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मरणीय िब द-ु
सरकारी बजट का अथ
बजट के उ े य व मह व
आ थक िवकास क गित को तेज करना।
सरकार रोजगार के नए अवसर िनमाण करके और गरीब को अ धक से अ धक सामा जक लाभ देकर गरीबी और
बेरोजगारी दरू कर सकती है।
आय म िवषमता दरू करना/आय का पुनः िवतरण
संसाधन के उिचत आबंटन
आ थक थरता
सावजिनक उ म का बंध तथा िव ीयन
बजट को दो भाग -बजट राज व और बजट पूँजीगत म बाँटा जाता है। राज व बजट म सरकार क अनुमािनत राज व
ाि याँ और इनके ारा पूरे िकए गए खच ं का िववरण होता है। राज व ाि य म दोन कर और गैर कर ाि याँ शािमल
क जाती ह।
पूँजीगत बजट म सरकार क पूँजीगत ाि याँ और भुगतान का िववरण होता है।
सरकारी बजट
राज व बजट
1. राज व ाि याँ
2. पूँजीगत ाि याँ
पूँजीगत बजट
1. राज व यय
2. पूँजीगत यय
1. राज व ाि याँ
1. कर राज व
1. य कर
आय कर
िनगम कर
सप कर
2. अ य कर
िब कर
सेवा कर
मनोरंजन कर
2. गैर कर राज व
यावसाियक राज व
याज ाि याँ
लाभ और लाभांश
अनुदान
फस
लाइसस फ स
जुमाना
एसचीट
2. पूँजीगत ाि याँ
उधार एवं अ य देयता
ऋण क वसूली
िविनवेश
य कर
अ य कर
राज व ाि याँ-
1. वे सरकारी ाि याँ ह जनसे
i. देनदा रयाँ उ प नह होती या
ii. प रसंप याँ कम नह होती।
2. इनसे न तो सरकार क देनदारी बनती ह और न ही सरकार क प रसंप कम होती ह।
3. राज व ाि य को िफर दो ेिणय -कर राज व और गैर-कर राज व म बाँटा जाता है।
पूँजीगत ाि याँ-
1. वे सरकारी ाि याँ ह जनसे
i. (ऋण वापस करने क देयता) देनदा रयाँ बढ़ती ह या
ii. जनसे प रसंप याँ कम होती ह।
2. उधार लेने से देनदा रयाँ बढ़ती ह जबिक उधार देने से प रसंप याँ बढ़ती ह।
3. पूँजीगत ाि य को मु यतः तीन वग ं म बाँटा जाता है-
i. ऋण क वसूली,
ii. िविनवेश और
iii. आं त रक व िवदेशी ऋण।
4. राज व ाि य और पूँजीगत ाि य म मु य अंतर यह है िक राज व ाि य म सरकार भिव य म पैसा वापस करने
के लए बा य नह है, जबिक पूँजीगत ाि म सरकार याज सिहत उधार ली गई रािश वापस करने के लए बा य
है।
सरकारी यय का अथ व वग करण
सरकारी यय म आशय सरकार ारा एक िव ीय वष म िविभ शीषक के अंतगत िकए जाने वाले अनुमािनत यय से है।
राज व ाि याँ और पूँजीगत ाि याँ क भाँित, बजट यय भी दो िक म का है
i. राज व यय और
ii. पूँजीगत यय नीचे घटक सिहत िदखाया गया है।
बजट सरकारी यय
राज व यय पूँजीगत यय ( यय जो न प रसंप बनाए और न ही देनदारारी कम कर) घटक-
i. याज क अदायगी
ii. वेतन व पशन का भुगतान
iii. अनुदान व आ थक सहायता
iv. िश ा व वा य सेवाएँ
v. र ा सेवाएँ यय
पूँजीगत यय ( यय ज प रसंपित बनाए या देनदारी कम कर) घटक-
i. सड़क , पुल , भवन का िनमाण
ii. भूिम तथा मशीनरी क खरीद
iii. शेयर म िनवेश
iv. रा य और िवदेश सरकार को ऋण
v. ऋण क अदायगी
जस यय से (i) न तो प रसंप य का िनमाण होता है और (ii) न ही देनदा रय म कमी आती ह उसे राज व यय माना
जाता ह।
सामा यतः राज व यय से य तः िकसी संप का सृजन नह होता है।
राज व यय के उदाहरण ह-सरकारी कमचा रय के वेतन के लए गए ऋण पर याज क अदायगी, पशन, आ थक
सहायता, अनुदान, ामीण िवकास, िश ा व वा य तथा र ा सेवाएँ आिद।
जस यय के फल व प (i) प रसंप य का िनमाण हो या (ii) देनदा रय म कमी आए, वह पूँजीगत यय माना जाता
है।
इसम (i) भूिम, इमारत , मशीनरी, उपकरण आिद जैसे पूँजीगत संप य क ाि पर यय (ii) शेयर क खरीदारी पर
यय और (iii) रा य व क शा सत सरकार तथा सरकारी कंपिनय को िदए गए ऋण शािमल िकए जाते ह।
पूंजीगत यय म रा य सरकार , संघ रा य े क सरकार , सावजिनक उ म और िवदेशी सरकार को िदए गए ऋण व
अि म तथा शेयर म िनवेश भी शािमल होते ह।
इससे अिभ ाय उस अनुमािनत यय से है जसे चालू पंचवष य योजना म शािमल प रयोजनाओं और काय म के लागू
करने पर सच करने का ावधान बजट म िकया गया हो। बजट म ऐसे खच ं का ावधान, 'योजना यय' कहलाता है।
चालू पंचवष य योजना से संबं धत यय को छोड़कर सरकार के अ य सब यय, गैर-योजना यय कहलाते ह। दस
ू रे श द
म गैर-योजना यय ऐसे सावजिनक यय को कहते ह, जनके िवषय म योजना ताव म कोई ावधान नह होता।
बजट घाटा
राज व घाटा
राजकोषीय घाटा
यह मु ा फ ित को बढ़ाता है।
देश ऋण - जाल म फंस जाता है।
यह देश के भावी िवकास तथा गित को कम करता है।
ाथिमक घाटा
ाथिमक घाटे को राजकोषीय घाटा याज अदायिगय के प म प रभािषत िकया जाता है। दस
ू रे श द म, यह राजकोषीय
घाटा सरकार और भुगतान िकए जाने वाले याज का अंतर है।
सू के प म- ाथिमक घाटा = राजकोषीय घाटा - याज अदायिगयाँ
ाथिमक घाटा, उधार के उस भाग को दशाता है जो राज व पर चाल यय अ धक होने के कारण लेना पड़ता है।