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लफ्जों में जायका होता है परोसने से पहले खद

ु को चख लेना
चाहहए। लफ़् ही एक ऐसी चीज है जजसकी वजह से इंसान या तो
हदल में उतर जाता है या हदल से उतर जाता है । लफ़्ों के दांत
नहीं होते लेककन जब वो काटते हैं तो ददद बहुत होता है और कभी-
कभी घाव इतने गहरे हो जाते हैं कक जीवन खत्म हो जाता है पर
घाव नहीं भरते इसललए जब भी बोलो अच्छा बोलो, हदल दख
ु ाने
वाली बात कभी ना करो।

बोल मीठे ना हो तो हहचककयां भी नहीं आती, कीमती मोबाइल पर


घंहटयां भी नहीं आती, घर छोटा हो या बड़ा अगर लमठास ना हो
तो इंसान क्या चीहटयां भी नहीं आती।

श्रीकृष्ण कहते हैं कक यहााँ हर कोई अपने आप में चालाक है


कलयुग में ककसी को शरीफ समझने की गलती मत कर देना।

जो कुछ भी तुम से छीना जा सकता है समझ लेना वो तुम्हारा है


ही नहीं।

एक बात हमेशा याद रखना कक उस ईश्वर की अलावा आपके


आंसू, दख
ु और ददद को कोई भी नहीं समझ सकता।

कमान से ननकला हुआ तीर और जवान से ननकला हुआ शब्द कभी


वापस नहीं आता।

जीवन के इस सफर में हम उसी हदन बड़े हो जाते हैं जब अपने


आंसू खुद ही पोंछकर कफर खड़े हो जाते हैं।

आप क्या ककसी को समझा पाओगे स्वयं भगवान कृष्ण भी


दय
ु ोधन को नहीं समझा पाए थे।

आपकी अच्छाई के बाद भी अगर आपके साथ बरु ा होता है तो


उसका जवाब आप नहीं समय और भगवान दे गा।

जब सुख आये तो ईश्वर को मत भूलना और जब दख


ु आये तो
ईश्वर पर ववश्वास रखना।
ये जजंदगी कभी भी आसान नहीं होने वाली आपको ही मजबत

बनना पड़ेगा।

श्री कृष्ण कहते हैं अगर सलाह देने वाले साथ दे ने लग जाएं तो
पूरी दनु नया खुलशयों से भर जाएगी।

समस्याएाँ दे खकर जीवन में कभी हार मत मानो, क्या पता इसी
समस्या के अंदर तम्
ु हारी सबसे बड़ी शरु
ु आत छुपी हो,अगर कष्ट
बड़ा है तो कामयाबी बड़ी ही लमलेंगी।

भीतर क्षमा हो तो क्षमा लमलेगी, भीतर क्रोध हो तो क्रोध


ननकलेगा, भीतर प्राथदना हो तो प्राथदना ननकलेगी और नफरत हो तो
नफरत ही ननकलेगी इसललए जब भी कुछ बाहर ननकलें तो दस
ू रों
को कभी भी दोषी मत ठहराना।

आशा और ववश्वास कभी गलत नहीं होते बस ये हम पर ननभदर


करता है कक हमें ककससे आशा और ककस पर ववश्वास करना है।

ववचारों की खूबसूरती कहीं से भी लमले चरु ा लो क्योंकक चेहरे की


खब
ू सरू ती तो उम्र के साथ बदल जाती है लेककन ववचारों की
खूबसूरती हमेशा हदलों में अमर रहती है।

जब हम कोई भी कायद भगवान की याद में रहकर करते हैं तो


उसमें भगवान की शजक्तयां हमारी मदद करती हैं और सफलता
ननजश्चत हो जाती है ।

अपनी पररजस्थनत परमात्मा को सौंप दीजजए क्योंकक जजतना आप


जीवन भर में कर सकते हो उससे कई ज्यादा वह एक पल में कर
सकता है।

जजस इंसान को भगवान पसंद करते हैं, जजसे वो अपना खास


बनाना चाहते हैं उन्हें वो हमेशा असफल रखते हैं, हमेशा उनकी
जजंदगी में मुसीबत डालते हैं अगर आप हार रहे हो ना तो बहुत
बड़ा संकेत है कक आप भगवान के उन खास इंसानो में से एक हो
जजन्हें वो आगे पहुंचाना चाहते हैं।

बबना सोचे समझे बोलना अच्छा नहीं होता, सभी को एक नजर में
तोलना अच्छा नहीं होता अगर मुझसे लशकायत है तो मेरे सामने
कहहए ककसी की पीठ पर मुंह खोलना अच्छा नहीं होता।

अजीब लोग हैं इस दनु नया में, बबना सोचे समझे कुछ भी बोल दे ते
हैं, झांकते नहीं अपने गगरे बान में, दस
ू रे पर सवाल भी कमाल
करते हैं।

बोलना तो सब जानते हैं मगर कब, कहां और क्या बोलना है यह


बहुत ही कम लोग जानते हैं।

जजनकी बातें मीठे रस जैसी होती हैं वही लोग बाद में जहर उगलते
हैं।

वक्त के फैसले कभी गलत नहीं होते बस साबबत होने में वक्त
लगता है।

एक लमनट में जजंदगी नही बदलती पर एक लमनट सोच कर


ललया हुआ फैसला परू ी जजंदगी बदलने की ताकत रखता है।

बबना कुछ सोचे समझे ककसी को गलत बोलना भी गलत होता है,
हर बात का जवाब दे ना जरूरी नहीं क्योंकक ककसी की चुप्पी भी
बहुत कुछ लसखा दे ती है।

गुस्से में बोले गए बोल कभी हदमाग से नहीं ननकलते, बबना सोचे
समझे बोल हमेशा हदल से ही ननकलते हैं।

लमलने को तो हजार लोग लमल जाते हैं लेककन हजारों गलनतयां


माफ़ करने वाले मां बाप नहीं लमलते।

श्री कृष्ण कहते हैं कक समय कभी नहीं रुकता आज यहद बरु ा चल
रहा है तो कल अवश्य ही अच्छा आएगा आप केवल ननस्वाथद भाव
से कमद कीजजए और वही आपके हाथ में है ।
श्री कृष्ण कहते हैं व्यजक्त जो चाहे बन सकता है यहद ववश्वास के
साथ इजच्छत वस्तु पर सदैव गचंतन करें ।

मुजश्कल वक्त हमारे ललए आईने की तरह होता है जो हमारी


क्षमताओं का सही आभास कराता है ।

अहंकार करने पर इंसान की प्रनतष्ठा, वंश, वैभव तीनों ही समाप्त


हो जाते हैं।

इंसान तब हार जाता है जब उसे ये पता चलता है कक जजसे वो


सब कुछ मानता था उसके ललए वो कुछ भी नहीं है,कुछ लोग
हमारी जजंदगी में भरोसा तोड़ने के ललए ही आते हैं।

शब्द उतने ही बाहर ननकालने चाहहए जजन्हें वापस भी लेना पड़े तो


खुद को तकलीफ ना हो।

समय और शब्द दोनों का उपयोग लापरवाही से ना करें क्योंकक


यह दोनों न द्वारा आते हैं और न ही मौका दे ते हैं।

ककसी ने क्या खूब कहा है शब्द संभाल कर बोललए, शब्द के हाथ


ना पाव, एक शब्द औषगध करें और एक शब्द करे घाव।

जजंदगी आसान नहीं होती इसे आसान बनाना पड़ता है कुछ अंदाज
से कुछ नजर अंदाज से।

शब्द और सोच दरू रयां बढा दे ते हैं कभी हम समझ नहीं पाते और
कभी हम समझा नहीं पाते।

श्री कृष्ण कहते हैं मनुष्य का जीवन उसके कमों पर चलता है


जैसा कमद होता है वैसा ही उसका जीवन होता है।

जीवन में वाणी को संयम में रखना अननवायद है क्योंकक वाणी से


हदए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते।

एक बार माफ कर के अच्छे बन जाओ पर द्वारा उसी इंसान पर


भरोसा करके बेवकूफ कभी ना बनो।
जीवन में समय चाहे जैसा भी हो पररवार के साथ रहो क्योंकक सख

हो तो बढ जाता है और दख
ु हो तो बंट जाता है।

हमेशा छोटी-छोटी गलनतयों से बचने की कोलशश ककया करो क्योंकक


इंसान पहाड़ों से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है ।

दोस्तों जीवन में कभी मौका लमले तो ककसी के ललए सारथी बनना,
स्वाथी नहीं।

दोस्तों मैं आशा करता हूं कक मेरी आवाज आपको पसंद आई होगी।
वीडडयो को परू ा दे खने के ललए और आपके प्यार के ललए आपका
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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