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सांि यक क प रभाषाएँ
1- डॉ. बाउले ने सांि यक क तीन प रभाषाएँ द ह-
1. “ सांि यक य गणना का "व$ान है ।"
2. " सांि यक य को सह अथ* म, औसत. का "व$ान कहा जा सकता है ।"
3. " सांि यक वह "व$ान है जो सामािजक 0यव1था को स2पण
ू * मानकर सभी 4प. म, उसका मापन करती है
2- बॉ डंगटन के अनुसार, “सांि यक अनुमान. और स2भा"वताओं का "व$ान है । "
3 ो. यूल व ो. के!डाल के अनुसार, “आँकड़. से ता;पय* उन सं या;मक त<य. से है जो पया*=त सीमा तक अनेक >कार के कारण. से >भा"वत होते ह।"
सांि यक क )वशेषताएँ -
(1) सांि यक य आँकड़े त<य. के समूह ह-
(2) सांि यक सं या;मक 4प म, >दKश*त Sकये जाते ह
(3) सांि यक आँकड़े अनेक कारण. से >भा"वत होते ह –
(4) सांि यक आँकड़. को अनुमान या गणना _वारा एक@ Sकया जाता है -
(5) आँकड़े 0यवि1थत ढं ग से शुXता पूवक
* संGHहत होने चाHहए-
(6) आँकड़े पूव* Nनिeचत उfेeय से संGह Sकये जाने चाHहए-
(7) आँकड़े पर1पर संबंMधत होने चाHहए –
सांि यक का 1े2 _
(I) सांि यक र3'तयाँ - (II) 4यावहा रक सांि यक —
(1) समंक. का संGहण - (1) वण*ना;मक 0यावहा रक सांि यक है
(2) वगbकरण - (2) वै$ाNनक 0यावहा रक सांि यक
(3) समंक. का >1तुतीकरण -
(i) सांि य सारणी, (ii) Mच@ तथा (iii) रे खाMच@ अथवा gब?दरु े खीय
Mच@
(4) समंक. का "वeलेषण -
(5) Nनव*चन –
(6) पूवा*नुमान –
वग?करण के उ@े*य -
(1) आँकड़. को सरल व संw`=त बनाना -
(2) तुलना म, सहायता करना –
(3) समानता व असमानता म, 1पVटता व Nनिeचतता होना-
Business Staticstics – Unit – I
(4) तक* पूण* एवं वै$ाNनक 0यव1था करना
(5) पार1प रक स2ब?ध 1पVट करने म, सहायक –
(6) एक मानKसक Mच@ >1तुत करना -
वग?करण क र3'तयाँ -
1. गुणा&मक वग?करण,
(a) _व?_वभाजन वगbकरण –
(b) बहुगुणी वगbकरण-
2. सं या&मक वग?करण –
(i) भौगोKलक वगbकरण-
(ii) समयानस
ु ार वगbकरण-
(iii) चर मूhय वगbकरण-
(अ) खिiडत चर, (ब) सतत ् चर ।