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Blood Group and Heart Hindi Circulatory System Part-2
Blood Group and Heart Hindi Circulatory System Part-2
- रूधिर वर्ग की खोज 1900-1901 में कार्ग र्ैंडस्टीनर ने की । इन्होंने A, B व O वर्ग को खोजा।
- AB रूधिर वर्ग की खोज डी कै स्टीर्ो व स्रूर्ी ने की।
AB
A A B B
RH कारक- सन 1940 में र्ैण्डस्टीनर तथा वीनर ने मकाका रीसस नामक बंदर में एक तीसरे
एन्टीजन की खोज की धजसे रीसस के नाम पर RH कारक नाम दे धदया र्या।
धजन व्यधियों के रूधिर में Rh कारक पाया जाता है उन्हे Rh+ या Rh िनात्मक व्यधि कहते हैं ।
धवश्व में 85% व्यधि एवं भारत में 93% व्यधि Rh िनात्मक है ।
धजन व्यधियों के रूधिर में Rh कारक नहीं पाया जाता है, उन्हे Rh- या Rh ऋणात्मक व्यधि
कहते हैं । धवश्व में 15% व्यधि एवं भारत में 7% व्यधि Rh ऋणात्मक हैं ।
Rh एक एन्टीजन है अत: रूधिर आिान से पहर्े Rh का भी धमर्ान जरूरी है ।
▪ कुछदुलवर्Blood Group -
- Bombay Blood Group / HH Blood Group - यह रूधिर वर्ग र्र्भर् 50,000 में से एक
व्यधि का पाया जाता है। इसकी खोज 1952 में Dr. Y.m. धभण्डे द्वारा बॉम्बे में की र्ई ।
- INRA Blood Group - यह रूधिर वर्ग अब तक के वर् 1 व्यधि में ज्ञात है। इसकी खोज 3
धसतम्बर 2016 को र्जु रात के र्ोक समपगण रक्तदान के न्र में हुई ।
INRA (IN = INDIA , RA - मरीज का नाम)
रूतिकाथक्काजमना- (रूतिरस्कन्दन)/ Blood Coagulation or Blood Clotting
- धकसी रक्तस्राव यक्ु त चोट के बाद कुछ समय में स्वत: ही रूधिर का बहाव रूक जाना, थक्का
जमना कहर्ाता है।
- रूधिर का थक्का फाइधिन प्रोटीन का जार् है।
▪ थक्का जमाने के धर्ए धजम्मेदार घटक -
- प्रोटीन - िाइतिनोजन, प्रोथोतबबन
- एंजाइम - थ्रोबबोकाइनेज
- रूधिर कोधशका - प्लेटलेट
- धवटाधमन – K
- िातु / आयन - कै तशियम(Ca+2)
- थक्का जमने की शरू ु आत प्र्ेटर्ेट करते है।
- शरीर के अन्दर थक्का ना जमे, इसके धर्ए र्ीवर द्वारा धहपेररन नामक प्रोटीन का धनमागण होता है।
- प्रधत स्कन्दक प्रोटीन – धहरूडीन (जोंक या धहरूधडनेररया के शरीर में ) व धहपेरीन है।
- शरीर में थक्का जमना -थ्रोम्बस कहर्ाता है।
- Blood Bank का ताप 4.4 धडग्री सेन्टीग्रेड होता है ।
- Blood की एक यधू नट में 350 Ml होता है धजसमें 300 Ml रूधिर एवं 50 Ml रूधिर जमाने से
रोकने वार्े पदाथग धमर्ाये जाते हैं।
- रूधिर को जमने से रोकने वार्े घटक – 1. सोतडयमतसट्रे ट 2.EDTA
- EDTA - एधथर्ीन डाई एमीन टेरा एसीटेट
IA IO IB IA
▪ रूतिर के तिकाएं - ये सबसे बारीक रूधिर वाधहधनयां है जो अंर् के अन्दर ऊतकों में तथा
कोधशकाओ ं में शद्ध
ु तथा अशद्ध ु दोनों प्रकार के रूधिर का पररवहन करती है।
- धवश्व में प्रथम हृदय प्रत्यारोपण (सफर्) 1967 में दधक्षण अफ्रीका में डॉ. धिधियन बनागडग द्वारा
धकया र्या।
- भारत में यह कायग सन 1964 में AIIMS DELHI के डॉक्टर वेणर्ु ोपार् द्वारा धकया र्या।
- धवश्व के प्रथम कृ धरम हृदय का नाम Jarvik 7 था।
- Jarvik-7 को वैज्ञाधनक रॉबटग Jarvik द्वारा 1985 में तैयार धकया र्या।
- कृ धरम हृदय पहर्ी बार एक 25 वषीय यवु क माइकर् ड्रमंड में अमेररका में प्रत्यारोधपत धकया
र्या।
- कृ धरम हृदय का धनमागण - रबर + एल्यमू ीधनयम
- हृदय में रूधिर सबसे पहर्े बांये आतलन्द में प्रवेश करता है तथा अंधतम रूप से दांये तनलय से
धनकर् जाता है।
- हृदय में रूधिर आधर्न्दों से आता है तथा धनर्यों से धनकर् जाता है।
- आधर्न्द ऊपर होते हैं तथा बडे होते है जबधक धनर्य नीचे होते है तथा छोटे होते है।
- हृदय में कुर् 4 कपाट पाये जाते है जो धक 3 प्रकार से बंटे होते है।
- हृदय से रूधिअद्धगचन्राकार कपाटों की सहायता से धनकर्ता है।
- कपाटों को वाल्व कहा जाता है, ये रूधिर के एकधदशीय प्रवाह को धनयंधरत करता है।
- हृदय के बायें भार् में हमेशा शद्ध
ु रूधिर तथा दांये भार् में अशद्धु रूधिर बहता है।
- हृदय को रूधिर तथा ऑक्सीजन आपधू तग कोरोनरी िमनी करती है। अत: इस िमनी में कॉर्ेस्रॉर्
तथा थक्का जमा होने पर हृदय में तेज शर् ू यक्ु त ददग होता है, इस ददग को एंजाइना कहते है।
- हृदय को र्र्ातार कायग करते बहने के धर्ए पयागप्त धिया धवभव SA नोड नामक संरचना से
धमर्ता है।
SA नोड - साइनो आधटगयर् नोड
- इसे हृदय का पेसमेकर या र्धत प्रेरक या हृदय का हृदय कहा जाता है।
- पेशमेकर धनधष्िय हो जाने की दशा में कृ धरम पेसमेकर र्र्ा धदया जाता है जो धक धवद्यतु
चम्ु बकीय प्रेरण पर आिाररत होता है।
- हृदय में SA नोड के साथ साथ AV नोड, धहजं के बंडर् तथा परु धकन्जे तंतु भी कायग करते है।
- SA नोड दायें आधर्न्द में पाया जाता है।
1. हृदय चि (हृदय की िडकन) - हृदय चि में दो धियाएं होती हैं ।
A. धसस्टोर्/हृदय का प्रकंु चन B. डायस्टोर्/हृदय का अनधु शधथर्न
- हृदय चि की अवधि .8 सैकण्ड है।
- हृदय चिों की संख्या को नब्ज र्ति, नाडी दर, Pulse Rate भी कहा जाता है धजसे
धस्फग्मोमीटर यरं द्वारा कर्ाई की रे धडयर् िमनी में मापा जाता है ।
- हृदय दो िडकनों के मध्य आराम करता है।
- हृदय चिों की संख्या शरीर के आकार के धवपरीत होती है।
मनुष्य:-
भ्रणू - 150
बच्चा :- 120
व्यस्क - 72
बजु र्ु ग - 60
- सबसे बडा स्तनिारी - ब्र्ू व्हेर् (10 -15 बार )
- सबसे बडा स्थर्ीय स्तनिारी - हाथी (25 बार)
- सबसे छोटा स्तनिारी - छुछुंदर (800 / min)
2. रूतिरदाब(B.P.) -
- िमनी में मापा जाता है। (खासकर िैंधकयर् िमनी में )
- यंर - धस्फग्नोमेनोमीटर
- मारक - धममी पारा या mm of Hg
- रूधिर दाब का मापन सवगप्रथम घोडे में वैज्ञाधनक हेल्स ने बताया ।
- हृदय में धसस्टोर् के समय धसस्टोधर्क दाब (120 mm Of Hg) तथा डायस्टोर् के समय
डायस्टोधर्क दाब (80 mm Of Hg) होता है अत: स्वस्थ व्यधि का रूधिर दाब 120/80
mm of Hg होता है ।
- उच्च रक्त दाब को हाइपरटेंशन एवं धनम्न रक्त दाब को हाइपोटेंशन कहते हैं ।
- तेज हृदय स्पंदन दर को टेकीकाधडगया एवं िीमी स्पंदन दर को िेडीकाधडगया कहते हैं ।
- हमारा हृदय 1 चि में 70 ml रूधिर पम्प करता है अथागत प्रधत धमनट र्र्भर् 5-6 र्ीटर ।
- हीमोग्र्ोधबन का एक अणु 4 ऑक्सीजन अणओ ु ं को पररवहन करा सकता है ।
- हृदयकीध्र्तन -
प्रथम ध्वधन (Lub) + धद्वतीय ध्वधन (Dub)
र्ब - धद्ववर्नी व धरवर्नी डब - अिगचन्राकार कपाट के बन्द होने के
कारण
कपाट के बंद होने के कारण
- हृदयकीध्र्तनमापनेकायंि-स्टेथोस्कोप, आतर्ष्कार-लीतनयाक, तसद्धान्ि-
ध्र्तनकापरार्िवन
- थक्का जमने के समय या कोर्ेस्रॉर् जम जाने पर स्टेथोस्कोप में मरमर की ध्वधन आती है।
- कृ धरम रूधिरी का धनमागण PFC (पर क्र्ोरो काबगन) यौधर्कों से होता है।
- शरीर में ऑक्सीजन पररवहन की क्षमता PFC यौधर्कों में सामान्य रूधिर से 50 र्नु ा ज्यादा
होती है।
- प्राथोधम्बन, धहपेररन, फाइधिनोजन आधद प्रोटीने र्ीवर में बनती है।
- रूधिर प्र्ाज्मा का कैं सर मायर्ोमा कहर्ाता है।
- हृदय के बाएं एवं दाएं भार् को अर्र् करने वार्ी संरचना सेप्टम कहर्ाती है ।
- हृदय, रूधिर एवं रूधिर वाधहधनयों का सधम्मधर्त अध्ययन अथवा सम्पणू ग रूधिर पररसंचरण
तरं का अध्ययन एधन्जयोर्ोजी कहर्ाता है ।
-ऑथोपोडा (कीट वर्ग) एवं मोर्स्का (घोंघा, सीप, ऑक्टोपस) संघ के जन्तुओ ं में खर् ु ा रूधिर पररसंचरण
तंर पाया जाता है । इनमें रूधिर वाधहधनयों का अभाव होता है ।
इनके रूधिर में हीमोसायधनन वणगक पाया जाता है जो धक कॉपर आिाररत होता है।
कॉकरोच के रूधिर का रंर् सामान्यत: रंर्हीन होता है जो वायु के सम्पकग में आकर नीर्ा हो जाता है ।
-एनाधर्डा वर्ग (कें चआ
ु ) व अन्य जन्तओ ु ं में रूधिर वाधहधनयों यक्ु त बन्द पररसंचरण तरं पाया जाता है ।
इनमें रूधिर वाधहधनयां पाई जाती है।
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