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Hindi translation of YOUR INFINITE POWER TO BE RICH


By Joseph Murphy, Ph.D., D.D.

Copyright © 1996 by Parker Publishing Company, Inc

All rights reserved including the right of reproduction in whole or in part


in any from. This edition published by arrangement with Prentice Hall
Press, a member of Penguin Group (USA) Inc.

This edition first published in 2012


Second impression 2014

ISBN 978-81-8322-276-1

Translation by Dr. Dixit

Printed & bound in India by Thomson Press (India) Ltd.

All right reserved. No part of this publication may be reproduced, stored in


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यह पु तक आपको कै से लाभ प ँचा सकती है

ह पु तक इस कार िलखी गई है क इस पर अमल करना ब त ावहा रक

य हो। यह उन ी-पु ष के िलए िलखी गई है िज ह पैस क ज़ रत है और जो


उस दौलत को खोज रहे ह, जो जीवन उ ह दे सकता है।
यह उन लोग के िलए है, जो तुरंत प रणाम चाहते ह। इसम ज़मीन से जुड़ी
सरल तकनीक िव तार से बताई गई ह; आपको तो बस अपने मन म उन पर अमल
करने क इ छा जागृत करनी है। आगे दए प म आपको इन तकनीक के िवशेष
िववरण और उदाहरण िमलगे, िजनसे आप समझ लगे क उनका इ तेमाल करके आप
सहजता से दौलत कै से पा सकते ह।
इस पु तक म बताए गए मि त क के बुिनयादी िनयम पर आप उतना ही िव ास
कर सकते ह िजतना क आप एिडसन या आइं टीन के िव ुत या गिणत के िनयम-
िस ांत पर करते ह। यही नह , इनके ारा आप उनके िजतने ही िनि त और सटीक
प रणाम भी पा सकते ह।
इस पु तक को मने सादगीपूण सहज शैली म िलखा है, ता क बारह साल का लड़का
भी इसम बताई तकनीक को समझ सके और उन पर अमल कर सके ।
इस पु तक म उन लोग के ब त से उदाहरण दए गए ह, जो मानिसक और
आ याि मक िनयम का इ तेमाल करके समृ बने। म ि गत प से जानता ँ क वे
कसी ख़ास धम के नह थे। यही नह , वे हर आय वग और हर सामािजक तर के थे।
उनम बस यही समानता थी क उन सभी ने एक िवशेष तकनीक से सोचा, अपने
अवचेतन मन क शि का सही तरीक़े से इ तेमाल कया और फल व प दौलत
इकट् ठी क ।
इस पु तक म शािमल कु छ उदाहरण क संि झलक नीचे देख:
• कस कार एक से समैन ने एक वष के भीतर ही अपनी सालाना आमदनी 5,000
डॉलर से बढ़ाकर 50,000 डॉलर कर ली?
• कस कार ब त से लोग िबल का भुगतान करने के िलए एक जादुई फ़ॉमूला
अपनाते ह और बेहतरीन प रणाम पाते ह?
• कस कार लॉस एंजेिलस का एक वसायी िमिलयन डॉलर-फ़ॉमूले पर चला
और फर “कं गाली” से करोड़ क टोर चेन का मािलक बन गया?
• कस कार छु टपुट काम करने वाला एक बढ़ई अट् टािलका का िनमाता बना
और उसने ब त सारी दौलत इकट् ठी कर ली?
• कस कार एक दवािलया आदमी ने अमीरी के तीन िविश क़दम पर अमल
कया और इसके बाद जीवन म दन दूनी रात चौगुनी तर क़ क ?
• कस कार एक दौलतमंद खिनक ने अमीरी का िवचार अपने बेटे को बताया, जो
आज एक मश र सजन है और उसक कहानी म अमीरी क कुं जी िछपी ई है?
• कस कार िम. टाइं ग ने स य के युग -युग पुराने सबक़ पर अमल कया और एक
म टीिमिलयन-डॉलर कॉरपोरे शन क थापना क ? कस कार उ ह ने बाइबल
से दौलत का फ़ॉमूला सीखा और इसे कारगर सािबत कर दया?
• कस कार किव, लेखक िच कार, वै ािनक और वसायी अपने भीतर के
असीिमत ख़जाने म से दौलत िनकालते ह?
• दस वष का एक लड़का जहाँ भी जाता है, लगातार धनरािशय के उपहार कस
कार पाता है?
• कस कार मानिसक और आ याि मक िनयम के ान के संदभ म समृ बन
तथा यह अहसास कर क इसके बाद जीवन क सभी अ छी चीज़ आपके पास
अपने आप आ जाएँगी?
समृ बने िबना आप पूण और ख़शहाल जीवन नह जी सकते! अमीर बनने का एक
तकसंगत और िव ानस मत उपाय है, जो इस पु तक म बताया जा रहा है। य द आप
समृ ख़शहाल और सफल जीवन क फ़सल काटना चाहते ह, तो आपको इस पु तक
का बार-बार अ ययन करना चािहए। यह आपसे जो करने को कहती है, वह िन द
तरीक़े से कर। जब आप ऐसा करगे, तो यादा भ , यादा े , यादा ख़शहाल
यादा समृ और यादा महान जीवन क राह आपके सामने खुल जाएँगी।
इस प े के बाद हम साथ-साथ जीवन क दौलत क ओर आगे बढ़गे।
िवषय सूची
1. असीिमत ख़जाना

2. दौलत आपके चार ओर है

3. ान ही दौलत है

4. ई र के साथ साझेदारी कर

5. ाथना करके अमीर कै से बन

6. दान का जादुई िनयम

7. अमीर लोग यादा अमीर बनते ह

8. मूत दौलत कै से उ प कर

9. सारा वसाय ई र का है

10. वृि का िनयम

11. क पना के िच और संप ता

12. ऊ वगामी और समृ बन

13. कृ त दय संप ता को आक षत करता है

14. आपके श द क शि ारा दौलत के चम कार

15. मौन क अद्भुत दौलत


अ याय एक

असीिमत ख़ज़ाना

बा इबल म कहा गया है, म यहाँ इसिलए आया ँ ता क लोग को जीवन िमल सके
और वे इसे यादा संप ता के साथ जी सक। (जॉन 10: 10)
आप यहाँ भरा-पूरा और ख़शहाल जीवन जीने आए ह। आप यहाँ ई र को
मिहमामंिडत करने और उसका िचर आनंद लेने के िलए आए ह। सृि क सारी
आ याि मक, मानिसक और भौितक समृि ई र क देन है। इसीिलए हर कार क
समृि अपने आप म अ छी है तथा उसका अ छा उपयोग कया जा सकता है।
ई र ही सब कु छ देता है और सारे उपहार ई र के दए ए ह; मनु य तो िसफ़
लेता है। ई र मनु य के दय म वास करता है। इसका अथ यह है क असीिमत दौलत
का ख़जाना आपके भीतर तथा चार ओर हमेशा मौजूद है। जब आप मि त क के िनयम
सीख लेते ह तो इसके बाद आप अपने भीतर के असीिमत भंडार से अपनी ज़ रत क
हर वह चीज़ िनकाल सकते ह, िजससे आपको भ , ख़शहाल और समृ जीवन जीने म
मदद िमले।

समृ बनने का आपका अिधकार


आप समृ बनने के िलए ज मे ह। आप ई र क दी ई मता का उपयोग करके
और असीम के साथ सामंज य म आकर समृ बनते ह। जब आपका मि त क
सृजना मक और अ छे िवचार से भरपूर हो जाता है, तो आपका म भी अिधक साथक
होता है और आपको सभी कार क भौितक समृि दलाता है।
दय म ई र के साथ एक प होने क भावना से ही आप अमीर बनते ह। आप
अपने मानिसक नज़ रए और आ था के अनु प ही सभी अ छी चीज़ो म अमीर होते ह।
असीिमत ख़ज़ाने क सारी दौलत - भीतर क भी और बाहर क भी - आपक है और
आप उसका आनंद ले सकते ह।
ग़रीबी म एक भी सद्गुण नह होता। वा तव म यह एक मानिसक रोग है और
पृ वी से इसका समूल नाश कर देना चािहए। आप जीवन म अपनी स ी जगह खोजने
के िलए यहाँ आए ह। आप संसार को अपनी ितभा से लाभाि वत करने के िलए यहाँ
आए ह। आप ई र द मता को एक अद्भुत अंदाज़ म कट करने और िव तार
करने के िलए यहाँ आए ह। आप आ याि मक, मानिसक और भौितक दौलत को उजागर
करने के िलए यहाँ आए ह, ता क मानव जाित को अनिगनत तरीक़ से लाभ हो। ख़द
को स दय और िवलािसता क व तु से घेर लेने का उपाय सीख। यह अहसास कर क
जीवन, वतं ता और मानिसक शांित आपका अखंड अिधकार है।
ई र क असीिमत शि , स दय और समृि को कट करना, मंिचत करना,
िचि त करना तथा करना आपका दैवीय अिधकार है।

समृ बनने का िव ान
सृि िनयम के अनुसार चलती है। ऐसे कु छ िनि त िनयम और िस ांत ह, जो हमारे
सारे अनुभव , प रि थितय और जीवन म होने वाली घटना को िनयंि त करते ह।
हर चीज़ के मूल म कारण और प रणाम का िनि त िनयम है। समृ बनने का िव ान
आ था के िनयम पर आधा रत है। य द आप िव ास कर सकते ह, तो िव ासी के िलए
सारी चीज़ संभव ह (माक 9:23)। जीवन का िनयम वा तव म िव ास का िनयम है।
िव ास करने का अथ है कसी चीज़ को सच मानना। संप जीवन, ख़शहाल जीवन,
सफल जीवन म िव ास कर। जब आप सव े क सुखद आशा करगे, तो आपक ओर
हमेशा सव े ही आक षत होगा। मनु य का िव ास ही दौलत या ग़रीबी सफलता या
असफलता और वा य या रोग पैदा करता है। सृि का अकाट् य िनयम है क िवचार
हमेशा अपने समान फल दान करते ह, इसिलए जो ि साहस के साथ असीिमत
ख़ज़ाने क दौलत पर दावा करता है, उसे यह अव य िमलेगी।

आप समृ बनने के िलए पैदा ए थे


आप संपूण, ख़शहाल और सफल जीवन जीने के िलए आव यक सारे साज़ोसामान के
साथ पैदा ए थे। आप िवजय पाने, सभी बाधा के ऊपर उठने और अपने भीतर क
सुंदरता तथा अलौ कक गौरव को दखाने के िलए पैदा ए थे। ई र क सारी शि याँ,
गुण, िवशेषताएँ और पहलू आपके भीतर मौजूद ह। आपका जीवन ई र का जीवन है
और उसका जीवन अब आपका जीवन है। ई र जो भी काम हाथ म लेता है, उसम
हमेशा सफल होता है, चाहे यह पेड़ के सृजन क बात हो या सृि के । आप असीम,
अनंत ई र के साथ एक प ह, इसिलए आप भी कभी असफल नह हो सकते।
आप इस संसार म िसफ़ रोज़ी-रोटी कमाने नह आए ह। जीवन आपको उपहार म
दया गया है। आप अपनी िछपी ई यो यता व गुण को अपने मन, शरीर और
आ मा ारा कट करने के िलए यहाँ आए ह। आप जीवन को अिभ करने के िलए
यहाँ आए ह। वा य, समृि , खुशी, शांित और जीवन म स ा थान पाने क आपक
इ छाएँ वा तव म असीम जीवन क आकां ाएँ, ेरणाएँ तथा संकेत ह, जो आपके
मा यम से अिभ ि चाहती ह। इसी समय यह कामना कर क आप अपना अिधकतम
िवकास करगे!

दौलत क दशा म एक वसायी के तीन क़दम


बेवल िह स के मेरे एक वसायी िम ने अपने टोर म मुझसे कहा था, “मेरा भाई
भी मेरे ही वसाय म है। उसक दुकान मेरी दुकान से िसफ़ तीन लॉक ही दूर है,
ले कन वह दौलत म खेल रहा है। हाल ही म उसने दो नए से स लक भी रख िलए ह।
वह दूसरी ओर, मेरा तो गुज़ारा भी नह हो पा रहा है। इसका कारण संभवत: माहौल
या सामान नह है; शायद म ख़द ही !ँ ”
मने ट पणी क क समृ बनने और जीवन म आगे बढ़ने का कसी िनि त
वसाय या थान से कोई संबंध नह होता। दौलत तो इं सान के मि त क म होती है।
कु छ बेहद ितभाशाली लोग ग़रीब और कुं ठत बने रहते ह, जब क दूसरे लोग ब त
कम यो यता या िश ा के बावजूद अपने सबसे ऊँचे सपन से भी यादा दौलतमंद बन
जाते ह। मने उसे दौलत हािसल करने के तीन अचूक क़दम बताए।
उसने इन तीन क़दम का पालन कया, िजसके बाद उसने उ लेखनीय गित क ।
पहला क़दम: कभी भी अपनी आ थक ि थित के बारे म कोई नकारा मक बात न
कह जैसे “म अपना कराया नह चुका सकता,” “म पूरा महीना नह ख च सकता,”
“कारोबार क हालत बड़ी ख़राब है” “म अपने िबल का भुगतान नह कर सकता,”
आ द। जैसे ही कोई नकारा मक िवचार, “म............. .नह कर सकता” दमाग म आए,
उसके बजाय सकारा मक अंदाज़ म कह: “म अपने भीतर के असीिमत भंडार के साथ
एक प ँ और मेरी सभी आव यकताएँ तुरंत पूरी होती ह।” हो सकता है क शु आत
म आपको एक घंटे म पचास बार ऐसा करना पड़े, ले कन लगन से जुटे रह। कु छ समय
बाद नकारा मक िवचार आपको सताना छोड़ दगे।
दूसरा क़दम: असीिमत दौलत के ित अपने मन को तैयार करने के िलए यह कहने
क आदत डाल, “संकट के समय म मदद करने के िलए ई र हमेशा मौजूद होता है,”
और “ई र मेरे िलए व रत आपू त का सतत ोत है; मुझे िजतनी भी योजना या
िवचार क ज़ रत होती है, उ ह ई र हर पल और हर थान पर मेरी ओर भेजता
है।”
तीसरा कदम: हर रात सोते व त इस महान स य को लोरी क तरह दोहराएँ: “म
ई र क िनयामत के िलए हमेशा कृ त ,ँ जो हमेशा स य ह मौजूद ह,
अप रवतनीय ह और सव ापी ह।”
इस वसायी ने पूरी िन ा से इस आ याि मक नु ख़े का पालन कया और इसके
बाद दन दूनी रात चौगुनी तर क़ करने लगा। उसने बाइबल का एक उ रण
मढ़वाकर अपनी डे क पर रख िलया: बीहड़ और सुखी ज़मीन बाग़-बाग़ हो जाएगी;
रे िग तान आनंद से भर जाएगा और गुलाब क तरह िखल उठे गा” (इसाइया 35: 1)
हाल ही म उसने मुझसे कहा “मेरा मि त क एक बीहड़ रे िग तान था। अ ान, डर
आ म-आलोचना और अयो यता के अहसास के खरपतवार के िसवा वहाँ कु छ नह उग
रहा था। अब म िवजय, उपलि ध और समृि क राह पर ।ँ ”

अवसर क चुरता
आज आप अंत र युग म ह। आज आप सुपरजेट्स, इले ॉिन स, अंत र या ा तथा
िव ान, कला िच क सा और उ ोग-धंध के े म असं य नवाचार और खोज के
युग म ह। िमसाल के तौर पर, कं यूटर और इले ॉिन स के े अब भी अपने शैशव
काल म ह तथा उनम अनंत उ मी संभावनाएँ मौजूद ह। िवमान या ा - दूसरे ह तक
भी - िन संदह
े एक वृहद उ ोग म बदल रही है और लाख , संभवत: संसार भर के
करोड़ , लोग को रोज़गार दे रही है।
उन ी-पु ष के िलए अवसर क भरमार है, जो जीवन- वाह के साथ बहते ह
और उसके िख़लाफ़ तैरने क कोिशश नह करते ह। अमीरी का िनयम आपके िलए भी
वही है, जो क दूसर के िलए है।
ऐसा कहा गया है क हर साल उ णक टबंधीय वन म िजतने फल ज़मीन पर
िगरकर सड़ जाते ह, वे पूरे संसार का पेट भरने के िलए काफ़ ह। कृ ित उदार है,
आव यकता से ब त अिधक देती है और चुरता से भरी ई है। मनु य को कमी और
अभाव िसफ़ इसिलए होता है, य क वह कृ ित के उदार उपहार का अनुिचत
िवतरण और दु पयोग करता है। अमे रका म मौजूद इमारत बनाने क साम ी पर
नज़र डाल। यहाँ इतनी सारी लकड़ी, प थर, सीमट, लोहा, टील और अ य सामान ह,
िजनसे अमे रका के हर ि के िलए एक महल खड़ा हो सकता है। यहाँ कपड़े बनाने
क इतनी साम ी है क सारी मिहला के िलए महारानी जैसी और सारे पु ष के
िलए महाराजा जैसी पोशाक बनाई जा सकती ह!
सही नज़ रए से देख, तो इतनी यादा आपू त है क इसका भंडार कभी खाली नह
हो सकता। आप जानते ह क असीम ोत कभी ख़ म नह हो सकता। यह वह झरना है,
जो कभी नह सूख सकता। इस सृि क सारी चीज़ एक ही सव ापी, ाचीन त व से
बनी ह। ताँब,े सीसे, सोने, चाँदी, लकड़ी, प थर और आपक कलाई घड़ी के बीच
एकमा अंतर उन इले ॉ स क सं या और गित है, जो एक यूि लयस के चार ओर
घूम रहे ह। पूरा संसार और इसक सारी चीज़ इसी सव ापी ाचीन त व से बनी ई
ह।
आपके भीतर िवचार का जो असीम भंडार है, वह कभी ख़ म नह हो सकता। य द
मनु य को यादा सोने-चाँदी क ज़ रत है, तो वे पहले से मौजूद त व से योगशाला
म बनाए जा सकते ह। असीम बुि आपक आव यकता के अनु प ित या करती
है और इसका थायी वभाव यह है क यह वयं का िव तार करती है और आपके
ज़ रए पूण अिभ ि पाती है।

उसे दौलत अपने भीतर िमली


एक मिहला हर सुबह मेरा रे िडयो काय म सुनती है। उसने मुझे प म बताया, “िबल
का ढेर बढ़ता जा रहा है। मेरे तीन ब े ह और मेरे पास िबलकु ल भी पैसा नह है। म
या क ँ ?”
मने सुझाव दया क वह िन ंत रहे और अपनी आव यकता को एक छोटे
वा यांश म कर: “ई र इसी ण मेरी सभी आव यकताएँ पूरी करता है।”
उसके िलए इन श द का अथ था उसक सारी इ छाएँ पूरी होना, जैसे िबल का
भुगतान, एक नया पद, एक मकान, एक पित, ब के िलए भोजन और व तथा ब त
सारा पैसा।
उसने लोरी क तरह यह वा य बार-बार दोहराया। जब भी वह यह सकारा मक
ट पणी करती थी, “ई र इसी समय मेरी सभी आव यकताएँ पूरी करता है” तो हर
बार उसके मन म िन ंतता और गमजोशी क एक भावना आ जाती थी और अंतत:
वह िव ास के बंद ु पर प च
ँ गई और इसक वा तिवकता को महसूस करने लगी।
कु छ ही समय म उस मिहला को आ यजनक प रणाम िमले! िजस बहन से वह
पं ह साल से नह िमली थी, वह ऑ ेिलया से उससे िमलने आई और अ य उपहार के
अलावा उसे 5,000 डॉलर नक़द भी दे गई। फर वह एक डॉ टर क से े टरी बन गई
और एक माह के भीतर ही उन दोन क शादी हो गई। आज वह बेहद ख़श है। असीिमत
ा के तरीक़े सचमुच अबूझ होते ह! इस मिहला को वाक़ई अपने भीतर दौलत का
ख़ज़ाना िमल गया।

ग़रीबी एक रोग है
ग़रीबी का अथ है आराम, सुख, संतुलन और चैन का अभाव। अपने चार ओर नज़र
डाल। आपको जीवन के सभी े और सभी कार के वसाय तथा पेश म ऐसे लोग
िमलगे, जो अमीर बन रहे ह और जीवन म अपने ल य हािसल कर रहे ह, जब क बाक़
लोग उनके आस-पास रह रहे ह, वही काम कर रहे ह, उसी पेशे म ह, ले कन इसके
बावजूद ग़रीब ह ख़राब कपड़े पहन रहे ह और स ता, घ टया भोजन कर रहे ह।
य द आपको कोई शारी रक रोग है, तो आपको सम या को त काल सही करने के
िलए डॉ टर के पास जाकर अपनी शारी रक जाँच करानी चािहए। चाहे आप कतने ही
ग़रीब दखते ह , य द आप दौलत, उ ित, िव तार और गित के बारे म सोचने क
आदत डाल ल, तो आपको अपने अवचेतन मन से वत: ही एक उपचारक ित या
िमलेगी, िजससे आपक ख़श क़ मती असं य तरीक़ से कई गुना बढ़ जाएगी।
हो सकता है क आप कज़ म ह और आपके पास पैसा, भाव या मूत संपि न हो,
ले कन य द आप यह दावा करने लग, “ई र क दौलत मेरे जीवन म वािहत हो रही
है और दैवी संप ता हमेशा मौजूद है,” तो आपके जीवन म ज द ही चम कार होने
लगगे!

“यह एक चम कार था।”


जब म इस पु तक का यह अ याय िलख रहा था, तो एक बुजुग मिहला ने मुझे फ़ोन
करके कहा “यह एक चम कार था!” उसे और उसके पित को ब त कम पशन िमलती
थी, िजसम वे बमुि कल ख़च चला पाते थे। मने उसे एक ख़ास ाथना करने को दी थी,
जो इस कार थी: “ई र क दौलत मेरे जीवन म वािहत हो रही है। उसक दौलत
संप ता के सैलाब म मेरी ओर वािहत होती है और म इस सारी दौलत तथा अपनी
भलाई के िलए ई र को ध यवाद देती ।ँ ”
उसने दन म कई बार पूरी चेतना और भावना से यह ाथना दोहराई। लगभग दो
स ाह बाद एक आदमी ने उसका दरवाजा खटखटाया (उस मिहला ने कहा क वह तो
“आसमान से टपका था”) और उससे रे िग तान के बीच ि थित उस लॉट के बारे म
पूछताछ क , िजसक वह मािलक थी। वहाँ पर न तो कोई घर था, न ही पानी - िसफ़
कँ टीली झािड़याँ और कै टस थे। वह कई साल से उस लॉट को बेचने क कोिशश कर
रही थी, ले कन कोई उसे देखने को भी तैयार नह था। उस आदमी ने कहा, “हमारी
कं पनी पास म ही िनमाण काय करने के िलए िबजली लगाना चाहती है, इसिलए हम
आपका लॉट ख़रीदना चाहते ह।”
िजस लॉट को वह मू यहीन समझ रही थी उसके बदले उसे 10,000 डॉलर िमल
गए। यह कोई चम कार नह था: यह तो उसके आ ह पर उसके अवचेतन मन क
ित या थी। इसके असं य तरीक़े सचमुच अबूझ होते ह।

आप पूँजी पा सकते ह
िवचार ही वह एकमा अमूत और अदृ य शि है, िजसे आप जानते-बूझते ह। आप जो
भी सोचते ह, वही आपके जीवन म साकार होता है, जब तक क आप िवपरीत िवचार
सोचकर उसे िनि य न कर द। आपका िवचार िनि त प से आपके अवचेतन मन
ारा धन-दौलत उ प कर सकता है।
आपका अवचेतन मन आपके िवचार के अनु प ही काय करता है। य द आप
“ग़रीबी” के बारे म सोचते ह, तो आप ग़रीब बनगे - चाहे आप इस व त कतने ही
अमीर य न ह । य द आप दौलत - आ याि मक, मानिसक और भौितक - के बारे म
सोचने क आदत डाल लेते ह, तो साहचय के िनयम के अनुसार आप अमीर बन जाएँगे।
दूसरे श द म, जब आप यह सोचते ह,” अब दौलत मेरी है,” और इस िवचार के ित
आ थावान रहते ह तो आपका अवचेतन मन ित या करे गा और आपके िवचार क
कृ ित के अनुसार ही दौलत दान करे गा।
सभी आिव कार - भवन, शहर और सभी तरह के उपकरण, िजनम सभी मानव-
िन मत तथा ाकृ ितक प व याएँ शािमल ह - आपके भीतर के इसी अदृ य भंडार
से उ प ए ह। जब आप अपनी कु स से िहलने के बारे म सोचते ह, उसके बाद ही आप
िहलते ह। कसी वै ािनक ने आपके घर म विनयाँ और दृ य दखाने के बारे म सोचा;
फल व प टेलीिवज़न का आिव कार आ। इले ॉिनक तरं ग आकार, आवाज़, संगीत
आ द म पांत रत हो ग । आप वाक़ई “िवचार जगत” म रहते ह।
असीम उपि थित ने संसार के बारे म सोचा और सव ापी मि त क उसी िवचार
के अनुसार स य हो गया। इसने एक भौितक, गितशील ांड का प ले िलया। साथ
ही तार , सूय, चं मा व अंत र क अंतहीन आकाशगंगा का तं भी अि त व म आ
गया। यह सब एक असीम िवचारक का सृजन है, जो एक सु वि थत, गिणतीय अंदाज़
म पूरी सटीकता के साथ िवचार कर रहा था।
किव जॉयस क मर ने कहा था, “के वल ई र ही वृ बना सकता है।” चाहे यह
बलूत हो या सेव, वृ का सृजन करते समय असीम िवचारक वृ के बारे म सोचता है
और सव ापी मि त क सभी वृ क कृ ित के अनुसार उ ह साकार करने क
शि य को स य कर देता है। यान रहे, वृ क कृ ित िवकास के िस ांत ारा
िनधा रत है, जो पूरी सृि म िनिहत है।

आकषण का महान िनयम


कु छ महीन पहले एक आदमी ने मुझे इं जीिनय रं ग का एक बड़ा आिव कार दखाते ए
कहा, “इसके चार- सार के िलए मुझे पैस क ज़ रत है - ढेर सारे पैस क ।”
मने उसे बताया क आकषण का एक िनयम होता है। यही िनयम उसका सपना
साकार करने के िलए ज़ री हर चीज़ देगा। मने सुझाव दया क वह मानिसक प से
यह दावा करने क आदत डाले: “मेरे अवचेतन मन क असीिमत ा उस आदश
कं पनी को आक षत करती है, जो इस आिव कार का उ पादन करे गी, इसका चार
करे गी और इसे बेचेगी। इससे जुड़े सभी लोग को आपसी संतुि , सामंज य और दैवी
अनुबंध का वरदान ा होगा।” यह कथन उसक थायी ाथना बन गया।
उसका अवचेतन काम म जुट गया। कु छ ही समय बाद उसे लॉस एंजेिलस के
िवलशायर ईबेल िथयेटर म एक िति त वसायी िमल गया, जहाँ म ा यान दे
रहा था। इस वसायी ने उस आिव कार को ायोिजत कया और आिव कार से
अिधकतम लाभ उठाने के िलए सही प से संपक तथा अनुबंध कया। उसने मुझे हाल
ही म बताया क यह एक ांितकारी और अद्भुत ॉड ट है, िजसम लाभ क असीम
संभावना है।
यह आकषण के िनयम को प करता है। िजस कार कसी बीज म मौजूद
बुि म ा अपने िवकास के िलए आव यक हर चीज़ को अपनी ओर आक षत कर लेती
है, उसी कार मनु य भी सोचकर दौलत एकि त करने के आदश , ल य और
उद्दे य को पाने के िलए आव यक बुि म ा तथा नए िवचार उ प कर सकता है।
याद रख, सभी मानव-िन मत आकार, याएँ और व तुएँ सबसे पहले मनु य के
िवचार जीवन म बनती ह। मनु य कसी चीज़ को तब तक ढाल नह सकता, बना नह
सकता या आकार नह दे सकता, जब तक क वह उसके बारे म सोच न ले। यह अकाट् य
स य है: िवचार ही िव पर शासन करता है।

सोचे और दौलत हािसल कर


1. मि त क के िनयम का इ तेमाल कर और अपने भीतर के असीिमत भंडार से हर वह
चीज़ िनकाल, िजसक ज़ रत आपको एक भ , यश वी और सफल जीवन जीने के
िलए है।
2. आप समृ बनने के िलए पैदा ए ह और एक भरा-पूरा व ख़शहाल जीवन जीने के
िलए यहाँ आए ह। ई र चाहता है क आप ख़श रह।
3. हर चीज़ म कारण और प रणाम का एक िनि त िनयम काम करता है। ई र क
धन-संपदा पर िव ास करगे, तो वह आपको अव य िमलेगी। जैसा आपका िव ास
होता है, वैसा ही आपको िमलता है।
4. ई र जो भी करता है, उसम हमेशा सफल होता है। आप ई र के साथ एक प ह,
इसिलए आप असफल नह हो सकते। आप जीतने के िलए ज मे ह।
5. सारी संपि मि त क म रहती है। आपका मानिसक नज़ रया ही अमीरी या ग़रीबी
को तय करता है। दौलत के बारे म सोचगे, तो दौलत िमलेगी। ग़रीबी के बारे म
सोचगे, तो ग़रीबी िमलेगी।
6. आपके सामने चुर अवसर मौजूद ह। जीवन के वाह के साथ बह और बहाव के
िख़लाफ़ तैरना छोड़ द। आप अपने अवचेतन मन से असं य िवचार बाहर िनकाल
सकते ह; हो सकता है क आपके दमा़ग म आने वाले कसी नए िवचार का मू य
50,000 डॉलर हो।
7. अपने भीतर के असीम भंडार से संपक करने का शानदार तरीक़ा यह कहने क आदत
डालना है: “ई र तुरंत मेरी सभी आव यकताएँ पूरी कर देता है।” जब आप इस
तरह से ाथना करते ह, तो चम कार हो जाता है।
8. ग़रीबी एक मानिसक रोग है। साहस के साथ दावा कर, “मेरे जीवन म ई र क
दौलत वािहत हो रही है और यहाँ दैवी समृि हमेशा मौजूद रहती है।”
9. आपका अवचेतन मन, जो दौलत का ख़जाना है, आपके अ छे िवचार पर ऐसे-ऐसे
तरीक़ से ित या करता है, िजनके बारे म आपको पता भी नह होता।
10. िवचार ही वह एकमा अमूत और अदृ य शि है, जो इं सान के पास होती है।
आपका िवचार िनि त प से धन-दौलत उ प कर सकता है।
11. आकषण का िनयम आपक ज़ रत क हर चीज़ को आपक ओर आक षत करता
है। यह सब आपके िवचार क कृ ित के अनुसार होता है। आपका प रवेश और
आ थक ि थित आपके थायी सोच का ही ित बंब ह। िवचार ही िव पर शासन
करता है।
अ याय दो

दौलत आपके चार ओर है

बा इबल म कहा गया है: ... पृ वी ई र क अ छाई से भरी ई है (सा म 33:5)।


आपके चार ओर दौलत है, तो बस इसिलए य क अदृ य दैवीय शि हर जगह
मौजूद है।
यह हमारे चार ओर क हवा जैसी है: इसक कोई कमी नह है। हर मनु य िजतनी
साँस लेना चाहे, ले सकघृणा है, ले कन इसके बावजूद अंतहीन हवा बाक़ रहती है।
आप इस दैवीय उपि थित क तुलना समु से कर सकते ह। आप चाह तो समु से एक
बा टी पानी िनकाल या फर एक बोतल ही िनकाल। समु को इस बात क परवाह
नह है क आप कतना पानी िनकाल रहे ह। इसके बाद भी समु म अथाह पानी बचा
रहघृणा है।
यह दैवीय उपि थित ही असीिमत जीवन है। इससे पृथक कोई जीवन नह है। यही
उपि थित असीिमत त व भी है, िजस कार क आपके िवचार और भावनाएँ उसके
पीछे का त व ह, जो आप ह, जो आपके पास है और जो आप करते ह।
जब आप इस दैवीय उपि थित के साथ चेतन प से “एक प” हो जाते ह, तो आप
वंचना या अभाव के सभी तरह के अहसास से उबर जाते ह, य क यह उपि थित
जीवन से भरपूर है। यही वह जीवंत झरना है, िजससे सारे वरदान वािहत होते ह और
हर व तु क आपू त होती है।
जो ि असीिमत के साथ एक प हो जाघृणा है और बड़ा सोचघृणा है, उसके
िलए समृि और अवसर चुरघृणा म मौजूद ह। असीिमत ा उसके िनदश पर
ित या करे गी और सारी अ छी व तुएँ उसके आस-पास ही कट हो जाएँगी।
परम िपघृणा ने अपनी ख़शी से आपको वा य, स घृणा, शांित, आनंद और
भौितक व तु क संप घृणा का सा ा य दया है।

सब कु छ पया है
प घृणा के साथ अहसास कर क आपके भीतर असीिमत सृजना मक शि है। आप
इस शि के ज रए मनचाहा सृजन कर सकते ह। आप इसका कतना आनंद लेते ह और
कतना अनुभव करते ह, उसक कोई सीमा नह है। आप सारी चीज़ असीिमत ोत से
ले रहे ह, इसिलए आपको कभी चंघृणा करने क ज़ रत नह है क कह आप अपने
िह से से यादा तो नह ले रहे ह। यान रख, असीिमत भंडार कभी ख़ म नह होता।
यह अनंत है। यह कल, आज और हमेशा उतना ही रहघृणा है।
मनु य क ब त बड़ी मूखघृणा यह है क वह यही नह पहचान पाघृणा क उसके
भीतर कतनी स ी दौलत िछपी है और वह अपने मि त क क सृजना मक शि के
बजाय बाहरी व तु , संपि य और प रि थितय को स ी दौलत मानने लगघृणा है।
याद रख, आपको असीिमत भंडार से कतना हण करना है, इसक कोई सीमा
नह है। आपक वा तिवक दौलत यह पहचानने म िनिहत है क चुर धन-संपि का
ोत आपके भीतर ही है। चुर संपि के बारे म सोच, यानी बड़ा सोच। इस बारे म
खुले दल और खुले मन से सोच। इसके बाद आप देखगे क सभी दशा से अ छी
चीज़ आपक ओर आ रही ह, जैसे धन-दौलत और अमीरी क सूचक असं य अ य चीज़।
सवशि मान आपके भीतर ही है, इसिलए आपके पास चुर शि है। आपके पास
अपार शांित, असीम आनंद और पूण सद्भाव पाने क मघृणा है। हर ि अपने मन
म सफलघृणा, िव तार सुधार, गित और रचना मकघृणा के असं य िवचार ला
सकघृणा है। इसके िलए तो आपको बस अपने भीतर िनिहत ई र क असीिमत संपदा
से जुड़ना भर है। “सारी चीज़ तैयार होती ह, बशत मनु य का मन तैयार हो।”

उसने अपने दमाग़ म दौलत का बीज कै से बोया


मेरे सामने एक वसायी का प है। इसम उसने िलखा है क बचपन से ही उसके
दमाग़ म यह धारणा ठूँ स दी गई थी क ग़रीबी एक सद्गुण है। वह जानघृणा था क
उसके अवचेतन क यह ग़लत धारणा उसके िनजी सुख और ावसाियक गित म
बाधक थी। बहरहाल, रिववार सुबह मेरे भाषण क ृँखला सुनने के बाद उसने हर
दन यह कथन दोहराया:
“ई र क बुि म ा, शि और सृजना मक ऊजाएँ मुझम उसी तरह अिभ
होती ह, िजस तरह कसी पेड़ क शाखा पेड़ के ही जीवन का िव तार होती ह। म ई र
क संघृणान ँ और मुझे ई र क संपि का सारा अिधकार, उपभोग और वरदान
िवरासत म िमले ह। म अपना मि त क ई र पर क त करघृणा ँ और इस अदृ य
उपि थित के साथ एक प होने क अनुभूित करघृणा ।ँ म असीिमत त व और असीम
आपू त म िव ास करघृणा ।ँ म इसी ण म िव ास करघृणा ँ तथा मानिसक प से
वीकार करघृणा ँ क ई र मुझ पर अपनी दौलत क बा रश कर रहा है और मेरे
जीवन म आनंद, ेरणा िनयामत व संपि ला रहा है। म अपने िपघृणा के साथ एक प
।ँ उनक रचना मक शि मेरी है। उनक बुि म ा, शि , ा और समझ मेरी भी
बुि म ा, शि , ा और समझ है। असीिमत ा हर संभव तरीक़े से मेरा मागदशन
करती है और मेरी संपि , सफलघृणा तथा नेक उसी क अिभ ि है। म दैवीय
दौलत के ित अपना दलो दमाग़ खोलघृणा ।ँ ई र और मनु य एक ह। मेरे िपघृणा
और म एक ह।”
ऊपर दी गई ाथना ब त सुंदर है और कारगर भी। यह आदमी हर दन अपने
ऑ फ़स म स ाई से भरे ये कथन तीन-चार बार दोहराघृणा रहा। प रणाम यह आ क
उसने तीन और टोस खोल िलए तथा इस वसाय को सँभालने के िलए प ीस नए
कमचा रय को नौकरी पर रख िलया।
यह तथाकिथत चम कार िसफ़ इसिलए आ, यो क उसने अपने दमाग़ क दशा
बदल ली और समृि क भावना िवकिसत कर ली।

उसक आ थक सम या का कारण और समाधान


मेरे पड़ोस म रहने वाला लगभग सोलह साल का एक लड़का मुझसे िमलने आया। उसने
िशकायत क क उसके िपघृणा उसे कॉलेज पढ़ने नह भेज रहे ह और उसका इं जीिनयर
बनने का वाब कभी पूरा नह हो पाएगा। उसके िपघृणा लगाघृणार यही कह रहे थे,
“हमारे पास तु हारे कॉलेज क पढ़ाई के पैसे नह ह। हम अपने घर क क़ त ही नह
चुका पा रहे ह, न ही िनि त समय पर बक का कज़ अदा कर पा रहे ह। हमारी
आमदनी म महीने का ख़च ही कभी पूरा नह हो पाघृणा है। इसिलए कॉलेज जाने के
बारे म भूल जाओ!”
आप इस िपघृणा के आ थक अभाव का कारण देख सकते ह। उसका यान हर व त
अभाव, सीमा और सभी कार क आ थक बं दश पर क त था। ज़ािहर है, उसका
अवचेतन मन उसके थायी िवचार क कृ ित के अनुसार ही वाभािवक ित या कर
रहा था। अमीरी के बारे म सोचगे, तो अमीर बनगे। ग़रीबी के बारे म सोचगे, तो ग़रीब
बनगे।

उसके िवपरीत नज़ रए ने चम कार कर दया


मने उस लड़के के िपघृणा को समझाया क उसे तो िसफ़ अमीर होने क भावना
िवकिसत करनी है और लगाघृणार क पना करनी है क उसके पास हर कार क
दौलत है। बात उसक समझ म आ गई और सोने से पहले हर रात को उसने यह
का पिनक त वीर देखी क उसे अपने बेटे का एक प िमला है, िजसम उसने िलखा है
क वह कॉलेज म आकर कतना ख़श है। उस प म उसने अपने िपघृणा को उन सभी
चीज़ के िलए ध यवाद भी दया, जो उ ह ने उसके िलए क थ । यही नह उस िपघृणा
ने मन ही मन बल भावना के साथ दावा कया: “ई र मेरे िलए आपू त का शा त
ोत है और हर पल मेरी सभी आव यकघृणाएँ पूरी कर रहा है।”
दन म जब भी उसके मन म नकारा मक िवचार उठते थे, जैसे “मेरे पास पैस क
कमी है। या पघृणा म अपने िबल का भुगघृणान कै से कर पाऊँगा? म कं गाल ,ँ ”
आ द, तो वह कभी भी अपने दमाग़ म इस वा य को पूरा नह होने देघृणा था।
नकारा मकघृणा को ख़ा रज करने के िलए वह तुरंत ही यह संक प ले लेघृणा था:
“ई र मेरे िलए आपू त का शा त ोत है और हर पल मेरी सभी आव यकघृणाएँ पूरी
कर रहा है।” शु आत म तो उसे एक घंटे म तीस-चालीस बार ऐसा करना पड़घृणा था,
ले कन कु छ दन बाद पुराने नकारा मक िवचार का आना तथा उनक शि ख़ म हो
गई और उ ह ने उसे सताना छोड़ दया।
कु छ समय बाद ही एक चम कार आ। उसक लॉटरी लग गई और उसे ब त सारा
पैसा िमल गया। इससे उसने अपने सारे कज़ पटा दए तथा अपनी मानिसक शि म
उसका िव ास और बढ़ गया। अब वह जान गया था क उसका मि त क हर समय, हर
जगह उसक सभी आव यकघृणाएँ पूरी कर सकघृणा है।
आज उसका बेटा अपनी मनचाही युिनव सटी म पढ़घृणा है और स ी दौलत क
खोज को लेकर दल से कृ त है। एक बात तो तय है क जब भी आ थक सम याएँ और
आपातकालीन ि थितयाँ सामने आएँगी, तो ये िपघृणा-पु डर और चंघृणा के मारे
कभी थर- थर नह काँपगे।

िबल के भुगघृणान का जादुई फ़ॉमूला


लंदन के एक फ़ामािस ट ने कु छ साल पहले मेरे ा यान सुने थे। उसने मुझे बघृणाया
क उसने ब त कम पूँजी से अपनी के िम ट शॉप खोली थी। उसने अपने ससुर से पैसे
उधार िलए थे और वे पैसा वापस करने के िलए उस पर लगाघृणार दबाव डाल रहे थे।
िबल का भुगघृणान नह हो पा रहा था और उसक आ थक ि थित ब त ख़राब थी।
बहरहाल, कु छ साल पहले लंदन के कै टन हॉल म मेरे एक ा यान म उसने यह
कथन सुना: “जब भी आपको कसी चीज़ का िबल िमले, तो इस बात के िलए त काल
ध यवाद द क आपको िबल के िजतनी ही धनरािश िमल गई है।” इस सै ांितक िवचार
पर थोड़ा मनन करने के बाद उसने यह काम िनयिमत और सुिनयोिजत तरीक़े से ऐसा
करना शु कया। देिखए, मि त क िजस भी चीज़ पर यान क त करघृणा है, वह
ब त यादा बढ़ती और फै लती है, इसिलए उसका वसाय भी बढ़ने लगा: उसके
इलाक़े के तीन डॉ टर अपने सारे पच उसक फ़ामसी म भेजने लगे। मुझे यह कहते ए
ख़शी हो रही है क आज वह लंदन शहर म तीन ब त सफल फ़ामसय का मािलक बन
चुका है।
िबल म दी गई धनरािश पाने का िवचार-िच धीरे -धीरे उसके अवचेतन मन म
समा गया। उसे समझ म आ गया क धन का िवचार-िच मनचाही चीज़ गढ़ने का मूल
त व और उन चीज़ का माण है, जो नज़र नह आत । मने यह जादुई फ़ामूला कई
वसाियय को िसखाया है और उनम से येक को इससे लाभ आ और वह कृ त भी
आ। जो भी चीज़ आप ाथना म आ था के साथ माँगगे, वे सभी आपको िमल जाएँगी।
(मै यू 21:22)

आ थक सम या का सामना कै से कर
अमीर बनने क कला का पहला िस ांत यह महसूस करना है क िवचार ही एकमा
अमूत शि है, जो असीिमत ख़ज़ाने से मूत दौलत उ प कर सकती है।
सृि म आप जो भी देखते ह- हर वह चीज़, आकार और या िजसका सृजन आ
है- वह असीिमत ा के िवचार क साकार अिभ ि है। जब असीिमत ा गित के
बारे म सोचती है, तो िवचार गित का प ले लेघृणा है। जब असीिमत ा कसी
आकृ ित के बारे म सोचती है, तो िवचार आकृ ित का प ले लेघृणा है। इसी तरीक़े से इस
संसार क सारी चीज़ का सृजन आ था। आप िवचार जगत म रहते ह, इसिलए अमीर
बनने तथा अपनी आ थक सम या को सुलझाने के िलए आपको लगाघृणार दौलत,
संपि तथा सफलघृणा के िवचार सोचने ह गे।
सागौन के वृ को अि त व म लाने के िलए असीिमत ा को सागौन के वृ के
बारे म सोचना पड़ा और उस िवचार से वह पेड़ उ प हो गया, हालाँ क हो सकघृणा है
क उसे पूणघृणा तक आने म कई स दयाँ लग गई ह । अब असीिमत िवचारक ने सागौन
के वृ के बारे म सोचा, तो इससे त काल बड़ा वृ नह बन गया। इसने तो बीज म
वत: स य बुि म ा के ज़ रए वृ उ प करने के िलए आव यक सभी शि य को
स य कर दया।
इसी तरह, अगर आप सारी आ थक सम या और ग़रीबी से जुड़ी श मदगी के
समूचे अहसास से मु होना चाहते ह, तो आपको यह समझ लेना चािहए क आप एक
चंतक ह और अपने िवचार , िच योजना तथा उद्दे य को साकार प दे सकते
ह। यही नह , यह भी जान ल क आपके हाथ से बनी सारी चीज़, सारी इमारत और
ए सारे आिव कार पहले आपके दमाग़ म िवचार-िच के प म उ प ए थे।
दरअसल आप इस संसार म कोई चीज़ तब तक बना ही नह सकते, जब तक क आप
पहले अपने मन म उस चीज़ का िवचार न कर ल।
यह पूरी तरह सच है, इसिलए अपने दमाग़ म इस स य को बैठा ल: “मुझे ई र
और सभी अ छी चीज़ पर पूरा िव ास है। म जानघृणा ँ क म कसी भी व त कसी
भी ि थित का मुक़ाबला करने म स म ,ँ य क ई र मेरे िलए आपू त का थायी
ोत है और मुझे सारे आव यक िवचार सही तरीक़े से तथा सही समय पर देघृणा है।
ई र क दौलत हमेशा मेरे जीवन म उ मु घृणा से वािहत हो रही है और हमेशा
दैवी संप घृणा क़ायम रहती है। इन स य को दोहराते समय म जानघृणा ँ क मेरा
मि त क सतत वािहत होने वाली उस दैवी आपू त को पाने के िलए तैयार हो रहा
है।”
जब आप ऊपर दए गए स य को दोहराते ह और अपने दय म उनक
वा तिवकघृणा को महसूस करते ह, तो आप दौलत का मनोभाव िवकिसत कर लगे।
इसके बाद आपक आ थक ि थित संप बनी रहेगी, भले ही शेयर बाज़ार कह भी जा
रहा हो या अ य प रि थितयाँ चाहे जैसी ह । चाहे धन को शि को कोई भी प लेने
क ज़ रत पड़ जाए, आपक आपू त म कभी कमी नह आएगी।

सालाना 5,000 से 50,000डॉलर तक


एक से समैन मेरे रिववार के ा यान और मेरा दैिनक रे िडयो काय म भी सुनघृणा
है। उसने कु छ साल पहले मुझसे पूछा “म 50,000 डॉलर सालाना कै से कमा सकघृणा
?ँ म िववािहत ँ और मेरे तीन ब े ह। मेरा महीना बड़ी मुि कल से चल पाघृणा है।
ख़च चलाने के िलए मेरी प ी को भी नौकरी करनी पड़ती है!”
कई मामल म प रि थितय का वणन या ा या ही इलाज होती है। मने उसके
सामने यह प कया क मन म दौलत का िवचार-िच या समृि क मानिसकता ही
मूल कारण है। यह दौलत का वा तिवक त व है, िजस पर अभाव, सीमा या पुरानी
नकारा मक प रि थितय का कोई असर नह होता।
उसे िवचार-िच से शु आत करनी थी। उसे अहसास आ क यह हर कार क
अिभ ि क कायिविध है, चाहे यह सव ापी मि त क के तर पर हो या उसके
ि गत मि त क- जो सव ापी मि त क का एक िह सा है- के तर पर। वह
से समैन इस नतीजे पर प चँ ा क उसे तो के वल अपना िवचार-िच अपने अवचेतन
मन तक प च ँ ाना है और इसके फल व प उसका िवचार साकार प म सामने आ
जाएगा।
हमारी पहली बातचीत के बाद उसके साथ जो आ, वह उसने मुझे प म िलखकर
बघृणाया:
“ि य डॉ.मफ़ , आपसे बातचीत के बाद तीन महीन तक मने हर सुबह ख़द को
दपण-िच क सा दी। म दाढ़ी बनाने के बाद अपने दपण के सामने खड़ा हो जाघृणा था
और बल भावना तथा पूरी चेतना के साथ ज़ोर से घोषणा करघृणा था: ‘जॉन, तुम
ब त कामयाब हो चुके हो। तुम हर साल 50,000 डॉलर कमा रहे हो। तुम ग़ज़ब के
से समैन हो।” म हर सुबह इसे दस-बारह िमनट तक दोहराघृणा था। म जानघृणा था
क इस तरह अंतत: म अपने अवचेतन मन म 50,000 डॉलर का समतु य िवचार बना
लूँगा और मनोवै ािनक प से उस रािश का बीज बोने म सफल हो जाऊँगा। मेरे मन
म लोग के सामने भाषण देने का िवचार आया। नतीजा यह आ क लगभग दस स ाह
पहले मने कं पनी क वा षक िब बैठक म भाषण दया। इसके बाद वाइस ेिसडट ने
मुझे बधाई दी और मुझे तर क़ िमल गई। यही नह मुझे 10,000 डॉलर क सालाना
तन वाह के साथ यादा आमदनी वाला िजला भी िमल गया। िपछले साल कमीशन
और तन वाह को िमलाकर मुझे 50,000 डॉलर से अिधक आमदनी ई। वाक़ई
मि त क ही इस पृ वी क समूची दौलत और वग क संपि का ोत है।”

उसने कड़ी मेहनत क , ले कन कह नह प ँच पाया


एक बार एक जूिनयर ए ज़ी यू टव से मेरी बातचीत ई। उसने मुझे बघृणाया, “म
ब त कड़ी मेहनत करघृणा ,ँ कं पनी म देर तक काम करघृणा ँ और हर रात को
ाथना करघृणा ,ँ ‘ई र सारे तरीक़ से मुझे दौलतमंद बना रहा है और म अपनी
िनयामत को इसी ण वीकार करघृणा ।ँ ’ ले कन इसके बावजूद म िबलकु ल गित
नह कर पा रहा ।ँ िपछले पाँच वष म न तो मेरी तन वाह बढ़ी है, न ही मोशन
आ है।”
बहरहाल, उसने वीकार कया क वह कं पनी म कायरत अपने पुराने सहपा ठय
क सफलघृणा और गित से जलघृणा था। उसके कॉलेज के पुराने िम सफलघृणा क
सीढ़ी पर उससे आगे प च
ँ गए थे। उनक तर क़ को लेकर उसके मन म कटु घृणा और
आलोचना भरी ई थी। इसी वजह से वह सफल नह हो पा रहा था।
अपने सहयोिगय के बारे म नकारा मक सोच रखने और उनक दौलत, तर क़ व
सफलघृणा क नंदा करने का नतीजा यह िनकला क िजस धन-दौलत के िलए वह
ाथना कर रहा था, वह उड़नछू हो गई। वह एक ओर िजन चीज़ के िलए ाथना कर
रहा था, दूसरी ओर उ ह क नंदा कर रहा था! वह ख़द को ही नुक़सान प च ँ ा रहा
था, य क मि त क क ये नकारा मक अव थाएँ वह ख़द सोच रहा था और महसूस
कर रहा था। दरअसल, वह दो तरह क ाथनाएँ कर रहा था। एक तरफ़ तो वह कह
रहा था, “ई र इसी व त मुझे दौलतमंद बना रहा है,” और अगली ही साँस म, मन ही
मन या ज़ोर से, वह यह कह रहा था, “म उस आदमी क तर क़ और वेतनवृि से
जलघृणा ।ँ ”
उसे यह अहसास होने लगा क मि त क एक सृजना मक मा यम है और हम सामने
वाले के बारे म जैसे िवचार सोचते ह, वैसे ही िवचार हमारे जीवन म कट हो जाते ह।
उसने अपना मानिसक नज़ रया बदल िलया और इस बात का िवशेष संक प िलया क
वह अपने सभी सहयोिगय के िलए वा य, ख़शी, शांित तथा जीवन क सभी
िनयामत क कामना करे गा। उसने दूसर क दौलत, तर क़ और सफलघृणा पर ख़श
होने क आदत डाल ली। यह नज़ रया अपनाने के बाद उसे भी मोशन िमल गया और
उसने तर क़ क । नज़ रया बदलने से सब कु छ बदल गया।

आ थक प से सुरि त बनने का अचूक तरीक़ा


धन आदान- दान का साधन है। यह वतं घृणा, स दय, िवलािसघृणा, शि , सु िच
और समृ व आनंददायक जीवनशैली का तीक है। धन को एक दैवी िवचार के प म
देखा जा सकघृणा है, िजसक बदौलत रा क आ थक सेहत क़ायम है। इसिलए इसका
उपयोग समझदारी, बुि म ा और सृजना मक तरीके से करना चािहए।
आप आ थक प से सुरि त तब होते ह, जब आप अपने मि त क पर यह छाप
छोड़ देते ह क पैसा न िसफ़ अ छा है बि क ब त अ छा है और यह असं य तरीक़ से
मानव जाित के िलए वरदान है। अपने मन म यह क पना करते रह क आप एक
िवतरण क ह, क आपके पास सभी कार क दौलत है और आप ये वरदान दूसर को
दान कर रहे ह। ऐसा करके आप वह राह खोल देते ह, िजससे धन आपक ओर अिधक
ती गित से वािहत होगा।
आप अपने दल म जानते ह क आपका उद्दे य सही है और आप ब त सारी धन-
संपि के हक़दार ह। आप समृि के सैलाब को अपनी ओर आने क आशा करते ह।
आपको जो संप घृणा और ख़शहाली िमलती है, वह अवचेतन मन म िनिहत शि और
बुि म ा का समझदारी से उपयोग करने का ही प रणाम है।
जीवन आपको तब पुर कार देगा, जब आप यह िव ास करगे और मानगे क
सफलघृणा आपका दैवी अिधकार है। आ थक सुर ा क वा तिवक कुं जी िनरं तर यह
महसूस करना, जानना और क पना करना है क आप यादा भ , यादा महान और
यादा अद्भुत तरीक़े से दूसर क सेवा कर रहे ह। क पना कर क यादा बड़ी
सफलघृणा और दौलत आपके पास आने का इं तज़ार कर रही ह। जो भी पैसा आपको
िमलघृणा है उसे गहरी कृ त घृणा के साथ वीकार कर और उसका िन ंतघृणा से
उपयोग कर। साथ ही उस परम स ा के ित कृ त घृणा जघृणाएँ, िजससे सारे वरदान
वािहत होते ह।
नीचे दी गई ाथना बार-बार कर। इससे आ थक सुर ा का िवचार आपके
अवचेतन मन तक प च
ँ जाएगा:
“म जानघृणा ँ क धन दैवीय मि त क का एक िवचार है। यह संपि का तीक
है। म समझघृणा ँ क यह आदान- दान का साधन है। ई र के सभी िवचार अ छे ह।
ई र ने ही सारी चीज़ बनाई ह। उसने अपनी सृि को अ छा और ब त अ छा घोिषत
कया है। धन अ छा है। म समझदारी से, यायपूवक और सृजना मक तरीक़े से इसका
इ तेमाल करघृणा ।ँ म मानव जाित के भले के िलए इसका इ तेमाल करघृणा ।ँ यह
ब त उपयु तीक है; इसके संचार से मुझे आनंद िमलघृणा है। मेरे मन म ई र के
िवचार हर पल मौजूद ह। मेरे पास दैवी संप घृणा है। ई र मेरी आपू त का ोत है;
वह इसी समय मेरी आपू त सुिनि त करघृणा है। सभी कार क दौलत संप घृणा के
सैलाब म मेरी ओर वािहत होती है। के वल एक ही ई र और एक ही मि त क है;
ई र के मि त क का हर िवचार आ याि मक है। धन के साथ मेरा िम घृणापूण संबंध
है। यह ई र क दौलत और उसक असीम समृि का तीक है। धन का िवचार
सव ापी है; मेरे पास संसार क सारी दौलत है। म इसका उपयोग के वल भलाई के
िलए करघृणा ।ँ हे परम िपघृणा, आपको ध यवाद, जो आपने धन-दौलत क इतनी
सारी आपू त क ।”

िवशेष मरणीय बंद ु


1. दौलत आपके चार ओर है और इसका सीधा सा कारण यह है क आप ई र म ही
जीते ह रहते ह, और अि त व म ह; और ई र आपम जीघृणा, रहघृणा तथा
अि त व म है। ई र सव ापी है, इसिलए उसक सारी दौलत हर जगह मौजूद है -
आपके भीतर भी और आपके चार ओर भी।
2. आपके भीतर क सृजना मक शि असीिमत है और कभी ख़ म नह हो सकती।
समृि के भाव के साथ ख़द को एक प करना ही आपक स ी दौलत है।
3. अपने मि त क को ई र पर क त कर और दौलत के आत रक ख़ज़ाने के साथ
एक प होने क भावना महसूस कर; दौलत अपने आप आपके जीवन म वािहत
होने लगेगी।
4. य द आप अभाव, सीमा और बं दश के बारे म सोचते ह, तो आप सभी तरह के
अभाव और सीमा को बढ़ा लगे। आप िजस पर यान क त करते ह, वही आपके
संसार म बढ़घृणा है।
5. यह अहसास कर क ई र आपके िलए आपू त का शा त ोत है और त काल
आपक सारी आव यकघृणाएँ पूरी करघृणा है। इसके बाद आपके जीवन म चम कार
होने लगगे।
6. िबल चुकाने और सारे कज़ से मुि पाने का जादुई फ़ॉमूला यह है क जब आपको
कसी कार का िबल िमले, तो िबल के िजतनी ही धनरािश के िलए ध यवाद द।
ऐसा करने पर वह िवचार आपके अवचेतन मन म धीरे -धीरे रच-बस जाएगा।
7. आपका िवचार ही वह एकमा अमूत शि है, िजसे आप जानते ह। आपका िवचार
अदृ य ख़ज़ाने से मूत दौलत उ प कर सकघृणा है। अमीरी के बारे म सोचगे, तो
अमीरी आएगी। ग़रीबी के बारे म सोचगे, तो ग़रीबी आएगी।
8. दौलत का आपका िवचार-िच या मानिसकघृणा ही समृि का मूल कारण है। यह
मनचाही व तु का मूल त व और अदृ य चीज़ का माण है।
9. कसी दूसरे क दौलत और धन-संपि क नंदा करना दरअसल ख़द को नुक़सान
प च
ँ ाना है। आपका मि त क एक सृजना मक मा यम है और आप दूसर के िलए जो
चाहते ह, वह आप वयं के िलए चाह रहे होते ह। आप िवचारक ह और आपके हर
िवचार से सृजन होता है।
10. आ थक सुर ा पाने के िलए आपू त के उस शा त ोत के मानिसक सामंज य म
आएँ, जो कभी नह सूखघृणा। यादा बड़े, यादा अ छे और उदा तरीक़े से दूसर
क सेवा करने क गहरी इ छा रख। इसके बाद ई र आपक सारी ज़ रत पूरी कर
देगा और आपके जीवन म हमेशा दैवी संप घृणा रहेगी।
अ याय तीन

ान ही दौलत है
प जो सबसे बड़ी खोज कर सकते ह, वह इस बारे म जाग क होना है क

आ आपके भीतर एक असीिमत शि और बुि म ा वास करती है, जो आपको


सभी सम या से उबरने, सभी बाधा पर िवजय पाने और जीवन के
सभी काय करने म समथ बनाती है। आप जीतने के िलए पैदा ए ह और
आपको वे सारे आव यक गुण, िवशेषताएँ और मताएँ दान क गई ह, िजनक
बदौलत आप अपनी तक़दीर के वामी तथा आ मा के मुिखया बन सकते ह।
य द आप अपनी आ याि मक शि य को नह जानते ह, तो आप सांसा रक
घटना और ि थितय ारा शािसत व िनयंि त ह गे। आपम आ म-आलोचना क
वृि होगी और आप आम तौर पर अपना मू य कम आँकगे। दूसरे श द म, अपने ान
के अभाव के कारण आप प रि थितय क शि को कु छ यादा ही मान बैठगे तथा
आपको अपने भीतर क उन ज़बद त शि य का आभास भी नह होगा, जो आपको
ऊपर उठा सकती ह और ख़शहाली वा य, वतं ता व आनंद के राजमाग पर प च ँ ा
सकती ह।

अपने ान से उसे कै से लाभ आ


यूनान म एथस के पास डे फ़ का मश र मं दर है। अग त 1965 म वहाँ क या ा के
दौरान मिहला गाइड से मेरी बातचीत ई। वह अँ ेज़ी, च और जमन भाषाएँ फ़राटे
से बोलती थी। इस बात से हमारे समूह क एक पयटक इतनी भािवत ई क उसने
उसके सामने ांस तथा जमनी के सफ़र म साथ रहने का ताव रखा और यूयॉक
िसटी म अपने तीन ब क गवनस भी बना दया। तन वाह 400 डॉलर ित माह थी।
इसके अलावा रहने-खाने क व था घर म ही होने के कारण मु त थी। गाइड ने मुझे
बघृणाया क उसक वतमान तन वाह 100 क े मा ित दन यानी लगभग 3 डॉलर
थी। उसने कहा क यह अवसर कसी बड़े सपने क तरह था, य क वह कई साल से
अमे रका जाना चाहती थी और अब इस ताव से उसका सपना साकार हो गया।
इस युवती के बारे म रोचक बात यह थी क वह हर दन पूरे जोश से मदर मैरी से
यादा पैस और अमे रका या ा के िलए ाथना करती थी। बेशक, उसका पूण िव ास
उसके अवचेतन मन म बीज बोने म सफल हो गया और उसी का नतीजा था क उसके
सामने यह असाधारण ताव रखा गया।* पैरासे सस ने कहा था, “िजस चीज़ पर
आपक आ था है, चाहे स ी हो या झूठी, प रणाम आपको एक जैसे ही िमलगे।”
भिव यदृि क दौलत
म इं लड, जमनी, आयरलड और यूनान के एक ले चर टू र पर गया, िजसम हर देश म
कु छ दन क छु ट् टयाँ मनाने क सुिवधा भी थी। कॉक, आयरलड म मने एक युवा
वाइन से समैन और उसक आकषक प ी के यहाँ िडनर कया। वह लगभग चौबीस
साल का था। उसने मुझे बघृणाया क उसने एक सपना देखा था क वह अपनी कं पनी
का सबसे अ णी वाइन से समैन बन चुका है और हाल ही म उसका यह सपना साकार
हो गया। उसे डबिलन के मु यालय म आमंि त कया गया। वहाँ एक औपचा रक
समारोह म उसे सोने क न क़ाशी वाली घड़ी भट क गई और उसक तन वाह भी
ब त यादा बड़ा दी गई। लगाघृणार तीन वष से वह िब म थम थान पर आ रहा
है।
यह युवक हर रात को सोने से पहले कहघृणा था, “म सबसे अ णी से समैन ँ और
मुझे ब त अ छा भुगघृणान िमलघृणा है।” वह अपने मन म यह छिव देखघृणा था क
उसक प ी उसे बधाई दे रही है। इसके साथ ही वह गहरी न द म सो जाघृणा था। वह
मेरी पु तक द पॉवर ऑफ़ युअर सबकॉ शस माइड का बड़ा उ सुक पाठक था और
उसका दावा था क उसका जीवन इसी क बदौलत बदला है।
यह युवक मेरा र तेदार है। उसके मन म कसी के साथ ित पधा करने का कोई
िवचार नह था। वह अपने अवचेतन मन म “सबसे अ णी से समैन” के िवचार का
बीज बोने म सफल हो गया। और उसके अिधक गहरे मि त क ने- जो हमेशा ित या
करघृणा है- अपने अनूठे और असाधारण तरीक़ से ित या क । इसके अनंत तरीक़े
अबूझ ह।

ान ार खोल देघृणा है
यूनान म अपोलो के मं दर क या ा के दौरान मुझे एक यूनानी युवती दखी, जो अपनी
बाँह म एक पु तक दबाए थी। मुझे वह पु तक जानी-पहचानी लगी। ग़ौर से देखने पर
मुझे यह सुखद आ य आ क वह पु तक मेरी ही िलखी ई थी: द िमरे कल ऑफ़
माइं ड डायनैिम स।* मने तुरंत अपना प रचय दया और उसने तुरंत सभी कार के
रोचक सवाल क झड़ी लगा दी।
उसक मुख सम या यह थी क वह अमे रका म बसना चाहती थी, ले कन एथस
के अमे रक दूघृणावास म उसे बघृणाया गया क ती ा सूची ब त लंबी है- इतनी
लंबी क उसे वहाँ जाने म कई साल लग जाएँग।े उसने मुझसे कहा, “आपने इस पु तक
म जो तकनीक बघृणाई ह, म उनका इ तेमाल कर रही ।ँ मुझे अपनी सारी ाथना
का फल भी िमल गया है। िसफ़ एक ही ाथना पूरी नह हो पाई है- अमे रका जाकर
रहने क अनुमित िमलना।”
वह सुिनयोिजत और िनयिमत प से यह कथन िव ासपूवक दोहरा रही थी:
“असीिमत ा दैवीय व था म मेरे अमे रक अ वास क राह खोल रही है। जब
मनु य कहघृणा है, ‘कोई रा ता नह है,’ तब ई र कहघृणा है क रा ता है, और म अब
उसी रा ते को वीकार करती ।ँ ”
उसक मदद करने क ख़ाितर मने यूयॉक क एक असाधारण बुि मती मिहला
वक ल को प िलखा, जो साइं स ऑफ़ माइं ड क िव ाथ और मेरी पुरानी िम थी।
मने उसे बघृणाया क इस यूनानी लड़क क बहन यूयॉक म वसायी है और कई
साल से वहाँ रह रही है। वह बीमार है और चाहती है क उसक बहन यूनान से आकर
वसाय सँभालने म उसक मदद करे । उस वक ल ने लगभग तुरंत ही काय शु कर
दया और यूनान म द िमरे कल ऑफ़ माइड डायनेिम स क युवा िव ाथ को प
िलखकर बघृणाया क वह अमे रका म वेश सुिनि त करने के िलए कौन से क़ानूनी
क़दम उठा सकती है।
यह अ याय िलखते व त मुझे एथस क उस युवती का प िमला, िजसने िलखा था,
“आपसे होने वाली मुलाक़ात यूँ ही नह ई थी। जब मने आपको पादरी क पोशाक म
देखा और आपको बोलते सुना, तो म जान गई क आप अमे रका के पादरी ह। म यह भी
जानती थी क आप मुझसे बात करगे और आपके पास मेरे सवाल का कोई न कोई
जवाब होगा।”
म तो के वल एक िनिम था, िजसके मा यम से उसके अवचेतन क असीिमत ा
ने उसक सतत और लगनशील इ छा का जवाब दया। वह कभी नह डगमगाई, कभी
नह लड़खड़ाई और उसने अपनी इ छा के साकार होने क संभावना पर कभी नह
कया। वह तो बस जानती थी क एक जवाब था। उसक लगनशीलघृणा और संक प
क वजह से उसे फ़ायदा आ।
उसक ाथना के जवाब म पहला क़दम तो यह था क एक एयरलाइन हो टेस ने
उसे द िमरे कल ऑफ़ माइं ड डायनैिम स क एक ित उपहार म देते ए कहा, “ इससे
तु हारी अँ ेज़ी काफ़ सुधर जाएगी और अगर तुम इसका सही इ तेमाल करोगी, तो
यक़ नन अमे रका प च ँ जाओगी।”
अवचेतन के तरीक़े ाय: रोचक, आकषक, रोमांचक और मोहक होते ह। आपको
यह एहसास होने लगघृणा है क चम कार कभी ख़ म नह ह गे और “ई र कभी
असफल नह होता।”

नई अवधारणा से उसे अनुबंध िमल गया


िजस या ा के बारे म म िलख रहा ,ँ उसी के दौरान लंदन के कै टन हॉल म मने ेम
के अद्भुत िनयम* पर भाषण दया। भाषण के बाद एक अिभने ी मुझसे बात करने
आई। उसने मुझे बघृणाया क उसने मंच पर काम करना छोड़ दया है, य क वह
आधुिनक नाटक क अ ीलघृणा से ऊब गई थी। उसने कहा, “अब म जान चुक ँ क
मुझसे कहाँ ग़लती ई। मेरे पास देने के िलए कु छ है। म ख़द क अवनित कर रही ।ँ मेरे
मन म उन काशक के ित गहरा ष े भरा आ है, िज ह ने मेरी नई पु तक पर
हँगामा मचाया। म कल जाकर यह सािबत करने वाली ँ क ेम सारे डर, घृणा और

े को िनकाल बाहर करघृणा है।”
म के वल एक स ाह के िलए लंदन म था। मेरे वहाँ से रवाना होने से पहले इस
अिभने ी ने बॉ ड ीट ि थत मेरे होटल म फ़ोन करके गव और ख़शी से बघृणाया,
“मने आज एक अनुबंध पर द तख़त कर दए! िपछली रात दो घंटे तक मने ज़ोर-ज़ोर से
कहा था, ‘मेरी आ मा दैवी ेम से भरी है।’ म समूची मानव जाित के ित ेम और
सद्भावना क गहरी भावना के साथ सोने गई थी।”
इस अिभने ी ने ेम के अथ का एक नया िवचार हािसल कया और उसे अपने
मि त क के संहासन पर बैठा िलया। उसे यह जानकर सुखद आ य आ क दैवीय ेम
हर िवरोध और हर नकारा मक चीज़ को घोल देघृणा है। ेम सव ापी िवलायक है।
भाषण के दौरान उसे अहसास हो गया क अपने बारे म ए िजस िम या चार से वह
आगबबूला हो गई थी, दरअसल उस चार म उसे चोट प च ँ ाने क कोई शि नह
थी। चोट तो उसे िसफ़ अपने िवचार के मा यम से ही प च
ँ सकती थी। िजन लोग ने
उसके बारे म यह मूखघृणापूण बकवास गढ़ी थी, उनके िलए उसने दुआ क । इसक
वजह से वह इन नकारा मक िवचार से वह मु हो गई।

आज म अमीर ँ
मने युिनख़, जमनी के एक िनजी घर म एक छोटे समूह के सामने मानिसक िनयम पर
भाषण दया। म िजस युवक का अितिथ था, वह पहाड़ पर क इं ग िसखाने वाला
ब ढ़या िश क था। आ स पवाघृणारोहण के एक अिभयान म उसक एक िव ाथ - जो
उसक मँगेतर भी थी- दुघटनावश एक िहम थलन म लापघृणा हो गई और बाद म
उसक लाश िमली। उस पर मुकदमा चला और दो अदालत ने उसे दोषी ठहराया।
बहरहाल, तीसरी अदालत ने उसे पूरी तरह से िनद ष करार दया। इसके बावजूद
उसके भीतर गहरी लािन और भीषण प ाघृणाप था। इसके अलावा, थानीय
अख़बार म छपने वाली आलोचना मक ट पिणय से भी उसके दल को चोट प च ँ ी
थी।
मने उसे बघृणाया क उसे दूसर के काय या पवघृणारोहण के िनदश क जान-
बूझकर अवहेलना के िलए िज़ मेदार नह ठहराया जा सकघृणा। मने यह भी जोड़ा क
कु छ लोग म मृ यु क चाह और मृ यु ंिथ होती है। इसी कारण वे अचेतन प से ऐसे
दु साहसी काय चुनते ह, िजनसे वे तबाह हो सकते ह। आ म-आलोचना और आ म-
घृणा क वजह से लोग शराब पी-पीकर काल के गाल म समा जाते ह या न द क
गोिलय अथवा कसी अ य ज़हरीले पदाथ क तगड़ी ख़राक़ ले लेते ह। उसे समझ म आ
गया क वह नाहक ही ख़द को सज़ा दे रहा था और इसके बजाय उसे लड़क के िलए
ाथना करनी चािहए तथा उसे ई र क ओर मु कर देना चािहए। वह जान गया क
उसे वयं को और अपनी पूव मँगेतर को मु कर देना चािहए।
मने उसे याद दलाया क इस धरती पर रहने वाले हम सभी लोग एक न एक दन
गुज़र जाएँगे और यह असंभव है क कोई भी अपनी माँ, िपता, बहन, भाई या ि य
ि के साथ पूरे समय रहे। देर-सबेर वह व त आता है, जब हर एक के जाने का
समय हो जाता है। यह संसार का अटल िनयम है। यह सव ापी है और संसार के सभी
ी-पु ष पर लागू होता है। इसिलए हम अपने दय क फु सफु साहट सुननी चािहए
और यह अहसास करना चािहए क हमम से येक के अगले आयाम पर प च ँ ने का
व त ई र ने िनधा रत कर रखा है और यह अ छा ही होगा, वरना ई र ऐसा कभी
नह करता।
ि यजन * के बारे म ण या उदास िवचार रखना भी ग़लत है, य क यह
नकारा मक, उदास नज़ रया उ ह पीछे रोके रखता है। हम उनसे ेम करना चािहए
और यह समझते ए उ ह ई र क ओर मु कर देना चािहए क उनक या ा हमेशा
ऊपर, आगे तथा ई र क ओर होती है। उनके बारे म सोचते समय हम यह अहसास
करना चािहए क उनक आ मा म ई र का ेम भर रहा है।
इस ा या को सुनकर उसक आँख म चमक आ गई और वह बोला, “आज मेरे
मन से एक भारी बोझ उठ गया! अब म मु ।ँ अब म संपूण !ँ ”

उसने िवचार का वागत कया


यूनान म को रं थ के पास ए लेपायस मं दर क या ा के दौरान मने गाइड क बात पूरी
दलच पी से सुन । गाइड ने बताया क ाचीन समय म इस धम थल क तीथया ा
करने के बाद लोग क हर कार क बीमारी ठीक हो जाती थी। उस मिहला गाइड ने
इस त य पर ज़ोर दया क अपनी बल आशा, जीवंत क पना और दृढ़ िव ास क
बदौलत उनम से अिधकांश तो वहाँ प च ँ ने से पहले ही ावहा रक प से ठीक हो
जाते थे। उसने यह भी कहा क ाचीन द तावेज़ बताते ह क मं दर के पुजारी रोिगय
को मादक दवाएँ देकर गहरी स मोहक िन ा म सुला देते थे और उस िन ा के दौरान
पुजारी येक रोगी को यह सुझाव देता था क देवी ने उस पर कृ पा कर दी है और अब
वह ठीक हो जाएगा। पुरात व संबंधी शोध बताता है क इससे िन संदह े कई
उ लेखनीय उपचार ए।
गाइड ने ाचीन युग क तकनीक को िजस तरह समझाया, उससे मुझे अहसास
आ क वह अवचेतन मन क कायशैली से भली-भाँित प रिचत थी। उसने कहा,
“ज़ािहर है, डॉ. मफ़ , धम थल पर सोने से उ ह जो प रणाम िमलते थे, उनका मूल
कारण उन लोग का यह दृढ़ िव ास था क उनका रोग ठीक हो जाएगा। अपने
िव ास के अनु प ही उ ह िमलता था। उनका दृढ़ िव ास उनके अवचेतन मन के
उपचारक वाह को स य कर देघृणा था, िजसका ेय वे ब त से देवी-देवता को
देते थे, िजनम उनके ाचीन देवता ए लेपायस भी शािमल थे।”
इस गाइड युवती के पास बुि क संपदा थी। उसके िपता अँ ेज़ थे और माँ यूनानी।
वह दोन भाषाएँ ब त अ छी तरह बोल लेती थी। उसने मुझे बताया क वह एथस के
एक ग़रीब इलाक़े म पैदा ई थी और कई बार तो वह कू ल इसिलए नह जा पाती थी,
य क उसके माता-िपता के पास उसके कपड़े ख़रीदने तक के पैसे नह होते थे। उसने
ाथना क क ई र उसे िवचार सुझाए क वह अपनी इस दुखद ि थित से कै से ऊपर
उठे , जो हर उ मीद का गला घ ट रही थी और िजसक वजह से गहन मानिसक िवषाद
उ प हो रहा था।
अचानक उसके मन म एक िवचार क धा: अमे रक ब को यूनानी भाषा पढ़ाओ।
बस फर या था, वह एक ऑइल कं पनी के ए ज़ी यू टव क प ी के पास गई और
उसके घर पर अपनी सेवाएँ देने का ताव रखा। उस मिहला ने कहा, “ बेहतरीन
िवचार है!” उस मिहला ने तुरंत उसे अ छी तन वाह पर रख दया। बाद म वह उसे
छु ट् टयाँ मनाने के िलए अमे रका और कई अ य देश क या ा पर भी ले गई- वह भी
िबलकु ल मु त।
आज वह युवती अमीर बन चुक है, ले कन अब भी उसे पयटक को ाचीन यूनान
का इितहास बताना पसंद है। ाचीन यूनान के भ मं दर , म ययुगीन महल ,
ख़ूबसूरत त वीर जैसे टापु और ाचीन समय के धा मक थल क ख़ूिबयाँ बताना
उसे अ छा लगता है। उसके मन म जो िवचार आया, उसे उसने ह के म नह िलया।
इसके बजाय उसने उस पर तुरंत अमल कया और ख़द के सामने यह सािबत कर दया
क िवचार हमारे वामी होते ह और वे ही जीवन म हमारी तक़दीर को िनयंि त करते
ह।
अपने िवचार के साथ पूरे रा ते जाएँ! यह न कह, “ओह, यह इतना अिधक अ छा
िवचार है क सच हो ही नह सकघृणा।” इसके बजाय कह, “म इस िवचार का वागत
करता !ँ म इसे पूरे दल से वीकार करता ँ और जब ई र क इ छा होगी, तब यह
घ टत होगा।”

काश अंधकार को दूर भगाता है


एक मश र यूनानी मं दर के महंत से मेरी एक रोचक बातचीत ई। सने कहा क उसके
याल से बाइबल का सबसे शि शाली कथन यह है, “तु हारे भीतर मौजूद शि इस
संसार म मौजूद शि से यादा बड़ी है।” उ ह ने कहा, “ई र अपनी बुि म ा और
शि के साथ मेरे दल क गहराई म रहता है, इस अहसास से मुझे आ मिव ास और
शांित िमलती है। जब म अपनी सम या को सुलझाने के िलए काश या समझ-बूझ क
ाथना करता ,ँ तो मेरे भीतर एक नया िवचार या ान उमड़ आता है और म सम या
के पार देख लेघृणा ।ँ ई र का काश मेरे मि त क म छाए अंधकार को हटा देता है।”
इस महंत ने जीवन का रह य खोज िलया है और जीवन क दौलत का ोत भी।
उसने मुझसे िवदा लेते ए कहा, “वा तिवकता िसफ़ उतनी ही नह है, िजतनी हम
अपनी इं य से इस भौितक जगत म देखते ह। वा तिवकता तो वह भी है, िजसे हम
सोचते ह, महसूस करते ह, क पना करते ह और िव ास करते ह।”
उस महंत ने जो भी कहा, वह दरअसल मि त क के सभी िव ाथ जानते ह: सृजन
क शि कह बाहर नह , बि क हमारे भीतर होती है। याद रख, सृजन करने वाला
अपने सृजन से यादा बड़ा होता है। िवचारक अपने िवचार से यादा बड़ा होता है;
िच कार अपनी कला से यादा बड़ा होता है। कू िचय और प थर या बाहरी चीज़ को
शि शाली न मान। के वल सृजना मक शि को ही शि शाली मान। अपने िवचार
और भावना म ही िन ा, वफ़ादारी और आ था रख, य क उ ह से सृजन होता है।
आपके िवचार और भावनाएँ ही आपक तक़दीर बनाती या िबगाड़ती ह। िजस िवचार-
िच को आप सच महसूस करते ह, वह... मनचाही चीज़ िमलने का मूल कारण और
नज़र न आने वाली व तु का माण है। (िह ूज़ 11:1)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. आपके पास जीवन क सभी सम या , बाधा और मुि कल से उबरने तथा उन
पर िवजय पाने क आ याि मक शि है।
2. ान से आपको ज़बद त लाभ हो सकघृणा है। िमसाल के तौर पर, कसी िवदेशी
भाषा का ान दौलत, पयटन और रोमांचक अिभयान क राह खोल सकता है।
3. ख़द के बारे म भिव य-दृि या मानिसक आकलन आपके अवचेतन मन को स य
कर देता है और आपको वह सब बनने के िलए िववश करता है, जो आप वयं के होने
क क पना करते ह। आपके अवचेतन का िनयम अटल होता है।
4. ान बंद ार खोल देता है। जब मनु य कहता है, “कोई रा ता नह है,” तब आपके
भीतर क असीम बुि म ा कहती है... मने तु हारे सामने एक ार खुला रखा है और
कोई भी इं सान इसे बंद नह कर सकता... (रे वेलेशन 3:8) जब आप इस आंत रक
मागदशक पर िव ास करके ाथना करगे, तो चम कार होने लगगे।
5. ख़द का एक िबलकु ल नया े आकलन कर। आपक नई अवधारणा से आपको नए
संपक, तर क़ और अनसोची दौलत हािसल होगी।
6. आप कसी दूसरे ि के काय के िलए उ रदायी नह ह। सामने वाला आपसे
िसफ़ ेम और सद्भावना क उ मीद ही कर सकता है। इससे आप वतं हो जाते ह
और सभी कार के अपराधबोध से मु हो जाते ह।
7. ाथना क ित या म मन म जो भी नया िवचार आए, उसका वागत कर। अपने
िवचार के साथ पूरे रा ते जाएँ। एक िनि त िन कष पर प च
ँ और ख़द के सामने
यह सािबत कर क आपका नया िवचार आपके जीवन म दौलत ला सकघृणा है।
8. जब आप असमंजस म ह , बािधत ह या मानिसक दुिवधा म ह , तो एक नई
जाग कता लाएँ, यानी नया काश या समझ। यह जान ल क आपके भीतर क
शि संसार के भीतर क शि से यादा बड़ी है। इस बात पर यक़ न करगे, तो
आपको एक नया ान ा होगा, िजसक बदौलत आपको अपनी सम या से
उबरने का रा ता नज़र आ जाएगा। याद रख क काश (समझ, नया ान, स य,
नया िवचार) सारे अंधकार को दूर हटा देता है। अनंत और असीिमत काश को
अपने भीतर चमकने द; आ थक अभाव का सारा अंधकार दूर भाग जाएगा।

*देख द पॉवर ऑफ़ युअर सबकॉ शस माइं ड, जोसेफ़ मफ़ , टस हॉल ेस, यूयॉक


ारा 1963 म कािशत।
* देख द िमरे कल ऑफ़ माइं ड डायनैिम स, जोसेफ़ मफ़ टस हॉल ेस, यूयॉक ारा
1964 म कािशत
*देख, द अमे ज़ंग लॉज़ ऑफ़ कॉि मक माइं ड पॉवर, जोसेफ़ मफ़ , पाकर पि ल शंग
कं पनी, इं क, वे ट याक, यूयॉक ारा 1965 म कािशत।
*देख एवरी एंड इज़ अ िबिग नंग, पेज 63, द िमरे कल ऑफ़ माइं ड डायनैिम स, जोसेफ़
मफ़ , टस हॉल ेस, यूयॉक ारा 1964 म कािशत
अ याय चार

ई र के साथ साझेदारी कर

म नेरोडेहालिशया,ही मदियूनणानअके कई सुंदर टापु क या ाएँ क । इनम मेरी ऑ


ेिलया,
का और अ य देश के कई पयटक से मुलाक़ात
ई। म यह
देखकर दंग रह गया क इनम से कई वसाियय और पेशेवर लोग को मि त क के
िनयम का काफ़ अ छा ान था। उ ह ने ख़द को अपने उ तर व प के साथ एक प
कर िलया था और जैसा उनम से कु छ ने कहा:
“हमने ई र को अपना व र साझेदार माना और अपने कामकाज म उसका
मागदशन माँगा। हमने ाथना क क सही कमचारी हमारी ओर आक षत ह । हमने
दुआ माँगी क असीम ा हमारे ॉड स के िनमाण, िब और िवतरण क आदश
योजना कट करे । हमारी कामयाबी और उपलि ध का ेय हमारे उ तर व प के
मागदशन को ही जाता है।”
इनम से कु छ लोग भवन िनमाता थे, तो कु छ आ कटे ट, इं जीिनयर, िबज़नेस
ए ज़ी यू टव और खदान या अ य बड़ी कं पिनय के संचालक थे। उ ह ने अपने जीवन
के सभी पहलु म ई र को अपना मागदशक, सलाहकार और परामशदाता बनाया।
फल व प वे अपने सबसे ऊँचे सपन से भी यादा दौलतमंद बन गए।
कई लोग ई र को एक तरह के पंजरे म बंद करके रखते ह और उसे तीज- योहार,
िववाह, अं येि और अ य ख़ास अवसर पर ही बाहर िनकालते ह। ई र कोई
आसमान म रहने वाला जीव नह है, बि क वह बुि म ा और शि है, िजसने आपको
बनाया है, िजसने आपके दय क धड़कन शु क , जो आपके िसर पर बाल उगाता है
और आपके सारे अ याव यक अंग को िनयंि त करता है, तब भी जब आप गहरी न द
म सोए होते ह। य द आप अपने भीतर क बुि म ा और शि को पहचानते नह ह या
उसका इ तेमाल नह करते ह, तो इनके आपके पास होने का या फ़ायदा?
आपके भीतर के असीिमत मि त क और ा का नाम ही ई र है। वा तव म, आप
इस शि का हमेशा उपयोग करते ह, चाहे आपको यह बात मालूम हो या न हो।
उदाहरण के िलए, जब आप अपनी उँ गली उठाते ह, तो यह ई र क शि ही है,
िजसने आपको यह मता दान क । जब आप कोई सम या सुलझाते ह, तो यह आपके
भीतर क सृजना मक बुि है, जो जवाब सुझा रही है। जब आपक उँ गली कट जाती है,
तो असीिमत उपचारक उपि थित वहाँ थ ा जमा देती है और उसे दु त करने के िलए
उसके चार ओर नई कोिशकाएँ बनाती है। जब आप अपने ब े पर ेम क बौछार
करते ह, तो आप ई र के असीिमत ेम के अंश का इ तेमाल कर रहे होते ह। जब आप
शांित थािपत करते ह, तो आप ई र क असीम शांित के अंश को कट कर रहे होते
ह। ई र के साथ टीम बनाकर काम कर और अपने जीवन म आ थक समृि को
आमंि त कर।

दौलत का िह सा
एथस के पास मोनी टापू पर जोहा सबग, दि ण अ का के एक लेखक से मेरी लंबी
बातचीत ई। उसने कु छ रोचक बात बता और कहा क उसके लेख िनयिमत प से
अ वीकृ त होते थे। उसक पहली पु तक भी काशक ने यह कहकर ठु करा दी, “पढ़ा ही
नह ” और “ िच नह है।” उसके भीतर अ वीकृ ित क ंिथ िवकिसत होने लगी, जब
तक क उसने मानिसक िनयम से संबंिधत एक पु तक नह पढ़ी, िजसने उसक िवचार
या को पूरी तरह बदल दया।
फर वह अपनी क पना का उपयोग अिधक सृजना मक तरीक़े से करने लगा। अपने
उप यास के पा पर िवचार करते व त वह उन िवशेष ि थितय , कथासू तथा
स य के बारे म सोचता था, िज ह वह अिभ करना चाहता था। इसके बाद वह हर
दन सुबह-शाम लगभग आधे घंटे तक यह साहिसक कथन दोहराता था: “ई र क
बुि म ा मेरे मा यम से यह उप यास िलख रही है। मेरी बुि दैदी यमान हो गई है
और म एक ऐसा उप यास िलखता ,ँ जो े रत करता है, भला करता है और जो मानव
जाित के िलए वरदान है।”
उसने कहा, “ ाय: जब म सुबह जागता ,ँ तो पाता ँ क उप यास मेरे ज़ रए
अपने आप िलखा जा रहा है। मेरा चेतन मन भीतर के आदेश का पालन करता है।”
जब से उसने यह िविध अपनाई है, उसक एक भी पु तक या लेख को नह ठु कराया
गया। उसे अपने भीतर भारी ख़ज़ाना िमल गया और उसने अपनी क़लम के मा यम से
मानव आ मा को ऊपर उठाने तथा ग रमामय बनाने के िलए इसका इ तेमाल कया।
उसने खोज िलया क उसका मि त क ई र के सव ापी मि त क का एक िह सा
है। उसने यह भी पाया क जब वह सही तरीक़े से अपने दमाग़ का इ तेमाल करता है,
तो उसका यादा गहरा मि त क ित या करता है। यह लेखक अपनी अिधकांश
आ थक सफलता का ेय बाइबल क इन पंि य म अपने गहरे िव ास को देता है:
य द तुमम से कसी म भी मेधा क कमी है, तो तु ह ई र से माँगना चािहए, जो सभी
लोग को उदारता से देता है और नंदा नह करता है; और मेधा उसे दे दी जाएगी।
(जे स 1:5)

िव ास ही दौलत है
यूनान क या ा का एक अ छा अनुभव के प साउिनयन म िमला, जहाँ समु के देवता
पॉसीडॉन का सफ़े द संगमरमर से िन मत बड़ा ही सुंदर मं दर है। यहाँ से सूया त का
नज़ारा दुलभ आनंद और अवणनीय स दय का दृ य होता है।
यहाँ मिहला गाइड से मेरी लंबी बातचीत ई और उसने मुझे अपनी कहानी बताई।
वह एथस के सबसे ग़रीब इलाक़े म पैदा ई थी और उसम गहरी हीन भावना थी।
लड़कपन म वह देखती थी क पयटक गाइड क सेवाएँ लेकर यूनान के शानदार
ऐितहािसक थल क या ा करते ह। एक दन उसने अपने माता-िपता से कहा क वह
भी ानी और बुि मान बनना चाहती है, ता क वह गाइड बन सके । उ ह ने अपनी
बेटी क िख ली उड़ाई और उसे याद दलाया क िश ा िसफ़ अमीर को िमलती है और
दुभा य से वह ग़रीब घर म पैदा ई है।
बहरहाल, उस लड़क ने अपने िवचार को जकड़ िलया। जब वह बड़ी होकर हाई
कू ल गई, तो उसने ंिसपल से पूछा क या वह पुरात ववे ा बन सकती है। ंिसपल
बोले, “हाँ, अगर तु ह ख़द पर भरोसा हो, तो तुम अव य बन सकती हो। और तु ह
भरोसा तभी होगा, जब तुमम यह आ था होगी क ‘ई र और म यह काम कर सकते
ह।’”
मिहला गाइड ने मुझसे कहा, “मने उस वा य को अपने दल म बसा िलया और
आज म आ कयोलॉजी के थड ईयर म पढ़ रही ।ँ दो साल बाद म पुरात ववे ा बन
जाऊँगी।”
वह जो बनना चाहती थी, वह बनने क अपनी शि म उसे िव ास था। यह
िव ास धन, उ साह, काय के ित ेम, फू त, आकषण और अद्भुत, ख़शिमज़ाज
ि व म बदल गया। बाइबल का उसका ि य उ रण यह है: अतंत: बंधुओ, ई र म
दृढ़ िव ास रखो और उसक शि से शि पाओ। (एफ़े िसय स 6:10)
पुरात ववे ा बनने का िवचार उसके दमाग़ म सबसे ऊपर और सबसे बल था।
इसके बाद उसके अवचेतन मन ने, जो बुि म ा और शि से पूण होता है, इसे दैवीय
योजना के अनु प साकार कर दया।

ितभा आपके भीतर है


मने यूरोपीय मण के दौरान के पटाउन, दि ण अ का के एक शीष थ वसायी के
साथ िडनर िलया। उसने खुलकर बताया क बरस पहले वह के पटाउन म शु कए
गए चार कारोबार म असफल आ था। उसक असफलता का मु य कारण यह था क
उसने तथाकिथत िवशेष क सलाह मानी थी क वह दुकान कहाँ खोले, माल कै से
ख़रीदे और चार- सार तथा िव ापन कै से करे । उसने बताया क उसके सारे क का
कारण यही था क वह सलाह के िलए दूसर पर िनभर था। अपने भीतर िछपी
बुि म ा को न पहचान पाने क वजह से ही उसे दुख, क और असफलता का
अनुभव आ।
उसक प ी ने उसे सुझाव दया क वह अपने उ तर व प पर भरोसा करे । प ी
ने बाइबल का एक उ रण बताते ए उसे सलाह दी क य द वह मन ही मन इसके
अनु प िजए, तो वह िनि त प से कामयाब होगा। कामयाबी क यह कुं जी थी: मेरा
इ र अपनी मिहमा और दौलत से तु हारी सारी ज़ रत पूरी कर देगा...
( फ़िलि पय स 4:19)
इसके बाद वह असीिमत ा के सामंज य म आने लगा। उसे अहसास आ क
दैवीय समाधान उसके सामने आने वाली सारी सम या से बढ़कर था, य क ई र-
जो सबसे बुि मान है- उसके भीतर ही रहता है और उसक हर ाथना का जवाब देता
है। अब वह प रि थितय , ि थितय और सम या को अपने से बड़ा नह मानता था।
इसके िवपरीत वह जान चुका था क सारी सम याएँ सुलझ सकती ह और उन पर
िवजय पाई जा सकती है। वह हर मुि कल का मुक़ाबला आ था और िव ास से करने
लगा, य क वह जान गया था क मुि कल से बाहर िनकलने का रा ता हमेशा मौजूद
रहता है और उनसे उबरने म ज़बद त आनंद िमलता है। उसे अपनी राह म आने वाली
चुनौितयाँ पसंद आने लग !
उसने अपने भीतर क बुि म ा और ान को खोज िलया। इसके बाद वह अपने
सामने आने वाली प रि थितय और ि थितय का स मोिहत िशकार नह रह गया था।
आज वह बेहद सफल है और उसक कं पिनय म सैकड़ कमचारी काम करते ह।
सफलता पाने के साथ-साथ वह उ तर िश ण सं था और कई अ य परोपकारी
संगठन को ख़शी-ख़शी दान भी दे रहा है। आप उसे पूण शाित दगे िजसका मन आपम
रमा है: य क उसे आप पर िव ास है। (इसाइया 26:3)

आप जीत सकते ह
म जमनी के कफ़ट म िजस होटल म ठहरा था, वहाँ मुझे एक युवा डॉ टर िमला।
उसने मुझे बघृणाया क उसने यहाँ-वहाँ काम करके कॉलेज क पढ़ाई पूरी क है और
इसका सारा ख़च ख़द जुटाया है। जब उसने डॉ टरी क परी ा पास कर ली, तो उसके
मन म ये िवचार आए, “तु हारे पास पैसे नह ह। तुम अ छे इलाक़े म लीिनक नह
खोल सकते। तुम अपने ऑ फ़स को ज री उपकरण और औज़ार से लैस नह कर
सकते।”
िच क सा मनोिव ान का अ ययन करने के कारण वह जानता था क ये िसफ़
नकारा मक सुझाव थे, जो उसके दमाग़ पर असर डालने क कोिशश कर रहे थे और
इनक अपने आप म कोई शि नह थी। वह जानता था क उसके अपने िवचार और
भाव ही एकमा सृजना मक शि थे। उसने प रि थितय के झूठे और सीिमत करने
वाले सुझाव पर िव ास करने के बजाय अपने मि त क क सृजना मक शि म
िव ास रखने का िवक प चुना।
उसने अपने मन से बाधा , रोड़ , िवलंब और सम या से संबंिधत सारी
धारणाएँ हटाकर मि त क को साफ़ कर िलया और अपने मि त क क सृजना मक
शि से अपने िलए आदश ऑ फ़स खोलने को कहा। वह लगातार और पूरी चेतना के
साथ यह दृ य देखने लगा क वह एक बेहतरीन ऑ फ़स म बैठा है और अपने पेशे के
सभी नवीनतम उपकरण और यं से िघरा आ है। उसने दावा कया क उसके
अवचेतन मन क असीम ा उसके आ ह पर उसी व त काम कर रही है और दैवीय
योजना के अनु प इसे साकार कर रही है।
कु छ ही समय बाद एक युवती उसके घर अपना इलाज कराने आई। सच तो यह था
क वह घर भी उस युवा डॉ टर का नह था; उसने तो अ थायी प से अपने िपता के
घर पर लीिनक खोला था। युवती गंभीर दद से पीिड़त थी। युवा डॉ टर तुरंत समझ
गया क उसे गंभीर अ ेिडसाइ टस हो गया है। वह उसे फटाफट अ पताल ले गया,
उसने उसका ऑपरे शन कया और युवती उ लेखनीय प से ठीक हो गई।
अंतत: उन दोन म ेम हो गया। युवती ने न िसफ़ उसके िलए एक नया लीिनक
खोलने का ख़च उठाया, बि क उसके िलए एक रॉ स-रॉयस कार भी ख़रीदी, जो उनक
शादी के दन इं लड से उनके घर प च
ं ी। युवती के िपता बेहद दौलतमंद उ ोगपित थे
और वे इस बात पर ख़श थे क उ ह अपने दामाद को िच क सा के सभी आधुिनक
उपकरण से सुसि त लीिनक खोलकर देने का अवसर िमल रहा है।
यह दखाता है क आप प रि थितय के िशकार नह ह। प रि थितय के िशकार
तो आप तब होते ह, जब आप ऐसा मानते ह। ई र क असीिमत बुि म ा को अपने
भीतर वािहत होने क अनुमित द। इससे आपके जीवन क सारी आ थक
प रि थितयाँ बदल जाएँगी- चम का रक प से और तुरंत!
इस युवा डॉ टर क तरह ही आपको भी दरअसल अपनी आंत रक शि को खोजने
और इससे प रिचत होने क ज़ रत है। इस या को आ म-सा ा कार कहा जाता
है। ई र आपके भीतर वास करता है। ले कन इसके बावजूद संसार के करोड़ लोग
बीमार, कुं ठत, परािजत और ग़रीब बने रहते ह। इसका कारण िसफ़ उनका अ ान है।
उ ह यह जानकारी ही नह है क ई र उनके भीतर वास करता है।
आपका और मेरा काम इस दैवीय उपि थित के बारे म जाग क बनना है, ता क
हम सारे अवरोध , हताशा और ग़रीबी से मु हो जाएँ। उससे प रिचत हो जाओ
और शाित से रहो: इससे नेक तु हारे पास आएगी। (जॉब 22:21) अपनी आंत रक
शि य को पहचान लगे, तो आपको ख़शी, समृि और मानिसक शांित का अनुभव
होगा।
आप कलान क झील के पास रहकर भी उतने ही ख़श रह सकते ह, िजतने क
हॉलीवुड बूलेवाड म रहकर। सच तो यह है क थान का आपके वा य, दौलत या
सफलता से कोई संबंध नह है। आप अपनी सफलता, दौलत और समृि का िनमाण
वयं करते ह।
आपका उ तर व प इस पल आपके मा यम से बोल रहा है। यह आपसे आगे,
ऊपर और ई र क ओर बढ़ने का आ ह कर रहा है। ई र हमारी इ छा के ज़ रए
हमम से येक से संवाद करता है। हर इ छा दरअसल ई र क आवाज़ है, जो हमारे
ज़ रए अिभ ि चाहती है।
आप ई र के असीिमत वा यं ह और आप ई र का सुर िनकालने क ख़ाितर
यहाँ आए ह। पूरे उ साह, जोश और िव ास के साथ अपने नए काम, नौकरी या
अ ययन को शु कर, चाहे यह जो भी हो। इस अव था म शु करने पर आप पाएँगे क
वह काम, नौकरी या अ ययन उसी आनंद म ख़ म भी होगा। ई र के ेम के साथ शु
करगे, तो अंत भी अ छाई या ई र के ेम के साथ ही होगा। अपने नए काम को ई र
म आ था और िव ास के साथ शु कर। इससे आपक िवजय और क त सुिनि त
होगी- और िनि त प से आ थक सफलता भी।
उसने कहा क ारं भ और अंत एक ही है
मने एक युवा संगीतकार को कलान , आयरलड म हाप नामक वा यं बजाते सुना।
मेरे साथ मेरी एक बहन भी थी, जो इं लड म रहती है और च ले टन तथा गिणत
पढ़ाती है। मेरी बहन ने ट पणी क , “इतना मधुर संगीत तो मने आज तक नह सुना।
यह लड़क बेहतरीन हाप बजाती है!”
हमने उस युवती को अपनी टेबल पर िडनर के िलए आमंि त कया। उसने बताया,
“हाप बजाने से पहले म इस तरह से ाथना करती :ँ ‘महान संगीतकार ई र मेरे
मा यम से हाप बजाता है। म उसक सेवक ँ और म उसके िलए बजाती ।ँ वह मेरे
ज़ रए अपना ख़द का गीत बजाता है। वह ेम क धुन िनकालता है, य क ई र ेम
है।” इस तरह म शु करती ँ और जीवन का िनयम यह है क ारं भ तथा अंत एक ही
होते ह। म दैवीय चीज़ के ेम, शंसा और आराधना के साथ ारं भ करती ,ँ इसिलए
प रणाम भी उसके ेम, स दय और मिहमा के िच जैसा ही होता है।”

िवशेष मरणीय बंद ु


1. ई र के साथ साझेदारी करगे, तो आप अमीर बन जाएँगे।
2. आपके पास बाँटने के िलए दौलत है। अपने अवचेतन मन म वास कर रही ज़बद त
शि और बुि म ा का पता लगाएँ। इनका दोहन करने पर आप असं य तरीक़ से
े रत, ख़श क़ मत और समृ हो सकते ह। आप मानव जाित के िलए महान वरदान
बन सकते ह।
3. याद रख, आपका आ मिव ास, आ था और मि त क के िनयम क समझ आपको
वा य, दौलत तथा सफलता दान कर सकती ह।
4. ितभा आपके भीतर है। जब आप अपने अवचेतन मन क बुि और ान के साथ
लयब होते ह, तो आपके भीतर क ितभा कट हो जाती है। आपके अवचेतन मन
क असीिमत ा आपक सारी आ थक सम याएँ सुलझा सकती है और आपको
सही जवाब दे सकती है।
5. दैवी समाधान सारी सम या से बड़ा होता है। प रि थितयाँ और ि थितयाँ
सृजना मक नह होत । सृजना मक शि बाहरी चीज़ के झूठे और सीिमत करने
वाले सुझाव म नह , बि क आपके िवचार और भाव म होती है।
6. जीवन का िनयम यह है क ारं भ और अंत एक ही ह। अपने नए काय को उ साह,
जोश, आ था और िव ास से शु कर। आपके काम का प रणाम उसी अव था और
भाव जैसा ही होगा, िजसम आपने काम शु कया था। अपने भीतर वास करने
वाली ई रीय शि म आ था के साथ शु आत कर। इससे आपको आ थक पहलू
समेत अपने सभी काय म अद्भुत प रणाम िमलगे।
अ याय पाँच

ाथना कर के अमीर कै से बन
रती क गहराइय से आपको असं य संपदाएँ िमल सकती ह, जैसे सोना,

ध चाँदी, ले टनम, यूरेिनयम, गैस, तेल, हीरे और अनिगनत अ य क़ मती प थर


व धातुए,ँ तथा उनसे उ प होने वाले ढेर सारे सह-उ पाद। बहरहाल जैसा
पहले बताया गया है, जीवन क असली दौलत मनु य के अवचेतन क
गहराइय म रहती है। यह मनु य क आंत रक ा है, जो उसे हमेशा धरती के ख़जाने
खोजने, उनका उपभोग करने और उनका िवतरण करने म समथ बनाती है।
संसार क सबसे क़ मती चीज़ आपके भीतर ह। िमसाल के तौर पर, अपनी
अवचेतन गहराइय म आप असीिमत ा, अनंत बुि , अपार शि और ई र क
उपि थित के सारे चम कार व मिहमा पाएँग।े मागदशन के िलए ाथना कर- और यह
आपको िमल जाएगा। आप अपनी आंत रक दौलत पाने के िलए चंतन कर सकते ह और
नए रचना मक िवचार आिव कार , खोज , मधुर संगीत, नए गीत तथा सभी
सम या के जवाब पी क़ मती प थर और र िनकाल सकते ह। आंत रक दौलत का
ख़ज़ाना पाने के बाद आप हमेशा और श तया कृ ित क बाहरी दौलत भी पा लगे।
य क “जैसा भीतर वैसा बाहर।”

उसने आ याि मक वण कै से खोजा


हाल ही म मुझे एक मिहला का प िमला। इसम उसने िलखा था, “मेरे पित और मेरी
शादी को तीस साल हो गए ह। उनक उ पसठ है और मेरी पचपन। हम पाँच ब का
वरदान िमला है। हम सुखद और शांितपूण जीवन जी रहे थे- या कम से कम मुझे तो
ऐसा ही लगता था। बहरहाल, हाल ही म मेरे पित ने मुझे बताया क तीन साल से भी
यादा समय से उनका अपने ऑ फ़स क एक युवा टेनो ाफर से च र चल रहा है।
उ ह ने मुझसे बड़ी बे ख़ी से कहा क म बात को समझू,ँ ‘जब तक क मामला रफ़ा-
दफ़ा न हो जाए।’
“म ोिधत और आहत ।ँ मेरा मन ष े और नफ़रत से भरा आ है। ब े सदमे म
ह। हालाँ क लोग कहते ह क म आकषक, बुि मान और सुंदर ,ँ ले कन मेरा ख़द पर से
िव ास उठता जा रहा है। चंता मुझे खाए जा रही है और म रात को सो भी नह पाती
।ँ मेरे साथ िव ासघात और छल आ है। म हताशा म ।ँ म या क ँ ?”
मने उस मिहला से कहा क उसका पित िन संदह
े नैितक दृि से कमज़ोर है। पित म
असमथता और कमतरी का गहरा अहसास भी है। लंबे समय से चले आ रहे च र से यह
पता चलता है क उसक िन ा और च र खंिडत हो चुके ह, य क वह अपनी
सहकम का शोषण कर रहा है। वह उस सहकम के ित कोई िज़ मेदारी या समपण
महसूस नह करता है, जो उसक इस बात से प होता है, “जब तक क मामला रफ़ा-
दफ़ा न हो जाए।”
मने अपने प म यह भी िलखा: “आपके पित के मन म गहरा अपराधबोध है, साथ
ही प रणाम का डर भी है। वह जानता है क इस च र का पता चलने से आप पर
कतना बुरा असर होगा। शायद उसने आपको मजबूरी म इसिलए बताया है, य क
उसक ेिमका उस पर दबाव डाल रही होगी क वह आपको तलाक़ देकर उससे शादी
कर ले।
“वह इस समय ‘दोहरी मानिसकता क अव था’ म है। एक ओर तो उस पर अपनी
ेिमका के साथ रहने क ख़मारी सवार है, ले कन अचेतन प से वह आपके साथ रहना
चाहता है। अपने पित से खुलकर चचा कर और उसे साफ़-साफ़ बता द क उसम इतना
नैितक साहस, मानिसक िनयं ण तथा बुिनयादी इं सािनयत होनी चािहए क वह तुरंत
इस च र को ख़ म कर दे। कह द क उसे यह करना ही होगा, य क आप इस तरह से
नह रह सकत । जब िववाह म एक-दूसरे के ित कोई वफ़ादारी न बचे, तब िववाह
एक नाटक, मजाक और खोखला संबंध बन जाता है, जो आपको गवारा नह है। शायद
उसक ेिमका आपको इस बारे म बताकर कहती क आप अपने पित को छोड़ द,
ले कन आपके पित ने संभवत: आपको यह बात पहले इसिलए बताई है, य क उसके
मन म आपके साथ रहने क इ छा है।”
मने ज़ोर दया क वह ऊपर बताए तरीक़े से अपने पित से खुलकर बातचीत करे ।
इसके अलावा मने उस मिहला को नीचे दी गई ाथना दोहराते रहने क सलाह भी दी:
“म अपने पित के ित ेम, शांित, सद्भावना और ख़शी करती ।ँ हमारे बीच
सद्भाव, शांित और दैवी समझ है। म अपने पित के देव व को णाम करती ।ँ दैवी ेम
हम हर पल एक रखता है। ई र उसके मा यम से सोचता, बोलता और काय करता है
िजस कार वह मेरे मा यम से सोचता, बोलता और काय करता है। हमारा िववाह
ई र और उसके ेम को अ पत है।”
उस मिहला ने ऊपर बताए तरीक़े से लगभग एक स ाह तक ाथना क और इसके
बाद अपने पित से खुलकर बातचीत क । पित फू ट-फू टकर रोने लगा और उससे माफ़
माँगने लगा। आज उनके घर म सद्भाव, शांित और ेम का माहौल है। एक बार जब
इस मिहला ने चंतन करने का फ़ै सला कर िलया, तो उसे ज द ही अपने भीतर
आ याि मक वण िमल गया।

आपके भीतर क सोने क खदान


हाल ही म कलान , आयरलड के एक सजन से मेरी बड़ी रोचक बातचीत ई। वे अपनी
आकषक प ी के साथ सैर-सपाटा कर रहे थे। हम मि त क के चम कार के बारे म
बातचीत करने लगे और उ ह ने मुझे अपने िपता के बारे म एक ज़बद त कहानी सुनाई।
म यहाँ पर सबसे सरल संभव प म आपके सामने उसका सार पेश कर रहा ।ँ
यह युवा सजन वे स के एक खिनक का बेटा था। उसके िपता ब त कम मज़दूरी म
ब त यादा समय काम करते थे। बचपन म उस सजन को नंगे पैर कू ल जाना पड़ता
था, य क उसके िपता के पास जूते ख़रीदने लायक़ पैसे भी नह थे। उनक िडनर टेबल
पर फल और मीट साल म दो बार ही नज़र आते थे- ई टर और समस पर। छाछ,
आलू और चाय इस प रवार का मु य आहार थे।
एक दन वह युवक अपने िपता से बोला, “डैडी, म सजन बनना चाहता ।ँ म
आपको इसका कारण बताता ।ँ म िजस लड़के के साथ कू ल जाता ,ँ उसे मोितया बंद
हो गया था। आँख के सजन ने उसका ऑपरे शन कर दया, िजसके बाद उसक आँख क
रोशनी पूरी तरह ठीक हो गई। म भी उस डॉ टर जैसी नेक करना चाहता ।ँ ”
उसके िपता ने जवाब दया, “बेटे मने प ीस साल तक पाई-पाई बचाकर तीन
हज़ार प ड (लगभग 8,000 डॉलर) अलग रखे ए ह। ये पैसे तु हारी िश ा के िलए ह,
ले कन म चाहता ँ क तुम डॉ टरी क पढ़ाई पूरी करने तक इस पैसे को न छु ओ।
इसके बाद इन पैस से तुम हाल ीट (लंदन ि थत िवशेष डॉ टर का इ ाका) म
एक सुंदर लीिनक खोल सकते हो और अपने पेशे के सभी उपकरण ख़रीद सकते हो।
इस दौरान, उस जमा पैसे पर याज िमलता रहेगा और तु हारे पास सुर ा भी रहेगी।
य द डॉ टरी क पढ़ाई म कसी व त तु ह वाक़ई इन पैस क ज़ रत पड़े, तो तुम
हमेशा इनका उपयोग कर सकते हो। यह धनरािश तु हारी ही है, ले कन म चाहता ँ
क तुम इसे याज अ जत करने दो। पढ़ाई पूरी करने के बाद यह तु हारे ब त काम
आएगी।”
यह सुनकर वह युवक इतना रोमांिचत आ क श द म बयान नह कया जा
सकता। उसने क़सम खाई क जब तक वह अपनी डॉ टरी क पढ़ाई पूरी नह कर लेगा,
तब तक उस पैसे को छु एगा भी नह । उसने मेिडकल कॉलेज क पढ़ाई बड़ी मेहनत से
पूरी क । वह शाम को और छु ट् टय के दौरान फ़ामसी म काम करता था। वह मेिडकल
कॉलेज म फ़ामकोलॉजी और के िम ी के िश क के प म भी पैसे कमाता था। उसका
पूरा यान इस बात पर क त था क वह िपता से कया वादा पूरा करे और पढ़ाई पूरी
होने तक बक म जमा पैस को न छु ए।
आिखर वह दन भी आया, जब उसक पढ़ाई पूरी हो गई। उस दन िपता ने उसे
बताया “बेटे, मने जीवन भर कोयले क खुदाई क है और मुझे बदले म कु छ नह िमला।
बक म एक िश लंग या पेनी भी जमा नह है और कभी थी भी नह । म चाहता ँ क
तुम अपने दल क गहराई म खुदाई करो और अपने भीतर सोने क खदान का ख़ज़ाना
खोजो, जो असीिमत है, शा त है और कभी ख़ म नह हो सकता।”
सजन ने कहा “एक पल के िलए तो मेरे होश उड़ गए, म अवाक रह गया और मेरे
मुँह से श द नह िनकले। कु छ िमनट बाद जब म इस सदमे से उबरा, तो हम दोन ही
ठहाके लगाने लगे। फर मुझे अहसास आ क डैडी दरअसल मुझे दौलत का अहसास
दलाना चाहते थे, जो इस बात से उ प होता था क ज़ रत पड़ने पर मेरी मदद के
िलए बक म ब त सा पैसा जमा है। इससे मुझे साहस, भरोसा और आ मिव ास िमला।
इससे मुझे ख़द पर भरोसा रहा। मेरे पास बक म तीन हज़ार प ड जमा ह, इस िव ास
से वह उद्दे य उसी तरह पूरा आ, जैसे वे सचमुच मेरे नाम पर जमा थे।”
इस सजन ने ट पणी क क उसने बाहरी तौर पर जो कु छ भी हािसल कया था,
वह उसक आंत रक आ था, व और िव ास का तीक है। इस मेिडकल िव ाथ क
मदद करने के िलए िपता के पास पैसा नह था, एक पाई भी नह थी, ले कन ज़रा उन
चम कार को तो देख, जो उसके िव ास क बदौलत उसके जीवन म ए! यह संसार के
हर ि के संदभ म सही है। जीवन म उसके ल य क सफलता, उपलि ध और पूणता
का रह य उसके िवचार तथा भाव क चम कारी शि खोजने म िनिहत है। हमारे
सजन िम ने िव ास के साथ काय कया- मानो पैसा पहले से ही मौजूद हो!

उसका िनवेश कई गुना हो गया


हाल ही म मुझे एक आदमी का प िमला िजसने “आपका अवचेतन एक बक है” नामक
मेरा ा यान सुना था। म आपको उस प का एक अंश बताना चाहता :ँ
“ि य डॉ. मफ़ , मने आपका ा यान सुना, िजसम आपने बक के प म अवचेतन
मन का इ तेमाल करने क बात कही थी। मने पहले कभी इस तरह से नह सोचा था,
ले कन अचानक मुझे अहसास आ क मेरे िवचार, मानिसक िच , मनोदशा और
नज़ रए अवचेतन म कए गए िनवेश ह। मुझे यह समझ म आ गया क म घ टया
िवचारक ,ँ य क म अपने अवचेतन मन म ष े , आल य, टालमटोल, चंता और
आ म- नंदा क धनरािशयाँ जमा कर रहा ।ँ दरअसल मेरे अवचेतन मन ने इन सभी
नकारा मक चीज़ को कई गुना कर दया और अ सर क वजह से मुझे अ पताल प च ँ ा
दया।
“आपका ा यान सुने ए मुझे तीन महीने हो चुके ह। िजस दन मने इसे सुना,
उसी रात म ई र के बारे म यह सोचने लगा क वह वग म बैठा इं सान नह है, िजसम
मनु य क ख़ािमय और कमज़ो रयाँ ह । इसके बजाय वह तो असीिमत ा है, जो
सभी चीज़ म िनिहत है, पूरी सृि को मागदशन देती है और मेरे आ ह पर त काल
ित या करती है। म भावना और चेतना के साथ यह बल दावा करने लगा: ‘ई र
क शि . शांित. बुि और ख़शी अब मेरी है। उसका ेम मेरी आ मा म भरता है और
उसका काश मुझे मानव जाित क सेवा के बेहतर तरीक़े दखाता है।’
“जब से म अपने ि गत बक (अवचेतन मन) म ये िवचार जमा करने लगा ,ँ
सोने क आंत रक खदान से अद्भुत सृजना मक िवचार िनकलकर मेरे पास आने लगे ह।
मेरा वसाय तीन गुना बढ़ चुका है। म व थ, सुखी, खुश और ई र क हँसी से ओत-
ोत ।ँ यह अद्भुत है!”

अब आप अमीर ह!
शांित क अव था म रहते ए ख़द से कह, “म अपने अंतमन क गहराई म जाने वाला
,ँ िजससे बेहतर सेवा देने और सफलता हािसल करने के कु छ ज़बद त िवचार कट
ह गे। म जानता ँ क मुझम ऐसे आत रक संसाधन, शि याँ, गुण और यो यताएँ ह,
िजनका मने कभी दोहन नह कया है। म जानता ँ क जैसे ही म अपने आंत रक
ख़ज़ाने का चेतन प से सृजन क ँ गा, असीम ा उ ह मेरे सम तुरंत ही कट कर
देगी।”
आप यह देखकर दंग रह जाएँगे क आपके मन म आने वाले नए िवचार दौलत म
कतनी आसानी से बदल सकते ह। अपने अंदर िछपे ख़ज़ाने को पहचान, अपने िवचार
को वि थत कर और उनके अनु प काय कर।

आपके िवचार का मू य अरब डॉलर हो सकता है


लय के बाद से कोयला ज़मीन के नीचे चट् टान म दबा आ था। दौलत क तलाश
करने वाले मज़दूर ने उसे सतह पर लाने के िलए एक जगह चुनी। इस खोज का
प रणाम यह आ क संसार भर म लाख लोग को रोज़गार िमला और यह बेशुमार
धन-दौलत पाने का साधन बन गया। कोयला उ णबंधीय गम को उ र ुव तक
प च
ँ ाता है और ुवीय इलाक़े के घर को भी लॉस एंजेिलस िजतना गम बना देता है।
कॉटलड के एक युवा लड़के ने एक ऐसे नए िवचार के िलए अपने दमाग़ म खुदाई
क , जो उसके और अ य लोग के िलए पैसा बनाए। जब चाय क के तली से िनकली
भाप के दबाव से के तली का ढ न िगर गया, तो इस दृ य म उसने दौलत क क पना
क । अचानक उसके दमाग़ म भाप क बल शि का िवचार क धा। यह िवचार
दरअसल भाप के इं जन क वा तिवक शु आत था, िजसने पूरे संसार म ांित कर दी,
करोड़ लोग को रोज़गार दया और इस तरह पूरे संसार म बेशुमार दौलत का सृजन
कया।
कसी ने मुझे हाल म हेनरी फ़ोड का एक कथन बताया। उनसे कसी ने पूछा था क
अगर वे अपनी सारी दौलत और वसाय गँवा द, तो वे या करगे? उनका जवाब था
“म सभी लोग क कसी दूसरी मूलभूत व बुिनयादी ज़ रत के बारे म सोचूँगा। इसके
बाद म कसी भी दूसरे ि से यादा स ते और अ छे तरीक़े से उस आव यकता को
पूरी क ँ गा। पाँच साल म म दोबारा करोड़पित बन जाऊँगा।”
इस इले ॉिनक और अंत र युग म ज़बद त अवसर आपक राह देख रहे ह। अपने
अिधक गहरे मि त क से कह क वह आपको नए रचना मक और ेरक िवचार दे। इससे
आप अपने अवचेतन मन क सृजना मक शि य को मु कर दगे। आप मानवता क
एक ऐसी आव यकता खोज लगे, जो समय के साथ आपको अमीर बनाएगी और
आशीष देगी। इसी समय अपने भीतर क़ै द उस वैभव को मु करना शु कर!

आपक दौलत आपसे शु होती है


दौलत और ग़रीबी क जड़ आपके दमाग़ म होती ह। आपको िबलकु ल प िनणय
लेना चािहए क आप दौलतमंद और सफल बनना चाहते ह। दौलत संयोग, क़ मत या
तक़दीर क बात नह है। आपके पास िसफ़ वही अवसर होता है, िजसे आप ख़द बनाते
ह।
एक ितभाशाली युवा ए ज़ी यू टव ने मुझसे कहा था, “म ब त मेहनत करता ँ
और ब त लंबे समय तक काम करता ।ँ मैनेजमट को मने जो सुझाव दए थे, उनक
बदौलत कं पनी को ब त फ़ायदा आ है। ले कन िपछले तीन साल से मुझे मोशन के
िलए दर कनार कया गया है। यहाँ तक क मेरे कई अधीन थ को भी मोशन और
वेतनवृि याँ िमल चुक ह।”
यह आदमी मेहनती था, बुि मान था और ज़ािहर है, अपने काम म कड़ी मेहनत
करता था। सम या क जड़ पूव-प ी के साथ उसका संबंध था।
िपछले तीन साल से उनम ज़मीन-जायदाद, गुज़ारा भ े और परव रश के िलए
ब के बँटवारे को लेकर मुकदमा चल रहा था। अचेतन प से मुकदमा ख़ म होने तक
वह और यादा पैसे नह कमाना चाहता था, य क उसे लगता था क वह िजतना
यादा कमाएगा, अदालत प ी को उतना ही यादा गुज़ारा भ ा दलाएगी। वह
अदालत ारा दलाए जा रहे अंत रम भ े को भी अ स ता से दे रहा था, य क उसे
महसूस होता था क यह ब त यादा है। वह अंितम िनणय का इं तज़ार कर रहा था।
मने उसे समझाया क अवचेतन मन कस तरह काम करता है। म समझाया क
दरअसल वह ख़द ही यह आदेश दे रहा है क उसे और यादा पैसा नह चािहए।
भाविवभोर होकर िनि त ही उसने नकारा मक अवधारणा को अपना िलया है।
यही नह , उसका ष े , श ुता, िवरोध और पूव-प ी से दौलत रोककर रखने क उसक
इ छा अवचेतन मन पर छाप छोड़ चुक है। यह उसके आ थक जीवन के सभी पहलु
म कट हो रही है।
जब आप मानिसक प से कसी दूसरे से दौलत रोककर रखना चाहते ह, तो आप
उसे अपने पास आने से भी रोक देते ह। इसीिलए बाइबल का व णम िनयम आपसे
कहता है क अपने पडोसी के बारे म अ छा सोच, अ छा बोल और अ छे काम कर।
कभी भी नफ़रत, ष े या आलोचना न कर, य क आप अपनी सृि के एकमा
िवचारक ह और आपके नकारा मक िवचार आपके जीवन के सभी े म नकारा मक
चीज़ ले आएँग।े आपका अवचेतन मन आपके जीवन के समि त िवचार को बुनकर
आपके मानस पटल पर कर रहा है।
इस युवा ए ज़ी यू टव को अहसास हो गया क वह ख़द ही अपनी गित और
मोशन को रोक रहा है। उसक सम या का जवाब उसके भीतर था। वह अपने भीतर
उस िनि त बंद ु पर आ गया, जहाँ उसे अहसास आ क ेम नफ़रत को बाहर िनकाल
देता है। वह समझ गया क अगर वह अपनी पूव-प ी तथा ब के िलए वा य, ेम,
शांित और समृि क कामना करे गा, तो वह इन सभी को अपनी ओर भी आक षत
करे गा। उसे यह भी समझ म आ गया क तीन ब क परव रश के िलए प ी को
पया धन पाने का अिधकार है, इसिलए उसे यह धन ख़शी-ख़शी तथा ेमपूवक देना
चािहए। उसे भान आ क अगर वह खुले मन से धन देगा, तो यह कई गुना होकर
वापस लौटेगा। उसने नीचे दी गई ाथना बार-बार क :
“ई र ेम है और ई र जीवन है। यह जीवन एक है और अखंड है। जीवन सभी
लोग म और उनके मा यम से ख़द को कट करता है। यह मेरे अि त व के क म है। म
जानता ँ क काश अंधकार को हटा देता है। इसी तरह ख़रा ेम सारी बुराई पर
िवजय पा लेता है। ेम क शि का मेरा ान सभी नकारा मक प रि थितय पर इसी
समय िवजय पाता है। ेम और नफ़रत एक साथ नह रह सकते। म अब ई र के काश
को अपने दमाग़ के चंतातुर या भयभीत िवचार क ओर मोड़ता ँ और वे ग़ायब हो
जाते ह। भोर (स य) का काश कट होता है और अंधकार (डर और शंका) ग़ायब हो
जाता है।
“म जानता ँ क दैवीय ेम मेरा यान रख रहा है, मेरा मागदशन कर रहा है और
मेरे िलए रा ता साफ़ कर रहा है। म देव व क ओर बढ़ रहा ।ँ म अब अपने सभी
िवचार , श द और काय म ई र को कर रहा ।ँ ेम ही ई र का वभाव है।
मुझे ान है क पूण ेम डर को दूर भगा देता है।”
कु छ ही स ाह म इस युवक के भीतर कायाक प हो गया और वह दयालु, ेमपूण
तथा ेही बन गया। उसका आ याि मक पुनज म हो गया। उसक आ थक ि थित तुरंत
बेहतर हो गई और उसे ब त अ छा मोशन िमल गया।
प रणाम ब त ही सुखद रहा। उसक पूव-प ी ने समझौते क पहल क और ेम के
िजस दीपक ने उ ह पहली बार एक कया था, वही उ ह उस वेदी पर ले आया, जहाँ
एक बार फर उनके दो दल एक हो गए... ई र ने िजन दो लोग को एक बंधन म
बाँधा है, उसे कसी इं सान को अलग नह करना चािहए। (मैथयू 19:6)

ाथना करके अमीर कै से बन


यहाँ पर आ थक संप ता के िलए एक अचूक दैिनक ाथना बताई जा रही है:
“म जानता ँ क इसी पल मेरी भलाई क संभावना मौजूद है। मुझे दल से यक़ न
है क म अपने िलए सद्भाव, वा य, शांित और ख़शी क भिव यवाणी कर सकता ।ँ
म इसी समय शांित, सफलता और दौलत के िवचार को अपने मन के संहासन पर
बैठाता ।ँ मुझे पूरा िव ास है क ये िवचार (बीज) उगगे और मेरे अनुभव म
लहलहाएँगे। म माली ।ँ म जो बोता ,ँ वही काटूँगा। म ई रीय िवचार (बीज ) को
बोता ।ँ ये अद्भुत बीज ह शांित, सफलता, संप ता और सद्भाव। इनक फ़सल
अद्भुत है।
“इस पल के बाद म अपने अवचेतन मन म शांित, आ मिव ास, दौलत और संतुलन
के िवचार या बीज जमा कर रहा ।ँ म जो अद्भुत बीज बो रहा ,ँ उनके फल हण कर
रहा ।ँ म इस त य को मानता और िव ास करता ँ क मेरी इ छा अवचेतन म बोया
गया एक बीज है। इसक वा तिवकता को महसूस करके म इसे वा तिवक बनाता ।ँ म
अपनी इ छा क वा तिवकता को उसी तरीक़े से वीकार करता ,ँ िजस तरह म इसे
वीकार करता ँ क ज़मीन म बोया गया बीज उग आएगा। म जानता ँ क यह
अंधकार म उगता है। मेरी इ छा या मनचाही व तु भी मेरे अवचेतन मन के अंधकार म
उगती है। कु छ समय म बीज क तरह ही यह ज़मीन के ऊपर आ जाती है और कसी
ि थित, प रि थित या घटना के प म दखने लगती है। यही मेरी आदश आ थक
संप ता का स ा ोत है।
“असीम ा सभी तरीक़ से मुझे िनयंि त करती है और मागदशन देती है। म उन
सभी चीज़ पर मनन करता ,ँ जो स ी, ईमानदार, यायपूण, ेमपूण और अ छी ह।
म इन चीज़ पर िवचार क त करता ँ और भलाई के मेरे िवचार के साथ ई र क
शि है। म शांत ,ँ य क म बेशुमार दौलत का वामी ।ँ ”
अंत म, बंधुओ, जो भी चीज़ साि वक ह, जो भी चीज़ सुदरं ह, जो भी चीज़ अ छी
है; य द कोई सद्गुण है और य द कोई मिहमा है तो इ ह चीज़ के बारे म सोच।
( फ़िलि पय स 4:8)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. जीवन क असली दौलत आपके अवचेतन क गहराइय म दबी ई है। खज़ाऩा
आपके भीतर है और ाथना के मा यम से आप इस बेशुमार दौलत को ज़मीन से
िनकाल सकते ह।
2. चतुर प ी अपने पित क ेिमका या रखैल को शि नह देती है। वह जानती है क
उसका पित मानिसक प से बीमार है और दूसरी मिहला कुं ठत, मनोरोगी तथा
लि त है। वह अपने पित से खुलकर बात करती है और ाथना करती रहती है।
3. दौलत दमाग़ म होती है। आ था, आ मिव ास, उ साह, जोश और वयं म िव ास
रख, य क यही सेहत, सफलता, दौलत और उपलि ध म बदलते ह। एक ब त
ग़रीब लड़का िसफ़ इसिलए मश र सजन बन पाया, य क उसे िव ास था क
उसके िपता के पास मेिडकल कॉलेज क पढ़ाई का ख़च उठाने के िलए ब त पैसा है,
हालाँ क उसके िपता के पास उसक मदद करने के िलए एक फू टी कौड़ी भी नह थी।
उस लड़के के दमाग़ म िव ास ारा उ प कए जादू को देख! अपने िवचार तथा
भावना क बारी कय को पहचान और अपने जीवन का कायाक प कर ल!
4. आपके िवचार, मानिसक क पनाएँ, मा यताएँ, नज़ रए और भावनाएँ वे िनवेश ह,
िज ह आप अपने अवचेतन मन म जमा करते ह। आपका अवचेतन च वृि याज
देता है, यानी क वह आपक जमा क ई चीज़ को कई गुना कर देता है। अपने
अवचेतन पर ेम, आ था, िव ास, सही कम, मागदशन, संप ता, सुर ा और अ छे
वभाव क छाप छोड़गे, तो आपको जब भी ेम, आ मिव ास या कसी सम या के
जवाब क ज़ रत होगी, आपका अवचेतन आपको वह दान कर देगा। यही सोने क
आंत रक खदान से ख़ज़ाना िनकालने का तरीक़ा है।
5. आपके पास िसफ़ वही अवसर होता है िजसे आप वयं बनाते ह। य द आप कसी
दूसरे क दौलत से षे करते ह या अगर आप मानिसक प से उसक भलाई को
रोकना चाहते ह, तो आप ख़द को न िसफ़ चोट प च ँ ा रहे होते ह, बि क जीवन क
दौलत से भी वंिचत रख रहे होते ह। आप अपनी सृि के एकमा िवचारक ह और
आप जो सोचते ह, उसका सृजन करते ह। सभी मनु य के िलए वग क दौलत क
इ छा करके दौलत का सृजन कर।
अ याय छ:

दान का जादुई िनयम

टा इद श द का अथ है दसवाँ िह सा - मनु य क आमदनी का वह िह सा, जो युग -


युग से पिव उद्दे य के िलए सम पत होता रहा है। ारं िभक काल से खेत ,
फल और मवेिशय से होने वाली सालाना आमदनी का कु छ िह सा ई र क सेवा म
अ पत कया जाता रहा है। यह परं परा बैबीलोिनया से रोम तक के िनवािसय म
चिलत थी।
दान के िनयम को लेकर बाइबल म एक पता का अभाव है। इसका मूल कारण यह
है क दान का आम िस ांत अलग-अलग युग म अलग-अलग तरीक़ से यु होता
रहा और इसम धा मक तथा राजनीितक दबाव क वजह से बदलाव होते रहे।
दान जीवन के बुिनयादी िनयम म से एक है और इसक परं परा अतीत म इतनी
पहले शु ई क हम पता नह लगा सकते क यह कब शु ई। पैदावार पाने के िलए
कसान को दान देना होता है। उसका दान फ़सल का वह दसवाँ िह सा होता है, जो वह
अनाज, म ा, जौ, या ओट् स के बीज के प म बोता है। य द वह यह दान न दे, तो उसे
फ़सल ही नह िमल पाएगी।
दौलत का दान देने का आदश तरीक़ा यह है क आप अपने धन, ज़मीन, शेयर ,
बॉ स या कसी अ य कार क भौितक संपदा का एक िनि त ितशत िनकाल और
उसे स य के चार- सार के िलए दान द- आम तौर पर उन चच या परोपकारी
सं था के सहयोग के िलए, जो ई र के शा त स य के चार- सार म संल ह।

दान का वा तिवक अथ
दान के वल वह पैसा ही नह है, िजसे आप अपनी मनपसंद धम चारक सं था और
आ याि मक गितिविध क मदद करने के िलए खुले हाथ से देते ह। इसका संबंध तो
आपक मा यता , िव ास , अनुमान और धारणा से भी है, िज ह आप अपने,
दूसर तथा पूरे संसार के बारे म मन ही मन स य मानते ह। आप चेतन प से अपने,
ई र और सृि के बारे म िजसे सच मानते ह और िजस पर िव ास करते ह, वह भी
अवचेतन मन के ख़ज़ाने को दए िनवेश (छाप) ही ह।
याद रख क असीम ा (ई र) आपके िवचार क कृ ित के अनुसार ित या
करती है। ई र आपके वयं के िवचार, क पना और िव ास के अलावा आपके िलए
कु छ नह करे गा। ई र ने आपका सृजन कया है और उसने सृि तथा उसक सभी
चीज़ का सृजन कया है। आप अपने भीतर क शि और बुि म ा का लाभ उठाने के
िलए यहाँ आए ह। आप भरपूर, ख़शहाल और समृ जीवन जीने के िलए यहाँ आए ह।
आप दूसर क दौलत, समृि , सफलता और अ छाई म योगदान देने के िलए भी यहाँ
आए ह।

एक वक ल को दान के जादू का पता चला


जब मेरे एक वक ल िम ने मुझे अपनी एक सम या बताई, तो मने उसे दान का
आ याि मक अथ समझाया। उस वक ल को अपने मुव ल क ओर से यू ऑरिलय स
जाना था। मुव ल ने उसे बताया क लुिसयाना के िजस वक ल से उसे िमलना है, वह
बदिमज़ाज, झगड़ालू, िचड़िचड़ा और ब त असहयोगी है।
मने वक ल को सुझाव दया क वह दान दे, यानी यह मान ले क ई र का काय
सामने वाले वक ल के दलो दमाग़ म हो रहा है। मने कहा क उसका मानिसक िववेक
या िव ास ऐसा होना चािहए क एक सामंज यपूण और दैवी समाधान िनकल आए,
िजससे सभी का भला हो।
फल व प, या ा से पहले मेरे वक ल िम ने ब त बार ाथना क क यू
ऑरिलय स म दूसरे वक ल के साथ होने वाली उसक मुलाक़ात म सद्भाव, शांित, ेम
और समझ का माहौल बना रहे। जब आिख़रकार मुलाक़ात ई, तो यह सचमुच ब त
सहयोग, सद्भाव और अ छाई के माहौल म ई। इससे सभी संब लोग के िलए
संतोषजनक क़ानूनी और आ थक समझौता संभव आ।
या और ित या शा त व िनरं तर ह। आपका िवचार या है। आपके िवचार
क कृ ित के अनु प आपका अवचेतन मन ित या करता है।
सबसे मह वपूण बंद ु यह अहसास करना है क कसी भी मुलाक़ात, सौदे या
गितिविध के पीछे के आ याि मक िवचार (दान) से ही प रणाम िमलते ह। ऊपर दए
उदाहरण म वक ल को इस गहन स य का तुरंत अहसास हो गया क हर चीज़ आपक
मा यता और िव ास के अनु प ढल जाती है।

दान के िनयम ने से स मैनेजर के िलए चम कार कर दया


एक शीष से स मैनेजर मेरे ा यान सुनने आता है। उसने एक बार मुझे बताया क वह
अपने दो सौ से समैन के सामने से स टॉक देने से पहले दान देता है। अगर उसे एक घंटे
तक बोलना है, तो वह ई र को उसका दसवाँ िह सा देता है। एक घंटे म साठ िमनट
होते ह और वह अपनी से स टीम को संबोिधत करने से पहले िनयिमत प से दस
िमनट तक ाथना और साधना करता है। वह इस तरह ाथना करता है:
“ई र क बुि म ा, ेम और शि मेरे मन म भरी ई है। मेरे सभी से समैन नए
िवचार से मागद शत, िनदिशत, े रत और हणशील ह। मुझे अपने भाषण क ेरणा
और काश ऊपर से ा हो रहा है। मेरे दमाग़ म मौिलक रचना मक िवचार आ रहे
ह, िजनसे से समैन , ाहक और हर संबंिधत ि का भला होगा। असीम ा मेरे
मा यम से सोचती, बोलती और काय करती है। मेरा भाषण सुनने वाले सभी लोग को
तेजोमय िपता से ा होने वाले हर अ छे और आदश उपहार का वरदान िमल रहा
है।”
इस से स मैनेजर ने मुझे बताया क जब से उसने ई र को अपना कु छ समय दान म
देना शु कया, तब से उसने अपने जीवन के कई सबसे अ छे उद्बोधन दए ह। उसके
उ कृ काय के फल व प कु छ समय पहले ही उसे उसके म टी-िमिलयन डॉलर
कॉरपोरे शन का ए ज़ी यू टव वाइस- ेिसडट बना दया गया है।

एक इं जीिनयर ने दान देकर हवा का ख़ बदल दया


एक के िमकल इं जीिनयर एक कॉरपोरे शन का वाइस ेिसडट है। उसने हाल म मुझे
बताया क उनक कं पनी िजस दूसरी कं पनी को रसच ॉड स स लाई करती थी, उस
पर 10,000 डॉलर का उधार था, िजसे कोई भी वसूल नह कर पा रहा था।
उसने मुझे बताया क उसने अपने ाहक से िमलकर उसम िव ास जताया।
इं जीिनयर ने कहा, “मने उसे बताया क हम उस पर भरोसा है, िव ास है और हम
जानते ह क वह हम पूरा भुगतान कर देगा। मने उसे िडनर के िलए आमंि त कया
और उससे कहा क हम उसक स यिन ा और ईमानदारी का स मान करते ह। हमने
कहा क उसने बीस साल से यादा समय से हमारे साथ अपने सभी सौद म तुरंत
भुगतान कया था, इसिलए हम उस पर भरोसा है। मने उसे यह भी बताया क उस पर
हमारा िव ास कभी कम नह आ और म ि गत प से उसक समृि , गित तथा
िव तार के िलए ाथना कर रहा ।ँ ”
एक स ाह गुज़रने पर उसे उस ाहक का प िमला। प म उसने बताया क वह
दरअसल दवािलएपन का आवेदन देने के बारे म सोच रहा था, ले कन “आपक बात से
मुझम आ मिव ास आ गया। अब म दोबारा ख़द पर भरोसा करने लगा ँ और सफल
होने क अपनी यो यता म भी। हवा का ख़ बदल गया और मेरे कु छ सु त ाहक ने
अब मुझे भुगतान कर दया है। इसिलए अब म आपको पूरा भुगतान कर रहा !ँ ”
वाइस ेिसडट ने उस आदमी क शंसा क थी, उसके िलए ाथना क थी और उसे
ऊपर उठाया था। उस आदमी के दय ने वाइस ेिसडट के िव ास पर ित या क ।
आ थक ि थित उसी अनु प अपने आप बेहतर हो गई।

कस तरह एक कलाकार ने सुंदरता के िलए दान दया


एक नामी िच कार ने मुझे एक बार बताया था क सुंदरता के िलए दान देने से उसे
कतने बेहतरीन प रणाम िमले। वह इस तरह िनयिमत प से दान देता है:
“ई र अिनवचनीय स दय है, पूण सामंज य है और असीम ेम है। असीम का
अनंत स दय मेरे मि त क म पूरे गौरव और मिहमा के साथ वािहत होता है। मेरी
उँ गिलय को दैवी मागदशन िमल रहा है क वे कै नवास पर स दय, संयोजन, संतुलन
और सुडौल दृ य उके र। म अपने कै नवास पर जो भी त वीर बनाता ,ँ वह स दय से
भरी होगी और उसे देखकर हमेशा आनंद िमलेगा। हर दृ य और हर िच से मनु य म
ई र क ितभा े रत हो जाएगी।”
उसने अपने अवचेतन मन को अपना दान (स दय का िवचार) दया और अवचेतन
ने ख़द पर छोड़ी गई छाप को कई गुना कर दया। उसने इसे स दय से ओत- ोत कया
और उसके अवचेतन ने ित या करके उसे अद्भुत िच बनाने का साम य दया। या
आपको लगता है क उसे अपने िच बेहतरीन दाम पर बेचने म कोई मुि कल आई
होगी?

कस तरह उस मिहला ने ेम के िलए दान दया


एक रटायड कू ल टीचर कै िलफ़ो नया म रह रही थी। उसक ब त से रटायड लोग
से पहचान थी, जो लगातार बता रहते थे क वे कतने अके ले, हताश और दुखी ह,
य क अपनी कम पशन म वे घूम- फर नह सकते थे और अपनी मनचाही चीज़ नह
कर सकते थे। उसने िवचार क सीिमत करने वाली इस आदत से बचने का िनणय
िलया। अपने ाथना स म कई रात उसने इस तरह दान दया:
“ई र का ेम मेरी आ मा को भरता है और म अपने चार ओर के तथा हर जगह
के सभी लोग के ित ेम व सद्भाव सं ेिषत करती ।ँ ई र का ेम मेरे मा यम से
सद्भाव, ेम, साहचय, दौलत और स ी अिभ ि के प म वािहत होता है। ई र
मेरा मागदशक है और मुझे कभी धन, ेम, स दय या साहचय क कमी नह पड़ेगी।
ई र मेरी ाथना को इसी समय पूरा करता है, िजसके िलए म ध यवाद देती ।ँ ”
कु छ स ाह बाद इस रटायड कू ल टीचर को एक अमीर मिहला ने साथी और
दुभािषए के प म आमंि त कया, जो सैर-सपाटे और कामकाज के िसलिसले म ांस,
जमनी और ि वट् ज़रलड जा रही थी। रटायड कू ल टीचर का जमन और ांसीसी
भाषा का ान, जो पहले ब को िश ा देने तक ही सीिमत था, ब त कारगर सािबत
आ और उसे अपनी सेवा के बदले अ छा भुगतान िमला। उसने मुझे प िलखकर
बताया क इस िवदेश-या ा म उसे जीवन म सबसे यादा आनंद आया। अब उसक
नौकरी थायी हो चुक है, य क वह अमीर मिहला उसे अपने िलए अिनवाय मानती
है। इस मिहला ने िनः वाथ प से दान दया और उसे उसक उ मीद से अिधक
ितफल िमला। उसका रह य अब आपका रह य है।

देने और पाने का िनयम


आप िजतना यादा ेम और सद्भावना देते ह, बदले म आपको उतना ही यादा
िमलेगा। दान का िनयम अव यंभावी प से यह तय करता है क हम जो भी देते ह-
चाहे वह सद्भावना हो या दुभावना- वह हमारी ओर लौटकर आएगा और ाय: कई
गुना होकर आएगा। यह अटल िनयम है क समान चीज़ समान चीज़ को आक षत
करती ह और आप अपने अवचेतन म जो भी बोते ह, वही आप जीवन म प रि थितय ,
अनुभव तथा घटना क फ़सल के प म काटगे।

खुलकर और ख़शी-ख़शी द
ज़ री नह है क दान म दस ितशत धन ही दया जाए। बाइबल म दसव िह से का
जो िज़ है, उसका वा तिवक मतलब है कोई भी िनि त ितशत, िजसे आप अपने मन
म तय करते ह क आप उसे ख़शी-ख़शी और खुलकर देना चाहते ह।
िमसाल के तौर पर, मान ल क आप हर रिववार को अपनी पसंदीदा आ याि मक
गितिविध म पाँच डॉलर दान देते ह। यह रक़म खुलकर, ख़शी के साथ, ेम के साथ और
पूरी उ मु ता से दी जानी चािहए। इसे देते समय आपको यह िव ास होना चािहए क
ई र ही संप ता का शा त ोत है और उसके मा यम से आपक सारी आव यकताएँ
हर समय, हर जगह तुरंत पूरी होती ह। कसी को पाँच डॉलर देते व त अगर आपको
अभाव या कमी का अहसास होता है, तो वह स ा दान नह है। कत या डर के भाव
से देना या मन मारकर देना दान नह है। इसके िवपरीत, इस कार का मानिसक
नज़ रया अभाव को आक षत करे गा।

आपका दान कस कार अ यिधक बढ़ता है


जब आप िनयम से दान कर, तो एक रािश चुन ल, िजसके बारे म आपको दल म
महसूस होता है क आप उसे देना चाहते ह। फर मन ही मन या ज़ोर से संक प कर:
“म यह धन पूरी इ छा से दान करता ँ और ई र इसे कई गुना बढ़ा देता है।”
जब आप यह करते ह, तो आप अपने अवचेतन म चुर दौलत का िवचार बो रहे
होते ह, जो आपक दौलत को असं य तरीक़ से बढ़ा देगा। बाइबल के उ रण का यही
आशय है:
दो, और तु ह दया जाएगा: लोग तु हारी झोली म इतना डालगे क यह छलक
पड़ेगा। और िजस पैमाने से तुम दोगे, उसी पैमाने से तु ह दया जाएगा। ( यूक 6:38)

अपनी आमदनी दन दूनी रात चौगुनी बढ़ाएँ


िनयिमत प से साथक उद्दे य क ख़ाितर िबना शत दान द। जब आप वह रािश देते
ह, िजसके बारे म आप महसूस करते ह क आप उसे ख़शी-ख़शी दान देना चाहते ह, तो
आप दरअसल एक सुदढ़ृ आ थक दृि कोण से दान दे रहे होते ह। इस सही और उ त
नज़ रए से शु करने पर आप पाएँगे क आपके मन म ख़शी-ख़शी यादा से यादा देने
क इ छा होगी, य क देने और पाने के िनयम के आधार पर आपक आमदनी दन
दूनी रात चौगुनी या इससे भी यादा तेज़ी से बढ़ती है।
आपने अपने उपहार को दुआ और ख़शी के साथ मु कया; आपके अवचेतन मन ने
उसे हज़ार गुना बढ़ा दया। यह िनयिमत प से दान देने वाल के िलए वाकई दौलत
बढ़ने क कुं जी है। वे असीिमत मि त क के िनयम का इ तेमाल कर रहे ह, जो उनके
िलए काम करता है- भले ही उ ह यह बात मालुम हो या न हो।

कस तरह उसने संप ता के िलए दान दया


एक वसायी ने हाल ही म मुझसे कहा “संसार म ब त पैसा है- हर चीज़ चुरता म
है; और म जानता ँ क मेरे अवचेतन मन म अंतहीन संसाधन ह, िजनका मने कभी
दोहन नह कया है। मने संप ता के िलए ि गत प से इस तरह दान दया: मने
कई बार यह वा य कहा, ‘ई र मेरी संप ता का थायी ोत है, वह मेरी सारी
ज़ रत तुरंत पूरी करता है और उसक दौलत मेरी ओर िबना के , अथक तथा अंतहीन
प से वािहत होती है।”
जब उसने इन स य को दोहराया, तो उसने अपने अवचेतन मन तक यह िवचार
प च
ँ ाया क दौलत सैलाब के प म उसक ओर वािहत हो रही है। यही आ थक
सफलता का आपका माग भी है।

उसने दान तो दया. ले कन अमीर नह बन पाया


कु छ समय पहले एक आदमी ने मुझे बताया क उसने अपने चच को िनयिमत दान
दया, ले कन इसके बावजूद वह अमीर नह बन पाया। बहरहाल, मुझे पता चला क
उसने अपना सा ािहक दान पूरे मन से नह दया था और वा तव म उसे महसूस होता
था क चच को दान देने क वजह से उसक संपि घट रही है। उसके मन म अवरोध थे।
हमारी बातचीत के बाद उसने अपना नज़ रया बदल दया और इसके बाद ख़शी-ख़शी
दौलत दान दी। ज द ही उसने पाया क वृि का िनयम उसके िलए भी काम करने लगा
है।
मने उसे यह भी समझाया क बाइबल म दान का अथ िविभ परोपकारी सं था
को पैसा देना नह है, हालाँ क इस कार क उदारता शंसनीय है। दान म पैसा ई र
के स य के चार- सार के उद्दे य से दया जाना चािहए। यानी उसके चार- सार के
िलए, जहाँ से आपको आ याि मक सहायता और ेरणा ा हो रही है।
उसने कृ त ता से कहा, “मुझे यही समझने क ज़ रत थी। अब म दान का
वा तिवक अथ समझ चुका ।ँ ”

वह दान को उलट रहा था


मेरे एक प रिचत ने एक बार मुझसे िशकायत करते ए कहा, “म यूयॉक के एक
धा मक समूह को हर रिववार ब त सारा पैसा दान देता ,ँ ले कन मुझे महीना पूरा
करने म मुि कल आती है।”
मुझे पता चला क उसका नज़ रया यह रहता था: “म बदले म कोई चीज़ नह
चाहता।” बाइबल कहती है क जैसा मनु य आदेश देगा, वैसा ही होगा। उसने अपने
अवचेतन मन को अपना आदेश दे दया था और अवचेतन ने उसका अ रश: पालन
कया।
मने उसे समझाया क वह अपने अ छे काय को कु छ उसी तरह उदासीन कर रहा
था, जैसे ज़मीन म बीज बोकर उसे कु छ देर बाद खोदकर देखना, य क इससे इसका
बढ़ना क जाता था। उसे समझ म आ गया क य द कसान ज़मीन म बीज बोता है, तो
उसे अपने आप फ़सल िमलेगी- यानी ज़मीन और मि त क के िनयम समान ह। वह यह
उ मीद करने लगा क दौलत के िनयम उसके िलए काम कर रहे ह। इससे उसक
आ थक ि थित म जबद त सुधार आ।

दान देने म बुि म ा का अ यास कर


आप र तेदार या ग़रीब को कै से दान देते ह, इस बारे म ब त सावधान रह। उ ह ख़द
क मदद करने म स म बनाना िबलकु ल सही बात है, ले कन इस बारे म सुिनि त कर
ल क आप उनक पहलशि न छीन ल। अपने पैर पर खड़े होने और अपनी सव े
यो यता के अनु प सम या से उबरने क ेरणा न छीन। जब लोग को बड़ी आसानी
से और बार-बार मदद िमलती है, तो वे परावलंबी हो जाते ह और अंतत: खोखले व
रोतले बन जाते ह। आप उ ह जो सबसे अ छी चीज़ दे सकते ह, वह है समृ सोच का
िनयम।
यह सुिनि त कर क आप नासमझी से दान देकर दूसर को उनक िछपी
यो यता और गुण को िवकिसत तथा अिभ करने से न रोक। आपके नामसझी से
दए गए दान को लेने वाला ाय: आपसे ष
े करता है। वह बा य महसूस करता है और
अपने बारे म आपक क णा या कमतरी के िवचार को भाँप लेता है। वह जानता है क
उसे भी आपके िजतना दौलतमंद और सफल होना चािहए। वह अपराधी महसूस करता
है, य क उसे महसूस होता है क वह अमरबेल क तरह आपका शोषण कर रहा है।
इसके फल व प देने वाले के ित अपराधबोध और ष े का गहरा अहसास िवकिसत
होता है।
उसे मि त क के िनयम और अवचेतन क कायिविध का ान द। इसके बाद उसे
कभी बासी रो टय , पुराने कपड़ या कसी भी कार के दान क ज़ रत नह पड़ेगी,
य क आपने उसके सामने यह उजागर कर दया है क अनंत ख़ज़ाने तक प च ँ ने क
मता उसी के भीतर मौजूद है और समय के साथ उसे सारी दौलत िमल सकती ह।

आप दन भर दान दे सकते ह
दन भर दान देने का अ यास कर। सभी लोग के ित ेम, दयालुता, िम ता, हँसी,
िव ास, उ साह और सद्भाव कर। आप इनका दसवाँ िह सा नह दे सकते। ये
गुण िवभािजत या ब गुिणत नह कए जा सकते; ये तो सव ापी, अजर और असीिमत
ह। आपके भीतर मौजूद ये दैवी गुण और िवशेषताएँ कभी भी बूढ़े नह होते। यही नह ,
ेम, कोमलता, दयालुता, अ छाई, स य, स दय, शांित और ख़शी- ये सभी ई र के ह
और वे शा त, सव ापी तथा अनंत ह। जो चीज़ वा तिवक है, उसे आप ितशत के
आधार पर नह दे सकते- दौलत भी नह । ले कन जब आप सही तरीक़े से दान देते ह,
तो दौलत आपक ओर उसी प रमाण म वािहत हो सकती है।
वग क दौलत दान म द! ो साहन, आ था, आशा, क़ , और कृ त ता द। जब आप
इस तरह से दान देते रहते ह, तो ई र आप पर अपने वरदान क बा रश कर देगा,
िजनम आ थक भौितक वरदान भी शािमल ह।
तुम अपने सारे दान को खिलहान म ले आओ, ता क मेरे घर म भोजन रहे,
मेज़बान के वामी ने कहा, ता क जब म तुम पर वरदान उड़ेलने के िलए वग क
िखड़ कयाँ खोलू,ँ तो उसे पाने के िलए तु हारे पास पया जगह हो। (मलेची 3:10)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. दान का अथ यह है क आप सचमुच ई रीय और पिव -पावन उद्दे य के िलए
अपनी आमदनी का एक िनि त िह सा सम पत कर। दान का मतलब आपके
अनुमान, िव ास और धारणाएँ भी ह, जो आप अपने भीतर के ख़ज़ाने यानी अपने
अवचेतन मन को देते ह। यही ख़ज़ाना आपको आ थक संप ता दान करता है।
2. सद्भावनापूण मानवीय संबंध के िलए यह मानकर दान द क सामने वाले के
दलो दमाग़ म ई र काय कर रहा है और आपके बीच एक सामंज यपूण तथा दैवी
मेल है।
3. कसी भाषण या वाता से पहले ाथना और यान म अपने समय का दसवाँ िह सा
द। ई र आपको े रत करे गा और आपके जीवन म चम कार हो जाएँग।े
4. सामने वाले म िव ास जताकर दान द। उसे बता द क आपको उस पर पूरा िव ास
है; वह इसी अनु प ित या करे गा।
5. आप यह जानते ए स दय के िलए दान दे सकते ह क ई र का अिनवचनीय स दय
आपके ज़ रए कट हो रहा है और दूसरे आपके काय से े रत हो रहे ह तथा ऊपर
उठ रहे ह।
6. आप यह दावा करते ए म े के िलए दान दे सकते ह क ई र का ेम आपक आ मा
को भरता है और सभी के ित ेम व सद्भावना का संचार करता है। ऐसा करने पर
आपके जीवन म कई चम कार हो जाएँगे।
7. आप दूसर को िजतना अिधक ेम व सद्भाव देते ह, आपको उतना ही यादा वापस
िमलेगा, ब गुिणत होगा और असं य तरीक़ से बढ़ेगा। यह आ थक संदभ म भी सही
है।
8. खुलकर, ख़शी-ख़शी, ेम से और उ मु ता से द। जब आप ऐसा करगे, तो आपको
चुर दौलत हमेशा िमलेगी।
9. यह कहते ए उदारता से दान द: “म यह धन खुलकर दान देता ँ और ई र इसे कई
गुना कर देता है।”
10. अपने दल म तय कर क आप ख़शी-ख़शी कतना देना चाहते ह। उतनी धनरािश
िनयिमत प से दान द। इसके बाद आप पाएँगे क आपक आमदनी दन दूनी रात
चौगुनी बढ़ रही है।
11. यह अहसास करते ए आ थक आपू त के िलए दान द: “ई र मेरी संप ता का
थायी ोत है और वह मेरी सारी आव यकताएँ त काल पूरी करता है। उसक
दौलत िबना के , िबना थके और िबना ख़ म ए मेरी ओर वािहत होती है।”
12. जब आप देते ह, तो कसी मानिसक बाधा या कमी का अहसास नह होना चािहए।
ख़शी-ख़शी और समृि क दुआ के साथ सबको दान द।
13. िजस कार कसान फ़सल काटने क आशा करता है, उसी कार आपको भी
उ मीद करनी चािहए क दान का नैस गक िनयम आपके िलए काम करे गा।
14. आप दूसर को जो सबसे अ छी चीज़ दे सकते ह, वह है समृ सोच के िनयम का
ान। इसके बाद उ ह जीवन म कभी कसी अ छी चीज़ क कमी नह पडेगी।
अ याय सात

अमीर लोग यादा अमीर बनते ह


चमुच अमीर लोग वे ह, जो िवचार क सृजना मक शि को पहचानते ह और

स अपने अवचेतन मन पर संप ता तथा धन-दौलत के िवचार क छाप छोड़ते


ह। फल व प वे िजन चीज़ के बारे म सोचते ह, वे उनके जीवन म साकार हो
जाती ह।
लोग एक ख़ास तरीक़े से सोचकर अमीर बनते ह। वे दखाई देने वाली चीज़ के
बारे म नह सोचते ह, य क वे जानते ह क उनके सतत सृजना मक िवचार उनके
संसार म अपने अनु प व तु को कट कर दगे।
ग़रीबी या अभाव क प रि थित म रहने वाले ि को अमीरी के बारे म सोचने
के िलए लगनशील और क त िवचार क ज़ रत होती है; ले कन जो भी इस
अनुशािसत सोच का अ यास करता है, वह अंतत: अिनवाय तौर पर अमीर बनता है
तथा अपनी मनचाही चीज़ पा लेता है।
बाइबल म कहा गया है,... िजसके पास है उसे दया जाएगा; ले कन िजसके पास
नह है, उसके पास क चीज़ भी उससे ले ली जाएगी। ( युक 19:26) इसे कहने का एक
चिलत तरीक़ा यह है: “अमीर लोग यादा अमीर बनते ह, जब क ग़रीब लोग यादा
ग़रीब बनते ह।”
इसका अथ है क जो ि अपने दमाग़ (जो उसके सारे अनुभव का ोत है) क
असीिमत अमीरी पर यान क त करता है, वह अिधक सांसा रक व तु का मािलक
बनेगा। ज़मीन म डाला गया एक बीज सैकड़ बीज का उ पादन करता है। इसी तरह
अमीरी के दैवीय बीज (िवचार) कई गुना होकर आपके जीवन म कट ह गे।

नज़ रया बदलने से आमदनी बढ़ गई


ज़मीन-जायदाद का काम करने वाले एक वसायी ने हाल ही म मुझे बताया क पहले
वह यह सोचता था क धन या आपू त सीिमत है और पूरे अमे रका क दौलत कु छ
ब त अमीर प रवार ने अपने क़ ज़े म कर ली है और वही इसे िनयंि त करते ह। वह
इसे लेकर ब त कुं ठत और हताश रहता था।
अचानक एक दन उसे यह अहसास आ क उसका वैचा रक दृि कोण ग़लत है।
उसे अहसास आ क अपनी िवचिलत और कुं ठत िवचार या ारा वह अमीरी
के सृजना मक बहाव को रोक रहा है।
यहाँ पर उसके प का एक िह सा दया जा रहा है: “ि य डॉ. मफ़ मने आपके
िनदश पर अमल कया। मने ित पधा के िवचार को अपने दमाग़ से िमटा दया। मने
िनणय िलया क म यहाँ पर सृजन करने आया ँ और ज़मीन म अरब डॉलर का अकू त
सोना दबा आ है, िजसे अब तक नह खोजा गया है। म जानता ँ क वह दन आएगा,
जब वै ािनक अपनी योगशाला म कृ ि म सोना और अ य सभी धातुएँ बनाने म
कामयाब हो जाएँग।े मने दूसर के अ ान या जाग कता के अभाव का फ़ायदा उठाकर
छलपूण सौदे करना, शॉटकट अपनाना और दूसर को धोखा देना छोड़ दया। मने
दूसर क दौलत और आमदनी से ई या करना छोड़ दया। मने तय कया क म सब
कु छ पा सकता ँ और इसके िलए मुझे दूसर का िह सा छीनने क कोई आव यकता
नह है। अब म ित पध के बजाय सृजना मक और सहयोगी बन गया ।ँ
“तीन महीन से म यह ाथना कर रहा :ँ ‘िजतनी तेज़ी से म ई र क असीम
दौलत पा सकता ँ और उसका उपयोग कर सकता ,ँ वह उतनी ही तेज़ी से मेरी ओर
वािहत हो रही है। हर ि दनो दन यादा अमीर बनता है।’ इस नए नज़ रए से
मेरे जीवन म चम कार हो गए ह और तीन महीन म ही मेरी आमदनी ितगुनी हो गई
है!”

उसका करोड़ डॉलर का फॉमूला


एक ग टोस क बड़ी चेन शु करने वाला एक ब त अमीर ि ब त आ याि मक
भी है। उसने एक इमारत के एक कमरे म छोटी सी फ़ामसी शु क थी। यह छोटी
शु आत अंतत: करोड़ डॉलर क एक कं पनी म बदल गई, िजसम हज़ार कमचारी
काम करते ह। एक दन लंच के दौरान उसने अपने पस से एक छोटा काड िनकालकर
मुझे दया और कहा “यह मेरा करोड़ डॉलर का फ़ॉमूला है। म प ीस साल से इसे
सुबह- शाम आज़मा रहा ँ और मने इसे कई अ य लोग को भी दया है, िजनम से कु छ
करोड़पित बनने म कामयाब हो चुके ह और बाक़ ने अपनी मज़ के मुतािबक़ पैसा
हािसल कया है।”
यह रहा उसका फ़ॉमूला:
“म सारी अमीरी के सव ापी ोत को पहचानता ,ँ जो कभी असफल नह होता।
मुझे अपने हर िवचार म दैवी मागदशन ा होता है और म सभी नए िवचार के
अनु प ख़द को ढाल लेता ।ँ असीम ा मुझे अपने साथी इं सान क सेवा करने के
बेहतर तरीक़े लगातार बताती है। मुझे मागदशन िमलता है क म मानव जाित के िलए
मददगार ॉड स बनाऊँ। म आ याि मक, वफ़ादार, आ थावान और गुणी कमचा रय
को आक षत करता ,ँ जो हमारी कं पनी क शांित, समृि तथा गित म योगदान देते
ह। म एक चुंबक ँ और सव े संभव गुणव ापूण ॉड स तथा सेवाएँ देकर बेशुमार
दौलत को आक षत करता ।ँ म ई र और दौलत के मूल ोत के सतत संपक म रहता
।ँ असीिमत ा मेरी सारी योजना और उद्दे य को िनयंि त करती है। मेरी
सफलता का ेय इस स य को जाता है क ई र मेरे सभी काय म मुझे राह दखाता है,
मागदशन देता है और संचािलत करता है। म अंदर और बाहर हर समय शांित म रहता
।ँ म बेहद सफल ।ँ म ई र के साथ एक प ँ और ई र हमेशा सफल होता है; मुझे
भी अव य सफल होना चािहए। म इस व त सफल हो रहा ।ँ म अपने वसाय क
सभी अिनवाय बात म मािहर ।ँ म अपने आस-पास के सभी लोग और सभी
कमचा रय के ित ेम और सद्भाव रखता ।ँ म ई र क ेम, शि और ऊजा से
अपने दलो दमाग़ को भर लेता ।ँ मुझसे जुड़े सभी लोग मेरी गित, क याण और
समृि क आ याि मक क़िड़याँ ह। सारा गुणगान और मिहमा ई र क है।”
इस बेहद सफल वसायी ने अपनी सोची सभी चीज़ को साकार कया और
असं य लोग को लाभ प च
ँ ाया... जाओ, और तुम भी ऐसा ही करो ( युक 10:37),
और ब त क भलाई करने वाला करोड़पित बन गया।

दौलत क राह के अवरोध और उपचार


एक रयल ए टेट से समैन ने कहा, “मुझे कु छ समझ नह आ रहा है। म दन भर कड़ी
मेहनत करता ।ँ म जो लॉट और मकान बेचना चाहता ,ँ ाहक उ ह देखते तो ह,
ले कन ख़रीदते नह ह। मेरे ही ऑ फ़स के बाक़ से समैन हर दन िब कर रहे ह।”
दरअसल उसका अवरोध उसके दमाग़ के भीतर था। उसे िजस ख़ास हािनकारक
भावना से उबरना था, वह थी ई या। इसी वजह से वह आ थक अभाव म था और िब
नह कर पा रहा था। उसने वीकार कया क दूसरे से समैन को मोटे-मोटे कमीशन
पाते देख उसे ब त ई या होती थी। उसके मन म गहरा ष
े भी था।
उसे यह समझाया गया क उसका ई यालु िवचार वह सबसे बुरा नज़ रया है, िजसे
वह रख सकता है, य क इससे उसक ि थित ब त नकारा मक हो जाती है। जब तक
उसका नज़ रया ऐसा रहेगा, तब तक अमीरी उसके पास आने के बजाय उससे दूर
वािहत होगी।
उसे अंतत: पता चला क उसक इस प रि थित का यही इलाज है, क वह अपने
उन सभी सािथय के िलए दुआ करे , िजनके सौभा य से उसे ई या होती थी।
नीचे दी गई ाथना को िवचारपूवक, अथपूवक और समझकर बार-बार दोहराने से
उसका पूण मानिसक उपचार आ:
“म जान गया ँ क आपू त और माँग का एक आदश िनयम है। म हर मामले म
व णम िनयम का अ यास करता ।ँ म पूरी तरह शांत ।ँ म जो भी बेचने क इ छा
करता ,ँ वह ई र के मि त क म एक िवचार है। संपूण ान का िस ांत मेरे भीतर है।
मुझे जो भी चीज़ जानने क ज़ रत है, वह म तुरंत ही जान जाता ।ँ म समझता ँ क
म जो भी ख़रीदना-बेचना चाहता ,ँ वह मेरे भीतर के दैवीय मि त क म िवचार के
आदान- दान का ही ितिनिध व करता है। म जानता ँ क यहाँ संतुि , सद्भाव और
शांित है। दाम सही है; लोग सही ह; सब कु छ सही है। म स य को जानता ;ँ म स य को
समझता ;ँ और म ई र क स य चेतना ।ँ मुझे िजन िवचार क ज़ रत है, वे सभी
मेरे भीतर आदश ृंखला और आदश संयोजन म लगातार उजागर होते ह। मुझे दैवीय
िवचार िमलते ह और म आनं दत होकर उ ह अपने सािथय को देता ;ँ म बदले म
िवचार पाता ।ँ म अब गहन शांित म ।ँ दैवीय मि त क म कोई िवलंब नह है; म
अपनी भलाई को वीकार करता ।ँ ”
उसम आ याि मक, मानिसक और आ थक दृि से इतना यादा बदलाव आ,
िजतना मने ब त कम लोग को बदलते देखा है! वह कं पनी के अ णी से समैन म से
एक बन गया। वह अिधक दयालु, अिधक उदा और अिधक वहारकु शल बन गया।
उसक दयालुता व ेम वा तिवक था। उसक िब यादा तेज़ी से होने लगी। उसने
पाया क दूसर को दुआ देकर उसने ख़द को भी दुआ दी थी। प रणाम यह आ क
हीनता और अभाव का सारा अहसास ही ख़ म हो गया।

अमीरी उसक कं पनी क ओर कै से वािहत होती है


मेरे एक इं जीिनयर िम ने मुझे बताया क उसके पास अपनी कं पनी के हर कमचारी क
तर क के िलए एक िस ांत है। मी टं स म वह उ ह लगातार बताता है क वे कं पनी के
िवकास म योगदान द और जो भी मेहनत व सामंज य से काम करे गा, वह तेज़ी से
तर क कर सकता है। वह कहता है क उसका वसाय एक सीढ़ी है, िजस पर चढ़कर
हर उ साही, उ मी और इ छाशि वाला कमचारी दौलत तक प च ँ सकता है और
अगर ऐसा नह होता है, तो यह उसक ख़द क ग़लती है।
समय-समय पर सभी कमचा रय को कं पनी क गित क जानकारी दी जाती है
और हर ितमाही म आनुपाितक आधार पर उ ह मुनाफ़े का िह सा दया जाता है। उसने
बरस से कमचा रय को नह बदला है। नतीजा यह है क उसने अपनी कं पनी को ब त
िन ावान और बेहद सहयोगी औ ोिगक प रवार बना िलया है। कमचा रय म
ित पधा के बजाय सहयोग का भाव नज़र आता है। नए ख़ाते तथा शाखाएँ खुल रही
ह और इस इं जीिनय रं ग कं पनी म सभी ओर से दौलत वािहत हो रही है।

दुआ द और अमीर बन
आपक मानिसक अव था ही आपके अभाव क प रि थितय क वजह है। इस बात पर
यक़ न कर और इसे गाँठ बाँध ल क असीिमत ा के सारे संसाधन और दौलत आपके
िलए मौजूद ह तथा आपके ज़ रए अिभ ि चाहते ह।
कई लोग के मन म सबसे बल िवचार यह रहता है क दरअसल उनके पास कु छ
भी नह है और उ ह दौलत के पीछे भागना चािहए, वरना वे इसे गँवा दगे।
उन लोग को दुआ द, िजनक समृि , सफलता और संप ता से आपको िचढ़ या
ई या होती है। िवशेष तौर पर यह िनि त ाथना कर क वे हर संभव दृि से यादा
सफल, यादा अमीर और यादा सुखी ह । ऐसा करके आप अपनी मानिसक अव था
का उपचार कर लगे। जब आप इस तरह ाथना करते ह और स े मन से उन लोग पर
अपनी दुआ और िनयामत क बौछार करते ह, जो जीवन क सीढ़ी पर ऊपर प च ँ
चुके ह और आपसे ब त यादा अमीर ह, तो आप उसक चेतना म वेश कर जाएँगे,
जो सभी चीज़ का वामी है और जो अपनी आंत रक तथा बाहरी संपदा से दूसर को
चुर उपहार देता है।
दूसरे श द म, दूसर को दुआ देने और समृ करने से आप ख़द भी समृ हो जाते
ह। इसीिलए अमीर लोग यादा अमीर बनते जाते ह और ग़रीब लोग यादा ग़रीब
बनते जाते ह। बाद वाले आम तौर पर ई या व नफ़रत से भरे होते ह और ये नकारा मक
भाव आमदनी को यादा नुक़सान प च ँ ाते ह। बद क़ मती नह , बि क आपक यही
मानिसक अव था आपको बबाद करती है।

सव ापी बक
एक से समैन को अपने नए काम के िलए एक कार क ज़ रत थी, ले कन उसे ख़रीदने
के िलए उसके पास पैसे नह थे। बहरहाल, वह अपने मानिसक बक का चेक काटने का
तरीक़ा जानता था।
उसने मुझे बताया क काम िमलने के बाद वह अपने कमरे म गया और उसने अपनी
मनचाही कार का मानिसक िच देखा। उसने िच म देखा क वह कार उसे िमल चुक
है। उसने कहा, “मने दावा कया क वह कार मेरे पास आ चुक है; म ि टय रं ग हील
को महसूस कर सकता था और मने सीट पर अपने हाथ फे रे ।”
अपने अपाटमट हाउस म रहने वाले एक अ य ि से उसक जान-पहचान हो
गई, जो छह महीन के िलए यूरोप जा रहा था। उस ि ने से समैन से कहा, “जब
तक म लौटकर नह आ जाता, आप मेरी कार का इ तेमाल कर। तब तक आप अपनी
ख़द क कार ख़रीदने क ि थित म आ जाएँग।े ”
इस आदमी क कार का मॉडल वही था, िजसका िच उसने अपने मन म देखा था!
िम के यूरोप से लौटने से ब त पहले ही उसने अपनी कार ख़रीदने लायक़ पैसे जोड़
िलए। वह यह बात जानता था क उसके भीतर एक बक है, िजससे वह पैसे िनकाल
सकता है। वह यह भी जानता था क इसक आपू त अंतहीन और असीिमत है... आपका
िपता अपनी ख़शी से आपको सा ा य देता है। ( यूक 12:32)

ई या और ेष से उबरने के िलए ाथना


“म जानता ँ क सभी मनु य मेरे बंधु-बांधव ह; हम सभी ई र क संतान ह। म सबके
िलए वा य, ख़शहाली संप ता और जीवन क सभी िनयामत क कामना करता ।ँ
म स े दल और पूरी गंभीरता से यह कामना करता ।ँ म जानता ँ क म दूसर के
िलए जो कामना करता ,ँ वह म ख़द के िलए भी करता ँ और जब म दूसर को दुआ
देता ,ँ तो म ख़द को भी दुआ दे रहा होता ।ँ ई र का ेम मेरे मा यम से सारी मानव
जाित क ओर वािहत होता है। म उन सभी को दुआ देता ,ँ जो मुझसे यादा अमीर
ह। म उन लोग को भी दुआ देता ,ँ जो मेरी आलोचना करते ह और मेरे बारे म बुरी
बात करते ह। म अपने सभी सहक मय को सफल और दौलतमंद बनते देखकर ख़श
होता ।ँ म अपने दमाग़ क िखड़ कय खोलता ँ और वग क दौलत को अंदर आने
देता ।ँ म सबके ित ेम से ओत- ोत ।ँ म ाथना करता ँ क ई र क दौलत सभी
के दलो दमाग़ म सैलाब क तरह आए। म उसक अमीरी के िलए इसी व त ध यवाद
देता ।ँ यह अद्भुत है!”
िवशेष मरणीय बंद ु
1. अमीर लोग यादा अमीर इसिलए बनते जाते ह और संसार क यादा से यादा
चीज़ को इसिलए आक षत करते ह, य क वे अपने मन म ई र क असीिमत
दौलत का अहसास उ प कर लेते ह। अमीरी क िनरं तर और ख़शग़वार आशा हर
कार क संप ता को आपक ओर आक षत करती है।
2. ित पधा का िवचार आपक आ तइr को सीिमत करता है। सृजना मक और
सहयोगी बन। यह अहसास कर क आप कसी दूसरे का िह सा छीने िबना अपनी
मनचाही सारी दौलत पा सकते ह। िजस कार हवा क कोई कमी नह है, उसी
कार सृि क असीिमत दौलत क भी कोई कमी नह है।
3. आप वह प चँ ते ह, जहाँ आपका सपना होता है। अपनी मनचाही चीज़ का
मानिसक िच देखते रह और इसके पीछे बल भावना रख; यह अव य साकार
होगा।
4. अमीरी का अवरोध आपके दमाग़ म होता है। दूसर से ई या अमीरी के आपके
वाह को रोक देगी और दुख तथा अभाव को आक षत करे गी।
5. दूसर को संप ता क दुआ दगे, तो आपको भी संप ता िमलेगी। जो जहाज़ आपके
भाई के पास आता है, वह आपके पास भी आता है।
6. अपने वसाय को एक सीढ़ी बनाएँ, ता क आपका हर कमचारी दौलत क मंिज़ल
तक प च ँ ने म समथ हो। आप दूसर को अमीर बनाकर और उनके वा तिवक मू य
के अनु प भुगतान देकर अमीर बनते ह।
7. आपका अवचेतन मन एक बक है। हो सकता है क आपके पास अपनी ज़ रत या
इ छा को साकार करने के िलए कोई पैसा न हो, ले कन आप अपनी मनचाही चीज़
का सटीक मानिसक िच बना सकते ह और इसक वा तिवकता महसूस कर सकते
ह। आपको यह जानने क कोई ज़ रत नह है क आपक इ छा कस तरीक़े से
साकार होकर आपके जीवन म आएगी।
8. अपने सहक मय को सफल और दौलतमंद बनते देखकर आनं दत ह । हर दन
ाथना कर क ई र क दौलत हर जगह सभी लोग के दलो दमाग़ म सैलाब
बनकर वािहत हो रही है। जब कोई अमीर बने, जब कसी के घर का वैभव बढ़े तो
इस बात से न घबराएँ। (सा म 49:16)
अ याय आठ

मूत दौलत कै से उ प कर
कृ ित क संप ता पर सोचते और िनहारते समय हम अहसास होता है क सभी
चीज़ो क चुरता है। कृ ित उदारता, ब तायत और चुरता म देती है। हम जीवन
म कह भी प च ँ जाएँ, हम इस बात क जाग कता अव य होनी चािहए क कृ ित क
िनयामत कतनी यादा ह। जीवन के िनयम हम असीिमत दौलत दान करने के िलए
बनाए गए ह, ता क हम अपनी दैिनक आव यकता से कह यादा पा सक। भजनकार
कहता है, पृ वी ई र क है और इसक प रपूणता भी... (सा म 24: 1)। जहाँ भी कमी
होती है, िसफ़ मनु य के लोभ, वाथ, डर और कपट क वजह से होती है। बहरहाल,
जब कृ ित क दौलत को बढ़ाने और िवत रत करने के िलए बुि म ापूण तथा
यायपूण िविधय का इ तेमाल कया जाता है, तो जीवन क सभी मूत संपि याँ पया
से भी अिधक नज़र आती ह।

संपि य को मूत बनाया जा सकता है


कई साल पहले िसडनी, ऑ ेिलया के एक दंतिच क सक के साथ मेरी बड़ी रोचक चचा
ई, जहाँ म “हमारे अवचेतन मन के चम कार” िवषय पर ा यान ृँखला के िलए
गया था। इस दंतिच क सक ने मुझे बताया क िच क सा शु करते समय उसम “पाई-
पाई वाली मानिसकता” थी। उसने पाया क उसक ग़रीबी क ंिथ क वजह से िसफ़
चव ीछाप और कं जूस ाहक़ ही उसक ओर आक षत हो रहे थे।
फर वह अपने जीवन म मूत संपि य को इस तरह लाया। मानिसक क पना क
शि पर मेरा भाषण सुनने के बाद एक रात जब वह पैदल घर लौट रहा था, तो उसने
क पना क क उसके आस-पास क हवा म नोट भरे ए थे। उसे महसूस आ क हवा
म नोट ठसाठस भरे थे। उसने कहा क उसका मानिसक िच उसके दरवाज़े के बाहर
लगे पेड़ िजतना ही वा तिवक और प था। वह अपनी जेब म छोटे-बड़े सभी कार
के का पिनक नोट भरने लगा- उसने कहा क वे उसे मूत और वा तिवक लग रहे थे।
अचानक उसे अहसास आ क दौलत असीिमत होती है, िजसे हर वह ि आक षत
और ा कर सकता है, िजसम ई र क समृि पर िवचार करने का इरादा, आ था,
हणशीलता और पहलशि हो।
इस अनुभव के बाद वह ब त भावी और दौलतमंद ाहक को आक षत करने
लगा। उसके पास इतने यादा रोगी आने लगे क उन सभी को ि गत प से देख
पाना संभव ही नह था। कं जूसी के उसके चव ीछाप पुराने नज़ रए ने उसे दौलतमंद
लोग से दूर रखा था। उसने सभी कार क मूत संपि य को उ प करने के िलए
िवचार-िच क शि खोज ली थी।

एक ख़ास तरीक़े से सोचना


य द आप कोई वा यं या िपयानो चाहते ह, तो मेरा अथ यह नह है क आप बस उस
वा यं या िपयानो का मानिसक िच देखगे और वह आपके कमरे म अचानक सामने
कट हो जाएगा। अगर आपके पास पैसा है, तो आप बेशक बाहर जाएँगे और उसे
ख़रीद लाएँग।े
मान ल क आपको अ यास के िलए िपयानो क ज़ रत है, ले कन आपके पास उसे
ख़रीदने के पैसे नह ह। एक सुंदर िपयानो के बारे म सोच। क पना म उसे अपने कमरे
म देख, उसक कुं िजय पर हाथ फे र, उ ह छु एँ। िपयानो क मज़बूती, वाभािवक प
और मूतता को महसूस कर। सतह पर हाथ फे र और पूरी िनि तता से सोच क िपयानो
वह पर है। वह आपके मि त क म मौजूद है, य क सबसे पहले िपयानो उसे बनाने
वाले के मि त क म एक िवचार के प म मौजूद था।
मन म िपयानो का िच देखने के बाद अब उस पर अपनी दावेदारी कर और यह
जान ल क आपका अवचेतन मन यह सुिनि त कर देगा क आप दैवीय योजना म इसे
ा कर ल। आपके अवचेतन मन के भीतर क असीम ा दूसर के मन पर काय
करे गी और आपका मानिसक िच अंतत: ऐसे तरीक़ से साकार हो जाएगा, िजनके बारे
म आप अनुमान भी नह लगा सकते।
िवचार ने ही संसार क सारी मशीन और यं का सृजन कया है और यह करोड़
बेहतर कार, टाइपराइटस कं यूटस, रे िडयो, टेलीिवज़न सेट्स, वा यं और सभी तरह
के असं य घरे लू उपकरण लगातार बना रहा है। मशीन और अंत र युग म ये सभी
खोज और आिव कार एक ख़ास, उद्दे यपूण तरीक़े से सोचने वाले इं सान ने कए ह।

िव ास का चम कार
1944 म एक छोटी सी पेिनश लड़क मेरे घर से कु छ दूरी पर रहती थी। म उसके
प रवार को अ छी तरह जानता था और कभी-कभार उसके माता-िपता से िमलने
जाता रहता था। उसक उ लगभग आठ वष थी और वह हर दन थानीय सरकारी
कू ल म पढ़ने जाती थी।
महीन से वह अपने माता-िपता से स ल पाक म सवारी करने के िलए साइकल
माँग रही थी। उसक माँ हमेशा यही जवाब देती थ : “मुझे तंग मत करो। तुम जानती
हो क यु चल रहा है और कोई साइकल उपल ध नह है।” बहरहाल, वह बार-बार
साइकल माँगती रही, िजससे उसके माता-िपता काफ़ खीझ गए। वह छोटी लड़क
लड़क क तरह रहती थी और आस-पड़ोस के लड़क से लड़ती-झगड़ती थी, िजससे उसे
चोट लगती रहती थ ।
एक रात मने छोटी लड़क से कहा “मैरी, तु ह साइकल िमल सकती है और म
जानता ँ क कहाँ।” तुरंत उसक आँख म चमक आ गई। वह उ सुकता से सुनने लगी
और उसने पूछा “कहाँ?” हम दोन के बीच ये बात :
लेखक: “तुरंत अपने िब तर पर जाओ और आँख बंद कर लो। फर एकदम साफ़-
साफ़ क पना करो क तु हारे दो त और सहेिलयाँ स ल पाक म तु हारी साइकल पर
सवारी कर रहे ह और उनक मु कान देखो! ई र चाहता है क तुम िबना साइकल
वाले सािथय को अपनी साइकल चलाने दो, ता क तु हारी वजह से उ ह ख़शी िमल
सके ।”
मैरी: “ओह, ठीक है, अगर ई र मुझसे यह करवाना चाहता है, तो म तैयार ।ँ
ले कन माँ ने कहा है क सांता लॉज़ इस समस पर मुझे साइकल लाकर नह दे
सकता या नह देना चाहता। अब तो समस िसफ़ दो स ाह दूर है!”
लेखक: “वही करो, जो मने तु ह बताया है। जब तुम िब तर पर प च
ँ जाओ, तो
अपनी आँख बंद कर लो और क पना म ख़द को स ल पाक म साइकल चलाते ए
महसूस करो। जैसा मने तु ह बताया है, उसी तरह एक-एक करके अपने िम को उसी
साइकल क सवारी करते देखो। उ ह मु कू राते, हँसते और मज़े लेते ए देखो। तु ह
तु हारी साइकल िमल जाएगी! ई र सांता लॉज़ को बता देगा क वह तु ह साइकल
कै से दे। अब गहरी न द म सो जाओ।”
अगली रात को मैरी शाम को लगभग छह बजे एक वैरायटी टोर म एक दूसरी
लड़क के साथ थी। अचानक मैरी रोने लगी। पास ही खड़ी एक मिहला ने उसे रोते
देखकर नरमी से पूछा, “छोटी ब ी, या बात है? या कसी ने तु ह मारा?”
मैरी ने जवाब दया, “नह , ले कन कल रात को एक आदमी मेरे घर आया था।
उसने मुझसे कहा था क ई र सांता लॉज़ को बता देगा क साइकल कहाँ िमलेगी
और वह मुझे त काल िमल जाएगी। अँधेरा हो रहा है और साइकल मुझे अब तक नह
िमली है।”
यह बात उस मिहला के दल को छू गई और वह बोली, “उस आदमी को तुमसे ऐसा
कहने का कोई हक़ नह था!” वह उस छोटी लड़क को नज़दीक के अपने अपाटमट म ले
गई और उसे अपनी बेटी क साइकल दे दी, जो दो साल पहले गुज़र गई थी। उस
मिहला ने बताया क वह उस साइकल को कसी ऐसी ब ी को देना चाहती थी, जो
ई र से ेम करती हो।
यही िव ास क शि है... आपक आ था के अनु प ही आपके साथ होगा। (मै थू
9:29)

उसे मूत प रणाम य नह िमले


हाल ही म एक आदमी से मेरी बात ई, जो दवािलया हो गया था। वह अपना घर
गँवा चुका था और आ ाइ टस क बीमारी से भी परे शान था। अपनी मुि कल ि थित से
उबरने के िलए उसने िजतना यादा संघष कया, यह उतनी ही यादा ख़राब होती
गई। वह एक दु च म फँ सा महसूस कर रहा था। उसने मुझसे कहा, “मुझे प रणाम
य नह िमलते? म ाथना करता ँ और भजन पढ़ता ।ँ मने ब त से नेक काम कए
ह। ई र मुझे सजा य दे रहा है?”
वाक़ई वह ाथना करता था और चच क आराधना म िनयम से िह सा लेता था।
बहरहाल, उसे अपने ाथना के कोई मूत प रणाम इसिलए नह िमले, य क वह दस
साल से यादा समय से एक ावसाियक सहयोगी से नफ़रत करता था। वह ष े और
दुभावना से भरा आ था। उसने िज़द पकड़ ली थी क वह उस सहयोगी को कभी माफ़
नह करे गा। वह इस सहयोगी को लानत और बद्दुआएँ भेजता रहता था। उसक
मानिसक अव था ही वा तिवक अवरोध थी।
मने उसे समझाया क चूँ क सहयोगी के बारे म उसके िवचार धृणा, ष
े और
ितशोध के थे, इसिलए उसके अवचेतन मन म िवनाशकारी भाव उ प और एकि त
हो रहे थे। चूँ क नफ़रत, ई या और ितशोध के इन भाव को कोई न कोई िनकास
चािहए इसिलए, वे उसके जीवन म अभाव और सीमा के प म कट हो गए।
दवािलयापन और शारी रक रोग इसी का प रणाम था।
जब वह ई र क आत रक शांित के तादा य म आया और उसने दावा कया क
उसके भीतर ई र क बुि म ा अपने तरीक़े और समय से दैवी तालमेल बैठाएगी, तो
उसे आसान समाधान िमल गया। वह ई र पर पूरी तरह आि त हो गया, जो
असीिमत ोत और हर चीज़ का उद्गम है। िजस ि से वह नफ़रत करता था, अब
उसे हर दन दुआएँ देने लगा। उसने दावा कया क ई र सद्भाव, वा य, शांित और
संप ता के प म उसके ज़ रए वािहत हो रहा है। कु छ ही महीन म हवा का ख़
बदल गया और उस पर सवार होकर वह दौलत, सफलता तथा उपलि ध के िशखर क
ओर बढ़ने लगा।

एक यु शरणाथ को कस कार बेहतरीन प रणाम िमले


आ याि मक वृि क एक सुंदर और आकषक मिहला लॉस एंजेिलस म हर रिववार
क सुबह मेरा वचन सुनने आती है। उसने मुझे अपने शु आती जीवन के बारे म एक
दलच प कहानी सुनाई। उसका बचपन िनहायत ही घ टया और गंदी प रि थितय म
गुज़रा था। वह स क एक झोपड़पट् टी म पली-बढ़ी थी। अ सर वह भूखी और
फटेहाल अव था म रहती थी, इसिलए उसके मन म अमे रका जाने क अद य इ छा
जागी, ता क वह संगीत का अ ययन कर सके , हालात क बेिड़य को तोड़ सके और
साहस के साथ अपनी दासता से उबर सके ।
यु िछड़ने पर उसने सी सेना म नस के प म वयंसेवा क । जमन सेना ने उसे
बंदी बना िलया। क़ै दी के प म उसने जेल के अहाते म मौजूद सभी लोग क सेवा क ।
वहाँ रहते व त वह लगातार एक अंकल का मानिसक िच देखती रही, जो लॉस
एंजेिलस म रहते थे। मन ही मन वह बार-बार उ ह यह कहते ए सुनती थी, “अमे रका
म तु हारा वागत है!” हर रात जब वह सोती थी, तो वह अपने अंकल क का पिनक
आवाज़ सुनते ए सोती थी, “अमे रका म तु हारा वागत है!”
जब अमे रक मुि सेना उसके कप म प च
ँ , तो उसने दुभािषए का काम कया।
वह एक अमे रक इनफ़ ी ऑ फ़सर से ेम करने लगी और अंतत: अमे रका प च ँ गई।
आज वह एक अद्भुत संगीतकार और बेहतरीन िश क है तथा उसके िव ाथ उससे
ेम करते ह। उसे ज़बद त आमदनी होती है, वह एक ब त अ छे इलाक़े म रहती है
और उसके पास ढेर सारा पैसा है, िजससे वह अपनी तमाम इ छाएँ पूरी कर सकती है।
वह अ सर कई देश क या ाएँ भी करती रहती है।
इस मिहला ने यह दखा दया क आप ग़रीबी से अमीरी तक कै से उठ सकते ह। वह
वाक़ई ि गत उपलि ध के िशखर पर प च ँ गई है। उसने कभी भी दूसर के ित ष
े ,
कटु ता या नफ़रत को अपनी आ मा के क़रीब फटकने क अनुमित नह दी। वह जानती
है क उसके भीतर एक ऐसी शि है, जो िव के भीषण दबाव से उबर सकती है उन
पर िवजय पा सकती है और उसे उठाकर िशखर पर प च ँ ा सकती है। बाइबल का
उसका ि य कथन है,... मैने तु ह बाज़ के पंख पर बैठाया और तु ह अपने पास लाया।
(ए सोडस 19:4)

तीन श द ने दौलत उ प क
एक फ़ म अिभने ी ने मुझे बताया क पहले ग़लत िवचार और िनराशावादी मनोदशा
उस पर हावी रहती थी, ले कन इनक सफ़ाई करने से उसे ब त ज़बद त प रणाम
िमले। वह तीन श द दोहराती थी: “ख़शी, दौलत, सफलता।” घर के दैिनक कामकाज
करते व त वह इन तीन श द को मन ही मन दोहराती रहती थी। दस-पं ह िमनट तक
इ ह दोहराने के बाद वह े रत हो जाती थी और उसका दमाग़ ऊँचा उठ जाता था।
जब भी वह पैस और अनुबंध के अभाव को लेकर िनराशा क पुरानी अव था म
फसलती थी, वह तीन श द के इस गाने को तुरंत दोहराने लगती थी।
उसने पाया क इन श द म ज़बद त शि है, य क वे उसके अवचेतन क अदृ य
शि य का ितिनिध व करते ह। उसने इन अमूत िवचार के टापू पर अपने दमाग़ का
लंगर डाल िलया और उनक कृ ित के अनु प प रणाम उसके जीवन म कट हो गए।
उसे एक के बाद एक अनुबंध िमलते चले गए और िपछले आठ वष म वह कभी भी
ख़ाली नह बैठी। वह एक के बाद एक सफलताएँ पाती जा रही है।
उसने एक सामा य सी स ाई जान ली। वह जान गई क उसक िनराश मनोदशा
और चंता ही उसके जीवन क बाहरी ि थितय व प रि थितय का कारण थे। जब
उसने डर, चंता और िनराशा क अपनी मानिसक अव था को बदला, तो बाहरी
प रि थितयाँ अपने आप सही हो ग ।
िवजय के उसके ख़ामोश गीत को आप भी इसी समय गाना शु कर द: “ख़शी।
दौलत। सफलता।” आपके जीवन म चम कार ह गे!

ई र आपको अमीर बनाना चाहता है


जीवन का िनयम ग़रीबी नह बि क संप ता है। ई र असीम, अथाह और अनंत है। वह
आपू त का अपार ोत है। आपके पास सहायता का अदृ य साधन हमेशा मौजूद होता
है। चूँ क ई र के संसाधन अनंत ह, इसिलए आपके संसाधन भी अनंत ह, य क आप
और आपका िपता एक ही ह।
ई र ने आपको हाथ दए, ता क आप उसके गीत को बजा सक और उसक मिहमा
व स मान म सुंदर इमारत, मारक और मं दर बना सक। ई र चाहता है क आप
अपने गुण को एक अद्भुत तरीक़े से कर। ई र ने आपको आवाज़ दी, ता क आप
सभी को उसके ेम का गीत गाकर सुना सक। ई र ने आपको आँख द ता क आप पेड़
म वाणी, प थर म उपदेश, कल-कल करती न दय म गीत और हर चीज़ म ई र को
देख सक।
नृ य करने क आपक इ छा इस वजह से है, य क ई र आपके सामने कट
करना चाहता है क यह नतक शि य क सृि है। पूरा संसार ही ई र का नृ य है।
सूया त का िच बनाने क आपक इ छा इस कारण होती है, य क ई र का
अवणनीय स दय आपके यानी कलाकार के मा यम से अिभ ि चाहता है। ई र ने
आपको कान दए ह ता क आप सृि का संगीत सुन ल और उसक धीमी आवाज़ भी,
जो कहती है “यही रा ता है; इस पर चलो।”
या ा करने और संसार को खोजने क आपक इ छा भी इसी कारण है, य क
ई र आपको संसार के चम कार देखने तथा सभी चीज़ो क सुंदरता, व था,
अनुपात, लय और संयोजन क सराहना करने के िलए े रत करता है।
ई र चाहता है क आप ख़श आनंदम और मु रह। ई र चाहता है क आप
आलीशान मकान म रह और सुंदर व पहन। ई र चाहता है क आप भ और
िवजयी अंदाज़ म जीवन िजएँ।
(पॉल ने कहा था) ... यह ई र है, जो इ छा और काय करने म आपके मा यम से
काम करता है...। ( फ़िलि पय स 2:13)
दौलतमंद बनने क आपक इ छा इस कारण है, य क ई र आपके सामने अपनी
दौलत कट कर रहा है और आपसे कह रहा है,... बेटे, तुम हमेशा मेरे साथ हो और जो
मेरा है, वह सब तु हारा है। ( यूक 15:31)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. कृ ित उदार, असीम और संप है। जीवन के िनयम आपको असीिमत दौलत देने के
िलए बनाए गए ह।
2. य द आपक मानिसकता “चव ीछाप” है, तो आप ग़रीबी क ंिथ वाले लोग को
आक षत करगे और कभी अमीर नह बन पाएँगे।
3. आप जो चाहते ह, उसके बारे म प ता से सोच; उसे अपने कमरे म देख; क पना म
अपने हाथ से उसक वाभािवकता, ठोसपन और मूतता को महसूस कर। ऐसा करने
के बाद आप उसे पा लगे।
4. जब आप मानिसक प से कसी चीज़ को सच मान लेते ह, तो आपका अवचेतन मन
उसे ऐसे तरीक़ से साकार कर देता है, िजनके बारे म आपको पता भी नह होता।
वैसे ही, जैसे एक िनतांत अजनबी मिहला ने उस छोटी लड़क को साइकल का
उपहार दे दया, जो उसके िलए ाथना कर रही थी।
5. नफ़रत, ष े और ितशोध के िवचार दौलत क आपक ाथना को बािधत कर दगे
और दौलत को आपक ओर लाने के बजाय आपसे दूर ले जाएँगे। आप ख़द के िलए
जो कामना करते ह, वही कामना हर एक के िलए कर- यही आपक संप ता क
कुं जी है।
6. करोड़ डॉलर का एक फ़ॉमूला है। इन स य को बल भावना, पूरी चेतना और लगन
से दोहराएँ और आपको वह सारी दौलत िमल जाएगी, िजसक आपको जीवन म
ज़ रत होगी। आप अपने सपन से भी यादा दौलतमंद बन जाएँगे।
7. तीन श द चम कार करते ह। उ ह गाएँ और अपने दल पर उके र ल: “ख़शहाली,
दौलत और सफलता” ये ई र के बारे म सच ह और आपके बारे म भी।
8. ई र चाहता है क आप ख़श, अमीर, आनंदम और मु रह। ई र चाहता है क
आप यादा चुर जीवन िजएँ। उसम ख़शी क पूणता है। उसम र ी भर भी अंधकार
नह है।
अ याय नौ

सारा वसाय ई र का है
स संसार म गितिविध के सभी प ई र के िविवध काय का िह सा है। के वल
इ एक ही सव शि है, जो सभी चीज़ और ि य म सजीव व स य है। आप
गितिविधय को आ याि मक और सांसा रक ेिणय म िवभािजत तो कर सकते
ह, ले कन जब आप अपने काम से ेम करते ह और इसे ई र क मिहमा व गौरव क
ख़ाितर करते ह, तो दरअसल सारा काम आ याि मक होता है।
जो कारीगर शा त िस ांत के अनु प मकान बनाता है, जो अपने काम से ेम
करता है तथा अ छी सेवा देने म आनंद का अनुभव करता है, वह आ याि मक काय कर
रहा होता है, िजस तरह कोई पादरी टेन कमांडमट् स के अथ क ा या करते समय
कर रहा होता है।
मान ल, आप एक बेहतर रे ज़र लेड, शे वंग म, कार या कोई अ य व तु बनाते
ह। आपक इ छा यह रहती है क आप ख़शी-ख़शी दूसर क सेवा कर और उपयोगी व
सृजना मक तरीक़े से मानवता के ित योगदान द। इस तरह काम करते समय य द आप
अपने सभी सौद म व णम िनयम का पालन करते ह, तो आप ई र का काय कर रहे
ह और ई र सदैव आपके साथ है; तो फर आपके िख़लाफ़ कौन खड़ा हो सकता है ?
फर धरती या आकाश क कोई शि आपको वसाय म सफलता और समृि पाने से
नह रोक सकती।

वसाय के िलए समृि क ाथना


“म यह जानता और िव ास करता ँ क मेरा वसाय ई र का है। ई र सभी
मामल म मेरा साझेदार है। इसका अथ है क उसका काश, ेम, स य और ेरणा
सभी तरीक़ से मेरे दलो दमाग़ म भरी ई है। म अपने भीतर क दैवीय शि म पूण
िव ास रखकर अपनी सभी सम या को सुलझाता ।ँ म जानता ँ क इसी
उपि थित क वजह से हर चीज़ क़ायम है। म अब सुर ा और शांित म आराम से ।ँ
आज मेरे पास प रपूण समझ है; मेरी सभी सम या का दैवीय समाधान है। म
िनि त प से येक ि को समझता ;ँ और येक ि मुझे समझता है। म
जानता ँ क मेरे सभी ावसाियक संबंध दैवीय िनयम के सामंज य म ह। म जानता
ँ क ई र मेरे सभी ाहक के दल म रहता है। म दूसर के साथ इस उद्दे य से
सद्भावनापूण काय करता ,ँ ता क ख़शहाली, समृि और शांित का वच व रहे।”

ई र ही स ा िनयो ा है
एक बड़ी यूरोपीय कं पनी म काम करने वाली एक युवती ने बताया था, “म इस नौकरी
से उस नौकरी और एक िनयो ा से दूसरे िनयो ा तक भटकती रहती थी और यादा
पैसे बनाने तथा ख़द को बेहतर बनाने क कोिशश करती थी। जब से मने यह पुि और
अहसास करना शु कया क ई र ही मेरा स ा िनयो ा है और म उसी के िलए काम
कर रही ँ तथा ई र ने मुझे आनंद के िलए सारी िनयामत दी ह, तो उसके बाद मुझे
एक बेहतरीन पद िमल गया है। वहाँ तन वाह भी बेहतरीन है और म छह साल से वह
काम कर रही ।ँ ए ज़ी यू टव वाइस ेिसडट से मेरी सगाई भी हो चुक है। यह
अहसास करना पूरे संसार क सबसे अद्भुत चीज़ है क ई र ही एकमा िनयो ा है
और आप कसी इं सान के िलए नह , बि क ई र के िलए काम कर रहे ह। म अब अपने
कामकाज म हँसती ,ँ गाती ँ और आनं दत होती ।ँ मुझे सुर ा और शांित का
अहसास होता है। यह अद्भुत है!”

स े बॉस को कै से खोज
कु छ साल पहले एक फ़ामिस ट डलास, टे सस म मुझसे िमलने आया। वह िशकायत
करने लगा क उसका बॉस इतना िचड़िचड़ा, झ , झगड़ालू और बदिमज़ाज है क
उसके साथ पटरी बैठाना संभव ही नह है। उसने कहा, “म वहाँ िसफ़ एक ही कारण से
का आ ;ँ तन वाह अ छी है। ले कन म उससे इतना यादा ष े और नफ़रत करता
ँ क म भीतर ही भीतर धधक रहा !ँ यही नह , मेरे बाक़ सािथय को कं पनी म
मोशन िमल चुका है, िसफ़ मुझे ही नह िमला।”
इस युवक ने बल ोध, षे और घृणा के प म अपने दमाग़ म तानाशाह ,
खलनायक और अपरािधय को बैठा िलया था। उसके मन का यह िव वसंक नज़ रया
उसे िनयंि त और शािसत करता था। यह उसके िवचार , भावना और ित या
पर हावी था।
मने उसे बताया क बाहरी प रि थितयाँ हमेशा भीतरी प रि थितय का ित बंब
होती ह। वा तिवकता यह है क वह ख़द को नुक़सान प च ँ ा रहा है तथा अपनी आ थक
और पेशेवर गित म रोड़े डाल रहा है। मने उसे समझाया क अपने ष े और श ुता से
उसे कसी तरह का लाभ नह हो रहा है। वह ज दी ही समझ गया क उसके सोचने के
नज़ रए से ही यह तय होता है क वह अंदर से कै सा महसूस करता है। इसिलए उसने
अपने नज़ रए को उलट दया और अपने मन म सफलता, सद्भाव तथा समृि के
िवचार को थािपत कर िलया। वह इन िवचार के साथ जीने लगा तथा उ ह िनयिमत
और सुिनयोिजत तरीक़े से पोषण देने लगा। उसने उद्दे यपूण और स े तरीक़े से अपने
िनयो ा के ित सद्भाव, शांित तथा ख़शी क कामना क ।
कु छ स ाह बाद उसने पाया क उसका नया नज़ रया उसका स ा बॉस बन गया
था। अब उसके जीवन क बागडोर उसके मन के संहासन पर िवराजमान िवचार के
हाथ म थी। ज द ही उसके ित उसके िनयो ा का नज़ रया बदल गया। उसने उसे
तर क़ दे दी और उसक तन वाह म भारी वृि करके उसे अपने एक टोर म मैनेजर
बना दया। जािहर है नज़ रया बदलने से हर चीज़ बदल गई!
से स लाइन म सफलता का रह य
कु छ समय पहले ही एक युवा से समैन से मेरी बातचीत ई, िजसक औसत वा षक
आमदनी 25,000 डॉलर से अिधक है। उसने संकेत कया क बेचते समय सेवा ही
उसका बुिनयादी िवचार होता है। वह हमेशा अपने ाहक के िलए पैसा बनाने- या
उसका पैसा बचाने- क कोिशश करता है। वह कभी भी, कसी तरह कसी ाहक का
नाजायज़ फ़ायदा नह उठाता है। उसने यह भी घोषणा क क वह कभी भी अपने
ाहक पर वे ॉड स नह “थोपता”, िजनके बारे म उसे महसूस होता है क ख़रीदार
वा तव म उनका उपयोग नह कर सकता या उ ह बेच नह सकता।
उसने बताया क अगर वह कसी ाहक क आव यकता को पूरा नह कर
सकता, तो वह हमेशा कसी दूसरे िनमाता के पास भेज देता है, िजसके पास ाहक क
मनचाही चीज़ होती है। उसने कहा, “यह दरअसल कामकाज के े म व णम िनयम
का पालन है।” उसके सभी ाहक इसके ब त यादा क़ायल ह! इस नज़ रए क वजह
से उसने कई ऑडर गँवा दए, ले कन उनक जगह पर उसे सैकड़ अ य ऑडर िमल
गए। उसक वा षक िब के आँकड़े कं पनी के बाक़ से समैन से अिधक ह।
इस युवक क स ाई, ईमानदारी और सद्भावना उसके ाहक के अवचेतन मन
तक प चँ जाती है, िजससे वे उस पर िव ास करने लगते ह। व णम िनयम का उसका
अ यास ही से समैनिशप म उसक सफलता का रह य है। साथ ही यह ए ज़ी यू टव
तर पर उसके मोशन का रह य भी है।
वा तिवक रह य अपने ाहक के साथ िबलकु ल वैसा ही वहार करना है, जैसा
आप अपने साथ होते देखना चाहगे, बशत भूिमकाएँ उलट जाएँ। अपने सामान, घर या
ज़मीन के ख़रीदार को वह सब बताएँ, जो आप उस सामान, घर या ज़मीन को ख़रीदते
समय सुनना चाहते। अगर आप यह करते ह, तो पूरा संसार और उसके सभी लोग
आपक भलाई करने के िलए बा य हो जाएँगे तथा आप से समैन के प म
अिव सनीय सफलता ा कर लगे।

आपक आवाज़ ई र क आवाज़ बन सकती है


म एक स ह वष य कशोर को जानता था, जो यूयॉक म “नरक क रसोई” कही जाने
वाली जगह पर पैदा आ था। उसने कई साल पहले यूयॉक म मेरे कु छ भाषण सुने।
उसक आवाज़ शानदार थी, ले कन उसे पेशेवर िश ण नह िमला था। मने उसे
बताया क वह अपने दमाग़ म िजस िच पर यान देगा, वह उसके यादा गहरे मन म
िवकिसत और साकार हो जाएगा। मने उसे यह भी बताया क जो मानिसक िच या
िवचार वह अपने चेतन मन म लगातार क़ायम रखेगा, उस पर उसका यादा गहरा मन
हमेशा ित या करे गा।
वह कशोर घर पर अपने कमरे म शांित से बैठ जाता था और सजीव क पना करता
था क वह एक माइ ोफ़ोन के सामने गा रहा है। वह सचमुच उस यं का “अहसास”
करने के िलए हाथ बढ़ाता था। वह साहस के साथ घोषणा करता था, “मेरी आवाज़
ई र क आवाज़ है और म भ ता तथा अलौ ककता के साथ गाता ।ँ ” वह क पना म
सुनता था क म उसके शानदार अनुबंध पर उसे बधाई दे रहा ँ और बता रहा ँ क
उसक आवाज़ कतनी गज़ब क है। िनयिमत और सुिनयोिजत प से इस मानिसक
त वीर पर पूरा यान क त करने से उसके अवचेतन मन पर एक गहरी छाप छू ट गई।
कु छ समय बीतने पर यूयॉक के एक यात वर िश क ने उसे स ाह म कई
बार मुफ्त िश ण देने का ताव रखा, य क उसके िहसाब से उसक सफलता क
ब त बल संभावना थी। अंतत: उस कशोर ने एक अनुबंध पर ह ता र कए, िजससे
उसे यूरोप, एिशया, दि ण अ का तथा अ य थान के संगीत समारोह म गाने के
िलए िवदेश जाने का अवसर िमला। इसम बेहतरीन आमदनी होने क बदौलत उसक
आ थक चंताएँ भी दूर हो ग ।
बहरहाल, उसके िछपे गुण और उ ह बाहर लाने क यो यता ही दरअसल उसक
स ी दौलत थी। उसका काम ई र का काम था, य क गाने का उसका नैस गक गुण
ई र का ही दया आ था। आपक आवाज़ आपक दनचया म ई र क आवाज़ बन
सकती है, बशत आप चाह। ले कन इसके िलए आपको इसक असीिमत शि को सामने
लाना होगा।

आपक समृि को बढ़ाने का एक अचूक तरीक़ा


मेरे एक पादरी िम ने मुझे बताया क शु आती दन म उसे और उसके चच को
आ थक क झेलने पड़े। अंतत: उसने गित करने और समृ होने का एक अचूक तरीक़ा
खोज िलया। उसने ख़द से ये दो पूछे: “म अपने साथी इं सान के िलए यादा
उपयोगी कै से बन सकता ँ ? और “म मानवता के ित अिधक योगदान कै से दे सकता
ँ ?”
उसने इस तकनीक या या का इ तेमाल कया, िजससे चम कार हो गया: उसने
ाथनामय और ेममय ढंग से घोषणा क , “ई र अपने साथी इं सान को दैवी स य
बताने के बेहतर तरीक़े मेरे सामने कट करता है।” पैसा आने लगा, उसके चच का कज़
कु छ महीन म ही चुकता हो गया और उसे पैसे के बारे म दोबारा कभी चंता नह
करनी पड़ी।
इसी तरह, आपको अपने ावसाियक िव तार के िलए कभी पैसे क चंता नह
करनी पड़ेगी, य द आप इस कथन को अपने मन के संहासन पर बैठा ल: “ई र मेरे
सामने बेहतर तरीक़े कट करता है, िजनसे म अपने साथी इं सान क सेवा कर सकता
।ँ ” आपके मन म नए और सृजना मक िवचार आएँगे तथा आपका वसाय सभी
कार से समृ होगा।

कस तरह एक ि 20 करोड़ डॉलर के कॉरपोरे शन का मुिखया बना


फ़ िन स, ए रज़ोना म एक ा यान के बाद एक आदमी ने मुझे बताया क जब वह
एक कं पनी का से स मैनेजर था, तो उसे कं पनी के भीतर के “राजनीितक” दाँवपच ,
दबाव और तनाव क वजह से नवस ेकडाउन तथा हाट अटैक भी हो गया।
बहरहाल, पूरी तरह से ठीक होने और अपने ऑ फ़स लौटने के बाद उसने यह नीित
अपनाई: हर सुबह वह अपने चबर का दरवाज़ा बंद कर लेता था और दस-पं ह िमनट
तक ई र के साथ सं ेषण व संवाद करता था। वह दावा करता था क असीम ा उस
दन क सभी गितिविधय म उसे मागदशन देगी। जहाँ िववाद था, वहाँ दैवीय ेम और
सद्भावना का माहौल बन जाएगा। उसका िववेक, हर िनणय और ख़रीदारी ई र
ारा मागद शत बुि मानी से शािसत ह गे। यह बुि मानी आदश योजना कट करे गी
और सही रा ता बताएगी क उसे कहाँ जाना चािहए। वह साहस के साथ दावा करता
था क ई र उसक सभी सम या के सही जवाब जानता है और वह ई र के साथ
एक प है। जब वह इस परम बुि म ा क मदद माँगता था, तो वह हमेशा जवाब देती
थी। वह साहस के साथ घोषणा करता था: “दैवीय िनयम मुझे, संचालक मंडल और पूरी
कं पनी को शािसत करते ह। म सबके ित ेम, शांित, समृि और सद्भावना सं ेिषत
करता ।ँ ”
इस नीित पर चलने के बाद उसे कभी काम से एक दन क भी छु ट् टी नह लेनी
पड़ी। अब वह हर मायने म यादा व थ और स है। कं पनी के ॉड स के चार
और िव तार के नए सृजना मक िवचार उसके मन म लगातार आते रहते ह। फल व प
उसका वसाय उसके सपन से भी यादा समृ हो गया। वह कै रयर क सीढ़ी पर
ऊपर चढ़ने लगा और दो साल के भीतर ही उसे एक िवशाल कॉरपोरे शन का ेिसडट
चुन िलया गया तथा ब त ऊँची तन वाह भी िमलने लगी।
उसने ख़द के सामने यह सािबत कर दया क ई र का वसाय हमेशा समृ
होता है। आप भी अपने जीवन म यही कर सकते ह।

आपका आज ‘िगरवी’ नह है
य द आप आज अपनी क़ त नह चुका सकते, य द आप पाते ह क आप कु छ िबल
चुकाने म असमथ ह या अगर आपको आज असफलता का अंदश े ा है, तो याद रख क इन
प रि थितय को बदलने के िलए आपको तो बस अपने वतमान िवचार को बदलना है;
इसके बाद प रि थितयाँ अपने आप बदल जाएँगी। आप हर पल जो अनुभव कर रहे ह,
वह आपक मानिसक गितिविध का ही बाहरी िच है। आज आपके साथ जो हो रहा है,
वह आपक वतमान सोच और भावना का फल है।
आज सही तरीक़े से सोच- भिव य हमेशा वतमान का ही िवचार है, जो बाद म
कट होता है। आज अपनी सोच बदल द; आपका वतमान सद्भावनापूण, शांितपूण
और सफल हो जाएगा।
आपक वतमान सम या आपक आज क सोच का प रणाम है। दैवीय मि त क म
समय या थान जैसी कोई चीज़ नह होती। आपक नेक वा तव म यह वतमान पल है।
अतीत एक वतमान िवचार है; भिव य भी एक वतमान िवचार है, य क आप के वल
वतमान पल म ही सोच सकते ह। आप इसी पल को जीते ह। इस पल को बदलकर आप
अपनी क़ मत बदल देते ह! आपके हाथ म िजस एकमा पल का िनयं ण होता है, वह
यही वतमान पल है। इसीिलए ाचीन हंद ू ऋिषय ने कहा था, “ई र (आपक
भलाई) शा त वतमान है।”

ावसाियक सफलता के तीन क़दम


एक युवती एक ब त ब ढ़या हेयर सैलून चलाती थी। बहरहाल, उसक माँ बीमार हो
गई, िजस वजह से उसे घर पर काफ़ समय देना पड़ा और अपने वसाय क उपे ा
करनी पड़ी। उसक अनुपि थित म उसक दो सहयोिगय ने गबन कर िलया, िजससे
वह युवती कज़ के दलदल म धँस गई।
उसने अपने ावसाियक नुक़सान क भरपाई करने के िलए नीचे दए तीन क़दम
के इ तेमाल का िनणय िलया:
पहला क़दम: वह क पना करने लगी क थानीय बक मैनेजर उसे बधाई दे रहा है
क उसने बक म इतना यादा पैसा जमा कर रखा है। वह एक बार म लगभग पाँच
िमनट तक इस अंदाज़ म क पना करती थी।
दूसरा क़दम: अपनी क पना म उसने सुना क उसक माँ उससे कह रही ह, “म
ब त ख़श ँ क तुम ब त सफल हो रही हो और तु हारे ऐसे ब ढ़या ाहक ह!” वह
तीन से पाँच िमनट तक अपनी माँ क यह सुखद और ख़शी भरी आवाज़ सुनती थी।
तीसरा क़दम: सोने जाने से ठीक पहले वह घोषणा करती थी: “म हर एक को
ेमपूण सेवा दे रही ँ और ई र मेरे ज़ रए मेरे सैलून के हर ि को आशीष दे रहा
है।”
तीन स ाह से भी कम समय म उसका वसाय चमकने लगा और उसे अित र
कमचारी रखने पड़े। इस बीच उसका िववाह हो गया और उसके पित ने उसे तोहफ़े के
प म 20,000 डॉलर दए, िजससे उसने अपना वसाय फै ला िलया और नई दुकान
खोल ल ।

ख़रीदने और बेचने का स य
ाय: मुझसे ज़मीन-जायदाद, इमारत और टोस ख़रीदने-बेचने के बारे म परामश
िलया जाता है। वा तव म, यह हर उस सामान पर लागू होता है, िजसे आप ख़रीदना
या बेचना चाहते ह। जब आप बेचना चाहते ह, तो इसका अथ है क आप अपनी
जायदाद या घर कसी दूसरे को ह तांत रत करने को तैयार ह, य क आप बदलना
चाहते ह; इसका यह भी अथ है क कोई दूसरा पाने के िलए तैयार है।
ख़रीदते या बेचते समय यह अहसास कर क आप उसी ण म सही व त पर सही
ख़रीदार या िव े ता के संपक म ह और आपका अवचेतन मन आप दोन को आमने-
सामने ले आएगा। इस तरह आप आकषण के िनयम को स य कर देते ह। कु छ समय म
ही आप ख़द को ऐसे ि के साथ वसाय करता देखगे, जो उस सौदे से पूरी तरह
संतु है। हर चीज़ दैवीय योजना के िहसाब से होगी।
आप जो क़ मत माँग रहे ह, वह हमेशा सही और यायपूण होगी, अगर
प रि थितयाँ उलटने पर आप वयं वही क़ मत चुकाने के इ छु क ह ।

आ थक सफलता के िलए दैिनक कथन


... या तुम नह जानते क म अपने िपता के काम पर ँ ? ( यूक 2:49) “म जानता ँ
क मेरा वसाय, पेशा या कामकाज ई र का काम है। ई र का काम हमेशा
बुिनयादी तौर पर सफल होता है। हर दन मेरी बुि म ा और समझ बढ़ रही है। म
जानता ,ँ यक़ न करता ँ और यह त य वीकार करता ँ क संप ता का ई रीय
िनयम मेरे िलए, मेरे ज़ रए और मेरे चार ओर हमेशा काम कर रहा है।
“मेरा वसाय या पेशा सही कम और सही अिभ ि से भरा आ है। िजन
िवचार , धन, सामान और संपक क मुझे ज़ रत है, वे सभी इसी समय और हर
समय मेरे पास ह। ये सभी चीज़ सव ापी आकषण के िनयम ारा मेरी ओर बलता से
आक षत होती ह। ई र मेरे वसाय का ाण है। मुझे सभी कार से दैवी मागदशन
और ेरणा िमल रही है। बढ़ने, िव तार करने और गित करने के अद्भुत अवसर हर
दन मेरे सामने पेश कए जाते ह। म सद्भावना बड़ा रहा ।ँ म ब त सफल ,ँ य क
म दूसर के साथ उसी तरह वसाय करता ,ँ िजस तरह म चा ग ँ ा क वे मेरे साथ
कर।”

िवशेष मरणीय बंद ु


1. सारा वसाय ई र का है और ई र का वसाय हमेशा फलता-फू लता है। सभी
चीज़ ख़शी-ख़शी कर और ई र क मिहमा के िलए कर।
2. यह मान ल क आपके सभी ावसाियक सौद म ई र आपका साझेदार है और वह
आपके सभी ाहक म वास करता है। ऐसा करने पर आपको सभी कार का
मागदशन िमल जाएगा।
3. यह अहसास कर क ई र ही आपका एकमा िनयो ा है। यह करने पर आपको
हमेशा अपनी नौकरी म लाभ होगा और आपके मन म सुर ा का गहरा और थायी
भाव भी रहेगा।
4. आपका बल मानिसक नज़ रया ही आपका वा तिवक बॉस है। िवचार हमारे
वामी ह और हमारे नज़ रय को तय करते ह। अपने मन म सद्भाव, सफलता और
समृि के िवचार को संहासन पर बैठाएँ और उ ह भावना मक पोषण द; आप
पाएँगे क भीतर अ छा बॉस होने पर बाहर भी वैसा ही बॉस कट हो जाएगा।
5. से स लाइन म सफल होने के िलए आपका बुिनयादी ल य ाहक क सेवा होना
चािहए; फर सफलता सुिनि त है।
6. य द आपको गीत-संगीत क ितभा से नवाज़ा गया है, तो यह पहचान ल क
आपक आवाज़ ई र क आवाज़ है और आपके गायन से ोता को आनंद तथा
आशीष िमलता है। यही शोहरत और िसि पाने का अचूक तरीका है।
7. य द धंधा मंदा है, तो इस तरह ाथना कर: “असीिमत ा मेरे सामने सेवा के
बेहतर तरीक़े कट करती है।” आपका वसाय दन दूनी रात चौगुनी तर क़
करे गा!
8. आपके वतमान अनुभव कल के कारण उ प नह ए ह, बि क आपके वतमान
िवचार क बाहरी त वीर ह। इसी समय अपने िवचार बदल लगे, तो हर चीज़ बदल
जाएगी। वतमान पल ही एकमा पल है। भिव य आपके वतमान िवचार ारा ही
तय होता है।
9. ख़रीदते-बेचते समय यह अहसास कर क आप उसी ण म सही व त पर सही
ख़रीदार या िव े ता के संपक म ह। आकषण का िनयम आप दोन को एक साथ ले
आएगा और सौदे म आपसी संतुि , सद्भाव तथा शांित रहेगी।
अ याय दस

वृि का िनयम

को लेरंिकन
थय स 3:6 म हम पढ़ते ह: मैने पौधा लगाया, अपोलॉस ने पानी दया;
वृि इ र ने दी। वृि ही वह चीज़ है, िजसे संसार भर के सारे ी-पु ष
खोज रहे ह। यह उनके भीतर ई र क ेरणा है, जो उनके जीवन के सभी पहलु म
अिधक पूण अिभ ि चाहती है।
अमीर बनने, िव तार करने और उजागर करने क आपक इ छा आपके अि त व
का बुिनयादी आवेग है। आपम अ छे दो त का अपना दायरा बढ़ाने क इ छा होती है,
आप यादा और बेहतर भोजन, कपड़े, कार व घर और यादा से यादा जीवन क
िवलािसताएँ चाहते ह। यही नह , आप अिधक या ाएँ करना चाहते ह, आंत रक
शि य के बारे म अिधक सीखना चाहते ह और स दय का अिधक से अिधक अनुभव
करना चाहते ह। सं ेप म, आप जीवन को अिधक चुरता और संप ता से जीना चाहते
ह।
आप ज़मीन म गे ँ बोते ह और पानी देते ह, ले कन ई र गे ँ के दान को सौ या
हज़ार गुना करके वृि दान करता है। इसी तरह, आप िवचार, भावना और क पना के
मा यम से अपने दमाग़ म जो बोते ह, वह कई गुना होकर कट होता है।
वृि का अथ है आपक िनयामत का कई गुना होना, आपके मूल िवचार या
योजना का साकार होना। य द कोई काय शु ही न कया जाए, तो ज़ािहर है कोई
वृि नह हो सकती। अपने दमाग़ पर वृि के िवचार क छाप छोड़ना इसी समय
शु कर द। बहरहाल, आप यह काम अके ले नह कर सकते; वृि तो ई र ही दान
करता है।

एक िवचार ने कस कार हज़ार डॉलर आक षत कए


वग य डॉ. हैरी गेज़ द साइकोलॉजी ऑफ़ डेली िल वंग िवषय के मश र अंतररा ीय
व ा थे और उनक प ी डॉ. ओिलव गेज़ ने मुझे उनके बारे म यह रोचक संग बताया।
डॉ. गेज़ जब इं लड से भाषण देने के िलए अमे रका आए, तो वे एकदम युवा थे।
उ ह ने मि त क के िनयम पर िशकागो म भाषण देने का िनणय िलया। उनका होटल
िशकागो ओपेरा हाउस के क़रीब था और जब उ ह ने िखड़क से देखा, तो उ ह दोपहर
के शो के बाद इमारत से भारी भीड़ बाहर आती दखी। उ ह ने ख़द से कहा, “म इस
ओपेरा हाउस म खचाखच भरे हॉल म मि त क के िनयम पर बोलने जा रहा ।ँ ई र
मुझे और मेरे सभी ोता को आशीवाद दान करे गा और इतना देगा क हमारे
दामन म नह समा पाएगा और छलक पड़ेगा।”
डॉ. गेज़ जब द साइकोलॉजी ऑफ़ डेली िल वंग पर भाषण देने के िलए ओपेरा
हाउस के मैनेजर से कराए क बात करने गए, तब उनके पास िसफ़ सौ डॉलर थे। पहले
तो यह सुनकर मैनेजर हँस दया, ले कन जब डॉ. गेज़ ने मि त क क शि य के बारे म
बोलना शु कया, तो वह ब त िच लेने लगा और बोला क वह उनके भाषण क
ृँखला ओपेरा हाउस म आयोिजत करवाना चाहता है, इसिलए कराए के कई हज़ार
डॉलर इकट् ठा करने के िलए वह उ ह एक स ाह क मोहलत दे सकता है।
उस स ाह के दौरान डॉ. गेज़ बार-बार पुि करते रहे, “ई र वृि दान करता है।
मेरा यह िवचार अ छा है; इससे सबका भला होता है। ई र इसका िव तार करता है
और कई गुना करता है।”
फर डॉ. गेज़ क मुलाक़ात िशकागो के करोड़पित वसायी िम. मैक्कॉरिमक से
ई, जो डॉ. गेज़ के मानिसक उपचार क िविधय से ब त भािवत ए। उ ह ने उनके
िलए एक लंच दया। इसम उ ह ने यारह अितिथय को आमंि त कया, जो सभी
करोड़पित थे। डॉ. गेज़ ने उ ह मि त क क शि य पर संबोिधत कया। अंतत: येक
ने उ ह काफ़ पैसा दया, िजससे िव ापन का ख़च िनकल आया और कराए के िलए
आव यक बड़ी धनरािश भी उपल ध हो गई।
डॉ. गेज़ का व साकार हो गया था। उनके हर भाषण के बाद ओपेरा हाउस से
भारी भीड़ िनकलती थी, जैसी क उ ह ने कु छ स ाह पहले अपने होटल क िखड़क से
क पना क थी। डॉ. गेज़ ने अपने दमाग़ म मानिसक िच बोया था। इसे बोते समय
उनके मन म िवचार के साकार होने म ख़शी और सुकून का भाव भी था, य क उ ह
पूरा िव ास था क वृि ई र देता है।

कस कार एक कू ली िशि का सभी िव ा थय को वृि दान करती


है
कू ल क एक िशि का मेरे भाषण म िनयिमत प से आती है। उसने मुझे बताया क
उसे शरारती ब क वजह से कू ल म ब त परे शानी होती थी। बहरहाल, उसने नीचे
दी गई नीित अपनाई, िजससे उसे उ लेखनीय और आ यजनक प रणाम िमले।
हर सुबह क ा लेने से पहले पं ह िमनट तक वह एकांत म जाती थी, अपने मन को
शांत करती थी और मन ही मन इस कार का कथन कहती थी: “म ई र का
सृजना मक क ँ और म अपनी क ा के सभी बालक-बािलका के ेम, बुि मानी
और समझ म वृि करती ।ँ म इसी समय हर िश य म गित और िवकास का िवचार
सं ेिषत कर रही ।ँ मेरी यह अटल आ था है क हर िश य तेज़ी से सीखता है और
े रत, सामंज यपूण, ेमपूण व सहयोगी है। मेरा दृढ़ िव ास है क मेरी क ा का हर
ब ा गित करने वाला है और मेरा िव ास मेरे अवचेतन मन तक सं ेिषत होता है।
यही सच है।”
बाद के वष म इस िशि का को उसक क ा म व था तथा अनुशासन के िलए
बार-बार तारीफ़ सुनने को िमल और उसके िश य के ेड असाधारण प से अ छे
रहे। हाल ही म उसे मोशन िमल गया और उसक तन वाह ब त बढ़ाकर दूसरे कू ल
म तबादला कर दया गया। उसने वयं और अपने िश य के िलए लगातार वृि का
दावा कया और उसने पाया क सभी िश य को वृि दान करने से ई र ने न िसफ़
िश य को, बि क उसे भी आशीष दया।
उसक डे क पर एक सू वा य रखा है, िजस पर िलखा है: “म वयं के िलए जो
चाहती ,ँ वही हर एक के िलए चाहती ।ँ ” यह उसके िलए सचमुच लाभदायक िस
आ।

के िबन के कारपटर से अट् टािलका िनमाता तक


हाल ही म म फ़ िन स, ए रज़ोना म भाषण देकर लौटा ।ँ वहाँ मने चच ऑफ़ िडवाइन
साइं स म अपने भाषण दए थे। चच को संचािलत करने वाले जैकब सेलर पूव के
यात रै बी ह, जो अब मानिसक और आ याि मक िनयम पर सेवा काय म
आयोिजत करते ह।
वहाँ भाषण देते समय एक ि से मेरी बातचीत ई। उसने मुझे बताया क बीस
साल पहले वह उस रे िग तानी क़ बे म छु टपुट काम करने वाला बढ़ई था। वह पहाड़ के
क़रीब एक पुराने, ख ताहाल के िबन म रहता था। बहरहाल, उसके मन म यूयॉक िसटी
क ट र क अट् टािलकाएँ बनाने क अद य इ छा थी। उसने ख़द से यह कहना शु
कया, “म अमीर बन रहा ,ँ म दूसर को ब त अमीर बना रहा ँ और म सभी पर
कृ पा क बा रश करवा रहा ।ँ ”
मानिसक नज़ रया बदलने के बाद वह उन लोग को अपनी ओर आक षत करने
लगा, जो उसक सेवाएँ चाहते थे। उसका बढ़ई का वसाय इतनी तेज़ी से फै ला क
वह अके ला उसे नह सँभाल पा रहा था और उसे अित र कमचारी रखने पड़े।
उसने एक ब त अमीर आदमी के िलए एक मकान बनाया, जो वा य लाभ के
िलए पूव म रहने आया था। उसके उ कृ काय के फल व प उस आदमी ने कॉ ै टर के
प म उसका वसाय खड़ा करवा दया। ज़ािहर है, उस अमीर आदमी ने उस
वसाय म अपना छोटा सा िह सा रखा था। जब वह अमीर आदमी अंतत: परलोक
िसधार गया, तो वह अपना पूरा क़ारोबार उस बढ़ई के नाम ही छोड़ गया था। आज,
यह पूव-बढ़ई करोड़ डॉलर का वामी है और अब तक कई अट् टािलकाएँ बना चुका है।
इसी समय आप भी, उस बढ़ई क तरह अमीर महसूस करना शु कर। आप यह
देखकर हैरान रह जाएँगे क सभी दशा से आपक ओर अ यािशत िनयामत आने
लगगी। आप यादा बड़े ावसाियक अनुबंध और गठबंधन म िव तार कर पाएँगे।
अंतत: ई र क मदद से आपको आगे और ऊपर बढ़ने क अपनी योजना के िलए
आव यक सारी दौलत िमल जाएगी।
चाहे आप जो भी ह या आप जो भी कर रहे ह - चाहे आप टेनो ाफ़र ह या
से े टरी, वक ल, के िम ट, टै सी ाइवर या धमगु - य द आप दूसर के िलए दौलत,
वा य और ख़शी के िवचार पर अपने दमाग को इसी समय क त करना शु करते
ह, तो वे इसे अवचेतन प से भाँप लगे और आकषण के सव ापी िनयम ारा आपक
ओर आक षत ह गे। आप बेहद अमीर बन जाएँगे और आ याि मक, मानिसक तथा
भौितक दृि से समृ ह गे।

लोग उसके दरवाज़े के च र य काटते ह


म एक युवा डॉ टर को जानता ,ँ िजसने अपनी अभूतपूव सफलता ारा अपने हमपेशा
लोग को हैरान कर दया। उसके लीिनक म मरीज़ क भीड़ लगी रहती है! उसने मुझे
बताया क िजस दन उसने अपना लीिनक खोला, उस दन उसने इस कार का मनन
कया: “म दूसर को जीवन क वृि देता ।ँ ई र महान िच क सक है और म उसका
उपकरण ;ँ वह मेरे मा यम से उपचार करता है। म िजसे भी पश करता ,ँ वह
चम का रक प से व थ हो जाता है और म अनंत उपचारक उपि थित के सतत
तादा य म ।ँ म जीवन म अपनी सफलता, उपलि ध और अमीरी के िलए शु गुज़ार
।ँ ”
हर दन वह ऊपर बताए तरीक़े से ाथना करता है। वह अपने पास आने वाले
रोिगय क भीड़ को सँभाल नह पाता और उनम से कइय को उसे दूसरे डॉ टर के
पास भेजना पड़ता है।

मानिसक नवीनीकरण ने कस कार एक पादरी को लाभ प ँचाया


हाल ही म मने एक पादरी से बातचीत क , िजसका धमसमुदाय घटकर िसफ़ पचास-
साठ लोग का रह गया था। बातचीत के दौरान हम इस नतीजे पर प च ँ े क इस कमी
का कारण यह था क वह उ ह वह नह दे रहा था, जो वे चाहते थे या िजसक उ ह
ज़ रत थी।
उसने तुरंत अपने मानिसक नज़ रए को उलट िलया। अब वह लोग को यह िसखाने
लगा क पूण और सुखद जीवन कै से िजएँ, समृ कै से ह , सद्भावनापूण मानवीय संबंध
कै से थािपत कर, ेम कै से कर और पाएँ, वसाय या पेशे म समृ कै से बन और
व थ, जीवंत व े रत कै से बन। उसे यह अहसास हो गया था क वह दूसर को ये गुण
तब तक कभी नह दे सकता, जब तक क वे उसके ख़द के जीवन का िह सा न ह ।
उसने अपनी कही बात पर अमल शु कया और उसने अपने धममंच से जीवन के
िनयम क िमसाल पेश क । तीन महीने के भीतर ही उसके चच का धमसमुदाय बढ़कर
500 हो गया। उसके लोग उसे बताते ह, “यही वे चीज़ ह, जो हम सुनना चाहते ह।
हमारे चच म अब एक नया आदमी है!”
अपने मि त क के नवीनीकरण से उसका कायाक प हो चुका है। इस पादरी ने यह
सािबत कर दया है क वृि का िनयम गिणतीय दृि कोण से उतना ही सटीक है,
िजतना क रसायन शा , भौितक शा या गु वाकषण के िनयम ह।
गित के सतत अवसर आपके िलए िव मान ह
कु छ लोग कहते ह क वे इसिलए आगे नह िनकल सकते या मोशन नह पा सकते,
य क वे एक ऐसी जगह काम कर रहे ह, जहाँ तर क़ का कोई अवसर नह है या जहाँ
तन वाह िनि त पैमान से िनधा रत है। ज़ री नह है क यह सच हो। आप कसी भी
कार क प रि थित म जीवन म आगे बढ़ने और तर क़ करने के िलए मि त क के
िनयम का इ तेमाल कर सकते ह।
रह य इस बात का एक प मानिसक िच बनाना है क आप या बनना चाहते
ह। फर आपको यह िव ास रखना है क आपके अवचेतन क शि और बुि म ा
आपको सहारा दगी। साथ ही आपको लगन रखनी है और अपना मनचाहा ि व
हािसल करने का संक प लेना है। आ था रख क आपक मानिसक त वीर आपके
अवचेतन मन म िवकिसत होगी और साकार होकर आपके जीवन म कट हो जाएगी।
आप इस समय जो कर रहे ह , उससे ेम कर और आप जहाँ ह , वहाँ िजतना अ छे
से अ छा हो सकता हो, कर। दो ताना, दयालु, ेही और सद्भावना से भरपूर रह।
बड़ा सोच और अमीरी के बारे म सोच। इससे आपका वतमान काय आपक जीत क
सीढ़ी बन जाएगा। अपने स े मू य के बारे म जाग क ह और अपने मन म अमीरी का
दावा कर। आप दन भर म िजससे भी िमलते ह, हर उस ि के िलए अमीरी का
दावा कर, चाहे वह बॉस, सहयोगी, फ़ोरमैन, ाहक या िम हो- अपने आस-पास के
सभी लोग के िलए। आप संप ता और गित के अपने सं ेषण का अनुभव करगे और
असीिमत ा ब त ज द ही आपके िलए अवसर का नया ार खोल देगी।
पूरी दुिनया म आपको रोककर रखने वाली कोई चीज़ नह है। के वल एक ही चीज़
आपको रोक सकती है- वयं आप, आपके िवचार और ख़द के बारे म आपक धारणा।
जब आप गित करना चाहते ह और उसका िच देखते ह और जब अिधक धन, बढ़े
ए तबे और ित ा का अवसर आपके सामने पेश कया जाता है, तो आप उस िवचार
के ित हणशील महसूस करते ह। उसे लपक ल; यह यादा बड़े और भ अवसर क
ओर एक क़दम सािबत होगा। गितशील जीवन म इसी ण दािख़ल ह और त काल
ई र क अमीरी का अनुभव कर।

कस कार एक वसायी ने अपनी नकारा मक सोच पर िवजय पाई


एक मिहला ने एक बार मुझसे िशकायत क क उसका पित पैस क कमी के िलए
सरकार, कर और ित पधा मक व था को लगातार कोसता रहता है।
उसके पित से बातचीत करते समय मुझे पता चला क वह सोचता था क वह
प रि थितय का वामी होने के बजाय उनका िशकार है। बहरहाल, उसे यह अहसास
होने लगा क वह सोच क सृजना मक योजना म दािखल हो सकता है, जो उसके
प रवेश और प रि थितय के पार जाएगी और यह भी क वह ई र के सा ा य का
नाग रक है। उसक दैिनक ाथना इस कार थी:
“वृि का िनयम अटल है और चुर वृि क ओर मेरा मन सतत प से खुला आ
है। मेरा वसाय अद्भुत तरीके से बढ़ता है, फै लता है और गित करता है। मेरा धन
हमेशा कई गुना हो जाता है। मुझे अपने भीतर के अनंत खजाने से भीतर और बाहर
दोन ओर चुर संपि िमलती है। म अपने दलो दमाग़ को ई र क दौलत और
संप ता के िलए खोलता ।ँ मेरी भीतरी और बाहरी दौलत बढ़ रही है।”
जब उसने इन आंत रक स ाइय से अपने दमाग़ को पोषण दया, तो उसक
बाहरी आपू त अिधक चुर हो गई। वह अब ख़द का वसाय करता है और ब त
दौलतमंद है।

िवशेष मरणीय बंद ु


1. वृि ही वह चीज़ है, िजसे सभी इं सान चाहते ह। यह ई र क आकां ा है, जो
आपके मा यम से अिभ ि खोज रही है। यही आपको ऊपर आने और अिधक ऊँचे
तर तक उठने को कहती है।
2. अपने दमाग़ म एक मानिसक िच का बीज बो द। यह काम ख़शी और सुकून क
भावना के साथ कर। ऐसा करते समय सुखद अंत पर मनन कर और आपको ाथना
पूरी होने क ख़शी हािसल होगी।
3. आप एक सृजना मक क ह और आप सभी को ेम, बुि म ा तथा समझ क वृि दे
सकते ह। जैसा दगे, वैसा पाएँगे और आपके जीवन म चम कार हो जाएँगे।
4. इन स ाइय को अपने दमाग़ म गहरे तक धँस जाने द। आ था और आशा से उ ह
ओत- ोत कर ल: “म अमीर बन रहा ,ँ म दूसर को अमीर बना रहा ँ और म सभी
पर वरदान क बा रश कर रहा ।ँ ” यही अमीरी का राजमाग है।
5. अपने वैचा रक जीवन म दूसर को वृि दान कर और यह जान ल क आप एक
मा यम ह, िजसके ज़ रए ई र का ेम, स य, स दय और दौलत वािहत होती है।
दावा कर क ये गुण दूसर के मा यम से भी लगातार वािहत हो रहे ह। इससे आप
दौलत, िम , ाहक और अद्भुत अनुभव को अपनी ओर आक षत कर लगे।
6. य द आप पुरोिहत ह, तो लोग को संप जीवन के बारे म िसखाएँ। उ ह िसखाएँ क
इसे कै से हािसल कर। उ ह दौलत के िनयम बताएँ और सुखद व सफल जीवन का
िव ान िसखाएँ। आपके चच म एक भी सीट ख़ाली नह रहेगी।
7. अवसर हमेशा आपके ार पर द तक देते रहते ह। आप कै सा बनना और महसूस
करना चाहते ह, इसक एक प मानिसक त वीर बनाएँ और यह िव ास कर क
आपके अवचेतन क शि इसे साकार कर देगी। आपके पास यह अवसर इसी समय
है!
8. आपके िसवाय कोई दूसरा दोषी नह है। सरकार, कर, ित प धय और संसार क
प रि थितय को दोष देना छोड़ द। आप असीम मि त क और असीम दौलत के
नाग रक ह! बड़ा सोच, अमीरी के िच बनाएँ और यह महसूस कर क आप अमीर
ह- बाक़ काम आकषण का िनयम कर देगा।
अ याय यारह

क पना के िच और संप ता

ने पोिलयन ने एक बार कहा था, “क पना संसार पर राज करती है।” हेनरी वाड
बीचर ने भी इसी अंदाज़ म कहा था, “क पना के िबना आ मा वैसी ही है, जैसे
टेिल कोप के बगैर वेधशाला।”
क पना आपके दमाग़ क मूलभूत शि य म से एक है। इसम आपके िवचार को
िच का प देने और व पहनाने क शि है; उ ह समय के पद पर दखाने क शि
है। क पना वह शि शाली औज़ार है, िजसका उपयोग सभी महान वै ािनक,
कलाकार, भौितक शा ी, आिव कारक, द गज वसायी और लेखक करते ह।
वै ािनक अपनी क पना से वा तिवकता क गहराइय तक प च ँ ते ह, िजससे उ ह
कृ ित के रह य उजागर करने क शि िमलती है।
जब संसार कहता है, “यह असंभव है; इसे नह कया जा सकता,” तो िनयमब ,
िनयंि त और िनदिशत क पना वाला ि कहता है, “यह कया जा चुका है!”
ख़द के अमीर और सफल होने क क पना करना भी आपके िलए उतना ही आसान-
और यादा रोचक, आकषक व मनोहारी- है, िजतना क ग़रीब, कं गाल और असफल
होने क क पना करना। य द आप अपनी इ छा या आदश को साकार करना चाहते
ह, तो अपने दमाग़ म इनके साकार होने का मानिसक िच बनाएँ। अपनी इ छा के
साकार होने क सतत क पना कर। इस कार आप उसे सचमुच घ टत होने पर िववश
कर दगे।
आप वा तिवकता के प म िजसक क पना करते ह, वह आपके मि त क म पहले
से ही मौजूद है और य द आप अपने आदश के ित वफ़ादार बने रह, तो एक दन वह
चीज़ अव य साकार होगी। आप अपने दमाग़ पर जो छाप छोड़ते ह, आपके भीतर का
मा टर आ कटे ट पद पर वही दृ य दखा देगा।

उसने करोड़ डॉलर वाले वसाय क क पना क


सामा य बातचीत म एक उ कृ वसायी ने मुझे बताया क उसने कस कार एक
छोटे टोर से शु आत क , ले कन िनयिमत प से और सुिनयोिजत तरीके से वह वष
तक यह िच देखता रहा क वह एक बड़े कॉरपोरे शन का मुिखया है, िजसक शाखाएँ
पूरे देश म फै ली ई ह। सुबह, दोपहर और रात को दस-पं ह िमनट तक वह अपने
दमाग़ म िवशाल इमारत , फ़ै ि य और टोस के िच देखता था। उसे पूरा िव ास
था क दमाग़ क क िमयािगरी क बदौलत उसका यह सपना साकार हो जाएगा।
धीरे -धीरे उसका वसाय चल िनकला। उसे अपने टोर का िव तार करना पड़ा
और अ य शाखाएँ खोलनी पड़ी। आकषण के शा त िनयम ारा वह अपनी ओर ऐसी
योजना , कमचा रय , िम , धन सिहत हर उस चीज़ को आक षत करने लगा
िजसक ज़ रत उसे अपने आदश िच को साकार करने के िलए थी।
उसने स े दल और पूरी गंभीरता से अपनी क पना का अ यास कया और उसे
िवकिसत करके अपने मानिसक िच के अनु प तब तक िजया, जब तक क क पना
शि ने उसक इ छा को साकार नह कर दया। आज वह ब त दौलतमंद है और
हज़ार कमचा रय वाले एक कॉरपोरे शन का ेिसडट है।

उसने अपने भाई को दौलतमंद बनाया


दि ण कै िलफ़ो नया िव िव ालय क एक िव ाथ ने मेरी यह ा या सुनी क
बाइबल म जोसेफ़ नाम का एक अथ क पना भी है। बाइबल म कहा गया है क जोसेफ़
कई रं ग का कोट पहनता है। बाइबल के संदभ म कोट एक मनोवै ािनक आवरण है।
आपके मनोवै ािनक “व ” ह – नज़ रए, मानिसक अव थाएँ और आपके दल म रहने
वाली भावनाएँ। जोसेफ़ का कई रं ग का कोट हीरे के अनेक फलक या कसी िवचार को
आकृ ित देने वाले व पहनाने क आपक मता का तीक है।
वह िव ाथ यह क पना करने लगी क उसका ब त ग़रीब भाई िवलािसता क
गोद म रह रहा है। उसने िच देखा क उसके भाई का चेहरा ख़शी से दमक रहा है,
उसक भाव-भंिगमा बदल रही है और उसके ह ठ पर बड़ी सी मु कान िखल रही है।
उसने क पना क क उसका भाई उसे वह सब बता रहा है, जो वह सुनना चाहती है,
जैसे, “दीदी, म दौलतमंद, सफल और ख़श ।ँ म बेहतरीन महसूस करता !ँ मेरे पास
एक नई कार व यारा सा मकान है और म दौलत म खेल रहा !ँ ”
वह लड़क दन-रात अपने मानिसक िच के ित िन ावान रही। उसने यह िच
प ता और वा तिवकता क क पना के साथ तब तक देखा, जब तक क उसने अपनी
मानिसक फ़ म से अपने अवचेतन को ओत- ोत नह कर िलया। दो महीने बाद उसके
भाई को एक शानदार नौकरी िमल गई। िजस कं पनी के िलए वह काम करता था, उसने
उसे कामकाज के िसलिसले म एक कार दे दी और उसने लॉटरी म ब त बड़ी धनरािश
भी जीत ली! उस लड़क को अपने भाई के मुँह से वही सब सुनने क ख़शी, रोमांच और
संतुि िमली, जो उसने क पना म सुना था।
जहाँ अभाव है, वहाँ आप चुरता और दौलत क क पना कर सकते ह; जहाँ िववाद
है, वहाँ शांित क क पना कर सकते ह; और जहाँ रोग ह, वहाँ वा य क क पना कर
सकते ह। क पना हर चीज़ दान करती है; यह दौलत, स दय, याय और ख़शहाली
उ प करती है, जो इस संसार म सब कु छ ह।

आ थक मामल म सफलता क क पना करना


मेरे एक ावसाियक िम को एक बार 10,000 डॉलर वसूल करने म मुि कल आ रही
थी। उसके एक पुराने ाहक ने सामान ख़रीदने के बाद यह रक़म नह चुकाई थी। मेरा
िम दो साल से भी अिधक समय से उस ि से बार-बार तकादे कर रहा था, ले कन
उसे वाद के िसवाय कु छ नह िमला था। वह इस पुराने ाहक पर दावा ठ कने म
िझझक रहा था, य क उनका ावसाियक संबंध पुराना था, ले कन वह मन ही मन
उसके ित ष े पूण और ोिधत था।
मेरे सुझाव पर िम ने ाहक के ित अपना नज़ रया उलट दया। वह क पना
करने लगा क उसका ाहक ईमानदार, संजीदा, ेमपूण और दयालु है। कु छ समय बाद
मेरे िम क ित या बदल गई। वह दन म कई बार शांित से बैठता था और अपने
हाथ म 10,000 डॉलर के चेक क क पना करता था। वह ब त प ता से यह क पना
करता था क वह उस चेक को अपने थानीय बक म जमा कर रहा है। उसने कज़ चुकाने
के िलए ाहक को ध यवाद का एक का पिनक प भी िलखा। फर उसने प सील
करके डे क के ॉअर म रख िलया।
वह जानता था क वह अपने अवचेतन मन को एक िनि त िच दे रहा है और वह
इस बारे म भी जाग क था क अवचेतन उसे घ टत करवा रहा है। दस दन म उसे
उसी ाहक का एक िलफ़ाफ़ा िमला, िजसम 10,000 डॉलर का चेक था। उसके साथ यह
िचट् ठी भी थी, “िपछले कई दन से आप मेरे दमाग़ म थे। मुझे लगा क मुझे आपको
पूरा भुगतान कर देना चािहए। िवलंब के िलए मा चाहता ;ँ कसी दन म पूरी बात
िव तार से बताऊँगा।” इससे सािबत होता है क मानिसक िच बदलने से सब कु छ
बदल जाता है।

क पना दौलत उड़ेलती है


दरअसल टेलीिवज़न, रे िडयो, रे डार, सुपरजेट और अ य सभी आधुिनक आिव कार
मनु य के क पनाशील मि त क से ही उ प ए ह। आपक क पना असीिमत ख़ज़ाना
है, जो आपक ओर संगीत, कला, किवता और आिव कार के सभी बेशक़ मती मोती
वािहत करती है।
पल भर के िलए कसी यात, ितभाशाली आ कटे ट के बारे म सोच। वह अपने
दमाग़ म व र नाग रक के िलए एक सुंदर, आधुिनक, इ सव सदी का शहर बनाता
है, िजसम ि व मंग पूल, मछलीघर, मनोरं जन क , पाक आ द ह । वह अपने दमाग़ म
वह सबसे सुंदर महल बना सकता है, जो कसी इं सान ने अपनी आँख से देखा हो। वह
िनमाता को अपनी योजनाएँ देने से पहले ही इमारत क संपूण प म क पना कर
सकता है। उसक भीतरी अमीरी उसके और असं य लोग के िलए बाहरी अमीरी का
सृजन कर देती है।
आप अपने भिव य के आ कटे ट ह। आप एक पेड़ के बीज को देखकर ही अपनी
क पना क आँख से न दय , झरन आ द से भरे एक िवशाल जंगल का सृजन कर सकते
ह। आप उस जंगल म सभी कार के जीव-जंतु क क पना कर सकते ह। यही नह ,
आप हर बादल म रं ग भर सकते ह। आप रे िग तान को देखकर उसम गुलाब िखलने
तथा आनंद पाने क क पना कर सकते ह। जो लोग अंतब ध व क पना म िनपुण होते
ह, वे रे िग तान म पानी खोज लेते ह और वहाँ शहर बना लेते ह, जहाँ दूसरे लोग को
के वल रे त ही रे त और वीरान इलाक़ा ही दखता हो।

रे िग तान म संपि
लगभग दस वष पहले मने ए पल वैली म एक आदमी से कु छ ज़मीन ख़रीदी। उस
आदमी ने मुझे बताया क 1930 के दशक क शु आत म जब मंदी गहरा रही थी, तो
वह अपनी प ी के साथ कार से नेवादा जा रहा था। ए पल वैली से गुज़रते समय, जो
उस व त िवशाल रे िग तान थी, उसने अपनी प ी से कहा, “िनकट भिव य म यहाँ पर
एक क़ बा होगा। कई लोग इस रे िग तान म रहने आएँगे और कू ल, अ पताल, घर
बनाएँगे तथा उ ोग लगाएँग।े यह सरकारी ज़मीन है। म यहाँ पर छह सौ एकड़ ज़मीन
ख़रीदने वाला ।ँ ”
उस व त ज़मीन क क़ मत 2 डॉलर ित एकड़ थी। 2 डॉलर ित एकड़ के िनवेश
से उसने थोड़ी संपि बना ली है। उस ज़मीन क क़ मत अब 400 डॉलर ित एकड़ या
उससे अिधक है। असं य ी-पु ष नेवादा जाते व त उसी इलाक़े से गुज़रे ह गे। उ ह
िसफ़ एक रे िग तान नज़र आया- जब क उस ि ने सौभा य देखा।
बाइबल कहती है... म वीराने म पानी का ताल और सुखी ज़मीन पर पानी के सोते
बनाऊँगा। (इसाइया 41:18)

एक ि ने कस तरह अपनी इ छा का कारगर िच देखा


एक कू ल िशि का मेरा दैिनक रे िडयो काय म सुनती है। उसने मुझे िलखा था क
उसने अपनी नोटबुक म वा थ, संपित, ेम और अिभ ि श द िलख िलए ह। उसने
कहा क उसक सेहत ख़राब थी और उसके पास पया पैसे नह थे। वह अिववािहत थी
और कसी कॉलेज म पड़ाने का अवसर खोज रही थी। वा य के नीचे उसने अपनी
नोटबुक म िलखा: “म पूरी तरह व थ ;ँ ई र ही मेरा वा य है।” सपंि के नीचे
उसने िलखा: “ई र क संपि अब मेरी है और म अमीर ।ँ ” ेम के नीचे उसने िलखा:
“म ख़शहाल शादी-शुदा ँ और दैवीय आनंद म रह रही ।ँ ” अिभ ि के नीचे उसने
िलखा: “दैवीय ा मुझे अपने सही काम क ओर मागदशन करती है और ले जाती है,
िजसे म अद्भुत आमदनी के िलए आदश ढँग से करती ।ँ ”
हर सुबह-शाम वह अपनी नोटबुक क इबारत देखती थी और यह दावा करती थी:
“ये सारी इ छाएँ मेरे अवचेतन मन ारा इसी समय पूरी क जा रही ह।” फर वह हर
ेणी के पूरे प रणाम का िच देखने म थोड़ा समय लगाती थी। वह क पना करती थी
क उसका डॉ टर उससे कह रहा है, “आप पूरी तरह ठीक हो चुक ह। अब आप पूणत:
व थ ह।” वह क पना करती थी क उसक माँ, जो उसके साथ रहती थ , उससे कह
रही ह, “अब तुम अमीर हो। हम या ाएँ कर सकते ह। म ब त ख़श ।ँ ” फर वह
क पना करती थी क पादरी कह रहा है, “अब म तु ह पित-प ी घोिषत करता ,ँ ”
और वह “महसूस” करती थी क उसक उँ गली पर जो का पिनक अँगूठी पहनाई जा
रही है, वह कतनी वाभािवक, ठोस और मूत है। सोने जाने से पहले उसका आिख़री
मानिसक िच यह रहता था क उसके कू ल का ंिसपल उससे कह रहा है, “अफ़सोस
है क आप यहाँ क नौकरी छोड़कर जा रही ह, ले कन आपके कॉलेज क नौकरी के बारे
म सुनकर ख़शी ई। बधाई!”
वह हर मानिसक फ़ म को पूरे सुकून और आनंद के साथ अलग-अलग लगभग
पाँच-पाँच िमनट तक देखती थी। वह जानती थी क ये िच परासरण ारा उसके
अिधक गहरे मन म समा जाएँगे, जहाँ वे अँधेरे म अंकु रत ह गे और सही तरीक़े से सही
समय पर कट हो जाएँगे। उसे यह सब ब त आकषक मानिसक अ यास लगा। उसका
संसार जादुई अंदाज़ म बदलकर उसक िनयमब , िनयंि त व िनदिशत दैिनक क पना
जैसा ही बन गया। तीन महीने के भीतर ही उसक सारी इ छाएँ पूरी हो ग ।
उसे यह पता चला क उसके भीतर एक िडज़ाइनर, एक आ कटे ट और एक बुनकर
होता है, जो उसके मन, िवचार , िच , भावना तथा धारणा के धाग को लेता है
और उ ह जीवन के व म ढाल देता है। वा य, संपि , ेम और अिभ ि क
दौलत आपको इसी तरह िमलती है। बाइबल क उसक ि य पंि भजन 121:1 है, म
अपनी नज़र (क पना) पहािड़य क ओर ऊपर उठाऊँगा, जहाँ से मुझे मदद िमलती है।

आप हमेशा िच बना रहे होते ह


आप लगातार अपनी क पना का उपयोग कर रहे होते ह- चाहे वह सृजना मक तरीक़े से
हो या िव वंसा मक। आप मानिसक िच के ज़ रए सोचते ह। अपनी माँ के बारे म
सोच। उनके बारे म सोचते व त आपको उनक त वीर दखाई देती है। घर के बारे म
सोचते व त आप घर को अपने मन क आँख से देखते ह। ग़रीबी का मारा आदमी
हमेशा सभी कार के अभाव तथा सीमा का िच देखता है और उसका मन उसके
देखे गए मानिसक िच के अनुसार ही प रणाम देता है।
जब आपक शादी होने वाली थी, तो आपके मन म प , यथाथवादी िच थे।
क पना क शि से आपने पादरी या पुजारी को देखा था। आपने उसे िववाह क र म
पूरी कराते सुना था। आपने फू ल और चच को देखा था। आपने संगीत सुना था। आपने
अपनी उँ गली पर अँगूठी क क पना क थी और आप अपनी क पना म हनीमून मनाने
िनया ा फ़ॉ स या यूरोप गए थे। यह सब आपक क पना म आ था।
इसी तरह कॉलेज क पढ़ाई पूरी करने से पहले आपके दमाग़ म एक सुंदर नाटक
खेला गया था। आपने कॉलेज क पढ़ाई पूरी करने के सभी िवचार भौितक प म देखे
थे। आपने क पना क थी क कॉलेज का ोफ़े सर या ेिसडट आपको िड लोमा या िड ी
दे रहा है। आपने देखा था क सभी िव ाथ गाउन पहने ह। आपने सुना था क आपक
माँ, िपता या गल ड आपको बधाई दे रही है। आपने उनके आ लंगन और चुंबन महसूस
कए थे। यह सब वा तिवक, नाटक य, रोमांचक और अद्भुत था।
िच आपके दमाग़ म न जाने कहाँ से घुमड़ आए, ले कन आप जानते ह और
आपको यह वीकार करना होगा क ऐसा आंत रक सृजनकता था और है, जो इतना
शि शाली है क उसने आपक क पना म देखे गए िच को जीवन, गित और आवाज़
दान क । इन िच ने आपसे कहा था, “हमारा जीवन िसफ़ आपके िलए है!”

कस कार एक ोकर दूसर के िलए दौलत के िच देखता है


मेरा एक ोकर िम अपने ाहक को अमीर बनाने म ब त िच लेता है। फल व प
वह ब त सफल है और हाल ही म उसे तर क़ देकर कं पनी का ए ज़ी यू टव वाइस-
ेिसडट बना दया गया है। उसका तरीक़ा बड़ा आसान है। ऑ फ़स आने से पहले वह
ि थर बैठता है, अपने मन को शांत करता है, अपने शरीर को िशिथल करता है और मन
ही मन ब त से ाहक से बातचीत करता है। इस का पिनक बातचीत म ाहक एक के
बाद एक उसके बुि म ापूण िनणय पर उसे बधाई देते ह और सही टॉक ख़रीदने क
सलाह देने के िलए भी उसक शंसा करते ह। वह इस का पिनक बातचीत को
िनयिमत प से मंिचत करता है और मनोवै ािनक प से इसे स य के प म अपने
अवचेतन म आरोिपत कर लेता है।
दन म उसे जब भी फ़ु रसत िमलती है, तो यह ोकर अपने मानिसक िच क ओर
लौट आता है और इस कार अपने अवचेतन मन पर गहरी छाप छोड़ देता है। उसने
मुझे बताया क उसने अपने कई ाहक को काफ़ दौलत कमाकर दी है और उसक
सलाह से अब तक कसी को भी एक पाई तक का नुक़सान नह आ है।
इस ोकर को अहसास है क जो भी मन म बोया जाता है, उसक फ़सल
वाभािवक या के अनुसार बाहर के भौितक संसार म कट हो जाती है। यह सतत
मानिसक िच है, जो मि त क क गहराई म उके रा जाता है। अपनी मानिसक फ़ म
को अ सर चलाएँ। उसे बार-बार अपने मन के पद पर देखने क आदत डाल ल। कु छ
समय बाद यह एक िनि त, आदतन काय बन जाएगा। वह आंत रक फ़ म, िजसे
आपने अपने मन क आँख से देखा है, बाहर कट हो जाएगी। रोम स 4:17 म हम
पढ़ते ह,... जो चीज़ नह थी, उ ह ने उ ह ऐसे बुलाया, जैसे वे वह थ ... और अदृ य
चीज़ नजर आने लग ।

अमीरी का िव ान
क पना के िव ान म सबसे पहले तो आपको अपनी क पना को अनुशािसत करना
होगा, ता क यह यहाँ-वहाँ अिनयंि त होकर न दौड़ने लगे। िव ान शु ता पर ज़ोर
देता है। य द आप रासायिनक प से शु उ पाद चाहते ह, तो आपको सारे बाहरी
त व के सभी अंश हटाने पड़गे। आपको बाक़ सारे कचरे को दूर फकना होगा।
क पना के िव ान म आप ई या, लोभ, डर, चंता और ष े जैसी सारी मानिसक
अशुि य को हटा देते ह। आपको जीवन के ल य और उद्दे य पर अपना सारा यान
क त करना चािहए। आपको एक अमीर और ख़शहाल जीवन जीने के अपने ल य से
नह भटकना चािहए। आप अपनी इ छा क वा तिवकता म मानिसक प से डू ब
जाएँगे, तो आप अपने संसार म उ ह भौितक प से भी देख लगे।
िजस वसायी का कारोबार समृ हो रहा है, वह ऑ फ़स से घर आता है और
अपने मन म असफलता क फ़ म चलाता है, यानी वह शे फ़ ख़ाली देखता है, क पना
करता है क वह दवािलया हो गया है और उसका बक ख़ाता ख़ाली हो चुका है। वह
यहाँ तक क पना कर लेता है क उसका धंधा बंद हो गया है, जब क वा तिवकता यह है
क उस व त वह समृ हो रहा है। उसके इस नकारा मक मानिसक िच म तिनक भी
स ाई नह है। यह सरासर झूठ है।
दूसरे श द म, िजस चीज़ से वह डरता है, वह उसक दूिषत क पना के िसवाय
कह मौजूद नह है। यह असफलता कभी साकार नह होगी- जब तक क वह भय के
भाव से उस दूिषत िच को ऊजा न देता रहे। य द वह लगातार यही मानिसक िच
देखता रहेगा, तो ज़ािहर है उसे असफलता झेलनी पड़ेगी। उसके पास असफलता और
सफलता दोन का ही िवक प है, ले कन वह असफलता को चुन रहा है।
उन मानिसक िच , िवचार और छिवय को अपने दमाग़ के संहासन पर बैठाएं,
जो आपको व थ कर, आशीष द, समृ कर, े रत कर और शि द। यह सच है क
आप अपनी क पना िजस प म करते ह, आप वैसे ही बन जाते ह। आपक सतत
क पना आपक दुिनया को दोबारा बनाने के िलए पया है। अपने मन के िनयम पर
िव ास कर क वे आपक भलाई को साकार प म कट कर दगे। इस तरह आप
जीवन क सारी िनयामत और अमीरी का अनुभव कर सकते ह।

िवशेष मरणीय बंद ु


1. “क पना िव पर राज करती है।” -नेपोिलयन
2. क पना आपके दमाग़ क एक बुिनयादी शि है और इसम आपके सभी िवचार को
साकार प देकर संसार के पद पर दखाने क शि है।
3. य द आप वसाय म ह, तो आप एक यादा बड़े वसाय, नए ऑ फ़स , नई
इमारत और अित र टोस का मानिसक िच देख सकते ह। मि त क क
क िमयािगरी क बदौलत ये िच वा तिवक हो जाएँगे।
4. आप दूसर को भी अमीर बना सकते ह, बशत आप अपने मानिसक िच म उ ह
वैसा देखते ह , जैसा उ ह होना चािहए: फु ि लत, ख़शहाल, आनंदम , दौलतमंद
और सफल। अपने मानिसक िच के ित िन ावान रहगे, तो वह साकार हो जाएगा।
इस तरह आप दूसरे ि को आशीष देते ह।
5. य द आपको कोई कज़ वसूलने म मुि कल आ रही है, तो अपने हाथ म चेक का
का पिनक िच देख, उसक वा तिवकता महसूस कर और उस ि क समृि व
सफलता के िलए शु गुज़ार रह िजस पर आपका कज़ है। ऐसा करगे, तो वह
चम का रक प से आपका पैसा लौटा देगा।
6. मनु य क का पिनक शि य से ही हमारी सारी नई खोज, जैसे रे िडयो, टेलीिवज़न,
रे डार और सुपरजेट हवाई जहाज़ बने ह। क पना मि त क क गहराई तक जाती है
और जो भी बीज मौजूद होता है, उसे अंकु रत करके संसार के पद पर दखा देती है।
7. जब आप रे िग तान देखते ह, तो आपको या नज़र आता है? कु छ लोग ज़बद त
दौलत देखते ह और वे रे िग तान को गुलाब िखलने जैसा आनंददायक अनुभव बना
देते ह। क पना को “ई र क कायशाला” कहा जाता है।
8. आप कोई मानिसक फ़ म चलाकर हर इ छा पूरी होने क क पना कर सकते ह।
अपनी इ छा को नाटक य प से मंिचत कर और अंत क क पना कर; आपका
अवचेतन इसे साकार कर देगा।
9. आप हमेशा क पना कर रहे होते ह, चाहे वह नकारा मक हो या सृजना मक। के वल
वही क पना कर, जो ि य हो और आपके तथा दूसर के िहत म हो। ख़द से पूछ “म
कसी दूसरे के िलए जो िच देख रहा ,ँ या म भी उसी तरह जीना पसंद क ँ गा?”
आपका जवाब “हाँ” होना चािहए। याद रख, आप दूसर के िलए जो इ छा करते ह
वह आप वयं के िलए भी कर रहे ह।
10. क पना कर क दूसरे लोग ख़शहाल, आनंदम , अमीर और समृ ह। उनक समृि
व आनंद पर ख़श ह । यह अपने िलए दौलत हािसल करने का अचूक तरीक़ा है।
11. क पना के िव ान म आप लोभ, ई या, डाह, डर, शंका और ोध जैसे सारे कचरे
और अशुि य को दूर कर देते ह। अपना यान के वल अपने ल य पर क त कर
और क पना कर क वे दैवीय योजना के तहत पूण हो गए ह।
12. मनु य वही है, जो वह वयं के होने क क पना करता है। वह क पना कर, जो
यारी, शुभ और ई र सदृश हो। ख़द को अमीर महसूस करगे, तो वग क सारी
दौलत आपक ओर आक षत होने लगेगी।
अ याय बारह

ऊ वगामी और समृ बन

बा इबल म कहा गया है, अगर मुझे पृ वी से ऊपर उठा दया जाए, तो म सभी लोग
को अपनी ओर आक षत कर लुँगा। (जॉन 12: 32)
बाइबल के अ य कथन क तरह ही यह कथन भी िवशु प से मनोवै ािनक और
आ याि मक है, िजसे आलंका रक भाषा म िलखा गया है। यह हम सभी को बताता है
क हम ख़द को ग़रीबी, रोग, अभाव और सभी तरह क सीमा से ऊपर कै से उठाएँ।
ऊपर उठने वाला या ऊ वगामी बनने के िलए आपको अपनी इ छा को वीकृ ित
के बंद ु तक ऊपर उठाना होता है। इसके बाद कटीकरण अव य होगा। आपक भौितक
इं याँ जो खोज-ख़बर देती ह, वह काफ़ िनराशाजनक है। ऊ वगामी के प म आप
अपने भीतर मौजूद असीिमत उपि थित तथा शि क ओर मुड़ते ह और वहाँ पर अपने
मन का लंगर डाल लेते ह। यह असीिमत उपि थित आपक पुकार पर ित या करती
है। जब आप दैवीय शि को पुकारते ह, तो आपको जवाब अव य िमलेगा। इसके
ज़ रए आप ऐसी आ था, साहस, शि और बुि म ा पा सकते ह, जो सामा य भौितक
इं य से परे होती है। तब आप ऊपर उठ जाते ह, पुरानी अव था मर जाती है और नई
अव था का पुनज म होता है।
आप हताश मनोदशा म िहतकारी चीज़ो को कट नह कर सकते। व देख और
इसक वा तिवकता पर मनन कर। इस तरह आप तमाम बाधा और मुि कल से
ऊपर उठ जाएँगे। जब आप अपने भीतर ई र क उपि थित पर मनन करते ह, तो आप
वयमेव अपने दमाग़ म घुमड़ने वाली सभी डरावनी छाया को िततर-िबतर कर देते
ह।
िनयम यह है क आप महज़ संयोग से समु कनारे कसी को डू बने से बचाकर या
अक मात् ई मुलाक़ात म कसी करोड़पित को आक षत करके झु गी और ग़मनामी से
दौलत, स मान तथा शोहरत तक ऊपर नह उठ सकते। एक सरल स ाई याद रख:
आपको हमेशा अपने च र का दशन करना होगा, य क च र ही भा य है।

ऊँचाइय तक कै से उठ
अपनी ऊजा ,यो यता और गुण को कट कर। अपनी आंत रक शि य के बारे म
अिधक सीखने का उ साह िवकिसत कर। फर आप आ यजनक पवत-िशखर तक
प च
ँ ने म कामयाब हो सकते ह। जो ऊजावान, आ मिव ासी और उ मी ि उिचत
काम म जुटता है, सही चीज़ करता है और व णम िनयम का पालन करता है, वह अपने
जीवन को सफल बना लेगा, चाहे उसे कोई मददगार अजनबी िमले या न िमले, चाहे
वह सही सांसद को जानता हो या न जानता हो; चाहे वह लॉटरी जीत पाए या न जीत
पाए।
आपका च र और मानिसक नज़ रया आपको बनाने या िमटाने का काम करते ह।
यह आपके बारे म िजतना सच है, उतना ही आपके देश, आपके वसाय, आपके चच
या कसी अ य संगठन के बारे म भी सच है।
य द आपके मन म ख़द को ऊपर उठाने और अपना िसर भीड़ के ऊपर रखने क
इ छा है, तो ई र से ख़द को वह देने को कह, िजसक आपको ज़ रत है- और वह ऐसा
अव य करे गा। आपके मन म िजस गुण क इ छा है, उस पर हर दन मनन करके आप
अपने अवचेतन मन म उसका िनमाण कर सकते ह।

िवजय पाने क ख़शी


आप यहाँ पर िवकास करने, आगे जाने और अपने भीतर के देव व को खोजने के िलए
आए ह। आप यहाँ पर सम या , मुि कल और चुनौितय से दो-चार होने - और उन
पर िवजय पाने के िलए आए ह। ख़शी िवजय पाने म है! य द ॉसवड पज़ल आपके
िलए पहले से ही भरी ई हो, तो यह संसार ब त ही नीरस और बोिझल होगा। पुल
बनाते व त इं जीिनयर को सभी बाधा , असफलता और मुि कल को पार करने म
ख़शी होती है। आप यहाँ पर बुि म ा, शि और समझ म समृ बनते ए अपने
मानिसक और आ याि मक संसाधन को पैना करने आए ह। वरना आप कभी भी अपने
देव व को नह खोज पाएँगे।
कभी भी अपने छोटे ब े को हर चीज़ के िलए अनंत काल तक आप पर िनभर न
रहने द। जब वह पया बड़ा हो जाए, तो उसे िसखाएँ क लॉन कै से तराशना है,
अख़बार कै से बेचना है और पैसे कमाने के िलए छु टपुट काम कै से अ छी तरह करना है।
उसे म क ग रमा िसखाएँ। उसे यह भी िसखाएँ क उसे पड़ोसी का लीन तराशने या
अख़बार बेचने के बदले म जो पैसा िमलता है, वह अ छी तरह काम करने क बदौलत
िमलता है। इससे आपके बेटे को अपनी उपलि ध पर गव होगा और दूसर क सेवा
करने म अपने योगदान पर भी गव होगा। इससे वह वावलंबन सीखेगा और उसका
आ मिव ास भी बढ़ेगा। उसे यह भी िसखाएँ क वह दूसर म अ छाई देखे और उसे
कट करे । जब आप ऐसा करगे, तो वह हमेशा िनभर, िशकायत करने वाला और रोने
वाला नह बनेगा; इसके बजाय वह तो ऊ वगामी बनेगा। वह धन का स मान करे गा
और अपने कमाए पैसे को बचाएगा, ले कन आप उसे जो आसान पैसा दगे, उसे वह
कं यूटर गे स या पूल हॉल म बबाद कर देगा।

दूसर को ऊपर कै से उठाएँ


आपको इस बारे म सतक रहना चािहए क आप दूसर क मदद कस कार करते ह।
कभी भी कसी ि के िवकास करने और बढ़ने का अवसर न छीन। जो युवक ब त
आसानी से और अ सर पैसा तथा मदद पाता रहता है, उसे यह आ म-सा ा कार और
म से अिधक आसान लगता है। हमेशा मदद करते रहना उसके पु षोिचत िवकास के
िलए िवनाशकारी है। हर समय मदद करना और उसके पु षोिचत गुण को न करना
छोड़ द। उसे संघष करके उबरने और अपनी आंत रक शि य को खोजने का अवसर
दान कर, वरना वह दूसर पर आि त हो जाएगा और हमेशा मदद माँगता रहेगा।
मने एक मिहला से कहा क वह पूव से आए अपने एक र तेदार को आि त बनाना
छोड़ दे। उस मिहला का नज़ रया था: “बेचारा टॉम यहाँ पर अजनबी है। उसके िलए
नौकरी खोजना मुि कल है,” आ द। वह उसका कराया चुकाती रही, उसके िलए
कराना ख़रीदती रही और उसे पॉके ट मनी देती रही। उस मिहला का कहना था क वह
ऐसा तब तक करती रहेगी, जब तक क उसे नौकरी न िमल जाए। टॉम को कभी नौकरी
नह िमल पाई। इसके बजाय वह पूरी तरह आि त बन गया- और वह इस बात पर
मिहला से िचढ़ता भी था क वह उसे यादा नह देती थी! समस िडनर के दौरान
उसने मिहला क अिधकांश चाँदी चुरा ली। वह मिहला िवलाप करने लगी, “जब मने
उसक ख़ाितर इतना कु छ कया था, तो उसने ऐसा य कया?”
बहरहाल, वह उसे अभाव और सीमा क िनगाह से देख रही थी। वह उसे ऊपर
नह उठा रही थी। मिहला को यह अहसास नह आ क वह आदमी असीिमत देव व के
साथ एक प है और अपनी सही जगह पर प चँ ेगा। आलंका रक भाषा म कहा जाए तो
उस मिहला ने वग क दौलत के मानिसक व पहनाने के बजाय उसे सांसा रक
िचथड़ म लपेट दया था। उस आदमी ने अवचेतन प से इसे पकड़ िलया और उसी के
अनु प ित या क ।
आपको उस ि क मदद करने के िलए हमेशा तैयार रहना चािहए, जो सचमुच
भूखा हो या अभाव या क म हो। यह सही, अ छा और सोलह आने सच है। बहरहाल,
इतना यान रख क आप उसे अमरबेल न बना द। आपक मदद हमेशा दैवीय मागदशन
पर आधा रत होनी चािहए। आपक ेरणा इस तरह मदद करने क होनी चािहए,
िजससे वह अपनी मदद वयं कर सके । सामने वाले को िसखाएँ क वह जीवन क
अमीरी कहाँ खोजे, कस कार आ मिनभर बने और मानवता के ित अपना सव े
योगदान कै से दे। य द आप ऐसा करते ह, तो उसे कभी भी सूप के कटोरे , पुराने कपड़
या ख़ैरात क ज़ रत नह पडेगी।
...ये चीज़... तुमने क ह और... बाक़ को अधूरा छोड दया है। (मै थू 23:23) हम
सभी मदद का हाथ बढ़ाना चाहते ह, ले कन दूसर क किमय , िवकृ ितय , आलस,
उदासीनता और लापरवाही म योगदान देना ग़लत है।

च र ही भा य है
हम सभी यहाँ पिहए म अपने कं धे क ताकत से ध ा लगाने आए ह। य द आप िसफ़
एक लंगोट पहन रहे ह, तब भी कसी न कसी ने इसे आपके िलए बनाया था। आप
दूसर के िलए या कर रहे ह? या आप काम कर रहे ह और अपने गुण व यो यता
का योगदान दे रहे ह? कई िभखारी ऐसे भी ह, जो अ छे-खासे शरीर के बावजूद भीख
माँगने को पेशा बना लेते ह। जब तक आप उ ह भीख देते रहगे, वे कभी काम नह
करगे। वे अमरबेल और परजीवी ह। चाहे लंदन हो या यूयॉक या कोई और जगह, उनम
से कु छ ब त दौलतमंद ह तथा उनके पास आलीशान मकान व कार ह।
हर ि के भीतर अनखोजी ितभा , शि य और दौलत का िवशाल ख़जाना
भरा रहता है। हर ि िज मेदार है और लड़क को समाज के ित उनक
िज़ मेदा रय के बारे म जाग क बनाना चािहए। हम सभी जीवन क राह पर
मानवता का िह सा ह। आप यहाँ अपने िह से का काम करने के िलए ह, चाहे यह
पतवार ख चना हो या कार चलाना। जीवन आ था, साहस, सहनशीलता, लगन और
समपण को पुर कृ त करता है तथा इन गुण को बड़ा देता है। बाधा से उबरने म ही
आपके च र का िवकास होता है और च र ही भा य है।

आपका आंत रक आ य
सरकार या लोग पर नह बि क ई र पर िनभर रह। सरकार आपको तब तक कोई
चीज़ नह दे सकती, जब तक क वह पहले उसे आपसे ले न ले। इसके अलावा, कोई भी
सरकार शांित, सद्भाव, स ता, संप ता, सुर ा, बुि म ा, पड़ोसी के ित ेम,
समानता, समृि या अ छाई के िलए कानून नह बना सकती। ये सभी चीज़ आपके
भीतर के आ याि मक संसार से आती ह।
वह परजीवी है, जो अपने नाम, पृ भूिम, खानदान या अ छे चेहरे क बदौलत
चलता रहता है, जब तक क लोग को यह अहसास नह होता क भीतर से वह कतना
खोखला है। फर वह िगर जाता है- य क उसके पास कोई आंत रक सहारा और शि
नह होती।

वह कस कार िशखर तक प ँचा


लॉस एंजेिलस के एक िबज़नेस ए ज़ी यू टव ने मुझे बताया क 1929 म जब शेयर
बाज़ार लुढ़का, तो उसका सब कु छ चला गया। उसके भाई का भी। उनम से येक के
पास दस लाख डॉलर से अिधक संपि थी। उसके भाई ने आ मह या कर ली। उसने
कहा क अब उसका सब कु छ चला गया था, इसिलए जीने के िलए कु छ बचा ही नह
था।
िबज़नेस ए ज़ी यू टव ने मुझे बताया क उसने सोचा, “मेरा पैसा चला गया है,
ले कन उससे या? मेरे पास अ छा वा य है, यारी प ी है, यो यताएँ और गुण ह।
म दोबारा पैसे कमा लूँगा। ई र मेरा मागदशन करे गा और मेरे िलए एक नया ार
खोल देगा। म लाख डॉलर कमाकर दखाऊँगा।” उसने अपनी आ तीन चढ़ाई और
माली बन गया। यहाँ-वहाँ छु टपुट काम करके उसने थोड़ा पैसा इकट् ठा कया, शेयर
बाज़ार म िनवेश कया और उसके शेयर के भाव आसमान छू ने लगे। वह दूसर को
सलाह देने लगा और दौलत कमाने म उनक भी मदद क ।
वह ऊ वगामी था। उसने ख़द को ऊपर उठा िलया, य क वह जानता था क
ई र क शि उसे बाहर िनकलने का रा ता दखाएगी और उसक ाथना का
जवाब देगी। उसने अपने भीतर के आ याि मक ख़जाने को पुकारा, िजसके बाद उसे
शि , साहस, बुि म ा और मागदशन िमल गया।

ई र क दौलत आपक है
बाइबल कहती है, इ र के क़रीब प च ँ ो और वह आपके क़रीब प च ँ ेगा... (जे स 4: 8)
इसका अथ यह है क असीिमत ा आपक ाथना पर ित या करती है और जब
आप पुकारते ह, तो जवाब देती है। म और मेरे िपता एक ह। (जॉन 10:30) आप और
ई र एक ह
ज़मीन-जायदाद, शेयर , सरकार, र तेदार या कसी अ य ि पर िनभर न
रह। ई र क दी गई आंत रक शि पर भरोसा कर क यह हर व त आपको संबल
और सहारा देगी। बाहर देखना बंद कर द। भीतर क ओर देख। य द आप मदद के िलए
बाहर क ओर देखते ह, तो आप भीतर मौजूद ई र क दौलत से इं कार कर रहे होते ह
और ख़द को शि , बुि म ा तथा ान से वंिचत कर रहे होते ह।
िव ास कर क आप भ आ याि मक जीव ह। अपने देव व को पहचान। यही
नह , इस स य पर मनन कर क आप यहाँ पर उस अनूठेपन को मु करने आए ह, जो
भीतर क़ै द है।
आपको सहारा देने वाली एक असीिमत शि है, यह अहसास करके हमेशा
ऊ वगामी बन। वह शि आपको ऊपर उठाएगी, आपका उपचार करे गी, आपको े रत
करे गी, आपके िलए नए ार खोलेगी, आपको नए रचना मक िवचार देगी और आपको
उसम गहरी, थायी सुर ा का अहसास दान करे गी, जो कभी नह बदलता है - जो
कल, आज और हमेशा वही है। आपको तो बस इस उपि थित म िव ास भर करना है;
इसके बाद आपके जीवन म चम कार होने लगगे।
ऊ वगामी ि सम या का सीधा सामना करता है और ख़द से कहता है, “यह
सम या दैवीय समाधान के मुक़ाबले छोटी है। सम या यहाँ पर है, ले कन ई र भी यह
पर है।” फर वह जीत जाता है! वह सभी बाधा , ावसाियक सम या और
इं जीिनय रं ग तथा थान क सम या से आ था, साहस और िव ास के साथ जूझता
है। वह बीमारी, डर और अ ान पर िवजय पाने क ओर बढ़ता है। मनु य कभी भी
अपनी भौितक झोपड़प ी से तब तक मुि नह पा सकता, जब तक क वह अपनी
मानिसक झोपड़पट् टी से मुि न पा ले।
एक पुरानी कहावत है क व थ मुग कमज़ोर मुग को च च मार-मारकर मार
डालते ह। कू ल जाने वाला जो लड़का कमज़ोर, परािजत, प र य , हीन महसूस
करता है और िजसे दबंग सहपाठी परे शान करते ह, वह भीतर से भी कमज़ोर होता है।
ले कन जब वह दबंग सहपाठी के सामने खड़ा होता है, उसे चुनौती देता है और डटकर
उसका मुक़ाबला करता है, तो तथाकिथत दबंग सहपाठी आम तौर पर पीछे हट जाता
है।
आप सभी प रि थितय से ऊपर उठ सकते ह
ई र के पु के प म अपनी ग रमा और भ ता को महसूस कर। यह अहसास कर क
दूसर के अपमान, आलोचना और बुराई का आप पर असर नह हो सकता, य क आप
ई र म लीन ह। य द आप अपने भीतर ई र क उपि थित को उ त कर लेते ह और
ेम करते ह, तो सभी लोग- आपके तथाकिथत श ु भी- आपक भलाई करने के िलए
वृ हो जाएँगे।
क वीकार करने से इं कार कर द और कभी भी कसी ि थित के सामने घुटने न
टेके। आप एक अलौ कक इं सान ह; आप मानिसक प से सभी ि थितय व
प रि थितय के ऊपर उठ सकते ह।
जब अ ाहम लंकन को जानकारी दी गई क उनके के िबनेट का एक सद य यानी
यु मं ी उनक बुराई कर रहा था और उ ह अ ानी बंदर तक कह रहा था, तो उ ह ने
जवाब दया “उनके िजतना महान यु मं ी इस देश म आज तक दूसरा नह आ।”
कोई भी लंकन को आहत नह कर सकता था और उनके अहं को चोट नह प च ँ ा
सकता था। लंकन जानते थे क उनक शि कहाँ थी। वे जानते थे क उनके ख़द के
दमाग के अलावा कोई भी उ ह नीचे नह िगरा सकता। लंकन ऊ वगामी थे, िजसका
मतलब है क उ ह ने न िसफ़ वयं को ऊपर उठाया, बि क अपने भीतर के ई रीय
व प को भी पहचाना। इससे उ ह पूरे देश को ऊपर उठाने क शि िमली।

ख़द के ित अ छे रह
आप कु छ तथाकिथत भला करने वाल को जानते ह गे, जो ब के शोषक , यौन
अपरािधय और दूसरे ख़तरनाक क़ै दय के िलए पैरोल क िसफ़ा रश करते ह। इस
कार के अपराधी जेल से छू टते ही दोबारा हमला, बला कार और ह या करने लगते ह।
हमारे अख़बार इस कार क ख़बर से भरे रहते ह। इससे पहले क आप दूसर को
ऊपर उठा सक और उनक मदद कर सक, आपको सबसे पहले अपनी बुि म ा तथा
समझ को ऊपर उठाना होगा। आप िसफ़ वही दे सकते ह, जो आपके पास है। अ सर,
तथाकिथत उपदेशक और भला करने वाले लोग दूसर पर अपनी ख़द क किमयाँ व
अपूणताएँ ही आरोिपत करते ह। याद रख, एक अंधा दूसरे अंधे को राह नह दखा
सकता।
आपके िसवा बदलने के िलए कोई दूसरा है ही नह । आपको ख़द के ित अ छा
रहना चािहए; आपका स ा व प ई रीय है। अपने भीतर क इस दैवीय उपि थित
को ऊपर उठाएँ, इसका स मान कर, इसे नमन कर; ऐसा करते व त आप अपने पड़ोसी
को ेम और स मान कर रहे होते ह। पड़ोसी आपके सबसे िनकट होता है; ई र आपका
पड़ोसी है और य द आप ई र से ेम करते ह, तो आप सभी लोग के ित सद्भावना
रखगे।

उनसे बोलो, यो क वे सुनते ह, और


आ मा आ मा से िमल सकती है -
वे साँस से भी यादा क़रीब ह और
हाथ-पैर से भी यादा।
- टेनीसन, द हायर पथी म (छंद 6)
वयं क वा तिवकता पर नजर डाल, जो आपके भीतर गहराइय म पूरी तरह
दमक रही है। अपने स े काश को चमकने द और परम िपता के ेम को अपने ज़ रए
वािहत होने द, जो आपक सारी कमज़ो रय , किमय और सीमा को िमटा देता है।
ऊ वगामी ि ने अपने भीतर ई र को पा िलया है और वह उसक उपि थित म
शि शाली तथा सुरि त महसूस करता है।
ऊ वगामी जानता है क वह यहाँ पर िवजय पाने के िलए आया है, य क ई र
कभी असफल नह हो सकता। चूँ क वह ई र के साथ है, इसिलए उसे कोई डर नह
रहता और वह ज़रा भी कुं ठत या परे शान नह होता।

अपना नया आकलन कर


ऊ वगामी ि संक प करता है, “ई र ने मुझे यह इ छा दी और ई र क बुि म ा
इसके साकार होने क आदश योजना कट करे गी।” इस नज़ रए से सारी कुं ठा िमट
जाती है।
हम सभी पर पर िनभर ह। आपको कसी डॉ टर, वक ल, मनोवै ािनक या बढ़ई
क ज़ रत हो सकती है- और उ ह आपक ज़ रत हो सकती है। हम एक-दूसरे क
ज़ रत है। ले कन हम हर एक के भीतर रहने वाले ई र को ऊपर उठाने क याद
रखनी चािहए। याद रख, हर ि को इस तरह देखने क आदत डाल, जैसा उसे होना
चािहए: ई र का पु , दैदी यमान, ख़शहाल, समृ और वतं ।
ऊ वगामी बन। हर एक के दल म वास करने वाले ई र को ऊपर उठाएँ। उ ह
भ ता और उ कृ ता के व पहनाएँ। परम िपता के ेम क आँच से उनका वागत
कर। जब आप अपने भीतर देव व को ऊपर उठा लेते ह, तो इसके बाद आप उसे दूसर
म भी ऊपर उठा लगे। य द आप खोज, तो आप पेड़ म वाणी, प थर म उपदेश, कल-
कल करती न दय म गीत और हर व तु व ि म ई र खोज लगे।
ऊ वगामी ि इस ाचीन कहावत क स ाई जानता है: आप जो देखते है,
आपको वही बनना पड़ता है; य द आप इ र देखते ह, तो इ र बन जाते ह और य द
आप धूल देखते है, तो आप धूल बन जाते ह।
जब मोज़ेस ने वीराने म साँप को ऊपर उठाया, तो मनु य का पु भी ऊपर उठ
गया। बाइबल म सन श द का अथ अिभ ि है और मैन श द का अथ मन है। इस
सबका मतलब है क आपको मोज़ेस क तरह ऊ वगामी होना चािहए। जब आप
हताश, िनराश या भयभीत ह , तो अपने भीतर क आ मा क अवधारणा को ऊपर
उठाएँ, जो ई र है। आपके पास एक मि त क है, जो असीिमत मि त क का िह सा है।
आपके भीतर आ मा है, िजसे मानवीय तर पर भाव या भावना कहा जाता है। दूसरे
श द म, आपका अदृ य िह सा ई र है।
रगना, सरकना, गटर म जीना और भँवर म रहना छोड़ द! जीिवत रहने के िलए
श मदा होना छोडू द। अपना नया आकलन कर, अपना एक नया लू ंट तैयार कर।
साँप पेट के बल रगता है, िबल म िछपता है या रोशनी से दूर चट् टान के पीछे िछप
जाता है। जब आप अ म या कमज़ोर महसूस करते ह और आपका नज़ रया धूल के
क ड़े जैसा होता है, तो आप ज़मीन पर रे ग रहे होते ह और इं य से िमले माण से
िनयंि त हो रहे होते ह। ऐसे म आपको महसूस होता है क आप आनुवंिशकता, प रवेश
और प रि थितय के िशकार ह। सृजना मक काय म दो साँप तनकर खड़े होते ह, जो
सेना के मेिडकल ऑ फ़सस ारा पहना जाने वाला तीक है। इस कार साँप ई र क
असीिमत उपचारक उपि थित का तीक है। यह आपको अपने भीतर क उपचारक
उपि थित को ऊपर उठाने क याद दलाता है। ई र आपके चेतन और अवचेतन मन के
प म आपके भीतर ह। आप िजसे भी सच महसूस करते ह और सच होने का दावा
करते ह आपका अवचेतन उसी तरह ित या करे गा। इस तरह आप सभी सीमा ,
बाधा और अवरोध से ऊपर उठ सकते ह।

जवाब िमलने वाली ाथना क ख़शी का अनुभव कै से कर


बुक ऑफ़ नंबस म कहा गया है, और मोज़ेस ने पीतल का एक साँप बनाया और उसे एक
खंभे पर रख दया और यह घ टत हो गया क य द कोई साँप कसी ि को काट
लेता था, तो पीतल के साँप को देखने पर वह जीिवत रहता था। (नंबस 21:9) कोई भी
समझदार ि इस कहानी को श दशः सच नह मानेगा। बाइबल मनोवै ािनक और
आ याि मक स य का िच ण करने के िलए बाहरी मूत चीज़ो का इ तेमाल करती है।
आलंका रक प से, साँप आपको तब काटता है, जब आप नफ़रत, ई या, डाह, श ुता
या ितशोध से भरे होते ह। कई लोग दूसर क सफलता और उपलि धय को देखकर
लोभ करते ह या उ ह श ुता का डंक चुभने लगता है। डर, अ ान और अंधिव ास का
डंक करोड़ लोग को डँस लेता है।
मनोवै ािनक प से, मोज़ेस का अथ है ई र क शि क जाग कता और अपनी
गहराइय से इस शि को बाहर िनकालने क आपक मता। पीतल दो धातु का
यौिगक है, जो अपनी मनचाही व तु के संदभ म आपके चेतन और अवचेतन मन के
संयोग का तीक है। य द आपके चेतन और अवचेतन मन म कोई संघष या बहस नह
है, तो आपको अपनी ाथना का जवाब िमलेगा।
जब आप अपने भीतर मौजूद ई र क असीम उपचारक उपि थित को िनहारते ह
और दावा करते ह क जो ई र के िलए स य है, वह आपके तथा सभी मनु य के िलए
भी स य है, तो आपक सारी कमज़ो रय का इलाज हो जाता है। फर आप अपने
समथन म काम करने वाली आ याि मक शि य को मु कर दगे और आप रगने,
सरकने, धूल के क ड़े क तरह चलने वाले ि से ऊपर उठकर ई र क ख़शी म
आ था व िव ास क ऊ वगामी अव था म प च ँ जाएँगे, जो आपक शि है।
इसी पल से ऊ वगामी बन! आपम जो आ मा है, वह ई र का अंश है। यह अजेय,
अभेद, अनंत, सवशि मान और सव ापी है। अपने मि त क के भीतर क इस
उपि थित और शि के साथ एक प हो जाएँ। ित या को महसूस कर और
अके लेपन, डर, बीमारी, ग़रीबी तथा हीनता का आपका रे िग तान गुलाब क तरह
िखलकर दमकने लगेगा... म तु ह बाज़ के पंख पर बैठाकर अपने पास लाया
(एकसोडस 19:4)। इससे आपको अिधक पूण जीवन के िलए आ थक िनयामत भी िमल
जाएँगी।

िवशेष मरणीय बंद ु


1. ऊ वगामी बनने के िलए आपको अपनी इ छा को वीकृ ित के बंद ु तक ऊपर
उठाना होता है; फर ये साकार हो जाती ह। अपने सपने को देखते रह और इसक
वा तिवकता पर मनन करते रह।
2. आपका च र या मानिसक नज़ रया आपको बना भी सकता है और िमटा भी सकता
है।
3. संसार म दो कार के लोग होते ह: जो दूसर को ऊपर उठाते ह और जो दूसर पर
िनभर होते ह।
4. यह अहसास करके सामने वाले को ऊपर उठाएँ क उसके पास वग क असीम
दौलत है और वह उसके सपने से अिधक समृ है।
5. आपका च र ही भा य है। जीवन साहस, आ था, सहनशीलता और लगन को
पुर कार देता है। बाधा से उबरते व त ही आपके च र का िवकास होता है।
6. ई र क सारी समृि आपक है, य क ई र या असीिमत ा हमेशा ित या
करती है। आप जब भी पुकारगे, आपको जवाब अव य िमलेगा।
7. आप अपने भीतर क ई रीय उपि थित को ऊपर उठाकर और उसके साथ एक प
होकर सभी प रि थितय से ऊपर उठ सकते ह।
8. अपने ित अ छे बन, य क आपका वा तिवक व प ई रीय है। अपने भीतर के
ई र को ऊपर उठाएँ और उस देव व का स मान कर, जो सव ापी तथा
सवशि मान है- एकमा दैवीय उपि थित और एकमा शि है।
9. ऊ वगामी बन और हर एक के भीतर के ई र को ऊपर उठाएँ। पहले अपने भीतर के
देव व को ऊपर उठाएँ; इसके बाद आप इसे दूसर म भी ऊपर उठा सकते ह।
10 अपनी िनगाह ऊपर क ओर घुमाएँ और अपने भीतर क असीिमत उपचारक
उपि थित को देख। जब आप ित या महसूस करगे, तो आपको ाथना के साकार
होने क ख़शी का अनुभव होगा। इसम आ थक िनयामत भी शािमल ह।
अ याय तेरह

कृ त दय संप ता को आक षत करता है
यवाद के साथ हम उसक उपि थित म चलते ह। (सा म 95:2)

ध मानिसक, आ याि मक और भौितक संप ता क सारी या का सार


एक ही श द म बताया जा सकता है: कृ त ता। कसी भी ा व तु के िलए
कृ त ता से भरा िवचार दय से क गई ाथना ही है। इससे आपको िनयामत
िमलती ह। कृ त दय वाला ि ख़शहाल और दौलतमंद होता है। शे सिपयर ने
कहा था: “हे ई र, तुमने मुझे जीवन दया है, मुझे कृ त ता से भरा दय भी दो।”
अमे रका के बुि मान दाशिनक हेनरी थोरो ने कहा था: “हम इस बात के िलए
ध यवाद देना चािहए क हम पैदा ए थे।” पल भर के िलए िवचार कर क अगर आप
पैदा नह ए होते, तो या होता? आप कभी बेहतरीन सूय दय या सुंदर सूया त नह
देख पाते। आप कभी अपने ब े क यारी आँख और अपने कु े क शंसा मक नजर या
वामी पर उसक अपलक दृि नह देख पाते। आप कभी कृ ित के स दय या तार से
भरे आकाश को नह िनहार पाते, जो आ मा का दैिनक आहार है।
आप कभी बफ़ से लदे पहाड़ को धूप म हीर क तरह जगमगाते नह देख पाते।
आप कभी अपने ि यजन के ेमपूण आ लंगन को महसूस नह कर पाते। आप कभी
अपने आस-पास क समृि नह देख पाते और फू ल या ताजा-ताजा कतरी गई घास
क ख़शबू भी नह सूँघ पाते।
सुबह क सुंदरता के िलए शु गुज़ार और कृ त ह । कृ त ह क आपके पास ई र
के स दय को देखने के िलए आँख ह, आसमान के संगीत और पि य का गीत सुनने के
िलए कान ह, ई र क धुन बजाने के िलए हाथ ह और एक आवाज़ है, जो आपको
दूसर से सुकून, साहस और ेम के श द बोलने म समथ बनाती है।
अपने घर, ि यजन , र तेदार , कामकाज और ावसाियक सहयोिगय के िलए
कृ त ह । बार-बार कह, “म अपने प रवार के हर सद य के िलए ाथना और दुआ
करता ;ँ म ध यवाद देता ,ँ म कृ त ,ँ म अपने पित अथवा प ी और ब म ई र
को ऊपर उठाता ँ और शंसा करता ।ँ वे जो भी कर रहे ह, म उस हर चीज़ के िलए
दुआ करता ।ँ म जो भी उपहार गढ़ता ,ँ उनम म उन सभी को आशीष देता ।ँ म
जानता ँ क देना पाने से अिधक ेय कर है। म अपने वसाय को दुआ देता ।ँ म
अपने सहक़ मय , ाहक और सभी लोग को दुआ देता ।ँ मेरा कामकाज फै लता है,
िव तृत होता है, कई गुना होता है, बढ़ता है और हज़ार गुना होकर मेरी ओर लौटता
है।”
कृ त ता का िनयम
सबसे पहले तो आप पूरी तरह और पूरे दल से वीकार करते ह क एक असीिमत ा
है, िजससे सारी चीज़ वािहत होती ह। दूसरे , आप िव ास करते ह क यह ोत
आपके िवचार के अनु प ित या करता है। तीसरे , आप आंत रक कृ त ता क गहरी
भावना ारा इस असीिमत ा से ख़द को जोड़ लेते ह।
कृ त ता का एक िनयम है और प रणाम पाने के िलए आपको इस िनयम पर चलना
ही होगा। बाइबल म बताया गया यह िनयम इस कार है, ई र के क़रीब प च ँ ो और
वह तु हारे क़रीब प चँ ेगा। यह िनयम या और ित या का नैस गक िस ांत है, जो
पूरी सृि म हर ओर ा है। इसका अथ यह है क आप अपने अवचेतन मन पर जो
भी छाप छोड़ते ह, वह कट हो जाएगी। आपके मन का कृ त तापूण नज़ रया, जो
अ छाई के िलए ध यवाद भरी शंसा म ऊपर उठता है, आपके अिधक गहरे मन का
िव ास बन जाता है, िजसके फल व प आप िजस चीज़ पर दावा करते ह, वह आपक
ओर आने लगती है।

कृ त ता कस कार अमीरी को आक षत करती है


एक अि थ रोग िवशेष ने एक बार मुझे बताया था क वह बचपन म ब त ग़रीब था
और पढ़ाई का ख़च पूरा करने के िलए उसे दरबान का काम करना पड़ा था। जब उसने
अपना लीिनक खोला, तो पूरा स ाह गुज़र गया, ले कन एक भी रोगी नह आया। वह
कडु वाहट से भरा और आलोचना मक था। दूसरे स ाह उसका पहला रोगी दािख़ल
आ, जो मिहला थी। वह उससे बोली, “आपने यहाँ अपना लीिनक खोला, इस बात के
िलए हम ब त कृ त ह। हम अपने इलाक़े म आपक ज़ रत थी। हमम से कई लोग
ाथना कर रहे ह क आप यहाँ पर ख़श रह और फल-फू ल।” फर उसने आगे कहा “म
हर चीज़ के िलए हमेशा ब त कृ त होती ।ँ म जानती ँ क कृ त ता के अभाव के
कारण ब त सारे लोग दुख और ग़रीबी म रहते ह।”
उस अि थ रोग िवशेष क जंदगी उसी पल बदल गई। उस मिहला के श द उसके
दय म उतर गए और उसने उस उपचारक शि के िलए ध यवाद दया जो उसके
मा यम से उस मिहला तक वािहत हो रही थी। उस मिहला ने उसे जो फ़ स दी, उसके
िलए भी उसने उसे ध यवाद दया। उसने िजतनी यादा कृ त ता से अपना मन अपने
हर उपचार और अपनी सभी अ छी चीज़ो के ोत पर क त कया, उसे उतना ही
यादा िमला। उसका कृ त नज़ रया उसके पूरे मन को सृि क सृजना मक शि य के
अिधक क़रीबी सामंज य म ले आया और उसके लीिनक म रोिगय क भीड़ लग गई।
वह बुि म ा म अमीर बना, उसने इलाज म कई चम कार कए और उसक ैि टस
ब त समृ हो गई।

कृ त ता क तकनीक
एक िपता पढ़ाई पूरी करने के तोहफ़े के प म अपनी बेटी को दुिनया क सैर कराने का
वादा करता है। उस लड़क को अभी सैर के िलए पैसा नह िमला है, न ही वह मण के
िलए गई है, ले कन वह ब त कृ त और ख़श है। वह उतनी ही ख़श है, मानो वह
सचमुच यूरोप और फर एिशया के िलए जाने वाले जहाज़ पर सवार हो। वह जानती है
क िपताजी अपना कया वादा पूरा करगे। वह ब त कृ त है और उसने सुखद आशा
तथा कृ त दय के साथ उपहार को मानिसक प से वीकार कर िलया है।
आप शायद कभी कार ख़रीदने के िलए कसी कार डीलर के यहाँ गए ह गे, हालाँ क
उसके पास उस व त आपक मनचाही कार टॉक म नह होगी। आपने बताया क आप
या चाहते ह और से समैन ने कहा क वे उसका ऑडर कर दगे तथा कार उपल ध करा
दगे। आपने से समैन को ध यवाद दया और िबना कार िलए लौट आए। आपको पूरा
िव ास था क िनकट भिव य म आपको अपने ऑडर के अनु प कार िमल जाएगी,
य क आपको उस डीलर क ईमानदारी पर भरोसा था।
अब ज़रा सोिचए आपको असीम और परम िपता के सृजना मक िनयम पर कतना
यादा भरोसा करना चािहए, जो कभी नह बदलता और जो उसम हमारे िव ास पर
हमेशा ित या करता है!

ध यवाद य द?
... हर चीज़ के िलए ध यवाद द। (1 थेसैलोिनय स 5:18)
आ दमानव क ई र क अवधारणा बचकानी थी और वह उसे ऐसे मानव के प
म देखता था, जो सृि को तानाशाही अंदाज़ म चलाता था। आ दमानव उन दास क
तरह ित या करता था, जो पुराने सामंत के सामने रगते व चापलूसी करते थे, िजन
सामंत के हाथ म दास के जीवन और मृ यु क शि होती थी। इस कार आ दमानव
ई र के सामने लेटकर, भीख माँगकर, िनवेदन करके और िगड़िगड़ाकर उसक कृ पा
हािसल करना चाहता था।
आज मनु य ई र को असीिमत ा के प म देखता है, जो सृजना मक िनयम के
मा यम से काय करता है। यह िनयम अ ि गत है, यह ि य म भेद नह करता
और कभी बदलता भी नह है। यह आज, कल और हमेशा समान रहता है। दैवीय
उपि थित म ि व के सभी त व होते ह, जैसे ेम, ख़शी, शांित, बुि म ा, ान और
सद्भाव। यह उस ि के साथ िनजी तथा अंतरं ग बन जाती है, जो इसके तालमेल म
आता है और सही कार से िनयम पर काम करता है। जब मनु य असीिमत उपि थित
और शि के चम कार , ख़जा़न व ित या को खोजता है, तो उसके भीतर तुरंत ही
ाथना और कृ त ता का भाव उपजता है। उसक आ मा स हो जाती है, जैसे जब
कोई ब ा रसायन शा या कृ ित का कोई रह य खोज लेता है, तो वह रोमांिचत हो
जाता है और ख़शी-ख़शी अपने िपता को इस खोज के बारे म बताता है। वह अपनी
खोज पर ख़श होता है और शंसा चाहता है। दस साल के एक छोटे लड़के ने मुझे एक
एश े भट क , जो उसने कू ल म ख़द बनाई थी। उसने बताया क उसने कस कार
धातु को िलया और उ ह जोड़ा। आप उसक आँख म रोमांच और आ य के भाव
देख सकते थे। इससे लड़के को ेरणा िमलेगी क वह आगे चलकर कू ल क योगशाला
म अिधकािधक रह य खोजे। शंसा और कृ त ता से ई र या िनयम पर फ़क़ नह
पड़ता, ले कन वे हमारे दलो दमाग़ का कायाक प कर देते ह और असं य ोत से
हमारी ओर सभी कार क अ छाई को आक षत करने वाले आ याि मक व मानिसक
चुंबक बन जाते ह, िजसम पैसा भी शािमल है।
आपक कृ त ता, शंसा और ध यवाद, चापलूसी या दासता के नज़ रए से
नह होना चािहए, मानो आप अहसान चाहते ह । इसके बजाय यह तो आपके अवचेतन
मन क गहराइय म एक रोमांचक या ा होनी चािहए, जहाँ आप ई र के िनयम क
समी ा करते ह और उनम गहन िच लेने लगते ह। इस कार आप आनं दत ह गे क
िजन चीज़ो क आपको ज़ रत है और िजन पर आप दावा करते ह, वे सभी सै ांितक
प से आपके भीतर ह तथा इं तज़ार कर रही ह क आप ख़शी से व कृ त दय से उ ह
ा कर।
जब आप जीवन और ई र के सव ापी िस ांत के बारे म जाग क बनते ह तथा
उनक क़ करते ह, िजसने आपको आरं भ से अब तक हर चीज़ दी, तब आप सचमुच
कृ त होते ह और आपका दय शंसा से भरा होता है। “सभी चीज़ तैयार ह, बशत
मि त क तैयार हो।” (शे सिपयर)

“ध यवाद” का चम कार
एक आदमी ने कहा, “िबल का ढेर बढ़ता जा रहा है, मेरे पास पैसे नह ह, मुझे
दवािलएपन का आवेदन करना होगा। म या क ँ ?” मने सुझाव दया क हर सुबह
दो-तीन बार दस-पं ह िमनट के िलए वह शांित से बैठ जाए और साहस के साथ कहे,
“परम िपता, आपक अमीरी के िलए इसी ण ध यवाद।” वह शांत और आरामदेह
अंदाज़ म तब तक रहे, जब तक क कृ त ता क भावना या मानिसक अव था उसके
दमाग़ म बैठ न जाए। वह जानता था क दौलत का िवचार-िच ही उस धन-दौलत
का मूल कारण है, िजसक उसे ज़ रत है। उसका िवचार-भाव दौलत का मूल था, िजस
पर कसी भी कार क पुरानी कं डीश नंग का कोई असर नह हो सकता था।
बार-बार “परम िपता, ध यवाद” दोहराने से उसका दल और दमाग़ वीकृ ित के
बंद ु तक ऊपर उठ गए। जब भी डर के िवचार उसके मन म आते थे, तो वह त काल
“परम िपता, ध यवाद” उतनी बार कहता था िजतनी बार आव यक होता था। वह
जानता था क अगर वह यह कृ त नज़ रया रखेगा, तो वह दौलत के िवचार से अपने
मि त क क दोबारा कं डीश नंग कर देगा। यही आ। वह एक सामािजक समारोह म
एक पूव िनयो ा से िमला, िजसने उसे मैनेजर बना दया और उसे एडवांस म ब त
सारा पैसा दया, िजससे वह अपने सारे िबल का भुगतान कर पाया और कज़ से बाहर
िनकल सका। उसने मुझसे कहा क वह “परम िपता, ध यवाद” के चम कार को कभी
नह भूल पाएगा।

कृ त ता का मह व
कृ त ता आपको असीिमत के तालमेल म रखती है और सृजना मक िनयम के साथ जोड़े
रखती है। कृ त ता का मह व िसफ़ अपनी ओर वरदान आक षत करने तक ही सीिमत
नह है। आपको याद रखना चािहए क य द आपका दय ध यवाद से भरा आ न हो,
तो आप अपनी वतमान ि थितय और प रि थितय के संदभ म असंतु हो जाते ह।
य द आप अपना यान ग़रीबी, अभाव, अके लेपन, गंदगी, घ टयापन और संसार क
मुि कल तथा सम या पर क त करते ह, तो आपका मन इन सभी चीज़ो का प ले
लेता है। यह आकषण के िनयम क बदौलत होता है, जो कहता है क िजस पर आप
यान देते ह, उसका आप अनुभव भी करते ह।
याद रख य द आप अपने मन को अभाव और सीमा पर क त रहने क अनुमित देते
ह, तो आप दुख और हीन चीज़ो से िघर जाएँगे।
अपना यान जीवन म सव और सव े पर क त कर। इससे आपको जीवन म
सव और सव े चीज़ो का अनुभव होगा तथा आप ऐसी ही चीज़ो से िघर जाएँगे।
आपके अवचेतन मन का सृजना मक िनयम आपको उस व तु क छिव और
समानता म ढाल देता है, िजस पर आप मनन करते ह। दरअसल आप वही बन जाते ह,
िजस पर आप मनन करते ह। कृ त ि लगातार और हमेशा जीवन क अ छी चीज़ो
क आशा करता है तथा उसक आशा हमेशा साकार प धारण कर लेती है।
आपको जो भी अ छी चीज़ िमलती ह, उनके िलए के वल कृ त होने क आदत
डालना ही आव यक नह , बि क अिनवाय भी है। दूसरे श द म, लगातार ध यवाद देते
रह।
सभी लोग आपके क याण म योगदान देते ह। इसिलए आपको कृ त ता क अपनी
ाथना म सभी लोग को शािमल करना चािहए। इससे आप सभी क अ छाई के साथ
अवचेतन सं ेषण म प च
ँ जाएँगे और जीवन, पृ वी तथा सभी लोग क दौलत अपने
आप आपक ओर आक षत होने लगेगी।

या आप ख़शहाली क क़ करते ह?
कु छ साल पहले मने थानीय अख़बार म एक ि के बारे म पढ़ा, जो दो वष क उ
से दृि हीन था। उसक एक आँख तो पूरी िनकालनी पड़ी, ले कन बाद म डॉ टर ने
दूसरी आँख का ऑपरे शन कया और पहली चीज़ जो उसने देखी, वह था उसक प ी
का चेहरा। उसके िलए वह ब त सुंदर थी और वह इससे अिधक अद्भुत चीज़ क
क पना नह कर सकता था। वह अपनी प ी के साथ लगभग चालीस साल से रह रहा
था, ले कन उसने उसका चेहरा कभी नह देखा था। या आप अपनी प ी, अपने पित,
अपने प रवार, अपने बीस क क़ करते ह? या आप अपनी आँख , अपने शरीर, ई र
म अपनी दृढ़ आ था तथा सभी अ छी चीज़ो के िलए ध यवाद देते ह?

मा क दौलत
िपछले समस पर मेरी एक आदमी से बातचीत ई। उसने मुझे बताया क बीस साल
से उसने अपने माता-िपता को कोई प नह िलखा और उनके बीच कसी तरह का
संवाद नह आ। उसे एक ग़लतफहमी थी। उसे लगता था क उ ह ने उसके मुक़ाबले
उसके भाई को यादा पैसे और जायदाद दे दी थी। वह ोिधत और ष े पूण बना रहा।
दुकान म काम करने वाले उसके दो सहयोिगय ने कहा, “आप जानते ह, यहाँ सभी
कमचारी समस के दन अपने माता-िपता से िमलने जा रहे ह। माता-िपता का होना
कतना अ छा होता होगा? काश हमारे पास समस पर यह करने का अवसर होता!
हम अनाथ ह। हम अपने माता-िपता के बारे म कु छ नह पता। माता-िपता का होना
कतना ब ढ़या होता है?” यह बात उस आदमी के दल को छू गई। माता-िपता के ित
उसका सारा ोध व श ुता त काल काफू र हो गई और वह उनके िलए उपहार लेकर
समस पर घर गया। उनका पुन मलन बड़ा सुखद रहा। उपहार के तौर पर उसके
माता-िपता ने उसे कु छ मू यवान शेयर दए, िजनका मू य उस रािश से ब त अिधक
था, जो उसके िहसाब से उसके भाई को यादा दी गई थी।
मा करना भी देना है- ेम, शांित और जीवन क सभी िनयामत कसी दूसरे को
देना- और जो आप देते ह, वही आपको िमलता है। यह िलखा आ है: देना पाने से
अिधक ेय कर होता है।

कृ त ता पाँच करोड़ डॉलर को आक षत करती है


यह कृ त दय क शि क एक आ यजनक कहानी है। युवक का नाम लूिसयन
हैिम टन टाइं ग था। वह िपयो रया, इिलनॉय म ज मा था। वहाँ बड़े सपने देखने और
बड़े पैमाने पर सोचने वाले इस मह वाकां ी युवक के िलए ब त कम अवसर थे।
लुिसयन ने िशकागो जाकर क मत आज़माने क सोची। उसे एक ऑ फ़स बॉय का काम
िमला, िजसम उसे जीवन-यापन लायक़ पैसे ही िमलते थे। कमरे का कराया चुकाने के
बाद उसके पास भोजन के िलए दन भर म िसफ़ पचास सट ही बचते थे। उसने पाया
क चॉकलेट म का पाँच सट का बैग ब त अ छा लंच सािबत होता है। ना ते म पं ह
सट लग जाते थे, इसिलए िडनर पतीस सट से अिधक का नह हो सकता था। वह युवक
ब त धा मक था। उसने यह िनयिमत आदत डाल ली क वह अपने हाथ म पचास सट
का िस ा लेकर कहता था: “ई र इसे कई गुना करता है और म ध यवाद देता ।ँ म
हर दन अिधक धन पा रहा ।ँ ” हर सुबह पचास सट ख़च करने से पहले दस िमनट तक
वह यह वा य दोहराता था। वह कई चतुर और सफल लोग को आक षत करने लगा।
अवसर उसक राह म आने लगे, िजनका उसने तुरंत लाभ उठाया। “ध यवाद, परम
िपता,” उसके ह ठ पर लगातार रहता था। जब कई वष गुज़र गए, तो कई भावी
लोग उसक राय माँगने और मानने लगे। वह बेहद ितभावान बन गया। उसक
मानिसक यो यता धीरे -धीरे बढ़ती रही। वसाय म उसक बुि म ा क शंसा होने
लगी और लोग उस पर गहरा िव ास करने लगे। वह उनक ावसाियक सम याएँ
चुट कय म सुलझा देता था। हर सफल उपलि ध के पहले और बाद म उसक सतत
ाथना यही होती थी, “परम िपता, ध यवाद।”
एक दन एक आ यजनक िवचार उसके मन म आया, जो उसने एक अ छे िम को
बताया। िम को इसम ज़बद त संभावना नज़र आई। उ ह ने साझेदारी करके “जनरल
गैस एंड इलेि क कं पनी” क थापना क । इसने दन दूनी रात चौगुनी तर क़ क
और सभी पूव रा य म उसके टेशन हो गए तथा कई वष बाद उ ह ने इसे पाँच
करोड़ डॉलर म बेच दया।
एक किव ने एक बार कहा था: “हे ई र, मुझे एक और चीज़ दो- एक कृ त दय।”

िवशेष मरणीय बंद ु


1. मानिसक, आ याि मक और भौितक संप ता क सारी या का सार एक ही श द
म बताया जा सकता है: कृ त ता।
2. कृ त ता का एक िनयम है और प रणाम हािसल करने के िलए आपको िनयम के
अनु प चलना चािहए। इसका मतलब यह है क आप अपने अवचेतन पर जो छाप
छोड़ते ह वह होगी। ख़श होकर हर कार क दौलत के िलए ध यवाद द।
अमीर महसूस करके आप अपने अिधक गहरे मि त क पर छाप छोड़गे और दौलत
आपक हो जाएगी।
3. इस व त आपके पास जो चीज़ और िनयामत ह, उनके िलए ध यवाद द। उ ह एक-
एक करके िगन और ई र आपक भलाई को कई गुना कर देगा।
4. िनरं तर शंसा कर और उन सृजना मक िनयम के ान के िलए ध यवाद द, िजनसे
आपके जीवन म सभी कार क िनयामत आती ह। आप उस कार के िलए कृ त होते
ह, िजसका वादा आपके िपता ने कया है, ले कन जो आपको अब तक िमली नह है।
आपके वग का िपता आपको उससे भी अिधक देगा। वह तो बस यह चाहता है क
आप उस पर पूरा भरोसा कर।
5. ई र को असीिमत मि त क और असीिमत ा मान, जो एक सृजना मक िनयम
ारा स य है। यह िनयम सभी पर ित या करता है और कोई भेदभाव नह
करता। जब आप अपने भीतर क संपि और मिहमा को खोज लेते ह, तो आप इस
खोज पर ख़श ए िबना नह रह सकते क आपक सारी मनचाही चीज़ इस िस ांत
म मौजूद ह और इस बात क राह देख रही ह क आप ख़शी तथा ध यवाद भरे दय
से उ ह ा कर।
6. हर दन पं ह िमनट तक बैठ जाएँ अपने दमाग़ को शांत कर ल और कह: “परम
िपता, आपक अमीरी के िलए इसी समय ध यवाद।” फर आपके जीवन म चम कार
होने लगगे, िजनम पैसा आना भी शािमल ह।
7. कृ त ता आपको असीिमत के तादा य म रखती है और सृि क सृजना मक शि य
से जोड़े रखती है। इससे आप असं य वरदान को आक षत करने वाले मानिसक और
आ याि मक चुंबक बन जाते है।
8. अपने आस-पास के लोग , प रवार के सद य और सहक मय के ित गहरी क़
दखाएँ। लोग चाहते ह क उनक क़ हो। इसे खुलकर और ेम से द।
9. मा आपके दमाग़ म एक िनवात उ प करती है और आपके मा यम से असीिमत
उपचारक उपि थित के वािहत होने क राह बनाती है। कई लोग दूसर क
आलोचना, ष े और श ुता क वजह से अमीर नह बन पाते। इस कार का
नज़ रया उन तार को तोड़ देता है, जो आपको सारी दौलत और सेहत के ोत से
जोड़ते ह। दूसर को तब तक दुआ द, जब तक क आपके दल म कोई दंश बाक़ न
रहे।
10. य द आपक जेब म िसफ़ एक डॉलर है, तो यह कहकर उसे दुआ द, “ई र इस धन
को मेरे अनुभव म कई गुना करता है और म जीवन म ई र क दौलत के बढ़ते ए,
अथक िनरं तर वाह के िलए कृ त ।ँ ” फर आप ज़बद त दौलत आक षत कर लगे।
11. परम िपता, म आपको ध यवाद देता ँ क आपने मेरी आवाज़ सुन ली और म
जानता ँ क आप मेरी आवाज़ हमेशा सुनते ह। (जॉन 17:24)
अ याय चौदह

आपके श द क शि ारा दौलत के चम कार

या आपने कभी सोचा है क श द म कतनी ज़बद त शि होती है? सोचना


बोलना ही है। आपका िवचार आपका श द है। बाइबल क बुक ऑफ़ ोव स
(25:11) म िलखा है, उिचत तरीक़े से बोला गया एक श द चाँदी के िच म सोने के
सेवफल जैसा है। हम इस तरह भी िनदिशत कया गया है: सुखद श द शहद जैसे होते
ह, आ मा के िलए मधुर और अि थय के िलए वा यवधक। ( ोव स 16:24)
या आपके श द कान के िलए मधुर ह? य द आप इस कार क बात कहते ह, “म
आगे नह बढ़ सकता। यह असंभव है। म अब ब त बूढ़ा हो गया ।ँ मेरे पास अमीर
बनने का कौन सा अवसर है? मैरी ऐसा कर सकती है, म नह । मेरे पास पैसे नह ह। म
इसका या उसका ख़च नह उठा सकता। म कोिशश क ँ गा, ले कन कोई फ़ायदा नह ।”
तो आप देख सकते ह क आपके श द शहद जैसे नह ह। वे सृजना मक नह ह। वे न तो
आपको ऊपर उठाते ह, न ही े रत करते ह। इसके अलावा, आप श द म जो आदेश देते
ह, वह वा तव म सच हो जाता है।
आप जो श द बोलते ह, वे अि थय के िलए वा यवधक होने चािहए, िजसका
अथ है क आपक भाषा को आपको ऊपर उठाना चािहए, रोमांिचत करना चािहए और
ख़श बनाना चािहए। अि थयाँ सहारे और सौ व का तीक ह। आपक भाषा को
आपको सहारा और शि दान करनी चािहए। इसी समय आदेश द और साथक ढंग से
कह, “इस पल के बाद म िजन श द का उपयोग क ँ गा, वे मुझे तथा हर एक का
उपचार करगे, दुआ दगे, समृि दान करगे, े रत करगे और शि दगे।”
चूँ क आपके श द वाक़ई इतने शि शाली होते ह, इसीिलए सही समय पर सही
बात कहना मह वपूण होता है। यही नह , यह सुिनि त करना भी मह वपूण होता है
क सभी अवसर पर आपके श द “कान को मधुर और अि थय को सुखद लग।”
माइने के डॉ. फ़नीज़ पाकह ट बी ने सौ वष से भी अिधक समय पहले यह
संकेत कया था क आ दमानव के मन म अपनी आशा , आकां ा , हसरत , पसंद,
नापसंदगी और डर के सं ेषण क इ छा थी। उसके मन म ये िवचार और भावनाएँ
अपने साथी मनु य तक सं ेिषत करने क गहन इ छा थी। इसका माण पहले गुराहट
और आह म िमला। आिख़रकार उसने बुिनयादी श द गढ़ िलए। फर वह मानिसक
और आ याि मक िवकास के अनु प अपने श दभंडार को बढ़ाता गया।
िवचार और भावनाएँ करने क इस मता के बाद श द के मा यम से सारे
संसार म ान फै लाने के िलए अंतत: ं टंग ेस, पु तक टाइपराइटर और असं य अ य
आधुिनक आिव कार आए। माक नी ने संसार भर म अपने श द भेजने का िनणय िलया।
उसके र तेदार ने सोचा क उसका दमाग़ चल गया है और उ ह ने उसे कु छ समय
तक पागलख़ाने म भी भत रखा। अंतत: उसका िवचार सं ेषण म एक नया आयाम ले
आया और उसी िवचार के ज़ रए आज हम समय तथा दूरी पर िवजय पा चुके ह। आज
आप एक फ़ोन उठाकर संसार के दूसरे िसरे पर रहने वाले ि से बात कर सकते ह।
भाषा के चम कार को पहचान और यह भी क आप िजन लोग से संवाद करते ह,
उ ह आप कस तरह दुआ दे सकते ह उ त कर सकते ह, समृ बना सकते ह और े रत
कर सकते ह।

अिधकार के साथ श द का उपयोग करना


श द-शि परमाणु हिथयार या बम से यादा शि शाली है, य क श द ही यह
आदेश देते ह क इन हिथयार का उपयोग कया जाए या नह । श द परमाणु शि के
उपयोग का आदेश जहाज़ को महासागर म चलाने के िलए भी दे सकते ह और कसी
शहर या देश को तबाह करने के िलए भी।
सोलोमन ने कहा था:... बुि मान क ज़बान वा यवधक होती है। ( ोव स
12:18) और यह भी: जीभ म मृ यु और जीवन क शि है ( ोव स 18:21) यही
अिधकार के साथ श द का इ तेमाल करने क कुं जी है।
मने ये श द एक ऐसे आदमी के सामने दोहराए, जो अ पताल म दय रोग के
कारण भत था। वह दन के अिधकांश समय इ ह बोलने लगा: “म पूणत: व थ ;ँ
ई र ही मेरा वा य है।” जब वह ब त ब ढ़या ढंग से ठीक हो गया, तो उसके
िच क सक को बड़ी हैरानी ई। उसने दोबारा का डयो ाफ़ िलया, िजसम उसका दय
सामा य िनकला। उसने श द का उपयोग अिधकार और िव ास से कया, िजसक
बदौलत वे उसके अवचेतन मन तक प च ँ गए, िजसने उसी अनु प ित या क ।
उसने मुझसे कहा, “ वा य ही धन है। अब म फर से अपने प रवार वाल और
कामकाज के पास जा सकता ,ँ िज ह मेरी ज़ रत है और अपने ब क पढ़ाई पूरी
करवा सकता ।ँ ”

उसके श द ने उसे दौलत दलाई


एक वसायी से मेरी बातचीत ई। उसने कहा क ावसाियक जगत म उसक दौलत
और सफलता क कुं जी इन श द के पीछे ि थत स य का िनरं तर अहसास था:... जो
श द म बोलता .ँ .. वे सजीव ह और जीवन ह। (जॉन 6:63)
उसने कहा “मेरी दौलत तथा िनयामत इ ह श द और इ ह सही अंदाज़ म बोलने
क देन ह। म इन श द म अपनी सबसे गहरी भावना भर देता था। म जानता था क
मेरी भावना उनके पीछे क सजीवता का वा तिवक माण है और उसी से उ ह
सृजना मक शि िमलती थी।”
इस आदमी ने ावसाियक जगत म महान चीज़ हािसल क और ख़द के सामने यह
सािबत कर दया क सही तरीक़े से सही श द बोलने पर दौलत िमलती है।

श द पर अिधकार कस कार िनयामत दे सकता है


एक रयल ए टेट ोकर ने मुझे यह रह य बताया क वह अपने अवचेतन मन को कस
कार िनयंि त करता है और कस तरह आदेश देता है। उसके आदेश के श द ये ह: “मेरे
श द उन सभी लोग को उपचार देते ह, व थ करते ह, ऊजा देते ह, समृ करते ह,
संतु करते ह और अमीर बनाते ह, िजनके संपक म म आता ँ या िजनके साथ म
वसाय करता ।ँ ” उसका नज़ रया यह है क वह दूसर को िजतनी अिधक जीवंतता,
ेम, सद्भाव और दौलत देता है, उसके पास उतना ही अिधक रहती है। िनया ा
जल पात इसिलए शि शाली है, य क यह उ सु ता से लगातार बहता रहता है।
यह ोकर बेहद लोकि य और सफल है। वह यक़ न करता है क आप जो आदेश देते
ह वही पाते ह, जैसा बाइबल म वादा कया गया है: तुम कसी चीज़ का आदेश दोगे
और वह तु हारे िलए थािपत कर दी जाएगी और तु हारी राह रोशन हो उठगी। (जॉब
22:28)

कस कार जीिवत श द सजीव आ


एक बार मने आ थक सम या से जूझने वाले एक आदमी क मदद करने क कोिशश
क । मने ग़ौर कया क वह लगातार कह रहा था, “य द मेरे हाथ म थोड़ा पैसा आ
जाता, तो सब सही हो जाता।” मने उसे बताया क उसे अपने बोले गए हर आलसी
श द पर यान देना था। मने कहा क अवचेतन मन मज़ाक नह समझता है, बि क
उसके दए आदेश को श दश: वीकार करता है। उसके हाथ लगातार काँप रहे थे। िजन
श द का वह इ तेमाल कर रहा था, वे शंका और चंता का संकेत दे रहे थे तथा आ थक
प से उसे पडु लम क ि थित म रखे ए थे।
वह श द क कायाक प करने वाली शि का उपयोग करने लगा, ता क वे
“सजीव बन जाएँ” या साकार हो जाएँ। फर उसने बारं बार घोषणा क : “म दौलत
और सफलता का आदेश देता ।ँ म जानता ँ क ये श द मेरे अवचेतन मन म धँस
जाएँगे, य क म उ ह अथपूण ढंग से और पूरी गंभीरता से कहता ।ँ म आ थक प से
सुरि त ,ँ मेरे पास ज़ रत का सारा धन है और म ध यवाद देता ।ँ ”
ज द ही हवा का ख़ पलट गया; उसके हाथ क ि थित भी ठीक हो गई और
उसक आ थक ि थित भी। फर श द सजीव हो गया और हमारे बीच रहने लगा...
(जॉन 1:14)

जीिवत श द चम कार करता है


िजस िवचार को आप िव ास के साथ अपने दलो दमाग़ म रखते ह, वह आपके श द
क गुणव ा और कृ ित के अनु प साकार हो जाता है। श द वे मानिसक समतु य ह,
जो उनक छिव और समानता के अनु प प रणाम देते ह। ऐसा न िसफ़ हमारे शरीर म,
बि क हमारे सारे प रवेश, संबंध और मामल म होता है।
मेरी एक सहयोगी डॉ. ओिलवर गेज़ दूसर को समृ बनाने के िलए श द क शि
का िनरं तर इ तेमाल करती ह। वे सामने वाले क मनचाही अ छी चीज़ के संबंध म
सकारा मक कथन का इ तेमाल करती ह (िजसका अथ है आपके दमाग़ म यह
थािपत करना, प ा करना और वा तिवक बनाना)। जब कोई अिधक व तु या धन
चाहता है, तो वे दन म अ सर उसके िलए यह सकारा मक कथन कहती ह: “ई र
अमीर है। मैरी ई र क संतान है और अब वह अमीर है। आमीन!” इस सरल तरीक़े से
उन सभी लोग को समृ प रणाम िमलते ह, जो उनक मदद लेते ह। इन श द ने कई
लोग के जीवन म चम कार कर दए ह।

कस कार श द चम कारी शि उ प करते ह


लेज़ारस क क पर ईसा मसीह चम कारी शि को आदेश देते ए ज़ोर से कहते ह:
लेज़ारस आगे बढ़ो। (जॉन 11:43) और पुनज िवत ि अपनी बहन तथा अपने िम
ईसा मसीह का अिभवादन करने के िलए आगे बढ़कर आता है, िज ह ने अिधकार के
साथ बोला था... उ ह ने उस ि क तरह बोला था, िजसके पास अिधकार हो...
(मै यू 7:29)
अपने श द क शि से मं मु ध हो जाएँ। कभी भी अभाव, सीमा, िववाद या बुरे
समय के श द का उपयोग न कर, बि क एक नया शरीर और एक नया प रवेश बनाना
शु कर, साथ ही आदेश के अपने श द को बदलकर मानिसक और भौितक दौलत भी
बनाएँ। साहस के साथ घोषणा कर: “दौलत, आओ! वा य, आओ! सफलता, आओ!”
इससे आप जवाब पाने वाली ाथना क ख़शी महसूस करगे।

कस कार श द ने ाहक को आक षत कया


िजन लोग ने “ ांडीय मानिसक शि के आ यजनक िनयम”* पर मेरी समृि क
क ा म िह सा िलया, उ ह श द क शि के बेहतरीन प रणाम िमले। मने सुझाव
दया क वे कु छ आकषक लगने वाले श द ल और हर दन दो अलग-अलग समय
लगभग दस िमनट तक बार-बार आदेश द। कई ने मुझे बताया क वे ऑ फ़स म काम
करते ह, इसिलए वे ज़ोर से नह बोल सकते, इसिलए जो वे घ टत करवाना चाहते थे,
उसे उ ह ने िलख िलया। वे उन कथन को मन ही मन बार-बार दोहराते रहे। इस कार
वे अपने िवचार धीरे -धीरे अवचेतन मन तक प च
ँ ाते रहे।
एक बीमा से समैन ने साहस के साथ दावा कया: “म अब अपनी ओर िसफ़ उ ह
ी-पु ष को आक षत कर रहा ,ँ िजनक इसम िच है और िजनके पास अपने ब
क िश ा तथा अपने ख़द के क याण म िनवेश करने के िलए पैसा है।” संक प से भरे
इन श द के िनरं तर उपयोग से उसने िच लेने वाले इतने यादा लोग को अपनी ओर
आक षत कर िलया, िजतना पहले कभी नह कया था। अब हर जगह से उसे संदभ
िमलने लगे और उसके जीवन तर म ज़बद त उछाल आ गया।
याद रख- श द क शि ई र ारा मनु य को दए गए सबसे बड़े उपहार म से
एक है। जानवर बोल या हँस नह सकते। आपको यह अहसास होना चािहए क आप
श द का उपयोग दुआ या बद्दुआ देने के िलए कर सकते ह, उपचार करने या बीमार
करने के िलए कर सकते ह, अमीरी या ग़रीबी उ प करने के िलए कर सकते ह, अपनी
बेहतरी या बदतरी के िलए कर सकते ह। अपने श द क शि का इ तेमाल अपने
िख़लाफ़ करना छोडू द। हमेशा दुआ द; तब आपको जीवन म काँटे नह , फल िमलगे।

उसके श द ने एक वसीयत करण सुलझा दया


सैन ांिस को क एक मिहला मेरी पुरानी िम है। उसने मुझे कु छ समय पहले फ़ोन
कया और बताया क उसके िपता ने अपनी वसीयत म उसे िह सा नह दया था।
जायदाद उसके प रवार के बाक़ पाँच सद य यानी उसके भाई-बहन म बराबर-
बराबर बाँटी जा रही थी। उसने मेरे सुझाव पर एक वक ल से परामश िलया और हर
दन तीन-चार बार पं ह िमनट तक ये श द कहे: “जायदाद का एक दैवीय,
सद्भावनापूण समझौता हो रहा है। जो दैवीय अिधकार से मेरा है, वह मेरे पास आ रहा
है। म अपने भाई-बहन को दुआ देती ,ँ वे मुझे दुआ देते ह और सुखद अंत होता है।”
एकाध स ाह बाद उसके वक ल ने उसे फ़ोन करके बताया क उसके भाई-बहन यह
नह चाहते क वह वसीयत को चुनौती दे। उ ह महसूस हो रहा था क उनके िपता ने
उसके साथ अ याय कया था य क उसने एक िवधम ि से शादी कर ली थी।
उ ह लग रहा था क इससे उनके िपता को कोई मतलब नह होना चािहए था क वह
कससे िववाह करती है और वे उसे जायदाद म बराबर का िह सा देने के िलए तैयार ह।
वहाँ पर सचमुच सद्भावनापूण क़ानूनी समझौता आ, िजसम हर एक को बराबरी का
िह सा िमला।

आपके उपचारक श द
“श द मानव जाित ारा यु सबसे शि शाली औषिध ह।” ( डयाड कप लंग)
बाइबल कहती है: उसने अपना श द भेजा, और उनका उपचार कर दया.... (सा म
107:20)
हमम से हर ि उपचारक श द का उपयोग अपने िलए भी कर सकता है और
दूसर के िलए भी। य द हम तुरंत प रणाम नह िमलते ह, तो इसका कारण है हमारी
आ था या िव ास क कृ ित। देिखए, चाहे वह कोई ि यजन हो या िम , हम कसी
दूसरे के िलए उपचारक श द का इ तेमाल इस तरह करना चािहए:
यह महसूस कर क ई र क उपि थित आपके िम को सराबोर कर रही है और
उसके चार ओर है। यह सद्भाव, सेहत और शांित क उपि थित है। महसूस कर क
उस पर दैवीय कृ पादृि है। भले ही सामने वाला इसके बारे म कु छ न जानता हो,
ले कन आप ि गत प से मानते ह क उपचार हो रहा है और आपको वाक़ई इस
पर िव ास है। अगर आप चाह, तो दन म कई बार यह कह सकते ह। आपक आ था
बढ़ती जाती है। उपचार धीरे -धीरे या तुरंत हो सकता है, जो आपके िव ास के अनु प
होगा। यह “अपना श द भेजना” है, यानी कसी दूसरे ि क ओर अपने िवचार और
भावना भेजना।
धमगु इसाइया ने कहा था, “इ र ने मुझे ानी क ज़बान दी है, ता क मुझे पता
रहे क थके ए ि से श द कै से बोला जाए... (इसाइया 50:4)। ो साहन, शंसा,
ेम का एक श द; इसक शि कौन माप सकता है?
िश क का कहना था क लड़का मंदबुि है और कभी कु छ नह सीख सकता।
िश क के अनुसार उससे कोई उ मीद नह थी। बहरहाल, उसक माँ ेम व आ था म
समृ और शि संप थी। हर दन वह बारं बार इस कार का संक प करती थी:
“ई र मेरे लड़के से ेम करता है और उसक परवाह करता है। ई र क ा उसके
भीतर उमड़ती है; ई र क बुि म ा उसके मा यम से काम कर रही है; वह ई र क
आदश अिभ ि है।”
यह लड़का अब सामा य है और कू ल म ब त अ छा दशन कर रहा है। यह आपके
श द क आ याि मक संपि है, बशत वे ेम और समझ से भरे ह । उस मिहला के
श द म सामंज य बनाने और उपचार करने क शि थी।

उसके श द ने भुगतान करवा दया


एक इं जीिनय रं ग फ़म के े िडट मैनेजर के पास कई डू बत ख़ाते थे, जो कु ल िमलाकर
30,000 डॉलर के थे। मैनेजर ने िपछले डू बत ख़ातो क सूची बनाई और हर सुबह काम
पर जाने से पहले वह हर नाम लेता था तथा इस तरह के श द बोलता था: “फलां
ि समृ हो चुका है, िनयामत पा चुका है और उसक अ छाई कई गुना हो चुक है।
वह अपने सारे कज़ तुरंत चुका देता है। वह ईमानदार, गंभीर और यायपूण है। म उसके
चेक के िलए इसी व त ध यवाद देता ।ँ वह ध य है; हम ध य ह। म ध यवाद देता !ँ
आमीन!”
उसके अिधक गहरे मि त क को दया गया उसका यह कथन या आदेश उसके हर
ढीले ाहक़ तक प च ँ गया। उन सभी ने एक महीने के भीतर पूरा भुगतान कर दया।
आ था और िव ास के उसके श द को उसके अवचेतन मन ने वीकार कर िलया था
और वे टेलीपैथी के मा यम से उन लोग तक प च ँ गए, िजन पर कज़ बाक़ था और
िज ह ने इससे पहले भुगतान के उसके बारं बार आ ह का कोई जवाब नह दया था।

उसके श द ने कस कार रोज़गार का एक नया ार खोला


साठ वष य एक मिहला ने दावा कया क उसे नौकरी नह िमल पाई और उ के
कारण उसके िलए सारे ार बंद हो चुके ह। फर उसने इस कार संक प िलया: “म
ई र क संतान ।ँ मेरे िपता ने मुझे हमेशा साथक रोज़गार दया है। मेरे िपता मुझे
अ छा भुगतान देते ह और मेरे िलए एक नया ार खोल देते ह।”
उसे नई शि और आ मिव ास िमला, जो उसके ि व म तुरंत झलकने लगा।
वह कई एजिसय म जाकर िमली और नौकरी के बारे म पूछताछ करने लगी। ज द ही
एक िनयो ा ने उसे एक अ छा पद दे दया। िनयो ा ने ख़शी-ख़शी उसे नौकरी पर
रखा। उसे उस मिहला के थािय व, वफ़ादारी और बरस के अनुभव क बदौलत िमली
बुि मानी क ही तलाश थी।

आपके श द आपक सम या को सुलझा सकते ह


एक युवा से े टरी एक ब त स त मािलक के िलए काम करती थी, िजसक भाषा थोड़ी
परपीड़क क म क थी। उस से े टरी ने इस तरह का कथन कहा: “सृि म मेरे मािलक
जैसा कोई इं सान नह है। ई र मेरे मािलक के मा यम से सोचता है, बोलता है और
काम करता है। ई र उसम है और उसके मा यम से बोलता तथा काम करता है।”
कु छ ही समय बाद उस मािलक ने वसाय क बागडोर अपने बेटे के हाथ म स प
दी, जो ज द ही उस से े टरी से ेम करने लगा। लेखक को यह कहते ए ख़शी हो रही
है क उसे उनका िववाह कराने का सौभा य हािसल आ था। इस युवती ने अपने श द
को िनयंि त कया और उसे दैवीय जवाब िमल गया।
जब आप असीिमत के दृि कोण से बोलते ह, तो आपके श द सच ह; उनम शि
होती है और वे साकार होते ह। ारभं म श द था और श द इ र के पास था, और श द
ही इ र था। (जॉन 1:1)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. आपका िवचार ही आपका श द है। श द आपके मि त क का श ागार ह। िवचार ही
व तुएँ ह और आपके श द साकार होते ह।
2. आपके श द परमाणु ऊजा से ब त अिधक शि शाली होते ह। श द का इ तेमाल
परमाणु शि के शांितपूण उपयोग के िलए कया जा सकता है, जैसे महासागर म
जहाज़ चलाने या िबजली उ प करने म। दूसरी ओर, श द का इ तेमाल परमाणु
ऊजा के िवनाशकारी उपयोग के िलए भी कया जा सकता है।
3. अपने श द को भावना से सराबोर कर द, उनम जीवन तथा अथ फूँ क। इस कार
आप आकार , उपयोग अनुभव और घटना म प रणाम का अनुभव करगे।
4. आप आदेश के श द जारी कर सकते ह, जैसे “मेरे श द उपचार करते ह, सजीव करते
ह, जीवंत बनाते ह, समृ करते ह संतु करते ह और उन सभी लोग को अमीर
बनाते ह, िजनके साथ म वसाय करता ।ँ ” इन श द से आपका वसाय फल-
फू ल सकता है और समृ हो सकता है। आपके श द आपके िवचार का शरीर ह।
5. मनु य िजस चीज़ का आदेश देगा, वह साकार हो जाएगी। (जॉब 22:28) दूसरे श द
म, आपका श द “सजीव बन जाता है” या आपके जगत म साकार हो जाता है।
6. आपके श द मानिसक समतु य ह, जो उनक छिव और समान चीज़ो को आपके
अनुभव म कट कर देते ह।
7. ऐसे ि क तरह बोलना सीख, िजसके पास अिधकार हो। यक़ न रख क आपका
अवचेतन मन आपके श द - आपके िव ास - का जवाब देता है।
8. उन श द का इ तेमाल कर, जो आपको आक षत करते ह, आपका मन मोहते ह या
रोमांिचत करते ह। उ ह बार-बार दोहराएँ। इन िवचार को मन म बार-बार
दोहराने से आपके जीवन म चम कार हो जाते ह।
9. अपने श द को ई र और स य के दृि कोण से वािहत होने द। इससे आपको
क़ानूनी और अ य मुि कल मसल म सामंज यपूण समाधान िमलेगा।
10. डयाड कप लंग ने कहा था, “श द मानव जाित ारा यु सबसे शि शाली
औषिध ह।” आपके िवचार और भावनाएँ आपके “श द” ह, जो न िसफ़ आपका,
बि क दूसर का भी उपचार कर सकते ह। ई र क उपि थित के बारे म सोच और
सचमुच िच ल। आपक चेतना ऊपर उठे गी और चेतना म आपक वृि के अनुसार
ही उपचार होगा। इस तरह आप एक मंदबुि बालक को तेज़ बना सकते ह।
11. आपके श द म इतनी शि है क यह कज़ न चुकाने वाले ाहक से भुगतान
करवा सकते ह। उ ह दुआ द और वे इसे अवचेतन प से महसूस करगे तथा उसी
अनु प काम करगे।
12. य द आप नौकरी क तलाश कर रहे ह, तो भावना और ान के साथ इन श द का
इ तेमाल कर: “म ई र क संतान ँ और ई र मेरा िनयो ा है। मुझे हमेशा अ छा
रोज़गार िमला है, और म जीवन म अपनी आदश अिभ ि तथा अद्भुत आमदनी
के िलए अभी ध यवाद देता ।ँ ”
13. य द कोई ि आपसे कठोरता से बोले या परपीड़क भाषा का इ तेमाल करे , तो
साहस के साथ संक प कर क ई र उसके भीतर िनवास करता है और पूरी सृि म
उस जैसा कोई दूसरा इं सान नह है। यह जान ल क ई र सभी म है और ई र
उसके मा यम से सोचता, बोलता तथा काय करता है। इसक स ाई को महसूस कर
और आपको अपनी साकार ाथना क ख़शी का अनुभव होगा।

*देखद अमे जंग लॉज़ ऑफ़ कॉि मक माइं ड पॉवर, जोसेफ़ मफ़ , काशक पाकर
पि ल शंग कं पनी, इं क. वे ट याक, यूयॉक 1965
अ याय पं ह

मौन क अनुभूत दौलत

मौ नतथाई पोषण
र म मि त क का िव ाम है। िजस कार न द शरीर को तरोताज़ा करती है
देती है, उसी कार ई र के साथ संपक से मनु य को पोषण, संबल
तथा ऊजा िमलती है। इमसन ने कहा था, “आइए मौन हो जाएँ, ता क हम देवता क
फु सफु साहट सुन सक।”
मौन अपने यान और इं यगत जाग कता को बाहरी संसार से हटाकर अपने
आदश, ल य या उद्दे य पर क त करने म िनिहत है, जब क आप जानते ह क आपके
अवचेतन मन क असीिमत ा अप रहाय प से ित या करे गी और जवाब कट
करे गी।

हर ि जीिनयस होता है
आप संसार म ई र क सभी शि य और गुण के साथ आए ह। आप ि के प म
सोचने क शि के साथ आए ह। आप सोचते ह, इसिलए आपम सृजन करने और अपनी
मानिसक धारणा तथा िव ास को अपने आस-पास के संसार म आरोिपत करने क
शि है। य द आप अपनी सृजना मक शि के बारे म जाग क ह, तो आप अमीर ह।
आपक अमीरी, यहाँ तक क आपक सुर ा भी, सृजन करने क आपक शि म
िनिहत है।
एक फ़ म िडयो के मण के दौरान मने एक पटकथा लेखक से पूछा, “आप कै से
काम करते ह? जब आप कोई नाटक िलखते ह, तो आप या करते ह?” उसने कु छ इस
तरह का जवाब दया: “म अपने मि त क को शांत तथा िशिथल कर लेता ँ और बस
बहाव म बहने लगता ।ँ म बस इतना जानता ँ क पटकथा का मूल िवचार या है। म
उस िवचार के बारे म सोचता ँ और उसका आनंद लेता ।ँ फर रात को सोने से पहले
अपने मौन म म पु तक पर यान क त करता ।ँ उस व त मुझे पूरा िव ास होता है
क िवषयव तु, पा और िवचार मुझे दे दए जाएँगे। सुबह जब म उठता ,ँ तो मेरे
पास पूरी पटकथा होती है और म बैठकर उसे िलख लेता ।ँ ”
अब वह पटकथा लेखक के मि त क के िसवा कहाँ उ प ई? िजन िवचार पर
उसने रात के मौन म मनन कया, उनक छाप उसके अवचेतन मन पर छू ट गई और
फर उसने वत: ही पु तक के िलए आव यक सभी सृजना मक िवचार के साथ
ित या क ।
आप अपने मि त क म जीते ह। वह पर आप अमीर या ग़रीब, िभखारी या चोर
बनते ह। जब आप जीवन म मनचाही चीज़ो के सृजन म अपने िवचार क शि के बारे
म जान जाते ह, तो आपके पास ब त मू यवान मोती होता है। आपके भीतर क दौलत
और शि याँ कभी ख़ाली नह हो सकत । आपक मानिसक दौलत क कोई सीमा नह
है, िसवाय उन सीमा के , िज ह आप ख़द ही थोपते ह।

उसने मौन से कस कार दौलत पाई


रॉबट लुइस टीवसन ने मौन का िनयिमत और सुिनयोिजत अ यास कया। उ ह सोने
से पहले रात के मौन म अपने अवचेतन मन को प िनदश देने क आदत थी। जब
उनका यान आस-पास के इं य-जगत से हटकर अवचेतन मन क शि तथा
बुि म ा क ओर मुड़ जाता था, तो वे अपने अिधक गहरे मन से आ ह करते थे क
उनके सोते व त वह कहािनयाँ गढ़ ले। उदाहरण के िलए, अगर टीवसन क आ थक
ि थित ख़ ता होती थी, तो अपने अवचेतन मन को वे कु छ इस तरह आदेश देते थे:
“मुझे एक अ छा रोमांचक उप यास द, जो िबक सके और मुनाफ़ा दे।” उनका अवचेतन
मन बेहतरीन ित या करता था।
टीवसन ने कहा, “ये सू म भूरे पदाथ (उनके अवचेतन मन क बुि म ा और
शि याँ) मुझे कसी धारावािहक क तरह क़ त म कहानी बता सकते ह और कहानी
के रचनाकर यानी मुझे इस बात से अनजान रख सकते ह क कहानी कस ओर बढ़ रही
है।” उ ह ने यह भी कहा, “म जागते व त जो काम करता ,ँ वह भी ज़ री नह है क
मेरा हो। सारे माण बताते ह क इसके अि त व म भी भूरे पदाथ का हाथ रहा है।”

उनक मौन अविध ने उ ह लोकि य बना दया


द ोफ़े ट के लेखक ख़लील िज ान न िसफ़ रात के मौन म सोचते थे, बि क अपने भीतर
के ई रीय व प से संपक भी करते थे। वे सभी के ित ेम, शांित, ख़शी और सद्भाव
सं ेिषत करते थे। इसके अलावा वे रोज़ाना आंत रक दीि , काश, ेम, स य और
स दय पर भी मनन करते थे। उ ह ने मानव जाित को ई र के साथ मौन साधना क
दौलत धरोहर म दी है। िज ान ाय: उस एक, सुंदर और अ छे ई र क ओर उ मुख
होते थे। उ ह ने िलखा था, “म मौन को खोजता ँ और मौन म खोजे गए ख़ज़ान को
भरोसे के साथ लुटा सकता ।ँ ”
उ ह ने भीतर ि थत जीवंत जल के अनंत सोते से बुि म ा, स य और स दय बाहर
िनकाला। रात क ख़ामोशी और असीम के तादा य म वे सव स ा से े रत ए।
उ ह ने बुि म ा के भ मोितय का सृजन कया, िज ह ने उ ह मश र और काफ़
दौलतमंद भी बना दया।

मौन म एक रोमांचक योग


मेरे दज ने मुझे अपनी पु ी के एक रोमांचक ावसाियक योग के बारे म बताया। वह
यूयॉक म एक फ़ै शन शो म मॉड लंग करने जा रही थी और उसने अपने िपता से कहा,
“मने आज शो म आठ हज़ार डॉलर का एक सुंदर अरमाइन कोट देखा। म जानती ँ क
हम उसका ख़च नह उठा सकते, ले कन म अपने दमाग़ म एक योग करने जा रही ।ँ
ओह, मुझे तो वह चािहए ही!”
उसके िपता ने उससे यह क पना करने को कहा क वह कोट पहन रही है, उसके
सुंदर फ़र को महसूस कर रही है और उसके पश को महसूस कर रही है। उसने मन ही
मन का पिनक कोट पहनने का अ यास कया। उसने उसे यार से बार-बार सहेजा और
छु आ, जैसा कोई ब ी अपनी गुिड़या के साथ करती है। वह यह सब करती रही और
अंतत: उसे इन सबका रोमांच महसूस आ। हर रात क ख़ामोशी म वह का पिनक
कोट “पहनकर” सोने गई और उसक माल कन बनने पर ख़शी महसूस करती रही। एक
महीना गुज़र गया और कु छ भी नह आ। वह डगमगाने ही वाली थी, ले कन उसने
ख़द को याद दलाया क िनरं तरता से ही फल िमलता है और जो अंत तक लगन रखता
है, वही क़ायम रहता है (मै यू 10:22)।
उसके मानिसक नाटक का प रणाम यह आ क अंतत: एक रिववार क सुबह मेरे
वचन के बाद एक आदमी ने उसके पैर के अँगूठे पर गलती से पैर रख दया। आदमी ने
स े दल से मा माँगी, उससे पूछा क वह कहाँ रहती है और उसे कार से घर छोड़ने
का ताव रखा। उस युवती ने ख़शी-ख़शी ताव वीकार कर िलया। थोड़े समय क
जान-पहचान के बाद उस आदमी ने िववाह का ताव रखा, उसे हीरे क एक सुंदर
अँगूठी दी और कहा, “मने एक ब त सुंदर कोट देखा था। उसे पहनने पर तुम ब त
जमोगी।” यह वही कोट था, िजसने एक महीने पहले उस युवती का मन मोह िलया था।
(से समैन ने कहा क कई अमीर औरत ने वह कोट देखा था और उ ह वह ब त पसंद
भी आया था, ले कन न जाने य उ ह ने हमेशा दूसरा कोट ख़रीदा था।)

कस कार एक माँ ने अपनी भावना को रचाज कया


एक मिहला ने मुझसे िशकायत क क उसके ब े उसे पागल बना रहे थे। मने उसे
सुझाव दया क हर सुबह वह पं ह िमनट अलग रख दे और ज़ोर-ज़ोर से 91 व और 23
व साल को पढ़े, फर अपनी आँख बंद करके ख़द को अपने माहौल से अलग कर दे। उसे
ई र के असीम ेम, अपार बुि म ा, परम शि और पूण सद्भाव के बारे म सोचना
था। उसे यह महसूस करना था क ेम, शांित, ख़शहाली तथा आनंद का माहौल उसे
और उसके ब को सराबोर कर रहा है। साथ ही उसे यह दावा करना था क ई र का
ेम और शांित उसके दलो दमाग़ म भरी ई है और ब क शांित, स दय, बुि म ा
व समझ म वृि हो रही
उसने ई र क शि और बुि म ा से अपनी मानिसक व आ याि मक बैट रय को
रचाज कर िलया, िजससे उसके समूचे जीवन का कायाक प हो गया। ब के ित
उसका ेम दन दूनी रात चौगुनी गित से बढ़ा। मौन म उसे शांित क दौलत भी िमली।

कस कार एक पायलट मौन का अ यास करता है


जब म पूव देश क या ा कर रहा था, तो मेरा हवाई जहाज़ एक तूफ़ान म फँ स गया।
िबजली क चमक और बादल क गरज के बीच पायलट ने मुझे बताया क जब भी वह
कसी तूफ़ान म फँ स जाता है, तो वह मन ही मन 23 वाँ सा म दोहराता है और साथ म
यह भी जोड़ देता है, “ई र का ेम इस जहाज़ को समेटे ए है और म इसे दैवीय
योजना के तहत नीचे उतारता ।ँ ”
मने ग़ौर कया क पहलेपहल तो या ी दहशत म थे, ले कन अचानक वे ब त शांत
हो गए। हमारे पायलट ने हाँगकाँग म सटीक तरीक़े से िवमान उतारा और कसी को भी
कोई चोट नह प च ँ ी। उसने दहशत म आने से इं कार कर दया था और इस तरह सभी
के िलए ेम व सुर ा क आरो यदायक धारा को वािहत कया था।

उसने मौन म अपनी सम या सुलझाई


एक आदमी ने कटु वर म मुझसे िशकायत क क यूिनयन काड न होने के कारण उसे
नौकरी नह िमल पा रही थी। यही नह , उसके पास यूिनयन म शािमल होने के पैसे भी
नह थे। वह अपने बेटे को कॉलेज भेजना और एक नया मकान ख़रीदना चाहता था,
ले कन उसने कहा, “हर क़दम पर मुझे िनराशा िमल रही है।”
मने उससे कहा क उसे अपने भीतर क स ी आवाज़ को सुनना चािहए। वह चीज़ो
के नकारा मक पहलू को देख रहा था, ले कन आ था ई र के शा त स य को सुनने से
उपजती है। रात को वह ि थर हो जाता था, अपने यान को ि थर कर लेता था और यह
संक प करता था, “असीम ा मेरे िलए अिभ ि का ार खोलती है, जहाँ म दैवीय
प से ख़शहाल और समृ हो रहा ।ँ ई र रा ता बना रहा है क मेरा लड़का कॉलेज
जाए और ई र क दौलत चुरता के सैलाब म मेरी ओर वािहत हो रहा है।”
कु छ दन गुज़रने के बाद उसक मुलाक़ात एक पूव िनयो ा से ई, िजसने त काल
ब त ऊँची तन वाह पर उसे नौकरी दे दी। यही नह , उसने इस आदमी और उसक
प ी के रहने के िलए कारख़ाने के पास का अपना ख़द का कॉटेज भी दे दया। तन वाह
बढ़ने के कारण वह अपने बेटे को कॉलेज भेजने म कामयाब हो गया। जवाब उसके
भीतर क गहराइय से िनकला, जब उसने रात क ख़ामोशी म चुपचाप ई र के ेम
और दयालुता पर मनन कया।

रोमांचक प रणाम कै से पाएँ


अपनी इं य के ार बंद कर ल, ता क आप सांसा रक अनुभूितय से िवचिलत न ह ।
इसके बाद मौन क अव था म अपने भीतर िनवास करने वाली ई रीय उपि थित के
बारे म सोच। आपको आनं दत, हणशील तथा आशावादी नज़ रए से उसक ओर
जाना चािहए और यह पूरा िव ास रखना चािहए क जब आप पुकारते ह, तो
असीिमत ा जवाब अव य देती है। जब आप पानी के िलए कसी तालाब या झरने के
पास जाते ह, तो आप पानी लेने के िलए बा टी या कोई दूसरा बतन ले जाते ह। इसी
तरह जब आप असीम के साथ तादा य म होते ह, तो आपका हणशील मि त क
(बतन) असीम उपचारक उपि थित और ई र के सभी उपहार से भर जाएगा।
आप समय-समय पर अपने मि त क को दोबारा आदेश देकर उसी ण मौन म
दािख़ल होना शु कर सकते ह, जहाँ आप अपने यान को इं य से महसूस होने वाली
बात से हटा लेते ह और भीतर िनवास करने वाले ई र के साथ संपक करते ह, तथा
ई र के ेम से अपनी आ मा को भर लेते ह।

बेहतरीन जीवन कै से िजएँ


एक युवा डॉ टर ने मुझे बताया क रोग-िनदान िव ा का अ ययन करते समय उसे कई
कार के रोग लग गए, िजनका उसने अ ययन कया था। उसे अहसास आ क वह
लगातार ण िच देखता रहता था और उसके दमाग़ ने उन रोग को उ प कर
दया, िजनसे वह डर रहा था।
बहरहाल, अपनी दशा का कारण मालूम होने के बाद ि थित को दु त करने के
िलए उसने यह मनन कया क सारे रोग रोिगय के िवकृ त मानिसक िवचार के कारण
उ प होते ह। वह सद्भाव, वा य और शांित के आदश िवचार पर मनन करने
लगा। जब भी उसे नकारा मक ि थित नज़र आई, तो वह पूणता स दय और आदश पर
मनन करने लगा। वह सभी रोिगय म ई र क उपि थित देखने लगा और इस कार
सभी रोग से अ भािवत हो गया।
आज वह एक बेहतरीन जीवन जीता है। वह गंभीर सं मण वाले रोिगय के वा स
म जाता है और सभी कार के रोिगय से िमलता है, ले कन उसे कोई रोग नह होता।

वै ािनक और मौन
एक मश र इं जीिनयर और अंत र वै ािनक के सामने जब सम याएँ आती ह, तो वह
अपने रसच ऑ फ़स म अके ला बैठ जाता है और मन ही मन इस कार मनन करता है:
“मुझे इस व त दैवीय समाधान के बारे म जाग क बनाया जा रहा है। ई र जवाब
जानता है और म तथा मेरे िपता एक ह। ई र इसी पल मेरे सामने यह उजागर करता
है।”
वह कहता है क उसे हमेशा जवाब िमल जाता है, कई बार तो उसके दमाग़ म
सहज बोध क एक क ध म या अ सर उसके दमाग़ म एक ाफ के प म, जो सटीक
जवाब होता है। वह अपनी तकनीक को “मौन समाधान” कहना पसंद करता है।

कछ य नह आ
एक मिहला ने मुझे बताया क वह हर दन आधे घंटे तक मौन म बैठी, ले कन इसके
बावजूद उसे कोई प रणाम नह िमला। मुझे पता चला क उसक िविध यह थी क वह
संगीत बजाती थी धूप जलाती थी, और पिव मू तय पर यान क त करती थी। वह
कु छ मु ा म भी बैठती थी, मोमबि याँ जलाती थी, उसने अपने घर म पूजाघर
बनाए और ाथना करते समय पूव दशा क ओर मुँह करके बैठी।
वा तव म वह जीवन क प रिध और बाहरी चीज़ो म ही पूरी तरह संल थी।
उसका पूरा जीवन उथल-पुथल से भरा था। वह िविभ मानिसक असामा यता से
बीमार कुं ठत, अके ली, बोर और परे शान थी। उसका मन मू तय , मोमबि य ,
कमकांड, धूप, संगीत और मु ा पर क त था, जो सभी एक कार क व-स मोहक़
िन ा का प रणाम देती थ । वह पूरी तरह से अपनी पाँच इं य से भरी ई थी और
दैवीय उपि थित से ज़रा भी संपक नह कर रही थी।
उसक बहन ग़ैर-धा मक थी और उसे लगातार िझड़कती रहती थी “तुम हर दन
ाथना करती हो, ले कन इससे तु ह या फ़ायदा होता है? मेरी ओर देखो। म मौन म
एक पल भी नह बैठती ँ और ई र पर भी यक़ न नह करती ,ँ ले कन म
शि संप , जीवंत और समृ ।ँ ” वा तव म, वह मिहला मौन म गई ही नह । वह तो
दृ य , विनय और मू तय म ही उलझी रही। उसने अपनी ऊजा और समय बाहरी
चीज़ो म ही बबाद कर दया। मने उसे इमसन का बुि म ापूण मौन समझाया, िजसका
वह अ यास करने लगी। फल व प उसक मानिसक, शारी रक और आ थक ि थित म
ज़बद त प रवतन आ।

इमसन का बुि म ापूण मौन


संसार और अपनी इं य के सारे अहसास से दूर हो जाएँ। इसके बाद अपने िवचार
या इ छा क वा तिवकता पर मनन करके बुि म ापूण मौन का अ यास कर।
“यक़ न कर क यह इसी व त आपके पास है और आपको यह िमल जाएगा।” इसका
अथ है क आपक इ छा, िवचार, योजना, उद्दे य या आिव कार आपके हाथ या दय
िजतना ही वा तिवक है। मि त क के एक दूसरे आयाम म इसका प, आकार और
िलया मौजूद है।
इस पर अपना यान क त कर, इस पर ख़श ह , जान ल क असीिमत ा,
िजसने आपको यह िवचार दया है, इसे साकार करने क आदश योजना भी दान
करे गी। इस नज़ रए को कायम रख और आपको जवाब पाने वाली ाथना क ख़शी
महसूस होगी। यही इमसन का बुि म ापूण मौन है।

हर दन समृ लाभ क फ़सल काटे


हर सुबह जागने पर ई र और उसके ेम के बारे म सोच। बल आशा, िच और फू त
यान से चौकस और जीवंत बन जाएँ। चुपचाप और धीरे -धीरे कह, “म आज वयं को,
अपनी योजना , िवचार और अपने जीवन के सभी मामल को ई र क पावन
सव ापकता के हवाले करता ।ँ म गोपनीय, सव थान पर रहता ँ और उसक
बल उपि थित मुझ पर, मेरे प रवार पर, मेरे वसाय पर और मुझसे संबंिधत सारी
चीज़ो पर िनगाह रखती है। ई र मेरे साथ चलता है और मुझसे वातालाप करता है। म
जहाँ जाता ,ँ ई र और उसका ेम भी मेरे साथ जाता है। ई र मुझे अपने सभी काय
म दौलतमंद बनाता है। उसक दौलत मेरी ओर मु ता से, ख़शी से, अंतहीन और अनंत
प से वािहत होती है। म हमेशा अपने ह ठ पर ई र क शंसा लेकर पृ वी पर
चलता ।ँ ”
जब आप ऊपर बताई गई िविध से अ यास करते ह, तो आपको अपने जीवन के
सभी े म चुर लाभ क फ़सल िमलेगी।

वह आंत रक ि थरता
“तो फर हम आंत रक ि थरता के िलए मेहनत करनी चािहए- एक ि थरता और एक
आंत रक उपचार- वह आदश मौन, जहाँ ह ठ और दय ि थर ह। अब हम अपने अपूण
िवचार और िनरथक राय के बारे म नह सोचते ह। मौन म तो ई र अके ला हमसे
बात करता है और हम दय क एका ता म इं तज़ार करते ह क हम उसक इ छा
मालूम चल सके । अपनी आ मा के मौन म हम उसक इ छा सुनते ह और उसका बताया
काम करते ह।” (लॉ गफ़े लो)

िवशेष मरणीय बंद ु


1. मौन ई र म मि त क का िव ाम है, िजसके ारा हम पोषण, कू त और नई शि
िमलती है।
2. हर ि जीिनयस होता है। ई र क सारी शि याँ मनु य के भीतर ह, जो चेतन
मन के ि थर होने के बाद सामने आने का इं तज़ार कर रही ह।
3. आप सोने से पहले अपने अवचेतन मन को म
े और मौन म िविश िनदश दे सकते
ह। आपका अवचेतन मन आपके िनदश क कृ ित के अनु प बेहतरीन तरीक़े से
काय करे गा।
4. आप सोने से पहले अपने चेतन मन को ि थर करके अपने अिधक गहरे मन से कसी
पु तक, नाटक या संगीत के ज़बद त िवचार िनकाल सकते ह। इसके िलए बस
असीिमत ा से ाथना कर क वह आपके सामने वह कट कर दे, जो आपको
जानने क ज़ रत है।
5. अपने वसाय म हर सुबह दस-पं ह िमनट का समय िनकालकर दावा कर क
असीम ा आपक सारी गितिविधय को िनदिशत कर रही है। िव ास रख क
आपके भुगतान, ख़रीदारी व िनणय ई र क बुि ारा िनयंि त और अनुकूिलत
ह गे। आपका वसाय ब त शानदार तरीक़े से समृ होगा।
6. य द आप कोई महँगा कोट नह ख़रीद सकते, तो क पना कर क आपने इसे पहन
रखा है। इसके रं ग और सुंदरता को महसूस कर, इसे सहेज और ेम से छु एँ तथा
मानिसक प से इसे पहनते रह। इसके बाद वह आपको ऐसे तरीक़ से िमल जाएगा,
िजनके बारे म आप कु छ नह जानते।
7. आप मौन क अव था म अपनी मानिसक और आ याि मक बैट रय को रचाज कर
सकते ह। इसके िलए धीरे -धीरे और ख़ामोशी म 91व और 23व साल को दोहराएँ
तथा यह िव ास रख क ई र क शांित आपके मन म वािहत होती है व उपचार
करती है।
8. समु या हवा म तूफ़ान के समय शांित से यह जान ल क ई र का ेम आपको चार
ओर से घेरे ए है। इससे आपको शांित का अहसास होगा।
9. बल आशा, कू त और यान क भावना के साथ मौन म जाएँ। इससे आपको ई र
के उपहार िमलगे- वग क दौलत भी और सांसा रक दौलत भी।
10. जहाँ वतमान म िववाद, रोग या सं ामक बीमारी और आ थक अभाव ह, वहाँ
ई र क उपि थित देखकर जादुई जीवन िजएँ। आप इन सभी अि य ि थितय से
मु हो जाएँगे।
11. यह दावा कर क ई र के पास जवाब है और आप ई र के साथ एकाकार ह,
इसिलए आपके पास भी जवाब है। इस कार आपको सभी सम या का दैवीय
समाधान िमल जाएगा।
12. मौन म आप ख़द को मानिसक प से सभी बाहरी दृ य , विनय और व तु से
िवर कर लेते ह तथा पूण ई इ छा क वा तिवकता पर मनन करते ह। जब आप
ऐसा करते ह, तो ई र क शि आपको संबल देती है और आप साकार ाथना का
अनुभव करते ह।

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