Professional Documents
Culture Documents
Class 9Hindi पाठ 2 रहीम के दोहे Chapter Notes
Class 9Hindi पाठ 2 रहीम के दोहे Chapter Notes
CLASS : IX
SUBJECT : HINDI रह म के दोहे
P`aSnaao<ar
1 प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भााँति क्यों नह ीं हो पािा?
प्रेम आपसी लगाव, आकर्षण और ववश्वास के कारण होता है। यदि एक बार यह लगाव और ववश्वास टूट जाए
तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नह ीं रहता और अपनापन समाप्त हो जाता है। ठीक वैसे ह जैसे फक धागा टूटने
पर जुड़ नह ीं पाता, यदि उसे जोड़ा जाए तो गााँठ पड़ ह जाती है।
2 हमें अपना द:ु ख दस
ू रों पर क्यों नह ीं प्रकट करना चाहहए? अपने मन की व्यथा दस
ू रों से कहने पर उनका
व्यवहार कैसा हो जािा है? रह म के इस ववचार से आप कहााँ िक सहमि है ?
हमें अपना ि:ु ख िस
ू रों से नह ीं प्रकट करना चादहए क्योंफक िस
ू रे लोग हमारे ि:ु ख की बात सन
ु कर मजाक उड़ाते
हैं और ि:ु ख बााँटने की जगह प्रसन्न होते हैं। रह म िास जी कहते हैं फक हमें अपने ि:ु ख को स्वयीं हल करने का
प्रयास करना चादहए क्योंफक आज के िौर में कोई फकसी की मिि नह ीं करना चाहता। उनका व्यवहार हमारे
प्रतत समस्या बढाने का होता है । इसललए अपनी व्यथा पीड़ा कष्ट को स्वयीं हल करने का प्रयास करना
चादहए। मैं रह मिास से पूर तरह सहमत नह ीं हूाँ क्योंफक आज के इस िौर में बहुत सारे लोग तन:स्वाथष भाव से
एक िस
ू रे की मिि करते हैं और अपनी समस्या िस
ू रों को बताकर मन हल्का कर लेते हैं। हााँ ,यह सह है फक
उस पररस्स्थतत से हमें खुि तनकलना पड़ता है।
3 रह म ने सागर की अपेक्षा पींक जल को धन्य क्यों कहा है ? इसके माध्यम से कवव क्या सींदेश दे ना चाहिे हैं?
सागर में अथाह जल होते हुए भी जल का कोई भी नह ीं उपयोग कर पाता क्योंफक उसका स्वाि खारा होता है ।
इसके ववपर त पींक के जल को पीकर छोटे -छोटे जीव- जींतु की प्यास बुझ जाती है । इसललए रह म िास जी
सागर की अपेक्षा पींक जल को उसकी उपयोगगता के कारण धन्य माना है।
रह मिास जी इस िोहे के माध्यम से यह सींिेश िे ना चाहते है फक समाज में छोटे -छोटे सहयोग से भी श्रेष्ठ
बना जा सकता है फकीं तु समाज मै स्जसके पास सब कुछ होते हुए भी फकसी के काम न आ सकें ,वे व्यथष हैं।
4 एक को साधने से सब कैसे सध जािा है?
एक ह परमात्मा को साधने से अथाषत तनष्ठापूवक
ष ध्यान करने से जीवन के सभी कायष लसद्ध हो जाते हैं
क्योंफक परमात्मा जीवन का मूल आधार है। स्जस प्रकार जड़ को सीींचने से िल- िूल पवियााँ स्वयीं ववकलसत
होने लगते हैं, उसी प्रकार जीवन के आधारभूत सत्य परमात्मा के गचींतन -मनन और ध्यान से जीवन के सभी
कायष सिलतापव
ू क
ष सींपन्न होते हैं। आशय यह है फक जीवन में बड़ा उद्िे श्य लेकर चलने से सभी कायष अपने
आप लसद्ध हो जाते हैं।
Page 1 of 3
5 'जलह न कमल की रक्षा सूयय भी क्यों नह ीं कर पािा'-इस उदाहरण के द्वारा कवव क्या शशक्षा दे ना चाहिे हैं?
कमल की आींतररक शस्क्त जल है और बाहर शस्क्त सय
ू ष की फकरणें है। कमल के खखलने के ललए िोनों
आवश्यक है फकीं तु जल के अभाव में कमल को सय
ू ष की फकरणें नह ीं खखला सकती हैं। रह मिास जी का कहने
का तात्पयष यह है फक व्यस्क्त को अपने जीवन में धन सींग्रह करने का प्रयास करना चादहए । यदि आपने धन
सींग्रह करके रखा है ,तभी बाहर शस्क्तयााँ आपकी सहायक बनती हैं। यदि आपके पास धन-िौलत नह ीं है तो
कोई भी ववपवि के समय आपकी सहायता नह ीं कर सकता है। स्जस तरह से कमल को खखलने के ललए जल
और सूयष की फकरणों की आवश्यकता होती है फकीं तु जल उसकी आींतररक शस्क्त होती है आींतररक शस्क्त के
अभाव में बाहर शस्क्तयााँ सय
ू ष कमल के खखलने में सहायक नह ीं बन सकती । इसीललए हमें आींतररक रूप से
मजबूत होना चादहए और ववपतत के ललए धन सींग्रह करके रखना चादहए।
Page 2 of 3
9 'रहहमन फाटे दध
ू को, मथे न माखन होय' से रह म ने लोगों को क्या समझाने का प्रयास ककया है ?
इस पींस्क्त के माध्यम से रह म nao लोगों को यह समझाने का प्रयास फकया है फक एक बार जो बात बबगड़ जाती है
वह लाख कोलशश करने पर भी नह ीं बन पाती। स्जस प्रकार िध
ू के िट जाने पर उसे बार-बार मथने पर भी
उससे मक्खन नह ीं तनकलता ,उसी प्रकार बबगड़ी हुई बात को सुधारने का प्रयास व्यथष हो जाता है ,इसीललए
समय रहते हुए बबगड़ने के पहले ह बात को सींभाल लेना चादहए।
10 'बबन पानी सब सन
ू ' का क्या अथय है? दोहे के माध्यम से कवव क्या सींदेश दे ना चाहिा है?
इस पींस्क्त के माध्यम से रह म िास जी यह सींिेश िे ना चाहते हैं फक बबना पानी के सब सून(शून्य) है अथाषत
पानी का ववशेर् महत्त्व है । हर इींसान को पानी सींभाल कर खचष करना चादहए।
Page 3 of 3