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खो-खो (kho-kho) एक ऩरयचम

चॊद्रधायी शयण
केन्द्द्रीम विद्मारम फाॊका , ऩटना सॊबाग
चन्द्द्रधायी शयण, के. िी. फाॊका
“खो-खो” बायत का एक रोकविम खेर है | इसका जन्द्भ-स्थान
फड़ौदा भाना जाता है | खो-खो िागैततहाससक बायत भें बी आत्भ
यऺा,आक्रभण ि ित्माक्रभण के कौशर को विक्ससत कयने का
अनठ ू े खेर के रूऩ भें िचसरत था| आधतु नक बायत भें मह
गजु यात, भहायाष्ट्र औय भध्म-िदे श आदद िदे शों भें भुख्म रूऩ
से खेरा जाता है , ककन्द्तु शेष बायत भें बी इसका िचाय-िसाय
फढ़ा है |
खो-खो एक बायतीम भैदानी खेर है । इस खेर भें
भैदान के दोनो ओय दो खबो के अततरयसत ककसी अन्द्म साधन
की जरूयत नहीॊ ऩड़ती। मह एक अनूठा स्िदे शी खेर है , जो
मुिाओॊ भें ओज औय स्िस्थ सॊघषषशीर जोश बयने िारा है ।
मह खेर ऩीछा कयने िारे औय िततयऺक, दोनों भें अत्मधधक
तॊदरु
ु स्ती, कौशर, गतत औय ऊजाष की भाॉग कयता है । खो-खो
ककसी बी तयह की सतह ऩय खेरा जा सकता है ।
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मह खेर सयर है औय इसभें कोई खतया नहीॊ है । ऩरु ु ष औय
भदहराएॉ दोनों सभान रूऩ से इस खेर को खेर सकते हैं। खो-
खो खेर भें न ककसी गें द की आिश्मकता होती है , न फल्रे
की। इसके सरमे केिर 111 पुट रॊफे औय 51 पुट चौड़े
भैदान की आिश्मकता होती है । दोनों ओय दस-दस पुट स्थान
छोड़कय चाय चाय पुट ऊॉचे, रकड़ी के दो खॊबे गाड़ ददए जाते
हैं औय इन खॊबों के फीच की दयू ी आठ फयाफय बागों भें इस
िकाय विबाक्जत कय दी जाती है कक दोनों दरों के खखराड़ी
एक दस ू ये की विरुद्ध ददशाओॊ की ओय भॉुह कयके अऩने अऩने
तनमत स्थान ऩय फैठ जाते हैं। ित्मेक दर को एक-एक ऩायी
के सरए नौ नौ सभनट ददए जाते हैं औय तनमत सभम भें उस
दर को अऩनी ऩायी सभाप्त कयनी ऩड़ती है । दोनों दरों भें से
एक-एक खखराड़ी खड़ा होता है , ऩीछा कयने िारे दर का
खखराड़ी विऩऺी दर के खखराड़ी को ऩकड़ने के सरए सीटी
फचाते ही दौड़ता है ।
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विऩऺी दर का खखराड़ी ऩॊक्सत भें फैठे हुए खखराडड़मों का चसकय
रगाता है । जफ ऩीछा कयने िारा खखराड़ी उस बागने िारे
खखराड़ी के तनकट आ जाता है , तफ िह अऩने ही दर के
खखराड़ी के ऩीछे जाकय खो शब्द का उच्चायण कयता है तो िह
उठकय बागने रगता है औय ऩीछा कयने िारा खखराड़ी ऩहरे
को छोड़कय दस ू ये का ऩीछा कयने ऩहरे इस खेर का कोई
व्मिक्स्थत तनमभ न था। खेर की रोकविमता के साथ इसके
तनमभ फनते-बफगड़ते यहे । 1914 ई. भें ऩहरी फाय ऩूना के
डकन क्जभखाना ने अनेक भैदानी खेरों के तनमभ सरवऩफद्ध
ककए औय उनभें खो-खो बी था। तफ से उसके फनाए तनमभ के
अनस ु ाय, थोड़े स्थानीम हे य-पेय के साथ मह खेर खेरा जाता
है ।रगता है ।खो-खो की ऩहरी िततमोधगता ऩूना के क्जभखाने भें
1918 ई॰ भें हुई। कपय सन ् 1919 भें फड़ौदा के क्जभखाने भें
बायतीम स्तय ऩय िततमोधगता का आमोजन हुआ।
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तफ से सभम-सभम ऩय इस खेर की अखखर बायतीम स्तय ऩय
िततमोधगताएॉ होती यहती हैं।
 खो – खो के भैदान का आकाय = आमताकाय
 खो – खो के भैदान की रॊफाई = 29 भीटय
 खो – खो के भैदान की चौड़ाई = 16 भीटय
 खो – खो टीभ के खखराडड़मों की सॊख्मा = 9+3 आयक्षऺत
 खो खो के भैदान भें ऩारयमाॊ = 2 ऩारयमाॊ (4 फाय)
 िगों की सॊख्मा = 8
 िगों भें फैठने िारे खखराड़ी = अनध
ु ािक
 ऩकड़ने िारा खखराड़ी = सकक्रम अनध
ु ािक
 भैच का सभम = (9-5-9) 9 (9-5-9) सभनट
 भध्माॊतय का सभम = 5 सभनट
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खो-खो का भैदान / Playground of Kho-Kho
खो-खो के भैदान की रॊफाई 29 भीटय औय चौड़ाई 16 भीटय
होती है । भैदान के अॊत भें 16 भीटय × 2.75 भीटय के दो
आमताकाय होते हैं। भैदान के फीच भें 23.50 भीटय रॊफी औय
30 सेंटीभीटय चौड़ी ऩट्टी होती है ऩाटी के ित्मेक ससये ऩय
रकड़ी का ऩोर होता है इसभें 30 C.M. × 30 C.M. के 8 िगष
होते हैं।
स्तॊब मा ऩोस्ट
भध्म ये खा के अॊत भें दो स्तॊब गाड़े जाते है । इनकी जभीन से
ऊॊचाई 1.20 भीटय होती है । स्तॊब का घेया नीचे से 40
सेंटीभीटय ओय ऊऩय की ओय कभ होकय 30 सेंटीभीटय
यह जाता है ।
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क्रॉस – रेन / Cross-Lane
ित्मेक आमताकाय की रॊफाई 16 भीटय चौड़ाई 30 सेंटीभीटय
होती है । मह केंद्र ये खा को सभकोण अथातष 90 डडग्री ऩय
काटती है । मह स्िॊम बी दो अध्दकष भें फॊटा होता है । क्रॉस –
रेन के काटने ऩय फने 30 सेंटीभीटय × 30 सेंटीभीटय के ऺेत्र
को िगष कहा जाता है ।
अनध ु ावक मा चेजय / Chaser
 िगों भें फैठे खखराड़ी अनुधािक मा चेजय कहराते हैं। वियोधी
खखराडड़मों को छूने के सरए दौड़ने िारे को Active Chaser कहा
जाता है ।
यनय / Runner
 चेजय के वियोधी खखराड़ी को यनय कहा जाता है ।
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खो दे ना / To Give Kho
 अच्छी ‘खो’ दे ने के सरए एक्सटि चेजय को फैठे हुए चेजय को ऩीछे से हाथ से छूकय ‘खो’ शब्द ऊॉची आिाज
भें कहना चादहए। हाथ रगाने औय ‘खो’ कहने का काभ एक साथ होना चादहए।
पाउर / Foul
 मदद फैठा हुआ चेजय अथिा एक्सटि चेजय ककसी तयह का उल्रॊघन कयते हैं तो मह पाउर होता है।
ददशा ग्रहण कयना / Taking Direction
 जफ एक्सटि चेजय एक ऩोस्ट से दस ू यी ऩोस्ट तक जाता है तो इसे ददशा ग्रहण कहते हैं।
भहुॊ भोड़ना / To Turn the Face
 मदद एक्सटि चेजय एक विशेष ददशा की ओय जाते हुए अऩने कॊधे की ये खा 90 डडग्री के कोण से अधधक
ददशा भें भोड़ रेता है तो इसे भॊह
ु भोड़ना कहते हैं मह पाउर है ।
ऩाॉव-फाहय / Foot-Out
 मदद यनय के दोनों ऩाॉि सीभा ये खा से फाहय छू जाए तो उसे ऩाॉि-फाहय भाना जाता है , उसे आउट भाना
जाता है ।
रोना / Lona
 जफ सबी यनय 9 सभनट भें आउट हो जाए तो chasers द्िाया runners के विरुद्ध रोना अॊककत ककमा जाता है ,
ऩयॊ तु रोना का कोई अॊक नहीॊ होता है ।
अधधकायी / Officials
 भैच के िफॊध के सरए तनम्न अधधकायी तनमुसत ककए जाते हैं।
 दो अॊऩामय
 एक ये फ़यी
 एक टाइभ – कीऩय
 एक स्कोयय
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खो-खो के ननमभ / Kho Kho Rules
 एक्सटि चेजय के शयीय का कोई बी बाग केंद्र ऩट्टी को रगना
चादहए।
 अगय चेजय यनय को हाथ से छू रेता है तो यन आउट हो जाता
है ।
 चेजय अथिा यनय फनने का पैसरा Toss द्िाया ककमा जाता है ।
 फैठे हुए चेजय को Active चेजय ऩीछे से ही खो दे सकता है ।
 जफ तक फैठे हुए चेजय को खो नहीॊ दी जाती, िह अऩनी जगह
से नहीॊ उठ सकता।
 एक्सटि चेजय द्िाया खो दे ने ऩय ही िह चेजय के स्थान ऩय
फैठेगा।
 एक्सटि चेजय का भॉुह है उसके दौड़ने की ददशा भें होना चादहए।
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 चेजय अऩने िगष भें इस तयह फैठेगा कक यनय के भागष भें कोई
रुकािट ना आए। मदद उसकी रुकािट से यनय आउट हो जाता
है तो उसे आउट नहीॊ भाना जाता।
 एक्सटि चेजय के सरए ऩोर-राइन को ऩाय कयना जरूयी है ।
 एक्सटि चेजय फैठे हुए चेजय को ऩीछे से को दे ने के सरए, हाथ
औय को दे ने का एसशन एक साथ कये गा।
 खो सभरने के फाद चेजय उस ददशा भें ही जाएगा जो ददशा
उसने िगष से उठने के फाद केंद्र – ऩट्टी को ऩाय कयके अऩनाई
हो। एक्सटि चेजय मदद खो न दे ता तो िह केंद्र – ऩट्टी के दस
ू यी
तयप ऩोर के ऊऩय से घूभ कय आ सकता है ।
 एक्सटि चेजय के अततरयसत फाकी चें ज अऩने िगष भें इस िकाय
फैठेगे कक उनके भुॊह एक तयप ना हो।
चन्द्द्रधायी शयण, के. िी. फाॊका

धन्मवाद

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