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CBSE Question Paper 2018

क ा 10 िहंदी B

िनधा रत समय: 3 घंटे


अ धकतम अंक: 80
सामा य िनदश:

i. इस न-प म चार खंड ह- क, ख, ग और घ ।


ii. चार खंड के न के उ र देना अिनवाय है।
iii. यथासंभव येक खंड के उ र मशः दी जए।

खंड - क

1. िन न ल खत ग ांश को यानपूवक पढ़कर िदए गए न के उ र 20-30 श दो म ल खए :


हँसी भीतरी आनंद का बाहरी िच है। जीवन क सबसे यारी और उ म से उ म व तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को
अ छा रखने क अ छी से अ छी दवा एक बार खल खला उठना है। पुराने लोग कह गए ह िक हँसो और पेट फुलाओ । हँसी
िकतने ही कला-कौशल से भली है। जतना ही अ धक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी । एक यूनानी िव ान कहता है िक
सदा अपने कम ं पर खीझने वाला हेरी लेस बहत कम जया, पर स मन डेमा स 109 वष तक जया । हँसी-खुशी का
नाम जीवन है । जो रोते ह। उनका जीवन यथ है । किव कहता है - ‘िज़ंदगी जंदािदली का नाम है, मुदा िदल या ख़ाक जया
करते ह। मनु य के शरीर के वणन पर एक िवलायती िव ान ने पु तक लखी है। उसम वह कहता है िक उ म सुअवसर क
हँसी उदास-से-उदास मनु य के िच को फुि त कर देती है। आनंद एक ऐसा बल इंजन है। िक उससे शोक और दख
ु क
दीवार को ढा सकते ह। ाण र ा के लए सदा सब देश म उ म-से-उ म उपाय मनु य के िच को स रखना है। सुयो य
वै अपने रोगी के कान म आनंद पी मं सुनाता है।
एक अं ेज़ डॉ टर कहता है िक िकसी नगर म दवाई लदे हए बीस गधे ले जाने से एक हँसोड़ आदमी को ले जाना अ धक
लाभकारी है।
i. हँसी भीतरी आनंद को कैसे कट करती है ? (2)
ii. पुराने समय म लोग ने हँसी को मह व य िदया ? (2)
iii. हँसी को एक शि शाली इंजन के समान य कहा गया है ? (2)
iv. हेरी लेस और डेमा स के उदाहरण से लेखक या प करना चाहता है ? (2)
v. ग ांश का उिचत शीषक दी जए। (1)
उ र-
i. खुशी/ स ता के भाव से
व थ रहने से

1
ii. इससे आयु बढती है |
िबमा रय / रोग से दरू रहते ह |
iii. शोक व दख
ु क दीवार को ढहाने म स म होने के कारण
iv. हँसी का मह व
हँसने से आयु म वृि होना; खीझने से आयु कम होना
v. (अथपूण व उिचत शीषक वीकाय)
2. िन न ल खत का यांश को यानपूवक पढ़कर पूछे गए न के उ र 20-30 श द म ल खए:
म चला, तु ह भी चलना है अ स धार पर
सर काट हथेली पर लेकर बढ़ आओ तो ।
इस युग को नूतन वर तुमको ही देना है,
अपनी मता को आज ज़रा अज़माओ तो।
दे रहा चुनौती समय अभी नवयुवक को ।
म िकसी तरह मंिज़ल तक पहले पहँचँग
ू ा।
तुम बना सकोगे भूतल का इितहास नया,
म िगरे-हए लोग को गले लगाऊँगा ।
य ऊँच-नीच, कुल, जाित रंग का भेद-भाव ?
म िढ़वाद का क मष-महत ढहाऊँगा।
जनका जीवन वसुधा क र ा हेतु बना
मरकर भी सिदय तक य ही वे जीते ह।
दिु नया को देते ह यश क रसधार िवमल
खुद हँसते-हँसते कालकूट को पीते ह।
है अगर तु ह यह भूख-‘मुझे भी जीना है।
तो आओ मेरे साथ न व म गड़ जाओ।
ऊपर इसके िनिमत होगा आनंद-महल
मरते-मरते भी दिु नया म कुछ कर जाओ।
i. किव को नवयुवक से या- या अपे ाएँ ह ? (2)
ii. मरकर भी सिदय तक जीना' कैसे संभव है ? प क जए। (2)
iii. भाव प क जए : (2)
‘दिु नया को देते ह यश क रसधार िवमल,
खुद हँसते-हँसते कालकूट को पीते ह।'
उ र-
i. संकट का हँसकर सामना करना
नवयुग का िनमाण करना

2
वयं क मताओं को प चाना ा
चुनौितय को वीकार करना
उपेि त वग का सहारा बनना
जाितगत भेद-भाव व िढय को समा करना
वसुधा क र ा करना
(कोई दो िबंद ु अपेि त)
ii. वसुधा क र ा करके
लोक-क याण करके
जाितगत भेदभाव, िढय क समाि के लए अपना जीवन समिपत करके
(कोई दो िबंद ु अपेि त)
iii. जो दिु नया के क एवं चुनौितय पी िवष का पान करते ह, वही दिु नया को बेहतर बनाते ह | एक सु दर एवं े समाज
का िनमाण करते ह |

खंड -ख

3. श द पद कब बन जाता है ? उदाहरण देकर तकसंगत उ र दी जए। (2)


उ र- वा य म यु होने पर श द पद बन जाता है |
श द - मोहन, पु तक, पढता
पद- मोहन पु तक पढता है |
4. नीचे लखे वा य का िनदशानुसार पांतरण क जए: (1 3 = 3)
i. जापान म चाय पीने क एक िव ध है जसे 'चा-नो-यू' कहते ह। (सरल वा य म)
ii. तताँरा को देखते ही वामीरो फूट-फूट कर रोने लगी । (िम वा य म)
iii. तताँरा क याकुल आँ ख वामीरो को ढू ँढ़ने म य त थ । (संयु वा य म)
उ र-
i. जापान म चाय िपने क एक िव ध को 'चा-नो-यू' कहते ह |
ii. य ही/जैसे ही वािमरो ने तताँरा को देखा य ही/ वैसे ही वह फूट-फूट कर रोने लगी|
iii. तताँरा क आँ ख याकुल थ और वे वािमर को ढू ँढने म य त थ |
5. i. िन न ल खत श द का सामा सक पद बनाकर समास के भेद का नाम भी ल खए:
जन का आं दोलन, नीला है जो कमल (1 2 = 2)
ii. िन न ल खत सम त पद का िव ह करके समास के भेद का नाम ल खए:
नविन ध, यथासमय (1 2 = 2)
उ र-
i. जनांदोलन/ जन-आं दोलन - त पु ष समास
नीलकमल - कमधारय समास

3
ii. नव / नौ िन धय का समूह/ समाहार - ि गु समास
समय के अनुसार - अ ययी भाव समास
6. िन न ल खत वा य को शु करके ल खए : (1 4 = 4)
i. वह गुनगुने गम पानी से नान करता है।
ii. माताजी बाज़ार गए ह।
iii. अपराधी को मृ युदड
ं क सजा िमलनी चािहए।
iv. म मेरा काम कर लूगं ा।
उ र-
i. वह गुनगुने पानी से नान करता है |
या
वह गम पानी नान करता है |
ii. माताजी बाज़ार गई ह |
iii. अपराधी को मृ युदड
ं िमलना चािहए |
या
अपराधी मौत क सज़ा िमलनी चािहए |
iv. म अपना काम कर लूँगा |
7. िन न ल खत मुहावर का योग इस कार क जए िक अथ प हो जाए : (2)
मौत सर पर होना, चेहरा मुरझा जाना
उ र- मौत सर पर होना- िकसी भारी संकट से िघरा होना।
चेहरा मुरझा जाना - दख
ु ी होना
(अथपूण वा य पर अंक अपेि त)

खंड-ग

8. िन न ल खत न के उ र 20-30 श द म ल खए :
i. तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर ितपािदत क जए िक िढ़याँ बंधन बनने लग तो उ ह टू ट जाना चािहए। (2)
ii. हमारी िफ म म ासद थितय का िच ांकन ‘ लोरीफाई' य कर िदया जाता है ? ‘तीसरी कसम' के िश पकार शैले
के आधार पर उ र दी जए। (2)
iii. 'िगरिगट' पाठ म चौराहे पर खड़ा यि ज़ोर-ज़ोर से य िच ा रहा था ? (1)
उ र-
i. दो िभ गाँव म िववाह स ब ध िनषेध के कारण ताताँर-वािमरो को ाण गँवाने पड़े और ीप के दो टु कड़े हो गए |
प रणाम व प ये ब धन बन जाने वाला िढ़ तोड़ दी गई |
ii. भावना मक शोषण के लए
यावसाियक ि से लाभ कमाने के लए

4
iii. कु े ारा ऊँगली काटे जाने के कारण
9. ‘बड़े भाई साहब' कहानी के आधार पर लगभग 100 श द म ल खए िक लेखक ने समूची िश ा णाली के िकन पहलुओं पर
यं य िकया है ? आपके िवचार से इसका या समाधान हो सकता है ? तकपूण उ र ल खए । (5)

अथवा

‘अब कहाँ दस
ू र के दख
ु से दख
ु ी होने वाले पाठ के आधार पर प क जए िक बढ़ती हई आबादी का पशुपि य और मनु य
के जीवन पर या भाव पड़ रहा है ? इसका समाधान या हो सकता है ? उ र लगभग 100 श द म दी जए।
उ र-

रटंत िव ा पर बल
परी ा पास करना ही यो यता का आधार मानना
केवल पु तक य ान पर बल
तािकक एवं वतं िचंतन का आभाव
समुिचत मू यांकन का आभाव
(िक ही तीन िब दओ
ु ं का उ ेख अपेि त)

अथवा

भाव-
जीव-जंतुओं का आ य चीन जाना
िविभ जाितय का लु होना
मनु य का िड बे जैसे घर म बँधकर रह जाना
ाकितक संसाधन के दोहन क अंधी दौड़, लालच बढ़ना
ाकृितक असंतुलन क थित पैदा होना
बढ़ते दषू ण के कारण िनत नए रोग से त होना
संवेदनहीनता व वाथपरता म वृि होना
(िक ह तीन िब दओ
ु ं का उ ेख अपेि त)
10. िन न ल खत न के उ र 20-30 श द म ल खए :
i. महादेवी वमा क किवता म ‘दीपक’ और ‘ि यतम' िकनके तीक ह ? (2)
ii. 'पवत देश म पावस' किवता के आधार पर पवत के प- व प का िच ण क जए। (2)
iii. िबहारी ने ‘जगतु तपोबन सौ िकयौ' य कहा है ? (1)
उ र-
i. दीपक - आ था/ आ मा/ ेम
ि यतम - ई वर/ परमा मा

5
ii. पवत का िवशाल आकार तथा मेखलाकार/ गोलाकार होना
असं य पु प से सुस जत होना
iii. चंड गम से याकुल जीव-जंतुओं का आपसी श ुओं भुलाकर एक जगह शांितपूवक रहने के कारण
11. ‘कर चले हम िफदा' अथवा ‘मनु यता' किवता का ितपा लगभग 100 श द म ल खए । (5)
उ र-
भारत-चीन यु क पृ भूिम पर आधा रत गीत
वीर सैिनक के दय के भाव क अिभ यि
सैिनक को अपने काय ं पर गौरव क अनुभूित
देश को सुरि त रखने का संक प
देश क सुर ा का दािय व नई पीढ़ी को स पना
अ य सैिनक व देशवा सय से देश क आन-बाण-शान क र ा करने क अपे ा
(िक ह पाँच िब दओ
ु ं को उ ेख अपेि त)

अथवा

मनु य होने के लए मानवीय गुण आव यक


ेम, एकता, दया, क णा, परोपकार, सहानभूित व उदारता देकर दस
ू र के लए जीने क ेरणा
दधीिच, कण, रंितदेव, महा मा बु आिद का उदहारण देकर दस
ू र के लए जीने क ेरणा
अहंकार क भावना का याग
मनु य-मा को बंधू मानते हए पर पर सहयोग क भावना
एकमत होकर आगे बढ़ना
(िक ह पाँच िब दओ
ु ं का उ ेख अपेि त)
12. इ फ़न और टोपी शु ला क िम ता भारतीय समाज के लए िकस कार ेरक है ? जीवन-मू य क ि से लगभग 150
श द म उ र दी जए। (5)

अथवा

‘ह रहर काका' कहानी के आधार पर बताइए िक एक महंत से समाज क या अपे ा होती है। उ कहानी म महंत क भूिमका
पर िट पणी क जए । उ र लगभग 150 श द म दी जए।
उ र-
िम ता म जाित व धम के बंधन का न होना
सामा जक सौहा म सहायक होना
भाषा और सं कृित को जोड़ने म सहायक होना
िम ता का पा रवा रक व सामा जक तर-भेद से परे होना

6
अथवा

महंत से अपे ा
धम क सही िश ा द
भटके हए लोग को सही माग िदखाएँ
लोग म स गुण का िवकास कर
धमानुसार उिचत आचरण कर

खंड-घ

13. िन न ल खत म से िकसी एक िवषय पर लगभग 80-100 श द का अनु छे द ल खए : (5)


i. भारतीय िकसान के क ।
अ दाता क किठनाइयाँ
कठोर िदनचया
सुधार के उपाय
ii. व छता आं दोलन

बदलाव
हमारा उ रदािय व
iii. मन के हारे हार है मन के जीते जीत
िनराशा अिभशाप
ि कोण प रवतन
सकारा मक सोच
उ र- अनु छे द-लेखन
िवषयवा तु
तुित
भाषा
14. बस म छूट गए सामान को आपके घर तक सुरि त प से पहँचाने वाले बस कंड टर क शंसा करते हए उसे पुर कृत करने
के लए प रवहन अ य को एक प लगभग 100 श द म ल खए। (5)

अथवा

अपने बक के बंधक को प लखकर अपने आधार काड को बक खाते से जोड़ने का अनुरोध क जए।
उ र- प -लेखन
ा प

7
िवषयव तु
भाषा
15. आप िह दी छा प रषद के सिचव ग य ह । आगामी सां कृितक सं या के बारे म अनुभागीय दीवार पि का के लए 25-30
श द म सूचना तैयार क जए। (5)

अथवा

िव ालय क सां कृितक सं था ‘रंगमंच' क सिचव लितका क ओर से ‘ वरपरी ा के लए इ छुक िव ा थय को यथासमय


उप थत रहने क सूचना लगभग 25-30 श द म ल खए । समय और थान का उ ेख भी क जए।
उ र- सुचना-लेखन
ा प
िवषयव तु
भाषा
16. िव ालय म मोबाइल फोन के योग पर अ यापक और अिभभावक के बीच लगभग 50 श द म संवाद ल खए । (5)

अथवा

व छता अिभयान क सफलता के बारे म दो िम के संवाद को लगभग 50 श द म ल खए ।


उ र- संवाद- लेखन
तुित
िवषयव तु
भाषा
17. अपने िव ालय क सं था ‘पहरेदार' क ओर से जल का द ु पयोग रोकने का आ ह करते हए लगभग 50 श द म एक
िव ापन का आलेख तैयार क जए। (5)

अथवा

िव ालय क कलावी थ म कुछ िच (पिटं स) िब के लए उपल ध ह। इसके लए एक िव ापन लगभग 50 श द म


ल खए।
उ र- िव ापन-लेखन
रचना मक तुित
िवषयव तु
भाषा

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