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अपठित गद्यांश
II.निम्िलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्िों के सही विकल्प चुनिए।
हम अपने घर में, अपने पररवार के सदस्यों के साथ ककस भाषा में बात करें , इसके लिए न कोई
कानून बना है और न उसके बनाने की आवश्यकता है । घर में बातचीत सहज और स्वभाववक ढं ग
से अपनी मातभ
ृ ाषा में की जाती है। यह साहहत्ययक रूप में नह ं की जाती, अवपतु साधारण रूप में
प्रचलित बोि में की जाती है। कई ऐसे पररवार हैं, जहााँ माता-वपता ववलभन्न प्रांतों के हैं और
लभन्न-लभन्न भाषा-भाषी हैं। ऐसे पररवारों के बच्चे या तो माता की भाषा में बात करते हैं या माता-
वपता दोंनों की। इसका ननधाारण पररवार में स्वतः हो जाता है । इसके लिए कानून का सहारा िेने
की आवश्यकता नह ं होती। पररवार से बाहर लमत्रों से, दक
ु ानदार से ककस भाषा में बात की जाए,
यह परस्पर सुववधा पर ननभार करता है। बहुभाषी समाज में या ऐसे स्थानों पर, जहााँ एक से अधधक
मातभ
ृ ाषा बोिने वािे िोग परस्पर लमिते हैं, वे भी आपसी सूझ-बूझ से अपनी बात स्पष्ट करने
का ढं ग ढूाँढ़ िेते हैं। जैसी पररत्स्थनतयााँ होती हैं, उनके अनुसार कोई न कोई भाषा का काम करती
है।
प्रश्िः
1. घरों में बयतचीत ककस भयषय में की जयिी चयठहए?
(क) पररधचत भाषा
(ख) स्वभाववक भाषा
(ग) राष्रभाषा
(घ) मातभ
ृ ाषा
2. लभन्ि भयषय-भयषी मयतय-वपतय के बच्चे कौि-सी भयषय बोिते हैं?
(क) लभन्न-लभन्न भाषा
(ख) माता की भाषा
(ग) माता-वपता दोनों की भाषा
(घ) वपता की भाषा
3. सांपकक भयषय क््य कय्क करती है ?
(क) आपसी सूझ-बूझ से अपनी बात स्पष्ट करने का ढं ग ढूाँढ़ िेते हैं।
(ख) लभन्न- लभन्न भाषाएाँ बोिने वािों के मध्य बातचीत का माध्यम बनती है।
(ग) मातभ
ृ ाषा लसखाती है ।
(घ) उपयक्
ुा त सभी।
चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण! हााँ, चने जोर गरम की पुड़िया जो तब थी, वह अब
भी नजर आती है। पुर ाने कागजों से बनाई हुई इस पुड़िया में ननरा हाथ का कमाल है। नीचे से
नतरछी लपेटते हुए ऊपर से इतनी चौिी कक चने आसानी से हथेली पर पहुाँच जाएाँ। एक वक्त था
जब किल्म का गाना-चना जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार, चना जोर गरम-यह गाना उन ददनों
स्कू ल के हर बच्चे को आता था। कु छ बच्चे पुड़िया पर तेज मसाला बुर कवाते। पूर ा गगरजा मैदान
घम
ू ने तक यह पड़ु िया चलती। एक-एक चना-पापिी माँह
ु में डालने और कदम उठाने में एक खास
ही लय-रफतार थी।
संतुललत आहार लेने मात्र से हम एनीलमया से बचे रह सकते हैं, यह कहना कािी हद तक
सही है। यों तो एनीलमया बहुत से कारर्ों से हो सकता है, ककन्तु हमारे देश इसका सबसे बिा
कारर् पौष्टटक आहार की कमी है। इसके अलावा इस रोग का एक और बिा कारर् है पेट में कीिों
का हो जाना। ये कीिे प्रायः दूषित जल और खाद्य पदाथों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
अतः इससे बचने के ललए यह आवश्यक है कक हम पूर ी सफाई से बनाए गए खाद्य पदाथण को
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ग्रहर् करें । भोजन करने से पूवण अच्छी तरह से हाथ धो लें और साि पानी ही षपएाँ। और हााँ , एक
ककस्म के कीिे भी हैं, ष्जनके अंडे ज़मीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अण्डों से उत्पन्न
हुए लावे त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आाँतों में अपना घर बना लेते हैं। इनसे बचने का
सहज उपाय है कक शौच के ललए हम शौचालय का ही प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घम
ू ें।
Grade: 6 गद्यांश
Department of Hindi
प्रश्ि:
I. सम् कय मूल्् ककसे पतय होतय है?
(क) उस खखलाडी को जो कु ि सेकीं ड से पदक र्ूक गया हो।
(ख) जो समय की क्द्र नह ीं करता।
(ग) जजसकी गाडी स्टे शन पर र्ींद ममनट देर से पहुुँर्ने पर िू ट जाए।
(घ) ववद्याथी के कु ि समय देर से आने पर भी ककसी का कु ि नह ीं कहना।
1. अत्याचार
(क) अति + आचार
(ख) अिी + आचार
(ग) अत्या + चार
(घ) अि + आचार
2. प्रिास
(क) प्र + वास
(ख) प्रा + वास
(ग) पर् + वास
(घ) पर + वास
3. पररचय
(क) परी + चय
(ख) पर् + चय
(ग) परर + चय
(घ) पर + चय
4. दर्
ु मग
(क) दरु ् + गम
(ख) दरू + गम
(ग) दरु + गम
(घ) दग
ू ग + म
1. विद्यार्थी
(क) ववद्या + अर्थी
2. ईश्वर
3. अंधकार
4. कमि
Revision Worksheet
Class & Subject: 6 Hindi
बहुषवकल्पीय प्रश्ि:
3. चाट-समोसे
4. इनमें से कोई नहीं
2. िफ्तर
3. बस अड्डा
4. ्कूल
1. 5 रूपए
2. 10 रुपए
3. 15 रुपए
4. 20 रुपए
1. कमर्ोर
2. बीमार
3. भला
4. शरारती
११.मोहन ने पेट ििि का बहाना क्र्ों बनार्ा?
1. मा्टरर्ी के डर से
2. र्पतार्ी के डर से
3. ्कूल र्ाने के डर से
4. इनमें से कोई नहीं
१२.मोहन का पेट-ििि ठीक होने के मलए मााँ ने क्र्ा नहीं दिर्ा था?
1. हींग
2. चरू न
3. िवाएाँ
4. र्पपरमें ट
1. िस ममनट में
2. पााँच ममनट में
3. पन्द्रह ममनट में
4. बीस ममनट में
1. शांनतपूवक
ि बैठना
2. घर को सहारा िे ना
3. बहुत शरारत करना
4. घर के काम-कार् में हाथ न बााँटना
1. अरौनक
2. अनतरौनक
3. रौनक सदहत
4. बेरौनक
Assignment
Class & Subject: 6, Hindi
Topic: वर्ण- ववच्छे द
अभ्यास कायण
निम्िलिखित शब्दों के वर्ण- ववच्छे द कीजिए।
1. चिड़िया
2. संसार
3. सय
ू ाास्त
4. प्रथम
5. लक्ष्य
6. गृहकाया
7. आँख
8. विज्ञान
9. शताब्दी
10. पंख
11. अक्षर
12. िसंत
13. कायाक्रम
14. पररश्रम
15. कृ षक
(झ) धमा + आत्मा (ञ) रवव + इंद्र (ट) नमः + र्े (ठ) मनः + रं जन
(क) स्वागर् (ख) हदनेश (ग) गुरूपदे श (घ) परोपकार (ड.) नदीश
(च) सुरेंद्र (छ) व्र्ूि (ज) तनराशा (झ) न्र्ून (ञ) मिवषा
3. शद्
ु ि संधि रूप से आगे सही का निशाि लगाइए-
I. क. अनपढ़ = अन ् + पढ़
ख. अनगर्गनत = अन ् + गर्गनत
घ. अछू त = अ + छू त
1. ख, घ सही हैं।
I. क. संतोषी = स ् + अ + न ् + त ् + ओ + ष ् + ई
ख. अक्षर = आ + क् + ष ् + अ + र् + अ
ग. परोपकार = प ् + अ + र् + ओ + प ् + अ + क् + आ + र् + अ
घ. कार्निस = क् + आ + न ् + इ + र् + स ् + अ
ड. प्रकार = प ् + र् + अ + क् + आ + र् + अ
II. क. महत्त्व = म ् + अ + ह् + अ + त ् + त ् + अ + व ् + अ
ख. वैज्ञार्नक = व ् + ऐ + ज ् + ञ ् + आ + न ् + इ + क् + अ
ग. ससम्त = स ् + अ + म ् + अ + त ् + अ
घ. संयोग = स ् + अ + म ् + य ् + ओ + ग ् + अ
ड. सूयािस्त = स ् + ऊ + र् + य ् + आ + स ् + त ् + अ
१. कमि
२. आकयश
३. ईश्वर
४. आँि
(ग) के तु (घ) तट
६. अमृत
७. ककरण
८. अींधकयर
ग. झठ
ू = लमथ्या, असत्य, अनत
ृ
‘अ’ ‘ब’
ड. दग
ु ाा (V) तनझार, प्रपात
I. क. अंधकार x प्रकाश
ख. स्वामी x दाता
ग. उग्र x शांत
घ. नवीन x संदर
ड. वववेक x अवववेक
(अ) (ब)
घ. शभ IV. ममत्र
ड. आदद V. अशभ
I. क. अंधकार x प्रकाश
ख. स्वामी x दाता
ग. उग्र x शांत
घ. नवीन x संदर
ड. वववेक x अवववेक
(अ) (ब)
घ. शभ IV. ममत्र
ड. आदद V. अशभ