक िलए आपको काफ समयांतराल िमलता ह। उदाहरण क िलए,
एच.डी.एफ.सी. िस यो रटीज आपक ारा शु क का भुगतान िकए जाने क बाद ज री िववरण भरने क िलए
60 िदन का समय देता ह।
वसीयत िलखने से संबंिधत ज रत और कानून अलग-अलग मामल और अलग-अलग समुदाय क िलए
अलग-अलग हो सकते ह।
इ-िवल सिवस दाता कपिनय क पास अपने िवशेष होते ह, जो संबंिधत य क धम और समुदाय क
िलए लागू उ रािधकार अिधिनयम क ावधान को यान म रखते ह।
तेजी से बदलते वै क प र य को देखते ए आजकल इ-िवल सिवस दाता कपिनयाँ आपको भौितक
प रसंपि क साथ-साथ िडिजटल और इटले ुअल संपि य को भी वसीयत म शािमल करने क सुिवधा दान
कर रही ह।
सेवा दाता को सार िववरण भेजने क बाद इ-वसीयत तैयार होने क पूरी ि या म लगभग 2 स ाह का
समय लगता ह।
जब आप सेवा दाता को सार िववरण भरकर भेज देते ह, तो वह उसक आधार पर एक ा ट तैयार करक
आपक पास देखने क िलए भेजता ह, तािक कह कछ गलती न रह जाए और आप यह सुिन त कर सक िक
वसीयत क मा यम से आप जो कछ और जैसा चाहते ह, वह सब वैसा ही ह।
अगर फाइनल कॉपी म भी कोई गलती रह जाती ह या आप बाद म कछ बदलाव करना चाहते ह, तो आपको
बस डॉ यूमट (द तावेज) सुधार या बदलाव करक उसे अपलोड और रीसड करना होता ह और सिवस दाता
कपनी उसक आधार पर एक श ा ट तैयार करक आपक पास भेज देगी। लेिकन यिद मूल ा ट आपसे खो
जाता ह, तो आपको दोबारा फॉम भरकर पूरी ि या दोहरानी पड़गी।
इ-िवल (वसीयत) क साथ ऑफर क जानेवाली कछ एड-ऑन ऑफर (अित र ) सेवाएँ भी ह, जैसे—
वसीयत का पंजीकरण, ि या वयक क िनयु , िजससे वसीयत का ि या वयन सुिवधाजनक हो जाता ह।
या यह सुरि त ह?
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यह सेवा दान करनेवाली दोन ही कपिनयाँ बड़ पैमाने पर संवेदनशील डाटा हडिलंग क िलए जानी जाती ह।
इ-िवल राइिटग ि या िब कल वैसी ही ह, जैसे ऑनलाइन िडग पर आधा रत लेन-देन। ाहक ारा दी
जानेवाली सूचना को सुरि त प से कपनी क डाटा बेस पर अंिकत िकया जाता ह और वसीयत ाहक को
िडलीवर करने क बाद उ ह िडलीट कर िदया जाता ह।
इसम खच िकतना आता ह?
ये सेवाएँ ऑनलाइन वसीयत बनाने क अवधारणा को बढ़ावा देने क िलए शु क गई ह। अगर आप िकसी
वक ल से वसीयत तैयार कराते ह, तो आपको 15 से 25 हजार पए तक खच करने पड़ सकते ह। यह िवक प
ऐसे ाहक क िलए उपयु ह, िज ह अ यिधक कानूनी सहायता क ज रत होती ह और उसक िलए उनका
वक ल क सीधे संपक म रहना ज री हो जाता ह। इस कार, आपको कसी और िकतनी कानूनी सहायता क
ज रत ह, उसक अनुसार शु क कछ कम या यादा हो सकता ह। दूसरी ओर, इ-िवल तैयार कराने म मा 4
हजार पए का खच आता ह। अित र समी ा क िलए 250 पए ित समी ा अित र शु क लगता ह। बाद
म बदलवाने क थित म मूल वसीयत पर लगे शु क पर 40% छट दी जाती ह। अगर आप वसीयत क हाड
कॉपी अपने पास मँगाना चाहते ह, तो एन.एस.डी.एल. इसक िलए 500 पए वसूल करगा। हालाँिक अभी
कछक शहर म ही हाड कॉपी भेजने क यव था ह।
वसीयत िलिखत प म होनी चािहए और उसपर दो गवाह क सामने िलखनेवाले क ह ता र होने चािहए;
साथ ही उन दोन गवाह क ह ता र भी वसीयत िलखनेवाले य क सामने होने चािहए।
अलग-अलग ॉपट और अलग-अलग य य क िलए अलग-
अलग वसीयत तैयार कर
अगर आपक पास एक से अिधक ॉपट ह और कानूनी उ रािधकारी भी एक से अिधक ह, तो उस थित म
वसीयत क ि या वयन म कोई िद त न आए, इसक िलए आपको कछ मह वपूण बात को यान म रखना
ज री हो जाता ह। डॉ. क. वाई. मनोहर एक सेवािनवृ िफजीिशयन ह और मुंबई म रहते ह। अब उनक उ
68 वष हो चुक ह और उ ह लगता ह िक अब उ ह वसीयत तैयार कर देनी चािहए। अ यथा उनक मृ यु क
बाद सारी चल और अचल संपि उनक कानूनी उ रािधका रय म समान अनुपात म बँट जाएगी। उनक दो बेट
और एक बेटी ह, सबक शादी हो चुक ह। क सरकार म अपने सेवाकाल क दौरान उ ह ने तीन ॉपट , तीन
अलग-अलग थान पर खरीदी थ , िजनम से एक उनका बँगला भी ह, िजसम वे अपनी प नी कमला और
सबसे छोट बेट क साथ रहते ह। इसक अलावा एक मकान िद ी म और एक जयपुर म ह।
सबसे बड़ बेट ी राजीव एक ब रा ीय कपनी म जनरल मैनेजर ह और दूसरा बेटा र तराँ चेन चलाता ह।
डॉ. मनोहर को वसीयत तैयार करने क बार म कछ जानकारी ह और वे यह भी जानते ह िक अपनी संपि को
अपनी इ छानुसार प रवार क सद य म बाँटना हर य का अिधकार होता ह। और एक िदन वे वसीयत का
ा ट तैयार करने बैठ गए। वसीयत म उ ह ने अपने तीन ब क नाम एक-एक ॉपट का उ ेख िकया था।
सामा यतया कोई भी य ऐसी ही वसीयत बनाता। इस कार उ ह ने अपनी पूरी ॉपट बाँट दी। तीन बेट -
बेटी को एक-एक ॉपट िमलनी थी। अब वसीयत को पंजीकत कराना था। िसतंबर 2014 म मुझे िकसी िनजी
काम से मुंबई जाना पड़ा। चूँिक डॉ. मनोहर से मेरी जान-पहचान थी, इसिलए उ ह ने मुझे फोन करक रात क
खाने पर बुलाया। खाने क बाद उ ह ने मुझे वसीयत क बार म बताया और पूछने लगे िक वसीयत सही िलखी ह
या नह ? अब एक सिटफाइड फाइनिशयल लानर क िलए उ ह सबकछ समझाना कोई बड़ी बात नह थी।
इस सवाल पर चचा करने से पहले म आपको कछ अ य मह वपूण बात बताना चाहता , य िक म हाउिसंग
लोन से भी जुड़ा रहा । कभी-कभी कोई ाहक ऐसा आता ह, जो िकसी ॉपट क वसीयत और अ य
द तावेज क फोटाकॉपी पकड़ाते ए बताता ह िक इस ॉपट को वह खरीदने जा रहा ह। बातचीत क दौरान
वह बताता ह िक चूँिक एक से अिधक अलग-अलग ॉपट और अलग-अलग य य क िलए एक ही
वसीयत तैयार क गई थी, इस कारण ॉपट िव ता वसीयत क मूल ित देने क थित म नह ह। अब, ऐसे म
होम लोन वीकार करना या न करना लोन मनेजर क िववेक पर िनभर करता ह।
अब, डॉ. मनोहर क न क उ र म मेरा कहना ह िक अलग-अलग ब और अलग-अलग ॉपट क िलए
अलग-अलग वसीयत तैयार कराई जाए। यानी एक संपि , एक वा रस और एक वसीयत। मने उ ह तीन ब
क िलए तीन वतं वसीयत तैयार करने क सलाह दी।
इस कार क वसीयत तैयार करने का एक मु य फायदा यह होता ह िक अलग-अलग सद य को िबना
िकसी भेदभाव क अलग-अलग ॉपट िमल जाती ह। डॉ. मनोहर ने तीन ॉपट और तीन ब क िलए एक
ही वसीयत तैयार क थी, जबिक तीन ॉपट अलग-अलग थत ह। ऐसे म डॉ. मनोहर क मृ यु क बाद जब
कभी उनक बेट या बेटी म से कोई या तीन अपने िह से क ॉपट बेचना चाहगे तो कई तरह क िद त का
सामना करना पड़गा। एक िद त तो यही आएगी िक वे संभािवत खरीददार को ॉपट का मूल द तावेज नह दे
पाएँगे, य िक तीन ॉपट क िलए एक ही द तावेज ह। ऐसी थित म संभािवत खरीददार क मन म सौदे को

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लेकर धोखाधड़ी क शंका भी आ सकती ह। इसक अलावा खरीददार को ऐसी ॉपट पर होम लोन वीकत
कराने म भी िद त आएगी।
मने वसीयत का ा ट पढ़ा और उसका िव ेषण करने क बाद उ ह सुझाव िदया िक उ ह पहली वसीयत
अपने बड़ बेट ी राजीव क नाम बनाते ए उ ह िद ी थत अपना रजीडिशयल हाउस आवंिटत करना
चािहए। दूसरी वसीयत बेटी क नाम तैयार करनी थी, जो जयपुर म अपने पित क साथ रहती ह; इस वसीयत क
मा यम से उसे जयपुर थत लैट आवंिटत िकया जा सकता था। डॉ. मनोहर ने मुझे बताया भी था िक जयपुर म
ॉपट उ ह ने मूल प से अपनी बेटी क िलए ही खरीदी थी। मने उ ह सुझाव िदया िक येक वसीयत म अलग
से एक बात जोड़ द िक अ य ॉपट क िलए उनक पास अलग से वसीयत ह।
सबसे छोट बेट ी अिनल अपने प रवार सिहत डॉ. मनोहर और उनक प नी क साथ रह रह थे। अब तीसरी
वसीयत बननी थी, मुंबई थत रजीडिशयल ॉपट क िलए। मने डॉ. मनोहर को कछ त य क बार म बताया,
जो उनक अपनी सुर ा और उनक मृ यु क बाद उनक प नी क सुर ा से जुड़ थे। उनक प नी उनसे उ म 5
वष छोटी थ ।
िकसी य क मृ यु क बाद बुढ़ापे म उसक प नी क देखभाल उसका बेटा/बेटी करता ह। लेिकन सब
लोग एक जैसे नह होते। कछ बेट-बेिटयाँ ऐसे भी होते ह, जो वसीयत क ज रए ॉपट िमल जाने क बाद बूढ़ी
माँ को वृ ा म म रहने क िलए मजबूर कर देते ह, या िफर घर म ब त थोड़ी सी जगह म अपमानजनक
थित म िकसी तरह गुजारा करने क िलए मजबूर कर देते ह। यह िकसी भी वृ य क िलए ब त भयावह
थित होती ह। और िम ो, ऐसा िकसी क भी साथ हो सकता ह।
इस कार क थित से बचने क िलए मने डॉ. मनोहर को वसीयत म कछ ऐसी बात जोड़ने क सलाह दी,
जो सबसे छोट बेट क िलए थ । मने उ ह बताया िक वसीयत म प प से यह बात भी िलख िक उनक प नी
ीमती कमला को रहने और अ य काम क िलए वही सब थान या कमर उपयोग म लाने क िलए िमलगे, जो
वे अपने पित क मृ यु से पहले उपयोग म लाया करती थ , जैसे— ाइग म, गे ट म, बेड म, टॉयलेट,
बाथ म, ेयर म आिद। इस तरह क बात िकसी भी पित को अपनी वसीयत म ज र िलखनी चािहए, तािक
उसक मृ यु क बाद उसक प नी अपने अिधकार से वंिचत होकर जीवनयापन करने क िलए मजबूर न हो।
चौथी और अंितम वसीयत चल-संपि क िलए बनती थी—बक बैलस, शेयर, युचुअल फड, िफ ड
िडपॉिजट और ैलरी आिद।
अब वसीयत का काम पूरा आ। वसीयत हमेशा इसी तरह बननी चािहए। इस पूरी ि या क वीिडयो-
रकॉिडग होनी चािहए और उप-पंजीयक क कायालय म वसीयत का पंजीकरण होना चािहए।
वसीयत कहाँ रख?
वसीयत तैयार करक आप घर म, िकसी सॉिलिसटर क पास या बक म रख सकते ह।
वसीयत म फर-बदल
वसीयत िलखनेवाला य ज रत पड़ने पर उसम कभी भी बदलाव कर सकता ह। अगर यादा बदलाव
करना ह, तो नई वसीयत बनाना यादा अ छा रहता ह। नई वसीयत क शु आत म उ ेख होना चािहए िक इस
वसीयत से अब तक क सभी वसीयत को िन भावी िकया जाता ह। उसक बाद पुरानी वसीयत को न कर
िदया जाना चािहए।
ोड़-प /कोडीिसल
ोड़-प वसीयत म कछ नया जोड़ने क िलए होता ह, जैसे—अलग से कछ नकद रािश का उ ेख करने
क िलए, ि या वयक या संर क का नाम बदलने क िलए या कोई नया लाभाथ शािमल करने क िलए।
वसीयत म वैसे तो िकतने ही ोड़-प जोड़ जा सकते ह, लेिकन सीधे-सरल फरबदल क िलए ही ोड़-प
का उपयोग ठीक रहता ह। अगर फर-बदल जिटल ह, तो ोड़-प लगाने क बजाए नई वसीयत बनाना ही
बेहतर रहता ह। ोड़-प पर भी वसीयत िलखनेवाले का ह ता र होना चािहए और वसीयत क तरह ही अलग
से या उ ह दो गवाह क ह ता र होने चािहए। गैर-पंजीकत या अनिधकत ोड़-प या वसीयत को िन भावी
करने क िलए ज री ह िक वसीयत िलखनेवाला य या तो दूसरी वसीयत िलखे या िफर अलग से ोड़-प
पर उसक िन भावी होने का उ ेख कर; या िफर वसीयत िलखनेवाला य वयं या उसक उप थित म
कोई अ य य उसे फाड़कर या जलाकर न कर।
वसीयत खो जाने भर से उसे िन भावी या िनर त नह माना जाता; लेिकन जब वसीयत िलखनेवाला य
वयं इरादतन उसे न कर देता ह, तो वह िनर त या िन भावी मान ली जाती ह।
गैर-पंजीकत वसीयत क भाव म आने क आद उस पर अलग से िलखी या जोड़ी या बदली गई पं या
श द को तब तक भावी नह माना जाएगा, जब तक उससे यह न लगे िक वसीयत का लेख कह अपूण या
अ प हो रहा ह। हाँ, अगर उसक नीचे, बाई ओर हािशए पर या उसक अगल-बगल कह वसीयत िलखनेवाले
य क ह ता र मौजूद ह, तो उसे शेष वसीयत क साथ उसी तरह भावी माना जाएगा।
गैर-पंजीकत वसीयत क बार म, जैसािक पीछ प कर िदया गया ह, वसीयत िलखनेवाला य नई
वसीयत या ोड़-प िलखकर या कोई अ य औपचा रक कारवाई करक, या इरादतन वयं या उसक उप थित
म कोई अ य य जलाकर या फाड़कर न कर दे, तो उसे िन भावी मान िलया जाता ह। ऐसे मामले म
ज री नह ह िक उस समय वसीयत िलखनेवाला य दूसरी नई वसीयत तैयार ही कर।
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वसीयत उस थित म िनर त या िन भावी मान ली जाती ह, जब वसीयत िलखनेवाला य शादी कर ले।
हाँ, ऐसी वसीयत, जो िनयु क अिधकार का योग करक तैयार क जाती ह, उस थित म जब संबंिधत
ॉपट िनयु िकए गए ि या वयक या शासक या अ य अिधकत य क पास नह जाती ह, उसपर यह
िनयम लागू नह होता ह।
िहदू, बौ , िसख और जैन समुदाय क य य क मामले म यह िनयम लागू नह होता।
कोई वसीयत जब एक बार वैधािनक प से िनर त/िन भावी हो जाती ह, तो वह दोबारा तभी भाव हो
सकती ह, जब वसीयत िलखनेवाला य इरादतन िनधा रत औपचा रकताएँ पूरी करते ए या उस पर ोड़-
प संल न करक उसे पुनः भावी कर। जब कोई वसीयत या ोड़-प पहले आंिशक प से और िफर पूण
प से िन भावी या िनर त िकया जाता ह, तो उस थित म उसे पुनः भावी तभी माना जाएगा, जब वसीयत
या ोड़-प म ऐसा प उ ेख िकया गया हो, िजससे पता चले िक वसीयत या ोड़-प को इरादतन पुनः
भावी िकया गया ह।
वसीयत माण-प ( ोबेट)
यह स म यायालय ारा मािणत वसीयत क ित होती ह। इससे मािणत होता ह िक यह मृतक ारा
तैयार क गई अंितम वसीयत ह, जो फलाँ ितिथ को िलखी गई ह। वसीयतनामा माण-प पर यायालय क
मुहर होती ह और उसक साथ वसीयत क एक ित संल न होती ह। कछ प र थितय म वसीयत म िनयु
शासक/ि या वयक वसीयत माण-प न होने क थित म वसीयत क ावधान को ि या वत नह कर
सकता ह। अगर मृतक अपने पीछ ऐसी िस यो रटीज छोड़ जाता ह, िजनक िलए नामांिकत य य क सं या
यादा होती ह और उसक बँटवार को लेकर उनम आपस म िववाद होता ह, तो उस थित म भी वसीयत
माण-प ज री हो सकता ह। ऐसे मामले म वसीयत माण-प ा होने तक संबंिधत प रसंपि को ट म
रखा जा सकता ह और वसीयत माण-प ा होने पर उसे वसीयत क अनुसार आवंिटत िकया जा सकता ह।
वसीयत या नामांकन न होने क थित म उ रािधकार का कानून लागू होता ह।
आवेदन —वसीयत माण-प ा करने क िलए वक ल क मा यम से स म यायालय म आवेदन करना
पड़ता ह। (उ क मत क अचल संपि क मामले म उ यायालय से वसीयत माण-प जारी करवाने क
ज रत पड़ सकती ह।)
द तावेज —इसक िलए यायालय ायः वसीयत िलखनेवाले य क मृ यु का माण-प और यह सबूत
माँगता ह िक वसीयत मृतक य ारा ही िलखी गई ह; साथ ही, यह सबूत भी लगाना होता ह िक यह मृतक
ारा िलखी गई अंितम वसीयत ह।
अिधसूचना —वसीयत माण-प क िलए आवेदन ा होने क बाद यायालय मृतक क अ य िनकट संबंधी
को वसीयत माण-प पर आपि (यिद कोई ह) का दावा तुत करने क िलए अिधसूचना जारी करता ह। इस
संबंध म वह माण-प को सावजिनक प से काश म लाने क िलए अखबार म कािशत कराने का िनदश
भी जारी करता ह।
शु क —वसीयत माण-प जारी करने क िलए यायालय शु क क िनधा रत रािश वसूल कर सकता ह।
उदाहरण क िलए, महारा म 50 हजार पए से कम मू य क प रसंपि क िलए यायालय 25 . का शु क
वसूल करता ह; 50 हजार पए से 2 लाख पए तक क प रसंपि क िलए 4 ितशत और 2 लाख पए से
अिधक मू य क प रसंपि क िलए 7.5 ितशत शु क वसूल करता ह। इसक अिधकतम सीमा 75 हजार पए
िनधा रत क गई ह। यान रह िक वसीयत माण-प वसीयत म िनयु िकए ि या वयक को ही दान िकया
जा सकता ह।
अगर जायदाद का आवंटन सुिन त करने क िलए ि या वयक मौजूद नह ह, तो वसीयत माण-प क
िलए आवेदन करने से पहले यायालय म ि या वयक िनयु करने क िलए आवेदन करना चािहए। वसीयत म
अगर मुंबई, कोलकाता या चे ई क अचल संपि शािमल ह, तो उसक िलए माण-प ज री हो जाता ह।
वसीयत माण-प जारी करनेवाले यायालय का इतना काम होता ह िक मृतक क अंितम वसीयत क प म
जो द तावेज उसक सम तुत िकया जा सकता ह, वह िविधव ि या वत और स यािपत हो। यायालय यह
भी देखता ह िक वसीयत िलखने क समय, वसीयत िलखनेवाला य मानिसक प से व थ था या नह ।
वािम व और क जे पर िकसी कार क िववाद क िलए उसका कोई उ रदािय व नह होता।
अ ािधकत वसीयत —भारतीय उ रािधकार अिधिनयम क धारा 63 क ावधान क अंतगत तैयार क गई
वसीयत ‘अ ािधकत वसीयत’ कहलाती ह।
ािधकत वसीयत —उपरो अिधिनयम क धारा-66 क अंतगत यु अिभयान म तैनात िकसी सैिनक ारा
या ऐसे अिभयान म शािमल िकसी वायु सैिनक ारा या समु ी सीमा पर तैनात िकसी नौसैिनक ारा तैयार क
गई वसीयत ‘ ािधकत या िवशेषािधकार ा वसीयत’ कहलाती ह। अिधिनयम म प िकया गया ह िक ऐसी
वसीयत पूरी-पूरी य क अपने ह त ेप म िलखी जा सकती ह; उस थित म इसका ह ता रत या स यािपत
होना ज री नह होता; या इसे पूण या आंिशक प से िकसी अ य य से िलखवाया जा सकता ह; उस
थित म वसीयत िलखवानेवाला य उसपर ह ता र कर सकता ह, लेिकन स यापन ज री नह होता।
ं ी े ि ि ी ो ौ ी े ि ऐ े ं ी ो
संयु वसीयत —आजकल देखा जा रहा ह िक पित-प नी दोन नौकरी करते ह; इसिलए ऐसे दंपती ायः होम
लोन क सुिवधा और कर म बचत का लाभ उठाने क िलए संयु नाम से ॉपट खरीद रह ह। ऐसे संयु
वािम ववाली ॉपट क िलए वसीयत भी संयु प म तैयार क जाती ह, िजसम दोन य य क सहमित
होनी चािहए। संयु वसीयत चूँिक पित-प नी दोन क मृ यु क बाद भाव म लाई जाने क िलए होती ह,
इसिलए जब तक पित-प नी म से कोई एक भी जीिवत ह, तब तक वसीयत भावी नह मानी जाएगी। संयु
वसीयत पित-प नी म से िकसी एक या दोन क ारा या िकसी एक क मृ यु क बाद जीिवत प नी/पित क
ारा िकसी भी समय बदली या िन भावी क जा सकती ह।

ट ( यास)
ट क मा यम से जायदाद का िनयोजन एक ऐसा रा ता ह, िजसे अपनाकर आपको एक ओर ॉपट क
उ रािधकार म यायालयी ि या या ह त ेप को कम-से-कम रखने म मदद िमलती ह, और दूसरी ओर यह
सुिन त करने म मदद िमलती ह िक जायदाद िनदिशत लाभािथय को ही िमले। इस कार ट जायदाद क
िनयोजक/ बंधन का एक ऐसा मा यम तैयार करता ह, िजससे वसीयत म सामा यतया आनेवाली सम या से
बचा जा सकता ह और साथ ही, अपनी आनेवाली पीढ़ी क िलए उपयु सुर ा घेरा तैयार िकया जा सकता ह।
ट म कोई य कछ िन त लाभािथय क िहत म, िजनम ट बनानेवाला य भी शािमल हो सकता
ह, अपनी जायदाद का ह तांतरण टी ( यासी) को करता ह। इसम य क जीवनकाल क दौरान उसक
जायदाद का बंधन होता ह और उसक मृ यु क बाद िनधा रत अविध क िलए योजनाब तरीक से जायदाद
का बंधन/ यव थापन सुिन त िकया जाता ह।
जायदाद को अपनी इ छा क अनुसार अपने ि यजन म आवंिटत करने क िलए वसीयत िलखना एक
परपरागत तरीका ह। परतु आजकल वसीयत पर िविभ आधार पर उठनेवाले िववाद —उदाहरण क िलए,
वसीयत क ामािणकता को लेकर या वसीयत िलखनेवाले य क मानिसक थित सामा य न होने को
आधार बनाकर लोग िजस कार अदालत क च र लगाते िदखाई देते ह, उसक म ेनजर अब ट को
जायदाद बंध क एक सुिवधाजनक मा यम क प म देखा जाने लगा ह। वसीयत को कई आधार पर
यायालय म चुनौती दी जा सकती ह और ऐसी वसीयत क िलए यायालय से माण-प ा करने म कई-कई
साल लग जाते ह, जो अंततः ब त खच ली ि या बन जाती ह; प ह िक कोई भी प रवार इस तरह उलझे
रहना पसंद नह करगा। इसक अलावा वसीयत माण-प ा करने क िलए कई बार वसीयत को सावजिनक
करना पड़ जाता ह और यायालय क च र लगाने पड़ते ह, सो अलग। वसीयत जब सावजिनक हो जाती ह,
तो हर कोई उसे देखना चाहता ह; उसे देखकर यिद िकसी लाभाथ को लगता ह िक उसक साथ याय नह आ
ह, तो वह वसीयत को चुनौती देते ए उसे यायालय म ले जा सकता ह। इस कार मामला लंबा िखंच जाता ह
और पैसे खच होते ह, सो अलग।
ट म कोई य अपनी जायदाद का ह तांतरण िनदिशत लाभािथय और अपने वयं क िहत म िकसी
अ य य अथा ट को करता ह, जो उसक िनदशानुसार उसक जीवनकाल क दौरान और उसक मृ यु क
बाद भी जायदाद का बंधन/ यव थापन सुिन त करता ह। इससे उन सम या से बचा जा सकता ह, जो
सामा यतया वसीयत म िकसी य क सामने आती ह।
ट क िन न घटक होते ह—
ट लेखक —वह य जो ट बनाता ह।
टी ( यासी) — ट बनानेवाले य ारा िनयु िकया गया य , जो ट को संचािलत करने क
िज मेदारी वहन करता ह।
लाभाथ —वह य , िजसक िहत म ट बनाया जाता ह।—
ट क संपि /संपदा — ट क िवषय-साम ी को ट क संपि कहा जाता ह। ट क संपि चल या
अचल िकसी भी तरह क हो सकती ह—नकदी, ैलरी, जमीन, िनवेश आिद।
वैधािनक प से ट बनाने क िलए िन न बात ज री होती ह—
1. ट बनाने क उ े य क िन तता।
2. ट क उ े य क िन तता।
3. ट क लाभािथय क िन तता।
4. ट क संपि और टी को उसक ह तांतरण क िन तता।
ट क ढाँचागत िवशेषताएँ
1. ट क संपि का ह तांतरण टी क नाम हो जाता ह।
2. ट क संपि से जो धन आता ह, उसे टी क िनजी जायदाद से अलग रखा जाता ह।
3. ट क िनयम क अनुसार ट क संपि का बंधन और यव थापन करना टी का अिधकार और
कत य होता ह। ट क लाभािथय और टी क बीच एक िव ास का संबंध होता ह, इसिलए टी का
कत य एक ितिनिध मा से कह बढ़कर होता ह।
4. टी िकसी अ य लाभाथ क िहत म या वयं ट बनानेवाले य क िहत म ट क संपि का
वािम व अपने पास रख सकता ह; लेिकन ट बनानेवाला य अकला लाभाथ नह हो सकता।
5. टी को ॉपट का जो वािम व िमलता ह, वह महज एक कानूनी वािम व होता ह, िजसक साथ कोई
लाभ का उ े य नह जुड़ा होता।
ट क कार
भारतीय कानून म ट को उ े य क आधार पर ही ेणीब िकया गया ह, य गत उ े य क िलए
य गत या ाइवेट ट, सावजिनक उ े य क िलए सावजिनक या प लक ट और धािमक उ े य क
िलए धािमक या रलीिजयस/चै रटबल ट। प लक ट सावजिनक िहत क िलए होता ह, इसम लाभािथय क
नाम या सं या िन त नह होती; ाइवेट ट कछ िन त लाभािथय क िहत क िलए होता ह। इसक अलावा
ट का िवभाजन ‘र िकए जाने यो य’ और ‘र न िकए जाने यो य’ ट क प म भी िकया जाता ह।
वसीयत क मा यम म बनाया गया ट वसीयत िलखनेवाले य क इ छा से िकसी भी समय र िकया
जा सकता ह। इसक अलावा यिद ट बनानेवाला य य या अ य प से ट क आय संपि को
अपने वयं क िनयं ण म रखता ह, तो उस थित म भी ट को ‘र िकए जाने यो य ट’ क ेणी म ही
रखा जाएगा।
र करने यो य और र न करने यो य ट पर करारोपण —र करने या र न करने यो य ट
बनाते समय य को जान-समझ लेना ज री होता ह िक उसपर िकस कार करारोपण िकया जाता ह। र
िकए जाने यो य ट म करारोपण ट बनानेवाले य पर लागू कर िनयम क आधार पर िकया जाता ह।
दूसरी ओर र न करने यो य ट क आय पर करारोपण उसक लाभािथय पर लागू कर िनयम क आधार
पर िकया जाता ह।
भारत म ट अिधिनयम
भारतीय ट अिधिनयम ाइवेट ट और टी से संबंिधत ह। प लक ट सावजिनक, धािमक या
चै रटबल हो सकते ह।
ाइवेट ट जायदाद बंधन का एक कशल मा यम हो सकता ह। आपक ट का टी कौन होगा?
परपरागत तरीका यही ह िक ट बनानेवाला य अपने प रवार क िकसी सद य या िव ासपा संबंधी को
टी िनयु करता ह। ट का उ रादािय व सँभालने क िलए दो या तीन तक टी िनयु िकए जाते ह,
तािक िकसी एक या दो क मृ यु क थित म या दीवािलया होने क थित म ट का संचालन होता रह।
य गत टी क बजाए कॉरपोरट टी िनयु करने क कई फायदे होते ह—
कॉरपोरट टी िनयु करने का एक मुख फायदा यह होता ह िक इसम आपको ट क ॉपटी क कशल
िव ीय बंधन क िलए िवशेष क सेवाएँ िनयिमत प से ही िमलती रहगी। बार-बार टी बदलने और उसपर
आनेवाले खच क सम या से छटकारा िमल जाएगा। कॉरपोरट खच क सम या से छटकारा िमल जाएगा।
कॉरपोरट टी क पास ॉपट और िबजनेस क बार म अ छी जानकारी रखनेवाले िवशेष होते ह, जो िनयिमत
प से समय-समय पर ट क ॉपट और िनवेश आिद क समी ा करते रहते ह।
ट का संर क/ शासक — ट क िलए ाइवेट टी िनयु करते समय ट बनानेवाला य अपने
प रवार क िकसी सद य को उसका सर क या शासक िनयु कर सकता ह, जो ट पर अ य प से
िनयं ण रखता ह। ट यह सुिन त कर सकता ह िक ट क गितिविधयाँ शासक/संर क क देखरख और
माग-दशन तथा ट डीड म उ िखत िनदश क अनुसार संचािलत हो रही ह।
ट क ारा जायदाद बंधन क लाभ
ट क ारा जायदाद बंधन क कई लाभ ह—
• दीवािलयापन क थित से जायदाद क सुर ा।
• कशल परामशदाता क मा यम से हर तरह क प रसंपि का बंधन।
• ट बनानेवाला य अपने जीवनकाल क दौरान जायदाद म संपि जोड़ता रहता ह और उसक मृ यु क
बाद टी क मा यम से यह काम होता ह।
• पा रवा रक झगड़ क संभावना नह रह जाती, िजनक कारण पा रवा रक यवसाय ायः िबखर जाते ह।
• इसम वसीयत क तरह अलग से माण-प क ज रत नह रह जाती।
• ट बनानेवाला य वयं एक लाभाथ हो सकता ह और अपने जीवनकाल क दौरान अपनी जायदाद का
लाभ उठा सकता ह।
• आनेवाली पीिढ़य (पु -पुि य और पौ -पौि य ) क िलए उपयु ावधान।
• धािमक या चै रटबल काय क िलए ावधान।
• िवरोध का कम-से-कम मौका, जो सम या वसीयत म ायः आती ह।
कोई य ट बनाकर अपने जीवनकाल क दौरान अपनी जायदाद का कशल बंधन सुिन त कर
सकता ह; साथ ही उसक मृ यु क बाद भी लाभािथय क िहत म ट का संचालन, पूवव या ट बनानेवाले
य क िनदशानुसार होता रहता ह।
इस कार ट वतमान और भावी दोन पीिढ़य क िलए जायदाद का कशल बंधन सुिन त करता ह।
िन कष
जायदाद िनयोजन या बंधन क बात से कोई य असहज ज र हो सकता ह, लेिकन इस काम म यादा
टाल-मटोल या िवलंब करना महगा पड़ सकता ह। कछ लोग को लगता होगा िक जायदाद बंधन ब त जिटल,
लंबी और महगी ि या ह; लेिकन वा तव म ऐसा नह ह। जायदाद क िनयोजन क ि या उतनी जिटल नह
ह, िजतनी लोग समझते ह। इसक िलए ब त सरल ि या ह—
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• एक ट डीड तैयार करना होता ह, िजसम ट क िलए एक टी िनयु करना होता ह और लाभािथय क
नाम तय करने होते ह तथा ॉपट का आवंटन लाभािथय को कब, कसे िकया जाना ह, इसका प उ ेख
करना होता ह।
• ट म आपको अपनी सारी या कछ प रसंपि य (िजसम रयल ए टट, िनवेश, बक, जमा खाता आिद आ
सकता ह) और िनजी प रसंपि य ( ैलरी, पुरानी धरोहर या फन चर) का वािम व ह तांतरण ट क नाम
करना होता ह।
• प रसंपि य का वािम व ह तांतरण ट बनाने क बाद ट बनानेवाले य या िकसी अ य य क
ारा िकसी भी समय िकया जा सकता ह।
• यिद आपने उस ेणी का ट बनाया ह, िजसे (आव यकता पड़ने पर) र िकया जा सकता ह, तो
वािम व ह तांतरण क बाद भी आपका उन प रसंपि य पर वैसे ही िनयं ण कायम रहता ह, जैसे ट बनाने से
पहले था।
• यिद आपने ऐसा ट बनाया ह, जो र करने यो य ट क ेणी म नह आता ह, तो ट डीड म आप
ऐसा ावधान कर सकते ह िक टी ट क संपि क मामले म आपसे परामश लेकर काम कर; या इस काम
क िलए एक शासक िनयु कर सकते ह, िजससे परामश लेना टी क िलए आव यक हो। इससे ट क
संपि पर आपका िनयं ण अ य प से कायम रहगा। इसम आपका कछ लगता नह ह, लेिकन यह
सुिन त हो जाता ह िक यिद आपको कछ हो जाए, तो वसीयत माण-प क झंझट क िबना कशल और
पेशेवर टय क मा यम से आपक इ छाएँ पूरी क जाएँगी।
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