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पानी को पवित्र कैसे बनाये (bapuji video)

अनंत
परम शांति बापूजी, बापज
ू ी आपका स्वागत है |आज हम आपसे यह जानना चाहते हैं कि
आजकल लोग मैंने कई यट्
ू यब
ू वीडियो में दे खा है -पानी चार्ज करने की अलग-अलग मंत्र
बताते हैं, अलग-अलग विधियां बताते हैं, तो आत्मा को शांति मिले, इसके लिए क्या मंत्र
है ? और पानी को चार्ज करने का जो फार्मूला है उस पर प्रकाश डालिए कि रियलिटी में
ऐसा होता है और क्या करना चाहिए ?

बापूजी
दे खो पानी जो मंत्र करके पहले ऋषि मुनि भी दे ते थे, तो पानी पीने वाले पर इफ़ेक्ट होती
थी| तो मैं आपको सीधा-साधा पानी मंत्र का उपाय बताता हूं कि आप को शांति चाहिए,
सारी दनि
ु या में अशांति हो गए हैं |अशांति के लिए सारी दनि
ु आ जिम्मेदार हैं, सारी दनि
ु आ
में नेगिटिव वाइब्रेशन है , सारा वायुमंडल नेगिटिव बन गया है | नेगिटिव वायुमंडल को
बदलने के लिए परम शांति की वाइब्रेशन फैलाने पड़ेंगे, परम शांति सोचो बोलो हमने मंत्र
दिया है - बेहद बेहद के बेहद की परम परम परम महा शांति सोचो बोलो परम शांति मिल
जाएगी | तो यह महामंत्र है बेहद के बेहद की परम परम परम महा शांति है , सोचने बोलने
से भी तम्
ु हारी आत्मा में वाइब्रेशन जाएंगे| जैसे जो कोई सोचता है , वही पाता है | संकल्पों
द्वारा तुम जो कुछ भी सोचते हो, सोचना भी एक कर्म है | मन वचन कर्म से आत्मा पर
रिएक्शन होता है , तो आत्मा रियल में शांति चाहते हैं तो, परम शांति चाहिए | अगर परम
शांति चाहिए तो तुम्हें परम शांति के आगे महा परम शांति, महा परम शांति के आगे,
परम परम परम महा शांति लगाओ, और उसके आगे बेहद के बेहद की परम परम परम
महा शांति बोलोगे तो तुम को जरूर मिलेगी | अब उसको पानी में react करो | जैसे पानी
का घड़ा है , घड़े पर दोनों हाथ रखो और बोलो बेहद के बेहद की परम परम परम महा शांति
है और वह पानी से घड़ा मंत्र हो जाएगा, तुम ये सोचोगे की पानी में मन्त्र के वाइब्रेशन जा
रहे है , जा रहे है तो घड़े के पानी में रिकॉर्ड हो जायेगा, तो जब भी टाइम मिले, यहाँ टाइम
की कोई लिमिट नहीं की सुबह करो या शाम को करो, जब भी टाइम मिले | तो पानी का
घड़ा हो, बोतल, गिलास जब भी टाइम मिले लो, तो उसके अंदर अगर तुम आत्मस्वरूप
बनके यह प्रयोग करोगे तो ज्यादा पावर आएगी | तुम आत्मा हो, आत्मा कहां रहती है ?
माइंड के बीच में | आत्मा शरीर को चलाती है माइंड द्वारा | तो आत्मस्वरूप बनो, आत्मा
की अनभ ु ति
ू करो कि मैं एक आत्मा हूं और आत्म स्वरुप में स्थित होकर अगर ये मंत्र
बोलोगे- बेहद के बेहद की परम परम परम महा शांति है | घड़े के ऊपर हाथ लगाओगे और
ऐसा सोचोगे की आत्मा से vibration के मन्त्र हाथ के द्वारा पानी के घड़े के अंदर जा रहे
है | और उससे और ज्यादा पावर चाहिए, बहुत पावर चाहिए, बहुत पावर चाहिए तो तुम
आतमसवरूप में रहकर ऑलमाइटी अथॉरिटी को याद करो, तो ऑलमाइटी अथॉरिटी कहां
रहता है ? ऑलमाइटी अथॉरिटी ऊंच से ऊंच परमधाम, बेहद की कला के परम धाम में
रहता है | तो ऑलमाइटी अथॉरिटी जो राम और कृष्ण का अवतार है तो वह ऊंच से ऊंच
परम धाम में रहता है | बेहद के ज्ञान के हिसाब से थोड़ा समझ लो, कि जैसे साइंस वाले
बताते हैं Galaxy, यूनिवर्स, Multiverse, तो एक ब्रम्हांड जैसे शास्त्रों के हिसाब से अनंत
कोटि ब्रम्हांड कहते हैं, तो अनंत कोटि ब्रम्हांड मना Galaxy, Galaxy मना एक
आकाशगंगा, एक आकाशगंगा में अनंत कोटि ब्रम्हांड है , अनंतकोटी शिव है , शिव का
रचयिता महाशिव है , महा शिव का रचियता परम महा शिव है , यूनिवर्स है , यूनिवर्स
mean परम महा शिव, ऐसे परम परम परम करते जाओ तुम Multiverse होता है ,
Multiverse 100 कला का है , यनि
ू वर्स 16 कला का है , इनसे ऊपर 200 कला,300 कला
का, 500 कला इससे से भी ऊपर बेहद की कला का ब्रह्मांड है |और बेहद की कला के
ब्रह्मांड का रचयिता बेहद की कला का मालिक है , जो ऑलमाइटी अथॉरिटी जिसको कहते
हैं| वह बेहद की कला के परम धाम में रहता है , तो निराकार सवरूप में तुम उसको याद
करो | जैसे राम और कृष्ण के अवतार हैं ,वह साकार अवतार हैं ना, तो उसको तम

ओरिजिनल, मूल स्वरुप में याद करो ना |जहां उसकी energy है | जो राम और कृष्ण की
भक्ति करते हैं, यह ज्ञान मार्ग हैं, उसको मल
ू स्वरुप में याद करो, ओरिजिनल स्वरुप में
याद करो | जो सूर्य की भांति जैसे आज का हमारा सूर्य, साकार सूर्य है | जो अग्नि तत्व से
बना है , तो वो ऊंच ते ऊंच परमधाम में माना बेहद की कला के में परमधाम में है , वह
निराकार है और उसके पास इतना परम प्रकाश है , आत्म स्वरुप में स्थित होकर परम
प्रकाश को याद करो, तो तुम्हारी आत्मा में परम प्रकाश आएगा और मन में महामंत्र बोलो
बेहद के बेहद की परम परम परम महा शांति है , बोलने की जरूरत नहीं है मन में सोचो,
जब भी टाइम मिले पूरे परिवार के लिए लेना है तो पूरे परिवार के लिए घड़ा ,मटका लो या
बोतल लो जिस में भी करना है , यह मंत्र डालना है , तो जो भी मंत्र डालोगे फिर यह मंत्र
थोड़ा प्रयोग करते रहो, थोड़ा समय पानी पीते रहो, तो परम शांति के वाइब्रेशन तुम्हारी
बॉडी के जल तत्व में जायेंगे तो, जल तत्व शांत हो जाएगा, तो तुम्हारी बुद्धि को भी धीरे -
धीरे , धीरे -धीरे शांति मिलेगी, परम शांति मिलेगी, मन को शांति मिलेगी | उसके साथ
परम शांति का महामंत्र केवल स्थूल जल पर ही इफेक्ट नहीं करे गा, इससे वायु तत्व में भी
इफ़ेक्ट करे गा|

अनंत
बापूजी तो जैसे बोला ना Water has memory, हमारे वीडियो था Water has
memory, तो जो एक डॉक्टर थे उन्होंने पानी की एक एक बूंद के ऊपर पूरा चेकिंग किया
और एक एक बूंद में जितने भी मॉलिक्यूल्स होते हैं, उसे अपने माइक्रोस्कोप से दे खा और
यह प्रफ
ू किया कि हम जो बोलते है वो मेमोरी वाटर के अंदर जाती है |आपने अपने
आकाशिक रिकॉर्ड वाली video में बताया कि जो क्वांटम फील्ड है वह अपने पूरे ब्रह्मांड में
फैले हुए हैं, यह एक आशिक रिकॉर्ड तक जाते हैं, तो हम जो सोचते हैं, बोलते हैं, सिर्फ
पानी में नहीं, वायुमंडल में जाता है , हवा में अग्नि में , हर जगह जाता है |

बापूजी
और ऊपर तक जाता है , ऊंच ते ऊंच परमधाम तक जाता है |

अनंत
तो यही बात है की water has memory के साथ,air has memory है , और हर cell में
मेमोरी है और बापूजी यही बता रहे हैं, परिवर्तन की बात | पानी में जो परम शांति की
वाइब्रेशन है , वैसे ही वह घर के वायुमंडल में भी फैल सकते हैं, आप बताइए ?

बापूजी
हां तो जैसे जैसे सोचते जाओगे, वायम
ु ंडल में भी परम शांति हो जाएगी, तो घर का
वायुमंडल भी, घर में भी परम शांति हो जाएगी और सभी परिवार वालों को धीरे -धीरे परम
शांति मिल जाएगी | यह थोड़ा लंबा प्रयोग है जितना हो सके करें |

अनंत
बापूजी, आत्मा में जितनी पावर ज्यादा होगी, तो यह इतनी जल्दी रिजल्ट लेकर आएगा |
बापू जी
हां तो आत्मस्वरूप में स्थित होकर अगर करोगे, तो रिएक्शन ज्यादा आएगा | अगर पानी
मैं वाइब्रेशन फैलाने के लिए पावर तो चाहिए ना, आज आत्मा में पावर नहीं, आत्मा तो
सभी तमो प्रधान बन गई है ना, आत्मा में नेगेटिविटी भरी हुई है , अगर नेगेटिविटी
निकालकर परमशांति के वाइब्रेशन डालना है , तो धीरे -धीरे आत्मस्वरूप बनो,
आत्मस्वरूप बनके धीरे -धीरे मंत्र डालते रहो, जब भी टाइम मिले परू े दिन मन में सोचते
रहो और गीता मैं तो हमेशा निरं तर कर्म योगी बोला है , निरं तर कर्म योगी बनो, कर्म करते
करते मझ
ु े याद करो, तो ऊंच ते ऊंच परमधाम में ऑलमाइटी अथॉरिटी को, निराकार रूप
को याद करो, तो निराकार ऑलमाइटी अथॉरिटी को याद करते रहोगे तो, उसके अंदर से
पावर आएगी, तो तुम्हारी आत्मा में पावर आएगी, आत्मा में पावर आएगी तो परम शांति
के महामंत्र बोलोगे तो, चारों और परम शांति परम, शांति हो जाएगी | मगर बहुत ऊंच ते
ऊंच परमधाम, Multivers में तो ऐसा कुछ नहीं है , great multiverse में नहीं, बहुत-बहुत
ऊंच ते ऊंच परमधाम में अल्टीमेट ऑलमाइटी अथॉरिटी, अल्टीमेट गॉड है |क्योंकि एक
ब्रह्मांड में ब्रह्मा द्वारा सर्जन, विष्णु द्वारा पालन और शंकर द्वारा विनाश होता है | एक
ब्रह्मांड तो बहुत छोटा है |

अनंत
तो बापू जी आपने यह समझाया बहुत अच्छा था कि पानी चार्ज करे | धीरे -धीरे इसको
है बिट में लाएंगे, तो हमारी है बिट भी चें ज होगी और इसी तरह सोचें गे कि पानी के अंदर
शांति, परम शांति आ रही है | इसी तरह जब हम खाना खा रहे हो, तो भी सोचे की
परमशांति आ रही है , जितनी यह प्रेक्टिस बढ़ती जाएगी|

बापूजी
खाना बनाने वाले महिलाएं भी परम शांति की vibration डाले तो ,खाना खाने वाला भी
परम शांति का अनुभव करे गा |

अनंत
तो यह आपने बहुत अच्छी बात बताई | खाना खाने के टाइम, खाते टाइम, खाना खाने से
पहले, पानी पीते टाइम और कोई भी चीज जो हम करने जा रहे हैं जो हमारे तत्वों से
रिलेटेड है , उसको अगर हम परू ी purified करते हैं तो शरीर के अंदर जो है , आकाश, वाय,ु
अग्नि, जल, पथ्
ृ वी यह सभी पांचो तत्व में परिवर्तन आ सकता है , नेगेटिविटी कम हो
सकती है | पहले के जमाने में तो लोग साधु-संतों से पानी की फूक मरवाते थे, पानी के
अंदर फंू क मरवाते थे और फिर आज भी इस्लाम धर्म के अंदर यह होता है , जो मौलाना है ,
वह पहले मंत्र बोलते हैं और फिर कान के पीछे कुछ फूंक मारते हैं, ऐसा होता है पर मुझे
एग्जैक्टली पता नहीं है | पर यह चीज जो है पहले से ancient टाइम से चलती आई है , पर
अभी भी कई लोग संतो के पैर के अंगूठे से पानी धो कर पीते हैं, कई बार मैंने दे खा है कि
मां-बाप के पैर के अंगठ
ू े धोकर उसका पानी पीते हैं, तो पैरों को धोकर पानी पीने का शायद
यही मतलब निकलता है , क्योंकि उसकी पूरी मेमोरी, Ora का जो पावर है , उसमें होता है |

बापूजी
दे खो जो बड़े साधु संतों का पैर छूते है ,बड़े लोगों से आशीर्वाद लेने के लिए पैर छूते थे,| पैर
धो कर पानी पीने वाली बातें इसलिए आई जैसे विष्णु के अंगूठे से गंगा निकली थी ना, तो
हर कोई यह चाहता है कि जो अंगूठे में जो सारी बॉडी के अंदर एनर्जी फ्लो हो रही है ,
अंगलि
ु यों से, हाथ से, तो साधु-संतों की एनर्जी सबसे ज्यादा अंगूठे में से एनर्जी रिलीज
होती है | साधु संतों के पैरों में ज्यादा एनर्जी रिलीज होती हैं | इसलिए साधु-संतों के पैर
धोकर वह पानी पीते थे लोग, पहले बहुत परु ाने जमाने की बात है , आज भी कहीं रिवाज
होंगे | मगर आजकल जमाना बदल गया है | आज हम इक्कसवी सदी में है | नई दनि ु या
के लिए नया ज्ञान चाहिए, परम ज्ञान होगा तो परम शांति मिलेगी |इसलिए ऑलमाइटी
अथॉरिटी को जानो, उससे योग करो, योग मीन याद| ऑलमाइटी अथॉरिटी को याद करने
से ऊंच ते ऊंच परमधाम से तम्
ु हारी आत्मा में पावर आएगी| आत्मस्वरूप बनो तम
ु , अपने
आप को जानो तुम, आत्मा हो, शरीर नहीं हो | आत्मा शरीर को चलाती है | तुम
आतमसवरूप बन के डायरे क्ट पावर लोगे तो, आत्मा में पावर आएगी | आत्म की स्टे ज
बनेगी | आत्मा तमो प्रधान बन गई है , तो तमो से रजो और फिर ओरिजिनल सतोप्रधान
बन जाएगी| धीरे -धीरे आत्मा में पड़े हुए विक्रम विनाश भी हो जाएंगे | आत्मा में अनेक
जन्मों के जो रिकॉर्डिंग पड़े हैं, आत्मा में अनेक जन्मों के पाप और पुन्य का जो रिकॉर्डिंग
पड़ा है | गीता में भी कहा है ना तू आत्मस्वरूप बन कर मुझ परमात्मा को याद कर मैं तेरे
सब पाप विनाश करके, तो यह लेटेस्ट है कि तुम आत्मस्वरूप का अभ्यास करें , आत्म
स्वरुप में स्थित होकर प्रयोग करें ,तो परम शांति के वाइब्रेशन फैलाएं | पानी में भी फैलाएं,
पानी में भी मंत्र डालें और यह जरूर करें थोड़े लंबे टाइम करें | जितना समय हो सके थोड़े
समय में यह नहीं मिलेगा क्योंकि लोग थोड़ा समय कर दे ते हैं, थोड़े समय में नहीं मिलेगा,
लंबे समय का अनुभव चाहिए इसमें |

अनंत
बापू जी आपने जो बताया बहुत अच्छी बात है , लोग इसको जरूर करें गे और मैं अपने
श्रोताओं को कहूंगा कि बापज
ू ी का unspoken truth by बापज
ू ी का प्लेलिस्ट है , उसमें
120 से ज्यादा वीडियोस है | वह जरूर से दे खें | इसी से आपको आत्मज्ञान होगा | हमारे
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को WhatsApp में यह link भेजिए, ताकि उनको भी परम शांति का अनुभव हो और आप
को दिल से धन्यवाद कर सकें | बापू जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |
परम शांति

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