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DAV MODEL SCHOOL, DURGAPUR

SESSION: 2022-23
CLASS: VII SUBJECT: HINDI DATE: 24.6.2022

पाठ – 4
बातन
ू ी

प्रश्नोत्‍तर
1. लेखक ने सज्जन को क्या काम करने के ललए कहा और क्यों?

उत्‍तर – लेखक ने सज्जन को एक ललफ़ाफ़ा लेकर, उसमें उनकी चिट्ठी को डालकर तथा ललफ़ाफ़े पर
उनका पता ललखकर पोस्ट ऑफ़फ़स में छोड़ दे ने के ललए कहा क्योंफ़क पोस्ट ऑफ़फ़स बंद होने
का समय हो रहा था और लेखक का पोस्ट ऑफ़फ़स में ललफ़ाफ़ा डालना भी बहुत ज़रूरी था।

2. सज्जन ने राजू से ललफ़ाफ़ा क्यों मााँगा?

उत्‍तर – सज्जन ने राजू से ललफ़ाफ़ा इसललए मााँगा ताफ़क वह लेखक की चिट्ठी को ललफ़ाफ़े में
डालकर, उस पर पता ललखकर उसे पोस्ट ऑफ़फ़स में डाल सके क्योंफ़क राजू फ़कताबों का एजेंट
था। सज्जन ने उसके हाथ में एक बस्ता भी दे खा था। अत: उन्होंने सोिा फ़क उसके पास
ललफ़ाफ़ा ज़रूर होगा।

3. लोग आमतौर पर दस
ू रों से यह प्रश्न क्यों पछ
ू ते हैं कक आप कहााँ जा रहे हैं?

उत्‍तर – लोग आमतौर पर यह प्रश्न इसललए पछ


ू ते हैं फ़क आप कहााँ जा रहे हैं क्योंफ़क वह असल में
आदमी को रोककर बात करने की भलू मका होती है । लोग एक – दस
ू रे को रोककर आपस में
जान – पहिान और पररिय बढ़ाना िाहते हैं ताफ़क कुछ समय उनके साथ बातिीत करके वे
अपना समय बबता सकें।

4. लेखक ने घर से बाहर जाने का कौन – सा रास्ता लेने का फ़ैसला ककया और क्यों?

उत्‍तर – लेखक ने घर से बाहर जाने का सज्जन के घर के सामने से जाना वाला सीधा रास्ता छोड़कर
करीब आधा मील का िक्कर लगाकर जाने वाला रास्ता लेने का फ़ैसला फ़कया क्योंफ़क यदद
लेखक सज्जन के घर के रास्ते से जाने वाला सीधा रास्ता लेते तो रास्ते में सज्जन उनसे
कहने लगते फ़क आजकल आप ददखाई नहीं दे ते तथा उन्हें अपनी बातों में उलझा लेते जजससे
न िाहते हुए भी लेखक का अचधक समय बबााद हो जाता था।

अन्य प्रश्नोत्‍
तर

1. लेखक उस सज्जन से क्यों नह ीं लमलना चाहता था?

उत्‍तर – लेखक उस सज्जन से इसललए नहीं लमलना िाहता था क्योंफ़क –


● सज्जन बहुत बातन
ू ी था। वह बबना बात के लेखक को अपनी फ़फ़ज़ल
ू की बातों में उलझाकर
उनका अचधक समय बबााद कर दे ता था।
● लेखक का सज्जन की बातों से कोई मतलब नहीं होता था।
● लेखक जजस व्यजक्त से भी लमलने जाने की बातें फ़कया करते थे, सज्जन उन सब व्यजक्तयों
से कोई – न कोई संबंध बता दे ते थे।

2. अपना काम ककसी और से करवाने का क्या – क्या पररणाम हो सकता है , ववचार कीजजए।
उत्तर – अपना काम फ़कसी और से करवाने का ननम्नललखखत पररणाम हो सकते हैं –
● फ़कसी का काम करने वाला व्यजक्त काम करवाने वाले व्यजक्त पर अपना अचधकार जमा
लेता है ।
● काम करने वाला व्यजक्त फ़कसी के काम को हलका में ले सकता है ।
● अन्य व्यजक्त द्वारा फ़कए गए काम से गलनतयााँ हो सकती हैं।
● दस
ू रों के काम करने से भववष्य में फ़कसी प्रकार का दं ड भग
ु तना पड़ सकता है ।

3. लेखक ने दोबारा सज्जन के घर के सामने से ननकलना शरू


ु क्यों कर ददया?
उत्तर – लेखक ने दोबारा सज्जन के घर के सामने से ननकलना इसललए शरू
ु कर ददया क्योंफ़क लेखक
द्वारा यह कहने पर फ़क अब वे घर से बाहर नहीं ननकलते हैं, तब सज्जन ने उनसे, उनके घर में
आकर उनसे दशान करने की बात कही। यह सन
ु कर लेखक ने सोिा फ़क यदद वह सज्ज्न उनके
घर उनसे दशान करने पहुाँिे तो वहााँ वे घंटों बैठकर फ़फ़ज़ल
ू की बातों में उन्हें उलझाकर उनका
समय बबााद कर दें गे।

(नोट - प्रश्नोत्‍
तर‍दहींद ‍की‍उत्‍तर-पुजस्तका‍में ‍ललखखए।)
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अभ्यास सागर
पाठ – 4
उपसगग और प्रत्यय

1. मूल शब्द एवीं उपसगग को अलग करके ललखखए –


शब्द उपसगग मल
ू शब्द
उ० - (क) सहर्ग स हर्ग
(ख) सींयोग सम ् योग
(ग) ववभाग वव भाग
(घ) अधिकार अधि कार
(ङ) सज्जन सत ् जन

2. मूल शब्द एवीं प्रत्यय को अलग करके ललखखए –


शब्द मूल शब्द प्रत्यय
उ० - (क) ललखकर ललख कर
(ख) घबराहट घबरा आहट
(ग) पाररवाररक पररवार इक
(घ) उठता उठ ता
(ङ) बीमार बीमार ई

3. उपसगग एवीं प्रत्यय की पररभार्ा –


उ० - (क) वे शब्दाींश जो ककसी शब्द के पूवग में लगकर उस शब्द के अथग में ववशेर्ता अथवा पररवतगन
उत्पन्न करते हैं, उन्हें उपसगग कहते हैं।

(ख) वे शब्दाींश जो ककसी शब्द के अींत में लगकर उस शब्द के अथग में ववशेर्ता अथवा पररवतगन
उत्पन्न करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

4. मल
ू शब्दों में उपसगग जोड़ते हुए नए शब्द ललखखए –
उपसगग + मूल शब्द - नए शब्द
उ० - (क) अलभ + मान - अलभमान
(ख) नन + वास - ननवास
(ग) दरु ् + गण
ु - दग
ु ण
ुग
(घ) परा + जय - पराजय
(ङ) बहु + मूल्य - बहुमूल्य

5. मूल शब्दों में प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –


मूल शब्द + प्रत्यय - नए शब्द
उ० - (क) खखल + औना - खखलौना
(ख) चढ़ + आई - चढ़ाई
(ग) बच्चा + पन - बचपन
(घ) मीठा + आस - लमठास
(ङ) गरम + आहट - गरमाहट

6. मूल शब्दों में उधचत उपसगग लगाकर नए शब्द ललखखए –


उपसगग + मूल शब्द - नए शब्द
उ० - (क) अनत + ररक्त - अनतररक्त
(ख) स + पररवार - सपररवार
(ग) प्र + सन्न - प्रसन्न
(घ) अ + ज्ञात - अज्ञात
(ङ) अन + पढ़ - अनपढ़

7. मल
ू शब्दों में उधचत प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –
मल
ू शब्द + प्रत्यय - नए शब्द
उ० - (क) ओढ़ + नी - ओढ़नी
(ख) ददख + आवा - ददखावा
(ग) सााँप + एरा - साँपेरा
(घ) बढ़
ू ा + आपा - बढ़
ु ापा
(ङ) मनष्ु य + ता - मनष्ु यता
(च) दक
ु ान + दार - दक
ु ानदार

8. मल
ू शब्दों में उधचत उपसगग लगाकर नए शब्द ललखखए –
उपसगग + मूल शब्द - नए शब्द
उ० - (क) परा + क्रम - पराक्रम
(ख) अनु + कूल - अनुकूल
(ग) अप + यश - अपयश
(घ) आ + जीवन - आजीवन
(ङ) ना + समझ - नासमझ
(च) अन + दे खा - अनदे खा

9. शब्दों में उधचत प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –


मूल शब्द + प्रत्यय - नए शब्द
उ० - (क) चट + आई - चटाई
(ख) झाड़ + ई - झाड़ी
(ग) सजा + आवट - सजावट
(घ) हाँस + ई - हाँसी
(ङ) मोटा + आपा - मोटापा

10. शब्दों में ‘इक’ प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –


उ० - (क) सप्ताह + इक = साप्तादहक
(ख) सींसार + इक = साींसाररक
(ग) िमग + इक = िालमगक
(घ) अथग + इक = आधथगक
(ङ) मास + इक = मालसक

11. शब्दों में ‘इक’ प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –


उ० - (क) जीव + इक = जैववक
(ख) नीनत + इक = नैनतक
(ग) लशक्षा + इक = शैक्षक्षक
(घ) ववचार + इक = वैचाररक
(ङ) ववज्ञान + इक = वैज्ञाननक

12. मूल शब्दों में उपसगग एवीं प्रत्यय लगाकर नए शब्द ललखखए –
उपसगग मूल शब्द प्रत्यय नए शब्द
उ० - (क) प्र + सन्न + ता - प्रसन्नता
(ख) अ + स्वच्छ + ता - अस्वच्छता
(ग) प्र + बल + ता - प्रबलता
(घ) प्र + भाव + इत - प्रभाववत
13. ववलोम शब्द ललखखए –
उ० - (क) अस्वच्छ
(ख) गााँव
(ग) ववदे श
(घ) दग
ु ि

(ङ) सायीं
(च) अपकर्ग

14. शब्दों को मानक वतगनी में ललखखए –


उ० - (क) ववद्याथी
(ख) सींद
ु र
(ग) द्वारा
(घ) उत्‍तर
(ङ) उद्यान
(च) बुद्धिमान

15. शब्दों को पयागयवाची शब्दों से लमलाइए –


उ० - (क) वक्ष
ृ – पेड़, तरु, पादप‍
(ख) बादल - मेघ, घन, जलिर
(ग) पवगत - पहाड़, धगरर, अचल
(घ) पक्षी - खग, ववहग, नभचर
(ङ) ननमगल - साफ़, स्वच्छ, पववत्र

(नोट – उत्‍तर ‘अभ्यास सागर’ की पुस्तक में ललखखए।)


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