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Class 11 - हिंदी कोर


प्रतिदर्श प्रश्नपत्र - 01 (2022-23)

अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hours

सामान्य निर्देश:

इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड 'अ' और 'ब'। कु ल प्रश्र 14 हैं।
खंड 'अ' में 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से के वल 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
खंड 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्र पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं ।
प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है ।
यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।

खंड अ (वस्तुपरक प्रश्न)


1. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
भारत प्राचीनतम संस्कृ ति का देश है। यहाँ दान पुण्य को जीवनमुक्ति का अनिवार्य अंग माना गया है। जब दान देने को धार्मिक कृ त्य मान लिया
गया तो निश्चित तौर पर दान लेने वाले भी होंगे। हमारे समाज में भिक्षावृत्ति की ज़िम्मेदारी समाज के धर्मात्मा, दयालु व सज्जन लोगों की है।
भारतीय समाज में दान लेना व दान देना-दोनों धर्म के अंग माने गए हैं। कु छ भिखारी खानदानी होते हैं क्योंकि पुश्तों से उनके पूर्वज धर्म स्थानों
पर अपना अड्डा जमाए हुए हैं।
कु छ भिखारी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं जो देश में छोटी-सी विपत्ति आ जाने पर भीख का कटोरा लेकर भ्रमण के लिए निकल जाते हैं। इसके
अलावा अनेक श्रेणी के और भी भिखारी होते हैं। कु छ भिखारी परिस्थिति से बनते हैं तो कु छ बना दिए जाते हैं। कु छ शौकिया भी। इस
व्यवसाय में आ गए हैं। जन्मजात भिखारी अपने स्थान निश्चित रखते हैं। कु छ भिखारी अपनी आमदनी वाली जगह दूसरे भिखारी को किराए
पर देते हैं। आधुनिकता के कारण अनेक वृद्ध मज़बूरीवश भिखारी बनते हैं।
गरीबी के कारण बेसहारा लोग भीख माँगने लगते हैं। काम न मिलना भी भिक्षावृत्ति को जन्म देता है। कु छ अपराधी बच्चों को उठा ले जाते हैं
तथा उनसे भीख मँगवाते हैं। वे इतने हैवान हैं कि भीख माँगने के लिए बच्चों का अंग-भंग भी कर देते हैं। भारत में भिक्षा का इतिहास बहुत
पुराना है। देवराज इंद्र व विष्णु श्रेष्ठ भिक्षुकों में थे। इंद्र ने कर्ण से अर्जुन की रक्षा के लिए उनके कवच व कुं डल ही भीख में माँग लिए। विष्णु ने
वामन अवतार लेकर भीख माँगी।
धर्मशास्त्रों ने दान की महिमा का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जिसके कारण भिक्षावृत्ति को भी धार्मिक मान्यता मिल गई। पूजा-स्थल, तीर्थ, रेलवे
स्टेशन, बसस्टैंड, गली-मुहल्ले आदि हर जगह भिखारी दिखाई देते हैं। इस कार्य में हर आयु का व्यक्ति शामिल है। साल-दो साल के दुध मुँहे बच्चे
से लेकर अस्सी-नब्बे वर्ष के बूढ़े तक को भीख माँगते देखा जा सकता है। भीख माँगना भी एक कला है, जो अभ्यास या सूक्ष्म निरीक्षण से
सीखी जा सकती है।
अपराधी बाकायदा इस काम की ट्रेनिंग देते हैं। भीख रोकर, गाकर, आँखें दिखाकर या हँसकर भी माँगी जाती है। भीख माँगने के लिए इतना
आवश्यक है कि दाता के मन में करुणा जगे। अपंगता, कु रूपता, अशक्तता, वृद्धावस्था आदि देखकर दाता करुणामय होकर परंपरानिर्वाह कर
पुण्य प्राप्त करता है।
i. गद्यांश के लिए सर्वश्रेष्ठ शीर्षक है-
i. भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय
ii. व्यवसाय
iii. भिक्षावृत्ति
iv. एक व्यवसाय
ii. भारत में जीवन मुक्ति का अनिवार्य अंग किसे माना गया है?
i. दान-पुण्य को
ii. के वल दान को
iii. के वल पुण्य को

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iv. संस्कृ ति को
iii. धर्मशास्त्रो में किसे धार्मिक मान्यता प्राप्त है?
i. दान को
ii. पुण्य को
iii. भिक्षावृत्ति को
iv. करुणा का
iv. भिखारी दाता के मन में किस भाव को जगाते हैं?
i. करुणा के
ii. अहंकार के
iii. दानी के
iv. अशक्तता के
v. भिक्षावृत्ति से कै से छु टकारा पाया जा सकता है?
i. भीख माँगने की प्रवृत्ति को छोड़कर
ii. उसे धर्म के प्रभाव से अलग करके
iii. उसे समाज से अलग करके
iv. उसे दानियों से अलग करके
vi. भीख माँगने की कला को कै सा सीखा जा सकता है?
i. अभ्यास व सूक्ष्म निरीक्षण से
ii. के वल अभ्यास से
iii. के वल सूक्ष्म निरीक्षण से
iv. के वल भीख माँगकर
vii. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
I. भारत में भिखारी का एक धार्मिक महत्व है।
II. विष्णु सर्वश्रेष्ठ भिखारी की श्रेणी में आते हैं।
III. भिखारी भी एक कलाकार होता है।
उपरिलिखित कथनों में से कौन सही है/हैं?
i. I और II
ii. II और III
iii. I और III
iv. I, II और III
viii. बेसहारा लोग किस कारणवश भीख माँगते हैं?
i. गरीबी के कारण
ii. अभ्यास के कारण
iii. करुणा के कारण
iv. दिखावे के कारण
ix. वृद्ध मजबूरीवश भिखारी किस कारण से बनते हैं?
i. पुरातनता के कारण
ii. नवीनता के कारण
iii. आधुनिकता के कारण
iv. परम्परा के कारण
x. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर
लिखिए।
कथन (A): भारत में भिक्षा का इतिहास नवीन है।
कारण (R): भीख के करुणा एक आवश्यक आवलंब है।
i. कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
ii. कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।

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iii. कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
iv. कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
और अधिक प्रश्नों का अभ्यास करने और परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए, myCBSEguide ऐप डाउनलोड करें। यह UP बोर्ड,
NCERT, JEE (MAIN), NEET (UG) और NDA परीक्षाओं के लिए संपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। शिक्षक अपने नाम और लोगो
के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
2. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
लक्ष्य तक पहुँचे बिना, पथ में पथिक विश्राम कै सा।
लक्ष्य है अति दूर दुर्गम मार्ग भी हम जानते हैं;
किंतु पथ के कं टकों को हम सुमन ही मानते हैं,
जब प्रगति का नाम जीवन, यह अकाल विराम कै सा।।
धनुष से जो छू टता है बाण कब मग में ठहरता
देखते-देखते वह लक्ष्य का ही बेध करता
लक्ष्य प्रेरित बाण है हम, ठहरते का काम कै सा।।
बस वही है पथिक जो पथ पर निरंतर अग्रसर हो,
हो सदा गतिशील जिसका लक्ष्य प्रतिक्षण निकटतर हो।
हार बैठे जो डगर में पथिक उसका नाम कै सा।।
बाल रवि को स्वर्ण किरणें निमिष में भू पर पहुँचती,
कालिमा का नाश करती, ज्योति जगमग जगत धरती
ज्योति के हम पुँज फिर हमको अमा से भीति कै सा।।
आज तो अति ही निकट है देख लो वह लक्ष्य अपना,
पग बढ़ाते ही चलो बस शीघ्र होगा सत्य सपना।
धर्म-पथ के पथिक को फिर देव दक्षिण वाम कै सा।।
i. पथ के कं टक को सुमन मानने से क्या आशय है?
क) हम मार्ग की बाधाओं से प्रसन्न होते है
ख) बाधाओं से जूझना ही हमारा लक्ष्य ह
ग) मार्ग की बाधाओं को स्वीकार करके चलते हैं
घ) हम बाधाओं की चिंता नहीं करते
ii. कं टक किसका प्रतीक है?
क) कष्टों का
ख) स्वार्थों का
ग) बाधाओं का
घ) सुख-सुविधाओं का
iii. काव्यांश के अनुसार, पथिक कौन है?
क) जो अपनी डगर में कभी हार नहीं मानता
ख) जो सदा गतिशील रहे और अपने लक्ष्य के निकट हो
ग) सभी विकल्प सही हैं
घ) जो अपने पथ पर निरंतर अग्रसर हो
iv. अंधेरे को नष्ट कर पृथ्वी को उजाले से कौन भर देता है?
क) चंद्रमा की रोशनी
ख) ईश्वर की शक्ति
ग) तारों की छाँव
घ) सूर्य की किरणें
v. लक्ष्य प्रेरित बाण हैं हम' पंक्ति का क्या भाव है?
क) हम हर हालत में विजयी होंगे
ख) हम लक्ष्य की ओर चले हुए पथिक हैं
ग) हम लक्ष्य की बाधाओं को नष्ट करके रहेंगे

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घ) हम लक्ष्य को नष्ट करके रहेंगे

अथवा

अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:


जब एक साथ मिल कर खेलते हैं,
एक-दूसरे के दु:ख-सुख झेलते हैं;
कभी रूठते हैं, मनाते हैं,
और फिर गले लगकर मुस्कु राते हैं।
जब हम बतियाते हैं-एक हो जाते हैं
भाषा-भूषा हमें पास लाते हैं;
पर बिना शब्दों के भी जोड़ते हैं संगीत के स्वर
जिससे होंठ गुनगुनाते हैं, पाँव थिरक जाते हैं।
हम तब भी एक होते हैं,
जब प्रकृ ति की गोद में होते हैं।
दीन-दुनिया से परे, चैन की नींद सोते हैं,
और सुनहरे सपनों की दुनिया सँजोते हैं।
हम तब भी एक होते हैं,
जब भय से सहम जाते हैं।
अपने मन के दरवाज़े बंद भी कर लें,
पर स्वयं को दूसरे से जुड़ा पाते हैं।
एक होने का यह भाव बड़ा अजीब है,
इसी भाव में यीशु का यश, अल्लाह का ताबीज़ है।
गुरु की वाणी है, रामनाम का बीज है,
यह परंपरा और संस्कृ ति की चीज़ है।
i. हम सभी तब मुस्कु राते हैं, जब
क) मिलकर खेलते हैं
ख) एक-दूसरे से रूठते हैं
ग) दुःख-सुख झेलते हैं
घ) आपस में गले लगते हैं
ii. भूषा का अर्थ है
क) वेश-भूषा
ख) शोभा
ग) चारा-भूसा
घ) सजावट
iii. संगीत के स्वर बजने पर क्या होता है?
क) हम सब मन से जुड़ जाते हैं
ख) होंठ गुनगुनाते और पाँव थिरकते हैं
ग) कर्त्तव्य के प्रति सजग होते हैं
घ) मन के दरवाज़े खुलते हैं
iv. एक होने के भाव अजीब हैं, क्योंकि
क) सभी ईश्वरीय शक्तियों की हम पर कृ पा है
ख) हम भारत में रहते हैं
ग) हम सभी का मान करते हैं
घ) हम लड़ना नहीं चाहते
v. सुनहरे सपनों की दुनिया सँजोते हैं में अलंकार है
क) यमक

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ख) श्लेष
ग) अनुप्रास
घ) रूपक
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय किसे जाता है?
क) बीबीसी
ख) इंडियन एक्स्प्रेस
ग) टाइम्स ऑफ इंडिया
घ) तहलका डॉटकॉम
ii. इनमें से कौन-सा उल्टा पिरामिड शैली का अंग नहीं है?
क) इंट्रो
ख) मध्य भाग
ग) बॉडी
घ) समापन
iii. निम्न में से किसके आधार पर हम अपने मनपसंद जनसंचार माध्यम का चयन नहीं करते हैं?
क) अपने स्वभाव के अनुसार
ख) अपनी रुचि के आधार पर
ग) अपने दोस्त के अनुसार
घ) अपनी जरूरत के अनुसार
iv. टी. वी. पर प्रसारित खबरों में सबसे महत्वपूर्ण है-
क) बाइट
ख) नेट
ग) विजुअल
घ) सभी
v. न्यूज के किस रूप में कम से कम शब्दों में सूचना दी जाती है?
क) लाइव
ख) ड्राइ एंकर
ग) रेडियो बुलेटिन
घ) ब्रेकिंग न्यूज
4. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
लोहे की एक मोटी छड़ को भट्ठी में गलाकर धनराम गोलाई में मोड़ने की कोशिश कर रहा था। एक हाथ से सँड़सी पकड़कर जब वह दूसरे हाथ
से हथौड़े की चोट मारता तो निहाई पर ठीक घाट में सिरा न फँ सने के कारण लोहा उचित ढंग से मुड़ नहीं पा रहा था। मोहन कु छ देर तक उसे
काम करते हुए देखता रहा फिर जैसे अपना संकोच त्यागकर उसने दूसरी पकड़ से लोहे को स्थिर कर लिया और धनराम के हाथ से हथौड़ा
लेकर नपी-तुली चोट मारते, अभ्यस्त हाथों से धौंकनी फूँ ककर लोहे को दुबारा भट्ठी में गरम करते और फिर निहाई पर रखकर उसे ठोकते-
पीटते सुघड़ गोले का रूप दे डाला।
i. मोहन धनराम के आफर पर क्यों गया था?
क) अपनी गलती मानने
ख) धनराम से मिलने
ग) बीती बातों को याद करने
घ) अपने हँसुवे की धार तेज़ करवाने
ii. धनराम क्या कोशिश कर रहा था?
क) पहाड़ा याद करने की
ख) मोहन से मिलने की
ग) पढ़ने की
घ) मोटी छड़ को भट्ठी में गलाकर गोलाई में मोड़ने की
iii. धनराम अपने काम में सफल क्यों नहीं हो पाया?

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क) सभी
ख) क्योंकि वह उसे मन से नहीं कर रहा था
ग) क्योंकि हथौड़े की चोट ढंग से नहीं लग पा रही थी
घ) क्योंकि उसका ध्यान कही और था
iv. गद्यांश के अनुसार धनराम पेशे से क्या था?
क) लुहार
ख) सुनार
ग) पंडित
घ) ग्वाला
v. नपी-तुली में कौन-सा समास है?
क) तत्पुरुष
ख) द्विगु
ग) अव्ययीभाव
घ) द्वंद्व
5. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए,
कहीं चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए,
यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है,
चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए।
i. इस पद्यांश के कवि कौन हैं?
क) अवतार सिंह
ख) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
ग) जयशंकर प्रसाद
घ) दुष्यंत कु मार
ii. चिरागाँ किसका प्रतीक है-
क) फू ल
ख) घर
ग) सुख-समृद्धि
घ) मित्र
iii. शासकों के आश्रय में जनता को कै सा अनुभव होता है?
क) सुख-चैन
ख) इनमें से कोई नहीं
ग) सुख-चैन और कष्ट ही कष्ट दोनों
घ) कष्ट ही कष्ट
iv. पूरे शहर में क्या विद्यमान है?
क) चमक
ख) अंधेरा
ग) रोशनी
घ) रोशनी और अंधेरा दोनों
v. आज़ादी के बाद किसने देश के सुख-चैन के लिए कु छ नहीं किया?
क) सभी विकल्प सही हैं
ख) कवि ने
ग) नेताओं ने
घ) माँ ने
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. त्रिताल कितने मात्राओं का ताल है? [भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ - लता मंगेशकर]

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क) चौदह
ख) अट्ठारह
ग) सोलह
घ) बारह
ii. सामान्यतः लता जी ने कौन-सी पट्टी में गीत गाए हैं?
क) ऊँ ची पट्टी
ख) सामान्य पट्टी
ग) निम्न पट्टी
घ) मध्यम पट्टी
iii. भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ - लता मंगेशकर पाठ के आधार पर संगीत के क्षेत्र में कौन अपना एकाधिकार चाहता है?
क) चित्रपट गायक
ख) शास्त्रीय गायक
ग) लता
घ) सभी गायक
iv. बेबी हालदार कितना पढ़ी लिखी थी?
क) पाँचवी तक
ख) सातवीं तक
ग) आठवीं तक
घ) अनपढ़
v. बेबी हालदार के कितने बच्चे थे?
क) पाँच
ख) चार
ग) तीन
घ) दो
vi. मकान मालकिन और लोग बेबी से किसके बारे में पूछते थे?
क) पति के बारे में
ख) बच्चों के बारे में
ग) पिता के बारे में
घ) साहब के बारे में
vii. शास्त्रीय कलाओं का प्रमुख आधार क्या रहा?
क) चित्रकला
ख) जनजातीय और लोककला
ग) संगीतकला
घ) नृत्यकला
viii. महाराष्ट्र के प्रसिद्द नृत्य का क्या नाम है? (भारतीय कलाएँ)
क) डांडिया रास
ख) घूमर
ग) गरबा
घ) लावणी
ix. कु ई क्या है? [राजस्थान की रजत बूँदें]
क) एक बहुत छोटा कु आँ
ख) लकड़ी के बने हुए कु एँ
ग) कु छ भी नहीं
घ) एक प्रकार की टंकी
x. वर्षा की मात्रा को किसमे नापा जाता है? [राजस्थान की रजत बूँदें]
क) लीटर

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ख) रेजा
ग) ग्राम
घ) मीटर
खंड - ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर दीजिये:
i. काश! मेरे पंख होते विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए।
ii. परहित सरिस धर्म नहिं भाई विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
iii. कं प्यूटर: आज की ज़रूरत विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
iv. आधुनिक फै शन विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए।
8. निकटस्थ डाकपाल को पत्र लिखकर सूचित कीजिए कि 1 फरवरी से 28 फरवरी तक आपकी डाक डाकघर में ही सँभाली जाए, क्योंकि उन
दिनों आप घर पर नहीं होंगे।

अथवा

विद्यालय में दसवीं और बारहवीं कक्षा के अच्छे परिणामों पर प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर सुझाव दें कि उन्हें और अच्छा कै से बनाया जा
सकता है?
9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. डायरी लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
ii. पटकथा की संरचना कै सी होती है?
iii. डायरी लेखन की पाँच विशेषताएँ बताइए।
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10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कोष कितने प्रकार के होते हैं? विश्वज्ञान कोष को स्पष्ट कीजिए।
ii. कोष कितने प्रकार के होते हैं? साहित्य कोष को स्पष्ट कीजिए।
iii. स्ववृत्त कितने पृष्ठों का होना चाहिए?
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. घर की याद कविता में तुम बरस लो वे न बरसे -किसने, किससे और क्यों कहा है?
ii. सबसे खतरनाक कविता में कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?
iii. बस्ती को बचाएँ डूबने से -आओ, मिलकर बचाएँ कविता के आशय स्पष्ट कीजिए।
12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. हम तो एक एक करि जाना –पद का प्रतिपाद्य स्पष्ट करें।
ii. चंपा काले-काले अछर नहीं चीन्हती कविता में कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
iii. अक्क महादेवी के अनुसार सभी विकारों की शांति क्यों आवश्यक है?
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. सरकारी दफ्तरों में औपचारिकताओं की उलझन मनुष्य के जीवन से भी बड़ी है। जामुन का पेड़ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
ii. विदाई-संभाषण पाठ में कर्जन की तुलना किन तानाशाहों से की गई है? क्यों?
iii. अपू के साथ ढाई साल पाठ से फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस
प्रकार फिल्माया गया?
14. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. भारत माता पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।
ii. नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन का इलाके में कै सा प्रभाव था?
iii. शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कू लों के बीच क्या संबंध होता है? रजनी पाठ के आधार पर बताइए।

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Class 11 - हिंदी कोर


प्रतिदर्श प्रश्नपत्र - 01 (2022-23)

उत्तर

खंड अ (वस्तुपरक प्रश्न)


1. i. (i) भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय
ii. (i) दान-पुण्य को
iii. (iii) भिक्षावृत्ति को
iv. (i) करुणा के
v. (ii) उसे धर्म के प्रभाव से अलग करके
vi. (i) अभ्यास व सूक्ष्म निरीक्षण से
vii. (iv) I, II और III
viii. (i) गरीबी के कारण
ix. (iii) आधुनिकता के कारण
x. (ii) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
2. i. (ग) मार्ग की बाधाओं को स्वीकार करके चलते हैं
व्याख्या: पथ के कं टक को सुमन मानने से आशय यह है कि हम मार्ग की बाधाओं को स्वीकार करके चलते हैं मार्ग में आने वाले
बाधाओं को भी हँस कर सह लेते हैं।
ii. (ग) बाधाओं का
व्याख्या: 'कं टक' बाधाओं का प्रतीक है। जीवन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को ही कं टक कहा गया है।
iii. (ग) सभी विकल्प सही हैं
व्याख्या: पथिक वही होता है, जो अपनी डगर पर कभी हार नहीं मानता और निरंतर पथ पर अग्रसर रहता है तथा अपने लक्ष्य के
निकट होता है।
iv. (घ) सूर्य की किरणें
व्याख्या: अंधेरे को नष्ट कर पृथ्वी को उजाले से सूर्य की किरणें भर देती हैं। सूर्य की किरणों से निकलने वाले प्रकाश से संपूर्ण पृथ्वी
का अंधकार नष्ट हो जाता है तथा सर्वत्र उजाला फै ल जाता है।
v. (क) हम हर हालत में विजयी होंगे
व्याख्या: 'लक्ष्य प्रेरित बाण हैं हम' पंक्ति का भाव यह है कि हम हर हालत में विजयी होंगे। जिस प्रकार लक्ष्य को साधने वाला बाण
ठीक निशाने पर लगता है उसी प्रकार हम भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अवश्य विजयी होंगे।

अथवा

i. (घ) आपस में गले लगते हैं


व्याख्या: प्रस्तुत काव्यांश के आरंभ में स्पष्ट किया गया है कि हम एक साथ मिलकर एक-दूसरे के दुःख सुख झेलते हैं, एक-दूसरे को
मनाते हैं और आपस में गले लगकर मुसकराते हैं।
ii. (क) वेश-भूषा
व्याख्या: प्रस्तुत काव्यांश में भूषा का अर्थ वेश-भूषा है। जिस प्रकार भाषा मनुष्य को परस्पर जोड़ती है, उसी प्रकार वेश-भूषा
मनुष्यों के बीच अपनत्व का संबंध स्थापित करती है।
iii. (क) हम सब मन से जुड़ जाते हैं
व्याख्या: कवि कहना चाहता है कि संगीत भी हमें जोड़ने का कार्य करता है अर्थात् संगीत के माध्यम से हम एक-दूसरे के मनोंभावों
को समझ लेते हैं और हम सब मन से आपस में जुड़ जाते हैं।
iv. (ग) हम सभी का मान करते हैं
व्याख्या: प्रस्तुत काव्यांश में एक होने के भावों को अजीब कहा गया है, क्योंकि भले ही मनुष्य विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के आधार
पर बँटा हुआ है, परंतु सभी धर्म उसे दुःख-सुख में साथ रहने का संदेश देते हैं।

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v. (ग) अनुप्रास
व्याख्या: प्रस्तुत पंक्ति में 'स' वर्ण' की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
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के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. (घ) तहलका डॉटकॉम
व्याख्या: वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय तहलका डॉटकॉम को जाता है। विशुद्ध पत्रकारिता का अर्थ यहाँ सही
मायनों में की गई पत्रकारिता से है।
ii. (ख) मध्य भाग
व्याख्या: उल्टा पिरामिड शैली का सही क्रम है (i) बॉडी /समापन /इंट्रो (ii) समापन /बॉडी /इंट्रो (iii) इंट्रो /समापन /बॉडी (iv) इंट्रो /बॉडी /
समापन
iii. (ग) अपने दोस्त के अनुसार
व्याख्या: अपने मनपसंद जनसंचार माध्यम का चयन हम अपने दोस्त के अनुसार नहीं अपनी रुचि अथवा जरूरत के अनुसार करते हैं।
iv. (घ) सभी
व्याख्या: सभी
v. (घ) ब्रेकिंग न्यूज
व्याख्या: ब्रेकिंग न्यूज अथवा फ्लैश न्यूज में कम से कम शब्दों में दर्शकों तक सूचना पहुंचाई जाती है।
4. i. (घ) अपने हँसुवे की धार तेज़ करवाने
व्याख्या: अपने हँसुवे की धार तेज़ करवाने
ii. (घ) मोटी छड़ को भट्ठी में गलाकर गोलाई में मोड़ने की
व्याख्या: मोटी छड़ को भट्ठी में गलाकर गोलाई में मोड़ने की
iii. (ग) क्योंकि हथौड़े की चोट ढंग से नहीं लग पा रही थी
व्याख्या: क्योंकि हथौड़े की चोट ढंग से नहीं लग पा रही थी
iv. (क) लुहार
व्याख्या: लुहार
v. (घ) द्वंद्व
व्याख्या: द्वंद्व
5. i. (घ) दुष्यंत कु मार
व्याख्या: दुष्यंत कु मार
ii. (ग) सुख-समृद्धि
व्याख्या: यहाँ समाज की सुख-समृद्धि के लिए 'चिरागा' का प्रयोग हुआ है।
iii. (घ) कष्ट ही कष्ट
व्याख्या: कष्ट ही कष्ट
iv. (ख) अंधेरा
व्याख्या: अंधेरा
v. (ग) नेताओं ने
व्याख्या: नेताओं ने
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. (ग) सोलह
व्याख्या: त्रिताल संगीत का एक ताल है। इस ताल में सोलह मात्राएं होती हैं और चार-चार मात्राओं के चार विभाग होते हैं।
ii. (क) ऊँ ची पट्टी
व्याख्या: लेखक कहते हैं कि लता जी का गाना सामान्यतः ऊँ चे स्वर में रहता है।
iii. (ख) शास्त्रीय गायक
व्याख्या: शास्त्रीय गायक

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iv. (ख) सातवीं तक
व्याख्या: एक रोज साहब (तातुश), लेखिका (बेबी हालदार) से उनके पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछने लगे तो वे जवाब देती हैं कि छठी-
सातवीं तक पढ़ी हैं।
v. (ग) तीन
व्याख्या: तीन
vi. (क) पति के बारे में
व्याख्या: बेबी के प्रति उसके आस-पड़ोस के लोगों का व्यवहार अच्छा नहीं था। वे सदा उससे पूछा करते कि उसका स्वामी कहाँ है? मकान
मालकिन उससे पूछती कि वह कहाँ गई थी? क्यों गई थी? आदि।
vii. (ख) जनजातीय और लोककला
व्याख्या: शास्त्रीय कलाओं का प्रमुख आधार जनजातीय और लोककला रही हैं। इनके सभी रूपों में एक व्यवस्था रही जो शास्त्रीय कला
का प्रमुख आधार हुआ।
viii. (घ) लावणी
व्याख्या: महाराष्ट्र का प्रसिद्द नृत्य लावणी है। अपनी अद्भुत ऐंद्रिक आकर्षण के कारण यह नृत्य बहुत प्रसिद्द है।
ix. (क) एक बहुत छोटा कु आँ
व्याख्या: कु ई कु आँ का स्त्रीलिंग रूप है। राजस्थान के कु छ इलाकों में पीने के पानी के लिए बहुत ही छोटे कु ओं का निर्माण किया जाता है,
इन्हें कुं ई कहा जाता है।
x. (ख) रेजा
व्याख्या: वर्षा का पानी जो धरातल में समा जाता है, उसे मापने के लिए रेजा का प्रयोग किया जाता है।
खंड - ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर दीजिये:

i. काश! मेरे पंख होते मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जिसके पास कल्पना करने की शक्ति है। कोई भी इंसान उस वस्तु अथवा कार्य की भी
कल्पना कर सकता है, जो वास्तव में कभी संभव नहीं हो। हर किसी इंसान की तरह मेरी भी एक सोच है कि काश मेरे पंख होते, तो मैं भी
आसमान में पक्षियों की तरह उड़ पाता और आसमान की सैर करता। यदि मेरे पंख होते तो मैं किसी की पकड़ में नहीं आता और तेजी से
कहीं भी उड़ जाता। अक्सर हम इंसानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए वाहनों की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर मेरे पंख
होते तो मुझे किसी भी वाहन की जरूरत ना होती क्योंकि मेरे पंख ही मुझे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते। मेरे पंख होते तो कितना
अच्छा होता।
हम सभी को जब भी अपने किसी नजदीकी रिश्तेदार या किसी दोस्त की याद आती है, तो हम उससे फोन पर बातचीत करते हैं। और इससे
हमारा मनोरंजन भी होता है, लेकिन मेरे पंख होते तो मुझे फोन पर बात करने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं पक्षियों की तरह आसमान में
उड़ता हुआ उस जगह पर पहुंचकर अपने दोस्तों रिश्तेदारों से बातचीत करता, तो मुझे बेहद खुशी होती। मैं पक्षियों की तरह, एक पतंग की
तरह आसमान की सैर कर रहा होता। काश ! मेरे पंख होते।
मैं उड़ना चाहता हूँ, आसमान की सैर करना चाहता हूँ। लोग वायुयानों के द्वारा आसमान की सैर करते हैं, लेकिन इनके द्वारा आसमान में
सैर करने की बात अलग है और अपने खुद के पंखों से आसमान में उड़ना एक बात अलग है। काश मेरे पंख होते तो मैं आसमान की
ऊं चाइयों में उड़ता और ऐसा करने में मुझे खुशी का अनुभव होता। काश ! मेरे पंख होते।

ii. परहित सरिस धर्म नहिं भाई परोपकार से बड़ा इस संसार में कु छ नहीं होता है। इस विषय में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि-
"परहित सरिस धर्म नहिं भाई।
परपीड़ा सम नहिं अधमाई।।"
अर्थात् परहित (परोपकार) के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है और दूसरों को पीड़ा (कष्ट) देने के समान कोई अन्य नीचता या नीच कर्म नहीं
है। पुराणों में भी कहा गया है, ‘परोपकारः पुण्याय पापाय परपीड़नम्' अर्थात् दूसरों का उपकार करना सबसे बड़ा पुण्य तथा दूसरों को कष्ट
पहुँचाना सबसे बड़ा पाप हैं।
परोपकार की भावना से शून्य मनुष्य पशु तुल्य होता है, जो के वल अपने स्वार्थों की पूर्ति तक ही स्वयं को सीमित रखता है। मनुष्य जीवन
बेहतर है क्योंकि मनुष्य के पास विवेक है। उसमें दूसरों की भावनाओं एवं आवश्यकताओं को समझने तथा उसकी पूर्ति करने की समझ है
और इस पर भी अगर कोई के वल अपने स्वार्थ को ही देखता हो, तो वाकई वो मनुष्य कहलाने योग्य नहीं है।
इसी कारण मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। इस दुनिया में महात्मा बुद्ध, ईसा मसीह, दधीचि ऋषि, अब्राहम लिंकन, मदर टेरेसा, बाबा आम्टे जैसे
अनगिनत महापुरुषों के जीवन का उद्देश्य परोपकार ही था। भारतीय संस्कृ ति में भी इस तथ्य को रेखांकित किया गया है कि मनुष्य को

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उस प्रकृ ति से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसके कण-कण में परोपकार की भावना व्याप्त है। भारतीय संस्कृ ति में इसी भावना के कारण पूरी
पृथ्वी को एक कु टुंब माना गया है तथा विश्व को परोपकार संबंधी संदेश दिया गया है। इसमें सभी जीवों के सुख की कामना की गई है।

iii. कं प्यूटर : आज की ज़रूरत कं प्यूटर वास्तव में, विज्ञान द्वारा विकसित एक ऐसा यंत्र है, जो कु छ ही क्षणों में असंख्य गणनाएँ कर सकता है।
कं प्यूटर ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है। कं प्यूटर द्वारा रेलवे टिकटों की बुकिंग बहुत आसानी से और कम समय में की जा
सकती है।
आज किसी भी बीमारी की जाँच करने, स्वास्थ्य का पूरा परीक्षण करने, रक्त-चाप एवं हृदय गति आदि मापने में इसका भरपूर प्रयोग किया
जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में प्रयुक्त उपकरणों में कं प्यूटर का बेहतर प्रयोग उन्हें और भी उपयोगी बना रहा है। आज हवाई यात्रा में सुरक्षा का
मामला हो या यान उड़ाने की प्रक्रिया, कं प्यूटर के कारण सभी जटिल कार्य सरल एवं सुगम हो गए हैं। संगीत हो या फ़िल्म, कं प्यूटर की
मदद से इनकी गुणवत्ता को सुधारने में बहुत मदद मिली है। जहाँ कं प्यूटर से अनेक लाभ हैं, कं प्यूटर से कु छ हानियाँ भी हैं। कं प्यूटर पर
आश्रित होकर मनुष्य आलसी प्रवृत्ति का बनता जा रहा है। कं प्यूटर के कारण बच्चे आजकल घर के बाहर खेलों में रुचि नहीं लेते और इस
पर गेम खेलते रहते हैं। इस कारण से उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता। फिर भी कं प्यूटर आज के जीवन की
आवश्यकता है। अगर हम इसका सही ढंग से प्रयोग करें, तो हम अपने जीवन में और तेजी से प्रगति कर सकते हैं ।

iv. आधुनिक फै शन एक फ्रांसीसी विचारक का कहना है-आदमी स्वतंत्र पैदा होता है, लेकिन पैदा होते ही तरह-तरह की जंज़ीरों में जकड़
जाता है। वह परंपराओं, रीति-रिवाजों, शिष्टाचारों, औपचारिकताओं का गुलाम हो जाता है। इसी क्रम में वह फ़ै शन से भी प्रभावित होता
है। समय के साथ समाज की व्यवस्था में बदलाव आते रहते हैं। इन्हीं बदलावों के तहत रहन-सहन में भी परिवर्तन होता है। किसी भी समाज
में फ़ै शन वहाँ की जलवायु परिवेश तथा विकास की अवस्था पर निर्भर करता है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ वहाँ के निवासियों के
जीवन-स्तर में परिवर्तन आता जाता है।
20वीं सदी के अंतिम दौर से फ़ै शन ने उन्माद का रूप ले लिया। फ़ै शन को ही आधुनिकता का पर्याय मान लिया गया है। इस फ़ै शन की
अधिकांश बातें आम जीवन से दूर होती हैं। फ़ै शन से संबंधित अनेक कार्यक्रमों का रसास्वादन अधिकांश लोग नहीं ले सकते, परंतु
आधुनिकता और फ़ै शन की परंपरा का निर्वाह करते हैं। फ़ै शन का सर्वाधिक असर कपड़ों पर होता है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित
होता है।और आज के दौर में हमारी नई पीढ़ी ने फ़ै शन का पर्याय ही बदल दिया है, अथवा अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि आज समाज
में फ़ै शन के नाम पर अंधविश्वास फै ला हुआ है।
आधुनिकता और फै शन वर्तमान समाज में अब स्वीकार्य तथ्य हैं। फै शन के अनुसार अपने में परिवर्तन करना भी स्वाभाविक प्रवृन्ति है,
लेकिन इसके अनुकरण से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इससे व्यक्तित्व में वृद्धि होती है या नहीं। सिर्फ फ़ै शन के प्रति दीवाना
होना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं।

8. सेवा में,
डाक अधीक्षक,
डाकघर साध नगर,
पालम,
नई दिल्ली
विषय- आवश्यक डाक संभालने के संदर्भ में
मान्यवर,
प्रार्थना है कि मैं बी ब्लॉक 6, साध नगर,पालम नई दिल्ली का निवासी हूँ। मैं अपने इस पत्र के माध्यम से आपको अवगत करना चाहता हूँ कि मैं
परिवार सहित जरूरी कार्य से एक महीने के लिए दिल्ली से बाहर जा रहा हूँ। इसी मध्य मेरी कु छ अति आवश्यक डाक आने की संभावना है
जो निश्चित रूप से आपके डाकखाने में आयेगी जिसे मैं आपसे उस समय प्राप्त करने में असमर्थ रहूँगा | अत: आप पहली फरवरी से 28 फरवरी
तक उस डाक को संबन्धित डाकिये की जानकारी में अपने डाकघर में सँभालकर रखियेगा। जब मैं 28 फरवरी के बाद घर वापस आऊँ गा | तब
मैं डाकघर आकर वहाँ से अपनी डाक प्राप्त कर लूँगा। आपकी बड़ी कृ पा होगी।
सधन्यवाद
विकास गुप्ता
बी ब्लॉक 6, साध नगर,
पालम नई दिल्ली
दिनांक : 17 जनवरी, 2019

अथवा

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सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
एम.डी.एच
द्वारका सेक्टर - 6,
नई दिल्ली
विषय- दसवीं और बारहवीं परीक्षा के अच्छे परीक्षा परिणाम के संदर्भ में
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि हमारा विद्यालय दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में गिना जाता है | शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हुए भी विद्यालय में उत्तम
शिक्षा प्रदान करने का कोई भी वातावरण नहीं है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारे विद्यालय में कर्मठ, योग्य, परिश्रमी शिक्षकों का होना
आवश्यक है और महत्त्वपूर्ण विषयों के तो अध्यापक ही नहीं हैं ,जिससे शिक्षा प्रणाली अच्छी सुव्यवस्थित व सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा
रही है। दसर्वी व बारहवीं कक्षा के परिणाम अच्छे लाने के लिए छात्रों और अध्यापकों में पूर्ण रूप से उदासीनता का भाव है। यदि आप
अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था कु शल अध्यापकों के निर्देशन में कर सकें तथा बच्चों को शिक्षा के प्रति मार्गदर्शन कर सकें तो अति कृ पा
होगी। बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए कु छ सख्त कदम उठाने की भी आवश्यकता है। विद्यार्थियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए जिससे
क्षेत्र में विद्यार्थियों व विद्यालय के नाम रोशन हो | उम्मीद है आप इस समस्या का समाधान अवश्य करेंगे।
सधन्यवाद
भवदीया
तृप्ति रावत
दिनांक : 17 जनवरी 2019
9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. डायरी लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है
i. डायरी सदा किसी नोटबुक अथवा पिछले साल की डायरी में लिखी जानी चाहिए। इसका कारण यह है कि यदि हम वर्तमान वर्ष की
डायरी तिथि अनुसार लिखेंगे तो उसमें एक दिन के लिए दी गई जगह कम या अधिक हो सकती है। इससे हमें भावों की अभिव्यक्ति को
उसी सीमा में ही बाँधना पड़ेगा।
ii. डायरी लिखते समय स्वयं तय करें कि आप क्या सोचते हैं और स्वयं को क्या कहना चाहते हैं। दिन भर की घटनाओं में से मुख्य घटना
अथवा गतिविधि का चयन करने के बाद ही उसे शब्दबद्ध करें।
iii. डायरी अत्यंत निजी वस्तु है। इसे सदा यही मानकर लिखें कि उसके पाठक भी आप स्वयं हैं और लेखक भी। इससे भाषा-शैली
स्वाभाविक बनी रहती है।
iv. डायरी में भाषा की शुद्धता और शैली की विशेषता पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मन के भावों को स्वाभाविक वेग से जिस रूप में भी
प्रस्तुत किया जाए, वही डायरी की शैली होती है।
ii. फिल्म तथा दूरदर्शन की पटकथा में पात्र-चरित्र, नायक-प्रतिनायक, घटनास्थल, हश्य, कहानी का क्रमिकविकास, वंद्व, समाधान आदि
सभी कु छ होता है। इसमें छोटे-छोटे दश्य, असीमित घटनास्थल होते हैं। इसकी कथा फ़्लैशबैक अथवा फ़्लैश फ़ॉरवर्ड तकनीक से किसी भी
प्रकार से प्रस्तुत की जा सकती है। फ़्लैश बैक से अतीत में हो चुकी और फ़्लैश फ़ारवर्ड से भविष्य में होने वाली घटनाओं को प्रस्तुत किया
जाता है। इसमें एक ही समय में अलग-अलग स्थानों पर घटित घटनाओं को भी दिखाया जा सकता है।
iii. डायरी लेखन की पाँच विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
i. डायरी तात्कालिक संवेदनात्मक भावों की अभिव्यक्ति है।
ii. डायरी में लेखक के आत्मीय गुण तथा प्रवृत्तियों की अभिव्यक्ति होती है।
iii. डायरी लेखन में डायरी लेखक समय और स्थान के संदर्भ को भी अपनी अभिव्यक्ति देता है।
iv. डायरी लेखन में सभी लेखन विधियों का स्पर्श रहता है।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कोष तीन प्रकार के होते हैं- विश्वज्ञान कोष, चरित्र कोष, साहित्य कोष।
विश्वज्ञान कोष (Encyclopedia): विश्वज्ञान कोष, विश्वकोष या ज्ञानकोष ऐसी पुस्तक को कहते हैं जिसमें विश्वभर की तरह-तरह की
जानने योग्य बातों का समावेश होता है। विश्वकोष का अर्थ है-विश्व के समस्त ज्ञान का भण्डार। विश्वकोष अंग्रेजी शब्द
'एनसाइकलोपीडिया' का समानार्थी है जिसका अर्थ है-शिक्षा की परिधि शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती, वह अनन्त होती है। अतः इसे
कभी भी 'पूरा हुआ' घोषित नहीं कर सकते।
ii. कोष तीन प्रकार के होते हैं- विश्वज्ञान कोष, चरित्र कोष, साहित्य कोष।
साहित्य कोष: यह कोष हिन्दी का साहित्य कोष है लेकिन यह कोष हिन्दी प्रदेशों के अलावा दक्षिण भारत, उत्तर-पूर्व और अन्य भारतीय

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क्षेत्रों की भाषाओं, संस्कृ तियों, दर्शनों, सिद्धान्तों और महान् कृ तियों से भी अपनी सीमा में साक्षात कराता है। इतना ही नहीं, यह हिन्दी क्षेत्र
की 48 लोक भाषाओं और इनकी कलाओं-संस्कृ तियों का भी छवियाँ देता है।
iii. जब पद बहुत बड़ा होता है तो उसके लिए उम्मीदवार भी कम होते हैं। यदि मैनेजिंग डायरेक्टर के पद के लिए विज्ञापन दिया जाए तो गिनती
के लोग ही अपना स्ववृत्त भेंजेगे। ये सारे प्रार्थी अच्छी योग्यता और व्यापक अनुभव वाले होंगे। अतः इस स्थिति में स्ववृत्त यदि नौ-दस पृष्ठों
का भी हुआ तो उसे ध्यानपूर्वक और बारीकी से पढ़ा जाएगा। लेकिन सामान्य पद के लिए तो बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं। यहाँ पर यदि
स्ववृत्त दो-तीन पृष्ठों से अधिक लंबा हुआ तो पढ़ने वाला अपना धैर्य खो सकता है।
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कवि ने सावन से कहा है कि तुम बरस लो लेकिन मेरे माता-पिता की आँखों से आँसू न गिरें। सावन से यह आग्रह करते हुए कवि के मन में
यह भाव है कि उसके माता-पिता दुखी न हों। उन्हें मेरे कष्टों का पता न चलें और वे खुश रहें।
ii. कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त हम समाज में निम्नलिखित बातों को खतरनाक मानते हैं
i. स्त्रियों का अपमान, शोषण तथा फिर उनका मजाक उड़ाना।
ii. संकटग्रस्त मित्र या जानकार की मदद से दूर भागना।
iii. सांप्रदायिकता
iv. आतंकवाद
v. निरर्थक महत्वाकांक्षा
vi. देशद्रोह
iii. बस्ती को बचाएँ डूबने से तात्पर्य है- पारंपरिक रीति-रिवाजों का लोप हो जाना और मौलिकता खोकर विस्थापन की ओर बढ़ना। यह चिंता
का विषय है। आदिवासियों की संस्कृ ति का लुप्त होना बस्ती के डूबने के समान है।
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के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. इस पद में कबीर ने परमात्मा को सृष्टि के कण-कण में देखा है, ज्योति रूप में स्वीकारा है तथा उसकी व्याप्ति चराचर संसार में दिखाई है।
इसी व्याप्ति को अद्वैत सत्ता के रूप में देखते हुए विभिन्न उदाहरणों के द्वारा रचनात्मक अभिव्यक्ति दी है।
कबीरदास ने आत्मा और परमात्मा को एक रूप में ही देखा है। संसार के लोग अज्ञानवश इन्हें अलग-अलग मानते हैं। कवि पानी, पवन,
प्रकाश आदि के उदाहरण देकर उन्हें एक जैसा बताता है। बाढ़ी लकड़ी को काटता है, परंतु आग को कोई नहीं काट सकता। सभी प्राणियों
में एक ही ईश्वर विद्धमान है ,भले ही प्राणी रूप कोई भी हो। माया के कारण इसमें अंतर दिखाई देता है।
ii. कवि ने चंपा की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है-
i. वह निरक्षर है। उसे अक्षर मात्र काले चिह्न लगते हैं।
ii. वह सदैव निरक्षर रहना चाहती है।
iii. वह शरारती स्वभाव की है। वह कवि के कागज, पेन छिपा देती है।
iv. वह भोली है। वह कवि को पढ़ते हुए हैरानी से देखती रहती है।
v. वह स्पष्ट वादिनी है। वह अपनी बात को घुमा-फिराकर नहीं कहती।
vi. वह विद्रोही स्वभाव की है। उसे पता है कि शिक्षित व्यक्ति अपने परिवार को छोड़कर दूसरे शहर चला जाता है। अतः वह कहती है-
कलकत्ता पर आपदा आए।
vii. वह मेहनती है। वह प्रतिदिन दुधारू पशुओं को चराकर लाती है।
viii. चंपा में परिवार के साथ मिलकर रहने की भावना है। वह परिवार को तोड़ना नहीं चाहती।
ix. चंपा की सोच है कि शिक्षा से परिवार में बिखराव होता है, लोगों का शोषण होता है।
iii. मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है इसमें लोभ ,मोह ,काम ,क्रोध ,मद ,ईष्या नींद आदि अनेकों विकार होते है। जिससे हम ईश्वर प्राप्ति की ओर
नहीं बढ़ पाते। इसलिए इन्हें शांत करना आवश्यक है।
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. पाठ के आधार पर यह कथन पूर्णतया सत्य है। एक सामान्य-सी घटना थी कि पेड़ के नीचे एक आदमी दबा है तो किसी भी तरह से निकाल
देना चाहिए था। पेड़ सरकारी दफ्तर के लॉन में गिरा था, इसलिए यह घटना भी सरकारी हो गई। कु छ लोग मिलकर जब उसे उठाने ही वाले
थे तो सुपरिंटेंडेंट ने आकर उन्हें रोक दिया और डिप्टी सेक्रे टरी, ज्वाइंट सेक्रे टरी, अंडर सेक्रे टरी, चीफ़ सेक्रे टरी, मिनिस्टर और न जाने कौन-
कौन इस समस्या में कू द पड़े। अनेक विभागों में उसकी फ़ाइल चलने लगी। उद्यान विभाग, वन-विभाग, व्यापार एवं कृ षि विभाग में
समस्या ऐसी उलझ गई कि विदेश मंत्रालय भी बीच में आ गया। कल्चरल-विभाग, मेडिकल-विभाग के कारण और उलटी-सीधी बातें

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चलती रहीं, पर आदमी वहीं दबा रहा। एक विभाग से दुसरे विभाग और फिर तीसरे,चौथे इस प्रकार जब तक फ़ाइल पूरी हो पाती,मौत से
संघर्ष कर रहे उस आदमी की जिंदगी ही पूरी हो गई।
ii. कर्जन को क्रू रतम तानाशाह बताते हुए लेखक ने उसे कै सर, जार और नादिरशाह से भी अधिक क्रू र कहा है। उनका कहना है कि रोम के
तानाशाह कै सर और ज़ार भी जनता के घेरने और घोटने से जनता की बात सुन लेते हैं, पर तुमने एक बार भी ऐसा नहीं किया। ईरान के
क्रू र शासक नादिरशाह ने जब दिल्ली में कत्लेआम किया तो आसिफ़जाह की प्रार्थना पर उसे रोक दिया था। इन सबसे ऊपर निरंकु श लॉर्ड
कर्ज़न पर आठ करोड़ लोगों की गिड़गड़ाहट का कोई असर नहीं पडा। उन्होंने तो सबकी प्रार्थना को ठुकराकर बंगाल पर आरी चलाई थी।
अतः लेखक उसे संसार का क्रू रतम तानाशाह कहता है।
iii. श्रीनिवास की फ़िल्म में भूमिका मिठाई बेचने वाली की थी। वह गली-गली मिठाई बेचा करता था। इस फ़िल्म के पात्र अपू तथा दुर्गा थे। वे
दोनों मिठाई वाले के पीछे-पीछे जाया करते थे। वे मिठाई नहीं खरीद सकते थे। अतः जब मिठाईवाला मुखर्जी की कोठी के आगे मिठाई
बेचने के लिए रुकता था, तो मुखर्जी मिठाई अवश्य लेते। बच्चे यही देखकर प्रसन्न हो जाते थे।
पैसे न होने के कारण शूटिंग को बीच में रोक देना पड़ा। अतः एक लंबा अंतराल आ गया। पैसे हाथ आने पर फिर जब उस गाँव में शूटिंग
करने के लिए गए, तब खबर मिली कि श्रीनिवास मिठाईवाले की भूमिका जो सज्जन कर रहे थे, उनका देहांत हो गया है। श्रीनिवास की
भूमिका के लिए वैसा ही आदमी चाहिए मगर वह मिला नहीं। अंत में उसके जैसे कद-काठी वाले आदमी को ढूँढा गया और कै मरे की तरफ
उसकी पीठ करके इस दृश्य को पूरा किया गया। दर्शकों को यह अंतर दिखाई नहीं दिया।
14. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. 'भारत माता' अध्याय हिंदुस्तान की कहानी का पाँचवाँ अध्याय है। इसमें नेहरू ने बताया है कि किस तरह देश के कोने-कोने में आयोजित
जलसों में जाकर वे आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा होने के बाद भी हिंदुस्तान एक है। इस अपार फै लाव के बीच एकता
के क्या आधार हैं और क्यों भारत एक देश है, जिसके सभी हिस्सों की नियति एक ही तरीके से बनती-बिगड़ती है। उन्होंने भारत माता शब्द
पर भी विचार किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि भारत माता की जय का मतलब है यहाँ की धरती पर रहने वाली वनस्पतियाँ और रहने
वाले करोड़ों-करोड़ लोगों की जय।
ii. पंडित अलोपीदीन अपने इलाके के बड़े प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित जमींदार थे जो लाखों रुपयों का लेन-देन करते थे तथा धन को ही सब कु छ
मानते थे। प्रत्येक व्यक्ति उनसे बहुत प्रभावित था और उनका ऋणी भी था। वे प्रत्येक व्यक्ति को धन का लालच देकर उन्हें अपनी मुट्ठी में
कर लेते और उन्हें कठपुतलियाँ बनाकर नचाते हुए उनसे सभी सही-गलत काम करवाते थे। इसी प्रकार सभी उनसे मोहित थे। इलाके का
न्यायालय, वकील, पुलिस आदि सब उनके गुलाम थे।
iii. शिक्षा बोर्ड शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जिन प्राइवेट स्कू लों को मान्यता देता है 90% सहायता दी जाती है। यह सहायता स्कू लों के
रखरखाव, अध्यापक और विद्यार्थियों के स्तर को ऊँ चा उठाने के लिए दी जाती है। शिक्षा बोर्ड के नियमों का पालन करना प्राइवेट स्कू ल
का कर्तव्य है। बोर्ड सिलेबस बनाता है, वार्षिक परीक्षा बोर्ड करवाता है।

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