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|| श्रीहरि: ||

जगद्गरु
ु श्रीमद्वल्लभाचार्य के सम्प्रदार् रमाण

उत्सव तथा व्रतन की टीप


ववक्रम संवत ् २०७९ िाक्षस नाम संवत्सिे ईस्वी सन ् 2022-2023

श्रीवल्लभाब्द ५४४ – ५४५ शाललवाहन शके १९४४ शुभकृत नाम संवत्सिे

जगद्गरु
ु :महारभ:ु श्रीमद्वल्लभाचार्य वंशावतंस
गौ-ब्राम्प्हण रततपाल वापीनिे श
गोस्वालम १०८ श्रीनीिजकुमािजी माधविार्जी महािाजश्री
की आज्ञासं रकालशत
रकाशक : श्रीबलभद्र वव‘t भण्डाि – भक्ततसेतु: -वापी
“व्रजजन सर्वस्र् गोपीजनर्ल्लभ प्रभ:ु श्रीबालकृष्णलाल एर्ं रे र्तीर्ल्लभ श्रीदाऊदयालप्रभु:”

गोस्र्ामि १०८ श्रीनीरजकुिारजी िाधर्रायजी िहाराजश्री के िाथे बबराजिान

भक्ततसेतु: - र्ापी
वल्लभाब्द ५४४ चैत्र शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव


१ शति 2 अप्रेल, सि ् 2022 संवत्सरोत्सव:|

२ रवव 3

३ सोम 4 गणगौरी | (चंदड़ी गणगौर)

४ मंगल 5 पंचरं गी लहररयााँ (हरर गणगौर)

५ बुध 6 गुलाबी गणगौर

श्रीगुसााँईजी के 6लालजी श्रीयदि


ु ािजी को उत्सव | (१६१५)
६ गरु
ु 7
केसरी गणगौर एवं यमि
ु ा छट्ठ |

७ शुक्र 8

८ शति 9

९ रवव 10 रामिवमी व्रिम ् |

१० सोम 11 रामिवमी व्रि की पारणा |

११ मंगल 12 श्रीवल्लभाचाययचरण के उत्सव की बधाई बैठे |

१२ बध
ु 13 कामदा एकादशी व्रिम ् |
मेष संक्रान्ति: | सिआ
ु गोपीवल्लभ या राजभोग में पण्
ु यकाल आज प्राि:
सूयोदय सूं लेके मध्याह्न पयंि है | िामे भी संक्रान्ति के पास के दो घंटा
१३ गुरु 14 अति मख्
ु य पुण्यकाल है | अबके यह संक्रान्ति १३ गुरु कूं प्राि: ८ बजके ४२
ममतनट पर बैठी है | िासूं पुण्यकाल आज मातयो जायेगो | श्रीकूं भोग धरे
पीछे दान श्राद्धादद करने |

१४ शुक्र 15

१५ शति 16

1
वल्लभाब्द ५४४ वैशाख (गु. चैत्र) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ रवव 17 इष्ष्ि: |

२ सोम 18

३ मंगल 19

४ बध
ु 20

५ गुरु 21

६ शुक्र 22

७ शति 23 rÅ.ति.श्रीववट्ठलिािजी को पािोत्सव |

९ रवव 24

१० सोम 25

वरूथििी एकादशी व्रिम ् | श्रीवल्लभाचाययजी (श्रीमहाप्रभज


ु ी) को उत्सव |
११ मंगल 26
(१५३५) श्रीवल्लभाब्द ५४५ को प्रारम्भ:|

१२ बुध 27

१३ गुरु 28

१४ शुक्र 29

३० शति 30

2
वल्लभाब्द ५४५ वैशाख शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ रवव 1 मई, इष्ष्ि: |

२ सोम 2 श्रीमन्मिरायजी गादी बबराजे |

३ मंगल 3 अक्षय िि
ृ ीया चन्दि यात्रा त्रेिायुगादद जलकुम्भदािम ् |

३ बुध 4

४ गुरु 5 श्रीगोवधयिेशजी महाराज को उत्सव

५ शुक्र 6

६ शति 7

७ रवव 8

८ सोम 9

९ मंगल 10

१० बुध 11

११ गुरु 12 मोदहिी एकादशी व्रिम ् | आम को छप्पिभोग उत्सव – वापी |

१२ शुक्र 13

१३ शति 14 श्रीबालकृष्णलाल प्रभु को पािोत्सव (मोिा मष्न्दर – मुम्बई) |

१४ रवव 15 श्रीिसृ संह जयन्िी व्रिम ् |

१५ सोम 16 श्रीमाधवरायजी महाराज िाि उत्सव | इष्ष्ि: |

3
वल्लभाब्द ५४५ ज्येष्ठ (ग.ु वैशाख) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव


इष्ष्ि:| श्रीगोकुलिािजी िािजी महाराज गादी बबराजे (दज को क्षय
१ मंगल 17
होयवे सं आज) |

३ बध
ु 18 कली के श्रंग
ृ ार को आरम्भ |

४ गुरु 19

५ शुक्र 20

६ शति 21

७ रवव 22

८ सोम 23

९ मंगल 24

आज दोपहर २ बजके ५३ समतिि सं लेके ज्येष्ठ शुक्ल ८ बुध को


१० बुध 25 दोपहर १२ बजके ३९ समतिि िक सयय को रोदहणी िक्षत्र है | िासं
इि ददिि में श्री..के अंग में चन्दि धराविो प्रशस्ि है |

११ गुरु 26 अपरा एकादशी व्रिम ् |

१२ शुक्र 27 श्रीदीक्षक्षिजी महाराज िाि उत्सव |

१३ शति 28

१४ रवव 29 श्रीगोववन्दरायजी बावासाहे ब को जन्मददि |

३० सोम 30 सोमविी अमावस सयोदय से लेके सायं ५ बजे िक |

4
वल्लभाब्द ५४५ ज्येष्ठ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ मंगल 31 इष्ष्ि: |

२ बुध 1 जि |

३ गरु
ु 2

४ शुक्र 3

५ शति 4 श्री… के िाव को मिोरि |

६ रवव 5

६ सोम 6

७ मंगल 7

८ बुध 8

९ गुरु 9

१० शक्र
ु 10 श्रीगंगादशमी, गंगादशहरा, श्रीयमि
ु ाजी को उत्सव मािे है |

११ शति 11 तिजयला एकादशी व्रिम ् |

१३ रवव 12

१४ सोम 13 स्िाि को जल भरिो सांझ कं जल को अथधवासि करिो |

१५ मंगल 14 ज्येष्ठासभषेक (स्िाि यात्रा) |

5
वल्लभाब्द ५४५ आषाढ़ (ग.ु ज्येष्ठ) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ बुध 15 इष्ष्ि: |

२ गुरु 16

३ शुक्र 17

५ शति 18

६ रवव 19

७ सोम 20

८ मंगल 21

९ बुध 22

१० गुरु 23

११ शक्र
ु 24 योथगिी एकादशी व्रिम ् |

१२ शति 25

१३ रवव 26

१४ सोम 27

१४ मंगल 28

३० बध
ु 29 इष्ष्ि: |

6
वल्लभाब्द ५४५ आषाढ़ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ गुरु 30

२ शुक्र 1 जुलाई | रियात्रा |

३ शति 2 श्रीमिुरेशजी महाराज िाि उत्सव |

४ रवव 3 प्रभु श्रीबालकृष्णलाल - श्रीदाऊदयाल प्रभु पािोत्सव –वापी |

श्रीमन्मिरायजी महाराजश्री को जन्मददि | श्रीमक


ु ु न्दरायजी िाि
५ सोम 4
उत्सव | ि.ृ ति.श्रीद्वारकाधीशजी को पािोत्सव: |

६ मंगल 5 कसम्बा छठ | षष्ठी पण्डग |

७ बध
ु 6

८ गुरु 7

९ शुक्र 8

१० शति 9 बैंगि दशमी |

दे वशयिी एकादशी व्रिम ् | चािुमायस्य तियमारम्भ: | कली के श्रंग


ृ ार
११ रवव 10
पणय |

१२ सोम 11

१३ मंगल 12

गुरुपर्णयमा उत्सव | चािुमायस्य तियमारम्भ: | एकादशी कं ि भयो


१५ बुध 13 होय िो द्वादशी अिवा पर्णयमा के ददि कारणो िामे पर्णयमा
मख्
ु य |

7
वल्लभाब्द ५४५ श्रावण (ग.ु आषाढ़) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव


इष्ष्ि: | दहन्डोलारम्भ: प्रभु आज सं दशमी िांई सर
ु ं ग दहन्डोला
१ गुरु 14
झलें |

२ शुक्र 15

३ शति 16

४ रवव 17 च.ति.श्रीगोकुलिािजी ििा पं.ति.श्रीगोकुलचन्रमाजी को पािोत्सव:|

५ सोम 18

६ मंगल 19

७ बुध 20

८ गुरु 21 जन्माष्िमी की बधाई बैठे |

९ शक्र
ु 22

१० शति 23

११ रवव 24 कासमका एकादशी व्रिम ् | मिोरि के दहन्डोला प्रारम्भ |

१२ सोम 25

१३ मंगल 26

१४ बध
ु 27

३० गुरु 28 हररयाली अमावस |

8
वल्लभाब्द ५४५ श्रावण शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
तिथि वार दद. उत्सव

१ शक्र
ु 29 इष्ष्ि: |

२ शति 30

३ रवव 31 ठकुरािी िीज मधस्र


ु वा |

४ सोम 1 अगस्ि |

५ मंगल 2 िाग पंचमी |

६ बध
ु 3

७ गरु
ु 4

८ शुक्र 5

९ शति 6 श्रावण ९ को बगीचा |

१० रवव 7

पत्र
ु दा एकादशी व्रिम ् | पववत्रारोपणं प्रािः श्रंग
ृ ार में 10 बजके 30
११ सोम 8
समतिि पवय |

१२ मंगल 9 गरू
ु ि कं पववत्रा धराविे | श्रीगोपीिािजी महाराज िाि उत्सव |

१३ बध
ु 10 चिरु ािागा उत्सव |

श्रीववट्ठलेशरायजी महाराज को उत्सव (१६५७), आपस्िंभ दहरण्य


केशीय बौधायि काण्व माध्यष्न्दि प्रभतृ ि, ऋग्वेदीि, सवय यजुवेदीि
१४ गरु
ु 11
ििा अिवयवेदीि की
श्रावणी |
रक्षाबन्धिं प्रािः श्रंग
ृ ार में ७ बजके ०६ समतिि पवय,
१५ शुक्र 12 गस
ु ांईजी के ज्येष्ठ पत्र
ु श्रीथगरधरजी के लालजी श्रीदामोदरजी
महाराज को उत्सव (१६३२) |

9
वल्लभाब्द ५४५ भारपद (ग.ु श्रावण) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

२ शति 13 हे म दहंदोला |

३ रवव 14 दहन्दोला ववजय श्रंग


ृ ार में, कज्जली िीज |

४ सोम 15

५ मंगल 16

६ बुध 17

७ गुरु 18 शयि में षष्ठी को उत्सव | ववष्णुस्वासम प्राकट्योत्सव |

८ शुक्र 19 जन्माष्िमी व्रिम ् |

९ शति 20 िन्द महोत्सव | श्रीकृष्णजीविजी महाराज िाि उत्सव |

१० रवव 21

११ सोम 22

१२ मंगल 23 अजा एकादशी व्रिम ् |

१२ बुध 24

१३ गुरु 25

१४ शुक्र 26 काका वल्लभजी को उत्सव (१७०३) |

३० शति 27 कुशग्रहणी अमावस |

10
वल्लभाब्द ५४५ भारपद शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ रवव 28 इष्ष्ि: | राधाष्िमी की बधाई |

२ सोम 29

३ मंगल 30 सामवेदीि की श्रावणी |

४ बध
ु 31 गणेश चिि
ु ी |

५ गुरु 1 ससिम्बर, ऋवष पंचमी, श्रीचन्रावलीजी को उत्सव |

६ शुक्र 2 बलदे व छठ | श्रीलसलिाजी को उत्सव |

७ शति 3 श्रीववशाखाजी को उत्सव |

८ रवव 4 राधाष्िमी – श्रीस्वासमिीजी को उत्सव |

९ सोम 5 श्रीमद्भागवि सप्िाह पारायण प्रारम्भ |

प्रभु श्रीकाँु वरलाडडलेलाल को पािोत्सव | लेखवारे परु


ु षोत्िमजी को
११ मंगल 6
उत्सव (१७१४) |
पररवतियिी एकादशी व्रिम ् (दाि एकादशी), श्री..में वामि Åtदशी
१२ बध
ु 7
व्रिम ् | श्रीमद्गोकुलिािजी िािजी महाराज को उत्सव |

१३ गरु
ु 8

१४ शुक्र 9

श्रीमद्भागवि पारायण सम्पणय | सांझी को आरम्भ | श्राद्धपक्ष को


१५ शति 10 आरम्भ िाको तिणयय पष्ृ ठ 25 पर एवं श्राद्धपक्ष को संकल्प पष्ृ ठ
26 पर सलख्यो है |

11
वल्लभाब्द ५४५ आष्ववि (ग.ु भारपद) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ रवव 11 इष्ष्ि: |

२ सोम 12

३ मंगल 13

४ बुध 14

५ गुरु 15 श्रीहरररायजी को उत्सव (१६४७) |

६ शुक्र 16

७ शति 17

८ रवव 18 श्रीगोपीिाि प्रभुचरण के पुत्र श्रीपुरुषोत्िमजी को उत्सव (१५८७) |

९ सोम 19

१० मंगल 20 श्रीदीक्षक्षिजी बावासाहे ब जन्मददि (समिुिरायजी)

११ बुध 21 इष्न्दरा एकादशी व्रिम ् (महादाि) |

१२ गुरु 22 श्रीमहाप्रभुजी के पुत्र प्रभुचरण श्रीगोपीिािजी को उत्सव (१५६७) |

१३ शुक्र 23 श्रीगुसााँईजी के 3लालजी श्रीबालकृष्णजी को उत्सव (१६०६) |

१४ शति 24

३० रवव 25 सवयवपि ृ अमावस, कोि की आरिी और सांझी की समाष्प्ि |

12
वल्लभाब्द ५४५ आष्ववि शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ सोम 26 इष्ष्ि:| िवरात्रारम्भ:, मािामह श्राद्ध |

२ मंगल 27

३ बुध 28

४ गुरु 29

५ शुक्र 30

६ शति 1 अक्िबर |

७ रवव 2 सरस्विी पजिारम्भ: |

८ सोम 3

९ मंगल 4

दशहरा (ववजयादशमी), सरस्विी ववसजयिम ् , श्रीथगरधरजी के प्रिम


१० बध
ु 5
लालजी श्रीमरु लीधरजी को उत्सव |

११ गुरु 6 पाशांकुशा एकादशी व्रिम ् |

ष.ति.श्रीबालकृष्णजी को पािोत्सव: | त्रयोदशी को क्षय होयवे सं


१२ शुक्र 7
आज |

१४ शति 8

१५ रवव 9 शरद पर्णयमा (रासोत्सव:) | कातियक स्िािारम्भ: |

13
वल्लभाब्द ५४५ कातियक (ग.ु आष्ववि) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव


१ सोम 10 इष्ष्ि: |

२ मंगल 11

३ बुध 12

४ गुरु 13

५ शक्र
ु 14

६ शति 15

६ रवव 16

७ सोम 17

८ मंगल 18

९ बुध 19

१० गुरु 20

११ शक्र
ु 21 रमा एकादशी व्रिम ् |

१२ शति 22 श्रीवत्स Åtदशी – वाघ बारस |

१३ रवव 23 धििेरस |

१४ सोम 24 रूप चिुदयशी (अभ्यंग), दीपावली (दीपोत्सव) हिड़ी |

ग्रस्िास्ि खण्डग्रास सययग्रहण िाको तिणयय पष्ृ ठ 27 व 28 पर


३० मंगल 25
सलख्यो है |

14
वल्लभाब्द ५४५ कातियक शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ बुध 26 इष्ष्ि: | गुजरय ाणां २०७९ वषायरम्भ: |

२ गुरु 27 यम rÅिीया (भाईदज) |

३ शुक्र 28 अन्िकि की बड़ी सेवा |

४ शति 29

६ रवव 30

७ सोम 31

८ मंगल 1 िवम्बर, गोपाष्िमी, (गोकणय जागरणम ्) काि जगाई |

अक्षय िवमी | कृि युगादद कष्माण्ड दािम ् | अन्िकिोत्सव | गोवधयि


९ बुध 2
पजा, अमावस्या कं सययग्रहण हिो िासं आज |

१० गरु
ु 3

प्रबोथधिी एकादशी व्रिम ् दे वोत्िापिं सायं संध्या में ६ बजके ९ समतिि


११ शुक्र 4
पवचाि ् |
श्रीगस
ु ांईजी के 1लालजी श्रीथगरधरजी को उत्सव (१५९७) ििा 5लालजी
१२ शति 5
श्रीरघुिािजी को उत्सव (१६११) |

१३ रवव 6

१४ सोम 7

चािुमायस्य ििा कातियक के तियम की समाष्प्ि | गोपमासारम्भ:|


१५ मंगल 8 ग्रस्िोददि खग्रास चन्रग्रहण, िाको तिणयय पष्ृ ठ 29 व 30 पर सलख्यो
है |

15
वल्लभाब्द ५४५ मागयशीषय (ग.ु कातियक) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ बुध 9 इष्ष्ि: | व्रिचयाय अिवा गोपमासारम्भ: |

२ गुरु 10

३ शक्र
ु 11

४ शति 12

५ रवव 13

६ सोम 14

७ मंगल 15

८ बुध 16 श्रीगुसांईजी के 2लालजी श्रीगोववन्दरायजी को उत्सव (१५९९) |

८ गुरु 17

९ शुक्र 18

१० शति 19 घिा को आरम्भ (हररघिा) | श्रीउत्िमवलोकजी महाराज को उत्सव |

११ रवव 20 उत्पष्त्ि एकादशी व्रिम ् |

१२ सोम 21

१३ मंगल 22 श्रीगस
ु ांईजी के 7लालजी श्रीघिवयामजी को उत्सव (१६२८) |

३० बुध 23 वयामघिा |

16
वल्लभाब्द ५४५ मागयशीषय शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ गुरु 24 इष्ष्ि: |

२ शुक्र 25 दज को चन्दा (चन्र घिा) |

३ शति 26

४ रवव 27

स.ति.श्रीमदिमोहिजी को पािोत्सव | श्रीजीविजी महाराज को उत्सव,


५ सोम 28
दोहरा मण्डाि |

६ मंगल 29 श्रीजीविजी महाराज गादी बबराजे |

७ बुध 30 श्रीगुसांईजी के 4लालजी श्रीगोकुलिािजी को उत्सव (१६०८) |

ददसम्बर | श्रीगुसांईजी के उत्सव की बधाई बैठे (िवमी को क्षय होयवे


८ गुरु 1
सं आज) |

१० शुक्र 2 (लाल घिा)

११ शति 3 श्रीमद्भगवद्गीिा जयंिी (गीिा पारायण) |

१२ रवव 4 मोक्षदा एकादशी व्रिम ् |

१३ सोम 5

१४ मंगल 6

१४ बुध 7

श्रीश्रीिािजी के िेम को छप्पि भोग | बलदे वजी को उत्सव | गोपमास


१५ गुरु 8
की समाष्प्ि | इष्ष्ि: |

17
वल्लभाब्द ५४५ पौष (ग.ु मागयशीषय) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ शुक्र 9

२ शति 10

३ रवव 11

४ सोम 12

५ मंगल 13

६ बुध 14 श्रीिीरजकुमारजी महाराजश्री को जन्मददि (गुलाबी घिा) |

श्रीगुसांईजी के ज्येष्ठ पौत्र श्रीगोववन्दजी के पुत्र श्रीकल्याणरायजी को


७ गुरु 15
उत्सव (१६२५) |

८ शुक्र 16 धिम
ु ायसारम्भ: |

९ शति 17 प्रभुचरण श्रीववट्ठलिािजी श्रीगुसांईजी को उत्सव (१५७२) |

१० रवव 18

सफला एकादशी व्रिम ् | फल अववय भोग धरिो, फलि के दाि


११ सोम 19
अववय करिो |

१२ मंगल 20

१३ बुध 21

१४ गरु
ु 22

३० शक्र
ु 23

18
वल्लभाब्द ५४५ पौष शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ शति 24 इष्ष्ि: |

२ रवव 25

४ सोम 26

५ मंगल 27

६ बध
ु 28

७ गरु
ु 29

८ शक्र
ु 30

९ शति 31

जिवरी सि ् २०२३ का प्रारम्भ: | श्रीकल्याणरायजी महाराज िाि


१० रवव 1
उत्सव |

११ सोम 2 पुत्रदा एकादशी व्रिम ् |

१२ मंगल 3

१३ बुध 4

१४ गरु
ु 5

१५ शक्र
ु 6 माघ स्िािारम्भ: |

19
वल्लभाब्द ५४५ माघ (ग.ु पौष) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९
तिथि वार दद. उत्सव

१ शति 7 इष्ष्ि: |

२ रवव 8

२ सोम 9

३ मंगल 10

४ बध
ु 11

५ गुरु 12

६ शुक्र 13

७ शति 14 धिुमायस की समाष्प्ि | भोगी संक्रान्ि |

मकर संक्राष्न्ि: | तिलवा गोपीवल्लभ अिवा राजभोग में िा पीछे


दाि श्राद्धादद करिे | अबके यह संक्राष्न्ि ७ शति कं राबत्र के ८
८ रवव 15 बजके ४६ समतिि पर बैठे है िासं पुण्यकाल आज सयोदय से लेके
ददिके ३ बजके २३ समतिि पययन्ि है | िामे भी सयोदय के पास के
२ घंिा अति मख्
ु य पण्
ु यकाल है | उत्िरायण |
९ सोम 16

१० मंगल 17 पीली घिा |

षट्तिला एकादशी व्रिम ् | तिल की वस्िु अववय भोग धरिो | तिल


११ बुध 18
के दाि भक्षणादद करिे |

१२ गुरु 19

१३ शुक्र 20

३० शति 21

20
वल्लभाब्द ५४५ माघ शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव


१ रवव 22 इष्ष्ि: |

२ सोम 23

३ मंगल 24

४ बध
ु 25 ष.ति.श्रीमक
ु ु न्दरायजी को पािोत्सव: |

५ गुरु 26 बसन्ि पंचमी |

६ शुक्र 27

७ शति 28

८ रवव 29

९ सोम 30

१० मंगल 31

११ बुध 1 फरवरी, जया एकादशी व्रिम ् |

१२ गुरु 2

१३ शुक्र 3

१४ शति 4

माघ स्िाि की समाष्प्ि: | होरी डााँडो रोपणं, आज सयायस्िान्िरम ्


१५ रवव 5 सायं ६ बजके २१ समतिि पवचाि ्, याही समय धमार को आरम्भ,
रोपणी को उत्सव |

21
वल्लभाब्द ५४५ फाल्गुि (ग.ु माघ) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ सोम 6 इष्ष्ि: |

२ मंगल 7

३ बध
ु 8

४ गुरु 9

४ शुक्र 10

५ शति 11

६ रवव 12

७ सोम 13 श्रीश्रीिािजी को पािोत्सव: |

८ मंगल 14

९ बुध 15

११ गरु
ु 16

१२ शुक्र 17 ववजया एकादशी व्रिम ् |

१३ शति 18 महासशवरात्री | प्रभु या ददि वाघम्बर धरें |

१४ रवव 19

३० सोम 20 इष्ष्ि: | सोमविी अमावस योग दोपहर १२ बजके ३७ समतिि िक |

22
वल्लभाब्द ५४५ फाल्गुि शक्
ु लपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ मंगल 21 इष्ष्ि:|

३ बुध 22

४ गुरु 23

५ शक्र
ु 24

६ शति 25

७ रवव 26 प्र.ति.श्रीमिरु े शजी को पािोत्सव: |

८ सोम 27 होसलकाष्िकारम्भ: |

९ मंगल 28 बगीचा िोम |

१० बुध 1 माचय |

११ गुरु 2

११ शक्र
ु 3 आमलकी एकादशी व्रिम ् | कंु ज एकादशी |

१२ शति 4

१३ रवव 5 िेरस को बगीचा |

१४ सोम 6 होली |

धसलवन्दि (धुरेण्डी) | होसलका प्रदीपिं १५ मंगल के सयोदयाि ् ६


१५ मंगल 7
बजके ५४ समतिि स पवय |

23
वल्लभाब्द ५४५ चैत्र (ग.ु फाल्गुि) कृष्णपक्ष: ववक्रमाब्द २०७९

तिथि वार दद. उत्सव

१ बुध 8 इष्ष्ि:| दोलोत्सव (डोल) |

२ गरु
ु 9 rÅिीया पाि |

३ शक्र
ु 10

४ शति 11

५ रवव 12

६ सोम 13

७ मंगल 14

८ बध
ु 15

९ गरु
ु 16

१० शुक्र 17

११ शति 18 पापमोथचिी एकादशी व्रिम ् |

१२ रवव 19

१४ सोम 20

३० मंगल 21 वषे हषय: प्रकषय: स्याि ् |

24
श्राद्धपक्ष को तनर्णय
भाद्रपद शक्
ु ल पक्ष १५, शतनवार से आन्ववन शक्
ु ल पक्ष १, सोमवार िक
(ददनांक 10.09.2022 से 26.09.2022 िक)
तिथि वार दद. श्राद्ध
भा.श.ु १५
शति 10.09 प्रतिपदा (एकम ्) को श्राद्ध
(पर्णयमा)
आ.कृ.१ रवव 11.09 द्वद्विीया (दज) को श्राद्ध

आ.कृ.२ सोम 12.09 िि


ृ ीया (िीज) को श्राद्ध
आ.कृ.३ मंगल 13.09 चिुिी (चौि) को श्राद्ध
पंचमी (पाचम) को श्राद्ध एवं वपण्डरदहि भरणी
आ.कृ.४ बुध 14.09
श्राद्ध
आ.कृ.५ गरु
ु 15.09 षष्ठी (छठ) को श्राद्ध

आ.कृ.६ शक्र
ु 16.09 सप्िमी (सािम) को श्राद्ध

आ.कृ.७ शति 17.09 ------

आ.कृ.८ रवव 18.09 अष्िमी (आठम) को श्राद्ध व व्यिीपाि श्राद्ध

आ.कृ.९ सोम 19.09 िवमी (िवम) को श्राद्ध व अववधवा िवमी

आ.कृ.१० मंगल 20.09 दशमी (दशम) को श्राद्ध

आ.कृ.११ बध
ु 21.09 एकादशी (ग्यारस) को श्राद्ध

आ.कृ.१२ गरु
ु 22.09 द्वादशी (बारस) को श्राद्ध व सन्यासीि को श्राद्ध

आ.कृ.१३ शुक्र 23.09 त्रयोदशी (िेरस) को श्राद्ध व मघा श्राद्ध


चिुदयशी (चौदस) तिसमत्िक घायलि को श्राद्ध,
आ.कृ.१४ शति 24.09 जल शस्त्र आदद सं मरण पायो होय उिके ही
या ददि श्राद्ध
आ.कृ.३० रवव 25.09 अमावस ििा सवयवपि ृ को श्राद्ध

आ.शु.१ सोम 26.09 मािामह श्राद्ध क्रमश: प.ृ २६

25
ववशेष : 1. जाकी मरण तिथि चिुदयशी अिवा पर्णयमा होय िाको महालय श्राद्ध अष्िमी,

Åtदशी, अमावस्या, व्यिीपाि या में सं कोई भी ददि करिो प्रशस्ि है |


2. अष्िमी रवव कं व्यिीपाि योग होय वे सं यह ददवस श्राद्धाददक में ववशेष प्रशस्ि है | कोई
भी तिथि को श्राद्ध रदह गयो होय या रही जायवे को सम्भव होय िो िाको श्राद्ध या ददवस
करिो |

|| इति श्राद्धपक्ष तिणयय समाप्ि ||

श्राद्धपक्ष को संकल्प
ॐ ववष्णु:3श्रीमद् भगविोमहापुरुषस्य ववष्णोराज्ञया प्रवयत्िमाि स्याद्य ब्रह्मणो

द्वद्विीयपराधे श्री ववेिवाराह कल्पे वैवस्वि मन्वन्िरे ऽष्िा ववन्शति िम कसलयग


ु े कसल प्रिम
चरणे भलोके जम्बÅeपे भारिवषे आयायविायन्िगयिे ब्रह्माविैक दे शे अमक
ु दे शे बौद्धाविारे
राक्षसिाष्म्ि एकोि अशीति: अथधक rÅसहस्त्र संख्या के वैक्रमाब्दे शकािुसारे ण शुभकृि िाम
संवत्सरे शरदिौ आष्ववि मासे (गुजरय भारपद मासे) कृष्णपक्षे अमुक तििौ वासराष्न्विायां
िक्षत्र, योगे, करणे अमुक रासश ष्स्ििे चन्रे , ससंह रासश ष्स्ििे श्रीसये ७ शति िः कन्या रासश
ष्स्ििे श्रीसये मीि रासश ष्स्ििे श्री दे वगुरौ शेषेषु ग्रहे षु यिा रासश स्िाि ष्स्ििेषु सत्वेवं ग्रह
गुण ववशेषण ववसशष्िायां शुभ पुण्यतििौ मम (िाम सम्बन्धोच्चारण) एिेषांयिािाम ् गोत्ररूपाणां
पुरुष ववषये सपत्िीकािांस्त्रीववषये सभिक
यृ सपत्न्याम ् ववथधिा महालयापर पक्ष श्राद्धमिवा
सकृन्महालया पर पक्ष श्राद्ध सदै व सद्य: कररष्ये |
|| इति श्राद्धपक्ष तिणयय समाप्ि ||

26
ग्रस्िास्ि खण्डग्रास सययग्रहण
संवि ् २०७९ कातियक (गु.आष्ववि) कृष्ण पक्ष ३० मंगलवार ददिांक २५-१०-२०२२ ई. क
सययग्रहण होयगो | या ददि नाथद्वारा में स्पष्ि माि सं ददिमाि २८ घड़ी २२ पल सयोदय
स्िे .िा. ६ बजके ३८ समतिि सयायस्ि स्िे .िा. ५ बजके ५९ समतिि है | श्रीनाथद्वारा में अमावस्या
मंगलवार कं िवीि गर्णि प्रमाणे स्पशय सायं ४ बजके ३५ समतिि मध्य ५ बजके ३५ समतिि,
मोक्ष ६ बजके २९ समतिि है | पवयकाल १ घण्िा ५४ समतिि होयगो | सोमवार की राबत्र के ३
बजके २९ समतिि सं ही वेध लगे है | िासं सोमवार राबत्र के ३ बजके २९ समतिि के पवय ही
खायो जायेगो| मंगलवार के ददि के १२ बजके १८ समतिि के पवय ही जल पीयो जायेगो | बबिा
जिेऊ के बालक ििा छोिी कन्या ददि के १२ बजके १८ समतिि के पवय ही प्रसाद ले सकेंगे |
राजभोग की सखड़ी भी गायि कं जाय | या ददि दोपहर २ बजके १५ समतिि के सम
ु ारे श्री..कं
उत्िापि तिसमत्िक शंखिाद कर जगाविे िाकक ग्रहण लगवे स पवय ही संध्या-आरिी पययन्ि की
सेवा हो जाय | सुफेदी सब कोरी राखिी, रसोई बालभोग आदद स्िल ििा पात्रि की शुवद्ध ग्रहण
में जैसी होिी होय वैसी करिी | सवयत्र दभय धरिे रीति प्रमाणे सखो मेवा प्रभतृ ि धरिे बीड़ा हं
िबकड़ी में िवीि धरिे, शय्या को साज बड़ो करिो | शय्या मंददर के झारी बंिा प्रभतृ ि खासा
करर के सखे करिे, शय्या उठाविी जहां प्रिम दभय ि धरे होय िहां सवयत्र दभय धरिे मििी
तिकारर मंददर को जलघडा वासि शुद्ध और सखे करिे स्पशय सं चारे क समतिि पवय दध
ु घर को
भोग उठाय झारी बंिाहं पट्ट वस्त्र सं उठाविे स्पशय समय दशयि खोसलके जपादद करिे सायं ५
बजके ३५ समतिि पे श्री..के आगे दाि को संकल्प करिो र्खचड़ी को डबरा धि
ृ दक्षक्षणा सदहि
प्राय: सवयत्र ददयो जाय है प्रत्यक्ष अिवा तिष्क्रय द्वारा गोदाि जहां जैसो होिो होय वहां वैसो
ककयो जाय | मिुष्य भी यिाशष्क्ि दािादद अववय करे | मोक्ष समय पीछे चार पांच समतिि
ठहरके स्िािादद करिे | शुद्ध होय िवीि जल सं पात्र ििा स्िल ख़ासा करर िवीि जल सं
झारी भरिी श्री..कं स्िाि करवाय के ग्रहण पीछे को भोग ििा शयि भोग में अिसखडी ही
धरिी | तित्य प्रमाणे सब सेवा करिी | दसरे ददि कातियक शक्
ु ल प्रतिपदा बध
ु वार कं िवीि
जल सं सवय शुवद्ध होय के रीति प्रमाणे तित्य क्रम सं राजभोग पययन्ि की सेवा कर अिोसर
पीछे यिाशष्क्ि ब्राह्मण भोजि पवयक प्रसाद लेिो |

27
यह ग्रहण – वष
ृ भ, ससंह, धिु, मकर रासश वारे ि कं शुभ
मेष, समिुि, कन्या, कुम्भ रासश वारे ि कं मध्यम

ककय, िल
ु ा, वष्ृ वचक, मीि रासश वारे ि कं अशभ

ष्जिको जन्म िक्षत्र स्वाति होय िाकं ववशेष अतिष्ि | ष्जिकं ग्रहण अतिष्ि होय तििकं ववशेष
दािाददक करिे | एक कांस्य के पात्र में िािो पिरो घि
ृ भररके सव
ु णय को िाग ििा सयय बबम्ब
धररके वा िािे पिरे घि
ृ में मुख दे र्खके दक्षक्षणा सदहि दाि करिो | िाको मन्त्र
िमोमय महाभीम सोमसयय ववमदय ि |

हे मिार प्रदािेि मम शाष्न्ि प्रदो भव ||१||

ववधुन्िुद िमस्िुभ्यं ससंदहका िन्दिाऽच्युि|

दािेिािेि िागस्य रक्ष मां वेधजाद् भयाि ्||२||

स्टे .टा. स्पशण मध्य मोक्ष पवणकाल

घतटा ४ ५ ६ १

ममतनट ३५ ३५ २९ ५४

गद्वितकताा- श्रीनाथद्वारा - द्विद्याद्विभाग

28
ग्रस्िोददि खग्रास चन्रग्रहण
संवि ् २०७९ कातियक शुक्ल पर्णयमा मंगलवार ददिांक ०८-११-२०२२ ई. क ग्रस्िोददि
खग्रास चन्रग्रहण होयगो | या ददि नाथद्वारा में स्पष्ि माि सं ददिमाि २७ घड़ी ३४ पल
सयोदय स्िे .िा. ६ बजके ४८ समतिि सयायस्ि स्िे .िा. ५ बजके ५० समतिि है | श्रीनाथद्वारा में
पर्णयमा मंगलवार कं िवीि गर्णि प्रमाणे स्पशय ददि के २ बजके ३९ समतिि मध्य ४ बजके ३०
समतिि, मोक्ष ६ बजके २० समतिि है | पवयकाल ३ घण्िा ४१ समतिि को होयगो | सोमवार की
राबत्र के १२ बजके २० समतिि सं ही वेध लगे है | िासं १२ बजके २० समतिि के पवय ही खायो
जायेगो| मंगलवार के ददि प्रािः ९ बजके ३४ समतिि सं पवय ही जल पीयो जायेगो | बबिा जिेऊ
के बालक ििा छोिी कन्या ददि के ९ बजके ३४ समतिि के पवय ही प्रसाद ले सकेंगे | मंगलवार
के ददि सवेरे वेग ही राजभोग हो जाय | राजभोग की सखड़ी भी गायि कं जाय | उत्िापि के
शंखिाद ऐसे समय पर की २ बजके १५ समतिि िक संध्या आरिी पययन्ि की सेवा हो जाय |

सेवा में सफ
ु े दी सब कोरी राखिी, रसोई बालभोग आदद स्िल ििा पात्रि की शवु द्ध करिी |
सवयत्र दभय धरिे | स्पशय सं चारे क समतिि पवय झारी बीड़ा पट्ट वस्त्र सं उठाविे | दशयि खोसलके
जपाददक करिे सायं ४ बजके ३० समतिि पीछे श्री..के आगे दाि को संकल्प करिो | र्खचड़ी को
डबरा धि
ृ दक्षक्षणा सदहि प्राय: सवयत्र ददयो जाय है | प्रत्यक्ष अिवा तिष्क्रय द्वारा गोदाि जहां
जैसो होिो होय वहां वैसो ककयो जाय | मिुष्य भी यिाशष्क्ि दािादद अववय करे | मोक्ष समय
पीछे चार पांच समतिि ठहरके स्िािादद करिे | शद्ध
ु होय िवीि जल सं पात्र ििा स्िल ख़ासा
करर िवीि जल सं झारी भरिी श्री..कं स्िाि करवाय के ग्रहण पीछे को भोग ििा शयि भोग
धरिो | आरिी करिी, अिोसर करिे यिाशष्क्ि ब्राह्मण भोजि पवयक प्रसाद लेिो | यद्यद्वि या
ग्रहण को स्पशय ददि में है ििावप मोक्ष सयायस्ि पीछे रष्ष्िगोचर होयगो | िा सं यह ग्रहण
माििो चादहए |

यह ग्रहण – समिुि, ककय, वष्ृ वचक, कुम्भ रासश वारे ि कं शुभ

ससंह, िुला, धि,ु मीि रासश वारे ि कं मध्यम

मेष, वष
ृ भ, कन्या, मकर रासश वारे ि कं अशभ

29
ष्जिको जन्म िक्षत्र भरणी होय िाकं ववशेष अतिष्ि | ष्जिकं ग्रहण अतिष्ि होय तििकं ववशेष
दािादद करिे | एक कांस्य के पात्र में िािो पिरो घि
ृ भररके सुवणय को िाग ििा चन्र बबम्ब
धररके वा िािे पिरे घि
ृ में मख
ु दे र्खके दक्षक्षणा सदहि दाि करिो | िाको मन्त्र

िमोमय महाभीम सोमसयय ववमदय ि |

हे मिार प्रदािेि मम शाष्न्ि प्रदो भव ||१||

ववधुन्िुद िमस्िुभ्यं ससंदहका िन्दिाऽच्युि|

दािेिािेि िागस्य रक्ष मां वेधजाद् भयाि ्||२||

स्टे .टा. स्पशण मध्य मोक्ष पवणकाल

घतटा २ ४ ६ ३

ममतनट ३९ ३० २० ४१

30
भन्क्िसेि:ु हवेली (वापी गहृ ) में बबराजमान जनानान ् (बहुजी, बेटीजी) के उत्सव व
जतमददन की यादी:-

चैत्र शुक्ल ९ :: अ.सौ.गो.श्रीश्रुतिरूपा बहुजी िीरजकुमारजी (बहुजी सरकार) को जन्मददि |

श्रावण शुक्ल ७ :: थच.कु.श्रीश्रावणी बेिीजी गोववन्दरायजी (िाररका राजा) को जन्मददि |

श्रावण शक्
ु ल ११ :: अ.सौ.गो.श्रीरािी बहुजी गोववन्दरायजी (िीलाक्षी बहुजी) को जन्मददि |

भारपद शुक्ल ११ :: थच.कु.श्रीसुrÅजा बेिीजी गोववन्दरायजी (जतिका राजा) को जन्मददि |

कातियक शुक्ल ३ :: थच.कु.श्रीकमलाक्षी बेिीजी गोववन्दरायजी (यथिका राजा) को जन्मददि |

कातियक शुक्ल ८ :: ति.ली.गो.श्रीपर्णयमा बहुजी माधवरायजी महाराज (अम्माजी) को उत्सव |

पौष कृष्ण ९ :: अ.सौ.गो.श्रीलाडीली बहुजी मन्मिरायजी (सशखा बहुजी) को जन्मददि |

चैत्र कृष्ण ११ :: अ.सौ.प.श्रीगीिा बेिीजी माधवरायजी (बुआजी) को जन्मददि |

31
32
33
Contact Numbers :: संपकय
 भष्क्िसेिु: अथधकारीजी +91 99740 87613 /
वविुभाई वाछाणी +91 99096 93321
 पाठशाला प्रधाि अध्यावपका +91 97141 07906
अ.सौ.श्रीरािीबहुजी गोववन्दरायजी
 अध्यावपका है दराबाद +91 79817 38258
अरुणाबेि डागा
 अध्यावपका ससकन्दराबाद +91 94413 33939
दक्षाबेि पिे ल
 अध्यावपका वापी +91 70469 17662
पिमबेि गांधी
 Volunteer drive भन्क्िसेिु: +91 80966 36007
डॉ.हरीशभाई ओझा
 V.a.p.i. study class +91 95745 50822
गीिाबेि महे िा
 प. जेजेश्री की पधरामिी / ऑफ़्लाइि / ऑिलाइि
वचिामिृ के सलए -
+91 97129 77509 / +91 93770 11145
कमलभाई जठ ु ाणी

34
35
ू ण”
“यशोदोत्संगलामलत श्रीिन्नंदराजकुिार श्रीिदाचायवजी के अन्त:करणभष

|| श्रीकुँु र्रलाडिलेलाल (श्रीबालकृष्णलालजी) ||

गोस्र्ामि १०८ श्रीिन्िन्िथरायजी उत्तिश्लोकजी िहाराजश्री (िुम्बई) के िाथे बबराजिान

“नन्दभर्न हर्ेली” - 116, िहापौर ननर्ास के सिीप, बेर्ली पाकव, िीरा रोि - 401107

संपकव : ‘नन्दभर्न’ - अधधकारीजी (जगदीशजी व्यास - +91 93237 02332)


जगद्गरु
ु :महारभु:श्रीमद्वल्लभाचार्य वंशावतंस गौ-ब्राम्प्हण रततपाल

वापीनिे श गोस्वालम १०८ श्रीनीिजकुमािजी माधविार्जी महािाज (सिकािश्री)

भक्ततसेतु: - वापी / मोटा मंददि – मुम्प्बई

जन्मददन : व्रज पौष कृष्ण ६

तािीख : 12/12/1957

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