सागर आती भारी, भु सागर आती भारी, सीता सोध ले आए, सीता सोध ले आए, किप लं का जारी, जय किप बळवं ता, भु जय किप बलवं ता।।
राम चरण रितदायक,
शरणागत ाता, भु शरणागत ाता, े मानं द कहे हनु मत, े मानं द कहे हनु मंत, वां िछत फल दाता, जय किप बलवं ता, भु जय किप बलवं ता।।
जय किप बळवं ता,
भु जय किप बलवं ता, सु र नर मु िनजन वं िदत, सु र नर मु िनजन वं िदत, पदरज हनु मंता, जय किप बळवं ता, भु जय किप बलवं ता।। Source: https://www.bharattemples.com/jai-kapi-balvanta-hanuman-aarti-hindi/