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हिन्दी लेखन की सामान्य गलतियाँ
हिन्दी लेखन की सामान्य गलतियाँ
1- मात्राओ की गलतियाँ
किसी वर्ण के पहले लगने वाली मात्रा को ‘छोटी मात्रा’ और पीछे लगने वाली मात्रा को ‘बड़ी मात्रा’
कहते हैं
एक बड़ा सरल व साधारण - सा नियम याद रखिए कि जब भी मात्रा शब्द के बीच में आएगी तो वह
झुकना झुमका दक
ु ान
कुछ दक
ु ान डुगडुगी
पल
ु गुड़ चप
ु
सन
ु जल
ु ाब दम
ु
झम
ु का बल
ु बल
ु चन
ु री
ऊ की मात्रा के शब्द – हिन्दी
मात्राएँ
जत
ू ा चह
ू ा झूला
चन
ू ा झूम राजू
ख़रबज़
ू ा पन
ू म सल
ू ी
आलू तरबज़
ू पतलन
ू
शहतत
ू चीकू फूलदा
न
2- र की मात्राएँ
3- ऋ की मात्रा ( री की आवाज)
पथ्
ृ वी,कृष्ण ,ऋषि
4-कि और की की गलतियाँ
उदाहरण के लिए:
“मैं जानता हू
ँ ‘’ यह एक वाक्य है,
“की ‘’का प्रयोग किसी वस्तु का संज्ञा या सर्वनाम से संबन्ध को जोड़ने के लिए किया
जाता है ।
जिस तरह इंग्लिश में (Of) का प्रयोग किया जाता है उसी तरह हिन्दी मे की का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण -
6- स ,श,ष की गलतियाँ
स sa ,श sha ,ष shha
7- है और हैं की गलतियाँ
में ( in )
मैं (i )
9- हु और हूँ की गलती
● · किसी भी शब्द के प्रारं भ में ड़ या ढ़ वर्ण का प्रयोग नहीं होता है । डाल, ढाल, ढाई, अढ़ाई आदि।
● ड के उदाहरण - डाल, डलिया, डकार, डमरु आदि।
● ढ के उदाहरण-ढाल, ढक्कन, ढूँढना, ढाई, ढोलक आदि।
● ड़ के उदाहरण -लड़का, खड़ा, लड़ाई, पड़ा, गड़ा आदि।
● ढ़ के उदाहरण - चढ़ाई, पढ़ाई, कढ़ाई, गाढ़ा आदि।