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7 Hindi B QP
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प्रश्न-1 निम्ननलखखत अपनित गद्ांश कन ध्याि पूवयक पढ़ कर िीचे नर्दए गए प्रश्ननं के उत्तर र्दीनिए। 5X1=5
मािव िानत कन अन्य िीवधाररर्नं से अलग करके महत्त्व प्रर्दाि करिे वाला िन एकमात्र गुरु
है, वह है उसकी नवचार-शखि। मिुष्य के पास बुखद्ध है , नववेक है , तकयशखि है अथायत उसके
पास नवचारनं की अमूल्य पूूँिी है । अपिे सुनवचारनं की िींव पर ही आि मािव िे अपिी श्रेष्ठता
की स्थापिा की है और मािव-सभ्यता का नवशाल महल खडा नकर्ा है । र्ही कारण है नक
नवचारशील मिुष्य के पास िब सुनवचारनं का अभाव रहता है तन उसका वह शून्य मािस
कुनवचारनं से ग्रस्त हनकर एक प्रकार से शैताि के वशीभूत हन िाता है । मािवी बुनध िब
सद्भावनं से प्रेररत हनकर कल्याणकारी र्नििाओं में प्रवृत्त रहती है तन उसकी सर्दाशर्ता का
कनई अंत िहीं हनता, नकंतु िब वहाूँ कुनवचार अपिा घर बिा लेते हैं तन उसकी पाशनवक
प्रवृनत्तर्ाूँ उस पर हावी हन उिती हैं। नहंसा और पापाचार का र्दािवी साम्राज्य इस बात का
द्नतक है नक मािव की नवचार-शखि िन उसे पशु बििे से रनकती है , उसका साथ र्दे ती है ।
1. मािव िानत कन महत्त्व र्दे िे में नकसका र्नगर्दाि है ? 1
(क) शारीररक शखि का (ख) पररश्रम और उत्साह का
(ग) वििेक और विचारों का (घ) मानि सभ्यता का
2. नवचारनं की पूूँिी में शानमल िहीं हैं? 1
(क) नववेक (ख) उत्साह
(ग) तकय (घ) बुखद्ध
3. मािव में पाशनवक प्रवृनत्तर्ाूँ क्नं िागृत हनती हैं ? 1
(क) नहंसा बुखद्ध के कारण (ख) असत्य बनलिे के कारण
(ग) कुनवचारनं के कारण (घ) स्वाथय के कारण
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4. मिुष्य कन पशु बििे से कौि रनकती है ? 1
(क) नवचार-शखि (ख) नववेक-शखि
(ग) तकयशखि (घ) र्े सभी
5. गद्ांश का उपर्ुि शीर्यक क्ा हनगा? 1
(क) मिुष्य का गुरु (ख) र्दािवी शखि
(ग) नववेक शखि (घ) पाशनवक प्रवृनत्त
प्रश्न-2 निम्ननलखखत अपनित गद्ांश कन ध्याि पूवयक पढ़ कर िीचे नर्दए गए प्रश्ननं के उत्तर र्दीनिए। 5X1=5
संसार में सबसे मूल्यवाि वस्तु समर् है क्नंनक र्दु निर्ा की अनधकां श वस्तुओं कन घटार्ा-
बढ़ार्ा िा सकता है , पर समर् का एक क्षण भी बढ़ा पािा व्यखि के बस में िहीं है । समर् के
बीत िािे पर व्यखि के पास पछतावे के अलावा कुछ िहीं हनता। नवद्ाथी के नलए तन समर्
का और भी अनधक महत्त्व है। नवद्ाथी िीवि का उद्दे श्य है नशक्षा प्राप्त करिा। समर् के
उपर्नग से ही नशक्षा प्राप्त की िा सकती है । िन नवद्ाथी अपिा बहुमूल्य समर् खेल-कूर्द,
मौि-मस्ती तथा आलस्य में खन र्दे ते हैं वे िीवि भर पछताते रहते हैं , क्नंनक वे अच्छी नशक्षा
प्राप्त करिे से वंनचत रह िाते हैं और िीवि में उन्ननत िहीं कर पाते। मिुष्य का कतयव्य है नक
िन क्षण बीत गए हैं , उिकी नचंता करिे के बिार् िन अब हमारे सामिे हैं , उसका सर्दु पर्नग
करें ।
1. समर् कन सबसे अमूल्य वस्तु क्नं कहा गर्ा है ? 1
(क)इसका एकक्षण भी घटार्ा-बढ़ार्ा िहीं िा सकता|
(ख) समर् व्यखि के वश में िहीं हैं ।
(ग)समर् ही व्यखि के िीवि कन बर्दल सकता हैं |
(घ)मिुष्य उस समर् की गनत कन िहीं रनक सकता |
2. नवद्ाथी िीवि का उद्दे श्य है- 1
(क)िीवि कन सुखी बिािा (ख)व्यखि के िीवि में समर् का महत्त्व
(ग)गुरुओं का आर्दे श माििा (घ)नशक्षा प्राप्त करिा
3. नवद्ाथी िीवि भर क्नं पछताते रहते हैं ? 1
(क)क्नंनक वे आलसी हनते हैं |
(ख)िन अपिा कीमती समर् मौि मस्ती और आलस्य में खन र्दे ते हैं।
(ग)िन ज्ञाि प्राप्त िहीं करते।
(घ)िन नवद्ाथी माता-नपता और गुरुओं की आज्ञा का पालि िहीं करते |
4. समर् के संबंध में व्यखि का क्ा कतयव्य बतार्ा गर्ा है - 1
(क)पररश्रम करें |
(ख)मि लगाकर पढ़ाई करें |
(ग)बीते समर् के बारे में पश्चाताप ि करके वतयमाि समर् का सर्दु पर्नग करें |
(घ)असफल हनिे पर निराश ि हनं, पुिः प्रर्ास करें |
5. उपर्ुयि गद्ांश का उपर्ुि शीर्यक बताइए- 1
(क)समर् का सर्दु पर्नग (ख)नवद्ाथी और समर्
(ग)समर् और मिुष्य (घ)अमूल्य समर्
प्रश्न-3 निम्ननलखखत अपनित पद्ांश कन ध्याि पूवयक पढ़ कर िीचे नर्दए गए प्रश्ननं के उत्तर र्दीनिए। 5X1=5
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अब ि गहरी िींर्द में तुम सन सकनगे ,
गीत गाकर मैं िगािे आ रहा हूँ !
अतल अस्ताचल तुम्हें िािे ि र्दूूँगा,
अरुण उर्दर्ाचल सिािे आ रहा हूँ ।
4. मेरा बेटा आशीर् मेरी “आूँ खनं का तारा” है | रे खांनकत मुहावरे का अथय है - 1
(क)बहुत सुंर्दर (ख) बहुत बुखद्धमाि
(ग)बहुत नप्रर् (घ) बहुत समझर्दार
5. संज्ञा र्ा सवयिाम की नवशेर्ता बतलािे वाले शब्दनं कन क्ा कहते हैं - 1
(क)नवशेर्ण (ख)अव्यर्
(ग)नवशेष्य (घ)निर्ा
1. निम्ननलखखत में से ऐसे कौि से काम हैं , िन तुम कर सकते हन, रनबनट िहीं। 1
(क) अलग-अलग फूलनं कन उिकी गंध से पहचाििा |
(ख)बफीले स्थािनं पर नबिा नकसी कनििाई के कार्य करिा |
(ग) निभीकतापूवयक ग्रहनं से सैम्पल इकट्ठा करिा |
(घ) समुद्र की गहराईर्नं तथा तलहटी में उतर पािा |
2. चीिी सम्राट सी ह्ां ग ती िे क्ा आर्दे श नर्दर्ा? 1
(क) सभी लनग काम करिे िार्ें |
(ख)सभी पुस्तकनं कन िष्ट कर नर्दर्ा िाए |
(ग) िई पुस्तकें नलखी िार्ें |
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(घ) लनग समर् पर अपिा काम िहीं करें |
3. नवश्वेश्वरै र्ा कन कब पता लगा नक भारत नब्रनटश का एक उपनिवेश है । 1
(क) रामार्ण की कहािी सुििे से (ख)नब्रनटश अनधकाररर्नं कन भारत में र्दे ख कर
(ग) िौकरािी की फटी साडी र्दे ख कर (घ)'गाड सेव र्द नकंग' वाला गीत गािे पर
4. मंिरी िे किक कन अपिा खखलौिा क्नं र्दे नर्दर्ा? 1
(क) क्नंनक उसे वह खखलौिा पसंर्द िहीं था ।
(ख)क्नंनक उस नर्दि किक का िन्मनर्दि था ।
(ग)क्नंनक किक िे उसकी िाि बचाई थी ।
(घ)क्नंनक हर्य िे उसे ऐसा करिे के नलए कहा था ।
5. 'गुब्बारे पर चीता' कहािी के लेखक हैं- 1
(क) हररवंशरार् बच्चि (ख)प्रेमचंर्द
(ग)सवेश्वरर्दर्ाल सक्सेिा (घ) नवष्णु प्रभाकर
प्रश्न-7. निम्ननलखखत पनित गद्ांश कन ध्याि पूवयक पढ़ कर िीचे नर्दए गए प्रश्ननं के उत्तर र्दीनिए। 5X1=5
इस प्रकार कई बार नवद्ा और ज्ञाि के शत्रुओं िे पुस्तकनं कन िष्ट नकर्ा नकंतु वही नकताबें ,
नििके बारे में सनचा िाता था नक वे हमेशा के नलए बबायर्द कर र्दी गई हैं , नफर से अपिे पुरािे
र्ा िए रूपनं में प्रकट हनती रहीं। िीक भी है पुस्तकें मिुष्य की चतुराई, अिुभव, ज्ञाि, भाविा,
कल्पिा और र्दूरर्दनशयता, इि सबसे नमलकर बिती है । र्ही कारण है नक पुस्तकें िष्ट कर र्दे िे
से मिुष्य में र्े गुण समाप्त िही हन िाते। र्दूसरी शताब्दी में डे निश पार्दरी बेि िनसफ अक़ीबा
कन उिकी पांनडत्यपूणय पुस्तक के साथ िला नर्दर्ा गर्ा था उसके अंनतम शब्द र्ार्द रखिे र्नग्य
हैं, "कागि ही िलता है , शब्द तन उड िाते हैं।"
1) प्रस्तुत गद्ांश नकस पाि से नलर्ा गर्ा है ?
2) पुस्तकनं कन कई बार नकसिे िलार्ा था?
3) नफर से िए रूप में कौि प्रकट हुआ/हुई?
4) पुस्तकें नकस से नमलकर बिती हैं ?
5) "कागि ही िलता है , शब्द तन उड िाते हैं।" र्ह नकसका कथि है ?
प्रश्न-8. निम्ननलखखत पनित पद्ांश कन ध्याि पूवयक पढ़ कर िीचे नर्दए गए प्रश्ननं के उत्तर र्दीनिए। 5X1=5
पेडनं के संग बढ़िा सीखन,
पेडनं के संग खखलिा
पेडनं के संग-संग इतरािा,
पेडनं के संग नहलिा।
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हम सब कन बाूँट रही है ।
1. कथि:-1. नहंर्दी में वचि र्दन प्रकार के हनते हैं -एकवचि और बहु वचि । 1
कथि:-2. नहंर्दी में वचि र्दन प्रकार के हनते हैं - एकवचि और नद्ववचि
निष्कर्य:-
(क) कथि एक और र्दन र्दनिनं सही हैं ।
(ख) कथि एक सही है र्दन गलत है ।
(ग) कथि र्दन सही है एक गलत है ।
(घ) कथि एक और र्दन र्दनिन गलत हैं ।
2. "पूनवयका अब पहले नितिा अच्छा गािा िही गा सकती है " - नर्दए गए वाक् में कताय और कमय 1
सम्बंधी सही कथि की पहचाि कीनिए-
(क)पूनवयका कमय है िबनक गा सकती कताय है ।
(ख)गा सकती कमय है िबनक पूनवयका कताय है ।
(ग)पूनवयका कताय है िबनक गािा कमय है ।
(घ)गािा कताय है िबनक पूनवयका कमय है ।
3. कथि:-1. संज्ञा और नवशेर्ण शब्दनं के स्थाि पर प्रर्नग नकए िािे वाले शब्दनं कन सवयिाम 1
कहते हैं ।
कथि:-2. संज्ञा शब्दनं की पुिरावृनत्त कन रनकिे के नलए उिके स्थाि पर प्रर्नग नकए िािे वाले
शब्दनं कन सवयिाम कहते हैं ।
निष्कर्य:-
(क)कथि एक और र्दन र्दनिनं सही हैं ।
(ख)कथि एक सही है र्दन गलत है ।
(ग)कथि र्दन सही है एक गलत है ।
(घ)कथि एक और र्दन र्दनिन गलत हैं ।
4. कथि:-1. वे शब्दांश िन शब्द के अंत में लग कर उसके अथय में पररवतयि कर र्दे ते हैं प्रत्यर् 1
कहलाते हैं।
कथि:-2. वे शब्दांश िन शब्द के प्रारम्भ में लग कर उसके अथय में पररवतयि कर र्दे ते हैं प्रत्यर्
कहलाते हैं।
निष्कर्य:-
(क)कथि एक और र्दन र्दनिनं सही हैं ।
(ख)कथि एक सही है र्दन गलत है ।
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(ग)कथि र्दन सही है एक गलत है ।
(घ)कथि एक और र्दन र्दनिन गलत हैं।
5. कथि:-1. अिानमका िे र्दन शटय खरीर्दी। 1
कथि:-2. पवि िे कुछ मीटर कपडा नलर्ा।
निष्कर्य:-
(क)कथि एक में निनश्चत पररमाण वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है िबनक कथि
र्दूसरे में अनिनश्चत संख्या वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है ।
(ख)कथि एक में निनश्चत संख्या वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है िबनक कथि र्दूसरे
में अनिनश्चत संख्या वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है ।
(ग) कथि एक में अनिनश्चत पररमाण वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है िबनक कथि
र्दूसरे में अनिनश्चत संख्या वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है ।
(घ)कथि एक में निनश्चत सूँख्या वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है िबनक कथि र्दूसरे
में अनिनश्चत पररमाण वाचक नवशेर्ण का प्रर्नग हुआ है ।
6. िा पा िनलि और सुक पा बुंगी पा से सम्बंनधत कौि सा कथि गलत है ? 1
(क) िािवरनं कन उिकी आहट से िही पहचािते थे।
(ख)भर्ंकर तूफ़ाि में सही नर्दशा और मागय का पता लगा लेते|
(ग) संकट का पूवायिुमाि कर लेते |
(घ)रात में भी सानथर्नं का मागयर्दशयि कर लेते थे।
7. किक छनटे -छनटे शंखनं की माला बिाकर बेचती थी क्नंनक- सही कथि का चर्ि करन:- 1
(क) उसके नपता िहीं थे और उसकी मां मछली बेच कर नकसी तरह पररवार का
पालि-पनर्ण करती थी। अतः उिकी सहार्ता के नलए किक शंखनं की माला बिाकर
बेचती थी।
(ख)किक कन माला बिािे का शौक था।
(ग) किक पैसे कमाकर अपिे नलए महूँगे-महूँगे खखलौिे खरीर्दिा चाहती थी।
(घ)किक बहुत महत्वाकांक्षी थी। वह छनटी सी उम्र में ही पैसे कमा लेिा चाहती थी।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न
प्रश्न- निम्ननलखखत प्रश्ननं में से नकन्ीं 12 प्रश्ननं के उत्तर लगभग 25-30 शब्दनं में नलखखए: 12X2=
10. 24
1. ‘पुस्तकें िन अमर हैं ’ पाि के आधार पर बताओ नक रािा कन पुस्तकनं से क्ा खतरा था?
2. वर्ों बार्द नमिी के नपता िे काबुलीवाले कन उसकी नकस बात से पहचाि नलर्ा?
3. अगर तुम्हें रनबनट से कुछ काम करवािा हन तन क्ा करनगे ?
4. हर्य का नपता क्ा काम करता था?
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5. चुरुंगुि कन कौि-कौि सी चीजें अच्छी लगती हैं ?
6. तुममें और रनबनट में क्ा-क्ा अंतर है?
7. सरकस के बारे में कौि-कौि सी अफ़वाहें फैली हुई थीं?
8. मंिरी कन किक क्नं िहीं भाती थी?
9. ‘थनडी धरती पाऊूँ’ कनवता में कनव की क्ा नविती है ?
10. गारन लनग एक स्थाि पर क्नं बस िािा चाहते थे ?
11. “सी ह्ांग ती” के समर् में पुस्तकें कैसी बिाई िाती थीं?
12. नमिी की काबुलीवाले से नमत्रता क्नं हन गई?
13. अपिे घर के बरामर्दे में खडे हनकर छ: वर्ीर् नवश्वेश्वरै र्ा िे क्ा र्दे खा?
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