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सस्ं कृत भाषा प्रज्ञा

Notes on Session 6: विभवि और उनके अर्थ


Prepared By: Acharya V Srinidhi

-: विभवियां :-
सस्ं कृ त भाषा में ककसी भी शब्द के [कियापदों और अव्यय को छोड़ कर] 24 रूप हो सकते हैं । ये
शब्द के वचन और उसके बाद आने वाले पद के अनसु ार बनते हैं ।
जैसे अगर हम समझने के कलए कहन्दी का एक शब्द लें : “पक्षी”
तो हम पक्षी का वचन [संख्या] बदल कर और उनके आगे कुछ शब्द लगा कर कई नए शब्द पा
सकते हैं । जैसे:-
• पक्षी ने
• पक्षी को
• पक्षी से
• दो पकक्षयों ने
• पक्षी के कलए
• कई पकक्षयों के कलए
• पक्षी में
• दो पक्षी का
• पकक्षयों के …आकद

सस्ं कृ त भाष में एक ही शब्द के इन अलग अलग रूपों को पाने के कलए नए शब्द नहीं जोड़ने
पड़ते, बककक मल ू शब्द के रूप में थोड़ा सा पररवततन कर देते हैं । जैसे ‘राम’ शब्द के कई रूप
बन सकते हैं ।
• राम: [राम ने]
• रामाय [राम के कलए]
• रामात् [राम से]
• रामे [राम में] ... आकद
तो एक शब्द के इन अनेक रूपों को उस शब्द की कवभकियााँ कहा जाता है कजसका ज्ञान होना
अत्यंत आवश्यक है । कवभकियााँ 8 प्रकार की होती हैं जो नीचे दी गयी table में समझाई
गयी हैं ।

विभवि/ Case अर्थ सूचक [पहचान ] English Terms

प्रर्माविभवििः कतथ/ृ कताथ ने Is, are, am, was,


(Nominative (Subject) were, has etc.…
Case)
वितीयाविभवििः कमथ को To
(Accusative (Object)
Case)
तृतीयाविभवििः करण से, िारा, के सार् With, along
(Instrumental (Instrument) with, through,
Case) by
चतुर्ीविभवििः सम्प्प्रदान (को) के विए (to)for
(Dative Case) (Receiver)
पञ्चमीविभवििः अपादान से From
(Ablative Case) (Separation)
षष्ठीविभवििः सम्प्बन्ध का, की, के Of/’s, to
(Genitive Case) (Relation)
सप्तमीविभवििः अवधकरण में, पे, पर In, on, at,
(Locative Case) (Location) among, amidst
सम्प्बोधनप्रर्मा सम्प्बोधन हे, अरे, अवय Oh, Hey
(Addressing)
(Vocative Case)
आप इस chart की सहायता से वनम्प्न चीजें समझ जाएगं े:
• ककस अथत में कौन सी कवभकि को प्रयोग में लाना है ।
• यकद कवभकि पता हो तो शब्द के आगे ककस पद को जोड़ना है ।

तो संस्कृ तभाषा में सम्भाषण करने के कलए, और शब्दों को समझने के कलए कवभकियााँ अत्यन्त
आवश्यक है ।

उदाहरण:
• प्रथमाकवभकि:
o महेश: बकु िमान् । : महेश बकु िमान है ।
• कितीयाकवभकि:
o नरे न्रमोदी अमेररकादेशं गच्छकत : नरें र मोदी अमेररका देश को जाते हैं ।
• तृतीयाकवभकि:
o अक्षयकुमारः कवमानयानेन कवदेशं गच्छकत : अक्षय कुमार कवमान से कवदेश जाता है ।
• चतथु ीकवभकि:
o धकनकः कभक्षक ु ाय अन्नं ददाकत : धनी कभक्षक ु के कलए अनाज देता है ।
• पञ्चमीकवभकि:
o पक्व-आम्रफलं आम्रवृक्षात् पतकत : पका हुआ आम का फल आम के पेड़ से कगरता
है ।
• षष्ठीकवभकि:
o अजतनु स्य माता कुन्ती : अजतनु की माता कुन्ती ।
• सप्तमीकवभकि:
o कौरवाः पाण्डवाः च कुरुक्षेत्रे यि
ु ं कुवतकन्त : कौरव और पाडं व कुरुक्षेत्र में यि
ु करते हैं
• सम्बोधन प्रथमा कवभकि:
o हे कृ ष्ण ! कुशलः अकस ?
सावर्यों, सस्ं कृत भाषा में एक ऐसा भी श्लोक है वजसमें ‘राम’ शब्द की सभी विभवियााँ
उपवस्र्त हैं । आप इस श्लोक को पढ़ें और और सभी विभवियों को पहचानने का प्रयास करें ।

श्लोकिः – रामो रक्षतु मां चराचरगुरिः रामं नमस्याम्प्यहं।


रामेणामरशत्रिो विवनहतािः रामाय तस्मै नमिः।
रामादेि समुवथर्तं जगवददं रामस्य दासोऽस्म्प्यहं।
रामे भविरचञ्चिास्तु भगिन् ! हे राम ! तुभ्यं नमिः॥

अन्ियिः[Rearrangement] –
चराचरगुर: राम: मां रक्षतु । अहं रामं नमस्यावम । रामेण अमरशत्रि: विवनहता: । तस्मै
रामाय नम: । रामात् एि इदं जगत समुवथर्तम् । अहं रामस्य दास: अवस्म । रामे
अचञ्चिा भवि: अस्तु । भगिन् ! हे राम ! तुभ्यं नमिः॥
*Meaning/Explanation of the shloka is provided in the note of next
session.
अभ्यास : विभवि-िचन पहचानने का प्रयास करें :
• राम:
• रामं
• रामेण
• रामाय
• रामात्
• रामस्य
• रामे
• हे राम!

*Answers are provided in the notes of next session.


जयतु संस्कृतम ् , जयतु भारतम ् ।।

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