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INDIAN EDUCATION SCHOOL , KUWAIT

Grade 6 REVISION WORKSHEET

अपठित गद्यांश
II.निम्िलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्िों के सही विकल्प चुनिए।
हम अपने घर में, अपने पररवार के सदस्यों के साथ ककस भाषा में बात करें , इसके लिए न कोई
कानून बना है और न उसके बनाने की आवश्यकता है । घर में बातचीत सहज और स्वभाववक ढं ग
से अपनी मातभ
ृ ाषा में की जाती है। यह साहहत्ययक रूप में नह ं की जाती, अवपतु साधारण रूप में
प्रचलित बोि में की जाती है। कई ऐसे पररवार हैं, जहााँ माता-वपता ववलभन्न प्रांतों के हैं और
लभन्न-लभन्न भाषा-भाषी हैं। ऐसे पररवारों के बच्चे या तो माता की भाषा में बात करते हैं या माता-
वपता दोंनों की। इसका ननधाारण पररवार में स्वतः हो जाता है । इसके लिए कानून का सहारा िेने
की आवश्यकता नह ं होती। पररवार से बाहर लमत्रों से, दक
ु ानदार से ककस भाषा में बात की जाए,
यह परस्पर सुववधा पर ननभार करता है। बहुभाषी समाज में या ऐसे स्थानों पर, जहााँ एक से अधधक
मातभ
ृ ाषा बोिने वािे िोग परस्पर लमिते हैं, वे भी आपसी सूझ-बूझ से अपनी बात स्पष्ट करने
का ढं ग ढूाँढ़ िेते हैं। जैसी पररत्स्थनतयााँ होती हैं, उनके अनुसार कोई न कोई भाषा का काम करती
है।
प्रश्िः
1. घरों में बयतचीत ककस भयषय में की जयिी चयठहए?
(क) पररधचत भाषा
(ख) स्वभाववक भाषा
(ग) राष्रभाषा
(घ) मातभ
ृ ाषा
2. लभन्ि भयषय-भयषी मयतय-वपतय के बच्चे कौि-सी भयषय बोिते हैं?
(क) लभन्न-लभन्न भाषा
(ख) माता की भाषा
(ग) माता-वपता दोनों की भाषा
(घ) वपता की भाषा
3. सांपकक भयषय क््य कय्क करती है ?
(क) आपसी सूझ-बूझ से अपनी बात स्पष्ट करने का ढं ग ढूाँढ़ िेते हैं।
(ख) लभन्न- लभन्न भाषाएाँ बोिने वािों के मध्य बातचीत का माध्यम बनती है।
(ग) मातभ
ृ ाषा लसखाती है ।
(घ) उपयक्
ुा त सभी।

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4. बहुभयषी समयज में िोग ककस प्रकयर एक-दस
ू रे से अपिी बयत करते हैं?
(क) आपसी सझ ू -बझ
ू के साथ
(ख) सुववधानस
ु ार
(ग) परस्पर लमिकर
(घ) इनमें से कोई नह ं
5. इस गद्यांश कय उप्क्
ु त शीषकक है -
(क) मातभ
ृ ाषा
(ख) ववलभन्न भाषाएाँ
(ग) भाषा के रूप
(घ) उपयक्
ुा त सभी

II. निम्िलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्िों के सही विकल्प चुनिए।


संसार में सबसे मूल्यावान वस्तु समय है क्योंकक दनु नया की अधधकांश वस्तुओं को घटाया-
बढ़ाया जा सकता है , पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना व्यत्क्त के बस में नह ं है।
समय के बीत जाने पर व्यत्क्त के पास पछतावे के अिावा कुछ नह ं होता। ववद्याथी के
लिए तो समय का और भी अधधक महत्त्व है। ववद्याथी जीवन का उद्दे श्य है लशक्षा प्राप्त
करना। समय के उपयोग से ह लशक्षा प्राप्त की जा सकती है । जो ववद्याथी अपना बहुमूल्य
समय खेि-कूद, मौज-मस्ती तथा आिस्य में खो दे ते हैं वे जीवन भर पछताते रहते हैं ,
क्योंकक वे अच्छी लशक्षा प्राप्त करने से वंधचत रह जाते हैं और जीवन में उन्ननत नह ं कर
पाते। मनुष्य का कताव्य है कक जो क्षण बीत गए हैं, उनकी धचंता करने के बजाय जो अब
हमारे सामने हैं, उसका सदप
ु योग करें ।
प्रश्ि
1. सम् को सबसे अमूल्् िस्तु क््ों कहय ग्य है ?
(क) इसका एकक्षण भी घटाया-बढ़ाया नह ं जा सकता।
(ख) सम्य व्यत्क्त के वश में नह ं है।
(ग) समय ह व्यत्क्त के जीवन को बदि सकता है ।
(घ) मनुष्य उस समय की गनत को नह ं रोक सकता।
2. विद्यर्थी जीिि कय उददे श्् है -
(क) जीवन को सख
ु ी बनाना।
(ख) गरु
ु ओं का आदे श मानना।
(ग) व्यत्क्त के जीवन में समय का महत्त्व।
(घ) लशक्षा प्राप्त करना।

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3. विद्यर्थी जीिि भर क््ों पछतयते रहते हैं?
(क) क्योंकक वे आिसी होते हैं।
(ख) जो अपना कीमती समय मौज मस्ती और आिस्य में खो दे ते हैं।
(ग) जो ज्ञान प्राप्त नह ं करते।
(घ) जो ववद्याथी माता-वपता और गरु
ु ओं की आज्ञा का पािन नह ं करते
4. सांम् के सांबांध में व््क्क्त कय क््य कतकव्् बतय्य ग्य है ?
(क) पररश्रम करें ।
(ख) मन िगाकर पढ़ाई करें ।
(ग) बीते समय के बारे में पश्चाताप न करके वतामान समय का सदप
ु योग करें ।
(घ) असफि होने पर ननराश न हों, पुनः प्रयास करें ।
5. उप्क्
ुक त गद्यांश कय उप्ुक्त शीषकक सुझयइए।
(क) समय का सदप
ु योग।
(ख) समय और मनुष्य।
(ग) ववद्याथी और समय।
(घ) अमूल्य समय उत्तर।
उत्तर-
(1) (क)
(2) (घ)
(3) (ख)
(4) (ग)

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