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भारतीय
सं�वधान
भाग, मौिलक अिधकार और अनुसूिचयां
भारतीय संिवधान Free PDF

�े िटक जीके सामा� जाग�कता खंड का एक अिभ� अंग है । भारतीय संिवधान - भाग, मौिलक
अिधकार और अनुसूिचयां से संबंिधत प्र� - एसएससी सीजीएल, एसएससी सीपीओ, आरआरबी
एएलपी, आरआरबी समूह 'ग', यूपीएससी और अ� सरकारी परी�ाओं के सामा� जाग�कता खंड म�
साधारणतय पूछे जाते है ।

प्रितयोगी परी�ाओं म�, केवल 1 अंक से ब�त फक� पड़ सकता है । आपकी परी�ा की तैयारी म� सहायता
करने के िलए, हम आपके िलए भारतीय संिवधान - भागों, मौिलक अिधकारों और अनुसूिचयों पर
एक िनःशु� ई-बुक लेकर आए ह� । ई-बुक के िन�िल�खत पृ� उन सभी को सूचीब� करते ह� िजनके
बारे म� आपको जानकारी रखना ब�त आव�क है : भारतीय संिवधान - भाग, मौिलक अिधकार
और अनुसूिचयां।

नमूना प्र�:
Q. भारतीय संिवधान के िकस भाग म� मौिलक कत�� िनिहत ह�? (एसएससी सीजीएल 2013)
A. IV
B. IV A
C. IV B
D. V

सही उ�र (B)


Q. भारतीय संिवधान के िन�िल�खत म� से कौन सा अनु�ेद िविधक समता अिधकार से
संबंिधत है? (एसएससी सीजीएल 2016)
A. अनु�ेद 13
B. अनु�ेद 14
C. अनु�ेद 15
D. अनु�ेद 17

सही उ�र (B)


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भारतीय संिवधान के अंग

भाग अनु�ेद िवषय


भाग I अनु�ेद 1 से 4 संघ और उसके �ेत्र
भाग II अनु�ेद 5 से 11 नाग�रकता
भाग III अनु�ेद 12 से 35 मूलभूत अिधकार
भाग IV अनु�ेद 36 से 51 राज्य के नीित िनद� शक तत्व
भाग IV क अनु�ेद 51 क मूल कत�व्य
भाग V अनु�ेद 52 से 151 संघ
अध्याय I.- काय�पािलका(अनु�ेद 52 से 78)
अध्याय II.- सं सद(अनु�ेद 79 से 122)

अध्याय III.- राष्ट� पित के िवधायी


अिधकार(अनु�ेद 123)

अध्याय IV.- संघ न्यायपािलका(अनु�ेद 124 से


147)

अध्याय V.- भारतीय िनयंत्रक एवं


महालेखाकार(अनु�ेद 148 से 151)

भाग VI अनु�ेद 152 से 237 रा�


अध्याय I.- सामान्य(अनु�ेद 152 )
अध्याय II.- काय�पािलका(अनु�ेद 153 से 167)
अध्याय III.- राज्य िवधानमंडल(अनु�ेद 168 से
212)
अध्याय IV.- राज्यपाल के िवधायी
अिधकार(अनु�ेद 213)
अध्याय V.- राज्यों के उच्च न्यायालय(अनु �ेद
214 से 232)
अध्याय VI.- अधीनस्थ न्यायालय(अनु�ेद 233 से
237)
भाग VII प्रथम अनुसूची के भाग ख म� राज्य

भाग VIII अनु�ेद 239 से 242 संघ राज्य �ेत्र


भाग IX अनु�ेद 243 से 243 पंचायत
o
भाग IX क अनु�ेद 243p से नगरपािलकाएं
243ZG
भाग IX ख अनु�ेद 243H से सहकारी संस्थाएं
243 ZT
भाग X अनु�ेद 244 से 244 अनुसूिचत जनजाित �ेत्र

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भाग XI अनु�ेद 245 से 263 संघ और राज्यों के बीच संबंध


अध्याय I.- िवधायी संबंध(अनु�ेद 245 से 255)
अध्याय II.- प्रशासिनक संबंध(अनु�ेद 256 से
263)
भाग XII अनु�ेद 264 से िव�, सम्पि�, संिवदाएं और वाद
300A अध्याय I.- िव�(अनु�ेद 264 से 291)
अध्याय II.- उधार(अनु�ेद 292 से 293)
अध्याय III.- संपि�, संिवदाएं , अिधकार, दे यताएं ,
बाध्यताएं और वाद(अनु�ेद 294 से 300)
अध्याय IV.- संपि� का अिधकार(अनु�ेद 300A)
भाग XIII अनु�ेद 301 से 307 भारत के राज्य �ेत्र के अंदर व्यापार, वािणज्य और
समागम
भाग XIV अनु�ेद 308 से 323B संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं

भाग XIV A अनु�ेद 323 से 323B अिधकरण


भाग XV अनु�ेद 324 से िनवा� चन
329A
भाग XVI अनु�ेद 330 से 342 कुछ वग� के संबंध म� िवशेष उपबंध
भाग XVII अनु�ेद 343 से 351 राजभाषा
अध्याय I.- संघ की भाषा(अनु�ेद 343 से 344)
अध्याय II.- �े त्रीय भाषाएं (अनु�ेद 345 से 347)
अध्याय III.- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों
आिद की भाषा(अनु�ेद 348 से 349)
अध्याय IV.-िवशेष िनद� श(अनु�ेद 350 से 351)
भाग XVIII अनु�ेद 352 से 360 आपात उपबंध
भाग XIX अनु�ेद 361 से 367 प्रकीण�
भाग XX अनु�ेद 368 संिवधान के संशोधन
भाग XXI अनु�ेद 369 से 392 अस्थायी, संक्रमणकालीन और िवशेष उपबंध
भाग XXII अनु�ेद 393 से 395 संि�प्त नाम, प्रारं भ, िहन्दी म� प्रािधकृत पाठ और
िनरसन
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भारतीय संिवधान – मौिलक अिधकार


भारतीय संिवधान के भाग III म� संिवधान के अनुसार भारत के लोगों के मौिलक अिधकारों को शािमल
िकया गया है ।
भाग III को िविभ� िव�ानों �ारा भारतीय संिवधान का मै�ा काटा� , संिवधान की आधारिशला कहा गया
है ।
भाग III के साथ भाग IV (रा� नीित के िनद� शक िस�ां त) को संिवधान की अंतरा�ा कहा गया है ।
आइए एसएससी सीपीओ पा�क्रम के िलए भारतीय संिवधान म� िविभ� मौिलक अिधकारों पर एक
नजर डालते ह� ।

मौिलक अिधकारों को 7 प्रकारों म� वग�कृत िकया गया है ।

1) समानता का अिधकार (अनु�ेद 14-18)

• अनु�ेद 14 (िविधक समता) - िकसी भी ��� को कानून के सम� समानता या समान


संर�ण से वंिचत नहीं िकया जाएगा। यह अवधारणा संयु� रा� अमे�रका के संिवधान से ली
गई है । िविध के सम� समता के अपवाद ह� , भारत के रा��पित, रा� के रा�पाल, लोक सेवक,
�ायाधीश, िवदे शी राजनियक, आिद, वे िवशेष िवशेषािधकार, उ�ु�� और सुर�ा का लाभ
उठाते ह� ।

• अनु�ेद 15 (भेदभाव का प्रितषेध) - रा� केवल धम�, मूलवंश, जाित, िलंग या ज� स्थान के
आधार पर भेदभाव नहीं करे गा। रा� के नाग�रक होने पर मिहलाओं, ब�ों, सामािजक और
शैि�क �प से िपछड़े वग� के िलए िवशेष प्रावधान कर सकता है ।

• अनु�ेद 17 (साव�जिनक रोजगार म� अवसर की समानता) - िकसी भी ��� के साथ धम�,


मूलवंश, जाित, िलंग, वंश, ज� स्थान या िनवास के आधार पर रा� के तहत िकसी भी काया� लय
या िनयु�� �ारा भेदभाव नहीं िकया जाएगा। अपवाद यह है िक रा� िकसी भी िपछड़े वग� को
िनयु��यों के िलए आर�ण दे सकता है , या िवशेष धम� के उ�ीदवारों के िलए रा� के तहत
िकसी भी धािम�क पद की िनयु�� कर सकता है ।

• अनु�ेद 18 (उपािधयों का उ�ूलन) - रा� सै� या शैि�क को छोड़कर िकसी भी ���


(नाग�रक या िवदे शी) को कोई उपािध प्रदान नहीं कर सकता है । इस अनु�ेद के अनुसार
भारत र� और प� पुर�ार उपािधयाँ नहीं ह� ।

2) �तंत्रता का अिधकार (अनु�ेद 19-22)


• अनु�ेद 19 (कुछ अिधकारों का संर�ण) - नाग�रकों के पास उिचत प्रितबंधों के साथ िन�िल�खत
अिधकार होंगे
भाषण और अिभ��� की �तंत्रता।
शां ित से और िबना हिथयारों के इक�ा होना।
संघ या यूिनयन गिठत करना ।
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भारत के पूरे �ेत्र म� �तंत्र �प से घूमना।


िकसी भी पेश के �प म� काय� करना या कोई �वसाय, �ापार आिद को चलाना।
• अनु�ेद 20 (अपराधों के िलए दोषिस�� के संबंध म� संर�ण) - यह एक आरोपी ���
(नाग�रक या िवदे शी) को अ�िधक और मनमानी सजा से सुर�ा प्रदान करता है । इसम� 3
प्रावधान ह� - कोई काय��र िविध नहीं, कोई दोहरे दं ड नहीं और कोई आ�-अपराध नहीं।

• अनु�ेद 21 (जीवन और ���गत �तंत्रता का संर�ण) - िकसी भी ��� (नाग�रक या


िवदे शी) को उसके जीवन या ���गत �तंत्रता से कानून �ारा स्थािपत प्रिक्रया के अनुसार ही
वंिचत िकया जाएगा।

• अनु�ेद 21A (िश�ा का अिधकार) - इसे 86व� सं शोधन �ारा जोड़ा गया था। इस अनु�ेद के
अनुसार, रा� छह से चौदह वष� की आयु के सभी ब�ों को इस तरह से मु� और अिनवाय�
िश�ा प्रदान करे गा जैसा िक रा� िनधा� �रत कर सकता है ।

अनु�ेद 22 (िगर�ारी और िहरासत के िव�� संर�ण) - यह लोगों के अिधकारों के बारे म� बात


करता है जब उ�� पुिलस �ारा िहरासत म� िलया जाता है ।

3) शोषण के िव�� अिधकार (अनु�ेद 23-24)


अनु�ेद 23 (मानव त�री और जबरन श्रम का िनषेध) - यह मानव त�री, िभखारी (जबरन श्रम)
और इसी तरह के िकसी भी अ� प्रकार के जबरन श्रम को प्रितबंिधत करता है ।

अनु�ेद 24 (बाल श्रम का िनषेध) - यह 14 वष� से कम उम्र के ब�ों को िकसी भी कारखाने, खदान
या अ� खतरनाक गितिविध जैसे िनमा� ण काय� या रे लवे म� काय� करने म� रोक लगाता है । लेिकन यह
िकसी भी हािनरिहत काय� म� उनके काय� करने पर रोक नहीं लगाता है ।
4)धम� की �तंत्रता का अिधकार (अनु�ेद 25-28)
अनु�ेद 25 (िववेक की �तंत्रता और धम� का �तंत्र �ीकरण, प्राथना/अ�ास और प्रचार
करना) - यह कहता है िक सभी ��� समान �प से �तंत्रता का अिधकारी ह� , अपनी आस्था और
िवशवास को मानने उसका प्रसार करने के िलए �तंत्र ह� ।

अनु�ेद 26 (धािम�क मामलों के प्रबंधन की �तंत्रता) - यह कानून �ारा प�रभािषत सभी धािम�क
संगठनों और संप्रदायों को िविश� अिधकार दे कर धम� की सामूिहक �तंत्रता की र�ा करता है ।

अनु�ेद 27 (िकसी धम� के प्रचार के िलए कराधान से मु��) - यह बताता है िक िकसी भी ���
को िकसी िवशेष धम� या धािम�क संप्रदाय के प्रचार या रखरखाव के िलए िकसी भी कर का भुगतान करने
के िलए बा� नहीं िकया जाएगा।

अनु�ेद 28 (धािम�क िश�ा म� भाग लेने से �तंत्रता) - िकसी भी शै�िणक संस्थान म� पूरी तरह से
रा� के धन से कोई धािम�क िश�ा प्रदान नहीं की जाएगी।

5) सां�ृितक और शैि�क अिधकार (अनु�ेद 29 - 30)


अनु�ेद 29 (अ�सं�कों के िहतों का संर�ण) - यह प्रावधान बताता है िक भारत के िकसी भी
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िह�े म� रहने वाले नाग�रकों के िकसी भी वग� की अपनी एक अलग भाषा, िलिप या सं�ृित हो सकती है ,
पर�ु इसके बाबजूद उसके पास भी संर�ण का अिधकार है ।

अनु�ेद 30 (शै�िणक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के िलए अ�सं�कों का अिधकार) -


यह अ�सं�क समूहों को रा� के ह��ेप या भे दभाव के िबना अपनी धािम� क संस्था की स्थापना और
प्रशासन की अनुमित दे ता है ।

6) संवैधािनक उपचार का अिधकार (अनु �ेद 32)


अनु�ेद 32 (अिधकार या संवैधािनक उपचार) - (i) बंदी प्र��ीकरण, (ii) परमादे श, (iii) िनषेध (iv)
प्रमाणपत्र और (v) यथा वारं ट सिहत मौिलक अिधकारों के प्रवत�न के िलए सव�� �ायालय जाने का
अिधकार .
डॉ अ�ेडकर ने अनु�ेद 32 को संिवधान का सबसे मह�पूण� अनु�ेद बताया था।

भारतीय संिवधान -: अनुसूिचयां


अनुसूची भाग सूची

पहली अनुसूची पहला भाग भारतीय रा�ों की सूची

दू सरा भाग क�द्र शािसत प्रदे शों की सूची

दू सरी अनुसूची भाग - क रा��पित और रा�ों के रा�पालों के संबंध म�


प्रावधान
भाग - ख िनरिसत

भाग - ग लोक सभा के अ�� और उपा�� और रा� सभा


के सभापित और उपसभापित और िवधान सभा के
अ�� और उपा�� और िवधान प�रषद के सभापित
और उपसभापित के संबंध म� प्रावधान
भाग - घ उ�तम �ायालय और उ� �ायालयों के �ायाधीशों
के संबंध म� प्रावधान ।
भाग - ई भारत के िनयं त्रक एवं महालेखापरी�क के संबंध म�
प्रावधान

तीसरी अनुसूची िविभ� संवैधािनक और अ� पदों और काया� लयों की


शपथ या प्रित�ान के प्र�प
चौथी अनुसूची भारत के सभी रा�ों और क�द्र शािसत प्रदे शों के िलए
काउं िसल ऑफ �े ट्स यानी रा�सभा म� सीटों का
आवंटन
पां चवीं अनुसूची अनुसूिचत �े त्रों और अनुसूिचत जनजाितयों के
प्रशासन और िनयंत्रण के सं बंध म� प्रावधान ।
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छठी अनुसूची असम, मेघालय, ित्रपुरा और िमजोरम रा�ों म�


जनजातीय �े त्रों के प्रशासन के स�� म� प्रावधान ।
सातवीं अनुसूची पहली सूची संघ सूची
दू सरी सूची रा� सूची
तीसरी सूची समवत� सूची
आठवीं अनुसूची 22 भाषाओं की सूची -
1. असिमया 2. बंगाली 3. गुजराती
4. िहं दी 5. क�ड़ 6. क�ीरी
7. मलयालम 8. मराठी 9. उिड़या
10. पंजाबी 11. सं�ृत 12. तिमल
13. तेलुगु 14. उदू � 15. िसंधी
16. कोंकणी 17. मिणपुरी 18. नेपाली
19. संथाली 20. बोडो 21. मैिथली
22. डोगरी
प्रारं भ म�, केवल 14 भाषाएँ थीं, लेिकन 21व� संशोधन
(1967) के बाद िसंधी को जोड़ा गया; 71व� संशोधन
(1992) के बाद, कोंकणी, मिणपुरी और नेपाली को
जोड़ा गया; और 92व� सं शोधन (2003) के बाद
संथाली, बोडो, मैिथली और डोगरी को जोड़ा गया।
नौवीं अनुसूची भूिम काय�काल, भूिम कर, रे लवे, उ�ोग (संपि� का
1951 म� 1 संशोधन अिधकार, ना की मौिलक अिधकार) से संबंिधत
िकया गया अिधिनयम और आदे श शािमल ह� ।
दसवीं अनुसूची 1985 म� 52वां दलबदल के आधार पर िनरह� ता के प्रावधान -
संशोधन िकया गया दलबदल िवरोधी कानून
ग्यारहवीं अनुसूची 1992 म� 73 वां पंचायतों की श��यां , अिधकार और दािय�
संशोधन िकया गया
बारहवीं अनुसूची 1992 म� 74 वां नगर पािलकाओं आिद की श��याँ , अिधकार और
संशोधन िकया गया उ�रदािय�।
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