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मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
हमारा दे श भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की 200 साल की गुलामी से आजाद हुआ था। आजादी के 75
साल परू े होने वाले हैं। इस मौके पर पूरा दे श आजादी का अमत
ृ महोत्सव मना रहा है ।
वर्ष 2047 के संबंध में , हमें एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा कि स्वतंत्रता के 100 वर्ष परू े करने के बाद हम
भारत को कहां दे खते हैं। इसके लिए सभी को मिलकर दे श के विकास के लिए काम करना होगा ताकि हमारे अंदर
एकता की भावना पैदा हो और खंडित सोच से मुक्ति मिले। वस्तत
ु ः इस ‘अमत
ृ काल’ का लक्ष्य एक ऐसे भारत का
ु क हों। सभी की तरह मैं भी 2047 के भारत को भ्रष्टाचार मक्
निर्माण करना है जिसमें सभी आधनि ु त भारत के
रूप में दे खती हूं। मैं दे खती हूं कि 2047 में दे श में जाति और धर्म के नाम पर कोई नफरत नहीं है। 2047 में
भारत की सड़कों पर चलने वाली हर लड़की बिल्कुल सुरक्षित है । आज भारत किसी भी क्षेत्र में किसी दस
ू रे दे श पर
निर्भर नहीं है। 2047 में मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जहां विभिन्न जातियों, धर्मों, समूहों, आर्थिक और
सामाजिक लोग एक साथ मिलजुल कर जीवन यापन करते रहें गे और दे श की युवा विभिन्न संस्थानों में प्रवेश
पाकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत आर्थिक, सैन्य आदि सभी तरीके से दे श के वद्धि
ृ में अपना योगदान दें गे।
2047 तक भारत को एक खश
ु हाल दे श बनाने के लिए हमें कुछ निम्न क्षेत्रों में कार्य करना होगा जैसे कि शिक्षा,
ु त भारत, स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाना, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता, कौशल-विकास, पर्यावरण की
गरीबी मक्
संरक्षण, जल संरक्षण, कुटीर उद्योग, समानता के अवसर प्रदान करना, शोषण मक्
ु त, आतंकवाद मक्
ु त इत्यादि।
2047 में मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत होगा जिसमें गांधी जी के रामराज्य का आदर्श होगा एवं दे श में कहीं भी
भ्रष्टाचार इत्यादि नहीं होगा। हर व्यक्ति को अपने राष्ट्र के प्रति ऐसा प्रेम हो जैसा कि एक मां को अपने बच्चे के
प्रति होती है तभी मेरे सपनों के भारत का सपना पूरा हो सकेगा।