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कक्षा-षष्ठी दक्षता आधारित कार्यपत्रिका
कक्षा-षष्ठी दक्षता आधारित कार्यपत्रिका
1. काकनसस पर अींडोीं को दे खकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएाँ आईीं और उन्ोींने िोरी – िुपके
जो कायस ककए , क्ा वह उकित थे ?
2. हमको बुद्धू ही कनरा समझा है | हम समझते ही नहीीं जैसे कक आपको बीमारी है : आप घटते हैं तो
घटते ही ििे जाते हैं | इस आधार पर बताइए कक ककव ने िााँद के घटने – बढ़ने को क्ा माना है और
क्ोीं ?
3. बच्ोीं के साथ िींदा मामा का अटू ट ररश्ता सकदयोीं से ििता आ रहा है | प्रकृकत के साथ इस अपनेपन से
कौन – से – जीवन – मूल्य उभरकर सामने आते हैं ?
4. कटकटोीं की तरह ही बच्े और बड़े दू सरी िीजें भी जमा करते हैं । कसक्के उनमें से एक हैं । क्ा तु म
कु छ अन्य िीजोीं के बारे में सोि सकते हो कजन्ें जमा ककया जा सकता है ? उनके नाम किखो।
5. ‘फ़ौिादी है सीने अपने फ़ौिादी हैं बााँहें’ इस पींक्ति के माध्यम से गीतकार साकहर िु कधयानवी क्ा सींदेश
दे ना िाहते हैं ?
6.बहाने बाजी करना बच्ोीं की आदत होती है | पाठ के आधार पर बताइए कक आप स्कू ि जाते समय
कभी ऐसी पररक्तथथकत से कनकिे हैं ?
7. वतस मान यु ग में कटकट-अिबम का प्रििन कम होता जा रहा है | पाठ कटकट-अिबम के आधार
पर बच्ोीं को इस शौक को जीकवत रखने के किए ककस प्रकार प्रे ररत ककया गया है ?
8. रानी के प्रयास से ककन – ककन जगहोीं पर स्वतींत्रता सींग्राम की िपटें कदखाई दे ने िगी थीीं ? पाठ के
आधार पर बताइए |
प्रािीन काि में तीथस यात्रा पैदि की जाती थी | शास्त्ोीं में पैदि तीथस यात्रा का बहुत पुण्य किखा है | इसका
कारण यह है कक तीथसयात्री िोग रास्ते में पड़ने वािे ग्रामोीं में धमस प्रिार करते हुए जाएाँ | उत्तर प्रदे श के पू वी
कजिोीं में एक धमस परीं परा यह ििती है कक उत्साही धमस प्रेमी गींगा जी से 2 शीशी गींगाजि की भरकर उन्ें
कााँवर में कींधे पर रखकर पैदि ििते हुए उस कााँ वर को अपने समीप के कशव मीं कदर पर िढ़ाते हैं | यह िोग
रास्ते में उच् स्वर से धाकमसक दोहे या भजन गाते जाते हैं ताकक उस रास्ते में धमस प्रिार होता ििे | क्तस्त्यााँ
ककसी तीथस को जाती है तो रात भर धाकमसक भजन-गीत गाती जाती हैं | इसका भी यही उद्दे श्य है आजकि
िोग तीथस यात्रा को तो ििते हैं पर रास्ते में धमस प्रिार करते ििने वािी अत्यींत महत्वपूणस मू ि बात को भू ि
ही जाते हैं | दशसन या स्नान में ही पुण्य मान िेते हैं जबकक सच्ा पुण्य पैदि यात्रा के कष्ट सहने एवीं धमस प्रिार
करने में केंकित है | हमें किह्न पूजा तक ही सीकमत नहीीं रहना िाकहए वरन् तीथस यात्रा करते समय धमस प्रिार
की उस सार बात को भी स्मरण रखना िाकहए |
प्रश्न 1. िोगोीं का मानना है कक तीथस यात्रा करने से, पकवत्र सरोवरोीं में स्नान करने से हमारे पाप धु ि जाएाँ गे ,
व्रत – पूजा पाठ करने से हमारे द्वारा ककए गए पाप या कफर बुरे कमों का बोझा कम हो जाएगा | आपके
कविार से ये बात सही है या कनरा भ्रम है ?
प्रश्न 2. ककसी भी धाकमसक थथि की यात्रा करते हुए बे जुबान जानवरोीं का इस्तेमाि करना िाकहए ? अगर नहीीं
तो क्ोीं नहीीं करना िाकहए ?
प्रश्न 3. 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के कारण सबकुछ कबखर गया परन्तु प्रािीन कशव मींकदर को आाँ ि
तक नहीीं आई | इसके पीछे क्ा रहस्य कछपा है | बताइए |
प्रश्न 4. िोगोीं का तीथस थथान पर जाना सिमुि उनकी आथथा या कवश्वास का प्रतीक है या कफर ये सैर- सपाटे
तक ही सीकमत है ? अपने कविार किक्तखए |