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जगद्गरु
ु श्रीमद्वल्लभाचार्य के सम्प्रदार् रमाण
जगद्गरु
ु :महारभ:ु श्रीमद्वल्लभाचार्य वंशावतंस
गौ-ब्राम्प्हण रततपाल वापीनिे श
गोस्वालम १०८ श्रीनीिजकुमािजी माधविार्जी महािाजश्री
की आज्ञासं रकालशत
रकाशक : श्रीबलभद्र वव‘t भण्डाि – भक्ततसेतु: -वापी
“व्रजजन सर्वस्र् गोपीजनर्ल्लभ प्रभ:ु श्रीबालकृष्णलाल एर्ं रे र्तीर्ल्लभ श्रीदाऊदयालप्रभु:”
भक्ततसेतु: - र्ापी
वल्लभाब्द ५४४ चैत्र शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ रवव 3
७ शुक्र 8
८ शति 9
१२ बध
ु 13 कामदा एकादशी व्रिम ् |
मेष संक्रान्ति: | सिआ
ु गोपीवल्लभ या राजभोग में पण्
ु यकाल आज प्राि:
सूयोदय सूं लेके मध्याह्न पयंि है | िामे भी संक्रान्ति के पास के दो घंटा
१३ गुरु 14 अति मख्
ु य पुण्यकाल है | अबके यह संक्रान्ति १३ गुरु कूं प्राि: ८ बजके ४२
ममतनट पर बैठी है | िासूं पुण्यकाल आज मातयो जायेगो | श्रीकूं भोग धरे
पीछे दान श्राद्धादद करने |
१४ शुक्र 15
१५ शति 16
1
वल्लभाब्द ५४४ वैशाख (गु. चैत्र) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ रवव 17 इष्ष्ि: |
२ सोम 18
३ मंगल 19
४ बध
ु 20
५ गुरु 21
६ शुक्र 22
९ रवव 24
१० सोम 25
१२ बुध 27
१३ गुरु 28
१४ शुक्र 29
३० शति 30
2
वल्लभाब्द ५४५ वैशाख शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
३ मंगल 3 अक्षय िि
ृ ीया चन्दि यात्रा त्रेिायुगादद जलकुम्भदािम ् |
३ बुध 4
५ शुक्र 6
६ शति 7
७ रवव 8
८ सोम 9
९ मंगल 10
१० बुध 11
१२ शुक्र 13
3
वल्लभाब्द ५४५ ज्येष्ठ (ग.ु वैशाख) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
३ बध
ु 18 कली के श्रंग
ृ ार को आरम्भ |
४ गुरु 19
५ शुक्र 20
६ शति 21
७ रवव 22
८ सोम 23
९ मंगल 24
१३ शति 28
4
वल्लभाब्द ५४५ ज्येष्ठ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ मंगल 31 इष्ष्ि: |
२ बुध 1 जि |
३ गरु
ु 2
४ शुक्र 3
६ रवव 5
६ सोम 6
७ मंगल 7
८ बुध 8
९ गुरु 9
१० शक्र
ु 10 श्रीगंगादशमी, गंगादशहरा, श्रीयमि
ु ाजी को उत्सव मािे है |
१३ रवव 12
5
वल्लभाब्द ५४५ आषाढ़ (ग.ु ज्येष्ठ) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ बुध 15 इष्ष्ि: |
२ गुरु 16
३ शुक्र 17
५ शति 18
६ रवव 19
७ सोम 20
८ मंगल 21
९ बुध 22
१० गुरु 23
११ शक्र
ु 24 योथगिी एकादशी व्रिम ् |
१२ शति 25
१३ रवव 26
१४ सोम 27
१४ मंगल 28
३० बध
ु 29 इष्ष्ि: |
6
वल्लभाब्द ५४५ आषाढ़ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ गुरु 30
७ बध
ु 6
८ गुरु 7
९ शुक्र 8
१२ सोम 11
१३ मंगल 12
7
वल्लभाब्द ५४५ श्रावण (ग.ु आषाढ़) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ शुक्र 15
३ शति 16
५ सोम 18
६ मंगल 19
७ बुध 20
९ शक्र
ु 22
१० शति 23
१२ सोम 25
१३ मंगल 26
१४ बध
ु 27
8
वल्लभाब्द ५४५ श्रावण शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
तिथि वार दद. उत्सव
१ शक्र
ु 29 इष्ष्ि: |
२ शति 30
४ सोम 1 अगस्ि |
६ बध
ु 3
७ गरु
ु 4
८ शुक्र 5
१० रवव 7
पत्र
ु दा एकादशी व्रिम ् | पववत्रारोपणं प्रािः श्रंग
ृ ार में 10 बजके 30
११ सोम 8
समतिि पवय |
१२ मंगल 9 गरू
ु ि कं पववत्रा धराविे | श्रीगोपीिािजी महाराज िाि उत्सव |
१३ बध
ु 10 चिरु ािागा उत्सव |
9
वल्लभाब्द ५४५ भारपद (ग.ु श्रावण) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ शति 13 हे म दहंदोला |
४ सोम 15
५ मंगल 16
६ बुध 17
१० रवव 21
११ सोम 22
१२ बुध 24
१३ गुरु 25
10
वल्लभाब्द ५४५ भारपद शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ सोम 29
४ बध
ु 31 गणेश चिि
ु ी |
१३ गरु
ु 8
१४ शुक्र 9
11
वल्लभाब्द ५४५ आष्ववि (ग.ु भारपद) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ रवव 11 इष्ष्ि: |
२ सोम 12
३ मंगल 13
४ बुध 14
६ शुक्र 16
७ शति 17
९ सोम 19
१४ शति 24
12
वल्लभाब्द ५४५ आष्ववि शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ मंगल 27
३ बुध 28
४ गुरु 29
५ शुक्र 30
६ शति 1 अक्िबर |
८ सोम 3
९ मंगल 4
१४ शति 8
13
वल्लभाब्द ५४५ कातियक (ग.ु आष्ववि) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ मंगल 11
३ बुध 12
४ गुरु 13
५ शक्र
ु 14
६ शति 15
६ रवव 16
७ सोम 17
८ मंगल 18
९ बुध 19
१० गुरु 20
११ शक्र
ु 21 रमा एकादशी व्रिम ् |
१३ रवव 23 धििेरस |
14
वल्लभाब्द ५४५ कातियक शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
४ शति 29
६ रवव 30
७ सोम 31
१० गरु
ु 3
१३ रवव 6
१४ सोम 7
15
वल्लभाब्द ५४५ मागयशीषय (ग.ु कातियक) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ गुरु 10
३ शक्र
ु 11
४ शति 12
५ रवव 13
६ सोम 14
७ मंगल 15
८ गुरु 17
९ शुक्र 18
१२ सोम 21
१३ मंगल 22 श्रीगस
ु ांईजी के 7लालजी श्रीघिवयामजी को उत्सव (१६२८) |
३० बुध 23 वयामघिा |
16
वल्लभाब्द ५४५ मागयशीषय शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ गुरु 24 इष्ष्ि: |
३ शति 26
४ रवव 27
१३ सोम 5
१४ मंगल 6
१४ बुध 7
17
वल्लभाब्द ५४५ पौष (ग.ु मागयशीषय) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ शुक्र 9
२ शति 10
३ रवव 11
४ सोम 12
५ मंगल 13
८ शुक्र 16 धिम
ु ायसारम्भ: |
१० रवव 18
१२ मंगल 20
१३ बुध 21
१४ गरु
ु 22
३० शक्र
ु 23
18
वल्लभाब्द ५४५ पौष शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ शति 24 इष्ष्ि: |
२ रवव 25
४ सोम 26
५ मंगल 27
६ बध
ु 28
७ गरु
ु 29
८ शक्र
ु 30
९ शति 31
१२ मंगल 3
१३ बुध 4
१४ गरु
ु 5
१५ शक्र
ु 6 माघ स्िािारम्भ: |
19
वल्लभाब्द ५४५ माघ (ग.ु पौष) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
तिथि वार दद. उत्सव
१ शति 7 इष्ष्ि: |
२ रवव 8
२ सोम 9
३ मंगल 10
४ बध
ु 11
५ गुरु 12
६ शुक्र 13
१२ गुरु 19
१३ शुक्र 20
३० शति 21
20
वल्लभाब्द ५४५ माघ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ सोम 23
३ मंगल 24
४ बध
ु 25 ष.ति.श्रीमक
ु ु न्दरायजी को पािोत्सव: |
६ शुक्र 27
७ शति 28
८ रवव 29
९ सोम 30
१० मंगल 31
१२ गुरु 2
१३ शुक्र 3
१४ शति 4
21
वल्लभाब्द ५४५ फाल्गुि (ग.ु माघ) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ सोम 6 इष्ष्ि: |
२ मंगल 7
३ बध
ु 8
४ गुरु 9
४ शुक्र 10
५ शति 11
६ रवव 12
८ मंगल 14
९ बुध 15
११ गरु
ु 16
१४ रवव 19
22
वल्लभाब्द ५४५ फाल्गुि शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
१ मंगल 21 इष्ष्ि:|
३ बुध 22
४ गुरु 23
५ शक्र
ु 24
६ शति 25
८ सोम 27 होसलकाष्िकारम्भ: |
१० बुध 1 माचय |
११ गुरु 2
११ शक्र
ु 3 आमलकी एकादशी व्रिम ् | कंु ज एकादशी |
१२ शति 4
१४ सोम 6 होली |
23
वल्लभाब्द ५४५ चैत्र (ग.ु फाल्गुि) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
२ गरु
ु 9 rÅिीया पाि |
३ शक्र
ु 10
४ शति 11
५ रवव 12
६ सोम 13
७ मंगल 14
८ बध
ु 15
९ गरु
ु 16
१० शुक्र 17
१२ रवव 19
१४ सोम 20
24
श्राद्धपक्ष को तनर्णय
भाद्रपद शक्
ु ल पक्ष १५, शतनवार से आन्ववन शक्
ु ल पक्ष १, सोमवार िक
(ददनांक 10.09.2022 से 26.09.2022 िक)
तिथि वार दद. श्राद्ध
भा.श.ु १५
शति 10.09 प्रतिपदा (एकम ्) को श्राद्ध
(पर्णयमा)
आ.कृ.१ रवव 11.09 द्वद्विीया (दज) को श्राद्ध
आ.कृ.६ शक्र
ु 16.09 सप्िमी (सािम) को श्राद्ध
आ.कृ.११ बध
ु 21.09 एकादशी (ग्यारस) को श्राद्ध
आ.कृ.१२ गरु
ु 22.09 द्वादशी (बारस) को श्राद्ध व सन्यासीि को श्राद्ध
25
ववशेष : 1. जाकी मरण तिथि चिुदयशी अिवा पर्णयमा होय िाको महालय श्राद्ध अष्िमी,
श्राद्धपक्ष को संकल्प
ॐ ववष्णु:3श्रीमद् भगविोमहापुरुषस्य ववष्णोराज्ञया प्रवयत्िमाि स्याद्य ब्रह्मणो
26
ग्रस्िास्ि खण्डग्रास सययग्रहण
संवि ् २०७९ कातियक (गु.आष्ववि) कृष्ण पक्ष ३० मंगलवार ददिांक २५-१०-२०२२ ई. क
सययग्रहण होयगो | या ददि नाथद्वारा में स्पष्ि माि सं ददिमाि २८ घड़ी २२ पल सयोदय
स्िे .िा. ६ बजके ३८ समतिि सयायस्ि स्िे .िा. ५ बजके ५९ समतिि है | श्रीनाथद्वारा में अमावस्या
मंगलवार कं िवीि गर्णि प्रमाणे स्पशय सायं ४ बजके ३५ समतिि मध्य ५ बजके ३५ समतिि,
मोक्ष ६ बजके २९ समतिि है | पवयकाल १ घण्िा ५४ समतिि होयगो | सोमवार की राबत्र के ३
बजके २९ समतिि सं ही वेध लगे है | िासं सोमवार राबत्र के ३ बजके २९ समतिि के पवय ही
खायो जायेगो| मंगलवार के ददि के १२ बजके १८ समतिि के पवय ही जल पीयो जायेगो | बबिा
जिेऊ के बालक ििा छोिी कन्या ददि के १२ बजके १८ समतिि के पवय ही प्रसाद ले सकेंगे |
राजभोग की सखड़ी भी गायि कं जाय | या ददि दोपहर २ बजके १५ समतिि के सम
ु ारे श्री..कं
उत्िापि तिसमत्िक शंखिाद कर जगाविे िाकक ग्रहण लगवे स पवय ही संध्या-आरिी पययन्ि की
सेवा हो जाय | सुफेदी सब कोरी राखिी, रसोई बालभोग आदद स्िल ििा पात्रि की शुवद्ध ग्रहण
में जैसी होिी होय वैसी करिी | सवयत्र दभय धरिे रीति प्रमाणे सखो मेवा प्रभतृ ि धरिे बीड़ा हं
िबकड़ी में िवीि धरिे, शय्या को साज बड़ो करिो | शय्या मंददर के झारी बंिा प्रभतृ ि खासा
करर के सखे करिे, शय्या उठाविी जहां प्रिम दभय ि धरे होय िहां सवयत्र दभय धरिे मििी
तिकारर मंददर को जलघडा वासि शुद्ध और सखे करिे स्पशय सं चारे क समतिि पवय दध
ु घर को
भोग उठाय झारी बंिाहं पट्ट वस्त्र सं उठाविे स्पशय समय दशयि खोसलके जपादद करिे सायं ५
बजके ३५ समतिि पे श्री..के आगे दाि को संकल्प करिो र्खचड़ी को डबरा धि
ृ दक्षक्षणा सदहि
प्राय: सवयत्र ददयो जाय है प्रत्यक्ष अिवा तिष्क्रय द्वारा गोदाि जहां जैसो होिो होय वहां वैसो
ककयो जाय | मिुष्य भी यिाशष्क्ि दािादद अववय करे | मोक्ष समय पीछे चार पांच समतिि
ठहरके स्िािादद करिे | शुद्ध होय िवीि जल सं पात्र ििा स्िल ख़ासा करर िवीि जल सं
झारी भरिी श्री..कं स्िाि करवाय के ग्रहण पीछे को भोग ििा शयि भोग में अिसखडी ही
धरिी | तित्य प्रमाणे सब सेवा करिी | दसरे ददि कातियक शक्
ु ल प्रतिपदा बध
ु वार कं िवीि
जल सं सवय शुवद्ध होय के रीति प्रमाणे तित्य क्रम सं राजभोग पययन्ि की सेवा कर अिोसर
पीछे यिाशष्क्ि ब्राह्मण भोजि पवयक प्रसाद लेिो |
27
यह ग्रहण – वष
ृ भ, ससंह, धिु, मकर रासश वारे ि कं शुभ
मेष, समिुि, कन्या, कुम्भ रासश वारे ि कं मध्यम
ककय, िल
ु ा, वष्ृ वचक, मीि रासश वारे ि कं अशभ
ु
ष्जिको जन्म िक्षत्र स्वाति होय िाकं ववशेष अतिष्ि | ष्जिकं ग्रहण अतिष्ि होय तििकं ववशेष
दािाददक करिे | एक कांस्य के पात्र में िािो पिरो घि
ृ भररके सव
ु णय को िाग ििा सयय बबम्ब
धररके वा िािे पिरे घि
ृ में मुख दे र्खके दक्षक्षणा सदहि दाि करिो | िाको मन्त्र
िमोमय महाभीम सोमसयय ववमदय ि |
घतटा ४ ५ ६ १
ममतनट ३५ ३५ २९ ५४
28
ग्रस्िोददि खग्रास चन्रग्रहण
संवि ् २०७९ कातियक शुक्ल पर्णयमा मंगलवार ददिांक ०८-११-२०२२ ई. क ग्रस्िोददि
खग्रास चन्रग्रहण होयगो | या ददि नाथद्वारा में स्पष्ि माि सं ददिमाि २७ घड़ी ३४ पल
सयोदय स्िे .िा. ६ बजके ४८ समतिि सयायस्ि स्िे .िा. ५ बजके ५० समतिि है | श्रीनाथद्वारा में
पर्णयमा मंगलवार कं िवीि गर्णि प्रमाणे स्पशय ददि के २ बजके ३९ समतिि मध्य ४ बजके ३०
समतिि, मोक्ष ६ बजके २० समतिि है | पवयकाल ३ घण्िा ४१ समतिि को होयगो | सोमवार की
राबत्र के १२ बजके २० समतिि सं ही वेध लगे है | िासं १२ बजके २० समतिि के पवय ही खायो
जायेगो| मंगलवार के ददि प्रािः ९ बजके ३४ समतिि सं पवय ही जल पीयो जायेगो | बबिा जिेऊ
के बालक ििा छोिी कन्या ददि के ९ बजके ३४ समतिि के पवय ही प्रसाद ले सकेंगे | मंगलवार
के ददि सवेरे वेग ही राजभोग हो जाय | राजभोग की सखड़ी भी गायि कं जाय | उत्िापि के
शंखिाद ऐसे समय पर की २ बजके १५ समतिि िक संध्या आरिी पययन्ि की सेवा हो जाय |
सेवा में सफ
ु े दी सब कोरी राखिी, रसोई बालभोग आदद स्िल ििा पात्रि की शवु द्ध करिी |
सवयत्र दभय धरिे | स्पशय सं चारे क समतिि पवय झारी बीड़ा पट्ट वस्त्र सं उठाविे | दशयि खोसलके
जपाददक करिे सायं ४ बजके ३० समतिि पीछे श्री..के आगे दाि को संकल्प करिो | र्खचड़ी को
डबरा धि
ृ दक्षक्षणा सदहि प्राय: सवयत्र ददयो जाय है | प्रत्यक्ष अिवा तिष्क्रय द्वारा गोदाि जहां
जैसो होिो होय वहां वैसो ककयो जाय | मिुष्य भी यिाशष्क्ि दािादद अववय करे | मोक्ष समय
पीछे चार पांच समतिि ठहरके स्िािादद करिे | शद्ध
ु होय िवीि जल सं पात्र ििा स्िल ख़ासा
करर िवीि जल सं झारी भरिी श्री..कं स्िाि करवाय के ग्रहण पीछे को भोग ििा शयि भोग
धरिो | आरिी करिी, अिोसर करिे यिाशष्क्ि ब्राह्मण भोजि पवयक प्रसाद लेिो | यद्यद्वि या
ग्रहण को स्पशय ददि में है ििावप मोक्ष सयायस्ि पीछे रष्ष्िगोचर होयगो | िा सं यह ग्रहण
माििो चादहए |
मेष, वष
ृ भ, कन्या, मकर रासश वारे ि कं अशभ
ु
29
ष्जिको जन्म िक्षत्र भरणी होय िाकं ववशेष अतिष्ि | ष्जिकं ग्रहण अतिष्ि होय तििकं ववशेष
दािादद करिे | एक कांस्य के पात्र में िािो पिरो घि
ृ भररके सुवणय को िाग ििा चन्र बबम्ब
धररके वा िािे पिरे घि
ृ में मख
ु दे र्खके दक्षक्षणा सदहि दाि करिो | िाको मन्त्र
घतटा २ ४ ६ ३
ममतनट ३९ ३० २० ४१
30
भन्क्िसेि:ु हवेली (वापी गहृ ) में बबराजमान जनानान ् (बहुजी, बेटीजी) के उत्सव व
जतमददन की यादी:-
श्रावण शक्
ु ल ११ :: अ.सौ.गो.श्रीरािी बहुजी गोववन्दरायजी (िीलाक्षी बहुजी) को जन्मददि |
31
32
33
Contact Numbers :: संपकय
भष्क्िसेिु: अथधकारीजी +91 99740 87613 /
वविुभाई वाछाणी +91 99096 93321
पाठशाला प्रधाि अध्यावपका +91 97141 07906
अ.सौ.श्रीरािीबहुजी गोववन्दरायजी
अध्यावपका है दराबाद +91 79817 38258
अरुणाबेि डागा
अध्यावपका ससकन्दराबाद +91 94413 33939
दक्षाबेि पिे ल
अध्यावपका वापी +91 70469 17662
पिमबेि गांधी
Volunteer drive भन्क्िसेिु: +91 80966 36007
डॉ.हरीशभाई ओझा
V.a.p.i. study class +91 95745 50822
गीिाबेि महे िा
प. जेजेश्री की पधरामिी / ऑफ़्लाइि / ऑिलाइि
वचिामिृ के सलए -
+91 97129 77509 / +91 93770 11145
कमलभाई जठ ु ाणी
34
35
ू ण”
“यशोदोत्संगलामलत श्रीिन्नंदराजकुिार श्रीिदाचायवजी के अन्त:करणभष
“नन्दभर्न हर्ेली” - 116, िहापौर ननर्ास के सिीप, बेर्ली पाकव, िीरा रोि - 401107
तािीख : 12/12/1957