Professional Documents
Culture Documents
11 Hindi Core SP 01
11 Hindi Core SP 01
अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hours
सामान्य निर्देश:
इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड 'अ' और 'ब'। कु ल प्रश्र 14 हैं।
खंड 'अ' में 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से के वल 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
खंड 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्र पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं ।
प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है ।
यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
अथवा
अथवा
विद्यालय में दसवीं और बारहवीं कक्षा के अच्छे परिणामों पर प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर सुझाव दें कि उन्हें और अच्छा कै से बनाया जा
सकता है?
9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. डायरी लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
ii. पटकथा की संरचना कै सी होती है?
iii. डायरी लेखन की पाँच विशेषताएँ बताइए।
और अधिक प्रश्नों का अभ्यास करने और परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए, myCBSEguide ऐप डाउनलोड करें। यह UP बोर्ड,
NCERT, JEE (MAIN), NEET (UG) और NDA परीक्षाओं के लिए संपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। शिक्षक अपने नाम और लोगो
के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कोष कितने प्रकार के होते हैं? विश्वज्ञान कोष को स्पष्ट कीजिए।
ii. कोष कितने प्रकार के होते हैं? साहित्य कोष को स्पष्ट कीजिए।
iii. स्ववृत्त कितने पृष्ठों का होना चाहिए?
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. घर की याद कविता में तुम बरस लो वे न बरसे -किसने, किससे और क्यों कहा है?
ii. सबसे खतरनाक कविता में कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?
iii. बस्ती को बचाएँ डूबने से -आओ, मिलकर बचाएँ कविता के आशय स्पष्ट कीजिए।
12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. हम तो एक एक करि जाना –पद का प्रतिपाद्य स्पष्ट करें।
ii. चंपा काले-काले अछर नहीं चीन्हती कविता में कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
iii. अक्क महादेवी के अनुसार सभी विकारों की शांति क्यों आवश्यक है?
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. सरकारी दफ्तरों में औपचारिकताओं की उलझन मनुष्य के जीवन से भी बड़ी है। जामुन का पेड़ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
ii. विदाई-संभाषण पाठ में कर्जन की तुलना किन तानाशाहों से की गई है? क्यों?
iii. अपू के साथ ढाई साल पाठ से फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस
प्रकार फिल्माया गया?
14. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. भारत माता पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।
ii. नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन का इलाके में कै सा प्रभाव था?
iii. शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कू लों के बीच क्या संबंध होता है? रजनी पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर
अथवा
i. काश! मेरे पंख होते मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जिसके पास कल्पना करने की शक्ति है। कोई भी इंसान उस वस्तु अथवा कार्य की भी
कल्पना कर सकता है, जो वास्तव में कभी संभव नहीं हो। हर किसी इंसान की तरह मेरी भी एक सोच है कि काश मेरे पंख होते, तो मैं भी
आसमान में पक्षियों की तरह उड़ पाता और आसमान की सैर करता। यदि मेरे पंख होते तो मैं किसी की पकड़ में नहीं आता और तेजी से
कहीं भी उड़ जाता। अक्सर हम इंसानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए वाहनों की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर मेरे पंख
होते तो मुझे किसी भी वाहन की जरूरत ना होती क्योंकि मेरे पंख ही मुझे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते। मेरे पंख होते तो कितना
अच्छा होता।
हम सभी को जब भी अपने किसी नजदीकी रिश्तेदार या किसी दोस्त की याद आती है, तो हम उससे फोन पर बातचीत करते हैं। और इससे
हमारा मनोरंजन भी होता है, लेकिन मेरे पंख होते तो मुझे फोन पर बात करने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं पक्षियों की तरह आसमान में
उड़ता हुआ उस जगह पर पहुंचकर अपने दोस्तों रिश्तेदारों से बातचीत करता, तो मुझे बेहद खुशी होती। मैं पक्षियों की तरह, एक पतंग की
तरह आसमान की सैर कर रहा होता। काश ! मेरे पंख होते।
मैं उड़ना चाहता हूँ, आसमान की सैर करना चाहता हूँ। लोग वायुयानों के द्वारा आसमान की सैर करते हैं, लेकिन इनके द्वारा आसमान में
सैर करने की बात अलग है और अपने खुद के पंखों से आसमान में उड़ना एक बात अलग है। काश मेरे पंख होते तो मैं आसमान की
ऊं चाइयों में उड़ता और ऐसा करने में मुझे खुशी का अनुभव होता। काश ! मेरे पंख होते।
ii. परहित सरिस धर्म नहिं भाई परोपकार से बड़ा इस संसार में कु छ नहीं होता है। इस विषय में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि-
"परहित सरिस धर्म नहिं भाई।
परपीड़ा सम नहिं अधमाई।।"
अर्थात् परहित (परोपकार) के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है और दूसरों को पीड़ा (कष्ट) देने के समान कोई अन्य नीचता या नीच कर्म नहीं
है। पुराणों में भी कहा गया है, ‘परोपकारः पुण्याय पापाय परपीड़नम्' अर्थात् दूसरों का उपकार करना सबसे बड़ा पुण्य तथा दूसरों को कष्ट
पहुँचाना सबसे बड़ा पाप हैं।
परोपकार की भावना से शून्य मनुष्य पशु तुल्य होता है, जो के वल अपने स्वार्थों की पूर्ति तक ही स्वयं को सीमित रखता है। मनुष्य जीवन
बेहतर है क्योंकि मनुष्य के पास विवेक है। उसमें दूसरों की भावनाओं एवं आवश्यकताओं को समझने तथा उसकी पूर्ति करने की समझ है
और इस पर भी अगर कोई के वल अपने स्वार्थ को ही देखता हो, तो वाकई वो मनुष्य कहलाने योग्य नहीं है।
इसी कारण मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। इस दुनिया में महात्मा बुद्ध, ईसा मसीह, दधीचि ऋषि, अब्राहम लिंकन, मदर टेरेसा, बाबा आम्टे जैसे
अनगिनत महापुरुषों के जीवन का उद्देश्य परोपकार ही था। भारतीय संस्कृ ति में भी इस तथ्य को रेखांकित किया गया है कि मनुष्य को
iii. कं प्यूटर : आज की ज़रूरत कं प्यूटर वास्तव में, विज्ञान द्वारा विकसित एक ऐसा यंत्र है, जो कु छ ही क्षणों में असंख्य गणनाएँ कर सकता है।
कं प्यूटर ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है। कं प्यूटर द्वारा रेलवे टिकटों की बुकिंग बहुत आसानी से और कम समय में की जा
सकती है।
आज किसी भी बीमारी की जाँच करने, स्वास्थ्य का पूरा परीक्षण करने, रक्त-चाप एवं हृदय गति आदि मापने में इसका भरपूर प्रयोग किया
जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में प्रयुक्त उपकरणों में कं प्यूटर का बेहतर प्रयोग उन्हें और भी उपयोगी बना रहा है। आज हवाई यात्रा में सुरक्षा का
मामला हो या यान उड़ाने की प्रक्रिया, कं प्यूटर के कारण सभी जटिल कार्य सरल एवं सुगम हो गए हैं। संगीत हो या फ़िल्म, कं प्यूटर की
मदद से इनकी गुणवत्ता को सुधारने में बहुत मदद मिली है। जहाँ कं प्यूटर से अनेक लाभ हैं, कं प्यूटर से कु छ हानियाँ भी हैं। कं प्यूटर पर
आश्रित होकर मनुष्य आलसी प्रवृत्ति का बनता जा रहा है। कं प्यूटर के कारण बच्चे आजकल घर के बाहर खेलों में रुचि नहीं लेते और इस
पर गेम खेलते रहते हैं। इस कारण से उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता। फिर भी कं प्यूटर आज के जीवन की
आवश्यकता है। अगर हम इसका सही ढंग से प्रयोग करें, तो हम अपने जीवन में और तेजी से प्रगति कर सकते हैं ।
iv. आधुनिक फै शन एक फ्रांसीसी विचारक का कहना है-आदमी स्वतंत्र पैदा होता है, लेकिन पैदा होते ही तरह-तरह की जंज़ीरों में जकड़
जाता है। वह परंपराओं, रीति-रिवाजों, शिष्टाचारों, औपचारिकताओं का गुलाम हो जाता है। इसी क्रम में वह फ़ै शन से भी प्रभावित होता
है। समय के साथ समाज की व्यवस्था में बदलाव आते रहते हैं। इन्हीं बदलावों के तहत रहन-सहन में भी परिवर्तन होता है। किसी भी समाज
में फ़ै शन वहाँ की जलवायु परिवेश तथा विकास की अवस्था पर निर्भर करता है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ वहाँ के निवासियों के
जीवन-स्तर में परिवर्तन आता जाता है।
20वीं सदी के अंतिम दौर से फ़ै शन ने उन्माद का रूप ले लिया। फ़ै शन को ही आधुनिकता का पर्याय मान लिया गया है। इस फ़ै शन की
अधिकांश बातें आम जीवन से दूर होती हैं। फ़ै शन से संबंधित अनेक कार्यक्रमों का रसास्वादन अधिकांश लोग नहीं ले सकते, परंतु
आधुनिकता और फ़ै शन की परंपरा का निर्वाह करते हैं। फ़ै शन का सर्वाधिक असर कपड़ों पर होता है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित
होता है।और आज के दौर में हमारी नई पीढ़ी ने फ़ै शन का पर्याय ही बदल दिया है, अथवा अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि आज समाज
में फ़ै शन के नाम पर अंधविश्वास फै ला हुआ है।
आधुनिकता और फै शन वर्तमान समाज में अब स्वीकार्य तथ्य हैं। फै शन के अनुसार अपने में परिवर्तन करना भी स्वाभाविक प्रवृन्ति है,
लेकिन इसके अनुकरण से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इससे व्यक्तित्व में वृद्धि होती है या नहीं। सिर्फ फ़ै शन के प्रति दीवाना
होना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं।
8. सेवा में,
डाक अधीक्षक,
डाकघर साध नगर,
पालम,
नई दिल्ली
विषय- आवश्यक डाक संभालने के संदर्भ में
मान्यवर,
प्रार्थना है कि मैं बी ब्लॉक 6, साध नगर,पालम नई दिल्ली का निवासी हूँ। मैं अपने इस पत्र के माध्यम से आपको अवगत करना चाहता हूँ कि मैं
परिवार सहित जरूरी कार्य से एक महीने के लिए दिल्ली से बाहर जा रहा हूँ। इसी मध्य मेरी कु छ अति आवश्यक डाक आने की संभावना है
जो निश्चित रूप से आपके डाकखाने में आयेगी जिसे मैं आपसे उस समय प्राप्त करने में असमर्थ रहूँगा | अत: आप पहली फरवरी से 28 फरवरी
तक उस डाक को संबन्धित डाकिये की जानकारी में अपने डाकघर में सँभालकर रखियेगा। जब मैं 28 फरवरी के बाद घर वापस आऊँ गा | तब
मैं डाकघर आकर वहाँ से अपनी डाक प्राप्त कर लूँगा। आपकी बड़ी कृ पा होगी।
सधन्यवाद
विकास गुप्ता
बी ब्लॉक 6, साध नगर,
पालम नई दिल्ली
दिनांक : 17 जनवरी, 2019
अथवा