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अ यास नप 2020-21 वषय- हंद ‘अ’(कोड 02) क ा 10 (सेट-3)

#नधा%&रत समय – 3 घंटे अ,धकतम अंक – 80

सामा.य #नद/ श:- न न ल खत नदश को बहुत सावधानी से प ढ़ए और उनका पालन क"िजए –


• इस '(नप) म+ दो खंड ह.- खंड ‘अ’ और खंड ‘ब’
• खंड ‘अ’ म+ कुल 10 व4तुपरक '(न पूछे गए ह.l सभी '(न म+ उप'(न दए गए ह.l दए गए नदश का
पालन करते हुए '(न के उ:तर द;िजएl
• खंड ‘ब’ म+ कुल 7 वण>ना:मक '(न पूछे गए ह. l '(न म+ आंत@रक AवकBप दए गए ह.l दए गए नदश का
पालन करते हुए '(न के उ:तर द;िजएl
खंड – ‘अ’ व2तुपरक न
(अप ठत-अंश)
न सं 1. #न6न7ल9खत ग;यांश को <यानपूव%क प ढ़ए और पूछे गए नB के उDतर 7ल9खए - 5X1=5

हमारे दे श के :योहार चाहे धा म>क EिFट से मनाए जा रहे ह या नए वष> के आगमन के Iप म+ ; फ़सल
क" कटाई एवं ख लहान के भरने क" ख़श
ु ी म+ ह या महापुNष क" याद म+ ; सभी अपनी Aवशेषताओं एवं
Pे)ीय 'भाव से युQत होने के साथ ह; दे श क" राFS;य एवं सां4कृ तक एकता और अखंडता को मज़बूती
'दान करते ह.। ये :योहार जहाँ जनमानस म+ उBलास, उमंग एवं ख़ुशहाल; भर दे ते ह., वह;ं हमारे अंदर
दे शभिQत एवं गौरव क" भावना के साथ-साथ Aव(व-बंध:ु व एवं समZवय क" भावना भी बढ़ाते ह.। :योहार
के [वारा महापुNष के उपदे श हम+ बार-बार इस बात क" याद दलाते ह. \कस Aवचार एवं स]ावना [वारा
ह; हम 'ग त क" ओर बढ़ सकते ह.। इन :योहार के मा^यम से हम+ यह भी शPा मलती है \क वा4तव
म+ धम` का मूल लaय एक है , \कं तु उस लaय तक पहुँचने के तर;क़े अलग अलग ह.।
1. :योहार \कसे मज़बूती 'दान करते ह.?
i. दे श के नाग@रक के आ:मबल को
ii. हमारे आदश` और भावनाओं को
iii. दे श क" राFS;य एवं सां4कृ तक एकता और अखंडता को
iv. इनम+ से कोई नह;ं

2. :योहार जनमानस के मन म+ Qया भर दे ते ह.?


i. आल4य, उदासी
ii. उBलास, उमंग एवं ख़ुशहाल;
iii. शिQत और उ:साह
iv. इनम+ से कोई नह;ं
3. महापुNष के उपदे श हम+ Qया याद दलाते ह.?
i. हम स[Aवचार एवं स]ावना [वारा 'ग त क" ओर बढ़ सकते ह.
ii. अपने बल और पौNष [वारा 'ग त क" ओर बढ़ सकते ह.
iii. अपने मान सक बल [वारा 'ग त क" ओर बढ़ सकते ह.
iv. अपने शिQत-'दश>न [वारा 'ग त क" ओर बढ़ सकते ह.

4. :योहार के मा^यम से हम+ Qया शPा मलती है ?


i. धम` के रा4ते अलग-अलग ह., \कं तु उस लaय तक पहुँचने के तर;क़े अनेक ह.
ii. :योहार ख़ु शयाँ लेकर आते ह.
iii. धम` का मूल लaय एक है , \कं तु उस लaय तक पहुँचनेके तर;क़े अलग अलग ह.
iv. इनम+ से कोई नह;ं
5. इस ग[यांश का उfचत शीष>क होगा
i. :योहार
ii. :योहार और हम
iii. :योहार का मह::व
iv. इनम+ से कोई नह;ं
अथवा

य द हमारे वP
ृ 4व4थ ह., तो नि(चत मा नए हम भी 4व4थ ह.। हम+ तो 'ाणवायु उZह;ं से मलती है ।
हम काब>नडाईआQसाइड छोड़ते या उZह+ दे ते ह. और वे बदले म+ ऑQसीजन दे ते ह., जो हमारे जीवन क"
हर ग तAवfध के लए आव(यक है । हमारे 4वा4iय का हर jबंद ु ऑQसीजन क" उपलkधता से अन'
ु ा णत
है । हम य द अपने आस-पास खड़े वP
ृ क" रPा का िज़ मा अपने कंध पर उठा ल+ तो नि(चत मा नए
\क अपने आपको ल बे समय तक 4व4थ रखने क" गारं ट; 'ाmत कर ल; है । वP
ृ क" रPा म+ ह; हमारे
जीवन क" सुरPा का राज छपा है । कहा जाता है \क एक 4व4थ मन हज़ार सोने के संहासन से कह;ं
अfधक मूBयवान होता है , Qय \क 4व4थ मन ह; 4व4थ दे श क" रचना करने म+ समथ> है । कुि:सत
Aवचार वाले लोग अपना जीवन तो चला सकते ह. ले\कन समाज और दे श को नह;ं चला सकते। करोड़
प@रवार के सुनहरे भAवFय के बारे म+ वह; fचंतन, मनन और सज
ृ न कर सकता है , जो nयथ> के लालच,
लोभ और षoयं) से मुQत हो और िजस पर \कसी भी 'कार का कोई अनुfचत दबाव न हो।

1. हमारा 4वा4iय वP
ृ पर \कस लए नभ>र है ?
i. वP
ृ के नीचे हम नवास करते ह.
ii. वP
ृ हम+ 'ाणवायु दे ते ह.
iii. वP
ृ हम+ दवाइयाँ दे ते ह.
iv. उपरोQत सभी
2. हमारे पया>वरण के संतुलन को बनाए रखने म+ वP
ृ का Qया मह::वपूण> योगदान है ?
i. वP
ृ काब>नडाईआQसाइड लेकर हम+ ऑQसीजन दे ते ह.
ii. वP
ृ हम+ काब>नडाईआQसाइड दे ते ह.
iii. वP
ृ नाइSोजन दे ते ह.
iv. इनम+ से कोई नह;ं
3. हमारे जीवन क" सुरPा का राज \कस म+ छपा है ?
i. वP
ृ को काटने म+
ii. वP
ृ से लाभ उठाने म+
iii. वP
ृ क" रPा म+
iv. क और ख दोन
4. ग[यांश म+ 4व4थ मन को सवा>fधक मूBयवान Qय कहा गया है ?
i. Qय \क उससे करोड़ महल ख़र;दे जा सकते ह.
ii. Qय \क 4व4थ मन हम+ शिQतशाल; बनाता है
iii. इससे हम धनवान होते ह.
iv. Qय \क 4व4थ मन ह; 4व4थ दे श क" रचना करने म+ समथ> होता है

ग[यांश का उfचत शीष>क बताइए


5.
i. वP
ृ और हम
ii. जीवन म+ वP
ृ का मह::व
iii. राFS नमा>ण
iv. इनम+ से कोई नह;ं
न सं 2. #न6न7ल9खत काFयांश को <यानपूव%क प ढ़ए और पूछे गए नB के उDतर 7ल9खए - 5X1=5

नज रPा का अfधकार रहे जन-जन को, सबक" सुAवधा का भार \कं तु शासन को।
म. आय` का आदश> बताने आया, जन स मुख धन को तुpछ बताने आया।
सुख-शां त म. qां त मचाने आया, Aव(वासी का Aव(वास बचाने आया।
म. आया उनके हे तु \क जो ताAपत ह., जो Aववश, Aवकल, बल-ह;न, द;न, शाAपत ह.।
हो जाएँ अभय वे िजZह+ \क भय भा सत ह., जो कौणप-कुल से मूक-सEश शा सत ह.।
म. आया िजसम+ बनी रहे मया>दा, बच जाए 'लय से मटे न जीवन सादा।
सुख दे ने आया, दःु ख झेलने आया, म. मनुFय:व का नाtय खेलने आया।
म. यहाँ एक अवलंब छोड़ने आया, गढ़ने आया हूँ नह;ं तोड़ने आया।
म. यहाँ जोड़ने नह;ं बाँटने आया, जग उपवन के झंझाड़ छाँटने आया।
म. राuय भोगने नह;ं भुगाने आया, हं स को मुQता-मोती चुगाने आया।
भव म+ नव वैभव nयाmत कराने आया, नर को ई(वरता 'ाmत कराने आया।
संदेश यहाँ म. नह;ं 4वग> का लाया, इस भू तल को ह; 4वग> बनाने आया।
अथवा आकष>ण पुvय भू म का ऐसा, अवत@रत हुआ म. आप उpच फल जैसा।।
1. दे शवा सय क" सुख-सुAवधा का भार \कस पर होना माना गया है ?
i. सेना पर
ii. जनता पर
iii. शासन पर
iv. ई(वर पर
2. कAव \कसक" रPा हे तु आने क" बात कह रहा है ?
i. Aववश लोग क"
ii. बलह;न क"
iii. द;न और शाAपत क"
iv. इन सब क"
3. कAवता म+ धरती को Qया बनाने क" बात कह; गई है ?
i. पाताल
ii. 4वग>
iii. yzम लोग
iv. नरक
4. ‘जग उपवन के झंखाड़ छाँटने आया’ पंिQत म+ कAव ‘झंखाड़’ के मा^यम से Qया नFट करने को कहता है ?
i. घास-फूस
ii. jबजल; के तार
iii. सब के कFट, पीड़ा और बाधाएँ
iv. ये सब
5. ‘हं स को मुQता-मोती चुगाने आया’ पंिQत म+ \कस अलंकार का 'योग \कया गया है ?
i. उपमा
ii. Iपक
iii. (लेष
iv. यमक
अथवा
सुख और शोक,
अंधकार और आलोक
मोह और म:सर,
शां त और संघष>
आते-जाते बने रह+ ,
तो nयिQत को लगता है
वह जी रहा है अभी,
जब से पैदा हुआ है वह
मंशाएँ इसी तरह उधेड़ रहा है , सी रहा है
और इसी म+ रमा हुआ है
कभी सुख से एक होता है
कभी शोक से, कभी अंधकार से
कभी आलोक से
ग त और दग
ु > त इस लए
उसके पाँव म+ है
और ग त अगर कह;ं है तो सफ़> उसके घाव म+ है ।
शुI से अब तक
वे हरे ह., जैसे के तैसे।

1. कAव ने जीने का आधार \कसे माना है ?


i. सुख और दःु ख को
ii. मोह और ईFया>-[वेष को
iii. शां त और संघष> को
iv. इन सभी को

2. जZम लेने के बाद से मनुFय \कस उधेड़बुन म+ रहता है?


i. खेल-कूद म+ समय jबताने क" को शश म+
ii. एक बेहतर जीवन जीने के संघष> म+
iii. दस
ू र को नीचा दखाने क" को शश म+
iv. इनम+ से कोई नह;ं
3. मनFु य के उधेड़बुन म+ रहने का Qया कारण है ?
i. उसे परे शा नय से बाहर नकलने का समय नह;ं मलता
ii. वह सोता रहता है
iii. वह अपने को |ेFठ समझता है
iv. ये सभी कारण
4. ‘ग त और दग
ु > त इसी लए उसके पाँव म+ है ’—पंिQत का Qया भाव है ?
i. ये दोन उसके पैर के नीचे ह.
ii. वह जैसे कम> करे गा वैसा ह; उसका प@रणाम होगा
iii. ये दोन एक दस
ू रे के पूरक ह.
iv. क और ख दोन
5. घाव के हरे होने से कAव का Qया ता:पय> है ?
i. घाव हरे हो जाते ह.
ii. जीवन म+ दःु ख आते रहते ह.
iii. क और ख दोन
iv. जीवन म+ jबताए हुए दख
ु द Pण क" पीड़ा सदै व बनी रहती है

Fयावहा&रक Fयाकरण

न सं 3. #न6न7ल9खत पाँच मJ से Kक.ह ं चार नB के उDतर द िजए- 4X1=4

1. दनेश ने खाना खाया और चला गया। सरल वाQय म+ बद लए-


(i) uय ह; दनेश ने खाना खाया वह चला गया l
(ii) दनेश खाना खाकर चला गया l
(iii) दनेश खाकर चला गया l
(iv) जैसे ह; दनेश ने खाना खाया वह चला गया l
2. उसके आते ह; तुम छप जाना। म| वाQय म+ बद लए-
(i) वह आए, तुम छप जाना
(ii) उसके आने पर तुम छप जाना
(iii) वह आए और तुम छप जाना
(iv) जैसे ह; वह आए, तुम छप जाना
3. जब उसने मुझे दे खा तो खसक गया। संयQ
ु त वाQय म+ बद लए-
(i) uय ह; उसने मुझे दे खा वह खसक गया
(ii) उसने मुझे दे खा और खसक गया
(iii)मुझे दे खते ह; वह खसक गया
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

4. म. वहाँ जा रहा हूँ जहाँ से तुम आए हो। रे खां\कत उपवाQय का भेद ल खए


(i) सं€ा उपवाQय
(ii) Aवशेषण उपवाQय
(iii)आf|त उपवाQय
(iv)\qया Aवशेषण उपवाQय
5. न न ल खत वाQय म+ से ‘संयQ
ु त वाQय’ का सह; AवकBप चु नए-
(i) य द आप नह;ं मानते तो मत मा नए
(ii) सवेरा होते ह; पPी चहचहाने लगे
(iii)म. बाज़ार जाऊँगा और फल लाऊँगा
(iv)इनम+ से कोई नह;ं
न सं 4. #न6न7ल9खत पाँच मJ से Kक.ह ं चार नB के उDतर द िजए- 4X1=4

1. लड़क" रात भर सो न सक"— भाववाpय म+ बद लए


(i) लड़क" रात भर सो नह;ं पाई
(ii) लड़क" से रात भर सोया न जा सका
(iii) लड़क" से रात भर सोया न जाएगा
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

2. उसके [वारा खाना खाया जाता है—कत>व


ृ ाpय म+ बद लए
(i) वह खाना खाती है
(ii) उससे खाना खाया जाता है
(iii) उसने खाना खाया
(iv) उससे खाना खाया नह;ं जाता

3. इनम+ से कम>वाpय वाले वाQय का सह; AवकBप को चु नए


(i) ि4मता मधुर गीत गाती है
(ii) अ^याAपका [वारा बpच को कहानी सुनाई जाती है
(iii) पƒPय से उड़ा जाता है
(iv) क और ख दोन

4. ‘चलो, अब पढ़ा जाए’ वाQय म+ 'यQ


ु त वाpय है —
(i) कत>व
ृ ाpय
(ii) कम>वाpय
(iii) भाववाpय
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

5. न न ल खत म+ कौन सा वाQय कम>वाpय का उदाहरण नह;ं है —


(i) अकाल पी„ड़त को राहत साम…ी बाँट; गई
(ii) व†
ृ से चला नह;ं जाता
(iii)Zयायाधीश [वारा गुनहगार को कड़ी सज़ा द; गई
(iv) वषा> के कारण \qकेट मैच र‡ कर दया गया

न सं 5. #न6न7ल9खत पाँच मJ से Kक.ह ं चार नB के उDतर द िजए- 4X1=4

1. रमेश तेज़ दौड़ा।


(i) अnयय, कालवाचक \qयाAवशेषण, ‘चलना’ \qया क" Aवशेषता का सूचक
(ii) अnयय, र; तवाचक \qयाAवशेषण, ‘चलना’ \qया क" Aवशेषता का सूचक
(iii) अnयय, 4थानवाचक \qयाAवशेषण, ‘चलना’ \qया क" Aवशेषता का सूचक
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

2. नध>न मज़दरू दन-रात प@र|म कर रहा है ।


(i) Aवशेषण, गुणवाचक, पुिBलंग, एकवचन, AवशेFय-मज़दरू
(ii) सं€ा, जा तवाचक, पुिBलंग, एकवचन
(iii) Aवशेषण, संˆयावाचक, पुिBलंग, एकवचन, AवशेFय-मज़दरू
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

3. कल 'ाचाय> जी ':येक कPा म+ गए।


(i) \qया, सकम>क, एकवचन, पुिBलंग, भूतकाल, कतव
> ृ ाpय
(ii) \qया, सकम>क, एकवचन, पुिBलंग, वत>मानकाल, कत>व
ृ ाpय
(iii) \qया, अकम>क, बहुवचन, पुिBलंग, भूतकाल, कतव
> ृ ाpय
(iv) \qया, अकम>क, एकवचन, पुिBलंग, भूतकाल, कतव > ृ ाpय
4. पा@रतोष Aव[यालय जा रहा है ।
(i) सं€ा, जा तवाचक, एकवचन, पुिBलंग, कता> कारक, ‘जा रहा है’ \qया का कता>
(ii) सं€ा, nयिQतवाचक, एकवचन, पुिBलंग, कता> कारक, ‘जा रहा है’ \qया का कता>
(iii) सं€ा, nयिQतवाचक, एकवचन, पुिBलंग, कम> कारक, ‘जा रहा है’ \qया का कम>
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
5. वाह! \कतना सुंदर E(य है ।
(i) अnयय, Aव4मया दबोधक, शोक सूचक
(ii) अnयय, संबंध बोधक, E(य से संबंध
(iii) \qया Aवशेषण, 4थान वाचक, E(य क" Aवशेषता बता रहा
(iv) अnयय, Aव4मया दबोधक, हष> सूचक
न सं 6. #न6न7ल9खत पाँच मJ से Kक.ह ं चार नB के उDतर द िजए- 4X1=4

1. शांत रस का 4थाई भाव Qया है ?


(i) उ:साह
(ii) नवद
(iii) भय
(iv) आ(चय>

2. न न ल खत काnय पंिQतय म+ रस पहचान कर ल खए-


जगी उसी Pण Aव[यu
ु जवाला, गरज उठे होकर वे qु†;
‘आज काल के भी AवN† है , यु†-यु† बस मेरा यु†’।
(i) वा:सBय रस
(ii) अ]त ु रस
(iii) रौŠ रस
(iv) वीर रस
3. Aवभाव के दो भेद ह.-
(i) आल बन और उ‡ीपन
(ii) आल बन और आ|य
(iii) आ|य और उ‡ीपन
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
4. ‘आ(चय>’ \कस रस का 4थाई भाव है ?
(i) भयानक रस
(ii) अ]त
ु रस
(iii) हा4य रस,
(iv) कNण रस
5. 4थाई भाव क" संˆया है -
(i) नौ
(ii) आठ
(iii) छः
(iv) दस

पाQय पु2तक

न सं 7. #न6न7ल9खत ग;यांश को <यानपूव%क पढ़कर दए गए नB के उDतराथ%सबसे उ,चत वकTप 7ल9खए - 5X1=5

फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है । उनको दे खना कNणा के नम>ल जल म+
4नान करने जैसा था और उनसे बात+ करना कम> के संकBप से भरना था। मुझे ‘प@रमल’ के वे दन याद
आते ह. जब हम सब एक पा@रवा@रक @र(ते म+ बँधे जैसे थे िजसके बड़े फ़ादर बुBके थे। हमारे हँसी-मज़ाक़
म+ वह न ल>mत शा मल रहते, हमार; गोिFठय म+ वह गंभीर बहस करते, हमार; रचनाओं पर बेबाक़ राय
और सुझाव दे ते और हमारे घर के \कसी भी उ:सव और सं4कार म+ वह बड़े भाई और पुरो हत जैसे खड़े
हो हम+ अपनी आशीष से भर दे ते। मुझे अपना बpचा और फ़ादर का उसके मुख म+ पहल; बार अZन
डालना याद आता है और नील; आँख क" चमक म+ तैरता वा:सBय भी – जैसे \कसी ऊँचाई पर दे वदार क"
छाया म+ खड़े ह ।
1. लेखक के लए फ़ादर को याद करना कैसा है ?
(i) \कसी धा म>क 'ाथ>ना को सुनने जैसा
(ii) उदास शांत संगीत को सुनने जैसा
(iii) ई(वर को याद करने जैसा
(iv) इनम+ से कोई नह;ं

2. ‘प@रमल’ Qया थी?


(i) एक काय>शाला
(ii) एक सामािजक सं4था
(iii) एक सा हि:यक सं4था (समूह)
(iv) क और ग दोन

3. सा ह:यकार क" रचनाओं के ' त फ़ादर क" Qया ' त\qया होती थी?
(i) वे उन पर बेबाक़ राय और सुझाव दे ते थे
(ii) वे उनक" 'शंसा करते थे
(iii) वे उनम+ क मयाँ नकलते थे
(iv) वे कोई ' त\qया नह;ं दे ते थे

4. लेखक को Qया याद आता है ?


(i) फ़ादर के साथ गोिFठय म+ हुई बहस+
(ii) फ़ादर क" म:ृ यु का समय
(iii) फ़ादर से पहल; बार मलना
(iv) अपना बpचा और फ़ादर का उसके मुख म+ पहल; बार अZन डालना

5. उपयुQ
> त ग[यांश के लेखक कौन ह.?
(i) 4वयं 'काश
(ii) सव(वर दयाल सQसेना
(iii) यशपाल
(iv) यतींŠ म|

न सं 8. #न6न7ल9खत नB के उDतरसह वकTप चुनकर 7ल9खए। 2x1=2

1. ‘नेताजी का च(मा’ पाठ म+ कैmटन कौन था?


(i) एक भूतपूव> सै नक
(ii) एक दnयांग (Aवकलांग) च(मेवाला
(iii) सेना का एक वीर कैmटन
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
2. ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ म+ लेखक ने \कस पर कटाP या nयंŒय \कया है ?
(i) आधु नक युवा वग> क" फ़ैशनपर4ती पर
(ii) बpच क" दखावट; जीवन-शैल; पर
(iii) नेताओं क" खोखल; बात पर
(iv) पतनशील सामंती वग> क" बनावट; जीवन-शैल; पर

न सं 9. #न6न7ल9खत ग;यांश को <यानपूव%क पढ़कर दए गए नB के उDतराथ%सबसे उ,चत वकTप 7ल9खए – 5X1=5


\कतना 'ामा णक था उसका दख

लड़क" को दान म+ दे ते व•त
जैसे वह; उनक" अं तम पूँजी हो
लड़क" अभी सयानी नह;ं थी
अभी इतनी भोल; सरल थी
\क उसे सुख का आभास तो होता था
ले\कन दख
ु बाँचना नह;ं आता था
पा ठका थी वह धुध
ँ ले 'काश क"
कुछ तक` और कुछ लयब† पंिQतय क"
1. माँ का कौन-सा दख
ु 'ामा णक था?
(i) अपनी बेट; के भोल; होने का
(ii) अपनी बेट; का कZयादान कर उसे वर पP के हाथ सŽपने का
(iii) अपनी पु)ी का Aववाह करने का
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
2. बेट; को माँ क" ‘अं तम पूँजी’ Qय कहा गया है ?
(i) बेट; माँ के सुख-दख
ु क" साथी होती है
(ii) माँ-बेट; म+ बहुत आ:मीय संबंध होता है
(iii) माँ को बेट; संfचत धन के समान A'य होती है
(iv) उपरोQत सभी कारण से
3. लड़क" कैसी थी?
(i) भोल; और सरल
(ii) सयानी
(iii) चालाक
(iv) बहुत बुA†मान
4. ‘लड़क" अभी सयानी नह;ं थी’- के मा^यम से कAव Qया कहना चाहते ह.?
(i) लड़क" मूख> थी
(ii) लड़क" को सामािजक क ठनाइय और nयापार क" जानकार; नह;ं थी
(iii) लड़क" कुछ समझ नह;ं पाती थी
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
5. इस काnयांश के कAव ह.—
(i) जयशंकर 'साद
(ii) सूयक
> ांत j)पाठ• ‘ नराला’
(iii) ऋतुराज
(iv) सूरदास
न सं 10. #न6न7ल9खतमJ से #नद/ शानुसार वकTपB का चयन कWिजए। 2x1=2

1. ‘नाथ संभुधनु भंज नहारा होइ ह केउ एक दास तु हारा’ अथा>त- शव धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई दास
ह; होगा-यह पंिQत \कसने, \कससे कह; है ? ‘राम-लaमण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर बताइए।
(i) लaमण ने परशुराम से
(ii) लaमण ने |ीराम से
(iii) |ीराम ने परशुराम से
(iv) इनम+ से कोई नह;ं
2. ‘अट नह;ं रह; है ’ कAवता म+ \कस ऋतु का वण>न है ?
(i) फागुन का
(ii) शीत का
(iii) …ीFम का
(iv) वैशाख का

खंड ‘ब’ वण%नाDमक न

पाQय-पु2तक एवं पूरक पाQय-पु2तक

न सं 11 #न6न7ल9खत नB के उDतर 20-30 शXदB मJ 7ल9खए - 2x4=8


(i) बpच [वारा नेताजी क" मू त> पर सरकंडे का च(मा लगाना \कस बात क" ओर संकेत करता है ?
(ii) ‘बालगोjबन भगत क" म:ृ यु उनके स†ांत के अनुIप ह; हुई’—4पFट क"िजए।
(iii) आप \कस आधार पर यह कह सकते ह. क" फ़ादर बुBके हंद; भाषा के ' त असीम लगाव रखते थे?
(iv) ‘लेखक को नवाब साहब के \कन हाव-भाव से महसूस हुआ \क वे उनसे बातचीत करने के लए त नक भी
उ:सुक नह;ं ह.?
न सं 12 #न6न7ल9खत नB के उDतर 60-70 शXदB मJ 7ल9खए - 2x3=6
(i) गोAपय [वारा उ†व को भाŒयशाल; कहने म+ Qया nयंŒय न हत है ?
(ii) लaमण ने वीर यो†ा क" Qया-Qया Aवशेषताएँ बताई ह.?
(iii) ‘उ:साह’ कAवता म+ ‘नवजीवन वाले’ Aवशेषण \कसके लए और Qय 'योग \कया गया है ?

न सं 13 #न6न7ल9खत नB मJ से Kक.ह ं दो के उDतर 40-50 शXदB मJ 7ल9खए - 3 x2=6


(i) ‘माता का अँचल’ पाठ म+ माता-Aपता का बpचे के ' त जो वा:सBय 'कट हुआ है , उससे बpचे म+ \कन
जीवन मूBय का Aवकास होगा?
(ii) आज क" प)का@रता म+ चfच>त हि4तय के खान-पान और पहनावे संबंधी आदत का वण>न करने का दौर
सा चल पड़ा है , इसके संबंध म+ अपने Aवचार nयQत करते हुए यव
ु ा पीढ़; पर उसके 'भाव के Aवषय म+
ल खए।
(iii) 'कृ त [वारा जल संचय क" nयव4था \कस 'कार क" गई है ?
न सं 14 #न6न7ल9खत मJ से Kकसी एक वषय पर दए गए संकेत Zब.दओ
ु ं के आधार पर लगभग 80-100 शXदB मJ 1 x5=5
एक अनु^छे द 7ल9खए –
1. बढ़ती बेरोज़गार : एक aवलंत सम2या
• भू मका
• सम4या का 4वIप और 'कार
• कारण एवं दFु प@रणाम
2. हमारे राbc य पव%
• राFS;य पव> का अ भ'ाय
• हमारे राFS;य पव>
• मनाने के कारण तथा ढं ग
• मह::व और संदेश
3. मधुर वचन है औष,ध कटु वचन है तीर
• भू मका तथा उिQत का ता:पय>
• मधुर वचन का मह::व
• कटु वचन से हा नयाँ
• उपसंहार
न सं 15 अपने Aव[यालय के शार;@रक Iप से चुनौतीपूण> Aव[याfथ>य क" आव(यकताओं को ^यान म+ रखते हुए 5
Aव[यालय-प@रसर और कPा-कP म+ Aवशेष सुAवधाओं क" उपलkधता के लए Aव[यालय 'बंध स म त के
अ^यP को 80-100 शkद म+ के प) ल खए।
अथवा
आप \कसी पव>तीय 4थल क" या)ा करने गए थे।वहाँ एक 4थानीय छा) से आपक" म)ता हुई और उसके
सहयोग से आपक" या)ा अAव4मरणीय बन गई। उसे धZयवाद दे ते हुए 80-100 शkद म+ एक प) ल खए।
न सं 16 आपके Pे) म+ एक नया पिkलक 4कूल खुला है उसके लए 25-30 शkद म+ एक आकष>क Aव€ापन तैयार 5
क"िजए।
अथवा
आपक" एक Sे वल एज+सी है । अपनी Sे वल एज+सी के लए 25-30 शkद म+ एक Aव€ापन तैयार क"िजए।
न सं 17 अपने म) को ' तयोगी पर;Pा म+ सफलता 'ाmत करने पर 30-40 शkद म+ एक बधाई संदेश ल खए। 5
अथवा
अपने \कसी संबंधी को नववष> क" बधाई दे ते हुए 30-40 शkद म+ एक शुभकामना संदेश ल खए।

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