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वेदिनिध माला ...

101DV

अवधतू दपीठम ्
ीगणपित सिदान आमः, द नगरम ्

मैसू 570025
वेदिनिध माला – 101DV

ऋ वेदीय शाकल संिहता

May 2017

Editorial Team
Dr.Vamshi Krishna Ghanapathi
Vidwan K Santosha Kumar Ghanapathi
Vidwan Sri M Satya Narayana Bhat
Vidwan Sri Nikhil Joshi
Vidwan Sri V Pavan Kumar

Printed by
Ma Prints, Bengaluru

Published by
SVAMI (SGS VedaNidhi Academy & Masters' Institute)
Avadhoota Datta Peetham
Sri Ganapathy Sachchidananda Ashrama
Datta Nagara, Ooty Road, Mysore 570025 India
Email - veda@dattapeetham.com
Website - www.vedanidhi.in/books

ऋ वेदीय शाकल संिहता आिवार वचांिस Page 1


अवधूत दपीठाधीराणां जगणां

परमपूानां
ी ी ी गणपित सिदान ािमीचरणानां
ीचरणानां

आिवार वचांिस

।। नमो ण े धारणं मे अिनराकरणम ।।
महतां सनानां सिः - ऋचः
ऋचः, यजूिं ष, सामािन, तििनयोजकािन ापकािन ाणवाािन - इित

िु तः वीित। तथािवध सिमः न ैके महाः ोियाः िनागिराः शोपासनधरीणाः वषिन ्
भारते राराजे । ऋिषकानां ताशां महतां पररा अािप कषण वतते, याः पिरपोषणाय
छााणामधीितः िनदानमाे। तदधी ै उपकुवि महाि उपकरणािन बिन वते, यदतमं पकजातम
ु ्-
इित सित वैिदकलोकः गाढं िविसित।।

आचायपिदािन वेदवाािन समामनः छााः ु


छााः, ेषामयनाय मिताने
व सवधा आिये।

अतः गणा उपिदान, ् उपदेान, ् िवकार ्
िवकार- लोप- आगम- आदेशाकान िवषयान ्
सल ु
मािपतो
ा वेदः,
िनतरां छाोपकाराय कते। तथा च मसि ऋिष करणािदकं तेशषे ु िनिवं
ऋिष-ो- दैवत-िविनयोग-करणािदकं
सत, ् पाठके ष ु सकृु तं सादयेत।्


एवंिवधसहायेन अयनसा समासािदतयशसः संसािधतपरमेरानहाः ु
भूयासिरित सः
ु हे
दगरोरन ु ण पूव समजिन।

तदीयमिहतकृ पावशेन, सः अाकं दपीठ वेदिनिधबृः पूविदत


िदत-बं ु
बंश-किलतं वेदसमदायं
ु यामहे।
काशयतीित महामानमनबोभू

यानभाजः, शोपासनधरंु ससखं


तद जात पठनेन, अधीयाना अिप भूियानभाजः ु वहः
वह

ेयसे पारयेयिरित ीद संु ाथयामहे।

ायेण संवराकात ् सलतः वेदकाशन आिवृ ितपा समितः


ु महिन ् वोवे
िवधीयत इित िवषयं, ु
दगरोः महतोात ् वोवादार
समिधकविरवाफलेन सावयामः। महतो
वैिदकलोकः ु जातिमदं (अजालात)् वेदिनिध िनवेशनात ् (वॆ
कः िनरायासं िनशं वॆबस् ैट ् ारा) ाव
ु ु - इित
ीदरणपूवकं समाशाहे।


शेविधयः पमथानां षडातीत िवहः।

रााो िनगमाथानां सात दस ः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 2


िव ापनम ्
िवान वं् शीकृ  घनपाठी
िनदशकः - वेदिनिध काशनम ्
तिमपु जीवित।
यददो - िव अिधानेन परह ैः ौत ात पौरािणक वा माण ैः सीिततं- तिददं िवं
सीवयित, तदाधारेण िविमदं उपजीवतीित भारतीयेष ु सदायिसं सम।् िविससृ ोः अिभताणः-
यो लोकाः, यो वेदाः, गायायः पादाः, ितो ातयो जि र इित मेः, तपबृहं क ाणवाे
अवगते।
तदास ु वेदवाराजीष ु सवथमतया िवजेगीयमानः ऋगाको मः इित वैिदकलोके िनतरां ढ एव
िवषयः। ऋच (वने ) धातोः उः ऋक ् शः, योगढ इित ायते। य कमिण उपासनािवशेषषे ु च

ितपरतया ु शंसकतया च उपयमाना
देवतानामधेय- गण ु माः ऋक-् नामकाः सवम मूधतया राराजे।
पाकता- िमता रता- सता चेते य.मृचां ल णिमित ं िवभाते। सववेद ेष ु सतीृ ,ु
शाकल संिहतामरा ना ऋ वेद इित िसि ु
मपलभामहे
। ाचयु ण बाेन

तिदतरल णय.वािवरिहते
न च ऋयता शाकलसंिहतायामेव लते।

ऋचां वेदः, ऋि लि तो वा वेदः इित ऋ वेदपद िः कते, य शाकल बाल नािमके शाखे
आािमित वेदल णेष ु कते। तेषां ऋाणां िविनयोग- समम-
ु ु ौ
शंसकवा.समूहाकौ ावभ
ऐतरेय-शाायन ाणनामकौ वतत े इित च जानीमः। पर ु संित अयन मे शाकल संिहता- ऐतरेय

ाणारयक ावेव विरवत इित लोकिसमेव। (बाल  अनपलिं
, शाायन  
ु पयामः।) कृ तः शाकल संिहता ः 10,600 ऋिः, 2,150 वगः, 1,028 सूैः,
ायक लोके धना
दश मडलैः, ु
अथवा चता ु अधीयते। एकै केन ऋिषणा
अाय ैः, अ अकै ः िवराजमानः पृिथामधना

तदनयाियिभ संविततो मरािशः तिष नामक मडलतया िसित।
यिप ावकेन ऋचां िसिरि, तथािप पूवद- नामधेय- संवाद- समालोचक-
तितपादकािद बिवषयकारैः, पाठकान ् ोतॄ ु कसंव
ं ऋचोदयीित अनभवै े मेव भवित। इूतः

ऋ वेदसंिहताः, बिभः धािमकै ः बवारं मितोिप ु न
तािलका पिठतृवग योजनाय, पौनःपे
बधा ाकायं नीयत इित मोद महत आदं भवित।
सित पाठकोपकाराय ीमदवधूत दपीठाधीराणां ी ी गणपित सिदान ािम ीचरणानां

िदाशीमूषया, दपीठ िवांसः न ैकान वषानधी ु पा वृिनूनं भूयोभूयो
मेन ं काशयीित, तेष ु गकृ
भवेिदित समाशासाना िनवेदयामः। तथा च वेदिनिध.मालायां बहवो वैिदका ाः देशभाषास ु मा
ु इित,

तादका िवपितो वेदिव.पकारैकपिथकाः वेदपषपं सवय
ु सेवमाना इित, तेष ु सवष-ु

आिदगरो.दाे
य वा.ातो िनररं संपतािमित च ाथयो िवरमामः।

ऋ वेदीय शाकल संिहता िव ापनम ् Page 3


समानी व आकू ित माना दयािन वः।।
******

अिन काशने ु
यािन िचािन

आदौ अक - अाय संा (यथा - थमाके थमाायः)


वेदः - रः1, शाखा - रः 2, ः - रः 3
 अक/ काड ारः (रः 4)
 अाय/ पाठक ारः (रः 5)
 ु
सू/ अनवाक ारः (रः 6)
 वगः/ पाशत/् दशितः (रः 7)
 म/ ाण वा समूहः (रः 8)
 पिरिशम ्  गणाः (ऋ वेद)े
। वाावसानः ।। ् यजः/
(ऋक/ ु साम म) वासमूहावसानः
‡ ्
माियना वम अथवा इतः ाक ् पाठं नावसादयेत।्
 आकार ेषः, अकार ेषः
 उपानीय/िजामूलीये
 ु
अनदाः (यथा – अिमीळे),  िरतः (यथा - पव सोम),
 अध िरतः (य षे  ु वधते), द ीघ िरतः (सोमो धेनमु )्
 ु
अनार आगमः (देवा एह)

ˆ िवसजनीय लािन (यथा िशवाˆ न िदशः)


 अयावाादेश लम, ् उारणे धारणे वा िविशं लम, ्

◌ँ साननािसक यकार/वकार/ लकार िविशः (अधानारः)
ु (यँ वयम, ् कँ यजामहे)

◌ं ु
अनारः
िमाािद कालोारण संकेतः ‘2’, ‘3’, ‘4’
िा दशितः , मिवशेषाः ,

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 4


ऋ वेद शाकल संिहता िवषय सूिचका
आिवार वचांिस .................................................................................................. 2

िव ापनम ............................................................................................................ 3
ऋ वेद शाकल संिहता िवषय सूिचका .......................................................................... 5

अिन काशन ु
े यािन िचािन............................................................................. 4
् थमाकम ...................................................................................
थमं मडलम  ् 8
थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) .................................................................. 8
थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) ................................................................ 18
थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) ................................................................. 31

थमाके चतथाायः। वगाः(1-29) ................................................................. 43
थमाके पमाायः। वगाः(1-31) ................................................................. 58
थमाके षाायः। वगाः(1-32) .................................................................... 72
थमाके समाायः। वगाः(1-37) ............................................................... 86
थमाके अमाायः। वगाः(1-26) ............................................................... 103

 ितीयाकम ................................................................................................. 116
ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) .............................................................. 116
ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) ............................................................ 130
ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) ............................................................. 144

ितीयाके चतथाायः। वगाः(1-29) ............................................................. 157
ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29).............................................................. 171

ितीयं मडलम ................................................................................................ 179
ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) ................................................................ 185
ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25)............................................................. 201
ितीयाके अमाायः। वगाः(1-27) ............................................................. 215
् .......................................................................................... 221
 तृतीयं मडलम।।

 तृतीयाकम .................................................................................................. 229
तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34).............................................................. 229
तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) ............................................................ 243
तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31)............................................................. 256

तृतीयाके चतथाायः। (वगाः 1-25) ............................................................. 270
 चतथु मडलम।् ............................................................................................ 276
तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।।.......................................................... 282

ऋ वेदीय शाकल संिहता ऋ वेद शाकल संिहता िवषय सूिचका Page 5


तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। ............................................................ 295
तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) ............................................................. 308
तृतीयाके अमाायः। (वगाः 1-26) ............................................................. 322

 पमं मडलम .............................................................................................. 328

 चतथाकम ्
................................................................................................... 335

चतथाके थमाायः। वगाः(1-33) ............................................................... 335

चतथाके ितीयाायः। वगाः(1-28) ............................................................. 349

चतथाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) .............................................................. 363

चतथाके ु
चतथाायः। वगाः(1-36) ............................................................... 377
् ............................................................................................. 393
 षं मडलम।।

चतथाके पमाायः। वगाः(1-30) ............................................................... 394

चतथाके षाायः। (वगाः 1-25) ................................................................. 407

चतथाके समाायः। वगाः(1-35) ............................................................... 420

चतथाके अमाायः। वगाः(1-32)............................................................... 436

पमाकम.................................................................................................... 449
पमाके थमाायः (वगाः 1-27) ................................................................ 449

समं मडलम ............................................................................................. 460
पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) .............................................................. 461
पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) ............................................................... 475

पमाके चतथाायः (वगाः 1-30) ................................................................ 488
पमााये पमाायः (वगाः 1-27).............................................................. 503
पमाके षाायः(वगाः 1-25) .................................................................... 516
पमाके समाायः (वगाः 1-33) ................................................................ 528
अमं मडलम।।् ......................................................................................... 533
पमाके अमाायः (वगाः 1-36)................................................................ 540

षाकम .................................................................................................... 549
षाके थमाायः (वगाः 1-40) ................................................................... 549
षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) ................................................................. 560
षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) .................................................................. 571

षाके चतथाायः (वगाः 1-54)................................................................... 586
षाके पमाायः (वगाः1-37) .................................................................... 606
षाके षाायः (वगाः 1-38) ...................................................................... 616

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 6


षाके समाायः (वगाः
वगाः 1-39) ................................................................
................................... 628
षाके अमाायः (वगाः वगाः 1-33) ................................................................
.................................. 639

समाकम................................
................................................................................................
.................................. 649
समाके थमाायः (11-41) ................................................................
........................................ 649
समाके ितीयाायः (वगाः
वगाः 30) ................................................................
.................................. 658
समाके तृतीयाायः (वगाः
वगाः 1-26) ...............................................................
............................... 671

समाके चतथाायः (वगाः
वगाः 1-28) ................................................................
................................ 683
समाके पमाायः (वगाः
वगाः 1-33) ................................................................
................................ 694
् ................................
दशमं मडलम।। .........................................................................................
......................... 705
समाके षाायः (वगाः
वगाः 1-28) ................................................................
................................... 708
समाके समाायः (वगाः
वगाः 1-30) ................................................................
................................ 720
समाके अमाायः (11-29) ................................................................
....................................... 733

अमाकम ................................
................................................................................................
................................. 746
अमाके थमाायः (वगाः
वगाः 1-30) ................................................................
................................ 746
अमाके ितीयाायः ((वगाः 1-24) ..............................................................
.............................. 759
अमाके तृतीयाायः (वगाः
वगाः 1-28) ...............................................................
............................... 772

अमाके चतथाायः (वगाः
वगाः 1-31) ...............................................................
............................... 784
अमाके पमाायः (वगाः
वगाः 1-27)................................................................
................................ 798
अमाके षाायः (वगाः
वगाः 1-27) ................................................................
.................................. 810
अमाके समाायः (वगाः
वगाः 1-30)................................................................
................................ 822
अमाके अमाायः (वगाः
वगाः 1-49) ...............................................................
............................... 842

ु रासभाननः।
ऋ वेद.ेतवण.ा-िभजो
अ मालाधर.ौः ीत.ायनोतः
ायनोतः।।

सा ाूल.माणाय िवो.रिमतते
रिमततेजसे।
आाय सववेदाना-मृ
मृ वेदाय नमो नमः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ऋ वेद शाकल संिहता िवषय सूिचका Page 7


् थमाकम ्
थमं मडलम 

 थमाके थमाायः। (वगाः 1-37)



 1.01 अिमीळ इित नवच सू, वैािमो मधा- अि- गायी।।

01.01.01 अि.मीळे परु ोिहत-ँ य  देव.मृिजम।् होतारं रधातमम।।


 अि पूवि भर ्ऋिषिभ- रीो नूतन ै त। स देवा एह व ित।।



 अिना रिय.मव-ोष.मेव िदविे दव।े यशसँ वीरवमम।।

 अे यँ य .मरँ- िवत पिरभ ू रिस। स इेवषे  ु गित।।



 अि.हता किवत-ु  िवमः। देवो देविे भ रागमत।।

01.01.02 यद दाशषेु  -मे भ.िरिस। तवे..मिरः।।

 उप ाे िदविे दव-े दोषाव िधया वयम।् नमो भरˆ एमिस।।

 राज.मराणा-ोपा.मृत दीिदिवम।् वधमानं े दमे।।

 स न िपतवे  सूनवे-े सूपायनो भव। सचा न ये।।



 1.02 वायवा याहीित नवच सू, वैािमो मधा- आतृच वायःु -

ितीयतृचेवायू- तृतीय तृच िमावणौ- गायी।।



01.01.03 वाय~ वा यािह दश-तेम े सोमाˆ अरताः। तेषां पािह धु ी हवम।।

 िरतारः। सतु सोमाˆ अहिवदः।।


 वाय~ उिे भ जरे- ा.मा ज

 ी- धेना िजगाित दाशषु ।े उच


 वायो~ तव पृत  ी सोमपीतये।।

 इवायू~ इम े सतु ाˆ- उप योिभ रा गतम।् इवो वा.मश


ु ि िह।।

 वाय~ िव चेतथ- तु ानाँ वािजनीवसू~। ता वा यात. मपु  वत।।
ु तˆ- आ यात.मपु  िनृ तम।् मि1(इ)ा िधया नरा।।
 01.01.04 वाय~ िव स

 िम ं व े पूतद -ँ वण िरशादसम।् िधय.ृताच साधा।।

 ऋतने  िमावणा- वृतावृधा.वृतृशा। त ं ु बृह.माशाथे~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 8



 कवी~ नो िमावणा- तिवजा ्
ता उ या। द .धाते~ अपसम।।

 1.03 अिना यरीिरित ादशच सू, वैािमो मधा- आ तृचािनौ-

ितीयतृचे- ृतीयतृच िवे देवा-तथु तृच सरती- गायी।।

 01.01.05 अिना यरी.िरषो - वाणी~ शभु ती~। पु भज ्


ु ा चनतम।।

 अिना पु दस
ं सा - नरा शवीरया िधया। िधा वनत.िरः।।

 दा यवु ाकव तु ाˆ- नासा वृबिहषः। आ यात ं वतनी~।।

 इा यािह िचभानो~- सतु ाˆ इम े ायवः। अवीिभ ना पूतासः।।

ू तु ावतः। उप ािण वाघतः।।


 इा यािह िधयिे षतो- िवजत
ु ानˆ- उप ािण हिरवः। सतु े दिध न.नः।।
 इा यािह तूतज

ृ ो - िवे देवासˆ आ गत। दाांसो दाशषु  तु म।।
01.01.06  ओमास षणीधत

 िवे देवासो अरु - तु मा ग तूणयः। उाइव सरािण।।



 िवे देवासो अिध- एिहमायासो अुहः। मेध.ष वयः।।

 पावका न रती - वाजेिभ वािजनीवती। य ँ वु िधयावसः।।
ु नाम।् य .ध े सरती।।
 चोदियी सूनतृ ाना-ेती समती
ु । िधयो िवाˆ िव राजित।।
 महो अण रती-  चेतयित के तना

 1.04 सपकृ ु
िमित ु ा-इो- गायी।।
दशच सू, वैािमो मध
ु पकृ
01.01.07 स ु तये- सु घािमव गोहे। जु मिस िविव।।
 .मू

 उप न वनागिह- सोम सोमपा िपब। गोदाˆ इेवतो मदः।।


ु नाम।् मा नो अित ˆ आ गिह।।
  े अमानाँ- िवाम समती
 अथा त

 परेिह िव.मृत- िमं पृा िवपितम।् ये सिखˆ आ वरम।।


 उत वु  ु नो िनदो- िनरत िदारत। दधानाˆ इ इवः


ु ।।
ु गा अिर- वचये  ु द कृ यः। ामे.िद शमिण।।
01.01.08  उत न.भ

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) Page 9


 एमाश.ु माशवे भर- य िय.ृमादनम।् पतय.य ्
 खम।।

 अ पीा शततो~ - घनो वृाणा.मभवः। ावो वाजेष ु वािजनम।।

 ता वाजेष ु वािजनँ - वाजयाम शततो~। धनाना.िम सातये।।

 यो रायो3(ओ)विन- महा.पु ार 


ु त खा। ता इाय गायत।।


 1.04 आेतिे त दशच सू, वैािमो मधा- इो- गायी।।

 01.01.09  आ ेता ि न¤षीद-ते.मिभ  गायत। सखाय ोमवाहसः।।


ु णा-मीशान ँ वायाणाम।् इं सोमे सचा सतु ।े ।
ु तमं प
 प

 स घा नो योग आ भवु - ˆ राय े स परु ाम।् गम.ाजेिभ.रा स नः।।

 य सं े न वृवते- हरी~ सम ु शवः। ता इाय गायत।।

 सतु पाे सतु ाˆ इम-े शच


ु यो यि वीतये। सोमासो दािशरः।।

01.01.10  ं सतु  पीतये - सो वृो अजायथाः। इ ैाय सतो~।।


 आ ा िवश.ाशव- ोमास इ िगवणः। शे स ु चेतसे।।


ु ा शततो~। ाँ वध ु नो िगरः।।
 ां ोमाˆ अवीवृध- ा.म

 अि तोित नेिदम ँ - वाज.िम हिणम।् यि.िािन पा।।



 मा नो मताˆ अिभ ुह-ननू ा.िम िगवणः। ईशानो यवया वधम।।
ु ीित दशच सू, वैािमो मध
 1.05 य ु ा- आानां ितसृणािम-त णां

मतो (वीळु िचिदेणिे त योिर वा) दशा इो- गायी।।


ु ि .मष-र ं पिर तषः
01.01.11 य ु । रोच े रोचना िदिव।।

ु . काा- हरी~ िवप सा रथे। शोणा धृ~


 य ू नृवाहसा।।

 के त.ु व.केतवे- पेशो मयाˆ अपेशसे। स.मषु ि.रजायथाः।।



 आदह धा.मन-ु पनु गभ.मेिररे। दधानाˆ नाम यि यम।।
ु िचिद वििभः। अिवˆ उियाˆ अन।ु ।
ु - गहा
 वीळु िच.दाजिभ

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 10



01.01.12 देवयो यथा मित-मा िवदस.ु िरः। महा.मनषू त तु म।।

 इेण सं िह  स े - स मानो अिबषु ा। म~ समानवचसा।।

 अनव ै.रिभिु भ- मख.ह.दचित। गण.ै िर का ैः।।

 अत पिर.ागिह- िदवो वा रोचना.दिध। समि.ृते िगरः।।

 इतो वा साित.मीमहे- िदवो वा पािथवा.दिध। इं महो वा रजसः।।
ु ा- इो-गायी।।
 1.07 इिमिदित दशच सू, वैािमो मध

01.01.13 इ.िमािथनो बृह-िद.मकिभ.रिक णः। इँ वाणी रनूषत।।


ु ा। इो वी िहर ययः।।
 इˆ इय चा- संिमˆ आ वचोयज

 इो दीघाय च स- आ सूय रोहय.ििव। िव गोिभ रि.मैरयत।।

 इ वाजेष ु नोव- सहधनेष ु च। उˆ उािभ ितिभः।।



ु  वृषे  ु विणम।।
 इँ वय ं महाधन- इ मभ हवामहे। यजँ

01.01.14  स नो वृष.म.ु ं- सादाव.पा विृ ध। अ.मित¤ुतः।।


ु ते 
 त ु  े य उरे- ोमाˆ इ विणः। न िव े अ स¤ ्
ु िु तम।।

 वृषा यूथवे  वंसग- कृ ी.िरय.जसा। ईशानो अित¤ुतः।।



 यˆ एक षणीनाँ- वसूना.िमरित। इ प ि तीनाम।।

 इँ वो िवत.िर- हवामहे जनेः। अाक.म ु के वलः।।



 1.08 एेित दशच सू, वैािमो मधा- इो-गायी

01.01.15 ए सानिसं रियं - सिजान ं सदासहम।् विष.मूतये भर।।

 िन येन मिु हया - िन वृा णधामहै। ोतासो वता।।

 इ ोतासˆ आ वय-ँ व.ना ददीमिह। जयेम सँ यिु ध ृधः।।


ु ा वयम।् सासाम पृततः।।
 वय ं शूरिे भ रृिभ- िर या यज

 महा इ पर न ु - मिह.म ु विणे। ौन िथना शवः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) Page 11


01.01.16 समोहे वा य आशत- नर.ोक सिनतौ। िवासो वा िधयायवः।।

 य कुि ोमपातम- मु ˆइव िपत।े उव.रापो न काकुदः।।

ृ ा- िवरी गोमती मही। पा शाखा न दाशषु ।े ।


 एवा  सूनत

 एवा िह ते िवभूतयˆ- ऊतयˆ इ मावत।े सि.ि दाशषु ।े ।

 एवा  काा- ोमˆ उ शंा। इाय सोमपीतये।।



 1.09 इेहीित दशच सू, वैािमो मधा- इो- गायी

01.01.17 इेिह मसो- िवेिभ ोमपविभः। महा अिभि रोजसा।।

 एमेन ं सृजता सतु े - मि.िमाय मिन।े चिँ  िवािन चय।े ।



 मा सिश मििभ- ोमेिभ िवचषणे। सचषै ु सवन
े ा।।

 असृ.िम ते िगर- ित ा.म.ु दहासत। अजोषाˆ वृषभ ्


 ं पितम।।

 सोदय िच.मवा-ाधˆ इ वरेयम।् अस.िदे िवभ ु भ।ु ।

01.01.18  अा. ु त चोद-ये राय े रभतः। तिु व


ु यशतः।।

 सोम.िद वाजव-द े पृथ ु वो बृहत।् िवाय ु धि तम।।


ु ं सहसातमम।् इ ताˆ रिथनी िरषः।।


 अ े धेिह वो बृह-

 वसो िरँ वसपु ित-ीिभ गृणˆ ऋि मयम।् होम गार.मूतये।।

 सतु स
े तु  े ोकसे- बृह.ृहत
 एदिरः। इाय शूष.मचित।।

ु ा- इोनु पु ।।
 1.10 गायीित ादशच सू, वैािमो मध

01.01.19 गायि ा गायिणो-च.क.मिक णः। ाण.ा शतत-~ उ.ंशिमव

येिमरे।।

 यानो.ान.ु माह-ूय कम।् त.िदो अथ.ेतित- यूथने  वृि रेजित।।


ु ा िह के िशना हरी~- वृषणा का। अथा नˆ इ सोमपाˆ- िगरा.मपु िु त.र।।
 य

 एिह ोमा अिभ रा-िभ गृणीा व।  च नो वसो~ स-चे य . वधय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 12


ु ¤िधे। शो यथा सतु षे  ु णो- रारण.षे  ु च।।
 उ.िमाय शं ँ - वधन ं पिन

 तिम.िख ईमहे- तं राय े तं सवु ीय। स शˆ उत न.शक- िदो वस ु दयमानः।।

01.01.20  सिु ववत ु रज-िम ादातिम.शः। गवा.मप ज ँ वृिध- कृ ण


ृ  ं सिन ु राधो

अिवः।।

े - ऋघायमाण.िमतः। जेष वती रप- ाˆ अ.न


 निह ा रोदसी उभ~ ु
ू िह।।

ु ण धु ी हव-ू िचिध मे िगरः। इ ोम.िमम ं मम- कृ ा यज
 आ ्
ु िदरम।।

 मँ- वाजेष ु हवनतु म।् वृषम मह- ऊितं सहसातमाम।।


 िवा ि ह ा वृष ्

 आ तू नˆ इ कौिशक- मसान तु ं िपब। न.मायु  सू ितर- कृ ध ्


 ी सहसा.मृिषम।।

 पिर ा िगवणो िगरˆ- इमाˆ भव ु िवतः। वृाय.ु मन ु वृयो- जा
ु ˆ भव ु जु यः।।


 1.11 इँ िवा इच सू, जेता माधस-इोन ्
ु ुप।।

01.01.21 इँ िवाˆ अवीवृध-मु चस.िरः। रथीतम ं रथीनाँ- वाजानां सितं



पितम।।

ु - जेतार. मपरािजतम।।
 स े त इ वािजनो- मा भेम शवस.ते। ामिभ  णोनमो

 पूव िर रातयो- न िव द.ूतयः। यदी व


 ाज गोमत- ोत ्
ृ ो मंहत े मघम।।
ु किव- रिमतौजाˆ अजायत। इो िव कमणो- धता वी पु ¤त
 परु ां िभ यवा ु ः।।
 ँ वल गोमतो-पाव रिवो िबलम।् ाेवाˆ अिबषु - 
ु मानास आिवषः।।

 तवाहं शूर राितिभ- ाय ं िस ु .मावद।् उपाित िगवणो- िव¤े त कारवः।।
ु .मवाितरः। िव¤े त मेिधरा- ेषां वां.िु र ।।
 मायािभ िर माियन-ं श

 इ.मीशान.मोजसा-िभ ोमाˆ अनूषत। सहँ य रातयˆ- उत वा सि भूयसीः।।

 1.12 अितिमित ादशच सू, कावो मेधाितिथ- रि- गायी-अिनाििर

िनमाहवनीयावी देवता।।

01.01.22 अि.त ँ वृणीमहे- होतारँ िव.वेदसम।् अ य  स


ु त म ्
ु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) Page 13


 अिमिं हवीमिभ- दा हव िवपितम।् हवाहं पि ्
ु यम।।

 अे देवा इहावह- ज ानो वृबिहष।े अिस होता नˆ ईः।।

 ता उशतो िव बोधय- यद े यािस म।् देव ै रासि बिहिष।।

 घृताहवन दीिदव- ित ¤ िरषतो दह। अे ं र िनः।।


ु । हवा. ाः।।
 अिनाि िमते- किव गृहपित यवा

ु सधमाण.मरे। देव.ममीवचातनम।।
01.01.23 किव.मि.मपु  िह-

 य ा.म े हिव¤ित- त.ेव सपयित। त  ािवता भव।।

 यो अि.ेववीतये- हिवा आिववासित। त ै पावक मृळय।।

 स न पावक दीिदवो-े देवा इहावह। उप य ं हिव. नः।।



े  नवीयसा। रियँ वीरवती.िमषम।।
 स न वानˆ आ भर- गायण
ु े ण शोिचषा- िवािभ दवितिभः। इम ं ोम.षु  नः।।
 अे श

 1.13 ससिम इित ादशच सू, कावो मेधाितिथः- थमाया इो(सिमोिवा)-
् तीयाया नराशंस-ता
ितीयाया नूनपात-तृ ु इळः-पा बिहः-पा देो ार- ा

उषासाना-अा दैौ होतारौ-(चेतसािवितगणः) नवा रतीळाभारो-दशााा-

एकादया वनितः-ादया ाहाकृ तयो देवताः- गायीछः (एतदाीसूं)।।


ु िमो नˆ आ वह- देवा अ े हिवत।े होत~ पावक यि  च।।
 01.01.24 सस
ु .नूनपा- .ेवषे  ु न कवे। अा कृणिु ह वीतये।।
 मधम

ं .िमह िय-मि उप ये। मधिु जं हिव


 नराशस ्
 ृ तम।।
ु तम े रथे- देवा ईिळतˆ आ वह। अिस होता मनिु हतः।।
 अे सख

 ृणीत बिह रानषु - घृतपृं मनीिषणः। यामृत च णम।।

 िव या.मृतावध  तः। अा ननू . यव।े ।


ृ ो- ारो देवी रस

01.01.25 नोषासा सपु श


े सा-ि. उप ये। इद.ो बिह रासदे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 14



 ता सिु जा उप ये- होतारा दैा कवी~। य .ो य ता.िममम।।

 इळा सरती मही- ितो देवी मयोभवु ः। बिह ीद.िधः।।

 इह ार.मिय-ँ िवप.मपु  ये। अाक.म ु के वलः।।



े ो हिवः।  दात ु र ु चेतनम।।
 अव सृजा वनते- देव देव

 ाहा य .णोत-नेाय यनो गृह।े त देवा उप ये।।

 1.141-4-3 ऐिभरइित ादशच सू, कावो मेधाितिथ- िवेदवे ा गायी- (वैदेवं

सूभेदयोगे यिं सा देवतेित प े आयो योरिः-तृतीयाया िवेदवे ाः-ततो नवाना मिः-एवं



ादशचम)।।

01.01.26 ऐिभ.रे वो िगरो- िवेिभ ोमपीतये। देविे भ यािह यि  च।।

 आ ा कवाˆ अषत- गृणि िव ते िधयः। देविे भ र आ गिह।।

 इव  ितं- िमािं पूषणं भगम।् आिदा.ात.णम।।


ू बृह
 ाय~ ्

  वो िय इवो- मराˆ मादियवः। ाˆ म मू¤षदः।।

 ईळत े ामव
 व- कवासो वृबिहषः। हिवो अर.तः।।
ु ो- ये ा वहि वयः। आ देवा.ोमपीतये।।
 घृतपृाˆ मनोयज

ृ ो-े पीवत ृ िध। म िु ज पायय।।


01.01.27 ताजा ऋतावध

 ये यजाˆ य ईा- े ते िपब ु िजया। मधो रे वष. ित।।

 आक सूय रोचना-िा.ेवा उषब ु । िवो होतेह व ित।।


 धः

 िवेिभ ो-ं म इेण वायनु ा। िपबा ि म धामिभः।।

 ं होता मनिु हतो-े य षे  ु सीदिस। सेम.ो अरँ यज।।


ु ा षी रथे- हिरतो देव रोिहतः। तािभ दवा इहावह।।
 य

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) Page 15


 1.15 इ सोमिमित ादशच सू, कावो मेधाितिथः-आानां षणािमो

मताििरंो िमावणौ तततसृणा िवणोदा अिः-एकादया अिनौ-ादया

अिगायी-(ऋतदु वे ता एताः)।।

01.01.28 इ सोमं िपब ऋतना-ा िवश.िवः। मर ास .दोकसः।।
ु - पोा. ं पनु ीतन। यूय ं िह ¤ा सदु ानवः।।
 मत िपबत ऋतना

 अिभ य .ृणीिह नो- ावो ने~ िपब ऋतनु ा। ं िह रध


 ाˆ अिस।।

 ोिनष ु िष।ु पिर भूष िपब ऋतनु ा।।


 अे देवा इहावह- सादया य

ू रन।ु तवेि स.मृतम।।
 ाणा.िद राधस- िपबा सोम.मृत

 यवु . .ृतत- िमावण  ळभम।् ऋतनु ा य .माशाथे~।।

01.01.29 िवणोदा िवणसो- ावहासो अरे। य षे  ु देव.मीळते।।

 िवणोदाˆ ददात ु नो- वसूिन यािन िवरे। देवषे  ु ता वनामहे।।

 िवणोदा िपपीषित- जहु ोत  च ितत। नेा.तिु भ िरत।।

 या तरु ीय.मृतिु भ- िवणोदो यजामहे। अध ा नो दिद भव।।

 अिना िपबत ं मध-ु दीी~ शिचता।


ु ऋतनु ा य वाहसा।।
ु य नी रिस। देवा.ेवयत े यज।।
 गाहपेन स- ऋतना

 1.16 आावहिित नवच सू, कावो मेधाितिथ- िरो- गायी।।

01.01.30 आ ा वह ु हरयो- वृषण ं सोमपीतये। इ ा सूरच सः।।

 इमाˆ धानाˆ घृत ु - हरी~ इहोप व तः। इं सख


 वो ु तम े रथे।।

 इं ात हवामह- इं य.रे। इं सोम पीतये।।

 उप न तु मा गिह- हिरिभ िर के िशिभः। सतु े िह ा हवामहे।।


ु दं सवन ं सतु म।् गौरो न तृिषत िपब।।
 सेम ोममा ग-पे

01.01.31 इम े सोमासˆ इव- तु ासो अिध बिहिष। ता इ सहस े िपब।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 16


 अये ोमो अियो- िद.ृ ग ु शमः। अथा स
 ोमं सतु ं िपब।।

 िविम.वन ं सतु -िमो मदाय गित। वृह


 ा सोमपीतये।।

 सेम काममा पृण- गोिभ र ै शततो~। वाम ा ाः।।

 1.17 इावणयोिरित नवच सू, कावो मेधाितिथ- िरावणौ- गायी- यवु ाकु िह च
ृ ौ
पादिनचृतौ (इहेित सीयसी वा)।।

01.01.32 इावणयो रहं- साजो रवˆ आ वृण।े ता नो मृळातˆ ईशे।।



 गारा िह ोवस-े हवँ िव मावतः। धतारा चषणीनाम।।
ु ाम.पयेथा-िमावण रायˆ आ। ता वा.ेिद.मीमहे।।
 अनक
ु नाम।् भूयाम वाजदााम।।
 यवु ाकु िह शचीनाँ- यवु ाकु समती ्

 इ हदााँ- वण शंानाम।् त ु भव.


ु ः।।

01.01.33 तयो िरदवसा वय-ं सनमे  िन च धीमिह। ात रेचनम।।

 ामहं- व े िचाय राधस।े अा. ु िज यषु .ृ तम।।
 इावण व

 इावण नू न ु वां- ¤िसषासीष ु धीा। अं शम यतम।।

  वा.मोत ु ¤सु िु त- िरावण यां व।े या मृधाथे~ सधिु तम।।

 1.18 सोमानिमित नवच सू, कावो मेधाितिथः-आाना िसृणां णितः-चता

इ सोम णतयः-पा इसोमणतयो दि णा च-तततसृणां सदसितः

(अाया नराशंसो वा) गायी।।

01.01.34 सोमानं रण-णिु ह ण.ते। क ीव ँ यˆ औिशजः।।

 यो रेवाो अमीवहा- वसिु व.िु वधनः। स न ¤िषु यरु ः।।

 मा न शंसो अरषो- धूित ण.। र ा ण


 ो ण.ते।।

 स घा व ्
 ीरो न िरित- यिमो ण. ितः। सोमो िहनोित मम।।

 ं ण.ते- सोमˆ इ मम।् दि णा पाहं सः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके थमाायः। (वगाः 1-37) Page 17


ु -ं िय.िम काम।् सिनं मेधा.मयािसषम।।
01.01.35 सदस.ित.मत ्

 या.त े न िसित- य ो िवपितन। स धीनाँ योग.िमित।।

 आोित हिवृितं- ा.णो.रम।् होा देवषे  ु गित।।

ं  सधु ृ म-मपयं सथमम।् िदवो न समखसम।।


 नराशस ्

 1.19 ितिमित नवच सू, कावो मेधाितिथ-रामतो-गायी।।

01.01.36 ित ा.मर-ोपीथाय  यसे। मिर आ गिह।।

 निह देवो न म- मह.व त ं ु परः। मि र आ गिह।।

 ये महो रजसो िव- िवे देवासो अुहः। मि र आ गिह।।

ृ -ु रनाधृ ासˆ ओजसा। मि र आ गिह।।


 य उाˆ अक.मानच
ु ाˆ घोरवपस-  ु ासो िरशादसः। मि र आ गिह।।
 ये श

01.01.37 य े नाकािध रोचन-े िदिव देवासˆ आसत।े मि र आ गिह।।

 यि पवता-िर मु .मणवम।् मि र आ गिह।।


 य ई

 आ ये ति रिमिभ- िर.मु .मोजसा। मि र आ गिह।।

 अिभ ा पूवपीतये- सृजािम सो ं मध।ु मि र आ गिह।।

इित थमााय माः ।।

 थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38)

 1.20 अयेवायेच सू, कावो मेधाितिथ-ऋभवो- गायी।।

01.02.01 अय.ेवाय जन-े ोमो िवेिभ रासया। अकािर रधातमः।।


ु ा- तत ु मनसा हरी~। शमीिभ य .माशत।।
 य इाय वचोयज
ु ं रथम।् त .ेन ं ु सब घाम।।
 त .ासाां- पिरानं सख ्

 यवु ाना िपतरा पनु ~- माˆ ऋजूयवः। ऋभवो िव


 त।।

 सँ वो मदासो अ मत-े ेण च मता। आिदिे भ राजिभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 18


01.02.02 उत मस.व-ु दव िनृतम।् अकत चतरु  पनः
ु ~।।

ु त।े एकमक
 ते नो रािन धन- िरा साािन स ु ििभः।।
े ं सश

 अधारय व-योभज सकृु या। भाग.ेवषे  ु यि यम।।

 1.21 इहेाी इित षळृच सू, कावो मेधाितिथ-िराी- गयी।।

े ाी~ उप ये- तयोिर.ोम.मु मिस। ता सोमं सोमपातमा।।


01.02.03 इह
ु ता न
 ता य षे  ु  शंसते-ाी~ श  षे  ु गायत।।
 रः। ता गाय

 ता िम शय- इाी~ ता हवामहे। सोमप ा सोमपीतये।।

 उा सा हवामह- उपेदं सवन ं सतु म।् इाी~ एह गताम।।


 ता महाा सदती~- इाी~ र ˆ उतम।् अजा िणः।।



 तेन सने  जागृत-मिध चेतनु  े पद।े इाी~ शम यतम।।
ु क
 1.22 ातयजे े िवंशृच सू, कावो मेधाितिथः-आानातसृणामिनौ-तततसृणां

सिवता-ततो योरिः-तत एका देः-तत एका इाणी वणााः-ततो

योावापृिथौ-तत एकाः पृिथवी-तत णाँ िवःु (अतो देवा इा देवा वा) गायी-(

काायनीय सवानमयां अतो देवा इाः ऋ देवी देवदेवा वैवी वा )

01.02.04 ातय ु िव बोधया-िनावहे गताम।् अ सोम पीतये।।


 जा

 या सरु था रथीत-मोभा देवा िदिवश


ृ ा। अिना ता हवामहे।।
ु -िना सूनत
 या वाशा मधम ्
ृ ावती। तया य ं िमिम तम।।

 निह वामि रके- या रथेन गथः। अिना सोिमनो गृहम।।

 िहरयपािण.मूतये- सिवतार.मपु  ये। स चेा देवता पदम।।

01.02.05 अपा.पात.मवस-े सिवतार.मपु  िु ह। त ता.ु मिस।।

 िवभ ्
 ारं हवामहे- वसो ि राधसः। सिवतार.ृच सम।।

 सखायˆ आ िन ¤षीदत- सिवता ोो न ु नः। दाता राधांिस श


ु ित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 19


ु ती प। ारं सोमपीतये।।
 अे पी िरहावह- देवाना.मश

 आ ाˆ अ इह ावस-े होाँ यिव भारतीम।् वी.िषणाँ वह।।



01.02.06 अिभ नो देवी रवसा- मह शमणा नृपीः। अिपा चाम।।

े ाणी.मपु  ये- वणान ये। अाय सोमपीतये।।


 इह

 मही ौ पृिथवी च नˆ- इम ँ य ं िमिम ताम।् िपपतृ ा.ो भरीमिभः।।

 तयो.िरतृ व.यो- िवा िरहि धीितिभः। गव वु े पद।े ।

े नी। या न शम सथः।।


 ोना पृिथिव भवा -नृ रा िनवश

01.02.07 अतो देवाˆ अव ु नो- यतो िव ु िवचम।े पृिथा  धामिभः।।

 इद ँ िव ु िव चमे- ेधा िन दध े पदम।् समू.म पांसरु े।।



 ीिण पदा िव चमे- िव ु गपाˆ अदाः। अतो धमािण धारय।।
ु  खा।।
 िवो कमािण पयत- यतो तािन पश।े इ य

 तिो परम ं पद-ं सदा पयि सूरयः। िदवीव च  ु राततम।।

 तिासो िवपवो- जागृवांस िमते। िवो यरम ं पदम।।

 1.23 तीा ोमास इित चतिु वशृच सू, कावो मेधाितिथः-आायावायःु -ततो यो

िरवायू-तत िसृणां िमावणौ-तत िसृणां मतः-(मािन इित के िचत)् ततिसृणां

िवेदवे ाः- ततिसृणां पूषा- तत ानामापः-तत एका अापः-तत एका अिः-



अिरित परउिक ्
-अ ्
ु म इनु पु -इदमाप इाािोनु भ
ु ः-आपः पृणीतेित िता-
शेषा गायः-अाप इापश पूविनपाते-“ ाे े िघ ” इित सूादि श

पूविनपातः कृ तः।।-

01.02.08 तीा ोमासˆ आ ग-ाशीव तु ाˆ इम।े वायो~ तािता.िब।।

ू हवामहे।अ सोम पीतये।।


 उभा देवा िदिव-ृ शेवाय~

 इव
 ाय~ ु - िवाˆ हव ऊतये। सह
ू मनोजवा  ा ा िधय.ती~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 20


 िम ँ वय ं हवामहे- वण ं सोमपीतये। ज ाना पूतद सा।।

 ऋतने  या वत
ृ ावध
ृ ा-वृत ोितष.ती~। ता िमावणा वे।।

01.02.09 वण ािवता भवु -िो िवािभ ितिभः। करता. रु ाधसः।।

 म ं हवामह- इमा सोमपीतये। सज ू गणने  तृत।ु ।



 इे ाˆ मणा- देवास पूषरातयः। िवे मम तु ा ह वम।।
ु ा। मा नो शंसˆ ईशत।।
 हत वृ ं सदु ानवˆ- इेण सहसा यज

 िवा.ेवा.वामहे- मत ोमपीतये। उाˆ िह पृिमातरः।।

01.02.10 जयतािमव तत-ु मता.मेित धृयु ा। यभँ याथना न


 रः।।

 हारा.ितु यतो- जाताˆ अव ु नः। मतो मृळय ु नः।।



 आ पूष.िबिहष-माघृण े धण.िवः। आजा न ँ यथा पशमु ।।

ू .हु ा िहतम।् अिव िबिहषम।।


 पूषा राजान.माघृिण- रपग ्

ु ¤े िषधत।् गोिभ यव चकृषत।।


ु ा अनस
 उतो~ स म.िमिभ-  ्

 ाम।् पृती मधनु ा पयः।।


01.02.11 अयो यिभ- जामयो अरीयत

 अम ू याˆ उप सूय- यािभ.वा सूय.ह । ताˆ नो िह.रम।।
ु  क हिवः।।
 अपो देवी प ये- य गाव िपबि नः। िस

 अ1 (अ) रमत  ु भेषज-मपा.मतु शये। देवाˆ भवत वािजनः।।


ृ .म

 अ ु मे सोमो अवी-द िवािन भेषजा। अि िवशंभवु -माप िवभेषजीः।।

01.02.12 आप पृणीत भेषज-ँ वथ.3े (ए) मम। ो सूय.श।े ।

 इद.माप  वहत- यि िरत ं मिय। याह.मिभोह- या शेप उत ्


 ानृतम।।

 आपो अाचािरषं- रसेन समगिह। पया.न आ गिह- तं मा सं सृज वचसा।।

 सं माे वचसा सृज- सं जया समायषु ा। िवम


ु  अ देवाˆ- इो िवा.ह ऋिषिभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 21



 1.24 क नूनिमित पदशच सू, आजीगित शनशे
प कृ िमो वैािमो देवरातः-

आायाः कः-ितीयाया अिः-ततिसृणां सिवता-(भगभेा भगो वा) निह ते



िमाानां वण िपु -अिभे
ािद ितो गायः।।

01.02.13 क नून.तम


 ामत
ृ ानां- मनामहे चा देव नाम। को नो मा अिदतये

पनु दा- ितर शये  ं मातर।।

 अ े वय ं थम ृ ानां- मनामहे चा देव नाम। स नो मा अिदतये पनु दा- ितर शये  ं
 .ामत

मातर।।

 अिभ ा देव सिवत-रीशान ँ वायाणाम।् सदाव.ाग.मीमहे।।

 यिि त इा भग- शशमान परु ा िनदः। अेषो हयो दध।े ।

 भगभ ते वय-मदु शम


े  तवावसा। मूधानं रायˆ आरभे।।

01.02.14 निह ते  सहो न म-ँ ु वय नामी पतयˆ आपः।
ु नमे ा आपो

अिनिमष.री- न ये वात िमन.म।।

 अबु े राजा वणो वनो- ूप.दते पूतद ः। नीचीना  ु पिर बु ˆ एषा-म े अ

िनिहता के तव ःु ~।।

 उं िह राजा वण कार- सूयाय पा.मेतव


 ा उ। अपदे पादा ितधातवेक- तापवा

दयािवधित।।

 शते राज.िषज ह-मवु  गभीरा समु ित ¤े अ।ु बाध रे िनऋितं पराच ै-

ु .ु त।।
कृ त.िदने   मम

 अमी य ऋ ाˆ िनिहतास उा- न. े कुह िचिवेयःु । अदािन वण तािन-

िवचाकश.माˆ न.मेित।।

01.02.15 ता यािम णा वमान- दा शा े यजमानो हिविभः। अहेळमानो वणेह

बो-ु शस
ं  मा नˆ आयु  मोषीः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 22


 तिद..िवा म.मा- द.ये तो दˆ आ िव च।े शनु शेपो यम.भृ ीत- ो

अा.ाजा वणो ममु ोु।।

 शनु शेपो .भृ ीत- िािद.ुपदषे  ु बः। अवैन ं राजा वण सृा-िा अदो िव

ु ोु पाशान।।
मम

 अव ते हेळो वण नमोिभ- रव य िे भ रीमहे हिविभः। य..मसरु चेताˆ राज.ेनांिस

िशथ कृ तािन।।

 उम ँ वण पाश.म-दवाधम ँ िव मम ं थाय। अथा वय.मािद त े त-वानागसो अिदतये

ाम।।

 1.25 यिि त इेकिवंशृच सू, आजीगाित शनशे
पो-वणो-गायी।।

01.02.16 यिि ते िवशो यथा-  देव वण तम।् िमनीमिस िविव।।

 मा नो वधाय हवे- िजहीळान रीरधः। मा णान मवे।।

 िव मृळीकाय ते मनो- रथी र. सितम।् गीिभ वण सीमिह।।

 परा िह मे िवमव-पति वइये। वयो न वसत


 ी प।।

 कदा िय.र-मा वण.रामहे। मृळीका.योच ्


 सम।।
ु तः। धृतताय दाशषु ।े ।
01.02.17 तिद.मान.माशाते~- वेना न  य

 वेदा य े  पतताम।् वेद नाव मिु यः।।


 ो वीनां पद-मिर ण

 वेद मासो धृततो- ादश जावतः। वेदा यˆ उपजायत।े ।

 वेद वात वतिन-मरु ोर ्ऋ बृहतः। वेदा य


 े अासत।े ।
ु तःु ।।
 िन ¤षसाद धृततो- वण पा3( आ)ा। साााय स

01.02.18 अतो िवा.त


ु ा- िचिकाँ अिभ पयित। कृ तािन या च का।।
ु त-ु रािद पु था करत।्  णˆ आयूिं ष तािरषत।।
 स नो िवाहा स ्

 िब.ािपं िहरययँ- वणो व िनिणजम।् पिर शो िन ¤षेिदरे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 23


 न य.िि िदवो- न ुाणो जनानाम।् न देव.मिभमातयः।।

 उत यो मानषु 
े ा- यश.े असाा। अाक.मदु रेा।।

01.02.19 परा मे यि धीतयो- गावो न गूती.रन।ु इी च सम।।

 स ु वोचावहै पनु - यतो मे माभृतम।् होतेव दस े ियम।।


 दश. ु िवदशत-श रथ.मिध िम। एताˆ जषु त मे िगरः।।

 व-मा च मृळय। ामव ु रा चके।।


 इम ं मे वण धु ी ह

 ँ िव मेिधर- िदव म राजिस। स यामिन ित िु ध।।


ु िु ध नो- िव पाशं म.मृत। अवाधमािन जीवसे।।
 ं म म
 उम

 1.26 विसेित दशच सू, आजीगित शनशे
पोि-गायी।।

े - वा.यूजा पते। सेमो अरँ यज।।


01.02.20 विसा ि ह िमय

 िन नो होता वरेय- दा यिव मिभः। अे िदिवता वचः।।

 आ िह ¤ा सनू वे िपता-िप यज.ापये। सखा से वरेयः।।

 आ नो बह िरशादसो- वणो िमो अयमा। सीद ु मनषु ो यथा।।

 पू होत र नो- म स च। इमाˆ उ ¤ष ु ध


ु ी िगरः।।

01.02.21 यिि शता तना- देव.ेव ँ यजामहे। े इूयते हिवः।।



 ियो नो अ ु िवपित- हता मो वरेयः। िया यो वयम।।

 यो िह वाय-ेवासो दिधरे च नः। यो मनामहे।।

 ˆ उभयेषा-ममृत मानाम।् िमथ  ु शयः।।


 अथा न

 िवेिभ रे अििभ- िरम ँ य .िमद ँ वचः। चनो धा हसो यहो~।।

 1.27 अ ेित योदशच सू, आजीगित शनु शेपोि- गायी- नमो महय्

इा- देवा- िपु ।।

01.02.22 अ ा वारवँ- वा अि .मोिभः। साज.मराणाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 24


 स घा न ून ु शवसा- पृथु गामा सश ्
ु वे ः। मीा अाकं  बभूयात।।

 स नो रा.ासा- िन मा.दघायोः। पािह सदिम.िायःु ।।

 .ांसम।् अे देवषे  ु  वोचः।।


 इममू ¤ष ु माकं - सिन.ाय

े ा- वाजेष ु ममषे ।ु िश ा व


 आ नो भज परम  ो अम।।

 ािस िचभानो~- िसो मा उपाक आ। सो दाशषु  े रिस।।


01.02.23 िवभ

 यम े पृ ु म-मवाˆ वाजेष ु यनु ाः। स या शती िरषः।।

 निक र सह- पयता कय िचत।् वाजो अि वाः।।

 स वाजँ िवचषिण- रवि र ु तता। िवेिभ र ु सिनता।।



 जराबोध तििवि- िवशिे वश े यि याय। ोमं ाय शीकम।।

01.02.24 स नो महा अिनमानो- धूमके तु पु 


 ः। िधय े वाजाय िहत।ु ।

 स रेवा इव िवपित- द के त ु णोत ु नः। उ ै रि.बृहानः।।


 नमो महो नमो अभकेो- नमो यवु ो नमˆआिशन


े ः। यजाम देवा.िद शवाम- मा

ायस शंसमा वृि देवाः।।

 1.28 य ावेित नवच सू, आजीगित शनु शेपः-आाना तसृणािमः-ततो


ु -अायाः जापित हिरः (अिधषवण चमदेवता वा)-
योखलं -ततो योखलमसले

आा ळनु भ
ु ः-अािो गायः।।
01.02.25 य ावा पृथबु ु ˆ- ऊ भवित सोतव।े उखलसताना
ु -मवेि जल
ु ः।।

ु - मवेि जल
 य ािवव जघना-िध¤षवया कृ ता। उखलसताना ु ः।।

 य नायपव-मपु व िश त।े उखलसताना


ु - मवेि जल
ु ः।।

 य माँ िवबते- रमी.िमतव ु - मवेि जल


 ाइव। उखलसताना ु ः।।

ु से। इह मु म ँ वद- जयता.िमव िभः।।


े हृ - उखलक य
 यिि ृहग

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 25


01.02.26 उत  ते वनते- वातो िव वा.िमत।् अथो~ इाय पातव-े सनु ु सोम
ु खल।।
.म

 आयज  ातमा- ता 1ु (उ)ा िवजभृतः। हरीइव


 ी~ वाजस  ा~ ांिस बता।।

ु .तु म।।
 ता नो अ वनती~- ऋावृिे भ ोतिृ भः। इाय मधम

 उि.ो भर- सोमं पिव आ सृज। िन धेिह गोरिध िच।।



 1.29 यिि सेित सच सू, आजीगित शनशे
प- इः- पिः।।

01.02.27 यिि स सोमपाˆ- अनाशाइव िस।आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु

शिु ष-ु सहेष ु तवु ीमघ।।

 िशि.ाजानां पते- शचीव व दंसना।आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु

तवु ीमघ।।
ु माने~। आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु
 िन ¤ापया िमथूशा- सा.मब

तवु ीमघ।।

 सस ु ाˆ अरातयो- बोध ु शूर रातयः। आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु

तवु ीमघ।।

 सिम गदभ ं मृण- नवु ं पापयामयु ा। आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु

तवु ीमघ।।

 पताित कुडृणाा- रँ वातो वना.दिध। आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु

तवु ीमघ।।

 सव पिरोश.िह- जया कृक.दाम।् आ तू नˆ इ शंसय- गोेष ु शिु ष-ु सहेष ु

तवु ीमघ।।

 1.30 आ व इिमित ािवंशृच सू, आजीगित शनु शेप- इ- दयािद ितसृणा

मिनौ-तत िसृणामषु ा- गायी-अाकिमित पादिनचृत-शिद ्
इित िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 26


01.02.28 आ व इ.ििवँ यथा- वाजय शततमु ।् मंिहं िस इिभः।।
ु ीनां- सहँ वा समािशराम।् ए िन. रीयते।।
 शत ँ वा य शच

 सँ यदाय शिु ण- एना ोदरे। समु ो न चो दध।े ।

 अयम ु ते समतिस- कपोतˆइव गभिधम।् वच िˆ ओहसे।।

 ो ं राधानां पते- िगवाहो वीर य ते। िवभूित र ु सूनतृ ा।।

01.02.29 ऊ िा नˆ ऊतये-ि.ाजे शततो~। समषे  ु वावहै।।

 योगेयोगे तवरँ- वाजेवाजे हवामहे। सखायˆ इ.मूतये।।



 आ घा गमिद व-हिणीिभ ितिभः। वाजेिभ प नो हवम।।

 अन ु ौकसो- व े तिु वित.रम।् ये पूव िपता व।े ।



 ता वय ँ िववारा-शाहे पत। सखे वसो~ जिरत
ृ ः।।

01.02.30 अाकं  िशिणीनां- सोमपा ोमपााम।् सखे वि.खीनाम।।


 तथा तद ु सोमपा- खे वि.था कृ ण।ु यथा त उम.सीये।।

 रेवतीन धमाद- इे स ु तिु ववाजाः। म


ु ो यािभ मदेम।।

 आ घ ावा.ना- ोत
ृ ो धृ~ िवयानः। ऋणो र  चोः।।

 आ यवु शतत~- वा काम.िरतॄणाम।् ऋणो र  शचीिभः।।

01.02.31 श.िद पोथु .ि िजगाय- नानद.ि शासि धनािन। स नो



िहरयरथ.ंसनावा- न िनता सनये स नोदात।।

 आिना वाव-ेषा यात ं शवीरया। गोम.ा िहरयवत।।

 समानयोजनो िह वां- रथो दा वमः। समु े अि.नेयत।े ।


ु पिर ाम.दीयते।।
 1(अ) मूधिन- चं रथ येमथः।
ु े मत अम। क से िवभाविर।।
 क उष कधिये- भज

 वय ं िह ते अम.ा-ादा पराकात।् अे न िच े अिष।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 27


 ेिभरा गिह- वाजेिभ िहत िदवः। अ े रिय.ि धारय।।

 1.31 म इादशच सू, आिरसो िहरयूपोि-जगती-अमी

षोळयािुभः।।

01.02.32 म े थमो अिराˆ ऋिष- दवो देवाना.मभव िशव.खा। तव त े कवयो

िव.नापसो-जाय मतो ाज.यः।।

 म े थमो अिरम- किव दवानां पिर भूषिस तम।् िवभ ु िव ै भवु नाय मेिधरो- िमाता

शयु कितधा िचदायवे।।


ु या िववत।े अरेजते ां रोदसी होतृवय
 म े थमो मातिरन- आिव भव सतू ू - सो भार

.मयजो महो वसो~।।


ु रवस े सक
 म े मनव े ामवाशय- प ु ृ ते सक
ु ृ रः। ाण ु स े प-या ा पूव.मनय
े  यिो म
ु ~।।
.ापरं पनः
ु े भविस वाः। यˆ आितं पिर वेदा वषित- मेकाय ु रे
 म े वृषभ पिु वधनˆ - उतच

िवशˆ आिववासिस।।

01.02.33 म े वृिजनवतिन.रं- स.िपिष िवदथे िवचषणे। य शूरसाता पिरते धने-

दिे भ िमृता हंिस भूयसः।।

 .म े अमृत उ  -े मत.धािस वस े िदविे दव।े यातषृ ाणˆ उभयाय जन-े मय
 म

कृ णोिष यˆ आ च सूरये।।

 ो अे सनये धनानाँ- यशस.ा.णिु ह वानः। ऋाम कमापसा नवेन- देव ै

ावापृिथवी~ ावतः।।

ू ृ .ोिध मित. कारवे- ाण


 ो अे िपो प आ- देवो देव.े नव जागृिवः। तनक

वस ु िव.मोिपष।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 28


 म े मित ं िपतािस न- ँ वयृ.व जामयो वयम।् सा राय शितन ं

सहिण- वु ीरँ यि तपा.मदा।।

01.02.34 ाम े थम.माय.ु मायवे- देवाˆ अकृव.ष िवपितम।् इळा.मकृ व.नषु 

शासनी- िपत ु यु ो ममक जायत।े ।

 ो अे तव देव पायिु भ- मघोनो र त व। ाता तोक तनय े गवाम-िनमषे  ं

र माण व त।े ।

 म े यव े पाय ु ररो-िनषाय चतरु  ˆ इसे। यो रातहोवृकाय धायस-े कीरेि.ं



मनसा वनोिष तम।।

ं ाय वाघते- ाह ये परम ँ वनोिष तत।् आ िचमित से िपता- 
 म उशस

पाकं  शाि  िदशो िव¤रः।।

 म े यतदि ण.रँ- वमव ूत ं पिर पािस िवतः। ा ा यो वसत  ृ -ीवयाज ं
 ौ ोनक

यजत े सोपमा िदवः।।

01.02.35 इमा.म े शरिणं मीमृषो न-ˆ इम.मान ँ यमगाम रात।् आिप िपता मित

ोानां- भृिमर.ृिषकृ.ानाम।।
ु .द े अिर.दिरो- ययाितव.दन े पूवव.च।े अ याा वहा द
 मन ै .न-मा सादय

बिहिष यि  च ियम।।

 एत.े ना े णा वावध


ृ - शी वा ये चकृ मा ि वदा वा। उत  णेि भ वो अा-

ृज समु ा वाजवा।।



 1.32 इ िित पदशच सू, आिरसो िहरयूप- इ- िुप।।

01.02.36 इ न ु वीयािण  वोच-ँ यािन चकार थमािन वी। अहिह.मप तद- 

व णाˆ अिभन.वतानाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके ितीयाायः। वगाः(1-38) Page 29


 अह.िहं पवत े िशियाण-ा ै वं य.त । वााइव धेनव मानाˆ- अ

मु .मव ज म ु रापः।।

 वृषायमाणोवृणीत सोम-िकुके.िपब.तु । आ सायकं मघवाद व-महने ं थमजा.



महीनाम।।

 यिदाह.थमजा.महीना-मााियना.मिमना ोत मायाः। आूय.नय.ामषु ास-ादीा


ु िकला िविवे।।
श

 रँ ंस- िमो वेण महता वधने । ांसीव कुिलशने ा िववृा-िह शयत
 अह.ृ ँ वृत

उपप ृ ृिथाः।।

02.02.37 अयोवे  मदˆ आ िह जु -े महावीर.िु वबाध.मृजीषम।् नातारीद समृितँ

वधानां- सं जाना िपिपष इशःु ।।

 अपा.दहो अपतृ .िद-मा व.मिध सानौ जघान। वृो वि ितमानं बभु षू -ु ा

वृो अशय.ः।।

 नद िभ.ममयु ा शयान-ं मनो हाणाˆ अित यापः। याि.


ृ ो मिहना पयित-ासा.मिह
पतु शी.बभवू ।।

ृ प-ु ेो अाˆ अव वध जभार। उरा सू रधर पु आसी-ानु शये
 नीचावयाˆ अभव.

सहवा न धेनः।।

 अितीना.मिनवेशनाना-ाानां मे िनिहत ं शरीरम।् वृ िनयँ िव चरापो- दीघ.म

आशय.िदशःु ।।

01.02.38 दासपी रिहगोपाˆ अित-िाˆ आप पिणनेव गावः। अपां िबल.मिपिहतँ

यदासी-
ृ .घा अप तवार।।
 अो वारो अभव िद-सृके या ह.ेवˆ एकः। अजयो गाˆ अजय शूर सोम-

ृ  तव े स िसनू ।।
मवासज

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 30


 ु ¤िषधे - न यां िमह.मिकर.ािन। इ ययु धु ाते~ अिह-
ु तत
 ना ै िव

ोतापरीो मघवा िव िज ये।।

 अहे यातार.मपयˆ इ- िद ये जषु ो भीरगत।् नव च यवि त वी- येनो न

भीतो अतरो रजांिस।।

 इो यातोविसत राजा- शम च िणो वबाः। सेराजा यित चषणीना-मरा नेिम

पिर ता बभवू ।।

इित ितीयााय माः।।

 थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35)



 1.33 एतायामेित पदशच सू, आिरसो िहरयूप- इ- िुप।।

01.03.01 एतायामोप गˆ इ-माकं  स ु मितँ वावध ृ  कुिव.दाद


ृ ाित। अनामण

रायो- गवा.े त ं पर.मावजत े नः।।


ु  येनो वसितं पतािम। इ.म.पु मिे भ रक- य ोत
 उपे दह.नद ा.मतीत-ा ृ ो

हो अि याम।।

 िन सवसने ˆ इषधु  रस- समय गाˆ अजित य वि। चोूयमाणˆ इ भूिर वाम-ं मा पिण

भूर
 .दिध वृ।।

 वधीिह द.ु िनन.नने - एक र.पशा


ु केिभ िर। धनो रिध िवषण
ु े ाय-यान

नका ेितमीयःु ।।

ृ  ु  इ-ायानो यिभ धमानाः।  यिवो हिरव ात -


 परा िचीषा ववज

िनरत
 ा अधमो रोदोः।।

01.03.02 अययु 
ु .नव सेना-मयातय ि तयो नव वाः। वृषायधु ो न वयो िनरा-

वि िरा.ितयˆ आय।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 31


 ो ज त- ायोधयो रजस इ पारे। अवादहो िदवˆ आ द.ु म
 मेता.दु त ु ा-  स
ु त

वु त शंस.मावः।।
ु मानाः। न िहानास िित  इं- पिर
 चाणास परीणहं पृिथाˆ- िहरयेन मिणना श

 ।।
शो अदधा.ूयण

े - अबभु ोजी मिहना िवत ीम।् अममाना अिभ ममान-ै


 पिर यिद रोदसी उभ~

िनिभ रधमो द.ु िम।।


ु मायािभ धनदां पयभूव।् यज
 न ये िदव पृिथाˆ अ.माप-न ु  ँ वँ वृषभ  इो-

िनितषा तमसो गाˆ अ त।।

0103.03 अन ु धा.म र.ापो अ-ावधत म आ नाानाम।् सीचीनेन मनसा



तिमˆ- ओिजने  हनाह.िभ ून।।

 ािव.िदलीिबश ा- िव िण.मिभन..िमः। यावरो मघव.ाव.दोजो-



वेण श.ु मवधी पृतमु ।।

 अिभ िसो अिजगा.द शू-ि ित मेन वृषभ


 ण ु भेत।् सँ वेणा स
े ा प रो  ज
ृ .
ृ .िम-  ां
मित.मितर.ाशदानः।।

 .शमु ।् शफतु ो रेण ु न त ा-


ु  ँ वृषभ
 आव कु.िम यि.ाक-ा वो य
ु ै ये ो नृ¤षााय तौ।।
म

 आव शमँ वृषभ. ु ास-ु े जेष े मघव.ि.ाम।् ोिद तिवांसो अ-

ूयता.मधरा वेदनाकः~।।

 1.34 िििदित ादशच सू, आिरसो िहरयूपोिनौ-जगती-नवे िभ


ु ौ।।
01.02.04 ििो अा भवत.वेदसा- िवभवु ा यामˆ उत राित रिना। यवु ो िह य ं िहवे 

वाससो-ायं सेा भवतं मनीिषिभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 32


 य पवयो मधवु ाहन े रथे- सोम वेना.मन ु िव इिः। य ास िभतासˆ आरभे-

िनँ  याथ िविना िदवा।।

 समान े अह.िरवगोहना- ि र य ं मधनु ा िमिम तम।् ि वाजवती िरषो अिना यवु -ोषाˆ

अ.मषु स िपतम।।

 ि वित यात ि रनु ते जने- ि ु ा े ेधवे  िश तम।् ि ना ँ वहत.मिना यवु -ि पृ ो

अ े अ रेव िपतम।।

 ि न रियँ वहत.मिना यवु -ि दवताता ि तावत ियः। ि ौभग.ित वांिस न-

ि ँ वां सूरे िहता ह.थम।।

 ि न अिना िदािन भेषजा- ि पािथवािन ि~ द.मः। ओमानं शँयो ममकाय सूनवे-

िधात ु शम वहतं शभु ती~।।

01.03.05 िन अिना यजता िदविे दव-े पिर िधात ु पृिथवी.मशायतम।् ितो नासा रा

परावतˆ- आवे  वात सरािण गतम।।

 म।् ित पृिथवी पिर वा िदवो-


 िरिना िसिु भ मातिृ भ- यˆ आहावा ेधा हिवृत

नाकं  र थे ~
े िभ ्
ु रुिभ िहतम।।

ृ ो रथ- 1(अ)यो वरु ो ये सनीळाः। कदा योगो वािजनो रासभ-


 1(अ)ी चा िवत

येन य .ास.ोपयाथः।।

 आ नासा गत ं यते हिव- म िपबतं मधपु िे भ रासिभः। यवु ो िह पूव सिव.तोषसो रथ-

मृताय िच.ृतव.िमित।।

 आ नासा ििभ रेकादश ै िरह- देविे भ यातं मधपु ये .मिना। ाय ु ािर.ी र पांिस मृ तं-

सेधत. ेषो भवत ं सचाभवु ा।।

ृ ा रथे-नावां रियँ वहतं सवु ीरम।् वा वामवस े जोहवीिम- वृध े च नो


 आ नो अिना िवत

भवतँ वाजसातौ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 33


 1.35 यामीेकादशच सू, आिरसो िहरयूप- िवता- िपु -् आायातषु ु

पादेष ु मेणाि िमावण राि सिवतारो देवताः-आा नवौ जगौ।।

 ं ये- यािम िमावणा िवहावस।े यािम राी.गतो


01.03.06 या.िं थम

े नी- यािम देव ं सिवतार.मूतये।।


िनवश

 आ कृ ने  रजसा वतमानो- िनवेशय.मत


ृ  ं म। िहरययेन सिवता रथेना-देवो याित

भवु नािन पय।।
ु ााँ यजतो हिराम।् आ देवो याित सिवता परावतो-प
 याित देव वता याु ता- याित श

िवा िरता बाधमानः।।

  शन ै िवप-ं िहरयशँ यजतो बृहम।् आा.थं सिवता िचभान-


 अभीवृत ु कृ ा

रजांिस तिवषी.धानः।।

 िव जना.ावा िशितपादो अ-थं िहरयउगँ वहः। श.िश िवत ु दै-ोपे

िवा भवु नािन तः।।


 ितो ाव सिवत ु ा उपा- एका यम भवु न े िवराषाट ्। आिण. र.ममत
ृ ािध त-ु िरह

वीत ु यˆ उ तिके तत।।

01.03.07 िव सपु ण


  अिर ा.य-भीरवेपाˆ असरु नु ीथः। े 3(ए)दान सूय

किकेत- कतमा.ां रिम रा ततान।।


ू ।् िहरया िवता देवˆ आगा-
 अौ .कुभ पृिथा- ी ध योजना स िसन

ध ा दाशषु  े वायािण।।

े ावापिृ थवी~ अ रीयते। अपामीवां बाधत े वेित सूय-मिभ


 िहरयपािण िवता िवचषिण- भ~

कृ ने  रजसा ामृणोित।।

 िहरयहो असरु नु ीथ म


ु ळ  धे . सो यातधु ाना-ना ेव
ृ ीक वा यावाङ।् अपस

ितदोष.ृणानः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 34


ु ृ ताˆ अिर ।े तेिभ न अ पिथिभ ग
 ये ते पा िवत~ पूासो-रेणव क ु भ
े ी- र ा

चनो अिध च ूिह देव।।

 1.36  वो यिमित िवंशृच सू, घौरः कवोिः-ऊ ऊ ष ु ण इित यो यूपः

गाथः।।

 ाँ- िवशा.ेवयतीनाम।् अिं सूेिभ वचोिभ रीमहे- यं सी.िमद


ु ण
01.03.08  वो यं प

ईळत।े ।

ृ -ं हिवो िवधेम ते। स  ो अ समु नाˆ इहािवता- भवा वाजेष ु
 जनासो अि.िधरे सहोवध

स।।

  ा त ँ वृणीमहे- होतारँ िववेदसम।् महे सतो िव चर.चयो- िदिव ृशि भानवः।।

 देवास ा वणो िमो अयमा- स.त ं .िमते। िवं सो अ े जयित या धनँ- ये

ददाश मः।।

 मो होता गृहपित-रे तो िवशा.मिस। े िवा सतािन ता वु ा- यािन देवाˆ अकृ वत।।

01.03.09 े इद े सभु गे यिव- िवमा यते हिवः। स ो अ समु ना~ उतापरँ- यि 

देवा.वु ीया।।

 त.ेिमा नमिनˆ- उप राज.मासते। होािभ रिं मनषु  िमते- ितितवासो अित

िधः।।

 ो वृ.मतर.ोदसी अपˆ- उ याय चिरे। भवु .वे वृषा 
ु ात- दो


गिविष।।

 सं सीद महा अिस- शोच देववीतमः। िव धूम.म े अष ं िमय ्


े - सृज श दशतम।।

 या देवासो मनव े दध ु िरह- यिजं हवाहन। यवो मेाितिथ धनत
ृ -ँ यँ वृषा

यमपु तु ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 35


 ा.दिध। त ेषो दीिदय ु िममाˆ ऋच- मिँ
01.03.10 यमिं मेाितिथ- कवˆ ईध ऋत

वधयामिस।।

 राय ूिध धावोि िह ते-े देव.े ाम।् ँ वाज 


ु  राजिस- स नो मृळ महा

अिस।।

 ऊ ऊ ¤ष ु णˆ ऊतये- िता दवे ो न सिवता। ऊ वाज सिनता यदििभ- वाघि

िवयामहे।।
ु - िवं समिण.ह। कृ ध
 ऊ न पाहं सो िन के तना  ी न ऊा.रथाय जीवसे- िवदाˆ देवषे  ु

नो वः।।

 पािह नो अे र स- पािह धूत  रराः। पािह रीषतˆ उत वा िजघांसतो- बृहानो~ यिव।।
ु ।् यो म.िशशीत े अुिभ- मा
ु  यो अक
01.03.11 घनवे  िवि व जरा- पज

न िरप ु रीशत।।

 अि.व े सवु ीय-मि कवाय सौभगम।् अि ाव.िोत मेाितिथ-मि ाता



उपतु म।।

 अिना तवु शँ यं परावतˆ- उादवे ं हवामहे। अि नय.ववां बृहथ-वु ित.व े

सहः।।

 िन ाम े मनदु धे- ोित जनाय शत।े दीदथ


े  कव ऋत
 जातˆ उि तो- यमि कृ यः।।

 ेषासो अ े रमवो अचयो- भीमासो न तीतये। र िन दिम.ातमु ावतो- िवं समिण

ह।।

 1.37 ीळँ व इित पदशच सू, घौरः कवो- मतो- गायी।।

01.03.12 ीळँ व शध मात-मनवाणं रथेशभु म।् कवाˆ अिभ  गायत।।

 ये पृषतीिभर ्ऋििभ- ाकँ वाशीिभ रििभः। अजाय भानवः।।

 इहवे  व एषा-शा हेष ु यदान।् िन यामि.मृते।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 36


ु ाय शिु णे। देवं  गायत।।
  व शधाय घृय-े ेष

 ो-ीळँ यध मातम।् जे रस वावध


  शंसा ग ृ ।े ।

01.03.13 को वो विषˆ आ नरो- िदव म धूतयः। यीम. धूनथु ।।

 िन वो यामाय मानषु ो- द उाय मवे। िजहीत पवतो िगिरः।।

 येषा.मेष ु पृिथवी- जज


ु वु ा इव िवपितः। िभया यामेष ु रेजत।े ।

 िरं िह जान.मेषाँ- वयो मात ु िनरेतवे। यी.मन ु िता शवः।।

 उ े सूनवो िगर- कााˆ अे त। वााˆ अिभ ु यातव।े ।

01.03.14 िा दीघ पृथ-ं ु िमहो नपात. ममृम।्  ावयि यामिभः।।



 मतो य वो बल-ना अचवीतन। ु
िगरी रचवीतन।।

 य याि मत- ं ह वु ते ा। णोित कि देषाम।।
ु - ि कवेष ु वो वः। तो~ष ु मादयाै।।
  यात शीभ.माशिभ

 अि िह ¤ा मदाय व- िस ¤ा वय.मेषाम।् िव.िदाय ु जवसे।।

 1.38 क नूनिमित पदशच सू, घौरः कवो- मतो- गायी

01.03.15 क नून.धिय- िपता पु . हयोः। दिध े वृबिहषः।।

  नून.ो अथ-ा िदवो न पृिथाः।  वो गावो न रयि।।


ु ा नांिस- मत  सिव
  व  ु ता। ो3(ओ)~ िवािन सौभगा।।

 यूय ं पृिमातरो- मतास ातन। ोता वो अमत ्


ृ  ात।।

 मा वो मृगो न यवस-े जिरता भूदजोः। पथा यम गाप।।

01.03.16 मो~¤ष ु ण परापरा- िनऋित हणा वधीत।् पदी तृया सह।।

 सेषाˆ अमवो- ध.िदा ियासः। िमह.व.वाताम।।

 वावे  िव.ु िमाित- व माता ¤िसषि। यदेषाँ वृि रसिज।।


ु ि।।
े । यृिथव 
 िदवा िचम कृ वि- पजे.नोदवाहन

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 37


 अध ना.ताँ- िवमा स पािथवम।् अरेज  मानषु ाः।।

01.03.17 मतो वीळु पािणिभ- िा रोधती रन।ु यात.े मिखयामिभः।।

 िरा व  ु नेमयो- रथाˆ अास एषाम।् ससं


ु ृताˆ अभीशवः।।

 अा व  ना िगरा- जराय ै ण. ितम।् अिं िम दशतम।।


 दा त ्


ु म।।
 िममीिह ोक.मा-े पजˆइव ततनः। गाय गाय.म

 व मात.ण-ेष ं पन.ु मिक णम।् अ े वृाˆ अस.िह।।


ु ो बृहो यज
 1.39  यिदेित दशच सू, घौरः कवो- मतो- बाहतगाथः- (अयज ु

तोबृहः)

01.03.18  यिदा परावत- शोिचन मान.मथ। क ा मत क वपसा- कँ

याथ कं ह धूतयः।।

 िराˆ व ायधु ा पराणदु -े वीळू उत ित¤भे। य


ु ाक.म ु तिवषी पनीयसी- मा म

माियनः।।

 ु । िव याथन विनन पृिथाˆ- ाशा पवतानाम।।
 परा ह यिरं हथ- नरो वतयथा ग
ु ाक.म ु तिवषी तना यज
 निह व श ु िविवद े अिध िव- न भूां िरशादसः। य ु ा- ासो नू

िचदाधषृ ।े ।

  वेपयि पवता-ि िवि वनतीन।् ो~ आरत मतो मदाˆइव- देवास वया िवशा।।

 ी रय ु ं- ि वहित रोिहतः। आ वो यामाय पृिथवी िचदो-


01.03.19 उपो~ रथेष ु पृषत

दबीभय मानषु ाः।।

 नू ोवसा यथा प-ु रेा कवाय िबषु ।े ।


 आ वो म  ू तनाय कं - ाˆ अवो वृणीमहे। गा न
ु िे षतो मतो मिषतˆ- आ यो नो अˆ ईषत।े िव तँ ययु ोत शवसा ोजसा- िव य
 य ु ाकािभ

ितिभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 38


 असािम िह यव- कव.द चते सः। असािमिभ मतˆ आ नˆ ऊितिभ- गा व
 िृ 
ु ।।
िवतः

 असा.ोजो िबभृथा स ु वो-सािम धूतय शवः। ऋिषिषे मत पिरमव- इषु सृजत
 दान

िषम।।
ु ो बृहो यज
 1.40 उिेच सू, घौर कवो- णितः गाथः (अयज ु

तोबृहः)।।

01.03.20 उि ण.ते- देवय ेमहे। उप  य ु मत दु ानवˆ- इ ाशू भवा 

सचा।।

 ािमि सहस.ु मˆ- उपूत े धने िहत।े सवु ीय मतˆ आ -धीत यो वˆ आचके।।

  ैत ु ण.ित-  देते ु सूनत  ीर.य पिराधस-ेवाˆ य .य ु नः।।


ृ ा। अा व

 यो वाघते ददाित सूनरँ वस-ु स ध े अि ित वः। ता इळां सवु ीरा.मायजामहे-

सु तूित.मनेहसम।।

 ।् यि.िो वणो िमो अयमा- देवाˆ ओकांिस


ु म
  नून ं ण.ित- मँ वद.

चिरे।।

े ा िवदथेष ु शंभवु -ं म.ेवाˆ अनेहसम।् इमा वाचं ितहयथा न


01.03.21 तिम.ोचम  रो-

िवे ामा वो अवत।।

 को देवय.मव-न.ो वृबिहषम।्  दाा.ािभ रि-तावावत ् य.धे।।

 उप  ं पृीत हि राजिभ-भय े िचिु ित.ध।े ना वता न तता महाधन-े नाभ अि

विणः।।

 1.41 यं र ीित नवच सू, घौरः कवः-आाना िसृणामानां ितसृणां च वण

िमायमण- ृतीयािद ितसृणा मािदा-गायी।।

01.03.22 यं र ि चेतसो- वणो िमो अयमा। नू िचˆ दते जनः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 39


 यं बातेव िपित- पाि म िरषः। अिर वˆ एधते।।

 िव गा िव िष परु ो- ि राजानˆ एषाम।् नयि िरता ितरः।।

 सगु  पाˆ अनृ रˆ- आिदास ऋत ँ यत।े नाावखादो अि वः।।

 यँ य .यथा न
 रˆ- आिदाˆ ऋजना ्
ु पथा।  व  धीतये नशत।।

01.03.23 स रं म वस-ु िव.ोक.मतु ना। अा ग


 .ृतः।।

 कथा राधाम सखाय- ोमं िम.ायः। मिह रो वण।।

 मा वो ं मा शप-ं ित वोचे देवयम।् स


ु ै िर आ िववासे।।

 चतरु ि.दमाना-िभीया.दािनधातोः। न  ्


 ाय ृहयेत।।

 1.42 पूषिित दशच सू, घौरः कवः- पूषा-गायी।।


ु ो नपात।् सा दवे   ण रु ः।।
01.03.24 सं पूष.न िर- ंहो िवमच

 यो न पूष.घो वृको- शेवˆ आिददेशित। अप  तं पथो जिह।।

 अप ं पिरपिनं- मषु ीवाणं रितम।् र.मिध तु े रज।।

  यािवनो-घशंस क िचत।् पदािभ ित तपिु षम।।


 आ ते द ममु - पूष.वो वृणीमहे। येन िपत.ॄ नचोदयः।।

01.03.25 अधा नो िवसौभग- िहरयवाशीमम। धनािन ¤सषु णा कृ िध।।

 अित न तो नय- सगु ा न पु था कृ ण।ु पूष.िह त ँ ु िवदः।।

 अिभ सूयवस.य- न नवारो अन।े पूष.िह त ँ ु िवदः।।

 शि ध पूिध  यंिस च- िशशीिह ादु रम।् पूष.िह त ँ ु िवदः।।

 न पूषणं मेथामिस- सूै रिभ गृणीमिस। वसूिन द.मीमहे।।

 1.43 कुायेित नवच सू, घौरः कवो- -ृतीयाया िमावणौ च-सािद तृच

सोमो- गायानु ुप।।

01.03.26 कुाय चेतसे- मी¤माय तस।े वोचम


े  शम ं द।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 40



 यथा नो अिदित कर-े नृो यथा गवे। यथा तोकाय ियम।।

 यथा नो िमो वणो- यथा .िके तित। यथा िवे सजोषसः।।

 गाथपितं मेधपितं- ं जलाषभेषजम।् तँयो 


ु .मीमहे।।

ु इव सूय- िहरयिमव रोचत।े ेो देवानाँ वसःु ।।


 य श

01.03.27 श कर.वत-े सगु ं मेषाय मे।े नृो नािरो गवे।।

 अ े सोम िय.मिध- िन धेिह शत नृणाम।् मिह व.िु वनृम।।



 मा न ोमपिरबाधो- मारातयो जर। आ नˆ इो~ वाजे भज।।

ृ - परि.ाम.ृत। मूधा नाभा सोम वेनˆ- आभषू ी ोम वेदः।।
 याे जाˆ अमत

 1.44 अे िवविदित चतदशच ु गाथः (अयज
 सू, कावः वोिराे अष ु ो

ु तोबृहः)
बृहो यज

01.03.28 अे िवव.षस-ि ं राधो अम। आ दाशषु  े जातवेदो वहा 


 -मा द वे ा
ु ।।
उषबधः
ु िह तो अिस हवाहनो-े रथी रराणाम।् सज ू रिा.मषु सा सवु ीय-म े धेिह वो
 जो

बृहत।।

 अा त ँ वृणीमहे- वस.ु मिं पु ियम।् धूमके त ं ु भाऋजीकँ  िु ष-ु य ाना.मरियम।।

ु नाय दाशषेु । देवा अा यातव े जातवेदस-मि.मीळे


 ेँ यिव.मितिथं ातं- ज.

िु ष।।

ृ  ं िमये- यिजं हवाहन।।


 िवािम ा महँ- िव.ामृत भोजन। अे ातार.ममत

ं ो बोिध गृणत े यिव- मधिु ज ातः। व ितर.ाय.ु जवसे-


ु स
01.03.29 सश

नमा द  ्
ै नम।।

 होतारँ िववेदसं- सं िह ा िवशˆ इते। स आ वह पत ्
चेतसो-े देवा इह वत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके तृतीयाायः (वगाः 1-35) Page 41


 सिवतार.मषु स.मिना भग-मिँ िु ष ु पः। कवास ा सतु सोमास इते- हवाहं 

र।।

 पित.राणा-मे तो िवशा.मिस। उषबधु ˆ आ वह सोमपीतये- देवा अ शः।।

े  िवदशतः। अिस ामे.िवता परु ोिहतो-िस य षे  ु


 अे पूवाˆ अनूषसो िवभावसो~- दीदथ

मानषु ः।।

01.03.30 िन ा य  साधन-मे होतार.मृिजम।् मन


ु .ेव धीमिह चेतस-ीर.त

ममम।।

 येवानां िममह परु ोिहतो-रो यािस म।् िसोिरव िनतास ऊमयो-ेाजे

अचयः।।

 िु ध 
ु ण वििभ- दव.ै र े सयाविभः। आ सीद ु बिहिष िमो अयमा- ातयावाणो

अरम।।

 व ु ोमं मत दु ानवो-ििजाˆ ऋतावध


ृ ः। िपबत ु सोमँ वणो धृततो-

िा.मषु सा सजःू ।।



 1.45 मे वसूिनित दशच सू, कावः वोिराया देवा-ानु पु ।।

ु ात.ृतषु म।।
01.03.31 म े वसू िरह- ा आिदा उत। यजा र.नं- मनज

 ु ीवानो िह दाशषु -े देवाˆ अ े िवचेतसः। ताोिहद िगवण- यिंशत.मा वह।।

े व.दिव-ातवदे ो िवपवत।् अिर


 ियमध  .िहत- व धु ी ह ्
 वम।।
ु े ण शोिचषा।।
 मिहकेरवˆ ऊतये- ियमेधा ˆअषत। राज.मराणा-मिं श

 घृताहवन स-ेमाˆ उ ¤ष ु ध


ु ी िगरः। यािभ कव सूनवो- हवे वस े ा।।

ु या-े हाय वोव।े ।


01.03.32 ािवम- हव े िव ु जवः। शोिचे श ं पि

 िन ा होतार.मृिज-िधरे वसिु वमम।् 


ु ण सथमँ- िवाˆ अे िदिविष।।

ु -ु तु सोमाˆ अिभ यः। बृहाˆ िबतो हिव-रे मताय दाशषु ।े ।
 आ ा िवाˆ अचव

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 42


 ा हृ त- सोमपये ाय स। इहा दै. नं- बिहरा सादया व
 ातय  सो~।।

 अवा.ै.न-मे य सितिभः। अय ं सोम दु ानव- ं पात ितरोअम।।

 1.46 एषो उषा इित पदशच सू, कावः वोिनौ-गायी।।



ु ित िया िदवः। षु े वामिना बृहत।।
01.03.33 एषो~ उषाˆ अपूा- 
ु ातरा- मनोतरा रयीणाम।् िधया देवा वसिु वदा।।
 या दा िसम

 वे वाकुहासो- जूणाया.मिध िविप। यां रथो िविभ ¤तात।।

 हिवषा जारो अपां- िपपित पपिु र नरा। िपता कुट चषिणः।।

 आदारो वां मतीना-ासा मतवचसा। पात ं सोम धृयु ा।।



01.03.34 या न पीपर.दिना- ोितती तम.िरः। ताम े रासाथा.िमषम।।

ु ाथा.मिना रथम।।
 आ नो नावा मतीनाँ- यात ँ पाराय गव।े य
ू ां रथः। िधया ययु 
 अिरँ वा.िव.ृथ-ु तीथ  िसन ु  इवः।।

 िदव.वासˆ इवो- वस ु िसन


ू ां पद।े ँ वि.ह िधथः।।

 अभू भाˆ उ अंशवे- िहरयं ित सूयः। .ियािसतः।।

01.03.35 अभू पार.मेतव-े पाˆ ऋत साधयु ा। अदिश िव िु त.िदवः।।

 तिद.दिनो रवो- जिरता ित भूषित। मदे सोम िपतोः।।


ु ंभ~
 वावसाना िववित- सोम पीा िगरा। मन ्
ू आ गतम।।

 यवु ोषाˆ अन ु ियं- पिरनो पाचरत।् ऋता वनथो अुिभः।।

 उभा िपबत.मि-नोभा न शम यतम।् अिवियािभ ितिभः।।

इित तृतीयााय माः।।

 ु
थमाके चतथाायः। वगाः(1-29)
ु ो बृहो यज
 1.47 अयं वािमित दशच सू, कावः वोिनौ-गाथः (अयज ु

तोबृहः)।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 43


ु म- तु ोमˆ ऋतावृधा। तमिना िपबत.िरोअ- ं
01.04.01 अय ँ वां मधम

रािन दाशषेु ।।

 िवरु ेण िवत


ृ ा सपु श
े सा- रथेना यात.मिना। कवासो वां  कृ व.रे- तेषां स ु

णतु  ं हवम।।
ु मं- पात ं सोम.मृतावध
 अिना मधम ्
ृ ा। अथा  दा वस ु िबता रथे- दाांस.मपु  गतम।।

  े बिहिष िववेदसा- मा य ं िमिम तम।् कवासो वां सतु सोमाˆ अिभवो- यवु ां
 िषध

हवे अिना।।

 यािभ कव.मिभििभ- ावत ँ यवु .मिना। तािभ ¤ 1(अ)ा अवतं शभु .ती~- पात ं

सोम मृतावध
ृ ा।।

01.04.02 सदु ासे दा वस ु िबता रथे- पृ ो वहत.मिना। रियं समु ा.त वा िदव-य े

ध ं पु हृ म।।

 यासा परावित- या ो अिध तवु शे। अतो रथेन सवु त


ृ ा नˆ आ गत-ं साकं सूय

रिमिभः।।

 अवाा वां सयोरियो- वह ु सव.नेप। इषं पृा सक


ु ृ ते सदु ानव- आ बिह

ीदत.रा।।

 तेन नासागत-ं रथेन सूयचा। येन श.हथ ु दाशषेु  वस-ु म ोम पीतये।।

 उ ेिभ रवा.गवस े पु वसू~- अक िन यामहे। श.वानां सदिस िय े िह कं - सोमं पपथ ु

रिना।।
ु ो बृहो यज
 1.48 सह वामेन ेित षोळशच सू, कावः व- उषाः- गाथः (अयज ु

तोबृहः)।।
ु ा िहत िदवः। सह 
01.04.03 सह वामने  नˆ उषो-  ु ने  बृहता िवभाविर- राया देिव

दाती।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 44


 अावती गमती िवसिु वदो- भूिर व वव।े उदीरय ित मा सूनतृ ाˆ उष- ोद राधो

मघोनाम।।

 उवा.सोषाˆ उा. न-ु देवी जीरा रथानाम।् ये अाˆ आचरणषे ु दिरे- समु े न व
 वः।।
ु ते- मनो दानाय सूरयः। अाह तवˆ एषा-वतमो नाम गृणाित
 उषो ये ते  यामेष ु य

नृणाम।।

 आ घा योषेव सूनय-ु षाˆ याित भ


ु ती। जरयी वृजन ं प.दीयत- उातयित पि णः।।

01.04.04 िव या सृजित समन ँ 1(अ)िथन- पद. वेोदती। वयो निक ¤े पिवांसˆ

आसते- ु ौ वािजनीवित।।


ु परावत- ूय.ोदयना.दिध। शत ं रथेिभ भ
 एषाय ्
ु गोषाˆ- इय ँ िव यािभ मानषु ान।।

 िव.माˆ नानाम च स-े जग.ोित.ृ णोित सूनरी। अप ेषो मघोनी िहता िदवˆ- उषाˆ

उ. दप िधः।।


ु - चेण िहत िदवः। आवही भूयं सौभग-ँ 
 उषˆ आ भािह भानना ु ी िदिविष।।

 ा िवभाविर- िु ध िचामघे


 िव िह ाणन.ीवन. े- िव यिस सूनिर। सा नो रथेन बृहत

हवम।।

01.04.05 उषो वाजं िह वं- य िो मानषु  े जने। तेनावह सक


ु ृ तो अरा उप- ये ा

गृणि वयः।।

 िवा.ेवा आ वह सोमपीत-येिर ा.ष म।् साास ु धाˆ गोम.दाव.1-



(अ)मषु ो वाजं सवु ीयम।।

 या शो अचय- ित भाˆ अ त। सा नो रियँ िववारं सपु श ्
े स-मषु ाˆ ददात ु स ु म।।

 ये िचि ामृषय पूव ऊतये- जु र ु े ण


े वस े मिह। सा न ोमा अिभ गृणीिह राध-सोष श

शोिचषा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 45


ु - िव ारा वण
 उषो यद भानना ृ वो िदवः।  नो यता.दवृकं पृथ ु िद-  देिव गोमती

िरषः।।

 सो राया बृहत ु ने  िवत.ु रोषो मिह- सँ वाज ै


 ा िवपेशसा- िमिमा सिमळािभरा। स

वािजनीवित।।

ु च सू, कावः व- उषा- अनु ुप।।
 1.49 उषो भेिभिरित चतऋ

01.04.06 उषो भेिभ रागिह- िदवि.ोचना.दिध। वह.णवˆ - उप ा सोिमनो



गृहम।।

 सपु श ु ं रथँ- यमाˆ उष.म।् तेना स


े स ं सख ु वस. नं- ावा िहत िदवः।।
 
ु .दजिन।
 वय.िे पतिणो- िप.त ु उष ार.ृत
ू रन-ु िदवो अे िर।।

ु ी िह रिमिभ- िव.माभािस रोचनम।् ता.ा.मषु वसूयवो- गीिभ कवाˆ अषत।।


  

 1.50 उ िमित योदशच सू, कावः व- ूय-नवाा गायः-

अातोनु भ ु
ु ः (अृचो रोग उपिनषदोधच िष इित गणः)।।

01.04.07 उ ातवेदस-ेव ँ वहि के तवः। श े िवाय सूयम।।

 अप े तायवो यथा- न ा युिभः। सूराय िवच से।।

 अ.म के तवो- िव रमयो जना अन।ु ाजो अयो यथा।।



 तरिण िवदशतो- ोितृदिस सूय। िव.माभािस रोचनम।।

 .ेवानाँ िवश- .द िे ष मानषु ान।् .िं श।े ।

01.04.08 येना पावक च सा- भरु य.ना अन।ु ँ वण पयिस।।

 िव ा.मेिष रज ृ-हा िममानो अुिभः। पय. जािन सूय।।

 स ा हिरतो रथे- वहि देव सूय। शोिचेश ँ िवच ण।।
ु स श
 अय ु वु - ूरो रथ नः। तािभयाित यिु िभः।।

 उय.मस िर- ोित.यˆ उरम।् देव.ेवा सूय-मग ोित मम।।


अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 46


ु रा.िवम।् ोग ं मम सूय- हिरमाण नाशय।।
 उ. िममह- आरोह.

 शकेु ष ु मे हिरमाणं- रोपणाकास ु दिस। अथो~ हािरवषे  ु मे- हिरमाण.ि दिस।।



 उदगा.दय.मािदो- िवेन सहसा सह। िषं मं रय-ो~ अहं िषत े रधम।।

  अथ पिरिशम।।

 ा-िदने  सहीयसा। अहँ यशिनाँ यशो- िवाप.मपु ादद।े ।


 शन ैिद सूयण

 उ. िव नो भज- िपता पु  ु  हेिशष-े त नो धेिह सूय।।


े ो यथा। दीघाय
् इित
 उ.ा िममहˆ- आरोह ँ िवच ण। पयेम शरद शत-ीवेम शरद शतम।।

पिरिशम।।

 1.51 अिभिमित पदशच सू, आिरस - इो-जगती-अे े िभ


ु ौ।।
 ो अणवम।् य ावो न
01.04.09 अिभ ं मेष ं पु त.मृि मय-िमं गीिभ.मदता व

िवचरि मानषु ा- भज


ु े मंिह.मिभ िव.मचत।।

 अभी.मव.िभि.मूतयो-िर ा.िवषीिभ रावृतम।् इ. ास ऋभवो मदतंु -

शतत.ु वनी सूनत ्


ृ ाहत।।

 ो.मिरोोवृणो रपो-ताय े शतरेष ु गातिु वत।् ससने  िचिमदा.यावहो वा-जाविँ 



वावसान नतय।।

 मपा.मिपधानावृणो रपा-धारय पवत े दानमु .स।ु वृ ँ यिद शवसावधी रिह-मािद.ूय

िारोहयो श।े ।
ु वजु त। ं िपो नृमण ाज परु - 
 ं मायािभ रप माियनोधम- धािभ य अिध शा

ऋिजान.हु े.
 ािवथ।।
ु हे.ािवथा-रयोितिथ वाय शरम।् महा.िदबदु .ि मी
01.04.10 ं श

पदा- सना.देव दहु ाय जि षे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 47


 े िवा तिवषी स .ि घता- तव राध ोमपीथाय हषते। तव व ििकते बाो िहतो- वृा

शो रव िवािन वृा।।

 िव जानी.ायान ्ये च दवो- बिहत े रया शास.दतान।् शाकी भव यजमान चोिदता-

िवेा ते सधमादेष ु चाकन।।

 अनु ताय रय.पता-नाभिू भ.िर थय.नाभवु ः। वृ िचधतो ािमन त- वानो

वो िव जघान सिहः।।


ु -
 त . उशना सहसा सहो- िव रोदसी मना बाधते शवः। आ ा वात नृमणो मनोयज

आ पूयमाण.मवह.िभ वः।।

01.04.11 मि यशन े का े सचा- इो व~ वतरािध ितित। उो यिय.िरप
ु  ंिहता ऐरय.रः
ोतसा सृज-ि श ु ।।

 आ ा रथँ वृषपाणेष ु ितिस- शायात भृता येष ु मस।े इ यथा सतु सोमषे ु चाकनो-

नवाणं ोकमा रोहसे िदिव।।

 अददाˆ अभा महत े वच ु त।े मेनाभवो वृषण सतो


 वे- क ीवत े वृचया.िम स ु ~-

िवेा ते सवनषे ु वाा।।


ु ो िनरेके- पषे  ु ोमो य न यूपः। अय ु ग ू रथय ु वसय
 इो अािय स ू -ु िरˆ इायः

 यित या।।

 इद.मो वृषभ ु ाय तवसेवािच। अि.ि वृजने सववीरा- .ूिरिभ


 ाय राजे- सश

व शम.ाम।।

 1.52 ं स ु मेषिमित पदशच सू, आिरस - इो-जगती-योदये िभ


ु ौ।।
01.04.12 ं स ु मेष ं महया  ु  ाक.मीरत।े अ. वाजं हवनदं
 िवदं- शत ँ य स

रथ- मेँ ववृा.मवस े सवृु ििभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 48


 स पवतो न धणे.तु - हमिू त िवषीष ु वावध
ृ ।े इो य
ृ .मवधी.दीवत ु .णािस
ृ -म

जषाणो असा।।

 स िह रो.िरष ु वˆ ऊधिन- चबु ो मदव


ृ ो मनीिषिभः। इ.मे पया िधया-

मंिहराितं स िह पि.रसः।।

 आ यं पृणि िदिव सबिहष- मु . स


ु 1 (अ)ाˆ अिभयः। तँ वृह े अनतु  ु

ु ाˆ इ.मवाताˆ अतवः।।


तय- श
ु तो- री.िरव वण े स ु तयः। इो यी धृषमाणो असा-
 अिभ वृिं मदे अ य

िभन.ल पिरधीिरव ितः।।

01.04.13 परी.ृणा चरित ितिष े शवो-पो वृी रजसो बु .माशयत।् वृ यवण े

ृ नो- िनजघ हो िर ततमु ।।
गिभ
ु  ँ वावध
 द. िह ा ृष.ूमयो- ा.णी तव यािन वधना। ा िचे य ृ  े शव- त 

व .मिभभू.ोजसम।।

ृ त~- िव वृ ं मनषु े गातयु .पः। अयथा बाो व.मायस-


 जघा उ हिरिभ ंभत

मधारयो िदा सूय.श।े ।

 बृह..ममव.1-(अ)मकृ  वत िभयसा रोहण.िवः। यानषु धनाˆ इ.मूतय-

 ¤नृषाचो मतोमदन।ु ।

 ौि.दामवा अहे ना-दयोयवी.ियसा वˆ इ ते। वृ यधान रोदसी- मदे

सतु  शवसािभन. िरः।।

01.04.14 यिद.ि पृिथवी दशभिु ज- रहािन िवा ततन कृ यः। अाह ते मघव.ितु  ं

सहो- ामन ु शवसा बहणा भवु त।।

 म पारे रजसो ोमन- भूोजाˆ अवस े धृषनः। चकृष े भूिमं ितमान.मोज-सोप

~ पिरभ ू रेा िदवम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 49


 ं भवु  ितमानं पृिथाˆ- ऋवीर बृहत पितभः।
ू िव.मााˆ अिर ं मिहा- स

मा निक र ावान।।

 न य ावापिृ थवी~ अन ु चो- न िसवो रजसो अ.मानशः।


ु नोत वृिं मदे अ

ु तˆ- एको अ.कृषे िव.मानषु क।।
य

 आच. मत ि.ाजौ- िवे देवासो अमद.न ु ा। वृ यृिमता वधने - िन िम

ान.घ।।

 1.53 ू ष ु वाचिमेकादशच सू, आिरस - इो- जगती-अे े िभ


ु ौ।।
01.04.15 ू3(ऊ) ¤ष ु वाचं  महे भरामहे- िगरˆ इाय सदन े िववतः। नू िचि रं

ससतािम.वािवद- ¤िु त िवणोदषे  ु शते।।

 रो अ रˆ इ गोरिस- रो यव वसनु ˆ इनितः। िश ानर िदवो अकामकशन-

खा सिख िमद.ृणीमिस।।


ु .मम
 शचीवˆ इ पकृ ु - तवेिदद.मिभत ेिकते वस।ु अत ृ.ािभभूत आ भर- मा

 ो जिरतु काम.मूनयीः।।
ायत
ु नाˆ एिभ िरिभ- िनानो अमित.ोिभ रिना। इेण द.ु रयˆ इिभ-
ु म
 एिभ िभ

यतु ेषस िमषा रभम


े िह।।
ु  ै रिभिु भः। सेा मा वीरश
े िह- सँ वाजेिभ प
 सिम राया सिमषा रभम ु या-

गोअय
 ाावा रभेमिह।।

01.04.16 ते ा मदाˆ अमद.ािन वृा- ते सोमासो वृहेष ु सते। यारवे दश

वृा.यि त- बिहत े िन सहािण बहयः।।

 यधु ा यधु .मपु  घेदिे ष धृयु ा- परु ा परंु  सिमदं हंोजसा। ना यिद सा परावित- िनबहयो

नमिु च.ाम माियनम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 50


 र.मतु पणयँ वधी- ेिज.याितिथ व वतनी। ं शता वृद.ािभन.-रो
ु नानदु 

पिर¤षूताˆ ऋिजना।।

 मेता.नरा ो िदशा-बनु ा स


ु व.सोपज मषु ः। षिं सहा नवित.व तु ो- िन चेण रा

ृ क।् ।
दावण
ु वस. वोितिभ- व ामिभ िर तूवयाणम।् म ै कु.मितिथ व.माय-ं ु महे
 मािवथ स

रा  े यून े अरनायः।।

 य उ.ची देवगोपा- खाय े िशवतमाˆ असाम। ां ोषाम या सवु ीराˆ- ाघीयˆ

आयु तर.धानाः।।

 1.54 मा नो अििेकादशच सू, आिरस - इो- जगती-षमी

नवेकादयिभ
ु ः।।
01.04.17 मा नो अि.घव.ृहं िस- निह ते अ शवस परीणशे। अयो

नो3(ओ) रोव
 ना- कथा न ोणी िभयसा समारत।।
ु शवसा रोदसी
 अचा शाय शािकने शचीवते- व.िमं महय.िभ ¤िु ह। यो धृना

े - वृषा वृषा वृषभो ृते।।


उभ~

 े शू1 (अँ) वच-   ँ य धृषतो धृष.नः। बृहवाˆ असरु ो बहणा
 अचा ि दव े बृहत

कृ त- परु ो हिराँ वृषभो रथो िह ¤षः।।

 ान ु कोपयो-व ना धृषता शरं िभनत।् याियनो िनो मिना धृष-
 िवो बृहत

िता.भि.मशिनं पृत
 िस।।

 िन यण ु  िचिनो रोव. ना। ाचीनेन मनसा बहणावता- यदा 


ृ ि  सन मूधिन- श
िचृणव का पिर।।

01.04.18 मािवथ नय.वु शँ य-.वु ितँ व ं शततो~। ं रथ.मेतश. े धने-
ु नवित.यो नव।।
ं परो

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 51


 स घा राजा सित शूशवु .नो- रातहित यशास.िमित। उा वा यो अिभगृणाित

राधसा- दानरु ा उपरा िपते िदवः।।

 असम..मसमा मनीषा-  सोमपाˆ अपसा स ु नेम।े ये त इ दषो वधयि- मिह  ं

िवरँ वृ
 ।।
ु .े देत े बलाˆ अि धा- मू¤षद मसाˆ इपानाः। िह
 त ु तपया क
 ाम.मेषा-मथा मनो

वसदु य
े ाय कृ ।।

 अपा.मित.णर.मो- वृ जठरेष ु पवतः। अभी.िमो नो विणा िहता- िवाˆ

अन¤ु ा वण


 षे  ु िजते।।
ु .म-े मिह .नाषा.िळ तम।् र ा च नो मघोन पािह सूरी- ाय े
 स शेवृध. मिध धाˆ 

चन पा इष े धाः।।

 1.55 िदवििदच सू, आिरस - इो- जगती।।

01.04.19 िदविद विरमा िवपथ- इ मा पृिथवी चन ित। भीम िु वा.षिणˆ

आतप- िशशीत े व.ेजस े न वंसगः।।

 सो अणवो न न मिु य- ित गृाित िविताˆ वरीमिभः। इ ोम पीतये वृषायते-
ु ˆ ओजसा पनते।।
सनाˆ य

 .िम पवत.  भोजस-े महो नृ धमणा.िमरिस।  वीयण


 देवताित चेिकते-

िवा उ कमण े परु ोिहतः।।


ु वचते- चा जनेष ु वु ाणˆ इियम।् वृषा छ भवित हयतो वृषा- म
 स इने नमिभ े ण
े 

धेनां मघवा यिदित।।


ु ˆ ओजसा जनेः। अधा चन
 स इहािन सिमथािन मना- कृ णोित य  धित िषीमत
  -

इाय व.िघिनते वधम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 52


01.04.20 स िह व ु दनािन कृ िमा- या वृधानˆ ओजसा िवनाशय।् ोतिष

ृ ािण यव-े व स


कृ व.वक ्
ु त ु तवा अप ृजत।।

 दानाय मन ोमपाव. ु ते-वाा हरी~ वन.ु दाकृ िध। यिमास ारथयो य इ ते- न

ा के ताˆ आ दवि भूणयः।।

 अि तँ वस ु िबभिष हयो- रषा सह ि तु ो दध।े आवृतासो वतासो न कतिभ
ृ - नषू  ु

ते तवˆ इ भूरयः।।

 1.56 एष  पूविरित षळच सू, आिरस- इो- जगती।।

01.04.21 एषˆ  पूव रव त चिषो-ो न योषा.मदु य


ं भवु िणः। द  ं महे पाययते

िहरययं- रथ.माव ्
ृ ा हिरयोग.मृसम।।

 तूतयो नेम.िष परीणस- मु . सरण े सिनवः। पित.  िवदथ नू सहो-

िगिर. वेनाˆ अिध रोह तेजसा।।

 स तवु िण महा अरेण ु पे- िगरे भृिन ाजते तज


ु ा शवः। येन शं
ु  माियन.मायसो मदे- 

ˆआभषू  ु रामय.ि दामिन।।


ु शवसा बाधत े तमˆ- इयित
 देवी यिद तिवषी ावृधोतय- इं ¤िसष.षु स. सूयः। यो धृना

रेण ं ु बृह.दहिरिणः।।

 िव यिरो धण.मतु  ं रजो-ित¤िपो िदवˆ आतास ु बहणा। मे यद इ हाह-ृ

िरपा.मौो अणवम।।

 िवो धण.िष ओजसा- पृिथाˆ इ सदनषे  ु मािहनः। ं सतु  मदे अिरणाˆ अपो- िव

वृ समया पााजः।।

 1.57  मंिहायेित षळच सू, आिरस - इो-जगती।।


ु ाय तवसे मितं भरे। अपा.िमव वण े य धरं-
01.04.22  मंिहाय बृहत े बृहय-े सश

राधो िवाय ु शवस े अपावत ्


ृ म।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 53


 अध ते िव.मन ु हास.िदयˆ- आपो िनवे  सवना हिवतः। यवत े न समशीत हयतˆ- इ

व िथता िहरययः।।


ु  आ भरा पनीयसे। य धाम वस े नामेिय-ोित
 अ ै भीमाय नमसा समर- उषो न श

रकािर हिरतो नायस।े ।

 इम े त इ ते वय पु ¤त


ु - ये ार चरामिस भूवसो~। निह दो िगवणो िगर घ-
ोणीिरव ित नो हय तचः।।

 भूिर त इ वीय1(अ)व - ोत ु मघव.ाममा पृण। अन ु ते ौबृहती वीय मम-

इय. ते पृिथवी नेम ओजस।े ।

 .िम पवत ं महा.मु ँ - वेण वि.वश कितथ। अवासज


ृ ो िनवृता तवा अप- ा

िव.िधषे के वलं सहः।।

 1.58 नू िचिदित नवच सू, गौतमो नोधा- अि-जगती अातिभ


ु ः।।
01.04.23 नू िचहोजाˆ अमत ु ते- होता यतू ो अभव.िवतः। िव सािधिे भ
ृ ो िन त

पिथभी रजो मम- आ देवताता हिवषा िववासित।।

 आ म यवु मानो अजर- ृिव.तसषे  ु ितित। अो न पृं िु षत रोचते- िदवो न

सान ु नय.िचदत।।

 ाणा ेिभ वसिु भ परु ोिहतो- होता ¤िनषो रियषा.ळमः। रथो न िव.ृ सानˆ आयषु -ु

ानषु . वाया देवˆ ऋवित।।

ू ो अतसषे  ु ितते- वृथा जु िभ ृया तिु व¤िणः। तृष ु यद े विननो वृषायसे-
 िव वातजत

कृ  एम शम अजर।।


ु ो वन आ वातचोिदतो- यूथ े न साा अव वाित वंसगः। अिभज.ि त ं पाजसा रज-
 तपज

ात ु रथं भयते पतिणः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 54


01.04.24 दधु ा भृगवो मानषु 
े ा- रिय. चां  सहु व.नेः। होतार.मे अितिथँ वरेयं-

िम. शेव.िाय जन।े ।

 होतारं स जु ो3(ओ) यिज-ँ यँ वाघतो वृणते अरेष।ु अिँ िवेषा.मरितँ वसूनां- सपयािम

यसा यािम रम।।

 अिा सूनो~ सहसो नो अ- ोत


ृ ो िममह शम य। अे गृण.मंहस- उ.ोज

नपा.ूिभ रायसीिभः।।

 थ.ृणत े िवभावो- भवा मघव.घव. शम। उ.ाे अंहसो गृणं- ात म  ू


 भवा व

िधयावस ु जगात।।

 1.59 वया इित सच सू, गौतमो नोधा- वैानरोि-िुप।।

01.04.25 वयाˆ इद े अय े अ-े े िवे अमत


ृ ाˆ मादये। वैानर नािभ रिस

ि तीनां- ूणवे  जना उपिम.य।।

 मूधा िदवो नािभ रि पृिथाˆ- अथा भव.दरती रोदोः। ता देवासोजनय देव-ँ वैानर

ोित िरदायाय।।

 आ सूय  न रमयो वु ासो- वैानरे दिधरेा वसूिन। या पवत.े ोषधी.-ु या मानषु .े िस

त राजा।।
ु ो3( ओ) न द ः। वते सश
 बृहतीइव~ सूनवे रोदसी िगरो- होता मन ु ाय पूव- वानराय

नृतमाय यीः।।

 िदव.ि े बृहतो जातवेदो- वैानर  िरिरचे मिहम।् राजा कृ ीना.मिस मानषु ीणाँ- यधु ा देव
े ो

विरव कथ।।

  नू मिह ँ वृषभ वोचँ- यं पूरवो वृहणं सच।े वैानरो द.ु मि जघ
 ा- अधूनो.ाा

अव शरं भेत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 55


 वैानरो मिहा िवकृ ि- भराजषे ु यजतो िवभावा। शातव
 नये े शितनीिभ रि- पु णीथ े जरते

सूनतृ ावान।।

 1.60 विं यशसिमित पच सू, गौतमो नोधा- अि-िुप।।

01.04.26 विँ यशसँ िवदथ के त-ं ु सु ा.त ं सोअथम।् िजान ं रियिमव श-ं

राितं भर.ृगव े मातिरा।।

 अ शास ु भयास चे- हिवˆ उिशजो ये च मताः। िदवि.ूव सािद होता-

पृो िवपित िव ु वेधाः।।


ु ीित मधिु ज.मयाः। यमृिजो वृजने मानषु ास-
 तसी दˆ आ जायमान-म.क

यˆ आयवो जीजन।।

 उिश.ावको वस ु मानषु षे -ु वरेयो होताधािय िव ।ु दमूना गृहपित दम आ- अि

भवु .ियपती र यीणाम।।
ु वाजभ
 ता वय ं पित.मे रयीणां-  शंसामो मितिभ गतमासः। आश ं रं मजय- ात म ू

िधयावस ु जगात।।

 1.61 अा इिित षोळशच सू, गौतमो नोधा- इ-िुप।।

01.04.27 अा इ  तवसे तरु ाय- यो न हिम ोमं मािहनाय। ऋचीषमा.यािगव ओह-

िमाय ािण राततमा।।

 अा इ यइव  यंिस- भरा.ाूष ं बाधे सवृु ि। इाय दा मनसा मनीषा- ाय पे िधयो

मजय।।

 अा इ मपु म ं षा- भरा.ाूष.माने । मंिह.मोििभ मतीनां- सवु िृ िभ ूिरँ

वावध
ृ ।ै ।

 अा इ ोमं सं िहनोिम- रथ. तेव तिनाय। िगर. िगवाहसे सवृु -ीाय िविमं

मेिधराय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 56


 अा इ सि.िमव व-ेायाक.ु ा3(आ) सम।े वीर.ानौकस ँ वै- परु ा.ूतवस

.माणम।।

01.04.28 अा इ ा त .ं- पमं य1(अ) रणाय। वृ िचिद.ेन मम-

तज ु ता िकयध


ु .ीशान ज े ाः।।

 अे  मात ु वनषे ु सो- मह िपत ं ु पिपवा.ावा। मषु ाय िु पचत ं सहीया-ि.राह

.िरो अि.मा।।

 अा इ ाि. ेवपी-िरायाक.मिहह ऊवःु ~। पिर ावापिृ थवी~ ज उव
 ~- ना ते~

मिहमानं पिर ¤ः~।।

 अ.े देव  िरिरचे मिह-िव ृिथा पयिर ात।् रा.िळो दम आ िवगूत- िर

रमो वव  े रणाय।।

 अ.े देव शवसा शषु ँ- िव वृ.ेण वृ.िमः। गाˆ न ाणाˆ अवनी रम-द
ु िभ वो दावने

सचेताः।।

01.04.29 अे  ेषसा र िसव- पिर येण सीमयत।् ईशानकृ.ाशषेु  दश-

वु तय े गाध.वु िण कः~।।


ु ानो- वृाय व.मीशान िकयेधाः। गोन पव िवरदा ितर-
 अा इ  भरा तूतज

ेणा.पा.रै।।

 अे  ूिह पूािण- तरु  कमािण नˆ उ ैः। यधु े यिदानˆ आयधु ा-ृघायमाणो

िनिरणाित शून।।
ु त~
 अे  िभया िगरय ाˆ- ावा च भूमा जनषु जे े । उपो~ वेन जोगवु ान ˆओिणं-

सो भवु .ीयाय नोधाः।।

 अा इ दन ु दाेषा-मेको य े भूरे रीशानः।  ैतश ं सूय  पृधान-ं सौव े ¤सि
ु .माव

.िदः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 57


  े हािरयोजना सवृु -ी ािण गोतमासो अ।् ऐष ु िवपेशस.िया- ात म ू
 एवा त

िधयावस ु जगात।।

इित चतथाायः।।

 थमाके पमाायः। वगाः(1-31)



 1.62  मह इित योदशच सू, गौतमो नोधा- इ- िपु ।।

01.05.01  महे शवसानाय शूष-माूष.िवणसे अिरत।् सवु िृ िभ वु त ऋि मया-

याचामाक.रे िवतु ाय।।

  वो महे मिह नमो भर-माू ं शवसानाय साम। येना न पूव िपतर पद ाˆ- अचो

अिरसो गाˆ अिव।।

 इ.ािरसा.ेौ- िवद.रमा तनयाय धािसम।् बृहित िभन.दिँ िवदा- मिु यािभ

वावश नरः।।

ु ा स भु ा स िव-ै रेणािं  य3(ओ) नव वैः। सर यिु भ फिलग.िम श-
 स स¤ु भ

वलं रवेण दरयो दश वैः।।

  गोिभ रः। िव भूाˆ अथयˆ इ सान-ु िदवो रजˆ


 गृणानो अिरोिभ द िवव-षसा सूयण

उपर.मभायः।।

 रे यपराˆ अिप-


01.05.02 त य तम.म कम- द चातम.मि दंसः। उप

णसो न1(अ) तः।।

 िता िव व े सनजा सनीळे~- अया वमानेिभ रकः। भगो न मेन~


े परम े ोम-धारय

.ोदसी सदु स
ं ाः।।

 सना.िवं पिर भूमा िवप~ ु यवु ती~ ेिभ रेवःै । कृ 


े - पनु भवा  िे भ रोषा शि- वपिु भ रा

चरतो अाा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 58


 सनेिम स ं पमान- ून ु दाधार शवसा सदु स
ं ाः। आमास ु िचिधषे प.म~- पय

कृ ास ु श.ोिहणीष।।

 सना.नीळाˆ अवनी रवाताˆ- ता र े अमत ु  सहा जनयो न पी-


ृ ा होिभः। प

वि सारो अयाणम।।

01.05.03 सनायवु ो नमसा नो अक- वसय


ू वो मतयो द दुः। पित पी शती शं-

ृशि ा शवसाव.नीषाः।।

 सना.देव तव रायो गभौ- न ु ा इ धीर-


ीय े नोप दि द। मु ा अिस तम

िश ा शचीव व न शचीिभः।।

 सनायत े गोतमˆ इ न-मत . हिरयोजनाय। सनु ीथाय न शवसान नोधा- ात म  ू

िधयावस ु जगात।।

 1.63 ं महािनित नवच सू, गौतमो नोधा इिुप।।
ु - ावा ज ान पृिथवी~ अमे धाः। य ते िवा िगरय
01.05.04 ं महा इ यो ह शै

िदा- िभया ास िकरणाˆ न ैज।।

 आ यरी~ इ िवताव-े रा ते व.िरता बाो.धात।् येना िवहयततो~ अिमा-रु ˆ



इािस पत पूवः।।

 ं सˆ इ धृ ु रेता-मृभ ु ाˆ नयं षाट ्। ं श


ु  ँ वृजने पृ आण
 ौ- यून े कुाय मु ते

सचाह।।
ु ाः। य शूर वृषमण पराच ै- िव दू यना
 ं ह िद चोदी खा- वृ ँ यि.ृषकम.

वकृ तो वृथाषाट ्।।

 ं ह िदािरषय- िचताना.मजु ौ। 1(अ)दा काा अवत े व-घनवे 



वि.िथ. िमान।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 59


01.05.05 ां ह िदाणसातौ- मे नरˆ आजा हवे। तव धावˆ इयमा समय
 -

ऊि त वाजे.तसाा भूत।।
ु -रु ो वि.ु कुाय ददः~। बिहन यदु ासे वृथा व-गहो राज
 ं ह िद स य

.िरव पूरवे कः~।।

  ाˆ इ देव िचा-िमष.मापो नपीपय पिर।् यया शूर ँ यंिस- न.मूज.

िवध र ै।।

 अकािर त इ गोतमिे भ- ा.योा नमसा हिराम।् सपु श


े स ँ वाज.माभरा न- ात म ू

िधयावस ु जगात।।

 1.64 वृ े शधायेित पदशच सू, गौतमो नोधा मतो जगती अा िुप।।

01.05.06 वृ े शधाय समु खाय वेधसे- नोध वु िृ ं  भरा म
 ः। अपो न धीरो मनसा

सहु ो- िगर म े िवदथे.ाभवु ः।।

 ते जि रे िदवˆ ऋासˆ- उ णो  मयाˆ असरु ाˆ अरेपसः। पावकास शच
ु य ूयाइव-

सानो न िनो घोरवपसः।।

 यवु ानो ाˆ अजराˆ अभो घनो- वव ु रिगाव पवताइव। ा िचिा भवु नािन पािथवा- 

ावयि िदािन मना।।

 िच ै रििभ वपषु  े ते- व  ु ा अिध येितरे शभु ।े अंस.े ेषा.ििमम ृ रु ् ऋय-

ाक.ि रे धया िदवो नरः।।

 ईशानकृतो धनु यो िरशादसो- वाता.ितु  िवषीिभ रत। ह.ूध िदािन धूतयो- भूिमं

िपि पयसा पिरयः।।

01.05.07 िप.पो मत दु ानव- पयो घृतव.िदथे.ाभवु ः। अ. िमहे िव नयि

ु .हि नय.मि तम।।
वािजन-म

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 60


ु दः। मृगाइव हिन खादथा  वना-
 मिहषासो माियन िभानवो- िगरयो न तवसो रघ

यदाणीष ु तिवषी रय ु म।।

 िसंहाइव नानदित चेतस- िपशाइव सिु पशो िववेदसः। पो िज पृषतीिभर ् ऋििभ-

िम.बाध शवसािहमवः।।

 रोदसी आ वदता गणियो- नृ¤षाच शूरा शवसािहमवः। आ वरु .े मितन दशता-
ु तौ मतो रथेष ु वः।।
िव

 िववेदसो रियिभ मोकस- ंिमास िवषीिभ िवरिनः। अारˆ इष.ु िधरे गभो-
ु ाˆ वृषखादयो नरः।।
रनश

ृ ˆ- उि आपो3(ओ)न पवतान।् मखाˆ अयास


01.05.08 िहर ययेिभ पिविभ पयोवध

सतृ ो वु तो


ु - कृतो मतो ाज.यः।।

 रु .वसं मात.ण-मृजीिषणँ


 घृष ं ु पावकँ विननँ िवचषिणं-  सून ं ु हवसा गृणीमिस। रज

वृषण ं सत िय।े ।

  नू स मत शवसा जना अित- तौ वˆ ऊती मतो यमावत। अवि वाजं भरते धना नृिभ-

राप
ृ . त.ु मा िे त प
ु ित।।

 चकृं मत पृ ु ¤र-मु ं श


ु  ं मघव ु धन। धन
 त ु  ँ िवचषिण-ोकं
ृ .म
ु म
प े  तनय ं शत ं िहमाः।।

 नू ¤िरं मतो वीरव-मृतीषाहं रिय.मास ु ध। सहिणं शितनं शूशवु ांस-ं ात म  ू

िधयावस ु जगात।।

 1.65 पा नेित दशच सू, शाः- पराशरोि- िपदािवराट ्।।

01.05.09 पा न ताय.ु हु ा चत-मो यज ्


ु ान.मो वहम।।

 सजोषाˆ धीरा पद ै रन ु म-पु ा सीद.िे यजाः।।

 ऋत देवाˆ अन ु ता ग-ु भवु .िरि ौन भूम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 61


ु ि-मृत योना गभ सजा
 वध.ीमाप पा सिश ्
ु तम।।

 पिु  न रवा ि ित न पृी- िगिर न भ


ु ोदो न शंभ।ु ।

 अो ना.गत- ि ु न ोद कˆ  वराते।।


ू ां ातेव ा-िमा राजा वना.ि।।
 जािम िन

ू ो वना ा-दिह दाित रोमा पिृ थाः।।


 यातजत

 िस. ु हंसो न सीद-ा चेितो िवशा.मषु भतु ।।

 सोमो न वेधाˆ ऋतजात- पश ु न िशा िवभ ु रेभाः।।

 1.66 रियनित दशच सू, शाः- पराशरोि- िपदािवराट ्।।

01.05.10 रिय न िचा सूरो न स-गायनु ाणो िनो न सूनः।।


 ता न भूिण वना ¤िसषि- पयो न धेन ु शिु च िवभावा।।



े  मोको न रवो- यवो न पो जेता जनानाम।।
 दाधार म
ु िव ु शो- वाजी न ीतो वयो दधाित।।
 ऋिष न ा

 रोकशोिच त ु न िनो- जायवे  योना वरँ िव ै।।

 िचो यदा. वेतो न िव -ु रथो न ी ेष म।ु ।

 सेनवे सृामधा- ु न िद.ु ेषतीका।।



 यमो ह जातो यमो जिन-ार कनीनां पित जनीनाम।।

 तँ व राथा वय ँ वसा- गावो न  इम।।

 िसनु ोद  नीची रैनो-व गाव 1(अ)शीके।।

 1.67 वनेिित दशच सू, शाः- पराशरोि-िपदािवराट ्।।



01.05.11 वनेष ु जाय ु मतष ु िमो- वृणीत े िु ं राजे.वाजयु म।।

े ो न साधु त ु न भो- भवु .ाधी हता हवाट ्।।


 म

 हे दधानो नृा िवा-मे देवा.ा.हा ्


ु िन¤षीद।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 62



 िवद.ी.म नरो िधयाˆ- दा या.ा अशंस।।

 अजो न ा.ाधार पृिथवी- ां मेिभ  ैः।।

 िया पदािन पो िन पािह- िवाय ु रे गहु ा गहु .ाः।।


ु भव-मा य साद धारा.मृत।।
 यˆ ईिकेत गहा

 िव ये चृत.ृता सपˆ- आिद.सूिन ववा.चा ै।।

 िव यो वी ु रोध.िह-ोत जाˆ उत स.ू ः~।।

 िचि रपा.मे िवाय-ु ेव धीरा ंमाय चुः।।

 1.68 ीणिित दशच सू, शाः- पराशरोि-िपदािवराट ्।।

01.05.12 ीण.पु ा.िवं भरु य-ु ात ु रथ.मू.ण ्


ू त।।

 पिर यदेषा.मेको िवेषां- भवु .ेवो देवानां मिहा।।

 आिदे िवे त.ु षु - शा


ु .ेव जीवो जिनाः।।

 भज िवे देव.ाम- ऋत ं सपो अमत


ृ . मेवःै ।।

 ऋत ेषाˆ ऋत धीित- िवाय ु िवे अपांिस चुः।।


ु .ाशा.ो वा ते िश ा-ै िचिका.िय.य।।
 य

 होता िन¤षो मनो रप-े स िचासां पती  र यीणाम।।

 इ रेतो िमथ नषू -ु सानत ै द ै रमूराः।।

 िपत ु न पु ा त.ु षु - ोष.े अ शास.रु ासः।।

 िव रायˆ औण.रु  पु ु - िपपश


े  नाकं  ृिभ दमूनाः।।
ु इित दशच सू, शाः- पराशरोि-िपदािवराट ्।।
 1.69 श
ु शश
01.05.13 श ु 
ु ा उषो न जार- पा समीची~ िदवो न ोितः।।

 पिर जात ा बभूथ- भवु ो देवानां िपता पु ।।

 वेधाˆ अो अि िवजान-ूधन गोनां ाा िपतूनाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 63


 जने न शेवˆ आय -े िन¤षो रवो रोण।े ।

 पु ो न जातो रवो रोण-े वाजी न ीतो िवशो िव तारीत।।

 िवशो यदे नृिभ नीळाˆ- अि दवा िवा.याः।।

 निक¤ एता ता िमनि- नृो यदे िु .कथ।।

 त ु ते दंसो यदह.मान ै- नृिभ य


ु ो िवव े रपांिस।।

 उषो न जारो िवभा.वो- ं ातप िके त.द ै।।

 ना वहो रो ृव-व िवे 1(अ)शीके।।

े क
 1.70 वनेम े ादशच सू, शाः- पराशरोि-िपदािवराट ्।।
ु ोको िवा.याः।।
01.05.14 वनमे  पूव रय मनीषा- अि श

 आ दैािन ता िचिका- ना मानषु  जन ज।।



 गभ यो अपा.भ वनाना-भ ाता.भ रथाम।।

 अौ िचदा अ रोण-े िवशा िवो अमत


ृ  ाधीः।।

 स िह पावा अी रयीणा-ाश ो अा अरं सूैः।।



 एता िचिको भूमा िन पािह- देवाना. मता िवान।।

ु रथ.मृतवीतम।।
 वधा ं पूवः पो िवपा- ात

 अरािध होता 1(अ)िन¤ष- कृ  व.िा.पांिस सा।।

 गोष ु शिँ वनेष ु िधषे- भर िवे बिलं णः।।

 िव ा नर पु ा सपय-ितनु िजेिव वेदो भर।।

 साध ु न गृ ु रेव शूरो- यातेव भीम ेष म।ु ।



 1.71 उप  िजिित दशच सू, शाः- पराशरोि-िपु ।।
ु ती शं- पित. िन.नय नीळाः। सारयावी
01.05.15 उप  िज.श

.मषी.मज-ि ु ी.मषु स. गावः।।
.म

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 64


 वीळु िचा िपतरो नˆ उ ै- रिं  ज.िरसो रवेण। चु िदवो बृहत
 ो गात.ु म-े अह~

िविव के त.ु म


ु ाः।।

 दध.ृत.नय. धीित-मािद.दय िदिधो3(ओ) िवभृाः। अतृी रपसो या-

देवा. ज यसा वधयीः।।

े हृ े येतो जेो भूत।् आद रा  े न सहीयसे सचा- सा


 मथी.द िवभृतो मातिरा- गृहग

1(अ) भृगवाणो िववाय।।

 महे यि   रस-िव े क रवर.ृश ििकान।् सृज.दा धृषता िद ु म-ै



ाया.ेवो िहतिर ििष.ात।।
ु .म आ िवभाित- नमो वा दाशा.शतो अन ु ून।् वध~ अे वयो
01.05.16  आ य

अ िबहाˆ- यास.ाया सरथँ यनु ािस।।

 अिँ िवाˆ अिभ पृ  चे- समु  वत  यीः। न जािमिभ िव िचिकते वयो नो-

िवदाˆ देवषे  ु मित.ििकान।।

 आ यिदष े नृपित.ेजˆ आन-ि च रेतो िन¤िष.ौ रभीके । अि शध.मनव ँ यवु ान-ं

ा.नय.ूदय।।

 मनो न योन ˆ ए-ेक ा सूरो वˆ ईशे। राजाना िमावणा सपु ाणी~- गोष ु िय

ृ  ं र माणा।।
ममत

 मा नो अे सा िपािण-  मिषाˆ अिभ िव ¤िव ।् नभो न प.िरमा िमनाित-

परु ा ताˆ अिभश े रधीिह।।



 1.72 िन काेित दशच सू, शाः- पराशरोि-िुप।।
ु िण। अि भवु .ियपती रयीणां-
01.05.17 िन काा वेधस शत - हे दधानो नया प

सा चाणो अमत


ृ ािन िवा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 65


ृ ाˆ अमूराः। मयवु  पदो िधया-
 अ े वं पिर¤ष िव-िो िवे अमत

ु पद े परम े चावःे ।।


ु य पयान।् नामािन िचिधरे यि या-सूदय
 ितो यद े शरद ािम-िच.ृतने  शच
ु ाताः।।
त1(अ) ज

 आ रोदसी बृहती~ वेिवदाना-  िया जिरे यि यासः। िवद.त नेमिधता िचिका-निं

पद े परम े तिवांसम।।
् िरिरांस  कृ वत ा- खा
 सानानाˆ उप सीद.िभ -ु पीवो नम. म~।

स ु िनिमिष र माणाः।।

01.05.18 ि  या ृ  ं सजोषा-


ु िन े इ-दािवद.ििहता यि यासः। तेभी र े अमत
पश.ू  ात.ॄ रथ पािह।।

 िवा अ े वयनु ािन ि तीनां- ानषु .धो जीवसे धाः। अिवा अनो देवयाना-नतो

तो अभवो हिववाट ्।।

 ाो िदवˆ आ स यी- रायो रो ृत ाˆ अजान।् िवद.ं सरमा .मूव- येना न
 ु कं 

मानषु ी भोजत े िवट ्।।


ु कृ  वानासो अमृताय गातमु ।् मा महि पृिथवी िव त-े
 आ ये िवा पािन त-

माता पु ै रिदित धायस े वेः~।।

ृ ाˆ अकृ व।् अध रि िसवो न सृा-


 अिध िय.ि दध ु ा.मि-िवो यद ी~ अमत

 नीची रे अषी रजान।।

 1.73 रियनित दशच सू, शाः- पराशरोि-िुप।।

01.05.19 रिय न य िपतिृ वो वयोधा- ु णीित ििकतषु ो न शासःु । ोनशी रितिथ न

ीणानो- होतेव स िवधतो िव तारीत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 66


 देवो न य िवता समा- ा िनपाित वृजनािन िवा। पु  शो अमित न सˆ-

आवे  शेवो िदिधषाो भूत।।

 देवो न य पृिथव िवधायाˆ- उप िे त िहतिमो न राजा। परु द शमसदो न वीराˆ- अनवा

पितजेु व नारी।।

 ता नरो दम आ िन.िम-मे सच ि ितष ु वु ास।ु अिध 
ु .ि दध ु भूयि-वा

िवाय ु धणो रयीणाम।।

 िव पृ ो अे मघवानो अय-ु िवसूरयो ददतो िव.मायःु । सनमे  वाजं सिमथ.े य- भाग.ेवषे  ु

वस े दधानाः।।

01.05.20 ऋत िह धेनवो वावशाना- ु ितं


ी पीपय भु ाः। परावत म

िभ माणाˆ- िव िसव मया स ु रिम।।

 े अ े समु ितं िभ माणाˆ- िदिव वो दिधरे यि यासः। ना च चु षसा िवप~
े - कृ 
 

वण.मण. सःु ~।।

 यााय े मता.¤ु षूदो अे- ते ाम मघवानो वय। छायवे  िवं भवु न ं िसस-ापिवा.ोदसी

अिर म।।

 अवि रे अवतो नृिभ नॄ-ीर ै वरा.नयामा ोताः। ईशानास िपतृिव रायो- िव सूरय

शतिहमाˆ नो अयःु ।।
ु यम.े-िध वो
ु िन स ु मनस े द े च। शकेम राय धु रो
 एता ते अ उचथािन वेधो- जा

देवभ.धानाः।।

 1.74 उपय इित नवच सू, रागणो गोतमोि-गायी।।

 ो अरं- मँ वोचे.माये। आरे अ े च वत।े ।


01.05.21 उपय

 य ीिहतीष ु पू-  मानास ु कृ ि ष।ु अर .ाशषेु  गयम।।

 उत वु  ु जवˆ- उदि वृह ाजिन। धनयो रणेरणे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 67



 य तो अिस ये- वेिष हािन वीतये। द.ृ णो.रम।।

 तिम.हु  ्
 .मिर- दु वे ं सहसो यहो~। जनाˆ आ बु िहषम।।
ु  वीतये।।
01.05.22 आ च वहािस ता इह- देवा उप शये। हा स

 न यो पि र- वे रथ कन। यद े यािस म।।

 ोतो वायो-िभ पूवा.दपरः।  दाा अ े अात।।

 उत मु .वु ीय- बृह.द े िववासिस। देव


े ो देव दाशषु ।े ।
ु ित पच सू, रागणो गोतमोि-गायी।।
 1.75 जषे

01.05.23 जषु  सथमँ- वचो देवरमम।् हा जा


ु नˆ आसिन।।

 े अिर-माे वेधम ियम।् वोचम


 अथा त े   सानिस।।

 के जािम जनाना-मे को दा


 रः। को ह कि.िस ितः।।

 ािम जनाना-मे िमो अिस ियः। सखा सिखˆईः।।

 ो िमावणा- यजा दवे ा ऋत ं बृहत।् अे यि  मम।।


 यजा न ्


 1.76 का त इित पच सू, रागणो गोतमोि-िुप।।

01.05.24 का त उपेित मनसो वराय- भवु .दे शमा का मनीषा। को वा य ै पिर द 

आप- के न वा ते मनसा दाशेम।।

 होता िन¤षी-दाद  ु परु एता भवा नः। अवताा रोदसी िविम~


 ए इह े - यजा मह
 े

सौमनसाय देवान।।

  स ु िवा. सो ध-े भवा य ाना.मिभशिपावा। अथावह सोमपितं हिरा-

माित.म ै चकृ मा  सदु ाे।।

 जावता वचसा विरासा-च व े िन च सीह देवःै । वेिष हो.मतु पो ँ यज- बोिध य

जिनत वसूनाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 68


 यथा िव मनषु ो हिविभ- दवा अयज किविभ किव ।् एवा ह ोत~ तर- माे

मया जु ा यज।।

 1.77 कथा दाशेमिे त पच सू, रागणो गोतमोि-िुप ्

01.05.25 कथा दाश.े माये का-ै देवज.ु ोते भािमन े गीः। यो म.मत
ृ ˆ ऋतावा-

होता यिजˆ इृ णोित देवान।।
ु म।् अि ये मताय देवा-चा बोधाित
 यो अरेष ु शमˆ ऋतावा- होता तमू नमोिभ राकृ ण

मनसा यजाित।।

 स िह त ु  मय  साध-ु िमो न भूद.त


ु  रथीः। तं मेधषे ु थम.ेवयी- िवशˆ उप
वु ते दमारीः।।

 स नो नृणा.ृतमो िरशादाˆ- अि िगरोवसा वेत ु धीितम।् तना च ये मघवान शिवाˆ-

वाजसूताˆ इषय म।।

 एवा ि गतमिे भर ् ऋतावा- िवेिभ रो जातवेदाः। स एष ु 


ु ं पीपय.ˆ वाजं- स पिु ँ याित

जोषमा िचिकान।।

 1.78 अिभ ेित पच सू, रागणो गोतमोि-गायी।।



ु ै रिभ  णोनमः।।
01.05.26 अिभ ा गोतमाˆ िगरा- जातवदे ो िवचषणे। 

 तम ु ा गोतमो िगरा- रायामो वित।  ु


ु ै रिभ  णोनमः।।

 तम ु ा वाजसातम-मिर.वामहे।  ु


ु ै रिभ  णोनमः।।

 तम ु ा वृहम-ँ यो दू रवधूनषु ।े  ु


ु ै रिभ  णोनमः।।

ु .चः। 
 अवोचाम रगणाˆ- अये मधम ु
ु ै रिभ  णोनमः।।

 1.79 िहरयके श इित ादशच सू, रागणो गोतमोि-गायी-आािोनु भ


ु ः-
तति उिहः (आानां ितसृणां ममोिः- पािथवो वा)

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 69


ु वातइव जीमान।् शिु चाजाˆ उषसो नवेदाˆ-
01.05.27 िहरयके शो रजसो िवसारे-िह धिन
ु न साः।।
यशती रपवो

 आ ते सपु णाˆ अिमनँ एवै- कृ ो नोनाव वृषभो यदीदम।् िशवािभ न यमानािभ रागा-

ति िमह नय.ा।।

 यदी.मृत पयसा िपयानो- नय.ृत पिथभी रिजःै । अयमा िमो वण पिरा- चं पृ.

पु र योनौ।।

 अे वाज गोमतˆ- ईशान हसो यहो~। अ े धेिह जातवेदो मिह वः।।
ु ि व- रि रीळेो िगरा। रेव.दं पवणीक
 स इधानो वस ु दीिदिह।।

 पो राज.तु ना-े वो तोषसः। स ित मज र सो दह ित।।

01.05.28 अवा नो अ ऊितिभ- गाय भमिण। िवास ु धीष ु व।।

 आ नो अे रियं भर- सासाहँ वरेयम।् िवास ु पृ ु ¤रम।।


ु तनु ा- रियँ िवायपु ोषसम।् माडक.ेिह जीवसे।।


 आ नो अे सचे
ु य ु िगरः।।
  पूता ि मशोिचषे- वाचो गोत.माये। भर स

 यो नो अेिभदास-ि रे पदी सः। अाक.िमध


ृ े भव।।
 सहा ो िवचषिण- री र ांिस सेधित। होता गृणीत उ
 ः।।

 1.80 इा हीित षोळशच सू, रागणो गोतम इोाया दनरथवा च पिः।।

01.05.29 इा िह सोम इदे- ा चकार वधनम।् शिव वि.ोजसा- पृिथाˆ

िनशशाˆ अिह-मचन ु राम।।

 स ामद.षृ ा मद- ोम येनाभृत तु ः। येना व


ृ .िरो- जघ वि.ोज-साच.न ु

राम।।

 े.भीिह धृिु ह- न ते वो िन यंसते। इ नृं िह ते शवो- हनो वृयाˆ अपो-च.न ु

राम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 70


 िनिर भूाˆ अिध- वृ.घ िन िदवः। सृजा  मती रव- जीवधाˆ इमाˆ अपो-च.न ु

राम।।

 इो वृ दोधत-ान ँ ु वेण हीिळतः। अिभ.ाव िजते-प.माय चोदय-च.न ु



राम।।

01.05.30 अिध सानौ िन िजते- वेण शतपवणा। मानˆ इो अस-िखो



गात.ु िम-च.न ु राम।।
ु ँ वि.ीयम।् य ं माियनं मृग-म ु ं मायया वधी-रच.न ु
ु .िमदिवो-न
 इ त

राम।।

 िव ते वासो अिर-वित.ाा3(आ) अन।ु मह इ वीय- बाो े बलं  िहत-मच.न ु

राम।।

 सहं साक.मचत- पिर ¤ोभत िवंशितः। शत ैन.मनोनव-ु िराय ोत-मच.न ु



राम।।

 इो वृ तिवषी-ि रह. हसा सहः। मह.द पौँ- वृ.घ ृ -दच.न ु
 ा असज

राम।।

01.05.31 इम े िचव मवे- वेपते ~


े िभयसा मही। यिद वि.ोजसा- वृ ं मा

अवधी-रच.न ु राम।।

 न वेपसा न तत-े ँ वृो िव बीभयत।् अने  ँ वˆ आयस- हभिृ  राय-ताच.न ु

राम।।

ृ .व चाशिनँ- वेण समयोधयः। अिह.िम िजघांसतो- िदिव ते बधे शवो-च.न ु
 य

राम।।

 अिभ¤न े ते अिवो- या जग रेजते। ा िचव मव- इ वेिवते िभया-चन ु

राम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके पमाायः। वगाः(1-31) Page 71


 निह न ु यादधीम-सी.ो वीया परः। ति.ृ.मतु त-ु ेवाˆ ओजांिस सध-ु रच.न ु

राम।।

 यामथवा मनिु ता- द.िय.मत। ति.ा.िण पूव-थे उा सम म-ताच.न ु



राम।।

इित पमााय माः।।

 थमाके षाायः। वगाः(1-32)

 1.81 इो मदायेित नवच सू, रागणो गोतम- इः- पिः।।

ृ -े शवस े वृहा नृिभः। तिम.ह.ािज-षूत.े मभ हवामहे- स


01.06.01 इो मदाय वावध

वाजेष ु  नोिवषत।।

 अिस िह वीर सेो-िस भूिर परादिदः। अिस द िचध ु त े भूिर ते
ृ ो- यजमानाय िश िस- स
वस।ु ।

 यदीरत आज ु ा मदता


 यो- धृवे धीयते धना। य ु हरी~- कं हन कँ वसौ द-धोा इ

वसौ दधः।।
ु ध-ं भीमˆ आ वावध
 ा महा अन¤ ृ  े शवः। िय ऋˆ उपाकयो- िन िशी हिरवा.धे-

हयो व.मायसम।।

 आ पौ पािथवं रजो- बध े रोचन


 ा िदिव। न ावा इ कन- न जातो न जिनत-े ित िवँ

ववि थ।।

01.06.02 यो अय मतभोजन-ं पराददाित दाशषेु । इो अं िश त-ु िव भजा भ
 िू र ते वस-ु

भ ीय तव राधसः।।


ु तःु । सृभाय प
 मदेमदे िह नो दिद- यूथा गवा.मृज ु  श-तोभयाहा वस-ु िशशीिह रायˆ आ

भर।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 72


 मादय सतु े सचा- शवस े शूर राधस।े िवा िह ा प
ु वस-ु .मपु  कामा.सृहे-था

नोिवता भव।।

 एत े त इ जवो- िवं पि वायम।् अ िह ो जनाना-मय वेदो अदाशषु ा-ेषा.ो

वेदˆ आ भर।।

 1.82 उपो िित षळच सू, रागणो गोतम- इः- पिरा जगती।।

01.06.03 उपो~ ष ु णहु ी िगरो- मघव.ातथाइव। यदा न ूनतृ ावत- करˆ आदथयास

इ-ोजा ि  ते हरी~।।

 अ .मी मद-व ियाˆ अधषू त। अोषत भानवो- िवाˆ निवया मती- योजा ि ते

हरी~।।
ु श.ा वय-ं मघव.िषीमिह।  नून ं पूणवरु - तु ो यािह वशा अन-ु योजा
 सस

ि ते हरी~।।

 स घा तँ वृषण ं रथ-मिध िताित गोिवदम।् य पां हािरयोजन-ं पूण.िम िचके तित- योजा

ि ते हरी~।।


ु े अ ु दि णˆ- उत स शततो~। तेन जाया.मपु  ियां- मानो यासो- योजा
 य

ि ते हरी~।।

 यनु ि ते णा के िशना हरी~- उप  यािह दिधष े गभोः। उा सतु ासो रभसाˆ
ु पूषवा.ि.म ु पामदः।।
अमिष-

 1.83 अावतीित षळृच सू, रागणो गोतम- इो- जगती।।

01.06.04 अावित थमो गोष ु गित- सा


ु वी िर म वोितिभः। तिम.ृणि  वसनु ा

भवीयसा- िस.ु मापो यथािभतो िवचेतसः।।

 आपो न देवी प यि होिय-मव पयि िवतत ँ यथा रजः। ाच ै दवास  णयि देवय-ं ु

ि य.ोषये वराइव।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 73


ु ा िमथनु ा या सपय
 अिध यो रदधाˆ उ1(अँ) वचो- यतच ु ित-
 तः। असँयो त े ते िे त प
ु त।े ।
भा शि यजमानाय स
ु ृ या। सव पण े मिव भोजन-
 आदिरा थम.िधरे वयˆ- इाय शा ये सक

माव.ोम.मा पश.ु रः।।

 य ै रथवा थम पथ त-े तत ूय तपाˆ वेनˆ आजिन। आ गाˆ आज.शना का

चा- यम जात.ममत


ृ  ँ यजामहे।।

 ाय वृते-क वा ोक.माघोषत े िदिव। ावा य वदित का 1-(अ)
 बिहवा यप

े.िदो अिभिपषे  ु रयित।।

 1.84 असावीित िवंशृच सू, रागणो गोतम- इ-आाः ळनु ुभः-सााि

उिहः- दशाािः पयः-योदशाािो गायः-षोळयाािभ


ु ः-अे े
बृहती सतोबृहौ।।

01.06.05 असािव सोमˆ इ ते- शिव धृ~वा गिह। आ ा पृण.ििय-ं रज ूय न

रिमिभः।।

 इ.िमरी~ वहतो-ितधृशवसम।् ऋषीणा  तु ी प- य . मानषु ाणाम।।


ु ा ते णा हरी~। अवाचीनं स ु ते मनो- ावा कृ णोत ु वनु ा।।
 आ ित वृह.थँ- य

 इम.िम सतु ं िपब- े.मम मदम।् श


ु  ा र-ाराˆ ऋत सादन।े ।

 इाय नून.मचतो-ािन च वीतन। सतु ाˆ अम ु िरवो- े.मता सहः।।

01.06.06 निक.थीतरो- हरी~ यिद यस।े निक.ान ु मना- निक ˆ आनशे।।

 यˆ एकˆ इिदयत-े वस ु मताय दाशषु ।े ईशानो अितुत- इो अ।।
ु .िमव ुरत।् कदा न श
 कदा मत.मराधसं- पदा  ु व.िरˆ- इो अ।।

 यिि ा बˆ आ- सतु ावा आिववासित। उ.ते शवˆ- इो अ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 74


 ादो िरा िवषवू तो- म िपबि गौयः। याˆ इेण सयावरी- वृा मदि शोभसे- वी

रन ु राम।।

01.06.07 ता अ पृशनायवु - ोमं ीणि पृयः। ियाˆ इ धेनवो- वं िहि

सायकँ- वी रन ु राम।।
ु िण पूविचये- वी रन ु
 ताˆ अ नमसा सह- पयि चेतसः। ता. सिरे- प

राम।।

 इो दधीचो अिभ- वृा.यित¤ुतः। जघान नवती नव।।

 इ. यिर- पवत.े पितम।् तिद.यणावित।।

 अाह गो रमत- नाम ु रपीम।् इा चमसो गृह।े ।

ू ।् आसिष.ू सो
ु े धिु र गाˆ ऋत- िशमीवतो भािमनो ˆणायन
01.06.08 को अ य

मयोभ-ू ˆ एषां भृा.मृणधˆ जीवात।।
ु ते को िबभाय- को मंसते स.िमो अि। क ोकाय कˆ इभा.योत राय-े िध
 कˆ ईषते त

व.3े (ए)को जनाय।।

 िु भ वु िे भः। क ै देवाˆ आ वहा.नाश.ु होम- को


ु ा यजाता ऋत
 को अि.मीे हिवषा घृतने - च

मंसते वीितहो दु वे ः।।

 म  शंिसषो- देव शिव मम।् न दो मघव.ि मिड-ते वीिम ते वचः।।

 मा ते राधांिस मा त ऊतयो वसो~-ा.दा चना दभ।् िवा च नˆ उपिममीिह मानषु -

वसूिन चषिणˆ आ।।



 1.85  ये श इित ादशच सू, रागणो गोतमो-मतो- जगती- पे

िभ
ु ौ।।
ु  े जनयो न सयो- याम.ु  सूनव दु स
01.06.09  ये श ं सः। रोदसी िह मत

िरे वृध-े मदि वीराˆ िवदथेष ु घृयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 75


 त उि तासो मिहमान.माशत- िदिव ासो अिध चिरे सदः। अचो अक.नयˆ इिय-

मिध ियो दिधरे पृिमातरः।।

 गोमातरो यभय े अििभ- नषू  ु श


ु ाˆ दिधरे िवतः। बाध े िव.मिभमाितन.मप-

वा.ेषा.मन ु रीयते घृतम।।

 िव ये ाज े समु खास ऋििभ- ावयो अतु ा िचदोजसा। मनोजवो


ु यतो रथे.ा-

 ातास पृषती रय ु म।।
वृष

  यथेष ु पृषती रय ु ँ- वाजे अिं  मतो रंहयः। उताष िव ¤ि धारा- म.वोदिभ
ु ि भूम।।


 आ वो वह ु सयो रघ¤ु दो- रघपु ान  िजगात बािभः। सीदताबिह  व द ृ त
 -ं

मादयं मतो मो असः।।

01.06.10 तेवध तवसो मिहना- नाक. ु  चिरे सदः। िव ु याव.षृ ण ं

मदतँु - वयो न सीद.िध बिहिष िय।े ।

 शूराइव.े यु धु यो न ज मय- ववो न पृतनास ु येितरे। भय े िवा भवु ना मो- राजान.इव

ेषसशो नरः।।

 ा यं सकृु त ं िहरययं- सहभिृ ं पाˆ अवतयत।् ध इो नयपांिस कतव-े ह.ृ.ि

.रपा.मौ.दणवम।।

 ऊ.नु ेु वत. ओजसा- दाहाण.िििभ िव पवतम।् धमो वाण ं मत दु ानवो- मदे

सोम रयािन चिरे।।

 िज.नु ेु वत.या िद-शािस.


ु .ोतमाय तृजे। आ गी.मवसा िचभानव-

कामँ िव तपय धामिभः।।

 या व शम शशमानाय सि- िधातूिन दाशषेु  य.तािध। अ.ािन मतो िव य-



रियो ध वृषण वु ीरम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 76


 1.86 मतो येित दशच सू, रागणो गोतमो- मतो- गायी।।

01.0611 मतो य िह ये- पाथा िदवो िवमहसः। स सगु ोपातमो जनः।।

 य ैवा य वाहसो- िव वा मतीनाम।् मत णतु ा हवम।।


 उत वा य वािजनो-न ु िव.मत त। स गा गोमित ज।े ।

 अ वीर बिहिष- सतु ोमो िदिविष।ु उ ं मद शते।।


ु - िवाˆ य षणी रिभ। सूर.िषी
 अ ोष.ा भवो ु िरषः।।

01.06.12 पूविभ िह ददािशम- शरि मतो वयम।् अवोिभ षणीनाम।।


 सभु ग  यवो- मतो अ ु मः। य यांिस पषथ।।

 शशमान वा नर- ेद सशवसः। िवदा काम वेनतः।।

 यूय.शवस- आिव ¤त मिहना। िवता िवतु ा र ः।।


ु .मो- िव यात िव.मिणम।् ोित ¤ता यमिस।।
 गूहता ग

 1.87  स इित षळृच सू, रागणो गोतमो- मतो- जगती।।


ु ऋजीिषणः। जु तमासो नृतमासो
01.06.13  स तवसो िवरिनो-नानताˆ अिवथराˆ

अििभˆ- ाने के िच


 ाइव ृिभः।।

 रेष ु यदिच ँ यियँ- वयˆइव मत के न िचथा। ोति कोशाˆ उप वो रथे.ा-
 उप

घृत.म ु ता मधवु ण.मचत।े ।


ु ते शभु ।े ते ीळयो धनु यो ाज.य- य ं
 षै ा.मेष ु िवथरु ेव रेजते- भूिम यामेष ु य य

मिहं पनय धूतयः।।

 स िह स.ृ ृषदो यवु ा गणो3-(ओ)या ईशान िवषीिभ रावृतः। अिस सˆ

ऋणय
 ावानेो-ाˆ िधय ािव.ताथा वृषा गणः।।

 िपतु  जना वदामिस- सोम िजा  िजगाित च सा। यदी.िमं शृाणˆ आश-

तािद.ामािन यि यािन दिधरे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 77


ु ं िमिमि रे- ते रिमिभ  ऋिभ ख
 ियसे कं भानिभ ु ादयः। ते वाशीमˆ इिणो

अभीरवो- िवे िय मात धाः।।



ु ििरित षळृच सू, रागणो गोतमो- मत-िुप-आाे
 1.88 आ िव

ारपी- पमी िवरापा।।


ु ि मत क- रथेिभ यात ऋिमि रपणः। आ विषया नˆ इषा-
01.06.14 आ िव

वयो न पता समायाः।।

 तेणिे भ वरमा िपशै- शभु े कँ याि रथत.ू िभ र ैः। ो न िच िधतीवा-ा रथ

जन भूम।।
ु .ं मत ज
 िय े कँ वो अिध तनषू  ु वाशी- मधा वना न कृ णव ऊा। य ु ाता-

ु 
िव ्
ु ासो धनये अिम।।

 अहािन गृा पया वˆ आग-ु िरमा.ियँ वाकाया. देवीम।्  कृ वो गोतमासो अक-

.नु ु उिधं िपब ै।।

 एत. योजन.मचेित- स ह यतो गोतमो वः। पय.िरयचा.नयोदं ा-िधावतो



वरान।।

 एषा ा वो मतोनभु - ित¤ोभित वाघतो न वाणी। अोभय.थ


ृ ासा- मन ु
धा.भोः।।

 1.89 आ नो भा इित दशच सू, रागणो गोतमो- िवे देवा-िुप-् आाः प समी

च जग - ी िवरााना- (सूभेदयोगप े त ु आाना तसृणां िवे देवाः-तत एका

इापूषणौ तत तसृणां िवे देवा - त एका अिदितः- एवं दश)

01.06.15 आ नो भा तवो य ु िवतो-दासो अपरीतास उिदः। देवाˆ नो यथा

ृ े अस-ायवु ो रि तारो िदविे दव।े ।


सदिम.ध

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 78


ू ता-ेवानां राित रिभ नो िन वतताम।् देवानां स.मपु  सेिदमा वय-
 देवानां भा समु ितर ् ऋजय

ेवाˆ नˆ आयु  ितर ु जीवसे।।

 ताूवया िनिवदा महे वय-ं भगं िम.मिदित .मिधम।् अयमणँ वण ं सोम.मिना-

ु गा मयरत।।
सरती न.भ

 तो वातो मयोभ ु वात ु भेषज-ाता पृिथवी तिता ौः। तावाण ोमसतो
ु मयोभवु -

दिना णतु .िा यवु म।।

 तमीशान.गत.षु .ित-ियि.मवस े महे वयम।् पूषा नो यथा वेदसा.मस.ध


ृ -े
रि ता पाय ु रद.ये।।

01.06.16 ि नˆ इो वृवा-ि न पूषा िववेदाः। ि न ा

 ित दधात।ु ।
अिरनेिम- ि नो बृह

 पृषदाˆ मत पृिमातर-शभु य


ँ ावानो िवदथेष ु ज मयः। अििजाˆ मनव ूरच सो- िवे

नो देवाˆ अवसागम.िह।।

 भ.णिभ णयु ाम देवाˆ- भं पये.मा िभ यजाः। िर.ै रै¤ु व


ु ांस निू भ- शम

देविहत ँ यदायःु ।।

 ा जर स.ननू ाम।् पु ासो य िपतरो भवि- मा नो
 शत.िम ु शरदो अि देवाˆ- या न

मा रीिरषताय ु गोः।।

 अिदित  रिदित रिर -मिदित माता स िपता स पु ः। िवे देवाˆ अिदित प जनाˆ- अिदित

जात.मिदित जिनम।।

 1.90 ऋजनीती न इित नवच सू, रागणो गोतमो- िवेदवे ा- गायी- अानु पु -्
् दयोगकरणा शा वानामिप िवेदवे ा एव)।।
(वैदेव सूेि भे

01.06.17 ऋजनु ीती नो वणो- िमो नयत ु िवान।् अयमा देव.ै जोषाः।।

 ते िह वो वसवाना-े अमरू ाˆ महोिभः। ता र े िवाहा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 79


 ते अं शम यंस-मत
ृ ाˆ मः। बाधमानाˆ अप िषः।।

 िव न पथ िु वताय- िचय.िो मतः। पूषा भगो वासः।।

 उत नो िधयो गोअा- पूष.ि~वेवयावः। कता न.िमतः।।

01.06.18 मध ु वाताˆ ऋतायत


 -े मध ु रि िसवः। माी न..ोषधीः।।

 मध ु न.मतु ोषसो- मधम


ु .ािथवं रजः। मध ु ौ र ु न िपता।।

ु ा.ो वनित- मधमु ा अ ु सूयः। माी गावो भव ु नः।।


 मधम

 श.ो िम.शँ वण- श.ो भव.यमा। श.ˆ इो बृहित-श.ो िव ु मः।।

 1.91 ं सोमेित योिवंशृच सू, रागणो गोतम- ोम-िपु -पािद ादश

गाय- दयिक।् ।

01.06.19 ं सोम  िचिकतो मनीषा- ं रिज.मन ु नेिष पाम।् तव णीती िपतरो नˆ

इो~- देवषे  ु र.मभज धीराः।।

 ं सोम तिु भ 


ु त ु भू-. ै दु ो िववेदाः। ँ वृषा वृषिे भ मिहा- 
ु िे भ

ु भवो नृच ाः।।




 रा ो न ु ते वण तािन- बृह.भीर.व सोम धाम। शिु च..मिस ियो न िमो- द ाो

अयम.े वािस सोम।।

 या ते धामािन िदिव या पृिथाँ- या पवत.े ोषधी.।ु तेिभ न िव ै म
ु नाˆ अहेळ-

ाज.ोम ित हा गृभाय।।

 ा। ं भो अिस तःु ।।


 ं सोमािस सित-ं राजोत वृह

01.06.20 . सोम नो वशो- जीवात.ु  मरामहे। ियोो वनितः।।

 ं सोम महे भग-ँ यून ऋतायत


 ।े द .धािस जीवसे।।

 ः। न िर.े ावत.खा।।
 .ोम िवतो- र ा र ाज.घायत

 सोम या.े मयोभवु ˆ- ऊतय ि दाशषु ।े तािभनिवता भव।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 80


ु षा
 इम ँ य .िमद ँ वचो- जज ु णˆ उपागिह। सोम ो वृध े भव।।

01.06.21 सोम गीिभ.ा वय-ँ वधयामो वचोिवदः। समु ळ


ृ ीको नˆ आ िवश।।

 गयानो अमीवहा- वसिु व.िु वधनः। सिु म.ोम नो भव।।

 सोम रारि नो िद- गावो न यवस.े ा। मयइव  ओ


 ।े ।

 य.ोम स े तव- रारण.ेव मः। त .चते किवः।।


ु वे ˆ एिध नः।।
 उाणो अिभश-े ोम िन पाहं सः। सखा सश

 ।् भवा वाज सथ।े ।


01.06.22 आ ाय समेत ु ते- िवत सोम वृम
ु । भवा न
 आ ाय मिदम- सोम िवेिभ रंशिभः ु वम.खा वृध।े ।
 

 से पयांिस सम ु य ु वाजा-ँव


ृ ा.िभमाित¤षाहः। आायमानो अमत
ृ ाय सोम- िदिव
ु मािन िध।।
वां.

 या ते धामािन हिवषा यजि- ता ते िवा पिरभ ू र ु य म।् गयान तरण.वु ीरो-वीरहा

 चरा सोम यान।।

 सोमो धेन ं ु सोमो अव.माश-ं ु सोमो वीर.मय.दाित। साद ँ िवद ं सभये -ं िपतृवण ँ यो

ददाश.द।ै ।
ु ु पृतनास ु पिं- ¤षा.माँ वृजन गोपाम।् भरषे ज
01.06.23 अषाँ य ु ां सिु ितं

ु वस-य.ा.मन ु मदेम सोम।।


स

 िममाˆ ओषधी.ोम िवा-मपो अजनय..ाः। मा तत.ोव1 (अ)िर -.

ोितषा िव तमो ववथ।।


ु । मा ातन. दीिशष े वीयो-भये
 देवने  नो मनसा देव सोम- रायो भाग ं सहसाव.िभ य

 िचिका गिवौ।।

 1.92 एता उ ा इादशच सू, रागणो गोतम- उषाः-अानां ितसृणामिनौ-

आातो जगः- ततोौिभ


ु ः-अा ळु िहः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 81


01.06.24 एताˆ उ ाˆ उषस के त.ु मत- पूव अध रजसो भान.म
ु ते। िनृवानाˆ

आयधु ानीव धृव- ित गावोषी यि मातरः।।


ु ो अषी गाˆ अय ु त। अ.षु ासो वयनु ािन पूवथा- श ं
 उदप.णा भानवो वृथा- ायज
ु षी रिशयःु ।।
भान.म
ु ृ ते सदु ानव-े
 अचि नारी रपसो न िवििभ-मानने  योजनने ापरावतः। इषँ वही.क
ु त।े ।
िवेदह यजमानाय स
ु  व ˆ उवे  बजहम।् ोित िव ै भवु नाय कृ वती- गावो न
 अिध पेशांिस वपते नृतिू र-वापोणते

ज ँ 1ु (उ)षाˆ आव~तमः।।

 च श.दाˆ अदिश- िव ितते बाधत े कृ .मम।् . पेशो िवदथे.-ि.िवो



ु ते ।।
िहता भान.म

01.06.25 अतािर तमस.ार.म-ोषाˆ उी वयनु ा कृ णोित। िय े छो न यते

िवभाती- सु तीका सौमनसा.याजीगः~।।


ु ा-नषो
 भाती ने ी सूनतृ ाना-िव व े िहता गोतमिे भः। जावतो नृवतो अब ु गोअा

उप मािस वाजान।।
ु म।् सदु स
 उष..मयाँ यशसं सवु ीर-ासवग रिय.मब ं सा वसा या िवभािस- वाजसूता

ु बृहम।।
सभगे

 िवािन देवी भवु नािभचा- तीची च  ु िवया िव भाित। िव.ीव.रसे बोधयी- िव

वाच.मिवद.नायोः।।

 पनु पनु जायमाना परा


ु णी- समान ँ वण.मिभ श
ु माना। ीव कृ 
 ु िवजˆआिमनाना- मत

देवी जरय.ायःु ।।

01.06.26 ूवती िदवो अा अबो-प सारं सनतु ययु ोित। िमनती मन ु ािन-
ु ा यग

योषा जार च सा िव भाित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 82


 पश.ू  िचा सभु गा थाना- िस ु न ोदˆ उिवया  ैत।् अिमनती दैािन तािन- सूय

चेित रिमिभ शाना।।

 उष. ि.मा भरा - ँ वािजनीवित। येन तोक. तनय. धामह।े ।


ु सूनतृ ावित।।
 उषो अहे गोम-ावित िवभाविर। रेव.द े 
ु ा िह वािजनीव-ा अाणा उषः। अथा न
 य  ो िवा सौभगा.ा वह।।

01.06.27 अिना वित रदा- गोम.ा िहरयवत।् अवा.थं समनसा िन यतम।।



 यािवा ोकमा िदवो- ोित जनाय चथःु । आ नˆ ऊज वहत.मिना यवु म।।

 एह देवा मयोभवु ा- दा िहरयवतनी~। उषबधो


ु वह ु सोमपीतये।।

 1.93 अीषोमािवित ादशच सू, रागणो गोतमोीषोमौ- िुप-आािोनु भ
ु ो
(अमी जगती वा) नवािदितो गायः।।

 अीषोमा िवम ं स ु मे- णतु ँ वृषणा हवम।् ित सूािन हयतं- भवत.ाशषु  े
01.06.28 

मयः।।

 अीषोमा यो अ वा-िमद ँ वच पयित। त ै धं सवु ीय-वां पोषं म।।

 अीषोमा यˆ आितँ- यो वााशा.िवृितम।् स जया सवु ीय- िव.माय ु वत।।


ु ीत.मवस ं पिण.ाः। अवाितरतं बृसय शेषो-िवत.ोित


 अीषोमा चेित तीय वाँ- यदम

रेकं बः।।

ू अधम।् यवु ं िस


 यवु .मेतािन िदिव रोचना-ि. सोम सत~ ू रिभश े रवा-दीषोमा

ु त.ृभीतान।।
वम

 आ.िवो माति रा जभा-रामा.द ं पिर येनो अेः। अीषोमा णा वावध
ृ ा -नोँ

य ाय चथु लोकम।।

01.06.29 अीषोमा हिवष ित- वीत ं हयत ँ वृषणा जषु थे ाम।् सश
ु माणा वसा िह

भूत-मथा धँ यजमानाय शँ योः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 83


 यो अीषोमा हिवषा सपया-ेवीचा मनसा यो घृतने । त त ं र तं पात.मंहसो- िवश े जनाय

मिह शम यतम।।

 अीषोमा सवेदसा- सती~ वनत.िरः। सेवा बभवू थःु ।।



 अीषोमा वनने  वाँ- यो वाृतने  दाशित। त ै दीदयतं बृहत।।
ु ोषतम।् आ यात.मपु  न चा।।
 अीषोमा िवमािन नो- यवु ं हा जज

 अीषोमा िपपृत.मवतो नˆ-आ ाया.मिु याˆ हसदू ः। अ े बलािन मघव ु ध-णतु ो

अरं िु मम।।

 1.94 इमं ोमिमित षोळशचसू, कुोिः- पूव देवा इा देवा अि- तो िम

इाधच- िमवणािदित िस ु पृिथवी ावो- जगती-अे िभ


ु ौ- (यैवं वा-
सूिमित प े िरेव देवता)

01.06.30 इम ं ोम.महत े जातवेदसे- रथ.िमव सं महम


े ा मनीषया। भा िह न मित र

संस-े स े मा िरषामा वय.व। ।

 य ै .मायजस े स साध-नवा िे त दधत े सवु ीयम।् स तूताव न ैन.मो.ंहित- रे स े मा

िरषामा वय.व। ।

 शकेम ा सिमधं साधया िधय-े देवाˆ हिव रद.ातम।् मािदा आ वह

ता.1ु (उ)म- े स े मा िरषामा वय.व।।

 भरा.मे.णवामा हविष ते- िचतय पवणापवणा वयम।् जीवातव े तरं साधया िधयो-े

स े मा िरषामा वय.व।।


ु .दुिभः। िच केतˆ उषसो महा अ-
 िवशा.ोपाˆ अ चरि जवो- िप. यत चत

े स े मा िरषामा वय.व।।

01.06.31 मय ु त होतािस पू- शाा पोता जनषा


ु परु ोिहतः। िवा िवा

ु - े स े मा िरषामा वय.व।।


आिा धीर प

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 84


 यो िवत ु तीक..िस- रे िच.िळिद.वाित रोचसे। राा िदो अित देव पय-

े स े मा िरषामा  वय.व।।


ु तो रथो-ाकं  शंसो अ ु ः। तदा जानी.तोत प
 पूव देवाˆ भवत ु स ु ता वचो-े

स े मा िरषामा वय.व।।

  ाय गृणत े सगु .-


 वध ै शंसा अप ो जिह- रे वा ये अि वा के िचदिणः। अथा य

े स े मा िरषामा वय.व।।


ु ाˆ अषा रोिहता रथे- वातजत
 यदय ू ा वृषभेव ते रवः। आिदिस विननो धूमके तनु ा-े

स े मा िरषामा  वय.व।।

01.06.32 अध ना.त िबु पतिणो- ाˆ ये यवसादो िर।् सगु .े

तावकेो रथेो-े स े मा िरषामा  वय.व।।

ु ः। मृळा स ु नो भूषे ां मन पनु - रे


 अय ं िम वण धायस-े वयातां मतां हेळो अत

स े मा िरषामा  वयव।।

ु ो- वस ु वसूना.मिस चा ररे। शम.ाम तव सथम-े े


 देवो देवाना.मिस िमो अत

स े मा िरषामा  वय.व।।

 ते भँ यिम. े दमे- सोमातो जरस े मृळयमः। दधािस र.िवण. दाशषु -े े

स े मा िरषामा व
 य.व।।

 य ै ं सु िवणो ददाशो-नागा.मिदते सवताता। यं भेण शवसा चोदयािस- जावता

राधसा ते ाम।।

 स म े सौभग िवा-नाक.मायु  ितरह


े देव। तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।

इित षााय माः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके षाायः। वगाः(1-32) Page 85


 थमाके समाायः। वगाः(1-37)

 1.95 े िवपे इेकादशच सू, कु उषोि-िपु -् (इत आर जातवेदस इं

शोिवा) ।।

े चरत थ~- अाा व.मपु  धापयेत~


01.07.01 े~ िवप~ े । हिर रां भवित

धावा-ो अा.शे सवु चाः।।

 दशेम.ु जनय गभ-मतासो यवु तयो िवभृम।् ित मानीकं यशस.नेष-ु िवरोचमानं

पिर ¤षी.यि।।

े .म।ु पूवा.मन ु  िदशं पािथवाना-मृत.ू शास


 ीिण जाना पिर भूष.- समु एक.िक

.िदधा वनु ु ।।

 कˆ इम ँ वो िनयमा िचकेत- वो मातॄ जनयत धािभः। बीना.भ अपसा.मपु ा-

हा.िव िनरित धावान।।

 आिव¤ो वधते चा रास-ु िजाना.मू.यशाˆ उपे। उभ~


े ु िबत ु जायमाना-

तीची िसंहं ित जोषयेत~


े ।।

े भे~ जोषयेत~
01.07.02 उभ~ े - गावो न वााˆ उप त ु रेवःै । स द ाणा.
े न मेन~

 पित बभूवा-ि य.ि णतो हिविभः।।

े िसचौ यतते भीमˆ ऋ।् उ.म.मजते िसमा-वा


 उँयमीित सिवतवे  बा~- उभ~

मात
ृ ो वसना जहाित।।

 ेष ं प.णतु  उरँ य-ंप


ृ ान.दन े गोिभ रिः। किव बु ं पिर ममृते धी-ा देवताता

सिमित बभूव।।

 उ ते य पयित बु -ँ िवरोचमानं मिहष धाम। िवेिभ रे यशोिभ िरो-दिे भ

पायिु भ पाान।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 86


ु ै िमिभ रिभ न ित ाम।् िवा सनािन जठरेष ु धे-
 ध.ोत कृ णतु े गात.ु मूिम- श

नवास ु चरित सषू ।ु ।

 एवा नो अे सिमधा वृधानो- रेव.ावक वस े िव भािह। तो िमो वणो मामहा-मिदित

.िु पृिथवी उत ौः।।



 1.96 स थेित नवच सू, कुो िवणोदा- अि-िुप।।

01.07.03 
 स था सहसा जायमान- काािन बळध िवा। आप िम.िषणा च

साध-ेवाˆ अि.ारय.िवणोदाम।।

 स पूवया िनिवदा कतायो- िरमा जाˆ अजनय.नूनाम।् िववता च सा ामप- देवा

ˆअि.ारय.िवणोदाम।।

 तमीळत थम ँ य साधँ- िवशˆ आरी रात.मृसानम।् ऊज पु ं भरत ं सृदान-े
ु वाˆ

अि.ारय.िवणोदाम।।
ु िवद.ात.ु नयाय िवत।् िवशा.ोपाˆ जिनता रोदो- दवाˆ
 स मातिरा पु वारपि-

अि.ारय.िवणोदाम।।

े ान~
 नोषासा वण.माम े िशश.ु मेकं समीची~। ावा ामा ो अ िव भाित-
े - धापयेत~

देवाˆ अि.ारय.िवणोदाम।।

01.07.04 रायो बु .मनो वसूनाँ- य  के त ु मसाधनो वेः~। अमत


ृ 
 ं र माणास

एन-ेवाˆ अि.ारय.िवणोदाम।।

  परु ा च सदन ं रयीणा-ात च जायमान च


 नू च ाम।् सत गोपां भवत भूरे- दवाˆ

अि.ारय.िवणोदाम।।

 िवणोदाˆ िवणस.रु - िवणोदा.नर  यंसत।् िवणोदाˆ वीरवती.िमषो- िवणोदा

रासते दीघ.मायःु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 87


 एवा नो अे सिमधा वृधानो- रेव.ावक वस े िव भािह। तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।

 1.97 अप न इच सू, कु शिच-रि-गायी।।


ु  ु ा रियम।् अप न शोशच


ु .दघ-मे शश
01.07.05 अप नशोशच ्
ु .दघम।।

 स ु िे या सगु ातयु ा- वसय ्


ु .दघम।।
ू ा च यजामहे। अप न शोशच

ु .दघम।।
  यिˆ एषां- ााकास सूरयः। अप न शोशच

  ये अे सूरयो- जायेमिह  ते वयम।् अप न शोशच ्


ु .दघम।।

ु .दघम।।
  यद े हतो- िवतो यि भानवः। अप न शोशच
ु - िवत पिरभरू िस। अप न शोशच
 ं िह िवतोमख ्
ु .दघम।।

 िषो नो िवतोम-ु खाित नाववे  पारय। अप न शोशच ्


ु .दघम।।

 स न.ििु मव नावया-ित पषा ये। अप न शोशच ्


ु .दघम।।

 1.98 वैानरेित तृच सू, कुो वैानरोि-िुप।।

01.07.06 वैानर समु तौ ाम- राजा िह कं  भवु नाना.मिभीः। इतो जातो िव.िमद ँ िव

च-े वैानरो यतते सूयण


 ।।

े । व 
 पृो िदिव पृो अि पृिथां- पृो िवाˆ ओषधी रा िववश ै ानर.हसा पृो अि-ˆ नो

िदवा स िरष पात ु नम।।

 वैानर तव त.म-ा.ायो मघवान.चाम।् तो िमो वणो मामहा-मिदित

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.99 जातवेदस इेकच सू, मारीचः कयपो जातवेदा- अि-िुप।।

01.07.07 जातवेदसे सनवाम सोम-मरातीयत
 ो िन दहाित वेदः। स न पष.दित गािण िवा-

नाववे  िस.ु 
 िरतािः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 88


े क
 1.100 स यो वृष ु
े ोनिवंशृच सू, वाषिगरा ऋाारीष सहदेव भयमान सराधस-

इ-िपु -् (इत आर मािन इित कित-् त- सवानमािदिभ


ु रनातात-)्

 स यो वृषा वृिे भ.मोकाˆ- महो िदव पृिथा साट ्। सतीनसा हो


01.07.08 

भरेष-ु मा.ो भव.िˆ ऊती।।


ु ो अि। वृष
 याना.ूय.ेव यामो- भरेभरे वृहा श  म.िखिभ ेिभ रेव-ै

मा.ो भव.िˆ ऊती।।

 िदवो न य रेतसो घाना- पासो यि शवसापरीताः। तरेषा.ासिह पेिभ-

मा.ो भव.िˆ ऊती।।

 सो अिरोिभ रिरमो भू-षृ ा वृषिभ िखिभ खा स।् ऋि मिभर ् ऋ मी गातिु भ ो-

मा.ो भव.िˆ ऊती।।


ु न ेिभर ् ऋा- ¤नृषा े सासा अिमान।् सनीळेिभ वािन तूव-ा.ो
 स सूनिभ

भव.िˆ ऊती।।

01.07.09 स ममु ी.मदन कता-ाके िभ नृिभ ूय सनत।् अि.ह.ित


ु तो- मा.ो भव.िˆ ऊती।।
प

 तमूतयो रणय.रसातौ- तेम ि तय कृ वत ाम।् स िव कण.ेश एको-

मा.ो भव.िˆ ऊती।।

 तम शवस उवषे  ु नरो नर.मवस े तनाय। सो अ े िचमिस ोित.िवद-ा.ो

भव.िˆऊती।।

 स सने  यमित ाधत ि- दि ण े सृभीता कृ तािन। स कीिरणा िचिनता धनािन-

मा.ो भवि.ˆ ऊती।।

 स ामेिभ.िनता स रथेिभ- िवद े िवािभ कृ ििभ 1(अ)। स पेिभ रिभभ ू रशी-

मा.ो भव.िˆऊती।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 89


ु तˆ एवैः। अपा.ोक तनय
01.07.10 स जािमिभ यमजाित मी-े जािमिभ वा प

जेष-े मा.ो भव.िˆऊती।।

 .ृ हु ा भीमˆ उ-हचते ा.शतनीथˆ ऋा। चीषो न शवसा पाजो-


 स वभ

मा.ो भव.िˆ ऊती।।

 त व ित षा- िदवो न ेषो रवथ िशमीवान।् तं सचे सनय.नािन-

मा.ो भव.िˆ ऊती।।


ु .ोदसी िवत ीम।् स पािरष.तिु भ मसानो-
ु -ं पिरभज
 याज ं शवसा मान.म

मा.ो भव.िˆ ऊती।।


ु स िरा  सा ो िदव-
 न य देवाˆ देवता न मताˆ- आप.न शवसो अ.मापः।

मा.ो भव.िˆ ऊती।।

01.07.11 रोिह.ावा समु दंश ु ललामी-  ु ा राय ऋा। वृष वं िबती धू¤ष ु रथं-

मा िचकेत नाषीष ु िव ।ु ।

 एत. इ वृ उ-ँ वाषािगराˆ अिभ गृणि राधः। ऋा ििभ ररीष-हदेवो

भयमान.रु ाधाः।।
ु तˆ- एवै हा पृिथां शवा िन बहत।् सन.े ं सिखिभ ििे भ-न.
 दू.ि.ूँ  प

ूय सन.दप.वु ः।।



 िवा.हेो अिधवा नो अ-पिरृता.नयाम वाजम।् तो िमो वणो मामहा-मिदित

िु पृिथवी उत ौः।।

 1.101  मिन इेकादशच सू, कु इो- जगती-अात िभ


ु ः- (आा

गभािवणीित गणः)

01.07.12   मिन े िपतमु .दचता व


 चो- य कृ गभाˆ िनरह.ृिजना। अववो वृषण ँ

वदि णं- म ं साय हवामहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 90


ु - य.शरँ यो अह.ि.ु मतम।् इो यश
 यो ंस.ाषाणने  मना ु .मशषु . ावण
ृ -

 ं साय हवामहे।।

 य ावापिृ थवी~ पं मह- त े वणो य सूयः। ये िसव. ित त-ं

म ं साय हवामहे।।

 यो अानाँ यो गवा.ोपित वशी- यˆ आिरत कमिणकमिण िरः। वीळो ििदो यो


ु तो वधो- म ं साय हवामहे।।
अस

 यो िव जगत ाणत.ित- य णे थमो गाˆ अिवत।् इो यो दू रधरा

अवाितर- ं साय हवामहे।।

 य.शूरेिभ हो य भीिभ- य धावि यते य िज यिु भः। इँ यँ िवा भवु नािभसध
 -ु

म ं साय हवामहे।।


ु पृथ ु यः। इं मनीषा अचित
01.07.13 ाणा.मेित िदशा िवच णो- ेिभ यषा तनते

तु -ं म ं साय हवामहे।।

 या म परम े सधे- यावम े वृजने मादयास।े अतˆ आ यार.ो अा -ाया हिव

कृमा सराधः।।
ु मा
े  सोमं स¤ष
 ाय ु .गणो मि-
ु सदु - ाया हिव कृमा वाहः। अधा िनय

रि. े बिहिष मादय।।

 मादय हिरिभ य त इ- िव िशे~ िव सृज धेन~ ु


े । आ ा सिश हरयो वह-

ूशािन ित नो जष।।

 मो वृजन गोपाˆ- वय.िमेण सनयाम वाजम।् तो िमो वणो मामहा-मिदित

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.102 इमा इेकादशच सू, कु इो- जगती- अा िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 91


ु व
01.07.14 इमा.े िधयं  भरे महो मही-म ो े िधषणा य आनज।े तम  े च सव े च

सासिह-िम.ेवास.शवसामद.न।ु ।

 अ वो न. िबित- ावा ामा पृिथवी दशत ँ वपःु । अ े सूयाचमसा िभच -े  े

किम चरतो िवततरु म।।

 तं ा रथं मघव.ाव सातये- ज ैँ ये अनमु दाम सम।े आजा नˆ इ मनसा प¤
ु त ु -
ायो मघव.म य नः।।
ु ा वृत-माक.मंश.मदु वा भरेभरे। अ.िम विरव.ग
े  या यज
 वय.यम ु .िध-  शूणां

मघव.ृा ज।।

 नाना िह ा हवमानाˆ जनाˆ इम-े धनाना.त रवसा िवपवः। अाकं  ा रथमा ित

सातये- ज ैं ही िनभृत ं मन व।।

01.07.15 गोिजता बा~ अिमतत ु िम- कमम.तमूित खजरः। अक


 ˆ इ

ितमान.मोजसा-था जनाˆ िवये िसषासवः।।


ु भूयसˆ- उहा.ििरचे कृ िष ु वः। अमा.ा िधषणा ितिषे म-धा
 उे शता.घव.

व ु
ृ ािण िजसे परर।।

 ििविधात ु ितमान.मोजस-िो भूमी नृपते ीिण रोचना। अतीद ँ िवं भवु न ँ ववि -थाश ु
ु सना.दिस।।
िर जनषा

ू  पृतनास ु सासिहः। सेम का.मपु म.ु मिु द-िम कृ णोत ु


 ाेवषे  ु थम ं हवामहे- ं बभथ

सव े रथं परु ः।।

े  न धना रोिध-थाभ.ाजा मघव.ह ु च। ामु .मवस े सं िशशीम-था नˆ इ


 िगथ

हवनषे ु चोदय।।

 िवाहेो अिधवा नो अ-पिरृता.नयाम वाजम।् तो िमो वणो मामहा-मिदित

िु पृिथवी उत ौः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 92



 1.103 त इच सू, कु इ-िपु ।।

01.07.16 त इिय ं परम ं पराच ै रधारय कवय परु ेदम।् मदे .म ि1(अ).द-

समी~ पृते समनवे  के तः।।

 स धारय.ृिथव पथ- वेण हा िनरप.सज। अह.िह.मिभन.ौिहण ँ ह-ंस ं मघवा

शचीिभः।।
ु िविभ.चर.ि दासीः। िवा.ि.व े हेित.मा-य
ू मा धानˆ ओज- परो
 स जातभ
ु .िम।।
सहो वधया 

  ं मघवा नाम िबत।् उपय.हु ाय वी- य सून ु


 तचषेु  मान.ु षेमा यगु ािन- कीत

वस े नाम दध।े ।

 तद.ेदं पयता भूिर पु -ं िद धन वीयाय। स गाˆ अिव.ो अिव.दा-ˆ

ओषधी.ो अप.ˆ वनािन।।


ु ाय सनवाम
01.07.17 भूिरकमणे वृषभाय वृ-े  सश ु सोमम।् यˆ आा पिरपीव

शूरो-यनो िवभज.ेित वेदः।।

 तिद ेव वीय.कथ- यसँ वेणाबोध.योिहम।् अन ु ा पी िषत ँ वय- िवे देवासो

अमद.न ु ा।।
ु  ं िप.ु यव ँ वृ.िम- यदावधी िव परु .शर। तो िमो वणो मामहा-मिदित.
 श

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.104 योिन इित नवच सू, कु इ-िुप।।
ु ा वयोवसायाा-
01.07.18 योिन इ िनषदे अकािर- तमा िन ¤षीद ानो नावा। िवम

ोषा वो वहीयस िप।े ।

 ओ~ े नरˆ इ.मूतये ग-ु नू िचा.ो अनो जगात।् देवासो म.ास


ु  -े

न आ व .िु वताय वणम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 93


 अव ना भरते के तवदे ाˆ- अव ना भरते फे न.मदु ।् ीरेण ात कुयव योषे~- हत~
े ते~

ातां वण े िशफायाः।।

 ययु ोप नािभ परायो-  पूवािभ.िरते राि शूरः। असी कुिलशी वीरपी- पयो

िहानाˆ उदिभ भरे।।

 दन.ानती गात।् अध ा नो मघव.कृ तािद-


 ित या नीथादिश दो- रोको नाा स

ा नो मघवे  िनपी परा दाः।।


ु .मा रीिरषो
01.07.19 स ˆ इ सूय  सो अ-नागा आ भज जीवशंस।े मारां भज

न- िते महत इि याय।।



 अधा मे े अा अधािय- वृषा चोद महत े धनाय। मा नो अकृ त े पत योना-िव
ु ो वयˆ आसिु त.ाः।।


 मा नो वधी िर मा परा दा- मा न िया भोजनािन  मोषीः। आडा मा नो मघव. िनभ-

ा न पाा भेहजानषािण।।

 अवा.ङे िह सोमकाम.ा- रय ं सतु . िपबा  मदाय। उचाˆ जठर आ वृष- िपतवे  न

णिु ह यमानः।।

 1.105 चमा इेकोनिवंशृच सू, आितो िवेदवे ाः- पिः-अा िपु -अमी

महा बृहती यवमा- (सूभेदयोगप े त ु आाया िवेदवे ाः-ितीयाया रोदसी-तृतीयाया



िवेदवे ाः-चता अि रोदः-ततिसृणां िवेदवे ाः-अा इरोदः-नवा

ूयरिमरोदः-दशा िवेदवे ाः-एकादयाः सयरिम रोदः-ादया िवेदवे ाः-ततो योरि

रोदसी- तत एका वण रोदः-ततो यो िवेदवे ाः- तत एका रोदसी- अाया िवेदवे ाः-

उरसूये िवेदवे ा एव)।।

01.07.20 चमाˆ अ1 (अ)-रा सपु ण धावते िदिव। न वो िहरयनेमय- पद ँ िवि
ु िव ं मे अ रोदसी।।
िवतो-

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 94


 अथ.िमा उ अिथनˆ- आ जाया यवु ते पितम।् त
ु ाते~ वृ ं पय- पिरदाय रस.हे- िव ं मे

अ रोदसी।।

 मो~¤ष ु देवाˆ अद -1(अ)रव पािद िदव.िर। मा सो शंभवु -शून े भूम कदा चन- िव ं

मे अ रोदसी।।

 य ं पृा.वम-ं स ततू ो िव वोचित।  ऋत ं पू.त- .िभित नूतनो- िव ं मे अ

रोदसी।।

 अमी ये देवाˆ न- िा रोचन े िदवः। क ऋत.दनृत- ा वˆ आित- िव ं मे अ

रोदसी।।

01.07.21 कˆ ऋत धणिस- कण च णम।् कदयो मह.था-ित ामेम ो-

िव ं मे अ रोदसी।।

 अहं सो अि य परु ा- सतु े वदािम कािन िचत।् तं मा ाो3( ओ)- वृको न तृजं मृग-ँ

िव ं मे अ रोदसी।।

 सं मा तप.िभत-पीिरव पशवः। मूषो न िशा दि मा- ोतार े शततो~-

िव ं मे अ रोदसी।।

  े नािभ रातता। ित.ेदा-जािमाय रेभित- िव ं मे अ


 अमी ये स रमय- ा म

रोदसी।।

 अमी ये पो णो- मे त ु महो िदवः। देवा न ु वां- सीचीनाˆ िन वावत
ृ -ु िव ं मे अ

रोदसी।।

01.07.22 सपु ण
 ाˆ एत आसते- म आरोधन े िदवः। ते सेधि पथो वृक-र ँ यती रपो-

िव ं मे अ रोदसी।।

 न. ं िहत-ेवास.ु वाचनम।् ऋत.मषि िसव-.ातान सूय- िव ं मे

अ रोदसी।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 95


 अे तव -ेव.े ाम।् स न.ो मन
ु दा- देवा.ि िव¤रो- िव ं मे अ

रोदसी।।
ु दा- देवा अा िव¤रः। अि हा सषु दू ित- देवो देवषे  ु मेिधरो- िव ं मे
 सो होता मन

अ रोदसी।।

 ा कृणोित वणो- गातिु वद.मीमहे। ूणित दा मित-ो जायता.मृत-ँ िव ं मे अ

रोदसी।।

01.07.23 असौ य पाˆ आिदो- िदिव वा.तः। न स देवाˆ अितमे- तं मतासो न

पयथ- िव ं मे अ रोदसी।।

 ित कू पेविहतो- देवा.वत ऊतये। ताव बृहित- कृ  व.ंरणा.- िव ं मे अ

रोदसी।।

 अण ृ - पथा य.दश िह। उिहीते िनचाा - तेव पृामयी- िव ं मे अ
 ो मा सकृ.क

रोदसी।।

े  वय.िमवो-िभ ¤ाम वृजने सववीराः। तो िमो वणो मामहा-मिदित.


 एनाूषण

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.106 इं िमिमित सच सू, कुो िवेदवे ा- जगती-अा िपु ।।

01.07.24 इं िम ँ वण.मि.मूतये- मात ं शध अिदितं हवामहे। रथ. गा.सव.

दु ानवो- िवा.ो अंहसो िनˆिपतन।।

 त आिदाˆ आ गता सवतातये- भूत देवाˆ वृत ू ष ु शंभवु ः। रथ. गा.सव.दु ानवो-
 य

िवा.ो अंहसो िनˆिपतन।।

 अव ु न िपतर.ु वाचनाˆ- उत देवी~ देवपु ~ ृ ा। रथ. गा.सव.दु ानवो-
े ऋतावध

िवा.ो अंहसो िनˆिपतन।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 96


ं  ँ वािजनँ वाजय.िह-
 नराशस ु ै रीमहे। रथ. गा.सव.दु ानवो-
य.ीरं पूषणं स

िवा.ो अंहसो िन िपतन।।


ु .िध- शँ यो ये मन ु िहत.दीमहे। रथ. गा.सव.दु ानवो-
 बृहते सद.िम ग

िवा .ो अंहसो िन िपतन।।

 इ.ो वृह णं शचीपित-ाटे िनबाˆ ऋिष र.तये। रथ. गा.सव.दु ानवो-

िवा.ो अंहसो िन िपतन।।


ु ।् तो िमो वणो मामहा-मिदित.
 देव ै न देिदित िन पात-ु देव ाता ायता.मय

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.107 य ो देवानािमित तृच सू, कुो िवेदवे ा-िपु ।।
ु -मािदासो भवता मृळयः। आ वोवाची समु ित
01.07.25 य ो देवानां ेित स

वव ्
ृ ा-दंहो िा विरवोिवरासत।।

 उप नो देवाˆ अवसागम-िरसां सामिभ ूयमानाः। इ इिय ै मतो मि- रािद ै

न अिदित.शम यंसत।।

 तˆ इ.ण दि-दयमा तिवता चनो धात।् तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.108 य इाी इित योदशच सू, कु इाी- िपु ।।

01.07.26 यˆ इाी~ िचतमो रथो वा-मिभ िवािन भवु नािन चे। तेनायात ं

सरथ.िवांसा-था सोम िपबतं सतु ।।

 चा विरमता गभीरम।् तावा अय ं पातव े सोमो अ-


 याव.िददं भवु न ँ िव.म-ु 

र.िमाी~ मनस े यवु ाम।।

 चाथे~ िह स 1(अ)ाम भं- सीचीना वृहणा उत ः। तािवाी~ स ा िनषा -

 ावृषथे ाम।।
वृ. ोम वृषण

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 97


ु ा बिह~ ितिराणा। ती ै ोमै पिर¤िषे िभ रवा-गेाी~
 सिम.े ि.ानजाना- यतच

सौमनसाय यातम।।

 यानीाी~ चथ ु वयािण- यािन पा.यतु वृािन। या वां ािन सा िशवािन- तेिभ

ोम िपबतं सतु ।।

01.07.27 यदव ं थम ँ वाँ वृणानो-3(ओ)यं सोमो असरु ै न िवहः। तां सां ा.मा

 ोम िपबतं सतु ।।


िह यात-मथा स

 यिदाी~ मदथ.े रोण-े यिण राजिन वा यजा। अत पिर वृषणावा िह यात-मथा

सोम िपबतं सतु ।।

 यिदाी~ यष ु तवु शेष-ु य .न


ु षु ु पूष ु ः। अत पिर वृषणावा िह यात-मथा सोम

िपबतं सतु ।।

 यिदाी~ अवमां पृिथां- ममां परमा.मतु ः। अत पिर वृषणावा िह यात-मथा

सोम िपबतं सतु ।।

 यिदाी~ परमां पृिथां-ममा.मवमा.मतु ः। अत पिर वृषणावा िह यात.मथा

सोम िपबतं सतु ।।

 यिदाी~ िदिव ¤ो यृिथाँ- यवत.े ोषधी.।ु अत पिर वृषणावा िह यात.मथा

सोम िपबतं सतु ।।

े । अत पिर वृषणावा िह यात-मथा


 यिदाी~ उिदता सूय- मे िदव धया मादयेथ~

सोम िपबतं सतु ।।

े ाी~ पिपवांसा सतु - िवां सयत.नािन। तो िमो वणो मामहा-
 एव

मिदित. िु पृिथवी उत ौः।।



 1.109 िव  िमच सू, कु इाी- िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 98


01.07.28 िव ं मनसा वˆ इ-िाी~ ास उत वा सजातान।् नाा यवु .मित

रि मं- स वाियँ वाजयी.मत म।।

 अवं िह भूिरदावरा वाँ- िवजामात ु त वा घा ालात।् अथा सोम यती यवु ा-

िमाी~ ोम.नयािम नम।।

 मा े रमी िरित नाधमाना- िपतॄणां शी रनयु मानाः। इािा.ँ वृषणो मदि-

ता ी~ िधषणायाˆ उपे।।

 यवु ाा.ेवी िधषणा मदा-येाी~ सोम.मश


ु ती सनु ोित। ताविना भहा सपाणी
ु ~- आ

धावतं मधनु ा पृ.म।ु ।

 यवु ा.िमाी~ वसनु ो िवभाग-े तवमा श


ु व वृहे। तावासा बिहिष य े अि-

चषणी~ मादयेथां सतु ।।


ु   िगिरो
01.07.29  चषिण पृतनाहवेष-ु  पृिथा िरिरचाथे~ िदव।  िस

मिहा- ेाी~ िवा भवु नाा।।

 आभरतं िश त ँ वबा~- अा इाी अवतं शचीिभः। इम े न ु ते रमय.ूय- येिभ



िपं िपतरो नˆ आस।।

 परु रा िश त ँ वहा-ा इाी~ अवतं भरेष।ु तो िमो वणो मामहा-मिदित

िु पृिथवी उत ौः।।

 1.110 ततं म इित नवच सू, कु ऋभवो- जगती-पे िभ


ु ौ।।
01.07.30 तत ं मे अप. तायते पनु ~-ािदाˆ धीित चथाय शते। अय ं समु ˆ इह

िवदे-ाहाकृत सम ु तृतु ऋभवः।।

 आभोगयं  यिदˆ ऐत.नापाका ाो मम के िचदापयः। सौधनास िरत भूमना-



गत सिवत ु दाशषु ो गृहम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 99


 तिवता वोमृत.मासवु -दगो ँ यवयˆ ऐतन। ि.मस.मसरु  भ ण-मेकं स.

मकृ णतु ा चतवु यम।।

 िवी शमी तरिणने  वाघतो- मतास.ो अमृत.मानशःु । सौधनाˆ ऋभव.ूरच स -

ँवरे समप
ृ  धीितिभः।।

 े .िमव िव मम.ु ेजनने -ँ एकं  पा.मृभवो जेहमानम।् उपताˆ


ु उपम.ाधमानाˆ- अमष  ु

वˆ इमानाः।।
ु वे  घृत.हु वाम िवना। तरिणा ये िपत ु र
01.07.31 आ मनीषा.मिर  नृ- च

सिर- ऋभ
 वो वाज.मह.िवो रजः।।
ु ाक.ेवाˆ अवसाहिन िय-े
 ऋभनु ˆ इ.शवसा नवीया-नृभ ु वाजेिभ वसिु भ वस ु दिदः। य

े पृतु ी रस
3(ए)िभ ितम ्
ु ताम।।

 िनमणˆ ऋभवो गामिपंशत- सँ व.े नासज ु ~। सौधनास.पया नरो-


ृ ता मातरं पनः

िजी~ यवु ाना िपतरा कृ णोतन।।

 वाजेिभ न वाजसाता विव-ृभमु ा इ िचमा दिष राधः। तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।



 1.111 त थिमित पच सू, कु ऋभवो- जगती-अा िपु ।।

01.07.32 त .थं सवु त


ृ  ँ िवनापस- .री~ इवाहा वृष वसू~। त .ित
ृ ा.मृभवो

यवु .य- .ाय मातरं सचाभवु म।।

 आ नो य ाय त त ऋभमु य- े द ाय सु जावती.िमषम।् यथा याम सववीरया िवशा-

त शधाय धासथा िियम।।

 आ त त साित.म.मृभव-ाितं रथाय साित.मवत े नरः। साितो जै  सं महत


े िवहा-

जािम .मजािमं पृतनास ु स िणम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 100


 ऋभ ु ण.िम.माव ऊतय- ऋभ
 .ू ाजा.त ोमपीतये। उभा िमावणा नून.मिना- ते

नो िह ु सातये िधय े िजष।े ।

 ऋभ ु भराय सं िशशात ु साितं- समयिज.ाजो अा अिवु। तो िमो वणो मामहा-

मिदित. िु पृिथवी उत ौः।।

 1.112 ईळे ावापृिथवी इित पिवंशृच सू, कुः-आाया ावापृिथिनः-

िशानामिनौ- जगती-अे े िभ


ु ौ।।
01.07.33 ईळे  ावापिृ थवी~ पूविचये-ि.म सु चँ याम.िये। यािभ भरे कार.मंशाय

िजथ-ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिनागतम।।

 यवु ो दानाय सभु राˆ असतो- रथमा त ु वचस. मव।े यािभ िधयोवथ कम.िये-

तािभ¤ष ु ऊितिभ रिनागतम।।

 यवु .ासा.ि शासन-े िवशा.यथो अमत


ृ  ु 1(अ) िपथो
 मना। यािभ.धन.म

नरा- तािभ ¤ष ु ऊितिभ रिनागतम।।

 यािभ पिरा तनय मना- िमाता तूष ु तरिण िवभषू ित। यािभ िम ु रभव.िच ण-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिनागतम।।

 याभी रेभ.िवृत ं िसत.मˆ- उन. मैरयतं श।े यािभ कवं  िसषास.मावत-ािभ



¤ष ु ऊितिभ रिनागतम।।
ु ं ु यािभ रिथिभ िजिजथःु । यािभ कक ँ ु
01.07.34 यािभ रक.समान.मारण-े भ

व िजथ-ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 ां स¤ु षंसद..म.मोाव.मय।े यािभ पृिग ं ु पु कु.मावत-


ु ि.नस
 यािभ.शच

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।
ु त-
ृ -ं ां ोण. स एतव े कृ थः। यािभ वितका.िसता.मम
 यािभ.शचीिभ वृषणा परावज

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके समाायः। वगाः(1-37) Page 101


ु .मसतँ- विसँ यािभ रजरा विजतम।् यािभ कुं तु य.य. मावत-
 यािभ.ि ं ु मधम

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ िवपला.नसा.मथ- सहमी आजा विजतम।् यािभ वश.म ं ेिण.मावत-



ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

01.07.35 यािभ दु ानू~ औिशजाय विणजे- दीघवसे मध ु कोशो अ रत।् क ीव ं

ोतारँ यािभ रावत-ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 याभी रसा.ोदसो िपिपथ-ु रन ँ याभी रथ.मावत.िष।े यािभ िशोकˆ उियाˆ उदाजत-

तािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ ूय पिरयाथ परावित- मातार.ैपे.ावतम।् यािभ िवं  भराज.मावत-



ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ महा.मितिथ व.शोजवु -िवोदासं शरह आवतम।् यािभ पूिभे सद ु .मावत-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ व ँ िविपपान.मपु तु -िलँ यािभ िवजािन.वथः। यािभ .मतु पृिथ.मावत-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

01.07.36 यािभ नरा शयवे यािभ रय-े यािभ परु ा मनव े गात.ु मीषथःु । यािभ शारी राजत ं

ूमरमये- तािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ पठवा जठर मना-ि नादीद.े ित ˆइो अा। यािभ शयात. मवथो महाधन-े

तािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ रिरो मनसा िनरयथो-.थो िववरे गोअणसः। यािभ मन ं ु शूर.िमषा समावत-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ पी िवमदाय ूहथ-ु रा घ वा यािभ रणी रिश तम।् यािभ.दु ास ऊहथ ु दु 
े 1(अ)-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 102


ु ँ ु यािभ रवथो यािभ रिगमु ।् ओावत सभु रा. मृतभु -
 यािभ.शाती~ भवथो ददाशषु -े भ

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 ान.ु मसन े वथो- जव े यािभ यूनो अव.मावतम।् मध ु िय ं भरथो
01.07.37 यािभ कृ श

यर-ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 यािभ नर.ोषयु धु .ृषा-े े  साता तनय िजथः। याभी रथा अवथो यािभ रवत-

ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।
ु य ं शततू~  तवु ितं  च दभीित.मावतम।् यािभ सिं पु ¤षि
 यािभ कु.माजने

.मावत-ािभ ¤ष ु ऊितिभ रिना गतम।।

 ो दा वृषणा मनीषाम।् अ


 अती.मिना वाच.म-े कृ त ू े वस े िन य े वाँ- वृध े च नो

भवतँ वाजसातौ।।
ु रुिभ पिर पात.मा-निरिे भ रिना सौभगिे भः। तो िमो वणो मामहा-मिदित
 िभ

िु पृिथवी उत ौः।।

इित समाायः।।

 थमाके अमाायः। वगाः(1-26)



 1.113 इदं ेिमित िवंशृच सू, कु उषाः-ितीयाया अधच- राि-िपु ।।

01.08.01 इदं े.ोितषा.ोित रागा-ि केतो अजिन िवा। यथा सूता सिवत ु

वायँ- एवा राषु से योिन.मारैक।् ।

 श.ा शती ेागा-दारैग ु कृ ा सदना ाः। समानब~


ू अमत े अनूची~- ावा
ृ ~

े ।।
वण.रतˆ आिमनान~

े । न मेथते ~
 समानो अा ो रन-माा चरतो देविश~ ु मु क
े न तत. े े  ~-

े ।।
नोषासा समनसा िवप~

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 103


 भाती नेी सूनतृ ाना-मचेित िचा िव रो नˆ आवः~। ाा जग. ु नो रायो अ-षाˆ

अजीग भवु नािन िवा।।

 िज ये3(ए) चिरतवे मघो-ाभोगय इ ये राय उ म।् द ं पयˆ उिवया िवच - उषाˆ

अजीग भवु नािन िवा।।

01.08.02  ाय ं वस े ं महीया इये मथिमव िम।ै िवसशा जीिवतािभच -

उष ाˆ अजीग भवु नािन िवा।।


ु ी यवु ित.श
 एषा िदवो िहता दिश-  ु वासाः। िव.ेशाना पािथव वˆ- उषो

अहे सभु गे 


ु ।।

 परायत  ा शतीनाम।् 


 ीना.मेित पाथˆ- आयतीनां थम ु ी जीव.मदु ीरय-षु ा

मृत.न बोधयी।।

 उषो यदिं सिमधे चकथ- िव यदाव  सा सूय। यानषु ा.माणा अजीग- ेवषे  ु

चकृ षे भ.मः।।
ु ान।् अन ु पूवा कृ पते वावशाना- दीाना
 िकयाा यमया भवाित- याˆ ूष ु या नून ँ 

जोष.मािभ रेित।।
ु ी.मषु सं मासः। अािभ  न ु ितचा
01.08.03 ईयˆु  े ये पूवतरा.मपय-

भू-दो~ ते यि ये अपरीष ु पयान।।
ु ावरी सूनत
े ा-
 यावयेषाˆ ऋतपाˆ ऋतज ृ ाˆ ईरयी। समु ली िबती देववीित-िमहाोष
ु ।।
ेतमा 

 श.रु ोषाˆ वु ास दे- ु ा.रा अन ु ू-नजरामत


 थो~ अदे ँ ावो मघोनी। अथो~  ृ ा

चरित धािभः।।

 1(अ)ििभ िदवˆ आता.ौ-दप कृ ा.ििणज.ेावः~। बोधय.णिे भ र-ै रोषा


ु ा रथेन।।
याित सयु ज

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 104


 आवही पोा वायािण- िच.े त.ु णतु  े चेिकताना। ईयषु ीणा.मपु मा शतीनाँ- िवभातीनां

थ. मोषा  ैत।।

01.08.04 उदी.ीवो अस ु न आगा-दप ागामˆ आ ोित रेित। आरै.ाँ यातव े

सूया.याग य ितर आयःु ।।

 ूमना वाचˆ उिदयित वि- वानो रेभˆ उषसो िवभातीः। अा त गृणत े मघो- े

आय ु िनिददीिह जावत।।
ु ि दाशषेु  माय। वायोिरव सूनतृ ाना.मदु क- ताˆ अद ाˆ
 याˆ गोमती षस.ववीराˆ- 
ु ।।
अव.ोमसा

 माता देवाना.मिदत े रनीकँ- य  के त ु बृहती िव भािह। शिकृ.ण े नो 1ु (उ)ा- नो

जने जनय िववारे।।

 यि.मˆ उषसो वही-जानाय शशमानाय भम।् तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।

े ादशच सू, कुो ो- जगती-अे े िभ


 1.114 इमा ायेक ु ौ।।
ु दे-
01.08.05 इमाˆ ाय तवसे कपिदन-े यीराय  भरामहे मतीः। यथा शमस.िपदे चत

िवं पु .ामे अि.नातरु म।।

 मृळा नो ोत नो मय.ृ िध- यीराय नमसा िवधेम ते। य यो मन ु रायेज े िपता-

तदयाम तव  णीितष।।

 अयाम ते समु ित.ेवयया- ु ाय.ििशो अाक.मा च-


यीर तव  मीः। स

रािरवीराˆ जहवाम ते हिवः।।

 ेष ँ वय ं ँ य साधँ- व.िव.मवस े िन यामहे। आरे अ.ै ं हेळो अत-ु समु ित.िमय

.मा वृणीमहे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 105


 िदवो वराह.मष.पिदन-ेष ं प.मसा िन यामहे। हे िब.ेषजा वायािण- शम वम

िद रँ यंसत।।
ु ते वच-ादो ादीयो ाय वधनम।् राा च
01.08.06 इदं िप े मता.म  नो अमृत

मतभोजन-ने तोकाय तनयाय मृळ।।

 मा नो महा.मतु मा नो अभकं- मा नˆ उ .मतु मा नˆ उि तम।् मा नो वधी िपतरं मोत

मातरं- मा न िया.ो  रीिरषः।।

 मा न.ोके तनय े मा नˆ आयौ- मा नो गोष ु मा नो अेष ु रीिरषः। वीराा नो  भािमतो वधी-

हिव.दिम ा हवामहे।।

 उप ते ोमा.शपु ाइवा करं- राा िपत मतां स


ु .म।े भा िह ते समु ित मृळयमा-था

वय.मवˆ इे वृणीमहे।।

 आरे ते गो.मतु पूष  ु म े ते अ।ु मृळा च नो अिध च ूिह दे-वाधा च न
 -यीर स

शम य िबहाः।।

 अवोचाम नमो अा अवव-णोत ु नो हवं ो मान।् तो िमो वणो मामहा-

मिदित.िु पृिथवी उत ौः।।



 1.115 िच ेवनािमित षळृचसू, कु आंगीरस- िपु ।।

01.08.07 िच.ेवाना.मदु गा.दनीक-  ु िम वण.ाःे । आा ावापिृ थवी~

अिर -ं सूयˆ आा जगत.षु ।।

 सूय देवी.मषु सं रोचमानां- मय न योषा.मिे त पात।् या नरो देवयो यगु ािन- िवतत े

ित भाय भम।।

 भाˆ अाˆ हिरत.ूय- िचाˆ एत वाˆ अनमु ाासः। नमो िदवˆ आ पृ.मु - पिर

ावापिृ थवी~ यि सः।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 106


ु हिरत.धा-दााी वास
 तूय देव.िह-ं मा कत िवतत ं सभार। यद े दय

नतेु िसम।ै ।

 ति वण.ािभच -े सूय प.णतु  े ो पे। अन.म.ुश.द पाज-

कृ .म .िरत.ं भरि।।

 अा द वे ाˆ उिदता सूय- िनरंहस िपपृता िनरवात।् तो िमो वणो मामहा-मिदित.

िु पृिथवी उत ौः।।

 1.116 नासाािमित पिवंशृच सू, दैघतमसः क ीवान-् अिनौ- िुप।।


01.08.08 नासाां बिहिरव  वृ-े ोमा इय.ियेव वातः। यावभगाय िवमदाय


ु ूहतू रथेन।।
जायां- सेनाजवा

 वीळुपिभ राशहु ेमिभ वा- देवानाँ वा जूितिभ.शाशदाना। तासभो नासा सह-माजा

यम धने िजगाय।।

 तु ो ह भ
ु .म
ु ि.नोदमेघ-े रिय कि मृवा अवाहाः। तमूहथ ु निभ रातीिभ-

ु रपोदकािभः।।
रिर ि

 ितः  ु .मू
प ि रहाितजि- नासा भ ु हथु पतैः। समु  ध.ा पारे-

िभी रथ ै शतपि ळ ैः।।

 अनारण े तदवीरयेथा-मनाान े अभण े समु े। यदिना ऊहथ ु भ


ु .मं
ु - शतािरा.ाव.

मातिवांसम।।

01.08.09 यमिना ददथ ु ेत-म.मघााय श.िदि। ता.ा ं मिह कीत


  ं भू-

ै ो वाजी सदिम.ो अयः।।

 यवु रा वु त े पियाय- क ीवत े अरदतं परु िम।् कारोतर ा.फा.द वृ-शत.ा
ु याः।।
अिसतं सरा

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 107


 िहम.े नाि.ं स.मवारयेथां- िपतमु ती.मूज.मा अधम।् ऋबीसे अि.मिनावनीत-मिु थ.ु

वगणं ि।।
ु ाबु .थ ु िजबारम।् र.ापो न पायनाय राय-े सहाय तृत े
 परावत.ासा नदेु था-म

गोतम।।
ु त.ािपिमव वानात।् ाितरत.िहत.ाय ु द-ािद.ित
ु ु षो नास.ोत विं- ाम
 जज

.मकृ णतु .नीनाम।।

01.08.10 ता.रा शं ं रा-ािभिम.ासा वथम।् यिांसा िनिधिमवा.पग


ू -

मु शता पथ ु वनाय।।

 ता.रा सनये दंसˆ उ-मािवृणोिम तत ु न वृिम।् द याथवणो वा-म

शीा  यदी.मवु ाच।।


ु ज
 अजोहवी.ासा करा वां- महे याम.भ ु ा परु िः। तु .ासिु रव विमाˆ-

िहरयह. मिना वदम।।

 आो वृक ु ।् उतो~ किवं पु भजा


  वितका.मभीके - यवु रा नासाममु म ु यवु ं ह-कृ पमाण

.मकृ णतु ँ िवच ।े ।

 चिरं िह वेिर.वाेिद पण-माजा खेल पिरतायाम।् सो जा.मायस िवपलाय-ै धने



िहत े सतव े धम।।

01.08.11 शत ं मेषा.ृ े च दान-मृा ं िपता.कार। ता अ ी~ नासा



िवच - आध.ा िभषजा वनव।।

 आ वां रथ.िहता सूय- कावाित.दवता जयी। िवे देवाˆ अम. ि- म ु

े ।।
िया नासा सचेथ~
ु ार
 यदयात.िवोदासाय वित भराजायािना हया।रेव.वाह सचनो रथो वाँ वृषभ िशंशम
ु ा।।
य

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 108


 रियं स ु  ं प.माय-ु वु ीय.ासा वहा। आ जाव समन.सोप वाज-ै िरो

भाग.धती.मयातम।।

 पिरिव.ाष ँ िवत- सगु िे भ न.मूहथू  रजोिभः। िविभना नासा रथेन- िव पवता



ू अयातम।।
अजरय~

01.08.12 एकाˆ वो रावतं रणाय- वश.मिना सनये सहा। िनरहत.नाˆ


ु वसो वृषणा वरातीः।।
इवा- पृथ

 शर िचदाच.ावतादा- नीचा.ा चथु पातव े वाः~। शयवे िचासा शचीिभ-



जसरु ये य िपथ ु गाम।।

 अवत े वु त ु निमव दशनाय- िवा. दथ ु


 े कृ ियाय- ऋजूयत े नासा शचीिभः। पश

िवकाय।।

 दश राी रिशवने ा नव ू-नवनं िथत.म1 (अ)ः~। िवतु ं रेभ.मदु िन वृ-मिु थ ु

.ोमिमव वु ण
े ।।

ं ां.िना ववोच-म पित.ां सगु व.वु ीरः। उत पय.वु .ीघ.माय-ु


  वास

रिम.वे िरमाण.गाम।।

 1.117 म ोमेित पिवंशृच सू, दैघतमसः क ीवान-् अिनौ-िपु ।।


01.08.13 म ोम ािना मदाय- ो होता िववासते वाम।् बिहती राित िविता

गी-िरषा यात ासोप वाज ैः।।


ु ृ तो रोण-ेन नरा
 यो वा मिना मनसो जवीया-थ ो िवश आिजगाित। येन गथ क

वित रँ यातम।।
ु थो गणने । िमना दो रिशव मायाˆ- अनपूु व
 ऋिषरा वंहस पाज- मृबीसा दिं म

वृषणा चोदया।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 109


 अ गू मिना रेव-ै र ् ऋिषरा वृषणा रेभ म।ु सं िरणीथो िवतु . ंसोिभ- न

ू ि पूा कृ तािन।।
वाय
ु ांस िनऋत े पे- सूय दा तमिस ि यम।् शभु े  दशत िखात-मु पथ ु
 सषु 

रिना वनाय।।

े - क ीवता नासा पिर।् शफा.द वािजनो


01.08.14 ता.रा शं ं पियण

जनाय- शत.ा अिसतं मधूनाम।।

 यवु .रा वु त े कृ ियाय- िवा.दथ ु िवकाय। घोषाय ै िचितृषदे रोण-े पित.ूया

अिनावदम।।

 यवु ं यावाय शती.मदं- महः ोण.ािना कवाय। वा.षृ णा कृ त ँ वाँ- याषद ाय

वो अधम।।
ु  वपा.िना दधाना- िन पेदव ऊहथ ु राश.ु मम।् सहस
 प  ाँ वािजन.मतीत-मिहहनं

व1 (अ)म।।
ु ~- ाूष ं सदन ं रोदोः। यां पासो अिना हव-े यात.िमषा
 एतािन वां वा सदानू

च िवषे च वाजम।।
ु रदा। अगे णा वावध
01.08.15 सूनो माने.नािना गृणाना- वाजँ िवाय भरणा ृ ाना-

सँिवपला.ासािरणीतम।।

 कुह याा सु िु त.ा- िदवो नपाता वृषणा शयु ा। िहरयेव कलश.िखात-मु पथ ु दशम े

अिनाह।।

 यवु .वान.मिना जर-ं पनु यवा


ु न.थ ु शचीिभः। यवु ो रथ.िहता सूय- सह िया

नासा वृणीत।।

 यवु .ा ु ा वभवतँ यवु ाना। यवु ं भ


ु य पूि भ रेवै - पनम ु .मण
ु सो िन मु ा-ििभ हथरु ्

ऋिे भ र ैः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 110


 अजोहवी.दिना तौ ो वां- ो मु .मिथ जगान।् िन.मूहथ ु यु ज
ु ा रथेन-

मनोजवसा वृषणा ि।।


ु तँ वृक। िव जयषु ा
01.08.16 अजोहवी.दिना वितका वा-माो यी.मम

ययथ.ु ाे-जात ँ िवाचो अहतँ िवषण


े ।।

 शत ं मेषा.ृ े मामहान-म णीत. मिशवने िपा। आ ी~ ऋाे अिना वध-ोित

राय चथ ु िवच ।े ।

 शनु .माय भर.मय.ा- वृकी रिना वृषणा नरेित। जार कनीनइव च दानˆ- ऋा- शत

.मेक मेषान।।

 मही वा.मूित रिना मयोभ-ू त ाम.िा सं िरणीथः। अथा यवु ा.िमदय.रु ि-

रागतं स वृषणा ववोिभः।।



 अधेन.ा य1(अँ) िव¤षा-मिपतं शयवे अिना गाम।् यवु ं शचीिभ िवमदाय जाया-

ु  योषाम।।
ूहथु पिम

01.08.17 यवँ वृके.णािना वप-ेष.हा मनषु ाय दा। अिभ द ं ु बकुरेणा.धम-ो

ोित थ ु रायाय।

 आथवणा.यािना दधीच-े ं िशर रै यतम।् स वां मध ु  वोच.ताय-ा ं या

विपक ँ वाम।।

 सदा कवी~ समु ित.माचके वाँ- िवाˆ िधयो अिना ावत ं मे। अ े रिय.ासा बृह-

ु  ं रराथाम।।
मपसाचं 

 िहरयह.मिना रराणा- पु .रा विमाˆ अदम।् िधा ह याव.मिना िवक-


ु ीवस ऐरयतं सदानू
म ु ~।।

 एतािन वा.मिना वीयािण-  पूा.यायवोवोच।्  कृ वो वृषणा यवु ां- सवु ीरासो

े ।।
िवदथमा वदम

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 111


 1.118 आ वां रथ इेकादशच सू, दैघतमसः क ीवान-् अिनौ-िपु ।।

01.08.18 आ वां रथो अिना येनपा- समृु ळीक.वा यावाङ।् यो म मनसो

जवीया-िवरु ो वृषणा वातरंहाः।।

 िवरु ेण िवत ृ ा यात.मवाक।् िपताˆ िजत. मवतो नो- वधयत.


ृ ा रथेन- िचेण सवु त

मिना वीर.म।े ।

 वामना सवु त
ृ ा रथेन- दा िवम ं णतु  ं ोक.मेः। िकम वां वित.िमा- िवासो
ु जाः।।
अिना परा
ु ासˆ आशव पताः। ये अरो
 आ वां येनासो अिना वह-ु रथे य ु िदासो न गृाˆ- अिभ

यो नासा वहि।।

 आ वां रथँ यवु ित ि. द- जु ी नरा िहता सूय। पिर वामाˆ वपषु  पताˆ- वयो वह

.षाˆ अभीके ।।

01.08.19 उन.मैरत.ंसनािभ- ेभ.ा वृषणा शचीिभः। िनौ ं पारयथ.मु ा-



ु नम।।
नु ~ वान.थ ु यवा

 यवु मये वनीताय त-मूज.मोमान.मिना वधम।् यवु .वा.यािपिराय च ु - धं

¤सु िु त.ज ु णा।।


ु षा

 यवु .ेन ं ु शयवे नािधता-यािपत.मिना पूाय। अम


ु तँ वितका.मंहसो िन- ित जाँ

िवपलायाˆ अधम।।

ू -मिहहन.मिनाद.मम।् जो.मय अिभभूित.मु -ं सहसाँ वृषण ँ


 यवु ं ेत ं पेदव इजत

वी ्
 म।।
ु ाता- हवामहे अिना नाधमानाः। आ नˆ उप वसमु ता रथेन- िगरो जषा
 ता वारा वस े सज ु णा

सिु वताय यातम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 112


 आ येन जवसा नूतन-े ना े यात.ासा सजोषाः। हवे िह वा.मिना रातहˆ-

शमायाˆ उषसो ु ौ।।

 1.119 आ वां रथिमित दशच सू, दैघतमसः क ीवान-् अिनौ-जगती।।


ु य ं मनोजवु -ीराँ यि य.ीवसे वे। सहकेत ँ ु विननं शतस-ं ु
01.08.20 आ वां रथं पमा

ु ीवानं विरवोधा.मिभ यः।।

 ऊा धीित  याम-धािय श.मय आ िदशः। दािम घम ित यूतयˆ -

आ वा.मूजानी रथ.मिना.हत।।

ृ ानासो अ मत- शभु े मखाˆ अिमताˆ जायवो रणे। यवु ो रह वण े चेिकते रथो-
 सं यिथ पध

यदिना वहथ.ूिर मावरम।।

 यवु ं भ
ु ं ु भरु माण ँ िविभ गत-ं यिु िभ िनवहा िपत
ृ ˆ आ। यािस ँ वित वृषणा

िवजे1 (अ)- िवोदासाय मिह चेित वामवः।।


ु -ं रथँ वाणी~ येमत ु र शम।् आ वां पितं साय ज मषु ी- योषा
 यवु ो रिना वपषु े यवु ायज

वृणीत जेा यवु ां पती~।।

01.08.21 यवु ं रेभ ं पिर¤षूत े थो- िहमने  घम पिरत.मय।े यवु ं शयो रवस
 ं िपथ ु गिव-

  वन ायायषु ा।।


 दीघण

 यवु ँ वन. िऋत.रयया- रथ. दा करणा सिमथः। े ादा िव.नथो िवपया- 

वाम िवधत े दंसना भवु त।।

 अगत.पमाणं परावित- िपत.ु  जसा िनबािधतम।् वती.िरतˆ ऊती यवु ो रह- िचा

ˆअभीके  अभव.िभयः।।
ु .ि का.रप-दे सोम.ौिशजो वित। यवु .धीचो मनˆ आ िववासथो-
 उत ा वां मधम

था  िशर ित वामँ वदत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 113


 यवु ं पेदवे पु वार.मिना- ृधां ेत.तार.वथः। शय रिभ ं ु पृतनास ु ¤र-कृ

.िमिमव चषणीसहम।।

 1.120 का राधिदित ादशच सू, दैघतमसः क ीवान-् अिनौ-आा गायी- ितीया


् तीया कािवराट ्-चतथु  नपी-पमी तनिशरा-ष
ककुप-तृ ु ु
िक ्
-समी िवारबृहती-अमी

कृ ितः-नवमी िवराट ्-अािो गायः (अाःनािशनी)।।

01.08.22 का राध.ोािना वा-ो वाोष उभयोः। कथा िवधा.चते ाः।।

 िवांसा िवरु  पृे-दिवा.िनापरो अचेताः। नू िच ु मत अौ।।

 ता िवांसा हवामहे वा-ा नो िवांसा म वोचेत.म। ाच.यमानो यवु ाकुः।।

ु  दा। पात. ससो यवु . रसो नः।।


 िव पृािम पाा3(आ) न देवा-षत.ात

  या घोषे भृगवाणे न शोभे- यया वाचा यजित पियो वाम।्  ैषय ु न िवान।।

 .कवान-ाह.िि िरर.े भािना वाम।् आ ी~ शभ


01.08.23 तु .ाय ्
ु ती~ द।।

ं तम।् ता नो वसू~ सगो


 यवु ं ां महो र-वु ँ वा यि.रततस ु पाात-ं पात ो वृका.दघायोः।।

े ो धेनवो गःु । नाभज


 मा क ै धात.मिमिणे नो- माकुा नो गृह ु ो अिशीः।।

 हीय.ििधतये यवु ाकु- राय े च नो िममीत ँ वाजव ै। इष े च नो िममीत.ेनमु ।ै ।

 अिनो रसनं रथ-मन ँ वािजनीवतोः। तेनाहं भूिर चाकन।।

 अय ं समह मा त-नूाते जना अन।ु सोमप ये  ं सख


ु ो रथः।।

ु त रेवतः। उभा ता बि नयतः।।


 अध  िनिवद-े भ

 1.121 किदेित पदशच सू, दैघतमसः क ीवान-इ-ि ् दवे ा वा)।।-
ुप (िवे
01.08.24 किदा नॄ पा.ेवयतां- व.िरो अिरसा.रु य।्  यदान.िशˆ आ

ह-ो ं सते अरे यजः।।


ु भ ु वाजाय िवण. रो गोः। अन ु जां मिहष  त ां- मेना.
 ी ां स धणं षाय-

म पिर मातर.ोः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 114


 न .व.मणी पू रा-र ो िवशा.मिरसा.मन ु ून।् त ..ियतु . ा-त
ु द े

नयाय िपादे।।

ृ .मिु याणा.मनीकम।् य सग िककु.िवत-दप ुहो


 अ मदे याˆ ऋता-यापीवत

मानषु  रो वः~।।


ु  ं पयो यितरा वनीतां- राध.रु ेत रु णे भरु यू~। शिच
 त ु ये रेˆ आयज-

सबघाया पयˆ उियायाः।।

01.08.25 अध  ज े तरिण मम-ु  रोाˆ उषसो न सूरः। इ यिभ रा ेह-ै

वु ण
े  िस.रणािभ धाम।।

 िा यनिधित रपा-ूरो अरे पिर रोधना गोः। य भािस कृ ा अन ु ू-ननिवशे

पिशे तरु ाय।।


ु ासाह मिभ योधानˆ उम।् हिरँ ये मिन. .ृध-े
 अा महो िदवˆ आदो हरी~ इह- 

गोरभस.मििभ वाताम।।

 ं ित वतयो गो- िदवो अमान.मपु नीत.मृा। कुाय य पत


 मायस ु व-.मनै

पिरयािस वधःै ।।

 परु ा यूर मसो अपीत-े मिव फिलग ं हेित.म। श


ु  िचिरिहतँ यदोजो-

िदव.िर सु िथत.दादः~।।

01.08.26 अन ु ा मही~ पाजसी~ अचे~- ावा ामा मदता.िम कम।् ँ वृ.

माशयान ं िसरास-ु महो वेण िस¤पो वराम।।
ु ो विहान।् ये काˆ उशना मिन.ा-
 िम नय या अवो नॄ-िा वात सयु ज


ृ ह ्
 णं पाय.त  वम।।

 ं सूरो हिरतो रामयो नॄ-र .मेतशो नाय.िम। ा पार.वित ााना-मिप कत

.मवतयोयनू ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता थमाके अमाायः। वगाः(1-26) Page 115



 ो अाˆ इ हणाया- पािह विवो िरता.दभीके ।  नो वाजा.ो3(ओ) अबा-

िनष े यि वस े सूनत


ृ ाय ै।।
ु ित िव दस-ाजमह.िमषो वर। आ नो भज मघव.ोय-
 मा सा ते अ.म

मंिहा.े सधमाद.ाम।।

इित अमााय माः।। इित थमाकं समाम।।

 ितीयाकम ्

 ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26)



 1.122  वः पािमित पदशच सू, दैघतमसः क ीवान-िवे ्
देवा- िपु -पमी

षयौ िवरापे-(भेदयोगप े त ु आानां षणां मेण  मत उषासाना िवेदवे ा अिनौ

िवेदवे ा िमावण िसवो देवताः-ततो योिवेदवे ाः-ततो योिमावणौ- अ पानां

िवेदवे ाः।।
ु वोो - य ं ाय मीषे भरम।् िदवो अो.सरु 
02.01.01  व पां रघम
ु वे  मतो रोदोः।।
वीर-ै िरष

ृ ा- उषासाना पु धा िवदान~


 पीव पूवितँ वावध े । री नाँ  तु  ँ वसाना- सूय िया

सु शी िहरय ैः।।

 मम ु न पिरा वसहा- मम ु वातो अपाँ वृष.वान।् िशशीत.िमापवता यवु .-ो िवे

विरव ु देवाः।।
ु -ं  मातरा
 उत ा मे यशसा ेतनाय-ै  ा पाौ.िशजो वै।  वो नपात.मपा.ण

रािना.योः।।

 आ वो वय.ु मौिशजो वै- घोषेव शंस.मजनु  नंश।े  व पू े दावन आ- अा व
 ोचेय
ु ित.मःे ।।
वसता

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 116


 02.01.02 तु ं मे िमावणा हवे-मोत तु  ं सदन े िवत ीम।् ोत ु न ोतरु ाित 
ु ोत-ु

 ु े ा िस ु रिः।।

 षु े सा वाँ वण िम राित- गवां शता पृ यामषे ु प।े तु रथ े ियरथ े दधाना- पिु .

िानासो अ म।।

 अ षु  े मिहमघ राध-चा सनेम नष वु ीराः। जनो य प
े ो वािजनीवा-नावतो

रिथनो मं सूिरः।।


ु ।् य ं स यं दय े िन ध- आप यद
 जनो यो िमावणा विभ-ु गपो न वां सनु ोयाक

होािभर ्ऋतावा।।
ु त
 स ाधतो नषो दंसज ू -शधरो नरा.त ृ ा- िवास ु पृ ु
ू वाः। िवसृराित याित बास
सदिम रः।।

 षो हवं सूरे- ोता राजानो अमत


02.01.03 अध मा न ृ  ु यिरव
 माः। नभोजवो

राध- शये मिहना रथवते।।


ु ािन येष ु वसता
 एत ं शध.ाम य सूर-े िरवोच.शतय नंश।े  ु ती रार-िे स ु

भृथषे  ु वाजम।।

 मामहे दशतय धास-े िय िबतो या। िकिमा इरिम रेत- ईशानास षˆ

ऋते नॄन।।

 िहरयकण मिणीव मण- ो िवे विरव ु देवाः। अय िगर ˆ आ ज मषु ी- रोा

ाकूभये।े ।

 चारो मा मशशार िश-यो रा ˆ आयवस िजोः। रथो वां िमावणा दीघाा-



ूमगभि ूरो नाौत।।

 1.123 पृथ ू रथ इित योदशच सू, दैघतमसः क ीवान-् उषा-िपु ।।


ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 117


ृ ासो अःु । कृ ा.दा
02.01.04 पृथ ू रथो दि णायाˆ अयो-ैन.ेवासो अमत

दया3(आ)िवहाया - ििकी मानषु ाय याय।।

 पूवा िवा.वु ना दबोिध- जयी वाजं बृहती सनु ी। उा .वु ित पनु भ ू
 -रोषाˆ

अग.थमा पूवतौ।।
ु ाते। देवो नो अ सिवता दमूनाˆ- अनागसो
 यद भाग ँ िवभजािस नृˆ- उषो देिव मा सज

वोचित सूयाय।।

 गृहृह महना याा- िदविे दव े अिध नामा दधाना। ¤िसषासी ोतना श.दागा-

दम.िमजते वसूनाम।।

 भग सा वण जािम- ष ूनतृ े थमा जर। पा स दा यो अघ धाता- जयेम

ति णया रथेन।।

02.01.05 उदीरतां सूनतृ ाˆ उरु ी-दय शश


ु च
ु ानासो अःु । ाहा वसूिन

ू ा-िवृ व.षु सो िवभातीः।।


तमसा.पग
ु पे अहनी~ सरेत~
 अपा दे1(अ) देित- िवष ु क-रौ
े । पिरि तो मो अा गहा
ु ता रथेन।।
षा शोशच

 सशी र सशी िर ो- दीघ सचे वण धाम। अनवा िंशतँ योजना-ेकैका त ं ु

पिर यि सः।।


ु ा कृ ा दजिन ितीची। ऋत योषा न िमनाित धामा-हरह
 जान थम नाम- श

िनृ त माचरी।।

 कवे ता3(आ) शाशदानाँ- एिष देिव देव िमय माणम।् संयमाना यवु ित परु ा-

दािवव ांिस कृ णषु े िवभाती।।

02.01.06 सस ृ ृ वे  योषा-िव णषु े श े कम।् भा मषु ो िवतरँ 
ु ाशा मातम ु - न

ते अाˆ उषसो नश।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 118


 अावती गमती िववाराˆ- यतमानाˆ रिमिभ ूय। परा च यि पनु रा च यि- भा

नाम वहमानाˆ उषासः।।

 ऋत रिम मनयु माना- भंभ त ु मास ु धेिह। उषो नो अ सहु वा 
ु ा-ास ु रायो

मघव ु च ःु ~।। 06

 1.124 उषा उीित योदशच सू, दैघतमसः क ीवान-् उषा-िुप।।


 ूयˆ उिवया ोित रेत।् देवो नो अ


 07 उषाˆ उी सिमधान े अा- उ

सिवता.थ- ासावीद ् िपत ् चत


ु िद ै।।

ु ा यगु ािन। ईयषु ीणा मपु मा शतीना-मायतीनां थम


 अिमनती दैािन तािन- िमनती मन  ोषा

ौत।।

 एषा िदवो िहता दिश- ोितवसाना समना परु ात।् ऋत पा मेित साध-ु

जानतीव न िदशो िमनाित।।


ु वु ो न व ो- नोधाइवािवरकृत ियािण। अस
 उपो~ अदिश श   ससत
 ो बोधयी-

शमागानु रेयषु ीणाम।।

 पूव अध रजसो अ- गवा.िन.कृ त  के तमु ।्  ु थते िवतरँ वरीय- ओभा पृणी िपो

पा।।

 मा श े क-ाजािम पिर वृणि जािमम।् अरेपसा ता3(आ)


02.01.08 एव े देषा पु त

शाशदाना- नाभा दीषत े न महो िवभाती।।

ं ु एित तीची- गतािगव सनये धनानाम।् जायवे  प उशती सवु ासा- उषा हवे  िन
 अातवे  पस

िरणीते अः।।

 सा े ाय ै योिन मारै-गप ु ी रिमिभ ूया-े


ै ा ितचेव। 

समनगाइव ाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 119


 आसां पूवासा महस ु सॄणा-मपरा पूवा मिे त पात।् ता व
 .सी नून म-े रेव

 ु सिु दना उषासः।।

  बोधयोष पृणत ु माना पणय स।ु रेव मघवो मघोिन- रेव ो े
 ो मघो-ब

सूनतृ े जारयी।।
ु े गवा मणाना मनीकम।् िव नून म
02.01.09 अवेयम ै वु ित परु ा- ु ा.दसित 

के त-ु गृहृह मपु  िताते अिः।।

 उे वयि.सत े रप-र ये िपतभु ाजो ु ौ। अमा सत े वहिस भिु र वाम-मषु ो देिव दाशषेु 

माय।।

 अों ोा णा मे- वीवध


ृ  मश ु ाक.ेवी रवसा सनेम सहिण.
ु ती षासः। य

शितन वाजम।।

 1.125 ाता रिमित सच सू, दैघतमसः क ीवान-् नय दानित-ि


ु ् थु 
ुप-चत
पौ जगौ- (नयनाोरा ौ दानिु तरतः नयो देवता)।।

ृ ा िन ध।े तेन जाँ वधयमानˆ


 02.01.10 ाता~ रं ातिरा दधाित- तििका.ितग

आयू- रायोषेण सचते सवु ीरः।।

 सगु ु रस.िु हरय ो- बृहद ै वयˆ इो दधाित। यायँ वसनु ा ातिरो-

म ु ीजयवे  पिद मिु नाित।।


ु ृ तं ात िर-िे पु ँ वसमु ता रथेन। अंशो तु ं पायय मर- यीरँ वधय
 आय.म सक

सूनतृ ािभः।।

 उप रि िसवो मयोभवु ˆ- ईजान यमाण धेनवः। पृण पपिु र ववो- घृत

धारा उप यि िवतः।।

 नाक पृ े अिध ितित ितो- य पृणाित स ह देवषे  ु गित। ता आपो घृत.मषि िसव-

ा इयि णा िपते सदा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 120


ृ  ं भजे-
 दि णावता िमिदमािन िचा- दि णावता ििव सूयासः। दि णावो अमत

दि णाव  ितर आयःु ।।

 मा पृणो िरत मेन आर-ा जािरष ु ूरय ु तासः। अ ेषां पिरिध र ु कि-

दपृण मिभ सँ य ु शोकाः।।

 1.126 अमािनित सच सू, दैघतमसः क ीवानृिषः-आगिधते भावय ऋिषः-



रोमशा देवता-उपोप म इ रोमशा ऋिषका-नयो देवता- िुप-अे े अनु भ
ु ौ-(नय एव
भावयशेनोते रोमशाखनयभाया अे े ऋचौ तयोः पररं संवादः आािभः

पिभदानतः ्
ु क ीवान -भावयमौत ्
तत स एव देवता।।

 02.01.11 अमा.ोमा भरे मनीषा- िसा विध ि यतो भा। यो मे सह मिममीत

ू  राजा व इमानः।।


सवा-नतत

 शत ं रा ो नाधमान िना-त मा.यता. आदम।् शत. ीवा असरु  गोना-

ििव वोजर मा ततान।।


ु षि.ह मन ु ग मागात-्
ू ो दश रथासो अः।
 उप मा यावा नयेन दाˆ- वधम

सन. ीवा अिभिप े अाम।।

 चािरंश शरथ शोणा- हाे ेिण.यि। मदतु  कृ शनावतो अा- ीव

उदम ृ  पाः।।
ु ा अा विरधायसो गाः। सबु वो ये िवयाइव ाˆ- अन
 पूवा.मन ु यितमा दद े वी 

व ऐष पाः।।

 आगिधता पिरगिधता- या कशीकेव जहे। ददाित मँ यारी- याशूनां भोा शता।।

 उपोप मे परा मृश- मा मे दािण मथाः। सवाह मि रोमशा- गारीणािमवा.िवका।।

 1.127 अिं होतारिमेकादशच सू, दैवोदािसः पेपोि-रिः- षितधृितः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 121


02.01.12 अिं होतारं मे दा-ँ वस ं ु सून ं ु सहसो जातवेदसँ- िव जातवेदसम।् यˆ

ऊया रो- देवो देवाा कृ पा। घृत िवाि मन ु वि शोिचषा- जा
ु न सिपषः।।

ु  मिभः। पिरानिमव
 यिजा यजमानाˆ वेम- े.मिरसाँ िव मिभ- िवेिभ श

ां- होता.रषणीनाम।् शोिचे श ँ वृषण ँ यिममा िवश- ाव ु जूतये िवशः।।
ु  िचदोजसा िवता- दीानो भवित ुहर- परशनु ुहरः। वीळु िच
 स िह प

समृतौ- वु .नवे  यिरम।् िनहमाणो यमते नायत-े धासहा नायत।े ।

 ा िचदा अन ु यथा िवद-े तेिजािभ ररिणिभ दावस-े ये दावस।े  य प
ु िण

गाहत-े त .नवे शोिचषा। िरा िचदा िन िरणा.ोजसा- िन िरािण िचदोजसा।।

 तम पृ मपु रास ु धीमिह- नँ .यदु शतरो िदवातरा- दायषु .े िदवातरात।् आदाय.ु 
 भणव-

ीळु शम न सूनवे। भ.मभ मवो ो अजरा- अयो ो अजराः।।
ु िण- रती-षूवरा.ििन- रातना.ििनः।
02.01.13 स िह शध न मात.िव

आद.ा.ादिद- य  के तरु हणा। अध ा हषतो षीवतो- िवे जष


ु पा-र.शभु े न

पाम।।

 िता यदी.ीासो अिभवो- नम उपवोच भृगवो- मो दाशा भृगवः। अि.रीश े
ु .य धिण रेषाम।् िया अिपधी विनषी मेिधर- आ विनषी मेिधरः।।
वसूनां- शिच
ु -े सिगवाहसं भज
 िवासा.ा िवशां पितं हवामहे- सवासां समान.ितं भज ु ।े अितिथं

मानषु ाणां- िपतनु यासया। अमी च िवे अमत े ा वयः।।


ृ ास आ वयो- हा देव

 म े सहसा सहम- शिु मो जायसे देवतातये- रियन देवतातये। शिु मो िह ते मदो-

िु म उत तःु । अध ा ते पिर चर-जर ु ीवानो नाजर।।
ु  पशषु े नाये- ोमो बभूये। ित यद हिवा-िास ु
  वो महे सहसा सहत- उषबधे

ास ु जोगवु ।े अे रेभो न जरत ऋषूणा-ूिणहत ऋषूणाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 122


ु ते नु ा- महो राय च
 स नो नेिद.शानˆ आ भरा-े देविे भ चना च ु ते नु ा। मिह शिव

ु े अ ै। मिह ोत


नृ िध- स  े भज ृ ो मघव.वु ीय- मथी ो न शवसा।।

 1.128 अयायतेच सू, दैवोदािसः पेपोि-रिः

02.01.14 अय.ायत मनषु ो धरीमिण- होता यिजˆ उिशजा मन ु त- मि.मन ु तम।्

िविु  खीयत
 -े रियिरव वत।े अदो होता िन षद.िदळद-े पिरवीत इळद।े ।

 तँ य साध मिप वातयाम-ृत पथा नमसा हिवता- देवताता हिवता। स नˆ ऊजा-

मपु ाभृ-या कृ पा न जूयित। यं मातिरा मनव े परावतो- देव ं भा~ परावतः।।

 एवेन स पयित पािथव-ं मु ग   किनद-धेत किनदत।् शत. ाणो अ िभ-
  रेतो वृषभ

दवो वनेष ु तवु िणः। सदो दधानˆ उपरेष ु सान-ु ि परेष ु सानषु ।।

ु तु परु ोिहतो दमेदमे-ि य ा.र चेतित- ा य  चेतित। ा वेधाˆ
 स स

इषयू त-े िवा जातािन पशे। यतो घृती रितिथ रजायत- वि.वधाˆ अजायत।।

 ा यद तिवषीष ु पृते-े रवेण मता भो-े ि षराय न भोा। स िह ादान.िमित-

वसूना मना। स नासते िरता.दिभत- शंसा.दघा दिभतः।।

02.01.15 िवो िवहाया अरित वस.ु दधे- हे दि ण े तरिणन िशथ-वया न िशथत।्
ु ृ ते वार.मृव-ि.ारा ृवित।।
ु त-े देवा ह मोिहष।े िवा इक
िवा इिदष

 स मानषु े वृजने शमो िहतो3( ओ)-ि य षे  ु जेो न िवपित- ियो य षे  ु िवपितः। स

हा मानषु ाणा-िमळा कृ त


 ािन पते। स न ासते वण धूत- महो देव धूतः ।।

 अिं होतार मीळते वसिु धितं- ियेित मरित.ेिररे- हवाह ेिररे। िवाय ँ ु िववेदसं

होतारँ यजत.िवम।् देवासो रव.मवस े वसूयवो- गीभ रवँ वसय


ू वः।।

 1.129

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 123


02.01.16 यं रथ िम मेधसातये-पाका स िमिषर णयिस -ानव नयिस।-

सि मिभय-े  करो वश वािजनम।् सााक मनव तूतजान


ु वेधसा-िममाँ वाच

वेधसाम।।

 स िु ध य ा पत


ृ नास ु कास ु िच- ा इ भरतये नृिभ- रिस तूतये नृिभः। यशूर ै

1(अ) िनता- यो िव ै वाजता। तमीशानासˆ इरध वािजनं पृ म वािजनम।।

 दो िह ा वषृ ण ं िपिस च-िावी ररं  शूर म- पिरवृणि  मम।् इोत त
ु 

ु ळ
िव-े तुाय यशसे। िमाय वोचँ वणाय सथ म ृ ीकाय सथः।।

 अाकँ  वˆ इ.मु मसी.ये- सखाय ँ िवाय ं ु ासहँ यज ु म।् अाकं 


ु -ँ वाजेष ु ासहँ यज

ो.तये-वा पृषु  ु कास ु िचत।् निह ा श ु रत े ृणोिष यँ- िवं श ं ु ृणोिष यम।।

 ािभ ोितिभः। नेिष णो यथा परु ा-


 िन षू नमा.ितमित.य िच-ेिजािभ ररिणिभ नितिभ-

नेना शूर मस।े िवािन पूरो रप पिष वि- रासा विन अ।।

02.01.17 1 तो.चये  ं भा.येव-े  हो न यˆ इषवा. रेजित- र ोहा म रेजित।

य ं सो अदा िनदो- वध ै रजते मितम।् अव वे.दघशंसो.वतर-मव ु .िमव वेत।।

 वनमे  तोया िचता- वनमे  रियं रियव वु ीय- रवं सं सवु ीयम।् मान ं समु िु भ-
ु ितिभ- यज.
रेिमषा पृचीमिह। आ सािभ िर. ु ितिभः।।

 ो अ े यशोिभ ती- पिरवग इो मतीना-रीम.मतीनाम।् य ं सा िरषयै- या


 ा व

नˆ उपेष े अःै । हत.े मस


 व ित- ि ा जूिणन व ित।।

 ˆ इ राया परीणसा- यािह पथा अनहे सा- परु ो या.र सा। सच न पराक आ-

सचा.मीक आ। पािह नो रा.दारा.दिभििभ- दा पािभििभः।।

 ˆ इ राया तषसो-िा मिहमा स .दवस-े महे िम.ावस।े ओिज ात रिवता~-

रथ.ि.दम। अ.म.ििरषे कि.दिवो- िरिर .िदिवः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 124


ु िधो-वयाता सद.िममु तीना-ेव.मतीनाम।् हा पाप र स-
 पािह नˆ इ सु त

ाता िव मावतः। अधा िह ा जिनता जीजनसो~- र ोहणा जीजनसो~।।

 1.130 ए याहीित दशच सू, दैवोदािसः पेप- इोि-रा िपु -्



(अििरेव योगः साधः)।।

02.01.18 ए यापु न परावतो- नाय मा िवदथानीव सित- रं राजेव सितः।

हवामहे ा वय-ं य तु े सचा। पु ासो न िपतरँ वाजसातये- मंिहँ वाजसातये।।

 ोम िम सवु ान मििभ- कोशेन िस मवत वंसग- ातषृ ाणो न वंसगः। मदाय
 िपबा स

हयताय ते- तिु वमाय धायस।े आ ा य ु हिरतो न सूय-महा िवेव सूयम।।

 अिव.िवो िनिहत. हु ा िनिधँ- वेन गभ पिरवीत मम-न े अ रमिन। ज ँ वी

गवा.िमव- िसषास.िरमः। अपावण


ृ ो िदषˆ इ परीवत
ृ ा- ारˆ इष परीवत
ृ ाः।।

 दाह ाणो व.िमो गभोः-  ेव ित म मसनाय सं य-दिहहाय सं यत।् सँिवानˆ

ओजसा- शवोिभ िर मना। तेव वृ ँ विननो िन वृिस- परवे  िन वृिस।।

 ँ वृथा न इ सतव-े ा समु मसज ु त-


ृ ो रथा इव- वाजयतो रथा इव। इतˆ ऊती रय

समान मथ मि तम।् धेनिू रव मनव े िवदोहसो- जनाय िवदोहसः।।

02.01.19 इमाे वाचँ वसूयˆ आयवो- रथ धीर.पाˆ अति ष-ु 
ु ाय ामति षः।

ु ो जे ँ यथा- वाजेष ु िव वािजनम।् अिमव शवस े सातये धना- िवा धनािन सातये।।
श
ु नवित िम पूरवे- िदवोदासाय मिह दाशषु  े नृतो~- वेण दाशषु  े नृतो~। अितिथ वाय
 िभनरो

शर.िरे ो अवाभरत।् महो धनािन दयमान ओजसाˆ- िवा धनाोजसा।।

 इ म ु यजमान माय- ाविेष ु शतमूित रािजष-ु मेािजष।ु मनव े

शासदता.चा मरयत।् ¤द  िव तृषाण मोषित- शसान मोषित।।

 सूर.ं  वृह.ात ओजसा- िप े वाच मणो मषु ाय-तीशानˆ आ मषु ायित। उशना
ु ािन िवा मनषु वे तवु िण- रहा िवेव तवु िणः।।
यरावतो-जग ूतये कवे। स

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 125


ु त~ पायिु भ पािह श मैः। िदवोदासिे भ िर वानो-
ु ै- परा
 स नो नेिभ वृषकम

वावध
ृ ीथा अहोिभिरव ौः।।

 1.131 इाय हीित सच सू, दैवोदािसः पेप- इोिः।।

02.01.20 इाय िह ौरसरु ो अन-तेाय मही पृिथवी वरीमिभ- 


ु साता वरीमिभः। इँ

िवे सजोषसो- देवासो दिधरे परु ः। इाय िवा सवनािन मानषु ा- रातािन स ु मानषु ा।।
ु ते- समान.मेकँ वृषमयव पृथ-~ 1िनव पृथक।् ता
 िवेष ु िह ा सवनषे ु त

नाव पषिणं- शूष धिु र धीमिह। इ य ै ितयˆ आयव- ोमेिभ िर1.मायवः।।

 िव ा तते िमथनु ाˆ अववो- ज साता ग िनज


ृ -   इ िनज
ृ ः।

या ा जना- 1(अ)या समहू िस। आिव.िर.षृ ण ं सचाभवु -ँ व.िम सचाभवु म।।
ु यिद शारदी रवाितर- ासहानो अवाितरः। शास िम
 िवे अ वीय पूरव- परो

म-मय ं ु शवसते। मही.मम


ु ा पृिथवी.िममाˆ अपो- मसान इमाˆ अपः।।

 आिदे अ वीय चिक र-देष ु वृष िु शजो यदािवथ- सखीयतो यदािवथ। चकथ कारमे-

पृतनास ु ववे। ते अामा. ं सिनत- व िनत।।

 उतो~ नो अाˆ उषसो जषु ते -1(अ)क बोिध हिवषो हवीमिभ- षाता हवीमिभः। यिद

हव े मृधो- वृषा वि.ि चके तिस। आ मे अ वेधसो नवीयसो- म िु ध नवीयसः।।

ृ ानो अय-ु रिमय.िवजात


 .िम वावध ु म- वेण शूर मम।् जिह यो नो
ु स
अघायित- ण ु व.मः। िर.याम.प भूत ु मित- िवाप भूत ु मितः।।

 1.132 या वयिमित षळृच सू, दैवोदािसः पेप- इो- यवु िमेधच

इापवताविः-

02.01.21 या वय ं मघव.ू  धन- इोता ासाम पृततो- वनयु ाम वन
ु तः।

नेिद े अि.ह-िध वोचा न ु स


ु त।े अि. े िव चयम
े ा - भरे कृ त ँ वाजयो भरे कृ त ्
 म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 126


 जष े भर आ व-षु बधु ि.िस- ाण ि.िस। अह.िो यथा

िवद-े शीशी.पवाः। अा ते स . ु रातयो- भाˆ भ रातयः।।

 त ु य था ते शश ु न-ँ यि. े वार मकृ वत य-मृत वारिस यम।् िव तोच े रध
ु 

िता-~ पयि रिमिभः। स घा िवदे अिो गवषे णो- बिु ो गवषे णः।।

 नू इा ते पूवथा च वाँ- यदिरोो.वृणो रप ज-िम िश .प जम।् ऐ माा

ु ो रया कि.दत-ं णाय.िदतम।।
िदशा-िे ष योि च। स

 सँ यना.तिु भ शूर ई य-ने िहत े तष वव-  य  ववः। ता आयु

जाव.िद-ाधे अचोजसा। इ ओ.ििधष धीतयो- देवा अा न धीतयः।।


ु यधु ा- यो न पृता दप तिम-त-ँ वेण तिमतम।् रे चाय
 यवु  िमापवता परो

.हन ँ यिदन त।् अाकं  शू.िर शूर िवतो- दमा दष िवतः।।

 1.133 उभे पनामीित ्
सच सू, दैवोदािसः पेप इ आा िपु -ितीयािद

ितोनु भ
ु ः-पमी गायीस-षी धृितः-सिः।।
े पनु ािम रोदसी ऋतने - ुहो दहािम सं मही रिनाः। अिभ य य हताˆ
02.01.22 उभ~

अिमाˆ- वैलान ं पिर तृाˆ अशेर।।

 अिभ या िचदिव- शीषा यातमु तीनाम।् िछि वटूिरणा पदा- महावटूिरणा पदा।।

 अवासां मघव. जिह- शध यातमु तीनाम।् वैल


 ानके अमके- महावैले अमके।।

 यासा.ि पाशतो-िभै रपावपः। त ु ते मनायित- तक ु ते मनायित।।

 िपशभिृ .मृण-ं िपशािच.िम सं मृण। सव र ो िन बहय।।

 अवमहˆ इ दाि ह धु ी न ु ोच िह ौः 


 - शश ाˆ न भीषा अिवो- घृणा भीषा

अिवः। शिु मो िह शिु िभ- वध ै िे भ रीयस।े अपूषो अतीत शूर सिभ- िस ै शूर

सिभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 127


ु .यं परीणस- 
 वनोित िह स ु ानो िह ा यजव िषो- देवाना.मव िषः। स
ु ान

ु ाना.येो ददा ाभवु -ं रिय.दा ाभवु म।।
इिषासित- सहा वावृतः। स

 1.134 आ ा जवु इित षळृच सू, दैवोदािसः पेपो- वाय-ु रि-रािः।।


ु रारहाणा अिभ यो- वायो~वह.िह पूवपीतये- सोम पूवपीतये।
02.01.23 आ ा जवो
ु ता रथेना यािह दावने- वायो~ मख दावने।।
ऊा ते अन ु सूनतृ ा- मन ित ु जानती। िनय

 म ु ा मिनो वाय~ िववो-ाणास क


ु ृ ता अिभवो- गोिभ ाणा अिभवः।

य ाणाˆ इर-ै द  ं सच ऊतयः। सीचीनाˆ िनयतु ो दावने िधयˆ- उप वु त ईियः।।

 वाययु 
ु े  रोिहता वाय ु रणा- वाय ू रथे अिजरा धिु र वोव-े विहा धिु र वोव।े  बोधया 

परु .िारˆ आ ससतीिमव।  च य रोदसी वास.योषस- वस े वासयोषसः।।


ु मषु ास शच
 त ु य परावित- भा वा तते दंस ु रिमष-ु िचा नेष ु रिमष।ु त
ु . ेन ु

ब घा- िवा वसूिन दोहते। अजनयो मतो व णाो- िदवˆ आ व णाः।।
ु  ं श
 त ु य रु यवो- मदे.षूा इषण भवु -यपा िमष भवु िण। ाारी दसमानो
ु ास शच

भगमीे तवीये। ँ िवा.वु ना ािस धमणा-सयु ा ािस धमणा।।

 ो वाय~ वेषा मपू- ोमानां थम पीित महिस- सतु ानां पीित महिस। उतो~
ु णाम।् िवाˆ इे धेनवो  आि शर-ृतत आिशरम।।
िवतीनाँ- िवशाँ ववजषी ्

 ीण बिहिरित नवच सू, दैवोदािसः पेपो- वाय-ु तािद


ु पंचाना-िमो वा-

अिः सावी।।

 02.01.24 ीण बिह प नो यािह वीतये- सहेण िनयतु ा िनयते


ु - शितनीिभ िनय
ु ते।

ु  ं िह पूवपीतये- देवाˆ देवाय येिमरे।  ते सतु ासो मधम


त ्
ु ो अिर-दाय े अिर।।

ु ाय ं सोम पिरपत


 त ु ा वसानो अषित। तवाय ं
ू ो अििभ- ाहा वसान पिर कोश मषित- श

भाग आयषु -ु सोमो देवषे  ु यते। वह वायो~ िनयतु ो याय-ु जषु ाणो यायःु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 128


 आ नो िनयिु  शितनीिभ ररं- सहिणीिभ प यािह वीतये- वायो हािन वीतये। तवाय ं
ु भरमाणाˆ अयंसत- वायो~ श
भागˆ ऋिय- रिम ूय  सचा। अयिभ ु ाˆ अयस
ं त।।
ु ा.  दवस-े िभ यांिस सिध
 आ वां रथो िनय ु तािन वीतये- वायो~ हािन वीतये। िपबत ं

मो अस- पूवपये  ं िह वां िहतम।् वाय~ वा चेण राधसा गत-िम राधसागतम।।

 आ वाियो ववृ ु ररा उ-पेम िमं ममृज वािजन-माश ु म. वािजनम।् तेषां िपबत

ू - आ नो ग िमहोा। इवायू~ सतु ाना.मििभ यवु -ं मदाय वाजदा यवु म।।
मय~
ु भरमाणाˆ अयंसत- वायो~ श
02.01.25 इम े वां सोमाˆ अा सतु ाˆ इहा-यिभ ु ाˆ

ं त। एत े वा.मस ृ त- ितर पिव माशवः। यवु ायवोित रोमा.यया- सोमासो


अयस

अया।।

 अित वायो~ ससतो यािह शतो- य ावा वदित त गत-हृ िम गतम।् िव सूनतृ ा

दश े रीयत े घृत-मा पूणया िनयतु ा याथो अर-िम याथो अरम।।

े म आितँ- यम मपु .ित जायवो-े ते स ु जायवः। साक.ाव


 अाह तहेथ~

वु त े पत े यवो- न ते वाय~ उप दि धेनवो- नाप दि धेनवः।।

 इम े ये ते स ु वायो~ बाोजसो-नदी~ ते पतय. ु णो- मिह ाधˆ उ णः। ध.ि े

अनाशवो- जीराि.दिग.रौकसः। सूयवे रमयो िनयवो- हयो िनयवः।।

 1.136  स ु ेिमित सच सू, दैवोदािसः पेपो- िमावणौ-नमो िदव इा-

रोदासी- िमावणेायम भग सोमा देवताः-ऊती देवानािमा देव मदि िमावण



मघवोदेवता- अिः-अा-िपु ।।

ृ य.ां- ािदं मृळय.ाम।्


 02.01.26  स ु े.ििचराां बृह.मो- ह ं मितं भरता मळ

ता साजा घृतासतु ी~- य ये   उपतु ा। अथनै ोः  . कुत.नाधृष-े देव.ू

िचदाधषृ ।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके थमाायः। वगाः(1-26) Page 129


 अदिश गात ु रवे वरीयसी- पाˆ ऋत समय
ं रिमिभ-   ु भग रिमिभः।  ु ं
ु  ं बृह.यः।।
िम सादन-मयो वण च। अथा द धाते~ बृह1(अँ)वयˆ- उप

 ोितती.मिदित.ारयिितं- वती.मा सचते ~


े िदविे दव-े जागृवांसा िदविे दव।े

ोित. माशाते~- आिदा दाननु 


 ती~। िम.यो वणो यातयनो-यमा

यातय
 नः।।

 अय ं िमाय वणाय शम- ोमो भू वपानेाभगो- देवो देव े ाभगः। तेवासो जषेु रत-

िवे अ सजोषसः। तथा राजाना करथो यदीमह- ऋतावाना यदीमहे।।

 यो िमाय वणाया.िवध.नो-नवाण ं पिर पातो अंहसो- दाांस ं मत मंहसः। तमयमािभ

ू  मन ु तम।् उ ैयˆ एनो पिरभषू ित त-ं ोमै राभषू ित तम।।
र -ृजय ्

 े रोदसीां- िमाय वोचँ वणाय मीषे- समृु ळीकाय मीषे। इ.मि मपु 
 नमो िदव े बृहत
ु  ु मयमणं भगम।् ो जीव जया सचेमिह- सोमोती सचम
िह- े िह।।

 ऊती देवानाँ वय िमवो- मंसीमिह यशसो मिः। अि.िमो वण शम यंस-

दयाम मघवानो वय।। इित थमाायः।

 ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27)

 1.137 सषु मे
ु ित तृच सू, दैवोदािसः पेपो- िमावणा-वितशरी।।

02.02.01 ¤सषु मु ा यात. मििभ- गीता मरा इम-े सोमासो मरा इम।े आ राजाना

िदिवृशा-ा ग.मपु  नः। इम े वां िमावणा गवािशर- ोमा श


ु ाˆ गवािशरः।।

 इम आ यात. िमव- ोमासो दािशर- तु ासो दािशरः। उत वा मषु सो बिु ध- साकं

सूय रिमिभः। सतु ो िमाय वणाय पीतये- चार ्ऋताय पीतये।।


ु वासरी-मंश.ु ह.ििभ- ोम.ह.ििभः। अा ग.मपु  नो-वाा
 ताँ वाने .

सोमपीतये। अय ँ वां िमावणा नृिभ.तु - ोम आ पीतये सतु ः।।


ु च सू, दैवोदािसः पेपः- पूषािः।।
 1.138  पू इित चतऋ

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 130


02.02.02  पू िु वजात शते- मिह.म तवसो न तते- ो.म न
ु य.ह-मूितं मयोभवु म।् िव यो मनˆ आययु वु े मखो- देवˆ आययु वु े
तते। अचािम स

मखः।।

  िह ा पूष.िजर यामिन- ोमेिभ कृ व ऋणवो यथा मृध-ˆ उो न पीपरो मृधः। व े या

मयो.भवु -ेव ं साय मः। अाक.माूषा.िु न ृ िध- वाजेष ु िु नृिध।।

 य ते पूष. े िवपव- ा िचो.वसा बभु ि


ु र इित ा बभु ि
ु रे। तामन ु ा

नवीयसी-ियतु  ं रायˆ ईमहे। अहेळमानˆ उशंस सरी भव- वाजेवाजे सरी भव।।

 अाˆ ऊ ¤ष ु ण उप सातये भवु ो-हेळमानो रिरवा अजा वता.मजा। ओ~¤ष ु ा

ववृतीमिह- ोमेिभ द साधिु भः। निह ा पूष.ितम आघृण े न ते स.मपुव।े ।

 1.139 अ ु ौषिळेकादशच सू, दैवोदािसः पेप- आाया िवेदवे ाः-ितीयाया

िमावणौ-तृतीयािद ितसृणामािनौ-षा इः-सा अि-रा मतो- नवा इाी-

दशा बृहितः-अाया िवेदवे ा अिः-पमी बृह-ा िपु -् (वैदेवमेतूं- अ

ेकं देवता िवभागाकर एव पिठतः- अनयवै िदशा सवािप वैदेव सूे देवता िवभागः कत

इित िह तदन ु ा- यथाह - एवमासामिपसू, योगे वैदेवं- सूभेदयोगे त ु यिं सा

देवतेित)।।

02.02.03 अ ु ौष.र ो अि.िया दध -आ न ु तध िद ँ वृणीमह इवाय~


ू वृणीमहे।

य ाणा िववित- नाभा सािय नसी। अध  सू नˆ उप य ु धीतयो- देवा अा न

धीतयः।।

 य िावणा वृता द-ाददाथे~ अनृत ं ेन मनु ा- द  ेन मना
ु । यवु ो

िरािध स-पयाम िहरययम।् धीिभ.न मनसा ेिभ र िभ- ोम ेिभ र िभः।।

 यवु ां ोमेिभ दवयो अिना-ावयइव ोक.मायवो- यवु ां हाा3(आ)यवः।-

यवु ो.िवाˆ अिध िय- पृ  िववेदसा। षु ाये वां पवयो िहरयये- रथे दा िहरयये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 131


ु ते वां रथयज
 अचेित दा 1ु (उ)नाक.मृवथो- य ु ो िदिवि-ानो िदिविष।ु अिध वां

ाम वरु े- रथे दा िहरयये। पथवे  या.वनश


ु ासता रजो-सा शासता रजः।।

 शचीिभ.न.शचीवसू~- िदवा न.शतम।् मा वां राित प दस.दा चना-ाित कदा

चन।।

02.02.04 वृष.ि वृषपाणासˆ इवˆ- इम े सतु ाˆ अिषतास


ु ु  सतु ासˆ
उिद- ं

उिदः। ते ा म ु दावने- महे िचाय राधस।े गीिभ.िगवाह वमान आ गिह- समृु ळीको नˆ

आ गिह।।

 ओ~¤षू णो अे णिु ह मीिळतो- देव


े ो विस यि येो- राजो यि येः। य ा
ु वाˆ अदन। िव ताे अयमा कतरी सचा- एष ताँ वेद मे सचा।।
मिरोो- धेन.े

 मो~¤ ष ु वो अ.दिभ तािन पा- सना भूव.


ु ािन मोत जािरष-ु र.रु ोत जािरषः।

ु -े न.ोषा.दमम।् अास ु ततो य ¤र-िधृता य ¤रम।।


यि ँ यगु ये ग ्

 द मे जनषंु  पूव अिरा- ियमेध कवो अि.मनिु व-े मे पूव मनिु वः।

तेषा.ेव.े ायित- राक.ेष ु नाभयः। तेषां पदने  मा नम े िगरे-ाी आ नम े िगरा।।

 होता य .िननो व वाय- बृहित यजित वेनˆ उ िभ- पु वारेिभ  िभः। जग
ृ ा
ु तु - प
रआिदशं- ोक.मेरध ना। अधारय.दरिरािन स ु स ु तःु ।।
 ािन स

े ादश - पृिथा.मेकादश । अिु तो मिह.न ैकादश - ते देवासो


 ये देवासो िदक

य .िमम.षु म।।

 1.140 वेिदषद इित योदशच सू, औचो दीघतमा- अि-जगती-अे े िभ


ु ौ-
दशमी ि
ु ा।।
ु तु -े धािस.िमव  भरा योिन.मये। वेणवे वासया मना
02.02.05 वेिदषदे ियधामाय स
ु -ोतीरथ ं श
शिच ्
ु वण.मोहनम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 132


 अिभ िजा िव.ृ द.मृते- सँवरे वा वध ु ~। अा.सा िजया जेो
ृ े ज ध.मी~पनः

वृषा- 1(अ)ेन विननो मृ वारणः।।


ु वेिवज~
 कृ तौ े अिभ मातरा िशशमु ।् ाचािज.सय
े अ सि ता- उभा तरेत~
ु तु -मा सा.पय ँ वधन ं िपतःु ।।
ृष

 ममु 
ु ो3(ओ) मनव े मानवत-े रघु ु व कृ सीतास ऊ जवः
ु । असम
 न ु दो-
 ाˆ अिजरासो ¤रघ

वातजत ु  आश
ू ाˆ उप य  वः।।

 आद ते सयो वृथरे ते- कृ 


 .मं मिह वप किरतः। य मही.मविनं ािभ ममृश-

दिभस.नय.ेित नानदत।।

02.02.06 भूष योिध बषू  ु नत-े वृषवे  पी रिे त रोवत।् ओजायमान  श
ु ते-

ृ ।।
भीमो न ा दिवधाव गिभः

 स संिरो ¤िविर..ृभायित- जान.ेव जानती िनˆ आ शय।े पनु वधे अिप यि दे-

म.प िपो कृ वते सचा।।

 तमवु  के िशनी ं िह रेिभर- ऊ


 ा. ु मषी
ु  ायवे पनः
ु ~। तासा.रां म.ु 
 ेित

नानद-दस ं ु पर.नय.ीव.मृतम।।
ु िे भ िभ.याित िव यः। वयो दध.ते रेिरह दा-न ु
 अधीवास ं पिर मातू ि रह.ह- तिव

येनी सचते वतनी.रह।।

 अाक.मे मघव ु दीिद-ध सीवा.ृषभो दमूनाः। अवाा िशशम ु ु


ु ती रदीदे- वमव य

पिरजभरु ाणः।।
ु त. िधता.दिध- िया िचन ेयो अ ु ते। ये श
02.02.07 इद.म े सिध ु .

ु - तेनाँ वनसे रमा म।।
ो3( ओ) रोचत े शिच

 रथाय नाव.मतु नो गृहाय- िनािरां पत राे। अाकँ  वीरा उत नो मघोनो- जना

या पारया.म या च।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 133


 अभी नो अ उ.िमगु या
ु -ावा ामा िसव गूताः। गँ यँ यो दीघा.हेष ँ वर.

मयो वर।।

 1.141 बिळेित योदशच सू, औचो दीघतमा अि-जगती- अे े िुभौ।।

02.02.08 बिळा तपषु े धािय दशत-ेव भग.हसो यतो जिन। यदीमपु  रत े साधत े

मित-र ्ऋत धेनाˆ अनय सतः


ु ।।

 पृ ो वपु िपतमु ा.िˆ आ शय-े ितीयमा सिशवास ु मातषृ ।ु तृतीय.म वृषभ दोहसे-

दशमित.नय योषणः।।

 िनयद बु ा.िहष वपस-ˆ ईशानास शवसा  सूरयः। यदी.मन ु िदवो मˆ आधव-े
ु सं मातिरा मथायित।।
गहा

  यितु परमा.ीयते प-या पृ धु ो वीधो दंस ु रोहित। उभा यद जनषँु  यिदत-ˆ

ृ ा शिु चः।।
आिद.िवो अभव.ण

 आिद.ातॄ रािवश.ाा शिु च-रिहंमानˆ उिवया िव वावध


ृ ।े अन ु यूवाˆ अह.नाजवो
ु -

िन नसी.वरास ु धावते।।

02.02.09 आिद.ोतारँ वृणते िदिविष-ु भग.िमव पपृचानासˆ ऋते। देवा.ा मना


ु त
¤प ु ो- मत शंस ँ िवधा वेित धायस।े ।
 िव यदा.जतो वातचोिदतो- ारो न वा जरणाˆ अनाकृतः। त प. ¤ षु 

कृ जंहस- शिु चजनो रजˆ आ नः।।

 रथो न यात.िशिभ कृ तो- ामेिभ रषिे भ रीयते। आद ते कृ ासो दि सूरय- शूरवे

ेषथा.दीषते वयः।।

 या  े वणो धृततो- िमशाशे अयमा सदु ानवः। यी.मन ु तनु ा िवथा िवभ-ु ररा

नेिम पिरभ ू रजायथाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 134


ु त-े रँ यिव देवताित िमिस। ता न ु नं सहसो यवु .य-ं भग
 म े शशमानाय स

कारे मिहर धीमिह।।

ृ ािस धणिसम।् रमीिरव यो यमित जनी~


 अ े रिय थ-मूनसं- भग. ..पपच
ु तःु ।।
े - देवानां शंस.मृत आ च स
उभ~
ु ोा जीराो होता- म-णव रथः। स नो नेष.ेषतमै रमूरो-िवाम ं सिु वत ँ
 उत न 

वो अ।।

 अा.ि.िशमीवि रक- ाााय तर.धानः। अमी च ये मघवानो वय- िमह



सूरो अित िन¤तः।।

 1.142 सिमो अ इित योदशच सू, औचो दीघतमा ऋिषः-इनूनपाराशंस

इळो बिह दवीार उषासाना दैो होतारौ सरतीळा भारा वनितः ाहाकृ तय इित

मेण देवताः-अाया इोनु ुप।।
ु ।े त.ु न
02.02.10 सिमो अ आ वह- देवा अ यतच ु पू- सतु सोमाय दाशषेु ।।

ु .नूनपात।् य ँ िव मावत- शशमान दाशषु ः।।


 घृतव.मपु  मािस- मधम
ु  पावको अत
 शिच ं  िरा िदवो- देवो देवषे  ु यि यः।।
ु ो- मा य ं िमिम ित। नराशस
 ईिळतो अ आ वह-े .ि.िमह ियम।् इय ं िह ा मितम-माा स ु
 िज वते।।
ु ो- बिह.य े रे। वृ े देवचम- िमाय शम सथः।।
 ृणानासो यतच

 िव या.मृतावध
ृ - य ै देव  ास पु हृ ो- ारो देवी रस
े ो महीः। पावक  तः।।

02.02.11 आ भमाने~ उपाके~- ¤नोषासा सपु श


े सा। यी~ ऋत मातरा- सीदतां

बिहरा समु त।।

 मिजा जगु वु णी~- होतारा दैा कवी~। य ो य ता.िमम-ं िस.म िदिवश ्
ृ म।।
ु दव.े िपता- होा म ु भारती। इळा सरती मही- बिह ीद ु यि याः।।
 शिच

 त रु ीप मत


ु -ं पु वारं पु ना। ा पोषाय िव ¤त-ु राय े नाभा नो अयःु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 135


ृ .पु ना- देवा.ि वनते। अिहा ¤सषु दू ित- देवो देवषे  ु मेिधरः।।
 अवसज

 पूषवते मत-े िवदेवाय वायवे। ाहा गायवेपसे- ह.िमाय कतन।।

 ाहाकृता.ाग.पु हािन वीतये। इा.गिह धु ी  हव-ां हवे अरे।।



 1.143  तसीिमच सू, औचो दीघतमा- अि-जगती-अा िुप।।

02.02.12  तसी.सी.ीित.मये- वाचो मितं सहस ूनवे भरे। अपा.पाो वसिु भ

ह ियो- होता पृिथा.सीद.ियः।।

 स जायमान परम े ोम-ािव रिरभव.ातिरन।े अ ा सिमधान मना- 



ावा शोिच पृिथवी~ अरोचयत।।
ु श ु तीक स
 अ ेषाˆ अजराˆ अ भानव- स ु तः
ु । भा सो अुन िसवो-

े रेजे अससो अजराः।।

 यमेिररे भृगवो िववेदस-ाभा पृिथाˆ भवु न मना। अि.ीिभ िहनिह


ु  आ दमे- यˆ

एको वो वणो न राजित।।

 न यो वराय मता.िमव न- ेनवे सृा िदा यथाशिनः। अि.ज ै ििगत ै रि भवित-

योधो न शू वना.ृते।।

 कुिवो अि चथ वीरस-स.ु ुिव.सिु भ काम.मावरत।् चोद कुिव.तु 


ु ा ातये िधय-

शिु चतीक.मया िधया गृण।े ।

 घृततीकँ वˆ ऋत धूषद-मिं िम सिमधानˆ ऋते। इानो अो िवदथेष ु दी-वणा

मु  नो यंसते िधयम।।
ु .य
 अय ु ि रे- िशविे भन पायिु भ पािह श मैः। अदिे भ रिपतेिभ िर-े

िनिमषि पिर पािह नो जाः।।

 1.144 एतीित सच सू, औचो दीघतमा- अि-जगती।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 136


े स.ियम।् अिभ च
02.02.13 एित  होता त.म माय-योा.धान शिु चपश ु  मते

दि णावृतो- याˆ अ धाम थम ं ह िनंसत।े ।

ृ ाः। अपा.मपु े िवभृतो यदावस-दध


 अभी.मृत दोहनाˆ अनूषत- योनौ देव सदन े परीवत

धाˆ अधय.ािभ रीयत।े ।

 ययु षू त वयसा तिदप-ु मान.मथ िवतिरता.िमथः। आद भगो न ह म.दा-

ं  सारिथः।।
वोन रमी..मय

 यमी.ा सवयसा सपयत- मान े योना िमथनु ा समोकसा। िदवा न नं  पिलतो यवु ाजिन- प
ु 

चर.जरो मानषु ा यगु ा।।

 तम िहि धीतयो दश िशो- देव ं मतासऊतये हवामहे। धनो रिध वतˆ आ स ऋव-

िभ.जि वयनु ा नवािधत।।

 ं  े िद राजिस- ं पािथव पशपु ाइव ना। एनी~ त एत े बृहत
 ~  ी~ अिभिया

िहरययी~ वरी~ बिह.राशाते~।।

 अे जषु  ित हय तचो- म धावˆ ऋतजात स


ु तो~। यो िवत .िस दशतो-

रव.ौ िपतमु ाइव यः।।



 1.145 तृतेित पच सू, औचो दीघतमा-अि-जगती-अा िपु ।।

02.02.14 तं पृता स जगामा स वेद- स िचिका ईयते सा ीयते। ति.ि िशष

ि.िय-  वाज शवस शिु ण.ितः।।

 तिम.ृि न िसमो िव पृित- ेनवे  धीरो मनसा यदभीत।् न मृते थम.ापरँ वचो-

 ा सचते अिपतः।।

 तिम.ि जु 1(अ).मवती- िवा.ेक.णव.चांिस मे।पु  षै तिु र य साधनो-

िोित िशशरु ा द सं रभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 137


 उप ु िे भः। अिभ ा ं मृशते ना े मदु -े
 ाय.रित यमारत- सो जात ार य

ु ती रिपितम।।
यदी..श

 स  मृगो अो वनग-ु प पु मा.ि धािय। वी.यनु ा मो-ििवा ऋति चि

सः।।

 1.146 िमूधानिमित पच सू, औचो दीघतमा- अि-िपु ।।

ू ानं सरिम.ृणीष-े नून.मिं िपो पे। िनष.म चरतो वु -


02.02.15 िमध

िवा िदवो रोचन ्


 ापिवांसम।।

 उ ा महा अिभ वव एने~- अजर ा िवतऊितर ् ऋः। उा पदो िन दधाित सानौ-

िरह.ूधो अषासो अ।।

 समान ँ व.मिभ सरी~- िव धेन~ ु क


ू िव चरत म े े ~। अनपव
  े -
ृ ा अनो िममान~

े ।।
िवा.े ता अिध महो दधान~

 धीरास पद.वयो नयि- नाना दा र माणाˆ अजयु म।् ¤िसषास पयपय िस ु -

मािवरेो अभव.ूय नॄन।।

 िद े य पिर काास ु जे- ईळेो महो अभाय जीवसे। पु ा यदभव.ूरहैो- गभो

मघवा िवदशतः।।

 1.147 कथा त इित पच सू, औचो दीघतमा- अि-िपु ।।
ु यˆ आयो- ददाश ु वाजेिभ राशषु ाणाः। उभ~
02.02.16 कथा ते अे शच े योके~ तनय े

दधाना-ˆ ऋत साम.णय देवाः।।

 बोधा म े अ वचसो यिव- मंिह भृत धावः। पीयित ो अन ु ो गृणाित- वा

े त ँ वे अे।।

 ये पायवो मामतेये अे- पयो अ.िरता.दर ।् रर  ताक


ु ृ तो िववेदा- िद

इिपवो नाह देभःु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 138


 यो नो अे अरिरवा अघाय-ु ररातीवा मचयित यने । मो गु  पनु र ु सोˆ अा अन ु

मृ ी त.ैः।।

 उत वा य ह िवा-त मत मचयित यने । अत पािह वमान वु -मे मािकन

िरताय धायीः।।

 1.148 मथीदीिमित पच सू, औचो दीघतमा- अि-िुप।।

02.02.17 मथी.द िवो माति रा- होतारँ िवाँ ु िवदेम।् िन यध ु मन
ु ास ु िव -ु

1(अ)ण िच ँ वपषु े िवभावम।।

 ददान.िम ददभ मा-ि वथ ं मम त चाक।् जषु  िवा. क-मपिु तं

भरमाण कारोः।।

 िने िच ु यं सदन े जगृ-े शििभ दिधरे यि यासः।  सू नय गृभयˆ इा- वासो न

रो रारहाणाः।।
ु िण दो िन िरणाित ज-ै रा ोचते वन आ िवभावा। आद वातो अन ु वाित शोिच-र ु न
 प

शया.मसना.मन ु ून।।

 न यं िरपवो न िरषयवो- गभ सं रेषणा रेषयि। अाˆ अप या न दभ.िभा- िनासˆ

ेतारो अर ।।

 1.149 मह  राय इित पच सू, औचो दीघतमा- अि-िवराट ्।।



 18 मह  रायˆ एषत े पितद-िनˆ इन वसनु  पद आ। उप ज.मयो िवधित।।

 स यो वृषा नरा. रोदो- वोिभ रि जीवपीतसगः।  य ाण िशीत योनौ।।

 आ य परु .ािमणी.मदीद-े द किव नभो3(ओ) नावा। सूरो न 


 ा.ताा।।

 अिभ िजा ी रोचन


 ािन- िवा रजांिस शश ु ानो अात।् होता यिजो अपां सधे।।
ु च

 अय ं स होता यो िजा- िवा दध े वायािण वा। मत यो अ ै सतु क
ु ो ददाश।।

 1.150 पु ेित तृच सू, औचो दीघतमा- अि-िक।् ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 139


02.02.19 पु ा दााोच-े िर र े तव िदा। तोदेव शरण आ मह।।

 िनन धिनन- होष े िचदरषः। कदा चन िजगतो अदेवयोः।।

 स चो िव म- महो ाधमो िदिव। े.े अे वनषु .ाम।।

 1.151 िम यिमित नवच सू, औचो दीधतमा- िमावणा-वााया िमो- जगती।।

02.02.20 िम यं िशा गोष ु गव- ाो िवदथे अ ु जीजन।् अरेजते ां रोदसी
ु .मवः।।
पाजसा िगरा- ित िय ँ यजत.नषा
ु  सोिमन-  िमासो न दिधरे ाभवु ः। अध त ँ ु िवदत.ात.ु मचत- उत
 य.ां पमी

तु ँ वृषणा पावतः।।

 आ वां भूष.ितयो ज रोदो- वाँ वृषणा द स े मह।े यदी.मृताय भरथो यदवत-े 

होया िशा वीथो अरम।।

  सा ि ित रसरु या मिह िय - ऋतावाना वृतमा घोषथो बृहत।् यवु .िवो बृहत
 ो द .माभवु -ा

धयु पु य
ु ाथे~ अपः।।

ु  आ स.ेनवः। रि ताˆ उपरताित सूय-मा


 मही~ अ मिहना वार.मृवथो-रेणव ज
ु ˆ उषस वीिरव।।
िनच

02.02.21 आ वा.मृताय के िशनी रनूषत- िम य वण गात.ु मचथः। अव ना सृजतं

िपत.ियो- यवु ँ िव मना.िमरथः।।

 यो वाँ य ै शशमानो ह दाशित- किव हता यजित मसाधनः। उपाह तथो वीथो अर-
ु ित. मय।ू ।
मा िगर म

 यवु ाँ य ै थमा गोिभ रत- ऋतावाना मनसो न यिु ष।ु भरि वां मना सँयता िगरो-

ता मनसा रेव.दाशाथे~।।

 रेव.यो दधाथे~ रेव.दाशाथे~- नरा मायािभ िरतऊित मािहनम।् न वा.ावोहिभ नत िसवो-

न देवं पणयो नानश ु मघम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 140



 1.152 यवु ँ वाणीित सच सू, औचो दीघतमा- िमावणौ- िपु ।।

02.02.22 यवु ँ वािण पीवसा वसाथे~- यवु ो रिा मवो ह सगाः। अवाितरत-मनृतािन

िव ऋ  ने  िमावणा सचेथ~


 त े ।।

 एतन ो िव िचकेत.देषां- सो म किवशˆ ऋघावान।् िरिं हि चतरु ि ो-

ू ।।
देविनदो ह थमाˆ अजय

 अपा.देित थमा पतीना-ां िमावणा िचकेत। गभ भारं भरा िचद- ऋत ं

िपप.नृत ि तारीत।।

 य.िमिर जार.नीनां- पयामिस नोपिनपमानम।् अनवपृ णा िवतता वसान-ं िय ं िम

वण धाम।।

 अनो जातो अनभीश ु रवा- किनद.तय.सानः।


ु अिचं  जज ु न-  िम े धाम
ु षु  ु यवा

वण े गृणः।।

 आ धेनवो मामतेय.मवी- ियं पीपय.ि.ूध।् िपो िभ ते वयनु ािन िवा-नासा



िववास.िदित.मु ेत।।

 आ वां िमावणा हजिु -मसा देवा ववसा ववृाम।् अाकं   पृतनास ु सा-ˆ अाकं 

वृि िदा सपु ारा।।



ु च सू, औचो दीघतमा- िमावणौ- िुप।।
 1.153 यजामह इित चतऋ

02.02.23 यजामहे वां मह जोषाˆ- हिे भ िमावणा नमोिभः। घृत ै घृतू~ अध

या.म-े अयवो न धीितिभ भरि।।

 िु त वााम न यिु - रयािम िमावणा सवृु िः। अनि याँ िवदथेष ु होता- स
ु ँ वां सूिर

वृषणा िवय ।।

 पीपाय धेन ु रिदितर ् ऋताय- जनाय िमावणा हिवद। िहनोित याँ िवदथे सपय- रातहो

मानषु ो न होता।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 141


 उत वाँ िव ु मा ो- गावˆ आप पीपय देवीः। उतो~ नो अ पू पित द-ीत ं पात ं

पयसˆ उियायाः।।

 1.154 िवोनकिमित ्
षडृच सू, औचो दीघतमा- िव-ु िुप।।

02.02.24 िवो न ु कँ  वीयािण  वोच-ँ य पािथवािन िवमम े रजांिस। यो अभाय.रं

सधँ- िवचमाण ेधोगायः।।

  ति ु वते वीयण


 - मृगो न भीम कुचर ो िगिराः। योष ु िष ु िवमण-े िधि यि

भवु नािन िवा।।

  िवव े शूष मेत ु म- िगिरि त उगायाय वृ।े यˆ इद.ीघ यत ं सध-मेको िवमम े

ििभ िरदिे भः।।

 य ी पूणा मधनु ा पदा- ीयमाणा धया मदि। यˆ उ िधात ु पृिथवी.मतु ा-मेको दाधार

भवु नािन िवा।।

 म स िह ब ु िरा- िवो


 तद िय.मिभ पाथो अया-रो य देवयवो मदि। उ

पद े परम े मˆ उः।।



 ता वां वाू.मिस गम-ै य गावो भूिराˆ अयासः। अाह तगाय वृ- परम ं

पद मव भाित भूिर।।

 1.155  वः पािमित षडृच सू, औचो दीघतमा- आानां ितसृणा-िमंािव-ू

ततिसृणां- िव।ु ।जगती।।

02.02.25  व पा.मसो िधयायत-े महे शूराय िवव े चाचत। या सानिु न


ु ।।
पवताना.मदाा- मह त ु रवतवे साधना

ू सतु पाˆ वा.मु ित। या माय ितधीयमान. िम-


 ेष.िमा समरण ं िशमीवतो- िरािव~

ृ शानो र ु रसना.मु थः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 142


ु ।े दधाित पु ो.वरं परं िपत-ु नाम
 ता  वधि म प-ि मातरा नयित रेतस े भज

तृतीय.मिध रोचन े िदवः।।

 त.िदद प.ृणीम-सीन ात ु रवक


ृ  मीषः। य पािथवािन ििभ िरि गामिभ- 

िमो.गायाय जीवसे।।

े शो-िभाय म भरु यित। तृतीय म निकरा दधषित- वय न
 े~ इद मण~

पतय पतिणः।।

 चतिु भ ाक.वित नामिभ-  वृ ँ त रवीिवपत।् बृहरीरो िविममानˆ ऋिभ-

यवाक ्
ु मार ेाहवम।।

 1.1561-21-17भवा िम इित पच सू, औचो दीघतमा- िव-ु जगती।।

02.02.26 भवा िमो न शेो घृतासिु त- िवभूतˆ


ु एवयाˆ उ सथाः। अधा त े िवो~

िवषा िचद- ोमो य  राो हिवता।।

 य पूाय वेधसे नवीयसे- समु ानये िवव े ददाशित। यो जात.म महतो मिह व-े

ु .िद.सत।।
वोिभ य

 तम ु ोतार पू यथा िवद - ऋत गभ.नषा


ु िपपतन। आ जानो नाम िचिवन-

मह े िवो~ समु ितं भजामहे।।

 तम राजा वण मिना- त ं ु सच मात वेधसः। दाधार द .म
ु म.महि वदँ- ज

िव ु िखवा अपोणतु ।े ।

 आ यो िववाय सचथाय दैˆ- इाय िव ु क


ु ृ ते सक
ु ृ रः। वेधाˆ अिज. ¤िषधˆ आय-

मृत भाग े यजमान.माभजत।।

 1.157 अबोििरित षडृच सू, औचो दीघतमा- अिनौ- जग-ं े े िभ


ु ौ।।
02.02.27 अबो.िˆ उदेित सूय- 1ु (उ)षा.ा मावो अिचषा। आय ु ाता.मिना

यातव े रथं- ासावी.ेव िवता जग.ृथक।् ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके ितीयाायः। वगाः(1-27) Page 143


ु ाथे~ वृषण.मिना रथ-ृतने  नो मधनु ा
 य .म ु तम।् अाकं   पृतनास ु िजतँ-

वय.ना शूरसाता भजेमिह।।

 अवा.िचो मधवु ाहनो रथो- जीराो अिनो यात ु ¤सु ुतः। िवरु ो मघवा िवसौभग-
ु दे।।
शˆ आ व .िपदे चत
ु ा न कशया िमिम तम।् ाय ु ािर.ीरपांिस
 आ नˆ ऊज वहत.मिना यवु -ं मधम

मृ तं- सेधत. ेषो भवत ं सचाभवु ा।।

 यवु ं ह गभ.गतीष ु धो- यवु ँ िवेष ु भवु न


े ः~। यवु .मि वृषणा वप- वनती रिना

े ाम।।
वैरयथ

 यवु ं ह ो िभषजा भेषजिे भ- रथो~ ह ो रा3(आ) रािे भः। अथो~ ह .मिध धˆ उा-

यो वां हिवा.नसा ददाश।।इित ितीयााय माः।।

 ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26)



 1.158 वसू ेित षडृच सू, औचो दीघतमा- अिनौ- ि-ु बानु ुप।।

02.03.01 वसू~ ा पु मू~ वृधा- दशतो वृषणा विभौ। दा ह येˆ औचो

वां-  याथे~ अकवािभ ती।।


ु तये िचद-ै वसू~ येथ~
 को वााश.म ृ .म े रेवती परु ी-
े  नमसा पद े गोः। िजगत

े वे  मनसा चरा।।


कामण
ु ो ह या.ौ ाय पे- िव मे अणसो धािय पः। उप वामव शरण.मये -ं शूरो ना
 य

पतयि रेवःै ।।

े पतिणी~ िव  धाम।् मा मामेधो दशतय ितो धा-


 उपिु त रौच.मु े-ा मा.िमम~

यां ब िन खादित ाम।।

 न मा गर.ो मातत


ृ माˆ- दासाˆ यद सस ु .मवाधःु । िशरो यद ैतनो िवत -य.ास
ु म

उरो अंसा विप ध~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 144


ु वु ा.शम े यगु ।े अपा.मथ यतीनां- ा भवित सारिथः।।
 दीघतमाˆ मामतेयो- जज

 1.159  ावा य ैिरित पच सू, औचो दीघतमा- ावापृिथौ- जगती।।

ृ ा- मही~ षु े िवदथेष ु चेतसा। देविे भय~


02.03.02  ावा य ै पृिथवी~ ऋतावध 

देवपु ~
े सदु स
ं -सेा िधया वायािण भषू तः।।

 उत म े िपत ु रुहो मनो- मात ु मिह तव. .वीमिभः। सरु ेतसा िपतरा भूम चत-ु 

जायाˆ अमत
ृ  ँ वरीमिभः।।

ं सो- मही~- ज ु मातरा पूविचये। ात


 ते सूनव पस दु स ु  स.गत धमिण-

पु  पाथ पद.मयािवनः।।

 ते माियनो मिमरे सु चेतसो- जामी~ सयोनी~ िमथनु ा समोकसा। न.मु ा तते

िदिव- समु े अ~ कवय दु ीतयः।।

 ताधो अ सिवत ु वरेयँ- वय.ेव सव े मनामहे। अ.ावापृिथवी~ सचे


ु तनु ा-

रिय ँ वसमु ं शति वनम।।

 1.160 ते हीित पच सू, औचो दीघतमा- ावापृिथौ- जगती।।

02.03.03 ते~ िह ावापिृ थवी~ िवशंभवु - ऋतावरी~ रजसो धारयवी~। सज


ु नी~

िधषणे~ अ रीयते- देवो देवी~ धमणा सूय शिु चः।।

 चसा मिहनी~ असता- िपता माता च भवु नािन र तः। सधु ृ म~
 उ ु 3े (ए)~ न रोदसी
े वप

िपता यी. मिभ प ै रवासयत।।

 स वि पु  िपो पिववा-नु ाित धीरो भवु नािन मायया। धेन
ु पृिँ वृषभ
 ं सरु ेतस-ँ िवाहा
ु ं पयो अ ¤ त।।
श

 अय.ेवाना.मपसा.मपमो- यो जजान रोदसी िवशंभवु ा। िव यो मम े रजसी~ सतू


ु यया-

जरेिभ निे भ मानच


ृ ।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 145


े मिहनी~ मिह वः-  .ावापृिथवी~ धासथो बृहत।् येनािभकृ  ी तनाम
 ते~ नो गृणान~

िवहा- पना.मोजो अ े सिम.तम।।

 1.161 िकम ु े इित चतदु शच सू, औचो दीघतमा- ऋभवो- जग-ा िपु ।।

02.03.04 िकम ु े िकँ यिवो नˆ आजग- िमीयते 1(अ).िचम। न िनिम

चमस ँ यो महाकुलो-े ात ुणˆ इूित.मूिदम।।

 एक.मस.तरु  कृ णोतन- तो देवाˆ अवु . आगमम।् सौधनाˆ येवा क


 िरथ-

साक.ेव ै यि यासो भिवथ।।

 अि.त ं ित यदवीत-ना क रथˆ उतहे कः। धेनु का यवु शा का ा- तािन ात

रन ु व कृ . ेमिस।।

ृ त- े दभ.ू  तो नˆ आजग।् यदा.वा.मसा.तरु  कृ त


 चकृवांसˆ ऋभव दप  ा-

नािद.ा ा ानजे।।


ु अा.नामािन कृ वते सतु े सचा-
 हना.मैना इित ा यदवी-मस ं ये देवप ान.मिनिषः।

अ ै.रेना.ा3(आ) नामिभ. रत।।

02.03.05 इो हरी~ ययु ज


ु े अिना रथं- बृहित िवपा.मपु ाजत। ऋभ ु िवा वाजो

देवा अगत- पसो यि यं भाग मैतन।।

 िनमणो गामिरणीत धीितिभ- या जरा यवु शा ता कृ णोतन। सौधनाˆ अा.द.मत त-


ु ा रथ.मपु  देवा अयातन।।
य

 इद.मदु क े नम।् सौधनाˆ यिद तेव हयथ- तृतीये घा 


ु नज
 ं िपबत े वीत-नेद ँ वा घा ि पबता म

सवन े मादयाै।।

 आपो भूियाˆ इेको अवी-दि भूियˆ इो अवीत।् वधय ब  ैको अवी-ता

वद मसा अिपंशत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 146


 ोणा.मेकˆ उदक.ा.मवाजित- मांस.मेक िपंशित सूनया भृतम।् आ िनच
ु  शकृ द क
े ो

अपाभर -िं िु 


े  िपतरा उपावतःु ।।

02.03.06 उा अकृ णोतना तण


ृ - िव.प पया नरः। अगो यदसना 

गृह-े तद.ेद मृभवो नान ु गथ।।

 संमी यवु ना पयसपत-  िाा िपतरा वˆ आसतःु । अशपत य करँ वˆ आदद-े य

ावी.ो~ ता अवीतन।।

¤सषु  ृ -तागो कˆ इद ो अबूबधु त।् ानं बो बोधियतार.मवी-


ु ांसˆ ऋभव दप

ँवर इद मा त।।


ु ा
े याित। अि याित वण मु -ै य
 िदवा याि मतो भूाि- रय ँ वातो अिर ण

इ शवसो नपातः।।

 1.162 मा नो िम इित ािवंशृच सू, औचो दीघतमा- अ-िुप ् तृतीया षौ
ु ाो देवता)
जगौ- (अ

02.03.07 मा नो िमो वणो अयमाय-ु िरˆ ऋभ ु ाˆ मत पिर ।् यािजनो

देवजात से- वामो िवदथे वीयािण।।


ु त
 यििणजा रेसा ावृत- राित.ृभीतां मख ु ङजो मे.िप-ˆ
 ो नयि। सा

इापूो िय मेित पाथः।।

 एष ाग परु ो अेन वािजना- पूो भागो नीयते िवदेः। अिभियँ यरु ोळाश.मवता-

े देन ं सौवसाय िजित।।


ु ो देवयान-िमानषु ा पय.यि। अा प
 यिव.मृतश ू  थमो भाग एित- य .ेव
े 

ितवेदयजः।।

 होताय ु रावयाˆ अििमो- ावाभˆ उत शंा सिव


ु ः। तेन य ने  रतेन- िने

व णाˆ आ पृणम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 147


02.03.08 यूपाˆ उत ये यूपवाहा- षालँ ये अयूपाय त ित। ये चावत े पचन ं संभर-

तु ो~ तेषा.मिभगूित नˆ इत।ु ।


ु .ेधािय म- देवाना.माशाˆ उप वीतपृः। अेन ँ िवाˆ ऋषयो मदि-
 उप ागा.म

देवानां पु े चकृमा सबु मु ।।

 यािजनो दाम सान.मवतो- या शीषया रशना ररु । या घा भृत.मा3े (ए) तृण-ं

सवा ता ते अिप देव.े ।।

 यद िवषो मि काश- या रौ िधतौ िर.मि। ययो शिमत ु यखषे -ु सवा

ता ते अिप देव.े ।ु ।

 यव.मदु र ापवाित- यˆ आम िवषो गो अि। सक


ु ृ ता तिमतार कृ व-ूत मेध ं


तपाकं  पच।।

02.03.09 ये गाा.दिना पमाना-दिभ शूल.िहत.ावधावित। मा तूा मा

िष.ा तृणषे -ु देव ु


े  शो रात.म।।

 ा रु िभ िनह.रेित। ये चावतो मांसिभ ा.मपु ासत- उतो~


 ये वािजनं पिरपयि पँ- य ईम

तेषा मिभगूितनˆ इत।ु ।

 यी ण ं मांचाˆ उखायाˆ- या पाािण यूˆ आसच


े नािन। ऊ या िपधाना चणा-मा

ूना पिर भूष.म।।

 िनमण िषदन ँ िववतन-ँ य पीश.मवतः। य पपौ य घािस.घास- सवा ता ते अिप

देव.े ।।

 मा ाि नयी.ूमगि- मखा ाज.िभ िव जिः। इ ँ वीत.मिभगूत वषत-



ेवास ित गृ.म।।

02.03.10 यदाय वासˆ उपृण-धीवास ँ या िहरया. ै। सान.मव ं पीश ं िया

देव.े ा यामयि।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 148


 ये साद े महसा शूकृत- पाा वा कशया वा ततु ोद। च
ु वे  ता हिवषो अरेष-ु सवा ता ते

णा सूदयािम।।

 चतिु ंश.ािजनो देवबो- वी र िधित मेित। अिा गाा वयनु ा कृ णोत- प

रनघु ा
ु  िव श।।

 एक ु रा िवशा- ा यारा भवत थ ऋ  ःु । या ते गााणा.मृतथु ा कृ ण


 त  ोिम- ताता

िपडानां  जहु ो.ौ।।

 माा तप.ियˆ आा िपयं- मा िधित.1(अ) आ. ¤ितिप.े। मा ते गृ ु

रिवशा.ितहाय- िछा गाा.यिसना िमथू  क


 ः~।।
ु ा पृषती~ अभूता-
ु िे भः। हरी~ ते य
 न वा उ एत.ियसे न िरिस- देवा इदेिष पिथिभ ग

मपु ाा.ाजी धिु र रासभ।।

ं ु - पु ा उत िवापषंु  रियम।् अनागा.ो अिदित कृ णोत-ु


 सगु ो वाजी ं पस

.ो अो वनतां हिवान।।

 1.163 यद इित योदशच सू, औचो दीघतमा- अ-िुप।।
ु षात।् येन प ा हिरण
02.03.11 यद थम.ायमान-ˆ उ.मु ा.त वा परी

बा~- उप
 ं ्
ु  मिह जात.े अव।।

 यमने  द.ित एन.मायनु -िगˆ एणं थमो अितत।् गव ृ ा-


  अ रशना.मग

ूरा.दँ वसवो िनरत।।


ु ने तने । अिस सोमेन समया िवपृ- आ े ीिण
 अिस यमो अािदो अव-िस ितो ग

िदिव बनािन।।

 ीिण त आ िदिव बनािन- ीय ु ीय.~ मु े। उतवे  मे वण छव-ा त


आ  परम.िनम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 149


 इमा ते वािज.वमाजना-नीमा शफानां सिनत ु िनधाना। अा त े भा रशनाˆ अपय-मृत याˆ

अिभर ि गोपाः।।

02.03.12 आान े मनसारा.दजाना-मवो िदवा पतय ं पतम।् िशरो अपयं पिथिभ


ु िे भ- ररेणिु भ जहमानं पति।।
ग
ु म.मपय-िगीषमाण िमषˆ आ पद े गोः। यदा ते मत अन ु भोग.मान-
 अा त े प.म

ळािद.िसˆ ओषधी रजीगः~।।

 अन ु ा रथो अन ु मय अव-न ु गावोन ु भग कनीनाम।् अन ु ातास व स मीय-ु रन ु

देवाˆ मिमरे वीय।े ।

 िहरयो.यो अ पादाˆ- मनोजवाˆ अवरˆ इˆ आसीत।् देवाˆ इद हिवर.माय-ो

अव ं थमो अितत।।

 ईमाास ििलकममास- ं शूरणासो िदासो अाः। हंसाइव ेिणशो यते- यदाि ष ु

िद.म.माः।।

02.03.13 तव शरीर पतिय.व-व िच ं वातइव जीमान।् तव ािण ¤िविता पु -ा

रयेष ु जभरु ाणा चरि।।

 उप ागा.सन ँ वावा- देवीचा मनसा दीानः। अज परु ो नीयते नािभ र-ान ु पा

वयो यि रेभाः।।

 उप ागा.रम ँ यध-मवा अा िपतरं मातर। अा द वे ा.ु तमो िह गाˆ

अथाशा े दाशषु  े वायािण ।।

 1.164 अ वामेित िपाशच सू, औचो दीघतमा- आानामेकचािरं शचां-


ु इा वामा
िवेदवे ा-ाः समा ु रापः-शकमयिमाः शकधूम सोमौ-यः के िशन


इा अि सूय वायवः (के िशन इित गणः) चािरवािगा वाक-् इं िमिमित योः सूय-

ादश धय इाः कालचम ् (अ संवर सं ं कालचवणनम)् य इाः सरती-

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 150



य ने ेाः सााः-समानिमा ूयः- (पजाी वा) िदं सपण िमाः सरान ्

(सूय वा)- िपु -ादशी- पदशी- योिवंशी- एकोन िंशी- षिं -येकचािरं शी च जगः-

िचािरं शी ारपिः-एकपायनु ुप।।

02.03.14 अ वाम पिलत होत-ु  ाता ममो अः। तृतीयो ाता

घृतपृो अा-ापयँ िवपितं सपु म।।
ु ि रथ.मेकच-मेको अो वहित सनामा। िनािभ च.मजर.मनव- येमा िवा
 स य

भवु नािध तःु ।।

 इम ं रथ.मिध ये स त-ु चं स वह. ाः। स सारो अिभ सवे- य गवा

ििहता स नाम।।

 को ददश थम.ायमान-मँ यदना िबभित। भूाˆ अस ु रसृ.गाा  ि-ो



िवांस मपु  गाु मेतत।।

 पाक पृािम मनसािवजान-ेवाना.मेना िनिहता पदािन। व े बयेिध स त-ि

तिरे कवयˆ ओतवा उ।।

02.03.15 अिचिका.ि चिकतषु िद- कवी.ृािम िवन े न िवान।् िव य 

षिळमा रजां-ज प े िकमिप िदक ्


े म।।

 इह वीत ु यˆ ईम


 वे-दा वाम िनिहत ं पद ँ वेः~। शीः  ीर.ते गावो अ- विँ

वसानाˆ उदकं पदापःु ।।

 माता िपतर.मृत आ बभाज- धीे मनसा सं िह ज मे। सा बीभ ु गभरसा िनिवा- नमˆ

इपवाक.मीयःु ।।
ु ा माता.सी.िु र दि णाया-ˆ अित.भ वृजन
 य  ी.ः~। अमीम.े ो अन ु गामपय-

ि.िष ु योजनषे ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 151


ु  पृ-े
 ितो मातॄ ीित.ॄ ि.देकˆ- ऊ ौ नेमव लापयि। मय े िदवो अम

िवि वदँ वाच.मिविमाम।।

02.03.16 ादशार.िह तराय- ववित चं पिर ा.मृत। आ पु ाˆ अ े िमथनु ासो अ-

स शतािन िवंशित तःु ।।


ु िषणम।् अथेम े अ उपरे िवच ण-ं
 पपादं िपतर.ादशाकृ ित-िवˆ आ परे अध परी

सचे षळर आ रिपतम।।

 पारे चे पिरवतमाने- ति.ात ु भवु नािन िवा। त ना  ते भूिरभार- ना.देव न

शीयते सनािभः।।

 सनेिम च.मजरँ िव वा वत ु ा वहि। सूय च  ू  रजस


ृ उानाया.श य ै ावृत-

ि.ािपता भवु नािन िवा।।

 ानां सथ.मा रेकज-ं षिळ.माˆ ऋषयो देवजाˆ इित। तेषा िमािन िविहतािन धामश-
 साक

ा े रेजे िवकृ तािन पशः।।

ं ु आ- पय.द वा िवचेत.दः। किव य पु


02.03.17 िय ती ा उ मे पस

ˆ ईमा िचकेत- या िवजाना  िपत ु ितासत।।

 अव परेण परˆ एनावरेण- पदा वं िबती गौ.दात।् सा कीची कं िदध परागा-

िूत े निह यूथ े अः~।।

 अव परेण िपतरँ यो अ-ानवु दे  परˆ एनावरण


े । कवीयमान कˆ इह  वोच-ेव ं मन कुतो

अिध जातम।।

 ा ा उ पराचˆ आ- य परा ा उ अवाचˆ आः। इ या चथ ु ोम तािन-
 ये अव

धरु ा न य
ु ा रजसो वहि।।

 ा सपु ण ु ा सखाया- समान ँ वृ ं पिर ¤षजाते~। तयो र िपलं ा-न.ो
 ा सयज

अिभ चाकशीित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 152


 पु णाˆ अमत
02.03.18 या स  भाग-मिनमषे ँ िवदथािभ रि। इनो िव भवु न
ृ 

े ।।
गोपा-  मा धीर पाक.मािववश

 यि.ृ े मद पु णा-ˆ िनिवशे सवु त े चािध िवे। ते दा िपलं ाे-

तो.श िपतर वेद।।

 याय े अिध गाय.मािहत- ¤ ैुभा.ा ¤ैुभ.िरत त। या जग.ग.ािहत ं पद-ँ य इ.

ृ .मानशःु ।।
िे अमत

े  ित िममीते अक-मकण साम ¤ैुभने वाकम।् वाकेन वाक.िपदा चत


 गायण ु दा रेण

िममते स वाणीः।।

 जगता िस.ु ि.भाय-थरे सूय पयपयत।् गाय सिमध िˆ आ- तो मा

 िरिरचे मिहा।।

02.03.19 उप ये सु घा.ेन.मे ु तु दोह.देनाम।् ें सव ं सिवता
ु तां- सहु ो गोध.ग

सािवष.ो-भीो घम ष ु  वोचम।।

 िहवती वसपु ी वसूनाँ- व.िमी मनसा ा गात।् हा.मिां पयो अये -ं सा

वधतां महत े सौभगाय।।

 गौरमीमे.दन ु वं िमषं- मूधानं िह.कृ णो.ातवा उ। सृाण.म.मिभ वावशाना- िममाित

माय ं ु पयत े पयोिभः।।

ृ ा- िममाित माय.ु सना विध िता। सा िचििभ िन िह चकार म-


 अय ं स िशे येन गौरभीवत

िव.ु वी ित वि.मौहत।।

 अनय े तरु गात ु जीव-मेज.ुव ं म आ पानाम।् जीवो मृत चरित धािभ- रम

मना  सयोिनः।।

02.03.20 अपय.ोपा.मिनपमान-मा च परा च पिथिभ रम।् स सीची  िवषूची

वसानˆ आ.वरीवित भवु न.े ः~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 153


 यˆ ईकार न सो अ वेद- यˆ ई.दश िहिग. ु तात।् स मात ु यना पिरवीतो अ-

े ।।
बजाˆ िनऋित मा िववश

 ौम िपता जिनता नािभ र- बमु  माता पृिथवी महीयम।् उानयो ो3(ओ)यिन र- रा

िपता िहत ु गभ माधात।।

 पृािम ा पर.मं पृिथा- पृािम य भवु न नािभः। पृािम ा वृो अ रेत-

पृािम वाच परम ँ ोम।।

 इय ँ वेिद परो अ पृिथा-ˆ अय ँ य ो भवु न नािभः। अय ं सोमो वृो अ रेतो-

ायं वाच परम ँ ोम।।

 ा भवु न रेतो- िवो िि िदशा िवधमिण। ते धीितिभ मनसा ते


02.03.21 साधगभ

िवपि त- पिरभवु  पिर भवि िवतः।।

 न िव जानािम यिदवदे .मि- िनय ो मनसा चरािम। यदा माग.थमजाˆ ऋता-िद

ाचो अवेु भाग.माः।।

 अपा.ा.ङे ित धया गृभीतो-म मना सयोिनः। ता शा िवषूचीना िवया-



1(अ).ि ु न िनिच.ु रम।।

 ऋचो अ रे परम े ोम-ि.ेवाˆ अिध िवे ¤िनषेः। य वेद िकमृचा किरित- य

इ.ि  इम े समासते।।

 सा.गवती िह भूया-ˆ अथो~ वय ं भगव ाम। अि तृण.मे िवदान- िपब शु
 सूयव

मदु क
 .माचरी।।
ु दी। अापदी नवपदी
02.03.22 गौरी िममाय सिललािन त -ेकपदी िपदी सा चत

बभूवषु ी- सहा रा परम े ोम।।

 ता मु ाˆ अिध िव रि- तेन जीवि िदश तः। ततः  र. र-ि.मपु 

जीवित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 154


 शकम ू .मारा.दपयँ- िवषूवता परˆ एनावरेण। उ ाणं पृि.मपच वीरा- ािन धमािण
 य.म

थमा.ास।।

 य के िशनˆ ऋतथु ा िव च ते- सँवरे वपत एकˆ एषाम।् िव.मेको अिभ च े शचीिभ- ािज

रेक दशे न पम।।
ु ीिण िनिहता नेयि-
 चािर वािरिमता पदािन- तािन िव ाणाˆ ये मनीिषणः। गहा

तरु ीयँ वाचो मन


ु ाˆ वदि।।

  गान।् एकं  सिाˆ बधा वद-िँ यम ं


 इं िम ँ वण.मि मा- रथो~ िद  सपु ण

मातिरान.माः।।

02.03.23 कृ .ियानं हरय पु णाˆ- अपो वसानाˆ िदव.म


ु ति। त आवव
ृ .दना
ु ते।।
.ता- िद.तृ ने  पृिथवी 

 ादश धय .मेक-ीिण नािन कˆ उ तिकेत। ति.ाक.िशता न शवो-िपता

ि न चलाचलासः।।
ु िस वायािण। यो रधाˆ वसिु व दु  रित
 ये न शशयो यो मयोभ-ू यन िवा प

तिमह धातवे कः~।।

 य ने  य .मयज देवा- ािन धमािण थमा.ास।् ते ह नाकं  मिहमान च- य पूव

साा ि देवाः।।


ु ै.व चाहिभः। भूिमं पजाˆ िजि- िदव.ि.यः।।
 समान.मेत.दक-म

 िद ं सपु ण वायस ं बृह-मपा.भ.शत.मोषधीनाम।् अभीपत


 ो वृििभ पय-ं

सर.मवस े जोहवीिम।।
ु चामेकादशी वानां मतः-योदयािद
 1.165 कया शभु िे त पदशच सू, तृतीयायगृ

ितसृणामगः-िशानािम ऋिषः-सव सू, मािनंो देवता-ि


ु ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके तृतीयाायः। वगाः(1-26) Page 155


02.03.24 कया शभु ा सवयस नीळा- माा मत ंिमिम ः।
ु कया मती कुतˆ एतासˆ

ु  ँ वृषणो वसूया।।
एत-े चि श
ु न- को अरे मतˆ आ ववत। येना इव जतो अिर -े के न
ु षु  ु यवा
 क ािण जज

महा मनसा रीरमाम।।

 कुत .िम मािहन -ेको यािस सते िक इा। सं पृसे समराण शभ
ु ान ै- वच े

ो हिरवो ये अ।े ।

 ािण मे मतय शं सतु ास- श


ु ˆ इयित भृतो मे अिः। आ शासते ित हय.-ु ेमा

हरी~ वहताˆ नो अ।।


ु ना-  िे भ 1(अ)श
 अतो वय.म.मेिभ यजा ु हे-
ु मानाः। महोिभ रेता उप य

ि धा.मन ु िह नो बभथ


ू ।।

02.03.25 1(अ)ा वो मत धासी-ा.मेकं समधािहहे। अहं 1ु (उ)

िवष िु वा-ि शो रनम ं वध ैः।।


ु िे भ र-े समानिे भ वृषभ पेिभः। भूरीिण िह कृ णवामा शिव-े ा मतो
 भूिर चकथ य

यशाम।।

े - ेन भामेन तिवषो बभवू ान।् अह.मेता मनव े िवा- ग


 वध वृ ं मतˆ इियण ु ाˆ अप

कर वबाः।।
ु मा ते मघव.िक न-ु न ावा अि देवता िवदानः। न जायमानो नशत े न जातो- यािन
 अन

किरा कृ णिु ह व


ृ ।।

 एक िचे िव1(अ)ोजो- या न ु दध


ृ ा.ृ णवै मनीषा। अहं 1ु (उ)ो मतो िवदानो-

यािन व.िमˆ इदीश एषाम।।
ु  ं  च। इाय वृ े समु खाय
02.03.26 अमा मत ोमो अ- ये नर 

मं- से सखाय  े तनिू भः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 156


 एव े देत े ित मा रोचमाना-ˆ अने वˆ एषो दधानाः। सा मत वणा-ˆ अा मे

छदयाथा च नूनम।।

 को  मतो मामहे व-  यातन सखी रा स


 खायः। मािन िचा अिपवातय-ˆ एषां

भूत नवेदाˆ म ऋतानाम।।

 ा.वु से न का- रा. चे मा मेधा। ओ~ष ु वत मतो िव म-ेमा ािण
 आ यवु 

जिरता वो अचत।।

 एषˆ व ोमो मतˆ इय.ी- मााय मा कारोः। एषा यासी त े वयाँ- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।इित तृतीयााय माः ।।

 ु
ितीयाके चतथाायः। वगाः(1-29)

 1.166 त ु वोचामेित पदशच सू, मैाविणरगो- मतो- जगती-अे े

िभ
ु ौ।।
02.04.01 त ु वोचाम रभसाय जन-े पूव मिह ँ वृषभ के तवे। ऐधवे  याम.त

िवणो- यधु वे  शा िवषािण कतन।।

 िन. सून ं ु मध ु िबतˆ उप- ीळि ीळाˆ िवदथेष ु घृयः। न ि ाˆ अवसा नमिन-

 मधि तवसो हिवृतम।।

ृ ाˆ अरासत- राय.ोष हिवषा ददाशषु ।े उ . ै मतो िहताइव- प
 या ऊमासो अमत ु 

रजांिस पयसा मयोभवु ः।।

 आ ये रजांिस तिवषीिभ रत-  वˆ एवास यतासो अज।् भय े िवा भवु नािन हा-

िचो वो याम यता.ृिष।ु ।


ु वःु । िवो वो अ.यते वनती-
 येषयामाˆ नदय पवता-िवो वा पृ.याˆ अच

रथीयीव  िजहीत ओषिधः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 157


ु ते नु ा-िरामा म
02.04.02 यूयˆ उाˆ मत च ु ितं िपपतन। या वो िद.ु दित

ििवदती- िरणाित प िु धतवे बहणा।।

  देाˆ अनवराधसो-लातृणासो िवदथेष ु ¤सु ुताः। अच.क मिदर पीतये- िव

वर थमािन पा।।

 शतभिु जिभ मिभत े रघा-ूभ र ता मतो यमावत। जनँ यमु ा वसो िवरिन- पाथना 

शंसा.नय पिु ष।ु ।

 िवािन भा मतो रथेष ु वो- िमथ े ा व पथषे ु खादयो- ो


ृ वे तिवषा.यािहता। अंस

वा समया िव वा व ृ ।े ।


 त

 भूरीिण भा नयष ु बाष-ु व  ु ा रभसासो अयः। अंस


े ते ा पिवष ु रु ाˆ अिध- वयो न

प ा.न ु ियो िधरे।।

02.04.03 महाो मा िवो3(ओ) िवभूतयो- रेशो ये िदाइव ृिभः। मा िु जा

िरतारˆ आसिभ- ंिमाˆ इे मत¤पिरभ


ु ः।।
ु ाताˆ मतो मिहन-ीघ वो दा.मिदतिे रव तम।् इन जसा िव णाित-
 त ज

ु ृ ते अराम।।
तनाय य ै सक

 तो जािमं मत परे यगु -े प


ु य
 ंस.ममृतासˆ आवत। अया िधया मनव े िु .माा-

साक.रो दंसनरै ा िचिकिरे।।


ु ाके न परीणसा तरु ासः। आ यतन.ृजने जनास- एिभ य िे भ
 येन दीघ मत शूशवाम- य

दभीि.मयाम।।

 एष व ोमो मतˆ इय.ी- मााय मा कारोः। एषा यासी त े वयाँ- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.167 सह  इेकादशच सू, मै ाविणरगो- मतः-आाया इ- िुप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 158


02.04.04 सह इोतयो न- ह.िमषो हिरवो गूततमाः। सहं रायो मादयै-

सहिण उप नो य ु वाजाः।।


ु ायाः। अध यदेषा.ियतु  परमा-
 आ नोवोिभ मतो या.ा े िे भ वा बृहिव ै म

मु  िचनय पारे।।


ु ता घृताची- िहरयिनिण.गपु रा न ऋिः। गहा
 िम  येष ु सिध ु चरी मनषु ो न योषा- सभावती

िवदवे  सँ वाक।् ।
ु ाˆ अयासो या- साधारयेव मतो िमिम ः।
 परा श ु
ु न रोदसी अप नद घोरा- जषु  वृध ं

साय देवाः।।
ु ा रोदसी नम
 जोष.दी.मसयु ा सचै- िविषतक ृ णाः। आ सूयव  िवधतो रथ.ा-ेषतीका

नभसो नेा।।

02.04.05 आापय यवु ितँ यवु ान- शभु े िनिमां िवदथेष ु पाम।् अक यो मतो

हिवा-ाय.ाथ ं सतु सोमो व।।

 -ु ि रा
  तँ िववि वो यˆ एषां- मतां मिहमा सो अि। सचा यद वृषमणाˆ अहँय
ु गाः।।
िचनी वहत े सभा

 पाि िमावणा ववा-यत ईमयमो~ अशान।् उत वे अतु ा वु ािण- वावध
ृ  

मतो दाितवारः।।

 नही न ु वो मतो अ-े आराा.िवसो अ.मापः। ु शवसा शूशवु ांसो-ण न


ु ते धृना

ेषो धृषता पिर ¤ुः।।

े िह समय। वय ं परु ा मिह च नो अन ु ू-ˆ ऋभ ु ाˆ नरा


 वय.म.े  ेा-ˆ वय ं ो वोचम

ु ात।।
¤मन

 एषˆ व ोमो मत इय.ी- मााय मा कारोः। एषा यासी त े वयाँ- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 159


 1.168 य ाय िे त दशच सू, मैाविणरगो- जगती-अाि-िभ
ु ः।।
02.04.06 य ाय ा व मना ततु वु ण- िधय.ियँ वो देवयाˆ उ दिधे। आवो.वाच

िु वताय रोदो- महे वव


ृ ा.मवस े सवृु ििभः।।

 वासो न ये जा तवस-ˆ इषं रिभजाय धूतयः। सहियासो अपा ोमय-ˆ आसा

गावो वासो नो णः।।

 सोमासो न ये सतु ा ृांशवो-  ु पीतासो वसो नासत।े ऐषा.मंसषे ु रिणीव रारभे- हेष ु

खािद कृ ि त सध।े ।


ु ा िदवˆ आ वृथा यय-ु रमा कशया चोदत ना। अरण
 अव य ु
े व िवजा ु -ु
ता-ˆ अचव

ािन िचतो ाज.यः।।

 को वो मतˆ ऋििवतु ो- रेजित ना हेव िजया। धतु ˆ इषा यामिन- पु  ैषाˆ

अहो3(ओ) न ैतशः।।

02.04.07  िद रजसो मह र-ावरं मतो यि.ायय। यावयथ िवथरु ेव संिहत-ँ

िणा पतथ ेष.मणवम।।

 साित न वोमवती वती- ेषा िवपाका मत िपिपती। भा वो राित पृणतो न दि णा-
ु यी असयु व  जती।।
पृथ

 ित ¤ोभि िसव पिवो- यदियाँ वाच.मदु ीरयि। अव य िवतु  पृिथाँ- यदी
ु वु ि।।
घतृ ं मत 

 असूत पृि महत े रणाय- ेष.मयासां मता.मनीकम।् ते सरासो जनया-



मािदधा.िमिषरां पयपय।।

 एषˆ व ोमो मतˆ इय.ी- मााय मा कारोः। एषा यासी त े वयाँ- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.169 महििदच सू, मै ाविणरग- इं-िपु -ितीया िवराट ्।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 160


02.04.08 मह ि.िम यतˆ एता-ह िदिस जसो वता। स नो वेधो मता.ििका-
ु ा वन
 ु तव िह ेा।।

ु 
 अय  इ िवकृ ी- िवदानासो िनिधो मा। मतां पृिु त हासमाना- म

धन सातौ।।

 अा त इ ऋि र-े सने.ं मतो जनि। ु 
 े शश
अि िि ¤ातस ु ा-नापो न

ीप.धित यांिस।।

 ू नˆ इ तं रिया-ˆ ओिजया दि णयेव राितम।् तु  याे चकन- वायो न

म पीपय वाज ैः।।

 े रायˆ इ तोशतमा- णेतार क िचतायोः। त े ¤ष ु णो मतो मृळय-ु ये ा परु ा

ू ीव देवाः।।
गातय

02.04.09 ित  याही मीषो नॄ-ह पािथव े सदन े यत। अध यदेषां पृथबु ु ासˆ एता-

ीथ  नाय पािन तःु ।।

 ित घोराणा.मेताना.मयासां - मतां व आयता.मपु िः। ये म पृतनाय.मूम-ै र ्

ऋणावान. पतय सगः।।

 ि शु धो गोअाः। वानिे भ वसे देव देव-ै


 ं मानेˆ इ िवजा- रदा म

िवामेष ँ वृजन.ीरदानमु ।।

 1.170 न नूनिमित पच सू, थम तृतीया चतथु नामृचािमोगः-ितीया पो

रग ऋिष- िरो देवता-आा बृहती-तत िोनु भ ्


ु ोा िपु ।।

ु म।् अ िच.मिभ सरेय-मतु ाधीत ँ िव


02.04.10 न नून.मि नो~ - केद यदत

नयित।।

 िकˆ इ िजघांसिस- ातरो मत  व। तेिभ क साधयु ा- मा न मरण े वधीः।।

 िको ात रग- सखा सित मसे। िवा िह ते यथा मनो-.िम िदिस।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 161


 अर.व ु वेिदं- समि.िमतां परु ः। तामत
ृ 
  चेतन-ँ य े तनवावहै।।
ु  वसूना-ं िमाणां िमपते धेः। इ ं मि ँवद-ाध ाशान ऋतथु ा
 मीिशषे वसपते

हविष।।

 1.171 ित व इित षडृच सू, अगो- मतः-अानां चतसृणां मािन-िुप।।

02.04.11 ित वˆ एना नमसाह मेिम- सूेन िभ े समु ित.रु ाणाम।् रराणता मतो

ु .मान।।
वेािभ- िनहेळो ध िव मच

 एषˆ व ोमो मतो नमा-दा तो मनसा धािय देवाः। उपेमा यात मनसा जषु ाणा- यूय ं िह

¤ ा नमसˆ इध
ृ ासः।।
 तु ासो नो मतो मृळय-ूत तु ो मघवा शंभिवः। ऊा न  ु कोा वना-हािन

िवा मतो िजगीषा।।


ु ं हा िनिशता.ास-
 अा.दह.िवषा.दीषमाण-ˆ इा.िया मतो रेजमानः। य

ाारे चकृमा मळ


ृ ता नः।।

 येन मानास ितय उा-ˆ िु ष ु शवसा शतीनाम।् स नो मि वृषभ वो धाˆ- उˆ

उिे भ िवर होदाः।।

 ं पाही सहीयसो नॄ-वा म  ि रवयातहेळाः। सु क


   े तिे भ ासिह दधानो- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.172 िचो व इित तृच सू, म ैाविणरगो- मतो- गायी।।

02.04.12 िचो वो ु याम- िˆ ऊती सदु ानवः। मतो अिहभानवः।।

 आरे सा व दु ानवो- मतˆ ऋती शः। आरे अमा यमथ।।

  न ु िवश- पिर वृ सदानवः।


 तृण ु ऊा कत जीवसे।।

 1.173 गायामेि योदशच सू, मै ाविणरग- इ-िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 162


ृ ान ं वत।् गावो धेनवो बिह.दा-ˆ
02.04.13 गाय.ाम नभ1 (अँ) यथा वे-रचाम तावध

आ यान.ि ँ िववासान।।

 अच.षृ ा वृषिभ ेह-ै मृगो नाो अित यगु यु ात।्  मय
 ु मना.ूत होता- भरत े मय

िमथनु ा यजः।।

 न .ोता पिर स िमता य-र.भमा शरद पृिथाः। .दो नयमानो व.ौ-र तो न

रोदसी चराक।।
ु ष.िदो दवचा- नासवे  स ु ो
 ता कमाषत-रा ै - ौािन देवयो भरे। जजो

रथेाः।।

 तम ु ¤हु ीँ यो ह सा- य शूरो मघवा यो ¤रथे ाः। तीच िोधीया.ृषवा-वषु

िमसो िवहा।।

02.04.14  यिदा मिहना नृो अ-रं रोदसी क3े (ए)~ ना।ै सँ िव इो

वृजन भूमा -भित धावा ओपशिमव ाम।।

 सम ु ा शूर सता.मरु ाण-ं पिथम ं पिरतंसय।ै सजोषसˆ इं मदे ोणी- ूिर.ि े

अनमु दि वाजःै । ।

 एवा िह ते शं सवना समु - आपो य आस


 ु मदि देवीः। िवा ते अन ु जोा भूौ- ूर

ििद िधषा वेिष जनान।।

 असाम यथा ¤सषु खाय एन- िभयो नरा.शंस ैः। अस.था नˆ इो ¤वनेा- रु ो न कम

नयमानˆ उा।।

िवधसो नरा शंस-ै राकास.िदो वहः। िमायवु ो न पूपितं सिश


ु ौ- मायवु ˆ उप

िश ि य ःै ।।

02.04.15 य ो िह ¤े.ि.-ु राण िनसा पिरय।् तीथ. नाा

तातषृ ाण.मोको- दीघ न िसमा कृ णो.ा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 163


 मो~ षू णˆ इा पृ ु देव-ै रि िह ¤ा त े शिु .वयाः। महि. मीषो या-

हिवतो मतो वत े गीः।।


ु .म-े एतने  गात ं ु हिरवो िवदो नः। आ नो ववृा िु वताय देव- िवा.मेष ँ
 एष ोमˆ इ त

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.174 ं राजेित दशच सू, मैाविणरग- इ-िुप।।

ॄ ा.सरु मान।् ं सित मघवा न -


02.04.16 ं राजे ये च देवा- र ा न

ं सो वसवान होदाः।।

 दनो िवशˆ इ मृवाच-  यरु  शम शारदी दत।् ऋणो रपो अनवाणा-ˆ यून े वृ ं

पु कुाय रीः।।

 अजा व
 त ु
ृ ˆ इ शूरपी- ा येिभ पत नूनम।् र ो~ अि.मशषु .वू याणं- िसंहो न दमे

अपांिस वोः।।

 शेष ु त इ सि.ोनौ- शये पवीरव मा। सृज.दणाव यधु ा गा- ि.री~

धृषता मृ वाजान।।

 वह कु.िम यि.ाक-ूम~


ू ऋा वाताा।  सूर ँ वृहता.दभीके -िभ ृधो

यािसष.बाः।।

02.04.17 जघ े -ोदव


 ा इ िम ू ।्  ये पय.यमणं सचायो-
ृ ो हिरवो अदाशन

या शूताˆ वहमानाˆ अपम।।

 रप.िव िराकसातौ-  हणी.ः~। कर.िो मघवा दानिु चा-ˆ िन यण े


ाासा.योपब

कुयवाचं मृिध ेत।।

 सना ता त इ नाˆ आग-ु हो नभोिवरणाय पूवः। िभन.रो


ु न िभदो अदेवी- ननमो वध

रदेव पीयोः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 164


 िु न िर धिु नमती-र ् ऋणो रप ीरा न वीः।  यमु .मित शूर पिष- पारया त
 वु शँ

यं ि।।

 माक.िम िवध ा-ˆ अवृकतमो नरा.ृपाता। स नो िवासां ृधां सहोदा-ˆ िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.175 म पायीित षडृच सू, मैाविणरग- इोनु ुप-आा ं धोीवा-

अा िपु ।।

02.04.18 मपािय ते मह- पावे हिरवो मरो मदः। वृषा ते वृ इ- वाजी

सहसातमः।।

 आ न े ग ु मरो- वृषा मदो वरेयः। सहावा इ सानिस- पृतनाषा.ळमः।।

 ं िह शूर िनता- चोदयो मनषु ो रथम।् सहावा..ु मत-मोष पा. शोिचषा।।

 मषु ाय सूय.वे- च.मीशानˆ ओजसा। वह शा


ु य वध-ँ वात.ा ैः।।

 शिु मो िह ते मदो- िु मˆ उत तःु । वृ


 ा विरवोिवदा- मंसीाˆ अस
 ातमः।।

 ो जिरत
 यथा पूव ू । तामन ु ा िनिवद.ोहवीिम-
ृ ˆ इ- मयइवापो न तृत े बभथ

िवा.मेष ँ वृजन.ीरदानमु ।।

 1.176 मि न इित षडृच सू, मैाविणरग- इोनु पु -अा ्
िपु ।।

02.04.19 मि नो वइय- इ.िमो~ वृषा.िवश। ऋघायमाणˆ इिस- श.ु मि न

िविस।।

 तिा वेशया  िगरो- यˆ एक षणीनाम।् अन ु धा यम


ु ते- यव चकृ ष.षृ ा।।

 य िवािन हयो- प ि तीनाँ वस।ु ाशय यो अ-ु ि दवे ाशिन जिह।।
ु ं सम.िह- णाशँ यो न ते मयः। अ.म वेदन-ि सूिर िदोहते।।
 अस

 आवो य िबहसो-क ष ु सानषु .गसत।् आजा िव.ेो~- ावो वाजेष ु वािजनम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 165


 ो जिरत
 यथा पूव ू । तामन ु ा िनिवद.ोहवीिम िवा.मेष ँ
 ापो न तृत े बभथ
ृ ˆ इ- मयइव

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.177 आ चषिणा इित पच सू, मै ाविणरग- इ-िपु ।।

02.04.20 आ चषिणाˆ वृषभो जनानां- राजा कृ ीनां पु तˆ इः। तु व
 .व.सोप
ु ा हरी~ वृषणाया.वाङ।् ।
मि- य

 ये ते वृषणो वृषभ ु ो वृषरथासो अाः। ता आ ित तेिभरा याव


 ासˆ इ- यज  ा-वामहे ा

सतु इ
  सोमे।।
ु ा वृष
 आ ित रथँ वृषण ं वृषा ते- सतु ोम¤पिरिषा मधूिन। य  ाँ वृषभ ि तीनां- हिराँ

यािह व.तोप मिक।् ।

े -ˆ इमा ा.यय.िम सोमः। ीण बिहरा त ु श  यािह- िपबा


 अय ँ य ो देवयाˆ अय ं िमयध
ु ा ह
¤िनष िव मच  री~ इह।।

 ओ~ ¤सु ुतˆ इ यावा-ङु प ािण मा कारोः। िवाम वो रवसा गृणो- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.178 य ा त इित पच सू, मै ाविणरग- इ-िुप।।

02.04.21 य ा त इ िु  रि- यया बभथ


ू  जिरत
ृ ˆ ऊती। मा न कामं महय.मा

ध- ि वा ते अयां पयापˆ आयोः।।

 न घा र ाजेˆ आ दभो- या न ु सारा कृ ण


 व योनौ। आप.िद ै सतु क
ु ाˆ अवेष-मˆ

इ ा वय।।

 जेता नृिभ िर पृ ु शूर- ोता हव.ाधमान कारोः। भता रथ.ाशषु ˆ उपाक- उा

िगरो यिद च ना भूत।।
ु वा- खाद पृ ो अिभ िमिणो भूत।् समय
 एवा निृ भ िर   इष वते िववािच-

साकरो यजमान शंसः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 166


 या वय ं मघव.ि शू-निभ ¤ाम महतो ममानान।् ाता म ु नो वृध े भू- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.179 पूवरहिमित षडृच सू, मै ाविणरगः-आयोयोलपामु ा ऋिषका-



अयोयोरगांवे ासी चारी ऋिषः-सवासां रितदवता- िुप-पमी बृहती।।

02.04.22  पूव रहं शरद शमाणा- दोषाˆ वो षसो जरयीः। िमनाित िय.िरमा

तननू ा- मू न ु पी वृषणो जगः।।

 ये िचि पूव ऋतसापˆ आस-ाक.ेविे भ रवद.ृतािन। ते िचदवास ु न.माप-ु मू न ु पी

वृषिभ जगःु ।।

 न मृषा ा ँ यदवि देवाˆ- िवाˆ इृधो अवाव। जया.वेद शतनीथ.मािजँ- या

िमथनु ा वजाव।।

 नद मा धत कामˆ आग-ितˆ आजातो अमतु  कुतित।् लोपामु ा वृषण ी िरणाित-

धीर मधीरा धयित सम।।

 इम. ु सोम.मितो-  ु पीत.मपु  वु ।े यी.माग कृ मा त ु मृळत-ु प
ु कामो िह

मः।।

 अग खनमान खिनै- जा.मप ं बल.िममानः। उभौ वणा वृिष  पपु ोष- साˆ

देव.े ािशषो जगाम।।



 1.180 यवु ो रजांसीित दशच सू, मै ाविणरगोिनौ- िुप।।

02.04.23  यवु ो रजांिस सयु मासो अा- रथो यां पयणािस दीयत।् िहर यया वां पवय षाय
ु -

े ।।
 िपबा उषस चेथ~

 यवु .म.ाव न थो य-िपनो नय योः। सा याँ िवगूत~ भराित- वाजा.येे

मधपु ा िवष े च।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 167


 यवु ं पय उियाया.मधं- प.मामाया.मव पू.ोः। अ यिननो वामृतू~- ारो न शिु च

यजत े हिवान।।

 यवु ं ह घम मधम


ु .मय-े पो न ोदोवृणीत.मेष।े ता.रा विना पइी- रेव चा ित

यि मः।।

 आ वाानाय ववृतीय दा- गोरोहेण तौ ो न िजिः। अपः  ोणी~ सचते मािहना वाूण

वाम  ु रं हसो यजा।।

02.04.24 िन यवु थ े िनयतु  दु ानू~- उप धािभ ृजथ परु िम।् ेष.ेष.ातो न
े ~

सूिर- रा महे दद े सु तो न वाजम।।

 ामहे िव पिण िहतावान।् अधा िचि. ¤ािना विना-


 वय.िि वािरतार ाˆ- िवप

पाथो िह ¤ा वषृ णा विदवे म।।

 यवु ा.िि ¤ािना वन


ु -ू ि वण सातौ। अगो नरा.ृष ु श-

काराधनु ीव िचतय.ह ैः।।

े मिहना रथ-  ा याथो मनषु ो न होता। ध ं सूिरˆ उत वा -ासा
  यहेथ~

¤रियषाच ाम।।
ु ताय नम।् अिरनेिमं पिर ािमयान-ँ िवा.मेष ँ
े - ोमै रिना सिव
 तं वां रथँ वय.मा  वम

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.181 क ेािवित नवच सू, मैाविणरगोिनौ- िपु ।।

02.04.25 क ेा िवषां रयीणा-मया यिनीथो अपाम।् अय ँ वाँ य ो अकृत शिँ-

वसिु धती~ अिवतारा जनानाम।।
ु य पयाˆ- वातरंहसो िदासो अाः। मनोजवो
 आ वामास शच ु वृषणो वीतपृा-ˆ एह

राजो अिना वह।ु ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 168


 आ वां रथोविन न वा-ृवरु िु वताय गाः। वृ ातारा मनसो जवीया-नहंपवू 

यजतो िधा यः।।

 इहहे  जाता समवावशीता-मरेपसा ता3(आ) नामिभ ैः। िज ु वाम म


ु ख सूिर-

िदवो अ भु ग पु ˆ ऊह।े ।

  वा.िचे ककुहो वशा अन-ु िपशप दनािन गाः। हरी~ अ पीपय वाजै-

मा रजां.िना िव घोष ैः।।

02.04.26  वां शरा.ृषभो न िना-व िरष रित मˆ इ।् एवै र पीपय

वाज-ै वषी ाˆ नो नˆ आगःु ।।

 असिज वां िवरा वेधसा गी- बाे अिना ेधा ु ववत.ाधमानँ-


री। उपता

याम.याम. णतु  ं हवं मे।।

 उत ा वां शतो वसो गी- िबिहिष सदिस िपते नॄन।् वृषा वां मेघो वृषणा पीपाय- गोन

सेके मनषु ो दश।।

 यवु ां पूष.े वािना परु ि- रि.मषु ा जरते हिवान।् व े याँ विरवा गृणानो- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.182 अभूिददिमच सू, मै ाविणरगोिनौ- जगती-षे िभ


ु ौ।।
02.04.27 अभू.िदद ँ वयनु .मो~ ¤ष ु भूषता -रथो वृषवा.दता मनीिषणः। िधय.िा
ु ृ ते शिच
िधा िवपलावसू~- िदवो.नपाता सक ु ता।।

 इतमा िह िधा ममा- दा दंिसा रा रथीतमा। पूण रथँ वहेथ े  मˆ आिचत- ेन

दाांस.मपु  याथो अिना।।

 िकम दा कृ णथु  िकमासाथे~- जनो य कि.दहिव महीयते। अित िम.रु तं पण े रस-ु

ोित िवाय कृ णतु ँ वचवे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके चतथु ाायः। वगाः(1-29) Page 169


 जयत.मिभतो रायत शनु ो- हत ं मृधो िवदथ ु ािना। वाचँवाच.िरतू रिनी.त-मभु ा

शंस ासावतं मम।।

 यवु .मेत.थ ु िषु ु व-मा.ं पि ण.ौ ाय कम।् येन देवा मनसा िनहथ-ु

पु नी पेतथःु  ोदसो महः।।

02.04.28 अविव.ौ .म1 (अ)- रनारण े तमिस िवम।् चतो नावो जठल
ु -ˆ उदिा.िमिषता पारयि।।
जा

 कि.ृ ो ¤िनितो मे अणसो- यौ ो नािधत पयषजत।् पणा मृग पतरोिर.वारभ-

उदिना ऊहथ ु ोमताय कम।।
ु ा-ां मानासˆ उचथ.मवोच।् अा.द सदस ोादा- िवा.मेष ँ
 ता.रा नासा वन

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.183 तँ याथािमित ्
षडृच सू, मै ाविणरगोिनौ- िुप।।
ु ाथां मनसो यो जवीया-िवरु ो वृषणा यिचः। येनोपयाथ क
02.04.29  तँ य ु ृ तो

रोण- िधातनु ा पतथो िवन पणः ।।

 सवु .ृ थो वतते यिभ ाँ- यिथ त ु मान ु पृ ।े वप ु वप
ु ा सचता.िमयी- िदवो

े ।।
िह.ोषसा सचेथ~

ृ  ँ यो रथो वा-मन ु तािन वतत े हिवान।् येन नरा नासेषय-ै वित याथ
 आ िततं सवु त

नयाय ने च।।

 मा वाँ वृको मा वृकी रा दधष-ा पिर व.मतु माितधम।् अय ँ वां भागो िनिहतˆ इयी-

दा िवम े वा.िधयो मधूनाम।।
ु ो अि- दा हवते वस े हिवान।् िदश िदा.मृजय
 यवु ा.ोतम पमी ू वे  या-मे हव

ास.ोप यातम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 170


 अतािर तमस ार.म- ित वां ोमो अिना वधािय। एह यात ं पिथिभ दवयान-ै िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।इित चतथु ााय माः।।

 ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29)



 1.184 ता वािमित षडृच सू, म ैाविणरगोिनौ- िुप।।

02.05.01 ता वा म तावपरं व-े मोा.मषु िस वि  ैः। नासा कुह िचा वय-

िदवो नपाता सदु ाराय।।

 अ े ऊ~¤ष ु वृषणा मादयेथा-म


ु णी.हत मूा मदा। तु ं मे अोििभ मतीना-मेा नरा

िनचेतारा च कणः।।
ु ृ तेव देवा- नासा वहत ं ु सूयायाः। वे वाकुहाˆ अ ु जाता- यगु ा जूणव 
 िय े पूष.िषक

वण भूरेः।।

 अ े सा वां माी~ राित र-ु ोमं िहनोतं मा कारोः। अन ु यां वा सदानू
ु ~-

सवु ीयाय चषणयो मदि।।

 एषˆ वां ोमो अिना वकािर- मानेिभ मघवाना सवृु ि। यात ँ वित नयाय ने-चागे

नासा मदा।।

 अतािर तमस ार.म- ित वां ोमो अिना वधािय। एह यात ं पिथिभ दवयान-ै िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

े ादशच सू, मैाविणरगो- ावापृिथवी- िुप।।
 1.185 कतरेक

े कवय को िव वेद। िव.ना िबभृतो


02.05.02  कतर ा पूवा कतरापरायो- कथा जात~

 ~
य नाम- िव वतत े अहनी~ चियेव।।

 भूिरे~ अचरी~ चर-ं प.भ.मपदी~ दधाते~। िन. सून ं ु िपो पे- ावा र त ं

पृिथवी~ नो अात।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29) Page 171


 अनहे ो दा.मिदत े रनव- व े व दवधमत।् तोदसी जनयतिर-े ावा र त ं पृिथवी~ नो

अात।।

 अतमाने~ अवसावी~- अन ु ¤ाम रोदसी देवपु ~ े देवाना.मभु येिभ.रा-ावा


े । उभ~

र त ं पृिथवी~ नो अात।।

 समाने~ यवु ती~ सम~


े - सारा जामी~ िपो पे। अिभिजी~ भवु न नािभ-

ावा र त ं पृिथवी~ नो अात।।

 ी~ ऋतने - व े देवाना.मवसा जिनी~। दधाते~ ये~ अमत


02.05.03 उव~ सनी~ बृहत ृ ं

सु तीके~- ावा र त ं पृिथवी~ नो अात।।

े - उप वु  े नमसा य े अि।् दधाते~ ये~ सभु गे~ सु तूत
 े~ रेअ~
 उव~ पृी~ बल

~-ावा र त ं पृिथवी~ नो अात।।

 देवा.ा यकृम
 ाक
 िदाग- खाय ँ वा सदिम.ाितँ वा। इय.ी.भूयाˆ अवयान.मेषा-ावा

र त ं पृिथवी~ नो अात।।

े मामूती~ अवसा सचेताम।् भूिर िचदय दु ारा-येषा मदˆ


 उभा शंसा नया मामिवा-मभु ~

इषयेम देवाः।।

 ऋत.िव े तदवोचं पृिथा -अिभावाय थम ं समु ध


े ाः। पाता.मवा.िु रता.दभीके - िपता माता

च र ता.मवोिभः।।

 इद.ावापृिथवी~ स.म-ु िपत मात यिद.होपवु े वाम।् भूत.ेवाना.मवम े अवोिभ-



िवा.मेष ँ वृजन.ीरदानमु ।।

 1.186 आ न इळािभिरेकादशच सू, मैाविणरगो- िवेदवे ा िपु -्

(सूभेदयोगे त-ु आ चतसृणां िवेदवे ाः-तत एका अिहबः-तत


ु एका ा-तत एका

इः-ततो योमतः-ततो योिवेदवे ाः-एवमेकादश)।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 172


ु ि- िवानर िवता देवˆ एत।ु अिप यथा यवु ानो
02.05.04 आ नˆ इळािभ िवदथे सश

मथानो- िव.ग.दिभिप े मनीषा।।

 आ नो िव आाˆ गम ु देवा-ˆ िमो अयमा वण जोषाः। भवु .था नो िवे वृधास-

कर. ¤षु ाहा िवथरु  शवः।।

 ेँ वो अितिथ.ृणीषे-िं शििभ वु िण जोषाः। असथा नो वण क
ु ीित- िरष पष

.दिरगूत ूिरः।।

 उप वˆ एषे नमसा िजगी-षोषासाना सु घेव धेनः।


ु समान े अह.ििममानो अक- िवष
ु पे पयिस

सि.ूध।।
ु िपषु ीव वेित िसःु । येन नपात.मपा.नु ाम-
ु ो3(ओ) मय-~ िशश
 उत नोिह ब
ु वृषणो यँ वहि।।
मनोजवो

02.05.05 उ
 त नˆ ई ा.ग-ा.ूिरिभ रिभिप े सजोषाः। आ वृ.हे षिणा-

िु वमो नराˆ इह गाः।।


ु गाव ण ं िरहि। तमी.िरो जनयो न पी-
 उत नˆ मत.योयोगा- िशश

रु िभम.रा.स।।

 उत नˆ मतो वृसेना-ˆ .ोदसी समनस द।ु पृष.दा.सोवनयो न रथा- िरशादसो
ु ो न देवाः।।
िमयज
ु ते यज
  न ु यदेषां मिहना िचिक-े  य ु .े सवु िृ । अध यदेषां सिु दने न श- िव.मेिरण ं

ु य सेनाः।।
षा
ु -ं  पूषणं तवसो िह सि। अषे ो िव ु वातˆ ऋभ ु ा-ˆ अा
 ो~ अिना ववस े कृ ण

ु ाय ववृतीय देवान।।
स

 इय ं सा वो अ े दीिधित यजा-ˆ अिपाणी च सदनी च भूयाः। िन या देवषे  ु यतत े वसूय ु

िवा.मेष ँ वृजन.ीरदानमु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29) Page 173


 1.187 िपतिु ेकादशच सू, मैाविणरगों- गायी-आानु 
ु भा-तृतीया
पाातोनु भ
ु ोा बृहती वा।।
02.05.06 िपत.ु  ु ोष-ं महो धमाण.िवषीम।् य ितो ोजसा- वृ ँ िवपव.मदयत।।

 ादो~ िपतो~ मधो~ िपतो~- वय.ा ववृमहे। अाक.मिवता भव।।

 उप न िपत~वा चर- िशव िशवािभ ितिभः। मयोभ ु रिषेय- खा सश
ु वे ो अयाः।।

 तव े िपतो~ रसा- रजां.न ु ¤िविताः। िदिव वाताइव िताः।।


ु ीवाइ.वेरते।।
 तव े िपतो~ ददत- व ािद ते िपतो~।  ाानो रसाना-िव

02.05.07  े िपतो~ महाना-ेवानां मनो िहतम।् अकािर चा के तनु ा- तवािह.मव.सा

वधीत।।

 यददो िपतो~ अजग-िव पवतानाम।् अा िचो मधो~ िपतो~-रं भ ाय गाः।।

 यदपा.मोषधीनां- पिरंश.मािरशामह।े वाताप े पीवˆ इव।।

 ये सोम गवािशरो- यवािशरो भजामहे। वाताप े पीवˆ इव।।

 करˆ ओषधे भव- पीवो वृˆ उदारिथः। वाताप े पीवˆ इव।।

 ता वय ं िपतो~ वचोिभ- गावो न हा ¤सषु िू दम। देव


े .ा सधमाद-म.ा

सधमादम।।

 1.188 सिम इेकादशच सू, मैाविणरग- इ-नूनपा-िदळो- बिह-दवीार-

उषासाना- दैौ होतारौ- सर-तीळाभार-ा- वनित- ाहाकृ तय इित मेण देवताः-

गायी छः।।

02.05.08  सिमो अ राजिस- देवो देव ै हिजत।् तो हा किव वह।।

 तनूनपा.त ँ यत-े मा य मते। दध.हिणी िरषः।।


ु नो नˆ ईो- देवा आ वि यि यान।् अे सहसाˆ अिस।।
 आजा

 ाचीनं बिह रोजसा- सहवीर.मृण।् यािदाˆ िवराजथ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 174



 िवरा.ा.िी ी- बी भूयसी याः। रो घृता. र।।

02.05.09 सु  े िह सपु श


 ~ ्
े सा-िध िया िवराजतः। उषासा वेह सीदताम।।

 थमा िह सवु ाचसा- होतारा दैा कवी~। य ो य ता िममम।।

 भार.तीळे  सरित- याˆ व वाˆ उपवु ।े ताˆ न ोदयत िय।े ।

 ा पािण िह भु - पश.ू िा.मानज।े तेषा ाित.मा यज।।



े  ृज। अि हािन ¤िसदत।।
 उप ा वनते- पाथो देव

 परु ोगाˆ अि दवाना.ायण


े  समते। ाहाकृतीष ु रोचते।।

 1.189 अे नयेच सू, मै ाविणरगोि- िपु ।।

02.05.10  अे नय सपु था राय े अा-िािन देव वयनु ािन िवान।् ययु ो1(अ) ु राण

.मेनो- भूिया.े नमउिँ िवधेम।।

 अे ं पारया नो अा-ििभ रित गािण िवा। पू पृी बला नˆ उव- भवा

तोकाय तनयाय शँयोः।।

 अे म.यु ो.मीवा-ˆ अनिाˆ अम कृ ीः। पनु रं सिव


ु ताय देव- ाँ िवेिभ

ृ िे भ यज।।
रमत

 पािह नो अे पायिु भ रज ै- त िय े सदन आ शश ु ान।् मा ते भय.िरतारँ यिव- नून ँ
ु 

िवद.ापरं सहः।।

 मा नो अे व सृजो अघाया-िववे िरपवे नाय ै। मा दते दशत े मादते नो- मा रीषत े

सहसाव.रा दाः।।

ृ ानो अ े त3े (ए) वथम।् िवा.ििर ो त वा


02.05.11 िव घ ावा ऋतजात यंस-ण

िनिनो- रिभता.मिस िह देव िवट ्।।

 ा अ उभया ि िवा-ेिष िप े मनषु ो यज। अिभिप े मनव े शाो भू- ममृज
े ˆ

उिशि नाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29) Page 175


 अवोचाम िनवचना.ि-ान सून ु हसान े अौ। वय ं सह.मृिषिभ नेम- िवा.मेष ँ

वृजन.ीरदानमु ।।

 1.190 अनवाण िमच सू, मै ाविणरगो- बृहित-िुप।।

 ं मिजं- बृहितँ वधया न.मकः। गाथा ु चो य देवाˆ-


02.05.12  अनवाणँ वृषभ

आ वि नवमान मताः।।

 तमृियाˆ उप वाच चे- सग न यो देवयता.मसिज। बृहित  ो वरांिस-

िवा.भव मृत े माति रा।।

 उपिु त.मसˆ उित.- ोकँ  यंस.िवतवे   बा~। अ ाहो3( ओ) यो अि-

ु ान।।
मृगो न भीमो अर स िव

 अ ोको िदवीयत े पृिथा-मो न यंस. भ.ृ िचेताः। मृगाणा. हेतयो यि चेमाˆ-

बृहते रिहमाया अिभून।्

 ये ा दे.वोिकं ममाना- पापाˆ भ.मपु जीवि पाः। न 3े (ए) अन ु ददािस वाम-ं

बृहते चयस इियाम।।

02.05.13 सु ैत ु ूयवसो न पाˆ- िनयु पिरीतो न िमः। अनवाणो अिभ ये च त े

ृ ाˆ अपोणवु ो अःु ।।


नो-पीवत

 सँ यं भु ो.वनयो न यि- समु . वतो रोधचाः। स िवा उभय.े अ- बृहित

र आप गृः।।

 एवा मह िु वजात िु वा-ृहित वृषभो धािय देवः। स न तु ो वीरव.ात ु गोम-
् 13।
िा.मेष ँ वृजन.ीरदानमु ।।

 1.191 कत इित षोळशच सू, म ैाविणरगोृणसूया- अनु ुप-दशाािो

महापंय-योदशी महाबृहती (िवषसूम)।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 176


02.05.14 कतो न कतो-थो~ सतीनकतः। ा.िवित  ुषी~ इित- 1(अ)ाˆ

अिलत।।

 अा..ाय-थो~ हि परायती। अथो~ अवती ह-थो~ िपनि िपंशती।।

 शरास कुशरासो- दभास ैयाˆ उत। मौाˆ अाˆ ब ैिरणा- व साक
 .िलत।।

 िन गावो ¤गो े असद-ि मृगासो अिव त। िन के तवो जनाना-1(अ)ाˆ अिलत।।

 एत उ े -दोष.राइव। अा िवा- ितबु ाˆ अभूतन।।

02.05.15 ौव िपता पृिथवी माता- सोमो ाता.िदित सा। अा िवा-

ि.तेलयता स ु कम।।

 ये अंाˆ ये अा- ूचीकाˆ ये कताः। अा िकनहे व- व साक.ि जत।।

 उरु ा.ूयˆ एित- िवो अहा। अा.वा.य-वा यातधु ाः।।

 उदप.दसौ सूय- पु िवािन जूव।् आिद पवत


े ो- िवो अहा।।
ु वतो गृहे। सो िच ु न मराित नो~- वय ं मरामारे अ- योजन ं
 सूय  िवषमा सजािम- ितं सरा

¤हिराˆ मध-ु ा मधल


ु ा चकार।।

02.05.16 इयिका शकुिका- सका जघास ते िवषम।् सो~ िच ु न मराित नो~- वय ं

मरामारे अ- योजन ं ¤हिराˆ मध-ु ा मधल


ु ा चकार।।

ु .म ।् ताि ु न मरि नो~- वय ं मरामारे अ-


 ि  िविु लका-ˆ िवष प

योजन ं ¤हिराˆ मध ु ा मधल


ु ा चकार।।

 नवाना.वतीनाँ- िवष रोपषु ीणाम।् सवासा.मभ.ामा-रे अ योजन ं ¤हिराˆ मध-ु ा


ु ा चकार।।
मधल
ु । ताे िवष ँ िव जिर- उदक.िनी.िरव।।
ू -  सारो अवः
 ि  मयय

 क कुष
 इय ु क- कं िभन.मना। ततो िवष ं  वा व ु वँ तः।।
ृ -े पराची रनस
 त

 कुष ्
ु क .दवी-िरे वतमानकः। वृिक.ारस ँ िवष-मरस ँ वृिक ते िवषम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके पमाायः। वगाः(1-29) Page 177



 अथ पिरिशम।।

 मा िबभने मिरिस- पिर ा पािम सवतः। घनने  हि वृिक-मिह डे.नागतम।।
ु .बलेन च। गडप िनपातेन- भूिम. महायशाः।।
 आिदरथ.वेगने - िवबा

 गड पात.माेण- यो लोका कंिपताः। कंिपता मही सवा- सश ैल.वन.कानना।।

 गगन. .चाक-ोित.ष काशत।े देवता भय भीता- मातो न वायित- (मातो न

वायोमः)।

 भो सप भ भ े- र. महािवष। जनमे.जय य ा-े आीक.वचन ं र।।
ु ा- य प न िनवतत।े शतधा िभत े मूि- िशंशवृ फलँ यथा।।
  ं 
 आीक. वचन

 नमदाय ै नम ात -नमदाय ै नमो िनिश। नमो ु नमद े त


ु -ािह माँ िवषसपतः।।

 यो जर.ाणा जातो- जर.ावा महायशाः। त रािभ भ.े- र. महािवष।।

 अिसित.ा.थिसि.- सनु ीित.ािप य रेत।् िदवा वा यिद वा राौ- नाि सप भय ं भवते ।।

ु क
 अगि माधव.वै - मच ु ु ो महामिु नः। किपलो मिु न.राीक- प ैते सख
ु शाियनः।। इित

पिरिशम।।

 मडलाे पठनीयाः ोकाः (मंडलांतमनु पिठं चवलिसन ोकम


ु )

 ओ ं िवेर िवपा - िवप सदािशव। शरणं भवभूतश


े - कणाकर शंकर।।

 हर शंभो महादेव- िवेशामर वभ। िशवशंकर सवान-् नीलकं ठ नमो ु ते।।



 मृयाय े ाय शवाय- महादेवाय ते नमः।।
ाय- नीलकठाय शंभवे। अमृतश

 एतािन िशवनामािन- मडलाेष ु यः पठे त।् नाि मृभयं


ु त- पापरोगािद िकन।।

ु ।।
े ातु गोिव- माधवान के शव। कृ  िवो षीके श- वासदेु व नमोते
य श
ु िै रणे। अमृतश
 कृ ाय गोपीनाथाय- चिणे मरव े ाय गोपाय- गोिवाय नमो नमः।।

 वासना ासदेु व- वािसते जगयम।् सवभूतिनवासोिस- वासदेु व नमोते


ु ।।

 दश स च नामािन- मडलाेष ु यः पठे त।् स िशव पदं गा- िशवलोके महीयते।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 178


ु ोके महीयते।
 स िवो पदं गा- िवल
ु ु  वामन वासदेु व।।
 िशव शंकर िवेर िवल मक

 सा ाूलमाणाय- िवोरिमततेजसे।

 आाय सववेदानां- ऋ वेदाय नमो नमः।। इित थमं मडलम।।

ितीयं मडलम ्

 2.01 म इित षोळशच सू, शौनको गृदोि-जगती।।


ु  ु िण- म ममन िर। ँ वने मोषधी-
ु माशश
02.05.17 म े िभ
ु ।।
ृणा.ृपते जायसे शिचः

 तवा े हो.व पो.मृिय-व ने.मि.तायत


 ः। तव शा.मरीयिस- ा चािस

गृहपित नो दमे।।

 म इो वृषभ ता.मिस- ँ िव ु गायो नमः। ं ा रियिव.णते- ँ िवधत

चसे परु ा।।


ु -
 म े राजा वणो धृतत- ं िमो भविस दˆ ईः। मयमा सित य संभज

मंशो िवदथे देव भाजयःु ।।

 म े ा िवधत े सवु ीय-व ावो िममह जाम।् माशहु म


े ा रिरषे -रां शध

अिस पूवसःु ।।

02.05.18 म े ो असरु ो महो िदव- ं शध मात ं पृ ˆ ईिशषे। ँ वातै रण ै यािस

शय-ं पूषा िवधत पािस न ु ना।।

 म े िवणोदाˆ अर  ाˆ अिस। ं भगो नृपते वˆ ईिशषे- ं पाय ु


  ते- ेव िवता रध

दमे ये.िवधत।।
ु द.मृते। ँ िवािन नीक पसे- ं
 ाम े दम आ िवपितँ िवश-ां राजान ं सिव

सहािण शता दश ित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयं मडलम ् Page 179


 ाम े िपतर.िमििभ नर-ां ााय शा तनूचम।् ं पु ो भविस येिवध. ं सखा
ु वे  पााधषृ ः।।
सश

 ु राके नम1 (अ)-ँ वाज म


 म ऋभ ु तो रायˆ ईिशषे। ँ िव भान ु दि दावने- ँ

िविश  ु रिस य .मातिनः।।

02.05.19 म े अिदित दव दाशषेु - ं होा भारती वधसे िगरा। िमळा शतिह.मािस

द स-े ँ वृह ु  सरती।।


 ा वसपते
ु तˆ उम ँ वय- व ाह वण आ सिश ियः। ँ वाज तरणो बृह.िस- ं
 म े सभृ

 ो िवत ृथःु ।।
रिय बल
ु य िरे कवे। ां ¤राितषाचो अरेष ु सिरे-
 ाम आिदासˆआ1 (अ)-ािां शच

े देवा हिव.रद.ातम।।

ृ ासो अुह- आसा देवाˆ हिव.रद.ातम।् या मतास द आसिु त-


 े अ े िवे अमत
ु ।।
भ वीधा.ि षे शिचः

 ा. ित चािस मना-े सजात  च देव िरसे। पृ ो यद मिहना िव ते भवु -दन ु

े ।।
ावापिृ थवी~ रोदसी उभ~

 ये ोत े स-मे राित.मपु सृजि सूरयः। अा तां  िह नेिष वˆ आ-


ृ ो गोअा.मपश

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.02 य ने ेित योदशच सू, शौनको गृमदोि-जगती।।

02.05.20 य ने  वधत जातवेदस-मिँ यजं हिवषा तना िगरा। सिमधान ं सु य
 सं णर-

 ु ं होतारँ वृजनेष ु ¤धूषदम।।

 अिभ ा नी.षसो ववािशरे-े व. सरेष ु धेनवः। िदवइ.वे.दरित मानषु ा यगु ा- पो

भािस पवार सँयतः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 180


 तेवा बु े रजस दु स ु शोिचष-मिं िम.
ं स-¤िवृिथो ररित.ेिररे। रथिमव वे ं श

ि ितष ु श ्
ं म।।
ु पृा पतर.ितय.म िभ-
 तम ु माण ं रजिस  आ दमे- चिमव सु चं ार आ दधः।

पाथो न पाय.ु नसी~ उभ~


े अन।ु ।

 स होता िवं पिर भूर-म ु ह ै मनषु ˆ ऋते िगरा। िहिरिशो वृधसानास ु जभरु - ौ न

ृिभ ितय.ोदसी अन।ु ।

02.05.21 स नो रेव.िमधान ये- सदा.िय.मास ु दीिदिह। आ न कृ ण


ु ताय रोदसी- अे हा मनषु ो देव वीतये।।


सिव
ु ा अपा वृिध। ाची~ ावापिृ थवी~ णा
 दाˆ नो अे बृहतो दाˆ हि णो- रो न वाजं 
ु .मषु सो िव िदतु ःु ।।
कृ िध- 1(अ)ण श

 स इधानˆ उषसो रााˆ अन-ु 1(अ)ण दीद.े दषण ु । होािभ रि मनषु रो-
े  भानना

राजा िवशा.मितिथ ा रायवे।।

ृ षे ु पू- धीीपाय बृहिवषे  ु मानषु ा। हाना धेन ु वृजनेष ु कारवे- ना शितनं
 एवा नो अे अमत

पु प.िमषिण।।

 वय.म े अवता वा सवु ीय- णा वा िचतयेमा ज ु .मिध प कृ ि -षूा


 ना अित। अाक.
ु चीत
1(अ)ण शश ु ्
¤रम।।
ु ाताˆ इषय सूरयः। यम े य .मपु यि वािजनो-
ं ो- यि.ज
 स नो बोिध सह श

िने तोके दीिदवांस ं े दमे।।

 उभयासो जातवेद ाम ते- ोतारो अे सूरय शमिण। वो राय¤पु  भूयस-

जावत प शि ध नः।।

 ये ोत े स-मे राित.मपु सृजि सूरयः। अा. च तां  िह नेिष


ृ ो गोअा.मपश

े िवदथे सवु ीराः।।


वˆआ- बृह.दम

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयं मडलम ् Page 181


 2.01 सिमो अििरेकादशच सू, शौनको गृमद- इो- नराशंस- इळो- बिह-

दवीार- उषासाना- दैौ होतारौ- सर-तीळाभार-ा- वनित- ाहाकृ तय इित मेण



देवता- िुप।।

02.05.22  सिमो अि.िनिहत पृिथां- .िािन भवु ना.ात।् होता पावक


ु ध
िदव म ्
े ाˆ- देवो देवा.ज.ि रह।।
ु मनसा ह.म
ं  ित धामा.-िो िदव ित मा िचः। घृत षा
 नराशस ु -

ूध.  समनु देवान।।

 ईिळतो अ े मनसा नो अह-ेवा.ि  मानषु ा.ूव अ। स आ वह मतां शध अतु -

िम.रो बिहषदँ यजम।।

 देव बिह वधमानं सवु ीरं- ीण राय े सभु रं वे~ ाम।् घृत.े नाँ वसव ीद.तेद-ँ िवे देवाˆ

आिदाˆ यि यासः।।

 िव या.मिु वया यमाना-ˆ ारो देवी ु ायणाˆ नमोिभः। चती िवथा.मजयु ा-ˆ वण

ु नाˆ यशसं सवु ीरम।।
पना

े । त.ु त ं सँवयी~


े - उषासाना ववे रिवत~
02.05.23 सापांिस सनता नˆ उि त~

समीची~- य  पेश ु घे~ पयती~।।

 दैा होतारा थमा ¤िवरˆ- ऋज ु य त मृचा ¤वपु रा। देवा.ज.ावृतथु ा समतो-

नाभा पृिथाˆ अिध सानषु ु िष।।


 सरती साधयी िधयˆ- इळा देवी भारती िवतूितः। ितो देवी धया बिह.रेद-मिं

पा ु शरण. िष।।


ु रो वयोधा- ु ी वीरो जायते देवकामः। जा.ा िव ¤त ु नािभ-म-े अथा
 िपशप भ

दवे ाना.मेत ु पाथः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 182


 वनित रवसृज.पु .ा-दि हिव ूदयाित  धीिभः। िधा सम.यत ु जान-ेव
े ो दै

शिम.तोप हम।।
ु ध.मा वह मादय- ाहाकृतँ
 घृत ं िमिम े घृत.म योिन- घृत े ितो घृत. धाम। अन

वृषभ वि हम।।

 2.04 व व इित नवच सू, भागव ोमाित-रि-िुप।।
ु ोान ं सवृु िँ - िवशा.मि.मितिथं सु यसम।् िमइव यो िदिधषाो भू-
02.05.24 व े व 

ेवˆ आदेव े जने जातवेदाः।।

 इम ँ िवधो अपां सधे- ितादध ु भृगवो िवा3(आ)योः। एषˆ िवा. ु भूमा- द वे ाना-

मि ररित जराः।।

 अि.ेवासो मानषु ीष ु िव -ु िय ु  े ो न िमम।् स दीदय.शती ाˆ आ-




द ाो यो दात े दम आ।।

 अ रवा ेव पिु - ि र िहयान द ोः। िव यो भिर.दोषधीष ु िजा-मो न



रो दोधवीित वारान।।

 आ ये अँ वनद पन-ोिशो नािममीत वणम।् स िचण


े  िचिकते रंस ु भासा- जज
ु वु ा यो

ु भूत।।
मु रा यवा

02.05.25 आ यो वना तातषृ ाणो- न भाित वा.ण पथा रेव ानीत।् कृ ाा तपू र व

िकेत- ौिरव यमानो नभोिभः।।

 स यो ा.दिभ द .व- पश ु नित य ु रगोपाः। अि शोिचा अतसा.


ु -

ृ िथ रदय. भूम।।

 नू त े पूव.ावसो अधीतौ- तृतीये िवदथे म शंिस। अ े अ े सँय.ीरं बृह-म
ु ं वाजं
प ं रियाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयं मडलम ् Page 183


ु वˆ उपरा अिभ ¤ः~।
 या यथा गृमदासो अे- गहा ु सवु ीरासो अिभमाित¤षाह-

.ूिरो गृणत े तयो धाः।।



 2.05 होताजिनेच सू, भागव ोमाित-रि-िुप।।

ृ ˆ ऊतये। य .े ँ वस-ु शकेम वािजनो


02.05.26 होताजिन चेतन- िपता िपत

यमम।।
ु .ै.मम-ं पोता िव.िदित।।
 आ यि. रमय- ताˆ य  नेतिर। मन

 दध े वा यदी.मन-ु वोच.ािण वे तत।् पिर िवािन काा- नेिम िम.वाभवत।।

 साकं िह शिु चना शिु च- शाा तनु ाजिन। िवा अ ता वु ा- वयाइवान ु रोहते।।

 ताˆ अ वण.मायवु ो- नेु च धेनवः। कुिव.िस


ृ ˆ आ वरं- सारो याˆ इद ँ ययःु ।।

 यदी मात ु प सा- घृत ं भर.ित। तासा.मय ु रागतौ- यवो वृीव मोदते।।

 .ाय धायस-े कृ णतु ा.मृि.गृिजम।् ोमँ य .ादरँ- वनमे ा रिरमा वयम।।


े ः। अय म े े अिप- यँ य .कृम


 यथा िवा अर.र-िेो यजत ्
 ा वयम।।

 2.06 इमां म इच सू, भागव ोमाित-रि-गायी।।

02.05.27 इमां मे अे सिमध-िममा मपु सदँ वनेः~। इमाˆ उ ष ु धु ी िगरः।।

 अया ते अे िवधे-मोज नपा.द.िमे। एना सूेन सजात।।

 ता गीिभ िगवणस-िवण.ु िवणोदः। सपय   सपयवः।।


 म

 स बोिध सूिर मघवा- वसपु ते वसदु ाव।् ययु ो1(अ).ेषांिस।।

 सनो वृि.िविर- सनो वाज.मनवाणम।् स न हिणी िरषः।।

 ईळाना.याववे- यिव त नो िगरा। यिज होतरा गिह।।

 अ  ईयस-े िवा.ोभया कवे। तो जेव िमः।।

 स िवा आ च िपयो- यि  िचिकˆ आनषु क।् आ चाि.ि बिहिष।।

 2.07 ेिमित षडृच सू, भागव ोमाित-रि-गायी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 184



02.05.28 े ँ यिव भार-ताे मु .मा भर। वसो~ पु हृ ं रियम।।

 मा नो अराित रीशत- देव म च। पिष ताˆ उत िषः।।

 िवाˆ उत या वय-ाराˆ उदाइव। अित गाहेमिह िषः।।


ु  पावक व-ोे बृह.ि रोचसे। ृतिे भ रातः।।
 शिच

 ो अिस भार-ताे वशािभ  िभः। अापदीिभ रातः।।



  िपरासित- ो होता वरेयः। सहस ु ो अत
ु ः।।

 2.08 वाजयिित षडृच सू, शौनको गृमदोि-गायी-अानु ुप।।
ु यशम मीषः।।
02.05.29 वाजयिव नू रथा-ोगा अ े प िह।

 य नु ीथो ददाश-ु षेजयु  जरय.िरम।् चातीकˆ आतः।।

 यˆ उ िया दमे.ा- दोषोषिस शते। य त. मीयत।े ।


ु - िचो िवभा.िचषा। अानो अजरै रिभ।।
 आ य.1(अ)ण भानना

 अि.मन ु रा-मि.म ृ ःु । िवाˆ अिध ियो दधे।।


ु ािन वावध

 अ े िर सोम- देवाना.मूितिभ वयम।् अिर चेम-िभ ¤ाम पृततः।।इित

पमााय माः।।

 ितीयाके षाायः। वगाः(1-32)

 2.09 िन होतेित षडृच सू, शौनको गृमदोि-िुप ्

02.06.01 िन होता होतृ¤षदन े िवदान- ेषो दीिदवा असद.दु ः। अदतमित विस-

हंभर शिु चिजो अिः।।

 त म ु न पराˆ- ँ वˆ आ वृषभ णेता। अे तोक नने तननू ा-
ु .ी.ोिध गोपाः।।
मय

े  ते परम े ज.े- िवधम


 िवधम े  ोमै रवरे सधे। या.ोने दािरथा यजे- तं  े हविष
ु  सिम।े ।
जरे

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 185


ु 
 अे यज हिवषा यजीया.ु ी दे.मिभ गृणीिह राधः। ं िस रियपती रयीणा-ं श

वचसो मनोता।।

 उभय े न ीयते वस-िविे दव े जायमान द। कृ ि ध  ु .िरतार.मे- कृ ि ध पितं


प रायः।।

 स ैनानीकेन सिु वदो अ-े या देवा आयिज ि। अदो गोपाˆ उत न परा-ˆ

अे मु .त रेव.िदीिह।।



 2.10 जो इित षडृच सू, शौनको गृमदोि-िुप।।

  िपत-े वेळ द े मनषु ा यिमः। ियँ वसानो अमत


02.06.02 जोो अि थम ृ ो

े  व1 (अ) वाजी।।


िवचेता-ˆ ममृज

 ूयाˆ अि िभान ु हवं मे- िवािभ गिभ रमत


ृ ो िवचेताः। यावा रथँ वहतो रोिहता -वोता

षाह चे  िवभृः।।

 उानाया.मजनय.¤षु तू -ं भवु .दि पु पश


े ास ु गभः। िशिरणाया.िदुना महोिभ- रपरीवत
ृ ो

वसित चेताः।।

 िजघ.िं हिवषा घृतने - िति यं भवु नािन िवा। पृथ.ि


ु रा वयसा बृहँ- िच.म ै

रभस शानम।।

 आ िवत .िघ-र सा मनसा तषु ते । मयी ृ े


ृहय.ण- अि नािभमश

ता3( आ) जभरु ाणः।।

 े । अनून.मि.ु ा वचा- मधपु च


ये ा भाग ं सहसानो वरेण- ातासो मनवु .दम ृ . नसा

जोहवीिम।।

 2.11 धु ी हविमेकिवंशृच सू, शौनको गृमद- इो- िवरााना-अा िुप।।

02.06.03 धु ी हव.िम मा िरषय- ाम ते दावने वसूनाम।् इमाˆ िह ामूज वधयि-

वसूयव िवो न रः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 186


 सृजो मही िर याˆ अिप- ¤पिरिताˆ अिहना शूर पूवः। अम.िास ं ममान-मवािभन.

 ै वावध
ृ ानः।।

 उ.े ि ु शूर येष ु चाक-ोमे.ि ियेष ु च। त


ु .े देता यास ु मसान-  वायवे िसते

ु ाः।।
न श
ु . ु ते श
 श ु  ँ वधय- श
ु ँ वं बाो दधानाः। श
ु िम वावध
ृ ानो अ-े दासी िवश

 साः।।
ूयण
ु िहत.
 गहा ृ ं माियन.ियम।् उतो~ अपो ा.ांस-मह.िहं शूर
ु .ू.म-पीवत
 ।।
वीयण

02.06.04 वा न ु त इ पूा महा-तु वाम नूतना कृ तािन। वा व


 ं बाो शं-

ू ।।
वा हरी~ सूय के त~

 तंु  ार.मााम।् िव समना भूिम रिथ-ारं पवत.ि


 हरी~ न ु त इ वाजया- घृत

िर।।
ु -ं मातिृ भ वावशानो अान।् रे पारे वाण वधय-ˆ इेिषता.मिनं
 िन पवत ाय

पथ.ि।।

 इो महां िस.ु माशयान-ं मायािवनँ वृ.मुर.िः। अरेजते ां रोदसी िभयान~
े - किनदतो

वृो अ वात।।

ृ ो अ व-ोमानषँु  यानषु ो िनजवू ात।् िन माियनो दानव माया-ˆ


 अरोरवी.

अपादय.िपवा.तु ।।

02.06.05 िपबािपब.े िद शूर सोमं- म ु ा मिन तु ासः। पृण.े कु ी~ वधय-

िा सतु  पौरˆ इ.माव।।

ू  िवाˆ िधयँ- वनेम ऋतया सपः। अववो धीमिह शिं- से रायो दावने
 े इा.भम

ाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 187


 ाम ते त इ ये त ऊती- अववˆ ऊज वधयः। शिु म ँ याकनाम दे-वा े रियं रािस

वीरवम।।

 रािस यं रािस िम.म-े रािस शधˆ इ मातः। सजोषसो ये च मसाना-  वायव

पा.णीितम।।

 ि ु येष ु मसान- ृप.ोमं पािह .िद। अा ु पृा त-ावधयो ां बृहि

रकः।।
ु .मािववासान।् ृणानासो बिह पाव-
02.06.06 बृहˆ इ ु ये ते त-ोिे भ.वा स

ोता इिद वाज.म म।।

 उ.े ि ु शूर मसान- िकुकेष ु पािह सोम.िम। दोधवु . षु ु ीणानो- यािह हिरां

सतु  पीितम।।

 व शूर येन वृ-मवािभन ान.ु मौणवाभम।् अपावण


 िधा श ृ ो ित रायाय- िन सत ािद

द ु िर।।

 सनेम ये त ऊि तिभ रो- िवा ृधˆ आयण दून।् अ..ा ँ िवप-मरय

ा िताय।।

 अ सवु ान मिन ित- बदु ँ वावध


ृ ानो अः~। अवतय ूय न चं-

िभन.ल.िमो अिरान।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माित धगो नो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.12 यो जात इित पदशच सू, शौनको गृमद- इ-िपु ।।

02.06.07  यो जातˆ एव थमो मना-ेवो देवा.तनु ा पयभूषत।् य शा


ु .ोदसी

असते ा-ृ मा स जनासˆ इः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 188


 य पृिथव थमाना.मंह- पवता.कुिपता अरात।् यो अिर ं िवमम े वरीयो- यो ा

मा. जनासˆ इः।।

 यो हािह.मिरणा. िस-ू 
 ो गाˆ उदाज.दपधा वल। यो अमनो र रि जान-

सँव.ृ म. ु स जनासˆ इः।।

 येनमे ा िवा वना कृ त


 ािन- यो दासँ वण.मधर. हु ाकः~। ीव यो िजगीवाँ ल .माद-दय

पु ािन स जनासˆ इः।।

े ा नषो अी.ेनम।् सो अय पु ी िवजइवािमनाित-


ृ ि कुह सेित घोर-मतु म
 यं ा प

द ै ध स जनासˆ इः।।


ु ाो योिवता
 - यो णो नाधमान कीरेः। य
02.06.08 यो र चोिदता य कृ श

सिु श- तु सोम स जनासˆ इः।।

 याास िदिश य गावो- य ामाˆ य िवे रथासः। यूय यˆ उषस.जान- यो

अपा ेता स जनासˆ इः।।

 यसी~ सँयत े - परेवर उभयाˆअिमाः। समान.िथ.मातिवांसा- नाना


 ी~ िवयेत~

े स जनासˆ इः।।
हवेत~
ु मानाˆ अवस े हव।े यो िव ितमानं बभवू - यो
 या ऋत े िवजय े जनासो- यँ य

अतु .
ु जनासˆ इः।।

 यशतो मेनो दधाना-नममाना.वा जघान। यशधत े नानदु दाित ाँ- यो दोहा

स जनासˆ इः।।

02.06.09 य शरं पवतषे ु ि य-ािरंयां शर.िवत।् ओजायमान ँ यो

अिह.घान- दान ं ु शयान ं स जनासˆ इः।।


ू ।् यो रौिहण.मुर.बा-
ु ा-नवासृज.तव े स िसन
 य रिम वृषभ िव

ामारोह ं स जनासˆ इः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 189


 ावा िचद ै पृिथवी~ नमते ~ ु .िद पवताˆ भये। य ोमप ाˆ िनिचतो वबा- य
े - शा

वह  जनासˆ इः।।


ु .मवित य पच-ँ य शंस ँ य शशमान मूती। य  वधन ँ य सोमो-
 य 

येदं राध  जनासˆ इः।।


ु त े पचत े ˆ आ िच-ाज.दिष स िकलािस सः। वय इ िवह ियास-
 य 

वु ीरासो िवदथ.मा वदम


े ।।

ु िनीित योदशच सू, शौनको गृमद- इो- जगित -अा िुप।।
 2.13 ऋतज

02.06.10  ऋत ु जिनी ताˆ अपिर- म ू जातˆ आिवश.ास ु वधत।े तदाहनाˆ अभव

िषु ी प-योशो पीयषू  ं थम.म।।
् समानो अा वता.मन¤ु दे
 सीमा यि पिर िबती पयो- िवाय  भर भोजनम।-
ु ः।।
या.कृ णो थम ं सा

 अेको वदित यदाित त-ूपा िमन.दपाˆ एकˆ ईयते। िवाˆ एक िवनदु िित ते-
ु ः।।
या.कृ णो थम ं सा

 जा पिु ँ िवभजˆ आसते- रियिमव पृं भव.मायत।े अिस.ंै िपत ु रि भोजन-ँ
ु ः।।
या.कृ णो थम ं सा

 अधाकृणो पृिथव सशे िदव-े यो धौतीना.मिहह.ािरण.थः। ता ोमेिभ दिभ न


ु ः।।
वािजन-ेव.ेवाˆ अजन.ा
ु .दु ोिहथ। स शेविध.ि दिधषे
ु ं  मधम
02.06.11 यो भोजन. दयस े च वधन-माादा श
ु ः।।
िववित- िव.ैकˆ ईिशषे सा

 य पिु णी. .  धमणा-िध दाने 1(अ)वनी रधारयः। यासमाˆ अजनो िदतो
ु िदव-ˆ

ु ः।।
उ वा अिभत ा

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 190


 यो नामरं सहवस.ु िहवे- पृ ाय च दासवेशाय चावहः। ऊजयाˆ अपिरिव.मा-मतु ै.वा
ु ः।।
पु कृ . ा

 शत ँ वा य दश साक.मा-ˆ एक ु ौ य चोद.मािवथ। अर
 ौ दू.मनु .भीतय-े
ु ः।।
ु ो अभव ा
सा

 िवे.दन ु रोधनाˆ अ प- र ै दिधरे कृ वे धनम।् षळा िविर प सश- पिर
ु ः।।
परो अभव ा

02.06.12 सु वाचन


 .व वीर वीय1(अँ)- यदेकेन तनु ा िवसे वस।ु ¤जातिू र  वय
ु ः।।
हतो- या चकथ से िवा

 अरमय रपस राय क-वु तय े च वाय च िु तम।् नीचा स.मदु नय परावज
ृ -ं ां
ु ः।।
ोण ं वय.ा

 अ.सो~ दानाय राध- मथय ब ते वसम।् इ यि ं व
 ाˆ अन ु ू-

े िवदथे सवु ीराः।।


ृह.दम

 2.14 अयव इित ादशच सू, शौनको गृमद- इ-िपु ।।

02.06.13 अयवो भर.तेाय सोम-मामिे भ िता  म.मः। कामी िह वीर

द.म पीित-हु ोत वृ े तिद.देषˆ वि।।

 अयवो यो अपो विवांस-ँ वृ.घा.नाशेव वृ म।् ता एत ं भरत तशाय- एषˆ इो

अहित पीित.म।।

 .मिर  े न वात-िमं
 अयवो यो भीक.घान- यो गाˆ उदाज.दप िह वलँ वः~। ता एत

सोमै रोणतु  जून व ैः।।

 अयवो यˆ उरण.घान- नव चांस.वित. बान।् यो अबदु .मव नीचा बबाध-े तिमं

सोम भृथ े िहनोत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 191


ु .मशषँु  यो ंसम।् य िप.ु मिु चँ यो िधा-ा इा
 अयवो य .घान- य श

.यासो जहोत।।
ु िबभदे ामनवे पूवः। यो विचन शत.िम ह-
 अयवो य शत ं शर- परो

मपावप. रता सोम.म ै।।

02.06.14 अयवो य शतमा सहं- भूाˆ उपेवप.घान।् कुायो

रितिथ व वीरा-ावृण. रता स


 ोम.म ै।।

 अयवो यर कामया-े ु ी वहो नशथा तिदे। गभिपूत ं भरत तु ा-येाय सोमँ

यवो जहोत।।

 अयव कतना िु .म-ै वने िनपूत ँ वन उयम।् जषु ाणो ह.मिभ वावशे वˆ इाय

सोमं मिदर.हु ोत।।

 अयव पय.सोध यथा गो- ोमेिभर पृणता भोज.िमम।् वेदाह.म िनभृत ं म एत
 -ि ं

भूयो यजत िकेत।।

 अयवो यो िद वो- य पािथव  राजा। तमूदर. पृणता यवे-नें सोमेिभ

दपो वो अ।ु ।

 अ.सो~ दानाय राध- मथय ब ते वसम।् इ यि ं व
 ाˆ अन ु ू-

े िवदथे सवु ीराः।।


ृह.दम

 2.15  घा िित दशच सू, शौनको गृमद- इ-िुप।।

 महतो महािन- सा स करणािन वोचम।् िकुके.िपब.तु -


02.06.15   घा 

ा मदे अिह.िमो जघान।।

ं े ामभाय.हृ -मा रोदसी अपृण.दिर म।् स धारय.ृिथव पथ- सोम ता


 अवश

मद इ.कार।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 192


ृ .दीनाम।् वृथासृज.िथिभ दघयाथ ै- ोम
 सेव ाचो िव िममाय मान-ै वेण खातण

ता मद इ.कार।।

 स वो.िरगा द भीते- िव.मधा.गायधु .िम े अौ। सोिभ र ै रसृज. थेिभ- ोम

ता मद इ.कार।।

 स  मही.िु न.मेतो ररा-ो अात.ॄ नपारय.ि। त उाय रिय.मिभ  त-ु

ोम ता मद इ.कार।।

02.06.16 सोद ं िस.ु मिरणा.िहा- वे.णानˆ उषस ं िपपषे । अजव


 सो जिवनीिभ

िववृ.ोम ता मद इ.कार।।

ृ ।् ित ोण ा1 (अ)न.गच- सोम


 स िवा अपगोह.नीना-मािव भव.दु ित.रावक

ता मद इ.कार।।

 िभन.ल.मिरोिभ गृणानो- िव पवत ंिहता.रै त।् िरण.ोधांिस कृ िमा.येषां- सोम ता

मद इ.कार।।
ु ा चमु िु र.िु न- जघ द ं ु  दभीित.मावः। री िचद िविवदे िहरयं- सोम
 े ना

ता मद इ.कार।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माित धगो नो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.16  वः सतािमित नवच सू, शौनको गृमद- इो- जगित-अा िुप।।

02.06.17  व ता.ेतमाय ¤सु िु त-मा िवव सिमधान े हिव.भरे। इ.मजयु .रय

.मिु त-ं सना.वा


ु न. मवस े हवामहे।।

ृ -े िवा.ि.ंभत
 या.िदा.हृ त िक.नेमत ृ ािध वीया। जठरे सोम.ी3(ई) सहो

महो- हे वं भरित शीषिण तमु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 193


 न ोणीां पिर े त इिय- समु ै पवत ै िर ते रथः। न ते व.मोित कन-

यदाशिु भ पतिस योजना पु ।।

 िवे  ै यजताय धृवे- त ं ु भरि वृषभाय सत।े वृषा यज हिवषा ¤िवर- िपबे
ु ।।
े  भानना
सोमँ वृषभण

ू वृषभासो अयो- वृषणं


 ाय पातव।े वृषणाय~
 वृ कोश पवते म ऊिम- वृषभााय वृषभ

सोमँ वृषभाय ¤सित।।

02.06.18  वृषा ते वˆ उत ते वृषा रथो- वृषणा हरी~ वृषभ ु ा। वृो मद वृषभ.
 ा.यायध

  तृिु ह।।
मीिशष- इ सोम वृषभ

  ते नाव. समन े वचवंु - णा यािम सवनषे  ु दाधिृ षः। कुिवो अ वचसो िनबोिधष-िद
ु . वसनु िचामहे।।
म

 परु ा संबाधा.दा वव


ृ नो- धेन ु न व ँ यवस िपषु ी। सकृ ु ते समु ितिभ शततो~- सं

पीिभ न वृषणो नसीमिह।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माित धगो नो- बृह

े िवदथे सवु ीराः।।


दम

 2.17 तदा इित नवच सू, शौनको गृमद- इो-जगित-अेे िभ


ु ौ।।
ु ाˆ यद थो.दीरत।े िवा योा सहसा
02.06.19 तद ै न.मिर दचत- श

परीवत ्
ृ ा-मदे सोम ंिहता. ैरयत।।

 स भूत ु यो ह थमाय धायस- ओजो िममानो मिहमान.माितरत।् शूरो यो य


ु ु तं पिरत-

ु त।।
शीषिण ां मिहना म
ु .मैरयः। रथे ने  हयने  िवतु ा-  जीरय
 अधाकृणो थम ँ वीय मह-दाे णा श

िते स1(अ)ृथक।् ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 194


 ो िवा भवु नािभ म-नेशानकृ.वयाˆ अवधत। आोदसी ोितषा वि.रातनो-
 अधा य

ी.मांिस िधता समयत।।

 स ाचीना.वता.ं ह.दोज-साधराचीन.मकृ णो.दपा.मपः। अधारय.ृिथव िवधायस-

मा.ायया ामवसः।।
ु वेदस िर। येना पृिथा.ि ििवं
 20 साा अरं बााँ यं िपताकृ णो-िादा जनषो

शयै- वेण हवृण.ुिविणः।।

 अमाजिू रव िपो चा सती- समानादा सदस ािमय े भगम।् कृ िध केत.मपु  माा भर- दि

भाग.ो3(ओ) येन मामहः।।

े - दिद.िमापांिस वाजान।् अिव.ी िचया नˆ ऊती- कृ ि ध


 भोज.ािम वय ं वम

वृष.ि वसो नः।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माित धगो नो- बृह

े िवदथे सवु ीराः।।


.दम

 2.18 ाता रथ इित नवच सू, शौनको गृमद- इ-िुप।।

02.06.21 ाता~ रथो नवो योिज सि- तयु गु िकश रिमः। दशािरो मन
ु 

¤षा-  इििभ मितभी रंो भूत।।

 साा अरं थम ं स ितीय-मतु ो~ तृतीयं मनषु   होता। अाˆ गभ.म ऊ जन- सो

अिे भ चते जेो वृषा।।

 हरी~ न ु कं  रथ इ योज-माय ै सूेन वचसा नवेन। मो~ ष ु ाम बहवो िह िवा-ˆ िन रीरम

.जमानासो अ।े ।

 आ ाां हिरा.िम या-ा चतिु भ रा षि यमानः। आािभ दशिभ ोमपये -मय ं सतु
ु ख मा मृधः~।।
 म

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 195


ु नः। आ पाशता सरु थेिभ िर-ाषा
 आ िवंशा िंशता यावा-ङाचािरंशता हिरिभ यजा

सा सोमपये म।।

 ा-ङाशतने  हिरिभ मानः। अय ं िह ते शनु होषे  ु सोम-ˆ


02.06.22 आशीा नवा याव

इ ाया पिर¤िषो मदाय।।

 मम े याा- ि वा हरी~ धिु र िधा रथ। पु 


 ा िह िवहो बभ-ू थाि.र सवन े

मादय।।

 न म इेण स ँ िव योष-द.म दि णा हीत। उप े े वथ े गभौ- ाये ाय े

िजगीवांस ाम।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माित धगो नो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.19 अपाेित नवच सू, शौनको गृमद- इ-िुप।।

02.06.23 अपा.ासो मदाय- मनीिषण वु ान यसः। यि.ि िदिव

ृ ान- ओको दध े  य नरः।।


वावध

ृ  ँ िव वृत।्  ययो न सरा.या -


 अ मानो मो वह-ोिह.िमो अणवत

यांिस च नदीना.म।।

 मु म।् अजनय.ूय िवदा-ˆ अुनााँ


 स मािहनˆ इो अण अपां-  ैरय.दिह.हाा स

वयनु ािन साधत।।
ु -णीो दाश.ाशषेु  हि वृम।् सो यो नृो अतसाो भू-
 ीिन मनव े प
 सो अत

ध े  ूय सातौ।।


ृ ान
ु त इ ूय.मादेवो- िरण. ाय वान।् आ य.िय.हु दव.म-ै भर.दंश. ैतशो
 स स

दश।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 196


ु .मशषु .य
02.06.24 स रय.िदव ारथये- श  व. ाय। िदवोदासाय नवित न-
ु रै .र।।
वे परो

  इोचथ.महेम- वा न ना वाजयः। अयाम ता.माशषु ाणा-ˆ ननमो वध


 एवा त

रदेव पीयोः।।

 एवा त े गृमदा शूर म-ाववो न वयनु ािन त ः।


ु  यˆ इ ते नवीय- ˆ इष.मूज

सिु ितं स ु


ु .मयः।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माितधगो नो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम
् तीयािवरापा।।
 2.20 वय इित नवच सू, शौनको गृमद- इ-िुप-तृ

02.06.25 वये वयˆ इ िवि ¤ष ु ण-  भरामहे वाजयनु रथम।् िवपवो दीतो

ु .िमय  ावतो नॄन।।
मनीषा- स

 ो अिभिपािस जनान।् िमनो दाशषु ो व-तेाधी रिभ यो


 ˆ इ ािभ.ती- ायत

न ित ा।।

 स नो यवु 
े ो जो खा- िशवो नरा.म ु पाता। यशंस ँ यशशमान.मूती- पच

वु  णषे त।।

 तम ु षु  इ.ृणीषे- यि.रु ा वा व ृ ु शाश। स व कामं पीपर िदयानो- यतो
 ध

नूतनायोः।।
ु था जज
 सो अिरसा.मच ु  ू ो.िदो गात.ु िम।् म
ु ा-ा तत ु .षु स ूयण
 वा-न

िचिथ.ूािण।।

02.06.26 स ह तु ˆ इो नाम देव-ˆ ऊ भवु .नषु े दतमः। अव िय मशसान

साा-िरो भर.ास धावान।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 197


ु रो दासी रैरयि। अजनय.नव े
 स वृ. हे कृ योनी- पर ामप.- सा शंस ँ

यजमान तूतोत।।

 त ै तव1 (अ)मन ु दािय स-ेाय देविे भ रणसातौ। ित यद वं बाोध-ु ही दू.रु ˆ

आयसी िनतारीत।।

 नून ं सा ते ित वर.िर-े हीय.िद दि णा मघोनी। िश ा ोत


ृ ो माितधगो नो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.21 िविजत इित षडृच सू, शौनको गृमद- इो- जगा िपु ।।

02.06.27 िवि जते धनिजते िजते- सािजते नृिजत उवरािजते। अिजते गोिजते अिते-

भरेाय सोमँ यजताय हयतम।।

 अिभभवु .े िभभाय व-तेषााय सहमानाय वेधसे। तिु वये वय े ¤रीतवे- सासाहे नमˆ

इाय वोचत।।

 सासाहो जनभ ो जनस ु ो अन ु जोष.मिु तः। वृत


ं ह- वनो य  य िर िवािरत-ˆ

इ वोचं  कृ त
 ािन वीया।।

 अनानदु ो वृषभो दोधतो वधो- गीरˆ ऋो असमकाः। रच


 ोद थनो वीिळत ृथ-ु िर

यु  ˆउषस जनत।।

 य ने  गात.ु मरो
ु िविविरे- िधयो िहानाˆ उिशजो मनीिषणः। अिभरा िनषदा गाˆअव
 व-ˆ

इे िहाना िवणा.ाशत।।


ु .म।े पोषं रयीणा.मिरि.ननू ां- ाानँ
 इ ेािन िवणािन धेिह- िचि.  सभग

वाच िु दन.माम।।

 2.22 िकके िित चतऋच सू, शौनको गृमदः-इो देवता-आािः-ततो े

अितशय-अािवा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 198


02.06.28 िकुकेष ु मिहषो यवािशर-िु वश
ु ृप.ोम.मिपब-िनु ा सतु ँ

यथावशत।् स  ममाद मिह कम कतव े महा मु ं - सनै  ं स.ेवो देव-ं स.िमं सˆ इः।।

 अध िषीमा अोजसा ििवँ यधु ाभव-दा रोदसी अपृणद मना  वा व ृ ।े
 ध

अध.ा.ठरे ेमिरत- सनै  ं स.ेवो देव-ं स.िमं सˆइः।।

 साक.ात तनु ा साक.मोजसा ववि थ- साकँ वृो वीय- ासिह मृधो िवचषिणः। दाता राध

वु त े काँ वस ु –सनै  ं स.ेवो देव-ं स.िमं सˆ इः।।

 तव य.ृतो~पˆ इ थम-ं पू.ििव वा.तम।् येव शवसा- ािरणाˆ अस ं ु



िरण.पः। भवु .ि.मादवे .मोजसा- िवदा.ज शतत ु िवदा.िदषम।।

 2.23 गणानािमेकोनिवंशृच सू, शौनको गृमदः-आा पमी नवेकादशी

सदयानां णितः-िशानां बृहितजगती-पदये िभ


ु ौ।।
02.06.29 गणाना.ा गणपितं हवामहे- किव.वीना.मपु मवमम।् ेराजं णां

णत -आन.व.ूितिभ ीद सादनम।।

 देवा.ि े असयु चेतसो- बृहते यि यं भाग.मानशःु । उाइव सूय ोितषा महो- िवेषा

.िमिनता णा.मिस।।

 ते भीम.मिमदन-ं
 आ िवबाा पिरराप मांिस च- ोितं रथ.मृत ितिस। बृह

र ोहण.ोिभदं िवदम।।
ु .ाशा. तमंहो अवत।् िष पनो ममु ीरिस-
 सनु ीितिभ नयिस ायस े जनँ- य

बृहते मिह ते मिहनम।।

 न तमंहो न िरत.तन- नारातय िित न यािवनः। िवाˆ इदा.रसो िव बाधसे- यं

सगु ोपा र िस णते।।

02.06.30  ो गोपा पिथकृ.िच ण- व ताय मितिभ जरामहे। बृहते यो नो अिभ

रो दध-े ा तं ममत ु ना हरती।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके षाायः। वगाः(1-32) Page 199


ु ो वृकः। बृहते अप तँ वतया पथ
 उत वा यो नो मचया.दनाग-सोरातीवा मत ानक ु ो
 - ग

अ ै देववीतये कृ िध।।

 ातार.ा तननू ां हवाम-हेवत रिधवार.मयमु ।् बृहते देविनदो िन बहय- मा रेवाˆ


ु .म
उरं स ्
ु श।।

 या वय ं सवु ध


ृ ा णते- ाहा वस ु मन
ु ा ददीमिह। या नो रे तिळतो याˆ अरातयो-िभ

सि जया ताˆ अन सः।।


ु म.ीमहे वयो- बृह
 या वय.म ु ा। मा नो शंसो अिभिद ु रीशत- 
 ते पिणा सिना यज
ु स
सश ं ाˆ मितिभ ािरषीमिह।।

02.06.31 अनानदु ो वृषभो जि म.राहव-¤िा श ं ु पृतनास ु सासिहः। अिस सˆ ऋणय
 ाˆ

  िचिमता वीळुहिषणः।।
णत -उ

 अदेवने  मनसा यो िरषयित- शासा.मु ो ममानो िजघांसित। बृहते मा ण. नो वधो-


ु रेव शधतः।।
िन कम म.

 भरेष ु हो नमसोपसो- गा वाजेष ु सिनता धननम।् िवाˆ इदय अिभिदो3( ओ) मृधो-

बृहित िव ववहा रथा इव।।

 तेिजया तपनी र स प- ये ा िनद े दिधरे वीयम।् आिव ृ  यदस उ1 (अं)-

बृहते िव पिररापो अदय।।


ु .नेष।ु यीदय.वस ऋ
 ते अित यदय अहा-मु .िभाित तम
 बृह  तजात- तदास ु

िवण.ेिह िचम।।

02.06.32 मा न े ो ये अिभ ुह.द-े िनरािमणो िरपवो.ेष ु जागध


ेन ु आ
ृ ः।

देवाना.मोहत े िव यो िद- बृहते न पर ाो िवः।।

 िवेो िह ा भवु न


े  िर- ाजन. ाा किवः। स ऋणिच.णयाˆ ण. ित-

ुहो हा महˆ ऋत धतिर।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 200


ु ा तमसा परीवत
 तव िय े िजहीत पवतो- गवा.ो.मदु सृजो यदिरः। इेण यज ृ -ं बृहते

िनरपा.मौो अणवम।।


 णते म या- सू बोिध तनय. िज। िव.ँ यदवि देवाˆ- बृह.दम

िवदथे सवु ीराः।।इित षााय माः।।

 ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25)

 2.20 सेमािमित षोळशच सू, शौनको गृमदो णितः-थमा दशो बृहितः-

ादय
ै ाणती जगती-ादये िुभौ।।

े ा.मिवि भृितँ यˆ ईिश-षेया िवधम


02.07.01 सम े  नवया महा िगरा। यथा नो मीा.वत े

सखा तव- बृह ्


 ते ¤सीषध ोत नो मितम।।
ु शरािण िव। ाावय.दतु ा ण. ित- रा
 यो ना.नम. ोज.सो-तादद मना

चािवश.समु ँ िव पवतम।।

 तेवाना.ेवतमाय क-म.ाद वीिळता। उाˆ आज. दिभन. णा वल-

मगूहमो. च यः~।।

 अमा.मवत ं ण. ित- मधधु ार.मिभ यमोजसातृणत।् तमेव िवे पिपरे शो- ब

साकं िसिसच ु मिु णम।।

 सना ता का िचवु ना भवीा- माि शरि रो वर वः। अयता चरतो अदि द-ा

चकार वयनु ा ण. ितः।।

 -ु िनिधं पणीनां परम.हु ा िहतम।् ते िवांस


02.07.02 अिभन ो अिभ ये तमानश

ितच.ानृता पनु - यतˆ उ आय..दीय ु रािवशम।।

 ऋतावान ितच.ानृता पनु - रातˆ आ तु कवयो मह थः। ते बाा.िमत.मि



.ममिन- निक. ¤ो अरणो ज.िह तम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 201


े  ण. ित- य वि  तदोित धना। त साी िरषवो यािभ रित-
 ऋतेन ि ण

नृच सो शये कणयोनयः।।

 स सय   परु ोिहत-  ¤सु ुत  यिु ध ण. ितः। चाो याजं भरत े मती ध-
  िवनय

नािद.ूय पित तत ु वृथा।।

 िवभ ु भ ु थम ं मेहनावतो- बृहते िु वदािण राा। इमा सातािन वे वािजनो- येन
ु त े िवशः।।
जनाˆ उभये भ

02.07.03 योवरे वृजने िवथा िवभ-ु महाम ु रव शवसा ववि थ। स देवो देवा.ित पथे

पृथ-ु िवे ता पिरभ ू ण


 ितः।।

 िवं स ं मघवाना यवु ोिर-दापन  िमनि त ँ वाम।् अेाणती~ हिव-नँ

ु वे वािजना िजगातम।।
यज

 उतािशाˆ अन ु वि वय- भये ो िवो भरते मती धना। वीळुेषाˆ अन ु वश

 .मादिद-  ह वाजी सिमथ े ण. ितः।।


ऋण

 ण. ते रभव.थावश-ं सो म ु मिह कमा किरतः। योगाˆ उदाज. िदव े िव चाभज-

हीव रीित शवसा सर.ृथक।् ।

 ण.ते सयु म िवहा- राय ाम रो3(ओ) वयतः। वीरेष ु वीरा उप पृि न-ँ

यदीशानो णा वेिष मे हवम।।


 ण.ते म या- सू बोिध तनय. िज। िव.ँ यदवि देवाˆ- बृह.दम

िवदथे सवु ीराः।।

 2.25 इान इित पच सू, शौनको गृमदो- णित- जगती।।

02.07.04  ु त- कृ ता शूशवु .ातहˆ इत।् जातने  जात.मित स


 इानो अिँ वनव.न

 ससते ु .णतु े ण. ितः।।


ृ - यँय ँ यज

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 202


ु तो- गोभी रियं पथ.ोधित ना। तोक. त तनय. वधते- यँय ँ
 वीरेिभ वरा.नव.न
ु .णतु े ण. ितः।।
यज

 िस ु न ोद िशमीवा ऋघायत


 ो- वृषवे  वी रिभ वोजसा। अ.े िरव िसित नाह वतव-े
ु .णतु े ण. ितः।।
यँय ँ यज

 त-  सिभ थमो गोष ु गित। अिनभृ तिविष होजसा-


 ता अषि िदाˆ अस
ु .णतु े ण. ितः।।
यँय ँ यज

 ता इिे धनु य िस-वोिा शम दिधरे प


ु िण। देवानां स
ु े सभु ग  एधते- यँय ँ

ु .णतु े ण. ितः।।


यज

 2.25 ऋजिरिदित ु
(ऋजिरं ु
स इित) चतऋच सू, शौनको गृमदो- णित-

जगती।।

 05 ऋज.िरं ु तो- देवय.िददेवय.मसत।् सु ावीिर.नव.ृ ु ¤रँ-
सो वनव.न

ये.दयो िव भजाित भोजनम।।
ु वृतय
 यज वीर  िविह मनायतो- भं मन कृ ण ु सभु गो यथासिस-
ू । हिव.ृ ण

ण.ते रवˆ आ वृणीमहे।।

 स इनने  स िवशा स जना- स पु ै वाजं भरते धना नृिभः। देवानाँ य िपतर.मािववासित-

ामना हिवषा ण.ितम।।

 यो अ ै ह ै घृतवि रिवध- तं ाचा नयित ण.ितः। उ


 ती.मंहसो र ती िरषो-

3(ओ)हो िदा उचि रत


ु ः।।5।।

 2.27 इमा िगर इित सदशच सू, गामदः कू म- आिदा-िपु ।।

े ो घृतू- ना.ाजो जु ा जहोिम।


05.07.06 इमाˆ िगरˆ आिद ु णोत ु िमो अयमा

भगो न- िवजा तो वणो द ो अंशः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 203



 इम ं ोमं सतवो मे अ- िमो अयमा वणो जष। आिद ु यो धारपतू ाˆ-
 ास शच

अवृिजनाˆ अनवाˆ अिराः।।

 त आिदासˆ उरवो गभीराˆ- अदासो िदो भूय ाः। अ~ पयि वृिजनोत साध-ु

सव राज परमा िचदि।।

 धारयˆ आिदासो जगाˆ- देवाˆ िव भवु न गोपाः। दीघािधयो र माणाˆ असयु -

मृतावान यमानाˆ ऋणािन।।


ु ाकं  िमावणा णीतौ- पिर
 िवा.मािदाˆ अवसो वो अ- यदयम.य आ िचयोभ।ु य

ेव िरतािन वृाम।।

02.07.07 सगु ो िह वो अयम.ि पा-ˆ अनृ रो वण साध ु रि। तेनािदाˆ अिध

वोचता नो- यता नो िरह ु शम।।

 िपपत ु नो अिदती राजप-ु ाित ेषां.यमा सगु िे भः। बृह.ि वण श-मप ाम

पु वीराˆअिराः।।.

 ितो भूमी धारय.ी त ू-ीिण ता िवदथे अ.रेषाम।् ऋतने ािदा मिह वो मिह-

दयम.ण िम चा।।


ु यो धारपत
 ी रोचना िदा धारय- िहरयया शच ू ाः। अजो अिनिमषाˆ अदाˆ-

ं ाˆ ऋजवे माय।।


उशस

 ँ िवेषाँ वणािस राजा- ये च देवाˆ असरु ये च मताः। शतो रा शरदो िवच-
ु तािन पूवा।।
े या.मायूिं ष सिध

02.07.08 न दि णा िव िचिकते न सा- न ाचीन.मािदाˆ नोत पा। पाा िचसवो

ु ानीतो अभय.ोित रयाम।।
धीया िच-

 यो राजˆ ऋतिनो ददाश- यँ वधयि पु य िनाः। स रेवा.ाित थमो रथेन- वसदु ावा

िवदथेष ु शः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 204


ु रप ूयवसाˆ अदˆ- उप
 शिच िे त वृवया वु ीरः। निक..ितो न रा-ˆ

आिदानां भवित णीतौ।।

 अिदत े िम वणोत मृळ- यो वय.कृमा किदागः। उवया.मभय.ोित.िर- मा नो दीघाˆ

अिभ नश. िमाः।।


ु ।् उभा यावाजय.ाित पृ-ूभा
े अ ै पीपयत मीची~- िदवो वृिं सभु गो नाम प
 उभ~

ू अ ै।।
वध भवत ाध~

 याˆ वो मायाˆ अिभुहे यजा- पाशाˆ आिदाˆ िरपवे िवचृाः। अीव ता अित येष ं रथे-

नािराˆ उरावा शम.ाम।।

 माहं मघोनो वण िय- भूिरदाˆ आ िवदं शून.मापःे । मा रायो राज.यु मा.दव ां-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.28 इदवेिरेकादशच सू, गामदः कू म- वण-िपु -(दशमी नािशनी

ििप सूेष ु पाि को गृमदोेव)।।

02.07.09 इद.व े रािद राजो- िवािन सा. ु मा। अित यो मो यजथाय
ु ीित िभ  े वण भूरेः।।
देव-क

 तव त े सभु गास ाम- ाो वण ¤तु व


ु ांसः। उपायन उषसा.ोमतीना-मयो न

जरमाणा- अन ु ून।।

 तव ाम पु वीर शम-ु शस ु अिदते रदाˆ अिभ मँ


ं  वण णेतः~। यूय पाˆ
ु ाय देवाः।।
य
ु .ेत-े वयो
ृ .िधता- ऋत ं िसवो वण यि। न ाि न िव मच
  सी.मािदो असज

ू रघयु ा पिर।।
न प~

 िव मथाय रशना.िमवाग-ˆ ऋाम ते वण खामृत। मा त ु छेिद वयतो िधयं मे- मा

माा शायपस परु  ऋतोः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 205


02.07.10 अपो~ स ु  वण िभयसं म-ा.ळृतावोन ु मा गृभाय। दामेव वा.ि
ु .ु ंहो- निह दारे िनिमष नश
मम े ।े ।

 मा नो वध ै वण ये त इ ा- वेन कृ  व.मसरु ीणि। मा ोितष वसथािन ग- िव षू

मध
ृ  िशथो जीवसे नः।।

 नम परु ा ते वणोत नून-मतु ापर.िु वजात वाम। े िह कं  पवत े न िता-तािन ळभ

तािन।।

 ा सावी.रध मृ तािन- माहं राज.कृ तने भोजम।् अु ा इ ु भूयसी षास-ˆ आ नो
 पर ऋण

जीवा.ण तास ु शािध।।


ु ो वा सखा वा- े भय ं भीरवे म.माह। ेनो वा यो िदित नो वृको वा-
 यो मे राज.

ा.ण पाान।।

 माहं मघोनो वण िय- भूिरदाˆ आ िवदं शून.मापःे । मा रायो राज.यु मा.दव ां-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.29 धृतता इित सच सू, गामदः कू म- िवेदवे ा- िपु -् (भेदयोगे-आानां

षणां िवेदवे ाः- अाया वणः)

02.07.11 धृतताˆ आिदाˆ इिषरा-ˆ आरे मत रहसिू रवागः। वतो वो वण िम

देवा- भ िवा अवस े वे वः।।

 यूय.ेवा मित यूय.मोजो- यूय.ेषांिस सनतु ययु ोत। अिभ ारो अिभ च म-मा च नो

मृळय-तापर।।

 िकमू न ु व कृ णवा.मापरेण- िकं सनेन वसवˆ आेन। यूयो िमाव.णािदते च- ि-

िमामतो दधात।।

 हय े देवाˆ यूय.िम.दापय - ते मृळत नाधमानाय मम।् मा वो रथो ममवा.ळृत े भू-ा
ु ाव ािपष ु िम।।
य

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 206


  वˆ एको िममय भूयागो- या िपतवे  िकतव ं शशास। आरे पाशाˆ आरे अघािन देवाˆ- मा

मािध पु े िविमव भी।।

 अवाो अा भवता यजाˆ- आ वो हािद भयमानो येयम।् ाो देवा िनजरो
ु वृक
 -

ा.ता.दवप दो यजाः।।

 माहं मघोनो वण िय- भूिरदाˆ आ िवदं शून.मापःे । मा रायो राज.यु मा.दव ां-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

े ादशच सू, शौनको गृमद इः-षा इासोमौ-अाः


 2.30 ऋत ेवायेक

सरती-नवा बृहित-रेकादया मत-िब


ु ा जगती।।
02.07.12 ऋत.ेवाय कृ वत े सिव- इा.यािह े न रम आपः। अहरह याु रपा-

ियाा थम गˆ आसाम।।

 यो वृाय िसन.माभिर- तिनी िवष उवाच। पथो रदी रन ु जोष.म-ै िदविे दव े धनु यो

यथम।।

 ऊ ा.दिर- े धा व ु ो


ृ ाय  वध.भार। िमहँ वसानˆ उप हीमो-ि मायध

अजय.ु िमः।।

 रसो असरु  वीरान।् यथा जघ धृषता परु ा िच-देवा ज


 बृहते तपषु ाेव िव- वृक  िह

श.ु माक.िम।।
ु ा- येन श ं ु मसानो िनजवू ाः। तोक सातौ तनय भूरे- रा
 अव ि प िदवो अमान.म

अध.णतु ा.िद गोनाम।।

02.07.13  िह त ँ ु वृहथो यँ वनथु ो- र ो यजमान चोदौ। इासोमा यवु .मा

अिव-मि.ये कृ णतु म ु लोकम।।

 न मा तम म.ोत त- वोचाम मा सनु ो.तेित सोमम।् यो मे पृणाो ददो िनबोधा-ो मा

ु .मपु  गोिभ रायत।।
स

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 207


 सरित मा अिवि- मती धृषती जेिष शून।् ि.ध.िवषीयमाण-िमो

हि वृषभ ं शिडकानाम।।

 त आयधु ै जिष शू-ुहे


ु ˆ उत वा िजघ-ु रिभाय त.ििगतने  िव। बृह
 यो न न

  ं पिर धेिह राज।।
रीष

 अाके िभ िभ शूर शूर-ै वया कृ िध यािन ते कािन। ोगभवू .नधु िू पतासो- ही

तेषा.मा भरा नो वसूिन।।


ु य ु िग-रोप वु  े नमसा दै.नम।् यथा रियं सववीर.शामहा -अपसाचं
 तँव शध मात ं स
ु .िविे दव।े ।


 2.31 अाकिमित सच सू, शौनको गृमदो- िवेदवे ा- जगा िपु -् (भेदप े

– आाया िमावणौ- ितीया चतथु  पमीनां िवेदवे ाः-तृतीयाया उषासाना- षा

ावापृिथवी- सा इः)

02.07.14 अाकं  िमाव.णावतं रथ-मािद ै ै वसिु भ चाभवु ा।  ययो न

प.न. िर- ववो षीवो वनषदः।।

 मु ।् यदाशवपािभ ितो
 जोषसो- रथ.ेवासो अिभ िव ु वाजय
 अध ा नˆ उदवता स

रज- पृिथा ानौ जन पािणिभः।।


ु तःु । अन ु न ु ा.वृकािभ ितभी- रथं
 उत  नˆ इो िवचषिण- िदव शधन मातने स

महे सनये वाजसातये।।

 उत ˆ देवो भवु न स िण- ा ािभ जोषा जूजवु .थम।् इळा भगो बृहि.वोत रोदसी-

पूषा परु ि रिना वधा पती~।।


ु । षु े यां पृिथिव नसा वच-
 उत े~ देवी~ सभु गे~ िमथू-शोषासाना जगता.मपीजवा
ु  वय िवयाˆ उपिरे।।
ात

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 208


 उत व शंस.मिु शजािमव म-िह ब
ु ो3(ओ)जˆ एकपा.त। ितˆ ऋभ ु ा िवता चनो द-

धेपापा.दाशहु म
े ा िधया शिम।।
ु ता यजाˆ- अत .ायवो नस े सम।् ववो वाज.काना- िन रो
 एता वो व

अह धीित.मयाः।।

 2.32 अ म इच सू, शौनको गृमदः-आाया ावापृिथवी-ितीया

तृतीययोिरः (ावा)- चतथु  पो राका-षी सोः िसनीवाली-अाया गु ू िसनीवाली

राका सरतीाणी वणाो- जगती-अािोनु भ


ु ः।।
02.07.15 अ मे ावापृिथवी~ ऋतायतो- भूत.मिवी~ वचस ¤िषासतः। ययो रायु

तरे इदं परु ˆ- उपतु ~


े वसूय ु वा महो दध।े ।
ु िरपˆ आयो रह.भ-ा नˆ आो रीरधो नाः। मा नो िव यौ ा िवि
 मा नो गा
ु ायता मनसा तेमहे।।
त न- 
ु .मसतम।् पािभ राश ँ ु वचसा च वािजन-ां
 अहेळता मनसा िु मा वह- हाना.ेन ं ु िपषी

िहनोिम पत िवहा।।

 राका.महं सहु वां ¤सु त


ु ी व-े णोत ु न भ
ु गा बोधत ु ना। सीप ूा िमान-या

ददात ु वीरं शतदाय.म


ु म ्
 ।।

 याे राके समु तय पु श


े सो- यािभ ददािस दाशषेु  वसूिन। तािभ न अ समु नाˆ उपागिह-

सहपोष ं सभु गे रराणा।।

ु े - या देवाना.मिस सा। जषु  ह.मात-ं जा.ेिव िदिदि नः।।


 िसनीवािल पृथु क

 या सबु ा िु र- ¤षु म


ू ा बसवू री। तै िवप ै हिव- िनीवा ै जहु ोतन।।

 या गु ू.या िसनीवाली- या राका या सरती। इाणी.म ऊतये वणान ये।।



 अथ पिरिशम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 209


 कु महं सवु त
ृ  ँ िवनापस-मि. े सहु वा.ोहवीिम। सा नो ददात ु वण ं िपतॄणा- ै ते देिव

हिवषा िवधेम।।

 कु ृ  पी- हा नो अ हिवष णोत।ु साशषेु  िकरत ु भूिर वाम-ं रायोषँ
 दवाना.ममत

यजमाने दधात।ु ।

 अन ु नोानमु ित- य ेवषे  ु मताम।् अि हवाहनो- भवत ाशषु  े मयः।।

ु  ं -मास ै श नृ िध। े द ाय नो िहन-ु  ण आयूिं ष तािरषत।।
 अि दनमते

 धाता ददात ु नो रिय-मीशानो जगतितः। स न पूणन ्


  वावनत।।

 धाता ददात ु दाशषेु  वसूिन- जाकामाय मीषे रोण।े त ै देवा अमत


ृ ा ँ याँ- िवे

देवासो अिदित जोषाः।।

 धाता ददात ु दाशषेु - ाची ीवात ु मि ताम।् वय ेव धीमिह- समु ितँ वािजनीवतः।।

 धाता जाना मतु राय ईश-े धातदे ँ िवं भवु न जान। धाता कृ  ी रिनिमषािभच-े धा इ

ृतव होत।।

 इित पिरिशम।।

 2.33 आ ते िपतिरित पदशच सू, शौनको गृमदो- ो- जगती।।


ु .मेत-ु मान ूय सशो ययु ोथाः। अिभ नो वीरो अवित
02.07.16 आ ते िपत मतां स

े िह  जािभः।।
मेत  जायम

े ी  शमिे भ- शत ं िहमाˆ अशीय भेषजिे भः। 1(अ).ेषो िवतरँ ंहो- मीवा
 ादभ

ातया िवषूचीः।।

 ेो जात  ियािस- तवम वसां वबाहो~। पिष ण पार.मंहस ि- िवाˆ

अभीती रपसो ययु ोिध।।


ु ु धामा नमोिभ- मा ¤ुती वृषभ मा सती। उो वीरा अपय भेषजिे भ- िभषम
 मा ा  च

ा िभषजां णोिम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 210


 .िषीय। ऋद र हु वो मा नो अ-ै ब ु िु शो
 हवीमिभ हवत े यो हिविभ- रव ोमेभी 

रीरध.नाय।ै ।

 ो मा- ीयसा वयसा नाधमानम।् घृणीव ाया.मरपाˆ


02.07.17 उा मम वृषभ

ु म।।
अशीया-िववासेय ं  स

 1(अ)ˆ ते  मृळयाकु- हो यो अि भेषजो जलाषः। अपभत


 ा रपसो दै-ाभी न ु मा

वृषभ च मीथाः।।

  बवे वृषभाय ितीच-े महो मह ¤सु िु त.मीरयािम। नमा कलीिकन.मोिभ- गृणीमिस

ेष ं  नाम।।

 िरेिभ रै पु पˆ उो- ब ु श


ु े िभ िपिपशे िहरय ैः। ईशाना.द भवु न भूरे- न वा उ

योष.ुा.दसयु म।।

 अह.िभिष सायकािन ध-ाह.िँ यजत ँ िवपम।् अह.िद.यसे िव.म- वा

ओजीयो  दि।।


ु ु म।् मृळा जिर े  वानो-
02.07.18 िु ह तु .तसदं यवु ान-ं मृग. भीम.मपु ह.म

 े अ.ि वप ु सेनाः।।

 कुमार.ि.ितरँ वमानं- ित नानाम ोपयम।् भूरे दातारं सितण


ृ ीषे- तु .ं भेषजा
रा।े ।
ु ीिन या शमा वृषणो या मयोभ।ु यािन मन ु रवृणीता िपता न-ा श
 या वो भेषजा मत शच

यो  विम।।

 पिर णो हेती  वृा- पिर ेष मित मही गात।् अव िरा मघव.न
ु - मी

ोकाय तनयाय मृळ।।

 एवा ब ु ो ेह बोिध- बृह.दम


 ो~ वृषभ चेिकतान- यथा देव न णीष े न हंिस। हवन े िवदथे

सवु ीराः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 211



 2.34 धारावरा इित पदशच सू, शौनको गृमदो- मतो- जगा िपु ।।

02.07.19 धारावर ाˆ मतो धृोजसो- मृगाˆ न भीमा.िवषीिभ रिचनः। अयो न


ु चा
शश ु नाˆ ऋजीिषणो- भृिम.मो अप गाˆ अवृ वत।।

 ावो न ृिभ ितय खािदनो- 1(अ)ियाˆ न तु य वृयः। ो यो मतो
ु ऊधिन।।
व सो- वृषाजिन पृा श

 उ े अा अा इवािजष-ु नद कण रय  िु भः। िहरयिशाˆ मतो
आश

दिवत- पृ ँ याथ पृषतीिभ.मवः।।

 पृ े ता िवा भवु ना ववि रे- िमाय वा सद.माजीरदानवः। पृषदासो अनवराधस-

ऋिजासो न वयनु षे ु धूषदः।।


ु र धिभ- रिभ पिथिभ ाज.यः। आ हंसासो न सरािण गन-
 इिभ धनभी

मधो मदाय मत मवः।।

02.07.20 आ नो ािण मत.मवो- नरा शंस.वनािन गन। अा.िमव िपत


ु धिन- कता िधय.िर े वाजपश
धेन.मू ्
े सम।।

ृ ो वृजनेष ु कारवे- सिनं


 तो दात मतो वािजनं रथ -आपान ं  िचतय.िविे दव।े इषं ोत

मेधा. मिर.रं सहः।।


ु ते मतो व सो-ा.थेष ु भग आ सदु ानवः। धेन ु न िशे सरेष ु िपते- जनाय
 य

रातहिवषे मही.िमषम।।

 यो नो मतो वृकताित म- िरप ु दध े वसवो र ता िरषः। वतयत तपषु ा चियािभ त-मव ाˆ

अशसो हना व
 धः।।

 िच.ो मतो याम चेिकते- पृाˆ यध रापयो ः। या िनद े नवमान ियाˆ-

ित.राय जरु ता.मदााः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 212


02.07.21 ताो महो मतˆ एवयाो- िवो रेष भृथ े हवामहे। िहरयवणा.कुहा
ु ो- य शं ं राधˆ ईमहे।।
.तच

 ते दश वा थमाˆ य .मूिहरे- ते नो िह.ूषसो िु ष।ु उषाˆ न रामी रण ै रपोणते
ु - महो

ु ता गोअणसा।।
ोितषा शच

ृ ःु । िनमघ
 ते ोणीिभ रणिे भ नािभी - ाˆ ऋत सदनषे ु वावध ु ँ
े मानाˆ अेन पाजसा- स

वण.िधरे सपु श ्
े सम।।

 ता इयानो मिह वथ.मूतय - उप घेदने ा नमसा गृणीमिस। ितो न या होतॄ.निभय -

आववत.दवरा.ियावस।े ।
ु थ वितारम।् अवाची सा मतो या वˆ ऊित- रो~ ष ु
 यया र ं पारय.थांहो- यया िनदो म

वावे  समु ित िजगात।ु ।



 2.35 उपेिमित पदशच सू, शौनको गृमदोपापा-िपु ।।

02.07.22 उपे.मसृि वाजय ु वचा-नो दधीत नाो िगरो मे। अपा.पा.दाशहु ेमा कुिव.-

सपु श
े स.रित जोिषषि ।।

 इम ं  ै दˆ आ सतु -ं मँ वोचेम कुिव.द वेदत।् अपा.पा.दसयु  मा- िवा.य

भवु ना जजान।।

 समाˆ यपु  या-मान.मूव. पृणि। तमू शिु चं शच


ु यो दीिदवांस-मपा.पात ं

पिर त ु रापः।।

 तमेराˆ यवु तयो यवु ान-ं ममृमाना पिर यापः। स श


ु े िभ िशभी रेव.द-े


दीदा.यािनो घृतिनिण.ग।।

 अ ै ितो अाय नारी- दवाय देवी िदिधष.म।् कृ ताइवोप िह स  अ-ु स पीयषू 

.यित पूवसनू ाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके समाायः। (वगाः 1-25) Page 213


ृ  पािह सूरीन।् आमास ु पूष ु परो
02.07.23 अा जिनमा च - ुहो िरष ंपच

अमृ.ारातयो िव नश.ानृतािन।।

  आ दमे सु घा य धेन-


ु ु .मि। सो अपा.पा.जय.1 (अ)-
धां पीपाय स

वसदु य
े ाय िवधत े िव भाित।।

 यो अा शिु चना दैने - ऋतावाजˆ उिवया िवभाित। वयाˆ इदा भवु ना.-  जाये

वीध जािभः।।

 अपा.पादा ा.प-िाना.मू िवतँु  वसानः। त ें मिहमानँ वही-

िहर यवणा पिर यि यीः।।

 िहरयप  िहरयस-गपा.पा.े िहरयवणः। िहरयया.िर योने िनषा -िहरयदा

.दद
 .म ै।।

02.07.24 तद.ानीक.मतु चा ना-मापी ँ वधते न ु रपाम।् यिमते यवु तय िमा-

िहरयवण.ृत.म.म।।

े  नमसा हिविभः। सँसान ु माि िदिधषािम िबै- दधा.


 अ ै बना.मवमाय से- य ै िवधम

ै पिर व ऋि ः।।

 स  वृषाजनय.ास ु गभ- स  िशश ु धयित तं िरहि। सो अपा.पा.दनिभातवण-े

वेह ता िववेष।।

 अि.द े परम े तिवांस-मिभ िवहा दीिदवांसम।् आपो ने घृत.मँ वही- य.

मै  पिर दीयि यीः।।

 अयांस.मे सिु ित.ना-यायांसम ु मघव वु िृ म।् िव.ँ यदवि देवाˆ- बृह.दम

िवदथे सवु ीराः।।


ु िमित षडृच सू, शौनको गृमदः-इो- मत-ाििरो
 2.36 त

िमावणािवित मेण देवता जगती- (एता ऋतदु वे ताः)।।-

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 214


ु  ं िहानो विस गाˆ अपो-ध ु .ी.मिविभ रििभ नरः। िपबे ाहा त ँ
02.07.25 त

वष. तं- होादा सोमं थमो यˆ ईिशष।े ।

 य ै ंिमा पृषतीिभर ् ऋििभ- याम.ासो अिष ु ियाˆ उत। आसा ब


 िह भरत

सूनव- पोादा सोमं िपबता िदवो नरः।।

 अमवे  न हु वाˆ आ िह गन- िन बिहिष सदतना रिणन। अथा म जज


ु षा
ु णो अस-

ु णः।।
 दविे भ जिनिभ म

 आ वि देवा इह िव यि -चोश.ोत िन षदा योिनष ु िष।ु ित वीिह ित ं सो ं मध-ु

िपबाीा.व भाग तृिु ह।।

 एष  ते तो नृव ु  ं सतु ो मघव.


 धन-ह ओज िदिव बाो िहतः। त ु .माभृत-

म ाणादा तृप.िब।।

 जषु थे ाँ य ं बोधत ं हव मे- सो होता िनिवद पूाˆ अन।ु अा राजाना नमˆ एावत
ृ -ं

शाा.दा िपबतं सो ं मध।ु ।इित समोाय माः।।

 ितीयाके अमाायः। वगाः(1-27)

 2.37 मेित षडृच सू, शौनको गृमदः-आानां चतसृणां िवणोदाः-पा

आिनौ-षा अि-जगती।।

02.08.01 म होा.दन ु जोष.मसो-यव. पूणा वािसचम।् ता एत


 ं भरत

तशो दिद-हा.ोम.िवणोद िपब ऋतिु भः।।


ु  ित ं सो ं मध-ु पोा
 यम ु पूव.मव े तिमदं व-े से हो दिद य नाम पत।े अयिभ
ु ।।
.ोम.िवणोद िपब ऋतिभः

 मे ु ते वयो येिभ रीयस-े िरषय.ीळया व ू ा ध


 नते। आयय ू ा -ेा.
ृ ो~ अिभगय
ु ।।
ोम.िवणोद िपब ऋतिभः

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके अमाायः। वगाः(1-27) Page 215


ु यो िहतम।् तरु ीयं पा.ममृ.मम-िवणोदा
 अपा.ोा.त पोा.दम-ोत ने ा.दजषत

िपबत ु ािवणोदसः।।
ु ाथा.िमह वाँ िवमोचनम।् पृं हविष मधनु ा िहक.त-मथा 
 अवा.म य.ृवाहण-ं रथँ य

सोमं िपबतं वािजनीवसू~।।


ु िु तम।् िवेिभ िवा ऋतनु ा वसो~ मह-
 जो े सिमध.ोाित-ोिष  ज.ोिष स¤

उश.ेवा उशत पायया हिवः।।



 2.38 उ  इेकादशच सू, शौनको गृमद- िवता- िपु ।।

02.08.02 उˆ देव.िवता सवाय- शम.दपाˆ वि रात।् नून.ेव


े ो िव िह

धाित र-मथाभज.ीितहो ं ौ।।

 िव िह ु ये देवˆ ऊ-  बाहवा पृथपा


ु िण.िसित। आप.ि.द त आ िनमृा ˆ-

अय.िातो रमते पिर।।

 आशिु भ िा.िमच
ु ाित नून-मरीरम.दतमान.िदते ोः। अषूणा.िया अिवा-मन ु त ं

सिवत ु मागात।।

 पनु ~ म.ितत ँ वयी- मा कत धा. धीरः। उंहायाा.ृ1(ऋ)तू रदध -



ररमित िवता देवˆ आगात।।

 नानौकांिस य िव.माय-ु िव ितते भव शोको अःे । ें माता सूनवे भाग.माधा-द

के त.िमिषत ं सिवा।।

02.08.03 समाववित िव¤ितो िजगीष-ु िवेषा.ाम.रता.ममाभूत।् शा अपो िवकृ त ं

िहागा-दन ु त ं सिवत ु द।।

 या िहत.म.म ु भाग-ाा मृगय ु वनािन िवो निकर तािन- ता


 सो िव तः।

देव सिवत ु िमनि।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 216


 याा1(अँ) वणो योिन.म-मिनिशत.ििमिष जभरु ाणः। िवो माताडो जमा पश ु गा-

शो जािन सिवता ाकः~।।

 न येो वणो न िमो- त.मयमा न िमनि ः। नारातय.िमदं ि- व े देव ं

सिवतार.मोिभः।।

 भग.ियँ वाजय परु ि-राशस


ं ो ाित न अाः। आय े वाम सथ े रयीणां- िया

देव सिवत.ु ाम।।

 अ.िवो अ पृिथा-या द.ां राधˆ आ गात।् शँय.ोत


ृ ˆ आपये भवा-

ु शस
ं ाय सिवत जिर।े ।

े च सू, शौनको गृमदोिनौ- िुप।।
 2.39 ावाणेव

02.08.04 ावाणवे  तिद.दथ.रेथ~


े - गृवे वृ .ििधम.म। ाणेव िवदथ उशासा-

तवे  हा जा पु ा।।

 ावाणा रवे वीरा-जेव यमा वर.मासचथ


 ातय े ~ ु माने~-
े । मेनइे व~ ता3( आ) श

दतीव~ तिु वदा जनेष।।


 े व न थमा ग.मवा-फािवव जभरु ाणा तरोिभः। चवाकेव ित वो ा-वाा यातं

रवे शा।।

 नाववे  न पारयतँ यगु वे - नेव नˆ उपधीव~ धीव~। ानेव नो अिरषया तननू ा-ृगलेव

िवस पात.मान।।

 वाते.वाजयु ा नवे रीित-र ीइव~ च षु ायात.मवाक।् हािवव त3े (ए) शंभिवा- पादेव नो

नयतं वो अ।।

02.08.05 ओािवव मा े वदा- नािवव िपत.ीवसे नः। नासेव न.ो रि तारा-
ु तु ा भूत.म।े ।
कणािवव स

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके अमाायः। वगाः(1-27) Page 217


ु यीः-
 हेव शि.मिभ सद ी~ नः- ामेव न.मजतं रजांिस। इमाˆ िगरो अिना य

 ोेणवे  िधितं सं िशशीतम।।

 एतािन वा.मिना वधनािन-  ोम.ृमदासो अ।् तािन नरा जज


ु षा
ु .णोप यातं-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.40 सोमापूषणेित षडृच सू, शौनको गृमद- ोमापूषणौ-अायाः



सोमपूषािदा-िुप।।

02.08.06 सोमापषू णा जनना रयीणा-नना िदवो जनना पृिथाः। जातौ िव भवु न

गोपौ- देवाˆ अकृव.मत


ृ  ्
  नािभम।।

 इमौ देवौ जायमानौ जषु -ेमौ तमांिस गूहता.मजु ा। आा.िम प.मामा-~



ोमापूषा.न.ियास।।

 सोमापषू णा रजसो िवमानं- सचं रथ.मिविमम।् िवषवू त ु मान-िथो


ृ  ं मनसा य

वृषणा परिमम।।

 िद1(अ).दन. उा- पृिथा.मो अिर ।े तावं पु वारं पु -ं ु

राय.ोषँ िव ¤ता.ािभ.म।े ।

 िवा.ो भवु ना जजान- िव.मो अिभच ाण ˆएित। सोमापषू णा ववत.ियं मे- यवु ााँ

िवा पृतनाˆ जयेम।।

 िधयं पूषा िजत ु िव.िमो- रियं सोमो रियपित दधात।ु अवत ु देिदित रनवा- बृह.दम
े िवदथे

सवु ीराः।।

 2.41 वायो इेकिवंशृच सू, शौनको गृमदः-आयोयो वायःु -तृतीयाया इवायू-



चतािद ितसृणां िमावणौ-सािद ितसृणामिनौ-दशािद ितसृणािमः-योदयािद

ितसृणां िवेदवे ाः-षोडयािद ितसृणां सरती-अानां ितसृणां ावापृिथवी-(हिवधाना वा) गायी

छः-अितम इित े अनु भ


ु ौ-इमा ेित बृहती।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 218


ु ा.ोमपीतये।।
02.08.07 वायो~ ये ते सहिणो- रथास.ेिभ रागिह। िनय
ु ा.ाय~ वा ग-य ं श
 िनय ु ो अयािम ते। गािस स ्
ु तो गृहम।।

ु तः। आ यात ं िपबत.रा।।


ु .ा गवािशरˆ- इवायू~ िनय
 श

 अय ँ वां िमावणा- सतु .ोमˆ ऋतावध ्


ृ ा। ममे.िदह तु  ं हवम।।

 राजाना वनिभुहा- वु े सद.


ु म।े सहण
ू आसाते~।।

02.08.08 ता साजा घृतासतु ी- आिदा दाननु .ती~। सचेत~ ्


े अनवरम।।

 गोम ¤ष ु नासा-ाव.ात.मिना। वत ा नृपाम।।

 न यरो नारˆ- आदधष.षृ वसू~। शंसो म िरपः।।

 ता नˆ आ वो.मिना- रियं िपशसशम।् िधा विरवोिवदम।।


ु वत।् स िह िरो िवचषिणः।।


 इो अ महय-मभी ¤षदप च

02.08.09 इ  मृळयाित नो- न न पा.दघ.शत।् भं भवाित न परु ः।।

 इˆ आशा.िर- सवाो अभय.रत।् जेता शू.िचषिणः।।

 िवे देवासˆ आ गत- णतु ा म इम ं हवम।् एदं बिह िन ¤षीदत।।

ु ा अय-ं शनु होषे ु मरः। एत ं िपबत काम।।
 तीो वो मधम

 इे ा मणाˆ- देवास पूषरातयः। िवे मम तु ा ह वम।।

02.08.10 अितमे नदीतमे- देिवतमे सरित। अशाइव िस- शि.म

न.ृ िध।।

 े िवा सरित- ितायूिं ष देाम।् शनु होषे ु म- जा.ेिव िदिदि नः।।

 इमा  सरित- जषु  वािजनीवित। या ते म गृमदाˆ ऋताविर- िया देवषे  ु जु ित।।

ु - यवु ा.िमदा वृणीमहे। अि. हवाहनम।।
 ेताँ य  शवा

ृ म।् य .ेवषे  ु यताम।।


  पृिथवी~ इम-ं िस.म िदिवश
 ावा न ्

 आ वा.मपु .मुहा- देवा.ीद ु यि याः। इहा सोमपीतये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ितीयाके अमाायः। वगाः(1-27) Page 219



 2.42 किनदिदित तृच सू, शौनको गृमद-शकु-िपु ।।

02.08.11 किनद.नषंु  वु ाणˆ- इयित वाच.मिरतवे  नावम।् समु 


 ल. शकुन े भवािस- मा

ा कािच.दिभभा िवा िवदत।।

 मा ा येनˆ उधी.ा सपु ण


 - मा ा िवद.िदषमु ा.ीरो अा। िपा.मन ु िदश.िनद-
ु लो भवादी वदहे ।।
म

 अव  दि णतो गृहाणां- समु लो भवादी शकुे। मा न. ेनˆ ईशत माघशंसो-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह.दम

 2.43 दि िणिदित तृचसू, शौनको गृमद- शकुो- जगती-ितीयाितशरी-

अिवा।।

02.08.12 दि िण.दिभ गृणि कारवो- वयो वदˆ ऋतथु ा शकुयः। उभ~
े वाचौ वदित

सामगाइव- गाय. ैुभ. ान ु राजित।।

 उातवे  शकुने साम गायिस- पु इव सवनषे ु शंसिस। वृषवे वाजी िशशमु ती रपीा- सवतो न

शकुन े भमा वद- िवतो न शकुने पय


ु मा वद।।

 आवदं.ं शकुन े भमा वद- तूी.मासीन.म


ु ित.ििकि नः। यत.दिस ककिर यथा-

े िवदथे सवु ीराः।।


बृह. दम

  अथ पिरिशम।।
ु रतो वद। भं परु ाो वद -भं पा.िपल।।
 भँ वद दि णतो- भ म

 भँ वद पु -ै भँ वद गृहषे  ु च। भ.माक ो वद- भ ो अभय.िध(वद?)।।

 भ मधा ो वद- भ.मपु िरा.ो वद। भंभ.ˆ आ वद- भ वतो वद।।

  परु ा. -िशव.ि णत.ृ िध। अभय ं सतत ं पा-.म


 असप ु रतो गृह।े ।

 यौवनािन महयिस- िज यषु ा.िमव िभः। शकुक दि ण-ं शतपािभ नो वद।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 220


 आवदं ं शकुन े भमा वद- तूी.मासीन.म
ु ित.ििकि नः। यत.दिस ककिर यथा-
् इित ितीयं मडलम।।
े िवदथे सवु ीराः।।  इित पिरिशम।।
बृह. दम ् िवेराय नमः ....


 तृतीयं मडलम।।

 3.01 सोम मेित योिवंशृच सू, गािथनो िवािमोि-िपु ।।
ु े अिं -
02.08.13 सोम मा तवसँ व-े वि.कथ िवदथे यज।ै देवा अा द ी.

शमाय े अ े त.षु ।।

 ाँ य .कृम वधता.ी-िमि रि.मसा व।् िदव.शशास ु िवदथा कवीना-ृाय

िचवसे गातमु ीषः।


 मयो दधे मेिधर पूतद ो- िदव.बु  ु जनषा


ु पृिथाः। अिव ु दशत.म1 (अ)- दवासो

अि.मपिस सॄणाम।।

 अवधय.भु गं स यी- ेत. ान.मष ं मिहा। िशश.ु  जात.मा राˆ- देवासो

ु ।।
अि.िनम.प
ु न किविभ पिवैः। शोिच वसान पयाय ु रपां- ियो
ु े िभ रै रजˆ आतता-त ं ु पना
 श

िममीते बृहती रनूनाः।।

02.08.14 वाजा सीमनदती रदाˆ- िदवो यी रवसानाˆ अनाः। सनाˆ अ

यवु तय.योनी- रेक.भ.िधरे स वाणीः।।

 ीणाˆ अ संहतो िवपाˆ- घृत योनौ वथे मधूनाम।् अ ु र धेनव िपमाना- मही

द मातरा समीची~।।

 ा वपूिं ष। ोति धाराˆ मधनु ो घृत- वृषा य


ु ा रभस
 बाण. ूनो~ सहसो ौ-धान श

ृ े काेन।।
वावध

 िपत ु िध जनषा ु चर ं सिखिभ िशविे भ- िदवो


ु िववेद-  धाराˆ असृज ि धेनाः। गहा

ु बभूव।।
यीिभ न गहा

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


 तृतीयं मडलम।। Page 221
ु  गभ.िनत
 िपत ु बे- पूव रेको अधय ीानाः। वृ े सपी~ शच
ु य े सब~
ू - उभ~

ु 3े (ए)~ िन पािह।।
अ ै मन

02.08.15 उरौ महा अिनबाध े ववध


 ा-पो अिँ यशस ं िह पूवः। ऋत योना वशय

मूनाˆ- जामीना.मि रपिस सॄणाम।।

 अो न बि िमथ े महीना-ि ये  ूनवे भाऋजीकः। उिया जिनता यो जजा-नापा.भ

नृतमो यो अिः।।

 अपा.भ.शत.मोषधीनाँ- वना जजान सभु गा िवपम।् देवास िनसा सं िह ज मु -



पिन.ात.वस.व।।
ु ाः। गहेु व वृं सदिस े अ- रपार ऊव
ु न श 
 बृहˆ इानवो भाऋजीक-मिं सच िवतो

अमत
ृ . हानाः।।

 ईळे  च ा यजमानो हिविभ रीळे  सिखं समु ित.िकामः। देव ै रवो िममीिह सिर-े र ा च नो

देिभ रनीकैः।।
ु त-े े िवािन धा दधानाः। सरु ेतसा वसा त
02.08.16 उप ते ार.व सणी ु मानाˆ-

ू रदेवान।।
अिभ¤ ाम पृतनाय

 आ देवाना.मभव के त ु र-े मो िवािन काािन िवान।् ित मता अवासयो दमूनाˆ- अन ु

देवा.िथरो यािस साध।।

ृ ो मानां- राजा ससाद िवदथािन साध।् घृततीकˆ उिवया ौ-दि िवािन


 िन रोण े अमत

काािन िवान।।

 आ नो गिह सिे भ िशविे भ- महा.हीिभ ितिभ रय।् अ े रियं बलं सं-

सवु ाचं भाग ँ यशस.धी नः।।

 एता ते अे जिनमा सनािन-  पूाय नूतनािन वोचम।् महाि वृ े सवना कृ तम
े ा- ज

ििहतो जातवेदाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 222


 ज.ििहतो जातवेदाˆ िवािमिे भ िरते अजः। त वय ं समु तौ यि य-ािप भे

सौमनस े ाम।।
ु तो~ रराणः।  यंिस होत बृहती िरषो नो-े मिह
 इम ँ य ं सहसाव.ो- देवा धेिह स

िवण. मा यज।।

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिनो-शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।

 3.02 वैानरायेित पदशच सू, गािथनो िवािमो- व


ै ानरोि-जगती।।

02.08.17 व ृ -े घृत. पूत.मये जनामिस। िता होतारं मनषु 


ै ानराय िधषणा.मृतावध

वाघतो- िधया रथ. कुिलश.मृवित।।


ु रोदसी उभ~
 स रोचय.नषा े - स माो रभव.ु ˆ ईः। हवाळि रजर नोिहतो- ळभो

िवशा.मितिथ िवभावसः।।
ु ोितषा महा-
 ान ं भानना
 ा द  तषो िवधमिण- देवासो अि.नय िचििभः। च

म. वाजं सिन.पु वु ।े ।

 आ म सिनो वरेयँ- वृणीमहे अय ँ वाज.मृि मयम।् राितं भृगण


ू ा.मिु शज.िवत-ु मिं

राज.िने  शोिचषा।।
ु ाय दिधरे परु ो जनाˆ- वाजवस.िमह वृबिहषः। यतच
 अिं स ु ु चँ िवदे-ं ँ

य ानां साध.िदि.मपसाम।।

02.08.18 पावकशोचे तव िह यं पिर- होत य षे  ु वृबिहषो नरः। अे व इमानासˆ

आ .मपु ासते िवण.ेिह तेः।।

 आ रोदसी अपृणदा मह- ात ँ यदेन मपसो अधारय।् सो अराय पिर णीयते किव- रो न

वाजसातये चनोिहतः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


 तृतीयं मडलम।। Page 223
 नमत हदाितं र-वत द.ातवेदसम।् रथीर ्ऋत बृहतो िवचषिण- रि दवाना

.मभव.रु ोिहतः।।
ु िु शजो अमृवः। तासा.मेका.मदध ु म भज
 ितो य सिमध पिरनो-े रपन. ु -म ु

लोक.म ु े~ उप जािम.मीयतःु ।।

 िवशा.िवँ िवपितं मानषु ी िरष-ं सीमकृ व.िधित. तेजस।े स उतो िनवतो याित वेिवष-

 गभ.मेष ु भवु नषे ु दीधरत।।

02.08.19 स िजते जठरेष ु जि वा-ृषा िचषे  ु नानद.  िसंहः। व


ै ानर पृथपु ाजाˆ

अम वस ु रा दयमानो िव दाशषेु ।।


ु िभः। स पूवव.नय.वे धनं-
 वैानर था नाक.माह-िव.ृं भमान.म

समान .मं पयित जागृिवः।।


ु 1 (अ)-मा यध े मातिरा िदिव यम।् तियाम ं हिरकेश.मीमहे-
 ऋतावान ँ यि यँ िव म
ु ित.मिं सिु वताय नस।े ।
सदी
ु . याम.ििषरं श-े त.ु िवो रोचना.मषु बधु म।् अिं मूधान.िवो अित¤ुत-
 शिच

मीमहे नमसा वािजनं बृहत।।
ु  ं िवचषिणम।् रथ. िच ँ वपषु ाय दशत-ं मनिु हत ं
 मं होतारं शिु च.मयािवन-मूनस.म

सदिम.ाय ˆईमहे।।

े ादशच सू, गािथनो िवािमो- वैानरोि-जगती।।


 3.03 वैानरायेक

02.08.20 वैानराय पृथपु ाजस े िवपो- रा िवध धणेष ु गातव।े अि िह देवा अमत
ृ ो

व-था ध ्
 मािण सनता न षत।।

 अ तो रोदसी दˆ ईयते- होता िनषो मनषु  परु ोिहतः। यं बृहं पिर भूषित िु भ- दविे भ

रि िरिषतो िधयावसः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 224


 के त ँ ु य ानाँ िवदथ साधन-ं िवासो अिं महय िचििभः। अपांिस यि.िध सध ु िगर-
ु ािन यजमानˆआचके।।
ि.

 िपता य ाना.मसरु ो िवपिताँ- िवमान.मि वयनु . वाघताम।् आ िववश


े  रोदसी भूिरवपसा-
ु यो भते धामिभ किवः।।
पि

 च.मि.रथ ं हिरतँ- वैानर.मषु दं िवदम।् िवगाह.ूिण.िवषीिभ रावृत-ं भूिण

.ेवासˆ इह सिु य.धःु ।।

02.08.21 अि दविे भ मनषु  जिभ


ु - ानो य ं पु पश
े स.िया। रथी र रीयते

साधिदििभ- जरो दमूना ˆअिभशिचातनः।।

 अे जर प आय-ु ूजा िप सिमषो िददीिह नः। वयांिस िज बृहत
  जागृव -उिश

ु त ु िवपाम।।
. देवाना.मिस स

 िवपितँ य.मितिथ.र.दा- यार.ीना.मिु शज. वाघताम।् अराणा.ेतन.ातवेदसं- 

शंसि नमसा जूितिभ वृध।े ।

 िवभावा देव रु ण पिर ि ती -रि बभवू  शवसा समु थः। त तािन भूिरपोिषणो वय-मपु 

भूषमे  दम आ सवु िृ िभः।।

ै ानर तव धामा.ाचके- येिभ िव.दभवो िवच ण। जातˆ आपृणो भवु नािन रोदसी अे
 व

ता िवा पिरभरू िस ना।।

 वैानर दंसनाो बृह-दिरणा.देक पया किवः। उभा िपतरा महय.जाय-ताि

ावापिृ थवी~ भूिररेतसा।।

 3.04 सिमिमिदेकादशच सू, गािथनो िवािम- इ-नूनपा-िदळो- बिह-

दवीार- उषासाना- दौौ होतारौ- सर-तीळाभार- ा-वनित- ाहाकृ तय इित



मेण देवता- िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


 तृतीयं मडलम।। Page 225
ु ना बो-े शच
02.08.22 सिमिम.म ु ाशच
ु ा समु ितं रािस वः। आ देव देवा.जथाय

वि - सखा सखी.मु ना ये।।


ु .धी न- नूनपा.
 येवास िरह.ायज-े िदविे दव े वणो िमो अिः। सेम ँ य ं मधम

तृ योिनँ िवधम।।

  दीिधित िववारा िजगाित- होतार.िमळ थम ँ यज ै। अा नमोिभ वृषभ ँ वै- स देवा

 .िदिषतो यजीयान।।

 ऊ वा.ात ु ररे अका- यूा शोचिष िता रजांिस। िदवो वा नाभा.सािद होता-

ृणीमिह देवचा िव बिहः।।

े सो िवदथेष ु  जाता ˆ-अभी3( ई)मँ


 स होािण मनसा वृणानाˆ- इो िवं ित यृतने । नृपश

य ँ िव चर पूवः।।

02.08.23 आ भमाने~ उषसा उपाके~- उत यते ~


े ता3(आ) िवप~
े । यथा नो िमो
ु ष-िदो मा उत वा महोिभः।।
वणो जजो

 दैा होतारा थमा ृ-े स पृ ास धया मदि। ऋत ं शंस ˆऋत.िम आ - रन ु त ँ

तपाˆ दीानाः।।
ु िे भ रिः। सरती सारतिे भ रवा-िो देवी
 आ भारती भारतीिभ जोषाˆ- इळा देव ै मन

बिहरेदं सद।ु ।

 त रु ीप.मध पोषिय-ु देव  िव रराण ~। यतो वीर कमय दु ो- य
ु ावा

जायत े देवकामः।।

 वनते व सृजोप देवा-नि हिव शिमता सूदयाित। से होता सतरो यजाित- यथा

देवाना.िनमािन वेद।।

 आ याे सिमधानो अवा-िङेण देव ै रथ.रु ेिभः। बिह न आा.मिदित पु ु ा- ाहा

देवाˆ अमत ्
ृ ा मादयाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 226



 3.05 ििरेकादशच सू, गािथनो िवािमोि- िपु -(िः- कारवः

सूयोासां ावापृिथादीनां िनपाता ये- अत योिलोा देवताः पाि काः)

02.08.24 ि षस ेिकतानो-बोिध िव पदवी कवीनाम।् पृथपु ाजा देवयि

िमो-प ारा तमसो विरावः~।।

ृ  े ोमेिभ -गिभ ोतण


 ेि वावध  ˆ उ ैः। पूवर ्ऋत सश कान –.तो
ॄ ा.म

अौ.षसो िवरोके।।

 अधा.ि मानषु ीष ु िव-1(अ)पाभ िमˆ ऋतने  साध।् आ हयतो यजत ाा-दभू



िवो हो मतीनाम।।

 िमो अि भवित यिमो- िमो होता वणो जातवेदाः। िमो अय ु िरिषरो दमूनाˆ- िम

िनू ा.मतु पवतानाम।।

 पाित िय ं िरपो अं पदं वे- पाित य रण ं सूय। पाित नाभा सशीषाण.मि- पाित देवाना

.मपु माद.मृः।।

02.08.25 ऋभ ु  ई.ा नाम- िवािन देवो वयनु ािन िवान।् सस चम घृतव.द ँ

ु ।।
वे-िद.दी र  .य
ु .मश
 आ योिन.मि घृतव.मा-ृथु गाण.मश ु ानः। दीान शिु चर ् ऋ पावक-

पनु पनु मातरा नसी कः~।।


ु मानाˆ- उ.दि
 सो जातˆ ओषधीिभ वव -े यदी वधि ो घृतने । आपइव वता श

िपो पे।।

 उुत िमधा यो अौ-.िवो अिध नाभा पृिथाः। िमो अि रीो मातिरा-तो

व .जथाय देवान।।

 ानाम।् यदी भृग


ु मो रोचन
 उदी.िमधा नाक.मृो3-(ओ)ि भव. ु  पिर मातिरा-

ु सं हवाहं समीध।े ।


गहा

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


 तृतीयं मडलम।। Page 227
 इळा.मे पु दस
ं  ं सिनो- शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।

 3.06  कारव इेकादशच सू, गािथनो िवािमोि- िुप।।-

02.08.26  कारवो मनना वमानाˆ- देवीची.यत देवयः। दि णावा.ािजनी ाेित-

हिव भर.ये घृताची।।

 आ रोदसी अपृणाˆ जायमानˆ- उत  िराˆ अध न ु यो~। िदव िदे मिहना पृिथाˆ-

वा.े वय िजाः।।

 ौ ा पृिथवी यि यासो- िन होतारं सादये दमाय। यदी िवशो मानषु ी दवयी- यती
ु .मिचः।।
रीळत े श

 महा.धे वु ˆआ िनषो- ावा मािहन~


े हयमाणः। आे ~ सपी~ अजरे~

ू ।।
अमृे~- सबघे~ उगाय धेन~

 ता ते अे महतो महािन- तव ा रोदसी आ तत। .तो अभवो जायमान- .ेता

वृषभ चषणीनाम।।

02.08.27 ऋत वा के िशना यो यािभ- घृतवु ा रोिहता धिु र िध। अथावह देवा.ेव

िवा- रा कृ णिु ह जातवेदः।।

 िदविदा ते चय रोकाˆ- उषो िवभाती रन ु भािस पूवः। अपो यद उश
 ध. वनेष-ु होत ु

म पनय देवाः।।

 े सि देवाः। ऊमाˆ वा ये सहु वासो यजाˆ-


 उरौ वा ये अिर  े मदि- िदवो वा ये रोचन

आयेिमरे रो अे अाः।।


ु ध मा वह
 ऐिभ रे सरथँ यावा-ानारथ ँ वा िवभवो ाः। पीवत िंशत ी देवा-नन¤

मादय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 228


ँ  .मिभ वृध े गृणीतः। ाची~ अरेव तत ु म
 स होता य रोदसी िचव~- य य ु क
े े  ~-

े ।।
ऋतावरी ऋतजात स~

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिनो- शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े । इमााय माः।। इित ितीयाकं समाम ।।

 तृतीयाकम ्

तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34)

 3.07  य आिरेकादशच सू, गािथनो िवािमोि-िुप ्

 िशितपृ धास-े रा मातरा िविवश ु  वाणीः। पिरि ता िपतरा


03.01.01  य आ

े  साते~ दीघमायु य ।े ।


सरेत~
ु .हीः। ऋत ा सदिस म
 िदव सो धेनवो वृो अाˆ- देवी रातौ मधम े यं- पयका

चरित वतिनौः।।

 आ सी.मरोह यु मा भवी- पित ििका.ियिव.यीणाम।्  नीलपृ ो अतस धास-े ाˆ

अवासय.ु धतीकः।।

 मिह ा.मूजयी रजयु - भय


ू मान ँ वहतो वहि। ेिभ िदतु ान ध -एकािमव

े ।।
रोदसी आ िववश

 जानि वृो अष शेव-मतु  शासन े रणि। िदवोच ु चो रोचमानाˆ- इळा

येषा.या मािहना गीः।।

ृ ां िवदान ु घोषं- महो महा मनय शूषम।् उ ा ह य पिर


03.01.02 उतो~ िपत

धान.मो- रन ु ाम जिरत ु वव ।।


ु  पिभ  िवा- िय ं र े िनिहत ं पदं वेः। ाो मद. ु णो अजयु ा- ˆदेवाˆ
 अयिभ

देवाना.मन ु िह ता गःु ~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  तृतीयाकम ् Page 229


 दैा होतारा थमा.ृ-े स पृ ास धया मदि। ऋत ं शंस ऋतिम आ- रन ु त ँ

तपा दीानाः।।

 वृषाये महे अाय पूव- वृे िचाय रमय यु ामाः। देव होत मतर ििका-हो देवा

.ोदसी एह वि ।।

 पृ यजो िवण वु ाच- क


ु े तवˆ उषसो रेव.षः।
ु उतो~ िचदे मिहना पृिथा- कृ त.िदने 

ं महे दश।।

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिनो- शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।

 3.08 अीेकादशच सू, गािथनो िवािमो- यूप- ािद पानां यूपाः- (अा

िवेदवे ा वा) अाया न-िुप-् तृतीया सा वनु भ


ु ौ।।
03.01.03 अि ा.मरे देवयो वनते मधनु ा दैने । य.िा.िवणहे धा-

ा यो मात ु राˆ उपे।।

 सिम यमाण परु ा- वानो अजरं सवु ीरम।् आरे अ.दमितं बाधमानˆ-उय

महत े सौभगाय।।
ु ती मीयमानो- वच धाˆ य वाहसे।।
 उय वनते- व.ृिथाˆ अिध। सिम

 यवु ा सवु ासा पिरवीतˆ आगा- उ ेया.वित जायमानः। तीरास कवयˆ उयि-

ाो3(ओ) मनसा देवयः।।


ु  े अां- समय आ िवदथे वधमानः। पनु ि धीराˆ अपसो मनीषा- देवयाˆ
 जातो जायते सिदन

िवˆ उिदयित वाचम।।

03.01.04 याो नरो देवयो िनिम-ु वनते िधित वा तत । ते देवास.रव



िवांस- जाव.द े िदिधष ु रम।।
ु ः। ते नो  ु वाय-ेवा े स
 ये वृासो अिध िम- िनिमतासो यतच  ाधसः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 230


 आिदा ा वसव नु ीथा-ˆ ावा ामा पृिथवी अिर म।् सजोषसो य .मव ु देवाˆ-

ऊ.व.र के तमु ।।
ु ा वसाना.रवो नˆ आगःु । उीयमाना किविभ परु ा-ेवा
 हंसाइव ेिणशो यताना-श

ˆदेवाना.मिप यि पाथः।।

 ाणी.वे.िणां से- चषालव रव पृिथाम।् वाघि वा िवहव े ोषमाणाˆ-

अा अव ु पृतनाेष।।


 वनते शतवो िव रोह- सहवाˆ िव वय ं हेम। या.मय ं िधित ेजमान- िणनाय

महत े सौभगाय।।

 3.09 सखाय इित नवच सू, गािथनो िवािमोि-बृहा िुप।।

03.01.09 सखाय.ा ववृमहे- देव ं मतास ऊतये। अपा.पात ं सभु गं सदु ीिदितं- सु तूित.

मनेहसम।।

 कायमानो वना ँ- यातॄ रजग.पः। न ते अे मषृ  े िनवतन-ँ यरू े सि.हाभवः।।

 अित तृ ँ ववि -थाथवै समु नाˆ अिस। ा े यि पय आसते- येषां स े अिस ितः।।

 ईियवांस.मित िध-शती रित सतः। अी.मिव.ििचरासो अुहो- ु िसंहिमव



ितम।।

 ससवृ ांसिमव ना-ि.िमा ितरोिहतम।् ऐन.य.ातिरा परावतो- देव


े ो मिथत ं पिर।।

े ो हवाहन। िवा. ा अिभपािस मानषु - तव


03.01.06 ता मताˆ अगृत- देव

ा यिव।।

 त.व दंसना- पाकाय िचदयित। ाँ यद े पशव मासत-े सिम.मिपशवरे।।

 आ जहु ोता रं- शीरं पावकशोिचषम।् आश.ु त.मिजरं .मीं- ु ी देव ं सपयत।।

 ीिण शता ी सहा.यि-िंश. देवाˆ नव चासपय।् औ .ृत ै रृण.िह रा-

आिद.ोतार. सादय।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 231


 3.10 ाम इित नवच सू, गािथनो िवािमोि-िक।् ।

03.01.07 ाम े मनीिषण- ाज.षणीनाम।् देव ं मतासˆ इते समरे।।

 ाँ य .े ृिज-मे होतार.मीळते। गोपा ऋत दीिदिह े दमे।।

 .े ददाशित- सिमधा जातवेदसे। सो अ े धे सवु ीय स प


 सघा य ु ित।।

 स के त ु रराणा-मि दविे भ रागमत।् अान. होतृिभ हिवत।े ।

  होे पू वचो-ये भरता बृहत।् िवपा.ोतिष िबत े न वेधसे।।

03.01.08 अिँ वध ु नो िगरो- यतो जायत उः। महे वाजाय िवणाय दशतः।।

 अे यिजो अरे- देवा.ेवयत े यज। होता मो िव राज.ित िधः।।

 स न पावक दीिदिह- मु .द े सवु ीयम।् भवा 


 ोत
ृ ो अम.ये।।

 ता िवाˆिवपवो- जागृवांस िमते। हवाह.मम सहोवध


ृ म ्
 ।।

 3.11 अिहतेित नवच सू, गािथनो िवािमोि-गायी।।



03.01.09 अि हता परु ोिहतो-र िवचषिणः। स वेद य .मानषु क।।

 स हवा.ळमˆ- उिश. त नोिहतः। अि िधया समृवित।।

 अि िधया स चेतित- के त ु य  पूः। अथ  तरिण।।

 अिं सून ं ु सनतु -ं सहसो जातवेदसम।् वि.ेवाˆ अकृवत।।


ु ता- िवशा.मि मानषु ीणाम।् तूण रथ.दा नवः।।
 अदा परए
ु - त ु दवाना.ममृः। अि.िु ववमः।।
03.01.10 साा.िाˆ अिभयज

 अिभ यांिस वाहसा- दाा अोित मः। यं पावकशोिचषः।।


ु ता-े रयाम मिभः। िवासो जातवेदसः।।
 पिर िवािन सिध

 अे िवािन वाया- वाजेष ु सिनषामहे। े देवासˆ एिररे।।

 3.12 इाी इित नवच सू, गािथनो िवािम- इाी- गायी।।

03.01.11 इाी~ आ गत ं सतु -ीिभ नभो वरेयम।् अ पात.ि.येिषता।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 232



 इाी~ जिरत ु चा- य ो िजगाित चेतनः। अया पात.िमम ं सतु म।।

 इ.मि.िवदा- य  जूा वृण।े ता सोम.ेह तृताम।।

 तोशा वृह
 णा वे- सिजा.नापरािजता। इाी~ वाजस
 ातमा।।

  वामच.िु नो- नीथािवदो जिरतारः। इाी~ इषˆ आ वृण।े ।


ु ।् साक.मेकेन कमणा।।
ु - दासपी रधूनतम
03.01.12 इाी~ नवितं परो

 इाी~ अपस-यपु  यि धीतयः। ऋत पा3(आ)ˆ अन।ु ।

 इाी~ तिवषािण वां- सधािन यांिस च। यवु ो रय ्


ू  िहतम।।

 इाी~ रोचना िदव- पिर वाजेष ु भूषथः। ता.ेित  वीयम।।

 3.13  वो देवायेित सच सू, िम ऋषभोि-रनु पु ।।

03.01.13  वो देवा.याये- बिह.मचा ै। गम.ेविे भरा स नो- यिजो बिहरासदत।।

 ऋतावा य रोदसी- द  ं सच ऊतयः। हिव.मीळते- तं सिनोवस।े ।



 स या िवˆ एषां -स य ाना.मथा िह षः। अि.ँ वो वत- दाता यो विनता मघम।।

 स न शमािण वीतये-ि यत ु शमा। यतो न 


ु व.स-ु िदिव ि ितो अा।।

 दीिदवांस.मपू -वीिभ र धीितिभः। ऋाणो अि.िमते- होतारँ िवपितँ िवशाम।।

 उत नो .िवष ˆ-उषे  ु देवतमः। शशोचा मध


ृ ो-े सहसातमः।।
ु म.स।ु म
 नू नो रा सहव-ोकव.ि ्
ु .द े सवु ीय- विष.मनपु ि तम।।

 3.14 आ होतेित सच सू, व ्


ै ािम ऋषभोि-िुप।।

03.01.14 आ होता मो िवदथा.ा-ो या किवतम.  वेधाः। िव.ु थ



.हस.ु ो अि-शोिचेश पृिथां पाजो अेत।।
ु .ेतत े सहः। िवाँ आ वि िवषो िन ¤षि- म
ु - ऋताव.
 अयािम ते नमउि.ष

आ बिह तये यज।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 233


 वता. उष सा वाजयी~- अे वात पािभ र। यी.मि पू हिविभ- रा वरु वे

तत ु रोण।े ।
ु .मच।् योिचषा सहस.ु िताˆ- अिभ
ु  ँ वण हो-े िवे मत.
 िम. त

ि ती थय.ूय नॄन।।
ु ानहा नम.सोपस। यिजने  मनसा यि
 वय.े अ रिरमा ि ह काम.म देवा-नेधता

मना िवो अे।।

 ि पु सहसो िव पूव- दव यूतयो िव वाजाः। ेिह सहिणं रिय.ो-ोघण
े  वचसा

स.म।े ।
ु . किवतो~ यानीमा- देव मतासो अरे अकम। ँ िव सरु थ बोिध- सव.द े
 त

अमृत देह।।

 3.15 िव पाजसेित सच सू, का उीलोि-िुप।।
ु ानो- बाध िषो र सो अमीवाः। सश
03.01.15 िव पाजसा पृथनु ा शोशच ु मणो

बृहत.शमिण ा-म े रहं सहु व णीतौ।।

 .ो अाˆ उषसो ु ौ- ं सूर उिदत े बोिध गोपाः। जेव िन.नय.षु - ोमं मे

अे ता सजात।।

 ान ु पूव- कृ ा. े अषो िव भािह। वसो~ नेिष च पिष चांह- कृ धी न
 .ृच ाˆ वृषभ  ो

राय उिशजो यिव।।


ु िवा.ौभगा सिगीवान।् य  नेता थम पायो-
 अषाो अे वृषभो िददीिह- परो

जातवदे ो बृहत.ु णीते।।


ु िण- देवा अा दीान.म
 अिा शम जिरत प ु ध
े ाः। रथो न सि रिभ वि  वाज-मे
ु क
ं रोदसी न म े े ~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 234


  पीपय वृषभ िज वाजा-ने ं रोदसी न दु ोघे~। देविे भ दव सु चा चानो- मा नो मत

मित पिर¤ात।।

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिनो- शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।

 3.16 अयमििरित षडृच सू, का उीलोिः-आा तृतीया पो बृहः-ितीया

चतथु  ष तोबृहः।।

03.01.16 अय.मि वु ीय-ेश े मह.ौभग। रायˆ ईश े प गोमत- ईशे

वृहथानाम।।

 इम.रो मत.ता वध ृ ासः। अिभ ये सि पृतनास ु ो- िवाहा श ु
ृ -ँ यि.ाय.शेवध

.मादभःु ।।

 स ो राय.िशशीिह- मीो अे सवु ीय। तिु व


ु विष जावतो-नमीव

शिु णः।।

 चिय िवा भवु नािभ सासिह- ि दव.े ा वः। आ देवषे  ु यतत आ सवु ीय -आ शंस उत


नृणाम।।

 मा नो अे मतये- मावीरताय ै रीरधः। मागोताय ै सहस.ु .मा िनद-े प ेषां.ा कृ िध।।

 शि ध वाज सभग  ो अरे। सं राया भूयसा सृज मयोभनु ा- तिु व
जावतो-े बृहत ु

यशता।।

 3.17 सिममान इित पच सू, व ्


ै ािमः कतोि-िुप।।

03.01.17 सिममान थमान ु धमा- समुिभ रते िववारः। शोिचे शो घृतिनिण

.ावक- यु  ो अि यजथाय देवान।।

 यथायजो हो.म े पृिथा- यथा िदवो जातवेद ििकान।् एवानेन हिवषा यि देवा-
ु . ं  ितरेम.म।।
न

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 235


 ीयायूिं ष तव जातवेद- िˆ आजानी षस े अे। तािभ दवाना.मवो यि िवा-नथाभव
 

यजमानाय शँ योः।।

 अिं सदु ीितं सु श.ृणो- नमाम.े.ातवेदः। ा.त.मरितं हवाह-ेवा

ˆअकृव.मत ्
ृ  नािभम।।

 य.ोता पूव अे यजीया-िता च सा धया च शंभःु । तान ु धम  यजा िचिकोथा

नो धाˆ अर.ेववीतौ।।

 3.18 भवा न इित पच सू, व ्


ै ािमः कतोि-िुप।।
ु पु 
03.01.18 भवा नो अे समु नाˆ उपेतौ- सखेव से िपतरेव साधः।  ु हो िह ि तयो

जनानां-ित तीची दहता.दरातीः।।

 तपो~¤ े अरा अिमा-पा शंस.मरष पर। तपो~ वसो~ िचिकतानो अिचा-ि

ते िता.मजराˆ अयासः।।

 मानो घृतने - जहु ोिम ह.रस े बलाय। याव.दीशे णा वमानˆ इमा.ियं
 इने ा इ

शतसये ाय देवीम।।

 उोिचषा सहस.ु तु ो- बृह.य.शशमानषे  ु धेिह। रेव.द े िवािमषे  ु शँ यो- मम


ृ ा त  े

त1(अ) भूिर कृ ः।।



 कृ ि ध रं ससिनत धनानां- स घेद े भविस यिमः। ोत ु रोण े सभु ग रेव-ृा करा

दिधषे वपूिं ष।।



 3.19 अिं होतारिमित पच सू, कौिशको गाि-िपु ।।

े -े गृ.िवँ िवि वद.ममूरम।् स नो य .ेवताता


03.01.19 अिं होतारं  वृण े िमयध

यजीया-ाय े वाजाय वनते मघािन।।


ु ां राितनी.ृताचीम।् दि िण.ेवताित.मरु ाण-ं राितिभ
ु 
  ते अे हिवती.िमय-ा स

वसिु भ य .मते ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 236


 स तेजीयसा मनसा ोतˆ- उत िश प िश ोः। अे रायो नृतम भूतौ- भूयाम ते
ु त
स¤ ु य  वः।।
 भूरीिण िह े दिधरे अनीका-े देव यवो जनासः। स आ वह देवताितँ यिव- शध यद

िद ँ यजािस।।

े -े िनषादयो यजथाय देवाः। स .ो अेिवतहे बो-िध वांिस


 या होतार.मनज.ियध

धेिह न.नषू ।ु ।



 3.20 अिमषु सिमित पच सू, कौिशको गािः- आायो िवेदवे ा- िुप।।

03.01.20 अि.मषु स.मिना दिधाँ- िु ष ु हवते वि  ैः। स
ु ोितषो न.व ु देवा-

जोषसो अरँ वावशानाः।।

 अे ी ते वािजना ी षधा- ित.े िजा ऋतजात पूवः। ितˆ उ ते तो देववाता-

ु ।।
ािभन पािह िगरो अय

 अे भूरीिण तव जातवेदो- देव धावोमृत


  नाम। या. मायाˆ माियनाँ िविम- े पूव

 ु पृबो~।।
ध

 अि नता भगइव ि तीना-ैवीना.ेवˆ ऋतपु ा ऋतावा। स वृह


 ा सनयो िववेदा- पष

.िाित िरता गृणम।।

 दिधा.मि.मषु स. देव- बृहितं सिवतार  देवम।् अिना िमावणा भग.- वसू.ु ा

आिदा इह व।े ।

 3.21 इम  इित पच सू, कौिशको गािः-आा िपु -् ितीया तृतीयेनु भ


ु ौ-
चतथु  िवरापाा सतोबृहती।।

ृ षे ु धे-हीमा हा जातवेदो जष।


03.01.21 इम.ो य .ममत ु ोकाना.मे मेदसो घृत-

होत~ ाशान थमो िनष।।



 घृतव पावक ते- ोका ोति मेदसः। धम.ेववीतये- े.ो धेिह वायम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 237


ु  ं ोकाˆ घृत
 त ु
 तो-े
 िवाय स। ऋिष े.िमसे- य  ािवता भव।।
ु  ं ोत.िगो~ शचीव- ोकासो अे मेदसो घृत। किवशो बृहत
 त ु
 ा भाननागा -

हा जषु  मेिधर।।

 ओिज.े मतो मेदˆ उृत-ं  ते वय.दामहे। ोति ते वसो~ ोकाˆ अिध िच- ित

ता.ेवशो िविह।।

 3.22 अयं स इित पच सू, कौिशको गाि-पाायाः परीाय-ि पु -्

ु ु पु ।।
चतन

03.01.22 अय ं सो अि यि.ोम.िम- तु .ध े जठरे वावशानः। सहिणँ

वाज.म. सि- ससवा..ूयसे जातवेदः।।

 अे ये िदिव वच पृिथाँ- यदोषधी.ा यज। येनािर .मवु ातत- ेष. भान ु

रणवो नृच ाः।।

 अे िदवो अण.मा िजगा-ा द वे ा ऊिचषे िधाˆ ये। या रोचन े परा.ूय या

ावा.पित आपः।।

 परु ीासो अय ावणिे भ- जोषसः। जषु ाँ य .मुहो-नमीवाˆ इषो महीः।।

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिन.ो-शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।
् तीया सतोबृहती।।
 3.23 िनमिथत इित पच सू, भारतौ देववो देववाता- वि-िपु -तृ

03.01.23 िनमिथत.िु धतˆ आ सधे- यवु ा किव रर णेता। जूय.ि रजरो वने-

ा दधे अमत


ृ .ातवेदाः।।

 अमिां भारता रेव.दि-ेववाˆ देववात.दु म।् अे िव पय बृहतािभ रा-येषा.ो नेता

भवता.दन ु ून।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 238


ु ात ं मातषृ  ु ियम।् अिं िु ह दैववात.ेववो- यो जनाना
 दश ि प पू सी.मजीजन-ज

मस.शी।।

 िन ा दधे वर आ पृिथाˆ- इळाया .द े सिु दन े अाम।् षां मानषु आपयायां-

सरां रेव.द े िददीिह।।

 इळा.मे पु दस
ं  ं सिन.ो- शम ं हवमानाय साध। ा ून ु नयो िवजावा-े सा ते

समु ित भू।े ।

 3.24 अे सहेित पच सू, गािथनो िवािमोि- गायी-आानु पु ।।

03.01.24 अे सह पृतनाˆ- अिभमाती रपा। र.र.राती -वच धाˆ य वाहसे।।

 अ इळा सिमसे- वीितहोो अमः। जषु  सू नो अरम।।
ु ने  जागृव-े सहस ून~ वात। एदं बिह दो मम।।
 अे 

 अे िवेिभ रििभ- दविे भ महया िगरः। य षे  ु य उ चायवः।।

 अे दाˆ दाशषेु  रियँ- वीरव ं परीणसम।् िशशीिह न.ूनमु तः।।


ु इाी िवराट ्।।
 3.25 अे िदव इित पच सू, गािथनो िवािमोि-ता

03.01.25 अे िदव.ून ु रिस चेता-ना पृिथाˆ उत िववेदाः। ऋध. देवा इह यजा

िचिकः।।

ृ ाय भूष।् सनो देवा एह वहा पु ो~।।


 अि नोित वीयािण िवा.नोित वाज.ममत

े - आ भाित देवी~ अमत


 अि ावापिृ थवी~ िवज~ े अमूरः।
ृ ~ य.ाजै पु 
 ो

नमोिभः।।

 अ इ  दाशषु ो रोण-े सतु ावतो य .िमहोप यातम।् अमधा सोमपये ाय देवा।।

 अे अपां सिमसे रोण-े िन ूनो~ सहसो जातवेदः। सधािन महयमानˆ ऊती।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 239


 3.26 वैानरिमित नवच सू, गािथनो िवािमः-आानां ितसृणां वैानरोि-

तािद ितसृणां मतः-सोराा-अाया उपाायः-आा

 जगोाििभ
ु ः।।
03.01.26 वैानरं मनसाि.िचाा - हिवो अनषु  ं  िवदम।् सदु ान.ु ेव ं रिथरँ

ू वो- गीभ रव.िशकासो हवामहे।।


वसय
ु म।् बृहितं मनषु ो देवतातये- िवं ोतार
ु .मि.मवस े हवामहे- वैानरं माति रान.म
 तं श

ु दम।।
.मितिथं रघ

 अो न .िनिभ िमते- वैानर कुिशकेिभ यगु ये ग


ु ।े स नो अि.वु ीय -

धात ु र.ममत
ृ षे  ु जागृिवः।।

  य ु वाजा.िवषीिभ रय-शभु े संिमा पृषती रय ु त। बृह.  ो मतो िववेदस- 

वेपयि पवता अदााः।।

 अिियो मतो िवकृ यˆ- आ ेष.मु .मव ईमहे वयम।् ते ािननो ियाˆ वषिनिणज-

िंहाˆ न हेषतव.दु ानवः।।


ु ििभ- र े भामं मता.मोजˆ ईमहे। पृषदासो
03.01.27 ातँात.णण ं सश

अनवराधसो. गारो य ँ िवदथेष ु धीराः।।

ृ  ं म आस।् अक.िधातू रजसो िवमानो-जो


 अि.रि जना जातवेदाˆ घृत ं मे च  ु रमत

घम हिव.रि नाम।।

 ििभ पिवै रपपु ो1(अ)क- दा मित.ोित रन ु जान।् विषं र.मकृ त धािभ- रािद

.ावापिृ थवी~ पयपयत।।
ु .म ीयमाणँ- िवपितं िपतरँ वानाम।् मेिळं मद ं िपो पे- तं रोदसी िपपृत ं
 शतधार. म

सवाचम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 240


 3.27  वो वाजा इित पदशच सू, गािथनो िवािमोिः- आाया ऋतवो वा

गायी।।
ु यःु ।।
03.01.28  वो वाजाˆ अिभवो- हिवो घृताा। देवा.ि जगाित स

 ईळे  अिँ िवपि त-िरा य  साधनम।् ु ीवान ितावानम।।


 अे शकेम ते वय-ँ यम.ेव वािजनः। अित ेषांिस तरेम।।

 सिममानो अरे3-(ए)ि पावकˆ ईः। शोिचेश मीमहे।।

 पृथपु ाजाˆ अम -घृतिनिण.ातः। अि य  हवाट ्।।


ु ˆ- इा िधया य वः। आ चु रि.मूतये।।
03.01.29 तं सबाधो यतच

 होता देवो अम- परु ा.देित मायया। िवदथािन चोदय।।

 वाजी वाजेष ु धीयते-रेष ु  णीयते। िवो य  साधनः।।

 िधया चे वरेयो- भूताना.भ.मा दध।े द  िपतर.ना।।



ु ित.मिु शजम।।
 िन ा दधे वरेय- .ेळा सहृ त। अे सदी

03.01.30 अिँ यरु .मरु -मृत योगे वनषः


ु । िवा वाज ै िमते।।

 ऊज नपात.मरे- दीिदवांस.मपु  िव। अि.मीळे किवतमु ।।

 ईळेो नम िर-मांिस दशतः। समि िरते वृषा।।

 वृषो~ अि.िमत-े ो न देववाहनः। तं हिवˆ ईळते।।



 वृषण.ा वय ँ वृष-ृषण. िमधीमिह। अे दीत ं बृहत।।

 3.28 अे जषु ेित षडृच सू, गािथनो िवािमोि- गायी- तृतीयोिक-् चतथु 

िपु -पमी जगती।।

03.01.31 अे जषु  नो हिव- परु ोळाश.ातवेदः। ात


 ाव े िधयावसो~।।
ु  वा घा पिरृतः। तषु  यिव।।
 परु ोळाˆ अ े पचत -ँ

 अे वीिह परु ोळाश-मात.िरोअम।् सहस.ून ु ररे िहतः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके थमाायः। (वगाः 1-34) Page 241


ु ळाश.िमह कव े जष।
 मािन े सवन े जातवेद- परो ु अे य तव भागधये -  िमनि

िवदथेष ु धीराः।।
ु ळाशं सहस.ून~वातम।् अथा द वे .े रँ िवपया- धाˆ
 अे तृतीये सवन े िह कािनष- परो

ृ षे  ु जागृिवम।।
रव.ममत

ु ळाश.ातवेदः। जषु  ितरोअम।।
 अे वृधानˆ आितं- परो

 3.29 अीदिमित षोळशच सू, गािथनो िवािमोि-िपु ् (पा ऋिजो वा)-


ु दशमी ादयोनु भ
आ चतथ ु -ेकादशी पदयो जगः।।
03.01.32 अीद.मिधमन-मि जनन.तम।् एताँ िवपी.मा भ-रािं माम

पूवथा।।
ु तो गिभणीष।ु िदविे दव ईो जागृवि -हिवि
 अरयो िनिहतो जातवेदाˆ- गभइव सिध
ु िे भ रिः।।
मन

 उानाया.मव भरा िचिका- वीता वृषण.जान। अष ूपो शद पाजˆ-

इळाया.ु ो वयनु े जिन।।

 इळाया.ा पद-े वय.ाभाˆ पृिथा ˆअिध। जातवदे ो िन धीम-े हाय वोव।े ।

 मता न ृ  ं सु तीकम।् य  के त ं ु थम ं परु ा-दि.रो


 र किव.मयं- चेतस.ममत

ु वे म।।
जनयता सश

 -े ो न वाषो वनेा। िचो न याम.िनो


03.01.33 यदी मि बािभ िव रोचत

रिनवत ्
ृ - पिर वृण.मन.ृणा दह।।

 जातो अी रोचते चेिकतानो- वाजी िव किवश.दु ानःु । य.ेवासˆईँ िविवदं-

हवाह. मदध ु ररेष।ु ।


ु ृ त योनौ। देवावी दवा.िवषा यजा-े
 सीद होत~  उ लोके िचिका-ादया य ं सक

बृह.जमाने वयो धाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 242


 कृ णोत धूम ँ वृषण ं सखायो-ेधˆ इतन वाज.म। अय.मि पृतनाषा. वु ीरो- येन

देवासो असह दून।।

 अय.े योिनर ्ऋियो- यतो जातो अरोचथाः। तान. आ सी-दाथा न


 ो वधया िगरः।।

03.01.34 तनूनपा.ते गभˆ आसरु ो- नराशस


ं ो भवित यिजायत।े माति रा यदिममीत

मातिर- वात सग अभव.रीमिण।।

 सिु नमथा िनमिथत-िु नधा िनिहत किवः। अे रा कृ ण-ु देवा.ेवयत े यज।।

ृ  ं मासो-ेमाण.रिणँ वीळुजम।् दश सारो अवु .मीची-


 अजीजन.मत
ु स.ात .मिभ सं रभे।।
पमां

  सहोता सनका.दरोचत- मात ु पे यदशोच.धिन। न िन िमषित सरु णो िदविे दव-े यदसरु 

जठरा.दजायत।।

 अिमायधु ो मतािमव या- थमजाˆ णो िविम.िः। 


ु व. कुिशकासˆ एिरर-

एकएको दमे अिं समीिधरे।।

 यद ा यित य े अि-ोत~ ििकोवृणीमहीह। वु मयाˆ वु .मतु ाशिमा- जान.
् ।। इित थमााय माः ।।
िा उप यािह सोमम।।

 तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26)



 3.30 इि ेित ािवंशृच सू, गािथनो िवािम- इ-िुप।।
ु ि सोम.धित यांिस। ितित े
03.02.01 इि ा सोास.खाय-

अिभशि.नाना-िम दा क.न िह केतः।।

 न ते रे परमा िचजां-ा त ु  यािह हिरवो हिराम।् िराय वृ े सवना कृ तम ु ाˆ
े ा- य

ावाण .िमधान े अौ।।


ु िमर ् ऋघावान।् यो धाˆ बािधतो मष-ु
 इ.िु शो मघवा तो- महाात.िवकू

1(अ)ा ते वृषभ वीयािण।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 243


 ं िह ¤ा ावय.तु ा-ेको वृा चरिस िजमानः। तव ावापिृ थवी~ पवतासो-न ु

ताय िनिमतवे तः।।

 उताभय े पत वोिभ- रेको .मवदो वृह ा स।् इम~
े िचिद रोदसी अपारे~- यृाˆ

मघव.ािशिर.े।।

03.02.02  सू त इ वता हिरां-  ते व मृण.ेत ु शून।् जिह तीचो अनच
ू 

पराचो-िवं स.णिु ह िव.म।।

 य ै धाय ु रदधाˆ मा-याभ.िजते गे1 (अं)सः। भा त इ समु ित घृताची- सहदाना

पत राितः।।

 सहदान ं ु पत
ु ि य-मह.िम संिपण. ुणाम।् अिभ वृ ँ वधमानं िपया-मपाद.िम

तवसा जघ।।

 ा.िमिषरा.िम भूिमं- मही.मपारां सदन े सस। अा.ाँ वृषभो अिर -मष.ाप


 िन सामन

येह सूताः।।

ृ ो वलˆ इ जो गो- परु ा हो भयमानो ार। सगु ा.थो अकृणो.िरजे गा- ाव.
 अलातण
ु त.मीः।।
ाणी प

03.02.03 एको े~ वसमु ती~ समीची~- इˆ आ पौ पृिथवी.मतु ाम।् उतािर ा.दिभ न

ु .शूर वाजान।।
मीक -इषो रथी.यज

 िदश.ूय न िमनाित िदाˆ- िदविे दव े हयसूताः। सँ यदान.ळनˆ आिदद-ै

िवमोचन.णतु  े त।।

 िद  उषसो याम.ो- िववाˆ मिह िच मनीकम।् िवे जानि मिहना यदागा-

िद कम सकृु ता प


ु िण।।

ृ .मिु यायाँ-
 मिह ोित िनिहत ँ व णा-ामा प.रित िबती गौः। िवं ा संभत

यी.िमो अदधा.ोजनाय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 244


 इ  यामकोशाˆ अभवू - ाय िश गृणत े सिखः। मायवो रेवाˆ मासो- िनषिणो

िरपवो हासः।।

 िन.िपाम।् वृ े मधा.ि जा सह-


03.02.04 सोष.वेवम ै रिमै- जही.ेश

जिह र ो मघव.य।।

 उहृ  र .हमूल.िम- वृा मं ं णीिह। आ कीवत.लक.कथ- िषे तपिु षं

हेित.म।।

 .ा-मा े
 ये वािजिभ  णेत~-ँ यही िरषˆआसि पूवः। रायो वारो बृहत

अ ु भगˆ इ जावान।।

 आ नो भर भग.िम मु -ि ते दे धीमिह रेके। ऊवइव पथे कामो अ-े तमा पृण

ु  वसूनाम।।
वसपते
ु  िवा- इाय
 इम.ामं मया गोिभ र-ै वता राधसा पथ । यवो मितिभ ँ

वाह कुिशकासो अ।।

 आ नो गोा दिह गोपते गा- मं सनयो य ु वाजाः। िदव ाˆ अिस वृषभ सश
ु ो-

ं स ु मघव.ोिध गोदाः।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.31 शासििरित दािवंशृच सू, ऐषीरिथः कुिशक- इ-िपु ।।

03.02.05 शास.ि िहत ु न. ा-िा ऋत दीिधितं सपय।् िपता य

िहत.ु ेक.मृ-ं श ेन मनसा दध।े ।

 न जामये ताो िर.मार-ै कार गभ सिनत ु िनधानम।् यदी मातरो जनय वि-म कता

ु ृ तो रˆ ऋ।।
सक

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 245


 अि ज े जु ा3( आ) रेजमानो- मह.ु ा अष  य ।े महा.भ मा जात.मेषां- मही

वृ .य य ःै ।।

 अिभ ज ैी रसच ृधान-ं मिह ोित.मसो िन रजान।् तानत ु य.षु ास- पित
 ी दा

गवा.मभव.देकˆ इः।।

 वीळौ सती रिभ धीराˆ अतृ-ाचािह.नसा स िवाः। िवा.मिव.ा.मृत-

े ।।
जान .िा नमसािववश

 रमा  ण.मे- मिह पाथ पू स .ः~। अ.य.पु . राणा-


03.02.06 िवद.दी स

मा रवं थमा जानती गात।।
ु ृ ते गभ.मिः। ससान मय यवु िभ मख-थाभव. दिरा
 अग िवतम.खीय-सूदय.क

.ो अच।।
ु म।्  णो िदव पदवी ग ु रच-खा
ु भ-ू िवा वेद जिनमा ह ि श
 सतत ितमानं परो

ु .ि रवात।।
सखी रम

 िन गता मनसा से रक- कृ  वानासो अमृताय गातमु ।् इद.ि ु सदन ं भूयष ाँ- येन मासा

अिसषास.ृतने ।।

 संपयमानाˆ अमद.िभ ं- पय  रेतसो घानाः। िव रोदसी अतप.ोषˆ एषा-ात े

िन ा.मदध ु गष ु वीरान।।

03.02.07 स जातिे भ वृहा से ह ै- ियाˆ असृज. िदो अकः। उ. ै

घृतव.री- मध ु ा हे जेा गौः।।


ु ृ तो िव िह ।् िव¤. नने ा
 िप े िचु.दन ं सम-ै मिह िषीम.क

जिनी~- आसीनाˆ ऊ रभस ्


 ँ िव िम।।

 मही य
 िद िधषणा िशथे धा-ोवध
ृ  ँ िव1 (अं) रोदोः। िगरो यि.नवा.मीची-
ु ाः।।
िवाˆ इाय तिवषी रन

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 246


 े िनयतु ो यि पूवः। मिह ो.मवˆ आग सूरे- राकं 
 मा ते स ँ विम शी- रा वृ

स ु मघव.ोिध गोपाः।।

 मिह े  ं पु ँ िविवा-नािद.िख रथं समरै त।् इो नृिभ रजन.ीान-ाकं सूय

.मषु स.ात.ु मिम।।

03.02.08 अप.िदषे िवो3(ओ) दमूना-  सीची रसृज.ि ु ना


 ाः। म पना
ु िह.ुिभ धनु ीः।।
किविभ पिवै- िभ

 अन ु कृ  े वसिु धती~ िजहाते~- उभ~


 ~ े सूय मंहना यज~
े । पिर ये मिहमानँ वृजै-

सखायˆ इ कााˆ ऋिजाः।।

 पित.भव वृह.ूनतृ ाना-िराँ िवाय ु वृषभो वयोधाः। आ नो गिह सिे भ िशविे भ- महा

.हीिभ ितिभ.रय।।
ु जाम।् ुहो िव यािह बलाˆ अदेवी- नो
 तमिर.मसा सपय-.णोिम सस े परा

मघव.ातये धाः।।

 िमह पावका तता.अभूव-ि न िपपृिह पार.मासाम।् इ ं रिथर पािह नो िरषो-

ू   ू कृ णिु ह गोिजतो नः।।


म म

 अदेिद वृहा गोपित.गा ˆ-अ कृ ा अष ै धामिभ गात।्  सूनतृ ा िदशमानˆ ऋतने -

र. िवाˆ अवृणो दप ाः।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.32 इ सोमिमित सदशच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।

03.02.09 इ सोमं सोमपते िपबेम-ं मा.िनं सवन.ा ये। ा  िशे~
ु ा ह री~ इह मादय।।
मघव.ृजीिष-िम

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 247


ु ं - िपबा सोम रिरमा ते मदाय। क
 गवािशरं मिन.िम श  ृ ता मातने ा गणने - सजोषा ै

ृपदा वृष।।
ु  ये तिवषी.मवध-चˆ इ मत. ओजः। मािन े सवन े वह- िपबा
 ये ते शँ

 ेिभ गण िु श।।



ु .ििव -इ शध मतो य आस।् येिभ वृ.ेिषतो िवव-े दा ममणो
 त इ मधम

ममान मम।।
ु .िद सवन.षु ाण- िपबा स
 मन  ोम शत े वीयाय। स आ वव
ृ ु रपो
हय य -ै र यिभ

अणा िससिष।।

023.02.10 मपो य वृ.घा- अाइव ासृज.तवाजौ। शयान.िम चरता



वधने - विवांस ं पिर देवी रदेवम।।

 यजाम इमसा वृ.िमं- बृह.मृ.मजरँ यवु ानम।् य िय~


े ममत ु यि य- न रोदसी

मिहमानं ममाते~।।

 इ कम सकृु ता प


ु िण- तािन देवाˆ न िमनि िवे। दाधार य पृिथवी.ा.मतु म
े ा-जान

सूय.मषु सं सदु स


ं ाः।।

 अोघ स.व तिह-ं सो यातो अिपबो ह सोमम।् न ावˆ इ तवस. ओजो-

नाहा न मासा.शरदो वर।।

 ं सो अिपबो जातˆ इ- मदाय सोमं परम े ोम।् य ावापिृ थवी~ आिववश
े ी- रथाभव

पू काधायाः।।

03.02.11 अह.िह पिरशयान.मणˆ- ओजायमान.िवजात तान।् न ते मिह.मन ु भूदध

ौ-यदया ि या3(आ) ा.मवाः।।

 य ो िह त इ वधनो भू-त िय.तु सोमो िमयध


े ः। य ने  य .मव यि य.- .े व-

मिहह आवत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 248


ु ाय नस े ववृाम।् य. ोमेिभ वावृध े पूि भ- य
 य .े ने.मवसाचे अवा-ग ैनं स

ममिे भ त नूतनिे भः।।

 िववषे  या िधषणा जजान- वै परु ा पाया.िद.मः। अंहसो य पीपर.था नो- नाववे  या

.मभु ये हवे।।

 आपूण अ कलश.ाहा- सेेव कोशं िसिसचे िपब ै। सम ु ियाˆ आवव


ृ . दाय-

दि िण.दिभ सोमासˆ इम।।

 न ा गभीर पु त िस-ु नाय पिर षो वर। इा सिख इिषतो यिद.ा-.

ि.दजो ग.मूवम।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.33  पवतानािमित योदशच सू, गािथनो िवािम-तथु  षमी दशमीनां नदी

ऋिषका-नो देवताः-एना वय-मेतच- आ ते कारोिरित ितसृणां िवािमो देवता-इो अािनित



योिर-िु-बानु पु ।।
ु ती~ उपा-देइव~ िविषत~
03.02.12  पवताना.मश ु ~
े हासमाने~। गावेव श े मातरा

े - िवपा.त ु ी पयसा जवेत~


िरहाण~ े ।।

 इेिषते~ सव ं िभ माणे~- अा समु ं रवे याथः। समाराण~


े ऊिमिभ िपमाने~-
ु ~
अा वामा.मेित श े ।।

 अा िस ं ु मातत


ृ मा.मयासँ- िवपाश.मवु  सभु गा.मग। विमव मातरा संिरहाण~
े - समान ँ

योिन.मन ु सरी~।।

 ु िवो
 एना वय ं पयसा िपमानाˆ- अन ु योिन.ेवकृ त.रीः। न वतव े सव.गत- िकँ य

नो जोहवीित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 249


 रमं मे वचस े सोाय- ऋतावरी प मु त.मेवःै ।  िस.ु मा बहृ ती मनीषा-व ु रे

कुिशक सूनः।।

03.02.13 इो अा अरद.बा- रपाह.ृ ं पिरिध.दीनाम।् देवोनय.िवता

सपु ािण- वय ं सव े यामˆ उवः।।

 वां शधा वीय1(अ)-िद कम यदिहँ िववृत।् िव वेण पिरषदो जघाना-

या.पोयन.िममानाः।।
ु रा यगु ािन। उषे  ु कारो~ ित नो जषु - मा
 एत.चो जिरत मािप मृाˆ- आ ये घोषा.न
ु ा नम.े।।
नो िन क~ पष

 ओ~ ष ु सार कारवे णोत- ययौ वो रा.दनसा रथेन। िन षू नमं भवता सपा
ु राˆ-

अधोअ ा.िव. ोािभः।।

 चांिस- ययाथ रा.दनसा रथेन। िन ते नंस ैपीानवे  योषा- मयायवे


 आ ते कारो~ णवामा व

का शच ैते~।।

03.02.14 यद ा भरता.रेय-ु ग.ामˆ इिषतˆ ू ः।


इजत अषा.दह

सव.गतˆ- आ वो वृण े समु ितँ यि यानाम।।
ु ित.दीनाम।्  िप.िमषयी.रु ाधाˆ- आ
 अतािरष ु भरताˆ गव.-मभ िव.म

व णा पृणँ यात शीभम।।

ु त। माृतौ ेनसा-ौशून.मारताम।।
 उˆ ऊिम.शाˆ ह-ापो योािण म

 3.34 इः पूिभिरेकादशच सू, गािथनो िवािम- इ-िुप।।

03.02.15 इ पूिभ.दाितर.ासमक- िवद.स ु दयमानो िव शून।् जत


ू .ा वावध
ृ ानो-

े ।।
भूिरदाˆ आपृण. ोदसी उभ~

ृ ाय भूष।् इ ि तीना.मिस मानषु ीणाँ- िवशा


 मख ते तिवष  जूित-िमयिम वाच.ममत

.ैवीना.मतु पूवयावा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 250


 इो वृ.मवण ु ध. वने-ािव
ृ ो.धनीित-  माियना.मिमना.पणीितः। अह.ंस.मश

धनाˆअकृ ण. ााणाम।।

 इ.षाˆ जनय.हािन- िजगा.योिशि पृतनाˆ अिभिः। ारोचय.नव े के त.ु मा-मिव

.ोित बृहत े रणाय।।


ु ो बहणाˆ आ िववश
 इ.ज ु िण। अचेतय.ियˆ इमाˆ जिर-े ेम ँ
े - नृव.धानो नया प

वण.मितर. .मासाम।।

03.02.16 महो महािन पनय.-े कम सकृु ता प


ु िण। वृजनेन वृिजना.ं िपपषे -

मायािभ दू रिभभूोजाः।।

 यधु 
े ो मा विरव कार- देव
े  ित षिणाः। िववत. दन े अ तािन- िवाˆ

उ ेिभ कवयो गृणि।।

 ांस ं रप. देवीः। ससान य पृिथवी.ा.म.ु तेमा-िमं


 सासाहँ वरेयं सहोदां- ससव

मद.न ु धीरणासः।।

 ससानाा उत सूय ससा-ने.सान पु भोजस. ाम।् िहरयय.मतु भोगं ससान- ही दू

.ाय वण.मावत।।

 इˆ ओषधी रसनो दहािन- वनती रसनो.दिर म।् िबभदे  वल.नु दु े िववाचो-थाभव


ू ाम।।
.िमतािभतन

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.35 िता हरी इेकादशच सू, गािथनो िवािम- इ-िुप।।
ु माना- यािह वाय ु न िनयतु ो नो अ। िपबा.ो
03.02.17 िता हरी~ रथ आ य

अिभसृो अ-े इ ाहा रिरमा त े मदाय।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 251


 उपािजरा पु ताय सी~- हरी~ रथ धूा यनु ि। व.था संभत
ृ ँ िवत ि-पेम ँ य मा

वहातˆ इम।।

 उपो~ नय वृषणा तप ु -ोतेमव ँ वृषभ धावः। सेता.मा िव मच


ु हे शोणा- िदविे दव े

सशी रि धानाः।।


ु ा यनु ि- हरी~ सखाया सधमाद आश
 णा ते यज ु .िमािधित-
ू । िरं रथं सख
 ~

जान.िा उप यािह सोमम।।

 मा ते हरी~ वृषणा वीतपृा- िन रीरम.जमानासो अ।े अायािह शतो वय.े-रं

सतु िे भ कृ णवाम सोमैः।।

03.02.18 तवाय ं सोम..मे.वा-म ं समु नाˆ अ पािह। अि. े बिह.ा िनषा

-दिध.ेम.ठर इ.िम।।

 ीणे बिह.तु ˆ इ सोम- कृ ता धाना अव े ते हिराम।् तदोकसे पु शाकाय वृ-े
ु  ं राता हविष।।
मत े त
ु .म।् तागा समु नाˆ ऋ पािह-
ु .माप-िम गोिभ मधम
 इम.र पवता .

जान .िा.ा3(आ)ˆ अन ु ाः।।

 या आभजो मतˆ इ सोमे- ये ा.मवध.भव.ण.े। तेिभ रेत ं सजोषाˆ वावशानो3-

(ओ)े िपब िजया सोम.िम।।

 इ िपब धया िचतु -ा े वा पािह िजया यज। अय वा यत ं श हा-ोत ु वा

य ं हिवषो जष।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.36 इमामूिेकादशच सू, गािथनो िवािम- इो- दशा आिरसो घोर- इ-

िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 252


03.02.19 इमा.मू ष ु भृितं सातये धा-श.ितिभ यादमानः। सतु स
े तु े वावध
ृ  े वधनिे भ -

ु तु ो भूत।।
य कमिभ महि 

 इाय सोमा िदवो िवदानाˆ- ऋभ ु यिभ वृषपवा िवहायाः। यमाना.ितष ू गभ
ृ ा-ये िपब

ू  वृः।।
वृषधत

 िपबा वध तव घा सतु ासˆ-इ सोमास थमाˆ उतम


े ।े यथािपब पूा इ सोमा- एवा 

पािह पो अा नवीयान।।

 महा अमो वृजने िवर-1ु (उ)ं शव पते धृ.ोजः। नाह िवाच पृिथवी चन ैनँ-

योमासो हय.मम।।

ृ े वीयाय- समाचे वृषभ काेन। इो भगो वाजदाˆ अ गाव-  जाये
 महा उो वावध

दि णाˆ अ पूवः।।

03.02.20  यिव सव ँ यथाय-ाप.मु ं रवे ज मःु । अत ििद.दसो



वरीया-द सोम पृणित  धो अंशः।।

 समु ेण िसवो यादमानाˆ- इाय सोमं सषु तु  ं भरः। अंश.ु हि हिनो भिरै- म

पनि धारया पिवैः।।

 दाइव कु य ोमधाना-मी~ िवाच सवना प


ु िण। अा यिद थमा ाश-

वृ.घ
 ा अवण ्
ृ ीत सोमम।।

 आ तू भर मािक रेत.िरा-िा िह ा वसपु ितं वसूनाम।् इ ये मािहन. .म-

.य  यि ।।

 अ े  यि मघव.ृजीिष-ि रायो िववार भूरेः। अ े शत ं शरदो जीवसे धाˆ- अ े

वीरा.तˆ इ िशि।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 253



े ादशच सू, गािथनो िवािम- इो- गायी-अानु पु ।।
 3.37 वाहायेक

03.02.21 वाहाय शवस-े पृतना¤षााय च। इ ा वतयामिस।।

 अवाचीन स ु ते मनˆ-उत च  ु शततो~। इ कृ व ु वाघतः।।

 नामािन ते शततो~ िवािभ गिभ रीमहे। इािभमाितषा।े ।

 पु  ुत
  धामिभ-शतने  महयामिस। इ चषणीधत
ृ ः।।
ु त.मपु  वु ।े भरेष ु वाजसातये।।
 इँ वृाय हव-े प

03.02.22 वाजेष ु सासिह भव- ामीमहे शततो~। इ वृाय हव।े ।


ु षे  ु पृतनाे- पृतु षू  ु व ु च। इ साािभमाितष।।
  ु

 शिु म.ˆ ऊतये- िु नं पािह जागृिवम।् इ सोमं शततो~।।

 इियािण शततो~- या ते जनेष ु पस।ु इ तािन त आ वृण।े ।


ु .िध रम।् उे श
 अग.ि वो बृह- ु .िरामिस।।

 अवावतो नˆ आ ग-थो~ श परावतः। उ लोको ये अिवˆ- इेह ततˆ आ गिह।।

 3.38 अिभ तेविे त दशच सू, वैािमः जापित-िर-िपु -(वाः जापित वा

िवािमो वा)।।

 नीषा-मो न वाजी सधु रु ो िजहानः। अिभ ियािण


03.02.23 अिभ तेव दीधया म
ु धाः।।
ममृश. रािण- कवी िरािम सशे समे

 इनोत पृ जिनमा क


 वीनां- मनोधत ु ृ त. त ाम।् इमाˆ उ ते यो3(ओ) वधमानाˆ-
ृ .क

मनोवाताˆ अध न ु धमिण म।।
ु ा दधानाˆ- उत ाय रोदसी सम।् सं माािभ मिमरे येम ु व~- अ मही~
 िनषीिमद ग

े धायस े धः~।।
समृत~

ृ ो असरु  नामा-
 आित ं पिर िवे अभूष-ियो वसान रित रोिचः। मह.

िवपो अमत
ृ ािन तौ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 254


 असूत पूव वृषभो ाया-िनमाˆ अ शु ध.ि पूवः। िदवो नपाता िवदथ धीिभः-  ँ

राजाना िदवो दधाथे~।।


ु िण- पिर िवािन भूषथ.दांिस। अपय.म मनसा
03.02.24 ीिण राजाना िवदथे प

ु े शान।।
जगा-त े गवा अिप वायक

  धेनो- रा नामिभ मिमरे स.ोः। अद.दसयु 1(अँ) वसानाˆ- िन


 तिद. वृषभ

माियनो मिमरे प.मि।।

 तिद. सिवत ु निकम- िहरययी.ममितँ या.मिशते ।् आ स¤ु त े - अपीव


ु ी रोदसी िविम~
योषा जिनमािन वे।।

 यवु ं  साधथो महो य-ैवी ि पिरण.ातम।् गोपािज तषो


ु िवपा- िवे

पयि माियन कृ त
 ािन।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.39 इं मितिरित नवच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।

03.02.25 इं मित दˆ आ वमाना-ा पितं ोमता िजगाित। या जागृिव िवदथे

शमा-ने ये जायत े िवि त।।

 िदव.िदा पूा जायमाना- िव जागृिव िवदथे शमाना। भा वा.यजनु ा वसाना- सेय.म े

सनज
 ा िपा धीः।।

 यमा िचद यमस.ू रसतू - िजायाˆ अं पतदा ात।् वपूिं ष जाता िमथनु ा सचते ~
े - तमोहना

तपषु ो बु  एता।।

 निकरेषा.ििता मष-ु ये अाकं  िपतरो गोष ु योधाः। इˆ एषा.ंिहता मािहनावा-नो


ु ािण

ससृज े दंसनावान।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके ितीयाायः। (वगाः 1-26) Page 255


 सखा ह य सिखिभ नव वै- रिभा सिभगा अन ु म।् स.िदो दशिभ दश वै-ूय

िववेद तमिस ि यम।।

03.02.26 इो मध ु संभत


ृ .मिु यायां- प.िवदे शफव.मे गोः। गहु ा िहत.
ु .ू.म-ु

हे दधे दि ण े दि णावान।।

 ोित वृणीत तमसो िवजान-ारे ाम िरता.दभीके । इमाˆ िगर.ोमपा.ोमवृ- जषु .े

पु तम कारोः।।

 ोित य ाय रोदसीअन ु ¤ा-दारे ाम िरत भूरेः। भूिर िचि तज
ु तो म- सपा
ु रासो

वसवो बहणावत।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम
् ।। इित ितीयााय माः ।।
सित.नानाम।।

 तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31)

 3.40 इ ेित नवच सू, गािथनो िवािम- इो- गायी।।

03.03.01 इ ा वृषभ ँ वय-ं सतु े सोमे हवामहे। स पािह मो असः।।

 इ तिु वदं सतु -ं सोमं हय प


ु त ्
ु । िपबावृष तातिृ पम।।
 इ  णो िधतावान-ँ य ं िवेिभ दविे भः। ितर वान िवपते।।

 इ सोमा.तु ाˆ इम-े तव यि सते। य.ासˆ इवः।।

 रे सतु -ं सोम.िम वरेयम।् तव  ु ासˆ इवः।।


 दिधा जठ

03.03.02 िगवण पािह न.तु -ं मधो धारािभ रसे। इ ादात. िमशः।।
ु ािन विननˆ -इं सचे अि ता। पीी सोम वावध
 अिभ  ृ ।े ।

 अवावतो नˆ आ गिह- परावत. वृह।् इमाˆ जषु  नो िगरः।।

 यदरा परावत-मवावत. यसे। इेह ततˆआ गिह।।

 3.41 आ तू न इेित नवच सू, गािथनो िवािम- इो- गायी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 256


ु न.ोमपीतये। हिराँ यािवः।।
03.03.03 आ तू नˆ इ म- घवा

 सो होता नˆ ऋिय- ििरे बिह.रानषु क।् अय


ु .ात रयः।।

ु ळाशम।।
 इमा  वाह- िय आ बिह.ीद। वीिह शूर परो

 रारि सवनषे णˆ-ए ष ु ोमेष ु वृह।् उ.े ि िगवणः।।

 मतय.ोमपा.मु ं - िरहि शवस. ितम।् इँ व. मातरः।।

03.03.04 स मा सो- राधस े ता महे। न ोतार.िद े करः।।

 वय.िम ायवो- हिवो जरामहे। उत .मय ु वसो~।।


ु च
 मारे अ.ि मम ु ो- हिरियावाािह। इ धावो मेह।।

ु े रथे- वहता.िम के िशना। घृतू~ बिह रासदे।।


 अवाा सख

 3.42 उप न इित नवच सू, गािथनो िवािम- इो- गायी।।

03.03.05 उप न.तु .मागिह- सोम.िम गवािशरम।् हिराँ य.े अयःु ।।

 तिम मदमा गिह- बिह ा-ाविभ तु म।् कुिव. तृवः।।

 इ.िमा िगरो म-मााग ु िरिषताˆ इतः। आवत


ृ  े सोमपीतये।।

 इं सोम पीतये- ोमै िरह हवामहे। उिे भ कुिव.दागमत।।

 इ सोमा.तु ा ˆइम-े ता िध शततो~। जठरे वािजनीवसो~।।

03.03.06 िवा िह ा धनय-ँ वाजेष ु दधृ.षव।े अधा त े स


ु .मीमहे।।

 षृ िभ तु म।।
 इम.िम गवािशरँ- यवािशर. न िपब। आगा व
ु .े िद  ओ-े 3(ए) सोम.ोदािम पीतये। एष रार
 त  ु ते िद।।

 ां सतु  पीतये- .िम हवामहे। कुिशकासो अववः।।



 3.43 आ यावािङच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।

 ा.ङु प वरेु ा-वेदन ु िदव.ोमपये म।् िया सखाया िव मच


03.03.07 आ याव ु ोप बिह-

ा.िमम े हवाहो हवे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 257


 आ यािह पूव रित चषणीरा- अयˆ आिशषˆ उप नो हिराम।् इमाˆ िह ा मतय. ोमता-

इ हव े स.षु ाणाः।।

ृ  ं सजोषाˆ- इ देव हिरिभ यािह तूयम।् अहं िह ा मितिभ जहवीिम-
 आ नो य .मोवध

घृतया. धमादे मधूनाम।।
ु ा। धानाव.िद.वन.षु ाण-खा
 आ च ामेता वृषणा वहातो- हरी~ सखाया सधु रा

स ु णव.नािन।।

 कुिवा गोपा.रस े जन- कुिव.ाजान ं मघव.ृजीिष।् कुिव ऋिषं पिपवांस ं सतु -

कुिवे वो अमत


ृ  िश ाः।।
ु ानाˆ- अवा.िग सधमादो वह।ु  ये िता िदवˆ ऋ.ाता-
 आ ा बृहो हरयो यज
ु म
स ं ृ ासो वृषभ
  मूराः।।

ू  वृˆ - आ य.े येनˆ उशत े जभार। य मदे ावयिस  कृ ी- य मदे
 इ िपब वृषधत

अप गोा ववथ।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम ।।

 3.44 अय इित पच सू, गािथनो िवािम- इो- बृहती।।

03.03.08 अय े अ ु हयत-ोमˆ आ हिरिभ तु ः। जषु ाणˆ इ हिरिभ.नˆ आ ग-ा

ित हिरत ं रथम।।

 हय.षु स.मचय-ूय हय.रोचयः। िवा ििका.य वधस- इ िवाˆअिभ ियः।।

 ािमो हिरधायसं- पृिथव हिरवपसम।् अधारय.िरतो भूिर भोजन ँ -ययो र हिर.रत।।

 ज ानो हिरतो वृषा- िवमा भाित रोचनम।् हयो हिरत. आयध ्


ु -मावं बाो हिरम।।

 इो हय.मजनु -ँ वं श ृ म।् अपावण


ु ै रभीवत ृ ो.िरिभ रििभ.तु -मु ा ˆहिरिभ राजत।।

 3.45 आ मैिरित पच सू, गािथनो िवािम- इो- बृहती।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 258


03.03.09 आ म ै िर हिरिभ-यािह मयरू रोमिभः। मा ा के िचि यमि पािशनो-ित

धेव ता इिह।।

 ादो वलंज- परु ा.म अपा.मजः। ाता रथ हय रिभर -इो ा िचदाजः।।
 वृख

 गीरा उदधीिरव- त ं ु पिस


ु गाˆइव।  सगु ोपाˆ यवस.ेनवो यथा-

द.ाइवाशत।।
ु  रियं भ-रांश ं न ितजानत।े वृ ं पं फल.मीव धून-ु ही संपारण ँ वस।ु ।
 आ नजं

 य ु िर राळिस- िि यश.रः। सवावध ु त


ृ ान ˆओजसा प¤ ु - भवा न
ु वमः।।


ु  त इित पच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।
 3.46 य
ु  ते वृषभ राजˆ- उ यून. िवर घृःे । अजूयतो विणो
03.03.10 य

वीया3(आ)-णी तु  महतो महािन।।

 महा अिस मिहष वृिे भ- धन.ृ  सहमानो अान।् एको िव भवु न राजा- स

ˆयोधया च यया च जनान।।

  मााभी िरिरचे रोचमान-  देविे भ िवतो अतीतः।  मना िदव ˆइ पृिथा- ोरो

महो अिर ा.जीषी।।


ु 1ु (उ)ँ- िवचस.मवत ं मतीनाम।् इं सोमास िदिव सतु ास-
 उ.भीर.नषा

मु . वतˆआ िवशि।।

ृ .ाया। त े िहि तम ु ते मृज-यवो


 यं सोम.िम पृिथवीावा- गभ. माता िबभत

वृषभ पातवा उ।।



 3.47 माँ इेित पच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।
ु ध ं मदाय। आ िस जठरे मˆ
03.03.11 मा इ वृषभो रणाय- िपबा सोम.मन

ऊिम-ं राजािस िदव.तु ानाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 259


 सजोषाˆ इ सगणो मि-ोमं िपब वृहा शूर िवान।् जिह शू रप मृधो नदु -

ाथाभय.णिु ह िवतो नः।।

 उत ऋतिु भर ्ऋतपु ा पािह सोम-िम देविे भ.िखिभ तु .ः। या आभजो मतो ये ा-

ह.ृ.मदध ु 
ु .मोजः।।

 ये ािहहे मघव.वध-े शारे हिरवो ये गिवौ। ये ा नून.मनमु दि िवा- िपबे

सोमं सगणो मिः।।

ृ ान-मकवािर.ि ं शास.िमम।् िवासाह मवस े नूतना-यो ं सहोदा.िमह


 म ँ वृषभ ँ वावध

े ।।
तं वम

 3.48 सो ह जात इित पच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।
ु .दस.तु । साधो िपब ितकाम ँ
03.03.12 सो ह जातो वृषभ कनीन- भत.माव

यथा ते- रसािशर थम ं सो।।

 यायथा.दहर कामे-शो पीयषू .मिपबो िगिराम।् ते माता पिर योषा जिनी- मह

िपत ु दम आिस.दे।।

 उपाय मातर.म.मै- ित म.मपय.दिभ सोम.मूधः। यावय.चर.


ृ ो अा-हािन चे
पु धतीकः।।

 उ.रु ाषा.ळिभभूोजाˆ- यथावश.. एषः। ार.िमो जनषा


ु िभभय ु ा सोम
ू ा-म

.मिपब.मषू ।ु ।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.49 शंसा महािमित पच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।

03.03.13 शंसा म
 ह
 ा.िमँ यि.िाˆ-आ कृ  य.ोमपा काम.म।् यं
ु त.ु िषणे~ िवत-न ँ वृाणा.नय देवाः।।
स

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 260


 य. ु निक पृतनास ु राज-िता तरित नृतम ं हिराम।् इनतम. िभ.य ह शूष ै- पृथ
ु याˆ

अिमना.दाय ु दोः।।

 सहावा पृ ु तरिण नावा- ानशी रोदसी मेहनावान।् भगो न कारे हो मतीनां- िपतवे  चा

.हु वो वयोधाः।।


ु ान।् पाँ वा जिनता सूय- िवभा
 धता िदवो रजस.ृˆ ऊ- रथो न वाय ु वसिु भ िनय

भाग.िषणेव वाजम।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.50 इाहेित पंचच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु ।।
ु ो वृषभो मान।् ओचा पृणता
03.03.14 इ.ाहा िपबत ु य सोमˆ- आगा त

.मेिभ र ै -रा हिव.1(अ) काम.मृाः।।

ू जवसे यनु ि- ययो रन ु िदव िु .मावः। इह ा धेय ु हरय.िु श- िपबा 
 आ ते सपय~

1(अ) सषु तु  चारोः।।


ु र-िम.
 गोिभ िमिम .ु िधरे सपा ै ाय धायस े गृणानाः। मान ोमं पिपवा ऋजीिष-

मं पु धा गाˆ इषय।।


ु  िवाˆ- इाय
 इम.ामं मया  गोिभ र-ै वता राधसा पथ.। यवो मितिभ ँ

वाह कुिशकासो अ।।

े मघवान. िम-मि.रे नृतम ँ वाजसातौ। व.मु .मूतये सम-ु ँ वृािण


 शनु ं वम

सित.नानाम।।

 3.51 चषणीधृतिमित ादशच सू, गािथनो िवािम- इ-िुप-आािो जगः-

अािो गायः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 261


ु -1(अ)िम.िरो बृहत
ृ  ं मघवान.म
03.03.15 चषणीधत ृ ान ं पु त ं
 ी रनषू त। वावध

सवु िृ िभ- रम.रमाण.िविे दव।े ।

 शतत.ु मणव ं शािकन.र-िरो म इ.मपु  यि िवतः। वाजस


 िनं पूिभद.ूिण.मरु -

ामसाच. मिभषाचं िवदम।।

 आकर े वसो जिरता पनते-नेहस. भु ˆ इो वित। िववत.दन आ िह िपिय-े



सासाह मिभमाितहनं िह।।

 नृणाम ु ा नृतम.ीिभ  ै- रिभ  वीर.मचता सबाधः। सं सहस े पमा


ु यो िजहीते- नमो अ

िदवˆ एकˆ ईशे।।

 पूव र िनिधो मष-ु प


ु  वसूिन पृिथवी िबभित। इाय ावˆ ओषधी तापो- रियं

र ि जीरयो वनािन।।
ु  ािण िगरˆइ त
03.03.16 तं ु -ं सा दिधरे हिरवो जषु । बोा3( आ)िप रवसो

नूतन- सखे वसो~ जिरत


ृ ो वयो धाः।।

 इ मˆ इह पािह सोमँ- यथा शायात े अिपब.तु । तव णीती तव शूर शम-ा

िववासि कवय यु  ाः।।

 स वावशानˆ इह पािह सोमं- मि िर सिखिभ तु .ः। जात ँ या पिर देवाˆ अभूष-हे

भराय पत िवे।।

ू   मतˆ आिपरेषो-म ि.मन ु दाितवाराः। तेिभ.ाकं िपबत ु वृखाद- तु ं सोम


 अय

.ाशषु .े सधे।।

 इदं ोजसा- सतु ं राधानां पते। िपबा 1(अ) िगवणः।।

 ये अन ु धा.मस-तु े िन य तम।् स ा मम ु सोम।।


  ते अोत ु कुो- े णा िशरः।  बा~ शूर राधस।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 262



 3.52 धानाविमच सू, गािथनो िवािम- इ-िपु -आातो गायः-षी

जगती।।

03.03.17 धानाव.रिण-मपूपव.मिु नम।् इ ात जषु  नः।।

 परु ोळाशं पच-षु ेा गरु  च। त


ु  ं हािन िसते।।

ू िु रव योषणाम।।
 परु ोळाश. नो घसो- जोषयास े िगर. नः। वधय

 परु ोळाशं सनतु - ाताव े जषु  नः। इ तिु ह ते बृह।।

 मािन सवन धाना- परु ोळाश.िम कृ ेह चाम।्  योता जिरता तूयथ-

वृषायमाणˆ उप गीिभ रीे।।


ु त
03.03.18 तृतीये धाना.वन े प¤ ु ळाश.मात ं मामह नः। ऋभमु ँ
ु - परो
े धीितिभः।।
वाजव.ा कवे- यˆ उप िश म

 र-ं हिरवते हयाय धानाः। अपपू .मि सगणो मि- ोमं िपब वृह ा
 पूषवते ते चकृ मा क

शूर िवान।।
ु ळाशं वीरतमाय नृणाम।् िदविे दव े सशी िर त
 ित धानाˆ भरत तूय.म-ै परो ु -ँ वध ु ा

सोमपये ाय धृो~।।

 3.53 इापवतेित चतिु वशृच सू, गािथनो िवािम-इो देवता-आाया इापवतौ-

पदयािद योः ससपरी वाक-् तततसृणां रथाािन िुप-दशमी


् षोळयौ जगौ- ादशी

ािवंयोनु भ
ु ः-योदशी गायी-अादशी बृहती।।
03.03.19 इापवता बृहता रथेन- वामी िरषˆ आ वहतं सवु ीराः। वीत ं हा.रेष ु देवा-

वधथा.ीिभ िरळया मदा।।

 िता  स ु कं  मघव.ा परा गा-ोम न ु ा सषु तु  यि । िपत ु न पु .िचमा रभ े त -इ

ािदया िगरा शचीवः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 263


 शंसावाय~ ित मे गृणी-हीाय वाह कृ णवाव जु म।् एदं बिह यजमान सीदा-था च


भू िमाय शम।।
ु ाˆ हरयो वह।ु यदा कदा च सनु वाम सोम-मि.ा
 जाय.े दं मघव.े योिन-िद.ा य

तो धा.।।

  े अथम।् या र थ बृहत


 परा यािह मघव.ा च या-ही ात भया त  ो िनधानँ- िवमोचन ँ

वािजनो रासभ।।

03.03.20 अपा.ोम.म.िम  यािह- काणी जाया सरु ण.ृहे ते। या रथ बृहतो

िनधानँ- िवमोचन ँ वािजनो दि णावत।।

 इम े भोजाˆ अिरसो िवपाˆ-िदव ु ासो असरु  वीराः। िवािमाय ददतो मघािन -

सहसाव े  ितर आयःु ।।

ं प ं मघवा बोभवीित- माया कृ वान.1(अं)पिर ाम।् िय.िव पिर मु त.मागा-


 प

ै.म ै रनृतपु ाˆ ऋतावा।।

 महा ऋिष दवजाˆ देवजूतो-ा.ि.ु मणव.ृच ाः। िवािमो यदवह.दु ास-

मियायत कुिशकेिभ िरः।।

 हंसाइव कृ णथु  ोक.मििभ- मदो गीिभ ररे सतु े सचा। देविे भ िवाˆ ऋषयो नृच सो- िव

िपब.िशका.ो ं मध।ु ।

03.03.21 उप ेत कुिशका ेतय-मं राय े  म  दु ासः। राजा वृ.न.ागपा.गदु -
ु ता स

गथा य
 जाते वर आ पृिथाः।।

े -अह.िम.मतु वम।् िवािम र ित- ेदं भारत.नम।।


े रोदसी उभ~
 य ˆ इम~ ्

 िवािमाˆ अरासत- ेाय विणे। कर.िद. रु ाधसः।।

 िके कृ वि कीकटेष ु गावो- नािशर.े न तपि घमम।् आ नो भर मग वेदो -

न ैचाशाख ं मघव.या नः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 264


 ससपरी रमितं बाधमाना- बृह.िमाय जमदिदा। आ सूय िहता ततान- वो देव.े मत
ृ 

.मजयु म।।

0303.22 ससपरी रभर.ूय.मेो-िध व पाजास ु कृ िष।ु सा पा3(आ) न.माय ु

दधाना- यां मे पलिजमदयो दः।।

 िरौ गावौ भवताँ वीळु र ो- मेषा िव विह मा यगु ँ िव शािर। इ पात े ददतां शरीतो-

रिरनेम े अिभ न.च।।

 बल.ेिह तनषू  ु नो- बल.िमानळु ु नः। बल.ोकाय तनयाय जीवसे- ं िह बलदाˆ अिस।।

 अिभ य खिदर सार-मोजो धेिह न े िशंशपायाम।् अ  वीळो~ वीिळत वीळय- मा

यामा.दा.दव जीिहपो नः।।

 अय.मा.नित -मा च हा मा च रीिरषत।् ा गृह


े आ ्
 वसा -आ िवमोचनात।।

03.03.23 इोितिभ बलािभ न अ- याेािभ मघव.र िज। यो नो

े.धर.दी- यम ु ि.म ु ाणो जहात।ु ।

 परश.ु िि तपित- िशल.िि वृित। उखा िचिद येषी- या फे न.मित।।

 न सायक िचिकते जनासो- लोध.यि पश ु ममानाः। नावािजनँ वािजना हासयि- न

गदभ ं परु ो अा.यि।।

 भरत पु ाˆ-अपिप.ि चिकत ु न िपम।् िह.-मरण. िन-ावाजं


 इम इ

पिरणय.ाजौ।।

 3.54 इमं मह इित ािवंशृच सू, वैािमः जापित-िवेदवे ा-िुप-्

(सूभेदयोगप े देवताः मेण-अिः 1-िवेदवे ाः 2-ावापृिथवी 1-िवे1-सूयावापृिथः 1-

ावापृिथवी 2-ौः 1-िवेदवे ाः 1-सिवता 1-िवे 2-िवःु 1-इः 1-अिनौ 1-िवेदवे ाः 5-

अिः1-एवं 22।। उर सूे अिखला अिप िवेदवे ाः)।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 265


0303.24 इम ं महे िवद ु णोत ु नो देिभ रनीकै-
 ाय शूष-ं श.ृ ˆ ईाय  जः।

णो .ि िद ै रजः।।

 मिह महे िदव े अचा पिृ थ-ै कामो म इ.रित जान।् ययोह ोमे िवदथेष ु देवा- पयवो

मादय े सचायोः।।

 यवु ोर ् ऋत ं रोदसी स.म-ु महे ¤ष ु ण िु वताय  भूतम।् इद.िव े नमो अे पृिथ-ै

सपय ्
 ािम यसा यािम रम।।

 उतो~ िह वां पूा आिविव -ऋतावरी~ रोदसी सवाचः। नरिां सिमथ े शूरसातौ- वविरे

पृिथिव वेिवदानाः।।

 को अा वेद कˆ इह  वोच-ेवा अा पा3(आ)का समेित। द एषा.मवमा सदांिस- परेष ु
ु षे ु तषे ।ु ।
या ग

े मदी~। नाना चाते~


03.03.25 किव नृच ाˆ अिभ ¤षीमच- ऋत योना िवघृत~

सदन ँ यथा वे- मानने  तनु ा सँिवदान~


े ।।

 समाा िवयतु ~ े - वु े पद े तत ु जागके ~। उत सारा यवु ती~ भवी~- आ
े रेअ~

वु ाते~ िमथनु ािन नाम।।

 िवेदते ~
े जिनमा स ँ िविवो- महो देवा.िती~ न थते ~
े । एज.ुव ं पते िव.मेक-र

ु  ँ िव जातम।।
ति िवषण
ु ण.मेारा-ह िपत ु जिनत ु जािम तः। देवासो य पिनतारˆ एवै- रौ पिथ तु े
 सना परा
ु ः।।
त.र

 इम ं ोमं रोदसी  वी-ृदरा णव.ििजाः। िम ाजो वणो यवु ानˆ-

आिदास कवय पथानाः।।

03.03.26 िहरयपािण िवता सिु ज- िरा िदवो िवदथे पमानः। देवषे  ु च सिवत

ोक.मे- राद.मा सवु सवताितम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 266


ु ृ .पु ािण.वा ऋतावा- देव.ावस े तािन नो धात।् पूषवˆ ऋभवो मादय-
 सक

मूावाणो अर.मत।।

 िव.ु थाˆ मतˆ ऋिमो- िदवो मयाˆ ऋतजाताˆ अयासः। सरती णव.ि यासो- धाता

रि यं सहवीर.रु ासः।।


ु .मका- भगवे कािरणो यामिन म।् उ
 िव ं ु ोमास पद  म ककुहो य पूव- न

मधि यवु तयो जिनीः।।

े आ पौ रोदसी मिहा। परु 


 इो िववै य3 (ऐ) पमानˆ- उभ~  ा धृषु ण
 रो वृह े -

ृा न
 ˆ आ भरा भूिर पः।।

03.03.27 नासा मे िपतरा बपु 


ृ ा- सजा.मिनो ा नाम। यवु ं िह ो रियदौ नो

रयीणा-ा ं र थ
े ~
े अकव ै रदा।।

 मह. कवय.ा नाम- य देवाˆ भवथ िव इे। सख ऋभिु भ पत
ु ियिे भ- िरमा.ियं

सातये त ता नः।।

 अयमा णो अिदित यि यासो-दािन वण तािन। ययु ोत नो अनपािन गो-

जावा. पशमु ा अ ु गातः।।


 देवाना.त पु ध सूतो-नागा.ो वोचत ु सवताता। णोत ु न पृिथवी ौ ताप-ूय



न  ै व1(अ)िर म।।

 व ु नो वृषण पवतासो- वु म


े ासˆ इळया मदः। आिद ै न अिदित णोत-ु य ु

नो मत शम भम।।

 सदा सगु  िपतमु ा अ ु पा-मा देवाˆओषधी.ं िपप


ृ । भगो मे अे स े न मृाˆ-

उायो अयां सदन ं पु ोः।।

 द हा सिमषो िददी-1 (अ)ं िममीिह वांिस। िवा अे पृ ु ता जेिष शू-

नहा िवा समु नाˆ दीिदही नः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 267



ै ािमः जापित- िवेदवे ा-िपु ।।
 3.55 उषस इित ािवंशृच सू, व

03.03.28 उषस पूवाˆ अध यूष-ु मह.ि ज े अ रं पद े गोः। ता देवाना.मपु  न ु भषू -ह

.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 मो~¤ष ू णो अ जर देवाˆ- मा पूव अे िपतर पद ाः। परु ायो.नो के त ु र- मह

.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 िव मे पु ा पतयि कामा-शा दीे पूािण। सिम े अा वृत.िमदम


े - मह.ेवाना

.मसरु .मेकम।।

 समानो राजा िवभृत पु ा- शये शयास ु यतु ो वनान।ु अा वं भरित िे त माता- मह.

ेवाना.मसरु .मेकम।।

 आि .ूवा.पराˆ अनू-ो जातास ु तणी.ः। अवती.वु ते अवीता- मह.ेवाना.



मसरु .मेकम।।

03.03.29 शयु परा.दध न ु िमाता-बन.रित वˆ एकः। िम ता वण



तािन- मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 िमाता होता िवदथेष ु सा-ळ..रित िे त बु ः।  रयािन रयवाचो भरे- मह.ेवाना.



मसरु .मेकम।।
ु तो अम- तीचीन.शे िव.मायत।् अ.मित रित िनिध.ो-
 शूरवे  य

मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 िन वेविे त पिलतो तˆ आ- महाँ रित रोचनने । वपूिं ष िब.दिभ नो िव च-े मह.ेवाना

.मसरु .मेकम।।

 िव ु गपा परम ं पाित पाथ- िया धामा.मत


ृ ा दधानः। अि.ा िवा भवु नािन वेद-

मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 268


03.03.30 नाना चाते~ या3(आ) वपूिं ष- तयो र.ोचत े कृ .मत।् यावी च

यदषी च सारौ- मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

ू - सब घे~ धापयेत~


 माता च य िहता च धेन~ े समीची~। ऋत ते~ सदसीळे अ- मह.

ेवाना.मसरु .मेकम।।

 अाˆ वं िरहती िममाय- कया भवु ा िन दध े धेन ु धः। ऋत सा पयसािपतळ
े ा- मह

.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 पा वे पु पा वपू-ं ूा तौ िवं रेिरहाणा। ऋत स िव चरािम िवा-ह.ेवाना

.मसरु .मेकम।।

 पदइे व~ िनिहत~ ु .मािव रत।् सीचीना पा3(आ)सा िवषूची-


े द े अ~- यो र.

मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

03.03.31 आ धेनवो धनु या.मिशी-बघा.शशयाˆ अ धाः। नानाˆ यवु तयो

भवी- मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।

 यदास ु वृषभ
 ो रोरवीित- सो अि.ूथ े िन दधाित रेतः। स िह पावा. भग. राजा-

मह.ेवाना.मसरु .मेकम।।
ु ा पप
 वीर न ु .नास-  न ु वोचाम िव र देवाः। षोा य  ा वहि- मह.

ेवाना.मसरु .मेकम।।

 देव.ा सिवता िवप- पपु ोष जा पु धा जजान। इमा च िवा भवु ना.- मह.ेवाना

.मसरु .मेकम।।

े ते~ अ वसनु ा ृ।े वे वीरो िवमानो वसूिन- मह.


 मही~ समैर.ा समीची~- उभ~

ेवाना.मसरु .मेकम।।

 इमा. न पृिथव िवधायाˆ- उप िे त िहतिमो न राजा। परु द शमसदो न वीरा- मह.

ेवाना.मसरु .मेकम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके तृतीयाायः। (वगाः 1-31) Page 269


 िनिरी. ओषधी तापो- रिय. इ पृिथवी िबभित। सखाय े वामभाज.ाम- मह.
् ।। इित तृतीयााय माः ।।
ेवाना.मसरु .मेकम।।

तृतीयाके चतथाायः। (वगाः 1-25)

 3.56 न ता िमनीच सू, गािथनो िवािमो- िवेदवे ा- िुप-् (भेदप े िवभागः-

मेण – िवेदवे ाः-1 संवरािदाः िसवः-1 सिवता-1 िवेदवे ाः-2 एवमौ)।।

03.04.01 न ता िमनि माियनो न धीराˆ- ता देवानां थमा वु ािण। न रोदसी अुहा

वेािभ- न पवताˆ िननमे तिवांसः।।

 षारा एको अचर.िभ-ृत ँ विष.मपु  गावˆ आगःु । ितो मही परा  ु राˆ- गहा

े~ िनिहत े ~दयका।।

 जावान।् नीक पते मािहनावा- रेतोधा


 िपाजो वृषभो िवपˆ- उत धु ा पु ध

ˆवृषभ शतीनाम।।

 अभीक आसां पदवी रबो-ािदाना.मे चा नाम। आप िदा अरम देवी-

पृथ जी पिरषी.मवृ।।

 ी षधा िसव ि कवीना-मतु िमाता िवदथेष ु साट ्। ऋतावरी यषणा.िो अा-

िरा िदवो िवदथे पमानाः।।

 िरा िदव.िवत वायािण- िदविे दव आ सवु  ि.न अः। िधात ु राय ˆआ सवु ा वसूिन- भग ात

िधषणे सातये धाः।।


ु णी~। आप.िद रोदसी िचव~ -रं
 िरा िदव.िवता सोषवीित- राजाना िमावणा सपा

िभ  सिवत ु वाय।।

 िमा णशा रोचनािन- यो राज.सरु  वीराः। ऋतावान ˆइिषरा ळभास-िरा िदवो

िवदथे स ु देवाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 270


् दप े
 3.57  मे िविवािनित षडृच सू, गािथनो िवािमो- िवेदवे ा- िपु -(भे

िवेदवे ाः-4 अिः-2 एवं षट ्)।।


ु  यतु ा.मगोपाम।् स.िा हे भूिर
03.04.02  मे िविवा अिवद.नीषा-ेन.र

धास-े िर.दि पिनतारो अाः।।

 इ. ु पूषा वृषणा सहु ा- िदवो न ीता शशय.े। िवे यदां रणय देवा-  वो

ु .मयाम।।
वसव.

 या जामयो वृ इि शि-मी जानते गभ.मि।् अा पु .ेनवो वावशानाˆ-

मह रि िबत ँ वपूिं ष।।

 अा ि ववि रोदसी समु क ु ानो अरे मनीषा। इमाˆ उ ते मनव े भूिरवारा ˆ-ऊा
े े ~- ाो यज

ˆभवि दशता यजाः।।


ु ती समे
 या ते िजा मधम ु धाˆ- अे देव.े षूत उची। तयेह िवा अवस े यजा-नासादय

पायया चा मधूिन।।

 या ते अे पवतेव धारा-सी पीपय.ेव िचा। तामं मित.ातवेदो- वसो~ रा

समु ितँ िवजाम।।

 3.58 धेनःु ेित नवच सू, गािथनो िवािमोिनौ- िपु ।।

03.04.03 धेनु  का.हाना- पु रित दि णायाः। आ ोतिनँ वहित


ु या-मोषस. ोमो अिना वजीगः~।।
श

 सयु .ु वहि ित वामृत-े नोा भवि िपतरेव मेधाः। जरेथा.म.ि पण े मनीषाँ- यवु ो रव

 ा यात.मवाक।् ।
कृ म

 सयु िु  र.ै वु त


ृ ा रथेन- दा िवम ं णतु  ं ोक.मेः। िकम. वां वित.िमा- िवासो
ु जाः।।
अिना परा

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके चतथु ाायः। (वगाः 1-25) Page 271
े ा.मागत. ि.दवे -ै िवे जनासो अिना हवे। इमा िह वा.ोऋजीका मधूिन- 
 आ मथ

िमासो न द ो अे।।


ु िचदिना रजां-ाूषो वां मघवाना जनेष।ु एह यात ं पिथिभ दवयान-ै दा िवम े वा
 ितर प

िधयो मधूनाम।।

03.04.04 परु ाण.मोक. ं िशव ँ वाँ- यवु ो नरा िवण.ााम।् पनु  कृ वाना.ा

िशवािन -मा मदेम सह नू समानाः।।

 अिना वायनु ा यवु ं सदु ा- िनयिु  सजोषसा यवु ाना। नासा ितरोअ.षु ाणा- सोमं िपबत
ु ।।
.मिधा सदानू
ु ची- रीय ु गिभ यतमानाˆ अमृाः। रथो ह वामृतजाˆ अिजत
 अिना पिर वािमष प ू - पिर

ावापिृ थवीˆ याित सः।।

 अिना मधषु 
ु मो यवु ाकु-ोम.ं पात .मागत.रोण।े रथो ह वां भूिर वप किर-तु ावतो

िनृत.मागिमः।।

 3.59िमो जनािनित नवच सू, गािथनो िवािमो- िम-िपु -अातो

गायः।।
ु णो- िमो दाधार पृिथवी.मतु ाम।् िम कृ ी
03.04.05 िमो जना.ातयित वा

रिनिमषािभ च-े िमाय ह.ृतव.होत।।

  स िम मत अ ु या- आिद िश ित तने । न हते न जीयते ोतो- न ैन.मंहो

अो.ितो न रात।।

 अनमीवासˆ इळया मदो- िमत वो विरम.ापृिथाः। आिद त.मपु ि यो- वय ं

िम समु तौ ाम।।


ु वे ो- राजा स ु ो अजिन वेधाः। त वय ं समु तौ यि य-ािप भे
 अय ं िमो नम. श

सौमनस े ाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 272


ु वे ः। ता एत.तमाय जु -मौ
 महा आिदो नम.सोपसो- यातयनो गृणत े सश

िमाय हिवरा जहु ोत।।

03.04.06 िम चषणीध ृ ो-वो देव सानिस। 


 त ्
ु .िवमम।।

 अिभ यो मिहना िदवं- िमो बभवू  सथाः। अिभ वोिभ पृिथवीम।।

 िमाय प येिमरे- जनाˆ अिभिशवसे। स देवा.िा.िभित।।

 िमो देव.े ायषु -ु जनाय वृबिहष।े इषˆ इताˆ अकः~।।

 3.60 इहेह व इित सच सू, गािथनो िवािम- ऋभवः-अानां ितसृणािम- ऋभवो-

जगती।।

03.04.07 इहहे  वो मनसा बतु ा नरˆ- उिशजो ज म ु रिभ तािन वेदसा। यािभ मायािभ

ितजिू तवपस-ौधनाˆ यि यं भाग.मानश।।

 यािभ.शचीिभ मसा अिपशत- यया िधया गामिरणीत चमणः। येन हरी~ मनसा िनरत त-

तेन देव.मृभव.मानश।।

 इ स.मृभव.मानश-ु मनो नपातो अपसो दधिरे। सौधनासो अमृत


 .मेिररे- िवी
ु ृ त क
शमीिभ.क ु ृ या।।

 इेण याथ सरथं सतु े सचा- अथो~ वशानां भवथा स ु ृत


 ह िया। न व ितम ै सक  ािन वाघत-

ौधनाˆ ऋभवो वीयािण च।।

 इ ऋभिु भ वाजवि.मिु तं- सतु ं सोम.मावृषा ग


 भोः। िधयिे षतो मघव.ाशषु ो गृह-े

सौधनिे भ.ह मा न


 िृ भः।।

 इ ऋभमु ा.ाजवा.ेह नो-ि.वन े शा प


ु ुत। इमािन त
ु  ं सरािण येिमरे -

ता देवानां मनषु . धमिभः।।

 इ ऋभिु भ वािजिभ वाजय.िह- ोम.िरत ु प यािह यि यम।् शत.े तिे भ िरिषरेिभ रायवे-

सहणीथो अर होमिन।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके चतथु ाायः। (वगाः 1-25) Page 273

 3.61 उषो वाजेन ेित सच सू, गािथनो िवािम- उषा-िपु ।।

03.04.08 उषो वाजेन वािजिन चेता- ोम.षु  गृणतो मघोिन। परु ाणी देिव यवु ित

परु ि- रन ु त.रिस िववारे।।

 उषो देमा िव भािह- चरथा सूनतृ ाˆ ईरयी। आ ा वह ु सयु मासो अाˆ- िहरयवणा

पृथपु ाजसो ये।।

 उष तीची भवु नािन िव-ोा ित.मत


ृ  के तःु । समान.मथ.रणीयमाना- चिमव

न.ा वव
ृ ।।

 अव ूमवे िचती मघो-षु ाˆ याित सर पी। 1(अ)जनी सभु गा सदु स
ं ाˆ- आा

िव पथ आ पृिथाः।।

 अा वो देवी.मषु सँ िवभात-  वो भर.मसा सवृु िम।् ऊ.मधधु ा िदिव पाजो अे-

 ा चे रवसक।् ।
रोचन

 ऋतावरी िदवो अक रबो-ा रेवती रोदसी िच.मात।् आयती.म उषसँ िवभात- वाम.मेिष

िवण ं िभ माणः।।

 ऋत बु उषसा.िमषय-ृषा मही~ रोदसी आ िववश


े । मही िम वण माया- चेव

भान ँ ु िव दध े पु ा।।

 3.62 इमा उ वािमादशच सू, गािथनो िवािमः-(अतृच जमदिवा)



आितसृणािमावणौ-चतािद ितसृणां बृहितः-इय इािद ितसृणां पूषा-तिवतिु रािद

ितसृणां सिवता-सोम इािद ितसृणां सोम-आ न इािद ितसृणां िमावणौ देवताः-आा

ििभ
ु ः-िशाः पदश गायः।।
ु ाˆ अभूव।् 1(अ)िदावणा
03.04.09 इमाˆ उ वां भृमयो ममानाˆ- यवु ावत े न त

यशो वाँ- येन ा ि सनं भरथ. िखः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 274


 अयम ु वां पु तमो रयीय-म.मवस े जोहवीित। सजोषा िवावणा मि- िदवा पृिथा

णतु  ं हवं मे।।


ु ा-द े रिय मत ववीरः। अा.ी शरण ै रव-ा
 अ े तिदावणा वस

.ोा भारती दि णािभः।।

 ते जषु  नो- हािन िवदे। रा रािन दाशषु ।े ।


 बृह
ु .मक बृहित-मरेष ु नमत। अना.ोजˆ आ चके।।
 शिच

 .षणीनाँ- िवप. मदाम।् बृहितँ वरेयम।।


03.04.10 वृषभ ्

ु  शते।।
 इय.े पूष.ाघृण-े सु िु त दव नसी। अािभ ं

 ता.षु  िगरं मम- वाजयी.मवा िधयम।् वधय ्


ू िु रव योषणाम।।

 यो िवािभ िवपयित- भवु ना स. पयित। स न पूषािवता भवु त।।

 तिवत ु वरेयं- भग देव धीमिह। िधयो यो न चोदयात।।

03.04.11 देव सिवत ु वय-ँ वाजय


  परु ा। भग राित.मीमहे।।

 देव.र.िवतारँ- िवाˆ य ै.वु िृ िभः। नमि िधयिे षताः।।

 म।् ऋत योिन.मासदम।।


 सोमो िजगाित गातिु व-ेवाना.मेित िनृत ्


ु दे च पशवे। अनमीवाˆ इष.रत।।
 सोमो अ.िपदे- चत

 अाक.माय ु वधय-िभमाती.हमानः। सोम ध.मासदत।।

 आ नो िमावणा- घृत ै गूित.म ु तम।् मा रजांिस सतू


ु ~।।

ृ ा- मा द  राजथः। ािघािभ शिु चता।।


ं ा नमोवध
 उशस

 गृणाना जमदिना- योना वृत सीदतम।् पात ं सोम.मृतावध ्


ृ ा।।  इित तृतीयं मडलम।।

िवेराय नमः .....

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके चतथु ाायः। (वगाः 1-25) Page 275
 चतथु मडलम।्

 4.01 ां  इित िवंशृच सू, गौतमो वामदेवोि-ितीयािद चतसृणामिवणौ-



िपु -आािः मेणाितजगतीधृतयः।।

03.04.12 ां  े सदिम.मवो- देवासो देव.मरित.ेिरर -इित ा.ेिररे। अम 



यजत म.ा- देव.मादेव.नत चेतसँ- िव.मादेव.नत चेतसम।।

 स ातरँ वण.म आ वव  मु ती य वनस.ेँ य वनसम।् ऋतावान.


ृ - देवा अा स

ृ -ं राजान.षणीधत
मािद.षणीधत ्
ृ म।।

 सखे सखाय.मा वव-ृ ाश.ु  चं रेव रंा-. रंा। अे मृळीकँ वण े सचा

िवदो- म ु िवभानषु ।ु तोकाय तज


ु े श श
ु चान
ु श-. शिध।।
ु ानो- िवा
 ो अे वण िवा-ेव हेळोव यािससीाः। यिजो वितम.शोशच

ु .ु त।।
ेषांिस  मम

 स .ो अेवमो भवोती- नेिदो अाˆ उषसो ु ौ। अव य नो वण ं रराणो- वीिह

मृळीकं सहु वो नˆ एिध।।

03.04.13 अ ेा सभु ग स- देव िचतमा मष।ु शिु च घृत. त.माया-

ाहा देव मंहनेव धेनोः।।

 िर ता परमा सि सा- ाहा देव जिनमा.ःे । अन


 े अ पिरवीतˆ आगा-
ु ो अय रोचानः।।
िच .श

 स तो िवे.दिभ वि सा -होता िहरयरथो रंसिु जः। रोिहदो वप
ु ो िवभावा- सदा रव

िपतमु तीव संसत।।

 स चेतय.नषु ो य बु -  तं मा रशन े  यास ु साध-ेवो मत


 या नयि। स 

सधिन.माप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 276


 स तू नो अि नयत ु जान-ा र.ेवभँ यद। िधया यिे अमत
ृ ाˆ अकृ  व-ौिता

जिनता स.म ु ।।

03.04.14 स जायत थम पास-ु महो बु े रजसो अ योनौ। अपा.दशीषा गहु मानो

अा-योयवु ानो वृषभ नीळे।।

  शधˆ आत थम ँ िवप   नीळे। ाह यवु ा वप


 ा- ऋत योना वृषभ ु ो िवभावा- स

ियासोजनय वृ।े ।
ु ाˆ अिभ  सेर ् ऋत.माशषा
 अाक.म िपतरो मन ु णाः। अमजा.ु घाˆ व े अ-

ा ˆआज.षु सो वानाः।।

 ते ममजत
ृ दवांसो अि-देषाम े अिभतो िव वोच।् पयासो अिभ कार.मच-िद

ोित कृ प  धीिभः।।


ु -ाˆ येमान ं पिरषमिम।् .रो वचसा दैने - ज.ोम
 ते गता मनसा .म

.मिु शजो िव वः~।।


03.04.15 ते मत थम.ाम धेनो- ि. मातु परमािण िव।् तानती रनषू त

ाˆ- आिव भवु .दणी यशसा गोः।।

 नेश.मो िधत ं रोचत ौ-ेाˆ उषसो भान ु रत। आ सूय बृहत.ि.दा- ऋज ु मतष ु

वृिजना च पय।।

 आिद.ा बबु धु ानाˆ -ािद..ारय भु म।् िवे िवास ु यास ु देवाˆ-िम िधय े

वण स.म।ु ।

 अा व
 ोचेय शश ु ान.मिं- होतारँ िवभरसँ यिजम।् श
ु च ु ध
ू ो अतृण
 गवा-मो न पूत ं

पिरिष.मंशोः।।

 िवेषा.मिदित यि यानाँ- िवेषा.मितिथ मानषु ाणाम।् अि दवाना.मव आवृणान- म
ु ळ
ृ ीको

भवत ु जातवेदाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  चतथु मडलम।् Page 277



 4.02 यो मिित िवंशृच सू, गौतमो वामदेवोि- िपु ।।
ु ै- ह ै
ृ ˆ ऋतावा देवो देव-े रित िनधािय। होता यिजो मा शच
03.04.16 यो म.मत

रि मनषु ˆ ईरयै।।

 इह ं सूनो~ सहसो नो अ- जातो जाता उभया अ र।े तˆ ईयसे ययु ज
ु ानˆ ऋ ˆ-

ऋजमु 
ु ा.ृषण.श
ु ाँ.।।

ु ानो-
ू रोिहता घृतू~- ऋत मे मनसा जिवा। अ रीयसे अषा यज
 अा वृध~

ु ाँ देवा.िशˆ आ च मतान।।
य

ू मतो अि.नोत। ो अे सरु थ रु ाधा- ए वह


 अयमणँ वण ं िम.मेषा-िमािव~

सहु िवषे जनाय।।

 गोमा अे िवमा अी य ो- नृव.खा सदिम.दमृः। इळावा एषो असरु जावा.ीघ

रिय पृथबु ु .भावान।।

03.04.17 य इ.भर. ¤ििदानो- मूधानँ वा ततपत े ाया। भवु . तवा

पाय ु र-े िवा.ी.मघायतˆ उ।।

 ये भरा.दियते िचद-ििशष..मितिथ.मदु ीरत।् आ देवय ु िरनधत े रोण-े ति.िय



वु ो अ ु दाान।।

 वत े हिवान।् अो न े दम आ हेावा-


ं ा-िय ँ वा ा कृ ण
 या दोषा यˆ उषिस शस

मंहस पीपरो दाांसम।।
ु .मे अमत
 य ु ।् न स राया शशमानो िव योष- ैन.मंह पिर
 वत े यतक
ृ ाय दाश-वु .े कृ ण

वर.दघायोः।।
ु त ं रराणः। ीत.े दस. ोा सा यिव-ासाम य
ु षो- देवो मत सिध
 य म े अर.जो

िवधतो वृधासः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 278


03.04.18 िचि.मिचि.िनव.ि िवा-ृवे  वीता वृिजना च मतान।् राय े च न पाय

देव- िदित राािदित मु ।।

 किवं शशासु कवयोदाˆ- िनधारयो याायोः। अत.या अ एता-ि पये

रत
ु ा अयˆ एवैः।।
 म े वाघते सु णीित-तु सोमाय िवधत े यिव। रं भर शशमानाय घृ-े पृथ ु .मवस े

चषिणाः।।

 िू भः। रथ. ो अपसा भिु रजो-र ् ऋत ँ येम ु


 अधा ह यय.म े ाया- पि हेिभ कृ मा तन
ु ˆ आशषु ाणाः।।


 अधा मात ु षस. िवाˆ- जायेमिह थमाˆ वेधसो नॄन।् िदव.ु ाˆ अिरसो भवे-मािं 
ु ः।।
जेम धिननं शच

 .माशषु ाणाः। शच
03.04.19 अधा  यथा न िपतर परास- ासो अ ऋत ु ीदय.ीिधित

ु शासः- ामा ि भो अणी रप ।।
म
ु माण.ु चो देवयो-यो न देवाˆ जिनमा  धमः। शच
 सक ु ो अिँ ववध
ृ ˆ इ-मूव.ं

पिरषदो अ म।।

 आ यूथवे  मु ित पो अ-ेवानाँ यिनमा.ु । मताना.िवशी रकृ -ृध े िचदय

ˆउपरायोः।।

 अकम ते पसो अभूम- ऋत.मव.षु सो िवभातीः। अनून.मिं पु धा स
ु 
 -ेव ममृजत

ा च ःु ।।

 थािन वेधो-वोचाम कवये ता जषु । उोच कृ णिु ह वसो नो- महो राय
 एता ते अ उच

पु वार  यि।।

 4.03आ वो राजानिमित षोडशच सू, गौतमो वामदेव- आाया ो-



ितीयादीनामि- िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  चतथु मडलम।् Page 279


03.04.20 आ वो राजान.मर ं- होतारं सयजं रोदोः। अिं परु ा तनियो

ु म।।
रिचा- िरयप.मवस े कृ ण

 अय ँ योिन.कृ मा य ँ वय.े- जायवे  प उशती सवु ासाः। अवाचीन पिरवीतो िन षी-देमाˆ उ ते

पाक तीचीः।।
ु ळीकाय वेधः। देवाय शि.ममत
 आ वत े अिपताय म- नृच स े समृ ृ ाय शंस- ावेव सोता

मधषु .मी
ु ळे।।

 .ि. शाˆ अे अाˆ-ऋत बोृतिच.ाधीः। कदा त उा सधमाािन- कदा

भवि सा गृहे ते।।

 कथा ह तणाय म-े कथा िदव े गहसे कˆ आगः। कथा िमाय मीषे पृिथ-ै व

कदय े कगाय।।

03.04.21 किास ु वृधसानो अ-े काताय तवसे शभु य


ँ ।े पिरने नासाय -े व

कद े ाय नृ।े ।

 कथा महे पिु ंभराय पू-े कुाय समु खाय हिवद। किव उगायाय रेतो- व कद े शरव े

बृह ै।।

 े पृमानः। ित वोिदतये तरु ाय -साधा ि दवो


 कथा शधाय मता.मृताय- कथा सूरे बृहत

जातवेद ििकान।।
ु ..म।े कृ ा सती शता धािस.नषै ा-
 ऋतने  ऋत.ियत.मीळ आ गो -रामा सचा मधम

  पयसा पीपाय।।
जामयण

 ऋतने  िह ा व ु  अि पयसा पृने । अमानो अचर.योधाˆ- वृषा


 षृ भ िद- पमा
ु .हे पृि धः।।
श

03.04.22 ऋतने ािँ स.िद-मिरसो नव गोिभः। शनु .र पिरषद.षु ास-मािव

 रभव.ात े अौ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 280


 ऋतने  देवी रमत ु ि रे। वाजी न सगष ु भु ान-  सदिम
ृ ाˆअमृाˆ-अणिभ रापो मधम

.िवतवे दधः।।

 मा क य ं सद.िमरु ो गाˆ- मा वेश िमनतो मापेः। मा ात ु रे अनृजोर ् ऋण ँ वे- मा

स ु द  ं िरपो भज


ु म
े ।।

 र ा ण
 ो अे तव र णभ ु ख ीणानः। ित ुर िव ज वीहं ो- जिह र ो मिह
े ी -रार ाण.म

िचावध ्
ृ ानम।।

 एिभ भव समु नाˆ अे अक- िरमा.ृश मिभ शूर वाजान।् उत ा.यिरो जष
ु - स.े

शि दववाता जरेत।।


ु  ँ वेधो- नीथा. े िनया वचांिस। िनवचना कवये काा-शंिसषं मितिभ
 एता िवा िवषे त

िवˆ उ ैः।।



ु िे त पदशच सू, गौतमो वामदेवो- र ोहाि-िपु ।।
 4.04 कृ ण
ु पाज िसित. पृ- यािह राजेवामवा इभेन। तृी.मन ु िसित
03.04.23 कृ ण

.ूणानो-ािस िव र स.िपःै ।।

 तव मासˆ आशयु ा पत-न ु ृश धृषता शोशच


ु ानः। तपू.ं े जु ा पता-नसितो िव सृज

ु ाः।।
िवग

 ित शो िव सृज तूिणतमो- भवा पाय ु िवशो अा ˆअदः। यो नो रे अघशंसो यो अ-े

मािक े िथरा दधषत।।
ु - 1(अ)िमा ओषता.ि महेत।े यो नो अराितं सिमधान चे -नीचा
 उद े ित ा तन

ु म।।
त .तस. श
ु  दैा.े। अव िरा तनिह
 ऊ भव ित िवा.-दािव.ृ ण ु यातज
ु नू ा-ािम.मजािमं

 मृणीिह शून।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  चतथु मडलम।् Page 281


03.04.24 स ते जानाित समु ितँ यिव- यˆ ईवत े ण े गात.ु मैरत।् िवा. ै सिु दनािन

ु ा.य िव रो अिभ ौत।।
रायो- 

 े अ ु सभु ग.दु ान-ु या िनेन हिवषा यˆ उ ैः। िपीषित  आयिु ष रोण-े
 सेद

िवे.द ै सिु दना सासिदिः।।

 अचािम ते समु ित.ोवा-े वावाता जरता.िमयीः। ाा सरु था मजये-मा े ािण

धारये रन ु ून।।

 इह ा भूया चरे प-ोषाव दिदवांस.मन ु ून।् ीळ.ा समु नस.पे-मािभ.
ु ा

तिवांसो जनानाम।।

 या .िु हरयो अ- उपयाित वसमु ता रथेन। त ाता भविस त सखा- य

आित.मानषु . जजो ्
ु षत।।

03.04.25 महो जािम बतु ा वचोिभ- ा िपत ु गतमा.दियाय। .ो अ वचस
ु ~ दमूनाः।।
.ििकि- होत यिव सतो
ु वे ाˆ- अतासोवृका ˆअिमाः। ते पायव. ो िनष-ाे तव न
 अज.रणय.श

पामूर।।

 ये पायवो मामतेये अे- पयो अ.िरता.दर ।् रर  ताक


ु ृ तो िववेदा- िदˆ

इिपवो नाह देभःु ।।

 या वय ं सध1 (अ)ोता-व णी.याम वाजान।् उभा शंसा सूदय सताते-नु ुया

कृ ण.ु याण।।

 अया ते अे सिमधा िवधेम- ित ोमं शमान.ृभाय। दहाशसो र स पा1 (अ)ा-ुहो
् ।। इित चतथु ाय माः ।।
िनदो िममहो अवात।।

तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।।



 4.05 वैानरायेित पदशच सू, गौतमो वामदेवो- वैानरोि-िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 282


03.05.01 वैानराय मीषे सजोषा- कथा दाश.े माये बृहाः। अनूनने बृहता व थे-नोप

भाय.पिम. रोधः।।

 मा िनत यˆ इमां मं राित-ेवो ददौ माय धावान।् पाकाय गृो अमत
ृ ो िवचेता ˆ-

वैानरो नृतमो यो अिः।।

 साम िबहा मिह ित मभृि- हरेताˆ वृषभ ु ान।् पद. गोरपग
 .िव ू ँ िविवा-नि मं

े वोच.नीषाम।।

  ता अि बभस.ि मज-िपने शोिचषा य.रु ाधाः।  ये िमनि वण धाम- िया

िम चेततो वु ािण।।

 अातरो न योषणो - पितिरपो न जनयो रेवाः। पापास.ो अनृताˆ अस


 ाˆ-इदं पद

.मजनता गभीरम।।

03.05.02 इदं मे अे िकयत े पाव-कािमनते गु ं भार. म। बृह.धाथ धृषता गभीरँ- यं

पृं यसा सधात।।

 तिमे3(ए)व समना समान-मिभ ा पनु ती धीित रयाः। सस चम.िध चा पृ-े रे प

आिपत.बा।।
ु िहत.मपु  िनिण. वदि। यियाणा.मप वािरव -ाित िय ं
 वाँ वचस िकं मे अ- गहा

पो अं पद ँ वेः~।।

 इदम ु िह महा.मनीकँ- यिया सचत पू.ौः। ऋत पद े अिध दीान-हु ारघ
ु .घयु

.िवदे ।।
ु .ा पृःे । मात.ु द े परम े अि षो-वृ.शोिचष
 अध तु ान िपो  चासा-मनतु ग

यत िजा।।

03.05.03 ऋत ं वोच े नमसा पृमान-वाशसा जातवेदो यदीदम।् म यिस य

िव- ििव य िवण ँ यृिथाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 283


 िक.ो अ िवण. रँ- िव नो वोचो जातवेद ििकान।् गहा
ु न परम ँ यो अ- रेकु

पद. िनदानाˆ अग।।

 का मयादा वयनु ा क वाम-मा गमेम रघवो न वाजम।् कदा नो देवी रमत
ृ  पी- ूरो

वणन ततन.षु ासः।।


ु तृपासः। अधा  ते अ े िकिमहा व
 अिनरेण वचसा फने - तीेन कृ धना  द-नायधु ास

आसता सचाम।।

 अ िय े सिमधान वृो- वसो रनीक. म आ रोच। श.सान.ु शीकपः - ि ित

न राया पु व ्
 ारो अौत।।

 4.06 ऊ ऊ ष ु ण इेकादशच सू, गौतमो वामदेवोि-िपु ।।

03.05.04 ऊ ऊष ु णो अर होत- रे ित देवताता यजीयान।् ं िह िव.मिस

म-  वेधस.ि िरिस मनीषाम।।

 अमूरो होता सािद िव-1(अ)ि मो िवदथेष ु चेताः। ऊ भान ं ु सिवतवे ा-े ेतवे धूम ं

भाय.प ाम।।
ु ण
 यता सज ू  र ाितनी घृताची- दि िण.ेवताित.मरु ाणः। उ  नवजाˆ ना- पो अनि

ु त.म
सिध ु क
े ः।।

 ीण बिहिष सिमधान े अा -ऊ अय ु जज ु णो अात।् पयि पशपु ाˆ न होता-
ु षा

ििव.ेित िदवˆ उराणः।।

 पिर ना िमतु रेित होता-ि मो मधवु चाˆ ऋतावा। व. वािजनो न शोकाˆ- भय े

िवा भवु ना यदाट ्।।


ु  चाः। न ये शोिच मसा
03.05.05 भा ते अे नीक स- घोर सतो िवषण

वर- न ान.ी3( ई) रेपˆ आ धःु ~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 284


 न य सात ु जिनतो रवािर- न मातरािपतरा नू िचिदौ। अधा िमो न सिध
ु त पावको-

3(ओ)ि ददाय मानषु ीष ु िव ।ु ।

 िय प जीजन.ँवसाना-सारो अिं मानषु ीष ु िव ।ु उषब


 धु .मथय3( ओ)न दं- श
ु ं

ासं परश.ु  ित मम।।

 ा- रोिहतासˆ ऋ.ः। अष ासो वृषणˆ ऋजमु 


 तव े अ े हिरतो घृत ु ाˆ-आ देवताित

.म दाः।।

 ये ह े ते सहमानाˆ अयास -ेषासो अे अचय रि। येनासो न वसनासो अथ-
ु णसो मात.  शधः।।
िव
ु - शंसा.
 अकािर  सिमधान तं ु ँ यजत े ू धाः। होतार.मिं मनषु ो िन षे- नम

ˆउिशज.शंस.मायोः।।

 4.07 अयिमहेक ्
े ादशच सू, गौतमो वामदेवोि-िुप-आा जगती-ितीयााः

पानु भ
ु ः।।
03.05.06 अय.िमह थमो धािय धातिृ भ- हता यिजो अर.े ीः। यमवानो भृगवो

िवच-ु वनेष ु िच ँ िव ँ िवशिे वश।े ।

 अे कदा त आनषु -वु .ेव चेतनम।् अधा ि ह ा जगृिरे- मतासो िवीम।।

 ऋतावान ँ िवचेतसं- पयो ािमव ृिभः। िवेषा.मराणां -हतार.मेदमे।।

 आश.ु त ँ िववतो- िवाˆ यषणी रिभ। आ जु के त.ु मायवो- भृगवाणँ िवशिे वश।े ।

 तम होतार.मानषु -ििकांस.ि षेिदरे। रवं पावकशोिचषँ -यिजं स धामिभः।।

03.05.07 तं शतीष ु मातषृ -ु वन आ वीत.मितम।् िच ं स.हु ा िहत-ं

सवु दे .िचदिथनम।।

 सस यियतु ा सि.ूध-ृत धाम.णय देवाः। महा अि नमसा रातहो- वेरराय

सदिम.तावा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 285


े अा~ रोदसी सििकान।् तˆ ईयसे िदवˆ उराणो- िवरो
 र ािन िवा-नभु ~
 वेर

िदवˆ आरोधनािन।।

 कृ . एम शत परु ो भा- िर1(अ)िच वपषु ा.िमदेकम।् यदवीता दधत े ह गभ- सि

.ातो भवसी. तः।।

 सो जात दशान.मोजो- यद वातो अनवु ाित शोिचः। वृणि ित मा.मतस
 षे  ु िजां- िरा

िचदा दयते िव जःै ।।

 तृष ु यदा तृषणा


ु वव - तृष.
ु त.णतु े यो अिः। वात मेिळं सचते िनजवू -ाश.ु  वाजयते

िह े अवा।।

 4.08 तँ व इच सू, गौतमो वामदेवो- वैानरोि-गायी।।

03.05.08 त ँ वो िववेदसं- हवाह.ममम।् यिज.मृसे िगरा।।

 सिु धितं- महा आरोधन.िवः। स देवा एह व ित।।


 स िह वेदा व

 स वेद देवˆ आनम-ेवा ऋतायत े दमे। दाित ियािण िचस।ु ।

 स होता से -ििका अ रीयते। िवा आरोधन.िवः।।

 ते ाम ये अये -ददाश ु हदाितिभः। य  प


ु ˆ इत।े ।

 ते राया ते सवु ीय -सवांसो िव िवरे। ये अा दिधरे वः।।



 अ े रायो िदविे दव-े सर ु पु हृ ः। अ े वाजास ईरताम।।

 स िव षणीनां- शवसा मानषु ाणाम।् अित ि वे  िवित।।

 4.09 अे मृळेच सू, गौतमो वामदेवोि-गायी।।

03.05.09 अे मृळ महा अिस- यˆ ईमा देवय.ु नम।् इयथ ्


े  बिह रासदम।।

 स मानषु ीष ु ळभो- िव ु ावी रमः। तो िवेषां भवत ्


ु ।।

 स स पिरणीयते- होता मो िदिविष।ु उत पोता िन षीदित।।

 उत ाˆ अि रर- उतो~ गृहपित दमे। उत ा िन षीदित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 286


 वेिष रीयता-मपु वा जनानाम।् हा च मानषु ाणाम।।

ु षो अरम।् ह ं मत वोव।े ।


 वेषी. 1(अँ)- य जजो

 अाक.ोर-माकँ  य .मिरः। अाकं  णधु ी  हवम।।

 पिर ते ळभो रथो-ा अोत ु िवतः। येन र िस दाशषु ः।।

 4.10 अे तमेच सू, गौतमो वामदेवोिः- पदपिः-पमी महापदपिः-अे े

उिहौ।।

ृ म।् ऋामा त ओहैः।।


03.05.10 अे तमा. ोमै- त.ु  भं िदश

 अधा  े तो भ- द  साधोः। रथीर ्ऋत बृहत ू ।।


 ो बभथ
ु नाˆ अनीकैः।।
 ो अवाङ-् 1(अ)ण ोितः। अे िवेिभ म
 एिभन अक भवा न
ु ाः।।
 आिभ े अ गीिभ गृणो-े दाशेम।  ते िदवो न नयि श

 तव ािदाे सि- िरदा िचद इदा िचदोः। िय े ो न रोचत उपाके।।

 घृत. पूत.न ू ररपे ा-शिु च िहरयम।् ते ो न रोचत धावः।।

 नेिम ेषो- इनोिष मतात।् इा यजमाना.तावः।।


 कृ त.िि ¤ा स

ु ।े सा नो नािभ दन े सि.ूध।।
 िशवा न ा स ु ाा-े देवषे  ु य

 4.11 भ इित षडृच सू, गौतमो वामदेवोि- िपु ।।

03.05.11 भ.े अे सहिस.नीक-मपु ाक आ रोचते सूय। श.श े दशे नया िच-

दि त.श आ प े अम।।

 िव षाे गृणत े मनीषा-ँ वेपसा तिु वजात वानः। िवेिभय ावन श
ु देव-ै ो रा

ु भूिर म।।
समहो

 द े काा नीषा-ा जाये राािन। देित िवण ँ वीरपेशाˆ इािधय े दाशषेु 

माय।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 287


ु ः। िय दवजूतो मयोभ-ु दाश ु
ं रो िवहायाˆ- अिभिकृ.ायते सश
 ाजी वाजभ

जूजवु ा अ े अवा।।

 ाम े थम.ेवयो- देव ं मताˆ अमृत मिजम।् ेषोयतु .मा िववासि धीिभ-

दमूनस.ृहपित .ममूरम।।

 आरे अ.दमित.मारे अंहˆ- आरे िवा.मितँ यिपािस। दोषा िशव हस ूनो अे-

य.ेव ˆआ िचचस े ि।।



 4.12 याम इित षडृच सू, गौतमो वामदेवोि- िपु ।।

 धत े यत-ु ि.े अ.णव.ि.ह।् स स ु 


03.05.12 याम इन ु ै र ु

स - व ा जातवेद ििकान।।

 ।् स इधान ित दोषा.मषु ासं-


 इ ँ ये जभर.माणो- महो अ े अनीक. मा सपय

ु .ियं सचते .िमान।।
प

 अि रीश े बृहतः िय-ाि वाज परम रायः। दधाित रँ िवधत े यिवो-

ानषु .ाय धावान।।
ु ा यिवा-िचििभ कृ मा क
 यिि ते पष  ी 1(अ)ा अिदत े रनागा-
 िदागः। कृ ध

ेनांिस िशथो िव.गे।।

 ा.ेवाना.मतु मानाम।् मा ते सखाय. दिम.िषाम- या


 मह िद एनसो अभीक -ऊव

तोकाय तनयाय शँ योः।।


ु ता य
 यथा ह सवो गौय.ि-िद िषता.मम ु ता हं - 
 जाः। एवो~ 1(अ).

ताये तर.ˆ आयःु ।।



 4.13 ििरित पच सू, गौतमो वामदेवोि- िपु ।।

03.05.13 ि षसा.म.म-िभातीनां समु नाˆ रधये म।् यात.मिना सक


ु ृ तो रोण-

ु य
म ू  ोितषा देव एित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 288


 ऊ भान ं ु सिवता देवो अ-े .िव.िवषो न सा। अन ु त ँ वणो यि िमो-

यूय.िारोहयि।।

े ाˆ अनवो अथम।् तं सूय हिरत. यी- शँ


ृ -े वु म
 यं सीमकृ  व-मस े िवपच

िव जगतो वहि।।

 विहिे भ िवहरािस त-ु मवय.िसत.ेव व। दिवतो रमय.ूय- चमवावाध ु

मो अ1 (अ)ः~।।

 अनायतो अिनब कथाय-


 ानोव पते न। कया याित धया को ददश- िदव. 

.मृत पाित नाकम।।

 4.14 िषस इित पच सू, गौतमो वामदेवोि-िुप-(अनयोः सूयोः

के िचदाचाया िलो देवता आः-ताआ सूे आानां ितसृणामिः-चताः सिवतृ वण

िमाः- पाः सूयः- अपर सूे मेण-अिनः सूय उषा अषसः सूय इेव ं ये ाः-)

03.05.14 ि षसो जातवेदाˆ- अ.ेवो रोचमानाˆ महोिभः। आ नास.ोगाया रथे-

नेम ँ य .मपु  नो यात.म।।

 ऊ.े त ं ु सिवता देवो अ-े ोित िव ै भवु नाय कृ  व।् आाˆ ावापिृ थवी~ अिर  ँ -

िव सूय रिमिभ ेिकतानः।।


ु ताय दे-
 आवह.णी ितषागा-ही िचा रिमिभ ेिकताना। बोधयी सिव
ु ा रथेन।।
1ु (उ)षाˆ ईयते सयु ज

 आ वाँ विहाˆ इह ते वह-ु रथाˆअास उषसो ु ौ। इम े िह वां मधपु ये ाय सोमाˆ- अि. े

वृषणा मादयेथाम।।

 अनायतो अिनब कथाय-


 ानोव पते न। कया याित धया को ददश- िदव. 

.मृत पाित नाकम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 289


 4.15 अिहतेित दशच सू, गौतमो वामदेवोिः-सोः सोमः-अयोरिनौ

गायी।।

03.05.15 अि हता नो अरे- वाजी सिर णीयते। देवो देवषे  ु यि यः।।

 पिर ििव.रँ- याी र थीिरव। आ देवषे  ु यो दधत।।

 पिर वाजपित किव- रि हा.मीत।् दध.ािन दाशषेु ।।

 अय ँ य.ृय े परु ो- दैववात े सिमते। मु ा अिमदनः।।

 अ घा वीरˆ ईवतो-े रीशीत मः। ित मज मीषः।।

03.05.16 तमव. सानिस-मष. िदव.िशशमु ।् मम


ृ े िदविे दव।े

 बोध.ा हिरा-मार.ाहदेः। अा न तˆ उदरम।।

 उत ा यजता हरी~- कुमारा.ाहदेात।् यता सˆ आ दद।े ।

 एष वा.ेवा विना- कुमार.ाहदेः। दीघाय ु र ु सोमकः।।

 तँ यवु .ेवा विना- कुमारं साहदेम।् दीघायषु .णोतन।।



 4.16 आ सो यािेकिवंशृच सू, गौतमो वामदेव- इ-िपु ।।

03.05.17 आ सो यात ु मघवा ऋजीषी- व हरयˆ उप नः। ताˆ इद.षु मु ा

सदु -िमहािभिप.रते गृणानः।।


ु .मश
 अव  शूरानो नाे-ि.ो अ सवन े मै। शंसा. ु नवे वेधा- ििकतषु  े

असयु ाय म।।

 किव न िनयँ िवदथािन साध-ृषा येकँ िविपपानो अचात।् िदवˆ इा जीजन. का-ना

िचु वयनु ा गृणः।।

 1(अ)य ेिद सु शीक.मक- मिह ोती च ु य वोः। अा तमांिस िधता िवच -े नृ

कार नृतमो अिभौ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 290


 वव  इो अिमत.मृजी-1ु (उ)भे~ आ पौ रोदसी मिहा। अत.िद मिहमा िव रे-िभ

यो िवा भवु ना बभवू ।।

03.05.18 िवािन शो नयािण िवा-नपो िररेच सिखिभ िनकामःै । अमान.ि े िबिभ

वचोिभ- ज.ोम.मिु शजो िव वः~।।


 अपो वृ ँ विवांस ं पराह-ाव.े वं पृिथवी सचेताः। ाणािस समिु या.यनै ो-

पितभव.वसा शूर धृो~।।



 अपो यदिं  पत दद- रािव भवु .रमा पू.े। स नो नेता वाज.मादिष भूिर-ोा

ज.िरोिभ गृणानः।।

 अा ~किव.ृमणो गाˆ अिभौ- षाता मघव.ाधमानम।् ऊितिभ.िमषणो 


ु तौ- िन

मायावा.ना द ु रत।।

 आ दु ा मनसा यां- भवु  े कु. े िनकामः। े योनौ िन ¤षदतं सपा- िव

वा.ििक.तिच नारी।।

03.05.19 यािस कुेन सरथ.मव-ु ोदो वात हय रीशानः। ऋा वाज. गँ ययु षू -

िव.यदह.ायाय भूषात।।

 कुाय श
ु .मशषु .ि बह- िप े अ कुयव ं सहा। सो दू. मृण कुने - 

सूर.ँ वृहता.दभीके ।।

 ं िप ं ु मृगय ं शूशवु ांस-मृिजन े वैदिथनाय रीः। पाश.ृ ा िन वप.ह-ा. परो

जिरमा िव ददः~।।

ृ  वपः। मृगो न ही तिवषी.मषु ाण-िंहो न


 सूरˆ उपाके त1(अ) धानो- िव ये चे.मत

भीमˆ आयधु ािन िबत।।

 इ.ामाˆ वसूयो अ म-मे न सवन े चकानाः। वव शशमानासˆ उ ै- रोको न

रवा सु शीव पिु ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 291


03.05.20 तिमˆ इं सहु वं वेम- या चकार नया प
ु िण। यो मावत े जिर े गि- ू

वाजं भरित ाहराधाः।।

 ित मा यद रशिन पताित- कि.िर मु के जनानाम।् घोरा यदय समृित भवा-ध ा

न.ो बोिध गोपाः।।

 भवु ोिवता वामदेव धीनां- भवु .खावृको वाजसातौ। ामन ु मित माजग-ोशस
ं ो

जिर े िवध ाः।।

 एिभ नृिभिर ायिु भा-मघव.ि मघव.ि आजौ। ावो न 


ु ै रिभ सो अयः -

े शरद. पूवः।।
पो मदम

 ाय वृ-े ाकम भृगवो न रथम।् नू िचथा न ा िवयोष-दस.ˆ


 एव.े िदाय वृषभ

उोिवता तनपू ाः।।

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.17 ं महािनेकिवंशृच सू, गौतमो वामदेव- ्


इ-िुप-अिसा

िमेकपदािवराट ्।।
ु  ं ह ा ˆ-अन ु  ं मंहना मत ौः। ँ वृ ं शवसा जघा-
03.05.21 ं महा इ त

ू  रिहना जसानान।।
ृज.ि
ु 1 (अ) पवतासˆ-
 तव िषो जिनम ेजत ौ- रेज.ूिम िभयसा  मोः। ऋघाय स

आद.ािन सरय आपः।।

 िभन.ििरं शवसा व.िम-ािव ृ वान.हसानˆ ओजः। वधी.


ृ ँ वेण मसान-
र.ापो जवसा हतवृीः।।

 सवु ीर. े जिनता मत ौ- िर कता पमो भूत।् यˆ ईजान य सवु -मनपतु  ं

सदसो न भूम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 292


 यˆ एकˆइावयित  भूमा र ाजा कृ ीनां पु तˆ इः। स.मेन मन ु िवे मदि- राित

.ेव गृणतो मघोनः।।

03.05.22 सा सोमाˆ अभव. िवे- सा मदासो बृहतो मिदाः। साभवो वसपु ित

वसूना- े िवाˆ अिधथाˆ इ कृ  ीः।।

 मध थम.ायमानो-मे िवाˆ अिधथाˆ इ कृ ीः। ं ित वतˆ आशयान-मिहँ वेण

मघव .ि वृः।।


ु .िमं- महा.मपारँ वृषभ ं सवु म।् हा यो वृ ं सिनतोत वाज-ाता
 साहण ाधिृ ष.

मघािन मघवा सरु ाधाः।।

 अय ँ वृत ातयते समीची-यˆ आिजष ु मघवा व एकः। अय ँ वाजं भरित यं सनो- ियास

 े ाम।।

 अय ं वे अध जयतु -य.मतु  कृ णतु े यधु ा गाः। यदा स.णतु े म-ु िमो- िव.ं

भयत एजदात।।

03.05.23 सिमो गाˆ अजय.ं िहरया- समिया मघवा यो ह पूवः। एिभ नृिभ नृतमो

अ शाकै- रायो िवभा संभर . वः।।

 िकय.ििदो अेित मातु - िकय.ित ु जिनत.ु य जजान। यो अ श


ु  ं मु कै िरयित- वातो

न जूत. नय.ि रःै ।।

 ि य..मि य.णो-तीयित रेण ं ु मघवा समोहम।् िवभ


 न ु रशिनमा इव ौ-त ोतारं

मघवा वसौ धात।।

 अय..िमषण.ूय- ेतश ं रीरम.सृमाणम।् आ कृ ˆ ई.रा


ु णो िजघित- चो बु े

रजसो अ योनौ।।

 अिसाँ यजमानो न होता।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके पमाायः। (वगाः 1-26)।। Page 293


03.05.24 गˆ इं साय िवाˆ-अायो वृषण ँ वाजयः। जनीयो जिनदा

मि तोित मा ावयामोवत े न कोशम।।

 ाता नो बोिध दशानˆ आिप- रिभाता मिडता सोानाम।् सखा िपता िपतत
ृ म िपतॄणा-

तम ु ~लोक मश


ु त
 े वयोधाः।।

 ा.मिवता बोिध सखा- गृणानˆ इ वु त े वयो धाः। वय ं ा ते चकृ म
 सखीयत  ा सबाधˆ- आिभ

शमीिभ महयˆ इ।।-

 तु ˆ इो मघवा य वृा- भूरी.येको अतीिन हि। अ ियो जिरता य शम-िक दवा

वारय े न मताः।।

 एवा नˆ इो मघवा िवरी- कर.ा चषणीध.ृ दनव ु .े-े अिध वो
 ा। ं राजा जनषा

मािहन ँ यिर।े ।

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.18 अयं पा इित योदशच सू, गौतमो वामदेव-आाया इ-नही ेािद

साधितसृणामिदित ऋिषका-आाया वामदेवो देवता-नाहमत इािद पाधचानामानां षणामृचां



चेो देवता-नहीेित साधितसृणां वामदेवो देवता- िपु ।।

03.05.25 अय ं पाˆ अनिु व परा


ु णो- यतो देवाˆ उदजाय िवे। अत.ि.दाजिनषी

वृो- मा मातर.ममयु ा पव े कः~।।


ु  ै ेन स.ेन
 नाह.मतो िनरया गहैत-िरता पाा.िगमािण। बिन मे अकृ ता कािन- य

पृ।ै ।

  मातर.मच- न नान ु गा.न ु नू गमािन। ु गृहे अिपब.ोम.िम-


 परायत

शतध.ो तु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 294


 िकं स ऋध.ृ णव.ं सहं- मासो जभार शरद. पूवः। नही. ितमान.म- जात.े षूत

ये जिनाः।।

 ा ृम।् अथो.दा.य.मँ  वसानˆ - आ


ु क- िरं माता वीयण
 अव.िमव ममाना गहा

रोदसी अपृणा.ायमानः।।

 ाˆ अष.ललाभवी-र ् ऋतावरी.िरव सोशमानाः। एताˆ िव पृ िकिमदं


03.05.26 एत

भनि- कमापो अिं  पिरिधं जि।।

 िकमिु द ै िनिवदो भन-ेाव.ििधष आपः। ममैता.ु ो महता वधने -

वृ.घ
 ा असज
ृ .ि िसन ्
ू ।।

 मम.न ा यवु ित परास- मम.न ा कुषवा जगार। मम.िदाप.िशशव े ममृ-ु

मम.ि.िद .ह.सोदितत।।

 मम.न ते मघव.ंसो- िनिविवा अप हनू~ जघान। अधा िनिवˆ उरो बभूवा-िरो

दास संिपण. वधने ।।


ु .िमम।् अरीँ व.रथाय माता-
 गृि.सवू  िवर.वागा-मनाधृ ँ वृषभ.

य.ात ु . इमानम।।

 उत माता मिहष.मवने -दमी ा जहित पु देवाः। अथावी.


ृ .िमो हिन-खे िवो~
िवतरँ िव म।।

 क.े मातरँ िवधवा.मच-य.ु ा.मिजघांस.रम।् क.े देवो अिध माडकˆ आसी-

ृ ।।
ाि णा िपतरं पादग

 अवा शनु ˆ आािण पेच-े न देवषे  ु िविवदे मिडतारम।् अपय.ाया.ममहीयमाना-मधा ~मे

येनो मा जभार।। ।। इित पमााय माः ।।

तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।।



 4.19 एवा ािमेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ-िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 295


03.06.01 एवा ािम वि.- िवे देवास.हु वासˆ ऊमाः। महा.मभु ~
े रोदसी वृ

.मृ-िरेक.िमण
ृ ते वृहे।।
ृ  िजयो न देवाˆ- भवु .ा.िळ सयोिनः। अह.िहं पिरशयान.मण-  वतनी
 अवासज

ररदो िवधेनाः।।
ु  िवयत.मब
 अतृवँ ु -मब
ु मानं सषु पु ाण.िम। स ित वतˆ आशयान-मिहँ वेण िव

िरणाˆ अपव।।

 अ ोदय.वसा ाम बु -ँ वा.ण वात.िवषीिभ िरः। ा.ौा.शमान ओजो-वािभन



.कुभ पवतानाम।।

 अिभ  दु जनयो न गभ- रथा.इव  यय ु ाक.मयः। अतपयो िवसतृ ˆ उˆ ऊम-ँ वृताँ

ू ।।
अिरणाˆ इ िसन

03.06.02 ं मही.मविनँ िवधेना-वु तय े वाय रीम।् अरमयो नम.स ैज.दण-

तु रणाँ अकृणो िर िसन ्


ू ।।

 ु
ावो नभो3(ओ)न वाˆ- ाˆ अिप.वु ती.र ् ऋत ाः। धा.ा

अपृण.ृ षाणा- अधो.िग. य3(ओ) दंसपु ीः।।

 पूव षस.शरद. गूता- वृ.घा असज ू ।् पिरिता ˆअतृण.धाना-ीराˆ


ृ .ि िसन

इ िवतवे पृिथा।।

 वीिभ पु .मवो


ु अदान-िवश
े ना.िरवˆआ जभथ। 1(अ)ो अ.दिह.माददानो- िनभू

.खि..मर पव।।

  ते पूवािण करणािन िवा-िवा आह िवषे करांिस। यथायथा वृािन गूता-पांिस

राज.यािववषे ीः।।

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 296



 4.20 आ न इ इेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ-िपु ।।

03.06.03 आ नˆ इो रादा नˆ आसा-दिभिकृ.दवस े यासः। ओिजिे भ नृपित वबा-

े सम ु तवु िण पृतनू ।।

 आ नˆ इो हिरिभ याा-वाचीनोवस े राधस े च। िताित वी मघवा िवर-ीमँ य .मन ु नो

वाजसातौ।।

 इम ँ य .माक.िम- परु ो दध.िनिस त.ु ः। ीव वि.नये धनाना-या वय

े ।।
.मयˆ आिज.यम

 उश ु ¤ष ु ण.म
ु नाˆ उपाके- सोम न ु सषु तु  धावः। पाˆ इ ितभत
ृ  म-

मसा ममद पृने ।।

 िव यो रर ऋिषिभ नवेिभ- वृ ो न प.ृयो न जेता। मय न योषा.मिभ ममानो-ा



ु त.िमम।।
िववि प

03.06.04 िगिर न य.तवा ऋ ˆइ- ना.देव सहस े जातˆ उः। आदता वं

िवर.  भीमˆ- उवे  कोशँ वसनु ा ृम।।
ु ि- न राधस ˆआमरीता मघ। उावषृ ाण.िवषीवˆ उा-
 न य वता जनषा

.ि पत रायः।।

 ई  े रायः  य चषणीना-मतु ज.मपवतािस गोनाम।् िश ानर.िमथषे  ु हावा-ो



रािश .मिभनेतािस भूिरम।।

 कया तवे शा शिचो- यया कृ णोित मु  का िचः। पु दाशषेु  िवचियो अंहो-था

दधाित िवण.िर।े ।

 मा नो मधरा भरा दि त-  दाशषेु  दातव े भूिर ये। ने दे े श े अि उ-े 

वाम वय.िम वु ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 297


ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.21 आ याि इेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ-िुप।।

03.06.05 आ यािोवसˆ उप नˆ- इह तु .धमा.द ु शूरः। वावध


ृ ान.िवषी य

ु त।।
पूव- न .मिभभूित पा
ु 
 तेिदह वथ वृािन- तिव ु  तिु वराधसो नॄन।् य त ु िवदो3(ओ) न सा-

ाा ो अि कृ ीः।।


ु षात।् णरा.दवस े नो मा-रावतो
 आ यािो िदवˆ आ पृिथाˆ- म  ू समु ा.त वा परी

वा सदना.त।।

 ो यˆ ईशे- तमु वाम िवदथे.िम।् यो वायनु ा जयित गोमतीष-ु  धृयु ा


 ूर रायो बृहत

नयित वो अ।।

 उप यो नमो नमिस भाय-ियित वाच.नय.ज।ै ऋसान पु व


 ारˆ उ ै- रे.वीत

सदनषे  ु होता।।

03.06.06 िधषा यिद िधषय.रया-दो अि.मौिशज गोहे। आ रोषा

पा होता- यो नो महा.ँवरणषे  ु विः।।


ु . वु त े भराय। गहा
 सा यद भावर वृ-िषि श ु यदी.मौिशज गोहे-  यिय े

ायस े मदाय।।

 िव यरांिस पवत वृवे- पयोिभ िज े अपा.वांिस। िवद.ौर गवय गोहे- यदी वाजाय
ु ो3(ओ) वहि।।
स

 भा ते हा सृकृतोत पाणी~- यारा वु त े राधˆ इ। का ते िनषि िकम ु नो~ ममि

िक.ो हषसे दातवा उ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 298


 एवा वˆ इ. ा.ा वृ ँ विरव पूरवे कः~। पु त
ु  ा न शि ध रायो- भ ीय
तेवसो दै।।

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.22 य इ इेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ-िुप।।
ु ा िचत।्  ोमं मघवा सोम
ु षु े य वि- तो महा.रित श
03.06.07 यˆ इो जज
ु ा- यो अमान ं शवसा िब.देित।।
.म

 वृषा वृषि.तरु ि.म-ु ो बाा.ृतम.शचीवान।् िय े पी.मषु माणˆ ऊणा- या

पवािण साय िव।े ।


ु ः। दधानो वं बाो श-ाममेन
 यो देवो देवतमो जायमानो- महो वाजेिभ महि शै

रेजय . भूम।।

 िवा रोधांिस वत. पूव- र ् ऋा.िनम.ेजत ु ा गो-नृव


ाः। आ मातरा भरित श

.िर.ोनव वाताः।।

 ता तू त इ महतो महािन- िवेि.वनषे ु वाा। यर धृो~ धृषता दध
ृ ा-निहँ वेण

शवसािववषे ीः।।

03.06.08 ता तू ते सा तिु वनृ िवा-  धेनव िते वृˆ ऊः। अधा ह .षृ मणो

िभयाना-  िसवो जवसा चम।।

 अाह ते हिरव.ाˆ उ देवी-रवोिभ िर व सारः। यी.मन ु  मच


ु ो बधानाˆ-

दीघा.मन ु िसितँ य।ै ।

 िपपीळे अंश ु मो न िस-ु रा ा शमी शशमान शिः। अ. श


ु च
ु ान याˆ-

आश.ु न रिम.
ु ोजस. ोः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 299


 अ े विषा कृ णिु ह ेा- नृािन सा सरे सहांिस। अँ वृा सहु नािन रि- जिह वध
ु म।।
वनषो

 अाक.िम ु णिु ह िमा-.िा उप मािह वाजान।् अँ िवाˆ इषण परु ी-

राकं  स ु मघव.ोिध गोदाः।।

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे । अकािर ते हिरवो  न- िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.23 कथा महािमेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ-िपु -(अानां

ितसृणामृतेवता वा)।।

ृ .  होत-ु य .षु ाणो अिभ सोम.मूधः। िपब.शा


03.06.09 कथा महा.मवध ु नो जषु माणो

अो- वव ऋ ु त


 .शच  े धनाय।।

ं समु ितिभ को अ। कद िच.ििकते कती- वृध े


 को अ वीर.धमाद.माप- समानश

भवु .शमान योः।।

 कथा णोित यमान.िम- कथा व.वसा.म वेद। का अ पूव पमातयो ह- कथ ैन

.मा पपिु र.िर।े ।

 कथा सबाध.शशमानो अ- नश.दिभ िवण.ीानः। देवो भवु . वेदा म ऋताना-मो



ु षत।।
जगृा अिभ यजो

 कथा कदाˆ उषसो ु ौ- देवो मत स.ज


ु ोष। कथा कद स ं सिखो- ये अि

ु .त।े ।
.ामं सयु ज

03.06.10 िकमा.दम ं स ं सिख- कदा न ु ते ा ं  वाम। िय े सु शो वपरु  सगा-

1(अ)ण िचतम.िमष आ गोः।।


ु से अनीका। ऋणा िच ऋणयाˆ नˆ उो- रे
 ुह.िघांस.रस.मिना-ेिते ित मा तज

अ ाताˆ उषसो बबाध।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 300


 ऋत िह शु ध ि पूव-र ्ऋत धीित वृिजनािन हि। ऋत ोको बिधरा ततद- कणा
ु न शच
बधा ु मानˆ आयोः।।

ु िण चा वपषु  े वपूिं ष। ऋतने  दीघ.िमषण पृ ˆ- ऋतने 


 ऋत ा धणािन सि- प

े ः।।
गावˆ ऋत.मािववश
ु .रु याˆ उ गः।
 ऋत ँ येमानˆ ऋतिम.नो-ृत श ु ऋताय पृी~ बल
 े~ गभीर~
े -

ू परम~
ऋताय धेन~ े हाते~।।

ु ˆ इ नू गृणान-इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.24 का सु ुितिरेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इ- िपु ।।

03.06.11 का सु िु त.शवस.ून.िम


ु -मवाचीन ं राधस आ ववतत।् दिदिह वीरो गृणत
 े

वसूिन- स गोपित िनिधा.ो जनासः।।

 े ह  ई- सु ुतˆ इ.राधाः। स याम.ा मघवा माय- यत े
 स वृह

ु य े विरवो धात।।
स

 तिम.रो िव ये समीके- िरिरांस. कृ वत ाम।् िमथो याग.मभु यासो अ म-र

.ोक तनय सातौ।।

ू ि ि तयो योग उा-शषु ाणासो िमथो अणसातौ। सँ यिशोवव


 तय ु ाˆ-
ृ  य

आिद.ेमˆइये अभीके ।।

 आिद नेम इिय ँ यज -आिद.ि परु ोळाशं िरिरात।् आिद.ोमो िव पप ु ी-
ृ ा.दस
ु ोष वृषभ ँ यज।ै ।
नािद.ज
ु त े सनु ोित। ीचीनेन मनसािववने -
03.06.12 कृ णो. ै विरवो यˆ इ-ेाय सोम.मश

िम.खाय.णतु े सम।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 301


 यˆ इाय सनु व.ोम.म- पचा.ी तभृाित धानाः। ित मनायो चथािन हय-ि
ु .िमः।।
.ध.षृ ण ं श

 यदा समय चे.घावा- दीघ यदािज.म.दयः। अिचद.षृ ण ं पा -रोण आ िनिशत ं
ु ।।
सोमसिः

 भूयसा व.मचर.नीयो-िवीतो अकािनषं पनु य।् स भूयसा कनीयो नािररेची-ीना द ा िव



हि  वाणम।।

ु । यदा वृािण जन-दथनै ं मे पनु ददत।।
 कˆ इम.शिभ म-मे.ीणाित धेनिभः

ु ˆ इ नू गृणानˆ- इष.िर े नो3(ओ) न पीपःे ~। अकािर ते हिरवो  न-िया ाम
 नूत

र.दासाः।।

 4.25 को अेच सू, गौतमो वामदेव- इ-िपु ।।

03.06.13 क ु ोष। को वा महेवस े पायाय- सिम े


 ो अ नय देवकामˆ- उश.ि स.ज

अौ सतु सोमˆ ईे।।

 को नानाम वचसा सोाय- मनायवु ा भवित व उाः। कˆ इ य


ु ..िख-ो ा ँ

वि कवये कˆ ऊती।।

ृ ीते- कˆ आिदा अिदित.ोित रीे। कािना िवो अि तु -


 को देवाना.मवो अा वण

ांशो िपबि मनसािववने म।।
ु रम।् यˆ इाय सनु वा-मेाह- नरे नयाय
 ता अि भारत. शम यंस-ोया.ूय म

नृतमाय नृणाम।।

 न तिनि बहवो न दाˆ- उवा अिदित शम यंसत।् िय क


ु ृ .ियˆ इे मनायु - िय

ु ावी ियो अ सोमी।।

03.06.14 सु ा ाशषु ाळे ष वीर-


ु े पि.णतु  े के वलेः। नास
ु  े रािपन सखा न

जािम- ाोवहदे वाचः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 302


ु ता सतु पा.ृणीते। आ वेद िखदित हि न-ँ िव
 न रेवता पिणना स.िमो-स

ु य े पये के वलो भूत।।
स 

 इं परेवरे ममासˆइँ- याोविसतासˆ इम।् इ.ियˆ उत य


ु मानाˆ- इ.रो

वाजयो हवे।।

 4.26 अहं मनिरित सच सू, गौतमो वामदेवः-आानां ितसृणामाा देवता-अानां
् ्
च े वामदेवयोऋिषिवकमाः के िचत)।।
चतसृणां येनिुप (आतृ

 हं मन ु रभवं सूया-ह ीवा ऋिष रि िवः। अह..माजने


 15 अ ु य.ृ-े ह.िव

शना पयता मा।।

 अहं भूिम.मददा.माया-याहं वृि.ाशषु  े माय। अह.मपो अनयँ वावशानाˆ- मम देवासो अन ु

के त.माय।।

 अहं ु
परो मसानो रै -व साक.वती.शर। शतत
 म
 ँ वेयं सवताता-

िदवोदास.मितिथ वँ यदावम।।

  स ु षˆ िवो मतो िवर-ु  येन.येन


े ˆ आशपु ा। अच
 या यधया सपु ण- ह ं

भर .नव े देवजु म।।

 भरिद िवरतो वेिवजान- पथोणा मनोजवाˆ असिज। तूय ँ ययौ मधनु ा सो-े नोत वो िविवदे

येनो अ।।

 ऋजीपी येनो ददमानो अंश-ं ु परावत.शकुनो मं मदम।् सोमं भर.ाहाणो देवावा-िवो
ु ा .रा.दादाय।।
अम

 आदाय येनो अभर.ोमं- सह सवा अयतु . साकम।् अा परु ि रजहा.दराती- मदे

सोम मूराˆ अमूरः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 303


 4.27 (उपांश)ु गभ िित पच सू, गौतमो वामदेव- येन-िब
ु ा शरी (परा

नवाौ वेनमयाम ु रधेतिमां पाि कीदेवता यिद येनदेवताया अचं ीकृ तं
े

चेत)।।

03.06.16 गभ न ु स.ेषा.मवेद-मह.ेवाना.िनमािन िवा। शत ं मा परु ˆ आयसी



रर .ध येनो जवसा िनरदीयम।।

 न घा स  । ईमा परु ि रजहा.दराती- त वाता


 मामप जोष.भारा-भीमास  सा वीयण

अतर.  शवु ानः।।

 अव येनो अनी.दध ो- िव यिद वातˆ ऊ परु िम।् सृज.दा अव ह ि पा-

शान ु रा मनसा भरु य।।
ु -ं ु येनो जभार बृहतो अिधोः। अ~ पत.त पण-मध
 ऋिजˆ ईिमावतो न भ

यामिन िसत तेः~।।


ु  यत ं मो अ-िमो
ु .मः। अयिभ
 अध ेत.लश.ोिभ र-मािपान ं मघवा श

मदाय ित धिब-ै शूरो मदाय ित धिब।ै ।

 4.28 ा यज ्
ु िे त पच सू, गौतमो वामदेव- इ-िुप (इासोमौ वा देवते)
ु ा तव तोम स -इो अपो मनव े सतु ः~। अह.िह.मिरणा.
03.06.17 ा यज

िस-ू नपावण
ृ ो.दिपिहतेव खािन।।
ु बृहता वतमानं- महो ुहो
ु ा िन िखद.ूय-े ं सहसा सˆ इो~। अिधना
 ा यज

अप िवाय ु धािय।।

 अह.िो अदह.दि िरो~- परु ा दू.िना.दभीके । ग  रोण े ा न यातां- प
ु 

सहा शवा िन बहत।।

े ा.ममृणत.ि शू-
 िवा.ीमधमा इ दू-िशो दासी रकृ णो रशाः। अबाधथ

े ा.मपिचितँ वधःै ।।
निवथ

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 304


  ं मघवाना यवु .-िद सोमोव.म.ोः। आदत.मिपिहता.ा- िरिरचथःु 
 एवा स

ाितृदाना।।

 4.29 आ नः तु इित पच सू, गौतमो वामदेव- इ-िुप।।

03.06.18 आ नˆ तु ˆ उप वाजेिभ ती- इ यािह हिरिभ मसानः। ितर.िदय.वना
ु -याूषिे भ गृणान.राधाः।।
प

 आ िह ¤ा याित नय ििका-यमान.ोतिृ भ प य म।् ो यो अभी ममान-


ु ाणिे भ मदित सं ह वीरःै ।।
 
ु .मन ु  िदशं मयै। उावषृ ाणो राधस े तिु वा-र.ˆ-
 ावयेद कणा वाजयै- जा

इ .तु ीथाभय।।

 अा यो गा नाधमान.मूती- इा िवं हवमान.ृणम।् उप िन दधानो धयु ा3(आ)शू-

हािण शतािन वबाः।।

 ोतासो मघव.ि िवाˆ- वये ाम सूरयो गृणः। भेजानासो बृहिव रायˆ-

आका दावने पु ोः।।



 4.30 निकिरेित चतिवशृ ु
च सू, गौतमो वामदेव इः-चतदयािद ितसृणािमोषसौ

गायी-अे अनु भ
ु ौ।।
03.06.19 निक.िर रो- न ाया अि वृह।् निकरव ्
े ा यथा म।।

 सा ते अन ु कृ  यो- िवा चेव वावत


ृ ःु । सा महा अिस तु ः।।

 िवे चनदे ना ा- देवासˆ इ ययु धु ःु । यदहा न.माितरः।।

े - .ाय य
 योत बािधत ्
ु त।े मषु ायˆ इ सूयम।।

ु ˆ एकˆ इत।् िम वन


 य देवा ऋघायतो -िवा अय ्
ू रह।।

03.06.20 योत माय क-मिरणाˆ इ सूयम।् ाव शचीिभ रेतशम।।


 िकमातािस वृह-घव.मु मः। अाह दान.ु माितरः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 305


 एत.ेत वीय1(अ)-िम चकथ पम।् ियँ यहु णायवु -ँ वधी िहतर.िवः।।

 िदविा िहतरं- महा.हीयमानाम।् उषास.िम संिपणक।् ।

 अपोषाˆ अनस.र-ंिपा.दह िबषु ी। िन य िशथ.षृ ा।।

03.06.21 एत ु िपं िवपाया। ससार सी परावतः।।


 दाˆ अन शये- ससं

 उत िस ँ ु िवबा-ँ िवताना.मिध िम। पिर ाˆ इ मायया।।


ु  धृयु ा-  मृ ो अिभ वेदनम।् परो
 उत श ु यद संिपणक।् ।

 उत दास.ौिलतरं- बृहत ्


  पवता.दिध। अवाह.ि शरम।।

 उत दास विचन-हािण शतावधीः। अिध प धी िरव।।

03.06.22 उत ं पु .मवु - पराव ्


ृ ं शततःु । उ.े िˆआभजत।।

 उत ा तवु शाय~- अातारा शचीपितः। इो िवा अपारयत।।

 उत ा सˆ आया- सरयो िर पारतः। अणािचरथा वधीः।।

 अन ु ा जिहता नयो-ं ोण. वृह।् न ते स


ु .मव।े ।

 शत.ममयीनां- परु ा.िमो ात।् िदवोदासाय दाशषेु ।।

03.06.23 अापय.भीतय-े सहा िंशतं हथ ैः। दासाना.िमो मायया।।

 स घे.तािस वृह-मानˆ इ गोपितः। या िवािन िचषु ।े ।

 उत नून ँ यिदिय.िराˆ इ पम।् अा न ्


 िक.दािमनत।।

 वामवँ ाम. आरे- देवो ददा.यमा। वाम ं पूषा वाम ं भगो- वाम.ेव कळती।।

 4.31 कया न इित पदशच सू, गौतमो वामदेव इो गायी-तृतीया पादिनचृत।।

03.06.24 कया निˆ आ भवु -ती सदावृध. खा। कया शिचया वृता।।

 का सो मदानां- मंिहो म.दसः। ा िचदाजे वस।ु ।

 अभी¤ष ु ण सखीना-मिवता जिरतॄणाम।् शत ं भवा.ूितिभः।।

 अभी न
 ˆ आ वव ्
ृ - च. वृ.मवतः। िनयिु  षणीनाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 306


 वता िह तूना-मा हा पदवे  गिस। अभि  सूय  सचा।।

03.06.25 स ँ य इ मव-.ािण दधिरे। अध े अध सूय। ।



 उत ा िह ामािर-घवान ं शचीपते। दातार.मिवदीधयमु ।।

 उत ा स ु त।े प


 ˆ इिर- शशमानाय स ु ि चहं से वस।ु ।

 निह ा त े शत.न- राधो वरˆ आमरु ः। न ौािन किरतः।।

 अा अव ु ते शत-मा.ह मूतयः। अा.िाˆअिभयः।।

03.06.26 अा इहावृणी- साय ये। महो राय े िदिवत।े ।

 अा अिवि िव-हे राया परीणसा। अा.िािभ ितिभः।।

 अ.ा अपा विृ ध- जा अेव गोमतः। नवािभ िरोितिभः।।

 अाक.ृयु ा रथो- मु ा इानपतु ः। ग ु रय


 ु रीयते।।
ु म.िध- वो देवषे  ु सूय। विष.ािमवोपिर।
 अाक.म

 4.32 आ तू न इित चतिवशृ
च सू, गौतमो वामदेव- इोयो िराौ गायी।।

03.06.27 आ तू नˆ इ वृह-ाक.मधमा गिह। महा.हीिभ ितिभः।।

 भृिम.ि.ािस तूतिु ज- रा िच िचिणीा। िच.णो.ूतये।।

 दिे भ िशीयांस-ं हंिस ाध.मोजसा। सिखिभ य े सचा।।



 वय.िम े सचा- वय.ािभ नोनमः। अाअा इदव।।

 स निािभ रिवो-नवािभ ितिभः। अनाधृ ािभ रा गिह।।


ु ो वाजाय घृय।े ।
03.06.28 भूयामो~¤ष ु ावत-खायˆ इ गोमतः। यज

 ं ेकˆ ईिशष- इ वाज गोमतः। स नो यि मही.िमषम।।

 न ा वरे अथा- यििस तु ो मघम।् ोत


ृ ˆ इ िगवणः।।

 अिभ ा गोतमा िगरा-नूषत  दावने। इ वाजाय घृय।े ।


ु दासी रभी।।
  ते वोचाम वीया3(आ)- याˆ मसानˆ आ जः। परो

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके षाायः। (वगाः 1-30)।। Page 307


03.06.29 ता ते गृणि वेधसो- यािन चकथ पा। सतु .े ि िगवणः।।

ृ  गोतमाˆ- इ े ोमवाहसः। ऐष ु धाˆ वीरव.शः।।


 अवीवध

 यिि शता.म-सी साधारण.म।् ता वय ं हवामहे।।

 अवाचीनो वसो~ भ-वा े स ु मासः। सोमाना.िम सोमपाः।।

 अाक.ा मतीना-मा ोमˆ इ यत।ु अवागा वतया ह


 री~।।

ू िु रव योषणाम।।
 परु ोळाश. नो घसो -जोषयास े िगर. नः। वधय
ु ाना.िम.मीमहे। शत ं सोम खायः।।
03.06.30 सहँ तीनाँ- य

 सहा ते शता वय-वा.मा ावयामिस। अा राधˆ एत ु ते।।



 दश ते कलशानां -िहरयाना.मधीमिह। भूिरदाˆ अिस वृह।।

 भूिरदाˆ भूिर देिह नो- मा द ं भूया भर। भूिर घेिद िदिस।।

 भूिरदाˆ िस तु - पु ा शूर वृह।् आ नो भज राधिस।।

ू िवच ण- शंसािम गोषणो नपात।् माा.ाˆ अन ु िशथः।।


  ते ब~

ू यामेष ु शोभेत~
 कनीनकेव िवध-े नवे ुपद े अभके। ब~ े ।।
ु याे। ब~
 अरं म उया-े र.मन ू यामेि धा।। ।। इित षााय माः ।।

तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27)



ु इेकादशच सू, गौतमो वामदेव- ऋभव-िपु ।।
 4.33  ऋभ
ु ो त.िमव वाचिम -उपिरे  ैतरी.ेन.मी
03.07.01  ऋभ ु ळे। ये वातजत
ू ा.रिणिभ

रेवै - पिर ां सो अपसो बभूवःु ।।

ृ ां- पिरिवी वेषणा दंसनािभः। आिद.ेवाना.मपु  स.माय-ीरास


 यदार.म.ृभव िपत

पिु .मवह.नाय।ै ।

 पनु .य चु िपतरा यवु ाना- सना यूपवे जरणा शयाना। ते वाजो िवा ऋभ ु िरवो-

ु रसो नोव ु य म।।
मध

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 308


 यँव.मृभवो गामर -ँव.मृभवो माˆ अिपश।् यँव.मभर.ासो अा-ािभ

शमीिभ रमृत.माशःु ।।

 ेˆ आह चमसा ा करेित- कनीया.ी.ृ णवा.मेाह। किनˆ आह चतरु  रेित- 

ऋभव नय.चो वः।।

03.07.02 स.मूच ु नरˆ एवा ि ह चु- रन ु धा.मृभवो ज म ु रेताम।् िवाजमानाँ मसा

ु दान।।
अहे-वावेन ा चतरो

 ादश ूदगोा-ित े रण ृभव सः। स ु े ाकृ व.नय िस-ू ाित

.ोषधी िन.मापः।।

 रथँ ये चु.वु त  वँु  िवपाम।् त आ त .ृभवो रिय.- वस


ृ .रेाँ- ये धेन ँ ु िवज

पस हु ाः।।


ु -म
 अपो ेषा.मजषु  देवाˆ- अिभ ा मनसा दीानाः। वाजो देवाना.मभव.क

ऋभ ु ा वण िवा।।

 ये हरी~ मेध.योा मदˆ- इाय चु.यु ज


ु ा ये अा। ते राय.ोष.िवणा.-े ध

े यो न िमम।।
ऋभवः  म

 इदा पीित.मतु वो मद.-ु न ऋत े ा साय देवाः। ते नून.म े ऋभवो वसूिन- तृतीये

अि.वन े दधात।।

 4.34 ऋभिु वेक ्


े ादशच सू, गौतमो वामदेव- ऋभव-िुप।।

03.07.03 ऋभ ु िवा वाजˆ इो नो अ-ेम ँ य  रध


 .े योप यात। इदा िह वो िधषणा

देा- मधा.ीितं सं मदाˆ अ मता व


 ः।।
ु र ् ऋभवो मादयम।् सँ वो मदाˆ अ मत सं परु ि-
 िवदानासो जनो वाजराˆ- उत ऋतिभ

वु ीरा.म े रिय.मेरयम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 309


ु .िदवो दिध।े  वोा ज
 अय ँ वो य ˆ ऋभवोकािर- यमा मन ु षा
 ज ु णासो अ-ु रभूत

िवे अि.योत वाजाः।।

 अभू वो िवधत े रधये -िमदा नरो दाशषेु  माय। िपबत वाजाˆ ऋभवो दद े वो- मिह तृतीयं सवन ं

मदाय।।

 आ वाजाˆ यातोप नˆ ऋभ ु ा- महो नरो िवणसो गृणानाः। आ व पीतयोिभिप े अा-िममाˆ



अ.व.इव म।।

03.07.04 आ नपात.शवसो यातनो-पेम ँ य .मसा यमानाः। सजोषस.ूरयो य च

- म पात रधाˆ इवः।।

 सजोषाˆ इ वणने  सोमं- सजोषा पािह िगवणो मिः। अपे ािभर ् ऋतपु ािभ.जोषा-

ाीभी र धािभ जोषाः।।

 सजोषस आिद ै मादयं- सजोषस ऋभव पवतिे भः। सजोषसो दैने ा सिवा- सजोषस
ु ी र धिे भः।।
िभ
ु त रु ् ऋभवो ये अा। ये अंसा य ऋध.ोदसी ये- िवो
 ये अिना ये िपतरा य ऊती- धेन.

नर.पािन चुः।।

 ये गोम ँ वाजवं सवु ीरं- रिय. वसमु ं पु मु ।् ते अपे ाˆ ऋभवो मसानाˆ- अ े

ध ये च राित.ृणि।।

ू  न वोतीतृषा-मािनशाˆ ऋभवो य े अि।् सिमेण मदथ सं मि- ं


 नापाभत

राजभी रधये ाय देवाः।।



 4.35 इहोपेित नवच सू, गौतमो वामदेव ऋभविपु ।।

03.07.05 इहोप यात शवसो नपात-ौधनाˆ ऋभवो माप भूत। अि.ि व. वन े

रधये -मि मन ु वो मदासः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 310


ू ा.िमह रधये -मभू.ोम सषु तु  पीितः। सक
 आग.ृभण ु ृ या यप
 या चँ- एकँ  िवच

चमस.तधु ा।।

 कृणोत चमस.तधु ा- सखे िव िश .े वीत। अथतै वाजाˆ अमत


ृ 
  पा-ण.ेवाना.मृभव

हु ाः।।

 िकं मय.ि.मस एष आस- याेन चतरु ो िवच। अथा सनु ं


ु  सवन ं मदाय- पात ऋभवो

मधनु .ो।।

 शाकत िपतरा यवु ाना- शाकत चमस.ेवपानम।् शा हरी~ धनतु रा वत-ेवाहा

वृभवो वाजराः।।

03.07.06 यो व.नु ो िभिप े अा-ी ँ वाजास.वन ं मदाय। तै

रिय.मृभव.ववीर- मा त त वृषणो मसानाः।।

 ात.तु .मिपबो हय- मा.िनं सवन.े वले। समृभिु भ िपब रधिे भ- खीया
ु ृ
इ चकृ ष े सक  ा।।

 ये देवासो अभवता सकृु ा- येनाˆ इवदे िध िदिव िनषद े । ते रात शवसो नपात-ौधनाˆ

अभवता.मृतासः।।
ु ं पा सहु ाः। तभव पिरिषँ वˆ एत-ं मदेिभ
 यृतीयं सवन ं रधये -मकृ ण

िरियिे भ िपबम।।

 4.36 अनो जात इित नवच सू, गौतमो वामदेव ऋभवो जगा िपु ।।

 ो जातो अनभीश.ु ो-3(ओ) रथ िच पिर वतते रजः। मह.ो


03.07.07 अन
ु थ।।
दे वाचन-ा.मृभव पृिथव य प

 रथँ ये चु.वु त ु ते सो-िवरं मनस.िर या। ता ऊ 1(अ) सवन पीतय-


ृ  ं सच

आ वो वाजाˆ ऋभवो वेदयामिस।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 311


 तो वाजाˆ ऋभव.ु वाचन-ेवषे  ु िवो अभव.िहनम।् िजी~ या िपतरा
ु ना चरथाय त थ।।
ु - पनु यवा
सनाजरा

 एकँ  िव च चमस.तवु य-िमणो गामिरणीत धीितिभः। अथा देव.े मत


ृ .मानश- ु ी

वाजा ˆऋभव.ˆ उम।।

 ऋभतु ो रिय थमवमो- वाजतु ासो यमजीजन.रः। िवत


  ो िवदथेष ु वाो- य

.ेवासोवथा स
 िवचषिणः।।

03.07.08 स वावा स ऋिष वचया- स शूरो अा पृतनास ु रः। स रायोषं स

सवु ीय.धे- यँ वाजो िवा ऋभवो यमािवषः।।



ु न।
 ेँ व पेशो अिध धािय दशत-ं ोमो वाजाˆ ऋभव..ज धीरासो िह ा क
 व
 यो

िवपित- ाˆ एना णावेदयामिस।।



 यूय.म.िषणा िर- िवांसो िवा नयािण भोजना। मु ँ वाजँ वृषश.म ु म-मा नो

रिय.मृभव. तावयः।।

 इह जा.िमह रियं रराणाˆ- इह वो वीरव. ता नः। येन वय.ितये.माा-ँ वाज.ि

.मृभवो ददा नः।।



 4.37 उप न इच सू, गौतमो वामदेव ऋभविपु -अातोनु भ
ु ः।।
03.07.09 उप नो वाजाˆ अर.मृभ ु ाˆ- देवाˆ यात पिथिभ दवयान ैः। यथा य ं मनषु ो

िवा3-(आ)स ु दिध े रवा िु दने.ाम।।
ु सो अ घृतिनिणजो गःु ।  व तु ासो हरय पूणा- े
 ते वो द े मनस े स ु य ाˆ- जा

द ाय हषय पीताः।।

 दु ाय.ेविहत ँ यथा व- ोमो वाजाˆऋभ ु णो दद े वः। जु े मन ु े सचा
ु .परास ु िव -ु य

बृह.िवषे  ु सोमम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 312


ु थाˆ िह भूता-यिशाˆ वािजन.िु नाः। इ सूनो~ शवसो नपातो-न ु
 पीवोअा.शच

वे.िय ं मदाय।।
ु म।् इं हवामहे- सदासातम.मिनम।।
ु भ ु णो रियँ- वाजे वािजम ँ यज
 ऋभ.मृ ्

03.07.10 सेभवो यमवथ- यूय.िम. मम।् स धीिभ र ु सिनता- मेधसाता सो

अवता।।

 िव नो वाजाˆ ऋभ ु ण- पथ.ितन यव।े अं सूरय. तु ाˆ- िवाˆ आशा.रीषिण।।

 तो वाजाˆ ऋभ ु णˆ-इ नासा रियम।् सम.षिणˆ आ- पु श.मघय।े ।



 4.38 उतो हीित दशच सू, गौतमो वामदेवो दिधावा-आाया ावापृिथवी िपु ।।

03.07.11 उतो~ िह वा.ाा सि पूवा- या पू.सद ु िनतोश।े े ासा.दथ ु



ु ो अिभभूित.मु म।।
वरासा-न .
ु िान-िधाम ु ददथ ु िवकृ िम।् ऋिज ं येन ं िु षत.ु माश-ु कृ
 उत वािजनं पिन

.मय नृपित. शूरम।।

 यं सीमन ु वतेव व-ँ िव पू.मदित हषमाणः। पि गृ ं मेधय.ु  शूरं- रथतरु ँ वात.िमव

जम।।

 य. ाानो गा सम-ु सनतु र रित गोष ु ग।् आिवरऋ


् जीको िवदथा िनिच-

िरो अरि तं पयापˆ आयोः।।

 उत नै ँ व.मिथ ताय-ु मन ु ोशि ि तयो भरेष।ु नीचायमान.सिु र. येन-ं वाा

पशमु . यूथम।।

03.07.12 उत ास ु थम.िर-ि वेविे त ेिणभी र थानाम।् ज.वानो जो न



शा- ्
रेण ं ु रेिरह.िरण.दान।।

 उत  वाजी सिरर ् ऋतावा- शू


ु षमाण.ा समय। तरु ँ यतीष ु तरु य.ृिजो-िध वु ो

िकरते रेण.ु मृ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 313


ु ो भये। यदा सह मिभ षीमयोधी- वु त ु ा
 उत ा ततोिरव ो-र ्ऋघायतो अिभयज

भवित भीमˆ ऋ।।

 उत ा पनयि जनाˆ- जूित.िो अिभभूित.माशोः। उत ैनमा.िमथ े िवय- परा

दिधाˆ असर.ह ैः।।

 ाˆ वावा -पृणु
 आ दिधा.शवसा प कृ  ी-ूयइव ोितषाप तान। सहसा.शतस

मा सिममा वचांिस।।



 4.39 आशिु मित षडृच सू, गौतमो वामदेवो- दिधावा िबु ानु ुप।।

 .ु िधा.म ु न ु ¤वाम- िदव.ृिथा उत चिक राम। उीमा मषु स


03.07.13 आश

ूदय-ित िवािन िरतािन पष।।

 मह क.वत तु ाˆ- दिधा पु वार वृः। यं पूो दीिदवांस.ाि.दथ ु

िमावणा ततिु रम।।

 यो अ दिधाो अकारी-िम े अा उषसो ु ौ। अनागस.मिदित कृ णोत-ु स

े  वणने ा सजोषाः।।
िमण

 दिधाˆ इषˆ ऊज महो य-दमिह मता.ाम भम।् ये वण ं िम.मिं- हवामह

इँ वबाम।।

 इ.िमव.े भये िव य -उदीराणाˆ य .मपु यः। दिधाम ु सूदन ं माय- ददथ ु िमावणा

नो अम।।

 दिधाो अकािरष-िो र वािजनः। सरु िभ नो मख ्


ु ा कर- णˆ आयूिं ष तािरषत।।

 4.40 दिधा इित पच सू, गौतमो वामदेवो- दिधावा अाया ूय-िुप-्

अातो- जगः।।

03.07.14 दिधाˆ इ न ु चिक राम- िवाˆ इा मषु स.ूदय।ु अपा.म े

षस.ूय- बृहते रािरस िजोः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 314


 सा भिरषो गिवषो वस-व ु सत।् सो वो वर पतरो-
 ा.िदष उषसˆ रय

दिधावेष.मूज जनत।।
ु त- पण. वेरन ु वाित गिधनः। येनेव जतो अस ं पिर-
 उत ा वत.रय

दिधा .होजा तिरतः।।

 उत  वाजी ि पिण.रु यित- ीवायां बो अिपक आस


 िन। त.ु िधाˆ अन ु सवी-

था.मां.ापनीफणत।।

 हंस.शिु चष.स ु रिर स-ोता वेिदष.दितिथ रोणसत।् नृष.रस.तस


 .ोमस-दाˆ गोजाˆ

ऋतज ्
 ाˆ अिजा ˆऋतम।।

 4.41 इा को वा िमेकादशच सू, गौतमो वामदेव- इावणौ- िुप।।
ु माप- ोमो हिवा अमत
03.07.15 इा को वां वणा स ृ ो न होता। यो वां िद तमु ा

अ- पश.िदावणा नमान।।

 इा ह यो वणा च आपी~- देवौ मत.ाय यान।् स हि वृा सिमथषे  ु शू-

नवोिभवा महि.  वे।।

े .ा। यदी सखाया साय सोम-ै


 इा ह रँ वणा धे-ेा नृ. शशमान

तु िे भ.ु यसा मादयतै ~


े ।।

 इा यवु ँ वणा िद.ु मि-ोिज.मु ा िन विधँ वम।् यो नो रेवो वृकित दभीित- ि

.िमाथा.मिभभू.ोजः।।

 इा यवु ँ वणा भूत.माˆ- िधय ेतारा वृषभवे  धेनोः। सा नो हीय.वसवे गी- सहधारा

पयसा मही गौः।।

03.07.16 तोके िहत े तनय उवरास-ु सूरो शीके वृषण. पे। इा नो अ वणा ाता-

मवोिभ दा पिरतायाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 315


 यवु ािम.वस े पूाय- पिर भूती~ गिवष ापी~। वृणीमहे साय ियाय- शूरा मंिहा

ू ।।
िपतरेव शंभ~

 ताˆ वा.ियोवस े वाजयी- रािज. ज म ु यवु य ू दु ानू~। िय े न गावˆ उप सोम.म-ु

िर.िरो वण ं मे मनीषाः।।

 इमाˆ इँ वण ं मे मनीषाˆ-अ म.पु िवण.िममानाः। उपे.म ु जारइव वो- रीिरव

वसो िभ माणाः।।

 अ ना र पु -े िन राय पतय.ाम। ता चाणा ऊितिभ नसीिभ- रा

रायो िनयतु .चाम।।

 आ नो बृहा बृहतीिभ ती- इ यात ँ वण वाजसातौ। यिव पृतनास ु ीळा- वां

ाम सिनतारˆ आजःे ।।

 4.42 मम ितेित दशच सू, पौकु सदःु -आानां षणां सददु वता-

अानां चतसृणािमावणौ- िपु ।।

ृ ाˆ यथा नः। त ं ु सचे वण


03.07.17 मम िता रा.िय- िवायो िवे अमत

देवाˆ- राजािम कृ  े पम वःे ।।

 अहं राजा वणो म.ा-सयु ािण थमा धारय। त ं ु सचे वण देवाˆ- राजािम कृ  े

  वःे ।।
पम

े रजसी~ समु क
 अह.िमो वण. े~ मिह-ोव~ गभीर~ े े ~। ेव िवा भवु नािन िवा-

मैरयं रोदसी धारय.।।

 अह.मपो अिप.म ु माणाˆ- धारय.िवं सदन ऋत। ऋतने  पु ो अिदतरे ् ऋता-वोत िधात ु

थय.ि भूम।।

 मार.ा वाजयो- माँ वृता.मरण े हवे। कृ णो.ािजं मघवाह.िमˆ- इयिम रेण ु

.मिभभूोजाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 316


03.07.18 अह.ा िवा चकर.िकमा- दै ं सहो वरते अतीतम।् या सोमासो मम.द

.ो-भे~ भयते ~
े रजसी ~अपारे~।।

 िवे िवा भवु नािन त- ता  वीिष वणाय वेधः। ँ वृािण िवषे जघा-ँ वृता

ू ।।
अिरणाˆ इ िसन

 - ऋषयो दौगहे बमान।े त आयज सद.ु माˆ-


 अाक.म िपतर. आस

 रु .मधदेवम।।
इ. वृत

 ु ानी िह वामदाश-िे भ िरावणा नमोिभः। अथा राजान.सद.ु माˆ- वृहण


 पु क

.दथ ु रधदेवम।।

 राया वय ं ससव ु ावणा यवु .ो- िवाहा ध


 ांसो मदेम- हने  देवाˆ यवसने  गावः। ताेन.िम

.मनपुरीम।।

 4.43 क उ विदित सच सू, सौहोौ पमीाजमीाविनौ- ्
िुप।।

03.07.19 कˆ उ व.तमो यि यानाँ- वा देव कतमो जषु ाते। केमा.ेवी.ममत
ृ षे  ु

ेां- िद ेषाम सु ुितं सहु  ्


 ाम।।

 को मृळाित कतमˆ आगिमो- देवानाम ु कतम.शंभिवः। रथ.मा व.द.माश-ँ ु यं सूय

िहता वृणीत।।

 म  ू िह ा गथˆ ईवतो ू-िनो न शिं पिरतायाम।् िदवˆ आजाता िदा सपु ण
 ा- कया

शचीनां भवथ.शिचा।।

 का वां भू.पमाित कया नˆ- आिना गमथो यमाना। को वां महि.जसो अभीक-

उतं माी~ दा नˆ ऊती।।

 उ वां रथ पिर न ित ा-मा यमु ा.दिभ वतत े वाम।् मा माी~ मध ु वां षाय
ु -

वां पृ ो भरु ज पाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 317


 िस.ु ह वां रसया िसदा-ृणा वयोषास पिर म।् त ¤ष ु वामिजर.ेित यानँ -येन

पती~ भवथ.ूयायाः।।

 इहहे  यां समना पप ृ -े सेय म े समु ित वाजरा। उत.िरतारँ यवु ं ह- ित कामो

नासा यवु िक।।

 4.44 तँ वािमित सच सू, सौहोौ पमीाजमीाविनौ- ्
िुप।।
ु य.मिना सित.ोः। यूया वहित वरु ाय ु -
े - पृथ
03.07.20 तँ वां रथं वय.मा  वम

िगवाहसं पु तमँ वसूयमु ।।

 यवु ं िय.मिना देवता ता-िवो नपाता वनथ.शचीिभः। यवु ो वप ु रिभ पृ .चे- वहि

य.कुहासो रथे वाम।।

 को वा.मा करते रातहˆ- ऊतये वा सतु पये ाय वाक ः। ऋत वा वनषेु  पूाय- नमो येमानो

अिना ववतत।।
ु ~ रथे-नेम ँ य .ासोप यातम।् िपबाथˆ इधनु ो- दधथो रँ िवधत े
 िहर ययेन पभू

जनाय।।

 आ नो यात.िवो अा पिृ थाˆ- िहर ययेन सवु त  े िन यम.ेवय-ँ


ृ ा रथेन। मा वाम

यद े नािभ पूा वाम।।

 ीरं बृह-ा िममाथा.मभु ये.।े नरो या.मिना ोम.माव-धिु त


 नू नो रियं पु व

माजमीासो अ म।।

 इहहे  यां समना पप ृ -े सेय म े समु ित वाजरा। उत.िरतारँ यवु ं ह- ित कामो

नासा यवु िक।।

 4.45 एष  इित सच सू, गौतमो वामदेवोिनौ- जगा िुप।।
ु ते- रथ पिरा ि दवो अ सानिव। पृ ासो अि
03.07.21 एष  भान ु िदयित य

.िथनु ाˆ अिध यो- ित रु ीयो मधनु ो िवरते।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 318


ु ˆ ईरते- रथाˆ अासˆ उषसो िु ष।ु अपोणवु  मˆ आ परीवत
 उां पृ ासो मधम ृ -ं
ु .ˆ आ रजः।।
1(अ)ण श
ु ाथां रथम।् आ वतिनं मधनु ा िजथ थो-
 म िपबतं मधपु िे भ रासिभ -त िय ं मधनु े य
ु .मिना।।
े मधम
ितँ वहेथ~
ु ो अिधो- िहरयपणाˆ उवˆ उषबधः
 हंसासो ये वां मधम ु । उदतो
ु मिनो मििनश
ृ ो-

मो न म  वनािन गथः।।


ु ो अयˆ- उा जरे ित वो रिना। यिह रिण िवच ण-
 रासो मधम
ु .मििभः।।
ोमं सषु ाव मधम
ु .ˆ आ रजः। सूर िदा.यु ज
 आकेिनपासो अहिभ दिवत-1(अ)ण श ु ानˆ

ईयते- िवा अन ु धया चेतथ थः।।

  वा.मवोच.मिना िधया- रथ ो अजरो यो अि। येन स पिर रजांिस याथो-

हिव .रिणं भोज.म।।

 4.46 अं िपबेित सच सू, गौतमो वामदेव- इवायू- आाया वाय-ु गायी।।

03.07.22 अं िपबा मधूनां- सतु ँ वायो~ िदिविष।ु ं िह पूवपाˆ अिस।।

 शतने ा न
 ो अिभििभ -िनय ्
ु ा इसारिथः। वायो~ सतु  तृतम।।

 आ वां सहं हरयˆ-इवायू~ अिभ यः। वह ु सोमपीतये।।

 रथं िहरयवरु -िमवायू~ रम।् आ िह ाथो िदिवश ्


ृ म।।

 रथेन पृथपु ाजसा- दाांस.मपु  गतम।् इवायू~ इहा गतम।।


 इवायू~ अय ं सतु -.ेविे भ.जोषसा। िपबत.ाशषो


ु गृह।े ।

 इह याण.म ु वा-िमवायू~ िवमोचनम।् इह वां सोमपीतये।।


ु इित चतऋ
 4.47 वायो श ्
ु च सू, गौतमो वामदेव- इवायू- आाया वाय-ु रनु पु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 319


ु ो अयािम ते- मो अ.ििविष।ु आ यािह सोमपीतये- ाह देव
03.07.23 वायो~ श
ु ता।।
िनय

 इ. वाय~वेषां- सोमानां पीित.महथः। यवु ां िह यीवो- िन.मापो न स क।् ।


ु ा नˆ ऊतय- आ यात ं सोमपीतये।।
 वाय~ िव शिु णा- सरथं शवस.ती~। िनय

 या वां सि पु हृ ो- िनयतु ो दाशषु  े नरा। अ े ताˆ य वाह-सेवायू~ िन यतम।।

 4.48 िव िह होा इित पच सू, गौतमो वामदेवो- वाय-ु रनु पु ।।

03.07.24 िविह होाˆ अवीता- िवपो न रायो अयः। वाय~वा चेण रथेन- यािह सतु 

पीतये।।

 िनयवु ाणो अशी -िनय


ु ा इसारिथः। वाय~वा चेण रथेन- यािह सतु  पीतये।।

 अन ु कृ ~
े वसिु धती~- येमाते िवपेशसा। वाय~वा चेण रथेन- यािह सतु  पीतये।।
ु ो- य
 वह ु ा मनोयज ु ासो नवित नव। वाय~वा चेण रथेन- यािह सतु  पीतये।।

 वायो~ शत ं हरीणाँ -यवु  पोाणाम।् उत वा ते सहिणो- रथˆ आ यात ु पाजसा।।

 4.49 इदँ वािमित षडृच सू, गौतमो वामदेव- इाबृहती- गायी।।

03.07.25 इद ँ वामा े हिव- िय िमाबृहती~। उ ं मद. शते।।

 अय ँ वां पिर ¤िषते- सोमˆ इाबृहती~। चा मदाय पीतये।।

 आ नˆ इाबृहती~- गृह.िम. गतम।् सोमपा सोमपीतये।।

 अ े इाबृहती ~-रिय  ं शति वनम।् अावं सहिणम।।


 इाबहृ ती~ वय-ं सतु े गीिभ हवामहे। अ सोम पीतये।।

 सोम.िमाबृहती~- िपबत.ाशषु ो गृहे। मादयेथा.दोकसा।।

े ादशच सू, गौतमो वामदेवो- बृहित-रयोयो िराबृहती-


 4.50 येक

िपु -दशमी जगती-(जनना ऋषेः पो ्
ु जान इित सवा भाम-जार इित सायणः)

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 320


03.07.26 य सहसा िव ो अा-ृह
 ित.िषधो रवेण। तं ासˆ ऋषयो

दीाना- परु ो िवा दिधरे मिजम।।

 धनु ते य.ु के त ं मदो- बृहते अिभ ये न.त।े पृष ं सृ.मद.मूव- बृह


 ते र ता.द

योिनम।।

 बृहते या परमा पराव-दतˆ आ त ऋतश ु .ाताˆ अवताˆ अि धाˆ- म
ृ ो िन षेः। त

ोत.िभतो िवरम।।

 बृहित थम.ायमानो- महो ोितष परम े ोम।् सा िवजा


ु तो रवेण- िव

सरिम रधम.मांिस।।

 स सु ुभा स ऋता गणने - वलं रोज फिलग ं रवेण। बृह


 ित ियाˆ हसदू - किनद.

ावशती दाजत।।

03.07.27 एवा िप े िवदेवाय वृ-े य ै िवधम  ते सु जा वीरवो-


े  नमसा हिविभः। बृह

वय ं ाम पतयो रयीणाम।।
ु ण ता विभ वीयण
 स इाजा ितजािन िवा- शे  । बृह ु त
 ितँ य.भ ृ ं िबभित- वूयित

वत े पूवभाजम।।
ु तˆ ओकिस े- ता इळा िपते िवदानीम।् त ै िवश.य.मेवा नमे-
 स इेित सिध

यि.ा राजिन पूवˆ एित।।

 अतीतो जयित सनािन- ितजा.तु या सजा। अववे यो विरव कृ णोित- णे

राजा तमवि देवाः।।

 इ. सोमं िपबतं बृहते-ि. े मसाना वृषवसू~। आ वाँ िवश.िव.ाभवु ो-



े रियं सववीर.ि यतम।।

 बृहत इ वधत.-चा सा वां समु ित भू।े अिव.ियो िजगृत ं परु ी- जज.मय
ु .मरातीः।। ।।इित समााय माः।।
वनषा

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके समाायः। (वगाः 1-27) Page 321


 तृतीयाके अमाायः। (वगाः 1-26)

 4.51 इदम ु िदेकादशच सू, गौतमो वामदेव- उषा-िुप।।

03.08.01 इदम ु .ु तमं परु ा-ोित मसो वयनु ाव.दात।् नून.िवो िहतरो

िवभाती- गात.ु णव.षु सो जनाय।।

 अु िचाˆ उषस परु ा-िताइव रवोरेष।ु ू ज तमसो ा-रोी

र.चय पावकाः।।

े ा.योषसो मघोनीः। अिच े अ पणय- स-


 उी र िचतय भोजा-ाधोदय
ु माना .मसो िव म।े ।
ब

 कुिव देवी.नयो नवो वा- यामो बभूया.षसो वो अ। येना  नव वे अिरे दश वे- साे

रेवती रेव.ष।।

 यूय ं िह देवीर ् ऋतयिु  रै - पिरयाथ भवु नािन सः। बोधयी षस.स-

ु ा .रथाय जीवम।।
िपा.त

ू ाम।् शभँ
03.08.02  िदासा.तमा परु ाणी- यया िवधाना िवदधरु ् ऋभण ु  याˆ

उषस.रि- न िव ाये सशी रजयु ाः।।

 ाˆ भाˆ उषस परु ास-ु रिभि


 ताˆ घा त ु ाˆ ऋतजातसाः। याीजान.शशमानˆ उ ै-

वु .ं स.िवण ं सˆ आप।।

 ताˆ आ चरि समना परु ा-मानत.मना पथानाः। ऋत देवी.दसो बधु ाना- गवा.

सगाˆ उषसो जरे।।


ु ा
 ी- रमीतवणाˆ उषस.रि। गूही र.मिसत ं शि- श
 ताˆ इ.े3(ए)व समना समान
ु यो चानाः।।
.निू भ.शच

 रिय.िवो िहतरो िवभाती- जाव ँ य.ताास ु देवीः। ोनादा व ितब


ु माना-

वु ीय पतय.ाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 322


 तो िदवो िहतरो िवभाती-प वु ˆ उषसो य के तःु । वय ं ाम यशसो जनेष-ु तौ. धां

पृिथवी च देवी।।

 4.52 ित ेित सच सू, गौतमो वामदेव- उषा- गायी।।


ु ी पिर सःु । िदवो अदिश िहता।।
03.08.03 ित ¤ा सनू री जनी- 

 अेव िचाषी- माता गवा.मृतावरी। सखाभू.दिनो षाः।।

 उत सखािनो -त माता गवामिस। उतोषो वˆ ईिशषे।।



 यावय.ेषसा -िचिकि.ूनतृ ाविर। ित ोम ै रभिह।।

 ित भाˆ अ त- गवां सगाˆ न रमयः। ओषाˆ अाˆ उ यः।।
ु िवभाविर- ावˆ ितषा तमः। उषो अन ु धा.मव।।
 आप षी

 आ ा नोिष रिमिभ- रािर .मु ियम।् उष.श


ु े ण शोिचषा।।

 4.53 तेवेित सच सू, गौतमो वामदेव-िवता- जगती।।

03.08.04 तेव सिवत ु वाय मह-ण


ृ ीमहे असरु  चेतसः। छिदयन  दाशषेु  यित ना-
तो महा उदया.ेवो अुिभः।।

 िदवो धता भवु न जापित- िपश.ािपं ित म


ु ते किवः। िवच ण थय.ापृण.-ु

ु .म
वजीजन.िवता स ्
ु म।।

 आा रजांिस िदािन पािथवा- ोक.ेव कृ णतु  े ाय धमण।े  बा~ अा.िवता

सवीमिन- िनवेशय.सवु .ुिभ जगत।।

 अदाो भवु नािन चाकश-तािन देव.िवतािभ र ते। ाा. बा~ भवु न जाो-

धृततो महो अ राजित।।

 िरिर ं सिवता मिहना- ी रजांिस पिरभ ू ीिण रोचना। ितो िदव पृिथवी िˆ इित-

ििभ त ै रिभ नो र ित ना।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके अमाायः। (वगाः 1-26) Page 323


ु  सवीता िनवश
 बृह. े नो- जगत. ात ु भय यो वशी। स नो देव.िवता शम य-

 े याय िवथ.मंहसः।


ु वधत ु य-धात ु न.िवता सु जा.िमषम।् स नः
 आग.ेव ऋतिभ पािभ रहिभ.

िजत ु -जाव ं रिय.म े सिमत।ु ।



 4.54 अभूवे इित पडृच सू, गौतमो वामदेव-िवता- जगा िुप।।

03.08.05 अभू.ेव.िवता वो न ु नˆ- इदानी.मˆ उपवाो नृिभः। िव यो रा भजित



े -े.ो अ िवण ँ यथा दधत।।
मानव

े ो िह थम ँ यि येो-मृत


 देव ु मम।् आिद.ामानं सिवतˆ ूणषे
 ं सवु िस भाग.म ु -नूचीना

जीिवता मानषु 
े ः।।

ै  े जने- दीन ै द ै भूती पूषता। देवषे  ु च सिवतˆ मानषु षे ु च- .ो अ
 अिची यकृमा द
ु .दनागसः।।
सवता

 न िमये सिवत ु द त-था िवं भवु न.ारियित। यृिथाˆ विरम.ा िु र-

व.िव. वु ित स.म तत।।

े ः-  या ए.वु िस पावतः। यथायथा पतयो िवयेिमर -


 इे ा.ृह पवत

एववै त ु .िवत.वाय ते।।

 ये ते िरह.िवत.वासो- िदविे दव े सौभग.मासवु ि। इो ावापिृ थवी~ िस ु रि-

रािद ै न अिदित शम यंसत।।

 4.55 को वातेित दशच सू, गौतमो वामदेवो- िवेदवे ा-िपु -् अािो गायः-

(भेदप े - िवेदवे ाः 7 अिः-1 उषाः-1 िवेदवे ाः-1 एवं दश)

ू ी अिदते ासीथा.ः। सहीयसो वण िम


03.08.06 को वाता वसव को वता- ावाभम

मता-ो वोरे विरवो धाित देवाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 324


  ये धामािन पूा.यचा-ि या.ियोतारो अमूराः। िवधातारो िव ते दध ु रजाˆ-

ऋतधीतयो च दाः।।

  पा3( आ)मिदितं िस.ु मक-ि.मीळे साय देवीम।् उभ~


े यथा नो अहनी~ िनपात-

े ।।
उषासाना करता.मद~

 यमा वण ेित पा-िमषित.िु वत.ात.ु मिः। इािव~


ू नृवष ु वाना- शम नो

य.ममव.थम।।

 आ पवत मता.मवांिस- देव ात ु रि भग। पाित जा दंहसो नो- िमो िमिया.त

नˆ उेत।।
ु त देवी~ अेिभ िर ैः। समु . सरण े सिनवो-
ु ने - वी
03.08.07 नू रोदसी अिहना ब

घमरसो नो3(ओ) अप ।।
ु ।् निह िम वण धािस-महामिस
 देव.ै न दे.िदित िनपात-ु देव.ाता ायता.मय

िमयं साःे ।।

 अि रीश े वस-ाि मह.ौभग। तां रासते।।

ृ  े वाया पु । अँ वािजनीवित।।


 उषो मघो.ा वह- सूनत

 त ु न.िवता भगो- वणो िमो अयमा। इो नो राधसा गमत।।

 4.56 मही इित सच सू, गौतमो वामदेवो- ावापृिथवी- िुप-अािो गायः।।

03.08.08 मही~ ावापिृ थवी~ इह े~ ु यि रकः। य विर~
े - चा भवतां शच े बृहती~

िविम-वु .ो ा पथानिे भ रेवःै ।।

े यज-ै रिमनती~ तत ु  माण~


 देवी~ देविे भ यजत~ े । ऋतावरी~ अुहा देवपु ~
े - य 
ु यि रकः।।
नेी~ शच

 स इ.पाˆ भवु न.े ास- यˆ इम~ े रजसी~ समु क


े ावापिृ थवी~ जजान। उव~ गभीर~ े े  ~-

अवंश े धीर शा समैरत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके अमाायः। (वगाः 1-26) Page 325


े िन पात-
 नू रोदसी बृहि.न वथै - पीवि िरषयी~ सजोषाः। उची~ िवे~ यजत~

िया ाम र.दासाः।।


ु भरामहे। शच
  वां मिह वी~ अ-पु ितं ु ी~ उप शये।।

 पनु ान~
े ता िमथ-ेन द ण ्
े राजथः। ऊाथे~ सना.तम।।

 मही~ िम साधथ-री~ िपती~ ऋतम।् पिर य .ि षेदथः।।


ु ा शनु ः-
 4.57 े ेच सू, गौतमो वामदेव- आानां ितसृणां े पितदवता-चत

पो शनासीरौ-षी सो ीता-आा चतथु  षी सोनु भ ु
ु ः-पमी परउिक -्

शेषािभ ु ा शनु ोदः-तथा शनु ासीरािव के िचाािदािवारयि


ु ः (अ चत ु त
ु यतो वाय ु शनु ूय एवा सीर शनु ासीरौ वायसू
चतरँ ु य वदि-शनासीरँ
ु या इ ु मेन े

सूय ु
 ौ तौ मते शाकपूिणिरित शनासीर पे शौनके नाचायमत दशनाजेन वैिवं ितपािदतं

ु )।।
ताकृ ितभूतशनु ासीर शेनोचारणँ यम

03.08.09  े  पितना वय-ं िहतने वे जयामिस। गामं पोषिया- स नो मृळातीशे।।
ु .मूिम-ेनिर
 े  पते मधम ु
ु व पयो अास ु ध। ु तु .ृतिमव सपूु त-मृत न पतयो
मध

मृळय।।
ु .ो भव.िर म।् े  पित मधमु ा.ो अ-िरो
ु ती रोषधी ावˆ आपो- मधम
 मधम

अेन.रेम।।

 शनु ँ वाहा.शनु .र-शनु .षत ु लालम।् शनु ँ वरा बां- शनु .मा.मिु दय।।

ु सीरािवमाँ वाच.षेु थाँ -यििव चथु पयः। तेनमे ा.मपु  िसतम।।
 शना
ु भव- सीते वामहे ा। यथा न भु गासिस- यथा न फ
 अवाची सभगे ु लासिस।।

 इ.ीता.ि गृात-ु तां पूषान ु यत।ु सा न पयती हा-म


ु राम ्
ु रां समाम।।

 शनु . फालाˆ िव कृ ष ु भूिमं- शनु .ीनाशाˆ अिभ य ु वाहःै । शनु ं पजो मधनु ा पयोिभ-

शनु ासीरा शनु मास ु धम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 326



 4.58 समािमिरे
कादशच सू, गौतमो वामदेवोि-िब
ु ा जगती-(सूय वा गावो
वा घृतिु तवा देवता)-आेय े पमे मडले षडनवाकाः।।

ु ा उदार-पांशना
03.08.10 समु ा.िम मधम ु सममत ु  यदि-
ृ .मानट ्। घृत नाम गँ

िजा देवाना.ममत
ृ  नािभः।।

 वय ं नाम  वामा घृत-ाि. े धारयामा नमोिभः। उप ा णव.मान-



तु ोवमी.ौर ˆएतत।।

 स हासो अ। िधा बो वृषभो रोरवीित- महो


 चािर ा यो अ पादा- े~ शीष~

े ।।
देवो मा आ िववश
ु मान-िव देवासो घृत.मिव।् इˆ एकं  सूयˆ एक.जान- वेना.देकं
 िधा िहत ं पिणिभ ग

धया िन ¤त ःु ।।

 एताˆ अषि ा.मु ा-तजा िरपणा


ु नावच ।े घृत धाराˆ अिभ चाकशीिम- िहरययो

वेतसो मˆ आसाम।।

03.08.11 स.वि सिरतो न धेनाˆ अ दा मनसा पूयमानाः। एत े अष.ूमयो

घृत- मृगाइव ि पणो रीषमाणाः।।

 िसोिरव ान े शूघन


 ासो- वातिमय पतयि याः। घृत धाराˆ अषो न वाजी- कााˆ

िभ.ूिमिभ िपमानः।।

 अिभ व समनवे  योषा- काय1(अ) यमानासो अिम।् घृत धारा.िमधो

नस- ता जषु ाणो हयित जातवेदाः।।

 काइव वहत.ु मेतवा उ- अानाˆ अिभ चाकशीिम। य सोम.ूयते य य ो- घृत धाराˆ

अिभ तवे।।

 अषत सु ुित..मािज-मास ु भा िवणािन ध। इम ँ य .यत देवता नो- घृत धाराˆ
ु .वे।।
मधम

ऋ वेदीय शाकल संिहता तृतीयाके अमाायः। (वगाः 1-26) Page 327


 धाम े िवं भवु न. मिध ित-म.मु े 1(अ) रायिु ष। अपा.मनीके सिमथ े य ˆआभृत-
् इित चतथु मडलम।।
ु . ऊिमम।।
मयाम मधम ् िवेराय नमः .....

 पमं मडलम ्

 5.01 अबोधीित ादशच सू, आेयौ बधगिविरावि-ि ्
ुप।।
ु वा.यती.मषु ासम।् याइव  वया
03.08.12 अबो.ि.िमधा जनानां- ित धेनिम

.मिु हाना-  भानव.िते नाक.म।।


ु ना ात रात।् सिम श.ददिश पाजो- महा
 अबोिध होता यजथाय देवा-नू अि.म

.ेव.मसो िनरमोिच।।
ु ते वाजय-
 यदी.ण रशना.मजीग~- शिु च रे  शिु चिभ गिभ रिः। आि णा य ु ाना

.मू अधय.ु िभः।।


ु त~
 अि.मा द वे यतां मनांिस- च षूं ीव सूय  स.रि। यदी सवा े उषसा िवप~
े - ेतो वाजी

जायते अे अाम।।

 जिन िह जेो अे अां- िहतो िहत.े ष ो वनेष।ु दमेदमे स रा दधानो-ि हता िन

षसादा यजीयान।।

 अि हता.सीद.जीया-नपु े मात.ु रु भा उ लोके। यवु ा किव पु िन ˆ ऋतावा- धता

कृ ीना.मतु म इ


 ः।।

03.08.13  ण ु ँ िव.मरेष ु साध-ु मिं होतार.मीळते नमोिभः। आ य.तान रोदसी

ऋतने - िनं मृजि वािजन.ृतने ।।

 माजाो मृते े दमूना- किवशो अितिथ.िशवो नः। सहो वृषभ


 .दोजा-

िवा अे सहसा ाान।।
ु ो िवभावा- ियो
ू । ईळेो वप
  सो अ े अे.ा-नािव य ै चातमो बभथ

िवशा.मितिथ मानषु ीणाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 328


ु  भरि ि तयो यिव- बिल.म े अितˆ ओत रात।् आ भि समु ित.ििकि- बृहे
 तं

अे मिह शम भम।।
ु भानमु -मे ित यजतिे भ मम।् िवा.थीना.मवु 1(अ)िर -मेह
 आ रथं भानमो

देवा.िवराय वि ।।

 अवोचाम कवये मेाय- वचो वा वृषभाय वृ।े गिविरो नमसा ोम.मौ- िदवीव 

.मु  ्
 .मेत।।

 5.02 कुमारिमित ादशच सू, आेयः कुमारः-कमेत-ँ िवोितषेनयोजानो वृशोि-



िपु -अा ु
शरी (पाि को जारो वृश वसूेिप-अ सवानमभाे ु
जनना ऋषेः पो
् ना ऋषेः पो
जान इेव िनणतम-जर ्
ु जारो वृश इित त ु सायणभाम।।

03.08.14 कुमारं माता यवु ि त.म


ु - हु ा िबभित न ददाित िप।े अनीक.म न

िमन.नास- परु  पयि िनिहत.मरतौ।।

 कमेत.ँ यवु ते कुमारं- पेषी िबभिष मिहषी जजान। पूव.िह गभ.शरदो वव-धापय.ात ँ

यदसूत माता।।

 िहरयदं शिु चवण.मारा-ेा.दपय.मायधु ा िममानम।् ददानो अा अम


 त
ृ  ँ िवप
ृ -िं
ु ाः।।
मा.मिना कृ णव.न

 े ा.दपयं सनतु ~ र-ं समु .ूथ. पु शोभमानम।् न ताˆ अग


ृ .जिनˆ िह ¤ष-

पिली िर.वु त
 यो भवि।।

 के मे मयकँ िव यव गोिभ- न येषा.ोपाˆ अरण.िदास। यˆ ई.गृभ ु रव ते सृज-ाजाित प

ˆउप न.ििकान।।

 वसां राजान ं वसित.नाना-मरातयो िन दध ु मष।ु ा.ये रव तं सृज-ु िनितारो

िनासो भव।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  पमं मडलम ् Page 329


03.08.15 शनु ि ेप.ििदत ं सहा-ूपा.दमो
ु अशिम िह ¤षः। एवा.द े िव ममु िु ध

पाशा-ोत ििकˆ इह तू िनष।।

 णीयमानो अप िह मदैये -  मे देवानाँ तपाˆ उवाच। इो िवा अन ु िह ा चच -

तेनाह.म े अनिु शˆ आगाम।।

 िव ोितषा बृहता भा.ि- रािव िवािन कृ णतु े मिहा। ादेवी माया.हते रेवा-िशशीत े

े ~ र स े िविन ।े ।

 उत ानासो िदिवष.-े ि मायधु ा र स े हवा उ। मदे िचद  जि भामाˆ- न

वरे पिरबाधो अदेवीः।।

 एते ोम.िु वजात िवो- रथ. धीर.पाˆ अत म।् यदी.द े ित ेव हया-वती

रपˆ एना जयेम।।

 तिु वीवो वृषभो वावध ृ ाˆ अवोच-िहत े


ृ ानो-श1(अ)य.मजाित वेदः। इतीम.मि.ममत

मनव े शम यंस-िवत े मनव े शम यंसत।।
ु तु ोि-ृतीयाया मुिवव-िबु ाा
 5.03 म इित ादशच सू, आेयो वस

िवराट ्।।

03.08.16 म े वणो जायस े य-ं िमो भविस य.िमः। े िवे सहस.ु देवा-

िमो दाशषेु  माय।।


ु  िबभिष। अि िम ं सिध
 मयमा भविस यनीना-ाम धाव.ं ु त. गोिभ-य.ती~

समनसा कृ ण
 ोिष।।

 तव िय े मतो मजय-  ये जिनम चा िचम।् पद ँ यिो पम.िधािय- तेन पािस

ु . ाम गोनाम।।
ग

 तव िया सु शो देव देवा- प


ु  दधानाˆ अमत
ृ  ं सप। होतार.मिं मनषु ो िन षे- दशˆ

उिशज.शंस.मायोः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 330


 न ोता पूव अे यजीया- काै परो अि धावः। िवश. याˆ अितिथ भवािस- स

ˆय ने  वनव.ेव मतान।।

 वय.म े वनयु ाम ोताˆ- वसूयवो हिवषा ब


ु मानाः। वय ं समय  िवदथे.ाँ- वय ं राया

सहस.ु मतान।।

03.08.17 यो नˆआगो अने ो भरा-धी.दघ.मघशंस े दधात। जही ि चिको

अिभशि.मेता- मे यो नो मचयित यने ।।


ु देव पूव- त.वानाˆ अयज ह ैः। सं े यद ईयस े रयीणा-ेवो मत
 ामाˆ िष

वसिु भ िरमानः।।

 अव ृिध िपतरँ योिध िवा-ु ो य.े सहस.ून ~ऊह।े कदा िचिको अिभ च से नो-े

कदा ऋति च.ातयासे।।

 भूिर नाम वमानो दधाित- िपता वसो~ यिद तोषयास।े कुिव.ेव सहसा चकान-
ु .मि

वनते वावध
ृ ानः।।

 म जिरतारँ यिव- िवा.े िरताित पिष। ेनाˆ अ.िपवो जनासो- ातके ताˆ

वृिजनाˆ अभवू ।।

 इम े यामास.ि.गभवू -सव े वा तिद.दागो अवािच। नाहाय.मि रिभशये नो- न रीषत े

वावध ्
ृ ान परा दात।।

ु तु ोि-िुप।।
 5.04 ाम इेकादशच सू, आेयो वस

03.08.18 ाम े वसपु ितँ वसूना-मिभ  म े अरेष ु राज।् या वाजँ वाजयो जये-

मािभ ¤ाम पृतु ी मानाम।।

 हवा.ळि रजर िपता नो- िवभ ु िवभावा सु शीको अ।े सगु ाहपा..िमषो िददी-

1 (अ)ं िममीिह वांिस।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  पमं मडलम ् Page 331


ु  पावक.ृतपृ.मिम।् िन होतारँ िविवद.िधे- स देवषे  ु
 िवशा.िवँ िवपितं मानषु ीणां- शिचं

वनते वायािण।।

 जषु ा इळया सजोषाˆ- यतमानो रिमिभ.ूय। जषु  न.िमध.ातवेदˆ-आ च देवा

.िवराय वि ।।
ु दमूनाˆ अितिथ रोण -इम.ो य .मपु  यािह िवान।् िवाˆ अे अिभयज
 जो ु ो िवहा -

शूयता .मा भरा भोजनािन।।

03.08.19 वधने  द ं ु  िह चातय- वय कृ वान.3े (ए) ाय।ै िपपिष यहस.ु

देवा-ो अ े पािह नृतम वाजे अान।।

े - वय ं ह ै पावक भशोचे। अ े रियँ िववारं सिम-ा े िवािन


 वय.े अ उ ै िवधम

िवणािन धेिह।।

 अाक.मे अर.षु - सहस.ूनो~ िषध हम।् वय.ेवषे  ु सक


ु ृ त.ाम- शमणा न

.िवथने पािह।।

 िवािन नो गहा जातवेद- ि.ु  नावा िरताित पिष। अे अिव.मसा गृणानो3-

(ओ)ाकं  बो.िवता तननू ाम।।

 या दा कीिरणा ममानो-म म जोहवीिम। जातवदे ो यशो अास ु धेिह- जािभ रे

अमृत ्
 .मयाम।।
ु ृ ते जातवेदˆ- उ लोक.म े कृ णव.ोनम।् अिनं स पिु णँ वीरव-ोम ं
 य ै ं सक

रिय.शते ि।।

 5.05 ससिमाये
क ु तु ः-इो- नराशंस- इळो- बिह-दवीार-
े ादशच सू, आेयो वस

उषासाना- दैौ होतारौ- सरतीळा भार-ा- वनित- ाहाकृ तयो- गायी।।


ु िमाय शोिचषे- घृत.ी.हु ोतन। अये जातवेदसे।।
03.08.20 सस

ं . ¤षु दू -तीम ँ य .मदाः। किव.िह मधहु ः।।


 नराशस

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 332


 ईिळतो अ आ व-हे.ि.िमह ियम।् सख
ु ै रथेिभ तये।।

 ऊणदाˆ िव थ-ा1(अ)काˆ अनषू त। भवा न ु सातये।।


 .श
ु णाˆ नˆ ऊतये।  य ं पृणीतन।।
 देवी ारो िव यं- साय

03.08.21 सु तीके वयोवध


ृ ा- यी~ ऋत मातरा। दोषा.मषु ास.मीमहे।।

 वात प.ीिळता- दैा होतारा मनषु ः। इम.ो य .मा गतम।।

 इळा सरती मही- ितो देवी मयोभवु ः। बिह.ीद.िधः।।

 िशव. िरहागिह- िवभु पोष उत ना। य ये  े नˆ उदव।।

 य वे वनते- देवाना.


ु ा नामािन। त हािन गामय।।
े ो हिवः।।
 ाहाये वणाय- ाहेाय मः। ाहा देव
ु तु ोिः- पिः।।
 5.06 अििमित दशच सू, आेयो वस

03.08.22 अि.ं म े यो वस-ु रँ यँ यि धेनवः। अ.मवˆ आशवो-.िासो

वािजनˆ- इषं ोत


ृ ˆ आ भर।।

 सो अि य वसगु ण
ृ -े सँ यमायि धेनवः। समवो रघु ु व-ं सज
ु ातास.ूरयˆ- इषं ोत
ृ ˆ

आ भर।।

 अि िह वािजनँ िवश-े ददाित िवचषिणः। अी राय े ाभवु -ं स ीतो याित वाय-िमषं ोत
ृ ˆ

आ भर।।

 आ ते अ इधीमिह- मु .ेवाजरम।् य ा ते पनीयसी- सिम.ीदयित -वीषं ोत
ृ ˆ

आ भर।।

 आ ते अ ऋच ु  शोिचष.ते। स


 ा हिव-श ु 
  द िवपत-े हवा. ं यत- इषं

ोत
ृ ˆ आ भर।।

03.08.23 ो~ े अयोिष-ु िवं पि


ु वायम।् ते िहिरे त इिरे- त

इषय.ानषु - िगषं ोत


ृ ˆ आ भर।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  पमं मडलम ् Page 333


 तव े अ े अचयो- मिह ाध वािजनः। ये पिभ.शफानाँ -जा भरु  गोना-िमषं

ोत
ृ ˆ आ भर।।

ृ .िु ती िरषः। ते ाम य आन


 नवाˆ नो अ आ भर- ोत ृ ु -ातासो दमेदम -इषं
 च

ोत
ृ ˆ आ भर।।

 ु  सिपषो- दव ~ीणीष आसिन। उतो~ नˆ उपु य


े स
 उभ~ ू ा ˆ-उषे  ु शवस.त -इषं

ोत
ृ ˆ आ भर।।
ु -ु गिभ य िे भ रानषु क।् दध.द े सवु ीय-मतु दा-िमषं ोत
 एवा अि.मजयम ृ ˆ आ

भर।।

 5.07 सखाय िमित दशच सू, आेयो इषोि-रनु बु ापिः।।

03.08.24 सखाय.ँ व.-िमषं ोम.ाये। विषाय ि तीना-मूज ने सहते।।

 कुा िच समृतौ- रवा नरो नृ¤षदन।े अह.ि.िमत-े स.नयि जवः।।

 सँ यिदषो वनामहे- सं हा मानषु ाणाम।् उत 


ु  शवसˆ-ऋत रिम.मा दद।े ।

ु न.ि.रू आ सत।े पावको यनती- ा िमना.जरः।।


 सा कृणोित के तमा-

 अव  य वेषण े -ेदं पिथष ु जु ित। अभी.मह जे-ं भूमा पृ वे  ः।।

03.08.25 यं म पु हृ ँ- िवद.ि धायस।े  ादन ं िपतूना-मताित.िदायवे।।
ु िहिरम.ु शिु चद-ृभ ु रिनभृ तिविषः।।
 स िह ा धाि त- ाता न दाा पशः।

ु  याˆअिव- िधतीव रीयत।े सषु ू रसतू माता- ाणा यदानश े भगम।।
 शिच

 आ य.े सिपरासतु -े े शमि धायस।े ऐष ु 


ु .मतु वˆ- आ िच ं मष ु धाः।।

ु िज-ादात. मा पश.ु द।े आद े अपृणत


 इित िच.म  ो-ि.ासा.ू-िनष.

ासा.ॄन।।

 5.08 ाम ऋतायव इित सच सू, आेयो इषोि-जगती।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 334


03.08.26 ाम ऋतायव.मीिधरे-  ं ासˆ ऊतये सहृ त। पु ँ यजत ं

िवधायस-मूनस.ृहपितँ वरेयम।।

 ाम े अितिथं पू िवश-शोिच.े श.ृहपित.ि ¤षेिदरे। बृहे त ं ु पु प.नत ु माण ं
ृ -ं सश

वस.र.िषम।।

 ाम े मानषु ी रीळते िवशो -होािवदँ िविविचं रधातमम।् गहा


ु सं सभग
ु िवदशत-

ु णसं सयु ज.ृतियम।।
िव

 ाम े धणिसँ िवधा वय-ीिभ गृणो नम.सोप सेिदम। स नो जष सिमधानो अिरो- देवो
ु ितिभः।।
मत यशसा सदी

 म े पु पो िवशिे वश-े वयो दधािस था प


ु ुत। प
ु .या सहसा िव राजिस- ििष.ा

ते ितिषाण नाधृष।े ।

 ाम े सिमधान ँ यिव- देवाˆ त.िरे हवाहनम।् उयस.ृतयोिन.मात-ेष.  ु

दिधरे चोदय.ित।।
ु ायव.षु िमधा समीिधरे। सवावध
 ाम े िदवˆआत.ृत ै- ृ ानˆ ओषधीिभ ि तो-

3(ओ)िभ यांिस पािथवा िव ितसे।। ।।इित अमोायः समाः।। इित तृतीयाकं समाम।।

 चतथाकम ्


चतथाके थमाायः। वगाः(1-33)

 5.09 ाम इित सच सू, आेयो गयोि-रनु पु -पमी सौ पी।।

04.01.01 ाम े हिवो- देव ं मतास ˆईळते। मे ा जातवेदसं- स हा वानषु क।् ।

 अि हता दातः - य वृबिहषः। सँ य ास.रि यं- सँ वाजास.ववः।।



 उत  यं िशश ँ ु यथा- नव.िनारणी~। धतारं मानषु ीणाँ- िवशा.मिं रम।।

 उत  गृभीयसे- पु ो न ायाणाम।् प


ु  यो द धािस वना-े पश.ु न यवस।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता  चतथु ाकम ् Page 335


 अध  याचय-.ँयि धूिमनः। यदी.मह ितो िद-पु ातेव धमित- िशशीत े

ातरी यथा।।

 तवाह.म ऊितिभ -िम च शििभः। ेषोयतु ो न िरता- तयु ाम मानाम।।

 रो- रियं सहˆ आ भर। स पे य. पोषय-वु .ाज सातय -उत ैिध पृ ु
 तो अे अभी न

नो वृध।े ।
् थु  सौ पी।।
 5.10 अ ओिजिमित सच सू, आेयो गयोि-रनु पु -चत
ु .म.मिगो~।  नो राया परीणसा- रि वाजाय
04.01.02 अ ओिज.मा भर- 

पाम।।

ु - ा द  मंहना। े असयु 1(अ) माह-ाणा िमो न यि यः।।


 .ो अे अत

 .ो अ एषा-यं पिु . वधय। ये ोमेिभ  सूरयो- नरो मघा.ानशः।।


ु .राधसः। श
 ये अ े च ते िगर-श ु ीित
ु िे भ.शिु णो नरो- िदव.िषे ां बृह-क

बधित ना।।

 तव े अ े अचयो -ाजो यि धृयु ा। पिरानो न िवतु -ानो रथो न वाजयःु ।।

 नू नो अ ऊतये- सबाधस. रातये। अाकास. सूरयो- िवाˆ आशा.रीषिण।।

 ो अे अिर- तु . वानˆ आ भर। होत िवासहं रियं- ोत
ृ . वस े च नˆ- उत ैिध

पृ ु नो वृध।े ।

 5.11 जनेित षडृच सू, आेय तु रोि-जगती।।

04.01.03 जन गोपाˆ अजिन जागृिव- रि.दु .िु वताय नस।े घृततीको बृहता

े .शिु चः।।
ृ ा- मु .िभाित भरत
िदिवश

 य  के त ं ु थम ं परु ोिहत-मि.र.िषध े समीिधरे। इेण देव.ै रथं स बिहिष- सीद.ि


ु तःु ।।
होता यजथाय स

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 336


 असंमृ ो जायसे माो शिु च- म किव दितो िववतः। घृतने  ावधय. आत -

धूम.े के त ु रभव.ििव ितः।।

 अि.न य .मपु  वेत ु साधयु ा-ि.रो िव भरे गृहग


े हृ ।े अि तो अभव.वाहनो-िँ

वृणानाˆ वृणते किवतमु ।।
ु द.म े मधम
 ते ु  मनीषा इय.म ु शं द।े ािर.ििु म.वावनी मही- रा
ु मँ वच-ं

पृणि शवसा वधयि च।।


ु िहत-मिव.िियाण ँ वनवे ने। स जायसे ममान. हो मह-
 ाम े अिरसो गहा

ा.मा हस.ु .मिरः।।

 5.12

 े यि याय- ऋत वृ े असरु ाय म। घृत. य आ


04.01.04 ाये बृहत  3े (ए) सपूु त-

िरं भरे वृषभाय तीचीम।।

 ऋत.ििकˆ ऋत िमििक-ृत धाराˆ अन ु तृि पूवः। नाहँ यात ं ु सहसा न यने - ऋत ं

सपा.ष वृः।।

 य.ृतने - भवु ो नवेदाˆ उचथ नः। वेदा म े देवˆ ऋतपु ाˆ ऋतन


 कया नो अ ऋत ू ा-ाहं पितं

सिनत ु र रायः।।


ु ः। के धािस.म े अनृत पाि- क
 के ते अे िरपवे बनास- के पायव.िनष म

आ स
 तो वचस.ि गोपाः।।
ु ाˆ अ एत-े िशवास.ो अिशवाˆ अभूव।् अधूषत य.मेत े वचोिभ-र ्
 सखाय.े िवषण

 े वृिजनािन वु ः।।


ऋजूयत
ु साध ु रेत-ु साण
 ं स पाष वृः। त य पृथरा
 य.े अे नमसा य .मी -ऋत

नष शेषः।।

 5.13 अच इित षडृच सू, आेय तु रोि-गायी।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 337


04.01.05 अच.ा हवामहे-च..िमधीमिह। अे अचˆ ऊतये।।

 अ.े ोमं मनामहे- िस.म िदिवश


ृ ः। देव िवणवः।।

 अि जषु त नो िगरो- होता यो मानषु .े ा। स य .ै.नम।।
ु होता वरेयः। या य ँ िव तते।।
 म े सथाˆ अिस- जो

ु म।् स नो रा सवु ीयम।।


ु त
 ाम े वाजसातम-ँ िवाˆ वधि स¤ ्

 अे नेिम ररा इव- देवाँ ं पिरभरू िस। आ राध.ि.मृसे।।

 5.14 अिं ोमेनिे त षडृच सू, आेय तु रोि-गायी।।

04.01.06 अिं ोमेन बोधय- सिमधानो अमम।् हा देवषे  ु नो दधत।।


 तमर.े ीळते- देव ं मताˆ अमम।् यिजं मानषु  े जने।।


ु ा देव.ृतता
 तं िह शˆ ईळत-े च ु । अिं हाय वोव।े ।

 अि जातो अरोचत- ू.ोितषा तमः। अिव ाˆ अपः~।।



 अि.मीळे.िव-ृतपृं सपयत। वेत ु मे णव.वम।।

ृ -ु ोमेिभ िवचषिणम।् ाधीिभ वचिु भः।।


 अि.ृतने  वावध

 5.15  वेधस इित पच सू, आिरसो धणोि-िुप।।

04.01.07  वेधसे कवये वेाय- िगरं भरे यशसे पूाय। घृतसो असरु श
ु वे ो- रायो धता

धणो वो अिः।।

 ऋतने  ऋत.ण.ारय- य  शाके परम े ोम।् िदवो धम.णे सेषो नॄ-ात ै

रजाता अिभ ये नन ःु ।।

 अंहोयवु ..ते िव वयो- मह. ु रं पूाय। स सँवतो नवजात.तु यु ा-िंह. ु

.मिभत पिर ुः।।


ु पो
 मातवे  यरस े पथानो- जनन.ायस े च स े च। वयोवयो जरसे यधान- पिर ना िवष

िजगािस।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 338


 वाजो न ु ते शवस.ा-मु .ोघ.ण.ेव रायः। पद. ताय ु गहा
ु दधानो- महो राय े

िचतय.ि.मः~।।

 5.16 बृहय इित पच सू, आेयःपू-रि-रनु पु -अा पिः।।

04.01.08 बृह.यो िह भानवे-चा द वे ा.याये। यं िम. शििभ -मतासो दिधरे परु ः।।

 स िह िु भ जनानां- होता द  बाोः। िव ह.मि रानषु -गो न वार.मृवित।।


ु िण- समय  श
 अ ोमे मघोन- े वृशोिचषः। िवा यि.िव ु
ु .मादधः।।

 अधा  एषां- सवु ीय मंहना। तिम. रोदसी पिर वो बभूवतःु ।।

 नू नˆ एिह वाय.मे गृणानˆ आ भर। ये वय ँ ये च सूरय-ि धामहे स-चोत ैिध पृ ु नो वृध।े ।

 5.17 आ य िै रित पच सू, आेयः पू-रि-रनु ुप-अा पिः

04.01.09 आ य ै दव मˆ-इा तांस.मूतये। अि.त े र-े पू रीळी.तावस।े ।

 अ िह यशरˆ- आसा िवधम.स।े त.ाक.िशोिचषं- मं परो मनीषया।।


ु तज
 अ वासा उ अिचषा- यˆ आय ु ा िगरा। िदवो न य रेतसा- बृह.ोच.चयः।।

 अ ा िवचेतसो- द वस ु रथ आ। अधा िवास ु हो-ि िव ु  शते।।

 नू नˆ इि वाय-मासा सच सूरयः। ऊज नपा.दिभय-े पािह शि ध य -उत ैिध पृ ु नो

वृध।े ।

 5.18 ातरििरित पच सू, आेयो मृवाहा ितोि-रनु पु -अा पिः।।

04.01.10 ात रि पु ियो- िवश. व.े ताितिथः। िवािन यो अम- हा मतष ु

रयित।।

 िताय मृवाहसे-  द  मंहना। इं स ध आनषु -ोता िच े अम।।
ु ोिचष-िरा व े मघोनाम।् अिरो येषां रथो- दाव.ीयत।े ।
 तँ वो दीघायश

 िचा वा येष ु दीिधित- रास.


ु ा पाि ये। ीण बिह.णरे- वांिस दिधरे पिर।।

 ये मे पाशत.- रानां सधिु त। मु .द े मिह वो- बृह.ृ िध मघोना-ृव.दमत ्
ृ नृणाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 339


 5.19 अवा इित पच सू, आेयो वि-रिः-आे े गायौ-तृतीया

चतावन ु ुभौ- पमी िवरापा।।

04.01.11 अवा  जाये-  व े वि िकेत। उपे मात ु िव च।े ।

 जु र े िव िचतयो-िनिमष.ृं पाि। आ ां परँु  िविवशःु ।।

 ःु ।।
 आ ै ये  जवो- मु .ध कृ यः। िनीवो बृहˆ- एना मा न वाजय

 िय. ध. का-मजािम जाो.चा। घम न वाजजठरो-द.शतो दभः।।

 ीळ.ो रम आ भवु - ं भना वायनु ा वेिवदानः। ताˆ अ सृषजो न ित मा-स
ु िं शता

ˆवो व णेाः।।

 5.20 यम इित चतऋ ्


ु च सू, आेयः योि-रनु पु -अा पिः।।

04.01.12 यम े वाजसातम- .िस े रियम।् त.ो गीिभ वा-ेवा पनया



ु म।।
यज

 ये अ े नेरयि ते- वृाˆ उ शवसः। अप ेषो अप रो-त सिरे।।

 होतार.ा वृणीमहे-े द  साधनम।् य षे  ु पू.िरा- यो हवामहे।।

 इा यथा त ऊतये- सहसाव िविे दव।े राय ऋत ु ~- गोिभ. ¤ ाम सधमादो- वीर ै
 ाय सतो

ाम सधमादः।।

 5.21 मनिदित चतऋ ्
ु च सू, आेय सोि-रनु ुप-अा पिः।।
ु .ा िन धीमिह- मन
04.01.13 मन ु .िमधीमिह। अे मन
ु .दिरो- देवा.ेवयत े

यज।।

 ं िह मानषु  े जने-े सी


ु तˆ इसे। च
ु ा यानषु -ज
ु ात सिपरासते
ु ।।

 ाँ िवे सजोषसो- देवासो त.मत। सपय.ा कवे- य षे  ु देव.मीळते।।


ु दीिद-ृत योिन.मासद-स योिन
 देव ँ वो देवयया-ि.मीळीत मः। सिम.श

मासदः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 340



 5.22  िवसामिित चतऋच ्
सू, आेयो िवसामाि-रनु पु -अा पिः।।

04.01.14  िवसाव.िव-दचा पावकशोिचषे। यो अर.े ीो- होता मतमो िविश।।

 1(अ)ि.ातवेदस-धाता देव.मृिजम।्  य ˆ ए.ानषु -गा द वे चमः।।

 िचिकिनसा -देव ं मतास ऊतये। वरेय तेवस- इयानासो अमिह।।



 अे िचिक1(अ) नˆ- इद ँ वच.ह। ता सिश दते- ोमै वध.यो- गीिभ
ु .यः।।
श

 5.23 अे सहिमित चतऋच सू, आेयो ो ्
ु िवचषिण-रि-रनु पु -अा

पिः।।
ु  ासहा रियम।् िवा य.षणी रा3-(आ)सा वाजेष ु
04.01.15 अे सह.मा भर- 

सासहत।।

 तम े पृतना¤षहं- रियं सहˆ आ भर। ं िह सो अत


ु ो- दाता वाज गोमतः।।
 िवे िह ा सजोषसो- जनासो वृबिहषः। होतारं सस ु िय-ँ ि वाया पु ।।

 स िह ¤ा िवचषिण- रिभमाित सहो दध।े अ एष ु ये.ा- रेव..श


ु दीिदिह- मु .ावक

दीिदिह।।

 5.24 अे   इित चतऋच सू, गौपायना लौपायना वा ब ु बु  ु

तु बिवबं
धु मेणषयोि-िपदािवराट ्।।

04.01.16 अे .ो अमˆ उत ाता- िशवो भवा वः।।

 वस ु रि वस


ु वाˆ-अा नि मु म ं रिय.ाः।।

 स नो बोिध धु ी हव-मु ा ण


 ो अघायत ्
 .मात।।
ु ाय नून.मीमहे सिखः।।
 ता शोिच दीिदव-

 5.25 अा व इित नवच सू, आेयो वसूयवोि-रनु पु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 341


04.01.17 अा वो अि.मवस-े देव.ािस स नो वसःु । रास.ु ˆ ऋषण
ू ा-मृतावा पषित

िषः।।

 स िह सो यं पूव िच-ेवास.ि.मीिधरे। होतारं मिज.िम-दु ीितिभ िवभावसमु ।।

 स नो धीती विरया- ेया च समु ा। अे रायो िददीिह न-वु िृ िभ वरेय।।

 अि दवषे  ु राज-ि मत.ािवश।् अि न हवाहनो-ि.ीिभ.पयत।।


ु मम।् अतत
 अि.िु ववम-िु वाण.म ू  ावयितं -पु .दाित दाशषु ।े ।

04.01.18 अि ददाित सितं- सासाह यो यधु ा नृिभः। अि रं रघ
ु द-ेतार.

मपरािजतम।।

 यािह.दये- बृह.दच िवभावसो~। मिहषीव िय-.ाजाˆ उदीरते।।

 तव मु ो अचयो- ावेवोते बृहत।् उतो~ ते तत ु यथा- ानो अत ना िदवः।।
ु तःु ।।
ू व-हसान ँ वविम। स नो िवाˆ अित िष- पष.ाववे  स
 एवा अिँ वसय

 5.26 अे पावके ित नवच सू, आेयो वसूयवोि-राया िवेदवे ा- गायी।।

04.01.19 अे पावक रोिचषा- मया देव िजया। आ देवा.ि  यि  च।।

 ता घृत~ वीमहे- िचभानो~ शम।् देवा आ वीतये वह।।

 वीितहो.ा कवे- मु ं सिमधीमिह। अे बृह.मरे।।

 अे िवेिभ रा गिह- देविे भ हदातये। होतार.ा वृणीमहे।।


ु त -आे सवु ीय वह। देव ै रा सि बिहिष।।
 यजमानाय स

04.01.20 सिमधान.हिज-दे धमािण पिस। देवाना.तˆ उः।।

 1(अ)ि.ातवेदसं- होवाहँ यिवम।् दधाता देव.मृिजम।।


  य ˆ एानषु -गा द वे चमः। ृणीत बिहरासदे।।

 एदं मतो अिना- िम.ीद ु वणः। देवास.वया िवशा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 342


ृ णः पौकुसद ु भारतोमेधैत े
 5.27 अनेित षडृच सू, ैव

ऋषयोि-राया इाी- िपु -अा िोनु भ
ु ः- (अिूे भौमोिरेव देवतेित

के िचत-अथा ु
यो मे शता च िवंशितं च गोनािमािद दातृियाया अनपपे
ः- न ैतदे मे

आाास प ीकारेण तथापु पेः)

04.01.21 अना सित मामहे मे- गावा चेितो असरु ो मघोनः। ैव
ृ ो अ े दशिभ

ह-ै वानर ण.िके त।।


ु ा सधु रा
 यो मे शता च िवंशित. गोनां- हरी~ च य ु ददाित। वैानर सु ुतो वावध
ृ ानो-े य

णाय शम।।

  े अे समु ित.कानो- निवाय नवम.सदःु । यो मे िगर.िवजा


 एवा त ु ु े .नािभ
त पूव- य

णो गृणाित।।

े ाय सूरये। दद.चा सिनँ यत-े दद.ेधा.मृतायत


 यो म इित वोच-मध  ।े ।
ु षय. ु णः। अमध
 य मा पषा.शत-म े  दाना-ोमाइव ािशरः।।

े े सवु ीयम।् .ारयतं बृह-ििव सूय.िमवाजरम।।


 इाी~ शतदा-मध ्

 5.28 सिम इित षडृच सू, आेयी िववारा ऋिषकािः-आाः मेण िपु -्

जगती- ि-ु बनु भ


ु ः-अे े गायौ।।
04.01.22 सिमो अि िदिव शोिच र-े .ष स.मिु वया िव भाित। एित ाची िववारा

नमोिभ-दवा ईळाना हिवषा घृताची।।

ृ  राजिस- हिवृवं सचसे ये। िवं स ध े िवण ँ य.िम-


 सिममानो अमत

ाित.म े िन च ध इरु ः।।


ु म
ु ा.
 अे शध महत े सौभगाय- तव   ािन स।ु स.ा ं सयु म.मा कृ ण
ु -

शूयता.मिभ िता महांिस।।

 सिम महसो-े वे तव ियम।् वृषभो 


ु वा अिस- समर.े िसे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 343


 सिमो अ आत- देवा.ि र। ं िह हवा.ळिस।।

 आ जहु ोता व-तािं य.रे। वृणीं हवाहनम।।

 5.29 यमेित पदशच सू, शाो गौिरवीित-िरः (उशना यिदित पादोशना वा)

िपु ।।

04.01.23 यमा मनषु ो देवताता- ी रोचन


 ा िदा धारय। अचि ा मत पूतद ा-

मेषा.मृिष िरािस धीरः।।

 अन ु यद मतो मसान-माच.िं पिपवांस ं सतु । आद व.मिभ यदिहं ह-पो यी

रसज
ृ  .तवा उ।।
ु तु  पेयाः। ति ह ं मनषु  े गाˆ अिव- दह.िहँ
 उत ाणो मतो मे अ-े.ोम स¤ष

पिपवा इो अ।।

 आोदसी िवतरँ िव ¤भाय-ँिवान.िियसे मृगः~। िजगित.िमो अप जगरु ाण- ित



स.मव दानव ं ह~।।
ु .ेवाˆ- अन ु िवे अद.ोमपये म।् यूय हिरत पती-
 अध ा मघव.

परु .ती पराˆ एतश े कः~।।

04.01.24 नव यद नवित. भोगा-ाकँ वेण मघवा िववृत।् अच.ीं



मत.धे -¤ैुभने  वचसा बाधत ाम।।

 सखा से अपच.ूय.मि- र ा मिहषा ी शतािन। ी साक.िमो मनषु .रांिस- सतु ं

िपब. ्
ृ हाय सोमम।।
 ी यता मिहषाणा.मघो मा-ी सरांिस मघवा सोापाः। कार. िवे अ देवाˆ- भर

.िमाय यदिह.घान।।

 उशना य.ह ु निे भ र ैः। वानो अ सरथँ ययाथ- कुेन देव ै
 3ै (ऐ)रयात-हृ .िम जूजवा

ु म।।
रवनो ह श

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 344


 ा..मवहृ .ूय- कुा या.िरवो यातवे कः~। अनासो दू रमृणो वधने - िन

यण आव
 ण
ृ .ृवाचः।।

04.01.25 ोमास.ा गौिरवीते रवध-रयो वैदिथनाय िपमु ।् आ ा मृिजा साय

चे - पच.ी रिपब.ोम.म।।

 नव वास.तु सोमासˆ इ-श वासो अच.कः। ग.िव.मिपधानव-.िर



शशमानाˆ अप ।।

 कथो~ न ु ते पिर चरािण िवा-ीया मघव.ा चकथ। या चो~ न ु ना कृ ण


 व.शिव- े ता ते

िवदथेष ु वाम।।
ु वीयण
 एता िवा चकृ वा इ भू-यपरीतो जनषा  । या िच. ु वि.ृ णवो दधृा- ते वता

तिवाˆ अि ताः।।


ु - या ते शिव नाˆ अकम। वेव भा सकृु ता वसूय ू -रथ. धीर
 इ  ियमाणा जष

.पाˆ अत म।।

 5.30  ेित पदशच सू, आेयो बिरोानां चतसृणामृणयौ देवते-

िपु ।।
ु रथ.मीयमानं हिराम।् यो राया वी
04.01.26 1(अ) वीर को अपय.िदं- सख

सतु सोम.िम-दोको गा प


ु तˆ ऊती।।

 अवाचच ं पद.म स- .िधात ु राय.िम।् अपृ.मा उत ते म आ-

िर.रो बबु धु ानाˆ अशम


े ।।

  न ु वय ं सतु े या ते कृ त ु षः। वेद.दिवा.णव. िवा-हते यं


 ा-नी वाम यािन नो जजो

मघवा सवसने ः।।

 िरं मन.कृ षे जातˆ इ- वेषी.देको यधु ये भूयस.ित।् अमान.िवसा िदतु ो िव- िवदो

गवा.मूव.मिु याणाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 345


ु .ाम िबत।् अत.ििदा.दभय देवा -ˆिवाˆ
 परो यं परम आजिना- परावित 

अपो अजय.ासपीः।।
ु .देत े मत.श
04.01.27 ते ु वे ाˆ- अच.क स
ु .ः। अिह.मोहान.मपˆ आशयान-ं

 मायािभ माियनं स .िदः।।

 िव षू मध ु दान.िम-ह.वा मघव.कानः। अा दास नमच


ृ ो जनषा ु .े िशरो य-दवतयो

मनव े गात.ु िम।।
ु े मथाय।् अमान.िय1(अँ)वतमानं- 
ु  ं िह मा.मकृ थाˆ आिद.िद- िशरो दास नमच
 यज

चियेव रोदसी मः।।

 ियो िह दासˆ आयधु ािन चे- िकं मा कर.बलाˆ अ सेनाः। अ .भ~
े अ धेन~

अथोप  ैधु ये द.ु िमः।।

 सम गावोिभतो नव-ेहहे  व ै िवयतु ाˆ यदास।् सा इो असृज.द शाकै- यद

सोमास .षु तु ाˆ अम।।

04.01.28 यद सोमाˆ बधूु ताˆ अम- रोरवी.षृ भ ादनषे ।ु परु र  पिपवा इो

अ- पनु गवा.मददा.ियाणाम।।

 भ.िमदं शमाˆ अे अ-वा.ािर ददत.हा। ऋणय यता मघािन- भी



नृतम नृणाम।।

 सपु श
े स ं माव सृज.-वां सह ै शमासो अे। तीाˆ इ.ममम.तु ासो-ो ु ौ

पिरतायाः।।

 औा राी पिरता या- ऋणय े राजिन शमानाम।् अो न वाजी रघ ु रमानो- ब ु

ा.यसन.हा।।
ु ह. प- भी शमे.े। घम.ि वज
 चत ृ  े यˆ आसी-दयय

.ादाम िवाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 346


 5.31 इो रथायेित योदशच सू, आेयोविु रः (उमयात िमािद पादौ

कुदैवौ-उशनो दैवौ वा) नवा इाकुौ- िुप।।

04.01.29 इो रथाय वत.णोित- यमा.घवा वाजयम।् यूथवे  पो नु ोित

गोपा ˆ-अिरो याित थम.िषास।।

 आ  व हिरवो मा िव वेन- िपशराते अिभ न.च। निह िद वो अ.द-

मने ाँ.ि िनवत.कथ।।

 उ.ह.हसˆ आजिन- देिद इˆइियािण िवा। ाचोदय.ु घाˆ व े अ-

िवोितषा संववृ.मोवः।।

 अनव.े रथ.माय त -ा वं पत मु म।् ाणˆ इं महयो अक- रवधय.हय े

हवा उ।।

 वृ े ये वृषणो अक.मचा-िन ावाणो अिदित.जोषाः। अनासो ये पवयोरथा ˆ-



इेिषता ˆअवत दून।।

04.01.30  ते पूवािण करणािन वोचं-  नूतना मघव.ा चकथ। शीवो य.िभराˆ रोदसी

े - जय.पो मनव े दानिु चाः।।


उभ~

 तिद. ु ते करण. िव-ािहँ य.ोजो अािममीथाः। श


ु  िचिर मायाˆ अग
ृ ा-

िप ँ यप दू रसेधः।।

 मपो यदव े तवु शा-यारमय.ु घा पारˆ इ। उ.मयात.मवहो ह कुं- सं ह या
ु नार देवाः।।
.मश

 इाकुा वहमाना रथेना-वा.माˆ अिप कण वह।ु िन ¤ीमो धमथो िन ¤धा-

घोनो दो वरथ.मांिस।।


ु ा.यु ज
 वात य ु  िदा-िव िदषे ो अजग.वः।
ु िवे ते अ मत.खायˆ-इ

ािण तिवषी.मवध।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके थमाायः। वगाः(1-33) Page 347


04.01.31 सूरि.थं पिरतायां- पूव.र.पर.ूजवु ांसम।् भर..मेतश.ं िरणाित- परु ो

दध.िनित त.ु ः।।

 आ यनाˆ अिभच  े जगा-मे.खाय ं सतु सोम.िम।् वद.ावाव वेिदं ियाते- य

जीर. मयव.रि।।

 ये चाकन चाकन नू ते- मताˆ अमृत मो~ ते अंहˆ आर।् वावि यू त तेष ु धे-

ोजो जनेष ु येष ु ते ाम।।



 5.32 अददिमित ादशच सू, आेयो गात-ु िर-िुप।।

04.01.32 अदद .मसृजो िव खािन- .मणवा.धाना अराः। महा.िम पवत ँ



िव य-ृजो िव धाराˆ अव दानव ं ह~।।
ु बधाना- अरंहˆ ऊध पवत वि।् अिह.ि यतु  ं शयान-घा
ु ा ऋतिभ
 .म

इ तिवषी.मधाः।।

  िच हतो िन मृग- वध जघान तिवषीिभ िरः। यˆ एकˆ इदि त ममानˆ- आदा

.दो अजिन तान।।

ृ .मोगाम।् वृषभमा दानव भामँ- वेण वी िन


 िदषे ां धया मद-ं िमहो नपात ं सवु ध

ु म।।
जघान श

 िद तिु भ िनष-मममणो िवद.िदद मम। यद स ु  भृता मद- ययु 


ु .मिस

 ाः।।
हध

ृ ानम।् तिानो वृषभ.तु -ो ै िरो


 .ििदा कय ं शयान-मसूय  तमिस वावध

ू ा ज
अपगय  घान।।

04.01.33 उ.िदो महत े दानवाय- वध यिम सहो अतीतम।् यद व भृतौ ददाभ-

िव जो रधम.कार।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 348


 .िदण मधपु ं शयान-मिसं व ं माद.ः। अपाद.म ं महता वधने - िन यण

आवण ्
ृ .ृवाचम।।
ु .िवष वरात -एको धना भरते अतीतः। इम~
 को अ श े िचद यसो न ु देवी~- इ

.ौजसो िभयसा िजहाते~।।

 ीव येम।े सँ यदोजो यवु ते िव.मािभ- रन ु धाे


  ै देवी िधित िजहीत- इाय गात ु शत

ि तयो नम।।

 एक. ु ा सितं पाज-ात ं णोिम यशस.नेष।ु तं मे जगृ आश


 सो निव-ोषा वो

हवमानासˆ इम।।

 एवा िह ा.मृतथु ा यातय-ं मघा िवेो ददत ं णोिम। िके ाणो गृहते सखायो- ये ाया

िनदधु काम.िम।।।। इित थमााय माः।।

 ु
चतथाके ितीयाायः। वगाः(1-28)

 5.33 मिह मह इित दशच सू, ाजापँवरण- इ-िुप।।

04.02.01 मिह महे तवसे दीे नॄ-िना.येा तवसे अतान।् यो अ ै समु ितँ वाजसातौ-

तु ो जने समय.िकेत।।

 स .ˆ इ िधयसानो अक- हरीणां वृष.ो.मेः। याˆ इा मघव.न ु जोषँ व ो- अिभ

ाय.ि  जनान।।
ु ासो अता यदस।् िता रथ.मिध तं वहा-
 न ते त इा1(अ) -ाय

रिम.ेव यमसे ः।।


ु  य इ स.
 प ु ।् तत े सूयाय िचदोकिस े- वृषा सम ु
ु ा- गवे चक.थवरास ु य

दास नाम िचत।।
ु  सा- भगो
 वय.े त इ ये च नर-शध ज ानाˆ याता. रथाः। आा. जगा.दिहश

न ह भृथषे  ु चाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 349


04.02.02 पप ृ े य.िम े ोजो- नृािन च नृतमानो अमतः। स नˆ एन वसवानो रिय

.ा- ाय. षु े तिु वमघ दानम।।

 ˆ इोितिभ रव- पािह गृणत.शूर कान।् उत च.दतो वाजसातौ- िपीिह म
 एवा न

.षु तु  चारोः।।

 उत े मा पौकु सूरे-सदो िहरिणनो रराणाः। वह ु मा दश येतासो अ-

ग ैिरि त तिु भ न ु स।े ।

 उत े मा माता शोणा- ामघासो िवदथ रातौ। सहा मे वतानो ददानˆ-

आनूक.मय वपषु  े नाचत।।
ु ˆ- लय सु चो यतानाः। मा राय.ँवरण ऋषे- ज.
 उत े मा  जा

गाव यताˆ अिप म।।

 5.34 अजातशिु मित नवच सू, ाजापँवरण- इो- जगा िुप।।

04.02.03 अजातश.ु मजराˆ व-न ु धािमता द.मीयते। सनु ोतन पचत वाहसे

–पु ुताय तर.धातन।।

 आ य.ोमेन जठर.मिप-तामत मघवा मो असः। यद मृगाय हव े महावध-



ु ना वध ँ यमत।।
हभिृ  .मश

 यो अ ै ंस उत वा यˆ ऊधिन- सोमं सनु ोित भवित मु ा अह। अपाप श.तनि
ु .मूहित-

तनश ु ं मघवा य कवासख


ू   ः।।

 यावधी.ितरँ य मातरँ- य शो ातर.ातˆ ईषते। वेती यता यतरो- न

िकिषा .दीषते वˆ आकरः।।


ु ता चन। िजनाित वेदमयु ा हि वा धिु न-रा देवय ं ु
ु ता सचते प
 न पिभ दशिभ वारभ-ास

भजित गोमित ज।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 350


ु तो िवषण
04.02.04 िव ण. मृतौ चमासजो-स ु .
ु तो वृधः। इो िव

दिमता िवभीषणो- यथावश.यित दास.मायः।।

 सम पण े रजित भोजन ं मषु -े िव दाशषु  े भजित सूनरँ वस।ु ग  चन ियते िवˆ आ पु - जनो यो

ु ु धत।।
अ तिवषी.मच
ु  1(अ).मकृ त वेप-
 सँ यनौ सधु नौ िवशधसा- ववे.िदो मघवा गोष ु शिु ष।ु यजं
ु .ं सृजते सिभ धिनः
दी ु ।।

 ा.मािविे श.ृणीषे- शि.म उपमा.े त.ु मयः। ता आप.ँयत पीपय-


 सहस

ति.. ममव.ेष.म।।

 5.35 ये सािध इच सू, आिरसः भूवस-िरोन ु बु ा पिः।।

04.02.05 य.े सािधोवस -इ तु .मा भर। अ.षणीसहं- सिँ वाजेष ु

¤रम।।

 यिद ते चतो- यर सि ितः। या प ि तीना-मव.. ु नˆ आ भर।।

 आ तेवो वरेयँ- वृषम महे। वृषजिू त.िह जि ष -आभिू भ िर तवु िणः।।

 वृषा.िस राधस े -जि ष े वृि ते शवः।  .े धृष.न-ाह.िम पम।।

 ..िम.म-मिमय.मिवः। सवरथा शततो~ िन यािह शवस.ते।।

ृ हम- जनासो वृबिहषः। उ ं पूवष ु पू- हव े वाजसातये।।


04.02.06 ािम.

ु यावान.मािजष।ु सयावान.नेधने- वाजय.मवा रथम।।
 अाक.िम रं- परो

 अाक.िमेिह नो- रथमवा प रु ा। वय ं शिव वाय-ििव वो दधीमिह- िदिव ोमं

मनामहे।।

 5.36 स आ गमिदित षडृचसू, आिरसः भूवस-िर-ि ् तीया जगती।।
ुप-तृ
04.02.07 स आ गम.िदो यो वसूना-िके त. ात.ु ामनो रयीणाम।् धचर ो न

वंसग.ृषाण- कमान िपबत ु  ध.मंशमु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 351


 आ ते हनू~ हिरव.शूर िशे~- ह.ोमो न पवत पृ।े अन ु ा राज.वतो न िह-ीिभ

मदम ु
े पत िवे।।

 च. वृ ं पु त वेपते- मनो िभया मे अमत े िरदिवः। रथा.दिध ा जिरता सदावृध- कुिव. ु
ु वसःु ।।
ोष.घव.

 एष ावेव जिरता त इ-ेयित वाचं बृह.दाशषु ाणः।  सने  मघव.ंिस राय-  दि िण.िरवो

मा िव वेनः।।

 ाँ वहसे हिराम।् स नो वृषा वृषरथ.िु श -वृष


 वृषा ा वृषण ँ वधत ु ौ-वृषा वृष  तो~ वृषा

वि.रे धाः।।

 यो रोिहतौ वािजनौ वािजनीवा-ििभ.शत ै.चमाना विद। यून े सम ै ि तयो नमां-

तु रथाय मतो वोया।।



ु ित पच सू, भौमोि-िर-िुप।।
 5.37 सं भानने
ु यतते सूया-जा
04.02.08 सं भानना ु नो घृतपृ.ाः। ता अमृाˆ उषसो 
ु ा-

 ˆइाय सनु वा.मेाह।।


ु ावा सतु सोमो जराते। ावाणो येिषरँ वद-य.दय ु
 सिम.ाि वनव.ीणबिह- य

हिवषाव िसमु ।।

 वध ू िरय ं पित.िम.ेित- यˆ  वहात े मिहषी.िमिषराम।् आ वा.थˆ आ च घोषा-


ु  सहा पिर वतयाते।।


 न स राजा थते यि.ि-ी ं सोमं िपबित गोसखायम।् आ सन ै रजित हि वृ-ेित
ु गो नाम प
ि ती.भ ्
ु ।।

ु .ेम े अिभ योगे भवा-भु ~


 पा े सँयती~ सयाित। िय.ूय  ियो अा भवाित- यˆ इाय

सतु सोमो ददाशत।।

 5.38 उरो इित पच सू, भौमोि-िर-िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 352


ु ा स ु 
04.01.09 उरो  इ राधसो- िवी राित.शततो~। अधा नो िवचषणे- 

मंहय।।

ु म-ं िहरयवण रम।।
 यदी.िम वा-िमषं शिव दिधष।े पथ े दीघ
ु सो ये ते अिवो- मेहना के तसापः। उभा देवा विभय-े िदव. म. राजथः।।
 शा

 उतो~ नो अ क िच-  तव वृह।् अ.ृ.मा भ-रा.ृमणसे।।
ु पा-शूर ाम सगो
 नू त आिभ रिभििभ-व शम.ततो~। इ ाम सगो ु पाः।।

 5.39 यिदेित पच सू, भौमोि-िरोनु ु-बा पिः।।

04.02.10 यिद िच मेहना-ि ादात.मिवः। राध..ो िवदस~ उभयाह.ा

भर।।

 यस े वरेय-िम  ु .दा भर। िवाम त ते वय-मकू पार दावने।।

 ये िद ु रां- मनो अि तु ं बृहत।् तेन ा िचदिवˆ-आ वाज.िष सातये।।

 मंिह ँ वो मघोनां- राजान.षणीनाम।् इ.मपु  शये- पूविभ जज


ु षेु  िगरः।।

 अा इाँ वचˆ- उ.िमाय शंम।् ता उ वाहसे- िगरो वध.यो िगर
ु .यः।।
श

 5.40 आ याहीित नवच सू, भौमोिः आानां चतसृणािमः-पा ूयः-षािद

चतसृणामिदवता-आाि उिणहः- पेनु भ


ु ौ- िशािभ
ु ः।।
04.02.11 आ या.ििभ तु -ं सोमं सोमपते िपब। वृष.ि वृषिभ वृहम।।

 वृषा ावा वृषा मदो- वृषा सोमो अय ं सतु ः। वृष.ि वृषिभ वृहम।।

 वृषा ा वृषण ं वे- वि.ि चािभ.ितिभः। वृष.ि वृषिभ वृहम।।

 ऋजीषी वी वृषभ.रु ाषा- ु ा हिरा.मपु  यास.दवा-


 ी राजा वृहा सोमपावा। य
ािने सवन े म.िदः।।

 या सूय.भान-ु मसा िव.दासरु ः। अ े िव.था म ु धो- भवु ना.दीधयःु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 353


04.02.12 भानो रध यिद मायाˆ- अवो िदवो वतमानाˆ अवाह।् गूं सूय.

मसापतेन- तरु ीयेण णािव.दिः।।

 मा मा.िमम.व स.म -इरा ु धो िभयसा िन गारीत।् ं िमो अिस सराधा-ौ

मेहावत ँ वण. राजा।।

 ाो ा ययु ज  -ीिरणा देवा.म.सोपिश ।् अि.ूय िदिव च  ु राधा-


ु ान.पय

भानो रप मायाˆ अध ु त।।

 यँ वै सूय भान-ु मसािव.दासरु ः। अय.मिव-1 (अ)े अशुव।।

 5.41 को न ु वािमित िवंशृच सू, भौमोि-िवेदवे ा- ्


िपु -षोडशी

सदयावितजगाव ैकपदा- (भेदप े – िमावणौ1-िवेदवे ाः1-अिनौ1-िवेदवे ाः1-

मतः1-िवेदवे ाः1-उषासाने 1-िवेदवे ाः2-अिः1-िवेदवे ाः2-मतः1-िवेदवे ाः1-भूिमः1-

िवेदवे ाः3-भूिमः1-िवेदवे ाः1-एवं 20)

04.02.13 को न ु वां िमावणा वृताय-िवो वा मह पािथव वा दे। ऋत वा सदिस

ासीथा.ो- य ायत े वा पश¤ु षो न वाजान।।

 ते नो िमो वणो अयमाय-ु िर ऋभ ु ा मतो जष।


ु नमोिभ वा ये दधत े सवृु िं - ोमं

ाय मीषे सजोषाः।।

 आ वाँ येािना वै- वात प. पु ौ। उत वा िदवो असरु ाय म- ाांसीव

यव े भरम।।

  स णो िद कवहोता- ितो िदव.जोषा वातो अिः। पूषा भग भृथ े िवभोजा ˆ-

आिज. ज म ु रा
 तमाः।।
ु ां भरं- रायˆ एषेवस े दधीत धीः। सश
  वो रियँ य ु वे ˆ एवै रौिशज होता- ये वˆ एवाˆ

मत.रु ाणाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 354


04.02.14  वो वाय ं ु रथय ु .ण
 ज ु -ं  देव ं िवँ पिनतार.मकः। इष
ु वˆ ऋतसाप परु ी -

वीन अ पीरा िधय े धःु ~।।

 उप वˆ एषे वेिभ.शूष ै-  यी~ िदव.ितयि रकः। उषासाना िवषीव~ िव-मा हा

वहतो माय य म।।

 अिभ वो अच पोावतो नॄ-ाो.ित ारं रराणः। धा सजोषाˆ िधषणा नमोिभ-

वनती रोषधी रायˆ एषे।।


ु े न.ने पवता.-ु ैतवो ये वसवो न वीराः। पिनतˆ आो यजत.दा नो- वधा.
 तज

शंस.य अिभौ।।

 वृो अोिष भू गभ-ितो नपात.मपां सवु िृ । गृणीत े अि रेतरी न शूष ै-शोिचेशो

िन िरणाित वना।।

04.02.15 कथा महे ियाय वाम- काय े िचिकतषु  े भगाय। आपˆ ओषधी त नोव-ु

ौवना िगरयो वृ के शाः।।

 णोत ु नˆ ऊजा पित िगर-ˆ नभ.रीया इिषर पिरा। व.ाप परो


ु न श
ु ा- पिर

ु बबृहाण.ाेः।।
चो

 िवदा िच. ु महाो ये वˆ एवा- वाम दाˆ वाय.धानाः। वय.न स
ु 1 (अ) आव यि-

 ु ा मत.मनयु तँ वध ैः।।


 आ दैािन पािथवािन ज-ाप.ाा समु खाय वोचम।् वधा.ावो िगर.ााˆ-

उदावधा .मिभषाताˆ अणाः।।

 पदपे द े मे जिरमा िन धािय- वी वा शा या पायिु भ.। िसषु माता मही रसा न-

.ूिरिभर ्ऋजहु  ऋजवु िनः।।

े  नमसा सदु ानू-नेवया मतो अोौ वसो मतो अोौ। मा


04.02.16 कथा दाशम
ु ो िरष े धा-दाकं  भू.पमाितविनः।।
नोिहब

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 355


 इित िच. ु जाय ै पशमु -ै देवासो वनत े म वˆ- आदेवासो वनते म वः। अा ि शवा.ो

धािस.माˆ-जरा.ि े िनऋित जसीत।।


ु ित.मूजयी-िमष.मयाम वसव.शसा गोः। सा न.दु ान ु मृळयी देवी- ित
 ताँ वो देवा.म
ु ताय गाः।।
वी सिव

 अिभ नˆ इळा यूथ माता- .दीिभ वशी वा गृणात।ु उवशी वा बृहिवा गृणाना-ूवाना

भथ
ृ ायोः।।

 िसषु न ˆ ऊज पु ःे ।।



 5.42  शमेादशच सू, भौमोि-िवेदवे ाः-एकादया -िपु सदये
कपदा-

(भेदप े – िवेदवे ाः 2 सिवता-1 इः-1 िवेदवे ाः-1 इः-1 बृहितः-3 मतः-1 ः-1

िवेदवे ाः-1 पजः-2 मतः-1 िवेदवे ाः-2 अिनौ-1 एवं 18)।।

04.02.17  शमा वण. ीिधती गी- िम ं भग.मिदित.ून.मयाः। पृषोिन पहोता

णो -तूतपाˆ असरु ो मयोभःु ।।


ु वे म।्  िय.ेविहत ँ यद-हं िम े
ु माता ं सश
 ित मे ोम.मिदित जगृा-ून.

वण े ययोभ।ु ।

 उदीरय किवतम.वीना-मनु नै .मिभ मा घृतने । स नो वसूिन यता िहतािन -चािण देव

.िवता सवु ाित।।

 सिम णो मनसा नेिष गोिभ- सं सूिरिभ हिरव.ं ि। सं णा देविहत ँ यदि- स.ेवानां

समु ा यि यानाम।।

 देवो भग.िवता रायो अंशˆ इो वृ सितो धनानाम।् ऋभ ु ाˆ वाजˆ उत वा परु ि-

ृ ास.रु ासः।।
रव ु नो अमत

04.02.18 मतो अतीत िजो- रजूयत  वामा कृतािन। न ते पूव मघव.ापरासो-

न वीय1(अ) ूतन क.नाप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 356


 उप िह  ितं सिनतार.नानाम।् य.शंसत े वु त े शंभिव- प
ु थम ं रधये -ं बृह ु वस ु

रागम .ोवानम।।

 तवोितिभ.चमानाˆ अिराˆ- बृहते मघवान.वु ीराः। ये अद ाˆ उत वा सि गोदाˆ- ये
ु गा.ेष ु रायः।।
वद ा.भ

 िवसमाण.णिु ह िव.मेषाँ- ये भ


ु ते अपृणो नˆ उ ैः। अपता.सव े वावध
ृ ाना-ि ष

.ूया.ावय।।
ु ा
 यˆ ओहत े र सो देववीता-वचेिभ.ं मतो िन यात। यो व.शम शशमान िना-

.ामा.रते िसिदानः।।

04.02.19 तम ु ुिह य.िष.


ु धु ा- यो िव यित भेषज। या म  े सौमनसाय
 ह

-मोिभ दव.मसरु .व।।

 दमूनसो अपसो ये सहु ा- वृ पी नो िवताः। सरती बृह.िवोत राका- दशी

विरव ु श
ु ाः।।

ु रणाय मेधा-िरं भरे नसी.ायमानाम।् यˆ आहना िहत ु व णास-ु पा.िमनानो


  सू महे सश

अकृ णो.िदद.ः।।

  सु ुित. नय ं व-िमळ.ित.िरत नून.मयाः। यो अिमा उदिनमा इयित- 


ु रोदसी उ माणः।।
िवता

ू यवु 
 एष.ोमो मात ं शध अा - सून ू दयाः। कामो राय े हवते मा -पु 
 
ु पृषदा अयासः।।
िह

 षै .ोम पृिथवी.मिर -ँ वनती रोषधी राय े अयाः। देवोदेव.हु वो भूत ु मं- मा नो

माता पृिथवी मतौ धात।।

 उरौ देवाˆ अिनबाध े ाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 357


 समिनो रवसा नूतनने - मयोभवु ा सु णीती गमेम। आ नो रियँ वहत.मोत वीरा-ना िवा.मृता

सौभगािन।।

 5.43 आ धेनव इित सदशच सू, भौमोि-िवेदवे ा- िुप-षोडये
कपदािवराट ्-

(भेदप े - नदी 1-ावापृिथवी 1-वायःु 1-सोमः 1-इः 1-अिः 1-घमः 1-अोनौ 1-िवेदवे ाः

2-सरती 1-बृहितः 1-अिः 3-िवेदवे ाः 1-अिनौ 1-एवं 17)।।

04.02.20 आ धेनव पयसा तूयथाˆ- अमधी प नो य ु मा। महो राय े बृहती.

िवो- मयोभवु ो जिरता जोहवीित।।

े । िपता माता मधवु चा.हु ा-


 आ सु ुती नमसा वतयै- ावा वाजाय पृिथवी~ अमृ~

भरेभरे नो यशसा विवाम।।
ु म।् होतेव न थम पा- देव मो
 अयव.कृ वांसो मधूिन-  वायवे भरत चा श

रिरमा ते मदाय।।


ु ते बा~ अिं - सोम या शिमतारा सहु ा। मो रसं सगु भि िगिरा-
 दश ि पो य

िनद हे ु .मंशःु ।।


ु श
ु षा
 असािव ते जज ु योगे अवा-िग िया
ु णाय सोम- े द ाय बृहत े मदाय। हरी~ रथे सधु रा

कृ णिु ह यमानः।।

04.02.21 आ नो मही.मरमितं सजोषाˆ- ा.ेवी.मसा रातहाम।् मधो मदाय

बृहती.मृत ा- माे वह पिथिभ दवयान ैः।।

 अि यं थयो न िवाˆ- वपाव.ािना तपः। िपत.ु न पु ˆ उपिस ेˆ- आ घम अि

.मृतय.सािद।।

 अा मह  ी शमा गी- तो न ग.िना वै। मयोभवु ा सरथा यात.मवा-
 ी बृहत

ग.ििध .रु मािण न नािभम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 358


  तसो नमउि.रु -ाहं पूˆ उत वायो रिदि । या राधसा चोिदतारा मतीनाँ- या वाज

िवणोदा उत ।।

 आ नामिभ मतो वि  िवा-ना पिे भ जातवेदो वानः। य .िरो जिरत.ु ु ुित.- िवे ग

मतो िव ऊती।।

  पवतादा- सरती यजता ग ु य म।् हव.ेवी जज


04.01.22 आ नो िदवो बृहत ु षा
ु णा

ु ती णोत।ु ।
घृताची- श मा.ो वाच.मश

 ितं सदन े सादयम।् साद.ोिन.म आ दीिदवांस-ं िहरयवण


 आ वेधस.ीलपृ ं बृहं- बृह

.मष ं सपम
े ।।

 आ धणिस बृहिवो रराणो- िवेिभ ग.ोमिभ वानः। ाˆ वसानˆ ओषधी रमृ-िधातु ो

वृषभ
 ो वयोधाः।।

 मात ु द े परम े श  ो- िवपवो रािरासो अ म।् सश


ु आ य ु 
े .मसा रातहा-िशश.ं ु मृज

.ायवो न वास।े ।
ु .मे- िधयाजरो
 बृह.यो बृहत े त ु िमथनु ास.च। देवोदेव.हु वो भूत ु मं- मा नो माता

पृिथवी मतौ धात।।

 उरौ देवा ˆअिनबाध े ाम।।

 समिनो रवसा नूतनने - मयोभवु ा सु णीती गमेम। आ नो रियँ वहत.मोत वीरा-ना िवा.मृता

सौभगािन।।

 5.44 तं थेित पदशच सू, कायपोवारो- िवेदवे ा- जगे े िभ


ु ौ-
(भेदप े - इः 2-अिः 1-सूयः 1-अिः 1-िवेदवे ाः 1-सूयः 1-अिः 1-सूयः 2-िवेदवे ाः 2-

सतंु भरः 1-अिः 2-एवं 15)।।

04.01.23 तं था पूवथा िवथेमथा- ेताितं बिह¤षदं िवदम।् तीचीन ँ वृजन.ोहसे

िगरा-श.ु य.मन ु यास ु वधस।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 359


 िय े सु शी पर या.-िवरोचमान ककुभा.मचोदते। सगु ोपाˆ अिस न दभाय सतो~-

परो मायािभ.र ्ऋत आस नाम ते।।

 अं हिव.चते स धात-ु चािरगात.ु  होता सहोभिरः। साणो अन ु बिह वृषा िशश-ु मे

यवु ाजरो िवहा


ु िहतः।।

ु ो याम.िये- नीची रम


  वˆ एत े सयु ज ु  ै यˆ ऋतावध
ृ ः। सयु िु भ.वशास ै रभीशिु भ-

ििव .नामािन वण े मषु ायित।।

 सभरु ाण.िभ.तु ग ृ -ँ वयािकन.िगभास ु स


े भ ु ः। धारवाके.ृजगाथ
ु शोभसे- वध

पी रिभ जीवो अरे।।


ु ते- स.ायया दिधरे िसयाा। मही.म.मु षा.
04.02.24 या.गेव दश े ता.ग

मु यो- बृह.वु ीर.मनपतु  ं सहः।।

 वे ु जिनवा.ा अित ृध-मयता मनसा सूय किवः। ंस ं र  ं पिर िवतो गय-माकं 

शम वनव.ावसः।।

 ायांस.म यतनु  के तनु -ऋिषर.रित यास ु नाम ते। यािम.ािय तमपया िवद-

उˆ य ँ वहत े सो अर.रत।।

 समु .मासा.मव ते अिमाˆ न िरित सवन ँ यि.ायता। अा न हािद वण रेजते-

या मि त िवते पूतबनी।।

 स िह  मनस िचििभ- रेवावद यजत सेः। अवार ृणवाम रविभ-



शिवँ वाजं िवषा िचदम।।

04.02.25 येनˆ आसा.मिदित को3(ओ) मदो िववार यजत माियनः। समम

.मथय.ेतव-े िव िवषाणं पिरपान.मि ते।।

ृ ो यजतो िव िषो वधी-ावृ.तु िव.य व.चा। उभा स वरा ेित भाित च-
 सदापण

यदी.ण ं भजत े सु याविभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 360


 सतु भ
ं र ो यजमान सित- िवासा.मूध. िधया.मदु नः। भर.ेन ू रसव.ििये पयो-

नु वु ाणो अेित न प।।

 यो जागार तमृच कामये- यो जागार तम ु सामािन यि। यो जागार तमय ं सोमˆ आह- तवाह

.मि स े ोकाः।।

 अि जागार तमृच कामये-ि जागार तम ु सामािन यि। अि जागार तमय ं सोमˆ आह-

तवाह.मि स े ोकाः।।



  ।। अथ पिरिशम।।

 जागिष ं भवु न े जातवेदो- जागिष य यजत े हिवान।् इदं हिव धानो जहोिम
ु - तेन पािस

ु .ाम गोनाम।।
ग

 इित पिरिशम।।

 5.45 िवदा िदव इेकादशच सूाेय दापृणो- िवेदवे ा- िुप-् (भेदप े -

इसूय1-िवेदवे ाः2-इाी1-िवेदवे ाः6-आपः1-एवं11- अ सूे सदापृणषयजत इािद



ु इित के िचत)।।
िलो ऋिषिभ मय

04.02.26 िवदाˆ िदवो िवि.म ु अपावत


ु ै- रायाˆ उषसो अिचनो गः। ृ िजनी गा

-ि रो मानषु ी दवˆ आवः~।।

 िव सूय अमित. ियं सादो-वावां माता जानती गात।् धणसो न1(अ) खादोअणा-
ु ता ं हत ौः।।
ूणवे  सिम

 अा उाय पवत गभ- महीना.नषेु  पूाय। िव पवतो िजहीत साधत ौ- रािववासो

दसय भूम।।

 सूेिभ.व वचोिभ दवजु -ै िरा.1(अ)ी~ अवस े वै। उिे भ िह ¤ा क  य.यु  ा ˆ-
 व

आिववासो मतो यजि।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके ितीयाायः। वगाः(1-28) Page 361


ु ो3(ओ) भवाम-  नाˆ िमनवामा वरीयः। आरे ेषांिस सनतु दधा-
 एतो~ 1(अ) स

मायाम ाो यजमान.म।।

04.02.27 एता िधय.णवामा सखायो-प या माता ऋणतु ज.ोः। यया.मन ु



ु षम।।
िविशिश.िगाय -यया विण. व रापा परी

 अनूनो.द हयतो अि- राच.ेन दश मासो नव वाः। ऋत ँ यती सरमा गाˆ अिव-िािन

सा.िरा.कार।।
ु मािहनाया-ँ योिभ रिरसो नव। उˆ आसां परम े सध -ऋत
 िवे अाˆ िष

पथा सरमा िवद.ाः।।

न पतय.दो अा- यवु ा किव


 आ सूय यात ु साः- े  ँ यद.ोिवया दीघयाथ।े रघ.ये


ददय.ोष ु ग।।
ु  य.िरतो वीतपृाः। उा न नाव.मनय धीराˆ- आवती
 आ सूय अह..मण-य

रापो अवा.गित।।

 िधयँ वो अ ु दिधषे षा- ययातर.श मासो नव वाः। अया िधया ाम देवगोपाˆ- अया

िधया ततु यु ा-मांहः।।

 5.46 हयो नेच सू, आेयः ित ो- िवेदवे ा- जगती-सो दवपः-

ु ौ- (भेदप े – िवेदवे ाः 6-देवपः 2-एवं 8)।।


ितीयाे िभ

04.02.28 हयो न िवा अयिु ज य.िु र- ताँ वहािम तरणी.मववु म।् नााˆविम
ु  .ावृत ं पनु - िवा.थ परु एत ऋ
िवमच ु षित।।
 ज.ने

 अ इ वण िम देवा-शध  य मा.तोत िवो~। उभा नासा ो अध ा- पूषा

भग.रती जषु ।।

 इाी~ िमावणािदितं ~- पृिथवी.ां मत पवताँ अपः। व े िव ं ु पूषणं

ण.ितं- भग. ु शंस ं सिवतार.मूतये।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 362


 उत नो िव ु त वातो अिधो- िवणोदाˆ उत सोमो मय.रत।् उत ऋभवˆ उत राय े नो

अि-नोत ोत िवान ु मंसते।।

 उत .ो मात ं शधˆ आ गम-ििव य ँ यजत


 ं बिह रासदे। बृह
 ित.शम पूषोत नो यम-

1(अँ)वणो िमो अयमा।।


ु ।् भगो िवभा
ु य-दु ीतयो न1(अ)ामण े भव
 उत े न पवतास.श

शवसावसागम- चाˆ अिदित.ोत ु मे हवम।।
ु ये वाजसातये। या पािथवासो याˆ अपा.मिप त-े
 देवानां पी शती रव ु न- ाव ु न.ज

ता नो देवी.हु वा.शम यत।।

 उत ाˆ  ु देवपी -िराय1(अ)ा.िनी राट ्। आ रोदसी वणानी णोत-ु  ु देवी

.यˆ ऋत ु जनीनाम।।।। इित ितीयााय माः।।

 ु
चतथाके तृतीयाायः। वगाः(1-31)
ु तीित सच सू, आेयः ितरथो- िवेदवे ा-िुप-् (भेदप े - उषाः1-
 5.47 य

सूयरमयः1-सूयः3-िवेदवे ाः1-िमावणायः1-एवं 7)।।


ु ती िदवˆ एित वु ाणा- मही माता िहत ु बधयी। आिववासी यवु ित
04.03.01 य

ृ ˆ आ सदन े जोवाना।।
मनीषा- िपत

 अिजरास.दपˆ ईयमानाˆ- आतिवांसो अमत   नािभम।् अनासˆ उरवो िवत.- पिर


ृ 

ावापिृ थवी~ यि पाः।।

 उ ा समु ो अष.पु ण
 - पूव योिनं िपतरु ा िववश
े । मे िदवो िनिहत पृि रमा- िव

चमे रजस.ाौ।।

 चारˆ िबित े यो- दश गभ.रसे धापये। िधातव परमाˆ अ गावो-


िदव.रि पिर सो अान।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 363


 इद ँ वप ु िनवचन.नास-रि य.. ु रापः। े~ यद िबभृतो मात ु र-े इहहे  जात~

ू ।।
या3(आ) सब~

 िव तते िधयो अा अपांिस- वा पु ाय मातरो वयि। उप े वृषणो मोदमानाˆ- िदव.था

वो य।।

 तद ु िमावणा तद-े शँ यो र.िमद.म ु शम।् अशीमिह गाध.मतु िता-मो िदव े

 े सादनाय।।
बृहत

 5.48 क ियायेित पच सू, ु दवे ा- जगती (भेदप -े


आेयः ितभान-िवे

िवतोिः1-उषाः1-इसू
य1-अिः2-एवं 5)।।

04.03.02 क~ ियाय धाे मनामहे-  ाय यशसे महे वयम।् आम
े  रजसो यद

आ- अपो वृणाना िवतनोित माियनी।।

 ताˆ अत वयनु  ँ वीरव णं- समाा वृतया िवमा रजः। अपो अपाची रपराˆ अपेजते-  पूवािभ

िरते देवय ु जनः।।

 आ ाविभ रहिे भ रुिभ- विरँ व.मा िजघित माियिन। शत ँ वा य चर.े दमे-

सँवत
 यो िव च वतय.हा।।
ु े अ वपसः। सचा यिद िपतमु िमव यं- र
 ताम रीितं परशोिरव -नीक.मं भज

.धाित भरतये िवश।े ।

 स िजया चतरु नीकˆ ऋते- चा वसानो वणो यत.िरम।् न त िव पष
ु ता वय-ँ यतो

भग.िवता दाित वायम।।
् ातृणपािणः (भेदप े –
 5.49 देव ँ व इित पच सू, आेयः ितभ-ु िवेदवे ा- िुप-अं

िवेदवे ाः 1 सूयः 1 िवेदवे ाः 3 एवं 5)।।


ु जा
04.03.03 देव ँ वो अ सिवतार.मेष-े भग. रँ िवभज.मायोः। आ वा.रा पभ ु

ववृा-िविे दव े िचदिना सखीय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 364


 ित याण.मसरु  िवा-ूै दव ं सिवतार.व। उप वु ीत नमसा िवजान-े. रँ

िवभज.मायोः।।

 अदया दयते वायािण- पूषा भगो अिदित व उः। इो िव ु वणो िमो अि- रहािन भा

जनय दाः।।

 त.ो अनवा सिवता वथ-िवˆ इषयो अन ु म।् उप योचे अर होता- राय

.ाम पतयो वाजराः।।


ु ˆ ईव.दा नमो - य िम े वण े सूवाचः। अवै.णतु ा वरीयो- िदविृ थो
  ये वस

रवसा मदेम।।

  ।। अथ पिरिशम।।

 सूाे तृणाा- वरये वोदकेिप वा। यृण ै रयनं- तदधीितं.ृणािन भवत े भव।।

वापीकूपतडागानां- समु  ाहा।।



 इित पिरिशम।।
् ापिः-(भेदप े - सिवता
 5.50 िवो देवेित पच सू, आेयो-िवेदवे ा- अनु ुप-अं

2 िवेदवे ाः 1 सिवता 2 एवं 5)।।

04.03.04 िवो देव नेत-ु मत वरु ीत सम।् िवो रायˆ इषित-
ु ु से।।
ु ँ वृणीत प

ु से। ते राया ते ा3(आ)पृच-े सचेमिह सच ैः।।
 ते ते देव नेत -य चेमा अनश

 अतो नˆ आ नॄ.नितथी-नत पी दशत। आरे िवं पथेा-िषो ययु ोत ु यूयिु वः।।

 य वि रिभिहतो- व.ोय पशःु । नृमणाˆ वीरपो-णा धीरेव सिनता।।

 एष ते देव नेता~- रथित.शं रियः। शं राय े शं य- इष तु ो मनामहे- देवतो

मनामहे।।

 5.51 अे ु ित
सते पदशच सू, ाेयो-िवेदवे ा- ु
तथ-षी

समीनािमवायू-पा वायःु - आातो गायः-पािद षळु िहः-एकादयािद ितो

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 365


ु ौ- (भेदप े - अिः 2-िवेदवे ाः 1-इवायू 1-वायःु 1-
ु ो वा) अंे े अनु भ
जगः (िभ

इवाय 2-अिः 3-िवेदवे ाः 5-एवं 15)।।

04.03.05 अे सतु  पीतये- िव ै मेिभ रा गिह। देविे भ हदातये।।

 ऋतधीतयˆ आ गत- सधमाणो अरम।् अे िपबत िजया।।

 िवेिभ िव स- ातयाविभ रा गिह। देविे भ.ोमपीतये।।

ू सतु ो-म े पिर िषते। ियˆ इाय वायवे।।


 अय ं सोम म~
ु णो हदातये। िपबा स
 वाय ~वायािह वीतये- जषा  तु .ासो अिभ यः।।

04.03.06 इ. वाय~ वेषां- सतु ानां पीित.महथः। ता.षु थे ा.मरेपसा विभ यः।।

 सतु ाˆ इाय वायवे- सोमासो दािशरः। िन. यि िसवोिभ यः।।

 सज ू िवेिभ दविे भ- रिा.मषु सा सजःू । आ याे अिव.तु े रण।।

 सज ू िमावणाां- सज.ू ोमेन िवनु ा। आ याे अिव.तु े रण।।

 सज ू रािद ै वसिु भ-ज ू िरेण वायनु ा। आ याे अिव.तु े रण।।

 ि नो िममीता.मिना भग-ि देिदित रनवणः। ि पूषा असरु ो दधात ु
04.03.07 
ु ते ना
न-ि ावापिृ थवी~ सच ु ।।

 ये वाय.ु मपु  वामहै- सोमं ि भवु न य.ितः। बृहितं सवगणं ये- य

आिदासो भव ु नः।।

 िवे देवाˆ नो अा ये- वैानरो वस ु रि.ये। देवाˆ अव.ृभव.ये- ि

नो  पाहं सः।।

 ि िमावणा- ि प े रेवित। ि नˆ इ.ाि.- ि नो अिदते कृ िध।।

 ि पा.मन ु चरेम- सूयाचमसािवव। पनु ददताता- जानता समम


े िह।।

 ।। अथ पिरिशम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 366


 यन.ा.मिरनेिमं- मह.ूत ं वायस.ेवतानाम।् असरु 
 .िमसखं सम-ु बृहशो

े ।।
नाविमवाहम

 य- ाये ं मनसा च ताम।् यतपािण शरण ं प-े ि


ु मािरस
 अंहोमच

संबाध.े भयो अ।ु



 इित पिरिशम।।

 5.52  यावाेित सदशच सू, ्


आेय यावाो- मतोनु ुप-षी-षोडशी-

सदयः पयः।।

04.03.08  यावा धृयु ा-चा मिर ् ऋिभः। ये अोघ.मन


ु ध-ं वो मदि

यि याः।।

 ते िह िर शवस-खाय. ि धृयु ा। ते याम.ा धृषिन-ना पाि शतः।।

 ते ासो नो णो-ित ि शवरीः। मता.मधा महो- िदिव मा च महे।।

 म ु वो दधीमिह- ोमँ य . धृयु ा। िवे ये मानषु ा यगु ा- पाि म िरषः।।

 अहो ये सदु ानवो- नरो असािमशवसः।  य ँ यि येो- िदवो अचा मः।।

04.03.09 आ  ै रा यधु ा नरˆ- ऋाˆ ऋी रस ृ त। अेना अह िवतो
ु - मतो

जतीिरव- भान ु रत ना िदवः।।

 ये वावध
ृ  पािथवाˆ- य उरा विर  आ। वृजने वा नदीनां -सधे वा महो िदवः।।
ु ं स- सशवस.मृसम।् उत  ते शभु े नर-  ाˆ यज
 शध मात.म ु त ना।।

ु वः। उत पा रथाना-मिं  िभ.ोजसा।।


 उत  ते पा-मूणा वसत श

 आपथयो िवपथयो-थाˆ अनपु थाः। एतिे भ म.ामिभ -य ँ िवार ˆ ओहते।।

04.03.10 अधा नरो ोहत-े धा िनयतु ˆ ओहते। अधा पारावताˆ इित -िचा पािण

दया।।
ु  कुभवˆ- उ.मा कीिरणो नृतः।
 छ भ ु ते मे के िच तायवˆ- ऊमाˆ आस.िश िष।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 367


 य ऋाˆ ऋििवतु - कवय.ि वेधसः। तमृष े मात.ण-मा रमया िगरा।।

 अ ऋषे मातण-ाना िम. योषणा। िदवो वा धृवˆ ओजसा- तु ा धीिभ िरषयत।।

 व णा। दाना सचते सूिरिभ- यामतु िे भ रििभः।।


 नू मानˆ एषा.ेवा अा न

  ये मे बेष-े गाँ वोच सूरय- पृिँ वोच मातरम।् अधा िपतर.िमिणं -ँ वोच

िशसः।।

 स मे स शािकनˆ-एक.मेका शता दः। यमनु ाया.मिध तु -मु ाधो गं मृज-े िन राधो अं

मृज।े ।
् ह-नु पु -्
 5.53 को वेदिे त षोळशच सू, आेय यावाो- मतः-मेण ककुब-बृ

परउिक -् ककुप-् सतोबृहती- सतोबृहती- गायी- सतो बृहती-ककुप-् ककुब-् गायी- सतोबृहती-

सतोबृहती- ककुप-् सतोबृहः।।


ु .े ास मताम।् ययु 
04.03.11 को वेद जान.मेषा-ो वा परु ा स ु े िकलाः।।

ु ाव कथा ययःु । क ै स ु दु ासे अापयˆ- इळािभ वृय.ह।।


 ऐता.थेष ु तषु - क.श

 ते म आ य आय  ु -प िभ


 य ु िविभ मदे। नरो मयाˆ अरेपसˆ- इमा.य.िितुिह।।

 ये अिष ु ये वाशीष ु भानव-  ु षे  ु खािदष।ु ाया रथेष ु धस।।


ु ाकं  ा रथा अन-ु मदु े दध े मतो जीरदानवः। वृी ावो यतीिरव।।
 य

04.03.12 आ य.र.दु ानवो ददाशषेु - िदव कोश.मच


ु वःु । िव पजं सृजि रोदसी

अन-ु धना यि वृयः।।

 ततदृ ाना.िवः  ोदसा रज-  स ु धनवो यथा। ाˆ अाइव


 ानो िवमोचन-े िव

यत एः।।

 आ यात मतो िदवˆ- आिर ा.दमा.त। माव ात परावतः।।

 मा वो रसािनतभा कुभा ुम-ु मा व.ि ु िन रीरमत।् मा व पिर ारयु परी
ु िष-य े

इ.ु .म ु वः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 368


 तँ व.शध रथाना-ेष.ण ं मात. सीनाम।् अन ु  यि वृयः।।
ु ििभः। अन ु ामेम धीितिभः।।
04.03.13 शधशध वˆ एषाँ- ातँात.णण ं सश
ु ताय रातहाय  ययःु । एना यामेन मतः।।
 का अ सजा

 येन तोकाय तनयाय धा-1(अं) बीजँ वह े अि तम।् अ.न यˆ ईमह-े राधो

िवाय ु सौभगम।।

 अतीयाम िनद.िर-ििभ िहाव.मरातीः। वृी शँ यो रापˆ उि भेषज-ं ाम मत

.ह।।

 सदु वे .महासित -सवु ीरो नरो मत. मः। य.ाय े ाम ते।।

 ृिह भोजा.वु तो अ यामिन- रण.ावो न यवस।े यत पूवाइव सखी रन ु य- िगरा

गृणीिह कािमनः।।

 5.54  शधायेित पदशच सू, आेय शयावाो- मतो- जगती- चतदशी ्
िुप।।
ु । घमभे
04.03.14  शधाय माताय भानव -इमाँ वाच.मनजा पवतते ु  िदवˆ आ

ु वसे मिह नृ.मचत।।


पृयन-े 

  वो मत.िवषाˆ उदवो- वयोवध ु  पिरयः। सँ िवता


ृ ो अयज ु दधित वाशित ित-

र .ापोवना पिरयः।।


ु हसो नरो अमिदवो- वातिषो मत पवततु ः। अया िचु रा ानीवत
 िव ृ -

नयदमा रभसाˆ उदोजसः।।

 1(अ)ू .ु ाˆ हािन िशसो- 1(अ)िर  ँ िव रजांिस धूतयः। िव यदा अजथ नावˆ

यथा- िव गािण मतो नाह िरथ।।

 तीय वो मतो मिहन-ीघ.तान सूय न योजनम।् एताˆ न यामे अगृभीतशोिचषो-नदाँ



ययातना िगिरम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 369


04.03.15 अािज शध मतो यदणस-ं मोषथा वृ .पन
 वे  वेधसः। अध ा न
 ो अरमितं

सजोषस- िु रव य.मन ु नेषथा स ्


 गु म।।

 न स जीयते मतो न हते- न ेधित न थते न िरित। ना रायˆ उप दि नोतयˆ-

ऋिषँ वा यं राजान ँ वा सषूु दथ।।


ु ो ामिजतो यथा नरो-यमणो न मत कविनः। िप.ँ
 िनय ु  यिदनासो अर-

ु ि पृिथव मो असा।।




 व.तीय ं पृिथवी म- वती ौ भवित यः। वती पाˆ अिरा-

व पवताˆ जीरदानवः।।

 यत.भरस.णर-ूय उिदत े मदथा ि दवो नरः। न वोा.थयाह िसत-ो



अान पार.मथ।।

04.03.16 अंसषे ु वˆ ऋय प ु खादयो- व  ु ाˆ मतो रथे शभः


ु । अिाजसो

ु गभो-िशा.शीषस ु िवतता िहरययीः।।


िवतो
ु सम वृजनाितिष-
 ताक.मय अगृभीतशोिचषं- श.िलं मतो िव धूनथ।

यरि घोषँ िवतत.मृतायवः।।


ु ाद मतो िवचेतसो- राय.ाम रो3( ओ) वयतः। न यो य
 य ु ित ितो3(ओ)

यथा िदवो3-(ओ)े रार ्


 मत.हिणम।।

 यूय ं रियं मत.ाहवीरँ- यूय.मृिष.मवथ सामिवम।् यूय.मव ं भरताय वाजँ- यूय. राजान ं

िु मम।।

 तो यािम िवण ं सऊतयो- येना 1 (अ)ण ततनाम नॄ रिभ। इदं स ु मे मतो हयता वचो-

य तरेम तरसा शत ं िहमाः।।



 5.55 यव इित दशच सू, आेय यावाो- मतो- जग-ा िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 370


04.03.17 यवो मतो ाजयो- बृहयो दिधरे व सः। ईय े अ ै यु मेिभ

राशिु भ- शभु  ँ याता.मन ु रथाˆ अवृत।।


ु 
 य.िधे तिवष यथा िवद- बृहहाˆ उिवया िव राजथ। उतािर ं मिमरे ोजसा- शभँ

याता.मन ु रथाˆ अवृत।।

ृ  ु नरः। िवरोिकण.ूयवे रमय-


ु . ाक.मिु ता-िय े िचदा तरँ वावध
 साक.ाता.

शभु  ँ याता.मन ु रथाˆ अवृत।।

 आभषू े यँ वो मतो मिहन-ि े यं सूयवे  च णम।् उतो~ अा अमत
ृ  े दधातन-
ु  याता.मन ु रथाˆ अवृत ।।
शभँ

 उदीरयथा.मत.मु तो- यूय ँ वृिँ वषयथा परीिषणः।


ु न वो दाˆ उप दि धेनव-शभु  ँ

याता.मन ु रथाˆ अवृत।।

04.03.18 यदा.षू  ु पृषती रय ु ं- िहरयया.ा अम ु म।् िवाˆ इृधो मतो
ु  याता.मन ु रथाˆ अवृत।।
थ- शभँ

 न पवताˆ न नो वर वो- यािचं मतो ग.थे तत।् उत ावापिृ थवी~ याथना पिर- शभँ
ु 

याता.मन ु रथाˆ अवृत।।

 यू मतो य नूतन-ँ यते वसवो य शते। िव त भवथा नवेदस-शभु  ँ याता.

मन ु रथाˆ अवृत।।


ु 
 मृळत नो मतो मा विध-नां शम बलँ िव यन। अिध ो स गातन- शभँ

याता.मन ु रथाˆ अवृत।।

 यूय.मा.यत वो अा- ि नरंहितो मतो गृणानाः। जषु .ो हदाितँ यजाˆ- वय ं

ाम पतयो रयीणाम।।

 5.56 अे शधिमित नवच सू, आेय यावाो- मतो- बृहती- तृतीया सौ

सतोबृहौ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 371


04.03.19 अे शधमा गण-ं िप ं िे भ रििभः। िवशो अ मता.मव ये- िदव.ि.

ोचना.दिध।।

 यथा िचस े दा- तिदे ज म ु राशसः। ये ते नेिदं हवना.ागम-ाध भीमसशः।।

 मीतीव पृिथवी पराहता- मद.े.दा। ऋ ो न वो मत.िशमीवा- अमो ो गौिरव

भीमयःु ।।
ु । अमान.िय1(अं) पवत.ििरं -  ावयि
 िन ये िरण.ोजसा- वृथा गावो न धरः

यामिभः।।

 उि नून.मेषां ोमै-.मिु तानाम।् मतां पु तम.मपू-वां सग.िमव ये।।


ु ं षी रथे- य
04.03.20 य ु ं रथेष ु रोिहतः। य
ु ं हरी~ अिजरा धिु र वोव-े विहा धिु र

वोव।े ।

 उत ˆ वा.ष.िु विण- िरह  धािय दशतः। मा वो यामेष ु मत िर.र- तं रथेष ु

चोदत।।

 .ु मा वामहे। आ यि.ौ सरु णािन िबती- सचा म ु रोदसी।।


 रथ. ु मात ँ वय-ं व

 तँ व.शध रथेशभु -ेष ं पन.ु मा व।े यि.ज


ु ाता सभु गा महीयते- सचा म ु

मीषी।।

 5.57 आ ास इच सू, आेय यावाो- मतो- जग-े े िभ


ु ौ।।
04.03.21 आ ासˆ इव.जोषसो- िहरयरथा.िु वताय गन। इय ँ वो अ.ित

हयते मित-ृजे न िदवˆ उाˆ उदवे।।

 वाशीमˆ ऋिमो मनीिषण-धु ानˆ इषमु ो िनषिणः। ा.  सरु था पृिमातर-

ायधु ाˆ मतो याथना शभु म।।

 धूनथु ां पवता.ाशषेु  वस-ु िन वो वना िजहते यामनो िभया। कोपयथ पृिथव पृिमातर-शभु े

या पृषती रय ु म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 372


ु श.पु श
 वातिषो मतो वषिनिणजो- यमाइव सस े सः। िपशााˆ अणााˆ अरेपस-

 सो मिहना ौिरवोरवः।।

 पु 
 ाˆ अिम.दु ानव-ेषसशो अनवराधसः। सज
ु ातासो जनषा
ु व सो- िदवो

अकाˆ अमत
ृ . ाम भेिजरे।।

04.03.22 ऋयो वो मतो अंसयो रिध- सह ओजो बाो.व बलं  िहतम।् नृा शीष.ायधु ा

रथेष ु वो- िवाˆ व.ीरिध तनषू  ु िपिपशे।।

 गोम.दाव.थव.वु ीर-व.ाधो मतो ददा नः। शि. कुणतु ियासो- भ ीय

वोवसो दै।।
ु मघ
 हय े नरो मतो मृळता न-वी  ासो अमृताˆ ऋत ाः। सतु  कवयो यवु ानो- बृह.िरयो

बृह. माणाः।।

 5.58 तम ु नूनिमच सू, आेय यावाो- मत-िुप।।

04.03.23 तम ु नून.िवषीम.मेषां- षु े गण ं मात. सीनाम।् य आ


 
 ाˆ अमव

.ह 

-उतिे शरे अमत


ृ  राजः।।

 ेष.ण.वस.ािदह-िु नतं माियन.ाितवारम।् मयोभवु ो ये अिमता मिहा- व



िव तिु वराधसो नॄन।।

 आ वो यूदवाहासो अ- वृिँ ये िवे मतो जनु ि। अय ँ यो अिमत.िमˆ-

एत.षु .वयो यवु ानः।।


ु .देित मिु हा बाजूतो- य
 यूय ं राजान.िमय.नाय- िवत.नयथा यजाः। य ु .दो

मत .वु ीरः।।

 अराइव े दचरमाˆ अहेव-  जाये अकवाˆ महोिभः। पृे पु ाˆ उपम
 ासो रिभा-या

माˆ मत.ं िमिम ःु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 373


 यायािस पृषतीिभ र-ै वळु पिविभ मतो रथेिभः। ोदˆ आपो िरणत े वना-वोियो

  त ु ौः।।
वृषभ

 िथ याम.ृिथवी िचदषे ां- भतव गभ .िमवो धःु । वाता.ा.यु ाययु 
ु -े वष

ेद.िरे ियासः।।

 हय े नरो मतो मृळता न ु मघ


 -वी  ासो अमृताˆ ऋत ाः। सतु  कवयो यवु ानो- बृहि रयो

बृह. माणाः।।

 5.59  व िळच सू, आेय यावाो- मतो- जग-ा िुप।।

04.03.24  व. ळ.िु वताय दावने-चा िदव े  पृिथा ˆऋत ं भरे। उ े अा

.ष आ रजो-न ु ं भान ं ु थये अणवःै ।।

 अमा.देषां िभयसा भूिम रेजित- नौन पूणा रित िथ यती। रे शो ये िचतय एमिभ- र महे

िवदथे येितरे नरः।।


ु म-ं सूय न च  ू रजसो िवसजन।े अाˆइव स
 गवा.िमव ियसे .म ु 1 (अ)ारव. न-

मयाइव ियसे चेतथा नरः।।

 को वो महाि महता.मदु व-.ाा मत को ह पा। यूय ं ह भूिम.िरण. रेजथ- 

यर े सिु वताय दावने।।

 े दषास.बव-शूराˆइव यधु  ोत ययु धु ःु । मयाइव सवु ध


 अाइव ृ  ु नर-ूय
ृ ो वावध

च ु  िमनि वृििभः।।

 ते अे ा ˆअकिनास उिदो-ममासो महसा िव वावध ु सज


ृ ः। ु ातासो जनषा
ु पृिमातरो-

िदवो मयाˆ आ नो अा िजगातन।।

 वयो न ये ेणी प ु रोजसा-ा.िवो बृहत


 .ाननु .िर। अासˆ एषा.मभु ये यथा िव- 
ु वःु ।।
ू रच
पवत नभन

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 374


 िममात ु ौ रिदित वतये न-.ानिु चाˆ उषसो यताम।् आच
ु व ु िद.ोश.मेत ऋषे-

 मतो गृणानाः।।

 5.60 ईळे अििमच सू, आेय यावाो- मत-िु-बे े जगौ- (आेय ं


ु रामतो वा)
ु मये
च वेन

04.03.25 ईळे  अिं वस. मोिभ- िरह सो िव चय.ृ त.ः। रथिै रव  भरे वाजयि-

दि िण.तां ोम.मृाम।।

 आ ये तु पृषतीष ु तु ास-ु सख


ु षे  ु ाˆ मतो रथेष।ु वना िचाˆ िजहते िन वो िभया- पृिथवी

िच.ेजते पवत.ित।।

 पवत.ि.िह वृो िबभाय- िदव.ि.ान ु रेजत न े वः। यीळथ मतˆ ऋिमˆ- आपइव

स ो धवे।।

 वराइव े ैवतासो िहरय ै- रिभ धािभ  िपिपे। िय े ेयांस.वसो रथेष-ु सा महांिस

चिरे तनषू ।ु ।

ृ  ु ौभगाय। यवु ा िपता पा ˆ एषां- सु घा पृि


 अे ासो अकिनासˆ एत-े सं ातरो वावध

िु दना मः।।

 य.म े मतो मम े वा- यावम े सभु गासो िदिव ¤। अतो नो ाˆ उत वा 1(अ)-ाे

िवा.िवषो यजाम।।
ु । ते मसाना धनु यो िरशादसो-
 अि. यतो िववेदसो- िदवो वह उरा.दिध िभः
ु त।े ।
वाम.  यजमानाय स

 अे मि.शभु यिर ्ऋिभ-ोमं िपब मसानो गणििभः। पावकेिभ िविमिे भ रायिु भ-
ु सजःू ।।
वानर िदवा के तना

 5.61 के ा नर इेकोनिवंशृच सू, यावाः-आानां चतसृणां य वह इािद



षणा मतः- पािद चतसृणां तर मिहषी शशीयसी उत मे रपिदाः पमीो- यो मे

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके तृतीयाायः। वगाः(1-31) Page 375


धेननू ािमारः- एतं मे ोमिमािद ितसृणां रथवीित-गायी- पनु पु ् -नवमी

सतोबृहती- (अ ौ पमीळ तरंतौ वैददी रथवीित दाः)।।

04.03.26 के ¤ा नर ेतमा- य एकएकˆ आयय। परमा परावतः।।

 1(अ)वोा ा3(आ)भीशव- कथ ं शेक कथा यय। पृ े सदो नसो यमः।।

 जघने चोदˆ एषाँ- िव सािन नरो यमःु । पु क


 ृ थ े न जनयः।।

 परा वीरासˆ एतन -मयासो भजानयः। अितपो यथासथ।।

 सन.ां पश-ु मतु गं शतावयम।् यावाताय


ु ्
या –दो.वरा.योपबबृहत।।

ं ु ो भवित वसी। अदेवा.दराधसः।।


04.03.27 उत ा ी शशीयसी- पस

 िव या जानाित जसिु रँ- िव तृ ँ िव कािमनम।् देवा कृ णतु े मनः।।

 उत घा नमे ो अतु - पमा


ु  इित वु े पिणः। स वैरदय
े ˆ इमः।।

 उत मेरप.वु ित ममषी- ित यावाय वतिनम।् िव रोिहता पमी


ु ाय येमत-ु िवाय

दीघयशसे।।

 यो मे धेननू ां शत-ँ वैदद ि यथा ददत।् तरइव मंहना।।

 िु भ- िपबो मिदरं मध।ु अ वांिस दिधरे।।


04.03.28 य  वह आश

 येषां ियािध रोदसी- िवाज े रथे.ा। िदिव इवोपिर।।

 यवु ा स मातो गण-ेषरथो अनेः। शभु य


ँ ावाितुतः।।

 को वेद नून.मेषाँ- या म


 दि धूतयः। ऋतजाताˆ अरेपसः।।

 यूय ं मत िवपव- णेतारˆ इा िधया। ोतारो यामितष।।
ु ा िरशादसः। आ यि यासो ववृन।।
04.03.29 ते नो वसूिन काा- प

 एत ं मे ोम.मू- दााय परा वह। िगरो देिव रथीिरव।।

 उत मे वोचता.िदित- सतु सोम े रथवीतौ। न कामो अप वेित मे।।

 एषˆ िे त रथवीित- मघवा गोमती रन।ु पवत.े पितः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 376



 5.62 ऋतेन ऋतिमित नवच सू, आेय तु िव-िवाणौ- िपु ।।
ु .ान।् दश शता सह
04.03.30 ऋतने  ऋत.मिपिहत.वु ँ वां- सूय य िवमच

त.ु देक-ेवानां ेँ वपषु ा.मपयम।।

 त ु वां िमावणा मिह-मीमा तषु ी रहिभ े। िवा िपथ.सर धेनाˆ-अन ु

े  पिवरा ववत।।
वामक

 अधारयतं पृिथवी.मतु ां- िमराजाना वणा महोिभः। वधयत. मोषधी िपत. ाˆ- अव वृिं

सृजत.ीरदानू~।।
ु ो वह-ु यतरमयˆ उप यवाक।् घृत िनिण.गन ु वतते वा-मपु 
 आ वा.मास.यु ज

िसव िदिव रि।।

 अन ु तु ा.ममितँ वध.व- बिहिरव यजषु ा र माणा। नमा धृतद ािध गत- िमासाथ~

े ा.ः~।।
वणळ
ु ृ ते परा- यासाथ~
04.03.31 अिवहा सक े वणळ
े ा ः~। राजाना 

ू ं िबभृथ.ह ौ।।
मणीयमाना- सहण

 िहरयिनिण.गयो अ ूणा- िव ाजते िद1(अ)ाजनीव। भे े  े िनिमता ितिले वा-

सनमे  मो अिधग।।

 िहरयप.मषु सो ु ा-वय ूण.मिु दता सूय। आ रोहथो वण िम गत-मत. ाथे~

अिदित.िित.।।
ु ~- अिं शम भवु न गोपा। तेन नो िमावणा.विवं- िसषासो
 यंिह.ाितिवधे सदानू

िजगीवांस.ाम।। इित तृतीयाायः।



चतथाके चतथु ाायः। वगाः(1-36)

 5.63 ऋत गोपािवित सच सू, आेयोचनाना- िमावणौ- जगती।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 377
04.04.01 ऋत गोपा.विध ितथो रथं- सधमाणा परम े ोमिन। यम िमावणावथो

यवु - ै वृि.मधम


ु .िते िदवः।।

 साजा.व भवु न राजथो- िमावणा िवदथे शा। वृिँ वां राधो अमृत.मीमहे-

ावापिृ थवी~ िव चरि तवः।।

 ा वृषभा िदव.ती~- पृिथा िमावणा िवचषणी~। िचिे भ.र ै प ितथो रव-
 साजा उ

ाँ वषयथो असरु  मायया।।

 माया वाँ िमावणा िदिव िता- सूय ोित रित िच.मायधु म।् तमण
े  वृा गूहथो िदिव-
ु ˆ ईरते।।
पज ाˆ मधम
ु ते मत.शभु े सख
 रथँ य ु -ं शूरो न िमावणा गिविष।ु रजांिस िचा िव चरि तवो- िदव

.ाजा पयसा नˆ उ तम।।

 वाचं स ु िमावणा.िवरावत- पज.िाँ वदित िषीमतीम।् अा वसत मत. ु मायया-



ाँ वषयत मणा.मरेपसम।।

े असरु  मायया। ऋतने  िवं भवु न ँ िव राजथ-ूयमा


े ~
 धमणा िमावणा.िवपिता- ता र थ

धो िदिव िचं रथम।।

 5.64 वणँ व इित सच सू, अचनाना- िमावणा- वनु ब


ु ा पिः।।

04.04.02 वण ँ वो िरशादस-मृचा िम ं हवामहे। पिर जवे  बाो- जगांसा णरम।।
ु -  य.मा अचत।े शेव ं िह जाय वाँ- िवास ु ास ु जोगवु ।े ।
ु तना
 ता बाहवा सचे

 यून.मया.ितं- िम यायां पथा। अ िय शम-यिहंसान सिरे।।

 यवु ाां िमाव-णोपम.ेया.मृचा। य ये मघोनां -ोतॄणा. ूधसे।।


ु ितिभ- वण. सध आ। े ये मघोनां- सखीना. वृधसे।।
 आ नो िम सदी

 यवु .ो येष ु वण-  ं बृह. िबभृथः। उ णो वाजसातये- कृ त ं राय े ये।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 378


 उां मे यजता- देव  े शिव। सतु ं सोम. हििभ- रा पि धावत.रा िबता

.वचनानसम।।

 5.65 यिके तेित षडृच सू, आेयो रातहो- िमावणा-वनु ुबा पिः।।
ु त-ु दवा स ˆवीत ु नः। वणो य दशतो- िमो वा वनत े
04.04.03 यिकेत स स

िगरः।।
ु मा। ता सती~ ऋतावध
 ता िह ेवचसा- राजाना दीघ ृ - ऋतावाना जनेजने।।

 ता वा.िमयानोवस-े पूवा उप वु  े सचा। ास. ु चेतनु ा- वाजा अिभ  दावने।।

 िमो अंहो िदा.- याय गात ँ ु वनते। िम िह तवू त-म


ु ित रि िवधतः।।

 वय ं िमाविस- ाम सथ.मे। अनहे स.ोतय-ा वणशेषसः।।

 यवु ं िमम
े .नं- यतथ.. नयथः। मा मघोन पिर तं- मो~ अाक.मृषीणा.ोपीथ े नˆ

उतम।।

 5.66 आ िचिकतानेित षडृच सू, आेयो रातहो-िमावणा-वनु ुप।।
ु तू ~-देवौ मत िरशादसा। वणाय ऋतपेशसे- दधीत यस े
04.04.04 आ िचिकतान स

मह।े ।

 ता िह .मिवतं- स.गसयु 1(अ)माशात~ ्


े । अध तवे  मानषु -ं 1(अ)ण धािय दशतम।।

 ता वा.मेष े रथाना-मवु .ूित.मेषाम।् रातह सु ुि त-ध.ृ ोमै मनामहे।।

 अधा िह काा यवु -  पूिभ रत


ु ा। िन के तनु ा जनाना.िकेथे पूतद सा।।
 तत ं पृिथिव बृह-वएष ऋषीणाम।् यस
 ाना वरं पृ-ित रि यामिभः।।

 आ या.मीयच सा- िम वय. सूरयः। िच े बपाे- यतेमिह राे।।



 5.67 बिळा देविे त पच सू, आेयो यजतो- िमावणा- वनु ुप।।

04.04.05 बिळा देव िनृ त-मािदा यजत ं बृहत।् वण िमायम-

िष..माशाथे~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 379
ु ं िरशादसा।।
 आ योिनं िहरययँ- वण िम सदथः। धतारा चषणीनाँ- य ं स

 िवे िह िववेदसो- वणो िमो अयमा। ता पदवे  सिरे- पाि म िरषः।।

ृ - ऋतावानो जनेजने। सनु ीथास.दु ानवो-हो.ि.चयः।।


 ते िह साˆ ऋतश

 को न ु वां िमातु ो- वणो वा तननू ाम।् त ु वा.मेषत े मित- रिˆ एषत े मितः।।

 5.68  वो िमायेित पच सू, आेयो यजतो- िमावणौ- गायी ।।



04.04.06  वो िमाय गायत- वणाय िवपा िगरा। मिह ा.वृत ं बृहत।।

 साजा या घृतयोनी~- िम.ोभा वण.। देवा देवषे  ु शा।।

 ता न.शं  पािथव -महो रायो िद। मिह वा..ेवषे ।ु ।

 ऋत.मृतने  सप-ेिषर. .माशाते~। अुहा देवौ वधत


 ~
े ।।

 वृिावा रीा-पेष.ती~ दानमु ाः। बृह.त.माशाते~।।



 5.69 ी रोचनेित चतऋच ्
सू, आेय उचि-िमावणौ-िुप।।

04.04.07 ी रोचन


 ा वण ीत.ू-ीिण िम धारयथो रजांिस। वावध
ृ ाना .वमित.िय-

ान ु त ं र माणा.वजयु म।।
ु .ां िसवो िम े। य. ु वृषभास.िसॄणा-िषणानां
 इरावती वण धेनवो वां- मधम

रेतोधाˆ िव मु ः।।

 ात दवी.मिदित.ोहवीिम- मिन उिदता सूय। राय े िमावणा सवता-तेळे तोकाय

तनयाय शँ योः।।

 या धतारा रजसो रोचन-ोतािदा िदा पािथव। न वा.ेवाˆ अमत


ृ ाˆ आ िमनि-

तािन िमावणा वु ािण।।



 5.70 पणे ु च सू, आेय उचि-िमावणौ- गायी।।
ित चतऋ

ु णा िच.-वो नून ँ वाँ वण। िम वंिस वां समु ितम।।
04.04.08 प

 ता वां स.गुा-णेष.मयाम धायस।े वय.े ा ाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 380


 पात ो ा पायिु भ- त ायथ ु ा। तयु ाम दू.निू भः।।
े ां सा
ु म
ु तू~ य ं भज
 मा कात े ात  िू भः। मा शेषसा मा तनसा।।
 न

 5.71 आ नो गिमित तृच सू, आेयो बावृो- िमावणौ- गायी।।



04.04.09 आ नो गं िरशादसा- वण िम बहणा। उपेम.ा.मरम।।

 िव िह चते सा- वण िम राजथः। ईशाना िपत.ियः।।

 उप न.तु .मगत-ँ वण िम दाशषु ः। अ सोम पीतये।।

 5.72 आ िम इित तृच सू, आेयो बावृो-िमावणा-विु क।् ।

04.04.10 आ िम े वण े वय-ीिभ जु मो अिवत।् िन बिहिष सदतं सोमपीतये।।

 तने  ो वु म
े ा- धमणा यातयना। िन बिहिष सदतं सोमपीतये।।

 िम. नो वण.- जषु ते ाँ य .िमये। िन बिहिष सदतां सोमपीतये।।



 5.73 यद  इित दशच सू, आेयःपौरोिना-वनु ुप।।
ु  पु भजा
04.04.11 यद  परावित- यदवाव.िना। या प ्
ु - यदिर  आ गतम।।

 इह ा पु भत ु  दंसांिस िबता। वरा या.िग~


ू मा- प ू - व े तिु वमा भज
ु ।े ।

ु पया नाषा यगु ा- मा रजांिस दीयथः।।


 ईमा.पषु  े वप-ु ं रथ येमथः।

 त ¤ष ु वामने ा कृ त-ँ िवा या मन¤ु वे। नाना जाता.वरपे सा- सम े बमु ये थः।।

 आ यां सूया रथ-ि.घ¤ु दं सदा। पिर वा.मषा वयो- घृणा वर आतपः।।

04.04.12 यवु ो रि िके तित- नरा स


ु ने  चेतसा। घम या.मरेपस-ासाा भरु यित।।

 उो वा.कुहो यिय- वे यामेष ु सिनः। या.ंसोिभ रिना-ि नरा ववतित।।

ू वु ा- ा िसषि िपषु ी। यमु ाित पषथ- पा पृ ो भर वाम।।
 मˆ ऊ¤ष ु मधय

 स.िमा उ अिना- यवु ा.मा मयोभवु ा। ता याम.ामतमा- याम.ामृळय


 मा।।

 इमा ािण वधना-िां स ु शमा। या त ाम रथाइवा-वोचाम बृह.मः।।



 5.74 कू ो देवािवित दशच सू, आेयः पौरोिना-वनु पु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 381
04.04.13 कू ो देवा.विना-ा ि दवो मनावसू~। तवथो वृषवसू~- अि वा

.मािववासित।।

 कुह ा कुह न ु तु ा- िदिव देवा नासा। कि.ा यतथो जने- को वा.दीनां सचा।।
ु ाथे~ रथम।् क ािण रयथो- वय ँ वा.मु म.सीये।।
 कं याथ कं ह गथ- कमा य

 पौर.ि.दु  तंु - पौर पौराय िजथः। यदी.ृभीततातये- िसंह.िमव ुह.द।े ।


ु ु षो- वि.म. म
  वाना.ज ु थः। यवु ा यदी कृथ
 ः- पनु रा काम.मृवे वः।।

04.04.14 अि िह वा.िमह ोता- िस वां सिश िय।े नू तु ं म आ गत-मवोिभ

वािजनीवसू~।।

 ा-मा व े मानाम।् को िवो िववाहसा- को य ै वािजनीवसू~।।


ु ण
 को वा.म प
ु  िचदय.ु िरˆ- आषू ो म.ा।।
 आ वां रथो रथानाँ- येो यािना। प

 शमू ष ु वां मधूयवु ा-ाक.म ु चकृ ितः। अवाचीना िवचते सा- िविभ.येनवे  दीयतम।।

 अिना य किह िच-ूयात.िमम ं हवम।् वी. ¤ष ु वां भज


ु - पृि स ु वां पृचः।।

 5.75 ित ियतमिमित नवच सू, आेयो व-ु रिनौ- पिः।।

04.04.15 ित ियतम ं रथँ- वृषण ँ वसवु ाहनम।् ोता वा.मिना.वृिष- ोमेन ित भूषित-

माी~ मम तु  ं हवम।।

 अायात.मिना- ितरो िवाˆ अहं सना। दा िहरयवतनी~- सषु ु ा िसवु ाहसा- माी~

मम तु  ं हवम।।

 आ नो रािन िबता-विना गत ँ यवु म।् ा िहरयवतनी~- जषा


ु णा वािजनीवसू~-

माी~ मम तु  ं हवम।।

 सु ुभो वाँ वृषवसू~- रथे वाणी.ािहता। उत वा.कुहो मृग- पृ  कृ णोित वापषु ो- माी~

मम तु  ं हवम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 382


 बोिधनसा र-ेिषरा हवनतु ा। िविभ.वान.मिना- िन याथो अयािवनं- माी~ मम तु  ं

हवम।।
ु ो-ास िष
04.04.16 आ वा.रा मनोयज ु तवः। वयो वह ु पीतये- सह स
ु िे भ रिना-

माी~ मम तु  ं हवम।।

 अिना.वेह गत-ासा मा िव वेनतम।् ितर.िदयया पिर- वित यात.मदाा- माी~ मम



तु  ं हवम।।

 अि. े अदाा- जिरतारं शभ.ती~। अव.ु मिना यवु -ृण.मपु  भूषथो- माी~

मम तु  ं हवम।।

 अभू.षा शश-ु राि रधा.ृियः। अयोिज वाँ वृषवसू~- रथो दा.वम- माी~

मम तु  ं हवम।।

 5.76 आ भाििरित पच सू, भौमोि-रिनौ- िुप-् भाराजे षे मडले



षडनवाकाः

04.04.17 आ भाि  षसा.मनीक-मिु ाणा.ेवया वाचो अःु । अवाा नून ं रहे यात-ं

पीिपवांस.मिना घम.म।।

 ं  िममीतो गिमा-ि नून.मि.नोप.ु तेह। िदवािभिपे वसा गिमा- वित


 न संृत

.ाशषेु  शंभिवा।।

 उता यात ं सव े ात.रो- मिन उिदता सूय। िदवा न.मवसा शमने - नेदान पीित

रिना ततान।।

 इदं िह वां िदिव ान.मोक~- इम े गृहाˆ अिनेद.रोणम।् आ नो िदवो बृहत पवतादा-ो

यात. िमष.मूज  वहा।।

 समिनो.रवसा नूतनने - मयोभवु ा सु णीती गमेम। आ नो रियँ वहत.मोत वीरा-ना िवा.मृता

सौभगािन।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 383

 5.77 ातयावाणेित पच सू, भौमोि- रिनौ- िपु ।।

 ावाणा थमा यजं- परु ा गृा.दरष िपबातः। ात.िह य .मिना दधाते-


04.04.18 ातय

 शंसि कवय पूवभाजः।।

 ात यज.मिना िहनोत- न साय.मि देवयाˆ अजु म।् उताो अ.जते िव चाव-

पूव पूव यजमानो वनीयान।।

 िहरय.धवु ण घृतु - पृ ो वह.ारथो वतते वाम।् मनोजवाˆ अिना वातरंहाˆ-

येनाितयाथो िरतािन िवा।।

 यो भूिय.ासााँ िववषे - चिनं िपो ररत े िवभाग।े स तोक.म पीपर.मीिभ-रनूभास



.दिम.तु यु ात।।

 समिनो रवसा नूतनने - मयोभवु ा सु णीती गमेम। आ नो रियँ वहत.मोत वीरा-नािवा.मृता

सौभगािन।।

 5.78 (उपांश)ु अिनािवित नवच सू, आेय वि- रिना- वनु ुप-आाि

उिह- तथु  िपु -(पािद प गभािवय उपिनषदः)

04.04.19 अिना.वेह गत-ासा मा िव वेनतम।् हंसािवव पतत.मा सतु ा उप।।

 अिना हिरणािवव- गौरािववान ु यवसम।् हंसािवव पतत.मा सतु ा उप।।

 अिना वािजनीवसू~- जषु थे ाँ य .िमये। हंसािवव पतत.मासतु ा उप ।।

 अि या.मवरोह.ृबीस-मजोहवी.ाधमानेव योषा। येन िचवसा नूतनने ा-

गत.मिना शमने ।।

04.04.20 िव िजही वनते- योिन.ूाइव। तु ं मे अिना हवं- सवि.

ु तम।।
म

 भीताय नाधमानाय- ऋषय े सवये। मायािभ रिना यवु -ं वृ ं स. िव चाचथः।।
ु िरण- सिमयित सवतः। एवा त े गभˆ एजत-ु िनरत
 यथा वात प ै  ु दशमाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 384


ु ा।।
 यथा वातो यथा वनँ- यथा समु ˆ एजित। एवा .शमा- सहावेिह जरायण

 दश मासा.शयान- कुमारो अिध मातिर। िनरत


ै  ु जीवो अ तो- जीवो जीवाˆ आिध।।

 ।। अथ पिरिशम।।
ु ाण इवषे िु धम।् आ वीरो जायतां- पु े दशमाः।।
 आ ते गभ योिन मैत-ु पमा

 करोिम ते ाजाप-मा गभ योिन मैत ु ते। अनून पूण जायता- मोणोिपशाचधीतः।।
ु  े पु ो नािर -तं पमा
 पमाँ ु ायताम।् तािन भािण बीजा-ृषभा जनयि नौ।।
ु ननज

 यािन भािण बीजा-ृषभा जनयि नः। त ैं पु ा ि- सा सू धनक
ु ा भव।।

 काम मृतां म- मपरािजत मेव मे। यामामय े देव- तं मे वायो समधय।।

 इित पिरिशम।।

 5.79 महे न इित दशच सू, आेयवा- उषाः- पिः।।

 े नो अ बोध-योषो राय े िदिवती। यथा िचो अबोधय-विस वा-े


4.04.21 मह
ु त े असनू तृ ।े ।
सजा

 या सनु ीथ े शौचथ-े ौो िहत िदवः। सा 


ु  सहीयिस- सविस वा-े सजा
ु त े

असनू तृ ।े ।

 सा नो अाभर.स-ु 


ु ा  िहत िदवः। यो ौ.हीयिस- सविस वा-े सजा
ु त े

असनू तृ ।े ।

 अिभ ये ा िवभाविर- ोमै गृणि वयः। मघ ै मघोिन सिु यो- दाम.रु ातय- ज
ु ात े

असनू तृ ।े ।

 यिि ते गणाˆ इम-े छदयि मघय।े पिर िचयो दध-ु ददतो राधो अय-ं सजा
ु त े

असनू तृ ।े ।

04.04.22 ऐष ु धा वीरव शˆ- उषो मघोिन सूिरष।ु ये नो राधां.या- मघवानो अरासत-
ु त े असनू तृ ।े ।
सजा

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 385
ु ात े
ु ं बृह.शˆ- उषो मघो.ा वह। ये नो राधां.ा- गा भज सूरय-ज
 तेो 

असनू तृ ।े ।
ु ै .शोचि रिचिभ-
 उत नो गोमती िरषˆ- आ वहा िहत िदवः। साकं सूय रिमिभ-श
ु ात े असनू त
ज ृ ।े ।
ु ा िहत िदवो- मा िचर.नथा
   ु ˆ अपः। नेा ेन ँ यथा िरप-पा
ु ु त े
ित सूरो अिचषा- सजा

असनू तृ ।े ।

 एताव.ेष.ं- भूयो वा दात.ु महिस। या ोत ु ी न मीयस-े सजा


ृ ो िवभाव-य ु त े

असनू तृ ।े ।

 5.80 तामानिमित ्
षडृच सू, आेय वा- उषा-िुप।।

04.04.23 तु .ामानं बृहती.मृतने - ऋतावरी.मण ँ ु िवभातीम।् देवी.मषु सं रावह-

ित िवासो मितिभ जरे।।

 एषा जन.शता बोधयी- सगु ा.थ कृ  वती याे। बृहथा बृहत


 ी िविम-ोषा ˆ

ोित.य.े अाम।।
ु ना-ेधी रिय.माय ु चे । पथो रदी सिव
 एषा गोिभ रणिे भ यजा ु ताय देवी- पु त
ु ा
िववारा िव भाित।।

 एषा ेनी भवित िबहाˆ- आिवृवाना तं परु ात।् ऋत पा.मेित साध-ु जानतीव

न िदशो िमनाित।।
ु ा न तो िवदा-नोव ाती शये नो अात।् अप ेषो बाधमाना तमां-षु ा िदवो
 एषा श

िहता ोितषागात।।

 एषा तीची िहता िदवो नॄ-ोषेव भा िन िरणीते अः। ूवती दाशषेु  वायािण- पनु ित

यवु ित पूवथाकः~।।


ु ते मन इित पच सू, आेय यावा- िवता- जगती।।
 5.81 य

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 386


ु ते मनˆ उत य
04.04.24 य ु ते िधयो- िवा िव बृहत
 ो िवप.ितः। िव होा दधे वयनु ािव

.देकˆ इ-ही देव सिवतु पिरुितः।।


ु ते किव- ासावी..िपदे चत
 िवा पािण ित म ु द।े िव नाक.म.िवता वरेयो-

न ु याण.मषु सो िव राजित।।

 य याण.मˆ इय-ु दवा देव मिहमान.मोजसा। य पािथवािन िवमम े स एतशो-

रजांिस देव.िवता मिहना।।


ु िस। उत राी.मभु यत परीयस -उत
 उत यािस सिवत.ीिण रोच-नोत सूय रिमिभ.म

िमो भविस देव धमिभः।।

 उतिे शष े सव मेक इ-त पूषा भविस देव यामिभः। उतदे ँ िवं भवु न ँ िव राजिस-

यावा.े सिवत. ोम.मानशे।।



 5.82तिवतिु रित नवच सू, आेय यावा- िवता- गायी-आानु पु ।।

04.04.25 तिवत ु वृणीमहे- वय.ेव भोजनम।् ें सवधातम-रंु  भग धीमिह।।

 अ िह यशरं - सिवतु कन ियम।् न िमनि राम।।


 स िह रािन दाशषु -े सवु ाित सिवता भगः। तं भाग.ि.मीमहे।।

 अा नो देव सिवत~- जाव.ावी.ौभगम।् परा  ं सव।।


ु य.ˆ आ सवु ।।
 िवािन देव सिवत- िरतािन परा सव।

04.04.26 अनागसो अिदतये- देव सिवत.ु व।े िवा वामािन धीमिह।।



 आ िवदेवं सितं- सूै रा वृणीमहे। ससव ं सिवतारम।।

े उभ~
 यˆ इम~ ु ।् ाधी दव.िवता।।
े अहनी~- परु ˆ एय

 यˆ इमा िवा जाता-ाावयित ोके न।  च सवु ाित सिवता।।



 5.83 अा वदेित दशच सू, भौमोिः- पज- िुप-ितीयािद ितो जगो-

नवनु पु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 387
 द तवस.ीिभ रािभ- िु ह पज.मसािववास। किनद.षृ भो
04.04.27 अा व

जीरदान-ू रेतो दधा.ोषधीष ु गभम।।

 िव वृ ा..तु हि र सो- िवं िबभाय भवु न ं महावधात।् उतानागाˆ ईषते वृावतो-

यज. नय.ि ृतः।।

 रथीव कशयाा अिभि प-ािवता.ृ णतु े वा3(आँ) अह। रा.िंह नथाˆ उदीरते-

यज कृ णतु े व1(अ)भः।।

  वाताˆ वाि पतयि िवतु ˆ- उदोषधी िजहत े िपत े ः~। इरा िव ै भवु नाय जायते-

यज पृिथव रेतसावित।।

 य त े पृिथवी नमीित- य त े शफव.भरु ीित। य त ओषधी िवपा-ˆ न

पज मिह शम य।।

04.04.28 िदवो नो वृिं मतो ररीं-  िपतˆ वृो अ धाराः। अवा.ङे तने 
ु -पो िनिष.सरु  िपता नः।।
नियने

 अिभ  नय गभमा धाˆ- उदता पिर दीया रथेन। ितं स ु कष िविषत. -ं समाˆ

भवूतो िनपादाः।।

 महा.ोश.मदु चा िन िष- ा.ा िविषता परु ात।् घृतने  ावापिृ थवी~ िु -
ु ण ं भव.ाः।।
सपा

 यज किनद-नय.ंिस ृतः। तीद ँ िवं मोदते- यि. पृिथा.मिध।।

 अवष वष.मु षू गृभा-याक धा.ेतव


 ा उ। अजीजनˆ ओषधी भजनाय- कमतु

जाोिवदो मनीषाम।।

 5.84 बिळेित तृच सू, भौमोिः- पृिथ-नु ुप।।

04.04.29 बिळा पवताना.िं िबभिष पृिथिव।  या भूिमं वित- मा िजनोिष मिहिन।।

 ोमास.ा िवचािरिण- ित¤ोभ.ुिभः।  या वाज. हेष-ं पे.म.जिन।।


अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 388


ु िदवो वषि वृयः।।
 ा िचा वनती- या दध.जसा। ये अ िवतो

  ।। अथ पिरिशम।।

 वष ु ते िवभाविर- िदवो अ िवतु ः। रोह ु सवबीजा-व िषो जिह।।

इित पिरिशम।।

 5.85  साज इच सू, भौमोि-वण- िुप।।

04.04.30  साजे बृह.दचा गभीरं-  िय ँ वणाय तु ाय। िव यो जघान शिमतवे  च-

मपिरे पृिथव सूयाय।।

 वनेष ु 1(अ)िर .तान- वाज.मव ु पयˆ उियास।ु  ु त ँ ु वणो अ1 (अ)ि-

ििव सूय.मदधा.ोम.मौ।।

 नीचीनबारँ वण कव-ं  ससज रोदसी अिर म।् तेन िव भवु न राजा- यव.

वृि.नु ि भूम।।

 उनि भूिमं पृिथवी.मतु ाँ- यदा  धँ वणो वािदत।् समण


े  वसत पवतास-िवषीय.

थय वीराः।।

 इमामू ासरु  तु - मह मायाँ वण  वोचम।् मानेनवे तिवा अिर -े िव यो मम े

 ।।
पृिथव सूयण

04.04.31 इमा.मू न ु किवतम मायां- मही.ेव निक रादधष। एकँ  या न पृण.ेनी-

रािसी रवनय.मु म।।

 अय ँ वण िम ँ वा- सखाय ँ वा सदिम.ातरँ वा। वेश ँ वा िनँ वणारण ँ वा-

यी.माग.कृ म ्
 ा िशथ.त।।

 ासो यििरप ु न दीिव- या घा स.मतु य िव। सवा ता िव ¤ िशिथरेव दे-वाधा त
 िकतव  े

ाम वण ियासः।।



 5.86 इाी इित षडृच सू, भौमोि- िरानु पु -अा िवराडवा प
ु रा वा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 389
04.04.32 इाी~ यमवथ- उभा वाजेष ु मम।् ा िच  भेदित- 
ु ा वाणीिरव

ितः।।

 या पृतनास ु रा- या वाजेष ु वाा। या प चषणी र-भीाी~ ता हवामहे।।

 तयो िर.दमवव-ि मा िद.ु घोनोः। ित ुणा गभो- गवाँ वृ. एषत।े ।

 ता वा.मेष े रथाना-िमाी~ हवामहे। पती~ तरु  राधसो- िवांसा िगवणमा।।

 ता वृधा वन ु ू-ताय देवा.वदभा। अहा िचरु ो दध-े शवे देवा ववत।े ।

े ािा.महािव ह-ं शू. ृत. पूत.मििभः। ता सूिरष ु वो बृह-िय.ृण ु िदधृत-


 एव

िमष.ृण ु िदधृतम।।

 5.87  वो मह इित नवच सू, आेय-एवयामतोितजगती।।

04.04.33  वो महे मतयो य ु िवव-े मत े िगिरजाˆ एवयामत।्  शधाय यवे
ु दये- तवसे भिदये- धिु नताय शवस।े ।
सखा

  ये जाता मिहना ये च न ु य-ं  िवना वु तˆ एवयामत।् ा तो मतो नाधृष े शवो-

दाना मा तदेषा.मधृासो नायः।।


ु ा
  ये िदवो बृहत.िवरे िगरा- सश ु ˆ एवयामत।् न येषा.िमरी सध ई आ-
ु न.

अयो न िवतु -  ासो धनु ीनाम।।

 स चमे महतो िनम-माना.दस एवयामत।् यदाय


ु  ना ादिध िु भ-

िवधसो िवमहसो- िजगाित शेवध


ृ ो नृिभः।।

 नो न वोमवा.ेजय.षृ ा- ेषो यिय.िवषˆ एवयामत।् येना सहˆ ऋत रोिचष-

ारमानो िहरयया- ायधु ासˆ इिणः।।

04.04.34 अपारो वो मिहमा वृशवस-ेष ं शवोव.ेवयामत।् ातारो िह िसतौ


ु 
सिश न- ते नˆ उता िनद-शश ु ांसो नायः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 390


ु खाˆ अयो यथा- तिव
 ते ास.म ु ु ाˆ अव.ेवयामत।् दीघ पृथ ु पथे स पािथव-ँ येषा

.मेा मह-शधा.त ्
ु ैनसाम।।
 अेषो नो मतो गात.ु मेतन- ोता हव.िरत ु रेवयामत।् िवो मह.मवो ययु ोतन-

ो3(ओ) न दंसना-प ेषांिस सनतु ः।।


ु िम- ोता हव.मर ˆ एवयामत।् ेासो न पवतासो ोमिन- यूय
 गा नो य ँ यि या.श

. चेतस-ात धतवो िनदः।।

  अथ पिरिशम ्
ु त ु मृपु ाशात।् तदय ं राजा वणोनमु ताँ- यथेय ं
 अि रैत ु थमो देवतानां- सो ै जां म

ी पौ.मघ रोदात।।

 इमा.मि.ायता.ाहप- जा.म ै नयत ु दीघ.मायःु । अश


ू ोपा जीवता.म ु माता-

ु ता.िमयम।।
पौ .मान.मिभ ब

 मा ते गृहे िनिश घोष ˆउा- द ुद ँ िवश।ु पयी जां समु नमाना।।

 अज ृ -ं ु पाान मतु वाघम।् शी जिमवो.


 ां पौम ु - िष ितम
ु ािम

पाशम।।

 देवकृ त ं ाणमान-ेन हि योिनषद िपशाचान।् ादो मृ ू नधर ा.ातयािम दीघ

माय ु व जीव ु पु ाः।।



 ।। अथ ीसूम।।

 िहरयवणा हिरण- सवु णरजतजाम।् चां िहरमय ली-ातवदे ो म आ वह।।

 तां म आ वह जातवेदो- ली.मनपगािमनीम।् यां िहरयं िवय ्


े -ामं पु षा नहम।।
् मोिदनीम)।
 अपवू ा रथमां- हिनादबोिधनीम( ् िय.ेवी मपु  ये- ीमा देवी


जषु ताम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके चतथु ाायः। वगाः(1-36) Page 391
 कां सोितां िहरयाकारा-माा.ली.ृा.पयीम।् पिे तां पवणा-ािमहोपये

ियम।।

 चां भासाँ यशसा ल- ियँ लोके देवजु ा.मदु ाराम।् तां पिनीम शरण ं प-े ली

म नयता.ां वृण।े ।

 आिदवण तपसोिधजातो-वनित व वृ ोथिबः। त फलािन तपसा नदु -ु मा

यारा या बाा अलीः।।

 उपतै  ु मा.ेवसख- कीित मिणना सह। ा भूतोि राेि-ीित.मृि.दात ु मे।।

 िु पासामलाेा-मली ाशया.हम।् अभूित मसमिृ  -सवािणदु मे गृहात।।



 गारा.राधषा-िपा.री िषणीम।् ईर सवभत ्
ू ाना-ािमहोप ये ियम।।

ू ां प.म- मिय ी.यताँ यशः।।


 मनस काम.माकू ितँ- वाच  मशीमिह। पशन

 कदमने जाभूता-मिय संभवकदम। ियँ वासय मे कुले- मातरं पमािलनीम।।

 आप ज ु ि धािन- िचीत वस मे गृहे। िन च देव मातरं- ियँ वासय मे कुले।।
ु िरण पिु ं- िपलां पमािलनीम।् चां िहरमय ली-ातवदे ो म आ वह।।
 आा प

 आा य किरण यिं- सवु णा हेममािलनीम।् सूया िहरमय ली-ातवदे ो म आ वह।।

 तां म आ वह जातवेदो- ली.मनपगािमनीम।् यां िहरयं भूत- ावो दाोा-िये  ं



पु षा नहम।।

 यशिु च यतो भूा- जु या दा.महम।् सूं पदशच -ीकाम ततपते ।।

 पानन े पिवपप-े पिये पदळायताि । िविये िव ु मनोनकूु ले- ादप ं मिय

सिध।।

 पानन े पऊ -पा ी पसभ ्


ं व।े ते भजिस पाि - येन सौ ँ लभा हम।।

 अद ािय गोदािय- धनदािय महाधन।े धनं मे जषु ता.ेिव- सवकामां. देिह मे।।

 पु पौधन ा-ं हातरी रथम।् जानां भविस माता- आय


ु .रोत ु मे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 392


 धन.मि धन ँ वाय-ु धन ं सूय धनँ वसःु । धन िमो बृहित- वणो धन.मिना।।

 वनै तये  सोमं िपब- सोमं िपबत ु वृहा। सोम.न सोिमनो- म.दात ु सोिमनः।।

 न ोधो न च माय- लोभो नाशभु ा मितः। भवि कृ तपया ्


ु नां- भा ीसूजािपनाम।।


 सरिसजि नलय े सरोज ह-े धवलतरांशकगमा शोभ।े भगवित हिरवभे मनो -े

िभवनभू ्
ितकिर  सीद मम।।

 िवपु ीमा.ेव- माधव माधवियाम।् ल ियसख भूिम-मा तु वभाम।।



 ै च िवहे- िवपु  ै च धीमिह। तो ली चोदयात।।
 महाल

 आन कदम ीद-िीत इित िवतु ाः। ऋषय िय पा


ु - ी दवी दवता मताः।।

ृ वः। भयशोकमनापा- नय ु मम सवदा।।


 ऋणरोगािद दािर- पाप .ु दपम
ु  मारो य-मािवधा ोभमानं महीयते। धन.ा ं पश ं ु बपु लाभ-ं
 ी वच माय

शतसँवर ीघमायःु ।।


् ।। इित पिरिशम।।
 इित ीसूम ।। ्

 इित पमं मडलम।् िवेराय नमः। ......



 षं मडलम।।

 6.01 ं  इित योदशच सू, बाहो भराजोि-िपु ।।

04.04.35 ं  े थमो मनोता-ा िधयो अभवो द होता। ं स वृष.कृ णो रीत-ु

सहो िव ै सहस े सह।ै ।

 अधा होता.सीदो यजीया-िनळ.दˆ इषय.ी.।् ता नर थम.ेवयो- महो



राय े िचतयो अन ु म।।

 वृतवे  यं बिभ वस3ै ( ऐ)-े रिय.ागवृ ांसो अन ु म।् श.मि.शत ं बृहँ-

वपाव ँ िवहा दीिदवांसम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


 षं मडलम।। Page 393
 पद.ेव नमसा -वव.वˆ आप.मृम।् नामािन िचिधरे यि यािन- भाया े

रणय सौ।।

 ाँ वधि ि तय पृिथा-ां रायˆ उभयासो जनानाम।् ाता तरणे चेो भू- िपता माता

सदिम.ानषु ाणाम।।

  य. .ियो िव1(अ)ि- हता मो िन षसादा यजीयान।् ता


04.04.36 सपय

वय.म आ दीिदवांस-मपु  बु ाधो नमसा सदेम।।


ु ो3(ओ) न.मे- सा
 ता वय ं स ु यवˆ ईमहे देवयः। ँ िवशो अनयो दीानो- िदवो अ े

 ने ।।
बृहता रोचन

 िवशा.िवँ िवपितं शतीना-ितोशन ँ वृषभ.षणीनाम।् ेतीषिण.िमषय ं पावकं- राज.मिँ



यजत ं रयीणाम।।

 सो अ ईजे शशम े च मत- य आन िमधा हदाितम।् यˆ आितं पिर वेदा नमोिभ- िवे

 वामा दधते ोतः।।

े - नमोिभ रे सिमधोत ह ैः। वेदी सनू ो~ सहसो गीिभ  ै-रा ते
 अा उ ते मिह महे िवधम

भायां समु तौ यतम


े ।।

 आ यत रोदसी िव भासा- वोिभ. व1 (अ) ः। बृहि वाज.ै िवरेिभ र-े

रेवि रे िवतरँ िव भािह।।

 -े भूिर तोकाय तनयाय पः। पूव िरषो बृहत


 नृवसो~ सदिम.े  ी रारेअघाˆ- अ े भा

सौवसािन स।ु ।

 प ु ते अयाम।् प


ु य े पु धा ाया- वसूिन राज.सता ु िण िह े पु वार स-े वस ु

िवधत े राजिन े।। इित चतथु ााय माः।।



चतथाके पमाायः। वगाः(1-30)

 6.02 ं िह ैतविदेकादशच सू, बाहो भराजोि-रनु बु ा शरी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 394


04.05.01 ं िह ैतव. शो-े िमो न पस।े ँ िवचषणे वो- वसो~ पिु . प
ु िस।।

 षणयो- य िे भ गिभरीळत।े ाँ वाजी यावृको- रज.ू िवचषिणः।।


 ां िह ा च
ु ाय ु जु े अरे।।
 सजोष.ा िदवो नरो- य  के त.ु िमते। य ˆ मानषु ो जन-

 ऋध.े सदु ानव-े िधया मत.शशमत।े ऊती षˆ बृहत


 ो िदवो- िषो अंहो न तरित।।

 सिमधा य आित-ििशितं म नशत।् वयाव ं स प ्


ु ित- य.मे शतायषु म।।

04.05.02 ेषे धूमˆ ऋवित- िदिव षˆ आततः। सूरो न िह तु ा -पा पावक

रोचस।े ।

 अधा िह िवीो-िस ियो नो अितिथः। रव परु ीव जूय-ून ु न ययाः।।

 ा िह ोणे असे-े वाजी न कृ ः। पिरवे धा गयो-ो न ाय.िशशःु ।।

 ा िचदतु ा-े पश ु न यवस।े धामा ह य.े अजर- वना वृि िशसः।।

 वेिष रीयता-मे होता दमे िवशाम।् समध


ृ ो िवपते कृ ण-ु जषु  ह.मिरः।।
ु ितं रोदोः। वीिह िं सिु ित.िवो नॄ-िषो
 अा नो िममहो देव देवा-ने वोच.म

अंहांिस िरता तरेम- ता तरेम तवावसा तरेम।।



 6.03 अे स षे िदच सू, बाहो भराजोि-िपु ।।

04.05.03 अे स े ाˆ- उ ोित नशते देवयु ।े यं िमण
षे .तपाˆ ऋतज े 

वण.जोषा- देव पािस जसा मत.मंहः।।

 ईज े य िे भ.शशम े शमीिभ-र ् ऋधारा.याये ददाश। एवा चन तँ यशसा.मजिु - नाहो

मत.शते न िः।।
ु त. आ धीः। हेषत.शु धो नाय.मो कुा
 सूरो न य शित ररेपाˆ- भीमा यदेित शच

े ाः।।
िच.वो वसि त वनज

े  मिह वप अ- भस.दो न यमसानˆ आसा। िवजहे मान परश ु न िजा-िव न
 ित म.ि.दम

ावयित दा ध त।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 395


 स इदेव ित धा.दिस-िशीत तेजोयसो न धाराम।् िचजित ररित य अो- वन.ुषा

रघपु जहं ाः।।

04.05.04 स  रेभो न ित व उा-शोिचषा रारपीित िममहाः। नँ  यˆ ईमषो यो



िदवा नॄ-नम अषो यो िदवा नॄन।।

 िदवो न य िवधतो नवीनो-षृ ा  ˆ ओषधीष ु नूनोत।् घृणा न यो जसा पना य-ारोदसी

वसनु ा दं सपु ी~।।


ु िे भ रक- िव.ु  दिवो.ेिभ.श
 धायोिभ वा यो य ु ःै । शध वा यो मता.त  ऋभ ु न

ेषो रभसानो अौत।।

 6.04 यथा होतिरच सू, बाहो भराजोि-िुप।।

04.05.05 यथा होत मनषु ो देवताता- य िे भ ूनो~ सहसो यजािस। एवा नो अ समन
 ा

ु . उशतो यि देवान।।
समाना-नश

 स नो िवभावा च िण न वो- रि वा वे नो धात।् िवाय ु य अमत
ृ ो म-
ु ू दितिथ जातवेदाः।।
षूषभ.
ु ः। िव यˆ इनो.जर पावको-
 ावो न य पनय.ं- भासांिस वे सूय न श

िचिथ.ूािण।।

 वा िह सूनो~ असा- चे अि जनषाा म।् स .ˆ ऊजसन ऊज.ा- राजेव

जे.रवृके 
े 
 ः।।

 .म.मि- वाय.ु न रा.ेून।् तयु ाम य आिदशा.मराती- रो न त


 िनिति यो वारण

पतत पिरत।।

04.05.06 आ सूय न भानमु ि रक- रे तत रोदसी िव भासा। िचो नय.िर तमां.-

शोिचषा प.ौिशजो न दीय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 396


ृ हे मिह न.ो.।े इ. ा शवसा देवता- वाय ं ु पृणि
 ां िह मतम.मकशोकै- ववम

राधसा नृतमाः।।
ु -ं मदेम
 नू नो अेवृकेिभ.ि- वेिष राय पिथिभ पहः। ता सूिरो गृणत े रािस स

शतिहमा.वु ीराः।।

 6.05 वे व इित सच सू, बाहो भराजोि-िुप।।

04.05.07 व े व.ून ं ु सहसो यवु ान-मोघवाचं मितिभ यिवम।् य ˆइित िवणािन

ु ।।
चेताˆ- िववारािण पु वारो अक

 े वसूिन पवणीक होत- दषा वो रेिररे यि यासः। ामेव िवा भवु नािन यि-ं सौभगािन

दिधरे पावके।।

 ँ िव ु िदव.ीदˆ आस-ु ा रथी रभवो वायाणाम।् अतˆ इनोिष िवधत े िचिको- ानषु

. जातवेदो वसूिन।।
ु ात।् तमजरेिभ वृषिभ.व ै-पा
ु ो अिभदास.दे- यो अरो िममहो वन
 यो न.न

तिप तपसा तपान।।

 य.े य ने  सिमधा यˆ उ ै- रकिभ.ूनो~ सहसो ददाशत।् स म.मृत चेताˆ- राया


ु ने  वसा िव भाित।।


 स तृ धीिषत.ूय.मे- ृधो बाध सहसा सहान।् यसे िभ


ु रो वचोिभ-

षु  जिरत ु घिष म।।

 अयाम त.ाम.मे तवोती- अयाम रियं रियव.वु ीरम।् अयाम वाज.मिभ वाजयो-
ु .मजराजर.े।।
याम 

 6.06  नसेित सच सू, बाहो भराजोि-िप।।

04.05.08  नसा सहस.ून.मा -य ने  गात.ु मवˆ इमानः। वृन.याम ं

श-ँ वीती होतार.ि.िगाित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 397


 स ितान.तू रोचनाˆ- अजरेिभ नानदि यिवः। य पावक पु त ु िण- पृथ ू
 म प

.ि रनयु ाित भव।।
ु  े शच
ू ासो अे- भामास.शच
 िव ते िव. वातजत ु य रि। तिु व ासो िदा नव वा- वना

वनि धृषता जः।।


ु ास.शच
 ये ते श ु य.शिु चः- ाँ वपि िविषतासो अाः। अध म. उिवया िव भाित-

यातयमानो अिध सान ु पृःे ।।

 अध िजा पापतीित  वृो- गोषयु धु ो नाशिन.ृजाना। शूरवे  िसितः  ाित र-े .वत ु

भमो दयते वनािन।।


ु पािथवािन यांिस- मह.ोद धृषता तत। स बाधाप भया सहोिभ- ृधो
 आ भानना
ु .नषो
वन ु िन जूव।।

 स िच िच.ितय.म-े िच  िचतम ँ वयोधाम।् चं रियं पु वीरं बृह- चािभ

गृणत े यवु ।।

 6.07 मूधानिमित सच सू, बाहो भराजो- वेानरोि-िु-बे े जगौ।।

04.05.09 मूधान.िवो अरि तं पृिथाˆ- वैानर.मृत आ जात.मिम।् किवं साज

.मितिथ.नाना-मास.ा पा.नय देवाः।।

 नािभँ य ानां सदन ं रयीणां- महा माहाव.मिभ स.व। वैानरं र.मराणाँ- य 

के त.ु नय देवाः।।

 िो जायते वा-े ीरासो अिभमाितषाहः। वैानर मास ु धेिह- वसूिन राज

.ृहयाािण।।

 ाँ िवे अमृत जायमानं- िशश.ु  देवाˆ अिभ स.वे। तव तिु भ रमृत.माय-ैानर

यिो रदीदःे ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 398


 वैानर तव तािन तािन- महा. े निकरा दधष। यायमान िपो पे-िव के त ँ ु

वयनु .े ाम।।

ृ  के तनु ा। ते िवा भवु नािध मूधिन-


 वैानर िविमतािन च सा- सानूिन िदवो अमत
ु ।।
वयाˆइव . िवहः
ु त-ु वानरो िव िदवो रोचन
 िव यो रजां.िममीत स  ा किवः। पिर यो िवा भवु नािन पथ-े

दो गोपाˆ अमत


ृ  रि ता।।

 6.08 पृ ेित सच सू, बाहो भराजो- वैानरोि-जग-ा िपु ।।

04.05.10 प ृ  वृो अष नू सह-  न ु वोच ँ िवदथा जातवेदसः। व
ै ानराय मित

नसी शिु च-ोमˆइव पवते चा रये।।


ु त-ु
 स जायमान परम े ोमिन- ता.ि तपाˆ अर त। 1(अ)िर .मिममीत स

वानरो मिहना नाक.मृशत।।

 ा.ोदसी िमो अत


ु ो- वाव.दकृ णो.ोितषा तमः। िव चमणीव~ िधषणे~ अवतय-
ैानरो िव.मध वृम ्
 ।।

 अपा.मपु े मिहषाˆ अग ु ् ऋि मयम।् आ तो


ृ त- िवशो राजान.मपु  त.र

अि.मभर.िवतो- वैानरं माति रा परावतः।।

 यगु ये गु े िवद.ृणो-े रियँ यशस.ेिह नसीम।् पवे  राज.घशंस.मजर- नीचा िन वृ

विनन. तेजसा।।

 अाक.मे मघव ु धार-यानािम .मजरं सवु ीयम।् वय.यम


े शितनं सहिणँ- वैानर

वाज .मे तवोितिभः।।

 अदिे भ.व गोपािभ िरे-ाकं  पािह िषध सूरीन।् र ा च नो दषां शध अे- वैानर

 च तारी. वानः।।

 6.09 अह कृ िमित सच सू, बाहो भराजो- वैानरोि-िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 399


04.05.11 अह. कृ .मह रजनु .- िव वतत
 ~
े रजसी~ वेािभः। वैानरो जायमानो न

राजा-वाितर.ोितषाि.मांिस।।
ु िव जाना.ोत-ु  यँ वयि समर
 नाह े तमानाः। क ि.ु ˆ इह वािन- परो

वदा.वरेण िपा।।

 स इ ं ु स िव जाना.ोत-ं ु स वा.ृतथु ा वदाित। यˆ ई.िके त.दमत


ृ 
 गोपाˆ- अव.र

रो अने  पय।।

ृ  ं मष।ु अय ं स ज े वु ˆ आ िनषो-म


 अय ं होता थम पय.तेम-िमद.ोित रमत

.ा3( आ) वधमानः।।

 वु .ोित िनिहत.शये कं - मनो जिवं पतय.ः~। िवे देवा.मनस.के ता- एक.त ु

.मिभ िव यि साध।ु ।

 िव मे कणा पतयतो िव च -ु व3(ई)दोित दय आिहत ँ यत।् िव मे मन.रित रआधी- िकं

ि.ािम िकम ु नू मिने।।

 िवे देवाˆ अनम.ियाना-ा.म े तमिस तिवांसम।् वैानरोवतूतये नो-

मवतूतये नः।।
ु व इित सच सू, बाहो भराजोि-िु-बा िपदािवराट ्।।
 6.10 परो

04.05.12 परु ो वो म.ि ं सवु िृ ं - यित य े अि.मरे दिधम।् परु ˆ उिे भ. िह

नो िवभावा- रा करित जातवेदाः।।


ु म
 तम~ ु
ु पवणीक होत- रे अििभ मनषु ˆ इधानः। ोमँ यम ै ममतेव शूष-ृत. शिु च

मतय पवे।।

 पीपाय स वसा मष-ु यो अये ददाश िवˆ उ ैः। िचािभ.मूितिभ िशोिच- ज

साता गोमतो दधाित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 400


 आ य पौ जायमानˆ उव~- रे शा भासा कृ ाा। अध ब िचमˆ ऊाया-िर

.शोिचषा दशे पावकः।।

 .ि ं पु वाजािभ ती- अे रियं मघव. धेिह। ये राधसा वसा चाा-
 नू न

वु ीयिभ.ािभ सि जनान।।

 े हिवान।् भराजषे ु दिधषे सवृु ि-मवी


 इम ँ य .नो धाˆ अ उश-ˆ आसानो जु त

वाज ग सातौ।।

 िव ेषांसीनिु ह वधयेळां- मदेम शतिहमा.वु ीराः।।



 6.11 यज होतिरित षडृच सू, बाहो भराजोि-िपु ।।

04.05.13 यज होत िरिषतो यजीया-ने बाधो मता. यिु । आ नो िमावणा

नासा- ावा होाय पृिथवी वव


ृ ाः।।

 ं होता मतमो नो अ-ु ग दवो िवदथा मष।ु पावकया जु ा3( आ) वि रासा-े यज

त1(अ)व ाम।।

 धा िच.ि े िधषणा वि-  देवा. ज गृणत े यज।ै वेिपो अिरसाँ य िवो- मध ु

ो भनित रेभˆ इौ।।

 अिदतु .पाको िवभावा-े यज रोदसी उची~। आय.ु  य.मसा रातहाˆ- अि

सु यसं प जनाः।।

 ा-वयािम .ु घृतवती सवृु िः। अि  स सदन े पृिथाˆ- अािय
 वृ े ह य.मसा बिहर

य .ूय  न च ःु ।।

 दशा न पवणीक होत- दविे भ रे अििभ िरधानः। राय.ूनो~ सहसो वावसानाˆ-अित

सेम वृजन.ांहः।।

 6.12 मे होतेित षडृच सू, बाहो भराजोि-िुप।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 401



04.05.14 मे होता रोण े बिहषो रा-ळि.ोद रोदसी यज।ै अय ं स सून.ह
सˆ

ऋतावा- रा.ूय न शोिचषा ततान।।

 आ यि.े पाके यज- य .ाज.वतातवे  न ु ौः। िषध


 .तषो न जंहो- हा

मघािन मानषु ा यज।ै ।

 तेिजा यारित वनरे ा-ोदो अ. वृधसानो अौत।् अोघो न िवता चेतित -

मवˆ ओषधीष।।

 सााके िभ रेतरी न शूष ै- रि¤ व े दम आ जातवेदाः। ो व.ा नाव- िपतवे 

जारयािय य ःै ।।

 अध ा पनयि भासो- वृथा य .दनयु ाित पृीम।् सो य. ो िव¤िषतो धवीया-नृणो

न ताय ु रित धा राट ्।।

 स .ो अव.िदाया- िवेिभ रे अििभ िरधानः। वेिष रायो िव यािस ना- मदेम शतिहमा

.वु ीराः।।

 6.13 िेित षडृच सू, बाहो भराजोि-िुप।।
ु सौभगा-े िव यि विननो न वयाः। ु ी रिय वाजो वृत
04.05.15 िा सभग ू -
 य

िदवो वृि रीो रीित रपाम।।

 ं भगो नˆ आ िह र.िमष-े पिरवे यिस दवचाः। अे िमो न बृहत


 ˆ ऋत-ािस ा

वाम देव भूरःे ।।

 स सित.शवसा हि वृ-मे िवो िव पण े भित वाजम।् य.ं चते ˆ ऋतजात राया-

सजोषा नापां िहनोिष।।

 य.े सूनो~ सहसो गीिभ  ै- य ै मत िनिशितँ वेानट ्। िवं स देव ित वार.मे- ध े

धा1 (अं) पत े वस ैः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 402


 ता नृˆ आ सौवसा सवु ीरा-े सूनो~ सहस प
ु से धाः। कृ णोिष यवसा भूिर पो- वयो

वृकायारये जसरु ये।।

 वा सूनो~ सहसो नो िवहायाˆ-अे तोक.नय ँ वािज नो दाः। िवािभ गिभ रिभ पूित.मयां-

मदेम शतिहमा.वु ीराः।।

 6.14 अा य इित षडृच सू, बाहो भराजोि-रनु ु-बा शरी।।


ु ोष धीितिभः। भस.षु  पू ˆ-इषँ वरु ीतावस।े ।
04.05.16 अा यो म वो- िधय.ज

 अि िरि चेताˆ- अि वध.मˆऋिषः। अिं होतार.मीळते- य षे  ु मनषु ो िवशः।।



 नाना 1(अ)ेवस-े ध े रायो अयः। तूवो द.ु मायवो- त ै.ी ो अतम।।

 अि रा मृतीषहँ -वीर.दाित सितम।् य सि शवस-.ि  शवो िभया।।

 अि.िह िवना िनदो- देवो मत.मु ित। सहावा यावृतो- रिय वाजे.वृतः।।
ु ितं रोदोः। वीिह िं सिु ित.िवो नॄ-िषो
 अा नो िममहो देव देवा-ने वोच.म

अंहांिस िरता तरेम- ता तरेम तवावसा तरेम।।

 6.15 इममू िेकोनिवंशृच सू, आिरसो वीतहो(भराजो वा) ि-जगती-

तृतीया पदयौ शय- षितशरी- सदयनु पु -् अादशी बृहती- दशााः

पषोडयेकोनिवंशी च िभ
ु ः।।
04.05.17 इममूष ु वो अितिथ.मषु बधँ
ु - िवासाँ िवशां पित.मृसे िगरा। वेती.िवो जनषा


किदा शिु च- .िदि गभ यदतु म।।
ु त ं भृगवो दध-ु वनता.वी.मूशोिचषम।् स ं सी
 िम. यं सिध ु तो वीतह े अत
ु -
शििभ महयसे िदविे दव।े ।

 स . .ावृको वृधो भू-रय पर.ार तषः। राय.ूनो~ सहसो मा- छिद

य वीतहाय सथो- भराजाय सथः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 403


 तु ान ँ वो अितिथं णर-मिं होतारं मनषु .रम।् िव.  ु वचसं सवृु ििभ-

हवाह.मरित .ेव.मृसे।।

 पावकया य.ितया कृ पा- ाम.ु च उषसो न भानना


ु । तूव. याम.ेतश नू रण- आ यो

घृण े न ततषृ ाणो अजरः।।

04.05.18 अि.मिँ व.िमधा वत- ियिं य ँ वो अितिथ.ृणीषिण। उप वो गीिभ रमत
ृ ँ

िववासत- देवो देवषे  ु वनत े िह वाय-ेवो देवषे  ु वनत े िह नो वः।।


ु  पावकं परु ो अरे वु म।् िवं होतारं पु वार.मुह-िवं
 सिम.मिं सिमधा िगरा गृण-े शिचं

ु ै रीमहे जातवेदसम।।
स

ृ  ँ यगु ये गु -े हवाह.िधरे पाय.ु मीम।् देवास. मतास. जागृिवँ- िवभ ं ु


 ात.म े अमत

िवपित.मसा िन षेिदरे।।

 िवभषू . उभया अन ु ता- तो देवानां रजसी~ समीयसे। ये धीितं समु ित.मावण
ृ ीमहे-ध

ा न.िवथ.िशवो भव।।

 तं सु तीकं सु शं -मिवांसो िवरं सपेम। स ˆय .िा वयनु ािन िवा- ह.मि

ृ षे ु वोचत।।
रमत

 ये शूर धीितम।् य  वा िनिशितँ वोिदितँ


04.05.19 तम े पातु तं िपपिष- य आन.व

वा- तिम.ृणि  शव.सोत राया।।


ु तो िन पािह- म ु न.हसाव.वात।् सा . दते  ु पाथ-ं रिय
 म े वन

. ृहय
 ा.ही।।

 अि हता गृहपित. राजा- िवा वेद जिनमा जातवेदाः। देवाना.मतु यो मानाँ- यिज. 

यजता.मृतावा।।

 अे यद िवशो अर होत- पावकशोचे वे ं िह या। ऋता यजािस मिहना िव यू- हा

वह यिव या ते अ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 404


ु तािन िह ो- िन ा दधीत रोदसी यज।ै अवा न
 अिभ यांिस सिध  ो मघव.ाजसाता-वे

िवािन िरता तरेम- ता तरेम तवावसा तरेम।।

04.05.20 अे िवेिभ नीक देव-ै णावं थम.ीद योिनम।् कुलाियन.ृतव ं

सिव-े य .य यजमानाय साध।ु ।

 इमम ु .मथवव-दिं मि वेधसः। यमय.मानय-मूरं यााः।।

 जिना देववीतये- सवताता ये। आ देवा..मत ृ ो- य .ेवषे  ु िपृशः।।


ृ ा ऋतावध

 वयम ु ा गृहपते जनाना-मे अकम सिमधा बृहम।् अिू र नो गाहपािन स-ु ित मेन न

ेजसा सं िशशािध।।

 6.16 मे य ानािमाचािरंशच सू, बाहो भराजोि-गायी-आा

षौ वधमाने-सिवंयनु ुप-् षािरंशी िुप-अे


् े अनु भ
ु ौ।।
04.05.21 म े य ानां- होता िवेषां िहतः। देविे भ मानषु  े जने।।

 स नो मािभ ररे- िजािभ यजा महः। आ देवा.ि  यि  च।।



 वेा िह वेधो अन- पथ. देवा.सा। अे य षे  ु सतो~।।

 ामीळे अध िता- भरतो वािजिभ.शनु म।् ईज े य षे  ु यि यम।।


 िममा वाया पु - िदवोदासाय स


ु त।े भराजाय दाशषु ।े ।

ै .नम।् व.ि सु िु तम।।


04.05.22 तो अमˆ- आ वहा द  ्

 ाम े ाो3( ओ)- मतासो देववीतये। य षे  ु देव.मीळते।।

 तव  यि सश-मतु त ं ु सदु ानवः। िवे जष


ु कािमनः।।

 ं होता मनिु हतो- विरासा िवरः। अे यि  िदवो िवशः।।

 अ आ यािह वीतये- गृणानो हदातये। िन होता सि बिहिष।।

04.05.23 ता सिमि रिरो- घृतने  वधयामिस। बृहोचा यिव।।



 स न पृथ ु वा-मा द वे िववासिस। बृह.द े सवु ीयम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके पमाायः। वगाः(1-30) Page 405


ु रा द-थवा िनरमत। मू िव वाघतः।।
 ाम े प

 तम ु ा दिष- पु ˆ ईध े अथवणः। वृहणं पर ्


ु रम।।

 तम ु ा पाो वृषा- समीध े दहु मम।् धन


 य ं रणेरणे।।

04.05.24 एू ¤ष ु वािण ते- इते रा िगरः। एिभ वधास इिभः।।

 य  च ते मनो- द .धस उरम।् ता सद कृ णवसे।।

 निह ते पूत.मि प-वु .ेमानाँ वसो~। अथा वो वनवसे।।

 ा पु चते नः। िदवोदास सितः।।


 आि रगािम भारतो- वृह

 स िह िवाित पािथवा- रिय.ाश.िहना। व.वातो अृतः।।

04.05.25 स व.वीयस
 ा-े  ु ।।
ु ने  सँयता। बृह.त भानना

  व.खायो अये- ोमँ य . धृयु ा। अच गाय च वेधसे।।

 स िह यो मानषु ा यगु ा- सीद.ोता किवतःु । त. हवाहनः।।

 ता राजाना शिु चता-िदा.ात.णम।् वसो~ य ीह रोदसी।।

 वी ते अे सि- िरषयत े माय। ऊज नपा.दमत


ृ ।।

04.05.26 ा दाअ ु ेो- ा व.रु ेाः। मतˆ आनाश सवृु िम।।

 ते ते अे ोताˆ-इषयो िव.मायःु । तरो अय अराती- वो अय अरातीः।।

 अि.ि मेन शोिचषा- यास.ि.1(अ)िणम।् अिन वनते रियम।।


 सवु ीरं रियमा भर- जातवदे ो िवचषणे। जिह र ांिस स


ु तो~।।

  पाहं सो- जातवदे ो अघायत


 ः। र ा णो ण.वे।।

04.05.27 यो नो अे रेवˆ आ- मत वधाय दाशित। ता. पाहं सः।।

 .ेव िजया- पिर बाध ृतम।् मत यो नो िजघांसित।।

 भराजाय सथ-शम य सह। अे वरेयँ वस।ु ।

 अि वृािण जन-िवण ु िवपया। सिम.श


ु ˆ आतः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 406


 गभ मातु िपत.ु िता- िविदता
ु नो अ रे। सीद.ृत योिनमा।।

04.05.28  जावदा भर- जातवदे ो िवचषणे। अे यीदय.ििव।।

 उप ा रवसशं- य.ह.ृ त। अे ससृहे िगरः।।

 उप ाया.िमव घृण-े रग शम ते वयम।् अे िहरयसशः।।


ु रोिजथ।।
 यˆ उइव शयहा- ित मो न वंसगः। अे परो

 आ यं हे न खािदनं- िशश.ु ात. िबित। िवशा.मिं रम।।

04.05.29  देव.ेववीतये- भरता वसिु वमम।् आ े योनौ िन षीदत।ु ।

 आ जात.ातवेदिस- िय ं िशशी.ताितिथम।् ोन आ गृहपितम।।


ु ा िह ये त-वाासो देव साधवः। अरँ वहि मवे।।


 अे य

 अा नो याा व-हािभ यांिस वीतये। आ देवा.ोमपीतये।।


ु -दजण
 उद े भारत म ु ।् शोचा िव भा.जर।।
े  दिवतत

04.05.30 वीती यो देव ं मत व-े दिमीळी.तारे हिवान।् होतारं सयजं रोदो-

ानहो नमसािववासेत।।

 आ ते अ ऋचा हिव- दा त ं भरामिस। ते ते भव.ू णˆ ऋषभासो वशाˆ उत।।

 .मम।् येना वसू.ाभृता- तृा र ांिस वािजना।। ।। इित


 अि.ेवासो अिय-िमते वृह

पमााय माः।।

 ु
चतथाके षाायः। (वगाः 1-25)

 6.17 िपबा सोमिमित पदशच सू, बाहो भराज- इ िु-बा िपदािुप।।

04.06.01 िपबा सोम.मिभ यमु  तद- ऊव.ं मिह गृणानˆ इ। िव यो धृो ~विधषो

वह -िवा वृ.मिमिया शवोिभः।।

 ो यो मतीनाम।् यो गोि भ.भ


 स  पािह यˆ ऋजीषी तो- य.िशवा.ृषभ  .ृ ो हिरा-

इ िचा अिभ तृि वाजान।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 407
 एवा पािह था मत ु ा- िु ध  वावध
ृ .ोत गीिभः। आिव.ूय.णिु ह पीिपहीषो- जिह

शू रिभ गाˆ इ तृि।।


ु म।् महा.मनून.वसँ िवभूितं-
 ते ा मदाˆ बृह.िद धावˆ- इम े पीताˆ उ य म

मरासो जष साहम ्


 ।।

 येिभ ूय.मषु सं मसानो-वासयोप ािन दत।् महा.मिं  पिर गाˆ इ स-
ु ाˆ

अतु  ं सदस.िर ात।।

04.06.02 तव ा तव त.ंसनािभ- रामास ु पं शा िन दीधः~। औण रˆ उियाो

िव ो-वााˆ असज ्
ृ ो अिरान।।

 पाथ ां मिह दंसो 1ु (उ)व-मपु  ा.मृो बृह.िद भायः। अधारयो रोदसी देवपु ~
े -  े

~मातरा यी~ ऋत।।

 अध ा िवे परु ˆ इ देवाˆ-एक.वस.िधरे भराय। अदेवो यद.ौिह देवा-षाता वृणत

इ म।।

 अध ौि.े अप सा न ु वा-ितानम.ियसा  मोः। अिहँ यिदो अोहसान-ि

िच.िाय.ु शयथे जघान।।

 अध ा ते महˆ उ वं- सहभिृ ँ ववृत तािम।् िनकाम.मरमणसँ येन नव- मिहं

संिपण .गृजीिष।।

 ।् पूषा िव.ु ीिण


ु म
04.06.03 वधा ँ िवे मत.जोषा- पच.त ं मिहषा इ त

सरांिस धाव-ृहणं मिदर.मंश ु म ै।।

आ ोदो मिह वृत.दीनां- पिरित.मसृजˆ ऊिम.मपाम।् तासा.मन ु वतˆ इ पां -ादयो

नीची रपस.मु म।।

 एवा ता िवा चकृ वांस.िमं -महा.मु .मजयु सहोदाम।् सवु ीर.ा ायधु ं सवु -मा  न

मवस े ववृात।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 408


 स नो वाजाय वस इष े च राय े धेिह मु तˆ इ िवान।् भराज े नृवतˆ इ सूरी.ििव च  ैिध

पाय नˆ इ।।

 अया वाज.ेविहत ं सनेम- मदेम शतिहमा.वु ीराः।।



 6.18 तम ु हु ीित पदशच सू, बाहो भराज- इ-िपु ।।

04.06.04 तम¤ु िु ह यो अिभभूोजाˆ- ववात प


ु तˆ इः। अषा.मु ं सहमान

.मािभ- गिभ वध वृषभ.षणीनाम।।
ु .ा खजकृ.मा- तिव
 स य ु ो नदनमु ा ऋजीषी। बृहेण ु वनो मानषु ीणा-मेक

कृ ीना.मभव.हावा।।

 ं ह न ु .ददमायो दू- रेक कृ ी रवनो रायाय। अि ि. ु वीय1(अ) इ- न

िदि ततथु ा िव वोचः।।

 सिदि ते तिु वजात मे- सह.िह तरु त.रु । उ.मु  तवस.वीयो-र

रतरु ो बभूव।।

 त  ं स.म ु य


ु े इा वदि वल.मिरोिभः। हतु .े
ु ु िव
षय-मृणो परो

रो अ िवाः।।

04.06.05 स िह धीिभ हो अु ˆ- ईशानकृ.हित वृतय


ू । स तोकसाता तनय े स वी-

िवतसाो अभव.म।ु ।

 स मना जिनम मानषु ाणा-ममन ु ने  स शव.सोत राया- स वीयण


  नााित  स। स   

नृतम.मोकाः।।
ु नु ामा चमु िु र.िु न.। वृणि ं ु शरं श
 स यो न महु े न िमथू जनो भू-म ु .िम-

परु ा.ौाय शयथाय नू िचत।।

 उदावता  सा पसा च- वृहाय रथ.िम ित। िध वं ह आ दि णा-िभ  म

पद मायाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 409
ु ँ  वन.िम हेती- र ो िन धशिन न भीमा। गीरय ऋया यो रो-जाानय
 अि.न श

िरु ता दय ।।


ु तिु ववाजेिभ रवाक।् यािह सूनो~ सहसो य
04.06.06 आ सहं पिथिभ िर राया- तिु व

नू िच-ददेवˆ ईशे पत योतोः।।

  तिु व
ु  िवर घृ-े िदवो ररे मिहमा पृिथाः। ना श ु न ितमान.मि- न

िति पु माय सोः।।

  ते अा करण.त ं भू-ुँ यदाय.ु मितिथ व.म ै। प


ु  सहा िन िशशाˆ अिभ ा-
ु वू याण.ृषता िननथे ।।
म

 अन ु ािह े अध देव देवाˆ- मद.िे किवतम.वीनाम।् करो य विरवो बािधताय- िदव े

जनाय त े गृणानः।।

 अन ु ावापिृ थवी~ त ओजो-माˆ िजहत इ देवाः। कृ ा कृ ो~ अकृ त ँ ये अ-
ु .वीयो जनय य ैः।।


 6.19 महाँ इ इित योदशच सू, बाहो भराज- इ- िुप।।

ृ े
04.06.07 महा इो नृवदा चषिणाˆ- उत िबहाˆ अिमन.होिभः। अ.  वावध
ु क
वीया-यो पृथ. ु ृ त कतिभ.
ृ भत ्
ू ।।

 इ.मेव िधषणा सातये धा-हृ .मृ.मजरँ यवु ानम।् अषान


े  शवसा शूशवु ांस-ं स.िो

ृ े असािम।।
वावध

ू करा बला गभी~- अ 1(अ)ं िममीिह वांिस। यूथवे  प पशपु ाˆ दमूनाˆ-
 पृथ~

अा इा.ावव
ृ ाजौ।।

 ो वेम। यथा िचवू  जिरतारˆ आस-ु रनेाˆ


 तँ वˆ इ.ितन.म शाकै- िरह नून ँ वाजय

अनवाˆ अिराः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 410


ृ - िह वाम वसनु  पु ः।
 धृततो धनदा.ोमव ु सि मरे पा3(आ) रायो- अि

मु े न िसवो यादमानाः।।

 म।् िवा 


04.06.08 शिव.ˆ आ भर शूर शवˆ- ओिज.मोजो अिभभूत उ ु ा वृा

मानषु ाणा-म.ाˆ हिरवो मादयै ।।

 य.े मद पृतानाषा.ळमृˆ- इ तˆ आ भर शूशवु ांसम।् येन तोक तनय सातौ-

मंसीमिह िजगीवांस.ोताः।।

ृ  ं शूशवु ांस ं सदु म।् येन वंसाम पृतनास ु शू-वोितिभ त


ु .िम- धनत
 आ नो भर वृषण ं श

जामी रजामीन।।

 आ ते शो  ˆ एत ु पा-दोरा.दधरादा परु ात।् आ िवतो अिभ समे वािङ- 
ु वृषभ ु ं

व .े।े ।

 नृव इ नृतमािभ ती- वंसीमिह वाम ं ोमतिे भः। ई  े िह वˆ उभय राज-ा रं मिह

ूरं बृहम।।

 म ँ वृषभ ृ ान-मकवािर.ि ं शास.िमम।् िवासाह.मवस े नूतना-यो ं सहोदा.िमह


 ँ वावध

े ।।
तं वम

 जनँ वि.िह िचमान-मेो नृो रया येि। अधा िह ा पृिथां शूरसातौ-

हवामहे तनय े गो।।

 वय एि भ पु त स ै- शोशो र इाम। ो वृा.यभु यािन शूर- राया मदम

बृहता ोताः।।

 6.20 ौन य इित योदशच सू, बाहो भराज- इ- िुप-समी िवरािः।।

04.06.09 ौ न यˆ इािभ भूमाय-ौ रिय.शवसा पृ ु जनान।्



त..हभर.मवु रासा -ि सूनो~ सहसो वृतरु म।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 411
ु .मि सा-सयु .ेविे भ धािय िवम।् अिहँ य
 िदवो न त ृ .मपो विवांस-ं हृजीिष.
िनु ा सचानः।।

े ो वृमहाः। राजाभव.धनु .ो- िवासाँ


 तूव.ोजीया.वस.वीया-ृ त

य.रु ा ..माव
ु त।। ्

ु  ाशषु  माया- िपो


 शत ै रप.णयˆ इा- दशोणये कवयेकसातौ। वध ै.श

नािररेची.ि.न ।।

 महो ुहो अप िवाय ु धािय- व यतन े पािद श


ु ः। उ ¤षˆ सरथं सारथये क-िर

कुाय सूय सातौ।।


ु े मथाय।् ाव.म सा ं
04.06.10  येनो न मिदर.मंश.ु म-ै िशरो दास नमच

ससं- पृण.ाया सिमषा सं ि।।


ु वि.वसा न ददः~। सदा
 िव िपो रिहमाय ा- परो ु म. .ेो अमृ-मृिजन े

दा ाशषु  े दाः।।

 स वेतस ु
 .श माय.शोिण-ूतिु ज.िम.िभिस
ु ः। आ तं
ु  श.िदभ.ोतनाय- मात ु न

सी.मपु  सृजा इय।ै ।


ु ा
 स  ृधो वनते अतीतो- िब.ँ वृह ण.भौ। ित.री~ अेव गत- वचोयज

वहतˆ इ.मृम।।

 सनमे  तेवसा नˆ इ-  पूरव. वˆ एना य ैः। स यरु .शम शारदी द-ासी

पु कुाय िश ।।
ु न े कााय। परा नववा.मनदु य
 ँ वृधˆ इ पू भू-विरव.श े -ं महे िप े ददाथ

.पातम।।

 िु न िर धिु नमती-र ् ऋणो रप.ीराˆ न वीः।  यमु .मित शूर पिष- पारया तवु शँ

यं ि।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 412


 तव ह िद िव.माजौ- सो धनु ीचमु रु ी~ या ह िसप।् दीदय.िद.ं
ु  सोमेिभ.
ु -

भीित िरभृित प1 (अ)क ः।।

 6.21 इमा उ ेित ादशच सू, बाहो भराज- इो- नवेकादयो िवेदवे ा-

िुप।।

04.06.11 इमाˆ उ ा पु तम कारो- हं वीर हा हवे। िधयो रथेा.मजर.वीयो-

रिय.िवभूित रीयते वचा।।

 तम ु षु इँ यो िवदानो- िगवाहस.ीिभ य वृम।् य िदव.मित मा पृिथा- पु माय

िरिरच े मिहम।।

 स इमोवयनु .त-ूयण
 वयनु व.कार। कदा ते मताˆ अमत
ृ 
  धा-मेय ो न िमनि

धावः।।

 या चकार स कुह ििद- कमा जन.रित कास ु िव ।ु क.े य ो मनस े शँ वराय- को

अक ˆइ कतम. होता।।


ु जा- ासˆआसु पु कृ . खायः। ये ममासˆ उत नूतनास-
 इदा िह ते वेिवषत परा

उतावम पत बोिध।।
ु ान ु येमःु । अचामिस वीर वाहो-
04.06.12 तं पृोवरास परािण- ा त इ 

या.देव िव ताा महाम।।

 अिभ ा पाजो र सो िव त-े मिह ज ान.मिभ त ु ित। तव ने  य
ु ने  सा- वेण

धृो~ अप ता नदु ।।

 स त ु धु ी नूतन- यतो वीर काधायः। ं ा3(आ)िप िदिव िपतॄणां- श.भथ
ू 

सहु वˆ एौ।।

 ोतये वण ं िम.िमं- मत कृ ावस े नो अ।  पूषणँ िव.ु मिं परु िं- सिवतार.मोषधी

पवतां.।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 413

 इम उ ा पशाक यो ~-जिरतारो अच.कः। धु ी हवमा वतो वानो- न ावा

अो अमत
ृ  दि।।

 नू म आ वाच.मपु  यािह िवा-िेिभ ूनो ~सहसो यजःै । ये अििजाˆ ऋतस


 ापˆ आस-ु य

मन.ु ु पर.साय।।


ु ता सगु -े षूत गष  ु पिथकृ.िदानः। ये अमासˆ उरवो विहा-ेिभ नˆ इािभ
 स नो बोिध पर.ए

वि  वाजम।।

 6.22 य एक इेकादशच सू, बाहो भराज- इ-िपु ।।

04.06.13 यˆ एकˆ इ षणीना-िम.ीिभ रच आि भः। य पत े वृषभो

ु य.हान।।
वृावा- .ा पमा

 तम ु न पूव िपतरो नव वा- िवासो अिभ वाजयः। न ाभ.तिु रं पवतेा-मोघवाचं

मितिभ.शिवम।।

 ीर नृवत पु ोः। यो अृ धोय ु रजर.वा-मा भर हिरवो


 तमीमह इ.म राय- पु व

मादय।ै ।

 त.ो िव वोचो यिद ते परु ा िच-िरतारˆ आनश.ु 


ु .िम। क.े भाग िकँ वयो  िख-

पु त पवसो~स
ु रु ः।।

 तं पृी वहं रथेा-िमँ वेपी वरी य नू गीः। तिु वाभ.िु वकू िम रभोदा-ात.ु िमष े
ु .म।।
न त े त
ु तव पवतने । अतु ा िचीिळता ोजो
ृ ान-ं मनोजवा
04.06.14 अया ह ं मायया वावध

जो- िव ा धृषता िवरि।।

 .िरतंसयै। स नो व .दिनमान.वु -ेो िवा.ित


 तँ वो िधया ना शिव-ं  ं व

गहािण।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 414


 आ जनाय.ुण े पािथवािन- िदािन दीपयोिर ा। तपा वृष.ित.शोिचषा ता-ि षे

शोचय ा.मप.।।

 भवु ो जन िद राजा- पािथव जगत.ेषसक।् िध व.ि ण इ हे- िवा

अजय.दयसे
 िव मायाः।।

ू ाय बृहती.ममृाम।् यया दासा.ायािण वृा- करो वि


 आ सँयत.िम ण.िं- शतु य

.तु क
ु ा नाषािण।।

 स नो िनयिु  पत


ु वेधो- िववारािभ रा गिह यो~। न याˆ अदेवो वरत े न देवˆ- आिभ

यािह तूयमा मि क।।

 6.23 सतु इिदित दशच सू, बाहो भराज- इ-िुप।।
ु ाां मघव
04.06.15 सतु इ.ििमˆ इ सोमे- ोमे िण शमान उ।े या य

.िरां- िब.ं बाो िर यािस।।


ु .िम- वृहेविस शूरसातौ। या द  िबषु ो अिब-
 या िदिव पाय सि

दरय.शधत ˆइ दून।।

 पाता सतु .िमो अ ु सोमं- णेनी ो जिरतार.मूती। कता वीराय स
ु य उ लोक-ाता वस ु

वु त े कीरये िचत।।

 गेयाि सवना हिरां- बि वं पिप.ोम.िदगाः। कता वीर.य सववीरं- ोता

हव.ृणत . ोमवाहाः।।

 अ ै वय ँ यावान तििवˆ- इाय यो न िदवो अपः~। सतु े सोमे मु िस शंस.-

ेाय  वधन ँ यथासत।।

04.06.16 ािण िह चकृष े वधनािन- ताव इ मितिभ िविवः। सतु े सोमे
ु .शमािन -राा िया व णािन य ैः।।
सतपा

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 415
ु ळाशं रराण- िपबा त ु सोम.ोऋजीक.िम। एदं बिह यजमान सी-दो.िध
 स नो बोिध परो

ायतˆ उ लोकम।।

 स मा न ु जोष.मु -  ा य ासˆ इम े अव


ु ।ु ेम े हवास प
ु त.म-े आ ेय
 .ी

रवस इ याः।।

 तँ व.खाय.ँ यथा सतु षे -ु सोमेिभर पृणता भोज.िमम।् कुिव.ा असित नो भराय- न
ु .िमोवस े मृधाित।।
सि

 एव.े िद.तु े अािव सोमे- भराजषे  ु यिद.घोनः। असथा जिर उत


 सूिर िरो- रायो

िववार दाता।।

 6.24 वृषा मद इित दशच सू, बाहो भराज- इ-िुप।।

04.06.17 वृषा मदˆ इे ोकˆ उा- सचा सोमेष ु सतु पाˆ ऋजीषी। अचो मघवा नृˆ

उ ै-  ु ो राजा िगरा.मि तोितः।।

 ततिु र वरो नय िवचेता-ोता हव.ृणतˆ उिू तः। वस.ु शंसो नरा.ाधाया ˆ-वाजी तु ो

िवदथे दाित वाजम।।

 अ ो न चो शूर बृह- ते मा िरिरचे रोदोः। वृ  न ु ते पत
ु वयाˆ- ू3~(ऊ)तयो

 िर पूवः।।



 शचीवत.े पशाक शाकाˆ- गवा.िमव तु य..रणीः। वाना. तय. इ-

दामो अदामान.दु ाम।।

 अ.द कवर.म ो-स सु  राचि िरः। िमो नो अ वण पूषा-य वश

पयताि।।

04.06.18 िव दापो न पवत पृा-िे भ िरानय य ैः। तािभ.ु िु तिभ

वाजय -आिज. ज म ु िगवाहो अाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 416


 न य.रि शरदो न मासा-ˆ न ावˆ इ.मवकशयि। वृ िचधता.म तन-ू ोमेिभ

 ै. शमाना।।

ू ाय वान।् अाˆ इ िगरय.िाˆ- गीरे


ु त
 न वीळवे नमत े न िराय- न शधत े दज

िचवित गाध.म ै।।



 गीरेण नˆ उणामि-ेषो यि सतपाव .ाजान।् ाˆ ऊ ष ु ऊˆ ऊती अिरषय-ो

ु ौ पिरतायाम।।

 सच नाय.मवस े अभीक -इतो वा तिम पािह िरषः। अमा चनै  मरये पािह िरषो- मदेम

शतिहमा.वु ीराः।।

 6.25 या त ऊितिरित नवच सू, बाहो भराज- इ-िपु ।।

 ा या परमा- या म.मे शिु .ि। तािभ ष ु वृह


04.06.19 या त ऊित रवम  ेवी

नˆ- एिभ. वाज ै महा.ˆ उ।।

 आिभ. ृधो िमथती रिरषय.िम थया म.ु िम। आिभ िवाˆ अिभयज
ु ो िवषूची-

रायाय िवशोव तारी दासीः।।


ु ययु 
 इˆ जामयˆ उत येजामयो-वाचीनासो वनषो ु ।े मेषाँ िवथरु ा शवांिस- जिह वृािन

कृ णहु ी पराचः।।

े । तोके वा गोष ु तनय े यद-ु िव सी~


 शूरो वा शूरँ वनते शरीर-ै नूचा तिष यृ वैत~

उवरास ु वैत~
े ।।

 निह ा शूरो न तरु ो न धृ-ु न ा योधो ममानो ययु ोध। इ निका .ेषाँ- िवा

जाता.िस तािन।।

े स.िमथ े हव।े वृ े वा महो नृवित ये वा


04.06.20 स पत उभयो नृ.मयो- यदी वध

-चा यिद िवतस ैते~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 417
 अध ा त े चषणयो यदेजा-िन ातोत भवा वता। अाकासो ये नृतमासो अयˆ- इ सूरयो

दिधरे परु ो नः।।

 अन ु ते दािय मह इियाय सा ते िव.मन ु वृहे। अन ु .मन ु सहो यज-े देविे भ रन ु ते

नृष।े ।

 एवा न. ृध.मजा सम-ि रारि िमथती रदेवीः। िवाम वो रवसा गृणो-

भराजा ˆउत त इ नूनम।।

 6.26 धु ी न इच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

04.06.21 धु ी नˆ इ यामिस ा -महो वाज सातौ वावषृ ाणाः। सँ यिशोय

शूरसाता- उ.ोव पाय अह.ाः।।

 ाँ वाजी हवते वािजनेयो- महो वाज ग सातौ। ाँ वृ.े ि सित.-ा. े

ु ।।
मिु हा गोष ु य
ु .ाशषु  े वक।् ं िशरो अममण पराह-ितिथ वाय
 .िव.ोदयोकसातौ –.ाय श

शं.िर।।

 .शमु ।् .ु  ँ वेतसवे सचाह-


ु  ँ वृषभ
 ं रथं  भरो योध.मृ-मावो य
ु .ृण .िम तूतोः~।।
.िज

 ..िम बहणा क~-  यता सहा शूर दिष। अव िगरे दासं शरं ह-ावो

िदवोदास.िािभ ती।।

04.06.22 ं ािभ मसान.ोमै- दभीतय े चमु िु र.िम िसप।् ं रिजं िपठीनसे

दश- िं सहा शा सचाह।।
ु .मोजः। या य.व े सधवीर वीरा ˆ-
 अह.न त.ूिरिभ रानया-व ायˆ इ स

िवथने  नषा शिव।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 418


ु तौ- सखाय.ाम मिहन ेाः। ातदिनः  ी र ु ेो- घन े
 वय.े अा.िम 

वृाणां सनये धनानाम।।

 6.27 िकम मद इच सू, बाहो भराज- इः-अायाायमानो राजा



िपु (चायमान रा ो दानिु तः)।।

04.06.23 िकम मदे िक पीता-िव िकम स े चकार। रणा वा ये िनषिद िक.े

अ- परु ा िविवे िकम ु नूतनासः।।

 सद मदे स पीता-िव द स े चकार। रणा वा ये िनषिद से अ- परु ा िविवे

स नूतनासः।।

 निह न ु ते मिहमन.म- न मघव.घव िव। न राधसोराधसो नूतन-े निक दश

इिय.े।।
ु -ना.ििद
 एत. इिय.मचिे त- येनावधी वरिशख शेषः। व ये िनहत शा

परमो ददार।।

 वधी.िदो वरिशख शेषो-ावितने चायमानाय िश ।् वृचीवतो य.िरयूपीयायां -हूव



अध िभयसापरो दत।।

04.06.24 िंशत ँ विमणˆ इ साकँ- यावां पत वा। वृचीव.शरव े

पमाना- पाा िभाना.था.ाय।।

 य गावावषा सूयवू ~-अ ¤ष ु चरतो रेिरहाणा। स सृयाय तवु शं परा दा-च
ृ ीवतो

दैववाताय िश ।।

ू तो मघवा मं साट ्। अावत चायमानो ददाित-


 या अ े रिथनो िवंशित.ाˆ -वधम

णाशेयि णा पाथवानाम।।

 6.28 आ गाव इच सू, बाहो भराजो- गौ-िुप-(ितीयाया इापाद

च) ितीयाा िो जगोानु पु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके षाायः। (वगाः 1-25) Page 419
04.06.25 आ गावो अ म.तु भ.म-ीद ु गो े रणय.।े जावती पु पाˆ इह

-ु िराय पूव षसो हानाः।।

 इो यन े पृणत े च िश -पेु .दाित न ं मषु ायित। भूयोभय


ू ो रिय.िमद वधय-िभ े

िख े िन दधाित देवयमु ।।

 न ता ˆनशि न दभाित तरो- नासा.मािमो िथरा दधषित। देवाँ. यािभ यजत े ददाित

च- ोिगािभ.चते गोपित.ह।।


ु काटो अतेु - न संृत.मपु  यि ताˆ अिभ। उग
 न ता ˆअवा रेणक  ाय.मभय. ताˆ अन ु -

गावो मत िव चरि यनः।।

 गावो भगो गावˆ इो मे अा-ाव.ोम थम भ ः। इमाˆ याˆ गाव.ˆ जनासˆ

इ- इामी.ृदा मनसा िचिदम।।

 .ि-दीर.िृणथु ा सु तीकम।् भ.ृह.णथु भवाचो- बृह.ो वयˆ


 यूय.ावो मेदयथा कृ श

उते सभास।ु ।

 जावती.ूयवस ं िरशी-शु ाˆ अप.ु पाण े िपबीः। मा व. ेनˆ ईशत माघशंस-

पिर वो हेती  वृाः।।

 उपेद.मपु पचन-मास ु गोषूप पृताम।् उप ऋषभ रेत-पेु  तव वीय। । इित षााय

माः।।

 ु
चतथाके समाायः। वगाः(1-35)

 6.29 इं व इित षडृच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

04.07.01 इँ वो नर.ाय सेप-ु महो य.म


ु तये चकानाः। महो िह दाता वहो

अि- महाम ु रव.मवस े यजम।।

 आ यि.े नया िमिम -ु रा रथे िहरयये रथेाः। आ रमयो गभो ूरयो-


ु ानाः।।
रा.ासो वृषणो यज

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 420


 िय े ते पादा वˆ आ िमिम -ु धृ ु वी शवसा दि णावान।् वसानो अं  सरु िभ.श े कं -

ू ।।
1(अ)ण नृत.िविषरो बभथ

 स सोमˆ आिमतम.तु ो भू-ि.ि पते सि धानाः। इ.र. वु ो कारा

ˆ-उा शंसो देववाततमाः।।

 न ते अ.शवसो धा- िव त ु बाबधे रोदसी मिहा। आ ता सूिर पृणित तूतज


ु ानो-

यूथवे ा. ु समीजमानˆ ऊती।।

 एव.े िद हु वˆ ऋो अ-ूती अनूती िहिरिश.ा। एवा िह जातो असमाोजा- प
ु  च

वृा हनित िन दून।।

 6.30 भूय इित पच सू, बाहो भराज- इ- िुप।।

ृ े वीयाय-ँ एको अजयु  दयते वसूिन।  िरिरचे िदवˆ इ पृिथा ˆ-


04.07.02 भूयˆ इावध

े ।।
अध .िमद ित रोदसी उभ~
ु या
 अधा मे बृह.दसयु .म -यािन दाधार निकरा िमनाित। िदविे दव े सूय दशतो भू-िसा.िव

ु त ु धात।।
स

 अा िच ू िचदपो नदीनाँ- यदाो अरदो गात.ु िम। िन पवताˆ असदो न से- या
ु ~ रजांिस।।
ािन सतो

 सिम. ावा अो- अी देवो न म ायान।् अह.िहं पिरशयान.मण-वासज


ृ ो

अपो अा समु म।।

 मपो िव रो िवषूची- िर .मज पवत। राजाभवो जगत षणीनां- साकं

सूय.नय.ा.मषु ासम।।

 6.31 अभूरक ् थ
े इित पच सू, भाराज हु ो- इ- िपु -चत ु शरी- (सहो

शनु होो नरो गग ऋिजा इेत े ऋषयो बृहतेः पौा उत दौेभरत पौा इित िवषये

इितहासः ूयते)।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 421


04.07.03 अभूरेको रियपते रयीणा-मा हयो रिधथाˆ इ कृ  ीः। िव तोके अ ु तनय े च

सूर-े वोच चषणयो िववाचः।।

े  पािथवािन िवा-तु ा िच.ावये रजांिस। ावा ामा पवतासो वनािन-


 .िय

िव.ं भयते अ.ा ते।।


ु  कुयव.िवौ। दश िप े अध सूय- मषु ाय..मिवव े
ु .िम-ाशषँु  य
 .ने ािभ श

रपांिस।।
ु जघातीिन दोः। अिश ो य शा शचीवो- िदवोदासाय
 ं शता.व शर- परो
ु त े सतु े - भराजाय गृणत े वसूिन।।
स

 स सस.हत े रणाय- रथमा ित तिु वनृ भीमम।् यािह पिथ.वसोप मि- च तु

ावय चषिणः।।

 6.32 अपूि त पच सू, भाराज हु ो- इ- िपु ।।

04.07.04 अपूा पु तमा.ै- महे वीराय तवसे तरु ाय। िवरि ने विणे शमािन-

वचांासा िवराय त म।।

 ा कवीना-मवासय.ुजदि.ृणानः। ाधीिभ र ् ऋिभ वावशानˆ उ-ियाणा


 स मातरा सूयण

मसृज.िदानम।।

 स वििभर ्ऋिभ गष ु श-ित िु भ पु कृा िजगाय। परु  परो
ु हा सिखिभ.खीय-ा

रोज किविभ किवः स।।
ु ःै । पु व
 स नीािभ जिरतार.मा -महो वाजेिभ महि श  ीरािभ वृषभ ि तीना-मा िगवण

.िु वताय  यािह।।

 स सगण शवसा तो अ-ै रपˆ इो दि णत.रु ाषाट ्। इा सृजानाˆ अनपावदृ थ-िविे दव े

िविवष ु रमृम।।

 6.33 य ओिज इित पच सू, भाराज शनु हो- इ- िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 422


04.07.05 यˆ ओिजˆ इ तं स ु नो दा- मदो वृष.िभि दाान।् सौव ँ यो

वनव.ो -वृा सम ु सासह.दिमान।।

 ां ही3(ई)ावस े िववाचो- हव े चषणय.शूरसातौ। ँ िवेिभिव पणी रशाय-

ोतˆइिनता वाज.मवा।।
ु तिे भ रै - रा पृ ु दिष
 ा इोभया अिमा-ासा वृा.याया च शूर। वधी वनेव सिध

नृणा.ृतम।।

 स ˆ इाकवािभ ती -सखा िवायरु िवता वृध े भूः। षाता ययामिस ा -य
ु ो

नेमिधता पृ ु शूर।।

 नूनˆ इापराय च ा- भवा मृळीकˆ उत नो अिभौ। इा गृणो मिहन शम-ििव

ाम पाय गोषतमाः।।



 6.34 सं च  इित पच सू, भाराज शनु हो- इ- िपु ।।

04.07.06 स. े ज म ु िगरˆ इ पूव-िव च ि िवो मनीषाः। परु ा नून. तु य
ु ाका।।
ऋषीणां- पृ इे अ.

 पु 
 तो य पु गूत ˆऋा- एक पश
ु ो अि य ैः। रथो न महे शवस े

ु ानो3(ओ)ािभ िरो अनमु ाो भूत।।
यज

 न यं िहंसि धीतयो न वाणी- िर. ी.दिभ वधयीः। यिद ोतार.शत ँ यह-

ण
ृ ि िगवणसं शद ै।।
 अा एत
 .ि1(अ)चव मासा- िमिम ˆ इे यािम सोमः। जन. ध.िभ सँ यदाप-ा

ृ  ु हवनािन य ैः।।
वावध

 .ाूष.मा -इाय ो ं मितिभ रवािच। असथा महित वृत


 अा एत ू  -इो
 य

िवाय ु रिवता वृध.।।



 6.35 कदा भवु िित पच सू, भाराजो नर- इ- िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 423


04.07.07 कदा भवु . थ यािण - कदा ो े सहपो.ाः। कदा ोमँ वासयो

राया- कदा िधय करिस वाजराः।।

ॄ र ै वरा.ीळयास े जयाजीन।् िधात ु गाˆ अिध जयािस गो-ि


 किह ि.िद यृिभन-ी
ु ं व.े।े ।


 किह ि..िद यिर-े िव ु  कृ णव.शिव। कदा िधयो न िनयतु ो यवु ासे- कदा

गोमघा हवनािन गाः।।

 स गोमघा जिर े अाˆ- वाजवसो अिध धेिह पृ ः। पीिपहीष.ु घा.िम धेन-ं ु भराजषे ु

सु चो ाः।।


ु घ धेनो- रािरसा
 तमा नून ँ वृजन.मथा िच-रो य िव रो गृणीष।े मा िनररं श

.णा िव िज।।



 6.36 सा मदास इित पच सू, भाराजो नर- इ- िपु ।।

04.07.08 सा मदास.व िवजा-ा रायोध ये पािथवासः। सा वाजाना.मभवो



िवभा- येवषे  ु धारयथाˆ असयु म।।

 अन ु  येज े जनˆ ओजो अ- सा दिधरे अन ु वीयाय। ूमग ृ  े धये वत े च- त ँ ु वृ.िप
 भ

वृहे।।

 तं सीची तयो वृािन- पािन िनयतु . ु िरम।् समु . िसवˆ उश
ु ाˆ-

उचस. िरˆ आ िवशि।।

 स राया.मपु  सृजा ग ृ ान- पु  िम वः। पित बभूथासमो जनाना-मेको िव
 ण

भवु न राजा।।


ु ा यो वोय-ु  न भूमािभ रायो अयः। असो यथा न.शवसा चकानो- यगु ये गु  े
 स त ु िु ध 

वयसा चेिकतानः।।

 6.37 अवाथिमित पच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 424


ु ासो हरयो वह।ु कीिर.िि ा हवत े वा-
04.07.09 अवा.थँ िववार उ-े य

नृधीमिह सधमाद.े अ।।

 ो ोणे हरय कमा म-नु ानासˆ ऋो अभूव।् इो नो अ पू पपीया- ु ो मद

सो राजा।।
ु े रासो अाः। अिभ वˆ ऋो वहेय-ु नू िच. ु
 आसाणास.शवसान.म-ें सच

ृ  ँ िव दते ।।
वायो रमत
ु िमतमः। यया विव पिरया.ंहो- मघा च
 विरो अ दि णा.िमय-तो मघोना.िवकू

धृो~ दयस े िव सूरीन।।

 इो वाज िवर दा-तेो गीिभवधताँ वृमहाः। इो वृ ं हिनो अ ु सा-ता सूिर
ु ानः।।
पृणित तूतज

 6.38 अपािदत इित पच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

04.07.10 अपा.िदतˆ उ न.ितमो- मह भष.मु ती.िमितम।् पसी ीित.ै

याम-न राितँ वनते सदु ानःु ।।

 रा.िदा वसतो अ कणा- घोषा.िद तित वु ाणः। एयमेन.ेवित ववृा -

1 (अ).िग.िमय.मृमाना।।

 तँ वो िधया परम ु जा-मजर.िम.मन.ू कः। ा च िगरो दिधरे समि{-हाँ.


 या परा

ोमो अिध वध.िदे।।

 वधा ँ य ˆ उत सोमˆ इँ -वधा. िगरˆ उा च म। वधाहैन.मषु सो याम.ो -वधा

.ासा.शरदो ावˆ इम।।

ृ ान ं राधस े च तु ाय। महा.मु मवस े िव नून-मा िववासेम


 एवा ज ान ं सहस े असािम- वावध

ू ष ।।
वृतय

 6.39 म कवेिरित पच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 425


04.07.11 म कव े िद वे- िवमनो वचन मः। अपाˆ न  सचन दे-

वेषो यवु  गृणत े गोअाः।।


ु ा ˆ-ऋतधीितिभर ् ऋतय.ु यज
ु ान पयि.म
 अय.मश ु ानः। जद णँ िव वल सान-ं ु पणी

वचोिभ.रिभ योध.िदः।।
ु 1(अ)ू -ोषा वो.शरदˆइ.िर। इम.े त ु मदध ु नू िचदां-
 अय.ोतय.दतो
ु जनˆ उषस कार।।
शिच

 अय ं रोचय.दचो चानो3(ओ)-यँ वासय.ृ1(ऋ)तेन पूवः। अय.मीयत ऋतयिु  र-ै

िवदा नािभना चषिणाः।।

 े  राज-िष िप वसदु य


 नू गृणानो गृणत े ाय पूवः। अपˆ ओषधी रिवषा वनािन- गाˆ अवतो

नॄ.नृचसे िररीिह।।

 6.40 इ िपबेित पच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।
ु  सतु ो मदा-याव  हरी~ िव मच
04.07.12 इ िपब तं ु ा सखाया। उत  गाय गण आ

  ाय गृणत े वयो धाः।।


िनष-ाथा य

 अ िपब य ज ानˆ इ- मदाय े अिपबो िवरि।् तम ु ते गावो नरˆ आपो अि- िरं

सम.ीतये सम.।ै ।

 सिम े अौ सतु इ सोम -आ ा वह ु हरयो विहाः। ायत
 ा.मनसा जोहवी-मीा यािह
ु ताय महे नः।।
सिव

 आ यािह श.शता यया-थे महा मनसा सोमपये म।् उप ािण णवˆ इमा नो-था त े

य 3े (ए) वयो धात।।
ु ा-जोषा पािह
 यिद िदिव पाय यध- या े सदन े य वािस। अतो नो य .मवस े िनय

िगवणो मिः।।

 6.41 अहेळमान इित पच सू, बाहो भराज- इ- िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 426


ु  ं पव इव तु ासः। गावो न वि..मोको
04.07.13 अहेळमानˆ उप यािह य -

अ-ेा गिह थमो यि यानाम।।
ु ृ ता या विरा- यया श.िबिस मˆ ऊिमम।् तया पािह  ते अय ु रा-
 या ते काकु.क

े वो वतता.िम गः।।

 एष ो वृषभो िवपˆ- इाय वृ े समकािर सोमः। एत ं िपब हिरव. ात.- येिशष े

िदिव य.े अम।।

 सतु .ोमो असतु ा.िद वा-नय ं ेया.ििकतषु  े रणाय। एत.िितवˆ उप यािह य -ेन

िवा िवषी रा पृण।।

 तु षे -ु ाा अव


 यामिस े यावा-ङर े सोम. े भवाित। शततो~ मादया स

पृतनास ु  िव ।ु ।

 6.42 ा इित चतऋच सू, बाहो भराज- इोनु ु-बा बृहती।।

 माय ज मय-े पा.ने नरे।।


04.07.14  ै िपपीषते- िवािन िवषे भर। अर

 एमेन ं ते न -सोमेिभ ोमपातमम।् अम.े िभर ्ऋजीिषण-िमं सतु िे भ िरिभः।।

 यदी सतु िे भ िरिभ-ोमेिभ ितभषू थ। वेदा ि व मेिधरो- धृष..िमदेषत।े ।

 अाअा इदसो-य  भरा सतु म।् कुिव.म जे शधतो-िभश े



रवरत।।

 6.43 य िदित चतऋच सू, बाहो भराज- इ- उिक।् ।

04.07.15 य रं मदे- िदवोदासाय रयः। अय ं स सोमˆ इ ते सतु  िपब।।

 य तीसतंु  मदं- म.म. र स।े अय ं स सोमˆ इ ते सतु  िपब।।

 य गाˆ अ रमनो- मदे ाˆ अवासृजः। अय ं स सोमˆ इ ते सतु  िपब।।

 य मानो असो- माघोन.िधष े शवः। अय ं स सोमˆ इ ते सतु  िपब।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 427


 6.44 यो रियव इित चतिु वशृच सू, बाह शँय-ु िर- िु-बाा ळनु भ
ु ः-
सािद ितो िवरायः-(ितसृेव िवरामी नवौ त ु िुभािवित के िचत-)्
ु वमः। सोम.तु . इ ते-ि धापते
ु ै ध
04.07.16 यो रियवो रियमो- यो 

मदः।।

 य.श म.िु वश म ते- रायो दामा मतीनाम।् सोम.तु . इ ते-ि धापते मदः।।

 येन वृो न शवसा -तरु ो न ािभ ितिभः। सोम.तु . इ ते-ि धापते मदः।।

 म ु वो अहण-ृणीष े शवस. ितम।् इँ िवासाह.रं -मंिह ँ िवचषिणम।।


 यँ वधयी िर- पित.रु  राधसः। तिम. रोदसी- देवी~ शं


ु  सपयतः।।

04.07.17 तˆ उ बहणे-ा.योपृणीषिण। िवपो न योतयो- िव योहि

सि तः।।

े ो वो अच ैत।् ससवा.ौलािभ धतरीिभ- ा पाय ु


 अिवद.  ं िमो नवीया-पानो देव

रभव.िखः।।

 ऋत पिथ वेधाˆ अपािय- िय े मनांिस देवासो अ।् दधानो नाम महो वचोिभ- वप ु शये

वेो ावः~।।

 मु म.  .े-े सेधा जनानां पूव ररातीः। वषयो वय कृ णिु ह शचीिभ- धन साता

.वा अिवि।।
ु िम.घव.भूम- वय.ा े हिरवो मा िव वेनः। निकरािप दशे मा- िकम
 इ त

रच
 ोदन ाः।।

04.07.18 मा जन े वृषभ नो ररीथाˆ- मा ते रेवत. े िरषाम। पूव ¤ इ िन¤िधो

जनेष-ु जस
ु ी.वृहापृणतः।।

 उदाणीव.नय.ियत-ो राधां.ािन गा। मिस िदव काधायाˆ -मा

ादामानˆ आ दभ.घोनः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 428


 अय~ वीर  महे सतु ाना-िमाय भर स  राजा। य पूािभ त नूतनािभ- गिभ वावध
ृ े

गृणत ्
 ा.मृषीणाम।।
ु .म ै -सोमँ वीराय
 अ मदे पु वपािस िवा-िनो वृा.यती जघान। तम ु  होिष मधम

िशिणे िपब।ै ।

 पाता सतु .िमो अ ु सोमं- हा वृ ँ वेण मसानः। गा य ं परावत िदा- वस ु धना

.मिवता काधायाः।।

04.07.19 इद.ा.िमपान-िम िय.ममत


ृ .मपािय। म.था सौमनसाय देव-ँ

1(अ).ेषो ययु व.ंहः।।

 एना मानो जिह शूर शू- जािम.मजािमं मघव.िमान।् अिभषण


े ा अा3( आ)देिदशाना-

राच इ  मृणा जह


 ी च।।

 आस ु ¤ा ण ु .ः~। अपा.ोक तनय


 ो मघव.ि पृ-1(अ)ं मिह विरव.ग

जेष- इ सूरी.ृ णिु ह ा न ्


 ो अधम।।
ु ानाˆ- वृषरथासो वृषरमयोाः। अाो वृषणो ववाहो- वृ े
 आ ा हरयो वृषणो यज
ु ो वह।ु ।
मदाय सयु ज

 आ ते वृष.ृषणो ोण.म-ु घृतषो


ु नोमयो मदः। इ  तँ
ु  वृषिभ.तु ानाँ- वृ े भरि

वृषभ ्
 ाय सोमम।।
ू ाँ वृषभ.ि यानाम।् वृ े त इ वृषभ
04.07.20 वृषािस िदवो वृषभ पृिथाˆ- वृषा िसन

पीपाय- ा रसो मधपु ये ो वराय।।


ु ा पिण.मभायत।् अय ं  िपत ु रायध
 अय.ेव.हसा जायमानˆ-इेण यज ु ा-नी रमा

.दिशव मायाः।।

 अय.मकृणो.षस.पु ी- रय ं सूय  अदधा.ोित रः। अय.िधात ु िदिव रोचन


 षे -ु ितषे  ु िव

.दमत ्
ृ . िगूम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 429



 अय.ावापिृ थवी~ िव भाय-दय ं रथ.मयन. रिमम।् अय.ोष ु शा प.म-ोमो

ु म।।
दाधार दशय.म

 अथ पिरिशम।।
ु  ो मन वा -ाणापानौ देह इदं शरीरम।् ौ ा वनलो
 च  ु मौ िवसगा-वेत.ं

ु म।।
म े दशय.म

 ं िधरािम-
 नख पृ करौ च बा- जे चो उदरं िशर। रोमािण मास

मेतरीर.लबु दु ोपमम।।
ु  था च। ओौ च दा तथवै िजा- मे
ु ललाटे च तथा च कण- हनू कपोलौ बक
 वौ

ु रकोशम।।
तरीरं मख

 इित पिरिशम।।

 6.45 य आनयिदित यिंशच सू, शँय-ु िरोतृच बृब


ु ा- गायी-

एकोनिंयितिनचृ-देकिंशी पादिनचृ-दानु पु ।।

04.07.21 यˆ आनय.रावत-नु ीती तवु शँ यम।् इ. नो यवु ा सखा।।

ु िचदवता। इो जेता िहत.नम।।
 अिव े िचयो दध-दनाशना

 मही र णीतय- पूव त शयः। ना ीय ऊतयः।।

 सखायो वाहस-े चत  च गायत। स ˆिह न मित मही।।



 मेक वृह.िवता यो रिस। उत.े शे यथा वयम।।
ु शंिसनः। नृिभ.वु ीरˆउसे।।
04.07.22 नयसीित िष- कृ णो.

 ाणं वाहस-ीिभ खाय.मृि मयम।् गा दोहसे वे।।

 य िवािन हयो- च ु वसूिन िन िता। वीर पृतनाषहः।।

 िव ािन िचदिवो- जनानां शचीपते। वृह मायाˆ अनानत।।

 तम ु ा स सोमपाˆ- इ वाजानां पते। अमिह ववः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 430



04.07.23 तम ु ा य परु ािसथ- यो वा नून ं िहत े धने। ह. धु ी हवम।।

 धीिभ रवि रवतो -वाजा इ वाान।् या जे िहत.नम।।


 अभू वीर िगवणो- महा इ धने िहत।े भरे िवतसाः।।

ू वमासित। तया नो िहनही


 या त ऊित रिमह- ज ्
ु रथम।।

 स रथेन रथीतमो-ाके नािभय ु वना। जेिष िजो~ िहत.नम।।

04.07.24 यˆ एकˆ इम ु ुिह- कृ ीनाँ िवचषिणः। पित ज े वृषतःु ।।

 यो गृणता.िमदािसथा-िप ती िशव खा। स ˆ इ मृळय।।

 िध व.भो- र ोहाय विवः। सासह


 ीाˆ अिभ ृधः।।
ु -ं सखाय.ीिरचोदनम।् वाहमं वे।।
  ं रयीणाँ यज

 स िह िवािन पािथवा- एको वसूिन पत।े िगवण.मो अिगः।।

04.07.25 स नो िनयिु  रा पृण- कामँ वाजेिभ रििभः। गोमि गपते धृषत।।

 तो गाय सतु े सचा -प


ु ताय सन।े शँ यवे न शािकने।।

 स ु िन यमते- दान ँ वाज गोमतः। यी.मपु  व.िरः।।


 न घा व

 कुिव.  िह ज-ोम.हु ा गमत।् शचीिभ रप नो वरत।।


 इमाˆ उ ा शततो~-िभ  णोनवु  ु िगरः। इ व. मातरः।।

04.07.26 णाशं स.व- गोरिस वीर गत।े अो अायत


 े भव।।

 स मा सो- राधस े ता मह।े न ोतार.िद े करः।।

 इमाˆ उ ा सतु स
े तु -े न  े िगवणो िगरः। व.ावो न धेनवः।।
ु तमं प
 प ु णां -ोतण ्
ॄ ाँ िववािच। वाजेिभ वाजयताम।।

 अाक.िम भूत ु ते- ोमो वािहो अमः। अा.ाय े महे िहन।।


 अिध बृबु पणीनाँ- विष े मूध.ात।् उ क ो न गाः।।

 य वायोिरव व-ा राित.हिणी। सो दानाय मंहत।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 431



 त ु नो िवे अयˆ आ- सदा गृणि कारवः। बृब ं ु सहदातम-ं सूिरं सहसातमम।।

 6.46 ािमीित चतदशच  सू, बाहशँय-ु िर- अयज
ु ो बृहो यज

तोबृहः।।

04.07.27 ािमि हवामहे- साता वाज कारवः। ाँ वृ.े ि सितर-ााा

.वतः।।

 स ..ि वह धृयु ा- मह. वानो अिवः। गामं र.िम स.िर- सा वाज.

िज यषु ।े ।

 य.ाहा िवचषिण- िर.ं महे वयम।् सहम ृ  सत-े भवा सम ु नो वृध।े ।
ु तिु वन

 बाधस े जना.ृषभवे  मनु ा- घृषौ मी ऋचीषम। अाकं  बोिवता महाधन े -तन.ू  ु

सूय। ।

 इ े.ˆ आ भरँ- ओिजं पपिु र वः। येनमे े िच वह रोदसी- ओभे~ सिु श ाः।।

04.07.27 ा.मु .मवस े चषणीसहं- राज.ेवषे  ु महे। िवा स ु नो िवथरु ा िपना वसो-

िमा .षु हा.ृ िध।।

 यिद नाषीा- ओजो नृ. कृ ि ष।ु या प ि तीना


ु मा भर- सा िवािन

पा।।

 या तृ ौ मघव.ुावा जने- यूरौ क वृम।् अ.िरीिह सृषा-े िमा.ृ ु

तवु णे।।

 इ िधात ु शरण-िवथ ं िमत।् छिदय मघव. म.- यावया िदमे


ु ः।।

 ये गता मनसा श.ु मादभ-ु रिभि धृयु ा। अध ा नो मघव.ि िगवण-नूपाˆ

अमो भव।।

 ो वृध े भ-वे नाय.मवा यिु ध। यदिर े पतयि पिणनो- िदव


04.07.29 अध ा न

.ि ममूधानः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 432


 य शूरास.ो िवतत-े िया शम िपतॄणाम।् अध ा य त3े (ए) तने- च छिद रिचँ

यावय ेषः।।

 यिद सग अवत-ोदयास े महाधन।े असमन े अिन वृिजन े पिथ- येनाइव वतः।।

 यु ा यतो- यिद ोश.मन ु िण। आ ये वयो न ववृत. ािमिष- गृभीता बाो
ू िरव वण आश
 िस

गिव।।

 6.47 ािलायिमेकिंशच सू, भाराजो गग- इ-आानां पानां

सोमोगूतीा देव भूमीाः-ोक इािद चतसृणां ोको- वनत इािद ितसृणां रथ-
् शी बृहती योिवंयनु पु -्
उप ासयेित यो िभः-आमूरजेा भीौ िपु -एकोनिवँ

चतिवशी गायी- पिवंशी िपदा- सिवंशी जगती।।
ु ा उताय-ी िकलाय ं रसवा उतायम।् उतो~
04.07.30 ा.िलाय ं मधम

1(अ) पिपवांस.िम- कन सहत आहवषे ।ु ।


ु िण यौा शर -िव नवि त.व
 अय ं ा िरह मिदˆ आस- येो वृहे ममाद। प

च देो3(ओ) ह।।
ु त
 अय ं मे पीतˆ उिदयित वाच-मय ं मनीषा.मश  ी.मजीगः~। अय ं षळु व रिममीत धीरो- न याो

भवु न. नारे।।

 अय ं स यो विरमाणं पृिथाˆ- वाण.िवो अकृ णो.दय ं सः। अय ं पीयषू .िसषृ  ु व-ु सोमो

दाधारोव1(अ)िर म।।
ु सना.मषु सा.मनीके। अय ं महा.हता न-े नोा.मा
 अय ँ िवद.िशीक. मण-श

.षृ भो मान।।

04.07.31 धृष.िब कलशे सोम.िम- वृहा शूर समरे वसूनाम।् मािन े सवन आ

वृष- रियानो रिय.मास ु धेिह।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 433


ु तवे  पय-  नो नय तरँ वो अ। भवा सपा
 इ  ¤ण पर.ए ु रो अितपारयो नो- भवा

ु ित त वामनीितः।।
सनी

 उ.ो लोक.मन ु नेिष िवा-व.ोित रभय ं ि। ऋा त इ िवर बा~- उप

ेयाम शरणा बृहा।।

 विर े न इ वरु े धाˆ- विहयो.शताव.योरा। इषमा व ीषाँ विषां- मा न.ारी.घव

.ायो अयः।।

 इ मृळ म.ीवात.ु िम- चोदय िधय.मयसो न धाराम।् यि.ाह-ाय ु िरद ँ वदािम-

तषु  कृ िध मा देववम।।

04.07.32 ातार.िम मिवतार.िमं- हवेहवे सहु वं शूर.िमम।् यािम शं पु त.िमं -

ि नो मघवा धािः।।

 इ.ु ामा.वा अवोिभ-म


ु ळ
ृ ीको भवत ु िववेदाः। बाधता.ेषो अभय.णोत-ु सवु ीय

पतय.ाम।।

 त वय ं समु तौ यि य-ािप भे सौमनस े ाम। स सु ामा वा इो अ-े आरा.ि .ेष

नतु ययु ोत।ु ।

 अव े इ वतो नोिम- िगरो ािण िनयतु ो धवे। उ न राध.वना प
ु -यपो गा ˆवि

ु  सिमन।।
.वसे

 कˆ  व. पृणा.ो यजाते- यिम.घवा िवहावेत।् पादािवव हर.म-

णोित पूव.मपरं शचीिभः।।

04.07.33 वे वीरˆ उमु .माय-म.मितनेनीयमानः। एधमानि .ळु भय राजा-



ु ान।।
चोू यते िवशˆ इो मन

 परा पूवष ां सा वृणि- िवततरु ाणो अपरेिभ रेित। अनानभु त


ू ी रवधूान- पूव िर.शरद

तरीित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 434


ु ा.
ं प ं ितपो बभूव- तद प ं ितच णाय। इो मायािभ पु पˆ ईयते- य
 प

हरय .शता दश।।


ु ानो हिरता रथे- भूिर ेह राजित। को िवाहा िषत प ˆआसत- उतासीनषे ु सूिरष।ु ।
 यज

 अगिू त े .माग देवाˆ-उव सती भूिम रं रणाभूत।् बृहते  िचिका गिवा-िवा

सत े जिर इ ्


  पाम।।

04.07.34 िदविे दव े सशी र.मध-ाˆ असधे .दप सनो जाः। अहासा वृषभो वय-

ोदज े विचनं शर।।

 ोकˆ इ ु राधस. इ- दश कोशयी दश वािजनोदात।् िदवोदासा.दितिथ व राध-

शारँ वस ु भी।।



 दशाा.श कोशा-श वािधभोजना। दशो िहरयिपडा-िवोदासा.दसािनषम।।

 दश रथा.िमत-शत.ाˆ अथवः। अथ ्


  पायवेदात।।

 मिह राधो िवज-धाना.राजा.ायो अय।।

 ो िह भूयाˆ -अखा तरण.वु ीरः। गोिभ..ो अिस


04.07.35 वनते वी

वीळया-ाता ते जयत ु जेािन।।

 िदवृिथा पयजˆ उृत-ँ वनित पयाभृत ं सहः-। अपा.मोानं पिर गोिभ रावृत-

िम वं हिवषा रथँ यज।।


ु णो -देव रथ
 इ वो मता.मनीकं- िम गभ वण नािभः। सेमा.ो हदाित.षा

ित हा गृभाय।।

 उप ासय पृिथवी.मतु ां- पु  ु  िवित. गत।् स भे सज ू िरेण देव-ै रा.वीयो
 ा ते मनताँ

अप सेध शून।।

 आ य बल.मोजो नˆ आ धाˆ- िन िनिह िरता बाधमानः। अप ोथ भे नाˆ इतˆ-

इ मिु रिस वीळय।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके समाायः। वगाः(1-35) Page 435


 आमू रज ावतयेमा- के तमु .
ु ि भ वावदीित। समपणा.रि नो नरो- ाक.िम

रिथनो जय।।।। इित समााय माः।।

चतथाके अमाायः। वगाः(1-32)

 6.48 य ाय ा व इित ािवंशृच सू, बाह शशँय-ु ृणपािणः- आानां


ु ा पूषा-ततृच मतः(योदयािद ितसृणा
दशानामिरेकादयािद पानां मत-ततण

िमायम पूष िवाा िलो देवता वा-अयोावाभूमी वा पृिवा) आा बृहती- ितीया

सतो बृहती- तृतीया बृहती- चतथु  सतो बृहती- पमी बृहती- षी महासतोबृहती- समी

महाबृहती- अमी महासतोबृहती- नवमी बृहती- दशमी सतोबृहती- एकादशी ककुप-् ादशी

सतोबृहती- योदशी परउिक -् चतदशी
ु बृहती- पदयितजगती- षोडशी ककुप-् सदशी

सतोबृहती- अादशी परउिक -् एकोनिवंशी बृहती- िवंशी बृहती- एकिवंशी महाबृहती- यवमा

ािवंयनु ुप-् (पृिसूिमदम)्

04.08.01 य ाय ा वो अये- िगरािगरा च द स।े  वय.ममत


ृ .ातवेदसं- िय.ं िम.

शंिसषम।।

 ऊज नपात ं स िहनाय.मय-ु दाशेम हदातये। भवु .ाजे.िवता भवु .ध


ृ ˆ- उत ाता

तननू ाम।।

 वृषा. े अजरो- महा.िभा.िचषा। अजण ु चे- सदी


े शोिचषा शोशच ु ितिभ. ु दीिदिह।।

 महो देवा.जिस यानषु -व ोत दंसना। अवाच ी.ण.ु े वस-े रा वाजोत

वं।।

 यमापो अयो वना- गभ.मृत िपित। सहसा यो मिथतो जायत े नृिभ- पृिथाˆ अिध

सानिव।।
ु रोदसी उभ~
04.08.02 आ य पौ भानना े - धूमने  धावते िदिव। ितर मो दश ऊा.ा-

यावा ष ो वृषा -यावा अषो वृषा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 436


ु े ण देव शोिचषा। भराज े सिमधानो यिव- रेव..श
 बृहि रे अिचिभ-श ु दीिदिह मु .

ावक दीिदिह।।

 िवासा.ृहपित िवशा.मिस- म े मानषु ीणाम।् शत ं पूिभ यिव पाहं स-मेारं शत ं िहमा-

ोत
ृ ो ये च ददित।।
ु े त ु नः।।
 . ि ˆऊा- वसो~ राधांिस चोदय। अ राय.म े रथीरिस- िवदा गाध.च

 पिष तोक.नय ं पतिभ ु िभः। अे हेळांिस दैा ययु ोिध नो-देवािन रांिस च।।
ृ .-मद ै रय

ु ज.मपु  नसा वचः। सृज.मनपुराम।।
04.08.03 आ सखाय.बघा-ेन.म

 या शधाय माताय भानवे- वोमृ ु ध ु त। या मृळीके मता.रु ाणाँ -या स
ु ै

रेवयावरी।।

 भराजायाव ध ु त िता। धेन. ्


ु िवदोहस-िमष. िवभोजसम।।

ु त-ँ ु वण.िमव माियनम।् अयमण. मं सृभोजसँ- िव.ु  षु आिदशे।।


 तँ वˆ इ. स

 ेष ं शध न मात.िु व-यनव


 ाणं पूषणं सँ यथा शता। सं सहा कािरष.षिणˆ आ-

 र.वु दे ा नो वसू क


आिवगूा वसू क ्
 रत।।

 आ मा पूष.पु व- शंिसष. ु ते अिपकण आघ ृ ।े अघाˆ अय अरातयः।।
 ण

 ीर.मु ह
04.08.04 मा काक ृ ो -वनित.मशी िव िह नीनशः। मोत सूरो अह~ एवा च
 न
 -

ीवाˆ आदधत े वेः~।।

 तेिरव तेवृक.म ु सम।् अि दधत-पु ण


ू  दधतः।।

 परो िह म रिस -समो देव ै त िया। अिभ  पूष.ृतनास ु न-मवा ननू ँ यथा परु ा।।

 वामी वाम धूतय- णीित र ु सूनतृ ा। देव वा मतो म-वेजान यवः।।

 स.ि. चकृ ित- पिर ा.ेवो न ैित सूयः। ेष ं शवो दिधरे नाम यि यं -मतो वृहं

शवो- ेँ वृहं शवः।।

 सकृ ौ रजायत -सकृ.ूिम रजायत। पृाˆ  धं सकृ.य-दो नान ु जायते।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 437



 ।। अथ पिरिशम।।

ृ ाा -िविरणे वोदकेिप वा। यदण


 सूाेेण ्
ृ  ै रधीत.ृणािन भवित वु म।।

 वापीकूपतडागानां- समु  ाहा-ि  ाहा। इित पिरिशम।।

 6.49 षेु जनिमित पदशच सू, भाराज ऋिजा- िवेदवे ा- िु-बा शरी

(इतािर वै।।भेदप े –िवेदवे ाः 1-अिः 1-अहोराे 1-वायःु 1-अिनौ 1-िवेदवे ाः 1-

सरती 1-पूषा 1-अिारौ 1-ः 1-मतः 2-िवःु 1-िवेदवे ाः 2-एवं 15)

04.08.05 षु े जनं सु त.सीिभ- गिभ िमावणा स


ु या। त आ गम ु त इह

वु -ु स ु ासो वणो िमो अिः।।

 िवशोिवशˆ ई.मरे-त.ु मरितँ यवु 


 ोः। िदव.िशश ं ु सहस.ून-म
ु िँ य 

के त.ु मष ँ यज ै।।


ु िवचरी~ पावके~- म
े - ृिभ रा िपिपश े सूरो अा। िमथरा
 अष  िहतरा िवप~

तु . तˆ ऋमान~


े ।।

  वाय.ु मा बहृ ती मनीषा- बृह.ियँ िववारं रथाम।् तु ामा िनयतु  पमान- किव

किव .िमय िस यो~।।


ु ानः। येन नरा नास.ेषय-ै वित याथ
 स मे वप.ु छदय.दिनो-य रथो िवा.नसा यज

.नयाय ने च।।


ु षािण िजत.मािन। सतु  कवयो य
04.08.06 पजवाता वृषभा पृिथा- परी

ु म।।
गीिभ- जगत. ात जगदा कृ ण

 पावीरवी का िचाय-ु रती वीरपी िधय.ात।् ािभ रिं शरण ं सजोषाˆ -

राधष.ृणत े शम यंसत।।

 पथथ पिरपितँ वचा- कामेन कृ तो अान.ळकम।् स नो रास.ध.ााˆ- िधयियं

सीषधाित  पूषा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 438


 थमभाजँ यशसँ वयोधां- सपु ािण.ेव ं सगु भि.मृम।् होता य .जत ं पाना-मि.ारं

सहु वँ िवभावा।।

 भवु न िपतर.ीिभ राभी- .िवा वधया 


 .मौ। बृह.मृ.मजरं सषु ु -मृध. घवेु म

किवनेिषतासः।।

04.08.07 आ यवु ान कवयो यि यासो- मतो ग गृणतो वराम।् अिच.िि िजथा

वृधˆ- इा न ो नरो अिरत।।

  वीराय  तवसे तरु ा-याजा यूथवे  पशरु ि  रम।् स िपश


ृ ित ति तु - ृिभ न नाकँ 

वचन िवपः।।

 यो रजांिस िवमम े पािथवािन- िि.ि ु मनव े बािधताय। त ते शम.पद


ु मान-े राया मदम

ता3( आ)तना च।।


ु ो अि रक- .वत.िवता चनो धात।् तदोषधीिभ रिभ राितषाचो- भग
 तोिह ब

परु ि िजत ु  राय।े ।

 नू नो रियं र.षिणां- पु वीरं.महˆ ऋत गोपाम।् य.ाताजरं ये न जना-ृधो अदेवी

रिभ च माम िवशˆआदेवी र1(अ)वाम।।

 6.50 वे व इित पदशच सू, भाराद ऋिजा- िवेदवे ा- िपु -् (भेदप े – िवे

देवाः-1-सूयः 1-ावापृिथवी 1-मतः 2-इः 1-अपः 1-सिवता 1-अिः 1-अिनौ 1-िवे

देवाः5-एवं 15)

04.08.08 व े वो देवी.मिदित.मोिभ- मृळीकाय वण ं िम.मिम।् अिभ दा.मयमणं सश
ु वे 

-ात.ॄ ेवा.िवतारं भग.।।


ु ोितष.ूय द िपतॄ-ननागा.े समु हो वीिह देवान।् िजानो य ऋतस
 स   ाप.ा- वो

यजताˆ अििजाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 439


 उत ावापृिथवी~ .मु - बृह.ोदसी शरण ं सषु 
ु ~
े । मह.रथो विरवो यथा नो-े याय

िधषणे~ अनेहः।।

 आ नो  सूनवो नमा- मा तासो वसवोधृाः। यदी.मभ महित वा िहतासो- बाध े

मतो अाम देवान।।

 िम  येष ु रोदसी न ु देवी- िसषि पूषा अधया। 


ु ा हवं मतो य याथ- भूमा रेजे

अिन िवे।।

04.08.09 अिभ ँ वीर.िवणस.म-चं णा जिरत नवेन। व.िद.व.मपु  च वानो-

रास .ाजा उप महो गृणानः।।


ु रमृ-ात तोकाय तनयाय शँ योः। यूय ं िह ा ि भषजो मातत
 ओमान.मापो मानषी ृ माˆ िव

ात ु जगतो जिनीः।।

 आ नो देव.िवता ायमाणो- िहरयपािण यजतो जगात।् यो दवा उषसो न तीकँ -

ूणतु े दाशषेु  वायािण।।

 उत ं सूनो~ सहसो नो अा - देवा अि.रे वव


ृ ाः। ामहे सदिम.ातौ- तव ा

.मे वसा सवु ीरः।।

 उत ा मे हव.माज ात-ासा धीिभ यवु .म िवा। अि. मह.मसोममु 
ु -

ूवत.रा िरता.दभीके ।।

04.08.10 ते नो रायो मु तो वाजवतो- दातारो भूत नृवत पु ोः। दशो िदा

पािथवासो- गोजाताˆ अा मृळता च देवाः।।

 ते नो .रती सजोषाˆ-मीो िव ु मृळ ु वायःु । ऋभ ु ा वाजो दैो िवधाता-

पजावाता िपता.िमष.ः।।

 उत  देव.िवता भगो नो-पापा.दवत ु दान ु पिः। ा देविे भ जिनिभ.जोषाˆ- ौ

दविे भ पृिथवी समु ःै ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 440


ृ ो वाना- तु ा मा
ु .णो-जˆ एकपा.ृिथवी समु ः। िवे देवाˆ ऋतावध
 उत नोिहब

किवशाˆ अव।ु ।

 पातो मम त धीिभ- भराजाˆ अच.कः। ा तासो वसवोधृाˆ- िवे तु ासो
 एवा न

भूता य
 जाः।।

 6.51 उ िदित षोळे शच सू, भाराद ऋिजा- िवेदवे ा- िुप-योदयााि

उिहोानु ुप-् (भेदप -े सूयः 2-िवेदवे ाः 10-अिः 1-सोमः 1-िवेदवे ाः 2-एवं 16)

04.08.11 उ .  ु मिह िमयो रा- एित िय ँ वणयो रदम।् ऋत शिच
ु दशत

.मनीकं- ो न िदवˆ उिदता ौत।।

 वेद यीिण िवदथा.ेषा-ेवाना. सनतु रा च िवः। ऋज ु मतष ु वृिजना च पय-िभ च े

सूरो अयˆ एवान।।
ु तान।् अयमणं भग.मदधीती-ना वोचे
 षु उ वो महˆ ऋत गोपा-निदितं िम ँ वण ं सजा

सध पावकान।।

ॄ ।् यून. ु ा.यतो िदवो नॄ-नािदा


 िरशादस.ती रदा-हो रा .वु सन दातन

.ािदित.वोय।ु ।

 ौ3(औ)ित पृिथिव मातर-ु गे ात वसवो मृळता नः। िव आिदाˆ अिदते सजोषाˆ-

अं शम बलँ िव य।।

04.08.12 मा नो वृकाय वृ े समा -अघायत


 े रीरधता यजाः। यूय ं िह ¤ा  रो

न.ननू ाँ- यूय.  वचसो बभूव।।


ु म- मा तम वसवो यय।े िव िह यथ िवदेवा-य ं िरप ु
 मा वˆ एनो अकृ त ं भजे

ं रीिरषी।।

 नम.इ.मˆ आ िववासे- नमो दाधार पृिथवी.मतु ाम।् नमो देव


े ो नमˆ ईश एषा-त.िदने ो

नमसा िववासे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 441


 ऋत वो र पूतद ा-नृत पसदो अदान।् ता आ नमोिभ च सो नॄ-िाˆ

आ नम े महो यजाः।।

 ते िह ेवचस. उ न-िरो िवािन िरता नयि। स ु ासो वणो िमो अि-र ्ऋतधीतयो

वराजसाः।।
ु माण.वस
04.08.13 ते नˆ इ पृिथवी ाम वध-ूषा भगो अिदित प जनाः। सश

.नु ीथाˆ- भव ु न.ु ाास.ग


ु ोपाः।।

ु ितँ याित होता। आसानिे भ यजमानो िमयध


 नू सान.ि.ंिश देवाˆ- भाराज.म े -ै

दवाना. वसूय ु वव।।

 अप ँ वृिजन ं िरप-ं ु ेन.म े राम।् दिव.म सते कृ धी सगु म।।

 ावाण.ोम नो िह कं - सिखनाय वावशःु । जही 1(अ)िणं पिणँ वृको िह ¤षः।।

 यूय ं िह ¤ा सदु ानवˆ- इे ाˆ अिभवः। कता नो अा सगु .ोपाˆ अमा।।

 अिप पा.मगिह- िगा.मनहे सम।् येन िवा पिर िषो- वृणि िवते वस।ु ।

 6.52 न तिवेित सदशच सू, भाराज ऋिजा- िवेदवे ा- िुप-साा ाय-

तदशी जगती- (भेदप े – िवेदवे ाः 2-सोमः 1-िव 8-अिः 1-िव 3-अिपजौ 1-िव 1-

एवं 17)

04.08.14 न तिवा न पृिथान ु मे- न य ने  नोत शमीिभ रािभः। उ ु तं स


ु 1(अ)

पवतासो- िन हीयता.मितयाज या।।

 अित वा यो मतो मत े नो-  वा य ियमाण.ििनात।् तपूिं ष त ै वृिजनािन स-ु

िष.मिभ तं शोचत ु ौः।।

 िकम ा ण.ोम गोपा-िम ा रिभशिपा.ः। िकम न पयिस िनमाना-

िषे तपिु षं हेित.म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 442


 अव ु मा.मषु सो जायमानाˆ- अव ु मा िसव िपमानाः। अव ु मा पवतासो वु ासो-

व ु मा िपतरो देवतौ।।


ु रम।् तथा कर.सपु ित वसूना-ेवा
 िवद ान समु नस.ाम -पयेम न ु सूय.म

ओहानोवसा गिमः।।

04.08.15 इो नेिद.मवसा गिम-रती िसिु भ िपमाना। पजो नˆ ओषधीिभ

मयोभ ु -रि.श
ु स
ं .हु व िपतवे ।।

 ं हवम।् एदं बिह िन ¤षीदत।।


 िवे देवासˆ आ गत- णतु ा  म इम

 यो वो देवाˆ घृतनु ा- हने  ितभषू ित। तँ िव उप गथ।।

ृ  ये। समु ळ


 उप न.ूनवो िगर- व.मत ृ ीकाˆ भव ु नः।।

 िवे देवाˆ ऋतावध


ृ ˆ -ऋतिभ ु  ं पयः।।
ु हवनतु ः। जषु ाँ य

04.08.16 ो.िमो मण-ृमा.िो अयमा। इमाˆ हा जषु  नः।।



 इम.ो अे अरं- होत वयनु शो यज। िचिका.ै.नम।।

 िवे देवा.णतु म
े ं हवं मे- ये अिर  े य उप िव। ये अििजाˆ उत वा यजा ˆ-

आसाि.िहिष मादयम।।

 िवे देवाˆ मम व ु यि याˆ- उभ~


े रोदसी अपा.पा म। मा वो वचांिस पिरचािण
ु .े िो अमा मदेम।।
वोचं -स

 ये के च ा मिहनो अिहमायाˆ- िदवो जि रे अपां सधे। ते अ.िमषये िव.मायःु - 

पˆ उाˆ विरव ु देवाः।।


ु सु ुित ः। इळा.मो जनय.भ.म- जावती
 अीपजा.ववत. ियं मे-ि.वे सहवा

िरष आ ध.म।े ।

 ीण बिहिष सिमधान े अौ -सूेन महा नमसा िववासे। अि.ो अ िवदथे यजाˆ- िवे

देवाˆ हिविष मादयम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 443



 6.53 वयम ु ेित दशच सू, बाहो भराजः पूषा गायी-अनु पु ।।
ु िह।।
04.08.17 वयम ु ा पथते- रथ. वाजसातये। िधय े पूष.य

 अिभ नो नय वस-ु वीरं यतदि णम।् वाम.हृ पित.य।।

 अिद.िदाघृण-े पूष.ानाय चोदय। पण.े िि दा मनः।।

 िव पथो वाजसातये- िचनिु ह िव मृधो जिह। साधा.मु नो िधयः।।

 पिर तृि पणीना-मारया दया कवे। अथे.मं रय।।


् .मं रय।।
04.08.18 िव पूष.ारया तदु - पण े िर िद ियम अथे

 आ िरख िकिक राकृ ण-ु पणीनां दया कवे। अथे.मं रय।।

 यां पूष.चोदनी.मारां िबभ.ाघृण।े तया सम दय-मा िरख िकिकरा कृ ण।ु ।


ु ाधनी। ता.े स
 या ते अा गोओपशा-घृण े पशस ु .मीमहे।।

 ा.मतु । नृव.ृ णिु ह वीतये।।


 उत नो गोषिण.िय-मसाँ वाजस

 6.54 स ूषिित दशच सू, बाहो भराजः- पूषा- गायी।।



ु ासित। यˆ एवदे .िमित वत।।
04.08.19 सं पूष.िषा नय- यो असानश

 सम ु

े िह- यो गृहा अिभशासित। इम एविे त च वत।।
पूा गमम

 पू . िरित- न कोशोव पते। नो~ अ थते पिवः।।

 ो िवते वस।ु ।
 यो अ ै हिवषािवध-  तं पूषािप मृते। थम

 पूषा गाˆ अेत ु न- पूषा र .वतः। पूषा वाजं सनोत ु नः।।
ु तः। अाकं  वु ता.मतु ।।
04.08.21 पूष.न ु  गाˆ इिह- यजमान स

 मािक नश.ाक िरष-ाक सं शािर के वटे। अथािरािभ रागिह।।

 वं पूषणँ वय-िमय.मनवेदसम।् ईशान ं रायˆ ईमहे।।

 पूष.व त े वय- िरम


े  कदा चन। ोतार. इह िस।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 444


 पिर पूषा परा-.धात ु दि णम।् पनु न न.माजत।ु

 6.55 एिह वािमित षडृच सू, बाहो भराजः- पूषा- गायी।।


ु ो नपा-दाघृण े सं सचावहै। रथी र ्ऋत नो भव।।
04.08.21 एिह वाँ िवमच

 रथीतम.पिदन-मीशान ं राधसो महः। राय.खाय.मीमहे।।

 रायो धारााघृण-े वसो~ रािश रजा। धीवतोधीवत.खा।।

 पूषण.1(अ)जा-मपु  ोषाम वािजनम।् स ु य जारˆ उते।।

 मातिु दिधष.म
ु वं- सज
ु ार.णोत ु नः। ाते सखा मम।।

 आजास पूषणं रथे- िना.े जनि यम।् देव ँ वह ु िबतः।।



 6.56 य एनिमित षडृच सू, बाहो भराजः- पूषा- गायी- अानु ुप।।

04.08.22 यˆ एन मािददेशित- करािदित पूषणम।् न तेन देवˆ आिदशे।।

 उत घा स ु ा। इो वृािण िजते।।


 रथीतम-ा सित यज

 उताद पष े गिव- सूर.ं िहरययम।् ैरय.थीतमः।।


ु ुत- वाम द ममः।
 यद ा प ु त ु नो म साधय।।

 इम. नो गवषे ण-ं सातये सीषधो गणम।् आरा.ूष.िस तु ः।।

 आ ते ि.मीमह -आरेअघा.मपु ावसमु ।् अा च सवतातये- . सवतातये।।

 6.57 इा िित षडृच सू, बाहो भराज- इापूषणौ- गायी।।

04.08.23 इा न ु पूषणा वय-ं साय ये। वम


े  वाजसातये।।

 सोम.मˆ उपासद-ातव े चो.तु म।् कर


 .म इित।।

 अजाˆ अ वयो -हरी~ अ संभत


ृ ा। तााँ वृािण िजते।।

 यिदो अनय.ितो- मही रपो वृष


 मः। त पूषाभव.चा।।
ु ितँ वय-ं वृ   वया.िमव। इ चारभामहे।।
 तां पू.म

 उूषणँ यवु ामहे-भीशूिरव सारिथः। मा इं ये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 445


ु  इित चतऋ
 6.58 श ्
ु च सू, बाहो भराजः- पूषा- िपु -ितीया जगती।।
ु .े अ.जत.े अ-िष
04.08.24 श ु पे अहनी ौिरवािस। िवा िह मायाˆ अविस


धावो -भा ते पूष.िह राित.र।।

 अजा पशपु ाˆ वाजपो- िधय.िो भवु न े िवे अिपतः। अां पूषा िशिथरा.मु रीवज
ृ -

. ाणो भवु ना देवˆ ईयते।।

 या.े पूष.ावो अ.मु े- िहरययी रिर  े चरि। तािभ यािस ां सूय- कामेन कृ त

वˆ इमानः।।

 पूषा सबु  ु िदवˆ आ पृिथाˆ-इळित मघवा दवचाः। येवासो अद.ूयाय ै -कामेन कृ त



.वसं म।।

 6.59  न ु वोचेित दशच सू, बाहो भराज- इाी- बृहती-

अातोनु भ
ु ः।।
04.08.25  न ु वोचा सतु षे  ु वाँ -वीया3(आ) यािन चथःु । हतासो वां िपतरो देवशवˆ-

इाी ~जीवथो यवु म।।

 बिळा मिहमा वा-िमाी~ पिनˆ आ। समानो वा.िनता ातरा यवु -ँ यमा.िवहहे मातरा।।

 ओिकवांसा सतु े सचा -अा सी~ इवादन।े इा 1(अ)ी~ अवसहे विणा- वय.ेवा

हवामहे।।

 यˆ इाी ~सतु षे  ु वां -व.ेत


ृ ावध
ृ ा। जोषव
 ाकँ वदत पहोिषणा- न देवा भसथ.न।।

 इाी~ को अ वा-ेवौ मत िके तित। िवषूचो अा.यु ज


ु ानˆ ईयत- एक.मान आ

रथे।।

04.08.26 इाी~ अपािदय-ं पूवागा.तीः। िही िशरो िजया वावद.र- िंश



दा मीत।।

 इाी~ आ िह तत-े नरो धािन बाोः। मा नो अि.हाधन-े परा व.िविष।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 446


 इाी~ तपि -माघाˆ अय अरातयः। अप ेषां.ाकृ त-ँ ययु तु ं सूया.दिध।।

 इाी~ यवु ो रिप- वस ु िदािन पािथवा। आ नˆ इह  यतं- रियँ िवायपु ोषसम।।

 इाी~ उवाहसा- ोमेिभ हवनतु ा। िवािभ गिभ रागत-म सोम पीतये।।

 6.60 थ
ृ िमित पदशच सू, बाहो भराज- इाी- गायी-आाि
योदशी च िभ ु
ु - तदशी ्
बृहानु ुप।।

ृ .मतु सनोित वाज-िमा यो अी~ सरी~ सपयात।् इरा वस


04.08.27 थ.

भूर-े हमा सहसा वाजया।।

 ता योिध.मिभ गाˆ इ नून-मप.षसो अ ऊ


 ाः। िदश.ष सˆ इ िचाˆ-अपो गाˆ

अ े यवु से िनय ्


ु ान।।

ु -ै िर यात.मोिभ रे अवाक।् यवु ं राधोिभ रकविे भ िर-ाे अ े
 आ वृहणा वृहिभ.श
ु मिे भः।।
भवत.म

 ता व े ययो िरद-ं प े िवं परु ा कृ तम।् इाी~ न मधतः।।

 उा िवघिनना मृधˆ- इाी~ हवामहे। ता नो मृळातˆ ईशे।।

04.08.27 हतो वृा.याया- हतो दासािन सती। हतो िवाˆ अप िषः।।

 इाी~ यवु ा.िमम3े (ए)-िभ ोमाˆ अनूषत। िपबत ं शंभवु ा सतु म।।

 या वां सि पु हृ ो- िनयतु ो दाशषु  े नरा। इाी~ तािभ रागतम।।

 तािभ रागत.-रोपेदं सवन ं सतु म।् इाी~ सोमपीतये।।

 तमीिळ यो अिचषा- वना िवा पिरजत।् कृ ा कृ ण


 ोित िजया।।
ु .िम मः। 
04.08.28 यˆ इ आि ववासित- स ु ाय सतु राˆ अपः।।

 ता नो वाजवती िरष- आश.ू िपतृ .मवतः। इ.मि. वोव।े ।

 उभा वा.िमाी~ आवा- उभा राधस.ह मादय।ै उभा दातारा.िवषां रयीणा-मभु ा



वाज सातये वे वाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता चतथु ाके अमाायः। वगाः(1-32) Page 447


 आ नो गेिभ र-ै वस3ै ( ऐ)प गतम।् सखायौ देवौ साय शंभ-ु वेाी~ ता

हवामहे।।
ु तः। वीत ं हाा गत-ं िपबत ं सो ं मध।ु ।
 इाी~ णतु ं हवँ -यजमान स

 6.61 इयमददािदित चतदु शच सू, बाहो भराज- रती गायी-



आाियोदशी च जगोा िुप।।

 तु -िवोदासँ वाय दाशषु ।े या श.माचखादावस ं


04.08.30 इय.मददा.भस.मृण

पिण -ा ते दाािण तिवषा सरित।।


ु िे भ िबसखाइवाज-ान ु िगरीणा.िवषिे भ िमिभः। पारावत
 इय ं श  ी.मवस े सृविृ िभ -

रती.मािववासेम धीितिभः।।

 सरित देविनदो िन बहय- जाँ िव बृसय माियनः। उत ि ितोवनी रिवो-

िवषमेो अवो वािजनीवित।।



  णो देवी सरती- वाजेिभ वािजनीवती। धीना.मिव.वत।।
ु त े धने िहत।े इ. वृतय
04.08.31 य.ा देिव सर-पू ू । ।

 ेिव सर-वा वाजेष ु वािजिन। रदा पूषवे  न.िनम।।

 ी वि सु ुि तम।।
 उत ा न.रती- घोरा िहरयवतिनः। वृ

 याˆ अनो अत-ेष.िर ु रणवः। अम.रित रोवत।।

 सा नो िवाˆअित िष-सॄ राˆ ऋतावरी। अतहेव सूयः।।

 उत न ियाˆ ियास-ु ससा सज ्


ु ु ा। सरती ोा भूत।।

ु पािथवा-ु रजो अिर म।् सरती िनद.ात।ु ।


04.08.32 आप षी

 ा सधातु - प जाता वधयी। वाजेवाजे हा भूत।।
 िषध

  या मिहा मिहनास ु चेिकत-े 


ु िे भ राˆ अपसा.मपमा। रथइव बृहत
 ी िवने कृ -
ु ा िचिकतषु ा सरती।।
तोप

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 448


 सर.िभ नो नेिष वो- माप री पयसा मा नˆ आ धक।् जषु  न.ा वेया च-

मा .ेा.यरणािन ग।। इित अमााय माः।।



।। इित चतथु ाकं समाम।।

पमाकम ्
पमाके थमाायः (वगाः 1-27)
 6.62 षु े नरेक ्
े ादशच सू, बाहो भराजो-िनौ-िपु ।।
05.01.01 षु े नरा िदवो अ सा-िना वे जरमाणो अकः। या सˆ उा िष
ु ो
अा-यूु षत पय
ु वरांिस।।
 ता य मा शिु चिभ माणा- रथ भान ं ु चू रजोिभः। प
ु  वरां.िमता िममाना-पो

धा.ित याथो अान।।
 ता ह .ित यदर म-ु ेा- िधयˆ ऊहथ ु श.द ैः। मनोजवेिभ, िरिषर ै शयै- पिर िथ
ु म।।
दाशषो
 ता नसो जरमाण मो-प भूषतो ययु जा
ु नसी~। शभु  ं पृ  िमष मूज वहा- होता
य .ो अ.ु यवु ाना।।
ू दा पु शाकतमा - ा नसा वचसािववासे। या शंसत े वु त े शिवा-
 ता व~
बभूवत ु गृणत े िचराती~।।
ु ँ ु िविभ र मु ा-ु  सून.मू
05.01.02 ता भ ु हथू रजोिभः। अरण
े िु भ यजनिे भ भज
ु ा-

पतििभ रणसो िन पात।।
 िव जयषु ा रा यात.मिं - तु ं हवँ वृषणा विमाः। दशा शयवे िपथ.ु गा- िमित
वाना समु ितं भरु यू~।।
ु े
 योदसी िदवो अि भूमा - हेळो देवाना.मतु मा। तदािदाˆ वसवो ियासो- र ोयज
तप ु रघ धात।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाकम ् Page 449


 यˆ  राजाना.वृतथु ा िवदध-जसो िमो वण.िके तत।् गीराय र स े हेित.म- ोघाय
िचचस आनवाय।।
ु ने  जसा म- वन
 अर.ै ै नयाय वित- मु तायात.ृवता रथेन। सन ु ता.मिप
शीषा वव ्
ृ म।।
 ािभ- िनयिु  यात.मवमािभ.रवाक।्  िच ोमतो िव ज- रो
 आ परमािभ त मम
वत.ृणत े िचराती~।।

 6.63  ेकादशच सू, बाहो भराजोिनौ- िुप-आा िवरा.ळ ैकपदा।।
ू .पु ता- तो न ोमो.िवद.मान।् आ यो अवाासा
05.01.03 1(अ)ा.व~

ववत ेा सथो अ म।।
 अरं मे गं हवनाया ै गृणाना यथा िपबाथो अः। पिर ह ित याथो िरषो न यरो नार

तु यु ात।।
 अकािर वा मसो वरीम. ािर बिह ु ायणतमम।् उानहो यवु य ु वव
 ा -वा ो

अयˆ आ।।
ु  यो
 ऊ वा मि ररेा-  राित रेित जूिणनी घृताची।  होता गूतमनाˆ उराणोय

नासा हवीम।।
ु ज
 अिध िय े िहता सूय -रथ ौ पभ ु ा शतोितम।्  मायािभ माियना भूत म नरा नृत~


जिनम ि यानाम।।
05.01.04 यवु ं ीिभ दशतािभ रािभ -शभु े पिु  मूहथ ु ूयायाः।  वाँ वयो वपषु े न ु प -
ु त
ाणी स¤ ्
ु ा िधा वाम।।
 आ वाँ वयोासो विहाˆ- अिभ यो नासा वह।ु  वां रथो मनोजवाˆ असज-ष पृ ˆ
इिषधो अन ु पूवः।।
 पु िह वां पभ
ु ज ु ˆ इषं िपत मसाम।् तु  वां माी~ स¤
ु ा दे- ेन ु िु त -रसा ये

वाम.न ु राित म म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 450


 उत म ऋ े परु य री~- समु ीे शत ं पेके च पा। शाडो दािरिणन ि- श
 ~

वशासो अिभ ¤षाच ऋान।।
 सँ वां शता नासा सहा-ानां पु पाˆ िगरे दात।् भराजाय वीर नू िगरे दा-त
 ा र ांिस
ु ससा ःु ~।।
पदं

ु े विरम ूिरिभ ाम।।
 आ वां स

 6.64 उ िय इित षडृच सू, बाहो भराज- उषा- िरकुप—
05.01.05 उ िय उषसो रोचमाना- अ ु रपा.ोमयो शः। कृ णोित िवा सपु था
सगु ा-भू वी दि णा मघोनी।।
 भा द  उिवया िव भा-ु े शोिच भानवो ामप।् आिव व  कृ णषु े श
ु मानो-षो देिव
रोचमाना महोिभः।।
ु गा मिु वया थानाम।् अपेजते शूरो अेव शू -ाधत े
 वहि सीम णासो शो- गाव भ
तमो अिजरो न वोा।।
 सगु ोत ते सपु था पवत-े वात े अप रिस भानो~। सा नˆ आ वह पृथयाम
ु ृ े -रिय िवो
िहत िरषय।ै ।
 सावह यो िभ रवातोषो- वरं वहिस जोष मन।ु िवो िहतया ह देवी- पूवतौ मंहना दशता
भूः।।
उे वयि सत े रप-र ये िपतभु ाजो ु ौ। अमा सत े वहिस भूिर वाम- मषु ो देिव दाशषेु 
माय।।

 6.65 एषा ेित षडृच सू, बाहो भराज- उषा-िुप।।
05.01.06 एषा ा नो िहता िदवोजाः  -ि ती ी मानषु ी रजीगः~। या भानना


शता राा - ािय ितर मसि दून।।
 िव तय ु रणयिु  र-ै ि ं भाषु स रथाः। अँ य  बृहतो नयी- िव ताˆ बाधे
तम ऊायाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके थमाायः (वगाः 1-27) Page 451


 वो वाज िमष मूज वही- िन दाशषु  उषसो माय। मघोनी वरव मानाˆ -अवो धात
िवधत े र म।।
 इदा िह वो िवधत े र मी-दा वीराय दाशषु उषासः। इदा िवाय जरत े या -िनः¤ मावत े

वहथा प रु ा िचत।।
 इदा िह त उषो अिसानो~- गोा गवा मिरसो गृणि। 1(अ)क ण िबिभ णा च- सा
नृणा .मभव ेवितः।।
 उा ि दवो िहत~ वो- भराजव िधत े मघोिन। सवु ीरं रिय ृणत ु य मिध
 े िररी -गा
धेिह वो नः।।
ु कादशच सू, बाहो भराजो- मत- िपु ्
 6.66 वपिे
05.01.07 वपनु ु तििकतषु  े िचद ु -समान ाम धेन ु पमानम।् मत ोहसे पीपाय-
सकृ  हे पृि धः।।
ु िधानाˆ- ि य ि मतो वावध
 ये अयो न शोशच े वो िहरययास एषां -साक ृै
ृ । अरण

पेिभ  भूव।।
  ये मीष ि पु ा –याँो~ न ु दाधृिव भर ै। िवद े िह माता महो मही- ¤षा सेिृ 

ु 3े (ए) गभ माधात।।


 न य ईष े जनषोया ु नाः। िन य ु े शच
1(अ)~ -ोवािन पना ु योन ु जोष- मन ु
िया त म ु माणाः।।
 म  ू न येष ु दोहसे िचदया- आ नाम धृ ु मात धानाः। न ये ौनाˆ अयासो मा- नू

िचदु ान ु रव यास ान।।
05.01.08 त इा शवसा धृषेु णाˆ - उभ~ ु  रोदसी समु क
े यज े े ~। अध  ैष ु रोदसी
शोिच रामव ु तौ न रोकः।
 अनने ो वो मतो यामो अ-न ि.मजरथीः।अनवसो अनभीशू रज-ू िव रोदसी पाˆ

याित साध।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 452


ना वता न तता ि- मतो यमवथ वाजसातौ। तोके वा गोष ु तनय े यम ु -स ज ता
पाय अध ोः।।
 े तरु ाय- माताय तवसे भरम।् ये सहांिस सहसा सह े -रेजत े अे पृिथवी
  िच मकृणत
े ः।।
मख
ु वसो जु ो3(ओ) नाेः। अचयो धनु यो न वीरा-
 िषी मो अरेव िद ु -ृष
ाजानो मतो अधृाः।।
 तँ वृधं मात ं ाजिं - सून ं ु हवसािववासे। िदव शधाय शच
ु यो मनीषाˆ- िगरयो
नापˆ उाˆ अ ्
ृ ।।

 6.67 िवेषािमेकादशच सू, बाहो भराजो- िमावणौ- िुप।।
ृ ।ै सँ या रमेव यमत ु
05.01.09 िवेषाँ व ता ेतमा- गीिभ िमावणा वावध
यिमा- ा जना असमा बािभ ैः।।
 इय ं मां  ृणीते मनीषो-प िया नमसा बिह र। यो िमावणा वधृ-िद याँ
ु ~।।
व ं सदानू
ु -ु प िया नमसा यमाना। सँ या व ो अपसेव जना-
 आ यात ं िमावणा सश
धीय
ु ति तथो मिहा।।
ू -ऋता यभ मिदित भर ै।  या मिह महाा जायमाना -घोरा
 अा न या वािजना पूतब~
मताय िरपवे िन दीधः।।
 िवे यां मंहना ममानाः -  ेवासो अदध ु जोषाः। पिर यूथो रोदसी िचव~ -
सि शो अदासो अमूराः।।
05.01.10 ता िह े अन ु ू- हेथ~
 ारयेथ~ े सान ु मपु मािदव ोः। ो न  उत
िवदेवो- भूिम माताा ािसनायोः।।
े जठर पृणा- आ य सभृतय पृणि। न मृे यवु तयोवाता- िव ययो
 ता िवथै ~
िविजा भर।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके थमाायः (वगाः 1-27) Page 453


े ा- आ यां सो अरितर ् ऋत े भूत।् तां मिह.ृताा व-ु यवु
े दं समु ध
 ता िजया सदम
ाशषु  े िवचिय मंहः।।
  यां िमावणा ूध -िया धाम यवु िधता िमनि। न ये देवास ओहसा न मताˆ-
अय साचो अो न पु ाः।।
ु ा -निक
 िव याच.ीासो भर-े शंसि के िचििवदो मनानाः। आां वाम सा
दविे भ यतथो मिहा।।
 अवो िरा वािदषो अिभौ -यवु ो िमावणा वृ धोय।ु अन ु याव ुरा नृिज -ृ ँ ु

यणे वृषण ँ यनु ज।।

 6.68 ु ी वािमेकादशच सू, बाहो भराज- इावणा- िुप-नवमी दशौ
जगौ।।
05.01.11 ु ी वाँ य उत जोषाˆ -मन
ु 
ृ बिहषो यज ै। आ यˆ इावणा िवष े
 -महे स
अ ्
ु ाय मह आववतत।।
ु ा- शूराणां शिवा ता िह भूतम।् मघोनां मंिहा तिु वश
 ता िह ेा देवताता तज ु - ऋतने  वृतरु ा
सवसने ा।।
ु िे भ िरावणा चकाना। वेणा शवसा हि वृ ं -िसष
 ता गृणीिह नमिे भ शूष ै -
¤ो वृजनेष ु िवः।।
 ा यर वावध
ृ - िवे देवासो नरां गूताः।  ैˆ इावणा मिहा- ौ  पृिथिव
भूतमवु ~।।
 स इदु ान ु वा ऋतावे-ा यो वाँ वण दाशित ।् इषा स िष रे ाा -ंसियं

रियवत जनान।।
 राय देवा -रिय ो वसमु ं पु मु ।् अ े स इावणा विप
05.01.12 यँ यवु ा
ु मशीः।।
ा- यो भनि वनषा
 उत न ु ाो देवगोपा -ूिर इावणा रिय ात।् येषां श
ु  पृतनास ु साा-  सो
ु ा ितरते ततिु रः।।


अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 454


 नू न इावणा गृणाना- पृं रियं सौवसाय देवा। इा गृणो मिहन शध-पो न नावा
िरता तरेम।।
 े म न ु िय -मच देवाय वणाय सथः। अय ँ यˆ उव~ मिहना मिहत- ा
  साजे बहृ त
िवभाजरो न शोिचषा।।
ु िवम ं सतु -ं सोमं िपबतं म ृतता। यवु ो रथो अर ेववीतये- ित सर
 इावणा सतपा
मपु  याित पीतये।।
 ा वृषथे ाम।् इद ँ वा म पिरिष म े -
ु म वृ- ोम वृषण
 इावणा मधम

आसाि िहिष मादयेथाम।।

 6.69 सं वािमच सू, बाहो भराज- इािव-ू िुप।।
ू अपस ारे अ। जषु थे ाँ य
05.01.13 सँवामणा सिमषा िहनोमी-ािव~ िवण
ध- मिर ैन पिथिभ पारया।।
ू कलशा सोमधाना।  वािर शमाना ˆ अव ु -
 या िवासािनतारा मतीना -िमािव~
ोमासो गीयमानासो अकः।।
ू मदपती~ मदाना –मा सोमँ यात िवणो~ दधाना। सँ वा मुिभ मतीनां- सं
 इािव~
ोमास शमानास उ ैः।।
ू सधमादो वह।ु जषु थे ाँ िवा हवना मतीना- मपु 
आ वा मासो अिभमाितषाह -इािव~
ािण णतु िरो मे।।
 ाँ वां- सोम मद उ चमाथे~। अकृ णतु मिर  ँ वरीयो-
ू  तनय
 इािव~
थतीवसे नो रजांिस।।
ू हिवषा वावध
 इािव~ ु ~ िवण. म े -समु
ृ ाना-ााना नमसा रातहा। घृतासती
 कलश ोमधानः।।
े ाम।् आ वा मांिस मिदराय म-
ू िपबत ं मो अ- सोम दा जठरं पृणथ
 इािव~
पु ािण णतु  ं हवं मे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके थमाायः (वगाः 1-27) Page 455


 उभा िज यथनु परा जयेथ~
े -न परा िज ये कतर न ैनोः। इ िवो~ यदपध े ा -ेधा
ृ थ

सहँ िव तदैरयेथाम।।
 6.70 घृतवती इित षडृच सू, बाहो भराजो- ावापृिथौ- जगती।।
05.01.14 घृतवती~ भवु नाना.मिभि-योव~ पृी~ मधु घे~ सपु श
े सा। ावापिृ थवी~
वण धमणा - िविभते~ अजरे ~भूिररेतसा।।
ु ृ ते~ शिच
 असी~ भूिरधारे~ पयती~ घृत हाते~ सक ु ते~। राजी~ अ भवु न

रोदसी- अ े रेत ितँ यनिु हतम।।
 यो वा मृजवे मणाय रोदसी- मत ददाश िधषणे~ स साधित।  जािभ जायते धमण.िर -
यवु ो िा िवष
ु पािण सता।।
 घृतने  ावापिृ थवी~ अभीवृत~
े -घृति या घृतपच
ृ ा घृतावध
ृ ा। उव~ पृी~ होतवृ य   परु ोिहत~
ू ~ े
ु िमये।।
– ते~ इिा ईळते स
 मध ु नो ावापिृ थवी~ िमिम तां- मध
ु ता
ु मधु घे~ मधु ते~। दधान~
े य िवण. देवता -

मिह वो वाज म े सवु ीयम।।
 ऊजो ौ  पृिथवी च िपतां - िपता माता िविवदा सदु स
ं सा। संरर ाण~ ु
े रोदसी िवशवा

- सिनँ वाजं रिय म े सिमताम।।
 6.71 उ इित षडृच सू, बाहो भराज-िवता जगती-अाििुभः।।
ु तःु । घृतने  पाणी~ अिभ
ं  सवनाय स
05.01.15 उ  देव िवता िहरयया - बा~ अय
ु तु े मखो- यवु ा सदु ो रजसो िवधमिण।।

 देव वय ं सिवत ु वीमिन - े े ाम वसनु  दावने। यो िव िपदो यˆ त
ु दो-
े न े सव े चािस भूमनः।।
िनवश
 अदिे भ िवत~ पायिु भ ं - िशविे भ र पिर पािह नो गयम।् िहरयिज िु वताय नस े
- र ा म
 ािकन अघशंस ईशत।।
उ  देव िवता दमूनाˆ- िहरयपािण ितदोष मात।् अयोहन ु यजतो मिजˆ- आ
दाशषेु  सवित ्
ु भूिर वामम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 456


 उअया उपवेव बा~- िहरयया सिवता सु तीका। िदवो रोहांह ृिथाˆ- अरीरम

तय.ि दम।।
 वाम म सिवत वामम ु ो- िदविे दव े वाम मं सावीः। वाम िह य देव भूरे- रया िधया
वामभ
 ाज ाम।।

 6.72 इासोमेित पच सू, बाहो भराज- इासोमौ- िुप।।
05.01.16 इासोमा मिह तां मिह ँ -यवु ं महािन थमािन चथःु । यवु ं सूय िविवदथ ु यवु ं
1(अ)-िवा तमांहत िद।।
ु य
 इासोमा वासयथˆ उषास -म ू यथो ोितषा सह। उप ां थ ु नन
 ा-थतं
पृिथवी मातरँ िव।।
 इासोमा विह मप पिरां- हथो वृ मन ु वा ौरमत। ाणारै यतदीना -मा समु ािण
ु िण।।
पथु प
 इासोमा प मामा - िन गवा िमधथ ु व णास।ु जगभ
ृ थ ु रनिपन मास-ु श िास ु
जगतीः~।।
 इासोमा यवु म त -मपसाचं 
ु  ं रराथे~। यवु ं श
ु यषिण ँ िवथु
पृतनाषा¤ह मु ा।।

 6.73 यो अििभिदित तृच सू, बाहो भराजो- बृहित- िुप।।
 ित रािरसो हिवान।् िबहा ाघमस
05.01.17 यो अििभ थमजाˆ ऋतावा- बृह
िता नˆ- आ रोदसी वृषभ
 ो रोरवीित।।
 जनाय िचˆ ईवत उ लोकं -बृह ु ददरीित -जयू ँ
 ित दवतौ चकार। ृािण िव परो

रिमा ृ ु साह।।
 बृहित मजय सूिन- महो जा ोमतो देवˆ एषः। अप ि¤षास 1(अ)रतीतो
बृहित हिम मकः।।

 6.74 सोमाेित चतऋच ्
सू, बाहो भराज- ोमाौ- िुप।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके थमाायः (वगाः 1-27) Page 457


05.01.13 सोमाा धारयेथा मसयु 1(अ)-  वा िमयोर मव
ु ।ु दमेदमे स रा दधाना
ु दे।।
-शो भूत िपदे शत
े । आरे बाधथ
 सोमाा िव वृहतँ िवषूची -ममीवा या नो गय मािववश े ा िऋितं पराच ै- र े भा
सौवसािन स।ु ।
 सोमाा यवु मेता -े िवा तनषू  ु भेषजािन धम।् अव तं म
ु तँ यो अि -तनषू  ु

बत मेनो अत।।
 ित मायधु ौ ित महेती~ सश
ु वे ौ सोमाा िवह स ु मृळतः।  नो म
ु तँ वण पाशा
ु नमाना।।
ोपायत म
े ोनिवंशृच सू, भाराजः- पायःु - आानां नवानां मेण वम
े क
 6.75 जीमूतेव
ु धनोटीष
धना ु ु
िधारथी रमयोारथो रथगोपाः- दशा ाण िपतृ सोम पृिथवी पूषाणः-

एकादयािद योिरषव-योदयाः तोद-तदया हाणं- पदशी षोडयो िरषव-दया
ु भूिम कवच णिदः- अादया वम सोमवणाः- अाया देवािण- िुप-् षी
य
दशौ जगौ- ादशी योदशी पदशी षोळ या अनु भ
ु -दशी पिः- (योदयाः
तोद इाो देवतेित के िचत-् चतदु या हिम हाणं चतदु यािमित
शौनकोे हाणमेव ु -्
यम पराः पादयो िलोदेवता ु
इेवमनमयां
साम तयोयोिवेदवे ा इित के िचे बदैवतात-् पदयािद योिवषा मख
ु बाण इित

शौनकः)- वािसे समे मडले षडनवाकाः।।

ू वे भवित तीकँ -यम~ याित समदा मपु े। अनािवया ता जय ं
05.01.19 जीमत

-स ा वमणो मिहमा िपपत।।
े - धना तीा मदो जयेम। धन ु शो रपकामणोित धना
 धना गाˆ धनािजयम
सवा िदशो जयेम।।
 वीवदे ा गनीगि कण- िय ं सखाय ं पिरषजाना। योषेव िशे  िवततािध ध-ा इय
 ं
समन े पारयी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 458


 ते~ आचरी ~ समनवे  योषा -मातवे  पु ं िबभत
ृ ा मपु े। अप शू ितां सँिवदान~
े -

े िवुरी~ अिमान।।
आ~ इम~
 बीनां िपता ब र पु - िा कृ णोित समनावग। इषिु ध ा पृतना सवा- पृ े
िननो जयित सूतः।।
05.01.20 रथे ित यित वािजन परु ो -यय कामयत े सषार
ु िथः। अभीशूनां मिहमानं
पनायत -मन पा दन ु यि रमयः।।
 तीाोषा ृ वते वृषपाणयो-ा रथेिभ ह वाजयः। अवाम पद ै रिमा-
िणि शू रनपयः।।
 रथवाहन ं हिवर नाम -यायधु  ििहत म वम। ता रथ मपु  श मं सदम
े -िवाहा वय ं
समु नमानाः।।
ं द िपतरो वयोधा -कृ ेित शीवो गभीराः। िचसेनाˆ इषबु लाˆ अमृा -
 ाषस
तोवीराˆ उरवो ातसाहाः।।
े नो ावापिृ थवी~ अनहे सा। पूषा न पात ु िरता तावध
 ाणास िपतर ोास- िशव~ ृ ो-
र ा म
 ािकन अघशंस ईशत।।
05.01.21 सपु ण
  व े मृगो अाˆ दो -गोिभ ा पतित सूता। या न
 र  िव च

वि –ता  िमषव शम यंस।।
 ऋजीत े पिर वृि नो-मा भवत ु ननःू । सोमो अिध वीत ु नो-िदित शम यत।ु ।
 ो-ा म ु चोदय।।
 आ जि साेषा-घना उप िजते। अाजिन चेतस
 अिहिरव भोग ै पयित बा-ायाˆ हेितं पिरबाधमानः। हो िवा वयनु ािन िवा -
मु ामु ांस ं पिर पात ु िवतः।।
ु म।् इदं पजरेतस -इै दे ै बृहमः।।
 आलाा या शी-थो~ याˆ अयो मख
05.01.22 अवसृ ा परा पत- शर े सिं शते। गािमा प-
मामीषा.नोिषः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके थमाायः (वगाः 1-27) Page 459


 य बाणा ंपति -कुमाराˆ िविशखाइव। ता नो ण
 ित- रिदित शम यत ु -िवाहा
शम यत।ु ।
 ममािण ते वमणा छादयािम- सोमा राजा मृतने ान ु वाम।् उरोवरीयो वणे कृ णोत-ु
जयान ु देवाˆ मद।ु ।
् इित षं
 यो न ो अरणो- य िनो िजघांसित। देवां सव धूव ु - वम ममारम।।

मडलं समाम।।

 समं मडलम ्
 7.01 अिं नर इित पिवंशृच सू, मै ाविण- विसोि-िवराट ्- अा
िुभः।।
ु जनय शम।् रे श.ृहपित
05.01.23 अिरो दीिधितिभ ररयो- हती

मथयमु ।।
 तमि मे वसवो ृव -ु ितच  मवस े कुतित।् द ाो यो दम आस िनः।।
 ेो अे दीिदिह परु ो नो-जया सूा यिव। ां शˆ उप यि वाजाः।।
  ते अयोिो वरि- वु ीरास शोशच
ु  मु ः। या  नर मासत े सजा
ु ताः।।
 दाˆ नो अे िधया रियं सवु ीरं- प ं सह शम।् न यँ यावा तरित यातम ्
ु ावान।।
05.01.24 उप यमेित यवु ित दु  -ोषा वो हिवती घृताची। उप ैन मरमित
वसूयःु ।।
 िवाˆ अे प दहाराती -यिभ पोिभ रदहो जथम।्  िनर.ातयामीवाम।।

ु दीिदव पावक। उतो~ नˆ एिभ वथ ै िरह ाः।।
 आ ये अ इधत े अनीकँ- विस श
 िव ये ते अे भेिजरे अनीकं -मता नर िपास पु ा। उतो न एिभ म
ु नाˆ इह ाः।।

 ेष ु शूरा-ˆ िवाˆ अदेवी रिभ स ु मायाः। ये मे िधयं पनय शाम।।
 इम े नरो वृह
05.01.25मा शून े अे िन षदाम नृणां -माशेषसोवीरता पिर ा। जावतीष ु यास ु य।।

 यमी िन मपु याित य ं -जाव ं पयः। जना शेषसा वावृधानम।।
ु ा पृतनाय
 पािह नो अे र सो अजु ा -ािह धूत  ररषो अघायोः। ा यज ्
ू रिभ ाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 460


 ा-  वाजी तनयो वीळुपािणः। सहपाथाˆ अ रा समिे त।।
 से दि री र
ु तो िनपाित- समेार मंहस उात।् सज
 से दि य वन ु ातास पिर चरि वीराः।।
05.01.26 अय ं सो अि रात पु ा -यमीशान िमिद े हिवान।् पिर यमेरेष ु
होता।।
 वनािन भूरी-शानासˆ आ जु याम िना। उभा कृ वो वहत~
 े अ आह ू िमयध
े ।े ।
 इमो~ अ े वीततमािन हा-जो वि देवताित म। ित नˆ सरु भीिण ।ु ।
 मा नो अेवीरत े परा दाˆ- वाससे मतये मा नो अ।ै मा नः धु े मा र स ऋतावो- मा नो
दमे मा वन आ जु थाः।।
 नू म े ाय उशािध- ेव मघव षु दू ः। रातौ ामोभयासˆ आ ते- यूय ं पात
ििभ दा नः।।
05.01.27 म े सहु वो रवस- दु ीती सूनो~ सहसो िददीिह। मा े सचा तनय े िन

आध-ा वीरो अय िव दासीत।।
 मा नो अे भृतये सचषै ु -देव े ि ष ु  वोचः। मा ते अा मतयो भृमाि- ेव सूनो~
े 
सहसो नश।।
 स मत अे नीक रेवा न-म  यˆ आजहु ोित हम।् स देवता वसवु िन धाित- यं सूिर रथ
पृमान एित।।
ु त िवा -ियं सूिरˆ आ वहा बहृ म।् येन वय ं सहसाव देमा-
 महो नो अे सिव
िवि तासˆ आयषु ा सवु ीराः।।
 नू म े ाय उशािध- ेव मघव षु दू ः। रातौ ामोभयासˆ आ ते- यूय ं पात
ििभ दा नः।।।। इित थमााय माः।।

 पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30)


ु क
 7.02 जषे े ादशच सू, मैाविण- विस- इो- नराशंस- इळो- बिह- दवीार-

उषासाना- दैौ होतारौ- सरतीळाभार- ा वनित-ाहाकृ तय-िुप।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 461


05.02.01 जषु  न िमध मे अ ू मृव।् उप ृश िद ं सान ु
 –शोचा  बृह जत म
ूप-ै ं रिमिभ तन ूय।।
ं  मिहमान मेषा -मपु  ोषाम यजत य ैः। ये स
 नराशस ु तव शच
ु यो िधया -दि
देवाˆ उभयािन हा।।
 ईळे ँ वो असरु ं सदु  -म त ं रोदसी सवाचम।् मन
ु दिं मननु ा सिम-ं समराय
े ।।
सदिम हम
 वो भरमाणाˆ अिभ -ु  वृते नमसा बिह रौ। आजा
 सपय ु नाˆ घृतपृं पृष –दयवो

हिवषा मजयम।।
 ाो3( ओ) िव रो देवयो-िशयू रथय ु दवताता। पूव~ िशश
ु मातरा िरहाण~ ु
े समवो

े ।।
न समन
े मही~ नˆ- उषासाना सु घेव धेनः।
े िद~
05.02.02 उत योषण~ ु बिहषदा प
ु त~े

ु ताय येताम।।
मघोनी~- आ यि ये~ सिव
 िवा य षे  ु मानषु षे ु का~ -मे वाातवेदसा यज।ै ऊो अरत ं हवेष ु -ता देवषे  ु वनथो
वायािण।।
ु िे भ रिः। सरती सारतिे भ रवा-िो देवी
आ भारती भारतीिभ जोषा-ˆ इळा देव ै मन
बिह रेदं सद।ु ।
 त रु ीप मध पोषिय-ु देव  िव रराण ~। यतो वीर कमय दु ो- य
ु ावा
जायत े देवकामः।।
 वे  सृजोप देवा.-नि हिव शिमता सूदयाित। से होता सतरो यजाित -यथा
 वनत
देवानािनमािन वेद।।
 आ याे सिमधानो अवािङ-ेण देव ै रथ रु ेिभः। बिहनˆ आा मिदित पु ु ा- ाहा
देवाˆ अमत ्
ृ ाˆ मादयाम।।

 7.03 अिं व इित दशच सू, मैाविण विसोि- िुप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 462


ु म।् यो मष ु िनिु वर ्
05.02.03 अिँ वो देव मििभ जोषाˆ -यिज त मरे कृ ण
ऋतावा -तपमु धा
ू घृता पावकः।।
 ोथ दो न यवसे िव- दा मह ँवरणा ात।् आद वातो अन ु वाित शोिच- रध
 ते जन मि।।
 उ ते नवजात वृो-े चरजरा इधानाः। अा  ामषो धूम एित- सतो अ

ईयस े िह देवान।।
 िव य ते पृिथां पाजो अे- ृष ु यदा समवृ जःै । सेनवे सृा िसित एित- यव द
जु ा िववेि ।।
 तिम ोषा तमषु िस यिव- मि म मजय नरः। िनिशशानाˆ अितिथ म योनौ- दीदाय
शोिच रात वृः।।
ु  े  नीक तीकँ -िव युो न रोचसˆ उपाके। िदवो न ते तत ु रेित
05.02.04 सस

ु - िो न सूर ित चि भानमु ।।
श
 यथा व ाहाये दाशेम- परीळािभ घृतवि ह ैः। तेिभन अे अिमत ै महोिभ -शत ं पूिभ
रायसीिभ िन पािह।।
 याˆ वा ते सि दाशषेु  अधृाˆ िगरो वा यािभ नृवती ाः। तािभन ूनो~ सहसो िन पािह-
ूरी जिरतॄ जातवेदः।।
 िनय ूतवे  िधित शिु चगा- या कृ पा ता3( आ) रोचमानः। आ यो माो श
े ो जिन -
ु तु पावकः।।
देवयाय स
 एता नो अे सौभगा िददी-िप त ं ु सच
ु ते स ँ वतेम। िवा ोत
ृ ो गृणत े च स ु यूय ं पात
ििभ दा नः।।

ु ायेित दशच सू, मैाविणविसोि- िुप।।
 7.04  वः श
ु ाय भानवे भरं -ह ं मिताये सपूु तम।् यो दैािन मानषु ा जन
05.02.40  व श ूं  -
 िवािन िवना िजगाित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 463


 स गृो अि ण िद ु -यतो यिवो अजिन मातःु । सँ.यो वना यवु ते शिच
ु द -ूिर
िचदा सिमदि सः।।
ृ ।े िन यो गृभ ं पौषये ी मवु ोच- रोक मि रायवे
 अ देव संसनीके- यं मतास येतग

शशोच।।
 अयिव रकिवष ु चेताˆ- मति रमत ु ह- दा े
ृ ो िन धािय। स मा नो अ जर
समु नस ाम।।
ृ ा अतारीत।् तमोषधी विनन गभ -
 आ यो योिन ेवकृ त ं ससाद -ा 1(अ)ि रमत
भूिम िवधायसं िबभित।।
ृ  भूर-े रीशे राय वु ीय दातोः। मा ा वय ं
05.02.06 ईशे 1(अ)ि रमत
सहसाववीराˆ- माव पिर षदाम मावः।।
 पिरषं रण रेो -िन राय पतय ाम। न शेषो अे अजात म-
चेतान मा पथो िव  ः।।
ु वे ो-ोदय मनसा मवा उ। अधा िचदोक पनु िर  एा-नो
 निह भायारण श
वाभीषाळे त ु नः।।
ु तो िन पािह- म ु न हसाववात।् सा  दते  ु पाथ -ं रिय
 म े वन
ृहया ही।।
 एता नो अे सौभगा िददी- िप त ं ु सच
ु ते स ँ वतेम। िवा ोत
ृ ो गृणत े च स ु -यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.05 ाय इित नवच सू, मैाविण विसो वैानरोि-िुप।।
ृ ाना मपु े-
05.02.07 ाये तवसे भर-िर िवो अरतये पृिथाः। यो िवेषा ममत
ृ े जागवृ िः।।
वैानरो वावध
ू ां वृषभ ि यानाम।् स मानषु ी रिभ िवशो िव भाित -
 पृो िदिव धाि पृिथा-ेता िसन
वैानरो वा व
 ध
ृ ानो वरेण।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 464


ु ान- परो
 िया िवश आयिसी –रसमनाˆ जहती भजनािन। वैानर पूरवे शोशच ु यद े
दरयदीदःे ।।
 तव िधात ु पृिथवी उत ौ- वानर त म े सच। ं भासा रोदसी आ तता-जण

ु ानः।।
शोिचषा शोशच
 ाम े हिरतो वावशानाˆ -िगर चे धनु यो घृताचीः। पितीनां र ं रयीणाँ -वैानर

मषु साेत ु माम।।
05.02.08 े असयु 1(अँ)वसवो ृव -त ं ु िह ते िममहो जषु । ू रोकसो अ
आजˆ -उ ोितजनय ायाय।।
 स जायमान परम े ोम- ायनु पाथ पिर पािस सः। ं भवु ना जनयि भ -पाय

जातवेदो दश।।
 ता.म े अ े इष मेरय- वैानर मु तीातवेदः। यया राध िपिस िववार- पृथ ु वो
दाशषेु  माय।।
ु  ँ यवु । वैानर मिह न शम य- ेिभ रे
 त.ो अे मघव पु ं ु -रियि वाजं 
वसिु भ जोषाः।।

 7.06  साज इित सच सू, मैाविण विसो- वैानरोि-िपु ।।
05.02.09  साजो असरु  शिं -पस
ं ु  कृ ीना मनमु ा। इवे   तवस ृ तािन-
वे दाँ वमानो िववि।।
 किवे त ु ािसं भान ु मे -िहि शं रा ं रोदोः। परु र  गीिभ रािववासे-े तािन
पूा महािन।।
ृ ा अय ान।्  ता ू रि िववाय- पूव
 तू िथनो मृवाच -पणी रा अवध

कारापरा अयनू ।।
 यो अपाचीने तमिस मदी- ाची कार नृतम शचीिभः। तमीशान ँ वो अिृणीषे -नानत

मय ं पृतनू ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 465


 यो देो3(ओ) अनमय ध ै -य अयपी षस कार। स िना नषो यो अि- िवशे
बिलत होिभः।।
 य शम पु िवे जनास -एवै  ु म
ु ितं िभ माणाः। व
ै ानर ो वरमा रोदो –राि

साद िपो पम।।
ु ा3(आ) वसूिन -वैानरˆ उिदता सूय। आ समु ा दवरा दापरा दा-ि
 आ देवो दद े ब
दद े िदव आ पृिथाः।।

 7.07  वो देविमित सच सू, मैाविण विसोि- िपु ।।
05.02.10  वो देविहसान मि- म वािजनं िहषे नमोिभः। भवा नो तो अर
िवा -ना देवषे  ु िविवदे िमतुः।।
 आ याे पा3(आ)ˆ अन ु ा -मो देवानां सषु ाणः। आ सान ु शै
ु  नदय ृिथाˆ -
ु ध वनािन।।
जेिभ िव मश
 ाचीनो य िु धत ं िह बिह- ीणीत े अि रीिळतो न होता। आ मातरा िववारे~ वानो -यतो
ु वे ः।।
यिव जि ष े सश
 सो अरे रिथरन -मानषु ासो िवचेतसो यˆ एषाम।् िवशा मधािय िवपित रोण3े (ए)-ि
मो मधवु चाˆ ऋतावा।।
 असािद वृतो वि राजगा नि ा नृषदन े िवधता। ौ यं पृिथवी वा वध
ृ ाते- आ यं होता

यजित िववारम।।
ु िे भ िव माितर- मँ ये वारया अत ।्  ये िवश िर ोषमाणाˆ -आ ये मे
 एत े 
अ दीधयृत।।
 नू ाम ईमहे विसाˆ- ईशान ं सूनो~ सहसो वसूनाम।् इषं ोत
ृ ो मघवˆ आन-ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.08 इे राजेित सच सू, मै ाविणविसोि- िपु ।।
05.02.11 इ े राजा समय नमोिभ- य तीक मातृतने । नरो हिे भ रीळते सबाध -
आि र उषसा मशोिच।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 466


 अयम ु  समु हा अवेिद होता -मो मनषु ो यो अिः। िव भाˆ अक~ सृजान पृिथा.-
पिव रोषधीिभ वव ।े ।
 कया नो अे िव वस वु िृ -ाम ु धा मृणव शमानः। कदा भवम
े  पतय दु  -रायो
वारो ¤र साधोः।।
 ा य मि भरत वे- िव यूय न रोचत े बृहाः। अिभ य पूं पृतनास ु तौ -तु ानो
ु ोच।।
दैो अितिथ शश
 असिे आहवनािन भूिर -भवु ो िवेिभ मु ना अनीकैः। तु ि दे िवषे गृणान- य ँ

वध तं सजात।।
 इद ँ वच शतसा ंसह -मदु ये जिनषी िबहाः। शँ योत
ृ ˆ आपये भवाित -मु
दमीवचातन ं र ोहा।।
नू ाम ईमहे विसाˆ- ईशान ं सूनो~ सहसो वसूनाम।् इषं ोत
ृ ो मघवˆ आन-ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.09अबोिध जार इित षडृच सू, मैाविण विसोि-िपु ।।
05.02.12 अबोिध जार उषसा मपु ा- ोता म किवतम पावकः। दधाित के त ु मभु य
ु ृ ।ु ।
जो -हा देवषे  ु िवण ं सक
ु तयु  िव र पणीनां -पनु ानो अक पु भोजसः। होता मो िवशा मूनाˆ- िर मो
 स स

दशे रााणाम।।
ु स
 अमूर किव रिदित िववा -स ं िो अितिथ िशवो नः। िचभान ु षसां भाे-
े ।।
पाभ 1(अ)आ िववश
ु षे  ु -समनगाˆ अशच
 ईळेो वो मनषु ो यग ु ातवेदाः। सस
ु शा भानना
ु यो िवभाित -ित गाव
िमधान ं बधु ।।
 अे यािह 1(अं)मा िरषयो -देवा अा कृता गणने । सरत मतो अिनापो -यि 

 ये ाय िवान।।
देवा ध

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 467


 ाम े सिमधानो विसो -जथ ं हि  राय े परु िम।् पु ण
 ीथा जातवेदो जर -यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.10 उषो न जार इित पच सू, मैाविण विसोि-िपु ।।
ु ानः। वृषा हिर शिु च राभाित
05.02.13 उषो न जार पृथ ु पाजो अे- िवतु ी ोशच
भासा- िधयो िहान उशत
 ी रजीगः~।।
 1(अ)ण वो षसा मरोिच -य ानाˆ उिशजो न म। अि जािन देवˆ आ िव
िवा- व तू ो देवयावा विनः।।
ु शं सु तीकं  -हवाह
 अा िगरो मतयो देवयी -रिँ यि िवण ं िभ माणाः। सस

मरितं मानषु ाणाम।।
 इो अे वसिु भ जोषाˆ -ं ेिभ रावहा बृहम।् आिदिे भ रिदितँ िवजां -

बृहित मृिभ िववारम।।
 मं होतार मिु शजो यिव –मिँ िवशˆ ईळते अरेष।ु स िह पावा अभव यीणा- मतो

तो यजथाय देवान।।

 7.11 महाँ असीित पच सू, मैाविण विसोि-िुप।।
05.02.14 महा अर के तो -न ऋत े दमत
ृ ाˆ मादये। आ िवेिभ रथँ यािह
देव ै - े होता थम दहे ।।
 ामीळते अिजर ाय -हिव दिम ानषु ासः। य देव ै रासदो बिह रे -हा ै
सिु दना भवि।।
 ििदो  िचिकत ु वसूिन- े अ दाशषेु  माय। मन
ु द इह यि देवा- वा नो तो
अिभशिपावा।।
 । त ं ु  वसवो जषु ाथा दवे ाˆ दिधरे
अि रीश े बृहतो अराि िव हिवष कृ त

हवाहम।।
 आे वह हिवराय देवा िन-े ास इह मादयाम।् इम ँ य ििव देवषे  ु धेिह- यूय ं पात
ििभ दा नः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 468



 7.12 अगेित तृच सू, मैाविणविसोि-िपु ।।
05.02.15 अग महा नमसा यिव-ँ  यो दीदाय सिम े रोण।े िचाभान ं ु रोदसी अ

व~- ातँ िवत म।।
 स मा िवा िरतािन साा -नि ¤ व े दम आ जातवेदाः। स नो रि ष िरु ता दवा -दा
ृणत
 ˆ उत नो मघोनः।।
 ँ वणˆ उत िमो अ े -ाँ वधि मितिभ विसाः। े वस ु सषण
ु नािन स ु यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.13 ाय इित तृच सू, मैाविणविसो वैानरोि-िपु ।।
ु  िधये -सरु  े म धीितं भरम।् भरे हिवन बिहिष ीणानो -
05.02.16 ाये िवशचे

वैानराय यतय े मतीनाम।।
ु ान -आ रोदसी अपृणाˆ जायमानः। ेवा अिभश े रम
 म े शोिचषा शोशच ु ो –वैानर
जातवेदो मिहा।।
 जातो यद े भवु ना - पश ै ानर ण े िव गात ँ ु -यूय ं पात
ू गोपाˆ इय पिरा। व
ििभ दा नः।।
 7.14 सिमधेित तृच सू, मैाविण विसोि-िब
ु ाा बृहती।।
ु शोिचषे -नमिनो वय
05.02.17 सिमधा जातवेदसे- देवाय देवितिभः। हिविभ श
े ाये।।
ाशम
 वये अे सिमधा िवधेम -वय ाशम ु त
े स¤ ु ी यज। वयृतने ार होत- वय ेव हिवषा
भशोचे।।
ु  ेवाय दाशत ाम -यूय ं पात
ु णः। त
 आ नो देविे भ प देवित- मे यािह वषित.षा
ििभ दा नः।।
 7.15 उपसायेित पदशच सू, मैाविणविसोि-गायी।।
 ाय मीषे -आ े जता
05.02.18 उपस ्
ु हिवः। यो नो नेिद माम।।
ु ।।
 य प चषणी रिभ -िनषसाद दमेदमे। किव गृहपित यवा

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 469


 स नो वेदो अमा- मी र त ु िवतः। उताा ाहं सः।।
 नव ु ोम मये -िदवयेनाय जीजनम।् व कुिव नाित नः।।
 ाहाˆ य ियो श े -रिय वरवतो यथा। अे य  शोचतः।।
05.02.19 सेमाँ वेत ु वषित -मि जषु त नो िगरः। यिजो हवाहनः।।
 िन ा न िवपते -मु  ेव धीमिह। सवु ीर म आत।।
 पˆ उ दीिदिह -य या वयम।् सवु ीर मयःु ।।
 उप ा सातये नरो- िवासो यि धीितिभः। उपा रा सहिणी।।
ु शोिच रमः। शिु च पावक ईः।।
 अी र ांिस सेधित -श

05.02.20 स नो राधांा भरे-शान हसो यहो~। भग दात ु वायम।।

 म े वीरव शो- देव सिवता भगः। िदित दाित वायम।।
 अे र ा ण
 ो अंहस- ित ¤ देव रीषतः। तिप ै रजरो दह।।
 अधा मही नˆ आय-नाधृ ो नृपीतये। पूभवा शतभिु जः।।
 पाहं सो -दोषाव रघायतः। िदवा न मदा।।
ु बृहो-
 7.16 एना वो अििमित ादशच सू, मैाविण विसोिः- थमायजो
ु तोबृहः।।
ितीयािद यज
05.02.21 एना वो अिमसो-ज नपात माव।े ियेित मरितं रँ- िव त
ममत ्
ृ म।।
 स योजते अषा िवभोजसा- स व ातः। सु ा य ु मी वसूना- ेव ं राधो
श

जनानाम।।
ु न मीषः। उूमासो अषासो िदिवश
 उद शोिच रा -दाजा ृ - मि िमते
नरः।।
 ता त.महे यशम-ेवा आ वीतये वह। िवा सूनो~ सहसो मतभोजना- रा
तेमह।े ।

 म े गृहपित-ं होता नो अरे। ं पोता िववार चेता-ˆ यि  वेिष च वायम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 470


ु -~ ं िह रध
 कृ ि ध रँ यजमानाय सतो ु स
 ाˆ अिस। आ नˆ ऋत े िशशीिह िव.मृिजं -सश ं ो
य द त।े ।
05.02.22 े अ े ात- ियास  ु सूरयः। यारो ये मघवानो जनाना-मूवा.य

गोनाम।।
 येषा.िमळा घृतहा रोण आ- अिप ाता ¤िनषीदित। ताँाय सह ुहो िनदो- या न
 

शम दीघतु ।।
 स मया च िजया- वि रासा ¤िवरः। अे रियं मघवो नˆ आ वह- हदाित. सूदय।।
ृ -ं शत ं पूिभ
 ये राधांिस दद.ा मघा- कामेन वसो महः। ता अंहस िपपृिह पतिभ
यिव।।
 देवो वो िवणोदा- पूणा िविव.ािसचम।् उा िस.मपु  वा पृण- मािदो देवˆ ओहते।।
 तं होतार.मर चेतसँ- वि.ेवाˆ अकृवत। दधाित रँ िवधत े सवु ीय-मि जनाय
दाशषेु ।।

 7.17 अे भवेित सच सू, मैाविण विसोि-िपदािुप।।

05.02.23 अे भव ¤सषु िमधा सिम-ˆ उत बिह िवया िव ृणीताम।।
 उत ारˆ उशतीिव या-मतु देवा उशतˆ आ वहहे ।।
 अे वीिह हिवषा यि  देवा-रा कृ णिु ह जातवेदः।।
 रा करित जातवेदाˆ- य  ेवाअमत
ृ ा.िय।।
 वं िवा वायािण चेत~- ाˆ भव.ािशषो नो अ।।

 ाम ु ते दिधरे हवाह .-ेवासो अ ऊज आ नपातम।।
 ते ते देवाय दाशत ाम- महो नो रा िव दधˆ इयानः।।
 7.18 े ह यिदित पिवंशृच सू, मैाविण विस- इः।।

 अानां चतसृणां सदास-ि ्
पु ।।
05.02.24 े ह यितर िˆ इ- िवा वामा जिरतारो अस।् े गाव ु घाˆ े
ा- ँ वस ु देवयत े विनः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 471


 राजेव िह जिनिभः   ु रिभ ¤िविव स।् िपशा िगरो मघव ोिभ र-ै
े वे ा-व िभ

ायत िशशीिह राय े अान।।
ु अवाची ते पा राय एत
 इमाˆ उ ा पृधानासो अ- माˆ िगरो देवयी पः।   ु -ाम

ते समु ता िव शम।।
 धेनु ा सूयवस े ¤  -पु ािण ससृज े विसः। ािमे गोपितँ िव आहा-न इ
ु ित .।।
म
 अणािस िचथाना सदु ास -इो गाधा कृणो पु ारा। शध ं िश ु मच
ु थ न- शापं
ू ा मकृ णो दशीः।।
िसन
05.02.25 परु ोळाˆ इवु शो य रु ासी -ाय े मासो िनिशताˆ अपीव। िु ु भृगवो
ुव- सखा सखाय मतर िषूचोः।।
 आ पासो भलानसो भना- िलनासो िवषािणन िशवासः। आ योनय धमाˆ आय -गा

ु ो अजग .धु ा नॄन।।
तृ
ृ  े पीम।् मािव ृिथव पमान-
 राो3(ओ) अिदितं ेवयो -चेतसो िव जग
पश ु ¤िव रशय ायमानः।।
 ईय ु रथ थ पी .-माश
ु न े दिभिप.गाम। सदु ास इ तु क
ु ा अिमा –नरय
ानषु  े विवाचः।।
 ईय ु गावो न यवसा दगोपाˆ- यथाकृ त
 मिभ िमितासः। पृिगाव पृििनेिषतास -िु  ु
िनयतु ो रय।।
05.02.26 एक यो िवंशित वा -वैकण
 यो जना ाजा ः~। दो न सि

िशशाित बिह- शू.र ग मकृ णो िद एषाम।।
 अध तु वषँ वृ म-न ु ुि
ु वृण वबाः। वृणानाˆ अ साय स -ायो ये
अमदन ु ा।।
 िव सो िवा ं िहताेषा- िम परु हसा स ददः~। ानव तृव े गयं भा- जे पूँ

िवदथे मृवाचम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 472


 िन गवोनवो ुव -षि शता ¤सषु पु  ु हा। षि वरासो अिध षव ोय ु -िवे िद
वीया कृ तािन।।
 इेणतै े तृवो वेिवषाणाˆ -आपो न सृाˆ अधव नीचीः। िमास कलिव िमाना- ज
िवािन भोजना सदु ासे।।
05.02.27 अध वीर तपा. मिनं -परा शध नु देु अिभ ाम।् इो म ं ु म
ु ो
िममाय -भेज े पथो वतिनं पमानः।।
े  िचे ककार -िसं ं िच
 आण े ने ा जघान। अव ी वयावृिद- ाय िा
भोजना सदु ासे।।
 ु ¤े- भेद िचधतो िव रिम।् मता एन वु तो य कृ णोित -
 शो िह शवो रारध
ित म .िि जिह व िम।।
 आव िदँ यमनु ा तृव- ा भेदं सवताता .मषु ायत।् अजास िशवो य व - बिलं
शीषािण ज ु रािन।।
 न त इ समु तयो न राय-   े पूवाˆ उषसो न नूाः। देवकि ामान घाव- ना
बृहत शरं भेत।्
05.02.28  ये गृहा दमम ाया- पराशर शतयात ु विसः। न ते भोज स ं मृषा-
धा सूिर िु दना  ्
ु ान।।
 े~ न ु दववत शत~ ू ा सदु ासः। अहे प ैजवन दानं- होतेव स
े गो- ा रथा वधम

पयिम रेभ।।
 चारो मा प ैजवन दाना- िय कृ शिननो िनरेके। ऋासो मा पृिथिवा दु ास- ोक
ोकाय वस े वहि।।
 ी  िवबभाजा िवभा। स े िद वतो गृणि- िन
 य वो रोदसी अ व~- शीश
ु ामिध मिशशा दभीके ।।
य
 इमरो मत ता न ु -िदवोदास िपतरं सदु ासः। अिवना प ैजवन के त -णाश

मजर वोय।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके ितीयाायः (वगाः 1-30) Page 473



 7.19 यि म इेकादशच सू, मैाविणविस- इ- िपु ।।
05.02.29 यि मो वृषभ ु
 ो न भीम-ˆ एक कृ ी ावयित  िवाः। यशतो अदाशषो
ु तराय वेदः।।
गय -यािस स¤ि
ं ह िद कुमाव -श
ु षू माण ा समय। दासँ ययव ा- अरयˆ

ु याय िश ।।
आजने
 ृो~ धृषता वीतह-ं  ावो िवािभ ितिभ दु ासम।्  पौकुि सद ु मावः 

- े साता वृहेष ु पूम।।
ु ा-ापयो दभीतय े
ु मु िु र िन
 ृिभ नृमणो देववीतौ- भूरीिण वृा हय हं िस। ि द
सहु ।ु ।
ु नवित सः। िनवश
 तव ौािन वह तािन- नव यरो े न े शततमािववषे ी -रह

वृमिु च .मतु ाह।।
05.02.30 सना ता त इ भोजनािन- रातहाय दाशषु  े सदु ासे। वृ े ते हरी~ वृषणा
यनु ि-  ु ािण पशाक
ु ्
वाजम।।
 मा ते अां सहसाव िरा -वघाय भूम हिरव पराद।ै ाय नोवृकेिभ वथ-ै व ियास
ूिरष ु ाम।।
 ियासˆ इे मघविभौ -नरो मदेम शरण े सखायः। िन तवु शि यां िशशी -ितिथ वाय

शंिर।।
 सि ु ते मघविभौ -नर शंस 
ु शासˆ उा। ये ते हवेिभ िव पणी रदाश-ा
ु ाय त।ै ।
ृणी य
ु  -म
 एत े ोमाˆ नराृतम त  ो ददतो मघािन। तेषा िम वृहे िशवो भू -खा च

शूरोिवता च नृणाम।।
 नू इ
 शूर वमानˆ ऊती -जत ृ । उप नो वाजा िमी पु ी -ूय ं पात
ू ा वावध
ििभ दा नः।।इित ितीयााय माः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 474


 पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30)

 7.20 उो ज इित दशच सू, मैाविण विस इ- िुप।।
05.03.01 उो ज े वीयाय धावा - चि रपो नय यिर।् जि म यवा
ु नृषदन

मवोिभ- ाता नˆ इˆ एनसो महित।।
ृ िम शूशवु ान- ावी ु वीरो जिरतार मूती। कता सदु ासे अह वा उ लोक -ाता वस ु
 हा व

मु रा दाशषु  े भूत।।
ु ो अनव
 य  ा खजकृ मा- शूर ाषा नषेु .मषाः। ास इ पृतना ोजाˆ-अधा
िवं शूय घान।।
े िचिद रोदसी मिहा-पाथ तिवषीिभ िु वः। िन व िमो हिरवा ििम  -
 उभ~
मसा मदेष ु वा उवोच।।
 वृषा जजान वृषण ं रणाय -तम ु िचारी नय ससूव।  य ेनानी रध नृो अी-न ा

गवषे ण  धृः।।
05.03.02 नू िच ेषते जनो न रेष -नो यो अ घोर मािववासात।् य ैयˆ इे दधत े
े ाः।।
वांिस - यˆ राय ऋतपाˆ ऋतज
 यिद पूवˆ अपराय िश -याया नीयसो देम।् अमत
ृ  इयासीत र- मा िच
िचं भरा र ियः।।
 य इ ियो जनो ददाश -दस िरेके अिव खा ते। वये अां समु तौ चिना -ाम
वथ े अतो नृपीतौ।।
 एष ोमो अिचद षृ ा त -उत ाम ु मघव िप। रायामो जिरतार आग -म
श वˆ आ शको नः।।
 स नˆ इ यताया इष े धा- ना च ये मघवानो जनु ि। वी ष ु ते जिर े अ ु शि -यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.21 असािव देविमित दशच सू, मैाविण विस- इ- िपु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 475


05.03.03 असािव देव.ोऋजीक मो- ि िो जनषेु  मवु ोच। बोधामिस ा हय
य ै -बधा न ु
  ोम .मसो मदेष।।
 ादो िवदथे वाचः।  ु िये यशसो गृभादा -
  यि य ँ िवपयि बिह -ोमम
रउपो वृषणो नृषाचः।।
 िम िवतवा अप~- पिर¤िता अिहना शूर पूवः। ावे रो3(ओ) न धेनाˆ-
रेज े िवा कृ िमािण भीषा।।
 भीमो िववषे ायधु िे भ रेषा -.मपांिस िवा नयािण िवान।् इ परो
ु जषाणो िव धो .ि
वहो मिहना जघान।।
 न यातव इ जूजवु ु न -न वना शिव वेािभः। स शध दय िवषण
ु  जो -मा िशदेवा
अिप गरु ्ऋतः।।
05.03.04 अिभ े भूरध - ते िविहमानं रजांिस। ेना िह वृ ं शवसा जघ
-न श ु रँ िविवद धु ा ते।।
 देवाˆ ि े असयु ाय पूव
 -न ु ाय मिमरे सहांिस। इो मघािन दयते िवषे-ँ वाज
जोव सातौ।।
 कीिर िि ामवस े जहु ावे-शान .िम सौभग भूरेः। अवो बभूथ शतमूत े अ े -अिभ  ु
ावतो वता।।
 सखाय इ िवह ाम -नमोवृधासो मिहना त। व ु ा तेवसा समीके3( ए)-
ु  शवांिस।।
भीित मय वनषां
 ु शि -यूय ं
 स नˆ इ यताया इष े धाˆ -ना च ये मघवानो जनु ि। वी ष ु ते जिर े अ
पात ििभ दा नः।।

 7.22 िपबा सोमिमित नवच सू, मैाविण विस- इो- िवराळा िुप।।
05.03.05 िपबा सोम िम मत ु ा -ये ¤सषु ाव हयािः। सोत ु बाां सयु तो ना
वा।।
ु  ा र ि- येन वृािण हय हंिस। स ािम भूवसो~ मम।।
 ये मदो य ु

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 476


 बोधा स ु मे मघव ाच .मेमाँ -याे विसो अचित शिम।् इमा  सधमादे जष।।

 धु ी हवँ िविपपान ाे -बधा िव ाचतो मनीषाम।् कृ 
 ा  वांमा सचेमा।।
 न ते िगरो अिप मृ े तरु - न सु िु त .मसयु  िवान।् सदा ते नाम यशो िववि।।
05.03.06 भूिर िह ते सवना मानषु षे  ु -भूिर मनीषी हवते ािमत।् मारे अ
.घव ो.ः~।।
ु िदमा सवना शूर िवा -तं
 ते ु  ािण वधना कृ णोिम। ृिभ हो िवधािस।।
 नू िच ु ते ममान दो-दवि
ु मिहमान मु । न वीय िम ते न राधः।।
 ये च पूव ऋषयो ये च नूाˆ -इ ािण जनय िवाः। अ े ते स ु सा िशवािन यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.23 उ ाणीित षडृच सू, मैाविण विस- इ- िुप।।
05.03.07 उ ाय ैरत व-े ं समय  महया व
 िस। आ यो िवािन शवसा ततानो-
पोता म ईवतो वचांिस।।
 अयािम घोषˆ इ देवजािम- िरर यधो िववािच। निह  माय ु ििकत े जनेष ु -

तानीदंहांित पान।।
ु े रथवषे ण ं हिरा .-मपु  ािण जज
 यज ु षु ाण मः।
ु िव बािध  रोदसी मिह-े ो
वृायत ्
 ी जघान।।
 आपि ि ु य3(ओ) न गावो -न तृ .िरतार इ। यािह वाय ु न िनयतु ो नो अा -

ं िह धीिभ दयस े िव वाजान।।
 ते ा मदाˆ इ मादय ु -शिु ण िव
ु राधस िर।े एको देवा दयस े िह मता- निर
सवन े मादय।।
 एव े िदँ वृषण ँ वबाँ -विसासो अच कः। स न तु ो वीरव ात ु गोम-य
ू ं पात
ििभ दा नः ।।

 7.24 योिन इित षडृच सू, मैाविण विस- इ- िुप।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 477



05.03.08 योिन इ सदन े अकािर- तमा नृिभ पत  यािह। असो यथा नोिवता वृध े च
-ददो वसूिन ममद सोमैः।।
 गृभीत.े मनˆ इ िबहा -तु ोम पिरिषा मधूिन। िवसृधेना भरते सवृु ि .-िरय
िमोवती मनीषा।।
 आ नो िदव आ पृिथाˆ ऋजीिष -िदं बिह ोमप ये ाय यािह। वह ु ा हरयो म
 .-माूष
मा त
 व
 सं मदाय।।
ु णो हय यािह। वरीवज
 आ नो िवािभ ितिभ -जोषाˆ - जषा ृ  िवरेिभ िु शा-े
ु  िम।।
दध षृ ण ं श
 ाय वाहे -धरु ी3( ई)वाो न वाजयधािय। इ ाय मकˆ ईे वसूना -
 एष ोमो मह उ
िवीव ामिध न ोमताः।।
 एवा न ु ितँ वेिवदाम। इषं िप मघव वु ीराँ -यूय ं पात
 ˆ इ वाय पूिध - ते मह सम
ििभ दा नः।।

 7.25 आ ते मह इित षडृच सू, मैाविण विस- इ-िुप।।
05.03.09 आ ते महˆ इोु  -समवो यमर सेनाः। पताित िदय
ु  बाो-मा ते

मनो िव 1(अ)ि व चारीत।।
 ि। आरे तं शंसणिु ह िनिनो- रा नो
 िन ग इ िथ िमा -निभ ये नो मतासो अम

भर संभरण ँ वसूनाम।।
 शते िशि ूतय दु ासे- सहं शंसाˆ उत राित र।ु जिह वध वनषो
ु मा-े 

.मिध र धेिह।।
 ावतो ही े अि- ावतोिवत ु शूर रातौ। िवेदहािन तिवषीवˆ उँ -ओक कृ ण

हिरवो न मधः।।
 कुाˆ एत े हयाय शूष .-िमे सहो देवजूत िमयानाः। सा कृ िध सहु ना शूर वृा- वय ा

नयाम ्
वाजम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 478


 एवा न इ वाय पूिध - ते मह समु ितँ वेिवदाम। इषं िप मघव वु ीराँ -यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.26 न सोम इित पच सू, मैाविण विस- इ- िुप।।
05.03.10 न सोमˆ इ .मसतु ो ममाद- नााणो मघवान ं सतु ासः। ता उ.नये
ु ष -ृववीय णव था नः।।
यजो
 उउ े सोमˆ इं ममाद -नीथने ीथ े मघवान ं सतु ासः। यद सबाध िपतर पु ा -
मानद ाˆ अवस े हव।े ।
 चकार ता कृ णव ून मा -यािन वु ि वेधस तु षे ।ु जनीिरव पित रेक मानो- िन मामज
ृ े
परु ˆ इ  ु सवाः।।
 .मा त व इˆ -एको िवभा तरिण मघानाम।् िमथरु ˆ ऊतयो य पूव -
 एवा त
े ािण सत ियािण।।
रभ
 िस इ मूतये -नॄृीनाँ वृषभ ं सतु े गृणाित। सहिणˆ उप नो मािह वाजा -ूय ं पात
 एवा व
ििभ दा नः।।

 7.27 इ र इित पच सू, मैाविण विस- इ- िुप।।
05.03.11 इरो नेमिधता हवे -यायाˆ यनु जत े िधयाः। शूरो ¤नृषाता शवस कान-
ˆ आ गोमित ज े भजा ः।।
ु मघवे अि -िश ा सिख पत
 यˆ इ शो ु नृः। ं िह ा मघव िचेता –
अपा व
 िृ ध पिरवत
ृ 
 राधः।।
ु पँ यदि। ततो ददाित दाशषु  े वसूिन- चोद ाध
 इो राजा जगत षणीना .-मिध िम िवष
उपतु िदवाक।् ।
 नू िचˆ इो मघवा सती- दानो वाजि यमते नˆ ऊती। अनूना य दि णा पीपाय-
वामृो अिभवीता सिखः।।
 नू इ राय े विरव ृ धी नˆ -आ ते मनो ववृाम मघाय। गोम दाव थव ो -यूय ं पात
ििभ दा नः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 479



 7.28 ा ण इित पच सू, मैाविण विस- इ- िपु ।।
ु ाः। िवे िचि ा
05.03.12 ा णˆ इोप यािह िवा- नवा े हरय  ु य
िवहव मताˆ -अाक िमणिु ह िविम।।
 हव इ मिहमा ान - यािस शविस ृषीणाम।् आ य िधष े ह उ -घोर
ा जिनाˆ अषाः।।
 तव णीती जोवाना -ँ यॄ रोदसी िननथे । महे ाय शवस े िह ज े -तूतिु जि ूतिु ज

रिशत।।
 एिभ न इाहिभ दश -िमासो िह ि तय पव।े ित ये अनृत मनेनाˆ -अव िता

वणो मायी न ात।।
े े िदं मघवान मेन ं -महो रायो राधसो यदः। यो अचतो कृित मिवो- यूय ं पात
 वोचम
ििभ दा नः।।

 7.29 अयं सोम इित पच सू, मैाविण विस- इ- िपु ।।
ु  ं स
05.03.13 अय ं सोम इ त ु -आ त ु  यािह हिरव दोकाः। िपबा 
 1(अ)
सषु तु  चारो -ददो मघािन मघव ियानः।।
ु णो-वाचीनो हिरिभ यािह तूयम।् अिू ष ु सवन े मादयो-प ािण
  .ीर कृितषा
णव इमा नः।।
 का ते अरित ूै- कदा नूने मघव ाशेम। िवाˆ मतीˆ राततने ाया-धा म
इ णवो हवेमा।।
 उतो~ घा त े पु ा3(आ)ˆ इदास -ेषां पूवष ा मणोर ् ऋषीणाम।् अधाहा मघव
जोहवीिम-  इािस मित िपतवे ।।
े े िदं मघवान मेन ं -महो रायो राधसो यदः। यो अचतो कृित मिवो -यूय ं पात
वोचम
ििभ दा नः।।

 7.30 आ नो देविे त पच सू, मैाविण विस- इ- िुप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 480


ु -वा व
05.03.14 आ नो देव शवसा यािह शि ृ ˆ इ रायो अ। महे न
 ध ु
ृ ाय नृपते सव
.-मिह ाय पाय शूर।।
 हव उ ा हँ िववािच -तनषू  ु शूरा ूय सातौ। ँ िवेष ु सेो जनेष ु -ँ वृािण रया
सहु ।ु ।
ु ा -धो ये त ु मपु म ं सम।ु 1(अ)ि ीद दसरु ो न होता-
 अहा यिद सिु दना 

वानो अ सभु गाय देवान।।
 िू रˆ उपम ँ वथ ं -ाभवु ो जरणा
 वये त इ ये च देव- व शूर ददतो मघािन। या स
मव।।
े े िदं मघवान मेन ं -महो रायो राधसो यदः। यो अचतो कृित मिवो -यूय ं पात
वोचम
ििभ दा नः।।
 7.31  व इायेित ादशच सू, मैाविण विस- इो- गाया िो
िवराजः।।
05.03.15  वˆ इाय मादन-ं  हयाय गायत। सखाय ोमपाे।।
 शंस े  ं सदु ानव -उत  ु ँ यथा नरः। चकृम
 ा सराधसे।।
 ˆ इ वाजय ु - ु शततो~। ं िहरयय ु वसो~।।
ु वृष।् िवी 1(अ) नो वसो~।।
वय िम ायवो-िभ  णोनमो
 मा नो िनद े च वव-े य री ररा।े े अिप त ु मम।।
ु ध वृह।् या ित वु े यज
 ं वमािस सथ -परोयो ु ा।।
05.03.16 महा उतािस य ते-न ु धावरी~ सहः। माते~ इ रोदसी।।
 ता मती पिर -भवु  ाणी सयावरी। न माणा सह िु भः।।
 ऊास ािवो -भवु   मपु  िव। से नम कृ  यः।।
ु म।् िवश पूव  चरा चषिणाः।।
ृ  े भरं -चेतसे  समु ितण
 वो महे मिहवध
 चस े मिहने सवृु ि -िमाय  जनय िवाः। त तािन न िमनि धीराः।।
 उ

ु म ु मेव- सा राजान िधरे सह।ै हयाय बहया  समापीन।।
 इँ वाणी रन

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 481


 7.32 मो ष ु ेित सिवंशृच सू, मैाविण विस- इः- थमा चतथु  षािद
ु च
यग ु च
ृ  बृहः-ितीया पायग ृ  सतोबृहः-रायाम इित तृतीया िपदािवराट ्-(इ
त ्
ु इधच वािस शि ऋिषिरित शाायन ाणम-इ ु इृ याक शि
त
ऋिषिरित ताडकाणम-)्
05.03.17 मो~ ष ु ा वाघतना-रे अिˆ रीरम।् आराा िधमाद आ गही-ह
वा सपु िु ध।।
 इम े िह ते कृत तु े सचा- मधौ न म ˆ आसत।े इे कामिरतारो वसूयवो- रथे न पादमा

दधः।।
 रायामो वहं सदु ि ण ं -पु ो न िपतरं वे।।
ु  -सोमासो दािशरः। ता आ मदाय वह पीतये -हिराँ याोकˆ आ।।
 इम इाय सिरे

 व ुणˆ ईयते वसूना- ू िचो मिधषिरः। सि हािण शता दद-िक िद
 

मा िमनत।।
05.03.18 स वीरो अित¤ुत-ˆ इेण शूशवु  े नृिभः। ये गभीराˆ सवनािन वृह-
नु ोा च धावित।।
 भवा वथ ं मघव घोनाँ -यमजािस शधतः। िव ाहत वेदन ं भजेम-ा णाशो भरा

गयम।।
 सनु ोता स ु िम-ृणि.ृणत
 ोमपाे -सोम िमाय विणे। पचता पी रवस े कृ ण  े मयः।।
ु ं राय आतज
 मा ेधत सोिमनो द ता महे -कृ ण ु ।े तरिणिर यित ु ित- न देवास
िे त प
कववे।।
 निक दु ासो रथं- पयास न रीरमत।् इो यािवता य- मतो गम गोमित ज।े ।
ु । अाकं  बोिवता रथाना-
05.03.19 गम ाजँ वाजयि म -य मिवता भवः

माकं  शूर नृणाम।।
 उिद िरते -शो धन िज यषु ः। यˆ इो हिरवा दभि तं -िरपो द  धाित
सोिमिन।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 482


ु त ं सपु श
 म मखव सिध े स .-धात यि येा। पूवन िसतय रि तँ -यˆ इे कमणा

भवु त।।
 किम ावस ु -मा म दधषित। ा इे मघव ाय िदिव- वाजी वाजं ¤िसषासित।।
 मघोन  वृहेष ु चोदय -ये ददित िया वस।ु तव णीती हय सूिरिभ -िवा तरेम
िरता।।
ु िस ममम।् सा िव परम राजिस -निका गोष ु
05.03.20 तवेिदावम ँ वस ु -ं प
वृवते।।
 ँ िव धनदाˆ अिस तु ो -य   भव ाजयः। तवाय ँ िव पत
ु पािथवो-व ु नाम
िभ ते ।।
 यिद यावत- मेताव दह मीशीय। ोतार िमििधषेय रदावसो~- न पापाय रासीय।।
 िश ये िम हयत े िदविे दव-े रायˆ आ कुहिचिदे। निह द घवˆ आँ- वो अि
िपता चन।।
ु ा। आ व इं प
 तरिणिर ¤िषासित -वाजं परु ा यज ु तम े िगरा- नेिम ेव स ्
ु म।।
05.03.21 न ¤ुती म िवते वस ु -न ेध ं रिय नशत।् सश
ु ि िरघव ं
ु  मावत े -
दे ँ याय िदिव।।
 अिभ ा शूर नोनमु ो- धाइव धेनवः। ईशान म जगत श .-मीशान िम तषु ः।।
 न ावा अो िदो न पािथवो -न जातो न जिनते। अ
 ायो मघव ि वािजनो -
गा हवामहे।।
ु वसिु ह मघव ना दिस- भरेभरे च हः।।
 अभी षत दा भरे- ाय कनीयसः। प
 परा ¤णदु  मघविमा -वु दे ा नो वसू कृ िध। अाकं  बोिवता महाधन े -भवा वध


खीनाम।।
ु ˆ आ भर -िपता पु 
 इ त े ो यथा। िश ा णो अि ु त यामिन -जीवाˆ ोित
रशीमिह।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 483


 मा नो अ ाताˆ वृजनाˆ राो3(ओ)- मािशवासो अव मःु । या वय ं वत शती रपो-
ित शूर तरामिस।।

 7.33 ि इित चतदशच ु ऋषयः-
 सू, मैाविण विस -आानां पंचानां विसपा
ु देवताः-अानां पानां विसो देवता- िपु ् ( आानां नवानािमो
आानां नवानां विसपा
देवता- अानां पंचानां विसो देवता- ासेन िमथौ वा ऋषी-)
05.03.22 िो मा दि णतपदाˆ -िधयिासो अिभ िह मः। उि ोचे पिर
बिहषो- नॄ मे रा दिवतवे विसाः।।
 रा .िद मनय ासतु ने  -ितरो वैश मित पा मु म।् पाश
ु वायत सोमा -तु ा

िदोवृणीता विसान।।
े ु कं  िस ु मेिभ तारे-वेकंु  भेदमेिभ जघान। एव
 एव ु ाशरा े सदु ासं -ाव िदो
े क
णा वो विसाः।।
ु नरो णा व िपतॄणा -.म  मय िकला ि रषाथ। यरीष ु बृहता रवेण-े े श
 जी ु
मदधाता विसाः।।
 उािमव े ृजो नािथतासो-दीधय ु दाशरा े वृतासः। विस वु तˆ इो अो -

ु ो अकृ णो लोकम।।
ृ
ु ता विस
05.03.23 दडाइव े ोअजनास आस -िरिाˆ भरताˆ अभकासः। अभव परए
ू ाँ िवशो अथ।।
-आिद ृन
 य कृ वि भवु नषे  ु रेत -ि जाˆ आयाˆ ोित राः। यो घमासˆ उषसं सचे -
सवा इा अन ु िव विसाः।।
 सूयवे व थो ोित रेषां -समु ेव मिहमा गभीरः। वातवे जवो नाेन -ोमो विसा
अेतवे वः।।
 त इियं दय के त ै -हव मिभ सरि। यमने  तत ं पिरिधँ वयो-रसˆ उप
से विसाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 484


ु ोित पिर सिहान ं -िमावणा यदपयताा। ते जोत ैकँ  विसा-गो या
 िवतो
िवश आजभ
 ार।।
05.03.24 उतािस मैावणो विसो-वयाˆ नसोिध जातः।  ं  ं णा दैने 
ु रे ादद।।
-िवे देवा प
 स केत उभय िवा -हदान उत वा सदानः। यमने  तत ं पिरिधँ विय-रस पिर
ज  े विसः।।
 स े ह जाता िविषता नमोिभ- कु े रेत ¤ििषचत ु मानम।् ततो ह मानˆ उिदयाय मा -

तो जात मृिष मा विसम।।
ृ  ं सामभत
 उभत ु मानाˆ -आ वो
ृ  ं िबभित -ावाण ं िब वदा े। उपनै मां समन
गाित तृदो विसः।।
ु ै िित पिवंशृच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा- िपदािवराट ्-अा
 7.34  श
त िभ ु ैिरित िपदाया अिहदवता-मा नोिहबोिरा
ु ः-अाम ु ु
अिहबः (इतािर
वैदेवसूािन- भेदप े - देवाः 1-आपः 1-इः 2-य ः 3-देवाः 2-वणः 1-देवाः 3-अिः 1-

अपांनपात 1-अिहः ु 1-देवाः 2-देवपी ारः 1-ा 1-िवे 4-एवं 25)
1-अिहबः
ु ै त ु देवी मनीषा -अ तु ो रथो न वाजी।।
05.03.25  श
 िव पृिथाˆ िदवो जिनं -वापो अध रीः।।
 आपि द ै िप पृीˆ -वृषे  ु शूराˆ मंस उाः।।
 आ धू ै दधाताा -िनो न वी िहरयबाः।।
 अिभ  ाताहेव य ँ -यातेव प ना िहनोत।।
 ना सम ु िहनोत य -धात के तना ्
ु य वीरम।।
ु ान ु नात -िबभित भारं पृिथवी न भूम।।
 उद शा
 यािम देवा अयात ु रे -साधतृ ने  िधय धािम।।

ु म।।
 अिभ वो देवी िय िधं - वो देवा वाच ण
 आ च आसां पाथो नदीनाँ -वणˆ उ हच ाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 485


ु म ै  ँ िवाय।ु ।
05.03.26 राजा राानां पेशो नदीना .-मन
 अिवो~ अा िास ु िव-
ु  णोत शंस ििनोः।।

 ेत ु िद ु िषा मशेवा -ययु ोत िवप ननू ाम।।
 अवीो अि हामोिभ- ेो अा अधािय ोमः।।
 सज ू दविे भ रपापात-ं सखायं िशवो नो अ।ु ।

ु ै रिहृणीषे -बु े नदीनां रज ु षीद।।
 अा म
ु ो िरष े धा -ा य ो अ िध तायोः।।
मा नोिहब
 उत नˆ एष ु नृष ु वो धु - राय े य ु शधो अयः।।

 तपि श ं ु 1(अ)ण भूमा - महासेनासो अमेिभ रेषाम।।

ु िण दधात ु वीरान।।
 आ य पी गमा –ा सपा
05.03.27 ित न ोम ा जषेु त -ाद े अरमित वसूयःु ।।
ु रणो नो अ ु -ा
 ता नो रास ाितषाचो वसूा- रोदसी वणानी णोत।ु वीिभ श
सदु ो िव दधात ु रायः।।
 तो राय पवता  आप -ाितषाच ओषधी त ौः। वनितिभ पृिथवी सजोषा-ˆ
े रोदसी पिर पासतो नः।।
उभ~
 अन ु तव~ रोदसी िजहाता -मन ु  ु ो वण इसखा। अन ु िवे मतो ये सहासो- राय ाम
धण ियै।।

 तˆ इो वणो िमो अि -राप ओषधी विननो जष। शमाम मता मपु े- यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.35 श इाी इित पदशच सू, मैाविणविसो- िवेदवे ा- िपु -् (अ सूे
सविप िवेदवे ाः)।।
ु ताय
05.03.28 श इाी~ भवता मवोिभ- श इावणा रातहा। शिमासोमा सिव
शँयो -श इापषू णा वाजसातौ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 486


 शो भग शम ु न शंसो अ ु -श परु ि शम ु स ु रायः। श  सयु म शंस -

शो अयमा पु जातो अ।।
 शो धाता शम ु धता नो अ ु -श उची भवत ु धािभः। शं रोदसी बृहत
 ी~ शो अि -
शो देवानां सहु वािन स।।

 शो अि ितˆरनीको अ ु -शो िमवणा वि ना शम।् श क
ु ृ तां सकृु तािन स ु -
शˆ इिषरो अिभ वात ु वातः।।
 शो ावापिृ थवी~ पूवतौ शमिर शये नो अ।ु श ओषधी विननो भव ु -शो

रजसित र ु िजः।।
05.03.29 श इो वसिु भ दवो अ-ु शमािदिे भ वण श
ु स
ं ः। शो ो ेिभ जलाष-
श ा ािभ िरह णोत।ु ।
 श ोमो भवत ु  श -शो ावाण शम ु स ु य ाः। श णां िमतयो भव ु -
श 1(अ)श ु वेिदः।।
 श ूय उच ाˆ उदेत ु -श त िदशो भव।ु श पवताˆ वु यो भव ु -श
िव शम ु सापः।।
 शो अिदित भवत ु तिे भ -शो भव ु मत काः। शो िव ु शम ु पूषा नो अ ु -शो
भिवं श ु वायःु ।।
 शो देव िवता ायमाण -शो भवूषसो िवभातीः। श पजो भवत ु जा -शः
 े  पितर ु शंभःु ।।
~े
05.03.30 शो देवा िवदेवा भव ु -शं सरती सह धीिभ र।ु शमिभषाच शम ु राितषाच -
शो िदा पािथवाˆ शो अाः।।
श  पतयो भव ु -शो अव शम ु स ु गावः। श ऋभव क
ु ृ त हु ा -
शो भव ु िपतरो हवेष।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके तृतीयाायः (वगाः 1-30) Page 487


 शो अजˆ एकपा ेवो अ ु -शोिहब
ु 1(अ)शं समु ः। शो अपापा े र-ु श
पृि भवत ु देवगोपा।।
ु -दं  ियमाणवीयः। व ु नो िदा पािथवासो -गोजाताˆ
आिदाˆ ाˆ वसवो जषे
उत ये यि यासः।।
ृ ाˆ ऋत ाः। ते नो रासा मु गाय म यूय ं
 ये देवानाँ यि याˆ यि यानां -मनो यजाˆ अमत
पात ििभ दा नः।।

।। अथ पिरिशम।।

ु ा। अार ँ यमाके त ँ ु य एवदे िमित व।।
 शँवती पारय ेत े तं पृि वचो यज

 भासाके त ं ु पिरतंु  भारती वधनीः। सानाना मही माता य एवदे िमित वत।।
 इिँ िवभ ं ु भ ं ु भाननु ये ं सरतीम।् येन सूय मरोचय ेनमे े रोदसी उभ।े ।
 जषु ा े अिर कावं मेाितिथम।् मा ा सोम बबृह तु  मधम
ु मः।।
 म े अिर शोच देववीतमः। आ शम शमािभ रिभििभ शाि ि मकुवत।।
 श किनद ेव पजो अिभ वषत।ु शो ावापिृ थवी~ शं जा श एिध िपदे
् ।। इित तृतीयााय माः।।
ु दे।। ।। इित पिरिशम।।
शत

 ु
पमाके चतथाायः (वगाः 1-30)
 7.36  ेित नवच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा- िुप-् (भेदप े – िवेदवे ाः 3-
इंायमणौ 1-ः 1-नः 1-मतः 1-िवेदवे ाः 1-िवमु तः 1-एवं 9)।।
05.04.01  तै  ु सदना त -िव रिमिभ सृज े सूय गाः। िव साननु ा पृिथवी स उव
 
-पृथ ु तीक मेध े अिः।।
 इमाँ वां िमावणा सवृु ि .-िमष कृ वे असरा
ु नवीयः। इनो वाम
  पदवी रदो -जन
िमो यतित वु ाणः।।
 ाˆ -अपीपय धेनवो न सूदाः। महो िदव दन े जायमानो-िचद
 आ वात जतो र इ

ू ।।
षृ भ िध

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 488


 िगरा यˆ एता यनु ज री~ त -इ िया सरु था शूर धाय~
ू ।  यो म ं ु िरिर तो िमनाा-

ु त ु मयमणँ ववृाम।।
स
  धाम।् िव पृ ो बाबधे नृिभ वानˆ -इदमो
 यज े अ स ँ वय -नमिन  ऋत

ाय ेम।।
05.04.02 आ याकँ यशसो वावशाना -रती सथी िसमु ाता। याˆ ¤
ु य
सु घा धु ारा -अिभ ेन पयसा पीानाः।।
 उत े नो मतो मसानाˆ -िधय ोक वािजनोव।ु मा न पिर द रा चर -वीवध
ृ 
ु .े रियः।।

ु ं - पूषणँ िवद1(अ) वीरम।् भग ियोिवतारो अा -ातौ
  वो मही मरमितण

वाजं राितषाचं परु िम।।
 अाय ँ वो मत ोक ए-ा िव ु ििषपा मवोिभः। उत जाय ै गृणत े वयो ध-ु यूय ं
पात ििभ दा नः।।
 7.37 आ वो वािह इच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा- िपु -् (भेदप े - ऋभवः
2-इः 6-एवमौ)।।
05.04.03 आ वो वािहो वहत ु वै –रथो वाजाˆ ऋभ ु णो अमृः। अिभ िपृ ै वनषे  ु

सोमै -मदे सिशा ्
महिभ पृणम।।
 यूय ं ह रं मघव ु ध -शˆ ऋभ ु णो अमृम।् सँ य षे  ु धाव िपबँ -िव नो

राधांिस मितिभ दयम।।
 उवोिचथ िह मघव े ं -महो अभ वसनु ो िवभाग।े उभा ते पूणा वसनु ा गभी~- न सूनतृ ा
िन यमते वसा।।
 िम यशा ऋभ ु ा- वाजो न साध ु र मे
ृ ा। वय ु ते दाांस ाम-  कृ वो
हिरवो विसाः।।
ु ािभ ती -कदा नˆ
 सिनतािस वतो दाशषु  े िच -ािभ िववेषो हय धीिभः। ववा न ु ते य
इ रायˆ आ दशेः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 489
05.04.04 वासयसीव वेधस - कदा न इ वचसो बबु ोधः। अ ाा िधया रियं
सवु ीरं- पृ ो नो अवा हु ीत वाजी।।
 अिभ येवी िनऋित िदीशे -न  इं शरद पु ृ ः। उप िब ु जरदि मे-वश
े ँ
यणव मताः।।
 आ नो राधांिस सिवत~ वा -आ रायो य ु पवत रातौ। सदा नो िद पाय ु िषु -
यूय ं पात ििभ दा नः ।।
 7.38 उ  देव इच सू, मैाविण विस- आानां षणां सिवता-अयो यो

वािजन- िपु ।।
05.04.05 उ  देव िवता ययाम- िहरययी ममितँ यामिशते ।् नून ं भगो हो मानषु िे भ
ु वस ु दधाित।।
-िव यो रा प
ु 1(अ) -िहरयपाणे भृता वृत। 1ु (उ)व पृी ममितं सृजानˆ -
 उ ित सिवत~ 
ु नः।।
आ नृो मतभोजन ं सवा
ु िवता देवो अ ु -यमा िचिे वसवो गृणि। स न ोमाम1(अ)नो -
 अिप ¤त

धािेिभ पात ु पायिु भ िन सूरीन।।
अिभ येिदित गृणाित -सव ेव सिवत ु जषु ाणा। अिभ साजो वणो गृण-िभ
िमासो अयमा सजोषाः।।
 अिभ ये िमथो वनषु प े -राित िवो राितषाच पृिथाः। अिहब
ु ˆ उत न णोत ु -
ु िन पात।ु ।
े धने िभ
वक
 अन ु तो ¤जाित मसी -र ेव सिवत ु िरयानः। भग मु ोवस े जोहवीित -भग मनु ो

अध याित रम।।
 शो भव ु वािजनो हवेष ु -देवताता िमतव काः। जयोिहँ वृकं र ांिस -सने
यु वमीवाः।।
 वाजेवाजेवत वािजनो नो- धनेष ु िवाˆ अमृताˆ ऋत ाः। अ म िपबत मादय -ृाˆ
यात पिथिभ दवयान ैः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 490


 7.39 ऊ अििरित सच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा-िपु -् (भेदप -े िवेदवे ाः
1-वायपु षू णौ 1-िवेदवे ाः 5-एवं 7)।।
ु ितँ वो अे -तीची जूिण दवताित मेित। भेजाते~ अी~
05.04.06 ऊ अि म
रवे  पा -मृत ं होता नˆ इिषतो यजाित।।
ृ े सु या बिह रेषा -मा िवपतीव~ बीिरट इयाते~। िवशा मो षस पूवतौ -वायु पूषा
  वावज

ु ान।।
ये िनय
ु ाः। अवा थˆ उय कृ ण
 याˆ अ वसवो र देवाˆ -उरा विर े मजय श ु ं –
ोता त ज मषु ो नो अ।।
 ते िह य षे  ु यि यासˆ ऊमा- धँ िवे अिभ सि देवाः। ता अरˆ उशतो ये -ु ी

भग ासा परु िम।।
 आे िगरो िदवˆ आ पृिथा -िम ँ वह वण .िम मिम।् आयमण मिदितँ िव ु मेषां -

सरती मतो मादयाम।।
 ररे ह ं मितिभ यि याना-  ामं माना मिस।् धाता र ि य मिवद ं सदासां -स ीमिह
ु िे भ न ु देवःै ।।
य
े विसरै ् -ऋतावानो वणो िमो अिः। य ु चाˆ उपमो अक यूय ं
 नू रोदसी अिभुत~
पात ििभ दा नः।।
 7.40 ओ िु िरित सच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा- िुप-् (अािखला
िवेदवे ाः)।।
 ा3(आ)समेत-ु  ित ोम धीमिह तरु ाणाम।् यद देव िवता
05.04.07 ओ~ िु  िवद
सवु ाित -ामा रिनो िवभाग।े ।
ु 
 िम ो वणो रोदसी च -भु  िमो अयमा ददात।ु िददेु देिदती रेो- वाय
यियवु तै ~
े भग।।
 ो अ ु मत  श
 से ु ी -यं म पृषदा अवाथ। उत े मि रती जनु ि -न त
 ाि।।
राय पयत

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 491
 अय ं िह नेता वण ऋत -िमो राजानो अयमापो धःु ~। सहु वा देिदित रनवा -ते नो अंहो

अित पषिरान।।
 अ देव मीषो वयाˆ -िवोˆ रेष भृथ े हिविभः। िवद े िह ो ियं मिह ँ -यािस ँ

वित रिना िवरावत।।
 मा पूषाघृण इरो -वी याितषाच रास।् मयोभवु ो नो अवो िन पा ु -वृिं पिरा
वातो ददात।ु ।
े विसरै ्-ऋतावानो वणो िमो अिः। य ु चा उपम
नू रोदसी अिभुत~  ो अक यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.41 ातरििमित सच सू, मैाविण विसो- भग-आाया अी िमावणाि
भग पूष णित ा देवाताः-अाया उषा- आा जगती-शेषािभ
ु ः।।
05.04.08 ात रिं ात िरं हवामहे -ात िमावणा ात रिना। ात भगं पूषणं
णितं -ात~ ोम मतु ं वम
े ।।
े -वय ं पु मिदत े य िवधता। आि ं ममान रु ि-ाजा िच ं भगं
 ातिजतं भग मु ं वम
भ ीाह।।
 भग णेत~ भग सराधो -भगेमा िय मदु वा ददः। भग  णो जनय गोिभर ै -भग  नृिभ
नृव ाम।।
 उतदे ान भगव ामो-त िप उत मे अाम।् उतोिदता मघव ूय- वय ेवानां
समु तौ ाम।।
 भग एव भगवा अ ु देवा -ेन वय ं भगव ाम। ता भग सवˆ इोहवीित -स नो भग
ु ता भवहे ।।
परए
ु य े पदाय। अवाचीन ँ वसिु वदं भगो- रथिमवाा वािजन
 समरायोषसो नम- दिधावेव शच
आ वह।ु ।
ु  ु भाः। घृत हानाˆ िवत पीता -यूय ं
 अावती गमतीन उषासो -वीरवती द म
पात ििभ दा नः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 492


 7.42  ाण इित षडृच सू, मै ाविण विसो- िवेदवे ा- िपु -् (भेदप े – िवेदवे ाः
1-अिः 1-देवाः 1-अिः 3-एवं 6)।।
 ु नभ
05.04.09  ाणो अिरसो न  - न   वेत।ु  धेनव उदतो
ु नव -
ु ाता मी~ अर पेशः।।
य
ु ा स
 सगु े अे सनिवो अा -य  तु े हिरतो रोिहत। ये वा सषाˆ वीरव
 ाहो -व े
देवानािनमािन सः।।
 सम ु वो य ं महयमोिभ-  होता मो िरिरच उपाके। यज स ु पवु णीक देवाना- यि या
मरमितँ ववृाः।।
 यदा वीर रेवतो रोण े -ोनशी रितिथ रािचके तत।् सी
ु तो अि िु धतो दम आ -स िवश े
दाित वाय िमय ै।।
 इमो अे अरषु  -मिे यशसधी नः। आ ना बिह दता मषु ासो-शा
िमावणा यजेह।।
 एवािं सह1 (अँ) विसो -रायामो िव ौत।् इषं रियं पथ ाज म-े यूय ं पात
ििभ दा नः।।
् दप -े िवेदवे ाः
 7.43  वो य िे ित पच सू, मैाविण विसो- िवेदवे ा िपु -(भे
1-य ः 1-िवेदवे ाः 2-अिः 1-एवं 5)।।
05.04.10  वो य षे  ु देवयो अच -ावा नमोिभ पृिथवी~ इषै। येषां ायसमािन
िवाˆ -िवि वयि विननो न शाखाः।।
  य ˆ एत ु हेो न सि -ं समनसो घृताचीः। ृणीत बिह रराय साध-ू ा शोचिष
देवय ू ःु ।।
 आ पु ासो न मातरँ िवभृा- ानौ देवासो बिहष द।ु आ िवाची िवदा मन-े मा
नो देवताता मृध
 ः~।।
 ते ¤सीषप जोषमा यजाˆ -ऋत धाराˆ ु घाˆ हानाः। ेँ वो अ मह आ वसूना-.
मागन समनसो यित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 493
ु ा सधमादो अिरा यूय ं पात
 एवा नो अे िवा दश -या वय ं सहसाव ााः। राया यज
ििभ दा नः।।
 7.44 दिधाँव इित पच सू, मैाविण विसो- दिधा- आाया दिधाषु ोि-
भगे- िव-ु पूष- ण-ािद ावापृिथ-ाप- िबु ाा जगती।।
05.04.111 दिधाँ व थम मिनोषस -मिं सिमं भग मूतये वे। इँ िव ं ु पूषणं
णित- मािदा ावापिृ थवी~ अपः~।।
 दिधामनु मसा बोधयˆ -उदीराणा य मपु यः। इळा ेव बिहिष सादयो-िना िवा
सहु वा वेम।।
 दिधावाण ं बबु धु ानो अि -मपु  वु उषसं सूयाम।्  ं मंतो वण ब-े
ु िवा

िु रता यावय।।
 दिधावा थमो वावा-े रथानां भवित जान।् सँिवदानˆ उषसा सूयण
 ा-िदिे भ वसिु भ
रिरोिभः।।
 ा उ। णोत ु नो दै ं शध अि -व ु
 आ नो दिधा पा.मन -ृत पा मेतव
िवे मिहषाˆ अमूराः।।

ु च सू, मैाविण विस- िवता- िपु ।।
 7.45 आ देव इित चतऋ
05.04.12- आ देवो यात ु सिवता सरु ो-िर ाˆ वहमानो अ ैः। हे दधानो नया प
ु िण
-िनवेशय च सवु  भूम।।
 उद बा~ िशिथरा बृहा -िहरयया िदवो अाअनाम।् नून ं सो अ मिहमा पिन-

सूरि दा अन ु दादपाम।।
 ो देव िवता सहावा-सािवष सपु ित वसूिन। िवयमाणो अमित म
 स घा न ु च -मतभोजन
मध रासते नः।।
ु िणम।् िच ँ वयो बृह द े दधात ु यूय ं पात
ु ं -पूणगभि मीळते सपा
 इमाˆ िगर िवतारं सिज
ििभ दा नः।।

 7.46 इमा ायेित चतऋच ्
सू, मैाविण विसो- ो- जगा िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 494


05.04.13 इमाˆ ाय िरधन े िगरः - ि षे व े देवाय धाे। अषााय सहमानाय
वेधसे -ित मायधु ाय भरता णोत ु नः।।
 स िह येण  जन -ााने िद चेतित। अववी प नो ररा-नमीवो
 जास ु नो भव।।
 या ते िद ु दवसृ ा िदविर- या चरित पिर सा वृणु नः। सह े िपवात भेषजा -मा न
ोकेष ु तनयषे ु रीिरषः।।
 मा नो वधी  मा परा दा -मा ते भूम िसतौ हीिळत। आ नो भज बिहिष जीवशंस े यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.47 आपो यँ व इित चतऋच ्
सू, मैाविण विस- आप-िपु ।।
05.04.14 आपो यँ व थम ेवयˆ -इपान मूिम. मकृ  वतेळः। तँ वो वय ं शिु च मिर
ु ँ वनेम।।
म -घृत षंु  मधम
ु मँ वो-पापा दवाशहु म
 तमूिम मापो मधम े ा। यििो वसिु भ मादयात े -तमयाम
देवयो वो अ।।
 शतपिवा धया मदी -दवी दवाना मिप यि पाथः। ताˆ इ न िमनि तािन -
ु ो हृतव होत।।
िस ु
 याˆ ूय रिमिभ राततान -याˆ इो अरद ात ु मूिमम।् ते िसवो विरवो धातना नो -यूय ं
पात ििभ दा नः।।
 7.48 ऋभ ु ण इित चतऋ ्
ु च सू, मैाविण विस- ऋभव- िुप-अाया िवेदवे ा
वा।।
05.04.15 ऋभ ु णो वाजाˆ मादय- म े नरो मघवान तु । आ वोवाच तवो न

याताँ -िवो रथय वतय।।
 ऋभरु ् ऋभिु भ रिभ व ाम -िवो िवभिु भ शवसा शवांिस। वाजो अा अवत ु वाजसाता –

ु ा तषेम वृम।।
िवेण यज

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 495
 ते िचि पूव रिभ सि शासा -िवा अय उपरताित व।् इो िवा ऋभ ु ाˆ वाजो अय

-शो िमथा कृ णव ि नृम।।
 नू दवे ासो विरव कतना नो -भूत नो िवेवस े सजोषाः। समइे षँ वसवो ददीर- ूय ं पात
ििभ दा नः।।
ु ा इित चतऋ
 7.49 समे ्
ु च सू, मैाविण विस- आप-िपु ।।
05.04.16 समु ेा िलल मा -ना
ु नाˆ यिनिवशमानाः। इो याˆ वी वृषभो
रराद -ताˆ आपो देवी िरह मामव।ु ।
 याˆ आपो िदाˆ उत वा वि -खिनिमाˆ उत वा याˆ याः। समु ाथाˆ याˆ
ु यपावकााˆ आपो देवी िरह मामव।ु ।
शच
े अवपय जनानाम।् मध
 यासां राजा वणो याित मे -सानृत~ ु तु शच
ु यो या पावकाा
आपो देवी िरह मामव।ु ।
 यास ु राजा वणो यास ु सोमो -िवे देवाˆ यासूज मदि। वैानरो याि िव ाˆ आपो
देवी िरह मामव।ु ।

 7.50 आमािमित चतऋच सू, मैाविण विसो- िमावणा- वि- िवेदवे ा- न इित
मेण देवता जगाितजगती शरी वा।।
05.04.17 आ मां िमावणेह र त-लायय िय ा नˆ आ ग।् अजक
 ाव शीक
िरो दध े -मा मां पेन रपसा िवदः।।
 यिजाम िष वन ं भवु  –दीवौ पिर कुौ च देहत।् अिोचप बाधता िमतो मा
मां पेन रपसा िवदः।।
 यलौ भवित यदीष ु -यदोषधी पिर जायत े िवषम।् िवे देवा िनिरत वु  ु मा मां
पेन रपसा िवदः।।
 या वतो िनवतˆ उतˆ -उदती रनदु का याः। ताˆ अं पयसा िपमाना- िशवाˆ
देवीˆ रिशपदाˆ भव ु -सवाˆ नो अिशिमदा ˆभव।।


 7.51 आिदानािमित तृच सू, मैाविण विस- आिदा-िपु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 496


05.04.18 आि दाना मवसा नूतनने -स ीमिह शमणा शमने । अनागाˆे अिदित े
तरु ासˆ -इम ँ य धत ु ोषमाणाः।।
 आिदासो अिदित मादयां -िमो अयमा वणो रिजाः। अाकं  स ु भवु न गोपा -
िपब ु सोम मवस े नो अ।।
 आिदाˆ िवे मत िवे -देवाˆ  िव ऋभव िवे। इो अि रिना ¤तु वु ानाˆ -यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.52 आिदास इित तृच सू, मैाविणविस- आिदा-िुप।।
05.04.19 आिदासो अिदतय ाम -पू दवा वसवो मा। सनेम िमावणा सनो-
भवेम ावापृिथवी~ भवः।।
ु मे ाजात मेनो- मा तम
 िम ो वणो मामह -शम तोकाय तनयाय गोपाः। मा वो भज
वसवो यय।े ।
 तरु  यवोिरसो न  -र ेव सिवत ु िरयानाः। िपता च तो महा जो -िवे देवा

मनसो जष।।

 7.53  ावेित तृचसू, मैाविण विसो- ावापृिथौ- िुप।।
े । ते~ िचि पूव 
05.04.20  ावा य ै पृिथवी~ नमोिभ -बाधˆ ईळे बृहती~ यज~
कवयो गृण- परु ो मही~ दिधरे देवपु ~
े ।।
ु ं सदन े ऋत। आ नो ावापृिथवी~ दैने  -जनेन
े िपतरा नसीिभ- गिभ कृ ण
  पूवज~

यातं मिह वाँ वथम।।
ु िण ावापृिथवी~ सदु ासे। अ े ध ँ यदस दृ धोय ु यूय ं पात
 उतो~ िह वां रधये ािन सि -प
ििभ दा नः।।

 7.54 वाोत इित तृच सू, मैाविण विसो- वाोित- िुप।।
े ो अनमीवो भवा नः। येमहे ित तो
05.04.21 वाोते ित जानी -ा ावश

जष ु दे।।
-शो भव िपदे शत

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 497
 वाोते तरणो नˆ एिध -गयानो गोिभ रेिभ िरो~। अजरासे स े ाम -िपतवे 
पु ाित नो जष।।

 वाोते श मया संसदा ते -स ीमिह रवया गातमु ा। पािह म
े  उत योगे वरो -यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.55 अमीवहेच सू, मैाविण विस- आाया वाोित- ितीयािद सानां
ािपनी-आा गायी-तत ि उपिराहृ ः- अातोनु भ
ु ः।।
05.04.22 अमीवहा वाोते -िवा पायािवश।् सखा सश
ु वे  एिध नः।।
 यदजनु सारमेय -दत िपश यस।े वीव ाज ऋ य- उप े ष ु बतो िन ष ु प।

 ेन ं राय सारमेय -तरँ वा पनर। ोतॄ िन रायिस -िकमा नायसे िन ष ु
प।।
 ं सूकर  दिह -तव ददत ु सूकरः। ोतॄ िन रायिस- िकमा नायसे –िन ष ु
प।।
 स ु माता स ु िपता- स ु ा स ु िवपितः। सस ु सव ातय- य मिभतो जनः।।
 यˆ आे य चरित -य पयित नो जनः। तेषां सं हो अ ािण- यथेदं ह था।।
 सहो वृषभो -य मु ा दाचरत।् तेना स
 हने ा वय-ि जना.ापयामिस।।
े याˆ वश
 ोश ु गा -ावा ापयामिस।।
े याˆ -नारीया शीवरीः। ियो या पय

।। अथ पिरिशम।।
  ािधकरण-े  सविापया जनम।् आ सूय मा ापया- 1ु (उ)षािया महम।।

 अजगरो नाम सप -िप रिवषो महान।् तिि सप िु धत .-ेन ा ापयामिस।।
 सप प अजगर -िप रिवषो महान।् त सपािव - गाध मशीमिह।।
 कािळको नाम सप- नवनाग सहबलः। यमनु द े ह सो जातो3(ओ)- यो नारायणवाहनः।।
 यिद कािळकत -यिद का कािळका यात।् जभिू म मिताो -िनिवषो याित कािळकः।।

 आ याही पिथिभ रीिळतिे भ -य िममो भागधये ष। ु ेव योषा -भागे
तृा मातल
 ये ी वपािमव।।
प ैतृस

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 498


ु  -मेव राजािधपित बभूव। सीणनागापित नराणां -समु ं
 यशरं बलवं भ
सतत ीघ मायःु ।।
 ककटको नाम सप -यो ीिवष उत।े त सप सप - ै सप नमोतु ।े ।
 येदो रोचन े िदवो -ये वा सूय रिमष।ु येषा म ु सदृत  ो नमः।।
 -े प
 या इषवो यातधु ानानाँ -ये वा वनती नन।ु ये वावटेष ु शेरत े -ते प
 ो नमः।।
 नमो अ ु सप
 ो -ये के च पृिथवी मन।ु ये अिर  े ये िदिव -ते प
 ो नमः।।
 उायधु ा मितन वीरा -मायािवनो बिलना िममानाः। ये देवा नसरु ा पराभव ा-

ँ वेण मघव िवारय।। इित पिरिशम।।
 7.56 क ्
ा इित पिवंशृच सू, मैाविण विसो- मत- िुप-आा एकादश
िपदािवराजः- (अााया वैदेवं कि ते तानाभावापेम)्
05.04.23 क   ाˆ नर नीळाˆ - मयाˆ अधा 
 ाः।।
 निकष ानिूं ष वेद -ते अ ्
 िवे िमथो जिनम।।
 अिभ पिू भ िमथो वप -वातनस येनाˆ अ ्
ृ ।।
 एतािन धीरो िनया िचकेत -पृियधो मही जभार।।
 सा िवव ीरा मि र ु -सना ही प ्
ु ी नृम।।
 यामँ येा शभु ा शोिभा -िया संिमाˆ ओजोिभ ाः।।

 उ ँ व ओज ि रा शवां-धा मि गण िु वान।।
 श ु  ुी मनांिस -धिु न मिन
ु ो व श ु िरव शध धृोः।।
 सने यु ोत िद ं ु .-मा वो मित िरह णः।।
 िया वो नाम वे तरु ाणा मा- यृप तो वावशानाः।।
05.04.24 ायधु ासˆ इिण िु ना-ˆ उत य 1(अ)श
ु मानाः।।
ु वो हा मत शच
 शची ु ीनां -शिचं
ु  िहनोरं शिु चः। ऋतने  स मृतस
 ापˆ आय -
ु य पावकाः।।
िचजान शच

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 499
े ा मत खादयो वो- व  ु ाˆ उपिशियाणाः। िव िवतो
 अंस ु न वृिभी चानाˆ -
अन ु धा .मायधु ै यमानाः।।
ु ा वˆ ईरते महांिस - नामािन यव िरम।् सहिय ं भाग मेत-.ृहमेधीयं
  ब

मतो जषम ्
।।
े ा -िव वािजनो हवीम।् म ू राय वु ीय दात –नू िच
 यिद तु  मतो अधीथ
म आदभ दरावा।।
05.04.25 अासो न ये मत ो -य शो न शभु य मयाः। ते ह ा िशशवो न
ु ा ˆ -वासो न ीिळन पयोधाः।।
श
े े ~। आरे गोहा नृहा वधो वो अ ु -स
 दशो नो मतो मृळ ु -विरवो रोदसी समु क ु िे भ

र े वसवो नमम।।
 आ वो होता जोहवीित स- ाच राितं मतो गृणानः। यˆ ईवतो वृषणो अि गोपा -ो
अयावी हवते वˆ उ ैः।।
ु तो िन पाि -गु ेषो
 इम े तरु ं मतो रामयी-मे सह हस आ नमि। इम े शंस ँ वन
अरषे दधि।।

 इम े रि तो जनि -भृिमिथा वसवो जषु । अप बाधँ वृषण मांिस -ध िव
नय ोक म।े ।
05.04.26 मा वो दाा तो िनरराम -मा पा  रो िवभाग।े आ न ाह भजतना
ु त ँ वृषणो वो अि।।
वस3े ( ए) -यद सजा
ु जनास -शूराˆ यीोषधीष ु िव ।ु अध ा नो मतो ियास -ातारो
 सँ यन मिभ
भूत पृतना यः।।
 ािन या व शे परु ा िचत।् मि  पृतनास ु साा -
 भूिर च मत िपाय-ु 
मि िरिनता वाज मवा।।
ु  ु -जनानाँ यो असरु ो िवधता। अपो येन सिु तये तरेमा -ध मोको
 अ े वीरो मत श
अिभ वाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 500



 त इो वणो िमो अि –राप ओषधी विननो जष। शमाम मता मपु े यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.57 मो व इित सच सू, मैाविण विसो- मत- िुप।।
05.04.27 मो वो नाम मात ँ यजा-  य षे  ु शवसा मदि। ये रेजयि रोदसी
ु  यदयास ु ाः।।
िचव~- िप ँ
 िनचते ारो िह मतो गृणं -णेतारो यजमान म। अाक म िवदथेष ु बिह-रा वीतये
सदत िपियाणाः।।
ु ै निू भः। आ रोदसी िविपश िपशाना -मान
 न ैताव द े मतो यथेम े -ाज े  ै रायध

मते शभु े कम।।
 ऋधा वो मतो िद ु द ु -य आग पु षता कराम। मा व ा मिप भूमा यजाˆ -अ े
वो अ ु समु ित िना।।
ु य पावकाः। णोवत समु ितिभ यजा-  वाजेिभ
 े िचद मतो रणा -नवास शच
 कृ त
ु से नः।।
िरत प
 उत तु ासो मतो  ु -िवेिभ नामिभ नरो हविष। ददात नो अमत
ृ  जाय ै -िजगृत राय
ूनतृ ा मघािन।।
 आ तु ासो मतो िव ऊती -अा सरू ी वताता िजगात। ये नना शितनो वधयि -
यूय ं पात ििभ दा नः।।

 7.58  साकम ु इित षडृच सू, मैाविण विसो- मत- िुप—
05.04.28  साकम ु ान।् उत
 ु  े अचता गणाय -यो दै धा िव ोदि रोदसी

मिहा -न  े नाकिऋत े रवंशात।।
 जनिू ो मत ेण ु मवोयासः।  ये महोिभ रोजसोत सि -िवो वो
े  -भीमास िव
याम यते क।् ।
ु ष ित ु िु तः। गतो ना ा िव ितराित ज ं ु - ण
 बृहयो मघवो दधात -जजो
ाहािभ ितिभ िरेत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके चतथु ाायः (वगाः 1-30) Page 501
ु ोतो िवो मत शती -य
 य ु ोतो अवा सिर ही। य
ु ोत ाळु त हि वृ ं - तो

अ ु धूतयो देम।।
 ता आ  मीषो िववासे -कुिवस े मत पनु नः। यता िजहीिळरे यदािव –रव

तदेन ईमहे तरु ाणाम।।
ु िु त मघोना.- िमदं सूं मतो जष।
  सा वािच स¤ ु आराि ेषो वृषणो ययु ोत यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.59 याय इित ादशच सू, मैाविण विसो- मतोाया ः-आा तृतीया
पो बृहः- ितीया चतथु  ष तोबृहः-सौ िभ
ु ौ-नवाािो

गायोानु ुप।।
05.04.29 याय इदिमद -ेवासो य नयथ। ता अे वण िमायम -त शम
यत।।
ु ाक ेवाˆ अवसाहिन िय -ईजान रित िषः।  स  य िरते िव मही -िरषो यो वो
 य
वराय दाशित।।
ं त।े अाक म मत तु े सचा- िवे िपबत कािमनः।।
 निह वरमन -विस पिरमस
ु ित नवीयसी -तूय ँ यात
 निह वˆ ऊित पृतनास ु मधित -या अरारः। अिभ व आवम
िपपीषवः।
 ओ ष ु घृिराधसो -यातनाांिस पीतये। इमा वो हा मतो ररे िह कं  –मो~ 1(अ)
गन।।
 आ च नो बिह दतािवता च न - ाहािण दातव े वस।ु अेधो मत ो े मधौ -ाहेह
मादयाै।।
ु मानाˆ -आ हंसासो नीलपृ ाˆ अप।् िवं शध
05.04.30 स~ िि त1(अ)श
अिभतो मा िन षेद -नरो न रवा वन े मदः।।
 यो नो मतो अिभ णाय ु -िर िािन वसवो िजघांसित। ुह पाशा ित स मच
ु ी -

तिपने  हना हना तम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 502


ु न।
 सापनाˆ इदं हिव -मत ज ु ु ाकोती िरशादसः।।
य
ु ाकोती सदु ानवः।।
े ासˆ आ गत -मतो माप भूतन। य
 गृहमध
 इहहे  व तवस -कवय ूयचः। य ं मत आ वृण।े ।
ु वधनम।् उवाक
 कं यजामहे सगु िं पि ्
 िमव बना ृो म ु ीय मामृतात।।।। इित
चतथु ाय माः ।।

 पमााये पमाायः (वगाः 1-27)



 7.60 यदेित ादशच सू, मैाविण विसो- िमावणा- वााया ूय- िुप।।
05.05.01 यद सूय वोनागाˆ -उ िाय वणाय सम।् वय ेवािदत े ाम -तव
ियासो अयम ृणः।।
े उदेित सूय अिभ ।् िव ात ु जगत गोपाˆ -ऋज ु
 एष  िमावणा नृच ाˆ -उभ~

मतष ु वृिजना च पय।।
ु स हिरत धा -ाˆ  वहि सूयृताचीः। धामािन िमावणा यवु ाकु -ँ यो
 अय
यूथवे  जिनमािन चे।।
ु ो अ ु -रा सूय अह  मणः। या आिदाˆ अनो रदि -
 उां पृ ासो मधम
िमो अयमा वण जोषाः।।
 इम े चते ारो अनृत भूरे -िमो अयमा वणो िह सि। इम ऋत ृ ु रोण े -श मास
  वावध
पु ाˆ अिदत े रदाः।।
 इम े िमो वणो ळभासो-चेतसि ितयि द ैः। अिप त ं ु सच
ु ते स ँ वत -िर िदहं 
पु था नयि।।
05.05.02 इम े िदवो अिनिमषा पृिथाˆ -ििकांसो अचेतसयि। ाज े िच
 ो गाध

मि -पारो अ िवित पष।।
 योपाव दिदित शम भं -िमो यि वण दु ासे। तिा तोक नय धानाˆ -मा
कम देवहेळन रु ासः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 503


 अव वेिदं होािभ यजेत -िरप काि णतु  ः। पिर ेषोिभ रयमा वृणू -ं सदु ासे वृषणा उ

लोकम।।
ु िया वृषणो रेजमानाˆ -द 
 स िि समृित ेषे ा .-मपीने  सहसा सह।े य
िचिहना मृळता नः।।
 यो ण े समु ित मायजात-े  वाज सातौ परम रायः। सी  म ं ु मघवानो अयˆ -उ
याय चिरे सधु ात।ु ।
 इय ेव परु ोिहित यवु ाँ -य षे  ु िमावणा वकािर। िवािन गा िपपतृ िरो नो यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.61 उा  ु िरित सच सू, मैाविण विसो- िमावणौ- िुप-्
05.05.03 उा  ु वण सु तीक .-ेवयो रेित सूय तान।् अिभ यो िवा भवु नािन चे
-स म ं ु मा िचकेत।।
ृ ावा -िवो मािन दीघ ु िदयित। य ािण सतू
  वां स िमावणा वत ु ~ अवाथˆ -आ
े ।।
या न शरद पृणथै ~
 ोरो िमावणा पृिथा - िदवˆ ऋा ृहत दु ानू~। शो दधाथे ~ओषधीष ु िव-ृ ध
यतो अिनिमषं र माणा।।
ु ो रोदसी बधे मिहा। अयासाˆ अयना मवीरा- 
 शंसा ि म वण धाम -श
य मा वृजन िराते।।
 अमूरा िवा वृषणा िवमाˆ वा-. यास ु िच श े न य म।् ुह चे अनृता जनाना-

वािया िचते अभूव।।
 सम ु वाँ य ं महयमोिभ -व े वां िमावणा सबाधः।  वां माच
ृ से नवािन -कृ त
 ािन 
ु षु िमािन।।
जज
 इय ेव परु ोिहित यवु ाँ -य षे  ु िमावणा वकािर। िवािन गा िपपतृ िरो नो यूय ं पात
ििभ दा नः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 504


 7.62 उूय इित षडृच सू, मैाविण विस- आानां ितसृणां सूय तिसृणां

िमावणौ- िुप।।
05.05.04 उूय बृहदच े -ु िवा जिनम मानषु ाणाम।् समो िदवा दशे रोचमान-
ु ृ त कतिभ
ा कृ त क ्
ृ भूत।।
 स सूय ित परु ो न उाˆ -एिभ ोमेिभ रेतशिे भ रेवःै ।  नो िमाय वणाय वोचो-नागसो
अय े अये च।।
 िव न हं शु धो रद -ृतावानो वणो िमो अिः। य ु चा उपमो अक.- मा न
ु  ु वानाः।।
कामं पूपर
ू ी~ अिदते ासीथाो -ये वा ु ज
 ावाभम ु िनमान ऋे~। मा हेळे भूम वण वायो -मा

िम ियतम नृणाम।।
  बाहवा िससृतीवसे नˆ -आ नो गूित म ु तृतने । आ नो जने वयतँ यवु ाना -तु ं मे
िमावणा हवेमा।।
 नू िमो वणो अयमा न -ने तोकाय विरवो दध।ु सगु ा नो िवा सपु थािन स ु यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.63 उेतीित षडृच सू, मैाविण विसः-आानां साधचतसृणां सूय-तो

िमावणौ- िुप।।
05.05.05 उेित सभु गो िवच ा- ाधारण ूय मानषु ाणाम।् च  ु िम वण देव -
मव यमिव मांिस।।
 उेित सवीता जनानां -महा े त ु रणव ूय। समानं पयािववृ -देतश
 ो वहित धूष ु
ु ः।।
य
 िवाजमान उषसा मपु ा .-ेभ ै दे नमु मानः। एष मे देव िवता च -यमान
िमनाित धाम।।
 िदवो ˆ उच ाˆ उदेित -रेअथ रिण ाजमानः। नूनना ूयण
  सूताˆ -अयथािन
कृ णवपांिस।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 505


 ु रमत
 या च ृ ाˆ गात ु म ै –येनो न दीयेित पाथः। ित वां सूर उिदत े िवधेम -नमोिभ
िमावणोत हःै ।।
 नू िमो वणो अयमा न -ने तोकाय विरवो दध।ु सगु ा नो िवा सपु थािन स ु यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.64 िदिव येित पच सू, मैाविण विसो- िमावणौ- िुप।।
05.05.06 िदिव या रजस पृिथां - वाृत िनिणजो ददीर।् हो िमो अयमा
ु तो -राजा स ु ो वणो जष।।
सजा ु
 आ राजाना महˆ ऋत गोपा -िसपु ती~ िया यात मवाक।् इळाो िमावणोत वृि .-
मव िदव इतीरदानू।।
 िम ो वणो देवो अय-  सािधिे भ पिथिभ नय।ु व था न आदिर दु ास -इषा
े सह देवगोपाः।।
मदम
 यो वात मनसा त दते -मूा ीितणव ारय। उ थ
े ां िमावणा घृतने  -ता राजाना

सिु ती पयेथाम।।
ु  ं -सोम श
 एष ोमो वण िम त ु ो न वायवेयािम। अिव ियो िजगृत ं परु ी यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.65 ित वािमित पच सू, मैाविण विसो- िमावणौ- िुप।।
05.05.07 ित वां सूर उिदत े सूै -िम ं व े वण ं पूतद म।् ययो रसयु 1(अ) मि ते ँ .-

िव यामािचता िजग।।
 ता िह देवाना मसरु ा तावय
 ा -ता नः ि ती करत मूजयीः। अयाम िमावणा वय ँ वा-
ावा च य पीपयहा च।।
ू - रते ~
 ता भूिरपाशा वनृत सेत~ ू िरपवे माय। ऋत िमावणा पथा वा .-मपो न नावा
िरता तरेम।।
 आ नो िमावणा हजिु -ृत ै गूित म ु त िमळािभः। ित वा म वरमा जनाय -पृणीत मु ो
िद चारोः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 506


ु  ं सोम श
 एष ोमो वण िम त ु ो न वायवेयािम। अिव ियो िजगृत ं परु ी यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.66  िमयोिरेकोनिवंशृच सू, मेाविण विसो- िमावणौ- चतािद दशाना

मािदा- तदयािद ु
ितसृणां सूय- गायी- दशमी ादशी चतदयो बृह- एकादशी योदशी

पदय-तोबृह ोडशी परउिक ।् ।
05.05.08  िमयो वणयो - ोमो न एत ु शूः। नमा िु वजातयोः।।
 या धारय देवा -दु ा द िपतरा। असयु ाय महसा।।
 ता न ि पा तनपू ा -वण जिरतॄणाम।् िम साधयत ियः।।
 यद सूर उिदते -नागा िमो अयमा। सवु ाित सिवता भगः।।
 सु ावी र ु स य-  न ु याम दु ानवः। ये नो अंहोितिपित।।
05.05.09 उत राजो अिदित -रद त ये। महो राजान ईशते।।
 ित वां सूर उिदत े -िमृणीषे वणम।् अयमणं िरशादसम।।

ृ ाय शवस।े इय ँ िवा मेधसातये।।
 राया िहरयया मित -िरय मवक
 ते ाम देव वण -ते िम सूिरिभ ह। इषं ~ धीमिह।।
ृ ः। ीिण ये येम ु िवदथािन धीितिभ- िवािन पिरभिू तिभः।।
 बहव ूरच सो-ििजाˆ ऋतावध
05.05.10 िव ये दध ु शरदं मास मादह- य मुाचम।् अना ँ वणो िमो अयमा -
 ं राजान आशत।।
 तो अ मनामहे -सूै ूर उिदत।े यदोहत े वणो िमो अयमा- यूय मृत रः।।
 ऋतावानˆ ऋतजाताˆ ऋतावध ु े स
ृ ो -घोरासो अनृति षः। तेषाँ व  ु िदम े -नर ाम ये च
सूरयः।।

 उ शत ँ वप ु -िदव एित ितरे। यदी माश ु वहित देव एतशो -िव ै च स े अरम।।
 शीशी जगत षु ितं -समया िवमा रजः। स सार िु वताय सूय -वहि
हिरतो रथे।।
ु रत।् पयेम शरद शत-ीवेम शरद शतम।।
ु म
05.05.11 त  ु दविहत ं -श ्

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 507


 काेिभ रदाा-यात ँ वण मु त।् िम सोमपीतये।।
ु ी~।।
 िदवो धामिभ वण -िमा यात मुहा। िपबत ं सोम मातज
ु णा वाितरा। पात ं सोम मृतावृधा।।
आ यात ं िमावणा -जषा

 7.67 ित वािमित दशच सू, मैाविण विसोिनौ- िुप।।
05.05.12 ित वां रथ ृपती~ जर ै -हिवता मनसा यि येन। यो वा तो न िधा
वजीग~ रा सनू ु न िपतरा िववि।।
 अशोि िमधानो अ े -उपो~ अ मस िदाः। अचेित के त ु षस परु ा -िय े
िदवो िहत ु जायमानः।।
ु ता -ोमै िषि नासा िववान।् पूविभ यातं पािभ रवा -
 अिभ वानू मिना सहो
िवदा वसमु ता रथेन।।
 अवो वानू मिना यवु ाकु -व े यां सतु े माी~ वसूयःु । आ वाँ वह ु िवरासो अा -
िपबाथो अ े सषु तु ा मधूिन।।
 ाचीम ु देवािना िधयं मे-मृां सातये कृ तँ वसूयमु ।् िवाˆ अिवँ वाज आ परु ी -ा न
शं शचीपती~ शचीिभः।।
05.05.13 अिव ीि ना न आस ु -जाव ेतो अयो अ।ु आ वा ोके तनय े
ु ाना -रु ासो देववीितमेम।।
तूतज
 एष  वां पूवगेव से -िनिध िहतो माी~ रातो अ।े अहेळता मनसा यात मवा -
गा ह ं मानषु ीष ु िव ।ु ।
 एकि ोगे भरु णा समान े -पिर वां स वतो रथो गात।् न वायि स ु ाˆ -ये वा
ु ो देवय
षू ु तरणयो वहि।।
े नु ि।  ये ब ं ु सूनत
 असता मघवो िह भूत ँ -ये राया मघद य ृ ािभ िरे -गा पृो
अा मघािन।।
 नू मे हवमा णतु ँ यवु ाना -यािस ँ वित रिना िवरावत।् ध ं रािन जरत सूरी ूय ं पात
ििभ दा नः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 508


 7.68 आ श ्
ु िे त नवच सू, मैाविण विसोिनौ- िपु -आा िवराजः।।
ु ा यात मिना ा -िगरो दा जज
05.05.14 आ श ु णा यवु ाकोः। हािन च ितभत
ु षा ृ ा
वीतः।।
  वा मांिस मा  ु –ररं हिवषो वीतये मे। ितरो अय हवनािन तु ः।।
  वां रथो मनोजवाˆ इयित -ितरो रजािना शतोितः। अं सूयावसू~ इयानः।।
 अय ं ह या ेवया उ अि - िववि सोमस ु वु ाम।् आ व~
ू िवो ववृतीत ह ैः।।
 िच ं ह यां भोजनि -य े मिहँ ययु ोतम।् यो वा मोमान धत े िय।।

05.05.15 उत ारु त े अिना भू-वानाय तीं हिवद। अिध यप इतऊित धः।।
ु ु मिना सखायो -मे ज रेवास मु े। िनर पष दरावा यो यवु ाकुः।।
 उत ं भ
 वृकाय िचसमानाय श .-मतु तु ं शयवे यमाना। याव
 ा मिपत मपो न -
यि.िना शचीिभः।।
 एष  का जरते सूै –रे बधु ान उषसां समु ा। इषा तँ वध दा पयोिभ यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.69 आ वां रथ इच सू, मैाविण विसोिनौ- िुप।।
05.05.16 आ वां रथो रोदसी बधानो -िहरययो वृषिभ या ैः। घृतवतिन पिवभी चानˆ

-इषाँ वोा नृपित वािजनीवान।।
 स पथानो अिभ प भूमा -िवरु ो मनसा यात ु य
ु ः। िवशो येन गथो देवयी- कुा
िचाम मिना दधाना।।
ु ं िपबाथः। िव वां रथो वा3(आ) यादमानो-
 ा यशसा यात मवा - दा िनिधं मधम

ा िवो बाधते वतिनाम।।
 यवु ो ियं पिर योषा वृणीत -सूरो िहता पिरतायाम।् येवय मवथ शचीिभ -पिर ंस

मोमना वाँ वयो गात।।
ु ान पिरयाित वितः। तेन न शँ यो षसो ु ौ िना
 यो ह  वां रिथरा व उा -रथो यज

वहतँ य े अि।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 509


 नरा गौरेव िवतु ृषाणा ाक म सवनोप यातम।् पु 
 ा िह वां मितिभ हव े -मा वाम े
िन यम ेवयः।।
 यवु ं भ
ु ु मविवं समु -उहथ ु रणसो अिधान ैः। पतििभ रम ै रिथिभ -दसनािभ रिना
पारया।।
 नू म े हव मा णतु ँ यवु ाना -यािस ँ वित रिना िवरावत।् ध ं रािन जरत सूरी ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.70 आ िववारेित सच सू, मैाविण विसोिनौ- िुप।।
05.05.17 आ िववारािना गत - तान मवािच वां पृिथाम।् अो न वाजी

शनु पृो अादा- येदथ ु वु से न योिनम।।
¤िसषि सा वां समु ित िना-तािप घम मनषु ो रोण।े यो वां समु ा िरत िपप- त वा
ु ा यज
िच सयु ज ु ानः।।
 यािन ाना िना दधाथे~ -िदवो यीोषधीष ु िव ।ु िन पवत मूधिन सद-े षनाय
दाशषेु  वहा।।
े ऋषीणाम।् प
 चिन ेवा ओषधी  ु -यो याˆ अवैथ~ ु िण रा दधतौ 1(अ)े- अन ु
पूवािण चथ ु यगु ािन।।
ु –यिभ ािण च ाथे ऋषीणाम।् ित  यात ँ वरमा जनाया े वा
ु वु ांसा िचदिना प
 श
म ु समु ित िना।।
 यो वाँ य ो नासा हिवा -ृ ता समय3(ओ) भवाित। उप  यात ँ वरमा विस िममा

ायृे यवु ाम।।
 इय ं मनीषा इय मिना गी -िरमां सवु िृ ँ वृषणा जषेु थाम।् इमा ािण यवु य
 ू  म ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.71 अप स ु िरित षडृच सू, मैाविण विसोिनौ- िपु ।।
05.05.18 अप स ु षसो नि जहीते -िरणि कृ ी रष ाय पाम।् अामघा गोमघा वां

वेम -िदवा नं  श म यु ोतम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 510


 उपायात ाशषेु  माय -रथेन वाम मिना वहा। ययु तु म दिनरा ममीवा -िवा नं 
माी ासीथाः।।
ु यवो वृषणो वतय।ु ूमगभि मृतयिु  र ै -रािना
 आ वां रथ मवमाँ ु ौ -सा

वसमु ँ वहेथाम।।
 यो वां रथो नृपती~ अि वोा -िवरु ो वसमु ा उयामा। आ नˆ एना नासोप यात –
मिभ याँ िवो िजगाित।।
ु .-िपेदव ऊहथ ु राश ु मम।् िनरंहस मस त मि-ि जाष ं
 यवु वानरसोममु 
िशिथरे धातमः।।
 इय ं मनीषा इय मिना गी -िरमां सवु िृ ँ वृषणा जषेु थाम।् इमा ािण यवु य ू  म ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.72 आ गोमतेित पच सू, मैाविण विसोिनौ- िुप।।
ु ेण यातम।् अिभ वाँ िवा िनयतु 
05.05.19 आ गोमता नासा रथेना-ावता प¤
ु ना।।
चे -ाहया िया ता शभा
 आ नो देविे भ प यात मवा -जोषसा नासा रथेन। यवु ोिह न ा िपािण -समानो ब ु

त त िवम।।
ु िम ायषु स देवीः। आिववास ोदसी िधे~ मे~-अा
 उ ोमासो अिनो रब-ा
िवो नासा िववि।।
 िव चे िना उषास - वां ािण कारवो भरे। ऊ भान ं ु सिवता देवो अ े -हृ
दय िमधा जरे।।
 आ पाता ासा परु ा –दािना यात मधरा दात।् आ िवत पाजेन राया यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.73 अतािरेित पच सू, मैाविण विसोिनौ- िपु ।।
05.05.20 अतािर तमस ार म -ित ोम ेवयो दधानाः। पु द स
ं ा पु तमा
ु जा- मा हवते अिना गीः।।
परा

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 511


  ु ियो मनषु ािद होता -नासा यो यजत े वत े च। अीत ं मोˆ अिना उपाक -आ वाँ

वोचे िवदथेष ु यान।।
 अहेम य ं पथा मरु ाणाˆ - इमां सवु िृ ँ वृषणा जषु थे ाम।् ु ीववे  ेिषतो वामबोिध -ित ोमै
जरमाणो विसः।।
ृ ा वीळुपाणी।~ समां मत मरािण -मा नो
 उप ा वी~ गमतो िवशो -र ोहणा संभत
मिध मा गत ं िशवने ।।
 आ पाता ासापरु ा -दािना यात मधरा दात।् आ िवत पाजेन राया यूय ं
पात ििभ दा नः।।
 7.74 इमा उ वािमित षडृच सू, मैाविण विसोिनौ- बृहती-ितीया चतथु  ष
तोबृहः।।
05.05.21 इमा उ वा ििवयˆ -उा हवे अिना। अय ँ वाम े वस े शचीवसू~ िवशँिवशं
 
िह गथः।।
 यवु ि दथ ु भजनरा- चोदेथां सूनतृ ावते। अवा थं समनसा िन यतं –िपबत ं सो ं
मध।ु ।
 आ यात मपु  भूषतं -.म िपबत मिना।  धं पयो वृषणा जेावसू~ मा नो मिध मा

गतम।।
ु गृहँ -यवु ा ीयि िबतः। म य
 अासो ये वा मपु  दाशषो ू िु भ नरा हयेिभ रिना-देवा यात
ू ।।
मय~
 अधा ह  यो अिना- पृ  च सूरयः। ता यंसतो मघवो वु ँ यश -छिद र
ासा।।
ृ ासो रथाइव -नृपातारो जनानाम।् उत ेन शवसा शूशवु  ु -नर उत ि यि
  ये यय ु रवक

सिु ितम।।

ु आव इच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
 7.75 षा

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 512


05.05.22 1ु (उ)षाˆ आवो िदिवजाˆ ऋतने ा-िवृ वाना मिहमान. मागात।् अप ुह
म आव रजु  -मिरमा पा अजीगः~।।
 महे नो अ सिु वताय बो-ु षो महे सौभगाय  यि। िच ं रियँ यशस े े -देिव मतष ु

ु वमु ।।
मानिष
ृ ास आगःु । जनयो दैािन ता -ापृणो
 एत े े भानवो दशताया -िाˆ उषसो अमत
अिर ा ःु ।।
ु ाना पराका - ि ती पिर सो िजगाित। अिभपयी वयनु ा जनाना -िवो
 एषा ा यज
िहता भवु न पी।।
 वािजनीवती सूय योषा -िचामघा राय ईश े वसूनाम।् ऋिष¤त
ु ा जरयी मघो -षु ा उित
वििभ गृणाना।।
ु ना मषासो अा -िा अ षु सँ वहः। याित श
 ित ता ु ा िवि पशा रथेन -दधाित रँ
िवधत े जनाय।।
 सा सिे भ महती महि -दवी देविे भ यजता यजःै । जािन दद ियाणां -ित गाव
उषसँ वावश।।
 नू नो गोम ीरव ेिह र .-मषु ो अाव ु भोजो अ।े मा नो बिह पु षता िनद े क- यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.76 उ ोितिरित सच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
ृ  ँ िवज ँ -िवानर िवता देवो अते ।् ा देवाना मजिन
05.05.23 उ ोित रमत
च  ु -रािव रक भवु न ँ िव मषु ाः।।
  मे पाˆ देवयानाˆ अ-मधो वसिु भ िरृ तासः। अभू के त ु षस परु ा -
 ः।।
तीागा दिध ह
 तानीदहािन बला ास -ा ाचीन मिु दता सूय। यत पिर जारइवाचर -षो
ु द े न
पनु यतीव।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 513


 त इेवानां सधमादˆ आस -ृतावान कवय पूासः। गूोित िपतरो अिव -

माˆ अजनय षु ासम।।
 समान ऊव अिध सतास -ानते न यते िमथे। ते देवाना िमनि ता -मधो
वसिु भ यादमानाः।।
 ित ा ोम ै रीळते विसाˆ -उषबधु भ
ु गे तु व ु ाते
ु ांसः। गवाे ी वाजपी न उो-ष ज
थमा जर।।
 एषा नेी राधस ूनतृ ाना -.मषु ाˆ उी िरते विसःै । दीघतु  ं रिय मदे धाना -यूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.77 उपो च इित षडृच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
05.05.24 उपो~ चे यवु ितन योषा -िवीव ं सवु ी चराय।ै अभू दि िमधे
मानषु ाणा.- मक ित बाधमाना तमांिस।।
ु मतै ।् िहरयवणा सु शीकस - गवां
 िवं तीची सथा उदा -ुश ासो िबती श
माता न े ा मरोिच।।
ु गा वही -ेतयी सु शीक मम।् उषाˆ अदिश रिमिभ ा -िचामघा
 देवाना  ु भ
िवमन ु भूता।।
ु ो-वूित मभयधी नः। यावय ेषˆ आ भरा व
 अिवामा रे अि म म  सूिन -चोदय राधो
गृणत े मघोिन।।
ु देिव ितरी न आयःु । इषनो दधती िववारे~ -गोम दाव
ु िवभा-षो
 अ े ेिे भ भानिभ
थव राधः।।
 याा िदवो िहत वधय -षु ज
ु ाते मितिभ विसाः। साास ु धा रिय मृ ं बृहँ यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.78 ित के तव इित पच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
05.05.25 ित के तव थमाˆ अ -ूाˆ अाˆ अयो िव ये। उषोˆ अवाचा बृहता
रथेन -ोितता वाम मँ वि ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 514


 ित षी मि जरते सिम -ित िवासो मितिभ गृणः। उषाˆ याित ोितषा बाधमाना -िवा
तमांिस िरताप देवी।।
 एता उ ा  रु ा -ोित यी षसो िवभातीः। अजीजन ूय य मि

.मपाचीन मो अगा दजु म।।
 अचेित िदवो िहता मघोनी -िवे पय षु सँ िवभातीम।् आा थं धया य
ु मान -मा
ु ो वहि।।
यमास यु ज
 ित ा समु नसो बधु ा-ाकासो मघवानो वय। ितिलाय मषु सो िवभाती यूय ं पात
ििभ दा नः।।

ु आव इित पच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
 7.79 षा
05.05.26 1ु (उ)षा आव पा3(आ) जनानां -प ि ती मानषु ी बधयी। सस
ु 
 ि
 िभ भान ु मे -ि सूय रोदसी च सावः~।।
ु ा उषसो यते। से गाव म आ वतयि -ोित
 ते िदवो अेू -िशो न य
यि सिवतवे  बा~।।
 अभू षाˆ इतमा मघो-जीजन िु वताय वांिस। िव िदवो देवी िहता दधा –
ु ृ ते वसूिन।।
िरमा सक
ृ ो अरदो गृणाना। याा ज ु वृषभा रवेण -िव
 तावषो राधो अं रा -याव ोत
 रो अे रौणः।।
ु ी न नये िधयो धा यूय ं पात
 देवेवं राधस े चोदय -  ूनतृ ाˆ ईरयी। 
ििभ दा नः।।

 7.80 ित ोमेिभिरित तृच सू, मैाविण विस- उषा-िपु ।।
05.05.27 ित ोमेिभ षसँ विसाˆ -गीिभ िवास थमा अबु ।् िववतय रजसी~
े - आिवृ वत भवु नािन िवा।।
सम~
 एषा ा न माय ु दधाना -गूी तमो ोितषोषाˆ अबोिध। अ एित यवु ित रयाणा -ािचिकत

ूय य मिम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमााये पमाायः (वगाः 1-27) Page 515


ु  ु भाः। घृत हाना िवत पीता यूय ं पात
 अावती गमतीन उषासो -वीरवती द म
ििभ दा नः।।।। इित पमााय माः।।

 पमाके षाायः(वगाः 1-25)


 7.81  ु अदशित षडृच सू, मैाविण विस- उषा- बृहती-ितीया चतथु  ष
तोबृहः।।
05.06.01  ु अदयाय1ु -(उ)ी िहता िदवः। अपो ~मिह यित च स-े  तमो
ोित ¤ृ णोित सूनरी।।
 उिया ृजते सूय चा -उ  मिचवत।् तवेषो िष
ु सूय च -सं भेन
गमेमिह।।
ु िह। या वहिस पु ाह वन-ित- र दाशषेु  मयः।।
 ित ा िहत िदवˆ -उषो जीरा अभ
 ोिष मंहना -मिह  ै देिव श।े ता े रभाजˆ ईमहे -वय ं ाम मातनु
 उी या कृ ण
सूनवः।।
ु मम।् ये िदवो िहत मतभोजन- ा भनु जामहै।।
 ति ं राधˆ आ भरो-षो यीघ
 व ूिरो अमत ु न ँ -वाजा अोमतः। चोदियी मघोन ूनतृ ाव षु ा उद प
ृ  ँ वस
िधः।।
 7.82 इावणेित दशच सू, मैाविण विस- इावणौ-जगती।।
05.06.02 इावणा यवु मराय नो- िवश े जनाय मिह शम यतम।् दीघय.ु मित यो
ु ित -वययम
वन े  पृतनास ु ः।।
ू । िवे देवास परम े ोमिन -
 साळ राळˆ उते वां -महाा िवावणा महावस~
सँ वा मोजो वृषणा सं बल धःु ।।
ृ  मोजसा-सूय मैरयत ििव भमु ।् इावणा मदे अ माियनो-िपत
 अपा.ात
मिपत िपत ियः।।
 यवु ािम 
ु ु पृतनास ु वयो -यवु ाेम सव े िमत वः। ईशाना वˆ उभय कारवˆ -
इावणा सहु वा हवामहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 516


 इावणा यिदमािन चथ ु -िवा जातािन भवु न मना। म
े ण
े िमो वण वित -
मि  शभु  म ईयते।।
ु ाय वण न ु िष -ओजो िममाते~ वु म यम।् अजािम म
05.06.03 महे श
थय माितर -िे भ र  वृणोित भूयसः।।
 न तमंहो न िरतािन म -िमावणा न तप कुतन। य देवा गथो वीथो अर.- तं
मत नशते पिरृितः।।
ु षथः। यवु ोिह स मतु वा यदां -माडक
 अवारा दैने ावसा गत ं -णतु ं हवँ यिद मे जजो

िमावणा िन यतम।।
ु धा भवत.ोजसा। यां हव उभ
 अाक िमावणा भरेभरे -परोयो  ये अध ृिध -नर
ोक तनय साितष।ु ।
ु ँ य ु मिह शम सथः। अवोित रिदतरे ्ऋतावध
 अ े इो वणो िमो अयमा - ृ ो -
देव ोकं  सिवत ु मनामहे।।
 7.83 यवु ारेित दशच सू, मैाविण विस- इावणौ- जगती।।
05.06.04 यवु ारा पयमानास आं -ाचा ग पृथपु शवो ययःु । दासा च वृा हत

.मायािण च -सदु ास िमावणावसावतम।।
 र मय े कृ तजो -यिाजा भवित िकन ियम।् या भ
 या न  य े भवु ना श –
ा न ्
 ˆ इावणािध वोचतम।।
 सं भूाˆ अा िसराˆ अ त-े ावणा िदिव घोष आहत।् अ ु जनाना मपु  मामरातयो-

वा गवसा हवनतु ागतम।।
 इावणा वधनािभ रित भेद ँ .-वा  सदु ास मावतम।् ायेषां णतु  ं हवीमिन -सा
ू ा मभव रु ोिहितः।।
तृन
ु मरातयः। यवु ं िह वˆ उभय राजथो-ध ा
 इावणा वा तपि माघा-य वनषा
नोवतं पाय िदिव।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 517


05.06.05 यवु ां हव उभयास आिज -ि वो वण सातये। य राजिभ दशिभ
िनबािधतं - सदु ास मावत ृिु भ ह।।
 दश राजान िमताˆ अयव -दु ास .िमावणा न ययु धु ःु । सा नृणा मसदा मपु ित
ु -

दवाˆ एषा मभव ेवितष।।
 दाशरा े पिरयाय िवत -दु ास इावणा विश तम।् िो य नमसा कपिदनो -िधया
धीवो असप तृवः।।
 वृाय िमथषे  ु िजत े -ताो अिभ र ते सदा। हवामहे वाँ वृषणा सवृु ििभ -र े

इावणा शम यतम।।
ु ँ य ु मिह शम सथः। अवोित रिदतरे ्ऋतावध
 अ े इो वणो िमो अयमा - ृ ो -
देव ोकं  सिवत ु मनामहे।।

 7.84 आ वां राजानािवित पच सू, मैाविण विस- इावणौ- िुप।।
05.06.06 आ वां राजाना वरे वव
ृ ां -हिे भ िरावणा नमोिभः।  वाृताचीˆ बाो
ु पा िजगाित।।
दधाना - पिर ना िवष
 यवु ो रा ं बृह िदित ौ-य सेतिृ भ ररिभ
ु िनीथः। पिर नो हेळो वण वृाˆ -उˆ

इ कृ णव लोकम।।
 कृ तो य ँ िवदथेष ु चा-त ं ािण सूिरष ु शा। उपो~ रिय दवजूतो न एत ु - ण ाहािभ

ितिभ िरेतम।।
 अ े इावणा िववारं- रिय  ँ वसमु ं पु मु ।्  यˆ आिदो अनृता िमना -िमता
शूरो दयते वसूिन।।
ु ाना। सरु ासो देववीितमेम यूय ं पात ििभ
 इय िमँ वण म मे गी ाव ोके तनय े तूतज
दा नः।।

ु वािमित पच सू, मैाविण विस- इावणौ- िपु ।।
 7.85 पनीषे
05.06.07 पनु ीष े वा मर सं मनीषां .-सोम िमाय वणाय जु त।् घृततीका मषु स देवी -

ा नो याम ता .मभीके ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 518


 ध े वा उ देवये अ -येष ु जषे  ु िदव पति। यवु ा इावणा विमा -त ं
पराच शवा िवषूचः।।

 आप िि यशस द ु -देवी िरँ वण ेवता धः~। कृ ी रो धारयित िवा -
वृायो अत
 ीिन हि।।
ु तरु ् ऋतिचद ु होता -यˆ आिद शवसा वामान।् आववत दवस े वां हिवा –
 स स

नसिद. सिु वताय यान।।
ु ाना। सरु ासो देववीितमेम यूय ं पात
 इय िमं वण म मे गी -ाव ोके तनय े तूतज
ििभ दा नः।।

 7.86 धीरा िच सू, मैाविण विसो- वण- िुप।।
05.06.08 धीरा  मिहना जनिूं ष -िव य  रोदसी िचव~।  नाक मृ नु देु
बृह -िता न  ं पथ भूम।।
 उत या ता3(आ) सँ वद े त-दा 1(अ) वण े भवु ािन। िकं मे ह मणानो जषेु त -

कदा मृळीकं समु ना अिभ म।।
ृ म।् समान िमे कवयि दा -रय ं ह त
 पृे तदेनो वण िद -ू पो~ एिम िचिकतषु ो िवप ु ँ
वणो णीते।।
 िकमाग आस वण ेँ -योतारिघांसिस सखायम।्  ते वोचो ळभ धावो-व

ानेना नमसा तरु इयाम।।
 ताय ं ु -सृजा व
 अव ु धािन िपा सृजा -नोव या वयकृमा तनिू भः। अव राज शतु पृ    

दाो विसम।।
 न स ो द ो वण िु त -ा सरा
ु म ु िवभीदको अिचिः। अि ाया नीयस उपारे -
न े दनृत योता।।
 अर ासो न मीषे करा -यह ेवाय भूणये नागाः। अचेतय दिचतो देवो अय -गृ ं राय े

किवतरो जनाित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 519


ु  ँ वण धावो -िद ोम उपित िद।ु शः  म
 अय ं स ु त े  े शमयु ोगे नो अ ु यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.87 रदथ इित सच सू, मैाविण विसो- वण- िुप।।
05.06.09 रद थो वण ूयाय -ाणािस समिु या नदीनाम।् सग न सृो अवतीर ् ऋताय-
.कार मही रवनी रहः।।
 आा ते वातो रजˆ आ नवीनो -शनु भूिण यवस े ससवान।् अ मही~ बृहत
 ी~ रोदसीमे
~िवा ते धाम वण ियािण।।
े पयि रोदसी समु क
 पिर शो वण िदा- उभ~ े े ~। ऋतावान कवयो य धीरा-
चेतसो य इषय म।।
ु न वोच -गु ाय िवˆ
 उवाच मे वणो मेिधराय -ि  नामाा िबभित। िवा द गा

उपराय िश ।।
 ितो ावो िनिहताˆ अ रि -िो भूमी परा िधानाः। गृो राजा वण  -एत

ििव े िहरययं शभु े कम।।
 अव िस ँ ु वणो ौिरव ा -ो न ेतो मृग िु वान।् गीरशंसो रजसो िवमान -
पु ार  तो अ राजा।।
 यो मृळयाित चुष े िचदागो -वय ं ाम वण े अनागाः। अन ु ता िदतरे ् ऋधो यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.88  श ु
ु विमित सच सू, मैाविण विसो- वणिुबा जगती- (अा

पाशिवमोचनीित गणः)
ु वु  ँ वणाय ेां -मितँ विस मीषे भर। यˆ ईमव
05.06.10  श  ा.रत े यज ं -

सहामघँ वृषण ं बृहम।।
 अधा  सशगा -न े रनीकँ वण मंिस। 1(अ)य दमिधपा उ अो-िभ मा

वप ु शये िननीयात।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 520


 आ युहाव वण नावं - यमु मीरयाव मम।् अिध यदपां िभ
ु राव - े ईयावहै

शभु े कम।।
 विसं ह वणो नााधा -िषकार पा महोिभः। ोतारँ िव िु दन े अाँ -या ु ाव
तना षासः।।
ृ ं परु ा िचत।् बृहं मानँ वण धाव -
 1(अ)ािन नौ सा बभवू  ु -चावहे~ यदवक
 हृ े।।
हार.गमा ग
 यˆ आिप िनो वण िय -ा मागांिस कृ ण ु म-
 वखा ते। मा त एनो यि जे

यि ा ि व वु त े वथम।।
 वु ास ु ास ु ि ितष ु ि यो -1(अ) ाशँ वणो ममु ोचत।् अवो वानाˆ अिदत े
पा ूय ं पात ििभ दा नः।।
 7.89 मो ष ु वणेित पच सू, मैाविण विसो- वणो- गाया जगती।।
05.06.11 मो~ ष ु वण मृय-ृहं राजहमम।् मृळा स
  ु  मृळय।।
 यदेिम ुरिव -ितन ातो अिवः। मृळा स ु  मृळय।।
  मह दीनता -तीपगमा श ु ।े मृळा स ु  मृळय।।
 च
 अपां मे तिवांस -ृािवद िरतारम।् मृळा स ु  मृळय।।
ु ा3( आ)रामिस। अिची यव धमा ययु ोिपम -मा न
 यिेदं वण दै े जने-िभोहं मन
ा देनसो देव रीिरषः।।

 7.93  वीरयेित सच सू, मैाविण विस- आानां चतसृणां वायरानां

ितसृणािमवायू िुप।।
ु मधम
ु यो दिरे वा –मयिभ
05.06.12  वीरया शच ु  तु ासः। वह वायो~ िनयतु ो
 तु ासो मदाय।।
याा –िपबा स

 ईशानाय ितँ य आन -ि चं सोमं शिचपा ु  वायो~। कृ ण
ँ  ोिष तं मष ु श-
ातोजातो जायते वा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 521


 राय े न ु य तू रोदसीमे~ राय े देवी िधषणा धाित देवम।् अध वाय ु ियतु  त ाˆ -उत ेत ँ
वसिु धितिरेके।।
 उषु स िु दनाˆ अिराˆ -उ ोित िविव दानाः। गिव मिु शजो िव व ु -ेषा
मन ु िदव  ु रापः।।
ु ास तनु ा वहि। इवायू~ वीरवाहं रथँ वा -मीशानयो
 ते सने  मनसा दीाना -ेन य
रिभ पृ  चे।।
 ईशानासो ये दधत े ण -गोिभ रेिभ वसिु भ िहर य ैः। इवायू ~सूरयो िव माय ु –रवि
वरै पृतनास ु सःु ।।
ू सु िु तिभ विसाः। वाजय वस े वेम यूय ं पात
 अवो न वसो िभ माणाˆ- इवाय~
ििभ दा नः।।

 7.90 कुिवदे ित सच सू, मैाविण विस- इवायू-आ तृतीययो वाय-ु िुप।।
05.06.13 कुिवद नमसा ये वृधास- परु ा देवाˆ अनवासˆ आस।् ते वायवे मनव े
बािधताया-वासय षु सं सूयण
 ।।
ु िु त वा िमयाना -माडक
 उशा ता न दभाय गोपा -मास पाथ शरद पूवः। इवायू स¤

ु त नम।।
मीे सिव
 पीवोअा रियवध
ृ  म े ा -ेत ¤िषि िनयतु ा मिभीः। ते वायवे समनसो िव त ु -
ु ध
िवेर पािन चुः।।
 याव र ो3(ओ) याव दोजो -यावर  सा दीानाः। शिु चं सोमं शिचपा
ु पात म-े

इवायू सदत ं बिहरेदम।।
 िनयवु ाना िनयतु  ाहवीराˆ इवायू~ सरथँ यात मवाक।् इदं िह वां भृत ं मो अ.–मध
ु 
ीणाना िव मम ु म।े ।
 याˆ वां शत ियतु ो याˆ ह –िमवायू ~िववारा च।े आिभयातं सिव
ु दािभ रवा -
ातरा ितभत
ृ  मः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 522


ू सु िु तिभ विसाः। वाजय
 अवो न वसो िभ माणा- इवाय~   वस े वेम यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.91 आ वायिवित पच सू, मैाविण विसो- वाय-ु ितीया चत
ु  िरवायू-

िपु ।।
05.06.14 आ वायो~ भूष शिु चपाˆ उप न -ह े िनयतु ो िववार। उपो~ ते अो म

मयािम -य देव दिधष े पूवपये म।।
  सोता जीरो अरेा -ोम िमाय वायवे िपब ै।  यां मो अिय ं भर -यवो
देवय शचीिभः।।
  यािभ यािस दाांस मा - िनयिु  वाय~ िवये रोण।े िन नो रियं सभु ोजस ँ यवु  -िन
वीर म राधः।।
 ये वायव इमादनास -आदेवासो िनतोशनासो अयः। ो वृािण सूिरिभ ाम –सासांसो

यधु ा नृिभ रिमान।।
 आ नो िनयिु  शितनीिभ ररं -सहि णीिभ प यािह य म।् वायो~ अि वन े मादय
यूय ं पात ििभ दा नः।।

ु िच सू, मैाविण विस- इाी- िपु ।।
 7.92 शिच
05.06.15 शिु च ु ोमवजात म-े ाी~ वृहणा जषु थे ाम।् उभा िह वां सहु वा जोहवीिम
-ता वाजं सˆ उशत े धेा।।
ृ ा शवसा शूशवु ांसा। यौ रायो यवस भूरे- पृँ
 ता सानसी~ शवसाना िह भूत ं -साकँवध
वाज िवर घृःे ।।
 उपो~ ह यिदथँ वािजनो ग ु -धिभ िवा मित िममानाः। अवो न काा माणाˆ -
इाी~जोवतो नर।े ।
 गीिभ िव मित िममानˆ -ईे रियँ यशसं पूवभाजम।् इाी~ वृहणा सवा
ु - नो
नेिभ िरत े ैः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 523


े । अदेवय ँ ु िवदथे देवयिु भ -ा हत ं
 सँ यही~ िमथती~ धमाने~ तनूचा शूरसाता यततै ~
ु जनेन।।
सोमसता
ु मपु  नˆ -एाी~ सौमनसाय यातम।् नू िचि पिरमाथे~
05.06.16 इमामषु ु सोमसित
अा -ना वां शि ववृतीय वाज ैः।।
 सो अ
 एना नमसा सिम
 ो-ा िम ँ वण िमँ वोचेः। यी माग कृ म   ु मृळ -
 ात

तदयमािदित िशथ।।
 एताˆ अ आशषु ाणासˆ इी -यवु ो चायाम वाजान।् मेो नो िव ु मत पिर 
ूय ं पात ििभ दा नः।।

 7.93 इयँ वािमित ादशच सू, मैाविण विस- इाी- गायानु ुप।।
 मनˆ -इाी~ पूिु तः। अा िृ िरवाजिन।।
05.06.17 इय ँ वाम
 णतु िरत ु हव -िमाी~ वनतिरः। ईशाना िपत ियः।।
 मा पापाय नो नरे-ाी~ मािभशये। मा नो रीरधत िद।े ।
 इे अा नमो बृह -वु िृ  मेरयामहे। िधया धेनाˆअववः।।
 ता िह शˆ ईळत -इा िवास ऊतये। सबाधो वाजसातये।।
 ता वाीिभ िवपव -यो हवामहे। मेधसाता सिनवः।।
05.06.18 इाी~ अवसागत –मषणीसहा। मा नो शंस ईशत।।

 मा क नो अरषो धूित ण। इाी~ शम यतम।।
 गोम िरयव स ु या माव दीमहे। इाी~ तनमे िह।।
 योम आ सतु े नर -इाी~ अजोहवःु । सीवा सपयवः।।
 उिे भ वृहमा -या माना िचदा िगरा। आषू ै रािववासतः।।
 तािव ु शंस ं म -िवांस ं र िनम।् आभोग ं हना हत -मदु िधं हना हतम।।


 7.94  ोदसेित षडृच सू, मैाविण विस- रती- तृतीयाया रां-िपु ।।
05.06.19  ोदसा धायसा स एषा -सरती धण मायसी पूः। बाबधाना रवे याित -
िवाˆ अपो मिहना िस ु राः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 524


ु यती िगिरˆ आ समु ात।् राय ेती भवु न भूरे -घृत ं
 एकाचेतरती नदीनां -शिच
पयो हे नाषाय।।
ृ  े नय योषणास ु -वृषा िशश ु वृषभो यि यास।ु स वािजनं मघवो दधाित -िव सातये तं
 स वावध
मामज
ृ ीत।।
ु गा य े अि।् िमत िु भ नम ै िरयाना -राया यज
ु णो-प व भ
 उत ा न रती जषा ु ा
िचरा सिखः।।
 इमा जा ु दा नमोिभ -ित ोमं सरित जष।
ु नाˆ य ु तव शम ियतम े दधानाˆ -उप

ेयाम शरण वृ म।।
 अयम ु ते सरित विसो -ारा वत ु वु त े रािस वाजा ूय ं पात
ु  ावः~। वध शे
ृ  सभगे
ििभ दा नः।।
 7.95 बृह गाियष इित षडृच सू, मैाविण विस- रती अानां ितसृणां
सरान-् आा बृहती- ितीया सतोबृहती- तृतीया ारपिः-अािो गायः।।
05.06.20 बृह गाियषे वचो-सयु ा नदीनाम।् सरती .िमहया सवृु ििभ - ोम ै विस
रोदसी।।
ु  े असी~ -अिधि यि पूरवः। सा नो बोिवी मखा- चोद राधो
े ये मिहना श
 उभ~

मघोनाम।।
 भिम ा कृ णव र-कवारी चेतित वािजनीवती। गृणाना जमदिव -वु ाना च

विसवत।।
ु य दु ानवः। सरं हवामहे।।
 जनीयो व -पी
ु ो घृत
 ये ते सरˆ ऊमयो -मधम ु । तेिभनिवता भव।।
 तः

 पीिपवांस ं सरत - नँ यो िवदशतः। भ ीमिह जा िमषम।।

।। अथ पिरिशम।।
 य त ं पशवो यि सव य त मपु ित आपः। य त े पिु पित िनिव ं सर

मवस े वेम।। ।। इित पिरिशम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 525


 7.96 य े िदव इित दशच सू, मैाविण विसो बृहितः-आाया इः-तृतीया

नवोिराणती अाया इाबृहती िपु ।।
ु े-
05.06.21 य े िदवो नृषदन े पृिथाˆ -नरो य देवयवो मदि। इाय य सवनािन स
गम दाय थम ँ वय।।
े वांिस -बृह
 आ दैा वृणीमह  ितन मह आ सखायः। यथा भवेम मीषे अनागा -यो नो दाता
परावत िपतवे ।।
 तम ु ेमसा हिविभ -श
ु वे  ं ण
 ित ृणीषे। इं ोको मिह दै ¤िषु -यो णो
देवकृ त राजा।।
 स आ नो योिनं सदत ु ेो -बृहित िववारो यो अि। कामो राय वु ीय ता -षो

अित सतो अिरान।।
ृ ाय जु -िमम े धास ु रमत
 तमा नो अक ममत ु जाः। शिु चँ यजत ं पानां -बृहित
ृ ास परा
मनवाणं वेम।।
05.06.22 तं श मासो अषासो अाˆ- बृहितं सहवाहो वहि। सहि  नीलव
ध-भो न प मष ँ वसानाः।।
ु -ु िहर यवाशी िरिषर षाः। बृहित  ावश
 स िह शिु च शतप  श ु
े ऋ -प
सिख आसिु तिरः।।
ृ त ु मिहा। द ााय द ता सखाय -कर ण े
 देवी~ देव रोदसी जिनी~ बृहितँ वावध
सतु रा सगा
ु धा।।
 इय ँ वां णते सवृु ि -ेाय विणे अकािर। अिव ियो िजगृत ं परु ी -जज मय
ु मरातीः।।
वनषा
 बृहते यवु िम वो -िद ेशाथे~ उत पािथव। ध ं रियं वु त
 े कीरये िच-ूय ं पात
ििभ दा नः।।

 7.97 अयव इित सच सू, मैाविण विस- इोाया इाबृहती- िुप।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 526


05.06.23 अयवोण  ध मंश-ु हु ोतन वृषभाय ि तीनाम।् गौरा ेदीया अवपान

.िमो -िवाहेाित सतु सोम िम।।
ु णˆ -उशि
 यिधष े िदिव चाव -िविे दव े पीित िमद वि । उत दोत मनसा जषा

िता ािह सोमान।।
 ज ान ोमं सहस े पपाथ - ते माता मिहमान मवु ाच। ए पाथोव1(अ)िर ँ -यधु ा देव
े ो
विरव कथ।।
 योधयाˆ महतो ममाना -ा ाम ताािभ शाशदानान।् या नृिभ वृतˆ इािभय
ु ा-
े ।।
यािजं सौवस.यम
 े वोचं थमा कृ तािन - नूतना मघवा या चकार। यद े ददेवी रसिह मायाˆ -अथाभव
े वल ोमो अ।।
 तवेद ँ िव मिभत पश1(अँ) -ययिस च सा सूय। गवामिस गोपित रेकˆ इ -
भ ीमिह ते यत वः।।
 ते यवु िम वो -िदेशाथे~ उत पािथव। ध ं रियं वु त े कीरये िचूय ं पात
 बृह
ििभ दा नः।।
 7.98 परो मायेित सच सू, मैाविण विसो- िवःु ।।

 उँ य ायेित ितसृणा िमािव-ू िपु ।।

05.06.24 परो माया ता वृधान -न ते मिह मवि। े ते िव रजसी~
उभ~
पृिथाˆ- िवो~ देव ं परम
  िवे।।
 न ते िवो~ जायमानो न जातो -देव मिह परम माप। उदा नाक मृ ं बृह ~ाधथ
ाचीकुभं पृिथाः।।
 इरावती~ धेनमु ती~ िह भूत ं सूयविसनी~ मनषु े दशा। ा ोदसी िव~वेत~
े दाधथ
ू ैः।।
पृिथवी मिभतो मयख
 उँ य ाय चथु लोक-नया सूय मषु ास मिम।् दास िचषृ िश मायाˆ -जथ ु नरा

पृतनाेष।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके षाायः(वगाः 1-25) Page 527


ु नवित िथम।् शत ँ विचन ह साकं -हथो
ू ंिहता शर- नव परो
 इािव~

 सरु  वीरान।।
अ
 ी बृहो-मा तवसा वधयी। ररे वां ोमँ िवदथेष ु िवो~- िपत िमषो
 इय ं मनीषा बृहत
वृजनेि।।

 वषे िव~ वास आ कृ णोिम -ते जष िशिपिव हम।् वध ु ा स¤
ु त
ु यो िगरो मे यूय ं
पात ििभ दा नः।।

 7.99 नू मत इित सच सू, मै ाविण विसो- िव-ु िुप।।
05.06.25 न ू मत दयते सिन-ो िवव उगायाय दाशत।्  य ाचा मनसा यजात -

एतावय मािववासात।।
 ँ िवो~ समु ितँ िवजा .-मयतु ा मेवयावो मिताः। पच यथा न िु वत भूरे -
ु  रायः।।
रावत प
 िदव पृिथवी मेष एताँ -िव चमे शतचस ं मिहा।  िव ु र ु तवस वीया -ेष ं 
िवर नाम।।
 िव चमे पृिथवी मेष एता.-ेाय िव ु मनषु े दश।् वु ासो अ कीरयो जनासˆ -उि ितं
ु िनमा चकार।।
सज
  ते अ िशिपिव नामा -य शंसािम वयनु ािन िवान।् ता गृणािम तवस मता -
य म रजस पराके।।
 िकिमे िवो~ पिरचं भू- यव े िशिपिवो अि। मा वप अ दप गूह एत- दप
ू ।।
िमथ े बभथ

 वषे िव~ वास आ कृ णोिम -ते जष िशिपिव हम।् वध ु ा स¤
ु त
ु यो िगरो मे यूय ं
पात ििभ दा नः।। इित षााय माः।।

 पमाके समाायः (वगाः 1-33)



 7.100 ितो वाच इित षडृच सूाेयः कुमारः पज-िपु -(ितो वाचः पजायेित
सूयो- वृिकामो विसः- पाि कः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 528


ु घ .मूधः। स वव भ
05.07.0 ितो वाच  वद ोितरा-ˆ याˆ एत ु े मधदो
मोषधीनां -सो जातो वृषभो रोरवीित।।
 यो वधन ओषधीनाँ यो अपाँ -यो िव जगतो देवˆ ईशे। स िधात ु शरण ं शम यंस -िवत ु
ोित िभ1 (अ)े।।
 री वित सूत उ -थावश  एषः। िपतु पय ित गृाित माता -तेन िपता
वधते तेन पु ः।।
 यि िािन भवु नािन त ु -िो ाव ेधा स ु रापः। य कोशास उपसच
े नासो -म

ोत िभतो िवरम।।
ु ोषत।् मयोभवु ो वृय  े -सिु पलाˆ
 इद ँ वच पजाय राजे -दो अर ज
ओषधी दवगोपाः।।
 स रेतोधा वृषभ शतीना -िाा जगत षु 
 । त ऋत ं पात ु शतशारदाय यूय ं पात
ििभ दा नः।।
 7.101 पजायेित तृच सूाेयः कुमारः- पजो- गायी।।
05.07.02 पजाय  गायत -िदवु ाय मीषे। स नो यवस िमत।ु ।
 यो गभ मोषधीना-वाणो वताम।् पज पु षीणाम।।

ु मम।् इळा ँयतरत।।
 ता इदा े हिव -जहु ोता मधम ्
 7.103 सँवरिमित दशच सू, मैाविण विसः- पजिु त- सं मडूका

िुबाानु ुप।।
05.07.03 सँवरं शशयानाˆ -ाणाˆ तचािरणः। वाचं पजिजितां - मडूकाˆ

अवािदषः।।
ु ं  सरसी~ शयानम।् गवा मह न माय ु विनीनां -
 िदाˆ आपो अिभ यदेन माय -ित श
मडूकानाँ व ु रा स
 मेित।।
ृ ागतायाम।् अल
 यदी मेना उशतो अवष -ृावत ाव  ीकृा िपतर पु ो -
अो अ .मपु  वद मेित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके समाायः (वगाः 1-33) Page 529


  यदमिषाताम।् मडूको यदिभवृ ¤किन -ृि
 अो अ मन ु गृाेनो -रपां सग

ृ े हिरतने  वाचम।।
ंप
ृ वे  पव -यवु ाचो
 यदेषा मो अ वाचं -शाेव वदित िश माणः। सव देषां समध
वदथना।ु ।
05.07.04 गोमाय ु रेको अजमाय ु रेक- पृि रेको हिरतˆ एकˆ एषाम।् समान ाम िबतो
िवपा- पु ा वाचं िपिपश ु वदः।।
 ासो अितरा े न सोमे -सरो न पूण मिभतो वदः। सँवर तदह पिर ¤ -
 ाण
यडूका ावृषीणं बभवू ।।
 ाणास ोिमनो वाच मत - कृ  व पिरवरीणम।् अयवो घिमण ¤ििदाना -

ु न के िचत।।
आिव भवि गा
 देविहित.गु पु ु ादश -ऋतरो
ु न  िमनेत।े सँवर े ाव
ृ ागताया -ाˆ घमाˆ

ु िवसगम।।
अवते
 गोमाय ु रदा दजमाय ु रदा -ृि रदा िरतो नो वसूिन। गवां मडूका ददत शतािन -सहसाव े
 ितर आयःु ।।

।। अथ पिरिशम।।
ृ  चतरु  पदः।।
 उपवत मडूिक -वषमा वद तािर। मे द व -िनग

 ।। इित पिरिशम।।
 7.104 इासोमेित पिवंशृ सू, मैाविणविस- इासोमौ अमी षोड-येको निवंशी

िवंयेकिवंशी ािवंशी चतिवशीनािमः- ु
नवमी ादशी योदशीनां सोमः-दशमी चतदयोरिः-
एकादया िवेदवे ाः-सदया ावाणः-अादया मतः-योिवंया विसाशीः-पृिथिर ािण-
आा डादशी ािवंशी योिवंयो जगोानु ु-िा िुभः- (अिूे र  ु
े ं गण

वासां देवतानां वः) ागाथेमे मडले दशानवाका ु
 थमेनवाके पसूािन।।
05.07.05 इासोमा तपत ं र ˆ उत-पयतँ वृषणा तमोवध
ृ ः। परा णीत मिचतो ोषतं
-हत दु थ
े ा ििशशीत मिणः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 530


 इासोमा समघशंस म1(अ)घ -प ु यय ु च रिवाइव। िषे ादे घोरच से -
ेषो ध मनवाय.िमीिदन।े ।
 -रनारण े तमिस  िवतम।् यथा नात पनु रेक नोदय -ा
 इासोमा ृतो व े अ
म ु सहस े ममु वः।।
 इासोमा वतयत िवो वध ं -सं पृिथाˆ अघशंसाय तहणम।् उ तं य1(अं) पवत
े ो -येन
ृ ान िजवू थः।।
र ो वावध
 इासोमा वतयत िव य-ितिे भ यवु ममहिभः। तपवु धेिभ रजरेिभ रिणो -िन पशान े

िवतँ य ु िनरम।।
05.07.06 इासोमा पिर वां भूत ु िवत-ˆ इय ं मित काेव वािजना। याँ वां होां
पिरिहनोिम मेधये-म ्
 ा ािण नृपतीव~ िजतम।।
ु यि रेव ै -हत ुहो र सो भरु ावतः। इासोमा ृते मा सगु ं भू-
 ित रेथा ज  ो न
कदा िचदिभदासित ुहा।।
 यो मा पाके न मनसा चर -मिभचे अनृतिे भ वचोिभः। आपइव कािशना सृभीताˆ -अस
ासत इ वा।।
 ये पाकशंस ँ िवहर एवै -य वा भ षयि धािभः। अहय े वा ताददात ु सोमˆ -आ वा
दधात ु िनऋत े पे।।
 यो नो रस .िित िपो अ े -यो अानाँ यो गवाँ यननू ाम।् िरप ु ेन ेयकृ मेत ु -िन
ष हीयता ा3(आ) तना च।।
05.07.07 पर ो अ ु ता3( आ)तना च -ित पृिथवी रधो अ ु िवाः। ित श
ु त ु

यशो अ देवाˆ -यो नो िदवा िदित य नम।।
 सिु व ान.ििकतषेु  जनाय -सास वचसी~ पृधाते~। तयोय  ँ यतर जीय -िद

ोमोवित हासत।।
 न वा उ सोमो वृिजन ं िहनोित -न ियं िमथयु ा धारयम।् हि र ो हास द .-मभु ा
िव िसतौ शयाते~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके समाायः (वगाः 1-33) Page 531


 यिद वाह मनृतदेवˆ आस -मोघँ वा देवा अहू े अ।े िकमातवेदो णीषे- ोघवाच े

िनऋथ ं सचाम।।
 अा मरु ीय यिद यातधु ानो -अि यिद वाय ु तप पूष। अधा स
 वीर ै दशिभ िवयूया -यो
मा मोघँ यातधु ान
े ाह।।
05.07.08 यो मायात ँ ु यातधु ान
े ाह -यो वा र ा शिु चरीाह। इ ं ह ु महता वधने 
-िव जो रधमदी।।
  या िजगाित खगलेव न .-मप ुहा त1(अ)ूहमाना। वा अन
 ा अव सा पदी -
ावाणो  ु र स उपःै ।।
 िव ितं मतो िवि1(इ)त -गृभायत र स ं िपनन। वयो ये भूी पतयि निभ -य
वा िरपो दिधरे देव े अरे।।
  वतय िदवो अमान िम -सोमिशतं मघव ं िशशािध। ाा दपाा दधरा दा- दिभ
जिह र स पवतने ।।
 एत उ े पतयि यातव -इ िि िदवोदाम।् िशशीत े श िपशनु 
े ो वध -
ून ं सृज दशिनँ यातमु ः।।
05.07.09 इो यातूना मभव राशरो -हिवमथीना मा3( आ) िववासताम।् अभी श
परश ु यथा वनं -पाेव िभ त एित र सः।।
 उकयात ं ु शश ु कयात-ु िह यात ु मतु कोकयातमु ।् सपु ण
ु   यात ु मतु गृयात ु -षदेव  मृण
र ˆ इ।।
 मा नो र ो अिभनातमु ावता .-मपोत ु िमथनु ा या िकमीिदना। पृिथवी न पािथवा

ाहं सो-िर िा ाान।।
ु स ँ यातधु ान .-मतु ियं मायया शाशदानाम।् िवीवासो मूरदवे ा ऋद ु -मा ते श
 इ जिह पमां

ु रम।।
ूय म
े - सोम जागृतम।् र ोो वध मत .-मशिनँ यातमु ः।।।। इित
 ित च िव च
् िवेराय नमः ....
समं मडलम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 532


 ्
अमं मडलम।।
ु शच सू, आयो योः कावः गाथ ऋिषः-िशानां
 8.01 मा िचदिदित चतिं
ु हु ीािद चतसृणां ायोिरास ऋिषः-अाया
कावौ मेधाितिथ मेाितथी ऋषी-िह

आिरसी शती ऋिषका-इो देवता िह ु
हीािद पानामासो देवता-बृहती- ीतीया
सतोबृहती- अे े िभ ु घौर ातःु कव
ु ौ- (कावः गाथ इ ः गाथो वतो

पतात इतीितहासूयते।।
05.07.10 मा िचदि शंसत- सखायो मा िरषयत। इिमोता वृषण ं सचा सतु -े मु 
ा च शंसत।।
ु ा चषणीसहम।् िवेषण ं सँवननोभयरं- मंिह .मभु यािवनम।।
 अवि णँ वृषभ ँ यथाजर- ्

 यिि ा जनाˆ इम-े नाना हव ऊतये। अाकं  ेद िम भूत ु ते-हा िवा च वधनम।।

 िव ततये मघव िपितो-य िवपो जनानाम।् उप म पु प मा भर- वाज 
 िे द
मूतये।।
ु ाय देयाम।् न सहाय नायता
 महे चन ामिव- परा श ु य विवो- न शताय शतामघ।।
05.07.11 वा इािस मे िपत-ु त ात ु रभ
ु तः। माता च मे छदयथ मा वसो~-
ु नाय राधस।े ।
वस
ु खजकृ रर
 े  यथ े दिस -पु ा िचि ते मनः। अलिष य ु ु
- गाया अगािसषः।।
 ा ै गाय मचत- वावातयु  परु रः। यािभ कावोप बिह रासदँ- यास ी िभन रु ः।।
 ये ते सि दशि वन -शितनो ये सहि णः। अासो ये ते वृषणो रघु ु व -ेिभन ूयमा
गिह।।
 वेपसम।् इ ेन ं ु सु घा मा िमष- मु धारा मरतम।।
 आ 1(अ) सब घां -व े गाय ्
05.07.12 यदु ूर एतश ँ -व~ वात पिणना। वहु माजने
ु य ं शततःु - र

व मृतम।।
 यˆ ऋत े िचदिभिष -परु ा ज
ु  आतदृ ः। साता सिं मघवा प
ु वस ु -िरता िवत ं
ु ~।
पनः

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


अमं मडलम।। Page 533
 -े  दरणाइव। वनािन न जिहता िवो- रोषासो अमिह।।
 मा भूम िनाइव
 अमही दनाशवो-नु ास वृह।् सकृ ु ते महता शूर राधसा-न ु ोमं मदु ीमिह।।
 यिद ोमं मम व –दाक िम िमवः। ितर पिवं ससृवांस आशवो- म ु
त ु ावध
ृ ः।।
05.07.13 आ 1(अ) सधिु तँ –वावात ु  ु रागिह। उपित
ु मघोनां  ा-वधा

ु िु तम।।
ते विम स¤
 सोता िह सोम मििभ- रेमने म ु धावत। गा वेव वासयˆ इरो- िनध ु  णाः।।
 अध ो अध वा िदवो- बृहत
 ो रोचन ु तो~
 ा.दिध। अया वध ता िगरा ममा-जाता स
पृण।।
 इाय स ु मिदम ं -सोमं सोता वरेयम।् शˆ एण ं पीपय िया िधया -िहान वाजयमु ।।

 िरा। भूिण मृग सवनषे ु च
 मा ा सोम गया -सदा याचह ्
ु ु ध--ˆ ईशान यािचषत।।
े  शवसा। िवेषा तारं मदतंु  -मदे िह ¤ा ददाित
05.07.14 मदेनिे षत ं मद -मु मु ण
नः।।
ु त े च वु त े च रासते- िवगूत अिरुतः।।
 शेवारे वाया पु -देवो मताय दाशषु ।े स स

े  देव राधसा। सरो न ादु रं सपीितिभ- रा सोमेिभ  िरम।।
 ए यािह म -िचण
ु ाˆ रथे िहरयये। य
 आ ा सहमा शत ँ -य ु ो हरय इ के िशनो -वह ु सोमपीतये।।
 ज
 आ ा रथे िहरयये- हरी~ मयरू श
े ा। िशितपृ ा वहतां मो असो- िवव ण पीतये।।
05.07.15 िपबा 1(अ) िगवण -तु  पूवपाइव। पिरृत रिसनˆ इय मासिु त- ा
मदाय पते।।
 यˆ एको अि दंसना -महा उो अिभ त ैः। गम िशी न स योष दागम -व पिर
वजित।।
ु  सं िपणक।् ं भाˆ अन ु चरो अध िता- यिद हो भवु ः।।
 ं परु िर ँ -वध ै श
 मम ा सूर उिदत े -मम मिन े िदवः। मम िप े अिपशवरे -वस~
 -वा ोमासो अवृत।।
 िु ह हु ी देत े घा त-े मंिहासो मघोनाम।् िनिता पथी परमाˆ -मघ मेाितथे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 534


05.07.16 आ यदा नत -याहं रथे हम।् उत वाम वसनु िके तित -यो अि
या पशःु ।।
 य ऋ
 ा मं मामह   ु सौभगा-स नथः।।
 े -सह चा िहर यया। एष िवा
 अध ायोिग रित दासदा- नासो अ े दशिभ ह ैः। अधो णो दश मं शो -नळाˆइव

सरसो िनरित।।
 अ ूर शे परु ा -दनˆ ऊ रवर माणः। शती नायिभचाह- सभु  मय
भोजन ं िबभिष।।

 8.02 इदँ वसो सतिमित ु वृषी-
िचािरं शच सू, मेधाितिथरािरसः- ियमेध ेभा
अयोयोः कावो मेधाितिथ ऋिष-िरः- अयो िविभ- गायी- अािवंयनु ु पु -्
(िविभोदानिु तः)
05.07.1 इद ँ वसो~ सतु म -िपबा सपूु ण मदु रम।् अनाभिय.िरमा त।े ।
 नृिभ धूत तु ो अ-ै रो वारै पिरपतू ः। अो न िनो नदीष।ु ।
 ते यवँ यथा गोिभ -ा मकम ीणः। इ ािधमादे।।
 इ इोमपाˆ एकˆ -इ तु पाˆ िवायःु । अ दवा ा।।
 चसम।् अप
ु ो न राशी -न तृाˆ उ
 न यं श ्
 ृ वत े सहु ादम।।
ु ।।
 े अ .-ृग ाˆ मृगय।े अिभरि धेनिभः
05.07.18 गोिभ यदीम
 यˆ इ सोमा- तु ास  ु देव। े ये सतु पाः।।
 य कोशास ोति -ित 1(अ) पु ण ्
ू ाः। समान े अिध भाम।।
ु रिस पिन
 शिच ु ाः - ीर ै मतˆ आशीतः। दा मि शूर।।
 इम े त इ सोमा -ीाˆ अ े सतु ासः। श
ु ाˆ आिशरँ याचे।।
ु ळाश .-िमेम ं सोमं ीणीिह। रेवं िह ा णोिम।।
05.07.19 ता आिशरं परो
  ु पीतासो य ु याम।् ऊधन नाˆ जरे।।
ु े -मदासो न सरा
 रेवा इेवत ोता -ाावतो मघोनः। े हिरव तु ।।
 उन शमान.- मगो रिररा िचकेत। न गाय ्
 .ीयमानम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


अमं मडलम।। Page 535
 मा नˆ इ पीयवे- मा शधत े परा दाः। िश ा शचीव शचीिभः।।
05.07.20 वयम ु ा तिददथाˆ- इ ाय खायः। कवाˆ उिे भ जरे।।
 न घे मदा पपन -विप सो निवौ। तवे ोमिके त।।
ु - ाय ृहयि। यि माद मताः।।
 इि देवा 
 ओ~ ष ु  यािह वाजेिभ -मा णीथाˆ अ1(अ)ान।् महाइव यवु जािनः।।
 मो~ 1(अ) हणावा -ाय रदारे अत।् अीरइव जामाता।।
 वीर -भूिरदावर समु ितम।् िष ु जात मनांिस।।
05.07.21 िवा 
 आ तू िष कवम- घा  िव शवसानात।् यशरं शतमूतःे ।।
 ेने सोत िराय- सोमँ वीराय शाय। भरा िपबयाय।।
 यो वेिदो अिथ -ाव.िरत
ृ ः। वाजं ोत ्
ृ ो गोमम।।
 पंप िमोतार -आ धावत माय। सोमँ वीराय शूराय।।
 म ारे अत।् िन यमते शतमूितः।।
05.07.22 पाता वृह ा सतु -मा घा ग
ु ा- श मा व त खायम।् गीिभ तु िवणसम।।
 एह हरी~ यज ्
 ादव ोमाˆ आ यािह- ीता ोमा आ यािह। िशिषृ ीव शचीवो- नाय मा

सधमादम।।
 तु  याˆ ा वधि- महे राधस े नृाय। इ कािरणँ वृधः।।
ु ािन। सा दिधरे शवांिस।।
 िगर याˆ े िगवाहˆ -उा च त
05.07.23 एवदे षे तिु वकू िम- वाजा एको वहः। सना दमृो दयते।।
ु पु तः। महा हीिभ शचीिभः।।
 हा वृ ि णने -े  प
 यििा षणयˆ- उत ौा यांिस च। अन ु घेी मघोनः।।

 एषˆ एतािन चकारे-ो िवा योित वे। वाजद ावा मघोनाम।।
 भता रथ -.मपाकाि मवित। इनो वस ु स िह वोा।।

05.07.24 सिनता िवो अवि- हा वृृिभ शूरः। सोिवता िवधम।।
 यजनै ं ियमेधाˆ- इं साचा मनसा। यो भूोम ै मा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 536


 गाथवसं सितं- वामं पु ानम।् कवासो गात वािजनम।।

े ो- दाखा नृ शचीवान।् येˆ अि ाम मिय।।
 यˆ ऋत े िचा द ्
 इा धीव मिव- कावं मेाितिथम।् मेषो भूतो3(ओ)िभ ययः।।
 िश ा िविभो~ अ-ै चाययतु ा ददत।् अा पर हा।।
 उत स ु े~ पयोवध
ृ ा -माकी~ रण ना। जिननाय मामहे।।
ु ित चतिु वशृच सू, कावो मेाितिथ- िरः- अचतसृणां
 8.03 िपबा सते
ु ो बृहः-ितीयािद िवंया यज
पाकामा देवता- थमाेकोनिवंयंता अयज ु तोबृहः-
अातः मेणानु 
ु ायौ बृहती च।।
 तु  रिसनो- मा नˆ इ गोमतः। आिप न बोिध सधमाो वृध3े -
05.07.25 िपबा स
(ए)ा अव ु ते िधयः।।
 भूयाम ते समु तौ वािजनो वय ं -मा न  रिभमातये। अाि चािभ रवता दिभििभ- रा न
ु षे  ु यामय।।


 इमाˆ उ ा पवसो ~- िगरो वध ु या मम। पावकवणा शच
ु यो िवपितो-िभ ोम ै रनूषत।।
 अय ं सह मृिषिभ हृत- मु इव पथे। स ो अ मिहमा गृण े शवो- य षे  ु
िवराे।।
 इिम ेवतातय -इं यरे। इं समीके विननो हवामह -इ न सातये।।
05.07.26 इो मा रोदसी पथ वˆ- इ ूय मरोचयत।् इे ह िवा भवु नािन येिमर-
इे स ु नास इवः।।
 वा

 अिभ ा पूवपीतय -इ ोमेिभ रायवः। समीचीनासˆ ऋभव मर -ु ाˆ गृण पूम।।
ृ  े वृ ं शवो- मदे सतु  िविव। अा तम मिहमान मायवो-न ु वु ि
 अ े िदो वावध
पूवथा।।
 ता यािम सवु ीय-  पूविचये। येना य
 ितो भृगव े धने िहत े -येन व मािवथ।।
 येना समु मसृजो मही रप -िद वृि ते शवः। स ो अ मिहमा न सशे -योणी
ु द।े ।
रनच

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


अमं मडलम।। Page 537
05.07.27 श धी न इ या -रियँ यािम सवु ीयम।् शि ध वाजाय थम ं ¤िसषासते -शि ध
ोमाय पू।।
 श धी नो अ य पौर मािवथ- िधय इ ¤िसषासतः। शि ध यथा शम ं यावकप-. िम

ाव णरम।।
 को अतसीना -रु ो गृणीत मः। नही  मिहमान िमिय ं -गण
ृ  आनशःु ।।
 क वु ˆ ऋतय देवत -ऋिष को िवˆ ओहते। कदा हवं मघवि स
ु त- क वु तˆ
आ गमः।।
 उ े मधमु मा -िगर ोमास ईरते। सािजतो धनसाˆ अि तोतयो -वाजयो रथाइव।।
05.07.28 कवाइव भृगव ूयाइव- िविम ीत मानशःु । इं ोमेिभ महयˆ आयव-

ियमेधासो अर।।
ु ा िह वृहम- हरी~ इ परावतः। अवाचीनो मघव ोमपीतय -उˆ ऋिे भ रा गिह।।
 य
 इम े िह ते कारवो वावश ु िधया- िवासो मेधसातये। स ो मघवि िगवणो- वेनो न णधु ी

हवम।।
 िनिर बृहत ु ो अुरः। िनरबदु  मृगय माियनो- िन पवत गाˆ
 ीो -वृ न
आजः।।
 िनरयो च ु िन सूय -िन ोमˆ इियो रसः। िनरिर ा दधमो महा मिह-.ष े तिद

पम।।
05.07.29 यं मे िरो मत- पाकामा कौरयाणः। िवेषा ना शोिभ .-मपु वे िदिव

धावमानम।।
 रोिहत ं मे पाकामा -सधु रु ाम।् अदा ायो िवबोधनम।।


 या.अ े दश ित- धरु ँ वहि वयः। अँ वयो न त ु म।।
 आा िपत ु न ू वास -ओजोदा अनम।् तरु ीय िमोिहत पाकामानं -भोज ातार

मवम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 538


ु ो
े िवंशृच सू, कावो मेधाितिथ-िरः-अितसृणां कुोयज
 8.04 यिदेक
ु तोबृहोअा परउिक
बृहो- यज ु ् ( पूषणिमािद चतसृणां पूषा देवता वा)।।
05.07.30 यिद ागपा गदु ङ-
् ु नृषतू ो अानव-े िस शध
वा यसे नृिभः। िसमा प
तवु शे।।
 या मे शम े यावके कृ प -इ मादयस े सचा। कवासा िभ ोमवाहसˆ -
इाया गिह।।
 यथा गौरो अपा कृ त -ृ ेवेिरणम।् आिप े न िप े तूयमा गिह- कवेष ु स ु सचा
िपब।।
 म ु ा मघव िेवो -राधोदय ु त।े आम
े ाय स ु ा सोम मिपब म~
ू सतु -े िधषे
सहः।।
  चे सहसा सहो -बभ म ु मोजसा। िवे त इ पृतनायवो- यहो ~िन वृ ाइव येिमरे।।
05.07.31 सहेणवे सचते यवीयधु ा -य आनळुपिु तम।् पु ं ावगणतु े सवु ीय -दाोित
नमउििभः।।

 मा भेम मा िमो- स े तव। महे वृो अिभचत ं -पयेम तवु शँ यम।।
 सा मन ु ि यँ वावसे वृषा- न दानो अ रोषित। मा संप े  धेनव- ूय मेिह
ृ ा ारघण
वा ि पब।।
ु पˆ इ-ोमा इिद ते सखा। ाभ
 अी रथी स  ाजा वयसा सचते सदा- चो याित सभा
मपु ।।
 ोमँ वशा अन।ु िनमघ
 ऋयो न तृवपान मा गिह- िपबा स े मानो मघव िविे दव- ओिज
िधषे सहः।।
05.07.32 अय~ ावया ं- सोम िम िपपासित। उप नून ँ ययु ज
ु  े वृषणा हरी-~ आ च
जगाम वृहा।।
ु  ं समिु त -ेिह 
 यि मते दाशिु र जनो- या सोम तृिस। इद े अँ य
वा िपब।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


अमं मडलम।। Page 539
ु ो दा
 रथ¤े ायायव- ोम िमाय सोतन। अिध ायो िव च ते -स ्
 रम।।
 उप  ँ वावाता वृषणा हरी-~ इ मपस ु व तः। अवाा सयो रियो -वह ु सवन े
प।।
  पूषणँ वृणीमहे- य ु वसमु ।् स श िश पत
ु ाय प ु ु  े राय े िवमोचन।।
नो -िधया तज
05.07.33 स िशशीिह भिु रजोिरव रु ं- रा रायोˆ िवमोचन। ेत वु दे  मिु यँ वस-ु

यं िहनोिष मम।।
 वेिम ा पूषृसे- वेिम ोतव आघृण।े न त वेरण ं िह तसो ~-षु े पाय साे।।
 ि दाघृण-े िनं रेो अम। अाकं  पूषिवता िशवो भव- मंिहो
 परा गावो यवस
वाजसातये।।
 ूरं राध शता- िदिविष।ु रा षे  सभु ग राितष-ु तवु शेमिह।।
 धीिभ ातािन काव वािजन- ियमेध ै रिभिु भः। षिं सहान ु िनमजामजे- िनयूथािन
गवा मृिषः।।
 वृ ा ि े -अिभिप े अरारणःु । गां भज मेहना-ं भज मेहना।।
 ।। इित समााय माः।।

 पमाके अमाायः (वगाः 1-36)


े क
 8.05 रािदहेव े ोनचािरं शच सू, कावो ाितिथ- रिनौ-यथा िच ैः

कशिरािद ु
साधयोः कशगायी-अािः मेण बृहा-वनु ु।।
05.08.01 रा िदहवे  य-ण ु रिशितत।् िव भान ँ ु िवधातनत।।

ु ा -रथेन पृथपु ाजसा। सचेथ~
 नृवा मनोयज ्
े अिनोषसम।।
 यवु ााँ वािजनीवसू~- ित ोमाˆ अ त। वाच तो यथोिहषे।।
 पु िया णˆ ऊतये- पम
ु ा प  सू~। षु े कवासो अिना।।
ु व
 मंिहा वाजसात -मेषया शभु ती~। गारा दाशषो ्
ु गृहम।।
ु धा मिवतािरणीम।् घृत ै गूित म ु तम।।
05.08.02 ता सदु वे ाय दाशषु -े समे ्
 आ न ोम मपु  व -ूय ं येनिे भ राशिु भः। यात मेिभ रिना।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 540


 येिभ ि परावतो- िदवो िवािन रोचना। ी रू िरदीयथः।।

 उत नो गोमती िरषˆ -उत साती रहिवदा। िव पथ ातये िसतम।।
 आ नो गोम मिना- सवु ीरं सरु थं रियम।् वो मावती िरषः।।
ृ ाना शभु ती~ दा िहरयवतनी~। िपबत ं सो ं मध।ु ।
05.08.03 वावध

 अँ वािजनीवसू~- मघव सथः। छिद य मदाम।।
 िन ष ु  जनानाँ -यािव ूयमा गतम।् मो~ 1(अ)ा उपारतम।।

 अ िपबत मिना -यवु ं मद चाणः। मो रात िधा।।
 अ े आ वहतं रियं -शतव ं सहिणम।् पु  ँ ु िवधायसम।।

05.08.04 पु  ्
 ा िचि वारा -िवय े मनीिषणः। वाघि रिना गतम।।
 जनासो वृबिहषो -हिवो अरतः। यवु ां हवे अिना।।
 अाक म वामय ं -ोमो वािहो अमः। यवु ाां भूिना।।
 यो ह वां मधनु ो ित- रािहतो रथचषण।े तत िपबत मिना।।
 तेन नो वािजनीवसू ~-पे तोकाय शवे। वहत ं पीवरी िरषः।।
ू रहिवदा। अप ारेव वषथः।।
05.08.05 उत नो िदाˆ इषˆ -उत िस

 कदा वा ौ ो िवध- मु े जिहतो नरा। यां रथो िविभतात।।
 यवु वाय नासा-िपिराय ह। श ती दशथः।।
ु ििभः। याँ वृषवसू~ व।े ।
 तािभ रायात मूितिभ -नसीिभ श
 यथा िचव मावत-ं ियमेध मपु तु म।् अिं िशार मिना।।
05.08.0 यथोत कृ े धने-श.ु ोगम।् यथा वाजेष ु सोभिरम।।

ु मीमहे।।
 एतावाँ वृषवसू~- अतो वा भूयो अिना। गृण 
 रथं िहरयवरु ं- िहरयाभीश.ु मिना। आ िह ाथो िदिवश ्
ृ म।।
 िहर ययी वां रिभ -रीषा अ ो िहरययः। उभा चा िहर यया।।
 तेन नो वािजनीवसू~- परावति दागतम।् उपेमां सु िु तं मम।।
े ~
05.08.0 आ वहथ े पराका- ूव रा विना। इषो दासी रमा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके अमाायः (वगाः 1-36) Page 541


ु ै रा वोिभ - रा राया यात मिना। पु ा नासा।।
 आ नो 

ु तवो -वयो वह ु पिणनः। अा रनम।।
 एह वां िष
 रथँ वा मनगु ायसँ -यˆ इषा वतत े सह। न च मिभ बाधते।।
 िहर ययेन रथेन -वािणिभ र ैः। धीजवना नासा।।

05.08.08 यवु ं मृगागवृ ांस-ं दथो वा वृषवसू~। ता न पृ िमषा रियम।।
 ता मे अिना सनीनाँ -िवातवानाम।् यथा िच ै  कश-ु शत मा
ु ना द- हा दश

गोनाम।।
 यो मे िहरयसशो- दश रा ो अमंहत। अधद ाˆ इ ै  कृ य- माˆ अिभतो जनाः।।
 मािक रेना पथा गा -ेनमे े यि चेदयः। अो नेिू र रोहत े -भूिरदावरो जनः।।
 8.06 महाँ इ इाचािरं शच सू, कावो व इो ितसृणां ितिरिरो-

गायी- (पाश दानितः)
05.08.09 महा इो यˆ ओजसा- पजो वृिमा इव। ोम ै व वाव ृ ।े ।
 ध
 जा मृत िपत-  यर वयः। िवाˆ ऋत वाहसा।।
 कवाˆ इँ यदत –ोमै य  साधनम।् जािम वु त आयधु म।।

 सम मवे िवशो- िवाˆ नम कृ  यः। समु ायेव िसवः।।
े यमवतयत।् इ मव रोदसी।।
 ओज द ितिष- उभ~
05.08.10 िव िच
ृ  दोधतो- वेण शतपवणा। िशरो िबभेद वृिना।।
ु -िवपा मेष ु धीतयः। अ े शोिच न िदतः
 इमाˆ अिभ  णोनमो ु ।।
ु सती प ना - योच धीतयः। कवाˆ ऋत धारया।।
 गहा
  तिम नशीमिह -रियोम मिनम।्   पूविचये।।
 अह िमि िपत ु िर- मेधा मृत जभ। अहं सूयइवाजिन।।
ु ािम कववत।् येन
05.08.11 अहं ने  मना- िगर श ु िम ध।े ।
े  श
 ये ािम न ¤तु व
ु रु ्-ऋषयो ये च तु व
ु ःु । ममे ध स¤
ु ुतः।।
 यद म ु रनी- ि वृ ं पवशो ज।् अप मु मैरयत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 542


ु  इ धणिसँ -वघ दिव। वृषा ु िवष।े ।
 िन श
 न ावˆ इ मोजसा- नािर ािण विणम।् न िवच भूमयः।।
ू मान आशयत।् िन तं पास ु िशथः।।
05.08.12 यˆ  इ मही रप- भय
े रोदसी मही~ समीची~ समजभीत।् तमोिभ िर तहु ः।।
 यˆ इम~
 य  इ यतय ा- भृगवो ये च तु व ्
ु ःु । ममे  धु ी हवम।।
 इमाˆ  इ पृयो- घृत हत आिशरम।् एना मृत िपषु ीः।।
 याˆ इ ा-सा गभ मचिर।् पिर धमव सूयम।।

05.08.13 ा िमवसते -कवाˆ उने  वावृधःु । ां सतु ास इवः।।
 तवे िद णीितषूत- शि रिवः। य ो िवतसाः।।
 आ नˆ इ मही िमषं- परु  दिष गोमतीम।् उत जां सवु ीयम।।


 उत दाँ- यिद नाषीा। अे िव ु दीदयत।।
 अिभ ज तिषे- सूर उपाकच सम।् यिद मृळयािस नः।।
05.08.14 यद तिवषीयस -इ राजिस ि तीः। महा अपार ओजसा।।
 ता हिवती िवश-ˆ उप वु त ऊतये। उ
 यस .िमिभः।।
 रे िगरीणां -सथ े च नदीनाम।् िधया िवो अजायत।।
 उप
 अत मु मु त- ििका अव पयित। यतो िवपान एजित।।
 आिद  रेतसो- ोित ¤यि वासरम।् परो यिदते िदवा।।
05.08.15 कवासˆ इ ते मितँ- िवे वधि पम।् उतो~ शिव वृम।।


ु िु त-षु   स ु मामव। उत  वधया मितम।।
 इमां म इ स¤
ु  ं वृ विवः। िवाˆ अत जीवसे।।
 उत या वय -
 अिभ कवाˆ अनूषता-पो न वता यतीः। इँ वनती मितः।।
ृ ु -मु िमव िसवः। अन
ु ािन वावध
 इ म ्
ु म ु मजरम।।
05.08.16 आ नो यािह परावतो- हिरां हयतााम।् इम िम सतु ं िपब।।
ृ हम -जनासो वृबिहषः। हव े वाजसातये।।
 ािम 

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके अमाायः (वगाः 1-36) Page 543


 अन ु ा रोदसी उभ~  शम।् अन ु सवा
े - च वत ु नास इवः।।
 मा स ु णर -उत
े  शयणावित। मा िववतो मती।।
ृ ानˆ उप िव- वृषा व रोरवीत।् वृहा सोमपातमः।।
 वावध
05.08.17 ऋिषिह पूवजाˆ अे-क ईशानˆ ओजसा। इ चोू यसे वस।ु ।
 अाका सतु ा उप- वीतपृाˆ अिभ यः। शत ँ वह ु हरयः।।
 इमां स ु पूा ियं -मधो घृत िपषु ीम।् कवाˆ उने  वावध
ृ ःु ।।
 इिम िमहीनां- मेध े वृणीत मः। इं सिन ु तये।।
ु त
 अवाा प ु - ियमेधतु ा हरी~। सोमपये ाय व तः।।

 शत मह ििरिरे -सहं पशावा दद।े राधांिस याानाम।।
 ीिण शता वतां -सहा दश गोनाम।् द ¤ाय साे।।
ु ददत।् वसा यानम।।
 उदान कुहो िदव .-मु ातयु जो ्

 8.07  य इित षिं शच सू, कावः पनवो- मतो- गायी।।
ु  िमषं- मतो िवो अ रत।् िव पवतषे ु राजथ।।
05.08.18  य िभ
ु ˆ अिचम।् िन पवताˆ अहासत।।
 यद तिवषीयवो -यामं शा

 उदीरय वायिु भ- वाास पृिमातरः। ध ु  िपषु ी िमषम।।
 वपि मतो िमहं-  वेपयि पवतान।् यामँ याि वायिु भः।।
ु ाय येिमरे।।
 िन यामाय वो- िगिर िनिसवो िवधमणे। महे श
ु ा उ न मूतये- य
05.08.19 य ु ा िवा हवामहे। य
ु ा य रे।।
 उ े अण ु िदवः।।
 व- िाˆ यामेिभ रीरते। वााˆ अिध ना
ु िव तिरे।।
 सृजि रिम मोजसा -पां सूयाय यातव।े ते भानिभ
 इमां मे मतो िगर.- िमम ं ोम मृभ ु णः। इम ं मे वनता ह ्
 वम।।

 ीिण सरांिस पृयो -े विणे मध।ु उव मिु णम।।
ु ायो हवामहे। आ तू न उप गन।।
05.08.20 मतो य वो िदव -
 यूय ं िह ¤ा सदु ानवो- ाˆ ऋभ ु णो दमे। उत चेतसो मदे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 544


 आ नो रियं मदतु  ं -पु ँ ु िवधायसम।् इयता मतो िदवः।।
ु ˆ अिचम।् सवु ान ै म इिभः।।
 अधीव यिरीणाँ -यामं शा
ु ं िभ ते  मः। अदा मिभः।।
 एतावत िदेषां -स

05.08.21 ये ाइव रोदसी धम न ु वृििभः। उ हो अि तम।।
 उ ानिे भ रीरत- उथ ै  वायिु भः। उोमै पृिमातरः।।
ृ म।् राय े स ु त धीमिह।।
 तवु शँ यँ -येन कव नत
 येनाव
 इमाˆ उ व दु ानवो- घृत िपषु ीिरषः। वधा ाव मिभः।।
  नून ं सदु ानवो -मदथा व
 
ृ बिहषः। ा को व पयित।।
05.08.22 निह ¤ य व परु ा -ोमेिभ वृबिहषः। शधा ऋत िजथ।।
 ी रप- ोणी सम ु सूयम।् सँ वं पवशो दधः।।
ु महत
 समे ु

 िव वृ ं पवशो यय-ु िव पवता अरािजनः। चाणा वृि पम।।
 अन ु ित य ु  माव .तु तमु ।् अिँ वृत
ु त- श ू । ।
 य
ु ाˆ त िय।े ।
 िवु ाˆ अिभव- िशाˆ शीष िरययीः। श
05.08.23 उशना यरावत-ˆ उो र मयातन। ौन चद िया।।
 आ नो मख दावने- ै िहरयपािणिभः। देवासˆ उप गन।।
ु ा िरणपः।।
 यदेषां पृषती रथे- ि वहित रोिहतः। याि श
 सषु ोमे शयणाव -ाजके पावित। यय ु िनचया नरः।।
 कदा गाथ मतˆ -इा िवं हवमानम।् माडकेिभ नाधमानम।।

05.08.24 क नूनधियो- यिद मजहातन। को व िख ओहते।।
 सहो~ ष ु णो वहै - कवासो अिं मिः। षु े िहरयवाशीिभः।।
 ओ~ ष ु वृ य ू -नानस े सिव
ु ताय। वव ्
ृ ा िवाजान।।
 िगरय िि िजहते -पशानासो ममानाः। पवता िि येिमरे।।
े  पततः। धातार वु त े वयः।।
 आयावानो वह -िर ण
ु िव तिरे।।
 अििह जािन पू-छो न सूरो अिचषा। ते भानिभ

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके अमाायः (वगाः 1-36) Page 545



 8.08 आ नो िवािभिरित योिवंशृच सू, काव ंसोिना-वनु पु ।।
05.08.25 आ नो िवािभ ितिभ -रिना गत ँ यवु म।् दा िहरयवतनी~ िपबत ं सो ं
मध।ु ।
ु ी~ िहरयपेशसा कवी~ गीरचेतसा।।
 आ नून ँ यात मिना- रथेन सूयचा। भज

 षया-िर ा वु िृ िभः। िपबाथो अिना मध ु -कवानां सवन े सतु म।।
 आ यात
 आ नो यात िवया-िर ा दधिया। पु  कव वािमह -¤सषु ाव सो ं मध।ु ।
 आ नो यात मपु 
ु िना सोमपीतये। ाहा ोम वधना-  कवी~ धीितिभ नरा।।
05.08.26 यिि वां परु ऋ
 षयो- जु र
े वस े नरा। आ यात मिनागत .-मपु मे ां सु िु तं
मम।।
 िदवि ोचना दा- नो गं िवदा। धीिभ वचेतसा -ोमेिभ हवनतु ा।।

 िकम े पयासते- ोमेिभ रिना। पु  कव वामिृ ष- गिभ वो अवीवृधत।।
 आ वाँ िवˆ इहावस-े  ोमेिभ रिना। अिरा वृहमा- ता नो भूत ं मयोभवु ा।।

 आ याँ योषणा रथ- मित ािजनीवसू~। िवािना यवु ं - धीता गतम।।
ु  चो-शंसी ा
05.08.27 अत हिनिणजा- रथेना यात मिना। वो वां मधम
किवः।।
 पु मा प  सू~ -मनोतरा रयीणाम।् ोमं मे अिना -िवम मिभ वी~ अनूषाताम।।
ु व ्
 आ नो िवा िना- ध ं राधांया। कृ तˆ ऋियावतो- मा नो रीरधत िद।े ।
 यासा परावित या ो .अरे। अत हिनिणजा- रथेना यात मिना।।
ृ त।् त ै सहिनिणज- िमष .ृततु म।।
 यो वा ासाविृ ष- गिभ वो अवीवध ्
05.08.28 ाा ऊजृततु - मिना यत ँ यवु म।् यो वां स
ु ाय ¤तु व- सूया

ाननती~।।
ु जा।
 आ नो गं िरशादसे -मं ोमं पभ ु कृ त िु यो नरे-मा दात मिभय।े ।

 आ वाँ िवािभ ितिभ- ियमेधाˆ अषत। राजा वराणा -मिना यामितष।।
 आ नो गं मयोभवु ा-िना शंभवु ा यवु म।् यो वाँ िवपू धीितिभ- गिभ वो अवीवध ्
ृ त।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 546


 यािभ कवं मेधाितिथँ- यािभ वश शजम।् यािभ गशय मावत- ािभनवतरा।।
05.08.29 यािभ नरा सद ु -मावते धने। तािभ 1(अ)ा अिना- ावत ँ
वाजसातये।।
  वां ोमा वु 
ृ यो- िगरो वधिना। पु ा वृहमा- ता नो भूत ं पु हृ ा।।
ु परः। कवी~ ऋत पिभ -रवा जीव
 ीिण पदा िनो- रािव ाि गहा े  िर।।

 8.09 आ नून िमेकिवंशृच सू, काव शशकणिना-वनु ुप-आा चतथु  षी

चतदशी ्
पदयो बृहः-ितीया तृतीया िवंयेकिवंयो गायः-पमी ककुप-दशमी िु-
बेकादशी िवराट ्- ादशी जगती।।
05.08.30 आ नून मिना यवु ँ -व ग मवस।े ा ै यत मवृकं पृथ ु -िद ययु तु ँ
याˆ अरातयः।।
 यदिर  े यििव- य मानषु ा अन।ु नृ  मिना।।

ृ ःु । एव े ाव बोधतम।।
 ये वा ंसांिना- िवास पिरमामश
ु ा ािजनीवसू~- येन
  अिना- ोमेन पिर िषते। अय ं सोमो मधम
 अय ँ वाम
वृिके तथः।।
ु ससा कृ तम।् तेन मािव मिना।।
 यद ु यनतौ -यदोषधीष ु पदं
05.08.31 यासा भरु यथो- या देव िभषथः। अय ँ वाँ वो मितिभन िवते-
हिव ं िह गथः।।
ु म-म िसा दथविण।।
 आ नून मिनोर ्ऋिष- ोमिके त वामया। आ सोमं मधम
 आ नून ं रघवु तिनं -रथ िाथो अिना। आ वां ोमाˆ इम े मम- नभो न च
ु वीरत।।

ु वु ीमिह। या वाणीिभ रिने-वेाव बोधतम।।
 यद वा ासो- ै राच
  ीवा उत यˆ -ऋिषय ा ीघतमाˆ जहु ाव। पृथी याँ वै ादन
 या े -े वेदतो अिना

चेतयेथाम।।
05.08.32 यात.िद¤ा उत
 न पर¤ा- भूतग
 ा उत न नूपा। वित ोकाय

तनयाय यातम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता पमाके अमाायः (वगाः 1-36) Page 547


 यिदेण सरथँ याथो अिना- या वायनु ा भवथ मोकसा। यदािदिे भर ् ऋभिु भ जोषसा-
या िवो िवमणषे  ु ितथः।।
 यदािना वहं -वये  वाजसातये। यृ ु तवु णे सह-े  मिनो रवः।।
 आ नून ँ यात मिनेमा -हािन वां िहता। इम े सोमासो अिध तवु शे- यदा िवम े कवेष ु वामथ।।
 यासा पराके -अवाके अि भेषजम।् तेन नून ँ िवमद ाय चेतसा -छिद वाय यतम।।

ु  ु  देा -साकँ वाचाह मिनोः। ाव दा मितँ- िव राितं मः।।
05.08.33 अभ

  बोधयोषो अिना-  देिव सूनतृ े मिह। य होत रानषु -मदाय वो बृहत।।
ु - सं सूयण
 यषो यािस भानना ्
 रोचसे। आ हाय मिनो रथो- वित याित नृपाम।।
 यदापीतासो अंशवो- गावो न  ऊधिभः। या वाणी रनूषत-  देवयो अिना।।
ु ाय  शवस-े  नृ¤षााय शमण।े  द ाय चेतसा।।
  
 यून ीिभ रिना- िपत ु यना िनषीदथः। या स
ु िे भ ा।।
 8.10 य इित षडृच सू, कावः गाथोिनौ- मेण बृहती- मे
ोितरनु बु ाारपि-बृहती- सतोबृहः।।
 े िदवः। या समु े अाकृ त े -गृहत
05.08.34 यो दीघसिन- यादो रोचन े  आ यात
मिना।।
 या य ं मनव े संिमिम थ-ु रेव े ाव बोधतम।् बृहितँ िवा ेवा अहं व- इािव~

अिना वाशहु ेषसा।।
 ा 1(अ)िना वे- सदु स
ं सा गृभ े कृ ता। ययो रि ण  -ेव ्
े ाम।।
 ययो रिध  य ाˆ- असरू े सि सूरयः। ता य ार चेतसा -धािभ या िपबत ो ं
मध।ु ।

 यदािना वपा- याो वािजनीवसू~। य निव तवु शे यदौ- व े वामथ मा गतम।।
ु जा
 यदिर  े पतथ पभ ु - येम~
े रोदसी अन।ु या धािभ रिधितथो रथ- मतˆ आ यात
मिना।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 548


 8.11 म इित दशच सू, कावो वोि-गायी- थमा िता ितीया

वधमानाा िुप।।
05.08.35 म े तपाˆ अिस- देवˆ आ मा। ँ य े ीः।।

 मिस शो- िवदथेष ु सह। अे रथी रराणाम।।
 स म दप िषो- ययु ोिध जातवेदः। अदेवी रे अरातीः।।
 अि िच मह -य ं मत िरपोः। नोप वेिष जातवेदः।।
 मताˆ अम ते -भूिर नाम मनामहे। िवासो जातवेदसः।।
05.08.36 िवँ िवासोवस े -देव ं मतास ऊतये। अिीिभ हवामहे।।
 आ ते वो मनो यम -रमाि धात।् अे ाामया िगरा।।
 ा िह सिस- िवशो िवा अन ु भःु । सम ु ा हवामहे।।
 पु 

 समि मवस े -वाजयो हवामहे। वाजेष ु िचराधसम।।
 ो िह क मीो अरेष-ु सना होता न सि। ाा े तं िपया- सौभग
मायज।।।। इमााय माः।। ।। ्
इित पमाकं समाम ।।

 षाकम ्
 षाके थमाायः (वगाः 1-40)
 8.12 य इेित यिंशच सू, कावः पवत- इ- उिक।् ।
 ंिस 1(अ)िण मीमहे।।
06.01.01 यˆ इ सोमपातमो- मद शिव चेतित। येना ह
 येना द श व मिग-ँ ु वेपय ं णरम।् येना समु मािवथा तमीमहे।।
 येन िस ं ु मही रपो- रथाइव चोदयः। पा मृत यातव े तमीमहे।।
 ु स ओजसा ववि थ।।
 इम ं ोम मिभय-े घृत पूत मिवः। येना न
 इमषु  िगवण- मु इव िपते। इ िवािभ ितिभ ववि थ।।
 े। िदवो न वृिं थय वि थ।।
06.01.02 यो नो देव परावत- िखनाय मामह

 वव ु र के तवˆ- उत वो गभोः। यूय न रोदसी अवधयत।।
 यिद वृ सते- सहं मिहषा अघः। आिद इिय ं मिह  वावध
ृ ।े ।
ऋ वेदीय शाकल संिहता षाकम ् Page 549
ृ ।े ।
 इ ूय रिमिभ- शसान मोषित। अि वनेव सासिह  वावध

ु या िममीत इत।।
 इय ऋियावती- धीित रेित नवीयसी। सपयी पि
ु आनषु क।् ोमै िर वावध
06.01.03 गभ य  देवयु - त ं ु पनीत ्
ृ  े िममीत इत।।

ु त े िममीत इत।।
 सिन िम पथ -इ ोम पीतये। ाची वाशीव स
 यँ िवाˆ उवाहसो-िभम रायवः। घृत िप आस ्
 ृत यत।।
 उत राजे अिदित- ोम िमाय जीजनत।् पु श मूतय ऋत यत।।


 अिभ वयˆ ऊतये-नूषत शये। न देव िवता हरी~ ऋत यत।।
06.01.04 योम िम िविव- या घ ित आ।े या म ु मस े सिमिभः।।
 या श परावित- समु े अिध मस।े अाक िमतु े रणा स
 िमिभः।।
ु तो वृधो- यजमान सते। उ े वा य रयिस सिमिभः।।
 यािस स
 देवेव ँ वोवस- इिम.ृणीषिण। अधा य ाय तवु णे ानशःु ।।
 य िे भ य वाहसं- सोमेिभ ोमपातमम।् होािभ िरँ वावध
ृ  ु ानशःु ।।
06.01.05 मही र णीतय- पूव त शयः। िवा वसूिन दाशषु  े ानशःु ।।
 इँ वृाय हव-े देवासो दिधरे परु ः। इँ वाणी रनूषता समोजस।े ।
 महां मिहना वय-ं ोमेिभ हवनतु म।् अक रिभ  णोनमु मोजस।े ।
 न यँ िविवो रोदसी नािर ािण विणम।् अमा िदद ितिषे समोजसः।।
 यिद पृतनाे- देवाा दिधरे परु ः। आिदे हयता हरी~ वव तःु ।।
ृ -ं शवसा विवधीः। आिदे हयता हरी ~वव तःु ।।
06.01.06 यदा वृदीवत
 यदा ते िव ु रोजसा- ीिण पदा िवचम।े आिदे हयता हरी~ वव तःु ।।
 यदा ते हयता हरी~- वावृधाते िदविे दव।े आिदे िवा भवु नािन येिमरे।।
ु िम िनयेिमरे। आिदे िवा भवु नािन येिमरे।।
 यदा ते माती िवश- 
 यदा सूय मम ु ििव- श
ु ोित रधारयः। आिदे िवा भवु नािन येिमरे।।
ु िु तँ- िवˆ इयित धीितिभः। जािमं पदवे  िपत ारे।।
 इमा इ स¤
 यद धामिन िय-े समीचीनासो अर।् नाभा य  दोहना ारे।।

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 सवु ीय ं सगु - िम दि नः। होतेव पूविचये ारे।।
 8.13 इ तु िे ित यिंशच सू, कावो नारद- इ- उिक।् ।
06.01.07 इ तु षे  ु सोमेष-ु त ं ु पनीत  म।् िवद े वृध द सो महािषः।।
ु उ

ु वम मिु जत।।
 स थम े ोमिन- देवानां सदन े वृधः। सपु ार 
 तमे वाजसातय -इं भराय शिु णम।् भवा न ु े अम खा वृध।े ।
 
ु तः। मानो अ बिहषो िव राजिस।।
 इय इ िगवणो- राितः रित स

ु ˆ ईमह।े रिय िमा भरा िवदम।।
 नून िद दि नो- या स

06.01.08 ोता ये िवचषिण- रितशधय िरः। वयाइवान ु रोहते जषु  यत।।
 नया ि गर- णधु ी जिरत ु हवम।् मदेमदे ववि था सक
 व ु ृ न।े ।
 ीळ सूनत
ृ ाˆ -आपो न वता यतीः। अया िधया यˆ उते पित िदवः।।
ृ ै रविु भ तु े रण।।
 उतो~ पित यˆ उते -कृ ीना मेकˆ इशी। नमोवध
 िु ह तु ँ िवपि तं- हरी~ य सि णा। गारा दाशषो
ु गृहमिनः।।
ु ानो महम
06.01.09 तूतज ु तिु भः। आ यािह य माशिभ
े त-े ेिभ िष ु शिमि ते।।
 इ शिव सते -रियृण ु धारय। व ूिरो अमत ्
ु नम।।
ृ  ँ वस
 हवे ा सूर उिदत-े हवे मिन े िदवः। जषु ाणˆ इ सििभन आ गिह।।
 आ तू गिह  त ु व- मा सतु  गोमतः। त ु न
ु पू यथा िवद।े ।
 यािस परावित- यदवावित वृह।् या समु े असो िवतदे िस।।
06.01.10 इँ वध ु नो िगरˆ- इं सतु ासˆ इवः। इे हिवती िवशो अरािणषः।।

 तिम िाˆ अवव- वतीिभ ितिभः। इोणी रवधय याइव।।

 िकुकेष ु चेतन- ेवासो य मत। तिम ध ु नो िगर दावृधम।।
 ोता ये अनु तˆ- उा ृतथु ा दध।े शिु च पावकˆ उते सो अत
ु ः।।
 तिद ु चेतित- यं षे  ु धामस।ु मनो या िव तध ु िवचेतसः।।
06.01.11 यिद मे स मावरˆ- इम पासः। येन िवाˆ अित िषो अतािरम।।
 कदा त इ िगवण- ोता भवाित शमः। कदा नो गे अे वसौ दधः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके थमाायः (वगाः 1-40) Page 551


ु ुता हरी~- वृषणा वहतो रथम।् अजयु  मिदम ँ यमीमह।े ।
 उत ते स¤
ु त
 तमीमहे प ु ँ -यं ािभ ितिभः। िन बिहिष िय े सद दध िता।।
 वधा स ु पु त ु ािभ ितिभः। ध ु  िपषु ी िमष मवा च नः।।
ु - ऋिष¤त
06.01.12 इ मिवतदे सी-ा वु तो अिवः। ऋता िदयिम ते िधयं मनोयज ्
ु म।।
ु ान ोमपीतये। हरी~ इ तस~
 इह ा सधमाा-यज ू अिभ र।।
 अिभ र ु ये तव- ास  त ियम।् उतो~ मती िवशो अिभ यः।।
 इमाˆ अ तूतय- पदषु  यििव। नाभा य  सध ु यथा िवद।े ।
 अय ीघाय च स-े ािच यरे। िममीत े य मानषु ि वच।।
06.01.13 वृषाय िम ते रथ- उतो~ ते वृषणा हरी~। वृषा ं शततो~ वृषा हवः।।
 वृषा ावा वृषा मदो- वृषा सोमो अय ं सतु ः। वृषा य ो यिमिस वृषा हवः।।
 वृषा ा वृषण ं वे- वि ि चािभ ितिभः। वाव िह ितुितँ वृषा हवः।।
 8.14 यिदाहिमित पदशच सू, कावायनौ गोषू सूिना-िवो- गायी।।
06.01.14 यिदाहँ यथा -मीशीय वˆ एकˆ इत।् ोता मे गोषखा ात।।


 िश ये म ै िदेय ं -शचीपते मनीिषणे। यदहोपित ाम।।
ु त।े गामं िपषु ी हे।।
 धेनु इ सूनतृ ा- यजमानाय स

 न ते वताि राधसˆ- इ देवो न मः। यििस तु ो मघम।।
 यˆ इ मवधय -ूिमँ वतयत।् चाणˆ ओपश ििव।।
ृ ान ते वय-ँ िवा धनािन िज यषु ः। ऊित िमा वृणीमहे।।
06.01.15 वावध

 1(अ)िर मितर- दे सोम रोचना। इो यदिभन लम।।

ु सतीः। अवा नु देु वलम।।
 उाˆ आज दिरोˆ- आिव¤ृ व हा
 इेण रोचना िदवो -ािन ं िहतािन च। िरािण न पराणदु ।े ।

 अपा मूिम मदिव- ोमˆ इािजरायते। िव ते मदाˆ अरािजषः।।
06.01.16 ं िह ोमव ु वधनः। ोतण
 धन- इा ्
ॄ ा मतु भकृत।।

 इ िमे िशना हरी-~ सोमपये ाय व तः। उप य ं सरु ाधसम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 552


ु -े िशरˆ इोदवतयः। िवाˆ यदजय ृधः।।
 अपां फे नने  नमच
 मायािभ िसृतˆ- इ ा मा तः। अव दू रधूनथु ाः।।

ु ा िम संसदँ- िवषूच नाशयः। सोमपाˆ उरो भव।।
 अस
 8.15 तभीित योदशच सू, कावायनौ गोषू सूिना-िव- उिक।् ।
ु म।् इीिभ िवष मा िववासत।।
ु त ं पु त
06.01.17 तिभ  गायत- प
 य िबहसो बृह- हो दाधार रोदसी। िगरी रा अप वष
ृ ना।।
ु त
 स राजिस प ु -ँ  एको वृािण िजसे। इ ज ैा वा च यव।े ।
 ते मदृणीमिस- वृषण ं पृ ु सासिहम।् उ लोककृ ु मिवो हिरियम।।

 येन ोतायवे- मनव े च िवविे दथ। मानो अ बिहषो िव राजिस।।
06.01.18 तदा िच उिनो-न¤ु वु ि पूवथा। वृषपी रपो जया िदविे दव।े ।
ु  मतु तमु ।् वं िशशाित िधषणा वरेयम।।
 तव िदिय ं बृह- व श ्
 तव ौिर पं- पृिथवी वधित वः। ामाप पवतास िहिरे।।

 ाँ िव ु बृहयो- िमो गृणाित वणः। ां शध मद न ु मातम।।
 ँ वृषा जनानां- मंिहˆ इ जि षे। सा िवा पािन दिधषे।।
06.01.19 सा ं पु त
ु -ँ  एको वृािण तोशसे। नाˆ इा रण ं भूयˆ इित।।
 यिद मशा- नाना हव ऊतये। अाके िभ नृिभ रा ज
 य।।
 अरयाय नो महे- िवा पायािवश।् इ ैाय हषया श ्
 चीपितम।।
 8.16  साजिमित ादशच सू, काव इिरििठ-िरो- गायी।।

06.01.20  साजषणीना- िमं ोता नीिभः। नर ृषाहं मंिहम।।
ु ािन रयि- िवािन च वा। अपा मवो न समु े।।
 यि 
 तं सु   मु ।् महो वािजनं सिनः।।
ु ािववासे- ेराजं भरे कृ 
 यानूना गभीराˆ- मदाˆ उरवˆ ाः। हषमु  शूरसातौ।।
े -् िधवाकाय हवे। येषा िम े जयि।।
 तिम नेष ु िहत

 तिम ौ ै रायि- ततिे भषणयः। एषˆ इो विरवृत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके थमाायः (वगाः 1-40) Page 553


ु पु तः। महा हीिभ शचीिभः।।
े ˆ ऋिष- िर प
06.01.21 इो 
ु िमः। एकििभभूितः।।
 स ो  ह- ा तिवकू
 तमकिभ ं सामिभ- ाय
 ै षणयः। इँ वधि ि तयः।।

 ोित म।ु सासांस ँ यधु ािमान।।
 णते ारँ वो अा - कतार
 स न पि पारयाित- ि नावा पु तः। इो िवा अित िषः।।
  गातयु ा च। अा च न 
 स ˆ इ वाजेिभ- दशा च ु ेिष।।
 8.17 आ याहीित पदशच सू, काव इिरििठ-िरो- गायी-अे े बृहती
सतोबृहौ- वाोत इा वाोितदवतेित शौनकः- उपााया अधच देवो वाोितः-

तु इित िह ताम।।
06.01.22 आ यािह ¤सषु मु ा िह त- इ सोमं िपबा इमम।् एदं बिहदो मम।।
ु ा हरी~- वहता िम के िशना। उप ािण न ण।ु ।
 आ ा यज
ु ा- सोमपा िम सोिमनः। सतु ावो हवामहे।।
 ाण ा वय ँ यज
 आ नो यािह सतु ावतो-ाकं  स¤
ु त
ु ी प। िपबा स ु िशिसः।।
 आ ते िसािम कुो- रन ु गाा िव धावत।ु गृभाय िजया मध।ु ।
06.01.23 ा¤े अ ु संसदेु - मधम
ु ा 3े (ए) तव। सोम शम ु ते द।े ।
 अयम ु ा िवचषणे- जनीिरवािभ सँवृतः।  सोमˆ इ सपत।ु ।
 तिु वीवो वपोदर- बु ा रसो मदे। इो वृािण िजते।।
 इ ेिह परु ँ -िवश
े ानˆ ओजसा। वृािण वृह जिह।।
 स ु यिस। यजमानाय स
 दीघे अशो- येना व ु त।े ।
06.01.24 अय इ सोमो- िनपूतो अिध बिहिष। एही म वा िपब।।
ू ना-यं रणाय ते सतु ः। आखडल  यसे।।
 शािचगो~ शािचपज
 ये वृषो नपा- णपा~ ुडपाः। ि  आ मनः।।
 वाोते वु ा ूणा-स ं सोानाम।् ो भेा परु ां शतीना- िमो मनु ीनां सखा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 554


 पृदाकुसान ु यजतो गवषे ण- एक िभ भूयसः। भूिण मय ज
ु ा परु ो -गृभ
े ं सोम
पीतये।।
 8.18 इदं हेित ािवंशृच सू, काव इिरििठ-रािदाः-चतथु  षी समीनामिदितः-

अा अिनौ-नवा अि सूयािनला उिक।।
ु ं िभ ते  मः। आिदाना मपू सवीमिन।।
06.01.25 इदं ह नून मेषां- स
 अनवाणो ेषां -पाˆ आिदानाम।् अदा ि पायव ग
ु वे ध
ृ ः।।
 त ु न िवता भगो- वणो िमो अयमा। शम य ु सथो यदीमह।े ।

 देविे भ दिदत-े िरभम ा गिह। ूिरिभ पिये ु मिभः।।
स श
 ते िह पु ासो अिदत-े िव षांिस योतव।े अंहोि चयोनेहसः।।
06.01.26 अिदित न िदवा पश-ु .मिदित न मयाः। अिदित पाहं स दावृधा।।
 उत ा नो िदवा मित- रिदित ा गमत।् सा शाित मयर दप िधः।।
 उत ा दैा िभषजा- श करतो अिना। ययु यु ाता िमतो रपो अप िधः।।
 शमि रििभ कर- पत ु सूयः। शँ वातो वारपा अप िधः।।
 अपामीवा मप िध-. मप सेधत मितम।् आिदासो ययु ोतना नो अंहसः।।
06.01.27 ययु ोता श मदा- आिदास उतामितम।् ऋध ेष कृ णतु िववेदसः।।
 त ु न शम यतािदा यम
ु ोचित। एनिदने स दु ानवः।।
ु नः।।
 यो न कि ििर ित- र ने  मः। ै ¤ एवै िरिरषी यज
 सिम मघ मव- ु शंस ं म िरपमु ।् यो अा हणावा उप यःु ।।
 पाका न देवाˆ-  ु जानीथ मम।् उप य
ु ाय
ु वसवः।।

06.01.28 आ शम पवताना- मोतापाँ वृणीमहे। ावा ामारे अ पृतम।।
ु ाक ावा वसवः। अित िवािन िरता िपपतन।।
 ते नो भेण शमणा- य
ु े तनाय त ु नो- ाघीय आय ु जवसे। आिदास म
 तच ु हस कृ णोतन।।
ु े इो अिप िस सजा।े ।
 य ो हीळो वो अरˆ- आिदाˆ अि मृळत। य
 बृह थ ं मता -ेव ातार मिना। िम मीमहे वण ं ये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके थमाायः (वगाः 1-40) Page 555


 अनहे ो िमायम -ृव ण शंम।् िवथ ं मतो य नछिदः।।
 ये िचि मृबु व-ˆ आिदा मनव िस।  सू न आय ु जवसे ितरेतन।।
ु शी पिंयोरािदा-
 8.19 त ूधयेित सिंशच सू, कावोभिररिः-चतिं

अयो यो सदः-थमािद ु
पिवंया अयजः ु
ककुभः-ितीयािद षिंयायज
तोबृहः-िपतनु ि त सिवंशी िपदा-अािवंशी िवंशी ािंशी षिं यः ककुभः-
ु यिु िंशी पिः।।
एकोनिंयेकिंशी यािंशी पिंय तोबृहः-चतिं
 णर -ेवासो देव मरि त धिरे। देवा ह मोिहरे।।
06.01.29 तूधया 
 िवभूतराितँ िव िचशोिचष- मि मीिळ यरु म।् अ मेध सो सोभरे- ेमराय

पूम।।
 यिजा ववृमहे- देव ेवा होतार ममम।् अ य  स ्
ु तमु ।।
 ऊज नपात ं सभु गं सदु ीिदित- मिं ेशोिचषम।् स नो िम वण सो- अपामा स
ु ँ य ते
िदिव।।
 यिमधा यˆ आती- यो वेदने ददाश मत अये। यो नमसा रः।।
 व-  िु तम ँ यशः। न तमंहो देवकृ त
06.01.30 ते दवो रंहय आश  तन- न

मकृतशत।।
 यो वो अििभ-ाम सूनो~ सहस ऊजा पते। सवु ीर मयःु ।।
ं मानो अितिथ-न िमियोी रथो न वेः। े
 शस े ासो अिप सि साधव- ं राजा


रयीणाम।।
 सो अा दा
 रो-े मत भ ं ः। स धीिभ र ु सिनता।।
ु ग स श
ु -  शू.रै
 य मू अराय ितिस- यीर  साधते। सो अवि िनता स िवपिभ

िनता कृ तम।।
06.01.31 याि वपगु हृ े- ोमनो दधीत िववायः। हा वा वेिवषिषः।।
 िव वा वु त हसो यहो~- म त
ू म राितष।ु अवोदेव मपु िरमिध- वसो~ िविवषो
वचः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 556



 यो अिं हदाितिभ -नमोिभवा सदु  मािववासित। िगरा वािजरशोिचषम।।
ु गो जना अित- 
 सिमधा यो िनिशती दाश दिदित- ामिभ र मः। िवे  धीिभ भ ु ै

इव तािरषत।।
ु मा भर यासह-दन े किदिणम।् मन
 तद े  ु  ः।।
06.01.32 येन चे वणो िमो अयमा- येन नासा भगः। वये शवसा गातिु वमा-
इोता िवधेमिह।।
 ते घेद े ाो3(ओ)- ये ा िव िनदिधरे नृच सम।् िवासो देव स
ु त म ्
ु ।।
ु िरे िदिव। त इाजेिभ िज य ु मह- नँ ये े काम ेिररे।।
ु त आित-े सोत
 त इेिदं सभग
ु ग भो अरः। भाˆ उत शयः।।
 भो नो अि रातो- भा राित भ
ु वृतय
 भ मन कृ ण  म ु सासहः। अव िरा तनिह
ू - येना स ु भूिर शधताँ- वनमे ा त े
अिभििभः।।

06.01.33 ईळे  िगरा मनिु हत-ँ येवाˆ त मरित ेिररे। यिजं हवाहनम।।
 ित मजाय तणाय राजत-े यो गायये। य िपशते सूनतृ ािभ वु ीय- मि घृतिे भ
रातः।।

 यदी घृतिे भ रातो- वाशी मि भरत उाव च। असरु इव िनिणजम।।
 यो हा ैरयता मनिु हतो- देवˆ आसा सगु ि ना। िववासते वायािण रो- होता देवो
अमः।।
 यद े मं ामहं- िममहो अमः। सहस ून~ वात।।
06.01.34 न ा रासीयािभशये- वसो~ न पापाय स। न मे ोतामतीवा न िहत-
ाद े न पापया।।
 िपत ु न पु भु त
ृ ो रोण- आ देवा एत ु  णो हिवः।।
 तवाह म ऊितिभ -निदािभ चेय जोषमा वसो~। सदा देव मः।।
 तव ा सनेय व राितिभ -रे तव शििभः। ािमदा मितँ वसो~- ममाे हष
दातव।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके थमाायः (वगाः 1-40) Page 557


  सो अ े तवोितिभ- वु ीरािभ िरते वाजभमिभः। य ं स मावरः।।
06.01.35 तव ो नीलवा ाशˆ ऋियˆ- इान ि~ वा दद।े ं महीना मषु सा
मिस ियः- पो वषु ु राजिस।।

ु ं िभि मवस।े साज ासदवम।।
 तमा ग सोभरय -हम
 े अ
 य ते अे अ ु ा िन यवु  े जनाना- व
 यˆ उपि तो वयाˆइव। िवपो न  ािण

वधय।।
 यमािदासो अुह- पारयथ मम।् मघोनाँ िवेषां सदानवः।।

 यूय ं राजान किषणीसहः- य ं मानषु ा अन।ु वये वो वण िमायम-ामेत
रः।।
ू ाम।् मंिहो अय ितः।।
 अदा े पौकु पाशत- सद ु वधन
 उत मे िययो विययो- वु ााˆ अिध त ु विन। ितसण
ॄ ां सतीनां- याव णते ा भवु - स ु
िदयानां पितः।।
ु ः ककुभो यज
 8.20 आ गेित षिंशृच सू, काव ोभिरमतः-अयज ु
तोबृहः।।
 चतथु  नवाके
ु दशसूािन।।
06.01.36 आ गा म
 ा िरषयत -ावानो माप ाता स
 मवः। िरा िचमियवः।।
 वीळुपिविभ मतˆ ऋभ ु ण-ˆ आ ास दु ीितिभः। इषा नो अागता पृ
ु हो- य मा
सोभरीयवः।।
ु - मु ं मतां िशमीवताम।् िवो रेष मीषाम।।
 िवा ि ह ियाणां श ्
 िव ीपािन पापत ि-
ु नोभ~ ु  रोदसी।  धारै त शखादयो
े यज ु - यदेजथ
भानवः।।
 अतु ा िचो अा- नानदित पवतासो वनितः। भूिमयामेष ु रेजत।े ।
06.01.37 अमाय वो मतो यातव े -ौ िजहीत उरा बृहत।् या नरो देिदशते तन
ू ा-
 ांिस बाोजसः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 558


 धा मन ु ियरो- मिह ेषाˆ अमवो वृषवः। वह े अतवः।।
ु ातासˆ इष े भज
 गोिभ वाणो अते सोभरीणां- रथे कोशे िहरयये। गोबव ज ु े -महाो न

रस े न।।
 ित वो वृषदयो -वृ े शधाय माताय भरम।् हा वृषयाे।।
ु - रथेन वृषनािभना। आ येनासो न पि णो वृथा नरो- हा नो वीतये
 ने  मतो वृषना
 वृषण
गत।।
06.01.38 समान मषे ाँ िव ाजे- ासो अिध बाष।ु दिवतु ृयः।।
 ासो वृषणˆ उबाहवो- निक ¤नषू  ु येितरे। िरा धा ायधु ा रथेष ु वो-नीकेिध
 त उ
ियः।।
 येषा मण न सथो -नाम ेष ं शता मेकिम ज
ु ।े वयो न िपं सहः।।
ु - तेषां िह धनु ीनाम।् अराणा चरम देषा ाना मा
 ता  मत ा उप िह

तदेषाम।।
 सभु ग  वˆ ऊिता-स पूवास ु मतो िु ष।ु यो वा नून मतु ासित।।
ु ै त
06.01.38 य वा यूय ं ित वािजनो नर- आ हा वीतये गथ। अिभ ष 

ु ा वो धूतयो नशत।।
वाजसाितिभ- 

ु न थेदसत।।
 यथा  सूनवो -िदवो वश सरु  वेधसः। यवा
 ये चाहि मत दु ानव- ीषरि ये। अतिदा न उप वसा दा- यवु ान आ
वव ्
ृ म।।

 यून ऊ ष ु निवया -वृ पावकाअिभ सोभरे िगरा। गाय गाइव चकृ षत।।
 साहाˆ ये सि मिु हवे  हो- िवास ु पृ ु होतृष।ु वृा स
ु वमा -िरा व
मतो अह।।
06.01.40 गाविा समव -जाने मत बवः। िरहत े ककुभो िमथः।।
 मतिो नृतवो व स-ˆ उप ातृ मायित। अिध नो गात मत दा िह व-ˆ आिप
मि िनिु व।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके थमाायः (वगाः 1-40) Page 559


 मतो मात न-ˆ आ भेषज ु
  वहता सदानवः। यूय ं सखाय यः।।
 यािभ ि ु मवथ यािभ ूवथ- यािभ दशथा ि िवम।् मयो नो भूतोितिभ मयोभव-
ु िशवािभ
रसचिषः।।

 यिौ यदिसाँ- यमु ेष ु मत बु िहषः। यवतषे ु भेषजम।।
 -ू ा तेना नो अिध वोचत।
 िवं पयो िबभृथा तन मा रपो मत आतरु  न- इता
ु ~।।।। इित थमााय माः।।
िवत ं पनः

 षाके ितीयाायः (वगाः 1-40)


ु ः ककुभो
 8.21 वयम ु ेादशच सू, काव ोभिर-िरोयो-योिः-अयज
ु तोबृहः।।
यज
ु ामप
06.02.01 वयम ू -ूर कि रोववः। वाजे िच ं हवामहे।।
 उप ा कम ूतये -स नो यवु ो ाम यो धृषत।् ािमिवतारँ ववृमहे -सखायˆ इ

सानिसम।।
 आ याहीम इवो-पते गोपत उवरापते। सोमं सोमपते िपब।।
ु  मबवो- िवासˆ इ येिमम। या ते धामािन वृषभ तेिभ रागिह- िवेिभ
 वय ं िह ा बम
ोमपीतये।।

 सीदे वयो यथा -गोीत े मधौ मिदरे िवव ण।े अिभ ािम नोनमः।।
06.02.02 अा च ैना नमसा वदामिस- िकं मु ि ि दीधयः। सि कामासो हिरवो
दिदं- ो वय ं सि नो िधयः।।
ू निह नू त े अिवः। िवा परु ा परीणसः।।
 नूाˆ इिद ते वय .-मूती अभम
 िवा सिख मतु शूर भो1 (अ)-मा ते ता वि ीमहे। उतो~ समिा िशशीिह नो वसो~ -

वाजे सिश गोमित।।
 यो नˆ इदिमदं परु ा-  वˆ आिननाय तम ु व षेु । सखायˆ इ मूतये।।
 हय ं सितषणीसहं- स िह ¤ा यो अमत। आ त ु न  वयित ग .-मं ोत
ृ ो

मघवा शतम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 560


ु ा वय-ं ित सँ वृषभ वु ीमिह। सं े जन गोमतः।।
06.02.03 या ह िज
 जयेम कारे पु त कािरणो-िभ ितम
े ः। नृिभ वृ ं हाम शूशयु ाम -चावेिर  णो
िधयः।।
 अात ु सनादिस। यधु े दािप िमसे।।
ृ ो अना  -.मनािप िर जनषा
ु ः। यदा कृ ण
 नकी रेवं साय िवसे- पीयि ते सरा  ोिष नदन ं ु समूह- ािद ितवे 
यसे।।
ु यथा -मूरासˆ इ स े ावतः। िन षदाम सचा सतु ।े ।
 मा ते अमाजरो
06.02.04 मा ते गोद िनरराम राधसˆ - इ मा ते गृहामिह। ा िचदय  मृशााभर-
न ते दामानˆ आदभे।।
 इो वा घेिदयघ ं -सरती वा सभु गा दिद वस।ु ँ वा िच दाशषेु ।।
 े - यके सरती मन।ु पजइव ततनि वृा- सह मयतु ा
 िचˆ इाजा राजकाˆ इदक

ददत।।
 8.22 ओ म इादशच सू, काव ोभिर- रिनौ-थमा तृतीया पमी समी

बृहः-ितीया चतथु  ष तोबृहः-अनु ुप-नवमी योदशी पदशी सदयः ककुभः-

दशमी चतदशी षोडयादय तोबृहः-एकादशी ादयौ ककुे ोितषी।।
ु वतनी~- आ सूयाय ै
06.02.02 ओ~ म आ रथ- मा दिं स मूतये। यमिना सहवा
तथःु ।।
ु ँ ु वाजेष ु पूम।् सचन
 पूवापषंु  सहु वं पु हृ ं- भ ्
 ाव ं समु ितिभ ोभरे- िवेषस मनेहसम।।
 इह ा पु भत ्
ु गृहम।।
ू मा- देवा नमोिभ रिना। अवाचीना वस े करामहे- गारा दाशषो
 यवु ो रथ पिर च मीयत -ईमाा िमषयित। अा अा समु ितवा शभती
ु ~- आ
ु व धावत।ु ।
धेनिर
 रथो यो वा िवरु ो- िहरयाभीश ु रिना। पिर ावापिृ थवी~ भूषित तु -ेन नासा

गतम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) Page 561


06.02.06 दशा मनव े पू ििव- यवँ वृकेण कषथः। ता वा म समु ितिभ शभु ती~
-अिना  वु ीमिह।।
 उप नो वािजनीवसू~ यात मृत पिथिभः। येिभिृ ँ वृषणा ासदव-ं महे ाय िजथः।।
 अय ँ वा मििभ तु - ोमो नरा वृषवसू~। आ यात ं सोमपीतये- िपबत ाशषु ो गृहे।।
ु ाथां पीवरी िरषः।।
 आ िह हत मिना- रथे कोशे िहरयये वृषवसू~। य
 यािभ प मवथो यािभ रिग-ँ ु यािभ ब ँ ु िवजोषसम।् तािभन म ू तूय मिना गत-ं

िभषतँ यदातरु म।।
ू -इदा िचदो अिना हवामहे। वयीिभ िवपवः।।
06.02.07 यदिगावो अिग~
 तािभरा यात ँ वृषणोप मे हवं- िवँ ु िववायम।् इषा मंिहा पु भत ृ ु
ू मा नरा- यािभ ििवँ वावध

ािभरा गतम।।
 तािवदा िचदहाना- ाविना वमान उपवु ।े ता ऊ नमोिभ रीमहे।।
 तािवोषा ता उषिस शभु ती~- ता याम ु वतनी~। मा नो मताय िरपवे वािजनीवसू ~-परो

ावित तम।।
 आ स ु ाय स ु ं ाता-~रथेनािना वा स णी। व े िपतवे  सोभरी।।
06.02.08 मनोजवसा वृषणा मदतु ा- म ु मािभ ितिभः। आरााि ूतमअ
े वस-े

पूविभ पभोजसा।।

 आ नो अाव दिना- वित यािसं मधपु ातमा नरा। गोमा िहरयवत।।
 सु ावग सवु ीय सु ु वाय- मनाधृ ं र िना। अिा वा मायाने वािजनीवसू~- िवा वामािन
धीमिह।।
 8.23 ईिळेित िंशच सू, वैयो िवमना – अि - िक।् ।
06.02.09 ईिळा िह ती1(अँ)- यज जातवेदसम।् चिरधू ्
ु म म.गृभीतशोिचषम।।

 दामानँ िवचषणे-िँ िवमनो िगरा। उत षु  े िवधसो रथानाम।।
 येषा माबाधˆ ऋि मयˆ -इष पृ  िनभे। उपिवदा वि िवते वस।ु ।
 उद शोिचरा- ीिदयषु ो 1(अ)जरम।् तपज
ु  स
ु तु ो गणियः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 562


ु 
 उ ित र- वानो देा कृ पा। अिभा भासा बृहता शश ु िनः।।
06.02.10 अे यािह सश ु नˆ आनषु क।् यथा तो बभथ
ु ििभ -हा जा ू  हवाहनः।।
 अिँ व पू व-े होतारषणीनाम।् तमया वाचा गृण े तम ु व षु ।े ।
ु त ँ ु -यपा सूदय इत।् िम जने सिध
 य िे भ रत ु त मृताविन।।
ु षु  ु नमस द।े ।
 ऋतावान मृतायवो -य  साधनिरा। उपो~ एनज
 अा नो अिरमँ- य ासो य ु सँयतः। होता यो अि िवा यशमः।।
06.02.11 अे तव े अजरे-ानासो बृहाः। अाइव वृषण िवषीयवः।।
 स ˆ ऊजा पते -रियं रा सवु ीयम।् ाव न ोके तनय े समा।।
 या उ िवपित िशत -ु ीतो मनषु ो िविश। िवेदि ित र ांिस सेधित।।
ु  े नव मे -ोम वीर िवपते। िन माियन पषु ा र सो दह।।
 
 न त मायया चन -िरप ु रीशीत मः। यो अये ददाश हदाितिभः।।
06.02.012 ा वसिु वद .-म ु य ु रीणा िषः। महो राय े तम ु ा सिमधी
मिह।।
 उशना काा- िन होतार मसादयत।् आयि जा मनव े जातवेदसम।।

 िवे िह ा सजोषसो- देवासो त मत। ु ी देव थमो यि यो भवु ः।।
 इम.ा व
 ीरो अमत ्
ृ - तवीत मः। पावकवतिनँ िवहायसम।।
ु शोिचषम।् िवशा मि मजरं  मीम।।
ु - भु ासं श
े यतच
 तं वम ्
06.02.013 यो अ ै हदाितिभ- राितं मतिवधत।् भूिर पोषं स ध े वीरवशः।।
 थमातवेदस- मिँ य षे  ु पूम।् ित गे
ु ित नमसा हिवती।।
 आिभ िवधेमाये- ेािभ वत।् मंिहािभ मितिभ श
ु शोिचषे।।
 नून मच िवहायसे- ोमेिभ ूरयूपवत।् ऋषे वैय दायाये।।
 अितिथं मानषु ाणां- सून ँ ु वनतीनाम।् िवाˆ अि मवस े  मीळते।।
06.02.14 महो िवा अिभ षतो3( ओ)-िभ हािन मानषु ा। अे िन षि नमसािध
बिहिष।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) Page 563


 ो वाया पु - वं राय पु हृ ः। सवु ीय जावतो यशतः।।
 वंा न
 ँ वरो~ सषु ाे-े जनाय चोदय। सदा वसो~ राितँ यिव शत।े ।
 ं िह सु तरू िस- ो गोमती िरषः। महो राय ाित म े अपा व
 िृ ध।।
 अे ँ यशाˆ -अा िमावणा वह। ऋतावाना साजा पूतद सा।।
 8.24 सखाय इित िंशच सू, वैयो िवमना - इोतृच व-
िगानु पु -् (व ौषाोयं राजा)।।
06.02.15 सखायˆ आ िशषामिह- ेाय विणे। षु ऊ ष ु वो नृतमाय धृवे।।
 शवसा िस तु ो- वृह
 ेन वृहा। मघ ै मघोनो अित शूर दाशिस।।
 स न वानˆ आ भर- रियिवमम।् िनरक
े े िचो हिरवो वस ु दिदः।।
 आ िनरेक मतु िय- िम दिष जनानाम।् धृषता धृो~ वमानˆ आ भर।।
 न ते स दि ण-ं हँ वर आमरु ः। न पिरबाधो हिरवो गिविष।।

06.02.16 आ ा गोिभिरव ज-ीिभर ्ऋणोिवः। आ ा कामिरतरु ा मन पृण।।
 िवािन िवमनसो- िधया नो वृहम। उ णेत ~रिध षू वसो~ गिह।।

 वये अ वृह- िाम शूर नसः। वसो~ ाह पत राधसः।।
 इ यथा ि ते-परीत ृतो~ शवः। अमृा राित पु त दाशषु ।े ।
 आ वृष महामह -महे नृतम राधस।े  ि मघव घय।े ।
06.02.17 नू अा िचदिव- ो ज म ु राशसः। मघवि ध तव त ऊितिभः।।
ु ाय शवस े च िगवणः।।
 न1 (अ) नृतो~- द ँ िवािम राधस।े राय े 
 ए िमाय िसत- िपबाित सो ं मध।ु  राधसा चोदयाते मिहना।।
 उपो~ हरीणां पित-   ं पृ मवम।् नून ं िु ध वु तो अ।।
 न1 (अ) परु ा चन- ज े वीरतर त।् नकी राया न ैवथा न भना।।
06.02.18 ए मो मिदरं- िस वाय~ असः। एवा ि ह वीर वत े सदावृधः।।
 इ ात हरीणा-िक े पूिु तम।् उदानश
ं  शवसा न भना।।
 तँ वो वाजानां पित-. ममिह ववः। अायिु भ य िे भ वावृध ्
े म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 564


 एतो~ िं वाम- सखाय ोरम।् कृ ीय िवा अेक इत।।

 अगोधाय गिवषे-  ु ाय दँ वचः। घृता ादीयो मधनु  वोचत।।
06.02.19 यािमतािन वीया3(आ)- न राध पयतवे। ोितन िव मि दि णा।।
 हु ीँ व द-नूिम वािजनँ यमम।् अय गयं मंहमानँ िव दाशषु ।े ।
 नू मपु  िु ह -वैय दशमवम।् सिव
 एवा न ्
ु ांस कृरणीनाम।।
 वेा िह िनऋतीनाँ- वह पिरवज  ।् अहरह श
ृ म ु ु पिरपदा िमव।।
 तिदाव आ भर- येना द िं स कृ न।े िता कुाय िशथो िन चोदय।।
06.02.20 तम ु ा नून मीमहे- न ंिस सस।े स  ो िवा अिभमाती  िणः।।
ु -ो वाया  िसषु ।ु वध दास तिु वनृ नीनमः।।
 यˆ ऋ ा दंहसो मच
 यथा वरो~ सषु ाे- सिनˆ आवहो रियम।्  ु गे वािजनीवित।।
े भ

 आ नाय दि णा- ा एत ु सोिमनः। ूर राध शतव हवत।।
 या पृा दीजान- कुहय
 ा कुहयाकृ ते। एषो अपितो वलो गोमती मव ितित।।

 8.25 ता वाँ िवेित चतिवशृ
च सू, वयै ो िवमना- िमावणौ-दशािद ितसृणाँ
िवे देवा उिक-् उपाोि गभा।।
06.02.21 ता वाँ िव गोपा- देवा देवषे  ु यि या। ऋतावाना यजसे पूतद सा।।
ु ाता तनया धृतता।।
ु तःु । सना ज
 िमा तना न रा3(आ)- वणो य स
 ता माता िववेदसा-सयु ाय महसा। मही जजानािदितर ्ऋतावरी।।
 महाा िमावणा- साजा देवा वसरु ा। ऋतावाना वत ्
ृ मा घोषतो बृहत।।
 नपाता शवसो मह- ून~ ु तू~। सृदान~
ू द  स ू इषो वािध ि तः।।
06.02.22 सँ या दानूिन येमथ-ु िदा पािथवी िरषः। नभती रावार ु वृयः।।
 ो िदवो3(ओ)-िभ यूथवे  पयतः। ऋतावाना साजा नमस े िहता।।
 अिध या बृहत
 ऋतावाना िन षेदत-ु ाााय स
ु तू~। धृतता िया  माशतःु ।।
 अि.ातिु वरा-न
ु णने  च सा। िन िचिषा िनिचरा िन िचतःु ।।
 उत नो देिदित- ता ासा। उ ु मतो वृशवसः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) Page 565


06.02.23 ते नो नाव मु त- िदवा नं  सदानवः।
ु अिरो िन पायिु भ चेमिह।।
 अत े िवव े वय- मिर दु ानव।े िु ध याव िो ~पूविचये।।
 ताय वृणीमहे- विरोपयम।् िमो याि वणो यदयमा।।
 उत न ि ु रपा- त दिना। इो िव ु मांस जोषसः।।
 ते िह ा व ु नरो-िभमाितय िचत।् ित म ोद िति भूणयः।।
 नषो
ु - च े िव िवपितः। त ता न ु वरामिस।।
06.02.24 अय मेक इा प

 अन ु पूवायोा- साा सिम। िम ता वण दीघतु ।।
 पिर यो रिमना िदवो-ा म े पृिथाः। उभ~
े आ पौ रोदसी मिहा।।
ु िमधान आतः।।
 उ  शरण े िदवो- ोित रयं सूयः। अिन श
 वचो दीघसनी-शे वाज गोमतः। ईशे िह िपोिवष दावने।।
े - दोषा वो प वु ।े भोज
06.02.25 तूय रोदसी उभ~ ु रा सदा।।
े ा अ
ु मसनाम सषु ामिण।।
 ऋ म ु यायन-े रजत ं हरयाणे। रथँ य
 ता मे अानां- हरीणा ितोशना। उतो~ न ु कृ ाना ृवाहसा।।

 दभीशू~ कशावा -िवा निवया मती। महो वािजना ववा सचासनम।।
 8.26 यवु ो िित पिवंशृच सूािरसो ोिना-व षणां वाय-ु िक-्
वािहो वािमािद चतो गायः-िवंयेकिवंयानु ुभः-(ो वेित सवानमोा
ु विप
ु ोतना द ेम
शौनके न ैव म ु ु  मातं तेन पाि को
ोतना द े म
िवमनाः)।।
06.02.26 यवु ो षू रथं वे- सध
ु ाय सूिरष।ु अतूतद ा वृषणा वृषवसू~।।
 यवु ँ वरो~ सषु ाे- महे तने नासा। अवोिभ याथो वृषणा वृषवसू~।।
 ता वा म हवामहे- हिे भ वािजनीवसू~। पूव िरषˆ इषया वित पः।।
 आ वाँ वािहो अिना- रथो यात ु तु ो नरा। उप ोमा रु  दशथ िय।े ।
े ाँ वृषवसू~। यवु ं िह ा पषथो अित िषः।।
 जु र ाणा िचदिना-मथ
06.02.27 दा िह िव मानषु - िू भ पिरदीयथः। िधयिा मधवु णा शभु ती~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 566


ु सह। मघवाना सवु ीरा वनपतु ा।।
 उप नो यात मिना- राया िवपषा
 आ मे अ ती1(अ)-िम नासा गतम।् देवा देविे भ र सचनमा।।
 वय ं िह वां हवामह -उ यो वत।् समु ितिभ प िवा िवहागतम।।

 अिना ृष े िु ह- कुिवे वतो हवम।् नेदीयस कू ळयात पणी त।।
  तु रो-तो~ मे अ वेदथः। सजोषसा वणो िमो अयमा।।
06.02.28 वैय

 यवु ाद िधा- यवु ानीत सूिरिभः। अहरह वृषणा मं िश तम।।
 यो वाँ य िे भ रावृतो-िधवा वधिू रव। सपया शभु े चाते~ अिना।।
 यो वा मु चम-िके तित नृपाम।् वित रिना पिर यात मय~
ू ।।
 अं स ु वृषवसू~- यात ँ वित नृपाम।् िवषु ु हव
े य मूहथ ु िगरा।।
06.02.29 वािहो वाँ हवानां- ोमो तो वरा। यवु ाां भूिना।।
 यददो िदवो अणव- इषो वा मदथो गृहे। तु िमे अमा।।
 उत ा ेतय
 ावरी- वािहा वादीनाम।् िस ु िहरयवतिनः।।
ु ा-िना ेतया िधया। वहेथ~
 देतया सकी ु
े शयावाना।।
ु ा िह ं रथासहा- यवु  पोा वसो~। आो वायो~ मध ु िपबा-ाकं  सवना गिह।।
 य
06.02.30 तव वाय~ वृतते- ु जामात रत
ु । अवांा वृणीमहे।।
 ु जामातरँ वय- मीशान ं राय ईमहे। सतु ावो वाय ु 
ु ा जनासः।।
 वायो~ यािह िशवािदवो- वहा स ु म।् वह मह पृथपु सा रथे।।
ु रम- ृषदनषे ु महे। ावाण ापृ ं मंहना।।
 ां िह स
 स ो देव मनसा- वायो~ मानो अियः। कृ िध वाजा अपो िधयः।।

 8.27 अि  इित ािवंशृच सू, वैवतो मन-िवे ु ो बृहो यज
देवाः-अयज ु
तोबृहः- (अि इािद वैदेवषे ु चत ु ूेष ु आयोरे च सव िवे देवा एव ना
भेदः)।।
06.02.31 अि  े परु ोिहतो- ावाणो बिह ररे। ऋचा यािम मतो णित- ेवा

अवो वरेयम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) Page 567


ु िस पृिथव वनती- नषु ासा न मोषधीः। िवे च नो वसवो िववेदसो- धीनां भूत
 आ पशा
ािवतारः।।
  सू न एरो3(ओ)-ा देवषे  ु पूः। आिदषे  ु  वण े धृतत-े म ु िवभानषु ।।

ृ े िरशादसः। अिरिे भ पायिु भ िववेदसो- या
 नव े िववेदसो- भवु ध
 िवे िह ा म
नोवृकिदः।।
 आ नो अ समनसो- गा ि वे सजोषसः। ऋचा िगरा मतो देिदत-े सदन े पे मिह।।
06.02.32 अिभ िया मतो या वो अा- हा िम याथन। आ बिह िरो वण रु ाˆ
नरˆ- आिदास द ु नः।।
 वय ँ वो वृबिहषो- िहतयस आनषु क।् सतु सोमासो वण हवामहे- मन
ु िदायः।।
 आ  यात मतो िवो~ अिना- पूष ाकीनया िधया। इˆ आ यात ु थम िनिु भ- वृषा
 ा गृण।े ।
यो वृह
 िव नो देवासो अुहो-िं शम यत। न यरू ा सवो नू िचदितो- वथ मादधषित।।
 अि िह व जा ं िरशादसो- देवासो अाम।्  ण पूव ै सिव
ु ताय वोचत -म ू स
ु ाय
नस।े ।
06.02.33 इद ा िह व उपिु त- िमदा वाम भये। उप वो िववेदसो- नम ु रा
असृािमव।।
 उ  व िवता सु णीतयो-ा  वरेयः। िन िपाद त
ु ादो अिथनो-िव
तियवः।।
 देवेव ँ वोवस-े देवेव मिभय।े देवेव ं वेम वाजसातये- गृणो देा िधया।।
ु े त ु नो- भव ु
 देवासो िह ¤ा मनव े समवो- िवे साकं सरातयः। ते नो अ ते अपर च
विरवोिवदः।।

  व शंसा ुह- ं उपतीनाम।् न तिू त वण िम म- यो वो धामोिवधत।।

  स  य िरते िव मही- िरषो यो वो वराय दाशित।  जािभ जायते धमण
 - यिर व
एधते।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 568


 े स िवते यधु - ग
06.02.34 ऋत ु िे भ यानः। अयमा िमो वण रातयो- याय े
सजोषसः।।
ु रणम।् एषा िचदा दशिन परो न-ु साेधी िव
 अे िचद ै कृ णथु ा न- ग  िचदा सस
नयत।ु ।
ु बिु ध िववेदसो- या मिन े िदवः।।
 यद सूय उित- िय ाˆ ऋत ध। यििच
ु ऋत ँ यत-े छिद यम िव दाशषु ।े वय ो वसवो िववेदसˆ- उप ेयाम
 यािभिप े असराˆ
म आ।।
ु । वाम  मनव े िववेदसो- जा
 यद सूर उिदत े -यिन आतिच ु नाय चेतसे।।
 वय  ाजˆ आ वृणीमहे- पु ो न बप ाम।् अयाम तदािदा जु तो हिव- यन
वोनशामहै।।

 8.28 ये िंश तीित पच सू, वैवतो मन-िवे देवा- गायी-चतथु  परउिक
ु ।् ।
06.02.35 ये िंशित यरो- देवासो बिह रासद।् िवदह ितासन।।

 वणो िमो अयमा- ाितषाचो अयः। पीवो वषताः।।
 ते नो गोपाˆ अपाा- उद इा क।् परु ा वया िवशा।।
 यथा वशि देवा थेदस- देषािक रा िमनत।् अरावा चन मः।।
ु ाेषाम।् सो~ अिध ियो िधरे।।
 सानां स ऋय-  

 8.29 ब ु रेक इित दशच सू, वैवतो मन-िवे देवा- िपदा िवराट ् –(भेदप े - सोमः
1-अिः 1-ा 1-इः 1-ः 1-पूषा 1-िवःु 1-अिनौ 1-िमावणौ 1-अिनौ 1-एवं दश-
अिारीचः कयपिषः पाि कः)।।

ु ूनरो- यवु ाे िहरययम।।
06.02.36 ब ु रेको िवषण
 योिन मेकˆ आ ससाद ोतनो- दवषे  ु मेिधरः।।
 वाशी मेको िबभित ह आयसी- म दवषे  ु िनिु वः।।
 व मेको िबभित ह आिहत- ेन वृािण िजते।।
 ित म मेको िबभित ह आयधु -ं शिु च ो जलाषभेषजः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके ितीयाायः (वगाः 1-40) Page 569



 पथˆ एक पीपाय तरो यथाँ- एष वेद िनधीनाम।।
 ीयेकˆ उगायो िव चमे- य देवासो मदि।।
 िविभा चरतˆ एकया सह-  वासवे  वसतः।।

 सदो ा चाते~ उपमा िदिव- साजा सिपरासती~।।

 अचˆ एके  मिह साम मत- तेन सूय मरोचय।।
ु च सू, वैवतो मन-िवे
 8.30 निह व इित चतऋ ु ु
देवा- गायी-परउि बृह
नु ुभः।।

06.02.37 निह वो अभको- देवासो न कुमारकः। िवे सतोमहा इत।।
 इित तु ासो असथा िरशादसो- ये  य िंश। मनो दवा यि यासः।।
 ते ना ेवत- त उ नो अिध वोचत। मा न पथ िपा ानवा दिध- र ै परावतः।।
 ये देवासˆ इह न -िवे वैानराˆ उत। अं शम सथो -गवेाय यत।।
 यो यजातीादशच सू, वैवतो मनःु – य ो देवता, तृतीयािद यो यजमानः,
पादीना ती – दशािद नवाना ािशषो देवता गायी, नवमी चतदु या वनु भ
ु ौ,
दशमी पादिनचृ दा तः पयः – (थमयो यो िरो देवतेित के िचत, ् दशा यजमान
पाशी – तो योः पूषा, तत एका िमायमवणा – त एका अिः – अ चतसृणाँ
यजमान इित शौनकािभायेण के िचदाः )

06.02.38 यो यजाित यजात इ-नु व पचाित च।  े िद चाकनत।।
 परु ोळाशँ यो अ-ै सोमं ररत आिशरम।् पािदं शो अंहसः।।
ु ।् िवा विमिया।।
 त मु ा अस थो- देवजूत  शूशवत
 अ जावती गृहे-सी िदविे दव।े इळा धेनमु ती हे।।
 या दती~ समनसा- सनु तु ˆ आ च धावतः। देवासो िनयािशरा।।
06.02.39 ित ाशा इत- ा बिह राशाते~। न ता वाजेष ु वायतः।।
ु ित जगु ु तः। वो बृह िवासतः।।
 न देवाना मिप ुत- म
 पिु णा ता कुमािरणा- िव माय ु तः।
ु उभा िहरयपेशसा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 570


 वीितहोा कृ त ू - दशा मृताय कम।् समूधो रोमश ं हतो- देवषे  ु कृ णतु ो वः।।
 स~
 आ शम पवतानाँ- वृणीमहे नदीनाम।् आ िवो चाभवु ः।।
06.02.40 ऐत ु पूषा रिय भग- ि सवधातमः। उ रा ये।।

 अरमित रनवणो- िवो देव मनसा। आिदाना.मनेह इत।।
 यथा नो िमो अयमा- वण ि गोपाः। सगु ाˆ ऋत पाः।।
 अिँ व पूिरा- देव मीळे वसूनाम।् सपय पि
ु य-ं िम े स ्
 ाधसम।।
 म ू दवे वतो रथ- शूरो वा पृ ु कास ु िचत।् देवानाँ यˆ इनो- यजमानˆ इय -भी दयनो

भवु त।।
ु ान न देवयो~। देवानाँ यˆ इनो- यजमानˆ इय - भी दयनो
 न यजमान िरिस -न स

भवु त।।
 निकमणा नश-  योष योषित। देवानाँ यˆ इनो- यजमानˆ इय - भी दयनो

भवु त।।
 अस द सवु ीय- मतु दाम।् देवानाँ य इनो- यजमान इय -भी दयनो भवु त।।।।

इित ितीयााय माः।।

 षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49)


 8.32  कृ तानीित िंशच सू, कावो मेधाितिथ-िरो- गायी।।
06.03.01  कृ त
 ा ृजीिषण- कवाˆ इ गाथया। मदे सोम वोचत।।
 यृिब मनशिनं- िप ु ास महीशवु म।् वधी ो िरणपः।।

 बदु  िवपँ- वाणं बृहत िर। कृ ष े तिद पम।।
 ित तु ाय वो धृष- ूणाश िगरे रिध। व े सिु श मूतये।।
े ः। परु  शूर दषिस।।
 स गोर िव ज-ं मान ो
06.03.02 यिद मे रारण तु - उ े वा दधस े चनः। आरा प धा गिह।।
  े अिप िस- ोतारˆ इ िगवणः। ो िज सोमपाः।।
 वया त
 उत न िपत ु माभर- संरराणो अिवि तम।् मघव ूिर ते वस।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 571


े िह।।
 उत नो गोमत ृ िध- िहरयवतो अिनः। इळािभ ं रभम
 बृब ं हवामहे- सृकर मूतये। साध ु कृ व मवस।े ।
 त-ु रादीणोित वृह
06.03.03 य ं े िचत  ा। जिरत ु वसःु ।।
ृ  प
 स न श िदा शक- ानवा अराभरः। इो िवािभ ितिभः।।
 यो रायो3(ओ)विन- महापु ार 
ु त खा। तिम मिभ गायत।।
 ारं मिह िरं- पृतनास ु वोिजतम।् भूरे रीशान मोजसा।।
 आय
 निक र शचीना-. िया सूनतृ ानाम।् निक वा न दािदित।।
ु ताम।् न सोमो अता पप।े ।
ू ा मि स
06.03.04 न नून ं णा .मृण ं -ाशन

 प इप गायत- प उािन शंसत। ा कृ णोत प इत।।
 प आ दिदरता- सहा वावृतः। इो यो यनो वृधः।।

 िव षू चर धाˆ अन ु -कृ ीना मावः। इ िपब सतु ानाम।।
 िपब धनै वाना -मतु य ु े सचा। उताय िम यव।।
06.03.05 अतीिह मषु ािवणं- सषु वु ांस मपु ारण।े इम ं रात ं सतु ं िपब।।

 इिह ित परावतˆ- इिह प जना अित। धेनाˆ इावचाकशत।।
 सूय रिमँ यथा सृजा-ा य ु मे िगरः। िन मापो न सक।् ।
 अय~ वा त ु िह िष- सोमँ वीराय िशिणे। भरा स
 तु  पीतये।।
ू रवासृजत।् यो गोष ु प ारयत।।
 यˆ उ फिलग ं िभन-1(अ)ि ्
ृ मृचीषम- औणवाभ महीशवु म।् िहमने ािव दबदु म।।
06.03.06 अह ्
  वˆ उाय िनुरे-षााय सि णे। देवं  गायत।।
 यो िवा िभ ता- सोम मदे असः। इो देवषे  ु चेतित।।

 इह ा सधमाा- हरी~ िहरयके या। वोा मिभ यो िहतम।।
ु त
 अवाा प ु - ियमेधतु ा हरी~। सोमपये ाय व तः।।
े ोनिवंशृच सू, कावो मेाितिथ- िरो- बृहती-षोडयाा िो
 8.33 वय ेक

गायोानु पु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 572


06.03.07 वय ा सतु ावˆ- आपो न वृबिहषः। पिव वणषे ु वृह- िर ोतार
आसते।।
 रि ा सतु े नरो -वसो~ िनरेक उिनः। कदा सतु ृषाणˆ ओकˆ आ गम-ˆ इ ीव
वंसगः।।
 कवेिभ धृ~वा धृष- ाज िष सहिणम।् िपशपं मघव िचषणे- म ू गोम मीमहे।।
 पािह गायासो- मद इाय मेाितथे। य ंिमो हय यतु े सचा -वी रथो िहरययः।।
 य षु  दु ि ण-ˆ इनो य 
ु त ु गृण।े यˆ आकर हा य शतामघˆ- इो य
पूिभदािरतः।।
06.03.08 यो धृिषतो योवृतो- यो अि मषु ु ितः। िवभूत ु त
ु वन प ु - ा
गौिरव शािकनः।।
 कˆ  वेद सतु े सचा- िपबयो दधे। अय ँ य परो
ु िविभन ोजसा- मान िशसः।।
 दाना मृगो न वारण- पु ा चरथ धे। निका िन यम दासतु े गमो- महाँर ोजसा।।
 यˆ उ िन¤ृतˆ- ि रो रणाय संृतः। यिद ोत ु मघवा णव व- ेो योषा

गमत।।
 स िमा वृषदे िस- वृषजिू तनवृतः। वृषा ु िवष े परावित- वृषो~ अवावित तु ः।।
06.03.09 वृषणे अभीशवो- वृषा कशा िहरययी। वृषा रथो मघव ृषणा हरी~- वृषा ं
शततो~।।
ु ु ते- वृष ृजीिप ाभर। वृषा दधे वृषणदीा -त
 वृषा सोता सनोत ्
ु  ं ात हरीणाम।।
 ए यािह पीतये- मध ु शिव सोम।् नाय मा मघवा णव िरो- ोा च स
ु तःु ।।
ु ः। ितरिदय सवनािन वृह-ेषाँ या शततो~।।
 वह ु ा रथेा .-माहरयो रथयज
 अाक माम-ं ोम ि महामह। अाक े सवना स ु शमा- मदाय  ु
सोमपाः।।

06.03.10 निह ¤षव नो~ मम- शा े अ रयित। यो अाीर आनयत।।

 इिा तदवी- ियाˆ अशा ं मनः। उतो~ अह त ं ु रघमु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 573


 सी~ िचा मदतु ा- िमथनु ा वहतो रथम।् एव
े ूव
ृ ˆ उरा।।
 अध पय मोपिर- सरां पादकौ हर। मा ते कशकौ श- ी िह ा बभिू वथ।।
 8.34 ए याहीादशच सू, कावो नीपाितिथ-िरः-आ यिद इािद

ितसृणामािरसाः-सह वसरोिचष ऋषय-इोनु बु ािो गायः।।
ु िु तम।् िदवो अम
06.03.11 ए यािह हिरिभ- प कव स¤ ु  शासतो- िदवँ यय
िदवावसो~।।
 आ ा ावा वदिह- सोमी घोषेण यत।ु िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 अा िव नेिम रेषा- .मरु ा धूनतेु  वृकः। िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ ा कवाˆ इहावस-े हव े वाजसातये। िदवो अम
 दधािम ते सतु ानाँ- वृ े न पूवपाम।् िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
06.03.12 रु िनˆ आ गिह- िवतो धीन ऊतये। िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय
िदवावसो~।।
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ नो यािह महेमते- सहोते शतामघ। िदवो अम
 आ ा होता मनिु हतो- देवा व दीः। िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ ा मदतु ा हरी~ येन ं प वे  व तः। िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ याय ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ पिर- ाहा सोम पीतये। िदवो अम
06.03.13 आ नो यापु  ु -
ु षे  ु रणया इ ह । िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 सप ै रा स ु नो गिह- संभत
ृ ै ंभत ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
ृ ाः। िदवो अम
े - मु ािध िवपः। िदवो अम
 आ यािह पवत ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।
 आ नो गा ा- सहा शूर दिह। िदवो अम
 आ न हशो भरा-यतु ािन शतािन च। िदवो अम
ु  शासतो- िदवँ यय िदवावसो~।।

 आ यिद दहे~- सहँ वसरु ोिचषः। ओिज मं पशमु ।।
ु दः। ाज े सूयाइव।।
 ाˆ वातरंहसो-षासो रघ
 य ऋ
 पारावत राितष-ु व ेाशषु ।ु ितँ वन म आ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 574


 8.35 अिनेेणिे त चतिु वशृच सूाेय यावाोिना-वपु िराोित-
रािः-मेण पि-महाबृहती- पयः।।
े  वणने  िवनु ा-िद ैˆ ˆै वसिु भ चाभवु ा। सजोषसा उषसा
06.03.14 अिनेण
 च- सोमं िपबत मिना।।
सूयण
 िवािभ धिभ भवु नने वािजना- िदवा पृिथाििभ चाभवु ा। सजोषसा उषसा सूयण
 च- सोमं
िपबत मिना।।
 िव ै दव ै ििभˆ रेकादश ै िरहा-ि मि भृगिु भ चाभवु ा। सजोषसा उषसा सूयण
 च- सोमं
िपबत मिना।।
 जषु थे ाँ य ं बोधत ं हव मे िवेह देवौ सवनाव गतम।् सजोषसा उषसा सूयण
  -चेषो
वो मिना।।
 ोमषु थे ाँ यवु शवे  कनाँ िवेह देवौ सवनाव गतम।् सजोषसा उषसा सूयण
 - चेषो
वो मिना।।
 िगरो जषेु था मरषु थे ाँ िवेह देवौ सवनाव गतम।् सजोषसा उषसा सूयण
  -चेषो वो
मिना।।
06.03.15 हािरववे  पतथो वने प -सोमं सतु ं मिहषवे ाव गथः। सजोषसा उषसा सूयण
 च
-िवित यात मिना।।
 हंसािवव पतथो अगािवव –सोमं सतु ं मिहषवे ाव गथः। सजोषसा उष सा सूयण
 च -िवित
यात मिना।।
 येनािवव पतथो हदातये- सोमं सतु ं मिहषवे ाव गथः। सजोषसा उषसा सूयण
 च -िवित
यात मिना।।
 िपबत  तृतु ाच गतं- जा ध िवण धम।् सजोषसा उषसा सूयण
  चो-जो
ध मिना।।
 जयत  तु   चावतं –जा  ध िवण धम।् सजोषसा उषसा सूयण
  चो-जो
धमिना।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 575


 हत  शू तत  िमिण- जा  ध िवण धम।् सजोषसा उषसा सूयण
  चो-जो
ध मिना।।
06.03.16 िमावणवा उत धमवा- मा जिरत ु गथो हवम।् सजोषसा उष सा
  चा-िद ै यात मिना।।
सूयण
 अिरा उत िववु ा –मा जिरत ु गथो हवम।् सजोषसा उषसा सूयण
  चा-
िद ै यात मिना।।
 ऋभमु ा वृषणा वाजवा- मा जिरत ु गथो हवम।् सजोषसा उषसा सूयण
  चािद ै
यात मिना।।
  िजत मतु िजत ियो- हत ं र ांिस सेधत ममीवाः। सजोषसा उषसा सूयण
 च -सोमं
ु तो अिना।।
स
 ित मतु िजत.ॄन ह् त ं र ांिस सेधत. ममीवाः। सजोषसा. उषसा सूयण ु तो
 च- सोमं स
अिना।।
 धेन ू िजत.मतु िजतँ िवशो -हत ं र ांिस सेधत. ममीवाः। सजोषसा उषसा सूयण
 च- सोमं
ु तो अिना।।
स
06.03.17 अेिरव णतु ं पूिु तं- यावा स
ु तो मदतु ा। सजोषसा उषसा सूयण
 

चा-िना ितरोअम।।
ु त
 सगाइव सृजतं स¤ ु तो मदतु ा। सजोषसा उष सा सूयण
ु ी प- यावा स   चा-िना

ितरोअम।।
ु तो मदतु ा। सजोषसा उष सा सूयण
 रमीिरव यत.मरा उप- यावा स  -

चािना ितरोअम।।
 अवा.थ.ि यतं- िपबत ं सो ं मध।ु आ यात.मिनागत.-मव ु वामह
 ं व-े ध ं रािन
दाशषेु ।।
 नमोवाके ित े अरे नरा- िवव ण पीतये। आ यात .मिनागत-मव ु वामहं व-े ध ं
रािन दाशषेु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 576


 ाहाकृत तृतं- सतु  देवा वसः। आ यात.मिनागत-मव ु वामहं व-े ध ं रािन
दाशषेु ।।
 8.36 अिवतासीित सच सूाेय यावा- इ-श-
या महापिः।।
ु तो वृबिहष- िपबा स
06.03.18 अिवतािस स  ोमं मदाय कं शततो~। ये भाग
मधारय -िा ेहान पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
 ाव ोतारं मघवव ां –िपबा स
 ोमं मदाय कं शततो~। ये भाग मधारय -िा ेहान
पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
 ऊजा देवा अवोजसा ां –िपबा सोमं मदाय कं शततो~। ये भाग मधारय -िा
ेहान पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
 जिनता िदवो जिनता पृिथा- िपबा सोमं मदाय कं शततो~। ये भाग मधारय -िा
ेहान पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
 जिनताानािनता गवामिस- िपबा सोमं मदाय कं शततो~। ये भाग मधारय -िा
ेहान पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
 अीणां ोम मिवो महृ िध- िपबा स
 ोमं मदाय कं शततो~। ये भाग मधारय -िा
ेहान पृतनाˆ- उ य मिु ज -ा इ सते।।
ु त था ण-ु यथाणो रे कमािण कृ वतः।  सद ु मािवथ- मेक
 यावा स

इृषा- इ ािण वधय।।
 8.37 ेद िमित सच सूाेय यावा- इो- महापिरााितजगती।।
06.03.19 ेदं  वृत ू 
 य ु त शचीपत- इ िवािभ ितिभः।
 ािवथ-  स
मािन सवन- वृने- िपबा स
 ोम विवः।।
 सेहानˆ उ पृतनाˆ- अिभ ुह शचीपत- इ िवािभ ितिभः। मािन सवन-
वृहने- िपबा सोम विवः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 577


 एकर ाळ भवु न- राजिस- शचीपत- इ िवािभ ितिभः। मािन सवन-
वृहने- िपबा सोम विवः।।
 सावाना यवयिस- मेकˆ इचीपत- इ िवािभ ितिभः। मािन सवन-
वृहने- िपबा सोम विवः।।
 म ु - मीिशषे शचीपत- इ िवािभ ितिभः। मािन सवन-
े  च यज
वृहने- िपबा सोम विवः।।
 ाय मविस न- मािवथ शचीपत- इ िवािभ ितिभः। मािन सवन-
वृहने- िपबा सोम विवः।।
 यावा रेभत था ण ु यथाणो रे कमािण कृ वतः।  सद ु मािवथ मेक

इृषा इ ािण वधय।।
 8.38 य ेित दशच सूाेययावा- इाी- गायी।।

06.03.20 य  िह ˆ ऋिजा- सी~ वाजेष ु कमस।ु इाी ~त बोधतम।।

 तोशासा रथयावाना- वृह णा परािजता। इाी~ त बोधतम।।

 इद ँ वां मिदरं म-ध ु ििभ नरः। इाी~ त बोधतम।।

 जषु थे ाँ य िमये- सतु ं सोमं सधती~। इाी~ आ गतरा।।
 इमा जषु थे ां सवना- येिभ हा ूहथःु । इाी~ आ गतरा।।
ु िु तं मम। इाी~ आ गतरा।।
 वतिन-षु थे ां स¤
 इमा.ाय
06.03.21 ातयाविभ रागत- ेविे भ जावसू~। इाी~ सोमपीतये।।
ु तो-ीणां णतु  ं हवम।् इाी~ सोमपीतये।।
 यावा स
 एवा व
 ाम ऊतये- यथाव मेिधराः। इाी~ सोमपीतये।।
 आहं सरतीवतो- िराो रवो वृण।े याााय मृते।।
 8.39 अििमित दशच सू, कावो नाभाकोि-महापिः।।
06.03.22 अि मो ृि मय. -मि मीळा यजै। अि दवा अनु नˆ- उभ~
े िह
िवदथे~ किव- र~ रित 1 (अ)-भा.मके सम।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 578


  े नसा वच- नषू  ु शंस मेषाम।् राती ररााँ- िवा अय अराती- िरतो य
ु ामरु ो-
नभा मके सम।े ।
ु -ृत जु आस
 अे मािन त  िन। स देवषे  ु  िचिकि- ं िस पू िशवो- तो
िववतो- नभा मके सम।े ।
 तदि  वयो दधे- यथायथा कृ पयित। ऊजाित वसूनां- श यो मयो दधे- िव ै
देव-ै नभा मके सम।े ।
 स िचकेत सहीयसा-ि िण
े  कमणा। स होता शतीना.- ि णािभ रभीवृत- इनोित च
ती1(अ)-भा मके सम।े ।
 ।् अि  िवणोदाˆ- अि ारा
06.03.23 अि जाता देवाना.- मि वद मताना मपीम
ु - ातो नवीयसा- नभा मके सम।े ।
ूणते
 अि दवषे  ु संवस-ु  िव ु यि याा। स मदु ा काा पु - िवं भूमवे पित-
ु देवो देवषे  ु
यि यो- नभा मके सम।े ।
ु ितो िवेष ु िसषु ।ु तमाग िप-ं मात ु दहु म.- मिँ
 यो अि मानष-
य षे  ु पू.-भा मके सम।े ।
 अि ीिण िधातू-ा िे त िवदथा किवः। स ी रेकादशा इह -य  िपय नो- िवो
त पिरृतो- नभा मके सम।े ।
 ो अ आयषु -ु ेवषे  ु पू- वˆ एकˆ इरिस। ामाप पिरतु - पिर यि सेतवो
-नभा मके सम।े ।
 8.40 इाी इित ादशच सू, कावो नाभाक- इाी- महापि -ितीया श-या

िपु ।।
06.03.24 इाी~ यवु ं स ु न- हा दासथो रियम।् येन ा समा- वीळु
िचािहषीम-ि वनेव वात इ-भा मके सम।े ।
 े-थे िमजामहे- शिव ृणारम।् स न कदा िचदवता- गमदा
 निह वाँ वयामह
वाजसातये- गमदा मेधसातये- नभा मके सम।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 579


 ता िह मं भराणा.-िमाी~ अिधि तः। ता उ किवना कवी~ पृमाना सखीयत-े स

ीत मतरा नभा मके सम।े ।
 अच नभाकव-.िदाी~ यजसा िगरा। ययो िविमदग -िदयौ पृिथवी म1ु (उ)-पे
िबभृतो वस ु नभा मके सम।े ।
  ािण नभाकव -िदािा िमरत। या सबु मणव-िबार मपोणतु ˆ - इˆ ईशानˆ
ओजसा -नभा मके सम।े ।
ु व- ततेिरव गिु त- मोजो दास दय। वय द संभत
 अिप वृ पराण ृ -ँ विेण िव
े िह- नभा मके सम।े ।
भजम
06.03.25 यिदाी~ जनाˆ इम-े िवय े तना िगरा। अाके िभ नृिभ वय-ं सासाम
पृततो- वनयु ाम वन
ु तो -नभा मके सम।े ।
 या न ु ेताववो िदवˆ- उरात उप िभः
ु । इाो रन ु त.- महु ाना यि िसवो- या
ु ता.-भा मके सम।े ।
बा दम
 पूव इोपमातय- पूव त शय- ूनो~ िह हिरवः। वो वीरापृचो- या न ु
साध नो िधयो- नभा मके सम।े ।
 तं िशशीता सवृु ििभ- ेष ं सान मृि मयम।् उतो~ न ु िच ओजसा -श
ु ाडािन
भेदित- जेष वती रपो- नभा मके सम।े ।
 तं िशशीता रं- स ं सान .मृियम।् उतो~ न ु िच ओहत -आडा श
ु  भेद-ज ै
वती रपो- नभा मके सम।े ।
े ािां िपतृववीयो- मातृव दिर दवािच। िधातनु ा शमणा पात मा- य ं ाम
 एव

पतयो रयीणाम।।
 8.41 अा ऊिित दशच सू, कावो नाभाको- वणो- महापिः।।
06.03.26 अा ऊ ष ु भूतये- वणाय मो-चा िवरेः। यो धीता मानषु ाणां- पो
गाइव र ित- नभा मके सम।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 580


 तमू ष ु समना िगरा- िपतण ू ा मपु ोदय-े ससा स
ॄ ा मिभः। नाभाक शििभ -यिन
ममो -नभा मके सम।े ।
 स प पिर षजे- 1ु (उ)ो मायया दधे- स िवं पिर दशतः। त वेनी रन ु त.- मषु
िो अवधय-भा मके सम।े ।
 य ककुभो िनधारय- पृिथा.मिध दशतः। स माता पू पद .-ण सं- स िह
गोपाइवये - नभा मके सम।े ।
ु । स किव काा पु - प
 यो धता भवु नानाँ- यˆ उाणा मपीा3(आ)- वेद नामािन गा

ौिरव पित - नभामके सम।े ।
06.03.27 यि िािन काा- चे नािभिरव िता। ितूती सपयत- ज े गावो न
ु -े यज
सँयज ु े अा अय ु त -नभा मके सम।े ।
 यˆ आˆ आशये- िवा जाताेषाम।् पिर धामािन ममृश- ण परु ो गये- िवे देवा
अन ु त-.भा मके सम।े ।
 स समु ो अपी- रु ो ािमव रोहित- िन यदास ु यज ु दध।े स मायाˆ अिचना पदा-ृणा ाक
माह-भा मके सम।े ।
 य ेता िवच णा- ितो भूमी रिधि तः। िरािण पत-ु वण वु ं सद-  साना
िमरित नभा मके सम।े ।
 येता अिधिनिणज- े कृ ा अन ु ता। स धाम पू मम-े य ने  िव रोदसी- अजो
न ा मधारय-भा मके सम।े ।
 8.42 अािदित षडृच सू, कावो नाभाक ऋिष-रानां ितसृणामाेयाचनाना ऋिष-
राानांितसृणां वणोानां ितसृणामिनौ-आाििुभोािोनु भ
ु ः।।
06.03.2 अा ामसरु ो िववेदाˆ- अिममीत विरमाणं पृिथाः। आसीद िा भवु नािन
सा-िेािन वण तािन।।
ृ  गोपाम।् स न शम िवथ ँ िव यंस -ात ो
 एवा व वण ं बृह-मा धीर .ममत
ावापृिथवी~ उपे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 581


 इमा ियं िश माण देव- त ु   ँ वण सं िशशािध। ययाित िवा िरता तरेम- सतु माण.
मिध नावं हेम।।
ु ःु । नासा सोमपीतये- नभा मके सम।े ।
 आ वाावाणो अिना- धीिभ िवाˆ अचव
 यथा वा मि रिना- गीिभ िवो अजोहवीत।् नासा सोमपीतये नभा मके सम।े ।
 ाम ऊतये- यथाव मेिधराः। नासा सोमपीतये नभा मके सम।े ।
 एवा व
 8.43 इमे िवेित यिंशच सूािरसो- िवपोि-गायी।।
06.03.29 इम े िव वेधसो-े रृतयनः। िगर ोमासˆ ईरते।।

ु िु तम।।
 अ ै ते ितहयत-े जातवदे ो िवचषणे। अे जनािम स¤
 आरोकाइव घेदह- ित माˆ अ े तव िषः। दि वनािन बित।।
ू ाˆ उप िव। यत े वृथ गयः।।
 हरयो धूमके तवो- वातजत
 एत े  े वृथ गयˆ- इास म त। उषसािमव के तवः।।
06.03.31 कृ ा रजांिस पतु - याणे जातवेदसः। अि योधित िम।।
 धािस.वानˆ ओषधी- ब दिन वायित। पनु य णी रिप।।
 िजािभ रह नम- दिचषा जणाभव।् अि वनेष ु रोचते।।
  े सिध ¤व- सौषधी रन ु से। गभ स जायसे पनः
 अ ु ~।।
 उद े तव ततृ ा- दच रोचत आतम।् िनंसानु ो3(ओ) मख
ु ।े ।
06.03.31 उ ााय वशााय- सोमपृ ाय वेधसे। ोमै िवधेमाये।।
 उत ा नमसा वय-ं होत वरेयतो~। अे सिमि रीमहे।।
 उत ा भृगवु च-े मन
ु द आत। अिर
 वामहे।।
 ं  े अिना- िवो िवेण सता। सखा सा सिमसे।।
 स ँ िवाय दाशषु -े रिय ेिह सहिणम।् अे वीरवती िमषम।।

06.03.32 अे ात~ हृत- रोिहद शिु चत। इम ं ोमष
ु मे।।
 उत ाे मम तु ो- वााय ितहयत।े गोावइवाशत।।
ु ाˆ अिरम- िवा िु तय पृथक।् अे कामाय येिमरे।।
 त

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 582


 अि ीिभ मनीिषणो- मेिधरासो िवपितः। अस
 ाय िहिरे।।
 तामेष ु वािजन.- ानाˆ अ े अरम।् विं  होतार मीळते।।
 ा िह सिस- िवशो िवा अन ु भःु । सम ु ा हवामहे।।
06.03.33 पु 

 तमीिळ यˆ आतो-ि िवाजत े घृत ैः। इम णव वम।।
 ता वय ं हवामहे- वातवेदसम।् अे  .मप िषः।।
ु . - म  मणा िममम।् अि मीळे स उ वत।।
 िवशां राजान मत ्
 अिँ िवायवु पे सं- मय वािजनं िहतम।् सि वाजयामिस।।
06.03.34 ृायप िषो- दह  ांिस िवहा। अे ित मेन दीिदिह।।
ु दिरम। अे स बोिध मे वचः।।
 या जनास इत-े मन
ु ाˆ वा सहृ त। ता गीिभ हवामहे।।
 यद े िदिवजाˆ अ-ज
ु े े जनाˆ इम-े िवा िु तय पृथक।् धािसं िहव।े ।
 त
 ते घेद े ाो-हा िवा नृच सः। तर ाम गहा।।
06.03.35 अिं मं पु िय-ं शीरं पावकशोिचषम।् ि मेिभ रीमहे।।
 स म े िवभावस-ु ृजूय न रिमिभः। शध मांिस िजसे।।
 ते सहˆ ईमहे- दा ँ योपदित। द े वाय वस।ु ।
 8.44 सिमधाििमित िंशच सूािरसो- िवपोि-गायी।।
06.03.36 सिमधाि वत- घृत ै बधयताितिथम।् आिा जहु ोतन।।
 अे ोमषु  मे- वधानेन मना। ित सूािन हय नः।।
 अि त ं परु ो दध-े हवाह. मपु  वु ।े देवा आ सादया िदह।।
ु ासˆ ईरते।।
 उे बृहो अचय- िमधान दीिदवः। अे श
 उप ा जु ो3(ओ) मम- घृताची य ु हयत। अे हा जषु  नः।।
06.03.37 मं होतार मृिज-िभान ँ ु िवभावसमु ।् अि मीळे स उ वत।।

  ं होतार मी-ु .मििवतमु ।् अराणा.मिभियम।।

 जषु ाणो अिर- मेमा हाानषु क।् अे य य ऋतथु ा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 583



ु शोच इह ा वह। िचिका ैनम।।
 सिमधानˆ उ स- श
ू के त ँ ु िवभावसमु ।् य ानाेत ु मीमहे।।
 िवं होतार मुह- म
06.03.38 अे िन पािह न-ं ित ¤ देव रीषतः। िभि ेष हृ त।।
ु न 1(अं) ाम।् किव िवेण वावध
 अि ने  मना- शा ृ ।े ।
 ऊज नपात. माव-े िं पावकशोिचषम।् अि  े रे।।
ु े ण शोिचषा। देव ै रासि बिहिष।।
 स नो िममह- मे श
 यो अि ो3(ओ) दमे- देव ं मत पयित। ता इीदय स।ु ।
06.03.39 अि मूधा िदव- ककुित पृिथाˆ अयम।् अपां रेतांिस िजित।।
ु य व- श
 उद े शच ु ाˆ ाजˆ ईरते। तव ोतच
 यः।।
 ईिशष े वाय िह- दााे पितः। ोता ाव शमिण।।
 ाम े मनीिषण- ां िहि िचििभः। ाँ वध ु नो िगरः।।
 अद धावतो -त रेभत दा। अ े  ँ वृणीमहे।।
06.03.40 अि शिु चततम- शिु च िव शिु च किवः। शच
ु ी रोचत आतः।।
 उत ा धीतयो मम- िगरो वध ु िवहा। अे स बोिध नः।।
 यद े ामह .-ँ वा घा ाˆ अहम।् ु  े साˆ इहािशषः।।
 वस ु वसपु ित िह कम.- े िवभावसः।
ु ाम ते समु ताविप।।
 अे धृतताय ते- समु ायेव िसवः। िगरो वाासˆ ईरते।।
06.03.41 यवु ान ँ िवपितिवँ- िवादं पु वपे सम।् अिं श
ु ािम मिभः।।
 य ानां र े वय.-ि मजाय वीळवे। ोमै िरषेमाये।।
 अय म े े अिप- जिरता भूत ु स। त ै पावक मृळय।।
 धीरो स-िो न जागृिव दा। अे दीदयिस िव।।
 परु ाे िरत े  कवे।  ण आय ु वसो~ ितर।।
े - परु ा मृ
 8.45 आ घा य इित िचािरं शच सू, काविशोक- इ- आाया अीा-
गायी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 584


06.03.42 आ घा य े अििमत-े ृणि बिहरानषु क।् येषािमो यवु ा सखा।।
 बृहि िद ˆ एषां- भूिर श ं पृथ ु ः। येषा िमो यवु ा सखा।।
 अयु ˆ इधु ा वृत-ं शूर आजित सिभः। येषा िमो यवु ा सखा।।
 ा दद-े जात पृि  मातरम।् क उा के ह िवरे।।
ु ँ वृह
 आ ब
 ित ा शवसी वद-िरा वो न योिधषत।् ये श
ु माचक
 े ।।
06.03.43 उत ं मघवण-ु ये वि ववि  तत।् यीळयािस वीळु तत।।


 यदािजँ याािजकृ -िद य ु प। रथीतमो रथीनाम।।
ु ो- वि ि यथा वृह। भवा न 
 िव ष ु िवाˆ अिभयज ु वमः।।
 अाकं  स ु रथं परु - इ कृ णोत ु सातये। न य वू ि धूतयः।।
 वृाम ते पिर िषो-र े श दावने। गमम
े े िद गोमतः।।
06.03.44 शनिै  ो अिवो-ाव शति वनः। िवव णाˆ अनेहसः।।
 ऊाˆ िह ते िदविे दव-े सहा सूनतृ ा शता। जिरत
ृ ो िवमहं त।े ।
 िवा ि ह ा धनय.-िम ा िचदाजम।् आदािरणँ यथा गयम।।

 ककुहिा कवे- म ु धृ~िववः। आ ा पिणँ यदीमह।े ।

 ये रेवा अदाशिर- ममष मघय।े त नो वेद आ भर।।

06.03.45 इम उ ा िव च ते- सखायˆ इ सोिमनः। पु ावो यथा पशमु ।।
ु ण स मूतये। रा िदह हवामहे।।
 उत ाबिधरँ वय-ं 
ू ाˆ इम ं हव.- मषियाˆ उत। भवे रािपन अमः।।
 यय
 यिि ते अिप िथ- जगांसो अमिह। गोदाˆ इिद बोिध नः।।
 आ ा र िजयो- ररा शवसते। उमिस ा सध आ।।
ु ाय सन।े निक य वृवत े यिु ध।।
06.03.46 ो.िमाय गायत- पनृ
 अिभ ा वृषभा सतु -े सतु ं सृजािम पीतये। तृा ही
ु म ्
 दम।।
 मा ा मूराˆ अिववो- मोपहानˆ आ दभ।् माक िषो वनः।।
 इह ा गोपरीणसा- महे म ु राधस।े सरो गौरो यथा िपब।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके तृतीयाायः (वगाः 1-49) Page 585


 या वृह ु वु ।े ता संस ु  वोचत ।।
 ा परावित- सना नवा च च

06.03.47 अिपब ुव तु .-िम हबाे। अादिे द पम।।
 स वु शे यदौ- िवदानो अवाम।् ान व णे शिम।।

 तरिणँ वो जनाना- द ँ वाज गोमतः। समानमु शंिसषम।।
ृ म।् इं सोमे सचा सतु ।े ।
 ऋभ ु ण वतव- उषे  ु त ु ावध
 य कृ  िदियो-िशोकाय िगिरं पृथमु ।् गोो गात ु िरेतवे।।
06.03.48 यिधष े मनिस- मान ेिदय िस। मा त िर मृळय।।
 दिि ावत- कृ त ं वे अिध िम। िजगाि ते मनः।।
ु ीतयो-सतु शयः। यिद मृळयािस नः।।
 तवे ता क
 मा नˆ एकि ागिस- मा यो त िष।ु वधी मा शूर भूिरष।।

 िबभया िह ावतˆ- उा दिभभिणः। दा दह मृतीषहः।।
06.03.49 मा स ु शूनमा िवद-े मा पु  भूवसो~। आव
ृ  ूत ु ते मनः।।
 को न ु मयाˆ अिमिथत- खा सखाय मवीत।् जहा को अ दीषते।।

 एवारे वृषभा सतु -े िस ूयावयः। ीव िनवता चर।।
 आ त एत ु ा- हरी~ गृ े समु था। यद  इदः।।
 ा वचोयज
 िभि िवाˆ अप िष- पिर बाधो जही मृधः। वस ु ाह दा भर।।
ृ म।् वस ु ाह दा भर।।
 यीळािव यिरे- यशान े पराभत
ु - भूरे द वेदित। वस ु ाह दा भर।।
 य ते िवमानषो
 ।। इित तृतीयााय माः।।

 ु
षाके चतथाायः (वगाः 1-54)

 8.46 ावत इित यिंशच सूाो वश ऋिषः-पृथवा देवता-आानां िवशृचा-
िमो देवता-आ नो वायिवािद चतसृणां शतं दास इा वायदु वता-आा पादिनचृत-्

ितीयािद ितो गायः- पााः मेण ककु गायी बृहनु पु -सतोबृ
हती- गायी- बृहती-
िवपरीता- िपदागायी- बृहती- िपपीिलकमा ककुिशरा िवराड ्-जग-पिरा
ु हृ ती- बृहती-

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 586


िवषमपदाबृहती- पि-संार पि- गायी- पि-बृहती- सतोबृहती- बृहती- सतोबृहती- गायी-
िपदािवराडुिक-् पि- गायः- (पृथवाः
ु ु
कानीतो राजा त दानितः)।।

06.04.01 ावत पवसो~- ्
वय िम णेतः। िस ात हरीणाम।।
 ां िह स मिवो- िव दातार िमषाम।् िव दातारं रयीणाम।।

ू  े शततो~। गीिभ गृणि कारवः।।
 आ य ते मिहमानं- शतमत
 सनु ीथो घा स
 म- यं मतो यमयमा। िम पाुहः।।
 दधानो गोम दव -वु ीय मािदजूत एधते। सदा राया पु हृ ा।।
06.04.02 तिम ान मीमहे- शवसान मभीवम।् ईशान ं राय ईमहे।।
 ति ि सूतयो- िवाˆ अभीरव चा। तमा वह ु सय प ्
ु वस-ं ु मदाय हरय तु म।।
 ये मदो वरेयो- यˆ इ वृहमः। यˆ आदिद 1(अ)नृिभ-य पृतनास ु रः।।
े  गोमित
 यो रो िववार वाो- वाजेि तता। स न शिव सवना वसो~ गिह- गमम
ज।े ।
 गो ष ु णो यथा परु ा-योत रथया। विरव महामह।।
06.04.03 निह ते शूर राधसो-ँ िवािम सा। दशा नो मघव ू िचदिवो- िधयो
वाजेिभ रािवथ।।
ु ः। तँ िवे मानषु ा यगु -े ं हवे तिवष ँ
ु त
 य ˆ ऋ ावयखा- िवे वेद जिनमा प
ु ः।।
यतच
ु व
 स नो वाजे िवता प ्
 सु - परु ाता मघवा वृह ा भवु त।।
 अिभ वो वीर मसो मदेष-ु गाय िगरा महा िवचेतसम।् इ ाम 
ु -ं शािकनँ वचो यथा।।
 ददी रे  े दिद वस-ु दिद वाजेष ु पत
ु वािजनम।् नून.मथ।।
06.04.04 िवेषा.िमरँ वसूनां- सासांस िद वपसः। कृ पय
 त
 ो नून.मथ।।
 मह  ु वो अरिमषे वामहे- मीषे अरमाय ज मय।े य िे भ गिभ िवमनषां
ु - मता
िमय िस- गाये ा नमसा िगरा।।
 ये पातय े अिभ- िगरीणां िु भ रेषाम।् य ं मिहणीनां- स
ु िु वणीनां ारे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 587
 भ ु ोदयते- े ोदयते।।
 मतीना.-िम शिवाभर। रिय मँ य
ु िनत-  िच चेित सूनत
 सिनत~ स ्
ु ँ ु वाजेष ु पूम।।
ृ । ासहा सािरं सह ं -भ
06.04.05 आ स एतˆु य ईवदा- अदेव पूत मादद।े यथा िचशो अ पृथ
ु विस-
ु ादद।े ।
कानीत3े (ए)ा 
 षिं सहाायतु ासन.मु ानाँ िवंशितं शता। दश यावीनां शता दश षीणा.-श गवां
सहा।।
ृ ःु ।।
 दश यावाˆ ऋधयो- वीतवारासˆ आशवः। माˆ नेिम.ि वावत
ु वस- कानीत सरु ाधसः। रथं िहरयय द- ंिह ूिर रभ ू -िष मकृ त
 दानास पृथ
वः।।
 िू र दावने- सि िह
 आ नो वायो~ महे तने- यािह मखाय पाजस।े वय ं िह ते चकृ मा भ
दावने।।
06.04.06 यो अेिभ वहत े व उा- ि सतीनाम।् एिभ ोमेिभ ोमसि

ु पूतपाः।।
ोमपाˆ- दानाय श
ु ृ िन- सक
 यो म इमि ना-मि ावने। अरे अ  े नष े सक ु ृ राय स
ु तःु ।।
 3े (ए) वपिु ष य रा-ळु त वायो~ घृत
 उच  ाः। अेिषतं रजेिषतं शनु िे षतं- ा तिदद ु

तत।।
 अध िय िमिषराय- षिं सहासनम।् अाना.िम वृाम।।

 गावो न यूथ.मपु  यि वयˆ- उप मायि वयः।।
ु  अिचदत।् अध िेष ु िवंशितं शता।।
 अध यारथ े गण-े शत मा
ू -े िव   आ दद।े ते ते वाय~ िवम े जनाˆ- मदीगोपा- मदि
 शत ास े बथ
देवगोपाः।।
 अध ा योषणा मही- तीची वशमम।् अिधा िव नीयते।।
 8.47 मिह व इादशच सूाित- आिदा- अपानामािदोषसो-
महापिः- (अाः प ः)।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 588


06.04.07 मिह वो महता मवो- वण िम दाशषेु । यमािदा अिभ ुहो- र था नेमघश –
ु तयो व ऊतयः।।
दनेहसो व ऊतय -ऊ
 िवदा दवे ाˆ अघाना-.मािदासो अपाकृ ितम।् प ा वयो यथोपिर- 1(अ)े शम यता-
ु तयो वˆ ऊतयः।।
नेहसो वˆ ऊतय -ऊ
 1(अ)े अिध शम त- ा वयो न यन। िवािन िववेदसो -वा मनामहे-नेहसो वˆ
ऊतय - ु ऊतयो वˆ ऊतयः।।
ु  चेतसः। मनो िव घेिदम- आि दा राय ईशते-नेहसो वˆ
 या अरासत य-ीवात
ऊतय - ु ऊतयो वˆ ऊतयः।।
 पिर णो वृणजघा- गािण रो यथा। ामेिद शमया-िदाना मतु ाव-नेहसो वˆ
ु तयो वˆ ऊतयः।।
ऊतय- ऊ
ु ाद वायित। देवा अदमाश वो- यमािदा अहेतना-
06.04.08 पि रृत े दना जनो- य
नेहसो वˆ ऊतय - ु ऊतयो वˆ ऊतयः।।
 न त ि मन जो- न ास दिभ त ु । या उ शम सथ- आिदासो अरा.-मनेहसो
ु तयो वˆ ऊतयः।।
वˆ ऊतय- ऊ
ु े देवा अिप िस- य
 य ु इव वमस।ु यूय ं महो न एनसो- यूयमभा ता-नेहसो वˆ ऊतय
ु तयो वˆ ऊतयः।।
-ऊ
 अिदित नˆ उ –िदित शम यत।ु माता िम रेवतो-यो वण चा-नेहसो
ु तयो वˆ ऊतयः।।
वˆ ऊतय -ऊ
 येवा शम शरण-ँ यँ यदनातरु म।् िधात ु य
 1(अ) -दास ु िव यना-नेहसो वˆ
ु तयो वˆ ऊतयः।।
ऊतय -ऊ
06.04.09 आिदाˆ अव िह ता-िध कू लािदव शः। सतु ीथ मवतो यथा-न ु नो नेषथा
सगु .-मनहे सो वˆ ऊतय -ऊ
ु तयो वˆ ऊतयः।।
 नेह भं र िन-े नावय ै नोपया उत
 । गवे च भ ेनवे-वीराय च वत-े नेहसो वˆ ऊतय -
 ु ऊतयो वˆ ऊतयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 589
 यदािव यदपी1 (अ)-ेवासो अि ृ तम।् ित े ति.माˆ-आरे अ धातना-नेहसो
ु तयो वˆ ऊतयः।।
वˆ ऊतय -ऊ
 य गोष ु  ँ- या े िहत िदवः। िताय तिभाव-यााय परा वहा-नेहसो वˆ ऊतय –
ु तयो वˆ ऊतयः।।
ऊ
 िनँ वा घा कृणवत-े जँ वा िहत िदवः। ित े  ं सव.-मा े पिर द -नेहसो वˆ
ु तयो वˆ ऊतयः।।
ऊतय -ऊ
06.04.10 तदाय तदपसे- तं भाग मपु सेषे। िताय च िताय चो-षो  ँ वहा-नेहसो
ु तयो वˆ ऊतयः।।
वˆ ऊतय- ऊ
 यथा कलाँ यथा शफँ- यथ ऋ  ं सयामिस। एवा  ं सव-.मा े सयाम-नेहसो वˆ
 ण
ु तयो वˆ ऊतयः।।
ऊतय -ऊ
 अज ै ाासनाम चा-भूमानागसो वयम।् उषो या  ु ा-दभ ै ाप त –नेहसो वˆ
ऊतय - ु ऊतयो वˆ ऊतयः।।
 8.48 ादोिरित पदशच सू, कावः गाथ- ोम-िुप-् पमी जगती।।
 अथ ैकादशसूाकं वालिखां भागं पाठका अिाये पठि-स वेदपारायणादौ
नेते-िखलात-् सूसहं ससदशकमृ वेद े पारायणपाठे शाके इ िसािताया

 - य सवानमया
दशािधकसह सूसायाः िखलरिहत संिहतयेवपूत ु
मेषामनमो
ु ः- सेवमेषां पारायणादौ िनषेधे यनाापनादावृािद
यते स िवचारणी यो वैिदकधरीणै

ानं ेयो हेतिरिभे ु
 सवानमान ु ण सूतीकां िलते।।-
सारे
ु ध
06.04.11 ादो रभि  वयस म े ा- ाो विरवोिवर। िवे येवाˆ उत मासो-
मध ु वु ो अिभ सरि।।
 अ~ ागाˆ अिदित भवा –वयाता हरसो दै। इ~ िव सषु ाण- ौीव
धरु .मन ु राय ऋ
 ाः।।
ृ ाˆ अभूमा-ग ोित रिवदाम देवान।् िक ून मा ृ णव दराित- िकम ु
 अपाम सोम ममत
धूित रमत
ृ  म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 590


ु वे ः। सखेव स उशंस धीर-  णˆ
 शो भव द आ पीत इो-~ िपतवे  सोम सूनवे सश
आय ु जवसे सोम तारीः।।
 इम े मा पीताˆ यशसˆ उवो- रथ गाव मनाह पवस।ु ते मा र  ु िवसिरा- त मा
ामा वय िवः।।
06.04.12 अि मा मिथत ं सिदीप-  च य कृ णिु ह वसो नः। अथा िह ते मद आ सोम
मे- रेवाइव  चरा पिु  म।।
 इिषरेण ते मनसा सतु - भ ीमिह िपवे रायः। सोम राज णˆ आयूिं ष तारी- रहानीव सूय
वासरािण।।
 सोम राज ृळया न ि- तव िस ा3(आ)  िवि। अलित द ˆ उत म ु
ु म ं परा दाः।।
िरो~- मा नो अय अनका
 ं िह न  ोम गोपाˆ- गाेगाे िनषसा न ृ ाः। ये वय ं िमनाम तािन- स नो मृळ
 च
सषु खा देव वः।।
 ऋद रेण सा सचेय- यो मा न िरेय पीतः। अय ँ य ोमो धा-े ता इं ितर
मेायःु ।।
06.04.13 अप ाˆ अ ु रिनरा अमीवाˆ- िनरस िमषीची रभषै ः।
ु आ सोमो अा
अह िहायाˆ- अग य ितर आयःु ।।
 यो न इ िपतरो  ु पीतो-म मा आिववश
े । त ै सोमाय हिवषा िवधेम- मृळीके
अ समु तौ ाम।।
 ं सोम िपतिृ भ ँिवदानो-न ु ावापिृ थवी~ आ तत। त ै त इो~ हिवषा िवधेम- वय ं

ाम पतयो रयीणाम।।
 ातारो देवा अिध वोचता नो- मा नो िना ईशत मोत जिः। वय ं सोम िवह ियास-
वु ीरासो िवदथ.मा वदम
े ।।
  ोम िवतो वयोधा- ं िवदा िवशा न
 च
ृ ाः। ˆ इ~ ऊितिभ जोषा- पािह

पाता त वा परु ात।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 591

 ।। अथ वालिखम।।
ु ो बृहो यज
 8.49 अिभ ेित दशच सू, कावः व इः अयज ु तोबृहः।।
06.04.15 अिभ  व रु ाधस.- िम.मच यथा िवद।े यो जिरत ु वस-ु
ृ ो मघवा प
हेणवे  िश ित।।
 शतानीकेव  िजगाित धृयु ा- हि वृािण दाशषु ।े िगरेिरव  रसाˆ अ िपिरे- दािण
पु भोजसः।।
 आ ा सतु ासˆ इवो- मदाˆ य इ िगवणः। आपो न विो1(अ)- सर पृणि शूर
राधस।े ।
 अनहे सं तरण ँ िवव ण-ं म ािदम िपब। आ यथा मसान िकरािस न-  ु ेव ना

धृषत।।
 आ न ोम मपु  व -ियानो अो न सोतृिभः। ये धाव दयि धेनवˆ- इ कवेष ु
रातयः।।
06.04.15 उ वीरमसोप सेिदम- िवभूित मि तावसमु ।् उीव विवतो न िसत-े
री धीतयः।।
 य नून ँ या य -े या पृिथा.मिध। अतो नो य माशिु भ महेमत -उˆ उिे भ रागिह।।
 अिजरासो हरयो ये त आशवो- वाताइव सि णः। येिभ रप ं मनषु  परीयस-े येिभ िवं
श।े ।
ु  गोमतः। यथा ावो मघव ेाितिथँ -यथा नीपाितिथ ने।।
 एतावत  ईमह -इ स
 यथा कवे मघव सदिव- यथा प े दशजे। यथा गोशय  असनोर ् ऋिजनी- गोम

िरयवत।।
ु िु रोयज
 8.50  स ु तु िमित दशच सू, पिग ु ो बृहो यज
ु तोबृहः।।
06.04.16  स ु तु ं सरु ाधस .-मचा श ु त े वु त
  मिभय।े य   े काँ वस-ु सहेणवे 
मंहत।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 592


ु ा मघव ु िपते- यद सतु ा
 शतानीका हेतयो अ ¤राˆ- इ सिमषो महीः। िगिरन भ

अमिषः।।
 यद सतु ासˆ इवो-िभ िय ममिषः।
ु आपो न धािय सवन ं म आ वसो~- घाइव
 ोप दाशषु ।े ।
 अनहे सँ वो हवमान मूतये- मः रि धीतयः। आ ा वसो~ हवमानासˆ इवˆ- उप
ोषे  ु दिधरे।।
 आ न ोमे रˆ- इयानो अो न तोशते। ये दाव दि गूतय- पौरे छयसे

हवम।।
06.04.17  वीर मु ँ िविविच नत ु ना-
ृ -ँ िवभूितं राधसो महः। उीव विवतो वस
सदा पीपेथ दाशषेु ।।
ु ानˆ इ हिरिभ महेमत -ऋˆ ऋिे भ रागिह।।
 य नून ं परावित- या पृिथा ििव। यज
 रिथरासो हरयो ये ते अिध- ओजो वात िपित। येिभिन द ं ु मनषु ो िनघोषयो- येिभ ~
परीयस।े ।
 एतावते वसो~- िवाम शूर नसः। यथा ाव एतशे धने- यथा वश शजे।।
 यथा कवे मघव ेध े अरे- दीघनीथ े दमूनिस। यथा गोशय  अिसषासो अिवो- मिय गो ं

हिरियम।।

 8.51 यथा मनािवित दशच सू, िु गिरोय ु ो बृहो यज
ज ु तोबृहः।।
06.04.18 यथा मनौ साँवरणौ- सोम.िमािपब तु म।् नीपाितथौ मघव ेाितथौ- पि
ु गौ
िु गौ सचा।।
 पाषाण वं समसादय- यानिि मिु तम।् सहायिसषास वा मृिष- ोतो दव े
वृकः।।
 यˆ उ ेिभन िवते- िचिकˆ ऋिषचोदनः। इ मा वद ना म-िर
भोजस।े ।
 सशीषाण मानृच-ु िधात ु म
 या अक ु म े पद।े स ि1(इ)मा िवा भवु नािन िचद- दािद

िन पम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 593
 यो नो दाता वसूना- िम ं महे वयम।् िवा  समु ितवीयसी-मम
े  गोमित ज।े ।
06.04.19 य ै ँ वसो~ दानाय िश िस- स रायोष मतेु । ता वय ं मघव ि
िगवण- तु ावो हवामहे।।
 कदा चन री रिस- ने सिस दाशषु ।े उपोप
े ु मघव ूयˆ -इ ु ते दान ेव पृते।।
ु  िघोषय।् यद े दी थयम ू िव- मािद
  यो नन े अोजसा ििवँ- वध ै श
िन पािथवः।।
ु 
 याय ँ िवˆ आय- दास शेविधपा अिरः। ितरि दय  शम े पवीरिव- त े ो अते
रियः।।
ु ृततँु - िवासो अक मानच
 तरु  यवो मधम ु अ े रिय पथे वृ ं शवो-े सवु ानासˆ
ृ ः।
इवः।।
 8.52 यथा मनािवित दशच सूायिु रोयज
ु ो बृहो यज
ु तोबृहः।।
06.04.20 यथा मनौ िववित- सोमं शािपब तु म।् यथा ित े छˆ इ जजो
ु ष -
ायौमादयसे सचा।।
ु न े अमथाः। यथा सोम शिशे दशोये -ूमरमा
 पृष े मे े मातिर -नी सवा
वृजनू िस।।
 यˆ उा के वला दध-े य ोम ृिषता िपबत।् य ै िव ु ीिण पदा िवचम -उप िम
धमिभः।।
 य िम ोमेष ु चाकनो- वाजे वािज ततो~। त ा वय ं सु घािमव गोहो- जु मिस
ववः।।
 यो नो दाता स न िपता- महा उ ईशानकृत।् अयाम ु ो मघवा प
ु वस-ु ग र  दात ु
नः।।
ू वो वसपु ितं शतत-ं ु ोमै
06.04.21 य ै ँ वसो दानाय मंहस-े स रायोष िमित। वसय
िरं हवामहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 594


ु -भु ~
 कदा चन  य ु यािद हवन इिय-मा ता वमत
े िन पािस जनी~। तरी ृ 
ििव।।
 य ै ं मघव ि िगवण- िश ो~ िश िस दाशषु ।े अाकिर उत सु िु तँ वसो~- कवव

णधु ी हवम।।
 अािव म पू- ेाय वोचत। पूवर ्ऋत बृहत
 ी रनषू त- ोत ु मधाˆ अस ृ त।।
 सिमो रायो बृहत ू तु - सोणी सम ु सूयम।् सं श
 ी रधन ु ास शच
ु य वािशर- ोमाˆ इ

ममिषः।।
ु ो बृहो यज
 8.53 उपम ेच सू, मे इोयज ु तोबृहः।।
06.04.0 उपम  ाणाम।् पूिभम ं मघव ि गोिवद.-मीशान ं रायˆ
 ा मघोना-े वृषभ
ईमहे।।
ु  मितिथ व मदयो- वावध
 यˆ आय ृ ानो िदविे दव।े ता वय ं हय ं शतत-ँ ु वाजयो
हवामहे।।
ु रे जनेा- ये अवाव तीवः।।
 आ नो िवेषां रसं- म ि यः। ये परावित सि
 िवा ेषांिस जिह चाव चा -कृ िध िवे सा वस।ु शीेष ु िचे मिदरासो अंशवो- या
सोम तृिस।।
06.04.23 इ नेदीयˆ एिदिह- िमतमेधािभ ितिभः। आ शम शमािभ रिभििभ-
रााप े ािपिभः।।
 आिजतरु ं सितँ िवचषिण-िध जा ाभगम।्  सू ितरा शचीिभय  त उिन- त ं ु पनु त

 षु क।।
आ न
 य े सािधोवस-े ते ाम भरेष ु ते। वय ं होािभ त देवितिभ- सवांसो मनामहे।।
 अहं िह ते हिरवो  वाजय-ु रािजँ यािम सदोितिभः। ािमदेव तममे समय-ु ग ु रे

मथीनाम।।
ु ो बृहो यज
ु  िवेदवे ा अयज
 8.54 एत इच सू, मातिरान इृतीया चत ु
तोबृहः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 595
06.04.24 एत इ वीय-ीिभ गृणि कारवः। ते ोभˆ ऊजमाव ृततंु - पौरासो न
ीितिभः।।
 न  इ मवस े सकृु या- येषां सतु षे  ु मस।े यथा सँवत  अमदो यथा कृ श एव
 ाे इ
म।।
 आ नो िवे सजोषसो- देवासो गनोप नः। वसवो ाˆ अवस े नˆ आ गम-.व ु मतो

हवम।।
 पूषा िव ु हवन ं मे सर –व ु स िसवः। आपो वात पवतासो वनित- णोत ु

पृिथवी हवम।।
06.04.25 यिद राधो अि ते- माघोन ं मघवम। तेन नो बोिध सधमाो वृध-े भगो दानाय

वृह।।

 आिजपते नृपते िमि नो- वाज आ वि सतो~। वीती होािभ त देववीितिभ- सवांसो िव
िवरे।।
 सि 1(अ)यˆ आिशष- इ आय ु जनानाम।् अा  मघव पाव
ु स-े ध ु  िपषी


िमषम।।
 वय इ ोमेिभ िवधेम- माकं  शततो~। मिह ूरं शशय ं राधो अय-ं वाय िन
तोशय।।
 8.50 भूरीिदित पच सू, कृ श इो गायी-तृतीया पावनु भ
ु ौ।।
06.04.26 भूरी िद वीय1(अँ)-  मायित। राध े दवे वृक।।
 शत ं ेतासˆ उ णो- िदिव तारो न रोचे। मा िदव तभःु ।।
ू त ं शनु - शतमािण ातािन। शत ं मे बजक
 शत ं वेण ्
ु ाˆ -अषीणातु शतम।।
 सदु वे ा  कावायना- वयोवयो िवचरः। अासो न चमत।।
 आिद ा चिक र- ानून मिह वः। यावी रितस थ-  षु ा चन सशे।।
 8.56 ित त इित पच सू, पृष इोाया अि सूय गाया पिः।।
06.04.27 ित ते दवे वृक- राधो अदययम।् ौन िथना शवः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 596


 दश मं पौतत- हा दव े वृकः। िना ायो अमहं त।।
 शत ं मे गदभानां- शत मूणावतीनाम।् शत ासा अित जः।।

 तो~ अिप ाणीयत- पूतताय ै ा। अाना िम यूाम।।
 अचे ि ििकत-ु हवा समु थः। अि श
ु े ण शोिचषा- बृह ूरो अरोचत- िदिव सूय
अरोचत।।
 8.57 यवु ं देविे त चतऋ ्
ु च सू, मेोिनौ िुप।।
06.04.28 यवु ेवा तनु ा पूण ु ाˆ रथेन तिवष ँ यजा। आगत ासा शचीिभ-
 - य
िरद ृतीयं सवन ं िपबाथः।।
 यवु ा ेवा य एकादशास- ा  दशे परु ात।् अाकँ  य ं सवनषा
ु णा- पात ं
सोम मिना दीी~।।
 पना दिना कृ त ँ वाँ- वृषभो िदवो रजस पृिथाः। सहं शंसाˆ उत ये गिवौ- सवा
इा उप याता िपब।ै ।
 अय ँ वां भागो िनिहतो यजे-मा िगरो नासोप यातम।् िपबत ं सोमं मधम
ु  म-े  दाांस
मवतं शचीिभः।।
 8.58 यमृिज इित तृच सू, मेो िवेदवे ािपु -् ( आाया ऋिजो देवता वा)।।
06.04.29 यमृिजो बधा कय- चेतसो य ू ानो ाण
िमम ँ वहि। यो अनच  ो

ु ˆ आसी-ा ि यजमान सँिवत।।
य
 ा सिमˆ- एक ूय िव मन ु भूतः। एकै वोषा व िमद ँ िव भा-े कँ  वा इद ँ
 एक एवाि बध

िव बभवू  सवम।।
ु ं रथं सषु दं भूिरवारम।् िचामघा य योगेिधज -े तँ वां व े
 ोिते तमु  िचं- सख
अित िरं  िपब।ै ।
ु इावणौ जगती।।
 8.59 इमािन वािमित सच सू, सपण
06.04.30 इमािन वां भागधये ािन िसत- इावणा  महे सतु षे  ु वाम।् य ये  े ह सवना
ु त े यजमानाय िश थः।।
भरु यथो- य

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 597
 िनिरी रोषधी रापˆ आा- िमावणा मिहमान.माशत। या िसतू रजस पारे अनो-
ययो श ु निकर ादेव ओहत।े ।
 स िदावणा कृ श वां- मˆ ऊिम हते स वाणीः। तािभ दाांस मवतं शभु ती~-
यो वामदो अिभ पाित िचििभः।।
 घृत षु ौा जीरदानव-  सार दन ऋत
 । याˆ ह वा िमावणा घृततु - ािभ

धँ यजमानाय िश तम।।
06.04.31 अवोचाम महत े सौभगाय- स ेषाां मिहमान िमियम।् अा
िावणा घृततु - ििभ ािे भ रवतं शभु ती~।।
 इावणा यिषो मनीषाँ- वाचो मितं तु मद मे। यािन ाना सृज धीराˆ- य

ाना पसापयम।।
 इावणा सौमनस म-ं रायोषँ यजमानेष ु धम।् जां पिु ं भूित मास ु ध.-
ु ाय ितरत आयःु ।।
ीघाय

 ।। इित वालिखं समाम।।
ु ो बृहो यज
 8.60 अ आयाहीित िवंशृच सू, ागाथो भगिः-अयज ु
तोबृहः।।
06.04.32 अ आ या ििभ- हतारा वृणीमहे। आ ामनु यता हिवती- यिजं
बिह रासदे।।
ु र रे। ऊज नपातृतके श मीमहे-िँ य षे  ु
 अा िह ा सहस ूनो~ अिर- च

पूम।।
ु 
 अे किव वधाˆ अिस- होता पावक यः। मो यिजो अरेीो -िवेिभ श
मिभः।।
ु ता वसो~ गिह- म
 अोघ मावहोशतो यिव- देवा अज वीतये। अिभ यांिस सिध
धीितिभ िहतः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 598


 िम थाˆ अ-े ातर ् ऋत िवः। ाँ िवास िमधान दीिदवˆ- आ िववासि
वेधसः।।
06.04.33 शोचा शोिच दीिदिह िवश े मयो- रा ो े महा अिस। देवानां शम म स ु
सूरय- शूषाह यः।।
 यथा िच  मे- सवू िस िम। एवा दह िममहो यो अ ु - मा क वेनित।।
ृ मतस
 मा नो मताय िरपवे र िन-े माघशंसाय रीरधः। अेधि रिणिभ यिव- िशविे भ पािह
पायिु भः।।
 पािह नो अ एकया- पा1ु (उ)त ितीयया। पािह गीिभ िसिृ भ जा पते- पािह चतस
 िृ भ
वसो~।।
 पािह िवा  सो अरा-   वाजेष ु नोव। ािमि नेिद ेवतातय -आिप ामहे
वृध।े ।
ृ -ं रियं पावक शंम।् राा च
06.04.34 आ नो अे वयोवध  नˆ उपमाते पु हृ ं- सनी
ु ती

यशरम।।
 येन वंसाम पृतनास ु शधत- रो अय आिदशः। स ो वध यसा शचीवसो~- िजा िधयो
वसिु वदः।।
 ो यथा-ि े~ दिवत।् ित माˆ अ हनवो न ितधषृ -े सज
 िशशानो वृषभ ु  हसो
यः।।
 निह ते अे वृषभ ितधषृ -े जासो यिितस।े स ो होत~ ु त ं हिवृ िध- वंा नो
वाया पु ।।
 शेष े वनेष ु माो- ा मतासˆ इते। अतो हा वहिस हिवृतˆ- आिद ेवषे  ु राजिस।।
ु ज मयम।् िभनि पसा िव शोिचषा-
06.04.35 स होतार िमदीळते- ाे स
ाे ित जना अित।।
 अिमिँ वो अिग-ं ु वम ्
े  वृबिहषः। अिं िहतयस शतीा -होतारषणीनाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 599
ु मय-े त
 के तेन शम चते सषा ु ििकना। इष यया न पु प मा भर- वाज.ेिद
मूतये।।
 अे जिरत िवपित- ेपानो देव र सः। अोिषवा ृहपित महा अिस- िदव ाय ु
रोणयःु ।।
 मा नो र ˆ आ वेशी दाघृणीवसो~- मा यातयु ातमु ावताम।् परोग ू िनरा मप धु - मे सेध
र िनः।।
ु ो- बृहो- यज
 8.61 उभय िमादशच सू, ागाथो भग- इोयज ु - तोबृहः।।
06.04.36 उभयं णव नˆ- इो अवा िगद ँ वचः। साा मघवा सोमपीतये- िधया शिव

आगमत।।
 मोजस-े िधषणे~ िनत तःु । उतोपमानां थमो िन षीदिस- सोमकामं िह ते
 तं िह राजँ वृषभ
मनः।।

 आ वृष पवसो~- सतु ेासः। िवा िह ा हिरव पृ ु सासिह- मधृि

धृिणम।।
 अािमस मघव थेदस -िद ा यथा वशः। सनमे  वाज व िशिवसा- म ू िचो
अिवः।।
 श ू3(ऊ)ष ु शचीपत -इ िवािभ ितिभः। भग िह ा यशसँ वसिु वद- मन ु शूर
चरामिस।।

06.04.37 पौरो अ पु कृ वाम-ो देव िहरययः। निकिह दानं पिरमिधष-े
यािम तदा भर।।
ु ये। उावषृ  मघव िवय -उिदािमये।।
 ं ेिह चेरव-े िवदाˆ भगँ वस
ु सहािण शतािन च- यूथा दानाय मंहसे। आ परु रकृम िववचस -
 ं प
इायोवस।े ।
 अिवो वा यदिवध- िो वे ते वचः। स  मम ाया शततो~- ाचामो~ अहंसन।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 600


ु रो- यिद मे णव वम।् वसय
 उबा  कृा पर ू वो वसपु ितं शतत-ं ु ोमै िरं
हवामहे।।
06.04.38 न पापासो मनामहे- नारायासो न जवः। यिदिँ वृषण ं सचा सतु -े
सखायणवामहै।।
ु  पृतनास ु सासिह- मृणकाित मदाम।् वेदा भृमि िनता रथीतमो- वािजनँ यिम
 उ ँ ययु 

नशत।।
 यतˆ इ भयामहे- ततो नो अभयिध। मघवि ध तव तˆ ऊितिभ- िव िषो िव मृधो जिह।।
 ं िह राधते राधसो महः- यािस िवधतः। ता वय ं मघव ि िगवण- तु ावो
हवामहे।।
 इ ळु त वृह  ा नो वरेयः। स नो रि ष रम ं स मम-ं स पा ात ु न परु ः।।
 ा- पर
06.04.39  पा दधर ा रा- रु ˆ इ िन पािह िवतः। आरे अ ृ णिु ह दै-ं भय
मारे हेती रदेवीः।।
 अाा ˆ- इ ा परे च नः। िवा च नो जिरत
ॄ 
 ते- अहा िदवा न रि षः।।
 ी शूरो मघवा तवु ीमघ- ंिमो वीयाय कम।् उभा ते बा~ वृषणा शततो~ िन या वं
 भ
िमिम तःु ।।
 8.62 ो अा इित ादशच सू, कावः गाथ- इः- पिः-साा िो
बृहः।।
06.04.40 ो~ अा उपिु तं- भरता य ु षित। उ ै िर मािहन-ँ वयो वधि
 जो
सोिमनो- भा इ रातयः।।
ु ो असमो नृिभर-े क कृ ी रयाः। पूव रित  वावध
 अयज ृ -े िवाˆ जाता ोजसा- भाˆ
इ रातयः।।
 अिहतने िचदवता- जीरदान ु ¤िषासित। वा िम -तव वीयािण किरतो- भाˆ इ
रातयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 601
 आ यािह कृ णवाम त- इ ािण वधना। येिभ शिव चाकनो- भ िमह वत-े भाˆ
इ रातयः।।
 धृषत  ोषी यम।् ती ै ोम ै पयतो- नमोिभ ितभषू तो- भाˆ इ
 ि ृष न- कृ ण
रातयः।।
ु -ं भाˆ इ
 अव च ऋचीषमो-वताइव मानषु ः। जु ी द  सोिमन- खाय णतु  े यज
रातयः ।।
06.04.41 िवे त इ वीय- ेवाˆ अन ु त ु ः। भवो
ु िव गोपित प
ु ुत- भाˆ
इ रातयः।।
 गृण े तिद ते शव- उपम ेवतातये। यंिस वृ मौजसा शचीपते- भाˆ इ रातयः।।
ु त- कृ णव ानषु ा यगु ा। िवद े तिद ेतन मध तु ो -भाˆ इ रातयः।।
 समनवे वप
ु व तमु ।् भूिरगो~ भूिर वावध
 उात िम ते शव- उा म ृ -ु मघव व शमिण- भाˆ इ
रातयः।।
ु ाव सिनˆ आ। अरातीवा िचदिवो-न ु नौ शूर मंसते- भाˆ
 अह  वृह- ँ य
इ रातयः।।
 सिमा उ तँ वय- िमं वाम नानृतम।् महा अस
ु तो वधो- भूिर ोतिष स
ु तो- भाˆ
इ रातयः।।
 8.63 स पू इित ादशच सू, कावः गाथ- इोाया देवा गायी-आा चतथु 
पमी सोनु भ ्
ु ोा िपु ।।
06.04.42 स पू महानाँ- वेन तिु भ रानजे। य ारा मनिु ता -देवषे  ु िधयˆ आनज।े ।
 िदवो मान ोद- ोमपृ ासो अयः। उा  च शंा।।

ृ ो दप। षु े तद पम।।
 स िवा अिरो- इो गाˆ अवण
 स था किववृधˆ- इो वाक व िणः। िशवो अक होम –ा गवस।े ।
 आ न ु ते अन ु त-ं ु ाहा वर यवः। ा मकाˆ अनषू त-े  गो दावने।।
 इे िवािन वीया- कृ त
 ािन कािन च। यमकाˆ अरँ िवः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 602


06.04.43 याजया िवश-े े घोषाˆ असृ त। अृणा हणा िवपो3(ओ)-य मान
स यः।।

 इयम ु ते अनु ुित- कृ ष े तािन पा। ाव वतिनम।।
 अ वृो ोदनˆ- उ िम जीवसे। यव पˆ आ दद।े ।
ु ािभ द िपतरः। ाम मतो वृध।े ।
 तधानाˆ अववो- य

 बळृियाय धा- ऋिभ शूर नोनमः। ु ा।।
े  या यज
जेषाम
 े भरतौ सजोषाः। य शंसत े वु त े धािय प- इे ाˆ
 अ े ाˆ मेहना पवतासो- वृह
अा अव ु देवाः।।
 8.64 उा मिित ादशच सू, कावः गाथ- इो- गायी।।
06.04.44 उा म ु ोमा- कृ ण
ु राधो अिवः। अव िषो जिह।।
 पदा पणी रराधसो- िन बाध महा अिस। निह ा कन ित।।
 मीिशषे सतु ाना- िम मसतु ानाम।् ं राजा जनानाम।।

 एिह ेिह यो िदा3-(आ)घोषषणीनाम।् ओभे~ पृणािस रोदसी।।
 ि वतििरं- शतव ं सहिणम।् िव ोत
ृ ो रोिजथ।।
 वयम ु ा िदवा सतु -े वयं  हवामहे। अाकाम मापृण।।
06.04.45 1(अ) वृषभो यवु ा- तिव
ु ीवो अनानतः। ा कं सपयित।।
ु 
 क िवन ँ वृषा- जज ु ा अव गित। इ उ िदा चके।।
 के दानाˆ अस त- वृह ं सवु ीया। उ े कˆ उ िदमः।।
 अये मानषु  े जने- सोम पूष ु सूयते। ते िह  वा िपब।।
 अये शयणावित- सषु ोमाया मिध ियः। आजकीये मिदमः।।
 तम राधस े महे- चां  मदाय घृय।े एही िम वा िपब।।
 8.65 यिदेित ादशच सू, कावः गाथ- इो- गायी।।
06.04.46 यिद ागपा गदु - वा यसे नृिभः। आ यािह तूय माशिु भः।।
 या वण े िदवो- मादयास े णरे। या समु े असः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 603
 आ ा गीिभ महा मु ं - व े गािमव भोजस।े इ सोम पीतये।।
 आ त इ मिहमानं- हरयो देव ते महः। रथे वह ु िबतः।।
 इ गृणीष उ षु -े महा उ ईशानकृत।् एिह न तु ं िपब।।
 सतु ावा वय-ं यो हवामहे। इदो बिह रासदे।।
06.04.47 यिि शता.मसी- साधारणम।् ता वय ं हवामहे।।
 इदे सो ं म-ध ु ििभ नरः। जषु ाणˆ इ तिब।।

ू  मा गिह। अ े धेिह वो बृहत।।
 िवा अय िवपितो-ित य
 दाता मे पृषतीनां- राजा िहरयवीनाम।् मा देवाˆ मघवा िरषत।।

ु ं िहरय.मा दद।े ।
 सहे पृषतीना- मिध ं बृह ृथ।ु श
 नपातो गह मे- सहेण सरु ाधसः। वो देव
े त।।

 8.66 तरोिभिरित पदशच सू, ागाथः किल-िरः-थमािद योदया अयजो

ु तोबृहोानु ुप।।
बृहः-ितीयािद यज
06.04.48 तरोिभ व िवदस-ु िमं सबाधˆ ऊतये। बृहाय तु सोम े अरे- व े भर

कािरणम।।
 न य.ाˆ वर े न िराˆ मरु ो- मदे सिश
ु  मसः। यˆ आा शशमानाय स
ु त-े दाता
जिर उम ्
 ।।
 य शो मृ ो अो- यो वा कीजो िहरययः। स ऊव रेजय पाविृ त- िमो ग
वृहा।।
 िनखाति पु संभत
ृ -ँ वसूिद पित दाशषेु । वी सिु शो हय इर -िद ा यथा

वशत।।
ु ुत- परु ा िचर नृणाम।् वय  इ सं भरामिस- य म
 याव प ु रु ँ वचः।।
06.04.49 सचा सोमेष ु पत
ु विवो- मदाय  ु सोमपाः। िमि कृते काँ वस-ु दे
ु त े भवः
 ु ।।
े हे विणम।् ता उ अ समना सतु ं भरा-नून ं भूषत तु ।े ।
 वय मेन िमदा ो-पीपम

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 604


 वृक िद वारणˆ उरामिथ- रा वयनु षे ु भूषित। सेम ोमज ु णˆ आ गही-  िचया
ु षा
िधया।।
 क 1(अ)ाकृ त- िमाि पम।् के नो~ न ु कं  ोमतने  न श
ु वु -े जनषु  पिर
वृहा।।
 क मही रधृाˆ अ तिवषी- क वृो अृतम।् इो िवा ेकनाटा अहशˆ- उत
ा पणी रिभ।।
06.04.50 वया ते अपू-  ािण वृह।् प
ु तमास पत
ु विवो- भृित 
भरामिस।।
 पूविि े तिु वकू िम- ाशसो हव इोतयः। ितरि दय वना वसो~ गिह- शिव

िु ध मे हवम।।
 वया ते े इि- िवाˆ अिप िस। निह द पु त कन- मघवि मिडता।।
 ो अाˆ अमत े त धु ो3(ओ)-िभश े रव ृिध। ˆ ऊती तव िचया िधया- िश ा

शिच गातिु वत।।
 सोमˆ इ तु ो अ-ु कलयो मा िबभीतन। अपेदषे ायित -यैषो अपायित।।
 8.67 ािेकिवंशृच सू, सांमदो म आिदा दशािद ितसृणामिदित गायी
(मैाविण माो बहवो वामा जालना ऋषयः)
06.04.51 ा ु िया अव- आिदा ािचषामहे। समु ळ
ृ ीका अिभय।े ।
 िमो नो अंहितँ- वण पष दयमा। आिदासो यथा िवः।।
ु 1 (अँ)- वथ मि दाशषु ।े आिदाना. मरते।।
 तेषां िह िच म
 मिह वो महता मवो- वण िमायम।् अवांा वृणीमहे।।
 ा-िदास परु ा हथात।् क  हवनतु ः।।
 जीवाो अिभ धेतन
ु त-े वथ मि यिदः। तेना नो अिध वोचत।।
06.04.52 य ााय स
 अि देवा अंहो व-ि र मनागसः। आिदा अत
ु नै सः।।
 मा न ेत ु िषेदय-ं महे वृणु निर। इˆ इि तु ो वशी।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके चतथु ाायः (वगाः 1-54) Page 605
ू ाँ- वृिजनाना मिववः। देवाˆ अिभ  मृ त।।
 मा नो मृचा िरपण
 उत ामिदते म-ह ेपु  वु ।े समु ळ
ृ ीका मिभय।े ।

06.04.53 पिष दीन े गभीर आ- उपेु  िजघांसतः। मािक ोक नो िरषत।।
 अनहे ो नˆ उज -उिच िव सतवे। कृ िध तोकाय जीवसे।।
 ये मूधानः  ि तीना- मदास यशसः। ता र  े अुहः।।
 ते नˆ आो वृकाणा- मािदासो ममु ोचत। ेन ं ब िमवािदते।।
 अपो ष ु णˆ इय ं श- रािदा अप मितः। अदे जषु ी।।
06.04.54 शि व दु ानव-ˆ आिदाˆ ऊितिभ वयम।् परु ा नून ं बभु 
ु हे।।
 श ं िह चते स- ितयि देनसः। देवा कृ णथु जीवसे।।
 त ु नो नं सस- आिदाˆ यम
ु ोचित। बा िमवािदते।।
 नााकमि तरˆ- आिदासो अितदे। यूय मं मृळत।।

 मा नो हेित िववत-ˆ आिदा कृ ि मा शः। परु ा न ु जरसो वधीत।।
 िव ष ु ेषो ंहित- मािदासो िव संिहतम।् िवि व वृहता रपः।।।। इित षाके चतथु ााय
माः ।।

 षाके पमाायः (वगाः1-37)


 8.68 आ ेक ु
े ोनिवंशृच सूािरसः ियमेध- इ-तदयािद षणामृ ामेधौ
गायी-आा चतथु  समी दशोनु भ
ु ः।।
ु ाय वतयामिस। तिु वकूिम मृतीषह- िम शिव सत।े ।
06.05.01 आ ा रथँ यथोतये- स
ु श
 तिव ु तिु वतो~- शचीवो िवया मते। आ पाथ मिहना।।

 य ते मिहना मह- पिर ाय मीयतःु । हा वं िहरययम।।

 िवानर वित –मनानत शवसः। एवै चषणीना- मूती व े रथानाम।।
 अिभय े सदावृध-ं मेष ु यरः। नाना हव ऊतये।।
06.05.02 परोमा मृचीषम- िम मु ं सरु ाधसम।् ईशानि सूनाम।।

 त िमाधस े मह- इोदािम पीतये। य पूा मनु िु त- मीशे कृ ीना ृतःु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 606



ं  मः। निक शवांिस ते नशत।।
 न य ते शवसान- स मानश
ु ा- ु सूय  मह नम।् जयेम पृ ु विवः।।
 ोतासा यज

 ता य िे भ रीमहे- तीिभ िगवणम। इ यथा िचदािवथ- वाजेष ु पु माम।।
06.05.03 य ते ा स-ं ाी णीित रिवः। य ो िवतसाः।।
 उ ण 3े (ए)तन -उ याय नृ िध। उ णो यि जीवसे।।
 उ ृˆ उव -उं रथाय पाम।् देववीितं मनामहे।।
 उप मा षाा नर- ोम हा। िति ारातयः।।
 ऋा िवोत आ दद-े हरी~ ऋ  सूनिव। आम े  रोिहता।।
 ध
06.05.04 सरु था आितिथ वे- भीश
ू रा । आम े े सपु श
 ध े सः।।
 ोत े वधम
 षळा आितिथ व- इ ्
ू तः। सचा पूततौ सनम।।
 ऐष ु चेत षृ व- र ्ऋ
े षी। भीशु कशावती।।
ु े वाजबवो- िनिन
 न य ु न मः। अव ्
 मिध दीधरत।।
 8.69  व इादशच सूािरसः ियमेध- इोपािद इ िवेदवे ा वणा
देवताः-सदेु व इ वणोनु ुि तीयोिक-् चत
ु ाािो गायः-एकादशी षोळयौ पी
अे े बृहौ।।

 अमेनवाक एकादश सूािन
06.05.05  व िभ े व।े िधया वो मेधसातये- परु ािववासित।।
ु  िमषं- मीराय
 नद ँ वˆ ओदतीना-.द ँ योयवु तीनाम।् पितँ वो अाना- ेननू ा िमषिस।।

 े िदवः।।
 ताˆ अ सूददोहस- ोमं ीणि पृयः। ज ेवानाँ िवश- िा रोचन

 अिभ  गोपितिरे- मच यथा िवद।े सून ं ु स सितम।।
 आ हरय सृिरे-षी रिध बिहिष। यािभ सवामहे।।

06.05.06 इाय गावˆ आिशर.-े विणे मध।ु यी मपु रे िवदत।।
 उ िवप-.हृ िम गिह। म पीा सचवे िह- ि सु पद।े ।
े ासो अचत। अच ु पु काˆ उत- परु  धृचत।।
 अचत ाचत- ियमध

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके पमाायः (वगाः1-37) Page 607


 अव राित गगरो- गोधा पिर सिनणत।् िपा पिर ¤चिनद- िदाय ोतम।।

े - ु घाˆ अनपुरः। अप
 आ यत  ु र.ृभायत- सोम िमाय पातव।े ।
06.05.07 अपािदो अपादि- िवे देवाˆ अमत। वण इिदह य- मापो अनषू त-
वं संिशरीिरव।।
 सदु वे ो अिस वण- य ते स िसवः। अन ु रि काकुदं- सू सिष
ु रािमव।।
 यो ती रफाणय- यु 
ु ा उप दाशषु ।े तो नेता तिदप-ु पमा यो अम
ु त।।
 अती शˆ ओहत- इो िवाˆ अित िषः। िभन नीनˆ ओदन ं -पमान ं परो िगरा।।
 अभको न कुमारको-िध ितवं रथम।् स प िहष ं मृग-ं िप े मा े िवभ ्
ु तमु ।।
 आ तू सिु श दते- रथ िा िहरययम।् अध  ु ं सचवे िह -सहपाद मष-ं िगा

मनहे सम।।
ु त ँ यदेतव -आवतयि दावने।।
 तेिमा नमिनˆ- उप राज मासते। अथिद सिध
 अन ु ौकस- ियमेधासˆ एषाम।् पूवा मन ु यितँ- वृबिहषो िहतयसˆ आशत।।
ु ो- बृहती-ितीया चतथु  ष
 8.70 यो राजेित पदशच सूािरसः पह-े
तोबृहः-योदयिु क-् चतदयन
ु ु -ु बा परउिक
ु ।् ।
ु िवासा ता पृतनाना-ेो यो वृह ा
06.05.08 यो राजा चषणीनाँ- याता रथेिभ रिगः।
गृण।े ।
ु पह
 इ ं श ु वस-े य िता िवधतिर। हाय व ित धािय दशतो- महो िदव े न
सूयः।।
 निकमणा नश -कार सदावृधम।् इ य ै िवगूत मृस –मधृ ृोजसम।।

 अषा मु ं पृतनास ु सासिहँ- यि ही यः। सेनवो जायमाने अनोनव-ु ावः 
ामो अनोनवःु ।।
 यावˆ इ ते शत-ं शत ं भूमी त ःु । न ा वि हं सूया- अन ु न जात म रोदसी।।
06.05.09 आ पाथ मिहना वृा वृष- िा शिव शवसा। अा अव मघव ोमित
ज-े वि ि चािभ ितिभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 608


 न सी मदेवˆ आप िदष- ीघायो~ मः। एत वा िचˆ एतशा ययु ोजत-े हरी~ इो ययु ोजत।े ।
 तँ वो महो महा- िम ानाय स िणम।् यो गाधषे  ु यˆ आरणषे  ु हो -वाजे ि हः।।
 उ ष ु णो वसो~- महे मृश शूर राधस।े उ ष ु म ै मघव घय -उिद वस े मह।े ।
 ˆ इ ऋतय-ु ािनदो िन तृिस। मे विस तिु वनृो-व िन दास ं िशथो हथ ैः।।
06.05.10 अत ममानषु - मयान मदेवयमु ।् अव  खा धवीत
ु पवत- 
ु ाय द ं ु
पवतः।।
  इासां- हे शिव दावने। धानाना सृभायाय-ु िृभायायःु ।।
ु भोज ूिर य अयः।।
 सखाय त ु िमत- कथा राधाम शर। उपितं
े  -िमर वा राददः।।
 भूिरिभ मह ऋिषिभ- बिहि  िवसे। यिद मेकमक
ृ ा मघवा शौरदेो- व िˆ आनयत।् अजां सूिरन धातव।े ।
 कणग

 8.71 ो अ इित पदशच सू, सदीित ु
पमीा-वि-गायी-दशमी ादशी

चतदयो ु
बृह- एकादशी योदशी पदय तोबृहः- (अ सदीित ु
पमीळयो रतरो वा
ऋिषः)।।
06.05.11 ो अे महोिभ- पािह िवाˆ अरातःे । उत िषो म।।

 निह मु पौषये ˆ- ईशे िह व ियजात। िमदिस पावान।।

 स नो िवेिभ दविे भ- ज नपा शोचे। रियेिह िववारम।।

 न तम े अरातयो- मत यवु  रायः। यायस े दाांसम।।
 यँ िव मेधसाता-वे िहनोिष धनाय। स तवोती गोष ु गा।।
06.05.12 ं रियं पु वीर- मे दाशषेु  मताय।  णो नय वो अ।।
 ा णो मा परा दा-ˆ अघायत े जातवेदः। रा3े (ए) मताय।।
 उ

 अे मािक े देव- राित मदेवो ययु ोत। मीिशषे वसूनाम।।
 स नो वˆ उप मा-ू ज नपा ािहन। सखे वसो~ जिरत
ृ ः।।
 अा न शीरशोिचष-िरो य ु दशतम।् अा य ासो नमसा प
ु वस-ं ु पश
ु  मूतये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके पमाायः (वगाः1-37) Page 609


06.05.13 अिं सून ं ु सहसो जातवेदस- ानाय वायाणाम।् िता यो भू दमत
ृ ो मा- होता
मतमो िविश।।
 अिँ वो देवयया-िं य रे। अि ीष ु थम मि मव –िैाय साधस।े ।
 अि िरषां स े ददात ु न-ˆ ईशे यो वायाणाम।् अि ोके तनय े श दीमहे- वस ं ु स

नूपाम।।
 अि मीिळावस-े गाथािभ शीरशोिचषम।् अिं राय े पु मी तु रो-िं सदु ीतये छिदः।।
 अि ेषो योतव ै नो गृणीम-िं शँ यो दातव।े िवास ु िविवतवे  हो- भवु  रु ्

ऋषूणाम।।
 8.72 हिव िरादशच सू, ागाथो हयतोि- गायी- (हिवषां िु तवा देवता)
ु  मागम –दय ु वनते पनः
06.05.14 हिवृ ण ्
ु । िवा अ शासनम।।

 िन ित म म1(अं)श-ं ु सीदोता मनाविध। जषु ाणो अ सम।।

 अ िरि तने- ं परो मनीषया। गृि िजया ससम।।
 जातीतपे धन-ु वयोधाˆ अह नम।् षदियावधीत।।


 चरो शिह- िनदातार िवते। वेित ोतव अम।।
06.05.15 उतो~  यह –दाव ोजन ं बृहत।् दामा रथ दश।े ।
 हि स ैका-. मपु  ा प सृजतः। तीथ  िसो रिध रे।।

 आ दशिभ िववतˆ- इ कोश मचवीत।् खेदया िवत
ृ ा िदवः।।
 पिर िधात ु रर-ूिण रेित नवीयसी। मा होतारो अते।।
ु ाचं पिरानम।् नीचीनबार मि तम।।
 िसि नमसावत-.म ्
ु रे मध।ु अवत िवसजन।े ।
06.05.16 अार िमदयो- िनिषं प
ु । उभा कणा िहरयया।।
 गाव उपावतावत-ं मही~ य  रदा
 आ सतु े िसत ियं- रोदो रिभियम।् रसा दधीत वृषभम।।

 ते जानत मो1(अं)- सँ वासो न मातिृ भः। िमथो नस जािमिभः।।
 उप े ष ु बत- कृ वत े धण ििव। इे अा नमः~।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 610


06.05.17 अध ु िषु ी िमष.-मूज सपदी.मिरः। सूय स रिमिभः।।

 सोम िमावणो-िदता सूर आ दद।े तदातरु  भेषजम।।
 उतो  यद-ं हयत िनधाम।् पिर ाियातनत।।

 8.73 उदीराथािमादशच सूाेयो गोपवनोिनौ- गायी-(सविवा ऋिषः)
ु ाथा मिना रथम।् अि षूत ु वामवः।।
06.05.18 उदीराथा मृतायत-े य
 िनिमषि वीयसा- रथेना यात मिना। अि षूत ु वामवः।।
 उप ृणीत मय-े िहमने  घम मिना। अि षूत ु वामवः।।
 कुह  कुह ज मथु - कुह येनवे  पेतथःु । अि षूत ु वामवः।।
 यद किह किह -िचूयात िमम ं हवम।् अि षूत ु वामवः।।
06.05.19 अिना यामतमा- नेिद ँ यााम।् अि षूत ु वामवः।।
 अव मय े गृह-णतु ँ यवु मिना। अि षूत ु वामवः।।
े अि मातपो- वदत े वय।े अि षूत ु वामवः।।
 वरेथ~
  सवि राशसा- धारा.म े रशायत। अि षूत ु वामवः।।
 ं हवम।् अि षूत ु वामवः।।
 इहागत ँ वृषवसू~- णतु ं म इम
ु व- रतोिरव शते। अि षूत ु वामवः।।
06.05.20 िकिमद ँ वां पराण
 समान ँ वां सजा-ं समानो ब ु रिना। अि षूत ु वामवः।।
 यो वां रजांिना- रथो िवयाित रोदसी। अि षूत ु वामवः।।
 आ नो गेिभ र-ै ह ै प गतम।् अि षूत ु वामवः।।
 मा नो गेिभ र-ै हेिभ रित तम।् अि षूत ु वामवः।।
  ु षा अभ-ू दक ितर ्ऋतावरी। अि षूत ु वामवः।।
 अण
 अिना स ु िवचाकश -ृ ं परशमु ाइव। अि षूत ु वामवः।।
 परु  धृ~वा ज- कृ या बािधतो िवशा। अि षूत ु वामवः।।
 8.74 िवशोिवश इित पदशच सूाेयो गोपवनोि-रितसृणां तु वा गायी-आा
चतथु  समी दशयोदयािद ितानु भ
ु ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके पमाायः (वगाः1-37) Page 611


ु यम।् अिँ वो य वच- षु े शूष
06.05.21 िवशोिवशो वो अितिथँ- वाजय पि
मिभः।।
ु ।् शस
 यनासो हिवो- िम सिपरासितम ं ि शििभः।।
ु ता। हाैरय ििव।।
 पांसातवेदसँ- यो देवता
 आग वृह म-े मि मानवम।् य तु वा बृह- ा  अनीक एधत।े ।
 अमत  ातवेदस- िर मांिस दशतम।् घृताहवन मीम।।
ृ  ्
ु नासो यतच
06.05.22 सबाधो यना इम3े (ए)-िं हिे भ रीळत।े जा ु ः।।
ु त स
 इये नसी मित- रे अधादा। म सजा ु तो~मूर दाितथ।े ।
 सा ते अे शमा- चिना भवत ु िया। तया वध स¤
ु ुतः।।
ु ै िु नी बृह- पोप विस वः। दधीत वृत
 सा  ू । ।
 य
 अ िमां रथ ा- ेष िम सितम।् य वांिस तूवथ -पंप कृ यः।।

06.05.24 या गोपवनो िगरा- चिन दे अिरः। स पावक धु ी हवम।।
ू । ।
 या जनासˆ ईळत-े सबाधो वाजसातये। स बोिध वृतय
 अहं वानˆ आ - तु विण मदिु त। शधासीव क
ु ािवनां- मृ ा शीषा चतण ्
ु ाम।।

 माारˆ आशव- शिव िववः। सरु थासो अिभ यो- व  यो न त ु म।।
 स िमा महेनिद- पव देिदशम।् नेमापो अदातर- शिवा दि मः।।
ु ा हीित षोळशच सूािरसो िवपोि-गायी।।
 8.75 य
ु ा िह देवतमा- अा अे रथीिरव। िन होता पू दः।।
06.05.25 य
 उत नो देव देवा- अा व
 ोचो िवरः। िा वाया कृ िध।।
 ं ह यिव- सहस ून~वात। ऋतावा यि यो भवु ः।।

 अय मि हि णो- वाज शितनितः। मूधा कवी रयीणाम।।
 तेिम मृभवो यथा-नम सितिभः। नेदीयो य मिरः।।

ु िु तम।।
06.05.25 त ै नून मिभव-े वाचा िवप िनया। वृ े चोद स¤
 कम ु िद सेनया-े रपाकच सः। पिणोष ु रामहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 612


 मा नो देवानाँ िवश- ातीिरवोाः। कृ श हास ु राः।।

 मा न म 1 (अ)- पिरेषसो अंहितः। ऊिमन नाव मावधीत।।
 नम े अ ओजस-े गृणि देव कृ यः। अम ै रिम मदय।।
06.05.26 कुिव ु नो गिवय-े े सँविे षषो रियम।् उकृ  ण ृ िध।।
 मा नो अि हाधन-े परा वारभ ृ था। संवग सं रियय।।
 अ म िया इय- मे ¤िसषु ना। वधा न
 ो अमववः।।
 याजषु मिन- शमी ममख वा। तेदि वृधावित।।
 पराˆ अिध सँवतो-वरा अा तर। याह.मि ता अव।।
 िवा ि ह ते परु ा वय- मे िपत ु यथावसः। अधा त ु मीमहे।।
 े स
 8.76 इमिित ादशच सू, कावः कुसित-िरो-
ु गायी।।
06.05.27 इम  ु माियनं व- इ.मीशान. मोजसा। म
 वृसे।।
 अय िमो मखा- िव वृािभनिरः। वेण शतपवणा।।
ृ ानो मख-े ो िव वृ मैरयत।् सृज मिु या अपः।।
 वावध
 अय ं ह येन वा इद-ं मता िजतम।् इेण सोमपीतये।।
 म मृजीिषण- मोजँ िवरिनम।् इीिभ हवामहे।।
 इं ने  मना- म ं हवामहे। अ सोम पीतये।।
 ोम शततो। अि े पु त
06.05.28 मा इ मी- िपबा स ु ।।
ु िद मत-े सतु ा ोमासो अिवः। दा य उि नः।।
 ते
 िपबेिद मखा- सतु ं सोमििविष।ु वं िशशानˆ ओजसा।।

ू सतु म।।
 उि ोजसा सह- पीी िशे~ अवेपयः। सोम िम चम~
े -  माण मकृ पेताम।् इ यहु ाभवः।।
 अन ु ा रोदसी उभ~
ृ म।् इा िर तं ममे।।
 वाच मापदी मह.-वि मृतश
 8.77 ज ान इेकादशच सू, कावः कुसित-िरो-
ु गायी-अे े बृहती
सतोबृहौ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके पमाायः (वगाः1-37) Page 613


06.05.29 ज ानो न ु शतत-ु िवपृ िदित मातरम।् क उ
 ा के ह िवरे।।
 आद शववी- दौणवाभ महीशवु म।् ते पु स ु िनरु ः।।
 ािखद-े अराइव खेदया। वृो दहु ाभवत।्
 सिमा ृह
 एकया ितधा िपब -ाकं सरांिस िंशतम।् इ ोम काणक
ु ा।।
ृ –दबु षे  ु रजा। इो  इध
 अिभ गव मतण ृ ।े ।
06.05.30 िनरािवििर-ˆ आ धारय  मोदनम।् इो ब ्
ु ं ाततम।।
ु व- सहपणˆ एकˆ इत।् यिम चकृ ष े यज
 शतˆ इष ्
ु म।।
ृ ˆ आ भर- नृो नािरो अव।े सो जातˆ ऋभिु र।।
 तेन ोत
 एता ौािन ते कृ ता- विषािन परीणसा। दा वीधारयः।।

 िवेा िव ु राभर -म ेिषतः। शत ं मिहषा ीरपाक मोदन-ँ वराह िमˆ एमषु म।।
 तिु व े सकृु त ं सूमय न-ु ाध ु ब
ु ो िहरययः। उभा ते बा~ रया ससं
ु ृत- ऋ
 प े
िचवध
ृ ा।।

 8.78 परोळाशिमित दशच सू, कावः कुसित-िरो-
ु गाया बृहती।।

06.05.31 परु ोळाशो अस-ˆ इ सहमा भर। शता च शूर गोनाम।।
 आ नो भर न-ाम मनम।् सचा मना िहरयया।।
ु िण धृ~वा भर। ं िह िवष े वसो~।।
 उत न कणशोभना- प
 नक वृधीकˆ इ ते- न सषु ाˆ न सदु ाˆ उत। ना र वाघतः।।
 नकी िमो िनकतवे- न श पिरशवे। िवं णोित पयित।।
06.05.32 स म ं ु माना- मदो िन िचकीषते। परु ा िनद िकीषते।।
  इूण मदु र- रु ाि िवधतः। वृ
 ोमपाः।।
 े वसूिन सता- िवा च सोम सौभगा। सदु ा पिरृता।।
 ािम वय ु मम- कामो ग ु िहरययःु । ामय
ु रेषत।े ।
 तवेिदाह माशसा- हे दानादद।े िदन वा मघवभ
ं त
ृ - वा पूिध यव
कािशना।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 614



 8.79 अय िरित ु
नवच सू, कृ भागव- ्
ोमो- गाय-ानु पु ।।
06.05.33 अय ु रगृभीतो- िविज ििद ोमः। ऋिष िव काेन।।
ू ित य-ं िभषि िवँ यरु म।् ेम िोणो भूत।।
 अण ्

े ः। उ यािस वथम।।
 ं सोम तनूकृो- ेषोोकृ त
 िी तव द -ै िदवˆ आ पृिथा ऋजीिष।् यावी रघ िचषे ः।।
 अिथनो यि चेदथ-ा िनषो राितम।् वव ्
ृ ु ृत कामम।।
ृ ाय ु मीरयत।् ेमाय ु ारी दतीणम।।
06.05.34 िवदू.-मदु ीमत ्
ु वे ो नो मृळयाकु- रत ु रवातः। भवा न
 सश  ोम शं द।े ।
 मा नोम सँ वीिवजो- मा िव बीिभषथा राज।् मा नो हािद िषा वधीः।।
 अव ये सधे- देवाना मती री ।े राजप िष ेध- मीो अप िध ेध।।

 8.80 निमित दशच सू, नौधस एकू-िरोाया देवा गाय-ा िुप।।

 नवमेनवाके योदशसूािन
06.05.35 न1 (अ)ं बळाकरं- मिडतारं शततो~। ˆ इ मृळय।।
 यो न श रु ािवथा-मृो वाजसातये। स ˆ इ मृळय।।
 िकम रच ु ानािवतदे िस। कुिवि ण शकः।।
 ोदन -
 इ  णो रथमव- पाि .मिवः। परु ा देन ं मे कृ िध।।
 ु वः।।
 हो~ न ु िकमाससे- थम ो रथिध। उपम ँ वाजय
06.05.36 अवा नो वाजय ं ु रथं- सक
ु र े िकिम िर। अा ु िज यषु ृिध।।
 इ  पूरिस- भा त एित िनृ तम।् इयीर ्ऋियावती।।
 मा सीमव आ भा-गवु  काा िहत नम।् अपावृा अरयः।।
 तरु ीय ाम यि यँ- यदा कर मिस। आिद ितन ओहसे।।
ृ ो अमृताˆ अमी- देक ू दवाˆ उत या देवीः। ता उ राध कृ णतु श-ं ात म ू
 अवीवध

िधयावस ु जगात।।
 8.81 आ तू न इित नवच सू, कावः कुसीदीो गायी।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके पमाायः (वगाः1-37) Page 615


06.05.37 आ तू नˆ इ मु - ि ाभ ं सृभाय। महाही दि णने ।।
ु िम- िु वदे वु ीमघम।् तिु वमा मवोिभः।।
 िवा ि ह ा तिवकू
 निह ा शूर देवाˆ- न मतासो िदम।् भीम गाँ वारय।े ।
 एतो िं वाम-े शान ं व राजम।् न राधसा मिधषः।।
  ोष प गािसष-वाम गीयमानम।् अिभ राधसा जगु रु त।।

06.05.38 आ नो भर दि णने ा-िभ सने   मृश। इ मा नो वसो िनभाक।् ।
 उप मा भर -धृषता धृो~ जनानाम।् अदाशू र वेदः।।
 इ यˆ उ न ु ते अि- वाजो िवेिभिनः। अािभ ु तं सनिह।।

 सोजवु े वाजाˆ- अँ िवाः। वश ै म ू जरे।।।।इित पमााय माः ।।

 षाके षाायः (वगाः 1-38)


 8.82 आ  वेित नवच सू, कावः कुसीदीो गायी।।
06.06.01 आ  व परावतो-वावत वृह।् म ित भमिण।।
 तीा ोमास आ गिह- सतु ासो मादियवः। िपबा द ध ृ यथोिचष।े ।
 ा ते-रँ वराय मवे। भवु  इ शं द।े ।
 इषा म
 आ श~ वा गिह- 1ु (उ)ािन च यसे। उपम
 े रोचन
 े िदवः।।
ु य मििभ तु ो- गोिभ ीतो मदाय कम।्  सोमˆ इ यते।।
 ता
06.06.02 इ िु ध स ु मे हव.- मस
े तु  गोमतः। िव पीित ृि मिह।।

े ा- सोममषू  ु ते सतु ः। िपबेद मीिशषे।।
 यˆ इ चमस
 यो अ ु चमाइव- सोममषू  ु दश।े िपबेद मीिशषे।।
 ये येन पदाभर- िरो रजांृतम।् िपबेद मीिशषे।।
 8.83 देवानािमित नवच सू, कावः कुसीदी- िवेदवे ा- गायी- (भेदप े िवेदवे ाः 3-
अयमवणौ 1-िवेदवे ाः 5-एवं 9)
06.06.03 देवाना िमदवो मह- दावृणीमहे वयम।् वृा म मूतये।।
ु  दा- वणो िमो अयमा। वृधास चेतसः।।
 ते न  ु यज

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 616


 अित नो िविता पु - नौिभ रपो न पषथ। यूय मृत रः।।
 वामो अयम- ाम ँ वण शंम।् वाम ं ावण
ृ ीमहे।।

 वाम िह चते सˆ- ईशानासो िरशादसः। नेमािदाˆ अघ यत।।
06.06.04 वय िम दु ानवः-ि यो याो अा। देवाˆ वृधाय महे।।
 अिध न इैषाँ- िवो~ सजाानाम।् इता मतो अिना।।
ृ ं सदु ानवो-ध िता समाा। मात ु गभ भरामहे।।
  ात
 यूय ं िह ा सदु ानव-ˆ इे ा अिभवः। अधा िचˆ उत वु ।े ।
 8.84 ें व इित नवच सू, का उशना- अि- गायी।।
06.06.04 ेँ वो अितिथं- षु े िमिमव ियम।् अिं रथ वेम।।


 किव िमव चेतसँ- येवासो अध िता। िन मादधः।।
 ँ यिव दाशषु ो- नॄ पािह णधु ी िगरः। र ा त
 ोक मतु ना।।
ु ।् वराय देव मवे।।
 कया ते अे अिर-ˆ ऊज नपा पितम
 दाशेम क मनसा- य  सहसो यहो~। क वोच इद मः।।
06.06.06 अधा ं िह नरो- िवा अं सिु तीः। वाजिवणसो िगरः।।
 क नून ं परीणसो- िधयो िजिस दते। गोषाता य ते िगरः।।
ु त-ं ु परो
 तं मजय स ्
ु यावान मािजष।ु ेष ु येष ु वािजनम।।
े िे भ ाधिु भ- निकयि हि यः। अे सवु ीरˆ एधते।।
 िे त म
 8.85 आ मे हविमित नवच सूािरसः कृ ोिनौ- गायी।।
06.06.07 आ मे हव ासा-िना गत ँ यवु म।् म ोम पीतये।।
 इम ं मे ोम मिने -मं मे णतु  ं हवम।् म ोम पीतये।।
 अय ँ वाो अिना- हवत े वािजनीवसू~। म ोम पीतये।।
 णतु िरत ु हव- वु तो नरा। म ोम पीतये।।
 छिदय मदा-ँ िवाय वु त े नरा। म ोम पीतये।।
ु गृह- िमा वु त
06.06.08 गत ाशषो  ो अिना। म ोम पीतये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 617


ु ाथां रासभ ं रथे- वी
 य  े वृषवसू~। म ोम पीतये।।
 िवरु ेण िवत
ृ ा- रथेनायात मिना। म ोम पीतये।।
 नू म े िगरो नासा-िना ावत ँ यवु म।् म ोम पीतये।।
 8.86 उभा हीित पच सूािरसः कृ ोिनौ- जगती-(अ कििवक ऋिषः
पाि कः)।।
06.06.09 उभा िह दा िभषजा मयोभवु ो-भा द  वचसो बभूवथःु । ता वाँ िवको हवते

ु ोचतम।।
तनूकृथ-े मा नो िव यौ ं सा मम
 कथा नून ँ वाँ िवमनाˆ उप व -वु िय दथ ु वइये। ता वाँ िवको हवते तनूकृथ-े मा नो

ु ोचतम।।
िव यौ ं सा मम
 यवु ं िह ा पभ
ु जु  े ममेधत-ँ ु िवा े ददथ ु वइये। ता वाँ िवको हवते तनूकृथ-े मा नो िव

यौ ं सा ममु ोचतम।।
 उत ँ वीर नसा मृजीिषण- रे िच मवस े हवामहे। य ािदा समु ित िपतयु था- मा

नो िव यौ ं सा ममु ोचतम।।
 ऋतने  देव िवता शमायत -ऋत  मिु वया िव पथे। ऋत ं सासाह मिह िचृततो- मा

नो िव यौ ं सा ममु ोचतम।।
ु ो बृहो- यज
ु वािमित षडृच सूािरसः कृ ोिनौ- अयज
 8.87 ी ु तोबृहः-
ु ीक आिरसः ियमेधेभु ावृषी वैकिकौ)।।
(अ वािसो 
ु ी वां ोमो अिना- ििवन सेक आ गतम।् म तु  स िदिव ियो नरा-
06.06.10 
पातौरािवविे रण।े ।
ु  मिना-बिह ीदतरा। ता मसाना मनषु ो रोण -आ िन पात ँ वेदसा
 िपबतम मधम
वयः।।
 आ वाँ िवािभ ितिभ- ियमेधाˆ अषत। ता वित यात मपु  वृबिहषो- जँु  य ििविष।।

ु  मिना-बिह ीदतं समु त।् ता वावध
 िपबत ं सोमं मधम ु िु त िवो-
ृ ाना उप स¤

गौरािवविे रणम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 618


ु तिु भः। दा िहरयवतनी~ शभु ती~पात ं सोम
 आ नून ँ यात मिना-ेिभ िष
मृतावृधा।।
ू दा पु दस
 वय ं िह वां हवामहे िवपवो- िवासो वाजसातये। ता व~ ु ा
ं सा िधया-िना 

गतम।।
ु ो बृहो- यज
 8.88 तँ वो दिमित षडृच सू, गौतमो नोधा- इोयज ु तोबृहः—
06.06.11 तँ वो द मृतीषहँ- वसो मान मसः। अिभ व सरेष ु धेनव-ˆ इीिभ
नवामहे।।
 ोजसम।्
  ु ं सदु ान ु िवषीिभ रावृत-ििर पु भ ु ँ वाजं शितनं सहिणं- म ू गोम
म
मीमहे।।
 न ा बृहो अयो- वर इ वीळवः। यििस वु त े मावत े वस-ु निकदा िमनाित ते।।
 योािस ा शवसोत दंसना- िवा जातािभ मना। आ ाय मकˆ ऊतये ववतित-

योतमाˆ अजीजन।।
  िह िरिर ओजसा- िदवो अे िर। न ा िवाच रजˆ इ पािथव- मन ु धाँ
ववि थ।।
ु थ चोिदता- मंिहो
 निक पिरि मघव घ ते- याशषेु  दशिस। अाकं  बोच
वाजसातये।।
ु धा-िवो- बृहती-ितीया चत
े पमे
 8.89 बृहिदायेित सच सूािरसौ नृमध ु
सतोबृहौ-पमी षावनु भ
ु ौ।।
06.06.12 बृह िदाय गायत- मतो वृहमम।् येन ोित रजनय ृतावध
ृ ो- देव ेवाय
जागृिव।।
ु ाभवत।् देवा इ साय येिमरे- बृहानो~
 अपाधम दिभशी रशिहा-थेो 
मण।।
 -े मतो ाचत। वृ ं हनित वृहा शतत-ु वेण शतपवणा।।
  वˆ इाय बृहत

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 619


 अिभ  भर धृषता धृषन- विे असहृ त।् अषापो जवसा िव मातरो- हनो वृया
ः~।।

 यायथाˆ अपू- मघव ृहाय। तृिथवी मथय -दाˆ उत ाम।।

 ते य ो अजायत- तदकˆ उत हृ ितः। ति मिभभरू िस- यात ँ य जम।।

 आमास ु प मरै य-ˆ आ सूय रोहयो िदिव। घम साम पता सवृु ििभ- जु .िवणसे बृहत।।
ु ो बृहो- यज
ु धा-िवोयज
े पमे
 8.90 आ नो िवािित षडृच सूािरसौ नृमध ु
तोबृहः।।
06.06.14 आ नो िवास ु ह-ˆ इ म ु भूषत।ु उप ािण सवनािन वृहा- परमाˆ
ऋचीषमः।।
 ाता थमो राधसाम-िस स ईशानकृत।् तिु व ु ा वृणीमहे- पु  शवसो
ु  य
महः।।
ु ा। इमा जषु  हय योजन-े  या ते अमिह।।
 ा त इ िगवण- िये अनितत
 ं िह सो मघवनानतो- वृा भूिर ृसे। स ं शिव वह दाशषु -े वां रिय
माकृ िध।।
ु ा चषणीधत
 िम यशाˆ अ-ृजीषी शवसते। ँ वृािण हंती-ेकˆ इदन ृ ा।।
 तम ु ा नून मसरु चेतसं- राधो भागिमवम ु ा नो
े हे। महीव कृ ि शरणा त इ-  ते स

अव।।
 8.91 का वा िरित सच सूाेपालेोनु ु-बाे े पी।।
06.06.14 का3(आ) वारवायती- सोम मिप तु ािवदत।् अं भरवी- िदाय सनवै

ु ा।।
ा- शाय सनवै
 असौ यˆ एिष वीरको- गृहृहँ िवचाकशत।् इमसतंु िपब -धानावरिण- मपूपव

मिु नम।।
े ो~ पिर व।।
 आ चन ा िचिकामो-िध चन ा नेमिस। शनिै रव शनकैिर -वेाय
 कुिवक ुिवर- ुिवो वस रत।् कुिव ितिषो यती- िरेण समामहै।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 620


 इमािन ीिण िवपा- तानी िव रोहय। िशर तोवरा- मािददं म उपोदरे।।
 असौ च याˆ नˆ उवरा -िदमा 1(अं) मम। अथो~ तत यिर- वा ता रोमशा
कृ िध।।

 खे रथ खेनस- खे यगु  शततो~। अपाला िम िू-कृ णो ूयचम।।
् क
 8.92 पा िमित यिंशच सूािगरसतु क इो गायाानु पु -(स ु ो वा
ऋिषः)।।

06.06.15 पामा वो अस-ˆ इ मिभ  गायत। िवासाहं शतत-ं ु मंिहषणीनाम।।
 पु  ु -.ाथा1 (अं) सनतु म।् इˆ इित वीतन।।
 त ं पु त

ु महा अिभा यमत।।
 इˆ इो महाना- ाता वाजाना ृतः।
 अपा िशस -दु  होिषणः। इो िरो यवािशरः।।

 तिभ ाचत-े ं सोम पीतये। तिद वधनम।।
06.06.16 अ पीा मदाना- ेवो देवौजसा। िवािभ भवु ना भवत ्
ु ।।
 म ु व ासाहँ- िवास ु गीायतम।् आ ावयूतये।।
ु ं स मनवाणं- सोमपा मनपतु म।् नर मवायतमु ।।
 य ्
 ˆ इ रायˆ आ- पु िवा ऋचीषम। अवा न पाय धने।।
 िश ा ण
 अत ििद णˆ उपा-यािह शतवाजया। इषा सहवाजया।।
06.06.17 अयाम धीवतो िधयो-वि श गोदरे। जयेम पृ ु विवः।।
 वयम ु ा शततो~- गावो न यवस
े ा। उषे  ु रणयामिस।।
ु ामा शततो~। अग वि ाशसः।।
 िवा िह मना-नक
 े स ु पु शवसो-वृ ामकातयः। न ा िमाित िरते।।
 स नो वृष िनया- सोरया िवा। िधयािवि परु ा।।
06.06.18 ये नून ं शतत~ िव िु तमो मदः। तेन नून ं मदे मदेः~।।
 ये िचवमो- यˆ इ वृह मः। यˆ ओजोदातमो मदः।।
 िवा ि ह ये अिव- ाद  सोमपाः। िवास ु द कृ िष।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 621


 इाय मन े सतु -ं पिर ोभ ु नो िगरः। अक मच ु कारवः।।
 यि िाˆ अिध ियो- रणि स संसदः। इं सतु े हवामहे।।
06.06.19 िकुके ष ु चेतन- ेवासो य मत। तिमध ु नो िगरः।।
 आ ा िवश िव- मु िमव िसवः। न ािमाित िरते।।
 िव मिहना वृष - ं सोम जागृव।े यˆ इ जठरेष ु ते।।
 अर इ कु ये- सोमो भवत ु वृह।् अर ामˆ इवः।।
 अर माय गायित- तु क ो अरवे। अर िम धाे।।
 अरं िह ा सतु षे ण
ु - ोमेि भूषिस। अर े श दावने।।

06.06.20 पराकाा िदिव- ा  नो िगरः। अरमाम ते वयम।।
 एवा िस वीरय-ु रेवा शूरˆ उत िरः। एवा त
  े रां मनः।।
 एवा र ाित वु ीमघ- िवेिभ धािय धातिृ भः। अधा ि चिद मे सचा।।
 मो~ ष ु वे  तय-ु भवो
ु वाजानां पते। मा  सतु  गोमतः।।
 मा न इाा3(आ)िदश- ूरो अुा यम।् ा यज ्
ु ा वनमे  तत।।
ु ा वय-ं ित वु ीमिह ृधः। माक व िस।।
 येिद यज
 ािमि ायवो-ननु ोनवु त रान।् सखाय इ कारवः।।
 8.93 उेदभीित चतिु ंशच सूािरसक
ु - इोाया इभवो गायी।।

 दशमेनवाके दशसूािन
06.06.21 उेदिभ तु ामघ-ँ वृषभयापसम।् अार मेिष सूय।।

ु - िबभदे  बाोजसा। अिह वृहावधीत।।
 नव यो नवितं परो
 स नˆ इ िशव खा-ाव ोम वमत।् उधारेव दोहते।।
 यद क वृह -ु .दगाˆ अिभ सूय। सव िद ते वशे।।
 या वृ सते -न मरा इित मस।े उतो~ त िमव।।
ु रे। सवा ा इ गिस।।
06.06.22 ये सोमास परावित- ये अवावित सि

 तिमँ वाजयामिस- महे वृाय हव।े स वृषा वृषभो भवु त।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 622


ु ी ोकी स सोः।।
 इ  दामन े कृ त-ˆ ओिज मदे िहतः। 
ृ - बलो अनपतु ः। वव ऋ
 िगरा वो न संभत  ो अृतः।।
ु िध- गृणानˆ इ िगवणः।  मघवशः।।
 ग  िच ग
06.06.23 य ते नू िचदािदश- िमनि राम।् न देवो नािग ु जनः।।
 अधा त े अितुत- ेवी~ शं
ु  सपयतः। उभ~
े सिु श रोदसी।।
 ास ु रोिहणीष ु च। पीष ु श यः।।
 मेत दधारय- कृ 
 िव यदहे रध िषो- िवे देवासो अमःु । िवद ृग ता अमः।।

ृ हािद पम।् अजातश ु रृतः।।


 आ मे िनवरो भवु -
06.06.24 तु ँ वो वृह म-ं  शधषणीनाम।् आ शषु  े राधस े मह।े ।
 अया िधया च गया- पु णाम ु त
ु । योमेसोम आभवः।।
 बोिधनाˆ इद ु नो- वृह ु
 ा भूयासितः। ्
णोत ु शˆ आिशषम।।
 कया ˆ ऊा-िभ  मसे वृष।् कया ोत
ृ ˆ आ भर।।
ु ा ृषभो रणत।् वृह
 क वृषा सतु े सचा -िनय  ा सोमपीतये।।
 ी ष ु णं रियं- मसान हिणम।् या बोिध दाशषेु ।।
06.06.25 अभ
 पीव तु ाˆ इम -उशो यि वीतये। अपाि म िनच
ु ण
ु ः।।
 इाˆ होाˆ असृ त-े ँ वृधासो अरे। अा व
 भृथ मोजसा।।

 इह ा सधमाा- हरी~ िहरयके या। वोा मिभ यो िहतम।।
ु  सोमा तु ाˆ इम-े ीण बिह िवभावसो~। ोत
 तं ृ ˆ इमा वह।।
 ा- दध ा िव दाशषु ।े ोत
06.06.26 आ ते द  ँ िव रोचन ृ ˆ इ मचत।।
ु ा िवा शततो~। ोत
 आ ते दधा मीिय -म ृ ˆ इ मृळय।।
 भंभˆ आ भर-े ष मूज शततो~। यिद मृळयािस नः।।
ु तािन शततो~। यिद मृळयािस नः।।
 स नो िवाा भर- सिव

ृ हम- सतु ावो हवामहे। यिद मृळयािस नः।।


 ािम 

06.06.27 उप नो हिरिभ तु -ँ यािह मदानां पते। उप नो हिरिभ तु म।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 623



 मो- िवद इ शततःु । उप नो हिरिभ तु म।।
 िता यो वृह

 ं िह वृह ेषां- पाता सोमानामिस। उप नो हिरिभ तु म।।
 इˆ इष े ददात ु न-ˆ ऋभ ु ण मृभ ं ु रियम।् वाजी ददात ु वािजनम।।

 8.94 गौधयतीित ादशच सूािरसो िब-मतो- गायी- (पूतद ो वा ऋिषः) ।।
06.06.28 गौधयित मता- व ु माता मघोनाम।् य ्
ु ा वी रथानाम।।

 या देवाˆ उपे- ता िवे धारय।े सूयामासा श े कम।।
 तनु ो िवे अयˆ -आ सदा गृणि कारवः। मत ोमपीतये।।
 अि सोमो अय ं सतु - िपब मतः। उत राजो अिना।।
 िपबि िमो अयमा- तना पूत वणः। िषध
  जावतः।।
 उतो  जोषमाँ- इ तु  गोमतः। ात हतेव मित।।
06.06.29 कदिष सूरय- िरˆ आपइव िधः। अषि पूतद सः।।

 को अ महाना- ेवाना मवो वृण।े ना च दवचसाम।।
 आ ये िवा पािथवािन- पथ ोचना िदवः। मत ोमपीतये।।
 ा ु पूतद सो- िदवो वो मतो वे। अ सोम पीतये।।
 ा ु ये िव रोदसी- तभ ु मतो वे। अ सोम पीतये।।
  ु मातण-ििराँ वृषण ं वे। अ सोम पीतये।।

 8.95 आ ा िगर इित नवच सूािरस िरी-िरोनु पु ।।
06.06.30 आ ा िगरो रथीिरवा- ु तु षे  ु िगवणः। अिभ ा समनषू त-े  व
मातरः।।
ु ाˆ अचव
 आ ा श ु -ु तु ासˆ इ िगवणः। िपबा 1(अ)ासˆ-इ िवास ु ते

िहतम।।
 िपबा सोमं मदाय किम- येनाभृत ं सतु म।् ं िह शतीनां- पती राजा िवशामिस।।
 धु ी हव िरा-ˆ इ या सपयित। सवु ीय गोमतो- राय ूिध महा अिस।।
 इ ये नवीयसी.-िरं मा मजीजनत।् िचिकिनस िय- ा मृत िपषु ीम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 624


06.06.31 तम ु वाम यिर-ˆ इ म ृ ःु । प
ु ािन वावध ु य पा -¤िसषासो
वनामहे।।
 एतो िं वाम- शु ं शु ने  साा। श
ु ै  ै वाव
ृ ांस-ं शु आशीवा म।।

 इ शु ो नˆ आ गिह- श
ु शु ािभ ितिभः। श
ु ो रियि धारय- श
ु ो ममि सोः।।
 इ शु ो िह नो रियं- श
ु ो रािन दाशषु ।े शु ो वृािण िजसे- श
ु ो वाजं ¤िसषासिस।।

 8.96 अा इेकिवंशृच सूािरस िरी-िर तदया इामतः-पदशया
् थ
इाबृहती िुप-चत ु िवराट ् (तानो
ु वा ऋिषः)
06.06.32 अा उष ासˆ आितर याम- िमाय न मूा वु ाचः। अा आपो मातर
 त-ु नृ राय िसव पु ाराः।।
 अितिवा िवथरु ेणा िचदा- ि  सान ु संिहता िगरीणाम।् न तेवो न म तु यु ा- ािन
वृो वृषभकार।।
 इ वˆ आयसो िनिम-ˆ इ बाो भूिय मोजः। शीष ि तवो िनरेक -आस

ु ा उपाके।।
ेष 
 मे ा यि यँ यि यानां- मे ा वन मतु ानाम।् मे ा सना िम के त-ं ु मे ा
वृषभ ्
 षणीनाम।।
 आ यं बाो िर धे- मदतु  महय े हवा उ।  पवता अनव  गाव-  ाणो

अिभन  इम।।
06.06.33 तम ु वाम यˆ इमा जजान- िवा जाता वरायात।् इेण िम ििधषेम
े ।।
गीिभ –पो~ नमोिभ वृषभ ँ िवशम
 वृ ा सथा दीषमाणाˆ- िवे देवाˆ अजय  सखायः। मि िर से अ
 -थेमा
िवा पृतना जयािस।।
ु 
ृ ाना-ˆ उाइव राशयो यि यासः। उप ेम कृ िध नो भागधये -ं श
 ि िा मतो वावध
एन
 ा हिवषा िवधेम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 625


 ित म मायधु ं मता मनीक- इ ित व धष। अनायधु ासो असरु ाˆ अदेवा- ेण ता

अप वप ऋजीिष।।
 ाय तवसे सवृु िं - ेरय िशवतमाय पः। िगवाहसे िगरˆ इाय पूव- धिह त े कुिवद
 मह उ

वेदत।।
06.06.34 उवाहसे िव े मनीषा- ु णा न पार मीरया नदीनाम।् िन ृश िधया ति

तु - जु तर कुिवद वेदत।।
ु ष -िु ह सु िु तमसािववास। उप भूष जिरतमा वय -ावया
 तििवि य इो जजो

वाचिवद वेदत।।
 अव ो अंशमु ती मित -िदयान कृ 
 ो दशिभ ह ैः। आव िम शा धम- मप
ेिहती नृमणाˆ अध।।
ु  े चर- मपु रे नो अंशमु ाः। नभो न कृ  मवतिवांस -िमािम वो
  मपयँ िवषण
ु ताजौ।।
वृषणो य
 अध ो अंशमु ाˆ उपे-धारय ििषाणः। िवशो अदेवी रा3(आ)चरी-
ु 
बृहितना यज े  साह।े ।
ु ो अभव श ु िर। गू~
06.06.35 ं ह ो जायमानो-श े ावापिृ थवी~
अिवो- िवभमु ो भवु न
े ो रणाः।।
ु ावाितरो वध-ै ा इ
 ं ह .दितमान मोजो- वेण वि ृिषतो जघ। ं श
शे दिवः।।
ू रसृज भाना -मपो
ू । ं िस
 ं ह षृ भ चषणीना-नो वृाणा िवषो बभथ
अजयो दासपीः।।
 स स ु मयु  अहेव रेवान।् यˆ एक इयपांिस कता- स वृह
ु तू रिणता य तु े –न  ा
तीद माः।।
 स वृह े षणीध-ृ ं सु 
  ु ा हं वेम। स ािवता मघवा नोिधवा- स वाज व

दाता।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 626


 स वृह े ˆ ऋभ ु ा- ो ज ानो हो बभूव। कृ वपांिस नया प
  ु िण- सोमो न पीतो ह
िखः।।
 8.97 या इेित पदशच सू, कायपो रेभ- इो- बृहती-दशााः

मेणाितजगपिरा ृहो जगती िुगः।।
ु ˆ आभर- वा असरु ेः। ोतारिम घव.- वधय ये च
06.06.36 याˆ इ भज
े वृबिहषः।।
 यिम दिधष े म-ां भाग मयम।् यजमाने स
ु ित दि णावित- ति ेिह मा
पणौ।।
ु ाप मदेवयःु । ै एवै मम
 य इ सतो- न ु रु  ों रियं- सनतु धिह ततः।।
 यािस परावित- यदवावित वृह।् अता गीिभ गु िद के िशिभ- तु ावा आ
िववासित।।
 यािस रोचन े िदव- मु ािध िविप। यािथव े सदन े वृहम -यदिर  आ गिह।।
06.06.37 स न ोमेष ु सोमपा- तु षे  ु शवसते। मादय राधसा सूनतृ ाव- ते राया
परीणसा।।
 मा नˆ इ परा वृण -वा न धमाः। ˆ ऊती िमˆ आं- मा नˆ इ परा वृणक।् ।
 अ े इ सचा सतु -े िन षदा पीतये मध।ु कृ धी जिर े मघववो मह द-े इ सचा सतु ।े ।
 न ा देवासˆ आशत- न मासो अिवः। िवा जातािन शवसािभभ ू रिस- न ा देवासˆ
आशत।।
ु राजसे। ा विरँ वर आमिु र- मतु ो
ू ररं- सज ू त  ु िरजन
 िवा पृतनाˆ अिभभत

मोिज वस रिनम।।
06.06.38 सम रेभासो अर -िं सोम पीतये। पितँ यद वृध े धृततो- ोजसा
समूितिभः।।
 नेिममि च सा- मेष ँ िवाˆ अिभरा। सदु ीतयो वो अुहो-िप कण तरिन मृिभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके षाायः (वगाः 1-38) Page 627


 तिमोहवीिम मघवान मु -ं सा दधान मितुतं शवांिस। मंिहो गीिभ रा च यि यो-
ववत ाय े नो िवा- सपु था कृ णोत ु वी।।
 ं परु ˆ इ िचिकदेना ोजसा- शिव श नाशय।ै िािन भवु नािन वि- ावा रेजते ~

पृिथवी~ च भीषा।।
 त ऋत िम शूर िच पा-पो न वि िरताित पिष भूिर। कदा नˆ इ रायˆ आ

दशे- िव ृहया राज।।।। इित षााय माः।।

 षाके समाायः (वगाः 1-39)


े - इ- उिक-् समी दशेकादयः
 8.97 इाय सामेित ादशच सूािरसो नृमध
ककुभो नवे परउिहौ।।

 े बृहत।् धमकृते िवपिते पनवे।।
06.07.01 इाय साम गायत- िवाय बृहत
 िमािभभ ू रिस- ं सूय मरोचयः। िवकमा िवदेवो महा अिस।।
 िवाज ोितषा 1(अ)-रगो रोचन िवः। देवा इ साय येिमरे।।
 ए नो गिध िय- ािज दगोः। िगिर न िवत ृथु पित िदवः।।
े बभथ
 अिभ िह स सोमपा- उभ~ ु तो वृध पित िदवः।।
ू  रोदसी। इािस स
 ं िह शतीना -िम दता परु ा मिस। हा दो मनो वृध पित िदवः।।
ृ हे। उदवे  यˆ उदिभः।।
06.07.02 अधा ही िगवण-ˆ उप ा कामा ह स
ृ ांस.िदिवो िदविे दव।े ।
 वाणा यािभ- वधि शूर ािण। वाव
ु ि हरी~ इिषर गाथ-योरौ रथ उयग
 य ु ।े इवाहा वचोयज
ु ा।।

 ˆ इा भरँ ओजो- नृं शततो~ िवचषणे। आ वीरं पृतनाषहम।।
ु मीमहे।।
 ं िह न िपता वसो~- ं माता शततो~ बभिू वथ। अधा ते स

 ां शिु  ु त वाजय- मपु  वु े शततो~। स नो रा सवु ीयम।।
ु ो बृहो- यज
े - इोयज
 8.99 ािमदेच सूािरसो नृमध ु तोबृहः।।
06.07.03 ािमदा ो नरो-पी ि ूणयः। स इ ोमवाहसा िमह -ु पु
सरम
 ा गिह।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 628


 मा स ु
 िश हिरव दीमहे- े आ भूषि वेधसः। तव वांपु मा.
ु ा- सतु िे 
िगवणः।।
 ायइव सूय- िवे िद भ त। वसूिन जात े जनमान ओजसा- ित भाग दीिधम।।
ु भाˆ इ रातयः। सो अ कामँ िवधतो न रोषित- मनो दानाय
 अनशराितँ वसदु ा मपु  िह-

चोदय।।
 िम तूित-िभ िवाˆ अिस ृधः। अशिहा जिनता िवतू रिस- ूय ततः।।
 अन ु ते श
ु रु य मीयतःु - ोणी~ िशश
ु मातरा। िवा े ृध थय मवे- वृ ँ
यिद तूविस।।
 इतˆ ऊती वो अजरं- हेतार मिहतम।् आशे
ु तारं हेतारं रथीतम- मतूत  ु ावध ्
ृ म।।
 इतार मिनृतं सहृतं- शतमूितं शततमु ।् समान िम मवस े हवामहे- वसवानँ

वसूजवु म।।
 8.100 अय इित ादशच सू, भागवो नेम ऋिषः-अय इित योिरऋिषः-इो

देवता-मनोजवा इा पु ण देवता-समेु इा वं-या वदीित योवा देवता िुप-षी
जगती साािोनु भ
ु ः।।
06.07.04 अय एिम ता परु ा -िे देवाˆ अिभ मा यि पात।् यदा म ीधरो
भागिमा-िदया कृ णवो वीयािण।।
 दधािम ते मधनु ो भ मे- िहते भाग तु ो अ ु सोमः। अस  ि णत खा -मेधा
व
ृ ािण जनाव भूिर।।
  स ु ोमं भरत वाजय-ˆ इाय स ं यिद स मि। नेो अीित नेमˆ उ ˆ आह- कˆ
ईदश कमिभ वाम।।
 अय मि जिरत पय मेह- िवा जाता ि मा। ऋत मा िदशो वधय ा-
दिदरो भवु ना ददरीिम।।
 आ या वेनाˆ अह तु ँ- एक मासीन ं हयत पृ।े मनिे दˆ आ वोच –
ु  खायः।।
दिचदि छशम

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके समाायः (वगाः 1-39) Page 629


 िवेा ते सवनषे ु वाा- या चकथ मघव ि स
ु त।े पारावतँ यु संभत
ृ ँ व-पावृणो
शरभाय ऋिषबवे।।
06.07.05  नून ावता पृथ-ेह यो वो अवावरीत।् िनष वृ ममिण- विमो

अपीपतत।।
 मनोजवाˆ अयमान-ˆ आयसी मतर रु म।् िदवं सपु ण गाय- सोमँ विण आभरत।।


 समु े अ~ शयत -उा वो अभीवृतः। भर ै सँयत- परु  वणाˆ बिलम।।
 या वद िवचेतनािन- राी देवाना िषसाद मा। चतˆ ऊज हे पयांिस- 
िदा परमगाम।।
 देव वाच मजनय देवा- ाँ िवपा पशवो वदि। सा नो मेष मूज हाना- धेन ु
वागा नपु स¤
ु त
ु ैत।ु ।
 सखे िवो िवतरँ िव म- ौ दिह लोकँ वाय िवभे। हनाव वृ ं िरणचाव िस-ू िन
य ु सव े िवसृाः।।
 8.101 ऋधिगेित षोळशच सू, भागवो जमदिऋिष-िमावणौ देवते-पा
िमावणािदा देवताः-षा आिदाः-सोरिनौ-नवमी दशोवायरु क
े ादशी-

ादयोूय-योदया उषा-तदयाःपवमान-तो योग-बृहती-ितीया चतथु  ष
तोबृहः-तृतीया गाय-ाििभ
ु ः।।
06.07.06 ऋधिगा स म- शशम े देवतातये। यो नून ं िमावणा वि भय आचे
हदातये।।
ु मा। ता बाता न दंसना रथयत -ाकं सूय
 विष ा उच सा नरा- राजाना दीघ
रिमिभः।।
  यो वां िमावणा-िजरो तो अवत।् अयशीषा मदेरघः।।

ृ े न पनु हवीतवे- न सँवादाय रमत।े ताो अ समृत े तं- बाा
 न य ंप

उतम।।
  िमाय ाय े सच  1(अँ) वण े छँ वच- ो ं राजस ु गायत।।
  मृतावसो~। व

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 630


ॄ ाम।् ते धामा मत
06.07.07 ते िहिरे अणे ँ वे-कं  पु िसण ृ ा माना- मदाˆ
अिभ च ते।।
ु ता- मु मािन का। उभा यात ासा सजोषसा- ित हािन वीतये।।
 आ मे वचां
 राितँ या मर सं हवामहे- यवु ााँ वािजनीवसू~। ाच होां ितरा िवतरा- गृणाना
जमदिना।।
ृ -ँ वायो~ यािह समु िभः। अ~ पिव उपिर ीणानो3(ओ)-यं श
 आ नो य ििवश ु ो
अयािम ते।।
 वेयु पिथभी रिजै - ित हािन वीतये। अधा ि नय
ु ˆ उभय न िपब- शिचं
ु 

सोमवािशरम।।
06.07.08 बमहा अिस सूय- बळािद महा अिस। महे सतो मिहमा पनते-ा देव
महा अिस।।
 बय वसा महा अिस- सा देव महा अिस। मा देवाना मसयु  परु ोिहतो- िवभ ु ोित

रदाम।।
 इय ँ या नीिक णी- पा रोिहया कृ ता। िचवे  दयाय1 (अ)- दशस ु बाष।ु ।
 जाˆ ह ितो अाय मीय-ु 1(अ)ाˆ अक मिभतो िविवे। बृह तौ भवु न े ~ -
े ।।
पवमानो हिरतˆ आ िववश
 माता ाणा िहता वसूनां- सािदाना ममत   नािभः।  न ु वोचििकतषु  े जनाय- मा गा
ृ 
मनागा मिदितँ विध।।
 वचोिवदँ वाच मदु ीरय- िवािभ धिभ पि तमानाम।् देवी ेव
े  पययषु ीा ममाव
ृ 
म दचेताः।।
 8.102 म इित ािवंशृच सू, भागवः योगोि-गायी- अिूे एत ऋषयो
ु गृहपित यिवौ-अनयोरतरो वा।।
िवके-बाहोिःपावकः-या सहसः- पौ
ु ।।
06.07.09 म े बृह यो- दधािस देव दाशषेु । किव गृहपित यवा
ु । िचिक िभान~वा वह।।
 स नˆ ईळानया सह- देवा अ े ववा

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके समाायः (वगाः 1-39) Page 631


ु ा वय-ोिदने यिव। अिभो वाजसातये।।
 या ह िज

ृ वु िच- मवानव दा व।े अिं समु वाससम।।
 औवभग

 व े वातनिवं- पजं सहः। अिं समु वाससम।।

06.07.10 आ सव ं सिवत ु यथा- भगवे भिु जं व।े अिं समु वाससम।।
ु तमम।् अा न
 अिँ वो वृध- मराणां प  े सहते।।
 अय ँ यथा न आभवु - ा पवे  ता। अ ा यशतः।।

 अय ँ िवाˆ अिभ ियो-ि दवषे  ु पते। आ वाज ै प नो गमत।।
 िवेषा िमह िु ह- होतॄणाँ यशमम।् अिँ य षे  ु पूम।।

ु मः।।
06.07.11 शीरं पावकशोिचष-ेो यो दमेा। दीदाय दीघ
 तमव सानिस-ृणीिह िव शिु णम।् िम यातयनम।।


 उप ा जामयो िगरो- देिदशती हिवृतः। वायो रनीके अिर।।
 य िधा वृत-ं बिह ा वसिनम।् आप ि.ि दधा पदम।।


 पद ेव मीषो-नाधृ ािभ ितिभः। भा सूयइवोपक।।
06.07.12 अे घृत धीितिभ- ेपानो देव शोिचषा। आ देवा ि  यि  च।।

 ताजन मातर- किव ेवासो अिरः। हवाह ममम।।
 चेतसा कव-े े त ँ वरेयम।् हवाह ि षेिदरे।।
 निह मे अा- न िधित वनित। अथतै ा.रािम ते।।
 यद े कािन कािन िचदा-ते दािण दिस। ता जषु  यिव।।

 यदपु िजिका- यो अितसपित। सव द ु ते घृतम।।
 अि िमानो मनसा- िधयं सचेत मः। अि मीध े िवविभः।।

 8.103 अदशित चतदशच  सू, काव ोभिर-रि-राया अामतो बृहती-
ु तोबृहोािद यज
पमीिवरापा- सायज ु ः मेण ककु सीयसी- ककुबनु भ
ु ः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 632


ु उपो~ ष ु जात माय वधन-
06.07.14 अदिश गातिु वमो- यि ता ादधः।
मि  नो िगरः।।
 मना। अन ु मातरं पृिथव िव वावत
  दैवोदासो अि- दवा अा न ृ -े तौ नाक
सानिव।।
 या ेज कृ य-कृािन कृ वतः। सह
 स
 ां मेधसातािवव ना-ि ीिभ पयत।।
  यं राय े िननीषिस- मत ये वसो~ दाशत।् स वीर े अ उशंिसन- ना

सहपोिषणम।।

 स े िचदिभ तृणि वाज मवता- स ध े अि ित वः। े देवा सदा पवसो ~ -िवा
वामािन धीमिह।।
06.07.14 यो िवा दयत े वस-ु होता मो जनानाम।् मधोन पाा थमा-ै  ोमा
यये।।
 अ गीभ र ं सदु ानवो- ममृे देवयवः। उभ~
े तोके~ तनय े द िवपते -पिष राधो

मघोनाम।।
  मंिहाय गायत -ऋताे बृहत े श ु
ु शोिचषे। उपतासो अये।।
ु ातः। कुिवो अ समु ित नवीय-ा
 आ वंसते मघवा वीरव श- िमो 

वाजेिभ रागमत।।
ु ासावाितिथम।् अिं रथानाँ यमम।।
 ेम ु ियाणां-  ्
06.07.15 उिदता यो िनिदता वेिदता- वा यि यो ववतित। ¤रा य वण े नोमयो- िधया
वाजं िसषासतः।।
 मा नो णीता मितिथ वस-ु रि पु श एषः। य हु ोता रः।।
 मो~ ते िरष े अोििभ वसो~-े के िभ िदवे ःै । कीिर िि ामीे ाय- रातह
रः।।
ु िु तं- मादय णरे।।।। इमं
 आे यािह मखा- ेिभ ोमपीतये। सोभया उप स¤

मडलम समाम ् िवेराय नमः.....
।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके समाायः (वगाः 1-39) Page 633


् अथ पवमानम।।
 नवमं मडलम।। ्

 पावमाने नवमे मडले सानवाकाः-त ु
थमेनवाके ु
चतिवशित सूािन
ु ाः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.01 ािदयेित दशच सू, वैािमो मध
06.07.16 ािदया मिदया- पव सोम धारया। इाय पातव े सतु ः।।
 र ोहा िवचषिण- रिभ योिन मयोहतम।् ुणा सध मासदत।।


 विरवोधातमो भव- मंिहो वृह मः। पिष राधो मघोनाम।।
 अष महाना- ेवानाँ वीितमसा। अिभ वाज मतु वः।।
 ामा चरामिस- तिददथ िविे दव।े इो~ े नˆ आशसः।।
06.07.17 पनु ाित ते पिरतंु - सोमं सूय िहता। वारेण शता तना।।
 तमी मवी मय आ- गृि योषणो दश। सार पाय िदिव।।
ु - धमि बाकुर ितम।् िधात ु वारण ं मध।ु ।
 तम िह वो
 अभी3( ई)म मा-ˆ उत ीणि धेनव िशशमु ।् सोम िमाय पातव।े ।
 अ े िदो मदेा- िवा वृािण िजते। शूरो मघा च मंहते।।
 9.02 पवेित दशच सू, कावो मेधाितिथः- पवमान-ोमो-गायी।।
06.07.18 पव देववी रित- पिवं सोम रंा। इ िमो~ वृषा िवश।।
ु वमः। आ योिन णिस दः।।
े ो~ 
 आ व मिह रो- वृष
 अध ु त िय ं मध-ु धारा सतु  वेधसः। अपो विस स
ु तःु ।।
 महा ा मही रा-पो अषि िसवः। योिभ वासियसे।।।
 समु ो अ ु मामज
ृ -े िवो धणो िदवः। सोम पिवे अयःु ।।
 रोचते।।
06.07.19 अिचद षृ ा हिर- महा िो न दशतः। सं सूयण
ु । यािभ मदाय श
 िगर इ~ ओजसा- ममृे अपवः ु स।े ।
 ता मदाय घृय- उ लोककृ  ु मीमहे। तव शयो महीः।।
 अ िम~ िवय-ु म पव धारया। पजो वृिमाइव।।
 गोषा इो~ नृषाˆ अ-साˆ वाजस
 ाˆ उत। आा य  पूः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 634


 9.03 एष देव इित दशच सूाजीगित शनु शेप- कृ िमो वैािमो देवरातः-
पवमान-ोमो-गायी।।

06.07.20 एष देवो अम- पणवीिरव दीयित। अिभ ोणा ासदम।।
 एष देवो िवपा कृ त
 ो-ित रांिस धावित। पवमानो अदाः।।
ु - पवमान ऋतायिु भः। हिर वाजाय मृते।।
 एष देवो िवपिभ
 एष िवािन वाया- शूरो यिव सिभः। पवमान ¤िषासित।।

 एष देवो रथयित- पवमानो दशित। आिवृ णोित व वनमु ।।
06.07.21 एष िव ै रिभुतो-पो देवो िव गाहते। दध ािन दाशषेु ।।।

 एष िदवँ िव धावित- ितरो रजांिस धारया। पवमान किनदत।।
 एष िदवँ ासर -िरो रजांृतः। पवमान रः।।
े  तु ः। हिर पिवे अषित।।
 एष ने  जना- देवो देव
 एष उ  पु तो- ज ानो जनय िषः। धारया पवते सतु ः।।
 9.04 सना चेित दशच सूािरसो िहरयूपः-पवमान-ोमो-गायी।।
06.07.22 सना च सोम जेिष च- पवमान मिह वः। अथा नो वसृ िध।।
 सना ोित ना 1(अ)-िवा च सोम सौभगा। अथा नो वसृ िध।।
 सना द  मतु त-ु मप सोम मृधो जिह। अथा नो वस ृ िध।।
ु तन- सोम िमाय पातव।े अथा नो वस ृ िध।।
 पवीतार पनी
 ं सूय  नˆ आ भज- तव ा तवोितिभः।अथा नो वस ृ िध ।।
06.07.23 तव ा तवो ितिभ –जयेम सूयम।् अथा नो वस ृ िध।।
 अष ायधु - सोम िबहस ं रियम।् अथा नो वस ृ िध।।
 अ1(अ)षानपतु ो- रियं सम ु सासिहः। अथा नो वस ृ िध।।
 ाँ य ै रवीवृध- वमान िवधमिण। अथा नो वस ृ िध।।
 रिय ि मिन- िमो~ िवाय ु मा भर। अथा नो वस ृ िध।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके समाायः (वगाः 1-39) Page 635


े -नूनपा-िदळो- बिह-दवीार-
 9.05 सिम इेकादशच सू, कायपोिसतः-मेण
उषासाना- दैौ होतारौ- ितो दे रतीळा भार-ा वनित-ाहाकृ तयो- गायी-
अातोनु भ
ु ः- (इत आर िवंशित सूेष ु कायपो देवलोिसतेन सह िवकते)।।

06.07.24 सिमो िवतित- पवमानो िव राजित। ीण ृषा किनदत।।

े  रारजत।।
 तनूनपा वमान- े ~ िशशानो अषित। अिर ण
 ईळे पवमानो- रियिव राजित मु ान।् मधो धारािभ रोजसा।।
 बिह ाचीन मोजसा- पवमान ृणिरः। देवषे  ु देव ईयते।।
ु ुताः।।
 उदातै िजहते बृह- ारो देवी िहरययीः। पवमानेन स¤
06.07.25 सिु श~
े बृहत े ।।
 ी~ मही~- पवमानो वृषयित। नोषासा न दशत~
 उभा देवा नृच सा- होतारा दैा वे। पवमानˆ इो वृषा।।
 भारती पवमान- सरतीळा मही। इमो य मा गम- िो देवी पु श
े सः।।
 ार मजा.ोपां- परु ोयावान माव।े इिरो वृषा हिर- पवमान जापितः।।

 वनितं पवमान- मा समि धारया। सहवं हिरत-ं ाजमानं िहरययम।।
 िवे देवा ाहाकृितं- पवमाना गत। वाय ु बृहित ूय-ि िर जोषसः।।
 9.06 मयेित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.07.26 मया सोम धारया- वृषा पव देवयःु । अो वारेयःु ।।
 अिभ ं मं मद- िम ~िवˆ इित र। अिभ वािजनो अवतः।।
ु नो अष पिव आ। अिभ वाज मतु वः।।
 अिभ ं पू मदं- सवा
 अन ु ासˆ इव-ˆ आपो न वता सर।् पनु ानाˆ इ माशत।।

 यमिमव वािजनं- मृजि योषणो दश। वने ीळ मिवम।।
06.07.27 तोिभ वृषण ं रसं- मदाय देववीतये। सतु ं भराय सं सृज।।

 देवो देवाय धारय-े ाय पवते सतु ः। पयो यद पीपयत।।

ु ण पवते सतु ः। ि पाित काम।।
 आा य  रंा- ¤सा
 -ु मदं मिद वीतये। गहा
 एवा पनु ानˆ इय ु िचिधषे िगरः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 636


 9.07 असृिमित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो-गायी।।

06.07.28 असृ िमव पथा- धमतृ  सिु यः। िवदानाˆ अ योजनम।।
  धारा मो अियो- मही रपो िव गाहते। हिव हिव ु वः।।
ु ो वाचो अियो- वृषाव चद न।े सािभ सो अरः।।
  यज
 पिर याा किव- नृा वसानो अषित। वाजी िसषासित।।
 पवमानो अिभ ृधो- िवशो राजेव सीदित। यदीमृ वि वेधसः।।
06.07.29 अो वारे पिर ियो- हिर वनेष ु सीदित। रेभो वनते
ु मती।।
 स वाय ु िम मिना- साकं मदेन गित। रणा य
 ो अ धमिभः।
 आ िमावणा भगं- म पव ऊमयः। िवदानाˆ अ शिभः।।

 अं रोदसी~ रियं- मो वाज सातये। वो वसूिन सितम।।
 9.08 एते सोमा इित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.07.30 एत े सोमाˆ अिभ िय-.िम कामम र।् वधो अ वीयम।।


 पनु ानास मूषदो- गो वाय ु मिना। ते नो धा ु सवु ीयम।।

ु नो हािद चोदय। ऋत योिन मासदम।।
 इ सोम राधस-े पना
 मृजि ा दश ि पो- िहि स धीतयः। अन ु िवाˆ अमािदषः।।

े ा मदाय कं -सृजान मित मेः। सोिभ वासयामिस।।
 देव
06.07.31 पनु ान कलशेा- वायषो हिरः। पिर गात।।
 मघोनˆ आ पव नो- जिह िवाˆ अप िषः। इो~ सखाय मािवश।।
ु ं पृिथाˆ अिध। सहो न ोम पृ ु धाः।।
 वृि िव पिर व- 
 नृच सा वय- िमपीतं िवदम।् भ ीमिह जा िमषम।।

 9.09 पिर ियेित नवच सू, कायपोिसत-पवमान-ोमो- गायी।।
06.07.32 पिर िया िदव किव- वयांिस नोिहतः। सवु ानो याित किवतःु ।।
ु अुहे। वीष चिनया।।
  याय पस-े जनाय जो
 स सून ु मातरा शिच े अरोचयत।् महा ही~ ऋतावध
ु - जातो जात~ ृ ा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके समाायः (वगाः 1-39) Page 637


ृ ःु ।।
 स स धीितिभ िहतो- नो अिज दुहः। याˆ एक मि  वावध
 ताˆ अिभ स मृत-ं महे यवु ान मा दधः।
ु इ िम तव त।े ।

06.07.33 अिभ वि रम-  पयित वाविहः। ििव दवी रतपयत।।
 अवा केष ु न पमु - मांिस सोम योा। तािन पनान
ु जनः।।
 नू नस े नवीयसे- सूाय साधया पथ
 ः। व
 ोचया चः।।
 पवमान मिह वो- गामं रािस वीरवत।् सना म े ां सना 
 ध  ः~।।
 9.10  ानास इित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।

 ा-वो न ववः। सोमासो राय े अमः।।
06.07.34  ानासो रथाइव
 िहानासो रथाइव- दधिरे गभोः। भरास कािरणािमव।।
 राजानो न शििभ- ोमासो गोिभ रते। य ो न स धातिृ भः।।
ु नासˆ इवो- मदाय बहणा िगरा। सतु ाˆ अषि धारया।।
 पिर सवा
 आपानासो िववतो- जनˆ उषसो भगम।् सूराˆ अवँ िव तते।।
06.07.35 अप ारा मतीनां- ाˆ ऋवि कारवः। वृो हरस आयवः।।
 समीचीनासˆ आसते- होतार जामयः। पद मेक िपतः।।
 नाभा नािभˆ आ दद-े च िु  ूय  सचा। कव े रप माह।े ।
ु िहतम।् सूर पयित च सा।।
ु गहा
 अिभ िया िदवद- मयिभ
 9.11 उपाा इित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
े व।े अिभ देवा इय ते।।
06.07.36 उपा ै गायता नर- पवमानाय
 अिभ ते मधनु ा पयो-थवाणो अिशयःु । देव ेवाय देवय।ु ।
 स न पव शवे- शनाय शमवत।े शं राज ोषधीः।।
 बवे न ु तवसे-णाय िदिवश
ृ ।े सोमाय गाथ मचत।।
ु िभ रििभ- तु ं सोमं पनीतन।
 हते ु  ा धावता मध।ु ।
मधाव
06.07.37 नमसे प सीदत- द े दिभ ीणीतन। इ िमे दधातन।।
 अिमह े ो अनकाम
 ा िवचषिण- पव सोम शवे। देव ्
ु कृत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 638


 इाय सोम पातव-े मदाय पिर िषसे। मनि  नसितः।।
ु ा।।
 पवमान सवु ीय- रियं सोम िररीिह नः। इ~ िवेण नो यज
 9.12 सोमा असृिमित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
ु माः।।
06.07.38 सोमाˆ असृ िमव- तु ाˆ ऋत सादन।े इाय मधम
 अिभ िवाˆ अनूषत- गावो व मातरः। इं सोम पीतये।।
ु िे त सादन-े िसो मा िवपित।् सोमो गौरी~ अिध ितः।।
 मद
ु तु किवः।।
 िदवो नाभा िवच णो-ो वारे महीयते। सोमो य 
 य ोम कलशेाँ- अ~ पिव आिहतः। तिम पिर षजे।।

ु तु म।।
06.07.39  वाच िम िरित- समु ािध िविप। िजोशं मध
 िनोो वनित- धना म~ बघः। िहानो मानषु ा यगु ा।।
 अिभ िया िदवदा- सोमो िहानो अषित। िव धारया किवः।।
 आ पवमान धारय- रियं सहवचसम।् अ े इो~ ाभवु म।।।।
् इित समााय
माः।।

 षाके अमाायः (वगाः 1-33)


ु इित नवच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.13 सोमः पनान
ु नो अषित- सहधारो अिवः। वायो िर िनृ त
06.08.01 सोम पना ्
 म।।
ु ाण ेववीतये।।
 पवमान मववो- िव मिभ  गायत। ¤स
 पव े वाजसातये- सोमा हपाजसः। गृणाना देववीतये।।

ु िदो~ सवु ीयम।।
 उत नो वाजसातये- पव बृहतीिरषः। म
 ते न हिणं रियं- पवामा सवु ीयम।् सवु ानाˆ देवासˆ इवः।।
06.08.02 अाˆ िहयानाˆ न हेतिृ भ- रसृ ँ वाजसातये। िव वार म माशवः।।
 वााˆ अषीवो-िभ व धेनवः। दधिरे गभोः।।
 जु ˆ इाय मर- पवमान किनदत।् िवाˆ अप िषो जिह।।
 अप
 ो अरा- पवमाना शः। योना वत
ृ  सीदत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके अमाायः (वगाः 1-33) Page 639


 9.14 पिर ेच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.03 पिर ािसद िव- िो मा विध ितः। कारं िब ु हृ म।।

 िगरा यदी सबव- प ाताˆ अपवः। पिरृवि धणिसम।।
 आद शिु णो रसे- िवे देवा अमत। यदी गोिभ वसायते।।
ु ा।।
 िनिरणानो िव धावित- जह यािण ताा। अा सिते यज
ु ो न मामज
 नीिभय िववत- श ृ े यवा ्
ु । गा कृ वानो न िनिणजम।।
 ता- गा िजगाा। व ु िमयित यँ िवद।े ।
06.08.04 अित िती ितर
 अिभ ि प म मत- मजयी िरषितम।् पृा गृत वािजनः।।
 पिर िदािन ममृश- िािन सोम पािथवा। वसूिन यायःु ।।
 9.15 एष िधयेच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.05 एष िधया याा- शूरो रथेिभ राशिु भः। गि िनृ तम।।
ु िधयायते- बृहत े देवतातये। या मृतास आसत।े ।
 एष प
ु ावता पथा। यदी त
 एष िहतो िव नीयते-~ श ु ि भूणयः।।
 एष ािण दोधवु - िशीत े यूो3(ओ) वृषा। नृा दधानˆ ओजसा।।
ु िे भ रंशिभः
 एष ििभ रीयते- वाजी श ्
ु । पित िनू ां भव।।
 एष वसूिन िपना- पषा यियवा अित। अव शादेष ु गित।।
 एत ं मृजि म- मपु  ोणेायवः। चाण ं महीिरषः।।

 एतम ु श ि पो- मृजि स धीतयः। ायधु ं मिदमम।।
 9.16  ते सोतार इच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.06  ते सोतार ओयो3(ओ)- रसं मदाय घृय।े सग न तते शः।।
 ा द  र- मपो वसान मसा। गोषा मवेष ु सिम।।
 अन म ु रं- सोमं पिव आ सृज। पनु ीहीाय पातव।े ।

  पनु ान चेतसा- सोम पिवे अषित। ा सध मासदत।।
  ा नमोिभ िरव-ˆ इ सोमाˆ असृ त। महे भराय कािरणः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 640


 पनु ानो प े अये- िवाˆ अषिभ ियः। शूरो न गोष ु ितित।।
 िदवो न सान ु िपषु ी- धारा सतु  वेधसः। वृथा पिवे अषित।।
ु नˆ आयषु ।ु अो वारँ िव धाविस।।
 ं सोम िवपित-ना पना
 9.17  िनेनवे 
े च सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.07  िनने वे  िसवो- ो वृािण भूणयः। सोमाˆ असृमाशवः।।

 अिभ सवु ानासˆ इवो- वृय पृिथवीिमव। इं सोमासो अ र।।
 अूिम मरो मद- ोम पिवे अषित। िव  ांिस देवयःु ।।
 आ कलशेष ु धावित- पिवे पिर िषते। उ ै य षे  ु वधते।।
 अित ी सोम रोचना- रोह ाजसे िदवम।् इ ूय.चोदयः।।

 अिभ िवाˆ अनूषत- मूध   कारवः। दधाना  िस ियम।।
 तम ु ा वािजनरो- धीिभ िवाˆ अववः। मृजि देवतातये।।
 मधो धारा मन ु र- ती ध मासदः। चार ्ऋताय पीतये।।
ु इित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.18 पिर सवान
ु नो िगिरा- पिवे सोमो अ ाः~। मदेष ु सवधाˆ अिस।।
06.08.08 पिर सवा
 ं िविव- मध ु  जात मसः। मदेष ु सवधाˆ अिस।।
 तव िवे सजोषसो- देवास पीित माशत। मदेष ु सवधाˆ अिस।।
 आ यो िवािन वाया- वसूिन हयोदध।े मदेष ु सवधाˆ अिस।।
े रोदसी मही~- सं मातरेव दोहत।े मदेष ु सवधाˆ अिस।।
 य इम~
े - सो वाजेिभ रषित। मदेष ु सवधाˆ अिस।।
 पिर यो रोदसी उभ~
ु ी कलशेा- पनु ानो अिचदत।् मदेष ु सवधाˆ अिस।।
 स श
 9.19 योमेित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
ु - ि ं पािथव ँ वस।ु त पना
06.08.09 योम िच म ु नˆ आ भर।।
 यवु ं िह  पती- इ सोम गोपती~। ईशाना िपत.ियः।।

ु नˆ आयषु -ु नयिध बिहिष। हिर ोिन मासदत।।
 वृषा पना

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके अमाायः (वगाः 1-33) Page 641


 अवावश धीतयो- वृषभ
 ािध रेतिस। सूनो व मातरः।।
ु नो गभ मादधत।् याˆ श
 कुिव षृ यी- पना ु हत
 े पयः।।

 उप िश ापतषु ो- िभयस.माधेिह शषु ।ु पवमान िवदा रियम।।
ु  िवयिर। रे वा सतो अि वा।।
 िन शो ोम वृ-ि श
 9.20  किविरित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
 -े ो वारेिभ रषित। साा िाˆ अिभ ृधः।।
06.08.10  किव दववीतय
 स िहा जिरत ्
ृ  आ- वाजोम िमित। पवमान हिणम।।
 पिर िवािन चेतसा- मृशसे पवस े मती। स न ोम वो िवदः।।
 अष बृहशो- मघवो वु ं रियम।् इषं ोत
ृ ˆ आ भर।।
 ं राजेव सु तो- िगर ोमािवविे शथ। पनु ानो वे अत
ु ।।
 स वि र ु रो- मृमानो गभोः। सोम मषू  ु सीदित।।

 ीळु मखो न मंहयु - पिवं सोम गिस। दध ो े सवु ीयम।।
 9.21 एते धावीित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.11 एत े धाव
 ीव- ोमाˆ इाय घृयः। मर ास िवदः।।
ु - 
 वृ वो अिभयज ु य े विरवोिवदः। य ं ो े वयृतः।।
े  िमत।् िसो मा  र।।
 वृथा ीळˆ इव- ध.मक ्
 एत े िवािन वाया- पवमानासˆ आशत। िहताˆ न सयो रथे।।
 ने .मािदशे। यो अ मरावा।।
 आि िश िमवो- दधाता व
 ऋभनु रव- धाता केत मािदशे। श
ु ा पव मणसा।।

 एत उ े अवीवश- ााँ वािजनो अत। सत ासािवष ु मितम।।
 9.22 एते सोमास इित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
 े सोमासˆ आशवो- रथाइव  वािजनः। सगा ृा अहषे त।।
06.08.12 एत
 एत े वाताइवोरव- पजवे वृयः। अिे रव मा वृथा।।
 एत े पूताˆ िवपि त- ोमासो दािशरः। िवपा ानश ु िधयः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 642


ु इय  पथो रजः।।
 एत े मृाˆ अमा- सृवांसो न शमः।
 एत े पृािन रोदसो- िवयो ानशःु । उतदे म
ु म ं रजः।।
 त ु ान म
ु म
 - मन ु वतˆ आशत। उतदे म ्
ु माम।।
 ं सोम पिणˆ आ- वस ु गािन धारयः। तत  ु मिचदः।।
 9.23 सोमा असृिमित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.13 सोमाˆ असृ माशवो- मधो मद धारया। अिभ िवािन काा।।

 अन ु ासˆ आयव- पदवीयो अमःु । च े जन सूयम।।
 आ पवमान नो भरा-य अदाशषु ो गयम।् कृ िध जावती िरषः।।
 अिभ सोमासˆ आयव- पव े मं मदम।् अिभ कोशं मध ्
ु तु म।।
 सोमो अषित धणिस- दधानˆ इिय ं रसम।् सवु ीरो अिभशिपाः।।
े  धमाः। इो~ वाजं िसषासिस।।
 इाय सोम पवसे- देव

 अ पीा मदाना- िमो वृायित। जघान जघन न।।
 9.24  सोमास इित सच सू, कायपोिसतः-पवमान-ोमो- गायी।।

 ितीयेनवाके षिं शूािन।।
06.08.14  सोमासो अधिषु - पवमानासˆ इवः। ीणानाˆ अ ु मृत।।
 अिभ गावो अधिष-ु रापो न वता यतीः। पनु ान
 ाˆ इ माशत।।
  पवमान धिस- सोमेाय पातव।े नृिभयतो िव नीयसे।।
 ं सोम नृमादन- पव चषणीसहे। सि य अनमु ाः।।
 इो~ यदििभ तु - पिवं पिरधाविस। अर.िम धाे।।
 पव वृहमो-ेिभ रनमु ाः। शिु च पावको अत
ु ः।।
ु  पावक उते- सोम तु  मः। देवावी रघशंसहा।।
 शिच
 9.25 पवेित षडृच सूागो ळतु ः-पवमान-ोमो- गायी।।
े  पीतये हरे। मो वायवे मदः।।
06.08.15 पव द साधनो- देव
 पवमान िधया िहतो3(ओ)-िभ योिनिनदत।् धमणा वायमु ा िवश।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके अमाायः (वगाः 1-33) Page 643


 सेव ै शोभते वृषा- किवयनाविध ियः। वृह ा देववीतमः।।
 िवा पायािवश- नु ानो याित हयतः। यामृतास आसत।े ।
 अष ो जनय िर- ोम पवत आयषु क।् इ िवतःु ।।

 आ पव मिदम- पिव ारया कवे। अक योिन मासदम।।
 9.26 तममृ ेित षडृच सू, दाढतु इवाहः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.16 तमम ृ  वािजन- मपु े अिदत े रिध। िवासो अा िधया।।
 तावो अनषू त- सहधार मि तम।् इ तारमा िदवः।।

 तँ वेधां मेधया- वमान मिध िव। धणिसं भूिरधायसम।।

 तम िु रजो िधया- सँवसान ँ िववतः। पितँ वाचो अदाम।।

 तं साना विध जामयो- हिरं िह ििभः। हयत ं भूिरच सम।।
ृ म।् इ~ िवाय मरम।।
 ता िहि वेधस- पवमान िगरावध ्
े ःपवमान-ोमो- गायी।।
 9.27 एष किविरित षडृच सूािरसो नृमध
06.08.17 एष किव रिभुत- पिवे अिध तोशते। पनु ानो प िधः।।
 एष इाय वायवे- िज िर िषते। पिवे द साधनः।।

 एष नृिभ िवनीयते- िदवो मूधा वृषा सतु ः। सोमो वनेष ु िविवत।।
 एष ग ु रिचद- वमानो िहरययःु । इ ािज दृतः।।
 हासते- पवमानो अिध िव। पिवे मरो मदः।।
 एष सूयण
ु िसद द-िर  े वृषा हिरः। पनु ानˆ इ िरमा।।
 एष श
 9.28 एष वाजीित षडृच सूािरसः ियमेधः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.18 एष वाजी िहतो नृिभ-िविव नसितः। अो वारँ िवधावित।।

े  तु ः। िवा धामा ािवश।।
 एष पिवे अ र- ोमो देव
 एष देव शभु ायत-े िध योना वमः। वृह
 ा देववीतमः।।
 एष वृषा किनद- शिभ जािमिभ यतः। अिभ ोणािन धावित।।

 एष सूय मरोचय- वमानो िवचषिणः। िवा धामािन िविवत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 644


ु दा- ोम पना
 एष श ु नो अषित। देवावी रघशंसहा।।
े ः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.29 ा धारा इित षडृच सूािरसो नृमध
06.08.19 ा धाराˆ अ र- ृ तु ौजसा। देवा अन ु भषू तः।।
ु म
 सिं मृजि वेधसो- गृण कारवो िगरा। ोित ज ान म ्
 ।।
 सषु हा सोम तािन ते- पना
ु नाय भूवसो~। वधा स
 मु म ्
ु म।।
 िवा वसूिन सय- व सोम धारया। इन ु ेषांिस स क।् ।
 ु नो अरष- ना म क िचत।् िनदो य ममु 
 र ा स ु हे।।
ु मा भर।।
 एो~ पािथव ं रिय- ि ं पव धारया। मु ं श
 9.30  धारा इित षडृच सूािरसो िबः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.20  धाराˆ अ शिु णो- वृथा पिवे अ र।् पनु ानो वाचिमित।।
 इ िहयान ोतिृ भ- मृमान किनदत।् इयित व ु िमियम।।

ु  ृषाँ- वीरव ं पु हृ म।् पव सोम धारया।।
 आ न श
  सोमो अित धारया- पवमानो अिसदत।् अिभ ोणा ासदम।।

 अ ु ा मधम
ु मं- हिरं िहििभः। इ~ िवाय पीतये।।

ु मं- सोम िमाय विणे। चां  शधाय मरम।।
 सनु ोता मधम
 9.31  सोमास इित षडृच सू, रागणो गोतमः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.21  सोमास ा1(अ)- पवमानासो अमःु । रियवि चेतनम।।
ु वधनः। भवा वाजानां पितः।।
 िदव ृिथाˆ अिध- भवेो~ 
ु मषि िसवः। सोम वधि ते महः।।
ु  वाताˆ अिभिय- 
 तँ
 ।् भवा व
 आ ाय समेत ु ते- िवत ोम वृम  ाज सथ।े ।
ु ावो घृत ं पयो- बो~ े अि तम।् विष े अिध सानिव।।
 त
 ायधु  ते सतो- भवु न पते वयम।् इो~ सिख मु मिस।।
 9.32  सोमास इित षडृच सूाेययावाः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.22  सोमासो मदतु - वस े नो मघोनः। सतु ाˆ िवदथे अमःु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके अमाायः (वगाः 1-33) Page 645


 आदीित योषणो- हिरं िह ििभः। इ.िमाय पीतये।।
 आद हंसो यथा गण-ँ िवावीवश ितम।् अो न गोिभ रते।।
े सोमावचाकश- ृगो न तो अषिस। सीद ृत योिन.मा।।
 उभ~
 अिभ गावो अनूषत- योषा जारिमव ियम।् अग ािजँ यथा िहतम।।

 अ े धेिह मु शो- मघव म। सिनं मेधा.मतु वः।।
 9.33  सोमास इित षडृच सूाितः-पवमान-ोमो- गायी।।
ू यः। वनािन मिहषाइव।।
06.08.23  सोमासो िवपितो-पा यम

ु ाˆ ऋत धारया। वाज.ोम.म र।।
 अिभ ोणािन बव- श
 सतु ाˆ इाय वायवे- वणाय मः। सोमाˆ अषि िवव।े ।

 ितो वाचˆ उदीरते- गावो िममि धेनवः। हिर रेित किनदत।।
 अिभ ी रनूषत- यीर ्ऋत मातरः। मम ्
ु ।।
ृ े िदव िशशम
 राय मु ांतरो
ु -ं सोम िवतः। आ पव सहिणः।।
ु इित षडृच सूाितः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.34  सवान
06.08.24  सवु ानो धारया तने- िहानो अषित। ज ा ोजसा।।
 सतु ˆ इाय वायवे- वणाय मः। सोमो अषित िवव।े ।
ु ि सोम मििभः। हि शना पयः।।
 वृषाण ँ वृषिभ यत-ं स
 भवु  ित म- भवु  िदाय मरः। सं प ै रते हिरः।।
 अभी मृत िवप- हत े पृिमातरः। चा ियतम ं हिवः।।

ु । धेन ू वाो अवीवशत।।
 समेन मताˆ इमाˆ- िगरो अषि सतः

 9.35 आ नः पवेित षडृच सूािरसः भूवसः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.25 आ न पव धारया- पवमान रियं पृथमु ।् यया ोितिवदािस नः।।
 इो~ समु मीय- पव िवमेजय। रायो धता न ओजसा।।

 या वीरेण वीरवो-िभाम पृततः। राणो अिभ वायम।।
  वाज िम िरित- ¤िसषास ाजसा ऋिषः। ता िवदानˆ आयधु ा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 646



 तीिभ वाचमीय-ं पनु ान ँ वासयामिस। सोम.न गोपितम।।
 तेः। पनु ान भवू सोः।।
 िवो य त े जनो- दाधार धमण

 9.36 असजित षडृच सूािरसः भूवसः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.26 असिज रो यथा- पिवे चो तु ः। का ाजी मीत।।

ु तु म।।
 स वि ोम जागृिव- पव देववी रित। अिभ कोशं मध

 स नो ोतिष पू- पवमान िव रोचय। े द ाय नो िहन।।
ु मानˆ ऋतायिु भ- मृमानो गभोः। पवत े वारे अये।।
 श
 स िवा दाशषेु  वस-ु सोमो िदािन पािथवा। पवता मािरा।।
 -ु गय ु ोम रोहिस। वीरय
 आ िदव ृ मय  ु शवसते।।
 9.37 स सतु इित षडृच सूािरसो रगणः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.27 स सतु  पीतये वृषा- सोम पिवे अषित। िव  ांिस देवयःु ।।

 स पिवे िवच णो- हिर रषित धणिसः। अिभ योिनिनदत।।

 स वाजी रोचना िदव- पवमानो िव धावित। र ोहा वार मयम।।
 स ितािध सानिव- पवमानो अरोचयत।् जािमिभ ूय सह।।

 ा वृषा सतु ो- विरवोिव ददाः। सोमो वाजिमवासरत।।
 स वृह
 स देव किवनेिषतो3(ओ)-िभ ोणािन धावित। इ िराय मंहना।।
 9.38 एष उ  इित षडृच सूािरसो रगणः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.28 एष उ  वृषा रथो-ो वारेिभरषित। ग ाजं सहिणम।।
 एत ित योषणो- हिरं िह ििभः। इ िमाय पीतये।।
ु । यािभ मदाय श
 एतं हिरतो दश- ममृे अपवः ु त।े ।

 एष  मानषु ीा- येनो न िव ु सीदित। ग जारो न योिषतम।।

 एष  मो रसो-व चे िदव िशशःु । यˆ इ वार मािवशत।।

 एष  पीतये सतु ो- हिर रषित धणिसः।  ोिन मिभ ियम।।
 9.39 आशरु षित षडृच सूािरसो बृहितः-पवमान-ोमो- गायी।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता षाके अमाायः (वगाः 1-33) Page 647


06.08.29 आश ु रष बृहते- पिर ियण ्
े  धाा। य देवाˆ इित व।।
 पिरृव िनृत-नाय यातयिषः। वृि.िव पिर व।।

 सतु एित पिव आ- ििष.धान ओजसा। िवच ाणो िवरोचय।।

 अय ं स यो िदविर- रघयु ामा पिव आ। िसो मा  रत।।
 आिववास रावतो- अथो~ अवावत तु ः। इाय िसते मध।ु ।
 समीचीनाˆ अनषू त- हिरं िह ििभः। योना वत
ृ  सीदत।।
ु इित षडृच सूािरसो बृहितः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.40 पनान
06.08.30 पनु ानो अमी दिभ- िवा मृधो िवचषिणः। श
ु ि िव.ीितिभः।।
 आ योिन मणो ह- म िदँ वृषा सतु ः। वु े सदिस सीदित।।

 नू नो रियं महा िमो~ं सोम िवतः। आ पव सहिणम।।
ु ानीव
 िवा सोम पवमान-   ा भर। िवदा हिणी िरषः।।
ु नˆ आ भर- रियं ो े सवु ीयम।् जिरत ु वधया ि गरः।।
 स न पना
 पनु ान इ~वा भर- सोम िबहस ं रियम।् वृष िो~ न उम।।

 9.41  ये गाव इित षडृच सू, कावो मेाितिथः-पवमान-ोमो- गायी।।

06.08.31  ये गावो न भूणय-ेषाˆ अयासो अमःु ।  कृ ा मप चम।।
 सिु वत मनामहे-ित सेत ु राम।् साांसो द ु मतम।।

 वे वृिे रव न- पवमान शिु णः। चरि िवतु ो िदिव।।
 आ पव मही िमष-ोम िदो~ िहरयवत।् अावाजव तु ः।।
 स पव िवचषण -आ मही~ रोदसी पृण। उषा ूय न रिमिभः।।

 पिर ण शमया- धारया सोम िवतः। सरा रसवे  िवपम।।
 9.42 जनयिित षडृच सू, कावो मेाितिथः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.32 जनय ोचना िदवो- जनय ु सूयम।् वसानो गाˆ अपो हिरः।।
े  िर। धारया पवते सतु ः।।
 एष ने  मना- देवो देव
ृ ानाय तूवय-े पव े वाजसातये। सोमा हपाजसः।।
 वावध

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 648



 हान िम य- पिवे पिर िषते।  ेवा अजीजनत।।
 अिभ िवािन वाया-िभ देवा ऋतावध ु नो अषित।।
ृ ः। सोम पना
 गोम ोम वीरव –दाव ाजव तु ः। पव बृहती िरषः।।
 9.43 यो अइवेित षडृच सू, कावो मेाितिथः-पवमान-ोमो- गायी।।
06.08.33 यो अइव मृते- गोिभ मदाय हयतः। तीिभ वासयामिस।।
ु - िगर श
 तो िवाˆ अववो ु ि पूवथा। इ.िमाय पीतये।।
 पनु ानो याित हयत- ोमो गीिभ पिरृतः। िव मेाितथेः।।
 पवमान िवदा रिय- मं सोम सिु यम।् इो~ सहवचसम।।

 -ृ िनि पिव आ। यद ारित देवयःु ।।
 इ रो न वाजस

 पव वाजसातये- िव गृणतो वृध।े सोम रा सवु ीयम।।

 ।। इमााय माः।।।। इित षाकं समाम।।

 समाकम ्
 समाके थमाायः (1-41)
 9.44  ण इिवित षडृच सूािरसोयाः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.01  ण इो~ महे तन -ऊि म िब दषिस। अिभ देवा अयाः।।
 मती जु ो िधया िहत- ोमो िहे परावित। िव धारया किवः।।
 अय ेवषे  ु जागृिव- तु ˆ एित पिव आ। सोमो याित िवचषिणः।।
 स न पव वाजय-ु ाण ा मरम।् बिहा आ िववासित।।

े ा यमत।।
 स नो भगाय वायवे- िववीर दावृधः। सोमो देव

ु ये- तिु व ातिु वमः। वाजिे ष वो बृहत।।
 स नो अ वस
 9.45 स पवेित षडृच सूािरसोयाः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.02 स पव मदाय क-ृच ाˆ देववीतये। इ~ िवाय पीतये।।

 स नो अषािभ 1(अ)-िमाय तोशसे। देवा िख आवरम।।
 उत ा मण ँ वय-.ोिभरो मदाय कम।् िव नो राय े रो वृिध।।
ऋ वेदीय शाकल संिहता समाकम ् Page 649
 अू पिव ममी- ाजी धरु  यामिन। इ दवषे  ु पते।।
 समी सखायो अर- न े ीळ मिवम।् इ ावाˆ अनषू त।।

 तया पव धारया- यया पीतो िवच स।े इो~ ो े सवु ीयम।।
 9.46 असृ िमित षडृच सूािरसोयाः-पवमान-ोमो- गायी।।
 -े ास कृ ाइव। र पवतावध
07.01.03 असृ ेववीतय ृ ः।।
 पिरृतासˆ इवो- योषेव िपावती। वाय ं ु सोमाˆ असृ त।।
ू सतु ाः। इँ वधि कमिभः।।
 एत े सोमासˆ इव- य म~
 आ धावता स ु
 ह- श ्
ु ा गृीत मिना। गोिभ ीणीत मरम।।

 स पव धनय- या राधसो महः। अं सोम गातिु वत।।

 एत ं मृजि म- पवमान.श ि पः। इाय मरं मदम।।
 9.47 अया सोम इित पच सू, भागवः किव- पवमान-ोमो- गायी।।
ु ृ या- महि दवधत। मानˆ उषृ ायते।।
07.01.04 अया सोम क
 ानीद का- चेत े दतु हणा। ऋणा च धृ ु यते।।
 कृ त
 आोमˆ इियो रसो- व हसाˆ भवु त।् उ ँ यद जायत।े ।
 यिव िवधत
 िर- िवाय र िमित। यदी ममृते िधयः।।
¤िसषासतू रयीणाँ- वाजे वतािमव। भरेष ु िज यषु ा मिस।।
 9.48 तेित पच सू, भागवः किवः- पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.05 ता नृािन िबत-ं सधेष ु महो िदवः। चां  सकृु ये महे।।
ु -ं महामिहतं मदम।् शत ं परो
ृ धृ ु म
 सँव ्
ु  िणम।।

 अता रिय मिभ- राजान ं सतो िदवः। सपु ण ्
  अि थ भरत।।
 िवा इश-े साधारणं रजरु म।् गोपा मृत िवभरत।।

 अधा िहानˆ इिय-ायो मिह मानशे। अिभिकृ िचषिणः।।
 9.49 पवेित पच सू, भागवः किवः- पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.06 पव वृिमा स ु नो-पा मूिम िव िर। अयाˆ बृहत
 ी िरषः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 650


 तया पव धारया- यया गाव इहागम।् जास उप नो गृहम।।

 घृत ं पव धारया- य षे  ु देववीतमः। अँ वृिमा.पव।।

 स नˆ ऊज  1(अ)यं- पिव ाव धारया। देवास णव िकम।।
 पवमानो अिसद-  ांपजनत।् व ोचय च
ु ः।।
ु ास इित पच सूािरस उचः- पवमान-ोमो- गायी।।
 9.50 उे श

ु ासˆ ईरते- िसो मि रव नः। वाण चोदया प िवम।।
07.01.07 उे श
ु । यद एिष सानिव।।
 सव े त उदीरते- ितो वाचो मखवः

ु तु म।।
 अो वारे पिर िय-ं हिरं िह ििभः। पवमानं मध

 आ पव मिदम- पिव ारया कवे। अक योिन मासदम।।
 स पव मिदम- गोिभ रानो अुिभः। इ~ िवाय पीतये।। 7।।
 9.51 अय इित पच सूािरस उचः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.08 अय~ अििभ तु -ं सोमं पिव आ सृज। पनु ीही ाय पातव।े ।
ु म-ं सोम िमाय विणे। सनु ोता म
 िदव पीयषू  म  ध म ्
ु मम।।
 तव  इो~ असो- देवाˆ मधो ते। पवमान मतः।।
 ं िह सोम वधय- तु ो मदाय भूणय।े वृष ोतार मूतये।।
 अष िवच ण- पिव ारया सतु ः। अिभ वाज मतु वः।।
 9.52 पिर  ु इित पच सूािरस उचः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.09 पिर  ु निय- भराजो असा। सवु ानो अष पिव आ।।
 तव िे भ रिभ- रो वारे पिर ियः। सहधारो याना।।
 चन य मी- येो~ न दान मीय। वध ै वध~ वीय।।
ु .िम~ वेषां- पु त जनानाम।् यो अा आिददेशित।।
 िन श
ु ीनाम।् पव मंहयियः।।
 शतˆ इ~ ऊितिभ- हँ वा शच
ु ास इित चतऋ
 9.53 उे श ु च सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
ु ासो अू- र ो िभो अिवः। नदु  या पिरध
07.01.10 उे श ृ ः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके थमाायः (1-41) Page 651


 अया िनजि रोजसा- रथसे धने िहत।े वा अिबषु ा दा।।
 अ तािन नाधृष-े पवमान ा। ज या पृत
 ित।।
 तं िहि मदतु -ं हिरद ीष ु वािजनम।् इ.िमाय मरम।।

ु च सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.54 अ ा िमित चतऋ
07.01.11 अ ा मन ु तंु - श ्
ु े अयः। पय हसा मृिषम।।

 अय ं सूयइवोप-गय ं सरांिस धावित। स वतˆ आ िदवम।।
ु नो भवु नोपिर। सोमो देवो न सूयः।।
 अय ँ िवािन ितित- पना
 ˆ इ~ िवयःु ।।
 पिर णो देववीतये- वाजा अषिस गोमतः। पनु ान

 9.55 यवँयव िमित चतऋच सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.12 यवँयवो असा- पु पं ु  ं पिर व। सोम िवा च सौभगा।।
 इो~ यथा तव वो- यथा ते जात मसः। िन बिहिष िय े सदः।।
ू मिे भ रहिभः।।
 उत नो गोिव दि व- व सोमासा। म त

 यो िजनाित न जीयत-े हि श.ु मभी। स पव सहिजत।।
ु च सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.56 पिर सोम इित चतऋ
07.01.13 पिर सोमˆ ऋत ं बृह- दाशु पिवे अषित। िव  ांिस देवयःु ।।

ु । इ स.मािवश।।
 योमो वाज मषित- शत ाराˆ अपवः
 अिभ ा योषणो दश- जार कानूषत। मृसे सोम सातये।।
 िमाय िवव-े ा िरो~ पिर व। नॄोतॄ ाहं सः।।
ु च सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.57  ते धारा इित चतऋ

07.01.14  ते धाराˆ असतो- िदवो न यि वृयः। अा वाजं सहिणम।।
ु नˆ आयधु ा।।
 अिभ ियािण काा- िवा च ाणो अषित। हिर ा
ृ नˆ आयिु भ- िरभो राजेव सु तः। येनो न वंस ु षीदित।।
 स ममजा
 स नो िवा िदवो वसू-तो पृिथा अिध। पनु ान इ~ वा भर।।

 9.58 तर मीित चतऋच सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 652


07.01.15 तर मी धावित- धारा सतु ासः। तर मी धावित।।
 उा वेद वसूनां- मत देवसः। तर मी धावित।।
 यो पु षो-रा सहािण दहे।तर मी धावित।।
 आ ययो िंशत ना- सहािण च दह।े तर मी धावित।।
ु च सू, कायपोवारः-पवमान-ोमो- गायी।।
 9.59 पवेित चतऋ
07.01.16 पव गोिज दि ज- िि ज ोम रयिजत।् जाव  मा भर।।
 पवाो अदा- पवौषधीः। पव िधषणाः।।
 ं सोम पवमानो- िवािन िरता तर। किव ीद िन बिहिष।।
 पवमान िवदो- जायमानोभवो महान।् इो~ िवा अभीदिस।।

 9.60  गायेणिे त चतऋच सू, कायपोवरः-पवमान-ोमो- गायी- तृतीया

परउिक ।् ।
े  गायत- पवमानँ िवचषिणम।् इं सहच सम।।
07.01.17  गायण ्
 ता सहच स- मथो~ सहभणसम।् अित वार.मपािवषः।।


 अित वारा वमानो- अिसद-लशा अिभधावित। इ हाािवश।।
 इ सोम राधस-े शं पव िवचषणे। जाव ेतˆ आ भर।।
 9.61 अया वीतीित िंशच सूािरसोमहीयःु -पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.18 अया वीती पिर व- यˆ इो~ मदेा। अवाहवती नव।।
 परु ˆ इािधय-े िदवोदासाय शरम।् अध वु शँ यम।।

 पिरणो अ मिव -ोमिदो~ िहरयवत।् रा स
 हिणी िरषः।।
ु तः। सिखमा वृणीमहे।।
 पवमान ते वय-ं पिव म
 ये ते पिव मूमयो-िभ रि धारया। तेिभ न ोम मृळय।।
ु नˆ आ भर- रियँ वीरवती िमषम।् ईशान ोम िवतः।।
07.01.19  स न पना
ु ातरम।् समािदिे भ रत।।
 एतम ु श ि पो- मृजि िसम
 सिमेणोत वायनु ा- सतु ˆ एित पिव आ। सं सूय रिमिभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके थमाायः (1-41) Page 653


ु ान।् चािम े वण े च।।
 स नो भगाय वायवे- पू े पव मधम
 उा ते जात मसो- िदिव षूा दद।े उ ं शम मिह वः।।
ु ािन मानषु ाणाम।् ¤िसषासो वनामहे।।
07.01.20 एना िवा यˆ आ- 
 स नˆ इाय यव-े वणाय मः। विरवोिव िर व।।
 उपो~ ष ु जात मरु -ोिभ भं पिरृतम।् इ ेवाˆ अयािसषः।।

 तिम ध ु नो िगरो- वं संिशरीिरव। यˆ इ दंसिनः।।
 अषाण ोम शवे- ध ु  िपषु ी िमषम।् वधा स
 मु म
ु म ्
 ।।
07.01.21 पवमानो अजीजन- िव ि ततमु ।् ोित वानरं बृहत।।

 पवमान ते रसो- मदो राजनः। िव वार.म मषित।।
 पवमान रस व- द ो िव राजित मु ान।् ोित िवं श।े ।
 ये मदो वरेय- ेना पवासा। देवावी रघशंसहा।।
 जि वृ मिमियं- सि वाज िविे दव।े गोषाˆ उ असाˆ अिस।।
ु । सीदने ो न योिनमा।।
07.01.22 संिमो अषो भव- सूपािभन धेनिभः
 स पव यˆ आिवथ-े ँ वृाय हव।े विवांस ं मही रपः।।
 सवु ीरासो वय ना- जयेम सोम मीः। पनु ानो वध नो िगरः।।
 ोतास वावसा- ाम वˆ आमरु ः। सोम तषे  ु जागृिह।।
 अप ्
 वते मृधो-प सोमो अराः। गि  िनृ तम।।
07.01.23 महो नो रायˆ आ भर- पवमान जही मृधः। राेो~ वीरव शः।।
 न ा शतन तो- राधो िद मा िमन।् यनु ानो मखसे।।
े ो~ वृषा सतु - कृ ध
 पव  ी नो यशसो जने। िवाˆ अप िषो जिह।।
ु उम।े सासाम पृततः।।
 अ ते स े वय- वेो~ 
 याते भीमा ायधु ा- ित मािन सि धूवण।े र ा स
 म नो िनदः।।
 9.62 एते असृिमित िंशच सू, भागवो जमदिः-पवमान-ोमो- गायी।।
 े अस
07.01.24 एत ृ  िमव- िर पिव माशवः। िवा िभ सौभगा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 654


 िवो िरता पु - सगु ा तोकाय वािजनः। तना कृ वो अवत।े ।
ु िु तम।् इळा.मं सँयतम।।
 कृ  वो विरवो गवे-षि स¤ ्

ं ु मदाया- ु द ो िगिराः। येनो न योिन मासदत।।
 असाश
ु मो देववात- म ु धूतो नृिभ तु ः। दि गाव पयोिभः।।
 श
ु मत
07.01.25 आदी म हेतारो-शूशभ ृ ाय। मो रसं सधमादे।।
ु तो-सृ
 याे धारा मध ु  िम~ ऊतये। तािभ पिव मासदः।।
 ाय पीतये- ितरो रोमायया। सीद ोना वनेा।।
 सो अष
 िमो~ पिर व- ािदो अिरोः। विरवोिवतृ ं पयः।।

 अय ँ िवचषिण िहत- पवमान  चेतित। िहानˆ आं बृहत।।
07.01.26 एष वृषा वृषत- पवमानो अशिहा। कर सूिन दाशषेु ।।
 आ पव सहिणं- रिय.ोम मिनम।् पु  ्
 ं पु हृ म।।
 एष ˆ पिर िषते- ममृमान आयिु भः। उग
 ाय किवतःु ।।
 सहोित शतामघो- िवमानो रजस किवः। इाय पवते मदः।।
 िगरा जातˆ इह तु ˆ- इ िराय धीयते। िवयना वसतािवव।।
07.01.27 पवमान तु ो नृिभ- ोमो वाज.िमवासरत।् चमषू  ु शनासदम।।

 तिपृ े िवरु े- रथे य
ु ि यातव।े ऋषीणां स धीितिभः।।

ृ - माश ँ ु वाजाय यातव।े हिरं िहनोत वािजनम।।
 तं सोतारो धनत
 आिवश लशं सतु ो- िवाˆ अषि भ ियः। शूरो न गोष ु ितित।।
े ो मध।ु ।
 आ त इो~ मदाय कं - पयो ह ायवः। देवा देव
ु मम।् देव
07.01.28 आ न ोमं पिव आ- सृजता मधम ्
ु मम।।
े ो देव
 एत े सोमाˆ असृ त- गृणाना वस े मह।े मिदम धारया।।
 अिभ गािन वीतये- नृा पनु ानो अषिस। सनाज पिर व।।
 उत नो गोमती िरषो- िवाˆ अष पिरभ
ु ः। गृणानो जमदिना।।
 पव वाचो अिय- ोम िचािभ ितिभः। अिभ िवािन काा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके थमाायः (1-41) Page 655


07.01.29 ं समिु याˆ अपो-ियो वाच ईरय।् पव िवमेजय।।
ु मा भवु ना कवे- मिह े सोम तिरे। त
 ते ु  मषि िसवः।।

ु ा मपु िरम।।
  ते िदवो न वृयो- धाराˆ य सतः। अिभ श

े ं पनीत-
 इाय नो  ाय साधनम।् ईशान ँ वीितराधसम।।

 पवमानˆ ऋत किव- ोम पिव मासदत।् दध ो े सवु ीयम।।

 9.63 आ पवेित िंशच सू, कापो िनिु वः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.30 आ पव सहिणं- रियं सोम सवु ीयम।् अ े वांिस धारय।।
ू  िपस- इाय मिरमः। चम
 इषमज ू ा िन षीदिस।।
 सतु ˆ इाय िवव-े सोम कलशे अ रत।् मधम
ु ा अ ु वायवे।।
 एत े अस
ृ माशवो-ित रांिस बवः। सोमाˆ ऋत धारया।।
 इँ वधो अरु - कृ  वो िव मायम।् अप
 ो अराः।।
07.01.31 सतु ाˆ अन ु मा रजो-षि बवः। इ.ˆ इवः।।
 अया पव धारया- यया सूय मरोचयः। िहानो मानषु ी रपः।।
ु  सूरˆ एतश-ं पवमानो मनाविध। अिर ण
 अय े  यातव।े ।

ु यातव।े इ िरˆ इित वु ।।
 उत ा हिरतो दश- सूरो अय
 परीतो वायवे सतु -िरˆ इाय मरम।् अो वारेष ु िसत।।
07.01.32 पवमान िवदाˆ रिय- मं सोम रम।् यो णाशो वन
ु ता।।
 अष सहिणं- रियोम मिनम।् अिभ वाज.मतु वः।।

 सोमो देवो न सूय-ििभ पवते सतु ः। दधान कलशे रसम।।

ु ाˆ ऋत धारया। वाज.ोम म र।।
 एत े धामााया- श

 सतु ाˆ इाय विणे- सोमासो दािशरः। पिव म र।।
ु मो- राय े अष पिव आ। मदो यो देववीतमः।।
07.01.33  सोम मधम
 त मी मृज ायवो- हिरद ीष ु वािजनम।् इ.िमाय मरम।।

 आ पव िहरयव- दाव ोम वीरवत।् वाज.ोम मा भर।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 656


 पिर वाजे न वाजय-ु मो वारेष ु िसत। इाय मधम ्
ु मम।।
 किवं मृजि म.- ीिभ िवाˆ अववः। वृषा किन दषित।।

07.01.34 वृषण ीिभ ररंु - सोम मृत धारया। मती िवा मर।।
 पव देवायषु -िगत ु ते मदः। वाय.ु मा रोह धमणा।।
 पवमान िन तोशसे- रियं सोम वाम।् िय मु मा िवश।।
 वसे मृध- तिु व ोम मरः। नदु ादेवय
 अप ्
ु नम।।
ु ास इवः। अिभ िवािन काा।।
 पवमानाˆ असृ त- सोमा श
ु ाˆ अस
07.01.35 पवमानासˆ आशव- श ृ  िमवः। ो िवाˆ अप िषः।।
 पवमाना िदवय-िर ा दसृ त। पृिथाˆ अिध सानिव।।
 पनु ान ोम धारय-े ो~ िवा अप िधः। जिह र ांिस स
ु तो~।।
 ोम र सो-ष किनदत।् मु ं श
 अप ु  म ्
ु मम।।
 अ े वसूिन धारय- सोम िदािन पािथवा। इो~ िवािन वाया।।
 9.64 वृषा सोमेित िंशच सू, मारीचः कयपः-पवमान-ोमो- गायी।।
07.01.36 वषृ ा सोम मु ा अिस- वृषा देव वृष
 तः। वृषा धमािण दिधषे।।
 वृ े वृ ं शवो- वृषा वनँ वृषा मदः। स ँ वृष ृषदे िस।।
 अो न चदो वृषा- सा इो~ समवतः। िव नो राय े रो वृिध।।
ु ासो वीरयाशवः।।
 असृ त  वािजनो- गा सोमासो अया। श
ु मानाˆ ऋतायिु भ- मृमाना गभोः। पव े वारे अये।।
 श
07.01.37 ते िवा दाशषेु  वस-ु सोमा िदािन पािथवा। पवा मािरा।।
 पवमान िविव-  ते सगाˆ असृ त। सूयवे  न रमयः।।
ु  व िविर- िवा पाषिस। समु ोम िपसे।।
 के त
 िहानो वाच िमिस- पवमान िवधमिण। अा ेवो न सूयः।।
 इ पिव चेतन- िय कवीनां मती। सृज दं रथीिरव।।
07.01.38 ऊिम ये पिव आ- देवावी पय रत।् सीदतृ  योिन.मा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके थमाायः (1-41) Page 657


 स नो अष पिव आ- मदो यो देववीतमः। इ~ िवाय पीतये।।
 इष े पव धारया- मृमानो मनीिषिभः। इो~ चािभ गाˆ इिह।।

 पनु ानो विरव ृ  -ूजनाय िगवणः। हरे सृजानˆ आिशरम।।
 म।् तु ानो वािजिभ यतः।।
 पनु ानो देववीतय -इ यािह िनृ त
07.01.39  िहानासˆ इवो-ा समु माशवः। िधया जूताˆ अस ृ त।।
ृ ानासˆ आयवो- वृथा समु िमवः। अ मतृ  योिनमा।।
 ममज

 पिर णो याय-ु िवा वसू ोजसा। पािह न शम वीरवत।।
ु ानˆ ऋिभः।  यमु आिहतः।।
 िममाित वि रेतश- पद ँ यज
 आ योिनं िहरयय- माशरु ्ऋत सीदित। जहा चते सः।।
07.01.40 अिभ वेनाˆ अनषू त-े य ि चेतसः। म िवचते सः।।
े ो~ मत-े पव मधम
 इाय ्
ु मः। ऋत योिन.मासदम।।
 ता िवाˆ वचोिवद- पिर ृवि वेधसः। सा मृजायवः।।
 रस े िमो अयमा- िपबि वण कवे। पवमान मतः।।

ु नो वाच िमिस। इो~ सहभणसम।।
 ं सोम िवपितं- पना
07.01.41 उतो~ सहभणसँ- वाचं सोम मखवु म।् पनु ानˆ इ~वा भर।।
 पनु ानˆ इ~ वेषां- पु त जनानाम।् िय मु मा िवश।।

 दिवता ु ाˆ गवािशरः।।
चा- पिरोभा कृ पा। सोमा श
 िहानो हेतिृ भ यतˆ- आ वाजँ वामीत।् सीदो वनषो
ु यथा।।
 ऋधोम ये- स मानो िदव किवः। पव सूय श।े ।
इित थमााय माः।।

 समाके ितीयाायः (वगाः 30)


 9.65 िहीित िंशच सू, वािणभृगःु -पवमान-ोमो- गायी- (अ भागवो
जमदिः पाि कः)।।
ु य- सारो जामयितम।् महा िमं महीयवु ः।
07.02.01 िहि सूर म

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 658


े  िर। िवा वसूा िवश।।
 पवमान चाचा- देवो देव
ु िु तँ- वृि ेव
 आ पवमान स¤ ्
े ो वः। इष े पव सँयतम।।
ु - मु ा हवामहे। पवमान ाः।।
 वृषा िस भानना
ु इहो~ ि~वा गिह।।
 आ पव सवु ीय- ममान ायध।
07.02.02 यदि पिरिषसे- मृमानो गभोः। ुणा सध मषेु ।।
  सोमाय व- वमानाय गायत। महे सहच से।।
ु तंु - हिरं िह ििभः। इ.िमाय पीतये।।
 य वण मध
 त ते वािजनो वय-ँ िवा धनािन िज यषु ः। सिखमा वृणीमहे।।
 वृषा पव धारया- मत े च मरः। िवा दधान ओजसा।।
07.02.03 ता धतार मोयो3(ओ)- पवमान शम।् िह े वाजेष ु वािजनम।।

ु  ँ वाजेष ु चोदय।।
 अया िचो िवपानया- हिर पव धारया। यज

 आ न इो~ मही िमषं- पव िवदशतः। अं सोम गातिु वत।।
 आ कलशाˆ अनूषत-े ो~ धारािभ रोजसा। ए पीतये िवश।।
 य ते मं रस-ी ह ििभः। स पवािभमाितहा।।
े  यातव।े ।
07.02.04 राजा मेधािभ रीयते- पवमानो मनाविध। अिर ण
 आ न इो~ शति वन-वां पोषं म।् वहा भ
 गि मूतये।।
ु - प वचस े भर। ¤स
 आ न ोम सहो जवो ु ाणो देववीतये।।
 अषा सोम मु मो-िभ ोणािन रोवत।् सीदने ो न योिनमा।।
 अाˆ इाय वायवे- वणाय मः। सोमो अषित िवव।े ।

07.02.05 इष ोकाय नो दध- दं सोम िवतः। आ पव सहिणम।।
ु रे। ये वाद शयणावित।।
 ये सोमास परावित- ये अवावित सि
 य आजकेष ु कृ स-ु ये मे पानाम।् ये वा जनेष ु पस।ु ।
 ते नो वृि िव िर- पवामा सवु ीयम।् सवु ानाˆ देवासˆ इवः।।
 पवत े हयतो हिर- गृणानो जमदिना। िहानो गोरिध िच।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 659


ु - िहानासो न सयः। ीणानाˆ अ ु मृत।।
ु ासो वयोजवो
07.02.06  श
 ता सतु 
े ाभवु ो- िहिरे देवतातये। स पवानया चा।।
 आ ते द  ं मयोभवु -ँ वि मा व ृ ीमहे। पा.मा पु हृ म
 ण ्
 ।।
 आ ममा वरेय- मा िवमा मनीिषणम।् पामा पु हृ म ्
 ।।
ु ते नु - मा स
 आ रिय मा सच ु तो~ तन
ू ा। पामा पु हृ म ्
 ।।
 9.66 पवेित िंशच सू, शतं वैखानसाः-पवमान-ोमो-एकोनिवंयािद ितसृणामिः-
पवमानो गायादयनु ुप-् (शतं वैखानसा एते ायवाः-
ु अत एषाों नाि-एवमेिप
नारायणादयऊाः)।।
07.02.07 पव िवचषणे-िभ िवािन काा। सखा सिखˆ ईः।।
 तााँ िव राजिस- ये~ पवमान धामनी~। तीची~ सोम ततःु ।।
 पिर धामािन यािन ते- ं सोमािस िवतः। पवमान ऋतिु भ कवे।।
 पव जनयिषो-िभ िवािन वाया। सखा सिखˆ ऊतये।।
ु ासो अचयो- िदवृ े िव तते। पिवं सोम धामिभः।।
 तव श
ु ावि धेनवः।।
07.02.08 तवेम े स िसव- िशषं सोम िसते। त
  सोम यािह धारया- सतु ˆ इाय मरः। दधानो अि ित वः।।
 सम ु ा धीिभ रर- िती  जामयः। िव माजा िववतः।।

 मृजि ा समवो-े
 जीरा विध िण। रेभो यदसे वने।।
 पवमान ते कवे- वािज गाˆ असृ त। अवो न व
 वः।।
ु तु - मसृ ँ वारे अये। अवावश धीतयः।।
07.02.09 अा कोशं मध
 अा समु िमवो-ावो न धेनवः। अ म.ृत योिनमा।।
  ण इो~ महे रण -आपो अषि िसवः। योिभ वासियसे।।
 अ ते स े वय- िमय  ोतयः। इो~ सिख मु मिस।।
 आ पव गिवये- महे सोम नृच स।े ए जठरे िवश।।
ु ा स िगेथ।।
07.02.10 महा अिस सोम े-ˆ उाणा िम ओिजः। य

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 660



े  िदोजीया-रे िरतरः। भूिरदा ि.ंहीयान।।
 यˆ उ
 ं सोम सूरˆ एष- ोक साता तननू ाम।् वृणीमहे साय वृणीमहे य
ु ाय।।

 अ आयूिं ष पवस -आ सवु ोज िमष नः। आरे बाध नाम।।

 अिर ्ऋिष पवमान- पाज परु ोिहतः। तमीमहे महागयम।।
07.02.11 अे पव पा-ˆ अ े वच वु ीयम।् दध ियं मिय पोषम।।

ु िु तम।् सूरो न िवदशतः।।
 पवमानो अित िधो-षित स¤
ृ नˆ आयिु भ- या यस े िहतः। इ रो िवच णः।।
 स ममजा
 पवमानˆ ऋत ं बृह- ोित रजीजनत।् कृ ा तमांिस जनत।।

 पवमान जतो- हरे ाˆ अस ृ त। जीराˆ अिजरशोिचषः।।
ु िे भ श
07.02.12 पवमानो रथीतम- श ु शमः। हिरो मणः।।

 पवमानो व- िमिभ वाजसातमः। दध ो े सवु ीयम।।
  सवु ानˆ इ र ा~- पिव मयम।् पनु ानˆ इ िर.मा।।

 एष सोमो अिध िच- गवाीळ ििभः। इं मदाय जोवत।।
ु व य- पवमाना भृत िवः। तेन नो मृळ जीवसे।।
 य ते 
 9.67 ं सोमासीित ािंशच सूाानां सानां तृचानां भराज कयप गोतमाि
िवािम जमदि विसा ऋषयः-िशानामािरसः पिव ऋिषः (अ विसो वा पिव विसौ वेित
िवप ौ) पवमान-ोमो देवता-दशािद ितसृणां पूषा वा ये पिव िमािद पानामिः-

अयोयोः पावमाधेता गायी-षोडयाा िो िपदागायः-िंशी परउिक -्
सिवंयेकिंशी ािंयोनु भ
ु ः (पिवंयािद ितसृणां मािवतािसिवतारौ िवेदवे ा इित
देवता अिना सह िवके)।।
 चतथु न वाके
ु ादशसूािन
07.02.13 ं सोमािस धारय-ु मˆ ओिजो अरे। पव मंहयियः।।
 ं सतु ो नृमादनो- दधा ि रमः। इाय सूिर रसा।।
ु ाणो अििभ- रष किनदत।् मु ं श
 ं स ु म ्
ु मम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 661



 इ िहानो अषित- ितरो वारा यया। हिर वाज मिचदत।।
 इो~ मषिस- िव वांिस िव सौभगा। िव वाजा ोम गोमतः।।
07.02.14 आ न इो~ शति वनं- रियोम मिनम।् भरा स ्
 ोम सहिणम।।
 पवमानासˆ इव- िर पिव माशवः। इँ यामेिभ राशत।।
 ककुह ोो रस-ˆ इ िराय पूः। आयु पवत आयवे।।
ु तु म।् अिभ िगरा समर।।
ु य- पवमानं मध
 िहि सूर म ्
 अिवता नो अजा- पूषा यामिनयामिन। आ भ ास ु नः।।
07.02.15 अय ं सोम कपिदन-े घृत पवते मध।ु आ भ ास ु नः।।
 अय आघृण े सतु ो- घृत पवते शिच
ु । आ भ ास ु नः।।
 वाचो जु कवीनां- पव सोम धारया। देवषे  ु रधाˆ अिस।।

 शेष ु धावित- येनो वम िव गाहते। अिभ ोणा किनदत।।
 आ कल
 पिर  सोम ते रसो-सिज कलशे सतु ः। येनो न तो अषित।।
ु मः।।
07.02.16 पव सोम मय- िाय मधम
 असृ ेववीतये- वाजयो रथाइव।।
ु ाˆ वाय ु मसृ त।।
 ते सतु ासो मिदमा- श

ु ो अिभुत- पिवं सोम गिस। दधो े सवु ीयम।।
 ाा त

ु ो अिभुत- पिव मित गाहते। र ोहा वार मयम।।
 एष त
07.02.17 यदि य रके- भय ँ िवित मािमह। पवमान िव तिह।।
 पवमान ो अ न- पिवेण िवचषिणः। य पोता स पनु ात ु नः।।

 ये पिव मिच-े िवतत मरा।  तेन पनीिह नः।।

 ये पिव मिचवद -े तेन पनीिह  वै पनु ीिह नः।।
नः। स
 उभाा ेव सिवत- पिवेण सवने  च। मां पनु ीिह िवतः।।

07.02.18 ििभ ेवसिवत- विष ै ोम धामिभः। अे द ै पनीिह नः।।
 पनु  ु मा ेवजना- पनु  ु वसवो िधया। िवे देवा पनी
ु त मा -जातवदे  पनी
ु िह मा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 662


ु । देव
  ाय  - सोम िवेिभ रंशिभः े ˆ उम ं हिवः।।
ृ म।् अग िबतो नमः।।
 उप िय ं पिनतँ- यवु ान मातीवध
 अला परश ु ननाश- तमा पव देव सोम। आखिु दवे देव सोम।।
 य पावमानी र-े ृिषिभ ृत ं रसम।् सव स पूत माित- िदत ं मातिरना।।
 पावमानीय अ े -ृिषिभ ृत ं रसम।् त ै सरती हे- ीरं सिप मधूदकम।्

।। अथ पिरिशम।।
 पावमानी यनी- ु घा िह घृततः
ु । ऋिषिभ ंभत े  मत
ृ ो रसो- ाण ्
ृ  ं िहतम।।
 पावमानी िदश ु न- इम ँ लोक मथो अममु ।् कामा मधय ु नो- देवी दव ै मािहताः।।

 येन देवा पिवेणा-ानं पनु ते सदा। तेन सहधारेण- पावमा पनु  ु माम।।
 ाजाप ं पिवं- शतोाम ं िहरमयम।् तेन िवदो वय-ं पूत ं  पनीमहे
ु ।।
 इ नु ीती सह मा पनात
ु -ु सोम ा वण मीा। यमो राजा मृणािभ पनात
ु ु मा-
ु ।।
जातवेदा मूजया पनात ु
 ऋषय  ु तपेप-ु व गिजगीषवः। तपस
   पस ्
 ोिय ु -पावमानीर ्ऋचोवु ।।
 ये गभ वसत पाप मु -ँ यायमान च िकिदत।् जात च यािप च वधतो मे-
तावमानीिभ रहं पनु ािम।।
 मातािपो यकृ त ँ वचो मे- यावरम माबभवू । िव तिषत ँ वचो मे- तावमानीिभ
रहं पनु ािम।।
 गोा रा- ीवधा  िकिषम।् पापक े  -ावमानीिभ रहं पनु ािम।।
  चरण
 वधा रु ापाना णेया- षृ िल गमन मथै नु समात।् गरु ोदारािधगमना-
तावमानीिभ रहं पनु ािम।।
 बाला ातृिपतृवधा ूिमतरा- ववण गमनमैथनु समात।् पाप
े  ितहा- 
हरित सवृ त- ावमानीिभ रहं पनु ािम।।
 यिवया ोिनदोषा-  ा ोा ितहात।् असभ
ं ोजन ं - ावमानीिभ रहं
 ाािप नृशस
पनु ािम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 663


 य रधीतं- पापँ या ानतोकृ तम।् अयािजताासयँ ाा -ावमानीिभ रहं पनु ािम।।
 अम  ँ यिि-ूयते च ताशन।े सँवर कृ त ं पाप -ावमानीिभ रहं पनु ािम।।
 म
ु गाः। ता न आप  वह ु पाप-ं शु ा
े  पय
 ऋत योनयोमृत धाम- िवा देव
ु ृ ताम ु लोक- ावमानीिभ रहं पनु ािम।।
गािम सक
 पावमानी यनी- यािभ गित नानम।् पयां
ु  भ ा  य –मृत
  गित।।
ॄ वे ा- ाय े  सरतीम।् िपतॄ
 पावमानी िपत ्
ं ोप वतत- ीरं सिप मधूदकम।।
ु ोित नातनम।् ऋषोप ितेत- ीरं सिप मधूदकम।।
 पावमान ं परं - श ्
 पावमान ं परं - ये पठि मनीिषणः। सज
 भव े िो- धनाो वेदपारगः।।

 ु  जप े -ोरमृ ु भय ं हरेत।।
 दशोरायृचांवै - पावमानी शतािन षट ्। एत
 एत ु यं पापहरं- रोग मृ ु भयापहम।् पठतां वतावै - ददाित परमाितम।।।।
् इित
् मडलािदतः इतः पयं पवमान माः।। इतःपरं , आ मडल पिरसमाेः पूयमान
पिरिशम।।
माः।।

 9.70  देविमित दशच सू, भालनोविः-पवमान-ोमो-जगा िुप।।
ु ˆ इवो-िसद गावˆ आ न धेनवः। बिहषदो
07.02.19  देव मा मधम
वचनावˆ ऊधिभ- पिरतु मिु या िनिणज िरे।।
 स रोव दिभ पूवाˆ अिचद- पाह थय ादते हिरः। ितर पिवं पिरय ु यो- िन

शयािण दधते देव आ वरम।।
 िव यो मम े या सँयत
 ी मद- ाकँ व ृ ा पयसा िपदि ता। मही~ अपारे~ रजसी~ िवविे वद –
 ध
दिभजि त ं पाजˆ आ दद।े ।
 स मातरा िवचर ाजयप-  मेिधर धया िपते पदम।् अंशयवे
ु न िपिपशे यतो नृिभ-
ािमिभ नसत े र त े िशरः।।
े  मनसा जायते किवर ् -ऋत गभ िनिहतो यमा परः। यूना ह सा थम ँ िव ज त-ु
 स ण
ु िहतिनम नेम म
गहा ्
ु तम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 664


07.02.20 म प ँ िविव मनीिषण- येनो यदो अभर रावतः। तं मजय
सवु ध ्
ृ द ीा- उश मंश ं ु पिरय मृि मयम।।
 ां मृजि दश योषण तु -ं सोम ऋिषिभ मितिभ धितिभ िहतम।् अो वारेिभ त देवितिभ-
नृिभ यतो वाजमा दिष सातये।।
ु । यो धारया मधम
 पिरयँ व ं सषंु सदं- सोमं मनीषाˆ अनूषत भः ु ा ऊिमणा िदव-ˆ
इयित वाचं रियषाळमः।।
ु न कलशेष ु सीदित। अि गिभ मृते अििभ
 अय िवˆ इयित िवमा रज- ोम पना

तु - पनु ानˆ इ विरवो िवद ियम।।
  ोम पिरिषमानो- वयो दध ितम ं पव। अषे े ~ावापिृ थवी~ वम
 एवा न े  -देवाˆ ध

े वु ीरम।।
रिय मस
 9.71 इषनु ित दशच सूािरसो िहरयूपः-पवमान-ोमो-जग-े े िुभौ।।
07.02.21 इषनु ध ित धीयते मित- वो न मात ु प सध
ू िन। उधारेव हे अ आय-
े िप सोमˆ इते।।
 त
 उपो~ मित पृते िसते मध-ु माजनी चोदते अ रासिन। पवमान िन तािमव-
ु ा  पिर वार मषित।।
मधम
 अे वधूयु पवते पिर िच- ीत े नी रिदतरे ्ऋत ँ यत।े हिर रा जत ँयत
 ो मदो- नृा
िशशानो मिहषो न शोभते।।
 उ ा िममाित ित यि धेनवो- देव देवी प यि िनृ तम।् अमी दजनु  ँ वार मय-
म िनं पिर सोमो अत।।
 अमृेन शता वाससा हिर- रम िनिणजान पिर त। िदव ृं बहणा िनिणजे कृ -

तोपरणो नभयम।।
07.02.22 सूयवे रमयो ावियवो- मरास सपु ाक मीरते। त
ु त ं पिर सगासˆ
 े पवते धाम िकन।।
आशवो- नेात

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 665


 तु ाˆ मदासो गात ु माशत। शो िनवेश े िपदे चत
 िसोिरव वण े िन आशवो- वृष ु दे-े
वाजा ोम ित ु कृ यः।।
 आ न पव वसमु  िरयव- दाव ोम वम वु ीयम।् यूय ं िह सोम िपतरो मम न-
िदवो मूधान िता वयृतः।।
 एत े सोमा पवमानासˆ इं- रथाइव  यय ु ाित म। सतु ा पिव मित यं- िही
विं हिरतो वृि म।।
 इ~ िवाय बृहत े पव- समृु ळीको अनवो िरशादाः। भरा च
 ािण गृणत े वसूिन- देव ै
ावापृिथवी ावतः।।

 9.72 िरा इित दशच सू, वैािमो रेणःु -पवमान-ोमो-जगा िुप।।
07.02.23 िर ै स धेनवो े- सा.मािशरं पू  ोमिन। चाया भवु नािन िनिणजे-
चािण चे  यत ै रवधत।।
 स िभ माणो अमत े ावा काेना िव शथे। तेिजाˆ अपो मंहना पिर त-
ृ  चाण- उभ~
यदी दवे  वसा सदो िवः।।
 ते अ स ु के तवोमृवो-दाासो जनषी
ु ~ उभ~
े अन।ु येिभ नृा च देा च पनु त -
आिद ाजान ं मनना अगृत।।
ु मिभ-  ममास ु मातषृ  ु म े सचा। तािन पानो अमत
 स मृमानो दशिभ क ृ 
  चाण-ˆ
े नृच ाˆ अन ु पयते िवशौ।।
उभ~
 स ममजा ु ण बाधते िव मती-
ृ नˆ इियाय धायस- ओभे~ अा~ रोदसी हषते िहतः। वृषा शे
रादिे दशान शयहवे  शु धः।।
07.02.24 स मातरा न दशानˆ उियो- नानद देित मतािमव नः। जानृत ं थम
 ँ
ु तःु ।।
यणरं- शये कमवृणीत स
ु ृ त ि
 वित भीमो वृषभ िवया- े ~ िशशानो हिरणी~ िवच णः। आ योिनं सोम क
षीदित- गयी वित िनिण गयी।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 666


ु  पना
 शिच ु न  मरेपस- मे हिर धािव सानिव। जो
ु िमाय वणाय वायवे- िधात ु
मध ु ियते सक
ु मिभः।।
 पव सोम देववीतये वृष-े  हािद सोमधान मािवश। परु ा नो बाधा िु रताित पारय- े िवि
िदशˆ आहा िवपृत।े ।
े ो~ जठरमा पव। नावा न िस ु मित पिष िवा-रो न
 िहतो न सि रिभ वाज मष- 
ु व नो िनद ः~।।
य
 9.73 आ दि णेित नवच सू, व ्
ै ािम ऋषभः-पवमान-ोमो-जगा िुप।।
ु ा3(आ)सदँ- वेित ुहो र स पाित जागृिवः। हिर
07.02.25 आ दि णा सृते श
रोपशणतु  े नभय-ˆ उपिरे चो3(ओ) िनिणजे।।
  कृ ि हवे  शूषˆ एित रोव- दसयु 1(अँ) वणि िरणीते अ तम।् जहाित विं िपत ु रेित
 - मपु तु णतु े िनिणज ना।
िनृ त
 अििभ तु  पवते गभो- वृषायते नभसा वेपत े मती । स मोदते नसत े साधत े िगरा- नेिने
अ ु यजत े परीमिण।।
ृ -ं म िि ह स िणम।् आ यिाव ु त
 पिर  ु ं सहस पवतावध  ादˆ ऊधिन-
मूधीण िय ँ वरीमिभः।।
 समी रथ भिु रजो रहेषत- दश सारो अिदत े प आ। िजगा प यित गोरपी-ं पद ँ

यद मतथु ाˆ अजीजन।।
07.02.26 येनो न योिनं सदन िया कृ त-ं िहरयय मासद ेवˆ एषित। ए  िरणि बिहिष
िय िरा-ो न देवा अेित यि यः।।
 परा ो अषो िदव किव- वृषा िपृो अनिव गा अिभ। सहणीित यित परायती- रेभो न
पूव षसो िव राजित।।
 ेष ं पणतु  े वण अ स- याशय मृता सेधित िधः। अाˆ याित धया दै
 नं-
सं सु त
ु ी नसत े सोअया।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 667


 उ वे  यूथा पिरयरावी- दिध िषी रिधत सूय । िद पु ण
 व च त ां- सोम पिर
तनु ा पयते जाः।।
 9.74 हिरं मृजीित नवच सूािरसो हिरमः-पवमान-ोमो-जगती।।
ु ते- सेनिभ
07.02.27 हिरं मृजषो न य ु  कलशे सोमो अते। उाच मीरयित
िहते मती- पु त
ु  कित िचिरियः।।
 साकँ वदि बहवो मनीिषण-ˆ इ सोमठरे यदा ः। यदी मृजि सगु भयो नर-
नीळािभ दशिभ कां मध।ु ।
 अरममाणो अेित गाˆ अिभ- सूय िय िहत ु िरो रवम।् अ ै जोष मभर िनृस-
यीिभ सृिभः िे त जािमिभः।।
ु बिहिष िय- पित गवां िदवˆ इर ् ऋियः। परु िवा नषु ो य साधन-
ू ो अिषतो
 नृधत
शिु च िधया पवते सोमˆ इ ते।।
 नृबाा ोिदतो धारया सतु ो-न
ु ध ं पवते सोमˆ इ ते। आा तू मज ै ररे मती-
वन ुषो3(ओ) रासदिरः।।
07.02.28 अंश ु हि नय मि त-िववयोपसो मनीिषणः। समी गावो मतयो यि
सँयत-ˆ ऋत योना सदन े पनु भवः
ु ।।
ु  ि तः। इ वो वृषभो
 नाभा पृिथा धणो महो िदवो3(ओ)-पा मूम िस
िवभवू स-ु ोमो द े पवते चा मरः।।
 स तू पव पिर पािथवं रज- ु
ो े िश  ाधूत े च सतो~। मा नो िनभा वसनु
ादनश
ृ ो- रियं िपशं  बलँ वसीमिह।।
 आ तू न इो~ शतदां- सहदात ु पशमु िरयवत।् उप मा बृहती रेवती िरषो-िध
ो पवमान नो गिह।।
 9.76 े ेित नवच सूािरसः पिवः-पवमान-ोमो-जगती।।
07.02.29 े   धमत मर- ृत योना समर नाभयः। ी मू असरु

ु ृ त मपीपर।।
 आरभे- स नाव क

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 668


 सो मिहषाˆ अहषे त- िसो मा विध वेनाˆ अवीिवप ् । मधो धारािभ जनयो

अक- िमिया िम त मवीवृध।।
 पिवव पिर वाच मासते- िपत ैषां ो अिभ र ित तम।् मह मु ँ वण िरो दध-े धीरा

इेकु धणेारभम।।
 सहधारेव ते समर- िवो नाके  मधिु जाˆ असतः। अ शो न िन िमषि भूणय-
पदपे द े पािशन ि सेतवः।।
 िपत ु मात ु रा ये समर- ृचा शोच हो अतान।् इिा मप धमि मायया-
च मिस भूमनो िदविर।।
07.02.30 ााना दा ये समर- ोकयासो रभस मवः। अपान ासो बिधराˆ
अहासत- ऋत पा तरि ृतः।।

 सहधारे िवतत े पिव आ- वाचं पनि कवयो मनीिषणः। ासˆ एषा िमिषरासो अुह- श
 ु शो नृच सः।।
ु त-ु ी षˆ पिवा 1(अ) रादध।े िवा िवा भवु नािभ
 ऋत गोपाˆ न दभाय स

पय- वाजु ा िित कत  अतान।।
 ऋत त ु िवतत पिव आ- िजायाˆ अे वण मायया। धीराि िमन ˆ
आशता-ा कत मव पदा भःु ।।

 9.76 िशशनु ि त नवच सू, दैघतमसः क ीवान-पवमान-ोमो-जग-मी ्
िुप।।
07.02.31 िशशनु जातोव चद न-े 1(अ)य ाष ¤िषासित। िदवो रेतसा सचते
ृ ा- तमीमहे समु ती शम सथः।।
पयोवध
 िदवो य ो धण ातत-ˆ आपूण अंशु पयि त िवतः। सेम~
े मही~ रोदसी
य दावत े दाधार सिमष किवः।।
ृ ा- समीचीन~
ु ृ त ं सो ं मधू-व गूित रिदतरे ्ऋत ँ यत।े ईशे यो वृ े िरतˆ उियो वृषा-पाेता
 मिह र क
यˆ इतऊितर ्ऋि मयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके ितीयाायः (वगाः 30) Page 669


ृ  ँ िव जायते। समीचीना दु ानव ीणि-
 आभो ते घृत ं पय-ˆ ऋत नािभ रमत
तरो िहत मव मेहि पेरवः।।
 अरावी दंश ु चमानˆ ऊिमणा- देवा1(अं) मनषु े िपित चम।् दधाित गभ मिदत े प
आ- येन तोक तनय धामहे।।
 त- ृतीये स ु रजिस जावतीः। चतो नाभो िनिहता
े व ताˆ अस
07.02.32 सहधार
ु ।।
अवो िदवो- हिव भर मृत.ृततः
 ेत ं पणतु  े यिषासित- सोमो मीा असरु ो वेद भूमनः। िधया शमी सचते सेमिभ व-

िवव मव दष िणम।।
 मीसवान।् आ िहिरे मनसा देवय- क ीवत े
 अध ेतलशं गोिभर-ाा वा

शतिहमाय गोनाम।।
 अि ोम पपृचान ते रसो-ो वारँ िव पवमान धावित। स मृमान किविभ मिदम-
े ाय पवमान पीतये।।
द
 9.77 अिभ ियाणीित पच सू, भागवः किवः-पवमान-ोमो-जगती।।
07.02.33 अिभ ियािण पवते चनोिहतो- नामािन यो अिध येष ु वधत।े आ सूय बृहतो
बृहिध- रथँ िव.मह िच णः।।
 ऋत िजा पवते मध ु िय-ँ वा पित िधयो अाˆ अदाः। दधाित पु  िपो रपी1(अ)-
ाम तृतीय मिध रोचन े िदवः।।
ु न कलशा अिचद- ृिभ यमान कोश आ िहरयये। अभी मृत दोहनाˆ
 अव ता
अनूषता-िध िपृˆ उषसो िव राजित।।
 अििभ तु ो मितिभ नोिहत- रोचय ोदसी~ मातरा शिचः
ु । रोमाया समया िव धावित-
मधो धारा िपमाना िदविे दव।े ।
 पिर सोम  धा  ु नो अिभ वासयािशरम।् ये ते मदाˆ आहनसो िवहायस-
 ये- नृिभ पना

ेिभ िरोदय दातव े मघम।।।। इित ितीयााय माः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 670


 समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26)
 9.78 धतित पच सू, भागवः किवः पवमान सोमो जगती।
07.03.0 धता िदव पवते कृ ो रसो- द ो देवाना मनमु ाो नृिभः। हिर ृजानो अो न
सिभ- वृथा पाजांिस कृ णतु े नदीा।।
 शूरो न ध आयधु ा गभो- 1(अ) ¤िषास िथरो गिविष।ु इ श

ु - िर िहानो अते मनीिषिभः।।
मीरयपिभ
 इ सोम पवमानˆ ऊिमणा- तिवमाणो जठरेा िवश।  ण िप िव ु दवे  रोदसी-
िधया न वाजा उप मािस शतः।।
 िव राजा पवते श-ˆ ऋत धीित मृिषषाळवीवशत।् य ूयािसरेण मृते- िपता
मतीना मसमकाः।।
  किनदत।् स इाय पवसे मिरमो- यथा
 वृषवे यूथा पिर कोश मष -पा मपु े वृषभ
जेषाम सिमथ े ोतयः।।
 9.79 एष इित पच सू, भागवः किवः पवमान सोमो जगती।
ु ा अिचद -िद वो वपषु ो वपु रः। अभी मृत सु घाˆ
07.03.02 एष  कोशे मधम
घृत ु - वााˆ अषि पयसवे धेनवः।।
 तो
 स पू पवते य िविर- येनो मथाय िदिषत िरो रजः। स मˆ आ यवु ते वेिवजानˆ-
इृ शानो रमु नसाह िबषु ा।।
 ते न पूवासˆ उपरास इवो- महे वाजाय ध ु गोमत।े ई े यासो अो3(ओ) न चारवो-
ु षु ु हिवहिवः।।
 ये जज
ु त-ˆ इ ाचा मनसा प
 अयो िवा नव न ु ुतः। इन य दन े गभ मादध-े
गवा ्
 मषित जम।।
 चििदव पवते कृ ो रसो- महा अदो वणो  यत।े असािव िमो वृजनेष ु यि यो-ो

न यूथ े वृषयु किनदत।।
 9.80  राजेित पच सू, भागवः किवः पवमान सोमो जगती।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 671


07.03.03  राजा वाचनय िसद -दपो वसानो अिभ गाˆ इय ित। गृाित िर

मिवर ताा- शु ो देवाना मपु  याित िनृ तम।।
 इाय सोम पिर िषसे नृिभ- नृच ाˆ ऊिम किव रसे वने। पूविह ते तु य ि यातव-े
सह मा हरय मूषदः।।
 समिु याˆ अरसो मनीिषण- मासीनाˆ अ रिभ सोम म र।् ताˆ  िहि ह

ु ं पवमान मि तम।।
स िणँ- याच े स
 गोिज ोमो रथिज िरयिज- िज दि वते सहिजत।् येवास िरे पीतये मदं-

 ं मयोभवु म।।
ािद  मण
 एतािन सोम पवमानो अय-ु ािन कृ व िवणा षिस। जिह श ु मिके रक
 े च यˆ-
उवूित मभय नृ िध।।
 9.81 अचोदस इित पच सू, भागवः किवः पवमान सोमो जगती।
07.03.04 अचोदसो नो ध िव-  सवु ानासो बृहिवषे  ु हरयः। िव च नशˆ इषो
अरातयो-य नश सिनष नो िधयः।।
  णो ध िवो मदतु ो- धना वा येिभ रवतो जनी
ु मिस। ितरो मत क िचिरृितँ-
वय नािन िवधा भरेमिह।।
 उत ाˆ अरााˆ अिर िह ष-ˆ उतााˆ अरााˆ वृको िह षः। ध तृा समरीत ता
अिभ- सोम जिह पवमान राः।।
 िदिव ते नाभा परमो यˆ आदद-े पृिथाे  ानिव ि पः। अया बित गोरिध
1 -(अ) ु ा ह ै  मनीिषणः।।
ु ं सपु श
 एवा त इो~ स ु
े स-ं रस ि थमाˆ अिभियः। िनदिदं पवमान िन तािरष-ˆ
ु ो भवत ु ियो मदः।।
आिव े श
 9.82 सोमेित पच सू, भाराजो वसःु पवमान सोमो जगती।
07.03.05 सोम धारा पवते नृच स-ˆ ऋतने  देवा वते िदविर। बृह
 ते रवथेना िव
ु - समु ासो न सवनािन िवचः।।
िदते ु

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 672


 या वािजाˆ अनूषता-योहतँ योिनमा रोहिस मु ान।् मघोना मायु ितर िह व-ˆ
इाय सोम पवसे वृषा मदः।।
 ए कु ा पवते मिदम-ˆ ऊज वसान वस े समु लः।  िवा भवु नािभ पथे-
ीळ िर रते वृषा।।
ु मर- हधार हते दश ि पः। नृिभ ोम तु ो ाविभ तु ो-
े ो मधम
 ता देव

िवा ेवा आ पवा सहिजत।।
ु  मििभ- ह ु वृषभ श ि पः। इं सोम मादय ैनं-
 ता हिनो मधम
िसो िरवोिम पवमानो अषिस।।
 9.83  सोमेित पच सू, भाराजो वसःु पवमान सोमो जगा िपु ।्
07.03.06  सोम पवमानोमय-ˆ इ यि जठरं सपु श ु ीताˆ
े सः। दा यदी म
यशसा गवा- ानाय शूर मदु मिष ु तु ाः।।
 अा िह सोम कलशा अिसद- दो न वोा रघवु तिन वृषा। अथा द वे ाना मभ
ु य

जनो- िवा अो मतु ˆ इत यत।।
 योधो वसव े स ु चेतनु ा-
 आ न ोम पवमान िकरा व-िो~ भव मघवा राधसो महः। िश ा व
मा नो गयमारे अ रा िसचः।।
 आ न पूषा पवमान रु ातयो- िमो ग ु वण जोषसः। बृहित मतो वाय ु रिना-
ा सिवता सयु मा सरती।।
े ावापिृ थवी~ िविम~
 उभ~ े - अयमा देवो अिदित िवधाता। भगो नृशस
ं ˆ उव1(अ)िर -ँ

िवे देवा पवमानष।।
 9.84 असावीित पच सू, भाराजो वसःु पवमान सोमो जगा िपु ।्
07.03.07 असािव सोमो अषो वृषा हरी- राजेव दो अिभ गाˆ अिचदत।् पनु ानो वारं

पययं- येनो न योिनृतव मासदम।।
 धे  िरता सोम मृळय- घृत ँ
 किव वधा पयिष मािहन- मो न मृो अिभ वाज मषिस। अपस

वसान पिर यािस िनिणजम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 673


 पज िपता मिहष पिणनो- नाभा पृिथाˆ िगिरष ु य धे। सार आपो अिभ गाˆ
उतासर-ाविभ नसते वीत े अरे।।
 जायवे  पाविध शेव मंहसे- पायाˆ गभ णिु ह वीिम ते। अ वाणीष ु  चरा स ु जीवसे-
िनो वृजने सोम जागृिह।।
ु ताय नस-े तव
 शतसाˆ अमृ- हसा पयया वाज िमो~। एवा पव सिव
 यथा पूव
त माप चे।।
 9.85 पिव इित पच सूािरसः पिवः पवमान सोमो जगती।
07.03.08 पिव े िवतत ं णते- भ ु गाािण पयिष िवतः। अततनून तदामो अतेु -
तासˆ इह माशत।।
 तपो िवँ िवतत िवद-े शोचो अ तवो िर।् अव पवीतार माशवो-
िदवृ मिध िति चेतसा।।
 अच षस पृि रिय-ˆ उ ा िबभित भवु नािन वाजयःु । मायािवनो मिमरे अ मायया-
नृच स िपतरो गभमा दधःु ।।
ु ः। गृाित िरप ु िधया िनधापित-
 गवˆ इा पद म र ित- पाित देवानािनमा त
ु ृ मा मधनु ो भ माशत।।
क
 हिव हिवो मिह स दै-भो वसान पिर यारम।् राजा पिवरथो वाज माह-

हभिृ  जयिस वो बृहत।।
 9.86 पवेित पच सू, वाः जापितः पवमान सोमो जगती।
07.03.09 पव देवमादनो िवचषिण- राˆ इाय वणाय वायवे। कृ ध
 ी न
 ो अ विरव
िम- ि तौ गृणीिह दै ्
 नम।।
 आ यौ भवु ना म- िवािन सोम पिर ताषित। कृ वत
ृ  ँ िवचत
ृ  मिभय- इ
िषषु स सूयः।।
ु इषय पा
 आ यो गोिभ ृत ओषधीा- देवानां स ु वसः।
ु आ िवता
ु पवते धारया सतु -ˆ

इं सोमो मादय ैनम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 674


 एष  सोम पवते सहिज-िानो वाच िमिषरा मषु बधु म।् इ मु मिु दयित वायिु भ-
रे हािद कलशेष ु सीदित।।
ृ -ं सोमं ीणि मितिभ िवदम।् धनय पवते कृ ो रसो-
 अिभाव पयसा पयोवध
िव किव काेना चनाः।।
 9.87 इायेित ादशच सू, भागवो वेनः पवमान सोमो जगे े िभ
ु ौ।
07.03.10 इाय सोम सषु तु  पिर वा-पामीवा भवत ु र सा सह। मा ते रस मत
यािवनो- िवणˆ इह सिवः।।
 अा मय  पवमान चोदय- द ो देवाना मिस िह ियो मदः। जिह शू रा भनायत-
िपबे सोम मव नो मृधो जिह।।
े  भविस धािस म
 अद इो~ पवसे मिदम-ˆ आ  ः। अिभ रि बहवो
मनीिषणो- राजान म भवु न िनंसते।।
 सहणीथ शतधारो अत े  पवते कां मध।ु जय े मषा जयप-ˆ उो
ु ˆ- इाय
ु  ण ु सोम मीः।।
गात
 किनद लशे गोिभ रसे- 1(अ)यं समया वार.मषिस। मम
ृ मानो अो न सानिस-
िर सोम जठरे सम रः।।
 ा पव िदाय जन-े ा िराय सहु वीतनु ाे। ा िमाय वणाय वायवे-
ु ा अदाः।।
बृहतय े मधम
07.03.11 अं मृजि कलशे दश ि प-  िवाणां मतयो वाचˆ ईरते। पवमानाˆ
ु िु त- मेँ िवशि मिदरासˆ इवः।।
अषि स¤
 पवमानो अष ा सवु ीय- मवु ूितं मिह शम सथः। मािकन अ पिरषिू त रीशत-े ो~

जयेम या धननम।।
 अिध ामा षृ भो िवच णो-च ििदवो रोचन
 ा किवः। राजा पिव मेित रोव- िव
पीयषू  हते नृच सः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 675


 िदवो नाके  मधिु जाˆ असतो- वेना ह ु णििराम।् अ ु  ँ वावध
ृ ान ं समु आ-
ु ं पिव आ।।
िसो मा मधम
 नाके  सपु ण मपु पिवांस-िरो वेनाना मकृ प पूवः। िशश ं ु िरहि मतय पिनतं- िहरययं

शकुनामिण ाम।।
 ऊ गव अिध नाके  अा- िा पा ितच ाणो अ। भान ु श
ु े ण शोिचषा ौ-
ु ।।
ाच ोदसी~ मातरा शिचः

पमेनवाके एकादशसूािन
 9.88  त आशव इाचािरंशच सू, आानां दशानामकृ ामाषा ऋषयः, एकादयािद
दशानां िसकतािनवावरी एकिवंयािद दशानां पृियोजाः, एकिंयािद दशानामयः एकचािरंयािद
पानां भौमोिः, अानां ितसृणां शौनको गृमदः, पवमान सोमो जगती।
ु ाइव ना। िदा पु ण
07.03.12  त आशव पवमान धीजवो- मदाˆ अषि रघज  ाˆ
ु -ˆ इवो मिदमास पिर कोश मासते।।
मधम
  ते मदासो मिदरासˆ आशवो-सृ त रासो यथा पृथक।् धेननु वं पयसािभ विण- िम
ु ˆ ऊमयः।।
िमवो मधम
 अो न िहयानो अिभ वाज मष- िवोश िवो अिमातरम।् वृषा पिवे अिध सानो अये-
ु नˆ इियाय धायस।े ।
सोम पना
ु - िदाˆ अस
  त आिनी पवमान धीजवो ृ  यसा धरीमिण। ार ् ऋषय ािवरी
रसृ त- ये ा मृज ृिषषाण वेधसः।।
 िवा धामािन िवच ˆ ऋस- भोे सत पिर यि के तवः। ानिश पवसे सोम
धमिभ- पित िव भवु न राजिस।।
 त पवमान रमयो- वु  सत पिर यि के तवः। यदी पि वे अिध
07.03.13 उभय
मृते हिर- ा िन योना कलशेष ु सीदित।।
 म।् सहधार पिर कोश मषित-
 य  के तु पवते र- ोमो देवाना मपु  याित िनृ त

वृषा पिव मेित रोवत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 676


 राजा समु ो3(ओ) िव गाहते-पा मूिम सचते िसषु ु ितः। अाान ु पवमानो
अय- ाभा पृिथाˆ धणो महो िदवः।।
 िदवो न सान ु नयिचद- ौ य पृिथवी च धमिभः। इ स ं पवते िवविे वद- ोम
ु न कलशेष ु सीदित।।
पना
 ोितय  पवते मध ु िय-ं िपता देवानािनता िवभवू सः।
ु दधाित रं धयो रपी-ं
मिदमो मरˆ इियो रसः।।
07.03.14 अिभ लशँ वाषित- पितिदव शतधारो िवच णः। हिर िम सदनषे ु
सीदित- ममृजानोिविभ ििु भ वृषा।।
ू ां पवमानो अष -े वाचो अियो गोष ु गित। अे वाज भजते महाधन-ं
 अे िसन
ायधु ोतिृ भ पूयते वृषा।।
 अय ं मतवाकुनो यथा िहतो-े ससार पवमानˆ ऊिमणा। तव ा रोदसी अरा कव-े शिच

िधया पवते सोमˆ इ ते।।
ृ - मिर ाˆ भवु न
 ािपँ वसानो यजतो िदिवश े िपतः। ज ानो नभसामी- 
म िपतर मा िववासित।।
 सो अ िवश े मिह शम यित- यो अ धाम थम ँ ानश।े पद ँ यद परम े ोम- तो
िवाˆ अिभ सँ याित सँयतः।।
07.03.15 ो~ अयासी िद िर िनृ त-ं सखा सनु  िमनाित सिरम।् मयइव
यवु ितिभ मषित- सोम कलशे शतयाा पथा।।
  वो िधयो मयवु ो िवपवु - पनवु ँवसन
े मःु । सोमं मनीषाˆ अनषू त भु ो-िभ

धेनव पयस े मिशयः।।
 आ न ोम सँयतं िपषु ी िमष- िमो~ पव पवमानो अिधम।् या नो दोहत े

िरहसषी- ्
मु ाजव धमु वु ीयम।।
ू ालशा अवीवश-
 वृषा मतीनां पवते िवच ण- ोमो अ तरीतोषसो िदवः। ाणा िसन
िद हाािवश नीिषिभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 677


 मनीिषिभ पवते पू किव- नृिभ यत पिर कोशा अिचदत।् ित नाम जनय ध ु र-
िद वायो ाय कतव।े ।
ु ो अभव लोककृत।् अय ि
07.03.16 अय ं पनु ानˆ उषसो िव रोचय- दयं िस
हान आिशरं- सोमो द े पवते चा मरः।।
 पव सोम िदषे  ु धामस-ु सृजान इो~ कलशे पिव आ। सीद ि जठरे किनद-ृिभ
यत ूय मारोहयो िदिव।।
 अििभ तु  पवसे पिव आ-ँ इ~ िव जठरेािवश।् ृच ाˆ अभवो िवच ण-
सोम गो मिरोोवृणो रप।।
 ां सोम पवमानं ाो-न ु िवासो अमदववः। ां सपु ण
 आभर िवरी-ो~ िवािभ

मितिभ पिरृतम।।
ु न ं पिर वार ऊि मणा- हिरवे अिभ स धेनवः। अपा मपु े अायव किव- मृत
 अे पना
योना मिहषाˆ अहषे त।।
ु नो अित गाहते मृधो- िवािन कृ व पु थािन यव।े गा कृ वानो
07.03.13 इ पना
िनिणजं हयत किव- रो न ीळ िर वार मषित।।
ु । ि पो मृजि पिर गोिभ रावृत-
 असत शतधाराˆ अिभियो- हिरवे व ताˆ उदवः
ृतीये पृ े अिध रोचन े िदवः।।
 तवेमा जाˆ िद रेतस- ँ िव भवु न राजिस। अथेद ँ िवं पवमान ते वशे-
िमो~ थमो धामधाˆ अिस।।
 ं समु ो अिस िविवव-े तवेमा प िदशो िवधमिण। ा पृिथवीाित जिषे- तव
ोतिष पवमान सूयः।।
े  ोम पवमान पूयसे। ामिु शज थमाˆ अग
 ं पिवे रजसो िवधमिण- देव ु म
ृ त- त े ा
िवा भवु नािन येिमरे।।
07.03.18  रेभˆ एित वार मयँ- वृषा वनेव चदिरः। सीतयो वावाशानाˆ

अनषू त- िशश ं ु िरहि मतय पिनतम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 678


 स सूय रिमिभ पिर त- त ु ान िवत
ृ  ँ यथा िवद।े नयतृ  िशषो नवीयसी-
पित जनीना मपु  याित िनृ त ्
 म।।
ू ां पवते पित िदव-ˆ ऋत याित पिथिभ किनदत।् सहधार पिर िषते हिर-
 राजा िसन
ु नो वाचनय पा
पना ु वसः।।

 पवमान मण िव धाविस- सूरो न िचो अयािन पया। गभिपूतो नृिभ रििभ तु ो- महे
वाजाय धाय धिस।।
 इष मूज पवमानाषिस- येनो न वंस ु कलशेष ु सीदिस। इाय मा मो मद तु ो- िदवो
िवˆ उपमो िवच णः।।
07.03.19 स सारो अिभ मातर िशश-ु व ाने ँ िवपितम।् अपाव ि
ृच स-ं सोमँ िव भवु न राजसे।।
ु ान इो~ हिरत पु यः। ताे र ु मधम
 ईशानˆ इमा भवु नािन वीयस-े यज ु तृ ं पय- व
त े सोम ित ु कृ यः।।
 ृच ा अिस सोम िवत- पवमान वृषभ ता िव धाविस। स न पव वसमु  िरयव- य ं
ाम भवु नषे ु जीवसे।।
 गोिव व वसिु व िरयिव-ेतोधाˆ इो~ भवु न
े िपतः। ं सवु ीरो अिस सोम िविव-
ा िवाˆ उप िगरेम आस
 ते।।
 उˆ ऊिम वननाˆ अितिप- दपो वसानो मिहषो िव गाहते। राजा पिवरथो वाज माह-

हभिृ  जयित वो बृहत।।
07.03.20 स भना उिदयित जावती- िवाय ु िवा भ
ु रा अहिदिव।  जाव िय

मपं- पीत इ~ िव मँ याचतात।।
 सो अे अां हिर हयतो मद-  चेतसा चेतयते अन ु िभः
ु । ा जना यातय  -े नरा च
 रीयत
शंस ै  धतिर।।
 अते ते समते- त ं ु िरहि मधनु ाते। िसोास े पतय म ु णं- िहरयपावा
पशमु ास ु गृते।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 679


 िवपि ते पवमानाय गायत- मही न धाराो अषित। अिहन जूणा मित सपित च- मो न
ीळसर षृ ा हिरः।।
े िपतः। हिर घृत ु ु शीको अणवो
े ो राजािवते- िवमानो अां भवु न
 अग
ोतीरथ पवते राय ओः।।
07.03.21 असिज ो िदवˆ उतो मद- पिर िधात ु भवु ना षित। अंश ं ु िरहि
मतय पिनत-िरा यिद िनिणज मृि मणो ययःु ।।
ु न सँयतो यि रंहयः। योिभ िरो~ चो मस -
  ते धाराˆ अवािन मे- पना
आ सवु ान ोम कलशेष ु सीदिस।।
 पव सोम तिु वˆ उो-ो वारे पिर धाव मध ु ियम।् जिह िवा  स इो~ अिणो
े िवदथे सवु ीराः।।
बृह दम
 9.89  त ु वेित नवच सू, का उशना पवमान सोमिपु ।्
07.03.22  त ु व पिर कोशि षीद- नृिभ पना
ु नो अिभ वाज मष। अ ा वािजनं
मजयो-ा ब
 ह रशनािभ नयि।।
 ायधु  पवते देवˆ इ- रशिहा वृजनं र माणः। िपता देवानािनता सदु ो- िवो िदवो
धण पृिथाः।।
ु ता जनाना- मृभ ु धरˆ उशना काेन। स िचिवेद िनिहत ँ यदासा-
 ऋिष िव परए
मपी1 (अ) ्
ु  ाम गोनाम।।
ु ा इ सोमो- वृषा वृ े पिर पिवे अ ाः~। सहस
 एष  ते मधम  ा शतस
 ा भूिरदावा-
शम ं बिहरा वा ्
 ात।।
 एत े सोमाˆ अिभ गा सहा- महे वाजायामृताय वांिस। पिवेिभ पवमानाˆ असृ-
ववो न पृतनाजो अाः।।
ु तो जनानाँ- िवासर ोजना पूयमानः। अथा भर येनभृत
07.03.23 पिर िह ा प 
ु ानो अिभ वाज मष।।
यांिस- रिय 

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 680


 एष सवु ान पिर सोम पिवे- सग न सृो अदधाव दवा। ित मे~ िशशानो मिहषो न े ~ गाˆ
गिभ शूरो न सा।।
 एषाययौ परमा द रे- कू िच ती व गाˆ िववदे । िदवो न िव ु नय  ै- ोम
ते पवत इ धारा।।
ु नः। पूव िरषो बृहती जरदानो~ िश ा
 उत  रािशं पिर यािस गोना- िमेण सोम सरथं पना
शचीव व ताˆ उप त ्
ु ।।
 9.90 अयं सोम इच सू, का उशना पवमान सोम िपु ।्
ु  ं से
07.03.24 अय ं सोमˆ इ त ु - त
ु  ं पवते म पािह। ं ह यकृष े ँ ववषृ -इं

ु ाय सोमम।।
मदाय य
 स  रथो न भिु रषा ळयोिज- मह प
ु िण सातये वसूिन। आद िवा नािण जाता- षाता
वन ऊ
 ा नव।।
 वायनु यो िनय
ु ा इयामा- नासवे  हव आ शंभिवः। िववारो िवणोदाइव -ूषवे 
धीजवनोिस सोम।।
 इो न यो महा कमािण चि- हा वृाणा मिस सोम पूिभत।् पै ो न िह मिहनाां- हा
िवािस सोम दोः।।
ु महतˆ उपि - िरयित
 अिन यो वन आ सृमानो- वृथा पाजांिस कृ णतु े नदीष।ु जनो न या

सोम पवमानˆ ऊिमम।।
 एत े सोमाˆ अित वाराया- िदाˆ न कोशासो अवषाः। वृथा समु ं िसवो न नीची-

तु ासो अिभ कलशा असृ।।
ु ी शध न मात ं पवा-निभशा िदा यथा िवट ्। आपो न म ू समु ित भवा न-
 श
हाा पृतनाषाण य ः।।
 रा ो न ु ते वण तािन- बृहभीर व सोम धाम। शिु चमिस ियो न िमो- द ाो
अयमवे ािस सोम।।
 9.91 ो  वििरित सच सू, का उशना पवमान सोमिपु ।्

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके तृतीयाायः (वगाः 1-26) Page 681


07.03.25 ो~ ˆ वि पािभ रा- िवो न वृि पवमानो अ ाः~। सहधारो
असद1(अ)े- मात ु पे वन आ च सोमः।।
ू ा मविस वास-ˆ ऋत नाव माह िजाम।् अ ु ो वावध
 राजा िसन ृ े येनजूतो- ह

  िपता ह   िपत ु जाम।।
 िसंहस मो अयासं- हिर मष िवो अ पितम।् शूरो य
ु ु थम
  पृते गा-ˆ अ
च सा पिर पा ु ा।।
 मधपु ृ ोर मयास मं- रथे य ु  ऋम।् सारˆ ईामयो मजयि- सनाभयो
ु च
वािजन मूजयि।।
 चतˆ ईृतह चे- समान े अ ु ना- ाˆ 
 धणे िनषाः। ताˆ ईमषि नमसा पना
िवत पिर षि पूवः।।
ु ा-
 िवो िदवो धण पृिथा- िवाˆ उत ि तयो हे अ। अस उो गृणत े िनय
ो अंशु पवत इियाय।।
 ववातो अिभ देववीित- िमाय सोम वृहा पव। शि ध मह पु  राय- वु ीय
पतय ाम।।
 9.92  िहान इित षडृच सू, मैाविण विसः पवमान सोमिपु ।्
07.03.26  िहानो जिनता रोदो- रथो न वाजं सिनयासीत।् इ ायधु ा
संिशशानो- िवा वस ु हयो रादधानः।।
 अिभ िपृ ँ वृषण ँ वयोधा- माूषाणा मवावश वाणीः। वना वसानो वणो न िस-ू ि रध
 ाˆ
दयते वायािण।।
 शूराम ववीर हावा- जेता पव सिनता धनािन। ित मायधु ः  ि धा सम-

षा ाा ृतनास ु शून।।
े आ पवा परु ी~। अप ¤िषास षु स 1(अ)गा
 उगिू त रभयािन कृ  व-मीचीन~

-िदो महो अँ वाजान।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 682


ु ।् मि शध मात ं मि देवा-
 मि सोम वण ं मि िम-ं मी िमो~ पवमान िवम
ि महा िम िमो~ मदाय।।
ु ा अमेन- िवा घिन िरु ता पव। इो~ सूाय वचस े वयो धा-ˆ यूय ं पात
 एवा राजेव तम
ििभ दा नः।।।। इित तृतीयााय माः।।

 ु
समाके चतथाायः (वगाः 1-28)
 9.93 असजित षडृच सू, मारीचः कयपः पवमानसोम िपु ।्
07.04.01 असिज वा रे यथाजौ- िधया मनोता थमो मनीषी। दश सारो अिध सानो
अे-जि विं सदना ।।
ु नो निे भ िरः।  यो नृिभ रमत
 वीती जन िद क-ै रिध सवा ृ ो मिभ-
ममृजानोिविभ गिभ रिः।।
 वृषा वृ े रोव दंश ु र-ै पवमानो शदीत पयो गोः। सह मृा पिथिभ वचोिव द-िभ
ूरो अवँ िव याित।।
 जा 
 ा िच स दांिस- पना ु िव वाजान।् वृोपिरा ज
ु नˆ इ~ ऊणिह ु ता वधने - ये

अि रा पनाय मेषाम।।
 स े िववार- सूाय पथ कृ णिु ह ाचः। ये हासो वनषा
 स व ु बृह- ाँ े अयाम
ु ु ो~।।
पकृ
 एवा पनु ानो अप 1(अ)गा- अ ोका तनयािन भूिर। शः  े  मु ोतिष सोम-
ो ूय शये िररीिह।।
ु इित षडृच सू, मारीचः कयपः पवमानसोम िपु ।्
 9.94 पिर सवान
ु नो हिर रंशु पिवे- रथो न सिज सनये िहयानः। आपोक िमिय ं
07.04.02 पिर सवा
ु योिभः।।
पूयमान- ित देवा अजषत
 अा न ृ ाˆ असर िवे- नाम दधान किव र योनौ। सीद ोतेव सदन े चमषू पू -े
 च
म मषृ य  िवाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 683
  समु ध ु न दˆ एित िनम।् भवु िेष ु काेषरु ा-न ु
े ाˆ गातिु व िदेव- ोम पना
जनातते प धीरः।।
 तव े सोम पवमान िनये- िवे देवा य एकादशासः। दश धािभ रिध सानो अे- मृजि
ा न  यीः।।
 त ु स ं पवमाना-ु य िवे कारव स। ोित यदे अकृ णो लोकं- ाव न ु

व े करभीकम।।
 पिर सेव पशमु ाि होता- राजा न स िमती िरयानः। सोम पना
ु न कलशा अयासी-

ीद ृगो न मिहषो वनेष।।
 9.95 साकम ु इित पच सू, गौतमो नोधाः पवमानसोम िपु ।्
 ु ो मजय सारो- दश धीर धीतयो धनु ीः। हिर पयवा
07.04.03 साकम
ूय- ोणन  े अो न वाजी।।
 सं मातिृ भ न िशश ु वावशानो- वृषा दधे पु वारो अिः। मय न योषा मिभ िनृत
 ँ य-
ते कलश उि यािभः।।
ु धाः। मूधानाव पयसा चम ू -िभ
 उत  िप ऊध रायाˆ- इ धारािभ चते समे
ीणि वसिु भ न िनैः।।
ु ती परु ि-
 स नो देविे भ पवमान रद-े ो~ रिय मिनँ वावशानः। रिथरायता मश

र 1(अ)गा दावने वसूनाम।।
ु नो वाताँ िवम।्  वित ु िरो~ तायायु - ात म ू
 नू नो रिय मपु  मा नृवं- पना

िधयावस ु जगात।।
 9.96 अिध यिदित पच सू, घौरः कवः पवमानसोमिपु ।्
07.04.04 अिध यदि ािजनीव शभु - ध े िधय ूय  न िवशः। अपो वृणान पवते
कवीय- ज पशवु धनाय म।।
 िता ूवमृत धाम- िवदे भवु नािन थ। िधय िपाना सरे न गाव- ऋतायी

रिभ वाव इम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 684


 पिर यिव काा भरत-े शूरो न रथो भवु नािन िवा। देवषे  ु यशो मताय भूष-  ाय राय
पु भषू  ु नः।।
 िय े जात िय आ िनिरयाय- ियँ वयो जिरत
ृ ो दधाित। ियँ वसानाˆ अमृत माय-
वि सा सिमथा िमतौ।।
 इष मूज म1(अ)षाा- मु ोित कृ णिु ह मि देवान।् िवािन िह सषु हा तािन त
ु -ं

पवमान बाधस े सोम शून।।
 9.97 किनीित पच सू, कवः वः पवमानसोम िपु ।्
ु नः। नृिभ यत कृ णतु े
07.04.05 किनि हिररा सृमान- ीद न जठरे पना
िनिणजा-ˆ अतो मती जनयत धािभः।।
 हिर ृजान पा मृते-यित वाच मिरतवे  नावम।् देवो देवाना
ु ािन नामा-िवृ णोित
बिहिष वाचे।।
 अपािमव े मय तरु ाणा-  मनीषाˆ ईरते सोम म। नमी प च यि सा-च

ु ती शम।।
िवशश
ं ु ह  ु णििराम।् तँ वावशान ं मतय चे- ितो िबभित
ृ न ं मिहष साना- वश
 तं ममजा
वण ं समु े।।
 इ ाच मपु वेव होतु - पना  नीषाम।् इ ययथ ौभगाय-
ु नˆ इो ~िव ा म
सवु ीय पतय ाम।।
ु च सू, दैवोदािसः तदनः पवमानसोम िपु ।्
 9.98  सेनानीिरित चतिवशृ
07.04.06  सेनानी शूरो अे रथाना-ेित हषत े अ सेना। भा ृ व िहवा
िख-ˆ आ सोमो वा रभसािन दे।।
 सम हिरं हरयो मृज- हय ै रिनिशतमोिभः। आ ितित रथ िम सखा- िवा एना
समु ितँ या।।
 स नो देव देवतात े पव- महे सोम रस इपानः। कृ  वपो वषया मतु म
े ा- मरु ोरा नो
ु नः।।
विरवा पना

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 685
 े हतये पव- ये सवतातये बृहत।े तशि िव इम े सखाय- दहँ विम
 अजीतय
पवमान सोम।।
 सोम पवते जिनता मतीना-िनता िदवो जिनता पृिथाः। जिनताे जिनता सूय-
े  जिनतोत िवोः।।
जिनत
07.04.07 ा देवानां पदवी कवीना- मृिष िवाणां मिहषो मृगाणाम।् येनो गृाणां िधित

वनानां- सोम पिव मेित रेभ।।
 ावीिवप ाचˆ ऊिम िस-ु िगर ोम पवमानो मनीषाः। अ~ पय ृजनेमावराया-

 ो गोष ु जान।।
ितित वृषभ
 स मर पृ ु ववात- हरेताˆ अिभ वाज मष। इाय
े ो~ पवमानो मनी1 -

(अं)शो िम मीरय गाˆ इषय।।
 पिर िय कलशे देववात-ˆ इाय सोमो रयो मदाय। सहधार शतवाजˆ इ- वाजी न सि
मना िजगाित।।
 स पू वसिु व ायमानो- मृजानो अ ु हानो अौ। अिभशिपाˆ भवु न राजा- िवद ात ं ु
ण े पूयमानः।।
07.04.08 या िह न िपतर ोम पूव- कमािण चु पवमान धीराः। ववात पिरधी
रपोण-ु वीरेिभ र ै मघवा भवा नः।।
 यथापवथा मनव े वयोधा-ˆ अिमहा विरवोिव िवान।् एवा पव िवण धान-ˆ इे स
ि जनयायधु ािन।।
ु ा ऋतावा-पो वसानो अिध सानो अे। अव ोणािन घृतवाि सीद-
 पव सोम मधम
मिदमो मरˆ इपानः।।
 ु दववीतौ। सं िसिु भ कलशे वावशान-
 वृि िव शतधार पव- सहसाˆ वाजय
मिु यािभ ितरˆ आयःु ।।
ु नो-ो न वाजी तरतीदरातीः। पयो न  ध मिदत े िरिषर- मिु वव गात ु
 एष  सोमो मितिभ पना
यु मो न वोा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 686


07.04.09 ायधु ोतिृ भ पूयमानो-ष ग
ु ा नाम। अिभ वाजं सििरव वा-िभ
वाय ु मिभ गाˆ देव सोम।।
ु ान ं हयत ं मृजि- श
 िशश ु ि विं मतो गणने । किव गिभ काेना किव -ोम

पिव मेित रेभ।।
 ऋिषमना यˆ ऋिषकृ षा- हणीथ पदवी कवीनाम।् तृतीयाम मिहष ¤िषास-

ोमो िवराज मन ु राजितुप।।
ृ ा- गोिव ˆ आयधु ािन िबत।् अपा मूिम सचमान मु -
 चमषू ेन शकुनो िवभ
रु ीय ाम मिहषो िववि।।
ु ं मृजानो-ो न सृा सनये धनानाम।् वृषवे यूथा पिर कोश मष- िनद
 मय न श
े ।।
ो3(ओ)रा िववश
े ो~ पवमानो महोिभ- किनद िर वारायष। ीळो3(ओ)रा िवश
07.04.10 पव

पूयमान-ˆ इ े रसो मिदरो मम।।
 ा धारा बृहत
 ी रस े । साम कृ व ामो िवपि-
ृ -ो गोिभ कलशा आ िववश

े िभ सनु जािमम।।

 ेिष पवमान शू- िया जारो अिभगीतˆ इः। सीदनषे ु शकुनो न पा- सोम
 अप
ु न कलशेष ु सा।।
पना
 आ ते च पवमान सोम- योषेव यि सु घा धु ाराः। हिर रानीत पु वारो अ-

िचद लशे देवयूनाम।।

षेनवोके ससूािन
ु ािद ितसृणां
 9.99 अ ेष ेपाशच सूाानां ितसृणां मैाविण विस त
वािस इमितः, ततो ितीयािद नव तृचानां पवमान सोम िपु , ् सािद ितसृणां वािसो

वृषगणो दशािद ितसृणां वािसो मयोदयािद ितसृणां वािस उपमः,ु षोडयािद ितसृणां
वािसो ापादेकोनािवंयािद ितसृणां वािस शि ािवंयािद ितसृणां वािसः
ु िवंयािद ितसृणां वािसो मृळीकोिवंयािद ितसृणां वािसो वस
कण ु एकिंयािद

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 687

चतदशानां शाः पराशरः, पचािरंयािद चतदु शानामािरसः कु ऋषयः पवमान सोम
िपु ।्
07.04.11 अ ेषा हेमना पूयमानो- देवो देविे भ मपृ रसम।् सतु  पिवं पयित रेभ-
ितवे  स पशमु ाि होता।।
 भा वा समा3(आ) वसानो- महा िव िनवचनािन शंस।् आ व चो पूयमानो-
िवच णो जागृिव दववीतौ।।
 सम ु ियो मृते सानो अे- यशरो यशसा ू मानो- यूय ं
ष ैतो अ।े अिभ र धा पय
पात ििभ दा नः।।
  गायताचाम देवा- ोमं िहनोत महत े धनाय। ा पवाते अित वार म-
मासीदाित कलश ेवयनु ः।।
 इ दवाना मपु  स माय- हधार पवते मदाय। नृिभ वानो अन ु धाम पूव-
मगिं महत े सौभगाय।।
ु नˆ- इं मदो गत ु ते भराय। देव ै यािह सरथं राधो
07.04.12 ो े राय े हिर रषा पना
अा -यूय ं पात ििभ दा नः।।
ु नवे वु ाणो- देवो देवानािनमा िववि। मिहत शिु चबु पावक- पदा वराहो
  का मश

अिे त रेभ।।

  हंसास ृपलं  म.म-ा ु आू1 (अ) पवमानं सखायो- मष
मादँ वृषगणाˆ अयासः।

साकं  वदि वाणम।।
 स रंहत उगाय जूितँ- वृथा ीळ ं िममते न गावः। परीणसणतु े ित मो- िदवा हिर
दश े न मृः।।
 इ वाजी पवते गोोघा-ˆ इे सोम हˆ इ दाय। हि र ो बाधत े पयराती- विरव
कृ व ृजन राजा।।
07.04.13 अध धारया मा पृचान- िरो रोम पवते अि धः। इ िर सषु ाणो-
देवो देव मरो मदाय।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 688


ु नो- देवो देवाेन रसेन पृ।् इ धमा.यृतथु ा वसानो- दश ि पो
 अिभ ियािण पवते पना
अत सानो अे।।
 वृषा शोणो अिभकिनदा-ˆ नदय ेित पृिथवी मतु ाम।् इवे वरु ा व आज
 ौ-

चते यषित वाच मेमाम।।
ु  मंशमु ।् पवमान िन मेिष कृ व- िाय
 रसा पयसा िपमान-ˆ ईरय ेिष मधम
सोम पिरिषमानः।।
ु अष पिर
 एवा पव मिदरो मदायो-दाभ नमय ध ैः। पिर वण भरमाणो श- न
सोम िसः।।
07.04.14 जु ी नˆ इो~ सपु था सगु ा- रु ौ पव विरवांिस कृ व।् घनवे  िव िरतािन
िव-िध नु ा ध सानो अे।।
 -ु िमळावत शयीीरदानमु ।् क
 वृिो अष िदािग ु े व वीता धा िविच -


ू ।।
िरमा अवरा इो~ वायन
 ि िव  िथत ं पनु ानˆ- ऋज
ु गात ँ ु वृिजन सोम। अो न दो हिररा सृजानो- मय देव

ध पावान।।
ु ध सानो अे। सहधार रु िभ रद- पिर व
ु मदाय देवतात इो~- पिर ना
 जो
वाजसातौ नृषे।।
ु ा-ˆ अासो न ससज
 अर मानो येरथाˆ अय ु ासो धि सोमा-ˆ
ृ ानासˆ आजौ। एत े श
देवास ा उप याता िपब।ै ।
  इो~ अिभ देववीितं- पिर व नभो अण मषू ।ु सोमो अां
07.04.15 एवा न

बृहं- रिय दात ु वीरव मु म।।
 त  दी मनसो वेनतो वा- े वा धमिण ो रनीके। आदीमाय रमा वावशाना-ˆ जंु 

पितलशे गाव इम।।
  दानदु ो िदो दानिप
ु -ˆ ऋत मृताय पवते समे
ु धाः। धमा भवु ज
ृ  राजा-  रिमिभ
दशिभ भािर भूम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 689
 पिवेिभ पवमानो नृच ा-ˆ राजा देवाना मतु मानाम।् िता भवु ियपती रयीणा- मृत ं भर
ु त
भ ृ 
 ािवः।।
 अवाइव वस े साित मे- वायो रिभ वीित मष। स न हा बृहती िरषो दा-ˆ भवा
सोम िवणोिव नु ानः।।
07.04.16 देवाो न पिरिषमानाः- यं सवु ीर  ु सोमाः। आयव म
ु ितँ
िववाराˆ- होतारो न िदिवयजो मतमाः।।
 एवा द वे देवतात े पव- महे सोम रस े देवपानः। मह िि िस िहता मय- कृ िध सु ान~

ु नः।।
रोदसी पना
ु न- िंहो न भीमो मनसो जवीयान।् अवाचीनै पिथिभय  रिजा- आ
 अो न दो वृषिभ यजा
पव सौमनस इो~।।
 शत ाराˆ देवजाताˆ असृ- हमने ा कवयो मृजि। इो~ सिन िवˆ आ पव-
ु तािस महतो धन।।
परए
 िदवो न सगाˆ अससृ मां- राजा न िम ं  िमनाित धीरः। िपतनु पु  तिु भ यतान-ˆ आ

पव िवश े अा अजीितम।।
ु ती रसृ- ारा ूतो अ.े ान।् पवमान पवस े धाम गोना-
07.04.18  ते धाराˆ मधम
 ान ूय मिपो अकः।।
 किनद दन ु पा मृत- श
ु ो िव भाम
 त
ृ 
  धाम। स इाय पवसे मरवा- िानो वाचं

मितिभ कवीनाम।।
 िद पु णव चि सोम- िप ारा कमणा देववीतौ। एो~ िवश कलशं सोमधान-

ििह सूयोप रिमम।।
 ितो वाचˆ ईरयित  विर-् ऋत धीितं णो मनीषाम।् गावो यि गोपितं पृमाना-
ोमँ यि मतयो वावशानाः।।
 सोमावो धेनवो वावशाना- ोमँ िवाˆ मितिभ पृमानाः। सोम तु  पूयते अमान-
ोमे अका िभ
ु  वे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 690


07.04.18 एवा न ोम पिरिषमान-ˆ आ पव पूयमान ि। इमा िवश बृहत
 ा

रवेण- वधया वाचनया परु िम।।
ु नो असद मषू ।ु सपि यं िमथनु ासो िनकामाˆ-
 आ जागृिव िवˆ ऋता मतीनां- सोम पना
अयवो रिथरास हु ाः।।
 स पनु ानˆ उप सू.रे न धातो-भे~ अाˆ रोदसी िव ष आवः। िया िच ियसासˆ ऊती- स

तू धनािरणे न  यंसत।।
 स विधता वधन पूयमान- ोमो मीा अिभ नो ोितषावीत।् येना न पूव िपतर पद ा-

ु ।।
िवदो अिभ गाˆ अि म
 अा मु  थम े िवधम- जनय जाˆ भवु न राजा। वृषा पिवे अिध सानो अे- बृह
ु नˆ इः।।
ृ े सवा
ोमो वावध
07.04.19 मह ोमो मिहष कारा-पाँ यभवृणीत देवान।् अदधा िदे पवमानˆ ओजो-
जनय ूय  ोित िरः।।
 मि वाय ु िमये राधस े च- मि िमावणा पूयमानः। मि शध मात ं मि देवा- ि
ावापिृ थवी~ देव सोम।।
 ऋजु पव वृिजन हा-पामीवां बाधमानो मृध
 । अिभीण य पयसािभ गोना-
िम व वय ं सखायः।।
 मदू ं पव व उँ- वीरनˆ आ पवा भग। द
े ाय पवमान इो~- रिय नˆ

आ पवा समु ात।।
 सोम तु ो धारयाो न िहा- िसनु िन मिभ वा ाः। आ योिनँ व मसद नु ान-
िम गिभ रसर मिः।।
07.04.20 एष  ते पवत इ सोम- मषू  ु धीरˆ उशत े तवान।् च ा रिथर
ु - कामो न यो देवयता मसिज।।
श
ु न- िरो वपािस िहत ु दधानः। वसान शम िवथ म-ु होतेव याित
 एष ने  वयसा पना

समनषे  ु रेभ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 691
 नू नं रिथरो देव सोम- पिर व चो पूयमानः। अ ु ािदो मधम
ु ा ऋतावा- देवो न य
िवता समा।।
 अिभ वाय ँ ु वीषा गृणानो3(ओ)-िभ िमावणा पूयमानः। अभी नर ीजवन ं रथेा- मभीँ

वृषण ँ वबाम।।
ु ना षा-िभ धेन ू ु घा पूयमानः। अिभ चा भतव े नो िहरया-ा
 अिभ वा सवस
िथनो देव सोम।।
07.04.21 अभी नो अष िदा वसू- िभ िवा पािथवा पूयमानः। अिभ येन िवण मवा-
 .मदिवः।।
मााषय
 इो~ सरिस  ध।  िद वातो न जूत- पु मध
 अया पवा पवैना वसूिन- माँ े 

िकव े नरात।।
 उत नˆ एना पवय  ा-िध तु े वा तीथ। षिं सहा न ैगतु ो वसूिन- वृ  प
 ा पव
ू व णाय।।
न
े अ वृषन
 महीम~ े माँ
 ाम शूष~ े । अापय िगतु 
 े वा पृशन े वा वध~ ेहय-
ापािमाअपािचतो अचेतः।।
 सी पिवा िवतताे-ेक ाविस पूयमानः। अिस भगो अिस दा दाता-िस मघवा
मघव इो~।।
07.04.22 एष िवि व वते मनीषी- सोमो िव भवु न राजा। ा ईरय िदथे
ि-िव वारमं समयाित याित।।
 इं िरहि मिहषाˆ अदा- पद े रेभि कवयो न गृाः। िहि धीरा दशिभःि पािभ-
मते प मपां रसेन।।

 या वय ं पवमानेन सोम- भरे कृ त ँ िव िचनयाम शत।् तो िमो वणो मामहा- मिदित
िु पृिथवी उत ौः।।
 9.100 अिभ न इित ादशच सूारीष ऋिजानौ पवमान सोमोनु बु क
े ादशी बृहती।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 692


07.04.23 अिभ नो वाजसातम-ं रिय मष पु हृ म।् इो~ सहभणस- िव
ु ु ँ

िवासहम।।
 पिर  सवु ानो अयं- रथे न वमात। इरिभ ुणा िहतो- िहयानो धारािभ र ाः~।।

 पिर  सवु ानो अ ा~- इ रे मदतः। धारा यˆ ऊ अरे- ाजा न ैित गयःु ।।
 स िह ेव शत-े वस ु मताय दाशषु ।े इो~ सहिणं रियं -शताान ँ िववासिस।।
 वये अ वृह- सो~ व पु हृ ः। िन नेिदतमाˆ इष -ाम स
ु ािगो~।।
 िय प यशसं- सारो अिसहं तम।् िय िम कां- ापय-ूिमणम।।

07.04.24 पिर ं हयत ं हिरं- ब ं ु पनु ि वारेण। यो देवा िा इिर- मदेन सह
गित।।
 अ वो वसा- पाो द साधनम।् य ूिरष ु वो बृह- ध े 1(अ)ण हयतः।।
 स वाँ य षे  ु मानवी~- इ जिन रोदसी~। देवो देवी~ िगिराˆ -अेध िु विण।।
 इाय सोम पातव-े वृ
 े पिर िषसे। नरे च दि णावते- देवाय सदनासदे।।
 ते ासो िु ष-ु सोमा पिवे अ र।् अप ोथ नतु रित-ात~ ा
अचते सः।।

ु चँ- यूय ँ वय सूरयः। अयाम वाजगं- सनमे  वाजपम।।
 तं सखाय परो
 9.101 आ हयतायेच सू, कायपौ रेभसून ू पवमान सोमोनु बु ाा बृहती।
07.04.25 आ हयताय धृवे- धन ु ि पम।् श
ु ाँ वय सरु ाय िनिणजँ- िवपा मे
महीयवु ः।।
 ृ तो- वाजा अिभ  गाहते। यदी िववतो िधयो- हिरं िहि यातव।े ।
 अध पा पिर
ु परु ा नून सूरयः।।
 तम मजयामिस- मदो यˆ इपातमः। यावˆ आसिभ दध-
ु या- पनु ान मनषू त। उतो~ कृ प धीतयो- देवाना ाम िबतीः।।
 ताथया परा
 तम ु माण मये- वारे पनि
ु धणिसम।् त पूविचय -आ शासते मनीिषणः।।
07.04.2 स पनु ानो मिदम- ोम मषू  ु सीदित। पशौ न रेतˆ आदध- ित वचते
िधयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके चतथु ाायः (वगाः 1-28) Page 693
ु मिभ- दवो देव
 स मृते सक े  तु ः। िवद े यदास ु सिद- मही रपो िव गाहते।।
 सतु इो~ पिव आ- नृिभ यतो िव नीयसे। इाय मिरम -म
ू ा िन षीदिस।।
 9.102 अभी नव इित नवच सू, कायपौ रेभसून ू पवमान सोमोनु पु ।्
 वे अुह- िय िम काम।् व पूव आयिु न- जात ं िरहि
07.04.27 अभी न
मातरः।।
 पनु ान इ~ वा भर- सोम िबहस ं रियम।् ँ वसूिन पिस
ु ~ िवािन दाशषु ो गृह।े ।
ु -ं सृजा विृ  तत
 ियं मनोयज  ःु । ँ वसूिन पािथवा- िदा च सोम पिस।।

 पिर ते िज यषु ो यथा- धारा सतु  धावित। रं हमाणा 1(अ)यँ -वारँ वाजीव सानिसः।।
 े द ाय न कवे- पव सोम धारया। इाय पातव-े सतु ो िमाय वणाय च।।
07.04.28 पव वाजसातम- पिवे धारया सतु ः। इाय सोम िवव-े देव
े ो
ु मः।।
मधम
 ां िरहि मातरो- हिरं पिवे अुहः। व ात  धेनव- पवमान िवधमिण।।
ु गृह।े ।
 पवमान मिह व- ििे भ यािस रिमिभः। शध मांिस िजसे -िवािन दाशषो
ु था- पवमान मिहना।।।। इित
 ा मिहत- पृिथवीाित जिषे। ित ािप मम
चतथु ाय माः।।

 समाके पमाायः (वगाः 1-33)



 9.103 परोिजतीित ु ािद
षोळशच सूाानां ितसृणां यावाि रीगत ु ितसृणां नाषो
ययाितः सािद ितसृणां मानवो नषो दशािद ितसृणां सांवरणो मन ु योदयािद चतसृणां
वैािमः जापितः पवमान सोमोनु िु तीया तृतीये गायौ।
07.05.01 परु ोिजती वो अस- तु ाय मादियवे। अप ानं िथन- सखायो

दीघिजम।।
 यो धारया पावकया- पिरत े सतु ः। इ रो न कृ ः।।
 र- ोमँ िवाा िधया। य ं िह ििभः।।
 तरोष मभी न
ु मा- ोमाˆ इाय मिनः। पिववो अ र- ेवा  ु वो मदाः।।
 सतु ासो मधम

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 694


 इ िराय पवत- इित देवासो अवु ।् वाचित मखते- िव ेशानˆ ओजसा।।
07.05.02 सहधार पवते- समु ो वाचमीयः। सोम पती रयीणां- सखे िदविे दव।े ।
ु नो अषित। पित िव भूमनो-  ोदसी उभ~
 अय ं पूषा रिय भग- ोम पना े ।।
 सम ु ियाˆ अनषू त- गावो मदाय घृयः। सोमास कृ वते पथ- पवमानासˆ इवः।।
 यˆ ओिज मा भर- पवमान वाम।् य प चषणी रिभ- रियँ येन वनामहै।।
 सोमा पव इवो- ातिु वमाः। िमा वु ाना अरेपस- ा िवदः।।
ु ाणासो ििभ- ितानाˆ गोरिध िच। इष म मिभत- मर
07.05.03 ¤स
सिु वदः।।
 एत े पूताˆ िवपि त- ोमासो दािशरः। सूयासो न दशतासो- िजगवो वु ाˆ घृत।े ।
ु ानासो- मत न वृत तचः। अप ान मराधसं- हता म
  स  ख भृगवः।।

ु े न पु ˆ ओयोः। सरारो न योषणाँ- वरो न योिन मासदम।।
 आ जािम रे  अत- भज

 स वीरो द साधनो- िव य  रोदसी। हिर पिवे अत- वेधाˆ न योिन मासदम।।

 अो वारेिभ पवते- सोमो गे अिध िच। किनद षृ ा हिर -िराेित िनृ तम।।

 9.104 ाणा िशशिरच सूाितः पवमान सोम उिक।्
07.05.04 ाणा िशश ु महीनां- िहृत दीिधितम।् िवा पिर िया भवु  दध िता।।
ु पदम।् य  स धामिभ रध ियम।।
 उप ित पाो3(ओ)- रभ यहा ्
े रे या रियम।् िममीत े अ योजना िव स
 ीिण ित धारया- पृ ु तःु ।।

 ज ान ं स मातरो- वेधा मशासत िय।े अय वु ो रयीणािके त यत।।

 अ त े सजोषसो- िवे देवासो अुहः। ाहाˆ भवि रयो जषु  यत।।
ृ ो- श े चा मजीजन।् किवं मंिह मरे पु हृ म
07.05.05 यमी गभ मृतावध ्
 ।।
े अिभ ना- यी~ ऋत मातरा। तानाˆ य मानषु यदत।े ।
 समीचीन~
ु े िभ र िभर-् ऋणो रप ज िवः। िहृत दीिधितं ारे।।
 ा श

 9.105  पनानाये ्
ित षडृच सूाो ितः पवमान सोम उिक।।
07.05.06  पनु ानाय वेधसे- सोमाय वचˆ उतम।् भृित भरा मितिभ जजो
ु षते।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके पमाायः (वगाः 1-33) Page 695


ु न कृ णतु  े हिरः।।
 पिर वारायया- गोिभरानो अषित। ी षधा पना
ु तु - मये वारे अषित। अिभ वाणीर ्ऋषीणां स नूषत।।
 पिर कोशं मध
ु न ो िवशिरः।।
 पिर णेता मतीनाँ- िवदेवो अदाः। सोम पना
 पिर दैवी रन ु धा-ˆ इेण यािह सरथम।् पनु ानो वाघ ाघि रमः।।
 -ु दवो देव
 पिर सिन वाजय े  तु ः। ानिश पवमानो िव धावित।।

समेनवाके एकादश सूािन
 9.106 सखाय इित षडृच सू, कायपौ पवत नारदौ पवमान सोम उिक ् (िशखिडा
वरसा वृिषके  पाि के िक पवतनारदौ कावाविप)।
ु नाय  गायत। िशश
07.05.07 सखायˆ आ िन षीदत- पना ु य ै पिर भूषत िय।े ।
 समी व मातिृ भ- ृजता गयसाधनम।् देवा1(अ) मद मिभ िशवसम।।

 पनु ाता द साधन-ँ यथा शधाय वीतये। यथा िमाय वणाय शमः।।
 अा वसिु वद- मिभ वाणी रनूषत। गोिभ े वण मिभ वासयामिस।।
 स नो मदानां पत- इो~ देवराˆ अिस। सखेव से गातिु वमो भव।।
 सनेिम कृ 1(अ)दा- र स.ि दिणम।् अपादेव य ु मंहो ययु ोिध नः।।
 9.107 तं व इित षडृच सू, पवतनारदौ पवमान सोम उिक।्
ु न मिभ गायत। िशश
07.05.08 तँ व खायो मदाय- पना ु य ै दय गूितिभः।।
 सँ वइव मातिृ भ- िरिहानो अते। देवावी मदो मितिभ पिरृतः।।
ु म तु ः।।
े ो मधम
 अय  ाय साधनो-यं शधाय वीतये। अय ेव
 गोमˆ इो~ अव- तु दु ध। शिच ्
ु  े वण मिध गोष ु दीधरम।।
 स नो हरीणां पत- इो~ देवरमः। सखेव से नय च े भव।।
 सनेिम मदाँ- अदेव.िदिणम।् साा इो~ पिर बाधो अप यमु ।।


 9.108 इमेित चतदशच ु
सूाानां ितसृणां चा षोितु ािद ितसृणां मानव ःु

सािद ितसृणामावो मनदशािद ु
पानां चा षोिः पवमान सोम उिक।्
07.05.09 इ म सतु ाˆ इम-े वृषण ँ य ु हरयः। ु ी जातासˆ इव िवदः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 696


 अय ं भराय सानिस- िराय पवते सतु ः। सोमो ज ै चेतित यथा िवद।े ।
 अ े िदो मदेा- ाभृीत सानिसम।् व वृषण ं भरमिु जत।।

े ो~ पिर व। मु ं श
  धा सोम जागृिव- िराय ्
ु मा भरा िवदम।।
 इाय वृषण ं मदं- पव िवदशतः। सहयामा पिथकृ िच णः।।
07.05.10 अातिु वमो- देव
े ो मधम ्
ु मः। सहँ यािह पिथिभ किनदत।।
ु ा ोम न दः।।
 पव देववीतय- इो~ धारािभ रोजसा। आ कलशं मधम
ृ ःु । ाेवासो अमत
 तव ाˆ उदतु ˆ- इं मदाय वावध ु
ृ ाय कं पपः।।
ु नाˆ धावता र ियम।् वृिावो रीाप िवदः।।
 आ नˆ तु ासˆ इव- पना

ु नˆ ऊिमणा-ो वारँ िव धावित। अे वाच पवमान किनदत।।
 सोम पना
07.05.11 धीिभ िहि वािजनँ- वने ीळ मिवम।् अिभ िपृ ं मतय मर।।


 असिज कलशा अिभ- मीे सिन वाजयःु । पनु ानो वाचनय.िसदत।।
 पवत े हयतो हिर- रित रांिस रंा। अष ोत
ृ ो वीरव शः।।
 अया पव देवय-ु मधो धाराˆ असृ त। रेभ िवं पयिष िवतः।।
 9.109 परीत इित षिंशृच सू, बाहो भराजो मारीचः कयपो रागणो गोतमो
भौमोिगािथनो िवािमो भागवो जमदि माविण विस ऋषयः, पवमान सोमो देवता, आा
ु षमी नवमी दशमी चतदय
चतथ ु ु
दयायज बृहः, ितीया पमी सेकादशी
ु सतो बृहः, तृतीया षोडशी च िपदािवराट ्।
योदशी पदयोादयािद यज
07.05.12 परीतो िषता सतु -ं सोमो यˆ उम
 ं हिवः। दधाँ यो नय अ1 (अ)रा-
सषु ाव सोम मििभः।।
 नून ं पनु ानोिविभ पिर वा-द रु िभरः। सतु े िचा ु मदामो असा- ीणो

गोिभ रम।।
ु न  स े देवमादन- त ु िर िवच णः।।
 पिर सवा
 पनु ान ोम धारया-पो वसानो अषिस। आ रध ु देव िहरययः।।
 ाˆ योिन मृत- सीद ो

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके पमाायः (वगाः 1-33) Page 697


 हानˆ ऊध िद ं मध ु िय-ं  ं सध मासदत।् आप
ृ  णँ वा
 षित- नृिभ धूतो
िवच णः।।
07.05.13 पनु ान ोम जागृिव- रो वारे पिर ियः। ँ िवो अभवोिरमो- मा
य ं िमिम नः।।
 सोमो मीा वते गातिु वम-ˆ ऋिष िवो िवच णः। िव रभवो देववीतम-ˆ आ सूय रोहयो
िदिव।।
ु रवीनाम।् अयवे हिरता याित धारया- मया याित
ु ण ोतिृ भ- रिधिभ
 सोमˆ उषवा
धारया।।
 अनपू े गोमा ोिभ र ा~- ोमो  धािभ र ाः~। समु  सँवरणा  म- ी मदाय
तोशते।।
ु नो अििभ- िरो वारा.यया। जनो न पिु र चो िवशिर- दो वनेष ु
 आ सोम सवा
दिधषे।।
 ःु । अनमु ा पवमानो
ृ े ितरो अवािन मेो- मीे सिन वाजय
07.05.14 स मामज
मनीिषिभ- ोमो िवेिभर ्ऋिभः।।
  सोम देववीतये- िसनु िप े अणसा। अंशो पयसा मिदरो न जागृिव- रा क
 ोशं

ु तु म।।
मध
 आ हयतो अजनु  े अे  अत- िय ूननु मः। तम िह पसो यथा रथ-दीा
गभोः।।
 अिभ सोमासˆ आयव- पव े मं मदम।् समु ािध िविप मनीिषणो- मरास िवदः।।
 तर मु ं पवमानˆ ऊिमणा- राजा देवˆ ऋत ं बृहत।् अषि वण धमणा-  िहानˆ

ऋत ं बृहत।।
07.05.15 नृिभ यमानो हयतो िवच णो- राजा देव मिु यः।।
 इाय पवते मद- ोमो मत े सतु ः। सहधारो अ मषित -तमी मज
ृ ायवः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 698


 पनु ान म~
ू जनय ितिव- ोमो देवषे  ु रयित। अपो वसान पिर गोिभ र- ीद
न.े त।।
 तवाहं सोम रारण- स इ ु िण बो~ िन चरि मामव- पिरधी रित ता
 ो~ िदविे दव।े प
इिह।।
 उताह मतु सोम ते िदवा- साय ब~ ऊधिन। घृणा तप मित सूय पर- शकुनाइव
पिम।।
07.05.16 मृमान हु  समु े- वाच िमिस। रियं िपशं  बलं पु हृ ं-
पवमानाषिस।।
 मृजानो वारे पवमानो अये- वृषाव चदो वने। देवानां सोम पवमान िनृ त
 -ोिभ रानो
अषिस।।
 पव वाजसातये-िभ िवािन काा। ं समु ं थम े  ोम मरः।।
 ो िव धारयो -देव
ु ं
 स तू पव पिर पािथवं रजो- िदा च सोम धमिभः। ाँ िवासो मितिभ िवच ण- श
िहि धीितिभः।।
 पवमानाˆ असृ त- पिव मित धारया। मो मराˆ इियाˆ- हया मेधा मिभ यांिस च।।
 अपो वसान पिर कोश मषती- िहयान ोतिृ भः। जनयोित मनाˆ अवीवश- ा

कृ वानो न िनिणजम।।
 9.110 पवेित षोळशच सू, आयोयो शाो गौिरिवित ृतीयाया विसः,
ु ािद योरािरस उः षािद यो भाराज ऋिजाािद योरािरस ऊसा
शित

दशािद योरािरसः कृ तयशा ादयािद योऋणयतदयािद ितसृणां वािस शििरृषयः,
ु ः ककुभो यज
पवमान सोमो देवता, अयज ु तोबृहः, स से
ु य इित यवमा गायी।
ु मˆ इाय- सोम तिु वमो मदः। मिह  ु तमो मदः।।
07.05.17 पव मधम
 य ते पीा वृषभो वृषायते- पीता िवदः। स सु के तो अमी िदषो-ा व
 ाज
 ैतशः।।
 ं 1(अ) दैा- पवमान जिनमािन मु मः। अमत
ृ 
 ाय घोषयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके पमाायः (वगाः 1-33) Page 699


 येना नव वो दपोणतु -े येन िवासˆ आिपरे। देवानां स
ु े अमत
ृ  चाणो- येन
वांानशःु ।।
 एष  धारया सतु ो-ो वारेिभ पवते मिदमः। ीळिू म रपािमव।।
07.05.18 यˆ उियाˆ अाˆ अ रमनो- िनगाˆ अकृ  दोजसा। अिभ ज िषे ग-
मँ वमव धृ~वा ज।।
 आ सोता पिर िषता- ोममरंु  रजरु म।् वन मदु  तु म।।

 ं पयोवध
 सहधारँ वृषभ ृ -ं िय ेवाय जन।े ऋतने  यˆ ऋतजातो िववावध
ृ -े राजा देव ऋत ं

बृहत।।
ु ं बृहश-ˆ इषते िददीिह देव देवयःु । िव कोशं मम ँ यवु ।।
 अिभ 
 आ व सदु चो- तु ो िवशाँ विन िवपितः। वृि िव पव रीित मपा-िा
गिवये िधयः।।

07.05.19 एतम ु ं मदतु -ं सहधारँ वृषभ िवो ः। िवा वसूिन िबतम।।
ु ुत किविभ िनिणज धे- िधा
 वृषा िव ज े जनयम- तप ोितषा तमः। स स¤
दंससा।।
ु  े यो वसूनाँ- यो राया मानते ा यˆ इळानाम।् सोमो यिु तीनाम।।
 स स ्
 य नˆ इ िपबा- मतो य वायमणा भगः। आ येन िमावणा करामह- ए
मवस े मह।े ।
 इाय सोम पातव-े नृिभ यत ायधु ो मिदमः। पव मधम
ु मः।।
 इ हािद सोमधान मा िवश- समु िमव िसवः। जो
ु िमाय वणाय वायवे- िदवो िवˆ
उम
 ः।।
 9.111 पिर ेित ािवंशृच सूैरयो िधायः, पवमान सोमो िपदािवराट ्।
े ाय सोम- ा िमाय पू े भगाय।।
07.05.20 पिर  ध
 इ े सोम सतु  पेया- े द ाय िवे च देवाः।।
ु ो अष िद पीयषू ः।।
ृ ाय महे याय- स श
 एवा मत

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 700


 पव सोम महा मु - िपता देवानाँ िवािभ धाम।।
ु  पव देव
 श े  ोम- िदव े पृिथ ै श जाय।ै ।
ु  पीयषू -  े िवधम ाजी पव।।
 िदवो धतािस श
ु ी सधु ारो- महा मवीना मन ु पूः।।
 पव सोम 

 नृिभ यमानो ज ान पूतः- र िािन म िवत।।
ु न जा मरु ाण- कर िािन िवणािन नः।।
 इ पना
 पव सोम े द ाया-ो न िनो वाजी धनाय।।
07.05.21 ते सोतारो रसं मदाय- पनु ि सोमं महे 
ु ाय।।
ु ान ं हिर मृजि- पिवे सोम ेव
 िशश ्
े  इम।।
 इ पिव चा मदाया-पा मपु े किव भगाय।।
 िबभित चािव नाम- येन िवािन वृा जघान।।
 िपब िवे देवासो- गोिभ ीत नृिभ तु ।।

  सवु ानो अ ा~ हधार- िर पिवँ िव वार मम।।
 स वा ा हरेता-ˆ अि मृजानो गोिभ ीणानः।।
  सोम याही कु ा- नृिभ यमानो अििभ तु ः।।
 असिज वाजी ितर पिव- िमाय सोम हधारः।।
 अेन ं मो रसेन-े ाय वृ इं मदाय।।
े ा वृथा पाजस-े पो वसान ं हिरं मृजि।।
 देव
 इ िराय तोशते िन तोशते- ीण ु ो िरणपः।।
 9.112 पयूिित ादशच सू, णसदू राजानौ पवमान सोमः, आािोनु भ
ु ः

िपपीिलकमाः चतािद षळू बृहोािो िवराजः।
07.05.22 पयू ष ु  ध वाजसातये- पिर वृािण स िणः। िष रा ऋणयाˆ न ईयसे।।
 अन ु िह ा सतु ं सोम मदामिस- महे समयराे। वाजा अिभ पवमान  गाहसे।।
 अजीजनो िह पवमान सूय- िवधारे शना पयः। गोजीरया रंहमाण परु ा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके पमाायः (वगाः 1-33) Page 701



 अजीजनो अमृत माँ- ऋत धममृत चाणः। सदासरो वाज मा सिनदत।।
 अिभ िह वसा ततिदथो- किनपान मि तम।् शयािभन भरमाणो गभोः।।
 आदीेिच यमानासˆ आँ- वसु चो िदाˆ अनूषत। वार देव िवता ूणते
ु ।।
ु स ो वीर वीयाय
07.05.23 े सोम थमाˆ वृबिहषो- महे वाजाय वस े िधयधः।
चोदय।।

 िदव पीयषू  ं पू य-ं महो गाहा िवˆ आ िनरध ु त। इ मिभ जायमानं समर।।
े पवमान रोदसी-इमा च िवा भवु नािभ मना। यूथ े न िना वृषभो िव ितसे।।
 अध यिदम~
ु नो अये वारे- िशशनु ीळवमानो अ ाः~। सहधार शतवाजˆ इः।।
 सोम पना
ु ा ऋतावे-ाय
 एष पनु ानो मधम े  पवते ा िमः। वाजस
 िन विरवोिव योधाः।।

 स पव सहमान पृत-ू ेध  ांप गहािण। ायधु ासाोम शून।।
 9.113 अया चेित तृच सू, पाेिपरनानतः पवमान सोमोिः।
ु नो- िवा ेषांिस तरित य ु विभ- ूरो न य ु विभः।
07.05.24 अया चा हिरया पना
धारा सतु  रोचते- पना
ु नो अषो हिरः। िवा यूपा पिरयाृिभ- ाेिभर ्ऋिभः।।
 णीनाँ िवदो वस-ु सं मातिृ भ मजयिस  आ दम- ऋत
  धीितिभ दमे। परावतो न साम
त-ा रणि धीतयः। िधातिु भ रषीिभ वयो दधे- रोचमानो वयो दधे।।
 पूवा मन ु िदशँ याित चेिकत- ं रिमिभ यतते दशतो- रथो दैो दशतो रथः। अ म
ु ािन
पे- ैाय हषय।् व यवथो अनपतु ा- सम नपतु ा।।

 9.114 नानानिमित चतऋच सूािरस िशशःु पवमान सोमः पिः।
07.05.25 नानान ँ वा उ नो िधयो- िव तािन जनानाम।् त ा िर ं त ं िभष- ा स
ु 
िमती-ा येो~पिर व।।
 जरतीिभ रोषधीिभ- पणि भ शकुनानाम।् कामारो अमिभ िभ
ु - िहरयव िमती-
े ो~पिर व।।
ाय
 का रह तो िभष- गपु लि णी नना। नानािधयो वसूयवो-न ु गाइव तिम-े ा येो पिर
व।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 702


ु ं रथं- हसना मपु मिणः। शेपो रोमवौ भेदौ- वािरडूक इती-ा येो
 अो वोा सख
पिर व।।
 9.115 शयणावतीेकादशच सू, मारीचः कयपः पवमान सोमः पिः।
07.05.26 शयणावित सोम- िम िपबत ु वृहा। बल धानˆ आिन- किरीय मह –
िदा येो पिर व।।
 ाकेन सने  -या तपसा सतु -ˆ इा येो
 आ पव िदशां पत- आजका ोम मीः। ऋतव
पिर व।।
ृ ं मिहष-ं सूय िहताभरत।् तवा ग
 पजव ृ -ं सोमे रस मादध-ु िरा
येो पिर व।।
ु - स ँ वद कम।् ाँ वद ोम- राज ाा सोम पिरृतˆ- इा
 ऋत ँ वदतृ 
येो पिर व।।
 समु  बृहत- ं वि संवाः। सँ यि रिसनो रसा- पना
ु नो णा हर –इा येो
पिर व।।
07.05.27 य ा पवमान- छा3(आँ) वाचँ वद।् ाा सोमे महीयते-
े ो पिर व।।
सोमेनाननय- िाय
 य ोित रज-ँ यिँोके िहतम।् ति ाेिह पवमाना-मृत े लोके अि त –इा
येो पिर व।।
 रोधन िवः। याम ू यती राप-  मा ममत
 य राजा वैवतो- या व े ो पिर
ृ --धीाय
व।।
ु मरण- िनाके ििदव े िदवः। लोकाˆ य ोित-  माममत
 यानका े ो
ृ -धीाय
पिर व।।
 य कामाˆ िनकामा- य  िवपम।् धा च य तृि- त माममत े ो
ृ -धी-ाय
पिर व।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके पमाायः (वगाः 1-33) Page 703


 याना मोदा- मदु  मदु  आसत।े काम याा कामा - माममत
ृ 
  धी-ा
येो पिर व।।

 9.116 य इोिरित चतऋच सू, मारीचः कयपः पवमान सोमः पिः।
07.05.28 य इो पवमाना-न ु धामामीत।् तमा ु जाˆ इित- ये सोमािवध
े ो पिर व।।
न- इाय
 ऋषे मकृतां ोमै - कयपोधय िरः। सोमम राजान-ँ यो ज े वीधां पित-
े ो पिर व।।
िराय
ू ा-  होतारˆ ऋिजः। देवाˆ आिदा ये स- तेिभ ोमािभ र नˆ-
 स िदशो नानासय
े ो पिर व।।
इाय
 ये राजत ं हिव- ेन सोमािभ र नः। अरातीवा मा न ारी-ो~ च न िकनामम-
िदा येो पिर व।।

।। अथ पिरिशम।।
 य तरम ु ृ तकमिभ-  मा ममत
 ं पद ँ -िवो लके महीयते। देव ै क े ो पिर
ृ -धी-ाय
व।।
 य तरमां- भूताना मिधपितम।् भावभ
 ावी योगी- त मा ममत े ो पिर
ृ धी-ाय
व।।
ू ज- या तपसा िजताः। तेज य  च- त मा ममत
 य लोका न ृ धी-ा येो
पिर व।।
 य गा च यमनु ा च- य ाची सरती। य सोम
े रो देव-  मा ममत
ृ धी-ा येो पिर
व।।
 य ति ु महीयते- नराणा मिधपितम।् य शचगदाधर-रण ं मिु  त माममत
ृ -
े ो पिरव।।
.धीाय
् ।। इित नवमं मडलम।।
 ।। इित पिरिशम।। ् िवेराय नमः....

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 704


 ्
दशमं मडलम।।

दशमे मडले दशानवाकाः। ु षोडशसूािन।
त थमेनवाके
 10.01 अे बृहिित सच सूाितोििपु ।्
07.05.29 अे बृहषु सा मू अा- िजगा मसो ोितषागात।् अि भानना

शता -ˆ आ जातो िवा सा ाः।।
 स जातो गभ अिस रोदो- रे चा िवभृतˆ ओषधीष।ु िचिशशु पिर तमां
 ू -
मात
ृ ो अिध किनदाः।।
 िव ु िरा परम म िवा- जातो बृहिभ पाित तृतीयम।् आसा यद पयो अत ं-
सचेतसो अच।।
 अतˆ उ ा िपतभु त ृ  ं ित चर ैः। ताˆ  ेिष पनु रपा-ˆ अिस ँ
ृ ो जिनी- रावध
िव ु मानषु ीष ु होता।।
 होतार.िरथ मर- य य  के त ं ु शम।् िध ेवदवे  मा- िया

1(अ)ि मितिथनानाम।।
 स त ु वायध पेशनािन- वसानो अि नाभा पृिथाः। अषो जात पद इळाया परु ोिहतो-

राज  ीह देवान।।
 आ िह ावापिृ थवी~ अ उभ े सदा पु ो न मातरा तत।  याोशतो यिवा-था व
 ~  ह

सहेह देवान।।
 10.02 िपीहीित सच सूाितोििपु ।्
07.05.30 िपीिह देवा उशत ू र ् ऋतपु ते यजेह। ये दैाˆ ऋिज
 ो यिव- िवा ऋत
ेिभ रे- ं होतॄणा मायिजः।।
 वेिष हो मतु पोनानां- मातािस िवणोदाˆ ऋतावा। ाहा वयणवामा हविष- देवो देवा
् 1
जि रह।।

1
(1 ना ाहाकारः, िक ु मा एव हिवः  पे ः।)
ऋ वेदीय शाकल संिहता ्
दशमं मडलम।। Page 705
 आ देवाना मिप पा मग- यवाम तदन ु वोम।् अििवा यजाे  होता- सो
ू याित।।
अरा ऋत
 यो वय ं िमनाम तािन- िवषा ेवाˆ अिवरासः। अिि मा पृणाित िवा- ेिभ दवा
ु  कयाित।।
ऋतिभ
 ा मनसा दीनद ा-ˆ न य  मत े मासः। अिोता तिु व िजान- िजो
 याक
ु ो यजाित।।
देवा ऋतश
 िवेषां राणा मनीक-िे त.ु िनता ा जजान। स आ यज नृवती रन ु ा- ाहा
इषः मु ती िवजाः।।
ु िनमा जजान। पा मन ु िवा ितय
 या ावापिृ थवी~ याप- ा या सज ृ ाण- मु
दे सिमधानो िव भािह।।
 10.03 इनो राजिित सच सूाितोििपु ।्
07.05.31 इनो राजरित िमो- रौो द ाय सषु मु ा अदिश। िचिकि भाित भासा
बृहत ्
 ािसी- मेित शती मपाज।।
 ाँ यदेनी मिभ वपसा भू-नय ोषां बृहत िपत ु जाम।् ऊ भान ं ु सूय भाय- िवो
 कृ 
वसिु भ ररितिव भाित।।
 भो भया सचमानˆ आगा- सार ारो अिे त पात।् सु केत ै िभ ु ि
ु रि िवित- श

वण रिभ राम मात।।
 अ यामासो बृहतो न व-ू िनानाˆ अ े  ु िशव। ई वृो बृहत
 ासो-
भामासो यामव ििके।।
 नाˆ न य भामास पव-े रोचमान बृहत िु दवः। ेिे भ येिजै ीळु मि-

ु न ित ाम।।
विषिे भ भानिभ
ु ासो दशानपव-े जहमान नय ियिु ः। िे भ य शि दवतमो- िव रेभि
 अ श
ररित भाित िवा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 706


 स आ वि  मिह नˆ आ च सि- िदविृ थो ररित यवु 
 ोः। अि तु क
ु  तु क
ु े िभ र-ै
रभी रभा एह गाः।।
 10.04  त इित सच सूाितोििपु ।्
07.05.32  ते यि   त इयिम- म भवु ो यथा वो नो हवेष।ु धिव पा अिस म-

इय वे पूरवे  राज।।
 या जनासो अिभ सरि- गावˆ उिमव ज ँ यिव। तो देवाना मिस माना- म महाँ
रिस रोचनने ।।
ु ा जे ँ वधयी- माता िबभित सचनमाना। धनोरिध वता यािस हय- जीगीषसे
 िशश
पशिु रवावसृ ः।।
 मूराˆ अम.ू र न वयििको- मिह म े म िव।े शये वि रित िजयाद -ेिरते यवु ितँ

िवपित ।।
 कू िचायते सनयास ु नो- वने तौ पिलतो धूमके तःु । अातापो वृषभ
 ो न  वेित- सचेतसो
यं णय मताः।।
 ािभ दशिभ रधीताम।् इये अे नसी मनीषा- य
ू रशन
ू जेव तरा वनग~-
 तन ु ा र थ
ु यि रैः।।
शच
  च ते जातवेदो नम-े य गीदिमधनी भूत।् र ा ण
 ो अे तनयािन तोका- र ोत न

ु ।।
ो3(ओ) अय
 10.05 एक मु इित सच सूाितोििपु ।्
07.05.33 एक मु ो धणो रयीणा- म ृदो भूिरजा िव च।े िसषध
ू िनयो प -
उ मे िनिहत ं पद ँ वेः~।।

 समान ीळँ वृषणो वसाना- ि मरे मिहषाˆ अवतीिभः। ऋत पदवयो िन पाि- गहा
नामािन दिधरे परािण।।
ु त ु वधयी~। िव नािभरतो वु -
 ऋताियनी~ माियनी~ सधाते~ िमा िशश
कविे   ं ु मनसा िवयः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता ्


दशमं मडलम।। Page 707
ु ात- िमषो वाजाय िदव च।े अधीवास ं रोदसी वावसान~
 ऋत िह वतनय ज े - घृत ै र ै

वावृधाते~ मधूनाम।।
 स सॄ रषी वावशानो- िवा ˆ उभारा श े कम।् अयम े अिर े परा
ु जा-ˆ इ
ि मिवद ूषण।।
 स मयादा कवय त -ु  ासा मेका िमदं र ो गात।् आयोह ˆ उपम नीळे- पथाँ
  धणेष ु तौ।।
िवसग
 अस स परम े ोम-   जिदत े पे। अिह न थमजाˆ ऋत- पूव आयिु न
वृषभ ु
  धेनः।।।। इित पमााय माः।।

 समाके षाायः (वगाः 1-28)


 10.06 अयं स इित सच सूाितोििपु ।्
ु र ् ऋषूणां-
07.06.01 अय ं स य शमवोिभ- र े रेधत े जिरतािभौ। ेिे भय भानिभ
पयि त पिरवीतो िवभावा।।
ु िवभावा िवभा- ि दविे भर ्ऋतावाजः। आ यो िववाय सा सिखो-पिरृतो
 यो भानिभ
अो न सिः।।
 ईशे यो िवा देववीत-े रीशे िवाय ु षसो ु ौ। आ यि ना हवा- विररथ
ाित शूष ैः।।
 शूषिे भ वृधो जषु ाणो अक- दवा अा रघपु ा िजगाित। मो होता स जु ा3(आ) यिज-

ंिमो अिरा िजघित देवान।।
ु म।् आ यँ िवासो मितिभ गृणि-
ु ा िम रेजमान मि.-ीिभ नमोिभ राकृ ण
 तम

जातवेदसु ं सहानाम।।
 सँ यि िा वसूिन ज म-ु वाजे नाा ीव एवैः। अ े ऊती िरवाततमा-
ु ।।
अवाचीनाˆ अ आ कृ ण
ू । ते देवासो अन ु के तमाय-धावध
  े मा िनषा- सो ज ानो हो बभथ
 अधा 
थमासˆ ऊमाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 708


 10.07 ि न इित सच सूाितोििपु ।्
07.06.02 ि नो िदवो अ े पृिथा- िवाय ु धिह यजथाय देव। सचेमिह तव द
के त ै- 
 ाण
  उिभ दव शंस ैः।।
ु ाता-ˆ गोिभ र ै रिभ गृणि राधः। यदा ते मत अन ु भोग मान-सो~
 इमाˆ अ े मतय 
ु ात।।
दधानो मितिभ ज
 अिं म े िपतर मि मािप- मिं ातरं सदिम खायम।् अ े रनीकं बृहत पय- ििव श
ु ँ
यजत ं सूय।।
 िसाˆ अ े िधयो अ े सनु ी- यायस े दम आ िनहोता। ऋतावा स रोिहद पु -ु िभ

रा अहिभ वाम म।ु ।
 िु भ िहत ं िमिमव योगं-  मृिज मर जारम।् बाा मि मायवोजन- िव ु
होतार.सादय।।
 य ँ यज िदिव देव देवा- िे पाक कृ णव दचते ाः। यथायज ऋतिु भ दव देवा- नेवा

यज तं सजात।।
 भवा नो अेिवतोत गोपा- भवा व ु हो हदाित- ाोत
 यृ त नो वयोधाः। राा च न म

ु ।।
नो3( ओ) अय
 10.08  के तनु ेित नवच सू, ाििशरा अिः, अतृचेिपु ।्
ु बृहत
07.06.03  के तना  ा याि- रा रोदसी वृषभ
 ो रोरवीित। िदव िदा उपमा
उदानळ-पा मपु े मिहषो ववध।।
 ममु ोद गभ वृषभ ककुा- नेमा व िशमीवा अरावीत।् स देवता
ु तािन कृ  व-
ेष ु येष ु थमो िजगाित।।
 आ यो मूधानं िपो रर- रे दिधरे सूरो अणः। अ पषी रबु ा-ˆ ऋत योनौ

तो जष।।
 उषउषो िह वसो~ अ मेिष- ँ यमयो रभवो िवभावा। ऋताय स दिधषे पदािन- जनय ि
3े (ए) ाय।ै ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 709


 भवु   ु महˆ ऋत गोपा-ˆ भवु ो वणो यताय वेिष। भवो
ु अपापा ातवेदो- भवु ो तो य
ु षः।।
हजो
07.06.04 भवु ो य  रजस नेता- या ि नयिु  चस े िशवािभः। िदिव मूधान िधषे

षा-िा म े चकृ षे हवाहम।।
 अ ित तनु ा व-े अ िर ीितं िपतरु वे ै पर। सचमान िपो पे- जािम
वु ाण आयधु ािन वेित।।
ु त।् िशीषाणं सरिमघा -
 स िपायायधु ािन िवा- िनेिषतˆ आो अय
ृ े ितो गाः।।
ा िचि.सज
 भूरीिदˆ उिदन  मोजो-वािभन ित ममानम।् ा िचिप गोना-

माचाण ीिण शीषा परा वक।।
ु आपो गायी, पमी वधमाना समी
 10.09 आपो िह ेित नवच सूारीष िीप
िताे े अनु भ ु
ु ौ। आपो िह िसीपो ु
वां बरीष इेवमनमयां ु
िसीप
ु एवाियते।
पाि कीकारे पूवििशराः ाोित तथािप योृ िभः िसीप
07.06.05 आपो िह ा मयोभवु - ाˆ न ऊज  दधातन। महे रणाय च स।े ।
 यो व िशवतमो रस-  भाजयतेह नः। उशतीिरव मातरः।।
 ता अर.माम वो य याय िजथ। आपो जनयथा च
 नः।।
 शो देवी रिभय -आपो भव ु पीतये। शँ यो रिभ व ु नः।।
 ईशानाˆ वायाणा-यी षणीनाम।् अपो याचािम भेषजम।।


 अ ु मे सोमो अवी- द िवािन भेषजा। अि िवशंभवु म।।
 आप पृणीत भेषज-ँ वथ 3े (ए) मम। ो सूयश।े ।
 इद माप  वहत- यि िरत ं मिय। याह मिभोह- या शेप उत ्
 ानृतम।।
 आपो अाचािरषं- रसेन समगिह। पया न आ गिह- तं मा सं सृज वचसा।।

।। अथ पिरिशम।।
ु दपसो- िदवा न सषीः
 सषी ु । वरेयतू रह मा देवी- रवस े वे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 710



 ।। इित पिरिशम।।

 10.10 ओ िचिदित चतदशच ु षा वैवती यमी ऋिषका यमो
सू, नवमी वानामयजां
ु नवा वैवतो यमी िपु ।्
देवता, षी वानां यजां
07.06.06 ओ~ िचखाय ं सा वव ु िचदणव.गान।् िपत ु नपात
ृ ा- िर प
मादधीत वेधा-ˆ अिध िम तर ीानः।।
ु पा भवाित। मह ु ासो असरु  वीरा-ˆ िदवो धतारˆ
 न ते सखा स ँ वते - ला यिष

उिवया पिर ।।
ृ ासˆ एत- देक िचजसं म। िन ते मनो मनिस धा-े जु पित
 उशि घा त े अमत
1(अ) मािविवयाः।।
 न यरु ा चकृमा क नून- मृता वदो अनृत ं रपेम। गव अा च योषा- सा नो नािभ
परमािम तौ।।
 गभ न ु नौ जिनता दती~ क- दव ा सिवता िवपः। निक र  िमनि तािन- वेद
नाव पृिथवी उत ौः।।
07.06.0 को अ वेद थमा- कˆ ई दश कˆ इह  वोचत।् बृह ि वण

धाम- क वˆ आहनो वीा नॄन।।
 यम मा य1(अ)ामˆ आग- मान े योनौ सहश
े ाय। जायवे  पे तं िरिराँ- िव
िचहृ ेव रेव चा।।
 न िति न िन िमषेत-े देवानां शˆ इह ये चरि। अने  मदाहनो यािह तूय-ेन िव वृह
रेव चा।।
 राीिभ रा अहिभ दशे- ूय च  ु मु िमीयात।् िदवा पृिथा िमथनु ा सब~
ू - यमी
यम िबभृया दजािम।।
ु रा यगु ािन- य जामय कृ ण
 आ घा .ता गा न  वजािम। उप बबृिह वृषभाय बा~- म

ु  पितं मत।।
िम सभगे

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 711


07.06.08 िकं ातासदनाथ ं भवाित- िकम ु सा यिऋित िनगात।् काममत
ू ा
ब3े ( ए)त पािम- ता मे त1(अं)सं िपपिृ ध।।
 न वा उ ते ता त1(अं) सं पप  सार िगात।् अने  ममदु 
ृ ां- पाप माय

ु वेतत।।
कय- न ते ाता सभगे
ु ं - पिरजाते िलबज
 बतो बतािस यम न ैव ते- मनो दय.ािवदाम। अा िकल ावे य ु वे

वृ म।।
ु वे वृ म।् त वा ं मनˆ इा स वा तवा-
 अमू ष ु ँ यˆ उ ां- पिरजाते िलबज

ु सँिवदं सभु ाम।।
धा कृण
 10.11 वृषा वृ इित नवच  सूािगहिवधानोिजगती, अाििभ
ु ः।
07.06.09 वृषा वृ े हे दोहसा िदव- पयांिस यो अिदत े रदाः। िवं स वेद वणो यथा
िधया- स यि यो यजत ु यि या ऋतन ्
ू ।।
 रपव रा च योषणा- नद नाद े पिर पात ु मे मनः। इ मे अिदित िन धात ु नो- ाता
नो े थमो िव वोचित।।
 सो~ िच ु भा मु ती यश- षु ाˆ उवास मनव े वती। यदी मश
ु  मश
ु ता मन ु त-ु मिं

होतारँ िवदथाय जीजनम।।
 अध   ँ िवं िवच ण-ँ िव रा भर िदिषत येनो अरे। यदी ि वशो वृणते द माया-ˆ
अिं होतार मध धीरजायत।।
ु त-े होािभ रे मनषु रः। िव वा यशमानˆ
 सदािस रवो यवसवे  प
उ1(अँ)- वाजं ससवा उपय
 ािस भूिरिभः।।
07.06.10 उदीरय िपतरा जारˆ आ भग- िमय ित हयतो ˆ इित। िववि वि
पते मख- िवते असरु ो वेपत े मती।।
 ये अे समु ितं मत अ - हस ूनो~ अित स  वे। इष धानो वहमानो अ-ै रा स

मु ा अमवा ूषित ून।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 712


 यद एषा सिमित भवाित- देवी देवषे  ु यजता यज। रा च यिभजािस धावो- भागो अ

वसमु ँ वीतात।।
 धु ी नो अे सदन े सधे- य ृ  िवमु ।् आ नो वह रोदसी देवपु ~
ु ा र थ ममत े मािक दवाना
मप भूिरह ाः।।
 10.12 ावा हेित नवच सू, हिवधानोििपु ।्
े ऋतने ा-िभाव े भवत वाचा। देवो यता जथाय
07.06.11 ावा ह ामा थम~

कृ व- ीदोता  मस ँ ु य।।
 देवो देवा िरभरू ् ऋतने - वहा न  ििकान।् धूमके त ु िमधा भाऋजीको- मो
 ो ह ं थम

होता िनो वाचा यजीयान।।
 ावृ देवामत  । िवे देवाˆ अन ु ते यजगु -ु हे यदेनी
ृ  ँ यदी गोर-तो जातासो धारय उव
िदृत ँ वाः~।।
ू ी~ णतु ं रोदसी~ मे। अहा यावोसनु ीित मय -ा
 अचािम वाँ वधायापो घृतू~- ावाभम

नो अ िपतरा िशशीताम।।
ु णो देवा-ोको
 िकं िो राजा जगृहे कदा-ित तकृमा को िव वेद। िमिि ा जरा
न याता मिप वाजो अि।।
07.06.12 मामत ु पा भवाित। यम यो मनवत े समु -े
ृ  नाम- सला यिष

ु ।।
तमृ पाय
 यि ेवाˆ िवदथे मादय-े िववत दन े धारय।े सूय  ोित रदध ु मा1 (अ)ू - िर
ोतिनरतो अजा।।
 यि ेवाˆ मिन सर- पी3े (ए)न वय म िव। िमो नो अा ि दित रनागा -

िवता देवो वणाय वोचत।।
ु ा र थ ममृत िवमु ।् आ नो वह रोदसी देवपु ~
 धु ी नो अे सदन े सधे- य े -मािक
दवाना मप भूिरह ाः।।
ु वािमितपचसूािदो िववािवधानिबु ा जगती।
 10.13 यजे

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 713


ु े वां  पूमोिभ- िव ोकˆ एत ु पवे सूरेः। व ु िवे अमत
07.06.13 यज  पु ा-ˆ
ृ 
आ ये धामािन िदािन तःु ।।
 यमइे व~ यतमाने~ यदैत-ं  वां भर ानषु ाˆ देवयः। आ सीदतं म ु लोकँ िवदान-े ~
े भवत िमव े नः।।
ास~
ु दी.मेिम तने । अ रेण ित िमम एता- मृत नाभा विध सं
 प पदािन पो अरोह- त
पनु ािम।।
 देव ृ ीत मृ-ं ु जाय ै कममत
े  कमवण ृ  ावृणीत। बृहितँ य मकृवत ऋिषं- ियाँ यम

1(अं) ािररेचीत।।
 स रि िशशव े मत-े िप े पु ासो अवीवत.ृतम।् उभ~
े इद ोभय राजत- उभ~

यतते ~ ु
े उभय पतः।।
 10.14 परेियवांसिमित षोळशच सू, वैवतो यम ऋिषः, यमो देवता, षा अिरः

िपथव भृगसोमाः, दशािद ितसृणां ानौ िपु , ् योदशी चतदशी
ु षोडयोनु भ
ु ः, पदशी बृहती
( ेिह ेहीािद ितसृणां िपतृदवे ता वैकिकी)।
07.06.14 परिे यवांस ं वतो मही रन-ु ब पा मनपु शानम।् वैवत ं समन. नानाँ-
यम ं राजान ं हिवषा व।।
 यमो नो गात ं ु थमो िववदे - न ैषा गूित रपभतवा उ। या न पूव िपतर परेय-ु रेना ज ाना
पा3(आ) अन ु ाः।।
ृ ु य च देवा-
 मातली क ै यमो अिरोिभ- बृहितर ् ऋिभ वावृधानः। याँ देवा वावध
ाहाे धयाे मदि।।
 इम ँ यम र मा िह सीदा-िरोिभ िपतिृ भ ँिवदानः। आ ा मा किवशाˆ वह-ेना
राज िवषा मादय।।
 अिरोिभ रागिह यि येिभ- यम वैप ै िरह मादय। िववं वे य िपता ते-ि  े
बिहा िनष।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 714


07.06.15 अिरसो न िपतरो नव वा-ˆ अथवाणो भृगव ोासः। तेषाँ वय ं समु तौ
यि याना- मिप भे सौमनस े ाम।।
  पूव िपतर परेयःु । उभा राजाना धया मदा- यम ं
 ेिह ेिह पिथिभ पूि भ- या न

पयािस वण  देवम।।
 स. िपतिृ भ ँ यमने े -ापूतन  परम े ोम।् िहायाव ं पनु र.मेिह- स.
ता सवु चाः।।
 अपेत वीत िव च सपतातो-ा एत ं िपतरो लोक म।् अहोिभ रि रुिभ ँ- यमो ददा
वसान म ै।।
ु पथा। अथा िपतॄ िु वदा उपेिह- यमने  ये
 अित व सारमेयौ ानौ- चतरु  ौ शबलौ साधना
सधमादं मदि।।
07.06.16 यौ ते ानौ यम रि तारौ- चतरु ौ पिथर ी~ नृच सौ। ताा मेन ं पिर देिह राज-
ि चाा अनमीव  धेिह।।
 उणसा वसतु पृ ा उलौ- यम तौ चरतो जना अन।ु ता व शये सूयाय- पनु दाता

मस ु महे भम।।
 यमाय सोमं सनु त-
ु यमाय जता
ु हिवः। यम ं ह य ो ग -ितो अरतः।।
े ा यम- ीघ मायु  जीवसे।।
 यमाय घृतवि व- जहु ोत  च ितत। स नो देव
ु मं- रा  े हहु ोतन। इदमˆ ऋिष पूवज
 यमाय मधम े  -पूव
  पिथकृः।।
 िकुकेिभ पतित- षळु वरेक िमहृ त।् िु ाय
 ी छांिस- सवा ता यम आिहता।।

 10.15 उदीरतािमित चतदशच े ादशी जगती।
सू, यामायनः शः िपतरिबु क
07.06.17 उदीरता मवर उरास- उमा िपतर ोासः। अस ँ ु य ईय ु रवक
ृ ाˆ ऋत ा-
े नोव ु िपतरो हवेष।।

ृ ो नमो अ- ये पूवासो य उपरास ईयःु । ये पािथव े रजा िनषा- ये वा नून ं
 इदं िपत
सवु ज
ृ नास ु िव ।ु ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 715


 आहं िपतॄ िु वदा अिवि- नपात िवमण िवोः। बिहषदो ये धया सतु - भज
िप इहागिमाः।।
 बिहषद िपतरˆ ऊ1(अ)वा -िगमा वो हा चकृमा जषु म।् त आ गतावसा शमने ा-था
न शँ यो ररपो दधात।।
 उपता िपतर ोासो- बिहषे ु िनिधष ु ियषे ।ु त आ गम ु त इह वु 
 -िध वु  ु

तेवान।।
 ान ु दि णतो िनषे-मँ य
07.06.18 आा ज मिभ गृणीत िवे। मा िहंिस िपतर के न
िचो-यˆ आग पु षता कराम।।
 आसीनासो अणीना मपु े- रिय  दाशषेु  माय। पु 
े  िपतर  व-  यत
त इह
 ोज धात।।
 ये न पूव िपतर ोासो-नूिहरे सोमपीथ ँ विसाः। तेिभ यम ंरराणो हव-ु श श
ु ि

ितकाम म।।
 ये तातषृ ु दवा जेहमाना- होािवद ोमतासो अकः। आे यािह सिव
ु देिभ रवा- ै
क ै िपतिृ भ घमसिः।।
 ये सासो हिवरदो हिवा-ˆ इेण देव ै रथ धानाः। आे यािह सह.ेववै - परै
पूव िपतिृ भ घमसिः।।

07.06.19 अिाा िपतरˆ एह गत- सदद दत सणीतयः। अा हविष
यतािन बिह-था रियं सववीर धातन।।
 म ईिळतो जातवेदो-वाािन सरु भीिण कृ ी। ादा िपत
ृ  धया ते अ -ि 
ेव यता हविष।।
 ये चेह िपतरो ये च नेह- याँ िव या उ च न िव। ँ वे यित ते जातवेद- धािभ य ं
सकृु त.षु ।।
 ये अिद धाˆ ये अनिद धा-ˆ मे िदव धया मादय।े तेिभ राळसनु ीित मेताँ-
यथावश य।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 716


ु ,यामायनोदमनोििबु ातोनु भ
10.16मैनिमितचतदशचसू ु ः।
07.06.20 मैनमे िव दहो मािभ शोचो- मा च.िि पो मा शरीरम।् यदा तणवो
जातवेदो-थे मेन ं  िहणतु ा ित
ृ ः।।
ृ ः। यदा गा सनु ीित मेता- मथा देवानाँ
 त ँ यदा करिस जातवेदो-थेमने  ं पिर दा ित
वशनी भवाित।।
 सूय  ु गत ु वात माा- ा ग पृिथवी धमणा। अपो वा ग यिद त ते िहत-
मोषधीष ु ित िता शरीरःै ।।
 अजो भाग पसा तप- ते शोिच पत ु ते अिचः। याे िशवा ो जातवेद-

ु ृ ताम ु लोकम।।
ािभ वहैन ं सक
ृ ो- य आत रित धािभः। आय ु वसानˆ उप वेत ु शेष- ता
 अव सृज पनु रे िपत
ा जातवेदः।।
07.06.21 ये कृ  शकुन आततु ोद- िपपील पˆ उत वा ापदः। अििा दगद
णोत-ु सोम यो ाणा आिववश
े ।।
ु  पीवसा मेदसा च। नेा धृ ु हरसा जषाणो- दध ृ
 अ े वम पिर गोिभ य- सं ोण
 ययात।े ।
ि वध
 इम.म े चमस ं मा िव िजर- ियो देवाना मतु सोानाम।् एष यमसो देवपान- ि ेवाˆ
अमत
ृ ाˆ मादये।।
 ाद मिं  िहणोिम रँ- यमरा ो गत ु िरवाहः। इहवै ाय िमतरो जातवेदा- देव
े ो ह ँ

वहत ु जान।।
े  वो गृह- िमम ं पयितर.ातवेदसम।् तं हरािम िपतृय ाय देव-ं स
 यो अि ा िववश
घमिमा रम े सधे।।
07.06.22 यो अि वाहन- िपतॄ   तावध े  िपत
ृ ः। े हािन वोचित- देव ृ ˆ
आ।।
 उशा िन धीम -श ु त
ु  िमधीमिह। उशश  ˆ आ वह- िपतॄ िवषे अव।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 717


 यम े समदह- म ु िनवापया पनः
ु । िकया रोहत-ु पाकवा शा।।
 शीितके शीितकावित- ािदके ािदकावित। मडूा3(आ)स ु सम- इम ं 1(अ)िं हषय।।

ितीयेनवाके योदशसूािन

 10.17 ा िह इित चतदशच सू, यामायनो वेदवा ऋिषः, आयोयो रयू
देवता, तततसृणां पूषा, ततिसृणां सरती, ततः पानामापिपु , ् अे े अनु भ
ु ौ

(ेित ितसृणां सोमो देवता वा, उपाा पराहृ ती वेितच)।
ु माना- महो
 .ु णोती-तीद ँ िवं भवु न ं समेित। यम माता पय
07.06.23 ा िह े वहत
जाया िववतो ननाश।।
 अपागहू मृतां म- कृ 
 ी सवणा मद िववते। उतािना वभर दासी- दजहा ा
िमथनु ा सरयूः।।
 पूषा ेत ावयत ु  िवा- ननपश ु भवु न गोपाः। स ैत
े  पिर दद ित े 
ृ ो-ि दव
िु वदियेः।।
 आय ु िवायु पिर पासित ा- पूषा ा पात ु पथ े परु ात।् यासत े सक
ु ृ तो य ते यय-ु

 ा देव िवता दधात।।
 पूषमे ाˆ आशाˆ अन ु वेद सवा- ो अा अभयतमेन न ेषत।् िदाˆ आघृिण ववीरो-

ु रु एत ु जान।।
य
07.06.24 पथ े पथा मजिन पूषा- पथ े िदव पथ े पृिथाः। उभ~
े अिभ ियतम~


सधे~-आ च परा च चरित जान।।
ु ृ तो अय- सरती दाशषु  े
 सरती ेवयो हवे- सरती मरे तायमान।े सरत सक

वाय ात।।
 सरित या सरथँ ययाथ- धािभ दिव िपतिृ भ मदी। आसाि िहिष मादय-ानमीवाˆ
 ।े ।
इषˆ आ धे
 सरत यां िपतरो हव-े दि णा य मिभन माणाः। सहाघ िमळो अ भाग-ं रायोषँ
यजमानेष ु धेिह।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 718


ु य-ु घृतने  नो घृत
 आपो अा ातर श ु ।ु िवं िह िर ं वहि देवी- िददा
  पन
शिु चरा पूत एिम।।
07.06.25  थमा अन ु ू-िनम योिन मन ु य पूवः। समान ँ योिन मन ु
सर-हु ो न ु स होाः।।
 ये  ित ये अंश-ु बातु ो िधषणायाˆ उपात।् अयवा पिर वा य पिवा -

े जहोिम ्
मनसा वषतम।।
 ये  ो ये अंश-ु रव य पर च
ु ा। अय ेवो बृहित- ं िसत ु
राधस।े ।
ु त।।
 पयती रोषधय-पय ामकँ वचः। अपां पय िदय -ेन मा सह श
 10.18 परं मृो इित चतदु शच सू, यामायनः ससकः,
ु आानां चतसृणां मृः,ु पा
धाता, षाा, िशानां िपतृमधे ािपु , ् एकादशी ारपिः, योदशी जगे े अनु भ
ु ौ
(अायाः जापितवा देवता)।
07.06.26 परं मृो~ अन ु परेिह पाँ- ये ˆ इतरो देवयानात।् च 
ु ते वत े ते

वीिम- मा न जां रीिरषो मोत वीरान।।
 मृो पद ँ योपयो यदैत- ाघीयˆ आयु तर धानाः। आायमाना जया धनेन- शु ा
पूताˆ भवत यि यासः।।
 इम े जीवाˆ िव मृत ै राववृ
 -भू
 ा देवितन अ। ाो अगाम नृतये हसाय- ाघीयˆ
आयु तर धानाः।।
ु दपरो अथ मेतम।् शतीव ु शरद प
े  पिरिध धािम- मैषागा
 इमीव ु ची- र मृ ु
धतां पवतने ।।
 यथाहानपूु व भवि- यथ ऋ  वˆ ऋतिु भ यि साध।ु यथा न पूव मपरो जहा -ेवा धात
 त

रायूिं ष कयषै ाम।।
07.06.27 आ रोहताय ु जरसँ वृणाना- अनपूु व यतमाना यित । इह ा सज
ु िनमा सजोषा-
ˆ दीघ मायु करित जीवसे वः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके षाायः (वगाः 1-28) Page 719


 इमाˆ नारी रिवधवा पु ी- रानने सिपषा सँ िवश।ु अनवो नमीवा रु ा- आ रोह ु
जनयो योिन मे।।
 उदी नायिभ जीवलोक-तासमु ते मपु  शेष एिह। हाभ िदिधषो वेद-ं प ु जिन मिभ
ू ।।
सं बभथ
 धन ु हा दाददानो मृता-े ाय वचस े बलाय। अैव िमह वय ं सवु ीराˆ- िवा ृधो
अिभमाती जयेम।।
 उप सप मातरं भूिम मेता- मु  ु वे ाम।् ऊणदाˆ यवु ित दि णावत- एष ा ा पात ु
 चस ं पृिथव सश

िनऋत े पात।।
07.06.27 उ पृिथिव मा िन बाधथा- ूपायना ै भव सूपवना। माता पु ँ यथा

िसचा-ेन ं भूम ऊणिह।।
 उमाना पृिथवी स ु ितत-ु सहं िमत उप िह याम।् ते गृहासो घृततो
ु भव-ु
िवाहा ै शरणा ।।
 उे ािम पृिथवी री-मँ लोग िदधो अहं िरषम।् एतां ूणां िपतरो धारय-ु तेा
 ादना ते िमनोत।ु ।
यम
 तीचीने मामह-नीा- पणिमवादधःु । तीचीभा वाच म-ं रशनया यथा।।।। इित
षााय माः।।

 समाके समाायः (वगाः 1-30)


 10.19 िन वतिमच सू, यामायनो मिथत ऋिषः, आपोदेवताः, आाया अबीषोमा
अनु ु षी गायी। (अ सूे वािण भृग ु भागव वन ेमौ पाि का वृषी गौवा देवता)।
07.07.0 िन वतं मान ु गाता-ा िष रेवतीः। अीषोमा पनवसू
ु ~ अ े धारयतं

रियम।।
 पनु रेना िन वतय- पनु रेना ाकु। इˆ एणाˆ िन य- -ि रेनाˆ उपाजत।ु ।
 पनु रेता िन वता- मि 
ु  ु गोपतौ। इहवै ाे िन धार-येह ितत ु या रियः।।
 यियान.यन-ं सं ानँ यरायणम।् आवतन िवतन-ँ यो गोपाˆ अिप तं व।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 720


 यˆ उदानयन-ँ यˆ उदानरायणम।् आवतन िवतन- मिप गोपा िन वतताम।।

 आ िनवत िन वतय- पनु नˆ इ गाˆ देिह। जीवािभ भनजामहै
ु ।।
 पिर वो िवतो दध- ऊजा घृतने  पयसा। ये देवा के च यि या- े रा सं सृज ु नः।।
 आ िनवतन वतय- िन िनवतन वतय। भूा त िदश- ाˆ एनाˆ िन वतय।।
 10.20 भिमित दशच सू ैो िवमदोिगायी, आ ैकपदा िवराितीयानु ू बे
ु ौ (भः भृित ससूेष ु य ऐो िवमद  ाजापो व ैकिकः िक वासो
िवरािभ ु वसकृु ा)।
07.07.02 भो अिप वातय मनः।।
ु ाँ यिव-ं शासा िम धरीतमु ।् य धम 1(अ)रेनी- पयि मात ु
 अिमीळे भज
धः।।

 यमासा कृ पनीळं- भासाके त ँ ु वधयि। ाजत े ेिणद।।
 अय िवशाात ु रेित-  यदानिवो अान।् किव र ीानः।।
 जषु ा मानषु -ो ा व
ृ ा य ।े िम  परु एित।।

े ो हिव य - ु ीद गात ु रेित। अि ेवाˆ वाशीमम।।
 स िह म
07.07.03 य ासाह वˆ इषे-िं पूव शेव। अे ून ु माय ु माः।।
 नरो ये के चादा- िवे े वाम आ ःु ~। अिं हिवषा वधः।।
 ेतोषो यामो अ- ˆ ऋˆ उत शोणो यशान।् िहरयप.िनता जजान।।
 कृ 
ु ती िरयान-ˆ इष
 एवा त े अे िवमदो मनीषा- मूज नपा दमृतिे भ जोषाः। िगरˆ आ व म
मूज सिु ितँ िव माभाः~।।
 10.21 आिेच सू ैो िवमदोिराारपिः।
07.07.04 आि वृििभ- हतारा वृणीमहे। य ाय ीणबिहष े िव वो मदे- शीरं
पावकशोिचषँ िवव से।।
 ाम ु ते ाभवु - श
ु राधसः। वेित ामपु सच
े नी िव वो मद –ऋजीित र आित
िवव से।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 721


 े धमाणˆ आसते- जु िभ ितीिरव। कृ ा पायजनु ा िव वो मदे- िवाˆ अिध ियो िधषे
िवव से।।
 यम े मस े रियं- सहसावम। तमा नो वाजसातये िव वो मदे- य षे  ु िचमा भरा
िवव से।।
 अि जातो अथवणा- िवद िािन काा। भवु तू ो िववतो िव वो मदे -ियो यम काो
िवव से।।
े ीळत-े े यरे। ँ वसूिन काा िव वो मदे- िवा दधािस दाशषेु 
07.07.05 ाँ य 
िवव से।।
े िृ ज-ा.मे िन षेिदरे। घृततीकं  मनषु ो िव वो मदे -श
 ाँ य  ु ेित म िभ िवव से।।
ु े ण शोिचषो- थयसे बृहत।् अिभषृ ायसे िव वो मदे -गभ धािस जािमष ु
 अे श
िवव से।।
 10.22 कुह तु इित पदशच सू ैो िवमद इः, परा
ु हृ ती पमी समी
ु ोा िपु ।्
नवोनु भ
07.07.06 कुह तु ˆ इ कि ु वा
 - जने िमो न ूयते। ऋषीणाँ वा यः  ये- गहा
चकृ ष े िगरा।।
 इह तु ˆ इो अ-े अ वे वच
ृ ीषमः। िमो न यो जनेा- यश े असाा।।
 महो यित शवसो असाा- महो नृ तूतिु जः। भता व धृो- िपता पु िमव

ियम।।
ु ानो अाˆ वात धनु ी- देवो देव विवः। ा पथा िवता- सृजान
 यज
ोनः।।
 ा िचाताागा-ˆ ऋा ना वह ै। ययोदव ो न म -या निकिवदाः।।
07.07.07 अध मोशना पृते- वा-दथा नˆ आ गृहम।् आ ज मथु पराका- िव

म मम।।
 आ नˆ इ पृ से-ाकं  ोतम।् ता याचामह ु  ँ यमानषम
े व- श ्
ु ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 722


 ा द ु रिभ नो अम-ु रतो अमानषः।
 अकम ु ािमह- ध दास दय।।
 ˆ इ शूर शूर-ै त ोतासो बहणा। पु 
 ा ते िव पूतयो- नव ोणयो यथा।।

ु यदी कवीनाँ- िवशा. शवसाम।।
  ाृह े चोदयो नॄ-ापाण े शूर विवः। गहा
ु  दयो- जात ँ िवं
07.07.08 म ू ता त इ दानास-ˆ आ ाण े शूर विवः। य श
सयाविभः।।
 माकु िग शूर वी- र े भूविभयः। वयवँ य आसां- स
ु े ाम विवः।।
 अ े ता त इ स ु सा-िहंसी पश ु ो- धेननू ा विवः।।
ृ ः। िवाम यासां भज
 अहा यदपदी वधत - ा शचीिभ वानाम।् श
ु  ं पिर दि िण -िायव े िन िशथः।।
 िपबािपबिे द शूर सोमं- मा िरषयो वसवान वस ु ।् उत ाय गृणतो मघोनो- मह रायो
रेवत ृ धी न
 ः।।
 10.23 यजामह इित सच सू ैो िवमद इो जगााे िभ
ु ौ, पिभसािरणी।
07.07.09 यजामह इँ वदि णं- हरीणां र1(अँ) िवतानाम।्  म ु दोधवु था भू-
िसेनािभ दयमानो िव राधसा।।
 हरी~  या वने िवद े वि-ो मघ ै मघवा वृहा भवु त।् ऋभ ु वाज ऋभ ु ा पते शवो-व

ौिम दास नाम िचत।।
 यदा वं िहरय िमदथा रथं- हरी~ यम वहतो िव सूिरिभः। आ ितित मघवा सनतु -ˆ इो
वाज दीघवसितः।।
 सो~ िच ु वृि यूा3(आ)ा सचा- इ मूिण हिरतािभ  ु । अव वेित स ु यं सतु े
ु ते

मधू-िदूनोित वातो यथा वनम।।
ु सहािशवा जघान। तिदद पृणीमिस- िपतवे 
 यो वाचा िववाचो मृवाच- प
ृ े शवः।।
यिवष वावध
 ोम इ िवमदाˆ अजीजन-पू पु तमं सदु ानव।े िवा  भोजन िमन- यदा पश

गोपा करामहे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 723


 मािकनˆ एना सा िव यौष-ु व चे िवमद च ऋषेः। िवा िह ते मित ेव जािमव –
द े ते स ु सा िशवािन।।
 10.24 इ सोमिमित षडृच सूैो िवमद इोितसृणामिनावाारपि
रािोनु भ
ु ः।
ू सतु म।् अ े रियि धारय िव वो मदे-
ु म~
07.07.10 इ सोम िमम ं िपब- मधम

सहिणं पवसो ~ िवव से।।
 ाँ य िे भ  ै- प हिे भ रीमहे। शचीपते शचीनाँ िव वो मदे- ेो धेिह वाय िवव से।।
 यित वायाणा- मिस र चोिदता। इ ोतॄणा मिवता िव वो मदे- िषो न पाहं सो
िवव से।।
 यवु ं शा मायािवना- समीची~ िनरमतम।् िवमदने  यदीिळता -नासा िनरमतम।।

 िवे देवाˆ अकृप- समीो िनतोः। नासा ववु ेवा- पनु रावहता िदित।।
ु  नु रायनम।् ता नो देवा देवतया- यवु ं मधमु त ृ तम।।
ु े परायण-ं मधम
 मधम ्
 10.25 भिमेकादशच सूैो िवमद ोम आारपिः।
07.07.11 भो अिप वातय- मनो द मतु तमु ।् अधा त े स े असो िव वो मदे-
रणावो न यवस े िवव से।।
ृ  आसते- िवेष ु सोम धामस।ु अधा कामाˆ इम े मम िव वो मदे- िव िते वसूयवो
 िदश
िवव से।।
 उत तािन सोम ते- ाहं िमनािम पाा। अधा ि पतवे  सूनवे िव वो मदे- मृळा न
 ो अिभ िचधा
िव से।।
 सम ु  यि धीतय- गासोवताइव। त
ु ोम जीवसे िव वो मदे- धारया चमसाइव
िवव से।।
 तव े सोम शििभ- िनकामासो ृिवरे। गृ धीरा वसो िव वो मदे- जोम मिनँ
िवव से।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 724


 गत।् समाकृ णोिष जीवसे िव वो मदे- िवा
ु  ोम र िस- पु ा िवित
07.07.12 पश
संपय वु ना िवव से।।
  ोम िवतो- गोपाˆ अदाो भव। सेध राजप िधो िव वो मदे -मा नो शंसˆ ईशता
िवव से।।
ु त-ु वयोधये ाय जागृिह।
  ोम स े ि वरो मनषु ो िव वो मदे- ुहो न पाहं सो
िवव से।।
ु माना ोकसातौ
े ो~ िशव खा। य हव े सिमथ े िव वो मदे- य
 ो वृह-मे
िवव से।।
 अय स तरु ो मद-ˆ इ वधत ियः। अय ीवतो महो िव वो मदे -मितँ िव वधय
िव से।।
 अय ँ िवाय दाशषु -े वाजा इयित गोमतः। अय ं सˆ आ वरँ िव वो मदे- ां ोण तािरष
िव से।।
 10.26  ेित नवच सूो िवमदः पूषानु पु , ् आा चताव
ु ु हौ।
07.07.13  ा मनीषा- ाहा यि िनयतु ः।  दा िनयु थ- पूषा अिवु मािहनः।।
ु त
 य िह-ँ वाता मयनः। िवˆ आ वंस ीितिभ -िके त स¤ ्
ु ीनाम।।
ु त
 स वेद स¤ ु ीना- िमन पूषा वृषा। अिभ रु  षायित-
ु जˆ आ षु ायित।।
 मंसीमिह ा वय- माक ेव पूष।् मतीना साधन-ँ िवाणााधवम।।

 िध य ाना- महयो रथानाम।् ऋिष यो मनिु हतो- िव यावयखः।।
ु ाया शच
07.07.14 आधीषमाणाया पित- शच ु  च। वासोवायोवीना- मा वासांिस

ममृजत।।
 इनो वाजानां पित- िरन पु ीनां सखा।  म ु हयतो धो-ि वृथा यो अदाः।।
 आ ते रथ पूष-जाˆ धरु ँ ववृःु । िवािथन खा- सनोजाˆ अनपतु ः।।

 अाक मूजा रथं- पूषा अिवु मािहनः। भवु  ाजानाँ वृध-ˆ इम णव वम।।

 10.27 असिित चतिवशृ ु इिपु ।्
च सू ैो वस

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 725


07.07.15 अस ु मे जिरत ािभवग ु त े यजमानाय िश म।् अनाशीदा मह मि
े ो- य

ृ  ँ वृिजनाय माभमु ।।
हा- सत
ु ानान।् अमा ते त
 यदी दहँ यधु ये सया-देवयू ा3(आ)शूशज ु  ँ वृषभ ं पचािन- ती ं सतु ं

पदशि िषम।।
 नाह ँ वेद यˆ इित वी –देवयू मरण े जघान।् यदावा मरण मृघाव- दािद मे
 ा  वु ि।।
वृषभ
 यद ातषे ु वृजनेासँ- िवे सतो मघवानो म आस।् िजनािम वेम
े  आ स माभ-ं ु  तिणां
पवत े पादग
ृ ।।
ु ण भयात -एव े दन ु
 न वा उ माँ वृजने वारये- न पवतासो यदहं मन।े मम ना ृ धक

ूिरण मेजात।।
07.07.16 दश तपा अिना -ा द शरव े पमानान।् घृष ँ ु वा ये िनिन
खाय- मू ेष ु पवयो ववृःु ।।
 अभूव ी1ु (उ) आय ु रान -ष ु पूव अपरो न ु दषत।् े ~पवे~ पिर त भूतो- यो अ पारे
रजसो िववषे ।।
 गावो यवं यतु ाˆ अय अ -ाˆ अपयं सहगोपा रीः। हवाˆ इदय अिभत माय-
ियदास ु पित छयाते।।
ु ोवसातार िमा- दथो~ अय
 सँ ययँ यवसादो जनाना- महँ यवादˆ उवे अः। अा य ु ँ

यनु ज वान।।
ु - िपा यत
 अे मे मंससे स म ु ा ंसज ु ो
ृ ािन। ीिभ य अ वृषण ं पृता- दय
अ िव भजािन वेदः।।
07.07.17 यान ा िहता जाास- काँ िवा अिभ माते अाम।् कतर ो मेिनं ित तं

ु ाते- यˆ  वहात े यˆ  वा वरेयात।।
मच
ू ो- पिरीता पसा वायण। भा वध ू भवित यपु श
 िकयती योषा मयतो वधय े ा- य ं सा िम ँ

वनतेु  जने िचत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 726


 पो जगार  मि- शीा िशर ित दधौ वथम।् आसीनˆ ऊा मपु िस ि णाित-
 ्
 ाना मेित भूिमम।।
 बृहायो अपलाशो अवा- तौ माता िविषतो अि गभः। अाˆ वं िरहत
 ी िममाय-
कया भवु ा िन दध े धेन ु धः।।
 स वीरासो अधरा दाय-ोराा मजि म र।े नव पाता ििवमˆ आय- श
ाान ु िव ितर
 ः।।
07.07.18 दशाना मेकिपलं समान-ं िहि तव े पायाय। गभ माता सिु धत ँ व णा-
वेन षु यी िबभित।।
 पीवान ं मेष मपच वीरा- ु ाˆ अ ाˆ अन ु दीव आस।् ा धन ं ु बृहती म1 (अ)~-
पिववा चरत पनु ा।।
 िव ोशनासो िवˆ आय -चाित नेमो निह प  दधः। अय ं मे देव िवता तदाह -ˆ
इनव िपरः।।
 अपयामँ वहमान मारा -दचया धया वतमानम।् िसषय
   यगु ा जनानां- स

िशा िमनानो नवीयान।।
ु ौ- मो~ ष ु  सेधी मु िर मि। आप िद िव नश
 एतौ मे गावौ मर य  थ- सूर

मकˆ उपरो बभूवान।।
07.07.19 अय ँ यो व पु धा िववृो-व ूय बृहत ु षात।् वˆ इदेना परो अ
  परी
दि- तदथी जिरमाण रि।।
 वृ वे ृ  े िनयता मीमयौ -तो वय  पता ूषादः। अथेद ँ िवं भवु न ं भयात- इाय स


षय े च िश त।।
 देवानां माने थमाˆ अित -ृ ा देषा मपु रा उदाय।् यपि पृिथवी मनपू ा- ा बृबक
ू ँ

ु षम।।
वहत परी
 सा ते जीवात ु त त िवि- मा तै ागप गूह मय। आिव  कृ णतु े गूहत े बस
ु -ं स
ु ते।।
पा र िनिणजो न म

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 727


ु ऋिषका, ितीयािद चतथ
 10.28 िवो हीित ादशच सू, आाया इषा ु वजानां

यजािमऋिषः, चतथ ु
ु सिहतानामयजां ु ऋिषः, चतथ
वस ु वसो
ु वानां यजां ु देवता
िशानािमिपु ।् (अ सूे थमिच इषाष
ु े िवकं शौनको मते त े त वसो

िव ये ः)।
 ाम- ममे दह शरु ो ना जगाम। ज ीया ानाˆ उत
07.07.20 िवो 1(अ)ो अिर राजग

सोमं पपीया- ािशत पनु रगायात।।
 स रोव षृ भ ि मो- व ौ विरमा पृिथाः। िवेने ँ वृजनेष ु पािम- यो मे
कु ी~ सतु सोम पृणाित।।
ु ि सोमा िबिस मेषाम।् पचि ते वृषभा अि
 अिणा ते मिनˆ इ तूया- 
े  यघव यमानः।।
तेषां- पृ ण
 इदं स ु मे जिरत रािचिकि- तीप ं शापो वहि। लोपाश िंहं  मा-~ ोा वराह

िरत क ात।।
 कथा त एत दहमा िचकेत-ृ पाक वसो मनीषाम।् ो िवा ऋतथु ा िव वोचो-
यमध े मघव ेा धूः।।
ु सहा िन िशशािम साक- मश ं ु िह
 एवा िह मावसँ वधयि- िदवि े बृहत उरा धूः। प
मा जिनता जजान।।
07.07.21 एवा ि ह मावस ु -मम ृषणिम देवाः। वध वृ ँ वेण मसानो-

प ज ं मिहना दाशषु  े वम।।
ू रिब- ना वृो अिभ िविराय।् िन स
 देवास आय रश ु 1 (अ) धतो व णास-ु या
कृपीट मन ु तहि।।
 शशः  रु ं .गा-रािँ लोगने  भदे मारात।् बृहि.हत े रयािन- वय ो वृषभ ं
शूशवु ानः।।
 सपु ण
 ˆ इा नखमा ¤िसषाया-व पिरपद िसंहः। िनि िहष ावा- ोधा

ता अयथष देतत।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 728


 तेो गोधाˆ अयथष- देत े ण ितपीय  ैः। िसमˆ उोवसृा अदि- य ं
बलािन त णानाः।।
ु मी अभूव -े िहिरे त1(अ)ोमˆ उ ैः। नृवद पु नो मािह वाजा-
 एत े शमीिभ श
ििव वो दिधषे नाम वीरः।।
ु इिपु ।्
 10.29 वन े नेच सूो वस
07.07.22 वने न वा यो धािय चाक-िचवा ोमो भरु णा वजीगः~। ये िद

पु िदनेष ु होता- नृणाय नृतमः  पावान।।
  ते अाˆ उषस ापराˆ- नृतौ ाम नृतम नृणाम।् अन ु िशोक शत मावह
 -ॄ

ुेन रथो यो अस सवान।।
 के मदˆ इ रो भू- रोु िगरो अ1ु (उ)ो िव धाव। काहो अवा गपु  मा मनीषा- आ ा
शा मपु म ं राधो अ ैः।।
ु िम ावतो नॄ-या िधया करसे क आग।् िमो न सˆ उगाय भृा- अे
 क 
सम यदस नीषाः।।
  कामिनधाइव म।् िगर ये ते तिु वजात पूव- नरˆ इ
 ेरय सूरो अथ पारँ- ये अ
ितिश   ैः।।
07.07.23 माे~ न ु ते सिम
ु त~े इ पूव- ौ मना पृिथवी काेन। वराय ते घृतव
तु ास- ा व ु पीतये मधूिन।।
ृ  े विरमा पृिथा-ˆ अिभ
 आ मो अा अिसचम- िमाय पूण स िह साराधाः। स वावध
ा नय प ै ।।
 ानिळ पृतना ोजा- आ ै यते साय पूवः। आ ा रथ पृतनास ु ित- यं
भया समु ा चोदयास।े ।

तृतीयेनवाके योदशसूािन ।
 10.30  देवेित पदशच सूैषः कवष आपिपु ।्

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 729


07.07.24  देवा ण े गातरु े-पो अा मनसो न यिु । मह िम वण

ु यस े रीरधा सवृु िम।।
धािसं- पृथ
 अयवो हिवो िह भूता-ाप इतोशती शः। अव याे अण पु ण
 -
 हु ाः।।
मा मूिम मा स
 अयवोपˆ इता समु - मपापात ं हिवषा यजम।् स वो दद िम मा सपु तू -  ै सोमं
ु ं सनोत।।
मधम ु
ु ती रपो दा- यािभ
 यो अिनो दीदय द1 (अ)-य िवासˆ ईळत े अरेष।ु अपापा धम
ृ े वीयाय।।
िरो वावध
 यािभ ोमो मोदत े हषत े च- काणीिभ यवु ितिभ न मयः। ताˆ अय~ अपो अा परेिह-

यदािसाˆ ओषधीिभ पनीतात ्
।।
ू  े यवु तयो नम- यदी मश
े न
07.07.25 एव ु  श
ु त
 ी रे। सानते मनसा सििके-
यवो िधषणाप देवीः।।
ु त।् ता इाय मधम
 यो वो वृताो अकृ णो लोकँ- यो वो माˆ अिभश े रम ु  मूिम-
ेवमादन ं  िहणोतनापः।।
ु  मूिम-भ यो व िवो मˆ उः। घृतपृ मी मरेा-पो
 ा ै िहनोत मधम
रेवती णतु ा हवं मे।।
े इयित। मदतु मौशान.भोजां- पिर ित ँ ु
 तं िसवो मर िमपान- मूिम  हेत यˆ उभ~

ु म।।
िवचर म
 आववृतती रध न ु िधाराˆ- गोषयु धु ो न िनयव.रीः। ऋषे जिनी भवु न पी- रपो व
सवध
ृ  योनीः।।
07.07.26 िहनोता नो अर ेवया- िहनोत  सनये धनानाम।् ऋत योगे िव 
मूध- ु ीवरी भूतना मापः।।
ु भं िबभथ
 आपो रेवतीः यथा िह व- त ृ ामृत
 । राय  प पी-
रती तण
ृ त ्
 े वयो धात।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 730


ु मनसा सँिवदाना-ˆ इाय सोमं
 ित यदापो अ मायती- घृत ं पयांिस िबती मधूिन। अयिभ
सषु तु  ं भरीः।।
 एमाˆ अ म ेवती जवधाˆ- अयव ादयता सखायः। िन बिहिष धन सोासो-पाा
सँिवदानास एनाः।।
 आ मापˆ उशती बिहरेद-रे असद ेवयीः। अयव नु तु 
े ाय सोम- मभू व
ु का देवया।।
श
 10.31 आ नो देवानािमेकादशच सू ैषः कवषो िवेदेवािपु ् (भेदप -े िवेदवे ाः 9,
अगभाशमी 1, उषोी 1, एवं 11)।
07.07.27 आ नो देवाना मपु  वेत ु शंसो- िवेिभ रु ै रवस े यजः। तेिभ वय ं सषु खायो भवेम-
तरो िवा िरता ाम।।
 पिर िचत िवण ं ममा- त पथा नमसा िववासेत।् उत ेन तनु ा सँ वदत
े  -ेयांस

  ं मनसा जगृात।।
ृ  मंशा- ीथ  न द मपु  यम
 अधािय धीित रसस ू ाः। अानम सिु वत शूष-वेदसो
अमत
ृ ाना मभूम।।
 िनाका पित दमूनाˆ- या उ देव िवता जजान। भगो वा गोिभ रयम.े मना-ो

अ ै चाछदय त ात।।
 इय ं सा भूयाˆ उषसािमव ाˆ- य मु  शवसा समाय।् अ िु त.िरत ु िभ माणाˆ- आ
न श मास उप य ु वाजाः।।
07.07.28 अ े देषा समु ित पथाना-भव ूा भूमना गौः। अ सनीळाˆ असरु 
योनौ- समान आ भरण े िबमाणाः।।
ु सान~
 िकं िनˆ उ स वृ ˆ आस- यतो ावापिृ थवी~ िनत ः। े अजरे~ इतऊती~-
अहािन पूव षसो जर।।
 न ैताव देना परो अद- ु ा स ावापिृ थवी~ िबभित। चं पिव.णतु धावा- द सूय
हिरतो वहि।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके समाायः (वगाः 1-30) Page 731


 ेगो न ा मेित पृ- िमह वातो िव ह वाित भूम। िमो य वणो अमानो-ि वने न

सृ शोकम।।
 री यूत सो अमाना- िथ रथी कृ णतु  गोपा। पु ो यूव िपो जिन शा-

ौजगार य पृान।।
 उत कवषृ द पु मा- त यावो धन माद वाजी।  कृ 
 ाय श दिपतोधर-् ऋत म

निक रा अपीपेत।।
 10.32  स ु मेित नवच सूैषः कवष इो जगती, अातिभ
ु ः।
07.07.29  स ु मा िधयसान स िण- वरेिभ वरा अिभ ष ु सीदतः। अाक िमˆ

उभयजोषित - योासो बबु ोधित।।
ु ुत। ये ा वहि मु  ररा उप- ते स ु
 वी यािस िदािन रोचना- िव पािथवािन रजसा प
व ु व वना अराधसः।।
 तिदे छपषु ो वपु रं - पु ो यानं िपो रधीयित। जाया पितँ वहित वनु ा समु - स
ंु ˆ
 ु पिरृतः।।
इो वहत
ु धेनवः। माता य ु यूथ पूा-िभ
 तिद ध मिभ चा दीधय- गावो यास हत
वाण सधात ु िरनः।।
ु द- मेको ेिभ याित तवु िणः। जरा वा येम
  वोा िरिरचे देवय ृ षे ु दावने- पिर वˆ ऊमे
 त
िता मध।ु ।
ू म-ु  मे देवानाँ तपाˆ उवाच। इो िवा अन ु िह ा
07.07.30 िनधीयमान मपग

चच - तेनाह म े अनिु शˆ आ गाम।।
 अ े िव ेिवदं ा-  ैित े िवदानिु शः। एतै भ मनश
ु ासनो-त िु तँ

िव.सीनाम।।
ृ ो अधय ात ु धः। एमेन माप जिरमा यवु ान- महेळ स ु
 अे  ाणीदमम िमा-हापीवत
मु नाˆ बभूव।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 732


 एतािन भा कलश ियाम- कुवण ददतो मघािन। दानˆ इो मघवान ो अ-य सोमो
िद यं िबभिम।। इित समााय माः।।

 समाके अमाायः (1-29)


 10.33  मा ययु 
ु इित नवच सू ैषः कवष ऋिषः, आाया िवेदेवाः, ततो योिरः
ु पोः कुवणः, षािद चतसृणामपवा
चतथ ु आा िपु , ् ितीया बृहती तृतीया सतोबृहती,
शेषा ायः।
07.08.01  मा ययु 
ु े यज
ु ो जनानाँ- वहािम  पूषण मरेण। िवे देवासो अध मामर -

शास ु रागा िदित घोषˆ आसीत।।
 सं मा तप िभत- पीिरव पशवः। िन बाधते अमित नता जस ु -वन वेवीयते मितः।।
 मूषो न िशा दि मा- ोतार े शततो~। सकृ ु नो मघव ि मृळया-धा
िपतवे  नो भव।।
 वण माविृ ण- राजान ासदवम।् मंिह ँ वाघता मृिषः।।
 कु
 य मा हिरतो रथे- ितो वहि साधयु ा। व ै सहदि णे।।
07.08.02 य ादसो- िगर-ˆ उपमवस िपतःु । े  रव मूचषेु ।।

 अिध पोपमवो - नपािाितथे िरिह। िपतु  े अि विता।।
ृ ाना- मतु वा मानाम।् जीवेिदघवा मम।।
 यदीशीयामत
ु ा िव वावत
 न देवाना मित त-ं शताा चन जीवित। तथा यज ृ ।े ।

 10.34 ावेपा इित चतदशच सू, मौजवान ऋिषः, आा समी नवमी ादशीना म ा
देवताः, योदयाः कृ िषः, िशानाम िना देवता िपु , ् समी जगती।
07.08.03 ावपे ाˆ मा बृहतो मादयि- वातेजाˆ इिरण े ववृतानाः। सोमवे मौजवत

भ ो- िवभीदको जागृिव म मान।।
 न मा िममेथ न िजहीळ एष ा- िशवा सिखˆ उत ममासीत।् अ ाह मेकपर हेतो- रनु ता

मप जाया मरोधम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 733


 ेि ू रप जाया णि- न नािथतो िवते मिडतारम।् अवे  जरतो व- नाहँ

िवािम िकतव भोगम।।
 अ े जायां पिर मृश- यागृध ेदन े वा1 (अ) ः। िपता माता ातरˆ एन मा-न

जानीमो नयता ब मेतम।।
 यदादीे न दिवषायेिभ- परायोव हीये सिखः। ु ा बवो वाच मत-ँ एमीदेषा
िृ त
 .ािरणीव।।
ु ानः। अ ासो अ िव
07.08.04 सभामेित िकतव पृमानो- जेामीित ता3(आ)शूशज
ितरि कामं- ितदीे दधतˆ आ कृ त
 ािन।।
 अ ासˆ इदिशनो िनतोिदनो- िनकृान पना ापियवः। कुमारदेाˆ जयत पनु हणो-
मा संप
ृ ा िकतव बहणा।।
 िप
 ाश ीळित ातˆ एषा- ेवइव सिवता सधमा। उ िचवे ना नमे- राजा
िचदेो नमˆ इृ णोित।।
 नीचा वत उपिर ुर-हासो हवं सहे। िदाˆ अाराˆ इिरण े ु ा -शीता
ो दय िदहि।।
 जाया तते िकतव हीना- माता पु  चरत  ित।् ऋणावा िबन िममानो-
ेषा म मपु  न मेित।।
07.08.05 िय ाय िकतव तापा-ेषा ायां सकृु त योिनम।् पूवाे अा यु ज
ु े िह
ब ू -ो अ े रे वृषल पपाद।।
 ो गण- राजा ात थमो बभवू । तै कृ णोिम न धना णि- दशाहं
 यो व ेनानी महत
ाची त ँ वदािम।।
 अ ै मा दी कृ िष िमृ ष- िव े रम ब ममानः। त गाव िकतव त जाया- ते
िव च े सिवताय मयः।।
ु  मृळता नो- मा नो घोरेण चरतािभ धृ।ु िन वो न ु म ु िवशता मराित- रो
 िमण
ू ां िसतौ ।ु ।
बण

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 734



 10.35 अबिमितचत ु
दशच सू, धानाकोशो िवेदवे ा जगे े िभ
ु ौ ( भेदप -े
िवेदवे ाः 3, उषसोिः 2, िवेदवे ाः 9, एवं 14)
07.08.06 अबु म ु  इवो अयो- ोित भरˆ उषसो िु ष।ु मही~ ावापिृ थवी~
चेतता मपो-ा देवाना मवˆ आ वृणीमहे।।
 िदवृिथो रवˆ आ वृणीमहे- मातॄ ि ू वतायणावतः। अनागां सूय मषु ास मीमहे-
भं सोम वु ानो अा क
 ृ णोत ु नः।।
ु ताय मातरा। उषाˆ उप बाधता मघ-ं
 ावा नो अ पृिथवी~ अनागसो- मही~ ायते ां सिव
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
 इयˆ उा थमा सदु  ु त।ु आरे म ु िवद धीमिह-
े -ं रेव िनो रेवती 
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
  या ित े सूय रिमिभ- ित भरी षसो िु ष।ु भा नो अ वस े 
ु त–
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
07.08.07 अनमीवाˆ उषसˆ आ चर ु न-ˆ उदयो िजहताोितषा बृहत।् आय ु ाता मिना
तूतिु जं रथं- 1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
 ेो अ सिवत वरेयं- भागमा सवु  स िह रधा अिस। रायो जिनी िषणा मपु  वु -े
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
 िपपत ु मा तत वाचन- ेवानाँ यन
ु ा3( आ) अमिह। िवाˆ इा ळु दिे त सूय-
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
 अषे ो अ बिहष रीमिण- ााँ योगे मन ाध ईमहे। आिदानां शमिण ाˆ
भरु यिस- 1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
 आ नो बिह धमादे बृह ििव- देवा ईळे सादया स होतॄन।् इं िम ं वण ं सातये भगं-
1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।
07.08.08 त आिदाˆ आ गता सवतातये- वृध े नो य मवता सजोषसः। बृहितं पूषण
मिना भगं- 1 (अ)िं सिमधान मीमहे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 735



 तो देवाˆ यत सवाच न-िद रािदा भु रपृ ाम।् पे तोकाय तनयाय जीवसे-
1 (अ)ि सिमधान मीमहे।।
 ी- िवे भव य िमाः। िवे नो देवाˆ अवसा गम-ु िव
 िवे अ मतो िव ऊत
म ु िवण ँ वाजो अ।े ।
 येवासोवथ वाजसातौ- याय े यं िपपथ
ृ ांहः। यो वो गोपीथ े न भय वेद- ते ाम
देववीतये तरु ासः।।

 10.36 उषासाने ित चतदशच सू, धानाकोशो िवेदवे ा जगे े िभ
ु ौ ( भेदप -े
िवेदवे ाः 13, सिवता 1, एवं 14) ।
 ी सपु श
07.08.09 उषासाना बृहत े सा- ावा ामा वणो िमो अयमा। इं वे मत
पवता अप- आिदा ावापिृ थवी~ अप ः~।।
 ौ न पृिथवी च चेतस- ऋतावरी~ र ता मंहसो िरषः। मा िवदा िनऋित नˆ ईशत-
तेवाना मवो अा व
 ण
ृ ीमहे।।
 िवाो अिदित पाहं सो- माता िम वण रेवतः। व ोित रवृकशीमिह-
तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 ावा वदप र ांिस सेधत-ु   निऋितँ िव मिणम।् आिद ं शम मता मशीमिह-
तेवाना मवो अा वृणीमहे ।।
 एो बिह ीदत ु िपता िमळा- बृहित ामिभर ् ऋो अचत।ु सु केतीवसे म धीमिह
तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
07.08.10 िदिवश
ृ  ँ य माक मिना- जीरारणतु ं स
ु िमये। ाचीनरिम
मातृतने  -तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 उप ये सहु वं मातण-ं पावक मृ ं साय शंभवु म।् रायोषं सौवसाय धीमिह- तेवाना
मवो अा वृणीमहे।।
 अपां पेीवध ं भरामहे- देवा ं सहु व मरियम।् सरु िमं सोम िमिय ँ यमीमिह -तेवाना
मवो अा वृणीमहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 736


ु ि नता सिनिभ- वयीवाˆ जीवपु ाˆ अनागसः। िषो िवगने ो भरेरत-
 सनमे  तस
तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 ये ा मनो यि या े णोतन- यो देवाˆ ईमहे तदातन। ज ैत ं ु रियम ीरव श –
ेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 द महता मा वृणीमह-े वो देवानां बृहत
07.08.11 मह  णाम।् यथा वस ु
 ा मनव
वीरजातशामहै- तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 महो अ े िमधान शमय-नागा िम े वण े ये। े े ाम सिवत ु वीमिन-
तेवाना मवो अा वृणीमहे।।
 ये सिवत ु सव िवे- िम त े वण देवाः। ते सौभग ँ वीरव ोम दो- दधातन
िवणि म।े ।
 सिवता पातािवता परु ा-िवतोराा िवताधराात।् सिवता न वु त ु सवताितं-
सिवता नो रासता ीघ मायःु ।।
 10.37 नमो िमेित ादशच सू, सौयिभतपा ूय जगती दशमी िपु ।्
07.08.12 नमो िम वण च स-े महो देवाय तत ं सपयत। रे शे देवजाताय के तवे-
िदवु ाय सूयाय शंसत।।
 सा मा सोि पिर पात ु िवतो- ावा च य ततनहािन च। िव म ि िवशते यदेजित-
िवाहापो िवाहोदेित सूयः।।
 िस। ाचीन म दन ु वतते रज-ˆ उदने 
 िे भ पतर ै रथय
 न ते अदेव िदवो िन वासते- यदेतश
ोितषा यािस सूय।।
 येन सूय ोितषा बाधस े तमो- जग िव मिु दयिष भानना
ु । तेना िा मिनरा मनाित-

मपामीवा मप  ं सव।।
ु रिस धा अन।ु यद ा सूयपवामहै- तो देवाˆ
 िव िह ेिषतो र िस त- महेळय 
अन ु मंसीरत तम ्
ु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 737


 तो ावापिृ थवी~ तˆ आप-ˆ इ व ु मतो हवँ वचः। मा शून े भूम सूय सिश-
भीवो जरणा मशीमिह।।
07.08.13 िवाहा ा समु नस च
ु स- जावो अनमीवाˆ अनागसः। उा
िममहो िदविे दव-े ो जीवा ित पयेम सूय।।
 मिह ोित िबता िवच ण- भा.  षु च
े षेु  मयः। आरोह ं बृहत पाजसिर-
वयीवा ित पयेम सूय।।
 य ते िवा भवु नािन के तना
ु -  चेरत े िन च िवशे अुिभः। अनागाने  हिरके श सूयाा-
ा नो वसावसोिदिह।।
ु शं िहमा शण
 शो भव च सा शो अा- शं भानना ृ ने । यथा शममस रोु ण-े तूय

िवण ेिह िचम।।
ु दे। अद िबज
 अाक ेवाˆ उभयाय जन-े शम यत िपदे चत  यमान मािशत -
द े शँ यो ररपो दधातन।।
े नम।् अरावा यो नो अिभ नायते- ति
 यो देवा कृ म िजया गु - मनसो वा यतु ी देवहळ
देनो वसवो िन धेतन।।

 10.38 अि इित पच सू, मवािन इो जगती।
07.08.14 अिˆ इ पृतु ौ यशित- िशमीवित िस ाव सातये। य गोषाता
धृिषतषे  ु खािदष-ु िव ति िदवो नृषाे।।
ु - गोअणसं रिय िम वाम।् ाम ते जयत श मेिदनो- यथा
 स नः मु ं सदन े ूणिह
वय मु मिस तसो~ कृ िध।।
ु -ु तादेवˆ इ यधु ये िचके तित। अािभ े सषु हा  ु शव-
 यो नो दासˆ आय वा प

या वय ानयाम सम।े ।
 यो दिे भ हो य भूिरिभ- य अभीके  विरवोिव ृषाे। तँ िवखाद े सि म तु र- मवा
िम मवस े करामहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 738


ु वा- नानदु ँ वृषभ रचोदनम।्  म
ृ  ं िह ा मह िम श
 वज ु  पिर कुा िदहा गिह-
िकम ु ावा 
ु यो बˆ आसते।।

 10.39 यो वा िमित चतदशच सू, का ीवती घोषािनौ जगा िपु ।्
07.08.15 यो वां पिरा सवु ृ दिना रथो- दोषा मषु ासो हो हिवता। श
 मास म ु
वािमद ँ वय-ं िपतनु नाम सहु वं हवामहे।।
 चोदयत ं सूनतृ ा िपत िय-ˆ उरु ी रीरयत मिस। यशसं भागणतु ो अिना-

सोम चां  मघव ु नृ तम।।
 अमाजरु ि वथो यवु ं भगो-नाशो िदिवतारापम िचत।् अ िचासा कृ श -

िचवु ा िमदा िभषजा त िचत।।
 यवु वान ं सनयँ यथा रथं- पनु यवा
ु नरथाय त थः।
ु िनौ  मूहथ ु रिर- िवेा वां
सवनषे ु वाा।।
 परु ाणा वाँ वीया3(आ)  वा जने-थो~ हासथ ु िभषजा मयोभवु ा। ता वा ु ना ववस े करामहे-

य ासा दिर यथा दधत।।
07.08.16 इय ं वामे णतु ं मे अिना- पु ायेव िपतरा मं िश तम।् अनािपर ाˆ

असजाामित- परु ा ताˆ अिभश े रव ृतम।।
 यवु ं रथेन िवमदाय श ु  योषणाम।् यवु ं हवँ विमाˆ अगतँ- यवु ं
ु वु - ूहथु पिम
सषु िु तथु परु ये।।
 यवु ँ िव जरणा मपु ये षु - पनु  कले रकृ णतु  ँ यवु यः। यवु ँ वन मृयदा पथ-ु यवु ं सो
िवपला मेतव े कृ थः।।
 यवु ं ह रेभ ँ वृषणा गहा
ु िहत- मदु रै यतं ममृवांस मिना। यवु मृबीस मतु त मय -
ओमथ ु वये।।
 यवु ं ेत ं पेदवेिना-विभ वाज ै नवती च वािजनम।् चकृ दथ ु ावयख-ं भग नृो

हं मयोभवु म।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 739


07.08.17 न तं राजाना विदते कुतन- नांहो अोित िरतिकभयम।् यमिना सहवा

ु थणथ
वतनी~- परोर ु  पा सह।।
 आ तेन यातं मनसो जवीयसा- रथँ यँ वा मृभव ु रिना। य योगे िहता जायत े िदव-ˆ उभ े
~अहनी~ सिु दने िववतः।।
 ता वित यातयषु ा िव पवत- मिपतं शयवे धेन ु मिना। वृक िचितका म राा- वु ं

ु तम।।
शचीिभ िसता मम
 एत ँ वां ोम मिनावक-मात ाम भृगवो न रथम।् म ृ ाम योषणा मय- िन सून ु नय
धानाः।।

 10.40 रथं यािमित चतदशच सू, का ीवती घोषािनौ जगती।
ु ताय भूषित। ातय
07.08.18 रथँ याह को ह वारा- ित मु ं सिव  ावाण ँ िव ँ
िवशिे वश-े वोवो वहमान िया शिम।।
 कुह िोषा कुह वो रिना- कुहािभिपरत कुहोषतःु । को वां शयु ा िवधवेव देवरं- मय
योषा कृ णतु े सध आ।।
े जरणवे  कापया- वोवो यजता गथो गृहम।् क ा भवथ क वा
 ात जरेथ~
नरा- राजपु वे  सवनाव गथः।।
 यवु ां मृगवे  वारणा मृग यवो- दोषा वोहिवषा िन यामहे। यवु ं होा मृतथु ा जु त े नरे-षनाय
वहथ शभु ती~।।
 यवु ां ह घोषा पयिना यती- रा ˆ ऊचे िहता पृे वारा। भूत ं मे अ उत भूत मवे-ावते
रिथने श मवत।े ।
07.08.19 यवु वी  पयिना रथँ- िवशो न कुो जिरत ु नशायथः। यवु ोह म ा पयिना-
म-ासा भरत िनृ त योषणा।।
 यवु ं ह भ
ु ँ ु यवु मिना वशँ- यवु ं िशार मश ु यवु ो ररावा पिर स मासते- यवु ो
ु ना मपु ारथः।
ु मा चके।।
रह मवसा स

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 740


 यवु ं ह कृ श ँ यवु मिना शय-ँ ु यवु ँ िवधँ िवधवा मु थः। यवु ं सिन नय मिना-प

ज.मूणथु ाम।।
 जिन योषा पतय नीनको- िव चाह ीधो दंसना अन।ु आ ै रीये िनवनवे  िसवो-

ा अे भवित तितनम।।
 जीव ं दि िव मये अरे- दीघा मन ु िसित ीिधय ु नरः। वाम ं िपत
ृ ो य इदं समिे ररे-
मय पितो जनय पिरजे।।
07.08.20 न त िव त ष ु  वोचत- यवु ा ह यवु 
 ाः  िे त योिनष।ु ियोिय
वृषभ े ािना तमिस।।
  रेितनो- गृहमम
 आ वामग मु ित वािजनीवसू~- िना  ु कामाˆ अयंसत। अभूतोपा िमथनु ा
शभु ती~- ियाˆ अयो या अशीमिह।।
 ता मसाना मनषु ो रोण आ- ध ं रियं सहवीरँ वचवे। कृ त ीथ सु पाण ं शभ
ु ती~-

ाण ं ु पथे ा मप मितं हतम।।
े शभु ती~। कˆ ईि येम े कतम ज मत ु -
 ा िना- िव ु दा मादयेत~
  िद कतम

िव वा यजमान वा गृहम।।

 10.41 समानिमित तृच सू, घौषेयः सहोिनौ जगती।
ु 1(अ)- रथ िचं सवना गिन मतम।् पिरानँ िवद ं
07.08.21 समानम ु ं पु त म
सवृु ििभ- वय ँ ु ा उषसो हवामहे।।
ु ासािध ितथ- ातयावाण ं मधवु ाहन ं रथम।् िवशो येन गथो यरी नरा-
 ातयज
कीरेि  ं होतृम मिना।।
 अय ु वा मधपु ािणं सहु - मिधँ वा धृतद  मूनसम।् िव वा यवनािन गथो-त
आ यात ं मधपु ये  मिना।।
े ेकादशच सूािरसः कृ  इिपु ।्
 10.42 अेव
07.08.22 अेव स ु तर ँ लाय म- ूषिव  भरा 
 ोम म ै। वाचा िवा रत वाच
मय- िन रा म ्
 य जिरत~ ोम इम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 741


 दोहेन गामपु  िश ा सखाय-ं  बोधय जिरत जार िमम।् कोश पूण वसनु ा ृ- मा ा वय

े ाय शूरम।।
मघदय
 िकम ा मघव ोज मा- िशशीिह मा िशशया णोिम। अती मम धीर ु श-
वसिु वदं भगिमाभरा नः।।
ु णतु  े यो हिवा- ास
 ाना ममसिे - साना िव ये समीके। अा यज ु ता
स ँ वि शूरः।।
 धन ं बलँ यो अ-ै तीा ोमा आसनु ोित यान।् त ै शू तु क
ु ा ात रो-

िन ा वु ित हि वृम।।
07.08.23 यिय िधमा शंस िमे- य िशाय मघवा काम म।े आराि यता
म श-ु  ै  ्
ु ा जा नमाम।।
 आरा ु मप बाध र- मु ो य श पत
ु तेन। अ े धेिह यवम ोमिद- कृ ध
 ी

िधयिर े वाजराम।।
  य.म वृषसवासो अ म- ीा ोमाˆ बलाासˆ इम।् नाह दामानं मघवा िन यंस- ि

ु त े वहित भूिर वामम।।
स
 ँ यी िविचनोित काले। यो देवकामो न धना णि- सिमं
 उत हा मितदीा जयाित- कृ त

राया सृजित धावान।।
 गोिभरेमामित रेवाँ- यवेन ु
धु  ं पत िवाम।् वय ं राजिभ थमा धना- ाके न
वृजनेना जयेम।।
 बृहितन पिर पात ु पा- तोरा दधरा दघायोः। इ परु ा त मतो न- खा
सिखो विरव कृ णोत।ु ।
ु नवाके
चतथ ु ादशसूािन।
 10.43 अा म इेकादशच सूािरसः कृ  इो जगे े िभ
ु ौ।
07.08.24 अा म इं मतय िवद- ीची िवाˆ उशती रनषू त। पिर जे जनयो
ु ं ु मघवान मूतये।।
यथा पितं- मय श

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 742


 न घा  ु
 ि गप वेित मे मन-े इामं पत िशय। राजेव द िन षदोिध बिह-ि ु
सोमेवपान म ु ते।।
 िवषवू ृ िदो अमत े त धु -  इायो मघवा व ईशते। तेिदम े वण
 े स िसवो- वयो
वधि वृषभ शिु णः।।
 वयो न वृ ं सपु लाश मासद- ोमासˆ इं मिन मूषदः। षै ा मनीकं शवसा दिवतु - िद

1(अ)मनव े ोित रायम।।
 कृ त ी िव िचनोित देवन-े सँवग यघवा सूययत।् न ते अो अन ु वीय शक- परु ाणो
मघवोत नूतनः।।
07.08.25 िवशँिवशं मघवा पयशायत- जनाना ेनाˆ अवचाकश षृ ा। याह श वनषे  ु
रयित- स ती ै ोमै हते पृततः।।
 आपो न िस ु मिभ यम र- ोमासˆ इाइव दम।् वधि िवा महो अ सादन-े
यव वृि िदने  दाननु ा।।
 वृषा न ु पतय जा- यो अयपी रकृ णो िदमा अपः। स स
ु त े मघवा जीरदानव-े िव
ोित मनव े हिवत।े ।
ु वत।् िव रोचता मषो भानना
 उायतां परश ु ितषा सह- भूयाˆ ऋत सु घा पराण ु शिु च-
ु ं शश
1(अ)ण श ु च
ु ीत सितः।।
 गोिभरेमामित रेवाँ- यवेन ु
धु  ं पत िवाम।् वय ं राजिभ थमा धना- ाके न
वृजनेना जयेम।।
 बृहित न पिर पात ु पा- तोरा दधरा दघायोः। इ परु ा त मतो न- खा
सिखो विरव कृ णोत।ु ।
 10.44 आ यािेकादशच सूािरसः कृ  इो जगती, आािोे े च
िभ
ु ः।
ु ान िु वान।्  ाणो अित िवा
07.08.26 आ याि पित मदाय- यो धमणा तूतज
सहां-पारेण महता वृने ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 743


 स¤ु ामा रथ यु मा हरी~ ते- िम  वो नृपते गभौ। शीभं राज पु था याव
 ा-धाम
ु वृािन।।
ते पपषो
 एवाहो नृपितँ वबा- मु मु ास िवषासˆ एनम।्  सँ वृषभ ं सश
ु - मेमा

सधमादो वह।।
 एवा प ित ोणसाचं सचेतस- मूज  ण आ वृषायसे। ओज कृ  सृभाय े
असो- यथा के िनपाना िमनो वृध।े ।
 े वसूा िह शंिसष-ं ािशषं भरमा यािह सोिमनः। मीिशषे सािा सि बिह-
 गम
नाधृा तव पाािण धमणा।।
 ो-कृ वत वािन रा। न ये शेकु यि या ाव
07.08.27 पृथ ाय थमा देवतय
माह- मीमव ते िवश के पयः।।
ु ˆ आययु 
 एववै ापागपरे स ु ो-ा येषा यज ु ।े इा ये ागपु रे सि दावने- प
ु िण य
वयनु ािन भोजना।।
 िगरी रा ेजमाना अधारय- ौ  दिर ािण कोपयत।् समीचीन~
े िधषणे~
िवभायित- वृ पीा मद उािन शंसित।।
 इम ं िबभिम सकृु ते अश-ँ येनाजािस मघवफाजः। अितु  े सवन े अो-ं सतु
इौ मघव ोाभगः।।

 गोिभरेमामित रेवाँ- यवेन धु  ं पत िवाम।् वय ं राजिभ थमा धना- ाके न वृजनेना
जयेम।।
 बृहितन पिर पात ु पा- तोरा दधरा दघायोः। इ परु ा त मतो न- खा
सिखो विरव कृ णोत।ु ।
 10.45 िदवरीित ादशच सू, भालनो विरििपु ।्
07.08.28 िदविर थम े अि- र ितीयं पिर जातवेदाः। तृतीय म ु नृमणाˆ अज-
िमानˆ एनरते ाधीः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 744


  े अे ेधा यािण- िवा त े धाम िवभृता पु ा। िवा त
 िवा त ु ँ
  े नाम परमहु ा य-िा तम
यतˆ आजग।।
 समु े ा नृमणाˆ अ1 (अ)- नृच ाˆ ईधे िदवो अ ऊध।् तृतीये ा रजिस तिवांस -

मपा मपु े मिहषाˆ अवध।।
 अ दि नयिव ौः ामा रेिरह ीध म।् सो ज ानो िव हीिमो अदा-
ु भाः।।
रोदसी भानना
 ीणा मदु ारो धणो रयीणां- मनीषाणां ापण ोमगोपाः। वस ु ून ु हसो अ ु राजा-िव
भा उषसा िमधानः।।
 िव के त ु भवु न गभ-ˆ आ रोदसी अपृणा ायमानः। वीळुिदि मिभन राय- जनाˆ
यदि मयज प।।
ु ध
07.08.29 उिश ावको अरित म े ा- मति  रमत
ृ ो िन धािय। इयित धूम मष ं भिर-

ेण शोिचषा ािमन ।।
 शानो ˆ उिवया ौ- मु ष माय ु िय े चानः। अि रमत
ृ ो अभव योिभ- यदेन
ौजनय रु ेताः।।
 ये अ ु
 कृ णव शोचे-पूप ेव घृतव मे।  तय तरँ वो अा-िभ स
ेवभँ यिव।।
ु तने 
े - उउ आ भज शमान।े िय ूय  ियो अा भवा- ा
 आ तं भज सौवस
िभनद िनःै ।।
 ाम े यजमानाˆ अन ु -ूिा वस ु दिधरे वायािण। या सह िवण िममाना-ˆ जोम
मिु शजो िव वः~।।

ु वे ो- व
 अाि नरां सश ै ानर ऋिषिभ ोमगोपाः। अेष े ावापिृ थवी~ वम
े - देवाˆ ध रिय

े वु ीरम।।।।
मस ्
इमााय माः।।इित समाकं समाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता समाके अमाायः (1-29) Page 745


 अमाकम ्
 अमाके थमाायः (वगाः 1-30)
 10.46  होतेित दशच सू, भालनो विरििपु ।्
08.01.0  होता जातो महाभोिव- ृषा सीद दपा मपु े। दिधय धािय स ते वयांिस- या
वसूिन िवधत े तनपू ाः।।
ु न ं पद ै रन ु म।् गहु ा चत.मिु शजो नमोिभ- िरो
 इम ँ िवधो अपां सधे- पश

धीराˆ भृगवोिव।।

 इम ितो भूयिव िद- ैभवू सो मूध ायाः। स शेवृधो जातˆ आ हष -ु नािभ यवा
भवित रोचन।।
 मं होतार मिु शजो नमोिभ- ाँ य ेतार मराणाम।् िवशा मकृवरितं पावकं- हवाह
धतो मानषु षे ।।

  भू जय ं महाँ िवपोधां- मूराˆ अमूरं परु ा माणम।् नयो गभ वना िय-ु िहिरम ु

ावाण नचम।।
08.01.02 िन पास ु ित ू - िरवीतो योनौ सीददः। अत ृा िवशा
भय

मूना-ˆ िवधमणा य ै रीयते नॄन।।
 अाजरासो दमा मिरा-ˆ अचूमासो अय पावकाः। ितीचय ाासो भरु यवो-
वनषदो वायवो न सोमाः।।
  िजया भरते वेपो अि-  वयनु ािन चेतसा पृिथाः। तमायव शच
ु य ं पावकं- मं होतार

िधरे यिजम।।
 ावा यमिं पृिथवी~ जिना- माप ा भृगवो यं सहोिभः। ईळे ं थम ं माति रा- देवा

त  ु मनव े यजम।।
 या देवाˆ दिधरे हवाहं- पु हृ ो मानषु ासो यजम।् स यामे वु त े वयो धा- 
देवयशस ं िह पूवः।।
े च सू, सगवु कुठ इिपु ।्
 10.47 जगृ
अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 746
ु  वसूनाम।् िवा ि ह ा गोपितं शूर
ृ ा त े दि ण िम हं- वसूयवो वसपते
08.01.03 जग
गोना- म.ि ँ वृषण ं रियाः।।
 ायधु ं वस ं सनी ु मु णं रयीणाम।् चकृं शं ं भूिरवार –मि ँ वृषण ं
ु थ-त
रियाः।।
 सु ाण ेवव ं बृह- मु भीरं पृथबु ु िम। तु ऋिष मु मिभमाितषाह- मि ँ
वृषण ं रियाः।।
ृ  ं शूशवु ांस ं सदु म।् दहु नं पूिभद िम स -मि ँ
 सनाज ँ िववीर - नत
वृषण ं रियाः।।
 अावं रिथनँ वीरव-ं सहिणं शितनँ वाजिम। भात ँ िववीरं षा -मि ँ वृषण ं
रियाः।।
08.01.04  सग ु मृतधीितं समे
ु धां- बृह
 ितं मित रा िजगाित। यˆ आिरसो
नमसोपसो-ि ँ वृषण ं रियाः।।
 वनीवानो मम तासˆ इं- ोमा रि समु ती िरयानाः। िदश
ृ ो मनसा वमाना-ˆ
अि ँ वृषण ं रियाः।।
 य ा यािम दि तˆ इ- बृहय मसमनानाम।् अिभ तावापिृ थवी~ गृणीता -
मि ँ वृषण ं रियाः।।

 10.48 अहं भविमेकादशच सू, वैकुठ इो वैकुठ इो जगती, समी
दशेकादयिभ
ु ः।
08.01.05 अहं भवु  ँ वसनु  पूित- रह नािन सयािम शतः। मां हवे िपतर

जवो-ह ाशषेु  िव भजािम भोजनम।।
ु  पिर नृमा दद-े
 अह िमो रोधो व ो अथवण- िताय गाˆ अजनय महे रिध। अह 
गोा िश  धीच े मातिरन।े ।
 िप तमु ।् ममानीकं सूयवे ¤रं-
 म ा व मत दायस-ं मिय देवासोवृज
मा.मायि कृ तने  कन च।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 747


 अह मेतय मं पश-ं ु परु ीिषणं सायकेना िहरययम।् प
ु सहा िन िशशािम दाशषेु - या

सोमासˆ उिनो अमिषः।।
ु ो याचता- वस ु न
 अह िमो न परा िज य इन- मृवेव ते कदा चन। सोम िमा स
मे पूरव  े िरषाथन।।
08.01.06 अह मेताासतो ा-ेँ ये वँ यधु येकृ  वत। आयमाना अव
हनाहन- ा वदनम ु नमिनः।।
 अभी3( ई)दमेक मेको अि िना-ळभी ा िकम ु य करि। खले न पषा ित हि भूिर- िकं
मा िनि शवोिनाः।।
ु ो अितिथ व िमर- िमष वृतरु ँ िव ु धारयम।् य णय उत वा करहे- ाहं महे
 अह.ु 
वृह ु िव।।
 े अश
ु े भू-वा मेष े सा कृ णतु िता। िद ँ ु यद सिमथषे  ु मंहय- मािद देन ं
  मे नमी साˆ इष े भज
ु 
शं म ्
 रम।।
  नेमि शे सोमो अ- गपाˆ नेम मािव रा कृ णोित। स ित मँ वृषभ ँ ययु 
ु - ुह
ौ बले बो अः।।
 आिदानाँ वसूनां ियाणा- ेवो देवाना िमनािम धाम। ते मा भाय शवस े तत -ु रपरािजत

मृत मषाम।।
 10.49 अहं दािमेकादशच सू, वैकुठ इो वैकुठ इो जगती, ितीयाे िभ
ु ौ।
08.01.07 अह ाृणत े पू व-हं  कृ णवं मँ वधनम।् अहं भवु  ँ यजमान
चोिदता-यन ाि  िवि रे ।।
 मा ु िर ाम देवता- िदव मापा. जवः। अहं हरी~ वृषणा िवता रघ~
ू - अहँ वं
शवस े धृा दद।े ।
ु  िथता वधयम- यो रर
  मावमािभ ितिभः। अहं श
 अह मवये िशथं हथ-ै रह
आय ाम दव।े ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 748


 ाय िदभ रयम।् अहं भवु  ँ यजमान राजिन-  यरे
ू रिभय-े तु 
 अहं िपतवे  वेतस
ु य े न ियाधृष।े ।
तज
 अहं रयं मृगय ं तु वण-े या िजहीत वयनु ा चनानषु क।् अहँ वेश मायवेकर- महं

साय पिृ भ मरयम।।
08.01.08 अहं स यो नववां बृहथ-ं सँ वृवे  दासँ वृह ा जम।् य धय ं थय

मानषु - रे पारे रजसो रोचना करम।।
 अहं सूय पिर यााशिु भ-  ैतशिे भ वहमान ओजसा। या सावो मनषु ˆ आह िनिणज-
ऋधृषे दासं हथ ैः।।
 अहं सहा नषो नर- ाावयं शवसा तवु शँ यम।् अह 1(अ)ं सहसा सहर-व

ाधतो नवित व यम।।
ु त-ु यधु ा
 अहं स वतो धारयँ वृषा- िव पृिथां सीराˆ अिध। अह मणािस िव ितरािम स
िवदं मनव े गात ु िमये।।
 अह दास ु धारयँ यदास-ु न देव न ा धारय ुशत।् ाहवा मूध ु व णा ा- मधो

मध ु ां सोम.मािशरम।।
 एवा द वे ा इो िवे नॄ-  ौने  मघवा सराधाः। िवेाते हिरव शचीवो-िभ तरु ास
यशो गृणि।।
 10.50  वो मह इित सच सू, वैकुठ इो वैकुठ इो जगती, तृतीया चता

विभसािरयौ पमी िपु ।्
08.01.09  वो महे ममानायासो-चा ि वानराय िवाभवु ।े इ य समु ख ं सहो
मिह- वो नृ रोदसी सपयतः।।
 सो िच ु सा नयˆ इन तु - कृˆ इो मावत े नरे। िवास ु धूष ु वाजकृेष ु सते- वृ े
वा1(अ)िभ शूर मसे।।
 1 (अ)िमय ान।् के ते वाजायासयु ाय िहिरे- के अ
ु ं सध
 के ते नरˆ इ ये त इष-े ये ते स  ु
ासूवरास ु पे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 749


 भवु  िम णा महा- वो
ु िवेष ु सवनषे ु यि यः। भवो
ु नॄ ँ ौो िवि रे- े
मो िवचषणे।।
 ु काया  वनसो- मही ओमाायो िवः। असो न ु क मजरो वधा- िवेदते ा
 अवा न
सवना तूतमु ा कृ ष।े ।
 एता िवा सवना तूतमु ा कृ ष-े य ं सूनो~ सहसो यािन दिधष।े वराय ते पा मण े तना- य ो
मो ोत ँ वचः।।
 ये ते िव कृत तु े सचा- वसूना वसनु  दावने।  ते स
ु  मनसा पथा भवु - दे
सतु  सोासः।।
ु चां सौचीकोिऋिषः, अयजां
 10.51 महिदित नवच सू, ितीयािद यगृ ु देवा ऋषयः यजा

ु वता िपु ।्
ेवा देवताः अयजामिद
08.01.10 महं िवर दासी- ेनािवित  िवविे शथापः। िवाˆ अपय धा ते
अे- जातवदे ो देवˆ एकः।।
 को मा ददश कतम  देवो- यो मे तो बधा पयपयत।् ाह िमावणा ि य -े
िवा िमधो देवयानीः।।
 ऐाम ा बधा जातवेद- िव मे अोषधीष।ु ता यमो अिचके िभानो~-

दशाा दितरोचमानम।।
 होा दहँ वण िबदाय -ेदवे मा यनु ज देवाः। त मे तो बधा िनिवा-ˆ एत मथ
िचकेताह मिः।।
 एिह मन ु दवय ु य कामो-रा तमिस 
े े। सगु ा थ कृ णिु ह देवयाना- ह हािन
ु मानः।।
समन
08.01.11 अे पूव ातरो अथमते -ं रथीवाान मावरीवःु ~। ता िया वण
रमाय-ौरो न े ो रिवजे ायाः।।
 कुम  आय ु रजरँ यद-े यथा य
ु ो जातवेदो न िराः। अथा वहािस समन
ु मानो- भाग
ु ात।।
े ो हिवष ज
ेव

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 750


ु जाँ के वला- नूजं हिवषो द भागम।् घृतापां पु षौषधीना- म
 याजाे अनया े 
दीघ माय ु र ु देवाः।।
ु जा के वल- ऊजो हिवष  ु भागाः। तवा े य ो3(ओ)यम ु
 तव याजाˆ अनया
ु मां िदश तः।।
सव- 
 10.52 िवे देवा इित षडृच सू, सौचीकोिदवा िपु ।्
08.01.12 िवे देवा शान मा यथेह- होता वृतो मनवै यिष।  मे ूत भागधये  ँ यथा
वो- येन पथा ह.मा वो वहािन।।

 अहं होता सीदँ यजीया- िे देवाˆ मतो मा जनि। अहरह रिनायवँ वां- ा

सिमवित साित वाम।।
 अय ँ यो होता िक स यम- कमूहे यमि देवाः। अहरह जायते मािसमा-था दवे ाˆ

दिधरे हवाहम।।
 ा चरम।् अि िवान ्य  कयाित- पयाम
 माेवा दिधरे हवाह- मपंु ब कृ 

ृ  ं सतमु ।।
िवत
 ं सवु ीरँ- यथा वो देवाˆ विरव करािण। आ बाो व िम धेया -मथेमाˆ
 आ वो यमृत
िवा पृतना जयाित।।
 ीिण शता ी सहायि- िंश देवा नव चासपय।् औ  ृत ै रृण िह रा- आिद
ोतार सादय।।
ु पोः सौचीकोिऋिषः,
े ादशच सू, देवा ऋषयः, चतथ
 10.53 यमैामेक
ु पो दवा देवता जगती, अमतीिरित िपु ।्
अिदवता, चतथ
08.01.13 यमैाम मनसा सो3( ओ)य मागा-  िवा ष ििकान।् स नो य

ेवताता यजीया ि- िह षदर पूव अत।।
ु तािन िह त।् यजामहै यि या  देवा-
 अरािध होता िनषदा यजीया- निभ यांिस सिध
ईळामहा ईा आेन।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 751


ु ाम।् स आय ु रागा रु िभ वसानो- भा
 साी मक दववीितो अ- य  िजा मिवदाम ग
मक दवितो अ।।
 तद वाच थम ं मसीय- येनासरु ा अिभ देवाˆ असाम। ऊजादˆ उत यि यास- प जनाˆ

मम होषु म।।
 प जनाˆ मम होषु ा-ोजाताˆ उत ये यि यासः। पृिथवी न पािथवा ाहं सो-िर

िााान।।
08.01.14 त ु  जसो भान ु मििह- ोितत पथो र िधया कृ तान।् अन
ु ण
 ँ
वयत जोगवु ा मपो- मन ु भव जनया द  ्
ै नम।।
ु ं रशना ओत िपंशत। अावरँु वहतािभतो रथँ- येन
 अ ानहो नतनोत सोाˆ- इृ ण

देवासो अनयिभ ियम।।
 अमती रीयते संरभ- मिु त  तरता सखायः। अा ज
 हाम ये असशेवा- िशवा य

ु रेमािभ वाजान।।
म
 ा माया वेदपसा मपमो- िब ाा देवपानािन शमा। िशशीत े नून ं परश ं ु ायस-ँ येन
वृा देतशो णितः।।
 सतो नूनवय ं िशशीत- वाशीिभ यािभ रमत ु िन कतन- येन
ृ ाय त थ। िवांस पदा गा

देवासो अमृत मानशः।।
 गभ योषा मदध ु व मास- पीने  मनसोत िजया। स िवाहा समु ना यो याˆ अिभ-

¤िसषासिन वनते कारˆ इिितम।।
 10.54 तां स ु त इित षडृच सू, वामदेो बृह इिपु ।्
े रोदसी अयते ाम।् ावो देवा
08.01.15 तां स ु ते कीित मघव िहा- या भीत~
आितरो दास मोज- जाय ै  ै यदिश ˆ इ।।
ृ ानो- बलानी वु ाणो जनेष।ु माय
 यदचर ा वावध ु ाा- ना श
े ाते यािन य ु न
 ु
परु ा िविवे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 752


 क उ न ु ते मिहमन म-ाूव ऋषयोमापः।
ु यातर िपतर साक- मजनयथा
1(अ)ायाः।।
 चािर ते असयु ािण ना-मादाािन मिहष सि। म तािन िवािन िवे- येिभ कमािण
मघवकथ।।
ु वसूिन। काम िमे मघव ा िव तारी-
 ँ िवा दिधषे के वलािन -याािव या च गहा
मा ाता िमािस दाता।।
 यो अदधा ोितिष ोित र- य असृज धनु ा सं मधूिन। अध िय ं शूष िमाय म-
कृतो बृहा दवािच।।
 10.55 रे तिदच सू, वामदेो बृह इिपु ।्
ु  पराच ै- या भीत े अयते ाँ वयोध ै। उदा पृिथवीा मभीके -
08.01.16 रे ताम गं
ातु पु ा घव ििषाणः।।
ु  पु -ृ येन भूतनयो येन भम।् ातोित यद िय-ं िया
 मह ाम गं
मिवश प।।
ु स। चतिु ंशता पु धा िव च-े सपण
 आ रोदसी अपृणा दोत मं- प देवा ऋतश े 
ोितषा िवतने ।।
 यष औ थमा िवभाना- मजनयो येन पु  पु म।् ये जािम मवरं परा- मह

 ाˆ असरु  मेकम।।
ह
 िवध ु ाण ं समन े बनाँ- यवु ान ं सं पिलतो जगार। देव पय कां मिहा- ा ममार स
 मान।।
 पु णˆ- आ यो मह शूर ना दनीळः। यिकेत स
08.01.17 शाना शाको अण
िम मोघं- वस ु ाह मतु जेतोत दाता।।
 ऐिभ ददे वृा पािन- येिभ रौ  
ृ हाय वी। ये कमण ियमाण म- ऋ े म
 तक
मदु जाय देवाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 753


ु ा कमािण जनय िौजाˆ- अशिहा िवमना रु ाषाट ्। पीी सोम िदवˆ आ वृधान-
 यज

शूरो िन यधु ा धम ून।।
 10.56 इदं त इित सच सू, वामदेो बृहो िवेदवे ा िपु , ् चतािद
ु ितो जगः।
े न े
08.01.18 इद  एकं  परˆ ऊत एक- ृतीयेन ोितषा सँ िवश। सँवश
त1(अ)ारेिध- ियो देवानां परम े जिने।।
ु म।् अतो महो धणाय देवा-
 तनू  े वािज 1(अ)यी- वाम म ात ु शम त
िवीव ोित मा िममीयाः।।
 वािस वािजनने ा सवेु नी- िु वत ोमं सिव
ु तो िदवाः। सिु वतो धम थमान ु सा- सिु वतो
देवा िु वतोन ु प।।
े दध ु रिप तमु ।् समिवच ु त यािष-ु रैषा नषू  ु िन
 मिह एषां िपतरनिे शरे- देवा देव
िविवशु पनः
ु ~।।
 सहोिभ िवं पिर चमू रज- पूवा धामा िमता िममानाः। तनषू  ु िवा भवु ना िन येिमरे-
ासारय पु ध जाˆ अन।ु ।
 िधा सूनवोसरु ं िवद- माापय तृतीयेन कमणा। ां जां िपतर िपं सह-ˆ आवरे

दध ु  ु माततम।।
 नावा न ोद िदश पृिथा- ििभ रित गािण िवा। ां जां बृहो मिहा-

वरेदधा दा परेष।।
 10.57 मा  गामेित षडृच सू, गौपायना बःु तब
ु ु िवब ु िवेदवे ा गायी।
(भेदप े - इः 1, अिःु 1, िवेदवे ाः 3, सोमः 1, एवं 6 । मा  गामेित सूानां बाा

ऋषय इाषानमयां ु
शौनकः)।अैषां गौपायनमेव न लौपायनं, तथा सबोलप सवा.
भा.)।
08.01.19 मा  गाम पथो वय-ं मा य ा िद सोिमनः। मा नु  अरातयः।।
 यो य  साधन-  ु दव
े ाततः। तमात.शीमिह।।
 मनो ा वामहे- नाराशंसने  सोमेन। िपतण
ॄ ा मिभः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 754


 आ त एत ु मन पन~-
ु े द ाय जीवसे। ो सूय श।े ।
 पनु न िपतरो मनो- ददात ु दैो जनः। जीव ँ ातं सचेमिह।।
 वय ं सोम त े तव- मन नषू  ु िबतः। जाव चेमिह।।
 10.58 ये यमिमित ादशच सू, गौपायना बःु तब
ु ु िवबमनोन
ु ु पु ।्
08.01.20 ये यम ँ ववै त-ं मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये िदवँ यृिथव- मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसीह- याय जीवसे।।
ृ  -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये भूिमतभु िं
 ये चत िदशो- मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये समु मणव ं -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये मरीची वतो -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
08.01.21 ये अपो यदोषधी -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये सूय यषसं- मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये पवता ृहतो -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये िव िमदग -नो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये परा परावतो -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।
 ये भूत भ -मनो जगाम रकम।् त आ वतयामसी-ह याय जीवसे।।

 10.59  तायायिरित दशच सू, गौपायना बादय ऋषयः, आानां चतसृणां
ु िनऋित सोमौ, पमी षोरसनीितदे
िनऋितदवता, चता ु वी साः पृिथवी ाविर सोम पूष
पा यो देवताः, अानां ितसृणां ावापृिथौ िपु ।् अाधचेः, अािः
मेण पिमहापिपराः।

08.01.22  तायायु तरवीय- ातारेव तम
ु ता रथ। अध वानˆ उवीथ-

परातरं स ु िनऋित िजहीताम।।
 साम ु राय े िनिधम -रामहे स ु पु ध वांिस। ता नो िवािन जिरता मम-ु परातरं स ु

िनऋित िजहीताम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 755


 अभी 1(अ)य पै भवेम- ौन भूिमिरयो नाान।् ता नो िवािन जिरता िचकेत- परातरं

स ु िनऋित िजहीताम।।
ु रम।् िु भिहतो जिरमा सू नो अ-ु परातरं
 मो ष ु ण ोम मृवे परा दा- पयेम न ु सूय म

स ु िनऋित िजहीताम।।
  आयःु । रारि न ूय सिश- घृतने 
 असनु ीते मनो अास ु धारय- जीवातव े स ु  ितरा न
  ँ वधय।।
08.01.23 सनु ीते पनु रास ु च ु - पनु ~ ाण िमह नो धेिह भोगम।् ोयेम सूय
ु र- मनमु ते मृळया न
म  ि।।
 पनु न अस ं ु पृिथवी ददात-ु पनु  दवी पनु रिर म।् पनु न ोम  दात-ु पनु ~ पूषा
पा3(आँ) या िः।।
 शं रोदसी सबु व-े यी~ ऋत मातरा। भरता मप यपो- ौ पृिथिव मा रपो –मो~ ष ु ते

िकनाममत।।
 अव के~ अव िका- िदव रि भेषजा। मा चिरक
े क
 ं - भरता मप यपो ौ- पृिथिव

मा रपो- मो ष ु ते िकनाममत।।
 सिमेरय गामन ाहँ- यˆ आवह शीनराया अनः। भरता मप यपो ौ- पृिथिव मा रपो-

मो ष ु ते िकनाममत।।
 10.60 आ जनिमित ादशच सू, गौपायना बादय ऋषयः, षा अगसा ऋिषका,
आानां चतसृणां षाासमाित दवता, पा इः, सािद पानां जीवः, ादया होनु पु , ्
आाः पगायः अमी नवौ पी।
ु सूािन।
पमेनवाके
ु ।् अग िबतो नमः।।
08.01.24 आ जन ेषसशं- माहीनाना मपु तम
 असमाित ितोशन- ेष ियियनं रथम।् भजरे थ सितम।।

 यो जना िहषाइवा-िततौ पवीरवान।् उतापवीरवा धु ा।।
 येाकु प त-े रेवा राध
े त।े िदवीव प कृ  यः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 756


 इ ासमाितष-ु रथोेष ु धारय। िदवीव सूय श।े ।
 अग न- ी~ यनु ि  रोिहता। पणी मी रिभ- िवा ाजराधसः।।
08.01.25 अय ं मातायं िपता-यीवात ु रागमत।् इदव सपण ं -सबु ~ वेिह िनिरिह।।
 यथा यगु ँ वरया- नि धणाय कम।् एवा द ाधार ते मनो- जीवातव े न मृवे-थो~
अिरतातये।।
 यथेय ं पृिथवी मही- दाधारेमा नतीन।् एवा द ाधार ते मनो -जीवातव े न मृवे-थो
अिरतातये।।
 यमादहँ वैवता- बु ो मनˆ आभरम।् जीवातव े न मृवे-थो अिरतातये।।
 1(अ) वातोव वाित- पित सूयः। नीचीन मा हे- वत ु ते रपः।।
 अय ं मे हो भगवा- नय ं मे भगवरः। अय ं मे िवभेषजो-यं िशवािभमशनः।।
 10.61 इदिमेित सिवंशृच सू, मानवो नाभानेिदो िवेदवे ािपु ।् (भेदप े - ः
2, अिनौ 2, ः 2, िवेदवे ाः 1, वाोितौ 1, वाोी 1, अिरसः 1, इः 3,
अिः1, नासेाः 1, सोमः 1, अिः 1, आिद नाभानेिदौ 1, नाभानेिद धेन ू 1, अिः 1,
इाी 1, इः 1, िमावण नाभानेिदाः 1, वणः 1, िमावणौ 1, वणः 1, देवाः 1, एवं 27)
08.01.26 इद िमा रौूतवचा-ˆ  ा शा मराजौ। ाणा यद िपतरा

मंहनेा- पष  े अहा स होतॄन।।
 स इानाय दाय व- वान ूद ै रिममीत वेिदम।् तूवयाणो गूतवचमः - ोदो न रेतˆ

इतऊित िसत।।
 मनो न येष ु हवनषे ु ित मँ- िवपशा वनथु ो वा। आ य शयािभ िु वनृो- अाीणीता
िदश.भौ।।
 कृ   ीष ु सीद- िवो नपातािना वे वाम।् वीत ं मे य मा गत ं मे अँ- ववांसा नेष
 ा योण
मृतू~।।
 िथ य वीरकम िम- दनिु त  ु नय अपौहत।् पनु ~ दा वृहित यनाया-ˆ िहत ु
राˆ अनभु त
ृ मनवा।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके थमाायः (वगाः 1-30) Page 757


08.01.27 मा य मभव दभीके - कामवान े िपतिर यवु ाम।् मनानेतो जहत ु
िवया- सानौ िनिषं सकृु त योनौ।।
 िपता यािहतर ¤मिधन-् या रेत  मानो िन िषत।् ाोजनय  देवा-

वाोितँ तपा िरत ।।
ृ - ताˆ न ु मे
 स  वृषा न फे न म दाजौ- दा परैदप दचेताः। सर दा न दि णा पराव
पृशो जगृ।े ।
 म ू न वि जायाˆ उपि- रि नˆ उप सीद धः। सिनत
े ं सिनतोत वाजं- स धता ज  े

सहसा यवीयतु ।।
 ाया व वाˆ- ऋत ँ वदˆ ऋतयिु  म म।् िबहसो य उप गोपमाग-ु
 म ू कन

रदि णासो अतु ा ¤ ।।
 ाया वीयो- राधो न रेतˆ ऋतिम रु य।् शिु च ये रेˆ
08.01.28 म ू कन
आयज- सबघाया पयˆ उियायाः।।
 पा य ा िवयतु ा बधु े-ित वीित वरी रराणः। वसो वस
ु ा कारवोनेहा- िवँ िववेि
िवण मपु  ।ु ।
ु सदो ¤नाषदं िबिभ।् िव श
 तिद पिरषानो अ म-  ु  सिथत मनवा- िवद

ु यत।।
ु जात गहा
 भग ह नामोत य देवा- 1(अ)ण ये िषध े िनषे ः। अि ह नामोत जातवेदा- धु ी नो
ु ।् ।
होतर ्ऋत होताक
ु 
 उत ा मे रौाविचमा- नासा िव गूतये यज।ै मन ृ बिहष े रराणा- म~
िहतयसा िव ु यू~।।
08.01.29 अय ं तु ो राजा वि वेधाˆ- अप िव रित सेतःु । स क ीव ं रेजय ो
अि- ेिम च मवतो रघु ु ।।
 स िब ु वतरणो या- सबध ु ेन ु म है। सँ यिावणा वृ उ ै- िे भ रयमणँ
वथ ैः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 758


 त ु ूिर िदिव ते िधयाˆ- नाभानिे दो रपित  वेन।् सा नो नािभ परमा वा घा-ह
ा कितथ िदास।।
 इय ं मे नािभ िरह मे सध- िमम े मे देवाˆ अय मि सवः। िजाˆ अह थमजा ऋते-द ेन ु
रह ायमाना।।
 अधास ु मो अरित िवभावा-व ित िवतिन वनषे ाट ्। ऊा ये िण न िशशदु - ू िरं
ृ ं सूत माता।।
शेवध
08.01.30 अधा गावˆ उपमाितनायाˆ- अन ु ा क िचरेयःु । िु ध ं सु िवणो
ृ े सूनतृ ािभः।।
न-ँ याळा वावध
 अध िम िव1(अ)ा- हो राय े नृपते वबाः। र ा च नो मघोन पािह सूरी- ननहे स
े हिरवो अिभौ।।
 अध याजाना गिवौ- सर रयु कारवे जरयःु । िव े  ेषां बभवू - परा च व  त

पष देनान।।
  जे पु ौ- वृथा रेभˆ ईमहे त न।ु सरय ु र सून ु रो- िव ािस वस
 अधा 
सातौ।।
ु षु े नमान।् िव यि ािगर मीची- पूवव
 यवु ो यिद साया-े शधाय ोमज
गात ु दाश ूनतृ ाय।ै ।
 स गृणानो अि दववा- िनित सबु  ु नमसा सूैः। वध  ै वचोिभ रा िह नून-ँ ैित पयसˆ
उियायाः।।
 त ऊ ष ु णो महो यजाˆ- भूतदेवासˆ ऊतये सजोषाः। ये वाजा अनयता िवयो- ये ा
िनचते ारो अमूराः।। इित थमाायः।।

 अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24)


 10.62 ये य ने ेेकादशच सू, मानवो नाभानेिदो िवेदेवाः,  नून िमािद चतसृणां
ु ः, षी बृहती समी सतोबृहती दशमी गायी, अा िपु ।्
साविणजगती, पमी नवोनु भ

(भेदप -े अिरसः 6, िवेदवे ाः 1, साविणः 4, एवं 11। अिरसोनमयां पाि का उाः)। ये

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 759


य ने ेित चतसृणां ि ू े तिवम।् िवरोधा-ु षळिरसां ितवाा
ु ं कित ु

ििु बनमाे ु ं दे नादेश पिरभाषया
षा जग इित पिरभाषा ाघात एकः। तासां ि
ु ल णदोषा िवरणं ितीयः। दशमी 
ु े िसेा ििु बित िसानवाद
तासामाया ि
गायी जगािवनोमािमित शौनकवचना ानेन ेया ाानािमित तृतीयेित।)
08.02.01 ये य ने  दि णया समाˆ- इ स ममृत
 .मानश। तेो भ मिरसो
वो अ-ु ित गृीत मानव ं समु ध
े सः।।
य उद ाज ितरो गोमयं व-ृतने ािभ िरवरे वलम।् दीघाय
ु मिरसो वो अ-ु ित
गृीत मानव ं समु ध
े सः।।
 य ऋतने  सूय मारोहय ि-थय ृिथव मातरं िव। सु जा मिरसो वो अ-ु ित
गृीत मानव ं समु ध
े सः।।
 अय ाभा वदित व ु वो गृह-े देवपाˆ   य मिरसो वो अ-ु ित
ु ऋषय णोतन। सु 
गृीत मानव ं समु ध
े सः।।
 िवपासˆ इषय-  इीरवेपसः। ते अिरस ूनव- े अे पिर जि रे।।
08.02.02 ये अे पिर जि रे- िवपासो िदव िर। नव वो न ु दश वो- अिरम चा
देवषे  ु मंहते।।
ु ा िन ृज वाघतो- जोम मिनम।् सहं मे ददतो अकय1(अ)- वो
 इेण यज
देव े त।।
  नूनायता मय-ं मन ु ोेव रोहत।ु य हं शतां- सो दानाय मंहत।े ।
 न तमोित कन- िदवइव साारभम।् साव य दि णा- िव िसिु रव पथे।।
 उत दासा पिरिवषे- िी~ गोपरीणसा। य वु  मामहे।।
 ा यतमान ैत ु दि णा। सावण दवा  ितराय-ु
 ी मा िरष न-ु ूयण
 सहद ा ामण

यिााˆ असनाम वाजम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 760


 10.63 परावत इित सदशच सू, गयः ातो िवेदेवाः पदशी षोडयोः पा
िजगे े िभ ु ा। (भेदप -े िवेदवे ाः 9, िदवः 1, िवेदवे ाः 4, पा
ु ौ ि ि
ु )
ि2, िवेदवे ाः 1, एवं 17)। गयः ात इ ातो गयो िवेदेवा इिप िचयते
08.02.03 परावतो ये िदिधष आं- मनु ीतासो जिनमा िववतः। ययातेय  न
 

बिहिष- देवाˆ आसत े ते अिध वु  ु नः।।
 िवा िह वो नमािन वा- नामािन देवाˆ उत यि यािन वः। ये  जाताˆ अिदत े र िर- ये

पृिथा े म इह तु ा हवम।।
ु  ित-े पय पीयषू  ौ रिदित रिबहाः। उश
 येो माता मधम ु ा ृषभरा स -
ा आिदा अन ु मदा 
 ये।।
 मानशःु । ोतीरथा अिहमायाˆ अनागसो-
 नृच सो अिनिमषो अहणा- बृह ेवासो अमृत
िदवो वाणँ वसते ये।।
 साजो ये सवु ध  -ु रपिरृता दिधरे िदिव यम।् ता आ िववास नमसा सवृु ििभ-
ृ ो य मायय
महो आिदा अिदितं ये।।
ु यित न। को वोर
ु षथ- िवे देवासो मनषो
08.02.04 को व ोमं राधित यजो
िु वजाताˆ अरर-ो न पष दंह ये।।
े े मन-ु िमाि मनसा स होतृिभः। त आि दा अभय ं शम यत-
 येो होां थमा मायज
सगु ा न कत सपु था ये।।
 य ईिशरे भवु न चेतसो- िव ात ु जगत मवः। ते न कृ ता दकृ ता देनस. -या
दवे ास िपपृता 
 ये।।
 भरेिं सहु वं हवामहे-होमच
ु  ं सक  नम।् अिं िम ं वण ं सातये भग- ावापिृ थवी~
ु ृ त ै
मत ये।।
ु माण मिदितं सु णीितम।् दैवी ावं िरा मनागस- मवी
 सु ामाण ं पृिथवीा मनहे सं- सश
मा हेमा ये।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 761


08.02.05 िवे यजाˆ अिध वोचतोतये- ाय ो रेवाया अिभतः। सया वो देवा
वेम- वतो देवाˆ अवस े ये।।
 अपामीवा मप िवा मनाित- मपाराित िवदा मघायतः। आरे देवा ेषो अ यु ोतनो- ण
शम यता ये।।
 अिर  मत िवˆ एधते-  जािभ जायते धमण ु ितिभ- रित
 िर। यमािदासो नयथा सनी
िवािन िरता ये।।
 येवासोवथ वाजसातौ- यं शूरसाता मतो िहत े धने। ातय
 ावाण ं रथ िम सानिस- मिर
मा हेमा ये।।
 ि न पास ु धस-ु 1 (अ) ु वृजने वित। ि न पकृ
ु थषे  ु योिनष-ु ि
राय े मतो दधातन।।
 ि िरि पथ े ेा- रेिभ या वाम मेित। सा नो अमा सो~ अरण े िन पात-ु ावेशा
भवत ु देवगोपा।।
 े ून ु रवीवृधो- िव आिदाˆ अिदते मनीषी। ईशानासो नरो अमन ा-ािव जनो
 एवा त
िदो गयेन।।
 10.64 कथादेवानािमित सदशच सू, गयः ातो िवेदेवा जगती, ादशी षोडशी
ु ः (भेदप -े िवेदवे ाः 4, आिदायमणः 1, िवेदवे ाः 3, नः 1, िवेदवे ाः 4 ,
सदयिभ
ावापृिथौ 1, िवेदवे ाः 3, एवं 17)।
08.02.06 कथा देवानातम यामिन- समु  ु नाम वतां मनामहे। को मृळाित कतमो नो
मयर-तमˆ ऊती अ
 ा ववतित।।
ू ि तवो  ु धीतयो- वेनि वेना पतया िदशः। न मिडता िवते अ एो-
 तय
देवषे  ु मे अिध कामाˆ अयंसत।।
 नरा वा शंस ं पूषण मगो- मि ेव
े  मचसे िगरा। सूयामासा चमसा यम ििव- ित ँ
वात मषु स मु मिना।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 762


 कथा किव वु ीरवा या िगरा- बृह ृ ते सवृु ििभः। अजˆ एकपा हु वेिभर ् ऋिभ-
 ित वावध
रिह णोत ु ब
ु ो3(ओ) हवीमिन।।
 द  वािदते जिन त-े राजाना िमावणािववासिस। अतूतपा पु रथो अयमा-
ु पेष ु जस।।
सहोता िवष ु
08.02.07 ते नो अवो हवनतु ो हवँ- िवे व ु वािजनो िमतवः। सहस
 ाˆ
मेधसातािवव ना- महो ये धनं सिमथषे  ु जिरे।।
  वो वाय ं ु रथयज ु ं साय पूषणम।् ते िह देव सिवत ु वीमिन- त ं ु
ु  ं परु िं- ोमै कृ ण
सच े सिचत चेतसः।।
 ि  सा नो मही रपो- वनती वता अि मूतये। कृ शान ु मॄ ि ं सध आ-
ं ेष ु ियं हवामहे।।
 सरती सरय ु ि ु िमिभ- महो मही रवसा य ु व णीः। देवी रापो मातर ूदियो-
ु ो अचत।।
घृतव यो मधम
 उत माता बृहिवा णोत ु न- ा देविे भ जिनिभ िपता वचः। ऋभ ु ाˆ वाजो रथित भगो-
रव शंस शशमान पात ु नः।।
08.02.08 रव ौ िपतमु ाइव यो- भा ाणां मता मपु िु तः। गोिभ ाम यशसो
जनेा- सदा देवासˆ इळया सचेमिह।।
 यां मे िधयं मतˆ इ देवाˆ- अददात वण िम यूयम।् तां पीपयत पयसवे धेन-
ु िविरो अिध
रथे वहाथ।
 कुिव द ित यथा िचद न- जा मतो बबु ोधथ। नाभा य थम ं ससामहे- त
जािम मिदित दधात ु नः।।
े िबभत
 ते िह ावापिृ थवी~ मातरा मही~ देवी~ देवा जना यि ये~ इतः। उभ~ ृ ˆ उभयं
ु रेतांिस िपतिृ भ िसतः।।
भरीमिभ- प
 िव षा होा िव मोित वाय- बृहित ररमित पनीयसी। ावा य मधषु ु ते बृह-
दवीवश मितिभ मनीिषणः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 763


 एवा किव वु ीरवा ऋत ाˆ- िवण ु िवणस कानः। उिे भ र मितिभ िवो-पीपय
यो िदािन ज।।
 े ून ु रवीवृधो- िव आिदाˆ अिदते मनीषी। ईशानासो नरो अमन ा-ािव जनो
 एवा त
िदो गयेन।।
ु वसकण
 10.65 अििर इित पदशच सू, वासो ु िवेदवे ा जगा िपु ।्
(भेदप -े िवेदवे ाः 4, िमावणौ 1, गौः 1, िवेदवे ाः 1, ावापृिथौ 1, िवेदवे ाः 3, अिनौ 1,
िवेदवे ाः 3, एवं 15)।
08.02.09 अि िरो वणो िमो अयमा- वायु पूषा सरती सजोषसः। आिदाˆ िव ु
मत बहृ -ोमो ो अिदित णितः।।
 ेष ु सती~- िमथो िहाना ता3(आ) समोकसा। अिर  ं मा प ु
 इाी~ वृह
रोजसा- सोमो घृत ्
 ी मिहमान मीरय।।
ृ ाम।् ये अव मणव.िराधस- े
 तेषां िह मा महता मनवणां- ोमा इय ृत ाˆ ऋतावध
ु ाः।।
नो रासां महये सिम
ू ी~ पृिथव रु ोजसा। पृ ाइव महय रु ातयो- देवा
 णर मिर ािण रोचना- ावाभम
वे मनषु ाय सूरयः।।
ु तः। ययो धाम धमणा रोचत े बृह- यो
 िमाय िश  वणाय दाशषेु - या साजा मनसा न य
े रोदसी नाधसी~ वृतौ।।
भ~
08.02.10 या गौ वतिनं पयि त िनृ त-ं पयो हाना तनी रवारतः। सा वु ाणा वणाय
दाशषेु - देव
े ो दाशिवषा िववत।े ।
ृ - ऋत योिनँ िवमृशˆ आसते। ां िभ1(अ)पˆ आ चु
 िदव सो अििजाˆ ऋतावध
रोजसा- य िनी ती3( ई) िन मामज ु
ृ ः।।
े -
 पिरि ता िपतरा पूवजावरी~- ऋत योना यत मोकसा। ावापिृ थवी~ वणाय सत~
घृतव यो मिहषाय िपतः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 764


 पजावाता वृषभा परु ीिषणे-वाय~
ू वणो िमो अयमा। देवा आिदा अिदितं हवामहे- ये
पािथवासो िदासो अ ु ये।।
 ारँ वाय ु मृभवो यˆ ओहत-े दैा होतारा उषसं ये। बृह
 ितँ वृखादं समु ध
े स- िमिय ं
सोम नसाˆ उ ईमहे।।
08.02.11  गामनयˆ ओषधी- वनती ृिथव पवता अपः। सूय ििव रोहय
दु ानव-ˆ आया ता िवसज
ृ ो अिध िम।।
ु ु मंहस िपपृथो िनरिना- यावं पु ँ विमाˆ अिजतम।् कम
 भ  वँु  िवमदायोहथ ु यवु -ँ
िवा1(अँ) िवकायाव सृजथः।।
 पावीरवी तत ु रेकपा दजो- िदवो धता िस ु राप मिु यः। िवे देवास णव चांिस मे-
सरती सह धीिभ परु ा।।
 िवे देवा ह धीिभ परु ा- मनो यजाˆ अमत
ृ ाˆ ऋत ाः। राितषाचो अिभषाच िवद-
1(अ)िगरो  सूषु रे त।।
ृ ा वे -ये िवा भवु नािभ तः।
 देवा िसो अमत ु ते नो रासा मु गाय म यूय ं पात
ििभ दा नः।।
ु वसकण
 10.66 देवाव इित पदशच सू, वासो ु िवेदेवा जगा िपु , ् (प -े
िवेदवे ाः 6, अीषोमौ1, िवेदवे ाः 8, एवं 15)।
ृ ु तर ँ
08.02.12 देवा व े बृहवस ये- ोितृतो अर चेतसः। ये वावध
िववेदसˆ- इे ासो अमत
ृ ाˆ ऋतावध
ृ ः।।
 इसूताˆ वणिशाˆ- ये सूय ोितषो भाग मानशःु । मण े वृजने म धीमिह- माघोन े
य नय सूरयः।।
 इो वसिु भ पिर पात ु नो गय- मािद ैन अिदित शम यत।ु ो ेिभ दवो मृळयाित न-
ा नो ािभ िु वताय िजत।ु ।
ू मत बहृ त।् देवा आिदा अवस े हवामहे-
 अिदित ावापिृ थवी~ ऋत ं मह- िदािव~
वसू ु ा िवतारं सदु स ्
ं सम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 765


 सरा ीिभ वणो धृतत- पूषा िव ु मिहमा वाय ु रिना। कृतो अमत
ृ ाˆ िववेदस-
शम नो यंस िवथ मंहसः।।
08.02.13 वृषा य ो वृषण  ु यि याˆ- वृषणो देवा वृषणो हिवृतः। वृषणा
ु ।।
ावापिृ थवी~ ऋतावरी~- वृषा पजो वृषणो वृषभः

 अीषोमा वृषणा वाजसातये- पश ा वृषणा उपवु ।े यावीिजरे वृषणो देवयया- ता नशम
िवथ ँ िव यंसतः।।
 धृतताः िया य िनृतो- बृहिवाˆ अराणा मिभियः। अिहोतारˆ ऋतसापो अुहो-
पो असज  न ु वृतय
ृ  ू । ।
 ावापिृ थवी~ जनयिभ ता-प ओषधी विननािन यि या। अिर  ं 1(अ)रा प ु तये-
वश ेवास ी3( ई) िन मामज ु
ृ ः।।
 धतारो िदवˆ ऋभव हु ा- वातापजा मिहष ततोः। आप ओषधी  ितर ु नो िगरो-

भगो राित वािजनो य ु मे हवम।।
08.02.14 समु िू रजो अिर - मजˆ एकपा निय ु रणवः। अिहब
ु  णव
चांिस मे- िवे देवासˆ उत सूरयो मम।।
 ाम वो मनवो देववीतये- ाो य ं  णयत साधयु ा। आिदाˆ ाˆ वसव दु ानवˆ- इमा
 शमानािन िजत।।
  पा मेिम साधयु ा। े  पितं ितवश
 दैा होतारा थमा परु ोिहत- ऋत े मीमहे- िवा
ेवा अमत ु तः।।
ृ ा अय
े ा-े
 विसास िपतृव ाच मत- देवा ईळानाˆ ऋिषव ये। ीताइव ातय कामम
ु वस।ु ।
देवासोव धूनता
ृ ा वे- ये िवा भवु नािभ त
 देवा िसो अमत ु ते नो रासा मु गाय म- यूय ं पात
 ः।
ििभ दा नः।।
 10.67 इमां िधयिमित ादशच सूािरसोयाो बृहितिपु ।्

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 766


08.02.15 इमा ियं सशी िपता न-ˆ ऋतजातां बृहती मिवत।् तरु ीयं िनय

िजो-याˆ उ िमाय शंस।।
 ऋत ं शंसˆ ऋज ु दीानाˆ- िदव ु ासो असरु  वीराः। िवं पद मिरसो दधाना-ˆ य 
धाम थम ं मन।।
 हंस ैिरव सिखिभ वावदि- रमयािन नहना ।् बृहित रिभकिनदाˆ- उत ाौ

 िवा अगायत।।
ु िती रनृत सेतौ। बृह
 अवो ाां परˆ एकया गाˆ- गहा  ित मिस ोित िर- ु ाˆ
आक िव िह ितˆ आवः~।।
 े रकृत।् बृहित षसं सूया -मक िववदे
 िविभा परंु  शयथे मपाची- ि ीिण साक मदु ध
नयिव ौः।।
 इो वलं रि तार घाना-रेणवे  िव चकता रवेण। ेदाििभ रािशर िममानो-रोदय

ु ात।।
िणमा गाˆ अम
ु ि- गधायसँ िव धनस ै रददः~। णित वृषिभ
08.02.16 स  सिे भ िखिभ शच
वराहै- घमेदिे भ िवण ँ ानट ्।।
 ते सने  मनसा गोपिताˆ- इयानासˆ इषणय धीिभः। बृह
 ित िमथोअवपेिभ- ियाˆ
असृजत यिु ः।।
 तँ वधयो मितिभ िशवािभ- िंहिमव नानदतं सधे। बृहितँ वृषण ं शूरसातौ- भरेभरे अन ु

मदेम िजमु ।।
 यदा वाज मसन िप- मा ाम  रािण स। बृहितँ वृषण ँ वधयो- नाना सो
िबतो ोितरासा।।
 सा मािशषणतु ा वयोध-ै कीिर िवथ ेिभ रेवःै । पा मृधो अप भव ु िवा- ोदसी
णतु ँ िविम~
े ।।
 ो अणव- िव मूधान मिभन दबदु । अहिह मिरणा  िस-ू ेव ै
 इो मा महत
ावापृिथवी ावतः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 767


 10.68 उदतु इित ादशच सूािरसोयाो बृहितिपु ।्
ु न वयो र माणाˆ- वावदतो अियवे  घोषाः। िगिरजो नोमयो मदो-
08.02.17 उदतो

बृहित म1(अ)का अनाव।।
 े दयमण िनाय। जन े िमो न दती~ अनि- बृहते
 सोिभ रािरसो न माणो- भगइव
वाजयाशू िरवाजौ।।
 सायाˆ अितिथनी िरिषरा- ाहा वु णाˆ अनवपाः। बृहित पवत ू ा- िनगाˆ
े ो िवतय
ऊप े यविमव ििवः।।
 आषु ाय धनु ˆ ऋत- योिन मवि पकˆ उािमव ोः। बृह
 ित रमनो गाˆ-
भूाˆ उवे  िव चं िबभेद।।
 अप ोितषा तमो अिर ा-  शीपालिमव वातˆ आजत।् बृहित रनमु ृ या वला-
िमव वातˆ आ च आ गाः।।
 यदा वल पीयतो जस ं ु -भेहृ ित रितपोिभ रकः। दि न िजा पिरिव माद -दािव िनधी

रकृणो ियाणाम।।
ु यत।् आडेव िभा शकुन
08.02.18 बृहित रमत िह दासा- ाम रीणां सदन े गहा

गभ- मु िया पवत नाजत।।
 अािपनं मध ु पयपय-  दीन उद िन ि यम।् िनभार चमस वृ ा- हृ ित
े ा िवकृ।।
िवरवण
 सोषा मिव  1(अ)ो अिं- सो अकण िव बबाधे तमांिस। बृह ु वल- िन
 ित गवपषो
मान पवणो जभार।।
 िहमवे  पणा मिु षता वनािन- बृह ु ृ  मपनु ~ कार या-
 ितना कृ पय लो गाः। अनानक
ूयामासा िमथˆ उरातः।।
 अिभ याव कृ शनिे भ र- िे भ िपतरो ा मिपंश।् राा मो अदध ु ित रह-
ृहित िभन दिँ िवदाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 768


 ित  िह गोिभ ो अ-ै  वीरेिभ
 इद मकम नमो अियाय- य पूव रा नोनवीित। बृह

 नृिभन वयो धात।।

षेनवाके षोडशसूािन

 10.69 भा अेिरित ादशच सू, वा िमोििबु ाे े जगौ।
08.02.19 भाˆ अ े व सशो- वामी णीित रु णाˆ उपेतयः। यद सिम
ु ा िवशो

ु ।।
अ इते- घृतने ातो जरते दिवतत
  वधन-ृत मृत मेदनम।् घृतने ातˆ उिवया िव पथे- सूयइव रोचते
 घृत म े व

सिपरासितः।।
 ये मन ु यदनीकं सिम
ु - मीध े अ े तिददवीयः। स रेवोच स िगरो जष
ु - स वाज िष
स इह वो धाः।।
 या पूव मीिळतो व- मीध े अ े स इदषु । स नि पाˆ उत भवा तनूपाˆ- दा ं
र  यिददे अ।े ।
ु ी वाोत गोपाˆ- मा ा तारी दिभमाित जनानाम।् शूरइव धृ ु वन िु म-
 भवा 
 न ु वोच ँ वा नाम।।
 स.मा पवा3( आ) वसूिन- दासा वृायाया िजगेथ। शूरइव धृ ु वनो जनाना- म े
ू रिभ ाः।।
पृतनाय
08.02.20 दीघत ु बृह ाय मि -हरी शतनीथˆ ऋा। मु ा मु  ु नृिभ
मृमान- िु मषे  ु दीदयो देवय।ु ।
ु ।् ृिभ दि णावि रे- सिम
 े धेन ु ु घा जातवेदो-सतेव समना सबधक ु िे भ िरसे
देवयिः।।
ृ ाˆ जातवेदो- मिहमानँ वा  वोच।् यंप
 देवाि े अमत ृ ं मानषु ी िवशˆ आय -ृिभ
रजय ावृधिे भः।।
 ।् जषु ाणो अ सिमधँ यिवो-त पूवा अवनो
 िपतवे  पु मिबभ पे- ाम े व पय

ाधतित।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 769


 श दि व शू- ृिभ िजगाय सतु सोमविः। समनि.ददह िभानो~-व ाध
मिभन ध ्
ृ ित।।
 अय मि व
  वृह ा- सनक
 ा ेो नमसोपवाः। स नो अजाम त वा िवजामी- निभ
ित शधतो वा।।

 10.70 इमां म इेकादशच सू, वा िम इो नराशंस इळो बिह दवीार
उषासाना दैौ होतारौ चेतसौ सरतीळा भारा वनितः ाहाकृ तयिपु ।्
08.02.21 इमां मे अे सिमधषु े-ळ द े ित हया घृताचीम।् व ृिथा िु दन े

अा-मू भव सतो~ देवया।।
 आ देवाना मयावेह यात-ु नराशस
ं ो िवपिे भ र ैः। ऋत पथा नमसा िमयध
े ो- देव
े ो

देवतम षु दू त।।
 श ु ासो अिम।् विह ै र ै वु त
 म मीळते ाय- हिवो मन ृ ा रथेना- देवाि  िन
षदहे होता।।
 िव थता ेवजु िरा- दीघ ाा सरु िभ भू।े अहेळता मनसा देव बिह- िरे ा

उशतो यि देवान।।
 रीय- पृिथा वा माया िव यम।् उशती ारो मिहना महि- दव ं
 िदवो वा सान ु ृशता व

रथं रथय ु धारयम।।
ु ~
08.02.22 देवी~ िदवो िहतरा सिश े - उषासाना सदताि योनौ। आ वा ेवासˆ
उशती~ उशˆ- उरौ सीद ु सभगे
ु ~ उपे।।
 ऊ ावा बृह दि िम- िया धामा िदत े पे। परु ोिहता विृ जा य े अि-

े ाम।।
िरा िवणमा यजथ
 ितो देवी बिह िरद ँ वरीय- आ सीदत चकृ मा व ोनम।् मन
ु  ं सिध
ु ता हव-षीळा देवी

घृतपदी जष।।
ु ि
 देव  य चा मान- दिरसा मभव चाभःू । स देवानां पाथˆ उप  िवा- नश
िवणोद रु ः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 770


ू ा- देवानां पाथˆ उप वि
 वनते रशनया िनयय िवान।् दाित देव कृ ण
 व व-वता
ावापिृ थवी~ हवं मे।।
 आे वह वण िमये न-ˆ इ िवो मतो अिर ात।् सीद ु बिह िव आ यजा-
ाहा देवाˆ अमत ्
ृ ा मादयाम।।
 10.71 बृहत इेकादशच सूािरसो बृहित ानं िपु , ् नवमी जगती।
08.02.23 बृहते थम ं वाचो अँ- य  ैरत नामधये  धानाः। यदेषां ेँ यदिर मासी-
ेणा तदेषा ििहतहु ािवः।।
 सुिमव िततउना पनु ो- य धीराˆ मनसा वाच मत। अा स
 खाय ािन जानते- भषै ाँ
ली िनिहतािध वािच।।
 य ने  वाच पदवीय माय- ा मिव ृिषष ु िवाम।् तामाभ
ृ ा दधु पु ा- तां स
रेभाˆ अिभ सवे।।
 उत  पय ददश वाच- मतु  व णोेनाम।् उतो~  ै त1(अँ) िव स-े
जायवे  प उशती सवु ासाः।।
 उत ं स े िरपीत मा- नन ं िह िप वािजनषे ।ु अधेा चरित माययषै - वाचं श
ु वु ा
अफल
 ा मप ्
ु ाम।।
08.02.24 यिाज सिचिवदं सखाय- त वािप भागो अि। यद णो लकं

णोित- निह वदे  सकृु त पाम।।
े समा बभूवःु । आदासˆ उपक ास उ े- दाइव
 अ व कणव खायो- मनोजव
ााˆ उ े दे।।
 दा तषे  ु मनसो जवषे -ु याण
 ा ँयज े सखायः। अाह ँ िव ज वािभ- रोहाणो िव
चर ु े।।
 ासो न सतु क
 इम े ये नावा पर रि- न ाण े रासः। त एत े वाच मिभप पापया- िसरी 
ते अज यः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके ितीयाायः (वगाः 1-24) Page 771


े  सा सखायः। िकिषृ ितषु िण षा- मरं िहतो
 सव नि यशसागतने -सभासाहन
भवित वािजनाय।।
 ऋचा पोषमाे पपु 
ु ा- ायो गायित शरीष।ु ा ो वदित जातिवाँ- य 
मााँ िव िममीत उ ः।। ।। इित ितीयाायः।।

 अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28)


 10.72 देवाना िमित नवच सू, लौो बृहित दवा अनु पु ।् (आिरसो वा बृहित ऋिष
दा ाययिदित वा ऋिषका)।
08.03.01 देवाना ु वयाना-  वोचाम िवपया। उषे  ु शमानषे  ु य- पया रे
यगु ।े ।
 ित रेता- समारइवाधमत।् देवानां पू  यगु -े सत दजायत।।
 ण
 देवानाँ यगु े थम-े सत दजायत। तदाशाˆ अजाय- तानपद िर।।
 भूज उानपदो- भवु ˆ आशाˆ अजाय। अिदत े द ोˆ अजायत -द ािदित पिर।।
 अिदित जिन- द  या िहता तव। ताेवाˆ अजाय- भाˆ अमत
ृ बवः।।
ु राˆ अितत। अा वो नृतािमव- तीो रेण ु
08.03.02 येवाˆ अद िलले- ससं
रपायत।।
 येवाˆ यतयो यथा- भवु ना िपत। अा समु आ गू- मा सूय मजभतन।।

 अौ पु ासो अिदत-े य जाता 1(अ)िर। देवा उप  ैिभ- परा माताड मात।।
 सिभ पु ै रिदित- प  ैू यगु म।् जाय ै मृवे -नु माताड माभरत।।

 10.73 जिना इेकादशच सू, शाो गौिरवीितिरिपु ।्
08.03.03 जिनाˆ उ हस े तरु ाय- मˆ ओिजो बलािभमानः। अवधिं मत
िद- माता यीरधन िना।।
 ुहो िनषा पृशनी िचदवे ै - प ृ ु इम।् अभीवृतवे  ता महापदने - ाािप
ु शंसने वावध  ा
दर गभाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 772


 ऋा ते पादा  यिगा –वध ाजाˆ उत ये िचद। िम सालावृका ह- मास
िधषे अिनावव
ृ ाः।।
 समन
 ा तूिण प यािस य - मा नासा साय वि । वसाा िम धारय हा-िना शूर
ददत ु मघािन।।
 ममानˆ ऋता दिध जाय-ै सिखिभ िरˆ इिषरेिभ रथम।् आिभिह मायाˆ उप द ु मागा-
िह  ताˆ अवपमांिस।।
08.03.04 सनामाना िचसयो ा -अवाह िˆ उषसो यथानः। ऋ ै रग िखिभ
िनकाम-ै ाकं िता ा जघ।।
 घ नमिु चं मख-ु ासवानˆ ऋषय े िवमायम।् कथ मनव े ोना-थो

देवासवे  यानान।।
 मेतािन पिषे िव ना-मेशानˆ इ दिधषे गभौ। अन ु ा देवा शवसा मद-ु प िरबा

िनन कथ।।
 चँ यदाा िनष- मतु ो~ तद ै मिात।् पृिथा मितिषतँ यध- पयो

गोदधा ओषधीष।।
 अािदयायिे त यदो-जसो जात मतु म एनम।् मो िरयाय हष  ु तौ- यत ज
इो अ वेद।।
 वय पु णाˆ उप से िरं- ियमेधाˆ ऋषयो नाधमानाः। अप ा मूणिु ह पूिध च  ु -

ममु  ु 1(अ)ा िधयेव बान।।
 10.74 वसूनािमित षडृच सू, शाो गौिरवीितिरिपु ।्
08.03.05 वसूनाँ वा चकृ ष इय - िया वा य ैवा रोदोः। अवो वा ये रियम ातौ-
वन ँ ु वा ये स
ु ण ु तु ो धःु ~।।
ु  ं स
 हवˆ एषा मसरु ो न त ां- वता मनसा िनंसत ाम।् च ाणाˆ य सिव
ु ताय देवा- ौन
वारेिभ कृ ण
 व ैः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 773


ृ ानाी- वताता ये कृ पण रम।् िधय य  साध- े नो धा ु
 इय मेषा ममत
वस1(अ)मसािम।।
 ोम ितृान।् सकृ1(अँ) ये पु पु ां मह-
 आ त इायव पना-िभ य ऊव

सहधारां बृहती ¤ ।।
ु - मनानत मय ं पृतनू ।् ऋभ ु णं मघवान ं सवृु िं - भता य
 शचीवˆ इ मवस े कृ ण  ो
वय पु ःु ।।
 यावान पु तमं परा
ु षा-ळा- वृह ु ा- दी
े ो नामा ाः। अचेित ासहित िव
 

मु मिस कतव े करत।।
 10.75  स ु व इित नवच सू,  ैयमेध ििु ो जगती।
08.03.06  स ु व आपो मिहमान म
ु म-ा वचाित सदन े िववतः।  सस ेधा िह
चमु -  सृरीणा मित िस ु रोजसा।।
  तेरद णो यातव े पथ- िो~ याजा अव म।् भूाˆ अिध वता यािस
साननु ा- यदेषा मगता िमरिस।।
 ं श
 िदिव नो यतते भूोप-यन ु । अािदव  नयि वृय- ि ु
ु  मिु दयित भानना

यदेित वृषभो न रोवत।।
ु ा नयिस
 अिभ ा िसो~ िशश ु िम मातरो- वााˆ अषि पयसवे धेनवः। राजेव य
िमिचौ- यदासा मं वता िमन िस।।
 इम ं मे गे यमनु े सरित- शतु िु  ोमं सचता पा। अिसा मध
ृ े िवतया-जकीये
ु ा सषु ोमया।।
ण
ु ा रसया ेा ा। ं िसो~ कुभया
08.03.07 तृामया थम ँ यातव े सज-ू स
गोमतीम-ं ु मेहा सरथँ यािभ रीयस।े ।
 ऋजीने ी शती मिहा- पिर यांिस भरते रजांिस। अदा िस ु रपसा मपमा-ा न
िचा वपषु ीव दशता।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 774


 ा िस ु रु था सवु ासाˆ- िहरययी सकृु ता वािजनीवती। ऊणावती यवु ित ीलमाव -
तु ािध वे सभु गा मधवु ध ्
ृ म।।
 सख ु  े िस ु रिन- ेन वाजं सिनष दि ाजौ। महा  मिहमा पन
ु ं रथँ ययु ज  ते-
द यशसो िवरिनः।।

।। अथ पिरिशम।।
ु ति। ये व ै त1(अँ)िव सृजि धीरा- े
 िसतािसत े सिरते य सथ-े तातु ासो िदवम
जनासो अमृतं भजे।।

 ।। इित पिरिशम।।
 10.76 आ व ऋस इच सूैरावतो जरण प ावाणो जगती।
 ा िु ि-ं मतो रोदसी अनन। उभ~
08.03.08 आ वˆ ऋस ऊज े यथा नो अहनी~
सचाभवु ा- सददो विरवातˆ उिदा।।
 त ें सवन ं सनु ोतना-ो न हयतो अिोतिर। िवद1(अ)य अिभभूित पं- महो
राय े िचते यदवतः।।
 तिद सवन ँ िवव े रपो- यथा परु ा मनव े गात ु मेत।् गोअणिस ा े अिनिणिज-
ेमरेर ा अिशयःु ।।
 अप हत र सो भरु ावत- भायत िनऋितं सेधतामितम।् आ नो रियं सववीरं सनोतन-
ु देवा ं
भरत ोकमयः।।
 िदविदा वोमवरेो- िवना िचदापरेः। वायोिदा सोमरभरेो-ेि दच
ु ृ रेः।।
िपतक
08.03.09 भरु  ु नो यशस ोसो- ावाणो वाचा िदिवता िदिवता। नरो य हत े
कां मा-घोषयो अिभतो िमथरु ः।।
ु ि सोमं रिथरासो अयो- िनर रसिवषो हि ते। हूध पसच
 स े नाय क-रो हा
न मजय आस
 िभः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 775


 एत े नर पसो अभूतन- य इाय सनु थु सोम मयः। वामवँ ाम ँ वो िदाय धाे- वसवु स ु व
ु त।े ।
पािथवाय स
 10.77 अषु इच सू, भागव ूमरिम मति
ु मी जगती।
ु न वाचा षु ा वस-ु हिवो न य ाˆ िवजानषः
08.03.10 अषो ु । समु ात
 ाण
महसे- गण मोेषा शोभसे।।
 िय े मयासो अी रकृवत- समु ात पूव रित पः। िदवु ासˆ एता न येितर-
ृ ःु ।।
आिदास े अाˆ न वावध
  ये िदव पृिथा न बहणा- ना िरिर े अा सूयः। पाजो न वीरा पनवो-
िरशादसो न मया अिभवः।।
ु ाकं  बु े अपा यामिन- िवथयु ित न मही थय
 य  ित। िव ु य ो अवा गय ं स ु व- यो
न साच आ गत।।
ु ो न रिमिभ- ितो न भासा िु ष।ु येनासो न यशसो िरशादस-
 यूय षू ु यज
ु ।।
वासो न िसतास पिरषः
08.03.11  यह े मत पराका -ूय ं मह ँवरण वः। िवदानासो वसवो राा-
रािषे  नतु ययु ोत।।
 यˆ उिच य े अरेाˆ- मो न मानषु ो ददाशत।् रेव वयो दधते सवु ीरं- स देवाना मिप

गोपीथ े अ।।
 ते िह य षे  ु यि यासˆ ऊमाˆ- आिदने  नाा शंभिवाः। ते नोव ु रथतू मनीषां- मह
यामरे चकानाः।।
 10.78 िवास इच सू, भागव ूमरिम मतििु तीया पाा त
जगः।
08.03.12 िवासो न मिभ ाो- देवाो3(ओ) न य ै सः। राजानो न िचा
ु 
 स  शः - ि तीना मया अरेपसः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 776


ु  ऊतयः।  ातारो न ेा नु ीतय-
 अिन ये ाजसा व सो- वातासो न यज
ु माणो न सोमाˆ ऋत ँ यत।े ।
श
 वातासो न ये धनु यो िजगवो-ीना िजा िवरोिकणः। वमवो न योधा िशमीव-
िपतॄणा शंसा रु ातयः।।
ु -िभतारो
े वो न मया घृतषो
 रथाना ये1(ए)रा नाभयो- िजगीवांसो न शूरा अिभवः। वरय
अक सु भ
ु ः।।
 अासो न ये ेासˆ आशवो- िदिधषवो न र दु ानवः। आपो न िन ै दिभ िजगवो-
िवपाˆ अिरसो न सामिभः।।
ु ातरˆ- आदिदरासो अयो न िवहा। िशशल
08.03.13 ावाणो न सूरय िम ू ाˆ न ीळय
ु ातरो- महाामो न याम तु िषा।।
म
ँ वो नाििभ ित।् िसवो न यिययो ाजय- परावतो
 उषसा के तवोरिय- शभु य
न योजनािन मिमरे।।
 सभु ागा ो देवा कृ णतु ा सरु ा- नाोतॄ तो वावृधानाः। अिध ो स
गात- सनाि वो रधये ािन सि।।
 10.79 अपयिमित सच सू, सौचीकोिरििपु ।(् वैानरोिवाजंभर
ििरतीमावृषी पाि कौ)।
08.03.14 अपयम महतो मिह- मम मास ु िव ।ु नाना हनू~ िवभृत~
े सं
भरेत~
े अिसती~ बती~ भूयः।।
ु िशरो िनिहत मृधग ी- अिसि िजया वनािन। अाय ै पि ं भर -
 गहा
ु नहाˆ नमसािध िव ।ु ।
ा
ु  िम -ुमारो न वीध पवः। सस प मिवद चं- िरिरांस ं
  मातु तर
िरपˆ उपे अः।।
ृ ं रोदसी~  वीिम- जायमानो मातरा गभ अि। नाह ेव मिके ता-ि र
 तामत
िवचेता  चेताः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 777


 यो अा अ ृा3(आ)दधाा-ै घृत ै जहु ोित प
ु ित। त ै सह म िभ िव च -े े

िवत िस म।।
 िकेवषे  ु ज एन कथा-े पृािम न ु ा मिवान।् अीळ ीळिर रवे द- ि पवश
कत गािमवािसः।।
ु े वनेजाˆ- ऋजीितभी रशनािभ गृभीतान।् च द े िमो वसिु भ ज
 िवषूचो अायु ज ु ात-
ृ  े पविभ वावृधानः।।
मानध
 10.80 अि ििमित सच सू, सौचीकोिरििपु ।् (वैानरोिवाजंभर
ििरतीमावृषी पाि कौ)।
ु मिन ाम।् अी रोदसी िव
08.03.15 अि िँ वाजंभर दा -ि वरं 

चरम-ि नार वीरकुि  ं परु िम।।
 अ े रस िम द ु भा-ि मही~ रोदसी आ िववश
े । अि रेकोदय म -ि
ु िण।।
वृािण दयते प
 अि ह रत कणमा-वाि रो िनरदह थम।् अि रिम े ं
  उ द -रि नृमध

जया सृजम।।
 अि दािवण ं वीरपेशाˆ- अिर ् ऋिषँ य हा सनोित। अििदिव हमा तताना-े धामािन
िवभृता पु ा।।
ु ैर ् ऋषयो िव ये-िरो यामिन बािधतासः। अिँ वयो अिर  े पतो-ि
 अि म

हा पिर याित गोनाम।।
 अिँ िवशˆ ईळते मानषु ी याˆ- अिं मनषु ो नषो िव जाताः। अि गाव पा मृता-े
गूित घृत आ िनषा।।
 अये  ऋभव त -ु रिं महा मवोचामा सवृु िम।् अे ाव जिरतारँ यिवा-े मिह
िवण मा यज।।
 10.81 य इमा िवेित सच सू, भौवनो िवकमा िवकमा िपु , ् ितीया िवरापा।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 778


08.03.16 यˆ इमा िवा भवु नािन जु - िषहता सीदिता नः। स आिशषा िवण
े ।।
िममान- थम दवरा आिववश
 िकं िदासी दिधान मारण-तमि थासीत।् यतो भूिमनय िकमा- िव ा
मौण िहना िवच ाः।।
ु ो- िवतोबा त िवतात।् सं बाा मित सं पत-ै
 िवत ु त िवतोमख
ू ी~ जनयवे एकः।।
ावाभम
ु मनीिषणो मनसा पृते -
 िकं िनˆ उ स वृ ˆ आस- यतो ावापिृ थवी~ िनत ः।

तदित वु नािन धारय।।
 या ते धामािन परमािण यावमा- या ममा िवकम तु म
े ा। िश ा सिखो हिविष धाव-
य ँ यज त ँ वृधानः।।
ृ ान- य ँ यज पृिथवी मतु ाम।् म
 िवकम िवषा वावध ु  े अिभतो जनासˆ-

इहााकं  मघवा सूिर र।।
 वाचितँ िवकमाण मूतये- मनोजवँु  वाजे अ े । स नो िवािन हवनािन जोष –िश ू
 ा  वम
ु मा।।
रवस े साधक
 10.82 च षु इित सच सू, भौवनो िवकमा िवकमा िपु ।्
08.03.17 च षु  िपता मनसा िह धीरो- घृतमेन~
े अजनमाने~। यददे ाˆ अदह पूव-

आिदावापिृ थवी~ अथेताम।।
 िवकमा िवमनाˆ आ िहायाˆ- धाता िवधाता परमोत सक।् तेषा िमािन सिमषा मदि- या
सऋषी रˆ एक माः।।
 यो न िपता जिनता यो िवधाता- धामािन वेद भवु नािन िवा। यो देवाना ामधाˆ एकˆ एव- तं
 ं भवु ना या।।
सं
ू   सूत  रजिस िनष-े ये भूतािन
 त आयज िवण ं समा- ऋषय पूव जिरतारो न भूना। असत
समकृ व िमािन।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 779


 परो िदवा परˆ एना पृिथा- परो देविे भ रसरु  ै यदि। कं िभ थम  आपो- य देवा
मपय िवे।।
 तिमभ थम  आपो- य देवा मग िवे। अज नाभा वेक मिपत-ँ यि
िािन भवु नािन तःु ।।
ु ाक मरं बभूव। नीहारेण ावृता जा चा-सतु पृ ˆ
 न तँ िवदाथ यˆ इमा जजाना- 
उशास रि।।
ु ि
 10.83 ये मिवित सच सू, तापसो मम ु बु ाा जगती।

08.03.18 ये मो~िवध  सायक- सह ओज पित िव मानषु क।् सााम दास माय
ु ा- सहृतेन सहसा सहता।।
या यज
 म ु िरो म ु रेवास देवो- म ु हता वणो जातवेदाः। म ँ ु िवशˆ ईळते मानषु ी या- पािह
नो मो~ तपसा सजोषाः।।
ु ा िव जिह शून।् अिमह
 अभीिह मो~ तवस वीया- पसा यज  ा वृह ा दहु ा च- िवा
वसूा भरा ः।।
 ं िह मो~ अिभभूोजा- य ू भामो अिभमाितषाहः। िवचषिण िर हावा- ना
ोजपृतनास ु धेिह।।
 अभाग प परेतो अि- तव ा तिवष चेतः~। ता मो अत ु िजहीळाहं- ा
तन ू बलदय
े ाय मेिह।।
 अये अपु  मेवा- तीचीन रे िवधायः। मो~ वििभ मामा वव
ृ - हनाव
दू त बोापःे ।।
 -े धा वृािण जनाव भूिर। जहु ोिम ते धणं मो अ- मभु ा उपांश ु
 अिभ ेिह दि णतो भवा म
थम
 ा िपबाव।।
ु ज
 10.84 या मिवित सच सू, तापसो मम ु गती, आाििभ
ु ः।
ु षट ् सूािन।
समेनवाके

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 780


08.03.19 या मो~ सरथ माजो- हषमाणासो धृिषताˆ मः। ित मेषवˆ आयधु ा
संिशशानाˆ- अिभ  य ु नरो अिपाः।।
 अििरव मो~ ििषत ह- सेनानीन रे तˆ एिध। हाय शू ि भज वेदˆ-

ओजो िममानो िव मृधो नद।।
ृ ेिह शून।् उे पाजो ना े- वशी
 सह मो~ अिभमाित म-े ~ज ृण मण

वशयस एकज म।।
 एको बना मिस म~ वीिळतो- िवशँिवशँ यधु ये सं िशशािध। अकृ या यज
ु ा वय-
मु ोषँ िवजयाय कृ महे।।
 िवजषे कृ िदइवानववो3(ओ)-ाकं  मो~ अिधपाˆ भवहे । िये नाम सरे गृणीमिस-
िवा त ु  ँ यतˆ आबभथ
 म ू ।।
 आभूा सहजाˆ व सायक- सहो िबभिभभूत उरम।् ा नो मो~ सह मेिे ध-

महाधन पत संसिृ ज।।
 संसृ  न मभु यं समाकृ त- माँ वण मःु । िभय धानाˆ दयषे  ु शव- परा

िजतासो अप िन लयाम।।
 10.85 सेन ेित सचािरंशच सू, सूया सािवी ऋिषका, पानां सोमो देवता, तत
एकादशानां सूया िववाहः, सदया देवाः, अादयाः सोमाक, एकोनिवंयामाः, ततो नवानां
नृणां िववाहमा आशीः ायाः, ततो यो वधूवासो देवता, एकिंया यहा िशानामृचां सूया
सािवी अनु पु , ् चतदशी
ु ु
एकोनिवंयािद ितयोिवंशी चतिवशी षिंशी षिं शी सिंशी

चतािरं य िभ
ु ः, अादशी सिवंशी िचािरंय जगः, चतिं ु हती।
ु यरोबृ
08.03.20 सने ोिभता भूिम- ूयण
 ोिभता ौः। ऋतने ािदा िि- िदिव सोमो अिध
ितः।।
 सोमेनािदाˆ बिलन- ोमेन पृिथवी मही। अथो~ न ाणा मेषा- मपु े सोमˆ आिहतः।।
 सोमं मते पिपवा-ंिपंषोषिधम।् सोमँ यं ाणो िव- न तााित कन।।
ु तो- बाहत ै ोम रि तः। ाा िमव ििस- न ते अाित पािथवः।।
 आिधान ै गिप

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 781


ु ~। वाय ु ोम रि ता- समानां मासˆ आकृ ितः।।
 या देव िपबि- ततˆ आायसे पनः
08.03.21 रैासी दनदु य ्
े ी- नाराशंसी ोचनी। सूयाया भ िमासो -गाथय ैित पिरृतम।।
 िचि राˆ उपबहण-   ु राˆ अनम।् ौभूिम कोशˆ आसी- दया ूया पितम।।

 ोमाˆ आस ितधय- कुरीर ˆ ओपशः। सूयायाˆ अिना वरा-ि रासी रोग
ु वः।।

 सोमो वधूय ु रभव -दिना ा मभु ा वरा। सूया ये शंस- मनसा सिवता ददात।।

ु ा वन ाहा वााँ –यदया ूया गृहम।।
 मनो अाˆ अनˆ आसी- ौरासी त िदः। श
08.03.22 ऋामाा मिभिहतौ- गावौ ते सामनािवतः। ो े चे~ आा- ििव पा
राचरः।।

ु ~ ते चे~ याा- ानो अ  आहतः। अनो मनयं सूया-रोह यती पितम।।
 शची
 सूयाया वहतु ागा- िवता यमवासृजत।् अघास ु हे -गावोज ु ते।।
ु ो पय
 यदिना पृमाना वयात- िचेण वहत ं ु सूयायाः। िवे देवाˆ अन ु ता मजान- ु  िपतरा
ववृणीत पूषा।।

 यदयात ं शभती~- वरेय ं सूया मपु । ै कँ वा मासी-  देाय तथःु ।।
08.03.23 े~ ते चे~ सूय- ाणˆ ऋतथु ा िवः। अथ ैकँ यहा
ु - तदातय इिः।।
े ो- िमाय वणाय च। ये भूत चेतसˆ- इद ेोकरमः।।
 सूयाय ै देव
 पूवापर रतो माययतै ौ- िशशू~ ीळौ पिर यातो अरम।् िवा ो भवु ना िभच-
ु ~।।
ू रो िवदध ायते पनः
ऋत
 नवोनवो भवित जायमानो-ा-े त ु षसा मेम।् भाग ेव
े ो िव दधा ाय - चमा
िरते दीघ मायःु ।।
 सिु कं शक
ु ं शिलँ िवप-ं  िहरयवण सवु त ु म।् आ रोह सूय  अमत
ृ  ं सच ृ  लोकं- ोन ं पे
ु  ण
वहत ु ।।
ु मसा गीिभरीळे। अा िम िपतृषदँ
08.03.24 उदीात पितवती े3(ए)षा- िवावस
ु त िवि।।
ां- स ते भागो जनषा
े ामहे ा। अा िम फ1(अं)- सायां पा सृज।।
 उदीातो िवावसो~ -नमसळ

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 782


 अन ृ राˆ ऋजव  ु पाˆ- येिभ खायो यि नो वरेयम।् समयमा सं भगो नो िननीया-
 ं सयु म म ु देवाः।।
.ा
ु ािम वण पाशा- ेन ाबा िवता सश
  ा म ु वे ः। ऋत योनौ सकृु त लोके-
िराा सह पा दधािम।।
ु ािम नामतु - बु ा ममतु रम।् यथेय िम मी- पु ु ा सभु गासित।।
 ेतो म
08.03.25 पूषा ेतो नयत ु हग
ृ ा-िना ा  वहतां रथेन। गृहा गृहपी यथासो-
विशनी ँ िवदथमा वदािस।।
 इह िय ं जया ते समृता- मि ृहे गाहपाय जागृिह। एना पा त1(अं) सं सृजा-
धा ि जी~ िवदथमा वदाथः।।
 ासि ते। एध े अाˆ ातय- पित बषे  ु बते।।
 ोिहत ं भवित- कृ 
 नीलल

ु -ं ो िव भजा वस।ु कृ  ैषा पती भूा- जाया िवशते पितम।।
 परा देिह शाम
ू वित- शती पापयामयु ा। पित यो3(ओ) वाससा-1 म मिभिधत।े ।
 अीरा तनभ
 -ँ ु याˆ यि जना दन।ु पनु ~ ा ि या-ˆ देवाˆ नय ु यतˆ
08.03.26 ये व ं वहत
आगताः।।
 ीदि दती~। सगु िे भ ग मतीता- मप ारातयः।।
 मा िवद िरपिनो- य आस
 समु 
 ली िरय ँ वध-ू िरमां समते  पयत। सौभा य म ै दाया-थाँ िव परेतन।।
 तृ मेत टुक मेत- दपाव िषव  ैत दव।े सूया यो ा िवा-  इाधूय महित।।
 आशसन ँ िवशसन- मथो~ अिधिवकतनम।् सूयाया पय पािण- तािन ा त ु श
ु ित।।
08.03.27 गृािम ते सौभगाय हं- मया पा जरदि यथासः। भगो अयमा सिवता
परु ि- म ा गाहपाय देवाः।।
ु ा3( आ) वपि। या न ऊ~ उशत
 तां पूषिवतमा मेरय- यां बीजं मन  ी िवयात-े

ु  हराम शेपम।।
या मश
ु मे पयवह- ूया वहत
 त  नु ा सह। पनु ~ पितो जायााˆ- अ े जया सह।।

 पनु ~ पी मि रदा- दायषु ा सह वचसा। दीघाय ु रा य पित- जवाित शरद शतम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके तृतीयाायः (वगाः 1-28) Page 783


 सोम थमो िविवदे- गव िविवद उरः। तृतीयो अिे पित -रु ीय े मन
ु जाः।।
08.03.28 सोमो दद वाय- गव दद दये। रिय पु ाँादा द-ि म मथो~

इमाम।।
ु ।् ीळौ पु ै नृिभ- मदमानौ े गृहे।।
 इहवै ं मा िव यौ-ँ िवमाय ु तम
 आ न जानयत ु जापित- राजरसाय समन यमा। अमली पितलोक मा िवश- शो
ु दे।।
भव िपदे शत
ु  म
 अघोरच  ु रपितेिध- िशवा पश ु ना वु चाः। वीरस
 ू दवकामा ोना- शो भव िपदे
ु दे।।
शत
 इमा िम मी- पु ु ां सभु गाण।ु दशाां पु ाना धेिह- पित मेकादशिध।।
 सा ी शरु े भव- सा ी ां भव। ननािर सा ी- भव सा ी अिध देवषृ ।ु ।
 सम ु िवे देवा- मापो दयािन नौ। सं माति रा साता- सम ु देी दधात ु नौ।।

।। अथ पिरिशम।।
 अिवधवा भव वषािण- शत ं सा ु सता। तेज
 ी च यशी च -धमपी पितता।।
ु िण- मा च खं लभ े िचत।् भता ते सोमपा िन-ं भव े मपरायणः।।
 जनय पा
 अपु ा भव - सभु गा च पितता। भत
ु वै िपत ु ात-ु दयानिनी सदा।।
 इ त ु यथ
े ाणी- ीधर यथा िया। शर यथा गौरी- तत ु रिप भतिर।।
ु य
 अे यथानस ू ा ा -िसाती। कौिशक यथा सती- तथा मिप भतिर।।
् ।।
 वु िै ध पोा मिय- म ादा हृ ितः। मया पा जावती- सीव शरद शतम।।
् इित अमाके तृतीयाायः।
इित पिरिशम।।

 ु
अमाके चतथाायः (वगाः 1-31)
 10.86 िव िह सोतोिरित योिवंशृच सू, आाेकादशी ादशी

चतदशीनामे
कोनिवंयािद चतसृणां चेऋिषः, समी योदशी योिवंशीनाम ैोवृषाकिपऋिषः,
िशानामेकादशचािमाणी ऋिषका, इः पिः। (अ य वािमित पिरभाषां ीकृ ,
इेाणी वृषाकपीनां िवभागशो देवता ं के िचे ताकारािद िवं)।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 784


ं त। यामद षृ ाकिप -रय पु षे  ु मखा-
08.04.01 िव िह सोतो रसृ त- ने ेव ममस
िवा िदˆ उरः।।
 परा ही धाविस- वृषाकप े रित िथः। नो~ अह िव- सोमपीतये- िवा िदˆ
उरः।।
ु मस-ु िवा
 िकमय ाँ वृषाकिप- कार हिरतो मृगः। या इरसी -1(अ)य वा पि
िदˆ उरः।।
 यिममँ वृषाकिपं- ियिमािभर िस। ा  जिष- दिप कण वराहय-ु िवा िदˆ
उरः।।
 िया तािन मे किप- ा षत।् िशरो  रािवष- सगु ृते भवु -ँ िवा िदˆ
उरः।।
08.04.02 न मी सभु स ु ।् न मितवीयसी- न स
 रा- न सयु ाशतु रा भवत ु मीयसी -
िवा िदˆ उरः।।
ु ािभके - यथेवा भिवित। भसे अ सि मे- िशरो मे वीव ित- िवा
 उव े अ सल
िदˆ उरः।।
 िकं सबु ाहो~ रु -े पृथु ो~ पृथज
ु ाघने। िकं शूरपि न- ममीिष वृषाकिपँ -िवा िदˆ
उरः।।
 अवीरािमव मामय-ं शरा रिभ मते। उताह मि वीिरणी-पी मखा- िवा िदˆ
उरः ।।
 संहो ं  परु ा नारी- समन ँ वाव गित। वेधाˆ ऋत वीिरणी-पी महीयते- िवा िदˆ
उरः।।
08.04.03 इाणी मास ु नािरष-ु सभु गा मह मवम।् न
 ाˆ अपरन- जरसा मरत े पित-
िवा िदˆ उरः।।
 नाह िमािण रारण- स ु वृषाकपरे ् ऋत।े ये दमं हिव- िय ेवषे  ु गित- िवा
िदˆ उरः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 785
ु षु ।े घस इˆ उ ण- ियािचरं हिव- िवा िदˆ
 वृषाकपािय रेवित- सपु ु  आ स
उरः।।
 उो िह मे पदश- साकं पचि िवंशितम।् उताहमि पीवˆ- इभा कु ी पृणि मे- िवा
िदˆ उरः।।
 ो न ित मो- यूथषे  ु रोवत।् म इ शं द-े ये सनु ोित भावय-ु िवा
 वृषभ
िदˆ उरः।।
08.04.04 न सेश े य रत-े रा सा3(आ)कपृत।् सेदीश े य रोमश- िषे षो
ृ त-े िवा िदˆ उरः।।
िवज
 न सेश े य रोमश- िषे षो िवज
ृ त।े सेदीश े य रत-े रा सा3(आ)कपृ- िा
िदˆ उरः।।
 अय िम वृषाकिप- परं हत ँ िवदत।् अिसं सूनाव -मादेधान आिचत-ँ िवा
िदˆ उरः।।
 अयमेिम िवचाकश- ििच ास मायम।् िपबािम पाकस
ु नो-िभ धीर मचाकशँ -िवा
िदˆ उरः।।
 ध च यृ - कित िा िव योजना। नदे ीयसो वृषाकप-े  मेिह गृहा उप -िवा
िदˆ उरः ।।
 पनु रेिह वृषाकपे- सिव
ु ता कयावहै। यˆ एष नश
ं नो- मेिष पथा पनु –िवा िदˆ
उरः।।
ु घ
 यदो वृषाकपे- गृह िमाजगन। 1(अ) प  ो मृग- कमग जनयोपनो- िवा
िदˆ उरः।।
 पशहु  नाम मानवी- साकं ससवू िवंशितम।् भं भल ाˆ अभू- ाˆ उदर मामय- िा
िदˆ उरः।।
 10.87 र ोहणिमित पिवंशृच सू, भाराजः पायू र ोहाििपु , ्
अातोनु भ
ु ः।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 786


08.04.05 र ोहणँ वािजन मा िजघिम- िम ं िथ मपु  यािम शम। िशशानो अि तिु भ

िम-  नो िदवा स िरष पात ु नम।।
 अयोदं ो अिचषा यातधु ाना- नपु ृश जातवेद िमः। आ िजया मूरदवे ा भ- ादो

वृिप धास।।
 उभोभयािव पु धेिह दंा- िहं िशशानोवरं पर। उतािर  े पिर यािह राज- ज ै

 िभ यातधु ानान।।
े
 य ै िरषू ममानो अे- वाचा शा अशिनिभ िदहानः। तािभ िव दय े यातधु ाना-

तीचो बा ित भेषाम।।
 अे चँ यातधु ान िभि- िहंाशिन हरसा हेनम।्  पवािण जातवेद णीिह- ा

िव ु िव िचनोत ु वृम।।
 वा चरम।् यािर े पिथिभ
08.04.06 येदान पयिस जातवेद- ि म उत
पत- मा िव शवा िशशानः।।
 उताल ं ृणिु ह जातवेदˆ- आलेभाना ििभ यातधु ानात।् अे पूव िन जिह शोशच
ु ानˆ-
आमादः  िा मद
 ने ीः।।
 इह  ूिह यतम ो अ-े यो यातधु ानो यˆ इदणोित। तमा रभ सिमधा यिव- नृच स

 षु े रयनै म।।
ु  णय चेतः। िहं ं र ांिभ शोशच
 तीने ा े च षु ा र य -ं ाँ वस ु ानं- मा ा दभ
ातधु ाना नृच ः।।
 नृच ा र  पिर पय िव -ु त ीिण ित णीा। ता े पृी हरसा णीिह- ेधा मूलँ
यातधु न वृ।।
08.04.07 ियातधु ान िसित  -एृत ँ यो अ े अनृतने  हि। तमिचषा ू जय जातवेद-
म मेनृणत े िन वृि।।
 तद े च ु ित धेिह रेभ-े शफाजँ येन पयिस यातधु ानम।् अथवव ोितषा दैने - स
वू  मिचत ोष।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 787
 यद े अ िमथनु ा शपातो- याच ृनय रेभाः। मो मनस शरा3( आ) जायत-े या

तया िव दय े यातधु ानान।।
 परा णीिह तपसा यातधु ाना- राे र ो हरसा णीिह। परािचषा मूरदवे ाणीिह-
परासतु पृ ो अिभ शोशच
ु ानः।।
 परा देवाˆ वृिजन ं ण-ु गेन ं शपथाˆ य ु तृाः। वाचाेन ं शरवˆ ऋ ु मम-
ि ैत ु िसितँ यातधु ानः।।
08.04.08 य पौषये ण ु यातधु ानः। यो अाया भरित ीर
े िवषा समे- यो अेन पशना
म-े तेषां शीषािण हरसािप वृ।।
 सँवर ीणं पयˆ उियाया-  माशी ातधु ानो नृच ः। पीयषू  मे यतम ितृा-ं

 मिचषा िव मम।।
 िवषवाँ यातधु ाना िपबा- वृा मिदतये रेवाः। परैना ेव िवता ददात-ु परा भाग

मोषधीनायाम।।
 सनाद े मृणिस यातधु ाना- ा र ांिस पृतनास ु िज यःु । अन ु दह सहमूरा ादो- मा ते
हेाˆ म ु त दैायाः।।
 ो अे अधरा दा- ं पा त र ा परु ात।् ित ते ते अजरास िपाˆ- अघशंस ं
ु तो दह।।
शोशच ु
08.04.09 पा रु ा दधरा दा- िव काेन पिर पािह राज।् सखे सखाय मजरो
जिर-े े मता अम ः।।

 पिर ाे परँु  वय-ँ िवं सह धीमिह। धृषण िविे दव-े हारं भरु ावताम।।
े  भरु ावत- ित  र सो दह। अे ित मेन शोिचषा- तपरु ािभर ्ऋििभः।।
 िवषण
  े िमथनु ा दह- यातधु ाना िकमीिदना। सा िशशािम जागृ-द ँ िव मिभः।।

  े हरसा हर- णीिह िवत ित। यातधु ान र सो- बलँ िव ज वीयम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 788


 10.88 हिवािमेकोनिवंशृच सूािरसो मूधाूय वैानरौ िपु ।् (मरीिचः-
ु इित वदः
हिवां िदैवं सौय वैानरीयकिमित े देवते अ। तेन सूयवैानर इदेगण
परााः)।
 ु म.ौ। त भमण े भवु नाय देवाˆ-
08.04.10 हिवा मजरं िविद- िदिवृ यात
धमण े कं धया पथ।।
 गीण भवु न मसापग
ू - मािव रभव ात े अ
 ौ। त देवा पृिथवी ौ तापो-रणय
ोषधी  े अ।।
 देविे भ ििषतो यि येिभ- रिं ोषायजरं बृहम।् यो भानना
ु पृिथवीा मतु म
े ा- मातत
 ान

रोदसी अिर म।।
 यो होतासीथमो देवजु ो- यं समा ाेना वृणानाः। स पतीरं ा जग-ा मि
रकृणो ातवेदाः।।
 यातवेदो भवु न मूध-ितो अे सह रोचन
 ने । ताहेम मितिभ गिभ  ै-  यि यो
अभवो रोदिसाः।।
08.04.11 मूधा भवु ो भवित न मि- त ूय जायते ात ।् मायामू त ु यि याना

मेता- मपो यूिण रित जान।।
े ो यो मिहना सिमो-रोचत िदिवयोिन िवभावा। तिौ सूवाकेन देवाˆ- हिव िव
 श
आजहु व ु नूपाः।।
 सूवाकं थम
 मािद दि- मािद िव रजनय देवाः। स एषाँ य ो अभव नूपा ौ वद तं
पृिथवी तमापः।।
 येवासोजनयािँ- यि ाजहु व ु भवु नािन िवा। सो अिचषा पृिथवी ा मतु म
े ा-
ू मानो अतप िहा।।
मृजय
 ोमेन िह िदिव देवासो अि- मजीजनिभी रोदिसाम।् तमू अकृ व ेधा भवु े कं - स
ओषधी पचित िवपाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 789
08.04.12 यददे ने  मदध ु यि यासो- िदिव देवा ूय मािदतेयम।् यदा चिर~
ू िमथनु ा वभूता.-
मािद ापय वु नािन िवा।।
 िवा अि ं भवु नाय देवाˆ- वैानरे त ु मा मकृ व।् आ य तानोषसो िवभाती- रपो~

ऊणित तमो अिचषा य।।
ै ानरवयो यि यासो-ि ेवाˆ अजनयजयु म।् न  ं  मिमन िर-ु य ा
 व

िवष ं बृहम।।
 वैानरँ िवहा दीिदवांस-ं म ै रििव मा वदामः। यो मिहा पिरबभवू ोव~- उतावा त

देव परात।।
 े~ तु ी~ अणवं िपतॄणा- मह ेवाना मतु मानाम।् ताा िमद ँ िव मेज मेित- यदरा
िपतरं मातर।।
ृ  र-ं शीषतो जात ं मनसा िवमृम।् स िा भवु नािन
08.04.13 े~ समीची~ िबभत
ु रिण ाजमानः।।
ता- वय
 या व े अवर पर- य ो कतरो नौ िव वेद। आ शेकु िरधमादं सखायो- न 
 देत~

य ˆ इद ँ िववोचत।।
 कय कित सूयास- कषु ास क ु िदापः। नोपिजँ व िपतरो वदािम- पृािम व

कवयो िवन े कम।।
 यावा मषु सो न तीकं- सपु य3(ओ) वसत े मातिरः। ताव धापु य माय- ाण
 ो

होत ु रवरो िनषीद।।

 10.89 इं वेादशच सू, वैािमो रेणिरः, पा इासोमौ िपु ।्
 ा िव ो अान।् आ य पौ
 तृ म ँ य मा- िवबबाध े रोचन
08.04.14 इं वा न
ु ो िरिरचानो मिहा।।
चषणीध ृ रोिभ-  िस
ु वरां-े ो ववृा ेव चा। अित मप1 (अ) सग-ा तमांिस
 स सूय पय
िा जघान।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 790


 समान मा अनपावृ दच- या िदवो असम ं  नम।् िव य पृवे  जिनमा यˆ- इ
िकाय न सखाय मीष।े ।
 इाय िगरो अिनिशतसगाˆ- अप ेरय ं सगर बु ात।् यो अ ण
े वे चिया शचीिभ-

िव पृिथवी मतु ाम।।
 आपाम ु ृपलभमा- धिु न िशमीवामा ऋजीषी। सोमो िवा तसा वनािन- नावा

िगं ितमानािन देभः।।
08.04.15 न य ावापिृ थवी~ न ध- नािर  ाय ोमो अ ाः~। यद म ु
रिधनीयमान- णाित वीळु जित िरािण।।
ू ।् िबभदे  िगिरविम कु- मा गाˆ इो
ु अरद िसन
 जघान वृ ं िधित वनेव- रोज परो
अकृ णतु यिु ः।।
ु  जना
 ं ह णयाˆ इ धीरो-िस न पव वृिजना णािस।  ये िम वण धाम- यज

िमनि िमम।।
  ये िम ं ायमण रेवा-  सिर  वण ं िमनि। 1 (अ)िमेष ु वधिम त
ु -ँ वृष
ृषाण मष ं िशशीिह।।
 इो िदवˆ इˆ ईशे पृिथाˆ- इो अपा िमˆ इवतानाम।् इो वृधा िमˆ इेिधराणा-
े  े योगे हˆ इः।।
िमः म
08.04.16 ाुˆ इ  वृधो अह- ािर ा समु  धासःे ।  वात थस
ु ो िरिरचे  ि ितः।।
 ो अा-  िस
ु ाˆ उषसो न के त-ु रिसा ते वतता िम हेितः। अमेव िव िदवˆ आ सृजान-
  शोशच

िपने  हेषसा ोघिमान।।
 अह मासाˆ अिना- ोषधी रन ु पवतासः। अिं रोदसी वावशान~
े - अापो

अिजहत जायमानम।।
 किह िात इ चेास- दघ यिनदो र ˆ एषत।् िमुवो यसन े न गाव- पृिथाˆ
आप ृ गमयु ा शय।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 791
ू ो अिभ ये न त-े मिह ाधˆ ओघनासˆ इ। अने ािमा मसा सचां-
 शय
ु ितषो अव ा अिभ ःु ~।।
सो
 ा मृषीणाम।् इमा माघोषवसा सित- िरो
ु िण िह ा सवना जनानां- ािण म ृणत
 प
िवा अचतो यावाङ।् ।
  े वय िम भ
 एवा त ु नावानाम।् िवाम वो रवसा गृणो- िवािमाˆ
ु तीनाँ- िवाम समती

उत त इ नूनम।।
े मघवान िम- मिरे नृतम ँ वाजसातौ। व मु मूतये सम-ु ँ वृािण
 शनु ं वम

सित नानाम।।

 10.90 सहशीषित षोळशच सू, नारायणः पषोनु बु ा िपु ।्
08.04.17 सहशीषा पु ष- हा हपात।् स भूिमँ िवतो वृा-ित
शाल ्
ु म।।
 पु ष एवदे ं सव- यूत ँ य भम।् उतामृत ेशानो –यदेनाितरोहित।।
 एतावान मिहमा तोायाँ पूषः। पादो िवा भूतािन- िपादामत
ृ  ििव।।
 िपा  उदैु ष- पादोेहाभवनः
ु ~। ततो िवाम -ाशनानशन~
े अिभ।।
 ता िराळजायत- िवराजो अिध पूषः। स जातो अिरत~ पा ूिम मथो~ परु ः।।
08.04.18 यु षण
े हिवषा- देवाˆ य मतत। वसो अासीदा- ीˆ इ
शरिवः।।
 तँ य ं बिहिष ौ - ु षात मत
 ः। तेन देवाˆ अयज- सााˆ ऋषय ये।।
 ता ा वत- ृत ं पृषदाम।् पश
ू ाँे वायाना-रयााा ये।।
 ता ा वतˆ-ऋच ामािन जि रे। छांिस जि रे ता- ज ु ा दजायत।।
 ता दाˆ अजाय- ये के चोभय
 ादतः। गावो ह जि रे ता- ा ाताˆ अजावयः।।
ु कितधा कय।् मख
08.04.19 यु ष ँ दध- ु िम कौ बा~ का ऊ~ पादा
े ।।
उेत~
 ाण ु  मासी- ा~ राज कृ तः। ऊ~ तद यैय- पां शूो अजायत।।
 ो मख

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 792


ु िद ाि- ाणा ाय ु रजायत।।
 चमा मनसो जात-  ो ूय अजायत। मखा
 नाा आसी दिर -ं शी ौ मवतत। पां भूिम िदश ोा- था लोका

अकय।।

 साास िरधय- ि सिमध कृ ताः। देवाˆ य ानाˆ- अब ु ष ं पशमु ।।
 य ने  य मयज देवा- ािन धमािण थमा ास।् ते ह नाकं  मिहमान च- य पूव
साा ि देवाः।।
 10.91 सं जागृवििरित पदशच सू, वैतहोणोिजगा िपु ।्
08.04.20 सागवृ ि जरमाण इते- दमे दमूना इषयिळद।े िव होता हिवषो
वरेयो- िवभिु वभावा सषु खा सखीयत।े ।
े हृ -े वनेवने िशिये तवीिरव। जननो नाित मते- िवश आ िे त
 स दशती रितिथ गृहग

िवयो3(ओ) िवशँिवशम।।
ु त-ु रे किव काेनािस िविवत।् वस ु वसूनायिस मेक- इावा
 सदु ो द ै तनु ािस स
ु तः।।
च यािन पृिथवी~ च प
 जान े तव योिन मृिय- िमळायाद े घृतव मासदः। आ ते िचिक उषसािमवते यो-रेपस
ूयवे रमयः।।
 तव ियो ववे िवतु - िा ििक उषसा के तवः। यदोषधी रिभसृो वनािन च- पिर
यिनषु े अ मा।े ।
08.04.21 तमोषधी दिधरे गभ मृिय- मापो अिनय मातरः। तिममान ँ विनन
वीधो-वती सवु त े च िवहा।।
 वातोपधूतˆ इिषतो वशा अन-ु तृष ु यदा वेिवष िितस।े आ ते यते रो3(ओ) यथा पृथ-
धाे अजरािण ध तः।।
ू म ं मितम।् तिमदभ हिवा समान- िम-िम हे
 मेधाकारँ िवदथ साधन- मिं होतारं पिरभत

वृणते नात।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 793
 ािम द वृणते ायवो- होतार मे िवदथेष ु वेधसः। येवयो दधित यांिस ते- हिवो
मनवो वृबिहषः।।
 तवा े हो व पो मृिय- व ने मि तायतः। तव शा मरीयिस- ा
चािस गृहपित नो दमे।।
ु  मे अमत
08.04.21 य ृ ाय म- िमधा दाश त वा हिवृ ित। त होता भविस
यािस 1(अ)-मपु  ूष े यजरीयिस।।
 इमाˆ अ ै मतयो वाचो अदा- ऋचो िगर ु त ू वो वसव े जातवेदसे-
ु य म मत। वसय

वृास ु िचधनो यास ु चाकनत।।
ु िु तवीयस- वोचये  मा उशत े णोत ु नः। भूयाˆ अरा  िनश
 इमां ाय स¤ ृ -े
जायवे  प उशती सवु ासाः।।
 यिासˆ ऋषभासˆ उ णो- वशाˆ मेषाˆ अवसृासˆ आताः। कीलालप े सोमपृ ाय वेधसे-
दा मितनये चा मये।।
ु ीव घृतीव सोमः। वाजस
 अहाे हिव रा े ते- च े वु ीरं- श ेिह यशसं
 िनं रिय मस

बृहम।।
 10.92 य ेित पदशच सू, मानवः शायातो िवेदवे ा जगती।
08.04.23 य  वो र ँ िवपितँ िवशां- होतार मो रितिथँ िवभावसमु ।् शोचास ु
हिरणीष ु जभरु - षृ ा के तयु जतो ामशायत।।
 इम मा मभु ये अकृ वत- धमाण मिँ िवदथ साधनम।् अु य मषु स परु ोिहत-
नूनपात मष िनंसते।।
े  महे- वयाˆ अ ताˆ आस ु रव।े यदा घोरासो अमृत
 बळ नीथा िव पण  माशता-

िदन दै चिक र।।
 ऋत िह िसित  चो- नमो म1 (अ)रमित पनीयसी। इो िमो वण
ििकिरे-थो~ भग िवता पूतद सः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 794


  ेण यियना यि िसव- िरो मही.मरमित धिरे। येिभ पिरा पिरयु यो- िव
रोवठरे िव म ु ते।।
08.04.24 ाणाˆ ाˆ मतो िवकृ यो- िदवयेनासो असरु  नीळयः। तेिभे वणो
िमो अयम-े ो देविे भ रवशिे भ रवशः।।
ु  ँ व
ु  ं शशमानासˆ आशत- सूरो शीके वृषण पे।  ये ाहणा तति रे- यज
 इे भज
ृषदनषे ु कारवः।।
 सूरिदा हिरतो अ रीरम- िदादा कियते तवीयसः। भीम वृो जठरा दिभसो-
िदविे दव े सिर बािधतः।।
 ोमँ वो अ ाय िशस-े यीराय नमसा िदिदन। येिभिशव वा एवयाविभ- िदव
िषि यशा िनकामिभः।।
 ते िह जायाˆ अभर िव वो- बृह
 ित वृषभ ोमजामयः। य ै रथवा थमो िव धारय- ेवा
द ै भृगव ििकिरे।।
ं  तरु ो यमोिदितः। देवा िवणोदाˆ
08.04.25 ते िह ावापिृ थवी~ भूिररेतसा- नराशस
ऋभ ु ण-  रोदसी~ मतो िव ु रिहर।े ।
 उत  नˆ उिशजा मिु वया किव- रिहणोत ु ब
ु ो3(ओ) हवीमिन। सूयामासा िवचरा

िदिवि ता- िधया शमीनषी~ अ बोधतम।।
  न पूषा चरथँ िवदेो-पापा दवत ु वाय ु िरये। आानँ वो अिभ वात मचत- तदिना

ु यामिन तु म।।
सहवा
 िवशा मासा मभयाना मिधि त-ीिभ यशस.ृणीमिस। ािभ िवािभ रिदित मनवण- मो

ु न ृमणा अधा पितम।।
यवा
ु पूव अिराˆ- ावाणˆ ऊाˆ अिभ च ु ररम।् येिभ िवहायाˆ अभव िच ण-
 रेभद जनषा
ु क
पाथ म े ं  िधित वनित।।
 10.93 महीित पदशच सू, पााो िवेदवे ाः ारपि ितीया योदयनु भ
ु ौ
नव रैः पिरेकादशी स ु
 ािरया पराहृ ती।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 795
08.04.26 मिह ावापृिथवी~ भूत मवु ~ नारी~ यी~ न रोदसी सदः। तेिभन पातं
ससˆ- एिभन पातं शूषिण।।
ु ै दघ
 य ये   े स म- देवापयित। य ्
ु मˆ- आिववासा ेनान।।
 िवेषा िमरवो- देवानाँ वामहः। िवे िह िवमहसो- िवे य षे  ु यि याः।।
ृ  माˆ- अयमा िमो वण पिरा। कुो नृणां तु ो- मत पूषणो
 ते घा र ाजानो अमत
भगः।।
 उत नो न मपाँ वृषवसू~- सूयामासा सदनाय सधा। सचा य ाेषा- मिह बु षे  ु ब
ु ः।।
08.04.27 उत नो देवा विना शभु ती~- धामिभ िमावणा उताम।् मह राय
एषत-े ित धेव िरता।।
ृ ता मिना- िवे देवासो रथित भगः। ऋभ ु वाजˆ ऋभ ु ण- पिरा
 उत नो ा िचळ
िववेदसः।।
 ऋभरु ्ऋभ ु ाˆ ऋभ ु िवधत ु न वािजना। रँ य साम -िचध य ो
 ो- मद आ ते हरी~ जूजवा
न मानषु ः।।
 कृ धी नो अयो देव सिवत~-  च षु े मघोनाम।् सहो~ नˆ इो वििभ षा-षणीनां
रिम योयवु ।े ।
 ऐष ु ावापृिथवी~ धातं मह -द े वीरेष ु िवचषिण वः। पृ ँ वाज सातये- पृ ं रायोत
तवु णे।।
08.04.28 एत ं शंस िमायु -िच ं सहसाविभय-े सदा पािभय।े मेदताँ वेदता
वसो~।।
ृ  नृणाम।् सँवनन ा -े.वानपतु म।।
 एत ं मे ोमना न सूय- तु ामानँ वावध ्
ु ै षां िहरययी। नेमिधता न पा- वृथवे िवाा।।
 वावत येषां राया- य
  तु शीमे पृथवाने वेन-े  राम े वोच मसरु े मघव।ु ये य
ु ाय प शता-य ु पथा

िवाेषाम।।
 अधी सित स च। सो िदिद ता- ो िदिद पा- ो िदिद मायवः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 796



 10.94  ैत इित चतदशच ु सप ावाणो जगती, पमी समी
सू, कावेयोबदः

चतदयिभु ः।
08.04.29  ैते वद ु  वय ँ वदाम- ावो वाचँ वदता वदः। यदय पवता ाक
े ाय सोिमनः।।
माशव- ोकोषं भरथ
ु ृ त क
 एत े वदि शतव हव- दिभ ि हिरतिे भ रासिभः। िवी ावाण क ु ृ या-
होतिु  ूव हिवर माशत।।
 िवदना मध-ु ूये अिध प आिमिष। वृ  शाखा मण बत- े
 एत े वद

सूभवाˆ वृषभा ेमरािवषः।।
 बृह दि मिदरेण मि-नेोशोिवदना मध।ु संरा धीरा सृिभ रनितष-ु
राघोषय पृिथवी मपु ििभः।।
 सपु ण ु 1(अ)ि यपु र िनृ त-ं प
 ाˆ वाच मतोप -ाखर े कृ ाˆ इिषराˆ अनितषः। ु
रेतो दिधरे सूयितः।।
ु ाˆ वृषणो िबतो धरः
08.04.30 उाइव वह मायम-ु ाकँ य ु । यसो
जसानाˆ अरािवष-ु व एषां ोथथो अवतािमव।।
ु ो अचताजरेो- दश धरु ो
 दशाविनो दशकेो -दशयोे ो दशयोजनेः। दशाभीश
ु ाˆ वहः।।
दश य
 ते अयो दशयासˆ आशव- ेषामाधानं पयित हयतम।् त ऊ सतु  सोासो-शो
पीयषू  ं थम भेिजरे।।
 ते सोमादो हरी~ इ िनंसते-श ु हो अासते गिव। तेिभ धं पिपवा ो ं मि -
ो वधते थत े वृषायते।।
 वृषा वो अंशनु िकला ि रषाथन-े ळाव दिम नािशताः। रैववे  महसा चारव न- य

ावाणो अजषु  मरम।।
08.04.31 तृिदलाˆ अतृिदलासो अयो-मणाˆ अिथताˆ अमृवः। अनातरु ाˆ अजराˆ
ामिवव- पु ीवसो अतृिषताˆ अतृजः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके चतथु ाायः (वगाः 1-31) Page 797
 वु ाˆ एव व िपतरो यगु ये गु -े म ु ते। अजयु ासो हिरषाचो हिरवˆ- आ ां
े कामास दसो न य
ु वःु ।।
रवेण पृिथवी मश
 यो िवमोचन-े यामाइव घेपििभः। वपो बीजिमव धााकृत- पृि
 तिदद
सोम िमनि बतः।।
 सतु े अरे अिध वाच मता-ीळयो न मातर दु ः। िव षू म
ु ा सषु वु षु ो मनीषाँ –िव वता
मय ायमानाः।। इित चतथु ाायः

 अमाके पमाायः (वगाः 1-27)



 10.95 हये जाय इादशच सू, आा तृतीया षी नवािद चतसृणां चतदशी

सदशीेव ं नवानामैलः परवा ु
ऋिष वशी देवता, िशानामवशी ु
ऋिषका परवा देवता िपु ।्
 ु
08.05.2 हय े जाये मनसा ित घोरे- वचांिस िमा कृ णवावहै न।ननौ

माˆ अनिु दतासˆ एत-े मयर रतरे चनाह।।
 िकमेता वाचा कृ णवा तवाहं- ािमष मषु सा मियवे । प
ु रव पनु रं परेिह- रापना
वातइवाहमि।।
 ा न रंिहः। अवीरे तौ िव दिवतु -ोरा न माय.ु ितय
 इषनु िय इषधु े रसना- गोषा शतस
धनु यः।।
 सा वस ु दधती शरु ाय- वयˆ उषो यिद विगहृ ात।् अन  े यि चाक- िवा नं 
 ने ।।
िथता वतै स
ु रवोन ु ते के तमायं- राजा मे वीर
 ि  मा.थयो वैतसने ो-त  मे ै पृणािस। प
त1(अ)दासीः।।
ु िू ण ेिण 
08.05.02 या सज े   ु न िनी चरयःु । ताˆ अयोणयो न
ु आिप- दच
स-ु िय े गावो न धेनवोनव।।
 समि जायमान आसत ाˆ- उतम ु
े वध1(अ)गूताः। महे या परवो रणाया-वधय
हु ाय देवाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 798


 सचा यदास ु जहती –ममानषीष
ु  ु मानषु ो िनषवे ।े अप  मरसी न भ
ु -ु ाˆ अस
थश
ृ ो नााः।।
 यदास ु मत अमत
ृ ास ु िन-ृ ोणीिभ तिु भन पृे। ताˆ आतयो न तश
ु त ाˆ-
अासो न ीळयो दशानाः।।
ु ात- ोवशी ितरत
ु या पती दिवो-री मे अा काािन। जिनो~अपो नय ज
 िव
दीघमायःु ।।
ु रवो म ओजः। अशासा िवषी
08.05.03 जि ष इा गोपीाय िह- दधाथ त
सिह- म आणो िकमभ ु वदािस।।
 कदा सूनु िपतरातˆ इा-ा ु वतयिजान।् को दती~ समनसा िव यूयो- दध

यदि शरु ेष ु दीदयत।।
 ित वािण वतयत े अ ु च- दा े िशवाय।ै  ते िहनवा ये अ-े परेि ह मूर
मापः।।
 सदु वे ो अ पदेदनावृ -रावतं परमावा उ। अधा शयीत िनऋत े पे-धनै  ँ वृका रभसासो

अः।।
ु रवो मा मृथाˆ मा  पो- मा ा वृकासो अिशवासˆ उ ।् न वै  ैणािन सािन सि-
 प
सालावृकाणां दयाेता।।
08.05.04 यिपाचरं मवस-ं राी शरद तः। घृत ोकं सकृदˆ आा- ा
देवदे .ातपृ ाणा चरािम।।
 अिर ां रजसो िवमानी- मपु  िश ावु श विसः। उप ा राित क
ु ृत
  िता-ि वत
दय ते मे।।
ु जा ते देवािवषा यजाित- ग उ
 इित ा देवाˆ इम आ रैळ- यथेमते विस मृबु ः।
मिप मादयासे।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 799


 10.96  त इित योदशच सूािरसो बहिरजगे े िभ
ु ौ, (ऐः सवहिरविषर
। हिरिरतीनाम। शौनक ु मखत
ु एवैतूम ैिमाह। हिरिरतीानामेित च कित।् एवं
ु यामः)।
हिरशाथ िव ितपावाकरोिदत हिरशोारणं यम ु
ु हयत ं मदम।् घृत यो हिरिभ ा
08.05.05  ते महे िवदथे शंिसषं हरी-~  ते वे वनषो
सेचत- आ ा िवश ु हिरवपसिरः।।
 हिरं िह योिन मिभ ये समर-िो हरी~ िद ँ यथा सदः। आ यं पृणि हिरिभ न धेनवˆ-
इाय शूष ं हिरव मचत।।
 सो अ वो हिरतो यˆ आयस
 ो- हिर िनकामो हिररा गभोः।  ु ायकˆ -
ु ी सिु शो हिरमस
इे िन पा हिरता िमिमि रे।।

 िदिव न के तरिध धािय हयतो- िवच ो हिरतो न रंा। तदु दिहं हिरिशो यˆ आयस
 -
हशोकाˆ अभविररः।।
  महयथाˆ उपतु - पूवि भ िर हिरके श यिभः। ं हयिस तव िव म
ु 1(अ)-

मसािम राधो हिरजात हयतम।।
ु य ै सवनािन
08.05.06 ता विणं मिनं ों मद- इं रथे वहतो हयता हरी~। प
हयत- इाय सोमाˆ हरयो दधिरे।।
 अरामाय हरयो दधिरे- िराय िहरयो हरी~ तरु ा। अविय हिरिभजष मीयत-े सो
अ कामं हिरव मानशे।।
 हिरमशा हिरकेशˆ आयस- रु ये  े यो हिरपाˆ अवधत। अविय हिरिभ वािजनीवस-ु रित
िवा िरता पािरष
 री।।
 वेु व य हिरणी िवपेतत-ु िशे~ वाजाय हिरणी~ दिवतः।  यृ त े चमस े ममृजरी~-
पीा मद हयतासः।।
 उत  स हयत पो3( ओ)-रो न वाजं हिरवा अिचदत।् मही िचि िधषणाहय
दोजसा- बृह यो दिधषे हयत िदा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 800


08.05.07 आ रोदसी हयमाणो मिहा- नं हयिस म न ु ियम।्  प मसरु
हयतो- रािवृ िध हरय े सूयाय।।
ु ो जनानां- रथे वह ु हिरिश िम। िपबा यथा ितभत
 आ ा हयं यज ृ  मो -हय ं

सधमादे दशोिणम।।
 अपा पूवष ां हिरव तु ाना- मथो~ इदं सवन ु  िम- सा वृष
 े वले। ममि सोमं मधम
जठर आ वृष।।
 10.97 या ओषधीिरित योिवंशृच सूाथवणो िभषगोषधयोनु पु ।्
े  ियगु ं परु ा। मन ै न ु बण
08.05.08 याˆ ओषधी पूवाˆ जाताˆ- देव ू ा महं- शत ामािन
स च।।
 शत ँ वो अ धामािन- सह मतु वो हः। अधा शतो- यूय िमम ं मे अगदत।।
ु वती सवू रीः। अाइव सिजरी- वध पारियवः।।
 ओषधी ित मोदं- प
 ओषधी िरित मातर- ो देवी प वु ।े सनये  माँ वासˆ- आान व पूष।।
 े वो िनषदन-ं पण वो वसितृ त
 अ ्
 ा। गोभाजˆ इिलासथ -यनवथ पूषम।।
08.05.09 यौषधी म मत- राजान िमतािवव। िव  उते िभष-
 ोहामीवचातनः।।
 अावत सोमावती-.मूजयी मदु ोजसम।् आिवि सवाˆ ओषधी- रा अिरतातये।।
 उाˆ ओषधीना-ावो गोािदवरे ते। धनं सिनीना- माान व पूष।।
 इृ ित नाम वो माता-थो~ यूय ं  िनृ तीः। सीरा पतिणी न- यदामयित िनृ थ।।
ु ओषधी ाच
 अित िवा पिरा- ेनइव ज ममः। ु व-ु यि तो3(ओ) रपः।।
08.05.10 यिदमाˆ वाजयह- मोषधी ह आदध।े आा य नयित- परु ा जीवगभ
ृ ो
यथा।।
 यौषधी सप-थामं  पः। ततो यँ िव बाध- उ
 ो ममशीिरव।।
 साकँ य  पत- चाषेण िकिकदीिवना। साकँ वात ाा- साकय िनहाकया।।
 अा वो अा मव- ााˆ उपावत। ता वा ँिवदाना-ˆ इदं मे ावता वचः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 801


ु ाˆ या पिु णीः। बृह
 या फिलनीयाˆ अफला-ˆ अप ु हं सः।।
 ितसूता- ा नो म
ु  ु मा शपा3( आ)- दथो~ वया त। अथो ~यम पीशा- वा
08.05.11 म

ेविकिषात।।
 अवपती रवद- िव ओषधयिर। यीव मवामहै- न स िराित पूषः।।
ु मा -रामाय शं द।े ।
 याˆ ओषधी ोमरा ी- बी शतिवच णाः। तासा म

 याˆ ओषधी ोमरा ी- िविता पृिथवी मन।ु बृहितसूताˆ- अ ै स वीयम।।

ु दाकं - सव मनातरु म।।
 मा वो िरष िनता- य ै चाहनािम वः। िप त

 याेद मपु वि- या रं परागताः। सवा  वीधो- ै स वीयम।।
 ओषधय ँ वदे- सोमेन सह रा ा। य ै कृ ण
 ोित ाण-ं राज ारयामिस।।
 ाोषधे- तव वृ ाˆ उपयः। उपि र ु सो3( ओ)-ाकँ  यो अा
ु म
  म
अिभदासित।।
 10.98 बृहत इित ादशच सूािष ेणो देवािपदवािपु ।् (शौनकिूे आानां
चतसृणां बृहित त तसृणां देवातः पानामििरेवं देवता वामाह)।
08.05.12 बृहते ित मे देवता िमिह- िमो वा यणो वािस पूषा। आिद ैवा यसिु भ
मा- पजं शनवे वृषाय।।
 आ देवो तो अिजर ििका-ेवापे अिभ मामगत।् तीचीन ित मा.मा वव
ृ -

दधािम ते मु त वाच मास।।
 अ े धेिह मु त वाच मास-ृहते अनमीवा िमिषराम।् यया वृिं शनवे वनाव- िदवो ो
ु ा आ िववश
मधम े ।।
ु ो िवशि- देिधरथं सहम।् िन षीद हो मृतथु ा यज- देवा ेवापे
 आ नो ाˆ मधम
हिवषा सपय।।
े ो हो मृिष िनषीद- ेवािप दव समु ितििकान।् स उरा दधरं समु - मपो िदाˆ
 आिषण
असज
ृ ाˆ अिभ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 802


ु रि -ापो देविे भ िनवृताˆ अित।् ताˆ अव ािषण
 अि मु े अ े ने  सृा-

देवािपना ेिषताˆ मृि णीष।।
08.05.13 येवािप शनवे परु ोिहतो- होाय वृत कृ पयदीधते ।् देवतु  ँ वृिविनं रराणो-

बृहितवाच मा अयत।।
ु च
 या देवािप शश ु ानो अ- आिषण ु  मीध।े िवेिभ दव ै रनमु मान-  पज
े ो मन

मीरया विृ मम।।
 ां पूव ऋषयो गीिभ राय-ा मरेष ु पत
ु िवे। सहा.यिधरथा-े आ नो य ं
रोिहदोप यािह।।
 एता े नवितनव े- आतािधरथा सहा। तेिभवध त शूर पूव- िदवो नो वृि
िमिषतो िररीिह।।
 एता े नवितं सहा- सं  य वृ इाय भागम।् िवाथ ऋतश
ु ो देवयाना- नौलान
ििव देवषे  ु धेिह।।
 अे बाध िव मृधो िव गहा-पामीवा मप र ांिस सेध। अामु ा ृहतो िदवो- नोपां
भूमान मपु  नृजहे ।।
 10.99 क इित ादशच सू, वैखानसो व इिपु ।्

नवमेनवाके योदशसूािन
ृ ।ै क दात ु शवसो
 िमषयिस िचिका- ृथ ु मानँ वा ँ वावध
08.05.14 कि
ु ौ- त ँ वृत ्
 रु मिपत।।
 स िह तु ा िवतु ा वेित साम- पृथ ँ ु योिन मसरु ा ससाद। स सनीळेिभ सहानो अ- ात ु न
ऋत े सथ मायाः।।
 स वाजँ यातापदा य-षाता पिर षद िन।् अनव
 ा यतर वेदो- .िदेवा

अिभ वपसा भूत।।
ु ासोरथाˆ-
 स यो3(ओ)वनी ग-वा-जहु ोित धास ु सिः। अपादो य य
ोयासˆ ईरत े घृत ँ वाः~।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 803


 स ेिभ रशवार ऋा- िही गय मारे अव आगात।् व मे िमथनु ा िव वी-~

अ मभीा रोधय षु ाय।।
 स इास वु ीरवं पितद- ळ िशीषाण मत।् अ ितो ोजसा वृधानो- िवपा वराह

मयो अयाह~।।
08.05.15 स ुण े मनषु ˆ ऊसानˆ- आ सािवष दशसानाय शम।् स नृतमो
ु ात- परो
नषोज ु िभन दहहु े।।
 सो अियो न यवस उद-याय गात ँ ु िवदो अ।े उप यीद िदं शरीर-ै

येनोयोपािहि दून।।
ु पणे परादात।् अयिव मनय मान -मँ  यो
 स ाधत शवसानिे भ र- कुाय श

अ सिनतोत नृणाम।।
 अयशयिभ र- दो देविे भ वणो न मायी। अयनीनˆ ऋतपु ाˆ अव-े िममी.तारँ 

ु ात।।
यत
ु यजत
े  िपोः। सा
 अ ोमेिभ रौिशजˆ ऋिजा- ज रयषृ भण  ो दीदयी- परु ˆ

इयानो अिभ वपसा भूत।।
 एवा म  ो असरु व थाय- वक पि प सप िदम।् स इयान करित ि मा- इष मूज
 ह
सिु ितँ िवमाभाः।।
ु दवे ा जगा िपु ् (भेदप -े
 10.100 इ ेित ादशच सू, वानो विवे
िवेदवे ाः 10, इािदती 1, इः 1, एवं 12)।
ु - इह तु तु प ाˆ बोिध नो वृध।े देविे भन िवता
08.05.16 इ  मघव.ाविद ज
ावत ु तु - मा सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 भराय स ु भरत भाग मृियं-  वायवे शिच
ु प े िदये। गौर य पयस पीित मानश -आ
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
ु त।े यथा देवाितभषू म
 आ नो देव िवता सािवषयˆ- ऋजूयत े यजमानाय स े पाकव –
दासवताित मिदितँ वृणीमहे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 804


 इो अ े समु नाˆ अ ु िवहा- राजा सोम िु वताेत ु नः। यथायथा िमिधतािन
सधरु ा- सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 ते तरीताायषु ः। य ो मनु मितन िपता िह क- मा
 इˆ उने  शवसा प दधे- बृह
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 इ न ु सकृु त ै  ं सहो-िगृहे जिरता मेिधर किवः। य  भूिदथे चारमˆ -आ
 
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
ु चकृ म भूिर ृ त- ािवँ वसवो देवहेळनम।् मािकन देवाˆ अनृत
08.05.17 न वो गहा
वपस-ˆ आ सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 अपामीवां सिवता सािवष1(अ)- वरीयˆ इदप सेधयः। ावा य मधषु ु ते बृह-दा
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 ऊ ावा वसवो ु सोतिर- िवा ेषांिस सनतु ययु ोत। स नो देव िवता पाय ु रीˆ -आ
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 ऊजावो यवस े पीवो अन -ऋत यादन े कोशे अ े। तनरू वे तो अ ु भेषज- मासवताित
मिदितँ वृणीमहे।।
 तु ावा जिरता शता मवˆ- इˆ इा मित तु ावताम।् पूण मूध िद ँ य िसय आ -
सवताित मिदितँ वृणीमहे।।
 िचे भानु तु ाˆ अिभि-ि ृधो जरिणाˆ अधृाः। रिजया रा पˆ आ गो-
ूतषू ित पय वःु ।।
ु िमित ादशच सू, सौो बधु ो िवेदवे ा ि
 10.101 उ ु षौ गायौ,
ु तथ
पमी बृहती नवमी ादयौ जगौ (ऋिजो देवता वा)।
ु ं समनस खाय- मििम ं बहव नीळाः। दिधा मि मषु स
08.05.18 उ
देवी- िमावतोवस े िन य े वः।।
ु  ियˆ आ तन
 मा कृ ण ु म।् इृ ण
ु - ाव मिरपरणी.ण ु  मायधु ारण
ु -ं ाँ
य ं  णयता स
 खायः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 805


 यनु  सीरा िव यगु ा तन-
ु  त े योनौ वपतेह बीजम।् िगरा च िु  भराˆ असो- नेदीयˆ

इृय प मेयात।।
ु ि कवयो- यगु ा िव तते पृथक।् धीरा देवषे  ु स
 सीरा य ु या।।
 िनराहावा ृ णोतन- सँ वरा दधातन। िसामहा अवत मिु णँ- वय ं सषु क ्
े  मनपु ि तम।।
े नम।् उिणं िसे अि तम।।
 इृ ताहाव मवत-ं सवु र ं सषु च ्
ु म।् ोणाहाव मवत ममच-
08.05.19 ीणीताा ितयाथ- िवाहं रथिम ृ ण

मंसकोशं िसता नपृ ाणम।।
ु ं स िह वो नृपाणो- वम सीं बला पृथिू न। परु  कृ ण
 जण ु  मायसी रधृा- मा व 
ु ो

मसो ं हता तम।।
 ाँ यि या िमह। सा नो हीय वसवे गी-
 आ वो िधयँ यि याँ वत ऊतये- देवाˆ देव यजत
सहधारा पयसा मही गौः।
 आ तू िष हिरमीोपे- वाशीिभ  तामयीिभः। पिर ज श कािभ –~भ े
ु ित विँ यनु ।।
धरौ
े धरु ौ वि रािपमा-नो यनेव चरित िजािनः। वनितँ वन आ ापय- ि षू
 उभ~

दिध मखन उम।।
 कपृर कपृथ मु धातन- चोदयत खदु त वाजसातये। िनि पु मा ावयोतय- इं सबाधˆ
इह सोमपीतये।।
 10.102  ते रथिमित ादशच सू, भाो मु लो ुघणिपु , ् आा
तृतीयााबृहः। ( ते रथिमित सूदेवताे िवितपिः पररमाचायाणाम।् उं च शौनके न
– ेतीित हाससूं त ु मते शाकटायनः। याो ौघणम ैं वा व ैदेव ं त ु शौनकः। आजानवेन ं
भा इंासोमौ त ु मल
ु इित।)
08.05.20  ते रथं िमथूकृत िम-ोवत ु धृयु ा। अि ाजौ पु त वाे- धनभ षे  ु
नोव।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 806


 उ वातो वहित वासो अाˆ- अिधरथँ यदजय हम।् रथी रभ ू ु लानी गिवौ- भरे कृ त ँ
च े िदसेना।।
 अय िजघांसतो- व िमािभदासतः। दास वा मघव ाय वा- सनतु यवया

वधम।।
ु भार वˆ इमानो-िजरं
 उो द मिपब षाण- कू टं   तृहं दिभमाित मेित।  म

बा~ अभव िषास।।
 य पु यˆ एन- ममेहय ृषभ ं म आजःे । तेन सूभव शतव ह-वां मु ल धने
िजगाय।।
ु ˆ आसी- दवावची ारिथ र के शी। धेय
 ककदव े वृषभो य ु  वत हानस- ऋ
 
 ि

ा िनदो मु लानीम।।
ु यनु  वंसग म िश ।् इ उदाव ित माना-
08.05.21 उत िध मदु ह िवा- नपा

मरंहत पािभ ककुान।।
 शनु माचर पद- वराया ावानमानः। नृािन कृ व हवे जनाय- गा पशान
िवषी रध।।
ु -ाायाˆ मे ुघण ं शयानम।् येन िजगाय शतव ह-वां मु ल
 इम ं पय वृषभ य

पृतनाेष।।
ु ि ता ापयि। ना ै तृण ोदकमा भर-
 आरे अघा को ि1(इ)ा ददश- यँ य ु रो

धरु ो वहित दिे दशत।।
ृ े व पितिवमान-ीाना कू चेणेव िस।् एष
 पिरव ै ा िचा जयेम- समु लं  िसनव द ु

सातम।।
ु ा।।
 ँ िव जगत-  ु िरािस च षु ः। वृषा यदािजँ वृषणा ¤िसषासिस -चोदय िणा यज

 10.103 आशिशशान ु
इित योदशच सू ैोितरथ इता बृहित ादया

अादेाया मतिबु ानु पु ।(आश ु
ःिशशान ु
ूोपााया अादेवीनमयामा
देवीित शोनकीये)।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 807


08.05.22 आश ु िशशानो वृषभ
 ो न भीमो- घनाघनः  ोभण षणीनाम।्
सनोिनिमषˆ एकवीर- शत ं सेनाˆ अजय ाक िमः।।
 सनने ािनिमषण ु - य
े  िजना ु । तिदेण जयत तहँ- यधु ो नरˆ
ु ारेण वनने  धृना
इषहु ेन वृा।।
 स इषहु  ै  िनषि िभ वशी- संा स यधु ˆ इो गणने । संसृ िज ोमप ाˆ बाश1ु (उ)-
धा ितिहतािभ रा।।
 बृह  ेना मृणो यधु ा जय-
 ते पिरदीया र थेन- र ोहािमा अपबाधमानः। भ

ाक मेिवता रथानाम।।
 बलि व ाय िवर वीर- हा ाजी सहमान उः। अिभवीरो अिभसा सहोजा-

ज ैिम रथमा ित गोिवत।।
 गोि भद.ोिवदँ वबा-य म मृण मोजसा। इम ं सजाताˆ अनवु ीरय- िमं

सखायो अन ु सं रभम।।
08.05.23 अिभ गोािण सहसा गाहमानो-दयो वीर शतम ु िरः। वन
ु ो3(ओ)-ाकं  सेनाˆ अवत ु  य
पृतनाषाळय ु ।ु ।
 ित- दि णा य  परु एत ु सोमः। देवसने ाना मिभभतीना-यीनां
 इˆ आसा ेता बृह

मतो यम।।
 इ वृो वण रा ˆ- आिदानां मतां शध उम।् महामनसां भवन
ु वाना-ोषो

देवानायता मदु ात।।
ु ा-
 उषय मघव ायध ु नां मामकानां मनांिस। उ ु नायताँ
ृ हािजनाँ वािजना-था
य ु घोषाः।।
 अाक िम मृतषे ु ज-े ाकँ  याˆ इषव ा जय।ु अाकँ  वीराˆ उरे भव-

ा उ देवाˆ अवता हवेष।।
 अमीषाि ं ितलोभयी- गृहा.णाा.े परेिह। अिभ ेिह िनदह  ु शोकै - रने ािमा

मसा जयाम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 808


 ेता जयता नरˆ- इो व शम यत।ु उाˆ व  ु बाहवो-नाधृा यथासथ।।

।। अथ पिरिशम।।
 ने - यथामीषा
 असौ या सेना मत परेषा- म ैित न ओजसा धमाना। ताूहत तमसापत

मो अ जानात।।
 अा अिमा भव-ताशीषाणा अहयइव। तेषाँ वो अिद धाना -मिमूाना िमो ह ु
वरँव ् ।। इित पिरिशम।।
 रम।। ्
 10.104 असावीेकादशच सू, वैािमोक इिपु ।्

08.05.24 असािव सोम पत ु -ं हिराँ य
त मपु  यािह तूयम।् त
ु िरो िववीराˆ
इयानाˆ- दधिर इ  तु ।।
  िपबा स
 अ ु धूत हिरव िपबेह- नृिभ तु  जठरं पृण। िमिम ु यमयˆ इ त
ु - ेिभ वध
ु वाहः।।
मद म
ु म।् इ धेनािभ िरह मादय- धीिभ
 ोां पीितँ वृ इयिम सां- य ै सतु  हय त
िवािभ शा गृणानः।।
 - वयो दधानाˆ उिशजˆ ऋत ाः। जाव िद मनषु ो रोण-े त ु
 ऊती शचीव व वीयण
गृण धमाासः।।
 णीितिभे हय सु ो- षु 
ु  पु चो जनासः। मंिहामूितँ िवितरे दधाना- ोतारˆ इ
तव सूनत
ृ ािभः।।
08.05.25 उप ािण हिरवो हिरां- सोम यािह पीतये सतु । इ ा
य ः ममाण- मानाा अर के तः।।
 सहवाज मिभमाितषाहं- सतु रे ण ं मघवान ं सवृु िम।् उप भूषि िगरो अतीत- िममा
जिरतु पन।।
 सापो देवी रु णाˆ अमृा- यािभ ि ु मतरˆ इ पूिभत।् नवितं ोा नव च वी-
े ो गात ं ु मनषु े च िवः।।
दव

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके पमाायः (वगाः 1-27) Page 809


ु ो-जागरािध देव एकः। इ याँ वृत
 अपो मही रिभश े रम ू   चकथ- तािभ िवाय ु
 य
ं पपु ाः।।

 वीरेय त ु िर श
ु ि -तािप धेना प
ु त मीे। आदय 
ृ मकृ णो लोकं- ससाहे श
पृतना अिभिः।।
े मघवान िम- मि रे नृतम ँ वाजसातौ। व मु मूतये सम-ु ँ वृािण
 शनु ं वम

सित नानाम।।
े ादशच सू, कौो िम इ उिक,् आा गायी वा ितीया सौ
 10.105 कदेक
िपपीिलकमे अा िपु ।्
08.05.26 कदा वसो~ ो ं हयत- आव मशा धाः~। दीघ सतु ँ वातााय।।

ु ा- िवता वे रवान ु शेपा। उभा रजी~ न के िशना पित द।।
 हरी~ य सयु ज
 अप योिर पापज आ मत- न शमाणो िबभीवान।् शभु े ययु ज ्
ु े तिवषीवान।।
 ।् नदयो िवतयो शूर इः।।
 सचायो िर कृ ष -आँ उपानस पय

ु ै। वनोित िशाां िशिणीवान।।
 अिध यौ के शवा- चा न प
08.05.27 ाौ ौजाˆ ऋिे भ- त  शूर शवसा। ऋभनु तिु भ मातिरा।।
 वँ ये सहु नाय दव-े िहरीमशो िहरीमान।् अतहन ु रत
ु 
 रजः।।
 अव नो वृिजना िशशी- ृचा वनमे ानच
ृ ः। नाा य ˆ ऋध जोषित े।।
 ऊा ये ेितनी भू-  धूष ु स।् सज ू नावं यशसं सचायोः।।
 िय े ते पृि पसच ्
े नी भू -िय े दिव ररेपाः। यया े पाे िसस उत।।
 शत ँ वा यदसयु ित ा- सिम ु ˆ इाौत।् आवो यहु े कुपु -ं
ु ˆ इाौ िम

ावो यहु े कुवम।।।। इित पमाायः।।

 अमाके षाायः (वगाः 1-27)


 10.106 उभा उ नूनिमेकादशच सू, कायपो भूतांशोिनौ िपु ।्
े - िव ताथे~ िधयो वापसेव। सीचीना यातव े
08.06.01 उभा उ नून िद दथयेथ~
ेमजीग~- िु दनेव पृ ˆ आ तंसयेथ~
े ।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 810


 उारेव फवरेष ु येथ~
े - ायोगवे  ाा शास ु रेथः। तवे  िह ो यशसा जनेष-ु माप ातं

मिहषवे ावपानात।।
ु ा शकुनेव प ा- पवे  िचा यजरु ा गिमम।् अििरव देवयो दिदवांसा- पिरानेव
 साकँयज
यजथ पु ा।।
 आपी~ वो अ े िपतरेव पु ो-ेव चा नृपतीव~ तयु । इयव प
ु ै िकरणेव भ
ु ै- ु ीवानेव

हवमा गिमम।।
 वंसगवे पूषया िशाता- िमवे  ऋता शतरा शातपा। वाजेवोा वयसा घा- मेषवे षे ा
सपय ु षा।।
 ा3(आ) परी
ु रीत~
08.06.02 सृयेव जभरी~ तफ ु री~ पफरीका। उदज
ू -न ैतोशवे  तफ  वे  जेमना मदे-~
ता मे जराजरं मराय।ु ।
 पवे  चचर.ारं मराय-ु ेवाथष ु ततरीथˆ उा। ऋभ ू ~नाप.रमा खर-ु वाय ु न पफर

य यीणाम।।
 घमव  मध ु जठरे सन ु री~ फािरवारम।् पतरेव चचरा चिनिण-नऋा
े ~-भगेिवता तफ
मना3(आ) न ज मी~।।
 बृहेव गरेष ु ितां- पादेव गाध रत े िवदाथः। कणव शास ु रन ु िह राथो-शवे नो
भजत.ि मः।।
 रेव मेरयथ
 आर े ~
े -सारघवे  गिव नीचीनबारे। कीनारेव ेद मािसिदाना- ामेवोजा सूयवसा
चथे ~
े ।।
 ऋाम ोमं सनयु ाम वाज- मा नो मं सरथेहोप यातम।् यशो न पं मध ु गोरा- भूतांशो
अिनो काममाः।।

।। अथ पिरिशम।।
ु  एके  सवनषे  ु सोमान।् शची मद उत दि णािभ-
 हिविभरेके िरत च-े स

निजायो नरके पताम।। ।। इित पिरिशम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 811


 10.107 आिविरेकादशच सूािरसो िदो दि णा ि ु जगती। (ाजापा
ु तथ
दि णा नाी ऋिषका वा दि णा दातारो वा देवता)।
08.06.03 आिव रभ ू िह माघोन मेषाँ- िवीव मसो िनरमोिच। मिह ोित िपतिृ भ द
मागा-  पा दि णायाˆ अदिश।।
 उा िदिव दि णावो अ-ु य अद ा ह ते सूयण
 । िहरयदाˆ अमत
ृ 
 ं भजे- वासोदा
ोम  ितर आयःु ।।
 दैवी पूित दि णा देवया- न कवािरो निह ते पृणि। अथा नर यतदि णासो-विभया
बहव पृणि।।
 शतधारँ वाय.ु मक िवद- ृच स े अि भ च ते हिवः। ये पृणि  च यि सम-े ते

दि णा हते समातरम।।
 दि णावा थमो तˆ एित- दि णावा ामणी र मेित। तमेव म े नृपितनानाँ- य थमो
दि णा मािववाय।।
ु शासम।् स श
08.06.04 तमेव ऋिष म ु ाण मा- य  ं सामगा म ु  तो वेद
ितो- य थमो दि णया रराध।।
 दि णा ि णा गा दाित- दि णा च मतु यिरयम।् दि णाँ वनते
ु  यो नˆ आा-

दि णाँ वम कृ णतु े िवजान।।
 न भोजाˆ म ु न थ मीय-ु न िरि न थे ह भोजाः। इद ँ यिं भवु न ं ~-ै त व
ि ण
ै ो ददाित।।
 भोजाˆ िज य ु रु िभँ योिन मे- भोजाˆ िज य ु व1(अँ)या सवु ासाः। भोजाˆ िज य ु रपेय ं
ु याˆ- भोजाˆ िज य ु य अता यि।।
सरा
 भोजायां सं मृज ाश-ं ु भोजाया े का3(आ) श
ु माना। भोजेदं प
ु ि रणीव

वेम- पिरृत ेवमानवे  िचम।।
 भोज मा ु ु वाहो वहि- सवु ृ थो वतते दि णायाः। भोज ेवासोवता भरेष-ु भोज शू
मनीकेष ु जेता।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 812


ु ां पिणनामासरा
 10.108 िकिमीेकादशच सूायज ु कादया सरमा
ु ऋषयः, यजामे
ु ऋिषका, अयजां
नाी देवशनी ु कादया पणयिपु ।्
ु सरमा देवता, यजामे
08.06.05 िकिमी सरमा ेद मान- र े ा जगिु र पराच ैः। काेिहित का
पिरतासी- थ ं रसायाˆ अतर पयांिस।।
 इ ती िरिषता चरािम- महˆ इी पणयो िनधी ः। अितदो िभयसा तˆ आव- था
रसायाˆ अतरं पयांिस।।
 कीि रमे का शीका- येद ती रसर पराकात।् आ च गा ि मेना दधामा-था
गवाोपित न भवाित।।
 नाह ँ वेद द भ-  येद ती रसरं पराकात।् न तह
ू ि वतो गभीरा- हताˆ इेण
पणय शये।।
 इमाˆ गाव रमे याˆ ऐ- पिर िदवो अा भु गे पती। क एनाˆ अव सृजा दय ु -
तु ााक मायधु ा सि ित मा।।
े ा व पणयो वचां-िनषा   ु पापीः। अधृो वˆ एतवा अ ु
08.06.06 अस

पाˆ- बृहित वˆ उभया न मृळात।।
 अय ििध रमे अिबु ो- गोिभ रेिभ वसिु भ ृः। र ि तं पणयो ये सगु ोपा- रेकु पद
मलक. माजग।।
 मूव िव भज गोना- मथतै
 एह गम ृषय ोमिशताˆ- अयाो अिरसो नव वाः। त एत

च पणयो वमित।।
 एवा च ं सरम आजग- बािधता सहसा दैने । सारा कृ णवै मा पनु गाˆ- अप ते गवां
ु भजाम।।
सभगे
 नाहँ वेद ातृ ो~ स
ृ - िमो िव रिरस घोराः। गोकामाˆ मे अदय दाय-
मपातˆ इत पणयो वरीयः।।
 र िमत पणयो वरीयˆ - उावो य ु िमनतीर ् ऋतने । बृहितयाˆ अिव िगूा-ोमो
ावाणˆ ऋषय िवाः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 813


ु दवे ा िबु े े अनु भ
 10.109 तेवदिित सच सू, जाया जिवे ु ौ। (ाो
वोनाभ ऋिषः)
08.06.07 तेवद थमाˆ िकिष-े कू पार िललो मातिरा। वीळुहरा पˆ उो
मयोभ-ू रापो देवी थमजाˆ ऋतने ।।
 सोमो राजा थमो जायां- पनु ~ ाय दणीयमानः। अितता वणो िमˆ आसी-
ृ ा िननाय।।
दिहता हग
 हेनवै ाˆ आिध रा- जायये िमित चेदवोच।् न ताय  े त एषा- तथा
रा.िु पत.िय।
 देवाˆ एता मवद पूव- सऋषय पस े ये िनषे ः। भीमा जाया ाण
 ोपनीता- धा

धाित परम े ोम।।
 चारी चरित वेिवष िष-  देवानां भव ेक मम।् तेन जाया मिव ृहित- ोमेन
नीता.ु 1(अ) देवाः।।
 पनु व  देवाˆ अद- पनु मन
ु ाˆ उत। राजान वाना- जायां पनु दः।।
 पनु दाय जाया-ी देव ै िनिकिषम।् ऊज पृिथाˆ भायो-गाय मपु ासते।
 10.110 सिम इेकादशच सू, भागवो जमदििरनूनपािदळो बिहदव ीार
उषासाना दैौ होतारौ सरतीळाभार ा वनित ाहाकृ तयिपु ।् (जमदिः परशरामो

वा)।
08.06.08 सिमो अ मनषु ो रोण-े देवो देवा जिस जातवेदः। आ च वह िममह
ििका- त किव रिस चेताः।।

 तनूनपा थˆ ऋत याना- ा सम दया सिज। मािन धीिभ त य मृ-
ेवा च कृ ण ु र ः।।
ु नˆ ईो वा- याे वसिु भ जोषाः। ेवाना मिस य होता- स एना
 आजा

 ीिषतो यजीयान।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 814


 ाचीनं बिह िदशा पृिथाˆ- वो राˆ वृते अे अाम।्  ु थते िवतरँ वरीयो- देव
े ो

अिदतये ोनम।।
ु मानाः। देवी ारो बृहती िविमाˆ-
 चती िवया िव यां- पितो न जनय श
ु णाः।।
े ो भवत साय
देव
ु यी~ यजत~
08.06.09 आ स े उपाके~- उषासाना सदताि योनौ। िद~
े योषण~

बृहती~ सु ~ ु िपश धान~
े - अिध ियं श े ।।
 दैा होतारा थमा सवु ाचा- िममाना य ं मनषु ो यज।ै चोदया िवदथेष ु का~-
ाचीनोित िदशा िदशा।।
ु िदह चेतयी। ितो देवी बिह रेदं ोन-ं सरती
 आ नो य ं भारती तूयम-े िळा मन

पस द।।
े ावापिृ थवी~ जिनी~- प ै रिपंश वु नािन िवा। तम होत िरिषतो यजीया- ेव
 यˆ इम~

ार िमह यि िवान।।
ृ  ा सम- ेवानां पाथˆ ऋतथु ा हविष। वनित शिमता देवो अि- द ु
 उपावसज
ह ं मधनु ा घृतने ।।
ु गाः। अ होतु िदयृत वािच-
 सो जातो िममीत य - मि दवाना.मभव रो
ाहाकृतं हिव रद ु देवाः।।
 10.111 मनीिषण इित दशच सू, वैपोादं इिपु ।्
08.06.10 मनीिषण  भरं मनीषाँ- यथायथा मतय ि नृणाम।् इं स ै रेरयामा
कृ तिे भ-  िह वीरो िगवण ु िवदानः।।
 ो वृषभो गोिभ रानट ्। उदित िवषण
 ऋत िह सदसो धीित रौ- ाय े ा रवेण- महाि
िच ँ िवाचा रजांिस।।
 वेद- स िह िजु पिथकृ ूयाय। आेनाव.तु ो भवु ो- पित
ु ा अ
 इ िकल 
िदव नज
 ाˆ अतीतः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 815


 इो मा महत ु िण िचि तताना र जांिस- दाधार यो
 ो अणव- तािमना दिरोिभ गृणानः। प
धणं सताता।।
ु म।् मही.िा मातनो ूयण
 इो िदव ितमानं पृिथाˆ- िवा वेद सवना हि श  -

चा िचनने  भीयान।।
 ा वृ म- रदेव शूशवु ान मायाः। िव धृो~ अ धृषता
08.06.11 वेण िह वृह
जघा-थाभवो मघव ाोजाः।।
 िचा- म के तवो रामिव।् आ य  श े िदवो न- पनु यतो निक
 सच यषस ूयण
रा न ु वेद।।
 रिल थमा ज म ु रासा- िम या सव े सरापः
ु ।  िद. बु ˆ आसा- मापो म
वो नून मः।।
ू  रिहना जसाना- आिददेता  िविवे जवने । ममु  ु माणाˆ उत या मम
 सृज ि ु 
ु -े
धेदते ा न रमे िनिताः।।
ु तीिरवाय- ना ारˆ आिरत पूिभ दासाम।् अमा ते पािथवा वसू -
 सीची ि ु मश
 े ज म ु ूनतृ ाˆ इ पूवः।।
 10.112 इ िपबेित दशच सू, वैपो नभः भेदन इिपु ।्
08.06.12 इ िपब ितकाम ं सतु - ाताव व िह पूवपीितः। हष हव े शूर शू-
ु िे भ े वीया3(आ)  वाम।।
न
 ये रथो मनसो जवीया- ने तेन सोमपये ाय यािह। तूयमा ते हरय  व-ु येिभ यािस वृषिभ
ममानः।।
 हिरता वचसा सूय- े ै प ै ं शय। अािभ िर सिखिभ वान- ीचीनो
मादया िनष।।
 य े मिहमानं मदेि-मे~ मही~ रोदसी नािविवाम।् तदोकˆ आ हिरिभ िर य
ु ै -
ियिे भ यािह िय म म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 816


 य श िपवा इ शूननानकृु ा रया चकथ। स ते परु ि िवषी िमयित- स ते
मदाय सतु ˆ इ सोमः।।
08.06.13 इदे पां सनिव िम- िपबा स
 ोम मेना शततो। पूणˆ आहावो मिदर
मो- यँ िव इदिभहयि देवाः।।
ु मा-नीमा भवु 
 िव िह ािम पु धा जनासो- िहतयसो वृषभ य।े अाक े मधम
वना तेष ु हय।।
  त इ पूािण  नून-ँ वीया वोचं थमा कृ तािन। सतीनम ु रथायो अिं - सवेु दना मकृणो

ण े गाम।।
 िन ष ु सीद गणपते- गणषे  ु ामा िवतमवीनाम।् न ऋत े ियते िकना-रे महा मक
मघव ि चमच।।
ु  सखीनाम।् रणिध रणकृ श
 अिभा नो मघव ाधमाना- खे बोिध वसपते ु ा-भे

िचदा भजा राय े अान।।
 10.113 तमेित दशच सू, वैप शतभेदनो जगा िपु ।्
ु  मावताम।् यदै ृ वानो
08.06.14 तम ावापिृ थवी~ सचेतसा- िवेिभ दव ै रन ु श
ु ा अवधत।।
मिहमान िमिय-ं पीी सोम तम
 तम िव ु मिहमान मोजसा-श ु धा धनु ो िव रते। देविे भ िरो मघवा सयाविभ-
वृघ
 ा अभव रेयः।।
े  यदिहना िब दायधु ा- समिताˆ यधु ये शंस मािवदे। िवे ते अ मत ह ना-वध
 वृण

ु मिहमान िमियम।।
 ज ानˆ एव बाधत ृध- ापय ीरो अिभ पं रणम।् अवृ दि मव सद ृज-

दा ाकं  पया पृथमु ।।
 आिद ा तिवषी रपत- वरीयो ावापिृ थवी~ अबाधत। अवाभर ृिषतो व मायस-ं शेवं
िमाय वणाय दाशषु ।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 817


08.06.15 इा तिवषीो िवरिनˆ- ऋघायतो अरंहय मवे। वृ ँ यो वृ
दोजसा-पो िबत मसा परीवत ्
ृ म।।
 या वीयािण थमािन का- मिहिे भ यतमानौ समीयतःु । ा मोव दसे हत- इो मा
पूवता वपत।।
 िवे देवासो अध वृािन ते-वधय ोमवा वचया। रँ वृ मिह िम हना-

िन ज ै ृ मावयत।।
ु  चमु िु र दय-
 भूिर द िे भ वचनिे भर ् ऋिभ- िे भ ािन  वोचत। इो धिन
ामना णतु े दभीतय।े ।
ु या भरा ा- येिभ मस ै िनवचनािन शंस।् सगु िे भ िवा िरता तरेम- िवदो~ ष ु णˆ
 ं प
उिवया गाध म।।
 10.114 घमित दशच सू, वैप ििवेदवे ा ि ु जगती। (तापसो घम वा
ु तथ
ऋिषः)
ृ  ँ ापत-ु यो जिं
08.06.16 घमा समा िवत ु  मातिरा जगाम। िदवयो िदिधषाणाˆ

अवेष- ि दवा हसामान मकम।।
 ितो देाय िनऋती पासते- दीघतु ो िव िह जानि वयः। तासा ि िचु कवयो िनदानं-
ु षे ु तषे ।ु ।
परेष ु या ग
ु पदा यवु ित पु श
 चत े ाˆ- घृततीका वयनु ािन वे। तां सपु णा वृषणा िन षेदत-ु य देवाˆ

दिधरे भागधये म।।
 एक पु ण  समु मािववश
े - स इद ँ िवं भवु न ँ िव च।े तं पाके न मनसापय मित- ं

माता रेि स उ रेि मातरम।।
 सपु ण
  िवा कवयो वचोिभ- रेकं सं बधा कयि। छांिस च दधतो अरेष-ु हा
ोम िममते ादश।।
08.06.17 षिं शाँ चतरु  कय- छांिस च दधतˆ आादशम।् य ँ िवमाय कवयो
मनीष- ऋामाां  रथँ वतयि।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 818


 चतदु शा े मिहमानो अ- तीराˆ वाचा णयि स। आान ीथˆ इह  वोच- ेन
पथा िपब े सतु ।।
 सहध ु ा- यावावापिृ थवी~ ताविदत।् सहधा मिहमान हँ- याव
 ा पदशा

िवित ावती वाक।।
 कछसाँ योग मावेद धीर- को िधां ित वाचं पपाद। कमृिजा मम ं शूरमा- हरी~

इ िन िचकाय क ित।।
ु ासो अःु । म दाय ँ िव भजेो- यदा यमो
 भूाˆ अं पयके चरि- रथ धूष ु य
भवित ह  िहतः।।

 10.115 िच इित नवच सू, वािह उपतोिजगती, अमी नवौ ि
ु य।
ू ा यिद जीजन
08.06.18 िचˆ इिशो ण व थो- न यो मातरा विे त धातव।े अनध

दधा च न-ु वव  सो मिह 1(अ)र।।
 अिह नाम धािय दपम- ँ यो वना यवु ते भना दता। अिभम
 रु ा जु ा रˆ- इनो न
ोथमानो यवस े वृषा।।
 तँ वो िव ुषद ेव मसˆ- इं ोथ ं वप मणवम।् आसा वि शोिचषा िवरिनं-
मिहत सरज मनः।।
 िव य ते यसानाजर- ध ो न वाता पिर सतु ाः। आ रवासो ययु धु यो न सन
 -
ितश  िशषˆ इये।।
 स इदि कवतम कवसखा-य परार तषः। अि पात ु गृणतो अि ूरी-
नि ददात ु तेषा मवो नः।।
08.06.19 वािजमाय सस े सिु प- तृष ु वानो अन ु जातवेदसे। अनु े िचो धृषता वरं
सत-े मिहमाय धन े दिवत।े ।
 एवाि मत ह सूिरिभ- वस ु वे सहस ूनरो नृिभः। िमासो न ये सिध
ु ताˆ ऋतायवो- ावो

ु ै रिभ सि मानषु ान।।
न 

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 819


 ऊज नपा हसाव िित -ोपतु  वते वृषा वाक।् ां ोषाम या सवु ीरा- ाघीयˆ
आयु तर धानाः।।
 इित ाे वृिह पु ाˆ- उपतु ासˆ ऋषयोवोच।् ताँ पािह गृणत
  सूरी- ष

षिळ.ूासो अन -मो नमˆ इूासो अन ।।
 10.116 िपबेित नवच सू, ौरोियतु इिपु ।् (अियूपो वा ऋिषः)।
08.06.20 िपबा सोमं महत इि याय- िपबा वृाय हव े शिव। िपब राय े शवस े यमान-
िपब म ृपिदा वृष।।
 अ िपब मु त ित-े  सोम वरमा सतु । िदाˆ मनसा मादय-ावाचीनो
रेवते सौभगाय।।
 मम ु ा िद ोमˆ इ- मम ु य ूयते पािथवषे ।ु मम ु येन विरव कथ- मम ु येन

िनिरणािस शून।।
 आ िबहाˆ अिमनो यािो- वृषा हिरां पिरिष मः। गा सतु  भृत म- ा
खेदामशहा वृष।।
ु यातज
 िन ित मािन ाशय ाया –व िरा तनिह ू ाम।् उाय ते सहो बल दािम-
ु न
तीा शू िगदषे  ु वृ।।
ु वां-ोज ि रेव धनोिभमातीः। अ वावध
08.06.21 1(अ)यˆ इ तनिह ृ ान
होिभ- रिनभृ  ँ वावध
ृ ।।
ु  ं रात-ं ित सा ळणानो गृभाय। त
 इदं हिव मघव  ु  ं सतु ो मघव 
ु  ं पो3( ओ)-
ी िपब च ित।।
े ा हविष- चनो दिध पचतोत सोमम।् य ित हयामिस ा- सा
 अीिद ितम
 ु यजमान कामाः।।
ु ा िमयिम- िसािवव ेरय ावमकः। अयाइव पिर चरि देवाˆ- ये अ
 ेािां सवच
नदाˆ उिद।।

 10.117 न वा इित नवच सूािरसो िभ धनादानं िबु ाे जगौ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 820


08.06.22 न वा उ देवाः धु  िमध - तािशत मपु  गि मृवः। उतो~ रिय
 ो नोप द-तु ापृण िडतार िवते।।
पृणत
 यˆ आाय चकमानाय िपो-वा िफता.योपज मषु ।े िरं मन कृ णतु े सेवत े परु ोतो~-
िच मिडतार िवते ।।
 स इोजो यो गृहवे ददा –कामाय चरत े कृ शाय। अरम ै भवित यामता -उतापरीष ु

कृ णतु  े सखायम।।
 न स सखा यो न ददाित से- सचाभवु  े सचमानाय िपः। अपाा ेया तदोको अि-

पृण म मरणििदेत।।
 पृणीयािद ाधमानाय ता- ाघीयांस मन ु पयेत पाम।् ओ~ िह वत े रेव चा-
म मपु  ित रायः।।
ु ित नो~
08.06.23 मोघ मँ िवते अचते ा-  ं वीिम वधˆ इ त। नायमणं प
सखाय-े वलाघो भवित के वलादी।।
 ि ालˆ आिशत णोित- यान मप वृे चिरैः। वद ा वदतो वनीया- ृणािप
 कृ श

रपृण मिभ ात।।
 एकपा ूयो िपदो िव चमे- िपा िपाद मिे त पात।् चत
ु ादेित िपदा मिभरे- संपय
ी पितमानः।।
 समौ िचौ न सम ँ िविव- ंमातरा िच. सम हाते। यमयो ि समा वीयािण- ाती~
िचौ न सम ं पृणीतः।।
 10.118 अे हंसीित नवच सूामहीयव उ यो र ोहािगायी।
08.06.24 अे हंिस 1(अ)िण- ी ा। े ये शिु चत।।

ु म.िर।।
 उििस ातो- घृतािन ित मोदसे। या च
ु ा तीक मते।।
 स आतो िव रोचते-ि रीळेो िगरा। च
 घृतने ाि मते- मधु तीकˆ आतः। रोचमानो िवभावसः।।

े ो हवाहन। ता हव माः।।
 जरमाण िमसे- देव

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके षाायः (वगाः 1-27) Page 821



08.06.25 तं मताˆ अम-ृतने ािं सपयत। अदा.ृहपितम।।
 अदाने शोिचषा-े र  ह। गोपाˆ ऋत दीिदिह।।

 स म े तीकेन- ोष यातधु ाः। उ येष ु दीत।।
 ता गीिभ  याˆ- हवाहं समीिधरे। यिजं मानषु  े जने।।
 10.119 इित वा इित योदशच सूैो लबो गायी।
ु .िमित। कुिव ोमापा.िमित।।
08.06.26 इित वा इित मे मनो- गामं सनया
ं त। कुिव ोमापा िमित।।
  वाताइव दोधतˆ- उा पीताˆ अयस
ं त- रथ माइवाशवः। कुिव ोमापा िमित।।
 उा पीताˆ अयस
 उप मा मित रित- वाा पु िमव ियम।् कुिव ोमापा िमित।।
 अहेव वरु ं- पयचािम दा मितम।् कुिव ोमापा िमित।।
 निह मे अि प -नााु प कृ  यः। कुिव ोमापा िमित।।
े अ ं प न ित। कुिव ोमापा िमित।।
08.06.27 निह मे रोदसी-उभ~
 अिभ ां मिहना भवु -मभी3(ई)मां पृिथव महीम।् कुिव ोमापा िमित।।
 हाहं पृिथवी िममा-िदधानीह वेह वा। कुिव ोमापा िमित।।
 ओषिम ृिथवी मह-ना नीह वेह वा। कुिव ोमापा िमित।।
 िदिव मे अ प ो3(ओ)-धो अ मचीकृ षम।् कुिव ोमापा िमित।।
 अहमि महामहो-िभन मदु ीिषतः। कुिव ोमापा िमित।।
े ो हवाहनः। कुिव ोमापा िमित।।।।इित षाायः।।
 गृहो यारतो- देव

 अमाके समाायः (वगाः 1-30)


 10.120 तिदिदित नवच सूाथवणो बृहिव इिपु ।्
08.07.01 तिददास भवु नषे  ु े-ँ यतो ज उ
 ेषनृः। सो ज ानो िन िरणाित शू-
नन ु यँ िवे मदम
ू ाः।।
ृ ान शवसा भूयजा- श ु दासाय िभयस धाित। अन न सि- से नव
 वावध

भृता मदेष।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 822


 े त ु मिप वृि िवे- िय देत े िभव ूमाः। ादो ादीय ाना सृजा- स
 मद  ु
मध ु मधनु ािभ योधीः।।
 इित िचि ा धना जय-ं मदेमदे अनमु दि िवाः। ओजीयो धृो~ िर मातन
ु - मा ा
दभ ातधु ाना रेवाः।।
 या वय ं शाशहे रणेष-ु पयो यधु 
े ािन भूिर। चोदयािम त आयधु ा वचोिभ- े
िशशािम णा वयांिस।।
े  ं पु वपस मृ- िमनतम मा माानाम।् आ दषते शवसा स दानू-
08.07.02 षु 
सा ते ितमानािन भूिर।।
ू - अतˆ इनोिष
 िन तिधषे वरं पर- यि ािवथावसा रोण।े आ मातरा ापयसे िजग~
ु िण।।
कवरा प
 इमा ब बृहिवो िवव-ीाय शूष मिय षाः। महो गो यित राजो- र िवाˆ
अवृणो दप ाः।।
 ा ृहिवो अथवा-वोच ा.1(अ)िममवे । सारो मातिररी रिरा-
 एवा मह
िहि च शवसा वधयि च।।
 10.121 िहरयगभ इित दशच सू, ाजापो िहरयगभः जापितिपु ।्
08.07.03 िहरयगभ मवतताे- भूत जात पित रेकˆ आसीत।् स दाधार पृिथवीा
मतु म
े ा- ै देवाय हिवषा िवधेम।।

 यˆ आदाˆ बलद ाˆ य िव -उपासत े िशषँ य देवाः। य छायामृत ँ य मृ-
क ै देवाय हिवषा िवधेम।।
ु द- क ै
 य ाणतो िनिमषतो मिह-ैकˆ इाजा जगतो बभवू । यˆ ईशे अ िपद त
देवाय हिवषा िवधेम।।
 येम े िहमवो मिहा- य समु ँ रसया सहाः। येमा िदशो य बा~क ै देवाय
हिवषा िवधेम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 823


 येन ौा पृिथवी च ा- येन ~ िभत ँ येन नाकः। यो अिर  े रजसो िवमान- क ै
देवाय हिवषा िवधेम।।
े - अ ै ते ां मनसा रेजमाने~। यािध सूरˆ उिदतो
08.07.04 यसी~ अवसा तभान~
िवभाित- क ै देवाय हिवषा िवधेम।।
 ी िव माय- भ धानाˆ जनयी रिम।् ततो देवानां समवततास ु रेक-
 आपो ह यृहत
क ै देवाय हिवषा िवधेम।।
 यिदापो मिहना पयपय-   धानाˆ जनयीय म।् यो देव
े िध देवˆ एकˆ आसी – ै
देवाय हिवषा िवधेम।।
 मा नो िहंसी िनता य पृिथा- यो वा िदवं सधमा जजान। याप ा बृहत
 ी जजान-
क ै देवाय हिवषा िवधेम।।
जापते न देताो- िवा जातािन पिर ता बभवू । यामा े जु म ो अ-ु वय ं ाम

पतयो रयीणाम।।

 10.122 वसिमच सू, वािसिमहा अिजगती आा पौ िभ
ु ौ।
ृ ीषे- वाम ं शेव मितिथ मिषेयम।् स रासते शु धो
ु िच महसण
08.07.05 वस

िवधायसो-ि हता गृहपित वु ीयम।।
 जषु ाणो अ े ित हय मे वचो- िवािन िवा यनु ािन सतो~।
ु घृतिनिण ण े गात ु मेरय-

तव देवाˆ अजनयन ु तम।।
 स धामािन पिरयम- दाश ाशषेु  सक
ु ृ ते मामह। सवु ीरेण रियणा े ाभवु ा- य
आन िमधा तषु ।।
 ं परु ोिहत-ं हिवˆ ईळते स वािजनम।् व मि.ृतपृ म ु णं- पृण
 य  के त ं ु थम

 े सवु ीयम।।
ेव ं पृणत
 त थमो वरेय-  यमानो अमत ु गृह-े ां
ृ ाय म। ां मजय तो दाशषो

ोमेिभ भृगवो िव चः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 824


08.07.06 इष ह ु घाँ िवधायसँ- य िये यजमानाय सतो~।
ु अे घृतिु र ्
ु तूयसे।।
ऋतािन दी- ित य ं पिरय 
 ािम दाˆ उषसो िु ष-ु तवानाˆ अयज मानषु ाः। ाेवाˆ महय ृ -ु रा
 ााय वावध
मे िनमृजो अरे।।
 िन ा विसाˆ अ वािजन-ृणो अे िवदथेष ु वेधसः। राय ोषँ यजमानेष ु धारय -यूय ं
पात ििभ दा नः।।
 10.123 अयिमच सू, भागवो वेनो वेनिपु ।्
08.07.07 अय ँ वेन ोदय ृिगभा- ोित जरायू रजसो िवमाने। इम मपां सम े सूय-
ु िवाˆ मितभी िरहि।।
िशश
 समु ा िम मिु दयित वेनो- नभोजा पृं हयत दिश। ऋत साना विध िविप ा- मान ँ
योिन मनषू त ाः।।
 समान ं पूव रिभ वावशाना- ि  मातर नीळाः। ऋत साना विध चमाणा-
िरहि मो अमत
ृ  वाणीः।।
 जानो प मकृप िवाˆ- मृग घोषं मिहष िह म।् ऋतने  यो अिध िस ु म-ु
िवद व अमत
ृ ािन नाम।।
 अराˆ जार मपु िसियाणा- योषा िबभित परम े ोम।् चरिय योिनष ु िय -
ीद े िहरयये स वेनः।।
08.07.08 नाके  सपु ण मपु यत-ं दा वेनो अच त ा। िहरयप  ँ वण त-ँ

यम योनौ शकुन ं भरु यमु ।।
ु ािन। वसानो अं  सरु िभ श े
 ऊ गव अिध नाके  अा- ि ा िब दायध
कं - 1(अ)ण नाम जनत ियािण।।
  मु मिभ यिगाित- पय ृ च सा िवधम।् भान ु श
ु े ण शोिचषा चकान-
ृतीये चे  रजिस ियािण।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 825


 10.124 इमं न इित नवच सूाायाः पािद चतसृणां चािवणसोमा ऋषयः,
ितीयािद ितसृणामिऋिषः, आानां चतसृणामिः, पमी समीनां वणः षाः सोमो
नवाः सोमेौ ि
ु मी जगती।
ृ  ं सतमु ।् असो हवाळु त न परो
08.07.09 इमो अ उप य मेिह- पयाम िवत ु गा-
ोगेव दीघ मˆ आशियाः।।
ु य-पयमानो अमृत मेिम। िशव ँ य मिशवो जहािम- ा
 अदेवा ेव चता गहा
ा दरणी.ािभ मेिम।।
ु िण। शंसािम िप े असरु ाय शेव-
 ाˆ अितिथँ वयायाˆ- ऋत धाम िव िमम े प
 पय
मयि या ि यं भाग मेिम।।
 े वे-
 बी माˆ अकर म रि- िँ वृणान िपतर.हािम। अि ोमो वण

पयावा दवा ाय।।
 िनमायाˆ उ े असरु ाˆ अभूव- मा वण कामयास।े ऋतने  राजनृत ँ िविव- म
राािधप मेिह।।
08.07.10 इदं िरद िमदास वाम- मय ं काशˆ उव1(अ)िर म।् हनाव वृ िरेिह सोम
हिवा- सं हिवषा यजाम।।
ू ी वणो िनरप ृजत ् । म
 किव किवा िदिव प मासज- दभत े वानाˆ जनयो न
ु यो भिरित।।
िसव- ाˆ अ वण शच
 ताˆ अ े िमिय ं सचे- ताˆ ईमा िे त धया मदीः। ताˆ  िवशो न राजान ँ वृणाना-

 वु ो अप वृा दित।।
बीभ
 बीभ
 न ु  ं हंस मा- रपा िानां स े चरम।् अनु ुभ मन ु चचूयमाण- िम ि
ू ां सयज
िचु कवयो मनीषा।।

 10.125 अहं ेिभिरच सूाृिणवागाृिणवािपु ितीया जगती।
08.07.12 अहं ेिभ वसिु भ रा-ह मािद ै त िवदेवःै । अहं िमावणोभा िबभ -ह
िमाी~ अह मिनोभा।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 826


 अहं सोम माहनसं िबभ-ह ार मतु पूषणं भगम।् अह धािम िवण ं हिवत-े
ु 3े (ए) यजमानाय स
सा ु त।े ।
 अहं राी समनी वसूना-ििकतषु ी थमा यि यानाम।् तां मा देवाˆ दधु पु ा- भूिराां

े यीम।।
भूयावश
ु म।् अम
 मया सो अ मि यो िवपयित- य ािणित यˆ  णो   वो मा उप ि यि-
िु ध तु िवे वदािम।।
 अह मेव य िमद ँ वदािम- जु ेविे भ त मानषु िे भः। यामये त मु .णोिम- तं ाण
मृिष ं समु ध ्
े ाम।।
08.07.12 अहं ाय धन ु रातनोिम- िषे शरव े हवा उ। अहनाय समद.णो-ह
े ।।
ावापिृ थवी~ आिववश
 अहं सवु े िपतर म मूध- म योिन र1(अ)~ मु े। ततो िव ित े भवु नान ु िवो-
तामूाँ वणोप ृशािम।।
 अह मेव वातइव  वाा-रभमाणा भवु नािन िवा। परो िदवा परˆ एना पृिथ-ै तावती मिहना
सं बभवू ।।
 10.126 न तिमच सू, शैिषः कुल बिहषो िवेदवे ा उपिरा हृ ा िपु ।्
ु ाि क ऋिषः। कुल बिहष इदं ाितपिदकम)।्
(अ वामदेहोम
08.07.13 न तमंहो न िरत- ेवासो अ मम।् सजोषसो यमयमा- िमो नयि वणो
अित िषः।।
 ति वय ँ वृणीमहे- वण िमायम।् येना िनरंहसो यूय-ं पाथ नेथा च म मित िषः।।
 ते नून ोय मूतये वणो िमो अयमा। नियाˆ उ नो नेषिण- पिषाˆ उ न पषयित िषः।।
ु ाकं  शमिण िय-े ाम सणीत
 यूय ँ िवं पिर पाथ- वणो िमो अयमा। य ु योित िषः।।
 आिदासो अित िधो- वणो िमो अयमा। उ ं मी ं वम
े -े  मिं येित
िषः।।
 नेतारˆ ऊ ष ु ण िरो- वणो िमो अयमा। अित िवािन िरता- राजान षणीना मित िषः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 827


 शनु म मूतये- वणो िमो अयमा। शम य ु सथˆ -आिदासो यदीमहे अित
िषः।।
ु ता यजाः। एवो 1(अ) 
 यथा ह  सवो गौयि- िद िषता मम ु ता ंह- 
ताये तर आयःु ।।
 10.127 राीच सू, सौभरः कुिशको रािगायी। (अ भाराजी रािऋिषका
पाि की)।
08.07.14 राी  दायती- पु ा दे1(अ) िभः। िवाˆ अिध ियोिधत।।
 ओवाˆ अमा िनवतो- दे1ु (उ)तः। ोितषा बाधते तमः।।
 िन सार मृ तो-षस ेायती। अपे हासते तमः।।
 सा नो अ याˆ वय-ि ते यामिविह। वृ े न वसितँ वयः।।
 िन ामासो अिव त- िन पो िन पि णः। िन येनास िदिथनः।।
 तु रा भव।
 यावया वृ1(अँ)वृकँ- यवय ेन मू। अथा न
 ँ  मित। उषˆ ऋणवे  यातय।।
 उप मा पेिपश म- कृ 
 उप ते गाइवाकरँ- वृणी िहत िदवः। राि ोम िज यषु ।े ।

 ।। अथ पिरिशम।।
 आ राि पािथवं रज- िपतर ाय ु धामिभः। िदव दांिस बृहती िव ितस- आ ेष ँ वतते
तमः।।
ु ासो नवित नव। अशीित ा- उतो ते स सतीः।।
 ये ते राि नृच सो- य
े नीम।् भां भगवतीाँ- िव जगतो िनशाम।।
 रा प े जनन- सवभूतिनवश ्
 सँविे शन सँयिमनी-हन मािलनीम।् पोहं िशवां रा- भे पार मशीमिह।। [भे पार
मशीमोमः]
 ो देव- शरयां बृचियाम।् सहस
 ोािम यत ु
 िं मता गा।।ातवेदसे सनवाम ्
सोमम।।
ु ा-रातीयतो िन दहाित
 शाथ िजातीना- मृिषिभ ोमपािताः। ऋ वेद े ं सम
वेदः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 828


 ये ािे व पि- ाणा हवाहनीम।् अिवा बिवा वा- स न पष दित गािण
िवा।।
 ये अिवणा शभु ां सौा-ीतियि ये िजाः। तां ारयि त गािण- नाववे  िस ु
िरतािः।।
 गष  ु िवषम े घोरे- सामे ु टे।
िरपस अिचोरिनपातेष ु -हिनवािरिण।।
(ह
 िनवािरयोमः)।
 गष  ु िवषम
 षे ु ं- सामेष ु वनषे  ु च। मोहिया प-े  तेषां मे अभय।। [तेषां मे
अभय
 
 वमः]।।
ू ानां- पमीित च नाम च। सा मां समा िनशा देवी- सवत पिर र त।ु । [सवत
 के िशन सवभत
पिर र ोमः]।।
ु म।् गा ेव शरण महं प-े सतु रिस
 ता मिवणा पसा ल- वैरोचनीमफलेष ु जा
तरसे नम- तु रिस तरसे नमः।।

 गा गष  ु ानेष-ु शो देवी रिभय।े य इम गाव ं पु यं- राौराौ सदा पठेत।।
् राीस
 राि कुिशक ौभरो- रािवा भाराजी रािवायम।। ू प े ि- ाल
मपु पत।े न योिनं पनु रायाित- सवपाप ै म
ु त।े ।
 ीरेण ािपता -गा चनेन िवलेिपता। िबप
 कृ तापीडा- नमो ग  नमो नमः।।
े ो मानषु 
ू िपशाचे- वसपसरीसृप ैः। दैव
 सवभत ्
े - उभयेोिभर  माम।।
 या ऋ वेद े तु ा- देवी कायपेन उदाता। जातवेदभा गौरी- जातवेदसे सनवाम
ु ्
सोमम।।
ु सरु ै िजवरै - िपशाचोरगरा स ैः। अराितभय उ-े अरातीयतो िन दहाित वेदः।।
 सरा
े पथ े घोरे- सामेष ु च गौतमी। सव र त ु िरत ं स न- पषदित गािण िवा।।
 गजार
 े सम
 महाभय ु िरतािः।।
ु -े रि च जपि च। सव ारयत े गा- नाववे  िस

 य इम गाव-ं पु यं वि च जपि च। िष ु लोकेष ु िवात -िष ु लोकेष ु पूिजतम।।
 अपु ो लभत े पु ा- नहीनो धन ँ लभते ।् अच  ु लभत े च  ु बो- म ्
ु ते  बनात।।
ु त-े रोगा दरोगी िय मायु ात।् ददाित कािमत ं सव।।ाायिन नमो ु ते।।
 ािधतो म

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 829


 [उकयात ं ु शश
ु  ु िह- यात ु मतु कोकयातमु ।् सपु ण
ु कयात  यात ु मतु गृयात ु -ष देव मृण
र  इ।।
 िपशभिृ  मृण-ं िपशािच िम सं मृण। सव र ो िन बहय]।।

 ।। इित पिरिशम।।
 10.128 ममा इित नवच सूािरसो िवहो िवेदवे ािबु ा जगती।
े -ु वय ेाना ं पषेु म। ममां िदश त-
08.07.15 ममा े वच िवहव
े  पृतनाˆ जयेम।।
या ण
 मम देवाˆ िवहव े स ु सव- इवो मतो िव ु रिः। ममािर मु लोक म-ु मँ वात

पवताामे अि।।
 ा यजां- माशी र ु मिय देवितः। दैाˆ होतारो वनषु  पूव- िरा
 मिय देवाˆ िवणम
ाम ता सवु ीराः।।
 मँ यज ु मम यािन हाकू ित- ा मनसो मे अ।ु एनो मा िन गा.तम.नाहँ- िवे
देवासो अिध वोचता नः।।
 देवीळु व ण कृ णोत- िवे देवासˆ इह वीरयम।् मा हािह जया मा तनिू भ- मा रधाम

िषत े सोम राज।।
08.07.16 अे म ं ु ितनदु रेषा- मदो गोपा पिर पािह न म।् ो य ु िनगतु 

पनु ~े3( ए)-मैषाि ं बधु ा िव नेशत।।
ॄ ां भवु न यित- दव ातार मिभमाितषाहम।् इम ँ य मिनोभा बृहित- दवा
 धाता धातण

पा ु यजमान थात।।
 उ ु त पु  ःु । स न जाय ै हय मृळय-े  मा
 चाˆ नो मिहष शम यंस- दि वे प
नो रीिरषो मा परा दाः।।
 ये न पाˆ अप ते भव -िािा मव बाधामहे तान।् वसवो ाˆ आिदाˆ उपिरश
ृ -ं

मोेार मिधराज म।।

।। अथ पिरिशम-1।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 830


 अवा िम ममतु ो हवामहे- यो गोिज नि ज दिजः। इम ो ह ँ िवहव े जषु ा-
कुो हिरवो मेिदना।।

 ।। इित पिरिशम।।

 ।। अथ पिरिशम-2।।
ु  ँ वच-ं रायोष मौिदम।् इदं िहरयँ वच-  ैाया िवशता िदमाम।।
 आय ्
 उवै ािज पृतनाषा- भासाह नयम।् सवा मा ऋयो- िहरयेि मािहताः।।

 शनु महं िहरय- िपत ु मानेव जभ। तेन मां सूयच- मकरं पूष ु ियम।।
 साज िवराजा-िभि या च मे वु ा। ली रा या मख
ु -े तया मािम सं सृज।।
ृ  ँ य े अिध मष।ु य एन ेद स इदेन महित- जरामृ ु भवित
 अे जात ं पिर यिरय- ममत
यो िबभित।।
 येद राजा वणो- य देवी सरती। इो य  ा वेद- ते वचस आयषु ।े ।
ृ ह
 न त ांिस न िपशाचा रि- देवाना मोज थमज ं े3(ए)तत।् यो िबभित दा ायणा िहरयं-
स देवषे  ु कृ णतु े दीघ माय ु - मन
ु षे ु कृ णतु े दीघ मायःु ।।
ु माना। त आ बािम शतशारदा-
 यदाब ा ायणा िहरयं- शतानीकाय समन

ु ारदि यथासत।।
याय
ु वु ण- नय ण ारिय।ु ऋणपा दधरां कृ वदा- रोह मां
 घृताु  ं मधम
महत े सौभगाय।।

 िय ं मा कु देवषे -ु िय ं राजस ु मा कु। िय ँ िवेष ु गोषे -ु मिय धेिह चा चम।।
 अि यन िवराजित- सूय येन िवराजित। िवराेन िवराजित- तेनाा णते िवराज
सिमध।।

 ।। इित पिरिशम।।

 ।। अथ पिरिशम-3।।
 यायि नोरय- ू रााँ वधिू मव। तां ण ु -  तार मृत।ु ।
 ाप िनण
ु पां भयरीम।् य ािहणो िदहा- ाँ िव तँ योजयासिभः
 शीषवतीणवत- िवष ु ।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 831


 येन िदेह वहिस- ितकूल मघाियिन। तमेवते ो िन वत- माा ृो अनागसः।।
 अिभवत कतार- िराािभ रोजसा। आय ु र िन कृ 
  -जा पु षािदिन।
 े चकारेह- त पनु नवे। अराती कृ े नाशय- सवा यातधु ाः।।
या कृ 
 ि े िन वत- कतरु व
े गृहाित। पशू
ं वै ा नाशय- वीरांा िन बहय।।
 े िजघाय- िवा अिवषो गृहान।् तैवते  परेाश-ु तन
 या कृ  ु  िध पः।।

 तीची ापसेधत-ु  रोिचिमहा। अि कृ े र ोहा- िरहा चाज एकपात।।
 यथा ािरस- पूव भृगव ाप सेिधरे। अय विसा- तथवै ाप सेिधम।।
 ये पंिष सधौ- रथवे िवभ ु िधया। त त तेयन- म ात े अयनः।।
 े ो-ि न ू मृ
यो न कि णो- वा कि ाोिभ िहंसित। त ोिरव
हेिळता।।
 भवाशवा देवहेिळ- मत पापकृन।े हरती  कृ े- मोिष  िकन।।
 यो न कि ुहाराित- मनसा ितभषू ित। रो वािको- वा त  मसृिब।।
 येनािस कृ े िहता- ने ा िघांसया। त ानाान- िहन ु हरसाशिनः।।
 ये न िशवास पान- परायि परावतम।् तैदि व राा कृ ा -नो गमय ानक
ु ृ य।े ।
 यिद विै ष िप ा- िद वैिष चत ्
ु दी। िनरते ो जाािभ -कत ु रापदी गृहान।।
 यो न शपा दशपतो- य न शपत शपात।् वृ िमव िव ु दाश ु -तमामूला दन ु शोषय।।
 यिो य नो ेघाय-ु य न शपात।् शनु े िपिमव ाम- ं  मृवे।।

 य साप शपथो- य यामी शपाित नः। ा च यु शपा- व ृ धदम।।
 सब ु ाब
ु - यो अा अिभदासित। त ं िभिधाय- पदा िवू य तिरः।।

ु ा त ु शपथ ं रथे। शू निी कृ े- वृकीवा िवमतो गृहान।।
 अिभ ेिह सहा -ँ य
 पिर णो वृिशपथा- हि िरव दम।् शू नेवािभतो जिह- िदा वृ िमवाशिनः।।
ू  े ोथ शपथा-ृ ा सु दोसु त।् िजा ा- द िम.ातवेदसम।।
 श ्
 ं परु ा- िशव ि णत कृ िध। अभय ं सतत ं पा-  म
 असप ु रतो गृह।े ।
 परेिह कृ े मा ित- िवेव पदय। मृग िह मृगािर ो- न ा नीकत ु महित।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 832


 ु पेिवनािशिन। जृिता ितग
अाेव घोरपे- िवष ृ ी- य मादाय चात ्
ु म।।
 िमो यमो वण- मापोि रथािनलः। ं ा च ैव - ा चवै जापितः।।
 आवत िवत मृतव- पिरवराः। अहोराा ाा- िश िदश  मे।।
 ँ यम ँ वण ं सोम- मापोि मथािनलम।् अा ु ादयिस चात
ूं वै -म
 पश ्
ु म।।
 ये मे दमे दागभ- शयान िया सिहत ं पु ष ि जः। कुीपाकरक ीवबं -हता एव ं
पु षासो यम।।
 अाा लता- सव ो िरत ह। जानीथा वै  कृ ाना-तॄ ॄापचेतसः।।
 यथा हि परु ासीन- थवै  ु ृ रः। तथा या यज
े ा सक ्
ु ा वय- िकृ  म ा ु जमम।।
 उिवै परेहीतो ात-े  िकिमह
े िस। ीवा े कृ े पादौ- चािभ कािम िव व।।

 ा ि नो-सयो िव चवै  पंिष ते। त ैे िनकृ  म ाु -े  यिद नो जीवयरीन।।
 ायस
ु दम।् मा ाती ननज
 माोिषो िपदं- मोत िकित ु ा- ूवा ा वेिश ितविे शनौ।।
ू ता िहतािस- ने ािभ यथायतः। तत था ा नदु त-ु योय म मिय ितः।।
 शय
 एव िकृ ताािभ- ण
 ा देिव सवशः। यथेत मािता गा -पापधीिनव नो जिह।।
ु तो वृ - आमूला दन ु श
 यथा िव ु ित। एव ं स ितशत
ु -ु  यो मे पापिकीषित।।
ु भूा- तमेव ितधावित। पाप मेव ावत-ु यो मे पाप िकीषित।।
 यथा ितशको

 यो न ो अरणो- य िनो िजघांसित। देवा ं सव धूव-ु  वम ममारम।।
 उा म ु ोमा- कृ ण
ु राधो अिवः। अव  िषो जिह।।
 कुबेर ते मख
ु -ं रौि ान मावह। रम ्
ृ भु योरँ िवश- नाशय मे रम।।
े न।े यो मे के शनख े कुया- दने दधावन।े ।
 यो मे करोित ारे- यो गृहे यो िनवश
ु हान।् मूधान मेषां ोटय- पद मेषाल
 ितसर ितधाव- कुमारीव िपतगृ  े कृ िध।।
ु  वृ
ं ि चषा जातवेद -श
 ये नो रिय िरतासो- अे ज मतासो अनृत ँ वदः। तेषाँ वपू
मिभ सह।।
 कृ वण महूप-े बृहण महय।े देिव देिव महादेिव- मम शू िनाशय।।
ू ािसमभ।े जिह शिूं शल
 ख जिह महाकृ  े -िवधम ्
ू ेन- ु िपब शोिणतम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 833


 ये ुरु ् ऋजवे -म मे कदािधयो मदा अमनासः। आब ैता छोिचषा िव- तू
ैवत सदनय।।

 ।। इित पिरिशम।।
 10.129 नासिदित सच सू, परमेी जापितभाववृििपु ।्
08.07.17 नासदासी ो सदासी -दानी ासी जो नो~ ोमा परो यत।् िकमावरीव कुह

क शम- िकमासी हनभीरम।।
 न मृ ु रासी दमत
ृ  तिह- न रााˆ अˆ आसी के तः। आनीदवात ं धया तदेक-. ा
ा पर िकनास।।
 तमˆ आसी मसा गू मे-के त ं सिललं सवमाˆ इदम।् त
ु ने ािपिहतँ यदासी- पस
िहना जायत ्
 ैकम।।
 काम दे समवततािध- मनसो रेत थम ँ यदासीत।् सतो ब ु मसित िनरिव- िद तीा
कवयो मनीषा।।
 ीनो िवततो रिम रेषा-.मध िदासी ‘3’ पिर िदासी ‘3’ त।् रेतोधाˆ आस िहमानˆ
 ितर

आस- धाˆ अवा यित परात।।
 को अा वेद कˆ इह  वोच- ुतˆ आजाता कुतˆ इय ँ िवसृिः। अवा देवाˆ अ िवसजन-े
नाथा को वेद यतˆ आबभवू ।।
 इय ँ िवसृि यतˆ आबभवू - यिद वा दध े यिद वा न। यो अा  परम े ोम ो -अ वेद
यिद वा न वेद।।
 10.130 यो य इित सच सू, ाजापो य ो भाववृििबु ाा जगती।
08.07.18 यो य ो िवत िु भ तˆ- एकशत ेवकमि भ रायतः। इम े वयि िपतरो य
आ य  ु -  वयाप वय
 य े ासते तत।े ।
 पमा ु ि त े अिध नाके  अि।् इम े मयख
ु  एन नतु उृ णि- पमा ू ाˆ उप से सद-
ामािन चु सरायोतव।े

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 834


 कासी मा ितमा िकिदान- मािमासी िरिध कˆ आसीत।् छ िकमासी
ु -ँ येवाˆ देव मयज िवे।
उग.िम
े ायभव.य-ु वो-िहया सिवता सं बभवू । अनु भ
 अग ु ा सोमˆ उ ै महा- ृह
 ते

बृहती वाच मावत।।
े - तेन
 िवरािमावणयो रिभी- िर िु िबह भागो अः। िवा ेवा जगािववश
ु ाः।।
चा ऋषयो मन
ु ाˆ- य े जात े िपतरो न परा
 चाे तेन ऋषयो मन ु ण।े पय े मनसा च सा ता- इम ँ
य मयज पूव। ।
ृ - हमाˆ ऋषय  दैाः। पूवष ां पा मनु य धीराˆ-
 सहोमा हछसˆ आवत

अालेिभरे रो3(ओ) न रमीन।।

 10.131 अप ाच इित सच सू, का ीवतः सकीित ु पो रिनौ
िरतथ
ि ु नु पु ।्
ु त

08.07.19 अप ाचˆ इ िवा अिमा- नपापाचो अिभभूत े नद। अपोदीचो अप
शूराधराचˆ- उरौ यथा तव शम देम।।
 कुिवद यवमो यवि-था दानपूु व िवयय
ू । इहहे षै ा.णिु ह भोजनािन ये- बिहषो
नमोविृ  ज मःु ।।
ृ थु ा यात मि -नोत वो िविवदे समषे ।ु गˆ इं साय िवाˆ- अायो
 निह ूयत
वृषण ँ वाजयः।।
 यवु ं सरु ाम मिना- नमच
ु ा वासरु े सचा। िविपपाना शभ ्
ु ती ~-इमावतम।।
 पु िमव िपतरा विनो-भेावथु का ै दसनािभः। यरु ामँ िपब शचीिभ- रती ा
मघविभक।् ।
 इ ु ामा वा अवोिभ- म
ु ळ
ृ ीको भवत ु िववेदाः। बाधताषे ो अभयणोत-ु सवु ीय
पतय ाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 835


 त वय ं समु तौ यि यािप- भे सौमनस े ाम। स सु ामा वा इो अ-े आराि ेष
नतु ययु ोत।ु ।
ु िनो
 10.132 ईजानिमित सच सू, नामध शकपूतो िमावणावााया भू
िवरापाः, आा स
 ािरणी, ितीया षौ ारपी, अा महासतोबृहती।
08.07.20 ईजान िमौ गूतावस-ु रीजान ं भूिम रिभ भषू िण। ईजान ेवा विना- विभ स
ु ै

रवधताम।।
 ता यजामिस। यवु ो ाणाय स ै- रिभ ाम
 ता वां िमावणा धारयिती~- सषु ु िे षत
र सः।।
 अधा िच ु यििधषामहे- वा मिभ िय ं रे पमानाः। दा वा य
ु ित रे-
ार
 िकर मघािन।।
 असा वो असरु सूयत ौ- ँ िवेषाँ वणािस राजा। मूधा रथ चाक -
ु ।् ।
 ैतावत ैनसाकक
 अि े3(ए)त कपतू - एनो िहत े िम े िनगता ि वीरान।् अवोवा या.न.ू व-
ियास ु यि या वा।।
 यवु ो िह मातािदित िवचेतसा- ौन भूिम पयसा पपूु तिन। अव िया िदिदन -सूरो िनिन
रिमिभः।।
 यवु ं राजा वसीदत- ि थ धूषदँ वनषदम।् ताˆ न कणूकयी -नृमध
े  े अंहस-
मु ध
े  े अंहसः।।
ु प ैजवन इः शरी, चतािद
 10.133 ो िित सच सू, सदाः ु ितो महापयोा
िपु ।्
ु थ- िमाय शूष मचत। अभीके  िच लोककृ -े सम ु वृह ा-
08.07.21 ो~  ै परोर

ाकं  बोिध चोिदता- नभा मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।
ृ ो-धराचो अहिहम।् अश ु िर जि षे- िवं पिस
ू  रवासज
 ं िस ु वाय -ा

पिरजामहे- नभा मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 836


 िव ष ु िवाˆ अरातयो-य नश नो िधयः। अािस शव े वध-ँ यो नˆ इ िजघांसित- या ते
राित दिद वस-ु नभा मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।

 यो नˆ इािभतो जनो- वृकाय ु रािददेशित। अधद मीिध -िवबाधो अिस सासिह- नभा

मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।
 यो नˆ इािभदासित- सनािभ य िनः। अव त बल िर- महीव ौ रध ना- नभा

मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।
 वय िम ायव- िख मा रभामहे। ऋत न पथा नया-ित िवािन िरता- नभा

मकेषा.-ाकाˆ अिध धस।।
 अं स ु िम तां िश - या दोहत े ित वरिर।े अिोी पीपय था न- हधारा
पयसा मही गौः।।
 10.134 उभे यिदित सच सू, यौवनाो माातेः, अानां ितसृणामधचागोधेो
महापिरा पिः ।
े यिद रोदसी-आपाथोषाइव। महाा महीनां- साज.षणीना- ेवी
08.07.22 उभ~

जिनजीजन- ा जिनजीजनत।।
ु िरम।् अधद मीिध- यो अा आिददेशित- देवी
 अव  हणायतो- मत तनिह

जिन जीजन- ा जिनजीजनत।।
 अव ाˆ बृहती िरषो- िवाˆ अिमह।् शचीिभ श धून-ु ही िवािभ ितिभ- दवी

जिनजीजन-ा जिनजीजनत।।
 अव यं शतत~- िव िवािन धूनषु ।े रिय स
ु त े सचा -सहिणीिभ ितिभ- दवी

जिनजीजन-ा जिनजीजनत।।
 अव ेदाइ.वािभतो- िवत ु िदवः। वायाइव तवो -1(अ) देत ु मित- दवी जिन

जीजन- ा जिनजीजनत।।
 दीघ श ँ यथा- शिं  िबभिष ममु ः। पूवण
 मघव दा-जो वयाँ यथा यमो- देवी

जिनजीजन- ा जिनजीजनत।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 837


ु .रामिस। प िे भ रिपक िे भ- रािभ सं
 निक दवाˆ िमनीमिस- निक रा योपयामिस- म
रभामहे।।
 10.135 यििित सच सू, यामायनः कुमारो यमोनु पु ।्
08.07.23 यि ृ े सपु लाश-े देव ै ंिपबत े यमः। अा नो िवपित िपता- परु ाणा अन ु
वेनित।।
 परु ाणा अनवु ने -र ं पापयामयु ा। असय ु ~।।
ू चाकश- ा अृहयं पनः
 यमार नवं रथ- मचं मनसाकृ णोः। एके ष ँ िवत ा- मपयिध ितिस।।

 यमार ावतयो- रथँ िवे िर। तं सामान ु ावतत- सिमतो नाािहतम ।।
 क कुमार मजनय- थो िनरवतयत।् कि द नो ूया- दनदु य ्
े ी यथाभवत।।
 यथाभव दनदु य
े ी- ततो अ मजायत। परु ा  ्
ु ˆ आतत- पा िरयणतम।।
 इद ँ यम सादन -ेवमान ँ यते। इय म धते- नाळी रय ीिभ पिरृतः।।
 10.136 के शीित सच सू, वातरशना जूित वातजूित िवजूित वृषाणकः किरत एतश
ऋंग इित मेण ैकचा ऋषयः, के यि सूय वायवो देवता अनु पु ।्
08.07.24 के य1(अ)िे शी िवष-े शी िबभित रोदसी। के शी िवं श-े के शीदोित
ते।।
 मनु यो वातरशना- िपशा वसते मला। वातान ु ािजँ यि- येवासो अिव त।।
 यम।् शरीरेदाकँ  यूय ं -मतासो अिभ पयथ।।
 उिदताˆ मौनेयने - वाताआ तिमा व
े पतित- िवा पावचाकशत।् मिु न दवदवे  -सौकृ 
 अिर ण  ाय सखा िहतः।।
 वाताो वायो- खाथो~ देविे षतो मिु नः। उभौ समु ावा िे त -य पूवˆ उतापरः।।
 अरसा.वाणां- मृगाणा.रण े चर।् के शी के त िवा- खा ा मिदमः।।
 वाय ु रा उपाम- िनि ा कुनमा। के शी िवष पाेण- युेणािपब ह।।
 10.137 उतेित सच सू, भराजः कयपो गौतमोििवािमो जमदि विस इित
मेण ैकचा ऋषयो िवेदेवा अनु पु ।् (भेदप -े देवाः 1, वातः 3, िवेदवे ाः 1, आपः 2, एवं 7)

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 838


ु ~। उताग ुषवे ाˆ- देवा जीवयथा
08.07.25 उत देवाˆ अविहत- ेवाˆ उयथा पनः
ु ~।।
पनः
 ािवमौ वातौ वातˆ- आ िसोरा परावतः। द  े अˆ आ वात ु -पराो वात ु यपः।।
 आ वात वािह भेषज-ँ िव वात वािह यपः। ं िह िवभेषजो- देवाना तˆ ईयस।े ।

 आागमं शाितिभ- रथो~ अिरताितिभः। द  े भ माभाष- परा यं सवािम ते।।

 ाया िमह देवा- ायतां मताणः। ायाँ िवा भूतािन -यथाय.मरपाˆ असत।।

 आपˆ इा उ भेषजी- रापो अमीवचातनीः। आप व भेषजी- ाे कृ व ु भेषजम।।
 हाा शशाखाा-िा वाच परु ोगवी। अनामिया
ु ा-ताा-ोप ृशामिस।।
 10.138 तव  इित षडृच सूौरवो इो जगती।
08.07.26 तव  इ सषे  ु वयˆ- ऋत ं मानाˆ दिद वलम।् या द श षु सो
िरणप- कुाय म
 
 दंसयः।।
 अवासज ु जˆ उाˆ अिपबो मध ु ियम।् अवधयो विननो अ दंससा-
ृ   यो िगरी- नदा
ु ोच सूयˆ ऋतजातया िगरा।।
शश
ु  थ-िवो िवद ासाय ितमान मायः। ािन िपो रसरु  माियनˆ-
 िव सूय मे अमच
इो ा कृ वा ऋिजना।।
 अनाधृ ािन धृिषतो ा -िधी रदेवा अमृण दयाः। मासवे  सूय वस ु पयु मादद-े गृणान
शू रणा िता।।
 अयु सेनो िवा िविभता- दाश  ु ािन तेजते। इ वा दिबभे दिभथ- ााम
ृ हा त
 ू रजहा षाˆ अनः।।
ु ािन के वला- यदेकˆ एक.मकृ णो रय म।् मासाँ िवधान मदधाˆ अिध िव- या
 एता ा ते 
िविभ ं भरित िधं िपता।।
 10.139 सूयरिमिरित षडृच सू, देवगव िवावसःु सिवताितसृणां देवगव
ु पु ।्
िवावसि

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 839


08.07.27 सूयरिम हिरकेश परु ा- िवता ोित दया अजम।् त पूषा सव
 े
याित िवा -ंपय िा भवु नािन गोपाः।।
 नृच ाˆ एष िदवो म आ- आपिवा ोदसी~ अिर म।् स िवाची रिभ च े घृताची-

ररा पूव मपर के तमु ।।
 रायो बु मनो वसूनाँ- िवा पािभ च े शचीिभः। देवइव सिवता सधम- ो न तौ

समरे धनानाम।।
ु तने ा ाय।् तदवै िदो रारहाणˆ आसां- पिर
 िवावस ं ु सोम गव मापो- दशषी

सूय पिरधी रपयत।।
 िवावस ु रिभ तो गृणात-ु िदो गव रजसो िवमानः। या घा स मतु य िव- िधयो
िहानो िधयˆ इो अाः।।
ृ ो रोु अमजानाम।् ासाव अमत
 सि मिव रण े नदीना- मपावण ृ ािन वोच- िदो द  ं

पिर जाना दहीनाम।।
 10.140 अे तवेित षडृच सू, पावकोिरिः सतोबृहती आे िवार पी
अोपिराोितः।
08.07.28 अे तव वो वयो- मिह ाजे अचयो िवभावसो~। बृह
 ानो~ शवसा वाज
ु 1(अ)- धािस दाशषु  े कवे।।
म
ु वचा-ˆ अनूनवचाˆ उिदयिष भानना
 पावकवचा श ु । पु ो मातरा िवचर पा
ु विस- पृणि  रोदसी
े ।।
उभ~
ु ििभ- म धीितिभिहतः। े इष ध ु भूिरवपस- िोतयो
 ऊज नपा ातवेद श
वामजाताः।।
  े थय जिु भ- र े रायो अम। स दशत वपषु ो िव राजिस- पृणि 
 इर

सानिसतमु ।।
 इतार मर चेतस-य ं राधसो महः। राितँ वाम सभु गां मही िमष- धािस सानिसं

रियम।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 840


ु ाय दिधरे परु ो जनाः। 
 ऋतावान ं मिहष ँ िवदशत-मिं स ु ण सथमा- िगरा दै ं
मानषु ा यगु ा।।
 10.141 अे अेित षडृच सू, तापसोििवेदवे ा अनु पु ।्
ु नाˆ भव।  नो य िवशते- धनदाˆ अिस
08.07.29 अे अा वदेह न-  म

नम।।
ृ ा- रायो देवी ददात ु नः।।
  नो य यमा-  भग  बृहितः।  देवा ोत सूनत
 सोमं राजान मवस-े िीिभ हवामहे। आिदा ि ं ु सूय- ाण बृह ्
 ितम।।
 इव ू बृह
 ाय~ ्
 ितं- सहु वेह हवामहे। यथा न वˆ इन- ां समु नाˆ असत।।

 अयमणं बृहित- िम ानाय चोदय। वातँ िव ं ु सरत -सिवतार वािजनम।।
 ो अे अििभ-  य  वधय। ो देवतातये- रायो दानाय चोदय।।

 10.142 अयम इच सू, थमयोः शा जिरता, तृतीया चतः शा ोणः पमी
षो शाः, सािरसृक ो शािमोििपु , ् आे जगावे अनु भ
ु ौ।
08.07.30 अयम े जिरता े अभदू िप- सहस ूनो~ न1 (अ) दाम।् भं िह शम
ु कृ िध।।
िवथ मि त -आरे िहंसाना मप िदमा
 वे अे जिनमा िपतूयत- ाचीव िवा भवु ना ृसे।  सय  सिनष नो िधय- परु
रि पशपु ाइव ना।।
 उत वा उ पिर वृणि  ब -हो र उलप धावः। उत िखाˆ उवराणां भवि- मा ते हेित
ु ु धाम।।
िवषी.
 यतो िनवतो यािस ब-ृथगिे ष गिधनीव सेना। यदा ते वातो अनवु ाित शोिच- वेव म ु
वपित  भूम।।
  ेणयो द एक- ियानं बहवो रथासः। बा~ यद े अनमु मृजानो- 
 ाना मिे ष

भूिमम।।
ु ˆ िजहता म
 उे शा ु  े अिच- े अे शशमान वाजाः। उ िन नम वधमान-ˆ आ

ा िवे वसव द।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके समाायः (वगाः 1-30) Page 841


े नम।् अण
 अपा िमद यन-ं समु  िनवश ु ते  -पा ेन यािह वशा अन।ु ।
 आयन े ते परायण-े वा रोह ु पिु णीः। दा पु डरीकािण -समु  गृहाˆ इम।े ।

।। अथ पिरिशम।।

ु ा- शाले पिर यामिस। उत दो िह नो िधयो-ि ददात ु भेषजम।।
 िहम ा जरायण
 द ो िह नो िधयो-ि ददात ु भेषजम।् अिका मि मजनय -वाद शशहागमत।।
 शीत ्
 अजातपु प ाया- दयं मम यते। िवपल
ु ँ वनं बाकाश-र जातवेद कामाय।।
 वण नमोतु ।े ।
ु - शरण मभू व। िपा  लोिहतीव- कृ 
 मा र  पां
 अाि बहने ां- सागरोमयो यथा। इः   दात-ु वण मिभिषत।ु ।
े सा। किपलजट सवभ ा-िं  दवै तम।्
 ो िनधन ँ या-ु  जय ं तज
 शव
  वशा े- मम पु ां र त।ु । (मम पु ां र  ोमः)।
 वण
 साँ वषशतीव- िपब खाद च मोद च। िखतां िजांवै - जा पश ु पालय।।
 यावदािद पित- यावाजित चमाः। यावायु वायित- ताव ीव जया जय।।
 येन के न कारेण- को िह नाम न ु जीवित। परेषा मपु काराथ- यीवित स जीवित।।
 एताँ वैानर- सवदेवामो ु ते।।
 य च सपभय- च ाभय च मृभु यम।् यापम
 न चोरभ ृ ु न च मृ-ु व लभते
् ।। इित समाायः।
सवयते।। ।। इित पिरिशम।।

 अमाके अमाायः (वगाः 1-49)


 10.143 ििदित षडृच सू, साोिरिनावनु पु ।्
08.08.01 िदि मृतजरु - मथ म यातव।े क ीव ँ यदी पना
ु ~- रथ कृ णथ ्
ु ो नवम।।
 िद वािजन- मरेणवो यमत।  ि िव त- मिँ यिव मा रजः।।
ु ा िसषासत ियः। अथा िह वािवो नरा- पनु ~ ोमो न िवशसे।।
 नरा दंिसा वय-े श

 िचत े तां सराधसा- ु ित रिना। आ य दन े पृथौ- समन े पषथो नरा।।
राित म
ु ं ु समु आ- रजस पार ईि तम।् यात मा पतििभ- नासा सातये कृ तम।।
 यवु ं भ ्
े षू त-रो िपषु ी िरषः।।
ु ै शँय ू इव~- मंिहा िववदे सा। समभ
 आ वां स

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 842


ु सपण
 10.144 अयं हीित षडृच सू, तापः ु इो गायी, ितीया बृहती पमी
सतोबृहती षी िवारपिः। (यामायन ऊकृ शनो वा ऋिषः)।
08.08.01 अय ं िह ते अमˆ- इ रो न पत।े द ो िवाय ु वधसे।।

 अय मास ु काˆ- ऋभ ु वो दात।े अय ं िबभ ूकृ शनं- मद मृभ ु न कृ ं मदम।।
 घृष ु येनाय कृ न- आस ु ास ु वंसगः। अव दीधे दहीशवः
ु ।।
 यं सपु ण परावत- येन पु ˆ आभरत।् शतचँ यो3(ओ)ो वतिनः।।
 ये येन ा मवृकं- पदाभर दण ं मान मसः। एना वयो िव तायाय ु जवस- एन
 ा जागार
बतु ा।।
 एवा तिदˆ इना- देवषे  ु िचारयाते मिह जः। ा वयो िव तायाय ु 
ु तो-~
ायमदा सतु ः।।
 10.145 इमािमित षडृच सूेाणी सपीनाशन मनु बु ा पिः।
08.08.03 इमाना ोषिधँ- वीधं बलवमाम।् यया सप बाधत-े यया सँिवते पितम।।

 उानपण सभु ग-े देवजत
ू  े सहित। सप मे परा धम- पितं मे के वल।।
ु र- उरे राः। अथा सपी या ममा-धरा साधराः।।
 उराह म
 न
 ाˆ नाम गृािम- नो~ अि मते जने। परा मेव परावतं- सपी.मयामिस।।
े सहती~ भूी -सप मे सहावहै।।
 अह मि सहमाना-थ मिस सासिहः। उभ~
 उप तेधां सहमाना- मिभ ाधां सहीयसा। मा मन ु  ते मनो- वौिरव धावत-ु पथा वािरव
धावत।ु ।
ु ररयानु पु ।्
 10.146 अरयानीित षडृच सू ैरंमदो देवमिन
08.08.04 अरयारया -सौ या ेव नयिस। कथा ाम पृिस- न ा भीिरव
िवत ‘3।।
 ाय वदत-े यपावित िचिकः। आघािटिभिरव धावय-रयािन महीयते।।
 वृषारव
 उत गावˆ इवाद-तु वेमेव यते। उतो~ अरयािन ाय-ं शकट
 ीिरव सजित।।
 गामैषˆ आ यित- दावैषोˆ अपावधीत।् वसरयाां साय- मु  िदित मते।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 843


 न वा अरयािन ह-  ेािभगित। ादो फल ज ाय- यथाकाम ि पते।।
 आनगिं सरु िभं- बा मकृ षीवलाम।् ाहं मृगाणां मातर- मरयािन मशिं सषम।।

 10.147  इित पच सू, शैरीिषः सवेु दा इो जगा िपु ।्
ृ .य िवव े रपः। उभ े ~या भवतो रोदसी
08.08.05 े दधािम थमाय मवे-ह
अन-ु रेजत े शा
ु ृिथवी िचदिवः।।
 ं मायािभ रनव माियनं- वता मनसा वृ मदयः। ािमरो वृणते गिविष-ु ाँ िवास ु

हा ििष।।
 ऐष ु चाकि पत
ु सूिरष-ु वृधासो ये मघव ानश ु मघम।् अचि तोके तनय े पिरिष-ु मेधसाता
वािजन मय े धने।।
 स इ ु राय भ
ु त  रो- म ू स
ृ  चाकन- दँ यो अ रं.िके तित। ावृधो मघव ा
वाजं भरते धना नृिभः।।
 ं शधाय मिहना गृणानˆ- उ कृ िध मघवि ध रायः। ो िमो वणो न मायी- िपो न
द दयते िवभा।।

 10.148 साणास ु
इित पच सू, वैः पृथिरिपु ।्
08.08.06 स ु िस ा- ससवांस तिु वनृ वाजम।् आ नो भर सिव
ु ाणासˆ इ म ु त ँ य

चाक-ना तना सनयाम ोताः।।
ु िहत.
 साः। गहा
 ऋ िम शूर जातो- दासी िवश ूयण ु .ू म-ु िबभम
ृ िस

वण े न सोमम।।
ु ितकानः। ते ाम ये रणय सोमै- रेनोत त
 अय वा िगरो अच िवा- नृषीणाँ िव म ु ं
रथो भ ैः।।
ु  शंिस- दाˆ नृो नृणां शूर शवः। तेिभ भव सत ु यष ु चाक -तु ाय गृणतˆ
 इमा े तं

उत ीन।।
 धु ी हव िम शूर पृा-ˆ उत वसे वेाकः। आ ये योिनृतव मा- िम न िन ै
वय वाः।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 844


 10.149 सिवतेित पच सू, हैरयूपोचिवता िपु ।्
08.08.07 सिवता य ै पृिथवी मरा- दन े सिवता ामंहत।् अिमवाध ु  िु न

ू   बं सिवता समु म।।
मिर - मतत
 या समु िभतो ौन –दपापा िवता त वेद। अतो भूरतˆ आˆ उित ं रजो-तो

ावापिृ थवी~ अथेताम।।
 पदे म दभव ज- मम भवु न भूना। सपु ण
  अ सिवत ु गा- ूव जात  उ
अान ु धम।।
 गावइव ामँ यूयिु धिरवाा -ावे  वं समु ना हाना। पितिरव जाया मिभ नो ेत-ु धता िदव
िवता िववारः।।
 िहरयूप िवत यथा ा-िरसो जु े वाजे अि।् एवा ाचवस े वमान-

ोमवे ांश ं ु ित जागराहम।।
 10.150 सिम इित पच सू, वािसो मृळीकोिबृहती, अे े उपिराोितषी (
उपाा जगती वा)
े ो हवाहन। आिद ै ै वसिु भनˆ आ गिह-
08.08.08 सिमि िमसे- देव
मृळीकाय न आ गिह।।
ु षा
 इम ँ य िमद ँ वचो- जज ु णˆ उपागिह। मतासा सिमधान हवामहे- मृळीकाय हवामहे।।
 ाम ु जातवेदसँ- िववारण ्
ृ े िधया। अे देवा आ वह न ियता -ृळीकाय ियतान।।
 अि दवो देवाना मभव रु ोिहतो-िं मन
ु ा3( आ) ऋषय मीिधरे। अिं महो धनसाता वहं
व-े मृळीक नसातये।।
 अि रिं भराज. िविरं- ाव कव सद ु माहव।े अिँ विसो हवते परु ोिहतो-
मृळीकाय परु ोिहतः।।
 10.151 येित पच सू, ा कामायनी ानु पु ।्
08.08.09 याि िमते- या यते हिवः। ां भग मूधिन- वचसा
वेदयामिस।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 845


 िय ं  े ददत- िय ं  े िददासतः। िय ं भोजषे  ु य-िदं म उिदतिध।।
 यथा देवाˆ असरु ेष-ु ा मु षे  ु चिरे। एव ं भोजषे  ु य-ाक मिु दतिध।।
ु ोपाˆ उपासते। ां द
 ा ेवाˆ यजमानाˆ- वायग  1 (अ)याकू ा- या िवते
वस।ु ।
ु - े ापयेह नः।।
 ां ात हवामहे- ां मिन ं पिर। ां सूय िनिच

 ।। अथ पिरिशम।।
 मेधां म मिरसो- मेधां सऋषयो दः। मेधा िमाि -मेधााता ददात ु ते।।
ु रजा।।
 मेधाे वणो राजा- मेधा ेवी सरती। मेधाे अिनौ -देवा वाधां प

 या मेधा अर-ु गवष  ु च यनः। दैवी या मानषु ी मेधा- सा मा मािवशता िदमाम।।
 ये नो मतां- शके य ँ यदनु वु ।े िनशामत िशामहै- मिय त ं सह तषे  ु भूयासं -णा
े िह।
समम
ु म।् अवृ मह मसौ सूय- णानी  तु ं मे मा 
ु  हा
 शरीरं मे िवच णँ- वाे मधम
हासीः।।
 मेधा ेव मनसा रेजमाना-वजु ां ित नो जष।
ु मं मेधाँ वद मं ियं वद- मेधावी

भूयास मजरा जिर।।
 सदस ु -ं िय िम काम।् सिनं मेधा मयािसषम।।
 ित मत ्
 यां मेधा ेवगणा- िपतर ोपासत।े तया माम मेधया-े मेधािवन।।
ु वे ः। महायशा धारियु वा-
 मेधा1(अ)हं समु ना- ु तीक ामना मित श
भूयास म ै शरया योग।े ।
 नाशियी पलाशा-षसौ पिथकामस।ु अथो तत याण- मपापा रोगनािशनी।।
 ृ पलाश ं- ां मेधा देिह मे। वृ ािधप नमे- ु अ ं सिधौ भव।।
 व

 ।। इित पिरिशम।।
 10.152 शास इित पच सू, भाराजः शास इोनु पु ।्

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 846


ु ः। न य हते सखा- न जीयत े कदा
08.08.10 शासˆ इा महा अिमखादो अत
चन।।
 िदाˆ िवशित- वृहा िवमध े  परु ˆ एत ु न- ोमपाˆ अभयरः।।
ृ ो वशी। वृष
 िव र ो िव मृधो जिह- िव वृ हनू~ ज। िव म ु िम वृह-िमािभदासतः।।
 िव नˆ इ मृधो जिह- नीचा य पृततः। यो अा अिभदास -धरमया तमः।।
 अपे िषतो मनो-प िजासतो वधम।् िव मो शम य- वरीयो यवया व ्
 धम।।
 10.153 ईयीिरित पच सू, देव जामय इ मातर इो गायी।
08.08.11 ईयी रपवु ˆ- इात मपा ्
ु सते। भेजानास वु ीयम।।
 िम बला दिध- सहसो जातˆ ओजसः। ँ वृष ृषदे िस।।
 िमािस वृहा -1(अ)िर मितरः। उा मा ओजसा।।
 िम सजोषस- मक िबभिष बाोः। वं िशशानˆ ओजसा।।
 िमािभभ ू रिस- िवा जाता ोजसा। स िवा भवु ˆ आभवः।।
 10.154 सोम इित पच सू, वैवती यमी भाववृिरनु पु ।्
08.08.12 सोमˆ एके  पवते- घृत मेक उपासते। येो मध ु धावित- ताँि देवािप

गतात।।
 तपसा ये अनाधृा- पसा ये ययःु । तपो ये चिरे मह- ाँि ्
देवािप गतात।।
ु  े धनेष-ु शूरासो ये तन
 ये य ्
ू जः। ये वा सहदि णा- ाँि देवािप गतात।।
 ये िचवू  ऋतसापˆ- ऋतावानˆ ऋतावध ्
ृ ः। िपतॄ पतो यम- ताँि देवािप गतात।।
 सहणीथा कवयो- ये गोपायि सूयम।् ऋषी पतो यम -तपोजा अिप गतात।।

 10.155 अरायीित पच सू, भाराज िशिरिठोलीनाशनो ितीया
तृतीययोणित राया िवेदेवा अनु पु ।्
08.08.13 अरािय काणे िवकटे- िगिर सदाे। िशिरिठ सिभ- ेिभा
चातयामिस।।
 चो इत ामतु - वा ूणााषी। अरा ं णते- तीो श ििह।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 847


ू षम।् तदा रभ हणो-~ तेन ग पररम।।
 अदो या वत-े िसो पारे अप ्
 य ाची रजगो-रो मडूरधािणकीः। हताˆ इ शव- व बु दु याशवः।।
 परीम े गामनषे त- पयि.मषत। देव
े त व- कˆ इमा आ दधषित।।
 10.156 अििमित पच सूाेयः के तरु िगायी।

08.08.14 अि िह ु नो िधय- ि माशिु मवािजष।ु तेन जे धननम।।
 यया गाˆ आकरामहे- सेनयाे तवोा। ताो िह मघय।े ।
ु  मिनम।् अि खँ वतया पि णम।।
 आे ूरं रियं भर- पृथोम ्
 अे न  मजर- मा सूय रोहयो िदिव। दधोित जनेः।।
 अे के त ु िवशा मिस- े ेˆ उपसत।् बोधा ो े वयो दधत।।

ु िवेदवे ा िपदा िपु ।् (अ भौवनः साधनो
 10.157 इमा िित पच सूाो भवनो
वैकिकः)
08.08.15 इमा न ु कं  भवु ना ¤सीषधा-मे िवे च देवाः।।
 य  न  जाा-िद ै िर ह चीपाित।।

 आिद ै िर गणो मि- राकं  भूिवता तननू ाम।।
 हाय देवाˆ असरु ा दाय- ेवाˆ देव मिभ र माणाः।।

  मक मनयचीिभ- रािद धा िमिषरां पयपय।।

 10.158 सूय न इित पच सू, सौय मानवः सूय गायी।
08.08.16 सूय नो िदवात-ु वातो अिर ात।् अिन पािथव
े ः।।
 जोषा सिवत य ते हर- शत ं सवा अहित। पािह नो िदतु  पताः।।
 च नु  देव िवता- च नु ˆ उत पवतः। च  ु धाता दधात ु नः।।
 च नु  धेिह च षु -े च िु व ै तन
ू ः। सेद ँ िव च पयेम।।
ु शा वय-ं ित पयेम सूय। िव पयेम नृच सः।।
 सस
 10.159 उदसािवित षडृच सू, पौलोमी शचीशनु पु ।्

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 848


08.08.16 उदसौ सूय अगा -दय ं मामको भगः। अह िला पित -मसाि
िवषासिहः।।

 अहे त ु रहं मूधा-ह मु ा िववाचनी। ममेदन ु त ं ु पित- ेहानायाˆ उपाचरेत।।
 मम पु ा शहु णो-थो~ मे िहता िवराट ्। उताह मि सया- पौ मे ोकˆ उमः।।
े ो हिवषा कृ 
 येन  -भव  ्
ु मः। इद दि देवाˆ- असपा िकलाभवु म।।
ु 
 ा सपी- जयिभभवू री। आवृ मासाँ वच- राधो अेयसािमव।।
 असप
 समजषै िममाˆ अहं- सपी रिभभवू री। यथाह म वीर- िवराजािन जन च।।
 10.160 तीेित पच सू, वैािमाः पूरण इिपु ।्
ु । इ मा ा यजमानासो
08.08.18 तीािभवयसो अ पािह- सवरथा िव हरी~ इह म
ु िमम े सतु ासः।।
अ-े िन रीरम 
 त ु म ु सोास- ािर ााˆ आ यि। इेद म सवनषा
ु  ं सतु ा  ु णो- िव

िवा इह पािह सोमम।।
 ा मनसा सोम म ै- सवदा देवकाम नु ोित। न गाˆ इ  परा ददाित- श
 य उशत
िमा म ै कृ णोित।।
ु ो भवेषो अ- यो अ ै रेवा सनु ोित सोमम।् िनररौ मघवा तधाित- िषो
 अन

हनानिदः।।
 अायो गो वाजयो- हवामहे ोपगवा उ। आभषू  े समु तौ नवायाँ- वय िम
ा शनु ं वम
े ।।

 10.161 मािम ेित पच सू, ाजापो यनाशन इाी िबानु पु ।्

(मामीित ु राजयनाशनो देवतेित के िचत ् अे जापितमाः, इाी
सूे राजयमिमे
इित त ु याः इं मत वैिवेिप षळाितमािम
ु ा हिवषा जीवनाय किमेतेन ेित

गृसूानसािर वृिकृ ािरका कारािदिभर सू ैाि देवता िनदशाे एवाािभे ।
ु ािम ा हिवषा जीवनाय- क म ातया त राजयात।् ािह जाह यिद
08.08.19 म
ु 
वैतदेन- ा इाी~  मम ्
ु मेनम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 849


 यिद ि ताय ु यिद वा परेतो- यिद मृो रिक ीतˆ एव। तमा हरािम िनऋत े पा-
दाषमेन ं शतशारदाय।।
े  शतशारदेन- शतायषु ा हिवषाहाष मेनम।् शत ँ यथेम ं शरदो नयाती-ो िव
 सहा ण

िरत पारम।।
 शतीव शरदो वधमान- शत ं हेमातम ु वसान।् शत िमाी~ सिवता बृह
 ित-
शतायषु ा हिवषेम ं पनु ः।।
 आहाष ािवदा- पनु रागा पनन
ु व। सवा सव े च -ु व माय ्
ु ते िवदम।।

।। अथ पिरिशम।।
े ा  दह े िव-ु िरम िमाी अमत
 ऊरख  षु थे ाम।् म धाना उप दीघमाय-ु र े ध ं
ृ 
पु भज ्
ु ा परु िः।। ।। इित पिरिशम।।
 10.162 णाििरित षडृच सू, ाो र ोहा जापितरनु पु ।् (अ
ु न देवता िनणयो न भवित। यत गभावे ायिििरंु तेन सू,
सूेनमयवे
भावमां ोते न त ु देवता। अतो जापितदवता ाा। तथा च शौनकः, मेष ु िने ष ु
देवतामतो वदेत।् मतः कमणा च ैव जापितरसंभवे इित । भाकारैरिप जापित रेवोः।
ु ंु सििवचारणीयम)।्
बृहेवतायां त ु रा ोाेयिमंु त याय
08.08.20 णाि ँिवदानो- र ोहा बाधता िमतः। अमीवा ये गभ- णामा योिन
माशये।।

 ये गभ ममीवा- णामा योिन माशये। अिं णा सह -िनाद.मनीनशत।।
 ये हि पतय-.िष ँ ु य रीसृपम।् जात ँ ये िजघांसित -तिमतो नाशयामिस।।
 य ऊ~ िवहर-रा दती~ शये। योिनँ यो अ रारेि –तिमतो नाशयामिस।।
 या ाता पित भूा- जारो भूा िनपत।े जाँ ये िजघांसित -तिमतो नाशयामिस।।
 या ेन तमसा- मोहिया िनपत।े जाँ ये िजघांसित- तिमतो नाशयामिस।।
 10.163 अ ीािमित षडृच सू, कायपो िववृहा यहानु पु ।्

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 850


ु ा दिध। यं शीषयं- मिा िाया
08.08.21 अ ीा े नािसकाा-णााबक
िव वृहािम ते।।
 ीवा उि हा- कीकसाो अनूात।् य ोषय1(अ) मंसाां- बााँ िव
वृहािम ते।।
ु ो- विनो दया दिध। यं मतााँ- य ािशो िव वृहािम ते।।
े  े गदा
 आ
 ऊा े अीवां- पािां पदााम।् यं ोिणां भासदा -ंससो िव वृहािम ते।।
े ः। यं सवा दान- िमद ँ िव वृहािम ते।।
 मेहना नरणा- ोमे नख
 अादा ोोलोो- जात ं पविणपविण। यं सवा दान- िमद ँ िव वृहािम ते।।
 10.164 अपेहीित पच सूािगरसः चेता ःनाशनोनु पु ् तृतीया िपु ् अा
पिः।
08.08.22 अपेिह मनसत-े प ाम परर। परो िनऋाˆ आ च- बधा जीवतो मनः।।
ु ि दि णम।् भँ ववै त े च -ु बा जीवतो मनः।।
 भँ वै वरँ वृणते- भँ य
 यदाशसा िनशसािभशसो-पािरम जातो यपः। अि िवा प ृ ता –जु ा ारे
अ धात।ु ।
 यिद णते-िभोह.रामिस। चेता नˆ आिरसो- िषतां पाहं सः।।
 अज ै ाासनाम-चाभूमानागसो वयम।् जा
  - पापो यि ं स ऋत-ु
यो नो ेि तमृत।ु ।
 10.165 देवा इित पच सू, न ैऋतः कपोतो िवेदेवािपु ।्
08.08.23 देवा कपोतˆ इिषतो यिद- तो िनऋाˆ इद माजग
 ाम। ता अचाम
कृ णवाम िनृ ितं- शो अ ु िपदे शत
ु दे।।
 िशव कपोतˆ इिषतो नो अ-नागा देवा शकुनो गृहषे ।ु अििह िवो जषु तां हिवन- पिर
हेित पि णी नो वृणु।।
े ा-ु मा नो
 हेित पि णी न दभा ा- नाां पदणतु े अिधाने। शो गो पु ष
िहंसी िदह देवा कपोतः।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 851


 यको वदित मोघ मेत- पोत पद मौ कृ णोित। य त िहतˆ एष एत-  ै यमाय
नमो अ ु मृवे।।
ु णोद- िमषं मद पिर गायम।् सँयोपयो िरतािन िवा- िहा नˆ
 ऋचा कपोत दत
ऊज  पताितः।।
 10.166 ऋषभिमित पच सू, वैराज ऋषभः सपनाशनोनु बु ा महापिः। (शारो
वा ऋिषः)।
08.08.24 ऋषभ ं मा समानानां- सपानाँ िवषासिहम।् हारं शूणािध-

िवराज.ोपितवाम।।
 अह मि सपहे-ˆ इवािरो अ तः। अध पा मे पदो- िरम े सव अिभिताः।।
 अैव वोिप ना -भु ~
े आइव~ या। वाचते िन षेधम ्
े ा -था मदधरँ वदान।।
 अिभभ ू रह मा गम-ँ िवकमण
  धाा। आ व ि मावो त- मा वोहं सिमित दे।।
ु मˆ आ वो मूधान ममीम।् अधद ा उदत-
े ँ वˆ आदायाहं भूयास- म
 योग म
मडूकाइवोदका- डूकाˆ उदकािदव।।

।। अथ पिरिशम।।
ृ ने  सवम।् येन य
 येनदे ं भूत ं भवु न ं भिव- िरगहृ ीत ममत ायते सहोता- ते मन
िशवस म।ु ।
 येन कमायपसो मनीिषणो- य े कृ वि िवदथेष ु धीराः। यदपवू  य म जाना- े मन
िशवस म।ु ।
 यातो र मदु िै त दैव-  सु  तथवै िे त। रम.ोितषा.ोित रेक -े मन
िशवस म।ु ।
 य ान मतु चेतो धृित- योित र रमत
ृ  ं जास।ु या ऋत े िकन कम ियते- ते
मन िशवस म।ु ।
ृ  ाम यजूिं ष- यि ितिता रथनाभािववाराः। यिंि ं सवमोतं जाना -े
 यिच
मन िशवस म।ु ।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 852


 सषु ारिथ रािनव- यन
ु ा ेनीयतेभीशिु भ वािजनइव। ितँ यदिजरँ यिव- े मन
िशवस म।ु ।
 ये प पाशत -शत सह िनयतु ाबदु । ते य िचे काटं  शरीर -े मन
िशवस म।ु ।
 वेदाह मेत ं पु ष ं महा- मािदवण मस परात।् त योिनं पिर पयि धीरा- े
मन िशवस म।ु ।
 येन कमािण चरि धीरा- िवा वाचा मनसा कमणा वा। या िश मन ु सँयि ािणन -

े मन िशवस म।।
 ये मे मनो दय ँ ये च- देवा ये अिर ं बधा कयि। ये ो च षु ी सरि -ते मन
िशवस म।ु ।
 येद ीरा पनु ि कवयो- ाण मेत ँ ावृणत इम।् ावर म ौराकाश -े
मन िशवस म।ु ।
 येन ौा पृिथवी चा-िर  ँ येन पवता िदशो िदश। येनदे ं सवगां जान- े मन
िशवस म।ु ।
 अामये  -ापरं िशवम।् सूा ूतरेय -े मन िशवस म।।

 कै लास िशखरे र-े शर गृहालयम।् देवता मोद-े ते मन िशवस म।ु ।
ु स ु जायमानः। िशवप ं िशव मिु दतं िशवालय-
 आिदवण पसा- ल ँ ययिस गहा

े मन िशवस म।।
 येनदे ं सवगतो बभवू - येवा अिप महतो जातवेदाः। यदेवा पसो ोित रेक- े मन
िशवस म।ु ।
 गोिभ जु ो धनेन- ायषु ा च बलेन च। जया पशिु भ परा ु
ु ध-े मन िशवस म।।

 योसौ सवष  ु वेद-े ष ु पतेनद ईरः। अकाय िनणो ाा- ते मन िशवस म।।
 यो वेदािदष ु गायी- सवापी मह
े रः। त ु
 यदा ये - े मन िशवस म।।
े रम।् यव य िचव -े मन िशवस म।ु ।
  ाण ओारं- णव मह
 यत

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 853


 यो वै वेद महादेव-ं णवं पु षोमम।् ओारं परमाान -े मन िशवस म।ु ।
ु -ँ लोकनाथ ारायणम।् सवित ं सवगत ं सवा- े मन िशवस
ं ारतभु ज
 ओक

म।।
 तरारतो ा- तरा रतो हिरः। परा रतर ान -े मन िशवस म।ु ।
 य इदं िशवस-ं सदा ायि ाणाः। ते परं मो  माि -ते मन िशवस

म।।
 अि नाि शिया- सव िमद ाि पनु - थवै  वु म।् अि नाि िहत-ं मम ं पद -

े मन िशवस म।।
ु  वा इदं सवम।् अि नाि परा रो यर -
 अि नाि िवपरीतो -वादोि नाि गँ

ु ।। इित पिरिशम।।
े मन िशवस म।।
ु दिमित चतऋच
 10.167 ते ु सू, गािथभागवौ िवािम जमदी इृतीयायाः सोम
ु धातृ िवधातारो जगती।
वण बृहनमित
ु द िम पिर िषते- मध ु ं सतु  कलश राजिस। ं रियं पु व
08.08.25 ते  ीराम ु
नृ िध- प पिरताजय ः~।।
 िजतं मिह मान मसो- हवामहे पिर शं सतु ा उप। इमो य िमह बोागिह- ृधो
जय ं मघवान मीमहे।।
 ते रनमु ाˆ उ शमिण। तवाह म मघव पु तु ौ- धात
 सोम रा ो वण धमिण- बृह

िवधात~ कलशा अभ यम।।
 सूतो भ मकरराविप- ोमम  ूिर ृज।े सतु े सातने  यागम ँ वां- ित
े ं थम
िवािमजमदी~ दमे।।

 10.168 वातेित चतऋच ु पु ।्
सू, वातायनोिनलो वायि
08.08.26 वात न ु मिहमानं रथ- ज ेित नय घोषः। िदिवृ याणािन

कृ व- तु ो~ एित पृिथा रेण ु म।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 854


 योषाः। तािभ य ु रथ ेवˆ ईयते-
 सं ेरत े अन ु वात िवाˆ- ऐनि समन
िव भवु न राजा।।
 अिर े पिथिभ रीयमानो- न िन िवशते कतमनाहः। अपां सखा थमजाˆ ऋतावा- 
िात कुतˆ आ बभवू ।।
 आा देवानां भवु न गभ- यथावश.रित देवˆ एषः। घोषाˆ इद िवरे न प-  ै
वाताय हिवषा िवधेम।।

 10.169 मयोभूिरित चतऋच सू, का ीवत शरो गाविपु ।्
ू ाˆ- ऊजती रोषधी रा िरशाम।् पीवती जवधा
08.08.27 मयोभ ू वातो अिभ वात
िपब- वसाय पते  मृळ।।
 या पाˆ िवपाˆ एकपाˆ- यासा मि िरा नामािन वेद। याˆ अिरस पसहे चु-
ा पज मिह शम य।।
 या देवषे  ु त1(अ)मैरय- यासां सोमो िवा पािण वेद। ताˆ अं पयसा िपमाना-
जावती िर गो े िररीिह।।
 जापित म मेता रराणो- िव ै दवै िपतिृ भ ँिवदानः। िशवा ती प नो गो माक-~
ासाँ वय ं जया सं सदम
े ।।

 10.170 िवािडित चतऋच सू, सौय िवाट ् सूय जगाारपिः।
08.08.28 िवा ह िबत ु सो ं -माय ु दध  पता विवतम।् वातजत
ू ो यो अिभर ित
ना- जा पपु ोष पु धा िव राजित।।
 िवा ह भ ृ ँ वाजसातम- म िवो धणे स मिपतम।् अिमहा वृह
ु त  ा दहु म-
ोित ज े असरु हा सपहा।।
 इदं ेोितषाोित म-ँ िवि ज निज ते बृहत।् िवा ाजो मिह सूय श- उ

पथे सहˆ ओजो अतु म।।
 िवाज ोितषा 1(अ)-रगो रोचन िवः। येनमे ा िवा भवु ना ाभृता- िवकमणा
िवदेावता।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 855



 10.171 ं िमित चतऋच सू, भागव इट इो गायी।

08.08.19  िमटतो रथिम- ाव तु ावतः। अणो ोिमनो हवम।।

 ं मख दोधत- िशरोव चो भरः। अग ोिमनो गृहम।।
  िम म- माबु ाय वेम।् मु  ाˆ मनवे।।

  िम सूय- पा सं परु ृ िध। देवानाििरो वशम।।

 10.172 आ याहीित चतऋच सूािरसः संवत उषा िपदािवराट ्।
08.08.30 आ यािह वनसा सह- गाव च वतिनँ यधिभः।।
 आ यािह वा िधया- मंिहो जारयख दु ानिु भः।।
ृ ो न तिु मदु ानव- ित दो यजामिस।।
 िपतभु त
 उषाˆ अप स ु म- ँ वतयित वतिनं सज
ु ातता।।
 10.173 आ ेित षडृच सूािरसो वु ो राजानु पु ।्
08.08.31 आ ाहाष म रेिध- वु िािवचाचिलः। िवशा सवा वा-ु मा

ा मिध शत।।
 इहवै ैिध माप ोा- पवत इवािवचाचिलः। इइवेह वु ि-े ह राम ु धारय।।
 इम िमो अदीधर- ुव वु ण
े  हिवषा। त ै सोमो अिध व- ा उ ण
 ितः।।

 वु ा ौ वु ा पृिथवी- वु ास पवताˆ इम।े वु ँ िव िमदग- ुवो राजा िवशा मयम।।
 वु े राजा वणो- वु ेवो बृह ्
 ितः। वु  इाि- रा ारयता वु म।।
 वु वु ण ्
े  हिवषा-िभ सोमं मृशामिस। अथो~ त इ के वली- िवशो बिलत रत।।
 10.174 अभीवतन ेित पच सूािरसोभीवत राजानु पु ।्
08.08.32 अभीवतन  हिवषा- येन
े ो अिभवावृत।े तेनाा णते-िभ रााय वतय।।
 अिभव
ृ  सपा- निभ या नो अरातयः। अिभ पृत
  िा-िभ यो नˆ इरित।।
 अिभ ा देव िवता-िभ सोमो अवीवृतत।् अिभ ा िवा भूता -भीवत यथासिस।।
े ो हिवषा कृ 
 येन  -भव  ्
ु मः। इद दि देवाˆ- असप िकलाभवु म।।
ु 
 असप
 पहा-िभराो िवषासिहः। यथाह मेषां भूतानाँ- िवराजािन जन च।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 856



 10.175  व इित चतऋच ु सप ऋिषपो
सूोावाबदः ु ावाणो गायी।
ु ं सनु तु ।।
08.08.33  वो ावाण िवता- देव वु त ु धमणा। धूष ु य
 ावाणो अप ना- मप सेधत मितम।् उा कतन भेषजम।।

े ा- महीये सजोषसः। वृ े दधतो वृम
 ावाणˆ उपर ्
 ।।
 ावाण िवता न ु वो- देव वु त ु धमणा। यजमानाय स
ु त।े ।

 10.176  सूनव इित चतऋच ु
सूाभवः सूनरिरााया ऋभवोनु पु , ् ितीया गायी।

08.08.34  सूनवˆ ऋभूणां- बृहव वृजना। ामा ये िवधायसो- ेनु मातरम।।
 ातवेदसम।् हा नो व दानषु क।् ।
  देव ेा िधया- भरता ज
 अयम ु   देवय-ु हता य ाय नीयते। रथो न यो रभीवृतो -घृणीवा चेतित ना।।
 अय मि  –मृतािदव जनः। सहसि हीया-ेवो जीवातव े कृ तः।।

 10.177 पतिमित तृच सू, ाजापः पतो मायाभेदिपु आा जगती।
 म मसरु  मायया- दा पयि मनसा िवपितः। समु े अ~ कवयो
08.08.35 पत
िव च ते- मरीचीनां पद िमि वेधसः।।
 ो वाचं मनसा िबभित- ताववद भ अः। ताोतमानां य मनीषा- मृत पद े
 पत
कवयो िन पाि।।
 अपयोपा मिनपमान -मा च परा च पिथिभ रम।् स सीची  िवषूची वसानˆ - आ
वरीवित भवु न े ः~।।
 10.178 मूिित तृच सू, तािरनेिमािपु ।्
08.08.36 मू ष ु वािजन ेवजूत-ं सहावान तारं रथानाम।् अिरनेिमं पृतनाज माश-ं ु
े ।।
ये ता िमहा वम
 इवे राित माजोवाना- ये नाविमवा हेम। उव~ न पृी~ बले~ गभीरे~- मा
वामते ौ मा परेतौ िरषाम।।
 स ि शवसा प कृ  ी- ूयइव ोितषाप तान। सहस
 ा शतस
 ाˆ अ रं िह- न

ा वरे यवु ित शयाम।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 857



 10.179 उितेित तृच सूौशीनरःिशिबः1, कािशराजः तदनः2, रोिहदो वसमनाः 3,
इित मेण ैकचा इिबु ाानु पु ।्
08.08.37 उिताव पय-ते भाग मृियम।् यिद ातो जहु ोतन- यातो
ममन।।
 ात ं हिवरो~ ि  यािह- जगाम सूरो अनो िवमम।् पिर ासते िनिधिभ खाय-

कुलपाˆ न ाजपितरम।।
ु त ं मे ततवीयः। मािन सवन द- िपबे
 ात ं म ऊधिन ात मौ- सा
ु णः।।
वि ु कृ षा
 10.180  ससािहष इित तृच सूैिजय इिपु ।्

08.08.38  ससािहषे पत ु ˆ इह राित र।ु इा भर दि णने ा
शू - े े श

वसूिन- पित िनू ा मिस रेवतीनाम।।
 मृगो न भीम कुचर ो िगिरा- परावतˆ आ जगा पराः। सृकं संशाय पिव िम ित मँ- िव

शू ाि िव मृधो नद।।
 इ  मिभ वाम मोजो-जायथाˆ वृषभ चषणीनाम।् अपानदो
ु जन मिमय- मु ेव
े ो

अकृ णो लोकम।।
 10.181 थेित तृच सू, वािसः थो1, भाराजः सथ2, सौयघम3,  ैकचा िवेदवे ा
िपु ।्
ु  हिवषो हिवयत।् धात ु ता
08.08.39 थ य सथ नामा-नु भ ु 
ु ना िवत
िवो- रथर मा जभारा व
 िसः।।
 े अितिहतँ यदासी-   धाम परमहु ा यत।् धात ु ता
 अिव ु  िवो- भराजो
ु ना िवत
बृहदा चे अःे ।।
 ेवयानम।् धात ु ता
 तेिव नसा दीाना- यज ु ¤  ं थम ु  िवो- रा
ु ना िवत
सूया दभर म मेत।े ।
 10.182 बृहितिरित तृच सू, बाहपमूु धा बृहित िपु ।्

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 858


08.08.40 बहृ ित नयत ु गहा- ितर पनु नश
 दघशंसाय म। ि प दशि मप मितं ह-
था कर जमानाय शँयोः।।
ं ो नोवत ु याज-े शो अनया
 नराशस ु जो हवेष।ु ि प दशि मप मितं ह-था क
 र
जमानाय शँयोः।।
 तपमु धा
ू तपत ु र सो- ये िष शरव े हवा उ। ि प दशि मप मितं ह-था क
 र
जमानाय शँ योः।।
 10.183 अपयिमित तृच सू, ाजापः जावानृिषः, यजमानो यजमानपी होता, इित
मेण देवता िपु ।् (अपये ेताया यजमानमी ते, ितीयया प

तृतीययाानम।।आ।।ौ।।)
08.08.41 अपया मनसा चेिकतान- पसो जात पसो िवभूतम।् इह जा िमह रियं

रराण-  जाय जया पकाम।।
ू ऋे नाधमानाम।् उप माम
 अपया मनसा दीानां- ाया न~ ु ा यवु ि त बभय
ू ा- 

जाय जया पकामे
।।
 अहभ मदधा मोषधी- हँ िवेष ु भवु न
े ः~। अहं जाˆ अजनयं पृिथा- महिनो

अपरीष ु पु ान।।

 10.184 िविरित तृच सू, गभकता, ा, आाया, िव ु ृ जापित धातारो
ितीयायाः िसनीवािल सरिन ृतीयाया अिना वनु पु ।् (ाजापो िववा
ु ऋिषः)
08.08.42 िव ु यिनयत-ु ा पािण िपंशत।ु आ िसत ु जापित- धाता गभ धात ु
ते।।
ु रजा।।
 गभ ेिह िसनीवािल- गभिे ह सरित। गभ े अिनौ देवा- वा धां प
 िहर ययी~ अरणी~-यिमतो अिना। ते गभ हवामहे- दशम े मािस सूतव।े ।

।। अथ पिरिशम।।
 नेजमषे  परा पत- सपु ु  पनु रापत। अ ै मे पु कामाय-ै गभ मा धेिह य पमा ्
ु न।।
 यथेय ं पृिथवी म-ु ाना गभ मादध।े एव भ मा धेिह- दशम े मािस सूतव।े ।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 859


े ा-ा ायावीाम।् पमां
 िवो ेने पण ु स ं पु ा नाधेिह- दशम े मािस सूतव।े ।

 ।। इित पिरिशम।।
 10.185 महीित तृच सू, वािणः सधृितरािदा गायी। (मिह सधृितवािण रािदं

यनिमनमया अिदित दवता, येािदं, आिदो देवता येािदिमित ैिवेन
ु िबः इित
ाावािदानामेव देवतां नािदतेः मािहं यिह ीणामािदानां ितं
शौनकोे ः)।
08.08.43 मिह ीणा मवो-ु  ु ं िमायः। राधष वण।।
 निह तेषा ममा चन- नास ु वारणषे ।ु ईशे िरप ु रघशंसः।।

 य ै पु ासो अिदते -  जीवसे माय। ोित यजम।।

 10.186 वात इित तृच सू, वातायन उलो वायगायी।

08.08.44 वातˆ आ वात ु भेषज-ं श ु मयोभ ु नो द।े  णˆ आयूिं ष तािरषत।।
 उत वात िपतािस नˆ- उत ातोत न खा। स नो जीवातव े कृ िध।।
 यददो वात ते गृह3े ( ए)-मृत िनिध िहतः। ततो नो देिह जीवसे।।
 10.187 ााय इित पच सूाेयो वोिगायी।
08.08.45 ाये वाच मीरय- वृषभाय ि तीनाम।् स न पष दित िषः।।
 य परा परावत- िरो धाितरोचत।े स न पष दित िषः।।
ु े ण शोिचषा। स न पष दित िषः।।
 यो र ांिस िनजवू ित- वृषा श
 यो िवािभ िवपयित- भवु ना स पयित। स न पष दित िषः।।
ु ो अि रजायत। स न पष दित िषः।।
 यो अ पारे रजस- श

।। अथ पिरिशम।।
 अनीकव मूतये-िीिभ हवामहे। स न पष दित िषः।।

 ।। इित पिरिशम।।
 10.188  नूनिमित तृच सूाेयः येनो जातवेदा अि गायी।
08.08.46  नूनातवेदस-.मं िहनोत वािजनम।् इदो बिह रासदे।।

अवधूत द पीठम -् वेदिनिध योजना ऋ वेदीय शाकल संिहता Page 860



ु िु तम।।
 अ  जातवेदसो- िववीर मीषः। मही िमयिम स¤
 या चो जातवेदसो- देवा हवाहनीः। तािभन य िमत।ु ।
 10.189 आयं गौिरित तृच सू, सापरा ी सूय गायी। (अ यिप सापराा
दैवतिमनेन कृ ता सापरा ी देवता ाोित तथािप योृ िमः सूय हणााि कोिप
सूयािभपाः)।
08.08.47 आयौ पृि रमी- दसद ातरं परु ः। िपतर यः~।

 अ~ रित रोचना- ाणा दपानती।  िहषो िदवम।।
 ाय धीयते। ित वो रह िु भः।।
 िंश ाम िव राजित- वात

 10.190 ऋतं चेित तृच सू, माधसोघमषणो भाववृिरनु पु ।्
08.08.48 ऋत साभीा- पसोजायत। ततो राजायत -तत मु ो अणवः।।
 समु ा दणवा दिध- सँवरो अजायत। अहोराािण िवदध- ि िमषतो वशी।
 सूयाचमसौ धाता- यथा पूव मकयत।् िदव पृिथवीा-िर  मथो ः।।

 10.191 संसिमित चतऋच सूािरसः संवननः, आाया अितिसृणां
ु तृ ीया िपु ।्
सं ानमनु 
08.08.49 संसिम वु से वृष-े िवा यˆ आ। इळ द े सिमसे- स नो वसूा
भर।।
 सं सँ वदं- सँ वो मनांिस जानताम।् देवाˆ भाग ँ यथा पूव- सानानाˆ उपासत।े ।
 समानो म िमित मानी- समान ं मन ह िच मेषाम।् समान ं म मिभ मये व-

मानने  वो हिवषा जहोिम।।
 समानी वˆ आकू ित- माना दयािन वः। समान.म ु वो मनो- यथा व स
ु हासित।।

।। अथ पिरिशम।।
ु नावद- ं ानँ वणोवदत।् सं ान िम ाि- सं ानं सिवतावदत।।
 सं ान मश ्

े ः। सं ान मिना यवु - िमहाास ु िन यताम।।
 सं ानँ व े- ं ान मरण
 य ीवां सँवनन-ं पु ो अिरसां भवेत।् तेन नो िवे देवा- ं ियां समजीजन।।

ऋ वेदीय शाकल संिहता अमाके अमाायः (वगाः 1-49) Page 861


 सँ वो मनांिस जानतां- समाकू ित मनामिस। असौ यो िवमना मन- ं समा वतयामिस।।
 नहै  ं सेनादरण-ं पिर वत ु यिवः। तेनािमाणां बा- िवषा शोषयामिस।।
 पिर वाषे ा- िम पूषा च सतःु । तेषाँ वो अिद धाना -मिमूाना िमो ह ु
वरँव ्
 रम।।
 ऐष ु नवृषािजन-ं हिरण िधयँ यथा। परा अिमा ऐष -वाची गौपाजत।ु ।
ु ाय म
 ाराणां पते वसो- होत वरेयतो। त ु ते।।
 गोकामो अकाम- जाकाम उत कयपः। भूत ं भिव ौित- सह  ैक म रं- ब  ैक

म रम।।

 यद रं भूतकृतँ- िवे देवा उपासत।े महऋिष म गोार-मदि रकुवतम।।
 जमदि राायते- छोिभ त ु रःै । राजा सोम भ ण
े - णा वीयावता।।
 िशवाˆ न िदशो िदश-ा न िदशो िदशः। अजो येजो द-े श ु ।।
ु .ोित परो गहा

 यिष कयप ौित- स ं  चराचर- वु ं  चराचरम।् ायषु मदे - कयप

ायषु -.मग ायषु म।।

 येवाना ायषु - े अ ु ायषु -ं सव म ु शतायषु ं बलायषु म।।
 ोरा वृणीमहे- गात ँ ु य ाय- गात ँ ु य पतये। दैवी ि र ु न -ि मानषु 
 तँय े ः।
ु दे।।  ।। ओ ं शाि शाि शािः।।।।
ऊिगात ु भेषज-ं शो अ ु िपदे शत
इमाायः ।।

इमाकम।।
ऋ वेद संिहता समाा
यद रपदं मााहीन ु यवेत।्
ु ।।
तव तां देव नारायण नमोते

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