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H - रेफ और पदेन
H - रेफ और पदेन
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‘र’ में से ‘अ’ निकालने के बाद ‘र्’ हो जाता है। इस स्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहा जाता हैं। जैसे : –
क + र् + म = कर्म
पदेन मे र पूरा होता है, जिस व्यंजन के साथ पदेन र जुड़ता है तो वो व्यंजन आधा हो जाता है।
जैसे – प्रण , इस शब्द मे प आधा है, र पूरा है और ण व्यंजन भी पूरा है।
जैसे – प् + ण + = प्रण
र + उ = रु इसमें र के साथ छोटे उ की मात्रा होती है, जैसे : पुरुष, रुकसत , रुकमड़ी, गुरुजी, रुपया , रुची, रुपये,
रुझान, इत्यादि ।
र + ऊ = रू – इसमें र के साथ बड़े ऊ की मात्रा लगी होती है जैसे: रूप, रूम, रूपा, रूस , रूपक, अमरूद, रूठना,
डमरू इत्यादि ।
ऋ और र में अंतर – ऋ और र में अंतर जानना आपके लिए बेहद जरूरी है क्यों की यह दोनों अलग अलग वर्ण है।
● ‘ऋ’ एक स्वर वर्ण है और ऋ की मात्रा को कु छ ( ृ ) इस प्रकार से लिखते है। इसके उदाहरण जैसे-
मृत्यु, तृतीय, गृहिणी, कृ पा, कृ षि इत्यादि है।
● जबकि ‘र’ एक व्यंजन वर्ण है और र की मात्रा वाले शब्द कु छ इस प्रकार लिखे जाते हैं। जैसे – प्रकाश,
ग्रह, कर्म, वर्ग, प्रेमिका, ड्र म इत्यादि ।
पदेन की मात्रा के 6 शब्द लिखिए - 6M
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