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​मेरे सपनों का भारत

कक्षा-छह

एस इ ए गतिविधि

"मैं जिस भारत को जानता हूँ वहाँ कोई नहीं लड़ता, सभी लोग समान रूप से रहते हैं और ये वो
भारत नहीं है"

जय हिन्द, आदरणीय शिक्षकों, विद्यार्थियों और मेरे प्यारे दोस्तों, मैं लैविश कक्षा छह का छात्र
मेरी सी देने के लिए यहां उपस्थित है। तो चलिए सुरु करते हैं

भारत को आजादी मिले 75 साल हो चुके है। लेकिन कई ऐसी गंभीर समस्याएँ है, जो ऐसे ही
बनी हुई है, जिसमें बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कु पोषण, गरीबी और निरक्षरता मुख्य है। मेरी दृष्टि में
2047 का भारत ऐसा भारत होना चाहिए, जिसमें ये सभी मूल समस्याएँ पूर्ण रूप से समाप्त हो
जाये, जिससे देश के विकास में और तेजी आ जाएगी। २०४७ का भारत ऐसा भारत हो, जिसमें
प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो, कोई भी अशिक्षित नहीं हो। क्योंकि एक विकाशील देश में शिक्षित
व्यक्ति सबसे महत्वपूर्ण है। यदि व्यक्ति शिक्षित होगा तो आधी समस्याएँ तो ऐसे ही दूर हो
जाएगी । यदि देश के युवा के पास रोजगार नहीं है तो वह देश विकाशील नहीं कहलायेगा ।
2047 में मेरे सपनों का भारत ऐसा हो कि सभी के पास अपना रोजगार हो, सभी अपने
परिवार का लालन-पोषण अच्छे से कर पाएं और कोई भी कु पोषण का शिकार नहीं हो। देश में
सभी युवा रोजगार युक्त होंगे तो गरीबी भी दूर हो जाएगी । भ्रष्टाचार भारत की मूल समस्याओं
में से एक है। यदि यह समस्या समाप्त हो जाये तो भारत का विकास बहुत तेजी पकड़ लेंगा।
मेरी दृष्टि में 2047 का भारत ऐसा भारत होगा, जिसमें भ्रष्टाचार का नाम भी नहीं होगा और
मजबूत और कठोर कानून बनेंगे, जिससे भ्रष्टाचार करने वाले पहले सोचने लगेगा ।

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