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Assignment 6-L4-Group-C-Final
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।।
Hindu Gods Infographics
01 02
Mercury Venus
Mercury is the Venus has a
closest planet to beautiful name
the Sun but is very hot
03 04
Jupiter Saturn
Jupiter is the Saturn is a gas
biggest planet of giant with several
them all rings
Introduction-Group-C Level-4
Assignment-6 Hemangini Desai Mataji(Group Leader)
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।।
प्रश्न = मुख्य दार्शनिक अवधारणाओं के वर्गो की पहचाि करते हुए और वे कैसे जुड़ते है भर्गवत र्गीता
के अध्याय 3 का सारांर् प्रस्तुत करें
अर्जुन ने कहा हे र्नार्ु न हे केशव यदर्आप बजद्धि को सकाम कमु से श्रेष्ठ मानते हैं तो मजझे इस घोर यजि में क्ोों लगाना चाहते है मेरी
बजद्धि आपके उपर्े शोों से मोदहत हो गई है इसदलए कृपा करके र्ो मेरे दलए श्रेष्सकर वह बताइए
भर्गवाि कहते हैं नक
कजछ पजरुष बजद्धि को परमात्मा में यज्ञ द्वारा र्े वताओों को वास्तव में सारे कमु तो
प्रसन्न करें इस तरह प्रकृदत के 3 गज णोों द्वारा अपने
आत्मसाक्षात्कार को लगाने का मतलब यह
र्े वताओों द्वारा प्रर्ान दकए आप होते हैं लेदकन अहों कार
ज्ञानयोग द्वारा समझना नहीों दक हम कमो को से मोदहत होकर मनज ष्य
धन पर्ार्ु आदर् से भगवान
चाहते है कजछ भद्धिमय त्याग र्ें क्ोोंदक कमों की सेवा करें र्े वताओों की सोचता है दक मैं ही कर रहा
में सेवा के द्वारा का त्याग क्षण भर के सेवा करें बार् में र्ो बचता हों | मजझ परमात्मा में अपनी
समझना चाहते हैं दलए भी सोंभव नहीों है बज द्धि को द्धिर कर के कमु
है वही मनजष्य को ग्रहण
करो और इसे मानने में
करना चादहय
कल्याण है
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Sunita Sharma Mataji
प्रश्न: समझाईयेक की कैसे संकीतशि यज्ञ करिे से दे वता स्वत: ही संतुष्ट हो जाते है !(BG 3.10-16)
संकीतशि यज्ञ यहां यज् का मतलब है पूजा करिा या सेवा करिा और या का अर्श है नकसको .
यज्ञ का अर्श है सवोच्च भर्गवाि की पूजा करिा या सवोच्च भर्गवाि की सेवा करिा
यज्ञ दवहीन पापी र्ीवन :र्ो मनजष्य वेर्ोों द्वारा िादपत यज्ञ चक्र का पालन
नहीों करता वह पापमय र्ीवन व्यतीत करता है ।इनद्रीयाराम और
आत्माराम।भगवान चैतन्य द्वारा प्रदतपादर्त हरे कृष्ण महामोंत्र का दनयदमत
र्ाप ही सोंदकरतन यज्ञ कहलता है ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Mahuya Roshan Mataji
प्रश्न- आचायश नसद्ांत की व्याख्या करें , जैसा नक ३.२१ में उल्लिल्लखत है , और इसकी प्रासंनर्गकता पर चचाश करें , नवर्ेष रूप
से इसकी अिुपल्लिनत के पररणामों के संबंध में, आपके नलए व्यल्लक्तर्गत रूप से, और सामान्य रूप से इस्कॉि सदस्ों के
नलए।
महापुरुष जैसा कमश करते हैं , सामान्य लोर्ग उन्ी ं के पदनचन्ों पर चलते हैं । और
वे अिुकरणीय कायों द्वारा जो भी मािक िानपत करते हैं , सारी दु निया उिका
अिुसरण करती है ।
नजतिा अनधकार और र्ल्लक्त नमलती हैं ऩिम्मेदाररयााँ भी उतिी ही बढ़ जाती ं हैं .
श्री कृष्ण अजुशि को समझा रहे हैं नक तुम क्षनिय कुल के योद्ा हो और यनद तुम युद् से पलायि करोर्गे
तो बाकी लोर्गों के नलए यह एक ग़लत उदाहरण बि जाएर्गा.
अजुशि कहते हैं मुझे युद् में अपिे नप्रयजिों को मारिा हैं, कहिा आसाि है करिा मुल्लिल होता हैं . श्री
कृष्ण कहते हैं “मैं कहता ही िही ं हाँ , करता भी हाँ ”. एक अच्छा उदाहरण िानपत करिे के नलए तुम
युद् लड़ो, नसखाओ और एक आदर्श बिो.
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Padmini Rajawat Mataji
प्रश्न: अध्याल्लिक िे तृत्व के नसद्ांतों की पहचाि करे ओर आपके नलए उिकी प्रासंनर्गकता पर चचाश करे ?
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Loveleen Kohli Mataji
प्रश्न: बीजी 3.34 के कर्ि की प्रासंनर्गकता पर चचाश करें : "हमेर्ा दुर्शटिा की संभाविा है , यहां
तक नक र्ाही सड़कों पर भी", इस्कॉि सदस्ों और सामान्य रूप से समाज के नलए।
• इद्धियोों का इद्धिय दवषयोों के सार् स्वाभादवक रूप से राग और द्वे ष होता है दकन्तज मनजष्य को
इनके वशीभू त नहीों होना चादहए क्ोोंदक ये आत्म कल्याण के मागु के अवरोधक और शत्रज हैं ।
हालांनक उिका बहुत सावधािी से रखरखाव नकया जा सकता है , कोई भी र्गारं टी िही ं दे सकता है
नक सबसे सुरनक्षत सड़क पर भी कोई खतरा िही ं होर्गा।
नकसी को भी जीवि के नकसी भी स्तर पर कृष्णभाविामृत से अलर्ग होिे का प्रयास िही ं करिा चानहए । सभी
प्रकार के इल्लिय-आसल्लक्त से वैराग्य का संपूणश उद्दे श्य अंततः कृष्णभाविामृ त के मंच पर ल्लित होिा है ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Soumya Biswal Mataji
प्रश्न: वणाशश्रम धमश के कम से कम 3 नसद्ांतों पर चचाश करें जैसा नक भर्गवद् र्गीता अध्याय 2 और
अध्याय 3 में बताया है । इस्कॉि के नवकास ,वतशमाि और भनवष्य के संबंध में चचाश की र्गई है ।
1 ब्रह्मचयश:BG 2•31 के संदभश में- वणाश श्रम धमश के अिुसार स्वधमश का पालि करिा
अनिवायश है ।
वानप्रि:BG 2•32 के अनजसार क्षदत्रयोों के दलए सन्यास आश्रम ग्रहण करने का दवधान नहीों
3 है । शू द्र यदर् कृष्ण भावना भादवत वै ष्णव है तो वह प्रामादणक गज रु बनने योग्य है ।
सन्यास:वणाु श्रम धमु की चौर्ी अविा सन्यास।BG 2•15 के तात्पयु के अनजसार भौदतक बोंधनोों
4 से मजद्धि का एकमात्र उपाय सन्यास है ।
िाम निष्ठादास प्रभु जी की यदर् प्रत्येक दशष्य कम से
प्रे रणा सेअिुभवी र्गु रुओं द्वारा कम 2 लोगोों को इन कक्षाओों
इस्कॉि: नर्ष्यों को संकीतशि यज्ञ के नलए प्रेररत भल्लक्त एवं कमशयोर्ग को सरल
के दलए प्रेररत करें तो भगवान
करिा इस आं दोलि का केंद्र नबं दु है । र्ब्ों में समझािे के नलए
लर्गभर्ग सभी भारतीय भाषाओं के आशीवाु र् से इस्कॉन का
में कक्षाएं चल रही हैं । भदवष्य उज्जवल है ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Raksha Singh Mataji
प्रश्न: बताएं नक कृष्ण िे निधाशररत कतशव्यों का पालि क्ों नकया? (3.23)
श्रीकृष्ण कहते हैं , हे पार्श ! अर्गर मैं कमों को करिे में सावधािी ि बरतूाँ तो बड़ा अिर्श हो
जाएर्गा, हर श्रीकृष्ण का अिुसरण करता है और अर्गर आदर्श या भर्गवाि ही कुि िही ं करें र्गे
तो मिुष्य तो सब कुि करिा ही िोड़ दें र्गे।
जो सबसे बड़ा होता है और सवशश्रेष्ठ होता है सब उिका अिुसरण करते हैं , और अर्गर
श्रीकृष्ण यह सोचते की मैं तो भर्गवाि हाँ और मैं कमश िही ं करू
ाँ र्गा तो उन्ें नकसी और
को ज्ञाि दे िे का क्ा अनधकार रह जाता।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Hemangini Desai Mataji
प्रश्न: बताएं नक कृष्ण िे निधाशररत कतशव्यों का पालि क्ों नकया? (3.23)
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।। ©Hemangini Desai Mataji
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।।
धन्यवार्…र्ों डवत प्रणाम
Level-4-Group-C
1. The leader-Hemangini Desai Mataji
2. PPT Maker-Soumya Biswal Mataji
3. Sunita Sharma Mataji
4. Anita Khandelwal Mataji
5. Padmini Rajawat Mataji
6. Mahuya Roshan Mataji
7. Lovleen Kohli Mataji
8. Raksha Singh Mataji