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सामान्य निज्ञान

(BIOLOGY – CHEMISTRY – PHYSICS)

से संबधं धत नपछ्ली परीक्षाओं में पूछ


ं े जा चुके
महत्वपूणण प्रश्न – उत्तर !!

By - नननतन गुप्ता

Hello Friend , I am नननतन गुप्ता From – Nitin-Gupta.com

दोस्तो इस PDF में हम आपको सामान्य निज्ञान से संबंधधत नपछ्ली परीक्षाओं में पूंछे
जा चुके महत्वपूणण प्रश्न – उत्तर बताने जा रहे हैं , जजनके कक आने बाले सभी प्रनतयोगी
परीक्षाओं में पूंछे जाने की पूरी पूरी संभािना है ! तो आप सभी से ननिेदन है कक इसे
अच्छे से पढढये और याद कर लीजजये ! आप सभी को आने बाले Exams के जलये
बरृत सारी शुभकामनाऐं !

किसी भी सहायता िे किये फेसबुि पर संपिक िरें – किकति गुप्ता


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किसी भी सहायता िे किये फेसबुि पर संपिक िरें – किकति गुप्ता


Biology GK Most Important Question Answer in Hindi
 मनुष्य के जीिन काल में ककतने दााँत दो बार निकजसत होते हैं – 20
 मानि शरीर में पाचन का अधधकांश भाग ककस अंग में सम्पन्न होता है – छोटी आाँत
 मनुष्य में पाचन किया कहााँ प्रारं भ होती है – मुख
 सिणप्रथम रक्त पररसंचरण तंत्र का अध्ययन ककसने ककया था – हािे
 पेस मेकर का सम्बन्ध ककससे है – रॆदय
 पेस मेकर का कायण है – ढदल की धड़कन प्रारम्भ करना
 गनत प्रेरक ककससे सम्बन्धित है – रॆदय
 ककनकी धभत्तीयों पर रक्त द्वारा डाले गए दबाि को ‘रक्त दाब’ (Blood pressure) कहते
हैं – धमनी
 सोते समय रक्त दाब में क्या पररितणन होता है – घटता है।
 मानि रूधधर का pH है – 7.4
 मानि रक्त प्लाज्मा में प्राय: पानी की प्रनतशत मात्रा में ककतनी धभन्नता होती है – 80-80%
 रक्त में पायी जाने िाली धातु है – लोहा
 रक्त का शुधिकरण कहााँ होता है – ककडनी
 अधधकतम पोषक तत्ि रक्त में कहााँ से अिशोनषत ककये जाते हैं – छोटी आाँत
 लार में कौन सा एन्जाइम पाया जाता है – टायजलन
 पेट में भोजन को पचाने के जलए ककसकी खास आिश्यकता होती है – एन्जाइम
 लार ककसके पाचन में सहायक होती है – स्टाचण
 मानि के आमाशय में अम्ल X उत्पन्न होता है, जो भोजन के पाचन में सहायता करता है। ‘X’
है – हाइड्रोक्लोररक अम्ल
 िैब्स चि में ककसका संश्लेषण होता है – पाइरूनिक अम्ल
 मानि शरीर में खून के शुधिकरण की प्रकिया को कहते हैं – डायजलजसस
 पेप्सिन बदल देता है – प्रोटीन को पॉलीपेप्टाइड में
 पाचन किया में प्रोटीन ककस पदाथण में बदल जाते है – एमीनो अम्ल
 िह अंग कौन-सा है जो मानि शरीर में ग्लाइकोजन के रूप में काबोहाइड्रेट को जमा करता
है – यकृत

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 नपत्त ककसके द्वारा पैदा ककया जाता है – यकृत
 नपत्त (Bile) जमा होता है – नपत्ताशम में
 स्िस्थ मनुष्य का रक्त चाप (जसस्टॉजलक ि डाइस्टॉजलक) होता है – 120 mm ि 80 mm
 दौड़ लगाते समय मनुष्य का रक्त चाप – बढ़ जाता है।
 सामान्य जीिन काल में मनुष्य का रॆदय लगभग ककतनी बार धड़कता है – 2 अरब
 मानि शरीर में रॆदय का कायण है – पम्पिं ग स्टेशन की तरह
 रक्त में लाल रं ग ककसके कारण होता है – हीमोग्लोनबन
 हीमोग्लोनबन में होता है – लोहा
 शरीर में हीमोग्लोनबन का कायण है – ऑक्सीजन का पररिहन
 हीमोग्लोनबन ककसका महत्िपूणण घटक है – RBC
 हीमोग्लोनबन का कायण है – ऑक्सीजन ले जाना।
 ककसकी सहायता से रक्त द्वारा ऑक्सीजन ले जाया जाता है – लोढहत कोजशकाएाँ
 जब कोई बाहरी पदाथण मानि रूधधर प्रणाली में प्रनिष्ट होता है, तो प्रनतकिया कौन प्रारम्भ
करता है –WBC
 लाल रक्त कणणकाएाँ (RBC) कहााँ उत्पन्न होते हैं – अस्थि मज्जा
 ककसको RBC का कनिस्तान कहा जाता है – प्लीहा
 मनुष्य की लाल रक्त कोजशकाओं का जीिनकाल ककतना होता है – 120 ढदन
 पचे रृए भोजन में मौजूद निषैले पदाथण का कौन-सा अंग चूषण करता है – यकृत
 मानि शरीर में लाल रक्त कण का ननमाणण कहााँ होता है – अस्थि मज्जा
 लाल रूधधर कणणकाओं का उत्पादन ककसके द्वारा होता है – अस्थि मज्जा
 उच्च उन्नतांश पर मानि शरीर में RBC – की संख्या बढ़ेगी
 सफेद रक्त कण (WBC) का मुख्य कायण है – रोग प्रनतरोधक क्षमता धारण करना।
 मनुष्य में मेरूदण्ड से ककतनी जोड़ी तंकत्रका ननकलती है – 31
 प्रनतिती कियाओं का ननयंत्रण केन्र कहााँ पर है – कशेरूक रज्जु में
 स्तनधारी ककसमें यूररया बनाते हैं – यकृत (लीिर)
 मानि शरीर में सबसे छोटी अन्त:स्त्रािी ग्रंधथ कौन-सी है – अिदु ग्रंधथ
 मूत्र का पीला रं ग ककसकी मौजूदगी के कारण होता है – यूरोिोम

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 गुदे का कायाणत्मक यूननट है – नेफ्रॉन
 ककसकी कुसंकिया के कारण मानि शरीर में धमक्सीडीमा (Myxoedema) होता है – अिदु
ग्रन्थि
 मानि शरीर के भीतर खून ककसकी उपस्थिनत के कारण नहीं जमता है – ढहपेररन
 रूधधर के प्लाज्मा में ककसके द्वारा एन्टीबॉडी ननधमि त होती है – जलम्फोसाइट
 एन्टीजन (प्रनतजन) एक ऐसा पदाथण है, जो – प्रनतरक्षी के ननमाणण को बढ़ािा देता है।
 आयोडीन युक्त हामोन है – थायरॉक्सिन
 मानि के श्िेत रक्त कणों (WBC) का व्यास होता है, लगभग – 007 mm
 अपोहन (Bialysis) का प्रयोग ककस किया को पूरा करने के जलए होता है – िृक्क
 स्िेदन ककसके जलए महत्िपूणण है – शरीर के तापमान के निननयम्ित करने के जलए
 सामान्यत: ननषेचन होता है – गभाणशय में
 एधियोसेन्टोजसस एक तरीका है, जो बताता है – भ्रूण के जलिं ग का
 मानि शरीर में रक्तचाप ननयंकत्रत होता है – अधधिृक्क ग्रंधथ से
 जीिन रक्षक हामोन ककस ग्रंधथ से स्रानित होते हैं – एड्रीनल
 मानि शरीर की ककस ग्रन्थि को ‘मास्टर ग्रन्थि’ कहा जाता है – पीयूष
 मनुष्य के शरीर की सबसे छोटी ग्रन्थि है – नपट्यूटरी
 गभाणशय में जशशु के निकास की जानकारी हेतु ककसका प्रयोग ककया जाता है – अल्‍टरासाउण्ड
 भ्रूण के निकास के जलए ककस अंग के द्वारा खाद्य की पूनति की जाती है – बीजाण्डसन
 न्थियों की नसबंदी को कहा जाता है – ट्यूबक्
े टोमी
 गाय और भैंस के थनों में दूध उतारने के जलए ककस हामोन की सुई लगायी जाती है –
ऑक्सीटोजसन
 थाइरॉइड ग्रन्थि से थाइरॉक्सिन स्रानित करने के जलए उत्तेजजत करने िाला अन्त:स्त्रािी
हामोन कौन-सा है– TSH
 मायोग्लोनबन में कौन-सी धातु होती है – तााँबा
 एक ियस्क पुरूष के जलए सामान्य हीमोग्लोनबन मात्रा प्रनत 100 ml रक्त है – 5 gm
 मानि शरीर का सामान्य तापमान होता है – 90 C
 ककस शारीररक प्रिम से प्रोथ्रोन्धिन का सम्बन्ध है – रक्त जमाि

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 शरीर में सबसे बड़ी अन्त:स्त्रािी ग्रन्थि कौन-सी है – अिटु (थायराइड)
 कौन-सा हामोन ‘लड़ो-उड़ो हामोन’ कहलाता है – एढड्रनेलीन
 इन्सुजलन है एक प्रकार का – हामोन
 कौन-सा पदाथण मानि शरीर में सबसे अधधक कठोर होता है – दल्‍टतिल्‍टक
 ककस कोजशका से इन्सुजलन स्रानित होता है – बीटा कोजशका
 इन्सुजलन उत्पाढदत होता है – पेनकियाज द्वारा
 ऑक्सीजन की उपस्थिनत में सुिोज का CO2 एिं जल में ऊजाण ननमुणक्त होने के साथ पूणण
रूपान्तरण होने को कहते है – िायु श्िसन
 हमारी छोड़ी रृई सांस की हिा में CO2 की मात्रा लगभग ककतनी होती है – 4%
 रॆदय िंधचत है – ऐन्थच्छक पेशी से
 मनुष्य में त्िचा ककस स्थान पर सबसे अधधक मोटी होती है – तलुए पर
 मानि शरीर का सबसे बड़ा अंग कौन है – फेफड़ा
 मानि त्िचा को रं ग देने िाला िणणक है – मेलाननन
 कंडरा (Tendon) जोड़ता है – पेशी को हड्डी से
 मानि शरीर में कौन ग्रन्थि ऐसी है, जजसका सम्बन्ध शरीर की उत्तेजना से है – अधधिृक्क
ग्रंधथ
 आदमी के कण्ठ के ककस भाग को अिटु उिधण (ऐडम्स ऐपल) कहा जाता है – थाइरॉइड
उपास्थि
 मानि का मन्थस्तष्क लगभग ककतने ग्राम का होता है -1350
 मानि शरीर में सबसे लम्बी अस्थि है – उरु अस्थि
 मुख्यत: इसकी उपस्थिनत के कारण मानि शरीर उच्च िायुमण्डलीय दाब के अन्तगणत भी नबना
कुचला रहता है – कोजशकाओं में तरल
 आाँख के रेरटना की परम्परागत कैमरा के ननम्नजलणखत में से ककस भाग से तुलना की जा
सकती है – कफल्‍टम
 रक्त जमने में ककस तत्ि की मुख्य भूधमका होती है – Ca
 मनुष्य में सामानय ननरन्न (fastin) रूधधर शकणरा स्तर प्रनत 100 ml रूधधर होती है – 80-
100 mg

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 अधधक ऊाँचाई पर मानि शरीर में लाल रक्त कणणकाएाँ – संख्या में बढ़ जाएगी।
 मानि रूधधर में कोलेस्रॉल का सामान्य स्तर है – 140-180 mg
 यढद ककसी व्यनि की रूधधर िाढहकाओं की कत्रज्या कम हो जाए, जो उसका रक्त दाब –
बढ़ेगा।
 मानि शरीर के ककस अंग में लसीका कोजशकाएाँ बनती है – दीघण अस्थि
 स्तनपाधययों में स्िेद ग्रन्थियााँ मूलत: सम्बन्धित हैं – ताप ननयमन से
 मानि रॆदय में कक्ष की संख्या है – चार
 मधुसूदनी (Insulin) अन्त:स्त्राि एक – ग्लाइकोजलनपड है।
 मानि शरीर में पैरों की हढड्डयााँ हैं – कफबुला एिं रटनबया
 गभाणशय (womb) के जलए िैकप्सिक शब्द क्या है – यूटरस
 हीमोग्लोनबन की अधधकतम बंधुता होती है – ऑक्सीजन के जलए
 कौन-सी ग्रंधथ सेक्स हामोन का स्राि करती है – एढड्रनल ग्रंधथ
 मानि शरीर में हॉमोनों में से कौन-सा रक्त कैल्सियम और फॉस्फेट को निननयधमत करता
है – परािटु (Parathyroid) हॉमोन
 मानि में शरी के ककस भाग में शुिाणु ढडम्ब को ननषेधचत (Fertilize) करता है –
ढडम्बिाढहनी(Fallopian) नली
 जब िृक्क कायण करना बंद कर दे तो कौन-सा पदाथण जमा होता है – रक्त में नत्रजननत
अपजशष्ट पदाथण
 जब एक व्यनि िृि हो जाता है, तो सामान्यतया उसका रक्त का दाब – घट जाता है।
 मानि शरीर में पुच्छ, कौन-सी संरचना में संलग्न होता है – िृहदान्त्र
 ककस प्रकिया द्वारा ऑक्सीजन श्िसन के दौरान रूधधर में प्रिेश करती है और कफर उसे छोड़ती
है – परासरण
 कौन-सा एक अंग िसा का भंजन कर कोलेस्टे रॉल उत्पन्न करता है – यकृत
 सेरेिम ककससे सम्बन्धित है – मन्थस्तष्क
 मनुष्य के मन्थस्तष्क का सबसे बड़ा भाग है – प्रमन्थस्तष्क
 मानि शरीर की ककन कोजशकाओं में सबसे कम पुनयोजन शनि होती है – मन्थस्तष्क
कोजशकाएं

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 ककसी मृतप्राय व्यनि का गुदाण लेने के जलए, उसे ककस स्थिनत में होना चाढहए – केिल
तंकत्रकीय प्रकायो का अिसान
 यढद एक नपता का रक्त िगण A है और माता का रक्त िगण O हो तो बताइए कक उनके पुत्र का
कौन-सा िगण हो सकता है – O
 कोई B प्रकार के रूधधर िाला व्यनि ककसी आकप्सिक संकट में ककस प्रकार के रूधधर िाले
व्यनि को रूधधर दान कर सकता है – AB या B
 यढद माता-नपता में से एक का रूधधर िगण AB है और दूसरे का O, तो उनके बच्चे का
संभानित रूधधर िगण होगा – A या B
 संतानों की भ्रूणीय अिस्था में माता के गभाणशय के अन्दर ही रक्त का थक्का बनने से मृत्यु हो
जाती है। इस रोग को ‘ इररथ्रोब्लास्टोजसस फीटेजलस’ कहा जाता है। इसका कारण है – नपता
का RH+ तथा माता काRH- होना
 कौन-सा रक्त समूह सिणग्राही है – AB
 AB रक्त िगण िाले व्यनि को सािणकत्रक ग्राही कहा जाता है, क्योंकक – उसके रक्त में प्रनतनपिं ड
का अभाि होता है।
 सािणकत्रक ग्राही (Universal Recipient) कौन से रूधधर िगण का होता है – AB
 कौन-सा रक्त िगण सािणकत्रक दाता (Universal Donor) होता है – O
 यढद ककसी पुरूष का रक्त िगण AB हो तथा मढहला का रक्त िगण B हो तो उनकी सन्तानों में
कौन-सा रक्त िगण उपस्थित नहीं हो सकता है – O
 मनुष्य में कुल ककतनी हढड्डयााँ होती हैं – 206
 निजात जशशुओं में हढड्डयों की संख्या लगभग ककतनी होती है – 206
 मनुष्य की खोपड़ी में ककतनी अस्थियााँ होती हैं – 8
 मनुष्य के शरीर में पसजलयों के ककतने जोड़े होते हैं – 12
 शरीर की सिाणधधक प्रबल अस्थि होती है – जबड़े में
 मानि शरीर की सबसे छोटी हड्डी है – स्टे नपस
 मानि शरीर की सबसे लम्बी हड्डी है – फीमर
 मनुष्य के शरीर में पैर की हड्डी – खोखली होती है।
 रटनबया नामक हड्डी ककसमें पायी जाती है – टााँग

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 मानि शरीर के ककस अंग की हड्डी सबसे लम्बी होती है – जााँघ
 िृिािस्था में मनुष्य की हढड्डयााँ क्यों कमजोर हो जाती हैं – कैल्सियम की कमी से
 एथलीट को ककससे जल्‍टदी और ऊजाण धमलती है – काबोहाइड्रेट से
 लम्बे समय तक कठोर शारीररक कायण के पश्चात मांसपेजशयों में थकान अनुभि होने का
कारण होता है – ग्लूकोज का अिक्षय
 रक्त ग्लूकोज स्तर सामान्यत: व्यक्त ककया जाता है – भाग प्रनत धमजलयन में
 शरीर में ऊतकों का ननमाणण ककससे होता है – प्रोटीन
 प्रोटीन को माना जाता है – शरीर का ननमाणण करने िाला
 एन्जाइम मूल रूप से क्या है – प्रोटीन
 जैनिक जसस्टम में रासायननक किया की प्रकिया को तेज करने में उत्तरदायी पदाथण है –
एन्जाइम
 सोयाबीन में प्रोटीन का प्रनतशत होता है – 42 प्रनतशत
 कैप्सूल (Capsule) का आिरण बना होता है – स्टाचण का
 शहद का प्रमुख घटक है – फ्रक्टोस
 कौन-सी शकणरा तत्काल ऊजाण प्रदान करती है – ग्लूकोज
 शहद में मुख्यत: होते है – काबोहाइड्रेट
 सिाणधधक ऊजाण प्रदान करता है – काबोहाइड्रेट
 मानि शरीर में काबोहाइड्रेट पुन: संग्रह होता है – ग्लाइकोजेन
 शाकाहारी अधधकतम प्रोटीन खाते हैं – दालों से
 प्रोटीन का सिणप्रथम स्त्रोत है – सोयाबीन
 मानि शरीर में िसा जमा होती है – िसा ऊतक में
 ऊाँट नबना पानी के कुछ ढदनों तक मरूस्थल में रहता है। ऐसा िह कर पाता है – अपने कूबड़
में जमा ककये धचकनाई का प्रयोग करके
 दााँतों में क्या होता है – कैल्सियम
 ककस तत्ि का सम्बन्ध दााँतों की निकृनत के साथ है – फ्लुओरीन
 रॆदय की धड़कन को ननयंकत्रत करने के जलए कौन-सा खननज आिश्यक है – पोटैजशयम
 सागरीय खरपतिार ककसका महत्िपूणण स्त्रोत है – शैिाल

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 आयोडीन का सिोत्तम स्त्रोत है – शैिाल
 उपस्थि तथा हढड्डयों के ननमाणण और सम्पोषण में आिश्यक तत्ि होता है – कैजलसयम
 दाश्र-काजशका अरक्तता रोग ककसकी अपसामान्यतया के कारण होता है – लाल रूधधर
कोजशका
 प्रचुरतम मात्रा में खाद्य प्रोटीन के दो स्रोत कौन से है – सोयाबीन और मूग
ं फली
 दूध में प्रोटीन और काबोहाइड्रेट के अनतररक्त पोषणदायक अन्य तत्िों में सम्िजलत है –
Ca और K
 सीमेंट और अस्थियों दोनों में निद्यमान तत्ि है – कैल्सियम
 ककसकी कमी से एनीधमया रोग होता है – लोहा
 ककस निटाधमन का सम्बन्ध रक्त थक्का से है – निटाधमन K
 मानि शरीर में औसतन ऑक्सीजन का तत्ि ककतना प्रनतशत होता है – 50%
 पालक के पत्तों में ककसकी मात्रा सबसे अधधक होती है – आयरन
 सबसे अधधक आयरन ककसमें पाया जाता है – हरी पत्तेदार सस्थियााँ
 मूत्र के स्रिण को बढ़ाने िाली औषधध को कहते हैं – डाइयूरेरटक
 टायफाइड से शरीर का कौन-सा अंग प्रभानित होता है – आंत
 पेधचश रोग के जलए उत्तरदायी प्रोटोजाआ है – एण्टअमीबा
 आाँखों की दूर रॅधि की बीमारी ककसके कारण होती है – नेत्रगोलक के छोटा होने से
 हैजा का क्या कारण है – जीिाणु
 ककसके जााँचने के जलए ELISA टेस्अ ककया जाता है – एड्स
 एनियन इन्फ्लूएन्जा (Bird Flu) निषाणु को ककससे ननरूनपत ककया जाता है – H5N1
 ककसकी कमी से दन्तक्षय होता है – फ्लुओरीन
 बेररयम मील का उपयोग ककया जाता है – आहार नली की एक्स-रे के जलए
 गुदाण-पथरी का पता लगाने के जलए ककस प्रनतनबम्बीय यंत्र को प्रयोग में लाया जाता है –
सी.टी.स्कैन
 गहरे तले रृए खाद्य पदाथण कैंसरजनक होते हैं, क्योंकक उनमें प्रचुरता होती है – िसा की
 ककस भारी िस्तु की निषाक्तता यकृत जसरोजसस पैदा करती है – कॉपर
 मानि शरीर में रक्त की अपयाणप्त आपूनति को कहते हैं – इस्कीधमया

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 टायफाइड पैदा ककया जाता है – साल्‍टमोनेला टाइफी द्वारा
 बी.सी.जी. प्रनतरक्षण होता है – टी.बी. के जलए
 काबोहाइड्रेट के अलािा हमारे आहार में ऊजाण का एक प्रमुख स्रोत होता है – िसा
 रक्त का थक्का बनाने में इनमें से कौन-सा अियि मदद करता है – निटाधमन K
 BCG का टीका ककसके निरूि प्रनतरोधक क्षता उत्पन्न करने के जलए उपयुक्त है – तपेढदक
 मानि शरीर रचना के सन्दभण में एण्टीबॉडीज होते हैं – प्रोटीन्स
 पीजलया ककसके संिमण के कारण होता है – यकृत
 न्यूमोननया रोग मानि शरीर के ककस अंग को ग्रजसत करता है – फेफड़ा
 पूणण स्मृनत लोप को ककस शब्द द्वारा जाना जाता है – एमनीजसया
 कौन-सी बीमारी पानी द्वारा नहीं होती है – फ्लू
 अरक्तता में ककसकी मात्रा कम हो जाती है – हीमोग्लोबीन
 चेचक (Small pox) होने का कारण है – िैरीओला िाइरस
 गाय के दूध का रं ग ककसकी मौजूदगी के कारण थोड़ा पीला होता है – कैरोरटन
 कौन-सा रोग प्राय: िायु के माध्यम से फैलता है – ट्यूबरकुलोजसस
 अन्न (Cereals) एक समृि स्रोत होते है – स्टाचण के
 कैंसर के उपचार के जलए प्रयुक्त रेढडयो आइसोटोप है – Co-60
 शरीर की निधभन्न गनतनिधधयों के जलए ऊजाण स्त्रोत है – काबोहाइड्रेट
 14 िषण तक की आयु के बच्चों के निकास के जलए सबसे अधधक महत्िपूणण है – प्रोटीन
 पीत ज्िर संचाररत ककया जाता है – एइडीज द्वारा
 मानि शरीर में संिमण को रोकने में मदद करने िाला निटाधमन है – निटाधमन A
 ECG है – इलेक्रोकाढडि योग्राफ
 कौन-सा रोग रक्ताधान द्वारा फैलता है – टायफाइड
 निटाधमन B6 की कमी से पुरूष में हो जाता है – अरक्तता
 पीजलया एक प्रतीक है – यकृत की बीमारी का
 चेचक के प्रनत टीकाकरण में समािेश ककया जाता है – जीनित प्रनतरजक्षयों का
 जजस बीमारी में रक्त में शकणरा का स्तर बढ़ जाता है, उसका नाम है – डायनबटीज मेजलटस

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 मनुष्य में एफ्लाटॉक्सिन खाद्य निषाक्तन द्वारा सामान्यतत: कौन-सा अंग प्रभानित होता है –
यकृत
 धमनीमाता रोग का कारण है – पारा
 आनुिांजशक रोगों में कौन यौन-सम्बन्धित है – हीमोफीजलया
 जापानी एनसेकफलाइरटस का कारक होता है – निषाणु
 दोषयुक्त िृक्क िाले व्यनियों के जलए अपोहन का उपयोग ककया जाता है। इसमें ननढहत
प्रिम है – परासरण
 EEG से जजस अंग की कायण प्रणाली प्रकट होती है, िह है – मन्थस्तष्क
 केसीन दुग्ध होता/होती है – प्रोटीन
 ककस तत्ि की कमी के कारण घेंघा रोग हो जाता है – आयोडीन
 ककसकी उपस्थिती के कारण दूध में धमठास आ जाती है – लैक्टोस
 सुअरों को मानि ररहायशी क्षेत्रों से दूर रखना ककसके उन्मूलन में सहायक है – जापानी
एनसेफेलाइरटस
 ‘घात करो और धछप जाओ’ नाम से निख्यात निषाणु है – आर.एस.िी.निषाणु
 धचककत्सक परामशण देते हैं कक हमें अपना भोजन िनस्पनत घी अपेक्षा तेल में बनाना चाढहए,
क्योंकक – तेल में असंतप्ृ त िसाएाँ होती हैं।
 कोलेस्रॉल है – जन्तु िसा में उपस्थित िसीय ऐल्‍टकोहॉल
 आहार में लिण का मुख्य उपयोग है – भोजन के पाचन के जलए अपेजक्षत हाइड्रोक्लोररक
अम्ल लघु मात्रा में पैदा करना।
 िसा में घुलनशील निटाधमन होते हैं – कैल्सिफेरॉल, केरोरटन, टोकोफेरॉल
 एक कायणशील मढहला को प्रनतढदन ककतना प्रोटीन लेना चाढहए – 45 ग्राम
 एनोप्सिया कहते हैं – घ्राण संिदे ना की कमी को
 शरीर की कैलोरी आिश्यकता गमी की अपेक्षा सढदि यों में बढ़ जाती है , क्योंकक अधधक कैलोरी
आिश्यक हैं– शरीर का ताप बनाये रखने के जलए
 राष्रीय पोषण संस्थान एक अनुसंधान है जो ककस राज्य में स्थित है – आन्र प्रदेश
 न्यूस्रास्यूरटकल्‍टस उत्पाद हैं, जजनमें होते हैं – पोषक और औषधध प्रभाि
 दूध का धिल रं ग ककसकी उपस्थिती के कारण है – कैसीम

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 सन्तुजलत आहार में सनिकटत: क्या होना चाढहए – 1/5 प्रोटीन, 1/5 िसा और 3/5
काबोहाइड्रेट
 पौधों और जन्तुओं में काबोहाइड्रेट ककस रूप में संधचत होते हैं – स्टाचण और ग्लूकोस
 ढदल का दौरा ककस कारण से होता है – ह्दय में रक्त आपूनति की कमी
 कहााँ काम करने िाले व्यनियों को ब्लैक लंग रोग हो जाता है – कोयला खान
 ददणनाक अस्थि रोग ‘इटाई-इटाई’ का पहले कहााँ पता चला था – जापान
 कैडधमयम प्रदूषण ककससे संबि है – इटाई-इटाई
 कालाजार का रोगिाहक कौन है – जसकटा मक्खी
 चेचक के जलए टीके का आनिष्कार ककसने ककया था – लुइर पाश्चर
 श्िेत फुस्फुस रोग पाया जाता है – सीमेंट उद्योग के कमणचाररयों में
 AIDS निषाणु के जलए सबसे ज्यादा आजमाई गई दिा है – जीडो िुडीन (AZT)
 ककस सूक्ष्मजीि के द्वारा हेपेटाइरटस B की बीमारी होती है – िायरस
 एस्बेस्टस के कारण होने िाला प्रमुख रोग है – एम्फेसेमा
 स्किी रोग के इलाज में उपयोगी है – आाँिला
 BMD परीक्षण ककया जाता है, पहचान करने के जलए – ऑम्स्टयोपोरोजसस की
 एड्स (AIDS) होता है – निषाणु से
 भारी मात्रा में ऐल्‍टकोहॉल पीने िाले लोग मरते हैं – जसरोजसस से
 सरल गलगण्ड (घेंघा) ककसको करने िाली बीमारी है – थायराइड ग्रन्थि
 मलेररया का संिामक चरण है – बीजाणुज (स्पोरोजोआइट)
 कौन-सा किकीय रोग है – एक्जीमा
 छोटी माता (धचकन पॉक्स) पैदा की जाती है – डी.एन.ए.निषाणु द्वारा
 ‘काली मौत’ (Black death) ककसे कहते हैं – प्लेग
 डेंगू बुखार के कारण मानि शरीर में ककसकी कमी हो जाती है – प्लेटलेसस की
 गाजर ककस निटाधमन का समृि स्रोत है – निटाधमन्स A
 मानि शरीर में निटाधमन A संधचत रहता है – यकृत में
 थायधमन है – निटाधमन B
 जजस निटाधमन में कोबाल्‍टट होता है, िह है – निटाधमन B12

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 बच्चों में अंगों की अस्थियााँ मुड़ जाती हैं, यढद कमी है – निटाधमन D की
 निटाधमन B2 का अन्य नाम है – राइबोफ्लेनिन
 एक कठोर पररश्रम करने िाले पुरूष को दैननक ऊजाण की आिश्यकता होती है –
4000 Kcal
 साइनोकोबालाधमन है – निटाधमन B12
 निटाधमन जो खट्टे फलों में फलों में पाया जाता है तथा चमण को स्िस्थ रखने के जलए जरूरी
होता है, है – निटाधमन C
 निटाधमन C सबसे उत्त्म स्रोत है – आाँिला
 ककस निटाधमन की कमी के कारण मसूड़ों से रक्त आता है और दााँत ढहलने लगता है –
निटाधमन C
 निटाधमन C का रासायननक नाम है – एस्कॉनबि क अम्ल
 ककसी सब्जी से प्राप्त न होने िाला निटाधमन है – निटाधमन D
 प्रात: कालीन धूप में मानि शरीर में कौन-सा निटाधमन उत्पन्न होता है – निटाधमन D
 मछजलयों के यकृत के तेल में ककसकी प्रचुरता होती है – निटाधमन D
 निटाधमन D के सजणन में क्या पाया जाता है – कैल्सिफेरॉल
 निटाधमन E का रासायननक नाम है – टोकोफेरॉल
 निटाधमन E निशेषत: ककसके जलए महत्िपूणण है – जलिं ग ग्रन्थियों की सामान्य किया में
 रक्त स्कन्दन में कौन-सा निटाधमन कियाशील होता है – निटाधमन K
 मानि शरीर में रक्त का थक्का ककस निटाधमन से बनता है – निटाधमन K
 मनुष्य के नेत्रों के स्िस्थ संचालन के जलए ककस निटाधमन का सम्बन्ध है – निटाधमन A
 कौन-सा निटाधमन पानी में घुलनशील है – निटाधमन B
 निटाधमन A की कमी के कारण होता है – नाइट ब्लाइं डनेस
 धछली रृई सस्थियों को धोने से कौन-सा निटाधमन ननकल जाता है – निटाधमन C
 गोल्‍टडन धान में सिाणधधक मात्रा होती है – निटाधमन A की
 ‘जीिनिज्ञान’ (Bilology) शब्द का प्रयोग सिणप्रथम ककसने ककया – लैमाकण तथा रेनिरेनस
ने
 ‘जीिनिज्ञान के जनक’ (Father of Biology) के नाम से जाने जाते हैं – अरस्तू

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 जन्तुनिज्ञान (Zoology) के जनक कहलाते हैं – अरस्तू
 िनस्पनतनिज्ञान (Botany) के जनक हैं – धथयोफ्रेस्टस
 ‘धचककत्सा शास्त्र का जनक’ ककसे कहा जाता हैं – ढहप्पोिेटस
 एण्टीबायोरटक्स अधधकांशतया प्राप्त होते हैं – जीिाणुओं से
 यढद एक जीिाणु कोजशका प्रनत 20 धमनटों में निभाजजत होती है, तो दो घण्टे में ककतने
जीिाणु बनेंगे – 64
 नाइरोजन यौनगकीकरण में कौन सी फसल सहायक है – फली
 नाइरोजन स्थिरीकरण में लेगहीमोग्लोबीन (Leghaemoglobin) का क्या कायण है –
ऑक्सीजन का अिशोषण
 कौन सा रोग बैक्टीररया से होता है – तपेढदक
 िह निज्ञान जजसका सम्बन्ध जीिधाररयों के अध्ययन से होता है, कहलाता है – जीिनिज्ञान
 फाइकोलॉजी (Phycology) में ककसका अध्ययन ककया जाता है – शैिाल (Algae) का
 पयाणिरण का अध्ययन जीिनिज्ञान की ककस शाखा के अन्तगणत ककया जाता है –
पाररस्थिनतकी
 तपेढदक (TB) उत्पन्न करने िाला जीिाणु है – माइकोबैक्टीररयम
 Exo-biology में ककसका अध्ययन ककया जाता है – बाह्य ग्रहों तथा अंतररक्ष में जीिन
 पुष्पों का अध्ययन कहलाता है – एन्थोलॉजी
 बैक्टीररया में पाया जाने िाला प्रकाश-संश्लेषी आशय कहलाता है – िणणकीलिक
 हैजा ककसके कारण होता है – जीिाणु
 तपेढदक का कारण क्या है – बैक्टीररया
 प्रशीतन खाद्य परररक्षण में मदद करता है – जैि रासायननक अधभकिया की दर को कम कर
 जैि ननम्नीकृत अपजशष्ट को ककसकी सहायता से उपयोगी पदाथण में रूपान्तररत ककया जा
सकता है – जीिाणु
 ककसके द्वारा दूध खट्टा होता है – जीिाणु
 दूध के दही के रूप में जमने का कारण है – लैक्टोबैजसलस
 I.V. द्वारा होने िाला रोग है – एड्स
 एड्स िायरस क्या होता है – एक सूची आर.एन.ए.

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 एड्स का कारण है – िायरस
 I.V. का फुलफामण है – हयूमन इम्यूनोडेफीजशएंसी िायरस
 AIDS फैलाता है – शारीररक सम्पकण से
 निषाणु में क्या होता है – न्यूक्सिक एजसड और प्रोटीन
 सासण (S.A.R.S.) क्या है – निषाणु जननत रोग
 खसरा ककस संिमण के कारण होता है – निषाणु
 कौन-सा रोग निषाणु के कारण होता है – चेचक
 जन्तुओं में होने िाली ‘फूट एण्ड माउथ’ रोग ककसके कारण उत्पन्न होती है – निषाणु
 आलू में मोजैक रोग (Mosaic disease) का कारक तत्ि है – निषाणु
 मशरूम क्या है – किक
 प्रथम नियुक्त प्रनतजैनिकी कौन-सा था – पेननजसजलन
 ‘एथलीट फुट’ नामक बीमारी ककससे उत्पन्न होती है – किक
 कौन-सा एक किक एिं उच्च पादप की जड़ों के बीच उपयोगी कायाणत्मक सम्बन्ध को दशाणता
है – माइकोराइजा
 लाइकेन जजन दो िगण के पौधों से धमलकर बनता हैं, िे हैं – किक और शैिाल
 जलटमस-अम्ल-क्षार सूचक प्राप्त होता है – लाइकेन से
 सौर ऊजाण ककससे प्राप्त होती है – सूयण
 साबूदाना (Sago) ककससे बनाया जाता है – साइकस
 दमा एिं खााँसी के रोगों में काम आने िाली औषधध इफेढड्रन (Ephedrine) ककससे प्राप्त
की जाती है – इफेड्रा
 कौन एक जीनित जीिाश्म (Living fossils) कहलाता है – जजिं कगो
 निषाणु िृधि करता है – जीनित कोजशका में
 पौधे का कौन-सा भाग फूल बनने का उद्दीपन ग्रहण करता है – पणण
 कुररिं जी पुष्प के 12 िषण में एक बार णखलने का कारण है – फ्लोररजन स्त्राि
 संसार का सबसे छोटा पुष्प है – िुन्थिया
 फूलगोभी में पौधे का उपयोगी भाग कौन-सा है – ताजा पुष्प समूह
 निश्ि का सबसे बड़ा पुष्प है – रेफ्लजे शया

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 जीिन चि की रॅधि से पौधे का सबसे महत्िपूणण अंग है – पुष्प
 प्याज में खाद्य भाग है – तना
 आलू है – रूपान्तररत तना
 तारपीन का तेल प्राप्त ककया जाता है – चीड़ से
 सामान्य प्रयोग में आने िाला मसाला लौंग कहााँ से प्राप्त होता है – फूल की कली से
 हशीश पौधे से प्राप्त की जाती है। यह बताइए कक िह पौधे के ककस भाग से प्राप्त की जाती
है – तने तथा नर पुष्पिम के नन:स्राि से
 प्रकाश संश्लेषण होता है – केिल ढदन में
 प्रकाश संश्लेषण के जलए कौन-सी गैस आिश्यक है – CO2
 पौधे ि पेड़ का खाना तैयार करने की प्रकिया कहलाती है – फोटोजसन्थेजसस
 ककस िनस्पनत खाद्य में अधधकतम प्रोटीन होता है – सोयाबीन
 जसनकोना की छाल से प्राप्त औषधध को मलेररया उपचार के जलए प्रयुक्त ककया जाता था।
जजस कृकत्रम औषधध ने इस प्राकृनतक उत्पाद को प्रनतस्थानपत ककया िह है – क्लोरोस्थिन
 कौन-सी फसल मृदा को नाइरोजन से भरपूर कर देती है – मटर
 ककस पेड़ की छाल मसाले को नाइरोजन से भरपूर कर देती है – दालचीनी
 चन्दन के पेड़ को क्या माना जाता है – आंजशक मूल परजीिी
 नर पुष्प और स्त्री पुष्प दोनों को जन्म देने िाले पादप कहलाते हैं – उभयजलिं गाश्रयी
 पत्ती के लाल, नारं गी और पीला रं ग के कारण होते हैं – कैरोरटनॉइड
 गेरॄ,ाँ जौ, नींबू, राइ, नारं गी और बाजरा सम्बन्धित है – तीन पादप पररिारों से
 िााँस को ककसमें िगीकृत ककया जाता है – घास
 धननया में उपयोगी अंश होता है – पत्ते और सूखे फल
 जैि ईंधन ककसके बीज से प्राप्त होता है – जैरोफा
 ककस पादप को ‘शाकीय भारतीय डॉक्टर’ कहते है – आाँिला
 बायााँ महाधमनी चाप इनमें ढदखायी देता है – स्तनपायी
 जलटमस प्राप्त होता है – एक लाइकेन से
 ककस फसल में एजोला एनाबीना जैि उिणरक का प्रयोग ककया जाता है – चािल
 धचलगोजा ककस एक प्रजानत के बीज से प्राप्त होता है – पाइन

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 फलीदार पादपों की जड़ों में उपस्थित गााँठों में पाए जाने िाले नेत्रजन स्थिरीकरण जीिाणु हैं –
सहजीिी
 जड़ें धनात्मक भूम्यानुितणन (Positive Geotropism) होती है – अधधकांश
 पेड़ों की पनत्तयों में पाया जाने िाला हरा पदाथण क्या कहलाता है – क्लोरोकफल
 प्रकाश संश्लेषण की किया उत्पन्न होती है – CO2 , पानी तथा क्लोरोकफल से
 प्रयोगशाला में सिणप्रथम DNA का संश्लेषण ककया था – खुराना ने
 ‘जीन’ शब्द का सिणप्रथम प्रयोग ककसने ककया – जोहान्सन
 ककसके द्वारा आनुिंजशकता के निज्ञान को ‘आनुिंजशकी’ कहा गया – िाटसन
 आनुिंजशकी उत्पररितणन होता है – िोमोसोम
 डी.एन.ए. के कद्वहेजलक्स प्रारूप को पहली बार ककसने प्रस्तानित ककया था – िाटसन तथा
किक ने
 कोजशका की आत्महत्या की थैली कहलाता है – लाइसोसोम
 लाइसोसोम में पाया जाने िाला िह एन्जाइम जजनमें जीिरव्य को घुला देने या नष्ट कर देने
की क्षमता होती है, कहलाता है – हाइड्रोलाइरटक एन्जाइम
 80% से अधधक सेल (कोजशक) में पाया जाने िाला पदाथण है – जल
 ककसकी उपस्थिती के कारण ककसी पादप कोजशका और पशु कोजशका में अन्तर पाया जाता
है – कोजशका धभनत्त
 गॉल्‍टजीकाय का प्रमुख कायण है – स्रािी
 एक काष्ठीय पौधे की आन्तररक छाल का मुख्य कायण क्या है – पनत्तयों से पौधों के अन्य
भागों को खाद्य पररिहन करना।
 संिहनी पौधों में पानी ऊपर ककससे जाता है – जाइलम रटशू
 ककस भारतीय िैज्ञाननक ने पादपों में जल की लम्बी दूरी के अधभगमन का जसिान्त प्रस्तुत
ककया – जे.सी.बोस ने
 संसार का सबसे बड़ा पाररतंत्र है – सागर
 मृदा अपरदन रोका जा सकता है – िनरोपण द्वारा
 जब हम बकरी का मांस खाते हैं, तब हम – कद्वतीयक उपभोक्ता हैं
 हाइड्रोफाइट (Hydrophyte) कहते हैं – एक जलीय पौधे को

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 मरूद्भिद पौधा है – करील
 पयाणिरण के अजैि अियि का उदाहरण है – िायु
 हाइड्रोपोननक्स (Hydroponics) सम्बन्धित है – धमट्टी के नबना पौधे की िृधि से
 सौर ऊजाण का सबसे बड़ा यौनगकीकरण कौन है – हरे पौधे
 पाररस्थिनतक संतुलन बनाये रखने के जलए भारत में िन क्षेत्र ककतने अनुपात में होना चाढहए –
33.3%
 भारत में मैन्ग्रोि की खेती के जलए कौन-सा क्षेत्र प्रजसि है – दजक्षणी 24 परगना का
सजनेखाली जंगल
 एनपफाइसस (Epiphytes) बरृत अधधक निकजसत होती ऐसे पौधे होते हैं जो अन्य पर ननभणर
करते हैं – यांकत्रक मदद हेतु
 पादपालय (Phytotron) एक सुनिधा है, जजससे – ननयंकत्रत दशाओं में पादपों का उगना
संभि हो पाता है।
 कौन-सा कृनष कायण पयाणिरणीय रॅधि से उपयुक्त है – काबणननक कृनष
 अधधकांश मरूस्थलीय पादप राकत्र के समय ही पुम्ित होते हैं, क्योंकक – मरूस्थलीय कीट
राकत्र के समय सकिय रहते हैं ।
 रेनगस्तान में पैदा होने िाले पौधे कहलाते हैं – जीरोफाइसस
 पाररस्थिनतक ननके की संकल्‍टपना को प्रनतपाढदत ककया था – ग्रीनेल्‍टस ने
 सबसे स्थायी पाररस्थिनतक तंत्र है – समुर
 मनुष्य ककसके द्वारा जीिमण्डल में पाररस्थिनतक सन्तुलन बनाये रख सकता है – सम्बन्धित
पौधों की नई ककस्में और पालतू पशु की नई नस्ल निकजसत करना
 सामाजजक िाननकी है – सहकारी स्िाधमत्ि िाली भूधम पर उपयोगी पौधों का उगाना और
उनकी व्यिस्था करना
 राष्रीय िानस्पनतक उद्यान कहााँ पर स्थित है – लखनऊ
 भारत में िन अनुसंधान संस्थान कहााँ स्थित है – देहरादून
 पृथ्िी का निशालतम पाररस्थिनतक तंत्र है – जलमंडल
 एक कृकत्रम पाररस्थिनतक तंत्र ननरूनपत ककया जाता है – जलजीिशाला द्वारा
 रेड डाटा बुक उन जानतयों के बारे में जानकारी देती है, जो – संकटपन्न हैं

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 भारत में पाररस्थिनतक असन्तुलन कौन एक प्रमुख कारण है – िनोन्मूलन
 ताल पाररस्थिनतक तंत्र की स्थिरता ननभणर करती हैं – उत्पादाकों और उपभोक्ताओं पर
 प्रकृनत के सन्तुलन को तय करने िाला मुख्य कारक है – मानि गनतनिधधयााँ
 ‘िैद्भिक निरासत का िन’ माना जाता है – पद्भिम बंगाल में सुन्दर िन
 िह िणणक जो िनस्पनत को बैंगनी ककरणों के दुष्प्रभाि से बचाता है, कौन-सा है –
फाइकोसायननन
 सिाणधधक जैि निनिधता कहााँ पायी जाती है – उष्णकरटबंधीय िषाण िनों में
 पाररस्थिनतक तंत्र में तत्िों के चिण को क्या कहते हैं – जैि भूरासायननक चि
 धचपको आन्दोलन मूल रूप से ककसके निरूि था – िन कटाई के
 ‘इकोमाकण’ उन भारतीय उत्पादों को ढदया जाता है जो – पयाणिरण के प्रनत मैत्रीपूणण हों
 ओजोन इतनी सांरता (संकेन्रण) पर गंभीर फुफ्फुसीय रोग उत्पन्न रोग उत्पन्न करके मानि
स्िास्थ्य को प्रभानित करता है – 9.0 पीपीएम
 निश्ि का सबसे अधधक तेजी से बढ़ने िाला जल पादप है – जल हायाजसन्थ
 यढद निश्ि के सभी पादप मर जाते हैं, तो सभी पशु भी इनकी कमी के कारण मर जायेंगे –
ऑक्सीजन
 जब पादप निनिधता को प्राकृनतक आिास में संक्षाररत ककया जाता है, तो इस संरक्षण को
कहते हैं – स्ि-स्थाने
 अत्याधधक िनोन्मूलन का सबसे अधधक खतरनाक प्रभाि है – मृदा अपरदन
 चारण आहार श्रृंखला के आधार तल में जीि होते हैं – उत्पादक
 पयाणिरणीय आयोजन के साथ मूलत: सम्बन्धित संगठन है – NEERI
 मैंग्रोि िनों पर िैद्भिक तापन का क्या प्रभाि होगा – मैंग्रोि के निशाल क्षेत्र जल मग्न हो
जायेंगे
 दो धभन्न समुदायों के बीच का संिाम्ि क्षेत्र कहलाता है – इकोटोन
 एक मनुष्य के जीिन को पूणरू
ण प से धारणीय करने के जलए आिश्यक न्यूनतम भूधम को क्या
कहते है – पाररस्थिनतकीय पदछाप
 DNA का डबल हेजलक्स मॉडल (Double Helix Model) ककसने ढदया – िाटसन ि
किक ने

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 माता-नपता के गुण उनकी संतानों में ककसके द्वारा स्थाना‍न्तरत होते हैं – गुणसूत्र द्वारा
 पुरूष में पुरूषत्ि के जलए कौन-सी गुण्सूत्री संयोजन उत्तरदायी है – XY
 एक सामान्य मानि शरीर कोजशका में गुणसूत्रों की संख्या ककतनी होती है – 46
 मनुष्य में नर का गुणसूत्र सम्िश्रण होता है – XY
 बच्चों के जलिं ग ननधाणरण के जलए उत्तरदायी िोमोसोम होता है – नपता का
 मनुष्य में कौन से िोमोसोम के धमलने से बालक का जन्म होगा – पुरूष का Y ि स्त्री का X
 एक िणाणन्ध पुरूष ि सामान्य मढहला की सन्तानों में पुत्रों के िणाणन्ध होने की सम्भािना है –
0%
 जशशु का नपतृत्ि स्थानपत करने के जलए ककस तकनीक का प्रयोग ककया जाता है –
DNA कफिंगर नप्रिंरटिं ग
 ‘जीन’ शब्द ककसने बनाया था – जी. मेण्डल
 िणाणन्धता िाले व्यनि को लाल रं ग ढदखायी देगा – हरा
 एक िणाांध पुरूष एक सामान्य मढहला से नििाह करता है। िणाणन्धता के लक्षण उत्पन्न होंगे,
उसके – पुकत्रयों के पुत्रों में
 गुणसूत्र में होते हैं – DNA और प्रोटीन
 DNA अंगुली छाप का प्रयोग ककसकी पहचान के जलए ककया जाता है – बलात्कारी, माता-
नपता, चोर
 ‘जेनेरटक्स’ ककसका अध्ययन है – आनुिजं शकता और निचरण
 संसार में ककस जीि की संख्या सिाणधधक है – मछली
 सबसे निषैली मछली है – पाषाण मछली
 मच्छरों के ननयन्त्रण हेतु प्रयोग होने िाली कीटभक्षी मछली है – गेम्बूजसया
 जल से बाहर ननकाले जाने पर मछजलयााँ मर जाती हैं , क्योंकक – िे श्िास नहीं ले पाती हैं
 शाकण मछली में ककतनी हढड्डयााँ होती हैं – 0
 एम्फीनबया बनाता है – जल एिं स्थल दोनों पर ही रह सकने िाले पशुओं को
 घोंसला बनाने िाला एक मात्र सााँप है – ककिंग कोबरा
 पहला क्लोन पशु ‘डॉली’ कौन-सा पशु था – भेड़

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 कुछ रेनगस्तानी धछपकजलयााँ अपने मल को शुष्क आकार में ननष्काजसत करती हैं। इससे ककस
प्रकार की मदद धमलती है – जीिों का पयाणिरण के अनुसार अनुकूलन
 डायनोसॉर थे – मेसोजोइक सरीसृप
 ककसकी उपस्थिनत के कारण नगरनगट (Chameleon) रं ग बदलती है – िणणकीलिक
 पृथ्िी पर निशालतम जीनित पक्षी है – शुतरु मुगण
 डु गोन्ग नामक समुरी जीि जो कक निलोपन की कगार पर है, क्या है – स्तनधारी
 न्यूजीलैंड में पाया जाने िाला उड्डयनहीन पक्षी है – ककिी
 आककियोप्टे ररक्स है – जुरैजसक युग का सिणपरु ातन पक्षी
 पेंगुइन धच‍ऺडया कहााँ पायी जाती है – अण्टाकणरटका
 सबसे बड़ा उड़ने में असमथण पक्षी जो सबसे तेज गजज से दौड़ सकता है, िह है – ऑ‍स्रच
 पािो किस्टे शस ककसका िैज्ञाननक नाम है – मोर
 िह एकमात्र पक्षी जो पीछे की ओर उड़ता है – गुज
ं न पक्षी
 व्हे ल के ह्दय में ककतने चैम्बर होते है – 4
 िह स्तनधारी जो खतरे के संकेत के समय गेंद के समान हो जाता है – कंटक चूहा
 स्तनपायी के उत्सजणनीय उत्पाद मूत्र में अधधकता में पाये जाते हैं – यूररक अम्ल
 हररत ग्रन्थियााँ सम्बन्धित हैं – उत्सजणन से
 कूटक (Keel) ककसमें नहीं पाया जाता है – बत्तख
 डायनोसॉरस थे – सरीसृप जो लुप्त हो गए
 रक्त में प्रनत स्कंदक पदाथण कौन-सा है – हेपरे रन
 आककियोप्टे ररक्स ककन िगों के प्राणणयों के बीच की योजक कड़ी है – सरीसृप ि पक्षी
 ककस समूह के जीिों का डू बने से रृई मृत्यु का पता लगाने में महत्ि है – डायटम
 मैमथ पूिणज हैं – हाथी का
 फीरोमोन्स पाए जाते हैं – कीटों में
 भारत में सबसे बड़ी मछली है – व्हे ल शाकण
 प्राइमेटों में आधुननक मानि का ननकटतम सम्बन्धी कौन है – गोररल्‍टला
 पांडा भी उसी कुल का है, जजसका/की है – भालू
 अधधकांश कीट (Insects) श्िसन कैसे करते हैं – िातक तंत्र से

किसी भी सहायता िे किये फेसबुि पर संपिक िरें – किकति गुप्ता


 कौन अण्डे देता है और सीधे बच्चे नहीं देता – एककडना
 ककस सपण का भोज्य मुख्य रूप से अन्य सपण है – नागराज
 तालाबों और कुओं में ककसको छोड़ने से मच्छरों को ननयम्ित करने में मदद धमलती है –
गैंबजु सया
 मधुमक्खी में पुंमधुप (Dron) होते हैं – जननक्षम नर
 कपोत दुग्ध उत्पन्न करता है – पक्षी
 कौन-सा भाग हाथी के गजदं त के रूप में बदलता है – दूसरा कृन्तक
 डानिि न कफधचिं ज का प्रयोग ककस समूह के जलए ककया जाता है – पजक्षयों के जलए
 निलोपन की कगार पर सिाणधधक संकटापन एजशया का शीषण परभक्षी है – ढोल
 निधभन्न जानतयों के एक्स सीटू संरक्षण के जलए ननम्न में से कौन-सा उढद्दष्ट है – जमणप्लाज्म
बैंक

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Chemistry GK Most Important Question Answer in Hindi
 एक ही प्रकार का परमाणु ककसमें धमलता है – प्राकृत तत्ि
 िायु क्या है – धमश्रण
 अमोननया है – रासायननक यौनगक
 हीरा (Diamond) है – तत्ि
 जल एक यौनगक है, क्योंकक – इसमें रासायननक बंधों से जुड़े रृए दो धभन्न तत्ि होते हैं।
 दो या दो से अधधक शुि पदाथों को ककसी भी अनुपात में धमला देने से बनता है – धमश्रण
 ऐसे तत्ि जजनमें धातु और अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं, कहलाते है – उपधातु
 निरं जक चूणण (Bleaching Powder) है – यौनगक
 बारूद होता है – धमश्रण
 िह िैज्ञाननक जजसमें ‘परमाणु जसिान्त’ की खोज की – जॉन डाल्‍टटन
 परमाणु के नाधभक में कौन से कण होते हैं – प्रोटॉन एिं न्यूरॉन
 एक इलेक्रॉन पर ककतना आिेश होता है – (-1.6 x 10-19 C)
 परमाणु निद्युतत: होते हैं – उदासीन रूप से
 इलेक्रॉन की खोज की थी – थॉमसन
 प्रोटॉन की खोज ककसने की – गोल्‍टडस्टीन
 एक भारतीय िैज्ञाननक जजसका नाम एक निजशष्ट मूल कण के साथ जुड़ा है – बोस
 न्यूरॉन की खोज की थी – चैडनिक ने
 ककसी परमाणु का रासायननक व्यिहार ननभणर करता है, उसके – न्यूक्सियसके नगदण घूम रहे
इलेक्रॉन की संख्या पर
 ककसी परमाणु में पररिमण कर रहे ककसी इलेक्रॉन की कुल ऊजाण – सदा धनात्मक होती है।
 परमाणु भार का अन्तरराणष्रीय मानक है – C-12
 न्यूक्सियस की रव्यमान संख्या – सदा उसके परमाणु िमांक से अधधक होती है।
 स्थायी नाधभक (हल्‍टका A<10 के साथ) में – न्यूरॉनों और प्रोटॉनों की लगभग समान संख्या
होती है।
 अननद्भितता के जसिान्त का प्रनतपादन ककया – हाइजेनबगण
 नाधभक की खेज रदरफोडण ने ककन कणों की सहायता से की – α-कण

किसी भी सहायता िे किये फेसबुि पर संपिक िरें – किकति गुप्ता


 ककसी तत्ि के रासायननक गुण ननभणर करते हैं – परमाणु संख्या पर
 मेसॉन के खोजकताण हैं – युकािा
 रासायननक तत्ि के अणु के सन्दभण में चुम्बकीय क्िाण्टम संख्या का सम्बन्ध है – चिण से
 ककसी तत्ि के रासायननक गुण कौन तय करता है – इलेक्रॉनों की संख्या
 परमाणु िमांक 20 िाले परमाणु का इलेक्रॉननक निन्यास है – 2, 8, 8, 2
 कौन-सा इलेक्रॉननक संरूपण धातु तत्ि के जलए है – 2, 8, 8, 2
 स्पणण-पत्र (Gold foil) से ककसके प्रकीणणन का अध्ययन करके रदरफोडण ने नाधभक की
खोज की – α
 जब दो इलेक्रॉन एक ही कक्ष में होते हैं, तो उनमें क्या पाया जाता है – निपरीत चि
 ककसी तत्ि के परमाणु की दूसरी कक्षा में इलेक्रॉनों की अधधकतम संख्या हो सकती है – 8
 काबणन का परमाणु िमांक 6 तथा परमाणु भार 12 है। इसके नाधभक में ककतने प्रोटॉन होते
हैं – 6
 परमाप्सिक संख्या Z एिं रव्यमान संख्या A के एक परमाणु में इलेक्रॉनों की संख्या है – Z
 तत्ि 92U235 में प्रोटॉनों की संख्या है – 92
 सोढडयम की परमाणु संख्या 11 तथा परमाणु रव्यमान 23 है। इसमें इलेक्रॉन, न्यूरॉन एिं
प्रोरॉन की संख्या िमश: होंगी – 11, 12, 11
 92U238 में प्रोरॉनों की संख्या है – 146
 ककसी तत्ि के परमाणु भार से सम्बन्धित सिाणधधक उपयुक्त कथन है – रव्यमान संख्या के
निपरीत एक तत्ि का परमाणु भार धभन्न हो सकता है।
 परमाणु की प्रभािी कत्रज्या होती है – 10-10 m
 ककसी तत्ि की परमाणु संख्या 35 है तथा उसमें 18 इलेक्रॉन हैं, तो उसमें प्रोरॉनों की संख्या
होगी – 18
 ककसी तत्ि के परमाणु में 2 प्रोरॉन, 2 न्यूरॉन और 2 इलेक्रॉन हों, तो उसे तत्ि की रव्यमान
संख्या ककतनी होगी – 4
 ऋणािेजशत परमाणु (ऋणायान) में प्रोरॉन की संख्या क्या है – परमाणु में इलेक्रॉनों की
संख्या से कम

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 नाधभक की खोज के जलए रदरफोडण ने जब धातु के पतले पत्र पर एल्‍टफा (α) कणों की बौछार
की, तो – अधधकांश एल्‍टफा कण धातु की पन्नी को नबना निक्षेपण के पार करके चले गए।
 तत्िों की प्रकृनत को ज्ञात ककया जा सकता है – इलेक्रॉननक निन्यासीकरण के द्वारा
 ककसके ननधाणरण में ककसी तत्ि की परमाणु संख्या सहायता नहीं करती है – नाधभक में
निद्यमान न्यूरॉनों की संख्या
 रेढडयो सकियता की खोज ककस िैज्ञाननक ने सिणप्रथम की – हेनरी बेक्िेरल
 रेढडयोधमी पदाथण उत्सजजि त करते है – अल्‍टफा कण, बीटा कण, गामा कण
 अल्‍टफा और बीटा ककरणों की खोज ककसने की – रदरफोडण
 ककस िैज्ञाननक ने गामा ककरणों की खोज की – रदरफोडण
 अिा (α) ककरणें है – He++ आयन
 बीटा (ß) ककरणें है – ऋण आिेजशत कणों से
 ककसमें ऋणात्मक आिेश होता है – गामा ककरण
 गामा ककरणें क्या होती है – रेढडयोसकिय पदाथों द्वारा उत्सजजि त उच्च ऊजाण युक्त ककरणें
 नाधभकीय निखण्डन के दौरान श्रृंखला अधभकिया को ननयंकत्रत करने के जलए न्यूरॉनों का
अिशोषण करने हेतु ककसका प्रयोग ककया जाता है – बोरॉन
 Na22 से 1 ß (बीटा) उत्सजणन के बाद बनने िाला पदाथण है – Mg
11

 यढद ककसी रेढडयोधमी पदाथण की मात्रा को दोगुना कर ढदया जाय तो रेढडयोधमी क्षारण की
दर – अपररिनति त रहती है
 एक रेढडयोएन्थिि पदाथण की अिण आयु 4 महीने है। इस पदाथण के तीन चौथाई भाग का क्षय
होने में समय लगेगा – 8 महीने
 पृथ्िी की आयु का आकलन ककया जाता है – यूरेननयम डेरटिं ग से
 रेढडयो काबणन डेरटिं ग से ककसका ननधाणरण होता है – जीिाश्म की आयु
 परमाणु बम का आनिष्कार ककसने ककया था – ऑटो हान
 परमाणु शनि संयंत्र ककस जसिान्त पर काम करता है – निखण्डन
 ककस प्रकार की अधभ्रकिया से सबसे अधधक हाननकारक निककरण पैदा होता है – निखण्डन
अधभकिया
 सूयण से ऊजाण उत्सजजि त होती है – नाधभकीय संलयन से

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 कौन-सा पदाथण नाधभकीय ररएक्टर में मंदक का काम करता है – भारी जल
 निखण्डन की प्रकिया उत्तरदायी होती है – परमाणु बम में ऊजाण मुक्त करने के जलए
 कोबाल्‍टट-60 आमतौर पर निककरण धचककत्सा में प्रयुक्त होता है, क्योंकक यह उत्सजजि त करता
है – गामा ककरणें
 हाइड्रोजन बम ककस जसिांत पर कायण करता है – अननयंकत्रत संलयन अधभकिया
 एक रेढडयोधमी पदाथण की अिण आयु 10 ढदन है। इसका अधभप्राय यह है कक – पदाथण का
3/4 भाग का निघटन 20 ढदनों में हो जाएगा।
 एक रेढडयोधमी तत्ि जजसके भारत में बड़े भण्डार पाए जाते हैं – थोररयम
 कलपक्कम के फास्ट िीडर ररएक्टर में ईंधन है – समृि यूरेननयम
 काबणन डेरटिं ग ककसकी आयु ननधाणरण हेतु प्रयुक्त होता है – जीिाश्म
 ककसी तत्ि के समस्थाननकों के बीच अन्तर ककनकी धभन्न (अलग) संख्या की उपस्थिनत के
कारण होता है– न्यूरॉन
 ककसी परमाणु नाधभक का आइसोटोप िह नाधभक है जजसमें – प्रोरॉनों की संख्या िही होती
है, परन्तु न्यूरॉनों की संख्या धभन्न होती है।
 हाइड्रोजन के रेढडयो सकिय समस्थाननक को कहते हैं – राइरटयम
 हाइड्रोजन के समस्थाननकों की संख्या ककतनी हैं – 3
 सिाणधधक संख्या में समस्थाननक ककसके पाये जाते हैं – पोलोननयम
 पोलोननयम के समस्थाननकों की संख्या है – 27
 आइसोटोन (Isotones) होते हैं – समान संख्या में न्यूरॉन
 िे आयान जजनमें इलेक्रॉनों की संख्या समान होती है, कहलाते हैं – समइलेक्रॉननक
 ककसके उत्सजणन से समभाररक उत्पन्न होते हैं – बीटा ककरण
 कोबाल्‍टट-60 आमतौर पर निककरण धचककत्सा यथा-कैंसर जैसे रोगों में प्रयुक्त होता है,
क्योंकक यह उत्सजजि त करता है – गामा ककरणें
 रक्त कैंसर (ल्‍टयूकेधमया) को ननयंकत्रत करने के जलए उपयोगी ककया जाने िाला रेढडयो
आइसोटोप कौन-सा है – कोबाल्‍टट-60
 अम्ल िह पदाथण है जो – प्रोरॉन देता है।
 अम्ल एिं भस्म के परीक्षण के जलए ककसका उपयोग ककया जाता है – जलटमस पत्र

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 जल में घुलनशील भस्म (Base) को क्या कहते हैं – क्षार
 पी.एच.(pH) मान का ननधाणरण ककसने ककया – सॉरेन्सन
 सभी अम्ल जल में घुलकर क्या प्रदान करते है – H+ आयन
 भस्मों का स्िाद कैसा होता है – खारा
 ककसी एक सामान्य व्यककत के रक्त का pH स्तर क्या होता है – 7.35-7.45
 दूध का pH मान होता है – 6.6
 जो लिण अम्लीय हाइड्रोजन परमाणु या हाइड्रॉक्सिल आयन से मुक्त रहते हैं, कहलाते हैं –
सामान्य लिण
 जल में सामान्य लिण (Common Salt) के घोल में क्या होते हैं – सोढडयम के धनात्मक
आयन एिं क्लोरीन के ऋणात्मक आयन
 लिण जो जल का अिशोषण करता है, कहलाता है – हाइग्रोस्कोनपक लिण
 pH मूल्‍टयांक दशाणता है – ककसी घोल के अम्लीय या क्षारीय होने का मूल्‍टयांक
 अमोननयम क्लोराइड का जलीय निलयन होता है – क्षारीय
 H2O और जलीय NaOH से भरी परखनजलयों के निलयनों में निभेद ककया जा सकता है –
लाल जलटमस द्वारा
 H2CO3 कैसा लिण है – अम्लीय
 ककस लिण का जलीय निलयन लाल जलटमस को नीला कर देता है – Na2CO3
 कॉपर सल्‍टफेट का जलीय घोल प्रकृनत में अम्लीय होता है, क्योंकक लिण में होता है –
हाइड्रोलाइजसस
 स्थिर ताप पर ककसी गैस का आयतन कम करने पर उसका दाब – बढ़ जाता है
 ”समान ताप और दाब पर गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।” यह
ककस ननयम के अनुसार है – एिोगारो की पररकल्‍टपना
 गैसों के निसरण का ननयम ककसने प्रनतपाढदत ककया – ग्राहम
 िायु से हल्‍टकी गैस है – अमोननया
 ककसी गैस का अणुभार उसके िाष्प घनत्ि का ककतना होता है – दोगुना
 ताप एिं दबाि की समान अिस्थाओं में निधभन्न गैसों के समान आयतन में ककसकी संख्या
समान होती है– अणु की

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 गैसीय समीकरण pV= nRT में R सूधचत करता है – एक मोल गैस को
 धभन्न-धभन्न ननयत तापों पर गैसों के आयतन दाब आचरण को दशाणने के जलए आरेणखत चि
रेखा क्या कहलाती है – आइसोथमणल्‍टस
 आदशण गैस की ऊजाण ननभणर करती है – मोल की संख्या पर
 सभी गैसें शून्य आयतन प्राप्त करती हैं जब तापिम है – -2730 C
 परम ताप का मान होता है – -2730C
 परम शून्य ताप (Absolute Zero tempeuature) है – सैिाम्िक रूप से न्युनतम
सम्भि तापमान
 िे पदाथण जो जलकर ऊष्मा प्रदान करते है, कहलाते हैं – ईंधन
 काबणन मोनोऑक्साइड तथा नाइरोजन गैस के गैसीय धमश्रण को क्या कहते है – प्रोड्यूशर
गैस
 सुरक्षा की रॅधि से खाना पकाने िाली P.G गैस जसजलण्डर में क्या भरकर गैस को गंध्युक्त
बनाया जाता है– मरकैप्टन
 गोबर गैस में मुख्यत: होता है – मीथेन
 एल.पी.जी. (L.P.G.) में कौन-सी गैस मुख्य रूप से होती है – ब्यूटेन
 P.G. का पूरा नाम क्या है – जलस्थिफाइड पेरोजलयम गैस
 N.G. को पाररस्थिनतकी मैत्रीपूणण क्यों कहा जाता है – इसमें काबणन मोनोऑक्साइड बरृत ही
कम है।
 कौन-सा ईंधन न्यूनतम पयाणिरणीय प्रदूषण उत्पन्न करता है – हाइड्रोजन
 रॉकेट को चलाने में प्रयुक्त ईंधन कहलाते हैं – प्रणोदक
 कोयले की निधभन्न ककस्मो में से काबणन को प्रनतशन मात्रा सबसे अधधक होती है –
एन्थ्रासाइट
 भूरा कोयला (Brown Coal) के नाम से जाना जाता है – जलग्नाइट
 पेरोल से लगने िाली आग के जलए ककस प्रकार के अनिशामक का प्रयोग ककया जाता है –
झाग िाला
 अनिशमन में कौन-सी गैस प्रयुक्त होती है – CO2
 प्रनत ग्राम ईंधन द्वारा मोधचत ऊजाण की रॅधि से सिोतम ईंधन कौन-सा है – हाइड्रोजन

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 प्रोड्सूशर गैस ककसका धमश्रण है – CO+N2
 ककसका प्रयोग नोदक या रॉकेटों में ईंधन के रूप में ककया जा सकता है – रि
हाइड्रोजन + रि ऑक्सीजन
 उत्प्रेरक (Catalyst) की खोज ककसने की – बजीजलयम
 उत्प्रेरक निष (Catalytic Poision) होता है – किया ननरोधक
 जैनिक उत्प्रेरक (Bio-Catalyst) है – एन्जाइम
 तेलों के हाइड्रोजनीकरण में प्रयुक्त उत्प्रेरक हैं – Ni
 सीस कक्ष प्रिम में उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होता है – नाइरोजन के ऑक्साइड
 कौन-सा एन्जाइम ग्लूकोस को ऐल्‍टकोहॉल में पररिनति त करता है – जाइमेस
 सल्‍टयूररक अम्ल बनाने की सम्पकण निधध में उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होता है – प्लेरटनम
चूणण
 क्लोरीन गैस बनाने की डीकन निधध में उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होता है – क्यूनप्रक क्लोराइड
 अमोननया उत्पादन की हैबर निधध में उत्प्रेरक ििण क के रूप में कायण करता है – मोजलब्डेनम
 रासायननक अधभकिया में उत्प्रेरक की भूधमका है, बदलना – सकियण ऊजाण
 तत्िों का सबसे पहला िगीकरण ककसने ककया था – डोबेरेनर
 ”तत्िों के भौनतक और रासायननक गुण उनके परमाणु भारों के आितण फलन होते हैं।” यह
ननयम ककसने प्रनतपाढदत ककया – मेंडेलीफ ने
 अकिय तत्ि (Inert Element) ककस समूह के सदस्य हैं – शून्य समूह
 तीसरे और चौथे समूह के ऑक्साइड का सामान्य गुणधमण क्या है – बेजसक और एसीढडक
 ककस समूह के तत्िों को ‘जसक्का धातु’ कहा जाता है – I B
 शून्य समूह में रखे गये तत्ि ककस नाम से जाने जाते हैं – ननम्िय तत्ि
 सबसे भारी धातु है – ओप्सियम
 सबसे हल्‍टकी धातु है – लीधथयम
 सबसे हल्‍टका तत्ि है – हाइड्रोजन
 पृथ्िी पर सबसे अधधक मात्रा में पाया जाने िाला तत्ि है – ऑक्सीजन
 मानि ननधमि त तत्ि कौन-सा है – कैलीफोननि यम

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 आजकल सड़क की रोशनी में पीले लैम्प बरृतायत से प्रयुक्त हो रहे हैं। इन लैम्पों में ककसका
उपयोग करते हैं – सोढडयम
 काम्स्टक सोडा का रासायननक सूत्र है – NaOH
 बेककिंग सोडा (Baking Soda) का रासायननक सूत्र है – NaHCO3
 साधारण नमक है – सोढडयम क्लोराइड
 सागरीय जल की लिणता में ककसका अधधकतम योगदान है – सोढडयम क्लोराइड
 खाने का नमक ककससे बनता है – मजबूत अम्ल तथा मजबूत क्षार से
 बेककिंग सोडा का रासायननक नाम है – सोढडयम बाइकाबोनेट
 फोटोग्राफी में स्थायीकर के रूप में प्रयुक्त होने िाला रसायन है – सोढडयम थायोसल्‍टफेट
 ‘धमल्‍टक ऑफ मैग्नीजशया’ एक ननलम्बन है – मैग्नीजशयम हाइड्रॉक्साइड का
 पणणहररत का धातु संघटक है – मैग्नीजशयम
 प्रनत अम्ल के रूप में प्रयोग ककया जाने िाला क्षारक होता है – मैग्नीजशयम हाइड्रॉक्साइड
 अनत मुलायम खननज ‘टाल्‍टक’ मुख्यत: है – मैग्नीजशयम जसजलकेट
 यद्यनप भूपटल में ऐलुधमननयम की मात्रा लोहे से अधधक है, कफर भी ऐलुधमननयम लोहे से
महाँ गा है क्योंकक– ऐलुधमननयम उत्पाद की धाम्त्वक निधधयााँ लोहे की अपेक्षा अधधक खचीली
हैं।
 भारत में ऐलुधमननयम उपिम की स्थापना हेतु आिश्यक न्यूनतम मापदण्ड बॉक्साइड और
ककसकी उपलब्धता होती है – निद्युत
 अस्थियों और दााँतों मे मौजूद रासायननक रव्य है – कैल्सियम फॉस्फेट
 प्लास्टर ऑफ पेररस (Plaster of Paris) का रासायननक सूत्र है – 2Ca SO H2O
 डोलोमाइट (Dolomite) का रासायननक सूत्रहै – CaCO3.MgCO3
 प्लास्टर ऑफ पेररस का रासायननक नाम है – कैजलसयम सल्‍टफेट हेमीहाइड्रेट
 अनिशमन िस्त्र ककससे बनाये जाते हैं – एस्बेस्टॉस
 ब्लीधचिं ग पाउडर का रासायननक नाम है – कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड
 एम्बेस्टॉस ककससे बनती है – कैल्सियम और मैग्नीजशयम
 ब्लीधचिं ग पाउडर ककसे गुजारकर तैयार ककया जाता है – बुझे चूने पर से क्लोरीन
 हीमोग्लोबीन में उपस्थित होता है – लोहा

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 पृथ्िी के गभण में दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने िाला धातु कौन-सा है – लोहा
 जंगरढहत लोहा बनाने में प्रयुक्त महत्िपूणण धातु हैं – िोधमयम
 जंग (Rust) का रासायननक संघटन है – Fe2O xH2O
 जंग लगने पर लोहे का भार – बढ़ता है
 लोहे को इस्पात में बदलने के जलए कौन-सी धातु धमलायी जाती है – ननकेल
 कौन-सा तत्ि लोहे के साथ धमद्भश्रत होने पर इस्पात बनाता है जो उच्च ताप का प्रनतरोध कर
सकता है और जजसमें उच्च कठोरता तथा अपघषणण प्रनतरोधकता होती है – िोधमयम
 कााँच है – एक प्रत्यास्थ ठोस
 स्टील को कठोरता प्रदान करने के जलए धमलायी जाती है – िोधमयम की मात्रा
 कौन-सा पदाथण सिाणधधक प्रत्यास्थ है – इस्पात
 गैल्‍टिेनीकृत लोहे पर लेप रहता है – जजिं क का
 अयस्क को जंग लगने से रोकने के जलए कौन-सी प्रकिया लाभकारी नहीं है – अनीलन
 ककस पदाथण के लगाने से कटे स्थान से रक्त का बहना रूक जाता है – फेररक क्लोराइड
 सिणप्रथम मानि ने ककस धातु का उपयोग ककया – तााँबा
 पेय जल में कॉपर का अधधकतम अनुमत सान्रण mg/L में है – 2.0
 िायु में थोड़ी देर रखने पर ककसी धातु के ऊपर हरे रं ग के बेजसक काबोनेट की परत जम जाती
है। िह धातु है – तााँबा
 निद्युत का सबसे अच्छा चालक है – कॉपर
 सोने के आभूषण बनाते समय उसमें कौन-सी धातु धमलायी जाती है – तााँबा
 नीला थोथा है – कॉपर सल्‍टफेट
 िाटर टैंकों में शैिाल को नष्ट करने के जलए ककस रसायन का प्रयोग ककया जाता है – कॉपर
सल्‍टफेट
 इस्पात या आयरन की िस्तु में जजिं क की पतली परत के लेपन का नाम क्या है – यशद लेपन
 चूहों को मारने की दिा है – जजिं क फॉस्फाइड
 रं गने में काम आने िाला तीखा पदाथण है – जजिं क फॉस्फेट
 सिोतम निद्युत चालक है – चााँदी

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 चााँदी के बतणन कुछ अिधध के बाद काले क्यों पड़ जाते हैं – चााँदी पर सल्‍टफाइड का लेप बन
जाने के कारण
 फोटोग्राफी (Photography) में उपयोगी तत्ि है – जसल्‍टिर िोमाइड
 कृकत्रम िषाण कराने में ककस रसायन का प्रयोग ककया जाता है – जसल्‍टिर आयोडाइड
 कौन-सी धातु स्ितंत्र अिस्था में पायी जाती है – सोना
 सबसे अधधक लचीली और पीटकर पत्तर बनाये जाने योग्य धातु है – सोना
 कौन-सी धातु सिाणधधक भारी है – सोना
 हॉलमाकण का धचन्ह ककन उत्पादों पर लगाया जाता है – स्िणाणभष
ू ण
 शुि सोना (Pure Gold) होता है – 24 कैरेट
 18 कैरेट के धमद्भश्रत सोने में शुिसोने का प्रनतशत ककतना होता है – 75%
 धमननमाता रोग ककस कारण होता है – पारा
 स्थिक जसल्‍टिर (Quick Silver) के नाम से जाना जाता है – मरकरी
 कौन सामान्य ताप पर रि है – पारा
 ककसी अमलगम का एक घटक सदा होता है – मरकरी
 सामान्य ट्यूबलाइट (प्रनतदीनप्त बल्‍टब) में कौन-सी गैस भरी रहती है – ऑगणन के साथ मरकरी
िेपर
 जसन्दूर (Vermillion) का रासायननक सूत्र है – HgS
 जसन्दूर (Vermillion) का रासायननक नाम है – मरक्यूररक सल्‍टफाइड
 बड़े शहरों में कौन-सी धातु का प्रयोग ककया जाता है – सीसा
 संचायक बैटररयों में कौन-सी धातु का प्रयोग ककया जाता है – सीसा
 रेड लेड (Red Lead) है – Pb3O4
 कैडधमयम प्रदूषण ककससे संबि है – इटाई-इटाई
 िायुयान ननमाणण में कौन-सी धातु प्रयुक्त होती है – पैलेढडयम
 कौन-सी धातु रोशनी के बल्‍टबों के कफलामेन्ट के रूप में प्रयुक्त होती है – टं गस्टन
 निद्युत बल्‍टब का तन्तु ककसका बना होता है – टं गस्टन
 राजस्थान स्थित ‘डेगाना’ ककसके उत्पादन के जलए प्रजसि है – टं गस्टन
 कौन-सी धातु अिण चालक की भााँनत रा‍न्जस्टर में प्रयुक्त होती है – जमेननयम

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 नाधभकीय ररएक्टर में ईंधन का काम करता है – यूरेननयम
 ‘येलो केक’ नाम जजस िस्तु की सीमा पार तस्करी की जाती है, िह है – यूरेननयम ऑक्साइड
 मोनाजाइट बालू में कौन-सा खननज पाया जाता है – थोररयम
 िह िैज्ञाननक जजसने रेढडयम की खोज की – मैडम क्यूरी
 कौन-सी धातु रा‍न्जस्टरों का महत्िपूणण अंग है – जमेननयम
 लोहे की कीलें नीले कॉपर सल्‍टफेट निलयन में डु बोई जाती है। कुछ समय के बाद लोहे की
कीलें – नहीं घुलती लेककन नीला रं ग निरं जजत होता है।
 उिणरकों के ननमाणण में कौन सा तत्ि प्रयोग में लाया जाता है – पोटेजशयम
 प्याज-लहसुन में गंध ककस तत्ि की उपस्थिनत के कारण होती है – पोटैजशयम
 शुष्क सेल (Dry cell) में निरुिक का कायण करता है – मैंगनीज डायऑक्साइड
 ककन तत्िों के लिणों द्वारा आनतशबाजी में रं ग प्राप्त होते है – Sr ि Ba
 एक रेढडयोधमी तत्ि जजसके भारतिषण में बड़े भंडार पाए जाते हैं – थोररयम
 मोती की रासायननक संरचना है – कैजलसयम काबोनेट
 सीमेन्ट का मुख्य संघटक है – चूना पत्थर
 ककस धातु को प्राप्त करने हेतु बॉक्साइट अयस्क है – एल्‍टयुमीननयम
 कलपक्कम के फास्ट िीडर ररएक्टर में प्रयुक्त ईंधन है – समृि यूरेननयम
 कफटकरी (Alum) गंदले पानी को ककस प्रकिया द्वारा स्िच्छ करती है – स्कन्दन
 मोती (Pearl) मुख्य रूप से बना होता है – कैल्सियम काबोनेट
 माणणक्य और नीलम रासायननक रूप से कैसे जाने जाते हैं – ऐल्‍टयुधमननयम ऑक्साइड
 शुष्क सेल (बैटरी) में ककनका निद्युत अपघट्यों के रूप में प्रयोग होता है – अमोननयम
क्लोराइड और जजिं क क्लोराइड
 समृि यूरेननयम होता है – प्राकृनतक यूरेननयम जजसमें रेढडयोधमी U235 आइसोटोप का घटक
कृकत्रम रूप से बढ़ाया जाता है।
 सोढडयम बाइकाबोनेट का िाणणप्सज्यक नाम है – बेककिंग सोडा
 मशाला (Mortar) एक धमश्रण होता है, जल, बालू और – जजप्सम का
 फोटोग्राफी में कौन-सा रासायननक यौनगक प्रयोग ककया जाता है – जसल्‍टिर िोमाइड
 इले‍क्रक हीटर की कुण्डली बनाने में ककस सामग्री का प्रयोग ककया जाता है – नाइिोम

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 स्टे नलेस स्टील में कौन से तत्ि सम्िजलत हैं – लोक, िोधमयम और काबणन
 जजिं क सल्‍टफेट का आमतौर पर प्रयोग ककया जाता है – किकनाशी के रूप में
 बतणन बनाने में प्रयुक्त जमणन जसल्‍टिर एक ऐलॉय है – कॉपर, जजिं क और ननकेल का
 कठोर स्टील में होता है – 5 से 1.5% काबणन
 माणणक्य और नीलम ककसके ऑक्साइड है – ऐल्‍टयुधमननयम के
 ऐल्‍टयुधमननयम का प्रमुख अयस्क कौन-सा है – बॉक्साइट
 ओढडयो और िीढडयो टेप पर कौन-से रासायननक पदाथण का लेप रहता है – आयरन
ऑक्साइड
 धातु की प्रकृनत होती है – निद्युत धनात्मक
 सीसी-पेस्थिल में सीसी की प्रनतशतता ककतनी होती है – 0%
 पोटणलैंड सीमेंट में कौन-सा एक चूना (CaO), जसजलका (SiO2), एलुधमना (Al2O3) और
फेररक ऑक्साइड (Fe2O3) की मात्रा का सही अनुिम है – CaO > SiO2 > Al2O3 >
Fe2O3
 पोटणलैंड सीमेंट में जजप्सम धमलाने में मदद धमलती है – सीमेंट के शीघ्र जमने में
 सीमेंट बनाने के जलए ककसके धमश्रण को खूब तप्त ककया जाता है – चूना-पत्थर और मृनत्तका
 कौनसा प्राय: मूनति यों और पदकों के ननमाणण में प्रयुक्त होता है, जबकक पीतल बतणनों,
िैज्ञाननक उपकरणों, कारटि जों को बनाने में प्रयुक्त होता है। पीतल और कााँसा दोनों ताम्रयुक्त
धमश्र धातु हैं तथानप उनकी रासायननक संरचना में अंतर इस रूप में है कक – पीतल में जस्ता
और कााँसें में रटन का अनतररक्त अंश होता है।
 प्लास्टर ऑफ पेररस रासायननक रूप से है – कैल्सियम सल्‍टफेट
 जस्ते से एक बतणन पर निद्युत लेपन की निधध में – बतणन को ऋण रुि तथा शुि जस्ते को धन
रुि बनाया जाता है।
 सोने को घोला जा सकता है – नाइररक एजसड तथा हाइड्रोक्लोररक एजसड के धमश्रण में
 मायोग्लोनबन में कौन-सी धातु है – लोहा
 पदाथण जो अणुशनि से सम्बन्धित नहीं है – िोधमयम
 धमश्र धातु नहीं है – तााँबा
 यूज तार ककससे बनती है – रटन और सीसा की धमश्र धातु से

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 ककस धातु से बनाया गया धमश्र धातु हिाई जहाज तथा रेल के ढडब्बे में पुजे बनाने के काम में
जलया जाता है– ऐल्‍टयुधमननयम
 स्िचाजलत िाहन ननिाणतक का सिाणधधक अनिषाणु धातु प्रदूषक है – लेड
 पीलत में कौन-कौन सी धातुएाँ होती हैं – तााँबा एिं जस्ता
 इलेक्रॉननकी में सोल्‍टडरन प्रकिया में सोल्‍टडर के रूप में प्राय: कौन-से पदाथण प्रयोग में लाये
जाते हैं – सीसा और रटन
 धातुएाँ सुचालक होती है, क्योंकक – उनमें मुक्त इलेक्रॉन होते हैं।
 मुख शोधनों (Mouth wash) तथा टू थपेस्टों में कौन-सा यौनगक आमतौर पर प्रयोग ककया
जाता है – सुहागा
 चुम्बक बनाने के जलए कौन-सी धमश्र धातु को प्रयोग ककया जाता है – ए‍ल्‍टनको
 कााँच को गहरा नीला रं ग ककससे धमलता है – कोबाल्‍टट ऑक्साइड
 यशद लेपन क्या होता है – लोहे पर जस्ता चढ़ाना।
 यूरेननयम के रेढडयो एन्थिि निद्युतन के फलस्िरूप अन्तत: क्या बनता है – सीसा
 बंगाल बेजसन में भौमजल अधधकतर प्रदूनषत होता है – आसेननक से
 जल में आसेननक की अनुमत ऊपरी सीमा है – 05 mg/lit
 कााँच होता है – अनतशीनतत रि
 लैंस ककससे बनता है – फ्लफ्लन्ट कााँच
 पाइरेक्स कााँच को अधधक सामथ्यण बनाने के जलए ननम्न में से क्या उत्तरदायी है – बोरेक्स
 कााँच प्रबजलत प्लाम्स्टक बनाने के जलए ककस प्रकार के कााँच का प्रयोग ककया जाता है – रेशा
कााँच
 फोटोिोमेरटक कााँच में ककसकी उपस्थिनत के कारण काला रं ग (गहरा रं ग) होने का गुणधमण
होता है – रजत िोमाइड
 शुि जल होता है – उदासीन
 शुि जल का pH मान होता है – 7
 10 मोल जल का रव्यमान है – 180 g
 पानी का घनत्ि अधधकतम होता है – 40C पर

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 हाइड्रोजन सल्‍टफाइड या हाइड्रोजन क्लोराइड की तुलना में जल का उच्च क्िथनांक ककसके
कारण है – हाइड्रोजन आबंधन
 जल का रासायननक सूत्र है – H2O
 पानी में नमक धमलाने पर पानी के क्िथनांक और ढहमांक – िमश: बढ़ और घट जाएाँगे
 पोटैजशयम परमैंगनेट जल को – कीटाणु रढहत बना देता है।
 समुरी जल से शुि जल ककस प्रकिया द्वारा प्राप्त ककया जा सकता है – आसिन द्वारा
 जल की स्थायी कठोरता का कारण है – कैल्सियम तथा मैग्नीजशयम के बाइकाबोनेसस
 एक नाधभकी ररएएक्टर में भारी जल का क्या कायण होता है – न्यूरॉन की गनत को कम करना।
 भारी जल (Heavy water) में अधभप्राय है – नििाढहत जल (deuterated water)
 भारी पानी िह होता है – जजसमें हाइड्रोजन का स्थान उसका समस्थाननक ले लेता है।
 भारी जल एक प्रकार का – मन्दक है।
 काबणन (Carbon) है एक – अधातु
 सभी जैि यौनगकों का अननिायण मूल तत्ि है – काबणन
 हीरा और ग्रेफाइट ककसके अपररूप हैं – काबणन
 पेस्थिल का लेड है – ग्रेफाइट
 नाधभकीय ररएक्टर में ककसे मंदक के रूप में प्रयोग ककया जाता है – ग्रेफाइट
 रेढडयो काबणन डेरटिं ग से ककसका ननधाणरण होता है – जीिाश्मों की आयु का
 कच्ची चीनी को रं गनिहीन करने हेतु प्रयोग ककया जाता है – एनीमल चारकोल
 भूरा कोयला कहा जाता है – जलग्नाइट
 मुलायम कोयला के नाम से जाना जाता है – नबटु धमनस
 सामान्य ककस्म का कोयला है – नबटु धमनस
 उच्च कोरट का कोयला है – एन्थ्रासाइट
 िाहनों से ननकलने िाली प्रदूनषत गैस मुख्यत: है – काबणन मोनोऑक्साइड
 कौन-सी गैस िायु को सबसे अधधक प्रदूनषत करती है – काबणन मोनोऑक्साइड
 कौन-सी गैस प्रकाश संश्लेषण किया के जलए आिश्यक है – काबणन डाइऑक्साइड
 प्रकाश-संश्लेषण में पौधों द्वारा कौन-सी गैस उपयोग की जाती है – काबणन डाइऑक्साइड

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 रात को पेड़ के नीचे सोने की सलाह नहीं दी जाती है , क्योंकक तब इससे – काबणन
डाइऑक्साइड का मोचन होता है।
 आग बुझाने में काम आने िाली गैस है – CO2
 ककसकी उपस्थिनत के कारण चूने का पानी िायु में रखने पर दूधधया हो जाता है – काबणन
डाइऑक्साइड
 सूखी बफण क्या है – ठोस काबणन डाइऑक्साइड
 गेरॄं के आटे में यीस्ट धमलाकर डबल रोटी बनाने से स्पंजी तथा कोमल हो जाती है क्योंकक –
उत्पन्न CO2रोटी को स्पंजी बना देती है।
 कौन-सी गैस पौधा घर प्रभाि पर ज्यादा असर डालती है – काबणन डाइऑक्साइड
 ग्लोबल िाधमिं ग (Global warming) के जलए उत्तरदायी गैस है – काबणन डाइऑक्साइड
 संगणकों (Computers) के आई.सी.धचप्स प्राय: बनाये जाते हैं – जसजलकॉन से
 क्िाटणज (Quartz) ककससे बनता है – कैल्सियम जसजलकेट से
 निधभन्न प्रकार के कााँच ननमाणण में प्रयुक्त होने िाला मुख्य घटक कौन-सा है – जसजलका
 िायुमण्डलीय हिा में सबसे प्रचुर घटक है – नाइरोजन
 िायोजेननक रि है – रि नाइरोजन
 आकाश में नबजली चमकने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है – NO
 प्रकाश रसायनी धूम कोहरे बनने के समय कौन-सी एक गैस उत्पन्न होती है – नाइरोजन
ऑक्साइड
 त‍ऺडत के कारण कौन-सी प्रनतकिया होती है – नाइरोजन एिं ऑक्सीजन की प्रनतकिया से
नाइरोजन के ऑक्साइड बनते हैं।
 एक सामान्य िायुमण्डलीय गैसीय प्रदूषक को उस समय बरृत उपयोगी पाया गया है जब िह
शरीर की कोजशकाओं में उत्पन्न होता है। इससे ह्दय रोग की धचककत्सा होती है और इससे
आश्चयणजनक ड्रग नियाग्रा निकजसत रृआ है। इसकी खोज पर िैज्ञाननक को 1998 का
औषधध निज्ञान में नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त रृआ। यह कौन-सी गैस है – नाइररक ऑक्साइड
 डॉक्टरों द्वारा एनस्थीजसया के रूप में प्रयोग होने िाली हास्य गैस (Laughing gas) है –
नाइरस ऑक्साइड
 अम्लीय िषाण (Acid rain) का कारण है – NO2 + SO2

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 ककस कारण से स्टोन कैंसर होता है – अम्ल िषाण
 गोताखोर सांस लेने के जलए ककन गैसों के धमश्रणों का प्रयोग करते है – ऑक्सीजन तथा
हीजलयम
 दमा (Asthma) के रोगी को िायु के स्थान पर क्या दी जाती है – He + O2
 अस्पतालों में कृकत्रम सांस के जलए प्रयुक्त ऑक्सीजन ककन गैसों का धमश्रण होता है –
ऑक्सीजन एिं हीजलयम
 मानि अस्थि का मुख्य तत्ि है – P
 पजक्षयों की हढड्डयों का पाउडर उिणरक के रूप में काम में लाया जाता है, क्योंकक यह भरपूर
होता है – फॉस्फोरस से
 ढदयासलाइयों के ननमाणण में प्रयुक्त होता है – लाल फॉस्फोरस
 हढड्डयों एिं दााँतों में लगभग 50% होता है – कैल्सियम फॉस्फेट
 युि में धुएाँ का पदाण बनाने के जलए ककसका प्रयोग ककया जाता है – PH3
 अमाननया का एक गुण कौन-सा है – इसके जलीय निलयन में लाल जलटमस नीला हो जाता
है।
 जल में आसानी से घुलनशील है – अमोननया
 घरेलू प्रशीनतत्र में सामान्यत: कौन-सा प्रशीतक प्रयोग में लाते हैं – अमोननया
 अश्रु गैस (Tear gas) है – अमोननया
 पीतल के बतणन की कलई करते समय गरम बतणन की सफाई के जलए प्रयोग ककये जाने िाले
अमोननयम क्लोराइड चूणण से ननकलने िाला धुआाँ – अमोननया और हाइड्रोक्लोररक एजसड
का
 एक अज्ञात गैस जल में शीघ्रता से घुल जाती है। गैस युक्त जलीय घोल में लाल जलटमस
नीला हो जाता है। यह गैस हाइड्रोजन क्लोराइड के साथ सफेद धूम्र भी देती है। यह अज्ञात
गैस है – NH3
 ऑक्सीजन और ओजोन है – ऐलोरोप्स
 कौन-सी गैस पायरोगैलोल के क्षारीय निलयन में से गुजरने पर बादामी घोल बनाती है –
ऑक्सीजन
 कौन-सी गैस ओजोन परत के अिक्षय के जलए उत्तरदायी है – क्लोरोफ्लोरो काबणन

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 सुपरसोननक िायुयान समतापमण्डल में कौन सा पदाथण निसजजि त करते हैं – NOx
 सूयण के निककरण का पराबैंगनी प्रकाश ककसकी परत के कारण पृथ्िी के िायुमण्डल में नहीं
परृाँच पाता है – ओजोन
 पृथ्िी की सतह के ऊपर ओजोन परत ककससे बचाि प्रदान करती है – पराबैंगनी ककरणों से
 रबड़ को िल्‍टकनीकृत करने के जलए प्रयुक्त तत्ि है – सल्‍टफर
 चााँदी के पात्रों का काला पड़ जाना िायुमण्डल में ककस गैस की उपस्थिनत के कारण है –
H2S
 कौन-सी गैस िायुमण्डल में अम्लीय िषाण की उत्पनत्त के जलए उत्तरदायी है – SO2
 िायु में ककसकी अधधकता होने पर पेड़ों की पनत्तयााँ काली होकर नगर जाती हैं – SO2
 एक शुष्क सेल में ककसका इलेक्रोलाइसस की तरह इस्तेमाल होता है – मैग्नीजशयम
क्लोराइड एिं जजिं क क्लोराइड
 रसायनों का सम्राट (King of Chemicals) कहलाता है – सल्‍टयूररक अम्ल
 रसायन उद्योग में कौन-सा तेजाब (Acid) ‘मूल रसायन’ माना जाता है – H2 SO4
 एक कार बैटरी में प्रयुक्त निद्युत अपघट्य होता है – सल्‍टयूररक अम्ल
 बैटरीयों में कौन-सा एजसड संग्रढहत होता है – सल्‍टयूररक अम्ल
 तनु गन्धकाम्ल की जस्ते के साथ प्रनतकिया के पररणामस्िरूप उत्पन्न होती है – हाइड्रोजन
 शकणरा और सल्‍टयूररक अम्ल की अधभकिया से कौन-सा शुि रूप से प्राप्त होता है – काबणन
 ‘क्लोरीन’ (Chorination) है – संदूनषत जल में क्लोरीन को थोड़ी मात्रा में धमलाना
 हैलोजनों में सिाणधधक अधभकिया है – फ्लोरीन
 थॉयराइड के दूनषत कायणफलन को दूर करने के जलए आयोडीनकृत नमक साधारणतया ककस
रूप में ढदया जाता है – पोटैजशयम आयोडाइड
 हाइड्रोफ्लोररक अम्ल कााँच की बोतल में नहीं रखा जाता है क्योंकक यह अधभकिया करता है –
कााँच की जसजलकााँन डाइऑक्साइड से
 अकिय गैसों की खोज करने का श्रेय ककसे प्राप्त है – रैम्जे
 गहरे समुरी गोताखोरों के श्िसन के जलए ऑक्सीजन के तनुकरण के जलए ककस गैस का
प्रयोग ककया जाता है – हीजलयम

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 िायु भरे गुब्बारों में हीजलयम को हाइड्रोजन की अपेक्षा िरीयता दी जाती है, क्योंकक – िायु के
साथ निस्फोटक धमश्रण नहीं बनता है
 निद्युत बल्‍टब में प्रयुक्त गैस है – अकिय गैस
 िायु में कौन-सी नोबल गैस नहीं होती है – रेडॉन
 कौन्-सी अकिय गैस यौनगक बना सकती है – जीनॉन
 कैंसर के उपचार के जलए प्रयुक्त उत्कृष्ट गैस है – रेडॉन
 हीरे की खननजीय बनािट क्या है – काबणन
 िायुयानों के टायरों में कौन-सी गैस प्रयोग की जाती है – हीजलयम
 ग्रीन हाउस गैसों के उत्सजणन में जजस देश का सिाणधधक योगदान है, िह है – सं. रा. अ.
 ओजोन परत मुख्यत: जहााँ अिस्थित रहती है, िह है – स्रे टोस्फीयर
 भारी पानी की खोज ककसने की – एच. सी. यूरे
 कठोर जल से कैल्सियम और मैग्नीजशयम ननकालने की प्रकिया को कहते हैं – कफल्‍टटरेशन
 तापीय निद्युत केन्र का मुख्य गैसीय प्रदूषक है – SO2
 हीरा और ग्रेफाइट होते हैं – अपररूप
 िनस्पनत तेल से डालडा या िनस्पनत घी बनाने में कौन-सी प्रकिया इस्तेमाल की जाती है –
हाइड्रोजनीकरण
 िनस्पनत घी के औद्योनगक उत्पादन में कौन-सी निधध काम में लायी जाती हैं – अपचयन
 िायुमण्डल में हाइड्रोजन क्यों नहीं पाया जाता है – यह सबसे हल्‍टकी गैस होती है
 यढद पृथ्िी के िायुमण्डल में काबणन डाइऑक्साइड न हो, तो भूपृष्ठ का तापमान – ितणमान से
कम हो जाएगा
 बैटरी में ककस एक एजसड का प्रयोग ककया जाता है – हाइड्रोक्लोररक एजसड
 जल का शुितम रूप है – िषाण का जल
 निसंिमण के बाद जल में उपलब्ध क्लोरीन की मात्रा को कहते है – अिजशष्ट क्लोरीन
 जसगरेट के धुएाँ का मुख्य प्रदूषक क्या है – काबणन मोनोऑक्साइड और बैंजीन
 पौधे नाइरोजन को ककस रूप में लेते है – नाइरेसस
 यढद पृथ्िी पर पायी जाने िाली िनस्पनतयााँ समाप्त हो जाएाँ, तो ककस गैस की कमी होगी –
ऑक्सीजन

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 आटोमोबाइल द्वारा ननष्काजसत मुख्य नुकसानदेह गैस जजससे िायु प्रदूषण होता है, कौन-सी
है – काबणन मोनोऑक्साइड
 कौन-सी गैस न्यूनतम तापमान पर रि में बदल जाती है – हाइड्रोजन
 बारूद एक धमश्रण होता है – नाइटर, सल्‍टफर और चारकोल का
 नाधभकीय ररयक्टरों में ग्रेफाइट का प्रयोग ककया जाता है – निमंदक के रूप में
 जब शुष्क KNO3 में सान्र H2SO4 धमलाया जाता है, तो भूरा धुाँआ ननकलता है। यह धुाँआ
ननकलता है। यह धुाँआ होता है – NO2 का
 रबड़ के िल्‍टकनीकरण के जलए उसमें धमलाया जाता है – सल्‍टफर
 पुरातत्िीय खोजों के काल ननधाणरण के जलए ककसका प्रयोग ककया जाता है – 6C14
 मानि शरीर में प्रचुर मात्रा में कौन-सा तत्ि होता है – ऑक्सीजन
 सूयण की सतह पर हाइड्रोजन के अलािा दूसरा कौन-सा तत्ि बरृतायत से पाया जाता है –
हीजलयम
 कौन-सी एक निधध संदूनषत भौम जल से आसेननक से ननष्कासन के जलए प्रभािी नहीं है –
क्िथन
 इले‍क्रक बल्‍टब के ननमाणण में ककस कााँच का उपयोग होता है – फ्लफ्लन्ट कााँच
 रसायनों का राजा ककसे कहा जाता है – H2SO4
 अधातुएाँ सामान्यत: निद्युत की कुचालक होती हैं, परन्तु ग्रेफाइट निद्युत का सुचालक है,
क्योंकक – इसमें जशधथलत: बि इलेक्रॉन होते हैं
 अधातु के ऑक्साइड प्राय: होते हैं – क्षारीय
 हीरा का एक कैरेट ककसके बराबर है – 200mg
 फॉस्फोरस प्रचुरता से ककसमें पाया जाता है – प्रोटीन
 कौन-सा पदाथण एक अनतशीनतत रि (Super cooled liquid) है – कााँच
 स्फरटक (Quartz) ककसका किस्टलीय रूप है – जसजलका का
 िह गैस जो िनस्पनत के ननमाणण में प्रयुक्त होती है, िह है – हाइड्रोजन
 तत्ि जो उिणरक में नहीं पाया जाता है – क्लोरीन
 एक सांड़ के िीयण को कृकत्रम गभाणधान हेतु रखना चाढहए – तरल नाइरोजन में
 अधातुओं में सामान्यत: कौन-सा गुण पाया जाता है – भंगरु ता

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 भाप अंगार गैस ककसका धमश्रण होती है – काबणन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन
 पराध्िननक जेट प्रदूषण पैदा करता है, पतला करके – O3 परत को
 पायराइट अयस्क को जलाने से धमलती है – सल्‍टफर डाइऑक्साइड गैस
 िह हैलोजन जजसका उपयोग पीड़ाहारी की तरह ककया जाता है – आयोडीन
 जीिन शनि के जसिान्त का प्रनतपादन ककस रसायनज्ञ ने ककया – बजीजलयम
 प्रकृनत में सबसे अधधक मात्रा में पाया जाते िाला काबणननक यौनगक है – सेलुलोज
 कपूर (Camphor) को ककस निधध द्वारा शुि ककया जाता है – ऊध्िणपातन
 ठोस कपूर (Camphor) से िाष्प बनने की किया को कहते है – उध्िणपातन
 गैसोहोल जो मोटर गा‍ऺडयों में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है, धमश्रण है – पेरोल ि
ऐल्‍टकोहॉल का
 भारी िाहनों में डीजल का उपयेाग ककसजलए ककया जाता है – उच्च क्षमता और आधथि क बचत
 व्यापाररक िैसजलन ककससे ननकाला जाता है – पैरोजलयम
 पैराकफन (Paraffin) ककसका उपोत्पाद है – पेरोजलयम पररशोधन का
 पेरोल का मुख्य संघटक क्या है – ऑक्टे न
 पेरोजलयम से प्राप्त होने िाला मोम (wax) है – पैराकफन मोम
 गैसोजलन के नमूने की गुणित्ता का पता कैसे लगता है – इसकी ऑक्टे न संख्या
 निमानन गैसोजलन में ग्लाइकॉल धमलाया जाता है, क्योंकक यह – पेरोल के ढहमीभिन को
रोकता है
 कार के इं जन में नॉककिंग से बचने के जलए प्रयोग में लाया जाता है – इथाइल ऐल्‍टकोहॉल
 सैधिक टैंक (Saptic Tank) से ननकलने िाली गैसों के धमश्रण में मुख्यत: कौन-सी गैस
होती है – मीथेन
 गोबर गैस में मुख्य अियि है – मीथेन
 प्राकृनतक गैस का मुख्य अियि है – मीथेन
 बायो गैस (Bio Gas) का मुख्य घटक है – मीथेन
 दलदली भूधम (Marshy Land ) से कौन-सी गैस ननकलती है – मीथेन
 खाना बनाने में प्रयोग की जाने िाली गैस मुख्यत: है – मीथेन
 खदानों में अधधकांश निस्फोट होते है – हिा के साथ मीथेन के धमश्रणसे

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 रसोई गैस ककसका धमश्रण है – ब्यूटेन एिे प्रोपेन
 प्रथम निश्ि युि में ककस गैस को रासायननक आयुध के रूप में उपयोग ककया गया था –
मस्टडण गैस
 धातु में जोड़ लगाने (Welding) में कौन-सी गैस प्रयुक्त होती है – ऐसीरटलीन
 प्रशीतक फ्रीऑन (Feron) है – डाइफ्लुओरो डाइक्लोरो मीथेन
 इण्डेन गैस एक धमश्रण है – ब्यूटेन और प्रोपेन का
 काबणन मोनोऑक्साइड की अधभकिया 3000C पर H2 से कराने पर बनती है – मीथेन
 कच्चे फलों को कृकत्रम रूप से पकाने के जलए प्रयोग में लायी जाने िाली गैस का नाम है –
ऐसीरटलीन
 कैल्सियम काबाणइड पर जल डालने से बनती है – ऐसीरटलीन
 कौन-सी गैस ओजोन परत के ह्रास के जलए उत्तरदायी है – क्लोरोफ्लोरो काबणन
 नबजली से लगी आग बुझाने में प्रयुक्त होता है – पायरीन अनिशामक
 काष्ठ न्थिररट क्या होती है – मेधथल ऐल्‍टकोहॉल
 शराब (Wine) में उपस्थित रहता है – इथाइल ऐल्‍टकोहॉल
 अधधक मात्रा में इथाइल ऐल्‍टकोहॉल का सेिन करने पर बुरा प्रभाि प्रड़ता है – लीिर पर
 उन शराब त्रासढदयों में जजनके पररणामस्िरूप अन्धता आढद होती है, हाननकारक पदाथण है –
धमथाइल ऐल्‍टकोहॉल
 रटिं चर आयोडीन है – आयोडीन का ऐल्‍टकोहजलक निलयन
 निकृनतकृत ऐल्‍टकोहॉल – पीने के जलए ठीक नहीं क्योंकक इसमें निषैले पदाथण होते हैं।
 ऐल्‍टकोहजलक खमीरन (Alcoholic Fermentation) का आणखरी उत्पाद क्या है –
इथाइल ऐल्‍टकोहॉल
 C2H5OH ककसका रासायननक सूत्र है – इथाइल ऐल्‍टकोहॉल
 धमथेनॉल ककस नाम से जाना जाता है – यूढ ऐल्‍टकोहॉल
 शराब का ननमाणण ककस किया के पररणामस्िरूप होता है – ककण्िन
 शीत प्रधान देशों में ऑटोमोबाइल्‍टस के रेढडएटसण में एण्टीकफ्रज धमश्रण का इस्तेमाल ककया
जाता है। इस धमश्रण में क्या-क्या होता है– पानी और इधथलीन ग्लाइकॉल
 ऐलडॉल संघनन ककसके बीच नहीं हो सकता है – एक ऐन्थिहाइड ि एक ईस्टर

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 काष्ठ से प्राप्त पाइरोजलनियस अम्ल में होता है – 10% एसीरटक अम्ल
 बायोडीजल के उत्पादन मे कौन-सी प्रकिया अपनायी जाती है – रांसएस्टरीकफकेशन
 जब चीरटयााँ काटती हैं तो िे अन्त:क्षेनपत करती हैं – फाधमि क अम्ल
 मधुमक्खी के देश से एक अम्ल छूटता है, जजसके कारण ददण और जलन होती है। यह
अन्त:क्षेनपत अम्ल कौन-सा है – मेथन
े ोइक अम्ल
 जसरके (Vinegar) में कौन-सा अम्ल उपस्थित होता है – हाइड्रोक्लोररक अम्ल
 शीरा अनत उत्तम कच्चा माल है – ऐसीरटक अम्ल के जलए
 टमाटर सॉस (Sauce) में पाया जाता है – ऑक्जैजलक अम्ल
 जसरके (Vinegar) का प्रमुख घटक क्या है – एसीरटक अम्ल
 जसरका (Vinegar) होता है – जल में ऐसीरटक अम्ल का 5% निलयन
 यढद दूध को काफी समय तक नबना ढाँ के रखा जाए तो दूध खट्टा हो जाता है। यह ककसके
कारण होता है – लैन्थिक अम्ल
 मांसपेजशयों में ककस रव्य के एककत्रत होने से थकािट आती है – लैन्थिक अम्ल
 नींबू खट्टा ककस कारण होता है – साइररक अम्ल
 मानि गुदे में बनने िाली पथरी प्राय:बनी होती है – कैल्सियम ऑक्जैलटे की
 डॉक्टरों की राय है कक गुदे एिं गॉल ब्लैडर की पथरी से पी‍ऺडत व्यनियों को अधधक मात्रा में
टमाटर, अंडे, दूध और गोभी आढद नहीं लेने चाढहए ताकक किस्टल न बन सके – कैल्सियम
ऑक्जैलटे के
 फोटोग्राफी में कौन-सा अम्ल प्रयोग ककया जाता है – ऑक्जैजलक अम्ल
 पौधों की कोजशकाओं में ऑक्जैजलक अम्ल ककस रूप में होता है – कैल्सियम ऑक्जैलटे
 आयोडोफामण का प्रयोग ककस रूप में ककया जाता है – पूनतरोधी
 यूररया उिणरक में नाइरोजन ककस रूप में होता है – एमाइड
 यूररया में नाइरोजन की प्रनतशत मात्रा होती है – 46%
 लौह उत्प्रेरक की उपस्थिती में बैंजीन क्लोरीन गैस के साथ प्रनतकिया करके क्या बनाता है –
क्लोरो बैंजीन
 रबड़ उद्योग में बरृलता से प्रयुक्त होता है – ऐननलीन
 डी. डी. टी. (D.D.T.) का पूरा नाम है – डाइक्लोरो डाइकफनाइल राइक्लोरो इथेन

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 अश्रु गैस (Tear Gas) का रसायननक नाम है – α – क्लोरो ऐसीटोकफनोन
 फलों के रस को सुरजक्षत रखने के जलए ककसका प्रयोग ककया जाता है – बैंजोइक अम्ल
 खाद्य पदाथो के परररक्षण हेतु कौन-सा पदाथण प्रयुक्त होता है – बैंजोइक अम्ल
 आाँसू गैस (Tear Gas) में प्रयुक्त होता है – क्लोरो ऐजसटोक्यूसोन
 भोपाल गैस त्रासदी के दौरान कौन-सी गैस ननकली थी – मेधथल आइसोथायोसानेट
 नैप्थलीन का मुख्य स्त्रोत है – कोलतार
 टेफ्लॉन क्या है – फ्लुओरो काबणन
 प्राकृनतक रबड़ एक बरृलक है – आइसोप्रोपीन का
 बुलेटप्रुफ जैकेट के ननमाणण में ककस बरृलक पदाथण का उपयोग होता है – केिलर
 बेकेलाइट फीनॉल तथा अन्य ककसका बरृलक है – फॉमेन्थिहाइड
 प्लाम्स्टक उद्योग में प्रयुक्त होने िाला शब्द PVC से तात्पयण है – पॉली निनाइल क्लोराइड
 बरसाती (Rain Coat) ककससे बनाया जाता है – पॉली काबोनेसस
 कौन-सा प्लाम्स्टक खाने के पदाथण को पैक करने में प्रयोग ककया जाता है – पॉली इधथलीन
 कृकत्रम रेशम का अन्य नाम भी है – डेिॉन
 मानि ननधमि तप्रथम कृकत्रम रेशा था – रेयॉन
 प्राकृनतक रबड़ ककसका बरृलक है – आइसोप्रेन
 रेयॉन के ननमाणण में कौन-सा मुख्य कच्चा माल प्रयोग ककया जाता है – सेलल
ु ोज
 फलों के मीठे स्िाद का कारण है – फ्रक्टोस
 काबोहाइड्रेट (काबोज) ककसके यौनगक है – काबणन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन
 सूखने िाले तेलों मे काफी बड़ी मात्रा में होती है – असंतप्ृ त िसा अम्लों की
 मेधथजलट न्थिररट में केिल मेथेनॉल होता है, क्या कथन सही है – नहीं
 एमाइडों को ककस अधभकिया द्वारा एमाइनों में बदला जा सकता है – हॉफमेन
 ग्लाइकोजजन, स्टाचण तथा सेलूलोज ककसके बरृलक हैं – ग्लूकोज
 िह औषधध कौन-सी है जो दुद्भििंता को कम करती हैं और शांनत प्रदान करती है – प्रशांतक
 साबुन ननमाणण में होने िाली अधभकिया साबुनीकरण कहलाती है। मूलत: साबुन ककसका
सोढडयम या पोटैजशयम लिण है – दीघण श्रृख
ं ला मोनोकाबोक्सिजलक अम्ल

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 एक निद्याथी ने संयोगिश एसीटोन को ऐल्‍टकोहॉल के साथ धमला ढदया एसीटोन एिं
ऐल्‍टकोहॉल के इस धमश्रण को कैसे अलग-अलग कर सकते हैं – प्रभाजी आसिन द्वारा

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Physics GK 1000 Most Important Question Answer in Hindi
 डेसीबल ककसे नापने के जलए प्रयोग में लाया जाता है – िातािरण में ध्िनन
 ऐम्पयर क्या नापने की इकाई है – करेन्ट
 यंग प्रत्यास्थता गुणांक का SI मात्रक है – न्यूटन/िगण मीटर
 मात्रकों की अन्तराणष्रीय पिनत कब लागू की गई – 1971 ई.
 खाद्य ऊजाण को हम ककस इकाई में माप सकते हैं – कैलोरी
 निद्युत मात्रा की इकाई है – ऐम्पयर
 SI पिनत में लैंस की शनि की इकाई क्या है – डायोप्टर
 कैण्डेला मात्रक है – ज्योनत तीव्रता
 जूल इकाई है – ऊजाण
 ल्‍टयूमेन ककसका मात्रक है – ज्योनत फ्लक्स का
 ‘क्यूरी’ (Curie) ककसकी इकाई का नाम है – रेढडयोएन्थिि धधमि ता
 दाब का मात्रक है – पास्कल
 कायण का मात्रक है – जूल
 प्रकाश िषण इकाई है – दूरी की
 जड़त्ि का माप क्या है – रव्यमान
 एंगस्राम क्या मापता है – तरं गदैध्यण
 ककसने न्यूटन से पूिण ही बता ढदया था कक सभी िस्तुएाँ पृथ्िी की ओर गुरूत्िाकषणण होती है –
िह्मगुप्त
 यढद एक पेंडुलम से दोलन करने िाली घड़ी को पृथ्िी से चन्रमा पर ले जाएाँ, तो घड़ी होगी –
सुस्त
 प्रकाश िोल्‍टटीय सेल के प्रयोग से सौर ऊजाण का रूपान्तरण करने से ककसका उत्पादन होता
है – प्रकाशीय ऊजाण
 जब हम रबड़ के गद्दे िाली सीट पर बैठते हैं या गद्दे पर लेटते हैं तो उसका आकार पररिनति त
जाता है। ऐसे पदाथण में पायी जाती है – स्थिनतज ऊजाण
 उत्पलािकता से सम्बन्धित िैज्ञाननक है – आककिधमडीज

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 रि में आंजशक या पूणणत: डू बे रृए ककसी ठोस द्वारा प्राप्त उछाल की मात्रा ननभणर करती है –
ठोस द्वारा हटाये गए रि की मात्रा पर
 जल पृष्ठ पर लोहे के टु कड़े के न तैरने का कारण है – लोहे द्वारा निस्थानपत जल का भार
लोहे के भार से कम होता है।
 िेग, संिेग और कोणीय िेग कैसी राजश है – सढदश राजश
 अढदश राजश है – ऊजाण
 बल गुणनफल है – रव्यमान और त्िरण का
 जब कोई व्यनि चन्रमा पर उतरता है तो उसके शरीर में उपस्थित – भार घट जाता है तथा
मात्रा अपररिनति त रहती है
 ककसी नपण्ड के उस गुणधमण को क्या कहते हैं जजससे िह सीधी रेखा में निराम या एकसमान
गनत की स्थिनत में ककसी भी पररितणन का निरोध करता है – जड़त्ि
 न्यूटन के पहले ननयम को कहते हैं – जड़त्ि का ननयम
 पारसेक (Parsec) इकाई है – दूरी की
 िायुमण्डल के बादलों के तैरने का कारण है – घनत्ि
 समुर में प्लिन करते आइसबगण का ककतना भाग समुर की सतह से ऊपर रहता है – 1/10
 जब कोई नाि नदी से समुर में प्रिेश करती है तो – थोड़ी ऊपर की ओर उठ जाती है
 पानी का घनत्ि अधधकतम होता है – 4 ढडग्री सेल्सियस पर
 िस्तु की मात्रा बदलने पर अपररिनति त रहेगा – घनत्ि
 तैराक को नदी के मुकाबले समुरी पानी में तैरना आसान क्यों लगता है – समुरी पानी का
घनत्ि साधारण पानी से ज्यादा होता है
 यढद पृथ्िी का रव्यमान िही रहे और कत्रज्या 1% कम हो जाए, तब पृथ्िी के तल पर ‘g’ का
मान – 2% बढ़ जाएगा
 ऊाँचाई की जगहों पर पानी 100 ढडग्री सेल्सियस के नीचे के तापमान पर क्यों उबलता है –
क्योंकक िायुमण्डलीय दाब कम हो जाता है, अत: उबलने का नबन्दु नीचे आ जाता है।
 कोणीय संिेग एिं रेखीय संिेग के अनुपात की निमा क्या होगी – M0L1T0
 बनोली प्रमेय आधाररत है – ऊजाण संरक्षण पर
 लोहे की सुई पानी की सतह पर तैरती है। इस पररघटना का कारण है – पृष्ठ तनाि

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 ब्लारटिं ग पेपर द्वारा स्याही के सोखने में शाधमल है – केजशकीय अधभकिया पररघटना
 यढद हम भूमध्य रेखा से रुिों की ओर जाते हैं, तो g का मान – बढ़ता है
 शरीर का िजन – रुिों पर अधधकतम होता है
 एक अंतररक्ष यात्री पृथ्िी तल की तुलना में चन्र तल पर अधधक ऊाँची छलांग लगा सकता है,
क्योंकक – चन्र तल पर गुरूत्िाकषणण बल पृथ्िी तल की तुलना में अत्यल्‍टप है
 जब एक पत्थर को चााँद की सतह से पृथ्िी पर लाया जाता है , तो – इसका भार बदल
जाएगा, परन्तु रव्यमान नहीं
 ककसी जलफ्ट में बैठे रृए व्यनि को अपना भार कब अधधक मालूम पड़ता है – जब जलफ्ट
त्िररत गनत से ऊपर जा रही हो
 एक व्यनि पूणणत: धचकने बफण के क्षैनतज समतल के मध्य में निराम स्थिनत में है। न्यूटन के
ककस/ककन ननयम/ननयमों का उपयोग करके िह अपने आपको तट तक ला सकता है –
तीसरा गनत ननयम
 20 ककलोग्राम के िजन को जमीन के ऊपर 1 मीटर की ऊाँचाई पर पकड़े रखने के जलए ककया
गया कायण है– शून्य जूल
 एक व्यनि एक दीिार को धक्का देता है, पर उसे निस्थानपत करने में असफल रहता है, तो िह
करता है – कोई भी कायण नहीं
 पहाड़ी पर चढ़ता एक व्यनि आगे की ओर झुक जाता है, क्योंकक – शनि संरक्षण हेतु
 पीसा की ऐनतहाजसक मीनार नतरछी होते रृए भी नहीं नगरती है, क्योंकक – इसके गुरूत्िकेन्र
से जाने िाली ऊध्िाणधर रेखा आधार से होकर जाती है
 एक ऊाँची इमारत से एक गेंद 9.8 मी/सेकण्ड2 के एकसमान त्िरण के साथ नगरायी जाती
है। 3 सेकण्ड के बाद उसका िेग क्या होगा – 29.4 मी/से
 एक िस्तु का रव्यमान 100 ककग्रा है (गुरूत्िजननत ge = 10ms-1) अगर चन्रमा पर
गुरूत्िजननत त्िरण ge/6 है तो चन्रमा में िस्तु का रव्यमान होगा – 100 ककग्रा
 पािर (शनि) का SI मात्रक ‘िाट’ (watt) ककसके समतुल्‍टय है – ककग्रा मी -2 से -3
 भारहीनता की अिस्था में एक मोमबत्ती की ज्िाला का आकार – िही रहेगा
 एक केशनली में जल की अपेक्षा एक तरल अधधक ऊाँचाई तक चढ़ता है, इसका कारण है –
तरल का पृष्ठ तनाि जल की अपेक्षा अधधक है

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 गुरूत्िाकषणण के सािणभौधमक ननयम का प्रनतपादन ककसने ककया – न्यूटन
 ऊजाण संरक्षण का आशय है कक – ऊजाण का न तो सृजन हो सकता है और न ही निनाश
 पास्कल इकाई है – तापमान की
 1 ककग्रा/सेमी2 दाब समतुल्‍टय है – 0.1 बार के
 क्यूसेक से क्या मापा जाता है – जल का बहाि
 ककसी नपण्ड का भार – रुिों पर सिाणधधक होता है
 एक जलफ्ट में ककसी व्यनि का प्रत्यक्ष भार िास्तनिक भार से कम होता है, जब जलफ्ट जा रही
हो – त्िरण के साथ नीचे
 कौन-सी ऊाँचाई भूस्थिर उपग्रहों की है – 36,000 Km
 महान् िैज्ञाननक आककिधमडीज ककस देश से सम्बन्धित थे – ग्रीस
 पानी की बूाँदों का तैलीय पृष्ठों पर न धचपकने का कारण है – आसंजक बल का अभाि
 तुल्‍टयकारी उपग्रह घूमता है, पृथ्िी के नगदण – पद्भिम से पूिण
 पढहये में बाल-नबयररिं ग का कायण है – स्थैनतक घषणण को गनतज घषणण में बदलना
 जल के आयतन में क्या पररितणन होगा यढद तापमान 90 Cसे नगराकर 30C कर ढदया जाता
है – आयतन पहले घटेगा और बाद में बढ़ेगा
 एक झील में तैरने िाली इम्पात की नाि के जलए नाि द्वारा निस्थानपत पानी का भार ककतना
है – नाि के उस भाग के बराबर जो झील के पानी की सतह के नीचे है
 ककसी कालीन की सफाई के जलए यढद उसे छड़ी से पीटा जाए, तो उसमें कौन-सा ननयम
लागू होता है – गनत का पहला ननयम
 सड़क पर चलने की अपेक्षा बफण पर चलना करठन है, क्योंकक – बफण में सड़क की अपेक्षा
घषणण कम होता है
 लोलक की आितण काल (Time Period) – लम्बाई के ऊपर ननभणर करता है
 लोलक घ‍ऺडयााँ गधमि यों में क्यों सुस्त हो जाती है – लोलक की लम्बाई बढ़ जाती है जजससे
इकाई दोलन में लगा रृआ समय बढ़ जाता है
 ककसी सरल लोलक की लम्बाई 4% बढ़ा दी जाए तो उसका आितणकाल – 2% बढ़ जाएगा
 यढद लोलक की लम्बाई चार गुनी कर दी जाए तो लोलक के झूलने का समय – दोगुना होता
है

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 पेंडुलम को चन्रमा पर ले जाने पर उसकी समयािधध – बढ़ेगी
 एक कण का रव्यमान m तथा संिेग p है। इसकी गनतज ऊजाण होगी – P2/2 m
 एक भू-उपग्रह अपने कक्ष में ननरन्तर गनत करता है ? यह अपकेन्र बल के प्रभाि से होता है,
जो प्राप्त होता है – पृथ्िी द्वारा उपग्रह पर लगने िाले गुरूत्िाकषणण से
 घड़ी के न्थरिंग में भंडाररत ऊजाण – स्थिनतज ऊजाण
 कक्षा में अंतररक्षयान में भारहीनता की अनुभूनत का कारण है – कक्षा में त्िरण बाहरी
गुरूत्िाकषणण के कारण त्िरण के बराबर होता है।
 न्यूटन के गनत के तीसरे ननयम के अनुसार किया तथा प्रनतकिया से सम्बि बल – हमेशा
धभन्न-धभन्न िस्तुओं पर ही लगे होने चाढहए
 ”प्रत्येक किया के बराबर ि निपरीत ढदशा में एक प्रनतकिया होती है।” यह है – न्यूटन का गनत
निषयक तृतीय ननयम
 जल में तैरना न्यूटन की गनत के ककस ननयम के कारण सम्भि है – तृतीय ननयम
 दलदल में फाँसे व्यनि को लेट जाने की सलाह दी जाती है, क्योंकक – क्षेत्रफल अधधक होने से
दाब कम हो जाता है
 बफण के दो टु कड़ों को आपस में दबाने पर टु कड़े आपस में धचपक जाते है, क्योंकक – दाब
अधधक होने से बफण का गलनांक घट जाता है
 पृथ्िी के गुरूत्िाकषणण का ककतना भाग चन्रमा के गुरूत्िाकषणण के सबसे नजदीक है – 1/6
 ककसी नपण्ड के रव्यमान तथा भार में अन्तर होता है, क्योंकक – रव्यमान स्थिर रहता
है, जबकक भार पररितणनीय होता है
 ”ककसी भी स्थिर या गनतशील िस्तु की स्थिनत और ढदशा में तब तक कोई पररितणन नहीं होता
जब तक उस पर कोई बाह्य बल सकिय न हो।” यह है – न्यूटन का गनत निषयक प्रथम ननयम
 कौन-सा ननयम इस कथन को िैध ठहराता है कक रव्य का न तो सृजन ककया जा सकता है
और न ही निनाश – ऊजाण संरक्षण का ननयम
 ऑटोमोबाइलों में प्रयुक्त रिचाजलत िेक एक प्रत्यक्ष अनुप्रयोग है – पास्कल के जसिान्त
 पदाथण के संिेग और िेग के अनुपात से कौन-सी भौनतक राजश प्राप्त की जाती है – रव्यमान
 शून्य में स्ितंत्र रूप से नगरने िाली िस्तुओं की/का – समान त्िरण होता है
 दो िेक्टर (Vector) जजनका मान अलग है – उनका पररणामी शून्य नहीं हो सकता

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 त्िरण ज्ञात करने का सही सूत्र कौन-सा है –
 रेल की पटररयााँ अपने ििों (Curves) पर ककस कारण से झुकी (bent) रृई होती है –
रेलगाड़ी के भार के क्षैनतज घटक से आिश्यक अधभकेन्रीय बल प्राप्त ककया जा सकता है
 साइककल चलाने िाला मोड़ लेते समय क्यों झुकता है – िह झुकता है ताकक गुरूत्ि केन्र
आधार के अन्दर बना रहे, िह उसे नगरने से बचाएगा
 कोई साइककल सिार ककसी मोड़ में घूमता है, तो िह है – अंदर की ओर झुकता है।
 िीम सेपरेटर में दूध में से िसा को ककस कारण से अलग ककया जा सकता है – अपकेन्रीय
बल
 सूयण पर ऊजाण का ननमाणण होता है – नाधभकीय संलयन द्वारा
 सूयण की ऊजाण उत्पन्न होती है – नाधभकीय संलयन द्वारा
 पानी के एक नगलास में एक बफण का टु कड़ा तैर रहा है। जब बफण नपघलती है तो पानी के स्तर
पर क्या प्रभाि होगा – उतना ही रहेगा
 पानी से भरी डाट लगी बोतल जमने पर टू ट जाएगी क्योंकक – जमने पर जल का आयतन बढ़
जाता है
 लैम्प की बत्ती में तेल चढ़ता है – कैनपलरी किया के कारण
 साबुन के बुलबुले के अन्दर का दाब – िायुमण्डलीय दाब से अधधक होता है
 जब शुि जल में ढडटजेंट डाला जाता है, तो पृष्ठ तनाि – घट जाता है
 आककिधमडीज का ननयम ककससे समबन्धित है – प्लिन का ननयम
 तेल जल के तल पर फैल जाता है, क्योंकक – तेल का पृष्ठ तनाि जल से कम है
 रि की बूाँद की आकृनत गोलाकार होने का कारण है – पृष्ठ तनाि
 िषाण की बूाँद गोलाकार होती है – सतही तनाि के कारण
 एक रि बूाँद की प्रकृनत गोल आकार लेने की होती है, जजसका कारण है – पृष्ठ तनाि
 स्थिर पानी में धमट्टी का तेल डालने पर मच्छर कम होते हैं, क्योंकक यह – लािाण के सांस में
बाधा डालता है
 पानी से ननकालने पर सेनििं ग िश के बाल आपस में धचपक जाते है। इसका कारण है – पृष्ठ
तनाि

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 स्थिर गनत से जा रही खुली कार में बैठा एक बालक गेंद को हिा में सीधे ऊपर फेंकता है। गेंद
नगरती है – उसके हाथ में
 जेट इं जन ककस जसिान्त पर कायण करता है – रैणखक संिग
े के संरक्षण का जसिान्त
 दूध से मक्खन ननकाल लेने पर – दूध का घनत्ि घटता है
 जब ककसी िस्तु को पृथ्िी से चन्रमा पर ले जाया जाता है, तो – उसका भार घट जाता है
 जब एक चल िस्तु की गनत दोगुनी हो जाती है तो उसकी गनतज ऊजाण – चौगुनी हो जाती है
 अंतररक्ष यात्री अंतररक्ष में सीधे खड़े नहीं रह सकते , क्योंकक – िहााँ गुरूत्िाबषणण नहीं होता
 संिातक कमरे की छत के ननकट लगाए जाते हैं, क्योंकक – सााँस में छोड़ी रृई गरम हिा ऊपर
उठती है और िह बाहर चली जाती है
 हिाई जहाज में फाउन्टे न पेन से स्याही बाहर ननकल आती है, क्योंकक – ऊाँचाई बढ़ने से
िायुदाब में कमी आती है
 धक्का-सह प्राय: स्टील के बनाये जाते हैं, क्योंकक – उसकी प्रत्यास्थता अधधक होती है
 चन्रमा पर िायुमण्डल नहीं है, क्योंकक – यह सूयण से प्रकाश पाता है
 एक हॉसण पािर (H.P.) ककतने िाट के बराबर होता है – 746 िाट
 एक कार की गनत 36 ककमी प्रनत घण्टा है। इसे मीटर प्रनत सेकण्ड में व्यक्त करेंगे –
10 m/s
 तूफान की भनिष्यिाणी की जाती है, जब िायुमण्डल का दाब – सहसा कम हो जाए
 अण्डा मृदु जल में डू ब जाता है , ककन्तु नमक के सान्र घोल में तैरता है, क्योंकक – नमक के
घोल का घनत्ि अण्डे के घनत्ि से अधधक हो जाता है।
 ककसी व्यनि को मुक्त रूप से घूणणन कर रहे घूणी मंच पर अपनी (कोणीय) चाल कम करने
के जलए क्या करना चाढहए – अपने हाथ बाहर की तरफ फैला दें।
 54 ककमी/घण्टा के िेग का मान है – 15 मीटर/सेकेण्ड (54 X 1000 मीटर /
3600 सेकेण्ड = 15)
 न्यूटन मीटर मात्रक है – ऊजाण का
 एक भूस्थिर उपग्रह अपनी कक्षा में ननरन्तर गनत करता है। यह अपकेन्र बल के प्रभाि से होता
है, जो प्राप्त होता है – पृथ्िी द्वारा उपग्रह पर लगाने िाले गुरूत्िाकषणण से
 स्िचाजलत कलाई घढड़यों में ऊजाण धमलती है – बैटरी से

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 जब कुएं से पानी की बाल्‍टटी को ऊपर खींचते हैं तो हमें महसूस होता है कक बाल्‍टटी – पानी की
सतह से ऊपर भारी हो गई है।
 भारहीनता होती है – गुरूत्िाकषणण की शून्य स्थिनत
 एक नदी में चलता रृआ जहाज समुर में आता है तब जहाज का स्तर – थोड़ा ऊपर आएगा।
 लोहे की कील पारे में क्यों तैरती है, जबकक यह पानी में डू ब जाती है – लोहे का घनत्ि पानी
से अधधक है तथा पारे से कम।
 जब एक ठोस नपण्ड को पानी में डु बोया जाता है, तो उसके भार में ह्रास होता है। यह ह्रास
ककतना होता है– निस्थानपत पानी के भार के बराबर
 बफण पानी में तैरती है, परन्तु ऐल्‍टकोहॉल में डू ब जाती है, क्योंकक – बफण पानी से हल्‍टकी होती है
तथा ऐल्‍टकोहॉल से भारी होती है।
 चलती रृई बस जब अचानक िेक लगाती है, तो उसमें बैठे रृए यात्री आगे की ढदशा में नगरते
हैं। इसको ककसके द्वारा समझाया जा सकता है – न्यूटन का पहला ननयम
 रॉकेट की कायण-प्रणाली ककस जसिान्त पर आधाररत होती है – संिग
े संरक्षण
 अश्ि यढद एकाएक चलना प्रारम्भ कर दे तो अश्िारोही के नगरने की आशंका का कारण है –
निश्राम जड़त्ि
 किकेट का णखलाड़ी तेजी से आती रृई बॉल को क्यों अपने हाथ को पीछे खींचकर पकड़ता है–
बॉल निश्राम की स्थिनत में आ सकती है।
 प्रेशर कुकर में खाना जल्‍टदी पकता है, क्योंकक – इससे पानी का क्िथनांक बढ़ जाता है।
 िायुदाबमापी की रीढडिं ग में अचानक नगरािट इस बात का संकेत है कक मौसम – तूफानी
होगा।
 हाइड्रोजन से भरा रृआ पॉजलथीन का एक गुब्बारा पृथ्िी के तल से छोड़ा जाता है। िायुमण्डल
के ऊाँचाई पर जाने से – गुब्बारे के आमाप में िृधि होगी।
 एक धािक लम्बी छलांग लगाने से पहले कुछ दूरी तक दौड़ता है, क्योंकक – छलांग लगाते
समय उसके शरीर की गनत जड़ता उसको ज्यादा दूरी तय करने में मदद करती है।
 धभन्न धभन्न रव्यमान के दो पत्थरों को एक भिन के जशखर से एक साथ नगराया जाता है –
दोनों पत्थर जमीन पर एक साथ परृाँचते हैं।
 श्यानता की इकाई है – प्िाइज

किसी भी सहायता िे किये फेसबुि पर संपिक िरें – किकति गुप्ता


 प्रकाश का रं ग ननधाणररत होता है, इसकी – तरं गदैध्यण से
 पानी में हिा का बुलबुला िैसे ही काम करेगा, जैसे करता है – अितल लैंस
 हम पृथ्िी के पृष्ठ पर सूयण का प्रकाश प्राप्त करते हैं। ये प्रकाश के ककस प्रकार के ककरणपुंज
हैं – समान्तर
 माध्यम के तापमान में िृधि के साथ प्रकाश की गनत – िैसी ही रहती है।
 प्रकाश छोटे-छोटे कणों से धमलकर बना है, जजसे कहते हैं – फोटॉन
 प्रकाश तरं ग ककस प्रकार की तरं ग है – अनुप्रस्थ तरं ग
 प्रकाश का तरं ग जसिान्त ककसके द्वारा प्रस्थानपत ककया गया था – हाइगेन्स के द्वारा
 अपितणक दूरबीन में क्या होता है – असमान फोकस दूरी के दो उत्तल लैंस
 आकाश में नीला रं ग प्रकट होने के साथ सम्बन्धित प्रकाश की पररघटना है – प्रकीणणन
 जब प्रकाश ककरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो इसकी – आिृनत्त समान बनी
रहती है।
 आकाश का रं ग नीला प्रतीत होता है, क्योंकक – छोटी तरं गदैध्यण िाला प्रकाश बड़ी तरं गदेध्यण
िाले प्रकाश की अपेक्षा िायुमण्डल में नीला प्रतीत होता है।
 ककस गुणधमण के कारण पानी से भरे बतणन में डु बोई गई छड़ी मुड़ी रृई प्रतीत होती है– अपितणन
 पूणण आन्तररक पराितणन होता है, जब प्रकाश जाता है – हीरे से कााँच में
 इन्रधनुष बनने का कारण है – िायुमण्उल में सूयण की ककरणों का जल बूदाँ ों के द्वारा पराितणन
 मृगतृष्णा (Mirage) उदाहरण है – पूणण आन्तररक पराितणन का
 प्रकाश में रुिण की घटना से यह जसि होता है कक प्रकाश तरं गें हैं – अनुप्रस्थ
 प्रकाश निककरण की प्रकृनत होती है – तरं ग एिं कण दोनों के समान
 तरण ताल िास्तनिक गहराई से कम गहरा ढदखायी देता है। इसका कारण है – अपितणन
 एक तालाब के ककनारे एक मछु आरा मछली को भाले से मारने की कोजशश कर रहा है,
तदनुसार उसे ननशाना कैसे लगाना चाढहए – जहााँ मछली ढदखायी दे उसके ऊपर
 कपड़ों को धोते समय हम नील का प्रयोग करते हैं, उसकी – सही िणण संयोजन के कारण
 पीले रं ग का पूरक रं ग है – नीला
 अन्तदणशी (Endoscop) क्या है – यह आहारनाल के भीतर देखने के जलए प्रयुक्त एक
प्रकाजशक यंत्र है

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 मायोनपया से क्या तात्पयण है – ननकट रॅधि दोष
 हाइपरमेरोनपया (Hypermetropia) का अथण है – दूर रॅधि दोष
 एक आदमी 10 मीटर से अधधक दूरी की िस्तु स्पष्ट नहीं देख पाता है। िह ककस रॅधिदोष से
पी‍ऺडत है – मायोनपया
 एक मनुष्य 1 मीटर से कम दूरी की िस्तु को स्पष्ट नहीं देख सकता है। िह व्यनि ककस दोष
से पी‍ऺडत है – दूर रॅधि
 ल्‍टयूमेन एकक है – ज्योनत फ्लक्स का
 दूरबीन (Telescope) क्या है – दूर की िस्तु देखने का यंत्र
 सूयण के प्रकाश को धरती की सतह पर परृाँचने में लगने िाला समय है , लगभग – 8.5 धमनट
 प्रकाश की गनत है – 3 x 108 m/S
 सूयण ग्रहण के समय सूयण का कौन-सा भाग ढदखायी देता है – ककरीट (कोरोना)
 पूणण सूयण ग्रहण का अधधकतम समय होता है – 250 सेकण्ड
 सूयण ग्रहण तब होता है, जब – सूयण और पृथ्िी के बीच चन्रमा हो
 प्रकाजशक तन्तु के आकार के बािजूद प्रकाश उनमें प्रगामी होता है, क्योंकक िह ऐसा यंत्र है
जजससे संकेतों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतररत ककया जा सकता है। यह ककस
पररघटना पर आधाररत है – प्रकाश का पूणण आंतररक पराितणन
 प्रकाश िायु की अपेक्षा कााँच में मन्द गनत से चलता है, क्योंकक – िायु का अपितणनांक कााँच
के अपितणनांक से कम होता है
 जब प्रकाश की तरं गें िायु से कााँच में होकर गुजरती है, तब कौन से पररित्यण प्रभानित होंगे –
केिल तंरगदैध्यण तथा िेग
 जब एक व्यनि तीव्र प्रकाश क्षेत्र से अंधेरे कमरे में प्रिेश करता है , तो उसे कुछ समय के जलए
स्पष्ट ढदखायी नहीं देता है, बाद में धीरे-धीरे उसे चीजें ढदखायी देने लगती है। इसका कारण
है – आाँखों का अन्धेरे के प्रनत कुछ समय में अनुकूजलत होना
 ननकट रॅधि दोष दूर करने के जलए कौन-सा लैंस उपयोग में लाया जाता है – नतोदर /
अितल(Concave)
 अितल लैंस हमेशा ककस प्रकार का प्रनतनबम्ब बनाते हैं – आभासी प्रनतनबम्ब

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 साबुन के पतले झाग में चमकदार रं गों का बना ककस पररघटना का पररणाम है – बरृजलत
पराितणन और व्यनतकरण
 कार में रॅश्यािलोकन के जलए ककस प्रकार के शीशे का प्रयोग होता है – उत्तल दपणण
 यढद एक ननकट-रॅधिग्रस्त नेत्र का सुदूर नबन्दु 200 सेमी है तो लैंस की क्षमता क्या है – –
0.5D
 ENT डॉक्टरों द्वारा प्रयोग ककया जाने िाला हैड धमरर का प्रकार होता है – अितल
 नेत्रदान में दाता की आाँख के ककस ढहस्से को प्रनतरोनपत ककया जाता है – कॉननि या
 मनुष्य की आाँख में प्रकाश तरं गें ककस स्थान पर स्नायु उद्वे गों में पररिनति त होती हैं – रेरटना से
 स्िस्थ नेत्र के जलए स्पष्ट रॅधि की न्यूनतम दूरी ककतनी होती है – 25 सेमी
 यढद कोई व्यनि दूर की िस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता है तो उसकी रॅधि में कौन –सा
दोष होगा – ननकट रॅधि
 ननकट रॅधि दोष से पीढड़त व्यनि को – दूर की िस्तुएाँ ढदखायी नहीं देती हैं
 ननकट रॅधि दोष से पीढड़त व्यनि के चश्मे में प्रयोग ककया जाता है – अितल लैंस
 दूर रॅधि दोष से पी‍ऺडत व्यनि को – ननकट की िस्तुएाँ ढदखायी नहीं देती हैं
 प्राथधमक रं ग है – िे रं ग जो अन्य रं गों के धमश्रण से उत्पन्न नहीं ककये जा सकते हैं।
 प्राथधमक रं ग कौन-कौन् से हैं – लाल, हरा ि नीला
 पेट अथिा शरीर के अन्य आन्तररक अंगों के अन्िेषण के जलए प्रयुक्त तकनीक एण्डोस्कोपी
(Endoscopy) आधाररत है – पूणण आन्तररक पराितणन पररघटना पर
 पानी की टं की को ऊपर से देखने पर कम गहरी ढदखायी देने का कारण है – अपितणन
 चटका रृआ कााँच चटकीला प्रतीत होता है – पूणण आन्तररक पराितणन के कारण
 मरीधचका एक उदाहरण है – प्रकाश के अपितणन और पूणण आन्तररक पराितणन का
 इन्रधनुष ककतने रं ग ढदखाता है – 7
 हीरा चमकदार ढदखायी देता है – सामूढहक आन्तररक पराितणन के
 प्रकाश की ककरण को पूणण आन्तररक पराितणन के जलए ककससे गुजरना होता है – कााँच से
जल
 बाह्य अंतररक्ष में ककसी अंतररक्ष यात्री को आकाश ढदखायी देगा – काला
 अनबन्दुकता का दोष दूर करने के जलए ककस लैंस का प्रयोग करना चाढहए – जसजलिं डरी लैंस

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 लैम्पटण ननयम ककससे सम्बन्धित है – प्रदीनप्त
 आििण क लैंस िास्ति में क्या होता है – उत्तल लैंस
 आइन्स्टीन के E=mc2 समीकरण में ‘c’ द्योतक है – प्रकाश िेग का
 सोढडयम िाष्प लैम्प प्राय: सड़क प्रकाश के जलए प्रयुक्त होते हैं, क्योंकक – ये चमकदार
रोशनी देते हैं
 नप्रज्म (Prism) में प्रकाश के निधभन्न रं गों का निभाजन कहलाता है – प्रकाश का िणण
निक्षेपण
 िायुमण्डल में प्रकाश के निसरण का कारण है – धूलकण
 चन्र सतह पर एक प्रेक्षक को, ढदन के समय आाकाश ढदखायी देगा – काला
 एक गोलाकार िायु का बुलबुला ककसी कााँच के टु कड़े में अन्त: स्थानपत है। उस बुलबुले से
गुजरती रृई प्रकाश की ककरण के जलए िह बुलबुला ककसकी तरह व्यिहार करता है –
अपसारी लैंस
 खतरे के संकेतों के जलए लाल प्रकाश का प्रयोग ककया जाता है, क्योंकक – इसका प्रकीणणन
सबसे कम होता है
 समुर नीला प्रतीत होता है – आकाश के पराितणन तथा जल के कणों द्वारा प्रकाश के
प्रकीणणन के कारण
 अस्त होते समय सूयण लाल ककस कारण ढदखायी देता है – प्रकीणणन
 इन्रधनुष में ककस रं ग का निक्षेपण अधधक होता है – बैंगनी
 तारे आकाश में िास्ति में जजतनी ऊाँचाई पर होते हैं, िे उससे अधधक ऊाँचाई पर प्रतीत होते है।
इसकी व्याख्या ककसके द्वारा की जा सकती हैं – िायुमण्डलीय अपितणन
 ककस गाड़ी के अग्रदीप से प्रकाश का शनिशाली समान्तर पुंज पाने के जलए क्या उपयोग में
लाना चाढहए– अितल दपणण
 दाढ़ी बनाने के जलए काम में लेते हैं – अितल लैंस
 दूर रॅधि दोष ननिारण के जलए काम में लेते है – उत्तल लैंस
 कार चलाते समय अपने पीछे के यातायात को देखने के जलए आप ककस प्रकार के दपणण का
उपयोग करना चाहेंगे – उत्तल दपणण
 मानि आाँख की रेरटना पर कैसा प्रनतनबम्ब बनता है – िास्तनिक तथा उल्‍टटा

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 ककसी व्यनि का पूरा प्रनतनबम्ब देखने के जलए एक समतल दपणण की न्यूनतम ऊाँचाई होती
है – व्यनि की ऊाँचाई की आधी
 जब कोई िस्तु दो समान्तर समतल दपणणों के बीच रखी जाती है , तो बने रृए प्रनतनबम्ब की
संख्या होगी – अनन्त
 यढद ककसी ऐनक के लैंस का पािर +2 डायोप्टर हो, तो इसके फोकस की दूरी होगी – 50
सेमी
 प्रकाश में सात रं ग होते है। रं गों को अलग करने का क्या तरीका है – कफल्‍टटर से रं गों को
अलग-अलग ककया जा सकता है
 लाल कााँच को अधधक ताप पर गमण करने पर िह ढदखाई देगा – हरा
 प्रकाश का रं ग ननद्भित ककया जाता है – तरं गदैध्यण द्वारा
 सूयण की ककरणों में ककतने रं ग होते हैं – 7
 यढद िायुमण्डल न हो तो पृथ्िी से आकाश ककस रं ग का ढदखाई देगा – काला
 फोटोग्राफी में मुख्य रं ग कौन-से होते है – लाल, नीला, हरा
 सबसे कम तरं गदैर्घयण िाला प्रकाश होता है – बैंगनी
 जब प्रकाश के लाल, हरा ि नीला रं गों को समान अनुपात में धमलाया जाता है, तो पररणामी
रं ग होगा – सफेद
 फोटोग्राकफक कैमरे का कौन-सा भाग आाँख की रेरटना की तरह कायण करता है – कफल्‍टम
 कैमरे में ककस प्रकार का लैंस उपयोग में लाया जाता है – उत्तल
 मानि की आाँख िस्तु का प्रनतनबम्ब ककस भाग पर बनाती है – कॉननि या
 आइररस का क्या काम होता है – आाँख में जाने िाले प्रकाश की मात्रा को ननयंकत्रत करना
 रॅधि पटल (Retina) पर बना प्रनतनबम्ब होता है – िस्तु से छोटा लेककन उल्‍टटा
 तन्तु प्रकाजशक संचार में संकेत ककस रूप में प्रिाढहत होता है – प्रकाश तरं ग
 तारे रटमरटमाते हैं – अपितणन के कारण
 दूरबीन का आनिष्कार ककया था – गैलीजलयो ने
 अितल लैंस प्रयुक्त होता है, सुधार हेतु – ननकट रॅधि दोष
 यढद एक व्यककत दो समतल दपणण जो 600 कोण पर आनत है, के बीच खड़ा हो तब उसे
ककतने प्रनतनबम्ब ढदखेंगे – 5

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 धूप के चश्में की क्षमता होती है – 0 डायोप्टर
 जजस जसिान्त पर ऑधिकल फाइबर काम करता है, िह है – पूणण आन्तररक पराितणन
 जक्षनतज के समीप सूयण एिं चन्रमा के दीघण िृत्ताकार ढदखायी देने का कारण है – अपितणन
 श्िेत प्रकाश को नली में कैसे पैदा करते हैं – तन्तु को गमण करके
 प्रकाश में सात रं ग होते हैं। रं गों को अलग करने का क्या तरीका है – एक नप्रज्म से रं गों को
अलग-अलग ककया जा सकता है
 हमें िास्तनिक सूयोदय से कुछ धमनट पूिण ही सूयण ढदखायी देने का कारण है – प्रकाश का
अपितणन
 यढद साबुन के दो धभन्न-धभन्न व्यास के बुलबुलों को एक नली द्वारा एक-दूसरे के सम्पकण में
लाया जाए, तो क्या घरटत होगा – छोटा बुलबुला और छोटा ि बड़ा बुलबुला और बड़ा हो
जाएगा
 परािनति त प्रकाश में ऊजाण – आपतन कोण पर ननभणर नहीं करती है
 प्रकाश की गनत ककसके बीच से जाते रृए न्यूतम होती है – कााँच
 ककसी तारे के रं ग से पता चलता है, उसके – ताप का
 ककसी अपारदशी िस्तु का रं ग उस रं ग के कारण होता है, जजसे िह – परािनति त करता है
 पानी में लटकाकर बैठे रृए व्यनि को उसका पैर मुड़ा रृआ और छोटा ढदखायी पड़ता है –
अपितणन के कारण
 जब एक काम्पेक्ट ढडस्क (CD) सूयण के प्रकाश में देखी जाती है तो इन्र धनुष के समान रं ग
ढदखायी देते हैं। इसकी व्याख्या की जा सकती है – अपितणन, निितणन एिं पारगमन की
पररघटना के आधार पर
 चन्र ग्रहण घरटत होता है – पूणणि मा के ढदन
 सूयण ग्रहण कब होता है – प्रनतपदा (अमािस्या)
 उधचत रीनत से कटे हीरे की असाधारण चमक का आधारभूत कारण यह है कक – उसका अनत
उच्च अपितणन सूचकांक होता है
 एक स्थिर चुम्बक हमेशा दशाणती है – उत्तर-उत्तर तथा दजक्षण-दजक्षण
 फ्लक्स घनता और चुम्बकीय क्षेत्र की क्षमता का अनुपात ककस माध्यम में होता है, उसकी –
पारगम्यता

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 चुम्बकीय सुई ककस तरफ संकेत करती है – उत्तर
 रान्सफॉमणर का जसिान्त आधाररत है – निद्युत-चुम्बकीय प्रेरण के जसिान्त पर
 रान्सफामणर क्या है – AC िोल्‍टटता को घटाने और बढ़ाने में प्रयुक्त होता है
 निद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाि सिणप्रथम अिलोककत ककया गया – ओरस्टे ड द्वारा
 रुिों पर नमण कोण का मान ककतना होता है – 900
 मुक्त रूप से लटकी चुम्बकीय सुई का अक्ष भौगोजलक अक्ष के साथ कोण बनाता है –
180 का
 मुक्त रूप से ननलन्धित चुम्बकीय सुई ककस ढदशा में रटकती है – उत्तर-दजक्षण ढदशा
 चुम्बकीय कम्पास की सुई ककस ओर इं नगत करती है – चुम्बकीय उत्तर ि चुम्बकीय दजक्षण
 चुम्बक चुम्बकीय पदाथों जैसे लोहा, ननककल, कोबाल्‍टट आढद को आकनषि त करते हैं। िे
प्रनतकनषि त कर सकते हैं – प्रनतचुम्बकीय पदाथों को
 निषुित् रेखा पर ननत कोण का मान होता है – 0 ढडग्री
 एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में बल रेखाएाँ होनी चाढहए – एक-दूसरे के समांतर
 कौन निद्युत अचुम्बकीय है – तााँबा
 चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोजलक याम्योत्तर के बीच के कोण को कहते है – चुम्बकीय
ढदकपात्
 एक स्ितंत्र रूप से लटका रृआ चुम्बक सदैि ठहरता है – उत्तर-दजक्षण ढदशा में
 डायनेमो (निद्युत जननत्र) के कायण करने का जसिान्त् है – निद्युत-् चुम्बकीय प्रभाि
 यढद ककसी चुम्बक का तीसरा रुि हो, तो तीसरा रुि कहलाता है – पररणामी रुि
 पृथ्िी एक बरृत बड़ा चुम्बक है। इसका चुम्बकीय क्षेत्र ककस ढदशा में निस्तृत होता है – दजक्षण
से उत्तर
 लोहा का क्यूरी ताप होता है – 780 ढडग्री सेल्सियस
 चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक होता है – गौस
 यढद एक चुम्बक को दो भागों में निभक्त कर ढदया जाए तो – दोनों भाग पृथक्-पृथक् चुम्बक
बन जाते
 ककसी चुम्बक की आकषणण शनि सबसे अधधक कहााँ होती है – दोनों ककनारों पर
 ककसी चुम्बक की आकषणण शनि सबसे कम कहााँ होती है – मध्य में

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 स्थायी चुम्बक बनाये जाते हैं – इस्पात के
 अस्थायी चुम्बक बनाये जाते हैं – नमण लोहे के
 तााँबा मुख्य रूप से निद्युत चालन के जलए प्रयोग ककया जाता है क्योंकक – इसकी निद्युत
प्रनतरोधकता ननम्न होती है
 शुष्क सेल है – प्राथधमक सेल
 लोहे के ऊपर जजिं क की परत चढ़ाने को क्या कहते हैं – गैल्‍टिेनाइजेशन
 निद्युत उपकरण में अथण (Earth) का उपयोग होता है – सुरक्षा के जलए
 यढद ककसी तार की कत्रज्या आाधी कर दी जाए तो उसका प्रनतरोध – सोलह गुना हो जाएगा
 एक सामान्य शुष्क सेल में निघुत अपघट्य होता है – अमोननयम क्लोराइड
 शुष्क सेल (बैटरी) में ककनका निद्युत् अपघट्यों के रूप में प्रयोग होता है – अमोननया
क्लोराइड और जजिं क क्लोराइड
 ककरचॉफ का धारा ननयम आधाररत है – ऊजाण संरक्षण पर
 1 िोल्‍टट, निभिान्तर द्वारा त्िरनत होने पर एक इलेक्रॉन जजतनी ऊजाण प्राप्त करता है, उसे कहते
है – 1 इलेक्रॉन िोल्‍टट
 जब साबुन का बुलबुला आिेजशत ककया जाता है, तब – यह फैलता है
 डायनेमो एक मशीन है, जजसका काम है – उच्च िोल्‍टटे ज को ननम्न में पररिनति त करना
 स्थिर िैद्युत अिक्षेनपत का प्रयोग ककसे ननयंकत्रत करने के जलए ककया जाता है – िायु-प्रदूषक
 रान्सफॉमणर ककससे काम करता है – केिल प्रत्यािती धारा से
 एक ककलोिाट घण्टा (KWh) का मान होता है – 3.6 x 108 जूल
 प्रत्यािती धारा को ढदष्ट धारा में बदला जाता है – ढदष्टकारी द्वारा
 शुष्क सेल में जो ऊजाण संग्रढहत रहती है, िह है – रासायननक ऊजाण
 यढद ककसी प्रारूपी पदाथण का िैद्युत प्रनतरोध नगरकर शून्य हो जाता है, तो उस पदाथण को क्या
कहते हैं – अनतचालक
 यढद ककसी प्रनतरोधक तार को लम्बा ककया जाए तो उसका प्रनतरोध – बढ़ता है
 निद्युत मरकरी लैम्प में रहता है – कम दाब पर पारा
 नबजली के पंखे की गनत बदलने के जलए प्रयुक्त साधन है – रेगल
ु टे र

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 निद्युत बल्‍टब का तन्तु धारा प्रिाढहत करने से चमकने लगता है, परन्तु तन्तु में धारा ले जाने
िाले तार नहीं चमकते इसका कारण है – तन्तु का प्रनतरोध तारों की अपेक्षा अधधक होता है
 प्रनतरोध (Resistance) का मात्रक है – ओम
 घरों में लगे पंखे, बल्‍टब आढद लगे होते हैं – समानान्तर िम में
 िस्तुओं का आिेशन ककसके स्थानान्तरण के फलस्िरूप होता है – इलेक्रॉन
 आप कार में जा रहे हैं। यढद आसमान से नबजली नगरने िाली हो तो सुरजक्षत रहने के जलए –
कार की णखड़ककयााँ बन्द कर लेंगे
 सामान्यत: प्रयोग में लायी जाने िाली प्रनतदीनप्त ट्यूबलाइट पर क्या अंककत होता है –
6500K
 मानि शरीर (शुष्क) के निद्युत प्रनतरोध के पररणाम की कोरट क्या है – 106 ओम
 निद्युत उत्पन्न करने के जलए कौन-सी धातु का उपयोग होता है – यूरेननयम
 माइका (Mica) है – ऊष्मा और निद्युत् दोनों का कुचालक
 जलते रृए निद्युत बल्‍टब के तन्तु का ताप सामान्यत: होता है – 30000C से 35000C
 ऐम्पयर क्या मापने की इकाई है – निद्युत धारा
 एक कृकत्रम उपग्रह में निद्युत ऊजाण का स्त्रोत है – सौर बैटरी
 निद्युत ऊजाण को यांकत्रक ऊजाण में बदलने की युनि है – निद्युत मोटर
 रासायननक ऊजाण का निद्युत ऊजाण में रूपान्तरण होता है – इलेक्रोजलजसस द्वारा
 प्रत्यािती धारा को ढदष्ट धारा में पररिनति त करने िाली युनि को कहते हैं – रेक्टीफायर
 रान्सफॉमणर प्रयुक्त होते हैं – AC िोल्‍टटे ज का उपचयन या अपचयन करने के जलए
 प्रनतदीनप्त नली में सिाणधधक सामान्यत: प्रयोग होने िाली िस्तु है – पारा िाष्प तथा ऑगणन
 तीन नपन नबजली के प्लग में सबसे लम्बी नपन को जोड़ना चाढहए – आधार जसरे से
 दो निद्युत आिेशों के बीच लगने िाले बल से सम्बन्धित है – कूलॉम का ननयम
 ट्यूब लाइट (Tube Ligt) में व्यय ऊजाण का लगभग ककतना भाग प्रकाश में पररिनति त होता
है – 60-70%
 समान आिेशों में होता है – निकषणण
 तढड़त चालाक का आनिष्कार ककसने ककया – बैंजाधमन फ्रेंकजलन
 तढड़त चालक का आनिष्कार ककसने ककया – तााँबे के

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 100 िॉट िाले एक निद्युत लैम्प का एक ढदन में 10 घण्टे प्रयोग होता है। एक ढदन में लैम्प
द्वारा ककतनी युननट ऊजाण उपयुक्त होती है – 1 यूननट
 एक 100 िाट का नबजली का बल्‍टब 10 घण्टे जलता है, तो 5 रूपये प्रनत यूननट की दर से
निघुत खचण होगा– 5 रूपये
 ककलोिाट-घण्टा ककसकी इकाई है – निभिान्तर
 नबजली के खपत का नबल ककसके मापन पर आधाररत होता है – िाटेज
 फैराडे का ननयम सम्बन्धित है – निद्युत अपघटन से
 एक यूज तार का उपयोग ककसके जलए होता है – अत्यधधक धारा प्रिाह के समय निद्युत
पररपथ को तोड़ने के जलए
 घरेलू निद्युत् उपकरणों में प्रयुक्त सुरक्षा यूज तार उस धातु से बनी होती है, जजसका –
गलनांक कम हो
 निद्युत फयूज में इस्तेमाल ककया जाने िाला पदाथण रटन और सीसा का एक धमश्र धातु है। इस
धातु में – उच्च निजशष्ट प्रनतरोध एिं ननम्न गलनांक होना चाढहए
 नबजली सप्लाई के मेंस में यूज एक सुरक्षा उपकरण के रूप में लगा रृआ होता है। नबजली
के यूज के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सही है – इसका गलनांक ननम्न होता है
 धातुएाँ निद्युत की सुचालक होती है, क्योंकक – उनमें मुक्त इलेक्रॉन होते हैं
 अनतचालक का लक्षण है – उच्च पारगम्यता
 इले‍क्रक करेंट का यूननट कौन-सा है – अगण
 आपस में जुड़ी दो आिेजशत िस्तुओं के बीच निद्युत धारा नहीं बहती यढद िे होती हैं – समान
निभि पर
 नबजली के बल्‍टब का कफनामेन्ट ककस तत्ि से बना होता है – टं गस्टन
 बल्‍टब को जोड़ने पर तेज आिाज होती है, क्योंकक – बल्‍टब के अन्दर ननिाणत में तेजी से प्रिेश
करती है
 नबजली के बल्‍टब से हिा पूरी तरह से क्यों ननकाल दी जाती है – टं गस्टन तन्तु के उपचयन को
रोकने के जलए
 एक निद्युत सककिट में एक यूज तार का उपयोग ककया जाता है – सककिट में प्रिाढहत होने
िाली अधधक निद्युत धारा को रोकने के जलए

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 यूज (Fuse) का जसिान्त है – निद्युत का ऊष्मीय प्रभाि
 यूज तार (Fuse Wire) ककससे बनती है – रटन और सीसा की धमश्र धातु
 शीशे की छड़ जब भाप में रखी जाती है , इसकी लम्बाई बढ़ जाती परन्तु इसकी चौड़ाई –
अव्यिस्थित होती है
 लोलक घ‍ऺडयााँ गधमि यों में सुस्त क्यों हो जाती हैं – लोलक की लम्बाई बढ़ जाती है जजससे
इकाई दोलन में लगा समय बढ़ जाता है।
 एक धातु की ठोस गेंद के अन्दर कोटर है। जब इस धातु की गेंद को गमण ककया जाएगा तो
कोटर का आयतन – बढ़ेगा
 जब ककसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने ढदया जाता है तो बोतल टू ट जाती हैं,
क्योंकक – पानी जमने पर फैलता है।
 अत्यधधक शीत ऋतु में पहाड़ों पर पानी की पाइप लाइनें फट जाती हैं। इसका कारण है –
पाइप में पानी जमने पर फैल जाता है।
 दो रेल पटररयों के मध्य जोड़ पर एक छोटा सा स्थान क्यों छोड़ा जाता है – क्योंकक धातु गमण
करने पर फैलती है तथा ठण्डी होने पर संकुधचत होती है।
 ककसी झील की सतह पर पानी बस जमने ही िाला है। झील के अध:स्तल में जल का क्या
तापमान होगा– 40C
 बफण बनी झील के अन्दर मछजलयााँ जीनित रहती हैं, क्योंकक – झील की तली पर बफण नहीं
जम पाती।
 बफण पर दाब बढ़ाने से उसका गलनांक (m.p.) – घट जायेगा
 रि तापमापी की अपेक्षा गैस तापमापी अधधक संिेदी होता है, क्योंकक गैस – रि की अपेक्षा
अधधक प्रसार करती है।
 दूर की िस्तुओं जैसे सूयण आढद का ताप ककस तापमापी के द्वारा मापा जाता है – पूणण
निककरण उत्तापमापी द्वारा
 ठं डे देशों में पारा के स्थान पर ऐल्‍टकोहॉल को तापमापी रि के रूप में िरीयता दी जाती है,
क्योंकक – ऐल्‍टकोहॉल का रिांक ननम्नतर होता है।
 थमोकपल (तापयुग्मक) ऐल्‍टकोहॉल द्वारा क्यों बनाया जाता है – ऐल्‍टकोहॉल पारा से अधधक
सस्ता होता है।

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 सूयण का ताप मापा जाता है – पाइरोमीटर तापमापी द्वारा
 ऊष्मा (Heat) एक प्रकार की ऊजाण है जजसे कायण में बदला जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष
प्रमाण सबसे पहले ककसने ढदया – रमफोडण
 मानि शरीर का तापमान 60F होता है। सेल्सियस स्केल पर यह ककतना होगा – 370C
 ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक है – चााँदी
 ककसी िस्तु का ताप ककसका सूचक है – उसके अणुओं की औसत गनतज ऊजाण का
 सूयण की ऊष्मा पृथ्िी पर ककस प्रकार के संचार माध्यम से आती है – निककरण
 केप्सिन मान से मानि शरीर का सामान्य ताप है – 310
 ककतना तापमान होने पर पाठ्ांक सेल्सियस और फारेनहाइट तापमानपयों में एक ही होंगे –
(-400)
 न्यूनतम सम्भि ताप है – (-2730C )
 ”अच्छे उत्सजणक अच्छे अिशोषक होते हैं”, यह ननयम है – ककरचॉफ का ननयम
 थमणस फ्लास्क में ऊष्मा का क्षय रोका जा सकता है – चालन, संिहन ि निककरण से
 थमणस फ्लास्क की आन्तररक दीिारें चमकीली होती है – निककरण द्वारा होने िाली ऊष्मा
हानन को रोकने के जलए
 ढदन के समय पृथ्िी समुर के जल की अपेक्षा बरृत जल्‍टदी गमण हो जाती है, क्योंकक – जल की
निजशष्ट ऊष्माधाररता काफी अधधक होती है।
 मोटरगाड़ी के रेढडयेटर को ठण्डा करने के जलए पानी का व्यिहार ककया जाता है क्योंकक –
पानी की निजशष्ट ऊष्मा अधधक होती है।
 एक मनुष्य का तापिम 600C है, तो उसका तापिम फारेनहाइट में क्या होगा – 1400 F
 ककसी मनुष्य के शरीरका सामान्य तापिम होता है – 980F
 तप्त जल के थैलों में जल का प्रयोग ककया जाता है, क्योंकक – इसकी निजशष्ट ऊष्मा अधधक
है।
 धातु की चायदाननयों में लकड़ी के हैंडल क्यों लगे होते हैं – लकड़ी ऊष्मा की कुचालक होती
है।
 जब गमण पानी को मोटे कााँच के नगलास के ऊपर धछड़का जाता है तो िह टू ट जाता है। इसका
कारण है – अचानक ही नगलास निस्ताररत हो जाता है।

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 पानी का घनत्ि ककस ताप पर अधधकतम होता है – 40C पर
 सूयण निककरण का कौन-सा भाग सोलर कुकर को गमण कर देता है – अिरक्त ककरण
 शीतकाल मे कपड़े हमें गमण रखते हैं, क्योंकक – शरीर की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकते हैं।
 पानी कब उबलता है – जल का स्थितीय िाष्प दाब िातािरणीय दाब के बराबर होता है।
 रिों तथा गैसों में ऊष्मा का स्थानान्तरण ककस निधध द्वारा होता है – संिहन
 पानी से भरे नगलास में बफण का एक टु कड़ा तैर रहा है। टु कड़े के पूरा नपघल जाने पर नगलास
में पानी का तल – अपररिनति त रहता है।
 आप्सिक संघटन के द्वारा ऊष्मा का सम्प्रेषण क्या कहलाता है – संिहन
 दाब बढ़ने से ककसी रि का क्िथनांक – बढ़ेगा
 भाप से हाथ अधधक जलता है, अपेक्षाकृत उबलने िाले जल से क्योंकक – भाप में गुप्त ऊष्मा
होती है
 बफण के दो टु कड़ों को आपस में दबाने पर टु कड़े आपस में धचपक जाते हैं, क्योंकक – दाब
अधधक होने से बफण का गलनांक घट जाता है
 काले िस्त्रों के मुकाबले श्िेत िस्त्र शीतल क्यों होते हैं – उनके पास जो भी प्रकाश परृाँचता है
उसे िे परािनति त करते हैं
 ऊनी कपड़े सूती िस्त्रों की अपेक्षा गमण होते हैं, क्योंकक िे – ताप के अच्छे रोधक होते है
 बोलोमीटर (Bolometer) एक यंत्र है जो मापता है – ऊष्मीय निककरण
 ठण्ड के ढदनों में लोहे के गुटके और लकड़ी के गुटके को प्रात: काल में छु एाँ तो लोहे का गुटका
ज्यादा ठण्डा लगता है, क्योंकक – लकड़ी की तुलना में लोहा ऊष्मा का अच्छा चालक है
 कड़े जाड़े में झील की सतह ढहमशीनतत हो जाती है, ककन्तु उसके तल में जल रि अिस्था में
बना रहता है। यह ककस कारण से होता है – जल की सघनता 40C पर अधधकतम होती है
 जजस ताप पर कोई ठोस पदाथण ऊष्मा पाकर रि में पररणणत होता है, कहलाता है – गलनांक
 जजस ताप पर कोई रि ऊष्मा पाकर िाष्प में बदलता है, कहलाता है – क्िथनांक
 जब बफण को 00C से 100 C तक गमण ककया जाता है , तो जल का आयतन – पहले कम होता
है और उसके बाद बढ़ता है
 रेफ्रीजरेटर में थमोस्टे ट (Thermostat) का कायण है – एकसमान तापमान बनाये रखना
 ऊष्मागनतकी का प्रथम ननयम ककस अिधारणा की पुधि करता है – ऊजाण संरक्षण

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 ननम्नतापी इं जनों (Cryogenic engine) का अनुप्रयोग होता है – रॉकेट प्रौद्योनगकी में
 न्यून तापामानों (Cryogenics) का अनुप्रयोग होता है – अन्तररक्ष यात्रा, चुम्बकीय
प्रोत्थापन एिं दूरधमनत में
 प्रेशर कुकर में चािल जल्‍टदी पकता है, क्योंकक – उच्च दाब जल के क्िथनांक को बढ़ा देता है
 मनुष्य आरणता से परेशानी महसूस करता है। इसका कारण क्या है – पसीने का आरणता के
कारण िाम्ित नहीं होना
 ककसी रि का उसके क्िथनांक से पूिण उसके िाष्प में बदलने की प्रकिया को क्या कहते है –
िाष्पीकरण
 पहाड़ों पर पानी ककस तापमान पर उबलने लगता है – 100 ढडग्री सेल्सियस से कम
 सूयण की सतह का ताप होता है – 6000K
 जब पानी में नमक धमलाया जाता है, कौन-सा पररितणन होता है – क्िथनांक बढ़ता है और
जमाि नबन्दु घटता है
 गमण मौसम में पंखा चलाने से आराम महसूस होता है, क्योंकक – हमारा पसीना तेजी से
िाष्पीकृत होता है
 कमरे को ठण्डा ककया जा सकता है – सम्पीढडत गैस को छोड़ने से
 कोई नपण्ड ऊष्मा का सबसे अधधक अिशोषण करता है, जब िह हो – काला और खुरदरा
 ककस नबन्दु पर फारेनहाइट तापिम सेन्टीग्रेड तापिम का दोगुना होता है – 1600F
 थमाणमीटरों में आमतौर पर पारद का प्रयोग ककया जाता है, क्योंकक इसमें – उच्च चालकता
होती है
 अशुधियों के कारण रि का क्िथनांक (B.P) – बढ़ जाता है
 एक स्िस्थ मनुष्य के शरीर का ताप होता है – 37 ढडग्री सेल्सियस
 प्रेशर कुकर में खाना कम समय में पकड़ता है, क्योंकक – अधधक दाब के कारण उबलते पानी
का ताप बढ़ जाता है
 गमण करने से निस्तारण – पदाथण का घनत्ि घटा देता है
 गधमि यों में सफेद कपड़े पहनना आरामदेह है, क्योंकक – ये अपने ऊपर पड़ने िाली सभी ऊष्मा
को परािनति त कर देते हैं

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 खाना पकाने के बतणनों में लकड़ी अथिा बैकेलाइट का हैंडल होता है, क्योंकक – लकड़ी और
बैकेलाइट ऊष्मा के खराब संिाहक (चालक) होते हैं
 यढद ककसी स्थान के तापमान में सहसा िृधि होती है तो आपेजक्षक आरणता – घटती है।
 सेल्सियस में माप का कौन-सा तापिम 300 K के बराबर है – 270C
 थमोस्टे ट िह यंत्र है जो – ककसी ननकाय का तापिम स्िननयंकत्रत करता है।
 ऊाँची पहा‍ऺडयों पर ढहमपात क्यों होता है – ऊाँची पहा‍ऺडयों पर तापमान ढहमांक से कम होता
है, अत: जलिाष्प जमकर बफण बन जाती है।
 पिणतों पर आच्छाढदत ढहम सूयण की गमी द्वारा एक साथ न नपघलने का कारण है – यह सूयण से
प्राप्त अधधकांश ऊष्मा को परािनति त कर देता है।
 पहाड़ की चोरटयों पर आलुओं को पकाने में अधधक समय लगता है क्योंकक – िायुमण्डलीय
दाब कम होता है।
 तेज हिा िाली राकत्र में ओस नहीं बनती है, क्योंकक – िाष्पीकरण की दर तेज होती है।
 ठोस कपूर से कपूर िाष्प बनाने की प्रकिया को कहते हैं – ऊध्िणपातन
 00C पर जल और बफण किस्टल साम्यािस्था में होते हैं। जब इस प्रणालीपर दाब प्रयुक्त
ककया जाता है तब– बफण का अधधक भाग जल बन जाता है।
 धमट्टी के घड़े में ककस किया के कारण जल ठण्डा रहता है – िाष्पीकरण
 00C पर एक नगलास का पानी बफण में नहीं बदलता। इसका क्या कारण है – नगलास के
पानी को जमाने के जलए उसमें से कुछ मात्रा में ऊष्मा ननकाल देनी आिश्यक है।
 प्रेशर कुकर में भोजन तेजी से पकता है, क्योंकक िायुदाब में िृधि – क्िथनांक को बढ़ा देती
है।
 एक थमाणमीटर जो 2000C मापने हेतु उपयुक्त हो, िह है – पूणण निककरण पाइरोमीटर
 जब सीले नबस्कुटों को थोड़ी देर के जलए कफ्रज के अन्दर रखा जाता है तो िह कुरकुरे हो जाते
हैं, क्योंकक – कफ्रज के अन्दर आरणता कम होती है और इसजलए अनतररक्त नमी अिशोनषत हो
जाती है।
 शीत काल में एक मोटी कमीज की अपेक्षा दो पतली कमीजें जमें अधधक गरम क्यों रख
सकती है – दो कमीजों के बीच िायु की परत रोधी के माध्यम के रूप में काम करती है।

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 िाष्प इं जन में उबलते रृए जल का तापमान ककस कारण से उच्च हो सकता है – बॉयलर के
अन्दर उच्च दाब होता है।
 शीतकाल में हैंडपम्प का पानी गमण होता है, क्योंकक – पृथ्िी के भीतर तापमान िायुमण्डल के
तापमान से अधधक होता है।
 ऊष्मा का यूननट है – जूल
 ताप का SI मात्रक है – केप्सिन
 जलप्रपात के अधस्तल पर जल का तापमान ऊपर की अपेक्षा अधधक होने का कारण है –
नगर रहे जल की गनतज ऊजाण ऊष्मा में बदल जाती है।
 जब ककसी रि की 1 ककग्रा मात्राअपने क्िथनांक पर रि से िाष्प में पररिनति त होती है, तो
इसमें अिशोनषत होने िाली ऊष्मा को क्या कहते हैं – िाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा
 ब्लैक बॉडी ककसके निककरण को अिशोनषत कर सकती है – केिल उच्च तरं गदैध्यण
 शीत ऋतु के ढदनों में हम, मौसम ककस प्रकार का होने पर, ज्यादा ठण्ड महसूस करते हैं –
साफ मौसम
 ध्िनन का तारत्ि (Pitch) ककस पर ननभणर करता है – आिृनत्त
 श्रव्य पररसर में ध्िनन तरं गों की आिृनत्त क्या होती है – 20 Hz से 20,000 Hz
 पराध्िननक निमान उड़ते हैं – ध्िनन की चाल से अधधक चाल से
 चमगादड़ अंधेरे मे उड़ सकती है, क्योंकक – िे अनत तीव्र ध्िनन तरं ग पैदा करती है जो उसका
ननयंत्रण करती है।
 ध्िनन तीव्रता की डेसीबल में िह अधधकतम सीमा जजसके ऊपर व्यनि सुन नहीं सकता – 95
Db
 पराश्रव्य तरं गें मनुष्य द्वारा – नहीं सुनी जा सकती है।
 पराश्रव्य तरं गों को सबसे पहले ककसने सीटी बजाकर उत्पन्न ककया था – गाल्‍टटन ने
 जशकार, परभजक्षयों या बाधाओं का पता लगाने के जलए चमगादड़ अथिा डॉन्थिन ककस
पररघटना का प्रयोग करते हैं – प्रनतध्िनन का ननधाणरण
 नजदीक आती रेलगाड़ी की सीटी की आिाज बढ़ती जाती है जबकक दूर जाने िाली रेलगाड़ी के
जलए यह घटती जाती है। यह घटना उदाहरण है – डॉप्लर प्रभाि का

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 100 डेसीबल का शोर स्तर ककसके संगत होगा – ककसी मशीन की दुकान से आने िाला
शोरगुल
 ककस तरं ग का प्रयोग राकत्र रॅधि उपकरण मे ककया जाता है – अिरक्त तरं ग
 ध्िनन तरं गों की प्रकृनत होती है – अनुदैध्यण
 लगभग 200C के तापिम पर ककस माध्यम में ध्िनन की गनत अधधकतम रहेगी – लोहा
 रेढडयो का समस्िरण स्टे शन उदाहरण है – अनुिाद
 जब ककसी स्थान पर दो लाउडस्पीकर साथ-साथ बजते हैं, तो ककसी स्थान निशेष पर बैठे
श्रोता को इनकी ध्िनन नहीं सुनाई देती है। इसका कारण है – व्यनतकरण
 स्पष्ट प्रनतध्िनन सुनने के जलए पराितणक तल ि ध्िनन स्रोत के बीच न्यूनतम दूरी होनी
चाढहए – 30 मीटर
 जब सेना पुल को पार करती है तो सैननकों को कदम से कदम धमलाकर न चलने का ननदेश
ढदया जाता है, क्योंकक – पैरों से उत्पन्न ध्िनन के अनुनाद के कारण पुल टू टने का खतरा रहता
है।
 हम रेढडयो की घुण्डी घुमाकर निधभन्न स्टे शनों के कायणिम सुनते हैं। यह सम्भि है – अनुनाद
के कारण
 ककसी ध्िनन स्रोत की आिृनत्त में होने िाले उतार-चढ़ाि को कहते हैं – डॉप्लर प्रभाि
 डॉप्लर प्रभाि सम्बन्धित है – ध्िनन से
 पास आती रृई रेलगाड़ी की सीटी की आिृनत्त या तीक्ष्णता बढ़ती जाती है, ऐसा ककस घटना के
कारण होता है – डॉप्लर प्रभाि
 ध्िनन तरं गें ककसके कारण प्रनतध्िनन उत्पन्न करती है – पराितणन
 स्टे थोस्कोप ध्िनन के ककस जसिान्त पर कायण करता है – पराितणन
 प्रनतध्िनन तरं गों के कारण उत्पन्न होता है – पराितणन
 सोनार (Sonar) अधधकांशत: प्रयोग में लाया जाता है – नौसंचालकों द्वारा
 एक जेट िायुयान 2 मैक के िेग से हिा में उड़ रहा है। जब ध्िनन का िेग 332 मी/से है तो
िायुयान की चाल ककतनी है – 664 मी/से
 लगभग 200C के तापिम पर ककस माध्यम में ध्िनन की गनत अधधकतम होगी – लोहा
 एक जैि पिनत जजसमें पराश्रव्य ध्िनन का उपयोग ककया जाता है – सोनोग्राफी

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 कौन-सी तरं गे शून्य में संचरण नहीं कर सकती – ध्िनन
 यढद va, vw, तथा vs िमश: िायु, जल एिं इस्पात में ध्िनन का िेग हो तो – va < vw < vs
 ध्िनन नहीं गुजर सकती – ननिाणत से
 िह उपकरण जो ध्िनन तरं गों की पहचान तथा ऋजुरेखन के जलए प्रयुक्त होता है क्या
कहलाता है – सोनार
 पराध्िननक निमान कौन-सी प्रघाती तरं ग पैदा करते हैं – पराश्रव्य तरं ग
 इको साउन्धडिंग प्रयोग होता है – समुर की गहराई मापने के जलए
 चन्रमा के धरातल पर दो व्यनि एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते, क्योंकक – चन्रमा पर
िायुमण्डल नहीं है।
 धचल्‍टलाते समय व्यनि हमेशा हथेली को मुाँह के समीप रखते हैं, क्योंकक – उस स्थिनत में ध्िनन
ऊजाण जसफण एक ढदशा में इं नगत होगी।
 डेसीबल इकाई का प्रयोग ककया जाता है – ध्िनन की तीव्रता के जलए
 ध्िनन या ध्िनन प्रदूषण मापा जाता है – डेसीबल मे
 िायु में ध्िनन की चाल 332 मीटर प्रनत सेकेण्ड होती है। यढद दाब बढ़ाकर दोगुना कर ढदया
जाए तो ध्िनन की चाल होगी – 332 मी/सेकेण्ड
 ध्िनन सबसे तेज यात्रा ककसमें करती है – स्टील में
 बादलों की नबजली की चमक के काफी समय बाद बादलों की गजणन सुनायी देती है। इसका
कारण है – प्रकाश की चाल ध्िनन की चाल से बरृत अधधक है।
 िायु में ध्िनन का िेग है लगभग – 330 मी/से
 ध्िनन के िेग का मान सबसे कम होता है – गैस में
 जजस तत्ि के परमाणु में दो प्रोटॉन, दो न्यूरॉन और दो इलेक्रॉन हों, उस तत्ि का रव्यमान
संख्या ककतनी होती है – 4
 नाधभक का आकार है – 10-15 मी
 पोजजरॉन (Positron) की खोज ककसने की थी – एण्डरसन
 हाइड्रोजन परमाणु के न्यूक्सियस में प्रोरॉन की संख्या है – एक
 इलेक्रॉन की खोज की थी – थॉमसन
 ककसी तत्ि की परमाणु संख्या है – नाधभक में प्रोरॉन की संख्या

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 सूयण पर ऊजाण का ननमाणण होता है – नाधभकीय संलयन द्वारा
 ककसमें ऋणात्मक आिेश होता है – ß कण
 नाधभकीय ररएक्टर और परमाणु बम में यह अन्तर है कक – नाधभकीय ररएक्टर मे श्रृख
ं ला
अधभकिया ननयंकत्रत होती है।
 ऐल्‍टफा कण के दो इकाई धन आिेश होते हैं। इसका रव्यमान लगभग बराबर होता है –
हीजलयम के एक परमाणु के
 कोबाल्‍टट-60 आमतौर पर निककरण धचककत्सा में प्रयुक्त होता है, क्योकक यह उत्सजजि त करता
है – गामा ककरणें
 परमाणु के नाधभक में होते हैं – प्रोटॉन ि न्यूरॉन
 न्यूरॉन की खोज की थी – चैडनिक
 लेजर (LASER) बीम सदा होती है – अपसारी बीम
 प्रकाश ककरण पुंज जो अत्यन्त ढदजशक हो, कहलाती है – लेसर
 परमाणु में प्रोटॉन रहते हैं – नाधभक के भीतर
 इलेक्रॉन िहन करता है – एक यूननट ऋणािेश
 समस्थाननक परमाणुओं में – प्रोटॉनों की संख्या समान होती है।
 समस्थाननक (Isotopes) होते हैं, ककसी एक ही तत्ि के परमाणु जजनका – परमाणु भार
धभन्न ककन्तु परमाणु िमांक समान होता है।
 ककसी परमाणु नाधभक का आइसोटोप िह नाधभक है, जजसमें – प्रोटॉनों की संख्या िही होती
है, परन्तु न्यूरॉनों की संख्या धभन्न होती है।
 ऐसे दो तत्िों जजनमें इलेक्रॉनों की संख्या धभन्न-धभन्न हो, परन्तु जजनकी रव्यमान संख्या
समान हो, को कहते हैं – समभाररक
 ऐसे परमाणु जजनके परमाणु िमांक समान परन्तु परमाणु रव्यमान धभन्न-धभन्न होते हैं,
कहलाते हैं – समस्थाननक
 नाधभकीय संलयन को ताप नाधभकीय अधभकिया भी क्यों कहते हैं – संलयन में काफी ऊष्मा
पैदा होती है।
 रेढडयो काबणन डेरटिं ग की उम्र ज्ञात करने के जलए प्रयुक्त ककया जाता है – जीिाश्मों को
 परमाणु ररएक्टर क्या है – भारी पानी का तालाब

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 पृथ्िी की आयु का ननधाणरण ककस निधध द्वारा ककया जाता है – यूरेननयम निधध
 परमाणु पाइल का प्रयोग कहााँ होता है – ताप नाधभकीय संलयन के प्रचालन में
 क्यूरी ककसकी इकाई का नाम है – रेढडयोऐन्थिि धधमि ता
 नाधभकीय ररएक्टरों में ऊजाण उत्पन्न होती है – ननयंकत्रत निखण्डन द्वारा
 डायोड िह प्रयुनि है जो धारा को – एक ढदशा में प्रिाढहत होने देती है।
 डायोड से धारा ककतनी ढदशाओं में बहती है – एक ढदशा में
 जसजलकॉन (Silicon) हैं – सेमीकंडक्टर
 रांजजस्टर के संनिरचन में ककस िस्तु का प्रयोग होता है – जसजलकॉन
 एकीकृत पररपथ में प्रयुक्त अिणचालक धचप बनी होती है – जसजलकॉन से
 ऑटो हान ने अणुबम की खोज ककस जसिान्त के आधार पर ही – यूरेननयम निखण्डन
 लेजर एक युनि है , जजसके द्वारा उत्पन्न ककया जाता है – िणणनिक्षेनपत निककरण
 ननम्नतापी इं जनों (िायोजेननक इं जन) का अनुप्रयोग ककया जाता है – रॉकेट में
 निद्युत उत्पन्न करने के जलए कौन-सी धातु का उपयोग होता है – यूरेननयम
 तारे अपनी ऊजाण ककस प्रकार प्राप्त करते हैं – नाधभकीय संयोजन के फलस्िरूप
 सूयण की ऊजाण उत्पन्न होती है – नाधभकीय संलयन द्वारा
 जब TV का न्थिच ऑन ककया जाता है, तो – रॅश्य तुरन्त प्रारम्भ हो जाताहै, लेककन श्रव्य बाद
में सुनाई देता है, क्योंकक ध्िनन प्रकाश की अपेक्षा कम िेग से चलती है।
 न्यूनतम तापमान पैदा करने के जलए ककस जसिान्त का प्रयोग ककया जाता है – अनतचालकता
 जसतारों में अक्षय ऊजाण के स्रोत का कारण है – हाइड्रोजन का हीजलयम में पररितणन
 कौन-सी धातु अिण चालक की तरह रांजजस्टर में प्रयोग होती है – जमेननयम
 एक टीिी सेट को चलाने के जलए ककसको टीिी ररमोट ननयंत्रण इकाई द्वारा प्रयोग ककया जाता
है – सूक्ष्म तरं गें
 दूरदशणन के संकेत एक ननद्भित दूरी के बाद नहीं धमल सकते क्योंकक – पृथ्िी की सतह
ििाकार है।
 टेलीनिजन जसग्नल एक निजशष्ट दूरी के बाद सामान्यतया टीिी सेट द्वारा ग्रहण नहीं ककये जाते
हैं, इसका कारण है – पृथ्िी की ििता

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 रडार का उपयोग ककसजलए ककया जाता है – जहाजों, िायुयानों आढद को ढूाँ ढना एिं मागण
ननदेश करने के जलए
 कत्रनिमीय धचत्र ककसके द्वारा जलया जाता है – होलोग्राफी
 लेसर बीम का उपयोग होता है – गुदे की धचककत्सा में
 लेसर अथिा ककसी संसक्त प्रकाश स्रोत से ननकली दो प्रकाश ककरणों के व्यनतकरण से
कत्रनिमीय प्रनतनबम्ब बनाने से सम्बन्ध संिृनत कहलाती है – होलोग्राफी
 लेसर ककरण होती है – केिल एक रं ग की
 परमाणु जजनमें प्रोटॉनों की संख्या समान परन्तु न्यूरॉनों की संख्या धभन्न-धभन्न रहती है, क्या
कहलाते हैं – समस्थाननक
 एक भारी नाधभक के दो हल्‍टके नाधभकों में टू टने की प्रकिया को कहते है – नाधभकीय निखण्डन
 हाइड्रोजन बम आधाररत है – नाधभकीय निखण्डन पर
 सबसे पहला नाधभकीय ररएक्टर बनाया था – फमी
 परमाणु बम का जसिान्त आधाररत है – नाधभकीय निखण्डन पर
 सिणप्राचीन शैल समूह की आयु आाँकी जाती है – K-Ar निधध से
 नाधभकीय ररएक्टर में भारी जल (D2O) का प्रयोग ककस रूप में ककया जाता है – मंदक
 रव्यमान-ऊजाण सम्बन्ध ककसका ननष्कषण है – सापेक्षता का सामान्य जसिान्त
 एक प्रकाश निद्युत सेल पररिनति त करता है – प्रकाश ऊजाण को निद्युत ऊजाण में
 बेररयम एक उपयुक्त रूप में रोनगयों को पेट के एक्स ककरण परीक्षण से पूिण णखलाया जाता है,
क्योंकक – बेररयम एक्स ककरणों का एक अच्छा अिशोषक है और इससे धचत्र में पेट की
(अन्य क्षेत्रों की तुलना में) स्पष्टता से देखने में सहायता धमलती है।
 कूजलज नजलका का प्रयोग क्या उत्पन्न करने के जलए ककया जाता है – एक्स ककरणें
 X-ककरणें ककसको पार नहीं कर सकती है – अस्थि
 अनतचालकता ककस तापमान पर अत्यधधक आधथि क महत्ि की हो सकती है, जजससे लाखों
रूपये की बचत हो – सामान्य तापमान पर
 एक्स-ककरणों की बेधन क्षमता ककसके द्वारा बढ़ाई जा सकती है – कैथोड और एनोड के बीच
निभिान्तर बढ़ाकर
 पहले तापायननक बल्‍टब का आनिष्कार ककसने ककया था – जे. ए. फ्लेधमिं ग ने

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 इलेक्रॉन का रव्यमान MeV में होता है – 51 MeV
 एक माइिॉन में ककतने मीटर होते हैं – 10-6
 एक जूल में ककतनी कैलोरी होती है – 24
 1 माइिोमीटर बराबर होता है – 10-3 मीटर
 डायनेमों में ऊजाण पररितणन होता है – यांकत्रक ऊजाण से निद्युत ऊजाण में
 रासायननक ऊजाण को निद्युत ऊजाण में पररिनति त करता है – बैटरी
 तेल का एक बैरल लगभग ककसके बराबर है – 159 लीटर
 कौन-सा िैज्ञाननक अपने बेटों के साथ नोबेल पुरस्कार का सहनिजेता था – निजलयम हैनरी
िैग
 छह फुट लम्बे व्यनि की ऊाँचाई नैनोमीटर में कैसे व्यक्त की जाएगी – लगभग 183 x
107 नैनोमीटर
 एक प्रकाश िषण में ककतनी दूरी होती है – 46 x 1012 km
 एक नैनोमीटर (Nanometer) बराबर होता है – 10-7 cm
 1 ककलो कैलोरी ऊष्मा का मान होता है – 2 x 103 जूल
 1 मेगािाट घण्टा (MWh) बराबर होता है – 6 x 109 जूल
 1 जूल बराबर होता है – 107 अगण
 एक नैनो सेकेण्ड में होते हैं – 10-9 s
 एक एंग्स्राम में ककतने मीटर होते हैं – 10-10 m
 एक अश्िशनि (HP) में होते हैं – 746 W
 रेन्थिफायर का प्रयोग ककया जाता है – AC को DC में बदलने के जलए
 इलेक्रॉननक् कम्प्यूटर का आनिष्कार ककसने ककया – डॉ. अलान एम. टू ररिं ग
 थमोस्टे ट का प्रयोजन क्या है – तापमान को स्थिर रखना
 ररकॉडण करने और ररकॉडण की रृई ढडक्टे शन को पुन: ररप्रोड्यूश करने के जलए प्रयुक्त उपकरण
को कहा जाता है – ढडक्टाफोन
 साइक्लोरॉन एक ऐसी युनि है, जो – आिेजशत कणों को ऊजाण प्रदान करती है।
 कृष्ण धछर (Block Hole) जसिान्त को प्रनतपाढदत ककया था – एस. चन्रशेखर ने
 प्रकाश-निद्युत सेल बदलता है – प्रकाश ऊजाण को निद्युत ऊजाण में

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 1 खगोलीय इकाई औसतन बराबर होती है – पृथ्िी और सूयण की दूरी के
 एक माइिोन ककसके बराबर होता है – 001mm
 एक ककलोग्राम राजश का िजन है – 8 न्यूटन
 एक प्रकाश िषण ककसके सिाणधधक समीप है – 1015 m
 ननिाणत में प्रकाश की चाल होती है – 3 x 108 मीटर/ सेकण्ड
 प्लांक ननयतांक का मान ककतना होता है – 6.6 x 10-34 जूल सेकण्ड
 एक माइिोन बराबर है – 1/1000 mm
 एक पीकोग्राम बराबर होता है – 10-12 g
 1 ककलोमीटर दूरी का तात्पयण है – 1000 m
 1 नॉरटकल मील बराबर होता है – 1.85 Km
 1 फैदम बराबर होता है – 1.80 Km
 1 मील बराबर होता है – 1.61 Km
 1 बैरल में ककतने जलटर होते है – 159
 1 बार बराबर होता है – 105 Pa
 तारों के मध्य दूरी मापने की इकाई है – प्रकाश िषण
 टैककयॉन से तात्पयण है – प्रकाश की गनत से तीव्र गनत िाले कण
 भौनतकी में चतुथण आयाम का पररचय ढदया – आइन्स्टीन ने
 सूयण की ककरणों की तीव्रता मापने िाले उपकरण को क्या कहते हैं – एन्थिओमीटर
 उड़ते रृए चक्के की प्रनत सेकण्ड घूणणन ककससे मापी जाती है – स्रोबोस्कोप
 रडार उपयोग में आता है – रेढडयो तंरगों द्वारा िस्तुओं की स्थिनत ज्ञात करने में
 कौन-सा उपकरण धचककत्सकों द्वारा इस्तेमाल ककया जाता है – स्टे थोस्कोप
 चन्रा एक्स रे दूरबीन का नाम ककस िैज्ञाननक के सम्मान में रखा गया – एस. चन्रशेखर
 साइक्लोरान ककसको त्िररत करने के जलए प्रयुक्त ककया जाता है – परमाणु
 पाइरोमीटर ककसे मापने में प्रयोग में लाया जाता है – उच्च तापमान
 कूजलज-नजलका का प्रयोग क्या उत्पन्न करने के जलए ककया जाता है – एक्स ककरणों
 िायुयान का आनिष्कार ककसने ककया था – ओ. राइट एिं डब्ल्‍टयू. राइट

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