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गर्द

ु े की असाध्य विफलता
गुर्दे के बहुत से रोगों के कोई लक्षण या संकेत नह ं होते। गुर्दे की कमजोर शर र के र्दस
ू रे अंगों के काम

को क्षतत पहुंचाती है। यह बढ़कर गुर्दे की कमजोर के अंततम चरण में पहुंच सकती है और रोगी को यदर्द

डायलललसस या गुर्दे के प्रत्यारोपण से सहारा न दर्दया जाए तो उसकी मत्ृ यु हो सकती है । इस समय

हांग-कांग में गुर्दे की कमजोर के अंततम चरण के 7,000 से अधिक रोगी हैं जजनका डायललसस इलाज हो

रहा है या जजनके गुर्दे का प्रत्यारोपण ककया गया है - यह पपछले 10 वर्षों में 90 प्रततशत अधिक है ।

हॉजपपटल अथॉररट के गुणवत्ता और सुरक्षा संभाग के परामशशर्दाता डॉ एस. एफ. लई


ु और क़्वीन

एललजाबेथ हॉजपपटल के धचककत्सा पवभाग के परामशशर्दाता डॉ सी. एस. ल को इस पष्ृ ठ की सामग्री के

पुनर क्षण के ललए पवशेर्ष रूप से िन्यवार्द)

1. गुर्दे की असाध्य विफलता क्या है ?

चयापचय के अपलशष्ट उत्पार्दों को तनकालना और पानी, इलेक्ट्रोलाइट अम्ल क्षार और शर र के

रक्ट्तचाप का पवतनयमन करना, एररथ्रोपोएदटन लाल रक्ट्त कोलशकाओं के उत्पार्दन के ललए आवश्यक

हारमोन बनाना और पवटालमन डी बनाने में सहायता करना गुर्दों का मुख्य काम है । गुर्दों के काम

के उत्तरोत्तर खराब होते जाने के साथ शर र में अपलशष्ट तरल उत्पार्द जमा होता जाता है जजससे

शर र का काम बर्दतर होता जाता है इस अवपथा को क्रोतनक र नल फेल्योर कहा जाता है ।

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क्रॉतनक र नल फेल्योर को तनम्नललखत चरणों में पवभाजजत ककया जा सकता है

‧ गुर्दे का कायश बबगड़ना: गुर्दे के सामान्य कायश का 51% - 80%‧ गुर्दे की पवफलता: गुर्दे के कायश

का केवल 25% - 50%‧ गर्द


ु े की गंभीर पवफलता: गुर्दे के कायश का केवल 15% - 25%‧ अंततम चरण

की गुर्दे की पवफलता: गुर्दे के काम का 10-15% से कम

र नल फेल्योर के अंततम चरण में पहुुँचकर रोगी को जजर्दा रहने के ललए ककसी न ककसी रूप में

डायलललसस इलाज या गुर्दे के प्रत्यारोपण की जरूरत होगी, अन्यथा उसकी मत्ृ यु हो सकती है ।

2. गुर्दे की असाध्य विफलता के प्रतत अततसंिेर्दनशील कौन होते हैं?

तनम्नललखखत रोगों के रोगी क्रॉतनक र नल फेल्योर के प्रतत अधिक संवेर्दनशील होते हैं :

 मिम
ु ेह

 ग्लोमेरूलोनेफ्राइदटंस (एक अवपथा जजसमें गुर्दे के भीतर की छोट -छोट संरचनाओं में प्रर्दाह हो

जाता है जजन्हें ग्लोमेरुलस कहा जाता है , जजसमें लूपस नेफ्राइलसस शालमल है (लसपटमेदटक

लूप्स एररथमेटोरूस (SLE) के कारण होने वाला गुर्दे का प्रर्दाह जो प्रततरक्षा प्रणाल का रोग है )

 हायपरटें शन

 गुर्दे की बीमार का पाररवाररक इततहास (वंशानुगत ककडनी रोग)

3. गुर्दे की असाध्य विफलता को कैसे रोकें?

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गुर्दे की कमजोर को रोकने या न बढ़ने र्दे ने के कुछ सुझाव:

 खब
ू पेशाब होता रहे , इसके ललए ढे र सारा पानी पीएुँ (गुर्दे की पथर और मूत्रतंत्र का संक्रमण रोक

सकता है )।

 मूत्रतंत्र का संक्रमण रोकने के ललए व्यजक्ट्तगत साफ-सफाई पर ध्यान र्दें । मदहलाएुँ और बच्चे

मूत्रतंत्र के संक्रमण के प्रतत अधिक सुग्राह्य होते हैं।

 खान-पान पर पयाशप्त तनयंत्रण - अधिक नमक, कैजल्शयम और ऑक्ट्जैलेट वाला भोजन खाने से

गुर्दे के रोधगयों को बचना चादहए।

 र्दवाओं का र्दरु
ु पयोग न करें , मसलन वातरोग के ललए र्दर्दश तनवारक और एंट बॉयोदटक्ट्स।

 अंततनशदहत रोगों से बचाव, जैसे डायबबट ज मेललटस, उच्च रक्ट्तचाप, आदर्द। रक्ट्त शकशरा, और

रक्ट्तचाप को यथेष्ट ढं ग से तनयंबत्रत करना चादहए।

 मूत्रतंत्र के अवरोि के कारणों को र्दरू करें , उर्दाहरण के ललए गुर्दे की पथर तनकलवा र्दें और उसके

अंततनशदहत कारण को ठीक करने के प्रयास करें ।

 शर र की तनयलमत जाुँच से, पेशाब की जाुँच सदहत, शुरुआती चरण में गुर्दे के रोग का पता लग

सकता है । यदर्द रोगी को ह मेचरु रया (पेशाब में खन


ू ) है या अल्बूलमनेररया (पेशाब में अल्बूलमन)

है तो उसे जल्र्द से जल्र्द जांच करानी चादहए।

 गुर्दे के रोग, जैसे नेफ्राइदटस का जल्र्द से जल्र्द इलाज करना।

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4. गुर्दे की असाध्य विफलता के कारण क्या हैं?

2008 में हांग-कांग में क्रॉतनक र नल फेल्योर के नए मामले के कारण हैं :

 मिम
ु ेह 44%

 अज्ञात कारण 20%

 ग्लोमरुलोनेफराइदटस 19%

 हायपरटें शन/गुर्दाश संवहनी रोग 9%

 गुर्दे की पथर /मूत्र में रुकावट 3%

 आनुवंलशक (जैस,े पॉल लसपटक र नल डडजीज, एक पवकृतत जजसमें मूलत गुर्दे के भीतर

लसप्स का गुच्छा बन जाता है ) 4%

 मूत्र मागश संक्रमण 1%

(स्रोत इससे: हांग-कांग हॉजपपटल आथॉररट र नल रजजपर अंततम चरण के र नल फेल्योर के नए

मामलों के कारण 2008)

5. क्या गुर्दे की असाध्य विफलता के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं?

गुर्दे के रोग और क्रातनक र नल फेल्योर के लक्षण प्रारं लभक अवपथा में पपष्ट नह ं होते। इनमें शालमल हो

सकते हैं:

 मूत्र में रक्ट्त / चाय या गहरे रं ग मूत्र (ह माटुररया)

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 फेतनल मूत्र (अल्बुलमनुररया)

 टुरबबड मूत्र (मूत्र पथ संक्रमण)

 पेशाब होने पर र्दर्दश

 पेशाब में कदठनाई (मूत्र त्याग सहज नह ं)

 मूत्र में रे त/पत्थर

 पेशाब की मात्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी या अधिकता, नॉक्ट्यूररया (रात के समय बार-बार

पेशाब करना होता है )

 कमर / पेट र्दर्दश

 टखनों या पलक की सूजन, फूला हुआ चेहरा

 हायपरटें शन

जब गुर्दे का काम ख़राब होते-होते गंभीर र नल फेल्योर के चरण तक पहुुँच जाता है (सामान्य कायश से

25% से भी कम, तब यूरेलमया (मूत्र रूधिरता) के लक्षण हो सकते हैं:

 रात में बार-बार मूत्र करना, कम मूत्र होना

 भूख न लगना, मतल , उल्ट

 थकान, पीला दर्दखना (एनीलमया)

 त्वचा में खज
ु ल

 हायपरटें शन

 साुँस लेने में परे शानी

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 शोफ या इडेमा (टखने या पलक की सूजन)

 उनींर्दा, बेहोश, अचेतनता, कोमा

6. गुर्दे की असाध्य विफलता की जांच और तनर्दान कैसे की जाए?

जजनको संदर्दग्ि लक्षण हों, उन्हें पाररवाररक डॉक्ट्टर से सलाह लेनी चादहए। चुँ कू क गुर्दे के रोग और

क्रातनक र नल फेल्योर के लक्षण पपष्ट नह ं होते, इसललए रोगी को तनम्नललखखत सदहत अनेक

चीजें करानी पड़ सकती हैं: 

 मूत्र पर क्षण: यह र्दे खने के ललए कक क्ट्या लाल रक्ट्त कोलशकाएुँ, श्वेत रक्ट्त कोलशकाएुँ और

प्रोट न मौजूर्द है ।

 गुर्दे प्रकायश के ललए रक्ट्त पर क्षण:

‧ रक्ट्त: यूररया, कक्रएदटतनन, प्रोट न और एल््युलमन के पतर

‧ 24 घंटे का मूत्र कक्रएदटतनन संकेंद्रन, प्रोट न के ललए

 एक्ट्स-रे , पकैतनंग पर क्षण:

‧ अल्रासाउं ड पकैन(जो इसका पता लगाने के ललए गर्द


ु े का आकार और संरचना र्दशाश सकता है

कक कह ं कोई अवरोि तो नह ं है )‧ इंरावेनस पाइलेरोग्राम (मूत्रतंत्र की असामान्यता का पता

लगाने के ललए की जाने वाल रे डडयोलॉजजकल प्रकक्रया)

 गुर्दे की बायोप्सी: लोकल एनेपथेलसया र्दे कर छोट सी सूई का उपयोग करके गुर्दे के ऊतकों का

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नमूना ललया जाता है और उस ऊतक का सूक्ष्मर्दशी से तनर क्षण ककया जाता है। यह गुर्दे के

प्रर्दाह का पता लगा सकता है ।

7. गुर्दे की असाध्य विफलता के इलाज क्या हैं?

क्रॉतनक र नल फेल्योर को ठीक नह ं ककया जा सकता, इसललए इलाज का लक्ष्य कमजोर की प्रकक्रया

को िीमा करना, जदटलताओं को कम करना और लक्षणों का तनयंत्रण करना होता है । अंततनशदहत

रोगों का तनयंत्रण जैसे डायबबट ज मेललटस, उच्च रक्ट्तचाप, नेफ्राइदटस, को तनयंबत्रत करना, आदर्द

रोगी को अपनी अवपथा के तनयंत्रण के ललए तनयलमत रूप से डॉक्ट्टर से लमलते रहना चादहए; आहार,

व्यायाम और इलाजों संबंिी धचककत्सीय सुझाओं पर सख़्ती से अमल करना चादहए।

आहार तनयंत्रण

क्रॉतनक र नल फेल्योर के रोगी के ललए खान-पान पर यथेष्ठ तनयंत्रण रखना महत्वपूणश होता है ।

प्रोट न खाना यथेष्ठ रूप से कम करने से गुर्दे की कमजोर िीमी हो सकती है । रोगी को पोटै लशयम,

फापफोरस, सोडडयम और पानी पीना भी कम कर र्दे ना चादहए और कॉलेपटे रॉल का पतर तनयंबत्रत

करना चादहए।

र्दिाएँ

आम र्दवाओं में शालमल हैं:

 रक्ट्तचाप तनयंबत्रत करने वाल र्दवाएुँ: जैसे गुर्दे के काम की सुरक्षा के ललए

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एंजजयोटें लसन-कन्वदटिं ग एंजाइम (ACE) मंर्दक या एंजजयोटें लसन II ररसेप्टर ्लॉकसश।

 लाल रक्ट्त कोलशकाओं का बनना प्रोत्सादहत करने के ललए एररथ्रोपोएदटन।

 बोन मेटाबोललज़्म के समथशन के ललए पवटालमन डी।

 खन
ू में फापफोरस की सांद्रता कम करने के ललए फोपफेट बाइंडर।

गुर्दाा प्रततस्थापन इलाज

र नल फेल्योर के अंततम चरण में (जब गुर्दे अपनी क्षमता के केवल 10% - 15% क्षमता पर काम

करते हैं) पहुुँचने के बार्द रोगी शर र में संधचत अपलशष्ट उत्पार्दों और अततररक्ट्त पानी को शर र

से तनकाल नह ं सकता। ककसी न ककसी तरह से गुर्दे का प्रततपथापन जीपवत रहने के ललए आवश्यक

होता है , अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है ।

गुर्दे के प्रततपथापन इलाज में शालमल हैं:

डायलललसस: इस समय ह मोडायलललसस और पेररटोतनयल डायलललसस र्दो तरह के डायलललसस इलाज

उपल्ि हैं।

i) ह मोडायलललसस

ह मोडायलललसस - "खन
ू की सफाई " के नाम से जाना जाता है यह खन
ू में से अततररक्ट्त पानी,

इलेक्ट्रोलाइ्स और अपलशष्ट पर्दाथश तनकालने के ललए डायलाइजर (कृबत्रम गुर्दे) का उपयोग करता

है । इसमें वैपकुलर एक्ट्सेस जैसे आटे ररयोवेनस कफपचल


ु ा (बाुँह के ऊपर दहपसे में िमनी और लशरा

के बीच पथापपत जुड़ाव) या गर्दश न की मुख्य लशरा में लशर य कैथेटर डालकर रोगी के शर र से खन

तनकाला जाता है । डायलललसस मशीन द्वारा 200सीसी/ प्रतत लमनट की र्दर से कफल्टर से होकर

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खन
ू का पररसंचरण होता है जो उसमें से अपलशष्ट उत्पार्द और अततररक्ट्त तरल तनकाल र्दे ता है ।

"शुद्ध" खन
ू कफर से रोगी के शर र में लौट जाता है । रोगी को प्रतत सप्ताह 2 से 3 होमोडायलललसस

इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है और प्रत्येक उचचार में 4 से 6 घंटे लगते हैं। ह मोडायलललसस

ककसी डायलललसस केंद्र पर या घर पर (शाम को) ककया जा सकता है , उनके ललए जो ऐसा करने

में सक्षम हैं।

लाभ: तेज प्रभावकार , प्रतत सप्ताह केवल 2 - 3 इलाज, आंतरातयक इलाज।

नुकसान: इलाज के ललए डायलललसस सेंटर पर जाने की आवश्यकता पड़ती है , यह इलाज आंतरातयक

और ख़चीला है ।

वे केंद्र जहां डायलललसस की सेवा प्रर्दान की जाती है :

 अपपताल प्राधिकरण की र नल इकाइयाुँ (उनके ललए जो पेर टोनल डायलललसस के ललए

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उपयुक्ट्त नह ं हैं)

 "नॉक्ट्टूनशल ह मोडायलललसस एट होम सपोटश प्रोग्राम" अपपताल प्राधिकरण द्वारा हांग-कांग

ककडनी फाउं डेशन लललमटे ड के सहयोग से

 िमशर्दाय संपथानों द्वारा संयोजजत ह मोडायलललसस केंद्र

 तनजी अपपतालों के ह मोडायलललसस केंद्र

ii) पेर टोतनयम डायलललसस

पेरोटोतनयल डायलललसस - "क्ट्ल तनंग दर्द ए्डोमेन" नामक यह पवधि पेर टोतनयम की रक्ट्त वादहनी

का उपयोग करती है (पेर टोतनयम पतल सी कला होती है जो उर्दर गह


ु ा की भीतर की तरफ अपतर

का काम करती है और उर्दरगुहा के अंगों को सहारा र्दे ती है ) जो डायलललसस प्रकक्रया की अनुमतत

र्दे ती है ।

पेर टोतनयल डायलललसस कैथेटर रोगी की उर्दर गुहा में चैनल के रूप में प्रत्यारोपपत ककया जाता

है जहां से होकर डायलललसस का तरल अंर्दर-बाहर हो सकता है । तनर्षेधचत डायलललसस तरल अपलशष्ट

उत्पार्दों को शर र से बाहर डायलललसस तरल पवसररत होने की अनुमतत र्दे ता है और अततररक्ट्त

पानी को शर र से बाहर तनकलने की अनुमतत र्दे ता है ।

पेर टोललयल डायलललसस घर पर ककया जाता है और सतत या अप्रातयक हो सकता है ।

- सतत चलनक्षम पेर टोतनयल डायलललसस - CAPD

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हांग-कांग के लगभग 90% रोगी इसी पवधि का उपयोग कर रहे हैं।

डायलललसस इलाज (डायलललसस तरल का आर्दान-प्रर्दान) घर पर होता है । डायलललसस तरल को

प्रत्यारोपपत कैथेटर के माध्यम से उर्दर गुहा में टपकाया जाता है और डायलललसस तरल को 4 से

10 घंटे तक उर्दरगुहा में रहने दर्दया जाता है । इस समय में अपलशष्ट उत्पार्द डायलललसस तरल में

पवकलसत हो जाते हैं। उसके बार्द यह डायलललसस तरल अपलशष्ट उत्पार्द के साथ 4 से 10 घंटे बार्द

शर र से बाहर तनकाल दर्दया जाता है और उसके बार्द डायलललसस तरल का नया थैला उर्दरगुहा

में प्रततष्ठापपत ककया जाता है । यह प्रकक्रया दर्दन में 3-4 बार र्दहु राई जाती है ।

लाभ: उपलशष्ट उत्पार्द और अततररक्ट्त पानी लगातार तनकलता रहता है जजससे दर्दल पर बोझ कम

पड़ता है और रोगी डायलललसस प्रकक्रया के र्दौरान सामान्य कायश-कलाप कर सकता है ।

नुकसान: तरल के पवतनमय से पेर टोतनदटस (पेर टोतनयम के प्रर्दाह) का जोखखम रहता है लेककन

यदर्द डायलललसस प्रकक्रया साविानी से पूर की जाए तो जदटलताएं बहुत कम होती हैं।

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- ऑटोमेटेड पेर टोतनयम डायलललसस

डायलललसस की यह प्रकक्रया रात भर नींर्द के र्दौरान पूर की जाती है , जजसमें हर दर्दन रात को बबपतर

पर जाने से पहले पवचाललत पेर टोतनयल डायलललसस मशीन से जोड़ दर्दया जाता है । डायलललसस

मशीन घंटे-घंटे पर रात भर (10 से 12 घंटे तक) अपने आप डायलललसस तरल का पवतनमय करती

रहती है ।

पेर टोतनयल डायलललसस का लाभ यह है कक रोगी अपनी पररचयाश पवयं कर सकता/सकती है और

पवर्षाक्ट्त पर्दाथों और पानी का पतर पथायी बना रहता है । रोगी अपेक्षाकृत सामान्य सामाजजक जीवन

जी सकता है और काम भी कर सकता है । संक्रमण का जोखखम रहता है लेककन यदर्द यह प्रकक्रया

साविानी से पूर की जाए तो जोखखम कम रहता है ।

iii) गुर्दाश प्रत्यारोपण

यह शल्यकक्रया द्वारा ककसी र्दाता के शर र से तनकालकर रोगी के शर र में गुर्दे का प्रत्यारोपण

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है । र्दाता का गुर्दाश ककसी मत
ृ (ब्रेन पटे म डेड) व्यजक्ट्त या ककसी जीपवत व्यजक्ट्त (पररवार के सर्दपय)

का होता है। 2008 में हांग-कांग में 77 लोगों ने गुर्दे का प्रत्यारोपण कराया उनमें से 66 व्यजक्ट्तयों

में मत
ृ व्यजक्ट्तयों का और 11 में जीपवत र्दाता का गुर्दाश प्रत्यारोपपत ककया गया। 1600 रोगी गुर्दाश

प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

गुर्दे का प्रत्योरोपण बहुत सफल है :

1 वर्षश और 5 वर्षश में रोगी के जजंर्दा रहने की र्दर: मत


ृ व्यजक्ट्तयों से गुर्दाश प्रत्यारोपण 95% और 89%;

जजंर्दा व्यजक्ट्तयों से गुर्दाश प्रत्यारोपण - 96% और 95%

1 वर्षश और 5 वर्षश में गुर्दाश प्रत्यारोपण में जजंर्दा रहने की र्दर: मत


ृ शर र से गुर्दाश प्रत्यारोपण 92% और

84%; जजंर्दा व्यजक्ट्तयों से गुर्दाश प्रत्यारोपण - 94% और 89%

गुर्दाश प्रत्यारोपण शल्यकक्रया से जदटलताएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जजनमें सबसे गंभीर जदटलता

"अपवीकरण" की है । रोगी को तरह-तरह की र्दवाएुँ लेनी होती हैं और तरह-तरह के पररचयाश कौशल

के प्रतत सजग रहना होता है ।

8. गुर्दे की असाध्य विफलता की जटिलताएँ क्या हैं?

क्रॉतनक र नल फेल्योर शर र के लगभग सभी दहपसों को प्रभापवत करता है । मख्


ु य जदटलताओं में

शालमल हैं:

 हायपरटें शन

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 रक्ट्ताल्पता

 हृर्दयवादहका रोग

 हड्डी का रोग और फ्रैक्ट्चर

9. गुर्दे की असाध्य विफलता के रोगगयों की पररचयाा कैसे करनी चाटहए?

 इलाज की अवपथा और इलाज की पवधि को समझें

 इलाज और पवयं सहायता कौशल, जैसे आहार धचककत्सा, इलाज और डायलललसस, आदर्द सदहत

धचककत्सीय सुझाव पर अमल करके गुर्दे के रोग को तनयंबत्रत करें ।

 रोग की प्रगतत पर नजर रखने के ललए डॉक्ट्टर के साथ तनयलमत मुलाकात।

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