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First Term Exam (2021-22)


CBSE Class 10 Hindi A
Sample Paper - 01

Maximum Marks: 40
Time Allowed: 90 Minutes

General Instructions:

यह न प माईसीबीएसईगाइड के िश क क टीम ारा तैयार िकया गया है। इसम कुल 40 व तुिन न ह।

अपिठत ग ांश व का यांश


1. िन न ल खत ग ांश को यानपूवक पढ़कर पूछे गए न के उ र ल खए-
भारतवष ने कभी भी भौितक व तुओं के सं ह को बहत अ धक मह व नह िदया। उसक ि म मनु य के भीतर जो आं त रक त व थर भाव से
बैठा हआ है, वही चरम और परम है। लोभ-मोह, काम- ोध आिद िवकार मनु य म वाभािवक प से िव मान रहते ह, पर उ ह धान शि मान
लेना और अपने मन और बुि को उ ह के इशारे पर छोड़ देना, बहत िनकृ आचरण है। भारतवष ने उ ह सदा संयम के बंधन से बाँधकर रखने
का य न िकया है।
इस देश के कोिट-कोिट द र जन क हीन अव था को सुधारने के लए अनेक कायदे-कानून बनाए गए। जन लोग को इ ह कायािवत करने का
काम स पा गया वे अपने कत य को भूलकर अपनी सुख-सुिवधा क ओर यादा यान देने लगे। वे ल य क बात भूल गए और लोभ, मोह जैसे
िवकार म फँसकर रह गए। आदश उनके लए मज़ाक का िवषय बन गया और संयम को दिकयानूसी मान लया गया। प रणाम जो होना था, वह हो
रहा है-लोग लोभ और मोह म पड़कर अनथ कर रहे ह, इससे भारतवष के पुराने आदश और भी अ धक प प से महान और उपयोगी िदखाई
देने लगे ह। अब भी आशा क योित बुझी नह है। महान भारतवष को पाने क संभावना बनी हई है, बनी रहेगी।
I. मन म समाए िवकार को िकसके सहारे वश म िकया जाता है?
i. संयम के बंधन के सहारे
ii. मन के सहारे
iii. लोभ के सहारे
iv. मोह के सहारे
II. आं त रक का िवलोम होगा -
i. अना त रक
ii. बा
iii. ा
iv. भीतरी
III. हमारे देश म चरम और परम िकसे माना जाता है ? यह मा यता पा चा य देश से िकस तरह अलग है?
i. मनु य म थत ा थर भाव
ii. मनु य म थत बा थर भाव
iii. मनु य म थत आ त रक थर भाव
iv. मनु य म थत चलायमान भाव
IV. देश म करोड़ लोग गरीबी म य जी रहे ह?
i. य िक कोई उनक ओर यान नह देता
ii. य िक वे गरीब रहना चाहते ह
iii. य िक उनके पास पैसा नह है
iv. य िक उनक दशा सुधारने वाले अपनी सुख सुिवधा म लग गए
V. आदश एवं संयम को दिकयानूसी कौन मान बैठे? इसका या प रणाम हआ?
i. जो ल य क बात को भूल गए

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ii. जो आधुिनक नह थे
iii. जो आधुिनक थे
iv. जो पुरातनपंथी थे

OR

िन न ल खत ग ांश को यानपूवक पढ़कर पूछे गए न के उ र ल खए-


जाित- था को यिद म-िवभाजन मान लया जाए, तो यह वाभािवक िवभाजन नह है, य िक यह मनु य क िच पर आधा रत है। कुशल यि
या स म िमक समाज का िनमाण करने के लए यह आव यक है िक हम यि क मता इस सीमा तक िवक सत कर, जससे वह अपने पेशे या
काय का चुनाव वयं कर सके। इस स ांत के िवपरीत जाित- था का दिू षत स ांत यह है िक इससे मनु य के िश ण अथवा उसक िनजी
मता का िवचार िकए िबना, दस ू रे ही ि कोण जैसे माता िपता के सामा जक तर के अनुसार पहले से ही अथात गभधारण के समय से ही मनु य
का पेशा िनधा रत कर िदया जाता है।
जाित- था पेशे का दोषपूण पूविनथारण ही नह करती, ब क मनु य को जीवन-भर के लए एक पेशे म बाँध भी देती है, भले ही पेशा अनुपयु या
अपया होने के कारण वह भूख मर जाए। आधुिनक युग म यह थित ाय आती है, य िक उ ोग धंधे क ि या व तकनीक म िनरंतर िवकास
और कभी-कभी अक मात प रवतन हो जाता है, जसके कारण मनु य को अपना पेशा ब लने क आव यकता पड़ सकती है और यिद ितकूल
प र थितय म भी मनु य को अपना पेशा बदलने क वतं ता न हो तो इसके लए भूखे मरने के अलावा या चारा रह जाता है? िहंद ू धम क
जाित था िकसी भी यि को ऐसा पेशा चुनने क अनुमित नह देती है, जो उसका पैतृक पेशा न हो, भले ही वह उसम पारंगत है। इस कार
पेशा-प रवतन क अनुमित न देकर जाित- था भारत म बेरोजगारी का एक मुख व य कारण बनी हई है।
I. कुशल िमक-समाज का िनमाण करने के लए या आव यक है?
i. यि क मता को इस सीमा तक िवक सत करना जससे वह अपने पेशे का चुनाव वयं कर सके।
ii. यि क मता को इस सीमा तक िवक सत करना जससे वह अपने पेशे का चुनाव वयं न कर सके।
iii. यि क मता को इस सीमा तक िवक सत करना जससे उसके पेशे का चुनाव दस ू रे न कर सके।
iv. यि क मता को इस सीमा तक िवक सत करना जससे उसके पेशे का चुनाव दस ू रे कर सके।
II. जाित- था के स ांत का दिू षत िवचार या है ?
i. उसके पेशे का उसके ारा िनधारण करना
ii. उसके पेशे का उसके ज म से पूव िनधारण करना
iii. उसके पेशे को िन चत करना
iv. उसके पेशे को अपया करना
III. िह द ू धम क जाित- था िकसी भी यि को कौनसा पेशा चुनने क अनुमित नह देती है ?
i. जो उसका पैतृक पेशा न हो
ii. जो उसका पैतृक पेशा हो
iii. जसम वह पारंगत न हो
iv. जसम वह पारंगत हो
IV. कौनसा िवभाजन मनु य क िच पर आधा रत है?
i. जाित था
ii. जाित िवभाजन
iii. म िवभाजन
iv. उपरो म से कोई नह
V. ितकूल प र थित म यि पेशा बदलने क वतं ता न िमलने पर या हो सकता है?
i. उसके भूखे मरने क नौबत आ सकती है
ii. उसके पेशा बदलने क नौबत आ सकती है
iii. उसके जाित बदलने क नौबत आ सकती है
iv. उसके म करने क नौबत आ सकती है
2. िन न ल खत का यांश को यानपूवक पढ़कर नीचे िदए गए न के उ र दी जए:
आज क दिु नया िविच , नवीन;
कृित पर सव है िवजयी पु ष आसीन।
ह बँधे नर के कर म वा र, िव ुत्, भाप,

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ह म पर चढ़ता-उतरता है पवन का ताप।


है नह बाक कह यवधान,
लाँघ सकता नर स रत्, िग र, संधु एक समान।
कृित के सब त व करते ह मनुज के काय;
मानते ह ह म मानव का महा व णेश,
और करता श दगुण अंबर वहन संदेश।
न य नर क मुि म िवकराल,
ह समटते जा रहे येक ण िवकराल।
यह गित िन सीम! नर का यह अपूव िवकास!
चरण-तल भूगोल! मु ी म िन खल आकाश!
िकंतु, है बढ़ता गया म त क ही िनःशेष,
शीश पर आदेश कर अवधाय,
छूट पर पीछे गया है रह दय का देश;
मोम-सी कोई मुलायम चीज़
ताप पाकर जो उठे मन म पसीज-पसीज।
यह न प माईसीबीएसईगाइड के िश क क टीम ारा तैयार िकया गया है।
I. किव को आज क दिु नया िविच और नवीन य लग रही है?
i. य िक आज मानव ने सभी े पर िवजय ा क है।
ii. य िक आज मानव ने िकसी े म िवजय ा नह क है।
iii. य िक आज मानव को कह कावट नह है।
iv. इनम से कोई नह ।
II. ‘ह नह बाक कह यवधान’ के मा यम से किव या कहना चाहता है?
i. य िक अब मनु य के सामने बहत कावट ह।
ii. य िक अब मनु य के सामने कोई कावट नह है।
iii. य िक अब मनु य का ान बढ़ गया है।
iv. य िक अब मनु य ने गित कर ली है।
III. मानव ारा िकए गए वै ािनक गित के अ त ु िवकास किव को खुशी नह दे रहे ह, य ?
i. य िक उसने कृित को बदल िदया है।
ii. य िक उसके म त क का िवकास हो गया है।
iii. य िक उसके जीवन - मू य म िगरावट आ गई है।
iv. य िक उसने कृित को नया कर िदया है।
IV. पवन का ताप िकसके आदेश पर चढ़ता और उतरता है ?
i. कृित के
ii. दिु नया के
iii. मनु य के
iv. निदय के
V. 'अपूव' श द म यु उपसग है -
i. अ
ii. आ
iii. पूव
iv. पू

OR

िन न ल खत का यांश को यानपूवक पढ़कर नीचे िदए गए न के उ र दी जए:


तुम कुछ न करोगे, तो भी िव व चलेगा ही,
िफर य गव ले बन लड़ते अ धकार को?

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सो गव और अ धकार हेतु लड़ना छोड़ो,


अ धकार नह , कत य-भाव का यान करो!
है तेज़ वही, अपने साि य मा से जो
सहचर-प रचर के आँ सू तुरत सुखाता है,
उस मन को हम िकस भाँित व तुतः सु-मन कह,
और को खलता देख, न जो खल जाता है?
काँटे िदखते ह जब िक फूल से हटता मन,
अवगुण िदखते ह जब िक गुण से आँ ख हटे;
उस मन के भीतर दख ु कहो य आएगा;
जस मन म ह आनंद और उ ास डटे!
यह िव व यव था अपनी गित से चलती है,
तुम चाहो तो इस गित का लाभ उठा देखो,
यि व तु हारा यिद शुभ गित का ेमी हो
तो उसम िवभु का ेरक हाथ लगा देखो!
I. का यांश म लोग क िकस वृ क ओर संकेत िकया गया है?
i. घमंडी वृ क ओर
ii. लडाई क ओर
iii. अ धकार क ओर
iv. याग क ओर
II. का यांश म िनिहत संदेश है -
i. अपने अ धकार के लए लड़ना
ii. कत य भाव रखते हए अ धकार क लडाई को छोड़ना
iii. कत य भाव न रखते हए अ धकार क लडाई को छोड़ना
iv. कत य भाव न रखते हए अ धकार क लडाई करना
III. किव ने िकस कार के तेज को अपनाने को कहा है ?
i. जो बहत तेज़ होता है |
ii. जो खर होता है |
iii. जससे दःु ख दरू होता है |
iv. जससे दःु ख बढ़ता है |
IV. का यांश म ‘सु-मन’ िक ह कहा गया है ?
i. जो अ छे फूल ह
ii. जो पूर े खलते ह
iii. जो खुशबू देते ह
iv. जो अपना मन सुंदर और व छ रखते ह
V. दःु ख कैसे मन म वेश नह कर पाता है ?
i. जो पहले से दखु ी होता है
ii. जसके मन म उ ास हो
iii. जसके मन म उ ास न हो
iv. जो सुखी हो
याकरण
3. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. जब शाम हो तब लौट आना सरल वा य म बद लए-
a. इनम से कोई नह
b. शाम को लौट आना
c. जैसे ही शाम हो वैसे ही लौट आना
d. शाम होते ही घर आ जाना
b. म चाहता था िक आज अं ेजी पढ़ू ँ। वा य का सरल प िन न िवक प से चुन-

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a. म चाहता था िक म अं ेजी पढ़ू ँ।


b. जैसे ही मेरा मन िकया िक आज अं ेजी पढ़ू ँ लाइट चली गई।
c. म आज अं ेजी पढ़ना चाहता था।
d. मेरा मन था िक आज अं ेजी पढ़ू ँ।
c. मने एक यि देखा। वह यि बहत कमज़ोर था। - दो सरल वा य को एक सरल वा य म प रवितत क जए।
a. जो यि मने देखा वो बहत कमज़ोर था।
b. मने एक बहत कमज़ोर यि को देखा।
c. वह यि जो बहत कमज़ोर था उसे मने देखा।
d. मने जस यि को देखा वह बहत कमज़ोर था।
d. जो छा प र म करगे उ ह सफलता अव य िमलेगी सरल वा य म बद लए।
a. प र मी छा अव य सफल ह गे।
b. सभी
c. सबको प र म करना पड़ता है।
d. प र म सफलता क कंु जी है।
e. उसने बहत हाथ पाँव मारे िक तु वह सफल न हआ। रचना के आधार पर वा य भेद चुिनए-
a. इनम से कोई नह
b. सरल वा य
c. संयु वा य
d. िम वा य
यह न प माईसीबीएसईगाइड के िश क क टीम ारा तैयार िकया गया है।
4. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. इतनी धूप म कैसे चला जाएगा वा य म वा यभेद बताइए।
a. कमवा य
b. कतृवा य
c. इनम से कोई नह
d. भाववा य
b. चोट लगने के कारण वह चल नह पाया वा य को भाववा य म बद लए-
a. चोट लगने क अव था म वह चल नह पाया
b. चोट लगने के कारण उसने चल नह पाया
c. उसे चोट लगी थी इस लए चल नह पाया
d. चोट लगने के कारण उससे चला नह जा सका
c. िशकारी ारा िशकार िकया जाता है योग के आधार पर वा य भेद बताइए।
a. भाववा य
b. कमवा य
c. िम वा य
d. कतृवा य
d. िकस वा य म कतृवा य है?
a. दीि ारा नह लखा जाता।
b. िकसान खेत म खाद डालते ह।
c. घायल हंस से उड़ा न गया।
d. फादर ारा र ते बनाकर तोड़े नह जाते।
e. उससे खाना नह खाया जाता। वा य भेद बताइए।
a. भाववा य
b. कमवा य
c. कतृवा य
d. िम वा य
5. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:

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a. तुम या करोगे? वा य म रेखांिकत पद का पद-प रचय बताइए।


a. िन चयवाचक िवशेषण
b. इनमे से कोई नह
c. ि या-िवशेषण
d. नवाचक िवशेषण
b. तेज दौड़ती हई ब ची को उसने पकड़ लया। रेखांिकत पद है-
a. िवशेषण पद
b. सवनाम पद
c. ि यािवशेषण पद
d. ि या पद
c. लाल गुलाब देखकर मन खुश हो गया। रेखांिकत पद का प रचय है-
a. प रमाणवाचक िवशेषण, एकवचन, पुि ंग, 'गुलाब िवशे य का िवशेष
b. गुणवाचक िवशेषण, बहवचन, पुि ंग, गुलाब िवशे य का िवशेष
c. सं यावाचक िवशेषण, बहवचन, पुि ंग, गुलाब िवशे य का िवशेष
d. गुणवाचक िवशेषण, बहवचन, ी लंग, 'गुलाब' िवशे य का िवशेष
d. वह कल आएगा - वा य म रेखांिकत पद के लए उिचत पद प रचय होगा -
a. अ य पु षवाचक सवनाम
b. स ब धवाचक सवनाम
c. िनजवाचक सवनाम
d. नवाचक सवनाम
e. िव ान लोग समय का सदपु योग करते ह। वा य म रेखांिकत पद का प है-
a. सावनािमक िवशेषण
b. गुणवाचक िवशेषण
c. सं यावाचक िवशेषण
d. प रमाणवाचक िवशेषण
6. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. आधा पात बाबुल का तामे तिनक िपसान।
लाला जी करने लगे छठे छमासे दान।
-पंि म कौन-सा रस है?
a. वीभ स रस
b. हा य रस
c. क ण रस
d. ग ृं ार रस
b. शांत रस िकसे कहते ह?
a. संसार के ित हष के भाव को
b. संसार के ित वैरा य के भाव को
c. संसार के ित घृणा के भाव को
d. संसार के ित भय के भाव को
c. जसम िवकृत आकार, वाणी, वेश, चे ा आिद का वणन हो उसे कौन-सा रस कहते ह?
a. रौ रस
b. हा य रस
c. भयानक रस
d. अ त ु रस
d. हाय उठ गया यह संसार, बना संदरू आज अंगार।
-पंि म कौन-सा रस है?
a. हा य रस
b. क ण रस

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c. आ चय रस
d. ग ृं ार रस
e. िकलक अरे म नेह िनहा ं ।
इन दाँतो पर मोती वा ँ ।।
इन पंि य म कौन-सा रस है?
a. वा स य रस
b. हा य रस
c. शांत रस
d. वीर रस
पा पु तक
7. िन न ल खत ग ांश को पिढ़ए और नीचे िदये गए न के उ र ल खए-
हालदार साहब को हर प हव िदन क पनी के काम के सल सले म उस क बे से गुजरना पड़ता था। क बा बहत बड़ा नह था। जसे प का
मकान कहा जा सके वैसे कुछ ही मकान और जसे बाज़ार कहा जा सके वैसा एक ही बाज़ार था। क बे म लड़क का एक कूल, लड़िकय का एक
कूल, एक सीमट का छोटा-सा कारखाना, दो ओपन एयर सनेमाघर और एक नगरपा लका भी थी। नगरपा लका थी तो कुछ-न-कुछ करती भी
रहती थी। कभी कोई सड़क प क करवा दी, कभी कुछ पेशाबघर बनवा िदए, कभी कबूतर क छतरी बनवा दी तो कभी किव स मेलन करवा
िदया। इसी नगरपा लका के िकसी उ साही बोड या शासिनक अ धकारी ने एक बार 'शहर' के मु य बाजार के मु य चौराहे पर नेताजी
सुभाषच बोस क एक संगमरमर क ितमा लगवा दी।
I. क बे म शासिनक िवकास का काय कराने क ज मेदारी िकसक थी?
i. हालदार साहब क
ii. कंपनी क
iii. नगरपा लका क
iv. पानवाले क
II. 'ओपन एयर सनेमा घर' से या आशय है?
i. सनेमा घर का नाम
ii. बहत बड़ा सनेमा घर
iii. खुली छत वाला सनेमा घर
iv. क बे का सनेमा घर
III. क बे म या नह था?
i. लोहे का कारखाना
ii. कूल
iii. नगरपा लका
iv. सनेमा घर
IV. िकसने बाजार के मु य चौराहे पर नेताजी क ितमा लगवा दी?
i. नगरपा लका ने
ii. नगरपा लका के एक अ धकारी ने
iii. कंपनी ने
iv. कूल ने
V. हालदार साहब िकतने िदन पर उस क बे से गुजरते थे?
i. सात िदन
ii. दस िदन
iii. बीस िदन
iv. पं ह िदन
8. भगत जी का कौन-सा िनणय अटल रहा?
a. बह क दस ू री शादी करवाने का
b. इनम से कोई नह
c. भजन गाने का
d. खेती करने का

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9. हर वष गंगा नान के लए जाने के पीछे भगत का या उ े य था ?


a. घूमना
b. अपनी परंपरा
c. संत समागम
d. उपवास करना
10. िन न ल खत का यांश को यानपूवक पढ़कर पूछे गए न के उ र िवक प म से चुिनए-
मन क मन ही माँझ रही।
किहए जाइ कौन पै ऊधौ, नाह परत कही।
अव ध अधार आस आवन क , तन मन िबथा सही।
अब इन जोग सँदेसिन सुिन-सुिन, िबरिहिन िबरह दही।
चाहित हत गुहा र जतिहं त, उत त धार बही।
‘सूरदास’ अब धीर धरिहं य , मरजादा न लही।।
I. ऊधौ िकसका संदेश लेकर गोिपय के पास आए थे?
i. ी कृ ण का
ii. मथुरा
iii. राधा रानी का
iv. गोप का
II. गोिपयाँ िकसके ेम म िदवानी ह?
i. ऊधौ
ii. अपने पित
iii. ी कृ ण
iv. राधा रानी
III. सँदेसिन का या अथ है?
i. संदेश
ii. संदेशवाहक
iii. संदेशपावक
iv. संदेश देनेवाला
IV. का यांश म धार बही से या अिभ ाय है?
i. जलधारा
ii. भि क धारा
iii. आँ सू का िगरना
iv. िवयोग क धारा
V. का यांश के रचियता का नाम है-
i. कबीर
ii. सूरदास
iii. तुलसीदास
iv. िबहारी
11. परशुराम ने मंदबुि बालक िकसे कहा है?
a. सह बाह को
b. श ु न को
c. ीराम को
d. ल मण को
12. परशुराम ने ल मण के यवहार से कुिपत होकर या कहा?
a. मुझे तुमसे ऐसे यवहार क उ मीद नह थी
b. बालक समझकर तु ह नह मार रहा हँ
c. सभी
d. तुम जैसे बालक मने बहत देखे ह

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CBSE Class 10 Hindi A


Sample Paper - 01

Solution

अपिठत ग ांश व का यांश


1. I. (i) संयम के बंधन के सहारे
II. (ii) बा
III. (iii) मनु य म थत आं त रक थर भाव
IV. (iv) य िक उनक दशा सुधारने वाले अपनी सुख सुिवधा म लग गए
V. (i) जो ल य क बात भूल गए

OR

i. (i) यि क मता को इस सीमा तक िवक सत करना िक वह अपने पेशे का चुनाव वयं कर सके।
ii. (ii) उसके पेशे का उसके ज म से पूव िनधारण करना
iii. (ii) जो उसका पैतृक पेशा न हो
iv. (iii) म िवभाजन
v. (i) उसके भूखे मरने क नौबत आ सकती है
2. I. (i) य िक आज मानव ने सभी े पर िवजय ा क है।
II. (ii) अब मनु य के सामने कोई कावट नह है।
III. (iii) य िक उसके जीवन मू य म िगरावट आ गई है।
IV. (iii) मनु य के।
V. (i) अ

OR

I. (i) घमंडी वृ क ओर
II. (ii) कत य भाव को रखते हए अ धकार क लडाई को छोड़ना
III. (iii) जससे दःु ख दरू होता है
IV. (iv) जो अपना मन सुंदर और व छ रखते ह
V. (ii) जसके मन म उ ास हो
यह न प माईसीबीएसईगाइड के िश क क टीम ारा तैयार िकया गया है।
याकरण
3. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. (b) शाम को लौट आना
b. (c) म आज अं ेजी पढ़ना चाहता था।
c. (b) मने एक बहत कमज़ोर यि को देखा।
Explanation: दो अलग - अलग सरल वा य को िमलाकर उसम एक कता और एक ि या करने के कारण यही उपयु उदाहरण
होगा।
d. (a) प र मी छा अव य सफल ह गे।
e. (c) संयु वा य
4. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. (d) भाववा य
Explanation: 'इतनी धूप म कैसे चला जाएगा' वा य म भाववा य है।
b. (d) चोट लगने के कारण उससे चला नह जा सका
c. (b) कमवा य
Explanation: िकसी वा य म ारा रहे तो वह कम वा य होता है।

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d. (b) िकसान खेत म खाद डालते ह।


e. (a) भाववा य
Explanation: खाया जाता, चला जाता भाववा य क पहचान है।
5. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. (c) ि या-िवशेषण
b. (c) ि यािवशेषण पद
c. (b) गुणवाचक िवशेषण, बहवचन, पुि ंग, गुलाब िवशे य का िवशेष
Explanation: 'लाल' गुलाब का गुण बता रहा है इसी लए गुणवाचक िवशेषण।
d. (a) अ य पु षवाचक सवनाम
Explanation: 'वह' पु षवाचक सवनाम है और इसका योग अ य के लए होने के कारण यह अ यपु षवाचक सवनाम है।
e. (b) गुणवाचक िवशेषण
6. िन न ल खत न म से िक ही चार के उ र दी जये:
a. (b) हा य रस
Explanation: आधा पात बाबुल का तामे तिनक िपसान। लाला जी करने लगे छठे छमासे दान। पंि म हा य रस है।
b. (b) संसार के ित वैरा य के भाव को
Explanation: जहाँ संसार के ित वैरा य का भाव रस अवयव से प रपु होकर अिभ य होता है तो वहां शांत रस होता है।
c. (b) हा य रस
d. (c) आ चय रस
Explanation: हाय उठ गया यह संसार, बना संदरू आज अंगार। पंि म क ण रस है।
e. (a) वा स य रस
Explanation: यहाँ छोटे ब चे के दाँतो क बात हो रही है। इस लए इन पंि म वा स य रस है।
यह न प माईसीबीएसईगाइड के िश क क टीम ारा तैयार िकया गया है।
पा पु तक
7. I. (iii) नगरपा लका क
II. (iii) खुली छत वाला सनेमा घर
III. (i) लोहे का कारखाना
IV. (ii) नगरपा लका के एक अ धकारी ने
V. (iv) पं ह िदन
8. (a) बह क दस ू री शादी करवाने का
Explanation: बेटे क मृ यु के बाद भगत का अपनी बह क दस ू री शादी कराने का िनणय अटल रहा था, य िक वे अपनी बह का भिव य
बबाद होता हआ नह देखना चाहते थे।
9. (c) संत समागम
Explanation: हर वष गंगा नान के लए जाने के पीछे भगत का मुख उ े य था संत समागम य िक वे साधुता से भरे हए थे।
10. I. (i) ी कृ ण का
II. (iii) ी कृ ण
III. (i) संदेश
IV. (iii) आँ सू का िगरना
V. (ii) सूरदास
11. (d) ल मण को
Explanation: परशुराम ने मंदबुि बालक ल मण को कहा है।
12. (b) बालक समझकर तु ह नह मार रहा हँ
Explanation: परशुराम ने ल मण के यवहार से कुिपत होकर कहा िक म बालक समझकर तु ह नह मार रहा हँ ।

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