हिखने के उद्देश्य: (Learning Objectivs): • कहानी द्वारा संवेदनशीलता की भावना जगाना | • पश्च्याताप, क्षमा-याचना की भावना ववकवसत करना | • समय के महत्व और पररवथिवतयों के अनसु ार कायय करने की भावना ववकसाना | • गरुु के प्रवत सम्मान की भावना ववकवसत करना • लेखन-पठन कौशल का ववकास करना | कहठन शब्द: चीड़ चोहियााँ धुाँधल हर्ष-हिर्ाद हिहरन-िी कागज़-िा स्िगषिाि मत्ृ यु स्महृ ि आकहस्मक अल्मोड़ा लूि-खिोि पररश्रम छुरियााँ िजीफ़ा पदोन्नहि हज़ांदगी स्िेशन यद्ध ु महु ििाहहनी िज्रपाि अिह्य हज़क्र गड्ढे भािाथष/िाराांश: समय सदा एक -सा नहीं रहता | सप्रु वसद्ध किाकार वहमाश ं ु जोशी की इस कहानी में बताया गया हैं वक जीवनचक्र भी रि के पवहए के सामान है जो सदा चलता रहता है | व्यवि भी समय और पररवथियों के अनसु ार कायय करने को बाध्य होता है | प्रश्नों के उत्तर: मौहखक- प्रश्न:१. कहानी में ‘मैं’शब्द का प्रयोग वकसके वलए हुआ है ? उत्तर: कहानी में ‘मैं’ शब्द का प्रयोग छोटे भाई जीतू के वलए वकया गया है जो इस कहानी का नायक है | प्रश्न:२. बड़े भैया ने जीतू से क्या कहा ? उत्तर: बड़े भैया ने जीतू से कहा, “ पढ़ाई के वलए मेरे अल्मोड़ा जाने के बाद घर की देखभाल करना और बाबा को कारोबार में सहयोग देना |” प्रश्न:३ बड़े भाई की अनपु वथिवत में छोटा भाई गााँव में क्या-क्या करता िा ? उत्तर: बड़े भाई की अनपु वथिवत में छोटा भाई जीतू थकूल जाता | घर , खेत और दक ु ान का काम भी साँभालता िा | खाली समय में वह अपनी पढ़ाई भी करता िा | प्रश्न:४ बड़े भैया की मृत्यु कै से हुई ? उत्तर: बड़े भैया फ़ौज में भरती हो गए िे और मेजर के पद पर पहुचाँ गए िे | बााँग्लादेश के मोचे पर लड़ते- लड़ते उन्होंने वीरगवत प्राप्त की िी | लिखित:
प्रश्न: क) रिचक्र शब्द से लेखक का क्या तात्पयय है?
उतर: इस कहानी में ‘रिचक्र’ शब्द से लेखक का तात्पयय जीवनचक्र से है | वजस प्रकार रि का पवहया वनरंतर घमू ता रहता है उसी प्रकार यह जीवन रूपी चक्र भी सदा चलता रहता है |वकसी भय, कष्ट या वप्रयजन से वबछोह होने पर भी जीवन रुकता नहीं है | प्रश्न: ख) ‘वजनपर पौधे अब मझु े रोपने हैं’- इन शब्दों द्वारा लेखक क्या कहना चाहते हैं ? उत्तर: ‘वजनपर पौधे अब मझु े रोपने हैं’-इन शब्दों द्वारा कहानी का नायक थवयं को अपने कतयव्य का बोध करा रहा है | किा-नायक को पररवार के प्रवत अपने उत्तरदावयत्व का बोध है; वजस प्रकार वपता की असामवयक मृत्यु के बाद उसके दादा जी ने उसे और उसके भाई-बहनों को पाला है उसी तरह उसे भी अब अपने भाई के ब्चों का पालन-पोषण करना है | भार्ा ज्ञान