Professional Documents
Culture Documents
र्वषय – र् िंदी
कक्षा - पािंचवी
नाम : समय : 2 घटिं े 30 र्मनट
अनुक्रमािंक : __________ अ. अिंक : 80
सामान्य र्नदेश :
• सभी प्रश्नों के उत्तर देना अननवार्य है |
• सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार, सन्ु दर व स्पष्ट निखें |
अपर्ित गद्ािंश
हमारे जीवन में कई जाने अनजाने गरुु होते हैं नजनमें हमारे माता-नपता का स्थान सवोपरर है | गरुु वह है जो जााँच-परखकर निष्र् को निक्षा देता है | भारत
में गरुु -निष्र् का संबंध सनदर्ों परु ाना है | गरुु को ईश्वर से भी बड़ा माना जाता है | गरुु का उद्देश्र् होता है की उसका निष्र् उससे अनधक नवद्वान बने | हमारे
भारत देि में कई ऐसी गरुु -निष्र् की अनोखी जोनड़र्ााँ रही हैं , जैसे– रानी िक्ष्मीबाई और तांत्र्ा, चंद्रगप्तु मौर्य और चाणक्र् आनद | कई निष्र्ों ने भी
अपने गरुु का मान रखकर गरुु दनक्षणा में अपना सवयस्व दे नदर्ा | इनमें ‘एकिव्र्’ का नाम अमर है , नजसने गरुु द्रोण के कहने अंगठू ा ही दे नदर्ा |
1. अपर्ित गद्ािंश के आधार पर र्नम्न प्रश्नों के उत्तर दीर्िए | (5)
क. हमारे गरुु ओ ं में सवोपरर स्थान नकसका हैं ?
ख. गरुु का क्र्ा उद्देश्र् होता हैं ?
ग. एकिव्र् ने गरुु दनक्षणा में क्र्ा नदर्ा ?
घ. नविोम निनखए - छोटा
ड. ‘गरुु ’ िब्द से वाक्र् बनाइए |
सार् त्य
1. र्नम्नर्िर्ित प्रश्नों के उत्तर र्िर्िए – (12)
क. अंकन के पत्र का मख्ु र् उद्देश्र् क्र्ा था ?
ख. हमें नकन नकन चीजों का दरूु पर्ोग नहीं करना चानहए ?
ग. कणय ने सर्ू य से क्र्ा प्राथयना की और क्र्ों ?
घ. हमें खाने की नकन चीजों से िौह्तत्व नमिता है ?
ड. कणय ने छदम भेषधाररर्ों को नभक्षा में क्र्ा नदर्ा ?
च. मेिे में अिग- अिग मंडप नकसके थे ?
2. र्दए गए शब्दों के अर्ि र्िर्िए – (3)
प्रोत्साहन, नखन्न, खोखिा, प्राथनमकता, रोचक, नववि
3. र्दए गए वाक्यों को पाि के आधार पर पूरा कीर्िए | (6)
क. खनू की कमी से ________होता है |
ख. खनू के पानी जैसे तरि भाग को ___________ कहते है |
ग. कणय का _________सोने का बना था |
घ. गााँधी जी नेहरु जी के साथ _________ िहर में थे |
ड. अंकन ने पत्र अपने नमत्र ________ को निखा था |
च. सत्र् और समर् दोनों रेि की ________की तरह हैं |
4. पाि के आधार पर र्ििो की य वाक्य र्कसने क ा ? (4)
क. “अच्छा तमु जानती हो ‘अनीनमर्ा’ क्र्ा होता है ?”
ख. नछ: - नछ: ! रक्त से सना सोना ! र्ह हमारे नकस काम का !
ग. “नकतना समर् हुआ है ?”
घ. “घड़ी रखने का क्र्ा िाभ है , जब तक सही समर् न बतार्ा जाए |”
5. र्नम्नर्िर्ित शब्दों से वाक्य बनाइए – (5)
आजीनवका, ईष्र्ाय, स्वभाव, आमंनत्रत, ग्रामीण
भाषा
1. वाक्य र्कसे क ते ै ? इसके र्कतने अगिं ैं ? अगिं ों के नाम उद ारण सर् त र्ििो | (2)
2. र्दए गए वाक्यों को पढकर र्क्रया–र्वशेषण का भेद बताओ | (3)
क. वह िड़की तेज़- तेज़ चि रही है |
ख. मैंने खबू खाना खार्ा |
ग. संध्र्ा मधरु गाती है |
3. र्दए गए वाक्यों में से उर्चत शब्द र्ििकर बताओ र्क व अर्वकारी शब्द का कौन-सा भेद ै – (सिंबिंधबोधक, समच्ु चयबोधक या
र्वस्मयार्दबोधक) (3)
क. अरे ! तमु क्र्ा कर रहे हो ?
ख. मैं और मेरी मााँ बाज़ार गए |
ग. भख ू के मारे बरु ा हाि है |
4. र्दए गए शब्दों के ऐसे वाक्य बनाइए र्क उनके अर्ि अिग-अिग स्पष्ट ो िाएँ | (4)
क. तीर ख. आम
तीर आम
6. र्नम्नर्िर्ित वाक्यों में अनेक शब्दों के स्र्ान पर एक शब्द का प्रयोग कर वाक्य दोबारा र्िर्िए | (4)
क. सधु ीर ईश्वर में नवश्वास रखता है |
ख. मैं कम खचय करने वािा बािक हाँ |
ग. कणय का आचरण अच्छा नहीं है |
घ. मज़दरू कम खचाय करता है |
10. र्चर्िया घर में चिते ुए भाई और ब न के बीच सविं ाद िेिन करो | (5)
11. अपने बुआ की शादी में शार्मि ोने के र्िए तीन र्दन का अवकाश माँगते ुए प्रधानाचायाि िी को आवेदन पत्र र्िर्िए| (5)
12. ‘समय के म त्त्व’ र्वषय पर अनुच्छे द र्िर्िए | (5)